Patrakar Priyanshi Chaturvedi
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में प्रशासन द्वारा किए गए एक बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर की गई, लेकिन मस्जिद के प्रबंधन ने इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मस्जिद प्रबंधन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और 13 दिसंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन प्रशासन ने याचिका से पहले ही मस्जिद का बड़ा हिस्सा गिरा दिया। इस कार्रवाई को लेकर लोग आक्रोशित हैं और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने इसे गैरकानूनी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
फतेहपुर के ललौली कस्बे में स्थित नूरी जामा मस्जिद का कुछ हिस्सा हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रहा था, जिसके बाद प्रशासन ने इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से निर्धारित नियमों के अनुसार की गई है। नूरी जामा मस्जिद के प्रबंधन को 17 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था और 24 सितंबर को आसपास के अतिक्रमण हटाए गए थे। मस्जिद प्रबंधन को यह अवसर दिया गया था कि वे खुद अवैध हिस्से को हटा लें, लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने मंगलवार को यह कार्रवाई की।यह घटना फतेहपुर में एक गंभीर विवाद का कारण बनी हुई है। लोगों के आक्रोश और मस्जिद प्रबंधन के विरोध के बावजूद प्रशासन ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की। अब देखना होगा कि इस मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई क्या दिशा लेती है और इससे जुड़े पक्ष कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
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