जातीय न्याय के लिए बदलाव ज़रूरी - मलिकार्जुन खड़गे
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है.... उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए देश को संबोधित करते हुए कहा यह कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं है.... यह हमारे विचार और संघर्ष की निरंतरता है....आज जब देश जातीय न्याय की बात कर रहा है, तब कांग्रेस पार्टी का यह दायित्व बनता है...कि वह इस विमर्श को दिशा दे, उसे नारे से नीति तक ले जाए, और जितनी आबादी  उतना हक को केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प बनाए....

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह कार्यशाला पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धता और संघर्ष की निरंतरता है..जितनी आबादी, उतना हक सिर्फ़ नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प होना चाहिए.... उन्होंने सवाल उठाया कि OBC, दलित और आदिवासी समाज की सत्ता, मीडिया, नौकरशाही, न्यायपालिका और उच्च शिक्षा में भागीदारी उनकी जनसंख्या के अनुपात में क्यों नहीं है....उन्होंने आगे कहा हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 50% आरक्षण की सीमा पर अब नए आंकड़ों के आलोक में पुनर्विचार हो.... जब सामाजिक वास्तविकताएं बदल चुकी हैं.... और आंकड़े नई तस्वीर पेश कर रहे हैं.... तो हमारी नीतियों में भी उसी अनुरूप परिवर्तन होना चाहिए... आरक्षण की वर्तमान सीमा को आंकड़ों और न्याय दोनों के संतुलन से देखा जाना चाहिए... ताकि OBC, दलित और आदिवासी समुदायों को उनका वास्तविक हक मिल सके...मैं आपसे अपील करता हूं कि इस अभियान को केवल चुनावी मुद्दा न समझें, यह हमारी वैचारिक प्रतिबद्धता है.... यह संवाद, इस दिशा में हमारी एकजुटता का प्रमाण है.... 

Dakhal News 23 May 2025

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