प्रदेश में सरकारी स्कूलो की हालत बेहाल
bhopal,   condition of government schools, state is pathetic

मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों जर्जर हालात की तस्वीरें आए दिन सामने आती रहती हैं...छतें टपकती हैं, दीवारें की हालत जर्जर हैं, और कई जगहों पर तो बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं मिलती है ....सवाल उठता है कि हर साल करोड़ों की राशि स्कूलों के रखरखाव और सुधार के नाम पर आती है ....  तो फिर स्कुल की हालत में  सुधार क्यों नहीं दिखता? ....  इसका जवाब शहडोल जिले के सकंदी और निपनिया सरकारी स्कूलों में कराए गए... काम के वायरल हो रहे बिलों में मिलता है......   बिल  में महज 4 लीटर पेंट की पुताई के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री दिखाए गए  है  .... और इनके नाम पर 1 लाख 6 हजार 984 रुपए की राशि सरकारी कोष से निकाल ली गई.... सोचिए क्या सच में सिर्फ 4 लीटर पेंट लगाने के लिए इतने लोगों की जरूरत होती है.... यही है वो स्कूलों की कागज़ी मरम्मत, जो सिर्फ फाइलों में होती है....और असल में स्कूल वहीं के वहीं खस्ताहाल पड़े रहते हैं.... ये सिर्फ एक स्कूल की कहानी नहीं है....  बल्कि सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार की  कहानी  है....जो शिक्षा व्यवस्था को खोखला कर रहा है....  

 
 
 
Dakhal News 6 July 2025

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