क्या एक जेनरेशन से दूसरी जनरेशन में फैलता है कैंसर?
Does cancer spread

कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो आनुवांशिक होने के कारण परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं. जैसे डायबिटीज के बारे में कहा जाता है कि ये बीमारी जेनेटिक होने के कारण परिवार के कई सदस्यों को अपनी चपेट में लेती है. ठीक इसी तरह कैंसर को लेकर भी कहा जाता है कि अगर परिवार में किसी सदस्य को कैंसर हो चुका है तो काफी चांस है कि बाकी सदस्य भी इसका शिकार हो सकते हैं. इसके चलते लोगों में एक तरह का डर बैठ जाता है और कई मरीज इलाज से पहले ही उससे लड़ने की हिम्मत खो देते हैं. चलिए आज इस मिथ की बात करते हैं और मानते हैं कि सच्चाई क्या है.

Myth: क्या वाकई जेनेटिक है कैंसर जैसी बीमारी? 

Facts: कैंसर को लेकर मिथ बन गया है कि ये फैमिली हिस्ट्री से जुड़ा है. यानी अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर हो चुका है तो इसकी ज्यादा संभावना होगी कि वो परिवार के दूसरे लोगों को भी होगा. देखा जाए तो ऐसा दावा कोई रिसर्च नहीं कर पाई है कि अगर परिवार में किसी को कैंसर हो चुका है तो दूसरे सदस्यों को कैंसर जरूर होगा.

एक्सपर्ट कहते हैं कि कैंसर से जुड़े सभी मामलों में केवल 10 फीसदी मामले ऐसे होते हैं जिसमें परिवार के एक सदस्य के बाद दूसरे सदस्य को कैंसर हुआ है. कैंसर फैमिली हिस्ट्री में हो सकता है लेकिन इसकी संभावना बहुत ही कम होती है. अगर किसी परिवार में एक सदस्य के बाद दूसरे सदस्य को कैंसर हुआ है तो इसका कारण कैंसर का जेनेटिक होना नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों लाइफस्टाइल और एनवायरमेंट जीन्स एक जैसे होना हो सकता है.जैसे किसी परिवार के सदस्य ज्यादा धूप वाले इलाके में रहते आए हों. किसी परिवार के सदस्य स्मोकिंग ज्यादा करते हैं. इसलिए कैंसर को जेनेटिक मानने की बजाय परिवार के जीवन जीने के तरीके को जेनेटिक माना जा सकता है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.

Myth: क्या शरीर की गांठ कैंसर होती है? 

Fact: कैंसर को लेकर एक और मिथक लोगों को डराता है. कहा जाता है कि अगर शरीर में कहीं कोई गांठ दिख रही हो तो वो जरूर कैंसर होगा. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. दरअसल शरीर की हर गांठ कैंसर नहीं होती है. कई बार ब्रेस्ट पर आई कोई गांठ औरतों को डरा देती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि शरीर पर आई गांठों में करीब 10 20 फीसदी गांठ कैंसर हो सकती हैं. ऐसे में डरने की बजाय इसकी जांच करवानी चाहिए. जांच करवाने के साथ साथ व्यक्ति को उम्र, शारीरिक स्थिति, हार्मोनल चेंज पर भी फोकस करना चाहिए. 

Dakhal News 27 July 2024

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