भारत के सबसे सुंदर वॉटरफॉल, जिसकी खूबसूरती मोह लगी मन

टूरिस्टों के लिए दूधसागर झरना फिर से खुल गया है. यह फेमस वाटरफॉल गोवा में है. काफी लंबे वक्त बाद इसे टूरिस्टों के लिए खोला गया है. टूरिस्ट यहां जीप सफारी भी कर सकते हैं. इसकी बुकिंग शुरू हो गई है. गोवा टूरिज्म डिपार्टमेंट ने जीप सफारी की बुकिंग शुरू कर दी है. दरअसल, मानसून सीजन में सिक्योरिटी के लिए दूधसागर वाटरफॉल को बंद कर दिया जाता है, जिसे अब फिर से खोल दिया गया है दूधसागर में जीप सफारी सीजन की शुरुआत आमतौर पर हर साल 2 अक्टूबर को होती है. इस बार अब शुरू हुई है. यहां अभयारण्य में जाने वाले जीपों की संख्या के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट ने कोटा प्रणाली स्थापित की है. वीकएंड पर जीपों की संख्या को बढ़ा दिया जाता है ताकि टूरिस्टों को जीप सफारी में कोई दिक्कत न हो. वैसे यहां हफ्ते में 170 जीपों का आवंटन है लेकिन वीकएंड में जीपों की संख्या को 225 कर दिया जाता है.  टूरिस्ट यहां 14 किलोमीटर में जीप सफारी कर सकते हैं. यह यात्रा टूरिस्टों के लिए चुनौतीपूर्ण होती है. इस पूरे इलाके के ग्रामीणों के लिए टूरिज्म ही आय का मुख्य सोर्स है. जिन स्थानीय जीप ऑपरेटर की जीपें वन विभाग के साथ रजिस्टर्ड हैं वे अपनी जीप में सात लोगों को ले जाते हैं और जीप सफारी कराते हैं. जिसके लिए ये जीप सफारी ऑपरेटर 500 रुपये प्रति व्यक्ति वेते हैं. एक बार के फेरे के लिए पूरी जीप का किराया 3500 रुपये होता है इस झरने में 320 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता है. दूधसागर वाटरफॉल गोवा और कर्नाटक की सीमा पर है. दूधसागर झरना पणजी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है. इस झरने को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते है़. जब इस झरने का पानी ऊंचाई से नीचे गिरता है, तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे पानी की जगह ऊंचाई से दूध नीचे गिर रहा हो, तभी इस वाटरफॉल का नाम दूधसागर झरना रखा गया. यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों में शामिल हैं. मांडोवी नदी पर बना यह झरना जब ऊंचाई से गिरता है तो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है. इस झरने का आकर्षण ऐसा है कि एक बार करीब से देखने पर इसे बार-बार देखने की इच्छा होती है.  इस झरने के आसपास का पूरा क्षेत्र संरक्षित है. इस क्षेत्र में आप अपने दोस्तों के साथ लंबी ट्रैकिंग भी कर सकते हैं. टूरिस्ट यहां कैंपिंग भी कर सकते हैं.

 

Dakhal News 20 July 2024

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