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11 December 2024विशेष
मध्य प्रदेश को एक और नए हाईवे की सौगात मिल चुकी है। इस हाईवे को विदिशा-मालथौन फोरलेन हाईवे (Vidisha-Malthone four-lane highway) के नाम से जाना जाएगा जिससे अब भोपाल से दिल्ली (Bhopal to Delhi) का सफर करने वाले लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा। विदिशा-मालथौन फोरलेन हाइवे का काम पूरा हो चूका है और इसपर आवागमन भी शुरू हो चूका है। इस फोरलेन के शुरू होने से भोपाल और झांसी के बीच की दूरी लगभग 45 किलोमीटर और ग्वालियर से भोपाल की दूरी 80 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस हाईवे खुलने के बाद अब भोपाल से ग्वालियर जाने वाले यात्रियों को गुना, शिवपुरी और अशोकनगर नहीं घूमना होगा। इस हाईवे की लागत 1500 करोड़ रूपए है। यह हाईवे विदिशा, कुरवाई, बीना, खिमलासा और मालथौन को जोड़ता है जो करीब 142.1 किलोमीटर लंबा है। हालांकि, विदिशा से बीना तक स्टेट हाईवे बनाया गया था, लेकिन खराब हालात के कारण यात्री उस रास्ते से बचते थे। अब इस फोरलेन के पूरा होने के बाद भोपाल से विदिशा के लिए अलग से नेशनल हाईवे बनाने की भी योजना है। झांसी से भोपाल और दिल्ली का सफर अब सुगम और कम दूरी वाला बन चुका है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है।
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11 December 2024भोपाल: भोपाल नगर निगम द्वारा संचालित लाइब्रेरी में अब भगवत गीता रखी जाएगी। यह अहम निर्णय गीता जयंती के मौके पर आयोजित सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम के दौरान लिया गया। निगम अध्यक्ष का बयान भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि निगम द्वारा संचालित लाइब्रेरी में भगवत गीता को रखा जाएगा, और यह गीता हिंदी और संस्कृत दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। उनका उद्देश्य है कि बच्चों को गीता पढ़ने में आसानी हो, ताकि वे हमारे संस्कारों और संस्कृति से जुड़ सकें और यह संदेश घर-घर तक पहुंच सके। संस्कार और संस्कृति का प्रचार यह पहल न केवल गीता के महत्व को बढ़ावा देती है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं को भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस निर्णय से गीता को एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुँचाने में मदद मिलेगी और समाज में संस्कारों और संस्कृति की भावना को मजबूत किया जाएगा।
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11 December 2024भोपाल: गीता जयंती के अवसर पर भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में एक ऐतिहासिक सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हजारों आचार्यों और ब्राह्मणों ने मिलकर गीता के तीसरे अध्याय, कर्म योग, का पाठ किया और एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया। सामूहिक गीता पाठ में शामिल हुए प्रमुख नेता और आचार्य कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के साथ-साथ वृंदावन के वेद आचार्यों ने भी भाग लिया। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उपस्थित थे। प्रदेश भर से आए आचार्य और ब्राह्मणों ने एक साथ मिलकर गीता के कर्म योग अध्याय का सस्वर पाठ किया, जो एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बना। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की रिकॉर्ड काउंटिंग कार्यक्रम को कवर करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी मौजूद थी। गिनीज टीम ने रिकॉर्ड की पुष्टि करने के लिए हर प्रतिभागी को एक बैंड पहना दिया, जिसमें क्यूआर कोड था। क्यूआर कोड के माध्यम से गिनीज टीम ने कुल 3721 प्रतिभागियों का काउंट किया, जिसे एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित किया गया। सीएम मोहन यादव को मिला प्रमाण पत्र इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने सीएम मोहन यादव को प्रमाण पत्र सौंपा, जो इस उपलब्धि का प्रतीक बना। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व यह सामूहिक गीता पाठ न केवल एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ। इस आयोजन ने गीता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया, खासकर कर्म योग के विचारों को लोगों के बीच साझा किया।
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11 December 2024मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक नई और अनोखी पहल का ऐलान किया है, जिसके तहत राज्य के सभी पर्यटन संस्थानों में भागवत गीता और रामायण रखी जाएंगी। इस निर्णय का उद्देश्य यात्रियों को धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि वे अपनी यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति और धर्म से जुड़ी महत्वपूर्ण किताबों से परिचित हो सकें। विदेशी यात्रियों के लिए भी एक अहम कदम यह पहल न केवल भारत के नागरिकों के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। अब विदेशी पर्यटक भी इन धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक मूल्यों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा। धर्मेंद्र लोधी का बयान धर्म संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने इस फैसले के बारे में कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हासिल किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत गीता न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए दिशा दिखाने का काम कर रही है। इस पहल से न सिर्फ भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह पर्यटन को भी एक नया आयाम देगा। नवाचार से बढ़ेगी सांस्कृतिक जागरूकता यह पहल पर्यटन स्थल पर आने वाले यात्रियों को भारतीय धार्मिक ग्रंथों से परिचित कराने का एक अच्छा अवसर प्रदान करेगी। इसके जरिए राज्य सरकार न केवल धार्मिक जागरूकता फैलाना चाहती है, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी इस कदम से सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रही है। मध्य प्रदेश के इस कदम से अन्य राज्यों में भी धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में नये प्रयास हो सकते हैं।
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11 December 2024मध्य प्रदेश की पीएचई विभाग कैबिनेट मंत्री संपत्तियां उईके अपने दो दिवसीय प्रवास पर कल देर रात सिंगरौली पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने जेपी पावर प्लांट का निरीक्षण किया और जिले के विभिन्न विभागों के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रमों में भाग लिया। सिंगरौली जिले की प्रभारी मंत्री संपत्तियां उईके ने हिर्वाह गांव में 466 लाख रुपये की लागत से तैयार हुए 5 MVA क्षमता के बिजली सब स्टेशन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सिंगरौली विधायक राम निवास शाह, देवसर विधायक डॉ. राजेंद्र मेश्राम, कलेक्टर सिंगरौली चंद्र शेखर शुक्ला और अन्य अतिथि भी मौजूद रहे। इन सभी का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। हिर्वाह सब स्टेशन के स्थापित होने से तकरीबन 8 हजार लोगों को निर्विवाद रूप से बिजली मिलेगी, जिससे ग्रामीण जनता को बड़ी राहत मिलेगी। एमपीईबी के कार्यपालन अभियंता हेमंत चौधरी ने सभी अतिथियों सहित अधिकारियों, कर्मचारियों और आम जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर मंत्री संपत्तियां उईके ने जिले के विकास कार्यों की समीक्षा की और भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की। उनके दौरे ने सिंगरौली जिले में विकास और समृद्धि की दिशा में एक नया उत्साह भर दिया है।
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10 December 2024भोपाल की महापौर मालती राय ने 1 जनवरी 2023 से प्रारंभ की गई महापौर हेल्पलाइन का 10 दिसंबर तक का आकलन किया है। इस हेल्पलाइन पर अभी तक 1 लाख 22 हजार लोगों ने भोपाल नगर निगम में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। महापौर ने बताया कि यह हेल्पलाइन जनता की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। महापौर मालती राय ने महिला महापौर हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान बताया कि 10 दिसंबर 2024 तक महापौर हेल्पलाइन पर 1 लाख 22 हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 1 लाख 21 हजार 722 शिकायतों का निराकरण भोपाल नगर निगम द्वारा किया जा चुका है। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि हेल्पलाइन जनता की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने में सफल रही है। महापौर हेल्पलाइन के माध्यम से भोपाल नगर निगम ने नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है और तेजी से उनका समाधान किया है। इस पहल ने लोगों को अपने मुद्दों को उठाने और उनके समाधान के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान किया है। इससे नागरिकों के बीच नगर निगम की विश्वसनीयता और पारदर्शिता भी बढ़ी है।
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10 December 2024उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में प्रशासन द्वारा किए गए एक बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर की गई, लेकिन मस्जिद के प्रबंधन ने इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मस्जिद प्रबंधन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और 13 दिसंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन प्रशासन ने याचिका से पहले ही मस्जिद का बड़ा हिस्सा गिरा दिया। इस कार्रवाई को लेकर लोग आक्रोशित हैं और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने इसे गैरकानूनी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। फतेहपुर के ललौली कस्बे में स्थित नूरी जामा मस्जिद का कुछ हिस्सा हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रहा था, जिसके बाद प्रशासन ने इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से निर्धारित नियमों के अनुसार की गई है। नूरी जामा मस्जिद के प्रबंधन को 17 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था और 24 सितंबर को आसपास के अतिक्रमण हटाए गए थे। मस्जिद प्रबंधन को यह अवसर दिया गया था कि वे खुद अवैध हिस्से को हटा लें, लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने मंगलवार को यह कार्रवाई की।यह घटना फतेहपुर में एक गंभीर विवाद का कारण बनी हुई है। लोगों के आक्रोश और मस्जिद प्रबंधन के विरोध के बावजूद प्रशासन ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की। अब देखना होगा कि इस मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई क्या दिशा लेती है और इससे जुड़े पक्ष कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
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10 December 2024मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित योजना लाड़ली बहना योजना पर बड़ा अपडेट सामने आया है। जहां 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को जल्द बड़ी खुशखबरी मिलेगी। दिसंबर महीने में आने वाली किस्त तय तारीख से एक दिन लेट है। इससे पहले नवंबर महीने की किस्त 9 नवंबर को बहनों के खाते में ट्रांसफर की गई थी। ऐसे ही अक्टूबर महीने की किस्त 5 तारीख को ही भेज दी गई थी। तो आइए जानते हैं किस दिन लाड़ली बहना योजना की 19 वीं किस्त ट्रांसफर की जाएगी। लाड़ली बहना योजना की किस्त बढ़ने की संभावनाएं हैं। क्योंकि विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव में सीएम डॉ मोहन यादव लाड़ली बहना योजना के पैसे को बढ़ाने का ऐलान कर चुकें हैं। उसी वक्त से अटकलों का दौर शुरु हो गया कि बहनों को नए साल में बड़ा तोहफा मिल सकता है। इधर, साल 2025 में महिला बाल विकास विभाग से जुड़ी महिलाओं की योजनाओं के लिए पैसे बढ़ाए जा सकते हैं। से चेक करें स्टेटस लाड़ली बहना योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://cmladlibahna.mp.gov.in/ पर जाएं मेन पेज पर जाकर आवेदन एवं भुगतान की स्थिति वाले ऑप्शन पर क्लिक करें दूसरे पेज पर आ जाएंगे, यहां पर अपना आवेदन नंबर या सदस्य समग्र क्रमांक नंबर दर्ज करें कैप्चा कोड को सबमिट करने के बाद, मोबाइल पर ओटीपी भेज दिया जाएगा मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज करके वेरीफाई कर लें ओटीपी को वेरिफाई करने के बाद सर्च वाले ऑप्शन को क्लिक करने के बाद आपका पेमेंट का स्टेटस ओपन हो जाएगा
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9 December 2024अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे और इस पवित्र आयोजन पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता न केवल एक पवित्र ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का मार्ग भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि गीता महोत्सव अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है और हरियाणा सरकार इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने इस आयोजन में पूज्य संतों और क्रांतिकारियों की भूमिका को भी सराहा। मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के महत्व को भी रेखांकित किया, जहां 5000 साल पहले भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्मवाद की शिक्षा दी थी और पवित्र गीता का अवतरण हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं, और गीता का संदेश हर व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। गीता महोत्सव के इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी को गीता के जीवनदायिनी संदेश को अपनाने की प्रेरणा दी, ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
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9 December 2024प्रदेश में 11 दिसंबर से 26 जनवरी, 2025 तक मुख्यमंत्री जन-कल्याण अभियान का आयोजन किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के कल्याण और विकास को बढ़ावा देना है। इस अभियान के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की शत-प्रतिशत सैचुरेशन योजनाओं के तहत चिन्हित हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। भाजपा प्रवक्ता ईशान कर्नल ने बताया कि यह अभियान 11 दिसंबर से 26 जनवरी तक प्रदेशभर में जन-कल्याण पर्व के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान पात्र और वंचित हितग्राहियों का घर-घर सर्वे किया जाएगा और उनकी पहचान की जाएगी। अभियान के कार्यों की निगरानी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन डैशबोर्ड पर की जाएगी। जन-कल्याण अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं को धरातल पर लागू किया जाए, ताकि प्रदेश के युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके। इस अभियान में 34 हितग्राही मूलक योजनाएं, 11 लक्ष्य आधारित योजनाएं और 63 अन्य सेवाओं को आम नागरिकों तक सरलता से पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के तहत, योजनाओं से वंचित व्यक्तियों को लाभ मिल सके, और उनके जीवनस्तर में सुधार हो, यही सरकार का प्रमुख उद्देश्य है।
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9 December 2024मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में राज्य के विकास और विभागीय कार्यों से जुड़े अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मोहन कैबिनेट ने यूके और जर्मनी से निवेश के लिए 78,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों के साथ ही अन्य विकास कार्यों और रोजगार के अवसरों को मंजूरी दी। इन फैसलों से एमपी एक बार फिर देश के लिए मॉडल बनेगा और मोहन सरकार रोजगार के नए अवसर लेकर आ रही है। मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले वर्ष 2025 को मध्यप्रदेश में उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा तथा वर्ष भर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अन्य विभागों के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में एक क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें कई बड़े उद्योगपति और उनके प्रतिनिधि भाग लेंगे। गीता जयंती 8 से 11 दिसंबर तक उज्जैन में तथा 11 दिसंबर को भोपाल में मनाई जाएगी। तानसेन समारोह 15 से 19 दिसंबर तक भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। जन कल्याण पर्व 11 से 26 दिसंबर तक सभी जिलों में मनाया जाएगा और मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जनप्रतिनिधियों से संवाद करेंगे। माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जाएगा तथा गांवों में बफर जोन बनाया जाएगा तथा ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक माह के भीतर योजना तैयार की जाएगी। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से एक ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। टंट्या मामा की जयंती 4 दिसंबर से बड़े उत्साह के साथ मनाई जाएगी। पार्वती और कालीसिंध नहर परियोजना लगभग 36,800 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित की जाएगी, जिससे गुना, शिवपुरी, सीहोर, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, इंदौर, मंदसौर और मुरैना जिलों के 2094 गाँव लाभान्वित होंगे। अन्य महत्वपूर्ण निर्णय शराब नीति के लिए नई उपसमिति बनाई गई है, जिसमें उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया शामिल हैं। सिंहस्थ 2028 की तैयारियां शुरू हो गई हैं और मोहन सरकार ने 701 करोड़ रुपए की लागत से 20 किलोमीटर लंबा सिंहस्थ बाईपास बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इंदौर और उज्जैन के बीच 1370 करोड़ रुपए की लागत से 48 किलोमीटर लंबी और चार लेन की ग्रीनफील्ड सड़क बनाई जाएगी। इंदौर-उज्जैन जिले में 2389.28 करोड़ रुपये की लागत से दो लेन सड़क बनाई जाएगी। नर्मदापुरम को पीएम मोदी से बड़ी सौगात मिली है। 7 दिसंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगी और दुनिया भर के निवेशकों को इंडस्ट्रियल पार्क में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह पार्क 884 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा और केंद्र सरकार इसके लिए 300 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। यह एक मेगा इंडस्ट्रियल पार्क होगा और राज्य सरकार निवेशकों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएगी।
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8 December 2024छतरपुर के छायन गांव में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब सीआरपीएफ की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद फौजी रामअवतार लोधी पहली बार गांव पहुंचे। उनकी वापसी पर ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गांव के निवासियों ने डीजे पर देशभक्ति गानों के साथ फौजी का स्वागत किया। रामअवतार लोधी ने गांव की जमीन को चूम कर माथे पर लगाया, जिससे उनकी भावनात्मक जुड़ाव स्पष्ट हुआ। इसके बाद उन्हें फूल मालाओं से सजा कर पूरे गांव में घुमाया गया। इस मौके पर छोटी-छोटी बच्चियों ने सिर पर कलश रखकर उनका स्वागत किया, जो इस अवसर को और भी विशेष बना दिया। देश की सुरक्षा में तैनात फौजी को अपने बीच पाकर गांव के सभी लोग बेहद खुश हुए और भारत माता की जय के नारे लगाए। इस आयोजन ने गांव में उत्साह और गर्व का माहौल बना दिया, जिससे यह दिन सभी के लिए यादगार बन गया।
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8 December 2024हल्द्वानी में अब पानी की समस्या समाप्त हो सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जल निगम ने 24 घंटे जलापूर्ति योजना की तैयारी तेज कर दी है। इस योजना के तहत, शहर के सभी 33 वार्डों में हर समय स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। हल्द्वानी में 24 घंटे जलापूर्ति की योजना को लेकर जल निगम ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पेयजल निगम के अधिकारी अशोक कटारिया के अनुसार, मुख्यमंत्री के हाल ही में हल्द्वानी दौरे पर इस योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत विभाग ने 178 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है। इस योजना के तहत, हल्द्वानी नगर निगम के सभी 33 वार्डों में 24 घंटे जलापूर्ति की जाएगी। इसके लिए जल मीटर लगाए जाएंगे और उपयोग के आधार पर जल शुल्क भी वसूला जाएगा। इस योजना का उद्देश्य शहरवासियों को बेहतर और निरंतर जल आपूर्ति उपलब्ध कराना है। अब, हल्द्वानी के निवासियों को उम्मीद है कि यह योजना जल्द ही लागू होगी और वे पानी की समस्याओं से राहत पाएंगे।
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8 December 2024पोलियो दिवस पर अमरपाटन एसडीएम ने प्लस पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान एसडीएम आरती यादव ने आमजन से अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील की। पूरे प्रदेश में प्लस पोलियो अभियान का शुभारंभ किया गया है। अमरपाटन में भी 255 बूथ बनाए गए हैं, जहां पर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। इस अभियान का शुभारंभ अमरपाटन सिविल अस्पताल में एसडीएम आरती यादव की मौजूदगी में किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन भीमगोपाल भदौरिया और स्वास्थ्य स्टाफ भी मौजूद रहे। एसडीएम आरती यादव ने आमजन से अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने की अपील की।
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8 December 2024भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर अमेरिकी संसद में 3 दिसंबर को 'राष्ट्रीय रासायनिक आपदा जागरूकता दिवस' के रूप में मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया है। यह प्रस्ताव सीनेटर जेफ मर्कले और प्रतिनिधि सभा की सदस्य प्रमिला जयपाल और रशीदा तलैब ने पेश किया है। भोपाल गैस पीड़ितों के लिए चार संगठन लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। इन संगठनों में से एक की प्रमुख कार्यकर्ता, रचना ढींगरा ने बताया कि अगस्त और सितंबर में दो गैस पीड़ित महिलाएं अमेरिका गईं और वहां के सांसदों से मिलकर भोपाल गैस त्रासदी पर जानकारी दी। इस प्रयास के बाद यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब जब यह प्रस्ताव अमेरिका में पेश हो चुका है, तो गैस त्रासदी के जिम्मेदार डाउ कंपनी को जवाबदेह ठहराने की मांग की जा रही है। 40 साल बाद भी हजारों परिवार न्याय की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं, और प्रदूषण से प्रभावित इलाके में आज भी कई बीमारियां फैल रही हैं। इस प्रस्ताव से अमेरिका में भोपाल त्रासदी और रासायनिक आपदाओं पर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। गैस पीड़ितों की आवाज उठाते हुए इन संगठनों ने साफ कहा है कि न्याय की इस लड़ाई में वे पीछे नहीं हटेंगे और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस महत्वपूर्ण कदम से यह उम्मीद जागी है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस त्रासदी की गंभीरता को समझा जाएगा और इसके जिम्मेदारों को सख्त सजा मिलेगी।
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7 December 2024भोपाल में आज महिलाओं के सशक्तिकरण और मीडिया की भूमिका पर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में मीडिया की नैतिकता, जवाबदेही और स्व मूल्यांकन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। ब्रह्माकुमारी मीडिया प्रभाव द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में ब्रह्माकुमारी की क्षेत्रीय संयोजिका बीके रीना दीदी ने समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस गिरावट को रोकने के लिए पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की आवश्यकता है। बीके रीना दीदी ने यह भी बताया कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और सरकार 33% आरक्षण भी दे रही है। फिर भी, महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है। साथ ही, मीडिया में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन इसे और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। इस सम्मेलन ने महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी बढ़ती भूमिका पर जोर दिया और मीडिया की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी भूमिका को मजबूती देने की दिशा में सामूहिक प्रयास की जरूरत है।
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7 December 2024मध्य प्रदेश के सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में देश का पहला पूर्णतया महिलाओं द्वारा संचालित होटल 'नीलाम्बर अमलतास' का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की इस अनूठी पहल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि यह होटल मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों का अनुपम उदाहरण है, जो निश्चित ही बहनों के आत्मविश्वास को उन्नत करेगा और नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगा। साथ ही, यह प्रदेश में महिलाओं की भूमिका को और अधिक दृढ़ता प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यटन विभाग की सराहना की और कहा कि इस पहल से महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार और समाज के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी। इस होटल के निर्माण और संचालन में महिलाओं की भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं और वे हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। 'नीलाम्बर अमलतास' होटल का उद्घाटन नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसे प्रदेश और देशभर में एक मिसाल के रूप में देखा जाएगा।
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7 December 2024एमपीआरडीसी अब कमलापार्क से मोती मस्जिद, हमीदिया अस्पताल के सामने से लालघाटी तक एलीवेटेड कॉरीडोर की योजना बना रहा है। वीआइपी रोड आठ लेन करने के प्रोजेक्ट के केंद्रीय वेटलैंड अथॉरिटी के पास पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना के तहत अटके होने के बाद ये रास्ता निकाला जा रहा है। वीआइपी रोड आठ लेन प्रोजेक्ट के तहत शासन से 3000 करोड़ रुपए की सैंद्धांतिक अनुमति मिली हुई है। बताया जा रहा है कि इसे ही नए कॉरीडोर को बनाने में उपयोग किया जाएगा। वीआइपी रोड(VIP Road Extension) नए भोपाल यानि पोलीटेक्रिक चौराहा की ओर से बैरागढ़ की ओर आवाजाही करने वालों के लिए सुगम रास्ता है। इस रोड पर अब ट्रैफिक काफी बढ़ गया है। इसके एक्सटेंशन की योजना बनाई, लेकिन बड़ा तालाब रामसर साइट वेटलैंड है। पर्यावरणीयतौर पर इसमें निर्माण नहीं किया जा सकता। वेटलैंड रूल्स 2017 में भी कई कड़े प्रावधान है। हालांकि अनुमति के लिए केंद्रीय वेटलैंड में प्रोजेक्ट है, लेकिन कब और किस तरह की अनुमति मिलेगी, अनुमति मिलेगी या नहीं, असमंजस है।
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6 December 2024भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, एसबीआई ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए 'जागरूकता रथों' को रवाना किया है, जो मध्य प्रदेश के 52 जिलों में घूमकर लोगों को साइबर अपराधों के प्रति सचेत करेंगे। इन रथों के माध्यम से नुक्कड़ नाटक, सेमिनार, और सार्वजनिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में लोगों को साइबर अपराधों के विभिन्न रूपों, जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग, और साइबर स्टॉकिंग के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही, लोगों को इन अपराधों से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां भी बताई जाएंगी। भोपाल पुलिस भी इस अभियान का समर्थन कर रही है। भोपाल पुलिस कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे साइबर अपराधों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। आजकल, जब अधिकांश लोग डिजिटल लेनदेन करते हैं, तो साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ गया है। साइबर अपराधी लोगों को ठगकर उनका पैसा हड़प लेते हैं। इसलिए, लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है ताकि वे इन अपराधों का शिकार न बनें। एसबीआई का यह जागरूकता अभियान एक सराहनीय कदम है। इससे लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक होने में मदद मिलेगी और वे खुद को इन अपराधों से बचा सकेंगे।
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6 December 2024खजुराहो में 10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का शानदार उद्घाटन हुआ। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि फिल्में समाज में जागृति लाने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। इस अवसर पर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से आग्रह किया कि वे आदिवासी समुदाय के जीवन और संघर्षों पर आधारित फिल्में बनाएं। राज्यपाल पटेल ने कहा, "फिल्मों का प्रभाव समाज पर गहरा होता है और ये जागरूकता फैलाने का बेहतरीन तरीका हैं। इसलिए फिल्म निर्माता आदिवासी समुदाय की कहानी को पर्दे पर लाकर उनके संघर्ष और समृद्धि को दुनिया के सामने लाएं।" इस फिल्म फेस्टिवल के दौरान प्रतिदिन मुंबई के कलाकारों की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। समारोह का आयोजन अभिनेता राजा बुंदेला की कंपनी द्वारा किया जा रहा है। यह सात दिवसीय फिल्म फेस्टिवल 11 दिसंबर तक चलेगा। फेस्टिवल में कई प्रमुख शख्सियतों को सम्मानित भी किया गया। इस साल अतुल मल्लिकराम, अंजली पॉल, क्रिस्टीना नेने, विश्वास कुमार भटेले और एस.ए. शिवाकांत वाजपेयी को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, खजुराहो विधानसभा के सदस्य वी.डी. शर्मा ने कहा कि उन्होंने संसद में और यहां की धरती पर कई प्रयास किए हैं ताकि खजुराहो में ऐसे फिल्म फेस्टिवल जैसे कार्यक्रम होते रहें। उन्होंने यह भी कहा कि खजुराहो में जल्द ही एक फिल्म सिटी बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र फिल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सके। फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है, बल्कि यह फिल्म उद्योग के लिए एक मंच प्रदान करना है, जहां वे समाज को जागरूक करने वाली फिल्मों को प्रस्तुत कर सकें।
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6 December 2024मध्यमिक शिक्षा मण्डल ने एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं परीक्षा के लिए टाइम टेबल जारी कर दिया है। एग्जाम 25 फरवरी से लेकर 25 मार्च 2025 तक सिंगल शिफ्ट में आयोजित होंगे। छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए 3 घंटे का समय दिया जाएगा। सत्र सुबह 9 बजे शुरू होगा और दोपहर 13 बजे समाप्त होगा।पहले दिन यानि 25 फरवरी मंगलवार को हिन्दी विषय की परीक्षा होगी। अंतिम दिन गणित का पेपर होगा। छात्र ऑफिशियल वेबसाइट mpbse.nic.in पर जाकर टाइम टेबल जारी कर सकते हैं। बोर्ड परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण गाइडलाइंस भी जारी हो चुकी है। प्री-बोर्ड एग्जाम 16 जनवरी से 24 जनवरी 2025 तक चलेगी। 25 फरवरी 2025- हिन्दी 28 फरवरी- अंग्रेजी 1 मार्च 2025- उर्दू/मराठी 4 मार्च- भौतिक शस्त्र/अर्थशास्त्र/एनिमल हस्बैंडरी मिल्क ट्रेड पॉल्ट्रीफ़ार्मिंग एंड फिशरीज/विज्ञान के तत्व/भारतीय कला का इतिहास 5 मार्च- बायोटेक्नोलॉजी/गायन वादन/तबला पंखावज 6 मार्च- ड्रॉइंग एंड डिजाइन 7 मार्च- भूगोल/क्रॉप प्रोडक्शन एंड हॉर्टिकल्चर/स्टिल लाइफ एंड डिजाइन/शरीर रचना करोया-विज्ञान एवं स्वास्थ्य 8 मार्च- बायलॉजी 10 मार्च- मनोविज्ञान 11 मार्च- इन्फॉर्मैटिक्स प्रैक्टिसेस 12 मार्च- संस्कृत 17 मार्च- रसायन शास्त्र/इतिहास/व्यवसाय अध्ययन/एली ऑफ साइंस एंड मैथमेटिक्स यूजफुल फॉर एग्रीकल्चर/ड्रॉइंग एंड पेंटिंग/गृह प्रबंध पोषण एवं वस्त्र विज्ञान 19 मार्च- NSQF/शारीरिक शिक्षा 20 मार्च- समाज शास्त्र 22 मार्च- कृषि/होम साइंस (कला समूह)/बुक किपिंग एंड एकाउंटेंसी 24 मार्च- राजनीति शास्त्र 25 मार्च-गणित
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5 December 2024दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के द्वारा स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नगर क्षेत्र की 18 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बुनाई एवं क्रोशिया का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों द्वारा बुनाई की बारीकियां समझाई गईं। इससे पहले भी नगर पंचायत द्वारा मोमबत्ती, नमकीन और ऐपण कला का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसके माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। प्रशिक्षण एक हफ्ते तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें अलग-अलग तरीके से ऊन के वस्त्र तैयार किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी मिलेगा।
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5 December 2024खजुराहो में 5 दिसंबर से 10वां इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू हो गया है, जो इस बार सुपरस्टार राजेश खन्ना को समर्पित है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के द्वारा इस भव्य महोत्सव का उद्घाटन किया गया, जिसमें देश-विदेश के नामी फिल्म निर्देशक और कलाकार शामिल होंगे। महोत्सव में बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों के साथ-साथ नए कलाकारों के लिए भी खास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। खजुराहो में 5 नई टपरा टॉकीज का निर्माण किया जाएगा, जिनका नाम राजेश खन्ना की फिल्मों पर रखा जाएगा। इसके अलावा, नए कलाकारों के लिए फिल्म और रंगमंच की कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें बड़े-बड़े अभिनेता और फिल्म निर्माता अपने अनुभव साझा करेंगे। यह महोत्सव 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा, जिससे खजुराहो को एक नया सांस्कृतिक आयाम मिलेगा और भारतीय सिनेमा के प्रति प्रेम और समर्पण को और मजबूती मिलेगी। इस आयोजन से खजुराहो की खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। राजेश खन्ना को समर्पित इस फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों को उनकी यादगार फिल्मों और अभिनय के अद्भुत सफर का अनुभव करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके प्रशंसकों के लिए यह महोत्सव एक खास बन जाएगा।
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5 December 2024मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने ओंकारेश्वर बांध डूब प्रभावित क्षेत्र के विस्थापित कृषकों के वयस्क पुत्रों को मुआवजा दिए जाने पर विचार करने का राहतकारी आदेश पारित किया है। इसके लिए राज्य शासन को दो माह की मोहलत दी गई है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सात जून, 2023 को आदेश सुनाया था कि ओंकारेश्वर बांध डूब क्षेत्र प्रभावितों को विशेष पैकेज दिया जाए। उक्त आदेश का हवाला देते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन ने पिछले दिनों एक आवेदन दायर कर हाई कोर्ट को अवगत कराया कि राज्य शासन ने ओंकारेश्वर बांध के विस्थापितों को विशेष पैकेज अंतर्गत 15 प्रतिशत का लाभ तो दे दिया है किंतु इस विशेष पैकेज का लाभ सभी पात्रों को नहीं दिया गया है। आदेश का पूरा पालन नहीं हुआ है चूंकि यह रवैया अवैधानिक है और हाई कोर्ट के आदेश का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित नहीं हुआ है, अत: दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। हाई कोर्ट ने इस आवेदन का निराकरण इस निर्देश के साथ कर दिया कि सरकार ओंकारेश्वर बांध डूब प्रभावित क्षेत्र के विस्थापित कृषकों के वयस्क पुत्रों को मुआवजा देने पर अलिवंब विचार करे। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि कृषि भूमि व आवास से वंचित होने के बाद से कृषकों के वयस्क पुत्र बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। परिवार का भरण-पोषण कठिन हो गया है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। धरतीपुत्रों के प्रति सरकार को संवेदनशील होना चाहिए। पसंद के अनुरूप दें पदस्थापना हाई कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में निर्देश दिए हैं कि आरक्षित वर्ग एससी, एसटी व ओबीसी के प्रतिभावान उम्मीदवारों को उनकी पसंद के अनुरूप पदस्थापना दें। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने आयुक्त लोक शिक्षण और आयुक्त, आदिवासी कल्याण को यह प्रक्रिया दो माह के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता मंडला निवासी अजीत यादव सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा।
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4 December 2024छतरपुर में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य को गुणवत्तापूर्ण और समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही पानी सप्लाई की व्यवस्था की भी जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान ईई पीआईयू के एस परस्ते सहित निर्माण एजेंसी के पदाधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक भवन, गर्ल्स एवं बॉयज हॉस्टल, शॉपिंग और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स एवं अन्य ब्लॉकों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण और समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने पानी सप्लाई की व्यवस्था की जानकारी ली और मजदूरों के चरित्र सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और इसे तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। कलेक्टर पार्थ जैसवाल के इस निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन निर्माण कार्य की गुणवत्ता और समयसीमा को लेकर गंभीर है और इसे सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इससे उम्मीद की जा रही है कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य समय पर पूरा होगा और यह छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक संस्थान बनेगा।
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4 December 2024बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को हाल ही में जान से मारने की धमकी मिली है। सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी बलजिंदर परवाना ने यह धमकी दी थी। इस घटना के बाद, बागेश्वर धाम सेवा समिति के निशांत नायक ने बमीठा थाने में परवाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। यह घटना व्यापक चिंता और निंदा का कारण बनी है। कई लोगों ने पीठाधीश्वर के साथ एकजुटता व्यक्त की है और धमकी देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान किया है। इस घटना ने ऑनलाइन धमकियों के बढ़ते खतरे और ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियमों की तत्काल आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है। बागेश्वर धाम, एक प्रमुख धार्मिक संस्थान, हाल के वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल कर चुका है। पीठाधीश्वर, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, लाखों भक्तों द्वारा उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं और चमत्कारी शक्तियों के लिए पूजनीय हैं। संस्थान समाज को ऊपर उठाने और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सामाजिक और धार्मिक पहलों में सबसे आगे रहा है। हालांकि, हालिया जान से मारने की धमकियों ने बागेश्वर धाम से जुड़े शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल पर एक छाया डाली है। यह आवश्यक है कि अधिकारी अपराधी को गिरफ्तार करने और पीठाधीश्वर और उनके अनुयायियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करें। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी और न्याय मिलेगा। घटना शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व और असहिष्णुता और चरमपंथ के मुद्दों को अत्यंत गंभीरता से संबोधित करने की आवश्यकता की एक कठोर याद दिलाती है।
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4 December 2024नडीए सरकार की महत्त्वाकांक्षी प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) की लॉन्चिंग फिलहाल स्थगित कर दी गई है। इसकी शुरुआत सोमवार (2 दिसंबर) से होनी थी। नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। इस योजना के लिए युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। करीब 4.87 लाख युवाओं ने योजना के लिए पंजीयन कराया, जिनमें से 3.38 लाख युवाओं ने पीएमआईएस पोर्टल पर अपने प्रोफाइल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। आवेदक को कम से कम कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। चयनित उम्मीदवारों को एकमुश्त 6,000 रुपए का भत्ता और 4,500 रुपए का मासिक मदद केंद्र सरकार देगी। जबकि 500 रुपए प्रति माह संबंधित कंपनी भुगतान करेगी। पीएमआईएस के पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख की समीक्षा की जा रही है। इसके बाद इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करने के लिए 13 अक्टूबर को पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके लिए करीब 840 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। वहीं 12 अक्टूबर से 15 नवंबर तक युवाओं का पंजीकरण किया गया। इसमें 4.87 लाख युवाओं ने अपना केवाईसी पूरा कर पंजीकरण कराया। इसमें से पोर्टल पर 3.38 लाख युवाओं का प्रोफाइल पूरा हुआ है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कारपोरेट कार्य मंत्रालय की ओर से इसको लेकर आंकड़े जारी किए गए। इसमें बताया गया कि पीएमआईएस पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के 64 हजार 630 युवाओं ने प्रोफाइल पूरा किया है। यह देश में सबसे अधिक है। वहीं मध्यप्रदेश 32 हजार 286 के साथ दूसरे नंबर पर है। जबकि राजस्थान जैसे बड़े राज्य में हरियाणा के 28 हजार 462 के मुकाबले महज 14 हजार 185 युवाओं के प्रोफाइल को पूरा किया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के 7 हजार 235 युवाओं ने पीएमआइएस पोर्टल पर अपना प्रोफाइल दर्ज कराया है।
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3 December 2024बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ देश में जगह-जगह रैली निकाली जाएगी। यह रैली बांग्लादेश सरकार को संदेश देगी कि अगर वह हिंदुओं पर अत्याचार करना बंद नहीं करेगा, तो ऐसी रैलियां और विरोध प्रदर्शन होते रहेंगे। मध्य प्रदेश की मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को पूरा विश्व देख रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध किसी विशेष वर्ग, धर्म या समाज के प्रति नहीं है, बल्कि उस कट्टरपंथी ताकत के प्रति है जो बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जगह-जगह रैली के माध्यम से हिंदू समाज अपनी भावनाओं का प्रकटीकरण करेगा। इस रैली का उद्देश्य बांग्लादेश सरकार को यह संदेश देना है कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन और रैलियां जारी रहेंगी। इस प्रकार की रैलियों के माध्यम से हिंदू समाज अपनी एकजुटता और समर्थन को प्रदर्शित करेगा और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएगा।
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3 December 2024मध्य प्रदेश में जल्द ही सरकारी सार्वजनिक परिवहन सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें जर्मनी के निवेशकों का सहयोग मिलेगा। जर्मनी के फ्लिक्स ट्रैवल-टेक ग्रुप के सहयोग से बसों का संचालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को जर्मनी में फ्लिक्स ट्रैवल-टेक ग्रुप के सीईओ मैक्स ज्यूमर और उनके प्रतिनिधियों से चर्चा की। सीएम ने उन्हें मध्य प्रदेश आने का निमंत्रण दिया और कहा कि ग्रुप का एक प्रतिनिधिमंडल दिसंबर में मध्य प्रदेश आएगा। परिवहन विभाग के अपर सचिव एवं मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मनीष सिंह इनसे चर्चा करेंगे। इसके बाद जर्मन निवेशकों के साथ बसों के संचालन की योजना बनाई जाएगी। समूह फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भी भाग लेगा। पत्रिका के जन अभियान का असर पत्रिका ने जन अभियान चलाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2005 में बंद हुई सरकारी सार्वजनिक परिवहन सेवा को फिर से शुरू करने की घोषणा की। इसे फिर से शुरू करने के लिए अधिकारी विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा कर रहे हैं। 20 नवंबर को पड़ोसी राज्यों के प्रमुख बस ऑपरेटरों के साथ बैठक हुई। इसके तहत सीएम ने विदेशी निवेशकों से भी चर्चा की। सीएम फिलहाल जर्मनी के दौरे पर हैं। जर्मन समूह की विशेषताएँ तकनीकी रूप से उन्नत आधुनिक तकनीक से लैस, गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना यूरोप, अमेरिका और एशिया के 40 से अधिक देशों में परिचालन। दिल्ली में 200 बसें शुरू की हैं इसका नेटवर्क 46 शहरों को जोड़ता है जर्मनी के सहयोग से मध्य प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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2 December 2024मध्य प्रदेश में आज से न्यूनतम समर्थन मूल्य (2,300 रुपये प्रति क्विंटल) पर धान का उपार्जन 1,412 केंद्रों पर शुरू हो रहा है। इस बार 45 लाख टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। गुणवत्तायुक्त उपार्जन सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। किसान जो उपज लेकर आएगा, उसकी गुणवत्ता का आकलन नमी, कचरा और टूटन के आधार पर किया जाएगा। इसके बाद ही उपज को स्वीकार या अस्वीकार कर पर्ची जारी की जाएगी। यदि उपज गुणवत्तायुक्त नहीं होगी, तो उसे लौटाकर ठीक करके लाने के लिए कहा जाएगा। ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामान्य किस्म की धान 2,300 रुपये और ग्रेड ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी जाएगी। गुणवत्तायुक्त उपज का ही उपार्जन हो, इसके लिए ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है। उपज में कचरा मिला तो उसे लौटा देंगे राज्य और जिला स्तर पर उपार्जन पोर्टल पर दर्ज होने वाली उपज संबंधी जानकारी के आधार पर आकलन किया जाएगा। यदि उपज में कचरा, टूटन या नमी अधिक होती है तो उसे लौटा दिया जाएगा। जब किसान उपज ठीक कराकर निर्धारित मापदंड के अनुसार लाएगा, तब ही उसे स्वीकार किया जाएगा। धान किसान से लेने के बाद उसे चावल बनाने के लिए मिलर्स को दी जाती है। उस समय कई बार नमी, कचरा और टूटन अधिक होने की शिकायत सामने आती है। ऐसी उपज मिलर्स नहीं लेते हैं क्योंकि प्रति क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल लिया जाता है। जब यह मात्रा नहीं मिलती है, तो मिलर्स को नुकसान होता है। यही कारण है कि इस बार गुणवत्तायुक्त उपज की खरीदी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी उपार्जन केंद्रों पर नमी की जांच करने के लिए नमी मापक यंत्र (मायश्चर मीटर) रखे जाएंगे। मिलिंग भी समय पर होगी नमी जांचने के बाद धान को सीधे उपार्जन केंद्र से ही मिलिंग के लिए मिलर्स को दिया जाएगा। इससे परिवहन और भंडारण व्यय में कमी आने के साथ मिलिंग भी समय पर होगी। भारतीय खाद्य निगम ने मिलिंग के लिए अंतिम सीमा जून रखी है। मंत्री, प्रमुख सचिव और आयुक्त करेंगे औचक निरीक्षण
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2 December 2024मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में अपनी विदेश यात्रा से लौटने के बाद मध्यप्रदेश के लिए बड़े निवेश प्रस्तावों की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा के दौरान यूके से 60 हजार करोड़ रुपए और जर्मनी से 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को इसका श्रेय देते हुए कहा कि आज हम पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। लंदन के अनुभव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने लंदन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि लंदन में एक बंजर और बेकार इलाका था, जिसे उन्होंने मल्टी माल और व्यावसायिक गतिविधि के रूप में बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास भी ऐसी कई जमीनें हैं जो बेकार और बंजर पड़ी हैं। साथ ही कई बड़ी कंपनियां या कॉटन मिल हैं जिनका विकास किया जा सकता है। हम अर्बन डेवलपमेंट के मामले में विचार कर रहे हैं। निवेश प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने बताया कि यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान उन्हें यूके से 60 हजार करोड़ रुपए और जर्मनी से 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। यह निवेश मध्यप्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के कारण आज हम पूरी दुनिया में जाने जाते हैं और यह निवेश प्रस्ताव उसी का परिणाम है। अर्बन डेवलपमेंट की योजना मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अर्बन डेवलपमेंट के मामले में विचार कर रहे हैं और बेकार पड़ी जमीनों का विकास करने की योजना बना रहे हैं। इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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2 December 2024मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए नए साल की शुरुआत एक बड़ी खुशखबरी के साथ होने वाली है। राज्य सरकार ने अपने 7 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ता (डीए) में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा, जिससे यह 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो जाएगा। महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा वित्त विभाग के अनुसार, राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता जनवरी 2024 में 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया था। वहीं, जनवरी 2025 में इसे और 3 प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई 2024 से 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, और अब जनवरी 2025 में केंद्र सरकार महंगाई भत्ता और राहत में फिर वृद्धि करने जा रही है। लिहाजा, राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों को यह तोहफा देने की तैयारी में है। विलंब के बावजूद उम्मीद बनी रही मध्यप्रदेश में 2024 के पहले तक जब-जब केंद्र सरकार महंगाई भत्ते व राहत में वृद्धि करती थी, तब राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता और राहत बढ़ा देती थी। अब इसमें कुछ विलंब हो रहा है, क्योंकि अभी भी केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत का अंतर है। हालांकि, अब राज्य सरकार इस अंतर को कम करने के लिए कदम उठा रही है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का महंगाई भत्ता अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत किया जा चुका है, लेकिन राज्य के कर्मचारी और पेंशनरों को इसका लाभ नहीं मिला है। सूत्रों का कहना है कि सरकार नए साल में 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है, क्योंकि केंद्र सरकार फिर इसमें वृद्धि कर सकती है। बजट में 56 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ते का प्रावधान है, और विभागों का स्थापना व्यय भी इसके अनुसार ही तैयार हुआ है, यानी बजट प्रावधान की कोई समस्या नहीं है। दिसंबर में मिलेगी एरियर की पहली किस्त सरकार ने महंगाई भत्ते में वृद्धि जनवरी 2024 से की थी, लेकिन इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन यानी नवंबर से किया गया। जनवरी से सितंबर के महंगाई भत्ते के अंतर की राशि का भुगतान चार समान किस्तों में किया जाएगा। पहली किस्त दिसंबर में दी जाएगी, दूसरी जनवरी में, तीसरी फरवरी में और चौथी किस्त की राशि खातों में मार्च 2025 में आएगी। नए साल की नई उम्मीदें नए साल में राज्य सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन भी मिलेगा। यह कदम कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आशा की जा रही है कि इस वृद्धि से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई के बढ़ते दबाव से थोड़ी राहत मिलेगी और उनकी जीवन शैली में सुधार होगा। नए साल में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि निश्चित रूप से कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी साबित होगी।
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1 December 2024मध्यप्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। बहनों को 19वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। 18वीं किस्त को मोहन सरकार की ओर से 9 नवंबर को जारी किया गया था। इस बार बहनों के मन में मासिक किस्त के साथ बढ़ोत्तरी का भी सवाल उठ रहा है। कब जारी होगी 19वीं किस्त? लाड़ली बहना योजना की किस्त आमतौर पर हर महीने की 10 तारीख को ट्रांसफर की जाती है, लेकिन कई बार त्योहार पड़ने के कारण किस्त को पहले ही खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस बार दिसंबर में कोई त्योहार नहीं है, इसलिए 19वीं किस्त इस महीने 5-10 तारीख के बीच जारी की जा सकती है। हालांकि, इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। विजयपुर में उपचुनाव के दौरान सीएम डॉ मोहन यादव का संबोधन विजयपुर में उपचुनाव के दौरान सीएम डॉ मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा ने लाड़ली बहनों के लिए वचन पत्र में जो वादा किया है, वह पूरा किया जाएगा। सरकार ने 1 हजार से राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए किया था और बहुत जल्द ही राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए महीना कर दिया जाएगा। इसके साथ ही वंचित रह गई लाड़ली बहनों के नाम भी चुनाव के बाद जोड़ने का काम शुरू कराया जाएगा। कोई भी लाड़ली बहना नहीं छूटेगी। बुधनी में जनसभा में सीएम डॉ मोहन यादव का बयान बुधनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा था कि कांग्रेस एक तरफ दुष्प्रचार करती रही कि बीजेपी की सरकार आते ही ये योजना बंद कर दी जाएगी, लेकिन हम तो लगातार अपनी बहनों से किया हुआ वादा पूरा कर रहे हैं। 1250 रुपए से शुरुआत की है और बढ़ाकर ये राशि तीन हजार और फिर पांच हजार तक जाएगी। इस घोषणा के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में मोहन सरकार बहनों के लिए अपना पिटारा खोल सकती है। लाड़ली बहना योजना का महत्व लाड़ली बहना योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने का प्रयास कर रही है। आशाएं और उम्मीदें लाड़ली बहनों को 19वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है और वे उम्मीद कर रही हैं कि इस बार उन्हें मासिक किस्त के साथ बढ़ोत्तरी भी मिलेगी। सरकार की ओर से किए गए वादों के अनुसार, जल्द ही राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए महीना किया जाएगा। इसके साथ ही वंचित रह गई लाड़ली बहनों के नाम भी योजना में जोड़े जाएंगे, ताकि कोई भी बहना इस योजना से वंचित न रह सके। नए साल में खुशखबरी की उम्मीद नए साल में मोहन सरकार बहनों के लिए अपना पिटारा खोल सकती है और उन्हें बड़ी खुशखबरी दे सकती है। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। लाड़ली बहनों को उम्मीद है कि सरकार उनके हित में और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाएगी और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगी। इस प्रकार, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की ओर से किए गए वादों के अनुसार, जल्द ही राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए महीना किया जाएगा और वंचित रह गई लाड़ली बहनों के नाम भी योजना में जोड़े जाएंगे। नए साल में बहनों को बड़ी खुशखबरी मिलने की उम्मीद है और वे बेसब्री से 19वीं किस्त का इंतजार कर रही हैं।
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1 December 2024बाबा नीब करौरी महाराज का 125 वां प्राकट्योत्सव 3 दिसंबर को भोपाल के रविंद्र भवन में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस आयोजन की जानकारी बाबा के पौत्र डॉक्टर धनंजय शर्मा ने दी। डॉक्टर शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें देशभर से भक्तगण शामिल होंगे। इस पावन अवसर पर विशाल ब्रज रासलीला और सुंदर काण्ड का पाठ दिल्ली के प्रसिद्ध कलाकार विजेंद्र चौहान करेंगे। इसके साथ ही, शिव तांडव स्तोत्रम का पाठ कालीपुत्र कालीचरण महाराज द्वारा किया जाएगा। भजन गायक सुधीर व्यास अपनी टीम के साथ भजनों की प्रस्तुति देंगे, जो भक्तों को भक्ति रस में डूबो देंगे। आचार्य भारती शमी और उनके साथी कलाकार ब्रज रासलीला का मंचन करेंगे, जो इस आयोजन को और भी जीवंत बना देगा। भोपाल के चार इमली स्थित मेंहदीपुर बालाजी मंदिर में नीब करौरी बाबा की प्रतिमा की स्थापना की गई थी। मंदिर में जयपुर के कलाकारों द्वारा करीब 3 क्विंटल संगमरमर से बनी प्रतिमा स्थापित की गई है। डॉक्टर धनंजय शर्मा ने बताया कि भोपाल में बाबा का आश्रम बनाने की भी योजना है, जिससे भक्तों को बाबा की शिक्षाओं और उनके दिव्य संदेशों को समझने का अवसर मिल सके। बाबा नीब करौरी महाराज के प्राकट्योत्सव पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देशभर से भक्तगण उत्साहित हैं और वे इस पावन अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस भव्य आयोजन के माध्यम से बाबा की शिक्षाओं और उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। आप सभी को इस पावन अवसर पर आमंत्रित किया जाता है कि वे इस विशेष कार्यक्रम में शामिल होकर बाबा नीब करौरी महाराज के आशीर्वाद प्राप्त करें और उनकी दिव्य शिक्षाओं को आत्मसात करें। इस आयोजन के माध्यम से भक्तगण अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति की भावना को और अधिक सशक्त बना सकेंगे। तो चलिए, 3 दिसंबर को भोपाल के रविंद्र भवन में मिलते हैं और बाबा नीब करौरी महाराज के 125 वें प्राकट्योत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। इस विशेष दिन को यादगार बनाने के लिए आपका स्वागत है।
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1 December 2024हाटपिपल्या माइक्रो सिंचाई परियोजना को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। झिकड़ाखेड़ा क्षेत्र के किसान प्रशासन के निर्णय के विरोध में पिछले चार दिनों से बागली में विधायक निवास के बाहर धरना दे रहे हैं। किसानों का मुख्य विरोध नए तालाब के निर्माण को लेकर है। उनका मानना है कि नए तालाब के निर्माण से उनकी जमीनें डूब जाएंगी और उन्हें काफी नुकसान होगा। वे मौजूदा कूप तालाब के विस्तार की मांग कर रहे हैं। बुधवार को कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि झिकड़ाखेड़ा क्षेत्र में फिलहाल कोई सर्वे नहीं किया जाएगा। हालांकि, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे अपना आंदोलन और व्यापक बनाएंगे। यह मुद्दा कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह सीधे किसानों के जीवन को प्रभावित करता है। अगर नए तालाब के निर्माण से किसानों की जमीनें डूबती हैं तो वे बेरोजगार हो जाएंगे। दूसरा, यह विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन का मुद्दा उठाता है। सिंचाई परियोजनाओं का उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाना है, लेकिन साथ ही यह पर्यावरण पर भी प्रभाव डालती है। तीसरा, यह प्रशासन और किसानों के बीच संबंधों को प्रभावित करता है। यह मुद्दा दिखाता है कि विकास के काम करते समय किसानों की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है। प्रशासन को किसानों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए और उनके सुझावों पर विचार करना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए और एक ऐसा समाधान ढूंढना चाहिए जिससे सभी पक्षों का हित सुरक्षित रहे। यह मामला कई सवाल खड़े करता है: क्या प्रशासन ने किसानों की आवाज को सुना है? क्या प्रशासन ने किसानों के साथ पर्याप्त परामर्श किया है? क्या नए तालाब के निर्माण से किसानों को होने वाले नुकसान का कोई वैकल्पिक समाधान है? यह मामला सिर्फ हाटपिपल्या तक सीमित नहीं है। देश के कई हिस्सों में सिंचाई परियोजनाओं को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच विवाद होते रहते हैं। इन विवादों का समाधान ढूंढना बहुत जरूरी है, ताकि किसानों का हित सुरक्षित रहे और साथ ही देश का विकास भी हो सके।
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30 November 2024दख़ल प्रतिनिधि, भोपाल। शहर में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ऐसे में लोगों ने ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों को पहनना शुरू कर दिया है। बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए अलग-अलग मंदिर समितियों व ट्रस्टों के पदाधिकारियों ने भगवान श्रीराम, मां दुर्गा, श्रीराधा-कृष्ण, गणेश जी सहित सभी भगवानों को गर्म वस्त्र धारण कराने शुरू कर दिए हैं। शाल ओढ़ाई जा रही हैं। वहीं ठंड के चलते भगवान जी को गर्म खाद्य पदार्थ खजूर, गुड़ सहित अन्य पदार्थों का भोग लगाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, भगवान के दरबार में ठंड का असर कम हो और गर्मी बनी रहे, इसके लिए हीटर और अलाव जैसे उपाय भी भक्तों ने करना शुरू कर दिया है। इसके साथ-साथ सुबह व शाम की आरती व्यवस्था में भी बदलाव होने लगा है। पुराने शहर के श्री बड़वाले महादेव मंदिर सेवा समिति के द्वारा गुरु प्रदोष के अवसर पर बाबा बटेश्वर का रुद्राभिषेक किया गया। एक क्विंटल फूल, बेल पत्र, धतूरा व चंदन आदि से भोलेनाथ का अलौकिक श्रृंगार किया गया। इसके साथ ही भगवान को गुड़ से बनी गजक व अन्य गर्म वस्तुओं का भोग लगाया गया। शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए बाबा के समक्ष अलाव भी जलाया गया। प्रतिदिन अब भगवान को ऊनी वस्त्र धारण कराए जाएंगे एवं गुड़ से बनी गजक तथा अन्य गर्म वस्तुओं का भोग लगेगा।रात्रि में महा आरती के बाद प्रसादी वितरण हुआ। इस अवसर पर संयोजक संजय अग्रवाल, सदस्य प्रमोद नेमा, शिशिर मित्तल, अभिषेक लाला, केशव फुलवानी, प्रकाश मालवीय सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।
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29 November 2024इंदौर – बहरीन में आयोजित विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में इंदौर की पिंकी दुबे ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, पिंकी दुबे और उनकी टीम के कोच, इंदौर के मिथिलेश कैमरे, वतन वापसी पर बेहद खुश और आभारी नजर आए। पिंकी और उनकी साथी खिलाड़ी सपना शर्मा ने मिलकर अपनी मेहनत और संघर्ष से यह उपलब्धि प्राप्त की। पिंकी दुबे ने कहा, "ईश्वर की कृपा से ही यह सब संभव हो पाया है। दिव्यांग खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं होते हैं, बस हमें अपनी अंदर की शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।" पिंकी का मानना है कि अगर दिव्यांग खिलाड़ी खुद पर विश्वास करें तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कुल 256 खिलाड़ी भाग ले रहे थे, जिनमें ईरान, इराक, ब्राजील, पोलैंड, कजाकिस्तान जैसे देशों के खिलाड़ी शामिल थे। इस प्रतियोगिता में मूक बधिर, शारीरिक दिव्यांग, बोनापन और सिरब्रल पाल्सी जैसी बीमारियों से जूझ रहे खिलाड़ी भाग ले रहे थे। पिंकी दुबे और सपना शर्मा ने शारीरिक दिव्यांगता और व्हीलचेयर कैटेगरी में अपनी विशेष पहचान बनाई। मध्यप्रदेश की इस टीम को इस प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने वित्तीय सहायता प्रदान की थी। कोच मिथिलेश कैमरे ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इन खिलाड़ियों को विक्रम अवार्ड से सम्मानित किया जाए ताकि वे अगले ओलंपिक के लिए और बेहतर तैयारी कर सकें। यह जीत उन सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने हौसले और संघर्ष से कठिनाइयों को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।
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29 November 2024मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के जीवन को सरल और अधिक लाभदायक बनाने के लिए एमपी फार्म गेट ऐप लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल के तहत किसान अब अपनी फसल घर बैठे ही बेच सकेंगे और अपनी पसंदीदा कीमत पर व्यापारी से सीधा संपर्क कर सकेंगे। क्या है एमपी फार्म गेट ऐप? यह ऐप किसानों और व्यापारियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करता है, जिससे किसान अपनी फसल को खेत, खलिहान या घर से ही बेच सकते हैं। इसके जरिए किसान न केवल फसल की कीमत तय कर सकते हैं, बल्कि किसी बिचौलिए के बिना सीधे व्यापारियों को फसल बेचकर अधिक लाभ भी कमा सकते हैं। किसानों के लिए जागरूकता अभियान ऐप की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। कार्यशाला का आयोजन:खातेगांव मंडी सभागृह में एमपी फार्म गेट ऐप के उपयोग पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) प्रिया चंद्रावत राठौड़ की अध्यक्षता में किसानों को ऐप के उपयोग और इसके लाभों की जानकारी दी गई। क्या सिखाया गया?मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने बताया कि इस कार्यशाला में किसानों को उनकी उपज को खेत या घर से सीधे ऐप के माध्यम से बेचने की प्रक्रिया सिखाई गई।ई-मंडी प्रभारी हर्षवर्धन सिंह तोमर ने ऐप के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। एमपी फार्म गेट ऐप के फायदे: सीधा संपर्क: किसान सीधे व्यापारी से जुड़ सकते हैं। मनमाफिक कीमत: फसल का दाम तय करने की आजादी। समय और पैसा बचाएं: बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से किसान को पूरा लाभ मिलता है। डिजिटल सुविधा: खेत से ही फसल बेचने का विकल्प। सरकार का उद्देश्य इस ऐप का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मुनाफा दिलाना और व्यापार प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है और किसानों को डिजिटल युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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28 November 2024मुख्यमंत्री मोहन यादव की नई योजना, गायों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए ठोस कदम मध्यप्रदेश सरकार ने गोपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह सुनिश्चित किया है कि जो गोपालक दस से ज्यादा गायें पालेंगे, उन्हें विशेष अनुदान मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने आय-व्यय को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इस कदम के जरिए राज्य में दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि यह कदम किसानों और गोपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, दूध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार बोनस भी देने जा रही है, जिससे दूध उत्पादन का क्षेत्र और अधिक समृद्ध हो सके। गायों का संरक्षण और संवर्धन मुख्यमंत्री ने गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लगभग 1 करोड़ 39 लाख गायें हैं और राज्य में गौवंश के पालन की स्थिति देशभर में तीसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "हम निरंतर दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं और गौवर्धन पूजा के माध्यम से गाय को राज्य सरकार की प्राथमिकता बना दिया है।" विशेष सुविधाएं और सुरक्षा मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि लावारिस और निराश्रित गौवंश की सुरक्षा और देखभाल के लिए राज्य सरकार विशेष रूप से गौशालाओं का संचालन करेगी। इसके साथ ही, गायों के लिए एंबुलेंस सेवा भी शुरू की जाएगी, ताकि जरूरत के समय गायों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके। इसके अलावा, गौकशी करने वालों के लिए कड़ा कानून बनाया गया है, जिसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। गोपालकों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गोपालकों के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि जैसे किसानों को फसल के लिए क्रेडिट कार्ड मिलते हैं, अब गौवंश पालन करने वाले गोपालकों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इस कदम से गोपालकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और वे आसानी से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव के इन कदमों से मध्यप्रदेश में गौपालन को बढ़ावा मिलेगा और गोपालक वर्ग को नई ताकत मिलेगी। राज्य सरकार की यह पहल गायों के संरक्षण, उनके पालन और गोपालकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
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28 November 2024मध्यप्रदेश में मुंबई दिल्ली ट्रेक पर चौथी रेल लाइन बनेगी। भोपाल रेल मंडल में इसके लिए सर्वे चल रहा है। एक और रेल लाइन बढ़ने से यात्रियों की सुविधा भी बढ़ जाएगी। ट्रेनों की रफ़्तार तेज हो जाएगी जिससे सफर में कम समय लगेगा। भोपाल रेल मंडल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी ने यह अहम जानकारी साझा करते हुए बताया कि खंडवा से इटारसी, भोपाल होते हुए बीना तक यह रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस मार्ग पर नया रेल ट्रैक बनाया जाएगा। नए ट्रैक से नई ट्रेनें भी बढ़ेंगी। भोपाल रेल मंडल में बनाई जानेवाली इस चौथी रेलवे लाइन का सर्वे चालू हो चुका है। चौथी रेल लाइन के लिए भोपाल इटारसी, इटारसी खंडवा, भोपाल बीना रूट पर सर्वे किया जा रहा है। इससे पहले इटारसी खंडवा के बीच तीसरी रेल लाइन का सर्वे शुरु हो चुका था। डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी के अनुसार सर्वे पूरा होते ही बीना से भोपाल, इटारसी होते हुए खंडवा तक चौथे ट्रैक का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा। यही ट्रैक रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा मंगलवार को घोषित की गई भुसावल खंडवा के बीच बनाई जा रही चौथी लाइन से जुड़ेगा। बीना से झांसी तक तीसरी रेल लाइन का काम भी दिसंबर में पूरा हो जाएगा। रेलवे के अनुसार जनवरी 2025 में नया टाइम-टेबल लागू होते ही कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी। भोपाल से आने जानेवाली 34 ट्रेनों के सफर में औसतन 20 मिनिट कम हो जाएंगे। एलएचबी कोच वाली ट्रेनें दिल्ली से भोपाल के बीच औसतन 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलाई जाएंगी जबकि शताब्दी और राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रति घंटे तक हो जाएगी। अभी ट्रेनें 110 की औसत स्पीड से ही चल रहीं हैं।
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27 November 2024दुनिया भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए फरवरी-2025 को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करने के अभियान पर निकले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को यूके (लंदन) के रोड-शो में उद्योगपतियों के इंटरैक्टिव सेशन को संबोधित किया। उन्होंने उद्योगपतियों को बताया कि प्रदेश का लैंड बैंक देश के सबसे बड़े लैंड बैंकों में से एक है। मध्य प्रदेश में निवेश नीतियां स्पष्ट और निवेशकों के लिए अनुकूल हैं। खनन एवं कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है। यूके रोड शो में "इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश" विषय पर हुए इन्टरैक्टिव सेशन में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा आपदाओं के बाद भी भारत और इंग्लैंड के संबंधों में निरंतरता है क्योंकि लोकतंत्र की हमारी साझी विरासत है। विदेश में निकलने से पहले हमने राज्य की स्थितियों को सुधारा और देश भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने का अभियान चलाया। परिणामस्वरूप प्रदेश में हजारों करोड़ का निवेश संभव हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि स्टील किंग के नाम से जाने जाने वाले उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल ने भी मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश में निवेश के खुले अवसरों की सरहाना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि यूके के एक भारतवंशी रीयल एस्टेट कारोबारी ने मध्यप्रदेश में सेमीकंडक्टर चिप उद्योग शुरू करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की मंशा जाहिर की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यूके के भारतवंशी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में रोज़गार की उम्मीदें बढ़ेंगीं, आपका व्यवसाय बढ़ेगा और आप हमेशा के लिए प्रदेश के सहयोगी बनेंगे। भारत के उच्चायुक्त विक्रम के दोराईस्वामी ने कहा कि भारत में अब सिर्फ केंद्रीय प्रशासन ही नहीं, राज्य भी उद्योग मित्र नीतियां बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ईज आफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से देश के टाॅप-5 राज्यों में शामिल है। दोराईस्वामी ने कहा कि मध्य प्रदेश देश के मध्य में स्थित है, इसलिए यहां उद्योग स्थापित करने पर उत्पादों को देश-दुनिया में आसानी से भेजा जा सकता है। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश में वायब्रेन्ट टेक इको सिस्टम राज्य सरकार आईटी में निवेश के लिये सहायता प्रदान करती है। मध्यप्रदेश की आईटी/आईटीएस एवं ईएसडीएम नीति-2023 एवं स्टार्टअप नीति से इन क्षेत्रों में उद्यमियों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं। हम एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्टस, गेमिंग और कॉमिक्स) नीति तैयार कर रहे हैं। प्रदेश में 1200 से अधिक आईटी स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 2 यूनिकॉर्न बन गये हैं। राज्य में प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में रेन्टल भुगतान की कीमत बहुत कम है। मध्यप्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और एक्यूआई स्तर देश के अन्य शहरों की तुलना में बहुत कम है। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश अपनी भौगोलिक, प्राकृतिक और आर्थिक क्षमताओं के चलते निवेश के लिए एक आदर्श स्थल है। प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा भूभाग (308 हजार वर्ग किमी), 77.5 हजार वर्ग किमी का विशाल वन क्षेत्र और हीरे, तांबे तथा मैंगनीज अयस्क जैसे खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। मप्र पावर सरप्लस राज्य है, यहां 31 गीगावाट विद्युत उत्पादन होता है। यहां किफायती दरों पर बिजली आपूर्ति की जाती है। प्रदेश में इन सब आधारभूत सुविधाओं से उद्योग को आसानी से स्थापित और संचालित किया जा सकता है।
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27 November 2024सऊदी अरब के जेद्दाह में 24 और 25 नवंबर को हुए IPL 2024 के ऑक्शन में भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह एक मेगा इवेंट साबित हुआ। इस नीलामी में भारत के पांच सबसे महंगे खिलाड़ियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया। हालांकि, कुछ चौंकाने वाले फैसले भी देखने को मिले, जिनमें IPL चैंपियन कप्तान डेविड वॉर्नर और भारतीय ऑलराउंडर शार्दूल ठाकुर को खरीदार नहीं मिलना शामिल था। ऑक्शन के दौरान इंग्लिश ऑलराउंडर सैम करन की कीमत ₹16.10 करोड़ घट गई, लेकिन भारत के वेंकटेश अय्यर और अफगानिस्तान के नूर अहमद ने अपनी कीमतों के साथ सभी को चौंका दिया। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने वेंकटेश अय्यर को ₹23.75 करोड़ में खरीदा, जबकि पिछले सीजन में उनकी सैलरी ₹8 करोड़ थी। इस बार उनकी सैलरी में ₹15.75 करोड़ का भारी इज़ाफा हुआ है, यानी उनकी सैलरी तीन गुना बढ़ी। वेंकटेश के लिए बेंगलुरु ने भी बोली लगाई थी, लेकिन अंत में KKR ने बाजी मार ली। पिछले सीजन IPL फाइनल में हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने शानदार पचास रन बनाए थे। वेंकटेश ने KKR के लिए 51 मैचों में 137.12 के स्ट्राइक रेट से 1326 रन बनाए हैं, जो उनके शानदार प्रदर्शन का परिचायक है। ऑक्शन में कई और दिलचस्प फैसले हुए, लेकिन वेंकटेश अय्यर की सैलरी में इतनी बड़ी वृद्धि ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं।
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26 November 2024झांसी: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पद यात्रा झांसी पहुंची, जहां बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त और WWE सुपरस्टार 'द ग्रेट खली' ने इस ऐतिहासिक यात्रा में भाग लिया। दोनों ने यात्रा की सराहना की और इसे हिंदू एकता के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। 21 नवंबर को शुरू हुई यह यात्रा झांसी पहुंची, जहां संजय दत्त और खली ने पं. धीरेन्द्र शास्त्री के साथ समय बिताया। संजय दत्त ने बाबा के साथ जमीन पर बैठकर चाय पी और कहा, "पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को मैं अपना छोटा भाई मानता हूं, इन्हें मैं गुरूजी कहता हूं। ये जो काम कर रहे हैं, वह बड़ा काम है। अगर इन्होने मुझे कह दिया कि संजू बाबा, तुम मेरे साथ ऊपर भी चलो, तो मैं उनके साथ चल पड़ूंगा। गुरूजी, मैं हमेशा आपके साथ हूं और हमेशा आपके साथ रहूंगा।" वहीं, 'द ग्रेट खली' ने भी पं. धीरेन्द्र शास्त्री की तारीफ की और हिंदू समुदाय के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान खली ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए एक हाथ से एक साधु की चोटी पकड़कर उन्हें ऊपर उठा लिया, जिससे वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। यह यात्रा सनातन धर्म के प्रचार और हिंदू एकता के संदेश को फैलाने का एक अहम माध्यम बन चुकी है, और इससे जुड़ी हस्तियों ने इस पहल की सराहना की है।
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26 November 2024भोपाल: महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) कार्यक्रम में एक स्पेनिश दंपत्ति ने मध्य प्रदेश में एक बालिका को गोद लिया। इस अवसर पर दंपत्ति ने मध्य प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया। महिला बाल विकास मंत्री, निर्मला भूरिया ने इस अवसर पर बताया कि अक्सर लोग बच्चों को गोद लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए महिला बाल विकास विभाग ने एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया था, जिसमें बच्चों को गोद लेने से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। इससे पहले, विभाग ने 12 सुझाव तैयार किए थे, जो गोद लेने की प्रक्रिया को और भी सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार को भेजे गए थे। इनमें से 6 सुझावों को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। कार्यक्रम में, वात्सल के ज्वाइन डायरेक्टर अमिताभ अवस्थी ने बताया कि हम इस बच्ची की खैर-खबर लेते रहेंगे और अगर भविष्य में बच्चे को कोई समस्या होती है, तो सरकार उसे वापस ले सकती है। इस आयोजन ने बच्चों को गोद लेने के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की और लोगों को इस प्रक्रिया में और अधिक सहज बनाने का प्रयास किया।
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26 November 2024भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज राजधानी भोपाल में नवनिर्मित पुलिस अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और कहा कि पुलिस की मौजूदगी समाज को सुकून के बेहतर पल प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा, "पुलिस प्रशासन और इससे जुड़े हर जवान में सजगता, अनुशासन और कर्तव्य निष्ठा का समावेश होता है।" उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की सराहना की, जो प्रदेश से डाकुओं को समाप्त करने में महारत हासिल कर चुकी है और अपनी साख स्थापित करने में भी सफल रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया, जो हमेशा पुलिस और कानून व्यवस्था को सम्मानजनक निगाह से देखते हैं। उन्होंने कहा, "यही वजह है कि वे हर दिवाली पर अपने परिवार या मित्रों के साथ नहीं, बल्कि सीमा पर जवानों के साथ पर्व मनाते हैं।" पुलिस अस्पताल का उद्घाटन प्रदेश की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने इस अस्पताल को पुलिस बल की भलाई और उनकी सेवा को मान्यता देने वाला बताया। इस मौके पर कई पुलिस अधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने भी मौजूदगी दर्ज कराई और पुलिस प्रशासन के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की। इस अस्पताल के माध्यम से सरकार ने पुलिसकर्मियों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।
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24 November 2024बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा नेतृत्व की जा रही सनातन हिंदू एकता पदयात्रा इस समय देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह पदयात्रा 160 किलोमीटर की यात्रा तय करती हुई बागेश्वर धाम से शुरू होकर रामराजा मंदिर, ओरछा तक पहुंचेगी। इस यात्रा का उद्देश्य केवल सनातन हिंदू समाज को एकजुट करना नहीं है, बल्कि यह जात-पात, भेदभाव और सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संदेश भी दे रही है। यात्रा का आरंभ बागेश्वर धाम से हुआ था, और जैसे-जैसे यह यात्रा आगे बढ़ी, इसमें देशभर से संतों, कलाकारों, और प्रसिद्ध हस्तियों का सम्मिलन हुआ। पदयात्रा के दौरान न केवल हिंदू समाज की एकता का प्रतीक दिखाई दिया, बल्कि यह एक ऐसा मंच बना, जहां हिंदू-मुस्लिम एकता का अद्भुत दृश्य भी देखने को मिला। मुस्लिम समाज के लोगों ने खुले दिल से पदयात्रा का स्वागत किया, जो साम्प्रदायिक सौहार्द का एक बेहतरीन उदाहरण है। यात्रा के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री और उनके अनुयायियों पर पुष्प वर्षा की, जो उनके प्रति सम्मान और भाईचारे का प्रतीक था। धीरेंद्र शास्त्री ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बताते हुए मुस्लिम समाज को धन्यवाद दिया। उनका मानना है कि यह यात्रा किसी भी प्रकार की कट्टरता फैलाने के लिए नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म को मजबूती देने, विचार की ताकत से जागरूकता फैलाने और सामाजिक एकता की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए है। यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने यह स्पष्ट किया कि इस यात्रा का उद्देश्य समाज में बुराइयों और घृणा की जगह पर अहिंसा, समाजिक सौहार्द और धार्मिक एकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा किसी भी प्रकार की हिंसा या नफरत फैलाने के उद्देश्य से नहीं की जा रही है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य है लोगों को जागरूक करना और सनातन धर्म की ताकत को एकजुट करना। उनका कहना था, “हमारा संदेश साफ है — यह हिंदू हिंसावादी नहीं, बल्कि अहिंसावादी है। हम अपनी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाने आए हैं।” यात्रा के माध्यम से शास्त्री जी ने यह भी बताया कि सनातन धर्म और हिंदू समाज को एकजुट करने का उद्देश्य है लोगों को उनके अधिकारों और संस्कृति के प्रति जागरूक करना। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में समाज में कई प्रकार की भेदभाव की भावना फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं, और इस यात्रा के माध्यम से उनका यह संदेश है कि धर्म और संस्कृति को एकजुट किया जाए और इन बुराइयों को समाप्त किया जाए। धीरेंद्र शास्त्री का कहना था, “समाज में जाति-धर्म की दीवारें तोड़ने का वक्त आ चुका है। हमें एक-दूसरे के धर्म और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए। हमारे पास जो शक्ति है, वह एकता में है। जब हम एकजुट होंगे, तभी हम अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे।” 9 दिनों में 8 पड़ाव पार करते हुए यह यात्रा न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक बनी है, बल्कि यह समाजिक समानता, धार्मिक सद्भावना और राष्ट्रीय एकता को भी मजबूत कर रही है। यात्रा के हर पड़ाव पर लोगों ने धर्म, संस्कृति और एकता की बातें सुनी और उन्हें अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। यात्रा के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता के दृश्य ने सभी को यह समझने का अवसर दिया कि भारत में विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रह सकते हैं, और सभी को अपनी संस्कृति और धर्म का सम्मान करते हुए एकजुट रहना चाहिए। धर्मनिरपेक्षता और समाजिक समानता की यह मिसाल दर्शाती है कि हम सभी एक-दूसरे के धर्म का आदर करें, और साथ मिलकर राष्ट्र की एकता को मजबूत करें। पदयात्रा के समापन के साथ एक संदेश साफ तौर पर सबके सामने आया कि सनातन हिंदू धर्म का मूल उद्देश्य केवल धार्मिक प्रथाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता, समाजिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए है। धीरेंद्र शास्त्री का यह प्रयास एक बड़े सामाजिक परिवर्तन की ओर संकेत कर रहा है, जहां धर्म, जाति और भेदभाव से ऊपर उठकर समाज एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करता है। यह यात्रा भविष्य में भी धार्मिक एकता और सामाजिक सौहार्द की मिसाल बनेगी, जो समाज को एक सकारात्मक दिशा दिखाएगी।
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23 November 2024देवास जिले के नेमावर में 1 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से मध्य खाई पर ब्रिज का भूमि पूजन किया गया। इस ब्रिज के निर्माण से स्थानीय लोगों की कई समस्याओं का समाधान होगा। क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा ने इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन किया, जिससे क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल है। ब्रिज का निर्माण अमृत 2.0 अतिरिक्त योजना के तहत किया जा रहा है, जो वार्ड क्र. 06 और वार्ड क्र. 14 के बीच स्थित गहरी खाई पर होगा। नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल ने बताया कि यह ब्रिज क्षेत्रवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी, क्योंकि हर साल वर्षा काल में जब मॉ नर्मदा का जलस्तर बढ़ता है, तो वार्ड 14 और 15 के निवासियों का संपर्क नगर नेमावर से कट जाता था। इस समस्या के कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। ब्रिज के बनने से अब वार्डवासियों की इस गंभीर समस्या का निवारण होगा, और उन्हें आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी।
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23 November 2024झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में महिलाओं ने मतदान के मामले में नया रिकॉर्ड कायम किया है। इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से करीब 5 प्रतिशत अधिक रहा, जो राजनीतिक विश्लेषकों और दलों के लिए चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है। महिला मतदाताओं का दबदबा महिला मतदाता प्रतिशत: 70.04% पुरुष मतदाता प्रतिशत: 65.06% महिलाओं की बढ़त: 5 लाख 51 हजार 797 अधिक वोट यह लगातार तीसरा चुनाव है जब महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा है। 2014 से 2024 के बीच, महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो लोकतंत्र में उनकी बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है। महिला मतदाताओं का बढ़ता प्रभाव चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की 81 सीटों में से 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुष मतदाताओं को पछाड़ दिया। हालांकि, 13 सीटों पर पुरुष मतदाताओं ने अपनी बढ़त बरकरार रखी। राजनीतिक प्रतिक्रियाएं महिलाओं के बढ़ते मतदान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी राय दी है: सत्ता पक्ष का दावा: इसे राज्य सरकार की "मइयां सम्मान योजना" और अन्य महिला केंद्रित योजनाओं का नतीजा बताया। इन योजनाओं ने महिलाओं को राजनीति में अधिक सक्रिय किया है। विपक्ष का तर्क: महिलाओं के उच्च मतदान को राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ विरोध बताया। महिला वोटरों की ऐतिहासिक बढ़त 2014 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से केवल 1 प्रतिशत अधिक था, लेकिन अब 2024 में यह बढ़कर 5 प्रतिशत हो गया है। यह वृद्धि महिलाओं की राजनीतिक जागरूकता और सशक्तिकरण का संकेत है। महिला मतदाता बनेंगी 'किंगमेकर'? महिलाओं की इस रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी ने चुनावी समीकरणों को बदल दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका वोट किसका राजनीतिक भाग्य चमकाता है और किसका बिगाड़ता है। झारखंड में महिलाओं की बढ़ती सक्रियता राजनीति में नई दिशा तय कर सकती है। ऐसे में राजनीतिक दलों को अब महिला केंद्रित नीतियों पर विशेष ध्यान देना होगा।
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23 November 2024उज्जैन में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई और ऐतिहासिक पहल के तहत देश की पहली मेडिसिटी का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया। यह परियोजना प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 592.3 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मेडिसिटी में होंगी ये प्रमुख सुविधाएं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल: 1500 से अधिक बिस्तरों वाला अस्पताल। 11 बेड का अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर। मेडिकल कॉलेज: 150 सीटों वाला शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय। अन्य सुविधाएं: होम्योपैथिक कॉलेज। शोध और अनुसंधान सुविधाएं। कार पार्किंग और आवासीय सुविधाएं। मध्य प्रदेश को मिलेगा नया आयाम यह परियोजना न केवल उज्जैन बल्कि पूरे मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मेडिसिटी से चिकित्सा शिक्षा, उच्च स्तरीय इलाज और शोध के क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध होंगे। भविष्य की योजनाएं मुख्यमंत्री ने बताया कि 2025 तक यहां आयुर्वेदिक एम्स मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की संभावना भी है। उन्होंने कहा कि 2004 तक राज्य में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 17 सरकारी और 13 निजी मेडिकल कॉलेज हो गई है। परियोजना का महत्व मेडिसिटी के निर्माण से चिकित्सा सेवाओं में सुधार होगा और प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, यह परियोजना स्वास्थ्य क्षेत्र में रोजगार और शोध के नए आयाम स्थापित करने का भी माध्यम बनेगी। उज्जैन में यह मेडिसिटी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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23 November 2024भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IHM) में हाल ही में "स्पाइस एंड स्वीट हार्मनी" नामक केक मेसरेशन समारोह का आयोजन किया गया। इस अनोखे समारोह में छात्रों ने पाककला की अपनी रचनात्मकता का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसे देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से गणमान्य व्यक्ति और प्रतिष्ठित अतिथियों ने हिस्सा लिया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में दखल न्यूज की संपादक शैफाली गुप्ता और समाजसेवी माही भजनी उपस्थित थीं। इसके अलावा, रश्मि गोलया, अनुश्री नवीन, अर्चिता जोशी, मानसी देवनानी, दीपा दिवेदी, माधरिमा राजपाल और रश्मि प्रजापति जैसे प्रमुख नामों ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस कार्यक्रम का आयोजन आईएचएम की प्रोफेसर बेकरी शेफ प्रियंका के निर्देशन में हुआ। समारोह में छात्रों ने केक सजाने और संरक्षित करने की कला का शानदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने विभिन्न प्रकार के केक तैयार किए, जो उनकी रचनात्मकता और पाक कौशल को उजागर करते थे। विशेष रूप से, भिगोए गए ड्राई फ्रूट्स का उपयोग पारंपरिक क्रिसमस केक बनाने में किया गया, जिससे समारोह में एक पारंपरिक और सजीव माहौल बन गया। समारोह में छात्रों ने जिंजरब्रेड, क्रोकेम्बोचे (एक पारंपरिक फ्रेंच मिठाई) और रॉयल आइसिंग के साथ भी अपनी पाक कला का प्रदर्शन किया। इन डिज़ाइनों ने न केवल पाककला के प्रति छात्रों की गहरी समझ को दिखाया, बल्कि उनके मेहनत और रचनात्मकता का भी परिचय दिया। समारोह में हिस्सा लेने वाले विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने आईएचएम के इस प्रयास की सराहना की और छात्र समुदाय के प्रति उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया। भोपाल के कई पेशेवर क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों ने इस आयोजन को देखा और आईएचएम के पारंपरिक पाककला को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की। आईएचएम भोपाल के प्रिंसिपल, डॉ. रोहित सरीन ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आईएचएम भोपाल का केक मेसरेशन समारोह समुदाय के साथ त्योहार मनाने की एक बेहतरीन पहल है। इसमें छात्र 'सीक्रेट सांता' बनकर योगदान करते हैं, जिससे समाज में कृतज्ञता और एकता की भावना उत्पन्न होती है। यह आयोजन छात्रों के लिए एक नया अनुभव है और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।" इस समारोह का उद्देश्य न केवल छात्रों की पाककला के प्रति समझ और कौशल को बढ़ावा देना था, बल्कि समुदाय के साथ जुड़कर एक सकारात्मक संदेश फैलाना भी था। छात्रों ने न केवल अपने ज्ञान और कौशल को साझा किया, बल्कि यह भी दिखाया कि एक छोटी सी पहल से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। "स्पाइस एंड स्वीट हार्मनी" समारोह ने यह साबित कर दिया कि पाककला सिर्फ स्वाद और सजावट से ज्यादा है—यह एक कला है जो समाज में सामूहिक भावना और कृतज्ञता को प्रोत्साहित करती है।
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22 November 2024मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य की पहली हाईटेक गौशाला बनने जा रही है। 15 करोड़ रूपए की लागत से 25 एकड़ में बनने जा रही इस गौशाला में एक साथ 10 हजार गायों के रहने की व्यवस्था रहेगी। खास बात ये है कि यहां की हर एक गाय के स्वास्थ्य के साथ उसे लाने वाले व्यक्ति की जानकारी ऑनलाइन की जाएगी। गौशाला की सफाई आधुनिक मशीनों से की जाएगी। सभी सुविधाओं के साथ गोवंश के इलाज के लिए गौशाला परिसर में ही एक अस्पताल भी खोला जाएगा, जहां हर समय गायों के इलाज के लिए चिकित्सक तैनात रहेगा। बता दें कि, जिले के अंतर्गत आने वाले बरखेड़ी डोब गांव में इस हाईटेक गौशाला का निर्माण शुरु किया जाएगा। कल यानी 23 नवंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसकी आधारशिला रखेंगे। गौशाला में गाय तंदरुस्त रहें, इसके लिए गोशाला परिसर में हरा चारा, भूसा और पशु आहार सप्लाई के लिए अत्याधुनिक कन्वेयर बेल्ट सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और जिला पंचायत के सहयोग से गौशाला का निर्माण होगा, जबकि इसके संचालन और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी भोपाल नगर निगम संभालेगा। यही नहीं, गौशाला में गाय के गोबर और मूत्र से जैविक खाद और अन्य सामग्री तैयार करने के लिए अलग स्थान पर यूनिट लगाए जाएंगे। घायल और बीमार गायों के उपचार के लिए मिनी अस्पताल के रूप में आधुनिक चिकित्सा वार्ड का निर्माण होगा। गौशाला में पशुओं की एंट्री से लेकर उनकी देखभाल और मेडिकल जांच रिपोर्ट का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। -गोवंश को कहां से, कौन और कब लाया, इसका रिकॉर्ड आपको ऑनलाइन रहेगा। -गाय के बीमार या घायल होने पर उसकी बीमारी और स्वास्थ्य की जानकारी ऑनलाइन रहेगी। -मवेशियों का आहार भी मशीनों के जरिए ही तैयार किया जाएगा। -गायों की देखभाल के लिए अलग से वेटरनरी स्टाफ और डॉक्टर्स की टीम गौशाला में ही तैनात रहेगी।
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22 November 2024मैक्सिको के ग्वाडलजारा में एडुनिवर्सल वर्ल्ड कन्वेंशन ने वार्षिक रैंकिंग 2024 जारी कर दी है। इसमें भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर ने मध्य एशिया की श्रेणी वाले संस्थानों की सूची में तीसरा स्थान और फोर पाम्स आफ एक्सीलेंस श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है। वर्ष 2023 में आईआईएम इंदौर का डीन्स वोट स्कोर में 136 प्रतिशत की वृद्धि मिली थी। इस बार डीन्स वोट स्कोर में 358 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। समारोह में संस्थान के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने सम्मान प्राप्त किया। पाम्स आफ एक्सीलेंस समारोह में शिक्षा, नेतृत्व और अनुसंधान से जुड़े क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थानों को पुरस्कार दिए गए। समारोह में अफ्रीका, मध्य एशिया, मध्य और पूर्वी यूरोप, यूरेशिया और मध्य पूर्व, सुदूर पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, ओशिनिया और पश्चिमी यूरोप सहित 153 देशों और नौ भौगोलिक क्षेत्रों के एक हजार सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूलों में से 74 प्रतिशत डीन ने डीन्स वोट सर्वेक्षण में भाग लिया। संस्थान के निदेशक प्रो. राय ने कहा कि मध्य एशिया में तीसरा स्थान प्राप्त करना और फोर पाम्स ऑफ एक्सीलेंस श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त करना IIM इंदौर के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अपनी वैश्विक उपस्थिति का निर्माण जारी रखते हुए, अब हम फाइव पाम्स श्रेणी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एडुनिवर्सल पाम्स ऑफ एक्सीलेंस रैंकिंग 153 देशों के बिजनेस स्कूलों के मूल्यांकन गुणात्मक और मात्रात्मक मानदंडों के आधार पर जारी की गई है। इसमें मान्यता, वैश्विक भागीदारी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और डीन्स वोट शामिल हैं। संस्थानों का मूल्यांकन शैक्षणिक, वैश्विक साझेदारी पर किया जाता है। रैंक में IIM इंदौर को चार पाम्स श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है। चयनित बी-स्कूलों को तीन, दो पाम्स और एक पाम श्रेणियों में स्थान दिया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय या स्थानीय स्तरों पर उनके प्रभाव के आधार पर तय होते हैं। वैसे एडुनिवर्सल इंटरनेशनल साइंटिफिक कमेटी (आइएससी) में दो एडुनिवर्सल कार्यकारी सदस्य और वैश्विक उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण अनुभव वाले नौ स्वतंत्र विशेषज्ञ रहते हैं। कुल मिलाकर समिति में 11 सदस्य नियुक्त किए जाते हैं।
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22 November 2024बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत की है। इस यात्रा का उद्देश्य सभी सनातनियों को एक माला में पिरोना है। यात्रा की शुरुआत से पहले, उन्होंने भगवान बागेश्वर महादेव और बालाजी की पूजा अर्चना की। यात्रा का विवरण बागेश्वर धाम सिद्ध पीठ से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा की ओर पदयात्रा शुरू की गई। यात्रा की शुरुआत के समय, पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सुबह-सुबह भगवान बागेश्वर महादेव और बालाजी की आरती की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रध्वज फहराया और राष्ट्रगान गाया। सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ इस अवसर पर हजारों लोगों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद, महाराज ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शालीनता के साथ पदयात्रा में चलें और एक दूसरे का ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सभी सनातनियों को एकजुट करने के लिए है और जब तक सभी सनातनियों को एक माला में नहीं पिरोया जाता, तब तक उनकी यह कोशिश जारी रहेगी। राष्ट्र प्रेम का संदेश पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि मंदिरों और मस्जिदों में भी राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस मातृभूमि से किसे प्रेम है और कौन नफरत करता है। यात्रा में शामिल अन्य संत पद यात्रा में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ कई अन्य संत भी शामिल हो रहे हैं, जिनमें गोपाल मणि जी महाराज, संजीव कृष्ण शास्त्री जी, सुतीक्ष्ण देवाचार्य जी महाराज, सुदामा महाराज और दीपक गोसाई जी शामिल हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक समर्पण का प्रतीक है, बल्कि एकता और भाईचारे का संदेश भी देती है। बागेश्वर महाराज की इस पदयात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है और वे इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए एकत्र हो रहे हैं।
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22 November 2024टिमरनी विधानसभा के विधायक अभिजीत शाह दो महिलाओं के लिए देवदूत साबित हुए। जब ये महिलाएं जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं, तब विधायक ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें अपना खून देकर बचाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और अब लोग इस पर खूब चर्चा कर रहे हैं। विधायक का मानवीय कदम मध्य प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक और पूर्व AICC चेयरमैन अजय शाह के बेटे अभिजीत शाह का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह भोपाल के हमीदिया अस्पताल में दो महिलाओं को अपना खून देकर उनकी जान बचाते नजर आ रहे हैं। ये महिलाएं अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती थीं और जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। अभिजीत शाह ने टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक होते हुए अपनी मानवता का परिचय दिया। उन्होंने तुरंत अस्पताल पहुंचकर इन महिलाओं को अपना खून दिया, जिससे उनकी जान बच सकी। दोनों महिलाओं की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उनके पति भी भावुक हो गए और विधायक को गले लगाकर उनका धन्यवाद किया। विधायक ने की हर संभव मदद अभिजीत शाह ने न केवल खून दान किया, बल्कि उन्होंने महिलाओं के इलाज में हर संभव मदद देने का भी वादा किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें सभी चिकित्सा सुविधाएं सही समय पर मिलें, ताकि उनका इलाज बिना किसी रुकावट के चल सके। सोशल मीडिया पर तारीफों की झड़ी अभिजीत शाह का यह कदम भोपाल और अन्य जगहों पर भी चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया यूजर्स विधायक की मानवता की सराहना कर रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं, "विधायक हो तो ऐसे!" उनका यह कदम सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी बेहद सराहनीय है।
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21 November 2024हाल ही में अक्षय कुमार मुंबई में वोट डालने गए, तभी उन्हें एक बुजुर्ग ने रोक लिया। बुजुर्ग ने अक्षय से टॉयलेट की समस्या के बारे में शिकायत की, बताते हुए कहा कि अक्षय द्वारा बनवाए गए टॉयलेट अब जर्जर हो गए हैं। इस दिलचस्प बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। टॉयलेट की जर्जर स्थिति महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ पहुंचे अक्षय कुमार के रास्ते में एक बुजुर्ग ने उनसे बातचीत की। बुजुर्ग ने बताया, "अक्षय कुमार, आपने जो टॉयलेट बनवाए थे, वे अब जंग खा चुके हैं। हर रोज़ उसे ठीक करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं।" इस पर अक्षय कुमार ने बुजुर्ग को आश्वासन दिया कि वे BMC (बृहन्मुंबई महानगर पालिका) से बात करेंगे और इस समस्या का समाधान कराएंगे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। कुछ यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में लिखा, "टॉयलेट 2 मूवी जल्द आएगी और तब तक सब ठीक हो जाएगा।" वहीं, अन्य यूजर्स ने टिप्पणी की, "अक्षय कुमार ये सब सुनकर सोच रहे होंगे, मैं वोट देने आया हूं, मांगने नहीं।" लोगों ने इस बातचीत को लेकर कई मजेदार प्रतिक्रियाएं दी हैं। निष्कर्ष इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा कभी-कभी कितनी दिलचस्प हो सकती है। अक्षय कुमार की प्रतिक्रिया ने दिखाया कि वे अपने प्रशंसकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हैं।
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21 November 2024CBSE Class 10th and 12th Date Sheet Download: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की ओर से कक्षा दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए साल 2025 की परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। स्टूडेंट्स अपनी डेटशीट CBSE की ऑफिसियल वेबसाइट cbse.gov.in पर देख सकते हैं। डेटशीट को आसानी से डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसा कि पहले सीबीएसई बोर्ड की ओर से कहा गया था और अब जारी हुई डेटशीट के अनुसार CBSE बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी को शुरू होंगी और पहला पेपर फिजिकल एजुकेशन का होगा। इसके अलावा कक्षा 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 को इंग्लिश के पेपर के साथ शुरू होंगी। इस बार CBSE ने पिछले कुछ सालों से चली आ रही परंपरा से हटकर बड़े विषयों की परीक्षाएं पहले करवाने का फैसला किया है। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र और उनके अभिभावक ऊपर दिए लिंक या फिर आधिकारिक वेबसाइट से डेटशीट का PDF वर्जन भी डाउनलोड कर सकते हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि अब पूरे फोकस के साथ अपने एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दें। ताजा अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in को चेक करते रहें।
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21 November 2024सिंगरौली जिले के नवागत पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने पदभार ग्रहण करते ही पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने जिले की कानून-व्यवस्था पर चर्चा की और अधिकारियों से मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली। मनीष खत्री ने बताया कि उनकी प्राथमिकता जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और विशेष रूप से महिला अपराधों पर अंकुश लगाना है। मनीष खत्री का फोकस पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह जिले में आकर पूरी जानकारी इकट्ठा करेंगे और मीडिया को इससे अवगत कराएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने सिंगरौली जिले के छत्तीसगढ़ बॉर्डर से जुड़ी स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आईबी रिपोर्ट में नक्सलाइट मूवमेंट का संकेत मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वह जल्द ही उस क्षेत्र का दौरा करेंगे और जनता को सही जानकारी देंगे। मनीष खत्री ने यह भी कहा कि उनका फोकस कमजोर वर्ग को न्याय दिलाने और थानों में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को त्वरित न्याय प्रदान करने पर रहेगा।
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20 November 2024पथरी थाना क्षेत्र में ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने पुलिस के साथ मिलकर कई मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान बच्चों से दवाइयां बेचवाने और अन्य नियमों की अनदेखी करने पर दो मेडिकल स्टोर्स को सील कर दिया गया। एक मेडिकल स्टोर का संचालक मौके से फरार हो गया, जिसकी जांच अब जारी है। कार्रवाई का विवरण ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि उन्हें शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ मेडिकल स्टोर्स नारकोटिक दवाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं और बच्चों से दवाइयां बेची जा रही हैं। छापेमारी के दौरान नसीरपुर कलां गांव के एक मेडिकल स्टोर में बच्चों को दवाइयां बेचते हुए पकड़ा गया, जिसे तुरंत बंद कर दिया गया और संचालक को अंतिम चेतावनी दी गई। वहीं, पदार्था में एक अन्य मेडिकल स्टोर का संचालक इंस्पेक्टर को देखकर मौके से फरार हो गया। उसकी जांच की जा रही है कि उसके पास लाइसेंस है या नहीं। भविष्य में सख्त कदम ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि यह कार्रवाई दवाइयों की गुणवत्ता, बिक्री के नियमों के पालन और लाइसेंस की जांच सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। यदि सुधार नहीं होता है, तो संबंधित मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।
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20 November 2024राज्य शासन ने कई पुलिस अधिकारियों के तबादले किए हैं, जिसमें सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता को सेनानी 8वीं विसबल छिंदवाड़ा भेजा गया है, जबकि छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री को सिंगरौली जिले का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। मनीष खत्री का अनुभव मनीष खत्री एक तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कई कठिन परिस्थितियों में अपनी सेवाएं दी हैं और उनकी कार्यशैली को लेकर अच्छा अनुभव रहा है। मनीष खत्री पहले सीएसपी उज्जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त डीसीपी इंदौर के पदों पर रह चुके हैं। इसके अलावा, वे पुलिस अधीक्षक के रूप में मऊ, खरगोन, भिंड और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में भी कार्य कर चुके हैं। खत्री की कार्यशैली को देखते हुए उन्हें ऐसे स्थानों पर तैनात किया गया है, जहां पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति होती है। कहा जा रहा है कि जब भी किसी जिले में कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, तो शासन मनीष खत्री को वहां भेजता है ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। निवेदिता गुप्ता का नया कार्यभार निवेदिता गुप्ता का तबादला सेनानी 8वीं विसबल छिंदवाड़ा में किया गया है, जहां वे अब नई जिम्मेदारी निभाएंगी। उनका कार्यकाल सिंगरौली में रहा, जहां उन्होंने जिले की पुलिस व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। सिंगरौली जिले में मनीष खत्री के आने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था में नए बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
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20 November 2024मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 24 से 30 नवंबर तक ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करना और मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाना है। मुख्यमंत्री ब्रिटेन के लंदन और बर्मिंघम के साथ-साथ जर्मनी के म्यूनिख और स्टटगार्ट शहरों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री का बयान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस यात्रा को लेकर कहा, "मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि जब हम अपने प्रदेश को निवेश में बढ़ावा देने निकले तो पहले संभाग, फिर प्रदेश और अब देश के बाहर विदेश निवेशकों को निमंत्रण देने जा रहा हूं।" उनका कहना था कि इस यात्रा से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर मीट में विदेशी निवेश आकर्षित होगा और इससे राजधानी में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उद्योगपतियों के साथ बैठक मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग्स भी आयोजित की जाएंगी, ताकि निवेश की संभावनाओं को और अधिक बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, डॉ. यादव 27 नवंबर को वारविक यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे, जहां वह वारविक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप के डीन, फैकल्टी मेंबर्स और शोधार्थियों से संवाद करेंगे। यह यात्रा मध्य प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें राज्य सरकार विदेशों से निवेश को आकर्षित करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। इसके जरिए मुख्यमंत्री राज्य के उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने की योजना बना रहे हैं, ताकि रोजगार और विकास के नए अवसर सामने आएं।
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20 November 2024कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अपने पहले चुनावी दौरे के तहत देवास जिले के सतवास पहुंचे, जहां उन्होंने व्यास पीठ के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ तीन विधायक भी मौजूद थे। मंत्री कंसाना का स्वागत बीज व्यापारी एसोसियेशन और स्थानीय समाज के लोगों द्वारा विभिन्न स्थानों पर मंच लगाकर किया गया। कृषि मंत्री ने किसानों को दिया भरोसा मंत्री ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि उनकी सरकार खाद, बीज और अन्य कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाएगी। उन्होंने किसानों को यह विश्वास दिलाया कि उनके कार्यकाल में किसी भी प्रकार की खाद या बीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। मंदिर निर्माण के लिए दान राशि इसके साथ ही मंत्री कंसाना ने व्यास पीठ मंदिर के निर्माण कार्य के लिए दान राशि भी दी, जिससे धार्मिक आयोजन की महिमा और भी बढ़ गई।
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18 November 2024बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 21 नवंबर से हिंदू सनातन एकता यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा बाबा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा स्थित रामराजा सरकार के मंदिर पर समाप्त होगी। इस यात्रा का उद्देश्य हिंदू समाज को जात-पात से ऊपर उठाकर एकता के सूत्र में बांधना है। बाबा का संकल्प और संदेश पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि जब तक हिंदू जातिवाद और आपसी भेदभाव को त्यागकर एकजुट नहीं होंगे, तब तक वे अपने पैरों में खड़ाऊं नहीं पहनेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस यात्रा में सभी धर्मों के लोग भाग ले सकते हैं, चाहे वे मुसलमान हों या ईसाई। उनका मानना है कि इस देश में रहने वाले सभी लोग पहले हिंदू थे, बाद में वे अन्य धर्मों में परिवर्तित हो गए। विशेष आमंत्रण का तरीका बाबा ने कहा कि वे इस यात्रा के लिए किसी को विशेष रूप से पीले चावल नहीं देंगे, क्योंकि उनका संकल्प बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य हिंदुओं को जागरूक करना और उन्हें एकजुट करना है। जब तक हिंदू समाज को एक नहीं करेंगे, तब तक वे यह प्रयास जारी रखेंगे। हिंदुओं को चेतावनी पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने हिंदू समाज को चेताया कि यदि वे समय रहते एक नहीं हुए, तो उनका हाल बांग्लादेश के हिंदुओं जैसा हो सकता है। उन्होंने इस यात्रा को सनातन धर्म और हिंदू एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। समापन यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक होगी। पं. धीरेन्द्र शास्त्री के इस कदम से हिंदू समाज में जागरूकता और एकता का संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। यात्रा के समापन पर रामराजा सरकार के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
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18 November 2024ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शनिवार को एक भक्त ने भगवान महाकाल को अमेरिकन डॉलर की माला पहनाई। दानदाता द्वारा गुप्त दान के रूप में माला अर्पण की गई है। भगवान को पहनाने के बाद कर्मचारियों ने माला में लगे डॉलर भेंट पेटी में डाल दिए। माला में दो सौ से अधिक डॉलर थे।महाकाल मंदिर में भक्तों द्वारा दान का सिलसिला जारी है। मंदिर के अधिकारी, कर्मचारी, पुजारी, पुरोहित तथा फोटोग्राफर तक देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में दान देने हेतु प्रेरित करने के लिए घूमते रहते हैं। इसका परिणाम है, कि भक्त मंदिर में दिल खोलकर दान दे रहे हैं। शनिवार को एक भक्त ने गुप्त दान के रूप में भगवान को डॉलर की माला भेंट की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) इंदौर की टीम महाकाल मंदिर में भीड़ प्रबंधन का प्लान बनाएगी। इसी सिलसिले में शुक्रवार को आईआईएम के डायरेक्टर हिमांशु राय ने टीम के साथ महाकाल मंदिर का भ्रमण किया और प्रवेश, निर्गम द्वार सहित श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध सभी व्यवस्थाओं जैसे पानी, जूते-चप्पल स्टैंड, श्रद्धालुओं की कतार, बैठने के स्थान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रत्येक दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लगने वाले समय की भी जानकारी ली। ऐसे स्थान भी देखे, जहां श्रद्धालुओं के आने और जाने का मार्ग एक ही है। टीम में हिमांशु राय के साथ प्रो. हंस मिश्रा, प्रो. सौरभचंद्र, प्रो. अमित वत्स भी मौजूद रहे। उन्होंने मंदिर में कलेक्टर नीरज सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ सहित विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक ली। पिछले वर्ष उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड (यूएमटीसी) से उज्जैन की सड़कों को अगले 20 वर्षों तक ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने के लिए 8500 करोड़ रुपये का ग्रीन ट्रैफिक काम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनवाया था, जो अब तक अमल में नहीं आ सका है।
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17 November 2024इंदौर से चलने वाली लंबी दूरी की 12 जोड़ी ट्रेनों में वेटिंग कम करने के लिए शुक्रवार से 30 नवंबर तक अलग-अलग दिनों में अतिरिक्त कोच लगेंगे। शुक्रवार से 29 नवंबर तक इंदौर से चलने वाली इंदौर नई दिल्ली एक्सप्रेस (20957) और 16 से 30 नवंबर तक नई दिल्ली से चलने वाली नई दिल्ली इंदौर एक्सप्रेस (20958) में थर्ड एसी का एक अतिरिक्त कोच लगाएंगे। लिस्ट में मालवा और कामाख्या एक्सप्रेस भी शामिल -इसी प्रकार 9 और 26 नवंबर को इंदौर से चलने वाली इंदौर कोचुवेली एक्सप्रेस (20932) में और 22 और 29 नवंबर को कोचुवेली से चलने वाली कोचुवेली इंदौर एक्सप्रेस (20931) थर्ड एसी का एक अतिरिक्त कोच लगेगा। -17 एवं 24 नवंबर को इंदौर से चलने वाली इंदौर दिल्ली सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस (19337) में और 18 व 25 नवंबर को दिल्ली सराय रोहिल्ला से चलने वाली दिल्ली सराय रोहिल्ला इंदौर एक्सप्रेस (19338) में थर्ड एसी का एक अतिरिक्त कोच लगेगा। -15 से 30 नवंबर तक महू से चलने वाली मालवा एक्सप्रेस (12919) और 17 नवंबर से 2 दिसंबर तक श्री माता वैष्णो देवी कटरा से महू के लिए चलने वाली (12920) मालवा एक्सप्रेस में एक थर्ड एसी का अतिरिक्त कोच लगेगा। -21 और 28 नवंबर को महू से चलने वाली कामाख्या एक्सप्रेस में और 24 नवंबर व 1 दिसंबर को कामाख्या से महू के लिए चलने वाली कामाख्या एक्सप्रेस में थर्ड एसी का एक अतिरिक्त कोच लगेगा। -19 और 26 नवंबर को महू से नागपुर के लिए चलने वाली और 20 नवंबर व 27 नवंबर को नागपुर से महू के लिए चलने वाली नागपुर एक्सप्रेस में थर्ड एसी का एक अतिरिक्त कोच लगेगा। इन ट्रेनों में भी लगेंगे अतिरिक्त कोच -15 से 30 दिसंबर तक इंदौर- मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त थर्ड एसी कोच। -18 नवंबर से 03 दिसंबर तक मुंबई सेंट्रल-इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त थर्ड एसी कोच। -17 नवंबर से 29 दिसंबर तक महू-यशवंतपुर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त थर्ड एसी कोच। -19 नवंबर से 31 दिसंबर तक यशवंतपुर-महू एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त थर्ड एसी कोच। -15 से 30 नवंबर तक इंदौर दौंड एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -16 नवंबर से 01 दिसंबर तक दौंड-इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -17 नवंबर से 2 दिसंबर तक इंदौर-असरवा एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -18 नवंबर से 3 दिसंबर तक असरवा- इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -26 नवंबर को इंदौर से चलने वाली इंदौर- वेरावल एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -27 नवंबर को वेरावल- इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -23 और 30 नवंबर को इंदौर- बीकानेर एक्सप्रेस एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच। -24 नवंबर और 01 दिसंबर को बीकानेर- इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर श्रेणी का कोच लगेगा।
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17 November 2024सोशल मीडिया पर फेमस होने की होड़ में आज की युवा पीढ़ी सारे नियम-कायदे तोड़ रही है। इस दौड़ में युवाओं के साथ-साथ युवतियां भी पीछे नहीं हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सोशल मीडिया जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही नुकसानदेह भी। सोशल मीडिया पर रील बनाने का खुमार युवाओं पर इस कदर हावी हो चुका है कि वे नियम-कानूनों को ताक पर रखकर खतरनाक हरकतें करने से भी नहीं चूकते। चाहे वह सड़क पर अर्धनग्न होकर बाइक स्टंट करना हो या फायरिंग करते हुए वीडियो बनाना, पिछले दिनों ऐसे कई मामलों पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया के अपने फायदे हैं, लेकिन यह एक काल्पनिक दुनिया है। दुर्भाग्य से, युवा पीढ़ी इस आभासी दुनिया के चक्कर में असली जीवन को जोखिम में डाल देती है। सोशल मीडिया के इस आकर्षण को समझने और संभलने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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17 November 2024सिंगरौली जिले के मोरवा में इंसानियत का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला है। यहां कुछ युवाओं ने एक जख्मी गाय को अनदेखा करने के बजाय महीनों तक उसका इलाज कर उसे नया जीवन दिया। एक महीने पहले, मोरवा के सर्किट हाउस रोड पर एक गाय गंभीर चोटों के साथ मिली। इसे देखकर राम प्रसाद पनिका, उमेश जायसवाल, और अन्य स्थानीय लोगों ने तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उसका प्राथमिक उपचार कराया। हालांकि, जब डॉक्टर ने नियमित इलाज करने से मना किया, तो इन युवाओं ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद गाय की ड्रेसिंग और इलाज करने का निर्णय लिया। अपनी मेहनत और पैसों से उन्होंने दवाइयां खरीदकर गाय की देखभाल की और उसे धीरे-धीरे ठीक किया। यह घटना न केवल उस गाय के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है। इंसानियत और सहानुभूति का यह उदाहरण सभी के लिए सीखने योग्य है।
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17 November 2024मध्य प्रदेश सरकार बंद हो चुकी लोक परिवहन सेवा को फिर से बहाल करने जा रही है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द सरकारी बसें सड़कों पर दौडऩे लगेंगी। फिर गांव से शहर आने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं, बल्कि सरकारी बसें मिलेंगी। अगली बार भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हो या दूसरे कार्यक्रम, इन्हीं सरकारी बसों से आइए। आदिवासियों के आराध्य बिरसा मुंडा की जयंती पर शुक्रवार को धार में हुए राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सार्वजनिक मंच से यह ऐलान किया। ‘पत्रिका’ ने प्रदेश में बंद हो चुकी लोक परिवहन सेवा को बहाल करने के लिए मुहिम चलाई थी। इसमें कई निजी ऑपरेटरों की मनमानियों से पैदा होने वाली समस्याओं और आम लोगों की मुश्किलों को सरकार के सामने मजबूती से रखा था। आदिवासी बाहुल्य जिले से शुरुआत मुख्यमंत्री का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों से लोक आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में ट्रैक्टर ट्रॉली से आते हैं, अगली बार इसकी जरूरत नहीं आने देंगे। जिलों में सड़क परिवहन निगम की बसों को शुरू करने जा रहे हैं। यह भी कहा कि आप चिंता न करें, सरकार जल्द ही आदिवासी बाहुल्य जिलों से इसकी शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री के साथ मंच राज्यपाल मंगु भाई पटेल और जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह मौजूद थे। पीएम मोदी ने किया वर्च्युअली लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरव दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के दो जनजातीय संग्रहालयों का वर्चुअली लोकार्पण किया।इनमें छिंदवाड़ा के बादल भोई और जबलपुर के राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह संग्रहालय शामिल हैं। इन्हें केंद्र व राज्य ने नए सिरे से विकसित किया है। इनमें जनजातीय नायकों के संघर्ष और वीरता की कहानी है। शादी के पूर्व सिकलसेल कार्ड का मिलान जरूर करें राज्यपाल राज्यपाल मंगु भाई पटेल पटेल ने भी कार्यक्रमों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, सिकल सेल उन्मूलन मिशन का संकल्प मध्य प्रदेश की धरती से लिया जाना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। प्रदेश में अब तक 82 लाख लोगों की सिकलसेल स्क्रीनिंग हुई है। सिकलसेल से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय, जागरूकता ही है। शादी के पहले युवक-युवतियों के सिकल सेल कार्ड का मिलान जरूर करें। गर्भधारण के दौरान और जन्म के बाद भी बच्चे के सिकल सेल की जांच कराएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा – प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को देश के सामने लाने का अभियान चलाया है। उन्होंने बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय मध्यप्रदेश में ही लिया। – टंट्या मामा मालवा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। खरगोन में विवि का नाम उनके नाम पर रखा। राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। शहडोल को बाणसागर का पानी, लालपुर में स्थायी हेलीपेड सीएम मुख्यमंत्री ने शहडोल में कहा कि बाणसागर बांध का पानी शहडोल को भी मिलेगा। सिंचाई और पीने के पानी के लिए इसका उपयोग होगा। उन्होंने लालपुर हवाई पटटी में स्थायी हेलीपेड बनाने की घोषणा की। बोले- मुख्यमंत्री आए और सौगात न मिले, ऐसा नहीं हो सकता है, जो मांगोगे मिलेगा। उन्होंने जननायक बिरसा मुंडा का जिक्र करते हुए कहा, उनका जीवन हम सबके लिए मार्गदर्शन है। उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ जनजातीय समाज को खड़ा किया और लड़ाई लड़ी।
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16 November 2024कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नेमावर के नर्मदा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस पवित्र दिन पर नर्मदा नदी में स्नान का विशेष महत्व है। नेमावर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में स्नान किया और सिद्धेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पवित्र स्नान और पूजा का महत्व मालवा अंचल में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। नेमावर के नर्मदा घाटों पर एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। यहां मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कार्तिक माह के दौरान महिलाएं सुबह उठकर भगवान बल मुकुंद की पूजा-अर्चना करती हैं और तुलसी की परिक्रमा करती हैं। यह परंपरा परिवार में सुख-समृद्धि और मंगलकामना के लिए की जाती है। प्रशासन ने किए विशेष इंतजाम श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए नर्मदा घाट पर प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए थे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों की साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्तिक पूर्णिमा पर नेमावर का यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का अद्भुत संगम है, जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
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16 November 2024गुरु नानक जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका और प्रदेशवासियों को इस पवित्र अवसर पर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि गुरु नानक जी अखंड भारत के प्रणेता थे और उन्होंने अपने जीवनभर सच्चाई, अच्छाई, बराबरी और मानवता के लिए कार्य किया। उन्होंने बताया कि गुरु नानक जी न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आदर्श बने हैं। सीएम यादव ने घोषणा की कि 17 नवंबर को सीएम हाउस में गुरु नानक जयंती के अवसर पर प्रकाश पर्व का एक बड़ा आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के माध्यम से गुरु नानक जी की teachings और उनके योगदान को श्रद्धा के साथ याद किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर भी शुभकामनाएं दीं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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15 November 2024गुरु नानक जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका और प्रदेशवासियों को इस पवित्र अवसर पर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि गुरु नानक जी अखंड भारत के प्रणेता थे और उन्होंने अपने जीवनभर सच्चाई, अच्छाई, बराबरी और मानवता के लिए कार्य किया। उन्होंने बताया कि गुरु नानक जी न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आदर्श बने हैं। सीएम यादव ने घोषणा की कि 17 नवंबर को सीएम हाउस में गुरु नानक जयंती के अवसर पर प्रकाश पर्व का एक बड़ा आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के माध्यम से गुरु नानक जी की teachings और उनके योगदान को श्रद्धा के साथ याद किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर भी शुभकामनाएं दीं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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15 November 2024"हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा" के जयकारों के बीच बच्चों ने खाटू श्याम जी से आशीर्वाद लिया और इस अवसर पर एक विशेष आयोजन किया। इस आयोजन में खाटू नरेश अवतरण दिवस पर गोठ में बच्चों ने खाटू श्याम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर खाटू नरेश के तैल चित्र का विधिवत पूजन किया गया। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और खाटू श्याम की पूजा अर्चना की। भक्तों का कहना है कि खाटू नरेश की पूजा से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और इस आयोजन ने उन्हें आध्यात्मिक शांति दी है। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को बेहद पवित्र और मंगलमय बताया।
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15 November 2024भाजपा के संस्थापक सदस्य स्व. कैलाश सारंग और उनकी धर्मपत्नी स्व. प्रसून सारंग की पुण्यतिथि के अवसर पर 'मातृ-पितृ भक्ति दिवस' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नरेला विधानसभा क्षेत्र में वृद्धजनों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने नरेला विधानसभा के प्रभात चौराहे पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्व. कैलाश सारंग और उनकी धर्मपत्नी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और वृद्धजनों के पैर पखारे। मंत्री सारंग के आव्हान पर हर वर्ष स्व. कैलाश और स्व. प्रसून सारंग की पुण्यतिथि पर मातृ-पितृ भक्ति दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को माता-पिता के साथ-साथ समाज के वृद्धजनों का सम्मान करने के लिए प्रेरित करना है। इस अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि "हर व्यक्ति को अपने माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, और उन्हें अपने जीवन में सर्वोत्तम स्थान देना चाहिए।" कार्यक्रम में नरेला विधानसभा के सभी वृद्धजनों के सम्मान के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा रहे हैं, ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।
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15 November 2024छतरपुर: बागेश्वर बाबा पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम में एक दिव्य दरबार का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के बारे में जानकारी दी। बाबा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन जाता, तब तक हिंदुओं को जगाने का उनका प्रयास जारी रहेगा, क्योंकि धर्म विरोधी ताकतें देश को कमजोर करने में लगी हुई हैं। हनुमान जी का अनुयायी बनाने की अपील बागेश्वर बाबा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें देश को तोड़ने और हिंदुओं को आपस में लड़वाने के लिए जनसंख्या बढ़ाने और विद्रोह करने का प्रयास कर रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए, उन्होंने सभी हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, "अब आप सभी को हनुमान जी का बनाना है।" धर्म विरोधी ताकतों पर निशाना बाबा ने यह भी कहा कि धर्म विरोधी ताकतें लगातार सक्रिय हैं और हिंदुओं के खिलाफ साजिश रच रही हैं। उन्होंने एक विशेष बयान में कहा, "अब बारी आ गई है, क्योंकि धर्म विरोधी ताकतें लगातार लगी हुई हैं।" इस दौरान, बागेश्वर बाबा ने मुसलमानों के बड़े धर्मगुरु तौकीर रजा का भी नाम लिया, जिन्होंने हाल ही में बागेश्वर बाबा के खिलाफ बयान देते हुए उन्हें जेल में डालने की मांग की थी। बाबा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "तुम दिल्ली पहुंचो, हम यहीं से क्रांति करेंगे और तुम्हारी हवा खिसक जाएगी।" आंदोलन की ओर अग्रसर बागेश्वर बाबा के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वे धर्म और हिंदू एकता के मुद्दे पर एक बड़े आंदोलन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उनका मानना है कि हिंदू समाज को एकजुट करना और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए इस तरह के प्रयासों की आवश्यकता है। अब देखना यह है कि बागेश्वर बाबा की इस पदयात्रा और आंदोलन पर समाज और सरकार की प्रतिक्रिया क्या होती है।
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14 November 2024दतिया, मध्य प्रदेश: धान की बोली न लगने के कारण किसानों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा। दतिया की मंडी गेट के सामने किसानों ने विरोधस्वरूप सड़क पर जाम लगा दिया, जिससे राहगीरों को घंटों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंडी में धान की बोली न लगने से किसान हुए आक्रोशित बताया जा रहा है कि दतिया के मंडी गेट के सामने करीब दो दिन से किसान अपनी धान की बोली लगाए जाने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन जब आज भी उनकी धान की बोली नहीं लगाई गई, तो स्थानीय किसानों का धैर्य जवाब दे गया। स्थानीय बोली में इसे "धान की डाक" लगने की स्थिति कहा जाता है, और बिना बोली के रह जाने से किसानों का गुस्सा भड़क उठा। इसके बाद किसानों ने सड़क पर जाम लगाकर अपना विरोध जताया। प्रशासन की ओर से कोई समाधान नहीं किसानों का आरोप है कि प्रशासन को इस समस्या के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद किसी भी सरकारी अधिकारी या प्रशासनिक कर्मचारी ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। इसके चलते किसानों का आक्रोश और बढ़ गया, और उन्होंने जाम लगाने का निर्णय लिया। हालांकि, मौके पर पुलिस बल पहुंचा और मंडी प्रबंधन के कर्मचारियों से वार्ता की, जिसके बाद जाम को खुलवाया गया। लेकिन किसानों का विरोध अब भी जारी है, और वे धान की बोली न लगने को लेकर प्रशासन के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। किसानों का विरोध जारी किसानों का कहना है कि यदि इस तरह की स्थिति बनी रही तो वे आगे भी अपने आंदोलन को तेज कर सकते हैं। उनके लिए यह सिर्फ एक बोली का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह उनके जीवनयापन का सवाल है। किसानों का कहना है कि यदि सरकार और प्रशासन उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करेंगे, तो वे मजबूर होकर और कठोर कदम उठाने के लिए तैयार होंगे। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि क्या किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जा रही है और प्रशासन किसानों के हित में कितनी गंभीरता से काम कर रहा है।
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14 November 2024खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए खाद्य वितरण केंद्र पर खाद का वितरण नए तरीके से किया जा रहा है। इसके तहत एसडीएम की ड्यूटी लगाई गई है ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। छतरपुर में किसानों को खाद का वितरण टोकन सिस्टम के माध्यम से किया जा रहा है। कलेक्टर ने इस वितरण के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की है, जिसमें कृषि, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खाद वितरण केंद्रों पर तैनात हैं। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने सभी खाद केंद्रों का निरीक्षण किया और कहा कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी किसानों को खाद बांटी जाएगी और खाद केंद्रों को सुबह से खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
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13 November 2024कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में तुलसी माता का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह होता है, जो इस वर्ष 14 नवंबर 2024 को आयोजित होगा। सुप्रसिद्ध भागवताचार्य घनश्याम शास्त्री महाराज के अनुसार, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शालिग्राम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इस बार शालिग्राम भगवान तुलसी की लग्न वर-वधू के हाथों पर रखी गई है। तुलसी विवाह विधि पूर्वक कराने से कन्यादान समान फल प्राप्त होता है। इस वर्ष बहोड़ापुर महादेव मंदिर पर तुलसी विवाह का आयोजन 14 नवंबर को होगा। इस दिन लग्न का कार्यक्रम वैदिक विधि विधान से संपन्न किया जाएगा। मान्यता है कि जब श्री हरि विष्णु चार माह की चिर निद्रा से जागते हैं, तो सबसे पहली पुकार तुलसी की सुनते हैं। तुलसी जी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं, इसलिए इन्हें हरीवल्लभा भी कहा जाता है। तुलसी विवाह के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से विष्णु जी और देवी तुलसी की कृपा से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन तुलसी स्तुति अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि इससे देवी तुलसी प्रसन्न होती हैं और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। महारानी तुलसी और शालिग्राम भगवान का विवाह ग्वालियर शहर के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं. घनश्याम शास्त्री महाराज द्वारा संपन्न कराया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर पुजारी विनोद शर्मा, कौशलेंद्र राजावत, कमल सिंह आदि उपस्थित रहेंगे।
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13 November 2024धूमधाम से तुलसी शालिग्राम के विवाह में राजनीति का पुट भी देखने को मिला। भोपाल में विधायक रामेश्वर शर्मा के तुलसी विवाह समारोह में प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। विधायक रामेश्वर शर्मा ने विधि-विधान से तुलसी शालिग्राम का विवाह कराया। देवउठनी ग्यारस के उपलक्ष्य में भोपाल की हुजूर विधानसभा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने युवा सदन पर तुलसी शालिग्राम विवाह का आयोजन कराया। इस आयोजन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सम्मिलित हुए। उन्होंने तुलसी पूजन कर सभी को तुलसी विवाह की शुभकामनाएं दी। तुलसी विवाह के लिए युवा सदन कार्यालय को विवाह स्थल के रूप में सजाया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन हम सभी सनातनियों के लिए गौरव का दिन है। ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन देवोत्थान एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु जी नींद से जागकर संसार की व्यवस्था का कार्यभार भगवान शिव से अपने हाथों में लेते हैं। इसलिए आज के दिन को हरिहर मिलन के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि रामेश्वर शर्मा हमारे सनातन धर्म के ध्वजवाहक हैं। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह सनातन धर्म की महानता है, जहाँ हर पर्व में खुशियों का संचार होता है। आज देवउठनी ग्यारस है, सभी देवों को हम सेवक निद्रां से जगाते हैं। देवों के जागने के साथ ही आज से सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है।
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12 November 2024देवउठनी एकादशी पर बाजारों में रौनक देखने को मिली। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं, और उसके बाद मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश हो जाता है। देश भर के साथ खातेगांव में देवउठनी एकादशी के लिए बाजार में खास रौनक रही। दीपावली के बाद बाजार हर साल सूना हो जाता है क्योंकि किसान अपने काम में लग जाते हैं और बाजारों की रौनक कम हो जाती है। लेकिन देवउठनी एकादशी से बाजार फिर से गुलजार हो गए। भगवान विष्णु के जागने के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। डाक बंगला मैदान सहित बाजार में गन्ना, कोचई, चनाभाजी, बेर, सिंघाड़ा, शकरकंद, आंवला, केला, सेव, अनार, मुसब्बी, संतरा, फूल माला, कमल फूल, गेंदा फूल और तरह-तरह की पूजा सामग्रियों की भरपूर बिक्री देखने को मिली। इन्हें खरीदने के लिए बाजार में भीड़ देखी गई। ज्यादातर लोग गन्ने और पूजन सामग्री की खरीददारी करते रहे। इस बार गन्ने की कीमत में भारी गिरावट देखी गई है। गन्ना बेचने के लिए आए किसानों ने बताया कि गन्ने का उत्पादन इस बार ज्यादा रहा है। वहीं, ज्वेलर्स संचालकों ने कहा कि दीपावली बहुत अच्छी रही, पर अभी मार्केट में सन्नाटा है। बहरहाल, यह स्थिति लगभग नवंबर तक ऐसी ही बनी रहेगी।
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12 November 2024दिसंबर साल का आखिरी महीना होने के साथ ही उल्लास और मौज-मस्ती का भी महीना होता है, जिसमें छुट्टियां मनाने लोग पर्यटन स्थलों पर जाते हैं। दिसंबर में एक लाख से ज्यादा पर्यटक प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघ का दीदार करेंगे। प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में अभी तक 10812 जिप्सियों के परमिट बुक हो चुके हैं। एक जिप्सी में छह पर्यटक पार्क घूम सकते हैं और अभी तक की बुकिंग के हिसाब से प्रदेश के टाइगर रिजर्व में कुल 64 हजार 872 पर्यटक बाघ का दीदार करने पहुंचेंगे। बुकिंग अभी जारी है और दिसंबर का पूरा महीना बाकी है, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि दिसंबर में प्रदेश के अलग -अलग पार्कों में एक लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचेंगे। प्रदेश के टाइगर रिजर्व में अगले दो महीनों तक पर्यटकों का प्रेशर बढ़ने वाला है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी से पर्यटकों ने तेजी से बुकिंग कराना शुरू कर दिया है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े के लिए अभी से तीन हजार से ज्यादा बुकिंग कोर और बफर जोन के लिए हो चुकी है। जनवरी के पहले पखवाड़े के लिए भी इसी तरह तेजी से बुकिंग हो रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पर्यटक कितनी भारी संख्या में यहां आने वाले हैं। दीपावाली की छुटि्टयों में पर्यटकों की भीड़ कुछ बढ़ी थी और इस दौरान भी जमकर पर्यटक पहुंचे। इसका लाभ छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले स्थानीय व्यापारियों को भी मिला। बांधवगढ़ सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के न सिर्फ कोर जोन के गेट से प्रवेश के लिए पर्यटक बुकिंग करा रहे हैं।
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11 November 2024ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर में बंद पड़ी जेसी मिल का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों से मिल के बारे में विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री की मंशा है कि औद्योगिककरण के इस दौर में सालों से बंद पड़ी जेसी मिल को पुनः चालू किया जाए, ताकि मजदूरों के हित में कार्यवाही हो सके। मजदूरों के हित को सर्वोपरि मानते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गरीब, मजदूर और पिछड़ा वर्ग सभी को साथ लेकर चलना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों और गरीबों का हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में हरसंभव कदम उठाया जाएगा। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ मजदूरों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। जेसी मिल का पुराना प्रकरण है जिसमें शासन भी एक पक्ष है। इस नाते मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है कि मजदूरों के पक्ष में उचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्षों से इस मिल के पुनः शुरू होने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों की उम्मीदों को सरकार कायम रखेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले में अदालत में भी मजदूरों के पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत कर रही है।
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11 November 2024राज्य ब्यूरो, भोपाल: प्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जनवरी 2025 से प्रारंभ होगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को स्वयं इस कार्य को देखने और समय सीमा के भीतर प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कहा है तो मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। प्रदेश में इस समय लगभग सात लाख नियमित कर्मचारी हैं। रिक्त पदों की पूर्ति नहीं होने के कारण विभाग आउटसोर्स या फिर संविदा कर्मचारियों से काम चला रहे हैं। इससे काम की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरने का निर्णय लिया है। रिक्त पदों की मांगी गई जानकारी मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी विभागों को पत्र जारी कर 2024 में रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी पूछा है कि अगस्त 2022 तक किस श्रेणी के कितने पदों की भर्ती की गई। परिणाम इनके जारी हुए या नहीं और चयनित अभ्यर्थियों ने पदभार ग्रहण किया है या नहीं। 31 मार्च 2025 तक कितने पद किस संवर्ग के रिक्त हो जाएंगे।वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजकर भर्ती के लिए कब स्वीकृति ली गई। उधर, भर्ती प्रक्रिया को लेकर मुख्य सचिव राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक भी कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार जनवरी से भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी और। लक्ष्य यह है कि वर्ष 2025 के अंत तक नियुक्तियां प्रारंभ हो जाएं। बजट में किया जाएगा प्रविधान वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2025-26 के बजट की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसमें कर्मचारियों के वेतन-भत्ते के लिए सभी को स्थापना व्यय में प्रविधान करना है। एक लाख पदों पर भर्ती के हिसाब से सभी विभागों को बजट प्रविधान भी करना होगा। अभी लगभग 23 प्रतिशत बजट स्थापना व्यय के लिए रखा जाता है।
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10 November 2024दतिया: मध्य प्रदेश सरकार हर व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने का प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कई जरूरतमंद लोग अब भी लाभ से वंचित हैं। भांडेर ब्लॉक के रिझार गांव की शांतिबाई एक छोटे से आवास के लिए वर्षों से प्रशासन से गुहार लगा रही हैं, लेकिन अब तक उनकी मदद नहीं की गई। शांतिबाई ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से आवास दिए जाने की अपील की है। दखल न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, शांतिबाई के पति का निधन हो चुका है और वह अपनी बच्ची के साथ किराए के मकान में रह रही हैं। उनका पुराना मकान पिछले दो वर्षों से जर्जर अवस्था में गिरा हुआ है। शांतिबाई का कहना है कि उन्होंने लगातार प्रशासन से सहायता की मांग की है, लेकिन उनकी आवाज को अनसुना कर दिया गया, क्योंकि वे गरीब हैं। शांतिबाई का यह मामला अब उन नेताओं और अधिकारियों के लिए सवाल बनकर खड़ा हो गया है, जो बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन ज़रूरतमंदों की सहायता में पीछे रह जाते हैं।
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10 November 2024सिंगरौली: सिंगरौली जिले में हरियाली महोत्सव के अवसर पर सहकार ग्लोबल लिमिटेड बालू खदान कंपनी ने ग्राम पंचायत हिर्रवाह में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया। इस पहल के तहत शंकर मंदिर और नदी किनारे सैकड़ों पौधे लगाए गए, जिनमें नीम, पीपल, अमरूद, सागौन, बबूल, जामुन, कटहल, नींबू सहित अन्य प्रजातियों के 100 से अधिक पौधे शामिल हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अजय तिवारी, भाजपा नेता अरविंद सिंह तोमर, नगर पालिका उपाध्यक्ष मोरध्वज सिंह भदौरिया, और अन्य नेता, अधिकारी, कर्मचारी और सैकड़ों ग्रामीण जन उपस्थित रहे। इस वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देना था, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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10 November 2024भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार ने महिलाओं को मिलने वाला 33 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जो बहनों को शासकीय सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण दे रहा है। सीएम ने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश की 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को नवम्बर माह की किश्त के रूप में 1250 रुपये भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा, लाड़ली बहनों के खातों में 1573 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे। साथ ही, सिलेंडर रीफिल के लिए 26 लाख बहनों को 55 करोड़ रुपये अंतरित किए जाएंगे।
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9 November 2024महिला के साथ मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक युवक महिला के साथ गाली-गलौज कर मारपीट करता नजर आया पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है छतरपुर में एक महिला के साथ मारपीट हुई। जिसका का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में एक व्यक्ति महिला के साथ मारपीट और गाली-गलौज कर रहा है। युवक ने महिला को पैर से भी मारा। आसपास खड़े लोग यह तमाशा देखते रहे, किसी ने भी महिला की मदद नहीं की। महिला संगीता अहिरवार की शिकायत पर पुलिस ने राजाराम अनुरागी पर मामला दर्ज कर लिया है। यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र के देरी रोड का है ।
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9 November 2024आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने का सिलसिला पूरे देश में धूमधाम से संपन्न हुआ। इस दौरान छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा आस्था का सैलाब देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने भगवान आदित्य से अपने परिवार की सुख-शांति और प्रगति की कामना की। सिंगरौली में पारंपरिक अंदाज में संपन्न हुआ छठ महापर्व सिंगरौली में लोक आस्था का महापर्व छठ पारंपरिक अंदाज में संपन्न हुआ। इस दौरान विभिन्न जनप्रतिनिधि, जैसे कि राजेंद्र मेश्राम, रामनिवास शाह, गौरी अर्जुन गुप्ता, और कांग्रेस के नेता अरविंद सिंह चंदेल, अमित द्विवेदी, राम गोपाल पाल सहित कई अन्य नेता छठ घाटों पर पहुंचे। इन नेताओं ने ब्रति महिलाओं को फल, फूल और अन्य पूजन सामग्री प्रदान की। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य श्रद्धालुओं ने गुरुवार की संध्या अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत की समाप्ति की। व्रति महिलाएं सिर पर दउरा उठाकर घाटों की ओर रवाना हुईं और घाटों पर पहुंचकर पहले श्री शोभिता (श्री सोप्ता) की पूजा की। इसके बाद, अस्ताचलगामी सूर्य को ठेकुआ, आदी, मूली, गन्ना, मिठाई, अर्कपात, सिंघाड़ा और अन्य फलों के साथ पानी में खड़े होकर अर्घ्य दिया। घर पर बनाए गए घाटों पर भी अर्घ्य कई श्रद्धालुओं ने घाटों पर भीड़ से बचने के लिए अपने घरों में ही घाट बनाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। शुक्रवार की सुबह सूर्योदय होते ही व्रति महिलाओं ने फलों और पकवानों के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और अपनी मनोकामना की। पारण के साथ समाप्त हुआ महापर्व इसके बाद व्रतियों ने घर लौटकर पारण किया और चार दिवसीय छठ महापर्व की समाप्ति की।
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8 November 2024मध्य प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म के इको सिस्टम को विकसित करने का प्रयास एमपी टूरिज्म कर रहा है पर्यटन विभग अब वेलनेस और मेडिकल वैल्यू टूरिज्म को बढ़ाएगा। हृदयम एमपी" पहल प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म के इको सिस्टम को विकसित करने का प्रयास करेगी यह एक एकीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित होगा जिस पर पर्यटन और वेलनेस और मेडिकल वैल्यू टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर्स समन्वयित रूप से कार्य करेंगे प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने भोपाल में "हृदयम एमपी" का शुभारंभ किया और कहा मेडिकल और वेलनेस चिकित्सा पद्धति के सभी संसाधनों को एकीकृत करते हुए प्रदेश में पर्यटन उत्पाद के रूप में विकसित करने के लिए "हृदयम एमपी" पहल करेगी.
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8 November 2024जंगल से भटक कर एक हिरण इंसानी बस्ती तक आ गया जहां कुत्तों ने हिरण को घेर कर उस पर हमला बोल दिया जिसकी भनक ग्रामीणों को लगते ही कुत्तों के चंगुल से हिरण को बचा लिया लेकिन हिरण बुरी तरह जख्मी हो गया था ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पशु चिकित्सक डॉ: पवन तिवारी पहुंचे और घायल हिरण का प्राथमिक उपचार किया. सतवास वन परिक्षेत्र के वरछा खुर्द गाँव मे एक मादा गर्भवती हिरण पहुंच गया जिस पर कुत्तों ने हमला कर दिया कुत्तों के हमला करने की आवाज और उनका झुंड देख कर हिरण को बचाने के लिए ग्रामीणों ने कुत्तों को दौड़ा लिया जिससे किसी तरह हिरण की जान तो बच गई, परंतु वह जख्मी हो गयाघटना की सूचना तत्काल पशु चिकित्सा विभाग को दी गई पशु चिकित्सक डॉ पवन तिवारी मौके पर पहुंचे और घायल हिरण का उपचार किया.
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8 November 2024नगर पालिक निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 41 स्थित तालाब का लोकार्पण किया गया जिसकी लागत तीस लाख रुपए है। तालाब में हाई मास्ट लाइट भी लगाई गई, जिसकी लागत लागत लगभग 7 लाख रुपये है यहाँ छट घाट का विधायक रामनिवास शाह के मुख्य अतिथि में लोकार्पण किया गया. सूर्योपासना के महापर्व छठ को देखते हुए सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 41 गनियारी स्थित तालाब का लोकार्पण किया गया। इस दौरान नगर पालिका निगम की महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल, अध्यक्ष देवेश पाण्डेय उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री सुंदर शाह मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कमलनयन चौरसिया के ने किया। आज से छठ व्रती डूबते सूरज को अर्घ्य देंगे। छठ घाट में हाईमास्ट लाइट लग जाने से श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है।
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7 November 2024"मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। 'देवी अहिल्याबाई स्किल प्रोग्राम' के माध्यम से, राज्य सरकार युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रोग्राम आज के बदलते दौर में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम आगे बढ़ाने का सुनहरा अवसर है।" मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने युवाओं के लिए एक नई राह खोली है। 'देवी अहिल्याबाई स्किल प्रोग्राम' युवाओं को विशेष कौशल सिखाने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस कार्यक्रम के जरिए, युवा उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित होंगे, जिससे वे बेहतर नौकरी पाने में सक्षम हो सकेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है, 'युवाओं की शक्ति में देश का भविष्य छिपा है,' और इसी दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। आइए, हम सब मिलकर इस स्किल प्रोग्राम का हिस्सा बनें और अपने सपनों को साकार करें!"
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7 November 2024सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सरकारी अधिकारियों और जजों के खिलाफ उनकी पब्लिक ड्यूटी के दौरान हुए कथित अपराध के मामले में उन पर पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत तहत केस चलाने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। सीआरपीसी की धारा-197 (1) के तहत प्रावधान है कि सरकारी कर्मी के खिलाफ केस चलाने के लिए सरकार के संबंधित अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी का यह प्रावधान पीएमएलए केस में भी लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना हाई कोर्ट के फैसले को ईडी ने चुनौती दी थी। जिसमें हाई कोर्ट ने एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ बिना स्वीकृति के केस चलाए जाने को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने ईडी की अर्जी खारिज कर दी। इस मामले में ईडी ने सरकारी अधिकारी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भूमि आवंटन में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और संपत्तियों का अवमूल्यन किया। उन्होंने अपने अधिकार से बाहर जाकर छूट प्रदान की और कथित तौर पर पूर्व सीएम से जुड़ी संपत्तियों को लाभ पहुंचाया। इसके लिए उन्होंने साजिश रची जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। यह मामला जब हाई कोर्ट के सामने आया तब आईएएस अधिकारी की ओर से तर्क दिया गया कि उन्होंने जो भी एक्शन लिया वह अपने आधिकारिक क्षमता के अधीन लिया और ऐसे में उन पर केस चलाने से पहले सीआरपीसी की धारा-197 के तहत सरकार की कंपिटेंट अथॉरिटी से मंजूरी जरूरी है। वहीं ईडी ने कहा कि पीएमएलए एक विशेष एक्ट है और ऐसे में इस मामले में किसी भी मंजूरी की जरूरत नहीं है। आरोपो में प्राइवेट लाभ के लिए आधिकारिक शक्ति का गलत प्रयोग हुआ है और ऐसे में सीआरपीसी की धारा-197 में जो प्रोटेक्शन दिया गया है वह यहां लागू नहीं होता है। तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस मामले में लिए गए संज्ञान और आदेशों को खारिज कर दिया और इस मामले में आईएएस बीपी आचार्य की अर्जी को स्वीकार कर लिया। ईडी की दलील हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। जिसके बाद ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी की अर्जी खारिज कर दी।
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6 November 2024प्रेस क्लब के गठन को लेकर रुड़की के पत्रकारों की बैठक हुई। बैठक में सभी पत्रकारों ने अपने-अपने विचार रखे और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया की क्लब के चुनाव से पहले सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। रुड़की में प्रेस क्लब के गठन के संबंध में एक बैठक प्रशासनिक भवन में हुई । जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि, क्लब के चुनाव से पहले सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सदस्यता समिति का गठन किया गया। इस बैठक में सभी पत्रकारों ने अपने-अपने विचार साझा किए। जिसमें पत्रकार मनोज अग्रवाल और प्रवेज आलम को शामिल किया गया। यह समिति आगामी 8 नवंबर तक सदस्यता शुल्क लेकर क्लब के नए सदस्य बनाएगी। इसके बाद, चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि, केवल पंजीकृत सदस्य ही चुनाव लड़ सकते है ।
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6 November 2024बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पर पहुंच चुका है. शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए पटना में रखा जाएगा. गुरुवार को शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा. शारदा सिन्हा ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली थीं. मंगलवार की रात को 9 बजकर 20 मिनट पर शारदा सिन्हा का निधन हो गया था. शारदा सिन्हा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. बिहार की स्वर कोकिला और लोकगायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात को निधन हो गया. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने रात के 9 बजकर 20 मिनट पर आखिरी सांस ली. शारदा सिन्हा लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थीं. हाल ही में उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कुछ दिनों के इलाज के बाद उनकी स्थिति बेहतर हो गई थी. इसके चलते प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि सोमवार की रात को उनकी तबीयत अचानक फिर खराब हो गई. इसके चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. बताया गया था कि शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था. एम्स के चिकित्सक लगातार कोशिश करते रहे. शारदा सिन्हा के निधन से देशभर में शोक की लहर है. शारदा सिन्हा को छठ और लोक गीतों के लिए जाना जाता है. शारदा सिन्हा को पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी मिल चुका है. शारदा सिन्हा के निधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने भी ट्वीट किया है. शारदा सिन्हा की अचानक फिर से तबीयत बिगड़ी तो उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. कुछ दिनों पहले ही उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने बताया था कि शारदा सिन्हा ठीक से बोल नहीं पा रही हैं. लोगों को पहचान ले रहीं, लेकिन बात करने में उन्हें परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा, ‘प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!’ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. बुधवार सुबह 9:40 की फ्लाइट से शव को दिल्ली से पटना ले जाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने यह जानकारी दी.
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6 November 2024औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण मध्य प्रदेश के नागदा में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इनके बीच छठ महापर्व उत्साह से मनाया जाता है। ताजा खबर यह है कि छठ पूजा को लेकर 7 नवंबर के अवकाश को लेकर विधायक के पत्र पर कलेक्टर ने छठ पर्व पर स्थानीय अवकाश घोषित किया।छठ महापर्व उत्तर प्रदेश व बिहार में एक बड़ा पर्व माना जाता है। यहां के निवासी देश में कहीं भी हो इस पर्व को मनाते हैं। शहर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां दोनों प्रांतों के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। छठ पर्व का एक बड़ा महत्व शहर में होता है। छठ पर्व यहां धूमधाम से मनाया जाता है। चंबल तट पर तीन घाट हनुमान डेम, नायन डेम व मेहतवास में आराध्य देव की पूजा-अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।छठ पर्व की शाम को तीनों घाटों पर मेले जैसा माहौल होता है। इस पर्व में स्थानीय लोग भी शामिल होकर बधाई देते हैं। विधायक डा. तेज बहादुर सिंह चौहान से उत्तर प्रदेश व बिहार के संगठनों ने इस दिन अवकाश रखने की मांग की थी। विधायक ने इसको लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा था। कलेक्टर ने 7 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया। इसको लेकर सुनील साहनी, अशोक साहनी, जितेन्द्र दुबे, अजय कुशवाह, गणेश गुप्ता आदि ने विधायक का आभार माना। नहाय खाय के साथ हुई छठ पर्व की शुरुआथ -मंगलवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो गई। 7 नवंबर को व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगी। चार दिवसीय पर्व का समापन 8 नवंबर को उदय होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर किया जाएगा। -पहले दिन व्रती महिलाएं सुबह स्नान तथा एक समय भोजन करती हैं। 6 नवंबर को छठ पर्व का दूसरा दिन रहेगा, इसे खरना कहा जाता है। इस दिन से 36 घंटे के कठिन व्रत की शुरुआत होती है। -मान्यता के अनुसार महिलाएं निर्जल निराहार व्रत रखती हैं तथा छठी मैया के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती हैं। 7 नवंबर छठी पूजन का दिन है, इस दिन दोपहर बाद से परिवार पूजा अर्चना की तैयारी करते हैं। -घाट पर गन्ने का मंडप बनाया जाता है, जिसमें पूजा के लिए विभिन्न मिष्ठान, फल, शाक आदि व्यंजन रखे जाते हैं। व्रती महिलाएं जल में खड़े होकर सूर्य की पूजा करती हैं तथा अस्त होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाता है। -शाम को घरों में रात्रि जागरण होता है। छठ पर्व का आखिरी दिन 8 नवंबर को है, इसे परना कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं उदय होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करती हैं।
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5 November 2024प्रदेश की मोहन सरकार ने महिलाओं के हित में बड़ा कदम उठाया है। सिविल सेवाओं में महिलाओं के लिए अब 33 के बजाय 35 प्रतिशत पद आरक्षित होंगे। मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई। इसके साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक की भर्ती के लिए आयु सीमा को दस साल बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। अब 40 के बजाय 50 साल तक उम्र के अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक पद के लिए आवेदन कर सकेंगे। इन प्रस्तावों पर लगी मुहर - प्रदेश में खाद आपूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 254 नकद विक्रय केंद्र खोलने की दी गई स्वीकृति। - सारणी के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की 4 पुरानी इकाइयों के स्थान पर 660 मेगावॉट का नया पावर प्लांट लगाने की अनुमति दी गई। -7 दिसंबर को होगी नर्मदापुरम में इन्वेस्टर्स समिट। उधर, सिंहस्थ वर्ष-2028 की तैयारियों के लिए मप्र शासन द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यवेक्षण समिति गठित कर दी गई है। पर्यवेक्षण समिति सिंहस्थ के अंतर्गत मंत्रि-परिषद समिति के निर्देशों का पालन, मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष रखे जाने समस्त नीतिगत प्रकरणों का परीक्षण कार्य तथा विभिन्न विभागों की सिंहस्थ मद कार्य योजना की समीक्षा करेगी। समिति में अपर मुख्य सचिव, गृह, उर्जा, लोक निर्माण, जल संसाधन, परिवहन, प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, राजस्व, वित्त, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन, सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास समिति के सदस्य सचिव होंगे।
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5 November 2024मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने युवा शक्ति मिशन के तहत युवाओं के कौशल विकास को प्रॉयरिटी पर रखा है ताकि जल्दी ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार हांसिल हो सके मुख्यमंत्री मोहन यादव युवाओं को सिर्फ पारम्परिक शिक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहते इसलिए उन्होंने एआई ,मशीन लर्निंग और कोडिंग जैसी नई तकनीकों को सिलेबस में शामिल करवाया है। एमपी के 55 जिलों में एक एक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंसी बना कर उसमें संस्कृत ,बायो टैक्नोलॉजी और कम्यूटर साइंस जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है ताकि एमपी के युवा शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही रोजगार के लिए भी पूरी तरफ से तैयार हो सकें युवा हितेषी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस साल सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों को भरने का काम किया और 11 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी में ज्वाइनिंग लैटर दिया इस दौरान मोहन यादव के प्रयास से एमपी में बड़ा निवेश आया और 60 से ज्यादा नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रदेश के अलग अलग इलाकों में हो रही है जिनसे प्रदेश के 17 युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं मुख्यमंत्री यादव युवाओं से कहते हैं यह समय अपनी ऊर्जा , अपनी शक्ति को और अपने आत्मविशवास को जगा कर प्रदेश और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का है स्वामी विवेकानंद जी की बात का अनुसरण करें उठो ,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए ...
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5 November 2024गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित गौशाला में विधि विधान पूर्वक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना की और गौ धन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित गौशाला में विधि विधान पूर्वक गोवर्धन पूजा की मुख्यमंत्री ने शासन के स्तर पर गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिय थे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर रविंद्र भवन परिसर में बहिरंग मंच पर आयोजित गोवर्धन पर्व का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया मुख्यमंत्री ने गौ सेवा करने वाले 10 श्रेष्ठ गोपालकों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में स्वामी अच्युतानंद जी और गौ संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले स्वामी हरिओम आनंद जी विशेष रूप से उपस्थित थे.
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3 November 2024भारत टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में पहली पारी में 263 रन पर ऑलआउट हो गई दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 9 विकेट खोकर 171 रन बनाए. भारत की तरफ से पहली पारी में शुभमन गिल ने सबसे ज्यादा 90 रन बनाए. जबकि ऋषभ पंत ने 60 रन की तूफानी पारी खेली. न्यूजीलैंड के लिए एजाज पटेल सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए पंत ने 36 बॉल पर फिफ्टी लगाई. वे कीवी टीम के खिलाफ सबसे तेज टेस्ट अर्धशतक लगाने वाले भारतीय बन गए. वहीं गिल 25 साल की उम्र में इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज्यादा बार 90-99 रन पर आउट होने वाले भारतीय बने तीसरे मैच की पहली पारी में ऋषभ पंत को 60 रन पर ईश सोढ़ी ने LBW किया पंत के टेस्ट करियर की 13वीं फिफ्टी रही. 27 साल के विकेटकीपर-बल्लेबाज पंत भारत की तरफ से न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने इसी के साथ उन्होंने यशस्वी जायसवाल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया मुंबई टेस्ट की पहली पारी में शुभमन गिल 90 रन बनाकर आउट हुए. उन्हें एजाज पटेल ने डेरिल मिचेल के हाथों कैच कराया .वे चौथी बार इंटरनेशनल मैचों में 90-99 के बीच आउट हुए. गिल 25 साल की उम्र में इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज्यादा बार 90-99 के बीच आउट होने वाले 5वें भारतीय है.
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3 November 2024मध्य प्रदेश के 228 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 5, 61,38,277 (पांच करोड़ 61 लाख 38 हजार 277) है। 29 अक्टूबर को मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के साथ ही दावे-आपत्ति लेने का काम प्रारंभ हो गया, जो 28 नवंबर तक चलेगा। बुधनी और विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के कारण यहां मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम अभी नहीं होगा। फरवरी से अक्टूबर तक मतदाता सूची से साढ़े छह लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं तो 7.47 लाख पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखबीर सिंह ने बुधवार को दी। मीडिया से चर्चा में उन्होंने बताया कि 228 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया गया है। इसमें पुरुष 2,87,82,296, महिला 2,72,80,147 और थर्ड जेंडर मतदाता 1,202 हैं। सेवा मतदाता 74,632 हैं, जिसमें 72.198 पुरुष एवं 2,434 महिला मतदाता हैं। इनमें कुल 5,78, 848 दिव्यांग मतदाता है तथा 136 अप्रवासी भारतीय है। इस प्रकार समस्त मतदाताओं की संख्या 5,61,38,277 है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हटाने और संशोधन के लिए विशेष अभियान 9, 10, 16 और 17 नवंबर को होगा। दावे आपत्तियों का निराकरण 24 दिसंबर तक किया जाकर मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन छह जनवरी को किया जाएगा। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, वोटर आइडी कार्ड में संशोधन कराने और मृत मतदाताओं के नाम हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह प्रक्रिया 28 नवंबर तक चलेगी। आगामी 9, 10 व 16, 17 नवंबर को पूरे प्रदेश में विशेष कैम्प लगाकर अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों पर कार्यालयीन समय में बीएलओ उपस्थित रहेंगे। प्राप्त सभी दावे आपत्तियों का 24 नवंबर तक निराकरण किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि जो युवा 1 जनवरी को 18 साल की आयु पूरी कर रहे हैं, वे मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए अग्रिम रूप से आवेदन कर सकते हैं। नए मतदाताओं का वोटर आईडी कार्ड स्पीड पोस्ट के जरिए आसानी से उनके घर तक पहुंच जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की निशुल्क सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ऑनलाइन आवेदन वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से किया जा सकता है.
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1 November 2024मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर मंगलवार को कुबेरपुर बनकर दमकी। दीपावली से पूर्व खरीदी के सबसे बड़े दिन धनतेरस पर बाजारों में जमकर धनवर्षा हुई। उल्लास से त्योहार मनाते हुए संपन्नता की कामना के साथ लोगों ने खूब खरीदी की। सोना-चांदी के साथ गाड़ियों के शोरूमों में कतारें दिखी। इलेक्ट्रानिक शोरूमों से लेकर बर्तन बाजार में भी खरीदारों की भीड़ रही। रेडीमेड गारमेंट से लेकर ड्रायफ्रूट के गिफ्ट बाक्स तक की दुकानें सूरज उगने से लेकर चांद चमकने तक ग्राहकों से गुलजार रहीं। इन सब सेगमेंट में धनतेरस पर बिक्री का कुल आंकड़ा करीब 750 करोड़ रुपये आंका जा रहा है। इसमें अचल संपत्ति को भी शामिल कर लिया जाए तो एक ही दिन में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार करने वाला शहर बनता दिखा इंदौर। बिक्री के लिहाज से आटोमोबाइल सेक्टर यानी वाहनों का बाजार सबसे आगे रहा। आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदित्य कासलीवाल के अनुसार करीब 2800 कारें और 6500 दोपहिया वाहनों की डिलीवरी धनतेरस पर दी गई। औसत दामों के आधार पर अनुमान लगाया जाए तो कुल करीब 425 करोड़ रुपये वाहनों की खरीद पर इंदौर में खर्च किए गए हैं। इसके साथ सोना-चांदी व गहनों के बाजार में 200 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के मंत्री अविनाश शास्त्री के अनुसार दाम बढ़ रहे हैं लेकिन लोगों को उसी अनुपात में रिटर्न भी मिलता दिख रहा है। ऐसे में लोग बजट बनाकर आए। संपत्ति के बाजार में भी धनवर्षा हुई। पंजीयन कार्यालय के अनुसार दिनभर में 950 अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई। इंदौर में औसत संपत्ति का मूल्य 35 लाख भी आंका जाए तो संपत्ति की बिक्री 332 करोड़ के पार रही। अंचल में दीपोत्सव की चमकदार शुरुआत हुई। पर्व के पहले दिन धनतेरस पर बाजार दमका तो देवी महालक्ष्मी के मंदिरों में भीड़ रही। बाजार में खरीदारी हुई तो व्यापारियों के भी चेहरे खिल उठे। सुबह से शुरू हुआ खरीदी का माहौल शाम तक एक जैसा बना रहा। तोरण और वंदनवारों से सजे-संवरे बाजारों में खरीदारी का दौर रात तक चला। मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाइल और सराफा बाजार में सर्वाधिक रौनक रही। अंचल के उज्जैन में सर्वाधिक 140 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय हुआ है। यहां एक दिन में 700 चार पहिया वाहन और दो हजार से ज्यादा दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है। उधर रतलाम में करीब 70 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ। अन्य जिलों में भी बीते साल की तुलना में व्यवसाय अच्छा रहा है।
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1 November 2024लसूड़िया पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में मुस्लिम युवक आमिन खान को गिरफ्तार किया है। आरोपित छात्रा को अच्छे कॉलेज में एडमिशन करवाने का झांसा देकर करीब आया था। आरोपित ने अमन नाम बताकर दोस्ती की और छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बना लिए। टीआई तारेश सोनी के मुताबिक महालक्ष्मीनगर निवासी छात्रा से करीब एक महीने पूर्व ही परिचय हुआ था। छात्रा बीकाम की पढाई के साथ शेयर मार्केट में भी काम करती है। आरोपित ने कॉलेज में एडमिशन करवाने का झांसा दिया और छात्रा के रुम पर पहुंच गया। उस वक्त आरोपित ने अमन नाम बताया था। आरोपित ने छात्रा को शादी का झांसा दिया और शारीरिक संबंध बना लिए। बाद में उसके असली नाम का खुलासा हुआ। उसने शिकायत करने पर छात्रा को धमकाया। बुधवार को पीड़िता ने परिचितों की मदद ली और थाने में शिकायत कर आमिन पुत्र कय्यूम खान निवासी खजराना के विरुद्ध केस दर्ज करवाया। टीआई के मुताबिक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। हिंदू संगठन के लोगों ने मंगलवार रात दो मुस्लिम युवकों को पकड़ा। उन पर हिंदू युवतियों को बरगलाने और सिगरेट के साथ नशा करवाने का आरोप लगाया। युवकों को पुलिस के सुपुर्द किया लेकिन बाद में बगैर कार्रवाई छोड़ दिया गया।पुलिस का दावा है युवतियां सहमती से आई थी। घटना सपना संगीता रोड़ स्थित एक शाप की है। हिंदू जागरण मंच के कुछ लोगों ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में पकड़ लिया। युवक दो युवतियों के साथ सिगरेट पी रहे थे। आरोप है कि युवकों ने शुरुआती पूछताछ में पहचान छुपाने की कोशिश की। आईडी मांगने पर बताया मुस्तफा और अन्य नाम बताया। हिंदू जागरण मंच द्वारा नशाखोरी का आरोप लगाया और दोनों युवकों को जूनी इंदौर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। हालांकि यहां से दोनों को भंवरकुआं थाने भिजवा दिया। टीआई राजकुमार यादव के मुताबिक युवतियों द्वारा शिकायत नहीं की गई थी। वह मर्जी से युवकों के साथ आई थी। पुलिस ने दोनों को हिदायत देकर छोड़ दिया। रघुवंशी कालोनी(बाणगंगा) से पकड़ाए मोबिन उर्फ मोहसिन खान ने मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त करना कबूला है। आरोपित हिंदू नाम हनी रायकवार की आईडी बना कर रुका हुआ था। पुलिस ने उसके विरुद्ध कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। टीआई सियारामसिंह गुर्जर के मुताबिक मोबिन सदर बाजार क्षेत्र का बदमाश है। वह महेशसिंह के मकान में मीनल नामक युवती के साथ रह रहा था। आरोपित ने हनी पुत्र कमल रायकवार निवासी राज पैलेस कॉलोनी के नाम से फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिया था। आरोपित मदाक पदार्थों की खरीद फरोख्त करने लगा था। मंगलवार को भाजपा नेताओं ने उसे पकड़ा और पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस के मुताबिक मोबिन ने फर्जी आधार कार्ड बनवाना भी स्वीकारा है। उधर एरोड्रम पुलिस ने एक युवती की शिकायत पर दानिश खान को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने युवती को धमकाया और रुपयों की मांग की। एडीसीपी आलोक शर्मा के मुताबिक क्षेत्र में रहने वाली युवती राणीसती गेट के समीप नौकरी करती है। आरोपित दानिश खान के ऑटो रिक्शा में परिचय हुआ था। दानिश युवती से जबरदस्ती करने लगा। उसने कहा कि उससे प्रेम करता है। युवती द्वारा मना करने पर आरोपित धमकाने लगा। रुपयों की मांग करने लगा। उसे बदनाम करने की धमकी देने लगा। युवती ने भाई व जीजा को घटना बताई और आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज करवाया। बुधवार शाम पुलिस ने दानिश को गिरफ्तार कर लिया।
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1 November 2024एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में टी.टी. नगर स्टेडियम भोपाल में आयोजित ’रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम में सहभागिता कर हरी झंडी दिखाई. भोपाल सीएम मोहन यादव ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कहा कि आजादी के एक दिन पहले 14 अगस्त को पाकिस्तान को अलग कर दिया गया था ऐसे में सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया इस मौले पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी को राष्ट्र एकता दिवस की शपथ दिलाई. उन्होंने कहा 1925-30 में किसानों के लिए संघर्ष करते हुए पटेल के योगदान के लिए महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी आजादी के तुरंत बाद सभी रियासतों को सरदार पटेल ने एकजुट किया सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की अखंडता और एकता का काम किया.
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30 October 2024सिगरौली में छठ पूजा के लिए तालाब की जरुरत को देखते हुए छठ घाट निर्माण कार्य का भूमि पूजन हुआ. जिसकी लागत कुल -57 लाख रुपएसे ज्यादा है तालाब लेकर स्थानीय लोगों ने खुशी जताई। सिंगरौली जिले के वार्ड-36 के ग्राम तेलगवा डीह बाबा प्रांगण में छठ घाट का निर्माण कार्य किया गया. जिसकी लागत 22.61 लाख एवं इंटरलॉकिंग कार्य लागत 35.19 लाख है. जिसका आज भूमि पूजन वार्ड पार्षद प्रेम सागर मिश्रा कि अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह एवं महापौर रानी अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे उपस्थिति थे. आपको बता दे कि- वार्ड नंबर 36 तेलगवा में एक भी तालाब छठ घाट न होने की वजह से वार्ड वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. वार्ड पार्षद प्रेम सागर मिश्रा ने अथक प्रयासों से अब निर्माण कार्य शुरू हुआ छठ घाट तालाब केवल जल संरक्षण का साधन नहीं है बल्कि इससे हमारी आस्था और विश्वास भी जुड़ा है। जो आने वाले समय में छठ व्रतियों एवं धार्मिक अनुष्ठानों कार्य के लिए काफी सहूलियत होगा। जिससे आम जनमानस को अपने त्यौहार और जल संरक्षण दोनों में मदद मिलेगी।
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30 October 2024सुस्त और लापरवाह प्रशासन के कारण हनुमान जी न्याय के लिए भटक रहे हैं नौगांव के ग्राम कुलवार में धनुषधारी मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है न्यायालय का फैसला मंदिर के पक्ष में आया लेकिन अभी तक प्रशासन मंदिर को कब्जा नहीं दिलवा पाया है. छतरपुर में जान सुनवाई में शंख बजाते हुए हाथ में हनुमान जी की प्रतिमा लेकर आवेदन देने एक पुजारी पहुंचे पुजारी शंख बजाते हुए जैसे ही वह जनसुनवाई कक्ष के अंदर पहुंचे तो मंचा अधिकारियों मै हडकंप मच गया छतरपुर में ऐसा यह पहली बार नहीं हुआ है इसके पहले भी पुजारी पुरुषोत्तम दास नायक हनुमान जी की प्रतिमा लेकर आवेदन देने आये थे पुजारी ने कहा कि हनुमान जी न्याय के लिए भटक रहे हैं नौगांव तहसील क्षेत्र के ग्राम कुलवार में धनुषधारी मंदिर है और उस मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है न्यायालय का फैसला मंदिर के पक्ष में आया लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है जिसके लिए वह कई बार आवेदन देने के लिए आए हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है तो वह एक बार फिर से हनुमान जी की प्रतिमा को लेकर आवेदन देने के लिए पहुंचे.
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23 October 2024कोलकाता काण्ड के बाद दतिया जिला चिकित्सालय ऐसा पहला अस्पताल बन गया है जहाँ महिला डॉक्टर्स और महिला सुरक्षा को लेकर पिंक अलार्म लगाया गया है कोलकाता मेडिकल कॉलेज में घटी घटना को लेकर मप्र शासन द्वारा डॉक्टर महिला की सुरक्षा को लेकर निरंतर प्रयास किया जा रहे थे। इसी क्रम में प्रदेश में पहली बार दतिया जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर सुरक्षा की दृष्टि से पिंक अलार्म की मॉक ड्रिल की गई दतिया कलेक्टर एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच जिला चिकित्सालय में 7 जगह पिंक अलार्म स्थापित किया गया है मीडिया ने जब पिंक अलार्म को लेकर समाजसेवी महिला एवं शिक्षक विद्वानों से बात की गई तो उन्होंने प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की लेकिन सवाल भी किये खड़े
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23 October 2024पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने वाले फैजल उर्फ फैजान ने पुलिस स्टेशन में तिरंगे को सलामी दी और भारत माता की जय के नारे लगाए. ये नजारा भोपाल के मिसरोद थाने का है जहाँ पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाले फैजल उर्फ फैजान ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर मिसरोद थाने पहुंचकर तिरंगे को 21 बार सलामी दी और भारत माता का जयघोष किया फैजान सुबह ठीक दस बजे मिसरोद थाने पहुंच गया, जहां थाने में पुलिस ने उसके साथ पहले कागजी औपचारिकता पूरी की इसके बाद तिरंगे को सलामी देने की प्रक्रिया की गई.
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23 October 2024नवा नगर थाना के अंतर्गत एक 06 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का मामला आया है, घटना की जानकारी मिलते ही परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुॅचे है जहाॅ मासूम बच्ची का ईलाज जारी है. पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जानकारी देते हुये बताया कि घटना सुबह की है जब बच्ची घर के पास ही खेल रही थी, उसी समय आरोपी बहला फुसला कर उसकी साथ घटना को अंजाम दिया है, हलाकि घटना के वक्त घर में मासूम अकेली थी, मा बाप पास में ही मजदूरी करने गये हुये थे, घटना की जानकारी मिलते ही परिजन घर पहुचे और इसके बाद उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया, फिलहाल घटना की जानकारी के बाद पुलिस भी एक्टीव हुई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।
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22 October 2024महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई 5 बार IPL चैंपियन बनी है. चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ कासी विश्वनाथन ने बताया कि टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अब तक कन्फर्म नहीं किया है कि वे अगले सीजन में खेलेंगे या नहीं. लेकिन फ्रेंचाइजी को उम्मीद है कि धोनी उपलब्ध होंगे और बतौर अनकैप्ड प्लेयर उनको रिटेन किया जा सकेगा. IPL के नए नियम के मुताबिक 43 वर्षीय एम एस धोनी को चेन्नई अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर खरीद सकती है. हालांकि अभी इसको लेकर टीम की तरफ से कोई अपडेट नहीं आया है. धोनी ने साल 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था. आईपीएल का मेगा ऑक्शन नवंबर के आखिरी में हो सकता है. CSK मैनेजमेंट चाहता है कि धोनी अगले सीजन भी इस लीग में खेलें और टीम उन्हें रिटेन करने के लिए तैयार है, लेकिन इस पर आखिरी फैसला धोनी को ही करना है. धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 2023 का खिताब जीता था. इसके बाद अगले सीजन के लिए कप्तानी ऋतुराज गायकवाड को सौंप दी थी. बीते सीजन में चेन्नई की टीम प्लेऑफ के लिए क्वालिफाइ नहीं कर पाई और चेन्नई को अपने आखिरी लीग मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से हाथों हार मिली थी.
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22 October 2024भारत और न्यूजीलैंड के बीच पुणे में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट की पिच स्लो टर्नर हो सकती है. यहाँ की काली मिटटीकमाल कमाल दिखाएगी. इस कारण सेबेंगलुरु की तुलना में पुणे में कम बाउंस देखने को मिलेगा. बेंगलुरु में पहले टेस्ट मैच में मिली हार की वजह से रोहित शर्मा की कप्तानीवाली भारतीय टीम पर सीरीज़ जीतने और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के लिएअपनी दावेदारी को मजबूत बनाए रखने का दबाव है. इसके लिए भारत का न्यूजीलैंड के खिलाफअगले दोनों टेस्ट मैच जीतना जरूरी है . पुणे में भारतीय टीमतीन स्पिनर्स के साथ उतर सकती है . ऐसे में एक बार फिरसे रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव की तिकड़ी एक साथ खेल सकती है .बेंगलुरु के लिए भी टीम ने कुछ इसी प्रकार की स्ट्रैटिजी तैयार की थी लेकिनबादल छाए रहने और बीच बीच में बारिश होने के चलते एम चिन्नास्वामी स्टेडियमकी पिच पहले दो दिनों में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हो गई थी . इसी वजह से भारत पहली पारी में46 रन पर ऑलआउट हो गया था .
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22 October 2024पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली की जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कैमरन ने कहा- मैं विराट कोहली का फैन हूं. उनकी लीडरशिप क्वालिटी शानदार है .कैमरन से उनके फेवरेट क्रिकेटर को लेकर सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा- जब मैं बड़ा हो रहा था तो मुझे भारत के बिशन सिंह बेदी काफी पंसद थे. इसके बाद मुझे राहुल द्रविड़ की भी बल्लेबाजी काफी पसंद थी. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार शतक जमाया था . मुझे यह काफी अच्छे से याद है. कैमरन ने विराट कोहली को शानदार खिलाड़ी बताया. उन्होंने कोहली को लेकर कहा कि- आप देख सकते हैं इस समय बेन स्टोक्स जिस तरह से हमारी इंग्लैंड टीम की कप्तानी करते हैं, उसी तरह से कोहली की भी कप्तानी रही थी. इन दोनों ने मैदान पर शानदार लीडरशिप दिखाई है. विराट कोहली इस समय भारत और न्यूजीलैंड के साथ हो रही सीरीज में भाग ले रहे हैं. जबकि बेन स्टोक्स पकिस्तान के साथ हो रही सीरीज में इंग्लैंड की कप्तानी कर रहे हैं. कैमरन ने भारतीय मूल के ब्रिटिश खिलाड़ियों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा- हाल के समय में हमने भारतीय मूल के बेहतरीन ब्रिटिश खिलाड़ियों का टैलेंट देखा है.
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22 October 2024देश के साथ सिंगरौली में भी करवा चौथ का पर्व हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया. करवा चौथ के कार्यक्रम में कही प्रशासन की तारीफ़ की गई तो कहीं पति को पत्नी ने हेलमेट उपहार में दिया. सिंगरौली के वार्ड नंबर 40 प्रयाग पथ गली में करवा चौथ को बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया लोगों ने इस आयोजन की तारीफ करते हुए जिला प्रशासन के कामों की तारीफ़ की यहाँ एक पत्नी ने अच्छा मैसेज देते हुए अपने पति को करवा चौथ के उपहार के रूप में हेल्मेट दिया.
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21 October 2024इंदौर में इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस का ट्रायल रन प्रारंभ किया गया एमपी के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीयएवं महापौर तथा ए आई सी टी एस एल बोर्ड के अध्यक्ष पुष्यमित्र भार्गव ने "इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस" का ट्रायल रन प्रारंभ किया. अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड परिसर में डबल डेकर बस का ट्रायल रन शुरू हो गया है यह बस आगामी एक माह तक फिजीबिलिटी टेस्ट हेतु ट्रायल रन पर शहर के विभिन्न मार्गों पर संचालित की जाएगी मुंबई से स्विच मोबिलिटी के माध्यम से इंदौर पहुंची इस बस में 63 यात्री सीटों है इसमें नीचे 29 सीटें एवं ऊपर 36 सीटें हैं एक बार में फुल चार्ज होने पर यह बस लगभग 160 किमी. चलती है शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित सभी अतिथियों ने इस बस में ए आई सी टी एस एल कार्यालय से शिवाजी वाटिका होते हुए एग्रीकल्चर कॉलेज से पिपलिहाना चौराहा होते हुए पुनः शिवाजी वाटिका से गीता भवन होते हुए ए आई सी टी एस एल तक सफर किया.
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21 October 2024पहाड़ों को बांद्रा से जोड़ने के लिए लालकुआँ-बांद्रा साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन शुरू की गई है. इस ट्रेन को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. भारतीय रेलवे लंबी दूरी की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये नई ट्रेनें संचालित कर रहा है. इसी क्रम में कुमाऊँ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लालकुआँ से बांद्रा टर्मिनल तक साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया इस दौरान पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं नैनीताल लोकसभा सांसद अजय भट्ट और लालकुआं विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, रेलवे इज्जतनगर मंडल की डीआरएम रेखा यादव सहित कई गणमान्य लोग लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे.
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21 October 2024पहाड़ों को बांद्रा से जोड़ने के लिए लालकुआँ-बांद्रा साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन शुरू की गई है. इस ट्रेन को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. भारतीय रेलवे लंबी दूरी की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये नई ट्रेनें संचालित कर रहा है. इसी क्रम में कुमाऊँ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लालकुआँ से बांद्रा टर्मिनल तक साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया इस दौरान पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं नैनीताल लोकसभा सांसद अजय भट्ट और लालकुआं विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, रेलवे इज्जतनगर मंडल की डीआरएम रेखा यादव सहित कई गणमान्य लोग लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे.
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21 October 2024आजकल तेलंगाना और पूरे देश में “रजाकार” फिल्म चर्चा में हैI यह फिल्म हैदाराबाद रियासत (प्राचीन भाग्यनगर और विजयनगर का क्षेत्र) के निजाम द्वारा हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार, हिंसा और बलात्कार की सच्ची घटना पर आधारित हैI दरअसल 1947 से पूर्व भारतवर्ष में 500 से अधिक रियासतें थी जिनमें 400 से अधिक गैर राजपूत, गैर ब्राह्मण रियासतें थीI भारत में हैदराबाद रियासत को छोड़कर बाकी सभी रियासतें भारत में विलय कर चुकी थीI हैदराबाद के निजाम ने 15 अगस्त 1947 को हैदराबाद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था और वह पाकिस्तान में विलय को तो तैयार था परन्तु भारत में नहीं। हैदराबाद रियासत पर जब मुगल आक्रमणकारियों का प्रतिनिधि निजाम उल मुल्क आसफ जाह का शासन था तब वह भारत में अंग्रेजों के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए उनसे मैत्री कर लीI सन् 1778 से अंग्रेजों ने अपना निरीक्षक रेजिडेंट हैदराबाद राज्य में रखना शुरू कर दियाI अक्तूबर 1800 में ब्रिटिश सरकार और हैदराबाद निजाम के बीच एक संधि हुई, जिसके परिणामस्वरूप हैदराबाद को ‘संरक्षित राज्य’ घोषित किया गयाI सन् 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने में निजाम ने अंग्रेजों का साथ दिया थाI हैदराबाद के निजाम का मजहबी कुशासन मजहबी मामलों के लिए राज्य में ‘उमुरे मजहबी’ विभाग था. मस्जिदों, मंदिरों, गिरिजाघरों पर निगरानी रखना और मजहबी शिक्षा संस्थाओं को चलाना और प्रमुख मजहबी उत्सवों के समारोहों में सुगमता लाना’ इस विभाग का घोषित उद्देश्य था, जिस पर सन् 1936 तथा 1937 में क्रमशः 6 लाख और 34 लाख व्यय किये गए. हिन्दुओं के धर्मांतरण के लिए प्रति वर्ष रू. 34 लाख राज्य द्वारा व्यय किये जाते थेI हिन्दुओं के सामाजिक एवं धार्मिक समारोहों में अड़चनें पैदा करना आम बात थीI हिन्दुओं की धार्मिक मान्यताओं को ताक पर रखकर मस्जिद, गिरिजाघर बनाने के लिए सामान्यत: अनुमति दी जाती थी, पर मंदिरों की मरम्मत के लिए भी अनुमति दुष्कर थी; नए मंदिरों के निर्माण की बात ही छोड़ दीजिएI हिन्दुओं द्वारा वाद्य यंत्र वादन के समय मस्जिदों के चारों ओर कम से कम 300 फीट की दूरी रखना अनिवार्य थाI शियापंथी निजाम की दृष्टि में मुहर्रम का विशेष महत्व थाI मुहर्रम और कोई हिन्दू त्यौहार एक साथ यदि आ जाते तो हिन्दू त्योहारों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाते थेI 23 जनवरी, 1934 के सरकारी आदेशानुसार आर्य समाज पर मंदिर के बाहर हवन, सत्संग या प्रवचन करने पर पाबंदी लगाई गईI 12 अप्रैल, 1934 को आर्य समाज पर मंदिर परिसर में भी प्रवचन आदि पर प्रतिबंध लगाया गयाI सन् 1935 में जारी की गई गश्ती क्र. 52 एवं 53 अध्यादेश के अनुसार सभी हिन्दू मंदिरों में घंटानाद, ध्वज फहराना, प्रवचन इत्यादि निषिद्ध घोषित कर दिए गएI पुलिस विभाग में लगभग सभी मुस्लिम थेI पहले से जो थोड़े बहुत हिन्दू थे, उनके स्थान पर नई भर्ती सिर्फ मुस्लिमों की होती थीI राज्य की सेना में हिन्दुओं के लिए कोई स्थान नहीं थाI उसमें अरबी और राज्य के बाहर से मुस्लिमों की भर्ती प्रमुखता से से होती थीI मराठी, तेलुगु भाषाओं को पूर्णतः तिरस्कृत कर उनके स्थान पर उर्दू को थोपने का संकल्प सा थाI डेढ़ करोड़ की जनसंख्या में मुठ्ठी भर लोगों की मातृभाषा उर्दू; इसके विपरीत शेष लोगों की मातृभाषा कन्नड़, मराठी और तेलुगु थी, फिर भी राज्य में प्राथमिक से विश्वविद्यालयीन शिक्षा तक शिक्षा अरबी और फ़ारसी मिश्रण से बनी हैदराबादी उर्दू में दी जाती थीI निजाम सरकार की नीति से राज्य के किसान त्रस्त थेI रास्ते बनाते समय सरकार द्वारा किसानों से ली गई जमीन के बदले मुआवजा देने का कोई नियम नहीं थाI इसके बावजूद रास्ते हेतु ले ली गयी जमीन का भी किसान को कर चुकाना पड़ता थाI इसी प्रकार गांव में जानवरों के पोषण हेतु आरक्षित ‘चारागाह’ भी निजाम सरकार द्वारा फसल उगाने के लिए दे दिए गए थे, जिससे जानवरों का पालन किसानों के लिए महंगा हो गया थाI हैदराबाद के निजाम का अपने ही प्रजा हिन्दुओं के विरुद्ध जिहाद हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान आसफ जाह भारत के भीतर स्वतंत्र राज्य की मांग पर अड़ा था और जो भी हिन्दू भारत के पक्ष में बात करता उसकी हत्या कर दी जाती थीI अगर राष्ट्रवादी नाबालिग हिन्दू होता था तो परिणाम पूरे परिवार को भुगतना पड़ता थाI जम्मू-कश्मीर के राजा हरिसिंह को सत्ता से बाहर करने के लिए जोर लगा रहे नेहरु-गाँधी और कांग्रेस (सरदार पटेल को छोड़कर) हैदराबाद में हो रहे हिन्दुओं के नरसंहार पर आँख-कान मूंदे बैठे थेI हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आर्य समाज, वीर सावरकर के नेतृत्व में हिन्दू महासभा और राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ ने आन्दोलन प्रारम्भ कियाI हैदराबाद राज्य के 88% हिंदुओं पर निजाम और उनकी खाकसार पार्टी का दमन 1920 से प्रारम्भ हो चुका थाI बाद में उस दमन चक्र में निजाम की रजाकार सेना, इत्तेहादुल मुस्लिमीन (अब ओवैशी का AIMIM), रोहिले, पठान और अरब के लोग शामिल थेI सन् 1938 में स्थिति और भी भयावह हो गई। हिंदुओं के लिए शिकायतें दर्ज कराने के मार्ग भी बंद कर दिए गए। अन्यायी निजाम राजशाही के विरुद्ध नि:शस्त्र प्रतिरोध करने के अतिरिक्त हिंदुओं के समक्ष कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। परिस्थितियों ने उस समय विकराल रूप धारण कर लिया, जब 6 अप्रैल, 1938 को हैदराबाद में हिंदुओं को लक्ष्य बनाते हुए मुस्लिमों ने बड़ा दंगा किया। परन्तु उस दर्दनाक घटना पर भी निजाम और उसकी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। निजाम सरकार ने उलटे 24 हिंदुओं पर हत्या का आरोप मढ़ते हुए अभियोग चलाया। हिंदू आरोपियों पर अभियोग चलाने के लिए हिंदुओं ने वीर नरीमन एवं अधिवक्ता भूलाबाई देसाई को बुलाया। उनमें से वीर नरीमन को निजाम ने अपने राज्य में प्रवेश ही नहीं करने दिया और दूसरे भूलाबाई आ तो गए, पर उनके लिए ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गई कि उन्हें अपना बोरिया बिस्तर समेटकर स्वयं वापस जाना पड़ा। बाहर के पंद्रह समाचार पत्रों के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंधित लगाने संबंधी आदेश 22 अगस्त, 1938 को जारी किए गए। सितंबर 1938 में और भी पांच-छह समाचार पत्र प्रतिबंधित किए गए। दूसरे राज्यों के जो निवासी निजाम को पसंद नहीं थे उन्हें बंदी बनाकर सीमापार करना और साथ ही उन्हें आश्रय देनेवालों को अपराधी मानकर सजा सुनाना जैसे अधिकार पुलिस कमिश्नर एवं तहसीलदार को दे दिए गए। इसी प्रकार हैदराबाद राज्य की जो संस्थाएं सरकार के विरुद्ध क्रिया कलाप करेंगी, उन्हें अवैध घोषित कर उनके सभासदों पर अभियोग चलाना और उनकी संपत्ति को जब्त करने जैसे आदेश भी जारी किए गए। अपराधी यदि अल्पवयस्क, अर्थात् सोलह वर्ष से कम आयु का, है तो उसके द्वारा घटित अपराध के लिए उसके अभिभावकों को भी बंदी बनाने जैसे अत्याचार इन आदेशों में शामिल किए गए (केसरी, 9 सितंबर, 1938)। राजनीतिक चेतना जागरण के प्रयास हैदराबाद राज्य में हिंदुओं के लिए उस समय दो संस्थाएं काम कर रहीं थीं। पहली थी आर्य समाज और दूसरी थी ‘हैदराबाद हिंदू सब्जेक्ट्स लीग’। भाई श्यामलाल, भाई बंशीलाल, पं. नरेंद्र, पं दत्तात्रय प्रसाद, केशवराव कोरटकर, श्री चंदूलाल, बैरिस्टर विनायकराव विद्यालंकार, वेदमूर्ति पं. श्रीपाद दामोदर सातवलेकर आदि आर्य समाज के नेताओं ने उस कठिन कालखंड में भी समाज सुधार के लिए काम और साथ ही शुद्धि और हिंदुत्व की रक्षा के लिए भी कार्य किया। (चंद्रशेखर लोखंडे, हैदराबाद मुक्ति संग्राम का इतिहास, श्री घूड़मल प्रह्लाद कुमार आर्य धर्मार्थ ट्रस्ट, हिंडोन, राजस्थान, 2004, पृ.35,49,55)। अन्य राज्यों में चलने वाले आंदोलनों के समाचार पढ़कर निजामशाही के नेताओं ने ‘स्टेट कांग्रेस’ नाम से एक संस्था के गठन पर विचार किया। स्टेट कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि ‘सत्य और अहिंसा हमारा मूल आधार है और हम जातिवाद विरोधी हैं’। वे यह बात भी उच्च स्वर में कहते थे कि ‘हम राष्ट्रवादी हैं पर जातिवादी नहीं और हिंदू महासभा से हमारा संबंध नहीं है’। फिर भी निजाम, उसके मातहत और हैदराबाद के मुसलमानों पर इनका रत्तीभर असर नहीं हुआ। (स्वामी रामानंद तीर्थ, मेमॉयर्स ऑफ हैदराबाद फ्रीडम स्ट्रगल, पॉपुलर प्रकाशन, मुंबई,1961, पृ.86- 95; केसरी, 13 सितंबर 1938) नि:शस्त्र प्रतिरोध की पदचाप आर्य समाज डिफेंस कमेटी के सचिव एस. चंद्रा और आर्य समाज के अध्यक्ष घनश्याम दास गुप्ता ने हैदराबाद राज्य का दौरा कर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वातंत्र्यवीर सावरकर से नासिक में भेंट कर उन्हें वहां की परिस्थिति से अवगत कराया (केसरी, 9 अगस्त, 1938)। 23 सितंबर, 1938 को पूर्व क्रांतिकारी सेनापति पांडुरंग महादेव बापट पुणे से हैदराबाद में शांतिपूर्ण विरोध के लिए निकल पड़े। बापट ने निजाम राज्य के प्रतिबंधों और वहां पर भाषण करने पर लगे प्रतिबंधों की चिंता नहीं की। लेकिन हैदराबाद पहुंचते ही निजाम पुलिस ने उन्हें बंदी बनाकर वापस पुणे भेज दिया। वापस आकर उन्होंने कहा कि ब्रिटिश भारत में प्रचार कर वे 1 नवंबर को पुनः नि:शस्त्र प्रतिरोध हेतु जाएंगे (केसरी, 27 सितंबर,1938)। दिनांक 11 अक्टूबर, 1938 को वीर सावरकर और सेनापति बापट के बीच हैदराबाद में प्रस्तावित आंदोलन को लेकर पुणे में लगभग एक घंटे तक विचार-विनिमय हुआ। इसके बाद उसी दिन शनिवार को हुई विशाल सभा में सावरकर ने आंदोलन की सैद्धांतिक भूमिका स्पष्ट की। संघ स्वयंसेवकों की सत्याग्रह में सहभागिता इसी सभा में लोकमान्य तिलक के पोते और ‘मराठा’ के संपादक गजानन विश्वनाथ केतकर की अध्यक्षता में ‘हिंदुत्वनिष्ठ नागरिक सत्याग्रह सहायक मंडल’ का गठन किया (केसरी,14 अक्टूबर 1938)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने भी इसी मंडल के माध्यम से सत्याग्रह किया। दंगों में मारे गए मृतकों के अनाथ परिवारों को सहायता देने और अभियुक्तों को प्रतिबंधात्मक व्यय के लिए ‘भागानगर हिंदू सहायता निधि’ प्रारंभ की गई। नि:शस्त्र प्रतिरोध संघर्ष हेतु ‘भागानगर हिंदू सत्याग्रह निधि’ नाम से अलग निधि शुरू करने का निवेदन सावरकर ने घोषित किया (केसरी,8 नवंबर 1938)। नि:शस्त्र प्रतिरोध आंदोलन आरंभ हो चुका था। प्रतिबंधित हैदराबाद स्टेट कांग्रेस ने इस घटना के पश्चात 24 अक्टूबर, 1938 को और आर्य समाज ने 27 अक्टूबर, 1938 को संघर्ष शुरू किया। 25 दिसंबर, 1938 को लोकनायक बापूजी अणे की अध्यक्षता में भाई परमानंद, स्वातंत्र्यवीर सावरकर जैसे प्रबुद्ध नेताओं की उपस्थिति में अखिल भारतीय आर्य परिषद का खुला अधिवेशन सोलापुर में हुआ, जिसमें निजाम विरोधी संघर्ष में शामिल लोगों की संख्या 22,000 बताई गई (केसरी, 30 दिसंबर 1938)। इसके बाद 28 दिसंबर, 1938 को स्वातंत्र्यवीर सावरकर की अध्यक्षता में नागपुर में अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अधिवेशन हुआ, जिसमें निजाम विरोधी संघर्ष जारी रखने संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ। सावरकर के आशीर्वाद से हिंदू सत्याग्रह मंडल की प्रथम टुकड़ी 7 नवंबर, 1938 को पुणे से निकली। हैदराबाद राज्य में नागरिक स्वतंत्रता का संघर्ष सितंबर 1938 में आरंभ होकर अगस्त 1939 तक चला, जिसमें हिंदू महासभा,आर्य समाज और स्टेट कांग्रेस ने भाग लिया। आर्य समाज का संघर्ष धार्मिक स्वतंत्रता तक सीमित था। हिंदू महासभा ने विषय को व्यापक और विस्तारित करते हुए अन्य नागरिक स्वतंत्रता के मुद्दे भी उसमें समाविष्ट किए, जबकि स्टेट कांग्रेस का जोर उत्तरदायी शासन प्रणाली पर था। हैदराबाद को अत्याचारी मुस्लिम शासन से मुक्ति केलिए ऑपरेशन पोलो मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना के प्रभाव में हैदराबाद के निजाम नवाब बहादुर जंग ने लोकतंत्र को नहीं माना थाI नवाब ने काज़मी रज्मी को जो की एमआईएम ( मजलिसे एत्तहुद मुस्लिमीन) का प्रमुख लीडर था के नेतृत्व में राजकार सेना बनाई थी जो करीब दो लाख के तादात में थी। मुस्लिम आबादी बढ़ाने के लिए उसने हैदराबाद में लूटपाट मचा दी थीI जबरन इस्लाम में धर्मपरिवर्तन, हिन्दू औरतो के रेप और सामूहिक हत्याकांड करने शुरू कर दिए थे। हैदराबाद के निजाम को पाकिस्तान से म्यांमार के रास्ते लगातार हथियार और पैसे की मदद मिल रही थी। ऑस्ट्रेलिया की कंपनी भी उन्हें हथियार सप्लाई कर रही थीI तब पटेल ने तय किया की इस तरह तो हैदराबाद भारत के दिल में नासूर बन जायेगाI तब पटेल ने तत्कालीन गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन से संपर्क किया। माउंटबेटन चाहते थे कि भारत सेना का इस्तेमाल किए बिना स्थिति को संभाले। जवाहरलाल नेहरू भी इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते थे। पटेल की सोच अलग थी। वह हैदराबाद के निजाम की हिमाकत को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे। दिल्ली में पटेल अलग-अलग विकल्पों पर मंथन कर रहे थे, इधर निजाम हथियार जुटाने लगा, पाकिस्तान के साथ भी नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी थी। पटेल को लग गया कि अब सर्जरी जरूरी है। भारत के साथ हैदराबाद के शांतिपूर्ण ढंग से शामिल होने को लेकर बातें टूट चुकी थीं। सैन्य कार्रवाई को मंजूरी मिलते ही 13 सितंबर 1948 को भारत की फौज ने हैदराबाद पर हमला बोल दिया। हैदराबाद का विलय करने में भारतीय सेना के सामने ‘रजाकारों’ की चुनौती थी। यह एक निजी सेना थी। इसने तत्कालीन निजाम शासन का बचाव किया था। देश को आजादी मिलने पर रजाकारों ने भी भारत में हैदराबाद के विलय का विरोध किया था। हैदराबाद भारत का हिस्सा न बने इसके लिए निजाम बाहरी समर्थन भी बंटोर रहे थे। मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें भरोसा दिया था कि इसमें उन्हें पाकिस्तान का पूरा साथ मिलेगा। एक और बात यह थी कि निजाम की शादी तुर्की के आखिरी खलीफा की बेटी से हुई थी। वो दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में शुमार थे। पटेल ने गुप्त तरीके से योजना को अंजाम दिया। सेना के हैदराबाद में प्रवेश के बाद नेहरू और राजगोपालाचारी को इस जानकारी मिली। वे इसे लेकर बेहद चिंतित थे। नेहरू की चिंता यह थी कि कहीं पाकिस्तान इसे लेकर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर दे। पटेल ने घोषणा की कि भारतीय सेना हैदराबाद में घुस चुकी हैI इसे रोकने के लिए अब कुछ नहीं किया जा सकता हैI हैदराबाद में भारतीय सेना की कार्रवाई में सबसे ज्यादा हैदराबाद के रजाकार मारे गए, जो वहां पुलिस का एक अंग थेI कहा जाता है कि ऑपरेशन के दौरान (और बाद में भी) हर जगह सेना ने रजाकार सेना को शिनाख्त कर के मौत के घाट उतार दिया। संयुक्त राष्ट्र में मामले पर विचार के लिए 17 सितंबर 1948 की तारीख तय की गई थीI इससे एक दिन पहले ही हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान ने आत्मसमर्पण कर दियाI पाकिस्तान और उसके समर्थकों का चेहरा फीका पड़ गयाI इस तरह से तत्कालीन हैदराबाद का 17 सितंबर, 1948 को भारत में विलय किया गया। अभियान के दौरान व्यापक तौर पर हिंसा हुई थीI अभियान समाप्ति के बाद नेहरू ने इसपे जाँच के लिए एक कमिटी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट साल 2014 में सार्वजनिक हुई। अर्थात रिपोर्ट को जारी ही नहीं किया गया थाI रिपोर्ट बनाने के लिए सुन्दरलाल कमिटी बनी थीI रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद मुक्ति संग्राम में 27 से 40 हजार जाने गई थी हालाँकि जानकार ये आंकड़ा दो लाख से भी ज्यादा बताते हैं।
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20 October 2024आजकल तेलंगाना और पूरे देश में “रजाकार” फिल्म चर्चा में हैI यह फिल्म हैदाराबाद रियासत (प्राचीन भाग्यनगर और विजयनगर का क्षेत्र) के निजाम द्वारा हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार, हिंसा और बलात्कार की सच्ची घटना पर आधारित हैI दरअसल 1947 से पूर्व भारतवर्ष में 500 से अधिक रियासतें थी जिनमें 400 से अधिक गैर राजपूत, गैर ब्राह्मण रियासतें थीI भारत में हैदराबाद रियासत को छोड़कर बाकी सभी रियासतें भारत में विलय कर चुकी थीI हैदराबाद के निजाम ने 15 अगस्त 1947 को हैदराबाद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था और वह पाकिस्तान में विलय को तो तैयार था परन्तु भारत में नहीं। हैदराबाद रियासत पर जब मुगल आक्रमणकारियों का प्रतिनिधि निजाम उल मुल्क आसफ जाह का शासन था तब वह भारत में अंग्रेजों के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए उनसे मैत्री कर लीI सन् 1778 से अंग्रेजों ने अपना निरीक्षक रेजिडेंट हैदराबाद राज्य में रखना शुरू कर दियाI अक्तूबर 1800 में ब्रिटिश सरकार और हैदराबाद निजाम के बीच एक संधि हुई, जिसके परिणामस्वरूप हैदराबाद को ‘संरक्षित राज्य’ घोषित किया गयाI सन् 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने में निजाम ने अंग्रेजों का साथ दिया थाI हैदराबाद के निजाम का मजहबी कुशासन मजहबी मामलों के लिए राज्य में ‘उमुरे मजहबी’ विभाग था. मस्जिदों, मंदिरों, गिरिजाघरों पर निगरानी रखना और मजहबी शिक्षा संस्थाओं को चलाना और प्रमुख मजहबी उत्सवों के समारोहों में सुगमता लाना’ इस विभाग का घोषित उद्देश्य था, जिस पर सन् 1936 तथा 1937 में क्रमशः 6 लाख और 34 लाख व्यय किये गए. हिन्दुओं के धर्मांतरण के लिए प्रति वर्ष रू. 34 लाख राज्य द्वारा व्यय किये जाते थेI हिन्दुओं के सामाजिक एवं धार्मिक समारोहों में अड़चनें पैदा करना आम बात थीI हिन्दुओं की धार्मिक मान्यताओं को ताक पर रखकर मस्जिद, गिरिजाघर बनाने के लिए सामान्यत: अनुमति दी जाती थी, पर मंदिरों की मरम्मत के लिए भी अनुमति दुष्कर थी; नए मंदिरों के निर्माण की बात ही छोड़ दीजिएI हिन्दुओं द्वारा वाद्य यंत्र वादन के समय मस्जिदों के चारों ओर कम से कम 300 फीट की दूरी रखना अनिवार्य थाI शियापंथी निजाम की दृष्टि में मुहर्रम का विशेष महत्व थाI मुहर्रम और कोई हिन्दू त्यौहार एक साथ यदि आ जाते तो हिन्दू त्योहारों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाते थेI 23 जनवरी, 1934 के सरकारी आदेशानुसार आर्य समाज पर मंदिर के बाहर हवन, सत्संग या प्रवचन करने पर पाबंदी लगाई गईI 12 अप्रैल, 1934 को आर्य समाज पर मंदिर परिसर में भी प्रवचन आदि पर प्रतिबंध लगाया गयाI सन् 1935 में जारी की गई गश्ती क्र. 52 एवं 53 अध्यादेश के अनुसार सभी हिन्दू मंदिरों में घंटानाद, ध्वज फहराना, प्रवचन इत्यादि निषिद्ध घोषित कर दिए गएI पुलिस विभाग में लगभग सभी मुस्लिम थेI पहले से जो थोड़े बहुत हिन्दू थे, उनके स्थान पर नई भर्ती सिर्फ मुस्लिमों की होती थीI राज्य की सेना में हिन्दुओं के लिए कोई स्थान नहीं थाI उसमें अरबी और राज्य के बाहर से मुस्लिमों की भर्ती प्रमुखता से से होती थीI मराठी, तेलुगु भाषाओं को पूर्णतः तिरस्कृत कर उनके स्थान पर उर्दू को थोपने का संकल्प सा थाI डेढ़ करोड़ की जनसंख्या में मुठ्ठी भर लोगों की मातृभाषा उर्दू; इसके विपरीत शेष लोगों की मातृभाषा कन्नड़, मराठी और तेलुगु थी, फिर भी राज्य में प्राथमिक से विश्वविद्यालयीन शिक्षा तक शिक्षा अरबी और फ़ारसी मिश्रण से बनी हैदराबादी उर्दू में दी जाती थीI निजाम सरकार की नीति से राज्य के किसान त्रस्त थेI रास्ते बनाते समय सरकार द्वारा किसानों से ली गई जमीन के बदले मुआवजा देने का कोई नियम नहीं थाI इसके बावजूद रास्ते हेतु ले ली गयी जमीन का भी किसान को कर चुकाना पड़ता थाI इसी प्रकार गांव में जानवरों के पोषण हेतु आरक्षित ‘चारागाह’ भी निजाम सरकार द्वारा फसल उगाने के लिए दे दिए गए थे, जिससे जानवरों का पालन किसानों के लिए महंगा हो गया थाI हैदराबाद के निजाम का अपने ही प्रजा हिन्दुओं के विरुद्ध जिहाद हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान आसफ जाह भारत के भीतर स्वतंत्र राज्य की मांग पर अड़ा था और जो भी हिन्दू भारत के पक्ष में बात करता उसकी हत्या कर दी जाती थीI अगर राष्ट्रवादी नाबालिग हिन्दू होता था तो परिणाम पूरे परिवार को भुगतना पड़ता थाI जम्मू-कश्मीर के राजा हरिसिंह को सत्ता से बाहर करने के लिए जोर लगा रहे नेहरु-गाँधी और कांग्रेस (सरदार पटेल को छोड़कर) हैदराबाद में हो रहे हिन्दुओं के नरसंहार पर आँख-कान मूंदे बैठे थेI हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आर्य समाज, वीर सावरकर के नेतृत्व में हिन्दू महासभा और राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ ने आन्दोलन प्रारम्भ कियाI हैदराबाद राज्य के 88% हिंदुओं पर निजाम और उनकी खाकसार पार्टी का दमन 1920 से प्रारम्भ हो चुका थाI बाद में उस दमन चक्र में निजाम की रजाकार सेना, इत्तेहादुल मुस्लिमीन (अब ओवैशी का AIMIM), रोहिले, पठान और अरब के लोग शामिल थेI सन् 1938 में स्थिति और भी भयावह हो गई। हिंदुओं के लिए शिकायतें दर्ज कराने के मार्ग भी बंद कर दिए गए। अन्यायी निजाम राजशाही के विरुद्ध नि:शस्त्र प्रतिरोध करने के अतिरिक्त हिंदुओं के समक्ष कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। परिस्थितियों ने उस समय विकराल रूप धारण कर लिया, जब 6 अप्रैल, 1938 को हैदराबाद में हिंदुओं को लक्ष्य बनाते हुए मुस्लिमों ने बड़ा दंगा किया। परन्तु उस दर्दनाक घटना पर भी निजाम और उसकी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। निजाम सरकार ने उलटे 24 हिंदुओं पर हत्या का आरोप मढ़ते हुए अभियोग चलाया। हिंदू आरोपियों पर अभियोग चलाने के लिए हिंदुओं ने वीर नरीमन एवं अधिवक्ता भूलाबाई देसाई को बुलाया। उनमें से वीर नरीमन को निजाम ने अपने राज्य में प्रवेश ही नहीं करने दिया और दूसरे भूलाबाई आ तो गए, पर उनके लिए ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गई कि उन्हें अपना बोरिया बिस्तर समेटकर स्वयं वापस जाना पड़ा। बाहर के पंद्रह समाचार पत्रों के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंधित लगाने संबंधी आदेश 22 अगस्त, 1938 को जारी किए गए। सितंबर 1938 में और भी पांच-छह समाचार पत्र प्रतिबंधित किए गए। दूसरे राज्यों के जो निवासी निजाम को पसंद नहीं थे उन्हें बंदी बनाकर सीमापार करना और साथ ही उन्हें आश्रय देनेवालों को अपराधी मानकर सजा सुनाना जैसे अधिकार पुलिस कमिश्नर एवं तहसीलदार को दे दिए गए। इसी प्रकार हैदराबाद राज्य की जो संस्थाएं सरकार के विरुद्ध क्रिया कलाप करेंगी, उन्हें अवैध घोषित कर उनके सभासदों पर अभियोग चलाना और उनकी संपत्ति को जब्त करने जैसे आदेश भी जारी किए गए। अपराधी यदि अल्पवयस्क, अर्थात् सोलह वर्ष से कम आयु का, है तो उसके द्वारा घटित अपराध के लिए उसके अभिभावकों को भी बंदी बनाने जैसे अत्याचार इन आदेशों में शामिल किए गए (केसरी, 9 सितंबर, 1938)। राजनीतिक चेतना जागरण के प्रयास हैदराबाद राज्य में हिंदुओं के लिए उस समय दो संस्थाएं काम कर रहीं थीं। पहली थी आर्य समाज और दूसरी थी ‘हैदराबाद हिंदू सब्जेक्ट्स लीग’। भाई श्यामलाल, भाई बंशीलाल, पं. नरेंद्र, पं दत्तात्रय प्रसाद, केशवराव कोरटकर, श्री चंदूलाल, बैरिस्टर विनायकराव विद्यालंकार, वेदमूर्ति पं. श्रीपाद दामोदर सातवलेकर आदि आर्य समाज के नेताओं ने उस कठिन कालखंड में भी समाज सुधार के लिए काम और साथ ही शुद्धि और हिंदुत्व की रक्षा के लिए भी कार्य किया। (चंद्रशेखर लोखंडे, हैदराबाद मुक्ति संग्राम का इतिहास, श्री घूड़मल प्रह्लाद कुमार आर्य धर्मार्थ ट्रस्ट, हिंडोन, राजस्थान, 2004, पृ.35,49,55)। अन्य राज्यों में चलने वाले आंदोलनों के समाचार पढ़कर निजामशाही के नेताओं ने ‘स्टेट कांग्रेस’ नाम से एक संस्था के गठन पर विचार किया। स्टेट कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि ‘सत्य और अहिंसा हमारा मूल आधार है और हम जातिवाद विरोधी हैं’। वे यह बात भी उच्च स्वर में कहते थे कि ‘हम राष्ट्रवादी हैं पर जातिवादी नहीं और हिंदू महासभा से हमारा संबंध नहीं है’। फिर भी निजाम, उसके मातहत और हैदराबाद के मुसलमानों पर इनका रत्तीभर असर नहीं हुआ। (स्वामी रामानंद तीर्थ, मेमॉयर्स ऑफ हैदराबाद फ्रीडम स्ट्रगल, पॉपुलर प्रकाशन, मुंबई,1961, पृ.86- 95; केसरी, 13 सितंबर 1938) नि:शस्त्र प्रतिरोध की पदचाप आर्य समाज डिफेंस कमेटी के सचिव एस. चंद्रा और आर्य समाज के अध्यक्ष घनश्याम दास गुप्ता ने हैदराबाद राज्य का दौरा कर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वातंत्र्यवीर सावरकर से नासिक में भेंट कर उन्हें वहां की परिस्थिति से अवगत कराया (केसरी, 9 अगस्त, 1938)। 23 सितंबर, 1938 को पूर्व क्रांतिकारी सेनापति पांडुरंग महादेव बापट पुणे से हैदराबाद में शांतिपूर्ण विरोध के लिए निकल पड़े। बापट ने निजाम राज्य के प्रतिबंधों और वहां पर भाषण करने पर लगे प्रतिबंधों की चिंता नहीं की। लेकिन हैदराबाद पहुंचते ही निजाम पुलिस ने उन्हें बंदी बनाकर वापस पुणे भेज दिया। वापस आकर उन्होंने कहा कि ब्रिटिश भारत में प्रचार कर वे 1 नवंबर को पुनः नि:शस्त्र प्रतिरोध हेतु जाएंगे (केसरी, 27 सितंबर,1938)। दिनांक 11 अक्टूबर, 1938 को वीर सावरकर और सेनापति बापट के बीच हैदराबाद में प्रस्तावित आंदोलन को लेकर पुणे में लगभग एक घंटे तक विचार-विनिमय हुआ। इसके बाद उसी दिन शनिवार को हुई विशाल सभा में सावरकर ने आंदोलन की सैद्धांतिक भूमिका स्पष्ट की। संघ स्वयंसेवकों की सत्याग्रह में सहभागिता इसी सभा में लोकमान्य तिलक के पोते और ‘मराठा’ के संपादक गजानन विश्वनाथ केतकर की अध्यक्षता में ‘हिंदुत्वनिष्ठ नागरिक सत्याग्रह सहायक मंडल’ का गठन किया (केसरी,14 अक्टूबर 1938)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने भी इसी मंडल के माध्यम से सत्याग्रह किया। दंगों में मारे गए मृतकों के अनाथ परिवारों को सहायता देने और अभियुक्तों को प्रतिबंधात्मक व्यय के लिए ‘भागानगर हिंदू सहायता निधि’ प्रारंभ की गई। नि:शस्त्र प्रतिरोध संघर्ष हेतु ‘भागानगर हिंदू सत्याग्रह निधि’ नाम से अलग निधि शुरू करने का निवेदन सावरकर ने घोषित किया (केसरी,8 नवंबर 1938)। नि:शस्त्र प्रतिरोध आंदोलन आरंभ हो चुका था। प्रतिबंधित हैदराबाद स्टेट कांग्रेस ने इस घटना के पश्चात 24 अक्टूबर, 1938 को और आर्य समाज ने 27 अक्टूबर, 1938 को संघर्ष शुरू किया। 25 दिसंबर, 1938 को लोकनायक बापूजी अणे की अध्यक्षता में भाई परमानंद, स्वातंत्र्यवीर सावरकर जैसे प्रबुद्ध नेताओं की उपस्थिति में अखिल भारतीय आर्य परिषद का खुला अधिवेशन सोलापुर में हुआ, जिसमें निजाम विरोधी संघर्ष में शामिल लोगों की संख्या 22,000 बताई गई (केसरी, 30 दिसंबर 1938)। इसके बाद 28 दिसंबर, 1938 को स्वातंत्र्यवीर सावरकर की अध्यक्षता में नागपुर में अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अधिवेशन हुआ, जिसमें निजाम विरोधी संघर्ष जारी रखने संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ। सावरकर के आशीर्वाद से हिंदू सत्याग्रह मंडल की प्रथम टुकड़ी 7 नवंबर, 1938 को पुणे से निकली। हैदराबाद राज्य में नागरिक स्वतंत्रता का संघर्ष सितंबर 1938 में आरंभ होकर अगस्त 1939 तक चला, जिसमें हिंदू महासभा,आर्य समाज और स्टेट कांग्रेस ने भाग लिया। आर्य समाज का संघर्ष धार्मिक स्वतंत्रता तक सीमित था। हिंदू महासभा ने विषय को व्यापक और विस्तारित करते हुए अन्य नागरिक स्वतंत्रता के मुद्दे भी उसमें समाविष्ट किए, जबकि स्टेट कांग्रेस का जोर उत्तरदायी शासन प्रणाली पर था। हैदराबाद को अत्याचारी मुस्लिम शासन से मुक्ति केलिए ऑपरेशन पोलो मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना के प्रभाव में हैदराबाद के निजाम नवाब बहादुर जंग ने लोकतंत्र को नहीं माना थाI नवाब ने काज़मी रज्मी को जो की एमआईएम ( मजलिसे एत्तहुद मुस्लिमीन) का प्रमुख लीडर था के नेतृत्व में राजकार सेना बनाई थी जो करीब दो लाख के तादात में थी। मुस्लिम आबादी बढ़ाने के लिए उसने हैदराबाद में लूटपाट मचा दी थीI जबरन इस्लाम में धर्मपरिवर्तन, हिन्दू औरतो के रेप और सामूहिक हत्याकांड करने शुरू कर दिए थे। हैदराबाद के निजाम को पाकिस्तान से म्यांमार के रास्ते लगातार हथियार और पैसे की मदद मिल रही थी। ऑस्ट्रेलिया की कंपनी भी उन्हें हथियार सप्लाई कर रही थीI तब पटेल ने तय किया की इस तरह तो हैदराबाद भारत के दिल में नासूर बन जायेगाI तब पटेल ने तत्कालीन गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन से संपर्क किया। माउंटबेटन चाहते थे कि भारत सेना का इस्तेमाल किए बिना स्थिति को संभाले। जवाहरलाल नेहरू भी इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते थे। पटेल की सोच अलग थी। वह हैदराबाद के निजाम की हिमाकत को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे। दिल्ली में पटेल अलग-अलग विकल्पों पर मंथन कर रहे थे, इधर निजाम हथियार जुटाने लगा, पाकिस्तान के साथ भी नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी थी। पटेल को लग गया कि अब सर्जरी जरूरी है। भारत के साथ हैदराबाद के शांतिपूर्ण ढंग से शामिल होने को लेकर बातें टूट चुकी थीं। सैन्य कार्रवाई को मंजूरी मिलते ही 13 सितंबर 1948 को भारत की फौज ने हैदराबाद पर हमला बोल दिया। हैदराबाद का विलय करने में भारतीय सेना के सामने ‘रजाकारों’ की चुनौती थी। यह एक निजी सेना थी। इसने तत्कालीन निजाम शासन का बचाव किया था। देश को आजादी मिलने पर रजाकारों ने भी भारत में हैदराबाद के विलय का विरोध किया था। हैदराबाद भारत का हिस्सा न बने इसके लिए निजाम बाहरी समर्थन भी बंटोर रहे थे। मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें भरोसा दिया था कि इसमें उन्हें पाकिस्तान का पूरा साथ मिलेगा। एक और बात यह थी कि निजाम की शादी तुर्की के आखिरी खलीफा की बेटी से हुई थी। वो दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में शुमार थे। पटेल ने गुप्त तरीके से योजना को अंजाम दिया। सेना के हैदराबाद में प्रवेश के बाद नेहरू और राजगोपालाचारी को इस जानकारी मिली। वे इसे लेकर बेहद चिंतित थे। नेहरू की चिंता यह थी कि कहीं पाकिस्तान इसे लेकर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर दे। पटेल ने घोषणा की कि भारतीय सेना हैदराबाद में घुस चुकी हैI इसे रोकने के लिए अब कुछ नहीं किया जा सकता हैI हैदराबाद में भारतीय सेना की कार्रवाई में सबसे ज्यादा हैदराबाद के रजाकार मारे गए, जो वहां पुलिस का एक अंग थेI कहा जाता है कि ऑपरेशन के दौरान (और बाद में भी) हर जगह सेना ने रजाकार सेना को शिनाख्त कर के मौत के घाट उतार दिया। संयुक्त राष्ट्र में मामले पर विचार के लिए 17 सितंबर 1948 की तारीख तय की गई थीI इससे एक दिन पहले ही हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान ने आत्मसमर्पण कर दियाI पाकिस्तान और उसके समर्थकों का चेहरा फीका पड़ गयाI इस तरह से तत्कालीन हैदराबाद का 17 सितंबर, 1948 को भारत में विलय किया गया। अभियान के दौरान व्यापक तौर पर हिंसा हुई थीI अभियान समाप्ति के बाद नेहरू ने इसपे जाँच के लिए एक कमिटी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट साल 2014 में सार्वजनिक हुई। अर्थात रिपोर्ट को जारी ही नहीं किया गया थाI रिपोर्ट बनाने के लिए सुन्दरलाल कमिटी बनी थीI रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद मुक्ति संग्राम में 27 से 40 हजार जाने गई थी हालाँकि जानकार ये आंकड़ा दो लाख से भी ज्यादा बताते हैं।
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20 October 2024नीलम नाम की एक महिला हिम्मत की मिसाल बन गई है. महिला ई रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है. एक महिला का ऐसा हौसला और लोगो को भी बड़ी प्रेरणा देता है. नीलम के पति की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी. रुड़की नई बस्ती की एक महिला ने जिंदगी की चुनौतियों को हराकर ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है. कोरोना काल में पति की मौत के बाद जब घर-घर काम करने से गुजारा नहीं चला, तो उसने चाय का ठेला लगाया, लेकिन समाज ने उस पर भी ताला जड़ दिया. हार न मानते हुए अब वह ई-रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पेट भर रही है, और हर दिन संघर्ष की नई इबारत लिख रही है. यह है मुसीबतों का सामना कर रही नीलम की दास्ताँ रुड़की की इस जुझारू महिला ने जनप्रतिनिधियों से भी मदद की गुहार लगाई, लेकिन उम्मीद के मुताबिक हाथ खाली ही रहे नगर विधायक प्रदीप बत्रा और खानपुर विधायक उमेश कुमार से सहायता की आस थी, मगर जब कोई ठोस मदद नहीं मिली, तो उसने खुद ही अपने हालात बदलने का फैसला किया अब ई-रिक्शा चलाकर वह न सिर्फ अपने बच्चों का पेट पाल रही है, बल्कि समाज को अपनी मेहनत से एक नई प्रेरणा दे रही है तीन बच्चों की मां अब किराए पर ई-रिक्शा चलाकर रोज़ाना 500 से 600 रुपये कमाती है, जिसमें से 300 रुपये रिक्शा का किराया चुकाती है. बचे पैसों से महिला अपने दो बेटों और एक बेटी का पालन पोषण कर रही है.
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20 October 2024नवकारिणी ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा की. मारा ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग सोलर प्लांट प्रोजेक्ट एशिया में सबसे बड़ा है और अपने आप में एक अजूबा है. भोपाल रीजनल इंडस्ट्रीज और माइनिंग के साथ अब रिन्यूनबल एनर्जी के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने की तैयारी में है. नवकारिणी ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा की हमारा ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग सोलर प्लांट प्रोजेक्ट एशिया में सबसे बड़ा हैऔर अपने आप में एक अजूबा है. इस तरह के अन्य प्रोजेक्ट्स भी हम लगाएंगे. इंदिरा सागर बांध और अन्य जगह भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. कई जिलों में हमने जगह तलाशी है. ध्य प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. वकरणीय ऊर्जा का घरों में प्रयोग बढ़ाने के लिए हम लोग जल्दी बैठक और प्लानिंग करेंगे. नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने आज ऊर्जा विकास निगम का चार्ज भी लिया है.
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19 October 2024पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को एक प्रपोजल देकर निवेदन किया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि टीम इंडिया अपना हर मैच खेलकर भारत लौट सकती है और इसमें पाकिस्तानी बोर्ड उनकी मदद करेगा. हालाँकि बीसीसीआई ने इस पर अभी कोई टिपण्णी नहीं की है. पकिस्तान भारत में आतंकवाद फैलाता है और चाहता है कि क्रिकेट में उसके साथ रिश्ते ठीक हो जाएँ. भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को पाकिस्तानी दहशतगर्दों से बड़ा ख़तरा है. PCB ने BCCI को लेटर लिखा है. इसमें कहा है कि अगर भारतीय टीम सुरक्षा को देखते हुए पाकिस्तान में नहीं रहना चाहती और वह हर मैच के बाद वापस चंडीगढ़ या नई दिल्ली लौटना चाहती है तो बोर्ड उनकी मदद करेगा. PCB के एक अधिकारी ने इस प्रपोजल की पुष्टि की है. वनडे वर्ल्ड कप 1996 के बाद यह पहला मौका है जब पाकिस्तान को किसी ICC इवेंट की मेजबानी दी गई है. ऐसे में टीम इण्डिया पकिस्तान नहीं जाती है तो पकिस्तान की बुरी तरह भद्द पिटेगी. मुंबई में पाक आतंकी हमले के बाद से भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है.
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19 October 2024स्वच्छता अभियान में सिंगरौली विधायक राम निवास शाह ने श्रमदान किया और सफाई कर्मचारियों को चाय बना के पिलाई सिंगरौली विधायक राम निवास शाह,नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडेय अलसुबह स्वच्छता का निरीक्षण करने निकले। जहां कृषि उपज मंडी में स्वच्छता श्रमदान किया उसके बाद सफाई मित्रों के लिए विधायक ने चाय बनाई और अपने हाथों से सबको दी. विधायक शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिंगरौली शहर स्वच्छता के प्रत्येक पैमाने में खरा उतरे इसके लिए हम सब संकल्पित हैं. सफाई मित्रों के उत्साहवर्धन और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हम शहर को स्वच्छ बनाएंगे. निगमाध्यक्ष देवेश पांडे ने कहा कि शहर के प्रत्येक सफाई मित्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी है और शहर हमारा है जिसे सभी मिलकर बेहतर बनाने का काम करेंगे.
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18 October 2024यूक्रेन और इजराइल युद्ध के चलते खाद का संकट उपजा है. यह कहना है मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना का कंषाना ने स्वीकार कर ही लिया की प्रदेश में खाद की कमी है. उन्होंने कहा लेकिन रवि की फसल में हम भरपूर खाद भी देंगे. मध्य प्रदेश में किसानों को हो रही खाद बीज की किल्लत को लेकर कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने कहा की यूक्रेन और इजराइल संघर्ष के चलते खाद को लेकर परेशानी हो रही है. लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों को खाद बीज को लेकर भ्रमित किया जा रहा है. रवि की फसल में हम भरपूर खाद भी देंगे. कंसाना ने कहा कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में डीएपी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव का कारण यूक्रेन और इजराइल संघर्ष है. इनके संघर्ष के कारण आपूर्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ा है. फिर भी किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है.
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18 October 2024भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गए हैं। इस बीच, पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच क्रिकेट डिप्लोमेसी पर बात हुई है। एक पाकिस्तानी पत्रकार ने तो यहां तक दावा किया है कि एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच हुई वार्ता के बाद भारत अपनी टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में भेजने के लिए विचार करने को तैयार हो गया है। जियो न्यूज के अनुसार, भारत क्रिकेट बहाली पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हो गया है। अगर ऐसा होता है तो यह दोनों देशों के क्रिकेट फैंस के लिए बहुत बड़ी खबर होगी, क्योंकि भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान आ सकेगी। बीसीसीआई या पीसीबी ने नहीं की पुष्टि पाकिस्तानी मीडिया के इस दावे पर आधिकारिक बयान नहीं आया है। सरकारों के अलावा बीसीसीआई या पीसीबी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत में समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच क्रिकेट पर कोई बात नहीं हुई है। भारत का रुख साफ है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद नहीं रोकेगा, वह क्रिकेट रिश्ते बहाल नहीं करेगा। टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने पर संशय पाकिस्तान में 19 फरवरी से 25 मार्च के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन भारतीय टीम हिस्सा लेने पाकिस्तान जाएगी या नहीं, इस पर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अपुष्ट खबरें आती रहीं कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अपनी टीम को पाकिस्तान नहीं भेजने का फैसला किया है। साथ ही एशिया कप की तर्ज पर हाइब्रिड मॉडल में भारत के मुकाबले कराने की मांग रखी है। हाइब्रिड मॉडल का मतलब होगा कि भारत के मुकाबले पाकिस्तान के अलावा किसी अन्य देश जैसे श्रीलंका या दुबई में आयोजित किए जाएं। पाकिस्तान इसके लिए तैयार नहीं है। इससे पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान होगा। पाकिस्तान में लगातार हो रही बयानबाजी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत में शामिल होने या नहीं होने पर पाकिस्तान में भी लगातार चर्चा जारी है। पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) चाहता है कि भारतीय टीम पाकिस्तान आए। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बयान देते रहे हैं कि भारतीय खिलाड़ी तो पाकिस्तान आकर खेलना चाहते हैं, लेकिन सरकार खेल में राजनीति कर रही है पाकिस्तान को पता है कि यदि भारतीय टीम वहां खेलने आती है तो पीसीबी की आर्थिक स्थिति बहुत बदल जाएगी।
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17 October 2024तिरुनेल्लई नारायण अय्यर शेषन—शॉर्ट में TN शेषन (TN Seshan)—भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त, एक ऐसे व्यक्तित्व, जिन्होंने भारतीय राजनीति में गहरा प्रभाव छोड़ा। शेषन ने 1990 से 1996 तक इस पद पर कार्य किया और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया, जो आज भी चर्चित हैं। उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि वे नेताओं से कहीं ज्यादा प्रसिद्ध हुए। उनका एक प्रसिद्ध वाक्य है, "मैं नाश्ते में नेताओं को खाता हूं," जो उनके आक्रामक दृष्टिकोण को दर्शाता है। प्रारंभिक जीवन शेषन का जन्म 1932 में हुआ था। उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई गवर्नमेंट विक्टोरिया कॉलेज, पलक्कड़ से की। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस दौरान मेट्रो मैन ई. श्रीधरन भी इसी स्कूल में पढ़े थे। दोनों ने जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी, काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश में प्रवेश लिया, लेकिन शेषन ने मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज से बीएससी करने का निर्णय लिया। यहां से उन्होंने फिजिक्स में ऑनर्स के साथ स्नातक किया। शेषन ने पहले पुलिस सर्विस का एग्जाम दिया और चयनित भी हुए, लेकिन जॉइन नहीं किया। 1954 में UPSC का एग्जाम पास किया और तमिलनाडु काडर में शामिल हुए। प्रशासनिक करियर 1962 में, शेषन को मद्रास ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का डायरेक्टर बनाया गया। उनके कार्यकाल में उन्होंने ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती दिखाई। वह खुद सड़कों पर जाकर बस ड्राइवरों को हड़का देते थे। एक बार, जब एक बस ड्राइवर ने शेषन से कहा कि वह बस के इंजन को नहीं समझते, तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया और बस चलाना सीखा। उन्होंने खुद 80 किलोमीटर तक बस चलाकर यात्रियों को उनकी मंजिल पर पहुंचाया। इसके बाद, शेषन की कहानी हार्वर्ड विश्वविद्यालय तक पहुंची, जहां उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। यहां उनकी दोस्ती सुब्रमण्यम स्वामी से हुई, जो आगे चलकर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे। 1969 में भारत लौटने के बाद, शेषन को एटॉमिक एनर्जी कमीशन का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया और 1972 में वह डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस में जॉइंट सेक्रेटरी बने। इस दौरान, उन्होंने हमेशा फोन पर कहा, "हेलो, मैं स्पेस से शेषन बोल रहा हूं," ताकि लोग कन्फ्यूजन में न पड़े। पर्यावरण मंत्रालय और विवाद 1985 में, राजीव गांधी सरकार में शेषन को पर्यावरण और वन मंत्रालय में सचिव का पद मिला। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कानून लागू हुए, जैसे नर्मदा और टिहरी बांध परियोजना के पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों के खिलाफ विरोध। उन्होंने जंगली जानवरों के शिकार को लेकर भी सख्ती दिखाई। एक बार, जब उन्होंने टीवी पर "दो बाघ मारे गए" की खबर देखी, तो उन्होंने तुरंत ऑफिस में हंगामा कर दिया। लेकिन असल में यह लिट्टे के तमिल टाइगर्स के बारे में था, लेकिन किसी ने उन्हें यह जानकारी नहीं दी, क्योंकि उनका खौफ इतना था। मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 1989 में VP सिंह के शासन में शेषन को कैबिनेट सेक्रेटरी का पद मिला। कश्मीर में अलगाववादियों ने गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबिया का अपहरण कर लिया। इस मामले में, शेषन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सलाह दी कि अधिकारियों को तमिल में बात करनी चाहिए ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके। अंत में, आतंकियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया, जो कि एक विवादास्पद कदम था। 1990 में, शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त बने। उनकी नियुक्ति में सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा हाथ था। चुनाव आयुक्त बनने के बाद, उनके पास वैधानिक शक्तियां आ गईं। उन्होंने चुनाव सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1991 में लोकसभा चुनावों में उनके सुधारों का असर स्पष्ट था। उन्होंने फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने के लिए वोटर ID पर मतदाताओं की फोटो लगाने की मांग की। सरकार ने इसे महंगा बताते हुए इंकार किया, लेकिन शेषन ने कहा कि जब तक फोटो नहीं लगेगी, एक भी चुनाव नहीं होगा। राजनीतिक संघर्ष शेषन के प्रति नेताओं का डर इतना बढ़ गया कि उनका नाम अलशेषन (कुत्तों की एक नस्ल) रख दिया गया। 1995 में जब उन्होंने बिहार में कई सीटों पर चुनाव खारिज किया, तब लालू प्रसाद यादव ने नारा दिया, "शेषन वर्सेज द नेशन।" शेषन पर नकेल डालने के कई प्रयास हुए, लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति बनाए रखी। उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की गई, लेकिन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने ऐसा होने नहीं दिया, यह सोचकर कि इससे जनता में सरकार की छवि खराब होगी। राव ने एक दूसरा रास्ता निकाला। उन्होंने MS गिल और GVG कृष्णमूर्ति को अतिरिक्त चुनाव आयुक्त बना दिया, जिससे शेषन की ताकत एक तिहाई रह गई। शेषन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही माना। पत्रकारों और मीडिया के साथ व्यवहार एक बार, जब AIADMK के कुछ कार्यकर्ताओं ने शेषन से मारपीट की, तब वह आश्चर्यजनक रूप से शांत रहे। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि उन्होंने कोई जवाबी कदम क्यों नहीं उठाया। शेषन ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में कहा, "मैं ये नहीं कह रहा कि शेषन घर पर उपलब्ध नहीं हैं, मैं ये कह रहा हूं कि शेषन आपको जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं हैं।" शेषन समय की पाबंदी और सफाई को लेकर भी बहुत सख्त थे। मीटिंग में कोई एक मिनट लेट आता, तो वह उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देते थे। सफाई के मामले में उनका कहना था, "मेरे मंत्रालय में टॉयलेट भी इतने साफ हैं कि आप उसमें खाना खा सकते हैं।" अंतिम दिन और विरासत 1996 में, शेषन का कार्यकाल समाप्त हुआ। उन्होंने 1997 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए आवेदन दिया, लेकिन उन्हें केवल 5% वोट मिले। 1999 में, उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गांधी नगर से लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन निराशा उनके हाथ लगी। अपने आखिरी दिनों में, शेषन ने एक ओल्ड ऐज होम में गुजारे। उनके बच्चे नहीं थे, और जायदाद के नाम पर केवल किताबों का बड़ा संग्रह था। डिमेंशिया के चलते, वे अपनी किताबें भी नहीं पढ़ पा रहे थे। उन्होंने अपनी अधिकतर संपत्ति चैरिटी में दान कर दी। 2019 में, चिन्नई में उनके घर में उनकी मृत्यु हो गई। शेषन के काल को भारत में चुनाव आयोग का स्वर्णिम काल माना जाता है। नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की नियुक्तियों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "टीएन शेषन जैसा कोई कभी-कभार ही होता है। हमें सीईसी के पद के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति खोजना होगा।" निष्कर्ष शेषन ने चुनाव आयोग को एक नई दिशा दी और उनकी कोशिशों ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत किया। उनका नाम हमेशा चुनाव सुधारों के संदर्भ में लिया जाएगा, और उनकी कहानी भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में एक प्रेरणा के रूप में याद की जाएगी। शेषन की छवि एक ऐसे नेता की है, जिन्होंने अपनी नीतियों और कार्यों के माध्यम से न केवल चुनाव प्रक्रिया को सुधारा, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को एक नया दृष्टिकोण दिया। उनकी विरासत आज भी भारतीय राजनीति में गूंजती है, और वे एक आदर्श उदाहरण हैं कि कैसे एक व्यक्ति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाकर समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। शेषन का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जो हमें यह सिखाती है कि निष्ठा, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने से कैसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। -लेखक सुमित गिरी
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16 October 2024तिरुनेल्लई नारायण अय्यर शेषन—शॉर्ट में TN शेषन (TN Seshan)—भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त, एक ऐसे व्यक्तित्व, जिन्होंने भारतीय राजनीति में गहरा प्रभाव छोड़ा। शेषन ने 1990 से 1996 तक इस पद पर कार्य किया और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया, जो आज भी चर्चित हैं। उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि वे नेताओं से कहीं ज्यादा प्रसिद्ध हुए। उनका एक प्रसिद्ध वाक्य है, "मैं नाश्ते में नेताओं को खाता हूं," जो उनके आक्रामक दृष्टिकोण को दर्शाता है। प्रारंभिक जीवन शेषन का जन्म 1932 में हुआ था। उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई गवर्नमेंट विक्टोरिया कॉलेज, पलक्कड़ से की। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस दौरान मेट्रो मैन ई. श्रीधरन भी इसी स्कूल में पढ़े थे। दोनों ने जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी, काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश में प्रवेश लिया, लेकिन शेषन ने मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज से बीएससी करने का निर्णय लिया। यहां से उन्होंने फिजिक्स में ऑनर्स के साथ स्नातक किया। शेषन ने पहले पुलिस सर्विस का एग्जाम दिया और चयनित भी हुए, लेकिन जॉइन नहीं किया। 1954 में UPSC का एग्जाम पास किया और तमिलनाडु काडर में शामिल हुए। प्रशासनिक करियर 1962 में, शेषन को मद्रास ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का डायरेक्टर बनाया गया। उनके कार्यकाल में उन्होंने ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती दिखाई। वह खुद सड़कों पर जाकर बस ड्राइवरों को हड़का देते थे। एक बार, जब एक बस ड्राइवर ने शेषन से कहा कि वह बस के इंजन को नहीं समझते, तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया और बस चलाना सीखा। उन्होंने खुद 80 किलोमीटर तक बस चलाकर यात्रियों को उनकी मंजिल पर पहुंचाया। इसके बाद, शेषन की कहानी हार्वर्ड विश्वविद्यालय तक पहुंची, जहां उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। यहां उनकी दोस्ती सुब्रमण्यम स्वामी से हुई, जो आगे चलकर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे। 1969 में भारत लौटने के बाद, शेषन को एटॉमिक एनर्जी कमीशन का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया और 1972 में वह डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस में जॉइंट सेक्रेटरी बने। इस दौरान, उन्होंने हमेशा फोन पर कहा, "हेलो, मैं स्पेस से शेषन बोल रहा हूं," ताकि लोग कन्फ्यूजन में न पड़े। पर्यावरण मंत्रालय और विवाद 1985 में, राजीव गांधी सरकार में शेषन को पर्यावरण और वन मंत्रालय में सचिव का पद मिला। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कानून लागू हुए, जैसे नर्मदा और टिहरी बांध परियोजना के पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों के खिलाफ विरोध। उन्होंने जंगली जानवरों के शिकार को लेकर भी सख्ती दिखाई। एक बार, जब उन्होंने टीवी पर "दो बाघ मारे गए" की खबर देखी, तो उन्होंने तुरंत ऑफिस में हंगामा कर दिया। लेकिन असल में यह लिट्टे के तमिल टाइगर्स के बारे में था, लेकिन किसी ने उन्हें यह जानकारी नहीं दी, क्योंकि उनका खौफ इतना था। मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 1989 में VP सिंह के शासन में शेषन को कैबिनेट सेक्रेटरी का पद मिला। कश्मीर में अलगाववादियों ने गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबिया का अपहरण कर लिया। इस मामले में, शेषन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सलाह दी कि अधिकारियों को तमिल में बात करनी चाहिए ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके। अंत में, आतंकियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया, जो कि एक विवादास्पद कदम था। 1990 में, शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त बने। उनकी नियुक्ति में सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा हाथ था। चुनाव आयुक्त बनने के बाद, उनके पास वैधानिक शक्तियां आ गईं। उन्होंने चुनाव सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1991 में लोकसभा चुनावों में उनके सुधारों का असर स्पष्ट था। उन्होंने फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने के लिए वोटर ID पर मतदाताओं की फोटो लगाने की मांग की। सरकार ने इसे महंगा बताते हुए इंकार किया, लेकिन शेषन ने कहा कि जब तक फोटो नहीं लगेगी, एक भी चुनाव नहीं होगा। राजनीतिक संघर्ष शेषन के प्रति नेताओं का डर इतना बढ़ गया कि उनका नाम अलशेषन (कुत्तों की एक नस्ल) रख दिया गया। 1995 में जब उन्होंने बिहार में कई सीटों पर चुनाव खारिज किया, तब लालू प्रसाद यादव ने नारा दिया, "शेषन वर्सेज द नेशन।" शेषन पर नकेल डालने के कई प्रयास हुए, लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति बनाए रखी। उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की गई, लेकिन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने ऐसा होने नहीं दिया, यह सोचकर कि इससे जनता में सरकार की छवि खराब होगी। राव ने एक दूसरा रास्ता निकाला। उन्होंने MS गिल और GVG कृष्णमूर्ति को अतिरिक्त चुनाव आयुक्त बना दिया, जिससे शेषन की ताकत एक तिहाई रह गई। शेषन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही माना। पत्रकारों और मीडिया के साथ व्यवहार एक बार, जब AIADMK के कुछ कार्यकर्ताओं ने शेषन से मारपीट की, तब वह आश्चर्यजनक रूप से शांत रहे। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि उन्होंने कोई जवाबी कदम क्यों नहीं उठाया। शेषन ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में कहा, "मैं ये नहीं कह रहा कि शेषन घर पर उपलब्ध नहीं हैं, मैं ये कह रहा हूं कि शेषन आपको जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं हैं।" शेषन समय की पाबंदी और सफाई को लेकर भी बहुत सख्त थे। मीटिंग में कोई एक मिनट लेट आता, तो वह उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देते थे। सफाई के मामले में उनका कहना था, "मेरे मंत्रालय में टॉयलेट भी इतने साफ हैं कि आप उसमें खाना खा सकते हैं।" अंतिम दिन और विरासत 1996 में, शेषन का कार्यकाल समाप्त हुआ। उन्होंने 1997 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए आवेदन दिया, लेकिन उन्हें केवल 5% वोट मिले। 1999 में, उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गांधी नगर से लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन निराशा उनके हाथ लगी। अपने आखिरी दिनों में, शेषन ने एक ओल्ड ऐज होम में गुजारे। उनके बच्चे नहीं थे, और जायदाद के नाम पर केवल किताबों का बड़ा संग्रह था। डिमेंशिया के चलते, वे अपनी किताबें भी नहीं पढ़ पा रहे थे। उन्होंने अपनी अधिकतर संपत्ति चैरिटी में दान कर दी। 2019 में, चिन्नई में उनके घर में उनकी मृत्यु हो गई। शेषन के काल को भारत में चुनाव आयोग का स्वर्णिम काल माना जाता है। नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की नियुक्तियों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "टीएन शेषन जैसा कोई कभी-कभार ही होता है। हमें सीईसी के पद के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति खोजना होगा।" निष्कर्ष शेषन ने चुनाव आयोग को एक नई दिशा दी और उनकी कोशिशों ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत किया। उनका नाम हमेशा चुनाव सुधारों के संदर्भ में लिया जाएगा, और उनकी कहानी भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में एक प्रेरणा के रूप में याद की जाएगी। शेषन की छवि एक ऐसे नेता की है, जिन्होंने अपनी नीतियों और कार्यों के माध्यम से न केवल चुनाव प्रक्रिया को सुधारा, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को एक नया दृष्टिकोण दिया। उनकी विरासत आज भी भारतीय राजनीति में गूंजती है, और वे एक आदर्श उदाहरण हैं कि कैसे एक व्यक्ति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाकर समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। शेषन का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जो हमें यह सिखाती है कि निष्ठा, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने से कैसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। -लेखक सुमित गिरी
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16 October 2024पांच दिवसीय कुमाऊं महोत्सव शुरू हो गया है. समारोह का आगाज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया. पहले दिन गायिका मैथिली ठाकुर को सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हल्द्वानी के एम बी इंटर कॉलेज परिसर में पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव शुरू हो गया. जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्वलित के साथ की. कुमाऊं द्वार महोत्सव की पहली शाम प्रख्यात गायिका मैथिली ठाकुर के नाम रही. मैथिली ठाकुर ने अपने सुंदर भजनों और कुमाउँनी व गढ़वाली लोकगीतों को सुना कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. आयोजकों ने बताया कि 5 दिनों तक चलने वाले कुमाऊं द्वार महोत्सव में उत्तराखंड के एक दर्जन से अधिक लोक गायक अपनी अपनी प्रस्तुतियां देंगे. देर रात तक चले कार्यक्रम में मैथिली ठाकुर को सुनने के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठा रही.
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16 October 2024महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का आज शंखनाद होने जा रहा है. महाराष्ट्र और झारखंड में कब चुनाव होंगे, कुछ देर में इसका जवाब मिल जाएगा. चुनाव आयोग अब से कुछ देर में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर देगा. चुनाव आयोग दोपहर 3:30 बजे इस बाबत प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा और विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की पूरी डिटेल देगा. महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही वायनाड उपचुनाव और अन्य राज्यों के कुछ उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त होने वाला है. चुनाव आयोग जैसे ही तारीखों का ऐलान करेगा, आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगा. तो चलिए जानते हैं महाराष्ट्र और झारखंड में कब चुनाव होंगे. झारखंड में पिछले चुनाव में क्या था रिजल्ट झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर बहुमत हासिल किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे. महाराष्ट्र और झारखंड में कब होंगे चुनाव? हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया. अब बारी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की है. नवंबर का महीना चुनावी महीने होने वाला है. महाराष्ट्र में अभी जहां एनडीए यानी महायुती की सरकार है, वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विपक्ष की सरकार है. महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर क्या है अपडेट महाराष्ट्र में सीटों को लेकर अभी पेच फंसा हुआ है. एक ओर महायुती को सीट शेयरिंग फॉर्मूला पर मंथन करना बाकी है, दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी में भी सीटों पर पेच फंसा है. महायुती में एकनाथ शिंदे की शिवसेना अधिक सीट मांग रही है तो महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस बड़ा भाई बनना चाहती है. यहां उद्धव गुट की शिवसेना मानने को तैयार नहीं है. महाराष्ट्र में इस बार दिलचस्प है मुकाबला महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा इस चुनाव में गरमा सकता है. महाराष्ट्र की 288 सीटों के चुनाव के लिए सालों बाद नया समीकरण बनेगा. राज्य में 29 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए सीट आरक्षित हैं. पहले यहां मुकाबल तकरीबन त्रिकोणीय ही होता रहा है. शरद पावर के कांग्रेस से छोड़ने और एनसीपी गठन के बाद से. लेकिन, इस बार स्थिति बदल गई है. महाराष्ट्र में कितने चरण में हो सकते हैं चुनाव सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में एक या दो चरण में मतदान हो सकता है. हालांकि, अधिक संभावना एक चरण की ही जताई जा रही है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने सारी तैयारी कर ली है और आज तारीख के साथ-साथ पूरी डिटेल भी सामने आएगी. झारखंड में कितनी सीटें, कब खत्म हो रहा कार्यकाल झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है. झारखंड में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 81 है. यहां बहुमत का आंकड़ा 42 है. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं. सभी 81 विधानसभा सीटों पर नेता प्रचार में जुटे हुए हैं. इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है. झारखंड में कितने चरण में हो सकते हैं चुनाव झारखंड में एक से तीन चरणों में मतदान हो सकता है. हालांकि, दो चरणों में चुनाव की संभावना अधिक है. पिछली बार यानी 2019 के चुनाव 30 नंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में संपन्न हुए थे. महाराष्ट्र में कितनी सीटें हैं ? महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है. महाराष्ट्र में विधानसभा सीट की 288 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा यहां 145 है. महाराष्ट्र में महायुती और महाविकास अघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर है. लोकसभा चुनाव में महायुती का प्रदर्शन बढ़िया नहीं रहा था. वहीं महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव के नतीजों से जोश में है. छठ पूजा और दीवाली का रखा जाएगा ध्यान सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग दीपावली और छठ पूजा को ध्यान रखते हुए तारीखों का ऐलान करेगा, क्योंकि, त्योहारों के दौरान महाराष्ट्र में काम करने वाले झारखंड-बिहार के मतदाता अपने घर लौट जाते हैं. इसलिए, चुनाव आयोग नवंबर के दूसरे हफ्ते के अंत में चुनाव कराने की योजना बना सकता है, जिससे प्रवासी मतदाताओं को त्योहारों के बाद वापस आने का समय मिल सके. कब शुरू होगी चुनाव आयोग की पीसी साढ़े तीन बजते ही चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर देगा. इस दौरान चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा करेगा, जिसमें मतदान की प्रक्रिया, चुनावी सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी. इससे पहले, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव संबंधी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. निर्वाचन आयोग की टीम ने कुछ समय पहले दोनों राज्यों का दौरा कर तैयारियों का निरीक्षण किया था. उपचुनाव की तारीखों का भी होगा ऐलान महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और झारखंड चुनाव पर चुनाव आयोग का फोकस तो रहेगा. साथ ही निर्वाचन आयोग दो विधानसभा चुनावों के अलावा, तीन लोकसभा और कम से कम 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा कर सकता है, जो विभिन्न कारणों से रिक्त हैं. लोकसभा की जो तीन सीटें रिक्त हैं उनमें केरल में वायनाड, महाराष्ट्र में नांदेड़ और पश्चिम बंगाल में बशीरहाट सीट शामिल है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी. राहुल गांधी ने वायनाड सीट खाली कर दी थी और रायबरेली सीट को बरकरार रखा था. नांदेड़ सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस सांसद वसंत चव्हाण और बशीरहाट सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद हाजी शेख नुरुल इस्लाम के हाल में निधन के बाद इन सीट पर चुनाव कराना आवश्यक हो गया है. कुछ देर में चुनाव की तारीखों का ऐलान नमस्कार. न्यूज18 के लाइव ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है. आज का लाइव ब्लॉग विधानसभा चुनावों के शेड्यूल पर है. महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly election Date) और झारखंड (Jharkhand Chunav Date) में विधानसभा चुनावों की तारीखों की कुछ देर में घोषणा होगी. चुनाव आयोग मंगलवार को 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. इसके साथ ही चुनाव आयोग कुछ उपचुनावों की तारीखों का भी ऐलान कर सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है. वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी को खत्म होगा.
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15 October 2024ECI आज दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इसी के साथ आयोग बताएगा की चुनाव (Assembly Election 2024) कितने चरणों में होगा और क्या-क्या तैयारियां की जा चुकी हैं। महाराष्ट्र में काफी दिलचस्प होगा मुकाबला महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दरअसल, शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंटने के बाद पहले बार विधानसभा चुनावों में आमने सामने होगी। उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार गुट की एनसीपी जहां महा विकास अघाड़ी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो वहीं शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी महायुति गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और 48 में से 30 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने केवल 17 सीटें जीती थीं। हालांकि, हरियाणा में चुनाव जीतने के बाद भाजपा का जोश फिर हाई होगा। बता दें कि वर्तमान में महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 विधानसभा सीटों में महायुति गठबंधन के पास 218 सीटें हैं। भाजपा (106),शिवसेना (40), एनसीपी (40), बीवीए (3), पीजेपी (2), मनसे (1), आरएसपी (1), पीडबल्यूपीआई (1), जेएसएस (1) और निर्दलीय (12) हैं। वहीं, महाअघाड़ी यानी विपक्ष के पास 77 सीटें हैं। इसके अलावा चार विधायकों ने किसी गठबंधन को समर्थन नहीं दिया है। एक सीट खाली है। झारखंड में कम चरणों में हो सकता है चुनाव झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly Election 2024) की 81 सीटों पर चुनाव दो या तीन चरणों में हो सकता है। हालांकि, पिछली बार साल 2019 में विधानसभा चुनाव 5 चरणों में हुए थे। झारखंड में चुनाव 15 नवंबर के बाद हो सकता है। निर्वाचन आयोग ने जब झारखंड का दौरा किया था तो सभी राजनीतिक दलों ने ये सुझाव दिया था कि चुनाव छठ पूजा और बिरसा जयंती एवं राज्य स्थापना दिवस के बाद ही कराए जाएं। साथ ही, सभी ने कम से कम चरणों में चुनाव कराने का सुझाव भी आयोग को दिया था। अभी तक सीटों की नहीं हुई घोषणा बता दें कि आज चुानव आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा करेगा, लेकिन अभी तक दोनों राज्यों में न तो एनडीए और न ही I.N.D.I.A ने सीट शेयरिंग की आधिकारिक घोषणा की है। भाजपा ने कई बार साथी दलों के साथ बैठकें की हैं, लेकिन अभी तक सीटों के बंटवारा को लेकर घटक दलों के साथ सहमति नहीं बन पाई है। वहीं, इंडी गठबंधन का हाल भी ऐसा ही है।
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15 October 2024राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्थापना दिवस के अवसर विजय दशमी पर संघ के स्वयं सेवकों ने पथ संचलन निकाला. सिंगरौली जिले में विजयदशमी के अवसर अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उपखंड सरई के उपखंड कार्यवाह के नेतृत्व में पथ संचलन निकाला गया. जिसमे सैकडो स्वयं सेवक शामिल हुए, जिसमे सिंगरौली विभाग के विभाग कार्यवाह अंजनी पांडेय का पाथेय प्राप्त हुआ. यह पथ संचलन कंचन भवन से शुरू होकर बीच बाजार से होकर थाना परिसर कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय सरई में ध्वजा पूजन व शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ. वही विभाग कार्यवाह ने सभी को संघ के स्थापना के बारे में बताया और सबको एक साथ चलने का संदेश दिया.
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15 October 2024बागेश्वर पीठाधीश्वर बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा हमने पूरी तैयारी कर ली है. अब सिर्फ बजरंगबली की चलेगी. क्योंकि जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं. छतरपुर के बागेश्वर महाराज पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की शारदीय नवरात्र की 9 दिनों की उपवास साधना पूर्ण हो गई है. साधना पूर्ण होने के दूसरे दिन धाम पर दिव्य दरबार लगाया. दरबार के दौरान बागेश्वर सरकार ने कहा की अब भारत की गली गली में केवल बजरंग बली की चलेगी,अगर तुम राम के नहीं तो किसी काम के नहीं, उन्होंने कहा की हमने 9 दिनों में तैयारी कर ली है की अब भारत में जात पात,ऊंच नीच,छुआ छूत,भेद भाव को मिटाना है. सरनेम तो सबके रहेंगे लेकिन अब सरकार को दो जातीय बनानी चाहिए,अमीर की और गरीब की. ताकि भारत का विकास हो भारत समृद्ध हो. ताकि गरीबों के साथ अन्यान और अत्याचार न हो,भारत में वर्तमान में हो रहे अंधविश्वास को इसी बल पर रोका जा सकता है. कोई भी सरकार काम नहीं करेगी अब तुम्हे खुद सरकार बनना पड़ेगा. केवल बागेश्वर बाबा हिन्दू राष्ट्र नहीं बना पाएंगे अब भारत के प्रत्येक युबा भाई बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा तभी हिंदूराष्ट्र बनेगा.
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14 October 2024एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अलग अलग शहरों में रीजनल इन्वेस्टर सम्मिट करके निवेश के नए अवसर उद्योग जगत को दे रहे हैं. इस सब के पीछे मुख्यमंत्री मोहन यादव की इच्छा है स्थानीय स्तर पर औद्योगिक करण के जरिये लोगों को सजह रोजगार के अवसर मुहैया हों. इस तरह के प्रयास एमपी में पहली बार किये गए हैं. जिसका लाभ लोगों को मिलता नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने साल 2024 में कई इन्वेस्टर मीट्स आयोजित की, जिनका उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना और विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करना है. इंदौर से हट कर ये आयोजन ग्वालियर ,सागर और जबलपुर जैसे शहरों में भी किये गए. इन मीट्स का सिलसिला चलता रहेगा. मध्यप्रदेश में निवेश लाने के लिए मोहन यादव ने 13 जुलाई को मुंबई में मीट की इसमें 200 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया. 20 जुलाई को जबलपु में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन किया जिसमें 1500 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया. 28 अगस्त को ग्वालियर मीट में विभिन्न उद्योगों से जुड़े कई निवेश प्रस्ताव सरकार को मिले. 27 सितंबर को सागर मीट में बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए ₹23,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मोहन यादव सरकार को मिले. इन इन्वेस्टर मीट्स के दौरान इस्पात उद्योग में पेसिफिक इंडस्ट्रीज द्वारा निवाड़ी जिले में ₹3,200 करोड़ का निवेश सौर ऊर्जा क्षेत्र में बंसल ग्रुप द्वारा 100 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए ₹1,350 करोड़ का निवेश स्वास्थ्य सेवा के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में चार सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल और एक पांच सितारा होटल स्थापित करने के लिए बंसल ग्रुप का निवेश के पास पहुंचा है रसायन और सीमेंट उद्योग के लिए कोलकाता में आयोजित मीट में रसायन, सीमेंट और स्टील उद्योगों में ₹19,270 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. वहीँ नवीकरणीय ऊर्जा में रिलायंस द्वारा नवीकरणीय गैस और संपीड़ित बायोगैस परियोजनाओं में निवेश को हरी झंडी दी. उद्योग जगत इन प्रयासों की सराहना कर रहा है. इन निवेश प्रस्तावों के माध्यम से राज्य में हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. उदाहरण के लिए अकेले बुंदेलखंड क्षेत्र में निवेश से लगभग 28,000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश सरकार ने 2024 में विभिन्न इन्वेस्टर मीट्स का सफल आयोजन किया है, जिससे राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आये है. इन निवेशों से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. ग्वालियर में आयोजित रीजनल इन्वेस्टर सम्मिट में मिले प्रस्ताव बताते है इससे ग्वालियर चम्बल इलाके में तक़रीबन दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इस सम्मिट से युवा वर्ग खासा उत्साहित है.
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13 October 2024यात्रियों की सूझबूझ से एक रेलगाड़ी ,बर्निंग ट्रेन बनने से बच गई. कुरुक्षेत्र से खजुराहो जा रही ट्रेन से अचानक धुंआ निकलने लगा ये देख यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक लिया और एक बड़े हादसे को टाल दिया. कुरुक्षेत्र से खजुराहो जा रही ट्रेन के D5 कोच में अचानक धुआं धुआं होने से घबराए यात्रियों ने चेन पुलिंग की और ट्रेन को रोक लिया. तब जाकर रुकी ट्रेन की चेकिंग की गई तो पता चला ट्रेन के नीचे लगी रबड़ ने घर्षण के कारण जलना शुरू कर दिया था. यात्री अगर समय पर ट्रेन नहीं रोकते तो बड़ा हादसा हो सकता था. ईशानगर स्टेशन के स्टाफ ने ततकाल सब कुछ कंट्रोल कर के एक बड़े हादसे को टाल दिया. इस घटना के कारण ट्रेन एक घंटे से ज्यादा समय तक मौके पर खड़ी रही.
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13 October 2024रामलीला के नाम पर भी अब फूहड़ता सामने आने लगी है. रामलीला में भी अश्लीलता की हद हुई पार हो गई. रामजी की झांकी के सामने रावण को फूहड़ गाना सुना कर अभद्र डांस किये जाने से लोगों में नाराजगी है. अमरपाटन के रामनगर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें रामलीला के मंच पर अश्लील गानों पर फूहड़ डांस करते कलाकार नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह वायरल वीडियो अमरपाटन के रामनगर का है. जहां रामनगर के सतना कैंप में रामलीला का आयोजन किया जा रहा था इस दौरान मंच पर राम जी की झांकी समेत रावण के रूप में कलाकार मौजूद थे. इस दौरान भोजपुरी समेत कई गानों पर फूहड़ डांस किया जाने लगा. रामलीला देखने गए स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठन ने इस पर आपत्ति जताई है और कार्यवाही की मांग की है.
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13 October 2024महान एनर्जेन लिमिटेड, बंधौरा के विस्तार की पर्यावरणीय जनसुनवाई हुई. इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने इस विस्तार का खुलकर समर्थन किया. क्योंकि संयंत्र विस्तार से काफी संख्या में लोगों को नौकरी और स्वरोजगार मिलेगा. इस दौरान कंपनी ने क्षेत्र में सामुदायिक विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. सिंगरौली, जिले के बंधौरा स्थित महान एनर्जेन लिमिटेड के प्रस्तावित 1600 मेगावाट के विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई की गई सिंगरौली के अपर कलेक्टर अरविन्द कुमार झा एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंगरौली के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा, माड़ा के उपखण्ड अधिकारी राजेश कुमार शुक्ला, मोरवा के सब डिविजनल ऑफिसरऑफ पुलिस के के पाण्डेय की उपस्थिति में रैला गांव में आयोजित लोक सुनवाई में परियोजना प्रभावित चार गांवों बंधौरा, खैराही, करसुआलाल एवं नगवा गांव के लोगों ने परियोजना के विस्तार का खुलकर समर्थन किया. लोक सुनवाई में मौजूद परियोजना के आसपास के लोगों ने सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अपने विचार रखे. उन्होंने संयंत्र विस्तार से क्षेत्र में विकास के नए आयाम खुलने के साथ ही बहुत सारे लोगों को नई नौकरियां मिलने की संभावनाओं और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने की उम्मीद जताई और महान एनर्जेन लिमिटेड के विस्तारण पर खुशी जाहिर की.
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13 October 2024छतरपुर से रिश्तों को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है. जहाँ एक कलयुगी पिता ने सारी मर्यादाएं तार तार कर दीं और अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार कर दिया. इस घटना के बाद से बलात्कारी बाप फरार है. छतरपुर से रिश्तो को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. एक कलयुगी पिता ने अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार कर दिया. दुष्कर्मी पिता ने अपनी 22 वर्षीय बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाया. इस मामले को सुन कर पुली भी हैरान रह गई. पीड़ित बेटी की की शिकायत पर पुलिस ने बाप के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. घटना के बाद से दुष्कर्मी बाप गायब है. आरोपी पिता की गिरफ्तारी के लिए एसपी अगम जैन ने 10 हजार का इनाम घोषित किया है.
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12 October 2024हल्द्वानी से लापता युवती की लाश लालकुआँ के एक होटल में मिलने से सनसनी फैल गई है. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले जांच शुरू कर दी है. पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है. हल्द्वानी डहरिया निवासी 30 साल की याशिका पाहुआ घर से निकली और वह वापस घर नही पहुंची परिजनों ने इसकी कई जगह तलाश की लेकिन उसका कही पता नही चला. सोशल मीडिया पर भी उसकी फोटो के साथ लापता होने की सूचना प्रसारित की गई. लेकिन उसकी लाश लालकुआँ के जगदीश होटल में मिली. होटल कर्मियों के अनुसार याशिका ने होटल का रूम नंबर 107 बुक कराया था युवती ने होटल के कर्मियों को बताया कि उसका नवरात्रि का व्रत है उसे डिस्टर्ब ना किया जाए, वह आराम कर रही है. सुबह वह दिल्ली जाएगी. सुबह जब होटल कर्मियों द्वारा चाय देने के लिए कमरे का दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा नही खुला होटल कर्मी युवती के कमरे का दरवाजा खोलने का प्रयास कर रहे थे तब तक उसकी लोकेशन देखकर उसके परिजन एवं हल्द्वानी पुलिस मौके पर पहुंच गई. दरवाजा तोड़ने पर कमरे के बाथरूम में उसका शव बरामद हुआ. पुलिस हर एंगल से मौत के कारण की जांच कर रही है.
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12 October 2024मध्यप्रदेश की निर्दयी अफसर शाही का एक और मामला सामने आया है. जहाँ एक किसान अफसर के पैरों ने सिर रखकर गिड़गिडाता रहा. लेकिन भाजपा सरकार के अफसर ने किसान को पैर मारकर दूर कर दिया. MP में किसानों की बेबसी की कई तस्वीरें सामने आती रहती हैं. इस कड़ी में नया मामला सिंगरौली से सामने आया है. सिंगरौली की माड़ा तहसील के मकरोहर सर्किल के नायब तहसीलदार छत्रपाल सिंह मरावी किसानों से बदसलूकी करते नजर आये. मरावी अपने पद के नशे में चूर हैं. एक किसान मरावी के पैरों में अपना सिर रखकर मिन्नते करता नजर आया. यह किसान गिडगिड़ाते हुए अपनी फसल की भीख मांग रहा था. लेकिन नायब तसीलदार को तरस नहीं आया. किसान के खड़ी फसल में सीमांकन करने पहुंचे नायब तहसीलदार ने किसान की एक नहीं सुनी. किसान कह रहा था अभी खड़ी फसल है. हमारी फसल काटने के बाद जमीन अपनी ले लीजिए. लेकिन इसके बाद भी तहसीलदार ने किसान को पैर से मारा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एमपी में ऐसी ही अफसर सरकार की बदनामी का कारण बनते हैं. ऐसे में सरकार को इस तरह के अफसरों पर लगाम कसना चाहिए.
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12 October 2024मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास शुक्रवार को मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। वहीं, ट्रेन हादसे पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई दुर्घटनाओं में सैकड़ों जान जाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा गया है।गांधी ने जोर देकर कहा कि जवाबदेही शीर्ष पर शुरू होती है। क्या है मामला? तमिलनाडु में शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन में जाने के बजाय लूप लाइन से टकरा गई थी। इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए और एक कोच में आग लग गई। क्या बोले कांग्रेस नेता? राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'मैसूर-दरभंगा ट्रेन दुर्घटना भयावह ओडिशा के बालासोर की दुर्घटना को दिखाती है, जहां एक यात्री ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। कई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जाने के बावजूद, कोई सबक नहीं सीखा गया है। इसकी जवाबदेही शीर्ष को देनी चाहिए। इस सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार बर्बाद होंगे।' प्रियंका का भी भड़का गुस्सा कांग्रेस महासचिव प्रियंता गांधी वाड्रा ने भी ट्रेन हादसे को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने वाट्सएप चैनल पर कहा, 'देश में ट्रेन दुर्घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि एक के बाद एक होने के बावजूद सरकार द्वारा न तो कोई जवाबदेही तय की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई की जा रही है।' उन्होंने आगे कहा कि देश के करोड़ों आम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर भय व अराजकता के पहियों पर चलने वाली ट्रेनों में सफर करने को मजबूर हैं, क्योंकि सुरक्षित ट्रेन यात्रा की जिम्मेदारी से सरकार ने मुंह मोड़ लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु में मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के साथ बालासोर जैसा हादसा फिर हुआ है। महीनों चलने वाला यह सिलसिला कब रुकेगा? जवाबदेही कब तय की जाएगी। हादसे के पीछे की वजह बताई डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'आजकल कई रेल हादसे हो रहे हैं। 60 के दशक की शुरुआत में जब अरियालुर में एक दुर्घटना हुई, तो रेल मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। उस समय उन्होंने रेल हादसे को इसी तरह देखा था। मगर आज, रेल दुर्घटनाएं बहुत आम हो गई हैं और कोई भी रेल लाइनों के रखरखाव के लिए उचित कदम उठाने की परवाह नहीं करता है। एक घटना में, रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग दक्षिण रेलवे या चेन्नई में काम कर रहे हैं उन्हें तमिल का कोई ज्ञान नहीं है और इसलिए संचार की स्थिति खराब हो गई है। वह एक उत्तर भारतीय थे, इसलिए तमिल में दिए गए निर्देशों को समझ नहीं पाए और इसलिए रेल दुर्घटना हो गई। हमें पता लगाना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।' रेलवे बोर्ड ने क्या कहा? इस बीच, रेलवे बोर्ड ने कहा है कि चेन्नई रेल डिवीजन में पोन्नेरी-कावारपेट्टई खंड में यात्री-मालगाड़ी की टक्कर में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने दुर्घटना के तुरंत बाद कहा, 'हमें चेन्नई मंडल के कावारपेट्टई स्टेशन पर बागमती एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच टक्कर की सूचना मिली। बचाव और राहत दल तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुंच गया।'
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12 October 2024गुरुकुल अकादमी के छात्र राजकुमार ने राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता मे स्वर्ण पदक जीत लिया. सीहोर में आयोजित शालेय राज्य स्तरीय वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गुरुकुल एकेडमी हायर सेकेण्डरी स्कूल अमरपाटन के छात्र राजकुमार प्रजापति ने स्वर्ण पदक जीत लिया. इस जीत के साथ राजकुमार का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए होने पर उसे बधाई का ताता लगा हुआ है. नगर में रैली निकालकर इस युवा खिलाड़ी का उत्साहवर्धन किया गया. बालक की इस उपलब्धि के लिए जिला क्रीड़ा अधिकारी, जनपद सदस्य नंदकिशोर सिंह नंदू, विकासखंड क्रीड़ा प्रभारी नरेंद्र सोनी ने राजकुमार को बधाई दी .
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11 October 2024Ma Durga's Tallest Statue in the World: भारत में चारों ओर इस समय दुर्गा पूजा की धूम मची है। मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित इस त्योहार में जगह-जगह देवी के पंडाल लगे होते हैं, जिनमें माता की बेहद खूबसूरत प्रतिमा को विराजित किया जाता है। इस दौरान लोग कई मंदिरों में भी जाते हैं, जहां दुर्गा मां की पूजा अरचना की जाती है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मां दुर्गा की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां है। अगर आप सोच रहे हैं, भारत की कोई जगह, तो ये जवाब बिल्कुल गलत है।
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11 October 2024जापानी संगठन निहोन हिदानक्यो को साल 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। यह हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम से बचे लोगों का एक जमीनी आंदोलन है। इसे हिबाकुशा के नाम से भी जाना जाता है। जापानी संगठन को क्यों मिला पुरस्कार? नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने अपने प्रशस्ति पत्र में कहा, "हिबाकुशा को परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने के अपने प्रयासों और गवाहों के बयान के माध्यम से यह प्रदर्शित करने के लिए शांति पुरस्कार मिल रहा है कि परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।" समिति ने कहा, "हिबाकुशा हमें अवर्णनीय का वर्णन करने, अकल्पनीय के बारे में सोचने और परमाणु हथियारों के कारण होने वाले अकल्पनीय दर्द और पीड़ा को समझने में मदद करता है।"
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11 October 2024सिद्धि गंज के बावड़ी चौक पर भव्य महा आरती आयोजित की गई। जिसमें आष्टा विधायक गोपाल सिंह ने भाग लिया. इस आयोजन का उद्देश्य धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ करना और सामूहिक रूप से देवी माँ की पूजा अर्चना करना था. नवरात्रि के इस पावन पर्व पर सिद्धि गंज के बावड़ी चौक पर एक भव्य महा आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह सबसे पहले माँ बगवाई माता मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने माता का आशीर्वाद लिया. विधायक ने आशीर्वाद लेने के बाद, मंदिर से पूजा का सिलसिला शुरू किया, और फिर साथ में मौजूद समिति के सभी सदस्यों के साथ ढोल-नगाड़ों की धुन में नगर भ्रमण किया।"नगर भ्रमण के दौरान विधायक के साथ समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस आयोजन में भारी संख्या में भक्त शामिल हुए. "फिर बारी आई, बावड़ी चौक पर महा आरती की। विधायक गोपाल सिंह ने मां अंबे की पूजा की और भक्तों के साथ आरती की. "इस दौरान विधायक ने समिति की 5 लाख 51 हजार रुपये दान की घोषणा की। इसके साथ ही, 5,000 रुपये कन्या भोज के लिए दिए गए।" "इसके बाद विधायक गोपाल सिंह ने वहां मौजूद जनता से संवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लाडली बहना योजना और किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।"
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10 October 2024दशहरे पर इस बार भी जगह जगह रावण वध और रावण के पुतले को जलाया जाएगा. ग्वालियर के शताब्दीपुरम में 65 फ़ीट के रावण का दहन किया जाएगा. चेतना मंच ग्वालियर के शताब्दीपुरम दशहरा मैदान में विशाल दशहरा समारोह का आयोजन कर रहा है, जिसमें शहर के सबसे बड़े 65 फ़ीट के रावण का दहन किया जाएगा, साथ ही मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का भी दहन होगा होगा. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामायण पर आधारित नृत्य नाटक कथा श्री राम की होगी. इस दौरान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर और ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे, चेतना मंच के अध्यक्ष दीपक तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 वर्षों से शताब्दी पुरम में इस दशहरा समारोह का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के जाने-माने नाटक निर्देशक पंडित बृज किशोर दीक्षित के निर्देशन में कथा श्रीराम का आयोजन होता है.
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10 October 2024देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने 86 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उम्र से जुड़ी बीमारी के चलते उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। बॉलीवुड के सितारों ने दी श्रद्धांजलि सुष्मिता सेन ने रतन टाटा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "कितने सम्मानित व्यक्ति थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।" तारा सुतारिया और अनन्या पांडे** ने भी अपनी स्टोरी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अनुष्का शर्मा ने साझा की गई स्टोरी में लिखा, "रतन टाटा जी के बारे में दुखद खबर सुनकर बहुत दुखी हूं।" करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "आज दुनिया ने एक दूरदृष्टि और अतुलनीय विजन रखने वाले दिग्गज को खो दिया।" वहीं, संजय दत्त ने कहा, "भारत ने आज सच्चा दूरदर्शी खो दिया, जिनका योगदान अनगिनत जिंदगियों तक था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।" प्रियंका चोपड़ा ने भी अपने आधिकारिक अकाउंट पर रतन टाटा को नमन किया। अजय देवगन ने लिखा, "दुनिया एक दूरदर्शी व्यक्ति के निधन पर शोक मना रही है। रतन टाटा की विरासत हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।" रणवीर सिंह ने इंस्टाग्राम पर रतन टाटा की फोटो साझा की और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। सलमान खान और रितेश देशमुखने भी अपने-अपने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया। नयनतारा ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "आपने हम सभी को प्रेरित किया है।" निष्कर्ष:रतन टाटा का निधन केवल एक उद्योगपति की नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी और इंसानियत के प्रतीक की हानि है। उनकी विरासत हमेशा लोगों को प्रेरित करती रहेगी।
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10 October 2024देवास जिले के हाटपिपल्या में एक कार अनियंत्रित होकर पलट गई. घटना में कार सवार कार के अंदर फंस गया वहीं मौके से गुजर रहे विधायक मनोज चौधरी ने कार का गेट तोड़कर घायल को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया. हाटपिपल्या और देवास के बीच एक कार अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. कार चालक कपिल पाटीदार कार में फंस कर रह गया. इसकी जानकारी विधायक मनोज चौधरी को मिली तो उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तुरंत लोहे की राड अपने हाथो में लेकर कार के गेट को खोलने का प्रयास किया. कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें गेट तोड़ने में कामयाबी मिली. इसके बाद कार चालक को निकालकर खुद एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक ले गए और घायल का इलाज कराया. इस घटना क्रम का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. मामले में मनोज चौधरी ने बताया कि जब देखा तो कपिल पाटीदार जो गाड़ी चला रहा था वह स्टेयरिंग व सीट के बीच में फसा हुआ था .दरवाजा भी लॉक हो चुका था. फिर दरवाजे को टॉमी से खोलने का प्रयास किया .इस दौरान पीछे का दरवाजा खुल गया. साथियों के मदद से उसे बाहर निकाला और एबुलेंस से उसे हाटपीपल्या के अस्पताल पहुंचाया फिलहाल उसकी हालत ठीक है.
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9 October 2024छतरपुर में रेप, ह्त्या और ह्त्या के प्रयास के आरोपी भोला अहिरवार के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई. पुलिस से घिर जाने के बाद आरोपी ने खुद को गोली मार लिए. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है. आरोपी ने खुद एसपी को अपनी लोकेशन बताई थी. छतरपुर में रेप पीड़िता और उसके परिवार के तीन लोगों को गोली मारने के आरोपी भोला अहिरवार ने पुलिस से घिर जाने के बाद खुद के सिर में गोली मार ली. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिस में पुच्छी पहाड़ी पर खड़ा आरोपी खुद को गोली मार रहा रहा है. उसने सुसाइड से पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एसपी को अपनी लोकेशन बताई थी. इस घटना से पहले भोला ने एक नाबालिग लड़की से रेप किया था और उस मामले में समझौता करने के लिए पीड़ित लड़की और उसके परिजनों पर दबाव बना रहा था. पिछले दो महीने में पुलिस आरोपी तक नहीं पहुँच पाई. इस एनकाउंटर से दो रोज पहले वह पीड़ित लड़की के घर पहुंचा और पीड़ित लड़की और उसके दो रिश्तेदारों को गोली मार दी. इस घटना में एक शख्स की मौके मौत हो गई. जबकि पीड़िता और उसके चाचा की हालात अभी गंभीर है. मौत के पहले आरोपी ने एफबी पर समर्पण करने की पोस्ट डाली थी और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. घटना के दिन ही डीआईजी ने आरोपी की गिरफ्तारी हेतु SIT गठित कर 20 हजार का ईनाम घोषित किया था. सागर आईजी का कहना है कि आरोपी की पुलिस की घेराबंदी पर भोला ने पुलिस पर दो राउंड गोली चलाई. जिस पर पुलिस ने चार राउंड गोली चलाई ,उसके बाद आरोपी ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली.
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9 October 2024प्रदेश में हो रहे महिला अपराधों को लेकर कांग्रेस जगह जगह विरोध प्रदर्शन कर रही है. खातेगाँव मे महिला कांग्रेस ने महिला अपराधों के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला और प्रदेश सरकार की आलोचना की. मध्य प्रदेश में महिला अपराधों के खिलाफ कांग्रेस सड़क पर आ गई है. देवास जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष संगीता सुनील यादव के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकालकर बेटियों एवं बहनों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत की गई. कैंडल मार्च की शुरुआत जवाहर चौक स्थित माताजी के पंडाल से हुई. कैंडल मार्च के जरिए कांग्रेस ने प्रदेश में महिला सुरक्षा के मुद्दे को उठाया. महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष संगीता सुनील यादव ने कहा पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश है. मध्यप्रदेश में बढ़ते महिला अपराध और रेप-बलात्कार की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं ऐसे में प्रदेश की सरकार कुम्भकरणी निद्रा में सोई हुई है .
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9 October 2024उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नया भू कानून लाने जा रहे हैं ... इससे पहले धामी ने बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई जमीनों की जांच भी दिए हैं ... उन्होंने कहा जिन परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड में भूमि खरीदी गई थी ... कई जगह उन परियोजनाओं में नियमों का उल्लंघन हो रहा है इसके जरिये उस पर भी नजर रखी जाएगी ... मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी के लामाचौड पहुंचे .... जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत किया ... इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड में में सशक्त भू कानून लाने वाली है ... वर्तमान में सरकार ने बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई जमीनों के जांच के निर्देश दिए हैं ... उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह भी आया है कि जिन परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड में भूमि खरीदी गई थी कई जगह उन परियोजनाओं के नाम पर नियम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है ... ऐसे में उनके द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी सभी भूमि जो नियम संगत नही है और नियम कानून का उल्लंघन कर रही है उन जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जाए ...
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8 October 2024शिवपुरी । केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार देर शाम अपने शिवपुरी जिले के प्रवास के दौरान कोलारस कस्बे की एक मिठाई की दुकान पर पहुंचे। यहां उन्होंने दुकानदार को बुलाया और कहा कि धर्मपत्नी को कौन सी मिठाई खिला दी थी, उस मिठाई को लेने के लिए उन्हें भेजा गया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ज्योतिरादित्य सिधिंया की धर्मपत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया कोलारस में विनोद रिजाले की मिठाई की दुकान पर रुकी थीं। यहां उन्हें कूमड़ापाक से बनी मिठाई बेहद ही पसंद आई थी। प्रियदर्शनी सिंधिया मिठाई पैक करके अपने साथ भी ले गई थीं। सोमवार को जब सिंधिया मिठाई की दुकान पर पहुंचे तो खुद मिठाई खाने से अपने को रोक नहीं पाए। उन्होंने अपने आप को पत्निव्रता बताते हुए आदेश मानने की बात कहते हुए पहले मिठाई खाई और फिर पैक कराई। सिधिंया ने कहा दुकानदार विनोद से कहा कि तुमने क्या करिश्मा कर दिया कि महारानी ने आदेश दिया हैं कि जो मिठाई खिलाई थी, वह साथ लानी हैं। इस दौरान सिंधिया ने मिठाई के बारे में दुकानदार विनोद से जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि मैं पत्नीव्रता हूं, मुझे लाने का आदेश मिला हैं, मैं मिठाई लेने आया हूं। उन्होंने दुकानदार विनोद से कहा कि मेरी हाजरी लगा देना। अगर फोन आये तो बता देना कि मैं खुद मिठाई लेने आया हूं। मैंने किसी को मिठाई लेने नहीं भेजा है।
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8 October 2024जबलपुर । फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को जबलपुर की विशेष न्यायालय ने देश को आजादी भीख में मिलने के बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। दरअसल, कंगना ने नवंबर 2021 में एक कार्यक्रम में कहा था कि 'असली आजादी हमें 2014 में मिली, 1947 में तो भीख मिली थी।' इस बयान के खिलाफ 2021 में ही जबलपुर जिला न्यायालय में अधिवक्ता अमित साहू ने कम्प्लेंट फाइल की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि एक सेलिब्रेटी होने के बाद भी कंगना का यह बयान शर्मसार करने वाला है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी विश्वेश्वरी मिश्रा की विशेष न्यायालय में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। परिवादी जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने दलील दी कि यह परिवाद 2021 में दायर किया गया था। इससे पूर्व अधारताल थाने में लिखित शिकायत दी गई थी। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा गया। इसका भी नतीजा न निकलने पर परिवाद दायर कर दिया गया। कोर्ट ने माना है कि कंगना का बयान सही नहीं है। कोर्ट ने कंगना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 05 नवंबर 2024 को होगी। अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज हो मामला याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमित साहू ने बताया कि आपत्ति का मुख्य बिंदु यह है कि देश को आजादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली थी। उसके बावजूद अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में आजादी भीख में दी गई थी। हमको असली आजादी 2014 में मिली है। इस तरह के अनुचित बयान को गंभीरता से लेकर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया जाए। इसी मांग के साथ अदालत की शरण ली है। हालांकि, कंगना अपने इस बयान को लेकर पहले ही माफी मांग चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि यदि मेरे अपने बयान से किसी को निराशा हुई है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।
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8 October 2024डेहरी । बिहार में रोहतास जिले के रोहतास थाना क्षेत्र के तुम्बा गांव के निकट सोन नदी ने स्नान करने के क्रम में एक ही परिवार और रिश्तेदार के 6 किशोर और एक किशोरी डूब गए। सूचना पाते ही सोन तट पर जनप्रतिनिधि और प्रशासन के लोग तत्काल पहुंचे।दो लोगो का स्वास चल रहा था।तत्काल प्रखंड विकाश पदाधिकारी बबलू कुमार व अंचलाधिकारी सिबू के पहल पर एंबुलेश से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोहतास भेजा गया।जहा चिकित्सको ने दोनो को मृत घोषित कर दिया।डूबे किशोर में अभय कुमार उम्र 10 वर्ष पिता केदार गौड़,विवेक कुमार उम्र 12 वर्ष पिता हीरालाल गौड़ उर्फ टुन्नू गौड़,राजू कुमार उम्र 12 वर्ष पिता कृष्णा गौड़ सभी तुम्बा निवासी है।जबकि इनके रिश्तेदार रांची झारखंड निवासी नंद किशोर गौड़ के पुत्र पवन कुमार उम्र सात वर्ष,पुत्री नाव्या कुमारी उम्र 13 वर्ष निधि कुमारी उम्र 12 वर्ष,गुनगुन कुमारी उम्र 8 वर्ष शामिल है।सभी अपने परिजन और कुछ अन्य बच्चो के साथ सोन नदी में स्थान करने गए थे।एक का पैर फिसला और उसे बचाने में धीरे धीरे सभी नदी के गहरे पानी में चले गए। तीन किशोर किसी प्रकार अपना जान बचाने में सफल रहे।जो बाहर निकल गए।शेष सात पानी में डूब गए।जिसमे से रांची निवासी नंदकिशोर के सभी दो लड़का और दो लड़की और अभय समेत पांच का शव नदी किनारे से बरामद कर लिया गया है।शेष दो की खोज जारी है।घटना स्थल पर अनुमंडल पदाधिकारी सूर्य प्रताप सिंह व थानाध्यक्ष निकुंज भूषण कैंप किए हुए है।अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि एक अन्य किशोर का शव मिल गया है जिसकी पहचान की जा रही है।प्रयास है कि सभी का शव खोज लिया जाए।पूर्व विधायक ललन पासवान ने जिला पदाधिकारी को सूचना कर सभी के परिजनों को उचित मुवावजा देने की मांग किया है।घटना स्थल पर कई जन प्रतिनिधि भी मौजूद होकर शव खोजने में गोताखोर को मदद कर रहे है।
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6 October 2024इन दिनों राहुल गाँधी के जलेबी की फैक्ट्री वाले बयान की खूब चर्चा है ... इस चर्चा पर तंज करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी कहीं किसी दिन आदमी बनाने की फैक्ट्री ना डाल दें... राहुल गांधी कुछ भी कर सकते हैं ... भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा है कि... राहुल गांधी कुछ भी कर सकते हैं पहले वह आलू की फैक्ट्री खोल रहे थे....अब वह जलेबी की फैक्ट्री खोलने की बात कर रहे है...देखना किसी दिन राहुल गांधी कहीं आदमी बनाने की फैक्ट्री ना खोलने की बात ना कहे ...क्योंकि वह राहुल गांधी है वह कुछ भी कर सकते हैं...
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6 October 2024मध्यप्रदेश की चर्चित शख़्सियतों में से एक प्रवीण कक्कड़ की बहुप्रचारित और बहुप्रतिक्षित पुस्तक ‘दंड से न्याय तक’ का विमोचन आज दिनांक 6 अक्टूबर को मध्यप्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री एस के दास, सीबीआई के स्पेशल प्रॉसिक्यूटर श्री मनोज द्विवेदी जी एवं साहित्यकार पंकज सुबीर के हाथों संपन्न हुआ। विमाचन समारोह में पुलिस, पत्रकार, साहित्यकार और इंदौर समेत मध्यप्रदेश के कई गणमान्य नागरिक शामिल हुए। इंदौर की होटल श्रीमाया रेज़िडेंसी में संपन्न आयोजन में पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री दास ने कहा कि समाज को यह जानना जरूरी है कि कानून क्या है उनके अधिकार क्या है और अपने अधिकारों का उपयोग व कैसे कर सकते हैं। यह पुस्तक बहुत ही सही अवसर पर आई है। आज कानून में परिवर्तन को समझने की पूरे समाज को जरूरत है। अंग्रेजों के जमाने में जैसा आमजन को पुलिस से डर लगता था वह काफी हद तक खत्म हुआ है। पूरी तरह खत्म होने की दिशा में यह पुस्तक सार्थक कड़ी होने का कार्य करेगी। विशेष अतिथि श्री मनोज द्विवेदी ने कहा कि कानून आमजन को सोशल जस्टिस दिलाने के लिए है। इसी पहल को लेकर नया कानून आया है। व्यक्ति कानून का जानकार रहेगा तो अपराध कम होंगे। इस विषय पर अब तक कोई पुस्तक नहीं आई है। ऐसे में कानून को समझने के लिए और धाराओं की जानकारी लेने के लिए यह पुस्तक उपयोगी साबित होगी। उन्होंने प्रवीण जी के टाइम मैनेजमेंट की तारीफ करते हुए कहां की इन्हें हम पुलिस सेवा में भी समय प्रबंधन के लिए जानते थे, मंत्रालय और सचिवालय में भी इसी की चर्चा थी। शिवना प्रकाशन के पंकज सुबीर ने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पुस्तक सिर्फ पुलिस अधिकारियों के लिए ही नहीं बल्कि हर आमजन के लिए महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक बताती है कि कानून में कौन-कौन सी धाराएं बदल गई हैं। सोशल मीडिया के तूफान के बीच इस पुस्तक का आना एक सार्थक पहल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रवीण जी को लोग एक पूर्व पुलिस अधिकारी और पूर्व ओएसडी के रूप में तो जानते ही हैं लेकिन एक लेखक के रूप में अब उनकी यह नई पहचान बनेगी। पुस्तक के लेखक श्री प्रवीण कक्कड़ ने पुस्तक को अपनी मां स्वर्गीय विद्यादेवी कक्कड़ को समर्पित करते हुए कहा कि मेरा जीवन पुस्तकालय से शुरू हुआ था कॉलेज में मैं काफी किताबें पढ़ता था। फिर पुलिस मुख्यालय, सचिवालय और मंत्रालय से होता हुआ फिर पुस्तकालय तक पहुंच गया है। जीवन में काफी उतार चढ़ाव आते हैं लेकिन जब भी आपको आगे बढ़ना हो तो आपको वह सीढ़ी छोड़ना पड़ेगी जिस पर आप मजबूती से खड़े हैं, अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलेंगे, तभी आप ऊपर की ओर बढ़ पाएंगे। उन्होंने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस के नये कानून ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ (बीएनएसएस) और पुराने क़ानून ‘भारतीय दंड संहिता’ (आईपीसी) के बीच के बदलाव को मैने बेहद सरल भाषा में अंकित किया है। यह पुस्तक पुलिस, प्रशासन, क़ानून के विद्यार्थियों और वकीलों के साथ साथ आम जनता के लिये भी बेहद उपयोगी साबित होने वाली है। इस पुस्तक में पुराने और नए कानून में धाराओं के परिवर्तन, ऑनलाइन शिकायत सहित अन्य महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी है। इसके साथ ही दुनिया की बेस्ट पुलिसिंग सिस्टम और पुलिस सुधार के विभिन्न प्रयासों का भी उल्लेख है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण श्रीमती ज्योति जैन ने दिया। उन्होंने शिवना प्रकाशन परिवार की ओर से सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम के सूत्रधार संजय पटेल थे।
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6 October 2024नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए.) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों से जुड़े मामले में शनिवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित छह राज्यों में 22 जगहों पर छापेमारी की। एनआईए के मुताबिक दिल्ली में उत्तर पूर्वी दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद इलाके में एक घर पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई देश में आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाने वाले व्यापक अभियान के हिस्से के रूप में की जा रही है। एनआईए की टीम ने महाराष्ट्र के मालेगांव में एक होमियोपैथी क्लीनिक में छापेमारी की। एनआईए की यह छापेमारी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, जम्मू-कश्मीर और असम में जारी है। विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है।
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5 October 2024कोलकाता । आरजी कर मेडिकल कॉलेज आैर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात से ही अपनी दूसरी पूर्ण हड़ताल समाप्त कर काम पर वापसी कर ली है। शनिवार सुबह से उन्होंने आउटडोर विभाग में भी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है। आरजी कर सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी शनिवार को यही स्थिति देखी गई, जहां डॉक्टर मरीजों को देखकर आवश्यक चिकित्सा परामर्श दे रहे थे। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इतने दिनों से चले आ रहे आंदोलन के दौरान आम जनता ने उनका समर्थन किया है। अब वे जनता के साथ खड़े होकर पूरी तरह से चिकित्सा सेवाओं को सामान्य कर रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दौरान साथ खड़े रहने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों के प्रति भी आभार प्रकट किया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर आरिफ अहमद लस्कर ने कहा, "वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की आधिकारिक घोषणा के बाद हड़ताल पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर अब काम पर लौट चुके हैं। हमने आउटडोर विभाग के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों और इमरजेंसी सेवाओं में भी काम शुरू कर दिया है।" शुक्रवार रात से ही आरजी कर अस्पताल की इमरजेंसी और इंडोर सेवाओं में जूनियर डॉक्टरों ने काम पर वापसी कर ली थी। शनिवार सुबह से आउटडोर सेवाएं भी पूरी तरह से सामान्य हो गईं। आंदोलन के दौरान वरिष्ठ डॉक्टरों ने हमेशा जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया और अतिरिक्त काम करके मरीजों की देखभाल जारी रखी। अब भी वे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के साथ खड़े हैं। हालांकि, वरिष्ठ डॉक्टरों ने हाल के दिनों में सुझाव दिया था कि पूर्ण हड़ताल के बजाय किसी और तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस सुझाव को स्वीकार करते हुए जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। कोलकाता मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अनिकेत कर ने भी बताया कि शुक्रवार रात से इमरजेंसी सेवाओं, सर्जरी विभाग सहित विभिन्न विभागों में डॉक्टरों ने काम शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह से ही कोलकाता मेडिकल कॉलेज के आउटडोर विभाग में भी मरीजों को देखा जा रहा है। इसके साथ ही, डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक रोटेशन शेड्यूल तैयार किया है ताकि वे विरोध स्थल पर भी अपनी उपस्थिति बनाए रख सकें।
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5 October 2024नई दिल्ली । गलत सूचना, सनसनीखेज और राष्ट्र-विरोधी नेरेटिव से उत्पन्न खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया से इन खतरों का मुकाबला करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि झूठे नेरेटिव और सनसनीखेज बातें भले ही दिलचस्प हों, लेकिन वे देश के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती हैं। मीडिया को इन ताकतों को बेअसर करना चाहिए और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘कॉन्क्लेव 2024’ में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका पर जोर दिया। धनखड़ ने सरकार की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के परिवर्तनकारी प्रभाव और राष्ट्रीय नेरेटिव को आकार देने में मीडिया के महत्व पर भी प्रकाश डाला। धनखड़ ने मीडिया से पूर्वोत्तर के लिए राजदूत के रूप में काम करने और इसकी पर्यटन क्षमता और विकासात्मक प्रगति को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "मीडिया जनता को सूचित करने और दिमाग को प्रज्वलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपकी कहानियां विकास के लिए शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम कर सकती हैं, जो हमारे विविध क्षेत्रों में मौजूद अद्वितीय अवसरों पर प्रकाश डालती हैं।" उपराष्ट्रपति ने तेजी से बढ़ते तकनीकी व्यवधान के दौर में जिम्मेदार मीडिया की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने सार्वजनिक संवाद की अखंडता को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "संपादकीय क्षेत्र को जनता को सूचित और संवेदनशील बनाना चाहिए ताकि मीडिया लोकतंत्र का प्रहरी बना रहे।" उन्होंने आपातकाल के दौरान समाचार पत्रों के साहसी रुख को भी याद किया, जब कुछ ने अपने संपादकीय स्थान को खाली छोड़कर सेंसरशिप का विरोध किया था। उन्होंने कहा, "मीडिया को हमेशा लोकतंत्र के स्तंभ के रूप में खड़ा रहना चाहिए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रेस की स्वतंत्रता उसकी जिम्मेदारी से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, "मैं मीडिया से आग्रह करता हूं कि वह भारत के अभूतपूर्व विकास पथ पर ध्यान केंद्रित करे और एक सूचित और संतुलित संवाद को बढ़ावा दे जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करे।" उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बंगाली, मराठी, पाली, प्राकृत और असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "इस पदनाम का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता को दर्शाता है।" उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि एक्ट ईस्ट नीति देश की सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि भारत से आगे जाकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ गहरे संबंधों को बढ़ावा देगी। उन्होंने बढ़ती कनेक्टिविटी की ओर इशारा किया जो जल्द ही पूर्वोत्तर से कंबोडिया तक यात्रा को सक्षम बनाएगी, जहां भारत सरकार के प्रयासों से प्रतिष्ठित अंकोरवाट मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह नीति एक गेम चेंजर साबित होगी, जो इस क्षेत्र के साथ गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देगी।"
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5 October 2024नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ड्रग्स की बहुत बड़ी खेप पकड़े जाने पर शुक्रवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस युवाओं को ड्रग्स की अंधेरी दुनिया में ले जाना चाहती है। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि एक ओर जहां मोदी सरकार 'नशामुक्त भारत' के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, वहीं उत्तर भारत से पकड़ी गई ड्रग्स की 5,600 करोड़ रुपये की खेप में कांग्रेस के एक प्रमुख व्यक्ति की संलिप्तता बेहद खतरनाक और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में ड्रग्स से पंजाब, हरियाणा और समग्र उत्तर भारत में युवाओं का जो हाल हुआ, वह सभी ने देखा है। मोदी सरकार युवाओं को खेल, शिक्षा और इनोवेशन की ओर ले जा रही है, तो वहीं कांग्रेस उन्हें ड्रग्स की अंधेरी दुनिया में ले जाना चाहती है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा अपने राजनीतिक रसूख से युवाओं को ड्रग्स के दलदल में झोंकने का जो पाप किया जाना था, उन इरादों को मोदी सरकार कभी पूरा नहीं होने देगी। हमारी सरकार ड्रग्स के कारोबारियों का राजनीतिक पद या कद देखे बिना, ड्रग्स के पूरे तंत्र का विनाश कर 'नशामुक्त भारत' बनाने के लिए संकल्पित है।
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4 October 2024नई दिल्ली । सोशल मीडिया कंपनी मेटा (फेसबुक) के को-फाउंडर और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। उन्होंने यह उपलब्धि अमेजन के अध्यक्ष और पूर्व सीईओ जेफ बेजोस को पछाड़ कर हासिल की है। ऐसा मेटा प्लेटफॉर्म्स के शेयरों में लगातार बढ़ोतरी के कारण हुआ है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की ओर से शुक्रवार को जारी सूची के मुताबिक जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 3 अक्टूबर को 206.2 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि के कारण जुकरबर्ग संपत्ति के मामले में जेफ बेजोस से 1.1 अरब डॉलर आगे निकल गए, जिनकी कुल संपति 205.1 अरब डॉलर से ऊपर है। हालांकि, जुकरबर्ग दुनिया के सबसे अमीर शख्स टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क से करीब 50 अरब डॉलर पीछे हैं। इस सूची में पहले नंबर पर एलन मस्क, दूसरे नंबर पर मार्क जुकरबर्ग और तीसरे नंबर पर जेफ बेजोस का नाम है। वहीं, टॉप 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में बर्नार्ड अर्नाल्ट, लैरी इल्लीजन, बिल गेट्स, लैरी पेज, स्टीव बॉलमर, वॉरेन बफे और सर्गी ब्रिन शामिल हैं। भारत की बात करें तो मुकेश अंबानी 107 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ 14वें नंबर पर हैं। गौतम अडानी उनसे कुछ पायदान नीचे 17वें स्थान पर इस सूची में अपनी जगह बनाए हुए हैं। मौजूदा समय में उनकी कुल संपत्ति 100 अरब डॉलर है।
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4 October 2024नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति प्रसादम में मिलावट के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग सीबीआई डायरेक्टर करेंगे। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया है। एसआईटी में सीबीआई डायरेक्टर की ओर से मनोनीत दो सीबीआई अधिकारी, दो राज्य पुलिस के अधिकारी और एक एफएसएसएआई के अधिकारी शामिल होंगे। अब राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी की बजाय ये नई एसआईटी जांच करेगी। कोर्ट ने कहा कि वो नहीं चाहता है कि ये मामला सियासी ड्रामा में तब्दील हो। मामला करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है। इसलिए वो इस मामले में स्वतंत्र एसआईटी की जांच का आदेश दे रहा है। उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है वो जुलाई की है लेकिन मुख्यमंत्री इसको लेकर सितंबर में बयान दे रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस रिपोर्ट को देखकर ये स्पष्ट नहीं है कि कथित मिलावट वाला घी लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल हुआ कि नहीं। कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से पूछा कि जिस सैंपल में मिलावट मिला था, क्या उसका इस्तेमाल प्रसादम बनाने में हुआ था। तब मंदिर प्रशासन के वकील ने कहा था कि इसकी जांच करनी होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब जांच चल रही थी, फिर ये सबूत कहां है कि प्रसादम का लड्डू बनाने में मिलावटी घी का प्रयोग हुआ था। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी समेत दूसरे याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मामले की जांच की मांग की गई थी।याचिका में भगवान श्री वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुपति तिरुमाला में लड्डुओं में घटिया सामग्री और पशु चर्बी वाले घी के कथित आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कमेटी गठित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता की आंतरिक रूप से जांच करने की जानी चाहिए।
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4 October 2024नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार में बाढ़ से हुए जान माल के नुकसान पर दुख जताते हुए केंद्र व राज्य सरकार से राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने की मांग की है। खरगे ने कहा कि बिहार के बाढ़ पीड़िताें को पीएम केयर फंड से मुआवजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपेक्षा कि है कि वे पीड़ितों की सेवा के लिए तत्पर रहें। खरगे ने गुरुवार काे एक्स पोस्ट में यह बात कही। खरगे ने कहा कि बिहार में बाढ़ का मंज़र भयंकर होता जा रहा है। 17 ज़िलों में क़रीब 15 लाख़ लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। पिछले कुछ दिनों में कई लोगों की मृत्यु का समाचार बेहद पीड़ादायक है। पुल टूटे हैं और ख़ासकर उत्तरी बिहार में आपदा के चलते नागरिकों के घर उजड़े हैं। केंद्र और राज्य सरकार से हमारी मांग है कि राहत एवं बचाव कार्यों में तेज़ी लाई जाए ताकि पीड़ितों को त्वरित मदद मिल सके। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जो मदद कर रही हैं, उनका हम तहे दिल से धन्यवाद करते हैं पर अभी भी राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा हर संभव मदद की बेहद ज़रूरत है। जिन किसानों की फ़सल बर्बाद हुई है उन्हें भी मुआवज़ा मिलना चाहिए।
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3 October 2024नवाचार के क्षेत्र में ग्वालियर में नया अध्याय जुड़ गया है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्वालियर की आदर्श गौशाला लाल टिपारा में बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल शुभारंभ किया ... केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल एवं केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी वर्चुअल इस कार्यक्र शामिल हुए ... इस समारोह में लाल टिपारा गौशाला में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर शामिल हुए ... लाल टिपारा गौशाला में 2 बायो सीएनजी प्लांट के शुभारंभ के साथ-साथ स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के समापन हुआ ... इस प्लान का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ... जहाँ गाय के गोबर से बायो सीएनजी बनेगी ... लाल टिपारा गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के सहयोग से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित किया गया है ... इस प्लांट के संचालन के लिए 100 टन गोबर का उपयोग कर प्रतिदिन 3 टन तक सीएनजी और सर्वोत्तम गुणवत्ता का 20 तन जैविक खाद तैयार करेगा ... लाल टिपारा गौशाला कार्बन उत्सर्जन रोकने में वैश्विक आदर्श बनेगी ...
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3 October 2024नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन की जांच के लिए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुरुवार काे यह आदेश दिया। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वो ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों का ब्योरा पेश करे। दरअसल, आज वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मामले को मेंशन करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। रोहतगी ने कहा कि ये धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे हैं। यह ईशा फाउंडेशन के बारे में बहुत जरूरी और गंभीर मामला है। सद्गुरु के लाखों अनुयायी हैं। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट मौखिक बयानों पर ऐसी जांच शुरू नहीं कर सकता।
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3 October 2024वाराणसी । जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने बुधवार को सारनाथ में भ्रमण किया और ऐतिहासिक जगहों पर फोटो भी खिंचवाई । इस दौरान उनके साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के संसदीय कार्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे। मेहमान प्रधानमंत्री ने सारनाथ में पुरातात्विक खंडहर, संग्रहालय और स्तूप का अवलोकन किया। इस दौरान मेहमान प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध को नमन भी किया। संग्रहालय में मौजूद राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को देखकर प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने इसके बारे में उत्सुकता दिखाई और जानकारी हासिल की। धमेख स्तूप के ऐतिहासिक तथ्य को भी जाना। अधीक्षक पुरातत्वविद् ने इस दौरान महत्वपूर्ण तथ्यों को बताया। अशोक स्तंभ, मूलगंध कुटी बिहार, पवित्र धमेख स्तूप को देख जमैका के प्रधानमंत्री प्रभावित दिखे। इस दौरान पूरे परिसर में सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी भी सजग रहे। इससे पहले जमैका के प्रधानमंत्री बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे। एयरपोर्ट के एप्रन पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के संसदीय कार्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना और जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस का गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर सांस्कृतिक ग्रुप के कलाकारों ने मनोहारी नृत्य से स्वागत किया। मेहमान प्रधानमंत्री ने भी लोगों का अभिवादन नमस्ते कर स्वीकार किया। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच वाहनों के काफिले में प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस सारनाथ पहुंचे। सारनाथ भ्रमण के बाद वह नदेसर स्थित होटल पहुंचे, जहां उन्होंने लंच किया। शाम चार बजे वे बड़ालालपुर स्थित टीएफसी जाएंगे। यहां से नमो घाट जाएंगे। नमोघाट से क्रूज पर बैठकर दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती देखेंगे। गंगा आरती देखने के बाद बाबतपुर एयरपोर्ट लौटकर वे रात आठ बजे राजधानी दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।
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2 October 2024रांची । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को फिर से झारखंड दौरे पर आए हैं। दोपहर 1:10 बजे विशेष विमान से वे रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से हजारीबाग पहुंचे। वहां प्रधानमंत्री मोदी हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मटवारी गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। माैके पर प्रधानमंत्री ने जोहार कहकर संबोधित किया। उन्हाेंने कहा कि हमारा आदिवासी समाज तभी आगे बढ़ेगा जब आदिवासी युवाओं को अच्छी शिक्षा का अवसर मिलेगा। आज हमारी सरकार आदिवासी इलाकों में 40 एकलव्य स्कूल का शिलान्यास करने जा रही है, ताकि हमारे जनजातीय समाज को बेहतर शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि एक बार फिर मुझे यहां आने का सौभाग्य मिला। कुछ दिन पहले मैं झारखंड आया था। वहां से मैंने बड़ी संख्या में लोगों को आवास दिया। आज मैं यहां से फिर जनजातीय ग्राम योजना की शुरुआत करने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मानना था कि भारत का विकास तभी हो सकता है कि जब आदिवासियों का विकास होगा।
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2 October 2024रोहतक । डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को बीस दिन की पैरोल मिलने पर बुधवार अल सुबह उन्हें रोहतक की सुनारियां जेल से रिहा कर दिया गया। पैरोल पर रिहाई के दौरान वह यूपी के बरनावा आश्रम में रहेंगे। राम रहीम की पैरोल को लेकर कांग्रेस ने एतराज जताया था और इस बारे में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि राम रहीम को इस वक्त पैरोल देना ठीक नहीं है, इससे मतदान प्रभावित हो सकता है। सुरक्षा के बीच राम रहीम जेल से यूपी के लिए रवाना हुए है। बुधवार सुबह करीब पांच बजे सुनारियां जेल के बाहर हलचल शुरु हो गई थी और जेल परिसर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई। करीब साढे़ छह बजे सुबह की हाजिरी के बाद राम रहीम को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जेल से रिहा किया गया। अभी हाल में ही राम रहीम 4 सिंतबर को 21 दिन की फरलो काटकर जेल लौटे थे। राम रहीम की पैरोल पर निर्वाचन आयोग ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। वह पैरोल अवधि के दौरान हरियाणा में नहीं रहेंगे और न ही सोशल मीडिया पर एक्टिव होंगे और चुनावी गतिविधयों से दूर रहेंगे, अगर शर्तो का उल्लघंन हुआ तो उसी वक्त पैरोल को रद्द कर दिया जाएगा। राम रहीम की रिहाई को लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने भी एतराज जताया था और चुनाव आयोग को शिकायत की थी, लेकिन देर रात सरकार ने राम रहीम की रिहाई के आदेश जारी किये और सुबह प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। प्रशासन ने तर्क दिया है कि जेल मैन्वअल के अनुसार राम रहीम की नियमों के तहत ही पैरोल दी गई है और इस वर्ष की 20 दिन की पैरोल राम रहीम की बाकि थी। एक कैदी की भांति अब उन्हें अगले साल में पैरोल मिलेगी।
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2 October 2024भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों में खान-पान का तरीका बिल्कुल अलग है. खान पान के मामले में कुछ लोग वेज खाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग नॉनवेज खाना पसंद करते हैं. अब तो कुछ लोग वेगन को भी अपना रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनियाभर में सबसे अधिक वेज किस देश के लोग खाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस देश में वेज खाने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है. वेज फूड खाने के शौकीन लोग अच्छे खाने की तलाश में कई किलोमीटर दूर तक का सफर करते हैं. खाने की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है कि सभी शहरों, राज्यों और देशों का खान-पान बिल्कुल अलग होता है. वहीं खाने के शौकीन लोग सभी तरह के खान-पान को पसंद करते हैं. इसमें कुछ लोग वेज खाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग नॉनवेज खाना पसंद करते हैं. हालांकि दुनियाभर में सबसे अधिक लोग नॉनवेज खाते हैं. लेकिन आज हम आपको उन देशों के बारे में बताएंगे, जहां पर सबसे अधिक लोग वेज खाना खाते हैं. यहां खाते हैं लोग वेज बता दें कि वेज खाने वालों की सूची में पहले नंबर पर भारत आता है. यहां 38 फीसदी से ज्यादा लोग शाकाहारी खाना खाते हैं. वहीं हरियाणा और राजस्थान ऐसे राज्य हैं, जहां सबसे ज्यादा शाकाहारी रहते लोग हैं. इसके बाद शाकाहारी खाने वालों में दूसरे नंबर पर इजरायल है. यहां रहने वाले 13 फीसदी लोग शाकाहार का सेवन करते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि भूख मिटाने के लिए जानवर की कत्ल करना जायज नहीं है. इन देशों में भी लोग खाते हैं वेज वहीं तीसरे नंबर पर ताइवान है, जहां 12 फीसदी से ज्यादा लोग वेज खाना पसंद करते हैं. यहां तमाम शाकाहारी रेस्तरां हैं. वहीं शाकाहारी खाने वालों की सूची में चौथे नंबर पर इटली है, जहां 10 फीसदी लोग वेज खाते हैं. हालांकि इटली तो नानवेज के लिए फेमस है, लेकिन पीयू रिसर्च के रिपोर्ट के मुताबिक वहां वेज खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं पांचवें नंबर पर छोटा सा देश ऑस्ट्रिया है. यहां के 9 फीसदी लोग वेज खाना पसंद करते हैं. ऑस्ट्रिया का शाकाहारी भोजन अधिक मीठा होता है. इसमें कई सामग्रियां शामिल होती हैं. वहीं वेज खाने वाले देशों की सूची में 6वें नंबर पर यूरोपीय देश जर्मनी है. हालांकि यहां के लोग मांसाहार पसंद करते हैं, लेकिन 9 फीसदी लोग अभी भी पूर्ण शाकाहारी खाने पर ही निर्भर हैं.
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29 September 2024भारत और नेपाल के बीच जिस सुस्ता गांव को लेकर बीते 60 सालों से विवाद चल रहा है, वहां नेपाल का हैंगिंग ब्रिज तैयार हो चुका है। लोगों ने आना-जाना भी शुरू कर दिया। बीते 9 सालों से इस ब्रिज का कंस्ट्रक्शन चल रहा था। 1571 मीटर लंबे हैंगिंग ब्रिज पर नेपाल ने 2500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सुस्ता बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में आने वाले चकदहवा से एक कदम की दूरी पर है। 26 सितंबर को नेपाल के प्रेसीडेंट रामचंद्र पौडेल ने इसका इनॉगरेशन किया। ब्रिज के शुरू होने से सुस्ता में रहने वाले लोगों को अब बोट के जरिए गंडक नदी क्रॉस नहीं करनी पड़ रही है, बल्कि वो ब्रिज से पैदल और बाइक से नेपाल पहुंचने लगे हैं। गांव में ट्रांसफॉर्मर ग्रिड के जरिए बिजली भी पहुंचाई जा चुकी है। नेपाल की सरकार गांव के लोगों को एक साल तक बिजली फ्री देगी। नेपाल सुस्ता को अपने लुम्बिनी प्रदेश में बताता है। यहां की नवल परासी सीट से सांसद विनोद चौधरी ने ब्रिज के इनॉगरेशन के वक्त कहा कि, अभी सुस्ता में 350 लोग रहते हैं, इनकी संख्या एक हजार तक की जाएगी। सांसद ने राष्ट्रपति से सुस्ता में चीनी मिल शुरू करने की डिमांड भी की। सुस्ता में नेपाल की ही सेना तैनात है। वहीं, सुस्ता से करीब 50 मीटर पहले भारत का सीमा सुरक्षा बल तैनात है। सुस्ता पर दावे को लेकर भारत और नेपाल में विवाद चल रहा है। फिलहाल सुस्ता नेपाल के कब्जे में हैं। नए ब्रिज बनने के बाद सुस्ता के क्या हालात हैं, वहां रहने वाले क्या बोल रहे हैं और बिहार सरकार इस मामले में क्या कर रही है, ये सब जानने भास्कर रिपोर्टर आदित्य उपाध्याय सुस्ता पहुंचे। चकदहवा से एक कदम की दूरी पर सुस्ता पश्चिम चंपारण जिले के बगहा सब डिविजन में बगहा-2 प्रखंड है, इसी में चकदहवा गांव आता है, जिसकी नेपाल से दूरी महज एक कदम की है। चकदहवा से ही लगा हुआ सुस्ता है, जिसे लेकर दोनों देशों में विवाद चल रहा है। बगहा-2 प्रखंड में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व यानी VTR तक आने-जाने के लिए पक्की सड़क है। VTR के बीच में से ही एक रास्ता सुस्ता की तरफ जाता है। VTR से सुस्ता की दूरी करीब 7 किमी की है। इस रास्ते से दोपहिया वाहन भी आते-जाते हैं। हम इसी के जरिए बाइक से सुस्ता पहुंचे। चकदहवा में हमें SSB जवानों ने जांच के लिए रोका। पूछा, सुस्ता क्यों जा रहे हैं? हमने कहा, झूला पुल देखने जा रहे हैं। उन्होंने नाम और गाड़ी का नंबर पूछकर छोड़ दिया। करीब 40 मिनट में हम सुस्ता पहुंच गए। हम सीधे नए हैंगिंग ब्रिज को देखने पहुंचे। वहां ब्रिज देखने आए लोगों की भीड़ लगी थी। अधिकतर भारतीय मूल के नेपाली लोग थे। जमीन भारत की है, नदी ने कटाव किया तो यहां आए सुस्ता में हमारी मुलाकात बुधई से हुई। वे गांव में ही हैंगिंग ब्रिज के पास एक किराना दुकान चलाते हैं। खेतीबाड़ी भी करते हैं। सुस्ता के बारे में पूछने पर बोले, ‘सुस्ता पहले गंडक नदी के पूर्वी हिस्से में था, लेकिन नदी के पूर्वी हिस्से में कटाव के चलते हम लोग पश्चिम की तरफ आकर बस गए। अब ये जमीन तो भारत की है, लेकिन लोगों के विस्थापित होने के कारण कब्जा नेपाल का है।’ उन्होंने बताया कि, ‘हैंगिंग ब्रिज बनने से नेपाल आना-जाना बहुत आसान हो गया है। पहले हमें बोट के जरिए गंडक नदी पार करके नेपाल जाना पड़ता था, इसलिए लोग अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए नेपाल के बजाए भारत आते थे। लेकिन अब भारत आना-जाना कम हो जाएगा।’
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29 September 2024चंद्र मिशन और सैटलाइट्स की तस्वीरों का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पुराने क्रेटर्स में से एक मेंउतरा। वैज्ञानिकों की टीम में अहमदाबाद के फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी एंड इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के रिसर्चर्स भी शामिल हैं। फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन में एसोसिएट प्रोफेसर एस विजयन ने बताया कि यह क्रेटर 3.85 अरब साल पहले नेक्टेरियन काल के दौरान बना था। नेक्टेरियन काल चंद्रमा के इतिहास में सबसे पुराने समय काल में से एक है। एस विजयन ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि चंद्रयान-3 लैंडिंग साइट एक यूनिक जियोलॉजिकल सेटिंग है। वहां इससे पहले कोई दूसरा मिशन नहीं गया है। चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर की तस्वीरें इस लैटिट्यूड पर चंद्रमा की पहली तस्वीरें हैं। तस्वीरें से पता चलता है कि चंद्रमा समय के साथ कैसे बदला है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को 3 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। 22 दिन बाद 5 अगस्त को यह चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंचा था। चंद्रयान-3 ने लॉन्च होने के 41वें 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंडिंग की। इसी के साथ भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन गया। क्रेटर क्या है और कैसे बनता है किसी भी ग्रह, उपग्रह या अन्य खगोलीय वस्तु पर बड़े गड्ढे को क्रेटर कहा जाता है। ये क्रेटर ज्वालामुखी विस्फोट से बनते हैं। इसके अलावा किसी उल्का पिंड के किसी अन्य पिंड से टकराने से भी क्रेटर बनते हैं। गड्ढे से बाहर निकले सामान को इजेक्टा कहते हैं। एस विजयन ने कहा कि इजेक्टा का बनना उसी तरह है जब आप एक गेंद को रेत पर फेंकते हैं और उसमें से कुछ रेत वहां से खाली हो जाता है। वह रेत बाहर की ओर एक छोटे ढेर में बदल जाता है। चंद्रयान-3 से भेजी तस्वीरों से पता चला कि क्रेटर का आधा हिस्सा चंद्रमा पर सबसे बड़े और सबसे नामी बेसिन साउथ पोल-एटकेन बेसिन से बाहर फेंकी गई या निकली सामग्री के नीचे दबा हुआ था।
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29 September 2024लता मंगेशकर की 28 सितंबर को 95वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 6 फरवरी, 2022 को उनका निधन हो गया था। लता भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी अमर है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लता की जिंदगी कई उतार-चढ़ाव से होकर गुजरी थी। उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से हैं जो उन्होंने खुद बायोग्राफी लता सुरगाथा में बताए थे... चैप्टर- 1: बचपन टीचर की बात सुनकर आया गुस्सा, छोड़ दिया स्कूल ये बात गलत थी कि मैं कभी स्कूल नहीं गईं। मैं एक बार स्कूल गई थी। घर के नजदीक एक मराठी मीडियम का स्कूल था जहां मेरी फुफेरी बहन बसंती पढ़ती थी। एक दिन मैं उसके साथ स्कूल गई तो टीचर ने पूछा- तुम कौन हो? मैंने जवाब दिया- मैं दीनानाथ मंगेशकर की बेटी हूं। ये बात सुनकर वो बोले कि वो तो बड़े महान गायक हैं। तुम्हें कुछ गाना आता है? मैंने उन्हें गाना सुनाया जिसके बाद उन्होंने मुझे स्कूल में दाखिला दे दिया। मैं स्कूल के पहले दिन अपनी छोटी बहन आशा को लेकर गई, जो केवल दस महीने की थी। टीचर ने कहा कि स्कूल में इतने छोटे बच्चों को लाने की इजाजत नहीं। यह बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैं क्लास बीच में छोड़कर घर आ गई।' उसके बाद मैंने स्कूल का मुंह कभी नहीं देखा। मैंने घर पर ही आसपास के लोगों की मदद से पढ़ाई की। मराठी, हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत और उर्दू भी सीखी। चैप्टर- 2 : जिम्मेदारी 13 साल की उम्र में घर चलाने के लिए फिल्मों में आईं 'ये 1942 की बात है। उस समय मेरे पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। 13 साल की उम्र में पूरे परिवार की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई थी। ऐसे में न चाहते हुए भी मुझे फिल्मों में काम करना पड़ा। घर में मां के अलावा चार भाई-बहनों की परवरिश एक चुनौती थी, जिसके लिए फिल्मों में काम करने का रास्ता ही मुझे ठीक लगा। मास्टर विनायक ने मुझे अपनी पहली फिल्म मंगलागौर में अभिनेत्री की छोटी बहन का रोल दिया। शूटिंग के दौरान मास्टर विनायक का स्टूडियो के साथ झगड़ा हो गया और उन्होंने फिल्म छोड़ दी। इस फिल्म को फिर डायरेक्टर आर.एस. जुन्नारदेव ने पूरा किया था। 1942 से 1947 तक मैंने पांच फिल्मों में काम किया। इनमें माझे झोल (1943), गजाभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946), सुभद्रा (1946) और मंदिर (1948) शामिल थीं।' चैप्टर- 3: संघर्ष गरीबी में लता ने पहनी थी 12 रुपए की साड़ी ये बात किसी को मालूम नहीं होगी कि 1947-48 के दौरान राशन की दुकान पर साड़ियां मिलती थीं। जब मैंने काम करना शुरू किया तो मेरे हालात अच्छे नहीं थे। ऐसे में राशन की दुकान में जो साड़ियां मिलती थीं, मैं उन्हें पहना करती थी। 'ये साड़ियां कॉटन की होती थीं, जिनके किनारों पर एक पतला सा लाल बॉर्डर होता था। उस समय वे साड़ियां 12 रुपए में मिलती थीं। मैं उन्हें खरीदकर लाती और अपने हाथ से खुद धोती और सूखने के बाद उन्हें सिरहाने रखकर सोती थी। सिरहाने दबे होने से साड़ियां सुबह ऐसी हो जाती थीं कि जैसे उन पर इस्त्री की हो। मेरे पास तब इतने पैसे भी नहीं थे कि साड़ियों को इस्त्री करवाकर उन्हें पहन सकूं।' चैप्टर- 4: परिवार चाचा ने कहा- परिवार का नाम खराब कर देगी ये लड़की '14 साल की उम्र में मैं कोल्हापुर से मुंबई एक शो में गाने के लिए अपनी मौसी के साथ गई थी। यहां मैं अपने चाचा कमलनाथ मंगेशकर के घर रुकी थी। घर पहुंचते ही मैं रियाज करने लग गई। मेरी यही कोशिश थी कि पिताजी के नाम पर कोई सवाल ना उठाए। मगर चाचाजी मुझसे नाराज थे। उन्होंने मुझे देखकर कहा, ये लड़की भाई दीनानाथ मंगेशकर का नाम खराब कर देगी। कहां वो एक सुधी गायक और कहां ये लड़की। ये लड़की ठीक से गा नहीं पाएगी और पूरे खानदान का नाम मिट्टी में मिल जाएगा। चाचा के जैसी ही सोच मेरी बुआ विजय की भी थी। उन लोगों की ये बात सुन मैं बहुत आहत हुई और रोने लगी। तब मौसी ने मुझे समझाया कि किसी की बिना सुने बस मैं अपनी गायकी पर ध्यान दूं। अगले दिन मैंने अपनी परफॉर्मेंस दी। उस शो में दर्शक के तौर पर एक्ट्रेस ललिता पवार भी मौजूद थीं। उन्हें मेरा गाना बहुत पसंद आया। ललिता पवार ने मुझे इनाम में सोने की बालियां भेंट कीं।' चैप्टर- 5: कामयाबी जब जवाहर लाल नेहरु बोले-इस लड़की ने रुला दिया '1962 में चीन के आक्रमण के दौरान पं. प्रदीप (कवि प्रदीप) ने देशभक्ति गीत 'ए मेरे वतन के लोगो' लिखा। उन्होंने मुझसे गुजारिश की थी कि मैं 26 जनवरी, 1963 को गणतंत्र दिवस के मौके पर इस गीत को गाऊं। जब मैंने ये गाना वहां गाया तो जवाहरलाल नेहरु अपने आंसू रोक नहीं पाए। गाने के बाद मैं स्टेज के पीछे कॉफी पी रही थी तभी निर्देशक महबूब खान ने मुझसे आकर कहा कि तुम्हें पंडितजी बुला रहे हैं। नेहरू के सामने उन्होंने ले जाकर कहा, ‘ये रही हमारी लता। आपको कैसा लगा इसका गाना?’ नेहरू ने कहा, बहुत अच्छा। इस लड़की ने मेरी आंखों में पानी ला दिया। इतना कहकर उन्होंने मुझे गले लगा लिया। चैप्टर- 6: विवाद रफी के बारे में कहा- उन्हें गलतफहमी हो गई थी 'रॉयल्टी को लेकर मोहम्मद रफी से झगड़े पर लता ने कहा था- मैं इसे विवाद या झगड़े से ज्यादा सिद्धांत की लड़ाई के तौर पर देखती हूं। जब मैंने यह मुद्दा उठाया था तो मुझे अपने भविष्य की चिंता होने लगी थी।लगता था अभी तो गला चल रहा है तो काम मिल रहा है मगर कल का क्या? इसी वजह से मैंने म्यूजिक कंपनियों से कहा कि उन्हें सिंगर्स को गानों के एवज में रिकॉर्ड की बिक्री पर प्रॉफिट का कुछ अंश देना चाहिए। इस पर विवाद होने लगा। रफी साहब ने कहा कि जब हमने एक बार गाने के पैसे ले लिए तो फिर और पैसे मांगने का क्या मलतब है? मैंने तर्क दिया कि एक बार हमने गाना गा लिया, लेकिन उन फिल्मों के रिकॉर्ड तो सालों बनते और बिकते रहते हैं, जिनका मुनाफा रिकॉर्ड कंपनियों और फिल्म प्रोड्यूसर्स को जाता रहेगा, जबकि पीछे की मेहनत तो हमारी है। कंपनियां मुनाफा कमाती रहेंगी और सिंगर्स बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर रहते हैं। मुकेश, मन्ना डे, तलत महमूद और किशोर कुमार तो इस बात के समर्थन में थे, लेकिन रफी साहब, आशा जी और कुछ सिंगर्स को ये बात नहीं जमी। मुझे लगता था कि रफी साहब को मुद्दे की पूरी जानकारी नहीं थी और उन्हें गलतफहमी हो गई थी। इसका नतीजा ये रहा कि मैंने और रफी साहब ने सालों तक साथ में गाना नहीं गाया।' वर्कप्लेस पर उठाई आवाज, छोड़ दी रिकॉर्डिंग 'किस्सा 1949 का है। मैं फिल्म चांदनी रात के गाने 'हे छोरे की जात बड़ी बेवफा' की रिकॉर्डिंग कर रही थी। नौशाद इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर थे। मेल प्लेबैक सिंगर जीएम दुर्रानी थे। अपनी लाइन गाने के बाद दुर्रानी शरारत करने लगते। नौशाद जी ने उन्हें समझाया कि इससे रिकॉर्डिंग में अड़चन आ रही है, ऐसा न करें। एक ब्रेक के बाद गाने की रिकॉर्डिंग शुरू हुई तो दुर्रानी की हरकतें बढ़ गईं। उन्होंने मेरी सफेद साड़ी पहनने का मजाक उड़ाते हुए कहा, तुम सफेद चादर लपेटकर क्यों आती हो, रंगीन कपड़े क्यों नहीं पहनती हो? इसके अलावा उन्होंने मेरी ज्वेलरी पर भी सवाल उठाए। मैंने रिकॉर्डिंग बीच में बंद कर दी। मैं सोचती थी कि जीएम दुर्रानी मेरे कपड़ों और ज्वेलरी से ज्यादा मेरी गायकी पर फोकस करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद मैंने तय कर लिया कि मैं उनके साथ कभी काम नहीं करूंगी।'
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28 September 2024बोरिंग, जो कि आमतौर पर निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का एक खास हिस्सा होती है, अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से की जाती है. विदेशों में बोरिंग की तकनीकें और तरीके भारत से काफी अलग हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि भारत के मुकाबले विदेशों में बोरिंग कैसे की जाती है. विदेशों में इस मशीन से होती है बोरिंग विदेशों में बोरिंग की प्रक्रिया को नई तरह की मशीनों और तकनीकों के माध्यम से किया जाता है. टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग करना बहुत आम है, जो कि जमीन के नीचे बड़े टनल बनाने में सक्षम होती हैं. TBM की मदद से बोरिंग करना न केवल समय की बचत करता है, बल्कि ये पर्यावरण पर भी कम प्रभाव डालता है. भारत में क्या है स्थिति? भारत में बोरिंग तकनीक में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी हमारे देश में बोरिंग के लिए पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है. यहां के कई प्रोजेक्ट्स में मैन्युअल बोरिंग तकनीकें देखी जाती हैं, जो कि कई बार बहुत समय लेने वाली होती हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों में भारत ने भी TBM तकनीक को अपनाना शुरू किया है, खासकर मेट्रो परियोजनाओं में. विदेशों से कितना अलग हो भारत में बोरिंग करने का तरीका? विदेशों में बोरिंग के लिए उच्च तकनीकी मशीनों का उपयोग किया जाता है, जबकि भारत में अभी भी कई परियोजनाएं पारंपरिक मशीनों पर निर्भर हैं. वहीं विदेशी देशों में बोरिंग प्रोजेक्ट्स के लिए अधिक कुशल प्रणाली होती है, जिससे समय और संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है. इसके अलावा डिजिटलाइजेशन और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग विदेशों में बोरिंग करने के तरीके को ज्यादा सहूलियत भरा बनाता है, जबकि भारत में इसे लेकर विकास चल ही रहा है. गौरतलब है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में TBM का सफल प्रयोग देखने को मिला था. इस परियोजना के दौरान बोरिंग तकनीक को बहुत ही कुशलता से लागू किया गया, जिससे समय और लागत दोनों में कमी आई. यह घटना भारत में आधुनिक बोरिंग को करने के तरीके का विकास है. क्या है खास? विदेशों में बोरिंग करने के तरीके में पर्यावरण संरक्षण पर खास ध्यान दिया जाता है. जर्मनी और स्वीडन जैसे देशों में बोरिंग का काम करने के दौरान पर्यावरणीय मानकों का पालन करना जरुरी है. वहीं भारत में भी पिछले कुछ सालों में पर्यावरणीय नियमों को लागू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इसे लागू करना बहुत ही परेशानी भरा है.
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28 September 2024पितृपक्ष का समय पितरों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. मृत पितरों के निमित्त श्राद्ध करना प्रचीन हिंदू परंपरा है. श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है. पितरों के निमित्त श्राद्ध. पिंडदान (Pind Daan) या तर्पण (Tarpan) करने के लिए पितृपक्ष के समय को सबसे उत्तम माना जाता है. पितृपक्ष की शुरुआत होते ही लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए और उन्हें तृप्त करने के लिए तीर्थस्थलों जैसे गया जी, हरिद्वार, काशी, ऋषिकेश और प्रयादराज आदि जैसे जगहों पर पहुंचने लगते हैं. मान्यता है कि तीर्थस्थलों में किए गए श्राद्ध से पितृ तृप्त और प्रसन्न होते हैं. लेकिन अगर आप किसी तीर्थस्थल जाने के लिए आर्थिक रूप से समर्थ नहीं हैं तो चिंता न करें. आप कुछ विशेष विधि का पालन कर घर पर भी पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म कर सकते हैं. हमारे सनातन धर्म की यही खूबसूरती है कि इसमें प्रत्येक वर्ग की हर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए नियम और व्यवस्थाओं का निर्धारण किया गया है. ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास से जानते हैं, धन के अभाव या विपन्नता पर कैसे करें पितृरों का श्राद्धकर्म- “तस्माच्छ्राद्धं नरो भक्त्या शाकैरपि यथाविधि।” शास्त्रों के अनुसार, अन्न-वस्त्र के लिए धन का अभाव होने पर शाक यानी हरी सब्जियों से भी श्राद्ध किया जा सकता है. लेकिन सब्जियों द्वारा भी श्राद्ध करने में असमर्थ हों तो दक्षिणामुखी होकर दोनों भुजाओं को ऊपर ऊठाकर ये प्रार्थना कर लें... प्रार्थना- “न मेस्ति वित्तं धनं च नान्यच्छ्राद्धोपयोग्यं स्वपितृन्न्तो स्मि। तृप्यन्तु भक्त्या पितरो मयैतौ कृतौ भुजौ वत्र्मनि मारुतस्य।।” (विष्णु पुराण) अर्थ है:- हे मेरे पितृरों! मेरे पास श्राद्ध कर्म के लिए न हो उपयुक्त धन है और न धान्य. लेकिन मेरे पास आपके लिए अपार श्रद्धा-भक्ति है. इसलिए मैं इन्हीं के द्वारा आपको तृप्त करना चाहता हूं. मैंने शास्त्रानुसार दोनों भुजाओं को आकाश में उठा रखा है.
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27 September 2024चुकंदर और आंवले का जूस बेहद फायदेमंद होता है. इससे शरीर की कई परेशानियां छूमंतर हो सकती हैं. दरअसल, चुकंदर और आंवला दोनों ही कई पोषक तत्वों से भरपूर हैं. चुकंदर (Beetroot) में विटामिन B9, विटामिन C, फाइबर, पोटेशियम, आयरन पाया जाता है, जबकि आंवला (Amla) विटामिन C, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट का खजाना होता है. ये सभी पोषक तत्व स्किन के अलावा ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बनाने का काम करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं चुकंदर और आंवले का जूस मिलाकर पीने से क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं... 1. त्वचा होगी जवां चुकंदर और आंवला में विटामिन सी भरपूर पाया जाता है, जो सबसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट में से एक माना जाता है. इसके सेवन से चेहरा जवां होता है.चुकंदर में बीटालेंस नाम का पिगमेंट पाया जाता है, जो चेहरे के सूजन को कम कर दाग-धब्बों को मिटाता है. इसके अलावा विटामिन सी हाइपरपिग्मेंटेशन को कम कर डैमेज स्किन को बचाता है और चेहरे पर निखार, खूबसूरती लाता है. 2. इम्यूनिटी करे बूस्ट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत रहने से बीमारियां दूर रहती हैं. सर्दी-जुकाम और खांसी से बचने के लिए ठंडे मौसम में चुकंदर और आंवला के जूस में गाजर मिलाकर खाली पेट पिएं. इनमें मौजूद विटामिन सी शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत कर मौसमी बीमारियों से बचाने का काम करेगी. 3. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे, कमजोरी भगाए आंवला और चुकंदर दोनों में ही ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के गुण पाए जाते हैं. रोजाना इनका जूस पीने से ब्लड प्रेशर की समस्याएं दूर होती हैं. इससे शरीर की एनर्जी भी बढ़ती है, जिससे कमजोरी औऱ थकान दूर होती है. 4. पाचन बेहतर बनाए पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे-अपच, कब्ज और गैस की समस्याओं से परेशान हो गए हैं तो चुकंदर-आंवले का मिक्स जूस फायदेमंद हो सकता है. इसमें गाजर मिलाकर पीने से दोगुना फायदा मिल सकता है. इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है. 5. वजन घटाए फास्ट फूड और जंक फूड खाने से आजकल मोटापा आम समस्या बनती जा रही है. ऐसे में वजन कंट्रोल करने के लिए सुबह खाली पेट चुकंदर, आंवले के जूस में गाजर मिलाकर पी सकते हैं. इस जूस की कैलोरी कम होती है, जो वेट कंट्रोल में मदद करती है.
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27 September 2024भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जा रहा है. यह मैच कानपुर के ग्रीन पार्क क्रिकेट स्टेडियम में चल रहा है, जिसमें फैंस विराट कोहली के बल्ले से शतक की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में विराट कोहली का एक नन्हा फैन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो 58 किलोमीटर साइकिल चलाकर कोहली को देखने ग्रीन पार्क क्रिकेट स्टेडियम पहुंचा है. साइकिल से पहुंचा कोहली का नन्हा फैन क्रिकेट के प्रति भारत में दीवानगी जगजाहिर है, और यही जुनून 15 साल के कार्तिकेय ने दिखाया, जो विराट कोहली को अपना आदर्श मानता है. उत्तर प्रदेश के उन्नाव से ताल्लुक रखने वाले कार्तिकेय ने विराट कोहली की एक झलक पाने के लिए 58 किलोमीटर साइकिल से कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम का सफर तय किया. कार्तिकेय ने सुबह 4 बजे अपनी खस्ताहाल साइकिल से यात्रा शुरू की और समय पर स्टेडियम पहुंच गए. उनके माता-पिता ने उनके इस फैसले पर सहमति जताई थी क्योंकि वह कोहली को देखने जा रहे थे. हालांकि बारिश ने भारत-बांग्लादेश टेस्ट के पहले सत्र में खलल डाला, लेकिन कार्तिकेय समय पर स्टेडियम पहुंच गए. मौसम डाल सकता है मैच में खलल? एक्यूवेदर के अनुसार, शुक्रवार को कानपुर में बारिश की 96% संभावना है, साथ ही आंधी-तूफान की भी 58% संभावना है. ऐसे में पहले दिन का खेल प्रभावित होने की पूरी संभावना है. हर घंटे के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बारिश की संभावना 40% से 74% के बीच रहने की उम्मीद है. पहले दिन पिच पर टिके बांग्लादेशी बल्लेबाज खबर लिखे जाने तक बांग्लादेशी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों पर हावी साबित हो रहे हैं. भारतीय गेंदबाजों ने 28 ओवर फेंके हैं. लेकिन अभी तक बांग्लादेश के सिर्फ तीन विकेट गिरे हैं. बांग्लादेश के कप्तान 57 गेंदों में 31 रन बनाकर आउट हुए.
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27 September 2024पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक ऐसी रोटी बनाई जाती है जिसका नाम सुनकर ही लोग हैरान रह जाते हैं. दरअसल इसका नाम है 'पत्थर की रोटी’. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. यह रोटी पत्थर पर पकाई जाती है और इसका स्वाद बेहद अनोखा होता है. ऐसे में चलिए इस अनोखी रोटी के बारे में जानते हैं और ये बनाता कौन है ये भी जानेंगे. कैसे बनती है पत्थर की रोटी? पत्थर की रोटी, जिसे स्थानीय भाषा में 'سنگ روٹی' कहा जाता है, एक खास तरह की रोटी है जो पाकिस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों में बनाई जाती है. इसे बनाने की विधि भई बेहद दिलचस्प है. दरअसल इस रोटी को पत्थर पर बनाया जाता है, जो इसकी खासियत है. इसे बनाने के लिए एक ठोस पत्थर की सतह का उपयोग किया जाता है. दरअसल पत्थर की रोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा, पानी और थोड़ा सा नमक मिलाकर एक सख्त आटा गूंथा जाता है. इस आटे को छोटी-छोटी लोइयों में बांटकर चकले पर बेल लिया जाता है. फिर इन लोइयों को गर्म पत्थर पर रखकर पकाया जाता है. पत्थर की गर्मी से रोटी पक जाती है और इसका स्वाद बेहद क्रिस्पी हो जाता है. यह रोटी आमतौर पर मोटी होती है और इसमें एक अलग ही स्वाद होता है. यह खाने में कुरकुरी होती है और इसे कई तरह की चटनियों या सब्जियों के साथ परोसा जाता है. क्यों खाई जाती है पत्थर की रोटी? बलूचिस्तान में अधिकतर लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं. ऐसे में उनके पास रसोई बनाने की सुविधा नहीं होती है. इसलिए वो पत्थर पर रोटी बनाकर खाते हैं. वहीं इस तरह की रोटी में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. साथ ही पत्थर की रोटी का स्वाद बहुत ही अनोखा और स्वादिष्ट होता है. इसे दही, चटनी या सब्जी के साथ खाया जाता है.
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26 September 2024जब भी धरती के सबसे बड़े जीव की बारे में बात की जाती है तो सबसे पहला नाम लोगों के जहन में ब्लू व्हेल का आता है. हालांकि, ये जीव पानी में रहता है. चलिए आज आपको बताते हैं कि जमीन पर रहने वाला दुनिया का सबसे बड़ा जीव कौन सा है. इसके साथ ही आपको इस जीव की खासियत और इसके बारे में कई और बाते भी बताते हैं. कौन सा है वो जीव जमीन पर रहने वाला दुनिया का सबसे बड़ा जीव अफ्रीकी जंगली हाथी है. इसे African Bush Elephant भी कहा जाता है. वहीं इसका वैज्ञानिक नाम Loxodonta africana है. इन हाथियों का औसत वजन 4,500 से 6,800 किलोग्राम तक हो सकता है और ऊंचाई लगभग 3 से 4 मीटर यानी 10 से 13 फीट तक हो सकती है. इन हाथियों के कान आम हाथियों से काफी बड़े होते हैं जो उनके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. वहीं इसकी लंबी सूंड और बड़े दांत खाना और पानी की खोज में सहायक होते हैं. कहां रहते हैं अफ्रीकी बुश हाथी अफ्रीकी बुश हाथी मुख्य रूप से अफ्रीका के सवाना, जंगल और घास के मैदानों में पाए जाते हैं. ये जीव अक्सर झुंड में रहते हैं, जिसमें मादा हाथी और उनके बच्चे भी शामिल होते हैं, जबकि नर हाथी आमतौर पर वयस्क होने के बाद अकेले रहना पसंद करते हैं या छोटे समूहों में पाए जाते हैं. आपको बता दें, हाथियों की सामाजिक संरचना बहुत मजबूत होती है, जिसमें मादा हाथी नेतृत्व करती हैं और समूह के सदस्यों का ध्यान रखती हैं. क्या खाते हैं ये अफ्रीकी बुश हाथी शाकाहारी होते हैं और इनका आहार- घास, पत्तियां, पेड़ों की छाल और फल होता है. ये हाथी एक दिन में लगभग 150 किलो भोजन कर सकते हैं. इनकी खास बात ये है कि खाने की तलाश में ये लंबी दूरी तक यात्रा कर सकते हैं. हालांकि अफ्रीकी बुश हाथी का जीवन अब खतरे में है. शिकार, वनों की कटाई और इनके आवास का नुकसान उनके अस्तित्व के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहे हैं. दरअसल, इनके दांतों के लिए इनका अवैध शिकार एक प्रमुख समस्या है, जिससे इनकी जनसंख्या में अब गिरावट आ रही है.
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26 September 2024देश की राजधानी दिल्ली हर साल अक्टूबर और नवंबर में भयंकर प्रदूषण का सामना करती है, जिसके चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जैसे फ्लाइट्स में देरी या फिर कैंसिल हो जाना और लोगों की स्वास्थ्य की समस्या या सांस लेने में दिक्कत. ऐसे में दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए फिर ऑड-ईवन सिस्टम लागू होगा. भारत में बढ़ते वाहनों के चलते कई जगहों पर ऑड-ईवन सिस्टम लागू किया जाता रहा है. ऐसे में चलिए आज जानते हैं कि दुनिया के कितने देशों में ये सिस्टम लागू किया गया है. क्या है ऑड ईवन? सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ऑड ईवन होता क्या है? तो बता दें कि ऑड-ईवन सिस्टम वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने का एक तरीका है, जिसमें वाहनों को उनके पंजीकरण नंबर के आखिरी अंक के आधार पर सड़क पर चलने की अनुमति दी जाती है. इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना, यातायात की भीड़ को कम करना और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देना होता है. कौन से देशों में लागू है ऑड-ईवन सिस्टम? ऑड-ईवन सिस्टम को दुनिया के कई शहरों और देशों में अपनाया गया है. हालांकि, यह एक व्यापक रूप से लागू किया जाने वाला नियम नहीं है और इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से लागू किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि वो कौन से देश हैं जहां ये सिस्टम लागू किया गया है. भारत: भारत में ऑड-ईवन सिस्टम को सबसे पहले दिल्ली में लागू किया गया था. दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर के कारण, सरकार ने वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया था. इसके बाद, भारत के कई अन्य शहरों में भी ऑड-ईवन सिस्टम को लागू किया गया. चीन: चीन के कई शहरों में भी ऑड-ईवन सिस्टम को लागू किया गया है. बीजिंग, शंघाई और गुआंगज़ौ जैसे बड़े शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यह सिस्टम अक्सर लागू किया जाता है. मेक्सिको सिटी: मेक्सिको सिटी में भी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ऑड-ईवन सिस्टम को लागू किया गया है. पेरिस: पेरिस में भी वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ऑड-ईवन सिस्टम को लागू किया जाता है अन्य देश: इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, और कई अन्य देशों में भी कुछ शहरों में ऑड-ईवन सिस्टम को लागू किया गया है. ऑड-ईवन सिस्टम के फायदे ऑड-ईवन के कई फायदे होते हैं. जैसे इससे सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो जाती है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आती है. साथ ही ऑड-ईवन सिस्टम से सड़कों पर यातायात की भीड़ कम होती है, जिससे आवागमन का समय कम हो जाता है. इसके अलावा ऑड-ईवन सिस्टम से लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं.
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26 September 2024बोहरा मुस्लिम, मुस्लिमों की ही एक जाति है, जो शिया संप्रदाय के आदर्शों का पालन करती है. इस समुदाय के लोग मुख्य तौर पर व्यापार जैसे कामों में लगे रहते हैं. बात की जाए भारत की तो भारत देश में बोहरा मुस्लिमों की आबादी 20 लाख से ज्यादा है. जिनमें 15 लाख दाऊदी बोहरा है. भारत में बोहरा जाति का आगमन 11वीं शताब्दी में मुस्ताली मत ने धर्म प्रचारकों के माध्यम से भारत में अपनी जगह बनाई. 1539 के बाद जब भारत में इसका समुदाय बड़ा हो गया तो, इस मत का मुख्यालय यमन से भारत के सिद्धपुर में स्थानांतरित किया गया. इसके बाद साल 1588 को वो दौर आया जब दाऊद बिन कुतुब शाह और सुलेमान के अनुयायियों की वजह से बोहरा समुदाय आपस में बंट गया. हालांकि इनके धार्मिक सिद्धांतों में कुछ खास अंतर नहीं था. दाऊदी बोहरा शियाओं के आदर्शों को मानता है. जो मुख्य तौर पर गुजरात के सूरत, जामनगर, राजकोट, अहमदाबाद, दाहोद और महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, नागपुर, राजस्थान के उदयपुर, भीलवाड़ा और मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, शाजापुर जैसे शहरों में रहते हैं. दाऊदी बोहरा सबसे पहले मुंबई आए थे. वही यमन और सऊदी अरब में बोहरा मुस्लिम समुदायों की संख्या काफी अधिक है. बोहरा समुदाय की अनोखी परंपरा दाऊदी बोहरा समुदाय के ज्यादातर लोगों के घर में एक समय का खाना कॉमन किचन से आता है. बोहरा समुदाय जहां-जहां भी रहते हैं, वहां ये समुदाय मिलकर कॉमन किचन (सांझा चूल्हा) चलाता है. वहां बनने वाले खाने को उन्हीं के समुदाय के लोगों द्वारा घर-घर तक पहुंचाया जाता है. बोहरा मुसलमान पर्यावरण और साफ-सफाई को लेकर काफी गंभीर होते हैं. मुसलमानों का ये समुदाय काफी समृद्ध और पढ़ा-लिखा होता है. बोहरा समुदाय में ज्यादातर लोग व्यापार करते हैं, तो कुछ लोग किसानी का काम. दाऊदी बोहरा बेहद शांत और सौम्य प्रवृति के होते हैं. दाऊदी बोहरा की विरासत दाऊदी बोहरा मुसलमानों की विरासत फातिमी इमामों से संबंध रखती है, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज भी कहा जाता है. 10वीं से 12वीं शताब्दी के दौर में इस्लाम ने दुनिया पर शासन के दौरान ज्ञान, विज्ञान, वास्तुकला, कला साहित्य और ढेरों उपलब्धियां हासिल कर इस्लाम धर्म को समृद्ध बनाया. जो आज मानव सभ्यता की बहुमूल्य पूंजी है. दाऊदी बोहरा इमामों के आदेशों को मानते हैं. बोहरा समुदाय के 21वें और अंतिम इमाम तैयब अबुल क़ासिम थे. उनके बाद 1132 से आध्यात्मिक गुरूओं की परंपरा की शुरुआत होती है. बोहरा समुदाय के लोग सूफियों और मजारों पर अटूट विश्वास रखते हैं. दाऊदी बोहरा समुदाय इस्माइली शिया (Shia) समुदाय का उप समुदाय है.
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25 September 2024अगर आप भी इस बरसात के मौसम में अपने बच्चे और फैमिली वालों के साथ बाघों को देखने के लिए राष्ट्रीय उद्यान जाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. आज हम आपको भारत के ऐसे फेमस नेशनल पार्कों के बारे में बताएंगे, जहां आप खूब एंजॉय कर सकते हैं. इन नेशनल पार्क में आपको सिर्फ बाघ ही नहीं बल्कि कई दूसरे जीव जंतु देखने को मिलेंगे. भारत के फेमस नेशनल पार्क फैमिली के साथ किसी अच्छे नेशनल पार्क जाने की सोच रहे हैं, तो मध्य प्रदेश का कान्हा नेशनल पार्क बाघों के लिए सबसे ज्यादा फेमस माना गया है. यहां पर बाघों की संख्या बहुत ज्यादा है साथ ही दूसरे जंगली जानवर भी यहां आपको देखने को मिलेंगे. जंगल सफारी के दौरान आप बड़ी आसानी से सभी बाघों को कान्हा नेशनल पार्क में अपनी आंखों से देख सकते हैं. मध्य प्रदेश का पेंच नेशनल पार्क इसके अलावा मध्य प्रदेश में पेंच नेशनल पार्क भी है, जो कान्हा नेशनल पार्क के पास ही मौजूद है. यहां पर भी बाघों की संख्या बहुत ज्यादा है और यहां का नजारा भी काफी खूबसूरत है. इसके अलावा आप बांधवगढ़ नेशनल पार्क भी घूम सकते हैं. यह पार्क भी मध्य प्रदेश में स्थित है, जहां आपको कई सारे बाघ एक साथ देखने को मिलेंगे. कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी अगर आप उत्तराखंड या उत्तराखंड के आसपास के रहने वाले हैं, तो कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घूमने जा सकते हैं. यहां आपको कई सारे बाघ देखने को मिलेंगे साथ ही बाकी दूसरे वन्य जीव भी आपको आसानी से यहां दिख जाएंगे. रणथंभौर नेशनल पार्क, राजस्थान रणथंभौर नेशनल पार्क भी बाघों के लिए काफी फेमस माना गया है. राजस्थान में स्थित इस नेशनल पार्क में आपको बाघ खुले मैदान में घूमते दिखाई देंगे. आप बड़ी आसानी से और अपने करीब से बाघ को देख सकते हैं. सुंदरबन नेशनल पार्क यही नहीं पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन नेशनल पार्क दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा है. यहां पर आपको कई सारे बाघों की प्रजातियां देखने को मिलेगी. इस नेशनल पार्क में आप नाव सफारी कर बाघों को करीब से देख सकते हैं. पेरियार टाइगर रिजर्व इसके अलावा आप अपने पूरे परिवार के साथ पेरियार टाइगर रिजर्व में बाघों को देखने जा सकते हैं. केरल में स्थित यह पार्क खासकर बाघों के लिए काफी जाना जाता है. यहां आप दोनों तरीके से बाघ को देख सकते हैं. यहां पर जंगल सफारी और नाव सफारी दोनों ही बेस्ट मानी जाती है. आप इन सभी नेशनल पार्क में जाकर बाघों की तस्वीर क्लिक कर सकते हैं और अपनी इस ट्रिप को यादगार बना सकते हैं.
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25 September 2024गजलक्ष्मी व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन चांदी का हाथी, सोना और विवाह से जुड़ी खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है. गजलक्ष्मी व्रत के दिन आपको हाथी पर सवार माता लक्ष्मी या फिर हाथी की पूजा करनी चाहिए. इससे आपके घर में धन-दौलत बढ़ता है. गजलक्ष्मी व्रत के दिन आप चांदी और सोने की खरीदारी करते हैं तो उसमें निरंतर वृद्धि होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं गजलक्ष्मी व्रत के पूजा मुहूर्त के बारे में. गजलक्ष्मी व्रत तिथि 2022 पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 18 सितंबर दिन रविवार को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर गजलक्ष्मी व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन सिद्ध योग प्रातः काल में 06 बजकर 34 मिनट पर खत्म हो जा रही है. इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है. गजलक्ष्मी व्रत पूजा मुहूर्त 2022 18 सितंबर को गजलक्ष्मी व्रत के लिए सुबह में पूजा का समय 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक और आगे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. शाम को पूजा का शुभ समय 06 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक है. सोना-चांदी खरीदारी समय गजलक्ष्मी व्रत के दिन सोना और चांदी खरीदने का शुभ समय दिन में 09:11 बजे से 10:43 बजे तक है. इस मुहूर्त में खरीदा गया सोना और चांदी उन्नति कारक और लाभ प्रदान करने वाला होगा. इसके अलावा आप सुबह 10:43 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक, शाम को 06:23 बजे से रात 09:19 बजे तक भी खरीदारी कर सकते हैं. गजलक्ष्मी व्रत की पूजा व्रत वाले दिन आपको लाल रंग की एक चैाकी पर हल्दी से कमल बनाना है और उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए. उसके पास ही श्री यंत्र और कलश भी स्थापित करें. अब चांदी के हाथी को रखें या मिट्टी की हाथी को सोने चांदी से सजाकर रखें. इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें. उनको कमल, लाल गुलाब, कमलगट्टा, अक्षत्, मिठाई, फल आदि चढ़ाएं. धूप, दीप आदि अर्पित करें. महालक्ष्मी मंत्र, श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें.
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24 September 2024भागदौड़ वाली जिंदगी में आजकल लोग इतने बिजी हो गए हैं कि अपनी सेहत का ही ध्यान ही रख पा रहे हैं. इसकी वजह से वजन बढ़ता जाता है और कई बीमारियों को जन्म दे सकती है. परेशान लोग न जाने क्या-क्या करने लगते हैं. कई बार मनमानी चीजें करने से नई परेशानियां खड़ी हो रही हैं. इसलिए अगर महीनेभर में वेट लॉस करना चाहते हैं तो तीन चीजों को अपने वेट लॉस प्लान का हिस्सा बनाना चाहिए. इसमें डाइट, एक्सरसाइज और आराम हैं. जानिए ये तीनों चीजों वजन कम करने में कैसे मदद करती हैं. वजन कम करने के लिए डाइट हेल्थ लाइन पत्रिका में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, वजन कम करने में डाइट का अहम रोल है. आप रोज के खाने में जितनी भी कैलोरी ले रहे हैं, उसमें से 500 कैलोरी कम कर दें. एक हफ्ते तक जारी रखने से करीब 400 ग्राम वजन कम कर सकते हैं. पबमेड सेंट्रल में पब्लिश रिसर्च में बताया गया है कि प्रोटीन मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के साथ भूख को भी कम करने में मदद करता है. दरअसल हमारा ब्रेन लिक्विड वाली कैलोरी को आसानी से पहचान नहीं पाता है. सोडा, जूस, चॉकलेट मिल्क और दूसरे ज्यादा शुगर वाले ड्रिंक्स से शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी पहुंचती है, इसलिए इससे बचना चाहिए. ब्रेकफास्ट में अंकुरित अनाज, खाने में मौसमी हरी सब्जियों शामिल करें. इसके अलावा ज्यादा फैट वाला दूध, बटर और पनीर न लें. इस तरह की डाइट से वजन कम कर सकते हैं. 30 मिनट एक्सरसाइज ही फायदेमंद एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वजन कम करने में एक्सरसाइज सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सिर्फ 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज ही हेल्दी बना सकता है. यह वजन कम करने के साथ एक्सरसाइज दिल की सेहत और ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद है. एक्सरसाइज में तेज वॉकिंग, साइक्लिंग और स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज करने से शरीर पर लोड भी नहीं पड़ता है और पर्याप्त मात्रा में कैलोरी बर्न भी हो जाती हैं. लो इंटेसिटी से की गई एक्सरसाइज से शरीर को नुकसान भी नहीं होता है. इससे वजन तेजी से कम हो सकता है. वजन कम करना है तो लें फुल रेस्ट सिर्फ कुछ एक्टिविटीज या शारीरिक तौर पर काम करने से ही वजन नहीं घटता है बल्कि फुल रेस्ट लेना भी जरूरी है. यूरोपियन हार्ट जरनल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, दिन में 30 मिनट बैठकर काम करने की बजाय अगर सो लिया जाए तो बॉडी मास यानी वेट लॉस हो सकता है. 5 देशों के करीब 15 हजार लोगों पर की गई इस रिसर्च में लोगों के सोने, जागने, बैठकर काम करने और एक्सरसाइज के पैटर्न पर नजर रखी गई. मतलब साफ है कि अगर किसी को वेट लॉस करना है तो उसे डाइट, एक्सरसाइज के अलावा जमकर रेस्ट भी लेना होगा.
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24 September 2024बॉडीबिल्डिंग के दौरान शरीर में कुछ जरूरी पोषक तत्व की जरूरत होती है जिसे आप नॉर्मल डाइट के जरिए पूरी नहीं कर सकते हैं. इन पोषक तत्व की पूर्ति के लिए हर बॉडीबिल्डर कुछ न कुछ सप्लीमेंट्स जरूर लेते हैं. आजकल मार्केट में कई तरह के सप्लीमेंट मौजूद है. जिसका इस्तेमाल करके आप एकदम शानदार से शानदार बॉडी बना सकते हैं.यह हम नहीं कह रहे हैं सप्लीमेंट्स बनाने वाली कंपनी भी इस बात का दावा कर रही है. ऐसे दावे के कारण आजकल लोगों की ऐसी मानसिकता बन गई है कि बिना सप्लीमेंट्स के कारण बॉडी नहीं बनती है. सप्लीमेंट्स सभी तरह के शरीर के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है हालांकि, अगर आप इस धारणा की बात करें तो यह पूरी तरह से गलत है. बैलेंस्ड डाइट के जरिए भी आसानी से बॉडी बना सकते हैं. लेकिन आजकल लोग खानपान से ज्यादा बाकी दूसरी चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. आजकल लोग खाने के जरिए पोषण लेने के बजाय सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं. सप्लीमेंट्स लेने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह हर बॉडी के लिए फायदेमंद है और भरपूर मात्रा में पोषण मिले. बॉडीबिल्डिंग के दौरान फिश ऑयल ओमेगा-3 कैप्सूल का इस्तेमाल करना चाहिए. यह बॉडीबिल्डर्स के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. बॉडीबिल्डिंग के लिए ओमेगा-3 लेना क्यों है फायदे मांसपेशियों में होने वाले दर्द को ऐसे कर सकते हैं कम इंटेंस वर्कआउट के कारण मांसपेशियों में थकान, दर्द और ऐंठन से जुड़ी समस्याओं के कारण बन सकता है. इसके कारण मांसपेशियों में सूजन और कठोरता भी हो सकती है. ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स लेने से मांसपेशियां जल्द रिकवर हो जाती है. जिम में परफॉर्मेंस कैसे बढाएं ओमेगा-3 फैटी एसिड स्पलीमेंट्स से भरपूर होता है. इसमें डीएचए और ईपी मौजूद होता है. एक्सरसाइज के दौरान परफॉर्मेंस में सुधार ला सकते हैं. यह शरीर को एनर्जी देने के साथ-साथ थकान से भी बचाता है. वजन रखे कंट्रोल जब आप एक सही बैलेंस्ड डाइट लेते हैं. उसमें ओमेगा-3 फैटी सप्लीमेंट्स लेते हैं. इससे शरीर में जमा अनहेल्दी फैट को कम करने में मदद मिलती है. यह वजन भी कंट्रोल में रखता है.
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24 September 2024नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है, जिसमें दो प्रत्यक्ष और दो अप्रत्यक्ष नवरात्र होते हैं. आश्विन माह में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, जिसे देशभर में उत्सव की तरह धूमधाम के साथ मनाया जाता है. साथ ही शारदीय नवरात्रि अन्य तीनों नवरात्रि में सबसे अधिक प्रचलित और लोकप्रिय भी है. शारदीय नवरात्रि 2024 कब पंचांग के मुताबिक नौ दिवसीय नवरात्रि का पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक होता है. तिथि अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार 03 अक्टूबर से हो रही है, जिसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को होगा. नवरात्रि के इन नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा ने अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है. माता रानी का वाहन नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन और विदाई खास वाहन में होता है, जिसका ज्योतिष (Astrology) में अलग-अलग अर्थ बताया गया है. मां दुर्गा के आगमन और विदाई के वाहन से देश-दुनिया, प्रकृति, फसल और मानव जीवन में पड़ने वाले अच्छे-बुरे प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है. इसलिए नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी को महत्वपूर्ण माना जाता है. पालकी पर आ रही हैं माता रानी माता रानी के आगमन या विदाई का वाहन क्या होगा यह वार के अनुसार तय होता है. इसलिए हर बार माता रानी की सवारी (Mata Rani ki Sawari) बदल जाती है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार के दिन से होगी. ऐसे में माता रानी का वाहन पालकी रहेगा. कहा जाता है कि नवरात्रि की शुरुआत जब गुरुवार के दिन होती है तो मां की सवारी डोली या पालकी होती है. मां दुर्गा का पालकी पर आना शुभ या अशुभ? ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा जब धरती पर डोली या पालकी में आती हैं तो इसे बहुत अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. दरअसल माता रानी का पालकी में आना चिंता का विषय बन सकता है. इससे अर्थव्यवस्था में गिरावट,व्यापार में मंदी, हिंसा, देश-दुनिया में महामारी के बढ़ने और अप्राकृति घटना के संकेत मिलते हैं. वार के अनुसार माता रानी का वाहन वैसे तो माता रानी का वाहन सिंह है, इसलिए मां दुर्गा को शेरावाली कहा जाता है. लेकिन नवरात्र के दिनों में जब मां दुर्गा पृथ्वीलोक पर आती हैं तो वार के अनुसार उनकी सवारी बदल जाती है. शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ (देवीभाग्वत पुराण) इस श्लोक के अनुसार- सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है. इसके अनुसार, नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार से हो तो मां हाथी पर आती हैं. शनिवार और मंगलवार से हो तो मां अश्व यानी घोड़े पर आती है. गुरुवार और शुक्रवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होने पर माता रानी डोली या पालकी पर आती हैं. वहीं बुधवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होने पर मां दुर्गा का वाहन नाव होता है. अलग-अलग वाहन का क्या है संकेत पालकी पर आना: शुभ संकेत नहीं घोड़े पर आना: शुभ संकेत नहीं हाथी पर आना: बहुत शुभ नाव पर आना: बहुत शुभ
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23 September 2024साइंस का मानना है कि सुबह-शाम कुछ देर टहलने से कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की साल 2023 की एक स्टडी के अनुसार, डेली सिर्फ 20 मिनट वॉक करने से स्ट्रेस और एंग्जाइटी 14% तक कम हो सकता है. कई अन्य रिसर्च से भी पता चलता है कि वॉकिंग फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. अगर इसे अपनी डेली रुटीन में शामिल कर लें तो कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आपके चलने का तरीका आपकी सेहत के बारें में बहुत कुछ कहता भी है. अगर नहीं तो चलिए आज आपको बताते हैं कि आपकी वॉकिंग स्पीड से आपकी सेहत का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है... 1. तेज चलना तेज वॉक करने वालों की कार्डियोवैस्कुल हेल्थ स्लो चलने वालों से ज्यादा मजबूत होता है. इसका मतलब है कि ऐसे लोगों को हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है. इनका लंग्स फंक्शन भी काफी अच्छा होता है. उसमें ज्यादा ताकत होती है. 2. स्लो चलना एसोसिएशन ऑफ न्यूरोकॉगनिटिव एंड फिजिकल फंक्शन की स्टडी के अनुसार, धीमी गति से चलने वालों में बुढ़ापा जल्दी आने की आशंका होती है. स्लो वॉकिंग इंटेलीजेंसी पर भी असर डालती है. इससे मसल्स की ताकत भी कमजोर होती है. यह फिजिकल फिटनेस के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 3. गलत पॉश्चर में बैठना अगर कोई गलत तरीके से बैठता है तो भी उसके सेहत के बारें में पता लगाया जा सकता है. जब भी कोई चेयर पर गर्दन बहुत ज्यादा झुकाकर बैठता है और उसकी पीठ आगे की ओर होती है तो ऐसे लोगों में अक्सर एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. उन्हें अपना पॉश्चर सुधारना चाहिए. वॉक करने का सही तरीका क्या है फ्रंटियर पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट बताती है कि पैदल चलने से उम्र का असर कम होता है. यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को ही धीमा कर देता है. अगर कोई डेली स्पीड से वॉक कररता है तो वह 50 साल की उम्र में 40 साल का ही लगेगा. इस तरह वॉक करने से दिल और फेफड़े भी मजबूत होते हैं, इनका फंक्शन बेहतर होता है. इसके कई अन्य फायदे भी होते हैं.
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23 September 2024हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान ने उत्तराखंड को फिर से चर्चा में ला दिया है. एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड के हिल स्टेशन के रूप में मशहूर औली की सड़कों को स्विट्जरलैंड की बतखों के जैसा बना दिया जाएगा. आपको बता दें कि औली उत्तराखंड का बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, हरियाली और पहाड़ लोगों का मन मोह लेते हैं. ऐसे में औली के विकास के लिए और वहां जाने के लिए पर्यटन को बेहतर बनाने का नितिन गडकरी का बयान वाकई मायने रखता है. चलिए जानते हैं कि औली क्यों मशहूर है, औली में देखने लायक जगहें कौन सी हैं और वहां कैसे जाया जा सकता है. कहां बसा है औली औली की बात करें तो ये हिल स्टेशन उत्तराखंड के चमोली जिले में बसा है. हिमालय की पहाड़ियों के बीच बसे औली को घूमने फिरने के साथ साथ स्कीइंग के लिए भी जाना जाता है. गढ़वाली भाषा में घास के मैदान को औली बुग्याल कहा जाता है. औली के आस पास हरे भरे घास के मैदान है और इसलिए ये इलाका औली के नाम से मशहूर हो गया. यहां आपको हरी भरी वादियों के साथ साथ बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ दिखेंगे. औली में घूमने लायक जगहें औली की खासियत ये है कि यहां से नंदा देवी पर्वत, नागा पर्वत, हाथी पर्वत और गौरी पर्वत जैसी दुर्लभ जगहों को साफ देखा जा सकता है. यहां सर्दियों के मौसम में पहाड़ पूरी तरह बर्फ से घिर जाते हैं. पहाड़ों पर स्कीइंग के लिए ये पूरे भारत में सबसे मशहूर हिल स्टेशन है. जो लोग ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, उनके लिए भी औली जन्नत समान है क्योंकि यहां से जोशीमठ के लिए शानदार ट्रेकिंग का रास्ता जाता है जो काफी पॉपुलर है. औली की दूसरी सबसे बड़ी खासियत है चतर कुंड झील. इंसान द्वारा बनाई गई यह दुनिया की सबसे ऊंची झील है. यहां का घोसो बुग्याल भी काफी खूबसूरत और हरी भरी जगह है.इसके साथ साथ नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, जोशीमठ जाने वाला रोपवे भी शानदार एक्सपीरिएंस करवाता है. आप औली के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए केबल कार में भी सवार हो सकते हैं. औली जाना बहुत ही आसान है. अगर दिल्ली की बात करें तो औली दिल्ली से 504 किलोमीटर दूर है. देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से औली की दूरी 180 किलोमीटर दूर है. यहां से कार से आराम से पहुंच सकते हैं.
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23 September 2024हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान ने उत्तराखंड को फिर से चर्चा में ला दिया है. एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड के हिल स्टेशन के रूप में मशहूर औली की सड़कों को स्विट्जरलैंड की बतखों के जैसा बना दिया जाएगा. आपको बता दें कि औली उत्तराखंड का बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, हरियाली और पहाड़ लोगों का मन मोह लेते हैं. ऐसे में औली के विकास के लिए और वहां जाने के लिए पर्यटन को बेहतर बनाने का नितिन गडकरी का बयान वाकई मायने रखता है. चलिए जानते हैं कि औली क्यों मशहूर है, औली में देखने लायक जगहें कौन सी हैं और वहां कैसे जाया जा सकता है. कहां बसा है औली औली की बात करें तो ये हिल स्टेशन उत्तराखंड के चमोली जिले में बसा है. हिमालय की पहाड़ियों के बीच बसे औली को घूमने फिरने के साथ साथ स्कीइंग के लिए भी जाना जाता है. गढ़वाली भाषा में घास के मैदान को औली बुग्याल कहा जाता है. औली के आस पास हरे भरे घास के मैदान है और इसलिए ये इलाका औली के नाम से मशहूर हो गया. यहां आपको हरी भरी वादियों के साथ साथ बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ दिखेंगे. औली में घूमने लायक जगहें औली की खासियत ये है कि यहां से नंदा देवी पर्वत, नागा पर्वत, हाथी पर्वत और गौरी पर्वत जैसी दुर्लभ जगहों को साफ देखा जा सकता है. यहां सर्दियों के मौसम में पहाड़ पूरी तरह बर्फ से घिर जाते हैं. पहाड़ों पर स्कीइंग के लिए ये पूरे भारत में सबसे मशहूर हिल स्टेशन है. जो लोग ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, उनके लिए भी औली जन्नत समान है क्योंकि यहां से जोशीमठ के लिए शानदार ट्रेकिंग का रास्ता जाता है जो काफी पॉपुलर है. औली की दूसरी सबसे बड़ी खासियत है चतर कुंड झील. इंसान द्वारा बनाई गई यह दुनिया की सबसे ऊंची झील है. यहां का घोसो बुग्याल भी काफी खूबसूरत और हरी भरी जगह है.इसके साथ साथ नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, जोशीमठ जाने वाला रोपवे भी शानदार एक्सपीरिएंस करवाता है. आप औली के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए केबल कार में भी सवार हो सकते हैं. औली जाना बहुत ही आसान है. अगर दिल्ली की बात करें तो औली दिल्ली से 504 किलोमीटर दूर है. देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से औली की दूरी 180 किलोमीटर दूर है. यहां से कार से आराम से पहुंच सकते हैं.
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23 September 2024पितृपक्ष का समय पितरों को श्रद्धांजलि देने का होता है. पितृपक्ष के 15 दिनों में लोग अपने मृत पूर्वजों या पितरों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान करते हैं. मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में किए इन कार्यों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है. बता दें कि पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर 2024 से हो चुकी है जो 2 अक्टूबर 2024 तक चलेंगे. वैसे तो पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई तरह के कर्मकांड किए जाते हैं, जिनमें पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध सबसे महत्वपूर्ण हैं. अपने वंश द्वारा किए इन कर्मकांडों से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. अमूमन लोग पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण को एक ही मान लेते हैं, क्योंकि ये तीनों पितृपक्ष के समय किए जाते हैं. लेकिन ये तीनों एक नहीं है और साथ ही इनकी विधियां भी अलग-अलग है. इसलिए यह जान लीजिए कि तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध में क्या अंतर है और कैसे ये तीनों भिन्न हैं- तर्पण क्या है भविष्यवक्ता और ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, तर्पण का अर्थ जल का अर्पण है. तर्पण करते समय पितरों को जल, दूध, तिल और कुश अर्पित करते हैं. मान्यता है कि इससे पितृ संतुष्ट होते हैं. पितृपक्ष के दौरान आप इसे किसी भी दिन कर सकते हैं. तर्पण विधि में तिल मिश्रित जल अर्पित कर पितरों, देवताओं और ऋषियों को तृप्त किया जाता है. पिंडदान क्या है पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान को सबसे सहज और सरल मार्ग माना जाता है. पिंडदान का अर्थ होता है पितरों को भोजन प्रदान करना. यह पितरों के आत्मा को श्रद्धांजलि देने का अनुष्ठान है. पिंडदान इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि पितरों की मोह माया छूट सके और वे अपनी आगे की यात्रा शुरू करें. वैसे तो देशभर में पिंडदान करने के लिए कई पवित्र स्थल हैं, लेकिन बिहार स्थित गया जी को पूर्वजों के पिंडदान के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. गया जी समेत हरिद्वार, जगन्नाथपुरी, कुरुक्षेत्र, चित्रकूट, पुष्कर आदि जगहों पर लोग ब्राह्मण से विधि-विधान से पिंडदान कराते हैं. श्राद्ध क्या है पितृपक्ष में किया जाने वाला श्राद्धकर्म विस्तृत कर्मकांड है. इसे पितरों के लिए मुक्ति का मार्ग कहा जाता है. इसमें ब्राह्मण पिंडदान, हवन, भोजन और दान जैसे अनुष्ठान कराते हैं. श्राद्ध के दौरान श्राद्धकर्ता को विधिवत नियनों का पालन करना पड़ता है. इसमें पंचबली होती है, जिसमें गाय, कौआ, कुत्ता, देवता और चींटियों को भोजन अर्पित किए जाते हैं.
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21 September 2024ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में शनि देव (Shani Dec) को क्रूर ग्रह माना जाता है. इसका कारण यह है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही अच्छा या बुरा फल देते हैं. अगर आपने जाने-अनजाने में बुरा काम किया है तो आप शनि देव की दृष्टि से नहीं बच सकते और इसका दंड जरूर मिलता है. साथ ही शनि देव की नाराजगी से भी जीवन में परेशानियों का अंबार लग जाता है. शनि देव जब किसी से नाराज हो जाते हैं तो उसे परिश्रम का फल नहीं मिलता, संबंधों में खटास आती है, रिश्ते-नाते टूट जाते हैं, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां शुरू हो जाती है. इसलिए ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपको शनि देव की नाराजगी का सामना करना पड़े. साथ ही जिन लोगों की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में हो, शनि की साढ़ेसाती (Shani Sadesati) या ढैय्या (Shani Dhaiya) चल रही हो तो ऐसे लोगों को भी शनि महाराज कई मुश्किलों में डाल देते हैं.प्रसिद्ध भविष्यवक्ता और ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास कुछ ऐसे ज्योतिषी उपाय (Astrological Remedies) बताते हैं, जिनसे शनि देव प्रसन्न होते हैं. साथ ही इन उपायों को करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रतिकूल प्रभाव भी कम होता है. शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय ज्योतिष के अनुसार शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वे खूब प्रसन्न होते हैं. साथ ही इस दिन हनुमान जी का भी पूजन करें. इससे सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी. शनिवार के दिन शनि महाराज के साथ ही पीपल वृक्ष की भी पूजा करें. पीपल वृक्ष के जल में जल डालें और सरसों तेल का दीप जलाएं. यदि आपसे जाने-अनजाने में कोई भूल हुई है तो शनि देव के अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें. सही कर्म करने का प्रण लें और गलतियों का पश्चापात करें, इससे शनि देव आपका जरूर कल्याण करेंगे. शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं तो भूलकर भी बेजुबान पशुओं,मजदूर वर्ग, असहाय और बुजुर्गों को न सताएं.
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21 September 2024शीशमहल, गोल्डन थीम, दीवारों में चांदी और पीतल का काम। ये फाइव स्टार होटल नहीं, राजस्थान की शाही ट्रेन 'पैलेस ऑन व्हील्स' है। जो 25 सितंबर से फिर पटरियों से दौड़ेगी। इस ट्रेन में इस बार कई बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव महाराजा रेस्टोरेंट में किया गया है। इसे शीश महल के रूप में तैयार किया गया है। खास बात है कि इसे उन्हीं कारीगरों ने तैयार किया, जिनके पूर्वजों ने आमेर का शीश महल बनाया था। वहीं, महारानी रेस्टोरेंट को गोल्डन थीम पर सजाया गया है। जिम को बदलकर प्रेसिडेंशियल सुइट तैयार किया गया है। इसका 7 दिन का किराया 39 लाख रुपए है। हर डिब्बे में स्मोक डिटेक्टर लगाए गए। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) की ओर से ट्रेन की पहली ट्रिप दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से शुरू (फ्लैग ऑफ) की जाएगी। इस बार शाही ट्रेन से लगभग 30 विदेशी सैलानी राजस्थान की अलग-अलग विरासत को देख सकेंगे। शुक्रवार को पांच महीने बाद ट्रैक पर उतरी ट्रेन का ट्रायल हुआ। 25 सितंबर को दिल्ली से शुरू होगी जर्नी पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक आईएएस सुषमा अरोड़ा ने बताया- 'पैलेस ऑन व्हील्स' को 25 सितंबर को दिल्ली से फ्लैग ऑफ किया जाएगा। यह ट्रेन वन वीक तक राजस्थान के प्रमुख हेरिटेज सिटी को कवर करते हुए आगरा तक जाएगी। ट्रेन का हर साल रेनोवेशन किया जाता है। ट्रेन के शाही अंदाज और लुक को और भव्यता देने के लिए इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। ट्रेन में फायर सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पूरे किचन को गैस की जगह इलेक्ट्रिफाइड किया गया है। अब गैस चूल्हे की जगह इलेक्ट्रिक चूल्हे पर खाना तैयार होगा। इस सीजन में 32 फेरे करेगी ट्रेन दिल्ली से रवाना होकर जयपुर आएगी। नेक्स्ट डे जयपुर से रवाना होकर सुबह सवाई माधोपुर जाएगी। यहां दिनभर रुकने के बाद इसी दिन ट्रेन चित्तौड़गढ़ के लिए रवाना हो जाएगी। यहां से उदयपुर, अजमेर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर होते हुए आगरा के ताजमहल जाकर यात्रा का समापन होगा। यह ट्रेन इस सीजन में 32 फेरे करेगी। सुषमा अरोड़ा ने बताया- इस ट्रेन में गेस्ट के लिए 5 स्टार फैसिलिटी मिलेगी। रॉयल फैमिली जैसे रूम डिजाइन किए गए हैं। इसमें 39 रूम डीलक्स कैटेगरी के हैं। वहीं, 2 रूम सुपर डीलक्स हैं। एक प्रेसिडेंशियल सुइट है। टूर में गेस्ट को राजस्थान के अलग-अलग शहरों में घूमने के लिए वॉल्वो कोच के साथ गाइड की सुविधा भी मिलेगी। सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख रुपए ट्रेन का संचालन करने वाली निजी कंपनी के डायरेक्टर भगत सिंह ने बताया कि पहले ट्रिप में हमारे साथ 30 विदेशी मेहमान जाएंगे। ट्रेन में एक रूम (केबिन) का सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख रूपए है। इसकी खासियत है की हम इस ट्रेन के जरिए सात दिन में आठ शहरों को कवर करेंगे। आउटसाइड विजिट का पूरा खर्चा भी पैकेज में शामिल है। 20 दिन का टूर 7 दिन में पूरा होता है पूरे राजस्थान और आगरा के ताजमहल का सड़क के जरिए टूर किया जाए तो 20 दिन का समय लगेगा। इस ट्रेन के माध्यम से यह पूरा टूर सात दिन में पूरा होता है। ऐसे टूरिस्ट प्लेस जहां ज्यादा भीड़ रहती है। उन जगहों पर भी हम 'पैलेस ऑन व्हील्स' के गेस्ट को स्पेशल कैटेगरी में विजिट कराते हैं। उन्होंने बताया कि इस ट्रेन से RTDC को डेढ़ से दो करोड़ का रेवेन्यू होता था। निजी कंपनी जब से ऑपरेट कर रही है तब से करीब 5 करोड़ रेवेन्यू सरकारको मिलने का दावा है। सिंह ने बताया कि इसमें रेवेन्यू और बढ़ता है तो सरकार को हम 18.5 प्रतिशत और देंगे। दीवारों में चांदी और पीतल का वर्क किया गया भगत सिंह ने बताया- हमारा कॉम्पिटिशन वर्ल्ड की दूसरी लग्जरी ट्रेनों से है। ट्रेन का कई बार एक्सीडेंट हो जाता है। ट्रेन में आग लगने की घटनाएं हो जाती हैं। इन्हें देखते हुए सेफ्टी के तौर पर उन एलिमेंट को यूज किया है, जो फायर फ्रेंडली नहीं है। हमने फ्लोर में इनले का मार्बल लगाया है। हमने दीवारों में मेटल का यूज किया है, जिनमें पीतल, जर्मन सिल्वर के वर्क शामिल है। हमने कुछ रूम्स में ठीकरी ग्लास का वर्क किया है। इन सब का इस्तेमाल हमने वर्ल्ड के लग्जरी ट्रेनों को कॉम्पिटिशन में हराने के लिए किया है। ये वर्क न केवल सेफ्टी के तौर पर है बल्कि इससे रॉयल फील भी आता है। आमेर के शीश महल के तर्ज पर तैयार हुआ महाराजा रेस्टोरेंट भगत सिंह ने बताया- पिछली बार हमने ट्रेन का रेनोवेशन किया था। लेकिन उसमें कुछ रूम और महाराजा रेस्टोरेंट था। इनका रेनोवेशन नहीं हो पाया था। इस बार महाराजा रेस्टोरेंट को पूरी तरीके से रेनोवेट किया है। हमने इसे राजसी लुक देने के लिए आमेर के शीशमहल के तर्ज पर तैयार किया है। इसकी खासियत है कि इसे उन्हीं कारीगरों ने तैयार किया है, जिनके पूर्वजों ने कभी आमेर का प्रसिद्ध शीशमहल बनाया था। इस पूरे रेस्टोरेंट में ठीकरी वर्क कराया गया है। इसे तैयार करने में दो महीने से ज्यादा का समय लगा है। राजघरानों और शहर की आर्ट पर केबिन डिजाइन किए गए उन्होंने बताया कि ट्रेन में राजस्थान के पर्यटन से जुड़े हर शहर की थीम पर वर्क किया गया है। जयपुर के आर्किटेक्ट और इंटीरियर डिजाइनर सौरभ यादव और मैने मिलकर राजस्थान के अलग-अलग शहरों के आर्ट पर रिसर्च कर उसी तर्ज पर रॉयल लुक दिया है। ट्रेन के 14 सैलून 14 राजघरानों के नाम पर हैं।जो अलवर स्टेट्स, भरतपुर स्टेट्स, बीकानेर स्टेट्स, धौलपुर स्टेट्स, डूंगरपुर स्टेट्स, बूंदी स्टेट्स, कोटा स्टेट्स, जयपुर स्टेट्स, जोधपुर स्टेट्स, जैसलमेर स्टेट्स, झालावाड़ स्टेट्स, किशनगढ़ स्टेट्स, सिरोही स्टेट्स, उदयपुर स्टेट्स के नाम से हैं। इन्हीं की आर्ट के अनुसार सैलून को सजाया गया है। राजघरानों और शहरों के आर्ट को ध्यान में रखते हुए इसके कोच में वर्क किया गया है। बूंदी शहर के आर्ट पर बूंदी केबिन का डिजाइन, भरतपुर के आर्ट पर भरतपुर केबिन को तैयार किया गया है। इसी तरह से हर जिले के आर्ट को लेकर थीम बेस्ड रूम तैयार किए हैं। इसका मकसद है कि विदेशी मेहमान हमारी संस्कृति के साथ-साथ प्रसिद्ध शहरों के आर्ट से भी रुबरू हो सके। वॉशरूम में भी प्लास्टिक मटेरियल हटाकर कारपेट शीट लगाई गई गेस्ट के लिए ट्रेन में दो बार, दो रेस्टोरेंट और स्पा की सुविधा भी दी गई है। हर रूम के साथ में बटलर है। हमने इस ट्रेन के रूम में 10 स्टार फैसिलिटी प्रोवाइड की है। ट्रेन में पहले से ज्यादा लग्जरी फील देने के लिए विनियर लकड़ी का वर्क किया है। साथ ही कोरिडोर, अलमारी और बेड वर्क पर मैक्सिकन और बॉम्बे डाइंग फैब्रिक का इस्तेमाल किया है। इन दोनों बदलावों से सफर करने वालों को अंदर या बाहर से किसी भी तरह का शोर सुनाई नहीं देगा। इसमें बेड वर्क एरिया में सिरहाने का एरिया बढ़ाया है। ताकि आराम करने वाले को पूरा स्पेस मिले। वॉशरूम एरिया में पीवीसी प्लास्टिक मटेरियल को हटाकर कारपेट शीट लगाई गई है। वॉशरूम का एरिया बड़ा नजर आए इसके लिए इसमें बड़े मिरर लगाए गए हैं। जिम को हटाकर प्रेसिडेंशियल सुइट बनाया गया ट्रेन में जिम एरिया वाले कोच में भी बदलाव किया गया है। यहां से जिम को हटाकर एक प्रेसिडेंशियल सुइट तैयार किया गया है। इसमें दो बेड लगे हैं। एक मास्टर बेड और एक सोफा कम बेड रहेगा। बाथरूम में बाथ टब की फैसिलिटी है। इसमें डाइनिंग स्पेस भी बनाया गया है। इसके सात दिन का किराया लगभग 39 लाख है। इस बार ट्रेन में नो टिप पॉलिसी लागू की गई डायरेक्टर भगत सिंह ने बताया- इस बार हमने इस ट्रेन के सफर में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले 'पैलेस ऑन व्हील्स' काफी बदनाम थी की इसके गेस्ट को शोरूम पर ले जाया जाता है। गेस्ट से टिप के तौर पर पैसे लिए जाते है। हमने इस बार नो टिप पॉलिसी का कॉन्सेप्ट रखा है। इसके साथ ही हम गेस्ट को किसी भी शोरूम पर लेकर नहीं जाएंगे। राजस्थानी पोशाक में बाउंसर रहेंगे इस बार हमने गेस्ट के लिए दो टीम बनाई है। एक टीम गेस्ट को साइट विजिट के लिए ले जाती है। उनकी सुरक्षा के लिए राजस्थानी पोशाक में बाउंसर रहेंगे। जो गेस्ट को रॉयल फील देंगे। दूसरी पांच लोगों की टीम पहले से उन प्लेस पर तैनात रहेगी जहां गेस्ट जाएंगे। जैसे जयपुर के सिटी पैलेस, जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट हो या भरतपुर के कैला देवी वहां पर गेस्ट को किसी तरीके की गंदगी फैली नजर न आए इसका ध्यान रखेंगे। 86 तरीके के लजीज व्यंजन सर्व होंगे ट्रेन के रेस्टोरेंट में शेफ कई प्रसिद्ध डिश सर्व करेंगे। साथ ही पैसेंजर्स को दाल बाटी चूरमे के साथ इंडियन, यूरोपियन और चाइनीज के लगभग 86 तरीके के लजीज व्यंजन सर्व किए जाएंगे। रेस्त्रां में इस बार मटन कोरमा, लाल मास, गिरिल्ड मोरलो पोटेटो, शाही लीची की सब्जी, वे