सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए संत समाज हरसंभव प्रयास करे : राष्ट्रपति मुर्मु
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भोपाल । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हमारा देश महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसे समय में बेटियों को सबल और सशक्त बनाने में सहयोग करना समाज और सरकार का कर्तव्य है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए जन-जन को प्रतिबद्ध होना होगा। बेटियों के सशक्त होने से परिवार, समाज और देश सशक्त होगा। वर्ष 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ हम अग्रसर हैं। हम ऐसे भारत का निर्माण करें, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हो अपितु सामाजिक समरसता से भी परिपूर्ण हो। देश पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध हो और आध्यात्म से विश्व को राह दिखाने में सक्षम हो। ऐसे राष्ट्र निर्माण में संतों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने संत समाज से मानव कल्याण की भावना के साथ देश में सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया।

 

राष्ट्रपति बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति मुर्मु, राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह महोत्सव हुआ। भव्य समारोह में राष्ट्रपति ने दाम्पत्य सूत्र में बंध रहे जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। राष्ट्रपति के सम्मुख जोड़ों की वरमाला रस्म संपन्न हुई। उन्होंने प्रतीक स्वरूप तीन जोड़ों को उपहार भेंट किए। श्री बागेश्वर धाम जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं 251 बेटियों में से 108 बेटियां जनजातीय समुदाय की हैं।

 

इससे पहले राष्ट्रपति के बागेश्वर धाम पहुंचने पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अंगवस्त्रम और तुलसी की माला भेंट कर उनका अभिनंदन किया। राष्ट्रपति को पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान यंत्र, बालाजी सरकार का विग्रह, धाम से जुड़ा साहित्य और स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर धाम द्वारा आयोजित छठे सामूहिक विवाह महोत्सव पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन हुआ। समारोह में खजुराहो सांसद वीडी शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि समकालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और समाज को जागरूक करने के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पहल सराहनीय है। गुरुनानक देवजी, संत रविदास, कबीरदास, मीरा बाई जैसे कई संतों ने अपने उपदेशों से छुआछूत जैसी कुरीतियों को दूर करने और महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलाने का संदेश दिया है। समाज को सन्मार्ग दिखाने की संत परम्परा के इस उद्देश्य को बागेश्वर धाम प्रभावी रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।

 

उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और श्री बागेश्वर धाम सेवा समिति द्वारा कराए जा रहे सामूहिक कन्या विवाह समारोह की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि समारोह में नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी के लिए विभिन्न वस्तुओं के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई मशीन जैसी उपयोगी वस्तुएं भी उपहार में दी जा रही हैं। राष्ट्रपति ने सामूहिक कन्या विवाह समारोह को जन सहयोग से जनकल्याण का श्रेष्ठ उदाहरण बताया।

 

समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपति द्वारा स्वयं उपस्थित होकर प्रदेश के वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को वर्ष-2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की सिद्धि के लिए सभी प्रतिबद्ध हैं। देश के विकास के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है। ऐसे आयोजन समाज के लिए अनुकरणीय हैं। समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपति के मध्य प्रदेश पधारने पर अभिनंदन करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि बागेश्वर धाम में हनुमान जी के आशीर्वाद से सामाजिक बुराईयों को दूर करने का निरंतर कार्य किया जा रहा है। समाज में विद्यमान जातिगत दीवारों को तोड़ना आज के समय की आवश्यकता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रयासों से जातिगत बाधाएं टूटी हैं और अलग-अलग जातियों के दूल्हे एक साथ घोड़ी पर बैठे हैं। जातिगत विषमताओं के खिलाफ लड़ते हुए समाज के सामने, शासन-सत्ता और संत की त्रिवेणी की मौजूदगी में सामूहिक विवाह आयोजित कर बागेश्वर धाम नए कीर्तिमान बना रहा है। समाज में प्रेम, सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र बढ़ाने के ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने की बहुत आवश्यकता है। ऐसे संकल्पों के लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बधाई दी।

 

उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह में आज परिणय सूत्र में बंध रही बेटियों को राज्य सरकार की ओर से 51-51 हजार रुपये की राशि उपहार स्वरूप दी जाएगी। उन्होंने सभी नव दंपतियों को दीर्घायु और सुखमय जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।

 

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समाज से मंदिरों की दान पेटियों की राशि को गरीब परिवारों की बेटियों के उत्थान में लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि सभी मठ, मंदिर, धाम और समाज के सभी लोग यह संकल्प ले लेते हैं, तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। समारोह में लगभग 20 देश के एन.आर.आई., देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे दिव्य संत, वर-वधु के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक सम्मिलित हुए।
Dakhal News 26 February 2025

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