भारत-मॉरीशस के बीच साझेदारी को 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने पर बनी सहमति
new delhi, Consensus reached , Partnership

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पोर्ट लुईस में कहा कि भारत-मॉरीशस साझेदारी को उन्नत रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझेदारी को उन्नत रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने यह भी निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में एक नए संसद भवन के निर्माण में सहायता करेगा, जो मॉरीशस को 'लोकतंत्र की जननी' की ओर से एक उपहार होगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मॉरीशस में 100 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइन के आधुनिकीकरण के लिए एक परियोजना शुरू की जाएगी। सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 500 मिलियन मॉरीशस रुपये की नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। अगले पांच वर्षों में मॉरीशस के 500 सिविल सेवक भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। हम स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय व्यापार लेनदेन को निपटाने के लिए भी सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित एवं संरक्षित हिंद महासागर भारत-मॉरीशस की साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक दक्षिण हो, हिन्द महासागर हो, या अफ्रीका भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है। दस वर्ष पहले विज़न सागर यानी “क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास” की आधारशीला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए हम सागर विज़न लेकर चले हैं। वैश्विक दक्षिण के लिए हमारा विज़न रहेगा- महासागर, यानी “क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति”। इसमें विकास के लिए व्यापार, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण तथा साझा भविष्य के लिए पारस्परिक सुरक्षा की भावना समाहित है।
प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मॉरीशस के सभी नागरिकों को राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और मॉरीशस न केवल हिंद महासागर के जरिए बल्कि साझा सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़े हुए हैं। हम आर्थिक और सामाजिक दोनों मामलों में मजबूत साझेदार हैं। प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्पेस सहित हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

Dakhal News 12 March 2025

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.