Dakhal News
21 January 2025
रतन टाटा से लेकर मनमोहन सिंह तक, पिछले साल भारत को अलविदा कहने वाले कई प्रतिष्ठित लोगों को विदाई दी, जिन्होंने कई क्षेत्रों में राष्ट्र की यात्रा को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. नए साल का स्वागत करते हुए, मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने शुक्रवार को ऐसे "हीरोज" को याद करने के लिए अपने शेड्यूल से कुछ पल निकाले.
बिग बी ने "स्वर्ग में हमारे नायक" शीर्षक वाली एक शक्तिशाली छवि साझा की. चित्रण में रतन टाटा, श्याम बेनेगल, जाकिर हुसैन और मनमोहन सिंह के साथ-साथ डूडल दिखाए गए थे. इसके साथ एक गहरा कैप्शन था: "एक पारसी, एक मुसलमान, एक सिख और एक हिंदू का 2024 में निधन हो गया, और पूरा देश शोक मनाएगा और उन्हें केवल भारतीय के रूप में याद करेगा!"
तस्वीर साझा करते हुए, बिग बी ने लिखा, ".. तस्वीर सब कुछ कह देती है." अपने पोस्ट के ज़रिए अमिताभ बच्चन ने भारत की विविधता में एकता को उजागर किया. इस पर नेटिज़न्स की ओर से काफ़ी टिप्पणियां और लाइक भी आए.
एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, "कितना विचारशील."
"एक राष्ट्र, एक धर्म ~ मानवता," एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की.
मनमोहन सिंह- भारत की अर्थव्यवस्था बदलने वाले शख्स
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर 2024 को अंतिम सांस ली. सिंह का राजनीतिक करियर कई दशकों तक फैला रहा, जिसमें 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया.
उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में काम किया, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद.
उनके कार्यकाल को विशेष रूप से आर्थिक संकटों के दौरान उनके स्थिर नेतृत्व और भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है. अपने दूसरे कार्यकाल के बाद, सिंह ने सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लिया, उन्होंने भारत को अभूतपूर्व विकास और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा-पहचान के दौर से गुज़ारा. 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के आम चुनाव हारने के बाद नरेंद्र मोदी ने उनका स्थान लिया.
तबलावादक जाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत को दुनिया में पहुंचाया
तबला वादक जाकिर हुसैन की बात करें तो 15 दिसंबर को उनका निधन हो गया. महान तबला वादक अल्ला रक्खा के बेटे जाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत परंपराओं को वैश्विक प्रभावों के साथ मिलाकर उत्कृष्ट बनया, जो भाषा और संस्कृति से परे थीं.
15 दिसंबर को उनका स्वर्गवास हो गया लेकिन उनके द्वारा तबले पर बनाई गई लय उनके प्रशंसकों के दिलों और दिमाग में हमेशा जिंदा रहेगी.
फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल जिनकी फिल्मों ने अमिट छाप छोड़ी
फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का 23 दिसंबर को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया. महान निर्देशक श्याम बेनेगल जिन्हें 'अंकुर', 'मंडी', 'निशांत' और 'जुनून' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है, का पूरे राजकीय सम्मान और तीन तोपों की सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
14 दिसंबर, 1934 को हैदराबाद में कोंकणी भाषी चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार में जन्मे बेनेगल ने FTII और NSD के अभिनेताओं के साथ बड़े पैमाने पर काम किया, जिनमें नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, स्मिता पाटिल, शबाना आज़मी, कुलभूषण खरबंदा और अमरीश पुरी शामिल थे.
उनकी फिल्मों ने दर्शकों पर एक अमिट छाप छोड़ी, जिसमें प्रासंगिक सामाजिक-राजनीतिक विषयों को अमह तौर से गहराई के साथ पेश किया.
उद्योगपति रतन जिनके दो सबसे परोपकारी ट्रस्ट हैं
उद्योगपति-परोपकारी रतन टाटा रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे, जो भारत में निजी क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित दो सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्ट हैं.
उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
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3 January 2025
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