पचमढ़ी चिंतन बैठक में विभागों ने दी नवाचारों की जानकारी
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पचमढ़ी चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को विशेष-सत्र में विभागों द्वारा किए गए नवाचारों की जानकारी प्राप्त की। मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों में प्रारंभ किए गए नवाचारों और प्रस्तावित नवाचार की विस्तार से जानकारी दी। मंत्रियों ने यह भी बताया कि जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं।

 

विभागों के प्रमुख नवाचार

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग

-इंदौर में फर्नीचर क्लस्टर की पहल।

-एमएसएमई सेक्टर में दो लाख 37 हजार लोगों को नए रोजगार से जोड़ा गया।

-48 जिलों में प्रगति तेज।

 

शिक्षा विभाग

-शिक्षा के साथ एनसीसी और खेलकूद गतिविधियों पर जोर।

-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के छोटे पाठ्यक्रम अन्य राज्यों में हैं। मध्यप्रदेश में 240 घंटे के पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने की पहल। मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में देश में प्रथम है।

-हिंदी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के शिक्षण की पहल।

-अनुंगूँज में मध्यप्रदेश के साथ नागालैंड और मणिपुर को संबंद्ध किया गया है। अन्य राज्यों की संस्कृतियों से विद्यार्थियों को परिचित करवाने का प्रयास।

 

कृषि विभाग

-संभागीय मुख्यालयों पर प्रशिक्षण केंद्र संचालित कर किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूर करने के प्रयास।

-कृषि विभाग के विकासखंड स्तर पर मार्गदर्शन केंद्र कार्यरत।

-फसलोत्तर प्रबंधन के प्रयास।

-विभिन्न श्रेणियों के कोल्ड स्टोर और कोल्ड रूम की व्यवस्था कर इस क्षेत्र में विक्रेंद्रीकरण किया गया।

-रायसेन और सागर आदि जिलों में तिवड़ा मिश्रित चने के क्रय की व्यवस्था की गई।

 

कृषकों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय

-किसान क्रेडिट कार्ड में ही अब तक बीमा होता था, अब वन ग्रामों के लिए शुरुआत की गई है। हरदा और सीहोर को पायलट के रूप में लिया गया है।

-पहली बार प्रदेश में अस्तपालों की तरह कृषि ओपीडी की शुरुआत कर किसानों को दूरभाष पर कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन दिलवाने की पहल।

-टेलीमेडिसिन और पशुओं के उपचार की बेहतर व्यवस्था के साथ कृषक वर्ग के लिए कृषि ओपीडी का प्रयोग करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य।

 

चिकित्सा शिक्षा विभाग

-हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रारंभ करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा, एक टास्क फोर्स बनाया गया है, जिसमें 57 प्रोफेसर्स हैं। तीन वॉर रूम बनाए गए हैं। एमबीबीएस के पहले साल के तीन विषय के पाठ्यक्रम का प्रथम कट तैयार कर दिया गया है। तकनीकी शब्दों को ज्यों का त्यों लिखने के साथ ये पाठ्यक्रम संचालित होंगे। मध्यप्रदेश में जीएमसी भोपाल से मई माह से इसकी विधिवत शुरुआत की रूपरेखा बनाई गई है। अप्रैल माह के अंत तक किताबें भी तैयार हो जाएंगी।

 

-डेडीकेटेड कॉरीडोर प्रारंभ कर रोगियों के हित में नई पहल।

-नर्सिंग का एक्सीलेंस कॉलेज शुरू करने की पहल।

-महिला आरोग्य सुरक्षा योजना (मासी) के लिए रूपरेखा तैयार।

 

उच्च शिक्षा विभाग

-उज्जैन की वैद्यशाला को स्टैंडर्ड टाइम के विश्व के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास।

-राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों द्वारा 1500 ग्राम गोद लेने की पहल। इन्हें भारतीय शिक्षण मंडल से जोड़ा गया है।

 

स्वास्थ्य विभाग

-प्रसूति सहायता योजना में प्रारंभ में 4 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपये की राशि प्रथम किस्त के रूप में प्रदान करने की पहल।

-सीएम संजीवनी क्लीनिक सक्रिय होंगे, प्रदेश में 257 क्लीनिक प्रारंभ करने की पहल।

-टेलीमेडिसिन सेवाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन और अस्पताल में भर्ती मरीजों से साप्ताहिक संवाद किया जा रहा।

-मई माह से रेफरल एंबूलेंस की संख्या दोगुनी करना। वर्तमान में इस तरह की 1000 एंबूलेंस कार्यरत।

 

जल संसाधन विभाग

-जलाशयों को पर्यटन विकास से जोड़ने की पहल।

-जल की एक-एक बूंद का उपयोग सुनिश्चित करने और हर खेत तक पानी पहुँचाने की मुहिम।

-दस अप्रैल से जलाभिषेक अभियान की शुरूआत।

 

नगरीय विकास विभाग

-दीनदयाल रसोई योजना का विस्तार करेंगे। राज्य में इस समय करीब 100 रसोई केंद्र चल रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

 

राजस्व विभाग

-पटवारियों को लैपटॉप प्रदान किए गए।

-डायवर्सन कार्य को नि:शुल्क और आसान बनाने की पहल।

-सारा एप सहित राजस्व कार्यों के लिए नए पोर्टल का संचालन।

-राजस्व संबंधी कार्यों में ड्रोन के उपयोग में मध्यप्रदेश अग्रणी।

 

परिवहन विभाग

-दुर्घटनाओं में कमी लाने ट्रालियों और अन्य वाहनों पर रेडियम के उपयोग को सुनिश्चित करना।

-ओला और अन्य यात्री वाहनों में पैनिक बटन की व्यवस्था से अपराधों को नियंत्रित करने के प्रयास।

 

वन विभाग

-प्रदेश के 141 स्थानों पर ईको टूरिज्म के विकास की पहल।

-वनों की सुरक्षा के साथ रोजगार वृद्धि के प्रयास - इसमें 10-10 वर्ष की लीज पर विभिन्न साइट्स आवंटित कर कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। सिवनी जिले में एक वर्ष में ऐसी साइट्स से 31 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त।

-बफर से सफर और एलईडी के माध्यम से वन्य-प्राणियों के प्रति व्यवहार के संबंध में पर्यटकों को जानकारी देने का नवाचार।

-वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में ड्रोन का उपयोग।

-पुराने वाहनों को ध्वनि रहित और प्रदूषण रहित बनाकर सफारी गतिविधियों में उपयोग।

 

उद्योग, निवेश प्रोत्साहन विभाग

-30 दिन में औद्योगिक इकाई की स्थापना के लिए सहायता।

-पहली बार देश में औद्योगिक प्रयोजन के लिए भू-अर्जन कार्य में नए प्रयोग के साथ भूमि स्वामी को जोड़ा गया है।

-निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों में वृद्धि।

 

सहकारिता विभाग

-प्राथमिक सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की पहल।

-सर्वसुविधा केंद्र की शुरुआत।

-प्रदेश में 511 नई सोसाइटियों का गठन।

-सहकारिता को जन-आंदोलन बनाने का प्रयास।

 

नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग

-ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र वर्ष 2023 से कार्य करेगा, यह विश्व का अनूठा संयंत्र होगा। इसकी लागत लगभग 3 हजार करोड़ होगी, संयंत्र की क्षमता 600 मेगावॉट होगी।

 

ऊर्जा विभाग

-बिजली के देयकों की वसूली 25 प्रतिशत बढ़ गई है।

-स्मार्ट मीटर के उपयोग प्रारंभ किए गए हैं।

-विद्युत सामग्री जो पूर्व में क्रय की गई उसका उपयोग सुनिश्चित होने के बाद नवीन सामग्री खरीदने की व्यवस्था से उपकरण बेहतर ढंग से काम में लाए जा रहे हैं।

 

संस्कृति और पर्यटन विभाग

-पर्यटन क्षेत्र में होम-स्टे के प्रयोग का बढ़ावा। निवाड़ी जिले के होम-स्टे की राष्ट्रीय स्तर पर तारीफ हुई है।

-मठ, मंदिरों से जुड़ी जानकारियों के लिए पोर्टल का विकास।

-विभिन्न संग्रहालयों में दर्शकों को आकर्षित करने के नवीन प्रयास।

 

आयुष विभाग

- कोरोना काल में औषधियों के वितरण का महत्वपूर्ण कार्य।

-प्रदेश के 7 आयुष महाविद्यालयों में शोध कार्यों को प्रोत्साहन।

 

अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग

-युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए जापान और अन्य देशों में भेजने की पहल, प्रथम चरण में 200 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

-भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार प्रदेश में गतिविधियाँ तेज की जा रही हैं।

 

तकनीकी शिक्षा विभाग

-विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा के लिए आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की देख-रेख में प्रदेश की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को सौंपने पर विचार।

-ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण देकर लाभान्वित करेंगे।

-भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क के कार्य में तेजी।

-प्रदेश में मॉडल आईटीआई विकसित हो रहे हैं। इनमें से 6 आईटीआई मई में प्रारंभ होंगे।

 

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

-युवाओं को प्लबंर, इलेक्ट्रीशियन और मिस्त्री के प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें नल-जल योजना के संधारण से जोड़ने की पहल की जा रही है।

Dakhal News 27 March 2022

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