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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा वह है, जो मुक्ति दिलाए। शिक्षा जीवन को प्रकाशित करती है। शासकीय संस्थाओं के साथ ही निजी क्षेत्र में भी उत्कृष्ट गुणवत्ता के स्कूल और महाविद्यालय आएं। ज्ञान देने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। विद्यार्थियों में कौशल विकास कर उन्हें अच्छे नागरिक बनने की शिक्षा दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को नर्मदापुरम में एनआईएस शिक्षा महाविद्यालय के नवीन भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रह थे। उन्होंने नर्मदा शिक्षा समिति के संस्थापक स्व. पं. रामलाल शर्मा के जीवन पर केन्द्रित स्मारिका एवं पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने स्मारिका के लेखक मिलिन रौंघे का शॉल, श्रीफल और स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पं. रामलाल शर्मा बहुत अच्छे इंसान थे। उन्होंने कठिन समय में शिक्षा की अलख जगाई। उनके सामने अनेक कठिनाइयाँ आईं, जिनका उन्होंने डटकर सामना किया। उनका जीवन दूसरों के लिये समर्पित था। उन्होंने कहा "अपने लिये जिये तो क्या जिये, तू जी ए दिल जमाने के लिये''।
शिक्षा समिति के अध्यक्ष पं. भवानी शंकर शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने स्व. रामलाल शर्मा एवं शिक्षा समिति द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस मौके पर खनिज मंत्री एवं जिले के प्रभारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, दर्शन सिंह चौधरी, माया नारोलिया और गिरिजा शंकर शर्मा उपस्थित थे।
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