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बहुत-सी सिजेरियन डिलीवरी, गर्भावस्था की कुछ जटिलताओं या अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण की जाती है। सी-सेक्शन प्रक्रिया ज़्यादातर महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण और अप्रिय हो सकती है और यह मानसिक और शारीरिक रूप से थका देने वाली हो सकती है। प्रक्रिया से उबरने के लिए माँ को भरपूर आराम और सख्त आहार की आवश्यकता होती है। सी-सेक्शन के बाद पहले कुछ हफ़्तों के दौरान, माँ की पूरी तरह से निगरानी की जानी चाहिए और प्रसव के तनाव से मानसिक और शारीरिक रूप से उबरने में उसकी सहायता की जानी चाहिए। इसलिए सी-सेक्शन के बाद उसे उचित भोजन दिया जाना चाहिए।चूंकि पहले कुछ महीनों के दौरान बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत स्तन का दूध होता है, इसलिए सीजेरियन सेक्शन के बाद माँ को अच्छा आहार लेना चाहिए। पर्याप्त आराम के साथ-साथ अच्छा आहार पेट की दीवार और गर्भाशय की उपचार प्रक्रिया को भी तेज कर सकता है, जो सी-सेक्शन के दौरान फट गए थे। उचित आहार माँ को गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वज़न को कम करने में भी मदद कर सकता है। सिजेरियन सेक्शन के बाद सही भोजन कुछ कारणों से महत्त्वपूर्ण है-उपचार को बढ़ावा देता है: विटामिन, खनिज और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार आपके शरीर को तेजी से ठीक होने और सर्जरी से उबरने में मदद करता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: स्वस्थ आहार खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।ऊर्जा प्रदान करता है: सी-सेक्शन के बाद, आपके शरीर को ठीक होने और अपने नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ आहार सुनिश्चित करता है कि आपके पास दोनों के लिए आवश्यक ऊर्जा है।स्तनपान में सहायता: उच्च गुणवत्ता वाला स्तन दूध उपलब्ध कराने के लिए स्वस्थ आहार आवश्यक है, जो आपके बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है।जटिलताओं को कम करता है: एक अच्छा आहार वज़न को नियंत्रित करने, कब्ज के जोखिम को कम करने और बेहतर पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो सर्जरी के बाद महत्त्वपूर्ण है।मनोदशा में सुधार: संतुलित भोजन से आपकी मनोदशा स्थिर रहती है और मानसिक स्पष्टता मिलती है, जिससे प्रसव के बाद भावनात्मक सुधार में सहायता मिलती है।ऊतकों की मरम्मत में सहायक: प्रोटीन, विटामिन-सी और जिंक जैसे पोषक तत्व ऊतकों की मरम्मत और पुनर्जनन के लिए आवश्यक हैं, जो आपके सर्जिकल घाव को अधिक प्रभावी ढंग से ठीक करने में मदद करते हैं।सिजेरियन के बाद क्या खाना चाहिए?सिजेरियन के बाद खाने योग्य खाद्य पदार्थों की सूची इस प्रकार है-प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन नए ऊतक कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं, जिससे उपचार प्रक्रिया में तेजी आती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ सर्जरी के बाद ऊतकों को ठीक करने और मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखने में मदद करे। दूसरी ओर, कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाता है, मांसपेशियों को आराम देता है, रक्त के थक्के को बढ़ावा देता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है। सी-सेक्शन के बाद अपने आहार में फलियाँ, अंडे आदि शामिल करें और ख़ुद को ठीक होते और मज़बूत होते देखें।साबुत अनाज: ब्राउन ब्रेड, पास्ता और ब्राउन राइस सहित साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इनमें कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है। यह ऊर्जा के रखरखाव और स्तन दूध उत्पादन में सहायता करता है। आयरन, फाइबर और फोलिक एसिड सभी शिशुओं के लिए उनके शुरुआती विकास चरणों में महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व हैं।विटामिन और खनिज: विटामिन में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है और ये ऊतक की मरम्मत में सहायता करते हैं। इसलिए, सीजेरियन सेक्शन के बाद आहार में इनका बहुत अच्छा समावेश हो सकता है। ये शरीर को कोलेजन बनाने में मदद करते हैं, जो स्नायुबंधन, नए निशान ऊतकों और त्वचा के निर्माण में सहायता करता है। पालक, ब्रोकली और मेथी के पत्तों जैसी सब्ज़ियों में आहार कैल्शियम और आयरन के अलावा विटामिन ए और-सी की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा, संतरा, पपीता, तरबूज, स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसे फलों में विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है और-सी सेक्शन के बाद खाने के लिए ये सबसे अच्छा भोजन है। ये फल और सब्ज़ियाँ संक्रमण की रोकथाम और प्रतिरक्षा निर्माण में सहायता करती हैं।आयरन: आयरन प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक से काम करने में मदद करता है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में अंडे की जर्दी, सीप, लाल मांस और सूखे मेवे शामिल हैं। लेकिन, यह सलाह दी जाती है कि अधिक आयरन न लें क्योंकि इससे कब्ज हो सकता है। इसलिए, आयरन के सेवन के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।सब्जियाँ: सिजेरियन के बाद खाने के लिए सब्जियाँ एक बेहतरीन विकल्प हैं। हरी सब्जियाँ नई माताओं के लिए फायदेमंद होती हैं क्योंकि उनमें आयरन, विटामिन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। पालक, बीन्स, कमल के तने, ब्रोकली और मेथी जैसी हरी सब्जियाँ डाइट प्लान में शामिल की जानी चाहिए। आप मशरूम और गाजर से पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद की अवधि जटिल और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। उपचार में तेज़ी लाने के लिए भोजन पर नियंत्रण बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है। सी-सेक्शन के बाद संतुलित आहार आपको सर्जरी से उबरने और आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। डॉक्टर आमतौर पर सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद डाइट चार्ट तैयार करते हैं। डाइट चार्ट का सख्ती से पालन करने के अलावा, आपको अपने खाने की आदतों पर भी नज़र रखनी चाहिए। ऐसा करने से आपको सिजेरियन सेक्शन के बाद ठीक होने और पहले से ज़्यादा स्वस्थ बनने में मदद करेगी।
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प्रतिवर्ष 25 नवम्बर को महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए विश्वभर में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। तीन बहनों पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल द्वारा डोमिनिक शासक रैफेल ट्रुजिलो की तानाशाही का कड़ा विरोध किए जाने पर उस क्रूर शासक के आदेश पर 25 नवम्बर 1960 को उन तीनों की हत्या कर दी गई थी। वर्ष 1981 से उस दिन को महिला अधिकारों के समर्थक और कार्यकर्ता उन्हीं तीनों बहनों की मृत्यु की पुण्यतिथि के रूप में मनाते आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसम्बर 1999 को एकमत से हर साल 25 नवम्बर का दिन ही महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने के लिए निर्धारित किया गया। सरकारों, निजी क्षेत्र और प्रबुद्ध समाज से यौन हिंसा और महिलाओं के उत्पीड़न के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाने का आग्रह करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस का कहना है कि महिलाओं के प्रति हिंसा विश्व में सबसे भयंकर, निरन्तर और व्यापक मानव अधिकार उल्लंघनों में शामिल है, जिसका दंश विश्व में हर तीन में से एक महिला को भोगना पड़ता है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ का गठन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महिला के आंकड़ों के अनुसार विश्वभर में 15-19 आयु वर्ग की करीब डेढ़ करोड़ किशोर लडकियां जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं, करीब 35 फीसदी महिलाओं और लड़कियों को अपने जीवनकाल में शारीरिक एवं यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है, हिंसा की शिकार 50 फीसदी से अधिक महिलाओं की हत्या उनके परिजनों द्वारा ही की जाती है, वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी के शिकार लोगों में 50 फीसदी व्यस्क महिलाएं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन तीन में से एक महिला किसी न किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा का शिकार होती है। महिलाओं को हिंसा और दुर्व्यवहार की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी के अधिकार को बाधित करता है, उन्हें उनके बुनियादी अधिकारों और स्वतंत्रता से वंचित करता है। इससे आर्थिक सुधार और सतत विकास में खलल पड़ता है। भारत के संदर्भ में महिला हिंसा को लेकर आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति काफी चिंताजनक है। हालांकि 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद देशभर में सड़कों पर महिलाओं के आत्मसम्मान के प्रति जिस तरह की जन-भावना और युवाओं का तीखा आक्रोश देखा गया था, यौन हिंसा रोकने के लिए जिस प्रकार कानून सख्त किए गए थे, उसके बाद लगने लगा था कि समाज में इससे संवदेनशीलता बढ़ेगी और ऐसे कृत्यों में लिप्त असामाजिक तत्वों के हौंसले पस्त होंगे किन्तु विड़म्बना है कि समूचे तंत्र को झकझोर देने वाले निर्भया कांड और उसके बाद के वर्षों में सामने आ चुके महिला अपराधों के कई अन्य जघन्य मामलों के बाद भी हालात यह हैं कि कोई दिन ऐसा नहीं बीतता, जब महिला हिंसा से जुड़े अपराधों के मामले देश के कोने-कोने से सामने न आते हों। होता सिर्फ यही है कि जब भी कोई बड़ा मामला सामने आता है तो हम पुलिस-प्रशासन को कोसते हुए संसद से लेकर सड़क तक कैंडल मार्च निकालकर या अन्य किसी प्रकार से विरोध प्रदर्शन कर रस्म अदायगी करके शांत हो जाते हैं और पुनः तभी जागते हैं, जब ऐसा ही कोई बड़ा मामला पुनः सुर्खियां बनता है, अन्यथा महिला हिंसा की छोटी-बड़ी घटनाएं तो बदस्तूर होती ही रहती हैं। ऐसे अधिकांश मामलों में प्रायः पुलिस-प्रशासन का भी गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही भरा रवैया ही सामने आता रहा है। प्रश्न यही है कि निर्भया कांड के बाद कानूनों में सख्ती, महिला सुरक्षा के नाम पर कई तरह के कदम उठाने और समाज में आधी दुनिया के आत्मसम्मान को लेकर बढ़ती संवेदनशीलता के बावजूद आखिर ऐसे क्या कारण हैं कि बलात्कार के मामले हों या छेड़छाड़ अथवा मर्यादा हनन या फिर अपहरण अथवा क्रूरता, ‘आधी दुनिया’ के प्रति अपराधों का सिलसिला थम नहीं रहा है? इसका एक बड़ा कारण तो यही है कि कड़े कानूनों के बावजूद असामाजिक तत्वों पर वो कड़ी कार्रवाई नहीं होती, जिसके वे हकदार हैं और इसके अभाव में हम ऐसे अपराधियों के मन में भय पैदा करने में असफल हो रहे हैं। कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और नृशंस हत्या का मामला हो या हैदराबाद की बेटी दिशा का या उन्नाव पीड़िता का अथवा हाथरस या बुलंदशहर की बेटियों का, लगातार सामने आते ऐसे तमाम मामलों से स्पष्ट है कि केवल कानून कड़े कर देने से ही महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध थमने वाले नहीं हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि तमाम सरकारें प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ ऐसे अपराधों के लिए प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करें और ऐसे मामलों में कोताही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
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उच्च प्रदर्शन सामग्री के रूप में तकनीकी वस्त्र आयात पर निर्भरता को कम करके और स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देकर रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक हैं। तकनीकी वस्त्र, जैसे कि जियो टेक्सटाइल, बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की स्थायित्व और दक्षता को बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, खासकर प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त क्षेत्रों में। तकनीकी वस्त्र क्षेत्र एक नए युग का वस्त्र है, जिसका उपयोग अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में होता है। तकनीकी वस्त्र ऐसा कपड़ा उत्पाद है, जो गैर-सौंदर्य प्रयोजनों के लिए निर्मित होता है, जहाँ कार्य प्राथमिक मानदंड होता है।तकनीकी वस्त्रों में ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों के लिए वस्त्र, चिकित्सा वस्त्र, भू-वस्त्र, कृषि-वस्त्र और सुरक्षात्मक कपड़े शामिल हैं। सरकार ने तकनीकी वस्त्रों और उनके अनुप्रयोगों में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन भी शुरू किया है। पूर्वोत्तर भारत के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों को स्थिर करने के लिए जियो टेक्सटाइल का उपयोग किया जाता है, जिससे विदेशी समाधानों पर निर्भरता कम होती है। रक्षा और एयरोस्पेस के लिए उन्नत वस्त्र यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक आवश्यकताओं को स्वतंत्र रूप से पूरा करे।डीआरडीओ द्वारा सैन्य उपयोग के लिए स्वदेशी अरामिड-आधारित सुरक्षात्मक गियर विकसित किया गया था, जिससे महंगे आयात पर निर्भरता कम हुई। सर्जिकल मास्क, पीपीई और बायोडिग्रेडेबल मेडिकल फैब्रिक जैसे मेडिकल टेक्सटाइल स्वास्थ्य सेवा में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हैं, जो आपातकालीन प्रतिक्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण है। महामारी के दौरान भारत ने पीपीई किट के घरेलू उत्पादन को बढ़ाया और कुछ ही महीनों में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली। एग्रोटेक फैब्रिक्स जैसे तकनीकी वस्त्र कृषि उत्पादकता में सुधार करते हैं, ग्रामीण विकास का समर्थन करते हैं और आयातित कृषि-समाधानों पर निर्भरता कम करते हैं। पॉलीहाउस कवर और फ़सल सुरक्षा जाल सालभर खेती के लिए नियंत्रित वातावरण बनाकर पैदावार बढ़ाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी वस्त्र इकाइयाँ स्थापित करने से रोजगार सर्जन को बढ़ावा मिल सकता है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ने में मदद मिल सकती है और स्थायी आजीविका का समर्थन हो सकता है। ग्रामीण महाराष्ट्र में तकनीकी वस्त्र निर्माण के विकास ने स्थानीय समुदायों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। चूंकि तकनीकी वस्त्र आयात-निर्भर संसाधनों की आवश्यकता को कम करते हैं इसलिए वे भारत की अर्थव्यवस्था को जलवायु-संचालित वैश्विक आपूर्ति झटकों के प्रति कम संवेदनशील बनाते हैं।बायोडिग्रेडेबल टेक्सटाइल सामग्री का स्वदेशी उत्पादन पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है और आयात निर्भरता को कम करता है। स्मार्ट, टिकाऊ और मिश्रित वस्त्रों में अनुसंधान के लिए मिशन का वित्तपोषण ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देता है जो घरेलू स्तर पर क्षेत्र-विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। नमी सोखने वाले कपड़ों पर आईआईटी दिल्ली में शोध रक्षा कर्मियों के लिए सुरक्षात्मक गियर को बढ़ाता है। मिशन अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच साझेदारी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे नई तकनीकों के तेजी से व्यावसायीकरण को बढ़ावा मिलता है। उन्नत चिकित्सा वस्त्रों के उत्पादन के लिए एसएमई को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ने घरेलू आपूर्ति शृंखला को मजबूत किया है। मानकों और गुणवत्ता में सुधार करके, मिशन वैश्विक बाजारों में उच्च मूल्य वाले तकनीकी वस्त्रों का निर्यात करने की भारत की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिलता है। मिशन द्वारा समर्थित गुणवत्ता प्रमाणन के कारण यूरोप को भारत के तकनीकी वस्त्रों के निर्यात में वृद्धि हुई है। समर्पित परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना वैश्विक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करती है, जिससे उत्पाद की विश्वसनीयता में सुधार होता है।दिल्ली में राष्ट्रीय वस्त्र परीक्षण प्रयोगशालाएँ यूरोपीय मानकों को पूरा करने वाले प्रमाणपत्र प्रदान करती हैं, जिससे निर्यात क्षमता में वृद्धि होती है। नए आईपीआर दिशा-निर्देश स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और संरक्षण को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे भारत के तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के बौद्धिक संपदा आधार को मजबूती मिलती है। स्मार्ट टेक्सटाइल के लिए आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों द्वारा दायर आईपीआर पेटेंट यह सुनिश्चित करते हैं कि मालिकाना तकनीक भारत के भीतर ही रहे। मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्नत वस्त्र निर्माण के लिए तकनीकी कौशल को बढ़ाते हैं, उत्पादकता और नवाचार को बढ़ाते हैं। कपड़ा क्षेत्र कौशल परिषद के साथ सहयोग ने तकनीकी वस्त्र उद्योग में हजारों लोगों को प्रशिक्षित किया है। राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक नवाचार को बढ़ावा देता है, जिससे आयात निर्भरता के खिलाफ भारत की लचीलापन बढ़ता है। मिशन के तहत अनुसंधान एवं विकास तथा कौशल निर्माण में निरंतर निवेश से उच्च प्रदर्शन वाले वस्त्रों में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और मजबूत होगी।
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शिवसेना और भवानी सेना के कार्यकर्ताओं ने श्रीराम फाइनेंस के खिलाफ उप जिला अधिकारी खटीमा को जिला अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा...उनका कहना है कि खटीमा पीलीभीत मार्ग पर श्रीराम फाइनेंस कंपनी फर्स्ट फ्लोर पर स्थित है...ऑफिस में चढ़ने वाली सीढ़ियों पर श्रीराम फाइनेंस लिखा है जिससे हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचती है... शिवसेना और भवानी सेना के कार्यकर्ताओं ने श्रीराम फाइनेंस कंपनी पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की... वहीं तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान का कहना है कि शिवसेना और भवानी सेवा ने श्रीराम फाइनेंस के द्वारा सीडियो में श्री राम लिखने में आपत्ति जताई है...जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी...वहीं श्रीराम फाइनेंस के प्रबंधक का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को इस पर आपत्ति है तो जो श्री राम लिखा है उस पर स्टीकर लगा दिया जाएगा...
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सिंगरौली के एनसीएल मुख्यालय के जयंत परियोजना में काम कर रहे कैलिबर माइनिंग एंड लॉजिस्टिक लिमिटेड कंपनी के सैकड़ों श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधन पर शोषण के आरोप लगाया...श्रमिकों का कहना है कि छोटी-मोटी गलतियों के लिए उन्हें ड्यूटी से हटा दिया जाता है...इसके अलावा उन्हें लीव पेमेंट भी नहीं दिया जा रहा है और एक साल बीत जाने के बाद भी कई श्रमिकों का ए-फॉर्म नहीं भरा गया है... सैकड़ों श्रमिक कैलिबर माइनिंग एंड लॉजिस्टिक लिमिटेड के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे उनका कहना था कि कंपनी द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और विभिन्न समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। पूर्व विधायक राम लल्लू वैश्य ने श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया और अधिकारियों से इस मुद्दे पर शीघ्र बैठक का आश्वासन दिया।
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एन सी एल जयंत परियोजना सुरक्षा विभाग ने अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दो निर्माणों को ध्वस्त कर दिया...सुरक्षा विभाग ने इन निर्माणों को तोड़ने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है... एन सी एल जयंत परियोजना के सुरक्षा विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही में अवैध निर्माण को तुरंत तोड़ दिया गया...इनमें से पहला निर्माण जयंत गोलाई बस्ती जाने वाले मेन रोड के पास स्थित फारूक मटन दुकान के पीछे था...और दूसरा निर्माण जयंत मेन रोड यातायात के पास नया सी टाईप कॉलोनी के बगल में था...सुरक्षा विभाग ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है...
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सतवास से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां आपसी विवाद के चलते एक युवक ने अपनी पत्नी की लाठी-डंडों से पीट पीट कर बेरहमी से हत्या कर दी घटना के बाद मृतिका के परिजनों में भारी आक्रोश है... सतवास थाना अंतर्गत ग्राम बड़ौदा टप्पर में दरम्यानी रात सचिन नामक युवक ने अपनी 24 साल की पत्नी रिंकी को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई...घटना की सूचना मिलते ही सतवास थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर शासकीय अस्पताल भेजा...वहां परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया...परिजनों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है...सतवास थाना प्रभारी बी.डी. बीरा ने बताया कि रिंकी और सचिन के बीच पहले भी विवाद होते रहते थे...इस बार आरोपी ने रिंकी पर इतनी बेरहमी से हमला किया कि रिंकी की मौत हो गई...पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है...उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया...पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है....
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मध्य प्रदेश में 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 28 मार्च यानि आज घोषित किए जाएंगे...राज्य शिक्षा केंद्र, स्कूल शिक्षा विभाग यह परिणाम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे जारी करेंगे... विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक...राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक पोर्टल पर अपने रोल नंबर/समग्र आईडी के माध्यम से परिणाम देख सकेंगे...शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के लिए शाला-स्तरीय परिणाम भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे...
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रीवा नगर निगम की बजट बैठक में बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच जमकर हंगामा हो गया...महापुरुषों की प्रतिमा लगाने के मुद्दे पर दोनों दलों के पार्षद आपस में भिड़ गए...बीजेपी पार्षदों ने नाम के आगे सम्मानित संबोधन न होने का विरोध किया, जबकि महापौर का कहना था कि उचित शब्दों का उपयोग किया गया है.... रीवा नगर निगम की परिषद की बैठक विवादों में घिरी रही... बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच शब्दों को लेकर बहस हो गई...दरअसल शहर में महापुरुषों की प्रतिमा लगनी है...लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का कहना था महापुरुषों के नाम के आगे सम्मानित उद्बोधन नहीं है...विवाद के बीच बीजेपी पार्षदों ने बजट की अर्थी निकाली तो वहीं कांग्रेस पार्षद सब पर गंगाजल का छिड़काव करने लगे...अंत में अध्यक्ष व महापौर ने हस्तक्षेप कर सभी को शांत कराया...और कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई...
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ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति लगाने का काम किया जा रहा हैं .... मूर्ति के समर्थन में सभी वकीलों ने मिलकर रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया और कहा कि हम बाबा साहब की इस मूर्ति के समर्थन में इस ऐतिहासिक फैसले के लिए आपकी सराहना करते हैं .... ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की मूर्ति लगाई जानी हैं .... यह मूर्ति 14 अप्रैल से पहले इस मूर्ति को स्थापित किया जाए और 14 अप्रैल तक इस मूर्ति का उद्घाटन भी कर लिया जाए इस मांग को लेकर 1500 से ज़्यादा वकीलों के हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन रजिस्ट्रार के माध्यम से मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस के नाम दिया गया .... इस ज्ञापन के माध्यम से 1500 से ज़्यादा वकीलों ने एकमत होकर यह कहा कि हम बाबा साहब की इस मूर्ति के समर्थन में इस ऐतिहासिक फैसले के लिए आपकी सराहना करते हैं .... हाईकोर्ट चीफ जस्टिस महोदय को हम धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और निवेदन करते हैं कि इस मूर्ति का काम और तेज गति से संचालित किया जाए और 14 अप्रैल तक इस मूर्ति का उद्घाटन भी कर लिया जाए .... चूंकि बाबा साहब देश में समानता के प्रतीक एवं संविधान निर्माता और देश के प्रथम कानून मंत्री के तौर पर प्रमुख भूमिका रखते हैं बाबा साहब ने जिस तरीके से इस देश के आधुनिक भारत निर्माण के लिए काम किया महिलाओं के उद्धार के लिए काम किया बेमनस्था के खिलाफ काम किया भाईचारे के लिए नफरत के खिलाफ काम किया इसलिए इस भाईचारे के लिए नफरत के खिलाफ समानता के प्रतीक और न्याय की भावना को जन जन तक स्थापित करने के उद्देश्य से यह जरूरी है ....
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सोनकच्छ में ब्राह्मण समाज ने कांग्रेस नेत्री रेखा जैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया...भगवान परशुराम के प्रति अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में बजरंग चौराहे पर रेखा जैन का पुतला दहन किया गया...पूर्व अध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में रेखा जैन के खिलाफ नारेबाजी हुई... ब्राह्मण समाज ने कहा कि वे अपने आराध्य भगवान परशुराम के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे साथ ही कांग्रेस पार्टी से रेखा जैन को निष्कासित करने की मांग की... देवास जिले के सोनकच्छ में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग बजरंग चौराहे पर इकट्ठे हुए और रेखा जैन के खिलाफ विरोध जताया...लोगों ने रेखा जैन मुर्दाबाद और 'रेखा जैन होश में आओ' के नारे लगाए...ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि उनकी विवादित टिप्पणी से ब्राह्मण समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है...उन्होंने रेखा जैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की... साथ ही उम्मीद जताई कि भगवान परशुराम रेखा को सद्बुद्धि प्रदान करेंगे जिससे वे अपनी वाणी में संयम रखेंगी....
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महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरु शुभ्रा तिवारी का माता सीता पर की गई टिप्पणी का लगातार विरोध हो रहा है....छतरपुर में हिंदू समाज ने सड़क पर उतरकर उनका विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें पद से हटाने एवं मामला दर्ज करने की मांग की वहीं विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया.... छतरपुर के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरु शुभ्रा तिवारी 17 मार्च को ओरछा में माता सीता के ऊपर विवादित बयान दिया था जिसके बाद से लगातार उनका विरोध जारी है अब हिंदू समाज उनके विरोध में सड़कों पर उतर आई है...हिंदू समाज ने कुलगुरु के विरोध में प्रदर्शन किया साथ ही कलेक्टर कार्यालय में राज्यपाल के नाम आवेदन दिया...वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के पास कुलगुरु की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया...
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शिवपुरी । शिवपुरी में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के महाराणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान का देशभर में विरोध हो रहा है। इसी क्रम में शिवपुरी में राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महाराणा प्रताप चौक पर एकत्र हुए और सांसद रामजी लाल सुमन के पुतले को चप्पलों से पीटा। प्रदर्शनकारियों ने राणा सांगा अमर रहें और रामजी लाल सुमन माफी मांगो के नारे लगाए। राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के नेताओं ने सांसद के संसद से निष्कासन और सार्वजनिक माफी की मांग की। महासभा के वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सांसद ने जल्द ही माफी नहीं मांगी तो विरोध प्रदर्शन और उग्र होगा।वक्ताओं ने कहा कि इतिहास के महान योद्धा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी बयानबाजी हुई तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई।
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भोपाल । मध्य प्रदेश में स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 का कार्य लगातार जारी है। इस संबंध में नगरीय निकायों को समय-समय पर निर्देश जारी किये जा रहे हैं। केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय स्वच्छता को लेकर नागरिकों से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म वोट फॉर योर सिटी वेब, वोट फॉर योर सिटी ऐप और स्वच्छता ऐप पर प्रतिक्रिया ले रहा है। यह प्रतिक्रियाएं स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के परिणामों एवं रैंकिंग को प्रभावित करेंगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय ने नगरीय निकायों को इस संबंध में जागरूक करने के लिये कहा है। नगरीय निकायों से अपने शहर में विभिन्न गतिविधियों को करने के लिये कहा गया है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने मंगलवार को बताया कि जारी निर्देशों में कहा गया है कि व्हाटसएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आकर्षक बैनर, वीडियो और पोस्ट का उपयोग कर फीडबैक माध्यमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। नगरीय निकाय के प्रयासों की जानकारी भी नागरिकों को दी जाये। व्हाटसएप ग्रुप पर नगरपालिका और अन्य नागरिक संगठनों के व्हाटसएप ग्रुप पर निकायों के प्रयास के साथ फीडबैक देने के लिये लिंक नागरिकों को दी जाये। सामुदायिक बैठक, सांस्कृतिक और अन्य आयोजन के दौरान नागरिकों को स्वच्छता पर जागरूक किया जाये और उन्हें सकारात्मक फीडबैक के बारे में प्रोत्साहित किया जाये।निर्देशों में कहा गया है कि नगरीय निकाय की टीम मोहल्लों के दौरे में प्रत्येक घर में जाकर स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की जानकारी और प्रयासों के बारे में बताये। टीम में ब्राण्ड एम्बेसडर, स्वच्छताग्राही स्वयं सेवकों को भी शामिल किया जाये। सार्वजनिक स्थानों जैसे बाजार, स्कूल, अस्पताल, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर लिंक क्यूआर कोड सहित पोस्टर प्रदर्शित किये जायें। नागरिकों को स्वच्छता के महत्व को प्रदर्शित करने वाले पर्चे वितरित किये जायें। सर्वेक्षण में नगरीय निकाय को शहर की जनसंख्या के कम से कम 10 प्रतिशत सिटीजन फीडबैक प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। संचालनालय ने नगरीय निकायों द्वारा इस दिशा में किये गये प्रयासों की जानकारी भी नियमित रूप से भेजने के लिये कहा है।
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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से शिकायत की थी कि विद्यालय के हेड मास्टर और अन्य शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय नहीं आ रहे हैं... जिससे बच्चों का भविष्य संकट में पड़ रहा है...खंड शिक्षा अधिकारी ने इस पर संज्ञान लिया और तुरंत एक जांच टीम भेजी...जिसने हेड मास्टर की अनुपस्थिति की पुष्टि की... राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलानी में कई मास्टर स्कूल से गायब रहते हैं ... ग्राम प्रधान प्रीति राना ने बताया कि यह घटना बच्चों के भविष्य के लिए बेहद चिंताजनक है...वहीं, हेड मास्टर सुरेंद्र कुमार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वे नियमित रूप से विद्यालय आते हैं पर कुछ लोग उनके खिलाफ व्यक्तिगत कारणों से शिकायत कर रहे हैं... लेकिन शिक्षा विभाग को ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके
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सिंगरौली जिले में भू अर्जन एक्ट को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया…ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना सही आदेश के, ड्रोन सर्वे और भवन निर्माण पर रोक लगाने का दबाव डाला है...ग्रामीणों का कहना है कि ये आदेश 2013 भू अर्जन एक्ट के तहत जारी नहीं किया गया और ना ही इसे सही तरीके से लागू किया गया है... ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासन ने जबरदस्ती पुलिस की मदद से ड्रोन सर्वे के खिलाफ कार्रवाई की जो कि अवैध है...इस मामले में गांव वालों ने अपने जन प्रतिनिधियों से मदद की अपील की है... उनका कहना है कि अगर सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और विधायक डॉ. राजेंद्र मेश्राम ने उनकी मदद नहीं की, तो वे दोनों नेताओं का क्षेत्र में बहिष्कार करेंगे...वहीं, कुछ पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है और ग्रामीणों को हाई कोर्ट में जाकर रिलीफ मिलेगा...
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खबर छतरपुर से है...जहां कुख्यात अपराधी लक्खू को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया है...आपको बता दें लक्खू ने 9 साल की बच्ची को गोली मारी थी...इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया था गौरिहार थाना इलाके में पुलिस ने 9 साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या के आरोपी को शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार किया है...कुख्यात अपराधी लक्खू उर्फ महेश्वरी दीन राजपूत ने पैरोल पर छूटने के बाद बच्ची को गोली मारी थी...इलाज के दौरान बच्ची दम तोड़ दिया था...वहीं आरोपी लक्खू की तलाश में पहुंची पुलिस पर बदमाश ने फायरिंग कर दी...जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई तो बदमाश के दाए पैर में गोली लगने से वो गिर गया...पुलिस की टीम ने उसे हिरासत में लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है...आपको बता दे कि कितपुरा निवासी लक्खू राजपूत पर हत्या और हत्या के प्रयास समेत 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं...वह 15 दिन पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था
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छतरपुर जिले के लवकुश नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बेड़ी में दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दलित परिवार का आरोप है कि 12 साल के अंशु अहिरवार ने गांव के ही रामा शुक्ला को छू लिया तो उसने जाति सूचक गाली देते हुए मारपीट कर दी...घटना से आहत नाबालिग ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली... मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बयान नहीं लिखे और न ही कार्रवाई की... जबकि बच्चे के शरीर में गंभीर चोट के निशान हैं...परिजनों ने पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी कराने और निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है...कार्रवाई की मांग को लेकर भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष संतोष रैदास, पूर्व विधायक आर डी प्रजापति सहित बड़ी संख्या में लोग छत्रसाल चौक पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया...सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीएसपी अमन मिश्रा ने आक्रोशित लोगों को कार्रवाई का आश्वासन और समझाइश देते हुए जाम खुलवाया...
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संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ हैं। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और नाक से सूंघते हैं। संक्षेप में रूप, रस, गंध, ध्वनि और स्वाद ही संसार समझने के उपकरण हैं। मन को इनका स्वामी बताया गया है। दृश्य पर मन न लगे तो देखना व्यर्थ हो जाता है। गीत-संगीत में मन न लगे तो सुनना बेकार। यही बात सभी इन्द्रियों पर लागू होती है। पढ़ता-सुनता आया हूँ कि इन्द्रियों से प्राप्त सूचना मस्तिष्क तक जाती है। मस्तिष्क निर्णय लेता है। मस्तिष्क में लाखों कोष हैं। इसमें अध्ययन-अनुभव के संग्रह हैं। प्रकृति सुंदर संरचना है। इसके रहस्य जटिल हैं। मनुष्य की आंतरिक संरचना और भी जटिल है। मैं विद्यार्थी की तरह सत्य जानने का प्रयास करता हूँ लेकिन निष्कर्षों के प्रति संशय बना रहता है। जीवन की लम्बाई व गहराई से अनुभव बढ़े हैं। लोभ घटे हैं। यश-लिप्सा बढ़ी है। राग बढ़ा है। द्वेष घटा है। क्या इसका कारण अनुभूतियाँ हैं? इसपर संशय है। मैं इस संशय का कारण जानना चाहता हूँ। प्रत्येक कार्य का कारण होता है। संशय का भी कारण होना चाहिए। संशय के कारण अनेक हैं लेकिन मुख्य कारण सत्य के अनुसंधान में संशय का सदुपयोग करना है। संभवतः बढ़ी उम्र के कारण जीवन-वीणा के सुर गहन हुए हैं। गीत-संगीत आकर्षित करते हैं। संसार के प्रति आसक्ति घटी है। सुखद स्मृतियाँ न सोने देती हैं, न जागने। मन ही मन अपनी ही वाह-वाह करते हैं। कुछ मित्र हमारे लेख की प्रशंसा करते हैं। हम आनंदित होते हैं। इस लिप्सा का कारण समझ में नहीं आता। लाखों बार छपने के बाद भी यह तृष्णा वैसी ही क्यों है? मैं संशयी हूँ। अपना मत प्रसारित करने की इच्छा सब लोगों में होती है। रेने डेकार्ट (1596-1650) प्रतिष्ठित बुद्धिवादी दार्शनिक थे। वे इन्द्रियों से प्राप्त अनुभव को वास्तविक ज्ञान नहीं मानते थे। उनके मतानुसार वास्तविक ज्ञान बुद्धि-प्रत्ययों (कंसेप्ट) से ही संभव है। मनुष्य की बुद्धि को कुछ सत्यों की जानकारी जन्म के साथ ही मिलती है। ऐसा कम या ज्यादा सभी मनुष्यों में होता है। जनचर्चा में इसे गॉड-गिफ्टेड कहा जाता है। डेकार्ट दर्शन में प्रभुत्व और परंपरा के विरोधी थे। उन्होंने दो धारणाओं की स्थापना की। पहली धारणा के अनुसार ”बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान प्राप्त करने की अपूर्व क्षमता” है। दूसरी धारणा के अनुसार ”मनुष्य की बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान को अयथार्थ से पृथक करने की कसौटी” भी है। उन्होंने बुद्धि की इन दोनों क्षमताओं को ”बुद्धि का स्वाभाविक प्रकाश” कहा है। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि के दो कार्य हैं। उन्होंने पहले को ‘इन्ट्यूशन‘ कहा है। प्रयाग विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जगदीश श्रीवास्तव ने ‘इनट्यूशन‘ को हिन्दी में प्रतिभान कहा है। यह शब्द उचित भी है। भान आंतरिक अनुभव से प्राप्त ज्ञान है। उन्होंने प्रातिभान की परिभाषा भी की है, ”प्रतिभान से हमारा तात्पर्य इन्द्रियों के अस्थिर साक्ष्य से नहीं है और भ्रामक निर्णय से भी नहीं। प्रतिभान-धारणा विशुद्ध और सजग बुद्धि से प्राप्त होती है। तब संशय या अनिश्चितता नहीं रह जाती।” उन्होंने बुद्धि का दूसरा कार्य निगमन बताया है। बुद्धि द्वारा किसी विषय पर खण्डशः विचार-निगमन होता है। यह शुद्ध बुद्धि से ही संभव है। बुद्धि विभिन्न कारणों से दोषपूर्ण भी हो सकती है। अंधविश्वास में बुद्धि शुद्ध नहीं रहती, तब बुद्धि निगमन का कार्य नहीं कर पाती। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि को शुद्ध रखना, भ्रमों और पूर्वाग्रहों से मुक्त रखना निगमन के लिए आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने ‘सुव्यवस्थित‘ संशय की जरूरत बताई है कि ”हमें अपने सभी मतों पर तब तक संशय करना चाहिए जब तक हम उनकी प्रामाणिकता के प्रति आश्वस्त न हों।” डेकार्ट का ‘संशय‘ ज्ञान का साधन है। ब्रिटिश दार्शनिक फ्रांसिस बेकन ने भी चिंतन को पूर्वाग्रहों से मुक्त रखने का विचार दिया है। अब मेरे मन में अपने संशय को लेकर भी संशय है कि विद्यार्थी-जीवन में ही मेरे चित्त में संशय का जन्म क्यों हुआ था? पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवाद है। भारतीय चिंतन में बुद्धि की महत्ता है। यहाँ बुद्धि, साध्य नहीं है, ज्ञान-प्राप्ति का साधन है। गीता (2.39) में श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते हैं, ”मैंने सांख्य (दर्शन) के अनुसार ज्ञान का विवेचन किया है, अब बुद्धि-योग बताता हूँ। सुनो। ऐसे ज्ञान से तुम कर्म बंधन से मुक्त हो जाओगे।” इस श्लोक में सांख्य का अर्थ ज्ञान-प्राप्ति की विश्लेषण पद्धति है। गीता का बुद्धियोग, डेकार्ट, स्पिनोजा आदि दार्शनिकों के बुद्धिवाद से उच्चतर है। गीता (10.10) में प्रसंग भक्ति का है। भक्ति में आस्था और विश्वास अपरिहार्य है। माना जाता है कि भक्ति की पूर्णता में आराध्य ईश्वर या भगवान की प्राप्ति संभव है। लेकिन गीता के इस श्लोक में प्रीतिपूर्वक सतत् भक्ति करने वाले को बुद्धि-योग की प्राप्ति होती है। ”सतत् युक्तानां भजतां प्रीतिपूर्वम्।” यह श्लोक काफी रोचक है। यहाँ भक्ति का परिणाम भगवान का दर्शन नहीं, बुद्धि-योग है और बुद्धि-योग की यात्रा में तर्क-संशय की उपयोगिता है। प्रकृति को ध्यान से देखने का अपना आनंद है लेकिन देखने और दर्शन करने में आधारभूत अंतर है। देखने का सामान्य उपकरण आँखें हैं। हम आँख से देखने के साथ सुनना, सूँघना, स्पर्श और स्वाद भी जोड़ सकते हैं लेकिन दर्शन में ज्ञान-मीमांसा है, बुद्धि है। सोच-विचार की आगमन-निगमन-प्रणाली है। विवेचन है। तर्क-पद्धति है। अनुभवों से प्राप्त सत्य है और तथ्य भी है। विज्ञान द्वारा खोजे गए सूत्र व आविष्कार हैं। वैज्ञानिक सत्य प्रयोगसिद्ध भी हैं। दर्शन और विज्ञान, जिज्ञासा और तर्क को महत्व देते हैं। भारत में तीर्थ-यात्राएँ होती हैं। मंदिर और मूर्तियों के दर्शन की परंपरा है। हम मूर्ति और मंदिर देखते हैं लेकिन इस आस्तिक कर्म को दर्शन करना कहते हैं। मूर्ति को देखने और दर्शन करने में अंतर है। देखने में मूर्ति पत्थर या धातु है। लेकिन मूर्ति के भीतर देव का दर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान के पास ऐसी आस्तिकता का औचित्य नहीं है। दर्शन में भी इसका उत्तर नहीं है। यह भक्तिभाव का प्रभाव है और यह प्रभाव कमजोर नहीं होता। कमजोर होता तो प्रभावित कैसे करता? संशयी विद्यार्थी ऐसे प्रभावों का भी विवेचन करते हैं। बुद्धि, ज्ञान का उपकरण है। बुद्धि के प्रयोग में समग्र दृष्टि का ही उपयोग है। ज्ञान-प्राप्ति के लिए अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि जरूरी है। कुशाग्र का अर्थ कुश का अग्र या नुकीला भाग होता है। खंडित बुद्धि संसार को खण्डित, विभाजित देखती है। अखण्ड बुद्धि से प्राप्त ज्ञान भी अखण्ड होता है। अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि के लिए गीता (2.41) में ‘व्यवसायात्मिका‘ और खण्डित बुद्धि के लिए ‘अव्यावसायिक‘ शब्द प्रयोग हुआ है, ”व्यवसाय-आत्मिक बुद्धि है। संसार में अनेक रूप हैं लेकिन अस्तित्व एक अखण्ड है। कुछ लोग रूपों में विभाजित अस्तित्व को विभक्त देखते हैं और शुद्ध बुद्धि वाले विभाजित प्रतीत होने वाले अस्तित्व को अखण्ड अविभाजित देखते हैं। गीता में अविभाजित देखने वाले को सही बताया गया है-यः पश्यति, सः पश्यति।
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जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, "किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।"
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महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन- वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे अर्थात दूसरों की पीड़ा समझने वाला ईश्वर के समान होता है- इसे भारत सही अर्थों में चरितार्थ कर रहा है। भारत हमेशा से विश्व बंधुत्व की भावना के सिद्धांत को अपनाकर उसी मार्ग पर चलाता आ रहा है। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो हमेशा से सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास करता रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कैसा भी संकट आया हो भारत उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नजर आता है। इसी को कहते हैं विश्व बंधुत्व की भावना। वैश्विक परिवार दिवस यदि दुनिया का कोई देश सही मायने में मनाता है तो वह भारत ही हैं। भारत में आज भी अतिथि देवो भव की भावना जिंदा है। यहां के लोग स्वयं भूखे रहकर अतिथियों को भोजन करवाना अपना परम धर्म समझते रहे हैं। वैश्विक परिवार का अर्थ है वसुधैव कुटुम्बकम इसका मूल सिद्धांत यह है कि संपूर्ण मानवता एक परिवार है। इस विचारधारा के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी राष्ट्र, जाति, या धर्म से हो, एक ही व्यापक परिवार का हिस्सा है। इस सिद्धांत के अनुसार, विश्व में सभी का समान महत्व है और हर किसी को समान सम्मान मिलना चाहिए। दुनिया भर में लोग नए साल की पहली सुबह का आनंद उठाते हैं। लोग अपने दोस्तों, परिवार और करीबी लोगों के इस खास दिन का जश्न मनाते हैं। नए साल के साथ ही साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। हर साल एक जनवरी को मनाए जाने वाले इस दिवस के जरिए परिवारों के माध्यम से राष्ट्रों और संस्कृतियों में एकता, समुदाय और भाईचारे की भावना पैदा करता है। दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि एक परिवार का निर्माण हो। ताकि विश्व में शांति की स्थापना होने के साथ ही हिंसा भी कम की जा सकें। जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मनाती है। उसी दिन पूरे विश्व में वैश्विक परिवार दिवस मनाया जाता है। ताकि विश्व में रहने वाले सभी लोग एक परिवार की तरह रहें। इस तरह विश्व के सभी राष्ट्रों और समुदाय में भाईचारे की भावना पैदा हो सके। वैश्विक परिवार दिवस जिसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया में सद्भाव और एकता की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है। यह दुनिया के एक वैश्विक गांव के विचार पर जोर देता है। जिसमें नागरिकता, सीमा या नस्ल की परवाह किए बिना हम सभी एक परिवार हैं। एक खुशहाल परिवार वह परिवार नहीं है जिसमें हर कोई एक दूसरे के जैसा सोचता, काम करता, महसूस करता या व्यवहार करता हो। एक खुशहाल परिवार की एक पहचान यह है कि पूरा परिवार एक दूसरे को वैसे ही स्वीकार करता हैं। यह दिन पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। वैश्विक परिवार दिवस को शांति और साझाकरण के वैश्विक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बहुसंस्कृतिवाद, बहुलवाद को बढ़ावा देना और शांति और सद्भाव के साथ एक-दूसरे के साथ रहना सिखाना है। यह दिन विश्व के एक वैश्विक परिवार होने के विचार को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य एकजुट होना और इस विचार को बढ़ावा देकर शांति का संदेश फैलाना है कि पृथ्वी एक वैश्विक परिवार है। ताकि दुनिया को सभी के लिए रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सके। वैश्विक परिवार दिवस की उत्पत्ति दो पुस्तकों में हुई थी। पहली 1996 में अमेरिकी लेखकों स्टीव डायमंड और रॉबर्ट एलन सिल्वरस्टीन द्वारा लिखित वन डे इन पीस 1 जनवरी 2000 नामक बच्चों की किताब थी। वहीं दूसरी किताब अमेरिकी शांति कार्यकर्ता और लेखक लिंडा ग्रोवर का 1998 का यूटोपियन उपन्यास ट्री आइलैंडरू ए नॉवेल फॉर द न्यू मिलेनियम थी। विशेष रूप से ग्रोवर ने 1 जनवरी को शांति के वैश्विक दिवस के रूप में स्थापित करने काफी अहम भूमिका निभाई थी। इन किताबों के विचारों के आधार पर ही 1997 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 जनवरी को शांति का एक दिन मनाने की घोषणा की। बाद में 1999 में संयुक्त राष्ट्र और इसके सदस्य देशों ने पहली बार वैश्विक परिवार दिवस मनाया गया। इस दिवस की सफलता को देखते हुए साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में स्थापित किया। इसके बाद से हर साल एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। नए साल की शुरुआत के साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद एक ऐसे समाज की स्थापना करने का प्रयास है जहां सिर्फ शांति हो। हालांकि यह एक नई शांतिपूर्ण दुनिया की शुरुआत थी और 1999 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को शांति निर्माण की दिशा में रणनीति विकसित करने के लिए उस विशेष वर्ष के पहले दिन को औपचारिक रूप से समर्पित करने का निमंत्रण मिला। इस दिन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक परिवार दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम घोषित किया गया। पहला वैश्विक परिवार दिवस पहली बार वर्ष 2000 में एक जनवरी को देखा गया था। तब से हर साल नए साल के पहले दिन को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है। नए साल के आगाज साथ ही वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। वैश्विक परिवार दिवस को हर साल एक जनवरी को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के सभी देशों, धर्मों के बीच शांति की स्थापना करते हुए युद्ध और अहिंसा को टालना है। साथ ही यह भी कोशिश है कि आपसी मतभेदों को बात-चीत के जरिए से निपटाया जाए और एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना की जा सके। इस दिन के लिए परिवार को काफी अहम माना गया है। क्योंकि परिवार के जरिए ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। वैश्विक परिवार दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका अपने परिवार के साथ दिन बिताना है। इस दिन लोग एक साथ रात्रिभोज की योजना बनाते हैं और अन्य पारिवारिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं जो उनके बंधन को मजबूत करते हैं और शांति को बढ़ावा देते हैं। परिवार के साथ मनोरंजक गतिविधियों में एक साथ शिविर लगाना या एक साथ खाना बनाना, पिकनिक पर जाना, ट्रेक और बहुत कुछ शामिल हो सकता है। इस दिन को समुदाय के हिस्से के रूप में मनाने के लिए आप उन संगठनों के लिए स्वयंसेवक बन सकते हैं जो समुदाय का निर्माण करते हैं, हिंसा को कम करते हैं और अपने परिवार के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। आप वैश्विक शांति की दिशा में प्रयासों के बारे में कोई भी फिल्म देख सकते हैं। आज पूरी दुनिया में युद्ध का वातावरण है। कई देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है तो कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हुए हैं। तीसरे विश्व युद्ध की आशंका व्यक्त की जा रही है। लोग एक- दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं। जरा-सी बात पर लड़ाई झगड़ा होने लगता है। ऐसे में वैश्विक परिवार दिवस हमारे लिए आशा की एक नई किरण लेकर आता है। इस दिवस से हमें पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में बनाने की प्रेरणा मिलती है। यदि हम वैश्विक परिवार दिवस की अवधारणा के अनुरूप एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना अपना कर काम करे तो दुनिया शांति के पथ पर चलने लगेगी और सही मायने में इस दिवस की सार्थकता भी सिद्ध हो सकेगी।
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प्रियंका सौरभपृथ्वी की जलवायु को नियंत्रित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक ध्रुवीय क्षेत्रों में तैरती समुद्री बर्फ की मात्रा है। हालांकि, बदलते वायुमंडलीय पैटर्न और बढ़ते तापमान के कारण, यह घटकर 15-76 मिलियन वर्ग किमी के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर आ गया है। वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, समुद्री धाराएँ अशांत हो रही हैं तथा इस गिरावट के कारण चरम मौसम की घटनाएँ और भी बदतर हो गई हैं। दुनिया भर में चरम मौसम की घटनाएँ पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन से प्रभावित हो रही हैं। भीषण वन्य आग, वर्षों तक चलने वाला सूखा, भारी वर्षा, भयंकर बाढ़, भूमि और समुद्र में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की लहरें तथा तूफानों के दौरान व्यापक बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता सभी बढ़ रही है। औद्योगिक क्रांति के बाद से मानवीय गतिविधियों विशेष रूप से जीवाश्म ईंधनों के जलने के कारण ग्रीनहाउस गैसों की वायुमंडलीय सांद्रता में तीव्र वृद्धि हुई है। मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसें गर्मी को रोक लेती हैं और जैसे-जैसे उनकी सांद्रता बढ़ती है, पृथ्वी को गर्म करती हैं। परिणामस्वरूप पृथ्वी पर हवा और महासागर गर्म हो जाते हैं। भूमि पर बर्फ पिघलती है, मौसम का पैटर्न बदलता है तथा जलचक्र इस तापमान वृद्धि से प्रभावित होता है, जिससे चरम मौसम की स्थिति और खराब हो जाती है। जलवायु परिवर्तन हमारे समाज को अनेक तरीकों से प्रभावित करता है।सूखे से मानव स्वास्थ्य और खाद्य उत्पादन पर असर पड़ सकता है। बाढ़ से बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँच सकता है और बीमारी फैल सकती है। खाद्य उपलब्धता में परिवर्तन और श्रमिक उत्पादकता को सीमित करने के अलावा सूखा, बाढ़ और अन्य मौसम सम्बंधी घटनाओं के कारण उत्पन्न मानव स्वास्थ्य समस्याएँ भी मृत्यु दर को बढ़ाती हैं। हमारी परिवहन और संचार प्रणालियों के भौतिक बुनियादी ढांचे में सड़कें, पुल, बंदरगाह, विद्युत ग्रिड, ब्रॉडबैंड इंटरनेट और अन्य घटक शामिल हैं, इन्हें अक्सर कई वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया जाता है। खास बात यह है कि बुनियादी ढांचे का निर्माण जलवायु परिवर्तन पर विचार किए बिना किया गया था। वर्तमान बुनियादी ढांचा हवा, बर्फ, बाढ़, भारी बारिश या तापमान में उतार-चढ़ाव जैसी मौसम की गंभीर स्थितियों को संभालने में सक्षम नहीं हो सकता। इन घटनाओं के प्रभाव कई अलग-अलग रूप ले सकते हैं। उदाहरण के लिए, उच्च तापमान के कारण घर के अन्दर अधिक ठंडक की आवश्यकता होती है, जिससे ऊर्जा ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है। अप्रत्याशित रूप से अत्यधिक वर्षा के कारण आने वाली बाढ़, जो तूफानी जल निकासी क्षमता से अधिक होती है, प्रमुख मार्गों, व्यवसायों और राजमार्गों को बंद कर सकती है।समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण तटीय अवसंरचना, जैसे जल आपूर्ति, सड़कें, पुल और बहुत कुछ, खतरे में हैं। चूंकि बहुत-सी आबादी तटीय क्षेत्रों में रहती है, अतः इससे होने वाले जोखिम से लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, समुद्र स्तर में वृद्धि से तटीय कटाव और उच्च ज्वार के कारण बाढ़ आ सकती है। शोध से पता चलता है कि कुछ समुदाय वर्ष 2100 तक समुद्र तल पर या उससे नीचे पहुँच जाएंगे। अब यह उन पर निर्भर करेगा कि वे क्या करें। प्रबंधित वापसी नामक प्रक्रिया के दौरान, समुदाय संभवतः तटरेखा से दूर चले जाएंगे और अपने बुनियादी ढांचे में बदलाव करेंगे। समुद्री बर्फ में वैश्विक गिरावट के लिए मुख्य रूप से महासागरीय ऊष्मा परिवहन ज़िम्मेदार है। जब गर्म महासागरीय धाराएँ ध्रुवीय क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं तो समुद्री बर्फ आधार पर तेजी से पिघलती है। अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एएमओसी) द्वारा गर्म पानी आर्कटिक में लाया जाता है, जो बर्फ की स्थिरता को कम करता है। ये जलवायु पैटर्न समुद्री और वायुमंडलीय स्थितियों के साथ-साथ बर्फ के निर्माण और पिघलने की दर को भी प्रभावित करते हैं। 2015-2016 की अल नीनो घटना ने समुद्र के तापमान में वृद्धि करके अंटार्कटिका के समुद्री बर्फ को रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुँचा दिया। बड़े ज्वालामुखी विस्फोटों से एरोसोल निकलते हैं, जिनमें अस्थायी रूप से वायुमंडल को ठंडा करने की क्षमता होती है, लेकिन वे दीर्घकालिक रूप से महासागरों के गर्म होने में भी योगदान देने वाले कारक हो सकते हैं।2022 के हंगा टोंगा विस्फोट से जल वाष्प समताप मंडल में छोड़ा गया, जिससे समय के साथ वार्मिंग प्रभाव में संभावित रूप से वृद्धि हुई। अधिक शक्तिशाली तूफानों के कारण नाजुक समुद्री बर्फ टूट जाती है, जिससे पिघलने और समुद्री धाराओं के कारण उसके प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है। 2024 में बेरेंट्स और बेरिंग सागर में तूफानों के कारण बर्फ टूट जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप आर्कटिक सागर में बर्फ का आवरण रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुँच जाएगा। मीथेन और कार्बन डाईऑक्साइड वायुमंडल में ऊष्मा को रोकते हैं, जिससे वैश्विक तापमान बढ़ता है और ध्रुवीय बर्फ पिघलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। औद्योगिक क्रांति के कारण कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में नाटकीय वृद्धि के कारण आर्कटिक समुद्री बर्फ 1981 से प्रति दशक 12-2% की दर से घट रही है। महासागर का अम्लीकरण और वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि कोयला, तेल और गैस के जलने से निकलने वाले प्रदूषकों के कारण होती है। आर्कटिक प्रवर्धन वह प्रक्रिया है जिसके तहत औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न ऊष्मा-अवशोषित उत्सर्जन के कारण आर्कटिक वैश्विक औसत से चार गुना अधिक तेजी से गर्म हो जाता है। जब वन नष्ट होते हैं तो कम कार्बन अवशोषित होता है और जब शहर बढ़ते हैं तो अधिक गर्मी बरकरार रहती है, जो वायुमंडलीय परिसंचरण को प्रभावित करती है। समुद्री बर्फ का क्षरण और वैश्विक तापमान वृद्धि अप्रत्यक्ष रूप से अमेज़न में वनों की कटाई के कारण होती है, जिससे कार्बन अवशोषण में कमी आती है। आर्कटिक क्षेत्र में ड्रिलिंग और बढ़ती समुद्री गतिविधियाँ समुद्री बर्फ के पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती हैं और प्रदूषण तथा गर्मी पैदा करती हैं, जो स्थानीय तापमान में वृद्धि में योगदान करती हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की खोज के बाद आर्कटिक क्षेत्र में हुई तीव्र गति से इस तंत्र को और अधिक बल मिलने के परिणामस्वरूप ध्रुवीय बर्फ को अधिक क्षति पहुँची है।पृथ्वी पर समुद्री बर्फ कम होने पर महासागर अधिक गर्मी अवशोषित करते हैं, जिससे एल्बिडो या परावर्तकता कम हो जाती है, तथा तापमान और भी अधिक बढ़ जाता है। आर्कटिक के घटते एल्बिडो प्रभाव के कारण जलवायु परिवर्तन में तेजी आई है, जिसके कारण ध्रुवीय क्षेत्र शेष विश्व की तुलना में दोगुनी तेजी से गर्म हो रहे हैं। बर्फ पिघलने से निकलने वाला ताज़ा पानी लवणता को कम करता है और गहरे समुद्र में परिसंचरण को धीमा कर देता है, जिसका जलवायु विनियमन पर प्रभाव पड़ता है। कमजोर हो रहे अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एएमओसी) से हिंद महासागर क्षेत्र, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौसम के पैटर्न में बदलाव आने की संभावना है। अप्रत्यक्ष रूप से, समुद्री बर्फ पिघलने से भूमि आधारित बर्फ की चादरों के पिघलने की गति बढ़ जाती है, जिससे दुनिया भर में समुद्र का स्तर बढ़ जाता है। जब सारी बर्फ पिघल जाएगी, तो ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर समुद्र के स्तर को लगभग 23 फीट तक बढ़ा देगी। तापमान में परिवर्तन के कारण तूफान, सूखा और गर्म लहरें बढ़ रही हैं, जिससे वायुमंडलीय परिसंचरण प्रभावित हो रहा है। जेट स्ट्रीम आर्कटिक बर्फ के पिघलने से प्रभावित होती है, जिसके कारण उत्तरी अमेरिका और यूरोप में लंबे समय तक गर्म लहरें चलती हैं। समुद्री बर्फ के पिघलने से खाद्य श्रृंखलाएँ गड़बड़ा जाती हैं, जिससे मत्स्य पालन और समुद्री जीवन खतरे में पड़ जाता है, जो ठंडे पानी के आवासों पर निर्भर रहते हैं। संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, क्योंकि अंटार्कटिका में क्रिल की आबादी घट रही है तथा ध्रुवीय भालू और सील अपने शिकार के मैदान खो रहे हैं।जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए तैयारी का अभाव है। वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं कि वर्तमान और भविष्य में जलवायु परिवर्तन से समुदायों पर किस प्रकार प्रभाव पड़ रहा है तथा वे सर्वोत्तम तरीकों का सुझाव दे सकते हैं। भविष्य में जलवायु सम्बंधी जोखिमों को झेल सकने वाले लचीले बुनियादी ढांचे में निवेश महत्त्वपूर्ण है। इसे लेकर सामाजिक जागरूकता जरूरी है। पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सीख सकता है कि जलवायु परिवर्तन के लिए कैसे तैयार रहा जाए।
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योगेश कुमार गोयल मानव जीवन को विज्ञान ने काफी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। विज्ञान के प्रति युवाओं की कितनी रुचि है, इसी पर देश का भविष्य निर्भर करता है। युवाओं के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग में विज्ञान के प्रति अधिकाधिक रुचि जागृत करने के लिए प्रतिवर्ष 28 फरवरी को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल, इस दिवस के जरिये बच्चों को विज्ञान को बतौर कैरियर चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि देश की आने वाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान दे सके और देश प्रगति के मार्ग पर निरन्तर अग्रसर रहे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने के लिए वर्ष 1986 में भारत सरकार को कहा गया था और सरकार द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद से 28 फरवरी 1987 से प्रतिवर्ष इसी दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता रहा है। यह दिवस भारत के महान वैज्ञानिक भौतिक शास्त्री सर सीवी रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ को सदैव याद रखने और विश्व पटल पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करने वाले इस वैज्ञानिक की स्मृति में मनाया जाता है। सर सीवी रमन भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने भारत में ऐसे आविष्कार पर शोध किया था। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में 1907 से 1933 तक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने कार्य किया था। उस दौरान उन्होंने भौतिकी के कई बिन्दुओं पर शोध किया था, जिसमें से ‘रमन प्रभाव’ (प्रकाश के फैलने पर प्रभाव, जब विभिन्न वस्तुओं द्वारा उसे गुजारा जाता है) उनकी महान खोज बनी, जो न केवल विज्ञान जगत में लोकप्रिय हुआ बल्कि पूरी दुनिया ने उनकी इस खोज को सराहा। सर सीवी रमन की यह खोज 28 फरवरी 1928 को दुनिया के सामने आई थी। उनके लिए वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा माना जाने वाला ‘नोबेल पुरस्कार’ दिया गया था। वे एशिया के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ था। ‘रमन प्रभाव’ की खोज के लिए उन्हें अनेक दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात् भारत लौटने पर उन्होंने कहा था कि ‘मेरे जैसे न जाने कितने रमन सुविधाओं और अवसरों के अभाव में यूं ही अपनी प्रतिभा गंवा देते हैं, जिससे केवल उनका ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का नुकसान है, जिसे हमें रोकना होगा।’ वर्ष 2013 से अमेरिकन केमिकल सोसायटी द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक केमिकल लैंडमार्क के रूप में ‘रमन प्रभाव’ को नामित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। 2025 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना।’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों की महत्ता से परिचित कराना होता है, इसके अलावा वैज्ञानिक सोच रखने वाले लोगों को अवसर उपलब्ध कराना तथा उन्हें उनके कार्य के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका अहम उद्देश्य है। विज्ञान के विकास के लिए नई तकनीकों को लागू कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने जैसे उद्देश्य राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन में निहित हैं। विज्ञान के जरिये ही वैज्ञानिकों ने नई-नई तरह की तकनीकों का आविष्कार किया है और वैज्ञानिकों ने इन खोजों के जरिये मानव जीवन को निरंतर बेहतर बनाया है। इसी विज्ञान के जरिये हम रोबोट, कम्प्यूटर इत्यादि बनाने में सफलता प्राप्त करने के अलावा अंतरिक्ष तक में पहुंच गए हैं। असंभव दिखने वाले कार्यों को भी विज्ञान की मदद से ही संभव बनाते रहे हैं। विज्ञान की मदद से ही बनाई गई प्रतिदिन बहुत सारी तकनीकों और वस्तुओं का इस्तेमाल हम अपने दैनिक क्रियाकलापों में करते हैं। ऐसे में हम सभी के लिए हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व को समझना जरूरी है। हमारा समाज 21वीं सदी में जिस प्रकार अंधविश्वासों के साये में जीता है, ऐसे में विज्ञान की महत्ता समझते हुए समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करते हुए इन अंधविश्वासों के निर्मूलन की जिम्मेदार हम सबकी है।
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डॉ. सत्यवान सौरभदेश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उदय परिवर्तनकारी रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन 11.5 बिलियन (( 26.9 लाख करोड़) से अधिक हो गया। दो थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स फोन-पे और गूगल-पे के बीच बाजार का संकेन्द्रण यूपीआई लेनदेन के 80 फीसद से अधिक को नियंत्रित करता है।यह चिंता का विषय है। निश्चिततौर पर यूपीआई के चलन ने डिजिटली भुगतान में क्रांति ला दी है। अगस्त 2024 में यूपीआई के माध्यम से 20.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ। यह भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसके व्यापक महत्व को दर्शाता है। इसकी खास बात यह है कि यूपीआई यूजर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ा। यही बात इसके पक्ष में जाती है।यूपीआई का लागत मुक्त मॉडल ग्रामीण भारत तक पहुंच गया है। इसने छोटे विक्रेताओं, व्यवसायों और उद्यमियों को सशक्त बनाया है। स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारी और किराना स्टोर भी अब डिजिटली भुगतान स्वीकार करने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं। यूपीआई ने पहले से बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी को औपचारिक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभावी रूप से लाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाखों ग्रामीण और वंचित भारतीय यूपीआई के माध्यम से महत्वपूर्ण डिजिटली वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम हुए हैं। यूपीआई ने सरकारी सेवाओं के साथ एकीकृत एक सुरक्षित, विश्वसनीय और सुविधाजनक प्लेटफार्म प्रदान करके निश्चिततौर पर महत्वपूर्ण काम किया है पर दो थर्ड पार्टी ऐप प्रदाताओं के बीच बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है। कुछ खिलाड़ियों की उच्च बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है।उदाहरण के लिए अगर फोन-पे या गूगल-पे में अचानक कोई तकनीकी खराबी आ जाती है तो इससे 80 फीसदी तक यूपीआई लेनदेन बाधित हो सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर व्यवधान और घबराहट पैदा हो सकती है।दो प्रमुख खिलाड़ियों के वर्चस्व वाला बाजार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में बाधा डालता है। यह नवाचार भुगतान सेवाओं के विकास को हतोत्साहित करता है। फोन-पे और गूगल-पे की बाजार में जबरदस्त मौजूदगी ने पेटीएम के छक्के छुड़ा दिए हैं।विदेशी स्वामित्व वाले टीपीएपी का प्रभुत्व डेटा सुरक्षा, उपयोगकर्ता गोपनीयता और भारतीय नागरिकों की संवेदनशील वित्तीय जानकारी तक संभावित पिछले दरवाजे से पहुंच से संबंधित जोखिम पेश करता है। वॉलमार्ट द्वारा फोन-पे और गूगल द्वारा गूगल-पे का विदेशी स्वामित्व व्यक्तिगत वित्तीय डेटा की सुरक्षा और विदेशी संस्थाओं की अनाधिकृत पहुंच की संभावना पर चिंता बढ़ाता है। क्षेत्रीय भाषाओं या स्थानीय व्यावसायिक जरूरतों के लिए तैयार किए गए यूपीआई ऐप अकसर गूगल-पे और फोन-पे जैसे स्थापित बाजार नेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष करते हैं। पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर के लिए बाजार हिस्सेदारी पर सीमा निर्धारित करने से बेहतर प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सकती है और प्रणालीगत जोखिम कम हो सकते हैं। फोन-पे और गूगल-पे की बाजार हिस्सेदारी को 30 फीसद तक सीमित करने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के पहले के प्रयास बाजार प्रभुत्व को संतुलित कर सकते हैं। भारतीय स्वामित्व वाले पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर का समर्थन करने से विदेशी खिलाड़ियों पर निर्भरता कम हो सकती है और नियामक निगरानी में सुधार हो सकता है। यूपीआई ऐप्स के लिए बैकअप सर्वर बनाने से आउटेज या तकनीकी कठिनाइयों के दौरान सेवा में रुकावट को रोका जा सकता है। छोटे खिलाड़ियों को अनुदान या सब्सिडी प्रदान करने से नए विचारों को बढ़ावा मिल सकता है और दी जाने वाली सेवाओं की सीमा बढ़ सकती है। सरकार के नेतृत्व वाली नवाचार चुनौतियां छोटे डेवलपर्स को नए भुगतान समाधान पेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। मजबूत डेटा गोपनीयता कानून लागू करने से उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को संभावित दुरुपयोग से बचाया जा सकेगा।
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खटीमा में भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष कमल जिंदल का जोरदार स्वागत किया गया...विकासखंड सभागार में आयोजित इस स्वागत कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाएं पहनाकर उन्हें सम्मानित किया...वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता भुवन भट्ट ने इस कार्यक्रम का संचालन किया... कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल जिंदल ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की...उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य वार्ड नंबर से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक भाजपा के प्रत्याशियों की जीत है...जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, वे उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे...इसके अलावा, मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विभिन्न शिविरों का आयोजन किया जाएगा....
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खबर सिंगरौली से है...जहाँ एनटीपीसी विंध्याचल ने प्रेस मीट का आयोजन किया...जिसमे एनटीपीसी विंध्याचल के शानदार प्रदर्शन, पर्यावरण संरक्षण, और समाज कल्याण कार्यों को प्रमुखता से साझा किया गया एनटीपीसी विंध्याचल ने परियोजना के उमंग भवन सभागार में भव्य प्रेस मीट का आयोजन किया... जिसमें राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय मीडिया से जुड़े 80 पत्रकारों शामिल हुए...प्रेस मीट में एनटीपीसी विंध्याचल के शानदार प्रदर्शन, पर्यावरण संरक्षण, और समाज कल्याण कार्यों को प्रमुखता से साझा किया गया...इस दौरान एनटीपीसी के कार्बन-टू-मेथनॉल प्लांट पर एक प्रेरणादायक कॉर्पोरेट फिल्म और वीडियो भी दिखाई गई...महाप्रबंधक राजेशेखर पाला ने कहा कि ये प्रेस मीट एनटीपीसी विंध्याचल की पारदर्शिता को और सशक्त बनाते हुए, इसकी स्थिरता, संचालन उत्कृष्टता, और समाज कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को और दृढ़ करता है
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ग्वालियर में ऋषि सेवा समिति श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कर रही है...कथा का शुभारंभ करौली मंदिर नयाबाजार से भव्य कलश यात्रा से हुआ जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल माधव मंगलम गार्डन पहुंची...इस दौरान बैंडबाजों और 21 ढोल की धूम रही... कथा व्यास राघव ऋषि ने इस आयोजन की जानकारी दी और बताया कि इस साल ये 25वां आयोजन है...28 तारीख तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान अलग-अलग दिन विशेष कथाएं सुनाई जाएंगी...जैसे कि ध्रुव चरित्र, जड़ भरत, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और गोवर्धन पूजा...कथा में बनारस से आए कथा व्यास राघव ऋषि के साथ कई अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद रहेंगे...
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22 मार्च से इंडियन प्रीमियर लीग का 18वां सीजन शुरू हो रहा है। यह कई मायनों में अलग होगा। इस सीजन से प्लेयर्स को हर मुकाबले में फीस मिलेगी, जो नीलामी में मिली राशि से अलग होगी। IPL इतिहास में पहली बार प्लेयर्स को सैलरी के अलावा मैच फीस मिलने जा रही है। BCCI क्रिकेटर्स को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 17 साल के इतिहास में पहली बार मैच फीस देगा। भारत के साथ विदेशी प्लेयर्स को भी मैच खेलने की फीस दी जाएगी। मान लीजिये मुंबई इंडियंस ने रॉबिन मिंज को 65 लाख रुपए में खरीदा है। एक मैच खेलने के लिए 7.50 लाख रुपए मिलेंगे, अगर वे 14 मैच खेलते हैं तो मैच फीस से उनकी कमाई 1.05 करोड़ रुपए हो जाएगी। यानी एक सीजन के लिए उन्हें 1.70 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इस बार 5 टीमें नए कप्तान के साथ उतर रही हैं। 10 में से 9 के कप्तान भारतीय हैं। 2019 के बाद पहला मौका है, जब सिर्फ एक टीम का कप्तान विदेशी है। सिर्फ हैदराबाद की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस के पास है। बाकी 9 टीमों ने भारतीय कप्तान रखे हैं। 10 टीमों के कप्तानों की औसत उम्र 30 साल है। गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल (25 साल) सबसे युवा हैं, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स के अजिंक्य रहाणे (36 साल) सबसे उम्रदराज कप्तान हैं।
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रीवा से दिल दुखाने वाली खबर सामने आई है...जहां दो बेटों ने अपने बूढ़े मां-बाप का साथ छोड़ दिया... जब बूढ़े मां बाप कमजोर और असहाय हो गए....तब उनके बेटों ने उन्हें भरण पोषण देने दे भी इंकार कर दिया ..जानकारी मिलते ही एसडीएम ने दोनों बेटों को सलाखों के पीछे भेज दिया ...जिसके बाद बेटों ने तुरंत अपने पिता के नाम 28-28 हजार रुपए का चेक दिया रीवा जिले के जनपद पंचायत सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत महरी में श्रीनिवास द्विवेदी अपनी पत्नी के साथ गांव में ही रहते हैं... उनके बेटे विजय कुमार द्विवेदी और विनय द्विवेदी एवं उनकी बहू संध्या द्विवेदी उन्हें भरण पोषण नहीं दे रहे थे....दोनों बेटे को दो-दो हजार रुपये और बहु को 500 रुपये हर माह वृद्ध दंपति को भरण पोषण के लिए देना था... लेकिन तीनों लोगों के द्वारा आदेश की अवहेलना की गई थी...जिसकी शिकायत लेकर वृद्ध दंपत्ति एसडीएम आर के सिन्हा के पास पहुचें... वृद्ध दंपति की शिकायत सुनने के बाद आर के सिन्हा ने तत्काल दोनों बेटों को तलब किया और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया...हालाकि इस दौरान दोनों बेटों ने 28 28 हजार रुपये के चेक एसडीएम को दिए हैं जो वृद्ध दंपति के भरण पोषण को दिया जाएगा... बहू को भी नोटिस जारी कर तलब किया गया है... वहीं एसडीएम सिरमौर ने वृद्ध श्रीनिवास द्विवेदी और उनकी पत्नी को धोती-कुर्ता, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानपूर्वक विदा किया
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खबर छतरपुर से है... जहां पुलिस ने स्पा सेंटर पर ताबड़तोड़ छापे मारे है...पुलिस को स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट संचालित होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं..जिसके बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है सिविल लाइन थाना पुलिस की टीम ने स्पा सेंटर में संदिग्ध गतिविधियां होने की शिकायत पर छतरपुर शहर के सागर रोड, देरी रोड और पन्ना रोड पर स्थित... 7 अलग अलग स्थानों पर एक के बाद एक छापे मारे... पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया और कुछ स्पा सेंटर संचालकों ने तो अपने स्पा सेंटर पर ताले भी लगा दिए... पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 4 लड़कियों और 2 लड़कों को पकड़ा है... जिनसे पूछताछ की जा रही है
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क्रिकेट में नो बॉल को एक पाप की तरह माना जाता है और टी20 क्रिकेट में तो ये और भी ज्यादा भारी पड़ता है...पर क्या आप जानते हैं आईपीएल के अभी तक के इतिहास में सबसे ज्यादा नो बॉल किस गेंदबाज ने फेंका है...नाम जानकर हैरान हो जाएंगे आप...चलिए बता देते हैं...इस शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने वाले गेंदबाज का नाम है जसप्रीत बुमराह...जी हाँ बिलकुल सही सुना आपने ... बुमराह अभी तक आईपीएल के 133 मुकाबले खेल चुके हैं और इस दौरान वो 32 नो बॉल डाल चुके हैं.... इतने बड़े गेंदबाज से आप इस तरह की उम्मीद तो नहीं करते हैं...लेकिन अक्सर देखा जाता है कि तेज गेंदबाज ही नो बॉल ज्यादा डालते हैं... इस लिस्ट में दूसरा नंबर उमेश यादव का आता है...उमेश यादव ने 147 आईपीएल मैच खेलकर 24 नो बॉल डाली हैं...वहीं इशांत शर्मा अब तक 110 आईपीएल मैच खेलकर 23 नो बॉल डाल चुके हैं....एस श्रीसंत ने तो 44 आईपीएल मैच खेलकर ही 23 नो बॉल डाल दी हैं... स्पिनर अमित मिश्रा ने 162 आईपीएल मैच खेलकर 21 नो बॉल डाली हैं...महान गेंदबाज लसिथ मलिंगा भी ज्यादा पीछे नहीं हैं...मलिंगा ने 122 मैच खेलकर आईपीएल में 18 नो बॉल डाली हैं...इस लिस्ट को देखकर तो यही लगता है इस साल तो कम से कम जसप्रीत बुमराह का ये नो बॉल का रिकॉर्ड नहीं टूटने वाला...बुमराह के इस शर्मनाक रिकॉर्ड पर आपका क्या कहना है ज़रूर बताएं...
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सिंगरौली जिले में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने कलेक्टर के प्रतिनिधि को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा...यह ज्ञापन ब्राह्मण नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा... ज्ञापन में प्रदेश में ब्राह्मणों पर हो रहे हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई... ज्ञापन सौंपने के दौरान अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिला अध्यक्ष आनंद चतुर्वेदी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग उपस्थित रहे...ब्राह्मण नेताओं ने मऊगंज में हुई शनि द्विवेदी और एक एएसआई की हत्या का मामला उठाया, साथ ही प्रदेश सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की...ब्राह्मण समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे...
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रुड़की में तीन मार्च को नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान विधायक और मेयर की पत्रकारों के साथ की गई अभद्रता के विरोध में पत्रकारों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा...इस दौरान उन्होंने काली पट्टी बांधकर और तख्तियां लेकर जमकर नारेबाजी की... रुड़की में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया...जिसमें उन्होंने विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ नारेबाजी की और ज्ञापन सौंपा...इस प्रदर्शन में पत्रकारों ने मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने और सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के विरोध में भी आवाज उठाई...पत्रकारों का कहना था कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि वे अपने दायित्वों को बिना किसी डर के निभा सकें...ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा और उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा...
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मऊगंज में डबल मर्डर की घटना के बाद रीवा सहित मऊगंज को बंद किया गया है व्यापारियों ने भी बंद का समर्थ किया जिसके चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा है और दुकानों में बड़े बड़े ताले लटक रहे हैं... लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और हत्या जैसी घटनाओं के बाद अब लोग विरोध करने सड़क पर उतर आए हैं...रीवा और मऊगंज जिले को विभिन्न संगठनों ने बंद कराया है... दुकानों में ताला लग हुआ है और बाजारों में सन्नाटा फैला है...दरअसल हाल ही में मऊगंज में आदिवासियों ने एक युवक को बंधक बना कर पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी और जब पुलिस उसे बचाने पहुंची तो उन्होंने पुलिस वालों पर भी हमला कर दिया जिसमें एक एएसआई की मौत हो गई और तहसीलदार सहित 10 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए...घटना के बाद से ही लोगों में आक्रोश है...विभिन्न संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं...वहीं इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे और शांति व्यवस्था कायम रहे इसके लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई है...लगातार पुलिस की टीम पूरे शहर में भ्रमण कर रही है।
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शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है...ग्रामीणों ने पुलिस सहित राजस्व विभाग से इसकी शिकायत की...लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ और शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा शुरू हो गया... रीवा में अतिक्रमणकारियों के हौसले कुछ इस कदर बुलंद हैं कि कभी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लेते हैं तो कहीं अवैध रूप से घर का निर्माण कार्य शुरू हो जाता है... अभी शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर सिलपरा कुठुलिया में शासकीय सड़क पर मकान मालिक सड़क की तरफ छज्जा निकालकर मकान का निर्माण कर रहा है जिससे सैकड़ों लोगों का आवागमन बाधित हो जाएगा...जिसकी शिकायत पुलिस के साथ-साथ राजस्व विभाग से भी की गई...लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई...पहले पेट्रोल पंप संचालक ने शासकीय जमीन पर बाउंड्री बना दी जिससे रास्ता बंद हो गया...और अब जो रास्ता खाली है उस पर मकान बनाया जा रहा है...
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सिंगरौली जिले से धर्मांतरण के मामला सामने आया जिस पर कार्रवाई करते हुए माड़ा थाना प्रभारी शिव पूजन मिश्रा ने एक सरकारी स्कूल के शिक्षक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया...आरोपियों पर लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है... पुलिस को जानकारी मिली थी कि करसुआ राजा गांव में धार्मिक सभा का आयोजन करके लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है...पुलिस जब कार्रवाई करने मौके पर पहुंची तो वहां 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे...पुलिस ने मुख्य आरोपी सरकारी टीचर कमलेश साकेत और अरविंद साकेत को गिरफ्तार किया...साथ ही ईसाई धर्म से जुड़ा साहित्य भी जब्त किया... अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग कब तक कमलेश को बर्खास्त करने की कार्रवाई करता है...
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सिंगरौली भाजपा कार्यालय में होली का जश्न मनाया गया...इस अवसर पर बीजेपी जिला अध्यक्ष सुंदर शाह ने सिंगरौली की जनता को होली की शुभकामनाएं दी भाजपा जिला कार्यालय में होली का का जश्न धूमधाम से मनाया... बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाई दी...इस अवसर पर जिले के कोने कोने से भाजपा नेता और कार्यकर्ता होली के जश्न में शामिल हुए...भाजपा जिला अध्यक्ष सुंदर शाह ने भी सिंगरौली की जनता को होली की बधाई और शुभकामनाएं दी
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गेहूं के खेतों में लगी आग बुझाने गई फायर ब्रिगेड खराब हो गई...इस दौरान फायर ब्रिगेड कर्मचारियों और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया ... जिसके बाद दोनों तरफ से पुलिस में केस दर्ज करवाया गया है ... नेमावर के पास गुराड़िया में खेत में आग बुझाने गई फायर ब्रिगेड खराब हो गई ... इसके बाद फायर अमले और ग्रामीणों में भिडंत हो गई ...इस कार्रवाई से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों के साथ एसडीओपी आदित्य तिवारी को एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा...जिसमें कहा गया कि ग्रामीण सिर्फ मदद करना चाहते थे...उन्होंने फायर ब्रिगेड को जलने से बचाने के लिए धक्का देकर बाहर निकाला था...कांग्रेसियों ने फायर ब्रिगेड की खराब फिटनेस नगर परिषद की बड़ी लापरवाही बताई...और ग्रामीणों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने के साथ नगर परिषद सीएमओ और अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की...
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छतरपुर से हैरान परेशान करने वाली खबर सामने आई है...जहां एक युवक ने ऑनलाइन आर्डर देकर फोर सीजन होटल से खाना मंगाया...युवक ने खाना खाया उसी दौरान उस खाने में कॉकरोच निकल आया ...यह देख कर युवक की हालत बिगड़ गई है और उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा ... 34 वर्षीय राहुल बिंदुआ ने बताया कि उसने रविवार रात काे स्विगी एप के जरिए सागर रोड स्थित फोर सीजन होटल से खाना मंगवाया था...थाली में मिक्स वेज, दाल, चावल, रोटी, रायता और बटर पनीर शामिल था...आधा खाना खाने के बाद जब राहुल दाल-चावल खा रहा था तभी उसे दाल में कॉकरोच दिखा...खाने के बाद राहुल को घबराहट हुई और उल्टियां होने लगी...ज्यादा तबियत बिगड़ने पर राहुल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है...जहाँ उसका इलाज चल रहा है...राहुल ने फोर सीजन होटल पर कार्रवाई की मांग की है
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छतरपुर के शिक्षा विभाग से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है...जहां विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी है...ये मामला विभाग के साथ-साथ पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है... अक्सर लापरवाही के लिए सुर्खियों में रहने वाले छतरपुर के शिक्षा विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा है...मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने गलती स्वीकारते हुए दिवंगत प्राचार्य का नाम ड्यूटी से हटाने की बात कही है लेकिन इसका आदेश अभी तक सामने नहीं आया है...मामला सामने तब आया जब 2024 में दिवंगत हुए चंद्रप्रकाश तिवारी को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया...वहीं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. प्रजापति ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में कितने शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है इसकी सही संख्या उन्हें नहीं पता पर एक दिवंगत प्राचार्य की ड्यूटी लगाए जाने का मामला संज्ञान में आया है...
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सिंगरौली से जबलपुर जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंट गई... जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया...गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुई हादसा सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर शहडोल जिले के ब्यौहारी रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर आगे एक रेलवे पुल पर हुआ...हादसे के दौरान ट्रेन के 5 से 6 डिब्बे इंजन के साथ रहे तो वहीँ थर्ड एसी के बाद के चार डिब्बे पीछे ही छूट गए... ट्रेन के अलग होते ही चालक दल ने तुरंत ट्रेन रोक दी जिससे यात्रियों को तेज झटका लगा... राहत की बात यह है कि ट्रेन में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं... हादसे के बाद ट्रेन के स्टाफ और ट्रेन में मौजूद गार्ड ने मिलकर इंजन वाले हिस्से को पीछे किया.... और पीछे छूटे डिब्बों को वापस जोड़ा जिसमें तकरीबन 30 मिनट का समय लगा...करीब 8 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन वापस से रवाना हुई
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ग्वालियर में डीआरपी लाइन में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जमकर होली खेली...इस दौरान ग्वालियर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना सहित तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारी होली के रंग में रंगे हुए नजर आए... ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान भी होली के रंग में रंगी नजर आईं...सभी ने एक दूसरे को रंग, गुलाल, अबीर लगाया और होली की शुभकामनाएं दी...ग्वालियर में होली का त्यौहार बड़े शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ...आपको बता दें कि शहर की होली खत्म होने के बाद पुलिस और प्रशासन की होली शुरू होती है...होली के दूसरे दिन डीआरपी लाइन में परंपरागत रूप से होली का त्यौहार मनाया जाता है...
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मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना मध्यप्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही...इस योजना के तहत मोहन सरकार से किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है...साथ ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी 6 हजार रूपये प्रति वर्ष की सहायता दी जाती है ....इस तरह प्रदेश से मध्यप्रदेश के किसानों को साल में 12 हजार रुपए प्राप्त हो रहे हैं ... मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हर हाल में किसानों की आमदानी दोगुना करने का बीड़ा उठाया है ... मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान कल्याण योजना से प्रदेश के किसानों को आर्थिक मजबूती मिली है...किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है...साथ ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी 6 हजार रूपये प्रति वर्ष सीधे बैंक खाते में पहुंच रहे है...मुख्यमंत्री मोहन यादव किसानों और प्रदेश की जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है
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औरत-मर्द और बच्चे के एकल परिवारों के चलन ने समय के साथ विभिन्न सामाजिक समूहों को बेहद प्रभावित किया है। इसके साथ सामाजिक नैतिकता और भारतीय परिवारों की पारंपरिक मूल्य भी छिन्न-भिन्न हो रहे हैं। शहरीकरण, वित्तीय दबाव और व्यक्तिवादी जीवन शैली के कारण हुए इस बदलाव ने मूल्यों को हस्तांतरित करने के तरीके को बदल दिया है। हालांकि एकल परिवार स्वतंत्रता और निजी विकास को प्रोत्साहित करते हैं लेकिन उन्हें सांस्कृतिक और नैतिक मूल्य बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सामाजिक मूल्यों को विकसित कर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक उसे पहुंचाने में परिवार नामक संस्था की भूमिका सीमित कर दी गई है।पारंपरिक संयुक्त परिवारों में दादा-दादी, चाचा और चाची ने कहानी सुनाने, सलाह देने, पहचान देने और सामूहिक भावना जैसे मूल्यों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। एकल परिवारों के साथ, यह अंतर-पीढ़ीगत सम्बंध कमजोर हो गया है, जिससे बच्चों के विभिन्न दृष्टिकोणों के संपर्क में आने पर रोक लग गई है। कन्फ्यूशियस ने सद्गुण की पहली क्षमता के रूप में अपने परिवार के सदस्यों पर जोर दिया। बहु-पीढ़ीगत जीवन की गिरावट भी इस नैतिक शिक्षा को कमजोर कर सकती है। एकल परिवारों में, माता-पिता मूल्यों की आपूर्ति का पूरा बोझ उठाते हैं, नियमित रूप से पेशेवर प्रतिबद्धताओं के साथ इसे जोड़ते हैं। इससे समय की कमी या तनाव के कारण कमी आ सकती है। शहरी एकल परिवार सहानुभूति या धैर्य की कोचिंग पर शैक्षिक पूर्ति को प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे बच्चों में व्यक्तिवादी दृष्टिकोण पैदा होता है।एकल परिवार स्वायत्तता, निर्णय लेने और व्यक्तिगत जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, जो वर्तमान सामाजिक मांगों के साथ संरेखित होते हैं। जॉन स्टुअर्ट मिल ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को व्यक्तिगत और सामाजिक प्रगति के लिए आवश्यक गुणों के रूप में महत्त्व दिया, जिसे एकल परिवार प्रभावी रूप से बेचते हैं। एकल परिवार अक्सर अपने परिवार की ज़रूरतों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे निःस्संदेह सामूहिक मूल्यों जैसे साझा करना, त्याग करना और आपसी सहायता के प्रति जागरूकता कम हो जाती है, जो संयुक्त परिवार व्यवस्था के लिए आवश्यक थे। त्योहार, जो कभी संयुक्त परिवारों में सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करते थे, अब एकांत में मनाए जाने लगे हैं। जबकि पारंपरिक व्यवस्थाएँ कमजोर होती जा रही हैं, एकल परिवार शिक्षा के लिए स्कूलों, साथियों के समूहों और आभासी प्रणालियों पर अधिक से अधिक निर्भर होते जा रहे हैं।हालाँकि, निजी सलाह की कमी से नैतिक विकास में भी कमी आ सकती है। एकल परिवारों में, एक से अधिक पदों के मॉडल की अनुपस्थिति बच्चों की कई गुणों को देखने और उनका अध्ययन करने की क्षमता को भी सीमित कर सकती है। एकल परिवारों के बढ़ते जोर ने मूल्यों को विकसित करने में परिवार की स्थिति को नया रूप दिया है। स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए, यह अक्सर विस्तारित परिवारों द्वारा प्रदान की गई सामूहिक जानकारी और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति जागरूकता को कम करता है। इस अंतर को पाटने के लिए एकल परिवारों को सुखद पालन-पोषण, नेटवर्क कनेक्शन को बढ़ावा देने और जिम्मेदारी से आधुनिक उपकरणों का लाभ उठाने पर जोर देते हुए सचेत रूप से अनुकूलन करना चाहिए। जैसा कि कन्फ्यूशियस ने कहा, "राज्य की ऊर्जा घर की अखंडता से प्राप्त होती है," इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि परिवार, चाहे किसी भी संरचना में हों, नैतिक नागरिकों को आकार देने के लिए मूल्यवान बने रहते हैं।एकल परिवार-परिवार प्राइमेट मानव समाज की "जैविक" घटना है। यह मानव विकास के विकासवादी संग्रह में एक अनुकूल रूप नहीं है और न ही आर्थिक समाज की उपयोगी चीज है। बल्कि यह मानव समय और सामाजिक स्थान में लगभग प्रथागत है। इसका केंद्र पति-पत्नी और माता-पिता-बच्चों की एक इकाई है। इसका सामान्य रूप अक्सर मृत्यु या परित्याग या संतान की हानि के कारण ग़लत हो जाता है, लेकिन इसका मॉडल रूप अधिकतम स्थिर होता है। सभी परिस्थितियों में परिवार के भीतर पति या पत्नी के बुज़ुर्ग माता-पिता और कभी-कभी अतिरिक्त दूरस्थ परिवार होने की प्रवृत्ति होती है, हालांकि वे अर्ध-बाहरी कारक किसी अन्य कारण से नहीं बल्कि आवश्यकता और पितृभक्ति से अधिक होते हैं। अलग-अलग सामाजिक परिस्थितियों में एकल परिवार "कुलों", जातियों, गांवों और सार्वजनिक विनियमन के माध्यम से विभिन्न तरीकों का उपयोग करके बाहरी समाज में एकजुट होते हैं।पश्चिमी समाज में परमाणु इकाई नैतिक प्रबंधन के लिए आध्यात्मिक नौकरशाही और शासन उद्देश्यों के लिए नागरिक विनियमन के लिए अधिक से अधिक कठिनाई बन गई है। रिश्तेदारों ने, प्रियजनों के अलावा, शक्ति खो दी है। इसने अपने स्वयं के परिवार को अत्यधिक नैतिकता के अपने पूर्व राज्य की तुलना में अधिक "तथ्यात्मक" बना दिया है। परिणामस्वरूप परमाणु परिवार कमजोर हो गया है क्योंकि यह काफ़ी हद तक धर्म का संगठन है और अब मुकदमेबाजी और सार्वजनिक विनियमन की सहायता से बहुत अधिक नियंत्रणीय नहीं है। इसलिए यह पश्चिमी देशों में ठीक से नहीं चल रहा है, जिससे मौलिक प्राइमेट मूल्यों को आम तौर पर नुक़सान होता है। यह परिवार निगमों के सुधार की ओर ले जाता है जो "सहज" नैतिक दबावों को फिर से तस्वीर में लाते हैं। परमाणु परिवार के परिवार का भाग्य, जिसे यहाँ "प्रतिक्रांति" कहा जाता है, संभवतः अगली पीढ़ी में रिश्तेदारों की सहायता से बढ़ती सहायता में से एक होगा।सामाजिक ढांचे में इतना अधिक परिवर्तन आ चुका है कि अब लिव इन रिलेशनशिप और वैवाहिक मामलों में थोड़ा बहुत ही अंतर रह गया होगा जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं और पुरुष वैवाहिक संबंधों में रुचि ना लेकर एकल रहने को वरीयता देने लगे हैं। गलती इसमें किसी भी परिजन की ना होकर पश्चिमी मूल्यों को तरजीह दिए जाने की है। हम हिन्दुस्तानी अब ज़िम्मेदारियों को निभाने की तुलना में उससे अलग हो जाना बेहतर समझने लगे हैं। अब पश्चिम में अपने ही परिवार के लोग कई पीढ़ियों के छोटे अंतराल पर चक्रीय रूप से स्थानांतरित होने की प्रवृत्ति रखते हैं। 55,000 परिवारों का एक अध्ययन इस सुझाए गए उलटफेर को दर्शाता है।
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सामाजिक ताने-बाने में बदलाव को इस तरह से आसानी से समझा जा सकता है कि सोशियोट्रॉपी आज बीते जमाने की बात होती जा रही है। कोरोना के बाद तो हालात में और भी अधिक बदलाव आया है। आज की पीढ़ी में सामाजिकता का स्थान वैयक्तिकता लेती जा रही है। एक समय था जब सामाजिकता को वैयक्तिकता के स्थान पर अधिक तरजीह दी जाती थी। परिवार, मोहल्लों और आसपास कोई ना कोई ऐसे अवश्य मिल जाते थे जो जगत मामा तो कोई जगत काका तो कोई जगत दादा होते थे। छोटा हो या बड़ा, दादी हो या पोती, सास हो या बहू सब उन्हें प्रसिद्ध नाम से ही पुकारते थे। यह था एक तरह का अपनत्व। इस तरह के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति सभी के चहेते होते थे तो जान-पहचान हो या ना हो, वे जरूरत के समय पहुंच जाते थे। सुख-दुख खासतौर से मुसीबत के समय ऐसे व्यक्ति आगे रहते थे। हालांकि आज इस तरह के व्यक्तित्व को ढूंढ़ना लगभग असंभव सा है। दरअसल, हमारी परंपरा व्यष्टि का ना होकर समष्टि की रही है। बच्चों को पहले सामाजिकता का पाठ पढ़ाया जाता था। बच्चे मोहल्ले के सभी घरों को अपना ही घर मानकर चलते थे तो मोहल्ले में रहने वाले किसी का भी बच्चा हो उसे अपने बच्चे जितना ही प्यार और दुलार देते थे। दुख-दर्द में पूरा मोहल्ला साथ हो जाता था। मोहल्ले में किसी घर में मौत हो जाती थी तो पड़ोसी उस परिवार को संभालने और देखभाल की जिम्मेदारी स्वयं अपने हाथ में ले लेते थे। शादी-विवाह में काम बंट जाता था, आज तो कैटरिंग का जमाना आ गया नहीं तो सैकड़ों लोगों को परिवार और मोहल्ले के युवा ही भोजन कराने की जिम्मेदारी निभा लेते थे। हलवाई के काम शुरू करते ही मोहल्ले के लोग बारी-बारी से देखरेख व सहयोग के लिए तैयार रहते थे। आज यह सब बदल गया है। गगनचुंबी इमारतों में कई परिवार रहते हैं और हालात यहां तक हो गए हैं कि एक ही कॉम्पलेक्स या अपार्टमेंट में रहने वाले एक-दूसरे को पहचानते नहीं। ऐसे में आपसी सहयोग और मेल-मिलाप की बात करना बेमानी होगा। सोशियोट्रापी मनोविज्ञान में प्रयोग होता है। इसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही अर्थाें में लिया जाता है। दूसरों को खुश रखने की खुशी में अपने खुशी को भूल जाना वाली मनोस्थिति को भी सोशियोट्रापी के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि इस एकांगिग अर्थ को लेने के चक्कर में सोशियोट्रोपी मानसिकता वाले लोगों के अवसादग्रस्त, तनाव पीड़ित और हमेशा चिंतित रहने की मनोदशा को साइड इफेक्ट के रूप में देखा जाता है। जबकि सोशियोट्रापी यहीं तक सीमित नहीं है। दूसरे के दुख-दर्द में भागीदार होना, आवश्यकता के समय निःस्वार्थ सहयोग व सहायता करना, दूसरे की परेशानी को समझना और उसे दूर करने में यथासंभव सहयोग करना यह सोशियोट्रापी का ही एक रूप है। हमारी परंपरा में जो व्यक्ति केवल अपने आप के बारे में सोचता है उसे एकलखोर या स्वार्थी कहा जाता रहा है। हमारी परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। हमारी परंपरा में दूसरे की उन्नति देखकर प्रसन्न होने की भावना रही है। खुशी के मौके पर मिठाई बांटना खुशी में सभी को भागीदार बनाना है। इसी तरह से जरूरत के समय खड़े हो जाना जरूरतमंद के लिए संबल होता है। देखा जाए तो बदलते सामाजिक ताना-बाना से सबकुछ बदल कर रख दिया है। एकल परिवार की संस्कृति समाज में अपना प्रभुत्व जमा चुकी है। परिवार पति-पत्नी और बच्चों तक सीमित होता जा रहा है। जो भावनात्मकता संबंधों को तरोताजा रखती थी वह भावनात्मकता कहीं खो गई है। अवकाश के दिनों का उपयोग दादा-दादी या नाना-नानी के पास गुजारने के स्थान पर कहीं घूमने में जाया होने लगा है। एक समय था जब गांव से यात्रा पर भी जाते थे तो गांव के कई परिवार के लोग उस भ्रमण दल में होते थे। हालात तो यहां तक होने लगे हैं कि घर के बुजुर्ग सदस्य को जिसे साथ की अधिक आवश्यकता है, घर की देखभाल के लिए छोड़ना आज आम होता जा रहा है। खुशी के पल को साझा करने का तरीका भी बदल गया है। जिस तरह की प्राथमिकताएं बदली हैं वह पीपल प्लीजर के स्थान पर सेल्फ प्लेजर होती जा रही है। दरअसल सामाजिकता के जो मायने एक समय होते थे उसमें कोई क्या कहेगा महत्वपूर्ण होता था, सामाजिक प्रतिक्रिया का बड़ा भय होता था, आज हालात यह है कि मां-बाप क्या कहेंगे इसकी भी परवाह नहीं रही है। दरअसल न्यूक्लियर फैमेली के यह साइड इफैक्ट है जो लोगों को सोशियोट्रापी से दूर ले जाते हैं। पाश्चात्य देशों द्वारा अब इसकी अहमियत सामने आने लगी है। ब्रिटेन में पिछले दिनों एक अध्ययन में सामने आया है कि अब बच्चों का जब भी मौका मिलता है परिवार यानी दादा-दादी या नाना-नानी का साथ जरूरी माना जाने लगा है। क्योंकि सामाजिक ताना-बाना में बिखराव के कारण ही आज की पीढ़ी रिश्तों की अहमियत भूलती जा रही है। दादा-दादी या नाना-नानी में से एक तो पराया होता जा रहा है। जब खास रिश्तों के ही यह हालात होते जा रहे हैं, परिवार के मायने ही बदलते जा रहे हैं तो फिर अड़ोस-पड़ोस, मोहल्ले या शहर-गांव के रिश्तों की बात करना ही बेमानी होगा। आज की पीढ़ी के सामाजिकता से दूर होने के नकारात्मक प्रभाव समाज के सामने आने लगे हैं। पाश्चात्य देश अब रिश्तों की अहमियत को समझने की दिशा में आगे बढ़ने लगे हैं वहीं हम रिश्तों की अहमियत और सामाजिकता खोते जा रहे हैं। यह अपने आप में गंभीर चिंता का विषय है। समाज और समाज विज्ञानियों व मनो विज्ञानियों को हालात की गंभीरता को समझते हुए समय रहते हालात को सुधारने के प्रयास करने होंगे।
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प्रशस्ति और सम्मान स्वाभाविक इच्छा हैं। यश अभिलाषा स्वाभाविक ही है। यश स्मृति आनन्दित करती है। जीवन में अपमान और अपयश भी होते हैं लेकिन अपयश के प्रमाण पत्र या स्मृति ग्रंथ नहीं होते। यश सम्मान के प्रमाण पत्र होते हैं। ऐसे पदधारक प्रशस्ति पत्र या पुरस्कार प्रमाण पत्र अपने कमरे में सजाते हैं। चाहते हैं कि आगंतुक उन्हें देखें, पढ़ें, हमको प्रतिष्ठित जानें। सम्मान पत्र प्रायः इतने भर के लिए ही उपयोगी हैं। कुछ प्रतिष्ठित सम्मानीय उन्हें लौटा कर एक दफा और यश याचक हो जाते हैं। ऐसा कई दफा हुआ है। पुरस्कार, प्रशस्ति या सम्मान पत्र लोकहित के प्रेरक हैं। सर्जक पुरस्कार के लिए ही सृजन नहीं करते। वे अपनी मस्ती और अनुभूति में सृजन करते हैं। सम्बन्धित संस्थाएँ या राजव्यवस्थाएँ उन्हें पुरस्कृत करती हैं। बेशक खेल आदि के प्रतियोगी पुरस्कार या मेडल को ध्यान में रखकर भी तैयारी करते हैं लेकिन कवि, सर्जक या कला के अन्य क्षेत्रों में सक्रिय लोगों के मन में समाज को प्रेमपूर्ण बनाने की इच्छा होती है। ऐसी प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई पड़ती है। पुरस्कार और प्रशस्ति का सामाजिक महत्व है। ‘सर्वभूत हित‘ से जुड़े कर्म संस्कृति हैं। लोकमंगल सामूहिक अभिलाषा है। भारत का राष्ट्रभाव सांस्कृतिक है। लोकमंगल में सबको आश्वस्ति है। वैदिक परम्परा में स्वस्तिवाचन का महत्व है। इन्द्र से स्वस्ति की प्रार्थना है-स्वस्ति नो इन्द्रः। इन्द्र कल्याण करते हैं। इन्द्र सहित सारे देव कल्याण करते हैं। कल्याण करने वाले की प्रशस्ति स्वाभाविक है। यहाँ देव शब्द हटा दें तो समाज के सुख, स्वस्ति में कर्मरत मनुष्यों की प्रशंसा होनी चाहिए, होती रही है। लोकमंगल समाज की स्वाभाविक अभिलाषा है। सुख स्वस्ति मुद-मोद-प्रमोद देने वाले महानुभावों की प्रशस्ति सामाजिक कर्तव्य है। जल जीवन है। ऋग्वेद में जल की प्रशस्ति है, “जल में अमृत है, औषधियाँ हैं।“ ऋषि चाहते हैं कि देवों द्वारा भी जल की प्रशंसा हो। स्तुति है कि, “हे देवों जल की प्रशंसा के लिए उत्साही बनो।“ पृथ्वी माता है और आकाश पिता है। ऋषि स्तुति है कि, “दोनों प्रशस्ति सुनने के लिए हमारे पास आएँ।“ मुझे भारत का पद्मश्री सम्मान घोषित किया गया है। हजारों मित्र बुके लेकर आ रहे हैं। अपरिचित और परिचित मित्र फोन से बधाई दे रहे हैं। प्रशंसा सबको अच्छी लगती है। जान पड़ता है कि ऋग्वेद के देवता प्रशस्ति सुनते हैं लेकिन वे भी ‘द्यावा पृथ्वी‘ की प्रशंसा करते हैं। प्रशस्ति का क्षेत्र समाज है। प्रशंसा से मैं भी प्रसन्न होता हूँ। मेरे 5000 आलेख प्रकाशित हो चुके हैं और 2 दर्जन पुस्तकें भी। मेरा मुख्य कार्यक्षेत्र समाज है। मैंने अनजाने में ही अहैतुक आन्दोलन संगठित किए थे। संवेदनशीलता प्रेरित करती थी। प्रशंसा से उत्साह बढ़ता था। कवि होने की क्षमता होती तो विक्षुब्ध काव्य सृजन होता। मैं लिख सकता था, सो लिखा, लिखता रहा। जो किया सो लिखा और जो लिखा सो कर गुजरा। फिर राजनैतिक दलतन्त्र का भाग बना। राजनैतिक कार्यकर्ता के पुरस्कार दलतन्त्र की कोख से आते हैं। जनता ने तरुणाई में ही पुरस्कृत किया। मैं निर्दलीय विधायक चुना गया। दलतन्त्र में पुरस्कार और तिरस्कार साथ-साथ चलते हैं लेकिन स्तम्भकारिता के चलते अनेक सरकारी-गैरसरकारी प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार मिले। मैंने भी कुछ पुरस्कारों के प्रमाणपत्र दीवार में टांग रखे हैं। लेकिन इधर कुछ वर्षों से यह काम बंद है। ऐसे अवसरों के चित्र भी हैं। एक युवा पत्रकार ने मेरे लिखे पर पीएचडी भी की। इस प्रशस्ति ने मुझे आत्ममुग्ध किया था लेकिन अब दीवार पर टंगे ऐसे चित्र उल्लास नहीं देते। कभी-कभी लगता है कि इन चित्रों में मैं स्वयं दीवार पर टंगा हूँ। व्यतीत। चुका हुआ। दिनांक सहित होकर भी दिनांक रहित। प्रशस्ति निःस्सन्देह प्रेरक है। यह आत्मनिरीक्षण का भी अवसर होती हैं। व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके अपने कर्म का ही परिणाम नहीं होती। समाज के आदर्श और परम्परा व्यक्ति पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य चन्द्र भी प्रसाद देते हैं। ऐसे सैकड़ों कारक तत्व हैं। मुझे घोषित सम्मान व्यक्तिगत प्रयत्नों का परिणाम नहीं है। सौभाग्यशाली अपने जीवनकाल में ही यश और प्रशंसा पाते हैं लेकिन अनेक महानुभाव जीवनकाल में प्रशंसा का सुख नहीं पाते। जीवन के बाद उन पर काव्य रचे जाते हैं, वे इतिहास का उल्लेखनीय भाग बनते हैं। तुलसी, वाल्मीकि आदि सर्जक जीवन न रहने के बाद यशस्वी हुए। सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ प्रशंसा का सुख नहीं पा सके। मृत्यु के बाद वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कवि जाने गए। मरणोपरांत सम्मान की भी परम्परा है। यहाँ प्रश्न उठता है कि हमारा समाज अपने समकालीन महानुभावों की गतिविधि का शिव तत्व देर में क्यों पहचानता है? लगता है कि प्रशस्ति में समाज का अपना स्वार्थ होता है। सर्जक प्रायः परिवर्तनकामी होते हैं। वे समाज के बड़े और शक्तिशाली हिस्से के निहित स्वार्थ निर्वस्त्र करते हैं। शक्तिशाली वर्ग उन्हें मान्यता नहीं देता। समय के साथ सामाजिक परिवर्तन आते हैं। सर्जक के कथन सही सिद्ध होते हैं। समाज उनकी प्रशस्ति करता है। गतिशील समाज प्रेरकों की गतिविधि की प्रशंसा करते हैं लेकिन बहुधा ऐसा नहीं होता। राजनीति में प्रशस्ति का चलन व्यापक है। हम राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मान कराने के लिए लम्बी यात्राएँ करते हैं। प्रशस्ति सुनते हैं, मुग्ध होते हैं। लेकिन जानता हूँ कि राजनैतिक कार्यकर्ता की प्रशस्ति अल्पकालिक होती है। पद गया तो प्रशस्ति भी गई। मंच, माला, माइक की स्मृतियाँ बचती हैं। सम्मान पत्र दीवार की जगह ही छेंकते हैं तो भी वास्तविक प्रशंसा की उपयोगिता है। वास्तविक प्रशंसा से समाज में सत्य, शिव और सुन्दर बढ़ता है। परिवार के भीतर भी ऐसी प्रशंसा का महत्व है। ऋग्वेद के एक मन्त्र में, “पत्नी की प्रशंसा‘ को सुन्दर बताया गया है। यहाँ पुत्र पिता का यश बढ़ाने वाला है।“ हरेक समाज अपनी सुगतिशीलता के लिए करणीय, अकरणीय और अनुकरणीय कार्यों की अलिखित सूची चलाता है। किए जाने योग्य स्वाभाविक कार्य ‘करणीय‘ होते हैं। समाज या व्यक्ति विरोधी कार्य अकरणीय कहे जाते हैं और ‘सर्वमंगल मांगल्ये‘ साधने वाले कार्य अनुकरणीय। अनुकरणीय प्रशंसनीय भी होते हैं। प्रशंसनीय कर्ता की प्रशंसा होती है। लोक उनका प्रशस्ति गायन करता है। समाज का सत्य, शिव और सुन्दर करणीय और अनुकरणीय कार्यों में ही खिलता है और बढ़ता है। गीता दर्शन ग्रन्थ है। गीता दर्शन के दूसरे अध्याय में विषादग्रस्त अर्जुन से श्रीकृष्ण ने कहा कि कर्तव्य पालन न करने से तुम अपना यश खो दोगे-‘कीर्ति च हित्वा‘। सम्मानित व्यक्ति के लिए अपयश तो मृत्यु से भी बड़ा है-‘अकीर्तिर्मरणात् अतिरिच्यते‘। यश सौभाग्य है। अपयश मृत्यु से भी भयंकर है। अध्यात्म विश्वासी चौकेंगे। श्रीकृष्ण ने यश को महत्वपूर्ण बताया है। यशस्वी के लिए कर्तव्य-पालन जरूरी है। कर्तव्यपालन से यश बढ़ता है। आशावादी सक्रिय रहते हैं। विपरीत परिस्थितियों में निराशा भी आती है। जैसे आशावादी और यशस्वी के लिए कर्तव्य निर्वहन जरूरी है, वैसे ही निराशा के दौरान भी कर्तव्य पालन की महत्ता है। निराशा के भी कर्तव्य हैं। निराशी को सक्रिय कर्म से अलग नहीं हटना चाहिए। एक काम में मन न लगे तो दूसरा, दूसरे में भी चित्त केन्द्रीभूत न हो तो तीसरा। सतत् सक्रियता या रजस गुण का ऊर्ध्वगमन सत् में होता है। सत् का स्वभाव सतत् खिलता है। जीवन रहस्यपूर्ण है। हरेक काल या मुहूर्त की कार्यविधि का ज्ञान या विश्लेषण अभी भी अधूरा है लेकिन कर्तव्यपालन में आत्मसन्तोष मिलता ही है। सम्मान, यश, प्रशस्ति के अपने सामाजिक उपयोग हैं।
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रंगों के त्योहार होली पर भला कौन ऐसा व्यक्ति होगा, जो आपसी द्वेषभाव भुलाकर रंग-बिरंगे रंगों में रंग जाना नहीं चाहेगा। लोग एक-दूसरे पर रंग डालकर, गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं लेकिन होली के दिन प्राकृतिक रंगों के बजाय चटकीले रासायनिक रंगों का बढ़ता उपयोग चिंता का सबब बनने लगा है। ज्यादातर रंग अम्लीय अथवा क्षारीय होते हैं, जो व्यावसायिक उद्देश्य से ही तैयार किए जाते हैं और थोड़ी सी मात्रा में पानी में मिलाने पर भी बहुत चटक रंग देते हैं, जिससे होली पर इनका उपयोग अंधाधुंध होता है। ऐसे रंगों का त्वचा पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। शुष्क त्वचा वाले लोगों और खासकर महिलाओं व बच्चों की कोमल त्वचा पर तो इन रंगों का सर्वाधिक दुष्प्रभाव पड़ता है। अम्ल तथा क्षार के प्रभाव से त्वचा पर खुजलाहट होने लगती है और कुछ समय बाद छोटे-छोटे सफेद रंग के दाने त्वचा पर उभरने शुरू हो जाते हैं, जिनमें मवाद भरा होता है। यदि तुरंत इसका सही उपचार कर लिया जाए तो ठीक, अन्यथा त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियां भी पनप सकती हैं। घटिया क्वालिटी के बाजारू रंगों से एलर्जी, चर्म रोग, जलन, आंखों को नुकसान, सिरदर्द इत्यादि विभिन्न हानियां हो सकती हैं। कई बार होली पर बरती जाने वाली छोटी-छोटी असावधानियां भी जिंदगी भर का दर्द दे जाती हैं। इसलिए अगर आप अपनी होली को होली को खुशनुमा और यादगार बनाना चाहते हैं तो इन बातों पर अवश्य ध्यान दें-- रासायनिक रंगों के स्थान पर प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें। ज्यादातर बाजारू रंगों में इंजन ऑयल तथा विभिन्न घातक केमिकल मिले होते हैं, जिनका त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।- होली खेलने से पहले चेहरे तथा पूरे शरीर पर सरसों अथवा नारियल का तेल या कोल्ड क्रीम अथवा सनस्क्रीन क्रीम लगा लें ताकि रोम छिद्र बंद हो जाएं और रंग त्वचा के ऊपरी हिस्से पर ही रह जाएं। इससे होली खेलने के बाद त्वचा से रंग छुड़ाने में भी आसानी होगी।- होली खेलने से पहले बालों में अच्छी तरह तेल लगा लें और नाखूनों पर कैस्टर आयल लगाएं ताकि बाद में रंग आसानी से छुड़ाया जा सके।- होली खेलने जाने से पूर्व आंखों में गुलाब जल डालें और जहां तक संभव हो, आंखों पर चश्मा लगाकर होली खेलें ताकि रंगों का असर आंखों पर न पड़ सके।- महिलाएं होली खेलते समय मोटे और ढ़ीले सूती तथा गहरे रंग के वस्त्र पहनें। सफेद अथवा हल्के रंग के वस्त्र पानी में भीगकर शरीर से चिपक जाते हैं, जिससे सार्वजनिक रूप से महिला को शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ सकता है।- आप ऐसा व्यवहार हरगिज न करें, जिससे आपके रिश्तेदारों, पति के मित्रों अथवा अन्य पुरुषों को आपसे छेड़छाड़ करने का अनुचित अवसर मिल सके। अपना व्यवहार पूर्णतः संयमित, शालीन और मर्यादित रखें और सामने वाले की कोई गलत हरकत देखने के बाद भी उस पर मौन साधकर उसे और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित न करें।- होली खेलने के तुरंत बाद स्नान अवश्य करें लेकिन त्वचा से रंग छुड़ाने के लिए कपड़े धोने के साबुन, मिट्टी के तेल, चूने के पानी, दही, हल्दी इत्यादि का प्रयोग हानिकारक है। चेहरे पर लगे गुलाल को सूखे कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें और रंग लगा हो तो नारियल तेल में रूई डुबोकर अथवा क्लींजिंग मिल्क से हल्के हाथ से त्वचा पर लगा रंग साफ करें। रंग छुड़ाने के लिए नहाने के पानी में थोड़ी सी फिटकरी डाल लें और ठंडे पानी से ही स्नान करें। गर्म पानी से रंग और भी पक्के हो जाते हैं। डिटर्जेंट साबुन के बजाय नहाने के अच्छी क्वालिटी के साबुन का उपयोग किया जा सकता है।- स्नान के बाद भी त्वचा पर खुजली या जलन महसूस हो तो गुलाब जल में ग्लीसरीन मिलाकर लगाएं।- बालों से रंग छुड़ाने के लिए बालों को शैम्पू करें।- स्नान के बाद आंखों में गुलाब जल डालें। होली खेलते समय यदि आंखों में रंग चला जाए अथवा आंखों में जलन महसूस हो तो आंखों को मलें नहीं बल्कि तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से मिलें।
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सोशल मीडिया आज संचार की दुनिया में एक बड़ी ताक़त के रूप में उभर रहा है। उसकी साक्रिय उपस्थिति से आबालबृद्ध सभी प्रभावित हो रहे हैं। उसकी अपरिहार्य, तीव्र और लुभावनी और सुगम उपस्थिति आज समाज में सबको अपने आगोश में लेती जा रही है। सूचना की दुनिया से आगे बढ़ कर सोशल मीडिया हमारी निजी उपस्थिति और उसकी सार्थकता के आशय और जीवन के सरोकार सबको प्रभावित कर रहा है। हमारी अस्मिता को रचता हुआ वह किसी दुनिया या सत्य का प्रतिनिधित्व या प्रस्तुति से आगे बढ़ कर अपनी एक स्वायत्त दुनिया बना चुका है। उसका अपना वजूद वास्तविक दुनिया को भी गढ़ रहा है। ख़ास तौर पर संचार प्रौद्योगिकी की दुनिया में ‘मोबाइल’ के ज़रिए सोशल मीडिया ने आम आदमी की ज़िंदगी में जिस तरह की ज़बरदस्त सेंधमारी की है उसका निकट इतिहास में कोई जोड़ नहीं दिखता। इसकी लोकप्रियता कितनी है इसका अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल है। लोग जीवन में बिताए जाने वाले समय में घंटों इससे चिपके रहते हैं। सोते समय स्वोपन के मिथ्या जगत में तो हम रहते हैं परंतु आज की सच्चाई यह है कि जाग्रत अवस्था में वर्चुअल या आभासी दुनिया में हमारी आवाजाही वास्तविक दुनिया में जीने की तुलना में बढती जा रही है। आज सबके मन में अपने को रचने, प्रस्तुत करने और एक बड़े विस्तृत फलक पर उपस्थित करने की प्रबल इच्छा जाग रही है। दर्शक को प्रतिभागिता का अवसर देने वाली अंत:क्रियात्मक सोशल मीडिया दर्शक या पाठक को बेहिसाब शक्ति का अहसास कराती है। इसकी लोकप्रियता का गणित ऐसा है कि 'इंफलुएंसर ' (यू ट्यूबर!) गण देश के सामाजिक-सांस्कृतिक नेता की तरह अभिनंदित होते हैं और अच्छी ख़ासी आर्थिक कमाई भी करते हैं। यानी वर्चुअल दुनिया मुख्य होती जा रही है और वास्तविक दुनिया के दिलो-दिमाग को संचालित कर रही है। वह रंगीन, गतिशील और अत्यंत व्यापक है और इसलिए उसके स्पर्श में आकर आदमी आसानी से बदल जाता है। अब दैनिक जीवन के जीने के सामान्य अभ्यास में ‘स्क्रीन टाइम’ (संचार और संवाद के गैजेट से जुड़ा रहने में बिताने वाला समय) एक ख़ास मद हो गया है। यह आभासी दुनिया लोगों को अपने अनुभव-संसार को गढ़ने के लिए कई विकल्पों के साथ असीमित लगने वाली छूट दे रही है और वास्तविक दुनिया में होने वाली गतिविधियों को निर्धारित कर रही है। दर्शक को अपनी निजी स्वतंत्रता के विस्तार का अहसास होता है। इस तरह का यह आभासी दायरा अब इंटरनेट के सहयोग से अपरिमित-सा होता जा रहा है। यह अब मन मस्तिष्क पर छाता हुआ यह आभासी हस्तक्षेप हमारे भाव-जगत को आकार देने लगा है। इस तरह वह जाने अनजाने हमारे स्वभाव को भी बनाते-बिगाड़ते हुए प्रभावित कर रहा है। हमारा स्वाद बदल रहा है। हम क्या हैं और क्या होना चाहते हैं यह सबकुछ मीडिया पर टिकने लगा है। ठीक से कहें तो यह सबको अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। आदमी के मनो-जगत में प्रवेश कर यह चुपके-चुपके हमारी आकांक्षा, अभिरुचि, गतिविधि और व्यक्तित्व सबको गढ़ने वाला एक अचूक औंजार साबित हो रहा है।ताजा घटनाक्रम में एक महानगर की प्रतिष्ठित पृष्ठभूमि से आने वाले सुपठित युवा द्वारा की गई अश्लील प्रस्तुति चर्चा का विषय बनी है। वर्चुअल प्लेटफार्म पर अभद्रता की हदें पार करने की इस शिकायत पर सबकी नज़रें गई हैं। यह सब है तो पुराना धंधा परंतु इस बार बात सुप्रीम कोर्ट तक औपचारिक रूप से पहुंच गई। पहुँची ही नहीं बल्कि सर्वोच्च अदालत ने उसका तत्काल संज्ञान भी लिया और पेशी पर आरोपी को अच्छी तरह डांट भी लगाई। पर गौरतलब है कि इसके पहले भी उच्छृंखल रूप से सोशल मीडिया का दुरुपयोग जोर पकड़े हुए था और इसके बाद अभी भी चालू है। सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के रूप में ऐसे महानुभावों को आदर और धन संपदा भी मिलती है। वे रसूखदार लोगों में शुमार होते हैं। इस तरह सोशल मीडिया मनोरंजन, व्यापार, शिक्षा और संस्कार सबको प्रभावित कर रहा है।सोशल मीडिया में विशेष चिंता वाली उपस्थिति आज सेक्स और हिंसा की व्यापक उपस्थिति है। इसका एक से एक विद्रूप रूप मोबाइल में हर दिन हर घड़ी परोसा जा रहा है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र में मूल अधिकार है। परंतु इसके तहत कुछ भी करने की छूट लेने की आज़ादी अधिकार में नहीं है। इस समय सोशल मीडिया और ख़ासतौर पर ‘वेब सिरीज़’, ‘फ़ेसबुक पोस्ट’ और ‘रील’ आदि में आ रही बहुसंख्यक प्रस्तुतियों में भोंडे सेक्स के निर्लज्ज प्रचार का ही बाहुल्य है। इन तक पहुँच पर कोई रोक-छेंक न होने से जवान, बच्चे और बूढ़े सभी इसकी तरफ़ अपनी सुविधानुसार मुखातिब होते हैं। विविध प्रकार की पोर्नोग्राफ़ी का यह दुरन्त विस्तार हर आयु वर्ग, हर धर्म और जाति तथा प्रत्येक आय वर्ग के लोगों को लुभा रहा है। अब यह निजी और गोपनीय नहीं रहा। इसका नशा हर वर्ग में बढ़ रहा है। स्वतंत्रता की इस मुहिम में नग्न और अर्धनग्न, मांसल स्त्री (और पुरुष) शरीर को, छिपाने-दिखाने की सुनियोजित योजना के साथ, विज्ञापित और प्रदर्शित किया जा रहा है। यह अलग बात है कि इनमें कितने पात्र असली हैं और कितने डीपफ़ेक जैसी तकनीक के सौजन्य से बने हुए हैं। इनमें अवैध और अनैतिक देह-संबंध को खोजते-उघाड़ते और साझा करने की यात्रा शुरू हो गई है। पहले जिसे वेश्यावृत्ति कहते थे उसके नाना रूप उत्तेजक कहानियों और घटनाओं में पिरो कर प्रस्तुत करती प्रचुर सामग्री धड़ल्ले से फैलाए जा रहे हैं। पब्लिक डोमेन में डंप की जा रही इन सामग्रियों में रुपया-पैसा, वासना, सेक्स कारोबार और व्यापार आदि मसलों को जोड़-जाड़ कर एक आकर्षक और कामोत्तेजक दुनिया रच कर दिखाई जाती है। इनमें बहुत-सा बाहर के देशों से उठाई सामग्री भी होती है। वैध और नाजायज संबंधों की सारी हदों को पार करती इस कल्पित वर्चुअल दुनिया में कुछ भी संभव होता है। इनमें दर्शकों को लुभाने और उनको आकर्षित करने के हर नुस्खे आजमाये जाते हैं। यह क्षणिक सुख का आभास या अहसास करा देती है। इसके चलते लोग इसमें फँस जाते हैं। शब्द, भाषा और चित्रों के माध्यम से अश्लीलता का वीभत्स रूप बेरोक-टोक निर्द्वंद भाव से सब लोगों को मुहैया कराया जा रहा है। इन सबके सम्मिलित प्रभाव कार्य के प्रति अन्यमनस्कता, अव्यवस्थित काल-बोध और अमर्यादित सामाजिक आचरण में प्रतिफलित होता है। एक भयावह बीमारी की तरह इसकी लत लगने पर इसका परिणाम दुर्व्यसन (एडिक्शन) के मर्ज़ में भी तब्दील हो जाता है।सांस्कृतिक मर्यादाओं की सभी हदों को पार करते हुए विभिन्न प्रकार की प्रकट, सांकेतिक और अप्रत्यक्ष अश्लीलताओं को लगातार परोसते दृश्यों में बाँध कर हर किसी की उत्सुकता को जगाने के लिए प्रत्यक्ष और छद्म तरीकों से भरपूर सामग्री अनियंत्रित रूप से प्रस्तुत की जा रही है। उदारता का युग बाजार में आया, राजनीति में आया और अब घर की चारदीवारी में पहुँच कर लोगों के दिलो-दिमाग़ में खलबली मचा रहा है। इसने समाज की सोच या वैचारिकी में अनियंत्रित खुलेपन का न्योता दिया। इस तरह के बदलाव के पीछे नगरीकरण, सामाजिक गतिशीलता, नौकरी पेशे के जीवन की दुश्वारियाँ मुख्य रही हैं। इस परिवर्तन के केंद्र में भोग और राग की अतुलित बलवती इच्छा वेगवान होती गई। चरित्र, आचार-विचार , शील और सदाचार और इंद्रियों का निग्रह जैसे विचार दकियानूसी और प्रगति के मार्ग में रोड़े की तरह जाने समझे जाने लगे। इस रोग की लपेट में किशोर, युवा और प्रौढ़ सभी आ रहे हैं। “गर्लफ्रैंड “और “ब्वॉय फ्रैंड “अब एक स्वीकृत और प्रचलित प्रत्यय और सामाजिक अभ्यास हो चला है। इस तरह की मित्रता की सीमा और परिधि किस तरह चलेगी यह इसमें शामिल किरदारों की भलमनसाहत पर निर्भर करता है। इसमें क्या वर्जित और क्या विहित है, यह मित्रों की अपनी मर्जी पर निर्भर करता है। सेक्स जीवन में नवाचार अब सामाजिक जीवन का हिस्सा हो रहा है। लिव इन रिलेशनशिप और आपसी रजामंदी से प्रौढ़ जनों को सेक्स की वैधानिक स्वीकृति सामाजिक आचरण के नये मानदंड स्थापित कर रही है। सामाजिक जीवन की नई पैमाइश में व्यक्ति ही प्रथम और अंतिम निर्णायक होता जा रहा है। व्यक्ति की चेतना का उत्कर्ष सदा से वांछित रहा है। काम की गणना पुरुषार्थ में की गई है। श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं ‘मैं धर्म के अविरुद्ध काम हूँ।’ आज भी प्रश्न यही है कि जीवन में मर्यादा कैसे लाई जाए ? धर्म अर्थात् विवेकसम्मत और संतुलित आचरण का मार्ग कैसे प्रशस्त हो? इस दृष्टि से घर, स्कूल, मीडिया सभी को अपनी ज़िम्मेदारी पहचाननी और निभानी होगी। क़ानून दांव-पेंच का मामला है और वह अपना काम करेगा पर उसका परिणाम भी तभी मिलेगा जब हम मर्यादा में विश्वास करें, वह मर्यादा जो अपने और सबके हित को ध्यान में रख कर स्वीकार की जाती है। सोशल मीडिया को नियमित करने और अमर्यादित उपयोग को रोकना सरकार की वरीयताओं में आना चाहिए। इस तरह के अनर्गल संचार के नकारात्मक प्रभावों से समाज को बचाना आवश्यक है।
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रमेश सर्राफ धमोरा रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। 19 वीं शताब्दी में श्री रामकृष्ण परमहंस एक रहस्यमयी और महान योगी पुरुष थे। जिन्होंने काफी सरल शब्दों में अध्यात्मिक बातों को सामान्य लोगों के सामने रखा। जिस समय हिन्दू धर्म बड़े संकट में फंसा हुआ था उस समय श्री रामकृष्ण परमहंस ने हिन्दू धर्मं में एक नयी उम्मीद जगाई। रामकृष्ण के जीवन में अनेक गुरु आये पर अन्तिम गुरुओं का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा। एक थी भैरवी जिन्होंने उन्हें अपने कापालिक तंत्र की साधना करायी और दूसरे थे श्री तोतापुरी उनके अन्तिम गुरु। गंगा के तट पर दक्षिणेश्वर के प्रसिद्व मंदिर में रहकर रामकृष्ण मां काली की पूजा किया करते थे। गंगा नदी के दूसरे किनारे रहने वाली भैरवी को अनुभूति हुई कि एक महान संस्कारी व्यक्ति रामकृष्ण को उसकी दीक्षा की आवश्यकता है। गंगा पार कर वो रामकृष्ण के पास आयी तथा उन्हें कापालिक दीक्षा लेने को कहा। रामकृष्ण ने भैरवी द्वारा बतायी पद्धति से लगातार साधना कर मात्र तीन दिनों में ही सम्पूर्ण क्रिया में निपुण हो गये। रामकृष्ण के अन्तिम गुरु तोतापुरी थे जो सिद्ध तांत्रिक तथा हठ योगी थे। उन्होने रामकृष्ण को दीक्षा दी। रामकृष्ण को दीक्षा दी गई परमशिव के निराकार रुप के साथ पूर्ण संयोग की। पर आजीवन तो उन्होने मां काली की आराधना की थी। वे जब भी ध्यान करते तो मां काली उनके ध्यान में आ जाती और वे भावविभोर हो जाते। जिससे निराकार का ध्यान उनसे नहीं हो पाता था। तोतापुरी ध्यान सिद्ध योगी थे। उनको अनुभव हुआ कि रामकृष्ण के ध्यान में मां काली प्रतिष्ठित हैं। उन्होने शक्ति सम्पात के द्वारा रामकृष्ण को निराकार ध्यान में प्रतिष्ठित करने के लिये बगल में पड़े एक शीशे के टुकड़े को उठाया और उसका रामकृष्ण के आज्ञाचक्र पर आघात किया जिससे रामकृष्ण को अनुभव हुआ कि उनके ध्यान की मां काली चूर्ण-विचूर्ण हो गई हैं और वे निराकार परमशिव में पूरी तरह समाहित हो चुके हैं। वे समाधिस्थ हो गये। ये उनकी पहली समाधि थी जो तीन दिन चली। तोतापुरी ने रामकृष्ण की समाधी टूटने पर कहा। मैं पिछले 40 वर्षो से समाधि पर बैठा हूं पर इतनी लम्बी समाधी मुझे कभी नही लगी। श्री रामकृष्ण परमहंस का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कामारपुकुर नामक गांव में 18 फरवरी 1836 को एक निर्धन निष्ठावान ब्राहमण परिवार में हुआ था। इनके जन्म पर ही ज्योतिषियों ने रामकृष्ण के महान भविष्य की घोषणा कर दी थी। ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सुन इनकी माता चन्द्रा देवी तथा पिता खुदिराम अत्यन्त प्रसन्न हुए। इनको बचपन में गदाधर नाम से पुकारा जाता था। पांच वर्ष की उम्र में ही वो अदभुत प्रतिभा और स्मरणशक्ति का परिचय देने लगे। अपने पूर्वजों के नाम व देवी- देवताओं की स्तुतियां, रामायण, महाभारत की कथायें इन्हे कंठस्थ याद हो गई थी। 1843 में इनके पिता का देहांत हो गया तो परिवार का पूरा भार इनके बड़े भाई रामकुमार पर आ पड़ा था। रामकृष्ण जब नौ वर्ष के हुए इनके यज्ञोपवीत संस्कार का समय निकट आया। उस समय एक विचित्र घटना हुई। ब्राह्मण परिवार की परम्परा थी कि नवदिक्षित को इस संस्कार के पश्चात अपने किसी सम्बंधी या किसी ब्राह्मण से पहली शिक्षा प्राप्त करनी होती थी। एक लुहारिन जिसने रामकृष्ण की जन्म से ही परिचर्या की थी। बहुत पहले ही उनसे प्रार्थना कर रखी थी कि वह अपनी पहली भिक्षा उसके पास से प्राप्त करे। लुहारिन के सच्चे प्रेम से प्रेरित हो बालक रामकृष्ण ने वचन दे दिया था। अतः यज्ञोपवीत के पश्चात घर वालों के लगातार विरोध के बावजूद इन्होंने ब्राह्मण परिवार में प्रचलित प्रथा का उल्लंघन कर अपना वचन पूरा किया और अपनी पहली भिक्षा उस लुहारिन से प्राप्त की। यह घटना सामान्य नहीं थी। सत्य के प्रति प्रेम तथा इतनी कम उम्र में सामाजिक प्रथा के इस प्रकार उपर उठ जाना रामकृष्ण की आध्यात्मिक क्षमता और दूरदर्शिता को ही प्रकट करता है। रामकृष्ण का मन पढ़ाई में न लगता देख इनके बड़े भाई इन्हे अपने साथ कलकत्ता ले आये और अपने पास दक्षिणेश्वर में रख लिया। यहां का शांत एवं सुरम्य वातावरण रामकृष्ण को अपने अनुकूल लगा। 1858 में इनका विवाह शारदा देवी नामक पांच वर्षीय कन्या के साथ सम्पन्न हुआ। जब शारदा देवी ने अपने अठारहवें वर्ष मे पदार्पण किया तब श्री रामकृष्ण ने दक्षिणेश्वर के अपने कमरे में उनकी षोड़शी देवी के रूप में आराधना की। यही शारदा देवी रामकृष्ण संघ में माताजी के नाम से परिचित हैं। रामकृष्ण परमहंस के पास जो कोई भी जाता वह उनकी सरलता, निश्चलता, भोलेपन और त्याग से इतना अभिभूत हो जाता कि अपना सारा पांडित्य भूलकर उनके पैरों पर गिर पड़ता था। गहन से गहन दार्शनिक सवालों के जवाब भी वे अपनी सरल भाषा में इस तरह देते कि सुनने वाला तत्काल ही उनका मुरीद हो जाता। इसलिए दुनियाभर की तमाम आधुनिक विद्या, विज्ञान और दर्शनशास्त्र पढ़े महान लोग भी जब दक्षिणेश्वर के इस निरक्षर परमहंस के पास आते तो अपनी सारी विद्वता भूलकर उसे अपना गुरू मान लेते थे।इनके प्रमुख शिष्यों में स्वामी विवेकानन्द, दुर्गाचरण नाग, स्वामी अद्भुतानंद, स्वामी ब्रह्मानंदन, स्वामी अद्यतानन्द, स्वामी शिवानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी योगानन्द थे। श्री रामकृष्ण के जीवन के अन्तिम वर्ष कारुण रस से भरे थे। 15 अगस्त 1886 को अपने भक्तों और स्नेहितों को दुख के सागर में डुबाकर वे इस लोक में महाप्रयाण कर गये। रामकृष्ण परमहंस महान योगी, उच्चकोटि के साधक व विचारक थे। सेवा पथ को ईश्वरीय, प्रशस्त मानकर अनेकता में एकता का दर्शन करते थे। सेवा से समाज की सुरक्षा चाहते थे। रामकृष्ण का सारा जीवन अध्यात्म-साधना के प्रयोगों में बीता। वे लगातार कई घंटों तक समाधि में लीन हो जाते थे। चौबीस घंटे में बीस-बीस घंटों तक वे उनसे मिलनेवाले लोगों का दुख-दर्द सुनते और उसका समाधान भी बताते। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के भोले प्रयोगवाद में वेदांत, इस्लाम और ईसाइयत सब एक रूप हो गए थे। निरक्षर और पागल तक कहे जाने वाले रामकृष्ण परमहंस ने अपने जीवन से दिखाया था कि धर्म किसी मंदिर, गिरजाघर, विचारधारा, ग्रंथ या पंथ का बंधक नहीं है। रामकृष्ण परमहंस मुख्यतः आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता थे। जिन्होंने देश में राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाया। उनकी शिक्षा जातिवाद एवं धार्मिक पक्षपात को नकारती हैं। विभिन्न धर्मों के माध्यम से रामकृष्ण के रहस्यमय अनुभवों ने उन्हें यह सिखाने के लिए प्रेरित किया कि विभिन्न धर्म पूर्ण ज्ञान और आनंद तक पहुँचने के अलग-अलग साधन हैं और विभिन्न धर्म पूर्ण सत्य की समग्रता को व्यक्त नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके पहलुओं को व्यक्त कर सकते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये उनके परम् शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने एक मई 1897 को बेलुड़ में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मिशन के उद्देश्य मानवता के सर्वांगीण कल्याण के लिए काम करना, विशेष रूप से गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए।
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खबर सिंगरौली से है...जहां सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए परिवहन अधिकारी ...वाहन चालकों को लगातार जागरूक कर रहे हैं...इस दौरान नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है सिंगरौली परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह राठौर और चेकप्वाइंट प्रभारी अनिमेष जैन सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए वाहन चालकों को लगातारजागरूक कर रहे हैं ...इस दौरान वाहन चालकों को अपना यूनिफार्म पहनने, वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स रखने और क्षमता से ज्यादा सवारी न बिठालने के नियम का भी पालन करने के निर्देश दिए गए है ...वहीं नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी गई
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कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन सामने आया है....लोग शासन,प्रशासन,नेता,व्यवस्थापकों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते हैं लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने पहुंच गए बजरंगबली के चरणों में... जी हां...संजय गांधी हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्थाओं के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता रैली निकालते हुए संजय गांधी अस्पताल पहुंचे...जहां उन्होंने अस्पताल परिसर में बने मंदिर में बजरंगबली के चरणों में ज्ञापन सौंपते हुए जनता की रक्षा और अस्पताल की व्यवस्थाओं को दूर करने की मांग की...रीवा का संजय गांधी अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है जिसकी वजह अस्पताल के स्टाफ व चिकित्सकों द्वारा इलाज के लिए आने वाले मरीजों व परिजनों के साथ की जाने वाली अभद्रता एवं मारपीट है...यहां रीवा सहित अन्य जिले से मरीज ईलाज कराने आते हैं...लेकिन लचर व्यवस्था का शिकार हो जाते हैं...जिसके विरोध में कांग्रेसी इकट्ठे होकर अस्पताल पहुंचे... जहां उन्होंने बजरंगबली को ज्ञापन सौंपा...कार्यकर्ताओं ने कहा कि अस्पताल में अमानक दवाओं पर रोक लगे...मरीजों के साथ मारपीट और अभद्रता बंद हो...अवैध वसूली और मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर करना बंद किया जाए...उन्होंने जनता की सुरक्षा के लिए भगवान बजरंगबली को ज्ञापन सौंपा....
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कांटाफोड़ पुलिस ने 24 घंटे के अंदर एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया...पुलिस ने जादू टोने की शंका में अपनी मौसी की हत्या करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया...पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी मुकेश लोंगरे को गिरफ्तार किया... जिसने अपनी मौसी की हत्या की बात कबूल की... दरअसल 9 मार्च को कांटाफोड़ पुलिस को सूचना मिली थी कि कालापाठा के पास जंगल में एक महिला का शव सड़ी गली हालत में पड़ा है...पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव की शिनाख्त अमंता पति गोरेलाल के रूप में की... जांच में पता चला कि आरोपी मुकेश लोंगरे ने अपनी मौसी अमंता की हत्या करने की योजना बनाई थी...आरोपी अपनी पत्नी के साथ इंदौर में मजदूरी करता था...और संतान न होने के कारण उसे शक था कि उसकी मौसी ने कोई जादू टोना किया है...आरोपी ने अपनी मौसी को कालापाठा के जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी और शव को वहीं छुपा दिया...पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है...
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तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित पोलाची में तमिल समर्थकों ने 23 फरवरी को रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर हिन्दी में लिखे नाम पर कालिख पोतकर भाषा विवाद को और गरमा दिया। रेलवे सुरक्षा बल ने इन लोगों की पहचान कर मामला दर्ज किया है। सच पूछिए तो यह घटना एक बड़े विवाद का हिस्सा है, जिसमें तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के माध्यम से हिन्दी थोपने का आरोप लगाया है। द्रमुक इस आरोप से इनकार करते हुए भाजपा के साथ वाक युद्ध में लगी हुई है। तमिलनाडु में हिन्दी विरोध की जड़ें 20वीं सदी की शुरुआत से हैं। विरोध प्रदर्शन तमिल संस्कृति और भाषा की रक्षा की इच्छा से प्रेरित है। अधिकांश तमिल आज भी हिन्दी को अपनी पहचान के लिए खतरा मानते हैं। इतिहास के पन्ने को पलटने पर ज्ञात होता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1937 में स्कूलों में अनिवार्य हिन्दी शिक्षण की शुरुआत की। तमिलनाडु में इसका व्यापक विरोध हआ। विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व पेरियार ई.वी. रामासामी और जस्टिस पार्टी ने किया। 1937-1940 के आंदोलन के दौरान 1,198 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और 1,179 को दोषी ठहराया गया। सबसे बड़ा हिन्दी विरोधी आंदोलन 1948-1950 के बीच हुआ। इस दौरानहड़तालें हुईं। वर्ष 1965 में मदुरै में हिन्दी विरोधी दंगे भड़क उठे जिसके परिणामस्वरूप लगभग 70 लोग मारे गए। आज भी तमिलनाडु में हिंदी विरोध विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। द्रमुक और अन्य दल गैर-हिन्दी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का विरोध कर रहे हैं। जबकि भारत सरकार हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास में लगी हुई है। वर्तमान विरोध ने यह स्वीकार करना आरंभ कर दिया है कि हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भी आधिकारिक भाषा बनी रहे। वर्तमान विरोध सिर्फ राजनीतिक क्रियाकलाप है। वैसे, तमिलनाडु में हिन्दी विरोध की वास्तविकता जटिल है। इसमें राजनीतिक और सांस्कृतिक दोनों कारक शामिल हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि वर्तमान विरोध तमिल संस्कृति और भाषा की रक्षा करने की वास्तविक इच्छा से प्रेरित है। बुद्धिजीवी और आम आदमी इसे राजनीतिक दलों द्वारा लाभ प्राप्त करने के साधन के रूप में देखता है। सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18-25 आयु वर्ग के 71 प्रतिशत लोगो ने बिना समझे-बूझे हिन्दी थोपने का विरोध किया। यूगऊ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18-24 वर्ष की आयु के तमिलनाडु के 63 प्रतिशत निवासियों का मानना था कि स्कूलों में हिन्दी को जरूर पढ़ाया जाए लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। कुछ लोग तर्क देते हैं कि हिन्दी जानने से नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं और व्यापार और व्यापार संबंधों को सुविधाजनक बनाया जा सकता है। तमिलनाडु में भी मनोरंजन की दुनिया का लुफ्त उठाने के लिए हिन्दी भाषा को व्यावसायिक भाषा माना जाता है। लेकिन राजनीतिक के संवर्ग के लोग इसे तमिल संस्कृति और भाषा के लिए खतरा मानते हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की 60 फीसदी आबादी हिन्दी बोलती है। भाषा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान परिदृश्य में तमिलनाडु की 40 फीसद आबादी को हिन्दी का कुछ ज्ञान है और धीरे-धीरे लोग हिन्दी को सीख रहे हैं। तमिलनाडु के स्कूलों में हिन्दी पढ़ने की गति तेज हुई है। लोग प्रदेश से बाहर जाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते हैं और देशभर में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिन्दी का लाभ उठाना चाहते हैं। इस कार्य में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा का बहुमूल्य योगदान है। सन् 1964 में सभा को संसद ने इसे 'राष्ट्रीय महत्व की संस्था' घोषित किया था। देखा जाए तो डुओलिंगो, इटालकी और प्रीप्ली जैसे कई ऐप और ऑनलाइन प्लेटफार्म हिन्दी भाषा के पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं और तमिलनाडु सहित भारत के तमाम हिस्सों में इन्हें काफी डाउनलोड और उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त, लिंग और ड्रॉप्स जैसे कुछ ऐप हिन्दी सीखने के लिए इंटरैक्टिव और गेमीफाइड पाठ प्रदान करते हैं, जो तमिलनाडु की युवा आबादी को आकर्षित कर सकते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, दक्षिण भारत में लगभग 30 फीसद लोग हिन्दी गाने सुनते हैं। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि तमिलनाडु में लगभग 70 फीसद छात्र हिन्दी की अज्ञानता के कारण केंद्रीय नौकरी में नहीं जा पाते हैं। इन बातों को स्वीकार करते हुए तमिलनाडु सरकार ने 1968 में हिन्दी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया था। अंततः, तमिलनाडु पर हिन्दी थोपने या न थोपने का निर्णय एक जटिल मुद्दा है। इसमें कई कारक शामिल हैं। एक बात बहुत स्पष्ट है कि तमिलनाडु के लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी भाषा की राजनीति में रुचि नहीं रखती। वह हिन्दी सीखने के लिए उत्सुक हैं।
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भारत की खाद्य संस्कृति वैश्वीकरण, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण बदल रही है। यह प्रमुख सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी कारण बन रही है। भारत में युवा पीढ़ी तेजी से फास्ट फूड का सेवन कर रही है, जिसके कारण मोटापा, टाइप 2 मधुमेह और हृदय सम्बंधी विकार जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो रही हैं। फास्ट फूड में अक्सर बड़ी मात्रा में कैलोरी, चीनी, सोडियम और खराब वसा होती है, जो खराब खाने की आदतों और पोषण सम्बंधी कमियों को जन्म दे सकती है। इसका परिणाम एक गतिहीन जीवन शैली भी हो सकता है, जो किसी के स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाएगा। फास्ट फूड का सेवन बच्चों के स्वास्थ्य और खाने की आदतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। फास्ट फूड, जिसमें कैलोरी, चीनी और खराब वसा अधिक होती है, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम और वज़न बढ़ाता है। फास्ट फूड के लगातार सेवन से बच्चे स्वस्थ खाद्य पदार्थों की तुलना में प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन चुनने की उनकी संभावना कम हो जाती है। आजकल, बहुत से युवा फास्ट फूड पसंद करते हैं क्योंकि यह सुविधाजनक, स्वादिष्ट और जल्दी बनने वाला होता है। इसके नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानते हुए भी वे इसे खाना जारी रखते हैं। व्यस्त जीवन शैली में, फास्ट फूड को जल्दी से जल्दी खाना सुविधाजनक है। वे भीड़ का अनुसरण करते हैं क्योंकि उनके दोस्त भी इसे पसंद कर सकते हैं। स्वाद के लिए स्वास्थ्य का जोखिमः फास्ट फूड जल्दी से जल्दी खाने और स्वाद के लिए बनाया जाता है और यह ज़्यादा पका हुआ, अत्यधिक प्रोसेस्ड होता है। मानव शरीर बिना प्रोसेस्ड, अत्यधिक रेशेदार और कम से कम पके हुए खाद्य पदार्थों के लिए बना है इसलिए वे पूरी तरह से अनुपयुक्त हैं। फास्ट फूड से शुगर स्पाइक्स इंसुलिन प्रतिरोध, वज़न बढ़ने, वसा संश्लेषण और मधुमेह में पैदा करते हैं। भारत में फैलते फास्ट फूड उद्योग में बर्गर, पिज्जा, पानी-पूरी व चाट मसाला कियोस्क और पावभाजी-समोसा के ठेले शामिल हैं। बढ़ता मोटापा, मधुमेह की समस्याः मोटापा और मधुमेह दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, जिसे मक्खन, दूध और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। हमारे शरीर को खराब कोलेस्ट्रॉल से नुकसान होता है। सड़क पर फास्ट फूड तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाना पकाने के तेल में उच्च ट्राइग्लिसराइड (खराब कोलेस्ट्रॉल) सामग्री होती है, जिसे खाने से खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। सात्विक आहार जो हिंदू रीति-रिवाजों का प्रमुख हिस्सा है, उनकी जगह आधुनिक आहार ले रहे हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। अकेले खाने और स्विगी और ज़ोमैटो जैसी ऑनलाइन भोजन वितरण सेवाओं के बढ़ने के परिणामस्वरूप लोगों के साथ मिलकर खाने का तरीक़ा बदल गया है। विज्ञापन का मायाजालः फास्ट फूड कंपनियाँ अपने उत्पादों को कूल और मनोरंजक दिखाने के लिए भ्रामक विज्ञापन का उपयोग करती हैं, जो इसके विस्तार की एक और वजह है लोगों और खासकर युवाओं को आकर्षित करने के लिए इसके प्रचार के लिए दुनिया के नामीगिरामी हस्तियों का चेहरा इस्तेमाल होता है और आकर्षक नारों व टैगलाइन का सम्मोहन अलग होता है। अपनी बुद्धिमत्ता और शिक्षा के बावजूद लोग कभी-कभी अपने स्वास्थ्य पर संभावित हानिकारक प्रभावों पर विचार करने के बजाय फास्ट फूड खाने को प्राथमिकता देते हैं। उन्हें भी पता है कि यह अच्छा विकल्प नहीं है लेकिन वे इसे चुनते हैं क्योंकि यह बहुत सरल और स्वादिष्ट है। चूँकि लोग घर के बने खाने की जगह सुविधाजनक भोजन चुन रहे हैं, इसलिए खानपान की आदतें बदल रही हैं। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमालः राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में युवा लोग ज़्यादा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज की जगह रिफ़ाइंड अनाज और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ ले रहे हैं। बाजरा की खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष की शुरुआत की थी। प्रोसेस्ड, उच्च वसा, उच्च चीनी वाले पश्चिमी आहार की बढ़ती संख्या पारंपरिक संतुलित भोजन की जगह ले रही है। मैकडॉनल्ड्स, केएफसी और डोमिनोज़ के तेज़ी से बढ़ने के कारण भारत में शहरी खानपान की आदतें बदल गई हैं।संकट में खानपान से जुड़ी हमारी विशिष्टताः वैश्वीकरण के कारण क्षेत्रीय व्यंजन अपनी विशिष्टता खो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत में किण्वन-आधारित आहार और अन्य पारंपरिक खाना पकाने की तकनीकें लोकप्रिय नहीं हो रही हैं। खानपान की बदलती आदतों के कारण त्योहारों और धर्मों से जुड़ी खास पाक परंपराएँ अपना महत्त्व खो रही हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं के कारण स्ट्रीट वेंडर और स्वदेशी खाद्य सामग्री के व्यापार चुनौतियों का सामना करते हैं। कुपोषण और स्वास्थ्य प्रभाव: अधिक प्रसंस्कृत भोजन खाने के परिणामस्वरूप हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे के शिकार लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। आहार सम्बंधी आदतों में आए इस बदलाव के कारण भारत में 101 मिलियन मधुमेह रोगी हो गए हैं। खपत के पैटर्न में बदलाव के कारण पारंपरिक फसलों की मांग में कमी आई है, जिसका असर किसानों के मुनाफे पर पड़ा है। नीति आयोग (2022) के अनुसार, ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था बनाए रखने के लिए फ़सल विविधीकरण महत्त्वपूर्ण है। छोटे पैमाने के खाद्य व्यवसाय, पारंपरिक भोजनालय और पड़ोस के खाद्य विक्रेता सभी वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं से प्रभावित हैं। अपनी नींव को बनाए रखते हुए, भारत की विविध पाक संस्कृति को बदलना होगा। टिकाऊ खाद्य नीतियों, देशी फसलों के समर्थन और संतुलित आहार जागरूकता के कार्यान्वयन के माध्यम से आधुनिकीकरण द्वारा पारंपरिक खाद्य विविधता और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाया जा सकता है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कभी-कभार फास्ट फूड खाने से आपके सामान्य स्वास्थ्य पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। नियमित रूप से फास्ट फूड खाने से अंततः कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इसे सीमित करना लक्ष्य है।
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भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में वर्षों से रैगिंग एक गंभीर बदमाशी और उत्पीड़न की समस्या रही है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मनोवैज्ञानिक आघात, आत्महत्या और यहाँ तक कि हत्या जैसे हिंसक अपराध भी होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और 2009 से यूजीसी के एंटी-रैगिंग नियमों के बावजूद घटनाएँ जारी हैं। 2012 और 2023 के बीच रैगिंग के कारण 78 छात्रों की मौत इस समस्या के भयावह चेहरे को सामने रखती है। भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में मुख्य रूप से सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों की वजह से रैगिंग होती है। भारतीय सामाजिक संरचनाओं द्वारा सुदृढ़ कठोर पदानुक्रम में वरिष्ठ छात्र कनिष्ठों पर अपना प्रभुत्व जताते हैं। यह इंजीनियरिंग कॉलेजों में शक्ति-आधारित सामाजिक व्यवस्था को मज़बूत करता है जब वरिष्ठ जूनियर से अपमानजनक कार्य करवाते हैं। आक्रामकता का महिमामंडन करने वाली अति-पुरुषवादी संस्कृति छात्रों को रैगिंग की परंपराओं का पालन करने के लिए मजबूर करती है। मेडिकल संस्थानों में छात्रों को "लचीला बनाने" के नाम पर धीरज-आधारित असाइनमेंट पूरा करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई उच्च शिक्षा संस्थान अत्यधिक हिंसा होने तक हस्तक्षेप को हतोत्साहित करते हैं क्योंकि वे रैगिंग को दीक्षा अनुष्ठान की तरह देखते हैं। साल 2023 में जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग को "बॉन्डिंग प्रक्रिया" के रूप में लिखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र की असामयिक मृत्यु हो गई। प्रतिशोध का डर, प्रभावी गवाह सुरक्षा की कमी और सामाजिक कलंक, पीड़ितों को रैगिंग की रिपोर्ट करने से अनिच्छुक बनाते हैं। रैगिंग को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए सख्त और त्वरित दंड आवश्यक है। संभावित रैगर्स को हतोत्साहित करने के लिए सुनिश्चित करें कि तत्काल निष्कासन, कानूनी मुकदमा और उसे ब्लैकलिस्ट करने जैसी कार्रवाई की जाए। खुली निगरानी के साथ एक निजी ऑनलाइन शिकायत पोर्टल स्थापित करने की जरूरत है। पारदर्शी जवाबदेही के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग हेल्पलाइन का नया संस्करण आवश्यक है क्योंकि वर्तमान हेल्पलाइन पर्याप्त तेज़ी से प्रतिक्रिया नहीं देती है। अनिवार्य कार्यशालाओं, संवेदनशीलता अभियानों और मेंटरशिप कार्यक्रमों को लागू करके सकारात्मक वरिष्ठ-जूनियर सम्बंधों को प्रोत्साहित करें। एम्स दिल्ली रैगिंग के मामलों को नियंत्रित रखता है और नए छात्रों को परामर्श सत्र देकर एक सहायक संस्कृति को बढ़ावा देता है। संभावित मुद्दों को अधिक गंभीर होने से पहले पहचानने के लिए व्यवहार ट्रैकिंग, सरप्राइज चेक और छात्रावासों में सीसीटीवी लगाने का उपयोग करें। आईआईटी मद्रास ने सीसीटीवी निगरानी और छात्र प्रोफ़ाइलिंग का उपयोग करके रैगिंग की घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी की है। रैगिंग की समस्या का कोई एकल, सार्वभौमिक रूप से लागू समाधान नहीं है। शैक्षणिक संस्थानों, छात्रों और बड़े पैमाने पर समाज के लिए एक सुरक्षित और देखभाल करने वाला वातावरण स्थापित करने के लिए मिलकर काम करना महत्त्वपूर्ण है। रैगिंग ख़त्म करने के लिए बहुआयामी रणनीति, कठोर कानूनी सुरक्षा और त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की जरूरत है। संस्थागत जवाबदेही और प्रौद्योगिकी-संचालित निगरानी यह गारंटी देगी कि उच्च शिक्षा संस्थान भय के बजाय सुरक्षा, समावेशिता और समग्र विकास के स्थान हैं। यूजीसी को उन संस्थानों के खिलाफ खंड 9.4 का उपयोग करना चाहिए जो इससे संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन नहीं करते। अपराधियों को कड़ी सज़ा मिले, इसकी गारंटी के लिए फास्ट-ट्रैक ट्रायल और पुलिस सत्यापन ज़रूरी है। छात्रावासों में सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए जो एआई-आधारित चेहरे की पहचान का उपयोग करते हैं। पीड़ितों की सुरक्षा के लिए एक डिजिटल आईडी-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। मनोवैज्ञानिक परामर्श और एंटी-रैगिंग कार्यशालाओं को लागू करना अनिवार्य होना चाहिए। छात्र मेंटरशिप कार्यक्रमों द्वारा एक समावेशी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यूजीसी हेल्पलाइन की प्रतिक्रिया समय और पहुँच में सुधार की आवश्यकता है। ऐसे डिजिटल शिकायत पोर्टल होने चाहिए जो गुमनाम हों और सीधे पुलिस अलर्ट प्रदान करें।
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संजय गांधी अस्पताल से गुंडागर्दी का मामला सामने आया है जहां अपनी मां का इलाज कराने गए बेटे और बेटी को रेडियोलॉजी विभाग के एक्स-रे रूम में बंद करके उनके साथ अस्पताल कर्मचारियों ने जमकर मारपीट की...जिससे बेटे की हालत गंभीर हो गई...और बेटी को भी चोटें आई हैं.... वहीं विभागाध्यक्ष ने मारपीट करने वालो पर कार्रवाई करने की बात कही है... रीवा के संजय गांधी अस्पताल में अपनी बूढ़ी मां का पैर टूट जाने के बाद एक्सरे कराने गए एक युवक को मामूली विवाद के दौरान इस तरह पीटा गया कि उसकी हालत खराब हो गई...जिसके बाद घायल युवक को बेहोशी हालत में सिटी स्कैन के लिए भेजा गया...युवक की मां फूलमती शुक्ला ने बताया कि वह अपने बेटे देवेंद्र नाथ शुक्ला और बेटी शशि मिश्रा के साथ अस्पताल के एक्स-रे कराने आई थी...एक्सरे के बाद बेटे के एक्सरे रिपोर्ट मांगने पर विवाद हो गया जिसके बाद उसे अंदर खींचकर बंद दरवाजे के अंदर मारपीट की गई...अपने भाई को बचाने के लिए जब बहन दरवाजा पीट रही थी तो बहन के साथ भी मारपीट कर उसे बाहर कर दिया गया...वहीं इस पूरे मामले को लेकर रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजीव शर्मा ने कहा कि मारपीट की जानकारी मिली है एक कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे...
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खबर छतरपुर से है..जहाँ कोतवाली टीआई अरविंद कुजूर खुदकुशी मामले में पुलिस फरार चल रही टीआई की कथित प्रेमिका आशी सिंह और उसके साथी सोनू सिंह परमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर कर रही है...पुलिस ने कहा है ... सभी एंगल से इस मामले की जांच हो रही है टीआई अरविंद कुजूर खुदकुशी मामले में पुलिस ने फरार चल रही आशी सिंह और उसके सहयोगी सोनू सिंह परमार को हिरासत में ले लिया है...और लगातार पूछताछ कर रही है...सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि कुजूर खुदकुशी मामले में अब तक दस से पंद्रह लोगों से पूछताछ हो चुकी है...अलग अलग टीम लगातार संदिग्धों से पूछताछ कर रही है...बहुत जल्द पुलिस मामले का खुलासा करेगी...गौरतलब है कि बीते 6 मार्च को कोतवाली टीआई अरविंद कुजूर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी
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गुना के अभ्युदय हत्याकांड मामले में अब एक नया मोड़ आया है...पुलिस ने सबूतों के आधार अभ्युदय की मां को गिरफ्तार कर लिया है...पूछताछ में अभ्युदय की मां के बयानों में कई विरोधाभासी तथ्य सामने आये है गुना के चर्चित अभ्युदय हत्याकांड की गुत्थी और भी ज्यादा उलझ गई है...अब पुलिस ने अभ्युदय की मां अलका जैन को गिरफ्तार किया है ... थाना प्रभारी बृजमोहन सिंह भदौरिया का कहना है कि पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अलका जैन को गिरफ्तार किया है...हालाँकि अभ्युदय की मां ने हत्या करने की बात नहीं स्वीकारी है...पूछताछ के दौरान अभ्युदय की मां के बयानों में काफी विरोधाभास देखने को मिले है...आपको बता दें कि चौधरन कॉलोनी में किराए के मकान में रहने वाले 15 साल के अभ्युदय जैन की लाश 14 फरवरी को बाथरूम में मिली थी...अभ्युदय का शव सबसे पहले उसकी मां अलका जैन ने ही देखा था
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छतरपुर कोतवाली में तैनात टीआई अरविंद कुजूर की आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच मे जुटी है...मृतक टीआई की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम किया गया...जिसके बाद छतरपुर में उनको श्रद्धांजलि देकर उनका शव उनके गृहनगर सागर को रवाना कर दिया... छतरपुर कोतवाली में तैनात टीआई अरविंद कुजूर ने अपने आवास पर सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी...खबर पाते ही आलाधिकारियों ने उनके आवास पर जाकर जांच की...देर रात टीआई के परिजन सागर से छतरपुर आये...मृतक टीआई का जिला अस्पताल मे डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया जिसके बाद पुलिस लाइन मे डीआईजी ,एसपी ,विधायक सहित पुलिस के आलाधिकारी और आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी...इसके बाद मृतक टीआई का शव उनके परिजनों को सौंपकर गृहनगर सागर रवाना कर दिया...जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा...टीआई की आत्महत्या को लेकर पुलिस गहनता से जांच कर रही है...
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देवास से एक संवेदनशील मामला सामने आया है...जहां नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान गरीब परिवारों के आशियाने उजाड़ दिए गए...जब निगम का बुलडोज़र इन झुग्गियों को तोड़ रहा था, तब परिवार खाना खा रहे थे...घटना ने संवेदनशीलता और प्रशासन की कार्रवाई पर नई बहस छेड़ दी है... देवास शहर के उज्जैन रोड ब्रिज के नीचे और मुख्य मार्ग के पास की कई झुग्गी-झोपड़ियों को नगर निगम ने अवैध कब्जे के नाम पर तोड़ दिया...पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई नोटिस नहीं दिया गया था और ना ही उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई... वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि ये कब्जे अवैध थे और पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था...इस कार्रवाई के बाद अब सवाल उठता है कि ये गरीब परिवार अब कहां रहेंगे...
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सिंगरौली में उस वक़्त हड़कंप मच गया जब एक 18 साल का स्कूल छात्र बिजली के पोल पर चढ़ गया और आत्महत्या कर लेने की धमकी देने लगा...ये देखकर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया...यातायात पुलिस की कार्रवाई से नाराज होकर छात्र ने गुस्से में ये कदम उठाया सिंगरौली के जयंत चौकी क्षेत्र मुख्य मार्ग पर उस वक़्त हड़कंप मच गया जब...एक स्कूल छात्र बिजली के पोल में चढ़कर आत्महत्या की धमकी देने लगा... बताया जा रहा है की छात्र अपने भाई के साथ बाइक से स्कूल परीक्षा देने जा रहा था.... जब पुलिस ने उसे रोककर बाइक के कागज और लाइसेंस माँगा तब छात्र ने बताया कि उसके पास लाइसेंस नहीं है...उसने पुलिस से कहा कि वह सिर्फ परीक्षा देने जा रहा है... लेकिन जब पुलिस ने छात्र की बाइक जब्त कर ली तो वो बिजली के पोल में चढ़कर ड्रामा करने लगा और आत्महत्या की धमकी भी देने लगा ... पुलिस के बार बार समझाने के बाद छात्र पोल से नीचे उतरा
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नैनीताल जिले के लालकुआं कोतवाली में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह नेगी को पदोन्नति मिलने के बाद एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने लालकुआँ पहुँकर उन्हें तीसरा स्टार लगाकर शुभकामनाएं दी… शासन ने प्रदेश भर में 27 उपनिरीक्षकों को पदोन्नत करते हुए इंस्पेक्टर बनाया है जिसके तहत हरेंद्र सिंह नेगी को एसपी सिटी ने तीसरा स्टार लगाकर शुभकामनाएं दी और कहा कि पदोन्नति होना अपने आप में एक गर्व का पल होता है इसलिए उन्होंने कोतवाली पहुंचकर हरेंद्र नेगी को स्टार लगाया..
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सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की गई…हाई कोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने कई बिल्डिंगों और दुकानों को ध्वस्त किया…कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों का विरोध भी सामने आया, लेकिन अभियान निर्विवाद रूप से संपन्न हुआ… सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में हाई कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई की...इस दौरान उपखंड अधिकारी सृजन वर्मा और नगर निगम आयुक्त दया किशन शर्मा के नेतृत्व में कई अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया...अभियान में शहर पुलिस भी तैनात रही...हालांकि, वार्ड पार्षद संतोष उर्फ ददोली साह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को बिल्डिंग परमिशन मिली हुई थी, फिर भी उनके निर्माणों को गिराया गया। इस मुद्दे पर उठे सवालों के बावजूद, अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई निर्विवाद पूरी हो गई....
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फ्लाई ऐश परिवहन करने वाले वाहनों में टू वे कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है ... कैमरे लगाने से इन वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी ... कलेक्टर चन्द्र शेखर शुक्ला कि अध्यक्षता में एनटीपीसी से फ्लाई ऐश का परिवहन करने वाले हाईवा वाहनो के संचालन के संबंध में आवश्यक बैठक आयोजित की गई ... बैठक में कलेक्टर ने सभी विंदुओं पर विस्तृत जानकारी लेने के पश्चात निर्देश दिए गए कि राखड़ का परिवहन करने वाले समस्त वाहनों पर सात दिवस के अंदर टू वे कैमरे लागए जाये ... साथ यह सुनिश्चित किया जाये वाहनों के आगे निर्धारित गति सीमा में एक स्कार्ट वाहन चले ताकि सड़क पर होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को शून्य किया जा सके।कलेक्टर ने निर्देश दिए कि राखड़ परिवहन करने वाले वाहन निर्धारित मार्गो से परिवहन कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यदि वाहनो के द्वारा वैकल्पिक मार्गो का उपयोग किया जाता है तो उन मार्गो पर वन वे ट्राफिक के साथ साथ मार्गो के संभावित स्थलो का चौड़ीकरण कराये जाने के साथ मार्ग पर उचित प्रकाश व्यवस्था भी कराया जाना सुनिश्चित किया जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि वैकल्पिक मार्गो में राखड़ परिवहन करने वाले वाहन दस-दस के कान्वाय के रूप में स्कार्ट वाहन के द्वारा निर्धारित गति सीमा पर वाहन को चलाया जायें तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि वाहन की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घण्टे से अधिक न हो ...
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जबलपुर । जैसे-जैसे मार्च क्लोजिंग आ रही है वैसे-वैसे जबलपुर नगर निगम की वसूली अभियान में तेजी आ रही है। न केवल नागरिकों से बल्कि सरकारी संस्थानों से भी वसूली का क्रम जारी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार काे जबलपुर विकास प्राधिकरण से बकाया रकम वसूली गई। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि आज जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा संपत्तिकर बकाया राशि 68 लाख 33 हजार 2 सौ 90 रुपये का चेक निगम खजाने में जमा किया गया है। इसके लिए संभाग क्रमांक 13 मुख्यालय के राजस्व वसूली टीम के सदस्य अपर आयुक्त अंजू सिंह, राजस्व एवं संभागीय अधिकारी राकेश तिवारी की मेहनत रंग लाई है। टीम के सदस्यों को जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक वैद्य के द्वारा उक्त धनराशि का चेक प्रदान किया गया। टीम के सदस्यों ने एक सप्ताह से बकाया करों की राशि की गणना की और उन्हें अवगत कराया तथा लगातार एक सप्ताह तक उनसे सम्पर्क स्थापित कर आज उक्त धनराशि का चेक निगम खजाने में जमा कराया। जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ दीपक वैद्य के द्वारा धनराशि का चेक प्रदान किया गया।
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ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मामले में लेकर एक नया मोड़ सामने आया है...उच्च न्यायालय ने सिंगल बेंच के आदेश को पलटते हुए कलेक्टर सिंगरौली द्वारा जारी कुर्की आदेश को निरस्त कर दिया...इस फैसले से कई लाभार्थियों को राहत मिली है... चित्रसेन और उनके रिश्तेदार दुर्गाशंकर के बीच भूमि मुआवजे को लेकर विवाद था, जिसके बाद सिंगल बेंच के आदेश पर कलेक्टर ने कुर्की का आदेश जारी किया गया था...लेकिन डबल बेंच के न्यायाधीशों ने इसे निरस्त करते हुए मामला उचित प्राधिकरण को सौंपने का निर्देश दिया... बेंच के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कई प्रभावित लोगों को राहत मिली...
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परासिया विधानसभा में कोसमी सिद्ध मंदिर प्राचीन काल से हनुमान जी का मंदिर है...यहां राधेश्याम सिकंदरपुरे लोगों ने जमीन दान दी थी लेकिन अब जमीन के दाम बढ़ने से उनके मन में लालच आ गया और उन्होंने उस पर कब्जा कर लिया जिसका विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध किया है... दानदाताओं के मन में लालच आने से वे मंदिर की खाली जमीन पे अपना अधिकार बताकर कब्जा करने लगे...इस कब्जे को हटाने के लिए कोसमी मंदिर समिति ने बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के साथ sdm पुष्पेंद्र निगम को इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द ऐसे लोगों पर कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की है...परिषद का कहना है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो हिन्दू समाज सड़क पे उतरकर आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होंगी....
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भोपाल । मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय और श्रम कार्य के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब परिवारों को नगरीय एवं आवास विभाग द्वारा रियायती दर मात्र 5 रुपये में थाली उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में संचालित दीनदयाल रसोई योजना का 3 चरणों में विस्तार किया गया है। योजना में अब तक 4 करोड़ से अधिक भोजन थाली जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा चुकी है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 124 नगरीय निकायों में 191 रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इनमें 166 स्थायी और 25 चलित रसोई केन्द्रों से शहरी जरूरतमंदों को भोजन थाली उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के 16 नगर निगमों में 58 स्थायी रसोई केन्द्र, 99 नगरपालिका परिषद में 99 स्थायी रसोई केन्द्र और 9 नगर परिषदों में 9 स्थायी रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में संचालित 25 चलित रसोई केन्द्र में से 16 नगर निगमों में 23 चलित रसोई केन्द्र और 2 नगरपालिका परिषद में 2 चलित रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। नगरीय निकायों में चलित रसोई केन्द्र की सुविधा इसलिये प्रारंभ की गई है कि जरूरतमंदों को उनके श्रम स्थान पर पहुंचकर ही भोजन थाली उपलब्ध कराई जा सके।संस्था को दी जाने वाली अनुदान राशिनगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा रसोई योजना संचालित करने वाली संस्था को विभाग द्वारा प्रति थाली 10 रुपये अनुदान राशि उपलब्ध करायी जा रही है। रसोई योजना का संचालन प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रसोई केन्द्र में स्वच्छता के साथ किये जाने की व्यवस्था की गयी है। व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी नगरीय निकायों के अमले को सौंपी गयी है। शहरी क्षेत्र में 25 चलित रसोई केन्द्रों के लिये सुसज्जित वाहन विभाग द्वारा नगरीय निकायों को दिये गये हैं। प्रदेश के 6 धार्मिक नगरों मैहर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा और अमरकंटक में भी रसोई केन्द्र की व्यवस्था की गयी है। इन धार्मिक नगरों में बड़ी संख्या में निर्धन वर्ग के श्रद्धालु इन स्थानों पर पहुंचते हैं। विभाग द्वारा योजना के विस्तार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
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भोपाल । आगामी 8 मार्च, शनिवार को नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को आपसी समझौतो से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रकरणों में ही छूट दी जाएगी।प्रि-लिटिगेशन स्तर परकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।लिटिगेशन स्तर परकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगीआवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता व उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन व संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी व अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी व अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत व अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता व उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि 10 लाख रूपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 8 मार्च 2025 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।
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टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने दुबई में हुए प्रैक्टिस सेशन में भाग नहीं लिया, हालांकि वह टीम के साथ मैदान पर मौजूद रहे। वहीं, वाइस कैप्टन शुभमन गिल की तबियत ठीक नहीं होने के कारण ग्राउंड पर नहीं आए। हालांकि, टीम इंडिया की ओर से रोहित और गिल को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में आखिरी लीग मैच रविवार यानी 2 मार्च को दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में खेलना है। टीम इंडिया ने बुधवार रात को ICC अकादमी में फ्लड लाइट में तीन घंटे अभ्यास किया। विराट कोहली ने नेट्स में जमकर प्रैक्टिस की, वहीं मोहम्मद शमी भी पूरी लय में गेंदबाजी करते नजर आए। रोहित शर्मा को 23 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए दूसरे लीग मैच में चोट लग गई थी। रोहित प्रैक्टिस सेशन के दौरान बाहर से अन्य खिलाड़ियों को बल्लेबाजी करते हुए देखते रहे। ऐसा माना जा रहा है कि वह सावधानी बरत रहे हैं, ताकि 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के तीसरे लीग मैच से पहले उनकी चोट और न बढ़ जाए। साथ ही वे 4 मार्च को सेमीफाइनल में खेल सकें। अगर भारत फाइनल में पहुंचता है तो इसमें भी खेल सकें।
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जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, "किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।"
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संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ हैं। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और नाक से सूंघते हैं। संक्षेप में रूप, रस, गंध, ध्वनि और स्वाद ही संसार समझने के उपकरण हैं। मन को इनका स्वामी बताया गया है। दृश्य पर मन न लगे तो देखना व्यर्थ हो जाता है। गीत-संगीत में मन न लगे तो सुनना बेकार। यही बात सभी इन्द्रियों पर लागू होती है। पढ़ता-सुनता आया हूँ कि इन्द्रियों से प्राप्त सूचना मस्तिष्क तक जाती है। मस्तिष्क निर्णय लेता है। मस्तिष्क में लाखों कोष हैं। इसमें अध्ययन-अनुभव के संग्रह हैं। प्रकृति सुंदर संरचना है। इसके रहस्य जटिल हैं। मनुष्य की आंतरिक संरचना और भी जटिल है। मैं विद्यार्थी की तरह सत्य जानने का प्रयास करता हूँ लेकिन निष्कर्षों के प्रति संशय बना रहता है। जीवन की लम्बाई व गहराई से अनुभव बढ़े हैं। लोभ घटे हैं। यश-लिप्सा बढ़ी है। राग बढ़ा है। द्वेष घटा है। क्या इसका कारण अनुभूतियाँ हैं? इसपर संशय है। मैं इस संशय का कारण जानना चाहता हूँ। प्रत्येक कार्य का कारण होता है। संशय का भी कारण होना चाहिए। संशय के कारण अनेक हैं लेकिन मुख्य कारण सत्य के अनुसंधान में संशय का सदुपयोग करना है। संभवतः बढ़ी उम्र के कारण जीवन-वीणा के सुर गहन हुए हैं। गीत-संगीत आकर्षित करते हैं। संसार के प्रति आसक्ति घटी है। सुखद स्मृतियाँ न सोने देती हैं, न जागने। मन ही मन अपनी ही वाह-वाह करते हैं। कुछ मित्र हमारे लेख की प्रशंसा करते हैं। हम आनंदित होते हैं। इस लिप्सा का कारण समझ में नहीं आता। लाखों बार छपने के बाद भी यह तृष्णा वैसी ही क्यों है? मैं संशयी हूँ। अपना मत प्रसारित करने की इच्छा सब लोगों में होती है। रेने डेकार्ट (1596-1650) प्रतिष्ठित बुद्धिवादी दार्शनिक थे। वे इन्द्रियों से प्राप्त अनुभव को वास्तविक ज्ञान नहीं मानते थे। उनके मतानुसार वास्तविक ज्ञान बुद्धि-प्रत्ययों (कंसेप्ट) से ही संभव है। मनुष्य की बुद्धि को कुछ सत्यों की जानकारी जन्म के साथ ही मिलती है। ऐसा कम या ज्यादा सभी मनुष्यों में होता है। जनचर्चा में इसे गॉड-गिफ्टेड कहा जाता है। डेकार्ट दर्शन में प्रभुत्व और परंपरा के विरोधी थे। उन्होंने दो धारणाओं की स्थापना की। पहली धारणा के अनुसार ”बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान प्राप्त करने की अपूर्व क्षमता” है। दूसरी धारणा के अनुसार ”मनुष्य की बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान को अयथार्थ से पृथक करने की कसौटी” भी है। उन्होंने बुद्धि की इन दोनों क्षमताओं को ”बुद्धि का स्वाभाविक प्रकाश” कहा है। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि के दो कार्य हैं। उन्होंने पहले को ‘इन्ट्यूशन‘ कहा है। प्रयाग विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जगदीश श्रीवास्तव ने ‘इनट्यूशन‘ को हिन्दी में प्रतिभान कहा है। यह शब्द उचित भी है। भान आंतरिक अनुभव से प्राप्त ज्ञान है। उन्होंने प्रातिभान की परिभाषा भी की है, ”प्रतिभान से हमारा तात्पर्य इन्द्रियों के अस्थिर साक्ष्य से नहीं है और भ्रामक निर्णय से भी नहीं। प्रतिभान-धारणा विशुद्ध और सजग बुद्धि से प्राप्त होती है। तब संशय या अनिश्चितता नहीं रह जाती।” उन्होंने बुद्धि का दूसरा कार्य निगमन बताया है। बुद्धि द्वारा किसी विषय पर खण्डशः विचार-निगमन होता है। यह शुद्ध बुद्धि से ही संभव है। बुद्धि विभिन्न कारणों से दोषपूर्ण भी हो सकती है। अंधविश्वास में बुद्धि शुद्ध नहीं रहती, तब बुद्धि निगमन का कार्य नहीं कर पाती। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि को शुद्ध रखना, भ्रमों और पूर्वाग्रहों से मुक्त रखना निगमन के लिए आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने ‘सुव्यवस्थित‘ संशय की जरूरत बताई है कि ”हमें अपने सभी मतों पर तब तक संशय करना चाहिए जब तक हम उनकी प्रामाणिकता के प्रति आश्वस्त न हों।” डेकार्ट का ‘संशय‘ ज्ञान का साधन है। ब्रिटिश दार्शनिक फ्रांसिस बेकन ने भी चिंतन को पूर्वाग्रहों से मुक्त रखने का विचार दिया है। अब मेरे मन में अपने संशय को लेकर भी संशय है कि विद्यार्थी-जीवन में ही मेरे चित्त में संशय का जन्म क्यों हुआ था? पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवाद है। भारतीय चिंतन में बुद्धि की महत्ता है। यहाँ बुद्धि, साध्य नहीं है, ज्ञान-प्राप्ति का साधन है। गीता (2.39) में श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते हैं, ”मैंने सांख्य (दर्शन) के अनुसार ज्ञान का विवेचन किया है, अब बुद्धि-योग बताता हूँ। सुनो। ऐसे ज्ञान से तुम कर्म बंधन से मुक्त हो जाओगे।” इस श्लोक में सांख्य का अर्थ ज्ञान-प्राप्ति की विश्लेषण पद्धति है। गीता का बुद्धियोग, डेकार्ट, स्पिनोजा आदि दार्शनिकों के बुद्धिवाद से उच्चतर है। गीता (10.10) में प्रसंग भक्ति का है। भक्ति में आस्था और विश्वास अपरिहार्य है। माना जाता है कि भक्ति की पूर्णता में आराध्य ईश्वर या भगवान की प्राप्ति संभव है। लेकिन गीता के इस श्लोक में प्रीतिपूर्वक सतत् भक्ति करने वाले को बुद्धि-योग की प्राप्ति होती है। ”सतत् युक्तानां भजतां प्रीतिपूर्वम्।” यह श्लोक काफी रोचक है। यहाँ भक्ति का परिणाम भगवान का दर्शन नहीं, बुद्धि-योग है और बुद्धि-योग की यात्रा में तर्क-संशय की उपयोगिता है। प्रकृति को ध्यान से देखने का अपना आनंद है लेकिन देखने और दर्शन करने में आधारभूत अंतर है। देखने का सामान्य उपकरण आँखें हैं। हम आँख से देखने के साथ सुनना, सूँघना, स्पर्श और स्वाद भी जोड़ सकते हैं लेकिन दर्शन में ज्ञान-मीमांसा है, बुद्धि है। सोच-विचार की आगमन-निगमन-प्रणाली है। विवेचन है। तर्क-पद्धति है। अनुभवों से प्राप्त सत्य है और तथ्य भी है। विज्ञान द्वारा खोजे गए सूत्र व आविष्कार हैं। वैज्ञानिक सत्य प्रयोगसिद्ध भी हैं। दर्शन और विज्ञान, जिज्ञासा और तर्क को महत्व देते हैं। भारत में तीर्थ-यात्राएँ होती हैं। मंदिर और मूर्तियों के दर्शन की परंपरा है। हम मूर्ति और मंदिर देखते हैं लेकिन इस आस्तिक कर्म को दर्शन करना कहते हैं। मूर्ति को देखने और दर्शन करने में अंतर है। देखने में मूर्ति पत्थर या धातु है। लेकिन मूर्ति के भीतर देव का दर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान के पास ऐसी आस्तिकता का औचित्य नहीं है। दर्शन में भी इसका उत्तर नहीं है। यह भक्तिभाव का प्रभाव है और यह प्रभाव कमजोर नहीं होता। कमजोर होता तो प्रभावित कैसे करता? संशयी विद्यार्थी ऐसे प्रभावों का भी विवेचन करते हैं। बुद्धि, ज्ञान का उपकरण है। बुद्धि के प्रयोग में समग्र दृष्टि का ही उपयोग है। ज्ञान-प्राप्ति के लिए अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि जरूरी है। कुशाग्र का अर्थ कुश का अग्र या नुकीला भाग होता है। खंडित बुद्धि संसार को खण्डित, विभाजित देखती है। अखण्ड बुद्धि से प्राप्त ज्ञान भी अखण्ड होता है। अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि के लिए गीता (2.41) में ‘व्यवसायात्मिका‘ और खण्डित बुद्धि के लिए ‘अव्यावसायिक‘ शब्द प्रयोग हुआ है, ”व्यवसाय-आत्मिक बुद्धि है। संसार में अनेक रूप हैं लेकिन अस्तित्व एक अखण्ड है। कुछ लोग रूपों में विभाजित अस्तित्व को विभक्त देखते हैं और शुद्ध बुद्धि वाले विभाजित प्रतीत होने वाले अस्तित्व को अखण्ड अविभाजित देखते हैं। गीता में अविभाजित देखने वाले को सही बताया गया है-यः पश्यति, सः पश्यति।
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ऊर्जा मंत्रालय के अधीनस्थ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा ऊर्जा दक्षता तथा संरक्षण में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रतिवर्ष 14 दिसम्बर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का आयोजन विशेष थीम के साथ किया जाता है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की इस वर्ष की थीम है ‘स्थायित्व को बढ़ावा देना: हर वाट मायने रखता है।’ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा वर्ष 2001 में देश में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था। दरअसल, दुनियाभर में पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और उसी के अनुरूप ऊर्जा की खपत भी निरन्तर बढ़ रही है लेकिन दूसरी ओर जिस तेजी से ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, उससे भविष्य में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है। अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। यही कारण है कि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाने के लिए विश्वभर में ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देते हुए इसके प्रतिस्थापन के लिए अन्य संसाधनों को विकसित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऊर्जा के अपव्यय को कम करने, ऊर्जा बचाने और इसके संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही देश में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस प्रतिवर्ष एक खास विषय के साथ कुछ लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को मद्देनजर रखते हुए लोगों के बीच इन्हें अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए मनाया जाता है। वास्तव में इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को न्यूनतम करते हुए लोगों को मानवता के सुखद भविष्य के लिए ऊर्जा की बचत के लिए प्रेरित करना ही है। विद्युत मंत्रालय द्वारा देश में ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू किया गया ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान’ एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान है। देश में ऊर्जा संरक्षण तथा कुशलता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1977 में केन्द्र सरकार द्वारा पैट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन का गठन किया गया था। ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में आम जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2001 में एक अन्य संगठन ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ स्थापित किया गया। ब्यूरो का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाकर अपने घर अथवा कार्यालय में लाइट, पंखे, हीटर, कूलर, एसी तथा बिजली के अन्य किसी भी उपकरण के अनावश्यक उपयोग पर नियंत्रण करते हुए ऊर्जा की बचत कर सकता है। कुछ छोटे उपायों का उल्लेख किया जाए तो पुराने बल्वों के स्थान पर सीएफएल या एलईडी बल्वों का इस्तेमाल किया जाए। आईएसआई चिन्हित विद्युत उपकरणों का ही उपयोग करें। यथासंभव दिन के समय सूर्य की रोशनी का अधिकतम उपयोग किया जाए और जरूरत न होने पर लाइटें, पंखे, कूलर, एसी, हीटर, गीजर इत्यादि विद्युत उपकरण बंद रखें। खाना पकाने के लिए बिजली के उपकरणों के बजाय सोलर कुकर और पानी गर्म करने के लिए बिजली के गीजर के बजाय सोलर वाटर हीटर के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। भवन निर्माण के समय प्लाट के चारों ओर वृक्ष लगाए जाएं तो प्रचण्ड गर्मी में भी भवन गर्म होने से बचेंगे और कूलर, एसी इत्यादि की जरूरत कम होगी। मकानों या कार्यालयों में दीवारों पर हल्के रंगों के प्रयोग से कम रोशनी वाले बल्बों से भी कमरे में पर्याप्त रोशनी हो सकती है। इससे न केवल ऊर्जा संरक्षण अभियान में सहभागी बनकर हम भविष्य के लिए ऊर्जा बचाने में मददगार बनेंगे बल्कि अपना बिजली बिल भी सीमित रख सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर सौर लाइटों की व्यवस्था होनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार कार्यस्थल पर दिन के समय प्राकृतिक रोशनी में कार्य करने वाले लोगों की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है और ऊर्जा की खपत में अपेक्षित कमी आती है। वहीं, तेज कृत्रिम रोशनी वाले स्थानों पर काम करने से कर्मियों में तनाव, सिरदर्द, रक्तचाप, थकान जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं और उनकी कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऑफिस में यदि पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का व्यवस्था हो तो इससे ऊर्जा संरक्षण होने के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। प्रतिवर्ष देश में हजारों गैलन पानी बर्बाद होता है, इसलिए ऊर्जा संरक्षण की बात करते समय जल की बर्बादी को रोकने पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना भी बेहद जरूरी है। न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष बिजली जैसी ऊर्जा की महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करने के लिए सीमित प्राकृतिक संसाधन हैं, साथ ही पर्यावरण असंतुलन और विस्थापन जैसी गंभीर चुनौतियां भी हैं। ऐसी गंभीर समस्याओं और चुनौतियों से निपटने के लिए अक्षय ऊर्जा ऐसा बेहतरीन विकल्प है, जो पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के साथ-साथ ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में भी कारगर साबित होगा लेकिन ऊर्जा के संसाधन गैर-अक्षय हों या अक्षय, हमें अपने जीवन में ऊर्जा के महत्व को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक होना ही होगा।
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देश में दवाओं की कीमत सरकार नहीं डॉक्टर खुद तय कर रहे हैं। डॉक्टर अपने मुताबिक ब्रांड बनवाते हैं, कीमतें फिक्स करते हैं। 38 रुपए की दवा की एमआरपी 1200 रुपए कर दी जा रही है। यह महज उदाहरण है, तमाम दवाइयों में ऐसा किया जा रहा है। एक्सपर्ट मानते हैं कि 20 साल में 40 हजार करोड़ से दवा का कारोबार 2 लाख करोड़ के करीब पहुँच गया है। इसका बड़ा कारण वह एमआरपी में बड़े खेल को मानते हैं। 2005 से 2009 तक 50 प्रतिशत एमआरपी पर दवाएँ बिक रही थी। अगर 1200 रुपए की एमआरपी है तो डीलर को 600 रुपए में दी जाती थी। अब डॉक्टर अपने हिसाब से एमआरपी तय करवा रहे हैं। जबकि नियमों के अनुसार दवाओं की कीमतें डॉक्टर नहीं बल्कि दवा बनाने वाली कंपनियाँ तय करती हैं। दवाओं के रेट तय करने में कई कारक शामिल होते हैं। दवाओं पर व्यापारियों को खासा मुनाफा होता है। ब्रांडेड दवाओं पर रिटेलर ज्यादा से ज्यादा 20-25 प्रतिशत तक की छूट देते हैं। जेनेरिक दवाओं पर 50-70 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। जेनेरिक दवाएँ सस्ती होती हैं क्योंकि उन्हें महंगी जांचों से नहीं गुजरना पड़ता। दवा खरीदते समय, दवा के रैपर पर क्यूआर कोड होना चाहिए। दवा के रैपर पर क्यूआर कोड से दवा का नाम, ब्रैंड का नाम, मैन्युफैक्चरर की जानकारी, मैन्युफैक्चरिंग की तारीख और एक्सपायरी की तारीख मिलती है। दवाओं या उनके अवयवों के बारे में जानकारी के लिए डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछा जा सकता है। मगर जो दवाएँ सरकार के कंट्रोल से बाहर हैं, उनमें मनमानी दवा की क्वालिटी और एमआरपी की निगरानी के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइस अथॉरिटी काम करती है। सरकार ड्रग्स प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के माध्यम से दवा की एमआरपी पर नियंत्रण रखती है। आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं के लिए अधिकतम मूल्य निर्धारित करने के साथ डीपीसीओ की जिम्मेदारी मरीजों के लिए दवाएँ सस्ती और सुलभ कराने की भी है। सरकार जिन दवा को डीपीसीओ के अंतर्गत लाती है, उनकी एमआरपी तो कंट्रोल में होती है लेकिन सैकड़ों फॉर्मूले की दवाएँ आज भी सरकार के कंट्रोल से बाहर हैं, जिसकी एमआरपी में मनमानी चल रही है। दवाओं की कीमतों में इजाफे को लेकर सरकार की गाइडलाइन है कि एक साल में 10 प्रतिशत ही एमआरपी बढ़ाई जा सकती है। लेकिन कंपनियाँ प्रोडक्ट्स का नाम बदल कर हर साल डॉक्टरों की डिमांड वाली एमआरपी बना रही हैं। कंपनियाँ अलग डिवीजन और ब्रांड बदल कर एमआरपी अपने हिसाब से फिक्स कर देती हैं। फार्मा फैक्ट्रियों से ही देश में दवाएँ सप्लाई की जाती हैं। कंपनियों और डॉक्टरों के इस खेल में कंपनियाँ अपने मुनाफे के लिए नियमों को ताक पर रखकर डॉक्टरों के हिसाब से न सिर्फ दवाएँ बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं, बल्कि मनमानी कीमत तय कर देती हैं। तभी तो देशभर में डॉक्टर और हॉस्पिटल खुद अपनी दवाएँ बनवा रहे हैं और मनमाफिक मूल्य पर बेच रहे हैं। डॉक्टर और हॉस्पिटल खुद अपनी दवाएँ बनवा रहे हैं और माइक्रो पायलट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे ही एक्सपायरी निर्धारित होती है। अगर दवा में माइक्रो पायलट की क्वालिटी थोड़ी डाउन कर दी जाए तो मार्जिन बढ़ जाएगा लेकिन एक्सपायरी का समय कम हो जाएगा। इसके पीछे कारण यह कि मटेरियल और एक्सपायरी को लेकर सरकार की कोई गाइडलाइन नहीं है। एक्सपायरी की डेट भी कंपनियाँ तय करती हैं। सरकार के कंट्रोल में जो दवाएँ हैं, इसे लेकर थोड़ी सख्ती है। बाकी मेडिसिन पर कोई खास निगरानी नहीं है। ये गंभीर विषय है कि दवा का निर्माण, आयात या बिक्री करने वाली कंपनियाँ ही दवा की कीमतें निर्धारित करती हैं। नियमों में कहा गया है कि केवल प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा और ओवर-द-काउंटर दवा के प्रकार जो केवल फार्मेसियों में बेचे जा सकते हैं, उन्हें सभी फार्मेसियों में बिल्कुल एक ही कीमत पर बेचा जाना चाहिए। इसलिए क्योंकि दवाओं की कीमतें फार्मेसियों के बीच उतार-चढ़ाव नहीं करती हैं, जिसका अर्थ है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपना प्रिस्क्रिप्शन भरने के लिए किस फार्मेसी को चुनते हैं। यही नहीं, दवा बनाने वाली कंपनियों पर ये नियम सख्ती से लागू किये जाएं कि वह हर साल्ट का मूल्य भारत सरकार के नियमानुसार एक जैसा निर्धारित करे, चाहे ब्रांड कोई भी हो। मूल्य ब्रांड पर न होकर साल्ट पर हो ताकि डॉक्टरों और कंपनियों के काले धंधे पर लगाम लगे और मरीज को 300 रुपये का इंजेक्शन बारह सौ में न खरीदना पड़े। हर्बल दवाइयों और ओवर-द-काउंटर दवाइयों के प्रकार जो फार्मेसी के अलावा सुपरमार्केट और कियोस्क जैसी अन्य दुकानों में बेची जा सकती हैं, उनकी भी कीमतों में बदलाव की अनुमति सरकार की तरफ से हो। ये कीमतें पूरी तरह स्टोर द्वारा निर्धारित की जाती हैं इसलिए ग्राहक को एक स्टोर से दूसरे स्टोर में कीमतों में अंतर का अनुभव होता है।
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वैसे तो इस दौर में पूरी युवा पीढ़ी ही भयावह मानसिक व्याधि से विचलित है, इनमें विशेषत: छात्र विचलन गंभीर चिंता का विषय है। हमारे देश में प्रति 100 में 15 से अधिक छात्र अवसाद, चिंता और आत्मघात से पीड़ित पाए जा रहे हैं। कठिन प्रतिस्पर्धा और पढ़ाई-लिखाई में अनुशासन आदि को लेकर तनाव बढ़ रहा है, उससे न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लोगों बल्कि पूरे समाज की चिंता बढ़ती गई है। पारिवारिक दबाव, शैक्षिक तनाव और पढ़ाई में अव्वल आने की महत्वाकांक्षा ने छात्रों के एक बड़े वर्ग को गहरे मानसिक अवसाद में डाल दिया है। अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा नही उतर पाने वाले, परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले बच्चों को घर पर पिटना पड़ता है। परीक्षा और नतीजों के दबाव में छात्रों की आत्महत्याएँ आम होती जा रही हैं। छात्र आत्महत्याओं में बेतहाशा वृद्धि के पीछे मानसिक तनाव सबसे आम कारक बन चुका है। तनावग्रस्त छात्रों की आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ रहा है। जैसे-जैसे परीक्षा के दिन निकट आते हैं, छात्रों का तनाव हद से गुजरने लगता है। पूरी युवा पीढ़ी का परीक्षा के दिनों में ऐसे हालात से दो-चार होना देश और समाज, अभिभावकों और शिक्षाविदों, सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। शिक्षा क्षेत्र में दशकों से व्याप्त कई बुनियादी गंभीर समस्याओं और चुनौतियों पर अभी तक पार पाने में कामयाबी नहीं मिली है।व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को अनिवार्य कर दिए जाने के बाद से छात्रों को प्रतिस्पर्धा करने और प्रदर्शन करने के लिए भारी तनाव का सामना करना पड़ता है। प्रदर्शन के दबाव को संभालने, माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करने और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में असमर्थता मनोवैज्ञानिक संकट और बाद में अवसाद का कारण बन सकती है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अकादमिक उत्कृष्टता की निरंतर खोज ने अनजाने में छात्रों के बीच तीव्र दबाव और प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा कर दिया है। शैक्षणिक उपलब्धियों पर अत्यधिक ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक अपेक्षाओं और असफलता के डर ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसने चिंता, अवसाद और तनाव की वृद्धि में योगदान दिया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कई बार छात्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने का लगातार दबाव रहता है। वे अपनी तुलना दूसरों से करते हैं। यह अंतर्निहित दबाव मानसिक परेशानी के विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है, जिसमें चिंता, विफलता का डर और कम आत्मसम्मान शामिल है। गंभीर मामलों में, मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएँ आत्म-नुकसान का कारण बन सकती हैं और यहाँ तक कि आत्महत्या के प्रयासों के विचार को भी जन्म दे सकती हैं।प्रतियोगी पाठ्यक्रम के भारी-भरकम बोझ से बच्चों का मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है। इससे बच्चों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बच्चों के जीवन में तनाव के पौध की बड़ी वजह यह भी है कि लंबे समय तक स्कूल के घंटों के बाद बच्चे घर लौटते ही होमवर्क निपटाने में जुट जाते हैं। इसके बाद ट्यूशन के लिए दौड़ पड़ते हैं। खाना-पीना, सोना, खेलकूद, सब हराम हो जाता है। आराम करने और अन्य पाठ्येतर गतिविधियाँ करने का उन्हें समय ही नहीं मिलता है। ऐसे में छात्रों के लिए कम नींद और अवसाद की स्थिति या गंभीर तनाव का सबब बनी रहती है। वर्तमान प्रतियोगी दौर में छात्रों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। परीक्षा केंद्रित शिक्षा से भारत में छात्रों की आत्महत्याओं में अंक, अध्ययन और प्रदर्शन के दबाव के साथ अकादमिक उत्कृष्टता की तुलना करना इस अवसाद के पीछे महत्त्वपूर्ण कारक हैं। भारत में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे किसी भी छात्र के साथ एक साधारण साक्षात्कार, चाहे वह जेईई, एनईईटी या सीएलएटी हो, यह प्रकट करेगा कि छात्रों के बीच मानसिक संकट का प्रमुख स्रोत उन पर दबाव की असहनीय मात्रा है जो लगभग हर एक द्वारा डाला जाता है। हर शिक्षक, हर रिश्तेदार कठिन अध्ययन और एक अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाने के महत्त्व को दोहराते हैं। जबकि छात्र स्नातक होने के बाद क्या करने की आकांक्षा रखता है या जहाँ उसकी रुचियाँ हैं, उसके बारे में सहज पूछताछ बहुत कम की जाती है।इन सभी परीक्षाओं की अत्यधिक जटिल प्रकृति (सभी नहीं) का अनिवार्य रूप से मतलब है कि उन्हें पास करने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों को प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटरों में दाखिला दिलाने का सपना पूरा करना होगा, इससे छात्र के लिए एक से अधिक तरीकों से समस्या बढ़ जाती है क्योंकि वह कोचिंग पर माता-पिता द्वारा खर्च किए गए पैसे को चुकाने के लिए अब परीक्षा को पास करने का दबाव बढ़ गया है और उसे कोचिंग संस्थान के अतिरिक्त दबावों का भी सामना करना पड़ता है। जब तक देश की परीक्षा संस्कृति से इस कुत्सित व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जाता है, तब तक छात्रों में आत्महत्या की दर को रोकने के मामले में कोई प्रत्यक्ष परिवर्तन नहीं देखा जाएगा। सरकार को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए, अगर वास्तव में हम सोचते है कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। जबरन करियर विकल्प देने से कई छात्र बहुत अधिक मात्रा में दबाव के आगे झुक जाते हैं, खासकर उनके परिवार और शिक्षकों से उनके करियर विकल्पों और पढ़ाई के मामले में। शैक्षिक संस्थानों से समर्थन की कमी के चलते बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए सुसज्जित नहीं है और मार्गदर्शन और परामर्श के लिए केंद्रों और प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी है।ऐसे कठिन दौर में आज छात्रों में आत्महत्या की प्रकृति और प्रवृत्ति का नए सिरे से अध्ययन करने की भी बहुत जरूरत है, क्योंकि देश की पूरी युवा बौद्धिक संपदा दांव पर लगी हुई है, जिसके दूरगामी गंभीर नतीजे पूरे राष्ट्र के माथे पर गहरा शिकन ला सकते हैं। युवाओं के कंधे पर स्थापित विकासशील प्रगति का पूरा ढांचा ही भरभरा कर गिर सकता है। छात्रों को इसे चुनौती के रूप में लेते हुए पूरी क्षमता के साथ इसका सामना करना चाहिए। परीक्षा जीवन-मृत्यु का प्रश्न नहीं है। परीक्षा परिणामों को जीवन का अंतिम आधार न मानकर अपनी सफलता की राह स्वयं बनानी होती है। बिना श्रम के जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती। अभिभावकों को यह समझना है कि उन्हें अपने बच्चों के साथ कैसा बर्ताव करना है। छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की बढ़ती व्यापकता से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें व्यक्ति, संस्थान और समग्र रूप से समाज शामिल हो। सफलता को फिर से परिभाषित करना और छात्रों को अपने जुनून और रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। केवल शैक्षणिक उपलब्धियों पर आधारित सफलता की संकीर्ण परिभाषा से आगे बढ़ने से छात्रों को अपनी अद्वितीय प्रतिभा का पता लगाने और अपने चुने हुए रास्ते में पूर्णता पाने का मौका मिलता है।आत्महत्या के जोखिम कारकों को कम करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना और परीक्षा के नवीन तरीकों को अपनाया जाना चाहिए। छात्रों की सराहना करने की आवश्यकता है और यह बदलना महत्त्वपूर्ण है कि भारतीय समाज शिक्षा को कैसे देखता है। प्रयासों का उत्सव होना चाहिए न कि अंकों का। छात्रों की चिंताओं, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को दूर करने के लिए सभी स्कूलों/कॉलेजों/कोचिंग केंद्रों में प्रभावी परामर्श केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए। बढ़ते संकट को दूर करने के लिए अतीत की विफलताओं से सीखना और छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, संस्थानों और नीति निर्माताओं सभी हितधारकों को शामिल करने वाले तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
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देश में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ का आज 17 संस्करण मनाया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण दिवस की शुरुआत केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सन-2008 से हुई। इसी दिन यानी 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने पहली बार बतौर प्रधानमंत्री कार्यभार संभाला था। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पूरे भारत में विभिन्न स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें ‘सेव द गर्ल चाइल्ड’, ‘चाइल्ड सेक्स रेशियो’ व ‘चाइल्ड क्राइम प्रोटेक्शन’ अभियानों के अलावा बालिकाओं के स्वास्थ्य और उन्हें सुरक्षित वातावरण देने सहित तमाम तरह की जागरूकता मुहिम चलाई जाती है। इसमें सामाजिक और सरकारी संस्थानों की भागीदारी होती है।अफसोस, ऐसी तमाम कोशिशों के बावजूद बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले जुल्म और अपराध कम नहीं हो रहे। किशोरियों की तस्करी सबसे बड़ा चिंता का विषय है। कई राज्यों में बच्चियां अपने घरों में बंदिशों की बेड़ियों में जकड़ी हुई हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र में आंकड़ा पेश कर बताया कि पूरे देश में अभी लाखों की संख्या में बच्चियों को उनके अभिभावक स्कूलों में नहीं भेजते। ये हाल तब है जब बच्चियों की शिक्षा पर केंद्र व राज्य सरकारें सजगता से लगी हुई हैं। यहां सरकारों को दोष नहीं दे सकते। बच्चियों से जुड़ी मौजूदा समय की सबसे विकराल समस्या ‘बाल तस्करी’ ही है। इस विकट समस्या का कैसे समाधान हो, इसे लेकर जनमानस कैसे जागरूक हों आदि विषय को ध्यान में रखकर ही सालाना 24 जनवरी को पूरे भारत में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया जाता है।बेटियों के सम्मान में केंद्र सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा जबरदस्त सफल रहा है। इससे बालिका लिंगानुपात में भी इजाफा हुआ है। 2014 में बेटियों के जन्मानुपात का आंकड़ा 918 था, तो वहीं 2022-23 में 15 अंकों की छलांग लगाकर ये आंकड़ा 933 तक जा पहुंचा। इस आंकड़े में हरियाणा अभी भी पिछड़ा हुआ है। देश की तरक्की में बेटियों को उड़ने की आजादी मिलनी चाहिए। उनकी शिक्षा-दीक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़नी चाहिए। हालांकि किशोरियों के लिए जबसे माहौल बदला है, उन्होंने अपनी काबीलियत साबित कर दी है। रक्षा से लेकर खेल तक कोई ऐसा क्षेत्र नहीं हैं जहां बेटियां परचम न फहरा रही हों। लड़कियों के प्रति रुढ़िवादी सोच से लोग अब किनारा करने लगे हैं। कुछ लोग जो इस सोच से बाहर नहीं निकल रहे, वे अपनी लड़की को उनके अधिकारों से वंचित रखते हैं, इससे उनका करियर बन ही नहीं पाता। बच्चियों के भविष्य को अंधकार में धकेलने में परिवारों की भी बड़ी भूमिका होती हैं। परिवार ऐसा न करें, उनको समझाने के लिए ही आज का ये खास दिवस मनाया जाता है।बच्चियों पर जुल्म समाज का सबसे बड़ा कलंक माना जाता है। इस कलंक को मिलकर मिटाना होगा। एनसीआरबी की मानें तो भारत में सालाना हजारों की संख्या में बच्चियां लापता होती हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चियों उम्र महज 8-10 वर्ष होती हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, साल 2019 से 2021 में 13.13 लाख गायब महिलाओं में ज़्यादातर लड़कियां की संख्या रही। वहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार बीते 5 सालों में 2.75 लाख बच्चे गुम हुए जिनमें से 2.12 लाख सिर्फ लड़कियां थीं। लापता बच्चों के मामले में पश्चिम बंगाल अव्वल है जहां साल-2022 में 12,546 लड़कियां गुम हुईं। मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है जहां 11,161 किशोरियां गायब हुईं। बाकी प्रदेशों के हाल भी अच्छे नहीं हैं। इसके अलावा बाल तस्करी, बाल विवाह और नाबालिगों के साथ यौन शोषण की घटनाएं भी कम होने के जगह बढ़ी हैं। इन्हें सामूहिक प्रयासों से रोकना होगा।निश्चित रूप से ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ समूचे भारत में बच्चियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की शिनाख्त कर उन चुनौतियों से जूझने की तरफ ध्यान आकर्षित करता है। हमारी सामाजिक जिम्मेदारी ये बनती है कि बच्चियों के विरुद्ध घटित अपराधों और संभावित खतरों से मुंह नहीं फेरना चाहिए। सबसे पहले बालिकाओं की तस्करी पर अंकुश लगना चाहिए क्योंकि यह किसी भी देश के लिए घोर कलंक जैसा है।
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श्योपुर । रेत से भरे ट्रैक्टर ने एक बाइक सवार युवक को कुचला दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर को लेकर मौके से फरार हो गया। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसका अंत: परीक्षण करवाया और अज्ञात ट्रैक्टर चालक पर मामला दर्ज किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आकाश पुत्र पप्पू आदिवासी उम्र 18 साल निवासी गोवर्धा किसी काम से कराहल आया था। जब वह सोमवार की शाम 5 बजे अपनी बाइक से अपने गांव गोवर्धा जा रहा था, तभी गायत्री माता मंदिर के पास करियादेह तिराहा पर तेज रफ्तार में आ रहा रेत से भरा ट्रैक्टर ने बाइक सवार आकाश आदिवासी को कुचला दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया, जहां अंत: परीक्षण करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इस मामले में कराहल थाना प्रभारी भारत सिंह गुर्जर का कहना है कि, पुलिस ने अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ दुर्घटना का मामला दर्ज कर लिया है और ट्रैक्टर चालक की तलाश शुरू कर दी है।
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राजगढ़ । ब्यावरा नगर के श्रीअंजनीलाल मंदिर धाम पर इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष आयोजन होने जा रहा है। जिसमें 51 हजार रूद्राक्ष से निर्मित 21 फीट ऊंचाई के शिवलिंग का विद्वान पंडितों द्वारा प्रातः रूद्राभिषेक किया जाएगा, साथ ही रात्रि को विशाल भजन संध्या का अयोजन होगा। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन अभिमंत्रित रूद्राक्ष का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट परिवार ने बताया कि श्री अंजनीलाल मंदिर धाम पर महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष आयोजन होने जा रहा है। 26 फरवरी बुधवार को प्रातः 7.30 बजे 51 हजार रूद्राक्ष से निर्मित 21 फीट ऊंचाई के विशाल शिवलिंग का रूद्राभिषेक किया जाएगा। कार्यक्रम की व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार रूद्राभिषेक में आम भक्तजन श्रद्धाभाव के साथ अभिषेक में शामिल हो सकते है, जिसमें किसी को कोई सामग्री लाने की जरूरत नही है और न ही कोई शुल्क अपेक्षित है। आम श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ आयोजन में शामिल होकर रूद्राभिषेक का पुण्य लाभ ले सकता है। इस दिन सायंकाल को विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें प्रख्यात भजन गायक शानू विश्वकर्मा, शाजापुर और बबलू राव, सारंगपुर की टीम द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। अगले दिन गुरूवार 27 तारीख को प्रातः 10 बजे से अभिमंत्रित रूद्राक्ष का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट परिवार ने सभी श्रद्धालुओं से आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का आग्रह किया है।
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ग्वालियर । स्कूली बच्चों को सस्ती दर पर किताबें, यूनीफॉर्म व स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये ग्वालियर में तीन दिवसीय मेला लगाया जायेगा। अगले माह यानि मार्च में लगने जा रहे इस मेले में जिले में संचालित सीबीएसई, आईएसई एवं एमपी बोर्ड से संबद्ध सभी प्रायवेट स्कूलों के पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें व यूनीफार्म उपलब्ध रहेंगीं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में इस मेले की तैयारियां करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी प्रायवेट स्कूलों से उनके पोर्टल पर निर्धारित शुल्क व पाठ्यक्रम अपलोड कराएं। साथ ही पाठ्यक्रम के अनुसार मेले में पुस्तकें लाने के लिये दुकानदारों को सूचित कर दें। उन्होंने मेला की तिथि व आयोजन स्थल जल्द से जल्द निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन, जिला सड़क सुरक्षा व यातायात समितियों की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक सुधार कार्य, हाईरिस्क गर्भवती माताओं के सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था, गौशालाओं की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना, सीएम हैल्पलाइन, स्कूली बच्चों की अपार आईडी बनाने का काम, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी व वेट लैंड सर्वे सहित शासन के अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टी एन सिंह सहित जिले के सभी एसडीएम व विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। हाईरिस्क गर्भवती माताओं को प्रसव से पाँच से छह दिन पहले भर्ती कराएँ कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के चिन्हित अस्पतालों में हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं की जाँच के लिये सुव्यवस्थित ढंग से क्लीनिक संचालित कराएँ। इस दौरान हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं का चिन्हांकन कराएँ। साथ ही उनकी सोनोग्राफी, हीमोग्लोबिन व यूरिन की जाँच भी कराई जाए। ज्ञात हो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह 9 व 25 तारीख को चिन्हित अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 25 फरवरी को जिले के 23 अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक लगेंगे और हाईरिस्क गर्भवती माताओं की नि:शुल्क जाँचें की जायेंगीं। किसानों को बताएँ कि बिना पंजीयन के समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पायेंगे उपज कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों के पंजीयन में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को बतायें कि वे अपना पंजीयन अवश्य करवा लें, यदि पंजीयन नहीं करायेंगे तो मंडी में भाव कम होने पर उपार्जन केन्द्र पर अपना अनाज नहीं बेच पायेंगे। जिले में किसानों के पंजीयन के लिये वर्तमान में 37 खरीदी सह केन्द्र संचालित हैं। कलेक्टर ने फार्मर आईडी व ईकेवायसी के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सभी खरीदी केन्द्रों पर छाया, पेयजल व शौचालय इत्यादि की पुख्ता वयवस्था की जाए। जिले में चिन्हित हर ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये करें पुख्ता उपाय कलेक्टर ने जिले के सभी सड़क मार्गों पर दुर्घटना के लिहाज से चिन्हित सभी ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक उपाय करने के निर्देश सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को दिए। उन्होंने इस दिशा में अब तक हुए कार्य का प्रजेंटेशन देखा और अगली बैठक से पहले सभी ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कार्य कराकर फोटोग्राफ सहित प्रजेंटेशन देने के निर्देश दिए। गौशालाओं को चारागाह के लिये चरनोई भूमि उपलब्ध कराएँ बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि गौशालाओं से जुड़ी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएँ। यदि गौशाला के पास जमीन उपलब्ध न हो तो गाँव की चरनोई भूमि को गौशाला के चारागाह के लिये आवंटित करने की कार्रवाई की जाए। हर गाँव में कम से कम दो प्रतिशत जमीन चरनोई के लिये होना चाहिए।
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भोपाल । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में 24 एवं 25 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल हो रहे अतिथियों के वाहनों के लिये पहले ही पार्किंग की व्यापक व्यवस्था की गई है। साथ ही आयोजन स्थल से वाहनों के निकास की व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है। वाहनों की पार्किंग जारी किए गए पास के मुताबिक की गई है। अतिथियों के वाहन पार्किंग में रोक दिए जाएंगे और वहां से आयोजन स्थल तक जाने के लिए ई-बस और कार की व्यवस्था की गई है। तीन प्रकार की ई-बस के अतिरिक्त 973 कार भी इसमें शामिल हैं। यह जानकारी रविवार को जनसंपर्क अधिकारी अलूने ने दी।पार्किंग व्यवस्था इस प्रकार होगी- गवर्नमेंट ऑफिशियल्स : स्मार्ट सिटी पार्किंग और वीआईपी पार्किंग नंबर 2 में व्यवस्था होगी। अधिकारी अपने वाहन से आयोजन स्थल तक जा सकेंगे।- गेस्ट ऑफ़ ऑनर (फाइव स्टार कैटेगरी) : वीआईपी पार्किंग नंबर वन। यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- गेस्ट ऑफ़ ऑनर (अन्य): 23वीं बटालियन ग्राउंड। अपने वाहन से जा सकेंगे।- स्पेशल इनवाइटीः रीजनल कॉलेज, डेमोंसट्रेशन स्कूल और पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास) यहां से ई-बस और ट्रैवलर से आयोजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा।- मीडियाः पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास) और मैरिज गार्डन (पुलिस रेडियो ग्राउंड के पास)। यहां से ई-बस और ट्रैवलर से आयोजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा।- फॉरेन डेलीगेटः सैर सपाटा में पार्किंग, फिर यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- एनआरआई/ओसीआई / पीआईओ / एमपी डायस्पोराः पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास)। यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- डेलिगेट्स (जो होटल में ठहरे हैं या स्थानीय) दशहरा मैदान की पार्किंग में परिवर्तन कर टीटी नगर मल्टी लेवल कार पार्किंग एवं राम मंदिर अटल पथ पर डेलीगेट्स के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गयी है। यहां से ट्रैवलर एवं अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा डेलिगेट्स को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट - (इंदिरा गाँधी मानव संग्रहालय) तक ले जाया जाएगा। डेलीगेट्स जो कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिये आमंत्रित हैं, उन्हें सुबह 8:30 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा।- ऑर्गेनाइजर के लिए डीटीई पार्किंग, इवेंट टीम, सर्विस प्रोवाइडर और वॉलिंटियर के लिए दशहरा मैदान और स्मार्ट सिटी गवर्नमेंट हाउसिंग पार्किंग में व्यवस्था होगी।- सभी को पार्किंग में सुबह 6:30 बजे तक पहुंचना होगा, जहां से आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए सुबह 7:30 बजे तक का समय निर्धारित है।- प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिये मुख्य सभागार में गेस्ट ऑफ़ ऑनर (फाइव स्टार कैटेगरी) मुख्य हाल के द्वार क्रमांक 1 से प्रवेश करेंगे एवं अन्य गेस्ट ऑफ़ ऑनर, फॉरेन डेलीगेट, गवर्नमेंट आफिशियल्स एवं ऑर्गेनाइजर को द्वार क्रमांक-2 से प्रवेश दिया जायेगा।- स्पेशल इन्वाइटीस, मीडिया एवं एनआरआई (डायस्पोरा) के प्रवेश की व्यवस्था द्वार क्रमांक 3 एवं 4 से की गई है। डेलिगेट्स (सुबह 7:30 बजे ) के प्रवेश की व्यवस्था द्वार क्रमांक 5 एवं 6 से की गई है। सम्मानित अतिथिगणों से अनुरोध किया गया है कि उच्च सुरक्षा मानकों के अनुपालन में कृपया कम से कम सामान लेकर चलें। सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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श्रीमद्भगवद गीता अनूठा आध्यात्मिक मार्गदर्शी ग्रंथ है। भगवद् गीता का प्रभाव पूरी दुनिया में फैल चुका है। भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य वचनों में सम्पूर्ण जीवन की व्याख्या है। संसार की समस्याओं और मनुष्य की व्यथाओं का समाधान है। “गीता” की महिमा का शाब्दिक वर्णन करना कठिन काम है। पाठकों के सुलभ संदर्भ के लिए श्रीमद्भगवद् गीता पर विश्व के महापुरुषों, महान वैज्ञानिकों, विद्वतजनों और दार्शनिकों के विचारों का संकलन प्रस्तुत किया गया है। “भगवान श्रीकृष्ण की कही हुई श्रीमद् भगवद् गीता के समान छोटे वपु (काया, शरीर) में इतना विपुल ज्ञानपूर्ण कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है’’- महामना पं. मदनमोहन मालवीय। “जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है; मैं क्षितिज पर गीता रूपी एक ही उम्मीद की किरण देखता हूं। इसमें मुझे अवश्य ही एक छन्द मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है। तब मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूँ’’- महात्मा गांधी। “गीता हमारे ग्रंथों में अत्यन्त तेजस्वी और निर्मल हीरा है’’- लोकमान्य बालगंगाधर तिलक। मशहूर जर्मन कवि, उपन्यासकार और पेंटर हरमन हेस के जीवन पर भी गीता का विशेष प्रभाव था। उनकी कालजयी रचना 'सिद्धार्थ' में यह स्पष्ट होता है। उनका कहना था 'गीता की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह जीवन के सही मायनों को पूरी वास्तविकता के साथ सामने रखती है।' उन्नीसवीं सदी के मशहूर दर्शनशास्त्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अल्बर्ट श्विट्ज़र मानते थे - 'श्रीमद भगवद् गीता मनुष्य के जीवन पर बहुत गहरा असर डालती है। यह कर्मों के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का संदेश देती है।' स्विस मनोवैज्ञानिक कार्ल जुंग को विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान के लिए जाना जाता है। वे न सिर्फ मनोविज्ञान बल्कि दर्शन, साहित्य और धार्मिक अध्ययन में भी विशेषज्ञता रखते थे। उनका मानना था कि “मनुष्य को उल्टे वृक्ष के रूप में प्रदर्शन की अवधारणा बहुत पहले से ही मौजूद थी, जिसे बाद में सामने लाया गया। अपने वक्तव्यों में कही गई प्लेटो की वह बात कि “मनुष्य सांसारिक नहीं बल्कि स्वर्गीय पौधा है, जो ब्रह्माण्ड से सिंचित होता है। यह वैदिक अवधारणा है और गीता के 15वें अध्याय में इसे स्पष्ट तौर पर कहा गया है।“ उन्नीसवीं सदी के ही मशहूर अंग्रेजी साहित्यकार आल्डस हक्सले ने कहा था – “मनुष्य में मानव मूल्यों की समझ पैदा करने के लिए गीता सर्वाधिक व्यवस्थित ग्रंथ है। शाश्वत दर्शन के विषय में यह अब तक की सबसे स्पष्ट और व्यापक प्रस्तुति है। यह सिर्फ भारत के लिए नहीं है बल्कि इसका जुड़ाव पूरी मानवता से है।’’ उन्नीसवीं सदी के विख्यात अमेरिकी निबंधकार और साहित्यिक हस्ती इमर्सन के जीवन पर गीता का बड़ा प्रभाव था। उनका मानना था, “श्रीमद भगवद् गीता के साथ मेरा दिन शानदार बीता। यह अपने तरह की पहली पुस्तक है। यह किसी और समय और परिस्थितियों में लिखी गई, लेकिन यह हमारे आज के सवालों और समस्याओं के भी जवाब पूरी स्पष्टता के साथ देती है।“ ऑस्ट्रियाई दार्शनिक और साहित्यकार रुडॉल्फ स्टीनर के जीवन को गीता ने व्यापक रूप से प्रभावित किया था। उनका मानना था कि भगवद् गीता जैसी अप्रतिम रचना को समझने के लिए बस हमें स्वयं को उसके साथ लय बिठाने की जरूरत है।' मशहूर अमेरिकी दार्शनिक और साहित्यकार हेनरी डेविड थोरो पर गीता का प्रभाव उनके साहित्य और सामाजिक कार्यों में परिलक्षित होता है। वे कहते थे कि "प्राचीन भारत की सभी स्मरणीय वस्तुओं में गीता से श्रेष्ठ कोई भी दूसरी वस्तु नहीं है। गीता में वर्णित ज्ञान ऐसा उत्तम व सर्वकालिक है, जिसकी उपयोगिता कभी भी कम नहीं हो सकती।" भारतीय मनीषियों के अलावा कई विदेशी विद्वानों ने भी गीता के महत्व को समझा और अपने जीवन में इसके सिद्धांतों को लागू किया। यह महान पवित्र ग्रंथ गीता का ही असर था कि ईसाई मत मानने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री मिस्टर पियर ट्रूडो गीता पढ़कर भारत आये। उन्होंने कहा था कि जीवन की शाम हो जाए और देह को दफनाया जाए, उससे पहले अज्ञानता को दफनाना जरूरी है। ओपेनहाइमर : भगवद् गीता से कैसे प्रभावित हुए? रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु बम विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध की दिशा बदल दी। ओपेनहाइमर ने संस्कृत भाषा सीखी और श्रीमद् भगवद गीता को अपनी पसंदीदा पुस्तकों में से एक माना। जब द क्रिश्चियन सेंचुरी के संपादकों ने उनसे पूछा कि वे कौन-सी किताबें हैं, जिन्होंने उनके दार्शनिक दृष्टिकोण को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, तो चार्ल्स बौडेलेयर की पुस्तक "लेस फ्लेर्स डू माल" को पहला और “श्री भगवद गीता’’ को दूसरा स्थान मिला। सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी ओपेनहाइमर को बर्कले में संस्कृत के प्रोफेसर आर्थर डब्ल्यू राइडर ने संस्कृत से परिचित कराया था। उसके बाद उन्हें गीता से परिचित कराया गया था। जुलाई 1945 में न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में पहले परमाणु बम के विस्फोट से दो दिन पहले रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने गीता का एक श्लोक सुनाया। इतिहास बदलने वाली घटना से कुछ घंटे पहले, "परमाणु बम के जनक" ने संस्कृत से अनुवादित एक श्लोक को पढ़कर अपना तनाव दूर किया, जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है - "युद्ध में, जंगल में, पहाड़ों की चोटी पर अन्धकारमय महान सागर पर, भालों और बाणों के बीच, नींद में, उलझन में, शर्म की गहराई में, मनुष्य द्वारा पहले किये गए अच्छे कर्म ही उसकी रक्षा करते हैं।“ श्रीमद् भगवद् गीता ने पश्चिम की दुनिया को गहरा प्रभावित किया है। गीता दर्शन को जानने के बाद पश्चिम के विद्वानों ने गीता के जीवन दर्शन को अपनाने के लिए अपनी बौद्धिक ऊर्जा लगा दी। दरअसल वे किसी वैज्ञानिक उपलब्धि की खोज में नहीं थे। वे इससे भी आगे विकारों से रहित मानव मन और आत्मिक शांति की खोज में थे। इसका समाधान उन्होंने श्रीमद् भगवद् गीता में पाया। इन विद्वानों में दार्शनिक इमैन्युअल (1724-1804), हर्डर (1744-1805) फिटश (1762-1814), हीगल (1770-1831), श्लेगल (1772-1829) शिलर (1759-1805) और गोएथे (1749-1832) प्रमुख हैं। फ्रेडरिक वान श्लेगल ने गीता का अनुवाद किया। जर्मन के अग्रणी विद्वान बेरन विल्हेल्म ने 1821 में संस्कृत का अध्ययन शुरू किया। गीता पढ़ने के बाद उन्होंने भगवान का आभार माना कि उन्हें लंबा जीवन दिया, ताकि वे सर्वाधिक प्रेरणादायी पुस्तक को आत्मसात कर पाए। उन्होंने 1825 में अकादमी ऑफ सिएंस के समक्ष गीता पर अपना प्रसिद्ध व्याख्यान दिया था। वर्ष 1820 में ओ फ्रेंक विद्वान ने गीता का पहला लैटिन अनुवाद प्रकाशित किया। इसके बाद 1822 में ए.डब्ल्यू. वान श्लेगल ने पहली बार लैटिन में सम्पूर्ण अनुवाद प्रकाशित किया। सर विलियम जोन्स (1756-1794) भारत में 10 साल रहे। वे पहले अंग्रेज अधिकारी थे, जिन्हें संस्कृत का सम्पूर्ण ज्ञान था। उन्होंने गीता, रामायण, महाभारत और संस्कृत के अन्य क्लासिकल साहित्य जैसे कालिदास का अभिज्ञान शाकुंतलम, ऋतुसंहार और जयदेव के “गीत गोविंदम्” से इंग्लैंड के लोगों को परिचित कराया। वे एशियाटिक सोसाइटी के पहले अध्यक्ष बने और चार्ल्स विलकिंस को संस्कृत पढ़ने बनारस भेजा। उन्होंने चार्ल्स विलकिंस द्वारा अनुवादित गीता – “भगवद गीता - डायलॉग ऑफ श्रीकृष्णा एंड अर्जुन” का प्रकाशन कराया। इसकी भूमिका उन्होंने खुद लिखी थी। यह 1783 का वर्ष था। सर एडविन अर्नाल्ड ने 1885 में गीता का अनुवाद किया, जिसका शीर्षक था “द सॉन्ग सेलेशल”। इसी को पढ़कर महात्मा गांधी ने गीता के महत्व को समझा। पश्चिम के कई महान कवि लेखक भगवद् गीता से प्रेरित हुए हैं। इनमें एस टी कोलरिज, पी.बी. शैली, थॉमस कार्लाइल, अमेरिकन कवि एमर्सन, रॉबर्ट ब्राउनिंग, अलफ्रेड टेनिसन, विलियम ब्लैक, टी एस इलियट और डब्ल्यू.बी. यीटस और भी बहुत कवि दार्शनिक हैं, जिनकी एक लंबी सूची है। डॉ. एस. राधाकृष्णन ने गीता की व्याख्या कर स्टालिन का मन बदल दिया था। विनोबा भावे ने कहा था "गीता प्रवचन मेरी जीवन की गाथा है और वही मेरा संदेश है। (लेखक, मध्य प्रदेश शासन जनसम्पर्क विभाग में उप संचालक हैं।)
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भारत में वाहन पार्किंग की समस्या महत्त्वपूर्ण शहरी चुनौती है, जो न केवल यातायात के प्रवाह को प्रभावित करती है, बल्कि शहरी जीवन के मूल ढांचे को भी प्रभावित करती है। यह समस्या तेजी से बढ़ते शहरीकरण, बढ़ते वाहन स्वामित्व और पुराने शहरी नियोजन के घालमेल से पैदा होती है, जो महानगरीय क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन के लिए जटिल दुविधा पैदा करती है। शहरों के विस्तार और वाहनों के स्वामित्व के अधिक सुलभ होने के साथ भारतीय शहरी केन्द्रों को वाहनों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने में संघर्ष करना पड़ रहा है। पर्याप्त पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और आज के समय में वाहनों की संख्या के हिसाब से शहरों को डिज़ाइन न किए जाने के कारण बड़े पैमाने पर अवैध पार्किंग होती है। इससे न केवल सड़कें जाम होती हैं बल्कि पैदल चलने वालों के लिए बनी जगह भी कम पड़ जाती है। कई भारतीय शहरों की स्थापना प्राचीन या औपनिवेशिक काल में हुई थी और उनकी योजना आधुनिक यातायात की मांग को ध्यान में रखकर नहीं बनाई गई थी। संकरी गलियाँ और मिश्रित भूमि उपयोग के कारण पार्क किए गए और चलते वाहनों के भार से दबाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, पार्किंग नियमों का ढीला-ढाला क्रियान्वयन तथा गैर-अनुपालन के प्रति सांस्कृतिक प्रवृत्ति स्थिति को और बिगाड़ देती है, जिससे शहरी स्थान अव्यवस्थित हो जाते हैं।पार्किंग की समस्या का सीधा कई क्षेत्रों पर पड़ता है। बेशुमार गाड़ियों के जाम से यात्रा का समय बढ़ जाता है, प्रदूषण स्तर बढ़ता है तथा शहरी जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आती है। पैदल चलने वालों को विशेष रूप से परेशानी होती है क्योंकि पार्क किए गए वाहन अक्सर पैदल चलने के रास्तों पर अतिक्रमण कर लेते हैं। उन्हें मजबूरन सड़कों पर आना पड़ता है और उनकी सुरक्षा से समझौता होता है। आर्थिक दृष्टि से पार्किंग की कमी स्थानीय व्यवसायों को भी प्रभावित करती है क्योंकि भीड़भाड़ वाली सड़कें ग्राहकों को आकर्षित नहीं करती। पार्किंग स्थल की उच्च मांग से अचल संपत्ति की लागत भी बढ़ जाती है, जिससे हरित स्थलों की क़ीमत पर पार्किंग अवसंरचना के विकास को बढ़ावा मिलने से शहरी विस्तार और पर्यावरण क्षरण को बढ़ावा मिलता है। भारत में मोटर वाहनों से सम्बंधित मामले केंद्र और राज्य दोनों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। हालांकि भारत के शहरों के लिए वाहनों की बढ़ती भीड़ एक बड़ी समस्या है लेकिन ऑटोमोबाइल उद्योग पर प्रतिबंध लगने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि इसकी आर्थिक और रोज़गार देने की क्षमता काफ़ी ठीक है जो भारत के लिए महत्त्वपूर्ण है। सभी पांच शहरों की पार्किंग नीतियाँ कुछ महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर सहमत होती दिखती हैं। वे इस बात पर एकमत हैं कि पार्किंग मुफ़्त नहीं हो सकती और जहाँ भी सार्वजनिक स्थान का उपयोग किया जाता है, वहाँ शुल्क लिया जाना चाहिए क्योंकि 'मुफ़्त पार्किंग' की अवधारणा टिकाऊ नहीं है।पार्किंग समस्या के समाधान के लिए व्यापक रणनीति की आवश्यकता है जिसमें पर्याप्त पार्किंग अवसंरचना का विकास, स्मार्ट पार्किंग प्रौद्योगिकियों को अपनाना और पार्किंग विनियमों का प्रवर्तन शामिल हो। उदाहरण के लिए, पार्किंग क्षेत्रों को परिभाषित करना और वाहन पहचान सेंसर और स्वचालित लाइसेंस प्लेट पहचान जैसी तकनीक का उपयोग करके पार्किंग प्रबंधन को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। इसके अलावा, भूमि मूल्य और भीड़भाड़ के आधार पर पार्किंग शुल्क को समायोजित करके भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अनावश्यक वाहन उपयोग को हतोत्साहित किया जा सकता है। बुनियादी ढांचे के समाधान के अलावा, सार्वजनिक परिवहन और टिकाऊ शहरी गतिशीलता प्रथाओं को बढ़ावा देने से पार्किंग दबाव कम हो सकता है। सार्वजनिक परिवहन, साइकिल और पैदल चलने के उपयोग को प्रोत्साहित करने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो सकती है, जिससे पार्किंग स्थलों की मांग कम हो सकती है।यह जरूरी नहीं है कि अच्छा सार्वजनिक परिवहन यातायात की भीड़ को काफी कम कर दे। भीड़भाड़ की स्थिति में सुधार करने के लिए, शहरों को निजी कारों के स्वामित्व और उपयोग के कार्यात्मक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक मूल्यों को लक्षित करने वाली गतिविधियों के साथ ही अपनी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को बेहतर बनाने के प्रयासों को मिलाकर काम करना होगा।भारत में वाहन पार्किंग की समस्या जटिल मुद्दा है जिसके लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें शहरी नियोजन, नीति सुधार, तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक परिवर्तन शामिल हैं। इस चुनौती से सीधे निबटकर भारत अपनी शहरी गतिशीलता को बढ़ा सकता है, अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और टिकाऊ शहरी विकास के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है। आगे का रास्ता सरकार, निजी क्षेत्र और जनता के बीच बेहतर शहरी स्थानों की पुनर्कल्पना और पुनर्निर्माण के लिए सहयोगात्मक प्रयासों में निहित है।
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भारतीय संस्थानों से निकले एसटीईएम स्नातकों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जिनमें आवश्यक कौशल का अभाव है। यह उद्योग और अनुसंधान प्रगति में बाधा डालता है। संस्थागत रैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान आउटपुट पर ध्यान केंद्रित करने से कई शिक्षण-केंद्रित संस्थानों ने अक्सर निम्न-गुणवत्ता वाले आउटलेट में प्रकाशन पत्र और पेटेंट को प्राथमिकता दी है, कई संस्थानों में संकाय पर अत्यधिक बोझ है, पेशेवर विकास के लिए बहुत कम समय या प्रोत्साहन है। संकाय भर्ती अक्सर स्थानीयकृत होती है, जिससे शैक्षणिक प्रदर्शन और दृष्टिकोण की विविधता सीमित हो जाती है। क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी पहलों के लिए कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होती है लेकिन सीमित योग्य कर्मियों और अपर्याप्त प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे के कारण इन पहलों का उपयोग कम होने का खतरा है। वर्तमान संरचना संसाधनों, पाठ्यक्रम या संकाय के आदान-प्रदान की सुविधा नहीं देती है, जिससे शिक्षा और अनुसंधान के बीच विभाजन मजबूत होता है, विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में योगदान के अपने समृद्ध इतिहास के साथ, भारत अब एक ऐसे महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है जहाँ देश में (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जैसे-जैसे दुनिया तेजी से डिजिटल होती जा रही है, शिक्षा में प्रौद्योगिकी का समावेश केवल चलन नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।प्रौद्योगिकी छात्रों और शिक्षकों के बीच सहयोग को सुगम बनाती है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और उपकरण परियोजनाओं पर वास्तविक समय में सहयोग को सक्षम करते हैं, टीमवर्क और संचार कौशल को प्रोत्साहित करते हैं। ये सहयोगात्मक अनुभव पेशेवर दुनिया में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की सहयोगात्मक प्रकृति को दर्शाते हैं। शिक्षा में प्रौद्योगिकी का एकीकरण कई लाभ लाता है, यह चुनौतियों को भी सामने लाता है जिन्हें व्यापक परिवर्तन के लिए सम्बोधित करने की आवश्यकता है। डिजिटल डिवाइड एक महत्त्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है, जिसमें प्रौद्योगिकी और इंटरनेट तक पहुँच में असमानताएँ हैं। इस अंतर को पाटना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है कि सभी छात्रों को, उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, प्रौद्योगिकी के उपयोग से लाभ उठाने के समान अवसर मिलें। शिक्षकों को भी अपने शिक्षण विधियों में प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की आवश्यकता है। शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करना सुनिश्चित करता है कि वे प्रौद्योगिकी के उपयोग को समझने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। इसके अतिरिक्त, शिक्षा में प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग, जिसमें डेटा गोपनीयता और सुरक्षा शामिल है, जिसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करना और शिक्षा प्रौद्योगिकी उपकरणों के विकास में नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण कदम हैं।शिक्षण-केंद्रित संस्थानों के मूल्यांकन को अनुसंधान मेट्रिक्स से अलग करके, रैंकिंग अनुसंधान आउटपुट पर शिक्षण गुणवत्ता को प्रतिबिंबित कर सकती है, जिससे इन संस्थानों पर निम्न-गुणवत्ता वाले अनुसंधान को आगे बढ़ाने का दबाव कम हो सकता है। शिक्षण संस्थानों को मूलभूत कौशल को मज़बूत करने के लिए विशेष रूप से प्रारंभिक वर्षों में, अनुसंधान पर शिक्षाशास्त्र को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक समर्पित "शिक्षण ट्रैक" शुरू किया जा सकता है, जिससे शिक्षाशास्त्र में रुचि रखने वाले संकाय सदस्यों को अकेले अनुसंधान आउटपुट के बजाय अपने शिक्षण कौशल के आधार पर आगे बढ़ने की अनुमति मिल सके। अनुसंधान संस्थान संयुक्त डिग्री कार्यक्रम बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी कर सकते हैं, जिससे उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अपना काम पूरा करने में मदद मिलेगी अनुसंधान-केंद्रित संस्थानों में अध्ययन। इस दृष्टिकोण का एक उदाहरण एनआईटी सूरत और आईआईटी बॉम्बे के बीच सहयोग है, जो छात्रों को एक प्रमुख संस्थान में उन्नत अध्ययन पूरा करने की अनुमति देता है। सरकारी फंडिंग को शिक्षण संस्थानों के भीतर शिक्षाशास्त्र में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए। ये केंद्र शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास और एसटीईएम शिक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं के केंद्र के रूप में काम करेंगे, जिससे बड़े अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता के बिना प्रणालीगत सुधार होंगे।भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियाँ एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करती हैं जिसमें पाठ्यक्रम आधुनिकीकरण, अनुसंधान वित्त पोषण, संकाय विकास और विविधता पहल शामिल हैं। सरकार और उद्योग के सहयोग में वृद्धि से समर्थित नीतिगत सुधार, अधिक गतिशील, उद्योग-संरेखित और समावेशी एसटीईएम पारिस्थितिकी तंत्र बना सकते हैं। भारत में शिक्षा प्रणाली को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शिक्षा तक असमान पहुँच, पुराना पाठ्यक्रम और अपर्याप्त धन शामिल है। हालाँकि, इन चुनौतियों के बावजूद, देश में सम्मानित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है और सरकार ने शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। शिक्षा में निरंतर निवेश के साथ भारत में सीखने और ज्ञान का एक अग्रणी केंद्र बनने और अपने सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की क्षमता है।
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कुछ लोग ह्यूमर के नाम पर समाज में गंदगी फैला रहे हैं। ऐसा कंटेट प्रसारित कर रहे हैं जो चिंता का विषय है। विवाद बढ़ने के बाद ये अश्लील इंफ्लूएंसर अपनी करतूत पर माफ़ी मांग लेते हैं। सवाल यह है कि क्या इनकी शर्मनाक हरकत पर इनका माफ़ी मांग लेना काफ़ी है या बड़ा एक्शन होना चाहिये? सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर 'आपत्तिजनक' टिप्पणियों की निंदा की। ऐसे लोगों को कानूनी तौर पर तो सजा मिलनी ही चाहिए, अगर जनता गंदगी परोसने वाले ऐसे चैनलों और मंचों का बहिष्कार करना शुरू कर दे तो यह उनके लिए सबसे बड़ी सजा होगी। गंदगी परोसने वाले ऐसे सारे कार्यक्रम जो ओटीटी, टीवी आदि पर हैं, सब बंद होना चाहिए। ऐसा वल्गर कंटेंट हमारे देश की संस्कृति को तबाह कर देगी। यह निंदनीय है और सभ्य समाज के लिए ग़लत भी। ऐसे लोग सनातन धर्म और हिंद संस्कृति का बेड़ागर्क कर रहे हैं। ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले लोगों को देखना व सुनना, आज के समाज का भी कसूर है। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया के शब्दों के पीछे छिपे गहरे मुद्दों को उजागर करते हुए इसे "उनके दिमाग़ की गंदगी" कहा। इलाहाबादिया के शब्दों की निंदा करते हुए कहा कि उसकी भाषा से माता-पिता और बहनों को शर्म आएगी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, इलाहाबादिया की टिप्पणियों की विकृत प्रकृति से "पूरा समाज शर्मिंदा महसूस करेगा।" यह मामला डिजिटल युग में प्रभावशाली व्यक्तियों और सामग्री निर्माताओं की जिम्मेदारी के बारे में व्यापक चर्चा को जन्म देता है। वैसे भी सार्वजनिक हस्तियों को अपनी भाषा के प्रयोग के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि इससे सामाजिक मूल्यों पर असर पड़ता है। समाज पर ऐसे युवा प्रतीकों के प्रभाव को कम आंकना मूर्खतापूर्ण होगा, विशेषकर युवा मस्तिष्कों और स्वस्थ समाज की बुनियादी संस्कृति पर। क्या यह काफ़ी बड़ा नहीं है? यह पूछना कि शो का कोई प्रतियोगी किस चीज के लिए कितना शुल्क लेगा, क्या इससे युवाओं की एक पूरी पीढ़ी भ्रष्ट नहीं होगी? तर्कहीन ढंग से और समाज के प्रति किसी जिम्मेदारी के बिना कही गई बातें। क्या आपके बच्चे नहीं हैं और न ही आपको उनकी परवाह है। सच तो यह है कि 'मजाक' के माध्यम से ऐसी अश्लीलता को सामान्य बनाना उसी मानसिकता को बढ़ावा देता है जो वास्तविक अपराधों को बढ़ावा देती है। समाज रातोंरात नहीं तबाह होता -इसकी शुरुआत असहनीय को सहन करने, घृणित को "सिर्फ हास्य" के रूप में नजरअंदाज करने और धीरे-धीरे नैतिक सीमाओं को ख़त्म करने से होती है। कानूनी कार्यवाही का मतलब सिर्फ़ व्यक्तियों को दंडित करना नहीं है। इसका उद्देश्य एक मिसाल क़ायम करना है कि कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं, चाहे लोग उन्हें कितना भी हास्यपूर्ण बताने की कोशिश करें। यदि वे सचमुच समाज को बेहतर बनाने के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि सांस्कृतिक पतन से लड़ना भी बड़े अपराधों से निपटने जितना ही महत्त्वपूर्ण है। यदि आप सोचते हैं कि हमें ऐसे घृणित 'मजाक' को नजरअंदाज कर देना चाहिए और केवल 'वास्तविक अपराधों' पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तो आप यह समझने में विफल हैं कि समाज कैसे काम करता है। विकृत और अपमानजनक हास्य को सामान्य मानने से नैतिक सीमाएँ कमजोर होती हैं और लोग अस्वीकार्य चीजों के प्रति असंवेदनशील हो जाते हैं। कॉमेडी में बिना किसी परिणाम के कुछ भी कहने की छूट नहीं है। खासकर तब जब यह बहुत ही विचलित करने वाले क्षेत्र में प्रवेश कर जाए। कानून गरिमा को बनाए रखने और बुनियादी शालीनता के क्षरण को रोकने के लिए मौजूद हैं। अगर आप 'यह सिर्फ़ एक मज़ाक है' के नाम पर इसका बचाव कर रहे हैं, तो शायद असली मुद्दा यह है कि आप इस तरह की सामग्री के प्रभाव के प्रति बेपरवाह हो गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई बहुत ज़रूरी है। आपका यह तर्क कि हमें 'मजाक के बजाय वास्तविक अपराधों और समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए' मूर्खतापूर्ण और अपरिपक्व दोनों है। हास्य में शक्ति होती है और शक्ति के साथ जिम्मेदारी भी आती है। 'मजाक' कहलाने वाली हर बात हानिरहित नहीं होती। कुछ हास्य हानिकारक व्यवहार को सामान्य बना देता है। यदि कोई मज़ाक अनादर, असंवेदनशीलता या नैतिक सीमाओं को लांघने पर आधारित है, तो यह सवाल उठाना उचित है कि क्या यह समाज का उत्थान करता है या पतन करता है। आलोचना का मतलब 'घटिया मानसिकता' रखना नहीं है; यह संस्कृति पर विषय-वस्तु के प्रभाव को पहचानने के बारे में है। यदि कॉमेडी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता तो फिर वास्तव में संवेदनशील कौन है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी सामग्री का बचाव करना केवल यह साबित करता है कि समाज में क्या स्वीकार्य है, इसके प्रति लोग कितने असंवेदनशील हो गए हैं। स्वतंत्रता का अभिप्राय है, सही समय पर सही यानी नैतिक कार्य करने की स्वतंत्रता। इसी प्रकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अभिप्राय है-उचित समय पर उचित बात कहने की स्वतंत्रता। इसके विपरीत कुछ भी, कभी भी कह देने की स्वतंत्रता, स्वच्छंदता है। स्वच्छंदता को ही अराजकता कहा जाता है। अतः स्वतंत्रता एक कानूनी प्रक्रिया है, इसके विपरीत स्वच्छंदता गैरकानूनी है। अभिव्यक्ति की स्वच्छंदता को प्रश्रय, सोशल मीडिया की गुणवत्ता की जगह मात्रा को अहमियत देने की व्यवस्था ने दिया है। लोग ज़्यादा व्यूज के लिए सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। लोग किसी भी तरह से पैसा और शोहरत हासिल करना चाहते हैं और इस तरह की उत्तेजना पैदा करने वाली बातें युवा वर्ग को आकर्षित करती हैं। इसलिए लोग भद्दी भाषा का प्रयोग करते हैं। अगर यूट्यूब, मात्रा की अपेक्षा गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करे तो ऐसे ओछे प्रयास बंद हो जायेंगे।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1992 में हर वर्ष 3 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में मनाने घोषणा की गयी। इसका उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांग लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। मगर आज भी लोगों को तो इस बात का भी पता ही नहीं होता है कि हमारे आस-पास कितने दिव्यांग रहते हैं। उन्हे समाज में बराबरी का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। किसी को इस बात की कोई फिक्र नहीं है। समाज में दिव्यांगता को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता है। जिसे सुधारने की आवश्यकता है। इस वर्ष का विषय "समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना" विकलांग व्यक्तियों को अपने भाग्य को आकार देने और समाज में योगदान देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित करता है। सरकार द्वारा देश में दिव्यांगों के लिए कई नीतियां बनायी गयी हैं। उन्हें सरकारी नौकरियों, अस्पताल, रेल, बस सभी जगह आरक्षण प्राप्त है। दिव्यांगों के लिए सरकार ने पेशन की योजना भी चला रखी है। लेकिन ये सभी सरकारी योजनाएं उन दिव्यांगों के लिए महज एक मजाक बनकर रह गयी हैं। जब इनके पास इन सुविधाओं को हासिल करने के लिए दिव्यांगता का प्रमाणपत्र ही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के पास एक ‘दिव्य क्षमता’ है और उनके लिए ‘विकलांग’ शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी। जिसके पीछे उनका तर्क था कि शरीर के किसी अंग से लाचार व्यक्तियों में ईश्वर प्रदत्त कुछ खास विशेषताएं होती हैं। विकलांग शब्द उन्हे हतोत्साहित करता है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश के लोगों ने विकलांगो को दिव्यांग तो कहना शुरू कर दिया लेकिन लोगों का उनके प्रति नजरिया आज भी नहीं बदल पाया है। आज भी समाज के लोगों द्धारा दिव्यांगों को दयनीय दृष्टि से ही देखा जाता है। भले ही देश में अनेको दिव्यांगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हो मगर लोगों का उनके प्रति वहीं पुराना नजरिया बरकरार है। दुनिया में अनेकों ऐसे उदाहरण मिलेंगे जो बताते हैं कि सही राह मिल जाये तो अभाव एक विशेषता बनकर सबको चमत्कृत कर देती है। भारत में दिव्यांगों की मदद के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन इतने वर्षो बाद भी देश में आज तक आधे दिव्यांगों को ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुहैया कराया जा सका है। ऐसे में दिव्यांगों के लिए सरकारी सुविधाएं हासिल करना महज मजाक बनकर रह गया है। दुनिया में बहुत से ऐसे दिव्यांग हुए हैं जिन्होंने अपने साहस संकल्प और उत्साह से विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखवाया है। तैमूरलंग हाथ और पैर से शक्तिहीन था। मेवाड़ के राणा सांगा तो बचपन में ही एक आंख गंवाने तथा युद्ध में एक हाथ एक पैर तथा 80 घावों के बावजूद कई युद्धों में विजेता रहे थे। सिख राज्य की स्थापना करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख बचपन से खराब थी। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुधाचंद्रन का दायां पैर नहीं है। फिल्मी गीतकार कृष्ण चंद्र डे तथा संगीतकार रविंद्र जैन देख नहीं सकते थे। पूर्व क्रिकेटर अंजन भट्टाचार्य मूक-बधिर थे। वर्ल्ड पैरा चैम्पियनशिप खेलों में झुंझुनू जिले के दिव्यांग खिलाड़ी संदीप कुमार व जयपुर के सुन्दर गुर्जर ने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व स्तर पर 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार की विकलांगता के साथ रहती है। जबकि उसमें से 80 प्रतिशत से अधिक लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। जबकि भारत में 140 करोड़ से अधिक लोग है। इस आबादी का 2.2 प्रतिशत से अधिक लोग किसी न किसी रूप में गंभीर मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं। आज के प्रगतिशील युग में जहाँ सभी लोगों के एकीकरण और समावेशन पर सतत विकास के प्रवेश द्वार के रूप में जोर दिया जाता है। भारत में विकलांग लोगों को वर्गीकृत करने वाले मानदंडों की सूची को 2016 में नया रूप दिया गया था। 2016 के आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम पर आधारित संशोधित परिभाषा में एसिड हमलों से संबंधित शारीरिक विकृति और चोटों को विकलांगता के रूप में मान्यता देना भी शामिल है। जो इन पीड़ितों को विभिन्न प्रकार की सरकारी सहायता और समर्थन का हकदार बनाता है । दिव्यांगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठन नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइटस ऑफ डिसएबल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी के दिव्यांग शब्द पर उनको पत्र लिखकर कहा कि था कि केवल शब्द बदलने मात्र से ही विकलांगों के साथ होने वाले व्यवहार के तौर-तरीके में कोई बदलाव नहीं आएगा। सबसे बड़ी जरूरत है विकलांगों से जुड़े अपयश, भेदभाव और हाशिए पर डालने के मुद्दों पर ध्यान देने की है। ताकि वो देश की राजनीति के साथ साथ आर्थिक, सामाजिक विकास में बेहतर भागीदारी कर सकें। भारत में आज भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों के कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी लोगों को मायूस होना पड़ता है। हालांकि सरकारी दावे कहते हैं कि इस प्रक्रिया को काफी सरल बनाया गया है, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर नजर आती है। दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी करने के सरकार ने जो मापदण्ड बनाये हैं। अधिकांश सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक उनके अनुसार दिव्यांगो को दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र जारी ही नहीं करते है। जिसके चलते दिव्यांग व्यक्ति सरकारी सुविधाएं पाने से वंचित रह जाते हैं। देश में दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाएं कागजों तक सिमटी हुई हैं। अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां दिव्यांगों को एक चौथाई सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। केन्द्र सरकार ने देशभर के दिव्यांग युवाओं को केन्द्र सरकार में सीधी भर्ती वाली सेवाओं के मामले में दृष्टि बाधित, बधिर और चलने-फिरने में दिव्यांगता या सेरेब्रल पल्सी के शिकार लोगों को उम्र में 10 साल की छूट देकर एक सकारात्मक कदम उठाया है। दिव्यांगता शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है किन्तु सबसे बड़ी दिव्यांगता हमारे समाज की उस सोच में है जो दिव्यांग जनों से हीन भाव रखती है। जिसके कारण एक असक्षम व्यक्ति असहज महसूस करता है। आधुनिक होने का दावा करने वाला हमारा समाज अब तक दिव्यांगों के प्रति अपनी बुनियादी सोच में कोई खास परिवर्तन नहीं ला पाया है। अधिकतर लोगों के मन में दिव्यांगों के प्रति तिरस्कार या दया भाव ही रहता है। ऐसे भाव दिव्यांगों के स्वाभिमान पर चोट करते हैं। भारत में दिव्यांगों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद इनकी परेशानियों को समझने और उन्हें जरूरी सहयोग देने में सरकार और समाज दोनों नाकाम दिखाई देते हैं। अब दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी सोच को बदलने का समय आ गया है। दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में तभी शामिल किया जा सकता है जब समाज इन्हें अपना हिस्सा समझे। इसके लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान की जरूरत है। हाल के वर्षों में दिव्यांगों के प्रति सरकार की कोशिशों में तेजी आयी है। दिव्यांगों को कुछ न्यूनतम सुविधाएं देने के लिए प्रयास हो रहे हैं। हालांकि योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों क्रियान्वयन की सुस्त चाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगायी थी। दिव्यांगों को शिक्षा से जोड़ना बहुत जरूरी है। मूक-बधिरों के लिए विशेष स्कूलों का अभाव है। जिसकी वजह से अधिकांश विकलांग ठीक से पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाते हैं।
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रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। 19 वीं शताब्दी में श्री रामकृष्ण परमहंस एक रहस्यमयी और महान योगी पुरुष थे। जिन्होंने काफी सरल शब्दों में अध्यात्मिक बातों को सामान्य लोगों के सामने रखा। जिस समय हिन्दू धर्म बड़े संकट में फंसा हुआ था उस समय श्री रामकृष्ण परमहंस ने हिन्दू धर्मं में एक नयी उम्मीद जगाई। रामकृष्ण के जीवन में अनेक गुरु आये पर अन्तिम गुरुओं का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा। एक थी भैरवी जिन्होंने उन्हें अपने कापालिक तंत्र की साधना करायी और दूसरे थे श्री तोतापुरी उनके अन्तिम गुरु। गंगा के तट पर दक्षिणेश्वर के प्रसिद्व मंदिर में रहकर रामकृष्ण मां काली की पूजा किया करते थे। गंगा नदी के दूसरे किनारे रहने वाली भैरवी को अनुभूति हुई कि एक महान संस्कारी व्यक्ति रामकृष्ण को उसकी दीक्षा की आवश्यकता है। गंगा पार कर वो रामकृष्ण के पास आयी तथा उन्हें कापालिक दीक्षा लेने को कहा। रामकृष्ण ने भैरवी द्वारा बतायी पद्धति से लगातार साधना कर मात्र तीन दिनों में ही सम्पूर्ण क्रिया में निपुण हो गये। रामकृष्ण के अन्तिम गुरु तोतापुरी थे जो सिद्ध तांत्रिक तथा हठ योगी थे। उन्होने रामकृष्ण को दीक्षा दी। रामकृष्ण को दीक्षा दी गई परमशिव के निराकार रुप के साथ पूर्ण संयोग की। पर आजीवन तो उन्होने मां काली की आराधना की थी। वे जब भी ध्यान करते तो मां काली उनके ध्यान में आ जाती और वे भावविभोर हो जाते। जिससे निराकार का ध्यान उनसे नहीं हो पाता था। तोतापुरी ध्यान सिद्ध योगी थे। उनको अनुभव हुआ कि रामकृष्ण के ध्यान में मां काली प्रतिष्ठित हैं। उन्होने शक्ति सम्पात के द्वारा रामकृष्ण को निराकार ध्यान में प्रतिष्ठित करने के लिये बगल में पड़े एक शीशे के टुकड़े को उठाया और उसका रामकृष्ण के आज्ञाचक्र पर आघात किया जिससे रामकृष्ण को अनुभव हुआ कि उनके ध्यान की मां काली चूर्ण-विचूर्ण हो गई हैं और वे निराकार परमशिव में पूरी तरह समाहित हो चुके हैं। वे समाधिस्थ हो गये। ये उनकी पहली समाधि थी जो तीन दिन चली। तोतापुरी ने रामकृष्ण की समाधी टूटने पर कहा। मैं पिछले 40 वर्षो से समाधि पर बैठा हूं पर इतनी लम्बी समाधी मुझे कभी नही लगी। श्री रामकृष्ण परमहंस का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कामारपुकुर नामक गांव में 18 फरवरी 1836 को एक निर्धन निष्ठावान ब्राहमण परिवार में हुआ था। इनके जन्म पर ही ज्योतिषियों ने रामकृष्ण के महान भविष्य की घोषणा कर दी थी। ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सुन इनकी माता चन्द्रा देवी तथा पिता खुदिराम अत्यन्त प्रसन्न हुए। इनको बचपन में गदाधर नाम से पुकारा जाता था। पांच वर्ष की उम्र में ही वो अदभुत प्रतिभा और स्मरणशक्ति का परिचय देने लगे। अपने पूर्वजों के नाम व देवी- देवताओं की स्तुतियां, रामायण, महाभारत की कथायें इन्हे कंठस्थ याद हो गई थी। 1843 में इनके पिता का देहांत हो गया तो परिवार का पूरा भार इनके बड़े भाई रामकुमार पर आ पड़ा था। रामकृष्ण जब नौ वर्ष के हुए इनके यज्ञोपवीत संस्कार का समय निकट आया। उस समय एक विचित्र घटना हुई। ब्राह्मण परिवार की परम्परा थी कि नवदिक्षित को इस संस्कार के पश्चात अपने किसी सम्बंधी या किसी ब्राह्मण से पहली शिक्षा प्राप्त करनी होती थी। एक लुहारिन जिसने रामकृष्ण की जन्म से ही परिचर्या की थी। बहुत पहले ही उनसे प्रार्थना कर रखी थी कि वह अपनी पहली भिक्षा उसके पास से प्राप्त करे। लुहारिन के सच्चे प्रेम से प्रेरित हो बालक रामकृष्ण ने वचन दे दिया था। अतः यज्ञोपवीत के पश्चात घर वालों के लगातार विरोध के बावजूद इन्होंने ब्राह्मण परिवार में प्रचलित प्रथा का उल्लंघन कर अपना वचन पूरा किया और अपनी पहली भिक्षा उस लुहारिन से प्राप्त की। यह घटना सामान्य नहीं थी। सत्य के प्रति प्रेम तथा इतनी कम उम्र में सामाजिक प्रथा के इस प्रकार उपर उठ जाना रामकृष्ण की आध्यात्मिक क्षमता और दूरदर्शिता को ही प्रकट करता है। रामकृष्ण का मन पढ़ाई में न लगता देख इनके बड़े भाई इन्हे अपने साथ कलकत्ता ले आये और अपने पास दक्षिणेश्वर में रख लिया। यहां का शांत एवं सुरम्य वातावरण रामकृष्ण को अपने अनुकूल लगा। 1858 में इनका विवाह शारदा देवी नामक पांच वर्षीय कन्या के साथ सम्पन्न हुआ। जब शारदा देवी ने अपने अठारहवें वर्ष मे पदार्पण किया तब श्री रामकृष्ण ने दक्षिणेश्वर के अपने कमरे में उनकी षोड़शी देवी के रूप में आराधना की। यही शारदा देवी रामकृष्ण संघ में माताजी के नाम से परिचित हैं। रामकृष्ण परमहंस के पास जो कोई भी जाता वह उनकी सरलता, निश्चलता, भोलेपन और त्याग से इतना अभिभूत हो जाता कि अपना सारा पांडित्य भूलकर उनके पैरों पर गिर पड़ता था। गहन से गहन दार्शनिक सवालों के जवाब भी वे अपनी सरल भाषा में इस तरह देते कि सुनने वाला तत्काल ही उनका मुरीद हो जाता। इसलिए दुनियाभर की तमाम आधुनिक विद्या, विज्ञान और दर्शनशास्त्र पढ़े महान लोग भी जब दक्षिणेश्वर के इस निरक्षर परमहंस के पास आते तो अपनी सारी विद्वता भूलकर उसे अपना गुरू मान लेते थे।इनके प्रमुख शिष्यों में स्वामी विवेकानन्द, दुर्गाचरण नाग, स्वामी अद्भुतानंद, स्वामी ब्रह्मानंदन, स्वामी अद्यतानन्द, स्वामी शिवानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी योगानन्द थे। श्री रामकृष्ण के जीवन के अन्तिम वर्ष कारुण रस से भरे थे। 15 अगस्त 1886 को अपने भक्तों और स्नेहितों को दुख के सागर में डुबाकर वे इस लोक में महाप्रयाण कर गये। रामकृष्ण परमहंस महान योगी, उच्चकोटि के साधक व विचारक थे। सेवा पथ को ईश्वरीय, प्रशस्त मानकर अनेकता में एकता का दर्शन करते थे। सेवा से समाज की सुरक्षा चाहते थे। रामकृष्ण का सारा जीवन अध्यात्म-साधना के प्रयोगों में बीता। वे लगातार कई घंटों तक समाधि में लीन हो जाते थे। चौबीस घंटे में बीस-बीस घंटों तक वे उनसे मिलनेवाले लोगों का दुख-दर्द सुनते और उसका समाधान भी बताते। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के भोले प्रयोगवाद में वेदांत, इस्लाम और ईसाइयत सब एक रूप हो गए थे। निरक्षर और पागल तक कहे जाने वाले रामकृष्ण परमहंस ने अपने जीवन से दिखाया था कि धर्म किसी मंदिर, गिरजाघर, विचारधारा, ग्रंथ या पंथ का बंधक नहीं है। रामकृष्ण परमहंस मुख्यतः आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता थे। जिन्होंने देश में राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाया। उनकी शिक्षा जातिवाद एवं धार्मिक पक्षपात को नकारती हैं। विभिन्न धर्मों के माध्यम से रामकृष्ण के रहस्यमय अनुभवों ने उन्हें यह सिखाने के लिए प्रेरित किया कि विभिन्न धर्म पूर्ण ज्ञान और आनंद तक पहुँचने के अलग-अलग साधन हैं और विभिन्न धर्म पूर्ण सत्य की समग्रता को व्यक्त नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके पहलुओं को व्यक्त कर सकते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये उनके परम् शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने एक मई 1897 को बेलुड़ में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मिशन के उद्देश्य मानवता के सर्वांगीण कल्याण के लिए काम करना, विशेष रूप से गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए।
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हृदयनारायण दीक्षित भारतीय संस्कृति अति प्राचीन है। यूरोप की सभ्यता पर यूनानी प्रभाव है। यूनान जर्मनी से पहले सभ्य हुआ। भारत यूनान से पहले। यूनानी दर्शन ईसा के 500-600 वर्ष पहले शुरू हुआ। इसके सैकड़ों बरस पहले भारत का वैदिक दर्शन प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। यूनानी सभ्यता की विकास भूमि क्रीट द्वीप है। क्रीट की कला के विश्लेषक रैनोल्ड हिगिंस के अनुसार ईसा के 2800 बरस पहले लघु एशिया के प्रवासी वहां सभ्यता ले गए। क्रीट के क्रोसोस नगर के प्रथम शासक मिनोस के नाम पर इसे ‘मिनोअन सभ्यता‘ कहा गया। मिकनी नगर यूनानी सभ्यता का केन्द्र बना। यह सभ्यता मखदूनिया, साइप्रस और इटली तक फैली। मिस्र से निकाले गए हुक्सोस मिकनी के शासक थे। टायनबी ने इन्हें आर्य व हिगिंस ने इन्हें भारतीय कहा। भाषा वैज्ञानिक वामपंथी विद्वान डॉ. रामविलास शर्मा ने बताया कि, ‘‘आर्य भाषा बोलने वाले भारतीय मिनोअन-मिकीनियन राज्यों के संस्थापक थे।‘‘ यूनानी सभ्यता, संस्कृति और दर्शन का विकास भारतीय सम्बंधों से हुआ। ऋग्वेद के मनु, मिस्र के प्रथम राजा मेनस और यूनान (क्रीट) के प्रथम शासक मिनोस भाषा की दृष्टि से संस्कृत के और संस्कृति की दृष्टि से भारतीय तत्व हैं। इंग्लैंड की सभ्यता यूनान से प्रेरित है। उन्होंने लैटिन, ग्रीक, मिस्र से संस्कृति और सभ्यता के तत्व पाए। भारतीय संपर्क से उन्हें पुष्ट किया। अंग्रेजी स्वयं में व्यवस्थित भाषा नहीं है। संस्कृत के तमाम शब्द अंग्रेजी में हैं। संस्कृत का दिव्य ही अंग्रेजी का डिवाइन है। अंग्रेजी का ब्रदर संस्कृत का भ्रात है, फादर संस्कृत का पितृ है और मदर संस्कृत की मातृ है। गोदाम अंग्रेजी में गोडाउन है। पी.जी. सुब्बाराव ने ‘इंडियन वर्ड्स इन इंग्लिश‘ में ऐसे सैकड़ों दिलचस्प शब्दों की सूची दी है। अंग्रेजों ने जर्मन, फ्रेंच से भाषा के संस्कार पाए, रोमन लिपि अपनाई। भाषा विज्ञानी अलब्राइट व लैम्बिडन ने सुमेरी को प्राचीनतम लिखित भाषा बताया। इनके मुताबिक पश्चिम को सुमेरी ने प्रभावित किया। उन्होंने बताया अंग्रेजी ‘ऐबिस‘ सुमेरी का अब्ज (पृथ्वी के नीचे का जल) है। यूनानी में वह अबुस्सास है। बेबीलोन में इसे अप्सु कहते हैं। लेकिन ऋग्वेद (1.23.19, 9.43.9 और 9.30.5 आदि) में जलवाची अप और अप्सु शब्द भरे पड़े हैं। मिस्त्री, सुमेरी और संस्कृत में भूतल जल पर एक शब्दावली है। ऋग्वेद पुराना है, जाहिर है कि संस्कृत ही सबसे पहले सृष्टि के आदि तत्व ‘जल‘ की बोली बनी। विलियम जोन्स ने कहा कि, ‘‘संस्कृत ग्रीक से अधिक निर्दोष, लैटिन से अधिक समृद्ध और इनमें किसी से भी अधिक उत्कृष्ट है। इसके बावजूद धातुओं और व्याकरणिक रूपों में यह इन दोनों से प्रगाढ़ सम्बंध रखती है, इतना प्रगाढ़ कि कोई भाषाविद् इनका एक ही स्रोत माने बिना छानबीन नहीं कर सकता।‘‘ संस्कृत जाने बिना विश्व भाषा विज्ञान, विश्व भाषा परिवार, सृष्टि संरचना और विश्व सांस्कृतिक सम्बंधों का अध्ययन विश्लेषण संभव नहीं। भारत सांस्कृतिक तत्वों का भी निर्यातक था। पश्चिम एशिया में रूद्र-शिव की उपासना थी। गूर्ने ने ‘दि हिटटाइटस‘ (पृष्ठ 134) में बताया कि वे हित्तियों के विशेष देवता थे, उनके अनेक रूप थे। सीरिया के शिल्प में वह परशु चलाते हुए बिजली कौँधने के प्रतीक हैं। यूनानी (मिनोअन) संस्कृति में भी परशु खास प्रतीक हैं। इबान्स के मुताबिक यह परशु मिनोअन देवी और उसके पुरुष देवता का चिन्ह था। इसी परशु का उल्लेख ऋग्वेद में है। पश्चिमी भारत से दक्षिणी यूरोप, फिर उत्तरी यूरोप होते हुए परशु नाम का देव प्रतीक इंग्लैंड तक पहुंचा। अंग्रेजी विद्वान सम्भवतः नहीं मानते कि रुद्र का शिवत्व प्रागैतिहासिक काल में भी है। ऋग्वेद में वे अरुण-रूद्र हैं। वे जटाधारी भी हैं। यजुर्वेद में वे नमः शम्भवाय-नमः शिवाय भी हैं। जैसे सीरिया में वे बिजली कौँधने के प्रतीक हैं वैसे ही उसके बहुत पहले ऋग्वेद (7.46.3) में वे आकाश से बिजली गिराते हैं। यहां उनसे अमृत्व की महामृत्युंजय स्तुति (7.59.12) है। सभ्यता, संस्कृति, देवतंत्र, दर्शन, भौतिकी और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का आदि केन्द्र भारत है। यूरोपीय विद्वान एच.एस. मेन ने लिखा था, ‘‘बीजगणित, अंकगणित में पश्चिमी सहायता के बिना ही ऊंचे दर्जे की दक्षता है। दशमलव प्रणाली के अविष्कार का हम पर ऋण है। अरबों ने अंक हिन्दुओं से पाए, यूरोप में फैलाए। यूरोपीय चिकित्सा पद्धति 17वीं सदी तक अरबी चिकित्सा थी।‘‘ विलियम हंटर ने लिखा था कि, ‘‘पश्चिम के विद्वान जब भाषा विज्ञान का विवेचन आकस्मिक समानताओं के आधार पर कर रहे थे, उस समय भारत में व्याकरण को मूल सिद्धांतों का रूप मिल चुका था।‘‘ सारा ज्ञान विज्ञान, संस्कृति दर्शन संस्कृत में है, हिन्दी में भी है। बावजूद इसके अंग्रेजी पर जोर है, अंग्रेजी का शोर है। सवाल यह है कि जो संस्कृत और हिन्दी काव्य, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, प्रीति और प्रेम की सहज अभिव्यक्ति है, वही विज्ञान और व्यापार की सशक्त भाषा क्यों नहीं है? भारत प्राचीनतम व अद्वितीय राष्ट्र है। मैक्समूलर ने लिखा, ‘‘भारत के मानवी-मस्तिष्क ने कुछ सर्वोत्तम गुणों का पूर्ण विकास किया है। जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याओं पर भारत द्वारा प्राप्त हल प्लेटो और कांट के दर्शन का अध्ययन किए हुए लोगों के लिए (भी) विचार करने योग्य है। यूनानी, रोमन और एक सेमेटिक जाति यहूदी के विचार मात्र पर पालित-पोषित यूरोप के हम लोग जीवन को अधिक परिपक्व, अधिक व्यापक, अधिक सार्वलौकिक, दरअसल सच्चे मानवीय बनाने के लिए भारत की ओर ही देखते हैं।‘‘ भारतीय संस्कृति दर्शन की ऐसी प्रतिष्ठा पर गर्व करना चाहिए। स्वाधीनता संग्राम की भाषा मातृभाषा हिंदी थी लेकिन नए प्रभुवर्ग अंग्रेजी को वरीयता देते रहे हैं। गांधीजी ने कहा था, ‘‘अंग्रेजी ने हिंदुस्तानी राजनीतिज्ञों के मन में घर कर लिया है। मैं इसे अपने देश और मनुष्यत्व के प्रति अपराध मानता हूं।‘‘ (संपूर्ण गांधी वांगमय 29-312) संस्कृति, सृजन और संवाद की भाषा हिंदी है। बावजूद इसके अंग्रेजी का मोह बढ़ा, अंग्रेजी स्कूल बढ़े, अंग्रेजी प्रभुवर्ग की भाषा बनी। हिंदी का अंग्रेजीकरण भी हुआ। टीवी सिनेमा ने नई ‘संकर भाषा‘ को गले लगाया। हिंदी सौंदर्य और कला में व्यक्त करने का माध्यम थी-है। अंग्रेजीकृत हिंदी-हिंगलिश-मिश्रित बोली ने भारतीय सौंदर्यबोध को विकृत किया। अंग्रेजी मिश्रित हिंदी शैंपू और दाद खाज की दवा बेचने का माध्यम हो सकती है लेकिन सृजन और संवाद की भाषा नहीं हो सकती। स्वभाषा के बिना संस्कृति निष्प्राण होती है। लॉर्ड मैकाले ने ब्रिटिश संसद में कहा था, ‘‘उच्चतर जीवन मूल्य और उत्कृष्ट क्षमताओं को देखते हुए भारतीयों पर तब तक विजय प्राप्त नहीं की जा सकती, जब तक वहां की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक परंपरा की सशक्त रीढ़ नहीं तोड़ी जाती। इसलिए मेरा प्रस्ताव है कि भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति, संस्कृति को विस्थापित करें कि भारतवासी विदेशी और अंग्रेजी को श्रेष्ठ समझते हुए स्वसंस्कृति और स्वाभिमान खोकर हमारी इच्छा अनुरूप शासित राष्ट्र हो जाएं।‘‘ वे असफल हुए। इसका कारण भारत की सांस्कृतिक निरंतरता है। (लेखक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध एक वैश्विक बहस का विषय बन गया है। जबकि कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अन्य देशों ने इसके उपयोग को कानूनी दायरे में लाने का फैसला किया है। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (जेम) टीम के अनुसार, कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो बच्चों के शिक्षा और गोपनीयता पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।फ्रांस में वर्ष 2018 में स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रदर्शन पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करता था। इसी तरह, कुछ ऑस्ट्रेलियाई और ब्रिटिश स्कूलों ने भी स्कूल घंटों के दौरान स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो विचलित होने और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।अन्य देशों ने भी स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए हैं। चीन के झेंगझओए शहर में, माता-पिता को अपने बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में स्मार्टफोन का उपयोग करने के लिए लिखित सहमति देनी होती है। इसके अलावा, कुछ देशों ने गोपनीयता की चिंताओं के कारण शैक्षिक सेटिंग्स से विशिष्ट अनुप्रयोगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। डेनमार्क और फ्रांस ने दोनों ने गूगल वर्कस्पेस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।इसके विपरीत, कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने का फैसला किया है, इसके बजाय प्रतिबंध लगाने के। यह दृष्टिकोण शैक्षिक सेटिंग्स में स्मार्टफोन के संभावित लाभों को स्वीकार करता है, जैसे कि ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच और छात्रों और शिक्षकों के बीच संचार को सुविधाजनक बनाने की क्षमता। भारत में, उदाहरण के लिए, सरकार ने स्कूलों में स्मार्टफोन के जिम्मेदार उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो शिक्षकों को इन उपकरणों को शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले तरीके से अपने शिक्षण प्रथाओं में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।सिंगापुर ने भी स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिनमें मोबाइल डिवाइस प्रबंधन सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है ताकि स्मार्टफोन के उपयोग पर निगरानी और नियंत्रण किया जा सके। इसी तरह, कुछ कनाडाई स्कूलों ने स्कूल घंटों के दौरान स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए नीतियां लागू की हैं, जिनमें निर्दिष्ट "टेक-फ्री" क्षेत्रों का उपयोग शामिल है।स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या इसके उपयोग को विनियमित करने का निर्णय शैक्षिक समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। इसके बजाय एक समग्र प्रतिबंध लगाने के बजाय, स्कूलों और सरकारों को एक संतुलन खोजने का प्रयास करना चाहिए जो छात्रों को स्मार्टफोन के लाभों का लाभ उठाने की अनुमति देता है जबकि जोखिमों को कम करता है।स्पष्ट नीतियों को लागू करके, छात्रों और शिक्षकों को शिक्षित करके, और स्मार्टफोन के उपयोग पर निगरानी करके, स्कूल स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने में मदद कर सकते हैं जो शिक्षा, सुरक्षा और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, स्कूल स्मार्टफोन की लत और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधि और आउटडोर प्ले को बढ़ावा दे सकते हैं।भारत सरकार ने स्कूली छात्रों में स्मार्टफोन की लत के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्य उपायों में से एक स्कूलों में जिम्मेदार स्मार्टफोन उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी करना है। ये दिशानिर्देश शिक्षकों को अपने शिक्षण प्रथाओं में स्मार्टफोन को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जो शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं।स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए, कुछ भारतीय स्कूलों ने परिसर के आसपास मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य लोग दिन के विशिष्ट समय या स्कूल के क्षेत्रों में फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने की सिफारिश करते हैं। यह दृष्टिकोण विचलित होने को कम करता है और एक स्वस्थ शिक्षा वातावरण को बढ़ावा देता है।स्मार्टफोन की लत बच्चों पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिनमें ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी, साइबर बुलिंग का खतरा बढ़ना और शारीरिक गतिविधि में कमी शामिल है। इसके अलावा, अत्यधिक स्मार्टफोन के उपयोग को कई नकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य परिणामों से जोड़ा गया है, जिनमें चिंता, अवसाद और अकेलापन शामिल हैं। इन जोखिमों को कम करने के लिए, स्कूल और माता-पिता कई कदम उठा सकते हैं, जिनमें स्मार्टफोन के उपयोग पर सीमाएं निर्धारित करना, शारीरिक गतिविधि और आउटडोर प्ले को प्रोत्साहित करना और डिजिटल साक्षरता और जिम्मेदार प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है।स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर बहस जटिल और बहुआयामी है। जबकि कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अन्य देशों ने इसके उपयोग को विनियमित करने का फैसला किया है। स्मार्टफोन के लाभों का लाभ उठाने की अनुमति देते हुए छात्रों को जोखिमों को कम करने के लिए एक संतुलन खोजने से, स्कूल और सरकारें छात्रों के लिए एक स्वस्थ और समर्थनकारी शिक्षा वातावरण बनाने में मदद कर सकती हैं।अंततः, स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या इसके उपयोग को विनियमित करने का निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शैक्षिक समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं शामिल हैं। स्कूल, सरकारें और माता-पिता मिलकर काम करके यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि छात्र स्मार्टफोन का उपयोग शिक्षा, सुरक्षा और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने वाले तरीके से करते हैं।
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भोपाल । प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था में रिक्त पदों के विरूद्ध सत्र 2024-25 में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली गई हैं। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस शैक्षणिक वर्ष में विद्यालय में व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिये अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी हैं।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि इस संबंध में संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकूल प्राचार्य और शाला प्रभारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
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देवास । बिना रेलिंग के तालाब में एक कार गिरने की घटना सामने आई है...घटना के समय कार में एक दम्पत्ति सवार था...जिसने जैसे तैसे कार का गेट खोलकर लोगों की मदद से अपनी जान बचाई गाड़ी के जिस से एक बड़ा हादसा होते होते बच गया... खातेगांव में एक दंपति सवार कार मोड़ने के दौरान बिना रेलिंग के तालाब में जा गिरी...बड़ी मुश्किल से कार का गेट खोलकर लोगों की मदद से दम्पत्ति ने अपनी जान बचाई...जिस जगह वह तालाब है...उसके पास प्राइवेट अस्पताल और रेस्टोरेंट है...जहाँ अक्सर भीड़ देखी जाती है...बिना रेलिंग के तालाब में आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती है...फिलहाल हुई घटना में कोई जनहानि तो नहीं हुई...लेकिन तालाब में रेलिंग लगाने की आवाज उठी है...
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हल्द्वानी । नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट लगातार ताबड़तोड़ एक्शन में जुटे हैं...गजराज बिष्ट ने नगर निगम की खाली पड़ी जमीनों का स्थलीय निरीक्षण किया...और जनहित के कार्यों को करने के निर्देश दिए...इस दौरान नगर आयुक्त ऋचा सिंह और सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट सहित नगर निगम की टीम मौजूद रही... मंगल पड़ाव, मछली बाजार और वर्कशॉप लाइन में नगर निगम क्षेत्र में खाली पड़ी जमीनों के निरीक्षण के दौरान नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने फड़ बाजार, पार्किंग और गोदाम सहित अन्य जनहित के कार्यों को करने के निर्देश दिए....उन्होंने बताया कि नगर निगम की आय बढ़ाने और जनता को सुविधा पहुंचाने की दृष्टि से लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं साथ ही हल्द्वानी को सुंदर और सुसज्जित बनाने के लिए अतिक्रमण हटाने का अभियान भी लगातार जारी है...
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ग्वालियर: ग्वालियर का 118 साल पुराना ऐतिहासिक व्यापार मेला इस साल अपेक्षाकृत कम सैलानियों के आने से मायूस नजर आ रहा है। जहां पहले सालों तक व्यापारियों के लिए यह मेला एक अच्छा अवसर बनता था, वहीं इस वर्ष दुकानदारों के चेहरे पर निराशा छाई हुई है। महाकुंभ को बताया कारण, लेकिन अन्य समस्याएं भी हैं कपड़े के दुकानदारों ने बताया कि पहले की तरह मेला इस साल नहीं चल पा रहा है। उनके मुताबिक, खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है, और इसका मुख्य कारण प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ है। लेकिन यह केवल एक कारण नहीं है, बल्कि मेला परिसर की अन्य समस्याएं भी बड़ी वजह बन रही हैं। मेला दुकानदार कल्याण संघ के अध्यक्ष बलवीर सिंह ने बताया कि सैलानियों की कमी के अलावा, मेला परिसर में गंदगी, सुलभ शौचालयों की कमी और सड़क पर हाथ ठेले वाले फुटपाथी व्यापारियों की समस्याएं भी अहम कारण हैं। चाट व्यापारी ने कहा – घाटे में जा रही दुकानें चाट के व्यापारी ने भी अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष उनकी दुकान घाटे में जा रही है। उन्हें अपनी पूंजी वापस निकालने में भी कठिनाई हो रही है, क्योंकि सैलानी कम आने के कारण ग्राहक भी नहीं मिल रहे हैं।
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मध्य प्रदेश में गौ संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन धरातल पर इन योजनाओं का प्रभाव नदारद है। सिंगरौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां सरकारी योजनाओं की असलियत उजागर हो रही है। गौशाला में भूसा और चारे की भारी कमी नगर पालिक निगम सिंगरौली देवरा में एक गौशाला संचालित की जा रही है, जिसमें लगभग 50 गोवंश मौजूद हैं। लेकिन यहां इन गायों को खिलाने के लिए आवश्यक भूसा और चारा उपलब्ध नहीं है। स्थिति इतनी गंभीर है कि पांच दिन से ज्यादा समय से गायें भूखी हैं। इस लापरवाही ने गौशाला के संचालन पर सवाल उठाए हैं और इसे जांच का विषय बना दिया है। लापरवाही पर उठे सवाल गायों के प्रति इस तरह की लापरवाही ने स्थानीय लोगों और पशुपालकों को चिंतित कर दिया है। जब गौशाला में भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, तो यह सरकारी नीतियों और योजनाओं की असफलता को दिखाता है। गायों के संरक्षण के लिए बनाई गई योजनाएं अगर कागजों तक सीमित रहती हैं और उनका पालन सही तरीके से नहीं होता, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे संरक्षण अभियान पर पड़ता है। क्या सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी? इस मामले में अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए गायों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए जरूरी कदम उठाते हैं या नहीं। फिलहाल, यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बन चुका है, और गौवंश की देखभाल में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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गुना, मध्य प्रदेश: गुना जिले के बजरंगगढ़ इलाके में एक युवक के साथ हुई अमानवीय घटना ने सभी को चौंका दिया है। पारदी गैंग के सदस्यों ने युवक का अपहरण कर उसे नग्न अवस्था में बेरहमी से पीटा। इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना का विवरण यह मामला लगभग 24 दिन पुराना है, लेकिन हाल ही में सामने आए वीडियो ने इस घटना की बर्बरता को उजागर किया है। पीड़ित युवक का आरोप है कि पारदी गैंग के सदस्यों ने उसे जबरन अगवा किया और गढ़ला गांव ले जाकर उसके कपड़े उतरवाए। इसके बाद उसे जूते से पीटा गया और कड़ाकड़ाती सर्दी में उसके ऊपर ठंडा पानी भी डाला गया। पुलिस की कार्रवाई घटना के बाद, पीड़ित युवक किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा और उसने अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। हालांकि, इस घटना में शामिल आरोपी अभी भी फरार हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस अपराधियों को पकड़ने में सक्षम होगी। समाज पर प्रभाव इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधियों के हौंसले किस कदर बुलंद हैं। समाज में इस प्रकार की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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ग्वालियर, 12 फरवरी : ग्वालियर के डबरा शहर में एक मोमोज विक्रेता के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना उस समय हुई जब विक्रेता ने अपने ग्राहकों से पैसे मांगे, जिसके बाद दो व्यक्तियों ने उसकी बर्बरता से पिटाई की। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मोमोज विक्रेता के साथ मारपीट की घटनाग्वालियर के डबरा शहर में एक मोमोज विक्रेता के साथ दो लोगों ने पैसे मांगने के मुद्दे पर मारपीट की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया। पुलिस आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। व्यापार मेले में आग का तांडव, करोड़ों का नुकसानग्वालियर व्यापार मेले में एक अन्य गंभीर घटना घटी, जब छतरी नंबर 14 के पास भीषण आग लग गई। आग ने 8 से 10 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 8 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और एक घंटे के अंदर आग पर काबू पाया गया। हालांकि, व्यापारी अध्यक्ष ने प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा किया है और कहा कि आग लगने से पहले ही सुरक्षा इंतजामों को दुरुस्त किया जाना चाहिए था। आग लगने के बाद व्यापारी वर्ग में प्रशासन की ओर से लापरवाही को लेकर निराशा का माहौल है।
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सिंगरौली में 21.89 लाख रुपये की लागत से WBM सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को बरसात में राहत मिलेगी। इस सड़क का निर्माण बृजेश शुक्ला के घर से अरुण सिंह चंदेल और मारुति नगर मुख्य मार्ग तक किया जाएगा। सड़क निर्माण के साथ-साथ, सिंगरौली में किसानों के लिए एक पशुपालन शिविर का आयोजन भी किया गया है, जिसमें उन्हें पशुपालन योजनाओं की जानकारी दी गई। सिंगरौली के 38 तुलसी वार्ड ढोटी में इस सड़क का भूमि पूजन वार्ड पार्षद अनिल कुमार वैश्य ने किया। उन्होंने बताया कि यह सड़क बरसात के दौरान लोगों के लिए राहत का कारण बनेगी और बच्चों को स्कूल जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सड़क और नाली की लगातार जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि वार्ड की सुविधाओं में सुधार हो सके। सिंगरौली के पशु चिकित्सालय में आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि सीमा जायसवाल ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. पंकज सिंह और डॉ. शिल्पा पटेल भी शिविर में शामिल हुए। इस शिविर का उद्देश्य किसानों को पशुपालन से जुड़े जानकारी और प्रशिक्षण देना था, ताकि उन्हें नए रोजगार के अवसर मिल सकें।
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छतरपुर से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। यह घटना हरपालपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक ने मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने कमरे में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने अपने परिजनों को इस घटना के बारे में बताया, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी विनोद अहिरवार के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने समाज में सुरक्षा के सवाल को एक बार फिर से उठाया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह घटना न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा के प्रति और अधिक सतर्क रहना होगा।
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देवास पुलिस ने इंदौर के खजराना क्षेत्र में ठगी करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने पिछले दो वर्षों में 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। आरोपी, शकील लौहार, छोटे-छोटे कियोस्क दुकानदारों को निशाना बनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था। वह दुकानदारों से कहता था कि "मैं आपको 2000 रुपये ऑनलाइन आपके मोबाइल नंबर पर भेज दूंगा, और आप मुझे 2000 रुपये नगद दे देना।" इसके बाद वह दुकानदारों से उनका मोबाइल नंबर लेकर गूगल पे ऐप के माध्यम से 2000 रुपये की रिक्वेस्ट भेजता था। दुकानदार, मैसेज का नोटिफिकेशन देखकर बिना पूरी जानकारी देखे, यह मान लेते थे कि पैसे उनके खाते में आ गए हैं और आरोपी को नगद राशि दे देते थे। इस प्रकार, आरोपी ने पिछले दो वर्षों में 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। पुलिस ने इस मामले में "सेफ क्लिक अभियान" के तहत कार्रवाई की है। थाना प्रभारी शुभम परिहार ने बताया कि इस तरह की ठगी के मामलों को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया जा रहा है। वहीं, नेमावर में एक और गंभीर घटना सामने आई है, जहां जगदीश नामक युवक ने एक 11 साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर लाल माई की कुटिया के पास ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की। जब बच्ची ने विरोध किया, तो आरोपी ने आसपास के लोगों पर पत्थर फेंककर भागने की कोशिश की। पीड़िता की मां ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। यह घटना समाज में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
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भोपाल/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे भव्य महाकुंभ मेला के कारण लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के कुछ जिलों में भारी ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रद्धालुओं से अगले कुछ दिनों तक प्रयागराज न जाने की अपील की है, ताकि यातायात व्यवस्था को सहज बनाया जा सके और जाम से बचा जा सके। भीषण ट्रैफिक जाम से प्रभावित रास्तेप्रयागराज महाकुंभ के मद्देनजर मध्य प्रदेश के कई जिलों जैसे जबलपुर, सिवनी, कटनी, मैहर, सतना, और रीवा में भारी ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाहनों से प्रयागराज की ओर जा रहे हैं, जिसके कारण इन जिलों के प्रमुख रास्तों पर भारी दबाव बन रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "प्रयागराज से सटे राज्य के क्षेत्रों, खासकर रीवा जिले के आसपास यातायात दबाव बढ़ गया है, क्योंकि अन्य राज्यों से भी लोग इसी रास्ते से यात्रा कर रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अगले कुछ दिन इस रास्ते पर आगे न बढ़ें।" प्रयागराज प्रशासन से संपर्क में सरकारसीएम मोहन यादव ने यह भी बताया कि राज्य सरकार प्रयागराज प्रशासन के संपर्क में है और वहां यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम सौभाग्यशाली हैं कि महाकुंभ के लिए इतने श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं, लेकिन साथ ही हम उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंतित भी हैं। राज्य सरकार ने इन मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, पानी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।" रास्ता साफ हो तभी बढ़ें आगेमुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे गूगल पर रास्ते की स्थिति चेक करें और यदि रास्ता साफ हो तभी आगे बढ़ें। यदि रास्ते में कोई व्यवधान हो, तो किसी उपयुक्त स्थान पर रुककर इंतजार करें। उन्होंने कहा, "कृपया रास्ते की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा करें।" सोशल मीडिया पर रीवा जिले की अंतरराज्यीय सीमा और अन्य जिलों में भारी ट्रैफिक जाम के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें यातायात के दबाव को साफ देखा जा सकता है। 44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नानउत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9 फरवरी तक 44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया है। अकेले 10 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 63 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
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धमौरा स्थित शासकीय विद्यालय में एक 8वीं कक्षा के छात्र के पास अवैध कट्टा मिलने से हड़कंप मच गया। छात्र ने स्कूल में कट्टा लेकर प्रवेश किया, जिसे प्रिंसिपल ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत पुलिस को सूचित किया और हथियार को जब्त कराया। पुलिस ने किया छात्र को गिरफ्तार, जांच जारीसिविल लाइन थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कट्टा जब्त किया और छात्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्र ने यह अवैध हथियार कहां से प्राप्त किया। यह घटना विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है, और पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। स्कूल प्रशासन का तत्परता से कदमविद्यालय के प्रिंसिपल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से कार्रवाई की, जिससे बड़ा हादसा टल गया। स्कूल में अवैध हथियारों के प्रवेश को लेकर शिक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
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शिवपुरी जिले के रावनवाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी को रोकने की कोशिश कर रहे विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री गोलू सूर्यवंशी को धमकी दी गई है। आरोपी राजा कुरैशी ने गोलू सूर्यवंशी के घर जाकर उनके भाई को धमकाया और गोलू को जान से मारने की चेतावनी दी। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चिंता का विषय बन गई है और अब तक पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का प्रशासन से कार्रवाई की मांगविश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस घटना के खिलाफ प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील की है। इन संगठनों ने इस मुद्दे पर प्रशासन को चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने अवैध तस्करी और इस तरह की धमकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इन संगठनों का आरोप है कि अवैध कार्यों की बढ़ती संख्या इलाके में सुरक्षा की समस्या उत्पन्न कर रही है। अवैध कोयला तस्करी पर रोक की आवश्यकतागोलू सूर्यवंशी और उनके संगठन के सदस्य लंबे समय से अवैध कोयला तस्करी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। यह तस्करी क्षेत्र में न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि इससे अपराधों में भी इजाफा हो रहा है। स्थानीय लोग अब प्रशासन से सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इलाके में शांति और सुरक्षा बनी रहे। संगठनों द्वारा प्रशासन को चेतावनीविश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अवैध तस्करी पर रोक नहीं लगाई गई और धमकियां देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
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प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना के तहत रोजगार के अवसरों पर चर्चा दतिया, मध्यप्रदेश: प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना के अंतर्गत वन विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वन संपदा से जुड़े रोजगार के अवसरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यशाला में जनजातीय समूह के लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया और योजना के लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यशाला में दतिया के जिला अधिकारी मोहम्मद माज और एसडीओ प्रीति शाक्य ने भाग लिया। उन्होंने वन संपदा पर आश्रित जनजातीय परिवारों को रोजगार और अत्याधुनिक मशीनरी के उपयोग से संबंधित जानकारी प्रदान की। इस योजना के जरिए जनजातीय समूहों को वन संपदा के संरक्षण और उपयोग से जुड़ी नई संभावनाओं और रोजगार के अवसरों का लाभ मिल सकेगा। कार्यशाला के दौरान, जनजातीय समूह ने प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना की सराहना की और कहा कि इस योजना से उन्हें नई दिशा और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने प्रदेश और देश सरकार के प्रयासों की तारीफ भी की। एसडीओ प्रीति शाक्य ने योजना की महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट करते हुए इसे रोजगार के क्षेत्र में सहायक बताया। आशा और उम्मीद:इस कार्यक्रम के बाद, लगभग 150 जनजातीय लोग इस योजना से लाभान्वित होने की उम्मीद जताते हुए इसे एक सकारात्मक कदम माना। प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना से उन परिवारों को खासा लाभ मिलने की संभावना है जो वन संपदा पर निर्भर रहते हैं। इस कार्यशाला का आयोजन जनजातीय समूहों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है।
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नौगांव थाना क्षेत्र में एक दुकानदार को खाने-पीने के लिए ₹1000 ना देना महंगा पड़ गया। दबंग सद्दाम कुरैशी ने दुकानदार शरीफ अंसारी के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में दबंग मारपीट करता हुआ दिख रहा है, और जब एक युवक ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो दबंग ने उसका मोबाइल भी तोड़ दिया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना नौगांव थाना क्षेत्र में हुई। पीड़ित दुकानदार शरीफ अंसारी ने बताया कि दबंग सद्दाम कुरैशी उनके दुकान पर आया और खाना खाया। जब उसने पैसे मांगे तो वह गाली-गलौज करने लगा और मारपीट करने लगा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इसे देखकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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दतिया में जनसुनवाई के दौरान अचानक बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं कलेक्टर के पास पहुंच गए। ये छात्र-छात्राएं खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों से थे, जिन्हें अपनी परीक्षा केंद्रों के स्थानांतरण के बाद बड़ी असुविधा हो रही थी। उनका कहना था कि उनके परीक्षा केंद्रों को दतिया स्थानांतरित कर दिया गया है, और इससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीण छात्रों का प्रशासन से आग्रह बडोनी और जिगना के हायर सेकंडरी विद्यालयों के परीक्षा केंद्रों को दतिया स्थानांतरित करने के बाद ग्रामीण विद्यार्थियों में नाराजगी फैल गई है। छात्रों ने प्रशासन से अपनी समस्या साझा करते हुए कलेक्टर से यह अनुरोध किया कि पुराने परीक्षा केंद्रों को यथावत रखा जाए, ताकि वे किसी प्रकार की असुविधा से बच सकें। परीक्षा केंद्र बदलने से होने वाली असुविधाएं ग्रामीण छात्रों का कहना था कि नए परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में उन्हें समय और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। अधिकतर विद्यार्थियों के लिए दतिया तक का रास्ता लंबा और कठिन है, जो परीक्षा केंद्र बदलने से उनकी परेशानियों को और बढ़ा सकता है। छात्र-छात्राओं ने यह भी कहा कि पहले के परीक्षा केंद्रों में उन्हें परीक्षा देने में कोई कठिनाई नहीं होती थी, लेकिन अब स्थान परिवर्तन से उनकी तैयारियों पर असर पड़ सकता है। कलेक्टर को आवेदन इन समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं सीधे कलेक्टर के पास पहुंचे और आवेदन दिया। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि प्रशासन उनके पुराने परीक्षा केंद्रों को फिर से बहाल करे, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी परीक्षा दे सकें। छात्रों का कहना था कि प्रशासन को उनकी समस्याओं का संज्ञान लेना चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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खटीमा तहसील में आयोजित तहसील दिवस के मौके पर जनता ने अपनी विभिन्न समस्याओं को उठाया, जिन्हें तत्काल समाधान किया गया। इस अवसर पर तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए। तहसील दिवस पर जनसमस्याओं का समाधान तहसील दिवस के दौरान, खटीमा तहसील सभागार में कई लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनमें प्रमुख रूप से विभिन्न प्रमाण पत्रों, सड़क, सीसी मार्ग, बिजली जैसी समस्याएं शामिल थीं। इन शिकायतों पर तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कार्रवाई की और 7 समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर दिया। सरकार की प्राथमिकता: जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि लोगों की समस्याओं को त्वरित और प्रभावी तरीके से हल किया जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि छोटी समस्याओं का समाधान उनके स्तर पर ही किया जाएगा, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। स्थानीय प्रशासन की सक्रियता तहसील दिवस पर जनसमस्याओं का समाधान करते हुए स्थानीय प्रशासन ने यह साबित कर दिया कि वे लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों ने प्रशासन की इस सक्रियता की सराहना की और कहा कि इस तरह के कदम से आम जनता को सीधे लाभ मिलेगा।
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चितरंगी पुलिस ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 453 पेटी विदेशी शराब और एक वाहन को जब्त किया है, जो तस्करी के प्रयास में थे। गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाईसिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के निर्देश पर चितरंगी थाना प्रभारी सुरेन्द्र यादव ने अपनी टीम के साथ अवैध शराब तस्करी का पर्दाफाश किया। 31 जनवरी को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक टीपर वाहन में अवैध शराब की तस्करी की जा रही है। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए वाहन को पकड़ लिया। शराब की खेप का था अवैध ट्रांजिट परमिटजांच के दौरान यह पता चला कि वाहन में 36 पेटी शराब रखी थी, जो ट्रांजिट परमिट से मेल नहीं खा रही थी। शराब की पूरी खेप अलग-अलग बैच की थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह अवैध शराब तस्करी की जा रही थी। वाहन चालक की गिरफ्तारीवाहन चालक अंकित मल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध शराब की तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।
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छतरपुर: छतरपुर पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ चल रही निरंतर मुहिम के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई थाना महाराजपुर पुलिस द्वारा की गई, जिसमें आरोपियों से अवैध हथियार बरामद किए गए। पहला आरोपी: आशीष अवस्थी पहले आरोपी आशीष अवस्थी को ग्राम कुसमा तालाब के किनारे से 315 बोर का देसी कट्टा और कारतूस के साथ पकड़ा गया। दूसरा आरोपी: धीरज यादव दूसरे आरोपी धीरज यादव को यात्री प्रतीक्षालय पुर तिराहा के पास से अवैध धारदार हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया। कानूनी कार्रवाई दोनों आरोपियों के खिलाफ आयुध अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, और उन्हें न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस की सक्रियता इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में एसडीओपी शशांक जैन और थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत सेन की अहम भूमिका रही, जिन्होंने अवैध हथियारों के खिलाफ निरंतर अभियान में अपना योगदान दिया। पुलिस प्रशासन का यह कदम क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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दतिया के बड़ौनी कस्बे में एक बर्थडे पार्टी के दौरान युवकों का अवैध हथियार लहराते हुए नाचते-गाते हुए वीडियो सामने आया है। यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वीडियो में दिखी कानून की धज्जियांवायरल वीडियो में चार युवक फिल्मी गाने "शाम है धुंआ-धुंआ" पर नाचते हुए अवैध हथियारों के साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। इन युवकों ने अपनी हाथों में अवैध हथियार लिए हुए थे और वीडियो में सिगरेट के छल्ले उड़ाते हुए मस्ती करते दिख रहे हैं। यह वीडियो बड़ौनी कस्बे में आयोजित एक जन्मदिन पार्टी का बताया जा रहा है, जहां ये युवक खुलेआम कानून का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई शुरूमामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ौनी थाना प्रभारी दिलीप समाधिया ने वीडियो की पुष्टि की और कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है। उन्होंने बताया कि वीडियो की प्रामाणिकता जांचने और इसमें दिखाई दे रहे युवकों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस जल्द ही आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए कदम उठाएगी। यह घटना कानून व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, और पुलिस द्वारा शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
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छतरपुर के चौक बाजार क्षेत्र में स्थित प्रभात ज्वेलर्स में दिनदहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। चोरी करने के लिए चोर ग्राहक बनकर दुकान में घुसे और दुकानदार की आंखों में धूल झोंकते हुए सोने के लॉकेट को चुरा कर फरार हो गए। घटना दोपहर के समय, जब चौक बाजार क्षेत्र काफी व्यस्त था, उस दौरान हुई। दुकान में मौजूद दोनों युवकों ने बड़ी ही चतुराई से 40 ग्राम सोने का ॐ नाम का लॉकेट चुरा लिया। इस पूरी घटना को दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे ने कैद कर लिया, जिससे अब पुलिस को आरोपियों की पहचान करने में मदद मिल रही है। पीड़ित दुकानदार ने इस चोरी की घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज कराई है, और पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। इस घटना से स्थानीय व्यापारियों में भी खलबली मच गई है, क्योंकि दिनदहाड़े चोरी जैसी वारदात ने सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। पुलिस अब इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर रही है और आरोपियों को जल्द पकड़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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सिंगरौली नगर पालिक निगम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें रिलायंस चौराहे के पास के अतिक्रमण को हटाया गया। इस कार्रवाई के दौरान निगम के अतिक्रमण दस्ते ने अवैध दुकानों और बस्तियों को हटाकर चौराहे को साफ किया, जिससे राहगीरों को हो रही परेशानियों का समाधान हुआ। रिलायंस चौराहे पर हाल के दिनों में अतिक्रमणकारियों ने खाली जगह पर दुकाने और अवैध बस्तियाँ बना ली थीं, जिससे सड़क पर आवाजाही करने वाले लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सड़क पर गाड़ी और पैदल यात्रियों का निकलना मुश्किल हो गया था, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी। निगम के अतिक्रमण अमले ने अवैध निर्माण को हटाने के साथ-साथ अतिक्रमणकारियों को एक अलग स्थान पर विस्थापित किया। इसके बाद, उन्हें यह सख्त हिदायत दी गई कि यदि भविष्य में वे फिर से अतिक्रमण करने की कोशिश करते हैं, तो उनके सामान को जब्त कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान निगम के अधिकारी और कर्मचारी साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद थे, ताकि कार्रवाई शांति और सुरक्षा के साथ पूरी हो सके। इस कदम से न केवल चौराहे की सूरत बदली, बल्कि शहर की सफाई और व्यवस्था को भी बढ़ावा मिला। निगम द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर लोगों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, क्योंकि अब चौराहे पर सड़क और यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ है।
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सिंगरौली, 30 जनवरी 2025 - सिंगरौली में यातायात व्यवस्था को सुचारू और दुर्घटना रहित बनाने के लिए थाना यातायात परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और सीएसपी, विन्ध्यनगर के निर्देश पर थाना प्रभारी यातायात दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने आयोजित की। बैठक का उद्देश्यबैठक का उद्देश्य शहर में यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करना, जाम की स्थिति से निपटना और दुर्घटनाओं की रोकथाम करना था। इस बैठक में बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपनी समस्याएं पुलिस के समक्ष रखी, वहीं यातायात पुलिस ने बस संचालन से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। समस्याएं और समाधानबैठक में यह भी सामने आया कि शहर में अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा ऑटो और रिक्शा चालकों के साथ बस संचालकों की बहसें होती रहती हैं, जिससे यातायात व्यवस्था में बाधाएं आती हैं। अब देखना होगा कि इस बैठक के बाद सिंगरौली में यातायात सुधार के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं और क्या परिणाम सामने आते हैं।
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छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - प्रदेश में ऑनलाइन साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान है और कई लोग इस ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छतरपुर से सामने आया है, जहां दो आरोपियों ने एक ग्रामीण को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की थी। पुलिस ने पकड़े दोनों आरोपियों कोपुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी कर रहे थे। आरोपी ग्रामीण से अवैध तरीके से पैसे और निजी जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों से बरामदगीगिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से 4 मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नगद राशि बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों से और भी खुलासे हो सकते हैं और इस मामले में आगे जांच जारी है। यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि ऑनलाइन ठगी के मामले कितने गंभीर होते जा रहे हैं और पुलिस साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
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छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - प्रदेश में ऑनलाइन साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान है और कई लोग इस ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छतरपुर से सामने आया है, जहां दो आरोपियों ने एक ग्रामीण को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की थी। पुलिस ने पकड़े दोनों आरोपियों कोपुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी कर रहे थे। आरोपी ग्रामीण से अवैध तरीके से पैसे और निजी जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों से बरामदगीगिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से 4 मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नगद राशि बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों से और भी खुलासे हो सकते हैं और इस मामले में आगे जांच जारी है। यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि ऑनलाइन ठगी के मामले कितने गंभीर होते जा रहे हैं और पुलिस साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
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छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - छतरपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए पांच करोड़ रुपये की चोरी का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। यह चोरी छतरपुर के लवकुश नगर स्थित चंद्रोदय सोनी ज्वेलर्स की दुकान में हुई थी। चोरी की घटना का खुलासाइस मामले का खुलासा करने के लिए एसपी ने 25 सदस्यीय एक विशेष टीम का गठन किया था। पुलिस ने कड़ी मेहनत और जांच के बाद आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपियों के पास से करीब पौने दो करोड़ रुपये के सोने और चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं। ये आरोपी पहले ज्वेलरी की दुकानों की रेकी करते थे और फिर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपी उत्तर प्रदेश के निवासीसभी आरोपी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, और पुलिस ने उनकी पहचान के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि, दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। सुरक्षात्मक कदम और पुलिस की सराहनाइस बड़ी सफलता को लेकर डीजीपी द्वारा पुलिस टीम को सम्मानित करने की घोषणा की गई है। पुलिस की इस मुस्तैदी और कड़ी मेहनत के चलते छतरपुर क्षेत्र में अपराधियों पर कड़ा प्रहार हुआ है। मामला लवकुशनगर थाना क्षेत्र कायह पूरा मामला लवकुशनगर थाना क्षेत्र का है, जहां ज्वेलरी की दुकान से चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई दिनों तक कड़ी जांच और निगरानी की थी। छतरपुर पुलिस की इस सफलता ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा का एक नया अहसास जागरूक किया है और यह दर्शाता है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कितनी सक्षम है।
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ग्वालियर में आवारा और कटखने कुत्तों की बढ़ती समस्या ने शहरवासियों को परेशान कर दिया है। सड़कों पर स्वच्छंद घूमते ये कुत्ते राहगीरों के लिए खतरा बन गए हैं। हाल ही में एक 7 वर्षीय बच्चे पर कुत्तों के हमले की घटना ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। इसके बाद अब प्रशासन डॉग बाइट मामलों पर अंकुश लगाने के लिए शहर की हर विधानसभा क्षेत्र में एबीसी सेंटर (एबोर्ट, कैस्ट्रेट, और कैच) खोलने की योजना बना रहा है। कुत्तों के हमले की दिल दहलाने वाली घटना बीते दिन ग्वालियर के राम कृष्ण आश्रम में पढ़ाई कर रहे एलकेजी के छात्र, 7 वर्षीय रवि पर कुत्तों ने हमला कर दिया था। रवि के शरीर पर 17 गहरे जख्म थे और उसे बचाने के लिए डॉक्टर्स को 6 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इलाज के दौरान रवि के जख्मों पर 107 टांके लगाए गए। इस दिल दहलाने वाली घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे शहर को हिला दिया। सांसद का बयान और प्रशासन की प्रतिक्रिया इस मामले पर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने भी प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की बात की और कहा, "लोग छड़ी लेकर चलें, अपनी सुरक्षा अब अपने हाथ में है।" वहीं, ग्वालियर कलेक्टर ने कहा कि कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी करने के लिए शहर के हर विधानसभा क्षेत्र में एबीसी सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
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छतरपुर जिले में पुलिस ने पांच युवतियों को अवैध रूप से चंदा वसूलने के आरोप में हिरासत में लिया है। ये पांचों युवतियां हाईवे पर राह चलते राहगीरों से अवैध रूप से चंदा वसूल रही थीं। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए युवतियों को गिरफ्तार किया। कौन थीं ये युवतियां? गिरफ्तार युवतियां गुजरात राज्य की रहने वाली हैं। वे बागेश्वर धाम दर्शन के लिए छतरपुर आई थीं। हालांकि, उनके यहां आने का उद्देश्य धार्मिक था, लेकिन वे अपने धार्मिक कर्तव्यों के बजाय हाईवे पर राहगीरों से अवैध चंदा वसूलने में जुटी हुई थीं। यह घटना तब उजागर हुई जब वसूली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने शुरू की पूछताछ वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों युवतियों को हिरासत में लिया। अब पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और इस मामले में आगे की कार्रवाई की योजना बना रही है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या ये युवतियां किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं, या फिर व्यक्तिगत तौर पर वसूली कर रही थीं। फिलहाल क्या हो रहा है? पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ और वसूली से जुड़े अन्य तथ्यों की जांच के बाद युवतियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने में जुटा हुआ है।
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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा कर रही संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को सोमवार को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बैठक के बाद बताया कि समिति द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों से कानून बेहतर और प्रभावी होगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘पलटने’ का आरोप लगाया।
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व आरटीओ कांस्टबेल सौरभ शर्मा ने सरेंडर के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने जिला कोर्ट में ये आवेदन दिया है। इसके बाद आज ही पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने सरेंडर कर दिया है। 17 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त की रेड पड़ी थी। सोने और चांदी के मिले थे बिस्किट सौरभ के घर और ऑफिस से करोड़ों रुपए की चांदी और सोने के बिस्किट सहित नगदी जब्त हुई थी। इसके साथ ही सुनसान जंगल से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड रुपए का कैश भी बरामद हुआ था। लोकायुक्त की छापेमारी के बाद से सौरभ शर्मा फरार चल रहा था।
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रीवा स्थित APS यूनिवर्सिटी की एक MBA छात्रा पर इंस्टाग्राम पर भड़काऊ रील पोस्ट करने का आरोप लगा है, जिससे समाज में तनाव और वैमनस्य फैलने का खतरा बढ़ गया। छात्रा ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता ओवैसी के भाई के भाषण पर आधारित एक रील बनाई, जिसे सोशल मीडिया पर साझा किया। इसके साथ ही, छात्रा ने अन्य जातिवाद फैलाने वाली रील्स भी पोस्ट की थीं। इन वीडियोज ने लोगों के बीच विवाद पैदा किया और मामला पुलिस तक पहुंच गया। हालांकि, वायरल होने के बाद छात्रा ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और विवादित पोस्ट को डिलीट कर दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नगर मंत्री हर्ष साहू ने इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय थाने में की और जांच की मांग की। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन छात्रा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की ओर से जांच जारी है।
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बॉलीवु़ड स्टार सैफ अली खान पर हुए हमले की कहानी लगातार उलझती जा रही है। पुलिस ने सैफ पर हमले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनके घर से मिले 19 फिंगरप्रिंट आरोपी के नहीं हैं। इसके बाद असली हमलावर को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सैफ अली खान के घर में 15 जनवरी को देर रात एक व्यक्ति घुसा था, जिसकी मेड के साथ बहस हुई और सैफ कमरे में पहुंचे तो आरोपी ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में सैफ को गंभीर चोटें आईं। डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद सैफ को घर भेज दिया है और एक सप्ताह तक बेड रेस्ट की सलाह दी है।
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मध्य प्रदेश के इंदौर के जिला कोर्ट से शनिवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। दरअसल, इंदौर के सिमरोल में कुछ दिन पहले बीजेपी नेत्री से दुष्कर्म के आरोप में सरपंच के पति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। आरोपी भी बीजेपी सदस्य है। शनिवार को सिमरोल पुलिस आरोपी लेखराज डाबी को इंदौर कोर्ट लेकर पहुंची। पीड़िता को इस बात की भनक लग गई और वो भी इंदौर जिला कोर्ट पहुंच गई। पीड़िता ने कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों के बीच ही आरोपी की पिटाई कर दी।
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गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस का विशेष आयोजन भोपाल में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तिरंगा फहराया और देशवासियों को इस ऐतिहासिक दिन की शुभकामनाएं दीं। संविधान के प्रति आदर और सम्मान की अपीलइस मौके पर जीतू पटवारी ने कहा, "गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि इसी दिन हमारे संविधान का निर्माण हुआ था।" उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, संविधान के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बनाए रखने की बात कही। देशवासियों को बधाई और प्रेरणा का संदेशप्रदेश अध्यक्ष ने अपने संबोधन में देशवासियों से संविधान की रक्षा और देश की एकता बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस दिन को हमें लोकतंत्र और संविधान की महत्ता को याद करने और उन्हें सुदृढ़ करने के रूप में मनाना चाहिए। मुख्य बिंदु: कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर तिरंगा फहराया गया। जीतू पटवारी ने संविधान की अहमियत पर जोर दिया। बाबा साहब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संदेश दिया। गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस की अपीलकांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर आयोजित इस कार्यक्रम ने संविधान, लोकतंत्र और देश की एकता को मजबूत करने का संदेश दिया। जीतू पटवारी ने इस मौके पर सभी भारतीयों से देश की प्रगति और संविधान के आदर्शों को अपनाने की अपील की।
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महेश्वर: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शराबबंदी के मुद्दे पर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य में शराबबंदी की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। पहले चरण में मध्यप्रदेश के 17 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। यह कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है, और इसके बाद धीरे-धीरे राज्य के अन्य हिस्सों में भी शराबबंदी लागू करने का विचार है। शराबबंदी की दिशा में पहला कदम: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि यह निर्णय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लिया गया है और इस निर्णय से महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी की प्रक्रिया राज्यभर में धीरे-धीरे विस्तारित की जाएगी, जिससे मध्यप्रदेश शराबबंदी की दिशा में एक मजबूत कदम आगे बढ़ाएगा। भोपाल को मिलेगा नया ओवर ब्रिज: इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भोपाल को एक नए ओवर ब्रिज की सौगात देने का भी ऐलान किया। यह ओवर ब्रिज बावड़िया कला में बनाया जाएगा और इसकी लागत लगभग 180 करोड़ रुपये होगी। यह परियोजना राजधानी भोपाल के यातायात सुधार में मदद करेगी और ट्रैफिक की समस्या को हल करने में अहम भूमिका निभाएगी। मध्यप्रदेश में बदलाव की उम्मीद: यह निर्णय मध्यप्रदेश में शराबबंदी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे राज्य में महिलाओं की स्थिति में सुधार और सामाजिक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस पहल का राज्यभर में क्या असर पड़ता है।
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भोपाल, 24 जनवरी 2025: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना करते हुए कहा कि वह साहसी नेता हैं और प्रदेश में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने का फैसला लेंगे। यह बयान उमा भारती ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शराबबंदी के मुद्दे पर बात करते हुए दिया। उमा भारती ने कहा, "भारत में गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां शराबबंदी पूरी तरह से सफलतापूर्वक लागू की गई है। हालांकि, वहां विशेष लाइसेंस के तहत कुछ लोगों को शराब लेने की अनुमति है।" इसके बाद, उन्होंने बिहार का उदाहरण भी दिया, जहां शराबबंदी लागू की गई थी, लेकिन कुछ मंत्री शराब पीते हुए पकड़े गए थे, जिससे नीतियों की गंभीरता पर सवाल उठे थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, उमा भारती ने डॉ. मोहन यादव की तारीफ करते हुए कहा, "डॉ. मोहन यादव एक साहसी व्यक्ति हैं। उनके एक साल के कार्यकाल में उन्होंने कई साहसिक निर्णय लिए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह मध्य प्रदेश में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने का फैसला लेंगे।" उमा भारती के इस बयान ने राज्य में शराबबंदी को लेकर होने वाली संभावित चर्चाओं को और भी तेज कर दिया है। उमा भारती खुद भी शराबबंदी के बड़े समर्थक रही हैं और उनके इस बयान से यह प्रतीत होता है कि वह मध्य प्रदेश में शराबबंदी की दिशा में मुख्यमंत्री यादव का समर्थन करती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कई बार शराबबंदी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है, और यह देखना होगा कि आगामी दिनों में इस दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।
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ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र में एक बार फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता एक 32 वर्षीय महिला है, जिसके पति से साल 2021 से अनबन चल रही थी। इस दौरान उसके देवर ने सहानुभूति दिखाते हुए उसका विश्वास जीता और शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। कुछ समय बाद पीड़िता गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन बेटी के जन्म के बाद आरोपी शादी से मुकर गया और पीड़िता और उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी देने लगा। पीड़िता ने जब इस मामले की शिकायत पुलिस में की तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है।
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खातेगांव में इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास के निर्माण ने स्थानीय किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। अपनी जमीन तक पहुंचने के लिए सर्विस रोड की मांग को लेकर किसान अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे चक्का जाम और आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। किसानों की बढ़ती समस्याएं: इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास का निर्माण स्थानीय किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। पहले जो मार्ग उनके खेतों तक पहुंचने के लिए महज 1 किलोमीटर दूर था, अब वह बढ़कर 11 किलोमीटर दूर हो गया है। करीब 250 एकड़ भूमि के मालिक 40 किसान इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, पाड़ियादेह, बरवई और भटासा के ग्रामीण भी इस रास्ते का उपयोग करते थे, जो अब काफी दूर हो गया है। सर्विस रोड का वादा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं: किसानों का आरोप है कि बाईपास निर्माण के दौरान उन्हें सर्विस रोड का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जून 2022 से किसान लगातार इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसान अब इसे प्रशासन की अनदेखी मानते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे बाईपास पर चक्का जाम और आमरण अनशन करेंगे। किसानों की मांग: किसानों का कहना है कि उन्हें खेतों तक पहुंचने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ता चाहिए। बिना सर्विस रोड के उनकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी प्रभावित हो रही है, और उनकी कृषि कार्यों में भी कठिनाइयां बढ़ रही हैं। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी गर्मा गया है, और अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो किसानों का आंदोलन और तेज हो सकता है।
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ग्वालियर: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरी में रिश्वतखोरी का एक नया मामला सामने आया है, जहां ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य उमाशंकर जोशी और उच्च माध्यमिक शिक्षक उमेश बैरागी को 2 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कैसे हुआ खुलासा? मामला बाल दिवस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़ा था। स्पोर्ट्स टीचर नवल किशोर कुशवाह ने कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामान खरीदने और सफाई के काम में कुल 5 हजार रुपये खर्च किए थे। जब उन्होंने इन खर्चों का बिल पास कराने के लिए प्राचार्य उमाशंकर जोशी से संपर्क किया, तो उन्होंने आधे पैसे यानी 2500 रुपये की रिश्वत की मांग की। नवल किशोर ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की, और जैसे ही उन्हें प्राचार्य से पैसे देने का अवसर मिला, उन्होंने 2 हजार रुपये देने का तय किया। जब नवल किशोर ने यह राशि शिक्षक उमेश बैरागी को दी, तब लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई यह पूरी कार्रवाई लोकायुक्त निरीक्षक कवींद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में की गई। गिरफ्तारी के बाद अब मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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अमरपाटन शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान महाविद्यालय में घंटों तक ताला बंद रहा, जिससे छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हुई। हालांकि, महाविद्यालय प्रशासन द्वारा समझाइश दिए जाने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन समाप्त किया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे। 10 सूत्रीय मांगों में क्या है खास? ABVP के छात्र नेताओं का कहना है कि इस प्रदर्शन का कारण पिछले वर्ष के परीक्षा परिणामों में गलतियां थीं, जिनके लिए वे जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, महाविद्यालय में असामाजिक तत्वों के आना-जाना भी एक अन्य प्रमुख मुद्दा था, जिसे रोका जाने की आवश्यकता बताई गई। प्रदर्शन के बाद प्रशासन से मिला आश्वासन प्रदर्शन के दौरान, छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उनके 10 प्रमुख मुद्दे थे। ज्ञापन में प्रमुख तौर पर पिछली साल के परीक्षा परिणामों को फिर से सही करने, महाविद्यालय में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को नियंत्रित करने, और छात्रवृत्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई। महाविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत की और उन्हें जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया। ABVP नेता की चेतावनी ABVP के नेता अमर सिंह बघेल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में यह आंदोलन किया गया है और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे एक बार फिर से सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य से जुड़ी इन मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
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छतरपुर, 22 जनवरी 2025: छतरपुर में भाजपा नेता समेत 150 से अधिक लोगों को काटने वाला खौफनाक कुत्ता आखिरकार नगर निगम की टीम द्वारा पकड़ा गया। इस कुत्ते ने शहर में काफी दहशत फैला रखी थी, और इसे पकड़ने के लिए नगर निगम की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। नगर निगम की टीम ने चौक बाजार के नजदीक इस खूंखार कुत्ते को फंदा लगाकर पकड़ा। टीम को तीन दिन से इस पागल कुत्ते की तलाश थी। इस पागल कुत्ते के कारण पूरे शहर में दहशत का माहौल था। नगर निगम की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत और चौकसी से अंततः इस कुत्ते को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वही पागल कुत्ता है जिसकी शहर में दहशत थी। हालांकि, नगर निगम की इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाई है और उनकी सुरक्षा की भावना को बढ़ावा दिया है।
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मैहर, 22 जनवरी 2025: मैहर पुलिस ने ताला थाना क्षेत्र में एक सप्ताह पहले हुई लूट की वारदात का सफलतापूर्वक खुलासा किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लूटी गई बाइक और नगदी भी बरामद कर ली है। पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि 09 जनवरी को ताला निवासी तेजभान नट से बाइक और नगदी लूटी गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही मुकुंदपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई। वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता मिली। चेकिंग के दौरान तीन आरोपियों से लूटी गई बाइक बरामद की गई। पूछताछ में आरोपियों ने लूट की वारदात का खुलासा किया। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। यह कार्रवाई पुलिस की सख्त चौकसी और प्रभावी जांच का परिणाम है, जो स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती है।
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विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर व्यापार मेले में श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड ने सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में ‘उड़ान रंगमंच’ के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। जिला न्यायाधीश ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर जिला न्यायाधीश आशीष दबांडे मौजूद थे, जिन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूक सप्ताह के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने लोगों को मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के बारे में बताया और जोर देते हुए कहा कि अगर वाहन चालकों द्वारा सावधानी बरती जाए और वे नियमों का पालन करें तो 50% दुर्घटनाओं को आसानी से रोका जा सकता है। नए कानून और प्रावधानों पर चर्चा कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन नए नियमों के लागू होने से सड़क पर सुरक्षा में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। श्रीराम फाइनेंस की भूमिका श्रीराम फाइनेंस के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिन सिंह शेखावत ने कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न वित्तीय सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कंपनी की ओर से सड़क सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना था, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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इंदौर में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान एक युवक ने अपनी शिकायत का समाधान न होने पर शिकायत पत्र अपने शरीर पर चिपकाकर कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात की। युवक ने कलेक्टर से अपनी सालों से लंबित समस्या का समाधान मांगा। दो साल से लंबित समस्या का समाधान नहीं हुआ इंदौर में एक शख्स पिछले दो साल से अपनी समस्या का समाधान नहीं होने से परेशान था। युवक का कहना है कि वह लगातार जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर आता है, लेकिन हर बार उसकी समस्या का समाधान नहीं होता। वह हमेशा शिकायतों को व्यवस्थित फाइल में लेकर आता है, लेकिन वे ठंडे बस्ते में चली जाती हैं। इसलिए, युवक ने इस बार अपने शरीर पर शिकायतों का पुलिंदा चिपकाकर कलेक्टर से मुलाकात की, ताकि उसकी समस्या का समाधान हो सके।
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अमरपाटन: 43वें अखिल भारतीय स्व. कैप्टन लाल प्रताप सिंह फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन अमरपाटन के कप्तान लाल प्रताप सिंह स्टेडियम में धूमधाम से हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार रहे। फाइनल मुकाबले में राजस्थान ने केरला को हराकर टूर्नामेंट जीत लिया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान करते हुए उन्हें बधाई दी। इस मौके पर विधायक विक्रम सिंह, श्रीकांत चतुर्वेदी, सिद्धार्थ कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमा सिंह और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उमंग सिंघार ने स्टेडियम के बेहतर निर्माण के लिए सभी विधायकों की ओर से पांच लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने इस टूर्नामेंट के आयोजन को बेहद सफल बताते हुए कहा कि यह खेलों के प्रति युवाओं के उत्साह को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
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शल्यकर्णी, एक दुर्लभ औषधीय पौधा है, जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यह पौधा खास तौर पर युद्ध के दौरान सैनिकों के घावों को जल्दी भरने के लिए उपयोग किया जाता था। इसके पत्तों और छाल का रस घावों पर लगाने से सैनिकों के घाव जल्दी ठीक हो जाते थे। आजकल यह पौधा केवल रीवा क्षेत्र में ही पाया जाता है, और इसके संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में शल्यकर्णी का उल्लेख मिलता है। विशेष रूप से चरक संहिता में इसे शल्यक्रिया में सहायक माना गया है। इस पौधे का उपयोग आयुर्वेद में भी औषधि के रूप में किया जाता था। हालांकि, समय के साथ यह पौधा लुप्त हो गया था, लेकिन अब वन विभाग इसके संरक्षण और पुनर्विकास पर काम कर रहा है, ताकि भविष्य में इसे औषधि के रूप में पुनः उपयोग किया जा सके। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शल्यकर्णी की पुन: उपस्थिति न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के लिए भी लाभकारी हो सकता है। इस पौधे की महत्ता को देखते हुए इसे संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। "शल्यकर्णी का आयुर्वेदिक महत्व बहुत ज्यादा है और इसके संरक्षण से हम पुरानी आयुर्वेदिक पद्धतियों को फिर से जीवन दे सकते हैं। इसके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है।" वन विभाग के निरंतर प्रयासों से यह पौधा न केवल इतिहास को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि भविष्य में एक महत्वपूर्ण औषधि स्रोत के रूप में उभर सकता है।
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छतरपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना में पुरानी रंजिश ने एक युवक की जान ले ली। चार अज्ञात हमलावरों ने गढ़ीमलेहरा थाना क्षेत्र के पिड़पा गांव के पास एक बाइक सवार युवक को रास्ते में रोककर गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल युवक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक युवक दो साल पहले हुए एक हत्याकांड का गवाह था। आरोप है कि हत्यारे युवक से अपनी गलती कबूल करवाना चाहते थे और इसी रंजिश को लेकर उन्होंने युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, "हमने हत्या के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।" इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। स्थानीय लोगों ने पुलिस से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
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कटनी प्रवास पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को लेकर तीखी टिप्पणी की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के गुलाम अधिकारियों को RSS की चड्डी पहननी चाहिए। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। सिंघार ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा नेताओं के गुलाम अधिकारी जनता के लिए निष्पक्ष होकर काम करने की बजाय उनके इशारों पर चलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी केवल सरकार की नीतियों को ही नहीं, बल्कि उनकी दिशा को भी अनुसरण करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की जन कल्याण योजनाओं पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि इन योजनाओं का लाभ सिर्फ मंत्रियों को मिल रहा है और सोने की तरह निकला जा रहा है।
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गुना जिले के चाचौड़ा तहसील में वन विभाग ने 900 बीघा वन भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सख्त निर्देशों पर यह अभियान भू-माफियाओं के खिलाफ चलाया गया। इस कार्रवाई में 60 बुलडोजर और 600 अधिकारियों तथा कर्मचारियों की टीम शामिल थी, जिन्होंने मिलकर यह कार्रवाई सफल बनाई। 60 बुलडोजर और 600 अधिकारियों की टीम ने की कार्रवाई गुरुवार को हुए इस अभियान में जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने मिलकर 900 बीघा वन भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त किया। 16 जनवरी को त्वरित कदम उठाते हुए, पुलिस ने 250 पुलिसकर्मियों के साथ वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस और अश्रु गैस दल की तैनाती की। इसके अलावा, गुना, राजगढ़, ब्यावरा, सुठालिया, राघोगढ़ और राजस्थान के मनोहरथाना से मशीनरी और मानव संसाधन जुटाए गए, ताकि अवैध कब्जों को पूरी तरह से हटाया जा सके। भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई यह कार्रवाई भू-माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिसमें वन भूमि पर अवैध कब्जे को समाप्त किया गया। इस अभियान को सफल बनाने में पुलिस, वन विभाग और प्रशासन की कड़ी मेहनत और सटीक योजना का अहम योगदान रहा। मुख्यमंत्री और सांसद के नेतृत्व में यह कार्रवाई राज्य की वन संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
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छतरपुर जिले के नौगांव से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कलेक्टर और एसपी के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन होता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो में दो लाइसेंसी शस्त्र धारक एक घर में हो रहे कार्यक्रम के दौरान जमकर हर्ष फायरिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो इस घटना के दौरान शूट किया गया है, जब दो व्यक्ति बिना किसी रोक-टोक के लगातार फायरिंग कर रहे थे। फायरिंग के दौरान बच्चों और भीड़ की सुरक्षा की अनदेखी वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि दोनों बंदूकधारी लगातार गोली चला रहे हैं, और न तो पास खड़े छोटे बच्चों को कोई परवाह है, न ही आसपास मौजूद भीड़ की सुरक्षा की कोई चिंता है। वे बस धांय-धांय करते हुए फायरिंग कर रहे हैं। यह घटना तब हुई जब नौगांव में एक बच्चे के जन्म के बाद चौक समारोह आयोजित किया गया था। इसके बावजूद कलेक्टर और एसपी के आदेशों का उल्लंघन कर यह खतरनाक गतिविधि जारी रखी गई। कलेक्टर और एसपी के आदेशों का उल्लंघन, सवाल उठते हैं सुरक्षा पर इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कलेक्टर और एसपी ने हर्ष फायरिंग पर रोक लगा दी है, तो फिर यह आदेश क्यों नहीं लागू हो रहे हैं। इस वीडियो ने अधिकारियों की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए हैं, और अब तक कोई ठोस कदम उठाने की जानकारी सामने नहीं आई है। सुरक्षा के लिहाज से यह एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
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अमरपाटन के लाल प्रताप सिंह स्टेडियम में चल रहे फुटबॉल टूर्नामेंट में दर्शकों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। दूसरे मैच में दोनों टीमों ने गोल करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन समय खत्म होने तक कोई भी टीम गोल करने में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद पेनाल्टी शूट के दौरान बैंगलोर ने अपनी जीत दर्ज की, जबकि पहले मैच में नीमच ने श्रीनगर को 2-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बनाई। टूर्नामेंट का पहला मैच नीमच और श्रीनगर के बीच हुआ, जिसमें नीमच की टीम ने श्रीनगर को 2-0 से हराया और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वहीं, दूसरे मैच में बालाघाट और बैंगलोर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें पेनाल्टी शूट के दौरान बैंगलोर ने जीत हासिल कर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की। इस रोमांचक टूर्नामेंट के दौरान मैच देखने के लिए हजारों दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे, जिन्होंने हर पल का लुत्फ उठाया और खिलाड़ियों को उत्साहवर्धन किया।
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मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी लंबित पदोन्नतियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि 9 साल से उनकी पदोन्नति नहीं हुई है, और अब सरकार सीधी भर्ती की तैयारी कर रही है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारी नेताओं ने मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और अपनी मांगें उठाई। कर्मचारी नेता सुधीर नायक ने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जहां पिछले नौ वर्षों से पदोन्नतियां रुकी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों की वर्षों से लंबित पदोन्नतियों की बजाय सीधी भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का यह विरोध प्रदर्शन सरकार की नीतियों के प्रति असंतोष को दर्शाता है, और वे अपनी लंबित पदोन्नतियों को लेकर सरकार से शीघ्र समाधान की मांग कर रहे हैं।
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राजनगर पुलिस ने हनी ट्रैप के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया है, जो यूपी के चरखारी के एक युवक को फंसाकर उसे एफआईआर कराने की धमकी दे रही थी। महिला की पहचान सुंदरी उर्फ सोनाली रैकवार के रूप में हुई है, जो पहले भी इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रही है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया। इस महिला पर निवाड़ी जिले के ओरछा में भी इसी प्रकार के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, महिला छतरपुर के ओरछा रोड थाना में भी एक झूठे गैंगरेप केस में पहले गिरफ्तार हो चुकी है। पुलिस अब उसके साथी पंकज शर्मा की तलाश कर रही है, जो फिलहाल फरार है। यह मामला एक बार फिर हनी ट्रैप जैसी धोखाधड़ी की घटनाओं की गंभीरता को उजागर करता है, और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश शासन द्वारा शराब की दुकानों के अंतर्गत अहातों के संचालन पर रोक लगाने के बाद भी ग्वालियर में इन निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इस समय ग्वालियर में शराब की दुकानों के बगल में धड़ल्ले से अहातों का संचालन किया जा रहा है, जिससे शासन के आदेशों की कोई परवाह नहीं की जा रही। आबकारी विभाग की लापरवाहीग्वालियर में शराब की दुकानों के पास अहातों का संचालन आबकारी विभाग के संरक्षण में हो रहा है। यह गंभीर स्थिति तब उत्पन्न हो रही है जब प्रदेश शासन ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि शराब की दुकानों के साथ किसी भी प्रकार के अहातों का संचालन नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, ग्वालियर में शराबखोरी और अहातों की अवैध गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के चल रही हैं। इस पूरे मामले में आबकारी विभाग की लापरवाही साफ तौर पर नजर आ रही है, क्योंकि विभाग शराब ठेकेदारों से राजस्व वसूलने के चक्कर में इन उल्लंघनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। नागरिकों और महिलाओं को हो रही परेशानीइस अव्यवस्था से न केवल नागरिकों बल्कि विशेष रूप से महिलाओं को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शराब के सेवन के बाद सड़कों पर हो रही सार्वजनिक शराबखोरी से आसपास के लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति ग्वालियर के शहरी क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे आम जनता में असंतोष और भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है। राजस्व के लिए नियमों की अनदेखीआबकारी विभाग का ध्यान केवल राजस्व एकत्रित करने पर है, जबकि जनता की सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। ठेकेदारों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने के बावजूद विभाग द्वारा कार्रवाई न करना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। यदि यही स्थिति बनी रही तो यह नगरवासियों के लिए और भी बड़े समस्याओं का कारण बन सकता है, और शासन के आदेशों की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी।
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ग्वालियर में लखनऊ से बिजनेस टूर पर आए एक युवक की अचानक मौत हो गई। युवक मैक्सन होटल में ठहरा हुआ था, जहां उसकी हालत अचानक बिगड़ी और उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। युवक की हालत बिगड़ी, अस्पताल में हुई मौत लखनऊ का निवासी दिव्यांशु ग्वालियर में एक निजी कंपनी में अधिकारी था और बिजनेस टूर पर आया था। जानकारी के अनुसार, दिव्यांशु ने अपनी गर्लफ्रेंड को दिल्ली से ग्वालियर बुलाया था और दोनों मैक्सन होटल में ठहरे हुए थे। गर्लफ्रेंड के आने के कुछ देर बाद ही दिव्यांशु की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। होटल स्टाफ ने तुरंत पुलिस और अस्पताल को सूचित किया। दिव्यांशु को पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। शराब और दवा के रैपर मिले मृतक के कमरे से शराब की बोतल और सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा के रैपर भी मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि नशे के साथ दवा का ओवरडोज युवक की मौत का कारण हो सकता है। पुलिस ने मृतक की गर्लफ्रेंड से भी पूछताछ की है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही किया जा सकेगा। पुलिस की जांच जारी पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की जांच कर रही है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है ताकि मौत के असली कारण का पता चल सके। इस घटना ने एक बार फिर नशे के खतरों और दवाओं के ओवरडोज के मुद्दे को उजागर किया है।
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रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पुलिस के अमानवीय व्यवहार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सिटी कोतवाली थाना के पुलिसकर्मियों ने सड़क पर बैठे एक बेजुबान कुत्ते पर गाड़ी चढ़ा दी। इस घटना में कुत्ता दर्द से कराहता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे और कुत्ते को रौंदते हुए आगे बढ़ गए। सीसीटीवी फुटेज में दिखी अमानवीयता यह घटना थाना क्षेत्र के दूध मंडी के पास की है, जहां सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस की गाड़ी कुत्ते के ऊपर चढ़ जाती है। गाड़ी के नीचे दबे कुत्ते को देख अन्य कुत्ते उसकी मदद के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी मदद की बजाय बिना कोई मानवता दिखाए गाड़ी आगे बढ़ा दी। इस घटना के बाद कुत्ते का दर्दनाक कराहना और उसके साथी जानवरों का उसपर खड़े होना दृश्य को और भी दिल दहलाने वाला बना दिया। यह सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और पुलिस के अमानवीय रवैये की कड़ी आलोचना हो रही है। पुलिस की कड़ी आलोचना इस घटना ने पुलिस विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जहां एक ओर कानून और मानवाधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के अमानवीय कृत्य से सवाल उठने लगे हैं। नागरिकों और पशु प्रेमियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि रीवा पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इस अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ पुलिसकर्मियों पर कोई कार्यवाही होती है।
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कांग्रेस ने नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी डॉ अस्मिता मिश्रा के समर्थन में शक्ति प्रदर्शन करते हुए नगर में विशाल जुलूस निकाला। इस दौरान उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या समेत कई दिग्गज कांग्रेस नेता मौजूद रहे, जिन्होंने डॉ अस्मिता मिश्रा के पक्ष में मतदान की अपील की। नुक्कड़ सभा और शक्ति प्रदर्शन नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी डॉ अस्मिता मिश्रा ने लालकुआँ के वार्ड नंबर एक में नुक्कड़ सभा आयोजित की, जहां उन्होंने अपनी जीत के बाद की विकास योजनाओं को जनता के सामने रखा। इसके बाद, नगर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल जैसे दिग्गज नेताओं ने डॉ अस्मिता मिश्रा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पूर्व उपाध्यक्ष की कांग्रेस में प्रवेश जुलूस के दौरान पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष गीता शर्मा को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया गया, जिसे कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस शक्ति प्रदर्शन से कांग्रेस पार्टी ने अपनी ताकत और संगठनात्मक एकता का प्रदर्शन किया और आगामी चुनावों में अपनी जीत का विश्वास जताया।
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पीतांबरा पीठ मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। मंदिर परिसर के अंदर मां धूमावती मंदिर के आंगन में एक लड़की ने मोबाइल से रील बनाई और इसे इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल दतिया स्थित पीतांबरा पीठ मंदिर में यह घटना उस समय हुई जब एक लड़की ने मां धूमावती मंदिर के आंगन में मोबाइल फोन से रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। हालांकि मंदिर प्रबंधन का दावा है कि प्रमुख स्थानों पर 8-8 घंटे की ड्यूटी पर सिक्योरिटी गार्ड और स्थानीय पुलिस बल तैनात रहते हैं। इसके अलावा, प्रमुख द्वारों पर दर्शनार्थियों से मोबाइल फोन जमा करने की व्यवस्था है, जिसके बदले उन्हें 5 रुपये दिए जाते हैं। सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही इसके बावजूद यह घटना सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही का ठोस प्रमाण है। यह रील चीची शर्मा नामक लड़की के इंस्टाग्राम पर अपलोड की गई थी। मंदिर प्रबंधन ने पहले ही सख्त हिदायत दी थी कि सुरक्षा में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा, लेकिन फिर भी इस प्रकार की चूक हुई है। यह घटना मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है और इसके बाद मंदिर प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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मकर संक्रांति के पावन अवसर पर नेमावर स्थित पेढ़ी घाट, सिद्धनाथ घाट और नागर घाट पर भक्तों का तांता लगा रहा। देवास, हरदा, सीहोर और आसपास के जिलों से आए श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। ठंड में भी श्रद्धालुओं का जोश कायम कड़कड़ाती ठंड के बावजूद, नेमावर में सुबह से लेकर शाम तक स्नान का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालुओं ने नाभि कुंड और सिद्धनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और साथ ही अनाज, कपड़े और अन्य सामग्रियों का दान किया। खासकर नदी किनारे बैठे बुजुर्गों को श्रद्धालुओं ने खिचड़ी परोसी, जो इस दिन का एक महत्वपूर्ण रिवाज है। इस अवसर पर पंडित मदन मोहन व्यास ने मकर संक्रांति के महत्व को बताते हुए कहा कि यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने वाला होता है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। घाटों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। इस प्रकार, मकर संक्रांति का पर्व नेमावर में धूमधाम से मनाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा से इस पवित्र दिन को और भी विशेष बना दिया।
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ग्वालियर में मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे देह व्यापार के धंधे में पुलिस की संलिप्तता का मामला सामने आया है। पुलिस की दबिश में पकड़े गए आरोपी पार्लर के मैनेजर ने खुलासा किया कि विश्वविद्यालय थाना का हवलदार हर महीने उससे 15 हजार रुपये की वसूली करता था। आरोपी ने यह भी बताया कि पुलिस की ओर से पैसे देने के बाद उन्हें अपने कारोबार के बारे में कोई चिंता नहीं होती थी, और पुलिस कभी उनके धंधे की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखती थी। पार्लर के अलावा, आरोपी ने होटल और अन्य ठिकानों पर भी लड़कियों की सप्लाई का काम शुरू किया था। देह व्यापार में पुलिस की कथित सांठगांठ के सामने आने के बाद एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने हवलदार मनोज शर्मा को सस्पेंड कर दिया है, साथ ही विश्वविद्यालय थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी को लाइन हाजिर कर दिया है। विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। पुलिस की कार्रवाई में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के पटेल नगर स्थित "द हीलिंग हैंड मसाज थेरेपी" नामक मसाज पार्लर को पकड़ा गया, जो दरअसल देह व्यापार का अड्डा था। पार्लर में 6 युवतियां और दो ग्राहक, जितेन्द्र राजपूत और संकेत बंसल, गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा, पार्लर के मालिक प्रीतेश चौरसिया और मैनेजर देवेन्द्र शर्मा भी गिरफ्तार हुए। जब पुलिस ने पार्लर पर छापा मारा, तो आरोपी ने यह खुलासा किया कि मसाज का काम केवल एक ढोंग था, जबकि असली कारोबार वेश्यावृत्ति का था। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय थाने के हवलदार मनोज शर्मा ने उनसे हफ्ता वसूली शुरू की थी और हर महीने 15 हजार रुपये लेता था। यह राशि देने के बाद वे निश्चिंत रहते थे कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस खुलासे के बाद एसपी यादव ने हवलदार मनोज शर्मा को सस्पेंड और थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी को लाइन हाजिर कर दिया। एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी की जांच में हवलदार की सांठगांठ और थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। अब पुलिस विभाग ने मामले की गहरी जांच शुरू कर दी है।
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छतरपुर जिले के खजुराहो में क्यूआर कोड बदलकर ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम छोटू तिवारी है, जबकि इस घटना में शामिल दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। यह मामला व्यापारियों और दुकानदारों को क्यूआर कोड बदलकर ठगने वाले गैंग से जुड़ा है। गिरफ्तार आरोपी छोटू तिवारी ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि वह और उसके दो साथी यूपी के सहारनपुर में एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे। वहीं पर उन्हें क्यूआर कोड से ठगी करने का आइडिया मिला। इसके बाद तीनों ने मिलकर खजुराहो में क्यूआर कोड स्कैनर बनवाए और उसे स्थानीय दुकानों और पेट्रोल पंपों पर लगा दिया। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका यह कदम उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा देगा। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीनों आरोपियों की पहचान की और अब बैंक डिटेल्स के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि ठगी से कमाए गए पैसों का क्या हुआ। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि ठगी और साइबर अपराध के मामलों में नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे बचाव के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और ठगी के मामले में आगे की जांच कर रही है।
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छतरपुर पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी अगम जैन के नेतृत्व में चल रही कॉम्बिंग गश्त के दौरान अब तक 175 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें स्थायी वारंट वाले अपराधी, अवैध हथियार तस्कर और इनामी बदमाश शामिल हैं। हाल ही में, एसपी ने बमीठा थाने का दौरा कर ज्वेलर्स की दुकान में हुई चोरी की घटना की जानकारी ली और थानों में जमानत पर चल रहे आरोपियों की परेड कराई। छात्रा ने लगाई छलांग, मौत छतरपुर में एक दुखद घटना में, एक बीएससी की छात्रा ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। राठ की रहने वाली दीक्षा गुप्ता छतरपुर में किराए के मकान में रहकर बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। उसकी मां उससे मिलने आई थी, तभी उसने अज्ञात कारणों से यह कदम उठाया।
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छतरपुर में पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी के नेतृत्व में चल रही कॉम्बिंग गश्त के दौरान 175 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें स्थायी वारंट वाले अपराधी, अवैध हथियार तस्कर और इनामी बदमाश शामिल हैं। यह पुलिस की सख्ती का एक उदाहरण है और इससे अपराधियों में खौफ का माहौल पैदा होगा। दूसरी ओर, छतरपुर में ही एक दुखद घटना में बीएससी की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। छात्रा ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है।
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खजुराहो, 14 जनवरी 2025: छतरपुर जिले के खजुराहो में ATM एक्सचेंज के बाद अब ऑनलाइन ठगी का एक नया मामला सामने आया है। यहां करीब आधा दर्जन व्यापारियों की दुकानों और संस्थानों के बाहर लगे ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर्स को बदलकर ठगों ने ठगी को अंजाम दिया। ठगों की हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। इन ठगों ने रातों-रात दुकानों और पेट्रोल पंप के बाहर लगे ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर्स को बदल दिया, जिसके बाद दुकानदारों को किए जा रहे भुगतान ठगों के खातों में जाने लगे। इस घटना का खुलासा एक मेडिकल स्टोर की संचालक ओमवती गुप्ता की सतर्कता से हुआ। जब एक ग्राहक ने उनसे पूछा कि उनके क्यूआर स्कैन का नाम क्यों बदलकर "छोटू तिवारी" लिखा आ रहा है, तो उन्होंने तुरंत दूसरा कोड दिया और उस स्कैनर को हटा दिया। सीसीटीवी में जब उन्होंने घटना को देखा, तो यह जानकारी उन्होंने अन्य दुकानदारों को भी दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
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बरेली कचहरी में आज दिनदहाड़े एक वकील पर फायरिंग की घटना सामने आई है। इस घटना में वकील बाल-बाल बच गए। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे अन्य वकीलों ने चार आरोपियों को दबोचकर उनकी जमकर पिटाई कर दी। सूचना मिलते ही एसपी सिटी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपियों को हिरासत में लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बरेली के सुभाष नगर निवासी वकील राजाराम सोलंकी अपने कचहरी स्थित चैंबर में बैठे थे। तभी मोटरसाइकिल सवार कुछ लोगों ने उन पर तमंचे से फायर कर दिया। गनीमत रही कि गोली वकील को नहीं लगी। गोली की आवाज सुनकर अन्य वकील उनके चैंबर में पहुंचे और चारों आरोपियों को पकड़कर उनकी पिटाई कर दी। एसपी सिटी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शायद अधिवक्ता के बेटे से फायरिंग करने वाले युवकों की पहले से कोई रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश के चलते उन्होंने यह घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने मौके से एक तमंचा बरामद किया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद कचहरी में हड़कंप मच गया। वकीलों ने इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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ग्वालियर, 14 जनवरी 2025: ग्वालियर शहर में हाल ही में हुए एटीएम लूट के मामले में पुलिस की कार्रवाई के दौरान बैंकों की लापरवाही और सुरक्षा संबंधी कमियां सामने आई हैं। बीते दिनों डबरा और बहोड़ापुर में बदमाशों ने एटीएम काटकर लाखों रुपए लूट लिए थे, जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग टीमें लगाकर जांच की। जांच के दौरान पता चला कि जिन एटीएम से चोरी की गई थी, उनकी सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां थीं। एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि बैंकों के अधिकारियों, सिक्योरिटी एजेंसी और एटीएम में कैश जमा करने वाली कंपनी के साथ एक बैठक की गई। इसमें एएसपी ने जानकारी दी कि जिस एटीएम में चोरी हुई थी, वहां पिछले दो साल से कैमरा बंद था और पिछले दो महीने से सुरक्षा सिस्टम भी काम नहीं कर रहे थे, जिसके कारण कोई अलर्ट नहीं हुआ। इसके अलावा, कैश वैन की सुरक्षा व्यवस्था भी कमजोर पाई गई, और गार्डों से इस मुद्दे पर बातचीत की गई। बैंक अधिकारियों ने एटीएम सिक्योरिटी सिस्टम का ठेका लेने वाली कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया है और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
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सीहोर, 14 जनवरी 2025: स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर देशभर में युवा दिवस मनाया गया, और इस अवसर पर सीहोर के पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीकगंज में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कैबिनेट राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की अध्यक्षता में सूर्य नमस्कार किया गया, और इसमें छात्रों, छात्राओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, समस्त स्टाफ सदस्य और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य गौरी शंकर वर्मा, सरपंच महेंद्र सिंह काजल सहित गांव के वरिष्ठ लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल स्वामी विवेकानंद के विचारों और योगदान को सम्मानित करना था, बल्कि युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली और शारीरिक फिटनेस के महत्व के बारे में जागरूक करना भी था।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के युवाओं को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के पदों में वृद्धि करने का बड़ा संकल्प लिया है, ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें और प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें। नई दिशा में तेज़ी से काम शुरू मध्य प्रदेश सरकार ने युवा पीढ़ी के लिए एक नई दिशा तय की है, और इस दिशा में कार्य तेज़ी से शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि आगामी पांच वर्षों में राज्य सरकार दो लाख सत्तर हजार सरकारी पदों पर भर्ती करेगी। यह भर्ती प्रक्रिया प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगी, क्योंकि इन पदों के लिए लगभग एक लाख विज्ञापन इस साल ही जारी किए जाएंगे। रोजगार और विकास के नए अवसर यह कदम न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य में युवा शक्ति को अपने हुनर को साबित करने का मौका भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया से राज्य के युवाओं को अपनी क्षमताओं को निखारने और विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में मिशन मोड में काम करते हुए विकास के नए आयाम तय किए हैं, जिससे हर युवा को आगे बढ़ने और अपनी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस संकल्प से मध्य प्रदेश के युवाओं को उम्मीद की नई किरण मिली है, और वे अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम उठा सकते हैं।
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बीते एक साल में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के विकास में लगातार योगदान दिया है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योजनाएं शुरू करने, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई अहम कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश चारों ओर से विकास की राह पर बढ़ रहा है। प्रदेशवासियों के लिए ऐतिहासिक कदम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के विकास के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इस एक वर्ष में, राज्य की आय में निरंतर वृद्धि देखने को मिली है, और ‘लाडली बहना योजना’ जैसी योजनाओं के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता मिल रही है। इसके अलावा, आहार योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार किए हैं, जहां सभी जिलों में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज खोले गए हैं, और छात्रों को मात्र 1 रुपये में परिवहन सुविधा दी जा रही है, जिससे शिक्षा का विस्तार हो रहा है और छात्रों को सुविधाएं मिल रही हैं। उद्योग वर्ष और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण कदम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत, उद्योगों को बढ़ावा देकर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नदी जोड़ो अभियान के तहत 11 जिलों की तस्वीर बदलने का प्रयास किया जाएगा, जिससे जल संकट को हल किया जा सके। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में मेडिकल और साइबर थानों की स्थापना को बड़ी उपलब्धि मानते हुए, मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया। पशुपालन और एयर एंबुलेंस सेवा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए, मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके साथ ही, प्रदेश में एयर एंबुलेंस सेवा को 24 घंटे चालू रखा गया है, जिससे मरीजों को बिना किसी शुल्क के त्वरित सहायता प्रदान की जा रही है। रातापानी टाइगर रिजर्व: भोपाल की नई पहचान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व की स्थापना को भी प्रदेश की एक बड़ी उपलब्धि बताया। इसके बाद, भोपाल देश की एकमात्र ऐसी राजधानी बन गई है, जो टाइगर रिजर्व के इतने पास स्थित है, जिससे पर्यावरण और पर्यटन दोनों के क्षेत्र में एक नई दिशा मिली है। इन सभी कदमों के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के विकास को और गति दी है और प्रदेश को प्रगति की राह पर अग्रसर किया है।
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छतरपुर: छतरपुर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहाँ एक प्राइवेट नर्सिंग होम में चिकित्सकीय लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई। प्रेम रूपा नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान डॉक्टर दंपति और अन्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण प्रसूता की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने नर्सिंग होम पर हंगामा किया। यह घटना छह महीने पहले की है, जब प्रसूता की डिलीवरी के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने नर्सिंग होम पर गंभीर आरोप लगाए और सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर दंपति, बहू और नर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। वर्तमान में पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना न केवल चिकित्सकीय लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
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रुड़की: नगर निकाय चुनाव को लेकर रुड़की में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। एसपी देहात, शेखर सुयाल की अगुवाई में पुलिस टीम पूरी सक्रियता से क्षेत्र में काम कर रही है। फ्लैग मार्च के माध्यम से पुलिस उपद्रवियों पर कड़ी नजर रखे हुए है और पोलिंग बूथों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो। एसपी शेखर सुयाल ने बताया कि पुलिस प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो। इसके लिए सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है और पूरी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। फ्लैग मार्च और पोलिंग बूथों के निरीक्षण के जरिए पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को हर कदम पर नियंत्रित करने के लिए तैयार है। इस कदम से न केवल चुनाव की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि मतदाताओं को भी यह विश्वास मिलेगा कि वे शांतिपूर्वक और सुरक्षित तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
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दतिया: मध्य प्रदेश के दतिया जिले के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में हुई चोरी का मामला अब राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। मंदिर से हुई इस चोरी ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, और पुलिस इस मामले के खुलासे के लिए जुटी हुई है। पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र मिश्रा ने दखल न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि इस चोरी की जांच के लिए त्रिस्तरीय जांच टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि अगले 4-5 दिनों में इस चोरी का खुलासा कर दिया जाएगा और दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। पुलिस की पूरी टीम इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और इस पर उनकी पूरी नजर है। इस चोरी ने न केवल दतिया जिले, बल्कि राज्य भर में भी गंभीर चिंता पैदा की है। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले इस मंदिर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं, और पुलिस प्रशासन ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिल जाएगी और मंदिर से संबंधित सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जाएगा।
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दतिया जिले में पुरानी रंजिश के चलते महिला उपाध्यक्ष को गोली मारने की सनसनीखेज घटना सामने आई है हमले में उपाध्यक्ष के पैर पर गोली लगी है उपाध्यक्ष को अस्पताल में भर्ती कराया गया पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र में बदमाशों की बेखौफ वारदात ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं रतनगढ़ मंदिर जा रही महिला उपाध्यक्ष नीतू पर पांच आरोपियों ने हमला किया हमले में उपाध्यक्ष को पैरो में गोली लगी है जिससे वह घायल हो गई जिसके बाद परिजनों ने तत्काल नीतू को अस्पताल पहुंचाया शुरुआती जांच में मामला पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है दतिया पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है इस घटना ने दतिया जिले में लॉ एंड ऑर्डर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें दो युवकों की जान चली गई। इन युवकों ने ठंड से बचने के लिए एक बंद कमरे में जलती हुई सिगड़ी रख ली थी, जिससे कमरे में फैलने वाली जहरीली गैस ने उनकी जान ले ली। सिगड़ी से फैलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड ने घेराघटना गोंद वाली में स्थित केजीएफ ढाबे पर काम करने वाले 16 वर्षीय बबुंदर बैगा और 18 वर्षीय मिथुन बैगा के साथ घटी। दोनों युवक रात को खाना खाने के बाद ढाबे की छत पर बने बंद कमरे में सोने चले गए। ठंड से बचने के लिए उन्होंने जलती हुई सिगड़ी कमरे में रख ली, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस फैलने लगी। इस जहरीली गैस के प्रभाव से दोनों की दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त कीपुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि दोनों युवकों के शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है, और मामले की जांच जारी है। पुलिस ने इस हादसे के कारणों का खुलासा किया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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छतरपुर जिले के नौगांव में एक युवक का सरेआम अपहरण करने का मामला सामने आया है। घटना उस समय हुई जब युवक मेले में दुकान लगा रहा था। चार अज्ञात हमलावरों ने पैसे के लेनदेन को लेकर युवक को बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट की। पीड़ित युवक कुलदीप पटेरिया ने बताया कि हमलावरों ने उसे मेले के परिसर से जबरन उठा लिया और एक सुनसान जगह पर ले जाकर मारा पीटा। घटना की सूचना मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और युवक को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाया। पीड़ित और बजरंग दल के कार्यकर्ता तुरंत सिविल लाइन थाने पहुंचे। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बजरंग दल की भूमिका: बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने समय रहते पहुंचकर पीड़ित युवक को बचाया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे ऐसे किसी भी अपराध के खिलाफ खड़े रहेंगे और पीड़ितों की मदद करेंगे। स्थानीय लोगों में दहशत: इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोग प्रशासन से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
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झांसी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक अन्तर्राज्यीय शराब तस्कर को गिरफ्तार किया गया। तस्कर हरियाणा से अवैध अंग्रेजी शराब लाकर झांसी में बेचने का काम कर रहा था। पुलिस ने तस्कर से शराब के कई बोतल बरामद किए हैं, जिनसे शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। शराब तस्कर का पर्दाफाश और गिरफ्तारीझांसी रेलवे स्टेशन पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने 6 फुल और 20 हाफ बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की। गिरफ्तार तस्कर रविन्द्र कुशवाहा दतिया जिले के गोरा गांव का निवासी है। वह हरियाणा से शराब लाकर झांसी में बेचता था। तस्कर के खिलाफ धारा 63 आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस की आगे की जांचपुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी हुई है, ताकि शराब तस्करी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके और इसके अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। यह कार्रवाई झांसी में अवैध शराब व्यापार को रोकने और तस्करी के खिलाफ पुलिस की मुहिम को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस ने हाल ही में ‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम के 5वें सीजन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम का पोस्टर लॉन्च किया और प्रदेश भर के युवाओं से कार्यक्रम में जुड़ने की अपील की। ‘यंग इंडिया के बोल’ का 5वां सीजन: प्रमुख मुद्दे और उद्देश्ययुवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह, ग्वालियर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, युवा कांग्रेस मीडिया चेयरमैन अभिज्ञान शुक्ला, और कार्यकारी जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष राघव कौशल ने मिलकर इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का पोस्टर जारी किया और इसके 5वें सीजन की शुरुआत की। इस अवसर पर मितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष ‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम का फोकस दो सबसे गंभीर और चिंताजनक समस्याओं पर रहेगा - बेरोजगारी की बढ़ती दर और नशे की अनियंत्रित समस्या। उन्होंने कहा, "बेरोजगारी और नशे की विकराल समस्या हमारे समाज की जड़ों को खोखला कर रही हैं। हमें इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा।" मितेंद्र सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि इन मुद्दों को लेकर युवाओं को जागरूक करना और उनके समाधान के लिए विचार-विमर्श करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। युवाओं को एकजुट करने की पहल‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बेरोजगारी और नशे की समस्या पर चर्चा करना है, बल्कि युवाओं को एकजुट करके समाज की चुनौतियों का समाधान ढूंढने का प्रयास भी है। युवा कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को इस मंच पर आने और इन गंभीर मुद्दों पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रेरित किया है। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के युवा समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने और उनकी आवाज़ को सही दिशा में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रगति हो सके
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सिंगरौली जिले से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां दो नाबालिग किशोरों के शव ढाबे के बंद कमरे में मिले। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। घटना का विवरण यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत गोंदवाली क्षेत्र में स्थित एक ढाबे की है। जानकारी के अनुसार, दो किशोर—18 वर्षीय मिथुन बैगा और 16 वर्षीय उसका साथी चितरंगी निवासी—ढाबे में काम करते थे। दोनों के शव ढाबे के एक बंद कमरे में पाए गए। दोनों रात को खाना खाने के बाद उसी कमरे में सो गए थे, जहां उनका शव मिला। पुलिस की कार्रवाई सूचना मिलने के बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से एक सिगड़ी भी बरामद की है, जो घटनास्थल से संबंधित हो सकती है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। पुलिस की विवेचना जारी पुलिस का कहना है कि वे मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले की पूरी जानकारी सामने आएगी।
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सिंगरौली जिले से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां दो नाबालिग किशोरों के शव ढाबे के बंद कमरे में मिले। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। घटना का विवरण यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत गोंदवाली क्षेत्र में स्थित एक ढाबे की है। जानकारी के अनुसार, दो किशोर—18 वर्षीय मिथुन बैगा और 16 वर्षीय उसका साथी चितरंगी निवासी—ढाबे में काम करते थे। दोनों के शव ढाबे के एक बंद कमरे में पाए गए। दोनों रात को खाना खाने के बाद उसी कमरे में सो गए थे, जहां उनका शव मिला। पुलिस की कार्रवाई सूचना मिलने के बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से एक सिगड़ी भी बरामद की है, जो घटनास्थल से संबंधित हो सकती है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। पुलिस की विवेचना जारी पुलिस का कहना है कि वे मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले की पूरी जानकारी सामने आएगी।
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छतरपुर और महोबा जिलों की सीमा से जुड़े थानों के बीच अब कोई सीमा विवाद नहीं होगा। दोनों क्षेत्रों के अधिकारियों ने मिलकर सड़क की नपाई कर सीमा का निर्धारण किया है, और अब जल्द ही इन सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सीमा बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे विवादों से बचा जा सके। सीमा विवाद का इतिहास और समाधान हाल ही में छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना और महोबा जिले के महोबकंठ थाना क्षेत्र के बीच सीमा विवाद ने एक सड़क हादसे के दौरान गंभीर रूप ले लिया था। इस हादसे में युवक का शव ढाई घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा, क्योंकि दोनों थाने इसे अपनी सीमा में नहीं मान रहे थे। घटना के बाद पुलिस के आलाधिकारियों के दखल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अब इस तरह की स्थिति से बचने के लिए छतरपुर एसपी और महोबा एसपी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि भविष्य में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। इसके तहत हरपालपुर थाना पुलिस और नौगांव तहसील के राजस्व अमले ने झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर सड़क की नपाई कर सीमा का निर्धारण किया है। जल्द ही इन सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सीमा बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों की सीमाएं स्पष्ट रूप से चिन्हित हो सकेंगी और भविष्य में कोई विवाद न हो।
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फतेहपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब कानपुर से प्रयागराज स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरी डीसीएम गाड़ी का टायर फटने के कारण वह अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में 12 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। 12 से अधिक श्रद्धालु घायल घटना थरियांव इलाके की है, जहां 40 से अधिक श्रद्धालु वाहन में सवार थे। टायर फटने के बाद गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई। इस दुर्घटना में 12 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को त्वरित उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की तत्परता घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। साथ ही, दुर्घटना के कारण बाधित यातायात को भी शीघ्र बहाल किया गया। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की अहमियत को उजागर किया है, खासकर उन वाहनों में जो श्रद्धालुओं को यात्रा करवा रहे होते हैं।
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शहर में निर्माण कार्य के दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। विराशा हाइट दानिश कुंज पुल के पास सड़क निर्माण कार्य चल रहा था, तभी कोलार के दानिश कुंज फोर लेन निर्माण एजेंसी के जीएम पर बदमाशों ने हमला कर दिया। मामूली विवाद के चलते बदमाशों ने जीएम पर पत्थर से हमला कर दिया और उनके सिर को कुचलने की कोशिश की। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह बदमाश बेरहमी से जीएम पर हमला कर रहे हैं। घटनास्थल पर तनाव का माहौल घटना के बाद मौके पर तनाव का माहौल हो गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल जीएम को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने क्या कहा? पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, "हमें सूचना मिली थी कि विराशा हाइट दानिश कुंज पुल के पास निर्माण कार्य के दौरान एक जीएम पर हमला हुआ है। हमने मौके पर पहुंचकर घायल को अस्पताल पहुंचाया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हम जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे।" क्षेत्र में बढ़ रही अपराध घटनाएं यह घटना एक बार फिर शहर में बढ़ रही अपराध घटनाओं की ओर इशारा करती है। हाल ही में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें लोगों पर हमले और लूटपाट के मामले शामिल हैं। लोग सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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ग्वालियर: ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन तक अपने ही घर में कैद रहा और इस दौरान उसे फर्जी साइबर और क्राइम ब्रांच अफसरों ने ठगकर 71.25 लाख रुपये की रकम हड़प ली। यह मामला अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला माना जा रहा है। फर्जी अफसरों ने किया ठगी: ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद को खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने ठग लिया। यह बदमाश उसे लगातार दबाव में डालते रहे और उसे विश्वास दिलाया कि वह किसी बड़े साइबर अपराध में फंसा हुआ है। इस डर और दबाव के कारण इंस्पेक्टर ने अपनी जमीन तक बेच दी और पैसे देने के लिए कई ट्रांजैक्शन किए। 2 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक वह पूरी तरह से डिजिटल अरेस्ट रहा और बदमाशों के झांसे में आकर पैसे भेजता रहा। बेटे से हुई बात के बाद खुला सच: इंस्पेक्टर का बेटा जब उनसे संपर्क किया, तो उसने बताया कि उनके पिता साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर ने तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की और फिर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव से अपनी पूरी आपबीती सुनाई। पुलिस कार्रवाई: एसपी के निर्देश पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। अब पुलिस डिजिटल माध्यम से इस पूरे मामले की जांच कर रही है और ठगों को पकड़ने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। यह घटना डिजिटल ठगी की गंभीरता को उजागर करती है, जहां साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। इंस्पेक्टर के मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की है, और उम्मीद जताई जा रही है कि आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा।
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ग्वालियर: ग्वालियर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शादी के दौरान दूल्हे ने मंडप में सात फेरे लेने से पहले दहेज की मांग रख दी, जिससे पूरी शादी का माहौल बदल गया। दूल्हे ने शादी के दिन दस लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग की, जिसे दुल्हन के परिवार के लिए पूरा करना संभव नहीं था। दहेज की यह मांग पूरी न होने पर दूल्हे ने शादी तोड़ दी और बिना फेरे लिए बारात वापस लेकर चला गया। दहेज की मांग और शादी का टूटना: ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र में यह अजीबो-गरीब घटना घटी, जहां डॉक्टर बने दूल्हे ने शादी के दिन अपने पक्ष से दहेज में दस लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग की। दुल्हन के परिवार के लिए यह राशि और संपत्ति देना संभव नहीं था, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मांग पूरी न होने पर दूल्हे ने बिना सात फेरे लिए बारात वापस ले ली, और शादी टूट गई। दुल्हन का महिला थाना में शिकायत दर्ज कराना: गुस्साई दुल्हन ने इस घटनाक्रम के बाद महिला थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग करने का प्रयास किया, लेकिन काउंसलिंग के बाद भी मामला सुलझा नहीं। अब पुलिस ने दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना दहेज प्रथा की गंभीर समस्या को उजागर करती है, और पुलिस अब इस मामले में उचित कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठा रही है।
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छतरपुर: छतरपुर जिले के चंदला थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार बोलेरो वाहन ने ई रिक्शा को टक्कर मार दी, जिससे ई रिक्शा चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे से गुस्साए मृतक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण चंदला-बछौन-खजुराहो रोड पर जाम लग गया। हादसा और विरोध प्रदर्शन: यह दर्दनाक घटना उस समय घटी जब तेज रफ्तार बोलेरो ने ई रिक्शा को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद ई रिक्शा चालक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने शव को सड़क पर रखकर चंदला-बछौन-खजुराहो रोड को जाम कर दिया। परिजनों ने बोलेरो चालक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और न्याय की गुहार लगाई। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई: गुस्साए परिजनों को समझाने के लिए पुलिस बल मौके पर पहुंचा। दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर रहा है। यह हादसा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करता है और साथ ही इस मामले में उचित कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
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बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। कुटरू-बेदरे रोड पर किए गए आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 8 जवान शहीद हो गए, जबकि वाहन के ड्राइवर की भी मौत हो गई। यह हमला सुरक्षाबलों के सर्चिंग ऑपरेशन के बाद उनकी गाड़ी पर हुआ था। आईईडी ब्लास्ट में बख्तरबंद गाड़ी की चपेट में आई सुरक्षा बलों की वाहन बीजापुर जिले के कुटरू इलाके में सुरक्षाबलों की बख्तरबंद गाड़ी आईईडी ब्लास्ट के चपेट में आ गई। ब्लास्ट के कारण कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सुरक्षा बलों का दल बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंड़ागांव और जगदलपुर क्षेत्रों में सर्च अभियान चला रहा था। इस दौरान मुठभेड़ में 5 माओवादी ढेर हुए थे और एक जवान शहीद हो गया था। नक्सलियों का हमले के बाद सर्च ऑपरेशन पर हमला सर्च ऑपरेशन के बाद जब सुरक्षा बलों का दल वापस लौट रहा था, तब नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की गाड़ी पर आईईडी ब्लास्ट कर दिया, जिससे यह बड़ा हमला हुआ। हमले की कड़ी निंदा, उच्च अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर रवाना इस हमले के बाद राज्य सरकार और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की इस हरकत की कड़ी निंदा की है। घटनास्थल पर उच्च अधिकारियों की एक टीम रवाना की गई है ताकि मामले की गहन जांच की जा सके। साथ ही घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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सिंगरौली में दखल न्यूज़ पर प्रसारित खबर का सकारात्मक असर देखने को मिला है। पिछले कई दिनों से विस्थापित एवं पीड़ित महेंद्र दुबे के रोजगार के संकट का मामला सुर्खियों में था। अब, इस खबर के प्रसारण के बाद महेंद्र दुबे को रोजगार मिल गया है और कई लोग उनकी मदद के लिए सामने आए हैं। सहयोग से रोजगार की पुन: प्राप्ति खबर प्रसारित होने के बाद एनटीपीसी विंध्याचल महाप्रबंधक मानव संसाधन और उप महाप्रबंधक मानव संसाधन ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने महेंद्र दुबे के मामले में सदाशयता दिखाई और समस्या का समाधान करने के लिए त्वरित कदम उठाए। साथ ही, सिंगरौली शिवसेना के जिला अध्यक्ष रामदयाल पांडेय और फौजी सेवा संगठन के अध्यक्ष सुरेश पांडेय ने भी महेंद्र दुबे के लिए मदद की पेशकश की। कुशवाहा इंटरप्राइजेज ने जिम्मेदारी उठाई कुशवाहा इंटरप्राइजेज ने इस मामले को गंभीरता से लिया और महेंद्र दुबे को वापस काम पर रखने की शर्त मान ली। अब, उन्हें फिर से रोजगार मिल गया है, जिससे उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है। यह घटना दर्शाती है कि मीडिया की भूमिका और समाज के सहयोग से लोगों की समस्याओं का समाधान संभव है
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मध्यप्रदेश की बालिका जूनियर कबड्डी टीम ने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 9 से 12 जनवरी तक होगा, और इसमें देश भर की उत्कृष्ट कबड्डी टीमें भाग लेंगी। खातेगांव में हुआ था राज्य स्तरीय चयन खातेगांव में 22 से 25 दिसंबर तक आयोजित मध्य प्रदेश बालिका जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने वाले 13 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया गया था। इन खिलाड़ियों को हरिद्वार भेजा गया है, जहां वे अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। टीम को शुभकामनाएं और गाजे-बाजे के साथ रवाना किया गया खातेगांव से टीम को गाजे-बाजे के साथ रवाना किया गया। टीम को शुभकामनाएं दी गईं और उनके जीतने की अग्रिम बधाई दी गई। कबड्डी अकादमी देवास के अध्यक्ष दिनेश बिश्नोई ने टीम को प्रेरित किया और उत्साहवर्धन किया। टीम के कोच और मेंनेजर टीम के कोच राजेश बिश्नोई और मेंनेजर खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ब्लॉक समन्वयक रीमा बछानीया और योगिता साहू हैं। इसके अलावा, मध्यप्रदेश कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव जे सी शर्मा, उपाध्यक्ष राम जीवन गोदारा, चयन समिति के मंगल यादव और राष्ट्रीय अंपायर जगदीश शर्मा प्रतियोगिता के दौरान टीम के साथ मौजूद रहेंगे। इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की टीम से सभी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है और टीम के उत्साह के साथ राज्य का नाम रोशन करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
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छतरपुर में तीन युवकों को सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करना महंगा पड़ गया। इन युवकों ने सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर अपनी दबंगई दिखाई थी, जिसके बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया और उनका सार्वजनिक रूप से जुलूस निकाला। तीनों युवकों को गिरफ्तार किया गया कोतवाली पुलिस ने इन तीनों युवकों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से दो अवैध कट्टे और एक चाकू बरामद किया गया। पुलिस ने इन युवकों की गिरफ्तारी के बाद उनका जुलूस कोतवाली थाना से महल रोड तक निकाला, जहां उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पुलिस का कड़ा संदेश पुलिस द्वारा यह कदम उठाने से यह साफ संदेश दिया गया कि सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करना और कानून को चुनौती देना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बढ़ी सतर्कता और सख्ती पुलिस अब ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने का मन बना चुकी है और सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों के प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ निगरानी बढ़ा दी गई है। छतरपुर पुलिस की यह कार्रवाई अन्य युवकों के लिए एक चेतावनी है कि वे सोशल मीडिया का गलत उपयोग न करें और कानून का पालन करें। इस मामले में पुलिस की सक्रियता से यह भी जाहिर होता है कि अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपराध को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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भारत के विभिन्न राज्यों में बीते कुछ समय से लोगों को एक के बाद एक भूकंप के झटकों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण लोगों के बीच खौफ बढ़ता जा रहा है। अब भारत के बड़े राज्य महाराष्ट्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सोमवार की सुबह में महाराष्ट्र राज्य के पालघर जिले में भूकंप के झटकों से धरती हिल उठी है। आइए जानते हैं कि कितनी रही है इस भूकंप की तीव्रता। कितनी थी भूकंप की तीव्रता? सोमवार की सुबह महाराष्ट्र के पालघर जिले में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई है। पालघर जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख ने सोमवार को आए भूकंप के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि जिले के डहाणू तालुका तड़के सुबह 4 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नुकसान की सूचना नहीं अधिकारी ने बताया है कि पालघर के डहाणू तालुका में बोर्डी, दापचरी और तलासरी इलाकों के लोगों ने सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए हैं। अधिकारियों की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक, पालघर में आए भूकंप के कारण अब तक ने किसी के हताहत होने या किसी संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई है। क्यों आते हैं भूकंप? भारत समेत पूरी दुनिया में भूकंप की घटनाएं हाल के दिनों में काफी बढ़ गई हैं। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं
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मध्यप्रदेश में मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। रविवार को प्रदेश में अच्छी खासी गर्मी महसूस की गई, जबकि मौसम में हो रहे इस बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। इस समय बदलाव के कारण कई लोग बुखार, सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश से सटे क्षेत्रों में फॉग (कोहरा) रहने के साथ-साथ तेज ठंड पड़ने की संभावना है। वहीं, भोपाल में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम तापमान 29 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। स्वास्थ्य संबंधी सलाह बदलते मौसम के दौरान लोगों को अपनी स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, बुखार, और फ्लू जैसी बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए गर्म कपड़े पहनने और अच्छी खुराक लेने की जरूरत है। मौसम में इस बदलाव को देखते हुए लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वे किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बच सकें।
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ग्वालियर: बिना पुलिस को जानकारी दिए विदेशी महिला को होटल में ठहराने का मामला सामने आया है। सिरोल थाना क्षेत्र के होटल साक्षी इन में रुकने वाली एक रूसी महिला के कारण होटल के मैनेजर और एक कर्मचारी पर कार्रवाई हुई है। क्या है मामला? पुलिस को सूचना मिली थी कि होटल साक्षी इन में एक विदेशी महिला ठहरी हुई है। इस सूचना पर पुलिस ने होटल में सर्च अभियान चलाया। सर्च के दौरान पुलिस को रूसी नागरिक लूलिया क्रुग्लाइक वहां ठहरी हुई मिली। नियमों का उल्लंघन जांच में पाया गया कि होटल प्रबंधन ने विदेशी महिला के ठहरने की जानकारी फॉर्म सी के माध्यम से पुलिस को नहीं दी थी। यह विदेशी विषयक अधिनियम का उल्लंघन है, जो भारत में विदेशी नागरिकों की निगरानी के लिए आवश्यक होता है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पुलिस ने होटल मैनेजर योगेश गुप्ता और कर्मचारी कुनाल घैघट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। क्या है फॉर्म सी? फॉर्म सी एक ऐसा फॉर्म है जिसे विदेशी नागरिकों की जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन को देने के लिए भरा जाता है। इसे सुनिश्चित करने के लिए होटल प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है कि उनके यहां रुकने वाले विदेशी नागरिकों की जानकारी समय पर अधिकारियों को दी जाए। आगे की कार्रवाई पुलिस अब होटल स्टाफ से इस मामले में विस्तृत पूछताछ कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह के अन्य मामले तो नहीं हुए हैं। सावधानी की अपील पुलिस ने सभी होटल प्रबंधकों और स्टाफ से अपील की है कि वे विदेशी नागरिकों के रुकने की जानकारी समय पर पुलिस को दें, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। ग्वालियर पुलिस की इस कार्रवाई ने विदेशी नागरिकों को लेकर नियमों की अनदेखी पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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सिंगरौली जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक मकान के पीछे स्थित सेफ्टी टैंक से चार शव बरामद किए गए हैं। शुरुआती जांच में इन शवों की हत्या की आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिंगरौली जिले के बरगवां क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हिंडाल्को गेट नंबर 3 के पास, मुख्य सड़क के किनारे स्थित एक मकान के पीछे सेफ्टी टैंक से चार अज्ञात शव बरामद किए गए। इस घटना की सूचना पड़ोसी और रिश्तेदार बिहारी प्रजापति ने पुलिस को दी। इसके बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर उन्होंने आगे की कार्रवाई शुरू की। इस बड़ी घटना को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, वहीं मुख्यालय से एफएसएल की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर बैढ़न भेज दिया है। पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या मानते हुए जांच शुरू कर दी है। तीन शवों की पहचान करण शाह, पप्पू और सुरेश प्रजापति के रूप में की गई, जबकि चौथे शव की पहचान नहीं हो पाई है। सभी शव जयंत पुलिस चौकी क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
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खजुराहो से धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है, जहां ठगों ने पुरातत्व विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी का एटीएम कार्ड बदलकर 40 हजार रुपये निकाल लिए। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें ठगों की करतूत साफ दिखाई दे रही है। पुरातत्व विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हरिदास ढीमर के साथ यह धोखाधड़ी हुई। ठगों ने उनका एटीएम कार्ड बदलकर उनके खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिए। धोखाधड़ी का पता चलते ही पीड़ित कर्मचारी ने खजुराहो थाने में घटना की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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सिंगरौली (4 जनवरी, 2025): सिंगरौली जिले में 63 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों के दूल्हे-दुल्हन शामिल हुए। हालांकि, इस विवाह समारोह के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है। इन संगठनों का कहना है कि यह विवाह हिंदू मान्यताओं के खिलाफ है, क्योंकि खरमास में विवाह करना परंपरागत रूप से मना है। खरमास में विवाह पर सवालहिंदू धर्म में खरमास का महीना विशेष रूप से वर्जित माना जाता है, और इस दौरान शादी विवाह के आयोजन को निषेध समझा जाता है। यही कारण है कि 63 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हिंदू संगठनों का मानना है कि यह विवाह हिंदू परंपराओं के खिलाफ है और इसके परिणामस्वरूप इन जोड़ों को परेशानियां हो सकती हैं। उनका कहना है कि इस समय किए गए विवाहों का भविष्य संदेहास्पद हो सकता है और इन जोड़ों का तलाक हो सकता है, जैसा कि उनके अनुसार इस तरह की गलत तारीखों पर विवाह तय करने का परिणाम हो सकता है। हिंदू संगठनों का आक्रोशहिंदू संगठनों का कहना है कि यह विवाह समारोह विशेष रूप से सनातनी मान्यताओं के खिलाफ था। संगठन यह सवाल उठाते हैं कि इस सामूहिक विवाह समारोह की तारीख जानबूझकर खरमास में क्यों तय की गई। कुछ का आरोप है कि यह काम कुछ बौद्ध धर्म से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर किया गया। इसके अलावा, भाजपा के जनप्रतिनिधियों की इस कार्यक्रम में उपस्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि इसे हिंदू परंपराओं पर कुठाराघात माना जा रहा है। आखिर क्या होगी कार्रवाई?अब यह देखना होगा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। हिंदू संगठनों और जनता के बीच बढ़ते आक्रोश को देखते हुए, मुख्यमंत्री के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा कि वे इस विवाद पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं और जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।
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मुस्तरा (ब्यूरो): मुस्तरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां पांच साल के मासूम आर्यन का शव गांव के मंदिर के पीछे मिला है। गुरुवार शाम से लापता हुए बच्चे की हत्या की आशंका जताई जा रही है। क्या है पूरा मामला? मुस्तरा गांव निवासी मंगल सिंह राजपूत का पांच साल का बेटा आर्यन गुरुवार शाम से घर से लापता था। परिजन और ग्रामीण बच्चे की तलाश में जुटे हुए थे। शुक्रवार को बच्चे का शव गांव के मंदिर के पीछे मिला। बच्चे के गले पर चोट के निशान थे। पुलिस ने मामला दर्ज किया परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। एसडीओपी कर्णिक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बच्चे की हत्या गला दबाकर की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा होगा। ग्रामीणों में आक्रोश इस घटना से पूरे गांव में सनसनी
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पीथमपुर (ब्यूरो): भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने के सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इस मुद्दे पर दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। बढ़ते विरोध के मद्देनजर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपात बैठक बुलाई और इस फैसले पर रोक लगाने का ऐलान किया है। क्या है पूरा मामला? भोपाल गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा एक बड़ी समस्या बना हुआ था। सरकार ने इस कचरे को निपटाने के लिए पीथमपुर में जलाने का फैसला किया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ पीथमपुर के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन और हिंसा प्रदर्शनकारियों ने गुडलक चौराहे पर चक्काजाम कर दिया, जिससे हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान दो युवकों ने आत्मदाह का प्रयास किया। सरकार का यू-टर्न बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रात को भोपाल में आपात बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ है और जनता के हित में कोई भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को अदालत में ले जाया जाएगा और अदालत के आदेश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न संगठनों का विरोध इस प्रदर्शन में पीथमपुर बचाओ समिति, पीथमपुर रक्षा मंच, कांग्रेस, भाजपा, राठौर समाज, क्षत्रिय समाज, सेन समाज, आदिवासी समाज और कई अन्य संगठनों ने भाग लिया। सभी संगठनों ने जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने के फैसले का विरोध किया।
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दतिया जिले के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में अज्ञात चोरों ने बड़ी साज़िश को अंजाम देते हुए गर्भ गृह से भगवान का छत्र और गुल्लक से नकदी चुरा ली। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। चोरी का खुलासा और स्थानीय आक्रोश स्थानीय लोगों का कहना है कि इस चोरी में चोरों ने करीब 3 से 4 किलो चांदी और लगभग 10 लाख रुपये की नकदी चुरा ली। दतिया कलेक्टर, जो मंदिर के अध्यक्ष भी हैं, ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब स्थानीय लोगों ने सीसीटीवी कैमरों के खराब होने की शिकायत की थी, तो कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर की अनदेखी के कारण ही चोरों ने इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर को निशाना बनाया और चोरी की घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद आक्रोशित जनता ने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उनकी शिकायतों पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। हालांकि, पुलिस ने तीन दिन के अंदर इस चोरी का खुलासा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद जनता ने जाम खोला। सीसीटीवी की अनदेखी और पुलिस की कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे के खराब होने और प्रशासनिक अनदेखी के कारण इस चोरी की घटना ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस अपनी तीन दिनों की तय समयसीमा में इस मामले का खुलासा करती है या नहीं। यह घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करती है और मंदिरों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत को उजागर करती है।
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सिंगरौली नगर निगम के वार्ड क्रमांक 20 के पिपरा लाल क्षेत्र में एनसीएल दुधिचुआ परियोजना की खाली पड़ी जमीन पर अवैध निर्माण का सिलसिला लगातार जारी है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह अवैध निर्माण नगर निगम और एनसीएल दुधिचुआ परियोजना के सुरक्षा विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। शिकायत और कार्रवाई पिपरा लाल क्षेत्र के रहवासियों ने एनसीएल दुधिचुआ परियोजना और नगर निगम को लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद सुरक्षा विभाग ने एक दिन के लिए अवैध निर्माण पर रोक लगाई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों के अनुसार, अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति और सुरक्षा विभाग के बीच लाखों रुपए का लेनदेन हुआ है, जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद बन गया है। स्थानीय लोगों का गुस्सा स्थानीय रहवासी इस अवैध निर्माण पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उनके मुताबिक सुरक्षा विभाग की मिलीभगत के बिना इस प्रकार के निर्माण संभव नहीं हो सकते। इस मामले ने एक गंभीर सवाल खड़ा किया है कि क्या स्थानीय प्रशासन और एनसीएल दुधिचुआ परियोजना के सुरक्षा विभाग के बीच कोई गहरी सांठगांठ है? यह मामला जांच और कार्रवाई की मांग कर रहा है, ताकि अवैध निर्माण की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम हो सके और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें।
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छतरपुर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया, जहां तेज रफ्तार दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया। हादसे का विवरण यह घटना बडामलेहरा थाना क्षेत्र के सड़वा गांव में घटी, जहां दो मोटरसाइकिल तेज रफ्तार से आ रही थीं और आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मौके पर ही तीन युवकों की मौत हो गई। मृतकों में से दो युवक धनगुंवा के निवासी थे, जबकि एक युवक दमोह का रहने वाला था। घायल दो युवकों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। यह दर्दनाक हादसा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करता है। स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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इंदौर नगर निगम अब जलकर के बकायादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। इसके लिए छह जनवरी से विशेष मुहिम शुरू की जा रही है। जिन बकायादारों ने बार-बार नोटिस देने के बावजूद जलकर जमा नहीं किया है, ऐसे बड़े बकायादारों की सूची भी तैयार कर ली गई है। अब इनके खिलाफ निगम पुलिस कार्रवाई करेगा। इंदौर निगम सीमा में करीब एक लाख 89 हजार जल कनेक्शन हैं। लगभग 60 हजार कनेक्शन ऐसे हैं जो अनियमित हैं। यानी इन कनेक्शनधारियों ने सालों से नगर निगम में जलकर जमा ही नहीं किया है। यही वजह है कि बकाया राशि करोड़ों रुपये में पहुंच गई। वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी इंदौर नगर निगम ने ऐसे कनेक्शनधारियों को राहत देते हुए वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी। इसके तहत बकायादारों को बकाया राशि का 50 प्रतिशत भुगतान करके अपना खाता नियमित करवाने की सुविधा दी गई थी। निगम को बकायादारों से जलकर के रूप में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूलने हैं। निगम को उम्मीद थी कि वन टाइम सेटलमेंट योजना को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सिर्फ 45 करोड़ रुपये ही निगम के खाते में पहुंचे। शिविर लगाकर जलकर जमा करवाएंगे इसके बाद भी निगम ने बकायादारों को कई अवसर दिए ताकि वे अपना जलकर खाता नियमित करवा सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब निगम ने सख्ती बरतते हुए जलकर बकायादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। निगम छह जनवरी से इसके लिए विशेष अभियान भी शुरू करेगा। नगर निगम अलग-अलग क्षेत्रों में शिविर लगाकर जलकर जमा कराएगा।
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सिंगरौली: भीषण ठंड को देखते हुए नगर निगम सिंगरौली के आयुक्त डी.के. शर्मा ने निगम के वाहन चालकों को ठंड से बचने के लिए ट्रैक सूट वितरित किए। इस पहल से वाहन चालकों में खुशी का माहौल देखा गया और उन्होंने इस कदम की सराहना की। सिंगरौली नगर पालिक निगम क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम आयुक्त डी.के. शर्मा के नेतृत्व में, नए साल के पहले दिन लगभग 115 वाहन चालकों को ठंड से बचने के लिए ट्रैक सूट दिए गए। इस पहल ने वाहन चालकों को राहत प्रदान की और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने के लिए उत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान वाहन अधिकारी एस.एन. द्विवेदी, समाजसेवी अवनीश दुबे, उपयंत्री अमिताभ यादव, आशीष पांडेय और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। यह कदम कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया, ताकि वे सर्दी के मौसम में भी अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा से निभा सकें।
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छतरपुर जिले के किशनगढ़ थाना इलाके में नए साल के मौके पर एक अजीब और खौफनाक घटना सामने आई। खेत से लौट रहे बच्चों पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया। हालांकि, बच्चों के शोर मचाने और भगदड़ मचने से तेंदुआ डर कर भाग निकला, लेकिन इस हमले में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के अनुसार, कुछ बच्चे अपने खेत में नए साल का जश्न मना रहे थे और पार्टी के बाद घर लौट रहे थे। तभी एक तेंदुआ अचानक से उन पर हमला कर बैठा। तेंदुआ ने एक बच्चे को पकड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चों ने शोर मचाया और एक-दूसरे की मदद से तेंदुए से भागने में सफल रहे। हालांकि, भागते वक्त एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सिर और पैरों में चोटें आई हैं। घायल बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। यह घटना जंगलों से सटे इलाकों में जानवरों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को उजागर करती है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जंगलों से लगे इलाकों में सुरक्षा इंतजामों को और सख्त किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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छात्र उन विषयों और सिलेबस की जानकारी रखें। जिसकी प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित होने वाली है। बोर्ड ने छात्रों को सही समय पर प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होने की सलाह दी है। सीबीएसई द्वारा उन्हें दूसरा कोई अवसर प्रदान नहीं किया जाएगा। यदि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान छात्रों को किसी प्रकार की समस्या होती है तो वह स्कूल को संपर्क कर सकते हैं। बोर्ड में दिसंबर महीने की शुरुआत में ही सभी स्कूलों को सही समय पर प्रैक्टिकल परीक्षा का सिलेबस पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा तैयारी को लेकर भी कुछ गाइडलाइंस जारी की थी। स्कूलों से प्रायोगिक परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची ऑनलाइन प्रणाली से जाँचने की सलाह दी थी। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की ऑनलाइन प्रणाली में सही विषय और विद्यार्थियों की श्रेणी दिखाई गई है। कक्षा 12वीं के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा बोर्ड द्वारा नियुक्त एक्सटर्नल परीक्षकों द्वारा आयोजित की जाएगी।
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वर्ष 2024 में भारतीय रिजर्व बैंकों 11 बैंकों लाइसेंस रद्द कर चुका है। अब इस लिस्ट में एक और बैंक शामिल हो चुका है। 27 दिसंबर के आदेश के तहतआरबीआई ने बिहार के वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड हाजीपुर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंकिंग व्यवसाय 30 दिसंबर से बंद करने का आदेश जारी गया है। आरबीआई ने बिहार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परीसमापक नियुक्त करने से संबंधित आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक को न जमा स्वीकार करने और ना ही जमा का पुनर्भुगतान की अनुमति नहीं होगी। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं होता। बैंक का चालू रहना इसके जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक है। अपनी स्थिति में वर्तमान जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान भी नहीं कर सकता। यदि इस कारोबार को आगे रखने की अनुमति दी जाती है तो इसका प्रभाव जनहित पर पड़ेगा।
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मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में 31 दिसंबर की रात होटल रायल ऑर्बिट पर यूटूबर और बिग बाॅस विजेता रहे एल्विश यादव का होना है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर एल्विश यादव के कार्यक्रम हुआ तो ठीक नहीं होगा। आरोप है कि एल्विश यादव की पार्टी में न सिर्फ जमकर शराब खोरी होगी, बल्कि अफीम और ड्रग्स का भी सेवन होगा। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर कार्यक्रम के रोक की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद की महाकौशल प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति धनधारिया ने बताया कि एल्विश यादव कौन है ये सब जानते है, लोग इसे यू-टूयबर मानते है, पर असल में ये नशे का सौदागर है, और जब इसका कार्यक्रम होगा तो लोग न सिर्फ जमकर नशा करेंगे बल्कि जब घर जाएंगे तो दुर्घटना का अंदेशा भी रहेगा। प्रीति धनधारिया ने बताया कि जिस आर्बिट होटल में यह प्रोग्राम हो रहा है, वो नर्मदा तट से 5 किलोमीटर के दायरे में है, और इसी होटल में 31 तारीख की रात जमकर शराबखोरी भी होगी। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए ऑर्बिट होटल में शराब पार्टी की जा रही है। एल्विश यादव जिसे कि रेव पार्टियों के लिए एवं सांपो के जहर की सप्लाई केस में जेल जा चुका है। ऐसे व्यक्ति को संस्कारधानी में बुलाकर शराबखोरी करवाना सही नहीं है।
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छतरपुर के जानराय टौरिया स्थित धनुषधारी मंदिर के महंत को बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी मिलने का एक गंभीर मामला सामने आया है। महंत ने इस धमकी की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है, जिसके आधार पर पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। धनुषधारी मंदिर में विवाद जानराय टौरिया में स्थित धनुषधारी मंदिर में विवाद अब गहराता जा रहा है। महंत ने पुलिस को बताया कि पुजारी परमात्मा दास ने उन्हें बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी दी। शिकायत के अनुसार, पुजारी मंदिर की दुकान से 40 हजार रुपये और रजिस्टर लेकर फरार हो गया है। इस घटना से मंदिर परिसर में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। पुलिस कार्रवाई पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और कोतवाली थाने में पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस ने जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया है। यह घटना मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है, और इसने मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। अब पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें हैं।
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नई साल के मौके पर छतरपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिससे लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। पुलिस ने गुम हुए मोबाइल फोन की तलाश कर उन्हें उनके असली मालिकों तक पहुंचाया। इस पहल से लोगों को ना केवल अपने खोए हुए मोबाइल मिले, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास का एक मजबूत संदेश भी गया। 6 लाख रुपये मूल्य के मोबाइल मिले छतरपुर पुलिस ने गुम हुए मोबाइलों को खोजने की मुहिम में सफलता प्राप्त की और 6 लाख रुपये मूल्य के विभिन्न कंपनियों के मोबाइलों को ढूंढ निकाला। इन मोबाइलों को एसपी अगम जैन ने एक विशेष समारोह में प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में शिकायतकर्ताओं को लौटाए। एसपी अगम जैन ने बताया कि यह सफलता साइबर टीम की तत्परता और तकनीकी कुशलता से संभव हो पाई है। आभार और विश्वास का संदेश इस मौके पर एसपी और उनकी टीम का आभार व्यक्त करने के लिए कई राज्यों से लोग अपने खोए हुए मोबाइल लेने पहुंचे। खोई हुई चीज वापस मिलने पर सभी ने एसपी अगम जैन और उनकी टीम का धन्यवाद किया। एसपी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच विश्वास को और भी मजबूत करना है, ताकि भविष्य में भी लोग पुलिस से सहायक और समर्थ महसूस करें। यह कदम पुलिस द्वारा दिखाए गए ईमानदारी और सेवा की भावना को दर्शाता है, और यह साबित करता है कि जनता की सुरक्षा और सहायता के लिए पुलिस हर कदम पर तत्पर रहती है।
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रुड़की के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक जैन मंदिर में चोरों ने रात के अंधेरे में लाखों रुपये की चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। मंदिर के पुजारी ने सुबह मंदिर खोलने पर देखा कि मंदिर का ताला टूटा हुआ है और अंदर का सामान बिखरा पड़ा है। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार, चोरों ने मंदिर से लगभग 40 से 50 लाख रुपये का सामान चुराया है। इसमें नकदी के साथ-साथ मंदिर में रखे कीमती जेवर और अन्य धार्मिक सामग्री शामिल है। पुलिस ने बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं।
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सिंगरौली (ब्यूरो): सिंगरौली जिले के विंध्यनगर थाना क्षेत्र में हुई चार बड़ी चोरियों का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में दो नाबालिगों सहित चोर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि गहन जांच के बाद गिरोह के सरगना कादर उर्फ रोहित शाह और दो नाबालिग चोरों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 145 ग्राम सोने के जेवर और 1 किलो चांदी, जिसकी कीमत लगभग 11 लाख रुपए से ज्यादा है, बरामद हुई है। यह चोरियां 18 दिसंबर को हुई थीं जब सतीश प्रसाद के घर से सोने-चांदी के आभूषण चोरी हो गए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन आरोपी अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
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रीवा में पुलिस की वर्दी पहनकर वसूली करने वाली दो नकली पुलिसवालियों को असली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो महिला पुलिसकर्मी शहर में जबरन लोगों से पैसे वसूल रही हैं, जिसके बाद पुलिस ने स्पेशल टीम बनाकर इन आरोपियों को धर दबोचा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के लाडली लक्ष्मी पथ पर यह घटना हुई, जहां इन फर्जी महिला पुलिसकर्मियों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया। इन महिलाओं ने पुलिस की ड्रेस पहनी हुई थी और इसी वर्दी का रौब झाड़ते हुए वे लोगों से वसूली कर रही थीं। बताया जा रहा है कि ये महिलाएं पिछले तीन-चार दिनों से शहर में घूम रही थीं। पुलिस अब इन महिलाओं से पूछताछ कर रही है। सिविल लाइन थाना में इन महिलाओं के खिलाफ बीएनएस (बदसलूकी और गैरकानूनी कार्यों) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और आरोपी महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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रीवा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक युवती के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने भीड़भाड़ वाले इलाके में एक मैजिक गाड़ी में युवती के साथ यह घिनौना कृत्य किया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली है और वह अपनी सहेली के साथ घूमने के लिए मुकुंदपुर गई थी। वहां उसकी मुलाकात मैजिक चालक राकेश रावत से हुई। राकेश ने युवती को अपनी मां को डॉक्टर दिखाने में मदद करने का झांसा दिया और उसे बुलाया। राकेश ने युवती को गुढ़ चौराहे के समीप सड़क किनारे खड़ी अपनी मैजिक गाड़ी में बैठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के विरोध करने पर आरोपी ने उसे धमकाया और फरार हो गया। डरी हुई युवती काफी दिनों तक थाने में शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। अंततः सोमवार को उसने बिछिया थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे। यह घटना समाज के लिए एक कलंक है। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
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देवास जिले के नेमावर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक युवती के साथ उसके ही चाचा, सौतेले भाई और एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने मिलकर दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे लगातार परेशान करते थे और उसके साथ दुष्कर्म करते थे। आरोपियों ने पीड़िता को धमकाया था कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसे जान से मार देंगे। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ एसटी एक्ट के तहत दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। यह घटना समाज के लिए एक कलंक है। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
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इंदौर के युग पुरुष धाम आश्रम की मान्यता को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब 6 महीने पहले इस आश्रम में 10 बच्चों की मौत हो गई थी और लगभग 60 से अधिक बच्चे बीमार हो गए थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि इस मामले में आश्रम को पहले ही नोटिस जारी किया गया था और इसके बाद आश्रम की मान्यता को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रबंधन में भी बदलाव किया गया था। गुरुवार को सहमति के बाद, आश्रम के 86 दिव्यांग बच्चों को उज्जैन स्थित सेवाधाम आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने पैसे की कमी के कारण ट्रेन के पहिए के पास बैठकर 250 किमी का सफर तय किया। यह घटना इटारसी से जबलपुर के बीच हुई, जिसकी दूरी करीब 250 किलोमीटर है। घटना का खुलासा तब हुआ जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची। रेल कर्मचारी जब नियमित जांच कर रहे थे, तो उनकी नजर कोच के नीचे लेटे एक व्यक्ति पर पड़ी। पूछताछ में युवक ने बताया कि उसके पास सफर करने के लिए पैसे नहीं थे, इस कारण उसने यह जोखिम भरा कदम उठाया। इस अजीबोगरीब घटना ने रेल कर्मचारियों को भी चौंका दिया, क्योंकि ट्रेन के पहिए के पास बैठकर सफर करना बेहद खतरनाक था।
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खातेगांव मंडी, जो अब ए ग्रेड होने के साथ प्रदेश की हाईटेक मंडियों में शामिल है, किसानों के लिए कई सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां का मंडी स्टाफ 24 घंटे किसानों की सहायता के लिए तैयार रहता है, ताकि किसानों को मंडी प्रांगण में किसी भी प्रकार की तकलीफ या शिकायत का सामना न करना पड़े। अगर कोई शिकायत होती है, तो उसका तुरंत समाधान किया जाता है। मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने बताया कि शीतलहर से बचने के लिए मंडी प्रांगण में अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को ठंड से राहत मिल सके। इसके अलावा, मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट और स्मार्ट टीवी भी लगाए गए हैं। टोकन व्यवस्था के तहत किसान अपने निर्धारित स्थान टीन शेड में पहुंचकर ट्रैक्टर ट्राली लगा सकते हैं। मंडी में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां किसानों की मदद के लिए किसान सहायता केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कक्ष भी स्थापित किए गए हैं। किसानों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है, और कैंटीन में मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर कोई किसान किसी भी प्रकार की शिकायत लेकर आता है, तो उसे तुरंत सुना जाता है और समाधान किया जाता है। मंडी सचिव ने यह भी बताया कि उपसंचालक महोदय उज्जैन, कलेक्टर देवास, एसडीएम खातेगांव और विधायक खातेगांव के निर्देशन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिल रहा है।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने गृह जिले खटीमा पहुंचे, जहां उन्होंने जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री का स्वागत और जनसंपर्क हल्द्वानी कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री देर शाम अपने गृह क्षेत्र खटीमा नगला स्थित आवास पहुंचे। यहां लोहिया हेड स्थित गेस्ट हाउस में एकत्र जनसमूह ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा। समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा, ताकि उनके जीवन में सुधार लाया जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार हमेशा जनता के साथ खड़ी रहेगी और उनकी समस्याओं के समाधान में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी मिली है, और इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहुंचकर खेलों की मशाल और प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हल्द्वानी स्थित गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में किया जाएगा। मुख्यमंत्री का संकल्प: "आम जनता के सहयोग से खेलों को उत्सव बनाएंगे" इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ा सम्मान है कि उसे 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी का अवसर मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन को एक उत्सव बनाने के लिए आम जनता का सहयोग जरूरी है। "संकल्प से शिखर तक" के मंत्र के तहत, उन्होंने कहा कि इस आयोजन में आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही इसे सफल बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी विश्वास जताया कि इन खेलों से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने में मदद मिलेगी। खेल मंत्री और विधायकगण का समर्थन इस मौके पर खेल मंत्री रेखा आर्य, लालकुआँ विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा और खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इन सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर को राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया और खेलों के सफल आयोजन के लिए सहयोग देने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय खेलों का महत्व 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को एक नई दिशा मिलेगी, और यह राज्य में खेलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने के लिए मशाल को उनके हाथ में सौंपा, ताकि वे खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
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मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में इंसान और हाथियों के बीच समन्वय स्थापित करने के उपायों पर मंथन किया गया। इस कार्यशाला में अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए, जो उन्होंने दक्षिण भारत के तमिलनाडु और कर्नाटक में हाथियों के प्रबंधन के विषय में सीखा। मानव हाथी द्वंद को रोकने की कवायदउमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आयोजित इस कार्यशाला में PCCF वाइल्ड लाइफ, शुभरंजन सेन ने बताया कि मध्य प्रदेश में हाथियों की आमद एक नया और महत्वपूर्ण मामला है, जिसे सही तरीके से समझने और प्रबंधित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उनका उद्देश्य मानव और हाथी के बीच द्वंद को रोकना और हाथियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना है। दक्षिण भारत से मिली अहम जानकारीशुभरंजन सेन ने बताया कि हाथियों के प्रबंधन के लिए एक दल को दक्षिण भारत भेजा गया था, जहां इन राज्यों में हाथियों की संख्या अधिक है और उनका प्रबंधन अच्छा किया जा रहा है। वहां के अनुभवों को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में हाथियों के व्यवहार को समझने पर ध्यान केंद्रित किया गयाकार्यशाला के दौरान, अधिकारियों ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश में आने वाले हाथियों और उनके इंसान के साथ रिश्तों को लेकर चर्चा की। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जंगली हाथियों के व्यवहार को समझना और उनका बेहतर प्रबंधन करना था ताकि भविष्य में जान-माल का नुकसान रोका जा सके।
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एक युवक ने रीवा पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है पीड़ित की माने तो बिना किसी मुकदमे व अपराध के पुलिस ने उसे घर से पकड़ा और थाने ले कर पिटाई लगाईं पुलिस वाले ने सिगरेट सेउनकी आंख तक जलाई पीड़ित ने बताया की पुलिस वाले उसे फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दे रहे थे। जवा थाना क्षेत्र का है जहां के रहने वाले रोहित सिंह आज एसपी ऑफिस पहुंचे और जवा पुलिस की प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई पेशे से किसान पीड़ित ने बताया की 24 दिसम्बर की शाम पुलिस वाले घर पहुंचे और मुझे पकड़ कर जबरन पुलिस गाड़ी में बैठकर थाने ले गए और बिना किसी अपराध के वहां डंडा और बेल्ट से मारपीट करने लगे पीड़ित ने बताया की सुराज सिंह और वेद प्रकाश शर्मा दोनों पुलिस कर्मी गाली गलौच करते हुए फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी दे रहे थे उन्होंने सिगरेट से दाहिने आंख को भी जला दिया.
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उत्तराखंड के खटीमा में जामा मस्जिद की दुकानों के स्थानांतरण को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। शिकायतकर्ता सलीम रिज़वी ने आरोप लगाया है कि बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के तीन दुकानों को नियमों के खिलाफ स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे विवाद गहरा गया है। आरोप और प्रशासन की प्रतिक्रिया सलीम रिज़वी का कहना है कि वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बिना दुकानों का हस्तांतरण किया गया, और इस पर प्रशासनिक कार्रवाई की आवश्यकता है। उनका आरोप है कि वर्तमान में कोई वक्फ बोर्ड कमेटी नहीं है, इसलिए प्रशासन को इस तरह के फैसले लेने का अधिकार नहीं था। उन्होंने इस मामले को लेकर एसडीएम के माध्यम से सहायक कार्यपालक वक्फ बोर्ड को ज्ञापन सौंपा है, ताकि मामले की जांच की जा सके। दूसरी ओर, खटीमा प्रशासन के कामिल खान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे निराधार बताया है। उनका कहना है कि ये आरोप गलत हैं और इस तरह की स्थिति पर प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
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सिंगरौली (ब्यूरो)। सिंगरौली में हुई एक महिला की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में मृतका के प्रेमी को गिरफ्तार किया है। बता दें कि एक महीने पहले पुलिस को झाड़ियों में एक अज्ञात महिला का शव मिला था। पुलिस ने मृतका की शिनाख्त रीता के रूप में की थी। रीता के पति ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच शुरू की। पुलिस और साइबर टीम की जांच में पता चला कि रीता दीपक नाम के व्यक्ति से लगातार संपर्क में थी। पुलिस ने दीपक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में दीपक ने बताया कि वह पिछले एक साल से रीता के साथ प्रेम संबंध में था। रीता उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। एक दिन जब रीता उससे मिलने आई और उसे अपने साथ ले जाने की जिद करने लगी तो आरोपी ने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।
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देवास के हरणगांव स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में बाउंड्री वाल के निर्माण का भूमि पूजन विधायक आशीष शर्मा ने किया। इस परियोजना के तहत 13 लाख 50 हजार की लागत से बाउंड्री वाल का निर्माण किया जाएगा, जो स्कूल परिसर की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। भूमि पूजन के अवसर पर विधायक का संबोधन भूमि पूजन के मौके पर विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि यह राशि देवास जिला प्रशासन के खनिज मद से प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि बाउंड्री वाल बनने के बाद स्कूल परिसर में लगे पेड़-पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, साथ ही असामाजिक तत्वों का प्रवेश भी रुक सकेगा। विधायक ने प्रदेश सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही महत्वपूर्ण पहल पर भी प्रकाश डाला और बच्चों से आगामी परीक्षाओं में पूरी मेहनत और मन लगाकर पढ़ाई करने की अपील की। इस परियोजना से स्कूल की सुरक्षा और बच्चों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित होगा, जिससे उनका शैक्षिक स्तर और भी ऊंचा होगा।
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बरेली फास्ट ट्रैक फर्स्ट कोर्ट ने 16 बीघा जमीन के विवाद में हत्या करने के आरोप में सगे भाई और भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा 2014 में हुई एक हत्याकांड के मामले में सुनाई गई। सजा सुनाते वक्त जज ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए फैसले को और भी प्रभावी बना दिया। हत्याकांड की पूरी कहानी नवंबर 2014 में जमीन के विवाद को लेकर एक भाई ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही भाई की गोली मारकर और गला काटकर हत्या कर दी थी। पहले इस हत्या के मामले में सौतेले भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन बाद में जब परिवार के अन्य सदस्य को शक हुआ कि सौतेले भाई ने इस हत्याकांड को अंजाम नहीं दिया, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी और लिखित शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की पुनः जांच की, और सच सामने आया कि सगे भाई और भतीजे ने हत्या को अंजाम दिया था। जज ने रामचरित मानस का दिया उदाहरण इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए जज ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ श्रीराम और उनके भाई भरत थे, जो प्रेम के कारण अपना राजपाट एक-दूसरे को देने के लिए तैयार थे, जबकि दूसरी ओर इन आरोपियों ने सिर्फ संपत्ति के लिए अपने ही भाई की हत्या कर दी। इस उदाहरण से जज ने परिवार में प्रेम और रिश्तों के महत्व को उजागर किया और अपराध की गंभीरता को रेखांकित किया।
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मध्य प्रदेश के किसानों को आए दिन विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी खाद की कमी तो कभी बीमा की राशि न मिलने की समस्याएं। ऐसा ही एक मामला सिद्धि गंज क्षेत्र से सामने आया है, जहां किसानों की 2022 की खरीफ फसल की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि अभी तक उनके खातों में नहीं पहुंची है। किसानों को नहीं मिली फसल बीमा राशि आष्टा के सिद्धि गंज क्षेत्र के किसानों के खातों में 2022 की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि नहीं डाली गई। किसानों ने इस बारे में संबंधित बैंक और सेवा सहकारी समितियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि बीमा राशि अब तक जारी नहीं की गई है। इसके बाद जब किसान कृषि विभाग कार्यालय सीहोर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि 23 अगस्त 2023 को उनके क्षेत्र की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि किसानों के खातों में डाल दी गई थी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि किसान जहां पर फसल बीमा करवाए थे, वहां जाकर पूछताछ करें। किसानों का कहना – "बीमा राशि कहां गई?" किसानों ने बताया कि 2022 की खरीफ फसल में सोयाबीन खराब हो गई थी, जिसके लिए उन्होंने सर्वे कराया था, लेकिन बीमा राशि के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई। किसानों ने 181 पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन फिर भी उनकी बीमा राशि का कोई पता नहीं चल रहा है। इस मामले को लेकर किसानों ने कलेक्टर सीहोर, एसडीएम आष्टा, क्षेत्रीय विधायक और इंजीनियर को भी आवेदन दिया है, लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
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मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा आज दमोह नाका से अपनी शौर्य यात्रा निकल रहे थे लेकिन उनकी यात्रा को हितकारिणी स्कूल में ही पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच बात चलती रही। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिस रोड पर शौर्य यात्रा निकली जा रही है उसकी अनुमति नहीं ली गई है वहीं बजरंग दल ने पुलिस प्रशासन के आदेश को मानने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सालों से शौर्य यात्रा निकाली जा रही है लेकिन कभी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ी। बता दें कि यात्रा को रोकने के लिए शहर और देहात से करीब एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस सहित तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। 12 दिनों पहले बजरंग दल ऑफिस हिंदू परिषद ने शौर्य यात्रा निकालने के लिए जिला प्रशासन से कही थी लेकिन किसी कारणवश उन्हें रोक दिया गया। कार्यक्रम में बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता हितकारिणी स्कूल शौर्य यात्रा के लिए निकले पर पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प हितकारिणी स्कूल के अंदर जैसे ही विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो, विवाद की स्थिति बन गई। कार्यकर्ताओं ने जबरन बैरिकेड को तोड़ते हुए बाहर निकलने की काफी कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें हठ पूर्वक रोक दिया। इस दौरान पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प भी हुई। कार्यकर्ता की जबरन शौर्य यात्रा निकालने की कोशिश कर रहे थे तो वही पुलिस होने बलपूर्वक रोकते रही। करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होती रही। जानकारी लगते ही एसडीएम पंकज मिश्रा, एएसपी आनंद कलादगी, एएसपी सूर्यकांत शर्मा मौके पर पहुंचे और बजरंग दल के पदाधिकारी से बात की। चर्चा होने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रूट बदलने को तैयार हुए और फिर पुलिस के साए में शौर्य यात्रा शुरू हुई।
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अमरपाटन थाना परिसर में पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार हर मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में इस बार भी कई हितग्राहियों ने अपनी समस्याएं रखीं। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन ने नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया और दोनों पक्षों को समझाइश दी, जिससे शांति और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। राजस्व से संबंधित शिकायतों का समाधान, सुशासन दिवस पर शपथ ग्रहण जनसुनवाई के दौरान, राजस्व से संबंधित कुछ शिकायतें भी आईं, जिन्हें अमरपाटन की SDM आरती यादव और तहसीलदार आर डी साकेत ने पुलिस स्टाफ के साथ मिलकर समाधान किया। इसके बाद, थाना परिसर में सुशासन दिवस के मौके पर सुशासन की शपथ भी ली गई। इस अवसर पर एसडीओपी शिव कुमार सिंह, थाना प्रभारी के पी त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।
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मैहर (ब्यूरो)। बदेरा थाना क्षेत्र में हुई एक नवयुवती की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को राजकोट, गुजरात से गिरफ्तार किया है। बता दें कि कुछ दिन पहले बदेरा थाना क्षेत्र में एक किशोरी का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मृतिका आठ महीने की गर्भवती थी। शुरूआत में यह मामला आत्महत्या का लग रहा था, लेकिन पुलिस की गहनता से हुई जांच में कई अहम खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार, मृतिका के आरोपी से संबंध थे। दोनों के बीच डेढ़ साल से प्रेम संबंध चल रहा था। मृतिका गर्भवती होने के बाद आरोपी पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। इसी बात से परेशान होकर आरोपी ने मृतिका की हत्या कर दी और उसके शव को पानी में फेंक दिया था। आरोपी ने मृतिका का मोबाइल भी नाले में फेंक दिया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को राजकोट से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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रीवा रेंज के डीआईजी साकेत पांडेय ने हाल ही में अमरपाटन में स्थित SDOP कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ लंबित अपराधों और CM हेल्पलाइन से संबंधित मामलों पर बैठक की। इस बैठक में डीआईजी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में डीआईजी ने अपराध पर भी चर्चा की बैठक में एसपी मैहर सुधीर अग्रवाल, एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य, CSP राजीव पाठक, SDOP शिव कुमार सिंह और थाना प्रभारी भी मौजूद रहे। डीआईजी ने न केवल लंबित मामलों के समाधान पर जोर दिया, बल्कि क्षेत्र में अपराधों के नियंत्रण और पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
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23 दिसंबर को भोपाल के जीवीएन द ग्लोबल स्कूल में सतना जिले के पड़रौत गांव के युवा कवि दिनेश गुप्ता मकरंद की दूसरी पुस्तक 'रवि और कवि का प्रताप' का लोकार्पण हुआ। इस पुस्तक में 43 कविताएं और 93 मुक्तक हैं। यह दिनेश गुप्ता मकरंद का दूसरा काव्य संग्रह है, जो उनके साहित्यिक यात्रा की एक नई दिशा को दर्शाता है। लोकार्पण समारोह में प्रमुख साहित्यकारों की उपस्थिति, गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र ने किया पुस्तक की समीक्षा लोकार्पण समारोह में महापौर मालती राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, जबकि वरिष्ठ साहित्यकार और व्यंग्यकार गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। गोकुल सोनी ने अपनी समीक्षा में कहा कि दिनेश गुप्ता मकरंद की कविताओं में धार्मिक आस्था, लोक मंगल का भाव और राष्ट्र चेतना की गहरी छाप देखने को मिलती है। वहीं, अशोक व्यग्र ने मातृभाषा की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार और संस्कृति है, जिसे दिनेश अपने लेखन के माध्यम से समाज में प्रसारित कर रहे हैं। दिनेश गुप्ता मकरंद के साहित्यिक योगदान को सराहा, आभार व्यक्त किया कार्यक्रम के अंत में, दिनेश गुप्ता मकरंद ने अपने सभी अतिथियों और साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में संपूर्ण श्रीरामचरितमानस का हस्तलेखन किया है और हिंदुस्तान चालीसा की तर्ज पर हनुमान चालीसा को मात्र तीन दिन में लिखा है। उनके इन साहित्यिक योगदानों को भी समारोह में विशेष रूप से सराहा गया।
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सिंगरौली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां पिपरा झाँपी सरकारी स्कूल के 11 छात्र अचानक से बीमार हो गए। इन छात्रों को तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्कूल में छात्रों के बीमार होने पर अधिकारियों ने लिया तत्काल एक्शन बीमार छात्रों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मौके पर एसडीएम सृजन वर्मा, आईएएस चंद्रशेखर शुक्ला और डीईओ एसबी सिंह स्कूल पहुंचे। उन्होंने अपनी गाड़ियों से छात्रों को अस्पताल भेजा, जबकि कुछ छात्रों को एम्बुलेंस द्वारा भी अस्पताल लाया गया। अस्पताल के ट्रामा विभाग में सभी छात्रों का इलाज जारी है। इस घटना से कुछ दिन पहले भी पिपरा झाँपी स्कूल के कई छात्र बीमार हो गए थे, जिससे स्कूल के स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।
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आज, रीवा से अमरपाटन पहुंचे चार विभागों के संयुक्त संचालकों ने सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के डिलीवरी वार्ड से लेकर नवनिर्मित बिल्डिंग तक का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद, उन्होंने नगर परिषद के वार्ड नंबर 5 में आयोजित जनकल्याण शिविर में हिस्सा लिया। इस शिविर में चारों संयुक्त संचालकों ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वास्थ्य योजना समेत कई अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। शिविर के दौरान उन्होंने लाभार्थियों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही, जनकल्याण शिविर में कई योजनाओं के लाभार्थियों से फीडबैक लिया गया। इस आयोजन के बाद, सभी विभागों की एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें योजनाओं की प्रगति और आने वाले कार्यों पर चर्चा की गई। इस औचक निरीक्षण और जनकल्याण शिविर ने क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और विभागीय योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।
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आज राष्ट्रीय किसान दिवस है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर ये दिन मनाया जाता है। ये दिन भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनके योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। आज के दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अन्नदाता भाई-बहनों को किसान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। चौधरी जी ने किसानों, गरीबों एवं वंचितों के हितों के संरक्षण एवं उनके समग्र विकास हेतु अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपके समर्पण और किसान कल्याण व कृषि विकास के आपके प्रयास सदैव हमें प्रेरित करते रहेंगे।’ राष्ट्रीय किसान दिवस भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। लगभग 70% भारतीय किसान हैं जो खाद्य फसलों, तिलहन, और वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन करते हैं। वे उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करते हैं, जिससे वे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। भारत गेहूं, चावल, दालें, गन्ना और कपास जैसी फ़सलों के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में किसानों की आवाज़ बनने वाले अग्रणी नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों की समस्याओं को समझा, उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनकी स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों की शुरुआत की। आज के दिन का महत्व ये दिन किसानों के योगदान को सराहने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। किसान दिवस पर कृषि और किसानों की समस्याओं पर चर्चा की जाती है और उनकी बेहतरी के लिए समाधान ढूंढे जाते हैं। इस दिन किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, नई पद्धतियों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। किसान दिवस लोगों को यह याद दिलाने का अवसर है कि किसान न सिर्फ अन्नदाता हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ बनाने में भी उनका अहम योगदान है।
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रुड़की: रुड़की के कई गांवों और आसपास के जंगलों में इन दिनों गुलदार (तेंदुए) का आतंक मचा हुआ है। इस गुलदार के डर से किसान अपने खेतों में जाने से भी कतराने लगे हैं। किसान लगातार वन विभाग को सूचना दे रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक इस गुलदार को पकड़ने के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों में गुस्सा और डर का माहौल बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर भाकियू टिकैत के गढ़वाल मंडल उपाध्यक्ष सोमवीर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने रुड़की वन विभाग के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई दिन पहले वन विभाग को जंगल में गुलदार की मौजूदगी के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन अब तक विभाग ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। किसानों का कहना है कि गुलदार का डर इतना बढ़ चुका है कि वे अपनी जान जोखिम में डालकर खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं। इस पर वन दरोगा नरेंद्र कुमार ने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए शासन को लिखा गया है और जल्द ही पिंजरे लगाकर गुलदार को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। किसानों ने वन विभाग से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनका जीवन सुरक्षित हो सके और वे अपने खेतों में काम कर सकें।
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सिंगरौली: तेज रफ्तार के कारण सड़क पर एक भीषण हादसा हो गया, जिसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र के पास मुख्य सड़क पर हुई। हादसा उस समय हुआ जब कोयले से लोड एक भारी वाहन और एक मालवाहक वाहन की जोरदार भिड़ंत हो गई। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों के अनुसार, तेज रफ्तार के चलते दोनों वाहनों की टक्कर इतनी जोरदार थी कि मालवाहक वाहन के चालक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, भारी वाहन चालक और एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है। यह हादसा सिंगरौली जिले के मुख्य मार्ग पर हुआ, जिससे सड़क पर यातायात प्रभावित हुआ। पुलिस मौके पर पहुंची और हादसे की जांच शुरू कर दी। घटनास्थल से दोनों वाहनों को हटाकर यातायात को सामान्य किया गया। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि तेज रफ्तार पर कड़ी निगरानी और यातायात नियमों के पालन की आवश्यकता है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
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सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल बैढ़न में एनुअल स्पोर्ट्स मीट का आयोजन धूमधाम से किया गया, जिसमें बच्चों ने खेलकूद के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी शानदार प्रस्तुति दी। यह कार्यक्रम डॉक्टर अभिषेक सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ, जिनका विद्यालय परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सांस्कृतिक और खेलकूद के कार्यक्रमों का आयोजन एनुअल स्पोर्ट्स मीट के दौरान बच्चों ने अपनी विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में खेलकूद के विभिन्न आयोजन भी हुए, जिनमें बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर अभिषेक सिंह ने अपने उद्बोधन में विद्यालय के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि इस स्कूल से प्राप्त शिक्षा के कारण ही वह शासकीय चिकित्सालय में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद में भी भाग लेकर अपने माता-पिता, शिक्षकों, और समाज का नाम रोशन करें। मुख्य अतिथि ने दी बच्चों को प्रेरणा मुख्य अतिथि डॉक्टर अभिषेक सिंह ने बच्चों से यह भी कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय रहना जरूरी है, ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें और समाज में अपना योगदान दे सकें। कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
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खातेगांव के सुषमा स्वराज स्टेडियम में जूनियर बालिका वर्ग की राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता 'अटल चैम्पियंस ट्रॉफी' का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से 40 टीमों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। यह आयोजन कबड्डी के प्रति उत्साह को बढ़ावा देने और राज्य के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है। 550 से अधिक खिलाड़ी और अधिकारियों की भागीदारी मध्यप्रदेश एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन और देवास कबड्डी एसोसिएशन एकेडमी के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में 550 से अधिक खिलाड़ी, कोच, रेफरी और अन्य अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता के लिए स्टेडियम में तीन कोर्ट बनाए गए हैं ताकि खेलों का आयोजन सुचारू रूप से किया जा सके। विधायक आशीष शर्मा ने प्रतियोगिता के उद्घाटन के दौरान कहा कि 'अटल चैम्पियंस ट्रॉफी' में 40 टीमें भाग लेंगी, जिनमें 20 साल तक की आयु और 65 किलोग्राम वजन तक की बालिकाएं शामिल हो सकती हैं। विजेता टीम का नेशनल चैंपियन ट्रॉफी में होगा प्रतिनिधित्व विधायक आशीष शर्मा ने यह भी बताया कि इस प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ी जनवरी में हरिद्वार में होने वाली नेशनल चैंपियन ट्रॉफी में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह आयोजन प्रदेश के कबड्डी खेल को नई दिशा देने और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगियों को तैयार करने में मदद करेगा।
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खटीमा के मजगांव क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 65 वर्षीय शकुंतला देवी का शव जंगल में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। महिला जंगल में लकड़ी और कड़ी पत्ता लेने गई थी, लेकिन उसके बाद से वह लापता हो गई थी। परिजनों ने उसकी लगातार तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला था। अब शव का मिलना पूरे इलाके में सनसनी का कारण बन गया है। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई मजगांव के धनुष पुल के पास महिला का शव जंगल में पाया गया। पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि घटना स्थल पर ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गश्त को भी बढ़ा दिया गया है। इस घटना के बाद वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएं और यदि कोई जंगली जानवर दिखे तो तुरंत सूचना दें। वन विभाग की सुरक्षा संबंधी अपील वन विभाग ने जंगल में अकेले जाने से बचने और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की सलाह दी है। इस घटना ने इलाके में भय का माहौल बना दिया है, और लोगों को आगाह किया गया है कि वे जंगल में सुरक्षित तरीके से जाएं और जंगली जानवरों से सतर्क रहें।
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नेमावर में प्रशासन ने रैन बसेरा और अस्पताल परिसर के आसपास अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कई सालों से चल रहे अवैध कब्जों को बुलडोजर से हटाया गया। यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई, और प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की थी। अतिक्रमण हटाने के दौरान गहमागहमी का माहौल नेमावर स्थित रैन बसेरा और अस्पताल परिसर के आसपास पिछले कई सालों से कच्ची और पक्की दुकानों का संचालन किया जा रहा था। प्रशासन ने इन दुकानों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार अरविंद दिवाकर ने बताया कि नगर परिषद से दुकानों का निर्माण कराया जाएगा और ये दुकानें नीलामी प्रक्रिया के तहत आवंटित की जाएंगी। हालांकि, अतिक्रमण हटाने के दौरान गहमागहमी का माहौल बना, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी के कारण कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ। पीड़ितों का आरोप, बिना सूचना के हुई कार्रवाई इस कार्रवाई के बाद, अतिक्रमण हटाए गए दुकानदारों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें पहले से कोई सूचना या पंचनामा नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि वे 15 साल से यहां रह रहे थे और अब प्रशासन द्वारा बिना पूर्व सूचना के उनकी दुकानों को हटाया गया है। इस मामले को लेकर अब स्थानीय लोग और पीड़ित इसकी कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
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छतरपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए लुटेरी दुल्हन के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला ने शादी के नाम पर कई लोगों को ठगा, और अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपने झांसे में लेकर उनकी संपत्ति हड़प ली थी। पुलिस ने उसे महोबा से गिरफ्तार किया, और साथ ही मामले में शामिल एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया। शादी के बहाने ठगी करने वाली दुल्हन का धोखा सूत्रों के अनुसार, लुटेरी दुल्हन ने नौगांव थाना क्षेत्र के एक युवक से शादी की थी। शादी के बाद सुहागरात के बहाने उसने दूल्हे को नशीला दूध पिलाया, जिसके बाद वह 25,000 रुपये नकद, 10 तोला सोने के जेवर और मोबाइल लेकर फरार हो गई। पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की और साइबर सेल की मदद से आरोपी बिट्टू रैकवार को महोबा में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस महिला ने कई अन्य लोगों को भी इसी तरह से ठगा है। अभय प्रताप सिंह भी गिरफ्तार पुलिस ने इस मामले में साजिश रचने वाले अभय प्रताप सिंह को भी हिरासत में लिया है। छतरपुर पुलिस का कहना है कि इस लुटेरी दुल्हन के खिलाफ ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, और अब वह कानून के शिकंजे में है। पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों का शिकार होते हैं।
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रुड़की में एक मांस व्यापारी की गाड़ी पर हमले से इलाके में सनसनी फैल गई है। हरोड़ा से मंगलौर जा रही गाड़ी को रोककर कुछ अज्ञात बदमाशों ने ड्राइवर और कंडक्टर से मारपीट की और नकदी छीनकर फरार हो गए। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि बदमाशों ने व्यापारी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। मांस व्यापारी शमशुल कुरैशी ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे एक कांग्रेस नेता और उनके पड़ोसी का हाथ है, जो उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। व्यापारी ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पुलिस अभी तक मामले की जांच कर रही है और कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
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सिंगरौली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पति की हत्या करने वाली मास्टरमाइंड पत्नी और उसके प्रेमी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना सिंगरौली जिले के गढ़वा थाना क्षेत्र के बगदरा चौकी कसदा पुलिया के पास हुई, जहां पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या के बाद पत्नी ने अपनी करतूत छुपाने के लिए पति के शव को कसदा पुलिया के नीचे फेंक दिया। पुलिस को जब घटना की सूचना मिली, तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की और सच्चाई का खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि मृतक बिंदु सिंह गोड़ की पत्नी ने अपने अवैध संबंधों के कारण इस हत्या को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस ने पत्नी, उसके प्रेमी और दो नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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देवास के नयापुरा इलाके में एक दुखद घटना सामने आई, जहां अज्ञात कारणों से एक घर में आग लग गई। आग ने परिवार की खुशियों को राख में बदल दिया, जिससे चार लोगों की जान चली गई। मृतकों में 35 वर्षीय दिनेश कारपेंटर, उनकी पत्नी गायत्री और उनके दो छोटे बच्चे, 10 साल की इशिका और 7 साल के चिराग शामिल हैं। घटना के बाद दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और परिवार के चारों सदस्य जलकर अपनी जान गवां चुके थे। पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना नाहर दरवाजा थाना क्षेत्र के नयापुरा इलाके में हुई है, जहां स्थानीय लोग इस दुखद घटना से शोकसंतप्त हैं।
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मैहर जिले में भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें नगर पालिका सीएमओ लाल जी ताम्रकार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। ठेकेदार शिवेंद्र सिंह ने शिकायत की थी कि बकाया बिलों के भुगतान के लिए सीएमओ ने 30000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिवेंद्र सिंह ने पहले 10000 रुपये की रकम दे दी थी, और बाकी 20000 रुपये की रिश्वत लेने पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की। प्रभारी पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में लोकायुक्त टीम ने सीएमओ को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस मामले की आगे की जांच की जा रही है, और यह लोकायुक्त द्वारा हाल ही में की गई तीसरी कार्रवाई है।
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छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़ेरी में एक बार फिर हिंसा की घटना सामने आई है। दिनदहाड़े पांच लोगों ने एक किसान पर हमला कर दिया और गोली मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसान खेत में काम कर रहा था तभी हमलावरों ने उस पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने किसान के साथ जमकर मारपीट की और फिर गोली चला दी। घायल किसान ने आरोप लगाया है कि अरविंद मिश्रा, शंकर मिश्रा, गणेश मिश्रा, भूरा सिंह और छुट्टी मिश्रा नामक लोगों ने मिलकर उस पर हमला किया। गोली किसान के पैर में लगी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल किसान को लवकुशनगर अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार, किसान की हालत अब स्थिर है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बढ़ती हिंसा की ओर इशारा करती है। पुरानी रंजिश के चलते इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। प्रशासन को ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
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भोपाल में आयकर विभाग की तीन दिन से चल रही बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मेंडोरी के जंगल में गुरुवार देर रात एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। सोने की कीमत करीब 40 करोड़ 47 लाख रुपये आंकी गई है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह सोना और कैश किसका है। आयकर विभाग ने पूरी सावधानी बरतते हुए 100 पुलिसकर्मियों और 30 गाड़ियों के काफिले के साथ रेड की। सोने से लदी गाड़ी रात के समय में भागने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पहले ही उसे पकड़ लिया गया। अभी यह जांच की जा रही है कि यह सोना और कैश बिल्डर्स और RTO के एक पूर्व कॉन्स्टेबल से जुड़ा हुआ तो नहीं है। जानकारी के मुताबिक, यह सब एक पूर्व मुख्य सचिव और मंत्री के करीबी लोगों से भी जुड़ा हो सकता है।
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भोपाल में मेडी स्कैन सेंटर में जांच कराने आने वाली महिलाओं के कपड़े बदलते वक्त वीडियो बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सेंटर के संचालक महिलाओं को चेंजिंग रूम में भेजते थे, जहां फॉल सीलिंग में छिपाकर मोबाइल से वीडियो बनाए जाते थे। जब एक महिला के पति ने चेंजिंग रूम में मोबाइल देखा, तो उसने वीडियो में अपनी पत्नी और एक अन्य महिला को कपड़े बदलते हुए पाया। जब पीड़ित ने स्टाफ से पूछताछ की, तो उन्होंने गुंडागर्दी करते हुए मारपीट की और मोबाइल छीनने की कोशिश की। पुलिस को सूचना मिलने पर अरेरा हिल्स पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवक पिछले तीन महीनों से सेंटर में काम कर रहा था, और पुलिस ने उसके मोबाइल से कई वीडियो बरामद किए हैं। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा फीस अधिनियम के तहत जो फीस निर्धारित की गई है, उससे स्कूल संचालकों को लगातार नुकसान हो रहा है। अमरपाटन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एसडीएम आरती यादव को ज्ञापन सौंपा और इन समस्याओं का समाधान करने की मांग की। संगठन का आरोप है कि गरीब बच्चों के लिए शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं मिल रही है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से इन मुद्दों का समाधान शीघ्र करने की अपील की है, ताकि प्राइवेट स्कूलों को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों का समाधान हो सके और विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े।
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पति से पत्नी को बेटी को खिलाने के लिए घी मांगना महंगा पड़ गया। घी मांगने पर पति ने पत्नी के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला (Husband Attacks Wife With Axe) कर घायल कर दिया। घायल पत्नी का आरोप है कि बेटी होने की वजह से पति उसे और उसकी 3 साल की बेटी को घी खाने के लिए नहीं देता और घी को ताले में बंद कर रखता है। पीड़ित महिला अपनी बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। घी के लिए पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के किशनबाग में रहने वाली सीमा शाक्य अपने पति वीरेंद्र शाक्य के साथ रहती है। उनकी 3 साल की बेटी भी है। दोनों पति-पत्नी मजदूरी (Gwalior Crime News) करने का काम करते हैं। सीमा शाक्य घायल हालत में पुलिस अधीक्षक कार्यालय सिटी सेंटर पर पहुंची, जहां उसने पुलिस अधिकारियों से शिकायत कर पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस अधिकारी ने उसकी शिकायत पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है। पीड़ित महिला का क्या है आरोप? वहीं, इस पूरे मामले में पीड़ित महिला सीमा शाक्य का कहना है, "पति वीरेंद्र रात के वक्त घी से रोटी लगाकर खाना खा रहा था और खाना खाने के बाद उस घी के डिब्बे में ताला लगा कर रख दिया। जब मैंने अपनी 3 साल की बेटी को घी से रोटी खिलाने के लिए घी मांगा तो उसने गुस्से में आकर पहले गाली गलौज की फिर सिर में कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया। पति ताना मरता है कि घी अपने मायके से लेकर आई है क्या। बेटी होने की वजह से वह ऐसा अत्याचार उस पर और उसकी बेटी पर करता रहता है।" आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज ASP ग्वालियर निरंजन शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "घी को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ। आरोपी पति ने महिला के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। पति के अत्याचार से परेशान होकर महिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर आई थी। पुलिस अधिकारी ने उसकी बात को सुनकर उसके पति के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन उसे दिया है। फिलहाल इस पूरे मामले में आगामी तफ्तीश जारी है।"
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दमोह। दमोह शहर के पीजी कॉलेज में गुरुवार को एलएलबी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा देने एक मुन्ना भाई पहुंच गया। वह अपने दोस्त के नाम पर एग्जाम दे रहा था। एग्जाम के दौरान चेकिंग कर रही कॉलेज प्रबंधन की टीम को जब युवक पर संदेह हुआ तो उससे पूछताछ शुरू की। उसने अपना और पिता का नाम तो प्रवेश पत्र में देख कर बता दिया, लेकिन जैसे ही उससे मां का नाम पूछा, वह नहीं बता सका। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन में उसे पुलिस में देने की धमकी दी तो उसने पूरा राज खोल दिया। इसलिए दोस्त की जगह दे रहा था परीक्षा परीक्षा देने आए इस फर्जी छात्र हिमांशु नेमा ने बताया कि उसका दोस्त विपुल सिंघई एलएलबी में 3 साल से फेल हो रहा है। उसकी अंग्रेजी कमजोर है और मेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी है इसलिए मैं उसकी एवज में यहां पर अंग्रेजी का पेपर हल करने के लिए आया था। केंद्र अध्यक्ष हरप्रीत कौर ने उस युवक को पुलिस के हवाले कर दिया और कोतवाली जाकर उसकी शिकायत (Damoh City News) दर्ज कराई है। अब कोतवाली में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने उस दूसरे छात्र को भी पकड़ लिया है जिसके नाम पर यह फर्जी छात्र परीक्षा दे रहा था। ऐसे पकड़ा गया मुन्ना भाई कॉलेज में सर्चिंग ड्यूटी कर रहे धर्मेंद्र राय ने बताया कि वह बाजू वाले कमरे में सर्चिंग कर रहे थे। तभी दूसरे कमरे से एक प्रोफेसर हरप्रीत कौर ने आवाज लगाकर बताया की एक छात्र संदिग्ध लग रहा है। पहले पूछताछ करने पर उसने खुद को विपुल सिंघई बताया। प्रवेश पत्र में देखकर पिता का नाम भी सही बताया। केंद्र अध्यक्ष पहले गढ़ाकोटा में रह चुकी है और विपुल सिंघई को कुछ हद तक जानती थी इसलिए उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने उससे विपुल की मां का नाम पूछा तो वह नहीं बता पाया। पैसों के लालच में पकड़ा गया इस पर कॉलेज प्रबंधन ने उसे पुलिस में देने की धमकी दी तो डर के मारे उसने सब कुछ सच बता दिया। उसने बताया कि उसका नाम हिमांशु नेमा है और वह विपुल के नाम पर एग्जाम दे रहा है। उसने बताया कि मेरा दोस्त पहले तीन बार फेल हो चुका है इसलिए अंग्रेजी का पेपर देने मैं आ गया था। मुझे विपुल ने कुछ रुपए देने का भी वादा किया था। कॉलेज प्रबंधन से जुड़े धर्मेंद्र राय ने बताया कि असली छात्र को भी पुलिस ने पकड़ लिया है और दोनों को कोतवाली में ले जाया गया है। कॉलेज प्रबंधन की शिकायत (Damoh City News) पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
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इंदौर। शहर में फर्जी डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक ताजा मामला टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को तीन दिनों तक साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से प्रताड़ित करने का मामला आया, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुक्त करवाया। तीन दिन से कर रहे डिजिटल अरेस्ट पूरा मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया द्वारा बताया गया कि थाने स्तर पर साइबर अपराध को रोकने के लिए टीम गठित की गई है और एक प्रभारी को नियुक्त किया गया है। इन्हीं के पास में फरियादी के परिचित वकील अक्षय तिवारी द्वारा फोन लगाया गया था कि उनके मित्र को ऑनलाइन अरेस्ट किया गया है। पीड़ित मोहित मौर्य को एक ऑनलाइन कॉल आया था, जिसमें उन्हें कहा गया था कि डिजिटल करियर में ड्रग्स और कई संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। इसके कारण आपको ऑनलाइन अरेस्ट किया जा रहा है। अब फरियादी का कॉल सीधे तौर पर बताया गया कि दिल्ली में साइबर क्राइम ट्रांसफर किया गया और इसी तरह पर कई घंटे तक उसे डराया-धमकाया जाता रहा। पुलिस की तत्परता से पीड़ित हुआ मुक्त इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और फरियादी मोहित मौर्य को साइबर अपराधियों से मुक्त करवाया गया। पूरा मामले में बताया जा रहा है कि पुलिस पहुंचती जब तक साइबर अपराधी द्वारा फरियादी से एक लाख रुपए के करीब राशि वसूल चुके थे। फरियादी ने ऑनलाइन लॉन लेकर साइबर अपराधियों को यह राशि दी थी। साइबर अपराधियों ने फरियादी का ऑनलाइन दस्तावेज भी मंगवाए थे और तमाम जो बैंक अकाउंट हैं, उनको भी साइबर अपराधी खंगालते रहे। कहीं ना कहीं साइबर अपराधियों की जागरूकता ना होने के कारण 3 दिनों तक फरियादी को फर्जी तरीके से डिजिटल अरेस्ट किया गया। पूरा मामले में साइबर अपराधी पर पुलिस द्वारा 30, हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया गया।
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पार्किंग को लेकर हुए विवाद में दो लोगों ने बाइक सवारों पर कुल्हाड़ी से हमला करने की कोशिश की। यह घटना शहर में तनाव का कारण बनी, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटना उस समय हुई जब दो लोग पार्किंग को लेकर बाइक सवारों से भिड़ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने अपनी बाइक से उतर कर कुल्हाड़ी से हमला करने का प्रयास किया। इस हमले के दौरान बाइक सवारों ने अपनी जान बचाने के लिए भागने का प्रयास किया। हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को पकड़ लिया। टीआई अरविंद कुजूर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कदम उठाया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा, "हमने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटना फिर से न हो।" सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में आरोपियों को बाइक सवारों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है, जो मामले की गंभीरता को दर्शाता है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है, और आगे की जांच जारी है। यह घटना पार्किंग विवादों से संबंधित बढ़ते तनाव को उजागर करती है और पुलिस की तत्परता को भी दर्शाती है, जो इस मामले में त्वरित रूप से सक्रिय हुई।
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भोपाल: मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने लाडली लक्ष्मी बहन योजना की राशि बढ़ाने के संबंध में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा सकती है। मंत्री भूरिया ने कहा, "लाडली लक्ष्मी बहन योजना की राशि बढ़ाई जाएगी या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह एक वैश्विक प्रश्न है, और जब भी कोई फैसला होगा, जनता को सूचित किया जाएगा।" इस दौरान उन्होंने राज्य में कुपोषण खत्म करने के प्रयासों पर भी बात की। मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा, "हमारा विभाग मध्य प्रदेश से कुपोषण खत्म करने की दिशा में पूरी तरह से प्रयासरत है, लेकिन इसके लिए जनता का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब तक लोग इस मिशन में साथ नहीं देंगे, कुपोषण का मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं हो सकता।" मंत्री ने आगे कहा कि महिला विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जर्जर भवनों को भी जल्द सुधारने और बनवाने का काम किया जाएगा, ताकि महिलाओं और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। लाडली लक्ष्मी बहन योजना के तहत प्रदेश में लाखों बेटियों को सहायता दी जाती है, लेकिन योजना की राशि बढ़ाने को लेकर कोई निर्णायक कदम अब तक नहीं उठाया गया है। इससे जुड़ी चर्चा अब तक प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रही है। कुपोषण की समस्या को लेकर मंत्री ने जो बयान दिया, वह राज्य में होने वाली सरकारी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को लेकर जनता से बेहतर सहयोग की अपील करता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के तहत मध्य प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन कुपोषण जैसे जटिल मुद्दे पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इस मुद्दे पर आगे क्या निर्णय लिया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन कुपोषण और महिला कल्याण के मुद्दे पर चर्चा और प्रयास लगातार जारी रहने की उम्मीद है।
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खटीमा: नगर पालिका खटीमा के सफाई कर्मचारी पिछले दो दिनों से कार्य बहिष्कार पर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे 21 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार दो महीने से संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहे थे, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। इसके चलते सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है और अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। आज, सफाई कर्मचारियों को उपजिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट ने बातचीत के लिए बुलाया। बातचीत के दौरान सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संतोष गौरव ने बताया कि उनकी 21 सूत्रीय मांगों पर नगर पालिका प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कर्मचारियों ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक नगर पालिका लिखित रूप से आश्वासन नहीं देती, वे काम पर नहीं लौटेंगे। संतोष गौरव ने कहा, "हमारी कई मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, जिनमें वेतन में वृद्धि, कार्य की बेहतर स्थिति, और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। हम अधिकारियों से बार-बार अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा।" उपजिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सफाई कर्मचारियों की मांगें जायज हैं, और उन्हें शीघ्र समाधान देने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। हम उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही करेंगे ताकि उनका काम बहाल हो सके।" सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे केवल लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही काम पर लौटेंगे, अन्यथा अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारियों का यह आंदोलन नगर पालिका प्रशासन के लिए एक बड़ा चुनौती बन गया है, क्योंकि सफाई कर्मचारियों के बहिष्कार के चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना नगर पालिका प्रशासन के लिए अनिवार्य हो गया है।
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परासिया के दबक ग्राम पंचायत में ताला बंद रहने से ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सचिव और रोजगार सहायक की लापरवाही के कारण पंचायत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सीईओ ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। मध्यप्रदेश शासन ने ग्राम पंचायतों का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया है, लेकिन सचिव और रोजगार सहायक इस समय का पालन नहीं कर रहे हैं। नतीजतन, ग्रामीण पंचायत में कोई भी काम समय पर नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें समस्याओं का समाधान पाने के लिए बार-बार पंचायत के चक्कर लगाने पड़ते हैं। दबक ग्राम पंचायत में ताला लटकने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। परासिया जनपद के सीईओ ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और पंचायत कार्य सुचारू रूप से चल सकेंगे।
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जिले के नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां अस्पताल प्रबंधन को कंबल चोरी होने का डर सता रहा है। इससे सरकारी अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ गई। बता दें कि जिला अस्पताल में कंबलों को पलंग से बांध दिया गया। इस कारनामे के बाद अस्पताल प्रबंधन के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कंबल चोरी या फिर कुछ और मरीजों के परिजनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि चोरी के डर से अस्पताल प्रबंधन ने ऐसा कदम उठाया। लेकिन, यह पूरी तरह से अनुचित है। मरीज यहां इलाज कराने आते हैं, कंबल चोरी करने के लिए नहीं। इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी CMHO डॉ. राजेश सिसोदिया ने भी इसे गलत माना। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन से बात की जाएगी। जबकि, वार्डों में निगरानी के लिए सुरक्षा गॉर्ड, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों की तैनाती की गई। यह है पूरा मामला ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण किए गए। अस्पताल प्रबंधन को सरकारी कंबल चोरी न हो जाएं, अब यह डर भी सता रहा है। इसलिए हर वार्ड में मरीजों को दिए गए कंबलों कों पलंग पर रस्सियों के सहारे बांधा गया। जिससे कि कोई मरीज एवं अटेंडर अपने साथ कंबल नहीं ले जा सके। कर्मचारियों का कहना है कि कई बार रात्रि के समय बेड से कंबल चोरी भी होते हैं। इसे रोकने के लिए इस साल अस्पताल प्रबंधन ने अजब-गजब तरीका अपनाया। अस्पताल के हर वार्ड में बेड पर मरीजों को कंबल तो दिए। साथ ही सभी कंबलों को रस्सियों के सहारे बांध दिया गया, ताकि कंबल को कोई अपने साथ नहीं ले जाए। मरीजों होती है परेशानी इस तरह से कंबलों को बांधने से कई बार मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्हें अपने घर से भी अतिरिक्त कंबल या चादर लानी पड़ रही है। इस कंबल की लंबाई कम हो गई। ऐसे में मरीजों के शरीर खुला रहता है। इससे उन्हें ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मरीज व अटेंडर साथ में अन्य गर्म कपड़े लाने को विवश हो गए।
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मध्य प्रदेश के अनूपपुर में एक दामाद ने पीट-पीटकर सास की हत्या कर दी। वारदात के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी दामाद (Son-in-law Murder mother-in-law) मौके से फरार हो गया, लेकिन घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और तफ्तीश के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आखिर क्या है पूरा मामला दामाद ने सास को मौत के घाट क्यों उतार दिया आइए विस्तार से जानते हैं। जादू-टोना के शक में बुआ सास की हत्या पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम बेलगांव से बिजुरी थाना में सूचना मिली कि मंगल पाव उम्र- 35 वर्ष निवासी पतेरा टोला बेलागांव ने अपनी बुआ सास (Anuppur Woman Murder) बूटी बाई उम्र करीब 70 वर्ष की गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपी ने जादू-टोना के शक में पैर से कुचल-कुचलकर अपनी सास की बेरहमी से हत्या कर दी। वारदात के बाद से आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस की गिरफ्त में आरोपी बिजुरी थाना प्रभारी विकास सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जादू टोना के शक में आरोपी ने अपनी बुआ सास की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद से हत्या का आरोपी फरार चल रहा था। बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध संख्या 302/24 धारा 103(1 ) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया। (मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान ने विशेष टीम गठित कर आरोपी को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने का आदेश दिए। जिसके बाद आरोपी की तलाश में जुटी विशेष टीम ने 16 दिसंबर को लोहसरा बिजुरी के पास के नर्सरी जंगल से धर दबोचा। फिलहाल इस पूरे मामले में आगामी तफ्तीश जारी है।
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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने आगामी शैक्षिक सत्र के लिए 210 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है, जो आर्थिक रूप से कमजोर, लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कैंपस में दाखिला लेने वाले छात्र, जो चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) में उत्तीर्ण होंगे, वे इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। इस बजट में 170 करोड़ रुपये का आवंटन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के मोहाली कैंपस के लिए है, जबकि 40 करोड़ रुपये का बजट लखनऊ कैंपस के लिए निर्धारित किया गया है। यह योजना आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक सुनहरा मौका चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है, जिनके पास उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं। छात्रवृत्ति का मुख्य उद्देश्य उन विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है, जो उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हैं, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के इस कदम से उन्हें अपनी पसंदीदा शैक्षिक धाराओं में प्रवेश और सफलता पाने का एक सुनहरा मौका मिलेगा, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर का संदेश चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर के सलाहकार, प्रोफेसर डॉ. आर एस बावा ने भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि "देश की सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करना हर छात्र का सपना होता है, लेकिन कई बार आर्थिक संकट के कारण वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते।" उन्होंने यह भी बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का उद्देश्य ऐसे हजारों होनहार छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करना है। आगामी CUCET 2025 के माध्यम से 210 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति उन छात्रों तक पहुंचेगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और उन्हें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।
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पिरान कलियर: सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स और लाइक्स बढ़ाने की चाहत में कुछ युवाओं ने हदें पार कर दीं। अश्लील वीडियो और खतरनाक स्टंट के जरिए फॉलोवर जुटाने वाले इन युवाओं को अब हवालात की हवा खानी पड़ी है। पिरान कलियर पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दो युवतियों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अश्लील वीडियो और खतरनाक स्टंट से फैलाया गलत संदेश इन युवाओं ने हाल ही में गंगनहर में अर्धनग्न होकर अश्लील वीडियो बनाए, जिससे उन्होंने 528K फॉलोवर तो जुटा लिए, लेकिन साथ ही अपनी जान को भी खतरे में डाल लिया और समाज में गलत संदेश फैलाया। एसएसपी हरिद्वार के निर्देशन में प्रचलित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के तहत पिरान कलियर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और इन युवाओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद, ये लोग माफी मांगते नजर आए, लेकिन पुलिस ने उन्हें कड़ा संदेश दिया कि ऐसे हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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बिन्दुखत्ता: शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम पर मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य 10 वर्षों बाद भी शुरू नहीं होने से लोग सरकार के खिलाफ आक्रोशित हैं। कांग्रेसियों ने इस मुद्दे पर तीन दिवसीय पदयात्रा निकालकर तत्काल स्टेडियम निर्माण की मांग की है। कांग्रेसियों ने निकाली तीन दिवसीय पदयात्रा 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अशोक चक्र विजेता लांस नायक शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम पर मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 9 साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस देरी के खिलाफ कांग्रेसियों ने तीन दिवसीय पदयात्रा शुरू की, जिसमें स्थानीय पूर्व सैनिकों ने भी अपना समर्थन जताया। सभी ने एकजुट होकर मांग की कि शहीद गोस्वामी के सम्मान में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए।
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छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दूल्हा लुटेरी दुल्हन का शिकार बन गया। यह घटना 13 दिसंबर को नौगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कुलवारा में हुई, जहां एक युवक ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी की थी, लेकिन शादी की रात ही उसकी पत्नी ने उसे नशीला दूध पिलाकर लाखों के जेवरात लूट लिए और फरार हो गई। किस तरह हुई घटना? दूल्हे राजदीप का विवाह नैगुवां निवासी सुकन पाठक के माध्यम से चरखारी उत्तर प्रदेश की खुशी तिवारी से तय हुआ था। शादी के बाद खुशी तिवारी ने दूल्हे को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, जिससे दूल्हा बेहोश हो गया। इसके बाद खुशी तिवारी ने मौके का फायदा उठाते हुए दूल्हे के लाखों के जेवर, पैसे और उसका मोबाइल फोन लेकर चुपके से फरार हो गई। जब दूल्हे को होश आया, तो उसने खुद को लुटा हुआ पाया और घटना की जानकारी पुलिस को दी। पहले भी किए हैं कई शिकार? इस मामले में पुलिस का कहना है कि लुटेरी दुल्हन संभवतः एक गिरोह का हिस्सा हो सकती है, जो पहले भी कई युवकों को अपना शिकार बना चुका है। खबरों के मुताबिक, खुशी तिवारी ने अपने साथी के साथ मिलकर पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया होगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपित महिला की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना स्थानीय समाज में चर्चा का विषय बन गई है और पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
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सीहोर में 7वीं के छात्रा से रेप का मामला सामने आया है। एक युवक ने छात्रा को बहाने से अपने दोस्त के घर ले जाकर गलत काम किया। आरोपी का एक दोस्त निगरानी करता रहा और दूसरे ने इसका वीडियो बनाया। इसके बाद तीनों वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना 2 नवंबर की है। दो दिन पहले आरोपियों ने ये वीडियो पीड़िता के चचेरे भाई को दिखा दिया। इसके बाद डरी सहमी छात्रा ने मां को पूरा घटनाक्रम बताया। बुधवार देर रात पीड़िता मां के साथ कोतवाली थाने पहुंची और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। धमकी दी- वीडियो वायरल कर देंगे पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मैं 2 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे घर के पास बनी किराना दुकान पर चिप्स लेने गई थी। इसी समय तीनों आरोपी रास्ते में खड़े थे। उन्होंने मुझे इशारे से पास बुलाया और गली में ही अपने एक दोस्त के घर ले गए। यहां एक कमरे में मेरे साथ जबरन गलत काम किया। इसके बाद मुझे धमकी दी कि किसी को बताया तो ये वीडियो वायरल कर देंगे। मैं घर आ गई। लेकिन दो दिन पहले यह वीडियो रिश्ते में लगने वाले भाई को दिखा दिया। मैं बहुत डर और सहम गई थी। इसके बाद मैंने अपनी मां को पूरा घटनाक्रम बताया। तीन में से दो आरोपी नाबालिग कोतवाली थाना प्रभारी मनोज मालवीय ने बताया, गुरुवार दोपहर में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से वह मोबाइल भी बरामद हुआ है, जिसमें वीडियो रिकॉर्ड किया गया था। तीनों आरोपी पीड़िता के घर के पास रहने वाले हैं। सीएसपी निरंजन राजपूत के अनुसार, तीनों आरोपी भी स्कूल स्टूडेंट्स हैं और इनमें से दो नाबालिग हैं। मकान मालिक से भी होगी पूछताछ जानकारी के अनुसार, पुलिस पड़ताल कर रही है कि जिस मकान में गलत काम हुआ उसके मालिक को घटना के बारे में मालूम था या नहीं। इस आधार पर मकान मालिक को भी आरोपी बनाया जा सकता है।
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छतरपुर में लगातार फायरिंग की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस की दुकानों की चेकिंग की और स्टॉक की जांच की। पुलिस ने दुकानों में मिली कमियों को ठीक करने के निर्देश भी दिए हैं। अभियान के दौरान पुलिस ने अवैध हथियारों और कारतूस की सुराग लगाने का काम शुरू किया है। पुलिस की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है और जिले में पांच दिनों के भीतर 70 से ज्यादा अवैध कट्टे जब्त किए गए हैं। इस अभियान का उद्देश्य जिले में फायरिंग की घटनाओं को रोकना और अवैध हथियारों पर लगाम लगाना है। पुलिस के इस अभियान से स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है और पुलिस की तत्परता की सराहना की जा रही है। शस्त्र लाइसेंस की दुकानों की जांच और अवैध हथियारों की जब्ती से क्षेत्र में कानून व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद है। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।
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देश में किस साल कितने नोट छापे जाएंगे इस बात का फैसला हमेशा भारत सरकार करती है। देश में चलने वाले नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार आरबीआई के पास होता है। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है जब आरबीआई द्वारा केंद्र सरकार को नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव दिया जाता है। इसके बाद केंद्र सरकार आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मिलकर निर्णय लेती है और सिक्के तथा नोट छापने का अधिकार आरबीआई को दे दिया जाता है। इसी तरह का प्रोसेस जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है, तब भी अपनाया जाता है। अब तक देश में कई बार यह देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए। साल 2016 में 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। बीते साल 2000 के नोट भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बंद कर दिए गए। इसी तरह से 5 रुपए के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा निर्णय लिया है। बंद हुए 5 के सिक्के भारत की करेंसी में हमेशा से ही नोट के साथ सिक्के का चलन रहा है। अभी भी 100, 200 और 500 के नोट के साथ 5, 10 और 20 के सिक्के चल रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में यह देखने में आया है की पांच के सिक्के मार्केट से गायब हो रहे हैं। पांच का सिक्का हम सभी ने उपयोग किया है और यह देखने में जरूर आया होगा कि यह अन्य सिक्कों से अलग मोटा हुआ करता था। हालांकि, अब यह सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपए के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है। मार्केट में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो रोटेट हो रहे हैं। इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिख रहे हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ है और आरबीआई ने पुराने सिक्कों को क्यों बंद कर दिया है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिरकार इसके पीछे का कारण क्या है। सर्फेस वैल्यू से ज्यादा मैटल वैल्यू जो भी सिक्के बनते हैं उनकी दो तरह की वैल्यू होती है जिसमें से एक सरफेस वैल्यू कहलाती है और दूसरी मेटल वैल्यू कहलाती है। सिक्के पर जो 5 रुपए अंकित होता है, वह उसकी सरफेस वैल्यू होती है और जिस मेटल से उसे निर्मित किया जाता है वह पिघलाने पर आने वाली वैल्यू मेटल वैल्यू कहलाती है। 5 के पुराने सिक्के की मेटल वैल्यू सरफेस वैल्यू से ज्यादा आ रही थी, जिसका लोगों ने दुरुपयोग शुरू कर दिया था। यही कारण रहा कि आरबीआई ने पांच के पुराने सिक्के को बंद करने का फैसला किया और मार्केट में नए सिक्के लाए गए। बनाई जा रही थी ब्लेड 5 रूपये के पुराने सिक्के को बनाने में जिस मेटल का उपयोग होता था। उसी मेटल से दाढ़ी बनाने वाली ब्लेड बनाई जाती है। जब लोगों को इस बार में मालूम हुआ तो उन्होंने सिक्के पिघलाकर ब्लेड बनाना शुरू कर दिए। इन सिक्कों को अवैध रूप से बांग्लादेश भेजा जाने लगा। जहां एक सिक्के से 6 ब्लेड बनती थी। एक ब्लेड को 2 रुपए में बेचा जाता था। इस हिसाब से 5 रूपये के सिक्के से 12 रुपए कमाए जा रहे थे। RBI ने लिया निर्णय 5 रूपये के सिक्के के हो रहे अवैध इस्तेमाल के बारे में जब सरकार को पता चला उसके बाद जांच की गई। मामला पकड़ में आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 रुपए के सिक्के में बदलाव किया। इसके बाद पुराने सिक्के की धातु को बदलने के साथ इसकी मोटाई को भी कम कर दिया गया।
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सीहोर जिले के आष्टा में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईडी की कार्यवाही से प्रताड़ित किए जाने के कारण दंपत्ति ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। इस बयान पर भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया है। भगवानदास सबनानी ने कहा कि किसी की भी आत्महत्या या मृत्यु अत्यंत दुखद होती है और यह पीड़ित परिवार पर वज्रपात की तरह है। भारतीय जनता पार्टी इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार तथा बच्चों के साथ है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपनी घृणित राजनीति के लिए किसी की मृत्यु या आपदा में अवसर तलाशती है और कूटरचित स्वांग रचती है, जो अत्यंत निंदनीय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए सबनानी ने कहा कि पटवारी पीड़ित परिवार के भोले-भाले बच्चे को पहले अलग ले जाकर बरगलाते हैं और फिर उससे तथ्यहीन, सत्यहीन, अनर्गल आरोप लगवाते हैं। सबनानी ने कहा कि पटवारी का यह कृत्य कांग्रेस के नकारा नेतृत्व को छिपाने और सुर्खियां बटोरने के प्रयास के अलावा कुछ भी नहीं है। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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कन्नौद में 8 दिसंबर की रात एक दिल दहला देने वाली लूट की घटना सामने आई, जब हरदा के एक परिवार की कार को सिया घाट पर पंचर कर लूटपाट और मारपीट की गई। घटना के तुरंत बाद कन्नौद पुलिस ने अपनी तत्परता दिखाते हुए महज 72 घंटे में इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। देवास एसपी पुनीत गहलोत ने बताया कि हरदा का एक परिवार आष्टा से अपने घर हरदा लौट रहा था, तभी यह घटना घटित हुई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। एसपी पुनीत गहलोत के नेतृत्व में एसडीओपी द्वारा पुलिस टीम का गठन किया गया, जो इस गिरोह को पकड़ने में सफल रही। टीम ने मौके पर पहुंचकर बदमाशों की घेराबंदी की और उन्हें गिरफ्तार किया। कन्नौद पुलिस ने अपराधियों से पंचर करने के औजार, तीन मोबाइल फोन, दो बैग, पर्स और 5000 रुपये नकद बरामद किए। इस कार्रवाई में कन्नौद पुलिस की भूमिका सराहनीय रही, जिसने कम समय में अपराधियों का पर्दाफाश किया। इस घटना के बाद पुलिस द्वारा किए गए त्वरित कार्यवाही की काफी सराहना की जा रही है। कन्नौद पुलिस की समर्पण और मेहनत ने यह साबित कर दिया कि कानून के हाथ अपराधियों तक जल्द ही पहुंचते हैं, चाहे वह कहीं भी हों। पुलिस की मुस्तैदी और तत्परता के कारण इलाके में लोगों का विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।
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देवास में इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे 59ए पर नेमावर नर्मदा ब्रिज के पास एक गंभीर हादसा हो गया। इंदौर से छिंदवाड़ा जा रहा नमक से भरा ट्राला, गाय को बचाने की कोशिश में रिवर्स होकर नाले में गिर गया। इस दुर्घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर नाले में फंसे ट्राला के ड्राइवर को बाहर निकाला और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, ड्राइवर घायल हो गया है लेकिन किसी अन्य को कोई चोट नहीं आई है। इस क्षेत्र में पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग और स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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दिसंबर का महीना शुरू होते ही ठंड काफी ज्यादा बढ़ने लगती है। तापमान में भारी गिरावट के कारण कोहरे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण विजिबिलिटी भी जीरो हो जाती है। इन दिनों पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है, जिसे मद्देनजर रखते हुए मध्य प्रदेश के सतना जिले में प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों को राहत दी गई है। दरअसल, कलेक्टर ने गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलों के संचालन समय में बदलाव कर दिया है। इससे छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। सतना कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अनुराग वर्मा ने बढ़ती ठंड को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों के समय के संचालन में परिवर्तन किया है। बता दें कि जिले का तापमान काफी तेजी से गिरा है, जिसके कारण सर्द हवाओं का असर बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है। ऐसे में कलेक्टर द्वारा स्कूल के समय में परिवर्तन को लेकर आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के संचालन का समय बदलकर सुबह 9:00 बजे कर दिया गया है। जिसका पालन केंद्रीय विद्यालय, जवाहरलाल नवोदय विद्यालय, एमपी बोर्ड, आईसीएसई सहित सीबीएसई बोर्ड को करना है। यदि कोई बोर्ड इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
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छतरपुर में कुछ युवकों ने फिल्मी गानों पर अवैध हथियार के साथ रील बनाई, जिसमें वे फायर करते भी नजर आए। यह रील सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए युवकों को गिरफ्तार कर लिया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस मामले में आरोपियों की चाल-ढाल बिगाड़ दी और उन्हें जेल भेज दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ युवक अवैध हथियार के साथ रील बना रहे हैं और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि युवकों का यह शौक उन्हें जेल पहुंचा दिया और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने समाज में अवैध हथियारों के उपयोग और सोशल मीडिया पर गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज पहुंचकर संगम तट पर पूजा की। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की 5,500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में हनुमान मंदिर, भरद्वाज आश्रम और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, 29 मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज आने से पहले एक्स पर लिखा कि आस्था के महाकुंभ को दिव्य-भव्य बनाने के साथ ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ से जुड़े विकास कार्यों का जायजा लेंगे और कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि महाकुंभ भारत की समेकित आस्था, सर्व समावेशी संस्कृति और अटूट एकता की जीवंत अभिव्यक्ति है. प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की 5,500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिसमें हनुमान मंदिर, भरद्वाज आश्रम और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, 29 मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ-2025 के भव्य-दिव्य आयोजन हेतु हम संकल्पित हैं और यह आयोजन स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और डिजिटल होगा.
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छतरपुर के बगौता क्षेत्र के पटवारी अभिषेक गोस्वामी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। नामांतरण के प्रकरण को लेकर दो लोगों ने पटवारी के ऑफिस में झूमाझटकी की, जिसके बाद पटवारी ने सिविल लाइन थाने में लिखित आवेदन दिया। पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि इस घटना के बाद पटवारी की हत्या की सुपारी 20 लाख रुपए में दी गई थी। पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में आरोपी आकाश दीक्षित और संतोष शुक्ला पर मामला दर्ज किया है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को सतर्क कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इस घटना ने छतरपुर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और वे प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और आरोपियों को कब तक गिरफ्तार किया जाता है।
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सिंगरौली के कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने बड़ी दरियादिली दिखाते हुए एक पढ़ने के लिए परेशान बच्ची को आगे पढ़ाने का भरोसा दिलाया। बच्ची के परिजनों ने आर्थिक तंगी की वजह से उसे पढ़ाने से मना कर दिया था, जिसके बाद बच्ची रोते हुए मदद मांगने कलेक्टर के पास पहुंची थी। माड़ा तहसील के बधौरा गांव की इस लड़की ने कलेक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताई और जोर-जोर से रोने लगी। कलेक्टर ने जिले के प्रशासनिक मुखिया का फर्ज निभाते हुए परिजनों से बात की और उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि बच्ची की पढ़ाई की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा। महिला तहसीलदार सविता यादव और महिला काउंसलर ने भी परिजनों को समझाया, जिसके बाद परिजन राजी हो गए। कलेक्टर ने छात्रा को गर्ल्स हॉस्टल भिजवाया और परिजनों ने खुशी-खुशी कलेक्टर को धन्यवाद दिया। तहसीलदार की गाड़ी से परिजनों को गांव तक छोड़ा गया। कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला की इस मानवीय पहल की चारों तरफ जमकर सराहना हो रही है। इस घटना ने प्रशासन की संवेदनशीलता और मानवता को उजागर किया है।
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मैहर में धान दराई के दौरान दो पक्षों के बीच विवाद हो गया, जिसमें दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान एक युवती सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। घटना अमरपाटन थाना क्षेत्र के भीषमपुर में मंगलवार की देर रात की है, जब कुशवाहा परिवार के घर ट्रैक्टर में लगे मिल में धान से चावल निकालने का काम हो रहा था। इस दौरान धान की भूसी सड़क पर उड़ रही थी, जिससे कोल परिवार के कुछ लोग नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। स्थिति विवाद में बदल गई और एक पक्ष ने मशीन चला रहे युवक पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वही मशीन चला रहे अन्य कर्मचारी भी मारपीट पर उतर आए। इस घटना में बीच-बचाव करने आई युवती भी हमले का शिकार हो गई। इस संघर्ष में तीन लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना ने इलाके में तनाव का माहौल बना दिया है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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मैहर के रामनगर थाने में रेत परिवहन विवाद को लेकर ब्यौहारी नगर पालिका अध्यक्ष राजन गुप्ता सहित कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले दूसरे पक्ष की शिकायत पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी। अमरपाटन में मैहर और शहडोल सीमा पर ब्यौहारी लोडिंग कंपनी और सहकार ग्लोबल कंपनी के बीच शनिवार को विवाद हुआ था। इस विवाद में अध्यक्ष राजन गुप्ता पर गोली चलाने और मारपीट करने का आरोप लगा था। महाकाल ग्लोबल कंपनी की शिकायत पर रामनगर थाना में 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद ब्यौहारी नगर पालिका अध्यक्ष राजन गुप्ता और ठेकेदार शिवेंद्र सिंह अपने गुर्गों के साथ ग्लोबल कंपनी में घुस कर मारपीट करते नजर आए। इसी साक्ष्य के आधार पर रामनगर थाना पुलिस ने महाकाल ठेका कंपनी के गुर्गों सहित राजन गुप्ता और अन्य कई लोगों पर मामला दर्ज किया। मैहर जिले में रेत का ठेका न होने के बावजूद भी कुबरी खदान से रेत निकाल कर परिवहन किया जाता है। इस घटना ने रेत माफिया और प्रशासन के बीच संघर्ष को उजागर किया है, जिससे कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जनवरी 2025 से ही यात्री परिवहन सेवा की शुरुआत हो सकती है। बुधवार को इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने बस सेवा शुरू करने संबंधी प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा है। केबिनेट द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी के बाद जल्द ही सरकारी बसें चालू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। एमपी में 19 साल बाद फिर सरकारी बसें चलने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अफसरों की बैठक ली। समत्व भवन में आयोजित इस बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, परिवहन विभाग के एसीएस एसएनस मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों से प्रदेश में नई यात्री बस सेवा के संचालन में यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने बस संचालन में ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की आवश्यकता और इंटरसिटी मार्गों के महत्व को ध्यान में रखने की हिदायत दी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने टिकट बुकिंग, बस ट्रैकिंग जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के लाभ यात्रियों को सरलता से प्राप्त हों, इसके निर्देश दिए। उन्होंने बस सेवा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए समयसीमा पर जोर दिया। सीएम ने नई परिवहन सेवा जल्द से जल्द शुरु करने को कहा। बता दें कि जून में कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने सरकारी परिवहन सेवा दोबारा शुरू करने को लेकर रिपोर्ट बनाने को कहा था। प्रदेश में सन 2005 में सड़क परिवहन निगम को बंद कर दिया था। इस प्रकार करीब 19 साल बाद राज्य सरकार नए सिरे से यात्री परिवहन सेवा शुरू करने की कवायद कर रही है। शहरी, ग्रामीण परिवहन सेवा के साथ-साथ अंतर शहरी अन्तर्राज्यीय नई यात्री परिवहन सेवा का प्रबंधन राज्यस्तरीय होल्डिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। क्षेत्रीय स्तर पर कंपनियां होंगी और जिलास्तर पर निगरानी के लिए भी परिवहन समितियां बनेंगी। राज्यस्तरीय और संभागस्तरीय कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे। नोटिफाईड रूटस पर निविदा प्रक्रिया से ऑपरेटर चुने जाएंगे। आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल यात्रियों की सुविधा और बेहतर बस सेवा संचालन के लिए आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल किया जाएगा। ई-टिकट, मोबाइल एप, बस ट्रैकिंग, ऑक्युपेंसी देखने और भुगतान की सरलतम सुविधा उपलब्ध होगी।
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एमपी के एक मुस्लिम विधायक दुर्गा मंदिर बनवाएंगे। भोपाल के विधायक आरिफ मसूद माता का मंदिर बनवाकर उसमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार को माता मंदिर में हुई टूट फूट के बाद विधायक ने यह घोषणा की। यहां जो महिला मंदिर के देखरेख का काम करती है उसके बेटे ने पत्नी से झगड़े के दौरान माता की प्रतिमा को तोड़ दिया था। इसके बाद विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे और यहां जयपुर से दुर्गाजी की नई मूर्ति मंगवाकर प्राण प्रतिष्ठा कराने की बात कही। राजधानी भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश करते हुए टूटे दुर्गा मंदिर का पुनर्निर्माण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि माता रानी की टूटी प्रतिमा के स्थान पर नई मूर्ति बुलवाकर बाकायदा प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। माता के मंदिर में पति-पत्नी के झगड़े के दौरान पति ने दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया था। शराब के नशे में धुत्त युवक ने फिर शराब पीने के लिए पत्नी से पैसे मांगे। दोनों में झगड़ा हुए जिसमें युवक ने दुर्गा प्रतिमा तोड़ दी। मामले में आरोपी युवक विजय बाथम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस वारदात के बाद कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे। उन्होंने घटना पर अफसोस जताते हुए मूर्ति को तोड़ने की निंदा की। विधायक आरिफ मसूद ने लोगों से बात की और कहा कि वे फिर से यहां माता रानी की प्राण प्रतिष्ठा करवाएंगे। इसके लिए जयपुर से मूर्ति मंगवाएंगे। भोपाल के वार्ड 45 स्थित दुर्गा मंदिर में शराब के नशे में जमकर लड़ाई के बाद आरोपी विजय बॉथम ने पत्थर से दुर्गा मूर्ति तोड़ दी थी। हबीबगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
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छतरपुर: छतरपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झमटुली में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मृतक युवक की पहचान गयाप्रसाद उर्फ बॉस के रूप में हुई है। वह स्कूल के समीप ही रहता था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, युवक ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह मामला बमीठा थाना क्षेत्र के झमटुली गांव का है।
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अमरपाटन थाने में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखी घटना घटी जब बंदर जनसुनवाई में ही पहुंच गए। आपने बंदरों को लोगों से सामान लेते या छीनते देखा होगा, लेकिन इस बार बंदरों ने थाना प्रभारी की टेबल पर अपना कब्जा जमा लिया। इस मस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी थानों में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। इसी कड़ी में अमरपाटन थाने में भी जनसुनवाई हो रही थी। इस दौरान दो बंदर थाना प्रभारी की टेबल पर आकर बैठ गए और मस्ती करने लगे। थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए केला मंगा कर बंदरों को खिलाया। करीब आधे घंटे तक बंदरों की मस्ती को पुलिसकर्मी और जनसुनवाई में पहुंचे फरियादी देखते रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।
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छतरपुर में लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लिए बुरी खबर है। लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। छतरपुर एसपी अगम जैन ने सख्त रुख अपनाते हुए कलेक्टर को लाइसेंस निरस्त करने के प्रतिवेदन भेजे हैं। दरअसल, छतरपुर में प्रिंसिपल की छात्र द्वारा हत्या के मामले के बाद अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 48 घंटे में 40 अवैध हथियार जब्त किए गए और हथियार रखने वालों पर कार्यवाही की गई। लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों पर भी एसपी अगम जैन सख्त हो गए हैं। अब लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और उनका प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त होंगे। इसके लिए कलेक्टर पार्थ जैसवाल को प्रतिवेदन भेजे गए हैं।
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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान को लेकर सफाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने जो पहले वीडियो जारी किया था, वह गलत था और उनका ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था. बीती शाम शालिग्राम गर्ग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बागेश्वर बाबा से सभी पारिवारिक संबंध खत्म करने की बात कही थी और इसके बारे में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जानकारी देने का भी उल्लेख किया था. लेकिन अब, शालिग्राम ने एक नया वीडियो जारी कर अपने पहले वीडियो को गलत बताया और कहा कि उनका उद्देश्य बागेश्वर धाम और सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था. सफाई देते हुए कहा कि यह वीडियो उन्होंने अपनी हरकतों से धाम की छवि को खराब होने से बचाने के लिए जारी किया था. अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या हुआ रात भर में, जिससे शालिग्राम को अपने बयान से पलटना पड़ा.
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अमरपाटन के महाविद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ABVP के छात्र-छात्राओं और एक प्रोफेसर के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है। वीडियो में दिखाया गया है कि प्रोफेसर का गुस्सा एक छात्र के मोबाइल पर उतर गया और उन्होंने गुस्से में मोबाइल जमीन पर फेंक दिया। इस घटना की शुरुआत तब हुई जब अमरपाटन कॉलेज के खराब रिजल्ट को लेकर ABVP के छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने अपनी बात रखने के लिए ज्ञापन दिया और इस प्रक्रिया को वीडिओ में कैद कर रहे थे। तभी एक छात्र के हाथ से गुस्साए प्रोफेसर ने मोबाइल छीनकर जमीन पर फेंक दिया। इस घटना के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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हर साल की तरह इस साल भी बच्चों को सर्दी की छुट्टियों का बड़ी बेसब्री से इंतजार है। बता दें कि मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने अपने जारी आदेश में बतया है कि इस बार प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से शुरू होंगे। सर्दियों की ये छुट्टी(School Holiday) 5 दिनों के लिए है लेकिन बच्चों को 6 दिन तक मौज-मस्ती करने का मौका मिलेगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने एमपी के स्कूलों में 31 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी तक ठंडी की छुट्टी(School Holiday) घोषित की है। 31 दिसंबर को मंगलवार है और 4 जनवरी को शनिवार है। 5 जनवरी का दिन रविवार होने के चलते ये छुट्टियां(School Holiday) 5 नहीं बल्कि 6 दिन की हो गई हैं। बच्चों को रविवार का भी फायदा मिलेगा।
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सिंगरौली: साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और हालांकि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता अभियान जारी हैं, फिर भी कुछ पढ़े-लिखे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले के डॉक्टर दंपति से सामने आया, जहां साइबर ठगों ने 4 लाख रुपये ठग लिए। हालांकि पुलिस की तत्परता से दंपत्ति को उनके पैसे वापस मिल गए। घटना विन्ध्यनगर पुलिस थाना क्षेत्र की है, जहां डॉक्टर राजीव चौधरी और उनकी पत्नी डॉक्टर हेमलता चौधरी को एक अनजान व्यक्ति ने कॉल किया। कॉल करने वाले ने खुद को सैनिक स्कूल का कैप्टन सतीश बताकर बताया कि उन्हें सैनिक स्कूल में प्रवेश से पहले 40 छात्रों का मेडिकल परीक्षण करना है। इस पर डील तय हो गई और साइबर ठग ने पेमेंट के लिए I-MOBILE ऐप का उपयोग करने की सलाह दी। जब डॉक्टर ने पेमेंट के लिए ऐप का इस्तेमाल किया, तो ठग ने कहा कि वे वीडियो कॉल पर उनके द्वारा बताए गए तरीके से कार्रवाई करने के लिए कह रहे थे। डॉक्टर ने ठग के कहे अनुसार काम किया और दो बार में उनके खाते से 4 लाख रुपये कट गए। इसके बाद डॉक्टर दंपत्ति को एहसास हुआ कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस मामले की सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायत दर्ज की और 1930 की हेल्पलाइन के माध्यम से डॉक्टर दंपत्ति के 4 लाख रुपये वापस कराए। डॉक्टर दंपत्ति ने सिंगरौली पुलिस की सराहना की और सभी से साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की।
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हल्द्वानी: जंगल के समीप स्थित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के छात्र दिव्यांशु पांडे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दिव्यांशु पांडे हल्दूचौड़ दौलिया निवासी थे। परिजनों ने पुलिस से इस मामले में हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है। परिजनों का कहना है कि दिव्यांशु की हत्या की गई है, और इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की गई। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी ने बताया कि युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी दे दी है और जांच जारी है। यह मामला हल्द्वानी में एक नई चिंता का विषय बन गया है, जहां परिजनों का आरोप है कि दिव्यांशु की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या हो सकती है।
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खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के आयोजक और प्रयास प्रोडक्शन के संस्थापक अभिनेता राजा बुंदेला अब विवादों में हैं। राजा बुंदेला पर 33 लाख रुपए डकारने का आरोप एक व्यापारी ने लगाया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले को लेकर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। अभिनेता राजा बुंदेला के ऊपर खजुराहो थाने में शिकायत दर्ज हुई है। खजुराहो टूर्स एंड ट्रेवल्स कंपनी के मालिक साकेत गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। साकेत गुप्ता के मुताबिक, टिकट और ट्रांसपोर्टेशन का काम कराकर 33 लाख का भुगतान नहीं किया गया है। साकेत गुप्ता का कहना है कि पेमेंट मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने कहा कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो, 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह करेंगे। इस मामले में आयोजक राजा बुंदेला ने इनकार किया है। वहीं एसपी ने कहा कि शिकायत मिली है तो जांच कर रहे हैं। इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की खजुराहो में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। आरोप लगाने वाले व्यापारी का आरोप है कि रुपये मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। व्यापारी ने मंत्री के सामने कहा कि यदि पेमेंट नहीं मिला तो 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह कर लेगा।
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सिंगरौली जिले के पिपरा झाँपी शासकीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्रों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। एक-एक कर 16 बच्चे बीमार हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि कुछ बच्चों ने हाथ-पैर में दर्द होने की शिकायत की, जिसके बाद 16 बच्चों को फौरन इलाज के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में इन बच्चों का इलाज जारी है और डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को कोई मनोवैज्ञानिक परेशानी हो गई है। हालांकि, फिलहाल बच्चे स्वस्थ हैं और कोई खतरा नहीं है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल में कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और विधायक राजेंद्र मेश्राम के साथ अन्य नेता भी पहुंचे। शिक्षकों और अभिभावकों ने डॉक्टरों के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि बच्चों को सही समय पर उचित इलाज मिल सके। स्थानीय प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र बनाए रखने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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देवास जिले के नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर खनिज विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। अवैध उत्खनन और परिवहन करते हुए पांच ट्रैक्टर ट्राली रेत जब्त की गई है। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई के बाद रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करने वाले रेत माफिया में हड़कंप मच गया है। देवास में लंबे समय से नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा था। खनिज विभाग को इसकी खबर मिली, जिसके बाद डीएम देवास ऋषभ गुप्ता और माइनिंग अधिकारी रश्मि पांडे के निर्देशन में कार्रवाई शुरू की गई। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार और खनिज टीम ने छापा मारकर पांच ट्रैक्टरों को जब्त कर नेमावर थाने में खड़ा कर दिया। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई से रेत माफिया में हड़कंप मच गया। कार्रवाई के दौरान रेत माफिया ट्रैक्टर लेकर इधर-उधर भागते नजर आए। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार बरेठा के अनुसार, खनिज विभाग के अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई से अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संदेश जाएगा।
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अमरपाटन की एक ज्वेलरी शॉप पर चोरी का मामला सामने आया है। दुकान पर सामान खरीदने आई महिलाओं ने दिनदहाड़े चोरी की घटना को अंजाम दिया, जो पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मैहर जिले के अमरपाटन स्थित गायत्री ज्वैलरी की दुकान में दो महिलाएं ज्वैलरी की दुकान में पहुँचीं और दुकानदार से पायल दिखाने के लिए कहा। महिलाओं ने शातिर तरीके से चाँदी की 3-4 जोड़ी पायलों को पार कर दिया। जब दुकानदार को शक हुआ, तो उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चेक किया, तब घटना का खुलासा हुआ। पूरे मामले को लेकर पीड़ित थाना अमरपाटन पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर एक महिला को हिरासत में लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
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मध्य प्रदेश के मैहर जिले के अमरपाटन में एक अज्ञात कारण से सब्जी व्यापारी की चलती बाइक में आग लग गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना रामनगर रोड की है, जहां एक सब्जी व्यापारी सुबह अपने घर से मंडी के लिए निकला था। अचानक उसकी बाइक में आग लग गई। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और पानी डालकर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि बाइक पूरी तरह से जलकर राख हो गई। घटना के दौरान किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन बाइक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, और संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर किया है।
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दिल्ली के शाहदरा इलाके से एक बेहद खौफनाक खबर आ रही है। शनिवार सुबह एक बर्तन के कारोबारी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय सुनील जैन सुबह की सैर से लौट रहे थे, तभी फर्श बाजार इलाके में दो बाइक सवार बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। घटनास्थल से पुलिस ने 5-6 खोखे बरामद किए हैं। गंभीर रूप से घायल सुनील जैन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। शुरुआती जांच में परिवार वालों ने किसी तरह की दुश्मनी या धमकी मिलने से इनकार किया है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है
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छतरपुर जिले के धमोरा हायर सेकेंडरी स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। स्कूल के ही एक 12वीं कक्षा के छात्र, सुरेंद्र यादव ने प्रिंसिपल एस के सक्सेना की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना स्कूल के बाथरूम में हुई जब प्रिंसिपल वहां गए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल एस के सक्सेना स्कूल स्टाफ और छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उन्हें एक अच्छे और मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वह पिछले 5 साल से इस स्कूल में पदस्थ थे और उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा अधिकारी आर पी प्रजापति और एसपी अगम जाएं मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल को घेर लिया और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस अभी तक इस हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई है और आरोपी छात्र सुरेंद्र यादव की तलाश में जुटी हुई है। क्या है इस घटना के पीछे का कारण? फिलहाल, इस घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी छात्र ने ऐसा क्यों किया। क्या कोई व्यक्तिगत दुश्मनी थी या फिर कोई और कारण था। शिक्षा जगत में छाया मातम इस घटना ने शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ा दी है। लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर शिक्षकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है
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मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया थाना अंतर्गत एक नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया। घटना के बाद पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस संबंध में दमोह जिले के पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बेगी ने बताया कि गुरुवार की शाम को पीड़िता के पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंग रेप किया गया है। इसका वीडियो भी बनाया गया। जिसके बाद नाबालिक पीड़िता ने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया गया है। पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी से रवि सेन और राकेश कुर्मी उसे स्कूल से पहाड़ी के पास ले गए। जहां पर इन दोनों के अलावा दो अन्य लोगों द्वारा गैंगरेप किया गया। गैंगरेप के दौरान वीडियो भी बनाया गया। इस घटना के बाद वो काफी दुखी थी और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। जिस पर उसके पिता ने जब इस बात की जानकारी ली, तो पीड़िता की मां ने बताया कि उसके साथ ऐसी घटना घटित हो गई है। जब तक इस मामले में वह रिपोर्ट करते तब तक पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पथरिया थाने में दो आरोपियों रवि सेन और राकेश कुर्मी के विरुद्ध पास्को एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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शहर में न्यूड वीडियो बनाकर वायरल करने के नाम पर पैसे की ठगी करने का मामला सामने आया है। उक्त मामले में कोतवाली थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी, जिस पर कोर्ट ने आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रुपये की वसूली करने वाले दो जालसाजों को चार साल की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार बिजेंद्र कुमार यादव (72 वर्ष), निवासी जूनापारा, वार्ड क्रमांक 19 ने तीन जुलाई 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया था कि 21 मई 2023 की रात्रि आठ बजे मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसे उन्होंने परिचित का समझकर उठाया. वीडियो कॉल में एक युवती नग्न अवस्था में दिखी. प्रार्थी ने तुरंत कॉल बंद कर दिया, लेकिन इसके बाद उस युवती ने स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. युवती ने उनसे 50,000 रुपये की मांग की. प्रार्थी ने पैसे नहीं भेजे, परंतु बाद में अलग-अलग मोबाइल नंबरों से धमकी भरे कॉल और संदेश मिलने लगे.इन धमकियों से भयभीत होकर उसने कुल 31,24,514 रुपये विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किए। रिपोर्ट पर थाना बैकुंठपुर में अपराध की धारा 388, 420 भा.द.वि. एवं धारा 66(ग) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया. केस की जांच के दौरान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आरोपियों की पहचान की गई. पुलिस ने आरोपी किशन कुमार (32 वर्ष), निवासी बल्लभगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा और नीरज कुमार (34 वर्ष), निवासी लालकुआं, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को 20 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया.दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोग पत्र के आधार पर न्यायालय ने 30 नवंबर 2024 को आरोपित किशन कुमार और नीरज कुमार को दोषी ठहराया है, जिसमे न्यायालय द्वारा आरोपियों को कारावास एवं अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया है. यह मामला साइबर अपराध और ब्लैकमेलिंग के गंभीर परिणामों को उजागर करता है. एसपी सूरज सिंह परिहार ने आम जनता को धोखाधड़ी से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को देने की अपील की है.
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30 नवंबर की देर रात दंपती को रोककर 50 हजार रुपये लूटने और व्यापारी को डंडे से पीटकर हत्या करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। व्यापारी की पत्नी ने ही उसे अपने प्रेमी से मरवा दिया, इसके बाद वारदात को लूट बताने की कोशिश की। पत्नी और अन्य लोगों के बयानों में अंतर से ये पकड़ में आ गए। व्यापारी की पत्नी ने प्रेमी और उसके चार साथियों के संग मिलकर अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मौत के घाट उतार दिया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर ने मामले का खुलासा करने के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया। थाना प्रभारी दिनेशसिंह कुशवाह को अज्ञात आरोपितों का पता कर शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसपी के दिशा निर्देश, एएसपी, एसडीओपी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी के नेतृत्व मे प्रकरण की विवेचना करते हुए घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। व्यापरी की पत्नी के बयान और साक्षीगणों के कथन के आधार पर बताए गए क्रम में काफी विरोधाभास होने से परिस्थिति जन्य साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं मनोवैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर फरियादिया सारिका भी संदेह के घेरे में होने से उससे पुन: सख्ती से पूछताछ की। सारिका ने स्वीकार कर लिया अपराध जिसमें सारिका ने अपराध स्वीकार किया। इस मामले का पर्दाफाश बुधवार दोपहर 12 बजे एसपी कार्यालय में एसपी डावर ने किया। इस दौरान एएसपी अनिल पाटीदार, एसडीओपी दिनेशसिंह चौहान, टीआई दिनेशसिंह कुशवाह सहित पुलिस अमला मौजूद रहा। आठ दिन पहले बनाई थी हत्या की योजना पुलिस पूछताछ में आरोपी सारिका ने बताया कि उसके पति मोहन काग को उसके और नवीन बर्फा के प्रेम संबंध के बारे मे पता चल गया था। इसके बाद नवीन को यह बात बताई और मोहन को रास्ते से हटाने के लिए आठ दिन पहले उसकी हत्या करने के लिए योजना बनाई। फिर 30 नवंबर की रात्रि उसने आशाग्राम रोड बायपास चौराहा के पास जहां अंधेरा रहता है, सारिका अपने पति मोहन के साथ बाइक पर बैठकर गई और फिर नवीन ने उसके साथियों को वहां बुलवाकर सारिका के पति मोहन की हत्या कर घटना को अंजाम दिया। दो आरोपितों की तलाश जारी उक्त प्रकरण में पुलिस ने व्यापारी की पत्नी सारिका सहित उसके प्रेमी आरोपित नवीन पुत्र सुरेश बर्फा निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बड़वानी और कपिल पुत्र देवसिंह डोडवे निवासी गोदडपुरा थाना गंधवानी धार, करण पुत्र प्रभात नर्गेश निवासी ग्राम मलहरा स्कूल पुरा थाना गंधवानी धार को गिरफ्तार किया। वहीं इस मामले में दो और आरोपितों की तलाश जारी है। अवैध संबंध के खुलासे के डर में हत्या की एसपी डावर ने बताया कि उक्त हत्याकांड के पीछे व्यापारी की पत्नी के प्रेमी से अवैध संबंध होना और उक्त अवैध संबंध के खुलासे के डर के चलते पत्नी ने ही अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए यह योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया। साथ ही उक्त घटना को लूट में परिवर्तित करने की कोशिश की। मृतक बायपास पर किराना दुकान संचालित करता था। जहां वो अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता था। उसके पास ही धार जिले के गंधवानी का निवासी ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बेकरी का व्यवसाय शुरू किया था और अपने गांव से मजदूरों को बुलाकर काम पर लगाया था। इस दौरान आरोपित का व्यापारी के परिवार में मेल मिलाप बढ़ता गया। इसके बाद आरोपित और व्यापारी की पत्नी को अवैध संबंध का डर सताने लगा। जिसके बाद दोनों ने मिलकर मजदूरों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम देकर उसे लूट की घटना में परिवर्तित कर प्रदर्शित करने की कोशिश की थी। पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम एसपी ने उक्त मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। साथ ही फरार दो आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की बात कही। उक्त कार्रवाई में शहर टीआई दिनेशसिंह कुशवाह, वैज्ञानिक अधिकारी सुनिल मकवाना, उपनिरीक्षक रविन्द्र चौकले, रविन कन्नौज, राजीवसिंह ओसाल, ललिता चौहान, सहायक उपनिरीक्षक दीपक ठाकुर, निसार एहमद, प्रधान आरक्षक जगजोधसिंह चौहान, संदेश पांचाल, शैलेंद्रसिंह परिहार, भारतसिंह, सतीश पाटीदार आदि का सहयोग रहा।
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गढ़ीमलहरा, दिसंबर 2024— मध्य प्रदेश के गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब बेचने वालों के बीच मारपीट और फायरिंग की घटना सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों पर मामला दर्ज किया है, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है और तीन फरार हैं। घटना के दौरान, शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब विक्रेताओं के बीच खुलेआम फायरिंग और मारपीट हुई। बताया जा रहा है कि घटना से पहले शराब कंपनी के गुंडों ने अवैध शराब बेचने वालों पर हमला किया था, जिसका बदला लेने के लिए यह हमला किया गया। पुलिस ने शराब कंपनी के कर्मचारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया है, लेकिन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए एसपी ने कहा कि जांच अभी चल रही है और जितने भी लोग फरार हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा
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भोपाल, दिसंबर 2024— भोपाल में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल जल्द ही अपने दरवाजे खोलने जा रहा है। यह प्रतिष्ठित शिक्षा ब्रांड पहले से ही भारत के छह राज्यों में अपनी पहचान बना चुका है और अब भोपाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। जयपुरिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्रीवत्स जयपुरिया ने बताया कि सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल का उद्देश्य हमेशा से समग्र शिक्षा प्रदान करना रहा है, जिसमें छात्रों को जीवन जीने के लिए आवश्यक सभी कौशल सिखाए जाते हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने स्कूल में जड़ों को मजबूती से पकड़कर, अंतरराष्ट्रीय मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। आज के युग में यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हम 21वीं सदी के विश्व स्तर पर जिम्मेदार नागरिक बनने वाले व्यक्तियों के साथ काम करते हैं।" जयपुरिया स्कूल नेटवर्क वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 51 शहरों में 60 से अधिक स्कूलों का संचालन करता है। उनके स्कूलों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 99% प्रथम श्रेणी के साथ भारत के शीर्ष 10 स्कूलों में गिना जाता है। भोपाल में इस नए स्कूल का उद्घाटन, शहर के शिक्षा जगत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है। सभी अभिभावकों और छात्रों को इस सम्मानित शिक्षा ब्रांड के हिस्से बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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छतरपुर, दिसंबर 2024— छतरपुर में एक बड़ी चोरी की घटना सामने आई है, जिसमें लगभग 3 करोड़ रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चोरी हो गए हैं। यह घटना नगर के प्रतिष्ठित बीजेपी नेता चंद्रोदय सोनी के प्रतिष्ठान नीलम ज्वेलर्स में हुई है। घटना के दौरान, चोरों ने घर के सदस्यों को बेडरूम में बंद कर दिया और सोने के कीमती आभूषणों को ले गए। इस बड़ी चोरी के बाद, पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया है और एसपी के निर्देश पर चोरी के खुलासे के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। लवकुश नगर थाना पुलिस इस घटना की छानबीन में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, चोरी की यह घटना बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से की गई है, जिसमें चोरों ने दुकान के सुरक्षा उपायों को भी पार कर लिया। पुलिस की टीम इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही चोरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। इस घटना ने नगर के व्यापारियों और आम जनता के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। सभी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।
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मध्य प्रदेश के देवास जिले में जल निगम द्वारा पाइप लाइन डालने के दौरान लापरवाही बरती जा रही है। सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया है और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई है, जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं। कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में जल निगम के द्वारा डाली जा रही पाइप लाइन में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम पंचायत गनोरा के सरपंच नरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि खुदाई में सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं जनपद सदस्य गोलू तिवारी ने बताया कि पाइपलाइन सड़क से 6 फीट दूर खुदाई कर के डालना था, लेकिन ठेकेदार की मनमानी और जल निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से शोल्डर की मिट्टी हटाकर पाइप लाइन डाली जा रही है। जल निगम के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और जल निगम को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनहानि से बचा जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्यों में सावधानी और गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और हादसों से बचा जा सके।
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उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर गूगल मैप की वजह से हादसा हो गया। गूगल मैप की वजह से एक कार नहर में गिर गई। हालांकि, इस हादसे में किसी को ज्यादा चोट नहीं आई। घटना बरेली के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के पीलीभीत रोड पर हुई। बताया जा रहा है कि तीन युवक कानपुर से पीलीभीत जा रहे थे और रास्ता तलाशने के लिए गूगल मैप की मदद ली। लेकिन गूगल मैप के बताए निर्देश पर जा रही कार कलापुर की सूखी पड़ी नहर में पलट गई। एसपी सिटी लाल बहादुर ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया। इस दुर्घटना में कोई भी जन हानि नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों, इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
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मध्य प्रदेश के गढीमलहरा थाना क्षेत्र में एक बड़ा विवाद सामने आया है। यहां अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट और फायरिंग हुई। जब यह घटना हुई, तो पुलिस भी वहां मौजूद थी। घटना निवारी के बस स्टॉप के सामने सागर-कानपुर नेशनल हाईवे पर हुई। बताया जा रहा है कि अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। एक पक्ष निवारी और आसपास के क्षेत्र में दारू बेचने वाला था, जबकि दूसरा पक्ष दारू कंपनी के गुंडे थे। विवाद के दौरान एक पक्ष ने पुलिस और डायल हंड्रेड की मौजूदगी में फायरिंग की और गाड़ी रोककर तोड़फोड़ भी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग चाहते हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और अवैध दारू बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस विवाद ने एक बार फिर से अवैध दारू के कारोबार और उससे जुड़े अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर इस समस्या का समाधान करें और अवैध दारू के कारोबार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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आजकल ठगों के पैंतरों के सामने पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी हार रहे हैं। अधिकांश ठग सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग के अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। वहीं, कई बार ज्यादा मुनाफे के फेर में लोगों की जीवनभर की कमाई लूटी जा रही है। ऐसा ही एक मामला भोपाल के रिटायर्ड कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ के साथ हुआ। शेयर बाजार में निवेश के लिए मुफ्त ट्रेनिंग का झांसा देकर उनसे 1.77 करोड़ रुपए ठग लिए गए। रिटायर्ड कर्नल की जुबानी ठगी की कहानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जीवन में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता, कीमत चुकानी होती है। ठगों ने मुफ्त में शेयर बाजार की ट्रेनिंग देने की बात कही और वह झांसे में आ गए। जीवन के ढलते पड़ाव पर जब ज्यादा आर्थिक मजबूती की जरूरत थी, तब 1.77 करोड़ लुटा बैठे। रिटायरमेंट का पैसा गया, बचत पूंजी चली गई। झटके में सब बिखर गया। वह लोगों को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो। पीड़ित की कहानी, उनकी ही जुबानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह रिटायर होकर बेफिक्र थे। बच्चे अपने पैरों पर खड़े थे, इसलिए अपनी ऊर्जा समाज के लिए सकारात्मक कार्यों में लगाना चाहते थे। वक्त बहुत था, इसलिए शौकिया शेयर बाजार की दुनिया सीखना चाहते थे। यूट्यूब पर इससे जुड़े वीडियो देखते और अपनी समझ से शेयरों में छोटे-मोटे निवेश करते थे। 8 जुलाई 2024 का दिन था। फोन की घंटी बजी। अनजान नंबर से किसी शालिनी त्रिवेदी ने कहा, आप शेयर बाजार में अच्छा कर रहे हैं, एक्सपर्ट की क्लास लेंगे तो और बेहतर करेंगे। वह प्रभावित हुए। ट्रेनिंग के पैसे पूछे तो शालिनी ने कहा कि यह मुफ्त है। वह तैयार हो गए। अगले दिन से ट्रेनिंग शुरू हुई। देशभर से 80 लोगों का ग्रुप वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग ले रहा था। ट्रेनिंग देने वाले का चेहरा नहीं था। कभी घरेलू काम से यदि वह कक्षा मिस कर देते तो शालिनी फोन लगाकर कहती थी कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन क्लास मत छोड़िए। उन्हें सही-गलत का पता नहीं चल रहा था। पहले दो लाख से निवेश शुरू हुआ। अच्छा मुनाफा मिला। निवेश और मुनाफा मिलाकर रकम 35 लाख हो गई। जब उन्होंने पैसे निकालने की बात कही तो ठगों ने और पैसा लगाने को कहा। जब उन्होंने कहा कि पैसे खत्म हो गए तो ठग लोन देने को तैयार हो गए। उन्होंने 30 लाख लोन लिए और शेयर बाजार में लगाया। लोन से पहले एफडी व जमा पूंजी 1.77 करोड़ रुपए ठगों के निजी खाते में डाले थे। जब जरूरत हुई और रुपए निकालने की कोशिश की तो ठग आनाकानी करने लगे। कई चार्ज और मेंबरशिप फीस मांगने लगे। तब उन्हें यकीन हो गया कि वह सब गंवा चुके हैं। अगस्त की शुरुआत में उन्हें अनजान कॉल आया। जलगांव से आए कॉल पर कहा गया कि आपसे ठगी हुई है। यह सुनते ही उनके सपने बिखर गए। वह डर गए कि जीवन कैसे गुजरेगा। ट्रेनिंग में वीडियो कॉल पर 80 का ग्रुप था। उसी से एक ने यह बताया। उसके भाई से भी ठगी हुई थी। उन्होंने साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 व थाने में शिकायत की।
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मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। रविवार-सोमवार की रात नौगांव के बाद राजगढ़ का तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला बन गया। कड़ाके की ठंड के कारण कलेक्टर ने कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से कर दिया है। जिले में पिछले तीन-चार दिनों से सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे न केवल दिन बल्कि रातें भी बेहद सर्द हो गई हैं।इस सीजन में दूसरी बार 8 डिग्री तक तापमान गिरा है। शनिवार-रविवार की रात सबसे कम 7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई, फिर भी सर्दी शबाब पर रही। इस बार राजगढ़ मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला रहा है। प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में 7.8 डिग्री दर्ज किया गया, इसके बाद राजगढ़ का 8.0 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी भोपाल में दो दिन से पारा 11.5 डिग्री के करीब ठहरा हुआ है। वहीं, सागर में भी दो दिन से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री के पास ठहरा हुआ है। दिन और रात का तापमान सामान्य से कम होने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। रात का पारा 11.5 डिग्री पर लुढ़ककर आया है, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम है। पारे में गिरावट आने से दिन और रात के समय कंपकंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटों में मौसम में परिवर्तन आने का अनुमान है। कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है और बर्फीली हवाओं से पूरा प्रदेश ठिठुर सकता है। उत्तरी हिस्से में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, जिसके कारण पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी। इससे प्रदेश में दिन और रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक रितेश कुमार के मुताबिक, वर्तमान में तमिलनाडु में चक्रवात सक्रिय है, जिसके प्रभाव से आसमान पर हल्के बादल छाए हुए हैं। इससे तापमान में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी होने से उत्तरी हवाएं तेज हो गई हैं। इससे अगले तीन दिन तक तापमान में एक से दो डिग्री की मामूली गिरावट आएगी। इस ठंड के कारण लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और ठंड से बचने के उपाय करने चाहिए। जैसे ही ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, वैसे ही इससे बचने के लिए लोगों को अपने घरों में गर्म कपड़े पहनने और हीटर या अन्य साधनों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
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मध्य प्रदेश के 2023 बैच के आईपीएस हर्षवर्धन की कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। हर्षवर्धन अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे। घटना का विवरण हर्षवर्धन कर्नाटक पुलिस अकादमी में अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे, तभी दुर्घटना का शिकार हो गए। उनके वाहन के चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क के किनारे एक घर में जा घुसा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। ड्राइवर की भी हालत गंभीर है। हर्षवर्धन के पिता अखिलेश सिंह सिंगरौली जिले के देवसर उपखंड क्षेत्र में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। इस दुखद घटना ने पूरे पुलिस विभाग और हर्षवर्धन के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। हर्षवर्धन की असामयिक मृत्यु ने उनके सहकर्मियों और दोस्तों को भी स्तब्ध कर दिया है। उनके परिवार और दोस्तों को इस कठिन समय में संवेदनाएं और समर्थन की आवश्यकता है।
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दक्षिण राज्यों के बाद अब चक्रवात फेंगल का असर मध्य प्रदेश में भी दिखने वाला है। अगले 48 घंटों में राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रह सकते हैं और कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। इस दौरान दिन के समय तापमान में वृद्धि होगी, लेकिन रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। आने वाले दिनों में राज्य के ज्यादातर जिलों में शीतलहर और घने कोहरे का असर देखने को मिलेगा। एमपी मौसम विभाग की भविष्यवाणी एमपी मौसम विभाग की मानें तो फेंगल तूफान के असर से हवाओं का रुख बदलेगा और बादलों की आवाजाही शुरू होगी। इस दौरान छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश होने के आसार हैं, जबकि ग्वालियर, चंबल और उज्जैन में बर्फीली हवा चलेगी। राज्य में अगले 48 घंटों में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, न्यूनतम तापमान में मामूली कमी आ सकती है। दिसंबर में तापमान का अनुमान मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर में रात का पारा 3 से 4 डिग्री तक पहुंच सकता है। कड़ाके की सर्दी की शुरुआत अगले सप्ताह से हो जाएगी। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिसंबर में प्रदेश में तापमान तेजी से गिरेगा और ठंड व कोहरे के साथ शीतलहर की स्थिति बनेगी। खासतौर से मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलेगा। दिसंबर के अंत सप्ताह से लेकर जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। शीतलहर चलने के साथ मालवांचल के कई जिलों में पाला पड़ने के आसार रहेंगे। मौसम प्रणालियाँ और वर्तमान स्थिति वर्तमान में देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम, पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में और हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने गहरा अवदाब का क्षेत्र पुड्डूचेरी के आसपास टकराने के आसार हैं। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से कहीं-कहीं बादल छा रहे हैं और न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने के आसार हैं। उधर, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और वर्षा होने की भी संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर एक बार फिर तापमान में गिरावट होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे का मौसम रविवार को शाजापुर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि प्रदेश के दूसरे इलाकों में रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा। शाजापुर से जुड़े गिरवर में सबसे कम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री सेल्सियस, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
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सिंगरौली जिले के चितरंगी में पुरानी रंजिश को लेकर हुए खूनी संघर्ष में एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले में चितरंगी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना में पुरानी दुश्मनी विशम्भर सिंह गोड़ को भारी पड़ी। उसके विरोधी दो लोगों ने उसे घेरकर मारपीट की। गंभीर अवस्था में विशम्भर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों रघुनाथ सिंह गोड़ और बसंतलाल सिंह गोड़ को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग इस प्रकार की हिंसा की निंदा कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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देवास के सतवास वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने वन्यजीव अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नीलगाय का शिकार करने वाले तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। घटना का विवरण सतवास वन परिक्षेत्र में गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने बाँईजगवाडा से नामनपुर मार्ग पर एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को खून से सने कट्टों के साथ जाते हुए देखा। वन कर्मियों ने तुरंत वाहन का पीछा किया, लेकिन आरोपी अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गए और अपनी मोटरसाइकिल छोड़ गए। जब्ती और जांच पुलिस ने मौके से लगभग 90 किलोग्राम नीलगाय के मांस से भरे कट्टे और एक कुल्हाड़ी जब्त की। यह तफ्तीश वन परिक्षेत्र अधिकारी विधि सिरोलिया के मार्गदर्शन में की गई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल कर तीनों शिकारियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने नीलगाय के अवशेषों को लेकर अपराध स्वीकार किया है। न्यायिक प्रक्रिया आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि वन विभाग वन्यजीव अपराधों के प्रति सख्त है और ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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अंबिकापुर- बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम गुमगा के पास रविवार की सुबह हुए सड़क हादसे में कार सवार पांच युवकों की मौत हो गई। युवक रायपुर के चंगोराभाटा के रहने वाले थे। स्कोडा रैपिड कार में सवार पांचों युवक मैनपाट जा रहे थे। इनके नाम दिनेश साहू, संजीव और राहुल हैं। युवकों की यु 25 से 30 वर्ष बताई जा रही है। दो युवकों के नाम का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि उक्त तीनों युवक घर से जगदलपुर जाने के नाम पर निकले थे। रास्ते में कार में दो और युवक सवार हुए। उदयपुर से पहले गुमगा के पास सामने से आ रहे ट्रक से कार की जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त होग गई। चार युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल एक युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उदयपुर में भर्ती कराया गया। यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर रेफर किया गया था। अंबिकापुर पहुंचते ही चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे भी मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही उदयपुर थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची थी। कार इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी कि शवों को निकालने के लिए कटर का सहारा लेना पड़ा। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। दो लोग गाड़ी में फंस गए थे। उन्हें मुश्किल से बाहर निकाला जा सका। मृतकों के स्वजन को सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद युवकों के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। तेज गति को दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है। घटना के बाद ट्रक का ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग गया है। सुबह क्षेत्र में धुंध भी थी। जहां दुर्घटना हुई वहां मोड़ और ढलान है। दुर्घटनास्थल के अवलोकन के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अंबिकापुर की ओर से जा रहे ट्रक सामने जा रहे किसी वाहन को ओवरटेक कर रहा होगा। ओवरटेक के दौरान ही सामने से आ रही कार की जोरदार टक्कर हो गई होगी।
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सिंगरौली का सरई बाजार लंबे समय से जाम की स्थिति से जूझ रहा था। इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने सख्त एक्शन लेते हुए बाजार को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया। इस कार्यवाही का कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन ने जनहित में सभी अतिक्रमणों को हटा दिया। सरई बाजार में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सड़कों और नालियों से अतिक्रमण हटाया। तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा और सीएमओ सुरेंद्र सिंह उइके के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई में पुलिस बल भी मौजूद रहा। अभियान के दौरान कई अतिक्रमणकारियों ने स्वेच्छा से अपने निर्माण हटा लिए, जबकि कुछ ने विरोध किया। हालांकि, प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के बाद बाजार को जाम मुक्त कर दिया गया है, जिससे आम जनता ने राहत की सांस ली। संपूर्ण कार्यवाही में राजस्व अमला सरई, नगर परिषद के कर्मचारी और थाना सरई का पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इस कार्रवाई से सरई बाजार में यातायात की स्थिति में सुधार हुआ है और लोगों को जाम की समस्या से निजात मिली है। प्रशासन की इस सख्त कार्यवाही से यह संदेश गया है कि जनहित में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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अमरपाटन के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस ने एक ऑटो में लोड 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस इलाके में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस लगातार इस पर नज़र रख रही है। अमरपाटन थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे नंबर 30 के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ऑटो में दो युवक अवैध तरीके से अंग्रेजी शराब रीवा से मैहर की ओर ले जा रहे हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान एक ऑटो को रोका गया और उसमें से 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई। पुलिस ने ऑटो चालक शुभम पटेल और एक अन्य आरोपी लवकेश पटेल को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अवैध शराब के इस कारोबार पर सख्ती से नज़र रखने और इसे रोकने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इस मामले में पुलिस की तेज़ कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबारियों को एक बड़ा झटका लगा है और यह संदेश गया है कि कानून के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे इस प्रकार की किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और समाज में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इस प्रकार की घटनाएं समाज को हानि पहुंचाती हैं और इन्हें रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति को सजग रहना आवश्यक है।
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इंदौर नगर निगम के पूर्व सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 2019 के चर्चित हनी ट्रैप मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में चर्चा में आए थे। उनका निधन मध्य प्रदेश के रीवा जिले स्थित उनके पैतृक निवास पर हुआ, जहां वे बेहोशी की हालत में पाए गए थे। पड़ोसियों ने उन्हें घर में गिरा हुआ पाया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई जा रही है। हरभजन सिंह वह शख्स थे जिन्होंने इंदौर में हनी ट्रैप मामले की पहली FIR दर्ज कराई थी। उनके द्वारा की गई शिकायत के बाद, यह मामला सामने आया था जिसमें कुछ महिलाएं उन्हें अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही थीं। इस मामले ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं, और कई गिरफ्तारियां भी हुईं। हालांकि, हनी ट्रैप मामले के बाद हरभजन सिंह के खिलाफ एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और उनका तबादला रीवा कर दिया गया था। रीवा पुलिस इस समय उनके निधन से संबंधित मामलों की जांच कर रही है, और यह मामला पुलिस के ध्यान में है। हरभजन सिंह के निधन ने हनी ट्रैप मामले से जुड़ी कई चर्चाओं को फिर से ताजगी दे दी है, और अब इस घटना की जांच जारी है।
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रीवा में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां महिलाओं के एक गिरोह ने नकली किन्नर बनकर लोगों के घरों में घुसकर चोरी की वारदातें कीं। असली किन्नर समुदाय ने इन नकली किन्नरों को रंगे हाथों पकड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। यह घटना न केवल किन्नर समुदाय के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह समाज में व्याप्त भेदभाव और अपराध को भी दर्शाती है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। इस घटना से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठते हैं: सामाजिक कलंक: किन्नर समुदाय को अभी भी समाज में बहुत सम्मान नहीं मिलता है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। कानून और व्यवस्था: इन महिलाओं को नकली किन्नर बनकर अपराध करने में आसानी हो गई, जो कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाता है। पीड़ितों का शोषण: इन अपराधों के शिकार अक्सर बुजुर्ग व्यक्ति या महिलाएं होते हैं, जो इस तरह के अनुभव से काफी आहत होते हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह की आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और कमजोर समुदायों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को किन्नर समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक करना चाहिए और सहानुभूति और समझ को बढ़ावा देना चाहिए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें एक समावेशी, करुणामय और भेदभाव मुक्त समाज बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
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अमरपाटन नगर परिषद में एक गंभीर मुद्दा उभरा है। बसपा की एक महिला पार्षद, वार्ड नंबर 5 की प्रतिनिधि, पिछले तीन दिनों से धरने पर हैं। उनका आरोप है कि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं और नगर परिषद के अधिकारी जातिगत भेदभाव कर रहे हैं। पार्षद का वार्ड मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों का निवास स्थान है। यहां पानी की किल्लत, सफाई की समस्या और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार नगर परिषद अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीएमओ) को लिखित शिकायतें दी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा, पार्षद ने सीएमओ पर जातिगत टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी एससी और एसटी समुदाय के लोगों के विकास में बाधा डाल रहे हैं। स्थानीय लोग पार्षद के साथ खड़े हैं और नगर परिषद से मांग कर रहे हैं कि वे वार्ड में विकास कार्य शुरू करें। उनका मानना है कि सभी वार्डों का समान विकास होना चाहिए और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यह मामला कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाता है। सबसे पहले, यह विकास की असमानता को उजागर करता है। कुछ वार्डों में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, जबकि अन्य वार्डों में विकास की गति बहुत धीमी है। दूसरा, यह जातिगत भेदभाव का एक गंभीर मामला है, जो भारतीय संविधान के विरुद्ध है। नगर परिषद को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पार्षद की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें वार्ड में विकास कार्य शुरू करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, उन्हें जातिगत भेदभाव के आरोपों की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला न केवल अमरपाटन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलें, चाहे उनकी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
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अमरपाटन: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर चौकी अंतर्गत एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां जगन्नाथ मंदिर के पास रहने वाले मोहन यादव के कच्चे मकान में भीषण आग लग गई। इस आग में परिवार की पूरी गृहस्थी और करीब 10 बकरियां जलकर राख हो गईं। जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट के कारण देर रात आग लग गई। जब तक परिवार के लोग आग पर काबू पाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। कच्चे मकान होने के कारण आग तेजी से फैली और पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे सभी लोग दूसरे कमरे में सो रहे थे। जब उन्हें आग की लपटें दिखीं तो वे घर से बाहर निकल आए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया था कि कुछ बचा पाना संभव नहीं था। ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। बताया जा रहा है कि इस घटना में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन की मदद: घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को राहत राशि देने की भी घोषणा की है। आग लगने के कारण: प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है। कच्चे मकानों का खतरा: यह घटना एक बार फिर कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी है। कच्चे मकान आग लगने की घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में लोगों को पक्के मकान बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। सुरक्षा के उपाय: घर में बिजली के उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करें। घर में लकड़ी या अन्य ज्वलनशील पदार्थों को न रखें। घर में फायर एक्सटिंग्विशर रखें। आग लगने की स्थिति में तुरंत दमकल विभाग को सूचित करें। निष्कर्ष: यह घटना एक दुखद घटना है। इस घटना से हमें सतर्क रहने और आग से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है। प्रशासन को भी लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाने चाहिए। मुख्य बिंदु: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर में भीषण आग मोहन यादव के कच्चे मकान में लगी आग परिवार की पूरी गृहस्थी और 10 बकरियां जलकर राख शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया
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ग्वालियर, 1 दिसंबर: ग्वालियर के जीवाजी क्लब में 1 दिसंबर को एक निशुल्क हृदय रोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल अरोड़ा अपनी टीम के साथ हृदय रोगियों की जांच करेंगे। यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं या जिनमें इसका खतरा बढ़ सकता है। शिविर का आयोजन फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ के द्वारा किया गया है। शिविर का उद्देश्य और सेवाएंइस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर में हृदय रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को सही समय पर जांच और उपचार की सुविधा प्रदान करना है। शिविर में उपस्थित डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम हृदय रोगियों की पूरी जांच करेंगे। शिविर में शामिल होने वाले लोगों के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर और ईसीजी की जांच निशुल्क रखी गई है। दिल की बीमारियों से बढ़ती मौतों का खतराडॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि, "आजकल की खराब जीवनशैली, अनियमित खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह केवल पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं और युवाओं के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।" स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल की बीमारियों के कारण हर साल देश में 28% मौतें होती हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे शिविरों का आयोजन महत्वपूर्ण है। शिविर में भाग लेने के लिए प्रक्रियाशिविर में भाग लेने के लिए किसी प्रकार की पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। लोगों को सिर्फ शिविर स्थल पर पहुंचकर अपनी जांच करानी है। डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम सभी हृदय रोगियों की निशुल्क जांच करेंगे और उन्हें उचित सलाह देंगे।
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सिंगरौली जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज एक और सड़क हादसे में दो लोग दुर्घटना का शिकार हुए, जिसमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दुर्घटना से जुड़ी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़ा कर दिया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से कदम नहीं उठा रहा है और समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। हादसे की जानकारीहादसा कोतवाली थाना क्षेत्र के हिर्वाह इलाके में हुआ, जब तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, बरगवां थाना क्षेत्र के तेलदह इलाके में एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक राखड़ वाहन ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में उस व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने सड़क पर जाम लगा कर मुआवजे की मांग की। उनका आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन पर सवालपरिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देता और सही कदम उठाता तो शायद यह हादसा टल सकता था। उनका मानना है कि सड़क निर्माण, सुधार और सही ट्रैफिक नियमों का पालन करने से इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। लेकिन नेताओं और अधिकारियों की नजर इस गंभीर समस्या पर नहीं जा रही है। सवाल यह उठता है कि जब सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा और कब तक इस समस्या को नजरअंदाज किया जाएगा? सिंगरौली जिले के लोग अब इस मुद्दे पर प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
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राज्य ब्यूरो, दखल भोपाल:- कुछ दिनों से बड़ी संख्या में मंत्रालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों पर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल आ रहे हैं। इनमें मोबाइल सेवाएं बंद कर देने अन्यथा कोई लिंक का उपयोग करने की बात कही जा रही है।मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है और मामले में जांच कराने की मांग की है। जिन नंबरों पर उक्त कॉल आए हैं, उनकी सूची भी शासन को सौंपी गई है। शासन के पास सुरक्षित डाटा में सेंध लगना (यदि ऐसा हुआ है तो) गंभीर विषय है। उल्लेखनीय है कि ऐसे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कॉल केवल उन नंबरों पर आ रहे हैं जो नंबर सामान्य प्रशासन विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं। जिन कर्मचारियों-अधिकारियों के पास एक से अधिक नंबर हैं, उनके केवल उस नंबर पर कॉल आए हैं जो नंबर शासन को दे रखा है। नायक ने कहा कि ऐसा संदेह होता है कि कहीं शासन के पास सुरक्षित अधिकारियों कर्मचारियों का डाटा फर्जीवाड़ा करने वालों को लीक तो नहीं हो गया है। प्रदेश में संगठित अपराध पर नियंत्रण और कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में स्वीकृत बल के 25 प्रतिशत भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं हैं। यहां के लिए कुल 390 अधिकारी-कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए थे, पर अभी मात्र 87 ही पदस्थ हैं। एसटीएफ में एक तो पहले से ही बल की कमी थी। उसमें भी पहले से पदस्थ कुछ कर्मचारी-अधिकारी जिनमें आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक तक शामिल हैं, दूसरी जगह चले गए। उनकी जगह नए बहुत कम आए। इस कारण 87 ही बचे हैं। बल कम होने का एक कारण यह भी है कि जिला पुलिस बल से कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर एसटीएफ में आने के इच्छुक भी नहीं हैं।बल कम होने से संगठित अपराधों में अपराधियों को पकड़ने, प्रकरण की विवेचना, विश्लेषण आदि काम प्रभावित हो रहे हैं। एसटीएफ के गठन से लेकर अब तक करीब 25 हजार अपराध पंजीकृत किए गए हैं। व्यापम फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ ने की थी। इसके बाद ड्रग्स तस्करी, अवैध हथियार, मापदंडों की अनदेखी कर बीएड कालेजों की मान्यता, सतना में शस्त्र लाइसेंस देने में गड़बड़ी जैसे मामले एसटीएफ के पास हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय से लेकर सातों जोन में बल की कमी है।विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के तीन-तीन नए जोन और बन रहे हैं, परंतु बल कम होने के कारण एसटीएफ के नए जोन का गठन नहीं हो पा रहा है। यही स्थित ईओडब्ल्यू की है। यहां स्वीकृत बल की तुलना में 40 प्रतिशत स्टाफ ही है। इस कारण शिकायतों की जांच और अभियोजन में देरी होती है।
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ऑडी ने अपनी एक लग्जरी एसयूवी Audi Q7 का फेसलिफ्ट वर्शन भारत में लॉन्च कर दिया है। इस नई ऑडी Q7 में आकर्षक डिज़ाइन, नई फीचर्स और दमदार इंजन के साथ कई अपडेट्स हैं। इसकी शुरुआत एक्स-शोरूम कीमत ₹88.66 लाख से हो रही है। इस नई एसयूवी के डिज़ाइन में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें वर्टिकल क्रोम ग्रिल, अपग्रेडेड एचडी मैट्रिक्स एलईडी हैडलाइट्स, और नई 19-इंच एलॉय व्हील्स शामिल हैं, जो इसे और भी स्टाइलिश बनाते हैं। इसे कुल पांच रंगों में उपलब्ध किया गया है - सखिर गोल्ड, वेटोमो ब्लू, माइथॉस ब्लैक, समुराई ग्रे और ग्लेशियर व्हाइट। इंटीरियर्स की बात करें तो इसमें ऑल-ब्लैक थीम के साथ ब्लैक लेदर सीट अपहोल्स्ट्री, और दो कलर ऑप्शन, सीडर ब्राउन और सैगा बेज दिए गए हैं। इसके साथ ही 10.1-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 12.3-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और 19-स्पीकर बैंग एंड ओल्फसेन ऑडियो सिस्टम जैसे उन्नत फीचर्स भी शामिल हैं। पावर की बात करें तो इसमें 3.0-लीटर ट्विन-टर्बो V6 पेट्रोल इंजन है, जो 340 हॉर्सपावर और 500 Nm टॉर्क जनरेट करता है। यह एसयूवी सिर्फ 5.6 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है। ऑडी Q7 फेसलिफ्ट दो वेरिएंट्स में उपलब्ध है - प्रीमियम प्लस और टेक्नोलॉजी, जिनकी कीमत क्रमशः ₹88.66 लाख और ₹97.81 लाख (एक्स-शोरूम) है। इस लग्जरी एसयूवी का मुकाबला BMW X5, Mercedes GLE, और Volvo XC90 जैसी प्रीमियम एसयूवीज़ से है। ऑडी Q7 अपने स्टाइलिश लुक, दमदार इंजन और अत्याधुनिक फीचर्स के कारण इन सभी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर, नई ऑडी Q7 एक शानदार और प्रीमियम ड्राइविंग अनुभव देने के लिए बनी है, जो उन ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो लक्जरी और परफॉर्मेंस दोनों चाहते हैं।
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छोला मंदिर थाना पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर उसके रिश्ते के देवर के खिलाफ घर में घुसकर ज्यादती करने का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक, क्षेत्र में रहने वाली 28 वर्षीय महिला गृहिणी है। उसका पति एक निजी फर्म में नौकरी करता है। महिला के घर के पास ही रहने वाला युवक रिश्ते में देवर लगता है। महिला ने शिकायत में पुलिस को बताया कि रोजाना की तरह 20 नवंबर को सुबह पति दफ्तर चले गए थे। दोपहर में देवर घर पहुंचा और डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। साथ ही घटना के बारे में किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दे दी। भयभीत होने के कारण महिला ने घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। उधर देवर ने दोबारा संबंध बनाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो महिला मानसिक रूप से परेशान हो गई। उसने पति को घटना की पूरी जानकारी दी और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करा दी। रातीबड़ इलाके के बड़झिरी में एक युवक का शव पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया है कि युवक मानसिक रूप से बीमार था। पुलिस के अनुसार 25 वर्षीय जगदीश सिंह बड़झिरी में अपने ताऊ के घर में मां और छोटी बहन के साथ रहता था। सोमवार को वह किसी काम से घर से निकला था, लेकिन देर रात तक नहीं पहुंचा। स्वजन ने उसकी आसपास खोजबीन भी की, लेकिन उसका पता नहीं चला। अगले दिन मंगलवार को जगदीश का शव घर के पीछे लगे आम के पेड़ पर मफलर से बनाए गए फंदे पर लटका मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे फोरलेन पर ग्राम छोटी हरदा के पास हार्वेस्टर और ट्रक की भीषण टक्कर हो गई, जिसमें ट्रक सामने से क्षतिग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1 बजे इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे पर ग्राम छोटी हरदा के पास बैतूल की ओर से इंदौर की ओर जा रहे हार्वेस्टर ने चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इसी दौरान पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी 13 जेडपी 7357 हार्वेस्टर से टकरा गया। ट्रक का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि दोनों वाहनों के चालक सुरक्षित हैं।
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बागसेवनिया इलाके में रहने वाले एक पुजारी से एजुकेशन काउंसलरों ने 20 लाख की धोखाधड़ी की है। उन्होंने पुजारी की बेटी को रूस की एक यूनिवर्सिटी से एमबीए करवाने के नाम पर 30 लाख रुपये ऐंठ लिए, लेकिन वहां सिर्फ 10 लाख ही जमा किए बाकि 20 लाख की राशि हड़प ली। पुजारी ने रुपयों की मांग की तो काउंसलरों ने धमकाना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्होंने बागसेवनिया पुलिस थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की है। पुलिस के अनुसार राजबहादुर द्विवेदी रेलवे कालोनी में परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बेटी एमबीबीएस करना चाहती थी, लेकिन उसका नीट में चयन नहीं हो सका था। जिसके बाद 2022 में राजबहादुर के परिचित एजुकेशन काउंसलर मो. नदीम खान और इरफान खान ने रूस की मारी यूनिवर्सिटी से उनकी बेटी को एमबीए करने की सलाह दी। उन्होंने एमबीए की पूरी पढ़ाई का खर्च 30 लाख रुपये बताया। राजबहादुर ने अलग-अलग किश्तों में उन्हें 30 लाख रुपये दिए, लेकिन नदीम और इरफान ने यूनिवर्सिटी में केवल 10 लाख रुपये ही जमा किए और बाकी 20 लाख हड़प लिए। यूनिवर्सिटी ने जब पुजारी और उनकी बेटी को फीस जमा करने का नोटिस दिया तब उन्हें धोखाधड़ी की जानकारी हुई। राजबहादुर ने एजुकेशन काउंसलरों से संपर्क कर फीस जमा करने की बात कही तो नदीम और इरफान ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
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मध्य प्रदेश में सक्रिय लगभग 75 नक्सलियों में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह जानकारी पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में सामने आई है। ये सभी अलग-अलग समूह में पुरुषों के साथ काम कर रही हैं। यह भी पता चला है कि कुछ नक्सली प्रेमी-प्रेमिका की तरह रह रहे हैं। गांव के लोगों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याएं जानने, पर्चा बांटने, लोगों को बरगलाने या किसी तरह की सहायता मांगने के लिए नक्सली महिलाओं को ही आगे करते हैं। महिलाएं गांव के लोगों के बीच आसानी से घुल-मिल जाती हैं। इससे उन्हें गांव में प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी भी मिलती रहती है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र से ही हैं। अधिकतर महिलाओं की उम्र 25 से 40 वर्ष की है। अभी तक ऐसा होता रहा कि नक्सली मुठभेड़ के दौरान अपने मांगों से जुड़ा पर्चा फेंक कर जाते थे। पिछले दिनों बालाघाट में हुई मुठभेड़ में उन्होंने ऐसा नहीं किया था। यह जरूर पता चला है कि इसके पहले कुछ गांवों में उन्होंने तेंदूपत्ता की राशि बढ़ाने, बांस कटाई की दर बढ़ाने और मजदूरी बढ़ाने के लिए पर्चे फेंके थे। गांव के लोगों का समर्थन पाने के लिए वह ऐसी मांग रखते हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि हम उनकी मांग के हिसाब से नहीं बल्कि अन्य विभाग और एजेंसियों से मिलकर विकास की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देते रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में संचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर का निर्माण, सड़क निर्माण, सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए विशेष शिविर लगाने का काम करते हैं। निजी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) से भी काम कराए जा रहे हैं।
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छतरपुर जिले के कालापानी में नकली खाद की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में एक ट्रक से 460 बोरी डीएपी जब्त की गई, जिसे जांच के बाद नकली पाया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर तस्करी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना का विवरणदेर रात प्रशासन को सूचना मिली कि एक ट्रक से नकली डीएपी खाद की तस्करी की जा रही है। एसडीएम अखिल राठौर और कृषि विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रक को रोका और जांच की। जांच में पाया गया कि ट्रक में लाया गया डीएपी नकली था। यह खाद उत्तर प्रदेश से लाया गया था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाईपुलिस ने इस मामले में नरेंद्र कुमार (अलीगढ़), प्रेमपाल जाट (अलीगढ़), सचिन गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता और पांडे बंधु सहित अन्य तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई ओरछा रोड थाने के अंतर्गत की गई। खाद की कमी और तस्करीछतरपुर में हाल के दिनों में खाद की कमी की समस्या बनी हुई है। ऐसे में नकली खाद की तस्करी का यह मामला किसानों के लिए और भी चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन ने नकली खाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और किसानों को सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन का सख्त रुखएसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि नकली खाद की तस्करी से किसानों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कृषि विभाग ने भी किसानों को जागरूक करने और नकली खाद की पहचान करने में मदद करने का वादा किया है। इस छापेमारी ने नकली खाद के कारोबार पर कड़ा प्रहार किया है और प्रशासन की तत्परता का परिचय दिया है।
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खातेगांव के न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर विधिक सेवा समिति द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया और उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षणकार्यक्रम में जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल और न्यायिक मजिस्ट्रेट राजू पन्द्रे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से लोगों को कानूनी जानकारी दी और भारतीय संविधान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। संविधान के प्रति जागरूकतासंविधान दिवस के इस आयोजन का उद्देश्य आम नागरिकों को भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करना और इसके महत्व को समझाना था। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया, जिससे संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाई गई। यह आयोजन संविधान के प्रति सम्मान प्रकट करने और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।
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22 नवंबर को मध्य प्रदेश के देवास जिले के कन्नौद में हुए निसार अली के ब्लाइंड मर्डर का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला कि इस हत्या की साजिश निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन ने रची थी। मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें रुकसाना और सिमरन भी शामिल हैं। घटना का विवरणनिसार अली को उनके घर के सामने सतवास रोड पर अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारी थी। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच का खुलासापुलिस ने महज चार दिनों में हत्या के आरोपियों का पता लगा लिया। तकनीकी साक्ष्यों और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया 12 बोर का कट्टा, एक खाली खोखा और मोबाइल फोन बरामद किया है। घरेलू विवाद बना हत्या की वजहपुलिस के अनुसार, इस हत्या की मुख्य साजिशकर्ता निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन थीं। इसे घरेलू विवाद से जुड़ा मामला बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पारिवारिक कलह के चलते यह हत्या की गई। पुलिस और साइबर सेल की भूमिकाइस मामले को सुलझाने में कन्नौद थाना प्रभारी तहजीब काजी और उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साइबर सेल की सहायता से तकनीकी सबूत जुटाए गए, जो आरोपियों को पकड़ने में निर्णायक साबित हुए। यह घटना पारिवारिक विवादों के गंभीर परिणामों को उजागर करती है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की कुशलता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
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रीवा: रीवा जिले में खाद वितरण केंद्रों पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली है, जिससे किसान निराश होकर लौटने पर मजबूर हो गए हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद रविवार को खाद वितरण केंद्र बंद मिले, जिससे किसानों को खाद प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद थी कि रविवार को भी खाद वितरण केंद्र खुले रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खड्डा के शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि वह 40 किलोमीटर दूर से आए थे, लेकिन केंद्र बंद होने के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। मोहरवा के किसान विकास पांडेय ने भी बताया कि उन्होंने गांव से ऑटो बुक कर करहिया मंडी पहुंचे, लेकिन खाद वितरण केंद्र बंद मिला। रीवा के रितिक सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कलेक्टर का आदेश है कि किसानों को खाद उपलब्ध करवाई जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, सहायक कर्मचारी रामभजन कुशवाहा ने बताया कि वह खाद वितरण केंद्र में सहायक कर्मचारी हैं और पर्चियों के अनुसार खाद वितरण करते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को खाद वितरण नहीं हो रहा है और इस बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही सही जानकारी दे सकते हैं। इस अव्यवस्था के कारण किसान भारी परेशानी में हैं और उनका यह सवाल है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद खाद वितरण केंद्र क्यों बंद थे, और किस कारण से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
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लालकुआँ: सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के स्थाई श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा निकालते हुए जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू ने भी श्रमिकों का समर्थन किया और उनकी समस्याओं को उठाया। श्रमिकों ने बताया कि सेंचुरी मिल प्रबंधन ने फरवरी महीने में किए जाने वाले एग्रीमेंट को अब तक पूरा नहीं किया है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। इस असंतोष के चलते श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया और नारेबाजी की। श्रमिकों का कहना है कि सेंचुरी प्रबंधन और यूनियन के बीच मिलीभगत के कारण उनका लगातार शोषण हो रहा है। स्टाफ वर्ग के कर्मचारियों का सालाना वेतन ₹6,000 बढ़ा दिया गया है, जबकि स्थाई श्रमिकों का वेतन तीन वर्षों में केवल ₹3,700 बढ़ाया गया है, जो उनके मुताबिक पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। स्थाई श्रमिकों का कहना है कि वे सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा रहता है, फिर भी उन्हें सही वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। स्थाई श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि अगर 30 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे एक विशाल प्रदर्शन करेंगे।
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सिंगरौली: सिंगरौली के सरई थाना प्रभारी शेष मणि पटेल के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि वे मध्य प्रदेश शासन के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं और अपनी मनमर्जी से थाना संचालन कर रहे हैं। खासकर, शासन द्वारा प्रत्येक मंगलवार को निर्धारित जनसुनवाई के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, शेष मणि पटेल समय पर थाने नहीं पहुंचते, और मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में देरी होती है। यह भी बताया जा रहा है कि थाना क्षेत्र में अवैध ट्रैक्टरों का संचालन हो रहा है, जिनसे प्रतिदिन ₹3000 की वसूली की जा रही है। इन अवैध गतिविधियों के बारे में स्थानीय लोगों ने शिकायत की है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब देखना होगा कि नवागत पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या उचित कार्रवाई होती है। इस स्थिति ने स्थानीय लोगों में असंतोष और आक्रोश पैदा किया है।
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युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती के अनुसार उसकी मंगनी 12 अप्रैल को हुई थी। उसके बाद से शुभम उसे ज्यादा परेशान करने लगा। फोन पर धमकियां देता है। उसके फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहा है। रात में कभी भी फोन लगाकर घर वालों को भी धमकाता है। युवती की शादी फरवरी माह में होना है। उसे अब डर सताने लगा है कि शुभम की इन हरकतों के कारण शादी में खलल न पड़ जाए। वो साफ तौर पर कह रहा है कि तेरी शादी नहीं होने दूंगा। युवती के मंगेतर को भी जान से मारने की धमकी दे रहा है। युवती की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपित मोबाइल पर युवती को धमकियां दे रहा है। आरोपित की तलाश जारी है। फिलहाल वो गांव में नहीं है। जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे। - राधेश्याम मालवीय, जांच अधिकारी, थाना मूंदी
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बुरहानपुर: बुरहानपुर जिले का जंबूपानी गांव अब एक नई पहचान बना चुका है। यह आदिवासी बाहुल्य गांव ऐसा पहला गांव बन गया है, जहां ना कोई शराब बेचता है और ना ही इसका सेवन करता है। पंचायत ने शराब बिक्री पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है, जिससे गांव में शराब का कारोबार समाप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। कुछ समय पहले तक, जंबूपानी ग्राम पंचायत के अधिकांश गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा था। खासकर महुआ से कच्ची शराब बनाई जाती थी, और अवैध रूप से विदेशी शराब की बिक्री भी हो रही थी। इस स्थिति को बदलने के लिए पंचायत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। पंचायत ने शराब कारोबार में लिप्त लोगों के घरों की तलाशी ली और शराब बनाने के लिए रखे गए महुआ और अन्य सामान को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही, सभी शराब बनाने वालों को चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में कोई शराब बनाता या बेचता हुआ पाया गया, तो उस पर 21 हजार रुपये का जुर्माना और पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय के बाद गांव की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि अब परिवार में शराब के कारण होने वाले विवादों में कमी आई है, जिससे पारिवारिक जीवन में सुधार हुआ है। इस पूरे मामले पर शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने सरपंच लाल सिंह पटेल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि "यह कदम न केवल शराब के अवैध कारोबार को समाप्त करने में मदद करेगा, बल्कि यह नशामुक्ति के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है।" पुलिस विभाग ने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया है, जिससे गांव के लोग नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। जंबूपानी गांव की यह पहल अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जिससे समाज में शराब की समस्या को खत्म करने में मदद मिलेगी।
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सूर्यनगरी: मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज सूर्यनगरी बालाजी धाम में भगवान सूर्य के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे "एक रहेंगे, सेफ रहेंगे" को जीत का आधार बताया। डॉ मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो बाटने वाले और तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, "यह जीत एकता और सुरक्षा की जीत है," और यह दर्शाती है कि जनता एकजुटता और विकास के मार्ग को पसंद कर रही है। मिश्रा ने इस जीत को एक नई शुरुआत के रूप में देखा और आशा जताई कि यह न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इस सफलता के लिए बधाई दी और आगामी चुनावों में और अधिक मेहनत करने का आह्वान किया। डॉ नरोत्तम मिश्रा का यह दौरा उनके धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, जहां उन्होंने एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भाजपा की नीतियों को बढ़ावा दिया।
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मध्यप्रदेश में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला शाजापुर जिले से सामने आया है, जहां एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। घायलों को सारंगपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, कार सवार लोग भोपाल से आगर की ओर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। सड़क हादसे की सूचना मिलने के बाद, 108 एंबुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में कार के चालक की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद सारंगपुर से शाजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। यह हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुआ, जिससे एक व्यक्ति की जान चली गई और अन्य घायल हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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मध्यप्रदेश सरकार जहां स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक मध्याह्न भोजन देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं देवास जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सतवास के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दूषित भोजन परोसा जा रहा है। यह मामला कई दिनों से चल रहा है और बार-बार शिकायतें की जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बच्चों ने बताया कि भोजन में बाल और कीड़े निकलते हैं। इसके अलावा, बच्चों का यह भी कहना है कि भोजन परोसने वाले लोग पाउच खाकर भोजन परोसते हैं, जिससे साफ-सफाई पर सवाल उठते हैं। विद्यालय के स्टाफ ने भी इसकी पुष्टि की है और बताया कि कई बार घटिया भोजन दिया जा रहा है, जिसमें रोटी-चावल कच्चे आते हैं और मेन्यू के अनुसार भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। इंस्पेक्शन के दौरान जांच दल ने पाया कि चावल कच्चे थे और कड़ी में बदबू आ रही थी। इसके बाद, जिला पंचायत सीईओ ने दूषित भोजन के सैंपल को जांच के लिए भेजने का आदेश दिया है। वहीं, पालकों और पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि सीईओ ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो वे मंगलवार को जनसुनवाई में जाकर अपनी शिकायत जिलाधीश महोदय के सामने रखेंगे।
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इंदौर के संकट मोचन हनुमान मंदिर, छोटा अखाड़ा में 26 नवंबर से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। इस कथा का समापन 3 दिसंबर को विशाल भंडारे के साथ होगा। इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत 26 नवंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ होगी, जो शहर के विभिन्न सिद्ध स्थलों से होती हुई हनुमान मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद, श्रीमद भागवत कथा का उद्घाटन होगा। 2 दिसंबर को विशेष हवन पूजन के साथ आस्था के साथ कार्यक्रम की आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत पूज्य गंगा शरण महाराज ने प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य भगवान श्रीराम और भगवान कृष्ण के उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाना है। साथ ही, यह आयोजन मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था और धार्मिक समागम होगा। 3 दिसंबर को कथा के समापन के बाद एक विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
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अज्ञात व्यक्ति ने 45 वर्षीय दुकान संचालक को गोली मारकर हत्या कर दी जिसके बाद घटनास्थल पर भीड़ लग गई पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है हत्यारा मौके से फरार हो गया देवास जिले के कन्नौद में एक इलेक्ट्रिक वर्कशॉप के संचालक को अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार दी जिसके बाद परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया घटना के बाद मृतक के निवास और अस्पताल के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई मृतक की पहचान निसार अली के रूप में हुई है...निसार अली के परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी जिसके बाद कन्नौद थाना प्रभारी ने मामले की प्रारंभिक जांच की पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली रही है.
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रानी माजरा: जबकि सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं रानी माजरा गांव के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। यहां छात्राओं से नॉनवेज भोजन बनवाने के साथ-साथ उन्हें झूठे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सच्चाई सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में छात्राएं चिकन को साफ करते हुए नजर आ रही हैं। जब दखल न्यूज की टीम ने इस मामले की पड़ताल के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का दौरा किया, तो वहां की वास्तविकता सामने आई। छात्राओं ने कैमरे के सामने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि उन्हें विद्यालय में नॉनवेज भोजन बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, साथ ही उनसे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। वार्डन का बयान जब वायरल वीडियो पर विद्यालय की वार्डन तन्नू चौहान से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने शुरू में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। बाद में कैमरे से बचते हुए उन्होंने कहा कि उनके विद्यालय में कोई चिकन नहीं बना, बल्कि पहले से बना हुआ चिकन मंगाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यहां सिर्फ चिकन को गर्म किया गया है, जिसे वीडियो में देखा जा सकता है। वार्डन का कहना था कि बच्चों ने चिकन खाने के लिए कहा था, जिस पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमति ली थी। छात्राओं की परेशानियां हालांकि, छात्राओं ने अपनी सच्चाई बताने की कोशिश की, लेकिन वार्डन ने उन्हें कैमरे के सामने से हटा दिया और कुछ भी बोलने से मना कर दिया। यह घटनाक्रम स्कूल के बदहाल हालात और छात्राओं की परेशानियों को उजागर करता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के सरकार के दावों के बीच इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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दतिया: दतिया में चोरों ने एक बार फिर से पुलिस को चुनौती देते हुए चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस की गश्त के बावजूद चोरों के हौसले बुलंद हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में डर और चिंता फैल गई है। रातभर चली चोरी की घटनाएं बीती रात दतिया के बडोनी नगर पंचायत में चोरों ने डॉक्टर के क्लिनिक, मेडिकल स्टोर, और कीटनाशक तथा खाद की दुकानों के ताले तोड़ दिए। सूचना मिलते ही बडोनी पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने एक अज्ञात पल्सर बाइक भी जब्त की, जो चोरों द्वारा उपयोग की गई हो सकती है। स्थानीय लोगों की चिंताएं स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस गश्त में लापरवाही बरत रही है, जिसके कारण चोरों को खुली छूट मिल रही है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वे अपनी गश्त को सख्त करें और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएं। दतिया में बढ़ती चोरी की घटनाएं न केवल पुलिस की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा को भी चुनौती देती हैं। पुलिस प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करनी होगी, ताकि स्थानीय लोगों का भरोसा पुनः स्थापित हो सके।
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हिरखेड़ी में बुधवार रात एक महिला ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की। महिला को सूदखोर प्रताड़ित कर रहा था। 15 प्रतिशत ब्याज की मांग कर महिला और उसके बेटे को धमकाता था। बेटे के नाम से मोबाइल, एसी और वाटर प्यूरीफायर फायनेंस करवा लिए थे। द्वारकापुरी पुलिस के मुताबिक सुनंदा देवकुमार पाटिल ने बताया कि 3 महीने पहले छावनी के निलेश सिलावट से 3 लाख रुपये उधार लिए थे। कर्जा देते समय तय हुआ था कि 5 प्रतिशत ब्याज लेगा। एक महीने बाद ही निलेश ने 15 प्रतिशत ब्याज कर दिया। उन्होंने आगे जानकारी दि कि हमने जैसे-तैसे एक लाख रुपये की व्यवस्था करवा दी। निलेश ने धमका कर मेरे बेटे विवेक के नाम से एसी, प्यूरीफायर और मोबाइल फायनेंस करवा लिया। पिछले महीने निलेश बदमाशों के साथ घर पहुंचा। उसने गुंडागर्दी करते हुए जबरदस्ती मकान की लिखापढ़ी अपने नाम से करवा ली। सूदखोर निलेश की इस प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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भोपाल में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) का 76वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से शौर्य स्मारक पर मनाया गया। इस खास मौके पर भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सलामी दी गई, जिससे कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मंत्री ने बच्चों से किया संवाद कार्यक्रम के दौरान, प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने NCC कैडेट्स को संबोधित करते हुए उनके योगदान और मेहनत की सराहना की। मंत्री ने कहा कि ये बच्चे बहुत भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता और समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनका मानना था कि इन बच्चों का NCC में भाग लेना उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो उन्हें जीवन में नई दिशा और साहस देता है। रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई आकर्षक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जो उपस्थित दर्शकों का मन मोह गए। इनमें गार्ड ऑफ ऑनर, समूह गान, बैंड प्रदर्शन और NCC गीत जैसे कार्यक्रम शामिल थे। इन आयोजनों ने न केवल NCC कैडेट्स की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को दर्शाया, बल्कि उनके संस्कार, कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति योगदान को भी उजागर किया। NCC का महत्व और बच्चों के प्रति सम्मान मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि NCC कार्यक्रम बच्चों को अनुशासन, एकता और राष्ट्र सेवा की भावना से लैस करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्लेटफॉर्म बच्चों को अपने हुनर को निखारने का अवसर देता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
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हल्द्वानी में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने कमलुवागांजा गणपति विहार इलाके में छापेमारी कर नकली शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी मुखबिर की सूचना पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने गणपति विहार के एक घर में छापेमारी की। यहां से नकली शराब बनाने का सामान और बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की गई। टीम ने मौके से एल्कोमीटर, होलोग्राम, और अन्य सामग्री जब्त की, जो नकली शराब तैयार करने में उपयोग की जाती थीं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान विशाल मंडल के रूप में हुई है। आरोपी पहले भी ऐसे मामलों में संलिप्त रहा है और जेल जा चुका है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ और पुलिस की बड़ी सफलता यह छापेमारी एसटीएफ और पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि नकली शराब का कारोबार इलाके में एक गंभीर समस्या बन चुका था। नकली शराब की बिक्री से न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह अवैध व्यापार संगठित अपराधों को भी बढ़ावा देता है। आगे की कार्रवाई आबकारी विभाग और पुलिस ने यह भी बताया कि वे इस अवैध कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के कारोबार को जड़ से समाप्त किया जाए। विभाग अब यह पता लगाने में जुटा हुआ है कि यह नकली शराब किस तरीके से बाजार में सप्लाई की जा रही थी, और इस गैंग के अन्य सदस्य कौन-कौन हो सकते हैं।
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मऊगंज, रीवा में अतिक्रमण हटाने को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ जेसीबी मशीन लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे, लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, माहौल हिंसक हो गया। दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी और नारेबाजी होने से तीन लोग घायल हो गए। घटना का विवरण मऊगंज के खटखरी चौकी क्षेत्र स्थित देवरा महादेव मंदिर के पास जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी टीम के साथ खुद कार्रवाई की। इस दौरान विशेष समुदाय के लोगों के साथ संघर्ष हुआ, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में बल तैनात किया। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रचना ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभालने की कोशिश की और धारा 163 लागू कर दी। प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया नियमानुसार ही चलेगी, लेकिन भाजपा विधायक प्रदीप पटेल तत्काल कार्रवाई पर अड़े हुए थे। इसके बाद पुलिस ने विधायक को जबरन वाहन में बैठाकर मऊगंज भेज दिया। स्थिति घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही, लेकिन पुलिस ने समय रहते नियंत्रण स्थापित किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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भोपाल में एक व्यक्ति को फर्जी पुलिसकर्मी बनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम आनंद सेन है, जिसे पुलिस ने एमपी नगर थाने में पकड़ा। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। घटना का विवरण आनंद सेन पर आरोप है कि वह नकली पुलिसकर्मी बनकर शहर में घूम रहा था और लोगों को डरा-धमका कर पैसे की मांग करता था। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने इस मामले की जांच की पुष्टि की और बताया कि आरोपी ने खुद कबूल किया है कि वह असल में फर्जी पुलिस वाला था। जानकारी के अनुसार, छतरपुर में भी इस आरोपी के खिलाफ शिकायतें आई थीं, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। आरोपी के पास मिलीं कई पुलिस वर्दियां आरोपी के पास कई पुलिस वर्दियां मिली हैं, जिससे उसकी नकल करने की कोशिश और भी स्पष्ट हो गई है। वह अक्सर पुलिस की गाड़ी देखकर उसके आसपास खड़ा होकर फोटो खिंचवाता था और लोगों को यह बताकर धमकाता था कि वह पुलिसकर्मी है। इसके बाद वह उनसे पैसे की मांग करता था। पुलिस अब आरोपी के खातों की जांच भी कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और कौन-कौन से अपराध किए हैं। आरोपी अशोका गार्डन क्षेत्र में रह रहा था, और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को उजागर करता है, जहां एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से पुलिस की वर्दी पहनकर आम जनता को परेशान किया।
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भोपाल पुलिस ने एक साइबर ठगी के गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, और गैंग के सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष को 20 नवंबर तक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक, उसके मोबाइल से कई संदिग्ध ऐप्स मिले हैं, जिनका इस्तेमाल अपराध में किया जाता था। पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस कमिश्नर का बयान भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि यह गिरोह फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें बेचता था और साइबर ठगी करता था। आरोपी सबसे पहले नाबालिग लड़के-लड़कियों के आधार कार्ड हासिल करते थे। फिर इन्हें एडिट कर उनकी तस्वीरें बदलते थे और उम्र बढ़ाकर लिख देते थे। इसके बाद इन फर्जी आधार कार्डों की मदद से पैन कार्ड बनवाया जाता था। इस पैन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आरोपी बैंक खाते खुलवाते थे। गिरोह की गतिविधियाँ गिरोह के सात आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। ये आरोपियों का गिरोह बिहार का अंतरराज्यीय नेटवर्क है, जो भोपाल में किराए के मकान पर रहकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। पुलिस ने इब्राहिमपुरा में एक कमरे में कॉल सेंटर भी पकड़ा, जहां से ये लोग दस्तावेज तैयार करते थे। फर्जी दस्तावेज बनाने का नेटवर्क पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने देश के छह अलग-अलग शहरों में फर्जी दस्तावेज बनाने का काम किया। इनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, और पुलिस को उम्मीद है कि इससे देशभर में साइबर ठगी के मामलों में कमी आएगी।
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मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रीवा शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचे और टीम द्वारा जांच के दौरान सोते हुए पाए गए। जांच टीम को शराब के नशे में मिला शिक्षक रीवा के प्राथमिक पाठशाला पोखरी टोला में जांच के दौरान शिक्षक रमाकांत वर्मा शराब के नशे में सोते हुए मिले। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें छात्र भी आरोप लगा रहे हैं कि शिक्षक पढ़ाने के बजाय क्लास में सोते रहते हैं। शहर के स्कूल में ऐसे हाल, तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या होगा? यह घटना शहर के बीचों-बीच स्थित सरकारी स्कूल की है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है। अगर शहर के स्कूल में ऐसी स्थिति है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का हाल क्या होगा, इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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आष्टा क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिससे वे परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने इस साल रामपुरा डैम की नहर से केवल दो बार पानी छोड़ा जाएगा, जो उनकी फसलों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके परिणामस्वरूप किसानों की फसल सूखने का खतरा है। कर्ज लेकर खरीदी थी बीज, अब संकट में किसान किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर गेहूं और चना की बुवाई के लिए बीज खरीदा था, लेकिन सिंचाई के लिए पानी न मिलने से उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। रामपुरा डैम में पर्याप्त पानी होने के बावजूद फसलों के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा, जिससे किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। किसानों का मुख्यमंत्री से समाधान की मांग इस समस्या को लेकर क्षेत्र के किसान भारी संख्या में रामपुरा डैम पहुंचे और ‘हमारा हक हम लेकर रहेंगे’ जैसे नारे लगाए। किसानों ने यह भी बताया कि वे मंगलवार को जनसुनवाई में मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्या का समाधान मांगने के लिए पहुंचेंगे।
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खजुराहो में पश्चिमी मंदिर समूह के स्मारकों की साइड सीन करते समय एक विदेशी पर्यटक को अचानक हार्ट अटैक आ गया। 59 वर्षीय पोलिश नागरिक पीटर डिजिकन, जो टूरिस्ट ग्रुप के साथ खजुराहो आया था, लक्ष्मण टेम्पल परिसर में चक्कर खाकर गिर गया और बेहोश हो गया। तत्काल इलाज और अस्पताल रेफर घटना के बाद, पीटर को तुरंत ई-रिक्शा से एग्जिट गेट पर लाया गया, जहां से उसे एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने त्वरित प्राथमिक उपचार दिया और उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय छतरपुर रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, पीटर को हार्ट अटैक आया था और उसे पहले से कई बीमारियां थीं। खजुराहो पहुंचने पर पीटर का ब्लड प्रेशर बहुत कम था और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। इलाज जारी अभी बीमार पर्यटक का इलाज जारी है, और डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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भोपाल के गुलाब उद्यान में बोनसाई एसोसिएशन द्वारा तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस अनूठी प्रदर्शनी में 400 से अधिक बोनसाई पौधों की सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बोनसाई केवल पौधों की कला नहीं है, बल्कि यह प्रकृति से जोड़कर नई कलाकृतियां सृजित करने का प्रतीक है। मंत्री ने बोनसाई को सृजन का संदेश देने वाला और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाला बताया। कार्यशाला में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंडोनेशिया के ययात हिदायत और अधित्य आजी पमुनगकास, नई दिल्ली के सौमिक दास, बेंगलुरु की अनुपमा वडेचला, और हैदराबाद के गोविंद राज शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने बोनसाई की बारीकियों और तकनीकों को साझा किया।
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छतरपुर में पुलिस और प्रशासन ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईशानगर में एक व्यापारी के गोदाम पर छापा मारकर 1500 बोरी अवैध खाद बरामद की गई। एसडीएम की टीम ने मौके पर पहुंचकर गोदाम को सील कर दिया। यह खाद ब्लैक में बेचने के लिए जमा की गई थी। छतरपुर में खाद की कालाबाजारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा घटना में ईशानगर के व्यापारी संतोष अग्रवाल के गोदाम पर पुलिस प्रशासन ने छापा मारा, जहां से 1500 बोरी अवैध खाद बरामद हुई। व्यापारी के पास खाद बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। एसडीएम अखिल राठौर ने मौके पर पहुंचकर गोदाम की जांच की और उसे सील कर दिया। यह सवाल उठता है कि जब किसान खाद की बोरी के लिए परेशान हैं, तो व्यापारी इतनी बड़ी मात्रा में खाद का भंडारण कैसे कर रहा था? और यह खाद आखिरकार कहां से आई?
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छतरपुर में शराब के नशे में धुत एक महिला ने कलेक्टर बंगले के सामने जमकर हंगामा किया। उसने सड़क पर गाड़ियों को रोकने, गाली-गलौज करने और तमाशा करने जैसी हरकतें की, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। महिला की हरकतों से सड़क पर अफरा-तफरी फैल गई। सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन महिला इतनी नशे में थी कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। अंततः पुलिस ने थाने की टीम को बुलाया, जिसने महिला को टीआई की गाड़ी में बैठाकर वहां से ले जाया। महिला को जिला अस्पताल लाया गया, जहां मेडिकल परीक्षण के दौरान भी उसने डॉक्टरों और नर्सों को परेशान करना जारी रखा। एक घंटे तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे ने पूरे शहर में हलचल मचा दी।
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मैहर में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए खाद विभाग की टीम ने दो दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद जब्त किए। इस कार्रवाई के बाद से दोनों दुकानों के मालिक फरार हो गए हैं। अवैध व्यापार पर कार्रवाई मैहर में लंबे समय से खाद की कमी की शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन को किसानों से लगातार खाद की कालाबाजारी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर खाद विभाग ने पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स पर छापा मारा। मैहर रेस्ट हाउस के पास स्थित इन दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद बरामद किए गए। इस कार्रवाई के दौरान पाया गया कि दुकानदार बिना वैध प्रक्रिया के अधिक कीमत पर खाद बेचने की कोशिश कर रहे थे। किसान की शिकायत बनी कार्रवाई का आधार एक किसान ने शिकायत की थी कि पवन ट्रेडर्स ने उससे 1500 रुपए प्रति बोरे के हिसाब से तीन बोरे का पैसा ले लिया, लेकिन खाद देने में आनाकानी कर रहा था। इस शिकायत के बाद खाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संग्रहित खाद जब्त की। दुकानदार फरार, जांच जारी कार्रवाई के बाद पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स के मालिक फरार हो गए। पुलिस और प्रशासन अब इन दुकानदारों की तलाश कर रहे हैं। खाद विभाग यह भी जांच कर रहा है कि इस अवैध व्यापार में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। किसानों को राहत की उम्मीद मैहर में इस कार्रवाई के बाद किसानों को उम्मीद है कि खाद की किल्लत पर जल्द काबू पाया जाएगा। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत विभाग को दें। यह कार्रवाई मैहर में खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और किसानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है।
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रीवा जिले में नशे के बढ़ते कारोबार पर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बैकुंठपुर क्षेत्र से 19 वर्षीय युवती को 146 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया है। युवती से पूछताछ के दौरान नशे की तस्करी से जुड़े अन्य पहलुओं का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई और जब्ती बैकुंठपुर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर युवती को रिमांड पर लिया है। एसडीओपी सिरमौर उमेश प्रजापति के अनुसार, जब्त ब्राउन शुगर और अन्य नशीले पदार्थों की कीमत करीब 4 लाख 39 हजार रुपए आंकी गई है। युवती के पास से अन्य नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। साथियों की तलाश जारी इस मामले में पकड़ी गई युवती सोनम तिवारी के दो साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है और नशे के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत है। रीवा में बढ़ता नशे का खतरा रीवा में कोरेक्स, गांजे के बाद अब ब्राउन शुगर और अन्य ड्रग्स का नशा भी तेजी से पैर पसार रहा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। इस मामले ने नशे के अवैध कारोबार को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। पुलिस की सख्ती और अपील पुलिस ने नशे के इस बढ़ते खतरे पर कार्रवाई तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। यह घटना रीवा में नशे के अवैध कारोबार के तेजी से बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है और इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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छतरपुर जिले के बिजावर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एयरगन से निकला छर्रा 16 वर्षीय नाबालिग की जान ले गया। यह घटना बिजावर के जेल मोहल्ला में तालाब किनारे हुई, जहां दो युवक बगुलों का शिकार करने गए थे। बगुलों का शिकार बना नाबालिग तालाब के किनारे बैठे दो युवक एयरगन से बगुलों को मारने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान उनकी एयरगन से निकला छर्रा पास में बैठे एक नाबालिग के पेट में जा लगा। गंभीर रूप से घायल नाबालिग को तुरंत बिजावर के उप-स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सही इलाज के अभाव में मौत जिला अस्पताल से भी नाबालिग को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। इस दौरान लगभग पांच घंटे तक उसे सही इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि घटना महज एक हादसा थी या इसमें किसी प्रकार की लापरवाही भी शामिल थी। परिवार में शोक की लहर इस घटना से मृतक के परिवार और इलाके में शोक का माहौल है। एक मासूम की जान जाने से लोग गहरे सदमे में हैं और इस घटना ने सुरक्षा उपायों और लापरवाह शिकार की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यह हादसा असावधानी और लापरवाही के परिणामों को उजागर करता है और सभी के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसी गतिविधियों में अधिक सतर्कता बरती जाए।
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जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दिन को खास बनाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। बिरसा मुंडा जयंती पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बिहार-झारखंड की धरती पर खड़े होकर हमारे समाज का प्रबल प्रतिरोध स्थापित किया। उनके नेतृत्व में आदिवासी अंचल से जो आंदोलन शुरू हुआ, उसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा अपने संघर्षों के कारण जीते जी भगवान का दर्जा प्राप्त कर गए। ऐसे महान नेता की जयंती को मध्यप्रदेश सरकार भी श्रद्धा और गौरव के साथ मना रही है।
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महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में ठेकेदार एक युवक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। छतरपुर में ठेकेदार की गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का बताया जा रहा है। वीडियो में ठेकेदार रिक्शा चालक चालक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। दरअसल पूरा मामला यह है कि- ई रिक्शा चालक ने पार्किंग के दौरान ठेकेदार से सही रसीद मांग ली। जिससे ठेकेदार ने गुस्से में आकर ई रिक्शा चालक को बेरहमी से मारपीट की। यह मामला सिविल लाईन थाना का है।
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दतिया: बदलते मौसम में संक्रमित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में, दतिया जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उनाव बालाजी में कोविड मॉकड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की संक्रमण रोकने की तैयारीइस मॉकड्रिल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोविड संक्रमित व्यक्ति को उपचार देने की प्रक्रिया का अभ्यास किया। यह मॉकड्रिल खास तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी कि स्वास्थ्य कर्मचारी आपात स्थिति में सही तरीके से संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकें और संक्रमण फैलने से बचा जा सके। डॉक्टरों की अपील- बदलते मौसम में रखें स्वास्थ्य का ध्यानकार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। डॉक्टरों ने कहा कि बदलते मौसम में वायरस के संक्रमण की रफ्तार बढ़ जाती है, जिससे लोग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टरों ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग निरंतर इस तरह की तैयारियों में लगा हुआ है ताकि किसी भी संभावित संकट से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। यह मॉकड्रिल कार्यक्रम यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग कोविड के संभावित पुनरुत्थान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में तंत्र-मन्त्र के जरिए खजाना दिलाने के नाम पर एक बुजुर्ग दम्पति से पांच लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। कथित तांत्रिकों ने पहले बुजुर्ग दम्पति से दोस्ती की और फिर उन्हें खजाना दिलाने का झांसा देकर उनकी तामझाम से पूजा शुरू की। तंत्र-मन्त्र का लालच देकर शुरू किया धोखाधड़ी का खेलतांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति को विश्वास में लिया और उन्हें बताया कि उनके घर के पास जमीन में खजाना दबा हुआ है। जब दम्पति खजाने के लालच में आ गए, तो तांत्रिकों ने पूजा-पाठ शुरू करने की बात की। इसके बाद शातिर तांत्रिकों ने इस पूजा के लिए जो सामान आवश्यक होगा, उसका खर्च पांच लाख रुपये से ज्यादा होने की बात कही। बुजुर्ग दम्पति जब इसके लिए तैयार हो गए, तो तांत्रिकों ने एक मिट्टी की हांडी में पांच लाख रुपये रखवाए और पूजा शुरू करने के लिए गहरा गड्डा खोदने का नाटक किया। बेहोश करने के बाद ठग फरारपुजा आरंभ करने के बाद, तांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति पर सुगंधित पदार्थ डालकर उन्हें बेहोश कर दिया। इस बीच, तांत्रिकों ने मौके का फायदा उठाते हुए पांच लाख रुपये लेकर फरार हो गए। जब कुछ समय बाद दम्पति को होश आया, तो उन्हें अपनी ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तारमामला पुलिस तक पहुंचा और भमोरा पुलिस ने इस मामले में दो तांत्रिकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 50 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। पुलिस अब इस मामले की आगे जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि तंत्र-मन्त्र के नाम पर लोग अक्सर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने इस ठगी मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी तांत्रिकों को गिरफ्तार किया है।
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महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पढ़ाई की बजाए लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। हाल ही में यहाँ दो छात्राओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। छतरपुर में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में दो छात्राओं के बीच मारपीट हुई। वायरल वीडियो में दोनों छात्राएं एक दूसरे के साथ जमकर मारपीट करती नजर आ रही हैं। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में कई बार मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, इन लड़कियों के बीच मारामारी के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
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छतरपुर में अवैध रेत के कारोबार में लगे एक ट्रक के ड्राइवर की रेत में दबकर मौत हो गई। दुर्घटना के बाद जब लोगों ने ट्रक से रेत चुराई, तो ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिला। इस मामले में समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो ड्राइवर की जान बचाई जा सकती थी। पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अवैध रूप से रेत के कारोबार में लगा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन हादसे के बाद ट्रक का ड्राइवर नहीं मिला। पुलिस ने उसकी खोजबीन भी नहीं की, जबकि ट्रक ड्राइवर दो दिन तक रेत के नीचे दबा रहा और जिंदगी की जंग हार गया। पुलिस और प्रशासन ने दो दिन तक सिर्फ तमाशबीन बने रहे, जबकि रेत चोर दो दिन तक वहाँ से रेत चुराते रहे। अचानक ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिलने पर भगदड़ मच गई। ट्रक ड्राइवर का शव मिलने पर उसके परिजनों ने चक्का जाम किया, तब जाकर पुलिस की नींद टूटी और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। अब पुलिस मामले की लीपापोती कर रही है। एक अन्य सड़क हादसे में, छतरपुर में अटरा सरकार मंदिर के सामने दो मोटरसाइकिल आमने-सामने तेज रफ्तार से टकरा गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, और 13 वर्षीय एक बालिका समेत तीन पुरुष घायल हो गए। मौके पर उपस्थित राहगीरों ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक पुरुष की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया।
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भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल में गर्ल्स और बॉयज टॉयलेट एक साथ बनाए जाने का मामला सामने आया है। इस निर्माण की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, और इसे लेकर प्रदेश की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोग इस मामले को लेकर कह रहे हैं कि "एमपी अजब है, सबसे गजब है।" वायरल तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य के. डी. श्रीवास्तव ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि शासकीय कन्या सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल पहले संस्कृत विद्यालय और हॉस्टल के भवन में था, और 2022-23 में नए भवन का कब्जा मिला है। दूसरी मंजिल में बने लेडीज टॉयलेट को बालकों को आवंटित किया गया है, जिसके ऊपर ही जेंट्स टॉयलेट बनाया गया है। प्राचार्य के अनुसार, यह अस्थायी व्यवस्था है और चालू सत्र में बिना पुराने निर्माण को तोड़े टेम्परेरी टॉयलेट बनाए गए हैं। जल्द ही नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अजीब निर्माण कार्य अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का परिणाम है।
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छिंदवाड़ा। वेकोलि पेंच क्षेत्र के विजय साइडिंग और शिवपुरी के मुख्य मार्गों पर गड्ढों के कारण लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, क्योंकि इन सड़कों पर बड़े ट्रक कोयला लेकर गुजरते हैं, और इसी मार्ग से मोटरसाइकिल से लोग भी सफर करते हैं। परासिया के पूर्व जनपद अध्यक्ष रहीस खान और रावनवाड़ा के सरपंच अरुण नैवेध ने स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि 7 दिनों के अंदर सड़क के गड्ढों की मरम्मत की जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह काम समय पर नहीं हुआ, तो वे जनता के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
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इंदौर में तुकोगंज थाना इलाके में रेसकोर्स रोड के करीब एक इमारत की पार्किंग में लूट की बड़ी वारदात हो गई। यहां पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान बिजनेसमैन और उनके भतीजे सहित पड़ोसी के साथ लूट की वारदात हो गई। बदमाशों ने चाकू दिखाकर इनसे सोने की चेन और ब्रेसलेट उतरवा लिया। पड़ोसी वहां आए तो उन्हें भी बदमाशों ने लूट लिया। इसके बाद वे बाइक से भाग निकले। अब पुलिस आस-पास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए इनकी तलाश कर रही है। शहर के सबसे पॉश इलाकों में शुमार रेसकोर्स रोड पर लूट की बड़ी वारदात की घटना सामने आई है। दो बदमाशों ने यहां चाकू अड़ाकर लोगों से सोने के आभूषण लूट लिए। वारदात बिल्डर कमलेश अग्रवाल, सहित उनके रिश्तेदार दिशांत अग्रवाल और पास रहने वाले पिकेश शाह के साथ हुई।बदमाशों ने पहले कमलेश अग्रवाल और दिशांत को निशाना बनाया और उनकी सोने की चेन और ब्रेसलेट और अंगूठी छीन लिए। पड़ोसी पिकेश वहां पहुंचे तो उन्हें भी लूट लिया। सोने के आभूषण लाखों रुपये कीमत के बताए जा रहे हैं। सूचना मिलने के बाद तुकोगंज थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस अब इस मामले में सीसीटीवी कैमरे खंगालकर बदमाशों की तलाश में जुट गई है। व्यस्त इलाके में इस तरह की घटना से कई सवाल खड़े होने लगे हैं। बदमाश लोगों को धमका रहे थे कि अगर वे गहने नहीं देते तो उन्हें चाकू मार देंगे। घबराए लोगों ने अपने गहने उतारकर उन्हें दे दिए। जिसे लेकर वे फरार हो गए। रात्रि गश्त और नाकाबंदी के बाद भी नकाबपोश बदमाश सूने घरों में घुस गए। पाश कॉलोनियों से चोर लाखों रुपये कीमती आभूषण, नकदी, लेपटाप व अन्य सामान चुराकर ले गए। सीसीटीवी फुटेज में चोर अलग-अलग घरों में दस्तक देते नजर आ रहे हैं। वारदात की शुरुआत राऊ थाना अंतर्गत साईं रायल पाल्म कालोनी में हुई है। फरियादी राशी सोलंकी सात नवंबर को रात करीब आठ बजे पति नवनीतसिंह सोलंकी के साथ पैतृक निवास सुदामा नगर गई थीं। शनिवार सुबह सवा आठ बजे पड़ोसी जेके सोनी ने कॉल कर बताया घर का दरवाजा खुला हुआ है। राशी और नवनीत घर आए तो पता चला घर में चोरी हुई है। पांच अलमारियों के ताले टूटे हुए थे। चोर सोने के आभूषण,नकदी और महंगी शराब की बोतलें चुरा कर ले गए। राशी और नवनीत सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने थाने में शिकायत की। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट पहुंचे और चोरों के फिंगर प्रिंट जुटाए। पुलिस ने कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो चार चोर नजर आए दो दो-दो की टुकड़ी बनाकर चोरी कर रहे थे। चोरों ने कई घरों के दरवाजों पर दस्तक दी थी। जिन घरों में ताले नहीं लगे उनको छोड़ दिया। सीसीटीवी की जांच कर रहे हैं।
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सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति के परीक्षण में भले ही लगभग 175 नर्सिंग कॉलेज मान्यता के योग्य पाए गए हैं, पर सख्ती के चलते कई कॉलेज संचालक हाथ खींच रहे हैं। उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है, मान्यता नवीनीकरण के लिए लगभग 300 आवेदन आए थे, जिनमें 125 के करीब ही मान्यता योग्य बताए जा रहे हैं। सीटों की बात करें तो इन 125 कॉलेजों में जीएनएम (डिप्लोमा पाठ्यक्रम) और बीएससी (नर्सिंग) मिलाकर लगभग छह हजार सीटें ही हैं, जबकि वर्ष 2020 के बाद एक समय ऐसी स्थिति थी कि प्रदेश में 670 नर्सिंग कॉलेजों में 45 हजार तक सीटें थीं। यह कॉलेजों और सीटों की अब तक की सर्वाधिक संख्या रही। सीटें कम होने का बड़ा नुकसान नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश की तैयारी कर रहे युवक-युवतियों का होगा। कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिन के भीतर मान्यता जारी होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने तय किया है वर्ष 2023 की तरह इस वर्ष भी कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा, सिर्फ पहले से संचालित कॉलेजों को ही मान्यता दी जाएगी। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों से आवेदन मांगे गए थे, जिनके परीक्षण का काम लगभग पूरा हो गया है। मान्यता नवीनीकरण सूची जारी होने के बाद एमपी ऑनलाइन से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित कर चुका है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बंद हो जाएंगे 350 कॉलेज बता दें, लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में मापदंड को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कुछ कॉलेजों का फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने पकड़ा। हाई कोर्ट ने अपात्र कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए। इस तरह लगभग 200 कॉलेज बंद हो गए। अभी 485 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 350 बंद हो जाएंगे क्योंकि वे मान्यता के लिए जरूरी सुविधाओं के पैमाने पर खरे नहीं उतर रहे। आगे भी यही स्थिति रही तो प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार नर्सिंग कर्मचारी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल पाएंगे।
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डबरा के इस्लामपुर में दहेज की मांग पूरी न होने पर बहन के ससुराल वालों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। नीरज सेंगर अपनी बहन विनीता के निमंत्रण पर उनके घर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी बहन विनीता सेंगर, नीलम, जूली राजोरिया, इंद्रजीत सेंगर और संजय जाटव भी थे। इस दौरान विनीता के ससुराल वालों ने दहेज को लेकर अपनी मांग रखी, लेकिन नीरज और उनके परिवार ने देने में असमर्थता जताई। इससे नाराज होकर विनीता के ससुराल वालों ने लाठी और फरसों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में नीलम गंभीर रूप से घायल हो गईं और उनका न्यूरोलॉजी में इलाज चल रहा है। नीलम की हालत नाजुक बताई जा रही है। यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा, लेकिन डबरा थाना प्रभारी ने इसे दोनों पक्षों का झगड़ा बताया और क्रॉस केस दर्ज करने की बात कही।
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अमरपाटन सिविल अस्पताल को 10 डी फ्रीजर की सौगात मिली है। डॉक्टरों की मौजूदगी में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने ब्लॉक के अलग-अलग सीएचसी को यह फ्रीज सौंपे। मैहर जिले के अमरपाटन में मृत शवों को अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा समय तक रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए अमरपाटन विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 10 डी फ्रीजर की सौगात दी। डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत शवों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने में कई कठिनाइयाँ आ रही थीं। अमरपाटन सीएचसी में पहले एक ही डी फ्रीजर था, जिससे शवों को रखने की समस्या उत्पन्न हो रही थी। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सभी डॉक्टरों की मौजूदगी में अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 5-5 डी फ्रीजर की सौगात दी गई है। अब इस सुविधा से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी, और शवों को अंतिम संस्कार से पहले सुरक्षित रखने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
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देवास जिले के ग्राम बड़ी चुरलाय में अवैध रूप से शराब का धंधा चलने की सूचना पर आबकारी विभाग की टीम ने दविश दी, जिसके दौरान टीम पर हमला किया गया। आबकारी उप निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन, अवैध धंधे में लिप्त परिवारों ने टीम का विरोध किया और उन पर हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाओं द्वारा उप निरीक्षक पर हमला होते देखा जा सकता है। इस हमले में उप निरीक्षक का मोबाइल तोड़ दिया गया और उनकी ड्रेस भी फाड़ दी गई। इस दौरान कुछ लोग अवैध शराब लेकर भागने का भी प्रयास करते दिखाई दिए। गांव वालों ने इस अवैध शराब कारोबार से परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कार्रवाई की जा रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस फोर्स भी मौके पर बुलाई गई। फिलहाल, पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर बड़ा बम धमाका हुआ है। इसमें 20 लोगों की मौत की खबर है। विस्फोट में 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस वक्त धमके को अंजाम दिया गया, स्टेशन पर काफी भीड़ थी। एक ट्रेन पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। इसके अलावा भारी संख्या में यात्री दूसरी पैसेंजर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। धमाके के बाद क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सनसनी फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। स्टेशन पर अफरा तफरी मच गई। बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। टीम घटनास्थल पर युद्धस्तर पर काम कर रही है। बम निरोधक दस्तों को भी मौके पर जांच करने के लिए बुलाया गया है। पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि क्वेटा में एक के बाद एक दो बम धमाके हुए। पहले धमाके में चार लोगों की मौत हुई, जबकि दूसरे में करीब 15 से 26 लोगों की मौत हो गई। धमाकों में इससे कहीं ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल इसकी जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि विस्फोट रेलवे स्टेशन के बुकिंग कार्यालय में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले हुआ। रेलवे अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जाफर एक्सप्रेस सुबह 9 बजे पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। विस्फोट के समय ट्रेन अभी प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंची थी। स्टेशन पर हमेशा की तरह भीड़भाड़ को देखते हुए, बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका है।
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बैरागढ़ में एक कपडे की दूकान में आग लग गई बताया जा रहा है आगजनी की यह घटना शार्ट सर्किट के कारण हुई है समय रहते फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया बैरागढ़ की एक कपड़ा एक दुकान में आज सुबह तड़के आग लग गई बताया जा रहा है कि मोहिनी टेक्सटाइल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग भड़क गई और उसने विकराल रूप ले लिया मॉर्निंग वॉक पर निकले व्यक्ति ने इसकी सूचना बैरागढ़ थाने में दी सूचना मिलते ही पुलिस ने दमकल की गाड़ियों को इस बारे में जानकारी दी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया इस इलाके में तमाम सारी कपडे की दुकानें हैं अगर समय रहते इस आग पर काबू नहीं पाया जाता तो यहाँ बड़ा हादसा हो सकता था.
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दतिया जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ते-बढ़ते फायरिंग तक पहुंच गया, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना खैरी माता मंदिर के पास हुई, जहां भाई दूज के दिन शुरू हुई कहासुनी ने बाद में हिंसक रूप ले लिया। मामले की जानकारी के अनुसार, पहले गुर्जर पक्ष ने राय परिवार के साथ मारपीट की थी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों पक्षों में जमकर फायरिंग हुई, जिसमें दो युवक गोली लगने से घायल हो गए। स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। दतिया में इस तरह की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
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छतरपुर जिले के बक्सवाहा थाना क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में एक युवक की जान चली गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने एक चार पहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। घायल युवक को प्राथमिक उपचार के लिए दमोह के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और यातायात नियमों की अनदेखी से होने वाली दुर्घटनाओं पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। पुलिस द्वारा हादसे की जांच की जा रही है कि आखिर दुर्घटना किन कारणों से हुई।
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छतरपुर में आपसी विवाद के बाद पति पत्नी ने आत्मघाती कदम उठाया और जहरीला पदार्थ खा कर दोनों ने जान दे दी वहीँ एक अन्य घटना में पत्थर खदान में डूबने से 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई. पति -पत्नी मे विवाद के बाद दोनो ने जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे पति -पत्नी दोनो की मौत हो गई विवाद का कारण पति की शराब और जुआं खेलने की लत थी पति घर पर रखे पैसे शराब और जुए में उडाना चाहता था इसी वजह से दोनों में विवाद हुआ पुलिस इस मामले की जांच मे जुटी है ये घटना लवकुशनगर थाना के मिढ़का गांव की है. जिले की सबसे बड़ी मंडी क्रेशर से पत्थर का उत्खनन होता है लेकिन इन खदानों में कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं है उत्खनन करने के बाद खदानों को इसी तरह से छोड़ दिया जाता है इस खदान के पास से 16 वर्षीय महेश प्रजापति घर से खेत पर जा रहा था तभी पैर फिसलने से वह खदान में गिर गया और उसकी मौत हो गई.
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गुड़ा ग्राम में जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। जिसमें करीब 100 वन कर्मी शामिल थे। रेस्क्यू के बाद हाथी के बच्चे को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया । कटनी जिले के ग्राम गुड़ा से जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। इस ऑपरेशन के वक्त जंगली हाथियों का दल खेत में मौजूद था। वही हाथी के बच्चे को खेत से निकलने के लिए करीब 100 वन कर्मी खेत में मौजूद रहे। यह बचाव कार्य रात भर चला । तब कही जाकर वन कर्मियों ने हाथी शावक को पिकअप वाहन के माध्यम से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले गए । इस ऑपरेशन में कटनी और उमरिया जिले के वन कर्मी शामिल हुए थे।
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चेकिंग के दौरान यातायात प्रभारी ने ओवरलोड टैक्सी चालक के साथ चलानी कार्यवाही करने के बजाए मारपीट शुरू कर दी इस मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. छतरपुर में यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत ने वर्दी का रौब दिखाया यातायात प्रभारी ने चेकिंग के दौरान ओवरलोड टैक्सी चालक की कॉलर पकड़कर मारपीट की जबकि उन्हें तत्काल टैक्सी चालक का चालान काटना चाइये था जिसका वीडियो सोशल मीडिया मे वायरल हो गया है वीडियो में यातायात प्रभारी चेकिंग मे ओवरलोड टैक्सी का चालान करने की जगह मारपीट करते नजर आए।
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छतरपुर में एक बहु ने नया काण्ड कर दिया और अपने आशिक के साथ मिलकर सास की जघन्य हत्या कर दी पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर के कुडेरी गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है जहा पर एक बहु ने आशिक के साथ मिलकर सास की हत्या कर दी दरअसल बहु के पड़ोसी के साथ अवैध संबंध थे सास ने दोनों को रंगे हाथो पकड़ा लिया तो बहु ने सास को ईंटों और पत्थरों से पीटपीट कर मार डाला पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है यह मामला जुझार नगर थाना क्षेत्र का है.
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खातेगांव मंडी में शुभ मुहूर्त में नीलामी कार्य प्रारंभ हुआ। जिसमें कर्मचारियों, व्यापारी और किसानों ने उत्साह के साथ भाग लिया। साथ ही किसानो से गुजारिश की गई की किसान अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे बेचने लाये । कृषि उपज मंडी समिति एवं व्यापारियो ने संयुक्त रूप से शुभ मुहूर्त में नालामी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पुरुषोत्तम व्यास, मंडी सचिव रघुनाथ सिंह , लेखपाल गुरप्रीत सिंह और मंडी के सभी कर्मचारी के साथ समस्त मंडी व्यापारि मौजूद रहे। फसल नीलामी का कार्यक्रम शुभ मुहूर्त पर मंडी में मौजूद बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना कर की गई । व्यापारियों ने किसानो, कर्मचारियों, हम्मालो, तुलावटियों के लिए नास्ते की व्यवस्था कराई । उसके बाद व्यापारियो को शॉल श्रीफल और साफा बांधकर मंडी कर्मचारियों ने सम्मानित किया। जिसके बाद कृषि उपज की नीलामी प्रारंभ हुई । साथ ही सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने किसानो को व्यापारियों, हम्मालों तुलावटियों को आभार व्यक्त कर मंडी की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालन रूप से करने की बात कही और किसान भाइयों से अपील की है कि वे अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे विक्रय हेतु लावें।
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ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
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देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
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ओरछा रोड थाना क्षेत्र में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई फायरिंग करते हुए बदमाश पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई. ओरछा रोड थाना क्षेत्र ग्राम देरी में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई। पुलिस 10 हजार के इनामी बदमाश रविंद्र सिंह का पीछा कर रही थी पीछा करने के दौरान पुलिस पर फायरिंग की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायर किया। फायरिंग करते हुए आरोपी पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी अगम जैन ने टीम बनाई थी। सीएसपी का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिये पांच थानों की पुलिस लगी है ,आरोपी के ऊपर 11 मामले दर्ज है। पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई है.
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दतिया में गोली चलने का सिलसिला लगातार जारी है बीती रात को दतिया में मातन के पहरे पर गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी हुई पुलिस मामले की जांच कर रही है दतिया में आपसी रंजिश के चलते 2 गुटों में जमकर विवाद हो गया विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई गोली चलने का सिलसिला यही खतम नही हुआ इसके बाद बीती आधी रात को गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी भी की गई करीब 20 मिनट तक बीच सड़क पर तांडव हुआ इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया मौके पर कोतवाली पुलिस घटना स्थल पर पहुची और मामले की पड़ताल शुरू की.
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परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस बुलाई और घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। छिंदवाड़ा के परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। जिसमें 4 लोग घायल हो गये। इसकी खबर घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस को की। एम्बुलेंस से घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। इसके पहले भी कुछ माह पहले इसी तरह घटना हुई थी। जिसमें वाहन का ब्रेक फेल होने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।
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रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने रिसोर्ट में ही फांसी लगा ली आत्महत्या की वजह पारिवारिक विवाद को बताया जा रहा है नौगांव के मनोआस रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने फांसी लगा ली। रिसोर्ट के कमरा नंबर 10 मे कर्मचारी संदीप सोनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रिसोर्ट के कमरे से सुबह कर्मचारी नही निकला, तो रिसोर्ट के स्टाफ ने कमरा खोला तो कर्मचारी फांसी से लटका हुआ मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव का पंचनामा बनाया पुलिस का कहना है कि पारिवारिक विवाद की वजह से मृतक ने फांसी लगाई है.
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दतिया के इंदरगढ़ में पानी के विवाद पर एक पड़ौसी ने दूसरे की पिटाई लगा दी. घायल लोग पुलिस के पास पहुंचे तो कुछ पुलिस वालों ने मामला दर्ज करने के लिए रुपयों की मांग कर दी मार पीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दतिया के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम मुरगुवा में दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे से मारपीट हुई. मारपीट में भूता जाटव और उनके बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव घायल हो गये पीड़ित घायल अवस्था में ही थाने पहुंचेपीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने उनकी सही रिपोर्ट नहीं लिखी और रुपए भी मांग रहे थे महिला भूता जाटव ने रिपोर्ट लिखवाई की पड़ोस में रहने वाले सोनू कमरिया घर के बाहर पानी फैला रहा था. मना करने पर जातिगत गालियां देने लगा. तभी विनोद जाटव, छोटू जाटव, सूरज जाटव भी आ गए उन्होंने लाठी डंडे से मारपीट चालू कर दी मुझे बचाने आए मेरे बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव के साथ भी लाठी डंडों से मारपीट की गई वही पीड़ित पक्ष ने कार्रवाई को लेकर इंदरगढ़ पुलिस पर पक्षपात एवं रुपए मांगने का आरोप लगाया हालांकि उक्त मामले पर पुलिस ने मेडिकल करा कर मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है.
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इन दिनों बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की धूम मची हुई है मोनिया नृत्य के आयोजन दीपावली के बाद किये जाते हैं इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं. बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की परम्परा सदियों पुरानी है इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं इन नृत्य दीपावली पर्व के पश्चात किया जाता है मोनिया नृत्य के माध्यम से सुख सम्रद्धि को लेकर कामना की जाती है इस बार खजुराहो में मोनिया नृत्य की धूम रही मतंगेश्वर मंदिर में मोनिया नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे.
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इंदौर के छत्रीपुरा इलाके में पटाखा फोड़ने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। दोपहर में कुछ बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे, जिसे पास खड़े युवकों ने रोका। इस पर विवाद बढ़ा और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ। पथराव के दौरान एक दर्जन लोगों को चोट भी आई। लोगों ने चार से पांच वाहनों को पलट दिया और आग लगा दी। पुलिस बल छत्रीपुरा क्षेत्र में जमा रहा और इलाके को छावनी के रुप में तब्दील किया गया है।यह घटना छत्रीपुरा थाने से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर हुई। विवाद बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी, हालात को संभालने के लिए आसपास के चार थानों का बल भी बुलाया गया, जिससे स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। लोग नारेबाजी कर रहे थे। तस्वीरों में देख सकते हैं, विवाद के दौरान पथराव में कई गाड़ियों के सीसे फूट गए, तो कुछ को पलटा दिया गया। एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। आग से गाड़ी पूरी तरह जल गई, हालांकि इस दौरान आस-पास आग को फैलने से रोक दिया गया।कई बाइक भी सड़क पर देख सकते हैं। विवाद के दौरान लोग नारेबाजी करने लगे। पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की।शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे छत्रीपुरा क्षेत्र में बच्चों द्वारा पटाखा फोड़ने पर दो पक्षों में विवाद हुआ। लोगों ने कुछ महिलाओं से अभद्रता की शिकायत भी की है। स्थानीय ने कहा कि, लोग आपस में मिल रहे थे, बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे घरों के आगे, इस दौरान सामने कुछ मुस्लिम परिवार थे, जिन्होंने बच्चों को अपशब्द कहे और बच्ची का हाथ भी खीचा। इसका विरोध करने पर बच्चों के परिवार वालों के साथ भी मारपीट की और पथराव किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रविदासपुरा गली में दो अलग-अलग समुदाय के पड़ोसियों में आपस में विवाद हुआ, जिसमें बाद में कुछ और घरों के लोग भी शामिल हुए। अभी कई थानों के प्रभारी इलाकें में हैं, पूरी तरह शांति है, किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। पथराव की पुष्टि की है।
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लहार में घर में खाना बनाते समय युवक का मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। युवक कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट हो गया। इससे युवक गंभीर रूप से झुलस गया। स्वजन तत्काल उपचार के लिए लहार सिविल अस्तपाल ले गए। यहां उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में जाम लगने से एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला। इससे युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार लहार के वार्ड एक निवासी 40 वर्षीय चंद्रप्रकाश दौहरे बुधवार रात करीब आठ बजे घर में खाना बना रहे थे। उनका मोबाइल शर्ट की ऊपर की जेब में रखा था। चंद्रप्रकाश के झुकते ही मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। चंद्रप्रकाश ने कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी बैटरी तेज आवाज के साथ फट गई। इससे चंद्रप्रकाश गर्म तेल से बुरी तरह से झुलस गया। स्वजन उपचार के लिए अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया। स्वजन एंबुलेंस से चंद्रप्रकाश को ग्वालियर ले जा रहे थे। मौ-सेंवढ़ा के बीच सिंध नदी पर टूटे पुल पर जब एंबुलेंस पहुंची तो वहां जाम लगा हुआ था। इसके बाद एंबुलेंस को थरेट, इंदरगढ़, डबरा होते हुए करीब 80 किलोमीटर घुमाकर ग्वालियर ले गए। इससे एंबुलेंस को दो घंटे अस्पताल पहुंचने में लग गए। इस दौरान युवक की मौत हो गई।स्वजनों का कहना है, कि समय रहते प्रकाश ग्वालियर के अस्पताल पहुंच जाता तो उसकी जान बच जाती। जिस समय हादसा हुआ, तब उसकी चंद्रप्रकाश की पत्नी भैंस को चारा खिला रही थी। उशके दो भाई है। चंद्रकाश लहार के बुद्धपुरा के पास पंचर की दुकान है। इसी से उसके परिवार का भरण पोषण कर रहा था। मृतक की 18 साल पहले शादी हुई थी। मृतक अपने पीछे एक बेटा 14 और 8 साल का बेटा छोड़ गया है।
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नूराबाद थाना क्षेत्र के बित्तौली पुरा गांव में शुक्रवार की सुबह खेत जोतने गए एक ही परिवार के पांच लोगों पर लभनपुरा गांव के दूसरे पक्ष ने ताबड़तोड़ फायर की, इसके बाद कुल्हाड़ी फरसों से हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोगों गोली लगी, वहीं दो कुल्हाड़ी-फरसे के हमले में घायल हो गए। गोली लगने से एक बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, अन्य घायलों को इलाज के लिए ग्वालियर अस्पताल ले जाया गया है। विवाद के पीछे बित्तौलीपुरा व लभनपुरा गांव के बीच में स्थित पांच बीघा जमीन है। जिसको लेकर दोनों पक्षों में पूर्व से कहासुनी चली आ रही थी। पुलिस अब आरोपितों की तलाश में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक बित्तौलीपुरा निवासी श्रीकृष्णा गुर्जर के परिवार का लभनपुरा के पूर्व सरपंच बुलाखी गुर्जर के परिवार से दोनों गांव के बीच स्थित पांच बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। अब बोवनी का समय है, तो फिर से यह विवाद गर्मा गया और दो दिन से कहासुनी भी हो रही थी। शुक्रवार की सुबह आठ बजे श्रीकृष्णा गुर्जर उसके परिवार के देशराज गुर्जर , करतार सिंह , अंकुर, विशंभर सिंह इस खेत को जोतने के लिए गए थे। इसी बीच वहां बुलाखी गुर्जर अपने परिजनों के साथ लाठी फरसे और बंदूकों से लैस होकर मौके पर पहुंच गए। श्रीकृष्णा गुर्जर व उसके स्वजन को खेत जोतता देख बुलाखी व उसके स्वजन ने ताबड़ताेड़ फायरिंग कर दीं। गोलीबारी में एक गोली श्रीकृष्णा गुर्जर के सीने में लगी, देशराम के बांये कंधे पर लगी और अंकुर गुर्जर की पीठ में गोली लगी। वहीं करतार व विशंभर फरसों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली लगने से श्रीकृष्णा गुर्जर ने मौके पर दम तोड़ दिया। बाकी घायलों को सीधे ही ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई। पुलिस अभी इस मामले में आरोपितों पर मामला दर्ज कर रही है। बागचीनी थाना क्षेत्र के घुर्रा गांव में गुरूवार की शाम को विवाद के चलते एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में चार लोग घायल हुए। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक घुर्रा गांव निवासी शाहरूख खान का गांव के ही जफर खान से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी कहासुनी पर जफर व उसके स्वजन ने शाहरूख पर हमला कर दिया। बचाव में शाहरूख के स्वजन इंतो खां, साबिर व उम्मेद खान आए तो उन पर भी आरोपितों ने धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शाहरूख की फरियाद पर आरोपित जफर खान, हनीफ, पप्पन व सागीर खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। BY सुमित गिरी
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चार दिवसीय मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह की शुरुवात भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की उन्होंने कहा मध्यप्रदेश अब मोदी के नेतृत्व में विकास के नए आयाम लिख कर उन्नति कर रहा है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर मध्य प्रदेश का 69 वां स्थापना दिवस धूमधाम से आरम्भ हुआ मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस समारोह 4 दिनों तक चलेगा आपको बता दें कि मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया जाता है इस मौके पर मध्य प्रदेश के 69 वे स्थापना दिवस की सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश उन्नति कर रहा है उन्होंने कहा कि- 5 दिन दिवाली का उत्सव और चार दिन का मध्य प्रदेश स्थापना दिवस का महोत्सव साथ में मनाया जाएगा, यह एक गौरव की बात है यह उत्सव 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाएगा.
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रेत के मामले में अब भी गुंडागर्दी चल रही है रेट ठेकेदार सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की पीड़ित लोगों की शिकायत पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. सिंगरौली जिले में सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों से दबंगों ने मारपीट की जिनके खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है गुंडागर्दी करने वाले दबंगो के नाम अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार है सहकार ग्लोबल कंपनी को जिले में रेत का ठेका मिला जो जिले में रेत का व्यापार कर रही है इस कंपनी के कर्मचारी अजय कुमार जायसवाल व उनके साथियों के साथ मामूली कहा सुनी के बाद अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार ने मारपीट की पीड़ित ने बताया कि उसे इतनी चोट लगी है कि उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती होना पड़ा.
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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए छोटे कामगारों को प्रोत्साहन की बात कही दीपोत्सव पर इन गरीब लोगों से तहबाजारी वसूल न करने की बात कही लेकिन इसके बावजूद अधिकारी अपनी से बाज नहीं आये लाइट की चकाचौंध में अब दीपावली की दीयों की पहले सी बिक्री भी नहीं रही है. दीवाली के पर्व मिट्टी के दीपक जलाने से सुख-समृद्धि आती है, लेकिन आधुनिकता के दौर में अधिकांश लोग मिट्टी के दीये के स्थान पर लाइट और मोमबत्तियां का प्रयोग कर रहे हीं अब सिर्फ पूजन के लिए गिनती के मिट्टी के दीये खरीदकर लोग शगुन कर लेते हैं अमरपाटन में दीपक बनाने वाले सोनू प्रजापति ने बताया कि पहले की तुलना में मिट्टी के दीये लोग कम खरीदते हैं पहले लोग पूजा-पाठ करने के साथ ही पूरे घर आंगन को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये खरीदा करते थे, लेकिन अब मिट्टी के दीयों में वो बात नहीं रह गई इसकी बिक्री कम हो गई है इस बार उन्होंने पिछले साल की आपेक्षा काफी कम दीये तैयार किये और उनकी भी बिक्री कम हुई प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में प्रोत्साहन की बात कही , साथ ही मिट्टी के दिए बेचने बनाने वालों को करो से मुक्त करते हुए बैठकी शुक्ल से मुक्त किया परंतु अमरपाटन में इसके विपरीत हैं यहाँ मुख्यमंत्री का आदेश भी नही चलता नगर परिषद के ठेकेदार ने बैठकी शुल्क सबसे वसूल लिए और शुक्ल नहीं देने पर दीपक बेचने वाली महिलाओं को बैठने न देने व भगाने की धमकी तक दे दी.
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छतरपुर की एक मस्जिद में बम रखे होने की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद मस्जिद में बम की तलाश की गई लेकिन बम नहीं मिला बम की सूचना अफवाह निकली सिविल लाइन थाना के सुल्तानुल हिन्द मस्जिद में बम होने का खत मिला इसके बाद मस्जिद में बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया अज्ञात ने मस्जिद में बम होने की सूचना का पत्र छोड़ा था इसके बाद बम निरोधक दस्ता मस्जिद परिसर में बम की तलाश में जुटा डॉग स्क्वायड की टीम भी बम खोजने में लगी रही बम की सूचना अफवाह निकली.
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एक झोलाछाप डॉक्टर का इलाज किसान पर भारी पड़ गया और किसानकी जान चली गई. इस घटना के बाद डॉक्टर अपना क्लिनिक बंद जार फरार हो गया है. मुरैना की पोरसा तहसील में झोलाछाप डाक्टर के इलाज से किसान की मौत हो गई, डॉक्टर ने किसान के पैर में दर्द होने पर दवा देने के साथ उसे इंजेक्शन लगाया. जिससे उसे खून की उल्टियां होने लगीं. किसान को पोरसा के शासकीय चिकित्सालय में ले जाने के दौरान मौत हो गई. धौर्रा गांव निवासी अनंगपाल सिंह तोमर पैर दर्द की दवा लेनेपहुंचे थे और गलत इलाज क कारण उनकी जान चली गई बताते हैं पोरसा सब्जी मण्डी में डाक्टर बघेल बिना डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था किसान के परिजनों ने आरोप लगाया की डॉक्टर के इंग्जेक्शन लगाते ही किसान अनंगपाल की हालत बिगड़ गई इसके बाद डाक्टर क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है.
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राशन दुकान आवंटन के दौरान मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के साथ आये बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा है. लालकुआँ कोतवाली के हल्दूचौड़ पुलिस चौकी क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग से क्षेत्र में हड़कंप मच गया सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पांच युवको को हिरासत में लिया है वही सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है दौलीया गांव में खाद्य पूर्ति निरीक्षक मोहित कठैत की अध्यक्षता में सरकारी सस्ता गल्ला दुकान के आवंटन को लेकर मीटिंग चल रही थी इस दौरान मामूली विवाद पर कुछ युवकों ने पूर्व सैनिक कैलाश चंद्र बिरखानी पर तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी गनीमत रही की घटना में किसी की जान नही गई सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कारतूस के खोखे बरामद करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हल्दूचौड़ चौकी पहुंचकर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है.
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डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम अंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने देश में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से लोगों की आवास की समस्या का समाधान हुआ है। “भरत वर्मा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में इसी उद्देश्य के तहत कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास मुहैया कराकर उनकी जीवनस्तर में सुधार लाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। यह कदम न केवल सामाजिक समृद्धि के लिए आवश्यक है, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एक नई उम्मीद भी प्रदान करता है।”
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बजाज ऑटो लिमिटेड ने दिवाली के मौके पर मार्केट में नई पल्सर एन125 लॉन्च की है, जो कि फर्स्ट टाइम बाइक खरीदारों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह बाइक नए इंजन और चेसिस के साथ आई है, जिसमें आधुनिक स्टाइल और फीचर्स शामिल हैं। पल्सर एन125 दो वेरिएंट—एलईडी डिस्क ब्लूटूथ और एलईडी डिस्क—में उपलब्ध है, जिनकी एक्स शोरूम कीमत क्रमशः 98,707 रुपये और 94,707 रुपये है। इस नई बाइक को लाइट स्पोर्ट कैटिगरी में रखा गया है और इसका डिजाइन बिल्कुल नया है। पल्सर सीरीज में पहले से मौजूद पल्सर 125 क्लासिक और पल्सर एनएस125 की तुलना में, एन125 में नई तकनीक और आकर्षक लुक शामिल हैं। इसके एंगुलर बॉडीवर्क और स्पोर्टी अपील इसे युवा बाइकर्स के लिए और भी आकर्षक बनाते हैं। बजाज ने पल्सर एन125 के डिज़ाइन में हेडलैंप, फ्रंट फॉर्क्स के चारों ओर प्लास्टिक पार्ट्स, स्कल्पटेड फ्यूल टैंक, स्प्लिट सीट, और आकर्षक रियर व्यू मिरर्स का समावेश किया है। इसमें 17 इंच के टायर और 198 मिमी का ग्राउंड क्लियरेंस भी है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इंजन की बात करें तो नई पल्सर एन125 में 124.58 सीसी का एयर-कूल्ड सिंगल सिलेंडर इंजन है, जो 12 पीएस की पावर और 11 न्यूटन मीटर का टॉर्क उत्पन्न करता है। कंपनी का दावा है कि यह बाइक एक लीटर पेट्रोल में 60 किलोमीटर (हाइवे) और 55 किलोमीटर (शहर) तक चल सकती है। इसकी टॉप स्पीड 97 किमी/घंटा है और 0-60 किमी/घंटा की स्पीड हासिल करने में इसे केवल 6 सेकंड लगते हैं। एक विशेषता है इसका आयडल स्टार्ट स्टॉप सिस्टम, जो ट्रैफिक में इंजन को ऑटोमैटिकली ऑफ कर देता है, जिससे माइलेज में सुधार होता है। बाइक में 5 स्पीड गियरबॉक्स, टेलिस्कोपिक फ्रंट फॉर्क और प्री-लोडेड अडजस्टेबल मोनोशॉक रियर सस्पेंशन है। ब्रेक्स के लिए फ्रंट में 240 मिमी का डिस्क और रियर में 130 मिमी का सीबीएस ड्रम ब्रेक दिया गया है। राइडिंग एक्सपीरियंस के बारे में बात करें तो एन125 की हैंडलिंग अच्छी है। ट्रैक और भारी ट्रैफिक में इसे चलाने में कोई परेशानी नहीं होती। इसकी सीट की ऊँचाई और डिज़ाइन इसे विभिन्न ऊँचाइयों के राइडर्स के लिए उपयुक्त बनाता है। बजाज ने इस बाइक में NVH (नॉइज़, वाइब्रेशंस और हार्शनेस) पर भी ध्यान दिया है। यह बाइक चलाने के दौरान शांति और आराम प्रदान करती है। पावर के साथ-साथ इसके फीचर्स और आरामदायक सीटिंग इसे एक बेहतरीन राइडिंग अनुभव प्रदान करते हैं। अंत में, अगर आप एक ऐसी बाइक की तलाश में हैं जो लुक, परफॉर्मेंस और मूल्य में संतुलन बनाए रखती हो, तो बजाज पल्सर एन125 एक अच्छा विकल्प है। यह टीवीएस रेडर और हीरो एक्सट्रीम 125आर जैसी बाइक्स को टक्कर दे सकती है और निश्चित रूप से पहली बार बाइक खरीदने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प है। दिवाली के इस मौके पर, नई पल्सर एन125 आपके लिए एक उत्कृष्ट चुनाव हो सकती है।
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जय गुरुदेव के अनुयायियों ने सिंगरौली में रैली निकली और कहा हम जयदेव के बच्चे हैं और सतयुग लाकर ही दम लेंगे रैली में बाबा उमाकांत ने कहा कहना है शाकाहारी रहकर नशे से दूर रहना है क्योंकि नशे से कई पीढ़ियां बर्बाद होती हैं. सिंगरौली हम जय गुरुदेव के बच्चे हैं सतयुग लाकर दम लेंगे नारों के साथ बैढ़न के माजन मोड़ से विंध्यनगर तक जय गुरुदेव के अनुयायियों द्वारा रैली निकाली गई बाबा उमाकांत का कहना है शाकाहारी रहना है लोग शाकाहार अपनाएं अपना जीवन बचाएं बाबा जी ने कहा है कि लोग किसी जीव की हत्या नहीं करें क्योंकि हम भी जीव हैं किसी जीव की हत्या होती है तो उसको कितना कष्ट होता है। जैसे अपने को छोटा सा कांटा भी लग जाता है तो कितना दर्द होता है ऐसे ही व्यक्ति दूसरे जीव की खाने के लिए यदि हत्या करता है तो उसे जीव के ऊपर कैसी गुजरती होगी.
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कांटाफोड़ पुलिस द्वारा ग्राम गोदना मे हुई डकैती के 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर बडी घटना का खुलासा किया है. थाना प्रभारी हिना डाबर के नेतृत्व मे गठित टीम द्वारा विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर संतोष राठौर के घर 10 अक्टूबर की रात्रि हुई डकैती की घटना का खुलासा किया डकैती की घटना को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को अलग अलग राज्यों से पुलिस ने गिरफ्तार किया है अन्य आरोपियों की तलाश भी पुलिस द्वारा की जा रही है घटना मे देवास सहित अन्य जिलो के आरोपी पकडे गए है तथा उनसे डकैती का माल भी बरामद हुआ है.
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कुछ शरारती तत्वों ने कचरे के ढेर में आग लगा दीटचिंग ग्राउंड की यह आग भड़क गई जिसे बुझाने में समय लगेगा प्रशासन आग लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा. हल्द्वानी के टचिंग ग्राउंड में रखें लाखों टन कूड़े में आग लग गई अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाने के बाद पूरे इलाके में दुर्गंध और धुआं ही धुआं हो गया. जिससे कि आसपास के इलाकों में सांस लेना दूभर हो गया घटना की जानकारी नगर आयुक्त को मिलते ही वे मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त ने आग बुझाने के लिए नगर निगम के वाहनों के अलावा फायर ब्रिगेड से भी मदद मांगी ली हल्द्वानी मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों ने भी टचिंग ग्राउंड में आग लगाई है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा इस आग पर काबू पाने में थोड़ा समय लगेगा.
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आइआईटी रुड़की के राधा कृष्ण मेस मे चूहे निकलने से आइआईटी प्रशासन मे हड़कम्प मच गया. इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची और मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे. आईआईटी रुड़की के राधा कृष्ण भवन की मेस में खाने के सामान में चूहों के वायरल वीडियो के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आ गया खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची टीम ने मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए और साथ ही सैंपल को जांच के लिए लैब भेज दिया इसके अलावा टीम ने संस्थान को चूहों से निपटने के लिए निर्देश दिए हैं IIT रुड़की के राधा-कृष्ण भवन की मेस में दोपहर का खाना बना हुआ था इस दौरान छात्र खाना खाने के लिए मेस पहुंचे थे तो उन्होंने किचन में जाकर देखा तो चूहे खाने में उछल-कूद कर रहे थे, इस दौरान छात्रों ने इसका वीडियो भी बना लिया और हंगामा शुरू कर दिया था छात्रों ने संस्थान के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की इस दौरान छात्रों की खाने बनाने वाले कर्मचारियो के साथ जमकर बहस हुई.
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अवैध रूप से रिहाइशी इलाकों में फटाके का भण्डार कर लोगों को मुसीबत डालने वाले व्यक्ति पर प्रशासन ने कार्यवाही की है और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा पटाखों को जप्त किया गया. सिविल लाइन थाना क्षेत्र के छत्रसाल नगर में प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा यहाँ रिहायशी इलाके में अवैध रूप से पटाखों का भंडारण कर लोगों को जोखिम में डालने का काम किया जा रहा था. यहाँ से लाखों की कीमत के पटाखे जप्त किये गए दीपावली को लेकर अवैध पटाखों का भंडारण किया गया था.
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राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू और अन्य गंभीर बीमारी के मरीज निकलने के बाद एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दी है. जिसकी पुष्टि जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने की है. साथ ही उन्होंने कहा कि, ''कोरोना की जांच पूरे एमपी में बंद है, लेकिन सीटी स्कैन के माध्यम से इसकी पुष्टि की गई है.'' आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी है. बीते वर्षों में दुनिया भर में तबाही मचा रहे कोरोना का एक बार फिर से डरावना रूप नजर आ रहा है. कोरोना जांच मध्यप्रदेश में बंद मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू, चिकनगुनिया के बीच एक मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. पेशेंट का जिला अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है. डॉक्टर के मुताबिक कोरोना जांच मध्यप्रदेश में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से कोविड है. वहीं राजगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की जांच की बात भी सामने आई है. युवक में मिले कोविड के लक्ष्ण राजगढ़ जिला चिकित्सालय में पदस्थ एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने कहा कि, ''राजगढ़ में निवास करने वाला एक मरीज लगभग दो दिन पहले आया था. उस समय वह ज्यादा गंभीर नहीं था, लेकिन उसके लंग्स में लगातार इंफेक्शन बढ़ रहा था. सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. फिलहाल मरीज राजगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती है, लेकिन आगामी दिनों में उसे भोपाल या इंदौर के किसी बड़े अस्पताल में रेफर किया जा सकता है.'' कोरोना के पेशेन्ट मिलने से स्वास्थ महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
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शहर के होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में गंदगी के बीच भोजन बनाया जा रहा है। यह खुलासा लगातार खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम द्वारा किए जा रहे निरीक्षण के दौरान हो रहा है। टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी परिसर में स्थित फ्रेशरूम कैफे एंड रेस्टारेंट के रसोईघर का निरीक्षण किया तो पाया कि गंदगी के बीच खाना बनाया जा रहा था। साथ ही रसोईघर में खाद्य सामग्रियों के आसपास कॉकरोच घूम रहे थे। इसके बाद प्रशासन ने रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट में स्वच्छता के बीच भोजन निर्माण किया जाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग की टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी स्थित छह रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया। इस दौरान फ्रेशरूम रेस्टोरेंट के रसोईघर सहित अन्य क्षेत्रों में कॉकरोच मिले थे। इस वजह से रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। वहीं अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट से बेसन का नमूना लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है। नमकीन निर्माण व विक्रय केंद्रों का किया निरीक्षण दीपावली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को नमकीन कारखानों व विक्रय केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान काली परेड स्थित कुंदन नमकीन, गणेश नमकीन बरखेड़ा पठानी, न्यू कबाड़खाना स्थित डीएसपी नमकीन पर पहुंचकर स्वच्छता सहित अन्य व्यवस्थाएं देखी। खाद्य निरीक्षक देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कारखानों में उपयोग होने वाले घटक पदार्थों व उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए बेसन, खाद्य तेल, मसाले और नमकीनों के कुल 22 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हनुमानगंज में पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग निकला शुद्ध उधर, हनुमानगंज थाना क्षेत्र में बीते शनिवार पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग शुद्ध (पनीर का विकल्प) शुद्ध निकला है। खाद्य सुरक्ष प्रशासन ने बीते शुक्रवार और शनिवार को डेढ़- डेढ़ क्विंटल पनीर जब्त किया था। दरअसल दोनों ही पनीर का विकल्प चीज एनालॉग था लेकिन शुक्रवार को जो नमूने लिए गए थे, वे पनीर के नाम से लिए गए थे। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में यह अमानक साबित हुए थे। जबकि शनिवार को नमूने चीज एनालॉग के नाम से लिए गए थे, जांच भी इसके पैरामीटर से की गई, जिसमें यह पास हो गए हैं। अब जल्द ही व्यापारियों को यह चीज एनालॉग वापस किया जाएगा।
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बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव ने बुंदेलखंडी दशहरे की दस दिनी परम्परा निभाती नजर आईं. ललिता यादव कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे पान लेकर निकलीं और सभी को पान खिलाया. बुंदेलखंड की परंपरा में दशहरा का त्यौहार दस दिन तक मनाया जाता है ,ऐसी परंपरा का निर्वाह करने बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव निकल पडी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे उनके हाथ मे था बुंदेलखंड का प्रसिद्ध पान जिसे उन्होंने दशहरा के उपलक्ष्य मे व्यापारियों और आम आदमियों को खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया ऐसा वह बषोँ से कर रही है. उनका कहना है ऐसा करने से लोगो को अपने जनप्रतिनिधि को अपने बीच पाकर ख़ुशी होती
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एक बच्ची को बचाने में एक बस दुर्घटना ग्रस्त हो गई. इस हादसे के बाद बच्ची सुरक्षित है लेकिन बस के पेड़ से टकरा जाने के कारण कई बस में सवार लोग घायल हो गए. महोबा से नौगांव आ रही थी शिवकुमार ट्रेवल्स की बस एक बच्ची को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गई. इस घटना में बस में सवार यात्रियों को चोटें आई है. मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने एंबुलेंस की सहायता से घायलों को नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया. ये हादसा जीसीएम कॉन्वेंट स्कूल के पास बच्ची को बचाने के चक्कर में हुआ. बस में 55 यात्री सवार थे.
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे की धुन पर नाच रहा एक 13 वर्षीय बालक अचानक बेसुध होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। घटना 14 अक्टूबर, सोमवार शाम की बताई जा रही है। बालक की पहचान समर बिल्लौरे के रूप में हुई है। वह सेंट जोसफ स्कूल में पांचवीं का छात्र था। बताया जा रहा है कि समर डीजे पर बज रहे गाने की धुन पर नाच रहा था। डीजे के तीव्र साउंड में डांस करते-करते अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़ा। स्वजन तुरंत उसे नर्मदा अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मां चिल्लाती रही, किसी ने नहीं सुना बच्चे के स्वजन ने पीएम करवाए बिना अगले दिन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में उन्होंने दावा किया कि समर की मौत डीजे की तेज आवाज से हुई है। उनका कहना है कि डीजे की आवाज पहले कम थी। जैसे ही उसका साउंड तेज हुआ, समर बेहोश हो गया। यह देख मां मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन डीजे वाले ने साउंड कम नहीं किया। स्वजन बच्चे को नजदीकी अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। समर के बड़े भाई अमर बिल्लौरे का कहना है कि उस दौरान डीजे में करंट फैलने की शिकायत भी आई थी। पुलिस तक नहीं पहुंचा मामला बहरहाल पुलिस ने बताया कि उन्हें अस्पताल और परिवार की ओर से बच्चे की मौत की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। वहीं इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। परिवार वालों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया है। इसलिए इस मामले में कुछ कहा नहीं जा सकता। मृतक की मां क्षमा बिल्लौरे का कहना है कि बच्चे को हृदय संबंधी समस्या थी, लेकिन फिलहाल वह पूरी तरह स्वस्थ था। डीजे की तेज आवाज की वजह से उसकी जान गई है।
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पुलिसकर्मि से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ा लिया है, चौरसिया समाज ने निष्पक्ष जांच को लेकर एसपी को ज्ञापन सौपा है. पुलिसकर्मी पर नशे में होने का आरोप लगाया गया है. आपको बता दे की मैंहर में बीते दिनों चल समारोह के दौरान पुलिसकर्मी के साथ भाजपा नेता ने मारपीट की थी. जिसके बाद से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे शहर में परेड निकाला था. आज इसी मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग की लेकर मैहर के चौरसिया समाज ने आरोपी अरुण चौरसिया के पक्ष में मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। लोगो ने बताया कि पुलिसकर्मी नशे की हालत में धुत्त था. सामने से आमजन को गाली गलौज कर रहा था. जिस वजह से वहां हाथापाई हुई इस मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस वाले पर भी कार्यवाही की मांग की है।
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मंगलवार शाम को निशातपुरा रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ने शराब के नशे में आकर चिल्लाना शुरू कर दिया कि "ट्रेन में बम है," जिससे हड़कंप मच गया। सिवनी से फिरोजपुर कैंट जंक्शन जाने वाली 14623 पातालकोट एक्सप्रेस में इस सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई की। यात्री की सूचना के बाद जीआरपी ने ट्रेन को रोका और पूरे ट्रेन की जांच की, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला। बताया गया है कि यह यात्री शराब के नशे में था और अचानक बम की बात करने लगा। पातालकोट एक्सप्रेस प्रतिदिन शाम 6:10 बजे भोपाल स्टेशन पर पहुंचती है और मंगलवार को यह 6:19 बजे निशातपुरा स्टेशन पर पहुंची थी। जब टीसी को बम की सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया और ट्रेन को रोक दिया। आरपीएफ की टीम के साथ मिलकर पूरी ट्रेन की सघन जांच की गई, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। जांच के बाद ट्रेन को भोपाल की ओर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली। इस घटना के चलते निशातपुरा से गुजरने वाली लगभग 19 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। इनमें डॉ. आंबेडकर नगर प्रयागराज एक्सप्रेस 10 मिनट, दक्षिण सुपरफास्ट एक्सप्रेस 31 मिनट, मुंबई एलटीटी अयोध्या एक्सप्रेस 75 मिनट, डॉ. आंबेडकर नगर श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा स्पेशल 15 मिनट, भोपाल जोधपुर एक्सप्रेस 60 मिनट, और जन साधारण एक्सप्रेस 92 मिनट लेट हुईं। आरपीएफ ने अफवाह फैलाने वाले यात्री को हिरासत में ले लिया है।
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अतिथि विद्वान शिक्षक अब अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. सरकार से उनकी एक ही मांग है कि सरकार उन्हें नियमित करें. इसी भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों से महापंचायत लगाकर यह वादा किया था कि उन्हें नियमित किया जाएगा. अपनी नियमिति कारण की मांग को लेकर अतिथि विद्वान लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.इसी कड़ी में आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भोपाल के नीलम पार्क में किया गया. अतिथि विद्वान शिक्षकों के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदोरिया ने बताया कि.हमारी केवल एक मांग है कि हमें नियमित किया जाए और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमसे पंचायत में है वादा किया था कि वह हमें नियमित कारण करेंगे. आज दिनांक तक हमें नियमित नहीं किया गया है. धरना प्रदर्शन कर हम सरकार को उनका वादा याद दिला रहे हैं.सुरजीत सिंह भदोरिया ने कहा कि अतिथि विद्वानों से सरकार ने वादा खिलाफी की है.अतः सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमें नियमित करें क्योंकि मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों का भविष्य अंधकार में है.
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एम पुजारी हनुमान जी की मूर्ति लेकर जनसुनवाई में पहुँच गए. पुजारी ने प्रशासन को बताया की मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है. मंदिर की जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया जाए. छतरपुर मे जनसुनवाई मे उस समय अजीब स्थिति बन गई ,जब एक पुजारी गोदी मे हनुमानजी की मूतिँ लेकर पहुंच गया. एसपी और कलेक्टर के पास आवेदन देकर उसने बताया कि नौगांव तहसील के कुलवारा गांव के मंदिर की जमीन पर दबंग लोग कब्जा करे है ,इसके लिये उसने सिविल न्यायालय मे कैस दायर किया ,जिसका फैसला 2022 मे आया था तब से अब तक सिविल न्यायालय के फैसला उसके पक्ष मे आने के बाद उसे उस जमीन पर कब्जा नही मिल पाया है. जिस मंदिर पर हनुमानजी की मूतिँ बिराजना है, इस लिये वह हनुमानजी को साथ लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, पुजारी के आवेदन पर एडीएम ने संबधित एसडीएम से बात कर इस मामले को तत्काल निराकरण करने का आदेश दिया है.
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छतरपुर से अपराध जगत से जुडी दो खबरे हैं. एक तो गुंडे बदमाश दहशत पैदा करने के लिए अवैध हथियारों के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं . ऐसा ही एक वीडियो फिर सामने आया है. दूसरा दबंगों ने अपने रसूख की दम पर कुछ लोगों की लाठी डंडों से पिटाई लगाईं. पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है . छतरपुर मे अवैध हथियारों के साथ एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा है. लोगो में दहशत फैलाने की मंशा से युवक सोशल मीडिया पर अवैध हथियार के साथ वीडियो पोस्ट कर लोगो में दहशत फैला रहा है. महाराजपुर क्षेत्र का युवक अवैध देशी कट्टा के साथ दिखाई दे रहा है छोटू पटैरिया नाम के युवक ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेट फार्म इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने जांच के आदेश दे दिये हैं. पुरानी रंजिश को लेकर लवकुश नगर थाना क्षेत्र के परसानिया में लाठी डंडे चले. हाथ में लाठी डंडा लिए मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है. पांच लोगों के साथ दबंगों ने जमकर मारपीट की. मारपीट करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मारपीट में तीन लोगों की हालत गंभीर हो गई है. दबंगो पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पीड़ितों ने एसपी को आवेदन दिया है
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तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे. भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने तेज गेंदबाज की फिटनेस पर बड़ा अपडेट दिया है. रोहित ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट से पहले बेंगलुरु में कहा कि वे चोटिल शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जा सकते हैं. 37 साल के भारतीय कप्तान ने शमी की फिटनेस पर पूछे गए सवाल पर कहा- 'ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए शमी को लेकर फैसला करना मुश्किल है. उनके घुटनों में सूजन है, जिसके कारण वे थोड़ा पिछड़ गए हैं और उन्हें दोबारा शुरू करना होगा. हम शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहते. भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा, जिसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से भी जाना जाता है, 22 नवंबर से शुरू हो रहा है. टीम इंडिया को इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. मोहम्मद शमी पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोटिल हुए थे. उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. यह वर्ल्ड कप कप फाइनल मुकाबला था.
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भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष और पार्षद पति अरुण चौरसिया ने नशे की हालत में एक पुलिस वाले से मारपीट की और पुलिस को सबक सिखाने की धमकी दी. इसके बाद पुलिस ने भाजपा नेता की हेकड़ी निकल दी और उसका जुलूस निकाल दिया. मध्य प्रदेश के मैहर में एक बार फिर खादी के आगे खाकी शर्म सार हो गई है. एक पार्षद पति व भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया की गुंडागर्दी का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो भाजपा की रीती नीति से मेल ही नहीं खाता है. बताते हैं नशे में धुत्त पार्षद पति और बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष ने पुलिस कर्मी पर ही हांथ साफ कर दिया. दरसल मामला दुर्गा प्रतिमा के चल समारोह के दौरान का है. जब वार्ड नंबर 12 की निर्दलीय पार्षद अर्चना चौरसिया के पति को उस समय गुस्सा आ गया जब वो चल समारोह में मदहोश होकर नाच रहे थे तभी ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी गुड्डू यादव ने उन्हें चल समारोह आगे बढ़ाने को कहा तो पार्षद पति को यह बात नागवार लगी और वो भड़क गया उसने पुलिस कर्मी को थप्पड़ रसीद कर दिया. पूरे घटना क्रम पर पुलिस ने 24 घंटे बाद तब संज्ञान लिया जब घटना क्रम का वीडियो शोसल मीडिया पर वायरल हुआ. हालाकि पुलिस ने आनन फानन में आरोपी पार्षद पति एवम बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया को गिरफ्तार कर उसका जुलूस भी निकाला. इस घटना क्रम ने साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश में खादी के आगे जब खाकी अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही तो ऐसे नेता आम लोगों का क्या हाल करते होंगे.
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छतरपुर में एक पाइप बनाने वाले कारखाने पर लीगल एक्शन लिया गया. बताते हैं इस कम्पनी पर बड़े ब्रांड के पाइप का डुप्लीकेट पाइप बनाने का आरोप है पीवीसी पाईप बनाने की फैक्ट्री पर एक बड़े ब्रांड की कंपनी की लीगल टीम ने कार्यवाही की कोर्ट के आदेश पर यह कार्यवाही की गई. ब्रांडेड कंपनी के हुबहू पाईप बनाने पर कोर्ट ने रोक लगाईं है. फैक्ट्री मालिक का आरोप किसी तरह का कोई डुप्लीकेट पाईप नहीं बनाया जा रहा. मेरे पास पाईप बनाने के पूरे है दस्तावेज है. जबकि ब्रांडेड कंपनी की लीगल टीम ने कोर्ट के आदेश पर कथित पाईप बनाने पर रोक लगाईं है और स्टाक को भी सील करवा दिया है.
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यह खबर मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला को जरूर देखना चाहिए क्योंकि मध्यप्रदेश में गरीबों को मुक्त इलाज देने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. मात्र 5 रुपए नहीं होने पर एक बीमार माँ - बेटी को अस्पताल से बिना इलाज के लौटना पड़ा. राजेंद्र शुक्ला जी आप स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं इसलिए गरीब गुरबों से जुड़ी ये खबर आपको समर्पित है. गरीब आदिवासी वर्ग के लोगों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज देने का दावा करने वाली आपकी सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पर्ची बनवाने के बाद 5 रूपए कम होने पर एक मां बेटी को बगैर इलाज अस्पताल से वापस घर लौटना पड़ा. मंत्री जी आप और आपके जिम्मेदार लोग जांच कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और स्वास्थ्य सेवाएं भगवान् भरोसे नजर आती हैं. यह मामला देवास जिले के नेमावर आयुष्मान आरोग्य केंद्र का है. जहां एक मां उसका ओर उसकी मासूम बेटी का इलाज करने के लिए 20 रूपए लेकर घर से सरकारी अस्पताल पहुंची थी. जहां मां ने अपनी ओर बेटी के नाम पर इलाज के लिए पर्ची काउंटर पर लाइन मैं लगकर पर्ची बनवाली, जब पैसे देने का नंबर आया तो उनके पास मात्र 15 रूपए ही निकले, ₹5 का सिक्का रास्ते में कहीं गिर गया था. 5 रूपए कम होने की बात पर काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने गरीबों का मजाक उड़ाते हुए मां को खरी खोटी बातें सुना कर उसको अपमानित किया. जिसके चलते मां अपनी बेटी के साथ सरकारी अस्पताल से वापस घर लौट गई. मंत्री जी आपके विभाग के क्या हाल है ये आप अच्छे से जानते हैं इस संबंध में जब अस्पताल के डॉ राहुल से बात की तो उनका कहना था कि पर्ची वाला मामला उनके संज्ञान में भी आया है. मंत्री जी आपके सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के नाम पर पर्ची का खेल लंबे समय से चल रहा है जिस पर सरकार के नुमाइंदों का भी कोई ध्यान नहीं. जिसके चलते गरीब ,ग्रामीण आदिवासी लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ₹10 देकर इलाज करवाना पड़ रहा है. पैसे के अभाव में कई गरीब लोगों को बगैर इलाज ही अस्पताल से वापस घर भेज दिया जाता है.
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जबलपुर के कटंगी थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या के पीछे उसके गांव का एक अन्य युवक था, जिसने हत्या के लिए दोस्ती करके धोखे से युवक को मौत के घाट उतार दिया। आठ दिन तक खोजबीन करता रहा। पूछताछ करने पर आरोपित ने किया जुर्म कबूल पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और काल डिटेल की मदद से आरोपित की पहचान कर ली। पूछताछ करने पर आरोपित ने जुर्म भी कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपित युवक ने बताया कि बहन पर बुरी नजर रखने की वजह से ही उसने हत्या को अंजाम दिया। तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी कटंगी के थूहा पड़रिया गांव में 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी। अरूण पिछले एक अक्टूबर से लापता था। पुलिस ने इस मामले में आनंद सिंह 19 साल को गिरफ्तार किया है। आनंद और अरूण दोस्त थे। दोस्ती कर ली तो वह उसके साथ घुल मिल गया आरोपित ने बताया कि अरूण लोधी उसकी बहन पर बुरी नजर रखता था। यह बात उसे पता लगी तो वह इसका बदला लेने के इरादे से अरूण लोधी से दोस्ती कर ली। वह उसके साथ घुल मिल गया। फ्री फायर गेम खेला, तीनों गांव में घूमने निकल गए एक अक्टूबर को फ्री फायर गेम खेलने के बहान आनंद ने अरूण को बुलाया। करीब आधा घंटा गेम खेलने के बाद तीन दोस्त आनंद, अरुण और राघवेंद्र रोज की तरह गांव के चबूतरे पर बैठे थे। आधा घंटा फ्री फायर गेम खेला। इसके बाद तीनों गांव में घूमने निकल गए। जबलपुर में गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की रात 9.30 बजे तीनों उसी चबूतरे पर लौटे। राघवेंद्र और अरुण घर चले गए। जबकि आनंद ने जबलपुर निवासी अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की। फिर अरुण को फोन किया। कहा- एक बार और फ्री फायर गेम खेल लेते हैं। रात 10 बजे चुके थे। सिर पर लोहे का पाना मारा, तालाब में धक्का दे दिया गेम खेलने के बाद दोनों टहलते हुए तालाब के पास पहुंचे। आसपास घना अंधेरा था। इसका फायदा उठाते हुए आनंद ने अचानक अरुण के सिर पर लोहे का पाना मार दिया। यह पाना आनंद ने पहले ही अपने पास रखा था। हमले के बाद उसे तालाब में धक्का दे दिया। हत्या करने के बाद आनंद घर आकर सो गया घटना के दूसरे दिन अरूण के स्वजन ने कटंगी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। आनंद भी स्वजन के साथ अपने दोस्त की तलाश में जुटा रहा। आठ दिन बाद 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण का शव मिला। अरूण के गायब होने के बाद माेबाइल भी बंद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि अरूण के गायब होने के बाद से उसका माेबाइल भी बंद है। पुलिस ने लोकेशन और काल डिटेल निकलवाई। जिसमें आनंद और अरूण के बीच बातचीत होना पाया गया। बहन के आने-जाने पर पीछा किया करता था पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपित टूट गया और उसने जुर्म कबूल कर लिया। आनंद ने बताया कि उसकी छोटी बहन पर अरूण की नजर थी वह उसके आने-जाने पर पीछा किया करता था। इस बात से नाराज होकर आनंद ने अरूण को ठिकाने लगाने का मन बनाया।
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कंचन नदी में दुर्गा प्रतिमा मूर्ति विसर्जन के दौरान हादसा हो गया इस हादसे में एक युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई. मौके पर पहुंचे विधायक राजेंद्र मेश्राम ने पीड़ित परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक के पानी में डूबने की जानकारी देवसर विधानसभा के विधायक राजेंद्र मेश्राम को मिली तो उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई, देवरी में कंचन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान चंद्रकांत दुबे अचानक पानी में डूब गया. विधायक ने एसपी सिंगरौली से आनन फानन में हर संभव मदद की बात कही. पुलिस एनडीआरएफ की टीम एवं विधायक देवसर तत्काल मौके पर पहुंचे. तब तक युवक की पानी में डूबने से हुई मौत हो गई थी. ऐसे में विधायक राजेंद्र मेश्राम पीड़ित परिजनों के साथ खड़े नहर आये और उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया.
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मैंहर में धारदार हथियार से एक युवक ने अपना ही गला रेत कर आत्महत्या करने की कोशिश की. ये युवक घरेलू विवाद से परेशान बताया जा रहा था. अमरपाटन थाना क्षेत्र में घरेलू कारणों से यूवक ने चाकू से अपना गला रेत लिया. आत्महत्या की कोशिश के बाद परीजन गंभीर अवस्था में युवक को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. घटना की जानकारी लगते ही सिविल अस्पताल पुलिस ने युवक से पूछताछ की युवक हालाँकि अभी ज्याद कुछ नहीं बता पाया है ,लेकिन वो घरेलू विवादों से परेशान था.
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विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 9 रन से हरा दिया. इसी के साथ टीम इंडिया के सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं. टीम 4 में से 2 ही मैच जीत सकी है. अब अगर पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हरा दिया, तभी टीम इंडिया सेमीफाइनल खेल पाएगी. शारजाह में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी. ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 151 रन बनाए. टीम से ताहलिया मैक्ग्रा ने 40 रन बनाए. जवाब में टीम इंडिया 9 विकेट खोकर 142 रन ही बना सकी. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 47 गेंद पर 54 रन बनाए. बाकी बैटर्स कुछ खास नहीं कर सकीं. हरमनप्रीत कौर 20वें ओवर तक नॉटआउट रहीं, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सकीं. आखिरी ओवर में भारत 14 रन चाहिए थे, टीम 6 गेंद पर 4 ही रन बना सकी और 4 विकेट गंवा दिए. एनाबेल सदरलैंड ने 2 विकेट लिए, जबकि 2 बैटर्स रनआउट हुईं. यहां दूसरी गेंद पर पूजा वस्त्राकर को एनाबेल सदरलैंड ने बोल्ड कर दिया. तीसरी गेंद पर अरुंधति रेड्डी रनआउट हो गईं. पांचवीं बॉल वाइड रही, इस पर श्रेयांका पाटिल रनआउट हो गईं. अगली बॉल पर राधा यादव LBW हो गईं. वस्त्राकर ने 9 रन बनाए, जबकि बाकी 3 बैटर्स खाता भी नहीं खोल सकी.
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सिंगरौली में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मौजूदगी में रामलीला के मंचन के साथ रावण का वध किया गया. इसके बाद बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया. सिंगरौली में प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजमाता चुनकुमारी स्टेडियम में भगवान राम की पूजा अर्चना के बाद 45 फिट के रावण के पुतले का दहन किया गया. ऐसे में जय श्री राम के नारे से पूरा स्टेडियम गूंज उठा रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद शर्मा जो पेशे से एक पुलिस कर्मी है रावण का किरदार निभाने के लिए उन्होंने स्पेशली छुट्टी लेकर रावण का किरदार निभाया. उन्होंने जनता जनार्दन का आभार व्यक्त किया. संयुक्त व्यापार मंडल अध्यक्ष राजाराम केशरी ने जिला प्रशासन नगर निगम और यहाँ की जनता को आभार व्यक्त किया की सबने इस आयोजन में अपना योगदान दिया.
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छतरपुर के बडामलेहरा मे काग्रेस नेता के होटल में युवक की संदिग्ध मौत पर बबाल मच गया. यह युवक किसी युवती के साथ होटल में ठहरा था. युवक के परिजनों ने युवक की ह्त्या किये जाने का आरोप लगाया है. ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल में युवती के साथ ठहरे शादीशुदा युवक की संदिग्ध हालत मे मौत हो गई, जिसको लेकर मृतक के परिजनों ने हत्या के आरोप लगाते हुये लगभग दो घण्टे जाम भी लगाया. ग्राम सिरोंज निवासी अरविंद सिंह एक युवती के साथ बड़ामलहरा ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल के कमरा नंबर 3 में ठहरा था. जहाँ उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गयी. जिसे राजकुमार सिंह ने अस्पताल भेजा और वहाँ से भाग खड़ा हुआ. मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी लगते ही टिंकू चौहान की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया. पुलिस ने मर्ग कायम कर युवती के बयान पर मामले की तहकीकात शरू कर दी है.
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स्पा सेंटर के दो मैनजर पैसे के लेनदेन को लेकर आपस में भीड़ गए. इनका झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक मैनेजर ने दूसरे को तवे से मार मार कर उसकी जान ले ली. पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है. बिलौंजी स्पा सेंटर में 12 घंटे पहले हुई मैनेजर की हत्या का पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने किया खुलासा कर दिया है. उन्होंने बताया मृतक व आरोपी दोनों अंजली स्पा सेंटर के अलग अलग सेंटरों बैढ़न व विंध्य नगर के मैनेजर है. अंजलि स्पा सेंटर के संचालक का फोन आया उसी बात को लेकर दोनों मैनेजरों के बीच पैसे के हिसाब किताब को लेकर विवाद इतना बढ़ा की आरोपी शिवम मिश्रा ने मृतक सिकंदर रविदास के ऊपर रोटी बनाने वाले तवे से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया. इस दौरान अंजलि स्पा सेंटर बिलौजी में कार्य कर रही लड़की ने बीच बचाव किया लेकिन आरोपी लगातार प्रहार करता रहा जिससे सिकंदर रविदास की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी शिवम मिश्रा एक ऑटो से बैठकर बरगवां तरफ भागा जैसे ही पुलिस को सूचना मिली पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी की वही बरगवां से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
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अंततः खैरागढ़ रियासत के दिवंगत राजा देवव्रत सिह की पत्नी की मांग को छतीसगढ़ सरकार ने मान लिया और दशहरे से पूर्व उनके पति देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण करवा दिया. खैरागढ़ रियासत के राजा देवव्रत सिंह की प्रतिमा अनावरण के विवादित मामले को सरकार ने सुलझा दिया. दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह ने मौजूदा सरकार से उनकी प्रतिमा की अनावरण की मांग की थी. अंतत सरकार ने उनकी मांग को मान लिया और दशहरा के पहले स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया. जिले के प्रभारी कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने राजा देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण किया ..इस दौरान सांसद संतोष पांडे एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद थे. विभा सिंह ने इस बात की खुशी जताई की उन्हें इस कार्यक्रम में सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया गया। साथ ही उनकी बातों को महत्व देते हुए मौजूदा सरकार के द्वारा स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया.
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सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक पांडे का दो महीने में ही तबादला कर दिया जिसकी खूब चर्चा है. एसपी का कहना है शिकायत के आधार पर एक्शन लिया गया है .लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही. पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने दो महीने में ही जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह पांडे को हटा दिया. सोशल मीडिया में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर क्या वजह है जो पुलिस अधीक्षक ने इतनी जल्दी अभिषेक पांडे को जयंत चौकी से लाइन हाजिर कर दिया. इस बारे में पुलिस अधीक्षक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत थी. जन अन्य पुलिसवालों की शिकायत पर उनसे सवाल किया गया तो उनका कहना था. सबको हटाकर सभी थानों को थाना प्रभारी विहीन कर दें.
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छतरपुर में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. एक बच्ची की कुए में फेंक कर ह्त्या कर दी गई. वहीँ पुलिस ने भेष बदलकर जुए की फड़ पर छापामार कार्यवाही कर जुआरियों को पकड़ा और शराब बनाने के एक अड्डे का भी खुलासा किया. छतरपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहाँ 9 साल की नाबालिग बच्ची को गांव के ही एक व्यक्ति ने कुएं में फेंका कर उस पर तब तक पत्थर बरसाए जब तक बच्ची की मौत न हो गई. ये घटना राजनगर थाना क्षेत्र के देव कुलिया गांव की है. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. बच्ची नवरात्रि के मौके पर अपने चचेरे भाई के साथ देवी मंदिर दिया रखने जा रही थी. तब इस घटना को अंजाम दिया गाया. बच्ची के भाई ने आरोपी फांसी देने की मांग की है. इस वारदात के आरोपी गोवर्धन पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर जिले की नौगांव पुलिस ने जुआ की फड़ पर छापा मारा और आधा दर्जन से अधिक जुआरियों को गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार झांसी खजुराहो नेशनल हाईवे पर भड़ार नदी के पुल के समीप एक जुआ के फड़ की सूचना पुलिस को मिली. पुलिस ने भेष बदलकर इस जुआ के फड़ की चारों तरफ से घेराबंदी की और दबिश दी. जहाँ 114000 नगद एक आल्टो कार दो मोटरसाइकिल समेत 6 लाख से अधिक का सामान जब्त कर पुलिस ने है 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. बिजावर ब्लाक के ग्राम कंजरपुर, भरगावा में चल रहे शराब के अड्डे पर आबकारी पुलिस ने छापा मारा यहाँ से कच्ची शराब बनाने का जखीरा बरामद किया गया. 4000 kg महुआ लाहन और मदिरा निर्माण की भट्ठियों को मौके पर नष्ट किया गया. मदिरा निर्माण सामग्री की कीमत चार लाख रूपये से अधिक बताई गई है. यहाँ से कुछ शाराब तस्कर गायब हो गए और कुछ को पकड़ लिया गया है.
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नवरात्र में जगह-जगह पर विराजमान दुर्गा जी की प्रतिमाओं और पंडालों में श्रधालुओं की भीड़ है और जगह से माँ के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. सिंगरौली विधायक राम निवास शाह दुर्गा पंडालो में पहुंचकर पूजा अर्चना की और सभी जिले वासियों से नवरात्रि पर्व की बधाई दी. विधायक शाह ने दुर्गा जी के प्रतिमा के समक्ष पहुंच कर पूजा अर्चना की तत्पश्चात प्रसाद वितरण का हुआ आयोजन हुआ. मां के दरबार में भंडारे का भी आयोजन किया गया.
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रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को इसके लॉन्च से पहले कई बार देखा जा चुका है, और अब यह बाजार में आने के लिए तैयार है। इसे नवंबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। इसका डिजाइन रेट्रो स्टाइल का होगा, जो इसे रॉयल एनफील्ड 650 ट्विन्स लाइनअप में एक नया सदस्य बनाता है। आइए जानते हैं कि Royal Enfield Classic 650 किन फीचर्स के साथ आ सकती है। Royal Enfield Classic 650: डिजाइन Classic 650 का डिज़ाइन काफी हद तक Classic 350 से मिलता-जुलता हो सकता है। इसमें गोल एलईडी हेडलाइट, टियरड्रॉप आकार का फ्यूल टैंक, त्रिकोणीय साइड पैनल और घुमावदार फेंडर शामिल होंगे। Royal Enfield Classic 650: कलर ऑप्शन रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को दो कलर ऑप्शन में पेश किया जा सकता है: मैरून और क्रीम डुअल-टोन। ये कलर इसके विंटेज लुक को और भी बढ़ाएंगे। इसके अलावा, यह बाइक वायर स्पोक और अलॉय व्हील दोनों ऑप्शन में उपलब्ध हो सकती है, जो रेट्रो और आधुनिक डिजाइन का खूबसूरत संयोजन पेश करेंगे, जिसके लिए रॉयल एनफील्ड जानी जाती है।
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बीवाईडी ने 6 और 7 सीटर वर्जन के साथ नई इलेक्ट्रिक कार ईमैक्स 7 को लॉन्च कर दिया है. इंडिया में यह इलेक्ट्रिक कार दो वेरिएंट्स में खरीदने के लिए मिलेगी. परफॉर्मेंस की बात करें तो eMAX 7 महज 10.1 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है. यहां जानें कि इसके स्पेसिफिकेशंस और फीचर्स कैसे हैं. वाईडी ने इंडिया में अपनी इलेक्ट्रिक कार लाइनअप को और मजबूत करते हुए eMAX 7 को लॉन्च किया है. यह एक नई इलेक्ट्रिक MPV कार है, जो खासतौर पर e6 का अपग्रेडेशन है. बीवाईडी ने लेटेस्ट इलेक्ट्रिक कार को दो वेरिएंट्स- प्रीमियम और सुपीरियर में पेश किया है. अगर आपकी फैमिली बड़ी है, तो ये इलेक्ट्रिक कार अच्छा ऑप्शन हो सकती है. इसमें 6 और 7 सीटर ऑप्शन मिलेंगे. eMAX 7 की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये है, और इसकी सिंगल चार्ज 530 किलोमीटर है. भारत में इलेक्ट्रिक कार तो बहुत हैं, लेकिन eMAX 7 ज्यादा सीटों के साथ आती है. बिग फैमिली और ज्यादा पैसेंजर कैपेसिटी के साथ यह उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है, जो 5 से ज्यादा सीटों वाली इलेक्ट्रिक कार चाहते हैं. eMAX 7 इलेक्ट्रिक के फीचर्स, बैटरी और रेंज आदि के लिए जानकारी यहां पढ़ें. BYD eMAX 7: फीचर्स ईमैक्स7 एक थ्री-रो इलेक्ट्रिक एमपीवी है जिसे 6 या 7 सीटर ऑप्शन के साथ लॉन्च किया गया है. इसमें 12.8 इंच के इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन के अलावा दो वायरलेस फोन चार्जिंग पैड, वेंटिलेटेड फीचर्स के साथ लेदरेट सीटें, नया ड्राइव नॉब, इलेक्ट्रिकली पावर्ड टेलगेट और 360 डिग्री कैमरा जैसे फीचर्स मिलते हैं. कार में हवा की बेहतर आवाजाही के के लिए पीछे की सीटों पर रूफ-माउंटेड वेंट्स हैं. BYD eMAX 7: बैटरी और रेंज eMAX7 दो बैटरी पैक ऑप्शन – 55.4 kWh और 71.8 kWh के साथ आती है. 71.8 kWh बैटरी पैक से लैस इलेक्ट्रिक कार एक बार फुल चार्ज होने पर 530 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इसमें डुअल मोटर सेट-अप है. 55.4 kWh बैटरी पैक वर्जन थोड़ा सस्ता है, जो एक बार फुल चार्ज होने पर 420 किलोमीटर की रेंज देगा. BYD eMAX 7: कीमत बीवाईडी ईमैक्स 7 इलेक्ट्रिक कार 8.6 सेकेंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ सकती है. भारत में इस इलेक्ट्रिक कार की किसी दूसरी इलेक्ट्रिक कार से सीधा मुकाबला नहीं है. इसकी एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये से शुरू होती है. ईमैक्स 7 के सबसे महंगे वर्जन की एक्स-शोरूम कीमत 29.9 लाख रुपये है.
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भोपाल: यूं तो पति-पत्नी में विवाद चल रहा है। यह विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों ने अलग-अलग होने के लिए कोर्ट में तलाक का केस लगा दिया। तलाक होता इससे पहले हुए एक कांड ने सनसनी फैला दी। यह मामला एमपी की राजधानी भोपाल से सामने आया है। भोपाल के अशोका गार्डन में एक पति ने अपनी ही पत्नी के साथ बलात्कार किया। जबकि दोनों के बीच तलाक का केस कोर्ट में चल रहा था। यही नहीं उसने पीड़िता को धमकाकर कई बार उसका शोषण भी किया। पुलिस ने एक्शन लेते हुए पति को पकड़ लिया है। हवसी पति ने नहीं छोड़ा पीछा घटना के बाद पीड़िता ने अशोका गार्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। 31 साल की पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति से अलग रह रही थी। पर वहां भी हवस के नशे में चूर उसके पति ने पीड़िता का पीछा नहीं छोड़ा। घर में अकेली थी उस दौरान आया हैवान 27 सितंबर को जब वह अपने घर में अकेली थी, तभी उसका पति अचानक आ धमका और उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी पति ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती की और लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा। पुलिस आरोपी को पहुंचाया जेल महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी के आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
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मैंहर में बिजली विभाग के अधिकारी को उपभोक्ता को धमकाना महंगा पड़ गया. जिसके बाद विभाग ने अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. अधिकारी के निलंबन की वजह उपभोक्ता के साथ अभद्रता बताई जा रही है. जिले के अमरपाटन बिजली विभाग में पदस्थ अधिकारी प्रकाश चंद्र निगम का उपभोक्ता के साथ धमकी देने और गाली गलौज करने का एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. जिसके बाद विवादित अधिकारी को बिजली विभाग ने निलंबित कर दिया. आपको बता दे कि उपभोक्ता ने बिजली का बिल कम करने के लिए 10 हज़ार रूपए दिए थे. जब काम नहीं हुआ. तो उपभोक्ता बात करने पहुचा जिसके बाद साहब भड़क गए और धमकी सहित गाली दे लगे. हालांकि अब गालीबाज़ जेई को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है. कि पहले भी जेई प्रकाश चंद्र निगम को वर्ष 2023 में लोकायुक्त ने 15 हज़ार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था.
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भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए न्यूजीलैंड की टीम का ऐलान कर दिया है. 3 मैचों की सीरीज के लिए टॉम लैथम को कप्तान बनाया गया है. वे फुल टाइम कैप्टन बनने के बाद पहली बार टीम की कप्तानी करेंगे. टीम में मार्क चैपमैन को मौका दिया गया है, जबकि ईश सोढ़ी की दूसरे और तीसरे टेस्ट के लिए वापसी हुई है. वहीं, पूर्व कप्तान केन विलियमसन को चोटिल होने के बावजूद भी स्क्वॉड में शामिल किया गया है. इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच 3 टेस्ट की सीरीज 16 अक्टूबर से शुरू हो रही है. पहला मुकाबला बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा. गैरी स्टीड न्यूजीलैंड के कोचिंग स्टॉफ को लीड करेंगे. ल्यूक रोंची बैटिंग, जैकब ओरम बॉलिंग और रंगना हेराथ स्पिन बॉलिंग कोच हैं. ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल को बेंगलुरु में 16 अक्टूबर से होने जा रहे पहले टेस्ट के लिए टीम का हिस्सा बनाया गया है.
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भारतीय बाजार में वाहनों की बिक्री में हर महीने उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे है और बीता सितंबर महीना अच्छा नहीं रहा। इसके बावजूद इस वित्त वर्ष, यानी 2024-25 की पहली छमाही में अप्रैल से लेकर सितंबर 2024 के दौरान वाहनों की बिक्री में ओवरऑव 6 फीसदी से ज्यादा की बिक्री हुई है। देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में इसमें 6.55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दरअसल, भारत के टियर 2 और टियर 3 सिटीज के साथ ही ग्रामीण इलाकों में वाहनों की मजबूत डिमांड की वजह से वाहनों की बिक्री में बीते 6 महीने में तेजी दिखी है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की हालिया रिपोर्ट देखें तो इस साल सितंबर में वाहनों की ओवरऑल बिक्री पिछले साल के समान महीने की तुलना में 9.26 फीसदी कम रही। सितंबर 2023 में कुल 18.99 लाख वाहन बिके थे, जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या घटकर 17,23,330 यूनिट हो गई। बीते सितंबर में यात्री वाहनों में 18.81 फीसदी, कॉमर्शियल वाहनों में 10.45 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 8.51 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल-सितंबर की अवधि में टू-व्हीलर्स की बिक्री में 9.08 फीसदी, थ्री-व्हीलर में 7.58 फीसदी और पैसेंजर वीइकल सेगमेंट 1.07 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों (CV) और ट्रैक्टर्स की बिक्री में क्रमशः 0.65 फीसदी और 8.82 फीसदी की गिरावट आई है। FADA के नए प्रेजिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर का कहना है कि पितृपक्ष ने बिक्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे अलग-अलग सेगमेंट में रिटेल सेल में सालाना रूप से गिरावट आई। उन्होंने कहा कि डिमांड बढ़ाने के लिए अलग-अलग सेगमेंट में डिस्काउंट और ऑफर पेश किए गए हैं, लेकिन इनसे बिक्री में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। आपको बता दें कि मॉनसून के दौरान सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फाडा की मानें तो ऑटोमोबाइल के खुदरा कारोबार के लिए आने वाला समय अच्छा है, क्योंकि नवरात्र और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ते हैं और इससे वाहनों की बिक्री में तेजी की संभावना है। फेस्टिवल सीजन में दोपहिया, यात्री वाहनों, और ट्रैक्टरों की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है। फाडा की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरशिप पर गाड़ियों का स्टॉक ज्यादा होने की वजह से पैसेंजर वीइकल सेगमेंट एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अगर अक्टूबर में बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ती है तो डीलरों पर गोदामों में जमा हुए बिना बिके स्टॉक से वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा। हालांकि डीलर और ओईएम त्योहार के मौसम में बिक्री तेज गोने की उम्मीद में हैं।
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आर्टिकल 34: भारतीय संविधान का सुरक्षा कवच भारत का संविधान विभिन्न आर्टिकल्स से बना है, जिनमें से आर्टिकल 34 महत्वपूर्ण है। यह आर्टिकल विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण से संबंधित है। "अगर कोई व्यक्ति किसी अधिनियम के अंतर्गत, किसी संवैधानिक या कानूनी प्रावधान के अनुसार, भारत के खिलाफ युद्ध करने या देश के किसी अन्य व्यक्ति के साथ घातक संलिप्तता में लिप्त होता है, तो उसे बिना किसी न्यायालय द्वारा बिना सुनवाई के मुआवजे के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।" आर्टिकल 34 का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की अनुमति देता है, जहां समय की कमी होती है और तत्काल निर्णय आवश्यक होता है। इस आर्टिकल के तहत, सरकार आपातकालीन स्थितियों में कार्रवाई कर सकती है, जिससे जनहित सुरक्षित रहता है। यह आतंकवाद, दंगा या किसी अन्य आपातकालीन स्थिति में लागू किया जा सकता है। हालांकि, आर्टिकल 34 की आलोचना भी होती है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन मानते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रावधान का उपयोग केवल जनहित में किया जाए, न कि दुरुपयोग के लिए। आर्टिकल 34 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण की दृष्टि से आवश्यक है। इसका सही उपयोग ही इसे प्रभावी बनाता है।
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डॉ. आनंद सिंह राणा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की चर्चित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाली नोट छाप जाने के मामले में जांच के दायरे में है। जांच के क्रम में मदरसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई किताबें मिली हैं। मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे में आरएसएस पर लिखी गई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिलने पर मामला गंभीर हो गया है। मदरसे के प्रिंसिपल के कमरे से उर्दू भाषा में भड़काऊ साहित्य पाया गया। बरामद उर्दू साहित्य के अनुसार आरएसएस मुल्क में सबसे दहशतगर्द तंजीम है और बरामद किताब में आरएसएस के खिलाफ कई भड़काऊ लेख हैं, आरएसएस को किताब मे आतंकी संगठन बताया गया है। देश में हुए कई आतंकी घटनाओं का भी किताब में जिक्र किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड मुस्लिम पुलिस आधिकारी ने इस भड़काऊ किताब को लिखा है। जांच एजेंसियां उर्दू साहित्य से जुड़ी किताब की भी पड़ताल कर रही हैं। इन किताबों के जरिए मदरसे के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था। यूपी में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है। यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है, मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है,यहां बड़ी संख्या में छात्र तालीम हासिल करते हैं, मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है। दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए, छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं, न्यूज़ एजेंसियो को पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं।ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के विरुद्ध बातें लिखी हुई हैं। ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है,जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर्ड आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं, ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं। अब प्रश्न उठता है कि संघ को आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में संघ के विरुद्ध जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्टरी का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के विरुद्ध जहर तो नहीं भरा जा रहा था। पुलिस आरोपितों पर एनएसए लगाने की तैयारी में है। (लेखक, इतिहास के प्राध्यापक एवं इतिहास संकलन समिति के पदाधिकारी हैं।)
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इसे आप एक संयोग ही मान सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कहते हैं, "सुप्रीम कोर्ट ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, यह भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है। इस यात्रा में संविधान निर्माताओं और न्यायपालिका के अनकों मनीषियों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें उन करोड़ों देशवासियों का भी योगदान है, जिन्होंने हर परिस्थिति में न्यायपालिका पर अपना भरोसा अडिग रखा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के यह 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी के गौरव को और बढ़ाते हैं। इसलिए इस अवसर में भी गर्व और प्रेरणा भी है। एक तरफ पीएम मोदी का यह उद्बोधन भारत के संविधान के प्रति विश्वास और अपनी न्यायप्रणाली विशेषकर उच्चतम न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों के प्रति विश्वास व्यक्त कर रहा था तो दूसरी ओर बहुत समय बाद यह देखने में आया कि न्यायालय ने केंद्र की भाजपा सरकार के पिछले 10 वर्षों से किए जा रहे प्रयासों एवं मध्यप्रदेश सरकार समेत बाघ संरक्षण के लिये कार्य कर रहे अन्य राज्यों के प्रयासों और सफलता के लिये खुलकर उनकी सराहना की है। कहना होगा कि विश्व के 75 प्रतिशत बाघ भारत में हैं। देश में बाघों की संख्या वर्ष 2014 में 2226 से बढ़कर अब 3682 हो गई है। इसमें मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। बीच में जब बाघों की संख्या घट रही थी तो यह ना सिर्फ भारत के पर्यावरणविदों के लिए बल्कि दुनिया भर में जैव विविधता के प्रेमी और वैज्ञानिकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया था। उसके बाद जब 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार आई, तब जिस तरह से विदेशी जैव वैज्ञानिकों के साथ भारत के वैज्ञानिकों ने मिलकर कार्य किया और वहीं राज्यों के स्तर पर जो कार्य वन विभागों के साथ मिलकर राज्यों के अन्य विभागों ने किया, यह उसी का परिणाम है जो आज एक अच्छी-खासी संख्या में भारत में बाघों की संख्या बढ़ सकी है। प्रधानमंत्री आज जब यह बोल रहे थे कि ‘‘आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत।’’ तब निश्चित ही उनके इस कथन में सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था, राजनीतिक तंत्र या प्रशासनिक व्यवस्था नहीं आती है। उसमें समग्रत से भारत का वह सभी कुछ समाहित हो जाता है, जिसके होने से भारत, भारत है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और पी वी संजय कुमार की बैंच का धन्यवाद है कि उन्होंने केन्द्र सरकार की सराहना करते हुए जैव विविधता की दृष्टि से बाघ संरक्षण, विकास और उनकी वृद्धि को "अच्छा कार्य" बताया है। वस्तुत: यह किसी सी छिपा नहीं है कि बाघों की पुनर्स्थापना का काम एक अत्यंत कठिन काम है, जोकि देश के अनेक राज्यों के बीच मध्य प्रदेश ने दिन-रात की मेहनत से किया जा रहा है । डॉ. मोहन यादव की सरकार इसके लिए हर संभव मदद अपने कर्मचारियों को उपलब्ध करा रही है। यदि महंगे से महंगे पशु चिकित्सक, बाघ विशेषज्ञ की जहां आवश्यकता होती है, उन्हें सरकार वहां पहुंचाने में जरा भी देरी नहीं करती। कहीं भी बाघ पर कोई संकट आता दिखता है, पूरा वन अमला उसकी सुरक्षा में जुटा हुआ दिखाई देता है । यही कारण है जो वर्ष 2006 से बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़ता दिखा, आगे यही वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 257 तक पहुंच गया था । इसे बढ़ाने के लिए बाघों के उच्च स्तरीय संरक्षण और संवदेनशील प्रयास जरूरी थे। जिसके लिए मध्य प्रदेश में मानव और वन्यप्राणी संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन के लिए 16 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड और हर जिले में जिला स्तरीय रेस्क्यू स्क्वाड बनाए गए। वन्यप्राणी अपराधों की जांच के लिए वन्यप्राणी अपराध की खोज में विशेषज्ञ 16 श्वान दलों का गठन किया गया। राज्य स्तरीय स्ट्राइक फोर्स ने पिछले आठ वर्षों में वन्यप्राणी अपराध करने वाले 550 अपराधियों को 14 राज्यों से गिरफ्तार किया गया । संरक्षित क्षेत्र के बाहर वन्यप्राणी प्रबंधन के लिए बजट की व्यवस्था की गई। वन्य प्राणी पर्यटन से होने वाली आय की स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी की एक नई शुरूआत हुई। प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उदयानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। राज्य शासन की सहायता से 50 से अधिक गाँवों का विस्थापन किया जाकर बहुत बड़ा भू-भाग जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है। संरक्षित क्षेत्रों से गाँवों के विस्थापन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है। कान्हा, पेंच, और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गाँवों को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है। मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सतपुडा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है। वस्तुत: इस राज्य में बाघ प्रदेश बनने के चार मुख्य कारण आज ध्यान में आते हैं। पहला ग्रामों का वैज्ञानिक विस्थापन। वर्ष 2010 से 2022 तक टाइगर रिजर्व में बसे छोटे-छोटे 200 गांव को विस्थापित किया गया। सर्वाधिक 75 गांव सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बाहर किए गए। दूसरा है ट्रांसलोकेशन। कान्हा के बारहसिंगा, बायसन और वाइल्ड बोर का ट्रांसलोकेशन कर दूसरे टाइगर रिजर्व में उन्हें बसाया गया। इससे बाघ के लिए भोजन आधार बढ़ा। तीसरा है हैबिटेट विकास। जंगल के बीच में जो गांव और खेत खाली हुए वहां घास के मैदान और तालाब विकसित किए गए जिससे शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ी और बाघ के लिए आहार भी उपलब्ध हुआ। सुरक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव हुआ। पन्ना टाईगर रिज़र्व में ड्रोन से सर्वेक्षण और निगरानी रखी गई। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल कर अवैध शिकार को पूरी तरह से रोका गया। क्राइम इन्वेस्टीगेशन और पेट्रोलिंग में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ाया गया। इसका सबसे अच्छा उदाहरण पन्ना टाइगर रिजर्व है जिसका अपना ड्रोन स्क्वाड है। हर महीने इसके संचालन की मासिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। इससे वन्य जीवों की लोकेशन खोजने, उनके बचाव करने, जंगल की आग का स्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव और पशु संघर्ष के खतरे को टालने, वन्य जीव संरक्षण कानून का पालन करने में मदद मिल रही है। भारत सरकार की टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले टाइगर रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है। अब यहां बाघ वृद्धि का सकारात्मक दृष्य देखकर कहना यही होगा कि देश के अन्य राज्यों के बीच मध्य प्रदेश के लिए सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि यहां टाइगर रिजर्व के बाहर भी बाघों की संख्या बढ़ रही है और यह संख्या 526 से बढ़कर 785 तक जा पहुंची है जोकि देश के किसी भी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश के बाद कर्नाटक में 524 बाघों की संख्या है, वहीं, आज उत्तराखंड 442 बाघों के साथ तीसरे नंबर पर है । प्रदेश में चार-पांच सालों में 259 बाघ बढ़े हैं। इसके लिए पूर्व में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का तो धन्यवाद है ही साथ ही सबसे अधिक आभार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का है, जिन्होंने पर्यावरण एवं जैववैविध्य को अपने अन्य कार्यों की प्राथमिकता की सूची में प्रमुखता से रखा है।
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फेमिनिस्टों और एमआरए (मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट्स) के बीच टकराव विचारधाराओं के संघर्ष के कारण ही नहीं, बल्कि उचित कानूनों की कमी के कारण भी है। भारत में मैरिटल रेप (वैवाहिक-दुष्कर्म) के मुद्दे से ज्यादा इस बात को कोई और नहीं उजागर करता। मैरिटल रेप एक हकीकत हैं। पत्नी का पति द्वारा यौन-शोषण किया जा सकता है। क्या विवाह का मतलब पूर्ण और बिना शर्त सहमति है? नहीं। और ‘नहीं’ का मतलब हमेशा ‘नहीं’ होता है। विवाह सेक्स के लिए अनुबंध नहीं है। महिलाएं अपने पतियों की जागीर नहीं हैं, बल्कि कानून के तहत वे उन्हीं के समान एक स्वतंत्र-व्यक्ति हैं। यही कारण है कि जबरन बनाए जाने वाले शारीरिक सम्बंध दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। वे सहमति के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। क्या मैरिटल रेप कानून से परिवारों में टूट उत्पन्न हो जाएगी? नहीं। उलटे, एब्यूज़ से परिवार टूटते हैं, कानूनों से नहीं। फिर क्या कारण है कि सरकार मैरिटल रेप के अपराधीकरण को ‘अत्यधिक कठोर’ करार दे रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे कानून जेंडर-न्यूट्रल नहीं होते। कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि सत्ता की डायनैमिक्स स्वाभाविक रूप से महिलाओं के खिलाफ है, जिसका श्रेय हजारों सालों की पितृसत्ता को जाता है। जब महिलाओं को पुरुषों के हाथों हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो वे इसका प्रतिकार करती हैं। लेकिन मुट्ठी भर महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए बनाए कानूनों का दुरुपयोग करके इस बात को बहुत आगे तक बढ़ा दिया है। ये 1% महिलाएं अन्य 99% को नुकसान पहुंचा रही हैं। इन 1% महिलाओं द्वारा कानूनी ब्लैकमेलिंग और झूठे मामलों के कारण, मैरिटल रेप जैसे कानूनों को दुर्भाग्य से ऐसा विशेषाधिकार माना जाने लगा है, जिन्हें महिलाएं अब गंवा चुकी हैं। फेमिनिस्टों का मानना है कि अगर कानून जेंडर-न्यूट्रल बनाए गए तो पुरुष इसका दुरुपयोग करेंगे। वहीं पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्टों का मानना है कि अगर कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए तो महिलाएं इसका दुरुपयोग करेंगी। दोनों अपने तरीके से सही हैं। यही कारण है कि हिंसा और एब्यूज़ को सभी के लिए मुद्दा माना जाना चाहिए, न कि केवल महिलाओं के लिए। कानूनों की पक्षपातपूर्ण व्याख्या (जैसे दहेज या घरेलू हिंसा कानून) को समाप्त किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनों को सुरक्षा-उपायों की आवश्यकता है कि आरोपों का इस्तेमाल व्यक्तिगत हिसाब बराबर करने के लिए न किया जाए। दुर्व्यवहार के मामलों में पुरुष-पीड़ितों की कानूनी मान्यता की कमी को समाप्त किया जाना चाहिए। पुरुषों को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए या पर्याप्त सबूतों के बिना दोषी नहीं माना जाना चाहिए। उचित प्रक्रिया और कानूनी-तंत्र को महिलाओं और पुरुषों को गलत आरोपों से बचाना चाहिए। एक जेंडर को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के बजाय हमारा लक्ष्य निष्पक्षता, कानूनों के दुरुपयोग को रोकना और जेंडर-न्यूट्रल सुरक्षा की वकालत करना हो। जब तक कानून समानतापूर्ण नहीं होंगे- कि हां, महिलाएं भी धोखा दे सकती हैं, झूठे आरोप लगा सकती हैं, हिंसा कर सकती हैं- हमारे देश के लोग समान नहीं हो सकते। ये सच है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा पीड़ित हैं- लेकिन यह समानतापूर्ण कानूनों के विरोध में दिया जाने वाला तर्क नहीं हो सकता। दुनिया के केवल 36 देश ऐसे हैं, जो मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानते, और भारत उनमें से एक है। दुनिया की रेप-कैपिटल के रूप में पहले ही बदनाम भारत की प्रतिष्ठा को इससे मदद नहीं मिलती। इसमें आगे बढ़ने के लिए हम क्या कर सकते हैं? हर चीज का दस्तावेजीकरण करें। गलत संदेशों का स्क्रीनशॉट लें। अनुचित बातचीत का ऑडियो या वीडियो रिकॉर्ड करें। सीसीटीवी लगाएं। चाहे यौन उत्पीड़न हो या मैरिटल रेप, आपको अपने केस को मजबूत बनाना होगा। सबूत होंगे तो आपके पास न्याय के लिए लड़ने का मौका होगा। यह न भूलें कि यौन-हिंसा पहले ही घरेलू-हिंसा के अंतर्गत आती है। याद रखें , पुरुष और महिला एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। महिलाओं और पुरुषों- दोनों की लड़ाई पितृसत्ता से है, जो महिला-पुरुष दोनों के साथ अन्याय करती है। हमें इसी के लिए लड़ना चाहिए, मिलकर लड़ेंगे तो मजबूत बनेंगे।
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उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए।
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देश एक साथ चुनाव कराने की दिशा की ओर सार्थक कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अपनी रिपोर्ट सौपने के बाद अब केंद्र सरकार एक साथ चुनाव कराने के अभियान को गति देने का प्रयास कर रही है। इस समिति ने इस आधार पर एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है, क्योंकि इसके लिए अधिकांश राजनीतिक दलों की राय एक साथ चुनाव कराने को लेकर सकारात्मक रही। राजनीतिक विद्वानों का मानना रहा कि एक साथ चुनाव से देश में विकास की धारा को गति मिलेगी। इसका मूल कारण यही है कि देश में चुनाव की प्रक्रिया बहुत जटिल-सी दिखाई देने लगी है। राजनीतिक दल हर समय किसी न किसी चुनाव की तैयारी में व्यस्त रहते हैं। बार-बार चुनाव होने के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी जनता के काम करने में सीधा सरोकार नहीं रखते। जिसके कारण जन सामान्य के जुड़े ऐसे कार्य भी प्रभावित होते हैं, जो बहुत जरूरी होते हैं। ऐसे में एक साथ चुनाव कराया जाना एक सार्थक पहल कही जा सकती है। इससे बार-बार चुनाव में लगने वाले समय में कमी आएगी और आवश्यक कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जा सकेगा। यह बात स्मरण करने वाली है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने देश में कई परियोजनाओं को तय समय से पहले ही पूर्ण किया है। एक साथ चुनाव होने से इसमें और गति आएगी, यह तय है। वर्तमान में भारत में ऐसे कई कारण हैं, जो राष्ट्रीय विकास में बाधक बन रहे हैं। इसमें एक अति प्रमुख कारण बार-बार चुनाव होना है। देश में होने वाले चुनावों के दौरान लगने वाली आचार संहिता के चलते सरकार का कामकाज भी प्रभावित होता है। हमारे देश में किसी न किसी राज्य में हर वर्ष चुनाव के प्रक्रिया चलती रहती है। चुनाव के दौरान संबंधित सरकार कोई बड़ा निर्णय नहीं ले सकती। चुनाव होने के कारण राजनीतिक दल हर साल केवल चुनाव जीतने की योजना ही बनाते रहते हैं। इस कारण देश के उत्थान के बारे में योजना बनाने या सोचने का उतना समय भी नहीं मिल पाता, जितना सरकार का कार्यकाल होता है। इसलिए वर्तमान में जिस प्रकार से एक साथ चुनाव कराने की योजना पर मंथन चल रहा है, वह देश को उत्थान के मार्ग पर ले जाने का एक अभूतपूर्व कदम है। केंद्र सरकार ने इस बारे आवश्यक प्रावधान बनाने की दिशा में भी कार्य प्रारंभ कर दिया है। इससे पूर्व एक साथ चुनाव कराने क़े लिए बनाई गई समिति ने सभी से रायशुमारी की। अधिकांश राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया। राजनीतिक दलों का यह सोच राष्ट्रीय दिशा की तस्वीर को और अधिक स्पष्ट करता है। इसे इसी दृष्टिकोण से देखेंगे तो हर किसी को यह कदम अच्छा ही लगेगा। प्रायः देखा जाता है कि देश में सरकार के हर कदम का विरोध करना फैशन बन गया है। कमी देखने में बुराई नहीं है लेकिन कुछ अच्छा भी होता है, उसे भी बिना राजनीति के देखने के प्रयास किए जाने चाहिए। एक साथ चुनाव कराना भी ऐसा ही कदम है। अगर इसे राष्ट्रीय राजनीति के तौर पर देखेंगे तो यह अच्छा दिखाई देगा। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की इस बारे में राय अलग हो सकती है, क्योंकि उनको चुनाव के लिए एक या दो राज्यों तक ही सीमित रहना होता है। हालांकि उनको भी विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेना होता है। एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व में समिति बनाई थी। उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए एक बार अपने अभिभाषण में भी एक साथ चुनाव कराए जाने पर जोर दिया था। पूर्व राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा था कि बार-बार होने वाले चुनावों से विकास में बाधा आती है, ऐसे में देश के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। सच कहा जाए तो एक साथ चुनाव कराया जाना राष्ट्रीय चिंता का विषय है, जिसे सभी दलों को सकारात्मक दृष्टि से लेना होगा। हम यह भी जानते हैं कि देश के स्वतंत्र होने के पश्चात लम्बे समय तक एक साथ चुनाव की प्रक्रिया चली लेकिन कालांतर में कई राज्यों की सरकारें अपने कार्यकाल की अवधि को पूरा नहीं कर पाने के कारण हुए मध्यावधि चुनाव के बाद यह क्रम बिगड़ता चला गया और चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। एक साथ चुनाव होने से देश में विकास की गति को समुचित दिशा मिलेगी, जो बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि देश में बार-बार चुनाव होने से जहां राजनीतिक लय बाधित होती है, वहीं देश को आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ता है। दुनिया के कई देशों ने भी इस प्रकार की नीतियां बनाई हैं, जिसके अंतर्गत एक साथ चुनाव कराए जाते हैं और वे देश विकास के पथ पर निरंतर रूप से आगे बढ़ते जा रहे हैं, तब भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता। जब से देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई है, राष्ट्रीय हित की दिशा में अनेक काम किए जा रहे हैं। इन कामों का वास्तविक स्वरूप भविष्य में सामने आएगा क्योंकि देश में लम्बे समय से एक मानसिकता बन गई थी कि अब भारत से समस्याओं का निदान संभव नहीं है। उस समय सरकारों के संकल्प में कमी दिखाई देती थी। सरकारें हमेशा इसी उधेड़बुन में लगी रहती थी कि हमारी सरकार कैसे बचे या हमारी सरकार कैसे फिर से बने। इसी कारण कई निर्णय ऐसे भी किए जाते रहे हैं, जिससे देश की विकास की गति बाधित होती गई और स्वतंत्रता के बाद देश को जिस रास्ते पर जाना चाहिए था, उस रास्ते पर न जाकर केवल स्वार्थी राजनीति के रास्ते पर चला गया। एक साथ चुनाव देश को सही रास्ते पर लाने की कड़ी का हिस्सा कहा जा सकता है। जनहित के साथ राष्ट्रीय हितों के प्रति सबको समर्थन देना ही चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित से बड़ा कुछ हो ही नहीं सकता।
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वैश्विक तनाव, रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास, सूडान गृहयुद्ध, दो अरब की भुखमरी और पर्यावरण असंतुलन की मार से संयुक्त राष्ट्रसंघ इन दिनों कैमरे में बंद है, इसके संरक्षक, मुखिया और चाहने वाले हाल-बेहाल हैं। ‘यूक्रेन-रूस’ युद्ध पर पश्चिमी तंज पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इतने क्रुद्ध हैं कि उनके राजनयिक प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में धमकी दे डाली कि ‘इस परम्परागत युद्ध में एक ने भी लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र का प्रयोग किया तो उसके परिणाम घातक होंगे।‘ इधर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु ने संयुक्त राष्ट्र में कड़े तेवर अपनाते हुए युद्ध विराम को नकारा और अपने कमांडरों का आह्वान किया कि युद्ध की गति को बढ़ा दें। इसके एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में इस्लामिक देशों ने दो तिहाई देशों के साथ मिलकर इजराइल पर दबाव बनाने की पहल की थी। इसका त्वरित असर यह हुआ कि इजराइली वायुसेना ने चंद घंटों बाद लेबनान के दक्षिण में ईरान के ‘छद्म फ़्रंट’ हेज़्बुल्लाह ठिकानों को निशाना बना कर पाँच सौ से अधिक फ्रंट समर्थकों को ढेर कर दिया और हजारों को घायल कर दिया। इसके चंद दिन पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में ‘युद्ध नहीं, शांति’ और विश्व बंधुत्व के संदेश की अनसुनी कर डाली। इज़राइल और फ़िलिस्तीन के दशकों से चले आ रहे ख़ूनी संघर्ष में भारत ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ को प्रश्रय देता आया है। इसके बावजूद अमेरिकी कंधे पर सवार इजराइल के कमांडो ने घने अंधेरे में हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हुए शुक्रवार को सीरिया के उत्तर पश्चिम में आधुनिकतम प्रेक्षापास्त्र शोध केंद्र’ को ध्वस्त किया है, एक चौंकाने वाली घटना है। यही नहीं, शनिवार रात इजराइल ने हिज्बुल्लाह के मुखिया हसन नसरुल्लाह को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है। हेज्बुल्लाह के बड़े कमांडरों में अब गिनती के कमांडर रह गये हैं। ग्लोबल फ़ायरपावर इंडेक्स की माने तो इजराइल और ईरान असल में बराबरी की टक्कर में हैं। ईरान 14वें नंबर पर है तो इजराइल 17वें पायदान पर है। ईरान के पास 551 तो इजराइल के पास 612 विमान हैं। ईरान के पास 186 लड़ाकू विमान हैं तो इजराइल के पास 241 लड़ाकू विमान हैं। टैंकों की स्थिति में ईरान आगे है। इजराइल का लक्ष्य ईरान क्यों है?: न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो यह सीरियाई केंद्र ईरान की मदद से हिज्बुल्लाह संचालित कर रहा था। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इजराइल का लक्ष्य सीधे-सीधे ईरान को युद्ध में लपेटना है। ऐसा अगले चंद दिनों में संभव है। यहाँ हमास के हमसफ़र हिज्बुल्लाह ने इजराइल के उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में एक साथ सैकड़ों रॉकेट लांचर से हमला किया, इजराइली आयरन डोम से हमला विफल हो गया, प्रशासन को आनन-फानन में अपने करीब पच्चास हजार यहूदियों को सुरक्षित क्षेत्र में पुनर्वासित करना पड़ा। अब इजराइली पैदल सेना गाजा पट्टी की तरह लेबनान में घुसेगी और भयंकर तबाही मचेगी तो यह युद्ध विकराल रूप लेता हुआ दिनों नहीं, महीनों और वर्षों तक चलेगा। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट है कि ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने संयुक्त राष्ट्र में अपने उद्बोधन में पश्चमी देशों के प्रतिबंधों से मुक्ति और मित्रता का हाथ बढ़ाए जाने की घोषणा जरूर की है, उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान के साये में पल रहे हिज्बुल्लाह, हमास और हैती संगठनों से निजात पाना संभव नहीं है। गत जुलाई में सत्तारूढ़ डॉक्टर पेजेशकियन ने यह भी कहा है, ‘हिज्बुल्लाह अकेले दम इजराइल से टक्कर लेने की स्थिति में नहीं है।‘ यह भी एक सच्चाई है, अमेरिका में लाखों यहूदी (12 %) व्यवसायी हैं, टेक्नोक्रेट और अधिकारी हैं। इन दिनों चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है, डेमोक्रेट जो बाइडन हों या रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप, यहूदियों की अनदेखी नहीं कर पा रहे हैं। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के शुभारंभ पर अपने अंतिम संबोधन में दलील दी थी, ‘हमास सभी बंधक छोड़े फिर गाजा पट्टी से मुँह मोड़ कर चल दे, इससे युद्ध विराम और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।‘ ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में विजयी होते हैं तो निःसंदेह खाड़ी में युद्ध विकराल रूप लेगा। पुतिन और उनके हमसफर चीन के राष्ट्रपति शी चिन्फ़िंग तो न्यूयॉर्क पहुँचे नहीं, नाटो के द्वार पर रूसी दुंदुभि से हताश निराश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के क़द्दावर, स्थायी सदस्य इंग्लैंड और फ़्रांस भी व्लोडोमीयर जेलेंस्की के स्वर में स्वर मिला रहे हैं, लेकिन जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हैं कि उन्हें रूस के अंदरूनी हिस्सों में मार करने के लिए लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र दिये जाएँ। यहाँ इंग्लैंड की नई सरकार के तेवर, ख़ासकर उसके विदेश मंत्री ने यूक्रेन-रूस युद्ध में पुतिन की हठधर्मिता को कोसते हुए माफिया कह डाला। जेलेंस्की लगे रहे कि रूस पर युद्ध विराम और शांति के लिए विवश किया जाए। वह न्यूयॉर्क स्थित ट्रंप टावर में डोनाल्ड ट्रंप से मिले। ट्रंप भी उन्हें पुतिन से अपनी दोस्ती और एक दिन में युद्ध समाप्ति किए जाने की घुट्टी पिलाते रहे। इस ऊहापोह में संयुक्त राष्ट्र भले 190 देशों और पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सीमाओं में बंधा हुआ है, सुरक्षा परिषद के विस्तार में अमेरिकी प्रस्ताव पर इंग्लैंड, फ़्रांस सहित अन्यान्य देश भारत, जर्मनी और ब्राज़ील सहित एक अफ़्रीकी देश को जोड़ने के लिए आगे आए हैं, लेकिन क्या इस प्रस्ताव को चीन स्वीकार करेगा? नरेन्द्र मोदी के शांति मार्ग के भी बहुत दीवाने हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र मंच से मोदी जब कहते हैं, ‘’युद्ध नहीं, शांति ही एकमात्र विकल्प है तो यूरोपीय देशों के साथ-साथ एशियाई और अफ्रीकी देश भी भारतीय दर्शन ‘विश्व बंधुत्व’ के तर्क से सम्मोहित हैं। संयुक्त राष्ट्र एक प्लेटफार्म है, साल में एक बार राष्ट्र नेता विश्व मंच पर अपनी-अपनी बात कहने न्यूयॉर्क आते हैं, दो विश्वयुद्ध की विभीषका के बाद 79 वर्ष पूर्व गठित इस साझा मंच पर अपनी व्यथा दोहराते हैं और फिर संयुक्त राष्ट्र की परिसीमाओं पर रोना रोकर चले जाते हैं। भारतीय दृष्टि से एक अच्छी बात यह कही जा सकती है कि यूक्रेन के युवा राष्ट्रपति ने मोदी को, जो पुतिन और बाइडन दोनों के मित्र भी हैं, स्वत: एक शांति दूत माना और साथ में आशीर्वाद भी लिया। मोदी दो महीने में दूसरी बार जेलेंस्की से मिले हैं, उन्होंने अपने रूस दौरे में दया अथवा दबाव में पुतिन को ‘अनुज’ रूप में यही संदेश दिया था, ‘युद्ध नहीं, शांति’ एकमात्र विकल्प है। उन्होंने यही संदेश संयुक्त राष्ट्र पहुँचे फ़िलिस्तीन के राष्ट्रपति को भी देते हुए कहा, ‘विश्व एक परिवार है, विश्व बंधुत्व भारतीय पहचान है। ईरानी राजनीति में ‘कठमुल्लेपन’ से हटकर राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने कहा, ‘वह पश्चिम से मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं,’ उनके इस कथन का देश में ईरानी युवाओं ने जमकर स्वागत किया, पर देश की मिलिट्री पर कुंडली जमाए धर्मगुरु अयातुल्ला खुमाइनी ने सहज लिया होगा, जो पहले से आणविक शक्ति बनने के स्वप्न देख रहे हैं?
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गांधीजी का जन्म उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था, आधी बीसवीं सदी तक के दौरान वे भारतीय समाज और राजनीति की धुरी बन गए और अब इक्कीसवीं सदी में हम सब उनके मिथक से रूबरू हो रहे हैं। विश्वव्यापी अंग्रेजी साम्राज्य से अहिंसक लड़ाई के साथ उनका स्वाधीन भारत का स्वप्न सत्य हुआ। देश में रचनात्मक बदलाव के लिए वे सबको साथ ले कर चलते रहे। उनकी स्वीकार्यता का दायरा आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक यानी जीवन के सभी क्षेत्रों में निरंतर बढ़ता गया। संयम और आत्म-बल के साथ कर्मवीर गांधी ने जो ठाना उसे पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दिया। समाज के स्तर पर मानव कर्तृत्व की विरल गाथा बना उनका निजी जीवन पीड़ा, संघर्ष और अनिश्चय से भरा था। देश के लिए समर्पण की मिसाल बने गांधीजी अंतिम जन की मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए की मोर्चों पर डटे रहे। वे देश के विभाजन और आजादी के साथ शुरू हुई हिंसा से क्षुब्ध और दुखी थे। बंगाल में नोआखाली से लौट दिल्ली में दंगापीड़ितों की सेवा सुश्रूशा में जुट गए। विभाजन की विभीषिका बड़ी दारुण थी और विचलित तथा हताश गांधीजी ने स्वतंत्र भारत में अपने पहले जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर 1947 को दुखी हो कर कहा था कि वे अब जीना नहीं चाहते और विधि का विधान यह हुआ कि वह सचमुच उनका आखिरी जन्मदिन सिद्ध हुआ। पांच बार की असफल कोशिशों के बाद 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में उनकी हत्या हो गई। गौरतलब है कि गांधीजी स्वतंत्र भारत में करीब पांच महीने जीवित रहे थे और इस बीच यह बूढ़ा सेनानी स्वप्न-भंग से गुज़र रहा था। अब कोई उनकी सुन नहीं रहा था। ये दिन उनके लिए बड़े तकलीफ़देह थे। गांधीजी ने अपने जीवन की कथा को पारदर्शी बनाए रखा। ‘सत्य’ और ‘नैतिकता’ से जूझती इस कथा को उन्होंने ‘एक खुली किताब’ कहा। उनका साहस ही था कि वह कह सके कि ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’ प्रिय-अप्रिय, अच्छे-बुरे हर पहलू को वह सबसे साझा किए। वे सही अर्थों में सत्य के पुजारी थे और जो भी है वह सत्य है इसलिए उसे झूठ के सहारे छिपाना अपराध ही होता। सत्य पर उनका भरोसा बढ़ता गया और वे कथनी और करनी में एका लाने में लागातार जुटे रहे। तभी वह पहनावा, खानपान और मेलमिलाप आदि सब में सरल भारतीय जीवन शैली को अपना सके। वे प्रामाणिकता की कसौटी पर खरे उतरते रहे। विचार को कर्म में तब्दील करने पर जोर देने वाले गांधीजी परिवर्तन चाहने वाले को खुद अपने में बदलाव लाने के लिए कहते हैं। यह खुद उनकी अपनी जिन्दगी की सीख थी। बहुत हद तक प्रयासपूर्वक संयमित जीवन जीते हुए वह जगत की नियमबद्धता में प्रकट हो रहे परमात्मा में आस्था और विश्वास रखते थे। चूँकि नज़रिए स्वाभाविक रूप से भिन्न होते हैं विविधता सहज संभाव्य होती है। गैर-जानकारी में लोग अपने से अलग दूसरी दृष्टियों को ग़लत या हीन ठहराने लगते हैं। गांधीजी अपनी प्रार्थंना सभा में सभी प्रमुख धर्मों की प्रार्थनाओं को शामिल करते थे। वे मानते थे सभी एक ही तत्व से बने हैं इसलिए कोई अछूत नहीं और किसी का भी स्वामित्व नहीं। सभी ट्रस्टी हैं इसलिए (अपना हक़ न जमाते हुए) त्यागपूर्वक भोग करना चाहिए। गांधीजी धैर्य और दृढ़ता के साथ सत्य (ईश्वर), अहिंसा (प्रेम) और अपरिग्रह (जरूरत भर संग्रह) जैसे विचारों को अमली जामा पहनाते रहे और दैनन्दिन जीवन में शामिल करते रहे। इस दृष्टि से उनकी उर्वर मानसिकता और सृजनशीलता असंदिग्ध है। भारत और विदेश में हो रहे अनुभवों को समेटते और पचाते हुए गांधीजी खुले मन से मानवीय चेतना के आत्म-बोध को रचते रहे। वे कई अर्थों में समकालीनों से अलग हट कर गांधीजी ने अपना रास्ता बनाया और उस पर चलने की तैयारी की थी और जोखिम उठाकर भी उस पर चलते रहे। गांधीजी देश के लम्बे स्वतंत्रता-संग्राम में दो दशकों तक केंद्र-बिन्दु रहे। इसके पहले दाक्षिण अफ़्रीका में के दो दशक की अवधि में सामाजिक–राजनैतिक कार्यकलाप में बीती थी जिनमें नस्लवाद और साम्राज्यवाद का तीव्र विरोध शामिल था। वे भारतीय समुदाय के साथ काम करते हुए संघर्ष की शक्ति को जाना पहचाना। आत्मविश्वास से भरे गांधीजी ने अखबार निकालने के साथ सामाजिक चेतना के लिए प्रयास किए। उनका निजी अध्यवसाय भी चलता रहा और मानव स्वभाव की गहनता को समझते रहे। 1915 में भारत लौटने पर वे एक सजग-सशक्त सत्याग्रही और नेतृत्व के लिए प्रस्तुत थे। स्थानीयता पर जोर देते हुए वैश्विक मानव-बोध के पक्षधर गांधी जी अपनी सभ्यता की खूबियों के साथ उसकी कमियों को भी स्वीकार करते हैं। वे स्वदेश, स्वभाषा और स्वराज के ख़ास तौर पर हिमायती हैं। वे ऐसे स्वराज की कल्पना करते हैं जिसमें समाज के अंतिम जन की आवाज भी मायने रखती है। गांधीजी के सपनों के भारत में यहाँ का पूरा लोक-जीवन समाया था। उनकी सोच में एक विकेन्द्रीकृत सत्ता संरचना वाला भारत था। वे गावों को समर्थ और समृद्ध बनाने के लिए चिंतित थे। इसलिए वे स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और आर्थिक जीवन को सशक्त बनाने के पक्षधर थे। वे एक आदर्शवादी व्यावहारिक देश-सेवक की हैसियत से एक सर्वसमावेशी व्यवस्था को विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहे थे। गांधी होने का वास्तविक अर्थ आचरण और विचार का एक गतिशील पुंज है जो आज भी अंधेरे में दीपक की भाँति रोशनी बिखेरता है ।
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भारतीय पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनसे हमें ज्ञात होता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी विशाल, संपन्न एवं समृद्ध है। यदि नवरात्रि की बात करें तो यह पर्व भी भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। विगत कुछ दशकों से देश में महिला सशक्तीकरण की बात हो रही है। कुछ लोग विदेशों के उदाहरण देते हैं कि वहां की महिलाएं सशक्त हैं तथा उन्हें बहुत से अधिकार प्राप्त हैं। किंतु ये लोग अपने देश के इतिहास पर चिंतन एवं मनन नहीं करते हैं। वास्तव में भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जहां महिलाओं को पुरुषों के समान माना गया है। उदाहरण के लिए भारत में देवियों की पूजा-अर्चना की जाती है। यहां पर उन्हें भी देवताओं के समान ही पूजा जाता है, अपितु देवियों का स्थान देवता से पहले आता है जैसे राधा-कृष्ण, सीता-राम आदि। भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। भगवान राम के साथ देवी सीता की पूजा की जाती है। हमारी मान्यता के अनुसार शक्ति की देवी दुर्गा है। धन एवं समृद्धि की देवी लक्ष्मी है तथा ज्ञान की देवी सरस्वती है। कहने का अभिप्राय यह है कि मनुष्य को जीवन में जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, वह सब उन्हें इन देवियों से ही तो प्राप्त होती हैं। मानव जीवन को अनुशासन में रखने एवं आदर्श जीवन को स्थापित करने के लिए भगवान हमारे विश्वास और श्रद्धा के केंद्र है। नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है अर्थात चैत्र, आषाढ़, अश्विन, माघ। इनमें से चैत्र एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। माघ एवं आषाढ़ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, क्योंकि इनमें कोई सार्वजनिक उत्सव का आयोजन नहीं किया जाता है। आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसका आरंभ अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से होता है। इस दिवस पर शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जाती है। नवरात्रि में नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।। नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। अर्थात देवी पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी एवं नौवीं देवी सिद्धिदात्री है। शैलपुत्री नवरात्रि के प्रथम दिन देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उन्हें सफेद मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। यह प्रसाद गाय के शुद्ध घी से बनाया जाता है। सफेद रंग पवित्रता एवं शांति का प्रतीक माना जाता है। जीवन में सर्वाधिक पवित्रता एवं शांति का ही महत्व है। इनके बिना सब व्यर्थ है। देवी की साधना से सुख एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन देवी देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर एवं पंचामृत का भोग लगाया जाता है। शक्कर जीवन में मिठास का प्रतीक है। जिस प्रकार भोजन में मिष्ठान का महत्व है, उसी प्रकार जीवन में मधुर वाणी का महत्व है। मृदु भाषी व्यक्ति सबका मन मोह लेते हैं। देवी की साधना से भाग्य में वृद्धि होती है तथा आयु भी लम्बी होती है। चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां चंद्रघंटा को दुग्ध से बने मिष्ठान एवं खीर का भोग लगाया जाता है। खीर भी दुग्ध से बनाई जाती है। दुग्ध समृद्धि एवं अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। देवी की साधना से व्यक्ति बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहता है। कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कुष्मांडा को मालपुये का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से मनुष्य की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को फल विशेषकर केला अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें केले का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से सुख एवं एश्वर्य में वृद्धि होती है। कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी को मीठे पान एवं मधु का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से दुखों का नाश होता है तथा जीवन में सुख का आगमन होता है। कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवे स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि को गुड़ अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें गुड़ से बने व्यंजन का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है तथा सकारात्मकता में वृद्धि होती है। जीवन सुखी हो जाता है। महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के आठवे स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां महागौरी को नारियल अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें नारियल का भोग लगाया जाता है अर्थात नारियल अर्पित किया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं। सिद्धिदात्री नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कन्या पूजन का विधान है। कन्याओं की पूजा की जाती है। उन्हें भोजन ग्रहण कराया जाता है। इसके पश्चात उनके चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। कन्याओं को प्रसाद के साथ उपहार भेंट किए जाते हैं। तदुपरांत देवी को काले चने, हलवा पूड़ी एवं खीर का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है तथा उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वास्तव में नवरात्रि का पर्व नारी शक्ति का उत्सव है। प्राचीन काल से ही यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का प्रतीक रहा है। कन्या पूजन इस बात को सिद्ध करता है कि भारतीय समाज में कन्या का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कन्या भ्रूण हत्या तथा नवजात कन्याओं का वध कर देने जैसी बुराइयां हमारे समाज में कब और कैसे सम्मिलित हो गईं, ज्ञात ही नहीं हो पाया। निरंतर घटता लिंगानुपात अत्यंत चिंता का विषय बना हुआ है। विदेशों में भारत की जिन बुराइयों का उल्लेख कुछ लोग बड़े गर्व के साथ करते हैं, वे बुराइयों तो हमारे समाज में कभी नहीं थीं। जिस समय विश्व के अधिकांश देश अशिक्षित एवं असभ्य थे, उस समय हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था। पुरुष ही नहीं, अपितु महिलाएं भी शिक्षित थीं। वे शास्त्रार्थ करती थीं, अस्त्र-शस्त्र चलाती थीं। देवियों ने कितने ही राक्षसों का अकेले वध किया है। नारी को ईश्वर ने श्रेष्ठ बनाया है। अनेक मामलों में वह पुरुष से उच्च स्थान पर है। वह जन्मदात्री है। जिस प्रकार एक स्त्री अपने बालकों का पालन-पोषण कर लेती है, उस प्रकार एक पुरुष उनका पालन-पोषण नहीं कर पाता। स्त्री पूरे परिवार का संचालन सुंदर तरीके से करती है। नारी संस्कार की जननी है उसके अंदर ममता, स्नेह, उदारता,आत्मीयता ,प्यार ,दुलार आदि गुण जीवन का हिस्सा है । ईश्वर ने नारी को अत्यंत सबल बनाया है। नारी प्रत्येक क्षेत्र में अपनी योग्यता एवं प्रतिभा का सफल प्रदर्शन कर रही है।
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भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान के माध्यम से सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और पोषक भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किया है। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। भारत में बढ़ती आबादी के कारण और मांग एवं आपूर्ति में अंतर के चलते प्राय: खाद्य वस्तुओं की किल्लत और दामों में बढ़ोत्तरी होती ही रहती है और इसी किल्लत का फायदा जमाखोरों की टोलियां उठाने से नहीं चूकती हैं, तो वहीं घटिया एवं मिलावटी चीजें बेचने वालों की पौ-बारह हो जाती है। भारत में इन दोनों तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले लड्डुओं को मिलावटी देसी घी से बनाने से भक्तों की धार्मिक आस्था आहत होने का मुद्दा चर्चा में है। देवस्थानम को देसी घी की आपूर्तिकर्ता कंपनी एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से खाद्य नियामक ने पूछा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियमन 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उसका केंद्रीय लाइसेंस निलंबित क्यों न कर दिया जाए? आज भारत में मिलावट का कारोबार उस स्तर को पार कर चुका है जहां खाद्य उत्पादों में सस्ते और घटिया पदार्थ मिलाकर बेईमान व्यापारी व विक्रेता सामान की मात्रा को बढ़ा देते हैं और भारतीयों की जान की कीमत पर भारी मुनाफा कमाते हैं। ऐसा अनुमान है कि 60 करोड़ लोग अर्थात विश्व में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति हर वर्ष दूषित भोजन खाने के कारण बीमार पड़ते हैं तथा 420000 लोग मरते हैं। भारत में दूध और डेयरी उत्पाद, वसा और तेल, फल और सब्जियां, अनाज, कॉफी, चाय, शहद और मसाले सहित लगभग हर खाद्य सामग्री में मिलावट का प्रतिशत अत्यधिक बढ़ गया है और स्वच्छता मानकों की बुरी तरह से अनदेखी हो रही है। इतना ही नहीं, भारत के कई क्षेत्रों से ऐसे भी वीडियो की सोशल मीडिया में भरमार है जिसमें समोसे, चाट, ब्रेड, कुल्फी, प्लास्टिक के चावल और गुलाब जामुन से भरी कड़ाही में पेशाब करते युवक और गोलगप्पे वाले जलजीरा पानी से ही हाथ मुंह धोने, गंदे हाथ व पैरों से आलू और आटा गूंथने जैसे कृत्यों द्वारा गंदगी से परिपूर्ण खाद्य सामग्री आम लोगों को परोसी जा रही है। ऐसे कृत्य न केवल निंदनीय हैं अपितु दोषी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग भी करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर ऐसी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को तत्काल जेल की सलाखों के पीछे क्यों नहीं डाला जाता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से युक्त असुरक्षित भोजन 200 से अधिक बीमारियों का कारण बनता है जिसमें डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित भोजन के कारण चिकित्सा व्यय में हर साल 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक डा. कू डोंग्यू के अनुसार, ‘हमें अपने भोजन की पहचान, गुणवत्ता और सुरक्षा पर एक आम समझ की जरूरत है। लेकिन भारत में दूध में पानी मिलाने, नकली दूध, घी में केमिकल, दाल में सिंथेटिक रंग और वैक्स कोटिंग, सब्जियों में हॉर्मोन के इंजेक्शन तथा सिंथेटिक रंग, हर्बल उत्पादों में एलोपैथिक दवाइयां तथा केमिकल्स, सौंदर्य प्रसाधनों में और देसी घी बनाने में पशुओं की चर्बी होने की जानकारी किसी से छुपी हुई नहीं है। खाद्य अपमिश्रण से आखों की रोशनी जाना, हृदय संबंधित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसे असाध्य रोग हो सकते हैं। मिलावटी और बासी खाद्य पदार्थों से निपटने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से 37 लाख रुपे की मोबाइल फूड सेफ्टी वैन भी मिली है। खाद्य अपमिश्रण के परीक्षण के लिए मैसूर, पुणे, गाजियाबाद एवं कोलकाता में भारत सरकार द्वारा चार केन्द्रीय प्रयोगशालाएं व्यवस्थित रूप से स्थापित की गई हैं। खाद्य अपमिश्रण एवं रेहड़ी फड़ी वालों द्वारा लोगों को गंदा और घटिया खाने-पीने की वस्तुएं बेचने से आगाह करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’ की पहल की गई है। ईट राइट मूवमेंट अभियान तीन प्रमुख विषयों पर आधारित है- सुरक्षित खाएं, व्यक्तिगत और आसपास की स्वच्छता सुनिश्चित करें, स्वस्थ खाएं, आहार विविधता और संतुलित आहार को बढ़ावा दें एवं स्थानीय और मौसमी सब्जियों/भोजन को बढ़ावा दें, भोजन के नुकसान को रोकें। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। केवल अतिरिक्त सतर्कता और जागरूकता का पालन करने से ही हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित बना सकते हैं और अपमिश्रित एवं गंदी खाद्य सामग्री बेचने वालों के कुत्सित इरादों को परास्त कर सकते हैं।
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देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश के अति निर्धन वर्ग का उत्थान नहीं होता, तब तक वह मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में देश भी समृद्ध नहीं हो पाएगा। इसलिए अंत्योदय आवश्यक है। जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय उनका सपना था। वे कहते थे कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे हुए व्यक्ति नहीं, बल्कि सबसे नीचे के स्तर पर विद्यमान व्यक्ति से होगा। अंत्योदय के माध्यम से केवल भारत ही नहीं, अपितु समग्र विश्व का विकास हो सकता है। इसके सुनियोजित योजना एवं उत्तरदायित्व आवश्यक है। विश्व के बहुत से विकसित राष्ट्र हालांकि किसी भी योजना के बिना ही वर्तमान आर्थिक विकास की दर प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जिससे कुछ लोगों को यह अनुभव हो रहा है कि योजनाएं न केवल अनावश्यक हैं, अपितु निहायत अवांछनीय भी हैं। इसके बावजूद आम सहमति इस बात पर भी है कि यदि अविकसित राष्ट्र थोड़े समय में वही हासिल करना चाहते हैं, जो विकसित देशों ने लगभग एक शताब्दी में प्राप्त किया है तो विकास को अपनी प्राकृतिक गति पर नहीं छोड़ा जा सकता। विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी एक प्रयास करना पड़ेगा और यह प्रयास नियोजित ढंग से होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी, तभी से यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाना है, ताकि वे भी प्रगति करके समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें। आर्थिक उन्नति के साथ-साथ यह दिवस समाज में व्याप्त असमानताओं के उन्मूलन के लिए कार्य करने की प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त यह दिवस विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देता है, जिससे निर्धनों एवं वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके तथा वे इसका लाभ उठा सकें। सरकार इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के कई घटक हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर प्रारंभ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी प्रारंभ की। इसका उद्देश्य निर्धन ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम पारिश्रमिक के समान या उससे अधिक मासिक पारिश्रमिक प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की क्रियान्वित की जा रही है। इससे पूर्व 24 सितंबर, 2013 को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत शहरी निर्धनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने एवं उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाता है। इससे पूर्व 25 सितंबर, 2004 को दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत निर्धन रोगियों को एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि सरकार अंत्योदय अन्न योजना संचालित कर रही है। यह योजना 25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रारंभ की गई थी। इसे केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण परमाली द्वारा देश के सबसे निर्धन लोगों को रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को 35 किलो राशन प्रदान किया जाता है। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल सम्मिलित होता है। इसके अंतर्गत गेहूं तीन रुपये प्रति किलोग्राम और चावल दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। इसे सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि कच्ची नौकरियों में निर्धन परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें वे परिवार सम्मिलित हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। कोरोना काल से यह राशन नि:शुल्क कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारें अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर शासन कर रही हैं। भाजपा के अनुसार एकात्म मानववाद और अंत्योदय का दर्शन पार्टी के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। इस सिद्धांत को हम सबका साथ सबका विकास के साथ मिला हुआ देख सकते हैं जो गरीब, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा तय की गई नीतियों में भी नजर आता है। दीनदयाल जी और उनकी आर्थिक नीतियों ने हमेशा गरीबों की भलाई पर जोर देने की बात की है। उनके आर्थिक विचार में पंक्ति के अंतिम पड़ाव पर खड़ा व्यक्ति शामिल रहा है। उन्होंने कहा था कि ‘आर्थिक नीति निर्धारण और प्रगति की सफलता का पैमाना यह नहीं है कि समाज के सबसे शीर्ष पर मौजूद व्यक्ति को उससे कितना फायदा मिल रहा है बल्कि यह है कि समाज पर जो लोग सबसे नीचे हैं उन्हें उन नीतियों का कितना फायदा मिला है। अंत्योदय का मतलब समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने यह भी कहा था कि यह हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि ये गरीब और अशिक्षित लोग हमारे ईश्वर हैं, यही हमारा सामाजिक और मानवीय धर्म है। उनके इसी अंत्योदय के विचार से प्रेरित होकर केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मौजूद एनडीए सरकार और तमाम प्रदेशों में शासन करने वाली भाजपा सरकारें अंत्योदय के रास्ते पर बढ़ने की ओर अग्रसर हैं तथा गरीब, ग्रामीण एवं किसानों के लिए और समाज के सबसे शोषित वर्ग से आने वाले युवाओं और महिलाओं के कल्याण की ओर प्रतिबद्ध हैं। गरीब को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए औसत जीवन स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मुद्रा, जनधन, उज्जवला, स्वच्छता मिशन, शौचालयों का निर्माण, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, आवास योजना, सस्ती दवाएं और इलाज, इन सभी योजनाओं पर कार्य को आगे बढ़ा दिया गया है। तकनीक के प्रयोग से कृषि में सुधार किया जा रहा है एवं किसानों की आय दुगनी करने के इरादे से सिंचाई तकनीकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केंद्रीय बजट की सहायता से गांवों में भी कई निवेश किए जा रहे हैं। दीनदयाल जी के विचारों से प्रेरित भाजपा सरकार देश के संसाधनों का उपयोग केवल देश की उन्नति के लिए करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, कालाधन रोकने और जनता की कमाई की लूट रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का रास्ता गरीबी दूर करके ही मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय व सेवा के संकल्प को पूर्ण कर विकसित भारत के निर्माण के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा। वास्तव में दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करती है। इसके अंतर्गत कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की आजीविकाओं में सहायता मिलती है। इससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता मिलती है। महिला स्वयं सहायता समूहों को उनकी आजीविका बढ़ाने में सहायता मिलती है। इसके अंतर्गत महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखियों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।
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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB -PMJAY) की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई एबी-पीएमजेएवाई आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है। यह योजना इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों, के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों जिंदगियों को छुआ है, उन्हें आशा, उपचार और कई मामलों में जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया है। एबी-पीएमजेएवाई की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है तो क्या कुछ हासिल कर सकता है। आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएमजेएवाई ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एबी-पीएमजेएवाई के लाभों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे देश में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे आशा बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था। 55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज पात्र हैं। अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण है कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में, आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाईपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों के लिए पहुंच से बाहर थे, लेकिन अब एबी-पीएमजेएवाई ने उन्हें सुलभ, किफायती और सभी के लिए उपलब्ध बना दिया है। विस्तृत नेटवर्क और मजबूत सिस्टम एबी-पीएमजेएवाई की एक विशेषता इसका मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के अलावा देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं। इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है। आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को उत्प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। समग्र स्वास्थ्य सेवा आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। एबी-पीएमजेएवाई के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक, पूरे भारत में 1.73 लाख से अधिक AAM स्थापित किए जा चुके हैं, जो सामान्य बीमारियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी चिरकालिक परिस्थितियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग, निदान और दवाएं प्रदान कर रहे हैं। ये केंद्र व्यापक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल की ओर हमारे प्रयास के केंद्र में हैं। कल्याण (वेलनेस) और प्रारंभिक निदान को बढ़ावा देकर, हम अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को लंबे समय में और अधिक स्थाई बनाने की उम्मीद करते हैं। चुनौतियों को पार करके आगे बढ़ना आयुष्मान भारत की उपलब्धियों का हर्ष मनाते हुए हमें आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए। योजना का पैमाना विशाल है और इसके साथ इसे लगातार अनुकूलित, परिष्कृत और सुधारने की जिम्मेदारी आती है। हम योजना की पहुंच को बढ़ाने, अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और हर लाभार्थी को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए, हम आयुष्मान भारत को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह भारत की समग्र, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की यात्रा में सबसे आगे बना रहे। हम योजना के तहत कवर किए गए उपचारों की सूची का विस्तार करने, सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के सफल निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वस्थ भारत का सपना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा दृढ़ विश्वास है कि किसी भी राष्ट्र का स्वास्थ्य उसकी समृद्धि की नींव है। स्वस्थ जनता देश के विकास, उत्पादकता और नवाचार में योगदान करने में सक्षम होती है। आयुष्मान भारत इस स्वस्थ, मजबूत और विकसित भारत की संकल्पना का केंद्र है। अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दर्शाती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखेंगे।
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अमेरिका में बसे लाखों भारतीय डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं या कमला हैरिस के पक्ष में? अगर मीडिया पर आ रही खबरों पर यकीन करें तो कमला हैरिस को आज के दिन अधिक लोकप्रिय बताया जा रहा है। कमला की लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती जा रही बताते हैं। भारत सरकार किसे विजयी देखना चाहती है? यह तय है कि जो भी जीतेगा भारत सरकार उसके साथ तालमेल बिठा कर काम करेगी ही! यह बात भारत-अमेरिका के गहरे द्विपक्षीय संबंधों की रोशनी में कही जा सकती है, जो लगातार मजबूत हो रहे हैं। एक बात जान लें कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के एकमुश्त वोट कमला हैरिस को नहीं मिलेंगे, कुछ वोट तो बटेंगे ही! कुछ वोट ट्रम्प के खाते में भी जाएंगे। पर कमला हैरिस को भारतीय अपना तो मानते हैं। कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन, तमिलनाडु के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार से थीं। यह समाज अपनी बेटियों की शिक्षा पर बहुत ध्यान देता है। इसलिए इस परिवार ने श्यामला गोपालन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए नई दिल्ली जाने की अनुमति दी। जहां उन्होंने दिल्ली युनिवर्सिटी में पढ़ाई की। श्यामला के पिता पीवी गोपालन सरकारी सेवा में ही थे और मां सफल गृहणी थीं। गोपालन जी सरकारी दफ़्तर में टाइपिस्ट थे और अपनी लगन और ईमानदारी के सहारे पदोन्नति पाते रहे। वह अपनी नौकरी के सिलसिले में मद्रास, नई दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रहे। डीयू से 19 साल की उम्र में डिग्री लेने के बाद कमला हैरिस की मां श्यामला ने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अमेरिका का रुख किया। उन्होंने अमेरिका में एक अफ्रीकी मूल के शख्स से शादी की, जिसका परिवार कैरिबियाई देश जमैका में बस गया था। इस लिहाज से देखा जाए तो कमला हैरिस को भारतीय और अफ्रीकी कहीं ना कहीं अपने से जुड़ा मानते हैं। उधर, ट्रम्प का भी अपना ख़ास जनाधार है। वह 2016-2020 के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। ट्रम्प वह व्यक्ति भी हैं जिन्होंने यूक्रेन और गाजा में संघर्षों को समाप्त करने का वादा किया है, जो लेबनान तक फैल गया है। वह इसे लेकर कितने गंभीर हैं या वे इसमें कितना सफल होंगे, यह अनुमान का विषय है लेकिन कम से कम उन्होंने वादा तो किया ही है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकन भी गाजा में चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए अपने ढंग से कुछ काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि इससे डेमोक्रेटिक पार्टी को मदद मिलेगी। लेकिन न तो बाइडेन और न ही कमला हैरिस ने अब तक गाजा में शांति लाने का कोई ठोस इरादा दिखाया है। ऐसे में क्या ट्रम्प की जीत विश्व शांति के लिए भी मतदाता अच्छी मानेंगें? भारत-अमेरिका संबंध अब जरा बात भारत-अमेरिका संबंधों की। ज़्यादातर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा कि व्हाइट हाऊस में ट्रम्प पहुंचते हैं या कमला हैरिस। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध बेहतर होते रहेंगे, यही अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषक मानते हैं। दोनों देशों के संबंध उस दायरे से कहीं आगे जाते हैं, जब सत्ता परिवर्तन का असर संबंधों पर होता है। इन संबंधों में किसी पर्सनेल्टी का असर नहीं हो सकता। हां, दोनों देशों के नेताओं के निजी संबंधों से स्थिति और बेहतर हो सकती है। यह हमने नरेन्द्र मोदी और बराक ओबामा, फिर मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प और उसके बाद मोदी और बाइडेन के समय देखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से अमेरिका के दो पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक अलग पर्सनल केमिस्ट्री विकसित की थी, वैसी ही केमिस्ट्री उनकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भी बनी। कुछ अस्वस्थ होने के बावजूद पिछले साल बाइडेन जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने नई दिल्ली आए। उसके बाद से उनकी भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से आपसी और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अक्सर बातचीत होती रहती है। एक बात और। अगर ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाते हैं तो संसार के इस्लामिक देशों के साथ वे किस तरह का संबंध बनाकर रखना चाहेंगे? वह पहली बार जब राट्रपति का चुनाव जीते थे तब सारा इस्लामिक संसार दुखी था। वह अपनी कैंपेन के दौरान बार-बार इस्लाम को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने इस्लाम को अमेरिका विरोधी बताते हुए उनके अपने देश में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग तक दोहराई थी। हालाकि उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई कट्टरपंथी मुसलमानों से है। लेकिन, इस बार वह संभल कर चल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के पनपने के लिए बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन को जिम्मेदार मानते हैं। ट्रम्प के इस तरह के बयानों पर उन्हें अमेरिका के गैर-मुसलमानों का समर्थन मिला। ट्रम्प के इस दावे से सनसनी पैदा हो गई थी कि 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद दुनिया भर के मुसलमान जश्न मनाने के लिए 'सड़कों पर उतर' आए थे। उन्होंने कहा था कि अरब और अमेरिकी मुसलमानों ने आतंकी हमलों का जश्न मनाया था। ट्रम्प ने अपने देश में मुसलमानों की निगरानी करने के लिए डाटा बेस बनाने का भी वादा किया था। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका के मुस्लिमों पर तगड़ी निगरानी जरूरी होगी। तब अमेरिकी मीडिया ने उनकी तीखी आलोचना की थी लेकिन ट्रम्प अपने रुख पर कायम रहे थे। यह सच है कि अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद औसत अमेरिकी मुसलमानों से डरने और सतर्क रहने लगा था। हालांकि 9/11 की घटना के बाद दुनिया बहुत बदल चुकी है। फिलहाल यह देखने वाली बात है कि अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन बनता है।
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वन्य जीव प्रकृति का उपहार ही नहीं, अमूल्य धरोहर से बढ़कर हैं। अफसोस कि वन्य जीवों की विभिन्न प्रजातियां दिनों दिन लुप्तप्राय हो रही हैं। हजारों प्रजातियों का तो अबतक नामोनिशान मिट चुका है। जंगल के बेजुबान जानवरों की संख्या विलुप्त होने से कैसे बचे, उनका संरक्षण कैसे किया जाए, इन्हीं को ध्यान में रखकर हर साल 4 सितंबर को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का प्रचलन वर्ष 2005 में ‘कोलीन पैगे’ नामक एक वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ व परोपकारी व्यक्ति द्वारा की गई थी। वहीं, अगले साल यानी 2006 में वन्यजीव संरक्षणवादी ‘स्टीव इरविन’ के निधन के बाद उनकी स्मृति में यह खास दिवस मनाया जाता है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 48.5 फीसदी वन्य प्रजातियों की आबादी में कमी आ चुकी है। इन प्रजातियों की कुल संख्या 16,150 है जिनमें पक्षियों की 5412 प्रजातियां, उभयचरों की 3135, मछलियों की 2631 प्रजातियां, स्तनधारियों की 1885 और कीटों की 1622 प्रजातियां शामिल हैं। जबकि, सरीसृपों की 1465 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। वन्यजीवों की संख्या घटने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। अव्वल, वनों का तेजी से कटना। दूसरा, उनके भोजन की उपलब्धता में कमी आना, जिस कारण उनका वनों से बाहर आना और शिकारियों द्वारा शिकार हो जाना। उचित आवास का न होना, अत्यधिक वन संपदा का दोहन, जंगलों में बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की मार भी जंगली जीव झेल रहे हैं। पशु तस्कर अब चुन-चुनकर जंगली जानवरों का शिकार करने लगे हैं क्योंकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जंगली जानवरों की खाल, दांत या उनके अन्य अंगों की भारी डिमांड है। ग्राहक तस्करों को मुंहमांगी कीमत देते हैं जिस कारण तस्कर वन्य जीवों का शिकार करने पर आमादा रहते हैं। लुप्तप्राय जीवों और उनके संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों में और तेजी लाना ही आज के खास दिन का मकसद है। वन्य जीव प्रजातियों के महत्व और उनकी रक्षा-सुरक्षा के लिए सभी को भागीदार होना चाहिए। आज पशुओं की सुंदरता और उनके मूल्यों को पहचानने का दिन है। कार्यक्रमों के जरिए जनमानस को याद दिलाना होता है कि मानव जीवन में वन प्रजातियों की क्या भूमिका होती है। दुख इस बात का है कि लाख कोशिशों के बावजूद मानवीय गतिविधियां नहीं रुकती और पर्यावरण में होते नित नए परिवर्तन ने भी वन्य पशु-पक्षियों का जीना मुहाल किया हुआ है। राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस का उद्देश्य व्यक्तिगत प्रयासों से लेकर वैश्विक पहलों तक, वन्यजीवों के संरक्षण में मदद करने वाले कार्यों को प्रोत्साहित करना होता है। ये दिन हमें अपने प्राकृतिक परिवेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी की भी याद दिलाता है। वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना और चिड़ियाघरों, अभयारण्यों और वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित संगठनों के काम का समर्थन भी आज का दिन करता है। ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ के अलावा 3 मार्च को मनाया जाने वाला ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ भी जंगली जानवरों की रक्षा के लिए लोगों को आह्वान करता है कि भावी पीढ़ियां पृथ्वी की जैव विविधता का आनंद ले सके, इसलिए वन्य जीवों को संरक्षित करना होगा। आज के खास दिन का मकसद, वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के सामने आने वाली प्राकृतिक आपदाएं, बीमारियों व अन्य गंभीर समस्याओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाना भी होता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मानवीय गतिविधियां वन्य जीवों के लिए मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा खतरा हैं। सरकारी स्तर पर जैव विविधता के महत्व और प्राकृतिक वन्य जीव संरक्षण पर अब और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
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अभी कुछ दिन पहले एक खबर मीडिया की सुर्खियों में थी कि भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई अब एशिया की 'अरबपतियों की राजधानी' बन गई है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, मुंबई में चीन के राजधानी शहर बीजिंग से भी ज़्यादा अरबपति व्यक्ति रहने लगे हैं। भारत में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा अरबपति अब दो और महानगरों नई दिल्ली और हैदराबाद में रहते हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि देश में अरबपतियों की तादाद देश में विकास की रफ़्तार के साथ बढ़ती ही रहेगी। अरबपति छोटे शहरों और कस्बों में भी बने। पर भारत को फिलहाल सैकड़ों-हजारों दानवीर भी चाहिए। भारत, अपने युवा और विविध जनसंख्या के बावजूद , दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि, फ़िलहाल इसकी समृद्धि असमान रूप से वितरित है। लाखों लोग गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक की पहुँच से वंचित हैं। इस असमानता को कम करने और भारत को एक समृद्ध और न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाने के लिए अधिक से अधिक दानवीरों की आवश्यकता है। हमें इस तरह के दानवीर चाहिए जो हर साल बड़ी राशि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में खर्च करें। यह संतोष का विषय है कि बिल गेट्स ने अपनी समृद्धि का उपयोग मानवता की सेवा में किया है। उनके द्वारा स्थापित बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बड़ी चुनौतियाँ हैं, जिसमें गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित है। बेशक, दानवीर स्वास्थ्य सेवा में निवेश करके, नई तकनीकों और दवाओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और क्लिनिकों का निर्माण कर सकते हैं। भारत में शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की बड़ी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में बहुत सारे दानवीरों को निवेश करना चाहिए। वे शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करके, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। समृद्ध दानवीर शिक्षकों के प्रशिक्षण, स्कूलों का आधुनिकीकरण और नए शिक्षण उपकरणों का विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। यह कोई नहीं कह रहा है कि हमारे यहां दानवीर शिक्षा या हेल्थ सेक्टर में निवेश नहीं करते। पर इन दोनों क्षेत्रों में शत प्रतिशत सरकार के भरोसे भी तो नहीं रहा जा सकता। सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं। इसके साथ ही भारत में गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर चहुँमुखी सामाजिक विकास की आवश्यकता है। दानवीर गरीबों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। वे ग्रामीण विकास, कृषि, स्वरोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है। इस स्थिति का सामना करने के लिए हमारे दानवीर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जल संरक्षण और ज़्यादा पानी अवशोषित करने वाले गेहूँ, धान और गन्ना के उत्पादन छोड़ कर या कम करके परंपरागत मोटे और छोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान चला सकते हैं। एक किलो धान के उत्पादन में जहाँ 8000 लीटर , एक किलो गेहूँ उत्पादन में 10,000 लीटर पानी और एक किलो चीनी के उत्पादन में 28,000 लीटर पानी का व्यय होता है, वहीं एक किलो छोटे अनाज कोदो, कँगनी, कुटकी , साँवा और हरा सावाँ के उत्पादन में मात्र 100 से लेकर 300 तक ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रकार, हर तरह के दूरगामी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए भी दानवीर अरबपति पर्यावरणीय संगठनों को समर्थन दे सकते हैं। मैं अपना ख़ुद का उदाहरण देना चाहूँगा। मैं 1966 से लेकर 1975 में स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा लगायी गई इमरजेंसी के पूर्व तक उस समय भारतवर्ष के दो बड़े मीडिया संस्थानों में से एक में विशेष संवाददाता था। तनख़्वाह थी मात्र 230 रुपए प्रतिमाह। संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख लिखने पर प्रति लेख 10 रुपए अलग से मिल जाते थे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा और आशीर्वाद से भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिये एक छोटा-सा सेवामूलक कार्य शुरू किया और तीन लाख भूतपूर्व सैनिकों और बेरोज़गार युवक-युवतियाँ को रोज़गार दिया। आज उन संस्थाओं का वार्षिक कारोबार लगभग 13,000 करोड़ का है। संतोषप्रद लाभ भी है। लेकिन, मैं अपने लाभाँश का लगभग 95% अपने पूज्य माता और पिताजी की स्मृति में स्थापित “अवसर ट्रस्ट“ के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों की शिक्षा, चिकित्सा, बिना दहेज विवाह, किसी भी तरह की समाज सेवा करने वाली संस्थाओं की सहायता में खर्च करता हूँ। इससे जो आत्मीय संतुष्टि मिलती है, उसका वर्णन करना संभव नहीं है। धन की गति या तो व्यभिचार के लिये होगी या सद्कार्यों के लिये! अरबपतियों को एक ही रास्ता चुनना होगा। नोटों की गड्डी पर न तो आज तक कोई जला है, न जलेगा। तब बुद्धिमत्तापूर्वक सबको यह सोचना चाहिये कि संचित धन का सदुपयोग करना है या दुरुपयोग ? नए-नए करोड़पतियों और अरबपतियों को अनुसंधान और विकास में भी निवेश करना चाहिए। ये दानवीर वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और नए क्षेत्रों में निवेश करके, भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में नेता बनने में मदद कर सकते हैं। वे नए उद्यमों को शुरू करने और भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निवेश कर सकते हैं। इंफोसिस टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत दान देते हैं। उन्होंने कुछ समय पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए दान किये। इससे पहले भी, उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को 85 करोड़ रुपए दान किया था। यानी अब तक वो आईआईटी बॉम्बे को करीब 400 करोड़ रुपये का दान कर चुके हैं। दरअसल देश के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्लायों के सफल छात्रों को अपने शिक्षण संस्थानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए। इन संस्थानों को सरकार की मदद के सहारे पर नहीं छोड़ा जा सकता है। अमेरिका में पूर्व छात्र अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की भरपूर मदद करते हैं। पूर्व छात्रों की मदद से ही उनके शिक्षण संस्थानों में रिसर्च और दूसरी सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। नीलकेणी की सबसे बड़ी कामयाबी आधारकार्ड है। देश के हर नागरिक को एक विशिष्ठ पहचान संख्या या यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर को उपलब्ध करवाने का विचार उन्होंने ही सफलतापूर्वक चलाया था। इसमें दो राय नहीं कि भारत में नंदन नीलकेणी जैसे दानवीरों की संख्या को बढ़ाना होगा। अजीम प्रेमजी और शिव नाडर जैसे अरबपति दानवीर भी देश के युवाओं को सामाजिक उद्यमिता, सामुदायिक विकास और सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं। वे भारत के संसाधनों का प्रभावी उपयोग करके, गरीबी को दूर करने और मानवता की सेवा करने के लिए सहायता भी कर सकते हैं। कभी-कभी मन उदास हो जाता है कि भारत में दानवीरों की काफी कमी हैं। देखिए भारत में अब भी धनी लोग समाज के लिए धन देने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि उनका टैक्स देना ही काफी है। यह सोच बदलनी होगी। फिर भारत में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिससे लोगों को दान करने के लिए प्रेरित करने में कठिनाई होती है। उन्हें डर लगता है कि उनके दान का गलत उपयोग किया जाएगा। कई मामलों में यह होता भी है। फिर कई लोग दान के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं या वे यह नहीं जानते कि वे दान कैसे कर सकते हैं। इस बीच, यह कहना सही नहीं है कि यूरोप और अमेरिका में भारत से ज़्यादा दानवीर हैं। दानवीरता किसी भी देश या संस्कृति तक सीमित नहीं है। हर जगह अच्छे दिल वाले लोग होते हैं जो दूसरों की मदद करने को तैयार रहते हैं। हर देश के अपने-अपने दान करने के तरीके हैं और हर व्यक्ति की अपनी ज़रूरतें और सीमाएँ होती हैं। दानवीरता किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद और क्षमता पर निर्भर करती है, न कि किसी देश या संस्कृति पर। हमारे यहां बहुत से लोग मशहूर खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों से शिकायत करते रहते हैं कि वे चैरिटी नहीं करते। हालांकि सच यह है कि कई सेलिब्रिटी अपने दानों के बारे में सार्वजनिक नहीं होने देना चाहते। उनका मानना हो सकता है कि दान करना निजी मामला है और इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं है। कुछ सेलिब्रिटी किसी विशिष्ट कारण के प्रति सहानुभूति महसूस नहीं करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी सेलिब्रिटी एक समान नहीं होते हैं। कुछ बहुत दानवीर होते हैं, जबकि कुछ नहीं भी करते हैं। इसलिए, यह मान लेना गलत होगा कि सभी सेलिब्रिटी दान नहीं करते हैं।
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एन. रघुरामन स्ना तकोत्तर के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इस हफ्ते संबोधित करते हुए मैंने उनसे एक गोल शीट बनाने के लिए कहा, जिसमें उन्हें यह बताना था कि यूनिवर्सिटी से अगले दो साल का कोर्स करने के बाद वे खुद को किस रूप में और कहां देखते हैं। मैंने उनकी शीट जमा कीं और उनमें कुछ लोगों के लक्ष्य थोड़ा तेज आवाज में पढ़े और उन्हें यह सलाह देते हुए रास्ता दिखाने में मदद की कि वे लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकते हैं और इन दो सालों में अकादमिक लिखाई-पढ़ाई के अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में उन्हें क्या-क्या करना चाहिए। उन 45 विद्यार्थियों की शीट में से एक शीट ने मेरा ध्यान खींचा और मैं इसे जोर से नहीं पढ़ सका क्योंकि मुझे यकीन था कि पूरी क्लास की इसे सुनकर हंसी छूट पड़ती और वे शायद असहज हो सकते थे। उसने लिखा, ‘मैं कुछ नहीं करना चाहता हूं, पर पैसे कमाना चाहता हूं!’ मालूम चला कि उस लड़के ने दबाव में इस कोर्स में दाखिला ले लिया था क्योंकि उसके कॉलेज के ज्यादातर मित्रों ने ऐसा किया था। इससे मुझे एक किताब याद आ गई, जो कि मैंने इस साल की गर्मियों में अपने अमेरिका प्रवास के दौरान खरीदी थी। जनवरी 2024 में रिलीज हुई ‘रेंटल पर्सन हू डज़ नथिंग’ शीर्षक की यह किताब एक जापानी, शोजी मोरिमोटो की आत्मकथा है और डॉन नॉटिंग ने अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया है। जीवन जीने के लिए शोजी जो करते हैं, वह जानना दिलचस्प है। वह वाकई कुछ नहीं करते हैं। यहां इसका उदाहरण है। कल्पना करें, आप किसी ऐसे सामाजिक कार्यक्रम में हैं, जहां जाना टाल नहीं सकते थे, लेकिन अब कुछ कारणों से उस जगह से जाना चाहते हैं- एक कारण ये हो सकता है कि आप वहां असहज हों। आप आयोजक से एक झूठ बोलते हैं कि मुझे लेने कोई आया है, क्योंकि दफ्तर में कोई जरूरी काम निपटाना है। आयोजक सहमत हो जाते हैं और वह आपको बाहर तक छोड़ने आते हैं और अगर वे पूछते हैं कि वो आदमी कहां है, तब आप वह आदमी कैसे दिखाएंगे? अगर आप जापान मेें हैं और बिल्कुल एेसा ही झूठ बोल रहे हैं, तो आप शोजी को बुला सकते हैं और वह वहां इंतजार करेगा, वो भी आपके बताए किसी भी नाम से। आप अपने मित्र, पड़ोसी या सहकर्मी के रूप में उसका परिचय दे सकते हैं और उस जगह से छुटकारा पा सकते हैं। शोजी मोरिमोटो, खुद को एक फोकट इंसान के रूप में किराए पर देते हैं, जो केवल आसान-से काम करेगा और कोई राय नहीं देगा। एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने अपनी किताब का हवाला दिया है, जिसमें पेशेवर खाली व्यक्ति के रूप में बनने की अपनी पिछले पांच साल की यात्रा का वर्णन है, एक्स पर उनके चार लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और अच्छा-खासा पैसा कमाते हैं। शोजी अक्सर एक थैरेपिस्ट की भूमिका में रहते हैं, जैसे कि एक क्लाइंट ने माना कि उसे किसी का खून करने के लिए किशोरवस्था में जेल हो गई थी। इस तरह की स्थिति में वह सिर्फ ‘हम्मम्म्म...’ या ‘अच्छा’ में सिर हिलाते या बुदबुदाते हैं। लेकिन क्लाइंट्स के लिए यह भी काफी होता है, जो सिर्फ यह चाहते हैं कि कोई तटस्थ व्यक्ति उन्हें सुने। शोजी लिखते हैं कि ‘बातचीत में गहराई व रिश्तों में गहराई हमेशा से ही एक-दूसरे से नहीं जुड़ी होती। वह लिखते हैं, ‘सच में, निकटता अक्सर लोगों को उनके मुंह बंद रखने के लिए मजबूर करती है।’ शोजी अजनबी को नीचे रहने वाले पड़ोसी से बात करने में मदद करते हैं, ताकि छोड़ी गई लॉन्ड्री गुम होने से बच सके। वह किसी ऐसे के साथ स्टारबक्स फ्रैपुचीनो बांट लेते हैं, जिसे लगता है कि वह इसे अकेला खत्म नहीं कर पाएगा/ पाएगी। वह बैठते हैं और किसी को नॉवेल लिखते हुए देखते हैं। वह किसी के साथ अपॉइंटमेंट करते हैं, ताकि वे लोग झूठ पकड़ाए/ बोले बिना उस रिलेशनशिप से बाहर निकल सकें। फंडा यह है कि अगर आप कुछ नहीं करना चाहते, तो ठीक है, करिए, क्योंकि आपकी जिंदगी है। पर याद रखें, कुछ नहीं करने के लिए भी आपके पास प्लान होना चाहिए, ऐसा प्लेटफॉर्म बनाएं, लक्ष्य तय करें और लाखों फॉलोअर्स बनाएं। फिर खाने और किराए की जगह के पैसे कमाएं।
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थॉमस एल. फ्रीडमैन ‘वैसे में आप क्या करते?’ 7 अक्टूबर के बाद से इजराइल की सरकार ने दुनिया से बार-बार यही सवाल पूछा है। यह कि अगर हमास के आतंकवादी आपकी पश्चिमी सीमा पार करके सैकड़ों इजराइलियों को मार डालें, उनका अपहरण कर लें और अगले दिन उनके हिजबुल्ला सहयोगी आपकी उत्तरी सीमा पर रॉकेट दाग दें- और ईरान इसका समर्थन करे तो आप वैसी स्थिति में क्या करते? यह एक जरूरी सवाल है और इसे इजराइल के आलोचक अक्सर टालते रहते हैं। लेकिन वे अकेले नहीं हैं, जो इसे टालते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली यह इजराइली सरकार चाहती है कि आप और मैं और हर इजराइली और इजराइल के सभी मित्र- यहां तक कि दुश्मन भी- इस पर विश्वास कर लें कि इस प्रश्न का हमेशा केवल एक ही सही उत्तर था : गाजा पर हमला बोलकर हमास को खत्म कर देना, इस प्रक्रिया में हताहत होने वाले नागरिकों से विचलित न होना, फिर लेबनान में हिजबुल्ला पर धावा बोलकर यही सब फिर से दोहराना- और युद्ध के इन दोनों मोर्चों में से किसी से भी बाहर निकलने की रणनीति बनाने में समय बर्बाद न करना। यह एक जाल है, और बाइडेन प्रशासन इजराइल को इसमें फंसने से रोकने के लिए पर्याप्त दृढ़ नहीं था। अब हालात संगीन हो चुके हैं। इजराइल का यहूदी-राष्ट्र गंभीर खतरे में है। और उसे यह खतरा ईरान के साथ ही उसके वर्तमान इजराइली सत्तातंत्र दोनों से है। मुझे इस युद्ध के प्रमुख कारणों के बारे में कभी कोई भ्रम नहीं रहा। यह यहूदी राष्ट्र को धीरे-धीरे नष्ट करने, अमेरिका के अरब सहयोगियों को कमजोर करने और क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करने की भव्य ईरानी रणनीति का खुलासा है। इसकी एक अन्य उपकथा है, इजराइल को ईरान की परमाणु-फेसिलिटीज़ पर हमला करने से रोकना और प्रॉक्सी का उपयोग करना। ईरान-हमास की रणनीति इजराइल के चारों ओर एक आग का घेरा बनाने की थी, जिसमें हमास, हिजबुल्ला, हूतियों, इराक की शिया मिलिशिया और वेस्ट-बैंक में जॉर्डन के माध्यम से तस्करी किए गए हथियारों से लैस उग्रवादियों का इस्तेमाल किया गया था। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति है : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए। इजराइल को खत्म करने के लिए ईरान हरेक लेबनानी, फिलिस्तीनी, सीरियाई और यमनी की जान को जोखिम में डालने से हिचकने नहीं वाला है। इससे वह ईरानी हुकूमत द्वारा अपने ही लोगों के साथ की जा रही ज्यादतियों और लेबनान, यमन, इराक और सीरिया पर अपने नियंत्रण से भी दुनिया का ध्यान हटा सकेगा। इजराइलियों और यहूदी लोगों के लिए समस्या यह है कि नेतन्याहू सरकार ने युद्ध को उस तरीके से संचालित करने से इनकार कर दिया, जिससे सफलता की उम्मीद की जा सकती थी- क्योंकि वह रणनीति प्रधानमंत्री के राजनीतिक हितों के विपरीत थी। इजराइल को बाहर से अस्तित्व का खतरा है, और उसके प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी अपने राजनीतिक और वैचारिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में इजराइल के सर्वोच्च न्यायालय को कुचलने के लिए न्यायिक तख्तापलट के प्रयासों को फिर से शुरू कर दिया है- जबकि इजराइल अपने अस्तित्व के लिए युद्ध लड़ रहा है और उसके बंधक आज भी गाजा में कहीं हैं। इजराइल को चार चीजों की जरूरत थी : 1. समय, क्योंकि आग के इस घेरे को रातोंरात नहीं बुझाया जा सकता था; 2. संसाधन, विशेष रूप से अमेरिका से; 3. अरब और यूरोपीय सहयोगी, क्योंकि इजराइल अकेले नहीं लड़ सकता था; और 4. अपनी कार्रवाइयों के लिए वैधता। बाइडेन की टीम ने इजराइल के सामने एक रोडमैप पेश किया था। इसमें अमेरिका के अरब सहयोगियों को नए, विश्वसनीय नेतृत्व के साथ वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण में सुधार के लिए राजी करना और फिर इजराइल को टू-स्टेट सॉल्यूशन के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नेतृत्व से बातचीत शुरू करने के लिए सहमत करना शामिल था। इससे हमास अलग-थलग हो जाता और उस पर संघर्ष-विराम के लिए दबाव डालने का रास्ता खुल जाता, जिसके तहत सभी बंधकों के बदले में इजराइल गाजा से बाहर निकल जाता। इससे इजराइल पर हमला करने का हिजबुल्ला का बहाना खत्म हो जाता। सऊदी अरब के लिए इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का रास्ता खुल जाता, जो ईरान के लिए एक बड़ा झटका होता। लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं किया जा सका है। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति थी : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए।
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पं. विजयशंकर मेहता पैसा कमाना यदि एक कला है, तो उसे खर्च करना भी हुनर है। तीन तरह के लोग देखने में आते हैं- कंजूस, मितव्ययी और दोनों हाथों से लुटाकर खर्च करने वाले खर्चीले। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों के मामले में कंजूस हैं, लेकिन अपने मामले में बड़े खर्चीले हो जाते हैं। तो प्रयोग करना चाहिए कि धन को यदि भोग-विलास में खर्च करना हो तो कंजूस हो जाएं। अपने ऊपर खर्च करना हो तो मितव्ययी हो जाएं। लेकिन अपने परिवार में खर्च करना हो, तो फिर खुले दिल से करिए। पैसे को एक शब्द से जोड़िए और उसका नाम है प्रेम। प्रेम से कमाइए, प्रेम से खर्च करिए। इसका मतलब यह है कि कमाते समय दूसरों का अहित नहीं करेंगे और खर्च करते समय दूसरों का हित देखेंगे। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि प्रेम विज्ञान से परे और ऊपर है। इसलिए पैसे से प्रेम करना और प्रेम को सामने रखकर उसे खर्च करना, यह समझ पैदा करना चाहिए। क्योंकि धन आता जाता है तो जब ये आए तो दीवाने न हो जाएं और जब ये जाए तो बावले न बन जाएं।
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पवन के. वर्मा किसी शायर ने लिखा है : ‘हम उनकी याद में अक्सर उन्हीं को भूल गए!’ कभी-कभी मुझे लगता है कि यह हमारे लोकतंत्र के बारे में सच है। हम इसकी प्रशंसा करते हैं, लेकिन इसी के सिद्धांतों को भूल जाते हैं। इसका एक उदाहरण विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका है। यह किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं रहा है। कांग्रेस सरकारों ने इसे खुलेआम किया और 2014 के बाद भाजपा भी इससे अलग नहीं रही है। यह दु:खद है, क्योंकि हम उम्मीद करते हैं कि जैसे-जैसे लोकतंत्र विकसित होगा, इसकी कई विकृतियां ठीक हो जाएंगी, आगे नहीं बढ़ेंगी। संविधान के अनुच्छेद 152 से 160 के तहत राज्यपालों की शक्तियों और भूमिका को परिभाषित किया गया है। इनके तहत राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, वह दलगत राजनीति से ऊपर होता है तथा संविधान और कानून के संरक्षण के लिए काम करता है। हालांकि, चूंकि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं, इसलिए कई राज्यपाल सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा नियुक्त होने के नाते उसके प्रतिनिधि के रूप में व्यवहार करते हैं। राज्यपालों द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का एक उदाहरण विधानसभाओं द्वारा विधिवत पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करना है। तमिलनाडु, बंगाल, केरल, पंजाब, कर्नाटक, दिल्ली जैसे विपक्ष-शासित राज्यों में इस प्रवृत्ति ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। कांग्रेस-शासित कर्नाटक में, राज्यपाल थावरचंद गहलोत- जो अपनी नियुक्ति से पहले भाजपा-संघ के विश्वासपात्र सदस्य थे- ने राज्य की विधानसभा द्वारा पारित किए 11 विधेयकों को यह कहकर लौटा दिया है कि इन्हें और स्पष्ट किया जाए। द्रमुक की सरकार वाले तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि ने 31 अक्टूबर 2023 से 28 अप्रैल 2024 के बीच विधानसभा द्वारा पारित 12 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी। केरल में, आरिफ मोहम्मद खान ने 7 विधेयकों को दो साल तक मंजूरी नहीं दी, और बाद में उन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। पश्चिम बंगाल में टीएमसी का दावा है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 8 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। ‘आप’ शासित पंजाब में बनवारी लाल पुरोहित ने 4 विधेयक रोके हुए हैं। संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार विधेयक के लिए राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है। राज्यपाल उनमें संशोधन या पुनर्विचार का सुझाव दे सकते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ‘जितनी जल्दी हो सके’ करना चाहिए। हालांकि, अगर विधानसभा राज्यपाल के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विधेयक को फिर से पारित करती है, या उसे उसके मूल रूप में कायम रखती है, तब भी राज्यपाल ‘उस पर स्वीकृति नहीं रोक सकते’। राज्यपाल विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ प्रेषित करने के लिए सुरक्षित रख सकते हैं, पर केवल तभी, जब प्रस्तावित कानून ‘उच्च न्यायालय की शक्तियों से वंचित’ होगा। नवंबर 2023 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। तमिलनाडु और केरल के मामले में, कोर्ट ने तीखे शब्दों में पूछा कि राज्यपाल दो से तीन साल तक विधेयकों को रोककर क्यों बैठे रहते हैं? कोर्ट ने ‘गंभीर चिंता’ जताते हुए कहा राज्यपाल ‘बिना किसी कार्रवाई के किसी विधेयक को अनिश्चित काल तक रोक नहीं सकते।’ ऐसा करने पर ‘राज्य के अनिर्वाचित प्रमुख के रूप में राज्यपाल विधिवत रूप से निर्वाचित विधायिका के कामकाज को वीटो करने की स्थिति में आ जाएंगे।’ न ही राज्यपाल, एक बार सहमति रोक लेने के बाद, विधायिका द्वारा पुनः अधिनियमित विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई हमारी संघीय राजनीति को प्रभावित करती है, जो कि संविधान का एक बुनियादी ढांचा है। सच तो यह है कि कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘लेडी मैकबेथ’ कहा और उनके साथ सार्वजनिक मंच साझा करने से इनकार कर दिया दिल्ली के उपराज्यपाल ने चुनी गई सरकार की आलोचना करते हुए लेख लिखा। तमिलनाडु और केरल के राज्यपालों का अपनी सरकारों से सार्वजनिक विवाद चल रहा है। चेन्नई में राज्यपाल ने इस सप्ताह कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी अवधारणा है’ और ‘भारत को इसकी आवश्यकता नहीं’। उन्होंने उसी संविधान को अस्वीकार कर दिया, जिसके आधार पर उन्होंने शपथ ली थी। जबकि संविधान कोई निष्प्राण दस्तावेज नहीं, जिसकी गलत व्याख्या की जाए। हमें उसके इरादों और भावनाओं को भूलना नहीं चाहिए। कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करते हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है ।
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संजय कुमार हम एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर कितने गम्भीर हैं? यह सवाल इसलिए पूछा जाना चाहिए, क्योंकि इस बारे में नीति-निर्माताओं की कथनी-करनी में अंतर है। चार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और रामनाथ कोविंद समिति द्वारा परामर्श किए गए आठ में से सात राज्यों के चुनाव आयुक्तों ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार को मंजूरी दी है, लेकिन जब चुनाव कराने की बात आती है तो चुनाव आयोग एक अलग पद्धति का पालन करता है। 2024 का लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था। कुछ साल पहले, न केवल दो राज्यों के चुनाव कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक हुए थे, बल्कि दोनों की तारीखों की घोषणा भी अलग-अलग की गई। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव एक साथ नहीं बल्कि कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक होंगे। क्या हम वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीर हैं? या इसमें आने वाली बाधाएं चुनाव आयोग के मन में हिचकिचाहट पैदा कर रही हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से इस बात पर जोर देते आ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने एक साथ चुनाव कराने की जरूरत का जिक्र किया था। एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए बिना समय गंवाए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। समिति ने अपनी पहली बैठक से 361 दिनों के रिकॉर्ड समय में रिपोर्ट पेश की, जिसे अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। समिति ने 47 राजनीतिक दलों से परामर्श किया, जिनमें से 32 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 15 ने विरोध किया। प्रस्ताव का विरोध करने वाले 15 दलों में से 5 विभिन्न राज्यों में सत्ता में हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी टीडीपी ने पहले तो कोई राय नहीं दी, लेकिन अब वह भी प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। बसपा ने प्रस्ताव का विरोध करने का अपना रुख बदलते हुए अब प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है। चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एक भाषा में बात नहीं कर रहा है। वर्ष 2015 में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति को सौंपे अपने निवेदन में आयोग ने इस विचार को लागू करने में आने वाली कई कठिनाइयों को बताया था। उसने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की बड़े पैमाने पर खरीद की आवश्यकता होगी। इसमें 9,284.15 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। मशीनों को हर 15 साल में बदलने की भी आवश्यकता होगी, जिसके लिए फिर से खर्च करना होगा। इसके अलावा, मशीनों के स्टोरेज से वेयरहाउसिंग लागतें बढ़ जाएंगी। कोविंद समिति के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में आयोग ने लॉजिस्टिक्स संबंधी कठिनाइयों का जिक्र किया। उसने कहा कि 2029 में एक साथ चुनाव कराने के लिए कुल 53.76 लाख बैलेट यूनिट और ईवीएम की 38.67 लाख कंट्रोल यूनिट और 41.65 लाख वीवीपैट की आवश्यकता होगी। लेकिन 10 मार्च 2022 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि अगर सरकार चाहती है तो आयोग एक साथ चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है, लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। जो विधानसभा 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, उसे इस बारे में सोचना होगा या फिर देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संसद का कार्यकाल बढ़ाने की जरूरत है। यह संसद में तय होना है, लेकिन चुनाव आयोग सभी चुनावों को एक साथ कराने में सक्षम है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जब वर्ष 2022 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने थे, तब चुनाव आयोग इन दोनों के विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं करा सका। दोनों राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा भी अलग-अलग की गई- हिमाचल के लिए चुनाव की तिथि 12 अक्टूबर को घोषित की गई, जबकि चुनाव 12 नवंबर को होने थे, वहीं गुजरात में विधानसभा चुनाव की तिथि 3 नवंबर को घोषित की गई, जबकि मतदान 1 और 3 दिसंबर को होना था। दोनों ही राज्यों की मतगणना 8 दिसंबर को एक साथ होनी थी। हाल ही में चुनाव आयोग ने बिना किसी जायज वजह के दो राज्यों (महाराष्ट्र और हरियाणा) के लिए एक साथ होने वाले चुनावों को भी बाधित किया। क्या चुनाव आयोग वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है या इसमें उसकी ओर से कोई कोर-कसर है?
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डेरेक ओ ब्रायन 16 जनवरी, 2012 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार पर दबावपूर्ण संघवाद की नीति अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वित्तीय आवंटन की शक्तियों पर एकाधिकार कायम करके राज्यों को मातहत की हालत में लाया जा रहा है और इससे राज्यों के संवैधानिक अधिकार घटे हैं। वहीं इस स्तम्भकार को यह भी याद है कि 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद के अपने कमरे में लगभग आधा दर्जन साथी सांसदों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था। हमारे उदार मेजबान एक अच्छी खबर का जश्न मनाना चाहते थे : 14वें वित्त आयोग ने राज्यों को विभाज्य टैक्स-पूल का हस्तांतरण 32% से बढ़ाकर 42% करने की सिफारिश की थी। हम सभी ने इसे संघवाद की बड़ी जीत के रूप में देखा था। लेकिन जेटली के नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के विचार कुछ और थे। संघवाद को क्षति पहुंचाने वाला : उपकर (सेस)। जैसा कि वाणिज्य में स्नातक करने वाला कोई भी व्यक्ति आपको बता सकता है, उपकर विभाज्य पूल का हिस्सा नहीं हैं; यानी उनके माध्यम से एकत्र किया गया धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र सरकार किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करती है। केंद्र सरकार वर्तमान में जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाती है, साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा, सड़क और बुनियादी ढांचा, कृषि और विकास, स्वच्छ भारत, निर्यात और कच्चे तेल आदि पर उपकर हैं। 2012 में, उपकर केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व का 7% था। 2015 में, यह बढ़कर 9% हो गया। 2023 में, उपकरों ने कुल कर-राजस्व में 16% का योगदान दिया। 2019 से 23 के बीच, केंद्र सरकार ने उपकर के रूप में 13 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर शामिल नहीं है। पिछले पांच वर्षों में उसने कच्चे तेल पर उपकर के रूप में 84,000 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व में उपकरों का हिस्सा बढ़कर तिगुना हो गया है। 2011 में यह 6% था, 2021 में 18% हो गया। उपकर और अधिभार (सरचार्ज) में इस वृद्धि ने करों के विभाज्य पूल में कमी ला दी है। विभाज्य पूल 2011 में सकल कर-राजस्व के 89% थे, जो 2021 में घटकर 79% हो गए। यह स्थिति तब है, जब 14वें वित्त आयोग ने अनुशंसित राज्यों को कर-हस्तांतरण में 10% की वृद्धि कर दी थी। कैग की एक रिपोर्ट ने उजागर किया कि 2018-19 में केंद्र सरकार ने भारत की समेकित निधि (सीएफआई) में विभिन्न उपकरों के माध्यम से एकत्र 2.75 लाख करोड़ रुपयों में से 1 लाख करोड़ रुपए रोक लिए। वित्त-वर्ष के दौरान एकत्र किए गए सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर के 10,000 करोड़ रुपए न तो संबंधित रिजर्व फंड में स्थानांतरित किए गए और न ही उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए, जिसके लिए उपकर एकत्र किया गया था। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि पिछले एक दशक में कच्चे तेल पर उपकर के रूप में एकत्र किए गए 1.24 लाख करोड़ रुपए निर्दिष्ट रिजर्व फंड (तेल उद्योग विकास बोर्ड) में स्थानांतरित नहीं किए गए और सीएफआई में ही रखे गए। रिजर्व फंड्स के न बनने या उनका ठीक से उपयोग न होने से उपकरों और शुल्कों का उपयोग संसद द्वारा निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। उपकर बढ़ाने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में राजस्व में मामूली वृद्धि ही हुई है- 2014 में यह जीडीपी की 8.8% थी तो 2024 में 9.6% हो गई यानी 1 प्रतिशत से भी कम। हाल ही में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एनडीए और विपक्ष शासित राज्यों के आठ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चिंता जताई कि उच्च प्रति व्यक्ति जीएसडीपी वाले राज्यों को अनुपात से कम कर-आवंटन दिया जाकर उन्हें उनके अच्छे आर्थिक प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है। 80 के दशक की शुरुआत में सरकरिया आयोग ने सिफारिश की थी कि उपकर और सरचार्ज एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए और सीमित समय के लिए लगाए जाने चाहिए। 2010 में पुंछी आयोग ने कहा था कि उपकर और सरचार्ज का विस्तार करना वित्त-आयोगों की सिफारिशों को कमजोर करने के बराबर है, क्योंकि इससे राज्य केंद्रीय कर-राजस्व में उनके उचित हिस्से से वंचित रह जाते हैं। लेकिन उपकरों की संख्या और मात्रा बढ़ती जा रही है। जो राज्य वैचारिक रूप से सत्तारूढ़ व्यवस्था का विरोध करते हैं, उन्हें अक्सर उनके उचित हिस्से से वंचित कर दिया जाता है। उपकरों के माध्यम से एकत्र धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करता है। लेकिन इस धन का अपने प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।
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एन. रघुरामन कल्पना करें, आप ऐसी जगह पर हैं, जो किसी भव्य रेस्तरां जैसी दिख रही है, जहां बराबर दूरी पर लगी टेबल पर सफाई से फूल व्यवस्थित लगाए गए हैं और आंख की बराबरी के लेवल पर फूलदान रखे हैं, जिससे आपको अहसास होता है कि किसी उत्सव में आए हैं। उस कमरे में महक का कारण प्राकृतिक फूलों की खुशबू थी। कुछ कोनों पर दीवार पर रंग-बिरंगे फूल भी लगे थे। उस बड़े-से कमरे में रोशनी भी एकदम सही थी- न बहुत भड़कीली और ना मद्धिम। बैकग्राउंड में हल्का सिंगल इंस्ट्रूमेंट म्यूजिक चल रहा था। वहां एक चिपर थी, जो आसपास भागती-दौड़ती हरेक का अभिवादन कर रही थी और पूछ रही थी कि उन्हें कुछ पीने के लिए तो नहीं चाहिए। चिपर मतलब हंसमुख, बहुत प्यारी और आत्मविश्वास से भरी हाजिरजवाब लड़की। अगर लोग ड्रिंक के लिए हां कहते, तो वह कुछ बहुत अच्छी मॉकटेल ऑफर करती क्योंकि वहां एल्कोहल की अनुमति नहीं है। हर टेबल पर एक फोल्ड किया कार्ड रखा है, जिसके साथ पेन भी है, ताकि किसी को पता नहीं चल सके कि किस में दिलचस्पी दिखाने के लिए आपने कौन-सा बॉक्स टिक किया है या दिलचस्पी नहीं होने के लिए क्रॉस किया है। इस मीटिंग में मोबाइल की अनुमति नहीं है। और अंततः जब घंटी बजती है, तो हर टेबल पर एक-एक महिला-पुरुष, आमने-सामने बैठते हैं और चिपर नियमों की घोषणा करती है। हर पांच मिनट में वह सुंदर चिपर घंटी बजा देती। और तब पुरुष प्रतिभागी खड़ा होता, उस फोल्ड किए कार्ड पर अपने निशान लगाता और दाईं तरफ की टेबल पर मुड़ जाता। उस हॉल में हर पुरुष तयशुदा समय में हर महिला से मिलता। पुुरुष के दूसरे टेबल पर जाने के दौरान उसी टेबल पर बैठी महिला भी अपने कार्ड पर निशान लगाती। दोनों की हां में सहमति का मतलब है िक दोनों को अगले 24 घंटों में उनके फोन नंबर के साथ एक ईमेल मिल जाएगा। और यह ‘स्पीड डेटिंग’ कहलाती है! साल 1998 में रब्बी याकोव देयो द्वारा लॉस एंजेलिस में यहूदी सिंगल लोगों के लिए निफ्टी मैचमेकिंग के तौर पर स्पीड डेटिंग की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब यह वैश्विक परिघटना बन चुकी है। पिछले कुछ सालों में अकेलेपन नामक बीमारी के बढ़ने और डेटिंग एप में धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद विकसित देशों में युवाओं ने इस मैथड को लोकप्रिय बना दिया है। मैरिज ब्यूरो की तरह ही स्पीड डेटिंग भी एक संजीदा व्यवसाय है और बड़े शहरों में ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी करने वाली कंपनियों का 75% मैच रेट का दावा है। जोड़ी मिलान के अलावा यह लोगों में एक खूबसूरत रिश्तों को भी बढ़ावा दे रहा है। जिसका मतलब है कि यह एेसे लोगों को दोस्तों की तरह जोड़ रहा है, जिनकी समान अभिरुचियां हैं, जैसे लेखन, संगीत, बुक क्लब के सदस्य हैं, हाइकिंग आदि। भले ही शादी किसी और से हो, लेकिन वे लोग अच्छे दोस्त बनने के बाद ताउम्र दोस्त रहते हैं। अब डेटिंग एप गुजरे जमाने की बात हो चुकी है और इंसानी संपर्क के साथ इन नए एप ने उनकी जगह ले ली है। डेटिंग एप्स पर प्रोफाइल में जानकारी भरते हुए लोग जानबूझकर अच्छी तस्वीरें चुनते हैं और अपने बारे में अच्छे-अच्छे शब्द लिखते हैं, जिससे सोचने और दोबारा सोचने का भरपूर समय मिलता है। संक्षेप में, वे खुद को अच्छे दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मानव से मानव संपर्क में इंसान नैसर्गिक होता है। प्यार या जीवनसाथी चुनना स्वतः और बिना गुणा-भाग के ही होता है। इस तरह के पलों की योजना नहीं बना सकते या प्रोफाइल में नहीं समा सकते। कोई भी इसे अपने अंदर निर्मित नहीं कर सकता। तभी यह ‘प्यार में पड़ना’ कहलाता है। व्यक्तिगत रूप से मिलने की खोज की बढ़ती लोकप्रियता एक तरह से एनालॉग की ओर वापसी का हिस्सा है। इसलिए युवाओं द्वारा पुराने दौर को अपनाने की कई रिपोर्ट्स हैं। मिलेनियल्स और जेन ज़ी ने अब अपने स्मार्टफोन, एप और स्किनी जींस को एकतरफ रखकर जीवनसाथी चुनने के लिए पुराने तरीकों की ओर रुख किया है। फंडा यह है कि नौजवान समझ चुके हैं जो कभी ओल्ड फैशन था, लगता है कि वो नया बन गया हैै! यह हमारी जिम्मेदारी है कि पुराने तौर-तरीकों को नए माहौल में ढालें।
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शिवांगी सक्सेना केस-1 'मेरे ऑफिस में ग्रिलिंग का कल्चर था। आपको कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता है। ओवरवर्क की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा।' - मेहर सूरी, बेंगलुरु केस-2 'मैं ऐड कंपनी में काम करता था। इसमें डेडलाइन की बहुत अहमियत होती है। मुझसे तीन लोगों का काम कराते थे। मैं घर भी काम लेकर जाता था। कई बार पूरे दिन खाना नहीं खाया। परेशान होकर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ -सुकून, मुंबई मेहर और सुकून अलग-अलग शहरों में रहते हैं। अलग कंपनियों में काम करते हैं। दोनों के फील्ड अलग हैं, लेकिन परेशानी एक जैसी है। ऑफिस में इतना वर्कलोड है कि खाना-पीना, नींद, आराम सब छूट गया। मेहर और सुकून की तरह ही एना सेबेस्टियन पेरिइल थीं। 26 साल की एना चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में इसी साल फरवरी में एक कंपनी में नौकरी शुरू की थी। 6 महीने बाद 20 जुलाई को एना को कार्डियक अरेस्ट आया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एना की मां अनीता ऑगस्टीन ने सितंबर में कंपनी चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखा। बताया कि कैसे ऑफिस के वर्कलोड की वजह से एना की जान गई। एना की मां ने लिखा- जरूरत से ज्यादा काम ने बेटी को मार डाला अनीता ऑगस्टीन ने बेटी की मौत के लिए जरूरत से ज्यादा काम के बोझ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लेटर में लिखा कि शॉर्ट डेडलाइन और देर रात तक काम करने की वजह से एना की तबीयत बिगड़ी। चेस्ट पेन के बाद वो जुलाई में डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर ने उसे वेंट्रिकुलर (सीने में सिकुड़न) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पूरी नींद न लेने और देर से खाना खाने की वजह से ऐसी परेशानी आ रही है। अनीता ऑगस्टीन का लेटर वायरल हुआ, तो भारत में कॉरपोरेट सेक्टर के वर्क-कल्चर पर बहस शुरू हो गई है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में युवा सबसे ज्यादा ओवर वर्क करते हैं। देश की आधी वर्कफोर्स हफ्ते में 49 घंटे से ज्यादा काम करती है। भारत उस लिस्ट में 12वें नंबर पर है, जहां काम करने के घंटे सबसे ज्यादा हैं। पहली कहानी मेहर सूरी, 29 साल, बेंगलुरु सेक्टर: NGO रोज 12 घंटे काम करके बीमार पड़ी, ऑफिस नहीं जा पाईं तो सैलरी काट ली मेहर ने करियर की शुरुआत 2020 में की थी। वे रिसर्चर हैं। 2020 के आखिर में मेहर ने एक NGO के साथ काम करना शुरू किया। ये उनकी पहली नौकरी थी। मेहर बताती हैं, 'उस वक्त कोरोना था। तब काम करने के अलग चैलेंज थे। लोग बीमार पड़ रहे थे, आए दिन मौतें हो रही थीं।’ ‘इस बीच मेरे ऑफिस ने मुझे अकेले नॉर्थ-ईस्ट के एक गांव में भेज दिया। मैं चली भी गई। वहां जाकर पता चला कि यहां तो उग्रवादियों की एक्टिविटी रहती है। मुझे ये नहीं बताया गया कि यहां फायरिंग होती है। मैंने सीनियर से इस बारे में पूछा तो जवाब मिला कि अगर तुम्हें बता देते तो तुम डर जातीं। इसके बाद भी ऑफिस की तरफ से मेरी सेफ्टी के लिए कुछ नहीं किया गया।' मेहर आगे बताती हैं, 'ऑफिस में कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता था। वर्कलोड की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन फील्ड पर साइकोसिस का अटैक आया। मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। मेरी परेशानी कोई समझ ही नहीं रहा था। हमारे यहां ऑर्गेनाइजेशंस में मेंटल हेल्थ का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। किसी भी ऑफिस में मानसिक तनाव को आसानी से अनदेखा कर दिया जाता है।' मेहर कहती हैं, 'एक तरफ मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था, दूसरी तरफ मैं पार्ट टाइम जॉब ढूंढ रही थी। मुझे दो महीने की सैलरी के बराबर पैसा ऑफिस में देना था। ये अमाउंट करीब 80 हजार रुपए था। मेरे मन में सुसाइड का ख्याल आने लगा। कोई मेरी तकलीफ नहीं समझ रहा था। आखिर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ मेहर के अगले ऑफिस में भी कुछ नहीं बदला। वे कहती हैं, 'दूसरी नौकरी में भी वर्क प्रेशर बहुत ज्यादा था। मैं मेंटल ट्रामा से उबर ही रही थी कि ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग का पता चला। मेरी फैमिली मुझे अस्पताल ले गई। मम्मी-पापा ने पूरा ख्याल किया। ऑफिस से कोई सीनियर मुझे देखने तक नहीं आया। कंपनी ने उस महीने की सैलरी तक नहीं दी। कहा गया कि मैं पूरे महीने छुट्टी पर थी।' 'मुझे फैमिली का सपोर्ट मिला, इसलिए मैं इलाज करा सकी। हर किसी के पास इतना पैसा नहीं कि वो हॉस्पिटल का खर्च उठा सके।' दूसरी कहानी सुकून, 28 साल, मुंबई सेक्टर: एडवरटाइजिंग दिन-रात सिर्फ काम, न खाने का टाइम, न सोने का 28 साल के सुकून मुंबई में रहते हैं। उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया है। 2022 में सुकून ने एक होटल में जॉब शुरू की। वे बताते हैं, 'मैं मराठी में बात करता था। ये बात मेरी सुपरवाइजर को पसंद नहीं थी। वो मुझसे चिढ़ने लगती थी। मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा। मैंने नौकरी छोड़ी और ऐडवरटाइजिंग फर्म में काम करने लगा। वहां परेशानियां और ज्यादा थीं।' ऐडवरटाइजिंग कंपनी में अपने अनुभव के बारे में सुकून बताते हैं, 'ऐडवरटाइजिंग की दुनिया बहुत क्रिएटिव है। आइडिया आने का कोई वक्त नहीं होता। ये कहकर कर्मचारियों से पूरा दिन काम करवाया जाता है। मेरे बॉस हर वक्त मुझ पर नजर रखते थे। ऑफिस में किसी से बात करते देख लेते, तो कहते कि तुम्हारा ध्यान काम पर नहीं है।' सुकून आगे बताते हैं, 'मैं रोज सुबह 9 बजे ऑफिस पहुंच जाता था। रात को 8 बजे घर जाने के लिए उठता, तो पीछे से बॉस की आवाज आती- अभी से घर जा रहे हो। इस तरह के ताने बहुत आम थे।' सुकून बताते हैं... जब तक कोई आइडिया न मिल जाए, तब तक हम घर नहीं जा सकते थे। वीकेंड भी काम खत्म करने और क्लाएंट से बात करने में चला जाता था। एक दिन सुकून ने बॉस को अपने जेंडर के बारे में बताया। इसके बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया। वे बताते हैं, 'मैंने बहुत भरोसे के साथ बॉस को बताया कि मैं जेंडर-फ्लूइड हूं। मेरे प्रोनाउन He/They हैं। इसके बाद से बॉस का रवैया बदल गया।' 'मुझे सबसे हल्का काम मिलने लगा। ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं मिलता, जहां मैं टैलेंट दिखा सकूं। हद तो तब हो गई जब मुझसे पूछे बिना, उन्होंने ऑफिस में मेरी आइडेंटिटी के बारे में बता दिया। इसका असर मेरे प्रमोशन और इन्क्रिमेंट पर भी दिखा। मैंने परेशान होकर नौकरी छोड़ दी। दो साल से मेरी थैरेपी चल रही है।' तीसरी कहानी प्रिया, 28 साल, नोएडा सेक्टर: मीडिया काम का वक्त तय नहीं, इलाज के लिए भी छुट्टी नहीं प्रिया (बदला हुआ नाम) नोएडा में एक मीडिया हाउस में काम करती हैं। उन्होंने भोपाल से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। भोपाल में ही साउथ इंडिया की एक वेबसाइट के लिए काम करने लगीं। जॉब करने के दौरान प्रिया को चेस्ट कंजेशन का पता चला। अगर वक्त पर डॉक्टर के पास न जातीं, तो टीबी हो सकता था। प्रिया बताती हैं, 'मैं 2018 में जर्नलिज्म के प्रोफेशन में आई। ये मेरी पहली जॉब थी। ये जिंदगी का सबसे बुरा फैसला साबित हुआ। मुझसे पूरा दिन काम करवाया जाता। सुबह मैं रिपोर्टिंग पर जाती और शाम को आने के बाद मुझसे डेस्क का काम करवाते। काम का कोई वक्त ही तय नहीं था।' 'इसी बीच मेरी तबीयत बिगड़ी और खांसी आनी शुरू हुई। मैंने शुरू में इसे नजरअंदाज कर दिया। डॉक्टर को दिखाने का सोचती, तो छुट्टी नहीं मिलती थी। बॉस कहते कि स्टाफ कम है, इसलिए छुट्टी नहीं दे सकते। एक दिन ऑफिस में बैठे-बैठे मेरी खांसी रुक ही नहीं रही थी। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला मुझे चेस्ट इन्फेक्शन है।'
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रश्मि बंसल सितंबर का महीना खत्म होने को आया, अब त्योहार शुरू। नवरात्र, दशहरा, दिवाली, फिर कुछ दिनों बाद साल खत्म होने का इंतजार। समय भाग रहा है। एक और बर्थडे, दो-चार सफेद बाल, स्केल पर थोड़ा और वजन। इन्हीं चीजों से मापते हैं हम अपनी बढ़ती हुई उम्र। ये ठीक है पर एक और चीज का मैप जरूरी है। आप कंप्यूटर इस्तेमाल करते होंगे, कुछ दिन बाद मैसेज आता है- ‘डिस्क फुल’ यानी फाइल सेव करने की और जगह नहीं। पर दिमाग का क्या? इंसान का प्राकृतिक कंप्यूटर, समय के साथ उसकी डिस्क भी फुल हो जाती है। अब देखते हैं दिमाग के डिस्क में क्या-क्या भरा है। निरीक्षण करने पर पता चला- 80% कूड़ा है। कुछ तो इतना पुराना कि बदबू मार रहा है। जैसे बीस साल पहले, शादी के बाद सास ने कुछ कड़वे शब्द कहे थे। सास तो चली गईं, पर उनकी आवाज आज भी आपके अंदर गूंज रही है। अब भी वो निगेटिव इमोशन जिंदा हैं। छोड़िए, मैं तो दूसरी समस्याओं से जूझ रही हूं। पेट में काफी दर्द रहता है, किडनी स्टोन निकला है। अच्छा जी, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका ताल्लुक भी आपकी सास से है। मतलब? शरीर की ज्यादातर बीमारियां उत्पन्न होती हैं हमारे उन जज्बातों से, जिन्हें हम अपने अंदर दबाकर रखते हैं। जब मैंने पहली बार इस थ्योरी के बारे में सुना, मैं हंसी। ऐसा हो सकता है क्या? मगर लुइस हे द्वारा लिखी ‘यू कैन हील यॉर लाइफ’ किताब पढ़ने के बाद मुझे लगा कि उनकी बातों में दम है। हर बीमारी का ‘रूट कॉज’ जो दर्शाया गया है - अपने अंदर झांककर देखिए, सच्चाई झलकेगी। जैसे किडनी स्टोन का मूल कारण- मन में क्रोध की गांठें। हाई बीपी हो या डायबिटीज, माइग्रेन या पीठ का दर्द, उसके पीछे है लंबे समय से चली आ रही भावनात्मक समस्या। खैर, जरूरी नहीं कि आप लुईस की थ्योरी को सच मानें। पर ये तो मानेंगे कि दिमाग की डिस्क में स्पेस बनाना जरूरी है। भगवान ने डिलीट बटन तो नहीं दिया पर कुछ आसान तरीके हैं, मन में भरी फालतू फाइल्स से मुक्ति पाने के लिए। खास कर किसी इंसान के प्रति गुस्से या कटुता की भावना जब हो। 1. लिख डालिए- कलम हाथ में लीजिए और कागज पर वो सब लिख डालिए जो आप कभी व्यक्त न कर सकीं। बिना रोक-टोक, बिना हिचकिचाहट। बस समय बांध लीजिए- 7 मिनट। उछलती हुई नदी की तरह अपनी भावनाओं को बहने दीजिए। 2. बोल डालिए - एक कुर्सी सामने रख कर मन में सोचिए कि वो इंसान उस पार बैठा है। अब जो भी आप कहना चाहती थीं, कभी कह न सकीं, बोल दीजिए। दिमाग की कढ़ाही में खीझ के पकौड़े जो तल रही थीं, वो बर्तन अब गैस से तो उतरा। अब नए पकवान बना सकेंगे। 3. मन ही मन - कुछ नहीं, आप सिर्फ उनका चेहरा मन के पर्दे पर लाकर उनके साथ कम्युनिकेट कीजिए कि मैं आपसे क्या चाहती थी? क्यों मुझे दुख हुआ? हो सकता है, उनकी तरफ से आपको जवाब भी सुनाई पड़े। ना मिले तो भी इस एक्सरसाइज के अंत में आप उनसे कहिए- ‘मैं तुम्हें माफ करती हूं’। ऐसा करने से मन का डिस्क क्लियर होगा, ऊर्जा मिलेगी। गिले-शिकवे के स्टेशन से गाड़ी हिलेगी। लंबा है सफर, बेहतर कटेगा। जब मन में जमा मैल हटेगा।
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विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
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विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
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आतिशी के बारे में जो राजनीतिक चर्चा चल रही थी, सही निकली। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल सँभालते वक्त आतिशी ने केजरीवाल के नाम का सिंहासन ख़ाली छोड़ा और बग़ल में एक कुर्सी रखकर वहाँ बैठ गईं। होना तो यह चाहिए कि इन राजनेताओं को अपनी चालें चलने और नित नए समीकरण भिड़ाने के लिए कम से कम पौराणिक पात्रों के उदाहरण देना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि खड़ाऊं रखकर राज ज़रूर चलाए जा रहे हैं, लेकिन आज की राजनीति में न तो जिसकी खड़ाऊं रखी जा रही है वो राम है और न ही जो खड़ाऊं रख रहा है, वो भरत। बात केवल आप पार्टी की ही नहीं है, और भी राजनीतिक दल हैं जहां कोई न कोई किसी न किसी की खड़ाऊं रखकर किसी न किसी प्रदेश का राज चला रहा है। हो सकता है ज्यादातर राज्य सरकारें रिमोट से चलाई जा रही होंगी, लेकिन आतिशी की तरह राम और भरत का उदाहरण देकर तो नहीं ही। इसके पहले भी कुछ राजनीतिक उदाहरण सामने आए थे जिनमें खड़ाऊं शासन की झलक मिली थी। जे जयललिता को जब जेल हो गई थी तो उन्होंने भी पन्नीरसेलवम को डमी मुख्यमंत्री बनाया था। तब पन्नीरसेल्वम भी आतिशी की तरह ही जयललिता का सिंहासन ख़ाली छोड़कर बग़ल की कुर्सी पर बैठकर सरकार चलाया करते थे। यदा-कदा जेल से फ़ोन आ जाया करता था तो केवल पन्नीरसेल्वम ही नहीं, पूरा मंत्रिमंडल कुर्सी से खड़ा होकर बात किया करता था। खैर, चार महीने के लिए ही सही, आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गईं हैं, लेकिन इतना तय है कि सरकार केजरीवाल ही चलाने वाले हैं। जैसे जेल में बैठकर जयललिता चलाया करती थीं। जैसे मनमोहन सिंह के वक्त सरकार दस, जनपथ से चलाई जाती रही। हो सकता है उनकी इसी स्वामिभक्ति के कारण उनका नेता पद पर चयन किया गया हो, लेकिन कुर्सी खाली छोड़ते वक्त जो तर्क आतिशी ने दिया वह और भी हैरत कर देने वाला है। आतिशी ने कहा- जिस तरह भगवान राम वनवास गए थे तब चौदह साल तक उनके छोटे भाई भरत ने राम की खड़ाऊं रखकर राज चलाया था, उसी तरह मैं भी दिल्ली का शासन चलाऊंगी। जब चुनाव में जीतकर केजरीवाल वापस आएँगे तो इसी कुर्सी पर बैठकर फिर से दिल्ली का शासन वे ही चलाएँगे।
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प्रो. चेतन सिंह सोलंकी पिछले कुछ दिनों में मैंने गहरी पीड़ा महसूस की, जब मैंने देखा कि गणेश जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित करने के दौरान खंडित हो रही हैं। कुछ लोग दूर से ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे थे और मुंबई की चौपाटी में समुद्र का पानी पीछे लौटने पर उन्हीं सुंदर प्रतिमाओं के अवशेष दिखने लगे। मैं सोच रहा था कि क्या गणेश जी को भी यह देखकर पीड़ा होती होगी? हम अपने प्रिय गणेश जी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? वही गणेश जिनकी हम कुछ दिन पहले तक पूजा कर रहे थे? हम विसर्जन की आवश्यक सुविधाओं या मूर्तियां बनाने में लगी सामग्रियों के पर्यावरणीय परिणामों पर विचार किए बिना बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं। इसका पर्यावरण पर गहरा प्रभाव हो रहा है, जो दिखता भी नहीं है। इन मूर्तियों को बनाने और सजाने में लगी लोहे की फ्रेम, रंगीन पेंट्स और प्लास्टिक आदि हमारे जल निकायों को प्रदूषित करते हैं। विसर्जित हुई ये सामग्रियां जल में विषैले रसायन छोड़ती हैं, जिससे जलीय जीवन प्रभावित होता है और पारिस्थितिक तंत्र बाधित होता है। ये क्रियाएं ना केवल जलीय-प्रजातियों को बल्कि हमें और हमारे बच्चों को भी नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि हम भी प्रकृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा देश त्योहारों से समृद्ध है, नवरात्र और फिर दीपावली आने वाली है। क्या जागरूक नागरिक आगे आकर समुदायों और मंडलों का मार्गदर्शन कर सकते हैं ताकि पिछली गलतियां न दोहराई जाएं? हमारे त्योहार, हमारी परंपराओं और पर्यावरण दोनों का सम्मान करें, इसके लिए हमें अपनी पारंपरिक प्रथाओं को पुनर्जीवित करना चाहिए। केवल भव्य प्रदर्शनों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, गायन, कीर्तन और सामुदायिक नाटकों जैसी गतिविधियों को अपनाएं। हम इन अवसरों का उपयोग सामूहिक रूप से अपने परिवेश को साफ और सुंदर बनाने के लिए कर सकते हैं? इस तरह की सामुदायिक रूप से की जाने वाली गतिविधियां न केवल लोगों को साथ लाती हैं, बल्कि हमारे उत्सवों को भी समृद्ध करती हैं, और हमें भक्ति की सच्ची भावना की याद दिलाती हैं। इसके अलावा, हम प्राकृतिक सामग्रियों से बनी छोटी, पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का चयन कर सकते हैं। विसर्जन-स्थानों की अलग से योजना बनाई जाए ताकि नदियों-महासागरों के प्रदूषण को रोका जा सके। क्या हम पंडाल बनाने के लिए सिर्फ बायोडिग्रेडेबल मटेरियल का उपयोग कर सकते हैं? पंडालों को बांस, कपड़े, केले के पत्तों से बनाया जा सकता है। शिक्षित और सचेत नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और स्थानीय मंडलों के साथ मिलकर इस तरह की प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए। सामूहिक रूप से काम कर के हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि त्योहार न केवल आनंदमय हों बल्कि धरती का भी ध्यान रखें। आइए हम नवरात्र की अभी से तैयारी करें, ताकि इस पर्व को पूरी भव्यता के साथ मना सकें। परंतु संकल्प भी लें कि विसर्जन की समुचित व्यवस्था के साथ, मां की प्रतिमा का भी पूरा आदर करेंगे। और इस सबमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी ख्याल रखेंगे।
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नवनीत गुर्जर हरियाणा औ जम्मू-कश्मीर में चुनाव-प्रचार चरम पर है। हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के लोकल नेताओं ने कमान संभाल रखी है। हालाँकि भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी यहाँ जा रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रचार धुँआधार चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह वहाँ ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से एक-दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ज़रूर कश्मीर गए थे, लेकिन पार्टी की ओर से वहाँ प्रचार अभियान धीमा ही नज़र आ हा है। नेशनल कान्फ्रेंस ने ज़रूर प्रचार में जान झोंक रखी है क्योंकि उसके लिए यह चुनाव जीवन-मरण का सवाल है। भाजपा और नेशनल कान्फ्रेंस दोनों जानते हैं कि उनके प्रभाव क्षेत्र अलग-अलग है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा का ज़बर्दस्त प्रभाव है। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है, वहाँ नेशनल कान्फ्रेंस का प्रभाव ज़्यादा है। हालांकि, वहाँ पीडीपी और कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं। कुछ निर्दलीय भी हैं, जिनके बारे में कहा जा हा है कि वे भाजपा के प्रॉक्सी उम्मीदवार हैं। इधर, दिल्ली में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रचार शुरू कर दिया है। हालाँकि यहाँ चुनाव महाराष्ट्र औ झारखंड के भी बाद अगले साल फ़रवरी में होना है लेकिन आप पार्टी ने दिल्ली जीतने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है। दिल्ली में रविवार, 22 सितंबर को केजरीवाल जनता के बीच गए और कहा कि दिल्ली चुनाव मेरे लिए एक तरह की अग्निपरीक्षा है। अब फ़ैसला आपको करना है कि मैं ईमानदार हूँ या बेईमान। अगर आप मुझे ईमानदार समझें तो ही वोट देना वरना मत देना। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बारे में केजरीवाल का कहना है कि भले ही मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हों, लेकिन लांछन लगने के बाद मैं किसी पद पर नहीं रहना चाहता। अब उनसे ये कौन पूछे कि इतने दिन तक जेल में रहने के बावजूद इस मुख्यमंत्री पद को क्यों ढोते रहे? अब केजरीवाल कह रहे हैं कि वे जनता की अदालत में न्याय माँगने आए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने का प्रमाण हो सकती है? देश में ऐसे कई नेता हैं जो अनेक आरोप लगने का बाद भी चुनाव जीतकर लोकसभा या विधानसभा में पहुँचे हैं।
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एन. रघुरामन हालांकि उनका जन्मदिन मई के महीने में आता है, लेकिन उन्होंने इसे 15 सितंबर को मनाने तक इंतजार किया, ताकि अलग-अलग शहरों में रहने वाले परिवार के सभी लोग एक साथ आ सकें। आखिर, वे दोनों मां हैं और उन दोनों के कुल 13 बच्चे हैं और उन 13 के भी अपने बच्चे और पोते-पोतियां हैं। वे जुड़वां थीं और अपना 102वां जन्मदिन मना रही थीं, इसलिए यह खास था। 1922 में अमेरिका के जॉर्जिया में जन्मीं ये दोनों बहनें- मर्लिन राइट और मैडलिन कैस्पर अभी भी बहुत अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में हैं। 102 साल पूरे करना एक विशेष उपलब्धि है- लेकिन अपने जुड़वां के साथ ऐसा कर पाना तो और अनूठा है। इसने कुछ शोधकर्ताओं को यह पता लगाने के लिए प्रेरित किया कि एक-दूसरे की हमशक्ल ये जुड़वां बहनें सामान्य आबादी की तुलना में अधिक समय तक कैसे जीवित रहीं। उन्होंने पाया कि नजदीकी और मददगार संबंध बनाए रखने से लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद मिलती है। जब मैं इस बर्थडे पार्टी के बारे में पढ़ रहा था, मेरे मोबाइल पर एक बुरी खबर आई। इसमें पुणे में एक 26 वर्ष के युवा की "काम के दबाव के चलते' मृत्यु की सूचना थी। इससे मुझे अपने दादाजी की याद आ गई, जिनका काम, करियर और जीवन का संतुलन बहुत बढ़िया था। उन्होंने हमारे गांव में 94 साल की उम्र तक अपने कपड़े खुद धोए, और उनके कपड़ों की सफेदी इतनी रहती थी कि आज के वॉशिंग पाउडर के विज्ञापन भी शरमा जाएं। अपनी चमचमाती धोती और कुर्ता पहनकर वे बगीचे में अपनी रोजाना की सैर को कभी नहीं भूलते थे। वे शाम 6 बजे खाना खाते थे, फिर बरामदे में बैठकर मुक्तकंठ से गाना गाते थे और रात 9 बजे से पहले सो जाते थे। सुबह 4 बजे वे दिन की शुरुआत करते थे और ब्रह्म मुहूर्त में खुद कुएं से ठंडा पानी भरकर नहाते थे। अपने करियर में वे तेजी से आगे बढ़े थे और तमिलनाडु के तंजावुर जिले में अपनी प्रतिभा के दम पर भूमि रजिस्ट्रार कार्यालय में नंबर 2 बन गए थे। वे अच्छी तरह जानते थे कि वे कभी नंबर 1 नहीं बन सकते, क्योंकि उस स्तर पर उन्हें कई समझौते करना होते, जो वे शायद न कर पाते। इसलिए उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा पर रोक लगाई और अपनी ऊर्जा को अपने आठ बच्चों के पालन-पोषण में लगाया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और ईमानदार बने रहे। उन्होंने अपनी स्वीकृत छुटि्टयां लेकर परिवार की सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया, और इसी दौरान उनके बॉस रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने उच्च अधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए वह सब कर सके, जो वे दादाजी की उपस्थिति में नहीं कर सकते थे, क्योंकि वे कागजात पर दूसरे हस्ताक्षरकर्ता हुआ करते थे। वे कभी भी घर में कोई उपहार नहीं लाए, न ही उन्होंने त्योहारों के दौरान भी किसी उपहार की उम्मीद की। कार्यालय बंद होने के ठीक 30 मिनट बाद वे घर में होते थे। उनके घर में हमेशा अलग-अलग उम्र के कुछ पोते-पोतियां हुआ करते थे। वे हमेशा यह सुनिश्चित करते थे कि घर में बच्चों की चहल-पहल बनी रहे। उनकी मृत्यु तभी हुई, जब उन्हें चेन्नई में उनके बेटे के घर ले जाया गया, जहां वे बाथरूम में गिर गए और काफी लंबे समय तक बीमार रहे। आज हम उनके आठ बच्चों से हुए दो दर्जन पोते-पोतियां उन्हें हमेशा एक ख्याल रखने वाले, प्यार करने वाले और सभी से उदारता से बातें करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, उनसे भी जिन्हें वे पसंद नहीं करते थे। हम सभी को उन चीजों के लिए समय निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जो हमारे लिए मायने रखती हैं। हम सभी अपने दिन की शुरुआत अच्छे इरादों के साथ करते हैं, लेकिन जब व्यस्त ऑफिस मीटिंग, काम के दबाव और नियोक्ता, परिवार और दोस्तों के वॉट्सएप निर्देशों के साथ-साथ लगातार ईमेल में समय बर्बाद हो जाता है, तो हम समय पर नियंत्रण खो देते हैं। अगर पोते-पोतियों या नाती-नातिनों के साथ रहकर आपको खुशी मिलती है, तो रहिए या जोर से गाना आपको खुश करता है, तो गाएं और इस बात की परवाह न करें कि कौन सुन रहा है, और जंगल में दोस्तों के साथ घूमना आपको खुश करता है, तो आगे बढ़ें, दोस्त बनाएं और उनके साथ निकल पड़ें। फंडा यह है कि जीवन में जो मायने रखता है उसके लिए समय निकालना ही पड़ेगा, क्योंकि समय ही इकलौता ऐसा है, जो आपके जीवन को खुशनुमा बना सकता है।
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अभय कुमार दुबे हरियाणा चुनाव के सिलसिले में इस समय एक दिलचस्प बहस चल रही है। इसका एक पहलू यह सवाल है कि ‘आप’ और कांग्रेस के बीच समझौता टूट जाने के कारण क्या भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी बिखरकर कमजोर हो जाएगी? कुछ लोग इस सवाल का विस्तार भी कर रहे हैं। वे एंटी-इनकम्बेंसी के सम्भावित बिखराव में चौटाला परिवार की दो पार्टियों के दो दलित-आधारित पार्टियों से गठजोड़ को भी जोड़ कर दिखा रहे हैं कि ये सभी राजनीतिक ताकतें वोट काटेंगी, और इससे भाजपा को फायदा हो सकता है। इसका दूसरा पहलू है चुनावी लड़ाई में बड़े पैमाने पर बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही 70-70 से ज्यादा बागी मैदान में हैं, और उनमें से कई स्थानीय स्तर पर शक्तिशाली भी माने जाते हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि इनके कारण लड़ाई सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच न हो कर इतनी बहुकोणीय हो जाएगी कि एंटी-इनकम्बेंसी का फैक्टर उतना प्रभावी नहीं रह जाएगा। सब लोग मान रहे हैं कि भाजपा सरकार के खिलाफ अच्छी-खासी ‘एंटी-इनकम्बेंसी’ है। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार विरोधी भावनाएं मंद या नरम न होकर तीखी हैं। किसी भी समीक्षक को यह कहते नहीं सुना गया है कि यह दस साल के शासन में स्वाभाविक रूप से जमा हो जाने वाली नाराजगी से अधिक कुछ नहीं है। स्पष्ट है कि अगर नाराजगी सरकार बदलने की हद तक चली गई तो भाजपा को दिक्कत हो सकती है। अगर ऐसी स्थिति न होती तो साढ़े नौ साल से सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को महज छह महीने पहले न हटाया जाता। आलाकमान खट्टर से नाराज नहीं था, वरना वह उन्हें केंद्र में मंत्री न बनाता। रणनीतिकारों ने खट्टर को हटाकर दोहरा दांव खेला। अलोकप्रिय चेहरा नजरों से ओझल हो गया, और उसकी जगह एक ओबीसी चेहरे को दी गई, ताकि हरियाणा को पहली बार पिछड़े वर्ग का सीएम देने का श्रेय लिया जा सके। जो भी हो, यह निर्विवाद है कि हरियाणा में भाजपा जबरदस्त एंटी-इनकम्बेंसी का सामना कर रही है। खराब शासन-प्रशासन की आम शिकायत के साथ-साथ ‘जवान-किसान-पहलवान’ की त्रिकोणात्मक समस्या ने इसे और मुश्किल बना दिया है। जवान यानी फौज की नौकरी को बेहद प्राथमिकता देने वाले इस राज्य में अग्निपथ योजना से पैदा हुई गहरी कुंठा है। किसान यानी खरीद मूल्यों को कानूनी जामा पहनाने की मांग न माने जाने के खिलाफ अरसे से चल रहे आंदोलन का असर है। और राज्य की ‘पहलवान-पट्टी’ (जिसमें 12 से ज्यादा सीटें हैं) में पहलवान बेटियों के जंतर-मंतर आंदोलन से पैदा हुई विक्षोभ की आग, जिसमें विनेश फोगाट के ओलिम्पिक-प्रकरण ने घी डाल दिया है। जब ऐसी राजनीतिक स्थिति बनती है तो आम मतदाता सरकार बदलने के लिए वोट डालने के बारे में सोचने लगता है। फिर वो यह नहीं देखता कि पार्टी कौन-सी है। वो ऐसा उम्मीदवार तलाश करता है, जो सत्तारूढ़ दल को हरा सके। हरियाणा कांग्रेस बनाम भाजपा की आमने-सामने की टक्कर के लिए जाना जाता है। इसलिए ऐसे उम्मीदवारों की 90 फीसदी संख्या कांग्रेस की तरफ से पेश किए जाने की सम्भावना है। परिणामस्वरूप, अगर कोई जोरदार एंटी-इनकम्बेंसी है, तो उससे प्रभावित वोट कांग्रेस के ध्रुव पर ही गोलबंद होंगे। कांग्रेस का कोई ताकतवर बागी, दलित प्रधान इलाकों में दोनों दलित-आधारित पार्टियों का स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय कोई उम्मीदवार या ‘आप’ का कोई ऐसा ही प्रत्याशी भी बाकी दस फीसदी सीटों में ही सरकार विरोधी भावनाओं से लाभान्वित हो सकता है। लेकिन, इसका लाभ भाजपा को मिलेगा, सम्भावना कम से कम है। भाजपा को तो यह आकलन करना होगा कि वोटरों के जिस हिस्से को वह अपना आधार मानती है, उसमें इस नाराजगी के कारण कहां क्षय हो रहा है। भले ही एंटी-इनकम्बेंसी परिस्थितिवश बिखराव का शिकार न बने, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या उसे पलटा नहीं जा सकता? भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? चुनाव में हो तो सब-कुछ सकता है। लेकिन, आज की तारीख में उसकी संभावना नहीं दिखती। उसके बागियों में अधिकतर वही नेता हैं, जिनके दम पर गैर-जाट जनाधार तैयार किया गया था। जिस तरह से टिकट बांटे गए हैं, उससे नहीं लगता कि भाजपा अब उस रणनीति का लाभ उठाने की स्थिति में है। भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? इसकी संभावना तो नहीं दिखती।
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एन. रघुरामन एक टीनएजर के रूप में हम में से किसी को भी रोक-टोक पसंद नहीं थी। मेरी किशोरावस्था के दौरान मेरी रोजमर्रा की गतिविधियों के सबसे बड़े मुखबिर ‘टिन और स्टोव वाले अंकल’ हुआ करते थे, जिनका नागपुर के सीताबर्डी में भिड़े रोड पर मेरे घर से कोई पांच घर दूर टिन और स्टोव की मरम्मत का व्यवसाय था। जैसे ही मैं घर से निकलता, सबसे पहले वही मुझसे पूछते कि बेटा कहां जा रहे हो? मुझे उन्हें बताना पड़ता कि मैं किस काम से जा रहा हूं। मैं भले ही दिन में 20 बार उस गली से निकलता, लेकिन हर बार मुझे उन्हें बाहर जाने का कारण बताना पड़ता। मेरे और आस-पास के चार घरों के माता-पिता के लिए, वे ही उनके बच्चों के पहरेदार थे। उन्हें बताने के बाद अगर मैं सीताबर्डी की मुख्य सड़क पर जाता, तो शर्मा स्टोर वाले अंकल भी वही सवाल पूछते। जब तक मैं वैरायटी स्क्वेयर, यानी बस स्टैंड से पहले वाले मुख्य जंक्शन तक पहुंचता, मुझे कुछ और अंकलों का सामना करना पड़ता, जैसे कि साउथ इंडियन रेस्तरां विशांति गृह के मालिक मणि अय्यर। मेरे माता-पिता जिस समाज में रहते थे, उनके लिए वह भरोसेमंद था, जो हमेशा उनके टीनएज बच्चे पर नजर रखता था। मुझे 55 साल पुरानी यह बात तब याद आ गई, जब इंस्टाग्राम ने इस सप्ताह से पूरी दुनिया के टीनएजर्स को एक प्रोटेक्टिव-बबल में रखने का फैसला किया है। जी हां, बच्चों की सुरक्षा के बारे में वर्षों से आलोचना झेलने के बाद, मेटा के स्वामित्व वाला यह सोशल नेटवर्क जनवरी 2025 तक दुनिया से कम से कम 10 करोड़ किशोरों को गार्ड-रेल्ड अकाउंट में स्थानांतरित कर देगा। वहीं वह इसी सप्ताह से स्वचालित रूप से युवाओं के अकाउंट्स को प्राइवेट बनाना शुरू कर देगा। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक सेटिंग्स होंगी और अगले दो महीनों में पूरे यूरोप में और बाकी दुनिया में जनवरी 2025 तक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। टीनएजर्स अपनी सेटिंग्स बदलकर या नकली जन्म-तिथियों वाले वयस्क-खाते बनाकर इससे बच सकते हैं। टीनएजर्स पर लगाए रिस्ट्रिक्शंस में यह शामिल है कि वे केवल उन लोगों को सीधे संदेश भेज सकेंगे, जिन्हें वे फॉलो करते हैं या जिनसे पहले से जुड़े हैं। साथ ही उनके लिए वयस्क-कंटेंट में कमी, रात के समय ऑटोमैटिक म्यूटिंग जैसी दूसरी चीजें भी की जाएंगी। यह 18 वर्ष से कम उम्र वाले सभी खातों पर लागू होगा, हालांकि 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के टीनएजर्स माता-पिता की स्वीकृति से अपनी सेटिंग्स बदल सकेंगे। हर नए टीन-अकाउंट को इसी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा और उनके माता-पिता को इंस्टाग्राम के पैरेंटल सुपरविजन टूल का उपयोग करके उन सेटिंग्स को मैन्युअल रूप से बदलना नहीं पड़ेगा। नए अकाउंट्स के तहत, टीनएजर्स हिंसक या कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं, आत्महत्या और सेल्फ-हार्म जैसी संवेदनशील सामग्री के अलावा यौन-संकेत देने वाले कंटेंट भी नहीं देख पाएंगे। टीन-अकाउंट्स को एक घंटे उपयोग करने के बाद ऐप बंद करने के लिए सूचनाएं प्राप्त होंगी, जिन्हें वे चाहें तो अनदेखा कर सकते हैं। लेकिन स्लीप मोड स्वचालित रूप से सक्षम होगा और रात भर के लिए नोटिफिकेशंस को म्यूट कर देगा। यदि टीनएजर अपनी उम्र के बारे में झूठ बोलते हैं, तो उन्हें अपनी आईडी दिखाने या चेहरे के माध्यम से उम्र बताने वाले उपकरण की मदद के लिए एक सेल्फी वीडियो अपलोड करने का संकेत मिलेगा। इन बदलावों से टीनएजर्स के खुश होने की संभावना नहीं है। इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी कहते हैं, इंस्टाग्राम को टीनएजर्स के अकाउंट और साइट्स पर उनकी भागीदारी में कमी आने की अपेक्षा है। लेकिन उनका मानना है कि पैरेंट्स का भरोसा जीतने और उन्हें कुछ मानसिक शांति देने से उनके व्यवसाय को दीर्घकालीन रूप से मदद मिलेगी, हालांकि अल्पकालीन रूप से यह प्रभावित हो सकता है।
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शीला भट्ट केंद्र में नई सरकार को 100 दिन पूरे हो गए हैं। इन 100 दिनों में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने यह दिखाने के लिए हरसम्भव प्रयास किया है कि सरकार स्थिर है। कैबिनेट मंत्रियों ने यह जताने में ऊर्जा लगाई है कि भाजपा के बहुमत खोने और यूपी में भारी नुकसान झेलने- जहां 29 सीटें गंवानी पड़ीं- के बावजूद सरकार उतनी ही मजबूत और स्थिर है, जितनी कि 2014 से अब तक थी। भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने सरकार को ‘पूर्ण समर्थन’ दिया है। सरकार ‘कुछ भी तो नहीं बदला’ का संदेश देने का प्रयास इतनी तीव्रता से कर रही है कि भले ही भाजपा सत्ता में रहने के लिए सहयोगियों पर निर्भर हो, लेकिन वो इस बात के संकेत भी दे रही है कि वह अपनी मूल विचारधारा पर कायम है और हिंदुत्व या धुर-राष्ट्रवाद के अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को कमजोर करने का उसका कोई इरादा नहीं। इससे पहले कि राहुल गांधी अपना अगला बड़ा कदम उठाएं, भाजपा ने यह धारणा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है कि नीतीश, नायडू या शिंदे पर उसकी निर्भरता उसके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में बाधा नहीं है। सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रयास करके, सक्रिय विदेश-नीति अपनाकर और कई राज्यों में मेगा परियोजनाओं की घोषणा करके भाजपा उन आवाजों को बंद करने का प्रयास कर रही है, जो दावा कर रही थीं कि ‘सरकार छह महीने नहीं चलेगी!’ ये सच है कि राहुल गांधी को ‘मोहब्बत की दुकान’ वाली राजनीति पर एकाधिकार प्राप्त है, लेकिन वास्तविक राजनीति के धरातल पर वे या उनकी पार्टी के लोग कश्मीर घाटी में जाकर ये नहीं कह पा रहे हैं कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करके जम्मू-कश्मीर को उसका विशेष दर्जा वापस दिलाया जाएगा। मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों में हमने देखा कि भाजपा अपने राजनीतिक क्षेत्र में कांग्रेस को एक इंच भी जगह नहीं दे रही है। वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने और कैबिनेट द्वारा एक देश, एक चुनाव को मंजूरी देने की टाइमिंग यह संकेत देने के लिए है कि सरकार का तीसरा कार्यकाल पिछले दो कार्यकालों से अलग नहीं है। वक्फ विधेयक को संसदीय समिति को भेजकर भाजपा ने कुछ भी नहीं खोया। उलटे उसने एक पहल करके ब्रिटिश काल के सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक पर अपनी छाप छोड़ी है। भारत में अनेक किंवदंतियां ‘जमीन’ के बारे में रही हैं। वक्फ विधेयक के राजनीतिक निहितार्थ भी बहुत शक्तिशाली हैं, क्योंकि यह पूरी तरह से जमीन का मामला है। लगता है भाजपा अपनी नाकामियों का विश्लेषण करके इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि चुनावी-संकेत चाहे जो हों, वह अपनी हिंदुत्व की विचारधारा को न तो छोड़ सकती है, न ही कमजोर कर सकती और उसके राष्ट्रवादी तेवर भी ढीले̥ नहीं होंगे। कांग्रेस की सुधरती छवि या राहुल की बढ़ती स्वीकार्यता भाजपा की रणनीति में कोई बुनियादी बदलाव नहीं ला रही है। प्रधानमंत्री न तो अपना एजेंडा बदल रहे हैं और न ही शासन की नीतियों में बदलाव कर रहे हैं, वे चुपचाप डैमेज-कंट्रोल कर रहे हैं। संघ प्रमुख के बयानों को सावधानी से कम करके आंका जा रहा है और पार्टी के अंदरूनी संघर्षों को छिपाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ को महाराष्ट्र चुनाव तक पूरी छूट दी गई है। यूपी की दस सीटों पर उपचुनाव की कमान भी उन्होंने संभाल रखी है। भाजपा प्रवक्ताओं ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर 2004-2009 में कांग्रेस की 145 सीटों के साथ मनमोहन सरकार चल सकती है, तो भाजपा भी 240 सीटों के साथ स्थिर सरकार चला सकती है। भाजपा ने अपने विरोधियों को दिखाया है कि उनकी पार्टी की संरचना मजबूत है और उसमें गंभीर अंतर्कलह होने पर भी चीजें जल्दी नहीं बिगड़तीं। हालांकि, ‘ऑल इज वेल’ का संदेश फैलाने की भाजपा की कोशिशें जनता की धारणा को बदलने के लिए काफी नहीं होंगी। इसका निर्धारण जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों से होगा। भाजपा का धारणा-प्रबंधन ज्यादा दिनों तक काम नहीं करेगा। हवा बदलने के लिए महाराष्ट्र में जोरदार चुनावी जीत की दरकार होगी। यूपी में मिले झटके के बाद मोदी की सार्वजनिक छवि बदली है और आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के नतीजे उन्हें अपने व्यक्तित्व पर फिर से काम करने में बड़ी मदद कर सकते हैं। अगर भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी भी नहीं बन पाती है तो यह मोदी को अपनी इच्छा के विरुद्ध कई समझौते करने पर मजबूर करेगा, जिसका उन्होंने पहले 100 दिनों में बड़े पैमाने पर विरोध किया है।
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डॉ. अरुणा शर्मा भारत में 2011 के बाद जनगणना तो नहीं हुई, लेकिन हमारे पास आईएलओ (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) और मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत भारत रोजगार रिपोर्ट (2024) जरूर है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, इसलिए इस रोजगार रिपोर्ट के मुताबिक उसकी कार्यशील आबादी भी बढ़कर 64% हो गई है। भारत के एक युवा-देश होने से हमें खुशी हो सकती है, लेकिन फिर हाई-जीडीपी वृद्धि बनाए रखने और स्थायी रोजगार पैदा करने की जिम्मेदारी भी हम पर आ जाती है। यह स्थिति वर्ष 2036 तक भारत की कार्यशील आबादी के 65% होने तक जारी रहेगी। सवाल यह है कि हमें जितनी नौकरियां पैदा करने की जरूरत है, क्या हम उतनी कर पा रहे हैं? और क्या हम इसकी दर को अगले दो दशकों तक बनाए रख सकेंगे। यह चिंता का विषय है कि भारत की कामकाजी आबादी में से केवल 50 प्रतिशत युवा ही आर्थिक गतिविधियों में शामिल हो पा रहे हैं और 2022 तक तो इनकी संख्या और गिरकर 37% तक आ गई थी। इस युवा-शक्ति को अपना एक महत्वपूर्ण ‘एसेट’ बनाना जरूरी है। सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी) की जून 2024 की एक अन्य रिपोर्ट में बेरोजगारी दर 9.2% आंकी गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में पुरुष बेरोजगारी की दर 7.7% के आसपास मंडरा रही है, लेकिन इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि महिला बेरोजगारी की दर में लगभग 3% की वृद्धि हुई है, जो अब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 18.5% है। गांवों में भी बेरोजगारी और बढ़ी है। पिछले 15 वर्षों में गांवों में बेरोजगारी दर 5.41% से बढ़कर 9.2% हो गई है। अप्रैल-जून 2024 तिमाही के लिए लेबर-फोर्स सर्वेक्षण के आंकड़ों में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में तो मामूली गिरावट आई, लेकिन नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में और कम हो गई है। यही कारण है कि 16 वर्ष से अधिक आयु के सभी युवाओं को बेहतर तरीके से टारगेट करने और उनको ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए सामान्य घरेलू डेटाबेस का उपयोग करना जरूरी है। युवाओं को रोजगार-योग्य बनाने के लिए सही कौशल भी प्रदान करना होगा। मैन्युफैक्चरिंग और सेवा- दोनों क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए असंगठित क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या हमारी नीतियां बेहतर निवेश, सस्ते कर्ज और नौकरी प्राप्त करना आसान बनाने के जरिए फूड प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग आदि को बढ़ावा देकर गांवों में नौकरियां पैदा करने पर फोकस कर रही हैं? जरूरत है कि कर्ज देने वाली एसआईडीबीआई (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और अन्य बैंकिंग व गैर-बैंकिंग संस्थाएं गांवों में धन और रोजगार पैदा करने के लिए आगे आएं। हम बेरोजगारी की हालत के लिए दुनिया में चल रही हलचलों, नोटबंदी, महामारी आदि को दोष देते हैं, लेकिन समझदारी इसमें है कि उन चीजों पर ध्यान दें, जिन्हें हम आज कर सकते हैं। और ये हैं जीएसटी में सुधार करना और मुद्रास्फीति की लगाम कसना। ऐसा नहीं है कि महंगाई की नकेल कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ओर से कोशिशें नहीं कीहैं, लेकिन वो नाकाफी साबित हुई हैं। तथ्य यह है कि मुद्रास्फीति आज भी 4% के लक्ष्य से कहीं अधिक बनी हुई है। ईंधन की लागत कम करने के लिए सरकार नीतिगत प्रयास करने जा रही थी। इसका खाने-पीने की चीजों की महंगाई सहित अन्य वस्तुओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता, लेकिन वैसे प्रयास नजर नहीं आए हैं। जीएसटी कम करने की बात भी अभी चल ही रही है, जबकि यह केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुद्दा केवल निम्न स्तर के और कम कुशलता वाले कार्यों के माध्यम से जैसे-तैसे रोजगार देने का नहीं, ऐसे काम देने का है, जो नियमित आमदनी सहित मातृत्व अवकाश, ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि), स्वास्थ्य देखभाल जैसी सुविधाएं भी दे सके। देश में ऐसा माहौल बनाना भी बहुत जरूरी है, जिसमें महिलाएं काम के लिए सुरक्षित महसूस कर सकें। सच्चाई यह है कि हम केवल सेवा क्षेत्र के भरोसे विकास नहीं कर सकते हैं; हमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी आसान कर्ज देकर और नियम-कायदों का दबाव घटाकर बढ़ावा देने की जरूरत है। इसमें संदेह नहीं कि नौकरियां पैदा करना आज सरकार की सबसे पहली जवाबदेही है। अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो निराश युवाओं की फौज देश के लिए बड़ा ज्वलंत प्रश्न बन जाएगी। युवा आबादी की ताकत को अपने लिए एसेट में बदलना जरूरी है। नौकरियां पैदा करना सरकार की पहली जवाबदेही है।
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राजदीप सरदेसाई कश्मीर हमेशा चकित करता है और विधानसभा चुनाव भी इसका अपवाद नहीं हैं। अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के चुनाव-अभियान का मुआयना करने जैसे ही हम पहुंचे, ट्रैफिक जाम में फंस गए। हमें तेज आवाजें सुनाई देने लगीं। हमें लगा कि शायद कोई विस्फोट या आतंकी हमला हुआ है, लेकिन हमारे ड्राइवर ने मुस्कराते हुए बताया : ‘चिंता मत कीजिए, ये लोग घरेलू टीम और श्रीनगर के बीच बिजबेहरा प्रीमियर लीग का फाइनल देखने दौड़े जा रहे हैं!’ क्रिकेट के दीवाने प्रशंसकों से भरा एक स्थानीय मैदान शायद ‘नए’ कश्मीर का सबसे शानदार दृश्य है। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर उत्साहित दुकानदारों ने हमें बताया कि इलाके में बर्गर किंग और डोमिनोज की फ्रेंचाइजी खुलने वाली है। अतीत में लाल चौक की दुकानें अलगाववादी हुर्रियत के आह्वान पर बंद हो जाया करती थीं। लेकिन पिछले पांच सालों में, दुकानें सूर्यास्त के बाद तक खुली रहती हैं। श्रीनगर में हमारे होटल के मालिक ने हमें बताया कि 2023-24 उनके लिए अब तक का सबसे अच्छा कारोबारी साल रहा है। कोविड के दौरान, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेचने का मन बना लिया था, लेकिन अब वे पर्यटकों की भारी आमद से खुश हैं। बेहतर हाईवे कनेक्टिविटी से लेकर अनवरत बिजली आपूर्ति तक, कश्मीर सही रास्ते पर चलता मालूम होता है। लेकिन तसल्ली के इस अहसास को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज खत्म हुई है। पहले यहां पत्थरबाजी आम बात थी, पर अब पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच लोग मस्जिद से चुपचाप बाहर निकल रहे हैं। जब तक मैं कैमरा ऑन करके भीड़ से बातें करना शुरू नहीं करता, तब तक सब कुछ ठीक लगता है। लेकिन कुछ ही मिनटों में गुस्साई आवाजें मुझे परेशान करना शुरू कर देती हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति कहते हैं, अगर कश्मीर में सब ठीक है तो मीरवाइज फारूक को क्यों नजरबंद किया गया है? एक और गुस्साई आवाज कहती है, हम चुप हैं, इसका मतलब ये नहीं कि जो हो रहा है उसे कबूल लें। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, हम डर में जी रहे हैं। इससे पहले कि हालात बेकाबू हो जाएं, एक पुलिस अधिकारी हमें बाहर ले जाते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि अलगाववादी समूह हाशिए पर चले गए हैं, पर अलगाववादी मानसिकता कश्मीर में अभी जीवित है। इसी पृष्ठभूमि में कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हुई। तीनों चरणों में रिकॉर्ड मतदान हो सकता है। ऐसा लगता है जो लोग पत्थर और गोलियों को ही समाधान मानते थे, उन्हें एहसास हो गया है कि वोट की ताकत अधिक प्रभावी है। राजनीतिक दलों को भी समझ आ गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बदले हुए परिदृश्य में कठोर रुख के लिए कम गुंजाइश रह गई है। शायद यही वजह है कि उमर अब्दुल्ला ने दो क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि पहले उन्होंने कहा था वे चुनाव से दूर रहेंगे। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भले ही चुनाव नहीं लड़ रही हों, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा को मैदान में उतारा है। घाटी में भाजपा की मौजूदगी नाममात्र की है, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी का ‘मोहब्बत की दुकान’ का संदेश मजबूती से गूंजेगा। लेकिन इस बार असली सुर्खियां बटोरने वाले छोटे दल और निर्दलीय हैं। मई में हुए लोकसभा चुनावों में इंजीनियर राशिद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बारामूला सीट पर दो लाख से अधिक वोटों से उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को हराकर सबको चौंका दिया था। राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में है, उस पर आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं। राशिद को तीन सप्ताह की जमानत दी गई है और उसकी अवामी इत्तेहाद पार्टी 34 सीटों पर मैदान में है। उसने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के साथ एक ‘रणनीतिक’ गठबंधन भी किया है। क्या यह नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को चुनौती देने का प्रयास है? 1990 के दशक में जब पंडितों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा, तब ‘कश्मीरियत’ दफन हो गई थी। ‘इंसानियत’ तब मर गई, जब निर्दोष लोग आतंकियों की बंदूकों और राज्यसत्ता की ज्यादतियों के बीच फंस गए। और ‘जम्हूरियत’ सालों से आईसीयू में है। चुनावी उत्साह हकीकतों को नहीं बदल सकता! पुनश्च : बिजबेहरा में हमने लोगों से पूछा उनका प्रिय क्रिकेटर कौन है। कुछ ने विराट कोहली का नाम लिया, कुछ ने जसप्रीत बुमराह व रोहित शर्मा का, पर ज्यादातर ने कहा- बाबर आजम! कश्मीर में, सीमाएं अकसर एलओसी को लांघ जाती हैं! कश्मीर अब एक केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है, जिसकी विधानसभा की शक्तियां नगरपालिका से भी कम हैं। परिसीमन ने घाटी की कीमत पर जम्मू का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है। और प्रशासन की बागडोर एक अनिर्वाचित एलजी के हाथों में है।
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अभिजीत अय्यर मित्रा हिजबुल्ला पर हुई टारगेटेड-स्ट्राइक मौजूदा दौर का संभवतः सबसे महत्वपूर्ण खुफिया अभियान है। शुरू में लगा कि साइबर-युद्ध की सरहदों को लांघकर गैजेट्स की हैकिंग के जरिए यह हमला किया गया है, क्योंकि फोन, पॉवर बैंक, पेजर आदि को विस्फोटक-सामग्री के रूप में डिजाइन नहीं किया जाता है। लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ मामला कुछ और था। 1972 में इजराइल ने अपने पहले फोन-हत्याकांड को अंजाम दिया था। महमूद हमशारी नामक एक शीर्ष पीएलओ कमांडर पेरिस में रहता था। मोसाद एजेंट गुप्त रूप से उसके अपार्टमेंट में घुसने में कामयाब रहे और उसके लैंडलाइन फोन के निचले माइक्रोफोन में विस्फोटक लगा दिया। कुछ घंटों बाद, जब हमशारी आया तो उसे एक कॉल किया गया और एक रिमोट-ट्रिगर से विस्फोट को अंजाम दे दिया गया। तब से मोसाद कई बार इस शैली का इस्तेमाल कर चुका है, पर लगता है इजराइल के दुश्मन गलतियों से सबक नहीं लेते। समस्या यह भी है कि आधुनिक दुनिया में संचार-उपकरणों के बिना आप कैसे रह सकते हैं? इजराइल जैसी हाई-टेक शक्ति का सामना करने के लिए आपको उतना ही तेजतर्रार और तकनीकी रूप से परिष्कृत होना चाहिए। दिक्कत यह है कि आप जितनी परिष्कृत तकनीक का उपयोग करेंगे, इजराइल द्वारा उसे हैक करने की संभावना उतनी अधिक होगी। नई तकनीक की काट है पुरानी तकनीक। मिसाल के तौर पर, आधुनिक अमेरिकी स्टेल्थ फाइटर या बॉम्बर को आधुनिक रडार नहीं लोकेट कर सकता, हालांकि वे 1950 के दशक के पुराने रडार पर बहुत अच्छी तरह से नजर आते हैं- क्योंकि वे परिष्कृत एल्गोरिदम के लिए बहुत पुराने हैं और उन्हें गच्चा नहीं दिया जा सकता। हिजबुल्ला वाले चाहे कोई भी एन्क्रिप्टेड आधुनिक फोन खरीदते, इजराइल उन्हें पकड़ लेता, इसलिए उन्होंने पेजर नामक 1949 की तकनीक से काम चलाने का फैसला किया। ऐसा इसलिए था क्योंकि पेजर कई स्रोतों से सिग्नल प्राप्त कर सकते हैं- कुछ मामलों में 50-60 किमी दूर से भी। इसके अलावा हिजबुल्ला की रणनीति यह थी कि एक बार पेज किए जाने के बाद वे बस अपने आस-पास के किसी नागरिक के मोबाइल का उपयोग करने का अनुरोध करेंगे और इजराइल को सभी सेलफोन कम्युनिकेशन की निगरानी करनी होगी। यह एक बेहतरीन आइडिया था। लेकिन हिजबुल्ला का दुर्भाग्य था कि इजराइल का अनेक इलेक्ट्रॉनिक निर्माता के साथ किसी न किसी तरह का संबंध है, क्योंकि वह आधुनिक दुनिया की इलेक्ट्रॉनिक महाशक्तियों में से एक है। इस वाले मामले में, माना जा रहा है कि इजराइली खुफिया तंत्र ने ताइवान की उस कंपनी के यूरोपीय निर्माता को चिह्नित करने में कामयाबी हासिल की, जिसने हिजबुल्ला के लिए पेजर बनाए थे। ऑर्डर देने के बाद, इजराइली एजेंटों ने हर डिवाइस की बैटरी में शक्तिशाली विस्फोटक लगा दिए। इस बात के कोई विवरण नहीं हैं कि यह कहां पर किया गया था- बैटरी निर्माताओं के प्लांट में? पेजर निर्माण प्लांट में? या ऑर्डर की शिपिंग के दौरान? लेकिन इस ऑपरेशन में आठ महीने से सवा साल के बीच का समय लगा है। इजराइल पहले यह सुनिश्चित करना चाहता था कि ऑर्डर किए गए सभी उपकरण सैन्य कमांडरों को वितरित किए गए हों। दूसरे, वो चाहता था कि हमला एक साथ हो। एक बीप के साथ सभी 5000 उपकरणों में एक साथ विस्फोट कर दिया गया। बीप होने पर सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया यह होती है कि तुरंत जेब से पेजर निकाल लिया जाए। जिन्हें जल्दी नहीं होती, वे पेजर को जेब में ही रहने देते हैं। इन हमलों में विस्फोट से पेजर-धारकों की आंखों, हाथों और जांघों पर गम्भीर चोट पहुंची है। हिजबुल्ला के लगभग 500 शीर्ष लोगों ने आंखें खो दी हैं। ईरानी राजदूत भी चोटिल हुए हैं। 1866 में डायनामाइट के आविष्कार के बाद से कोई भी टारगेटेड-ऑपरेशन इतने सटीक तरीके से हजारों लोगों को निशाना बनाने में सफल नहीं रहा है। ड्रोन से किए प्रहार भी अपने लक्ष्य को मार देते हैं, लेकिन उसमें निर्दोष लोगों को भी बहुत नुकसान होता है। लेकिन इस मामले में हरेक पेजर-धारक एक हिजबुल्ला-कमांडर था। एक सामान्य व्यक्ति भला क्यों 1949 की तकनीक वाले पेजर का इस्तेमाल करेगा, खासकर जब एंड्रॉइड फोन बहुत कम कीमत पर खरीदे जा सकते हैं? विस्फोटक के बेहद छोटे आकार के कारण को-लैटरल डैमेज लगभग शून्य है। हिजबुल्ला एक छोटा संगठन है। कमांड-स्तर पर उसके पास सिर्फ पांच से सात हजार लोग थे। इसका मतलब यह है कि पेजर-हमले ने पूरी हाईकमान को तहस-नहस कर दिया है, जिसे फिर से बनाने में कई साल लग जाएंगे! 1866 में डायनामाइट के आविष्कार के बाद से कोई भी टारगेटेड-ऑपरेशन इतने सटीक तरीके से हजारों लोगों को निशाना बनाने में सफल नहीं रहा है। इस वाले मामले में हरेक पेजर-धारक एक हिजबुल्ला-कमांडर था!
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नवनीत गुर्जर राजनीति क्या है? वो हर परिस्थिति में निराश न होने वाली दिलेरी है! नफरत को मणि समझकर अपने मस्तिष्क में संभाले रखने वाली दिलेरी भी है!… और सपनों को ताश के पत्तों की भांति मिलाकर और बांटकर कोई खेल खेलने वाली दिलेरी भी! जिसमें कोई भी हार शाश्वत नहीं होती और कोई भी जीत स्थायी नहीं होती…क्योंकि पत्ते फिर से मिलाए या फेटे जा सकते हैं और जीत की आस फिर से बांधी जा सकती है! ‘आप’ वाले अरविंद केजरीवाल इस वक्त इनमें से किस दिलेरी को जी रहे हैं, ये तो वे ही जानें, लेकिन इतना सच है कि उनकी दुविधा विकट थी। पहाड़ जैसा संकट यही था कि कुछ महीनों के लिए ही सही, अपनी कुर्सी पर किसे बैठाएं? राजनीति के चक्रव्यूह और इसकी निष्ठाओं से तो वे भी भली-भांति परिचित हैं ही! दरअसल, दुविधा यह थी कि कब कोई जीतन राम मांझी बन जाए, कब कोई चंपई सोरेन हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। खैर, गहन मंथन के बाद आखिर वे अपनी विश्वस्त आतिशी को ‘डमी’ सीएम के रूप में चुनने में कामयाब हो गए। ‘डमी’ इसलिए कि कुर्सी पर चाहे जो बैठे, सिक्का तो केजरीवाल का ही चलता रहेगा, जैसा पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाने पर जेल में बैठी जयललिता का चलता था। पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनकर भी जयललिता की कुर्सी छोड़कर बगल वाली कुर्सी पर बैठा करते थे और छाती से चिपकी जेब में उनका फोटो हमेशा रखते थे। कभी फोन आ जाए तो कुर्सी से उठकर बात किया करते थे। इस तरह की प्रतिबद्धता नक्की करने के बाद ही केजरीवाल ने भी आतिशी को उत्तराधिकारी चुना होगा, यह तय है। अब सवाल यह उठता है कि यह पूरी कवायद आखिर क्यों? जब जेल में रहते हुए कुर्सी नहीं छूटी तो अब उसी प्यारी कुर्सी को बाहर (जमानत पर) आकर लतियाने का मतलब क्या? जवाब आसान है। अगली जनवरी-फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। केजरीवाल इन चार-पांच महीनों को अग्निपरीक्षा का समय मान रहे हैं। वे इसमें से पवित्रता का वरदान चाह रहे हैं। कह रहे हैं कि अब जनता से पूछेंगे वह उन्हें ईमानदार मानती है या बेईमान? अगर ईमानदार मानती है तो जिताकर ईडी-सीबीआई सबको झूठा साबित कर दे। अगर वे जीत जाते हैं तो चार महीने के लिए कुर्सी छोड़कर जो अमरता वे चाह रहे थे, वह भी मिल जाएगी और चूंकि उनके नारे पर ही जीत मिलेगी, इसलिए पार्टी के भीतर किसी जीतन राम या किसी चंपई के उठ खड़े होने की संभावना भी पूरी तरह क्षीण हो जाएगी। आखिर केजरीवाल की राजनीतिक चेतना उस बालबुद्धि के समान तो नहीं ही है, जिसे हर वस्तु एक अचंभा लगती है या जिसे छोटी से छोटी वस्तु में बड़ी दिलचस्पी पैदा हो जाती है।... और जो पल में बिलख पड़ती है और पल में हर्षित हो जाती है। वे चतुर सुजान हैं और राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी भी। हालांकि चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने की गारंटी नहीं हो सकती। इससे पहले भी जेल जाने या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने के बाद भी जयललिता, करुणानिधि और ऐसे कई नेताओं ने प्रचंड जीत पाई है। फिर भी केजरीवाल की इस्तीफा-रणनीति है कमाल की! क्योंकि भले चार महीने के लिए हो या चार दिन के लिए, हिंदुस्तान में कुर्सी छोड़ना, रोटी छोड़ने से भी कठिन काम है। यही वजह है कि केजरीवाल अपने इस त्याग को छाती चीरकर दिखाएंगे। आगामी दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भी और मौजूदा हरियाणा चुनाव में भी। भाजपा हालांकि केजरीवाल के इस ‘त्याग’ को नौटंकी बताते नहीं थक रही है, लेकिन सच ये है कि केजरीवाल का प्रचार-अभियान हरियाणा में उसे (भाजपा को) नई ऊर्जा देने वाला है। ‘आप’ को जितने वोट मिलेंगे, भाजपा को उतना फायदा होगा। जहां तक दिल्ली के चुनाव का सवाल है, यहां तो सुषमा स्वराज, मदनलाल खुराना और डॉ. हर्षवर्धन के बाद भाजपा के पास कोई स्थायी, स्थानीय और चुनाव-जिताऊ चेहरा ही नहीं रहा! कुर्सी छोड़ना कठिन है... केजरीवाल की इस्तीफा-रणनीति है कमाल की! क्योंकि भले चार महीने के लिए हो या चार दिन के लिए, हिंदुस्तान में कुर्सी छोड़ना, रोटी छोड़ने से भी कठिन काम है। चुनावों में केजरीवाल अपने इस त्याग को छाती चीरकर दिखाएंगे।
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मेघना पंत मुंबई में पंत जैसे सरनेम के साथ मेरा जीवन आसान नहीं था। शाह, पटेल, देसाई, भंसाली, चोखानी, जिंदल, असरानी जैसे सरनेम वाली दुनिया में पहाड़ी सरनेम से मैं असहज स्थिति में पड़ जाती थी। कई बार उपहास के बाद मैं शादी तक का सोचने लगी थी, ताकि पंत सरनेम बदल सकूं, जो तब मुझे असहज कर देने वाला लगता था! लेकिन जब मेरी शादी हुई तो एक विचित्र चीज हुई। अब मैं अपना सरनेम नहीं बदलना चाहती थी। क्यों? इसके कई कारण थे। पर मूल में ये था कि यह न सिर्फ उस चीज को त्याग देना था, जिसने मुझे अलग बनाया, बल्कि यह अपनी पहचान को भी छोड़ना होता।हमारे देश में यह परंपरा रही है कि शादी के बाद महिलाएं अपना सरनेम बदल देती हैं। हालांकि अब समय बदल गया है। एक बड़ा बदलाव आया है, जहां कई भारतीय महिलाएं शादी से पहले का सरनेम रखे हुए हैं और खुशहाल शादीशुदा जीवन बिता रही हैं। पहला, यह कई व्यावहारिक कारणों से है, जिसकी कई परते हैं। आज महिलाएं हर पेशे में बराबरी से काम कर रही हैं। एक बार जब वे अपना नाम बना लेती हैं तो फिर बाद में नाम (उपनाम) बदलकर अपनी उपलब्धियां यूं ही क्यों ज़ाया होने देंगी? महिलाएं सबकुछ झेल रही हैं, यहां तक कि बच्चा पैदा करने और उसे पालने की चुनौती भी बखूबी निभा रही हैं, ऐसे में उनका पेशेवर स्टेटस उनकी वैवाहिक स्थिति पर निर्भर क्यों होना चाहिए? और फिर कागज-पत्री भी है। डिजिटलीकरण के बावजूद किसी के लिए सरनेम बदलना उतना ही कष्टदायी है। महिलाएं आज सिर्फ कमा ही नहीं रही हैं, वे जानती हैं कि खर्च कैसे करें, निवेश कहां करें और कैसे बचाएं। कल्पना करिए, एक महिला के लिए किस तरह का दुःस्वप्न होगा, जहां उसे निवेश के दस्तावेजों, संपत्ति रिकॉर्ड, पासपोर्ट, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन आदि में सरनेम बदलवाना पड़े। कौन-सी समझदार महिला सिर्फ पति के अहंकार की पूर्ति के लिए ऐसा करेगी, जबकि वह यह ऊर्जा अधिक पैसा कमाने और निवेश में लगा सकती है? यह प्रथा महिलाओं को वस्तु के रूप में मानती है जो केवल उनके पिता, फिर पति की है, जहां उसकी खुद की पहचान नहीं है। आपका नाम आपको परिभाषित करता है। कल्पना करें, आपके व्यक्तित्व, आपकी उपलब्धियों, सपनों, आपकी विरासत, आपकी स्वायत्तता के साथ-साथ इसे भी छोड़ दें। इसमें क्या तुक है? विवाह में एक-दूसरे के साथ प्रतिबद्धताओं का दायरा व्यापक होना चाहिए, जहां व्यक्तिगत पहचान कायम रहने के साथ पेशेवर निरंतरता भी बनी रहे, ना कि इसमें उथल-पुथल मच जाए। शादियां तब बेहतर चलेंगी, जब यह महिलाओं को उनकी आजादी और उनकी अहमियत का अहसास कराए और पुरुषों को महिलाओं की आजादी का सम्मान करने के लिए प्रेरित करे। विवाह महिलाओं के लिए जेल नहीं होना चाहिए, बल्कि बेहतर कल की दिशा में एक कदम होना चाहिए। जब कानून कहता है कि सरनेम बदलना व्यक्तिगत अधिकार है, ऐसे में क्या समाज को यह नहीं समझना चाहिए? एक महिला का शादी से पहले वाला सरनेम रखना उसकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपलब्धियों के लिए सम्मान का प्रतीक है, और यही उसे एक अच्छी पत्नी बनाता है। अगली बार जब आप किसी विवाह में जाएं तो याद रखें कि अगर कोई पति से उसका सरनेम बदलने के लिए नहीं कह रहा, तो पत्नी से भी ऐसा नहीं कहना चाहिए।
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प्रो. चेतन सिंह सोलंकी इंदौर ने कचरे की सफाई में पूरे देश में अपना नाम स्थापित किया है और लगातार सात वर्षों तक भारत के स्वच्छतम शहर होने का खिताब जीता है। लेकिन न केवल इंदौर बल्कि पूरी दुनिया के सामने एक और बड़ी चुनौती है : अदृश्य यानी न दिखाई देने वाले कचरे से निपटना। यह दिखने वाले कचरे से अधिक खतरनाक होता है। जब कोई समस्या स्पष्ट दिखती है तो उसका समाधान निकाला जा सकता है, जैसे कचरा अलग करना, एकत्र करना और प्रोसेस करना। लेकिन उस दुश्मन से कैसे निपटें, जिसे न देखा जा सकता है, न सूंघा जा सकता है, न महसूस किया जा सकता है? सभी लोग अपनी ऊर्जा सम्बंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से बिजली, पेट्रोल और डीजल आदि का उपयोग करते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़े, सीमेंट और फर्नीचर जैसे सामान का। दुर्भाग्यवश, अधिकांश ऊर्जा स्रोत कार्बन आधारित हैं और उनके उपयोग से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। आपको पता है ये अदृश्य और गंधहीन सीओ2 वायुमंडल में 300 साल तक रहती है और वैश्विक तापमान बढ़ाने व जलवायु परिवर्तन में योगदान देती है? इस खतरे से निपटना अधिक जरूरी है। इंदौर ने कचरा प्रबंधन, उसकी री-साइकलिंग और स्वच्छता में निरंतर प्रयासों के माध्यम से भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार शीर्ष पर रहने के पीछे कचरा शून्य कॉलोनियों, खाद बनाने की पहल, निवासियों और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों का बड़ा योगदान है। इसके लिए इंदौर नगर निगम के प्रयास सराहनीय हैं। लेकिन इन असाधारण उपलब्धियों के बावजूद, इस शहर और दुनिया को एक और बड़ी चुनौती का सामना करना है- वातावरण में उत्सर्जित कार्बन रूपी कचरे की सफाई। दिखाई देने वाले कचरे का प्रबंधन महत्वपूर्ण है फिर भी ग्रीनहाउस गैसों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड का अनियंत्रित उत्सर्जन कहीं अधिक विनाशकारी है। ये महसूस ना होने वाली और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो दीर्घकालिक रूप से पर्यावरण के लिए खतरा है। भारत के स्वच्छतम शहर के रूप में, इंदौर को अब अगले स्तर पर जाकर एक जलवायु-सचेत शहर की भी भूमिका निभानी चाहिए। मेरा सुझाव है कि ‘इंदौर क्लाइमेट मिशन’ या ‘इंदौर क्लीन क्लाइमेट मिशन’ जैसी किसी पहल की शुरुआत की जाए। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अतिरिक्त समर्पण और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है- इन्हीं की वजह से इंदौर कचरा-प्रबंधन में अग्रणी बना। इस पहल के लिए जरूरी है, ऊर्जा की सही समझ और यह समझना कि कैसे ऊर्जा हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। ऊर्जा साक्षरता के महत्त्व के विषय में चर्चा जरूरी है, न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि कॉर्पोरेट्स और पूरे समाज के लिए भी। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि सीमित संसाधनों वाली दुनिया में बर्बादी, अत्यधिक और बिना सोचे-समझे की गई खपत न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रभावित करेगी। हम सबको न केवल जलवायु परिवर्तन के कारण को समझना चाहिए, बल्कि ऐसे मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और जलवायु सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए। इंदौर नगर निगम और नगरवासी अपने इनोवेशन को जारी रख सकते हैं, लेकिन साथ ही कार्बन उत्सर्जन को करने, रिन्युएबल ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने और सस्टेनेबल जीवनशैली को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। ऊर्जा खपत को कम करके, जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करके और पर्यावरण के लिए उचित कदम उठाकर इंदौर अन्य शहरों के लिए एक पथ-प्रदर्शक बन सकता है। कचरा प्रबंधन और जलवायु-सुधार कार्रवाई दोनों में शहर का नेतृत्व एक स्वच्छ, हरित भविष्य की ओर एक वैश्विक आंदोलन को प्रेरित कर सकता है।
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संजय कुमार पिछले एक दशक से हरियाणा में सत्ता पर काबिज भाजपा के सामने इस बार कड़ी चुनौती है, क्योंकि मतदाताओं में भाजपा के प्रति नाराजगी है। कांग्रेस को फायदा हो सकता है, हालांकि कई छोटे क्षेत्रीय दल अकेले या गठबंधन में मैदान में हैं। जननायक जनता पार्टी (हाल तक हरियाणा में भाजपा सरकार में सहयोगी) अब चंद्रशेखर आजाद की आजाद पार्टी के साथ गठबंधन में है और बसपा, इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में लगभग सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लेकिन अधिकतर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने का अच्छा मौका इसलिए है, क्योंकि उसे सत्ता विरोधी वोटों का सबसे बड़ा फायदा होगा, बल्कि इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस को इस समय हरियाणा के मतदाताओं के बीच अच्छा समर्थन प्राप्त है। 2024 के लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन इसका प्रमाण है। क्षेत्रीय दल भले ही महत्वपूर्ण संख्या में सीटें न जीत पाएं, लेकिन अगर भाजपा विरोधी वोट बंटते हैं तो वे कांग्रेस के लिए खेल जरूर बिगाड़ सकते हैं। हरियाणा में भाजपा केवल एंटी-इनकम्बेंसी के कारण ही अपने को मुश्किल स्थिति में नहीं पाती है, उसके लिए यह भी नुकसानदायक हो सकता है कि टिकट न मिलने से पार्टी के नेताओं में बड़े पैमाने पर नाराजगी है और वे दलबदल कर रहे हैं। चुनाव से पहले अभी तक तीन दर्जन से अधिक नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जिनमें से कुछ तो गैर-जाट समुदायों में भाजपा की रीढ़ रहे हैं। इस रणनीति को ही भाजपा ने पिछले एक दशक के दौरान सफलतापूर्वक अपनाया था। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि पिछले पांच सालों में हरियाणा में भाजपा के जनाधार में गिरावट आई है। लोकसभा चुनावों में भाजपा 46.1% वोटों के साथ 10 में से 5 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि कांग्रेस 43.7% वोटों के साथ शेष 5 सीटें भाजपा से छीनने में सफल रही। भाजपा के वोट-शेयर में 12% (2019 की तुलना में) की गिरावट आई, जबकि कांग्रेस ने 2019 के अपने वोट-शेयर में 15.3% वोट जोड़े। ये इस बात का संकेत है कि हरियाणा में हवा किस तरफ बह रही है। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के कुछ महीने बाद जब 2019 में ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए थे, तो भाजपा ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया था। उसे 36.5% वोट और 40 सीटें मिली थीं। हरियाणा के मतदाताओं ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी 10 सीटों पर जीत दिलाई थी, लेकिन राज्य में अपनी सरकार चुनने के लिए अलग तरीके से मतदान करने का फैसला किया। जबकि तब तो पहलवान, किसान और जवान के मुद्दे भी मौजूद नहीं थे। तब जनता में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रदर्शन को लेकर नाराजगी थी। अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बावजूद 2019 के विधानसभा चुनाव में अच्छी जीत हासिल नहीं कर सकी, तो अब अपने प्रदर्शन में सुधार कैसे करेगी? 2019 में जब भाजपा हरियाणा में अपनी सरकार का बचाव कर रही थी, तो उसे पांच साल की एंटी-इन्कम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा था। अब तो 10 साल पुरानी एंटी-इन्कम्बेंसी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना एक तरह से भाजपा द्वारा लोगों की नाराजगी को स्वीकार करना था। चुनाव में भाजपा को कुछ हद तक सजा मिली। नतीजों के बाद भी वोटरों का मूड बदला हुआ नहीं दिख रहा है। हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर भाजपा की निर्भरता की भी परख होने वाली है। लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि नरेंद्र मोदी की अपने व्यक्तिगत करिश्मे के दम पर भाजपा के लिए वोट जुटाने की क्षमता विधानसभा चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनावों में कहीं ज्यादा मजबूत होती है। दूसरी तरफ 2019 के मुकाबले अब हरियाणा में राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही है। कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसका राज्य-नेतृत्व (भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा) अलग-अलग समूहों में विभाजित होने के बावजूद मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी वाले भाजपा के राज्य नेतृत्व की तुलना में अधिक सशक्त दिखता है। इससे कांग्रेस बेहतर स्थिति में जरूर है, लेकिन कुछ सीटों पर उसके वे नाराज नेता जरूर खलल डाल सकते हैं, जो टिकट नहीं मिलने से क्षुब्ध हैं। कांग्रेस को इस पर नजर रखना होगी और पार्टी में भितरघात सहित छोटे क्षेत्रीय दलों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनानी होगी। पहलवान, किसान और जवान : ये तीन मुद्दे हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की कुंजी साबित हो सकते हैं।
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पं. विजयशंकर मेहता सामान्य मनुष्य को उम्र की चार अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है- बचपन, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था। अब इसका भी विस्तार है। वृद्धावस्था के बाद एक जरावस्था भी आती है, जिसमें आदमी बिस्तर पकड़ लेता है। आज हम एक उम्र की बात करेंगे, ये प्रौढ़ावस्था है। समझने के लिए देखें, तो यह उम्र का वह दौर है, जिसमें हमारे माता-पिता जीवित होते हैं और हम माता-पिता बन चुके होते हैं। अब दो पीढ़ियों के बीच में ये प्रौढ़ावस्था की पीढ़ी है। इस समय पारिवारिक जीवन में सबसे ज्यादा चुनौती इसी उम्र के लोगों के सामने है। बीते की स्मृति है और जो भविष्य आ रहा है उसकी चुनौती है। बूढ़े आदमी का पहला बचपन वर्षों पहले चला गया और दूसरा बचपन अभी चल रहा है। इधर प्रौढ़ व्यक्ति के साथ होता यह है कि ‘आती जवानी, चलती जवानी और जाती जवानी’ तीनों एक साथ चल रही हैं। ऐसे स्थिति में स्वयं के भीतर त्याग की वृत्ति को खूब तैयार करें, बड़े-बूढ़ों के साथ समर्पण का भाव रखें और बच्चों के लिए धैर्य और समझ से काम करें तो ये उम्र भी आनंद देगी।
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एन. रघुरामन हाल ही में जब मैंने एक विदेशी पत्रिका में ‘रोमांटिसाइजिंग यॉर रेफ्रिजरेटर’ शीर्षक से एक आर्टिकल पढ़ा तो मुझे एक पुरानी तमिल कहावत याद आ गई कि “कपड़े ऐसे पहनें जो दूसरों को सुहाएं और खाना ऐसा खाएं जो आपके शरीर को सुहाए’। वो इसलिए क्योंकि यह आर्टिकल इस बारे में था कि कैसे लोग आजकल अपने फ्रिज को सजावटी सामान से जमा रहे हैं या सीख रहे हैं कि कैसे रेफ्रिजरेटर के दरवाजे पर मिल्क या जूस के कार्टन जमाएं, साथ ही इसमें ये कहा कि क्यों लोग इन दिनों ऐसे रेफ्रिजरेटर खरीदते हैं, जिनके दोनों तरफ दरवाजे खुलें, ताकि सामान तीन जगहों पर फैलाकर रख सकें- बाएं दरवाजा, दायां दरवाजा और खुद फ्रिज में! और यह “फ्रिजस्केपिंग’ कहलाता है, जो दो शब्दों का मेल है- ‘फ्रिज, कीपिंग।’ तब मुझे अहसास हुआ कि लोग सेहत या स्वाद के लिए नहीं बल्कि इंस्टाग्राम रील्स बनाने के लिए अपनी किचन डिजाइन कर रहे हैं और खाने-पीने का सामान ला रहे हैं, फिर भले ही वह सेहत के लिए ठीक हो या नहीं! वे यह दिखाना चाहते हैं कि वो कौन-सी महंगी खाने-पीने की चीज इस्तेमाल करते हैं, वो भी रोजमर्रा में। कई लोग, जो वीकेंड पर कहीं बाहर जाने, नए कपड़े, छुट्टियों की तस्वीरों आदि नहीं दिखा पाते, उनके लिए सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए ये कंज्यूमेबल्स सस्ता विकल्प है। ऐसा नहीं है कि हमारी मांओं ने कभी किचन नहीं जमाया। हॉरलिक्स की वो आधा किलो की कांच की बोतल मेरी मां की पसंदीदा थी। हॉरलिक्स खत्म होने के बाद वह बोतल खाने का दूसरा सामान रखने के काम आती थी। इसके अलावा घर में रीफिल करने वाला ऐसा कोई दूसरा आइटम नहीं होता था। वह नियमित तौर पर वो बोतल जमा करतीं और किचन का सारा सामान उनमें जमाकर रख देतीं। इन बोतलों को हर पंद्रह दिन में मां धोती थीं ताकि ये धुंधली न दिखें। मां यह सब इसलिए नहीं करती थी क्योंकि वह “शेल्फकेपिंग’ करना चाहती थीं या किसी को दिखाने के लिए तस्वीरें लेना चाहती थीं, बल्कि इसे सुविधाजनक बनाने के लिए करती थीं, ताकि बच्चों समेत घर का कोई भी सदस्य किचन में आकर उन पारदर्शी बोतल में रखा सामान देख सके। दिलचस्प बात थी कि हमारे घर अलग-अलग मसाले जैसे मिर्ची-धनिया पाउडर, जीरा, हल्दी आदि रखने के लिए कभी भी छह या नौ खाने वाला मसाले का डिब्बा नहीं रहा। हॉरलिक्स की बोतल शेल्फ में पीछे रखते थे, जबकि सामने किसान जैम की बॉटल्स रखते थे। उन दिनों खाली बोतलें और एक ही रंग के प्लास्टिक के ढक्कन अलग-अलग बेचना अच्छा बिजनेस था। मैं हमेशा से चाहता था कि हमारे बच्चे अपनी अलमारी से वैसी मोहब्बत रखें! वो इसलिए क्योंकि मैंने हमेशा अनुभव किया है कि अगर गलती से मैंने अपनी बेटी की अनुपस्थिति में उसकी अलमारी खोल दी, तो अलमारी मुझ पर चीख पड़ती। अगर इसे भाषा में ढाल पाते, तो इसमें से चंद टी-शर्ट निकालते ही जमीन पर गिरकर कहतीं, ‘अच्छा हो गया, आपने डोर खोला, दम घुट रहा था अंदर।’ जब मैंने बेटी को मारी-कॉन्डो के वीडियो दिखाए, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जहां वो अलमारी को बिना अस्त-व्यस्त किए साफ रखना बताती हैं, तो मेरे लिए उसकी अलमारी नहीं छूने का फरमान जारी हो गया। दिलचस्प है कि आज के बच्चे हमें सिखा रहे हैं कि कैसे ‘फ्रिजस्केपिंग’ करें! वे नहीं जानते कि हम उस जमाने के हैं, जहां हमें यकीन दिलाया गया कि अगर घर में सफाई रहती है, तभी लक्ष्मी निवास करती हैं। इसलिए हमने दवाओं का दराज, किताबों की अलमारी, किचन शेल्फ, दराज व सभी सदस्यों द्वारा इस्तेमाल एक अलमारी को गंदा या अस्त-व्यस्त नहीं रखा। यही कारण था कि उन दिनों हमारी अलमारियां अच्छे से सांस लेती थीं। फंडा यह है कि सोशल मीडिया की जगह हमारे घर के दराजों और दरवाजों से बाहर होनी चाहिए, नहीं तो आप अपनी निजता मोबाइल स्क्रॉल करते रहने वालों के हवाले कर देंगे, जो फिर हर पहलू पर आपके जीवन को आदेश देंगे। इसलिए सावधान रहें।
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एन. रघुरामन कार्नेगी हीरो फंड वर्ष 1904 से अब तक 9500 से ज्यादा लोगों को पुरस्कृत कर चुका है। यह पुरस्कार पाने वाले हर विजेता ने दूसरों की जान बचाने की कोशिश में असाधारण रूप से अपनी जान जोखिम में डाली। ज्यादातर मामलों में, जिन लोगों की जान बचाई गई, वे पूरी तरह अजनबी थे। मुझे यह पुरस्कार तब याद आया जब मैंने 24 वर्षीय आदिवासी महिला मंतोशी गजेंद्र चौधरी की कहानी सुनी। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल जिले गढ़चिरौली के भामरागड तालुका के अरेवाड़ा गांव में इस रविवार 8 सितंबर को मंतोशी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। लेकिन भारी बारिश के चलते बाढ़ से उनके गांव समेत जिले के अधिकांश हिस्से का संपर्क टूट गया था और परिवहन व संचार मुश्किल हो गया था। राज्य आपदा राहत बल के सहयोग से परिवार वाले और पड़ोसी उसे कमर तक भरे पानी में किसी तरह गांव के अस्पताल लेकर आए, जहां 9 सितंबर सोमवार को उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। पर दुर्भाग्य से प्रसव के दौरान मंतोशी का ज्यादा खून बह गया, जिसके चलते उन्हें कम से एक थैली रक्त चढ़ाने की तत्काल जरूरत थी, ताकि प्रसव के बाद होश में लाया जा सके और स्वास्थ्य सुधार हो। लेकिन मामला उलझ गया क्योंकि मरीज का रक्त समूह दुर्लभ “बी-निगेटिव’ था और अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में यह आसानी से उपलब्ध नहीं था। उस युवा मां को बचाने की जीवटता ने स्थानीय डॉक्टर्स को भामरागड और उसके आसपास पूछताछ करने के लिए मजबूर किया और आखिरकार फोन गढ़चिरौली जिला अस्पताल पहुंचा, जहां पता चला कि पूरे जिले में दुर्लभ बी-निगेटिव रक्त की केवल एक थैली उपलब्ध थी। लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने 150 किलोमीटर दूर से खून की उस एक थैली को पहुंचाने के भरसक प्रयास किए, जबकि वह ये जानते थे यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होने जा रहा है क्योंकि वहां तक पहुंचने वाली अधिकांश सड़कें बंद हैं और बारिश अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रही। भामरागड तक की अधिकांश सड़कें बंद थीं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी किसी भी कीमत पर खून को पहुंचाने की कोशिशें कर रहे थे। एक एंबुलेंस से उस बहुमूल्य रक्त को पहुंचाने की कोशिश हुई। लेकिन भाग्य को अभी और परीक्षा लेना बाकी था। अहेरी, जहां मंतोशी जिंदगी और मौत से लड़ रही थीं, वहां से महज 50 किलोमीटर पहले एंबुलेंस फंस गई। उससे आगे की सड़क पूरी तरह बह गई थी और पर्लकोटा नदी तटबंध तोड़ते हुए पुल के ऊपर से बह रही थी। विकराल बाढ़ के चलते नाव से रक्त पहुंचाने का निर्णय भी टाल दिया गया। उस मां से ज्यादा अब उनके रिश्तेदार और स्वास्थ्य अधिकारी इस कार्य से इतना जुड़ गए थे कि किसी चमत्कार की प्रार्थना कर रहे थे। नसीब से बारिश थम गई और 11 सितंबर बुधवार को सुबह मौसम अचानक साफ हो गया, जिसके चलते अधिकारियों ने रक्त पहुंचाने का एक और प्रयास शुरू किया। एक ओर अस्पताल का दृश्य और दूसरी ओर वह जगह, जहां से उस रक्त को पहुंचाने का निर्णय लिया जा रहा था, वो किसी फिल्म के क्लाइमेक्स की तरह लग रहे थे। खुशकिस्मती से उनके पास एक हेलीकॉप्टर था, जो उस समय उड़ान के लिए फिट था और उन्होंने इसे उस मानवीय कार्य में लगाने के लिए तैनात कर दिया। अगले तीस मिनट में उस हेलीकॉप्टर ने खून की वो थैली वहां पैराड्रॉप कर दी दी और वापस अपने बेस कैंप आ गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने सुकून से अपने काम को अंजाम दिया। इस तरह उस मां की हालत स्थिर हुई। 2.9 किलो वजन का उनका नवजात भी स्वस्थ है और अपने खुशहाल परिवार के साथ वह बच्चे की देखभाल करने की स्थिति में है।
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नीरज कौशल एआई तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म देती है। इसका प्रयोग करने वाले शीर्ष वैज्ञानिक कहते हैं कि यह मनुष्यों द्वारा निर्मित सबसे रोमांचक तकनीक है। वहीं एआई को लेकर आशान्वित लोगों का कहना है कि यह दुर्लभ बीमारियों के लिए इलाज प्रदान करेगी, संक्रामक रोगों के लिए टीके ईजाद करेगी, स्किल्स के अभाव को पूरा करेगी, दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लाने का काम करेगी, कल्याणकारी सेवाओं की डिलीवरी को आसान बनाएगी और गरीबी को खत्म कर देगी। ये भविष्यवाणियां किसी सुदूर भविष्य के लिए नहीं, बल्कि यह सब बस कुछ ही दशकों में होने जा रहा है। आप इसे एआई का अमृत काल भी कह सकते हैं! दूसरी तरफ एआई के कटु-आलोचक हैं, जो चेतावनी देते हैं कि यह मनुष्यों का सबसे खतरनाक सृजन है। दार्शनिक-इतिहासकार युवाल नोआ हरारी ने अपनी नई किताब ‘नेक्सस’ में चेतावनी दी है कि एआई में पूरी सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता है। उनका कहना है कि एक नया विश्व युद्ध असंभव नहीं लगता। लेकिन वह देशों के बीच नहीं बल्कि एआई- जिसे वे एलीयन इंटेलीजेंस कहते हैं- और मानव जाति के बीच होगा। हरारी कहते हैं एआई इतनी तेजी से विकसित हो रही है कि हमें नहीं पता हम अपने युवाओं को ऐसा क्या सिखाएं, जो 20 साल बाद भी प्रासंगिक हो। यदि एआई के पिछले 2-3 वर्षों के अनुभवों को देखें तो संकेत मिलता है कि भविष्य में दोनों ही बातें सही साबित हो सकती हैं। बहस के दोनों पक्षों में हमारे समय के कुछ सबसे उज्ज्वल, महत्वाकांक्षी और इनोवेटिव दिमाग शामिल हैं। बिल गेट्स कहते हैं, एआई लोगों के काम करने, सीखने, यात्रा करने, हेल्थकेयर प्राप्त करने और एक-दूसरे से संवाद करने के तरीके को बदल देगा। जिस गति से एआई विकसित हो रहा है, उसने वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। हरारी का कहना है कि यह जैविक विकास की तुलना में दस लाख गुना तेजी से विकसित हो रहा है। यानी जैविक विकास में जिसे दस लाख साल लगे, उसे डिजिटल विकास एक साल में हासिल कर लेगा! डर इस बात का है कि क्या एआई बुद्धिमत्ता में अपने सृजनकर्ता मनुष्यों से भी आगे निकल जाएगी? और अगर ऐसा है, तो क्या यह अपने मालिक को गुलाम भी बना सकती है? मौजूदा साक्ष्यों से तो ऐसा लगता है कि पहले सवाल का जवाब हां है। हाल ही में अमेरिका में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की बैठक में, मॅक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर द साइंस ऑफ लाइट के भौतिक विज्ञानी मारियो क्रेन ने अपने सहकर्मियों के साथ प्रकाशित एक लेख के बारे में बताया कि इस पेपर के मुख्य लेखकों में से किसी ने भी इसमें वर्णित विचारों को नहीं सोचा था। उनके विचार मशीन से आए थे। हम केवल यह विश्लेषण कर रहे हैं कि मशीन ने क्या किया है। इंटरनेट पर ऐसे ही अन्य वैज्ञानिकों के किस्से भरे पड़े हैं, जो ए आई का उपयोग कर रहे हैं। कंप्यूटर वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन- जिन्हें एआई का गॉडफादर भी कहा जाता है- कहते हैं, हमें गंभीरता से सोचना चाहिए कि इन चीजों को अपने पर नियंत्रण करने से कैसे रोकें। यह कौन तय करेगा कि एआई पर लगाम कैसे और कब लगाई जाए? एआई यकीनन हमारा भविष्य है, लेकिन हम इसे कैसे नियंत्रित करेंगे? इसके उपयोग के नियम कौन लिखेगा और उन्हें कौन लागू करेगा? क्या पूरी पृथ्वी के लिए एक ही नियम होगा, जिसे कोई सुपर-सरकारी संस्था लागू करेगी? या क्या प्रत्येक देश अपने स्वयं के नियम बनाएगा? एक ऐसे युग में हैं, जिसमें लोग वैकल्पिक तथ्यों पर विश्वास करते हैं और राष्ट्रों और समाजों के बीच परस्पर-भरोसा घट गया है। मानव जाति एआई के संचालन के नियम स्थापित करने में भले सक्षम हो जाए, लेकिन उन नियमों को सीखने और उनसे बचने के लिए क्या करना होगा? आई में बड़े कॉर्पोरेट्स ही सबसे ज्यादा पैसा लगा रहे हैं, जिनकी बुनियादी चिंता खेल में आगे रहना और अपने मुनाफे को बढ़ाते रहना है। उनका लक्ष्य अपने बाजार का आकार बढ़ाना, प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में तेजी से बढ़ना और इनोवेशन के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करना है। सरकारें इस बात से चिंतित नहीं हैं कि एआई मानवता को कैसे प्रभावित करेगी, उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि दूसरे देशों द्वारा एआई के उपयोग से उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकारें एआई को अपने दुश्मन या मानवता का उत्थान करने वाले एसेट के रूप में नहीं देखतीं। बहुत संभावना है कि वे दुनिया पर दबदबा स्थापित करने के लिए और अन्य देशों की सुरक्षा-प्रणालियों में सेंध लगाने के लिए एआई का उपयोग करना चाहती हों!
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नवनीत गुर्जर ये विवादों का देश है। फिलहाल देश में गणेश उत्सव चल रहा है और विवाद भी गणपति पूजा को लेकर ही शुरू हो गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्रियन पोशाक पहनकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ( सीजेआई) चंद्रचूड़ के घर चले गए थे। वहाँ उन्होंने गणपति पूजा भी की। प्रधानमंत्री ने गणपति की आरती उतारी और गाई सीजेआई ने। विपक्ष ने इस पर हंगामा कर दिया। विपक्ष का कहना है कि राजनीति और न्यायिक व्यवस्था दोनों में एक मर्यादा होती है। एक लक्ष्मण रेखा होती है। इसका पालन होना ही चाहिए। अगर मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री को गणपति पूजा का आमंत्रण दिया भी था तो इसकी वीडियोग्राफ़ी करने की क्या ज़रूरत थी? या प्रचार की आवश्यकता क्यों पड़ी? जवाब में भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के सत्ताकाल में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ़्तार पार्टी दी थी और उसमें तब के मुख्य न्यायाधीश शामिल हुए थे तब कांग्रेस और बाक़ी पार्टियों ने ऐतराज क्यों नहीं किया? सवाल यह है कि इफ़्तार पार्टी हो या गणपति पूजा, कोई भी किसी के कार्यक्रम या उसके आमंत्रण पर कहीं भी जा सकता है। इसमें ऐतराज कैसा? आख़िर किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की निजी और सामाजिक ज़िंदगी है या नहीं? फिर किसी प्रधानमंत्री के किसी सीजेआई के घर पूजा करने जाने से क्या सीजेआई के फ़ैसलों पर असर पड़ सकता है? नहीं। हमारी संवैधानिक संस्थाएँ इतनी भी कमजोर नहीं हैं कि किसी के किसी के घर जाने से प्रभावित हो जाएं! वे कश्मीर वाले फारुख अब्दुल्ला भी प्रधानमंत्री के सीजेआई के घर जाने की निंदा कर रहे हैं, जिन्होंने कश्मीर में अपना राज रहते हुए किसी कानून, किसी संवैधानिक संस्था की परवाह नहीं की। वे उद्धव ठाकरे जिनकी पार्टी सालों तक भाजपा के साथ रही, वे भी कह रहे हैं कि सीजेआई चंद्रचूड़ को हमसे जुड़े हुए न्यायिक मामलों से खुद को अलग कर लेना चाहिए! आख़िर ये कैसी बहस है? ये कैसा दौर है जहां मुख्य न्यायाधीश के फ़ैसलों, उनकी शिद्दत और ईमानदारी पर शक किया जा रहा है! सिर्फ़ इसलिए कि देश के प्रधानमंत्री ने उनके घर जाकर गणपति पूजा में हिस्सा ले लिया? सही है, राजनीति में और न्यायिक तंत्र में एक मर्यादा और एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की धार्मिक भावनाओं को हाशिए पर कैसे डाला जा सकता है?
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डेरेक ओ ब्रायन भारत की श्रम-शक्ति में महिलाओं की भागीदारी दर सिर्फ 28% है। भारत में हर तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण संबंधी किसी गतिविधि में सम्मिलित नहीं है और इसमें भी 95% महिलाएं हैं। प्रबंधकीय पदों पर हर पांच पुरुषों पर एक महिला है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर है। नीति आयोग के एक सर्वेक्षण के अनुसार 18 से 49 वर्ष की दस में से तीन महिलाओं ने अपने पति की हिंसा सही है। चुनावी घोषणा-पत्रों, संसदीय भाषणों या आंतरिक प्रस्तावों में, हर दल आपको बताएगा कि महिलाओं को ‘आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।’ कहना आसान है, करना मुश्किल। चुनौती यह है कि जब महिलाएं श्रम-शक्ति के दायरे से बाहर हैं, तो उन्हें आर्थिक आजादी कैसे देंगे? यहीं पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का परिदृश्य में प्रवेश होता है। डीबीटी से मिलने वाली आय का अधिकांश हिस्सा महिला अपने विवेक से खर्च करती है। इन योजनाओं के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को लक्षित करना विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि ये परिवार आय का बड़ा हिस्सा भोजन व ईंधन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर खर्च करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे निचले स्तर पर मौजूद 20% परिवार अपनी आय का 53% भोजन पर खर्च करते हैं, जबकि इसी वर्ग के शहरी परिवार 49% खर्च करते हैं। उच्च-खपत के इन पैटर्न को देखते हुए, डीबीटी के माध्यम से दिया गया अधिकांश पैसा वापस अर्थव्यवस्था में चला जाता है। लेकिन अगर डीबीटी की राजनीति की बात करें तो यह इतनी स्पष्ट नहीं है। इस योजना से चुनाव जीतने की गारंटी नहीं मिलती। जनवरी 2020 में शुरू की गई वाईएसआरसीपी की जगन्नाना अम्मावोडी योजना इस साल के लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए जादू नहीं कर पाई। लेकिन तेलंगाना में कहानी अलग थी। केसीआर की बीआरएस को इस बात का अफसोस हो रहा होगा कि उनके पास ऐसी कोई डीबीटी योजना नहीं थी। कांग्रेस की महालक्ष्मी योजना- जो उसके अपने कर्नाटक (गृह लक्ष्मी) मॉडल से प्रेरित थी- को 2023 में तेलंगाना विधानसभा में बड़ी जीत के बाद बहुत जोर-शोर से पेश किया गया था, और उसने 18वीं लोकसभा में भरपूर चुनावी लाभ दिया। महाराष्ट्र में सरकार ने इस साल जून में बजट के दौरान लड़की बहन योजना की घोषणा की। पहली किश्त अगस्त में महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच गई। दूसरी किश्त अक्टूबर के मध्य में लाभार्थियों तक पहुंचने की संभावना है। क्या यही कारण है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा नहीं की गई? क्या लड़की बहन योजना एनडीए सरकार को बचाने के लिए काफी होगी? महाराष्ट्र के अलावा, असम और मध्य प्रदेश जैसे एनडीए-राज्य भी ऐसी ही योजनाएं चलाते हैं। वहीं इस तरह के विपक्षी राज्यों में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब शामिल हैं। बंगाल में भी लक्ष्मी भंडार योजना है। अमर्त्य सेन के प्रतीची ट्रस्ट ने कहा है कि नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं और दस में से एक पति से बातचीत करने के बाद पैसे खर्च करने का तरीका तय करती है। महिलाओं ने खुद बताया कि परिवार में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। ये सभी योजनाएं पूरी तरह से राज्यों द्वारा प्रायोजित हैं। फिर केंद्र सरकार के अधीन भी 53 मंत्रालय हैं, जो 315 डीबीटी योजनाएं चलाते हैं। इनमें से 13 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबंधित हैं। लेकिन योजनाओं को लागू करने में मंत्रालय का रिकॉर्ड बहुत खराब है और डीबीटी प्रदर्शन रैंकिंग में वह 53 मंत्रालयों में से 31वें स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कोई केंद्रीय योजना नहीं है, जो सभी महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता हस्तांतरित करती हो या विशेष रूप से कम आय वाली महिलाओं को लक्षित करती हो। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देती है। इस साल की शुरुआत में अमित शाह ने कहा था, हम डीबीटी योजना (लक्ष्मी भंडार) को बंद नहीं करेंगे। उलटे सहायता राशि 100 रु. बढ़ा देंगे। आईएमएफ तक ने भारत की डीबीटी योजनाओं को लॉजिस्टिकल चमत्कार करार दिया है। तो क्या हमें राष्ट्रीय स्तर पर इसके लागू होने का इंतजार करना चाहिए! नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं।
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डेरेक ओ ब्रायन भारत की श्रम-शक्ति में महिलाओं की भागीदारी दर सिर्फ 28% है। भारत में हर तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण संबंधी किसी गतिविधि में सम्मिलित नहीं है और इसमें भी 95% महिलाएं हैं। प्रबंधकीय पदों पर हर पांच पुरुषों पर एक महिला है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर है। नीति आयोग के एक सर्वेक्षण के अनुसार 18 से 49 वर्ष की दस में से तीन महिलाओं ने अपने पति की हिंसा सही है। चुनावी घोषणा-पत्रों, संसदीय भाषणों या आंतरिक प्रस्तावों में, हर दल आपको बताएगा कि महिलाओं को ‘आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।’ कहना आसान है, करना मुश्किल। चुनौती यह है कि जब महिलाएं श्रम-शक्ति के दायरे से बाहर हैं, तो उन्हें आर्थिक आजादी कैसे देंगे? यहीं पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का परिदृश्य में प्रवेश होता है। डीबीटी से मिलने वाली आय का अधिकांश हिस्सा महिला अपने विवेक से खर्च करती है। इन योजनाओं के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को लक्षित करना विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि ये परिवार आय का बड़ा हिस्सा भोजन व ईंधन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर खर्च करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे निचले स्तर पर मौजूद 20% परिवार अपनी आय का 53% भोजन पर खर्च करते हैं, जबकि इसी वर्ग के शहरी परिवार 49% खर्च करते हैं। उच्च-खपत के इन पैटर्न को देखते हुए, डीबीटी के माध्यम से दिया गया अधिकांश पैसा वापस अर्थव्यवस्था में चला जाता है। लेकिन अगर डीबीटी की राजनीति की बात करें तो यह इतनी स्पष्ट नहीं है। इस योजना से चुनाव जीतने की गारंटी नहीं मिलती। जनवरी 2020 में शुरू की गई वाईएसआरसीपी की जगन्नाना अम्मावोडी योजना इस साल के लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए जादू नहीं कर पाई। लेकिन तेलंगाना में कहानी अलग थी। केसीआर की बीआरएस को इस बात का अफसोस हो रहा होगा कि उनके पास ऐसी कोई डीबीटी योजना नहीं थी। कांग्रेस की महालक्ष्मी योजना- जो उसके अपने कर्नाटक (गृह लक्ष्मी) मॉडल से प्रेरित थी- को 2023 में तेलंगाना विधानसभा में बड़ी जीत के बाद बहुत जोर-शोर से पेश किया गया था, और उसने 18वीं लोकसभा में भरपूर चुनावी लाभ दिया। महाराष्ट्र में सरकार ने इस साल जून में बजट के दौरान लड़की बहन योजना की घोषणा की। पहली किश्त अगस्त में महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच गई। दूसरी किश्त अक्टूबर के मध्य में लाभार्थियों तक पहुंचने की संभावना है। क्या यही कारण है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा नहीं की गई? क्या लड़की बहन योजना एनडीए सरकार को बचाने के लिए काफी होगी? महाराष्ट्र के अलावा, असम और मध्य प्रदेश जैसे एनडीए-राज्य भी ऐसी ही योजनाएं चलाते हैं। वहीं इस तरह के विपक्षी राज्यों में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब शामिल हैं। बंगाल में भी लक्ष्मी भंडार योजना है। अमर्त्य सेन के प्रतीची ट्रस्ट ने कहा है कि नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं और दस में से एक पति से बातचीत करने के बाद पैसे खर्च करने का तरीका तय करती है। महिलाओं ने खुद बताया कि परिवार में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। ये सभी योजनाएं पूरी तरह से राज्यों द्वारा प्रायोजित हैं। फिर केंद्र सरकार के अधीन भी 53 मंत्रालय हैं, जो 315 डीबीटी योजनाएं चलाते हैं। इनमें से 13 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबंधित हैं। लेकिन योजनाओं को लागू करने में मंत्रालय का रिकॉर्ड बहुत खराब है और डीबीटी प्रदर्शन रैंकिंग में वह 53 मंत्रालयों में से 31वें स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कोई केंद्रीय योजना नहीं है, जो सभी महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता हस्तांतरित करती हो या विशेष रूप से कम आय वाली महिलाओं को लक्षित करती हो। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देती है। इस साल की शुरुआत में अमित शाह ने कहा था, हम डीबीटी योजना (लक्ष्मी भंडार) को बंद नहीं करेंगे। उलटे सहायता राशि 100 रु. बढ़ा देंगे। आईएमएफ तक ने भारत की डीबीटी योजनाओं को लॉजिस्टिकल चमत्कार करार दिया है। तो क्या हमें राष्ट्रीय स्तर पर इसके लागू होने का इंतजार करना चाहिए! नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं।
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नवनीत गुर्जर जम्मू- कश्मीर और हरियाणा में चुनाव चल रहे हैं। इस वक्त चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। सभी राजनीतिक दल एक- दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाने में उलझे हुए हैं। राजनीतिक नैतिकता कहती है कि कोई कितना भी बडा विरोधी हो, उस पर आरोप लगाते वक्त मर्यादा का ख़्याल ज़रूर रखना चाहिए। संयम भी ज़रूरी है। बात किसी एक दल या पार्टी की नहीं है, सभी दल या उनके नेता एक दूसरे पर मर्यादा छोड़कर आरोप लगा रहे हैं। कोई कह रहा है हरियाणा वाले भूपेन्द्र हुड्डा दरअसल, भाजपा की बी पार्टी हैं। वे खुद को बचाने के लिए भाजपा से मिल गए हैं। इस बीच कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को कश्मीर में एक अलग ही स्तर पर चले गए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तो झूठ बोलने के आरोप लगाए ही, यह भी कह दिया कि लोकसभा चुनाव में अगर हमें बीस सीटें और मिल जाती तो ये भाजपा वाले आज जेल में होते! आख़िर इसका क्या मतलब समझा जाए? खरगे साहब कहना क्या चाहते हैं? क्या आप किसी पार्टी या उसके नेताओं से बदला लेने के लिए केंद्र की सत्ता में आना चाहते हैं? फिर बीस सीटें और मिल जातीं, इसका तात्पर्य क्या है? क्यों रह गए पीछे? बीस और सीटें जीतने से आपको या आपकी कांग्रेस को आख़िर किसने रोक रखा था? एक तरफ़ विदेश जाकर राहुल गांधी ने कोहराम मचाया हुआ है और दूसरी तरफ देश के भीतर खरगे साहब से अपने ग़ुस्से पर क़ाबू नहीं पाया जा रहा है। बेशक आप चुनाव जीतिए। सारे राज्यों में सरकार बना लीजिए। अगला लोकसभा चुनाव भी जीत लीजिए, लेकिन आरोप लगाते वक्त मर्यादा का तो ख़्याल रखिए! ताकि कल को जब आप पर या आपकी पार्टी पर कोई आरोप लगाया जाए तो आप कह सकें कि यह राजनीतिक नैतिकता या मर्यादा के खिलाफ है। कुल मिलाकर शब्दों की अपनी मर्यादा होती है और उसे बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। सामान्य जीवन में भी। परिवार और समाज में भी। सार्वजनिक जीवन से जुड़े हुए लोगों, राजनेताओें नेताओं के लिए तो ये सबसे ज़्यादा जरूरी है।
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बरखा दत्त इस सप्ताह ममता बनर्जी ने बताया कि कोलकाता पुलिस प्रमुख ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने त्यौहारों का मौसम होने के कारण इसे नहीं स्वीकारा। उन्होंने एक बार फिर राजनीतिक सूझबूझ की कमी को दर्शाया। ममता के व्यक्तित्व में हमेशा से ही एक तरह की उग्रता रही है और इसी ने उन्हें मजबूत जमीनी राजनेता बनाया, लेकिन कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में एक युवा डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के बाद से ही उन्होंने अपने व्यक्तित्व के इस गुण का हठपूर्वक दुरुपयोग किया है। टीएमसी सरकार की सबसे बड़ी गलती आरजी कर कॉलेज के बदनाम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को तुरंत बर्खास्त न करना थी। अब तक इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं कि घोष कॉलेज में भय का साम्राज्य चला रहा था। मैंने कॉलेज की दो छात्राओं से बात की है, जिन्होंने बताया कि एक समय तो उन्होंने घोष के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या तक करने का मन बना लिया था। कॉलेज के एक पूर्व अधिकारी अख्तर अली ने बताया कि एक महिला डॉक्टर ने उन्हें बताया उसका भी यौन उत्पीड़न किया गया था। कॉलेज में मरीजों के मृत शरीरों और बायोमेडिकल कचरे के अंडरग्राउंड कारोबार के बारे में कई सबूत मिले हैं। यह भी स्पष्ट है कि घोष के खिलाफ शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद क्या-क्या हुआ? हम जानते हैं कि कॉलेज के अधिकारियों ने युवा डॉक्टर के माता-पिता से झूठ बोला और कहा कि उनकि बेटी ने आत्महत्या कर ली है। हम जानते हैं कि घोष के करीबी माने जाने वाले लोग उस सेमिनार हॉल के इर्द-गिर्द घूमते पाए गए, जो कि मौका-ए-वारदात है। हम जानते हैं कि मृत्यु की घोषणा में कम से कम तीन घंटे की देरी की गई और तुरंत ही हत्या व दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। इस सबके बावजूद, घोष की नौकरी नहीं जाती। उसका दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया जाता है। जब प्रदर्शनकारी छात्र उसे उसमें प्रवेश नहीं करने देते तो टीएमसी क्या करती है? वह अपने दो नेताओं- एक राज्य मंत्री और एक विधायक को भेजकर छात्रों को मनाने की कोशिश करती है कि वे घोष को स्वीकार लें। अंत में हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करके उसे बर्खास्त करना पड़ता है; लेकिन पहले यह पूछा जाता है कि घोष इतना शक्तिशाली क्यों है कि उसकी मदद के लिए सरकारी वकील नियुक्त किया गया है? अब टीएमसी के नेता कह रहे हैं कि घोष को जिन वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया गया है (जिनकी शिकायतों को अतीत में नजरअंदाज किया गया था), उनका डॉक्टर की हत्या से कोई संबंध नहीं है। लेकिन एक भी प्रदर्शनकारी डॉक्टर इससे सहमत नहीं है। पिछले महीने मैंने जितने भी डॉक्टरों से बात की, उनमें से हर एक का मानना है कि संजय रॉय- जिसे अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया था- अकेले ऐसा नहीं कर सकता था। बंगाल के सबसे अच्छे कार्डियक सर्जनों में से एक डॉ. कुणाल सरकार का कहना कि बड़े पैमाने पर कवर अप हुआ है। और हर कोई जानता है कि घोष के बिना यह संभव नहीं था। घोष का बचाव करना ममता सरकार की पहली बड़ी गलती थी। दूसरी गलती थी कि पूरे देश, और विशेषकर कोलकाता में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को भाजपा और सीपीएम का राजनीतिक प्रतिशोध करार देना। खुद टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने पार्टी छोड़ने के बाद मुझसे कहा कि बेशक ममता के राजनीतिक विरोधी इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, लेकिन विरोध में हो रहे आंदोलन पार्टी की राजनीति से परे हैं। तीसरी बड़ी गलती पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना थी। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आरजी कर कॉलेज में आधी रात को हुई तोड़फोड़- जिसमें हजारों उपद्रवियों ने डॉक्टरों के विरोध-स्थल को तहस-नहस कर दिया- पुलिस की विफलता थी। पुलिस प्रमुख को अगले ही दिन छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाना चाहिए था। इसके बजाय टीएमसी ने उनकी सुरक्षा पर दोगुना जोर दिया। उसी रात नर्सिंग स्टाफ का अंजाम ‘पीड़िता के जैसा’ करने की धमकी दी गई थी और पुलिस उपद्रवियों को रोकने में असमर्थ या अनिच्छुक थी। डॉक्टरों को काम पर लौटने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार को राहत नहीं दे सकता। अगर सरकार डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है तो डॉ. सरकार के मुताबिक 12,000 इस्तीफे तैयार हैं। एकमात्र तरीका यह है कि मुख्यमंत्री डॉक्टरों की ओर सुलह का हाथ बढ़ाएं। अगर सरकार की प्रतिक्रिया शुरू से ही आक्रामकता के बजाय विनम्रता की होती, तो शायद यह स्थिति ही नहीं पैदा होती। अस्पताल में बड़े पैमाने पर कवर अप हुआ है। और हर कोई जानता है प्रिंसिपल घोष के बिना यह संभव नहीं था। लेकिन ममता सरकार पूरे देश में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को भाजपा और सीपीएम का राजनीतिक प्रतिशोध करार देने लगी।
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रश्मि बंसल मेरे घर पर एक प्यारी सी बेटी है- माया। वो नटखट है, सयानी भी। बेहद प्यार करती है, डांट भी लगाती है। उसकी बड़ी बहन अपने दोस्तों की दुनिया में मशगूल है मगर माया मुझसे अब भी चिपक कर रहना चाहती है। मैं कहती हूं- ‘माया, बस’! - पर मुस्कराते हुए। आप शायद समझ गए होंगे, माया मेरी डॉगी है। कुत्ता एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो मनुष्य के साथ मिलजुल कर रहता है। युधिष्ठिर के वफादार कुत्ते के बारे में आपने सुना ही होगा। लेकिन महाभारत की शुरुआत में भी एक प्राणी की कहानी है। जब जन्मेजय भाइयों के साथ नागयज्ञ कर रहे थे, एक मासूम पिल्ला वहां आया और उसकी जमकर पिटाई की गई। इस पर उसकी मां ने जन्मेजय को शाप दिया कि एक दिन तुम्हारा कुल बरबाद हो जाएगा। कहने का मतलब ये कि हर प्राणी को जीने का अधिकार है और न्याय का हक भी। आजकल सोशल मीडिया पर दर्दनाक वीडियो आते हैं- कोई डॉग की दुम पर पटाखा लगाकर फोड़ रहा है तो कोई उस पर पत्थर फेंक रहा है। मूक प्राणी की पीड़ा से जिसे किक मिलती है वो कोई अत्यंत गया-गुजरा होगा। वैसे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो स्ट्रीट डॉग से नफरत करते हैं। कोई उन्हें खाना खिलाता है, तो उस पर भी आपत्ति होती है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत मूक प्राणियों के भी कुछ अधिकार हैं। उनका शोषण एक अपराध है मगर उससे भी बड़ी क्रूरता है- थोड़े दिन पालकर फिर छोड़ देना। जी हां, आजकल डॉग पालना एक फैशन है। बच्चे को आपने बर्थडे पर गिफ्ट कर दिया, फिर पता चला कि रखना इतना आसान नहीं। रोज उसे घुमाना पड़ता है, खिलाना पड़ता है, वैक्सीन लगवानी पड़ती है। क्यूट-सा पपी एक दिन बड़ा हो जाता है और अब इतना क्यूट नहीं। फिर एक दिन आप उसे गाड़ी में बैठाकर कहीं दूर छोड़ देते हैं। भाई, मजा ले लिया खिलौने का, अब नहीं लुभाता। बेचारा वहां घंटों आपके इंतजार में बैठा रहता है। भूखा, प्यासा, उसकी आंखें आपको ढूंढ रही हैं। जरूर कोई गलती हुई है, वो मुझे लेने आएंगे। राह में चलते हुए प्राणियों के किसी हमदर्द को दया आती है। वो एनजीओ को बताता है। एनजीओ के पास रोज पांच-सात फोन आते हैं इस तरह के। उनके पास जगह नहीं, उनकी जेब तकरीबन खाली, मगर दिल नहीं मानता। उस कुत्ते को आश्रय देते हैं, इस आशा से कि आगे चलकर कोई एडॉप्ट करेगा। ये डॉग ज्यादा ‘ऊंची नस्ल’ वाले होते हैं। जो देखने में सुंदर माने जाते हैं, और जिनसे आपका ‘स्टेटस’ बढ़ता है। जैसे लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, ल्हासा एप्सो इत्यादि। चूंकि इनकी डिमांड है, इन नस्लों का प्रजनन धंधा बन गया है। पैदा होते ही पिल्ले को मां से अलग करके बेच दिया जाता है। खैर लोगों के लिए ये एक ‘ब्रांडेड’ डॉग है, जैसे ब्रांडेड बैग या जूता। स्टेटस दिखाने के और भी तरीके हैं। पेट्स पालना जिम्मेदारी है, पूरे परिवार की सहमति से ऐसा निर्णय लें। और हां, खरीदिए मत- एडॉप्ट कीजिए। आपके शहर में जरूर कोई एनजीओ होगा, जानवरों के हित में काम करने वाला। वहां प्यारे-प्यारे मूक प्राणी आपका इंतजार कर रहे हैं। अब यूं नहीं कि आप किसी भी देसी कुत्ते को सड़क से उठा लो। अगर अकेला हो, मां आसपास नहीं, तो बात अलग है। कुत्ते पालने के साथ समाज को कुछ नियमों का भी पालन करना जरूरी है। एक प्यारा-सा डॉग अपना लीजिए, एक सच्चा साथी पा लीजिए।
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चेतन भगत एक वरिष्ठ नेता ने एक बार मुझसे कहा था, भारत में राजनीति तीन बड़े फैक्टर्स- धर्म, जाति और अमीर-गरीब के इर्द-गिर्द ही चलती है। नीति निर्माण, सुशासन, विकास- ये सब अच्छी बातें हैं, लेकिन इन तीन चीजों से ही सब कुछ तय होता है। इसमें भी, अमीर-गरीब वाला फैक्टर एक सीमा के बाद मायने नहीं रखता, क्योंकि सभी दल दावा करते हैं कि वे गरीबों के पक्ष में हैं। अमीरों का पक्ष लेने में कोई फायदा नहीं है, जो वैसे भी अल्पसंख्यक हैं। इसीलिए सभी दलों में रेवड़ी-वितरण को लेकर होड़ रहती है। लेकिन राजनीति का असल खेल धर्म और जाति के नाम पर होता है। पिछला दशक धर्म के इर्द-गिर्द घूमता रहा। भाजपा स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हिंदू वोटों को एक साथ लाने में कामयाब रही। यह धर्म से जुड़े मुद्दों की पहचान करके किया गया, जिन पर इससे पहले ध्यान नहीं दिया गया था। हर भारतीय रामायण देखते-सुनते हुए बड़ा हुआ। यह कहानी अयोध्या में घटित होती है। ऐसे में यह सोचना कि अयोध्या में कोई बड़ा राम मंदिर नहीं है, हिंदुओं को हैरान करता था। यह भावनात्मक मुद्दा भाजपा ने अपने हाथ में ले लिया। दशकों लग गए, लेकिन आखिरकार अयोध्या में मंदिर बन गया। इस जैसे मुद्दों ने सत्ता के लिए वोट हासिल करने में भाजपा की मदद की। इस बीच, जाति का मुद्दा अपेक्षाकृत रूप से निष्क्रिय रहा। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया कि शायद जाति अब इतना बड़ा मुद्दा नहीं रह गया है। जातिगत भेदभाव शायद इस हद तक कम हो गया था कि यह अब मतदाताओं को आकर्षित नहीं करता। जाति आधारित आरक्षण भी सात दशकों से अधिक समय से लागू है। लेकिन ये धारणा गलत थी। हकीकत यह है कि जाति भारतीय राजनीति में एक मजबूत मुद्दा थी, है और रहेगी। वास्तव में, यह अगले दशक में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर साबित हो सकती है। इसका कारण यह है कि संविधान में ही जाति-आधारित आरक्षण अंतर्निहित है। सरकारी नौकरियों और कॉलेज में दाखिले जैसे कुछ राज्यसत्ता के संसाधन वंचितों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हालांकि यह उत्पीड़ित समुदायों की मदद के लिए किया गया था, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि जातिगत-विभाजन हमेशा बना रहेगा। धर्म के मामले में अगर कुछ धर्मस्थलों पर विवादों को छोड़ दें तो कोई कानूनी-विभाजन नहीं है। धार्मिक-विभाजन मुख्यतया अलग-अलग मान्यताओं, संस्कृति और मूल्यों का मामला है, लेकिन जाति के मामले में एक अंतर्निहित प्रतिस्पर्धा निर्मित हो गई है। नौकरियां और सीटें सीमित हैं, और उनका एक हिस्सा आरक्षित रखा जाता है। इसके पीछे चाहे जितनी अच्छी मंशा हो, यह व्यवस्था विभाजन की गुंजाइशें पैदा करती है। किसे आरक्षण मिलता है, किसे नहीं? नौकरियों और सीटों का कितना प्रतिशत आरक्षित होना चाहिए? और किन क्षेत्रों में? उच्च स्तर पर वंचित जातियों का प्रतिनिधित्व कितना है? क्या आरक्षण योग्यता और प्रतिभा की कीमत पर लागू हो रहा है? क्या उच्च जाति के बच्चे आरक्षण की कीमत चुका रहे हैं? ये तमाम सवाल न केवल जायज हैं, बल्कि हमारी व्यवस्था में स्थायी भी बन चुके हैं। और चूंकि जाति-व्यवस्था मुख्य रूप से हिंदुओं पर लागू होती है, इसका मतलब यह भी है कि इससे हिंदू समाज में एक स्थायी विभाजन बना रहता है। ऐसे में इस पर राजनीति क्यों कर ना होगी? 2024 के चुनावों से उत्साहित विपक्ष ने समझ लिया है कि अब भारतीय राजनीति में जाति को फिर से बुनियादी मुद्दा बनाने का समय आ गया है। लेकिन क्या यह देश के लिए अच्छा है? धर्म और जाति दोनों ही पहचान की राजनीति पर आधारित हैं और देश को बांटते हैं। इस फेर में इकोनॉमी, शिक्षा, बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दे पृष्ठभूमि में चले जाते हैं। यही कारण है कि इतना सब होने के बावजूद हम चीन जैसी महाशक्ति नहीं बन पाते हैं। लेकिन इसका एक सकारात्मक पहलू भी है, इन विभेदों के चलते ही हमारा लोकतंत्र जीवंत बना हुआ है! विपक्ष ने समझ लिया है कि जाति को फिर से बुनियादी मुद्दा बनाने का समय आ गया है। लेकिन क्या यह देश के लिए अच्छा है? ऐसे मुद्दे देश को बांटते हैं। इस फेर में इकोनॉमी, शिक्षा, बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दे पृष्ठभूमि में चले जाते हैं।
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एन. रघुरामन बेंगलुरु में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर होने के बावजूद, लोग उन्हें कौतूहल से देखते और ताने देने के साथ उपहास करते। पर पानीपत के रहने वाले 4 फीट 4 इंच कद के 23 वर्षीय यह नौजवान हमेशा से ही सम्मान और गरिमा चाहते थे। क्योंकि वह ड्वारफिज्म (बौनेपन) से पीड़ित थे, जिसका मतलब था कि उनके हाथ, पैर, पेट और सिर की सामान्य वृद्धि नहीं हुई थी। इसलिए वो आलोचकों को गलत साबित करना चाहते थे। पैरालिंपिक खेलों के लिए 31 अगस्त को जब नवदीप सिंह पेरिस पहुंचे तो वे चाहते थे कि भारत में लोग उन्हें अलग तरीके से याद रखें- छोटी हाइट के तौर पर नहीं बल्कि एक चैंपियन और पैरा-एथलीट के तौर पर। लेकिन उनकी नियति 7 सितंबर को तय होनी थी। दो बार पैरालिंपिक में गोल्ड जीत जुके, राजस्थान-चुरु के रहने वाले 42 वर्षीय देवेंद्र झाझरिया, जो हाल में देश की पैरालिंपिक कमेटी के अध्यक्ष भी चुने गए, उन्होंने नवदीप को बिल्कुल अलग सलाह दी, जो उनके लिए काफी मददगार रही। देवेंद्र ने नवदीप को कहा कि कई लोगों को लगता है कि जैवलिन मुख्यतौर पर हाथों से फेंका जाता है, जबकि असली ताकत पैरों से मिलती है। उन्होंने उसे सलाह दी कि जमीन से पूरी ताकत पैदा करने के लिए वह दाएँं पैर का पूरी तरह इस्तेमाल करें। इस टेक्नीक से जमीन से फोर्स पैदा करने में मदद मिलती है, जो एकदम सटीकता और पूरी ताकत से भाला फेंकने में काम आती है। उनके पिता दलबीर सिंह, जो खुद राष्ट्रीय स्तर के कुश्ती खिलाड़ी रहे हैं, वह उसे प्रेरित करते रहते हैं और अपने बेटे से अपनी इच्छाएं पूरी करने की चाहत रखते हैं। और अंततः उनके बेटे ने ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि अपने पिता के लिए भी गोल्ड जीत लिया। वहीं नगालैंड के होकाटो होतोझे सिमा का संघर्ष भारतीय सेना में करिअर शुरू करने के तुरंत बाद ही शुरू हो गया था। उन्होंने 18 साल की उम्र में भारतीय सेना की 9-असम रेजिमेंट जॉइन की और जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पोस्टिंग हुई। 14 अक्टूबर 2002 को अपने पहले ही असाइमेंट (चौकीबल में एक काउंटर घुसपैठ ऑपरेशन) में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में उन्हें घुटने से नीचे का अपना बायां पैर गंवाना पड़ा। अब 40 साल की उम्र में इन नायब सूबेदार ने शुक्रवार को धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ एक और लड़ाई जीती, उन्होंने पैरालिंपिक खेलों में पुरुषों के शॉट पुट खेल में कांस्य पदक जीता। रविवार रात जब मैं 2024 के पैरालिंपिक का शानदार समापन समारोह देख रहा था, तो मुझे अहसास हुआ कि समय आ गया है कि हम न सिर्फ इन दो खिलाड़ियों की बल्कि भिन्न रूप से सक्षम मेडल जीतने वाले हर एथलीट्स व फिनिशिंग लाइन तक पहुंचकर मेडल से चूकने वाले हर खिलाड़ी की सफलता का जश्न मनाएं। सात भारतीय, मेडल जीतने के करीब थे और चौथे रहे ः राकेश कुमार (व्यक्तिगत कंपाउंड तीरंदाजी), संदीप (जेवलिन थ्रो), शिवराजन सोलइमलाई, नित्य श्री (मिक्स्ड डबल्स एसएच-6 बैडमिंटन), सुकांत कदम (पुरुष एकल एसएल-4 बैडमिंटन), शैलेष कुमार (पुरुष ऊंची कूद), हरविंदर सिंह, पूजा (मिक्स टीम रिकर्व ओपन), सिमरन (वुमंस 100 मीटर)। 84 एथलीट्स वाले दल ने भारत के लिए न सिर्फ 29 मेडल जीते ( सात गोल्ड, नौ सिल्वर, 13 ब्रोन्ज) बल्कि भारत पैरालिंपिक में शामिल देशों में 18वें क्रम पर रहा, साथ ही उन्होंने ये भी साबित कर दिया है कि हमारा पैरा खेलों के इकोसिस्टम ने एक लंबा सफर तय किया है। अब आपको जब भी कोई भिन्न रूप से सक्षम व्यक्ति व्हील चेयर पर या मदद लेता नजर आए, तो उनका अभिवादन करें और ऐसे समाज का हिस्सा बनने के लिए उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना करें, जो समाज उनको एक साधारण-सा रैंप तक उपलब्ध नहीं करा सकता या ऐसे बाथरूम नहीं बना सका, जहां व्हीलचेयर अंदर जा सके। फंडा यह है कि एक राष्ट्र के तौर पर हम मानवता की सीढ़ी पर ऊपर तभी चढ़ सकते हैं, जहां हम इन भिन्न रूप से सक्षम लोगों को देखकर उनका मखौल न उड़ाएं, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए अच्छे सलाहकार बनकर उभरें।
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शेखर गुप्ता कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट तो दे दिया है, पर यह तय नहीं है कि फिल्म कब रिलीज होगी। सेंसर बोर्ड ने 10 बदलावों की सूची भेजी और 3 विवादित दृश्य हटाने को कहा। मौजूदा दौर में नेहरू-गांधी परिवार की मलामत करने वाली फिल्में जिस रफ्तार से आई हैं, उसे देखते हुए आपने सोचा होगा कि यह भी फटाफट पास हो जाती। कंगना जबकि अब भाजपा की सांसद भी हैं, आप यही उम्मीद करेंगे कि उनकी फिल्म में इंदिरा को उस दौर में प्रस्तुत किया जाएगा, जब वे संविधान का उल्लंघन कर रही थीं। संविधान की इंदिरा द्वारा अवमानना को भाजपा ‘ब्रह्मास्त्र’ के रूप में इस्तेमाल करती रही है। इंदिरा के अधिनायकवादी अवतार को एक कुशल अभिनेत्री परदे पर प्रस्तुत करे, इससे बढ़िया ‘आइडिया’ क्या हो सकता था? फिर चूक कहां हुई? मैंने फिल्म का सिर्फ ट्रेलर देखा है, इसलिए मैं कह नहीं सकता कि फिल्म अच्छी है या खराब। मैं यह भी नहीं कह सकता कि फिल्म में जरनैल सिंह भिंडरांवाले के किरदार में जिस अभिनेता को जेल से बाहर निकलते और बाद में सिखों की भीड़ को संबोधित करते दिखाया गया है, उसे फिल्म में वास्तव में भिंडरावाले ही बताया गया है या नहीं। इस अभिनेता को कांग्रेस के नाम पंजाबी में यह संदेश भी देते दिखाया गया है कि ‘तुम्हारी पार्टी को वोट चाहिए, हमें खालिस्तान चाहिए’। इस दृश्य ने सिखों को नाराज कर दिया है और सम्मानित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) भी विरोध में उतर आई है। फिल्म इसलिए मुश्किल में नहीं फंसी थी कि यह इंदिरा गांधी को बुरी नेता के रूप में पेश करती है और उनके मुंह से ऐसी बातें कहलवाती है, जो उन्होंने कभी नहीं बोलीं। ट्रेलर में रनौत को ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ बोलते दिखाया गया है। इंदिरा गांधी ने ऐसा कभी नहीं कहा था। यह जुमला तो 1976 में देवकांत बरुआ ने बोला था। 1980 के दशक के शुरुआती दिनों में मैं कभी-कभी नौगांव में उनके घर जाया करता था। अपनी उस एक ‘गफलत’ को लेकर वे काफी पछतावा जताया करते थे। वैसे कांग्रेस वाले कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन फिल्म में भिंडरांवाले के संदर्भ को जोड़ना जरूरी था क्योंकि कथित जीवनगाथा में इस बात को रेखांकित करना था कि श्रीमती गांधी ने सिख अलगाववाद के मामले में गैर-जिम्मेदाराना रुख अपनाकर अपनी हत्या को बुलावा दिया। समकालीन इतिहास में ऐसे पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं, जो बताते हैं कि शुरुआती चरण में कांग्रेस, खासकर ज्ञानी जैल सिंह ने भिंडरांवाले को इस उम्मीद में संरक्षण दिया कि वह ‘एसजीपीसी’ के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को मुश्किल में डालेगा, लेकिन यह दांव नाकाम रहा और भिंडरांवाला एक ताकत बनकर उभरा। 1983 की गर्मियों में सेना जब ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ करने पहुंची थी, उससे पहले मैं एक रिपोर्टर के नाते भिंडरांवाले से दर्जनों बार मिला था। उसे मैंने कभी खालिस्तान की मांग करते नहीं सुना। भिंडरांवाले के भाषणों के सैकड़ों घंटे के टेप उपलब्ध हैं। उसके संदेश का चाहे जो भी अंश हो, कोई भी इशारा या कोई भी एक्शन हो, उसने कभी खालिस्तान का नाम नहीं लिया। हम सभी रिपोर्टरों ने खालिस्तान पर उससे कभी-न-कभी सवाल जरूर पूछे, उसका हमेशा बना-बनाया जवाब यही होता था : ‘मैंने कभी खालिस्तान की मांग नहीं की, लेकिन ‘बीबी’ (इंदिरा गांधी) या ‘दिल्ली दरबार’ अगर मुझे यह दे दे तो मैं ना नहीं कहूंगा।’ सबक यह है कि आप इंदिरा गांधी के मुंह में तो कोई भी शब्द डाल करके बच सकते हैं, लेकिन भिंडरांवाले की मौत के 40 साल बाद भी आपने उसके साथ ऐसा कुछ किया तो मुश्किल में पड़ जाएंगे। ऐसी तमाम फिल्में या टीवी सीरियल इसलिए मुश्किल में फंसते हैं, क्योंकि वो इस फरेब की ओट लेने की कोशिश करते हैं कि ये सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं। इसलिए, आप तथ्यों में से मनमर्जी चुनाव कर सकते हैं और उन्हें कथा के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, पर सुविधाजनक तथ्यों व पक्षपातपूर्ण कथा के मेल से विकृत ‘प्रोपगैंडा’ ही तैयार होता है। सोनी-लिव पर दो सीजन तक चले ‘रॉकेट बॉय्ज’ (2022-23) को ही लीजिए। इसने वास्तविक नायकों होमी भाभा और विक्रम साराभाई की जीवनगाथा को चुना, मगर हर एक एपिसोड के साथ उसे गल्प में तब्दील करता गया। दलित वैज्ञानिक मेघनाद साहा को भाभा से ईर्ष्या करने वाले मुसलमान के रूप में पेश किया गया। इसके अलावा, सीआईए और दूसरी बुरी ताकतों के साथ साजिश आदि के पहलू भी शामिल कर दिए गए और इस सबका बचाव रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर किया गया। हकीकत यह है कि हम अपने नेताओं पर बनी फिल्मों या जीवनियों में उन्हें देवता के सिवा और किसी रूप में देखना गवारा नहीं करते। आम्बेडकर, शिवाजी, करुणानिधि, बालासाहेब ठाकरे, झांसी की रानी, कांशीराम आदि किसी के भी जीवन पर एक ईमानदार, सच्ची फिल्म तो नामुमकिन है। यह बात इस पूरे उप-महादेश पर लागू होती है। यही वजह है कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों पर प्रामाणिक जीवनियां विदेशियों ने लिखी हैं। ‘गांधी’ फिल्म भी एक विदेशी ने ही बनाई। रिचर्ड एटेनबरो ने 1963 में जब नेहरू से कहा था कि वे गांधी के जीवन पर फिल्म बनाना चाहते हैं, तब उन्हें सलाह दी गई थी कि उन्हें देवता मत बना दीजिएगा बल्कि वे जैसे थे, अपनी कमजोरियों के साथ, वैसा ही उन्हें प्रस्तुत कीजिएगा। आज क्या ऐसी सलाह दी जाएगी? हमारे यहां तो खिलाड़ियों की जीवनी तक छद्म नामों से लिखी जाती है, उनके जीवन पर बनी फिल्मों के सह-निर्माता खुद इसके स्टार ही होते हैं। हमारे सैन्य इतिहास, युद्धों पर बनीं फिल्में भी इसी रोग से ग्रस्त दिखाई देती हैं। अनुकूल तथ्यों का चयन... एक कहानी सुनाने और उसे विश्वसनीय बताने के लिए केवल अपने अनुकूल तथ्यों को चुनना रचनात्मक एवं बौद्धिक बेईमानी है। यह इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश करना, किसी को बेवजह बदनाम करना और किसी का महिमामंडन करना है।
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नवनीत गुर्जर जम्मू- कश्मीर में चुनाव प्रचार ने ज़ोर पकड़ लिया है। नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस का चुनाव पूर्व गठबंधन हो चुका है। भाजपा यहाँ अकेले लड़ रही है। कुछ निर्दलीय उसके साथ हैं ऐसा दावा किया जा रहा है। भाजपा का जम्मू रीजन में बहुत अच्छा प्रभाव है। कश्मीर घाटी में भाजपा का असर कम है। ऐसा समझा जाता है कि कश्मीर घाटी में नेशनल कान्फ्रेंस का ज़ोर है। पहले भी था और अब भी। नेशनल कान्फ्रेंस ने कांग्रेस से समझौता इसलिए किया है ताकि जम्मू रीजन की कुछ सीटें कांग्रेस हासिल करने में कामयाब हो गई तो नेकां को सरकार बनाने में मदद मिल सकती है। जहां तक मुद्दों का सवाल है, यहाँ सबसे बड़ा मुद्दा अनुच्छेद 370 ही है। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान 370 हटाने का श्रेय ले रही है। उसका कहना है कि यह अनुच्छेद अब इतिहास हो चुका है। इसकी वापसी कभी नहीं हो सकती। उधर नेशनल कान्फ्रेंस कश्मीर घाटी के लोगों की भावनाओं को भुनाने के लिए कह रही है कि वह अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करवाएगी जबकि यह उसके बस की बात नहीं है। यह काम केंद्र सरकार ही कर सकती है। राज्य स्तर पर यह संभव नहीं है। जम्मू रीजन के लोगों को भाजपा के मुद्दे पसंद आ रहे हैं। वैसे भी नेशनल कान्फ्रेंस ने लम्बे समय तक कश्मीर पर राज किया है। इस परिवार की यह तीसरी पीढ़ी चल रही है। इसके पहले कश्मीर में कर्णसिंह के पिता महाराज हरिसिंह का राज था। महाराज हरिसिंह पर कई आरोप लगाकर शेख़ अब्दुल्ला ने यहाँ राज किया था। शेख़ अब्दुल्ला के लम्बे कार्यकाल के बाद उनके बेटे फ़ारुख अब्दुल्ला ने लम्बे समय तक सत्ता का नेतृत्व किया और बाद में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी। उमर अब्दुल्ला इस वक्त अफ़ज़ल विवाद में घिर चुके हैं। उन्होंने कह दिया कि अफ़ज़ल को फाँसी देना गलत था। चूँकि अफ़ज़ल संसद पर हमले का ज़िम्मेदार था, इसलिए भाजपा ने इस मुद्दे पर साफ़ कहा है कि नेशनल कान्फ्रेंस आतंकवादियों से मिली हुई है या उनकी तरफ़दारी कर रही है और कांग्रेस उसकी साथी है। ऐसे में लोगों को तय करना चाहिए कि वे देश प्रेमियों के साथ हैं या देशद्रोहियों के साथ? बहरहाल, अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहाँ पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में पचास प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ था जो अच्छा संकेत है। वर्ना इससे पहले तो तीस प्रतिशत मतदान को भी अच्छा समझा जाता रहा।
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अनिरुद्ध बोस किसी जघन्य अपराध के बाद या समाज में अपराधों में वृद्धि होने पर अपराधी के लिए कठोर दंड की मांग भी बढ़ जाती है। ये सच है कि सरकारों को लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। ऐसे में आंदोलनकारी जनमानस को संतुष्ट करने के लिए कठोरतम दंड की परिकल्पना की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि से गंभीर यौन अपराधियों के लिए मृत्युदंड की मांग नए सिरे से तूल पकड़ चुकी है। इसी संदर्भ में, मृत्युदंड को बरकरार रखने के सवाल पर फिर से बहस शुरू होगी। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय रुझान तो मृत्युदंड को समाप्त करने की ओर प्रतीत होता है। 2023 तक, 112 देशों ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। पिछले साल 1100 से अधिक दोषियों को फांसी दी गई। इनमें चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। चीन के अलावा, पिछले साल सबसे ज्यादा फांसी की सजाएं ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका में दी गई थीं। आधुनिक राष्ट्र-राज्य तीन आधारों पर दंडित करता है। पहला है अपराधी को सुधारना। दूसरा है दंडनीय कृत्य करने की सोच रहे अन्य लोगों को डराना। तीसरा आधार प्रतिशोधात्मक है- आंख के बदले आंख का सिद्धांत। हालांकि अपराधशास्त्री, सामाजिक सिद्धांतकार और धार्मिक प्रमुख भी दंड देने के लिए प्रतिशोध के कारण को खारिज करते हैं, लेकिन जघन्य अपराध के बाद भीड़ की प्रतिक्रिया प्रतिशोधात्मक न्याय के लिए ही होती है। अपराध को नियंत्रित करने और रोकने के लिए सामाजिक उपकरण के रूप में मृत्युदंड का उपयोग हर समाज द्वारा किया जाता रहा है। बेबीलोन की हम्मुराबी संहिता (18वीं शताब्दी ईसा पूर्व) में 25 अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था। एथेंस और रोम के कानूनों में भी मृत्युदंड था और इसके निष्पादन के तरीकों में जिंदा जला देना, सूली पर चढ़ाना, डुबोकर मार देना आदि शामिल थे। मनुसंहिता में, उस शिकायतकर्ता के लिए भी मृत्युदंड प्रस्तावित है, जो गंभीर अपराध का आरोप लगाने के बाद अदालत के समक्ष गवाही नहीं देता है। 1801 में इंग्लैंड में एक 13 वर्षीय लड़के एंड्रयू ब्रेनिंग को एक घर में घुसकर चम्मच चुराने के जुर्म में फांसी पर लटका दिया गया था! सेंट्रल कलकत्ता में एक ‘फैंसी’ लेन है, जो ‘फांसी’ शब्द का अपभ्रंश है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद 17000 लोगों को गिलोटिन मशीन से मार दिया गया था। लेकिन 19वीं सदी के अंत से 20वीं सदी की शुरुआत तक मृत्युदंड के बारे में सोच में बदलाव आना शुरू हुआ। लियो टॉल्स्टॉय, विक्टर ह्यूगो, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे बुद्धिजीवियों ने मौत की सजा का विरोध किया। पोप फ्रांसिस भी इसके विरोधी हैं। यह सोच पूरी तरह से नैतिक-धार्मिक तर्क पर आधारित नहीं। किसी भी मानक अध्ययन में इस निवारक सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं पाया गया है। महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। त्रावणकोर और कोचीन राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1944 में इसे समाप्त कर दिया था, केवल कोचीन में इसे कुछ अपराधों के लिए बरकरार रखा गया था।मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं है और ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया। 1950 में, टिमोथी इवांस नामक एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बेटी की हत्या के लिए दोषी ठहराकर मृत्युदंड दे दिया गया। बाद में पता चला कि वास्तव में जॉन क्रिस्टी नामक एक सीरियल किलर इसके लिए दोषी था। 2004 में मरणोपरांत उसे दोषमुक्त करार दिया गया। दूसरा तर्क यह है कि मृत्युदंड का प्रावधान अपने स्वभाव से ही भेदभावपूर्ण है। अधिक संपन्न लोगों की तुलना में गरीब अभियुक्तों को मृत्युदंड दिए जाने की अधिक संभावना है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में ही समान प्रकृति के अपराध के दोषी गोरों की तुलना में अश्वेतों को फांसी की सजा मिलने की अधिक संभावना होती है। भारत में हालांकि इस सजा को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं किया गया है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में फांसी की सजा की दर में गिरावट आई है। 2023 में सत्र न्यायालय द्वारा मृत्युदंड दिए जाने वाले मामलों की संख्या 120 थी, वहीं 561 कैदियों को मृत्युदंड दिया जाना है (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रोजेक्ट 39ए द्वारा किए एक अध्ययन के अनुसार)। अंततः इस विवाद पर अंतिम निर्णय विधायिका को ही लेना है, जिसके आयाम वैश्विक हैं। मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं होती है और अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया था।
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पं. विजयशंकर मेहता इस समय हम जिस युग में जी रहे हैं, वह विरोधाभास, विडंबना और विपरीत का समय है। ऐसे में विवेक हमारी पूंजी होना चाहिए। आज जब हम गणेश जी के आह्वान के साथ उनका स्मरण करें तो एक स्थिति से गुजरें और एक आंकड़े को पकड़ें, डिजिटल मीडिया पर 70% लोग इंफ्लुएंसर्स के प्रभाव में हैं। ये लोग प्रभावित करते हैं कि आपको क्या खरीदना चाहिए और कैसे जीना है। आसे में अगर हमारा विवेक नहीं जागा तो आप भटक जाएंगे। सरस्वती बुद्धि की देवी हैं और गणेश जी विवेक के देवता हैं। तो जब भी गणेश जी के दर्शन करें, तो जल्दबाजी बिल्कुल न करें। थोड़ी देर रुकें और प्रभु के पूरे स्वरूप को आंख बंद करके अपनी भीतर उतारें। यदि बहुत देर तक प्रतिमा के सामने खड़े रहने का मौका न मिले तो नेत्र बंद करके उसी छवि को देखें। अव्यक्त परब्रह्म का सबसे प्रथम व्यक्त रूप ओंकार हैं तथा ओंकार का ही मूर्तिमंत रूप श्री गणेश हैं। गणेश स्थापना अपने भीतर भी की जाए। और पूरी तरह से विचार शून्य होकर विवेक जागृत करते हुए गणपति जी का प्रसाद लिया जाए।
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अनिरुद्ध बोस का कॉलम किसी जघन्य अपराध के बाद या समाज में अपराधों में वृद्धि होने पर अपराधी के लिए कठोर दंड की मांग भी बढ़ जाती है। ये सच है कि सरकारों को लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। ऐसे में आंदोलनकारी जनमानस को संतुष्ट करने के लिए कठोरतम दंड की परिकल्पना की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि से गंभीर यौन अपराधियों के लिए मृत्युदंड की मांग नए सिरे से तूल पकड़ चुकी है। इसी संदर्भ में, मृत्युदंड को बरकरार रखने के सवाल पर फिर से बहस शुरू होगी। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय रुझान तो मृत्युदंड को समाप्त करने की ओर प्रतीत होता है। 2023 तक, 112 देशों ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। पिछले साल 1100 से अधिक दोषियों को फांसी दी गई। इनमें चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। चीन के अलावा, पिछले साल सबसे ज्यादा फांसी की सजाएं ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका में दी गई थीं। आधुनिक राष्ट्र-राज्य तीन आधारों पर दंडित करता है। पहला है अपराधी को सुधारना। दूसरा है दंडनीय कृत्य करने की सोच रहे अन्य लोगों को डराना। तीसरा आधार प्रतिशोधात्मक है- आंख के बदले आंख का सिद्धांत। हालांकि अपराधशास्त्री, सामाजिक सिद्धांतकार और धार्मिक प्रमुख भी दंड देने के लिए प्रतिशोध के कारण को खारिज करते हैं, लेकिन जघन्य अपराध के बाद भीड़ की प्रतिक्रिया प्रतिशोधात्मक न्याय के लिए ही होती है। अपराध को नियंत्रित करने और रोकने के लिए सामाजिक उपकरण के रूप में मृत्युदंड का उपयोग हर समाज द्वारा किया जाता रहा है। बेबीलोन की हम्मुराबी संहिता (18वीं शताब्दी ईसा पूर्व) में 25 अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था। एथेंस और रोम के कानूनों में भी मृत्युदंड था और इसके निष्पादन के तरीकों में जिंदा जला देना, सूली पर चढ़ाना, डुबोकर मार देना आदि शामिल थे। मनुसंहिता में, उस शिकायतकर्ता के लिए भी मृत्युदंड प्रस्तावित है, जो गंभीर अपराध का आरोप लगाने के बाद अदालत के समक्ष गवाही नहीं देता है। 1801 में इंग्लैंड में एक 13 वर्षीय लड़के एंड्रयू ब्रेनिंग को एक घर में घुसकर चम्मच चुराने के जुर्म में फांसी पर लटका दिया गया था! सेंट्रल कलकत्ता में एक ‘फैंसी’ लेन है, जो ‘फांसी’ शब्द का अपभ्रंश है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद 17000 लोगों को गिलोटिन मशीन से मार दिया गया था। लेकिन 19वीं सदी के अंत से 20वीं सदी की शुरुआत तक मृत्युदंड के बारे में सोच में बदलाव आना शुरू हुआ। लियो टॉल्स्टॉय, विक्टर ह्यूगो, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे बुद्धिजीवियों ने मौत की सजा का विरोध किया। पोप फ्रांसिस भी इसके विरोधी हैं। यह सोच पूरी तरह से नैतिक-धार्मिक तर्क पर आधारित नहीं। किसी भी मानक अध्ययन में इस निवारक सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं पाया गया है। महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। त्रावणकोर और कोचीन राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1944 में इसे समाप्त कर दिया था, केवल कोचीन में इसे कुछ अपराधों के लिए बरकरार रखा गया था।मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं है और ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया। 1950 में, टिमोथी इवांस नामक एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बेटी की हत्या के लिए दोषी ठहराकर मृत्युदंड दे दिया गया। बाद में पता चला कि वास्तव में जॉन क्रिस्टी नामक एक सीरियल किलर इसके लिए दोषी था। 2004 में मरणोपरांत उसे दोषमुक्त करार दिया गया। दूसरा तर्क यह है कि मृत्युदंड का प्रावधान अपने स्वभाव से ही भेदभावपूर्ण है। अधिक संपन्न लोगों की तुलना में गरीब अभियुक्तों को मृत्युदंड दिए जाने की अधिक संभावना है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में ही समान प्रकृति के अपराध के दोषी गोरों की तुलना में अश्वेतों को फांसी की सजा मिलने की अधिक संभावना होती है। भारत में हालांकि इस सजा को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं किया गया है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में फांसी की सजा की दर में गिरावट आई है। 2023 में सत्र न्यायालय द्वारा मृत्युदंड दिए जाने वाले मामलों की संख्या 120 थी, वहीं 561 कैदियों को मृत्युदंड दिया जाना है (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रोजेक्ट 39ए द्वारा किए एक अध्ययन के अनुसार)। अंततः इस विवाद पर अंतिम निर्णय विधायिका को ही लेना है, जिसके आयाम वैश्विक हैं। मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं होती है और अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया था।
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पं. विजयशंकर मेहता मशीनी युग में मशीन का भी खूब विकास हुआ। पहले ऐसा होता था कि मशीन खराब हो जाती थी, तो कहते थे कि अगर कंपनी की मशीन है, तो स्पेयर पार्ट्स भी उसी के लगेंगे। आइए, अब इसी बात को शरीर से जोड़कर देखते हैं। हमारा शरीर लगभग मशीन है। तो चलिए, इसे कम से कम एक बहुत अच्छी कंपनी की मशीन तो मान लें। और उस कंपनी का नाम है ईश्वर। परमात्मा ने हमारा चयन किया है और हमको मनुष्य बनाया। वरना कुछ और बनने की भी संभावना थी। अब हमें अपने स्पेयर पार्ट्स पर बहुत सावधानी से काम करना होगा। मशीन से लंबे समय तक काम लेना हो, तो उसकी सर्विसिंग करानी पड़ती है। मौसम से उसकी रक्षा करना पड़ती है। बस यह शरीर ऐसा ही है। इसकी सर्विसिंग कराने के दो स्थान हैं। एक तो प्रतिदिन मंदिर जाया जाए और अवसर मिले तो सत्संग किया जाए। और ईश्वर की कंपनी की इस मशीन के सबसे अच्छे स्पेयर पार्ट्स होते हैं- गुरुजन और माता-पिता का आशीर्वाद।
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आरती जेरथ जाति-जनगणना की विपक्ष की मांग पर आरएसएस का हालिया बयान इस मुद्दे के तूल पकड़ने के साथ ही इसके प्रति निर्मित असहजता की स्थिति को भी दर्शाता है। हालांकि संघ ने जाति-जनगणना के विचार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही आगाह भी किया है कि इस तरह के सर्वेक्षण का इस्तेमाल राजनीतिक या चुनावी उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। केरल में संघ परिवार के शीर्ष नेताओं के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने जोर देकर कहा कि जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन यह एक उलझा हुआ तर्क है, क्योंकि संघ भाजपा और उसके सहयोगियों के अलावा किसी अन्य पार्टी या संगठन से ऐसा आग्रह नहीं कर सकता। जाति-जनगणना की मांग 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष के नैरेटिव का हिस्सा थी और चुनावी सफलता का स्वाद चखने के बाद राहुल गांधी ने इसे अपना मुख्य हथियार बना लिया है। यह मुद्दा आने वाले महीनों में राजनीतिक लड़ाई की रूपरेखा तय कर सकता है और भाजपा की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। चुनाव के बाद के घटनाक्रमों ने भाजपा की चिंता को और बढ़ा दिया है। एनडीए के प्रमुख सहयोगी जदयू ने एक बयान जारी कर बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए जाति-सर्वेक्षण की तर्ज पर राष्ट्रव्यापी जाति-जनगणना कराने की मांग की है। बिहार में ही एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी- केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी चाहती है जाति-जनगणना जल्द हो। उनकी यह मांग इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल के तुरंत बाद आई थी, जिसमें जाति-जनगणना के लिए लोकप्रिय समर्थन में भारी उछाल प्रदर्शित किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में यह 69% था, जो बढ़कर अगस्त में 74% हो गया। पिछले चार दशकों से जाति और हिंदुत्व के मुद्दों ने ही राजनीतिक प्रतिमानों को तैयार किया है, जिसमें भाजपा, मंडल दलों की पिछड़ी जाति की राजनीति का हिंदू बहुसंख्यकवाद से मुकाबला करती रही है, खासकर उत्तर भारत में। हालांकि ओबीसी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के वीपी सिंह के फैसले ने जाति की राजनीति को शुरुआती बढ़त दी थी, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं टिकी। ओबीसी आरक्षण के लाभ छिटपुट थे और वे बड़े ओबीसी समूह के भीतर चुनिंदा प्रमुख समुदायों के हितों की ही पूर्ति करते थे। मंडल पार्टियां जल्द ही अनेक टुकड़ों में टूट गईं, जिससे हिंदुत्व को उभार के लिए स्पेस मिला। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जातियों के परे हिंदुओं को सफलतापूर्वक लामबंद करने से हिंदुत्व भारतीय राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित हो गया। नरेंद्र मोदी के उदय के रूप में संघ परिवार को मंडल राजनीति का सही जवाब मिला था। वे हिंदू राष्ट्रवादी साख वाले ओबीसी नेता थे, जो इन दोनों प्रतिस्पर्धी ताकतों को एक सूत्र में पिरोते थे। इसी से 2014 और 2019 में एनडीए की बहुमत वाली सरकारें बनीं। लेकिन अब लगता है कि मंडल-कमंडल का पहिया अपना चक्र पूरा करके फिर से यथास्थिति में लौट आया है। बढ़ती आर्थिक चुनौतियां उन जातियों को भी प्रभावित कर रही हैं, जो हिंदुत्व के प्रभाव में मंडल राजनीति से दूर हो गई थीं। नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और गहराता कृषि संकट सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदान पर मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, जो मुख्य रूप से दलित, आदिवासी, ओबीसी हैं। यही वह पृष्ठभूमि है, जिसने विपक्ष की जाति-जनगणना की मांग के लिए हाशिए पर स्थित वर्गों का समर्थन पाया है। हालांकि न तो राहुल गांधी और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने अभी तक स्पष्ट शब्दों में यह बताया है कि जनगणना से इन वर्गों को क्या लाभ होगा। लेकिन लाभार्थी-वितरणों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है। यह देखना अभी बाकी है कि जाति की राजनीति वापसी करती है या नहीं। फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि जाति-जनगणना के लिए विपक्ष के आक्रामक अभियान के कारण हिंदुत्व की राजनीति को अपने कदम पीछे खींचना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी और उनके इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को भी यह समझना होगा कि वे भाजपा को हल्के में न लें और इस बात से संतुष्ट न हो जाएं कि जाति-जनगणना ही उनके तमाम सवालों का रामबाण उत्तर है। न तो राहुल और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने यह बताया है कि जाति-जनगणना से पिछड़े वर्गों को क्या लाभ होगा। पर लाभार्थी-रेवड़ियों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है।
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आरती जेरथ जाति-जनगणना की विपक्ष की मांग पर आरएसएस का हालिया बयान इस मुद्दे के तूल पकड़ने के साथ ही इसके प्रति निर्मित असहजता की स्थिति को भी दर्शाता है। हालांकि संघ ने जाति-जनगणना के विचार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही आगाह भी किया है कि इस तरह के सर्वेक्षण का इस्तेमाल राजनीतिक या चुनावी उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। केरल में संघ परिवार के शीर्ष नेताओं के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने जोर देकर कहा कि जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन यह एक उलझा हुआ तर्क है, क्योंकि संघ भाजपा और उसके सहयोगियों के अलावा किसी अन्य पार्टी या संगठन से ऐसा आग्रह नहीं कर सकता। जाति-जनगणना की मांग 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष के नैरेटिव का हिस्सा थी और चुनावी सफलता का स्वाद चखने के बाद राहुल गांधी ने इसे अपना मुख्य हथियार बना लिया है। यह मुद्दा आने वाले महीनों में राजनीतिक लड़ाई की रूपरेखा तय कर सकता है और भाजपा की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। चुनाव के बाद के घटनाक्रमों ने भाजपा की चिंता को और बढ़ा दिया है। एनडीए के प्रमुख सहयोगी जदयू ने एक बयान जारी कर बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए जाति-सर्वेक्षण की तर्ज पर राष्ट्रव्यापी जाति-जनगणना कराने की मांग की है। बिहार में ही एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी- केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी चाहती है जाति-जनगणना जल्द हो। उनकी यह मांग इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल के तुरंत बाद आई थी, जिसमें जाति-जनगणना के लिए लोकप्रिय समर्थन में भारी उछाल प्रदर्शित किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में यह 69% था, जो बढ़कर अगस्त में 74% हो गया। पिछले चार दशकों से जाति और हिंदुत्व के मुद्दों ने ही राजनीतिक प्रतिमानों को तैयार किया है, जिसमें भाजपा, मंडल दलों की पिछड़ी जाति की राजनीति का हिंदू बहुसंख्यकवाद से मुकाबला करती रही है, खासकर उत्तर भारत में। हालांकि ओबीसी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के वीपी सिंह के फैसले ने जाति की राजनीति को शुरुआती बढ़त दी थी, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं टिकी। ओबीसी आरक्षण के लाभ छिटपुट थे और वे बड़े ओबीसी समूह के भीतर चुनिंदा प्रमुख समुदायों के हितों की ही पूर्ति करते थे। मंडल पार्टियां जल्द ही अनेक टुकड़ों में टूट गईं, जिससे हिंदुत्व को उभार के लिए स्पेस मिला। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जातियों के परे हिंदुओं को सफलतापूर्वक लामबंद करने से हिंदुत्व भारतीय राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित हो गया। नरेंद्र मोदी के उदय के रूप में संघ परिवार को मंडल राजनीति का सही जवाब मिला था। वे हिंदू राष्ट्रवादी साख वाले ओबीसी नेता थे, जो इन दोनों प्रतिस्पर्धी ताकतों को एक सूत्र में पिरोते थे। इसी से 2014 और 2019 में एनडीए की बहुमत वाली सरकारें बनीं। लेकिन अब लगता है कि मंडल-कमंडल का पहिया अपना चक्र पूरा करके फिर से यथास्थिति में लौट आया है। बढ़ती आर्थिक चुनौतियां उन जातियों को भी प्रभावित कर रही हैं, जो हिंदुत्व के प्रभाव में मंडल राजनीति से दूर हो गई थीं। नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और गहराता कृषि संकट सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदान पर मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, जो मुख्य रूप से दलित, आदिवासी, ओबीसी हैं। यही वह पृष्ठभूमि है, जिसने विपक्ष की जाति-जनगणना की मांग के लिए हाशिए पर स्थित वर्गों का समर्थन पाया है। हालांकि न तो राहुल गांधी और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने अभी तक स्पष्ट शब्दों में यह बताया है कि जनगणना से इन वर्गों को क्या लाभ होगा। लेकिन लाभार्थी-वितरणों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है। यह देखना अभी बाकी है कि जाति की राजनीति वापसी करती है या नहीं। फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि जाति-जनगणना के लिए विपक्ष के आक्रामक अभियान के कारण हिंदुत्व की राजनीति को अपने कदम पीछे खींचना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी और उनके इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को भी यह समझना होगा कि वे भाजपा को हल्के में न लें और इस बात से संतुष्ट न हो जाएं कि जाति-जनगणना ही उनके तमाम सवालों का रामबाण उत्तर है। न तो राहुल और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने यह बताया है कि जाति-जनगणना से पिछड़े वर्गों को क्या लाभ होगा। पर लाभार्थी-रेवड़ियों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है।
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एन. रघुरामन मैं हाल ही में एक साधु से मिला, जिन्होंने खरगोश पाला हुआ था। उन्होंने कहा, “यह वही तुम्हारे बचपन में सुनी खरगोश-कछुए की कहानी वाला खरगोश है। बैठो और उसका इंटरव्यू करो।’ और तब खरगोश की ओर से साधु बोलने लगे, ‘हां, मैं वही खरगोश हूं, जो हार गया था। चूंकि किसी पत्रकार ने आकर मुझसे नहीं पूछा, इसलिए मैं खुद ही अपनी कहानी बताता हूं।’ “मैं आलसी नहीं था। मैं तेजी से कूदकर भागा और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो कछुआ मुझसे काफी पीछे था। रेस शुरू होने से पहले वो कछुआ बिना रुके सैकड़ों मील तक चलने की अपनी क्षमता की शेखी बघार रहा था, क्योंकि जीवन मैराथन है, कोई फर्राटा दौड़ नहीं। मैं उसे दिखाना चाहता था कि मैं दोनों कैटेगरी में दौड़ सकता हूं। उस पर अच्छी बढ़त बनाने के बाद मैंने हल्की झपकी लेने का तय किया, क्योंकि जीत की चिंता से मैं सारी रात जागा रहा। केले के पेड़ के नीचे, घास से भरी वह गोलाकार चट्टान किसी तकिए जैसी थी। जैसे ही मैंने उस पर अपना सिर रखा, मधुमक्खियां गीत गाने लगीं और सरसराहट भरी आवाज के साथ पत्तियां ऑर्केस्ट्रा बजाने लगीं। उन सबने मिलकर मुझे सुलाने का षड्यंत्र रचा और उन्हें सफल होने में देर नहीं लगी।’ मैं सपने में एक खूबसूरत जलधारा में लकड़ी के सहारे बह रहा था, जो मुझे एक किनारे ले आई, जहां ये साधु ध्यानमग्न थे। उन्होंने आंखें खोली, चिर-परिचित मुस्कान दी और पूछा, ‘तुम कौन हो?’ ‘मैं खरगोश हूं और एक रेस में दौड़ रहा हूंं।’ ‘क्यों?’ ‘जंगल में सारे जीव-जंतुओं को यह साबित करने के लिए कि मैं सबसे तेज हूं।’ “तुम क्यों साबित करना चाहते हो कि तुम सबसे तेज हो?’ “ताकि मुझे मेडल मिले, जिससे मुझे सामाजिक दर्जा, पैसा और खाना मिलेगा...।’ जंगल की ओर इशारा करते हुए उन साधु ने कहा, “खाना तो आसपास पहले से ही बहुत है। उन सभी पेड़ों को देखो जो फलों से लदे हैं, उन सभी पत्तेदार शाखाओं को देखो।’ मैंने कहा, “मुझे भी सम्मान चाहिए। मैं भी अभी तक के सबसे तेज धावक के रूप में याद रखा जाना चाहता हूं।’ “क्या तुम्हें सबसे तेज भागने वाले हिरण या सबसे बड़े हाथी या सबसे शक्तिशाली बाघ का नाम मालूम है, जो तुमसे हजारों सालों पहले रहते थे?’ “नहीं।’ “आज तुम्हें एक कछुए ने चुनौती दी है। कल को कोई घोंघा होगा। क्या तुम जिंदगीभर यह साबित करने के लिए दौड़ते रहोगे कि तुम सबसे तेज हो।’ “हम्म्म.. मैंने इसे बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी पूरी जिंदगी दौड़ नहीं लगाना चाहता।’ “फिर क्या करना चाहते हो?’ “मैं घास से आच्छादित इस गोल चट्टान पर सोना चाहता हूं।’ “ये सब तुम अभी ही कर सकते हो। रेस के बारे में भूल जाओ। तुम आज यहां हो पर कल को तुम चले जाओगे।’ मैं अपनी नींद से जागा क्योंकि बत्तखों ने मुझे जगाया। उन्होंने एक सुर में पूछा, “आज तो तुम्हारी कछुए से रेस थी न?’ मैंने बत्तखों से कहा, “ये बेफिजूल है। व्यर्थ का अभ्यास। मैं बस यहीं होना चाहता हूं।’ इसलिए मैं रेस हार गया और वापस अपनी जिंदगी में लौट आया। मैं आज और बाकी बचे दिनों में भी जिंदगी को पूरी तरह जीना चाहता हूं। इसलिए मैंने रेस बंद कर दी। याद करिए, हम सब खरगोश-कछुए की वही कहानी जानते हैं, जो स्कूल के टीचर ने हमें सुनाई थी। ठीक इसी तरह, प्रबंधन सिखाने वाले संस्थानों के शिक्षक बताते हैं कि कैसे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, बिजनेस के जंगल में दो स्मार्ट एग्जीक्यूटिव (पढ़ें खरगोश और कछुआ) एक-दूसरे का सहयोग करते हैं और दूसरे खरगोश-कछुए (पढ़ें अन्य बिजनेस) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक नया मैनेजमेंट शब्द गढ़ते हैं- ‘कोऑपरेशन इन कॉम्पिटीशन’ यानी प्रतिस्पर्धा में सहयोग, जहां उस बिजनेस रेस को जीतने के लिए जमीन पर भागते हुए खरगोश कछुए को अपनी पीठ पर ले जाता है और तैरते हुए कछुआ खरगोश को अपनी पीठ पर ले जाता है। फंडा यह है कि इंसान को जीवन की अलग-अलग स्टेज और अपने खुद को मानकों के अनुसार जीवन जीना चाहिए, न कि दुनिया के लोगों के अनुसार।
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एन. रघुरामन मैं हाल ही में एक साधु से मिला, जिन्होंने खरगोश पाला हुआ था। उन्होंने कहा, “यह वही तुम्हारे बचपन में सुनी खरगोश-कछुए की कहानी वाला खरगोश है। बैठो और उसका इंटरव्यू करो।’ और तब खरगोश की ओर से साधु बोलने लगे, ‘हां, मैं वही खरगोश हूं, जो हार गया था। चूंकि किसी पत्रकार ने आकर मुझसे नहीं पूछा, इसलिए मैं खुद ही अपनी कहानी बताता हूं।’ “मैं आलसी नहीं था। मैं तेजी से कूदकर भागा और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो कछुआ मुझसे काफी पीछे था। रेस शुरू होने से पहले वो कछुआ बिना रुके सैकड़ों मील तक चलने की अपनी क्षमता की शेखी बघार रहा था, क्योंकि जीवन मैराथन है, कोई फर्राटा दौड़ नहीं। मैं उसे दिखाना चाहता था कि मैं दोनों कैटेगरी में दौड़ सकता हूं। उस पर अच्छी बढ़त बनाने के बाद मैंने हल्की झपकी लेने का तय किया, क्योंकि जीत की चिंता से मैं सारी रात जागा रहा। केले के पेड़ के नीचे, घास से भरी वह गोलाकार चट्टान किसी तकिए जैसी थी। जैसे ही मैंने उस पर अपना सिर रखा, मधुमक्खियां गीत गाने लगीं और सरसराहट भरी आवाज के साथ पत्तियां ऑर्केस्ट्रा बजाने लगीं। उन सबने मिलकर मुझे सुलाने का षड्यंत्र रचा और उन्हें सफल होने में देर नहीं लगी।’ मैं सपने में एक खूबसूरत जलधारा में लकड़ी के सहारे बह रहा था, जो मुझे एक किनारे ले आई, जहां ये साधु ध्यानमग्न थे। उन्होंने आंखें खोली, चिर-परिचित मुस्कान दी और पूछा, ‘तुम कौन हो?’ ‘मैं खरगोश हूं और एक रेस में दौड़ रहा हूंं।’ ‘क्यों?’ ‘जंगल में सारे जीव-जंतुओं को यह साबित करने के लिए कि मैं सबसे तेज हूं।’ “तुम क्यों साबित करना चाहते हो कि तुम सबसे तेज हो?’ “ताकि मुझे मेडल मिले, जिससे मुझे सामाजिक दर्जा, पैसा और खाना मिलेगा...।’ जंगल की ओर इशारा करते हुए उन साधु ने कहा, “खाना तो आसपास पहले से ही बहुत है। उन सभी पेड़ों को देखो जो फलों से लदे हैं, उन सभी पत्तेदार शाखाओं को देखो।’ मैंने कहा, “मुझे भी सम्मान चाहिए। मैं भी अभी तक के सबसे तेज धावक के रूप में याद रखा जाना चाहता हूं।’ “क्या तुम्हें सबसे तेज भागने वाले हिरण या सबसे बड़े हाथी या सबसे शक्तिशाली बाघ का नाम मालूम है, जो तुमसे हजारों सालों पहले रहते थे?’ “नहीं।’ “आज तुम्हें एक कछुए ने चुनौती दी है। कल को कोई घोंघा होगा। क्या तुम जिंदगीभर यह साबित करने के लिए दौड़ते रहोगे कि तुम सबसे तेज हो।’ “हम्म्म.. मैंने इसे बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी पूरी जिंदगी दौड़ नहीं लगाना चाहता।’ “फिर क्या करना चाहते हो?’ “मैं घास से आच्छादित इस गोल चट्टान पर सोना चाहता हूं।’ “ये सब तुम अभी ही कर सकते हो। रेस के बारे में भूल जाओ। तुम आज यहां हो पर कल को तुम चले जाओगे।’ मैं अपनी नींद से जागा क्योंकि बत्तखों ने मुझे जगाया। उन्होंने एक सुर में पूछा, “आज तो तुम्हारी कछुए से रेस थी न?’ मैंने बत्तखों से कहा, “ये बेफिजूल है। व्यर्थ का अभ्यास। मैं बस यहीं होना चाहता हूं।’ इसलिए मैं रेस हार गया और वापस अपनी जिंदगी में लौट आया। मैं आज और बाकी बचे दिनों में भी जिंदगी को पूरी तरह जीना चाहता हूं। इसलिए मैंने रेस बंद कर दी। याद करिए, हम सब खरगोश-कछुए की वही कहानी जानते हैं, जो स्कूल के टीचर ने हमें सुनाई थी। ठीक इसी तरह, प्रबंधन सिखाने वाले संस्थानों के शिक्षक बताते हैं कि कैसे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, बिजनेस के जंगल में दो स्मार्ट एग्जीक्यूटिव (पढ़ें खरगोश और कछुआ) एक-दूसरे का सहयोग करते हैं और दूसरे खरगोश-कछुए (पढ़ें अन्य बिजनेस) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक नया मैनेजमेंट शब्द गढ़ते हैं- ‘कोऑपरेशन इन कॉम्पिटीशन’ यानी प्रतिस्पर्धा में सहयोग, जहां उस बिजनेस रेस को जीतने के लिए जमीन पर भागते हुए खरगोश कछुए को अपनी पीठ पर ले जाता है और तैरते हुए कछुआ खरगोश को अपनी पीठ पर ले जाता है। फंडा यह है कि इंसान को जीवन की अलग-अलग स्टेज और अपने खुद को मानकों के अनुसार जीवन जीना चाहिए, न कि दुनिया के लोगों के अनुसार।
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नवनीत गुर्जर किसी भी आरोपी के घर पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चलाने का सरकारों का निर्णय सही है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सरकार चाहे किसी भी दल की हो, एक ट्रेंड के बाद सभी ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया है। कुछ कांग्रेस सरकारों ने भी। कुछ भाजपा सरकारों ने भी। राज्य सरकारों का तर्क है कि उन्होंने क़ानून को हाथ में लेकर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बल्कि उन्हीं घरों- मकानों को गिराया गया है जो अवैध रूप से बने हुए थे। इन अवैध मकानों को भी नगरपालिका नियमों के तहत गिराया गया है। अब सवाल यह है कि इस तरह के अवैध मकान बनने क्यों दिए गए? किस अफ़सर ने, कितनी घूस खाकर वो मकान बनने दिया था। फिर अचानक ही सरकार को यह कैसे सूझ जाता है कि यह मकान अवैध रूप से बना है? बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल कोई निर्णय तो नहीं सुनाया है लेकिन यह ज़रूर कहा है कि कोई आरोपी भले ही दोषी हो तो भी उसका मकान नहीं गिराया जा सकता। संबंधित राजनीतिक दलों और उनकी सरकारों को नोटिस देकर कहा भी है कि वे अपने- अपने तर्क दें, ताकि इस बारे में एक गाइडलाइन जारी की जा सके। वैसे कुछ समूह इसे किसी वर्ग विशेष से जोड़कर भी देख रहे हैं लेकिन ऐसा स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता क्योंकि दूसरे वर्ग के लोगों के घरों पर भी बुलडोजर चलाए गए हैं। बुलडोजर कार्रवाई कितनी सही है और कितनी गलत? क़ानूनी तौर पर इसका कोई आधार भी है या नही, यह तो अब सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा, लेकिन कुछ पार्टियों या समूहों का यह तर्क है कि एक अपराध की दो सजा नहीं दी जा सकती। दो सजा से यहाँ मतलब है एक तो उसके ख़िलाफ़ पुलिस और कोर्ट क़ानून के हिसाब से कार्रवाई करती है और दूसरी मकान गिराकर सरकार सजा देती है। बहुत हद तक यह तर्क सही भी प्रतीत होता है। अगर कोर्ट कहे कि इस आरोपी का मकान अगर अवैध है तो उसे गिरा दिया जाए तब यह कार्रवाई सही कही जा सकती है। सरकारें खुद सजा देने लगेंगी, तो फिर कोर्ट क्या करेगा?
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मेघना पंत साल 2018 में भारत में हुए मीटू आंदोलन के बाद सुनने को मिल जाता है कि भारत में ये आंदोलन विफल रहा। पर बीते कुछ हफ्तों में सामने आए घटनाक्रमों ने एक बार फिर देश को विचलित किया है और सदियों से मौजूद स्त्रियों के प्रति घृणा, यौन उत्पीड़न और टॉक्सिक मर्दानगी पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। कोलकाता मामले के बाद अब हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की परतें खोलकर रख दी हैं। पर क्यों ये समय भारत के मीटू आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण है। ये संकेत है कि मीटू आंदोलन सफल था। पर कैसे! पहली बात, यह न भूलें कि दुनियाभर में हुआ ‘मीटू’ एक उलझा मामला था। लेकिन इसने एक बात सर्वसम्मति से रख दी कि यौन उत्पीड़न या डराना-धमकाना सामान्य नहीं है, और किसी भी महिला को इसे सहन नहीं करना चाहिए। इसके परिणाम भुगतने होंगे और हम आज जो होता हुआ देख रहे हैं, वह महिलाओं को हुए नए अहसास के कारण है। महिलाएं आज कार्यक्षेत्र पर सुरक्षित और एक समान कामकाजी माहौल के लिए लड़ रही है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। सदियों से ऐसा होता आया है कि यौन उत्पीड़न झेलने वाली महिला बस यह सोचकर घुटती रहती थी कि जो हो रहा है, वो सही नहीं है। पहले पीड़िता के माता-पिता ही कहते थे कि ‘जाने दो’। दोस्त भी कहते थे कि ये कोई बड़ी बात नहीं है। आंतरिक शिकायत समिति कंपनी में ही नाम उजागर कर देती, जिससे काम मुश्किल हो जाता। पुलिस भी शर्मिंदा करती। समाज भी कहता, हमें तुम पर यकीं नहीं। अगर वे शिकायत करतीं तो लोग हंसते कि उन पर कोई भरोसा नहीं करेगा, नौकरी चली जाएगी। इसलिए महिलाओं को लगता था कि सबसे अच्छा तरीका खुद में मजबूत बने रहने में है और इसे बर्दाश्त करें क्योंकि सब ऐसे ही होता आया है। पर अब समय के साथ यह बदल गया है। ‘मीटू’ ने इसे बदल दिया है। अब ऐसे मामलों से निपटने में कहीं ज्यादा संवेदनशीलता दिखने लगी है। असल बात ये है कि महिलाएं अब ज्यादा सुरक्षित और विश्वास से भरा महसूस कर रही हैं। यह इससे पता चलता है कि कई महिलाएं अब बिना किसी शर्म के खुलकर ऐसे लोगों का नाम सामने रख रही हैं, जिन्होंने अरसे से उन्हें दबाकर रखा और इस प्रक्रिया में व्यवस्था में सड़न की हद का खुलासा हो रहा है। अब यौन शोषण की एक बिल्कुल सख्त परिभाषा स्पष्ट हुई है, जिससे अपराधियों का बच निकलना मुश्किल हो गया है। हेमा रिपोर्ट बताती है कि शोषण को लेकर हमारा विमर्श किस तरह बदला है। महिलाएं अब सबूत जुटा रही हैं, एकजुट हो रही हैं और कानूनी शक्ति का प्रदर्शन करके दिखा रही हैं कि वे अपराधियों के खिलाफ खड़े होने में कितनी दक्ष हो गई हैं। यौन उत्पीड़न और इसके परिणामों का असर देश में सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं हुआ है। जहां महिलाएं पुरुषों के खिलाफ बोलना सीख रही हैं, पुरुष भी पुरुषों के खिलाफ बोलना सीख रहे हैं। दुनिया को ज्यादा न्यायसंगत बनाने के लिए महिला-पुरुष दोनों सच्चे सहयोगी के रूप में जुड़कर आंदोलन में साथ हो गए हैं। देखकर अच्छा लग रहा है कि इतिहास, जिसे हमेशा पुरुषों ने लिखा, उसे अब महिलाएं नए सिरे से लिख रही हैं, वो भी बहादुरी से।
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नवनीत गुर्जर जातीय जनगणना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक संयमित और संतुलित बयान दिया है। संघ का कहना है कि समाज के कल्याण के लिए सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है और जातीय जनगणना इसका जरिया हो सकती है। लेकिन इसका चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। सीधा-सा मतलब है कि संघ की लीडरशिप, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जातीय जनगणना की मांग से तो सहमत है लेकिन राहुल के तरीके से असहमत। पिछले कुछ चुनावों में राहुल गांधी जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। साफ है कि कांग्रेस यह मांग उठाकर जातियों, खासकर अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित जातियों को अपनी तरफ करना चाह रही है! उनके वोट एकजाई अपनी तरफ करने की फिराक में है, जो कि पिछले लोकसभा चुनाव में बहुत हद तक देखने को भी मिला। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की जनगणना हो चुकने के बाद जो जितने संख्याबल में होगा, उसे उतना हक दिया जा सकेगा? मान लीजिए कल को पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या पचास प्रतिशत से भी ज्यादा निकल आती है तो क्या उसे उतना आरक्षण या उतनी मात्रा में हक दिया जाना संभव होगा? फिलहाल तो कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो पचास प्रतिशत से ऊपर आरक्षण होते ही सुप्रीम कोर्ट या अन्य अदालतों की मनाही आने लगती है। अगर यह संख्या के हिसाब से सहूलियत देने का ही मंतव्य है तो उसका प्रैक्टिकल रूप से पहले खाका तैयार होना चाहिए। संभव हो तो ही उसका समाज-हित में उपयोग होना चाहिए, वरना जातियों और समूहों को जोड़ने और फिर उन्हें तोड़ने का प्रयोग आजादी के पहले भी खूब किया गया, जिसका हश्र आखिरकार ढाक के तीन पात से ज्यादा कुछ नहीं हुआ। आजादी के पहले जब सांप्रदायिक तौर पर निर्वाचक मंडल और प्रतिनिधित्व तय करने से अंग्रेजों का पेट नहीं भरा तो उन्होंने जातिवाद और ऊंच-नीच की भावना को खूब भड़काया। साम्राज्य की खातिर पहले उन्होंने अलग-अलग, असमान लोगों को ठोक-पीटकर एक किया और बाद में वे उन्हीं टुकड़ों को बांटने में लग गए। उन्होंने ध्येय बनाया कि केवल अंश, केवल टुकड़े ही वास्तविक हैं। समग्र, संपूर्ण तो महज गढ़ी हुई कल्पना भर है। टुकड़ों को उन्होंने आश्रय और सहारा दिया। टुकड़े यानी जातियां, छोटे- छोटे समूह और जो उनके गणित से मिशनरियों के लिए सर्वाधिक सुलभ थे- भोले आदिवासी और अछूत। तर्क यह दिया गया कि वे उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों की ताकत के रूप में पहचान देना चाहते हैं! उनका उस रूप में उत्थान करना चाहते हैं। राहुल गांधी की जातीय जनगणना की मांग हो सकता है कुछ अजीब लगे, लेकिन संघ ने जैसा कहा है कि इसका चुनाव-प्रचार के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए, एक तरह से सही भी है। हालांकि संघ ऐसा कहकर भाजपा के मंतव्य को ही समर्थन दे रहा है। हो सकता है भाजपा भी जातीय जनगणना के लिए सहमत हो या सहमत होना चाहती हो लेकिन वह अपनी इस सहमति का फायदा कांग्रेस को उठाने देना नहीं चाहती। कुल मिलाकर जातीय जनगणना के लम्बे समय से चले आ रहे विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक तरह से पानी के छींटे मारे हैं। ये छींटे विवाद को ठंडा करेंगे या गरम तवे पर मारे हुए छींटों की तरह आंच को और भड़काएंगे, यह समय बताएगा। भाजपा सहित विभिन्न दलों की इस पर जो प्रतिक्रिया आने वाली है, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर होगा। चुनाव के लिए उपयोग न हो राहुल की जातीय जनगणना की मांग हो सकता है अजीब लगे, पर संघ ने जैसा कहा कि इसका चुनाव-प्रचार के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए, एक तरह से सही भी है। हालांकि संघ ऐसा कहकर भाजपा के मंतव्य को समर्थन दे रहा है।
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पवन के. वर्मा त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है। लेकिन त्योहारों को मनाते समय क्या हम उनमें निहित गहन दार्शनिक प्रतीकात्मकता के बारे में सोचते हैं? हाल ही में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। मुझे याद है बचपन में इस दिन हमारा पूरा समय झांकी तैयार करने में बीतता था, गोकुल के घर व वनों के परिवेश को फिर से रचा जाता था। आधी रात के आसपास कृष्ण का जन्म मनाया जाता था- और आज भी मनाया जाता है। कृष्ण-कथा के बारे में हरिवंश, विष्णु पुराण, भागवत पुराण और कृष्ण भक्ति काव्य में विस्तार से लिखा गया है। कृष्ण भक्ति काव्य की शुरुआत 9वीं शताब्दी में तमिल में अंताल और 12वीं शताब्दी में संस्कृत में जयदेव के गीत गोविंद से हुई। इन दोनों ने 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच कृष्ण भक्ति लेखन की एक लहर को जन्म दिया, जिसमें विद्यापति, बिहारी, चंडीदास, सूरदास, मीराबाई, चैतन्य और वल्लभाचार्य जैसे मूर्धन्य सम्मिलित थे, और इन सभी ने अपनी मातृभाषा में लिखा। कृष्ण, विष्णु के आठवें अवतार थे। वे बहुआयामी थे। कृष्ण पर आधारित मेरी पुस्तक में पांच अध्याय हैं : बालक, प्रेमी, योद्धा, उद्धारक और भगवान। कान्हा माखनचोर हैं और गोपियों के साथ रास करते हैं, किंतु वही कृष्ण कौरवों के विरुद्ध युद्ध में पांडवों के मार्गदर्शक और रणनीतिकार भी हैं। वे यमुना के तट पर बांसुरी बजाने वाले प्रियतम हैं, राधा के अटूट-संगी हैं तो भगवद्गीता में मानव जाति के उद्धारक के रूप में रणभूमि में निस्तेज अर्जुन को दिशा भी दिखाते हैं। हिंदू मानस ने भक्ति के उद्देश्य से विभिन्नताओं के इस समारोह के बजाय दिव्यता के किसी एकरूप चित्रण को क्यों नहीं चुना? इसका उत्तर हिंदू धर्म की उल्लेखनीय जटिलताओं और दिव्यता में निहित अनंतता की झलक प्रदान करने के उसके दुस्साहसिक संकल्प में निहित है। यदि परम-तत्त्व अपरिभाषेय है, तो इसे सरल और पूर्वानुमानित तरीके से चित्रित नहीं किया जा सकता है। इसके अनंत पहलुओं को नहीं पकड़ा जा सकता। लेकिन इसे असंख्य उपायों से रूपांकित करके अनंतता की एक झलक प्रदान की जा सकती है, जिनमें से प्रत्येक रूप पूर्ण का एक अंश हो। मर्यादा पुरुषोत्तम राम उस परम दिव्य की भव्यता का एक पहलू हैं; लीला पुरुषोत्तम कृष्ण उसी सर्वशक्तिमान ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एक और आयाम। दोनों ही ईश्वर के निर्बाध वरदान और ब्रह्म की सर्वज्ञता के भिन्न आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस विविधता के भीतर भी जटिलताएं हैं। क्या हमने कभी सोचा है कि कृष्ण एक बार वृंदावन छोड़ने के बाद वहां कभी लौटकर क्यों नहीं आते, जबकि वे समीप ही मथुरा में होते हैं? यह संयोग नहीं हो सकता। ऐसा करते हुए कृष्ण हिंदू विश्वदृष्टि के चार पुरुषार्थों को दोहरा रहे थे : धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इस रूपरेखा के भीतर काम या ऐंद्रिकता की वैधता तो है, किंतु वह उसकी अनन्य प्राथमिकता नहीं है। वह दिव्यता का एक झरोखा भर हो सकता है। भौतिक आनंदमय है, किंतु अभौतिक भी आनंदघन है। जब गोपियां कृष्ण के अभौतिक रूप का ध्यान करती हैं, तो उनका विरह आनंद में बदल जाता है। कुरुक्षेत्र की समरभूमि में सारथी या परामर्शदाता के रूप में, कृष्ण अर्जुन को निष्काम कर्म का सिद्धांत सिखाते हैं। अर्जुन- जो हर साधारण मनुष्य का प्रतिनिधित्व करता है- क्षणभंगुर संसार में जीवन की निरर्थकता की सहसा हुई अनुभूति से त्रस्त है। कृष्ण के गीतोपदेश का उद्देश्य अर्जुन और उसके जैसे मनुष्यों के जीवन को प्रयोजन और संदर्भ देना है, और नश्वरजनों को जीवन में बार-बार आने वाले अस्तित्वगत संकट से उबरने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। किसी खिलते हुए पद्म-पुष्प की तरह, कृष्ण के भी कई भाव और रूप हैं। जन्माष्टमी और उसके जैसे कई अन्य पर्वों को हमें हिंदू धर्म में निहित विचारों की गहराई पर विचार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।गीतोपदेश का उद्देश्य अर्जुन के जीवन को प्रयोजन और संदर्भ देना है, और जीवन में बार-बार आने वाले अस्तित्वगत संकट से उबरने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। किसी खिलते हुए पद्म-पुष्प की तरह, कृष्ण के भी कई भाव और रूप हैं।
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आशीष कुमार चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2024 को भविष्य की ओर कदम बढ़ाया, जब आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर आधारित, 28,602 करोड़ रुपए की लागत से 10 राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना की घोषणा की। यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे का कार्यक्रम है, और इसका उद्देश्य पूरे देश में विकास के बड़े इंजन बनाना है। साहसी और परिणाम-केंद्रित नेतृत्व ही विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ा सकता है। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत संचालित की जाने वाली नई परियोजना इस लक्ष्य की ओर देश की यात्रा को गति देगी। सतत विकास के लिए एक और प्रोत्साहन की आवश्यकता है- स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए बड़े पैमाने पर निवेश। सरकार यही करने का इरादा रखती है। उसकी योजना डिजिटल रूप से सम्पन्न, ‘प्लग-एंड-प्ले’ औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की है। आज प्रधानमंत्री मोदी को एक व्यावहारिक नीति-निर्माता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने जल्द ही यह महसूस कर लिया कि भारत जैसे विशाल देश को प्रगति की ओर ले जाने के लिए आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसी का उत्तर था मेगा-इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को शुरू करना- भविष्य के शहरों का निर्माण करना, विशाल समुद्री केंद्र स्थापित करना, देश भर में अत्याधुनिक सड़क और रेल कॉरिडोर बनाना और विश्वस्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचा स्थापित करना। इस अति-महत्वाकांक्षी परियोजना की रोजगार-क्षमता बहुत अधिक है : इससे 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश भी होगा, जिसमें निवेशकों को आवंटन के लिए तैयार भूमि, पानी, बिजली, गैस, दूरसंचार, सड़क, रेल, हवाई अड्डे उपलब्ध होंगे। एकीकृत नगर-नियोजन और कर्मचारियों के लिए काम के समीप ही आवास की सुविधा के साथ पर्यावरण की चिंताओं का भी ध्यान रखा जाएगा। चूंकि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर आर्थिक चुम्बक के रूप में कार्य करेंगे, इसलिए वे प्रमुख महानगरों पर दबाव को भी कम करेंगे। इससे योजनाबद्ध शहरीकरण होगा। यह नया भारत है। यह ऐसा विचार है जिसका समय आ गया है। महाराष्ट्र हमेशा से भारत की आर्थिक शक्ति रहा है। सतत विकास के दृष्टिकोण से भी यह सबसे अधिक लाभान्वित होगा और बुनियादी ढांचे व परिवहन में नए मानक स्थापित करेगा। इस वर्ष की शुरुआत में, मुंबई ने भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल- मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक को हरी झंडी दिखाई। कोस्टल रोड मुंबई एक अन्य मेगा-परियोजना है और वर्तमान में इसे चरणों में विकसित किया जा रहा है। महाराष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को बदलने के लिए तैयार अन्य परियोजनाएं दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल और मुंबई-पुणे हाइपरलूप हैं। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में दो बेहद महत्वाकांक्षी परियोजनाएं पहले ही चल रही हैं। एक है रायगढ़ जिले के नौ गांवों में फैला दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र परियोजना। यह दिघी बंदरगाह के विकास के साथ-साथ शुरू की जा रही है और इससे राज्य में उपभोक्ता-उपकरण, धातु, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल और रसायन व्यवसाय जैसे उद्योगों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। दूसरी समुद्री परियोजना मुंबई से 130 किलोमीटर उत्तर में दहानू स्थित वधावन में भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक का विकास है। वधावन मध्य-पूर्व के माध्यम से भारत को यूरोप से जोड़ने वाली समुद्री और रेल संपर्क स्थापित करने की रणनीतिक पहल का हिस्सा है। अफ्रीका के पूर्वी तट और फारस की खाड़ी के देशों से कंटेनर यातायात की पूर्ति के लिए अरब सागर में एक केंद्र के रूप में बंदरगाह को विकसित करने की योजना है। आज पूरी दुनिया में जीवन की गुणवत्ता में सुधार, शहरों को टिकाऊ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए स्मार्ट शहरों का विकास किया जा रहा है। चीन ने 2012 में स्मार्ट शहरों को प्राथमिकता बनाया और 2020 तक देश भर में 900 से अधिक पायलट-प्रोजेक्ट स्थापित किए। इसने ग्वांगझोउ, शेनझेन और हांग्जो जैसे छोटे शहरों को वैश्विक मानचित्र पर ला दिया, क्योंकि वे शहरी-नियोजन और प्रबंधन के लिए अभिनव दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में स्मार्ट शहरों को अपनाने वाले पहले देश दक्षिण कोरिया में आज दुनिया का सबसे स्मार्ट शहर सोंगडो है, जो सियोल से बहुत दूर नहीं है। पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का विकास-रथ हमें दिखा रहा है कि जब आप दृढ़ संकल्प को स्पष्ट दृष्टि और निर्णायक कार्रवाई से जोड़ते हैं तो क्या किया जा सकता है।
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ज्यां द्रेज हम प्रतिस्पर्धा की दुनिया में रहते हैं। छोटी उम्र से ही बच्चे स्कूल में सबसे अच्छे अंक पाने के लिए प्रतिस्पर्धा करना सीखते हैं। लेकिन कुशाग्र बच्चों को पढ़ाई में वंचित बच्चों की मदद करना नहीं सिखाया जाता। उन्हें कक्षा में दूसरे या तीसरे नंबर पर आने के बजाय टॉपर बनना सिखाया जाता है। वयस्क जीवन में भी यही प्रतिस्पर्धा जारी रहती है। विद्वान दूसरे विद्वानों से, खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ियों से, कलाकार दूसरे कलाकारों से, राजनेता दूसरे राजनेताओं से प्रतिस्पर्धा करते रहते हैं। अर्थव्यवस्था भी आखिर प्रतिस्पर्धा पर ही आधारित है। मजदूर रोजगार के लिए, दुकानदार ग्राहकों के लिए, ठेकेदार ठेके के लिए और मीडिया आपके ध्यान के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। अर्थशास्त्री अक्सर हमें बताते हैं कि यह अच्छी बात है। कि प्रतिस्पर्धा अर्थव्यवस्था को गतिशीलता प्रदान करती है। यह हर किसी को कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर करती है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा से समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। मसलन, अगर खनन कम्पनियां मुनाफे के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी तो क्या वे पर्यावरण का ख्याल रखेंगी? नहीं, वे खुले स्थानों पर कचरा फेंककर पैसे बचाएंगी। अगर डॉक्टर मरीजों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे, तो क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति- जिसे साधारण सर्दी है- से कहेंगे कि उसे बस आराम और अच्छे भोजन की जरूरत है? नहीं, डॉक्टर एंटीबायोटिक या स्टेरॉयड लिखेंगे, ताकि मरीज तुरंत राहत महसूस करे। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के नुकसान हमें चारों तरफ दिखते हैं। प्रतिस्पर्धा के दबाव के कारण लोग जीतने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करने लगते हैं। विद्वान आत्मप्रचार के लिए फर्जी पत्रिकाओं में शोध-पत्र छपवाते हैं। राजनेता वोट जीतने के लिए काले धन का उपयोग करते हैं। खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए ड्रग्स तक लेते हैं। संगीतकार अपनी रचनात्मकता को छोड़कर वह धुन बजाते हैं, जो बाजार में सबसे अधिक बिकती है। जबकि अगर सच कहें तो जीवन में कई बेहतरीन चीजें प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग से आती हैं। पारिवारिक जीवन से लेकर राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन तक, सहयोग ही काम आया है। और सोचिए, अगर माता-पिता और शिक्षक स्कूल को बेहतर बनाने में परस्पर-सहयोग करें तो बच्चों के जीवन में कितना बदलाव आ सकता है। इसी तरह, जब डॉक्टर और नर्स एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं, तब स्वास्थ्य केंद्र और ढंग से काम करने लगता है। आर्थिक और सामाजिक जीवन में प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का अपना स्थान है। लेकिन दुर्भाग्य से, प्रतिस्पर्धा की संस्थाएं जहां अच्छी तरह से विकसित हैं, वहीं सहयोग की संस्थाएं नहीं। प्रतिस्पर्धा और सहयोग एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं। जब युवा फुटबॉल मैच खेलते हैं, तो क्या वे प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं या सहयोग? दोनों! वे गोल करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, लेकिन खेल के नियमों का पालन करने के लिए सहयोग भी करते हैं। झारखंड में- जहां मैं रहता हूं- आदिवासियों में सहयोग की मजबूत संस्कृति है। वे रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से सहयोग करते हैं। आदिवासी समुदायों में आपसी सहयोग कई अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे कि धान की रोपाई, घर बनाना और शादी समारोह का आयोजन करना। सहयोग की यह संस्कृति उनको बहुत मदद करती है। सहयोग की संस्कृति से हमें बहुत कुछ सीखना है। मैं तो यह भी कहूंगा कि अगर हम वैश्विक स्तर पर सहयोग करना नहीं सीखेंगे, तो मानव प्रजाति शायद ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगी। अभी हम सामूहिक आत्मघात की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि हम जलवायु-परिवर्तन और परमाणु युद्ध जैसे खतरों से बचने के लिए सहयोग करने में विफल रहे हैं। सहयोग का मुख्य दुश्मन असमानता है। सहयोग समान लोगों के बीच अच्छा काम करता है। यही कारण है कि आदिवासी समुदायों में सहयोग दिखता है, जहां जाति व्यवस्था नहीं है और अधिकांश लोगों के पास थोड़ी जमीन है। लेकिन धन, जाति या शक्ति के हिसाब से असमान लोगों के बीच सहयोग मुश्किल होता है। प्रतिस्पर्धा शासक-वर्गों और जातियों की विचारधारा है। प्रतिस्पर्धा से उन्हें लाभ होता है, क्योंकि इसमें वही विजयी होते हैं। इसलिए वे प्रतिस्पर्धा की प्रशंसा करते हैं और सहयोग का अवमूल्यन करते हैं। अगर हम सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो हमें इस विचारधारा का मुकाबला करना होगा और समाज में अधिक समानता भी लानी होगी।
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नवनीत गुर्जर पीढ़ियाँ गुज़र जाती हैं लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। आरोपी खुले घूमते रहते हैं और पीड़ित लोग डर में जीते रहते हैं, लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। सरकारों, वकीलों और न्यायाधीशों ने इस बारे में हो सकता है सोचा होगा, लेकिन इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। किए भी गए हो तो न तो वे आम आदमी को दिखाई दिए और न ही न्याय प्रक्रिया में उनकी झलक दिखाई दी। न्याय प्रक्रिया को इतना सरल और सहज बनाना चाहिए कि आम आदमी कोर्ट रूम में जाने से घबराए नहीं। ख़ासकर पीड़ित व्यक्ति की घबराहट तो दूर करनी ही चाहिए। आख़िर तारीख़ पे तारीख़, तारीख़ पे तारीख़ के नकारात्मक कल्चर को न्यायपालिका कब तक ढोती रहेगी? आरोपी तारीख़ें आगे बढ़वाते रहते हैं और वे बढ़ती भी रहती हैं। न्याय आम आदमी की पहुँच से दूर, बहुत दूर होता जाता है। अगर त्वरित न्याय होने लगे तो अपराधों पर बहुत हद तक अंकुश लग सकता है। कोलकाता, बदलापुर जैसी घटनाओं में निश्चित रूप से कमी ज़रूर आएगी। अभी न्याय या फैसलों में बहुत देर होने के कारण अपराधियों में ख़ौफ़ नहीं है। अपराध करने वाले के भीतर ख़ौफ़ पैदा करने का एक ही तरीक़ा है और वो है त्वरित न्याय। इसके सिवाय कोई चारा नहीं है। क्योंकि हम एक सभ्य और सहज राष्ट्र के रूप में जाने जाते हैं इसलिए अपराधियों को दण्ड देने का न्यायिक प्रक्रिया के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं हो सकता। हो सकता है कि जघन्य घटनाओं के तुरंत बाद कुछ लोगों को लगता हो कि चौराहे पर खड़ा करके ऐसे अपराधियों को दण्ड देना ही उचित है लेकिन यह नारकीय व्यवस्था साबित हो सकती है। सही मायने में कुछ लोगों में इस तरह की सोच विकसित होने का कारण भी न्याय में देरी ही है। न्याय प्रक्रिया में सुधार की बात ठान ली जाए तो पेंडिंग केस और नए मामलों में देरी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। अगर यह करना है तो वकीलों, न्यायाधीशों और सरकारों को मिलकर इसके लिए तुरंत आगे बढ़ना होगा। न्याय में देरी आख़िर कितनी, क्यों और कब तक जारी रहेगी?
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रुचिर शर्मा ये 2000 के दशक की बात है, जब उभरती अर्थव्यवस्थाओं में एक व्यापक इकोनॉमिक-बूम उनके बाजारों में अरबों डॉलर की बाढ़ ला रहा था। तब उस ऐतिहासिक पल को ‘राईज़ ऑफ द रेस्ट’ यानी विकसित अर्थव्यवस्थाओं की सूची से शेष रह गई ‘अन्य’ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का उदय बताया गया था। आज फिर उभरते बाजारों से वैसी ही प्रेरक कहानी सामने आ रही है, लेकिन कम ही विश्लेषकों का ध्यान इस तरफ गया है। विदेशी निवेशकों को तो भनक तक नहीं लगी है। पिछले दशक में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई थी, लेकिन अब वे पुनर्निमाण के दौर से गुजर रही हैं और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष ग्रोथ की बढ़त दर्ज करने में मशगूल हैं। अमेरिका तक को चुनौती दी जा रही है। ऐसा गत 15 वर्षों में नहीं देखा गया था। उभरती अर्थव्यवस्थाओं का अनुपात- जिसमें प्रति व्यक्ति जीडीपी अमेरिका से अधिक तेजी से बढ़ने की संभावना है- पिछले पांच वर्षों में 48 प्रतिशत से अगले पांच वर्षों में 88 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। यह 2000 के दशक में उभरती दुनिया के पीक के अनुरूप होगा। यह उभरता हुआ उछाल पिछली बार के बूम से कई अहम मामलों में अलग है। 2000 के दशक में उभरती दुनिया को चीन के तेजी से बढ़ते कदमों, कमोडिटी की कीमतों में भारी उछाल और पश्चिमी केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाई गई आसान मुद्रा नीतियों के कारण उछाल मिला था। कई टिप्पणीकारों ने मान लिया था कि चीन के उदय के पीछे ‘अन्य’ अर्थव्यवस्थाएं भी बड़े पैमाने पर उछाल जारी रख सकती हैं, लेकिन वे बुरी तरह से निराश हुए। 2012 में ही मैंने चेतावनी दे दी थी कि अत्यधिक हाइप के चलते इन ‘अन्य’ अर्थव्यवस्थाओं का पतन हो सकता है। और यकीनन, अगला दशक उभरते बाजारों के लिए निराशाजनक था- वहीं वह अमेरिका के लिए शानदार रहा। लेकिन अब कई उभरते हुए देश अमेरिका की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं। एक अति-उत्तेजित महाशक्ति के रूप में, और विकास को गति देने के लिए रिकॉर्ड घाटे पर निर्भर रहने के कारण अमेरिका अब एक अस्थिर रास्ते पर है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में बजट और चालू खाता घाटा बहुत कम है, जिससे उन्हें निवेश करने और भविष्य के विकास को आगे बढ़ाने की ज्यादा क्षमता मिलती है। यहां तक कि तुर्किये से लेकर अर्जेंटीना तक- जो देश अतीत में वित्तीय अपव्यय के लिए जाने जाते थे- वे भी पुराने चलन की आर्थिक नीतियों की ओर लौट आए हैं। उभरते देशों का भाग्य अब पूरी तरह से सबसे अमीर देश पर निर्भर नहीं करता। वर्तमान में हो रहा उभार चीन के अलावा अन्य देशों द्वारा संचालित है, जिनकी अपनी कठिनाइयां हैं, घटती आबादी से लेकर भारी कर्ज तक। बीजिंग के राष्ट्रवादी रुख और पश्चिम के साथ उसके बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों ने वैश्विक निवेशकों को डरा दिया है। अब वे चीन से बाहर निकल रहे हैं और कहीं और कारखाने स्थापित कर रहे हैं। आने वाले दशक में ग्रीन टेक्नोलॉजी और उसके लिए आवश्यक कच्चे माल- जैसे कि तांबा और लिथियम- के लिए निर्यात विशेष रूप से मजबूत होने की संभावना है, जिनकी आपूर्ति मुख्य रूप से उभरते देशों द्वारा ही की जाती है। एआई बूम पहले से ही एआई-संबंधित चिप्स (कोरिया और ताइवान) और इलेक्ट्रॉनिक्स (मलेशिया और फिलीपींस) के आपूर्तिकर्ताओं से निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। कई उभरते बाजारों में निवेश भी बढ़ रहा है, जो कई खूबियों से प्रभावित है- भारत का बड़ा घरेलू बाजार, डेटा सेंटर के लिए मलेशिया का उपजाऊ वातावरण और मेक्सिको की अमेरिका से निकटता। जैसे-जैसे आर्थिक विकास बढ़ता है, कॉर्पोरेट आय भी उसी के अनुरूप होती है। चीन को छोड़ दें तो वर्तमान में उभरते बाजारों में आय 16 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है, जबकि अमेरिका में यह 10 प्रतिशत ही है। इस वर्ष की दूसरी तिमाही में- 2009 के बाद पहली बार- उभरते बाजारों (चीन को छोड़कर) में कॉर्पोरेशंस ने अपने अमेरिकी समकक्षों की तुलना में आय के पूर्वानुमानों को व्यापक अंतर से पीछे छोड़ दिया है। भारत और सऊदी अरब के पास तो घरेलू निवेशकों का भी मजबूत और तेजी से बढ़ता आधार है। अमेरिका की छाया में लंबे समय तक रहने के बाद, उभरते बाजार तेजी से आकर्षक विकल्प बनते जा रहे हैं। हालांकि वे तेजी से आय वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, लेकिन वे अमेरिका की तुलना में रिकॉर्ड कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। 15 वर्षों तक, अमेरिका ने मुख्य रूप से बड़ी टेक कंपनियों द्वारा संचालित बेहतर आय वृद्धि प्रदान की थी, लेकिन यह भी बदल रहा है। अमेरिका की बड़ी टेक फर्मों की आय वृद्धि अब आने वाले वर्ष में आधे से अधिक गिरने की उम्मीद है। ये ठीक बात है कि सभी उभरते हुए देशों को एक पांत में नहीं रखा जा सकता। ऐसे में उन्हें औसतन एक दशक तक अच्छा करना होगा और वैश्विक व्यापार, डॉलर, आर्थिक सुधार, नए राजनीतिक नेतृत्व आदि के अनुकूल ट्रेंड्स से अपने लिए मजबूती प्राप्त करना होगी। याद करें कि अभी हाल ही तक अनेक टिप्पणीकार चेतावनी दे रहे थे कि महामारी के बाद उभरती हुई दुनिया और कमजोर हो जाएगी। उनसे कम ही उम्मीदें की जा रही थीं। उलटे इस बात का डर था कि उभरते बाजार वैश्विक निवेशकों की पसंद नहीं रह जाएंगे। लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की है। टिप्पणीकारों को अब इसका संज्ञान लेना चाहिए। बदलते दौर की इकोनॉमी... एआई बूम चिप्स (कोरिया व ताइवान) और इलेक्ट्रॉनिक्स (मलेशिया व फिलीपींस) के आपूर्तिकर्ताओं से निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। भारत का बाजार, डेटा सेंटर के लिए मलेशिया का सहयोगी माहौल और मेक्सिको की अमेरिका से निकटता निवेशकों को खींच रही है।
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नवनीत गुर्जर जब उसके बचपन के दिन थे। चांद में परियां रहती थीं। हवाएं किसी हाकिम की मुट्ठी या कैदखाने में बंद नहीं होती थीं। उसके हिसाब से आया-जाया करती थीं। आजकल उसी बचपन को, वही चांद हड्डी बनकर चुभ रहा है। हवाएं शरीर पर कोड़े मार रही हैं। कोलकाता में, बदलापुर में क्या हुआ? ये तो दो बड़े मामले हैं… और भी देश के कई शहरों, कस्बों में क्या हो रहा है? कुछ लोगों की लालसा ने अपने लफ्जों के हाथों तलवारें क्यों थमा दी हैं? आखिर इसे क्या नाम दिया जाए? पागलपन या हवसीपना? बच्चियों, महिलाओं का नभ, जो सुबह नीला, सुंदर होता है, उसे दोपहर और शाम और रात तक लोग स्याह, काला करने पर क्यों तुले हुए हैं? निश्चित ही समाज में ऐसे लोग कम ही होते हैं, लेकिन सवाल यह है कि वे उतने भी क्यों हैं? जिस कोख को वे तितर-बितर करने पर, तहस-नहस करने पर तुले हुए हैं, आखिर वही उनकी जन्मदात्री भी तो है! वही उनके अस्तित्व की वजह भी तो है! क्यों ऐसे लोगों के नाखून जमाने भर से तेज होते जा रहे हैं? कोई तो बताए कि ये और कितनी रातों तक कितनी रूहों को निगलते रहेंगे? जलाते-फूंकते रहेंगे? आखिर इनकी भूख इतनी शैतानी क्यों है? …और आखिर इस भूख के मिटने का कोई सिरा भी है या नहीं? इन क्रूर और पिशाची घटनाक्रमों के बाद आंखों के नीचे पानी के कुछ कतरे रख लेने भर से अब कुछ नहीं होने वाला! इस स्याह अध्याय का कोई तो समाधान खोजना ही होगा। चाहे वो कड़े कानून के तौर पर हो! चाहे कड़ी और त्वरित या तुरंत सजा के रूप में हो। आखिर इस अनाचार का कोई तो अंत होना ही चाहिए। ऐसी घटनाओं को देख-सुनकर करोड़ों मांएं, बच्चियां और लड़कियां आखिर कब तक खुद को लज्जित महसूस करती रहेंगी? आखिर एक महिला ने पुरुष के लिए क्या नहीं किया! उम्रभर, गलती रही! बहती रही! एक नदी की तरह! उसका यह योगदान बड़ा होता है। किसी आसमान से भी बड़ा। लेकिन इन चंद हैवानों ने उसे क्या दिया? सिवाय दु:ख के? निर्भया के बाद अभया और इन दोनों के बीच के समय में जाने कितनी निर्भया, कितनी ही अभया ने वो सब कुछ झेला, जो ज्यादती की हद के पार था। दबी-दबी सिसकियों को कोई क्यों नहीं सुनता? वे दर्दअंगेज चीखें! वे ख्वाबों के अचानक टूटने, तहस-नहस होने की आवाज इन दानवों को क्यों सुनाई नहीं देती? ऐसी घटनाओं से तो पेड़-पौधे तक बिलख उठते हैं। दरिया तक रो पड़ता है। ये तो आखिर हाड़-मांस के, जीते-जागते पुतले हैं। इन्हें कुछ क्यों महसूस नहीं होता? ये पिशाच क्या हमेशा से पिशाच ही थे? मनुष्य या मनुष्यत्व से उनका कभी कोई नाता रहा ही नहीं? अगर हां, तो ऐसा क्यों है? सरकारें केवल कानून बना सकती हैं। उनका पालन करवा सकती हैं, जो वे फिलहाल पूर्ण रूप से या सही तरीके से नहीं कर पा रही हैं। हर तरफ, हर मौके पर लीपापोती करना और करते रहना, सरकारों का स्वभाव बन गया है। यह ढर्रा बदलना चाहिए। यह रवैया सुधरना चाहिए। जहां तक आम आदमी का सवाल है उसे चेतना होगा। क्योंकि चेतना तो भीतर से ही आएगी। वो किसी सरकार के खीसे में नहीं पाई जाती। इसे जागृत करना होगा। मनुष्यत्व को अपना चैतन्य रूप दिखाना होगा। यह ढर्रा बदलना चाहिए... बच्चियों, महिलाओं का नभ, जो सुबह नीला, सुंदर होता है, उसे दोपहर और शाम और रात तक लोग स्याह, काला करने पर क्यों तुले हुए हैं? समाज में ऐसे लोग कम ही होते हैं, लेकिन सवाल यह है कि वे उतने भी क्यों हैं?
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कावेरी बामजेई उस समाज का क्या होता है, जहां प्रेम नहीं होता? तब वह सालों पीछे चला जाता है। महिलाओं से आजादी छीन ली जाती है, लड़कियों को किताबों और फोन से वंचित कर दिया जाता है, और पुरुष ही सड़कों पर बेखौफ घूम सकते हैं। यही ‘स्त्री-2’ का अंतर्निहित संदेश है। यह संदेश देने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था, जब हमारी सड़कें डर से भरी हैं और हमारे कार्यस्थल भी खतरों से अछूते नहीं रह गए हैं। अमर कौशिक द्वारे रचे गए फिल्मी-संसार में चंदेरी एक ऐसा शहर है, जहां महिलाएं आजाद घूमती हैं और पुरुष ‘भीगी बिल्ली’ की तरह घर पर बैठे हैं। ‘हमें वो वापस चाहिए,’ शहर की महिलाएं एक लेडीज टेलर के बारे में कहती हैं, जिससे उन्हें उम्मीद है कि वह शहर को ‘सरकटे’ से छुटकारा दिला सकता है। यह सरकटा प्रगतिशील विचारों वाली किसी भी युवा महिला को अपने साथ ले जाता है, चाहे वह ताइक्वांडो सीख रही हो, पढ़ाई में अव्वल हो, प्यार में हो या सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। मुसीबत तब चरम पर पहुंच जाती है, जब ‘सरकटा’ एक नर्तकी को अपने अड्डे पर ले जाता है। लेकिन कस्बे को बचाने के लिए एक गांव की जरूरत होती है, जैसे देश को बचाने के लिए समाज की! इसलिए, हालांकि चंदेरी की महिलाएं लेडीज टेलर विकी से उन्हें बचाने का आग्रह करती हैं, और रहस्यमयी स्त्री उससे प्रेम की अपनी शक्ति को उजागर करने का आग्रह करने के लिए लौट आती है, लेकिन ‘अर्धनारीश्वर’ के रूप में स्त्री और विकी ही ‘सरकटे’ को हराने में सक्षम हैं। यहां ‘अर्धनारीश्वर’ के मिथक का चयन दिलचस्प है। क्योंकि हर पुरुष में स्त्रीत्व का तत्व होता है और इसका विपरीत भी सच है! कहानी का लब्बोलुआब यह है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। अन्यथा महिलाओं को चौके-चूल्हे तक ही सीमित कर दिया जाएगा। एक ऐसे समय में- जब हमारी दुनिया में उथल-पुथल है- ‘स्त्री-2’ हमें उम्मीद देती है कि सच्चाई, सरलता और सच्चा प्यार हमें विनाश से बचा सकते हैं। जब स्त्री विकी से कहती है कि वह उसके साथ नहीं रह सकती क्योंकि वह सिर्फ एक छाया है, तो वह उससे कहता है कि वह उसके लिए ‘एडजस्ट’ करने को तैयार है। ‘स्त्री-2’ की दुनिया में दीवारें तक कहती हैं कि- ‘हे स्त्री रक्षा करना।’ यहां स्त्री शक्ति का प्रतीक है। ‘अर्धनारीश्वर’ के मिले-जुले प्रयासों के बावजूद ‘सरकटे’ को हराने के लिए अंततः स्त्री की मां को न्याय की स्थापना करनी पड़ती है। एक स्थिर दुनिया में, मनुष्य और जानवर समान हैं, और संतुलन के लिए दोनों की समान रूप से जरूरत है। तब पुरुष महिलाओं से प्रेम कर सकते हैं और महिलाएं आजादी का आनंद ले सकती हैं। जैसा कि फिल्म में एक गाना कहता भी है : ‘मेरे महबूब समझिए जरा मौके की नजाकत/के खरीदी नहीं जा सकती हसीनों की इजाजत।’ इससे पूर्व में आई ‘स्त्री’ की तुलना में ‘स्त्री-2’ अधिक विकसित कहानी है, जहां चंदेरी की सुरक्षा के लिए एक महिला की जरूरत है, जहां महिलाएं जो चाहें कर सकती हैं और जहां पुरुषों का जीवन संकट में है। जहां बदलाव का बोझ समान रूप से साझा किया जाता है। बदलाव लाना है तो पुरुषों को महिलाओं के साथ मिलकर काम करना होगा। हॉरर फिल्मों ने हमेशा समाज की चिंताओं को प्रदर्शित किया है, चाहे वह ‘किंग कांग’ द्वारा न्यूयॉर्क को ‘ग्रेट डिप्रेशन’ के रूपक के रूप में रौंदना हो या हाल में अमेरिका में नस्लवाद पर टिप्पणी करने वाली ‘गेट आउट’ हो। और कभी-कभी हमें रास्ता दिखाने के लिए एक हॉरर-कॉमेडी की भी जरूरत होती है। एक ऐसे देश में जहां हर दिन 86 दुष्कर्म होते हैं, जहां महिलाओं के साथ कार्यस्थलों, घरों और यहां तक कि ऑनलाइन भी दुर्व्यवहार किया जाता है, वहां बदलाव लाने के लिए सभी की साझा जरूरत होगी। समाज में मौजूद ‘सरकटे’ को हटाएं! हॉरर फिल्मों ने हमेशा ही अपने समय और समाज की चिंताओं को प्रदर्शित किया है, चाहे वह ‘किंग कांग’ हो या ‘गेट आउट’ हो। और कभी-कभी हमें रास्ता दिखाने के लिए ‘स्त्री-2’ जैसी एक हॉरर-कॉमेडी की भी जरूरत होती है।
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पं. विजयशंकर मेहता कहते हैं दुनिया में 75% से अधिक लोग ऐसे हैं, जो दिन भर में दो बार झूठ बोल जाते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जो झूठ बोलना नहीं चाहते पर मुंह से निकल जाता है। दरअसल झूठ को समझना हो, तो पहले सत्य को जानना पड़ेगा। अब सत्य की क्या परिभाषा है? एक का सत्य, दूसरे का असत्य हो सकता है। पिता का सत्य ये है कि बच्चे शाम को समय पर घर आएं। बच्चों का सत्य ये है कि यही तो उम्र है घूमने की। सत्य की सीधी-सी परिभाषा है कि जब हम मन, वचन, कर्म में एक हो जाते हैं, तब सत्य उतरता है, और इसका ठीक उल्टा झूठ है। श्री राम भरत को समझाते हुए, दुष्ट लोगों की व्याख्या कर रहे थे। और उसमें उन्होंने कहा, ‘झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना।’ उनका झूठा ही लेना और झूठा ही देना होता है। वो भोजन भी झूठ का करते हैं, और झूठइ चबेना, यानी झूठ की आड़ में बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं। श्रीराम झूठे लोगों को पसंद नहीं करते हैं। अब हमें तय करना है कि यदि हम श्रीराम के भक्त हैं, तो हमें जिन-जिन बातों से खुद को बचाना है, उसमें से एक झूठ भी है। कुछ झूठ तो हम ऐसे बोलते हैं, शायद कोई मशीन नहीं पकड़ पाए। लेकिन दो लोग तो हमारे झूठ को जानते हैं, एक हम और एक हमारा भगवान।
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भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, मन का बैचेन होना उसका स्वभाव है। हमारे मन को लगता है कि अगर वह अलग-अलग बातों के बारे में सोचता रहेगा तो हमें आने वाली हर मुश्किल और मुसीबत से बचा लेगा। पर ऐसा होता नहीं है। हम अपने जीवन का काफी अधिक समय सोच-विचार करके परेशान होने में निकाल देते हैं। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मन का यह स्वभाव बदलना मुश्किल जरूर है, असंभव नहीं। अच्छा अब आप एक बात बताइए, क्या आप कौए को कह सकते हैं कि वो कांव-कांव की आवाज ना करे। या फिर क्या आप किसी मेंढक को कह सकते हैं कि वह पानी देखते ही ऊंची छलांग ना मारे? हमारे मन का भी कुछ ऐसा ही है। जीवन में कुछ भी होता है, अच्छा या बुरा, हमारा मन उस पर कांव-कांव-कांव करने लगता है। ‘कांव-कांव’ से मेरा मतलब है चिंता करना, व्याकुल होना। कोई बुरी बात होती भी नहीं है और मन परेशानी की ऊंची-ऊंची लपटें लेने लगता है। कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है कि हममें से कई लोग सिर्फ परेशान होने के लिए जीते हैं। सारी परेशानी, पीड़ा, दुविधा अक्सर हमारी मन की बनाई हुई कहानियां होती हैं। भगवान श्रीकृष्ण हमें हमारे मन को शांत और स्थिर करने के लिए दो उपाय देते हैं- पहला, ध्यान लगाना या मेडिटेट करना। दूसरा, वैराग्य भाव सीखना। अब ध्यान या मेडिटेशन शब्द सुनते ही आप में से कई लोग कहेंगे कि आप आंख बंद कर सांसें अंदर-बाहर नहीं ले सकते। यहां हम सब गलती कर बैठते हैं। मेडिटेशन या ध्यान का मतलब सिर्फ आंख बंद कर बैठना नहीं होता। मेडिटेशन का मतलब होता है अपना पूरा ध्यान किसी चीज पर लगाना और उसे हटने नहीं देना। अगर आप रोटी बना रहे हैं तो सिर्फ उस बात पर ध्यान दीजिए। अगर आप पिक्चर देख रहे हैं तो अपना पूरा ध्यान पिक्चर पर लगाएं। यह मत सोचिए कि पिक्चर देखकर आप अपना कितना वक्त बर्बाद कर रहे हैं। जब आप जीवन के हर छोटे-बड़े काम को पूरे ध्यान से करते हैं तो आपका जीवन ही एक मेडिटेशन बन जाता है। ऐसे जीवन में शांति, स्थिरता, साहस और सफलता का होना अनिवार्य है। वैराग्य भाव दूसरा उपाय। वैराग्य का अर्थ यह नहीं कि आप सब कुछ छोड़ कर जंगल में जाकर बैठ जाएं। वैराग्य का सच्चा अर्थ है कि आप जो काम कर रहे हैं उसका क्या नतीजा या रिजल्ट निकलेगा उसकी चिंता ना करें। जैसे अगर आपने कोई इंटरव्यू दिया। आप यह कर सकते हैं कि पूरे मन से तैयारी करें और अपना बेस्ट दे कर आ जाएं। वह नौकरी मिलना या ना मिलना आपके हाथ में नहीं है। इस नतीजे के पीछे अलग-अलग चीजें हैं जो आपके बिल्कुल कंट्रोल में नहीं। तो जिस चीज के बारे में आप कुछ कर नहीं सकते, उसके बारे में चिंता भी ना करें। यही वैराग्य का सच्चा मतलब होता है। और यही है भगवान श्री कृष्ण का दूसरा उपाय मन को चिंता की लपटों से बचाने का। याद रखिए, आप पूरे के पूरे इंसान हैं। समझदारी संयम और कुशलता से भरे इंसान। आपका मन जब भी कौए की तरह अलग-अलग बातों पर आपको परेशान करने लगे, तब अपने मन को भी प्यार से समझाइए और शांत कर लीजिए। बस अपने ऊपर विश्वास रखिए कि आप कभी अपना बुरा नहीं होने देंगे
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एन. रघुरामन वे दिन याद हैं, जब बच्चे के साथ सफर कर रही मां उसकी उम्र को लेकर झूठ बोल देती थीं, ताकि उसका आधा टिकट भी न लेना पड़े? और जब कंडक्टर बच्चे से उम्र पूछता तो बच्चा गर्व से कहता, “मैं सात साल का हूं, मम्मी झूठ बोल रही हैं!’ और फिर मां को मजबूरन किराया चुकाना पड़ता और झूठ बोलने का वो अपराध भविष्य के किसी संदर्भ के लिए कभी दर्ज नहीं होता। डायरी में दर्ज करने के लिए कंडक्टर न तो मां का नाम पूछता और न ही बच्चे का। पर अब कंप्यूटरीकरण और दुनियाभर में बढ़ती क्लाउड सुविधा के कारण रिकॉर्ड नहीं रखने वाले दिन बीत गए। इन दिनों, बाल अपराध जैसे बिना टिकट बस या ट्रेन में चढ़ जाने और टीसी द्वारा पकड़े जाने या बिना अधिकार किसी की साइकिल लेकर दूर तक चले जाने और फिर साइकिल मालिक के स्कूल अधिकारियों को बताने और यहां तक कि कुछ मामलों में दुकानों से बच्चे जो सामान उठा लेते हैं, ये सब चीजें लोगों के करिअर पर असर डाल रही हैं, और नया नियोक्ता उनको नौकरी पर रखने से पहले उनका दशकों पुराना आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर रहे हैं। कल्पना करें, कुछ दिनों पहले हुई पुणे पोर्शे वारदात में 17 साल के लड़के ने दो इंजीनियर्स को मार दिया था और बॉम्बे हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद राष्ट्रीय सुर्खियां बना था? या फिर बिहार का ताजा मामला, जहां छह साल का छात्र पिता की लाइसेंसी बंदूक स्कूल लाया और दुर्घटनावश 10 साल के साथी छात्र की कलाई पर गोली मार दी। आपको लगता है कि जब ये बच्चे 30 या 40 साल के होंगे, तो भविष्य के नियोक्ताओं को ये सब मामले पता नहीं चलेंगे? हाल के आंकड़ों के अनुसार, 4406 सर्वाधिक नाबालिग अपराध महाराष्ट्र में दर्ज हुए, फिर मप्र में 3,795 मामले और राजस्थान में 3,063 मामले दर्ज हुए। ऐसे अपराधों की दर दिल्ली में 42% बढ़ी है तो महाराष्ट्र में 12 और मप्र में 13%। मोटर अपराध, किशोर अपराधों से हुई क्षति और छोटे-मोटे प्रकरण भी विकसित देशों में ऐसे लाखों लोगों को डरा रहे हैं, जिनके बचपन का आपराधिक रिकॉर्ड संबंधित नियोक्ता से साझा किया जा रहा है। ये रिकॉर्ड साझा करना इतना सहज हो गया है कि ब्रिटेन जैसे देशों में तो एक अभियान चलाया जा रहा है, जहां लोग बचपन में किए गंभीर अपराधों को छोड़कर बाकी सारे अपराधों को क्लीन करने के लिए कह रहे हैं। याद रहे, भारतीय पुलिस के रिकॉर्ड भी कंप्यूटरीकृत हो रहे हैं, और बढ़ते सफेदपोश अपराधियों से निपटने एआई का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है, जहां पांच दशक पुराने रिकॉर्ड भी चंद सेकंड्स में सामने आ जाएंगे। ब्रिटेन में कई अभियानकर्ताओं का कहना है, “जिनने युवावस्था में मामूली अपराध किए, उन्हें दशकों बाद इन्हें बताने के लिए मजबूर किया जाता है जब रिकॉर्ड की कोई प्रासंगिकता नहीं होती।’ सिर्फ ब्रिटेन में 1,63,345 लोगों के बाल अपराधों की सूचना नियोक्ताओं को मिली, जबकि उनमें से अधिकांश को तब अधिकारियों से सिर्फ चेतावनी मिली थी। इन शर्मनाक स्थितियों के बारे में बात करते हुए, एक संभावित कर्मचारी ने कहा, ‘मैंने जिस भी रोल के लिए आवेदन किया, वहां बात हमेशा या तो कुछ शर्मिंदगी से शुरू होती है या खत्म होती है, जब नियोक्ता इस संवेदनशील मुद्दे पर बात करते हैं। शानदार साक्षात्कार के बावजूद मुझे अंत में बताना होगा कि 14 साल की उम्र में सहपाठी के साथ दुर्व्यवहार करने का मेरा रिकॉर्ड है।’ वहीं यूके पुलिस का कहना है कि वे ‘लोगों की सुरक्षा का ख्याल’ रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में परवरिश आसान नहीं रहने वाली, खासकर आपस में जुड़ी ऐसी दुनिया में जहां बच्चों की हर चीज (कानून इसे किशोर अपराध कह सकता है) रिकॉर्ड में दर्ज हो रही है और कैमरा चौबीसों घंटे उन पर नजर रखे हुए है। फंडा यह है कि बच्चे के जन्म से लेकर उसके 18 साल के होने तक माता-पिता को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे अनजाने में ऐसी गतिविधि में शामिल न हो जाएं, जो कानून की नजर में अपराध हो। उनकी जिंदगी को पुलिस रिकॉर्ड से मुक्त रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।
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एन. रघुरामन भाग्य को अलग-अलग पेशों में अलग-अलग तरीके से परिभाषित कर सकते हैं। जैसे एक पेशेवर क्रिकेटर के लिए, बल्ले का ठीक उसी जगह प्रहार करना, जहां गेंद आती है, भाग्य नहीं माना जाएगा, लेकिन बल्लेबाज जहां प्रहार करता है, ठीक वहीं गेंद का आना भाग्य कहलाएगा। वहीं, आम लोगों के लिए भाग्य की परिभाषा पूरी तरह अलग हो सकती है। और झारखंड के रहने वाले 31 वर्षीय संजय यादव को यह बात सेकंड के दसवें हिस्से में समझ आ गई! आज वह सोशल मीडिया पर सनसनी हैं। आपको ताज्जुब हो रहा होगा कि कोई एक सेकंड से भी कम में यह कैसे सीख सकता है? यहां इसका जवाब है। संजय मुंबई में कैब ड्राइवर हैं और सुदूर उपनगरीय इलाके में चार अन्य दोस्तों के साथ 15x10 वर्ग फुट की चॉल में रहते हैं। संजय हमेशा से चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाएं और अपनी पत्नी और दो बच्चों को अपने साथ मुंबई में रखें। पिछले छह साल से वह बमुश्किल ही दो परिवारों की मूलभूत जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं- एक झारखंड में तो दूसरा मुंबई में खुद के खर्चे। 16 अगस्त की दोपहर संजय 3-4 राइड पूरी कर चुके थे और एक कप चाय पीने के लिए बैठे ही थे कि उनके रूममेट, जो खुद भी कैब ड्राइवर हैं, उन्होंने एक महिला यात्री को पिकअप करने के लिए कहा, क्योंकि उसी पिकअप समय पर उनके पास भी एक राइड थी। संजय ने राइड ले ली। 57 वर्षीय वह महिला मुंबई में नए बने अटल सेतु जाना चाहती थीं कि ताकि भगवान की कुछ तस्वीरें विसर्जित कर सकें। जब संजय ने कहा कि अटल सेतु पर वाहन रोकने की इजाजत नहीं है, तो महिला ने जोर देकर कहा कि उसे पांच मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा। संजय उसे अटल सेतु ले गए और उस दौरान हल्की-फुल्की बातचीत हुए, जिसमें सबकुछ सामान्य लगा। शाम को 7 बजे वे ब्रिज पर पहुंच गए, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसे एक झटका लगने वाला है। उस महिला ने गाड़ी ऐसे कोण पर खड़ी करवाई ताकि किसी को दिखाई न दे कि वह क्या कर रही है। संजय टोल प्लाजा की निकासी के समीप रुके और उस महिला को जल्दी करने के लिए कहा। उसे लगा कि महिला के बैग में देवताओं की तस्वीरें व मूर्तियां हैं, जिन्हें वह पुल से नीचे विसर्जित कर देंगी, लेकिन जब वह महिला क्रैश बैरियर के ऊपर चढ़कर तस्वीरें एक के बाद एक नीचे फेंकने लगी, तो वह चौकन्ना हो गए। संजय घबराया क्योंकि नियम तोड़ने के लिए वो पकड़ा जा सकता था, इसलिए वह कार से बाहर निकला ताकि पूछ सके कि वह क्या कर रही हैं। संजय का ध्यान भटकाने के लिए महिला ने तस्वीरों पर छिड़कने के लिए पानी मांगा।चूंकि यात्री तरफ रखी पानी की बोतल खाली थी। जैसे ही वो ड्राइवर तरफ आ रहा था, तभी उसे सायरन चमकाती, तेजी से उसकी ओर आती ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी दिखी। 7.05 और 7.06 के बीच अंतिम सेकंड में उस महिला ने बैरियर के ऊपर से चढ़कर समुंदर की तरफ नीचे पैर लटकाए और लगभग कूदी। और संजय ने महज एक सेकंड से भी कम समय में उस महिला को बालों से पकड़ लिया। इस दौरान उस नुकीले बैरियर से उसका हाथ कट रहा था लेकिन उसने अगले 16 सेकंड तक महिला को बालों के सहारे थामे रखा, जब तक कि ट्रेफिक पुलिस वाले नहीं आ गए और रेलिंग पर चढ़कर महिला को बाईं कलाई से नहीं पकड़ लिया और तब संजय के चोटिल हाथ को थोड़ी राहत मिली और महिला को सुरक्षित बचाया जा सका। पुलिस स्टेशन पर परिवार वाले घंटों तक संजय का धन्यवाद में हाथ थामे रहे और उसे फरिश्ता कहते रहे, वहीं पुलिस वालों ने भी उसे धन्यवाद कहने के बाद अगली बार से ब्रिज पर नहीं रुकने की चेतावनी दी। लेकिन अगले चंद घंटों में संजय को सोशल मीडिया सनसनी बनने से कोई नहीं रोक सका। पिछले एक हफ्ते में कई यात्रियों ने उसे पहचान लिया और उदारमन से उसकी आर्थिक मदद भी की। फंडा यह है कि भाग्य दो चीजों का मीटिंग पॉइंट है- दिमाग की सतर्कता और अवसरों का आना।
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विराग गुप्ता बचपन में हमारे कक्का दो मूढ़ चेलों का किस्सा सुनाते थे, जिन्होंने सेवा के नाम पर गुरु के दोनों पैरों का बंटवारा कर लिया था। लेकिन एक छोटी-सी बात पर झगड़ा होने पर चेले जब गुरु के पैरों को कुल्हाड़ी से काटने लगे तो गुरु महाराज को भागकर जान बचानी पड़ी। कुछ ऐसे ही हालात अपने देश में हैं, जहां केंद्र और विपक्षी राज्यों के बीच बढ़ते विद्वेष की वजह से संवैधानिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न होने के साथ देशहित से जुड़े जरूरी मुद्दों की अनदेखी हो रही है। भारत में बढ़ती अशांति और सड़कों में उफनाते गुस्से की पृष्ठभूमि में 6 बड़े पहलुओं की पड़ताल जरूरी है। 1. पड़ोसी देशों का संकट : श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के तख्ता-पलट में जनता की नाराजगी के तीन बड़े पहलू भारत में भी दिख रहे हैं। नई आर्थिक व्यवस्था में बढ़ती असमानता। सोशल मीडिया के माध्यम से बेरोजगार युवाओं में उग्रराष्ट्रवाद और धर्मांधता का प्रसार। मोबाइल और वॉट्सएप के दौर में त्वरित अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल सरकारों के खिलाफ सड़कों पर भीड़ का गुस्सा। 2. संविधान की डगमगाती इमारत : कोलकाता व महाराष्ट्र मामले में जजों की तीखी टिप्पणियों से साफ है कि राज्यों में पुलिस, प्रशासन, अस्पतालों का ढांचा चरमरा गया है। अन्याय को दूर करके गवर्नेंस को सुधारने के बजाय नेता दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों पर भी सियासत कर रहे हैं। दोषियों को दंडित करने के बजाय चर्चित मामलों में सीबीआई जांच और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और जिला अदालतों का संस्थागत ह्रास होने से संविधान की इमारत डगमगा रही है। 3. ई-कॉमर्स से अर्थव्यवस्था में तबाही : अमेजन और विदेशी ई-कॉमर्स कम्पनियों की गैर-कानूनी गतिविधियों के बारे में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बयान से साफ है कि एआई की नवक्रांति का नेतृत्व करने के बजाय हमारा देश पिछलग्गू बनकर उपनिवेशवाद की अंधी सुरंग में फंस-सा गया है। गैर-कानूनी लॉबीइंग, टैक्स चोरी और कानून के उल्लंघन के प्रमाणों के बावजूद, ई-कॉमर्स कम्पनियों के खिलाफ सरकार की सुस्ती से करोड़ों का दिवाला निकल रहा है। 4. गूगल का एकाधिकार : अमेरिका में कम्पनियों के एकाधिकार को रोकने के लिए 1890 और फिर 1914 में सख्त कानून बनाए गए थे। जिस गूगल को भारत में महागुरु का दर्जा दिया जाता है, उसकी गैर-कानूनी कारस्तानियों और आपराधिकता का अमेरिका में बड़ा खुलासा हुआ है। गूगल ने अपने सर्च इंजन, वेब-ब्राउजर, गूगल एड और एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्चस्व बढ़ाने के लिए एपल और सैमसंग जैसी कम्पनियों को खरबों डॉलर का भुगतान किया है। गौरतलब है कि ऐसे भुगतानों का भारत में कोई रिकॉर्ड नहीं होने से ये कंपनियां भारत में खरबों रुपए के जीएसटी और कॉर्पोरेट टैक्स की चोरी कर रही हैं। 5. भारत में देशी उद्योगों व स्टार्टअप का संकट : अमेरिका में अगले राष्ट्रपति पद की दावेदार कमला हैरिस की मां भारतीय मूल की हैं। अधिकांश टेक कंपनियों की कमान भी भारतीयों के हाथ में है। गूगल के खिलाफ फैसला देने वाले जज मेहता भी भारतीय मूल के हैं। इस फैसले के बाद गूगल को अमेरिकी न्याय विभाग और एफटीसी को पूरी जानकारियां देने के साथ भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा एकाधिकार को खत्म करने के लिए गूगल को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है। मजे की बात यह है कि गूगल के अलावा मेटा, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और एपल जैसी कंपनियां भी भारत जैसे देशों में अनेक अनुचित उपाय अपना रही हैं। इनके एकाधिकार को रोकने में सरकार की विफलता से देशी उद्योगों और स्टार्टअप का विकास अवरुद्ध होने के साथ टैक्स चोरी से सरकारी खजाने को भारी चपत लग रही है। 6. सरकारों पर कब्जे की होड़ : अमेरिका में रजिस्टर्ड ये कम्पनियां अमेरिकी सरकारों से तालमेल रखती हैं। पिछले चुनावों में मेटा और दूसरी कंपनियों ने ट्रम्प के खिलाफ बाइडेन का साथ दिया था। इस बार ट्विटर यानी एक्स के एलॉन मस्क खुलकर ट्रम्प का साथ दे रहे हैं। भारत जैसे देशों में कानून के दायरे से बचने के लिए टेक कंपनियां सोशल मीडिया के माध्यम से विखंडनकारी ताकतों को बढ़ावा देती हैं। वे भारत में टैक्स चोरी, साइबर अपराध, डेटा चोरी के साथ चुनावी प्रक्रिया को भी हाईजैक कर रही हैं। इन अहम मुद्दों पर संसद और सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। ठोस कानून और प्रभावी रेगुलेटर से विदेशी टेक कंपनियों पर सख्त नियंत्रण नहीं हुआ तो अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली दोनों डगमगा सकते हैं। अहम मुद्दों पर संसद और सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। ठोस कानून और प्रभावी रेगुलेटर से विदेशी टेक कंपनियों पर सख्त नियंत्रण नहीं हुआ तो अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली दोनों डगमगा सकते हैं।
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सुनीता नारायण हाल ही में केरल के वायनाड में भूस्खलन की त्रासद-घटना के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उसका सम्बंध जलवायु परिवर्तन से था भी और नहीं भी। उससे पहले केदारनाथ या हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं भी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थीं, और नहीं भी। हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन से भविष्य में चरम-मौसम की और भी अधिक घटनाएं होंगी। हमने देश भर में कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखा है। फिर बारिश से मुसीबतों का मौसम आया। अत्यधिक बारिश और जलवायु-परिवर्तन से उसके संबंध का भी एक स्पष्ट विज्ञान है। जैसे-जैसे समुद्र का तापमान बढ़ेगा, दुनिया में ज्यादा बारिश होगी, और वह अतिवृष्टि के रूप में होगी। इसलिए कम बारिश वाले दिनों में भी ज्यादा बारिश देखने को मिलेगी। अनुमान है कि भारत में एक साल के लगभग 8700 घंटों में से कुछ सौ घंटे बारिश होती है। लेकिन जुलाई 2024 में भारतीय मेट्रोलॉजी विभाग (आईएमडी) के अनुसार ‘बहुत भारी बारिश’ के रूप में वर्गीकृत की गई घटनाएं पिछले पांच सालों में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं। जुलाई में ऐसी घटनाएं 2020 में 90 थीं, जो 2024 में बढ़कर 193 हो गई हैं। यूपी के बरेली का डेटा लें। 8 जुलाई को इस जिले में 24 घंटे में 460 मिमी बारिश हुई। बरेली में हर साल औसतन 1100 से 1200 मिमी बारिश होती है। तो 24 घंटे में ही इसकी आधी बारिश हो गई। उत्तराखंड के चम्पावत जिले का भी यही हाल था। 8 जुलाई को ही 24 घंटे में 430 मिमी बारिश हुई। अगर आप 25 जुलाई को पुणे जिले को लें तो 24 घंटे में 560 मिलीमीटर बारिश हुई। यह इस जिले में साल भर में होने वाली बारिश की आधी से भी ज्यादा है। हिमालय को ही लीजिए। यह दुनिया की सबसे युवा पर्वतमाला है। यह भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के लिए एक जोखिम भरा स्थल है और यह अत्यधिक भूकंपीय-क्षेत्र भी है। यह नाजुक है। फिर भी हम हिमालय में कुछ इस अंदाज में निर्माण करते हैं मानो दिल्ली के किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में पार्किंग स्थल बना रहे हों। हमारे पास हिमालय की वादी में बसे कस्बों के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं है। हम बाढ़ के मैदानों पर निर्माण कर रहे हैं। वास्तव में, हम नदियों के ऊपर भी निर्माण करने लगे हैं। हम पहाड़ों को नष्ट कर रहे हैं। और पेड़ों को तो ऐसे काट रहे हैं, मानो कल इसका अवसर न मिलेगा। ये सच है कि हमें हिमालय-क्षेत्र में विकास करना चाहिए, लेकिन बिना सोचे-समझे विकास-परियोजनाओं का कोई औचित्य नहीं। हिमालय में चलाई जा रही जलविद्युत परियोजनाएं इसकी बानगी हैं। हमें इन परियोजनाओं के खिलाफ नहीं होना चाहिए। आखिर, जलविद्युत एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है। यह एक अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत भी है। सवाल यह है कि हिमालय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं पर हमें कैसे काम करना चाहिए? 2013 में, मैं एक उच्चस्तरीय समिति की सदस्य थी, जिसे इन परियोजनाओं की जांच के लिए गठित किया गया था। इंजीनियरों ने बताया कि वे 9000 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए गंगा पर 70 पनबिजली-परियोजनाएं बनाने का प्रस्ताव रखते हैं। इस योजना के अनुसार शक्तिशाली गंगा नदी का 80 प्रतिशत हिस्सा ‘संशोधित’ किया जाता और नदी में लीन पीरियड में उसमें 10 प्रतिशत से भी कम पानी बचता। तब वह एक नाले से ज्यादा नहीं रह जाती। मैंने पूछा, इसे विकास कैसे कहा जा सकता है? मैंने इसका विकल्प सुझाया कि हमें नदी के प्रवाह के अनुरूप परियोजनाओं को फिर से डिजाइन करना चाहिए, ताकि जिस मौसम में नदी में अधिक पानी हो, तब उससे अधिक बिजली पैदा हो और जब पानी कम हो, तो कम। इसका मतलब यह था कि परियोजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि नदी में हर समय 30 से 50 प्रतिशत प्रवाह बना रहे। तब आप परियोजनाओं में संशोधन कर रहे होंगे, नदी में नहीं। केरल का वेस्टर्न-घाट- जहां भूस्खलन हुआ- 2013 में के. कस्तूरीरंगन समिति द्वारा अनुशंसित पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र का हिस्सा है। समिति ने सिफारिश की थी कि इन क्षेत्रों में खनन और उत्खनन जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। लेकिन केरल सरकार ने इसे नहीं माना और परिणामस्वरूप अत्यधिक बारिश में वहां की कुछ पहाड़ियां ढह गईं और बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई। इसलिए ध्यान रहे, देश भर में हम आज जो भी प्राकृतिक आपदाएं देख रहे हैं, वे प्राकृतिक ही नहीं मानव निर्मित भी हैं। हम बाढ़ के मैदानों पर निर्माण कर रहे हैं। नदियों पर भी निर्माण करने लगे हैं। हम पहाड़ों को नष्ट कर रहे हैं। पेड़ों को तो ऐसे काट रहे हैं, मानो कल इसका अवसर न मिलेगा। जबकि हिमालय और वेस्टर्न घाट अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं।
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पं. विजयशंकर मेहता पहले शरीर की बाहरी गतिविधियों पर विज्ञान का अधिकार हुआ और देखते-देखते भीतर प्रवेश कर गया। इसलिए आत्मा के महत्व को समझा जाए। अगर आप शांति की तलाश में हैं तो ये बात अच्छी तरह समझ लें कि हम शरीर, मन और आत्मा तीन तत्वों से बने हैं। शरीर और मन पर विज्ञान राज करेगा, लेकिन आत्मा स्वतंत्र है। अब विज्ञान की तैयारी बड़ी खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। एक कंपनी है न्यूरालिंक। इसने बंदरों के दिमाग में चिप लगाने का प्रयोग सफलतापूर्वक कर लिया है। यह मनुष्य की खोपड़ी में भी चिप लगा सकती है। विज्ञान की इस गतिविधि का दावा है कि ऐसा करने से मनुष्य को कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी। अब विज्ञान की कुछ खोजों पर लिखना ही पड़ेगा कि इसका उपयोग हानिकारक है और लोग करते रहेंगे। इससे बचने का एक ही तरीका है अपनी आत्मा पर जीना सीख लें और आपको आत्मा तक की यात्रा कोई विज्ञान नहीं करा सकता। इसके लिए योग का ही माध्यम अपनाना पड़ेगा।
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प्रताप भानु मेहता यद्यपि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एससी-एसटी के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर की शुरुआत को लेकर अटकलों को दूर करने की कोशिश की है और घोषणा की है कि इस तरह की कोई योजना नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कार्यान्वयन पर सवाल बने हुए हैं, जिसमें राज्यों को अधिक पिछड़े लोगों के लिए अलग कोटा देने के उद्देश्य से उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी गई है। मंगलवार को इसके विरोध में भारत-बंद किया गया। एससी के उप-वर्गीकरण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बहसों को जन्म दिया है। राजनीतिक बहस इसलिए गरमाई, क्योंकि फैसले ने न केवल उप-वर्गीकरण की अनुमति दी, बल्कि कई न्यायाधीशों ने एससी आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर करने पर राय भी व्यक्त की है। यहां दो मुद्दे दांव पर हैं- एक कानूनी और दूसरा राजनीतिक। फैसले के आलोचक सही कह रहे हैं कि एससी आरक्षण का आधार भेदभाव का ऐतिहासिक अनुभव है। दलितों के भीतर असमानताएं हैं, लेकिन यह बात अप्रासंगिक है। विशेषाधिकार-प्राप्त दलित होना भी किसी को भेदभाव से नहीं बचाता। लेकिन मंडल के तहत आरक्षण के विस्तार ने ऐसी स्थितियां पैदा की हैं, जहां दलितों और ओबीसी की स्थिति लगातार उलझी हुई है। दोनों के साथ वंचना की एक ही कहानी जुड़ी हुई है। लेकिन न केवल उनके इतिहास अलग हैं, बल्कि कभी-कभी वे एक-दूसरे से टकराते भी रहे हैं। जब दोनों एक हो गए तो दलितों के अनुभव की विशिष्टता- जो पिछड़ेपन में नहीं, बल्कि भेदभाव में निहित है- खो गई। अब आरक्षण को मुख्य रूप से पिछड़ेपन के ढांचे में ही समझा जाता है। लेकिन दूसरी ओर, भले ही आप इस बात से सहमत हों कि भेदभाव के मामले में दलित एक हैं, फिर भी क्या एससी के आरक्षण को सिर्फ कुछ जाति समुदायों को ही लाभ पहुंचाने की अनुमति दी जा सकती है? सीजेआई के फैसले में यह माना गया कि ऐसा नहीं हो सकता। यह तथ्य कि दलित एक ही वर्ग हैं, दलितों के भीतर मौजूद वितरण के सवालों को दूर नहीं कर सकता। इस फैसले के राजनीतिक नतीजे दो दावों पर आधारित हैं। पहला, क्या यह आरक्षण को कमजोर करने की चाल है? इस डर को सिर्फ यह कहकर दूर किया जा सकता है कि उप-वर्गीकरण नियमों के तहत जो भी पद खाली रह गए हैं, उन्हें वापस एससी कोटे में ही रखा जा सकता है। दूसरा यह कि यह दलित राजनीति को विभाजित करने की कोशिश है। लेकिन यह प्रतिनिधित्व के उस तर्क का अपरिहार्य परिणाम है, जिसे हम अपनाते आ रहे हैं। विपक्ष ने जो नारा दिया है कि ‘जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी’, वह उप-विभाजन के तर्क पर ही आधारित है। दलित राजनीतिक चेतना पहले ही दलितों के बीच असमानता और दलित राजनीति करने वाले दलों के कमजोर होने से धीमी हो रही थी। इस दावे में कुछ अजीब बात है कि एक काल्पनिक दलित एकता की राजनीतिक परियोजना को न्याय के सिद्धांत पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।यह उन कई दलित समूहों को सम्मान से वंचित करना भी है, जो उप-विभाजन के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने उचित ही रेखांकित किया है कि आरक्षण योग्यता के विरुद्ध नहीं है। वास्तव में आरक्षण उन समुदायों से योग्यता की पहचान करने का उपकरण है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रखा गया है। लेकिन इसमें संदेह नहीं कि उप-वर्गीकरण को लागू करना गंभीर प्रशासनिक चुनौती होगी। कल्पना कीजिए कि एक नियुक्ति-रोस्टर बनाने की कोशिश की जाए, जिसमें बारी-बारी से उप-जातियों को ध्यान में रखा जाए! उस प्रशासनिक संस्कृति के बारे में सोचें, जहां हर नए पद के साथ एक उप-जाति जुड़ी होगी! दूसरी तरफ, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डेटा की मांग जाति जनगणना के लिए अधिक दबाव बनाएगी। लेकिन आरक्षण नीति हमें अनिवार्य पहचान के लिए अभिशप्त भी बनाती है। हम जाति से परे नहीं जा पाते। सामाजिक न्याय व्यापक पैमाने पर होना चाहिए, लेकिन यह हमारी कल्पनाशीलता की कमी है कि हम विकल्प आजमाने के लिए तैयार नहीं हैं। दलित आरक्षण को यथावत रखते हुए अन्य समुदायों के लिए विकल्प आजमाना उचित है। दलितों या ओबीसी के वास्तविक सशक्तीकरण के लिए आय, आवास, शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य सेवा सहित नौकरियों के लिए जातिगत-डेटा की आवश्यकता होती है। असली त्रासदी यह है कि जो लोग सबसे जोर-शोर से सामाजिक न्याय की बात करते हैं, वो शायद ही कभी सशक्तीकरण के वास्तविक निर्धारकों की परवाह करते हैं। सामाजिक न्याय व्यापक पैमाने पर होना चाहिए, लेकिन यह कल्पनाशीलता की कमी है कि हम विकल्प आजमाने के लिए तैयार नहीं हैं। दलित आरक्षण को यथावत रखते हुए अन्य समुदायों के लिए विकल्प आजमाना उचित है।
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मनोज जोशी आज जब भारत अपने चारों ओर देखता होगा तो अपने आपको इस समूचे क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास का इकलौता द्वीप पाता होगा। हमारे पड़ोस में हुए घटनाक्रमों ने क्षेत्रीय नीति में बड़ा शून्य उत्पन्न कर दिया है। अगर बांग्लादेश के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि नई दिल्ली इस समूचे घटनाक्रम से हैरान थी और उसने इस नतीजे की कतई उम्मीद नहीं की थी। किसी को दूर-दूर तक भनक नहीं थी कि शेख हसीना को अपना राजपाट छोड़कर भागना पड़ेगा। यह इतना अप्रत्याशित था कि भारत ने हसीना की सरकार गिरने के काफी समय बाद तक कोई बयान जारी नहीं किया। हसीना के नई दिल्ली पहुंचने के एक दिन बाद लोकसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने उन्हें संयम बरतने की सलाह दी थी और आग्रह किया था कि बातचीत के जरिए स्थिति को शांत किया जाए, लेकिन प्रदर्शनकारियों के ढाका में एकत्र होने के बाद हसीना ने भारत आने की अनुमति मांगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बधाई संदेश भी भेजा और उनसे हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। शेख हसीना 2009 में महिलाओं और युवाओं के उत्साही समर्थन के साथ सत्ता में आई थीं। लेकिन अपनी राजनीतिक पूंजी को बर्बाद करने में उन्हें 15 साल लगे। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने 11 साल तक वास्तविक प्रति व्यक्ति आय में 5% से अधिक की आर्थिक वृद्धि की थी। बांग्लादेश चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक बन गया था। लेकिन अब लग रहा है कि इसका एक बड़ा हिस्सा जॉबलेस-ग्रोथ का था। 2022 के आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश के 15 से 24 वर्ष के 30 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। आर्थिक विकास पर सरकार के फोकस से सामाजिक विकास हुआ था, लेकिन इसके साथ ही देश में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता भी धीरे-धीरे कम होती चली गई। जनवरी 2024 के चुनाव सबसे ज्यादा विवादास्पद थे और विपक्ष ने उनका बहिष्कार किया था। सिर्फ दो साल पहले ही, बांग्लादेश जैसी स्थिति के कारण शक्तिशाली राजपक्षे परिवार श्रीलंका से पलायन कर गया था। पड़ोसी म्यांमार में भी हालात स्थिर नहीं हैं और पाकिस्तान जैसे-तैसे अपना अस्तित्व कायम रखे हुए है। बांग्लादेश का घटनाक्रम भारत के लिए बहुत नकारात्मक साबित होगा। इसका एक कारण यह है कि नई दिल्ली ने अवामी लीग सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने का निर्णय लिया था, जबकि हमारे पश्चिमी मित्रों ने इसके विरुद्ध विनम्र चेतावनियां दी थीं। अमेरिका और ब्रिटेन ने साफ कहा था कि जनवरी में वहां पर हुए चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। बांग्लादेश को अमेरिका द्वारा प्रायोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन से भी बाहर रखा गया था। चिंता का सबब जमात-ए-इस्लामी भी है। इस संगठन पर लगा प्रतिबंध अब हटने के आसार हैं और यह पाकिस्तान की आईएसआई की मदद से भारत के खिलाफ अपने जहरीले अभियान को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा। वहां के मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) का कहना है कि उसे भारत से कोई समस्या नहीं है। मीडिया से बात करते हुए संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भारत बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ बीएनपी नेता खांडेकर मुशर्रफ हुसैन ने पीटीआई को बताया कि बांग्लादेश को दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है। पार्टी के उपाध्यक्ष अब्दुल अवल मिंटू ने कहा कि बांग्लादेश भारत को एक दोस्त के रूप में देखता है। लेकिन अंतरिम सरकार द्वारा विदेश नीति की देखरेख के लिए पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन की नियुक्ति नई दिल्ली में खतरे की घंटी बजा सकती है। समस्या यह है कि बांग्लादेश के हिंसक और राजनीतिक उथल-पुथल से भरे इतिहास को देखते हुए अब वहां पर स्थिति को स्थिर करने के लिए असाधारण प्रयास करने होंगे। भारत को ऐसी परिस्थितियों से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के लिए तैयार रहना होगा, जिन्हें ढाका की सरकारों के लिए नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। बांग्लादेश भारत के पांच राज्यों की सीमा से लगा हुआ है और पहले भी वहां अलगाववादियों और आतंकवादियों को समर्थन मिलता रहा है। अगर नई दिल्ली ने शेख हसीना को भरपूर समर्थन दिया था तो इसका कारण यह भी था कि उन्होंने इन तत्वों को रोकने के लिए भारत को भरपूर समर्थन दिया था। भारत और उसके पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध आज भी नेतृत्व करने वाले व्यक्ति पर अधिक निर्भर करते हैं। क्या हम अपने पड़ोसी देशों में बारम्बार होने वाले सत्ता-परिवर्तनों के बावजूद अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं?
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पवन के. वर्मा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलिम्पिक में हमारे एथलीटों के प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी। लेकिन मैं अचरज करता हूं कि क्या खेलों में संतुष्टि की हमारी सीमा अस्वीकार्य रूप से कम नहीं है? पेरिस ओलिम्पिक में, भारत ने एक रजत और पांच कांस्य पदक जीते, लेकिन एक भी स्वर्ण नहीं जीता। 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश के लिए यह एक निराशाजनक प्रदर्शन है। इसका मतलब है लगभग 25 करोड़ लोगों पर एक पदक! पदक तालिका में हम 84 प्रतिभागी देशों में से 71वें स्थान पर रहे। अमेरिका के पास 30 स्वर्ण सहित 126 पदकों की सबसे अधिक संख्या थी। चीन 96 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर था, लेकिन उसके पास भी उतने ही स्वर्ण थे। विकासशील देशों में, ब्राजील ने 20 पदक जीते और केन्या ने 11... 1900 से, यानी जब से आधुनिक ओलिम्पिक शुरू हुए हैं- भारत ने कुल 41 पदक ही जीते हैं। खेलों में हमारे लगातार खराब प्रदर्शन के क्या कारण हैं? सबसे पहली बात तो यह है कि मामूली सुधारों के बावजूद, हमारा खेल बुनियादी ढांचा पूरी तरह से अपर्याप्त है। 2008 तक, चीन में 3000 खेल संस्थान थे; जबकि 2024 में हमारे पास केवल 150 ही हैं। इनमें से भी केवल 26 सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व में हैं। ओलिम्पिक के स्तर तक खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बच्चों को कम उम्र में ही उच्चतम गुणवत्ता के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। हमारा पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय 2018 में मणिपुर के इम्फाल में स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय खेल विकास संहिता को 2017 में अपनाया गया, लेकिन अब भी सभी खेल महासंघों ने इसका अनुपालन नहीं किया है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता भी खराब है और नौकरशाही व लालफीताशाही से ग्रस्त है। यही कारण है कि अभिनव बिंद्रा जैसे साधन-सम्पन्न एथलीट घर पर ही प्रशिक्षण लेना पसंद करते हैं। खेल मंत्रालय को 2020 में पिछले ओलिम्पिक के बाद से 45 करोड़ रुपयों की मामूली वृद्धि मिली है। इसके विपरीत, चीन में 2023 तक देश भर में खेल स्थलों की कुल संख्या 45 लाख से अधिक हो गई थी। ये सच है कि हमारा खेलो इंडिया कार्यक्रम बढ़ा है, लेकिन इसके तहत खेल के बुनियादी ढांचे के लिए धन का आवंटन तर्क से परे है। उदाहरण के लिए, 8 करोड़ से कम आबादी वाले गुजरात को 426.13 करोड़ मिलते हैं, जबकि 13 करोड़ से अधिक लोगों वाले बिहार को मात्र 20.34 करोड़! राजनीति और खेल का गठजोड़ भी एक समस्या है। महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें डराने-धमकाने के आरोपी, भाजपा के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ को अपनी निजी जागीर समझते थे और जब कुश्ती सुपरस्टार विनेश फोगाट ने उनका विरोध किया तो उनके साथ इतना बुरा व्यवहार किया गया कि इससे उनका मनोबल टूट गया होगा। कई अन्य खेल महासंघों के अध्यक्ष भी राजनेता हैं। एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल लगातार चार बार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष रहे हैं। टेनिस महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद अनिल जैन हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बेटे अभय सिंह चौटाला लगातार तीन बार मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष रहे। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बैडमिंटन महासंघ के अध्यक्ष हैं। भाजपा के पूर्व सांसद विजय कुमार मल्होत्रा ने तो चार दशकों तक तीरंदाजी महासंघ के अध्यक्ष रहते हुए सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए! इन राजनेताओं ने हमारे खेलों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए क्या किया है? क्रिकेट के प्रति हमारे जुनून ने भी अन्य खेलों की उपेक्षा की है। बीसीसीआई- जिसके महासचिव अमित शाह के बेटे जय शाह हैं- दुनिया भर में सबसे अमीर खेल लीगों में से एक है। 2023 में इसकी कमाई 18,700 करोड़ रुपए थी। इसके विपरीत, हॉकी महासंघ की 2023 में कमाई 86.7 करोड़ रुपए थी। क्रिकेट की छाया में अन्य खेलों का हमारा कौशल अवरुद्ध हो गया है। आश्चर्य नहीं कि पेरिस के 32 खेल आयोजनों में से हम केवल 16 में प्रतिस्पर्धा कर सके। जबकि चीन ने 30 में प्रतिस्पर्धा की थी। खेल-प्रतिभाओं की पहचान और पोषण के लिए हमारा कैचमेंट एरिया भी सीमित और ज्यादातर शहरी है। देश की आबादी में 2 प्रतिशत और कुल क्षेत्रफल में 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले हरियाणा ने हमारे 36 प्रतिशत पदक जीते हैं। हरियाणा को बधाई, लेकिन क्या हमने अन्य राज्यों में प्रतिभाओं को खोजने के लिए पर्याप्त काम किया है? अफसोसनाक तथ्य यह है कि खेलों में बहुत कम से ही हम बहुत अधिक खुश हो जाते हैं। इस मौके पर मुझे एक शे’र याद आता है : ‘कितने जनम से प्यासे होंगे यारो सोचो तो शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है!’
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एन. रघुरामन पड़ोसी देश में चल रही राजनीतिक उठापठक के बाद जब परेशान लोगों का हुजूम एक जगह जुटा, तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि फटे-पुराने कपड़े पहना एक व्यक्ति पेड़ के नीचे गीली मिट्टी पर छड़ी लेकर शांति से गणित की परेशानियां हल कर रहा होगा! 40 की उम्र के आसपास का ये व्यक्ति पिछले हफ्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल बाजार की तनावपूर्ण स्थिति में भी यही कर रहा था। उसके असामान्य शांत व्यवहार ने लोगों को पुलिस को सूचित करने के लिए मजबूर किया। जांच के दौरान उसकी पहचान यूपी में गोरखपुर के गणित शिक्षक अमित कुमार प्रसाद के रूप में हुई, जो एक दशक से अधिक समय से लापता थे। स्थानीय पुलिस ने हैम रेडियो के शौकीनों की मदद से प्रसाद को उसके पिता गामा प्रसाद और अन्य रिश्तेदारों से सोमवार को मिलाया, जो गोरखपुर के बार्गो से उसे पहचानने के लिए आए थे और इस तरह वर्षों की खोज खत्म हुई। लापता होने से पहले प्रसाद अपने गृह नगर के स्कूल में, साथ ही पड़ोस के पांच गांवों के 250 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त गणित पढ़ाते थे। गणित के प्रति उनका लगाव बचपन से ही शुरू हो गया था। परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वो वर्षों की खोज के बाद जीवित होंगे। इस वाकिए ने मुझे मुंबई में अप्रैल की एक घटना याद दिला दी, जहां एक ‘स्पेशल चाइल्ड’ लापता हो गया था, पर अपने लॉकेट में क्यूआर कोड की मदद से ठीक छह घंटे में वो परिवार को मिल गया। मालूम चला कि मानसिक रूप से दिव्यांग 12 साल का वो बच्चा खेलते हुए बस में चढ़कर घर से 15 किमी दूर चला गया था। जब उसे यहां-वहां अकेले भटकते देखा तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी और बाद में उसके लॉकेट को स्कैन करने पर घरवालों का फोन नंबर मिला। ये लॉकेट जय वकील स्कूल में कुछ स्पेशल छात्रों को ‘projectchetna.in’ के हिस्से के रूप में बांटे गए थे, जहां वो पढ़ता है। ऐसी कई घटनाओं के बीच, हाल की ये दो घटनाएं मानवीय करुणा दिखाती हैं और ये उन लोगों के लिए जवाब है, जिन्हें लगता है कि दुनिया पहले से ज्यादा गर्त में जा रही है। उन्हें लगा कि नैतिकता में गिरावट आ रही है- और यह लोगों को लगातार, लालची और कम दयालु बना रही है। पर सच्चाई ये है कि यह धारणा सही नहीं है। एक व्यापक अध्ययन से मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा, दशकों चला ये अध्ययन 60 देशों में 5,75,000 लोगों पर हुआ, इसमें 1940 के कुछ शोध को भी शामिल किया गया, जहां उनकी हमदर्दी, करुणा, आदर और सहृदयता का आकलन किया गया। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और प्रायोगिक मनोवैज्ञानिक एडम मास्ट्रोयानी कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि दुनिया बुरी हो गई है, लेकिन दुनिया वैसी ही है जैसी पहले थी।’ फिर हमें क्यों लगता है कि समाज पहले की तुलना में गिर गया है? इंसानों का यह यकीन कि आजकल लोग कम भले हैं, इसके पीछे का विज्ञान दरअसल हमारा दिमाग का ध्यान देने का तरीका है। हममें से अधिकांश लोगों के नकारात्मक पूर्वग्रह हैं। अच्छे की तुलना में हम बुरे अनुभवों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सर्वाइव करने वाली वृत्ति है जो खतरों का पता लगाती है। जो चीज हमें सतर्क रखती है कि क्या कोई मुझे नुकसान पहुंचाने जा रहा है, इसलिए हममें से हरेक को चारों ओर खतरे दिखते हैं। इसमें स्मृति भी भूमिका निभाती है। अतीत को हम शौक से याद रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सकारात्मक अनुभव की भावनात्मक शक्ति नकारात्मक अनुभवों की भावनात्मक शक्ति से अधिक समय तक हमारे साथ रहती है। अध्ययन में कहा गया है कि उम्र बढ़ने से हमारी धारणाएं बदल सकती हैं। एक और अध्ययन कहता है कि जिम्मेदार की भूमिका में रहकर, लोग कदाचार के प्रति अति-उत्तरदायी बनाते हैं, और उसी वजह से हमें एहसास नहीं होता है कि दुनिया नहीं बदली है। फंडा यह है कि आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर समाज को नैतिक पतन के तराजू में तौलकर उसे दोष देना बंद करें और फिर से उतने ही भले, करुणावान और ईमानदार बनने की कोशिश करें, जैसे हम कल हुआ करते थे
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पं. विजयशंकर मेहता सूर्योदय के साथ उठा जाए। यह बात ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच- समझकर कही थी। इस समय नई पीढ़ी नींद के विकारों से परेशान है। हालांकि परेशान सिर्फ युवा ही नहीं हैं, बड़े-बूढ़े भी दिक्कत में आ गए हैं। नींद के साथ सात स्थितियां हैं- पहला जल्दी उठने वाले, दूसरा देर से जागने वाले, तीसरा जल्दी सोने वाले, चौथा देर तक जागने वाले, पांचवां, जो समय पर सोते हैं, पर रात को नींद खुल जाती है। छठवीं स्थिति में रात को नींद आती नहीं और उठने के समय नींद आती है। और सातवें, वो लोग हैं जो पूरी नींद लेते हैं। अध्ययन से तय हो चुका है कि जो लोग सूर्योदय के साथ उठते हैं, उनके स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है और धर्म इसमें मदद करता है। हमारे यहां इसे सूर्योदय से इसलिए जोड़ा है क्योंकि जब आप सूर्य से प्रकृति की शक्ति लेते हैं तो भीतर समर्पण भाव, कर्तव्य परायणता उतरेगी, इससे स्वभाव में संतोष आएगा। देर रात तक काम करने वाले रचनात्मक हो सकते हैं पर एक दिन शरीर इसकी कीमत वसूलेगा और मानसिक स्वास्थ्य के खतरे बढ़ेंगे।
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एन. रघुरामन का कॉलम पड़ोसी देश में चल रही राजनीतिक उठापठक के बाद जब परेशान लोगों का हुजूम एक जगह जुटा, तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि फटे-पुराने कपड़े पहना एक व्यक्ति पेड़ के नीचे गीली मिट्टी पर छड़ी लेकर शांति से गणित की परेशानियां हल कर रहा होगा! 40 की उम्र के आसपास का ये व्यक्ति पिछले हफ्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल बाजार की तनावपूर्ण स्थिति में भी यही कर रहा था। उसके असामान्य शांत व्यवहार ने लोगों को पुलिस को सूचित करने के लिए मजबूर किया। जांच के दौरान उसकी पहचान यूपी में गोरखपुर के गणित शिक्षक अमित कुमार प्रसाद के रूप में हुई, जो एक दशक से अधिक समय से लापता थे। स्थानीय पुलिस ने हैम रेडियो के शौकीनों की मदद से प्रसाद को उसके पिता गामा प्रसाद और अन्य रिश्तेदारों से सोमवार को मिलाया, जो गोरखपुर के बार्गो से उसे पहचानने के लिए आए थे और इस तरह वर्षों की खोज खत्म हुई। लापता होने से पहले प्रसाद अपने गृह नगर के स्कूल में, साथ ही पड़ोस के पांच गांवों के 250 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त गणित पढ़ाते थे। गणित के प्रति उनका लगाव बचपन से ही शुरू हो गया था। परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वो वर्षों की खोज के बाद जीवित होंगे। इस वाकिए ने मुझे मुंबई में अप्रैल की एक घटना याद दिला दी, जहां एक ‘स्पेशल चाइल्ड’ लापता हो गया था, पर अपने लॉकेट में क्यूआर कोड की मदद से ठीक छह घंटे में वो परिवार को मिल गया। मालूम चला कि मानसिक रूप से दिव्यांग 12 साल का वो बच्चा खेलते हुए बस में चढ़कर घर से 15 किमी दूर चला गया था। जब उसे यहां-वहां अकेले भटकते देखा तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी और बाद में उसके लॉकेट को स्कैन करने पर घरवालों का फोन नंबर मिला। ये लॉकेट जय वकील स्कूल में कुछ स्पेशल छात्रों को ‘projectchetna.in’ के हिस्से के रूप में बांटे गए थे, जहां वो पढ़ता है। ऐसी कई घटनाओं के बीच, हाल की ये दो घटनाएं मानवीय करुणा दिखाती हैं और ये उन लोगों के लिए जवाब है, जिन्हें लगता है कि दुनिया पहले से ज्यादा गर्त में जा रही है। उन्हें लगा कि नैतिकता में गिरावट आ रही है- और यह लोगों को लगातार, लालची और कम दयालु बना रही है। पर सच्चाई ये है कि यह धारणा सही नहीं है। एक व्यापक अध्ययन से मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा, दशकों चला ये अध्ययन 60 देशों में 5,75,000 लोगों पर हुआ, इसमें 1940 के कुछ शोध को भी शामिल किया गया, जहां उनकी हमदर्दी, करुणा, आदर और सहृदयता का आकलन किया गया। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और प्रायोगिक मनोवैज्ञानिक एडम मास्ट्रोयानी कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि दुनिया बुरी हो गई है, लेकिन दुनिया वैसी ही है जैसी पहले थी।’ फिर हमें क्यों लगता है कि समाज पहले की तुलना में गिर गया है? इंसानों का यह यकीन कि आजकल लोग कम भले हैं, इसके पीछे का विज्ञान दरअसल हमारा दिमाग का ध्यान देने का तरीका है। हममें से अधिकांश लोगों के नकारात्मक पूर्वग्रह हैं। अच्छे की तुलना में हम बुरे अनुभवों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सर्वाइव करने वाली वृत्ति है जो खतरों का पता लगाती है। जो चीज हमें सतर्क रखती है कि क्या कोई मुझे नुकसान पहुंचाने जा रहा है, इसलिए हममें से हरेक को चारों ओर खतरे दिखते हैं। इसमें स्मृति भी भूमिका निभाती है। अतीत को हम शौक से याद रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सकारात्मक अनुभव की भावनात्मक शक्ति नकारात्मक अनुभवों की भावनात्मक शक्ति से अधिक समय तक हमारे साथ रहती है। अध्ययन में कहा गया है कि उम्र बढ़ने से हमारी धारणाएं बदल सकती हैं। एक और अध्ययन कहता है कि जिम्मेदार की भूमिका में रहकर, लोग कदाचार के प्रति अति-उत्तरदायी बनाते हैं, और उसी वजह से हमें एहसास नहीं होता है कि दुनिया नहीं बदली है। फंडा यह है कि आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर समाज को नैतिक पतन के तराजू में तौलकर उसे दोष देना बंद करें और फिर से उतने ही भले, करुणावान और ईमानदार बनने की कोशिश करें, जैसे हम कल हुआ करते थे।
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रश्मि बंसल अरसा हो गया था हॉल में पिक्चर देखे हुए। कई बार मन करता था, फिर आलस आ जाता, ओटीटी पर आएगी तो घर पर देख लेंगे। एक दिन मॉल में घूमते हुए प्लान बन ही गया। बड़े पर्दे पर देखने का मजा ही कुछ और था। इसी तरह बहुत दिन बाद ट्रेन से सफर किया, अच्छा लगा। एक जमाना था जब हवाई जहाज में बैठना बड़ी बात थी। वैसे प्लेन का एक फायदा जरूर है। दो घंटे मोबाइल बंद हो जाता है। कुछ साल पहले हर किसी का सपना था कि मेरे हाथ में फोन हो। पता नहीं था कि दिन भर मक्खी की तरह रिंगटोन भिनभिनाएगी। तो ऐसा है, टेक्नोलॉजी की वजह से हमारी जिंदगी में काफी बदलाव आते रहते हैं। शुरू में विरोध होता है, क्योंकि हम नया तरीका अपनाने से डरते हैं। लेकिन कुछ समय बाद नई टेक्नोलॉजी के इतने दीवाने हो जाते हैं कि पुराने से मुंह ही मोड़ लेते हैं। पर जैसे दिन के बाद रात आती है, ठीक वैसे ही, मन में बात आती है कि ये जिंदगी जो इतनी तेज हो गई है, देसी से अंग्रेज हो गई, इसमें थोड़ी स्थिरता आए। कुछ देर खाली बैठा जाए। जहां कोई मोबाइल का घंटी न बजे। सिर्फ खामोशी ही रहे। कुछ लोग कहेंगे खाली बैठना ठीक नहीं, इसलिए आज बच्चों को भी खाली समय नहीं दिया जाता। स्कूल से घर आने के आधे घंटे बाद से ट्यूशन शुरू हो जाते हैं। या एक्स्ट्रा क्लास जैसे कराते, डांस इत्यादि। हमें डर लगता है बोरियत से। इसलिए हम किसी ना किसी तरह व्यस्त रहते हैं। मगर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बोर होना कोई बुरी बात नहीं। खासकर बचपन में। जिस बच्चे को बोर होने की इजाजत हो, वो खुद बोरियत से निकलने का तरीका ढूंढता है। बोरियत के मारे बच्चा अपने मन से मनोरंजन क्रिएट करेगा। जैसे चादरों का टेंट बना सकता है। या चिंदियों से ड्रेस बनाकर डॉल सजा सकता है। इससे उसमें एक तरह की स्वाधीनता और रचनात्मकता पनपने लगती है। ये सिद्धांत बड़ों पर भी लागू होता है। हैरी पॉटर की लेखिका जेके रोलिंग को ही देख लें। 1990 में वो मैनचेस्टर से लंदन का सफर कर रही थीं। खिड़की से बाहर देखते-देखते उनके मन के पर्दे पर एक दुबले-पतले चश्मीश लड़के का चित्र छा गया। और उसके जीवन की काल्पनिक कहानी बुनने लगीं। आज का दौर होता, तो वही रोलिंग मोबाइल पर रील्स देखकर टाइमपास करतीं। वो शून्यता नहीं बनती, जो एक रचनात्मक कार्य के लिए जरूरी है। तो दिमाग का इधर-उधर घूमना कोई बुरी बात नहीं। बशर्ते पूरे दिन नहीं, संयम से करें। मेरा एक दोस्त एक बड़ी कंपनी का सीईओ है। कोविड के दौरान उसने कभी बर्तन घिसे। बर्तन धोते-धोते एहसास हुआ, जैसे हाथ चल रहे हैं अपने आप। बिजनेस में जो समस्या चल रही थी, अचानक उसका समाधान मन में गूंज उठा। आप भी ऐसी फिजिकल एक्टिविटी करें, जैसे पैदल चलना, तैराकी, साइकिल चलाना, तो आपका मन शांत हो जाता है। और कुछ अलग तरह के ख्याल आते हैं। ये आपका अवचेतन (सब-कॉन्शियस) मन है, जो चेतना की सतह के नीचे है। मगर अत्यंत प्रभावशाली। दुनिया के सबसे बड़े लेखक और कलाकार इस शक्ति को जानते हैं। आप भी ये कर सकते हैं। आज़ादी का दिवस है कल। आपका दिल भी गा रहा है- मुझे आजादी दो।
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चेतन भगत पिछले दशक में भाजपा की बड़ी राजनीतिक उपलब्धियों में से एक हिंदू वोटों को एकजुट करने की उसकी क्षमता रही है। 2014 के बाद ऐसा लगा कि हिंदू आखिरकार एक साथ आ रहे हैं, जबकि यह आजादी के बाद से नहीं हुआ था। इससे निश्चित रूप से भाजपा को वोट-शेयर में बढ़त मिली और चुनाव-दर-चुनाव उनका प्रदर्शन दूसरी पार्टियों के लिए ईर्ष्या का विषय बन गया। यह शाश्वत सत्य है कि अगर भाजपा के लिए बहुसंख्यक हिंदू-वोट अटूट रहे, तो कांग्रेस और उसके सहयोगी सत्ता में आने की उम्मीद नहीं कर सकते। यही कारण है कि 2024 के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद से ही कांग्रेस और उसके सहयोगी फिर से अपने पुराने फॉर्मूले को अमल में लाने के लिए कमर कस चुके हैं। जातिगत जनगणना के पक्ष और विपक्ष में बौद्धिक तर्क हो सकते हैं, लेकिन इसमें भला किसे संदेह होगा कि यह मूल रूप से राजनीतिक मुद्दा है। देश में जातिगत परिदृश्य को बेहतर ढंग से समझें तो न केवल यह पता लगाना जरूरी है कि किसी खास जाति के कितने लोग हैं, बल्कि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में मालूम करना भी उतना ही आवश्यक है। उदाहरण के लिए, कितने लोगों के पास कारें हैं? कितनों के पास दोपहिया वाहन हैं? वे किस स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं? वे कहां और कैसे घरों में रहते हैं? उनकी औसत आयु क्या है? ऐसे सवालों के जवाब बेहद मूल्यवान डेटा को सामने लाएंगे। यह डेटा आरक्षण सहित विभिन्न जाति-आधारित कल्याणकारी उपायों में प्रबंधन में मदद करेगा। भारत अभी भी सीमित संसाधनों वाला एक कम आय वर्ग का देश है। फिर भी, हम जो कुछ भी हमारे पास है, उसी के साथ संसाधनों को वंचित वर्गों में पुनर्वितरित करने और अपनी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का प्रयास करते हैं। लेकिन अगर हमारे मौजूदा उपाय पुराने डेटा पर आधारित होंगे, तो बहुत सम्भव है कि हम अपने संसाधनों को बर्बाद कर रहे होंगे, क्योंकि तब हम वांछित समुदायों तक लाभ नहीं पहुंचा पाएंगे। हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां डेटा का उपयोग हर चीज को अनुकूलित करने के लिए किया जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए भी सटीक डेटा होना बहुत जरूरी है। जातिगत जनगणना के कुछ नुकसान भी हैं। सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये तमाम कवायदें अंततः जाति-व्यवस्था को जीवित रखती हैं। एक समाज के रूप में हमारा अंतिम लक्ष्य क्या होना चाहिए? अधिकतम आरक्षण प्राप्त करना? या एक ऐसा समाज बनाना, जहां कोई जातियां नहीं होंगी? इन सवालों के जवाब आसान नहीं। लेकिन यह साफ है कि जब तक जाति-आधारित आरक्षण मौजूद है, तब तक जाति-आधारित सामाजिक-आर्थिक डेटा का होना भी जरूरी है। लेकिन ये सब तो तार्किक बातें हुईं। अंतिम निष्कर्ष में तो यह कवायद राजनीति के लिए ही है। जैसे राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के मुद्दों ने हिंदू वोटों को मजबूत करने में मदद की है, उसी तरह जातिगत जनगणना हिंदू वोटों में सेंध लगाने की जुगत है। जब जातिगत जनगणना के आंकड़े आखिरकार जारी किए जाएंगे, तो विभिन्न जातियों और समुदायों के बारे में पुख्ता जानकारियां सामने आएंगी। कुछ उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं (जो कि होना भी चाहिए, खासकर अगर आरक्षण कारगर रहा हो तो)। वहीं कुछ अन्य का प्रदर्शन खराब हो सकता है। डेटा हमेशा नीतिगत फेरबदल की ओर इशारा करेगा, जिसका मतलब है कुछ जातियों को फायदा होगा और कुछ को नुकसान। व्यापक स्तर पर, इसका मतलब यह हो सकता है कि हमारे पास और अधिक आरक्षण होगा, जो उच्च जातियों को परेशान करेगा। या हमें कुछ ऐसी निचली जातियों के बारे में भी पता चल सकता है, जो शायद कुछ उच्च जातियों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हों। यह सब चर्चाओं, बहसों, भ्रम को जन्म देगा। लेकिन इसका अंतिम निष्कर्ष हिंदू वोटों का विभाजन ही है और यही कारण है कि भाजपा इससे अचकचा रही है। जाति-जनगणना पर भाजपा एक चक्रव्यूह में फंस गई है, अब यह उस पर है कि इसे कैसे हैंडल करना है। कांग्रेस को भी बताना होगा कि कर्नाटक में जो जातिगत जनगणना हुई है, उसके डेटा पर उसकी सरकार क्या करने जा रही है।
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साधना शंकर ब्रेक डांस के बारे में सोचें और दिमाग में कई फिल्में आ जाएंगी। एक्रोबेट दिखाते हुए, तालमेल से भरे तेज डांस मूव और पीछे से तेज आवाज...। पेरिस ओलिम्पिक समाप्त हो चुके हैं। लेकिन इस बार एक ही नई खेल विधा का आधिकारिक रूप से पदार्पण हुआ, वो थी ‘ब्रेकिंग।’ नृत्य की ये विधा दुनियाभर में प्रतिस्पर्धी खेल बनकर इतिहास कायम कर रही है। टोक्यो ओलिंपिक में हमने तीन नए खेल देखे थे- बाइक मोटरक्रॉस या बीएमएक्स, 3v3 बास्केटबॉल और स्केटबोर्डिंग। बीते आठ सालों में ओलिंपिक में शामिल हुए चारों नए खेल शहरी हैं और युवा पीढ़ी से ताल्लुक है। ओलिम्पिक कमेटी विविधता लाने के लिए खेलों का विस्तार कर रही है ताकि युवाओं के साथ जुड़ सके और उन्हें आकर्षित कर सकें। ब्रेकिंग विधा 1970 के दशक में न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स क्षेत्र में उभरी, जो मुख्य रूप से अफ्रीकी-अमेरिकी इलाका था। यह सामाजिक नृत्य पर आधारित एक सांस्कृतिक गतिविधि थी और सामुदायिक आयोजनों में इसकी शुरुआत हुई थी। इसमें सहजता मुख्य थी, और पृष्ठभूमि में हिप-हॉप ध्वनि, लुभावने जोरदार मूव के साथ हर नर्तक एक-दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करता। ज्यों-ज्यों ये विधा आगे बढ़ी, इसने अलग-अलग समुदायों की विरासत के साथ अगल-अलग स्रोतों से डांस मूव और तालमेल को साथ जोड़ा, इसमें मार्शल आर्ट्स, जिमनास्टिक आदि थे। समूह एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे और 1990 के दशक से ‘बैटल ऑफ द ईयर’ और ‘फ्रीस्टाइल सेशन’ जैसी अंतरराष्ट्रीय ब्रेकिंग स्पर्धा शुरू हो गईं। ‘ब्रेकिंग’ के लिए सिर्फ स्वस्थ शरीर और उपकरण के तौर पर संगीत चाहिए होता है। ओलिम्पिक खेल के तौर पर इसकी मान्यता से दुनियाभर में नए अवसर खुल चुके हैं। किसी पेशेवर उपकरण की जरूरत नहीं होने से यह सभी के लिए सुलभ और पहुंच में होगी और विभिन्न आर्थिक वर्ग के लोग इसकी तरफ आकर्षित होंगे। यह नृत्य खेल, खेलों की आमतौर पर छवि जैसे भागना, कूदना, तैरना या गुलाटियां मारने को भी बदलकर रख देगा। यह खेल के मैदान में संगीत, अलग-अलग तरह की टेक्नीक और नए-नए डांस मूव लेकर आएगा। ब्रेकिंग जहां एथलेटिक भी है, तो इसमें नया गढ़ने की गुंजाइश भी है, जिससे यह खेल देखने में रुचिकर और रोमांचक भी लगता है। पेरिस में ब्रेकिंग स्पर्धा में 16 देशों ने हिस्सा लिया था। इसे तकनीक, संगीतमयता, डांस मूव की रेंज और मौलिकता जैसे मानदंडों पर आंका गया। वहीं तुलनात्मक प्रणाली पर आंका गया, जहां हर खिलाड़ी की तुलना प्रत्येक दौर में उनके प्रतिद्वंद्वी से की गई। जिस ब्रेकर को जज के सबसे ज्यादा अंक मिले और जिसने ज्यादा राउंड जीते, उसे मेडल मिला। इस बार स्वर्ण पदक विजेता जापान की कलाकार एमी रहीं। अब बात भारत की। भारत के पास भी पेशेवर ब्रेकर्स हैं और भारतीय ब्रेकिंग स्पर्धाएं भी हैं। प्रसिद्ध रेड बुल बीसी वन 2024 साइफर इंडिया पिछले महीने ही आयोजित हुई थी। ओलंपिक में ब्रेकिंग की शुरुआत युवाओं के लिए आशा व आकांक्षा का विषय है। आशा करते हैं कि भारतीय बी-बॉयज और बी-गर्ल्स (ब्रेक डांसर्स) 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलिम्पिक में देश के लिए पदक लाएंगे।
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अभय कुमार दुबे टोक्यो ओलिम्पिक में हमारे खिलाड़ियों ने सात (एक स्वर्ण समेत) पदक जीते थे। पेरिस में एक पदक कम हुआ, और स्वर्ण घटकर रजत रह गया। देखा जाए तो यह कोई उल्लेखनीय गिरावट नहीं है। लेकिन इससे यह तो पता चलता ही है कि खेलों की दुनिया में हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं और एक दीर्घकालीन जड़ता के शिकार हैं। इसका कारण हमारे खिलाड़ियों में प्रतिभा और लगन की कमी भी नहीं है। प्रतिभा का तो विस्तार हो रहा है। उसमें विविधता आ रही है। नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स के विश्व-मंच पर उदय इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। हरियाणा का खेलों के असाधारण केंद्र के रूप में उभरना यह भी बताता है कि अगर देश में ऐसे दो-तीन केंद्र और बन जाएं तो दुनिया में हमारा सितारा बुलंद होने के लिए आवश्यक आधार तैयार हो जाएगा। 1975 में अजितपाल सिंह के नेतृत्व में भारत ने कुआलालम्पुर में पाकिस्तान को हराकर हॉकी का विश्व कप जीता था। इसके आठ साल बाद लॉर्ड्स के मैदान में कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने क्रिकेट का विश्व कप जीता। उसी समय हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट हो गई थीं। क्रिकेट का कप सुविधाओं, शाबासियों, ख्याति, धन-लाभ, भविष्य के अवसरों और सितारा बनने की संभावनाओं से लबालब निकला। हॉकी के कप और उसके विजेताओं का क्या हुआ? विश्व हॉकी संघ पर काबिज यूरोपीय ताकतों ने नियम बदल कर घास पर खेली जाने वाली पारम्परिक हॉकी का खात्मा कर दिया। एस्ट्रो टर्फ और सुपर टर्फ का युग आया। हम घास पर ही प्रैक्टिस करते रहे। मॉन्ट्रियल ओलिम्पिक में हमारी विश्व विजेता टीम हारी। इसके बाद हम हार के लिए अभिशप्त हो गए। आज भी हॉलैंड जैसे छोटे-से देश के पास हमसे कई गुना ज्यादा हॉकी के कृत्रिम मैदान हैं। सरकारी प्रयासों और निजी स्तर पर पूर्व खिलाड़ियों द्वारा की गई संस्थागत कोशिशों से इस दुर्गति में पिछले दिनों कुछ सुधार हुआ है। लेकिन खेलों का संस्थागत ढांचा पहले की ही तरह बुरी हालत में है। इनकी एसोसिएशनें पुराने जमाने की जमींदारियों से अलग नहीं हैं। नेताओं और उनके परिजनों का इन एसोसिएशन पर कब्जा है। इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिम्पिक में क्वालिफाई ही नहीं कर पाई। कारण था एसोसिएशन में सत्ता-परिवर्तन और कोच के साथ हुआ झगड़ा। धनराज पिल्लै की कप्तानी में जो हॉकी टीम विकसित हुई थी, उसे ‘गोल्डन जनरेशन’ का नाम दिया जाता है। लेकिन इसी टीम को फेडरेशन के अध्यक्ष ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद निलम्बित कर दिया था। पिछले और इस ओलिम्पिक के बीच मुक्केबाजी संघ ने कोच को चार बार बदला। तीरंदाजी फेडरेशन पर पूरे 44 वर्ष तक एक ही व्यक्ति का कब्जा रह चुका है। कुश्ती फेडरेशन का तो जिक्र होते ही जंतर मंतर पर पदक विजेता पहलवानों का धरना-प्रदर्शन याद आ जाता है। इनमें विनेश फोगाट भी शामिल थीं। अगर भारत में खेलों का संस्थागत आधार दुरुस्त, चाक-चौबंद और सतर्क होता तो क्या होता? अगरहमारी बॉक्सिंग फेडरेशन प्रभावी होती तो निकहत जरीन को सीडेड खिलाड़ी के रूप में उतरने का मौका मिलता। आखिरकार वे अपने वर्ग में डबल वर्ल्ड चैम्पियन हैं। लेकिन अनसीडेड बॉक्सर के रूप में उन्हें दूसरे मैच में ही विश्व की नंबर एक बॉक्सर से लड़कर हारना पड़ा। अगर वे सीडेड होतीं तो इस खिलाड़ी से फाइनल में भिड़ना पड़ता, जहां रजत पदक सुनिश्चित होता। हॉकी टीम ने कांस्य जीता, लेकिन उसका प्रदर्शन इस नतीजे से कहीं अच्छा था। इसका कारण भी संस्थागत माना जाएगा। अतीत में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय शूटिंग महासंघ को देने से इंकार कर दिया था। अगर उनके पिता ने निजी संसाधनों का इस्तेमाल करके उनका प्रशिक्षण न करवाया होता तो अभिनव पदक न जीत पाते। नीरज चोपड़ा चोटिल होने के कारण लम्बे अरसे प्रभावी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे थे। क्या भारतीय एथलेटिक फेडरेशन भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की इस स्थिति के लिए कुछ जिम्मेदारी महसूस करती है? भारत में खेलों का संस्थागत ढांचा पहले की ही तरह बुरी हालत में है। इनकी एसोसिएशनें पुराने जमाने की जमींदारियों से अलग नहीं हैं। विभिन्न दलों के राजनेताओं और उनके परिजनों का इन एसोसिएशनों पर कब्जा है।
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बरखा दत्त विनेश फोगाट की उदास मुस्कान पेरिस ओलिम्पिक में उनकी अपात्रता की खबर से कहीं ज्यादा मर्मस्पर्शी थी। अस्पताल के बिस्तर पर लेटीं विनेश की तस्वीर देखकर मुझे बहुत व्यथा हुई। पिछले कुछ दिनों में विनेश ने जो कुछ भी खोया है, उसके बाद भी वे चेहरे पर बहादुर मुस्कराहट बनाए रखने में कामयाब रहीं। तस्वीर में आप उनके कटे बाल देख सकते थे, जो 50 किलो-वर्ग के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनके और उनकी टीम द्वारा उठाए गए कई हताश उपायों में से एक का साक्षात् प्रमाण थे। उन्होंने रस्सियां कूदीं, ऊष्मा-कक्ष में बैठीं, पानी तक नहीं पिया, कपड़े छोटे कर लिए और खून तक निकाला! लेकिन अंत में उनका वजन मानक से 100 ग्राम अधिक पाया गया और उन्होंने अपना वह रजत पदक भी खो दिया, जिसकी वो सुपात्र थीं और जो उन्हें मिलना तय था विनेश की यात्रा से हम खुद को जोड़ पाते हैं। उनके द्वारा जिन परीक्षाओं का सामना किया गया, उनके कष्ट, अपेक्षाएं, त्रासदियां- इन सबमें हम- यानी हम भारत की महिलाएं- या तो अपने जीवन का प्रतिबिम्ब देखती हैं या उस साहस का अनुमोदन पाती हैं, जिसकी हमें अपने जीवन में भी कामना रहती है। ऐसे लोग, जिन्होंने कभी कुश्ती का मुकाबला नहीं देखा- मैं भी उनमें से एक हूं- या जो खेलों में वजन मापने के तकनीकी तर्कों से चकित हैं; वे भी विनेश के साथ जो कुछ हुआ, उससे प्रभावित हुए हैं। संसद में विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि विनेश के भाग्य में अचानक आया बदलाव किसी साजिश के चलते है। कहा गया कि पिछले साल भाजपा के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ उनके द्वारा जताए मुखर-विरोध को उनके अप्रत्याशित दुर्भाग्य से अलगाया नहीं जा सकता। कानाफूसी में कहा गया कि उन्हें जानबूझकर क्षति पहुंचाई गई। जबकि अधिक जानकार विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि विनेश के मामले में जो हुआ, उसके लिए यकीनन जिम्मेदारों को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में किसी राजनीतिक साजिश की ओर संकेत करना तो अकल्पनीय और कपटपूर्ण है। मैं कुश्ती और उसकी विभिन्न भार-श्रेणियों की विशेषज्ञ नहीं। लेकिन इतना जरूर जानती हूं कि विनेश को जैसी सार्वभौमिक प्रशंसा मिली और उनके दुर्भाग्य पर जिस तरह से सामूहिक शोक जताया गया, उसका सरोकार दिल्ली की सड़कों पर लैंगिक भेदभाव से जूझते हुए उनके संघर्ष के साक्षी बनने और उसमें उनके अकेलेपन के साथ सहानुभूति रखने से था। हममें से कोई भी उस तस्वीर को भुला नहीं सकता, जिसमें उन्हें और साक्षी मलिक को पुलिस द्वारा ऐसे घसीटा जा रहा था, मानो वे जरायमपेशा अपराधी हों। हममें से कोई भी यह नहीं भूल सकता कि जिस व्यवस्था ने हमारी इन चैम्पियनों के साथ बल प्रयोग किया, उसने महिलाओं की पीड़ा का उपहास करने वाले बृजभूषण शरण सिंह की जमानत का अदालत में विरोध नहीं किया था। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विनेश उस व्यक्ति का मुकाबला कर रही थीं, जो अपने एक इंटरव्यू में कैमरे के सामने बड़ी बेबाकी से हत्या के बारे में बात कर चुके हैं। उनके खिलाफ डकैती और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। एक समय ऐसा था, जब उन 38 आरोप लगे थे, लेकिन अभी तक एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ कल्पना कीजिए, विनेश और उनके साथियों को कितने जीवट की जरूरत पड़ी होगी। मुझे याद है उन विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मैंने विनेश से बात की थी। उन्होंने मुझसे कहा था, ‘लाचारी महसूस होती है। अगर हमारे जैसी लड़की सुरक्षित नहीं है, तो किसका भविष्य सुरक्षित है?’ एक अन्य मर्तबा, पुलिस कार्रवाई का सामना करने पर मेरे साथ बातचीत में उन्होंने चुनौती के स्वर में कहा था, ‘अगर आप मेरे घर आओगे, तो आपको बस थोड़ा घी और भारत का झंडा मिलेगा। इस सबसे गुजरने के बाद यह देखना हताश कर गया कि उन्हें ओलिम्पिक के पोडियम पर तिरंगे में स्वयं को लपेटने का अवसर नहीं मिला। उनके रिटायरमेंट की खबर तो और अवसाद में झोंकने वाली थी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री- सभी ने इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की। लेकिन अगर वे विनेश का भारत में स्वागत करना चाहते हैं, तो एक साधारण-सा कदम उनकी पीड़ा को कम कर सकता है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि विनेश को न्याय मिले और उनकी पीड़ाओं के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। स्वर्ण के समान बहुमूल्य विनेश को हमें यह महसूस कराना होगा कि पदक की लड़ाई वे भले ही हार गई हों, लेकिन नैतिक युद्ध में उनकी जीत हुई है। विनेश के कष्ट, अपेक्षाएं, त्रासदियां- इन सबमें हम- यानी हम भारत की महिलाएं- या तो अपने जीवन का प्रतिबिम्ब देखती हैं या उस साहस का अनुमोदन पाती हैं, जिसकी हमें अपने जीवन में भी कामना रहती है।
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नवनीत गुर्जर मोबाइल फ़ोन ने भले ही पूरी दुनिया को हथेली पर ला दिया हो। बहुत कुछ आसान कर दिया हो, लेकिन बहुत कुछ है जो छूट भी रहा है। बल्कि छूट चुका है। ख़तरे बढ़ रहे हैं। असावधानियाँ भी बढ़ रही हैं। इनके कारण हम ठगे जा रहे हैं। हमारे साथ तरह - तरह के फ़्रॉड हो रहे हैं। ख़ासकर उन युवाओं के साथ जिन्होंने हथेली में आए इस मोबाइल फ़ोन को ही अपनी दुनिया, अपना सब कुछ मान लिया है। ऐसा नहीं है कि टेक्नोलॉजी में नित नए एक्सपेरिमेंट्स ठीक नहीं है। उनका स्वागत है, लेकिन इनके साथ जो सावधानियाँ बरतनी चाहिए, उन पर ध्यान नहीं दिया तो जान का जोखिम दिनों दिन बढ़ता ही जाएगा। इन दिनों देश के कई राज्यों में मूसलधार बारिश हो रही है। कहीं- कहीं तो लगता है जैसे बादल ही फट पड़े हों। ख़ासकर राजस्थान जैसे उन इलाक़ों में भी, जहां लोग कभी बरसते पानी के दर्शन तक करने को मोहताज रहते थे। तेज बहती, बल खाती, भँवर बनाती नदियों में मोबाइल फ़ोन लेकर युवा कूद रहे हैं। सेल्फ़ी ले रहे हैं। बह रहे हैं। जान तक गँवा रहे हैं। आखिर दोस्तों, परिचितों या परिजनों को ऐसी सेल्फ़ी भेजने का क्या मतलब जिसमें जान का ख़तरा हो? दरअसल, गलती हमारी है। हम पेरेंट्स की। हम भी उसी मोबाइल फ़ोन में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि बच्चों को इसकी सावधानियाँ बताने तक का वक्त हमारे पास नहीं है। कहते है - “समरथ को नहीं दोष गुसाई, रवि, पावक, सरिता की नाई।” सूर्य, आग और नदी को दोष नहीं दिया जा सकता। बिना सावधानी के इनसे खेलना निश्चित तौर पर ख़तरनाक है। दरअसल, हो यह रहा है कि इनके सामने हम खुद को समर्थ समझने लगते हैं। यही हमारी गलती है। इन ग़लतियों को सुधारने की ज़रूरत है। आए दिन खबरें आ रही हैं कि सेल्फ़ी लेते वक्त पाँच युवक नदी में डूब गए। चार बह गए…। इन डरावनी खबरों को सुन- देखकर कोई सचेत नहीं होना चाहता। देश का युव- धन बहता जा रहा है। इसे बचाना होगा। कुछ सावधानियाँ ही तो बरतनी हैं! इतनी - सी बात समझ लीजिए। कम से कम अपनी जान जोखिम में मत डालिए। जान से ज़्यादा क़ीमती और कुछ नही! कुछ भी नहीं!
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पं. विजयशंकर मेहता तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था यानी छह सिंगापुर, नौ हांगकांग, पंद्रह न्यूजीलैंड या कतर, 30 बहरीन या फिर एक भारत! नाराज प्रकृति ने बीते एक दशक में दुनिया में एक भारत बराबर अर्थव्यवस्था को नेस्तनाबूद कर दिया है। आर्थिक विनाश का यह अब तक का सबसे ताजा हिसाब है, जो कंपनियों की बैलेंस शीट में शामिल हो रहा है। सरकारों के बजट औंधे मुंह पड़े हैं। बैंकों को नए किस्म के डिफॉल्ट का खतरा है। बीमा कंपनियों को समझ नहीं आ रहा कि कैसा बीमा बनाएं। क्योंकि जिन इलाकों में कभी बाढ़ या सूखा नहीं आता था, वहां भी सब कुछ उलट-पुलट गया है। दूसरा विश्व युद्ध अगर नहीं हुआ होता तो नाराज प्रकृति से आर्थिक नुकसानों की गिनती 1930 में अमेरिका के डस्ट बाउल से शुरू होती, जब मिडवेस्ट से उठी हजारों टन धूल पश्चिमी हिस्से में फसल, जीविका और पर्यावरण को निगल गई थी। प्रकृति के इस कोप ने अमेरिका की खेती को हमेशा के लिए बदल दिया। नुकसानों का हिसाब : नाराज प्रकृति से हुए नुकसानों का आर्थिक हिसाब 2003 में यूरोप की भयानक गर्मी से शुरू होता है। 1972 में स्टॉकहोम में पर्यावरण की यूएन की पहली जुटान से लेकर 1985 में ओजोन की पर्त में छेद की तलाश तक बदलती कुदरत के आर्थिक असर समझे जाने लगे थे। 21वीं सदी में इस तरह का पहला संकट था कैटरीना चक्रवात। अगस्त 2005 में मेक्सिको की खाड़ी के तटीय इलाके में आया यह तूफान 125 अरब डॉलर के नुकसान की बलि लेकर गया। बदलती कुदरत बुनियादी ढांचे, बढ़ते शहरों, खेतों और उद्योगों के लिए नई सबसे भयानक चुनौती है। मौसमी आपदाएं हर साल नेपाल जैसी करीब पांच अर्थव्यवस्थाएं खत्म कर रही हैं यानी 100 अरब डॉलर का नुकसान। 2017 से 2021 तक बीमा कंपनियों ने करीब 300 अरब डॉलर के नुकसान का भुगतान किया। 2022 में यह नुकसान करीब तीन गुने हो गए। एसबीआई रिसर्च का आकलन है कि 2022-23 में भारत में बाढ़ से 10 से 15 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। इनमें अधिकांश के लिए कोई बीमा नहीं था। खतरे की पैमाइश : बीते एक साल में प्रत्येक महाद्वीप में बाढ़, बादल फटने, जंगल जलने, भूस्खलन जैसी आपदाओं की झड़ी लगी है। वायनाड से लेकर हिमाचल तक भारत के ताजा दृश्य खौफनाक हैं। सरकारें कर्ज लेकर सड़कें, पुल, बिजलीघर, दूरसंचार नेटवर्क बनाती हैं, मगर मौसम की एक करवट से सब तबाह हो जाता है और क्षेत्रों का विकास कई साल पीछे खिसक जाता है। बुनियादी ढांचे पर सात तरफ से हमला है। समुद्र जल स्तर में बढ़ोतरी, बाढ़, समुद्री चक्रवात, स्थलीय तूफान, हीट वेव और जलते जंगल। मैकेंजी और मार्श एंड मैकमिलन कंपनीज ने दो भिन्न अध्ययनों में पाया कि चार सेवाओं पर कहर टूटा है। सबसे पहले है बिजली। कोयले के आयात के कारण कई हिस्सों में बिजलीघर समुद्र तटीय इलाकों में हैं, जल स्तर बढ़ने से यहां बड़ा खतरा है। कोयले पर आधारित संयंत्रों की औसत आयु करीब 60 साल होती है, जबकि पनबिजली परियोजनाओं की 100 साल। बाढ़ से इन दोनों पर भारी जोखिम है। दूसरा है परिवहन। अप्रत्याशित बारिश से अब कई ऐसे इलाके प्रभावित हो रहे हैं, जहां भारी बरसात का इतिहास नहीं रहा है। रेलवे और हाईवे नेटवर्क इस खतरे को संभाल नहीं पा रहा है। तापमान बढ़ने से विमान परिवहन भी बेजार है। इससे यात्री किराए बढ़ेंगे। इसके बाद हैं पेयजल आपूर्ति और दूरसंचार। बढ़ते तापमान से जल स्रोत सूख रहे हैं और बाढ़ के असर से पेयजल ढांचा ध्वस्त हो रहा है। शहरों के पेयजल ढांचे में बाढ़ के बाद आई गंदगी को संभालने की क्षमता नहीं है। 2015-16 में ब्रिटेन की बाढ़ में दूरसंचार नेटवर्क बह गया। जबकि तूफान इरमा और मारिया के असर से कैरेबियाई इलाकों में करीब 90 फीसदी मोबाइल टावर ध्वस्त हो गए। पुराना हो या नया, कहीं भी बुनियादी ढांचा पर्यावरणीय खतरों को ध्यान में रखकर नहीं बना है। मैकेंजी का आकलन है कि 60 से 80 फीसदी बुनियादी ढांचे को मौसमी बदलावों के हिसाब से ढलना और बदलना होगा। 2050 तक इसकी लागत 150 से 450 अरब डॉलर प्रति वर्ष होगी। बीमा कंपनियों को हर्जाने के लिए नए फंड्स की व्यवस्था करनी होगी। 1990 के बाद से प्राकृतिक आपदा प्रभावित देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। 2001 से 2022 के बीच भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़ और सूखे के 361 हमले हुए हैं। यानी औसत तीन आपदाएं प्रति माह। 1900 से 2000 के बीच 100 साल में केवल 401 ऐसी आपदाएं आई थीं, यानी चार प्रति वर्ष!
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नीरज कौशल 5 अगस्त को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। एक दिन बाद, जिसे ‘क्रैश’ समझा जा रहा था, उसे ‘मार्केट-करेक्शन’ बताया गया। लेकिन विश्लेषक पूछ रहे हैं कि क्या सबसे बुरा समय बीत चुका है या अभी आना बाकी है? इसका ईमानदार जवाब है : हम नहीं जानते। अगर हमें सच में ही पता होता तो हम शेयर बाजार के अपने ज्ञान का लाभ उठाकर अरबों डॉलर कमा रहे होते। लेकिन हकीकत यह है कि एक अस्थिर शेयर बाजार- या यहां तक कि एक शांत शेयर बाजार के बारे में भी कोई सटीक भविष्यवाणी करना या पूर्वानुमान लगाना दुष्कर है। अमेरिकी फेड रिजर्व के सुविख्यात चेयरमैन एलन ग्रीनस्पैन ने मार्च 2000 में डॉट-कॉम बबल के फटने से कई साल पहले 1995 से ही अमेरिकी शेयरों में तर्कहीन उत्साह के प्रति चेताना शुरू कर दिया था। इसलिए- इस लेख में- हम भविष्यवाणी करने से बचेंगे, लेकिन अतीत को समझाने की कोशिश जरूर करेंगे। यह कि सोमवार को जैसे बाजार टूटा, उसके पीछे क्या कारण था? इसकी शुरुआत जापान के बेंचमार्क टॉपिक्स इंडेक्स में सोमवार को 12% की गिरावट के साथ हुई। जिसके बाद अन्य एशियाई देशों और यूरोप के शेयरों में भी गिरावट आई। अमेरिका में कुछ कम नाटकीय लेकिन पर्याप्त गिरावट हुई। एसएंडपी 3% और नैस्डेक 3.43% टूटा। एनएसई निफ्टी में 2.7% की गिरावट आई और एक दिन बाद फिर से उछाल आया, जैसा कि वैश्विक स्तर पर अधिकांश बाजारों के शेयरों में हुआ। टॉपिक्स में गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीतियों से जुड़ी है। फेड ने पिछले दो वर्षों में अमेरिकी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में लगातार वृद्धि की है, जबकि बैंक ऑफ जापान ने हाल ही में अपनी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया था। इसने निवेशकों के लिए डॉलर या यूरो या- जिसे ‘कैरी ट्रेड’ कहा जाता है- में निवेश के लिए सस्ती दरों पर जापान की मुद्रा येन में उधार लेने का अवसर खोल दिया। इससे येन कमजोर हो गया। कमजोर येन ने निर्यात को बढ़ाया और जापानी निर्यातकों को अपनी कमाई डॉलर में रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे येन की मांग कम हो गई और येन और कमजोर हो गया। इस प्रवृत्ति को देखते हुए निवेशकों ने येन की टूटन पर दांव बढ़ा दिए, जिसका मतलब यह था कि येन का मूल्य और गिरेगा। उन्हें उम्मीद थी कि बैंक ऑफ जापान कोई कार्रवाई नहीं करेगा और फेड अपनी ब्याज दर में कटौती करेगा। लेकिन इसके बजाय 31 जुलाई को, बैंक ऑफ जापान ने अपनी बेंचमार्क दर 0.1% से बढ़ाकर 0.25% कर दी। येन के मूल्यों में और गिरावट पर दांव लगाने वाले निवेशक घबरा गए और अपने नुकसान को कवर करने के लिए दूसरी दिशा में दौड़ पड़े। नतीजा यह रहा कि येन की कीमत में वृद्धि हुई, जिससे जापानी शेयरों में गिरावट आ गई। लेकिन एक दिन बाद ही शेयरों में उछाल यह दर्शाती है कि निवेशक जापानी कंपनियों को बहुत अधिक संकट में नहीं मानते हैं। इस सप्ताह की गिरावट या सुधार के अलावा, वैश्विक टेक दिग्गजों के शेयरों में भी तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जुलाई के मध्य से नैस्डेक 100 में 10% से अधिक की गिरावट आई है। इसे भी हाईप्ड-अप टेक स्टॉक्स में करेक्शन के रूप में देखा जाना चाहिए, जो टेक सेक्टर- विशेष रूप से एआई के बारे में बढ़ती उम्मीदों को दर्शाता है। अमेरिका में अस्थिरता सूचकांक- जो व्यापारियों द्वारा खुद को बचाने के लिए भुगतान की जाने वाली राशि को मापता है- इस सप्ताह भी तेजी से बढ़ा। यह दर्शाता है कि डर का माहौल जारी है। कई लोगों को डर है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है, हालांकि इसकी बुनियादी स्थितियों में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो इस तरह के अंदेशे को जन्म दे। ये सच है कि पिछले सप्ताह की जॉब मार्केट रिपोर्ट उम्मीद से कुछ कमजोर थी, लेकिन 4.3% की बेरोजगारी दर इस बात का संकेत है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। लेकिन मौजूदा क्रैश और कनेक्शन के बावजूद अमेरिकन स्टॉक अतिमूल्यित बने हुए हैं। यही हालत भारतीय स्टॉक की भी है। इस सप्ताह हमने बाजार में जैसी उथलपुथल देखी, वह अगले सप्ताह भी जारी रह सकती है। जैसा कि बेट्टी डेविस ने 1950 के दशक की अपनी क्लासिक फिल्म ‘ऑल अबाउट ईव’ में कहा था, ‘अपनी कमरपेटियों को कसकर बांध लीजिए, आगे बहुत झटके लगने वाले हैं!’
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अभिजीत अय्यर मित्रा बांग्लादेश में हुए तख्तापलट ने दक्षिण-एशिया क्षेत्र में उथल-पुथल मचा दी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है और उनका भविष्य अनिश्चित है। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर वहां पर ऐसा क्यों हुआ और अब भारत के पास क्या विकल्प हैं। बांग्लादेश में इसी साल चुनाव हुए थे, जिनमें विवादास्पद परिस्थितियों में शेख हसीना की अवामी लीग को भारी बहुमत मिला था। हालांकि चुनाव से पहले ही वहां पर विपक्ष का दमन शुरू हो गया था। शेख हसीना को लगता था कि फौज के हाथ मजबूत करके, उसे वह सब देकर जो वह चाहती है, फौजी अधिकारियों के स्पष्ट भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करके वे उन्हें अपने पाले में कर लेंगी और वो उनके प्रति वफादार रहेंगे। आखिर 2009 में जब अर्धसैनिक बांग्लादेश राइफल्स ने तख्तापलट करने की कोशिश की थी, तो फौज ने हसीना का ही साथ दिया था। तो क्या अब फौज ने हसीना को दरकिनार कर दिया है? ऐसा पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि शेख हसीना ने बांग्लादेशी वायुसेना के विमान से ही देश छोड़ा है। न ही वहां के सैन्य प्रमुख हसीना के आलोचक हैं। सवाल उठता है कि ऐसे हालात क्यों बने और इस बार सेना के हाथ-पैर क्यों फूल गए? कई सालों से यह तर्क दिया जा रहा था कि बांग्लादेश जैसी स्थिति में- जहां विपक्ष कमजोर है- फौज ही विपक्ष की भूमिका निभाएगी। लेकिन समस्या यह है कि अगर सेना ऐसा करती है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, और बांग्लादेश इसका बिल्कुल भी सामना नहीं कर सकता। कुछ का निष्कर्ष है कि फौज दबाव से कुछ राहत चाहती थी, इसलिए वह अंतरिम नागरिक सरकार बना रही है, जिसके सफल होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में हसीना की सत्ता में वापसी की गुंजाइश कायम रहेगी। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अमेरिका ने बांग्लादेश के चुनावों में हुई धांधली की तो निंदा की थी, लेकिन पाकिस्तान के चुनावों को सराहा था। इसी की प्रतिक्रिया में अपनी हाल की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान शेख हसीना ने अमेरिकी सरकार के अधिकारियों से बातचीत करने से इनकार कर दिया था और इसके बजाय अमेरिका-बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यालयों में बैठकें की थीं। दांव पर बांग्लादेश द्वारा खोजे गए विशालकाय ऑफशोर गैस भंडार हैं। चीन के साथ हसीना की सांठगांठ अमेरिका को रास नहीं आ रही थी। लेकिन वे बीजिंग के प्रति भी बेसब्र बनी हुई थीं। वे अपनी चीन यात्रा को बीच में ही छोड़कर गुस्से में घर लौट आई थीं। ऐसे में किसी को आश्चर्य नहीं हुआ था, जब पिछले महीने 1971 के योद्धाओं और उनके परिवारों के लिए कोटा के मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। ध्यान रहे कि उन विरोध-प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकांश कोटा को खत्म कर दिया था। फिर नए विरोध-प्रदर्शन किस बारे में हो रहे थे? इन आरोपों को लेकर कि शेख हसीना तानाशाह और गैर-लोकतांत्रिक हैं। वैसे भी बांग्लादेश में बार-बार किसी न किसी मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन होते रहते हैं, क्योंकि वहां एकमात्र बचा हुआ विपक्ष- जमात-ए-इस्लामी- नहीं जानता कि कब उनकी किस्मत चमक जाएगी। बांग्लादेश के हिंदू ऐतिहासिक रूप से अवामी लीग, शेख हसीना और उनके पिता मुजीबुर्रहमान के समर्थक रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि वे हिंदू समुदाय के बहुत अच्छे दोस्त साबित हुए हों। उदाहरण के लिए शेख मुजीब विभाजन के दंगों में शामिल हुए थे, जिसके कारण 1947 में लाखों हिंदू मारे गए थे। हालांकि 1971 तक वे एक मुस्लिम होने से बढ़कर एक बांग्लादेशी के रूप में सोचते थे, जबकि पाकिस्तान ने स्पष्टतया मुस्लिम कार्ड खेला था। 1971 के बाद से और बांग्लादेश की मुक्ति में भारत की भूमिका के बाद से वहां की सभी अवामी सरकारें हिंदुओं के प्रति स्पष्ट रूप से मैत्रीपूर्ण रही हैं। ऐसे में विपक्ष ने अवामियों को एक ‘हिंदू पार्टी’ के रूप में चित्रित किया और बेरोकटोक तरीके से भारत पर निशाना साधा। वास्तव में, अवामी लीग भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए असामान्य हद तक चली गई है। भारत के लिए यह एक बड़ा उलटफेर है। शेख हसीना ने भारत के विरुद्ध बेकार के दुष्प्रचार से इनकार कर दिया था। वे खालिदा जिया की तरह बांग्लादेश की तमाम समस्याओं के लिए भारत को दोष नहीं देने वाली थीं। इसके बजाय उन्होंने अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया और इसे प्रभावशाली ढंग से संभाला। बांग्लादेश को एक समय गरीबी के लिए काम करने वाले एनजीओ के लिए स्वर्ग के रूप में जाना जाता था। अब इन एनजीओ की कोई आवश्यकता नहीं रह गई थी और बांग्लादेश ने कुछ आर्थिक-संकेतकों पर भारत को भी पीछे छोड़ दिया था।शेख हसीना न केवल भारत के साथ मित्रता सुनिश्चित कर रही थीं, बल्कि भारत में बांग्लादेशियों के प्रवास की आवश्यकता को समाप्त करके सीमा-सुरक्षा का भी ख्याल रख रही थीं। लेकिन इसका यह मतलब भी था कि भारत उन लगभग 3 करोड़ अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस नहीं भेज सकता था, जो यहां रह रहे हैं। अब जब बांग्लादेश में बनने जा रही नई हुकूमत यकीनन भारत के लिए बहुत मैत्रीपूर्ण नहीं होने जा रही है, ऐसे में भारत इन प्रवासियों को वापस भेजने की शुरुआत कर सकता है। यहां यह याद रखा जाना चाहिए कि श्रीलंका के विपरीत बांग्लादेश की बगावत आर्थिक तंगहाली के चलते नहीं हुई है और पाकिस्तान के विपरीत वहां पर फौज की मुखालफत में लोग नहीं उमड़े हैं। ऐसे में शेख हसीना के पास वहां पर सत्ता में वापसी की गुंजाइश अभी बाकी है। भारत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का क्या करेगा... अभी तक भारत बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस नहीं भेज सकता था, लेकिन अब जब बांग्लादेश में बनने जा रही नई हुकूमत भारत के लिए बहुत मैत्रीपूर्ण नहीं होने जा रही है, ऐसे में अवैध प्रवासियों को भेजने की शुरुआत की जा सकती है।
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पलकी शर्मा बांग्लादेश में अफरातफरी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं। सड़कों पर अराजकता है। सैकड़ों लोग मारे गए हैं। बाकी दुनिया चुपचाप यह सब देख रही है, वहीं भारत इसके लिए खुद को तैयार कर रहा है, क्योंकि बांग्लादेश की घटनाओं का उस पर सीधा असर होगा। हसीना का जाना नई दिल्ली के लिए कई मायनों में झटका है। इसका यह मतलब भी है कि भारत ने पड़ोस में अपने इकलौते स्थिर साथी को अब खो दिया है। भारत के चारों ओर के नक्शे को देखें तो आप पाएंगे कि भूगोल ने हमें कितने बदहाल पड़ोसियों से नवाजा है। सबसे पहले तो हमारे पड़ोस में अफगानिस्तान है, जिस पर कट्टरपंथी तालिबान का राज है। भारत-विरोधी समूहों को समर्थन देने का उसका एक इतिहास रहा है। फिर, पाकिस्तान के क्या कहने, जो परमाणु हथियारों से लैस अफगानिस्तान जैसा ही है। यह मुल्क राजनीतिक अस्थिरता का पर्याय है। पाकिस्तान के एक भी वजीरे-आजम ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। हमेशा वहां की फौज ने उनके कार्यकाल में खलल डाला है। दक्षिण में श्रीलंका और मालदीव हैं। श्रीलंका 2022 में दिवालिया हो गया था। वहां से सामने आई तस्वीरें आज के बांग्लादेश से काफी मिलती-जुलती थीं। वहां भी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया था और शासक को भागना पड़ा था। मालदीव एक समय भारत का सहयोगी हुआ करता था। लेकिन उनके नए राष्ट्रपति के सुर बदले हुए हैं। वे इंडिया-आउट का नारा बुलंद किए हुए हैं। फिर नेपाल की बात करें। उनके प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं। लेकिन मेरा सुझाव है कि आप इसे कुछ-कुछ समय में जांचते रहें, क्योंकि वहां पर प्रधानमंत्री नियमित बदलते रहते हैं। नेपाल में गत 16 वर्षों में 14 सरकारें बदल चुकी हैं। हालात इतने बदहाल हैं कि वहां पर कुछ लोग राजशाही को फिर से बहाल करना चाहते हैं। उत्तर दिशा में ही थोड़ा आगे चीन है, जो विस्तारवादी, अलोकतांत्रिक और अपने आस-पड़ोस के देशों के साथ धौंस-डपट करने वाला देश है। वह भारत के भूखंडों पर अपनी मिल्कियत जताता रहता है। भूटान में घरेलू राजनीति स्थिर है, लेकिन वह चीन के साथ सीमा-समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहता है, और यह भारत के लिए चिंता का बायस है। म्यांमार की भी बात कर लें, जहां सेना सत्ता में है। वहां के अधिकांश राजनेता सलाखों के पीछे हैं और वहां गृहयुद्ध चल रहा है। ले-देकर एक बांग्लादेश ही बचा था, जिस पर नई दिल्ली भरोसा कर सकती थी। लेकिन हसीना की विदाई के बाद अब आप ढाका से भी कोई उम्मीदें नहीं लगाइए। इस परिदृश्य पर विहंगम दृष्टि डालने पर आपको क्या मिलता है? एक बेहद अशांत पड़ोस, जो कट्टरपंथियों, सैन्य शासकों, दिवालिया अर्थव्यवस्थाओं और जलवायु-परिवर्तन के कारण डूबते देशों से भरा है। इन सबके बीच में भारत है, जो अंतिम व्यक्ति की तरह तनकर खड़ा है। यह भारत के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा? मोटे तौर पर, तीन तरीकों से। एक, नई दिल्ली को हर समय सतर्क रहना होगा। बांग्लादेश की सीमा को ही देखें। हिंसा की तमाम वारदातें बांग्लादेश के अंदर हो रही हैं, फिर भी भारतीय सीमा-बल सतर्क हैं। पाकिस्तान और चीन के साथ भी ऐसा ही है। भारत शांति कायम रखने के लिए इन देशों पर भरोसा नहीं कर सकता। जिसका मतलब है अधिक बलों की तैनाती, अधिक रक्षा खर्च और सरहद पर अधिक बुनियादी ढांचों का निर्माण। दूसरे, ये हालात चीन जैसे हमारे प्रतिद्वंद्वियों को आगे बढ़ने का मौका देते हैं। पैटर्न पर गौर करें। मालदीव की इंडिया-आउट नीति का किसने फायदा उठाया? चीन ने। श्रीलंका के दिवालियेपन से कौन फायदे में रहा? फिर से चीन। भूटान से सीमा विवाद सुलझाने के बारे में कौन बात कर रहा है? चीन। भारत अफगानिस्तान या म्यांमार जैसी अलोकतांत्रिक सरकारों के साथ काम नहीं करेगा, लेकिन बीजिंग को इससे ऐतराज नहीं है। नतीजा, चीन ने भारत के आस-पड़ोस में बढ़त हासिल कर ली है। हमारे इर्द-गिर्द मची यह उथलपुथल हमारे वैश्विक एजेंडे को भी बाधित करती है। हमने प्रधानमंत्री को इसके बारे में बात करते हुए सुना है। वे भारत को विश्व-बंधु, यानी दुनिया का मित्र बनाना चाहते हैं। लेकिन जैसा कि कहते हैं, अच्छी पहल हमेशा घर से शुरू होती है। जब आपका क्षेत्र ही आग की लपटों से घिरा हो तो आप दुनिया पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते। वैश्विक दृष्टिकोण के लिए आपको क्षेत्रीय स्थिरता की आवश्यकता होती है। हमारे पड़ोस में जो कुछ हो रहा है, वो सम्प्रभु राष्ट्रों की अंदरूनी समस्याएं हैं। क्या भारत फिर भी उनकी मदद कर सकता है? हां, कर सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में भारत का रसूख है। अगर आप चीन को अलग रख दें, तो हर दूसरे पड़ोसी के भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं। उनमें से कुछ तो भारत से टूटकर ही बने हैं। साथ ही, नई दिल्ली बदलाव लाने के लिए सबसे बेहतर जगह है। भारत की आबादी 1.4 अरब है। उसके पड़ोसियों की कुल आबादी 50 करोड़ है। अर्थव्यवस्था के साथ भी ऐसा ही है। भारत की जीडीपी तीन ट्रिलियन डॉलर है। बाकी सब मिलाकर लगभग एक ट्रिलियन हैं। ऐसे में भारत के सामने दो विकल्प हैं। या तो आस-पड़ोस की अराजकता को नजरअंदाज करे और अपनी विकास-यात्रा पर फोकस बनाए रखे। या, अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके चीजों को सही दिशा में लेकर जाए। पाकिस्तान के साथ इस तरह की मशक्कत बेकार है। लेकिन दूसरे देशों से फिर भी उम्मीद की जा सकती है। हम इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं... हमारे पड़ोस में जो कुछ हो रहा है, वो सम्प्रभु राष्ट्रों की अंदरूनी समस्याएं हैं। क्या भारत उनकी मदद कर सकता है? हां, कर सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में भारत का रसूख है। हर दूसरे पड़ोसी के भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं।
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अभय कुमार दुबे दलितों और आदिवासियों के वर्गीकरण के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला समाज और राजनीति के संबंधों को भीतर से बाहर तक बदलने की तरफ ले जा सकता है। इसका असर एससी-एसटी तक ही सीमित नहीं रहेगा, ओबीसी पर भी इसका रूपांतरकारी असर पड़ेगा। अगले 10 से 15 साल के भीतर-भीतर देश की 60 से 70 प्रतिशत आबादी की राजनीतिक-सामाजिक पहचान पहले जैसी नहीं रह जाएगी। फैसले को गंभीर राजनीतिक-कानूनी रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है। संविधान-निर्माताओं ने समाज की नक्शानवीसी करते हुए उसे दो (पिछड़े और अगड़े) हिस्सों में बांटा था। इसके बाद पिछड़े वर्ग की विशाल बहुसंख्यक श्रेणी का विभाजन तीन हिस्सों (एससी, एसटी, ओबीसी) में कर दिया गया। इसी मानचित्र के अनुसार हमारी चुनावी गोलबंदी की संरचना बनी। इसी के मुताबिक आरक्षण के जरिए यह तय होना शुरू हुआ कि राज्य के संसाधनों पर किसका कितना हक होगा। दूसरी तरफ इस संवैधानिक नक्शे में संशोधन की कोशिशें भी चलीं, पर इनमें से किसी को कानूनी दृष्टि से कामयाबी नहीं मिली। अब बिहार में कर्पूरी ठाकुर के जमाने वाले उस मुंगेरी लाल कमीशन की प्रासंगिकता नए सिरे से समझ में आ सकती है, जिसने ओबीसी में नए समतामूलक वर्गीकरण का प्रस्ताव किया था। इसी तरह से मंडल कमीशन की रपट के साथ नत्थी आरएल नाइक (कमीशन के एकमात्र दलित सदस्य) की उस असहमति पर निगाह डालने की जरूरत महसूस होगी, जिसमें ओबीसी को खेतिहर और कारीगर जातियों में बांटकर उसी के मुताबिक आरक्षण का प्रतिशत अलग-अलग तय करने का आग्रह किया गया था। मुंगेरी लाल और नाइक के प्रस्तावों के अलावा संभवत: हो सकता है कि यह फैसला काका कालेलकर कमीशन के सदस्य शिव दयाल सिंह चौरसिया द्वारा व्यक्त उस विस्तृत असहमति पर गौर करने की तरफ भी ले जाए, जिसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के आग्रह की कड़ी आलोचना दर्ज है। यानी अब ईडब्ल्यूएस पर पुनर्विचार की गुंजाइश पैदा हो सकती है। सरकार द्वारा बनाए रोहिणी कमीशन के आंकड़े पहले ही ओबीसी के पुन: वर्गीकरण की जमीन तैयार करने का काम कर रहे हैं। ये नए संदर्भ में और प्रभावी लगेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की खास बात यह है कि उसने पंजाब समेत कुछ राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई उस प्रक्रिया पर कानूनी मुहर लगा दी है, जो एससी-एसटी श्रेणियों में वर्गीकरण की तरफ ले जाती है। अगर यह फैसला पहले आ गया होता तो बिहार में नीतीश कुमार द्वारा बनाई गई महादलित श्रेणी में पासवान, पासी, धोबी और रविदास जातियां (कुल दलित समाज का 69%) राजनीतिक दबाव डालकर न घुस पातीं। उस सूरत में बिहार का दलित आरक्षण दो हिस्सों में बंट गया होता। ज्यादा बड़ा हिस्सा उन 18 बिरादरियों को मिल रहा होता, जो संख्याबल में कमजोर और सामाजिक-शैक्षिक रूप से बहुत पीछे मानी जाती हैं। अगर यूपी सरकार चाहे तो बसपा के मुख्य जाटव जनाधार के आरक्षण पर दबदबे को घटाकर दूसरी लेकिन संख्याबल में कमजोर दलित जातियों को प्रमुखता दे सकती है। इस रोशनी में अदालती फैसले को लेकर चिराग पासवान और बसपा की बेचैनियों को आसानी से समझा जा सकता है। भाजपा के लिए इस फैसले ने कई तरह की अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं। एक तरफ वह अतिदलित और अतिपिछड़ा वर्ग को नए आश्वासन देकर एक बार फिर अपनी तरफ खींच सकती है, और दूसरी तरफ इसकी प्रतिक्रिया में ओबीसी श्रेणी की शक्तिशाली खेतिहर जातियां उसका साथ छोड़ सकती हैं। अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को दलित-आदिवासी और ओबीसी श्रेणियों में इस फैसले के मुताबिक उपश्रेणियां बनानी पड़ीं, तो उन्हें व्यवस्थित जातिगत जनगणना कराने की तरफ जाना ही होगा। एक तरह से सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला देकर जातिगत जनगणना की मांग पर अघोषित मुहर लगा दी है। संघ के सिद्धांतकारों के लिए यह पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है कि इस फैसले की रोशनी में हिंदू राजनीतिक एकता की नई परिभाषा क्या होगी। जातिगत जनगणना के सवाल पर भाजपा फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। जहां मजबूरी होती है (जैसे बिहार), वहां वह इसका समर्थन करती है। उसे समाज को तोड़ने वाला भी करार देती है। लेकिन कांग्रेस खुलकर इसके पक्ष में है।
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दिक्षिता मेहता दोस्ती का पैमाना किसी एक ख़ास दोस्त पर ही नहीं टिका होता, आप अपने हालात, व्यवहार और इच्छाओं के हिसाब से अलग-अलग लोगों में भी दोस्ती की ख़ूबियां तलाश सकते हैं।दोस्त यानी आपकी अपनी कहानी का साझेदार, जो हर मायने में आपको समझता हो, निखारता हो। ऐसे एक दोस्त की खोज किसे नहीं होती। पर अपने मन की हर इच्छा, हर उम्मीद का बोझ किसी एक पर लादने से अच्छा है आप अपनी खोज का तरीक़ा बदलें। किसी एक व्यक्ति नहीं, दोस्ती की ख़ूबियों की खोज में निकलें। थोड़े आप-से, थोड़े इतर मित्र/सखी का चुनाव करते वक़्त अक्सर हम समानताओं की तलाश करते हैं। हां, सोच-समझ और मन का मिलाप ज़रूरी तो है, पर उसके साथ ही सामने वाले में थोड़ी भिन्नता भी हो, ताकि आप एक-दूसरे के जीवन के अधूरे हिस्सों काे पूरा करते हुए, बेहतरी के साथ आगे बढ़ सकें। कहा भी जाता है कि दो विपरीत स्वभाव के लोगों में अच्छी साझेदारी देखने को मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि आप अंतर्मुखी हैं तो एक सामाजिक रूप से सक्रिय बातूनी और बहिर्मुखी व्यक्ति का साथ आपके जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लेकर आएगा। ऐसे ही एक सकारात्मक और एक आलोचनात्मक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति की जोड़ी भी बन सकती है। आपके प्रति सच्चा दोस्त सबसे ज़रूरी होकर भी बड़ी मुश्किलों के बाद मिलने वाला। एक ईमानदार और वफ़ादार दोस्त आपके जीवन की आधी समस्याएं यूं ही सुलझा देता है। इनके लिए आपकी भलाई से बढ़कर और कुछ भी नहीं, आपकी हां में हां मिलाना भी नहीं। ये आपके लिए आपसे लड़ने को भी तैयार हो जाते हैं। और कई मामलों में आपको आपसे भी बेहतर समझते हैं। फ़िक्रमंद और ज़िम्मेदार दोस्ती के नादान रिश्ते में ज़िम्मेदारी की थोड़ी-सी सूझ-बूझ और फ़िक्र आपकी व्यक्तिगत उन्नति में मदद करती है। अगर आपके पास एक ऐसा साथी है, जिसके साथ रहकर आप अपनी सभी चिंताओं से मुक्त रह सकते हैं तो उसे ज़रूर संभालकर रखें। ज़िंदगी से भरपूर काेई मेहनत का काम करना हो या शांति, सुकून के पल जीने हों- कुछ लोग हमेशा, हर बात को अपना सौ प्रतिशत देते हैं। ज़िंदगी को पूरी ज़िंदादिली के साथ जीने वाले ये साथी आपको छोटी-छोटी बातों में ख़ुश रहना सिखाते हैं। इनकी संगति से माहौल भी चहक उठता है। खुले विचारों वाला एक ऐसा दोस्त जिसकी सोच का दायरा आपकी सोच से अलग हो, खुला हो। केवल अच्छे-बुरे के तराज़ू में तोलने के बजाय जो आपको एक नए सिरे से हर बात समझने का मौक़ा दे। ऐसे व्यक्ति का साथ आपकी प्रगति में हमेशा सहायक रहेगा। जिससे ले सकें सलाह आपके क़रीबी दोस्त आपकी ख़ूबियों के साथ-साथ ख़ामियों से भी परिचित होते हैं। अक्सर वे आपके जीवन में निर्णायक या सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। ऐसे दोस्त के रूप में एक अच्छा मार्गदर्शक मिलने से बड़ी बात और क्या हाे सकती है। एक हंसमुख दोस्त जिस तरह हर बात को मज़ाक़ में लेना ठीक नहीं, उसी तरह हर बात पर तनाव लेने और गंभीर होने की भी ज़रूरत नहीं होती। ऐसे में काम आते हैं कुछ चुलबुले, हंसमुख दोस्त। यदि आपको भी बात-बात में गंभीर होने की आदत है तो मज़ाकिया दोस्त खोज लीजिए। हर स्थिति में ख़ुश रहने वाले ऐसे लोगों के साथ मुश्किल वक़्त भी हंसते-हंसते कट जाता है। रोमांच से भरा साथी रोमांच के साथ जीने का अलग ही मज़ा है। यदि आप स्वभाव से संकोची क़िस्म के हैं तो आपके पास रोमांच से रूबरू कराने वाला एक साथी होना ही चाहिए। ये केवल एडवेंचर्स ही नहीं, आम जीवन में भी डर और सीमाओं का सामना करने में आपकी मदद करेगा। और आपको आपके कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकालकर मुश्किलों से हंसते-हंसाते पार लगा देगा।
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नोहा एल्हेन्नावी संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 230 मिलियन से अधिक महिलाओं और लड़कियों का जननांग विच्छेदन किया गया है, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका में रहती हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी की गई रिपोर्ट में यूनिसेफ ने अनुमान लगाया है कि पिछले आठ वर्षों में लगभग 30 मिलियन लोग इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं, जिसमें बाह्य जननांग को आंशिक या पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है। यूनिसेफ ने कहा कि महिला जननांग विकृति से पीड़ित महिलाओं और लड़कियों का प्रतिशत घट रहा है, लेकिन उसने चेतावनी दी कि इस प्रथा को समाप्त करने के प्रयास बहुत धीमे हैं, जिससे तेजी से बढ़ती आबादी के साथ तालमेल नहीं बिठाया जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है, "महिला जननांग विकृति की प्रथा में कमी आ रही है, लेकिन यह कमी पर्याप्त तेजी से नहीं हो रही है। यह प्रथा, जिसे गलत तरीके से महिलाओं की कामुकता को नियंत्रित करने के लिए माना जाता है, गंभीर रक्तस्राव और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है। लड़कियों को बचपन से लेकर किशोरावस्था तक की उम्र में इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लंबे समय तक, यह मूत्र पथ के संक्रमण, मासिक धर्म की समस्याओं, दर्द, यौन संतुष्टि में कमी और प्रसव संबंधी जटिलताओं के साथ-साथ अवसाद, कम आत्मसम्मान और अभिघातजन्य तनाव विकार का कारण बन सकता है यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा, "हम यह चिंताजनक प्रवृत्ति भी देख रहे हैं कि अधिकाधिक लड़कियां कम उम्र में ही इस प्रथा का शिकार हो रही हैं, कई तो अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही। इससे हस्तक्षेप की गुंजाइश और कम हो जाती है।रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले अफ्रीका में ही करीब 144 मिलियन महिलाओं और लड़कियों का खतना किया गया है, इसके बाद एशिया और मध्य पूर्व में क्रमशः 80 मिलियन और 6 मिलियन हैं। सोमालिया उन देशों की सूची में सबसे ऊपर है जहाँ यह प्रथा, जिसे महिला खतना के रूप में भी जाना जाता है, प्रचलित है, जहाँ 15 से 49 वर्ष की आयु की 99% महिला आबादी का खतना किया गया है। बुर्किना फासो ने सबसे महत्वपूर्ण प्रगति की, जहां तीन दशकों में 15 से 49 वर्ष की आयु के बीच खतना कराने वाली महिलाओं का अनुपात 80% से घटकर 30% हो गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रत्येक 10 में से 4 लोग उच्च जनसंख्या वृद्धि दर वाले संघर्षग्रस्त देशों में रहते हैं, तथा राजनीतिक अस्थिरता के कारण इस प्रथा को रोकने और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के प्रयास बाधित होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, "संघर्ष प्रभावित देशों में महिला जननांग विच्छेदन से गुजरने वाली लड़कियों और महिलाओं की सबसे बड़ी संख्या इथियोपिया, नाइजीरिया और सूडान में है।" यद्यपि रिपोर्ट में कुछ देशों में हुई प्रगति की सराहना की गई है, तथापि इसमें चेतावनी दी गई है कि 2030 तक वैश्विक स्तर पर इस प्रथा को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विश्व में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, "कुछ देशों में, 2030 तक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इतिहास में देखी गई सर्वोत्तम प्रगति से 10 गुना अधिक प्रगति की आवश्यकता होगी।" महिला जननांग विकृति के खिलाफ लड़ने वाली ब्रिटेन स्थित चैरिटी संस्था फाइव फाउंडेशन के सीईओ निमको अली ने कहा कि यूनिसेफ के अनुमान "चौंकाने वाले" और "विनाशकारी" हैं तथा इस प्रथा को समाप्त करने के लिए और अधिक धनराशि की तत्काल आवश्यकता है। सोमालिया में जन्मी कार्यकर्ता, लेखिका और महिला जननांग विकृति से बचे व्यक्ति ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हमें इस दशक के अंतिम छह वर्षों का उपयोग लड़कियों के मानवाधिकारों के इस घृणित दुरुपयोग से निपटने और अगली पीढ़ी को एफजीएम की भयावहता से बचाने के लिए करना चाहिए।"
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अरुण कुमार दीक्षित शिक्षा हमें प्रकाशवान बनाती है। हमारे अंतस में प्रज्ञा लाती है। हम संस्कारवान शिक्षा से सामाजिक बनते हैं। प्रज्ञावान व्यक्ति सुंदर समाज का निर्माण करते हैं। शिक्षा सदाचारी व शीलवान बनाती है। शिक्षा हमें सत्य और सन्मार्ग पर ले जाती है। शिक्षा के ज्ञान से हम अनेक समाज और राष्ट्रों के विषय में अध्ययन कर पाते हैं । संस्कृतियों, सभ्यताओं को जानने-समझने का माध्यम शिक्षा ही है। हमारे अंतस में तरह-तरह की शक्तियों के प्रकट होने में शिक्षा ही हमारी सहायक होती है। शिक्षा हमें नैतिक और उच्च आदर्शों की ओर ले जाती है। भारत में शिक्षा के पूर्व विद्या शब्द है। विद्या को ज्ञान कहते हैं । ज्ञान को प्रकाश रूप में हम सब जानते हैं । पश्चिमी देश प्रकाश को लाइट कहते हैं। हम भारत में किसी ज्ञानवान व्यक्ति को विद्वान, प्रज्ञावान, विद्यावान कहते हैं। अब तक जो व्यक्त किया जा रहा है, जो व्यक्त हो चुका है, वह किसी अन्य के भीतर घटित हुआ है ,उसकी प्रतीति और अनुभव उसके हैं। दूसरा नहीं जान सकता है जो किसी ने जाना- समझा। जिसके अंतस में ऋषित्व घटित हुआ, वही उसका अधिकारी है । दृष्टा है। उसके अनुभव और जानकारी उसी की है। पढ़ने वाले ,विद्या ग्रहण करने वाले उपासक-आराधक की नहीं है। उसका बताया हुआ हम उसे दोहरा सकते हैं। समाज, व्यक्ति, राष्ट्र के लिए उसका उपयोग कर सकते हैं, पर जो किसी द्रष्टा ने जाना, वह उसके द्वारा उसके सूत्रों से ही प्रकट होता है। हम सब लगातार प्रयास करते हैं, कि विद्यावान बनें। समाज के लिए उपयोगी बनें, मगर दूसरे के अनुभव हमें प्राय: कठिनाई में डालते हैं । वह उधार के होते हैं। व्यक्ति किसी विशेष शिक्षा के अध्ययन के लिए जाता है, उसे स्मृति में लेकर लगातार प्रयास करता है। वह सफल या असफल होता है । वह किसी बड़ी-छोटी नौकरी में जाता है, मगर वह शिक्षित होकर भी सबके काम नहीं आता है। वह व्यक्तिगत ही रह जाता है। समाज राष्ट्र के निमित्त की बात नहीं करता, जबकि विद्यावान होने का मतलब सर्वजन हिताय होना चाहिए। प्राचीन यूनानी दार्शनिक प्लेटो को व्यापक रूप से पश्चिमी शिक्षा का जनक माना जाता है। अंग्रेजी में शिक्षा को एजुकेशन कहा जाता है। एजुकेशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के एजुकेटम शब्द से मानी जाती है, जिसका अर्थ बताया गया है कि आंतरिक को बाहर लाना। आखिर सनातन धर्म में कैसे खोजें कि भारत में प्रज्ञावान , मेधावान बनाने का आरंभ कब हुआ। भारत हमेशा से है। आदि-अनादि है। यहां विद्या का नाम धर्म भी है। अध्यापन भी है। जो विद्या धर्म के मार्ग पर नहीं ले जाती है, वह विद्या नहीं है। कुमार्ग है। शिक्षा का अर्थ है सीखना और जानना। जाने हुए को अन्य को बताना। अब विद्या और शिक्षा को एक समझना और भी लगता है कि द्वंद्व भरा है। हम देख रहे हैं कि लगातार व्यापार या नौकरी के लिए कई दशक से कौशल शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। सरकारें कौशल मिशन पर जोर दे रही हैं। विद्यावान व्यक्ति को भारत में बगैर नौकरी चाकरी ही बड़ा माना जाता है। अनेक विद्यावान ऋतम्भरा वाले महापुरुषों की जन्म तिथि नहीं है। सर्टिफिकेट नहीं है। तो भी वे स्मरणीय हैं। उपासना के सुयोग्य हैं। भारत में सुबह हनुमान चालीसा पाठ अनेक परिवारों में किया जाता है । हनुमान चालीसा में हनुमान को विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर वर्णित है। अब हनुमान जी अपने निजी काम से नहीं है। राम काज में हैं। लोक मंगल में हैं। इसका सीधा अर्थ है कि विद्या हम सबको भव्य और दिव्य बनाती रही है। वह राष्ट्रोन्मुखी है। विद्या दूसरे के जैसा नहीं। प्रत्येक को अपने जैसा निर्मित करती है। महाभारत युद्ध में जब अर्जुन विचलित होकर कहते हैं कि हम युद्ध नहीं करेंगे। हे, केशव आप हमें प्रकाशित करें । यहां पर प्रकाशित अर्थात हमें मार्ग बताएं । ज्ञान और सद्बुुद्धि से भर दें। विद्यावान बनाने की कार्रवाई करें। तब श्री कृष्ण विराट रूप का दर्शन अर्जुन को कराते हैं। सरस्वती विद्या और बुद्धि की देवी हैं। वे हंस पर विराजमान हैं। उन्हें भारतीय वाग्देवी, महाश्वेता, वीणापाणि ज्ञानदा नामों से जाना और आराधन किया जाता है । कवि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सरस्वती की उपासना वंदना अपने गद्य-पद्य की रचना के पूर्व करते हैं। वैदिक साहित्य में विद्या के दो रूप बताए गए हैं। पहली है अपरा विद्या जिसे निम्न श्रेणी में रखा गया है। दूसरी है पराविद्या इसी को आत्म विद्या या ब्रह्म विद्या भी कहा जाता है । दयानंद सरस्वती के अनुसार जिस पदार्थ के यथार्थ रूप का ज्ञान हो, उसे विद्या कहते हैं। शिक्षा की समस्या पुस्तक में पृष्ठ 57 में, महात्मा गांधी एक विद्यार्थी के प्रश्न के उत्तर में कहते हैं कि आज हम गुलाम हैं, जिन्होंने हमको पराधीन कर रखा है, उनके फायदे की दृष्टि से हमारी पढ़ाई का कार्यक्रम रखा गया है। हमारे शासकों ने आजकल की शिक्षा के सिलसिले में अनेक प्रलोभन पैदा कर रखे हैं। इसमें संदेह नहीं कि आज के सरकारी शिक्षण में भी कुछ अच्छाई है तो भी सब मिलकर हम चाहें या न चाहें ,उसका उपयोग अनिष्टकारी हो जाता है। धन और पद के लोभ में गुलामी प्यारी लगने लगती है। सा विद्या या विमुक्तये। विद्या वही है जो मुक्त करें । मुक्ति से मतलब इस जीवन में सब तरह की गुलामी से छुटकारा पाना । गांधी ने यह हरिजन सेवक में 1946 में लिखा है। गांधी भी विद्या को मुक्ति का मार्ग बता रहे हैं । आज की शिक्षा हमें मुक्त नहीं करती। वह नौकरी, धन, शासन करने की ओर ले जाती है। राधाकृष्णन ने शिक्षा का केंद्र विद्यार्थी को माना है। विद्यार्थी में नैतिक, बौद्धिक आध्यात्मिक, सामाजिक आर्थिक व्यावसायिक मूल्यों का संरक्षण करने का प्रयास करना चाहिए । वह कहते हैं प्रेम एवं मानवता का समन्वय होना चाहिए। उनका मानना था कि सही शिक्षा से समाज की अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास को देखेंगे तो पाएंगे कि सभ्यता का निर्माण महान ऋषियों- वैज्ञानिकों के हाथों हुआ है । जो स्वयं विचार करने की सामर्थ्य रखते हैं।ज्ञान हमें शक्ति देता है। प्रेम पूर्णता देता है। वे कहते हैं शिक्षा में न केवल बुद्धि का प्रशिक्षण शामिल होना चाहिए बल्कि हृदय का परिष्कार और आत्मानुशासन भी होना चाहिए। वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति बनाई थी। भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूलों से लेकर कॉलेज तक भारतीय शिक्षा प्रणाली में आधुनिक सुधार लाने के उद्देश्यों के आलोक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकृति दी थी। साथ ही सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने की मंजूरी दी थी। सरकार का कहना था कि पूर्व की शिक्षा नीति में कई खामियां थीं। नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति यह मानती है कि बच्चे मूल भाषा को तेजी से समझते हैं। पूर्व में एक समान प्रणाली नहीं थी । उसे अब समाप्त किया गया है। सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता है और देश में शिक्षा प्रणाली की एक ही एजेंसी काम करेगी। इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में विशेषज्ञों के एक समूह ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की कठिनाइयों को देखते हुए यह प्रस्ताव किया था। बाद में मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। नई शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ उन्हें 21वी सदी के कौशल से लैस किया जाना है। आलोचनात्मक सोच पर जोर देना है। सरकार ने इस बात की चिंता की है कि पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम छात्रों ने उच्च शिक्षा का विकल्प चुना। सरकार की नई शिक्षा नीति से शिक्षाविद् और प्रबुद्ध जन आशान्वित हैं कि इससे पूरी शिक्षा प्रणाली के दूरदर्शी परिणाम होंगे।
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डॉ. सत्यवान सौरभ भारत में असमानता, संपन्नता और निर्धनता के बीच के द्वंद्व से परे है, क्योंकि जाति आधारित असमानताएं देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे की परिभाषित विशेषताओं में से एक हैं। वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब के एक हालिया वर्किंग पेपर ने अमीर और गरीब के बीच की खाई को चौड़ा किया है। जाति आधारित असमानताएं देश के सामाजिक आर्थिक ढांचे की परिभाषित विशेषताओं में से हैं। आर्थिक असमानता का आकलन करने के लिए गिनी गुणांक और प्रतिशत अनुपात महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करते हैं। यह लोरेंज कर्व से लिया गया है। इसका उपयोग किसी देश में आर्थिक विकास के संकेतक के रूप में किया जा सकता है। गिनी गुणांक किसी आबादी में आय समानता की डिग्री को मापता है। गिनी गुणांक 0 (पूर्ण समानता) से 1 (पूर्ण असमानता) तक भिन्न हो सकता है। शून्य का गिनी गुणांक का मतलब है कि सभी की आय समान है, जबकि 1 का गुणांक एक व्यक्ति को सभी आय प्राप्त करने का प्रतिनिधित्व करता है। समग्र रूप से और अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य श्रेणी जैसे सामाजिक समूहों के भीतर उपभोग असमानता में परिवर्तन। 2022-23 में, जबकि एसटी की आबादी 9 प्रतिशत थी, उनकी खपत हिस्सेदारी केवल 7 प्रतिशत थी। अनुसूचित जाति की आबादी 20 प्रतिशत थी और उनकी खपत में हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। ओबीसी (आबादी का 43 प्रतिशत) की खपत में हिस्सेदारी 41 प्रतिशत थी। आबादी का 28 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद, सामान्य वर्ग ने 36 प्रतिशत की उल्लेखनीय रूप से उच्च खपत हिस्सेदारी हासिल की। ये निष्कर्ष विभिन्न सामाजिक समूहों में खपत के वितरण में लगातार असमानताओं को रेखांकित करते हैं। एससी और एसटी लगातार सामान्य और ओबीसी श्रेणियों के लोगों से पीछे हैं। समग्र गिनी गुणांक 2017-18 में 0.359 से घटकर 2022-23 में 0.309 हो गया, जो इस अवधि के दौरान कुल आय असमानता में 050 की कमी दर्शाता है। एसटी श्रेणी में गिनी गुणांक 322 से घटकर 0.268 हो गया, जो 0.054 अंकों की गिरावट है। यह इस समुदाय के भीतर खपत के समान वितरण में सुधार का संकेत देता है। एससी श्रेणी में 312 से घटकर 0.273 हो गया। ओबीसी श्रेणी में गिनी गुणांक में 336 से 0.288 तक की गिरावट देखी गई, जो 0.048 अंकों की कमी है। सामान्य श्रेणी में सबसे अधिक कमी देखी गई, जो 379 से 0.306 तक थी, जो 0.073 अंकों की गिरावट के बराबर थी। यह कमी सामाजिक गतिशीलता और प्रभावी नीति हस्तक्षेपों सहित विभिन्न सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों का संकेत हो सकती है। यह भारत के सामाजिक समूहों के बीच अंतर्निहित आर्थिक असमानताओं को प्रकट करता है। एसटी और एससी समुदाय सबसे स्पष्ट विसंगतियों को सहन करते हैं। एसटी, एससी और ओबीसी समूहों के लिए, 2017-18 से 2022-23 तक उपभोग के स्तर में कमी आई है, जो निचले 20 प्रतिशत दशमलव के लिए मामूली है। सामान्य श्रेणी के लिए, उपभोग के स्तर में कमी अधिक स्पष्ट है जो सामान्य आबादी के सबसे गरीब तबके के बीच उपभोग में सापेक्ष गिरावट को दर्शाती है। शीर्ष 20 प्रतिशत दशमलव में सभी सामाजिक समूहों के लिए उपभोग में थोड़ी वृद्धि हुई है। सामान्य श्रेणी में विश्लेषण के तहत दो अवधि के बीच 10 प्रतिशत अंकों की महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव होता है। सामान्य वर्ग के सबसे धनी वर्ग में यह असमान वृद्धि उच्च जातियों के बीच धन के संभावित संकेन्द्रण को दर्शाती है। सामान्य वर्ग और अन्य सामाजिक समूहों के बीच असमानता महत्वपूर्ण बनी हुई है, जो उपभोग पैटर्न में लगातार विसंगतियों को रेखांकित करती है। भारत ने बहुआयामी गरीबी से लाखों लोगों को बाहर निकालने में उल्लेखनीय प्रगति की है, फिर भी विभिन्न जाति समूहों के बीच असमानता बनी हुई है। संविधान द्वारा जाति भेदभाव को समाप्त करने और सकारात्मक कार्रवाई कार्यक्रमों की शुरूआत के बावजूद, जाति की छाया आर्थिक वास्तविकताओं को आकार देना जारी रखती है। केंद्र ने इन असमानताओं को कम करने के लिए आरक्षण, ग्रामीण विकास पहल और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सहित कई नीतियां बनाई हैं। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच उपभोग पैटर्न में असमानताएं आय, संसाधनों तक पहुंच या क्रय शक्ति में संभावित असमानताओं को दर्शाती हैं। प्रयासों को निचले तबके के लोगों, विशेष रूप से एसटी और एससी समुदायों के बीच आय सृजन और उपभोग क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समाज में सामाजिक सद्भाव और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है। अधिक आर्थिक समानता की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को संबोधित करने वाले रुझानों और लक्षित हस्तक्षेपों की निरंतर निगरानी आवश्यक है। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच उपभोग पैटर्न में असमानताएं आय, संसाधनों तक पहुंच या क्रय शक्ति में संभावित असमानताओं को दर्शाती हैं। निम्न आय वर्ग, खास तौर पर अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समुदायों के बीच आय सृजन और उपभोग क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। यह समाज में सामाजिक सद्भाव और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी आवश्यक है। अधिक आर्थिक समानता की दिशा में सतत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों के सामने आने वाली विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रवृत्तियों की निरंतर निगरानी और लक्षित हस्तक्षेप आवश्यक है। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)
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राजदीप सरदेसाई पिछले कई सालों से मैं ‘इलेक्शन ऑन माय प्लेट’ नामक एक टीवी शो कर रहा हूं, जो दर्शकों को चुनाव-अभियान के बारे में बताता है और खाने-पीने की चीजें उनका अतिरिक्त आकर्षण होती हैं। दरअसल, इस शो का ‘स्टार’ खाना ही है, क्योंकि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जो भारत की खाद्य-विविधता की बराबरी कर सके। ऐसे में यूपी और उत्तराखंड पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान भोजन की ‘पुलिसिंग’ का सहारा लेना भारतीय होने के मूल अर्थ पर ही प्रहार करना था।आखिर भारत के अलावा और कहां ऐसा हो सकता है कि मदुरै के प्रतिष्ठित मीनाक्षीपुरम् मंदिर के पास अम्माज़ किचन नामक एक अद्भुत रेस्तरां आपको मिले, जो बेहतरीन चेट्टीनाड मांसाहारी भोजन परोसता हो? पुराने जयपुर में एक मुस्लिम परिवार द्वारा पीढ़ियों से चलाया जा रहा तीन मंजिला रेस्तरां आपको और कहां मिलेगा, जो स्वादिष्ट मुगलई भोजन परोसता हो और जो एक ‘शुद्ध’ शाकाहारी भोजनालय के ठीक बगल में स्थित हो? पुणे-सोलापुर राजमार्ग पर आपको जय तुलजा भवानी नामक एक ढाबा और कहां मिलेगा, जहां स्वादिष्ट मटन पकता हो? और भारत के अलावा आपको विजयवाड़ा के केंद्र में एक ऐसी फूड स्ट्रीट और कहां मिलेगी, जहां आधा दर्जन प्रकार की आंध्र बिरयानी इडली-डोसे के साथ ही बेची जाती हो? शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हमेशा से इस देश की भोजन-कला का सूत्र रहा है। यहां किसी रेस्तरां का मूल्यांकन उसके मालिक के नाम नहीं बल्कि खाने की गुणवत्ता से होता है। ऐसे में यूपी सरकार द्वारा पुलिस को यह ‘निर्देश’ देना कि वह सुनिश्चित करे कि हर स्ट्रीट वेंडर या सड़क किनारे के रेस्तरां पर मालिक के नाम की तख्ती लगी हो, जानबूझकर समाज में विभाजन के बीज बोना था। सरकार का यह दावा अनुचित था कि यह आदेश केवल यह सुनिश्चित करने के लिए था कि यात्रा मार्ग पर कानून-व्यवस्था की कोई गड़बड़ी न हो। पिछले कुछ वर्षों में यात्रियों की खान-पान की आदतों को लेकर कांवड़ यात्रा में कोई विवाद होने का शायद ही कोई सबूत मिला हो। उलटे, सरकार की भेदभावपूर्ण फूड-राजनीति परेशानी का सबब बन सकती थी। नेम-प्लेट लगाने का आदेश वास्तव में सामाजिक अलगाव को दर्शाने वाला था, जो यात्रा मार्ग पर आने वाले लोगों को मुस्लिम स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों के साथ किसी भी तरह के संपर्क से बचने के लिए प्रोत्साहित करता था। भला ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपने यहां आकर्षित करने की इच्छा रखने वाला कौन-सा स्टॉल मालिक ऐसा होगा, जो कांवड़ यात्रियों को ऐसा खाना परोसेगा, जो उनकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ हो? यहां पर इस्लामी नियमों के अनुरूप बनाए गए ‘हलाल’ प्रमाणित उत्पादों का हवाला देना भी गलत है। क्योंकि कोई भी किसी को भोजनालय के बोर्ड पर ‘शुद्ध’ शाकाहारी लिखने से नहीं रोकता है। लेकिन किसी विशेष आहार के अनुरूप भोजन को प्रचारित करना धर्म के आधार पर दुकान-मालिक को अलग-थलग करने की कोशिशों से बहुत अलग है। मानो इतना ही काफी नहीं था तो मुस्लिम स्वामित्व वाली दुकानों को ‘अशुद्ध’ और ‘अस्वच्छ’ बताने वाला सोशल मीडिया अभियान भी चल पड़ा। यह एक सांप्रदायिक झूठ है। देश में स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड की खोज करते हुए स्वच्छता अक्सर ही चिंता का विषय रहती है, लेकिन यह कभी समुदाय-विशिष्ट नहीं होती। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खानपान की चीजों के गुणवत्ता-मानकों को बनाए रखा जाए; यह नहीं कि किसी खाने की जगह की स्वच्छता को उसके मालिक की धार्मिक पहचान से आंका जाए। कोरोना की पहली लहर के दौरान भी तबलीगी जमात के हवाले से यह दुष्प्रचार फैलाया गया था कि मुसलमान कोरोना फैलाते हैं। इसके परिणामस्वरूप कई मुस्लिम सब्जी-विक्रेताओं को बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। मालूम होता है कांवड़ यात्रा की ‘पवित्रता’ की बात करके योगी सरकार ने कोर-वोटरों के बीच अपनी हिंदुत्ववादी साख को फिर से मजबूत करना चाहा था। लेकिन बहुसंख्यक पहचान की राजनीति अब चुनावी सफलता का गारंटीकृत नुस्खा नहीं रह गई है। 2024 के चुनावों में, भाजपा को यूपी में दलित-मुस्लिम-यादव-ओबीसी वोटों के एकीकरण का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पार्टी जमीन पर समावेशी-एजेंडे को आगे बढ़ाने में विफल रही थी। जातिगत विभाजक-रेखाएं भी फिर से उभर रही हैं। अगर आज मुस्लिम दुकानदारों की आजीविका दांव पर है, तो कौन कह सकता है कि कल दलित या निम्न ओबीसी समुदाय निशाने पर नहीं होंगे? देश में स्ट्रीट फूड की खोज करते हुए स्वच्छता अक्सर ही चिंता का विषय रहती है, लेकिन यह कभी समुदाय-विशिष्ट नहीं होती। खाने की दुकान की स्वच्छता को उसके मालिक की धार्मिक पहचान से नहीं आंक सकते।
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देवदत्त पट्टनायक हम गुरु-शिष्य परंपरा को जानेंगे और समझेंगे कि विश्व की अन्य शिक्षण प्रणालियों से हमारी यह परंपरा कैसे अलग है। बौद्ध धर्म के उभरने के पश्चात प्रवचन व्यापक होने लगे। इनमें ऋषि बहुधा उद्यान में पेड़ के नीचे बैठकर हज़ारों छात्रों को अपना ज्ञान बांटते थे। उससे पहले, उपनिषदों के अनुसार ऋषि और राजा, पति-पत्नी तथा देवता और मनुष्य आपस में वार्तालाप करते थे। और उससे भी पहले ‘ब्राह्मण’ और ‘आरण्यक’ वैदिक ग्रंथों के अनुसार लोग क्रमशः अनुष्ठान करने में व्यस्त रहते थे या वन में एकांत में समय बिताते थे। यह करते हुए वे इन अनुष्ठानों में किए गए उच्चार और अर्पण पर चिंतन करते थे।इस बीच, रामायण और महाभारत के अनुसार छात्र गुरुकुलों में शिक्षा प्राप्त करने लगे। गुरुकुल की आधुनिक समझ यह है कि गुरु पेड़ के नीचे बैठकर अपने चारों ओर बैठे छात्रों को प्रवचन देते थे, मानो आज के क्लासरूम जैसे। और यही कारण है जो हम गुरु-शिष्य परंपरा को समझने में भूल कर देते हैं।आधुनिक शिक्षा प्रणाली और प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा में मुख्य अंतर ज्ञान के उद्देश्य को लेकर है। हालांकि सभी को जानकारी एक जैसी मिलती है, लेकिन हर कोई उसे अलग तरह से समझकर ज्ञान भी अलग प्राप्त करता है। समझने के लिए आवश्यक है कि हम दूसरों से मिली जानकारी का विश्लेषण कर उसे पहले से प्राप्त ज्ञान के संदर्भ में समझें। सीखना और ज्ञान प्राप्त करना अत्यधिक जटिल प्रक्रियाएं हैं। प्राचीन भारतीय इसके बारे में अवगत थे।यूरोपीय शिक्षण प्रणालियों की जड़ें तर्क-वितर्क की धारणाओं में थीं। ये धारणाएं यूनान और रोम से आईं। प्राचीन काल के दार्शनिक आपस में तर्क करते थे। फिर या तो एक दार्शनिक की जीत से या सर्वसम्मति से सच स्थापित होता था। यह सच छात्र कक्षाओं में बहुधा रटकर सीखते थे। हालाँकि वे सच को चुनौती दे सकते थे, लेकिन अंतत: उन्हें उसे स्वीकारना ही पड़ता था। आधुनिक शिक्षण प्रणाली भी कुछ इसी तरह की है। छात्रों की परीक्षा लेकर उनकी समझ और उनका विकास परखा जाता है।यूरोपीय शिक्षण का मॉडन मिशनरी स्कूलों तथा उपनिवेशवाद के कारण और पूर्वी-एशियाई शिक्षण का मॉडल ब्रूस ली और जैकी चैन की तथा अन्य चीनी फ़िल्मों के कारण प्रसिद्ध हुआ। इसलिए हम गुरु-शिष्य परंपरा का शिक्षण के यूरोपीय मॉडलों के साथ आंकने का और उसे कुछ हद तक पूर्वी-एशियाई शिक्षण प्रणालियों से भी जोड़ने का प्रयास करते हैं। और यही कारण है कि हम उसे अच्छे से समझ नहीं पाते हैं।भारतभर में मैकेनिक की दुकानों और ढाबों के मालिक युवकों को अपनी निगरानी के नीचे काम पर लगाते हैं। इस उस्ताद-चेला मॉडल को समझकर हम गुरु-शिष्य परंपरा को अच्छे से समझ सकते हैं। उस्ताद सिखाने का कोई सीधा प्रयास नहीं करता है। अपना काम करते-करते वह बातें करता है, टिप्पणी देता है और चेला उसे देख-सुनकर सीखता है।यहां चेले में सीखने की भूख होनी आवश्यक है। जब वह पर्याप्त रूप से सीख लेता है, तो वह बहुधा स्वयं का उद्यम शुरू करता है। उस्ताद-चेले का यह मॉडल अनौपचारिक और असंगठित रूप से चलता है। उसके उद्देश्य भी बहुधा अस्पष्ट होते हैं: क्या चेले को रोज़गार दिया जा रहा है? क्या वह कुछ सीख रहा है? या उसका शोषण हो रहा है? संभवतः कुछ लोगों को इस बात से विस्मय हो सकता है कि उन्नत गुरु-शिष्य परंपरा को सड़क के उस्ताद-चेला नातों से जोड़ा जा रहा है। लेकिन हमें ध्यान में रखना आवश्यक है कि अतीत कई गुरुओं का व्यवहार दमनकारी कहा जा सकता है। कहानियों में कुछ उदाहरण भी हैं। जैसे, ऋषि धौम्य के तीन छात्र थे। पहले छात्र आरुणि ने अपने गुरु के खेत की टूटी मेड़ से बहते पानी को रोकने के लिए अपने शरीर की ही ओट लगा दी थी। दूसरा शिष्य उपमन्यु था। वह अपने गुरु की गायें चराता था, लेकिन उसे उन गायों का दूध पीना मना था। इसलिए उसे विषैले पत्ते खाने पड़े और कुछ समय के लिए उसकी दृष्टि भी चली गई। गुरु ने अपने तीसरे शिष्य वेद से उसके बुढ़ापे तक अपनी सेवा करवाई।
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लेखक: अनुराग आनंद तारीख- 17 मई 1999। जगह- रावलपिंडी में ISI के ओझिरी कैंप का एक सीक्रेट मीटिंग रूम। बैठक में पाकिस्तान के उस वक्त के PM नवाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ समेत डिफेंस के टॉप ऑफिसर्स और विदेश मंत्री मौजूद थे।जनरल तौकीर जिया ने PM के सामने प्रेजेंटेशन देना शुरू किया। नक्शे में कुछ पॉइंट दिखाए गए और बताया कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की इन चौकियों पर कब्जा कर लिया है। अब निशाने पर भारत का नेशनल हाईवे-1 है। ये प्रेजेंटेशन ऑपरेशन कोह-ए-पैमा का था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने कारगिल घुसपैठ और कश्मीर को हथियाने के लिए बनाया था।जनरल मुशर्रफ ने PM को बताया कि ये ऑपरेशन 5 फेज का है। पहले फेज को पूरा कर लिया गया है और सेना कामयाबी के बेहद करीब है। अब वापसी संभव नहीं है। PM नवाज कुछ पूछते, इससे पहले ही चीफ ऑफ स्टाफ जनरल अजीज ने कहा- 'सर, अब कुछ मत सोचिए। बस आप इसकी इजाजत दीजिए। पाकिस्तान के इतिहास में आपका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आप 'कश्मीर के मुक्तिदाता' कहलाएंगे।'विदेश मंत्री सरताज अजीज ने आगाह करते हुए कहा कि यह भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी से किए वादे के खिलाफ होगा। नवाज बोले- हम कब तक कागजी कार्रवाई के जरिए कश्मीर को आजाद कराने की कोशिश करेंगे। अब मौका मिला है तो क्यों ना इसका फायदा उठाया जाए।इसके बाद PM नवाज ने ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को हरी झंडी दे दी। पाकिस्तानी पत्रकार नसीम जेहरा अपनी किताब 'फ्राम कारगिल टु द कू' में इस पूरी घटना का जिक्र किया है। कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर जानेंगे जंग का पाकिस्तानी साइड। पाक सेना के गैंग ऑफ फोर ने कैसे बनाया था कारगिल घुसपैठ का प्लान और ऑपरेशन विजय ने उसे कैसे नाकाम किया…1987 में लिखी गई स्क्रिप्ट: जब सियाचिन की चोटी पर चढ़ बैठी भारतीय सेना 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हूण के नेतृत्व में कुमाऊं रेजिमेंट की एक पूरी बटालियन सियाचिन की चोटी पर चढ़ बैठी। इसे ऑपरेशन मेघदूत नाम दिया गया। पाकिस्तान में इस वक्त जनरल जियाउल हक की तानाशाही थी। सियाचिन पर भारतीय सेना की जीत से झल्लाए जनरल जियाउल हक ने पाकिस्तानी सेना को सियाचिन पर हमले के आदेश दिए।1986 में पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप ने सियाचिन के पश्चिम में एक चोटी पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तानी सेना ने कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर इस पोस्ट का नाम रखा कायद। अगले ही साल भारतीय सेना ने कैप्टन बाना सिंह के नेतृत्व में इस पोस्ट पर कब्जा कर लिया और इसका नाम दिया बाना पोस्ट। सियाचिन और बाना टॉप पर हुई जंग के बाद भारत और पाकिस्तान में सियासी समझौते होते रहे, लेकिन पाकिस्तान के ब्रिगेडियर परवेज मुशर्रफ इस हार को पचा नहीं पाए।1987 में जियाउल हक ने परवेज को स्पेशल सर्विस ग्रुप का कमांडर बनाकर सियाचिन भेजा। वहां से लौटकर परवेज मुशर्रफ ने कारगिल और सियाचिन पर कब्जे के लिए जियाउल हक को एक डिटेल प्लान दिया। हालांकि, जियाउल हक तब इसके लिए तैयार नहीं हुए। 1998 में सेना प्रमुख बने जनरल मुशर्रफ: ISI ने कारगिल पर कब्जे के प्लान को स्ट्रैटिजिकली फेल बताया 1998 में पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ ने दो सीनियर आर्मी जनरल को पीछे छोड़ जनरल परवेज मुशर्रफ को आर्मी चीफ बनाने का फैसला किया। मुशर्रफ सियाचिन में मिली हार को भूले नहीं थे। मौका मिलते ही उन्होंने दोबारा सियाचिन पर कब्जे के पुराने प्लान पर काम करना शुरू कर दिया। नसीम जेहरा अपनी किताब ‘फ्रॉम कारगिल टु द कू: इवेंट्स दैट शूक पाकिस्तान’ के पेज 45 पर लिखती हैं कि मुशर्रफ के सेना प्रमुख बनने से पहले ही पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर कब्जे के इस प्लान को प्लानिंग डायरेक्टरेट के पास भेजा था। इसके बाद ये प्लान रिव्यू के लिए डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन और फिर ISI के पास भेजा गया। ISI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टैक्टिकली ये अच्छा प्लान है। इसके जरिए हम कारगिल पर कब्जा तो कर लेंगे, लेकिन स्ट्रैटिजिकली ये नाकाम प्लान है, क्योंकि इस कब्जे को लंबे समय तक बरकरार रखना मुमकिन नहीं होगा। ISI की यह रिपोर्ट उन्हीं के एक बड़े अधिकारी जनरल अजीज खान को पसंद नहीं आई। दरअसल, 1998 की शुरुआत में जनरल अजीज ने भारतीय सीमा में घुसकर 28 चोटियों पर कब्जा किया था। इसलिए उन्हें लगता था कि ठंड के मौसम में इस प्लान को आसानी से अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। 1998 में अमेरिका में मिले भारत-पाकिस्तान के PM: पाकिस्तानी सेना कर रही थी घुसपैठ की तैयारी 11 सितंबर 1998 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक हो रही थी। भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे। यह पहला मौका था, जब भारत और पाकिस्तान के दो बड़े नेता एक टेबल पर खाना खा रहे थे। इस वक्त बातचीत में नवाज शरीफ ने बताया कि जब 1982 में भारत में एशियन गेम्स हुए थे, तो वे लाहौर से दिल्ली कार से गए थे। कार भी उन्होंने खुद चलाई थी। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने अपनी किताब "इंडिया एट रिस्क' में लिखा है कि जब अटल जी और शरीफ के बीच बातचीत हो रही थी तो वह वहीं मौजूद थे। उस समय विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान मामलों के अधिकारी विवेक काटजू मेरे कान में फुसफुसाए कि अमृतसर से लाहौर बस यात्रा शुरू करने वाली बात करने का यह सबसे बेहतर समय है। इसके बाद ये सुझाव नवाज और अटल के सामने रखा गया। दोनों नेताओं ने इस सुझाव को खूब पसंद किया पाकिस्तान की पत्रकार नसीम जेहरा के मुताबिक अमेरिका में नवाज और अटल की मुलाकात के एक महीने बाद अक्टूबर में पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हमले की तैयारी शुरू कर दी। अक्टूबर 1998 में ही जुबानी तौर पर परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करने के लिए ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को मंजूरी भी दे दी। भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढी के मुताबिक कारगिल पर चढ़ाई के लिए ऑपरेशन कोह-ए-पैमा का नाम पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय ने दिया था। यह एक फारसी शब्द है, जिसका मतलब पहाड़ों की चोटी तक पहुंचने वाला है। जिस बैठक में ये नाम तय किया गया था, उसमें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, ऑफिसर कमांडिंग (GOC) 10 कोर जनरल महमूद और कमांडर FCNA ब्रिगेडियर जावेद हसन शामिल थे। इस ऑपरेशन को लीड जनरल अजीज खान कर रहे थे, जबकि फ्रंट पर जनरल जावेद हसन मोर्चा संभाल रहे थे। 17 हजार फीट की ऊंचाई पर -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को अंजाम देने की जिम्मेदारी नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट यानी NLI को दी गई। जनरल जावेद हसन को NLI का प्रमुख बनाया गया। NLI पाकिस्तानी सेना, नहीं बल्कि पैरामिलिट्री फोर्स थी। इस रेजिमेंट में ज्यादातर जवानों की बहाली गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र से हुई थी। इन जवानों को बर्फ में जंग करने की ट्रेनिंग दी गई थी। साथ ही इन्हें पैदल चलकर हमला करने, पहाड़ों की लड़ाई करने के लिए ट्रेंड किया गया था। नवंबर 1998 में पाकिस्तान के स्कार्दू और गिलगित में तैनात फ्रंटियर डिवीजन के जवानों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं। 1999 में जंग से 3 महीने पहले: नवाज ने फोन कर अटल को पाकिस्तान बुलाया जनवरी 1999 में भारत की तरफ से तय हो गया था कि वाजपेयी अमृतसर से बस को हरी झंडी दिखाएंगे। जनवरी में ही एक दिन नवाज ने वाजपेयी को फोन किया और पूछा- सुना है आप ग्रीन सिग्नल देने अमृतसर आ रहे हैं। वाजपेयी के हां कहते ही तपाक से नवाज बोले- करीब आकर भी मेरे दरवाजे आए बिना आप कैसे लौट सकते हो।इसके बाद 20 फरवरी 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी बस से लाहौर पहुंचे। लाहौर में पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ ने अटल बिहारी वाजपेयी को गले लगाया। उनके स्वागत समारोह में 21 तोपों की सलामी दी गई। लाहौर के गवर्नर हाउस में अटल बिहारी वाजपेयी और शरीफ ने 'लाहौर घोषणा' पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान अपने भावुक भाषण में वाजपेयी ने कहा था कि पांच दशकों की शत्रुता को समाप्त करना और शांति कायम करना दोनों देशों की नियति है दोस्ती का हाथ बढ़ाकर पीठ में खंजर घोंपा: पाकिस्तानी सेना ने किया भारतीय चौकियों पर कब्जा जोजिला से लेह तक भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 300 किलोमीटर सीमा लगती है। 1999 तक यहां इंडियन आर्मी की सिर्फ एक ब्रिगेड तैनात होती थी। 2500 सैनिकों के लिए 300 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करना बेहद मुश्किल काम था। 14 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर अक्टूबर से मई तक दोनों देशों की सेनाएं चोटियां खाली कर देती थीं। पाकिस्तान ने इसी समय का फायदा उठाया। मई में दोबारा भारतीय सेना पहाड़ों पर तैनात होती, इससे पहले ही जनवरी 1999 में मुश्कोह, द्रास, कारगिल और तुर्तुक सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर दी। पाकिस्तानी सेना LoC सीमा से 10 किलोमीटर तक अंदर भारतीय सीमा में घुस गई। अपनी किताब ‘लाइन ऑफ फायर’ में परवेश मुशर्रफ ने लिखा था कि 1998 की सर्दियों में कारगिल में बॉर्डर के इस पार पाकिस्तानी आर्मी ने करीब 100 पोस्ट बनाकर इन सभी पर 20 से 25 जवानों की तैनाती की थी। LoC के पार करीब 100 वर्ग किलोमीटर तक भारतीय सीमा में हजारों मुजाहिदीन घुस गए थे। जंग के बाद पाकिस्तानी सेना के जनरल अजीज ने कहा था कि भारतीय सीमा में सिर्फ मुजाहिदीन नहीं, बल्कि हमारी फौज भी घुसी हुई थी। LoC के बॉर्डर पर तैनात दोनों देशों के सैनिकों के लिए ये नियम है कि वो बॉर्डर पार करने से पहले अपनी सरकार से इजाजत लेंगे। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने नवाज सरकार से इसकी इजाजत नहीं ली थी। जनवरी 1999 तक बॉर्डर के इस पार की जाने वाली किसी कार्रवाई की जानकारी सरकार को देने की जरूरत नहीं थी। जब इसकी जरूरत हुई तो मई 1999 में सरकार को जानकारी दी गई थी।कोह-ए-पैमा ऑपरेशन को शुरू करने से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कारगिल वाले इलाके में भारतीय सेना की अस्थायी मूवमेंट होने की जानकारी दी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने ब्रिगेडियर मसूद असलम को एक टुकड़ी के साथ कारगिल में ये जानने के लिए भेजा कि भारतीय सीमा में क्या चल रहा है।उन्होंने देखा कि भारतीय चौकियों पर बर्फ जमी है। वो थोड़ा और आगे गए, लेकिन किसी भारतीय जवान से मुठभेड़ नहीं हुई। इसकी जानकारी मिलते ही परवेज मुशर्रफ ने 16 जनवरी 1999 को पाकिस्तानी सेना मुख्यालय को ऑपरेशन के लिए हरी झंडी दे दी। मई 1999 में रूसी हेलिकॉप्टर की मदद से पहाड़ों पर बम-गोले जमा करने लगे पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी जनरल जेएस सोढ़ी के मुताबिक पाकिस्तान कारगिल की चोटियों पर अपनी सेना तैनात करके श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 1 पर कब्जा करना चाहता था। अगर ऐसा करने में पाकिस्तानी सेना कामयाब हो जाती तो सियाचिन और लद्दाख की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती। हालांकि, इसके लिए पाकिस्तानी सेना के जवानों को मोर्चे पर भेजा जाने लगा था। सबसे मुश्किल काम पहाड़ की चोटियों तक असलहे और गोला-बारूद को भेजना था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के पब्लिक रिलेशन विभाग ISPR के डिप्टी डायरेक्टर रहे कर्नल अशफाक हुसैन ने अपनी किताब 'विटनेस टु ब्लंडर' में लिखा कि रूस से मंगवाए गए MI17 हेलिकॉप्टर के जरिए साजो-सामान पहाड़ों पर पहुंचाए गए थे। इसके जरिए सैनिकों के खाने का सामान और छोटे हथियार तो 17 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाए जा सकते थे, लेकिन भारी तोप नहीं। पाकिस्तानी सेना के इंजीनियर ने तोपों के पुर्जे खोलकर उसे 8 हिस्सों में बांटकर पहाड़ों पर पहुंचाया। पाकिस्तानी सेना पहाड़ों पर लंबी दूरी तक भारतीय सैनिकों की तैनाती नहीं देखकर आगे बढ़ती चली गई। ऑपरेशन की शुरुआत में 10 से 12 पोस्ट बनाने का फैसला पाकिस्तानी सेना ने किया था, जो अब बढ़कर 130 के करीब हो गई थी। यहां से असली समस्या शुरू हुई। प्लानिंग से आगे बढ़ने की वजह से सप्लाई लाइन कमजोर पड़ गई। NLI की यूनिट 5 LoC से 26 किलोमीटर अंदर भारतीय सीमा में तैनात थी। जिसे कई दिनों तक भूखे पेट लड़ाई लड़नी पड़ी। NLI यूनिट 8 के लेफ्टिनेंट मोहम्मद माजूल्ला खान ने अपनी डायरी में लिखा था- 'मौसम खराब है। बर्फबारी हो रही है। 'मैं दिल से' और 'कुछ कुछ होता है' के गाने सुन रहा हूं। कई दिनों बाद पिछली रात पार्टी राशन लेकर आई। हमें सिगरेट, सूखे मेवे, मिल्क पाउडर मिले। अब सब ठीक है।' इससे समझ सकते हैं कि पाकिस्तानी सेना की हालत कितनी खराब हो गई थी। भारत की तरफ क्या चल रहा थाः चरवाहे या किसी और तरह से भारतीय सेना को पता चला नसीम जेहरा अपनी किताब फ्राम कारगिल टु द कूप में लिखती हैं कि जनवरी 1999 में पहली बार भारतीय सेना के कर्नल पुष्पिंदर ओबराय ने एक पत्र लिखकर अपनी 3 इन्फेंट्री के कमांडर बुधवर को कहा था कि टाइगर हिल एरिया में 6 किलोमीटर तक पाकिस्तानी घुसपैठ की संभावना है। इस क्षेत्र में हमारी तैयारी कमजोर है। हालांकि, ओबराय की ये बात मानने से कमांडर ने इनकार कर दिया। 3 मई 1999 को ताशी नामग्याल नाम के चरवाहे और उसके कुछ साथियों ने सबसे पहले पहाड़ी कपड़े पहने कुछ लोगों को बंकर बनाते देखा था। इसकी जानकारी मिलते ही 15 मई 1999 को लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया और पांच सैनिक काकसर सेक्टर की बजरंग पोस्ट में पेट्रोलिंग करने पहुंचे। पहले से तैयार बैठी पाकिस्तानी सेना ने सौरभ कालिया और उनके साथियों पर जोरदार हमला बोल दिया। घायल कालिया को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया। इस घटना के बाद भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना की इतनी बड़ी घुसपैठ और तैयारियों का अंदाजा लगा। 10 मई को पाकिस्तानी सेना से अपनी जमीन खाली कराने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। 20 मई 1999 को नेशनल हाईवे-1 के सबसे करीब तोलोलिंग चोटी पर कब्जे के लिए भारतीय सेना ने 18 ग्रेनेडियर्स यूनिट को इस चोटी पर कब्जे का टास्क दिया। सेना को वहां सिर्फ 4 से 5 मिलिटेंट होने की जानकारी थी, लेकिन आगे बढ़ते ही दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। करीब 23 दिनों तक चली इस लड़ाई के बाद 13 जून 1999 को भारतीय सेना तोलोलिंग पर कब्जा करने में कामयाब रही। इस लड़ाई में 18 ग्रेनेडियर यूनिट के 25 सैनिक शहीद हो गए। टाइगर हिल पर कब्जा: बोफोर्स और मिराज 2000 से सबसे ऊंची चोटी पर मिली फतह तोलोलिंग चोटी के बाद भारतीय सेना के लिए 17 हजार फीट की ऊंचाई पर टाइगर हिल और सेना चौकी पॉइंट 5287 और पॉइंट 4812 को वापस लेना जरूरी था। जून के पहले हफ्ते में भारतीय सेना ने कारगिल हिल पर कब्जा किए बैठे पाकिस्तानी सेना पर जबरदस्त पलटवार किया। इस हमले ने पाकिस्तानी सेना को पूरी तरह से हैरान कर दिया।30,000 से ज्यादा भारतीय सैनिकों की दो टुकड़ियों को पहाड़ियों पर कब्जा करने के लिए भेजा गया। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पहाड़ी चोटियों पर लेजर-गाइडेड बम गिराने शुरू कर दिए। इससे 'मुजाहिदीन' द्वारा बनाए गए पत्थर के बंकर टूट गए और पैदल सेना की टुकड़ियां खड़ी चट्टानों पर चढ़ गईं और खूनी हाथापाई में शामिल हो गईं। 3 जुलाई 1999 को इस चोटी पर कब्जा करने की जिम्मेदारी 18 ग्रेनेडियर्स को मिली। उनकी मदद के लिए 8 सिख रेजिमेंट को साथ भेजा गया। दोनों ओर से हो रही गोलीबारी के बीच इंडियन आर्मी जैसे ही ऊपर चढ़ने की कोशिश करती थी तो दुश्मन आसानी से निशाना लगा लेते थे।22 ग्रेनेडियर्स के मेजर अजीत और उनकी यूनिट को दोनों चोटियों के बीच फुटहोल्ड बनाने का टास्क मिला। राशन, गोला-बारूद की कमी के बावजूद भारतीय सैनिक पहाड़ों पर लगातार चार दिनों तक लड़ते रहे। एक वक्त ऐसा भी आया, जब भारतीय सैनिकों के लिए पहाड़ों से हो रही गोलीबारी का सामना करना मुश्किल हो गया। इस वक्त भारत ने फ्रांस से खरीदे मिराज 2000 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करने का फैसला किया। इस एयरक्राफ्ट के एक बम की कीमत 2 करोड़ रुपए थी, जिसे भारत टाइगर हिल पर खर्च नहीं करना चाहता था। इस एयरक्राफ्ट के साथ ही फ्रांस ने 60 लेजर गाइडेड पॉड्स भारत को दिए थे। इन गोलों को भारत पड़ोसी देश के अहम ठिकानों पर इस्तेमाल करना चाहता था।भारत ने इजराइल से 1997 में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टार्गेटिंग पॉड्स खरीदने की डील की थी। जंग शुरू होते ही इजराइल इसकी सप्लाई करने लगा। इन पॉड्स में इस्तेमाल होने वाला Paveway-2 LGB बम अमेरिका से आना था। अमेरिका और UK दोनों ने भारत को इस अहम मौके पर ये बम देने से इनकार कर दिया। इस मुसीबत की घड़ी में भारतीय सेना ने 1000 पाउंड के देसी बम बनाकर इस्तेमाल करने का फैसला किया। 24 जून की सुबह मिराज-2000 फाइटर जेट जुगाड़ बम के साथ टाइगर हिल की तरफ बढ़े। अटैक करते ही जुगाड़ बम बिल्कुल सटीक निशाने पर और पाकिस्तानी बेस पर जा गिरा। इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार और एयर चीफ मार्शल ए वाई टिपनिस का सबसे बड़ा योगदान था।पाकिस्तानी सेना ने अपने जवानों के शव लेने से इनकार कियाकरीब 2 महीने तक चली जंग के बाद 8 जुलाई 1999 को स्थिति सामान्य हुई। भारतीय सैनिकों के टाइगर हिल पर कब्जा करने के बाद उस पर तिरंगा लहराने लगा। जंग खत्म होने के बाद सेना के बंकरों और खाइयों में 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों के शव मिले। इनकी जेब और बैग में मौजूद दस्तावेजों से उनकी शिनाख्त हुई। पाकिस्तानी जवानों के पास से उनकी पे बुक, मेस की पर्ची, मूवमेंट ऑर्डर और सिग्नल कोड मिले। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना के 5 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के माज उल्लाह खान सुंबल की डायरी से कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। 31 जनवरी 1999 को पाकिस्तानी सेना के इस अधिकारी को अपने प्लाटून के साथ कारगिल में तैनाती का ऑर्डर मिला था। डायरी में सेना के MI-17 हेलिकॉप्टर का भी जिक्र किया गया था। माज उल्लाह खान ने लिखा था कि भारतीय गोलीबारी में उनके बाएं हाथ की हड्डी टूट गई थी। जंग के बाद भारतीय सेना ने दावा किया कि पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान ने सिर्फ 5 शवों को स्वीकारा, जिसमें 12 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के कैप्टन कर्नल शेर खान भी थे। शेर खान के शव की जेब में भारतीय सेना ने एक पर्चा लिख कर रख दिया था, जिसमें लिखा था कि ये बहुत बहादुरी से लड़े। उन्हें मरणोपरांत पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार निशान-ए-हैदर दिया गया। इसके अलावा पाकिस्तान ने अपने जवानों के शवों को सड़ी-गली अवस्था में होने की वजह से स्वीकार करने से इनकार कर दिया। भारत को लेकर गलत कैलकुलेशन का नतीजा थी कारगिल जंग पूर्व सेना अधिकारी जेएस सोढी कारगिल जंग को भारत को लेकर किए गए पाकिस्तान के गलत कैलकुलेशन का नतीजा बताते हैं। सोढी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के जनरल जब सरकार को इस ऑपरेशन की जानकारी दे रहे थे तो उन्होंने भारत पर जीत हासिल करने की 4 वजहें बताई थीं... 1. ऊंची चोटियों पर कब्जा: पाकिस्तानी सेना भारतीय सीमा के अंदर उन सभी ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लेगी जो रणनीतिक तौर पर अहम हैं। लेह-श्रीनगर हाईवे इन चौकियों की रेंज में होगा। भारतीय सेना के किसी एक्शन पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उनके लिए दोबारा इन चोटियों को वापस ले पाना मुश्किल होगा। 2. पहाड़ों की लड़ाई से बचना: पाकिस्तानी सेना के जनरलों को लग रहा था कि भारतीय सेना में जमीन से इतनी ऊंचाई पर हमला करने की इच्छाशक्ति नहीं है। हालांकि, हुआ इसके ठीक उलट। 3. अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं होगा: पाकिस्तानी सेना ने PM नवाज को समझाया कि अभी जंग शुरू होने पर कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन या दूसरे देश जंग खत्म कराने को लेकर दबाव नहीं बना पाएंगे। 4. सरकार से पाकिस्तानी सेना अतिरिक्त बजट नहीं मांगेगी: सेना प्रमुख ने कहा कि देश के आर्थिक संकट को देखते हुए पाकिस्तानी सेना सरकार से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मांगेगी। हालांकि, पाकिस्तानी सेना के ये चारों ही अनुमान गलत साबित हुए। भारतीय सेना ने जब पलटवार किया तो पाकिस्तान के लिए उसे रोक पाना मुश्किल हो गया।
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दुर्भाग्यवश चुनिंदा राज्यों की तरह मध्यप्रदेश के लिए कोई विशेष बजट प्रावधान नहीं किए गये हैं न ही अमरावती की तरह राजधानी भोपाल पर कोई फ़ोकस हैं। सरकार को चाहिए कि पीछे रह गये राज्यों और पिछड़ गयी राजधानियों का पारदर्शी ऑडिट करे और उनके विकास के लिए अनुपातिक बजट प्रावधान हों। संपूर्ण राजनीतिक समर्थन देने वाले गुजरात जैसे राज्यों को सदैव प्राथमिकता मिलती रही है वहीं मध्यप्रदेश के साथ सदा पक्षपात होता रहा है। राज्य के नागरिक के रूप में यह निराशाजनक है। केंद्रीय बजट 2024 में जीडीपी वृद्धि 6.5-7% अनुमानित है, पूंजीगत व्यय ₹11.11 लाख करोड़ रखा गया है, और कर सुधारों के साथ सामाजिक कल्याण और शहरी विकास पर जोर दिया गया है। महिलाओं, युवाओं, और रियल एस्टेट के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। हालाँकि चुनावों के बाद के इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता से राहत मिलती नहीं दिखती। इस बजट का आलोचनात्मक विश्लेषण करने पर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यात्मक मत सामने आते हैं : 1. वित्तीय अनुशासन और घाटा : - वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.1% जीडीपी रखा गया है, जो अभी भी ऊँचा है और इसे कम करने के लिए पर्याप्त ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि सरकार ने FY26 तक इसे 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है, कई विशेषज्ञ इसे पर्याप्त नहीं मानते। - बढ़ते सार्वजनिक कर्ज और उच्च बाजार उधारी पर भी चिंता व्यक्त की गई है, जो कि ₹14.13 लाख करोड़ पर अपरिवर्तित रखा गया है। 2. कर सुधारों की अपर्याप्तता : - प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं गया है, जिससे करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली है। कर संरचना में स्थिरता को सकारात्मक माना जा सकता है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि करदाताओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है - अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर 20% और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर निर्धारित करना निवेशकों के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर छोटे निवेशकों के लिए । 3. महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाओं का प्रभाव : - 'लखपति दीदी' योजना और मुद्रा ऋण सीमा बढ़ाने के बावजूद, इन योजनाओं की कार्यान्वयन की क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इससे पहले भी कई योजनाएँ ठीक से लागू नहीं हो सकी हैं। 4. बुनियादी ढांचे और शहरी विकास में चुनौतियाँ : - बुनियादी ढांचे के लिए ₹11.1 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र में पिछली योजनाओं की धीमी प्रगति को देखते हुए, इसपर शंका जताई जा रही है। - शहरी विकास के लिए की गई घोषणाओं में स्पष्टता की कमी है। विशेषकर, PM आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ घरों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ठोस योजनाओं का अभाव है। 5. सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता : - पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार सकारात्मक कदम हैं, लेकिन इन योजनाओं की के वास्तविक लाभार्थिता पर भी कई सवाल हैं। निष्कर्ष : बजट 2024 में सरकार ने आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया है, लेकिन कई क्षेत्रों में ठोस और प्रभावी कदमों की कमी है। वित्तीय घाटे को कम करने और कर सुधारों में अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता की आवश्यकता है। योजनाओं के कार्यान्वयन और पारदर्शिता पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि घोषित लक्ष्य वास्तव में प्राप्त किए जा सकें। मनोज मीक लेखक शहरी विकास, डेटा साइंस और एआई के जानकार हैं
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लेखक-सत्येंद्र जैन भाजपा की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वर्ष 2024- 25 संसद के पटल पर प्रस्तुत किया गया है।यह बजट विकसित भारत के ऊषा काल का बजट है।वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र हो जाएगा। वर्तमान में भारत विश्व में पांचवी आर्थिक शक्ति संपन्न देश है। भारत आगामी दो-तीन वर्ष में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का सुफल है कि यह सर्व समावेशी बजट है ।भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। 48.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।जो पिछले दस सालों में लगभग चौगुना हो गया है। बजट में यह चमत्कारिक वृद्धि भाजपा की मोदी सरकार के उत्तरोत्तर विकास को दर्शाती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागीरथी परिश्रम,अर्थशास्त्रीय सुधारों के कारण दस वर्ष में ही भारत की जीडीपी ,सकल घरेलू उत्पाद भी लगभग तीन गुना बढ़ा है।अंतरिम बजट प्रस्तुति के समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुयोग्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने चुनावी वर्ष होने के उपरांत भी पूंजीगत व्यय को पिछले वर्ष से बढ़कर 11.1111 लाख करोड़ रुपए से अधिक किया है।अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।यह मोदी सरकार का साहस है जो चुनावी वर्ष होते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहले अंतरिम बजट और अभी आम बजट में सर्वाधिक धनराशि व्यय कर रही है।यही कारण है कि देश की जनता ने मोदी सरकार को विजय श्री का आशीर्वाद दिया। एनडीए की सरकार तीसरी बार बनी है। अधिक पूंजीगत व्यय से ही भारत का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है।रोजगार के असंख्य अवसर उपलब्ध होते हैं।यह बजट गरीबों,युवाओं, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है।सर्व समावेशी बजट प्रस्तुत करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन है।यह आम बजट निश्चित ही विकसित भारत की संकल्पना को सिद्ध करेगा। इस बजट में राजस्व सहित कुल प्राप्तियों का अनुमान 32.07 लाख करोड़ रुपए है।सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के सापेक्ष 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत रखना है।अर्थव्यवस्था की आशा से अधिक विकास दर 8.2 प्रतिशत प्राप्त होने से संभव हुआ है। मुद्रा स्फीति 4.56 प्रतिशत रही है।अगले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है।खाद्य और ईंधन को छोड़कर कोर मुद्रा स्फीति 3.1 प्रतिशत रही है।इस बजट में रोजगार कौशल एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान सरकार ने दिया है। विकसित भारत की 9 बजट प्राथमिकताएं हैं,स्तम्भ हैं, जो इस प्रकार हैं- 1 कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता 2 रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3 समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4 विनिर्माण और सेवाएं 5 शहरी विकास 6 ऊर्जा सुरक्षा 7 अवसरंचना 8 नवाचार अनुसंधान और विकास 9 अगली पीढ़ी के सुधार प्राथमिकता 1- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता कृषि क्षेत्र एवं कृषक कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अनंत ऊर्जा के साथ अखंड प्रचंड पुरुषार्थ कर रहे हैं ।कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों लिए 1.52 लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया है। किसानों को खेती-बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली जलवायु के अनुकूल किस्मों को जारी किया जाएगा। प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के लिए किसानों को प्रमाण पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था की जाएगी। अगले 2 वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ से किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। उनको प्रमाण पत्र दिया जाएगा।प्राकृतिक खेती के लिए 10000 आवश्यकता आधारित जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित भी किए जाएंगे।3 साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना,डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। प्राथमिकता 2- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण रोजगार और कौशल पर मोदी की गारन्टी है। पांच योजनाओं के द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं के लिए 5 साल में रोजगार कौशल और अन्य अवसरों के लिए पहल की गई है।2 लाख करोड रुपए से अधिक राशि सरकार व्यय करेगी। पहली योजना में ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को ₹15000 तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में युवाओं को दिया जाएगा।दूसरी योजना के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना है ।नौकरी के पहले 4 साल में दोनों के ईपीएफओ के योगदान पर निर्भर है।तीसरी योजना के अनुसार सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 रुपए प्रतिमाह भुगतान करेगी।चौथी योजना अनुसार कौशल के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना अगले 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल बढ़ाया जाएगा।1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।पांचवी योजना अनुसार 5 साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों मे इंटर्नशिप दी जाएगी।7.5 लाख रुपए तक के ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मॉडल कौशल ऋण योजना और सरकार की योजना के तहत किसी भी योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान बजट में किया गया है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास की स्थापना करना, महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम उत्पादों को बाजार तक बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार ने बजट प्रावधान किया है। प्राथमिकता 3- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय पूर्वोदय अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।बिहार के लिए 21400 करोड रुपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएगी 2400 मेगावाट का पिरपैंती में नया विद्युत संयंत्र भी सम्मिलित है। आंध्र प्रदेश के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 15000 करोड रुपए की विशेष वित्तीय सहायता मोदी सरकार दे रही है।विशाखापट्टनम-चेन्नई और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।महिलाओं और कन्याओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है।प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान द्वारा जनजाति बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजाति परिवारों का सामाजिक आर्थिक विकास हेतु 63000 गांव में लागू किया जाएगा।5 करोड़ जनजाति जनसंख्या लाभान्वित होगी ।उत्तर पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं प्रारम्भ करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है। प्राथमिकता 4- विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ाना गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक लोन की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी की योजना का प्रावधान किया गया है। संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता बैंक द्वारा जारी रखने के लिए नई व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। तरुण श्रेणी के मुद्रा लोन की सीमा को 10 से बढ़ाकर के 20 लाख रुपए कर दिया गया है।ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड रुपए से ढाई सौ करोड़ का प्रावधान है। लोन, ई-कॉमर्स ,शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि ,न्याय ,लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई सेवा प्रदाय और शहरी शासन के क्षेत्र में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अनुप्रयोगों का प्रावधान सरकार ने किया है। प्राथमिकता 5- शहरी विकास 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों में कार्यान्वयन और वित्त पोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुख विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत 2.2 लाख करोड रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड रुपए के निवेश से अगले 5 वर्ष में एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा।अगले 5 वर्ष में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हॉट या बाजार स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 6- ऊर्जा सुरक्षा रोजगार विकास और पर्यावरण की आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करना। पंप स्टोरेज पॉलिसी विद्युत भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजना को बढ़ावा देने की नीति प्रस्तावित है ।परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना हेतु नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी के प्रयोग से 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित है। प्राथमिकता 7- अधोसंरचना विकास अधोसंरचना विकास हेतु निवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूंजीगत व्यय के लिए 1111111 करोड़ रुपए का प्रावधान मोदी की गारन्टी है। राज्यों को आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड रुपए की ब्याज रहित लंबी अवधि के लोन का प्रावधान मोदी की गारंटी है।25000 गांव के लिए बारहमासी सड़क बनाने के लिए पीएमजीएसवाय का चौथा चरण आरंभ किया जाएगा। बिहार में कोसी मची अंतर राज्य लिंक और अन्य योजनाओं के लिए 11500 करोड रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। सरकार असम हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।बिहार के गया मे विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर में जैन पथ सर्किट,अन्य मंदिरों का व्यापक विकास करेगी। प्राथमिकता 8- नवाचार,अनुसंधान और विकास मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का प्रावधान किया है।वाणिज्य के स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड रुपए के वित्तीय पूल की व्यवस्था का प्रावधान भी सरकार द्वारा किया गया है। 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाने पर जोर देते हुए 1000 करोड रुपए की उद्यम पूंजी का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 9- अगली पीढ़ी के सुधार ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों हेतु सभी भूखंडों के लिए भूखंड पहचान संख्या अथवा भू आधार,मानचित्रो का डिजिटल करण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र प्रभावों का सर्वेक्षण, भू रजिस्ट्री और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ने का प्रावधान है।शहरी क्षेत्र में भूमि अभिलेख को जीआईएस मैपिंग से अंकिकृत किया जाएगा।श्रमिकों के वन स्टॉप समाधान के लिए इ-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टल से जोड़ना, तेजी से बदलते श्रमिक बाजार कौशल संबंधी जरूरत उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए डेटाबेस तैयार करना, रोजगार इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने की प्रणाली को विकसित करने का प्रावधान। जीएसटी की सफलता से उत्साहित होकर शेष क्षेत्रों तक विस्तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना का प्रावधान किया गया है।कैंसर दवाइयां को सीमा शुल्क से हटाने का प्रावधान किया है। विनिर्माण हेतु मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग में आने वाले फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर सीमा शुल्क में कम किया है।मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क को घटकर 15% का प्रावधान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत ,प्लैटिनम पर भी 6.4 प्रतिशत किया गया है। अन्य धातुओं जैसे लोहा,निकल,ब्लिस्टर तांबे पर सीमा शुल्क हटाया है। इलेक्ट्रॉनिक रेजिस्टरों के निर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटा दिया गया है। रसायनों में अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत किया गया है। पीवीसी फ्लेक्स, प्लास्टिक बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है।विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली पर बीसीडी को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रावधान है।वारंटी वाली वस्तुओं की मरम्मत के लिए फिर से आयात करने की समय सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान किया है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।दो खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रावधान है।सोलर सेल और सोलर पैनलों के विनिर्माण में प्रयोग में आने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर करने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष करों को सरल बनाने करदाता सेवाओं में सुधार करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व वृद्धि पर जोर दिया गया है। कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत व्यवस्था के द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने व्यवस्था का लाभ उठाया।स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव है । क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रावधान किया है।अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हारबरों का प्रावधान किया है। विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत का प्रस्ताव है।एनपीएस में नियोजन करताओं द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारियों के वेतन के 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान है।20 लाख रुपए तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर दाण्डिक बनाने का प्रस्ताव है।दो प्रतिशत की इक्विलाइजेशन लेवी को वापस करने का प्रावधान है ।वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़कर 75000 रुपये करने का प्रावधान है। पेंशन भोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 से बढ़ाकर 25000 रूपए करने का प्रावधान है।आयकर की दरों को संशोधित करने का प्रावधान है ।300000 तक शून्य आयकर ,3 से 7 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर प्रस्तावित है।नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी कर्मचारी को आयकर में 17500 रूपए तक की बचत होगी। इस बजट में भारत के विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है।भारत का यह आम बजट वर्ष 2047 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और विकसित भारत के निर्माण में सोपान सिद्ध होगा।विकसित भारत की संकल्पना है।
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शीतल पी सिंह- LTCG से मध्यम वर्ग की लूट। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर की गणना में सूचकांक को हटाने से हर कोई कैसे प्रभावित होगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को 12.5% तक घटा दिया, लेकिन चतुराई से मुद्रास्फीति के लिए समायोजन के लिए बिक्री के समय संपत्ति की कीमत को समायोजित करने वाले सूचकांक को हटा दिया। इसका हम पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए इसे सरल गणित के साथ समझें। मान लें कि आपने जनवरी 2009 में ₹50 लाख में एक अपार्टमेंट खरीदा था। पंद्रह साल बाद, आपने इसे आज ₹1.5 करोड़ में बेच दिया। सूचकांक के साथ, 15 साल पहले आपके द्वारा भुगतान किए गए ₹50 लाख को आज ₹1.32 करोड़ माना जाता है। इसलिए, शुद्ध लाभ या पूंजीगत लाभ केवल ₹17.5 लाख है, और आप 20% की दर से केवल ₹3.5 लाख का पूंजीगत लाभ कर देंगे। लेकिन सूचकांक के बिना, आपका पूंजीगत लाभ अब ₹1 करोड़ है, और 12.5% पर, आप ₹12.5 लाख का कर देंगे। मूल रूप से, सरकार पुराने तरीके की तुलना में ₹9 लाख अधिक लेती है। 15 साल के लिए एक संपत्ति खरीदने और रखने के बाद आपका शुद्ध लाभ केवल ₹5,01,825 है। आपने सिर्फ ऋण ब्याज में इस प्रापर्टी के लिए बहुत अधिक भुगतान किया होगा? आप इस फैसले को चतुराई कहेंगे या कुटिलता?पिछले मामले में, आप कम से कम पूंजीगत लाभ का भुगतान करने के लिए लाभ कमाते थे। अब, एक ऐसे परिदृश्य पर विचार करें जहां आपने जनवरी 2018 में ₹80 लाख में एक अपार्टमेंट खरीदा था और इसे आज ₹95 लाख में बेच दिया था क्योंकि आपके सामने एक व्यक्तिगत आपातकालीन स्थिति आ गई थी। कई बार चीजें कठिन हो जाती हैं। यदि सूचकांक लागू होता, तो आप वास्तव में ₹11.76 लाख का नुकसान कर रहे थे और ‘शून्य’ एलटीसीजी कर का भुगतान करते लेकिन नए तरीके से, एन सीतारमण आपके घाव में नमक डालेंगी। वह आपसे ₹1.87 लाख का एलटीसीजी भी लेंगी। आपका शुद्ध नुकसान ₹13.63 लाख हो जाता है। फिर से, आपने अकेले ऋण ब्याज में बहुत अधिक खर्च किया होगा। सूचकांक को हटाने से एलटीसीजी का पूरा उद्देश्य समाप्त हो जाता है। यह हर किसी को प्रभावित करता है और लोगों को अपने लेन-देन को कम मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे काले धन का उपयोग बढ़ेगा। यह अचल संपत्ति निवेश को कम आकर्षक बनाता है और हमारे भवन निर्माण क्षेत्र को और भी बड़े संकट में धकेल सकता है उन लोगों के लिए जो कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (सीआईआई) से परिचित नहीं हैं, यह दर्शाता है कि 2001-02 में ₹100 का मूल्य अब ₹363 है।
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संजय कुमार सिंह आज बजट की खबर के शीर्षक से बजट के बारे में जो पता चलता है वह मेरे सात अखबारों के शीर्षक से यह विवरण बनाता है – नई हकीकतों का बही खाता, युवाओं पर करम मिडिल क्लास पर मरहम, चुनाव परिणाम वाला बजट (लेकिन) रेस चल रहा है वित्त मंत्री ने चुनावी स्थिति के लिए तैयारी की, रोजगार का बोझ फर्मों पर थोप दिया, गठजोड़ का (यह) अर्थमिश्रण कई प्लेट में थोड़ा-थोड़ा है। बजट के बारे में मैंने लिखा था, “जब बजट का मतलब हलवा हो गया है”। इसमें मैंने लिखा था, बजट और हलवा का संबध पुराना है पर वह बजट बनाने और पेश करने के बीच एक साधारण सा मामला होता था। नरेन्द्र मोदी राज में बजट की खबर और उस पर चर्चा हलवा खाते-खिलाते और उसकी फोटो के साथ होने लगी है। इसे एक प्रतीक के रूप में देखिये बजट और उसका हाल समझ में आ जायेगा। रेल बजट के बिना और बजट में रेलवे की चर्चा के बिना बजट ऐसा ही है। द हिन्दू ने आज इसे इसी रूप में प्रस्तुत किया है, शीर्षक हिन्दी में कुछ इस तरह होता – पत्तल ज्यादा हैं, थोड़ा-थोड़ा डाला है। जनसत्ता में एक बार ऐसा ही शीर्षक हमारे संपादक प्रभाष जोशी ने लगाया था, हर हाथ में एक बताशा। हेडलाइन मैनेजमेंट के दौर में आज के कुछ और शीर्षक हैं – 1) छोटे को बड़ी सहायता मिली (फाइनेंशियल एक्सप्रेस) 2) आर्थिक तौर पर फिट और रोजगार की तलाश में (दि इकनोमिक टाइम्स) 3) सीतारमन ने सभी बजटों का बाप पेश किया (यहां बाप यानी बीएपी या बिहार एंड आंध्र प्रदेश है) 4) ग्रोथ ऐट वर्क यानी काम पर विकास (मिन्ट) 5. केंद्रीय बजट : संपन्नता के लिए रोजगार, कौशल युक्त बनाने का रास्ता (द स्टेटसमैन) 6. रोजगार के लिए जोड़, कर राहत और गठजोड़ धर्म (द ट्रिब्यून) 7. राजनीतिक पर विवेकपूर्ण (बिजनेस स्टैंडर्ड) 8. बजट का फोकस नई नौकरियों, कौशल युक्त बनाने; मध्यम वर्ग, एमएसएमई के लिए टैक्स राहत (दि एशियन एज) 9. गुड जॉब (नवभारत टाइम्स) 9. बेरोजगारों, मध्य वर्ग पर मेहरबानी (हिन्दुस्तान) और 10. बजट में आंध्र, बिहार, रोजगार (जनसत्ता)। आज बजट का दिन है औऱ आज के अखबारों में बजट ही होना था। अमूमन बजट वाले दिन अखबारों में कोई और खबर होती नहीं है। कल मैं सोच रहा था कि आज छुट्टी मनाई जा सकती है। बाद में नीट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण लगा और मैंने तय किया कि उसकी प्रस्तुति पर लिखूंगा- लिखना चाहिये। बजट अब हलवा समारोह ही है। इसमें कुछ खास होता नहीं है। हेडलाइन मैनेजमेंट के दौर में इसे अच्छा ही कहा जाना है। बजट से मुझे कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन अखबारों से लगता है कि कुर्सी बचाऊ बजट तो है ही। हेडलाइन मैनेजमेंट भी है ही। जहां तक नीट का मामला है, निजी तौर पर मैं नीट के फैसले से निराश हूं। निश्चित रूप से यह कानूनी मामला है और हजारों छात्रों के भविष्य तथा सहूलियत का भी ख्याल रखा जाना चाहिये। फैसला सब कुछ देखकर कानूनी आधार पर हुआ होगा। कानून मेरा विषय नहीं है इसलिए मैं उसपर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन मोटे तौर पर वही हुआ दिख रहा है जो सरकार चाहती थी। अरविन्द केजरीवाल या हेमंत सोरेन के मामले में भी यही होता रहा है। इसलिए मुझे कुछ अलग की उम्मीद भी नहीं थी। मोटे तौर पर सरकार जो चाहती है वही होता है। आप कह सकते हैं कि वह कानूनन सही होता भले पीएमएलए के कारण हो। दूसरी तरफ, इसका संदेश यही है कि कोई अपना काम अच्छी तरह करे, सबूत न छोड़े (जांच एजेंसियां नालायकी करें या अपराधी अनुभवी हो) तो उसे सजा नहीं हो सकती है क्योंकि कानून को सबूत चाहिये। भ्रष्टाचार और रिश्वत खोरी की भूमिका यहां हो सकती है पर वह मुद्दा नहीं है। जब बिना मुख्यमंत्री काम चल सकता है तो मुद्दा क्या होगा यह भी मुद्दा है। लेकिन अभी नहीं। अरविन्द केजरीवाल अनुभवी चोर हैं, प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। उनके बारे में सबूत नहीं है। पर उन्हें जमानत नहीं मिल रही है क्योंकि कानून (पीएमएलए) ऐसा ही है। पीएमएलए ऐसा क्यों और कैसे है, यह अभी यहां बताने की जरूरत नहीं है। मोटे तौर पर इसीलिए कि सरकार ऐसा चाहती है। सरकार ने चाहा तो संबंधित जज को ईनाम दिया। सरकार चाहती है इसलिए उसकी समीक्षा पर सुनवाई नहीं हो पाई, नहीं हो रही है। देश में सरकार और कानून की स्थिति यह है कि एक पूर्व तड़ी पार गृहमंत्री बन सकता है वह खुद से पहले वाले गृहमंत्री को जेल भेज सकता है, स्पष्ट दिखा कि हिसाब बराबर हो गया उसके बाद से मामले का कोई अता-पता नहीं है। यह सबके सामने है किसी को गलत या बुरा नहीं लग रहा है। ईवीएम और चुनाव आयोग की अपनी कहानी है। उसके बावजूद जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ आया लेकिन नीतिश-नायडू के समर्थन से सरकार बन गई और सिर्फ सरकार बनती तो राजनीति होती उसे पूरी मजबूती दी गई और स्पीकर का चुनाव नहीं हो पाया सरकार जिसे चाहती थी उसे स्पीकर बना लिया। रमेश चंद्र विधूड़ी के मामले में कार्रवाई नहीं करने, मुहआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म कर दिये जाने और उनके मामले में निर्णय करने वाले कई लोगों के हार जाने के बावजूद। उपाध्यक्ष नहीं बनाना है, अभी तक नहीं बना है। ऐसे में बजट कुर्सी बचाऊ ही होना था। है। किसी ने लिखा है, किसी ने नहीं पर सरकार का समर्थन तो है ही संभव है इसलिए हो कि प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि उनका गला घोंटा गया है। इस कार्यशैली का समर्थन सिर्फ लाभार्थी करते तो बात समझ में आती है पर बहुमत कर रहा है या बहुमत लाभार्थी है तो वह मिल-बांट कर खाना है। यह रिश्वत खोरी है लेकिन शिकायत राहुल गांधी की खटाखट योजना से थी। कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी। फैसला उनके पक्ष में नहीं हुआ पर ऐसा सोचने वाले लोग तो हैं। और इसलिए मिल-बांट कर खाने की यह व्यवस्था चल रही है, खटाखट। दूसरा कोई दल करे तो रिश्वतखोरी बताने की कोशिश होती है, मुकदमे होते हैं, मुफ्त की रेवड़ी होती है। प्रचार ऐसा है कि मुफ्त राशन पाने वाला उसे नमक समझता है वोट के रूप में उसकी कीमत अदा करता है। लेकिन वह कहानी भी अलग है। ऐसे में नीट की खबर आज हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर लीड है, द हिन्दू में सिंगल कॉलम में है, इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में है, अंदर होने की सूचना है, द टेलीग्राफ में सिंगल कॉलम में है जो अंदर जारी है। हिन्दी अखबारों में नवोदय टाइम्स में दो कॉलम में है और शीर्षक में ही बताया गया है कि चार लाख परीक्षार्थियों के चार अंक कम होंगे। इससे पहले कृपांक कम किये जा चुके हैं। कुल 720 अंक पाने वालों की संख्या कम हो चुकी है। लेकिन एनटीए से कोई शिकायत नहीं थी। उसकी अक्षमता और जांच या कार्रवाई से बचने की कोशिशें मुद्दा नहीं बनी। यह स्थिति तब है जब बजट को युवाओं पर करम मिडिल क्लास पर मरहम (नवोदय टाइम्स) कहा गया है। बजट की खास बात आज का द टेलीग्राफ का कोट भी है। पी चिदंबरम ने कहा है, मुझे यह जानकर खुशी है कि माननीय वित्त मंत्री ने कांग्रेस का घोषणा पत्र एलएस 2024 चुनाव नतीजों के बाद पढ़ा है। उनकी यह टिप्पणी बजट की तीन घोषणाओं के संबंध में है जो कांग्रेस के घोषणा पत्र से ली गई लगती हैं। अब बजट से संबंधित अन्य शीर्षक और खबर के बारे में। साथ ही पहले पन्ने की दूसरी खबर के बारे में बशर्ते कुछ हो। इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर है, 28 सांसदों के लिए शुक्रिया : बिहार, आंध्र प्रदेश पर लुटाना। दूसरी खबर का शीर्षक है, स्टार्ट अप के लिए बड़ी राहत, सरकार ने एंजल टैक्स खत्म किया। द टेलीग्राफ की एक खबर का शीर्षक है, कोई अहम कर छूट नहीं, पुरानी व्यवस्था से निराशा। दूसरी खबर है, दो बड़े सहयोगियो पर सुविधाओं की बरसात। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बजट की खबर को बैनर बनाया है। ऊपर फ्लैग शीर्षक की शुरुआत लाल स्याही से छपा सवाल है – नतीजों से संचालित? इसके बाद कहा गया है, भाजपा ने प्रमुख राज्यों के चुनाव से पहले अकले बहुमत खोने के बाद के पहले बजट में मोदी सरकार ने प्रमुख राजनीतिक क्षेत्रों – खासकर युवाओं और महिलाओं – के साथ-साथ गठजोड़ साझेदारों की चिन्ताओं को दूर करने की कोशिश की है। मुख्य खबर का इंट्रो है – फॉर्मूला वन : अब काम कराने पर फोकस। एक शीर्षक है, टैक्सेज (कर) कुछ खुशी लाने के लिए पटरी बदली गई जो दूसरों को महंगी पड़ेगी। एक बड़ा सा शीर्षक है, सहयोगियों को फायदा : आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए थैली खुली। द हिन्दू ने दो अलग खबरें छापी हैं। एक का शीर्षक है, आंध्र प्रदेश को राजधानी अमरावती के लिए 15,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। बिहार को 58,900 करोड़ मिले हैं तो नीतिश ने बजट की तारीफ की। हिन्दुस्तान टाइम्स में मिन्ट की खबर का शीर्षक है, करों में बदलाव से वित्तीय बाजार पर प्रभाव। दूसरी खबर का शीर्षक है, युवा भारत को काम पर लगाने के लिए पांच बड़ी योजनाएं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर का शीर्षक है, चार करोड़ को नौकरी देने, कौशल युक्त बनाने के लिए वित्त मंत्री ने दो लाख करोड़ रुपये रखे। 1500 प्वाइंट गिरने के बाद सेनसेक्स फिर से उछला। नवोदय टाइम्स की एक खबर का शीर्षक है, 17500 रुपये का लाभ वेतनभोगियों को। पत्रकार राजेश रपरिया की एक टिप्पणी है जिसका शीर्षक है, ‘जनादेश का संदेश’ का पूरा सम्मान। उमर उजाला की पहले पन्ने की खबरे हैं, मध्य वर्ग की ली सुध, 7.75 लाख तक आय पर शून्य कर। दूसरी खबर का शीर्षक है, निर्मला@7 : युवाओं के रोजगार के लिए पांच योजनाएं। पुल बहने के लिए हाल में खबरों में रहे बिहार को नरेन्द्र मोदी ने 26,000 करोड़ रुपए तीन नये एक्सप्रेसवे के लिए दिये हैं। विकास का पूर्वोदय के तहत अखबार ने बताया है कि बिहार का गया औद्योगिक केंद्र बनेगा। नरेन्द्र मोदी ने इसे समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट कहा है तो यह मानना पड़ेगा कि बहुमत नहीं मिला तो उन्हें समृद्धि का ध्यान आया। इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी के समय कहते थे कि उन्होंने हिम्मत की और यह प्रचारित करते थे कि इससे काला धन कम होगा, भ्रष्टाचार कम होगा तो उम्मीद थी कि जनता का समर्थन मिलेगा। पर वह नहीं मिला तो जो किया वह कुर्सी बचाने वाला बजट ही है। राहुल गांधी ने यही कहा है और अमर उजाला ने छापा है तो मुझे जीएसटी के सख्त प्रावधान याद आते हैं जो गुजरात विधानसभा चुनाव के समय ठीक किये गये।
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नवनीत गुर्जर जहां सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं। जिसे हम गंगा- जामुनी तहज़ीब की धरती कहते और मानते हैं, वहाँ ये दुकान के आगे नाम लिखने, एक तरह से नाम लिखकर अपना धर्म बताने की ये कौन सी परम्परा चल पड़ी है? हैरत की बात यह है कि इस देश में ऐसे काम भी सरकारों के नाम पर किए जा रहे हैं। चाहे यह काम कोई प्रशासन या प्रशासनिक अफ़सर करे, कोई पुलिस अफ़सर करे या सरकार का कोई नुमाइंदा ही क्यों न करे, लेकिन सरकारें क्यों चुप बैठी रहती हैं? इन सरकारों में तो जनता के चुने हुए नुमाइंदे बैठे रहते हैं जिन्हें हर धर्म, हर जाति का व्यक्ति वोट देता है और ख़ुशी- ख़ुशी अपना प्रतिनिधि चुनता है। तभी तो वह जनप्रतिनिधि कहा जाता है। वह किसी जाति या धर्म का प्रतिनिधि नहीं होता। आख़िर क्यों सरकारें संविधान की अनदेखी करके देश के लिए अनचाहे फ़ैसले होने देती हैं? क्यों सरकारों के फ़ैसलों को दुरुस्त करने के लिए हमेशा कोर्ट, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ता है। क्यों इस तरह के फ़ैसले लेने या होने देने से पहले सरकारों को कोर्ट का, क़ानून का या संविधान का डर नहीं लगता? ख़ैर देर आए, दुरुस्त आए और सरकार या किसी अफ़सर के आदेश को आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने ठीक कर दिया और एकदम सही फ़ैसला सुनाया। सही मायने में न्याय किया। जिस आदेश में कांवड़ियों की यात्रा के मद्देनज़र उस रास्ते में आने वाले हर दुकानदार को अपना नाम लिखने पर बाध्य किया जा रहा था, उस आदेश को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाम ज़ाहिर करने की कोई ज़रूरत नहीं है। केवल यह ज़ाहिर करने की ज़रूरत है कि उस दुकान या होटल में जो भोजन या खाद्य सामग्री है, वह शाकाहारी है या मांसाहारी। आखिर न्याय हो गया। गंगा- जामुनी तहज़ीब बच गई। राज्य सरकारों को धर्म आधारित विवादों को इतना नहीं बढ़ाना चाहिए कि प्रशासन या पुलिस के आला अफ़सर प्रमोशन पाने, सरकार के हितैषी कहलाने या सरकार की नज़र में आने के लिए इस तरह के ऊल- जलूल आदेश देते फिरें जिससे देश में नए विवाद पैदा हों और गाँव, क़स्बों तथा शहरों की शांति भंग होने का ख़तरा पैदा हो जाए।
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सत्येंद्र पी एस- कई साथियों ने जानने की कोशिश की और कहा कि आप बुद्धिज्म के वज्रयान या तंत्रयान के बारे में बताएं। तंत्रयान के बारे में बताने के लिए मैं बहुत छोटा आदमी हूँ। उस फील्ड में मेरी कोई प्रैक्टिस नहीं है। इधर उधर से पाया ज्ञान ही दे सकता हूँ। शायद यह फायदेमंद भी हो, क्योंकि बुद्धिज्म के जानकार गुरु उसे इतनी गहराई से बताते हैं कि दिमाग मे घुसना तो दूर की बात है, वह कई फुट दूर से ही गुजर जाता है।बुद्धिज्म का तंत्रयान शुद्ध श्रमण परंपरा है। बुद्धिज्म के तंत्रयान या वज्रयान की कई पद्धतियां हैं। बुद्ध ने दुःखों से मुक्ति के 84000 उपाय बताए हैं। लेकिन सभी के पीछे एक ही परिणाम है। विजडम, माइण्डफुलनेस और एनलाइटनमेंट। तरीके अलग अलग हो सकते हैं, लक्ष्य एक है। बुद्धिज्म के महामाया तंत्र की गुणवती टीका में लिखा गया है… तन्त्रम त्रिविधम। हेतुतन्त्रम, फलतन्त्रम, उपायतन्त्रम च। यानी तंत्र 3 प्रकार के होते हैं। हेतुतन्त्र, फल तंत्र, उपाय तंत्र। चित्त यानी बोधिचित्त निरन्तर बना रहता है। इसका कभी नाश या क्षय नहीं होता है। शून्यता यानी emptiness और प्रभास्वर यानी Luminosity को मिलाकर बोधिचित्त बनता है। सरल शब्दो मे कहें तो प्रकाशमान मस्तिष्क की प्रकृति को पहचानना हेतु तंत्र है। यानी अपका प्रकाशमान मस्तिष्क कैसे काम करता है, वह किस तरह व्यवहार कर रहा है, उसको पहचान लीजिए।जब आप इसको पहचान लेते हैं तो उससे काम लेने की बारी आती है। इस प्रकाशमान मस्तिष्क को इस्तेमाल कैसे किया जाए, इसी को फल तंत्र कहते हैं। जब आप फलतन्त्र पर पहुँचते हैं तो इम्पावरमेंट आ जाता है। समथा और विपश्यना यानी उत्पत्ति क्रम और निष्पन्न क्रम की प्रैक्टिस करने से एनलाइटनमेन्ट आ जाती है। मतलब जब आप ल्यूमिनस माइंड या प्रकाशमान मस्तिष्क को पहचान लेते हैं, पहचान करने के साथ उसका इस्तेमाल कर लेते हैं तो अगला क्रम प्रकाशमान मस्तिष्क पर मेडिटेट करने का नम्बर आता है।जब आप ल्यूमिनस माइंड से मेडिटेट करते हैं तो लगातार प्रैक्टिस से एनलाइटनमेन्ट हासिल हो जाता है। इसमें अनात्मबोध और शून्यताबोध किया जाता है। यही बज्रयान की प्रैक्टिस है। इसमें न तो कोई आत्मा है, न कोई ईश्वर है। बड़ा सीधा सा मसला है। लेकिन अपने प्रकाशमान मस्तिष्क की चाल पकड़ पाना है बहुत कठिन काम। आपका मस्तिष्क कैसे बेहतर फैसला करे, किस परिस्थिति में कौन सा निर्णय फिट होगा, यह जानना कठिन खेल है। हिंदू तंत्रयान ईश्वरवादी है। इसमें आत्मबोध किया जाता है। इसमें पशुआचार, वीराचार और दिव्याचार किया जाता है। हिन्दू तंत्रयान के मुताबिक “तननात त्रायते इति तन्त्रम।” यानी जीवात्मा को तानकर यानी उसको व्यापक करके ईश्वर में मिला दिया जाता है। पशुआचार में किसी देवता की शरण में जाया जाता है, काली, तारा, शिव…जिस की प्रैक्टिस करें। इसमें खुद को समर्पित कर दिया जाता है ईश्वर के लिए। इसमें कहा जाता है, दासोहम, यानी मैं आपका दास हूँ। वीराचार में खुद को ईश्वर में शामिल कर दिया जाता है। उसमें प्रैक्टिशनर काली, त्रिपुरसुंदरी, तारा में खुद को डिजॉल्व कर लेता है।उसके बाद दिव्याचार में प्रैक्टिसनर अपने को गायब कर देता है कि मैं कुछ नहीं हूँ। मैं बचा ही नहीं। मैं ईश्वर में समाहित हो गया। प्रैक्टिशनर कहता है शिवोहम, यानी मैं आपमें डिजॉल्व हो गया, मैं ही शिव हूँ। हिंदू तंत्र से मिलती जुलती प्रैक्टिस इस्लाम और ईसाई धर्म में भी है। मंसूर ने पहले खुद को अल्ला का सेवक कहा और उसके बाद अनलहक का नारा दिया कि मैं अल्ला में समाहित हो गया। कुल मिलाकर बुद्धिज्म का तंत्रयान बिल्कुल ही अलग चीज है। उम्मीद है कि स्थिति थोड़ी साफ हुई होगी कि बुद्धिज्म में तंत्रयान क्या है। आगे कुछ और सरल समझ पाया तो और सहज लिखूँगा। आप बताएं कि मामला कुछ समझ में आया क्या?
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एस. पण्डित उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मीडिया जगत में एक नई क्रांति देखने को मिल रही है जहाँ डबल इंजन रूपी पत्रकारिता के दो संगठनो द्वारा मुस्लिम बेरोजगारों को पत्रकारिता क्षेत्र के ग्लैमर में नया रूप देकर ढाला जा रहा है, अंडे वाले, चाय वाले, मोटर मैकेनिक, ज़रदोज़ी चिकनकारी, कबाड़ी, जिम ट्रेनर, फोटोजीवी, रील मेकर,बर्तन बेचने वालों को एक ऐसा स्टार्टअप दिया गया है जिसमें ना सिर्फ ग्लैमर है बल्कि उनके दो पहिया वाहन पर शक्तिशाली और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का प्रेस जैसा निशान लग जाता है। जिस वर्दीधारी पुलिसकर्मी को देखकर अपना मुंह छुपाते थे अब उसी के साथ पुराने लखनऊ की गलियों से सेल्फी लेकर समाज में अपना मान सम्मान और रुतबा झाड़ते फिरते हैं, ऐसे ही डबल इंजन के संगठन द्वारा विकसित किया गया नमूना सुप्पा कब्रिस्तान पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करके बनाई गई साइकिल, मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान से निकला, कल तक जिसका काम था गाड़ियों की मरम्मत करके अपना रोजगार चलाना और अपनी मिस्त्रिगिरी के चलते उसको अवैध रूप से दारुलशफा में कब्जा जमाए बुजुर्ग पत्रकार का साथ मिलते ही पत्रकार का मिल गया तमगा।डबल इंजन के संगठनो की आड़ में चल रही दुकान को मिस्त्री की गाड़ी का सहारा मिलते ही दुकान के पहिये लग गए और मिस्त्री का प्रमोशन पत्रकार के रूप में हो गया। संगठनो की दुकान में कार का सारथी बनते ही मिस्त्री ने रफ्तार पकड़ ली और गूगल टाइप से मिले ज्ञान ने मिस्त्री को स्वंयभू वरिष्ठ पत्रकार बना दिया और उम्र के आखिरी पड़ाव के नौजवानी को मात करते नेताजी ने जिन फर्ज़ी प्रपत्रों पर अपनी वरिष्ठ पत्रकार की मान्यता सूचना विभाग से कराई थी उसी पैतरेबाजी से अपने ही परिवार के अखबार से नियमविरुद्ध जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार का प्रमाण पत्र भी मिस्त्री को उपलब्ध करा दिया। सूत्रों की मानें तो इस मान्यता के लिए मिस्त्री को अवैध रूप से कब्जाई सुप्पा कब्रिस्तान की दुकान का सौदा करके 50000 की मिली धनराशि का नजराना भेंट स्वरूप डबल इंजन के संगठन को ईंधन के रूप में चढ़ाया गया और यह पहला मौका नहीं था जब डबल इंजन के संगठन के परिवार द्वारा संचालित समाचार पत्र से किसी को जिले की मान्यता दिला कर माल पकड़ा गया हो, इससे पूर्व भी एक महिला पत्रकार को अपने जाल में फंसा कर जिले की मान्यता देकर शोषण की कहानी सूचना विभाग से लेकर लखनऊ शहर के हर पत्रकार की जुबान पर है। डबल इंजन के संगठन के काम करने का तरीका भी ग्लैमर से भरा हुआ है, नामचीन समाजसेवी और प्रतिष्ठित होटल स्वामी के विरुद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट से आरटीआई लगवाकर उनको डराने का काम किया जाता है और फिर अपने दोनों एक्टिविस्ट को रॉयल पकवान खिलवाकर समझौता करा दिया जाता है और प्रतिष्ठित होटल मालिक पर अपना प्रभुत्व जमाते हुए दुकान बढ़ाने के काम में लाया जाता है और फ्री का मॉल उड़ाते हुए अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर लहरा दिया जाता है। शासन-सत्ता मेरे हाथ की कठपुतली, मेरी मान्यता के लिए मेरे अपने नियम डबल इंजन के संगठन द्वारा दुकान बढ़ाने के लिए पुराने लखनऊ के कुछ ऐसे मुस्लिम नौजवानों को पकड़ा है जो किसी अन्य काम धंधे में लिप्त हैं और उनको पत्रकारिता का ग्लैमर दिखाकर जिले की मान्यता का लालच देकर सरकारी दारुलशफा का भौकाल दिखाया जाता है और जन्मदिन मरण दिन जैसे कार्यक्रमों में सेल्फी और रील बनाना सिखाया जाता है। फोटोजीवी डबल इंजन संगठन के कर्ताधर्ता मुस्लिम नौजवानों को चलने, हाथ हिलाने और रील रेल बनाने की ट्रेनिंग देकर सम्मान समारोह में ले जाकर सम्मानित करवाने के नाम पर शुल्क वसूलते है।
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हिमालय के पावनतम शिखरों में से एक केदारनाथ की तराई में ही ऋषि अग्निहोत्र का आश्रम था। वर्षों की अखंड समाधि के बाद ऋषिवर अभी-अभी शिवरात्रि की पुण्य वेला में हिमालय से उतरकर अपने आश्रम को लौटे थे। उनके धवल, उन्नत व सौष्ठव शरीर की कांति देखते ही बनती थी। ऐसा लगता था मानो भूतभावन भगवान भोलेनाथ स्वयं ऋषि रूप में अपने भक्तों पर, शिष्यों पर अपना अनुग्रह बरसाने आए हों। उनके रोम-रोम से एक अजस्त्र ज्योतिधारा बहे जा रही थी और उस धारा में बहे जा रहे थे वे सौभाग्यशाली ऋषि कुमार, शिष्य गण जो लंबी प्रतीक्षा के बाद अपने आराध्य के दर्शन कर रहे थे एवं उनका सान्निध्य पा रहे थे। उनके पद्मनाभ से पद्म की अलौकिक सुगंध पूरे आश्रम परिसर में फैल रही थी। उनके नेत्रों से मानो तप की अग्नि ज्योति बनकर बह रही थी और सभी ऋषि कुमारों को आनंदित, आह्लादित व पुलकित किए जा रही थी। योग शास्त्रों में वर्णित योगसिद्ध, स्थितप्रज्ञ के सारे लक्षण, भाव दशा, देह दशा आज उनमें अभिव्यक्त हो रहे थे। आज सचमुच श्वेताश्वतर उपनिषद् 2/12 के मंत्र ऋषिवर के व्यक्तित्व में दृश्यमान तथा दृष्टिगोचर हो रहे थे। न तस्य रोगो नजरा न मृत्युः । प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम् ॥ अर्थात— योगाभ्यास करने वाले योगी के शरीर में न तो रोग होता है, न बुढ़ापा आता है। वह योगरूपी अग्निमय शरीर को प्राप्त करता है। आज उनके अग्निमय शरीर की आभा से शिष्य ही नहीं, बल्कि सारा आश्रम परिसर आह्लादित हो रहा था। उस आभामंडल में मनुष्य की कौन कहे, हिंसक पशु-पक्षी भी अपना वैर-भाव त्यागे जा रहे थे, भूले जा रहे थे और वास्तव में महर्षि पतंजलि के योगसूत्र 2/35 का यह मंत्र चरितार्थ हो रहा था— अहिंसाप्रतिष्ठायां तत्सन्निधौ वैरत्यागः ॥ अर्थात— जब योगी का अहिंसा भाव पूर्णतया दृढ़स्थिर हो जाता है, तब उसके निकटवर्ती हिंसक जीव भी वैर-भाव से रहित हो जाते हैं। आज सचमुच गीता—2/54 में अर्जुन द्वारा भगवान श्रीकृष्ण से पूछे गए इस प्रश्न के उत्तर के जीवंत प्रतीक बनकर ऋषिवर प्रस्तुत थे— स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाधिस्थस्य केशव। स्थितधीः किं प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम् ॥ अर्थात— हे केशव! समाधि में स्थित परमात्मा को प्राप्त हुए स्थिरबुद्धि पुरुष का क्या लक्षण है? वह स्थिर बुद्धि पुरुष कैसे बोलता है, कैसे बैठता है और कैसे चलता है? आज हर शिष्य एवं ऋषिकुमार के समक्ष इन सभी प्रश्नों के उत्तर के रूप में ऋषिवर दृश्यमान हो रहे थे। जब व्यक्ति आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट हो जाता है, सभी कामनाओं का त्याग कर देता है, सर्वज्ञ स्नेहरहित हुआ शुभ या अशुभ वस्तु को पाकर भी न प्रसन्न होता है और न द्वेष करता है, तब मान लेना चाहिए कि उसकी बुद्धि स्थिर है। समाधि में परमात्मा का दर्शन होते ही उसकी आसक्ति समाप्त हो जाती है। यह ब्रह्म को प्राप्त हुए पुरुष की स्थिति है। इसको प्राप्त होकर वह योगी कभी मोहित नहीं होता और सदैव इसी ब्राह्मीभाव में स्थिर होकर ब्रह्मानंद की अनुभूति करता है। आज ऋषिवर की शांत, प्रशांत भावभंगिमा, चेहरे पर बुद्धपुरुषों-सा अपूर्व तेज देखकर हर कोई ब्रह्मपुरुष, बुद्धपुरुष के सान्निध्य की अनुभूति कर रहा था। आज वे अणिमा, लघिमा, महिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, वशित्व, ईशित्व आदि अष्टसिद्धियों के स्वामी बने बैठे थे, पर उनमें अहंकार का लेश मात्र भी न था; क्योंकि वे इन सिद्धियों के मोह से परे हो चुके थे, वे तो देह में रहते हुए भी विदेह हो चुके थे। ऋषिवर मौन थे। उनके अधरों पर स्वर्गीय मुस्कान अठखेलियाँ कर रही थी। आज वे मानो मौन रहकर ही अपने शिष्यों पर शक्तिपात कर रहे थे, स्नेह-संचार कर रहे थे। अपार आनंद में डूबे ऋषिकुमारों के मुख से भी आज कोई शब्द नहीं निकल रहे थे। वे चाहकर भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे; क्योंकि उस प्रशांत आभामंडल की चिर शांति, प्रशांति ही इतनी प्रगाढ़ थी कि व्यक्त-अव्यक्त सब एक हो चले थे। इस प्रेमवर्षा में शिष्यों, समस्त ऋषिकुमारों के चित्त शुद्ध हुए जा रहे थे। वे गुरुवर के इस मौन रहस्य को खूब समझ रहे थे; क्योंकि वह प्रशांति अब उनके भीतर भी उतरकर उन्हें अपने आगोश में लिए जा रही थी। नेत्रों से आँसुओं की अविरल धारा बहे जा रही थी और उन आँसुओं में बहे जा रहे थे- उनके जन्म-जन्मांतरों के सभी चित्तविकार, संस्कार। चित्त निर्मल होते ही शिष्यों की आनंदानुभूति, ब्रह्मानुभूति गहरी और अधिक गहरी होती जा रही थी। गुरुवर के नेत्रों से निकल रही ब्रह्मज्योति अब शिष्यों के नाभिकमल में प्रवेश कर रही थी। उसके प्रवेश करने की अनुभूति, सिहरन, गुदगुदी एक अपूर्व थिरकन, पुलकन उनके स्थूलशरीर में हो रही थी। उनका नाभिकमल खिल चुका था। स्थूलशरीर के जागरण के साथ ही वह प्रकाशधारा, अग्निधारा, ब्रह्मधारा हृदय चक्र में प्रवेश पा रही थी। सूक्ष्मशरीर के समस्त क्लेशों, विकारों से उन्हें मुक्ति मिल रही थी। ब्रह्मकमल खिलते ही अब वह ब्रह्मधारा बरसने लगी और सहस्त्रदलकमल खिल उठे। कारणशरीर ब्रह्मज्योति से जगमगा उठा। चित्त की सदा-सर्वदा के लिए श्रद्धा में स्थिति हो गई, बोधत्व की प्राप्ति हो गई।
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डॉ. प्रभात ओझा यह सिर्फ संयोग हो सकता है कि हम बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के हिंसक विरोध के बीच भारत के दो बड़े राज्यों में इससे सम्बंधित हालिया हलचल की बात करें। हम कर्नाटक और महाराष्ट्र में इससे सम्बंधित हलचल के पहले बांग्लादेश के मुद्दे को समझें। वहां अभी कोटा पद्धति के तहत सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण है। इनमें से अकेले 30 प्रतिशत 1971 के स्वाधीनता आंदोलन में शामिल सेनानियों के वशंजों के लिए है। ज्ञातव्य है कि एक लंबे आंदोलन और खूनी संघर्ष के बाद पाकिस्तान से अलग बांग्लादेश का उदय हुआ था। बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में भारतीय सेनाओं की उल्लेखनीय मदद इतिहास की गौरव गाथा की तरह है। बहरहाल, वहां स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए आरक्षित 30 फीसदी सीटों के अलावा 10 प्रतिशत पिछले जिलों के निवासियों, इतना ही महिलाओं, 05 प्रतिशत अल्पसंख्यकों और 01 प्रतिशत विकलांग उम्मीदवारों के लिए है। इन दिनों 30 फीसद स्थान आजादी के लिए संघर्ष में शामिल लोगों के वंशजों के आरक्षण के खिलाफ इस देश में उबाल है। कई लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं। ये हालात भारत में वी.पी. सिंह सरकार के दौरान मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के बाद हिंसक आंदोलनों की याद दिलाते हैं। फिलहाल तो दो बड़े राज्यों में शुरू आरक्षण सम्बंधी छोटी सी हलचल की चर्चा करते हैं। पिछले दिनों कर्नाटक और महाराष्ट्र में दो गतिविधि आरक्षण के मुद्दे पर सोचने की जरूरत बताती है। नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की इजाजत संविधानसम्मत नहीं है। फिर भी कई राज्य सरकारों ने ऐसा किया है। अभी कर्नाटक में एक बिल आया, जिसके मुताबिक राज्य की प्राइवेट कंपनियों के लिए 50 से 100 फीसदी तक स्थानीय लोगों को ही नौकरियों में रखने की व्यवस्था है। बिल के कानून बनने से पहले ही प्राइवेट कंपनियों ने इस पर चिंता जताई। उनका तर्क था कि ऐसा करने से सेवाओं में सुयोग्य लोगों की कमी हो जाएगी। इसके लागू होने पर कुछ कंपनियों ने राज्य के बाहर जाने के भी संकेत दे डाले। कर्नाटक अन्य उद्योगों के साथ आईटी सेक्टर का ‘हब स्टेट’ माना जाता है। यहां देश से बाहर से भी लोग नौकरियों में हैं। कंपनियों के दबाव के बाद राज्य सरकार ने फिलहाल इस बिल को रोक लिया है। हालांकि अपने फैसले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी सरकार कन्नड़ हितों के मुद्दे पर ही बनी है। उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भी इसी तरह के बयान देते हैं। कर्नाटक के पहले भी कुछ सरकारों ने इस तरह के स्थानीय आरक्षण की पहल की है। इनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इस तरह की कोशिश विवादों के बीच या तो रोक दी गईं अथवा न्यायालयों में विचाराधीन हैं। असल में हमारा संविधान जन्म अथवा निवास स्थान के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। कर्नाटक सरकार का नया बिल राज्य में पैदा हुए कन्नड़ लोगों अथवा निवास कर रहे कन्नड़भाषियों को आरक्षण देने वाला है। कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र में आरक्षण की नई सुगबुगाहट हुई है। अभी फरवरी में राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक विधेयक पारित हुआ है। इस विधेयक के तहत ‘विशेष मराठा समुदाय’ के लिए नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। महाराष्ट्र का मराठा समुदाय एक लड़ाका वर्ग रहा है और शासकों की श्रेणी में भी रहा। इस समुदाय के लोग आज कृषि से लेकर उद्योग-धंधों में भी हैं। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए आरक्षण में क्रीमी लेयर का सिद्धांत रखा गया है। यानी इस समुदाय के जो लोग एक निश्चित आय से अधिक अर्जित करते हैं अथवा उनकी संपत्ति है, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। यह विधेयक रिटायर्ड जस्टिस सुनील बी. शुक्रे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर बना। इसके पहले 2014 और 2018 में भी मराठा समुदाय को आरक्षण देने की कोशिश हुई किंतु यह कानूनी आधार पर खारिज हो गया। इस आरक्षण पर नया विवाद इसलिए है कि आरक्षित मराठे अपने को कुनबी जाति में शामिल करने की मांग करते रहे हैं। इन्हें कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के प्रयास का अन्य पिछड़ा वर्ग विरोध कर रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले भी यह मुद्दा छाया रहा और राज्य में भाजपा सहित विपक्षी गठबंधन को इसका नुकासान उठाना पड़ा है। अब विधानसभा चुनाव नजदीक है और मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल को दोनों खेमे अपने साथ रखने की कोशिश में हैं। विरोध ओबीसी कोटे के अंदर मराठाओं को आरक्षण देने की कोशिश पर है। सामाजिक-आर्थिक रूप से सक्षम समुदायों की आरक्षण की मांग नई नहीं है। मराठों के पहले हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय भी ऐसी मांग करता रहा है। वर्ष 2016 में तो उसके आंदोलन से हरियाणा में जनजीवन लगभग 10 दिनों तक ठप ही पड़ गया था। इस पूरे परिदृश्य में मुख्य बिंदु यह है कि नौकरी की उम्मीद पाले लोगों की जरूरतों के मुताबिक पब्लिक सेक्टर की सीमाएं और अधिक बढ़ती जा रही हैं। दूसरी ओर प्राइवेट सेक्टर अपने उत्पादन लक्ष्यों और लागत को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह के बाहरी दबाव को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। इन दबावों में सरकारों के आरक्षण सम्बंधी नियम भी हैं। उन्हें लगता है कि अपने काम में दक्ष लोग ही उनके लिए आरक्षित वर्ग में हैं, चाहें वे किसी भी जातीय समुदाय से हों। दुख है कि नौकरियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण भी विवाद में आ गया है। वहां इस तरह की मांग उठने लगी है कि जरूरतमंदों को आर्थिक संबल देकर शिक्षित बनाया जाए। आरक्षण का किसी भी तरह का नया विवाद एक आशंका को जन्म देता है। इस तरह की आशंकाओं को समूल खत्म करना प्रमुख विचारणीय मुद्दा होना चाहिए। स्वरोजगार और उसके लिए सरकारी सहायता को बहुत अधिक बढ़ाया जाना आवश्यक है। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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विक्रम उपाध्याय उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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विक्रम उपाध्याय उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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इनडोर और आउटडोर खेल का होगा आयोजन ग्वालियर पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जेल बहोड़ापुर के समीप पुलिस लाइन में समर कैंप लगाया गया 30 दिन तक चलने वाले इस समर कैंप का उद्घाटन पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन अरविंद सक्सेना, डीआईजी ग्वालियर रेंज कृष्णावेणी देशावतु और ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बच्चों की उपस्थिति में किया पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आयोजित समर कैम्प 30 दिन तक चलेगा इसमें विभिन्न इनडोर और आउटडोर खेल का आयोजन किया जाएगा समर कैंप को आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों को नई चीजें सिखाना, उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित करना और बच्चों में सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास करना है
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मप्र नर्सिंग घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले के मामले में दिल्ली सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है प्रदेश के 70 नर्सिंग कॉलेज उनकी रडार पर है सीबीआई को भ्रष्टाचार के कई इनपुट मिले है इसी कड़ी में दिल्ली सीबीआई की एक टीम ने भोपाल में सीबीआई के एक इंस्पेक्टर राहुल राज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा और उन्हें रिश्वत लेते पकड़ा सीबीआई निरीक्षक को रिश्वत देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन और एक मीडिएटर सचिन जैन को भी गिरफ्तार किया है राहुल राज सही सुइटबिलिटी रिपोर्ट देने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को भोपाल में सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को 29 मई तक पीआर पर भेज दिया है...वहीं इस मामले में एनएसयूआई ने बड़ा दावा किया है एनएसयूआई का कहना है कि उनकी शिकायत के बाद सीबीआई के इंस्पेक्टर राहुल राज की रिश्वत लेते गिरफ्तारी हुई है एनएसयूआई नेता रवि परमार का कहना है कि वे जल्द ही अन्य भ्रष्टाचारी निरीक्षकों और नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल कॉलेज संचालकों और दलालों की जानकारी सीबीआई को देंगे
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तियरा में ग्रीष्म कालीन समर कैंप का आयोजन तियरा पंचायत में ग्रीष्मकालीन समर स्पोर्टस कैंप में सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह विशेष रूप से मौजूद रहे सिंगरौली सिंघम स्पोर्ट्स के अध्यक्ष संजय शाह सहित का इस आयोहन में विशेष योगदान रहा इस समर कैंपमें बच्चों को तमाम खेल गतिविधियों को लेकर शिक्षा , स्वास्थ्य सहित, स्वच्छता को लेकर प्रशिक्षण दिया गया विधायक राम निवास शाह ने कैंप के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपए दिए जहां युवा खेलकूद कल्याण विभाग के माध्यम से कई सामग्रिया उपलब्ध कराई गई विधायक रामनिवास शाह कैम्प में बच्चों के साथ योग व प्राणायाम किया इसके साथ ही उन्होंने बच्चों से कहा कि आपको किसी भी प्रकार की कमी नही आने देंगे। हम खेलकूद से लेकर पढ़ाई लिखाई तक सभी व्यवस्थाऐ करेंगे उन्होंने बच्चों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और कहा खेल भी स्वच्छता के साथ होना चाहिए
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एसडीईआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया खदान में भरा पानी एक मासूम की मौत का सबब बन गया मामला अमरपाटन के रामनगर थाना अंतर्गत ग्राम खोमरहा का है यहां एक दस साल का बालक छुही की खदान में भरे पानी में नहाने गया था नहाने के दौरान वह डूब गया वापस घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की उसके कपड़े छुही खदान के पास पड़े मिले जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई सूचना के बाद एस डी ई आर एफ की टीम भी मौके पर पहुंची घंटों चली तलाश के बाद बालक का शव बाहर निकाला जा सका पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज कर तफ्तीश शुरू कर दी है
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आधे शहर की आबादी पेयजल टैंकरों के सहारा हल्दवानी में प्रचंड गर्मी और पानी कि कमी के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है आए दिन जल संस्थान में लोग पहुंच रहे हैं और पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर रह है ऐसे हालात में अब जल संस्थान के अधिकारी भी अब बगले झांकने लगे हैं बारिश न होने और गर्मी के बीच गौला नदी का जल स्तर काफी नीचे गिर गया है आलम यह है कि अब शहर की आधी आबादी को पेयजल टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है इधर नैनीताल जिलाधिकारी वंदना का कहना है कि पूरे जिले में 32 टैंकर दौड़ रहे हैं लोगों से अपील की जा रही है कि पानी की बरबादी न करें उन्होंने कहा कि नलकूप की मोटरें भी स्पेयर के तौर पर रखी गई हैं ताकि पानी की आपूर्ति बाधित न हो पाए वही जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्य भी जल्द पूर्ण कर लिए जाएंगे ताकि पानी कि किल्लत का संपूर्ण समाधान हो सके
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एक साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य बीआईसीसीआई संस्था ने आज राजधानी भोपाल में पिछड़ा वर्ग के सभी व्यवसायियों का एक सेमिनार आयोजित किया जिसमें सभी प्रबुद्धजनों ने प्रदेश में किस तरीके से युवाओं को रोजगार दिया जाए इस पर अपने विचार रखें इस दौरान प्रदेश में 2025 तक 5 फैक्ट्री लगाने की बात की गई जिसके माध्यम से प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा
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आधा दर्जन दुकानों के काटे चालान लालकुंआ खाद्य विभाग के अधिकारी संजय कुमार सिंह और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कैलाश चन्द्र के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने नगर की आधा दर्जन दुकानों में ताबड़तोड़ छापेमारी की इस दौरान कई दुकानों में एक्सपायरी डेट के सामान के साथ भारी गंदगी पाई गयी जिन्हें सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में वह अपने प्रतिष्ठानों में साफ सफाई रखेंगे खाद्य विभाग की छापेमारी अभियान के दौरान नगर के दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा
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भोपाल की युवती दोस्त के साथ गई थी मनाली राजधानी भोपाल के शाहपुरा इलाके में रहने वाले वाली शीतल कौशल घर से बिना बताए अपने हरियाणा के दोस्त विनोद ठाकुर के साथ मनाली घूमने गई थी यहां दोनों ने होटल केडी विला का कमरा नंबर-302 बुक किया था बीती शाम के समय जब युवक विनोद अकेला ही होटल से जाने लगा तो उसने वॉल्वो बस स्टैंड जाने के लिए टैक्सी मंगवा ली ऐसे में वह एक भारी भरकम बैग को गाड़ी में डाल रहा था इस दौरान होटल के स्टाफ को भी शक हुआ और तुरंत मनाली पुलिस को सूचना दी इस बीच युवक मौके से फरार हो गया...पुलिस की टीम तुरंत मौके में पहुंची और टैक्सी में रखे गए बैग को जब बोला गया तो उसमें युवती का शव पाया गया पुलिस की टीम ने तुरंत नाकाबंदी शुरू कर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया भोपाल जोन वन डीसीपी प्रियंका शुक्ला का कहना है कि इस मामले में मनाली पुलिस कार्रवाई कर रही है
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प्रदेश के 10 जिलों में बूंदाबांदी के आसार मौसम विभाग ने बताया कि पिछले कुछ दिन से वेस्टर्न डिस्टरबेंस, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन की वजह से बारिश, ओले और आंधी वाला मौसम बना हुआ है अभी भी इनकी एक्टिविटी है हालांकि, गुरुवार से असर कम होने लगेगा सिस्टम कमजोर होने से भिंड-दतिया में हीट वेव चलेगी कुछ जगहों पर बादल भी बने रहेंगे मौसम विभाग के अनुसार 17 मई को उत्तर भारत में एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है इसका असर 20 मई से प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है
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सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून के लिए मिलेगा परामर्श अब सर्वोदय हॉस्पिटल में सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून के लिए निशुल्क परामर्श मिलेगा डॉक्टर गौरव सेठ ने जानकारी देते हुए बताया कि सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून बीमारियों के एक समूह जहां किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इम्यून सिस्टम शरीर के जोड़ों पर हमला करती है उनका इलाज रूमेटोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है आमतौर पर यह शरीर के उन क्षेत्र में सूजन पैदा करता है जहां इसकी आवश्यकता नहीं होती है दर्द सूजन और शरीर के अन्य अंग खराब करने जैसी समस्याएं होती हैं यह रोग शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है इसका इलाज समय पर नहीं किया जाए तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं
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आठ वर्षीय मासूम से ज्ञान गंगा होस्टल में दुष्कर्म मिसरोद पुलिस ने ज्ञान गंगा स्कूल के संचालक मिनीराज मोदी को आठ वर्षीय मासूम से छात्रावास में दुष्कर्म के मामले में सोमवार देर रात गिरफ्तार किया इससे पहले पुलिस मामले को जांच के नाम पर 13 दिन तक लटकाए रही ऐसा लग रहा था मोदी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किये गए ऐसा पहली बार देखने को मिला, जब मासूम बच्ची के मामले में पुलिस ने तीन बार मेडिक्ल कराया और शहर की जानी मानी चार स्त्री रोग विशेषज्ञों की सलाह ली गई इसके पीछे पुलिस की नीयत क्या थी, यह तो नहीं पता, लेकिन बाल कल्याण समिति के सामने मासूम के बयान में भी घटनाक्रम के दोहराने के बाद पुलिस को आखिरकार आरोपी स्कूल संचालक मिनिराज मोदी को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा
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रेत और कोयला तस्करों पर कसा शिकंजा रेत और कोयला तस्करी रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता स्वंय रात्रि में आकस्मिक भ्रमण पर निकल पड़ती हैं अवैध रुप से वाहनो का परिवहन ,ओवरलोड कोल परिवहन, रेत परिवहन व अन्य वाहनो में दस्तावेज पूर्ण व सही नही होने से वाहनो पर कार्यवाही करवाती हैं बीती रात कुल 50 वाहनो पर कार्यवाही की गई महिला एसपी के इस एक्शन से अवैध काम करने वालों में हड़कंप है
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नकुलनाथ ने की EVM की सुरक्षा बढ़ाने की मांग मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान संपन्न हो चुके हैं मतदान के बाद पीजी कॉलेज के स्टांग रूम में सभी ईवीएम मशीन को रखा गया है लेकिन सोमवार दोपहर को अचानक यहां मौसम बिगड गया बारिश और आकाशीय बिजली गिरने के चलते स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी बंद हो गए हैं स्ट्रॉन्ग रूम की 3 विधान सभा की एलईडी स्क्रीन अचानक बंद हो गई छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के पांढुरना,जुन्नारदेव और छिंदवाड़ा विधान सभा की स्क्रीन करीब आधा घंटे बंद रही पार्टी प्रतिनिधियों द्वारा सूचना दिए जाने पर उपजिला निर्वाचन अधिकारी के.सी. बोपचे पहुंचे करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद सीसीटीवी दोबारा चालू हो पाए लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की धड़कन बढ़ा दी नकुलनाथ ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है
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कंपनी मैनेजर को लेबरों से नहीं मिलने दे रहा प्रबंधन बीते गुरुवार को उरधन कोयला खदान में प्रबंधक और स्टार एक्स कंपनी के सुपरवाइजर और मैनेजर के साथ विवाद का मामला सामने आया था इस मामले में प्रबंधक और ठेकेदार के लोगों द्वारा शिवपुरी थाने में रिपोर्ट भी लिखाई गई अब इस मामले में स्टार एक्स कंपनी के प्रबंधक इंद्रपाल सिंह और अंकुर शर्मा ने खदान प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है इनका कहना है कि उन्हें खदान के अंदर लेबरों तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा ना ही मजदूरों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने दी जा रही हैं
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फरियादी से फोन पर की अभद्रता ""तेरी नेताओ की ऐसी की तैसी तू सुन ले अच्छे से और रिकॉर्ड भी कर ले "मुझे घंटा कोई फर्क पड़ता राजनीतिक दबाव का फालतू की बकवास न कर तेरे बाप ने तुझे एक जूता मारा था" मेरे सामने आएगा तो मैं दो जूते मारूंगी तुझे"यह शब्द है रीवा जिले के चाकघाट थाना की टीआई उषा सिंह सोमवंशी के टीआई उषा हमेशा अपने अभद्र आचरण के कारण चर्चा में रहती है इन दिनों उनका एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा हा है जिसमें वो फरियादी के साथ फोन पर अमर्यादित बातचीत करते हुए सुनाई दे रहीं है
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केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए अक्षय तृतीया का दिन काफी शुभ रहा सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है केजरीवाल को जमानत मिलने पर मप्र आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने खुशी जताते हुए कहा कि यह सत्य की जीत है रानी अग्रवाल ने इसे लोकतंत्र और संविधान की जीत भी बताया उन्होंने कहा कि हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत मिली है उससे तानाशाह मोदी सरकार की हार हुई है हम लोगों का हौसला बढ़ गया है अब इस सरकार के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा4 जून को जैसे ही मतगणना होगी उस मतगणना में इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत होगी
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डरपोक लोग इंडी गठबंधन में है कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर के बयान पर सियासत गरमा गई है मणिशंकर अय्यर का कहना है कि कि भारत को पाकिस्तान को इज्जत देनी चाहिए हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके पास भी परमाणु बम है कोई सिरफिरा आया तो हम पर इसका इस्तेमाल कर सकता है मणिशंकर अय्यर के बयान पर पूर्व सीएम शिवराज ने निशाना साधा है उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के नेता बौद्धिक दिवालिया हो गए है शिवराज ने कहा कि यह यूपीए की ढीली ढाली सरकार नहीं है आज भारत के प्रधानमंत्री 56 इंच के सीने वाले है हम किसी को छेड़ेंगे नहीं और कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं यह डरपोक लोग इंडी गठबंधन में है
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देशभर से आए बाल शोध लेखकों का सम्मान हुआ सम्मान भोपाल में बाल साहित्य शोध केंद्र ने 15 वा वार्षिक सम्मान समारोह आयोजित किया जहाँ देशभर से आए बाल साहित्यकारों का सम्मान किया गया समारोह में बच्चों के लिए साहित्य सृजन करने वाले साहित्यकारों ने कहा अच्छा साहित्य अच्छे भविष्य का निर्माण करता है पटना से ायों साहित्यकार कल्पना सिंह ने कहा कि इस तरीके के सम्मान होते रहना चाहिए ताकि हम लेखकों का उत्साह बना रहे और हम बच्चों के लिए और कुछ अच्छा लिख सकें वही दिल्ली से आई विमल रस्तोगी ने कहा कि मैंने कई कविताएं लिखी है और बच्चों के लिए कई पुस्तक लिखी है इस तरीके के सम्मान होते रहना चाहिए जिससे साहित्यकारों को प्रोत्साहन मिलता रहे बाल साहित्य शोध केंद्र के संचालक महेश सक्सेना ने बताया कि हम पिछले 15 वर्षों से यह कार्यक्रम करते आ रहे हैं कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि लेखक और बच्चों को प्रोत्साहन मिले
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वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप भोपाल में भाजपा जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर ने नाबालिग बेटे से अपना वोट डलवाया उन्होंने मोबाइल से इसका वीडियो बनाया और उसे वायरल भी कर दिया मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया वहीं अब इस मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक का कहना है कि मामले में चुनाव आयोग मूठ बन बैठा हुआ है अगर कोई दिव्यांग या बीमार है तो उसकी तरफ से वोट करने वाला व्यक्ति की आयु 18 साल का होनी चाहिए18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार नहीं है जो वीडियो वायरल हो रहा है इस पर तत्काल निर्वाचन आयोग संज्ञान ले.... और उचित कार्रवाई करें कार्यवाही करें
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पेरू की युवती बनेगी खजुराहो की बहू छतरपुर जिले में प्यार का अनोखा मामला सामने आया है यहां विदेशी दुल्हन को देशी दुल्हा भा गया यह लव स्टोरी खजुराहो के युवक सचिन और पेरू की युवती ब्रियट एन सेलमा की है दोनों की पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई इसके बाद वीडिया कॉल का दौर शुरू हुआ और फिर दोनों में प्यार हो गया अब अपने प्यार को अंजाम देने के लिए पेरू की युवती खजुराहो पहुंच गई है लड़के को अपना जीवनसाथी बनाने के लिए लड़की ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत छतरपुर कलेक्ट्रेट में आवेदन दिया है इनकी लव स्टोरी अब चर्चा का विषय बनी हुई है
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मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दुख जताया भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गहरा दुख जताते परिजनाें के प्रति संवेदना व्यक्त की है मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मालू भाजपा की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध, समर्पित कार्यकर्ता थे उन्होंने पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया उनका असमय निधन समाज व भाजपा परिवार के लिए बड़ी क्षति है
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वार्ड 15 के रहवासी पानी की समस्या से परेशान अमरपाटन नगर परिषद वार्ड 15 के रहवासियों का कहना है कि वह लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन विभाग कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है वार्ड पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा वाॅल बंद करके वार्ड में पानी आने से रोका जा रहा है पार्षद और रहवासियों ने सीएमओ को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द समस्या दूर करने की मांग रखी जिस पर नगर परिषद सीएमओ ने जल्द ही समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया
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गोपनीयता भंग करना भाजपा नेता को पड़ा भारी ग्वालियर में पूर्व पार्षद पति रिंकू परमार मतदान करने डीआरपी लाइन स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय पहुंचे थे वह अपने साथ मोबाइल अंदर ले गए मोबाइल अंदर ले जाने के बाद ईवीएम पर मतदान करते हुए वीडियो बना लिया वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया इसी तरह पोहरी के रहने वाले होकम वर्मा ने ईवीएम पर वोट डालते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया दोनों ही पोस्ट खूब वायरल हुई नेताओं से लेकर आम लोगों तक ने इस तरह गोपनीयता भंग करने पर आपत्ति की जिसके बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया
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भोपाल लोकसभा में दोपहर 3 बजे तक 50.16 % मतदान भोपाल लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में वोटिंग चल रही है प्रदेश के मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें रहे हैं मप्र की 9 सीटों पर दोपहर तीन बजे तक कुल 54.09 प्रतिशत मतदान हो चुका हैं सबसे अधिक राजगढ़ में 63.69 प्रतिशत तो वहीं सबसे कम भिंड लोकसभा सीट में 44.18 प्रतिशत वोटिंग हुई है वहीं बात राजधानी भोपाल की करें तो यहां दोपहर 3 बजे तक 50.16 प्रतिशत मतदान हो चुका है सबसे ज्यादा 61.38% मतदान सीहोर विधानसभा में हुआ भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर सबसे कम 43.00 प्रतिशत मतदान हुआ है
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दस लाख के 51 मोबाइल मिले साईबर पुलिस को उस वक्त बडी कामयाबी हांसिल हुई जब उसने चोरी गये दस लाख के 51मोबाइल फोन बरामद चोरों से बरामद किये इन फोनो को खोजने में साईबर सेल की मदद ली गई एसपी अगम जैन ने बरामद मोबाइलों को उनके मालिकों को वापिस दिया गुम मोबाइल मिलने से लोग खुश नजर आये
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अब आपकी बारी सबसे पहले करें मतदान लोकसभा चुनाव में तीसरे चरण का मतदान मंगलवार को होना है भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में ईवीएम मशीन के वितरण का केंद्र बनाया गया है सुबह से ही ईवीएम मशीन मतदान दल के लिए वितरित की जा रही हैं मतदान केदो पर बैठने वाले बीएलओ का कहना है कि हमें पहले से ही ईवीएम मशीन को लेकर जानकारी और ट्रेनिंग दी गई है आज पर्ची के आधार पर हमें ईवीएम मशीन समेत पूरी सामग्री मुहैया कराई गई है कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह समेत सभी अधिकारियों ने इसका जायजा लिया और व्यवस्था पूरे तरीके से बहुत माना तीसरे चरण में मध्यप्रदेश के 9 लोकसभा क्षेत्र में मतदान किया जाएगा
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भिंड और मुरैना में वेब कास्टिंग की सुविधा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कल एमपी के 9 लोकसभा सीटो पर मतदान किया जाएगा इन 9 लोकसभा सीटो में 19 जिले शामिल है गर्मी को ध्यान में रखते हुए मिनि ICU पानी,टेंट,पंखे,कुर्सियों की व्यवस्था की गई है सुरक्षा के लिए 299 प्राइम स्क्वाड तैनात है 9 सीटो पर कुल 127 उम्मीदवार है जिनमें 9 महिलाए और 118 पुरुष है... सबसे ज्यादा प्रत्याशी भोपाल लोकसभा सीट पर कुल 22 प्रत्यासी है,सबसे कम भिंड लोकसभा सीट पर 7 प्रत्याशी है 9 सीटो पर 20 हजार 456 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं 2043 पिंक पोलिंग बूथ है चुनाव घोषणा के बाद से अब तक 280 करोड़ रूपए से अधिक की जप्ती की गई है पहले और दूसरे चरण में करीब 60 से 65% बूथों वेब कास्टिंग की गई थी तीसरे चरण में भिंड और मुरैना में वेब कास्टिंग की सुविधा दी गई है
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ग्रामीण बोले सीएम हेल्पलाइन को बंद करें मुख्यमंत्री तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे बरसों से जाम पड़ी हुई है नालियां और लोग गंदे पानी से निकलने के लिए मजबूर हो रहे हैं ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब लाखों रुपए की राशि स्वच्छता के लिए दी जा रही है तो सरसई पंचयात में आखिर नालियां क्यों ब्लॉक पड़ी हुई है वही जब इस समस्या को लेकर ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने जमकर सरपंच और जिम्मेदार अधिकारियों पर जुबानी हमला बोला कुछ ग्रामीण ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला ग्रामीणों ने कहा मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सीएम हेल्पलाइन बंद कर दें क्योंकि उस से कोई समाधान नहीं होता
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प्रत्येक बूथ पर हर 3 घंटे में तीन इनाम निकलेंगे चुनाव का तीसरा चरण सात मई को भरी गर्मी के बीच आ रहा है ऐसे में वोटर्स को घर से बाहर निकालने और वोट डालने के लिए चुनाव आयोग लुभावना आफर दे रहा है भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 तारीख को सभी को लोकतंत्र के महा अभियान में भागीदारी निभाई है मतदान बढ़ाने के लिए सरकारी तंत्र अपने स्तर पर जागरूकता फैलाएगा उन्होंने कहा कि जो सबसे पहले वोट करेगा उसे सम्मानित किया जाएगा प्रत्येक बूथ पर हर 3 घंटे पर तीन इनाम निकलेंगे ताकि अधिक से अधिक लोग वोट हों इसमें वोटर्स के नाम लकी ड्रॉ के ज़रिए निकाले जाएँगे
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निगम द्वारा निःशुल्क प्याऊ खोले जाऐंगे सिंगरौली निगम क्षेत्र के अंतर्गत 13 वाटर एटीएम लगे हुए है जिनकी देखरेख के लिए निगम आयुक्त डी के शर्मा ने निर्देश दिये इसके अलावा निगम के द्वारा अलग से निःशुल्क प्याऊ खोले जाऐंगे निगम आयुक्त ने बताया कि जल की सप्लाई हर वार्ड तक पहुंचे यह हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी अतिक्रमण करने वालों पर लगातार निगम के द्वारा कार्यवाही जारी रहेगी उन्होंने वार्ड की जनता से स्वच्छता को बनाए रखने का आग्रह किया
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आधा दर्जन क्लीनिक हुए सीज, चालान कटा तहसीलदार मनीषा बिष्ट और एसीएमओ डॉ रजत भट्ट के संयुक्त नेतृत्व में टीम ने लालकुआँ और हल्दूचौड़ क्षेत्र में झोलाछाप निजी क्लिनिकों और मेडिकलों में छापेमारी अभियान चलाया हल्दूचौड़ स्थित डीके क्लीनिक में संचालक द्वारा मिनी मेडिकल स्टोर चलाया जा रहा था यहां भारी मात्रा में इंजेक्शन एवं दवाएं बेची जा रही थी टीम ने क्लीनिक को सीज करते हुए संचालक का 10 हजार का चालान किया इस दौरान टीम ने आधा दर्जन क्लीनिक सीज कर दिए वही सभी के चालान करते हुए उन्हें तीन दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय प्रपत्रों के साथ पहुंचने के निर्देश दिए हैं
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कलेक्टर ने सभी से ड्रेस कोड का पालन करने की अपील अब दमोह जिले के सरकारी कार्यालयों में अधिकारी - कर्मचारी पेंट शर्ट पहने नजर आयेगे और ये शर्ट पेंट भी भड़कीले रंगों वाले नही होंगे दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिले भर के सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी जींस टी शर्ट पहन कर नही आएंगे.. और जो आएगा उसे अनुशासन हीनता के दायरे में रखा जाएगा जिस पर प्रशासनिक कार्यवाही भी हो सकती है कलेक्टर कोचर के मुताबिक सरकारी ऑफिस सरकार के ऑफिस हैं और यहां काम करने वाले लोग सरकार के प्रतिनिधि है लिहाजा उनका रहन सहन वस्त्र भी सादगी पूर्ण होने चाहिए उन्होंने कहा कि सिविल सेवा के नियमों में भी इसका उल्लेख है शालीनता के साथ शालीन कपडे आम लोगों मे प्रशासन की छवि को और बेहतर बनाने में मदद करेगी इस आदेश के बाद जिले के हजारों सरकारी अधिकारी कर्मचारी प्रभावित होंगे वही जो लोग कपड़ो के शौकीन है खास तौर पर टिपटॉप रहते हुए जिन्हें जीन्स- टी शर्ट पसंद है उनके लिए जरूर मुसीबत बढ़ गई है
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कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी के मध्य प्रदेश दौरे पर तंज कसा उन्हाेंने कहा कि प्रियंका गांधी अमेठी भी गई थी लेकिन क्या हुआ वहां कांग्रेस का चोपड़ा साफ हो गया मध्य प्रदेश आने से भी कुछ फर्कनहीं पड़ने वाला है कांग्रेस आज भी फूड डालो राज करो कि राजनीति करती है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए है वे पाकिस्तान को खुश करने के लिए बयान देते है कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है
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टेंडर महंगा होने से दुकानें हुई कम चैती मेले में दुकानों के महंगे किराये के कारण व्यवसायियों की कमर टूट गई है अधिक कीमत के कारण दुकानदारों के लिए किराया निकालना भी मुशिकल हो गया है इस बर्ष चैती मेले का टेंडर साढ़े तीन करोड़ रुपये से ऊपर का बताया जा रहा है जिसकी वजह से ठेकेदारों और दुकानदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है व्यवसायियों का कहना है कि जब से चैती मेला सरकार के आधीन हुआ है तब से मेले की दशा खराब हो गई है आने वाले दिनों मे चैती मेले का अस्तित्व समाप्त होता नजर आ रहा है
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लड़की के परिजनों को किया गया तलब दखल न्यूज़ पर कॉलेज का रील काण्ड दिखाए जाने के बाद अमरपाटन शासकीय महाविद्यालय के अंदर बन रही इंस्टाग्राम रील के मामले में प्राचार्य ने कार्यवाही की हैं कॉलेज में चेतना कुशवाहा नामक युवती लगातार महाविद्यालय के अंदर से रील बना कर रही इंस्टाग्राम व फेसबुक पर पोस्ट कर वायरल कर रही थी , इस खबर को दखल न्यूज ने प्रमुखता से दिखाया तो खबर का बड़ा असर हुआ इसके बाद प्राचार्य एक्शन में आए और छात्रा को नोटिस जारी किया ,साथ ही उसके माता पिता को भी तलब किया हैं व अनुशासन समिति कोइस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है
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समस्याओं को लेकर CMO को सौंपा ज्ञापन पानी और सफाई जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर अमरपाटन में वार्ड क्रमांक पांच के रहवासी अब सड़क पर उतर आए है सोमवार को लोगों ने पानी और गंदगी की समस्या को लेकर नगर परिषद का घेराव किया इस दौरान वार्ड के पार्षद भी मौजूद रहे लोगों ने क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को से सीएमओ काे अवगत कराया और उसके समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा नगर परिषद CMO ने जल्द ही सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया
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मंत्री सारंग ने की जीतू के इस्तीफे की मांग गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को एक झटका लगा है इंदौर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है जिसके बाद जुबानी जंग तेज हो गई है कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा है कि ऐसी घटना अचानक नहीं होती इसकी सूचना अचानक मिलती है भारतीय जनता पार्टी षड्यंत्र रचती है धनबल का प्रयोग करती है और शासन का सहयोग लेती है...तब जाकर ऐसी घटनाएं होती है बीजेपी से हमारा संघर्ष है अभी ऐसी और भी घटनाएं हमें देखनी है वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र को फिर से एक बार शर्मशार करने का काम किया है भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी बहुत ही कमजोर प्रत्याशी के रूप में उभर के सामनेआए हैं जिससे घबरा कर भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के ऊपर चार दिन बाद 307 का अपहरण अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया था लगातार कांग्रेस प्रत्याशी पर दबाव बनाया जा रहा था वहीं इस पूरे मामले पर प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अक्षय क्रांति ने अपना फार्म वापस लिया है इस पर कांग्रेस बवाल मचा रही है सही मायने में तो कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जिस शहर से आते हैं वहां के प्रत्याशी ने फॉर्म वापस लिया है सही मायने में तो जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए
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मर्यादाओं को भूलकर किया डांस मैहर जिले के रामनगर थाना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक सुशील कुमार अहिरवार का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है इस वीडियो में दरोगा साहब सारी मर्यादाओं को भूलकर महिला डांसर के साथ पुलिस व मिलिट्री मिक्स ड्रेस पहनकर डांस करते नजर आ रहे हैं दरोगा साहब ने जिस वक्त यह डांस किया गया था उस वक्त वे अपनी पिस्टल भी कमर में खोंसे हुए दिखाई दे रहे हैं अब उनका यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है
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438 विद्यार्थियों को प्रदान मिली उपाधि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पी. एम. जी इंडिया के सी ई ओ येजदी नागपुरबाला के साथ प्रबंध संस्थान के चैयरमेंन संदीप शर्मा और डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण वालोनि ने बताया कि दिक्षांत समारोह में आई आई एम के एक्जिक्युटिव एम वी ए के पहले बैच के 438 विद्यार्थियों को उपाधि और पदक प्रदान किये गए
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फैशन शो के माध्यम से वोट डालने की अपील कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह की उपस्थिति में मतदाता जागरूकता का संदेश देने और सभी भोपाल वासियों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए राग भोपली में ट्रांसज़ेंडर्स फ़ैशन शो का आयोजन किया गया इस फैशन शो में बुजुर्ग, फर्स्ट टाइम वोटर और अन्य प्रतिभागी भी शामिल हुए इस दौरान सीईओ जिला पंचायत एवं स्वीप नोडल अधिकारी ऋतुराज सिंह सहित भारी संख्या में आम जन उपस्थित रहे
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चुनाव का रंग मतदाताओं के संग चुनावी राहगीरी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्वालियर जिलाधीश रुचिका चौहान थी यह कार्यक्रम जिला प्रशासन तथा नगर निगम के द्वारा आयोजित किया गया इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न संस्थाओं ,विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करना था इस अवसर पर ग्वालियर जिला कलेक्टर रूचिका चौहान ने कहा कि हमारा प्रयास है आगामी 7 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव में मतदाता अपने मतदान का शत प्रतिशत प्रयोग करें और ग्वालियर जिला मतदान में प्रथम स्थान प्राप्त करे
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मप्र और उप्र के लोग हुए शामिल सामूहिक व्रतबंध कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के भी लोग शामिल हुए आयोजन गुंजारी लाल तिवारी ने बताया कि 24 ब्राह्मण पुत्रों का व्रतबंध संपन्न कराया गया इस व्रतबंध में कई विद्वान पंडितों को बुलाया गया था व्रतबंध में आए हुए श्रद्धालुओं अतिथियों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया था अब प्रत्येक वर्ष ब्राह्मण पुत्रों का व्रतबंध सामुहिक तौर पर कराया जाएगा
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डॉ राजेंद्र सिंह:इस चुनाव में उत्साह कम पूर्व मंत्री डॉ राजेंद्र कुमार सिंह ने मतदान के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि 2019 की अपेक्षा इस चुनाव में उत्साह कम नजर आ रहा है उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है जिसको बचाने के लिए मैंने अपने मत का प्रयोग किया है उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सीट बढ़ने का दावा किया है
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बघेल ने पूर्व सांसद स्वर्गीय देवव्रत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विवादों से पुराना नाता रहा है लगातार छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के चलते उन पर विभिन्न जांच एजेंसियां पहले ही सक्रिय है वर्तमान में वह राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार है इस बीच पूर्व सांसद स्वर्गीय देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह ने भूपेश बघेल पर राजा साहब के वजूद को मिटाने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम बघेल तलाक शुदा पदमा सिंह को स्वर्गीय देवव्रत की पत्नी बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और वोट बटोरने का प्रयास कर रहे हैं
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पहले शादी समारोह में घुसकर लहराया था तमंचा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम गर्ग एक बार फिर विवादों में है शालिग्राम गर्ग पर टोल प्लाजा कर्मचारियों से मारपीट का आरोप लगा हैं पुलिस ने शिकायत मिलने पर शालिग्राम गर्ग सहित 10 लोगों पर मामला दर्ज किया है घटना के बाद से सभी आरोपी फरार है पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है बता दें कि इससे पहले भी शालिग्राम पर गंभीर आरोप लग चुके हैं शालिग्राम पर शादी समारोह में घुसकर तमंचा लहराने का आरोप लगा था उस वक्त उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था
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विजेताओं को मिलेगा नगद पुरस्कार प्राइम हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर विमल वोहरा ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता मैराथन 28 अप्रेल को होगी रेस में सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग लें सकेंगे रेस के दौरान सभी जरुरी सुविधाएं प्राइम हॉस्पिटल की टीम के द्वारा की जायेगी मैराथन रेस में प्रथम विजेता को 51 सौ रुपये, द्वितीय विजेता को 31 सौ रुपये और तीसरे विजेता को 21 सौ रुपये का इनाम दिया जायेगा
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सेनेटरी पैड के लिए साइकल यात्रा सुरेंद्र बामने सेनेटरी पैड को फ्री करवाने को लेकर मध्य प्रदेश में साइकिल यात्रा पर हैं सुरेंद्र बामने इटारसी के नर्मदापुरम अमराई गांव से हैं ये 6 दिसंबर 2023 से साइकिल यात्रा निकालकर हर जिले में जाकर महिलाएं एवं बच्चियों को सैनिटरी पैड के बारे में जागरूक कर रहे हैं एवं जिले के कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम आवेदन देकर मुख्यमंत्री से सेनेटरी पैड को फ्री करने के लिए मांग कर रहे हैं सिंगरौली पहुंचे सुरेंद्र बामने ने बताया कि अब तक 111 दिनों में 6350 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके हैं और महिलाओं एवं बच्चियों को जागरुक कर रहे हैं सुरेंद्र बामने ने बताया कि वह मुंबई में सीरियल पर काम करते थे राधा कृष्ण , चंद्रगुप्त जैसे सीरियलों में काम करके जब वह अपने घर इटारसी के अमराई जा रहे थे तभी उन्हें ट्रेन में खंडवा में एक नाबालिक बच्ची पीरियड से परेशान दिखाई दी उन्होंने उस बच्ची की मदद की और वहीं से ठान लिया और सेनेटरी पैड को फ्री करवाने को लेकर साइकिल यात्रा शुरू की सुरेंद्र बामने बताते हैं कि ग्रामीण अंचल में आज भी महिलाएं एवं बच्चिया गंदे कपड़े यूज़ करती हैं जिसकी वजह से उन्हें गंभीर बीमारियां हो रही है एवं सर्वाइकल कैंसर से लाखों महिलाओं की मौत हो चुकी है
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बस कंडेक्टर का बेटा है रौनक सिंह बघेल माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 और12वी के परिणाम घोषित किये हैं मैहर के बस कंडेक्टर के बेटे रौनक सिंह बघेल ने प्रदेश में गणित संकाय से नौवा स्थान लाकर पूरे जिले को गौरान्वित किया है रौनक का रिजल्ट आने के बाद घर मे माता पिता ने मिठाई खिलाकर खुशिया मनाई रौनक मैहर जिले के रामपुर मुड़वाड़ के रहने वाले है जो 10 किलोमीटर दूर चलकर अमरपाटन स्थित सीएम राइज विद्यालय से पढ़ाई कर रहे थे रौनक के पिता राघवेंद्र सिंह पेशे से बस कंडक्टर हैं जो कम आमदनी होने के बाद भी बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नही आने देते हैं रौनक घर मे रह कर 16-16 घंटे पढ़ाई करता था आज उसी के मेहनत का ही नतीजा हैं। .. जिससे न सिर्फ उनके माता पिता बल्कि पूरे जिले का नाम गौरान्वित हुआ है
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10वीं में 58.10% और 12वीं में 64.49 प्रतिशत स्टूडेंट्स हुए पास माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने 10वीं और बारहवीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया है इस साल दसवीं में 58.10% स्टूडेंट्स पास हुए हैं यह पिछले साल से 5.19 प्रतिशत कम है वहीं बारहवीं में इस साल 64.49 प्रतिशत नियमित और 22.46 प्रतिशत प्राइवेट स्टूडेंट पास हुए हैं मालूम हो कि इस साल इन दोनों परीक्षाओं में 17 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया था
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वैशाख और ज्येष्ठ माह में होगा गलंतिका से अभिषेक श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार भगवान महाकाल पर 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा हेतु गलंतिका बांधी गई है यह क्रम प्रतिदिन 22 जून तक चलेगा गलंतिका में उपयोग किये मिट्टी के कलशों पर प्रतीकात्मक रूप में नदियों के नाम गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी आदि अंकित किए गए है बता दें कि वैशाख और ज्येष्ठ माह में गर्मी चरम पर होती है। ऐसे में महाकालेश्वर भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा प्रवाहित की जाती है
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5वीं का 90.97 और 8वीं में 87.71% पास मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आज कक्षा 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं इस साल 5वीं कक्षा के स्टूडेंट्स का पासिंग परसेंटेज 90.97% और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स का पासिंग परसेंटेज 87.71% रहा है इस वर्ष 12 लाख से अधिक बच्चों ने पांचवीं और 11 लाख से अधिक बच्चों ने आठवीं की परीक्षा दी थी दोनों परीक्षाओं में करीब 24 लाख बच्चे शामिल हुए हैं
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शराबी चालक ने बाइक डिवाइटर में टकराई शराब के नशे में धुत बाइक चालक की गलती ने एक महिला और उसकी एक वर्ष की मासूम की जिंदगी छिन ली मांडा थाना की गीर गांव निवासी पांच लोग एक ही बाइक पर सवार होकर खरीदारी करने के लिए बाजार आ रहे थे इस दौरान शराबी चालक से बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई हादसे में एक महिला और उसकी एक साल की मासूम बच्ची की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई जबकि मृतका की 4 साल की एक अन्य बच्ची और एक महिला गंभीर रूप से है घायल है घटना के बाद शराबी बाइक चालक फरार हो गया
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मूंगा रत्न से बना राम दरबार है विराजमान हनुमान जयंती का पर्व दतिया के प्राचीन एवं ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर में धूमधाम से मनाया जा रहा है सुबह से ही मंदिर में पूजा का दौर शुरू हो गया वहीं मंदिर में भक्त अपने अराध्य के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे मंदिर में हनुमान जी का विशेष श्रृंगार किया गया बता दें कि इस प्राचीन राम जानकी मंदिर की विशेषता यह है कि यहां विराजमान श्री राम दरबार मूंगा रत्न से बना हुआ है
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खेत में पानी देते समय हुआ हादसा मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है कई जिलों गरज-चमक के साथ बेमौसमबारिश हो रही है लगातार हो रही बरसात से आसपास ग्रामीण अंचलों में आकाशीय बिजली गिरने के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे ही देवास जिले के पीपलकोटा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 35 वर्षीय मजदूर भगवान सिंह की मौत हो गई घटना के बाद परिजन व स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है
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मतदान के प्रति जागरुकता के लिए हुआ आयोजन नगरपालिका ने पहली बार वोट डालने वाले मतदाता और वरिष्ठ मतदाताओं के बीच मतदान जागरूक को लेकर विभिन्न तरह की प्रतियोगीता करवाई इसके बाद जीतने वाले को इनाम भी दिया गया बता दें कि एक तरह से पहला प्रयोग था जिसमें बढी संख्या में अधिकारियों के साथ आम मतदाता भी शामिल हुये प्रशासन का मानना है कि इस तरह के जागरूक कार्यक्रम से मतदान प्रतिशत बढेगा ही बल्कि लोगो मे मतदान को लेकर जागरूकता भी आयेगी
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आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील लोकसभा चुनाव 2024 को शांति पूर्वक संपन्न कराने और आदर्श आचार सहिंता का पालन के लिए फ्लैग मार्च निकाला गया जो कि शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए नगर परिषद के वार्डो में पहुँचा इस दौरान SDOP शिव कुमार सिंह, थाना प्रभारी के पी त्रिपाठी व अमरपाटन थाना पुलिस बल मौजूद रहा SDOP व थाना प्रभारी द्वारा आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई
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रोड शो में जनता से मांगे वोट लोकसभा प्रत्याशी गणेश सिंह ने रोड शो में जनता से भाजपा को वोट देने की अपील की इस दौरान सतना सांसद गणेश सिंह ने इस लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों पर भाजपा की जीत का दावा किया है और नरेंद्र मोदी की सरकार बनने की बात कही है
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इंटरव्यू निरस्त होने से अभ्यर्थी हुए नाराज जल संसाधन विभाग द्वारा आमंत्रित आवेदनों में दिव्यांगजनों को इंटरव्यू के लिए 22 और 23 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन आचार संहिता के चलते इंटरव्यू निरस्त कर दिए गए जिससे नाराज होकर दिव्यांग अभ्यर्थी जन संसाधन विभाग के सामने धरने पर बैठ गए प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियाें का आरोप है कि अगर इंटरव्यू निरस्त किये गए तो हमें इसकी जानकारी देनी चाहिए थे, लेकिन जिम्मेदारों ने ऐसा नहीं किया वही दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंटरव्यू निरस्त होने की जानकारी अखबार के द्वारा दी गई थी
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रंगारंग कार्यक्रमों का हुआ आयोजन महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित हुए कार्यक्रम में छोटे छोटे बच्चों ने नाटकीय तरीके से रंगा रंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए साथ ही संस्था के द्वारा सभी बच्चों और अतिथि गणों को सम्मानित किया गया है कार्यक्रम के उपरांत जैन समिति के द्वारा एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जो कटोरताल से मैन चौराहा होते हुए जैन मन्दिर पर सम्पन्न हुई
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पं. प्रदीप मिश्रा का अंगवस्त्र पहनाकर किया सम्मान दखल प्राइड अवार्ड की स्मारिका का विमोचन आज सीहोर में प्रख्यात कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने किया दखल प्राइड अवार्ड समारोह ने इस बार पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ही मख्य अतिथि थे दखल की स्मारिका के विमोचन अवसर पर दखल न्यूज के प्रधान संपादक अनुराग उपाध्याय और संपादक शैफाली ने पंडित श्री प्रदीप मिश्रा का अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया इस दौरान पंडित मिश्रा ने दखल न्यूज को प्रगति और सफलता के नये आयाम कायम करने का शुभ आशीष दिया स्मारिका विमोचन के मौके पर पत्रकार प्रदीप एस चौहान और समीर शुक्ला समेत दखल परिवार के सदस्य मौजूद रहे
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पैसों की बचत से बच्चे ले सकेंगे शिक्षा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए गुंजारी लाल तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में कई ऐसे परिवार हैं जो उपनयन संस्कार में राशि खर्च करने के बाद बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते उनका मानना है कि जो उपनयन संस्कार में खर्च आता है अगर उसका बचत हो जाए तो उन पैसों से बच्चों को पढ़ाया जा सकता है
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जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाहीजंगलपुर के जंगल में जुए के दांव लग रहे थे और जंगल में मंगल हो रहा था | इसकी जानकारी पुलिस को लगी तो उसने छापामार कार्यबाही करते हुए पांच जुआरियों को रेंज हाथों धार दबोचा | पुलिस की सायबर सेल को खबर लगी की जंगल पुर और रामपुर के बीच जुआरियों ने जुए का अड्डा बना रखा है |इसके बाद सायबर सेल के प्रभारी जितेन्द्र वर्मा एवं थाना प्रभारी लालबाग नंद किशोर गौतम ने थाना लालबाग एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम ने ग्राम जंगलपुर और रामपुर के बीच छापा मार कर पांच जुआरियों को पकड़ा और जूआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की इनके पास से ताश ,रुपये और बाइक जप्त की गई हैं |
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तेंदुए की मस्ती का वीडियो वायरल मुकुंदपुर व्हाइट टाईगर सफारी से तेंदुए के शावक का मस्ती करते का वीडियो सामने आया है |जिसमे बीमार शावक अब तंदरुस्त होने के बाद उछल कूद करता दिखाई पड़ रहा है | उमरिया जिले के ग्राम अमडी में दो दिन पहले तेंदुआ का यह शावक मिला था | इस शावक की उम्र करीब तीन माह है |उमरिया जिले से बीमार हालत में रेस्क्यू कर वन विभाग की टीम शावक को अमरपाटन के मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी लाइ थी |जहा पर टीम की देखरेख के बाद बीमार शावक अब चुस्त और तंदुरुस्त हो गया है | इस शावक के उछल कूद का वीडियो सामने आया है जो को सोशल मीडिया मे अब जमकर वायरल हो रहा है |
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अज्ञात चोर ले गया 2 लाख 70 हजार रुपएअमरपाटन में अज्ञात चोरो का आतंक है | अब इन अज्ञात चोरों ने एक कियोस्क संचालक की गाड़ी में रखे 2 लाख 70 हजार पर हाथ साफकर दिया है | मामला अमरपाटन रामनगर रोड का है | जहाँ अज्ञात चोरो ने चोरी के घटना को अंजाम दिया | मझगवा निवासी अनिल पटेल जो कियोस्क संचालक है |अनिल पटेल ने एसबीआई बैंक से 2 लाख 74 हजार रुपये निकाले जिसमे से उसने चार हजार रूपए अपने खर्च के लिए अपने जेब में डाल लिए और 2 लाख 70 हजार रुपए झोले में डालकर अपनी कार में ड्राइवर सीट के पीछे रख दिए और वह पाइप लेने के लिए चले गए | जब वह पाइप लेकर लौटे तो उन्होंने देखा पैसे का झोला गायब था |उन्होंने आनन फानन अमरपाटन थाने पहुँचकर शिकायत दर्ज करवाई |
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प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान जारी काशीपुर में पूर्व पार्षद के भतीजे के घर छापेमारी की गयी |जहां से कुल 66 पेटिया प्रतिबंधित प्लास्टिक का सामन बरामद किया गया | फैक्ट्री संचालक पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया | काशीपुर के ढकिया गुलाबो नगर में पूर्व पार्षद राधे श्याम प्रजापति के भतीजे के घर पर नगर निगम, राजस्व विभाग एवम पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की संयुक्त टीम ने छापेमारी की जहां से कुल 66 पेटिया प्रतिबंधित प्लास्टिक बरामद की गयी | जिसमें से 51 पेटी डिस्पोजल ग्लास की और 15 पेटी चम्मच बरामद हुई | इस मामले मे फैक्ट्री संचालक पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया | सहायक नगर आयुक्त यशवीर राठी ने बताया कि लगातार प्रतिबंधित प्लास्टिक के विरुद्ध नगर प्रशासन द्वारा अभियान जारी है |
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अपने परिषद के ही एक कर्मचारी को दी धमकीअब मैहर जिले से एक महिला अधिकारी की अभद्रता का ऑडियो सामने आया है |इस ऑडियो में अधिकारी सुषमा मिश्रा अपने परिषद के एक कर्मचारी को धमकी देते हुए अभद्रता के साथ पेश आ रही हैं | मैहर जिले के अमरपाटन की मुख्य नगर परिषद अधिकारी सुषमा मिश्रा का एक अभद्रता ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है | जिसमे महिला अधिकारी आपने परिषद के हीं एक कर्मचारी को धमकी देते हुए अभद्रता के साथ पेश आ रही हैं |पहले सुनिए ये ऑडियो की ये अधिकारी अपने अधीनस्थ से कैसा व्यवहार करती हैं |कर्मचारी विष्णु महात्मन के द्वारा बताया गया की यह ऑडियो उसी के द्वारा रिकॉर्ड किया गया है |पीड़ित ने बताया की वाह चालक के पद पर पदस्थ है इसके बावजूद उसके अधिकारी के द्वारा नाली सफाई कराने का दबाव बनाया जा रहा है और अभद्रता भी की जाती है |इसके साथ हीं उसे थप्पड़ मारने की धमकी दी गयी |
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दस साल की बच्ची को बनाया हवस का शिकारमध्यप्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं |अब एक दरिंदे ने दस साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया | मासूम बच्ची को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है |छतरपुर जिले स्थित सटई थाना इलाके में एक दुष्कर्म का मामला सामने आया|जहाँ एक दरिंदे ने दस साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया |इस वारदात से नाबालिग की हालत गंभीर हो गई|बच्ची को आनन–फानन में जिला अस्पताल के बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया गया हे |जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर बच्ची को जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं | बच्ची इस घटना के बाद से दसमे में है |घटना की जानकारी लगते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी जिला अस्पताल पहुच गए और व आरोपी की तलाश में पुलिस टीम को रवाना किया
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हाथ पर बने टैटू के आधार पर की जा रही है पहचान मैहर में अज्ञात युवक का शव मिलने से दहशत का माहौल उत्पन हो गया है। मृत युवक के हाथ पर बने टैटू से युवक की पहचान की जा रही है। मैहर के पुरानी कोर्ट तहसील परिसर में अज्ञात युवक का शव मिलने से दहशत का माहौल उत्पन हो गया है। लोग इस घटना के वजह डरे हुए है। देर शाम वहां से निकल रहे एक वकील की नजर डेड बॉडी पर पड़ी। जिसके बाद इसकी सूचना मैहर पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर शव को अपने कब्जे में लिया युवक के पास से कोई भी पहचान पत्र बरामद नहीं हुआ है। लेकिन युवक के हाथ पर बने टैटू के आधार पर पुलिस शव की पहचान के करने की कोशिश कर रही है।
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पानी पीने के बहाने घर में आया था आरोपी मधयपदेश में अब कक्षा सातवीं में पढ़ाई करने वाली बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोपी ने घर का दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ जबरजस्ती दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची को डराया धमकाया। घटना नेमावर थाना नवलगांव का है। जहा एक नाबालिग बच्ची अपने नाना नानी के साथ रहकर सरकारी स्कूल में पढाई कर रही है। शनिवार को बच्ची के नाना नानी उसे घर पर अकेला छोड़कर नर्मदा स्नान करने गए थे। बच्ची घर पर अकेली थी जिसके बाद गांव का ही रहने वाला एक युवक साधु उर्फ जगदीश मीणा बच्ची को घर पर में अकेला देख उस से पानी मांगने के बहाने आया और घर में घुस अंदर से दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची को डराया धमकाया की वह किसी को कुछ न बताये। नहीं तो उसे जान से मर देगा। डरी सहमी बच्ची ने घटना की जानकारी मोबाइल से अपने नाना नानी को दी। घर आने पर मामा ने बच्ची के साथ इसकी शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराया। मेडिकल रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपी जगदीश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
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प्रतिबंध के बावजूद बिक रहा है मकर संक्रांति के पर्व की तैयारी के बीच सरेआम जगह जगह प्रतिबंधित चीनी मांझा बेचा जा रहा है। इस मांझे के कारण कई दुर्घटनाएं होती है और लोगों की जान तक चली जाती है। छतरपुर मे मकर संक्रांति पर पतंगबाजी तेज होती जा रही ,पतंगबाजी के लिये इस्तेमाल मे आने वाला चीनी मांझा भी खूब बिकने लगा है। हालाँकि इस पर प्रतिबंध है। लेकिन प्रशासन सोया हुआ है। चायनीज मांझा की वजह से प्रदेश मे कई घटनाएं घटित हो चुकी है कुछ लोगों की तो मौत भी इस चायनीज मांझा की वजह से हुई थी ,अब इसी मांझा के खिलाफ छतरपुर पुलिस प्रशासन सख्त होने का दावा कर रहा है।
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10 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा गया शहबाज सिगरौली में कॉल माइंस कम्पनी एनसीएल में करप्शन के बिना कोई काम नहीं होता। अब सीबीआई ने एनसीएल के भर्ती विभाग विभाग पर मारा और दस हजार की रिश्वत लेते हुए हुए एक अधिकारी को रंगें गाठों गिरफ्तार किया। सिंगरौली की कोल माइंस कंपनी एनसीएल में भ्रष्टाचार की जड़ किस कदर फैली चुकी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब आए दिन सीबीआई का छापा यहाँ के विभिन्न परियोजनाओं में आम हो गया है। कुछ माह पूर्व ही एनसीएल के गोरबी परियोजना के विस्तार के लिए मुहेर के लोगों को मुआवजे वितरण में रिश्वतखोरी के लिए एनसीएल के जीएम समेत अन्य अधिकारी भी सीबीआई के गिरफ्त में आये थे। अब फिर सीबीआई का छापा एनसीएल के मोरवा स्थित मुख्यालय में पड़ा। जहाँ सीबीआई टीम ने इस बार वर्ग 1 के मजदूर भर्ती के मामले में शहबाज आलम को रिश्वत लेते ट्रैप किया है। शाहबाज विगत 2 वर्षों से भर्ती विभाग में कार्यरत था।
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मानव वन्य जीव संघर्ष नहीं ले रहा है थमने का नाम उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। खटीमा जिले में पत्ते लेने गए युवक को हाथी ने कुचला दिया। जिससे युवक की मौत हो गयी। खबर उत्तराखंड के खटीमा जिले से है। जहां मानव और वन्य जीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कभी महिला तो कभी पुरुष जंगली जानवरो के शिकार हो रहे हैं। ग्राम नौगांवा नाथ के निवासी मदन राम रोज की भाती जंगल में पते लेने गए थे। जिसे हाथी ने दर्दनाक तरीके से कुचलकर मार डाला। मामला प्रकाश में आते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। खटीमा के अंतर्गत किलपुर वन रेंज में हाथी के हमले लगातार बढ़ते ही जा रहे है। SDO संचिता वर्मा ने बताया किकिलपुरा वन रेंज के प्लाट संख्या तीन और चार में जंगल के 200 मीटर अंदर मदन राम का शव बरामद किया गया। वन विभाग द्वारा लोगों को एडवायजरी जारी की है कि इस समय जंगल में ना जाय। इस समय कोहरे के कारण वन्यजीव झाड़ियों में छिपे रहते हैं। जो दिखाई नहीं देते हैं।
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धान में रेत मिलाने का वीडियो वायरल अगर आप करते है कृषि सम्बंधित बिज़नेस। तो ये खबर आपके लिए है। हो जाइये सतर्क मैहर जिले से खरीदी केंद्र से धांधली का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। हम आपको इस खबर में दिखाएंगे भी और बताएंगे भी खरीदी केंद्र के करतूतों को लेकिन इसे पहले आपको ये बता दे की ऐसा पहली बार नहीं हुआ। रेत मिलाने के कई मामले सामने आये है। मगर प्रशासनिक कार्यवाही न होने के चलते केंद्र संचालक लगातर सरकार को बड़े पैमाने पर चपत लगाते चले आ रहे है। मैहर जिले से खरीदी केंद्र से धान में खुलेयाम रेत मिलाने का वीडियो सामने आया है। जो खरीदी केंद्र की पोल खोल रहा है। दरसल यह वायरल वीडियो मैहर जिले के अमरपाटन के ग्राम खरमसेड़ा की है। जहां खरीदी केंद्र के लोग धान मे रेत मिला रहे हैं। दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा खरीदी केंद्र में यह मिलावटी धान खापाई जा रही है। और शासन को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। चौकाने वाली बात यह है की पहली बार ऐसी मिलावट की बात सामने आई हो ऐसा नहीं है। पहले भी रेत मिलाने के कई मामले सामने आये है। मगर प्रशासनिक कार्यवाही न होने के चलते। केंद्र संचालक लगातर सरकार को बड़े पैमाने मे चपत लगाते चले आ रहे है। इस मामले की शिकायत समूह की महिलाओ ने कलेक्टर की जनसुनवाई मे की है। और केंद्र को निरस्त करने की मांग की है। हलाकि जिला कलेक्टर ने इस मामले पर जाँच करके वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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छोटे छोटे बच्चो ने किया जबरदस्त प्रदर्शन परासिया के हैप्पी किड्स स्कूल के वार्षिक उत्सव में बच्चों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जहा बच्चो को राष्ट्र व शिक्षा के प्रति भी जागरूक किया गया। परासिया के हैप्पी किड्स स्कूल ने अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ वार्षिकोत्सव मनाया। छोटे बच्चे ने जश्न के माहौल में कार्यक्रम प्रस्तुत किये और देश भक्ति के गीतों पर डांस किया। बच्चो के अभिभावकों ने भी बच्चों की हौसला अफजाई की। एनुवल फंक्शन के जरिये बच्चो को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। शिक्षा के प्रति बच्चो को जागरूक करने के लिए हर साल हैप्पी किड्स स्कूल ने ऐसा आयोजन करता है।
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21 लोगो पर आवारा कुत्ते का हमला भोपाल में हर साल लाखों रुपए कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए जाने के बाद भी नहीं थम रहा है आवारा कुत्तो का आतंक। राजधानी से चौकाने वाली खबर सामने आयी जहां एक आवारा कुत्ते ने 21 लोगों को काट लिया। अगर आपके आस पास भी घूमते है आवारा कुत्ते तो हो जाइए सावधान। ताजा मामला भोपाल से भोपाल में आवारा कुत्तो का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आवारा कुत्ते लोगो के दुश्मन बन गए हैं। कुत्तो के नसबंदी पर हर साल लाखों रुपये खर्च किये जाते है। नगर निगम की कार्यवाई अलग होती है। इसके बावजूद भी आवारा कुत्तो का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। भोपाल के एमपी नगर में आवारा कुत्ते ने 21 लोगों को काटा। घटना मंगलवार रात की है एमपी नगर जॉन वन में कुत्ते ने 21 लोगों पर हमला कर दिया राजधानी में कुत्तो के आतंक के आगे जेपी अस्पताल में इंजेक्शन भी कम पड़ गए।
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3 मजदूर घायल, 2 की मौत कॉक्स डिस्लरी नौगांव में बड़ा हादसा हो गया। हादसे में 2 मजदूरों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई और तीन मजदूर घायल हुए हैं। घटना के असल कारणों का पता नहीं चल पाया है। खबर छतरपुर के नौगांव से हैं जहाँ कॉक्स डिस्लरी में हादसा हुआ जिस में संदिग्ध परिस्थितियों 2 मजदूरों की मौत हो गयी। साथ ही 3 मजदुर घायल हो गए। सभी घायलों को गंभीर स्थिति में नौगांव सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुँच प्रशासन घटना की जांच में जुटा है।
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अशोक स्तंभ का किया गया अपमान अचानक सड़क पर बने अशोक स्तम्भ को हटाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ कई संगठनों ने प्रदर्शन किया और अशोक स्तम्भ का अपमान किये जाने का आरोप लगाया। मैहर में रीवा कटनी मार्ग पर स्थित चौराहे से अशोक स्तम्भ को हटाएं जाने पर स्थानीय लोगो ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों के साथ भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और चन्द्रगुप्त सेना के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। प्रशासनिक ने लोगों को बिना जानकारी दिए अचानक अशोक स्तम्भ को हटवा दिया। नगर पालिका के कर्मचारियों ने जेबीसी मशीन लगाकर इसे हटाया। अक्रोशित लोग सीएमओ लोगो का आरोप है की बिना किसी की सहमति और जानकारी के अशोक स्तंभ बड़े ही अपमान जानका तरीके से हटाया गया है। प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने एक हफ्ते के अंदर इसे पुनः स्थापित करने का आश्वासन दिया है।
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अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से किया इंकार परासिया लायंस क्लब नेत्र चिकित्सालय पर एक समाजसेवी ने अनियमितताओं और फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। हालाँकि अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से इंकार किया है। समाजसेवी ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की जाँच किये जाने की मांग की है। परासिया में लायंस आई हास्पिटल का संचालन लायंस सेवा समिति करती है। इसमें निशुल्क आपरेशन सरकार के साथ हुए अनुबंध के तहत किए जाते है। लेकिन अब एक समाजसेवी के द्वारा आरोप लगाया गया है की लायंस क्लब नेत्र चिकित्सालय में फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं की जांच होना चाहिए। लेकिन जांच का नाम सुनते ही अस्पताल प्रबंधन ने सारे आरोपों से इंकार करते हुए। जाँच से इंकार दिया। जिसको लेकर समाजसेवी ने कहा अगर जाँच नहीं हुई तो वे अनशन करेंगे।
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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से प्रसूता की मौत मध्य प्रदेश में स्वास्थ केंद्र को लेकर बड़े बड़े दावे किये जाते है। लेकिन छतरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी है। जो स्वास्थ विभाग की और लापरवाह अधिकारी की पोल खोल रही है। इस अस्पताल में गलत इलाज के चलते एक गर्भवती स्त्री ने दम तोड़ दिया। नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ भगवान भरोसे प्रसूताओं का प्रसव होता है। रविवार ग्राम दोनी की 20 वर्षीय प्रसूता प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। जिसकी हालत क्रिटिकल थी। लेकिन वहां मौजूद नर्सिंग ऑफिसर ने ही अपने लापरवाही के कारण उसकी जान लेली। दरसल वहां मौजूद नर्सिंग ऑफिसर ने ही महिला की डिलीवरी कर दी और कुछ घंटे बाद ही महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला डॉक्टर प्रियंका चौहान अपने फोन से ही अस्पताल चलाती हैं और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से ही मरीज की मौत हुई है और नसोँ ने उनसे डिलीवरी कराने के नाम पर दो हजार रूपये भी ऐंठ लिये।
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जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने की हड़ताल छतरपुर जिला अस्पताल में एक्सीडेंट के केस में एक लाय गए एक व्यक्ति को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इससे नाराज उसके परिजनों ने डॉक्टर पर हमला कर उनके साथ मारपीट की इस घटना के बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए। छतरपुर जिला अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी कर रहे डॉक्टर साजिद खान के साथ एक मृतक के परिजनों ने मारपीट की दरसल बमीठा में सड़क हादसे मे एक वयक्ति की मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद परिजन मृत को बेहोश समझकर जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन उग्र होकर डॉक्टर के साथ मारपीट करने लगे। इस घटना से नाराज जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया। कोतवाली पुलिस और एडिशनल एसपी मौक़े पर पहुंच ,सीसीटीवी वीडियो के आधार आरोपियों की पहचान कर मामला दर्ज कर डॉक्टरों को आश्वासन दिए की आरोपियों के खिलाफ कार्यवाई करने की जाएगी। जिसके बाद डॉक्टरों ने फिर से काम शुरू किया।
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तीस से ज्यादा बैटरी ले गए चोर अब तक चोर गाड़ियों से बैटरी चुराते थे लेकिन अब उन्होंने बैटरी दूकान पर ही हाथ साफ़ कर दिया। बैटरी चोरी की यह वारदात मैहर की है। मैहर में कटनी रोड पर दुकान के शटर का ताला तोड़ कर अज्ञात चोर बैट्रियां ले उड़े। इस वारदात की शिकायत मैहर थाने में लिखित रूप से कराई गई। बीती दरम्यानी रात में इस घटना को अंजाम दिया गया। दुकान के मालिक राकेश ताम्रकार ने बताया कि आज सुबह फोन आया कि आप की दुकान की शटर का ताला टूटा हुआ है। सूचना मिलते ही दुकान पहुचे जहाँ से चोर तक़रीबन 30 से 32 नग बैट्रियां चुरा ले गए हैं।
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अवैध रूप से सागौन के पेड़ काटे गए अवैध तरीके से सागौन के पेड़ काटे जाने का काम वन विभाग की मिली भगत से चल रहा है। एक फॉर्म हाउस पर बिना इजाजत सागौन के कई पेड़ काट दिए गए। इसके बाद उप जिलाधिकारी ने काटे गए पेड़ों को जप्त करवाया और फॉर्म गॉस मालिक पर कार्यवाही की बात कही। खटीमा क्षेत्र के पीलीभीत हाईवे से लगे हल्दी खेड़ा मझोला स्थित फर्म में अवैध रूप से सागौन के अस्सी पेड़ काटने का मामला सामने आया है। उप जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह बिष्ट,तहसीलदार हिमांशु जोशी के साथ राजस्व विभाग को लेकर मौके पर पहुंचे और काटे गए सागौन के पेड़ों को जप्त करवाया। उप जिलाधिकारी रविन्द्र बिष्ट ने बताया कि तीस पेड़ काटने की परमिशन की आड़ में सागौन के 80 पेड़ों को काट दिया गया है। अब फर्म के मालिक पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि यू पी बॉर्डर पर परमिशन की आड़ में अवैध रूप से सागौन के पेड़ बड़ी संख्या में काटे जा रहे हैं और जानबूझकर वन विभाग इस सब से अनजान बना हुआ है।
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सब को धमकाता है एसडीएम का ड्राइवर एक एसडीएम का ड्राइवर खुद को एसडीएम समझने लगा है। इसके आतंक की हर जगह चर्चा है। ये किसी को भी संदिग्ध व्यक्ति कहकर पकड़ लेता है और तहसील दफ्तर में ले आता है। हद तब हो गई जब इसने पत्रकारों और वकीलों को भी धमकाना शुरू कर दिया। इस ड्राइवर की शिकत पुलिस से भी की गई है। डोईवाला एसडीएम का ड्राईवर आजकल चर्चाओं में है। ये ड्राइवर अधिकारी के बिना ही सरकारी वाहन को लेकर घूमता रहता है और किसी भी व्यक्ति को संदिगध समझ उसका फोन छीन कर उसे तहसील ले आता है। कल भी ये ड्राइवर एक राह चलते युवक को संदिगध समझ के उसका फोन छीन कर तहसील ले गया। जिसकी सूचना मिलने पर मीडिया के लोग और वकीलों ने पीड़ित युवक से बात की। इसके बाद ये ड्राईवर बौखला गया और इसने पत्रकारों को मारने की धमकी के साथ ही अधिवक्ताओं का लाइसेंस रद्द कराने की धमकी दी। जिसको लेकर आज डोईवाला के जनप्रतिनिधि, पत्रकार व अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल उपजिलाधिकारी से मिला और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित करते हुवे उक्त ड्राईवर को निलंबित करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने डोईवाला कोतवाली में भी तहरीर देते हुवे ड्राइवर के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है।
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मुस्लिम युवक ने किया रेप और शोषण छतरपुर मे महिला को शादी का झांसा देकर उसका शरीरिक शोषण करने वाले मुस्लिम युवक नौशाद खान को गिरफ्तार किया है। पीड़ित महिला ने इससे परेशान हो कर जहर खा लिया था। शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण के आरोप मे पुलिस ने नौशाद खान को गिरफ्तार किया है। ये घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है जहां एक महिला को उसके पडोस मे रहने वाले मुस्लिम युवक ने प्रेम जाल मे फंसाकर उसका डेढ़ साल तक शरीरिक शोषण किया। जब महिला ने शादी का दबाव बनाया तो उसने शादी से इंकार कर दिया। जिस पर महिला ने उसके घर के बाहर जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। गंभीर हालत मे महिला को जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी नौशाद खान पर रेप और प्रताडना का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
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ATM वाला शातिर चोर पकड़ा गया एसबीआई के एटीएम को चुराने वाली गैंग के आखिरी शातिर चोर को भी पुलिस ने धरदबोचा है। इस चोर को काशीपुर से ही गिरफ्तार किया गया। काशीपुर के रामनगर रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के ए टी एम चोरी के मामले मे चार मे से तीन अभियुक्तो को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले मे चौथा अभियुक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए स्थान बदल कर रह रहा था। जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह और वंदना वर्मा के निर्देशन मे कार्यवाही करते हुए थाना प्रभारी मनोज रतूड़ी ने पुराने ढेला पुल से इस शातिर चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि गिरफ्त मे आया चौथा अभियुक्त इंतजार है जो काशीपुर मे किसी घटना को अंजाम देने आया था। उसके पास से एक बारह बोर का तमंचा व जिंदा कारतूस मिला है।
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सेल्फी लेने के चक्कर में पैर फिसला युवाओं को सेल्फी लेने का ऐसा चस्का लगा है कि वे सेल्फी के चक्कर में अपनी जान के साथ तक खिलवाड़ कर रहे हैं। एक युवक नदी के पास सेल्फी ले रहा था कि उसका पैर फिसल गया और उसकी जान चली गई। खटीमा क्षेत्र की झनकईया नदी में सेल्फी और इंस्टाग्राम रील बनाने के चक्कर में युवक की जान चली गई। प्रियांशु मिश्रा कैंची धाम नैनीताल से घूम कर आ रहा था। इस दौरान झनकईया नदी में उतरकर सेल्फी लेते समय अचानक उसका पैर फिसल जाने के कारण वह नदी में डूब गया। पुलिस तथा ग्रामीणों द्वारा युवक की खोज की जा रही है। खटीमा सीओ वीर सिंह ने बताया की हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं एनडीआरएफ की टीम तथा जल पुलिस के जवानों के द्वारा लगातार युवक को ढूंढा जा रहा है।
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नए कानून पर सरकार के खिलाफ नाराजगी रोडवेज कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार के नए कानून के खिलाफ हड़ताल की और इस कानून को वापस लेने की मांग की। इस मसले पर रोडवेज कर्मचारी संघ तीन दिन की हड़ताल पर है। जनहित में बनाये गए हिट एण्ड रन के नए कानून के खिलाफ ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इससे लगता है ये हड़ताली लोगों को जनता की जान की परवाह नहीं है। लोग जहाँ नए कानून के पक्ष में हैं। वहीँ आदेश को वापस लिए जाने को लेकर रोडवेज कर्मचारी संघ उत्तराखंड में हड़ताल पर है। कर्मचारी संघ के मंडलीय संगठन मंत्री अनवर कमाल ने कहा कि सरकार के ने ड्राइवर से होने वाली दुर्घटना के संबंध मे नया कानून बनाया है। इसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
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तेज़ रफ्तार डंपर ने मारी जोरदार टक्कर एक तेज रफ़्तार डम्पर ने कार को टक्कर को इतनी जोरदार टक्कर मरी की कार के परखच्चे उड़ गए। इस दुर्घटना में कार सवार व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। डम्पर चालकों की तेज रफ़्तार लोगों के लिए मौत का सबब बन रही है। इसके बावजूद प्रशासन इन डम्परों की तेज रफ़्तार को नहीं रोक पा रहा है। चंद्रा पेट्रोल पंप के मालिक ब्रह्मोश गुप्ता अपनी पत्नी मीना गुप्ता के साथ अजीतपुर अपने घर जा रहे थे। उसी दौरान गुरुकुल स्कूल के पास तेज रफ़्तार डंपर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। इस दुर्घटना में कार में बैठे ब्रह्मोश गुप्ता की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी मीना गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीँ दूसरी और मोहल्ला अल्लीखा में अज्ञात कारणों चलते महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत महिला का नाम आरिफा है। आरिफा की शादी 6 साल पहले आलम के साथ हुई थी।
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रेप के साथ आरोपियों ने क्या था डबल मर्डर बलात्कार और बदल मर्डर के आरोपियों को अदालत ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन अपराधियों ने एक लड़की से दुष्कर्म करने के बाद उसकी और उसके साथी की ह्त्या कर दी थी। अदालत ने एक मामले में ऐसी सजा सुनाई की लोगों का भरोसा अदालतों पर और ज्यादा बढ़ जाएगा। अदालत ने रेप और डबल मर्डर के मामले में दो आरोपियों को दोहरे आजीवन की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। आरोपी देवेंद्र राय,राकेश गोस्वामी को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेश देवलिया ने सजा सुनाई। ओरछा रोड थाने के झनझन देवी मंदिर पहाड़ी पर 2017 में युवक और युवती की हत्या आरोपियों द्वारा की गई थी। इस मामले की शासन की ओर से डीपीओ प्रवेश अहिरवार ने पैरवी की और पीड़ित पक्ष को इन्साफ दिलवाया।
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खड़ी कार से बस टकरा जाने से एक युवक की मौत मैहर में कोहरे का कहर जारी है। बढ़ते कोहरे के वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। रैगांवा के पास खड़ी कार से कोहरे के वजह से बस टकरा गई इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई। लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। जिसके चलते कोहरा बढ़ता जा रहा है। इस कोहरे के कहर से हादसे हो रहे हैं। मैहर के अमदरा थाना क्षेत्र के रैगांवा के पास खड़ी कार से घने कोहरे के करण बस टकरा गयी। बस टकराने से एक युवक की मौत हो गई। बस नागपुर से रीवा जा रही थी। इसी दौरान यह हादसा हुआ। मृतक युवक प्रीतम तिवारी नागपुर से रीवा अपने घर जा रहा था। बस में बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोट आई है। घटना शनिवार तड़के की बताई जा रही है। घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
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छत का प्लास्टर गिरने से टीचर और छात्र हुए घायल मध्यप्रदेश में विकास के दावों की पोल भोपाल के स्कूल ने खोल दी है। जब बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे तभी छत का एक हिस्सा भरभरा के गिर गया। इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जब राजधानी के हालात ऐसे हैं तो दूर दराज के स्कूलों का हाल क्या होगा। इस हादसे में टीचर सहित कुछ छात्रों को चोट लगी है। मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूल भगवान् भरोसे ही चल रहे हैं। भोपाल के शाहजहांनाबाद स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल के में पढ़ाई के दौरान छत गिर गई और इस छत ने विकास के दावों की पोल खोलने के साथ कमीशनखोरी की दास्तान को भी उजागर कर दिया। छत गिरने के मामले में अब शिक्षा विभाग स्कूल की जांच के बाद उसे शिफ्ट करने के मूड में है। क्योंकि यहां मौजूद हर एक कक्षा की छत से पानी बैठ रहा है वहीं दीवारों पर लंबे समय से सीलन है। बता दें कि स्कूल की छत का प्लास्टर उखड़कर गिरने के बाद यहां 2 बच्चे और 1 टीचर घायल हुई हैं। वहीं, क्लास में पढ़ रहे अन्य बच्चों को भी मामूली चोटें आई हैं। फिलहाल यहाँ बड़ा हादसा होते होते टल गया है। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस दौरान कमरे में दो महिला टीचर और तकरीबन 20 बच्चे मौजूद थे। टीचर बच्चों को पढ़ा रही थी। इसी दौरान अचानक छत का एक हिस्सा गिर गया।
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उपचार के दौरान एक हाथी की हुई मृत्यु उत्तराखंड में हथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खटीमा के तराई इलाके में एक बीमार हाथी मिला। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। खटीमा तराई पूर्वी उपवन प्रभाग के पश्चिमी किलपुरा बीट में प्लॉट न.21 पर एक हाथी बीमार हालत में पाया गया। वन अधिकारियों ने बीमार हाथी के उपचार के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया। लेकिन उपचार के दौरान बीते रोज सुबह हाथी की मृत्यु हो गई। एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि बीमार हाथी की सुरक्षा के लिए शेड लगाया गया। साथ ही वन कर्मियों द्वारा हाथी के भोजन की व्यवस्था भी गई थी। कार्बेट के विभागीय अधिकारियों द्वारा मिल कर सामूहिक उपचार के दौरान हाथी की मृत्यु हो गई। पोस्मार्टम के माध्यम से यह पता चला कि हाथी काफी समय से बीमार था इस कारण उसकी मृत्यु हुई है।
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टैक्टर से हो रही है रोज टनों कोयला तस्करी परासिया में बंद पड़ी कोयला खदानों से कोयले की चोरी का धंधा बदस्तूर जारी है। काले पत्थर के तस्कर रोज ट्रैक्टरों के जरिये खदानों से कोयले की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस ने दबिश देकर कोयला तस्करी कर रहे ट्रैक्टर को जप्त किया है। परासिया वेकोलि पेंच क्षेत्र की बंद कोयला खदानों से हो रही कोयला तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। बड़कुही पुलिस ने इकलेहरा में बंद ओपनकास्ट खदान से हो रही कोयला चोरी के मामले को उजागर करते हुए एक कोयले से भरे टैक्टर को पकड़कर जप्त किया है। पुलिस को मुखविर से सूचना मिली थी कि है इकलेहरा की बंद खदान से टैक्टर के माध्यम से कोयला तस्करी की जा रही है। मौके पर टीम के साथ दबिश देने पर टैक्ट कोयले का परिवहन करते हुए पाया गया। चालक से कोयले के सबंध में दस्तावेज मांगे जाने पर वह कोई कागजात नहीं दिखा पाया। पुलिस ने बताया कि टैक्टर मालिक कोयला तस्कर की तलाश की जा रही है। वेकोलि पेंच प्रबंधन द्वारा बीते साल इकलेहरा बडकुही ओसी माइंस को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद खदान में कोलमाफिया का कब्जा हो गया है।
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आदतन अपराधी हैं कल्लू और चुन्नी दादा बुंदेलखंड इलाके के कुख्यात बदमाश कल्लू दादा और चुन्नी दादा के अवैध निर्माण पर सरकार का बुलडोजर चला और इन बदमाशों की हेंकड़ी को जमीदोज कर दिया। इन दोनों गुंडों का इलाके में जबरदस्त आतंक है। कुख्यात गुंडे कल्लू और चुन्नी को प्रशासन ने सबक सिखाने का मन बनाया और इनके अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया। छतरपुर के बिजावर में हुई हत्या के बाद पुलिस प्रशासन इनका अवैध बना मकान गिराने पहुंचा। हत्या करने वाले आरोपी शहीद खान उर्फ कल्लू दादा का मकान गिराने पहुंची प्रशासन की के बाद कल्लू के खानदान की साड़ी बदमाशी धरी की धरी रह गई। इसके खिलाफ पच्चीस से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कल्लू के बाद प्रशासन का बुलडोजर इसके साथी चुन्नी के घर पर भी चला।
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पुलिस ने पूरे शातिर गैंग को ही धार दबोचा काशीपुर पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब उसने एक शातिर डकैतों की गैंग को धार दबोचा। यह गैंग डकैती के साथ लूट और चोरी की वारदात को भी अंजाम देता था। काशीपुर मे विगत दिनीन घर में घुस के डकैती डालने वाली गैंग पुलिस के हाथ लग गई है। इसने एक घर के लोगों को बंधक बना के डकैती की वारदात को अंजाम दिया था और सोने चांदी के जेवरात और कैश अपने साथ ले गए थे। इनकी खोज के लिए पुलिस की चार टीमें काम रही थीं। पुलिस को पता चला ये गैंग डकैती के साथ लूट और चोरी की घटनाओं को भी अंजाम देती है। पुलिस टीम ने इस गैंग के सात लोगों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजू नाथ टी सी ने बताया कुछ बाहर के लोग चोरी की घटना को अंजाम दे रहें थे। जिनकी गातिविधियां संदिग्ध प्रतीत हो रही थी। इसी को लेकर पुलिस ने कार्यवाही की तो इन अपराधियों का खुलासा हुआ। इन्हें डकैती की योजना बनाते हुये गिरफतार किया गया
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घटना का वजह बताया जा रहा है कोहरा सिंगरोली में घने कोहरे की वजह से गुरुवार सुबह दो हाइवा वाहनों में जबरदस्त भिड़ंत हो गयी। दुर्घटना में दोनो वाहनों के चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। कोहरे की वजह से इस इलाके में रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। सिंगरौली जिले में कोहरे ने अपना कहर मचाया हुआ है। जिस की वजह से आये दिन दुर्घटना हो रही हैं। कोहरे को देखते हुए प्रशासन भी लगातार लोगो को सावधान कर रहा है। आज घने कोहरे के कारण सिंगरौली जिले के देवसर तहसील से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर गुरुवार की सुबह भलुगढ़ में दो हाइवा वाहनों में भिड़ंत हो गई। दुर्घटना में दोनो वाहनों के चालक गंभीर रूप से घायल हो गए।
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घटना के जिम्मेदारों को बक्शा नहीं जायेगा मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुए दिल दहला देने वाले हादसे में 13 लोगो की मौत हो चुकी है। जो लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है वो बुरी तरह झुलस गए है। करीब 15 से अधिक घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वही आज घायलों और मृतकों के परिवार से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुलाक़ात की और उन्हें हर सम्भव मदद देने के साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने की बात कही। कल रात को मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुए बस हादसे में जलने से 1 3 लोगों की मृत्यु हो गई है और 16 से अधिक लोग बुरी तरह झुलस गए। दिल दहला देने वाले गुना बस हादसे में झुलसे घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद मुख्यम्नत्री मोहना यादव ने घायलों और पीड़ितों के परिवार से मुलाक़ात की मुख्यमंत्री ने कहा की इस मामले में जांच के आदेश किए जा चुके है। इस घटना के जिम्मेदारों बक्शा नहीं जायेगा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए प्रबंध करेंग। मोहन यादव ने कहा की दुःख की इस घड़ी में पीड़ितों के साथ प्रदेश सरकार खड़ी है। प्रशासन इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोके। इसके लिए आवश्यक प्रबंध करेंगे। गुना में हुई बस दुर्घटना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा कि गुना की घटना हृदयविदार्क है। घटना में मृतक भाई बहनों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं किन कारणों से ऐसी घटना हुई। उसका पता लगाया जा रहा है मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।
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पेटिकोट के नाड़े से लगी फाँसी एक बच्चा नहाने के बाद पेटीकोट से बदन साफ़ कर रहा था कि अचानक पेटीकोट के नाड़े से उसे फांसी लग गई। गंभीर हालात में इस बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया गया। अमरपाटन के ग्राम धौरहरा में घर में भी नहाने के बाद खेलते समय खेल खेल में 8 वर्षीय बच्चें को पेटिकोट के नाड़े से फाँसी लग गई। यह हादसा तब हुआ जबबच्चा नहाने के बाद पेटिकोट से अपना शरीर साफ कर रहा था। मासूम बच्चे की हालत गंभीर ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। प्रथमिक उपचार के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया। घायल बच्चे का नाम ऋतिक रजक है।
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फायरिंग करने वलों का खुलासा काशीपुर पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कस दिया है और एटीएम चुरा कर ले जाने वाले अंरराज्जीय चोर गिरोह को पकड़ लिया है। खनन माफिया के खिलाफ धरना दे रहे लोगों पर फायरिंग करने वाले अपराधी भी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। काशीपुर मे विगत 24 दिसंबर को ग्राम अजीतपुर मे खनन माफिया के खिलाफ धरना दे रहे लोगों पर फायरिंग की गई। इसके बाद ग्रामीणों पर जानलेवा हमले के मामले मे जितेंद्र सिंह ने थाना आईटीआई पुलिस को दो दर्जन से अधिक लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजु नाथ टी सी बताया कि धरने पर बैठे लोगो की हत्या करने की नीयत से नईम , यासीन, मुस्तकीम सहित 50-60 अन्य लोग धरने पर बैठे लोगों पर गोलियां चला दी थी। जिनमे चार लोग घायल हुए थे। इस मामले चार अभियुक्तों को दबिश डालकर गिरफ्तार कर लिया गया है। काशीपुर के रामनगर रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक का ए टी एम चोरी किये के मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्तो को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजू नाथ टी सी ने बताया कि गिरफ्त मे आये तीनो शातिर चोर अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के हैं। जो अलग अलग राज्यों मे ए टी एम मशीन चोरी किया करते हैं। गिरफ्तार चोरों के नाम नाज़िम, तासिम और समशुद्दीन उर्फ शमशु बताये गए हैं। इनके पास से तीन लाख बीस हजार रुपये एक स्कार्पियो ,एक तमंचा 315 व बारह वोर जिंदा कारतूस के साथ कटा हुआ ए टी एम एवं काटने के औजार बरामद किये गये हैं।
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तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को किया गया सीज अवैध तरीके से मिट्टी का खनन करने वाले माफ़िय के खिलाफ प्रशासन एक्शन में हैं। मिट्टी माफिया पर शिकंजा कसते हुए। तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को जप्त किया गया। अवैध मिट्टी खनन माफिया पर शिकंजा कसते हुए झनकईया थाना पुलिस ने छापामार कार्यवाही करते हुए अल्केमिस्ट रोड पर अवैध खनन में लिप्त तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ कर झनकईया थाने में सीज कर खड़ा कर दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ कर सीज कर दिया गया है। जो कि मिट्टी खनन के अवैध कारोबार में लगी हुई थी। मिट्टी खनन माफिया के खिलाफ पुलिस की यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। बीते दिनों खटीमा दौरे के अवसर पर जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय पुलिस को निर्देशित किया था।
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विवाद के चलते दोस्तो ने दोस्त की ली जान छतरपुर में आपराधिक घटनाये तेजी से रफ़्तार पकड़ रही हैं। इस बार एक दोस्त ने दूसरे दोस्त के साथ दगाबाजी की है। पुराने विवादों के वजह से दो युवको ने अपने दोस्त की ही जान ले ली। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। छतरपुर में आपराधिक मामले रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पुराने विवाद के वजह से दो युवकों ने साजिश कर अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया। दो युवक अपने दोस्त से पुराने विवाद का बदला लेने के लिए बड़े ही प्यार से अपने दोस्त अनीस को उसके घर से अपने साथ ले गए। इसके बाद युवको ने अनीश के साथ मारपीट की और लहुलुहान अनीस को पठार गांव के तालाब के पास पटक दिया। उसके बाद खुद अपने जुर्म को छुपाने के लिए उसके दोनों बदमाश दोस्त उसके घर आकर अनीस के परिजनों को बताते है कि अनीस का एक्सीडेंट हो गया है। वह पठार गांव के तालाब के पास पडा है। अनीस के परिजन मौके पर पहुंचते और अनीस को बिजावर अस्पताल ले गए। जहां गंभीर हालत मे उसे झांसी मेडिकल काँलेज ले जाते समय रास्ते मे उसकी मौत हो गई। बिजावर पुलिस ने दोनो आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है।
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दूकानदार को लगा 12 हजार रुपये जा झटका एक दुकानदार को एमआरपी से पांच रुपये ज्यादा वसूलना महँगा पड़ गया। इस दुकानदार की ग्राहक ने शिकायत की उसके बाद उपभोक्ता आयोग ने इस पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। छतरपुर मे एक दुकानदार को ग्राहक से पांच रूपये एम आर पी से अधिक लेना महंगा पड़ गया। उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने दुकानदार पर दस हजार रूपये का जुर्माना और दो हजार रूपये वकालत खर्च सहित बारह हजार का जुर्माना लगाया है। पीडित ग्राहक ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग मे शिकायत दर्ज करवाई थी,कि उसने बालाजी मंदिर के पास एक जनरल स्टोर से पचास रूपये की फेस क्रीम ली थी। लेकिन दुकानदार ने पचास रूपये की क्रीम 55 रूपये मे दी जिसकी शिकायत ग्राहक ने उपभोक्ता आयोग मे कर दी थी। इस शिकायत पर आयोग ने फैसला सुनाते हुये दुकानदार पर ग्राहक से 5 रूपये अधिक लेने पर दस हजार जुर्माना और पीडित के वकील का खर्च पर दो हजार रूपये सहित बारह हजार का जुर्माना लगाया।
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अपहरणकर्ताओं ने मांगी एक करोड़ की फिरौती नए मुख्यमंत्री मोहन यादव भले ही अपराधियों पर सख्ती की बात करें लेकिन उनके राज में सरेआम एक 65 वर्षीय वृद्ध गल्ला व्यापारी का अपहरण कर अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की मांग थी। 24 घंटे बाद अपहरणकर्ताओं ने गल्ला व्यापारी को छोड़ दिया। पुलिस का कहना है ये सब उसके दबाव का नतीजा है। पुलिस ने पांच में से इस कांड में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मैहर के भैसासुर गांव से 65 वर्षीय वृद्ध गल्ला व्यापारी दद्दू गुप्ता का उनके घर से कार सवार 5 अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया था और फिरौती बतौर एक करोड़ की मांग की थी। घटना के तत्काल बाद पुलिस ने घोराबंदी की लेकिन अपहृत वुपरी और आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला। घटना के 24 घंटे बाद देर रात अपहृत व्यपारी को को देवी जी रोड पर छोड़ फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली और तफ्तीश जारी रखी और इस अपहरण कांड के सरगनाओं तक पुलिस पहुंच गई। इस घटना में पांच आरोपी शामिल है। जिसमे से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पूरनलाल पटेल मुकेश पटेल कुसेड़ी और मुकेश पटेल लुढ़ौती को गिरफ्तार किया है। जबकि रजनीश पटेल और जितेंद्र पटेल अभी भी फरार है।
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बरामद कस्तूरी की कीमत पचास लाख कस्तूर मृग के बारे में तो आपने सुना ही होगा। कस्तूरी मृग मारकर उसकी कस्तूरी की तस्करी करने का काला कारोबार अब भी जारी है। कस्तूरी तस्करों ने नेपाल में दो कस्तूरी मृगों का शिकार किया और उसकी कस्तूरी को बेचने हरियाणा ले जा रहे थे। तभी वन विभाग जी टीम ने एक अंतरास्ट्रीय कस्तूरी तस्कर को गिरफ्तार कर उससे कस्तूरी बरामद की। कस्तूरी का काला कारोबार अब भी जारी है। इसका खुलासा कस्तूरी के अनतरास्ट्रीय तस्कर ने खुद किया है। उत्तराखंड एसटीएफ एवं डब्ल्यूसीसीबी की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर खटीमा की पीलीभीत रोड से एक अंतरराष्ट्रीय वन तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो मृग कस्तूरी बरामद की है। आरोपी तस्कर पूर्ण विश्वकर्मा उर्फ हरिओम ग्राम चायकोट नेपाल का रहने वाला है। जिसने अपने एक साथी के साथ मिलकर नेपाल में दो कस्तूरी हिरण का शिकार किया और उससे कस्तूरी निकली। तस्कर पूर्ण विश्वकर्मा कस्तूरी बेचने के लिए हरियाणा ले जा रहा था। जिसे खटीमा में ही छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया। इससे बरामद कस्तूरी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 लाख रुपए बताई जा रही है। तराई पूर्वी खटीमा उपवन प्रभाग की एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया अंतरराष्ट्रीय वन तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
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पांच आरोपियों ने विवाद के बाद की मारपीट अपरधियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें बाइक धीरे चलाने का क्या बोल दिया तो उनका पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया। जिस युवक ने उनसे बुलेट मोटरसाइकिल धीरे चलाने को कहा, बदमाश उस पर भड़क गए और युवक के साथ लाठी डंडे से मारपीट करने लगे। अपराधियों ने युवक को इस कदर पीटा की इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी। छतरपुर में एक युवक के साथ अपराधियों ने लाठी डंडो से मारपीट की। जिसके बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी मृतक ने आरोपियों से बुलेट धीरे चलाने को कहा तो अपराधियों ने विवाद शुरू कर दिया। पांच आरोपियों ने विवाद के बाद मारपीट शुरू कर दी। फिर इन बदमाशों ने उस युवक की लाठियों से पिटाई की पुलिस ने मामला दर्ज कर पांचो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना महाराजपुर थाने के ढिंगपुरा की है।
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नानामता विधानसभा क्षेत्र नई बस्ती का मामला विधायक निधि से चल रहे निर्माण कार्य ही जब गुणवत्ता विहीन होंगे तो लोगों की नाराजगी वाजिब है। ऐसे ही गुणवत्ता विहीन पेवर ब्लॉक लगाए जाने के काम का लोगों ने विरोध किया और इसकी प्रशासन शिकायत की है। नानामता विधानसभा क्षेत्र के इस्लामनगर की नई बस्ती में संपर्क मार्ग परे पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने शिकायत की है की निर्माण कार्य में हुन्वात्ता का ध्यान नहीं है। विधायक गोपाल सिंह राणा की विधायक निधि से यह काम किया जा रहा है। निर्माण कार्य कर रही एजेंसी का कहना है पेवर ब्लॉक लगाए जाने का काम ठीक तरीके से हो रहा है। फिर भी कोई शिकायत है तो मामले की जांच करवा लेंगे।
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फिर तेज रफ़्तार बस का कहर एक बार फिर तेज रफ़्तार बस का कहर देखने को मिला। जब एक यात्री बस ने पानी पी रहे माँ बेटे को टक्कर मार दी ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही माँ बेटे की मौत हो गई। एक तेज रफ़्तार बस ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। जिससे माँ बेटे की मौके पर ही मौत मौत हो गयी। घटना नादन देहात के ग्राम कनियारी मोड़ की हैं। जहां ,सड़क किनारे मोटरसाइकिल खड़ी कर माँ बेटे पानी पी रहे थे। तब तेज रफ्तार बस ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। वहीं टक्कर मारने के बाद बस सड़क किनारे खाई में जाकर घुस गई। यह हादसा तब हुआ जब बस सतना से अमरपाटन की ओर आ रही थी। घटना की जानकारी लगते ही अमरपाटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की जांच नादान थाना पुलिस कर रही है।
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वैन पूरी तरह जलकर हुई राख खबर छतरपुर छतरपुर से है जहाँ मारुती वैन में आग लगने के वजह से मारुती वैन पूरी तरह जलकर राख हो गयी। जलने के बाद वैन में जबरदस्त धमाका हुआ। जिससे आस पास के रहने वाले लोग भी दहल गए। इसके बावजूद गनीमत यह रहा की किसी को कुछ नहीं हुआ। छतरपुर में मारुति वैन में अचानक आग लग गई। आग लगने के बाद जबरदस्त धमाका हुआ। जिसकी वजसे से आस पास के रहने वाले लोगो में सनसनी फ़ैल गयी। घटना के बाद सभी को ऐसा लगा था की कोई न कोई बड़ा नुकसान जरूर हुआ होगा। लेकिन गनीमत यह रही की जबरदस्त धमाका होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ। घटना बिजावर के लक्ष्मीनारायण मन्दिर के पास की है। पूरी तरह जलकर पूरी खाख हुई मारुती वैन नारायण विश्वारी की बताई जा रही है।
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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल छतरपुर में अपराधों का सिलसिला जारी है। आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। बेख़ौफ़ होकर अपराधी आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे है आए दिन ऐसी घटना को देखते हुए लगता है छतरपुर में प्रशासन की नहीं अपराधियों की चलती है। अपराधियों के टारगेट पर कोई और नहीं सिर्फ सराफा व्यापारी हैं। ताजा मामले में छतरपुर में सराफा व्यापारी पर अपराधियों ने जानलेवा हमला कर 15 लाख के जेवरात लूट लिए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो रहा है। इसके बाद भी पुलिस ऐसे अपराधियों का सुराग नहीं लगा पा रही है। छतरपुर में सराफा व्यापारी पर जानलेवा हमला कर अपराधियों ने 15 लाख के जेवरात लूट लिए। घटना सीसीटीवी में कैद हो गयी जिसका वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ,वीडियो में साफ नज़र आ रहा की कुछ अपराधी व्यापारी पर डंडे से हमला करते दिख रहे है और लूटपाट कर रहे है। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस कोई एक्शन नही ले पाई है। बदमाशों का सुराग नहीं लगने से यही पता चलता है छतरपुर में पुलिस की चाल ढीली हो गयी है। जिसके वजह से अपराधी सक्रीय हो गए है और बेखौफ हो आपराधिक मामले को अंजाम दे रहे है। पिछले कई दिनों से अपराधियों के निशाने पर सराफा व्यापारी हैं।व्यपारी पर जानलेवा हमले का ये मामला सिविल लाईन थाना के शांतिनगर कालोनी का है।
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पुलिस अभी तक नहीं लगा पायी पता बीते आठ दिनों से एक आदिवासी बालिका के गायब होने से आदिवासी समाज गुस्से में है। नाराज लोगों ने देवास के सतवास पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की आदिवासी समाज बालिका को ढूंढने के लिए पुलिस को 24 घंटे का समय दिया है और कहा है इसके बाद हर प्रदर्शन किया जाएगा। देवास जिले के सतवास थाना अंतर्गत पीपलकोटा से एक आदिवासी बालिका के गुम हो जाने को लेकर आदिवासी समाज के लोगो ने सतवास थाने के सामने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर सतवास थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में कहा गया की ग्राम पीपलकोटा की बालिका पिछले एक सप्ताह से घर नही पहुंची है। बालिका 14 दिसंबर को सतवास के शासकीय महाविद्यालय में अध्ययन करने के लिए आई थी। किंतु शाम को वापस घर नही पहुंची। पुलीस थाने में बालिका के पिता द्वारा आवेदन देकर सुचना भी दी गई। किंतु पुलीस आज तक उक्त बालिका की अभी तक जानकारी नहीं जुटा पाई है। 24 घण्टे के अंदर पुलिस बालिका की जानकारी नही जुटा पाती है तो समाज के लोगो द्वारा नगर बंद कर उग्र आंदोलन किया जायेगा। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी।
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पिता ने 50 हजार में लड़की बेची एक 13 वर्षीय नाबालिग की खरीद फ़रोख़्त का मामला सामने आया है। लड़की को उसके पिता ने ही पचास हजार रुपये में एक शख्श कप बेच दिया।महिला एवं बाल विकास विभाग ने पुलिस की मदद से लड़की को छुड़वाया। पीड़िता ने वीडियो बनाकर इस मामले की शिकायत की। उसके बाद उसे छुड़वाया गया। देवास जिले के सोनकच्छ का मामला। देवास जिले के सोनकच्छ में एक नाबालिग को उसके पिता ने 50 हजार रुपए में बेच दिया। वहीं जिन्होंने लड़की को खरीदा उनका कहना था हम नाबालिग की सगाई कर उसे लाये है। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए नाबालिग छुड़वाया। नाबालिग ने टीम को बताया कि उसे उसके पिता ने चंद रुपयों के लिए बेच दिया। वहीं जो व्यक्ति उसे खरीद कर लाया वो नाबालिग के साथ मारपीट कर मजदूरी करवाता है। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रवीण जैन ने बताया कि हमें एक नाबालिग 13 वर्षीय लड़की ने सोशल मीडिया पर शिकायती विडियो बनाकर भेजा था। जिसमें नाबालिग ने बताया कि उसको उसके पिता ने गांव के ही एक व्यक्ति को 50 हजार रुपए में बेच दिया है। मुझे यहां नही रहना है। ये परिवार मेरे साथ मारपीट करता हैं, मुझसे मजदूरी करवा रहे और मुझे खानें को भी नहीं देते हैं। इसी आधार पर पीलिया खाद ईंट भट्ठे से नाबालिग को बरामद किया गया। उसे खरीदने वाला व्यक्ति सोहनलाल उसकी पत्नी और उसके नाबालिग बेटा है। जिनके ख़िलाफ़ कार्यवाही हेतु सोनकच्छ पुलिस को आवेदन दिया है।
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बीयर की बोतलों को बुलडोजर से किया गया नष्ट शराबी इस खबर से दूरी बना के रखें।यह खबर पिने वालों को परेशान कर सकती है कि करोड़ों की बीयर पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। वीयर के केन और बोतलों पर तब तक बुलडोजर चालता रहा जब तक सबकुछ माटिया मेट न हो गया। इस बुलडोजर को गौर से देखिये। ये जिस ढेर पर चढ़ाई कर रहा है ये ढेर भरी हुई केन है। ये बुलडोजर तक तक इन्हें कुचलता रहेगा। जब तक इनका पापड़ नहीं बन जाएगा। एमपी के छतरपुर मे छह करोड साठ लाख रूपये की बीयर पर बुल्डोजर चलाने की कारवाई की गई, नौगांव में आबकारी विभाग द्वारा विदेशी मदिरा के नस्टिकरण की कार्यवाही की गई है। जिसमें 37,166 पेटी वह बीयर थी जो एक्सपायर हो चुकी है। जिसके नष्टिकरण की कार्यवाही आबकारी अधिकारी की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर की गई। आबकारी अधिकारी ने बताया कि नष्ट की गई बियर की कीमत लगभग 6 करोड़ 60 लाख रुपए है।
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हाथी का शव मिलने से मचा हड़कंप एक बड़े हाथी का शव संदिग्ध स्थिति में मिलने से हड़कंप मच गया। विशाल हाथी की मौत कैसे हुई इस पर वन विभाग के अफसर कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। बड़कोट वन रेंज के माजरी ग्रांट के रेशम माजरी क्षेत्र में एक हाथी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। बृहस्पतिवार की सुबह वन वन विभाग के गश्ती दल ने मृत अवस्था में हाथी को देखा और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने शव को कब्जे में ले लिया है। बताया गया है कि हाथी करीब 15 साल का है और उसके सभी अंग सुरक्षित हैं। वन विभाग ने हाथी का पोस्टमार्टम भो करवाया है। ताकि उसकी मौत के कारणों का पता चाल सके। हाथी का शव मिलने की खबर से बड़ी तादात में ग्रामीण इकठ्ठा हो गए। हाथी की मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। दो दिन पहले भी थानो वन रेंज में एक हाथी की मौत इसी तरह हो चुकी है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि वे कई साल से वह वन विभाग को हाथी आने की शिकायत करते आ रहे हैं। लेकिन वन विभाग ने इसको संज्ञान में नहीं लिया। अब अचानक इस तरह हाथियों की मौत के पीछे वन विभाग की भी बड़ी लापरवाही बताई है। वन रेंज अधिकारी धीरज रावत ने कहा कि 3 महीने पहले हाथी की रोकथाम के लिए प्रस्ताव उन्होंने भेजा था। लेकिन अभी तक उस पर अमल नहीं किया गया है। वन विभाग हाथियों की मौत के मामले में अपना पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है।
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उधार ना देने पर दुकानदार की हत्या छतरपुर में अपराधियों के मन से पुलिस का डर खत्म हो चूका है। एक बुजुर्ग अपनी जिविका के लिए सड़क के किनारे गुमटी में किराने की दुकान चलाता था। गांव की कुछ लोग दुकान पर उधार मांगने गए। लेकिन दुकानदार ने उधर देने से माना कर दिया। बुजुर्ग दुकानदार के माना करने का बाद बदमाशों ने दुकानदार के साथ बेरहमी से मारपीट की। दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। ईशानगर थाने के पनोठा गांव 70रूपये का सामान उधार न देने पर बदमाशों ने बुजुर्ग दुकानदार के साथ मारपीट की। इलाज के दौरान बुजुर्ग तुलसी कुशवाहा की जिला अस्पताल मे मौत हो गई। बुजुर्ग गांव मे गुमटी में .किराने की दुकान चलाता था। मृतक के परिजनो ने गांव के तीन लोगो पर लगाया मारपीट का आरोप लगाया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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भूख और प्यास से मर गया एक घोड़ा खनन माफिया अवैध खनन में घोड़ों का उपयोग करता है और इन घोड़ों को खाना पानी तक समय पर नसीब नहीं हो पाता है। ऐसे अवैध खनन में लगे एक घोड़े की मौत हो गई। बुल्लावाला सुसवा नदी में खनन माफिया दिनदहाड़े घोड़ों के जरिये अवैध खनन कर रहा है। जिस कारण एक घोड़ा भूख और प्यास के चलते तड़प तड़प कर मर गया। घोड़े के मालिक घोड़े को भूखा प्यासा रखकर उसे लगातार अवैध खनन के काम में लगाए रखते हैं। जब भूखा घोड़ा मर गया तो उसको सुसवा नदी में खुले मैं फेक दिया गया। इलाके के लोगों ने घोड़ों पर हो रही बेरहमी को रोकने की मांग की है। लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। दिर भी स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि बुल्लावाला में चल रहे घोड़े द्वारा अवैध खनन का कार्य की जांच कर उचित कर्रवाई कि जाए।
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जंगल में मंगल करते नजर आये विजय शाह भाजपा सरकार के पूर्व वन मंत्री विजय शाह अपने नित नये नये कारनामों के कारण चर्चाओं में रहते है। अब भाजपा के विधायक पूर्व वन मंत्री विजय शाह ने घने जंगल में वन विभाग के अधिकारियों को पार्टी करने का हुक्म दे डाला और जंगल में पार्टी हो गई। पार्टी के वीडियो में खुद विजय शाह आपने दोस्त के साथ सतपुड़ा के जंगलों में मनगल करते नजर आये। ये वीडियो खुद विजय शाह ने बनाया है। विजय शाह ने सतपुड़ा की सबसे ऊँचे पहाड़ों पर पार्टी आयोजित की अधिकारियों ने बताया पूर्व वन मंत्री को जिस स्थान पर पार्टी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। उस स्थान पर आग जलाना पूर्णत:प्रतिबंधित है आग फैलने के खतरे के साथ जंगली जानवर भी डर के कारण दूसरे वन क्षेत्रों में पलायन कर सकते हैं। उपरोक्त स्थान पर आग जलाना वन नियमों के विरुद्ध है। भाजपा विधायक शाह के कारन कंगाल में मंगल हो गया और नियम कोने में पड़े रह गए अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे विजय शाह एक पत्रकार की तरह सतपुड़ा की वादियों का हाल बता रहे हैं।
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किसने खेला गोली का जानलेवा खेल एक सरपंच अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। इस पार्टी में सरपंच का कोई दोस्त दुशमन बन के बैठा था। उसने मौका मिलते ही सरपंच को गोली मार दी। पुलिस अब गोली मरने वाले की तलाश कर रही है। छतरपुर में एक पूर्व सरपंच की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। पूर्व सरपंच की फोर लाइन पर दोस्तों के साथ चल रही थी। तभी उसे गोली लगी। तत्काल पूर्व सरपंच कैलाश यादव को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई गोली मारने वाले आरोपी का कुछ पता नहीं चला है। सिटी कोतवाली पुलिस और ओरछा रोड थाना पुलिस ने अस्पताल में म्रतक के परिजनों से घटना की जानकारी ली।
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हाइवे पर लूट और एक्सीडेंट अमरपाटन में एक जेठ जेठानी ने पारिवारिक विवाद में अपनी बहू पर उबलता पानी डाल दिया। वहीँ कुछ बदमाशों ने एक युवक के साथ लूट कर ली। और हाइवे पर ट्रेक्टर और कंटेनर की टक्कर में सात लोग घायल हो गए। हाईवे पर मोटरसाइकिल सवार यूवक का रास्ता रोक बदमाशों ने उसके साथ मारपीट की और चाकू की नोक पर पैसे लूट लिए। पर्सवाहि नर्सरी के सामने एक युवक ने मोटरसाइकिल सवार युवक बलवीर सिंह का रास्ता रोका और अन्य साथियों को बुलाकर चाकू की नोक पर उसके साथ मारपीट करते हुए उसके पैसे लूट लिए। जिसकी शिकायत पीड़ित ने अमरपाटन थाने में की पुलिस मामले की जांच में जुटी हैं। अमरपाटन थाना के ग्राम चौराहटा में एक महिला घर के आंगन में नहा रही थी इसी दौरान जेठ जेठानी ने चूल्हे पर खोल रहे गर्म पानी को इस महिला के ऊपर डाल दिया। जिससे महिला बुरी तरह झुलस गई। गंभीर हालत में परिजन इस महिला को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। ईलाज के बाद हालत गंभीर देखते हुए महिला को जिला अस्पताल सतना के लिए रेफर कर दिया हैं। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर जेठ श्याम लाल जेठानी राधा पर मामला दर्ज किया हैं। नेशनल हाइवे पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। जहाँ ट्रेक्टर और कन्टेनर मे भिड़ंत हो गई। हादसे में ट्रेक्टर सवार सात लोग घायल हुए हैं। इनमे 2 लोगो की हालात गंभीर है।
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अवैध रूप से मिट्टी का खनन उत्तराखंड के कई इलाकों में मिटटी माफिया सक्रिय है और मिट्टी खनन के लिए खेतों और जमीन को बर्बाद कर रहा है। मिट्टी माफिया बिना इजाजत मिटटी का खनन कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है। खटीमा विकासखंड में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन माफिया का स्वर्ण काल चल रहा है। मिट्टी माफिया बिना परमिशन के खेतों की उपजाऊ मिट्टी का अवैध रूप से खनन कर उसका परिवहन भी कर रहा है। इस मामले में शिकंजा कसने के लिए राजस्व विभाग की टीम के द्वारा उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सितारगंज रोड पैनिया टोल नाके के पास अवैध मिट्टी खनन में लिप्त तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को ओवरलोडिंग एवं अवैध रूप से मिट्टी का परिवहन करने के अपराध में सीज किया गया। उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्यवाही कर के मिट्टी खनन माफिया के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है।
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न्यायाधीश की कार छीनने का आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के दो पधाधिकारियों को न्यायधीश की कार छीनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। परिषद की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी शर्मा ने बताया कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर चालक से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की कार छीनने के आरोप में एबीवीपी के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। जबकि वे लोग पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल ले गए थे। ऐसे में इनकी रिहाई के लिए विद्यार्थी परिषद् ने सरकार और अदालत से अनुरोध किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी शर्मा ने बताया कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर चालक से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की कार छीनने के आरोप में एबीवीपी के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। छात्रों ने मानवता के कारण न्यायाधीश की कार को लेकर बीमार व्यक्ति की मदद की है। जबकि पुलिस ने डकैती का केस लगाया है। इसके संदर्भ में पूरे प्रदेश भर में एबीवी पी के छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी प्रशासन से मांग है कि दोनों छात्रों को छोड़ा जाए। एबीवीपी के प्रांतीय मंत्री संदीप वैष्णव के मुताबिक ट्रेन में सवार संगठन के लोगों ने इसकी जानकारी ग्वालियर स्टेशन पर एबीवीपी के अन्य पदाधिकारियों को दी थी। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने बीमार व्यक्ति को ग्वालियर स्टेशन पर उतार दिया, लेकिन करीब 25 मिनट तक उसकी मदद के लिए कोई एम्बुलेंस नहीं पहुंची। वैष्णव ने कहा, चूंकि उस व्यक्ति की हालत बिगड़ रही थी तब एबीवीपी कार्यकर्ता उसे स्टेशन के बाहर खड़ी कार में अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई और पुलिस ने दो विद्यार्थिओं पर डकैती का केस लगा दिया।
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आग लगने का कारन अज्ञात सिंगरौली के बैढन में अचानक एक दुकान में आग लाफ गई और दूकान जल के ख़ाक हो गई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। बैढ़न टाकीज चौराहे के पास महाराणा प्रताप शॉपिंग कांप्लेक्स के पास दुकान मे आग लग गई जिसकी जड़ में कई दुकानें आ गईं। बैंड बाजा मार्केट के पास की यह दुकान जल कर खाक हो गई। इसके पास की दुकान भारूका पेंट्स को भी आगजनी से बड़ा नुक्सान हुआ है। मौके पर पहुंची नगर निगम की दमकल ने बड़ी मशक्कत से आग को काबू किया।
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रेत माफियाओं के घर पर चल बुलडोजर नर्मदापुरम में प्रशासन की टीम पर पथराव करने वाले रेत माफियाओं के घर पर बुलडोजर चला। पांजराकला में दो दिन पूर्व अवैध रेत परिवहन करने वाले वालों ने प्रशासन की टीम पर पथराव किया था। आज सुबह नर्मदापुरम एसडीएम पुलिस बल के साथ मेहराघाट पहुँचे और दोनों आरोपियों के अवैध पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ दिया। नर्मदापुरम के मेहराघाट में आज सुबह राजस्व की टीम जेसीबी लेकर पहुँची। जहाँ मेहराघाट निवासी मयंक निमोद एवं सोनू निमोद का शासकीय जमीन पर बने अवैध पक्के निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही की इन दोनों रेत मफियाओं ने दो दिन पूर्व नायब तहसीलदार कीर्ति प्रधान एवं खनिज टीम पर पथराव किया था। नायब तहसीलदार की शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ देहात पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिसके बाद आज एसडीएम आशीष पांडे द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुये उनके अवैध पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ा गया। इस सबंध में एसडीएम ने बताया कि दो दिन पूर्व पांजराकला में प्रशासन की टीम पहुँची थी। उसी टीम पर सोनू और मयंक ने पथराव किया था। थाने में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। आज शासकीय जमीन पर बने उनके पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ने की कार्यवाही की गई।
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गुमास्ता कानून लागू करने की मांग भाजपा नेता पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल में गुमाश्ता क़ानून लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा एक भोपाल में दो कानून कैसे चल रहे हैं एक विशेष समुदाय के लोग रात भर दुकानें खोलते हैं। वहां कई गलत काम हो रहे हैं जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। राजधानी भोपाल में गुमास्ता कानून लागू करने की मांग को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर आलोक शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पुराने शहर में रात भर दुकान खुली रहती हैं जिससे क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है बच्चे जुआ खेल रहे हैं, चरस गांजा पी रहे हैं। जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आलोक शर्मा ने भोपाल कलेक्टर से मांग की नए भोपाल की तरह पुराने भोपाल के भी सभी बाजार रात में 11:00 बजे बंद हों। भोपाल की उत्तर विधानसभा से सभी भाजपा पार्षद और भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर ने कहा कि नियम अनुसार इन दुकानों को बंद करवाया जाए।
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पुलिस हर ऐंगल से कर रही है जांच फसल की रखवाली कर रहे किसान का शव कुए में मिला। किसान के परिजन इसे ह्त्या का मामला बता रहे हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। खेत में फसल की रखवाली करने के लिए गए किसान का शव कुएं में मिला। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ये घटना गढी मलेहरा थाना के उर्दमऊ क्षेत्र की है। जहाँ चालीस वरहिय किसान किसान दिनेश कुशवाहा अपने खेत पर फसल की रखवाली कर रहा था। उसके परिजन खेत पर पहुंचे तो देखा उसका शव कुए में पड़ा है। मृतक किसान के परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई है। मौके पर पहुँचे नोगाव एसडीओपी इस मामले को देख रहे हैं। एफएसएल एवं फिंगरप्रिंट टीम गंभीरता से केस की जांच कर रही है।
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जंगल में एक्टिव है लकड़ी माफिया उत्तराखंड में लकड़ी माफिया एक्टिव है और जंगल काट रहा है वन विभाग की टीम ने एक लकड़ी तस्कर को वाहन में अवैध रूप से लकड़ी की तस्करी करते हुए पकड़ा खटीमा रेंज के वन कर्मियों के हाथ उस समय बड़ी सफलता लगी जब उन्होंने अवैध शीशम की लकड़ी परिवहन कर रहे पिकअप वाहन को चालक सहित पकड़ा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी महेश जोशी ने बताया कि सूचना के आधार पर टनकपुर रोड जगपुरा पुल के पास उक्त वाहन को तलाशी के लिए रोका गया जिस पर वाहन चालक ने भागने की कोशिश की परंतु वन कर्मियों द्वारा वाहन चालक को वाहन सहित अपने कब्जे में ले लिया तलाशी करने पर पाया गया कि वाहन में शीशम की तस्करी की जा रही है पूछताछ से पता चला है कि वाहन चालक महेंद्र सिंह टनकपुर का रहनवाला है साथ ही वाहन स्वामी भी टनकपुर का ही निवासी है . आरोपी चालक के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है
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हाथी का बच्चा हुआ घायल जंगल में ट्रेन के इंजन की चपेट में आने से एक नर हाथी की दर्दनाक मौत हो गई जबकि एक हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका उपचार किया जा रहा है टांडा रेंज के जंगल से निकल कर रेल पटरी क्रॉस करते हुए नर हाथी की ट्रेन के इंजन से टकराने से दर्दनाक मौत हो गई जबकि उसके साथ चल रहा करीब 9 महीने का मादा हाथी इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुँचे गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी चन्दन सिंह अधिकारी ने घायल हाथी के बच्चे का रेस्क्यू कर उसे उपचार के लिए ले गए वन विभाग के एसडीओ अनिल कुमार जोशी के देखरेख में डॉक्टरों की टीम हाथी के बच्चे के उपचार में जुटी है
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नाड़ी परीक्षण शिविर का आयोजन एनटीपीसी विंध्याचल वीवा क्लब में नाड़ी परिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जहाँ विशेषज्ञों ने लोगों की नाड़ी देखकर उनके रोग बताये और जड़ी -बूटियों से उनका उपचार करने की सलाह दी एनटीपीसी विंध्याचल वीवा क्लब में श्री श्री तत्व नाड़ी परीक्षण कैंप का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता सिंगरौली के पार्षद रविंद्र सिंह ने की इस कैंप में लोगों ने अपनी नाड़ी का परीक्षण कराया प्रख्यात नाड़ी प्रशीक्षक डॉक्टर प्रशांत शर्मा ने बताया की प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीकी नाड़ी परीक्षण के द्वारा आपके शरीर की प्राकृति को समझ कर असाध्य रोगों की जड़ तक पहुंचा जा सकता है फिर आहार विहार व जड़ी बूटियां द्वारा चिकित्सा की जाती है सर्दी जुकाम सिरदर्द , जोड़ों के दर्द , पाचन संबंधित व्याधियां सभी प्रकार के एलर्जी स्ट्रेस , रक्तचाप एवं अनिद्रा त्वचा एवं बाल संबंधित समस्या अधिक व कम वजन मधुमेह, हृदय संबंधित अन्य रोगों का नाड़ी परीक्षण करके जड़ी बूटियां द्वारा ठीक किया जाता है .शिविर में आए अरविंद सिंह ने अपने अनुभव साझा किए
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लगातार चोरी की वारदातो से लोग परेशान पुलिस प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल,छतरपुर में चोरो ने फिर चोरी की घटना को अंजाम दिया पुलिस की नाक के नीचे चोर ऐसे घटना को अंजाम दे रहे हैं लगातार चोरी की वारदातो से ज्वैलर्स मे दहशत का माहौल है बमीठा में चोरो ने ज्वैलर्स की दुकान पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया और सोने -चांदी के जेवरात के साथ नगदी पर भी हाथ साफ किया चोर तक़रीबन डेढ़ करोड़ की चोरी कर ले गए दुकानदार का परिवार काम से गया था तभी चोरो ने मौका देकर की चोरी ,लगातार चोरी की वारदातो से ज्वैलर्स दहशत में हैं और पुलिस जांच मे लगी है।
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एक गांजा तस्कर युवक हुआ गिरफ्तार उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के लिए पुलिस ने अभियान चला रखा है पुलिस ने एक गांजा तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से दो किलो गांजा बरामद किया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध नशे के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत महेशपुरा मजरा कालोनी निवासी शाहरूख को दो किलो अवैध गांजा व परिवहन में प्रयुक्त बाइक के साथ पुराना ढेला पुल के पास मण्डी चौकी से गिरफ्तार किया जिसके विरूद्व थाना कुण्डा पुलिस ने एन डी पी एस के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया है।
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व्यापारी से डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी बैंक में सैटलमेंट के नाम पर धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है एक व्यापारी को सेटलमेंट के नाम पर झांसे में लेकर दो लोगों ने उसके साथ डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली अब पुलिस मामले की जांच कर रही है काशीपुर कोतवाली मे पंजाब नेशनल बैंक का लोन सेटलमेंट कराने के नाम पर ढेड़ करोड़ रुपये ठगने के मामले में संजीव पाल अरोरा ने दिल्ली के राकेश थापर और अनुकम्पा भट्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्जकरवाया है इस मामले की जांच के बाद पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि संजीव पाल अरोरा जो की एक वायवसायी है उनके द्वारा धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है व्यापार के चलते उन्होंने बैंक से लोन लिया था जिसका ब्याज मिला कर नो करोड़ अठ्ठासी लाख रुपये के आसपास हो गया था जिसके सेटलमेंट के लिए वे प्रयास कर रहे थे वही मुलाकात के दोरान राकेश व अनुकंपा भट्ट द्वारा बैंक सेटलमेंट की बात करते हुए बताया कि दिल्ली मे हमारी फर्म ए टू जेड वित्तीय मतभेदों को देखती है और दोनो ने अपने विश्वास मे लेकर सेटलमेंट के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के ड्राफ्ट और नगद के माध्यम से एक करोड़ पचास साल की रकम धोखाधड़ी से ले ली बाद में व्यापारी अरोरा ने जब बैंक से जानकारी ली तो पता चला कि इस तरह का कोई सेटलमेंट हमारे बैक से नही हुआ
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आपातकालीन उपकरणों की बारीकियां परखीं गई रेलवे के अधिकारी विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए रेल ट्रैक और आपातकालीन उपकरणों की बारीकियां को परखी कर उसका मुआयना कर रहे हैं इस दौरान अधिकारीयों ने अपने स्टाफ को उचित दिशा निर्देश भी दिए उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी आर. एस. रनोट ने काठगोदाम से लालकुऑं तक रेलखंड का निरीक्षण किया जिसमें स्टेशन, स्टेशन यार्ड, कोचिंग डिपो, क्रू लाॅबी, रनिंग रूम रेलवे समपार, सिग्नल रूम, रेलवे यार्ड सहित दुर्घटना यान से सम्बंधित सुरक्षा उपायों का गहन निरीक्षण किया इसके साथ ही रेलवे दुर्घटना यान में मौजूद ड्रील मशीन, बेल्डिंग कटर, आपातकालीन स्थिति में प्रयोग होने वाले सुरक्षा उपकरणों की बारीकियां को देखा इस दौरान प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी ने इज्जतनगर मंडल ने सुरक्षा मानको को सुदृढ़ करने की दिशा में इज्जतनगर मंडल द्वारा अपनाये जा रहे प्रयासो पर संतुष्टि व्यक्त की।
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परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल एक लड़के का शव मिलने से सनसनी फैल गई पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला मामला प्रेम प्रसंग में खुदकशी का है वहीँ लड़के के परिवार का आरोप है उसकी हत्या की गई है सिंगरौली जिले के बनौली गांव में सुनसान जगह पर सिंचाई करने वाले कुएं में लोगों ने एक लड़के का मृत शरीर देखा जिस देख कर लोगों ने पुलिस को सूचना दी इसके बाद पुलिस ने शव को बाहर निकाला इस शव की पहचान विवेक सोनी के रूप में हुई लड़के के परिजनों नेआरोप लगाते हुए कहा की किसी ने हमारे लड़के को जान से मार कर कुएं में फेंक दिया है वही कुछ लोगों का कहना है कि यह मामला प्रेम प्रसंग का है प्रेम प्रसंग की वजह से युवक ने आत्महत्या की पुलिस दोनों ऐंगल से मामले की जाँच कर रही है।
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एसएसपी ने खुद सड़कों पर सम्हाला मोर्चा बिगड़ी ट्रैफिक वयवस्था को सुधारने के लिए एसएसपी को खुस सड़कों पर उतरना पड़ा एसएसपी ने ट्रेफिक में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं राजधानी देहरादून में दो दिनों के इन्वेस्टर समिट के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था में काफी बदलाव नजर आया था इस दौरान ट्रैफिक काफी सुचारू रहा लेकिन इन्वेस्टर समिट खत्म होने के बाद अब फिर से वही पुरानी स्थिति दिखने लगी है लिहाजा एसएसपी अजय सिंह खुद देहरादून की सड़कों पर उतरे उन्होंने सभी थाने चौकियों को निर्देशित किया की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश अनुसार जिस प्रकार की व्यवस्था इन्वेस्टर समिट के दौरान थी उसी प्रकार की व्यवस्था लगातार बनी रहे उनके क्षेत्र में जो भी अतिक्रमण करता हुआ दिखाई दे उसे पर तुरंत कार्रवाई करें और किसी भी प्रकार से ट्रैफिक में अवरोध पैदा ना हो एसएसपी अजय सिंह ने बताया शनिवार और रविवार को ओड इवन की भी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी जिसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
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मानव अधिकारपर मिलकर काम करें सर्वेहित सेवा संस्थान और विधिक सेवा प्राधिकरण ने सिंगरौली में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया जहाँ मानव अधिकारों को लेकर जागरिकता लाने की बात कही गई विंध्यनगर एनटीपीसी मैत्री सभागार में मानव के विकास में मानवाधिकार की भूमिका विषय पर कार्यशाला एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश सुशील कुमार चौहान संस्था के संरक्षक सदस्य राम अशोक शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की राम अशोक शर्मा ने कहा कि सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकार को अपनाया गया और इसे लागू किया गया . सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मानवाधिकार पर कार्य किया जिसमें मुख्य रूप से महिलाओं वंचित वर्गों और सभी के लिए समान अधिकार हैं मुख्य अतिथि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज मानव के विकास के लिए मुख्य जो बातें हैं उन्हें प्रत्येक व्यक्ति को सोचना चाहिए कि उसने कितना परोपकार किया कितनी सजगता से अपने कार्य में लग्नशील है और उसके अंदर ईर्ष्या की भावना तो नहीं है अगर प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन इन भावनाओं को समझता है तो निश्चित ही वह मानव के विकास के लिए कार्य कर रहा है।
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लुटेरे ने पुलिस को चकमा देकर कर दिया फायर देहरादून में रिलाइंस ज्वैलरी लूट के मामले में पुलिस ने आठवे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है इस आरोपी ने पुलिस को चकमा देकर पुलिस पर फायरिंग भी की एसटीएफ और देहरादून पुलिस के संयुक्त प्रयास से रिलाइंस ज्वेलरी लूट मामले में 8 वें आरोपी को गिरफ्तार किया गया है विक्रम कुशवाह नाम का यह आरोपी लूट की घटना के दौरान शोरूम के बाहर पिस्टल के साथ गाड़ी में मौजूद था पुलिस ने इस आरोपी को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से गिरफ्तार किया इस का काम लूट के दौरान यदि मामला बिगड़ता हुआ दिखे तो बाकी लुटेरों को सचेत और रेस्क्यू करना था जब पुलिस ने इस आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसके पास मौजूद पिस्टल को उसने प्रेमनगर के जंगल में छुपाया है हथियार को बरामद करने के लिए जब पुलिस आरोपी के साथ जंगल में पहुंची तो छुपाई गयी लोडड पिस्तौल को झाड़ियों से निकाल कर आरोपी ने पुलिस पर फायर कर दिया बदले में पुलिस ने भी सेल्फ डिफेन्स में आरोपी पर फायर कर उसके पैर में गोली मारी फिलहाल आरोपी का इलाज प्रेमनगर के अस्पताल में किया जा रहा है देहरादून ssp अजय सिंह के अनुसार आरोपी से पूछताछ कर बाकि बचे लुटेरों को भी दून पुलिस जल्द पकड़ने का काम करेगी।
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यातायात ठीक करने की शुरू हुई कवायद चरमराई यातायात व्यवस्था को देखते हुए काशीपुर के एसपी ने इसे ठीक करने के लिए चेकिंग अभियान शुरू करवाया और यातायात के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। काशीपुर मे ट्रैफ़िक जाम की समस्या के साथ साथ गलत तरीके से चलने वाले वाहनो के खिलाफ पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने चैकिंग अभियान शुरू करवाया टांडा तिराहे पर ओवर लोड वाहनो, सवारी ई रिक्शाओं पर चालानी कर्यवाही की गई इस इलाके में कई वाहनो को सीज भी किया गया पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत ओवर लोडिंग वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है साथ ही ई रिक्शाओ में सवारी की जगह सामान भर कर ले जाया जा रहा है जो दुर्घाटनाओ का कारन बनता है ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है।
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फायरिंग कर बदमाश फैला रहे थे खौफ फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों को पुलिस ने पकड़कर उनका उसी इलाके में जुलूस निकाला जहाँ वो अपना खौफ पैदा करना चाहते थे इन बदमाशों को लेकर लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी। दहशत फैलाने की नियत से हवाई फायरिंग करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनका जुलूस निकाला इन बदमाशों का 2 दिन पूर्व छतरपुर के टोरिया मोहल्ले में हवाई फायरिंग करने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था इलाके के लोगों की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में किया पेश सिटी कोतवाली पुलिस ने इन्हें बाईपास से गिरफ्तार किया।
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स्कूटी और मोटरसाइकिल में टक्कर जरा सी असावधानी के चलते एक स्कूटी और बाइक की भिड़ंत हो गई और दो लोग जख्मी हो गए वहीँ सीढ़ियों से उतर रहे मासूम के गिर जाने से उसकी हालत गंभीर हो गई इन सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है अमरपाटन के ग्राम बर्रेह में ढाई साल का मासूम घर की छत से नीचे उतर रहा था , इसी दौरान उसका पैर फिसला और वह जमीन पर आ गिरा जिसे गंभीर हालत में ईलाज के लिए CHC अमरपाटन लाया गया जहाँ से उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर कर दिया हैं , घटना में ऊंचाई से गिरने से मासूम के सर पर गंभीर चोट आई हैं। वही ग्राम नोसा पास में तेज रफ्तार मोटरसाइकिल व स्कूटी की आमने सामने भिड़ंत हो गई जिसमें स्कूटी सवार युवती व वृद्ध महिला घायल हुई हैं इन घायल दादी और नातिन को लेकर पुलिस स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन पहुँची इन दोनों को भी जिला अस्पताल सतना रेफर किया गया हैं।
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अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने का आह्वान संविधान निर्माता "भारत रत्न" डॉ भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए और उनके बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया गया अम्बेडकर पार्क में अम्बेडकर युवा जन सेवा समिति द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया जहाँ डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया इस दौरान कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समीर आर्य ने कहा कि शिक्षित बनो संघर्ष करो का नारा देने वाले बाबा डॉ भीमराव अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने का यह सही समय है उन्होंने कहा कि संविधान का निर्माण करते हुए डॉ भीमराव अम्बेडकर ने सभी वर्गों का सम्मान करते हुए कानून बनाया न कि किसी जाति धर्म को लेकर।
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बुरी तरह जख्मी ही गया गए तेंदुआ एक खेत पर लगे फंदे में तेंदुआ फंस गया फंदे से निकलने के चक्कर में तेंदुआ बुरी तरह जख्मी हो गया वन विभाग की टीम ने इस तेंदुए का रेस्क्यू किया एक खेत में फंदे में फसे तेंदुएं को वन विभाग ने निकाला पन्ना टाईगर रिजर्व टीम ने इस तेंदुए का रेस्कयू किया बिजावर वन परिक्षेत्र के ग्राम मैंदनीपुरा में एक खेत पर लगे फंदे में तेंदुआ फस गया बिजावर रेंजर के नेतृत्व मे पन्ना टाईगर रिजर्व टीम ने मौके पर पहुँच कर तेंदुए का सुरक्षित रेस्क्यू कर अपने कब्जे में लिया फंदे में फसने के कारण तेंदुआ बुरी तरह से घायल हो गया था पन्ना टाईगर रिजर्व टीम में मौजूद डॉक्टर की टीम ने तेंदुए का प्राथमिक उपचार किया और उसे अपने साथ ले गये।
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बाघ के हमले में युवक की मौत एक बाघ खतरनाक हो गया है उसने एक युवक पर हमला कर उसकी जान ले ली है वन विभाग ने जंगल में गश्त बढ़ाने के बाद लोगों से कहा है इस बाघ से सावधान रहें सीमांत खटीमा वन क्षेत्र की यूपी और नेपाल सीमा से लगी हुई सुरई रेंज एवं यूपी पीलीभीत की महोब रेंज के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत बग्गा के रहने वाले युवक तारा सिंह को बाघ ने हमला करके मौत के घाट उतार दिया युवक देर रात मझोला से बग्गा अपने घर जा रहा था उस समय युवक तारा सिंह बाघ के हमले का शिकार बन गया सुबह घटना की सूचना मिलने पर उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश वन विभाग के कर्मचारियों एवं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा तारा सिंह के शव को जंगल से बरामद किया गया चूंकि यह हादसा यूपी की महोब रेंज के वन क्षेत्र में हुआ है तो मामले में अग्रिम कानूनी कार्यवाही महोबा रेंज के अधिकारियों के द्वारा की गई वहीं खटीमा उप वनप्रभाग की प्रभागीय अधिकारी संचिता वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के बाघ की सक्रियता को देखते हुए हमने वन क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है साथ ही वन कर्मियों के द्वारा भी क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी गई है
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वन विभाग भी अलर्ट मोड पर खटीमा में गुलदार देखे जाने के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.सूचना मिलने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड मोड पर आ गया है और ग्रामीणों को भी सचेत कर दिया गया है खटीमा के भगचुरी गाँव में मादा गुलदार अपने दो बच्चों के साथ भ्रमण कर रही है आबादी वाले क्षेत्र में गुलदार नजर आने के बाद क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है सूचना मिलने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड पर है और वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर मादा गुलदार और उसके दोनों बच्चों पर नजर बना कर रख रही एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि वन विभाग की टीम ने मीटिंग कर गाँव वालो को सचेत कर दिया है
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विकलांग प्रमाण पत्र पाना हुआ मुश्किल सरकार दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके बावजूद विकलांग दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है। विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांग दर दर भटकने को मजबूर हो रहे है। लालकुऑं विधानसभा क्षेत्र के बिन्दुखत्ता में दिव्यांगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी यहाँ दिव्यांगों को सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। मदन सिंह बिष्ट का दो साल पहले एक्सीडेंट हुआ था। कई हड्डियां उनकी टूट गई। कई ऑपरेशन हुए। वो चल भी नहीं पाते। पर अब तक उनका विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है। अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। दिव्यांग कल्याण आयोग उत्तराखंड के पूर्व सदस्य संतोष कश्यप की सरकार से मांग है कि यूडीआईडी कार्ड के जरिये विकलांगों को सभी बस में रियायत मिलना चाहिए। UDID कार्ड से रेल किराए पर भी रियायत मिलना चाहिए। संतोष कश्यप का कहना है। महंगाई बढ़ रही है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
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न्याय के लिए भटकते गैस पीड़ित पिछले 39 सालों से भोपाल के गैस पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं लेकिन अब तक उनके साथ पूरी तरह इन्साफ नहीं हुआ है तमाम अपनों को इस त्रासदी में खो चुके लोगों के चेहरे पर इस आस में झुर्रियां पड़ गईं की कभी तो उन्हें न्याय मिलेगा। भोपाल गैस त्रासदी में अपने बेटे और पति को खोने वाली महिला की अब सभी उम्मीदें टूट चुकी हैं पिछले 39 सालों में उसके हिस्स्से में सिर्फ आंसू आये हैं वह कहती हैं मैं इंसाफ के लिए आज भी भटक रही हूं लेकिन कोई भी सरकार मुझे इंसाफ नहीं दिला पा रही है 39 सालों से गैस पीड़ित और उनके संगठन धरने प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से इंसाफ मांग रहे हैं लेकिन कोई भी सरकार इंसाफ नहीं दिला पा रही है 2 और 3 दिसंबर की रात एक ऐसा मंजर भोपाल के लोगों ने देखा जहां एक साथ लाखों लोग काल के गाल में समा गए गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि यहां से यह गैस निकली थी वहां पर पानी दूषित हो चुका है जिसे पीने से लोग बीमार हो रहे हैं और तिल तिल कर जीना और ऐसे ही मरना उनकी मज़बूरी है।
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हत्या कांड का मास्टर माइंड है प्रकाश गोलछा थम्सअप में जहर पिलाकर सुरेश जोशी की हत्या करने वाली घटना का प्रमुख आरोपी इस घटना के मास्टर माइंड प्रकाश गोलछा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सुरेश जोशी हत्या काण्ड का मास्टर माइंड फरार आरोपी प्रकाश गोलछा को थाना कोतवाली पुलिस, सायबर सेल एवं रेलवे सुरक्षा बल की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर गोंदिया महाराष्ट्र से पकड़ लिया है प्रकाश ने षडयंत्रपूर्वक योजना बनाकर एक व्यापारी को ब्लैकमेल करने के नियत से नौकर की हत्या की थी आरोपी प्रकाश गोलछा को हत्या मे सहयोग करने वाले 04 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चूका है आरोपी प्रकाश गोलछा से घटना में प्रयुक्त स्वीफ्ट कार मोबाईल एवं मृतक का मोबाईल जप्त किया गया है आरोपियो ने सुरेश जोशी को थम्सअप में जहर मिलाकर पिलाया था।
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अवैध शराब तस्कर गिरफ्तार कुंडा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अवैध शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की। वहीँ एक आरोपी मौके से भागने में सफल रहा। मुखबिर की सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुंडा पुलिस ने तीन अवैध शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी टैंक से शराब चोरी कर रहे थे। वही इस कार्रवाई के दौरान एक आरोपी मौके से भागने में सफल रहा। पुलिस ने मौके से 6 गैलन बरामद किये हैं जिनमें 275 लीटर अवैध शराब पाई गई है साथ ही 13,700 रुपये नगद , मोबाइल फोन, टैंकर से शराब निकालने के उपकरण भी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं।
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गरीबों को घर बनाने के लिए मिल रहा है पैसा काशीपुर नगर निगम ने आवास योजना के लाभार्थियो को दूसरी किस्त की धनराशि दी गरीबों को यह धनराशि सिंर्फ मकान निर्माण के लिए दी जा रही है नगर निगम ने आवास योजना के लाभार्थियो को दूसरी किश्त दी मेयर उषा चौधरी ने बताया कि देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गरीब लोग जिनके पास जमीन तो है परंतु मकान बनाने के लिए पैसा नही है ऐसे लोगो के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर आवास योजना के तहत ढेड़ से दो लाख रुपये बिना ब्याज के दे रहे हैं इस राशि को इन्हें वापस भी नहीं लौटाना है
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किस कारण होता है एच आई वी लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस के मौके पर कॉलेज के बच्चों ने रैली निकली और एचआईवी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डाला विश्व एड्स दिवस के मौके पर रविंद्र भवन में एक संवाद कार्यक्रम रखा गया जिसमें यह बताया गया कि एचआईवी किस कारण से होता है और इससे बचाव क्या है एड्स नियंत्रण समिति की संयुक्त संचालक कविता ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रदेश में एड्स पखवाड़ा चलाया जा रहा है अलग-अलग कार्यक्रम हो रहे हैं कहीं पर मानव श्रृंखला, जागरूकता रैली, मैराथन दौड़ बाइक रैली का कार्यक्रम किया जा रहा है रविंद्र भवन में एक संवाद का कार्यक्रम रखा गया है जिसके द्वारा यह बताया जा रहा है कि एचआईवी से किस प्रकार बचा जा सकता है और इसकी रोकथाम के क्या-क्या उपाय हैं
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दो लोगों की मौके पर ही मौत हुई कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी ऐसा ही कुछ भोपाल में देखने को मिला जब नशा करके कुछ युवा कार दौड़ा रहे थे तेज रफ़्तार कार से चालक का नियंत्रण हट हैट गया और कार फुटपाथ पर चढ़ गई इस हादसे में दो युवकों की मौत हो गई कार से शराब की बोतलें तक बाहर आ गिरीं ड्रिंक ऐंड ड्राइव के चलते राजधानी भोपाल में शिवाजी नगर चौराहे पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया जब एक तेज रफ़्तार कार दुर्घटना का शिकार हो गई इस हादसे में दो लोगों ने दम तोड़ दिया उनके नाम रिदम गुप्ता और अभिराज सिंह बताये गए हैं इस हादसे में दो अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है हादसे के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई और कार सवारों को अस्पताल पहुँचाया गया सूचना मिलते ही एंबुलेंस और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची कार से बीयर की बोलतें बरामद हुई है बताया जा रहा है ये मामला ड्रिंक एण्ड ड्राइव का है पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है बताते हैं हादसे में जान गंवाने वाला बैंककर्मी अपनी मां का जन्मदिन मनाने इंदौर से रेहटी आया था रात को लौटते समय ये हादसा हुआ।
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महिला की ह्त्या कर उसका शव कुएं में फैंका महिलाओं के साथ होने वाले अपराध कम नहीं हो रहे हैं। छतरपुर में एक महिला की ह्त्या कर उसका शव कुए में फैंक दिया गया। वहीँ एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने वाला बदमाश पुलिस कस्टडी से भाग गया। पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है। नाबालिग लड़की के अपहरण का आरोपी गढीमलेहरा पुलिस स्टेशन से ही फरार हो गया है। पुलिस बीती रात ही उसे पकडकर लाई थी। इस मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। आरोपी के फरार होने पर एसपी ने दिये जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कारवाई की जाएगी। अलीपुरा थाना क्षेत्र में एक पैतालीस वर्षीय महिला की हत्या से सनसनी फैल गई। महिला की हत्या कर उसके शव को कुये मे फेंक दिया गया था। जानकारी लगते ही एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने कहा हत्या के कारणों का जल्द खुलासा किया जाएगा।
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शार्ट सर्किट के कारण लगी आग हुंडई कार एजेंसी में अचानक आग लग गई। इस आग से बड़ा नुक्सान हुआ है। बताया जा रहा है शार्ट सर्किट होने की वजह से ये आग लगी। सिंगरौली के नौगढ़ मे स्थित हुंडई कार एजेंसी में भीषण आग लग गई। पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाने का प्रयास किया और बमुश्किल आग पर काबू पाया जा सका। इस आगजनी में लाखों का नुकसान होने की आशंका है। इस मामले की प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि ये अग्नि काण्ड शार्ट सर्किट होने की वजह से हुआ। इसके बाद अचानक आग भड़क गई।
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तीन चोरों से मिलीं छह मोटरसाइकिल ऐश आराम की जिंदगी जीने और अपने खर्चे पूरे करनेके लिए लोग चोर बन रहे हैं। ऐसे ही तीन चोरों को पुलिस ने छह चोरी की मोटरसाइकिलों के साथ पकड़ा है। कोतवाली काशीपुर मे बिगत दिनों मोटरसाइकिल चोरी होने के संबंध मे अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की मदद से तीन अभियुक्तों को चोरी की 6 मोटरसाइकिलों के साथ गिरफ्तार किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर मंजूनाथ टी सी ने बताया की मो. आकिव, मो. नावेद और फैजान तीनो अभियुक्त नशे के आदि व दोस्त है जो अपने खर्चे को पूरा करने के लिए साप्ताहिक बाजारों, बैंक्विट हाल के बाहर के पार्किंग व अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों से मोटरसाइकिल चोरी कर लेते थे।
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सरपंच पर है अवैध खनन करने का आरोप शहडोल जिले में पटवारी को कुचल कर मारने के बाद मध्यप्रदेश में रेत माफिया के हौंसले बुलंद हैं। मैहर में भी अवैध रेत का काला कारोबार जारी है। यहाँ एक सरपंच पर अवैध रूप से रेत का अवैध उत्खनन करने का आरोप है। शहडोल जिले में पटवारी को कुचल कर मारने की घटना के बाद भी अवैध रूप से रेत उत्खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है। मैहर में इन दिनों लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है। ताजा मामला मैहर के इटमा गांव में सरपंच द्वारा शासकीय तालाब पर अवैध उत्खनन जेसीबी और ट्रक लगाकर किया जा रहा था। इसके बाद जैसे ही इस मामले की जानकारी लगी तो इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत सीईओ प्रतिपाल बागरी के द्वारा जांच टीम गठित की गई है। जनपद पंचायत सीईओ प्रतिपाल बागरी ने बताया की तालाब पुष्कर धरोहर योजना के अंतर्गत आता है। जिस पर 4 महीने से कोई मस्टर रोल नही आया। इस मामले में कलेक्टर को भी जनपद पंचायत सीईओ द्वारा अवगत करा दिया गया है।
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जनसेवा संगठन का पुलिस पर आरोप जन सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता में पुलिस पर बड़ा आरोप लगया और कहा पुलिस के संरक्षण में गायों की तस्करी के काम को अंजाम दिया जा रहा है पुलिस कभी भी गायों को बूचड़खाने ले जा रहे लोगों पर कार्यवाही नहीं करती है। जन सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जो की राजनांदगांव की सीमा से लगा हुआ जिला है वहां हजारों की संख्या में गायों को एकत्रित कर उन्हें बूचड़खाना भेजा जा रहा है जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तब वह अपने साथियों के साथ गायों को छुड़ाने के लिए पहुंचे इसकी सूचना बाकायदा वहां के कोरचे थाना प्रभारी को दी गई परंतु उन्होंने गाय तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जब कार्रवाई नहीं हुई तब इसकी शिकायत करने के लिए हम लोग नागपुर पहुंचे तब कोरचे पुलिस को इसकी भनक लग गई और वह नागपुर पहुंच गई एवं हमें प्रताड़ित कर मारपीट कर झूठे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया कोरचे और कोटगुलम क्षेत्र में गायो की लगातार तस्करी की जा रही है।
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मेरे भाइयों की गाड़ी में रखे गए थे अवैध हथियार रेहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल ने गोपाल भार्गव पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मतदान के दौरान उन पर जानलेवा हमला किया गया है साथ ही उनके भाइयों की गाड़ी में अवैध हथियार रखे गए सरकार के दबाव में पुलिस ने उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की। रेहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल ने बताया कि 17 तारीख को उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया जिसमें उनकी गाड़ी में भी टूट फूट हुई है ज्योति पटेल ने बताया कि इसके साथ ही उनके भाइयों की गाड़ी में अवैध हथियार भी रखे गए इस सारी घटना के लिए ज्योति पटेल ने गोपाल भार्गव और उनके भाई को दोषी ठहराया उन्होंने कहा है कि हम जब पुलिस थाने पहुंचे तो हमारी fir दर्ज नहीं की गई उल्टा हम पर ही केस दर्ज किया गया उन्होंने कहा मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनती है तो ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जो भाजपा का बिल्ला लिए घूम रहे हैं उन पर कार्यवाही की जाएगी।
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पिल्ले के रेस्क्यू को देखती रही कुतिया इंसानों की तरह जानवर भी अपने बच्चों से खूब प्यार करते हैं। एक कुत्ते का पिल्ला सूखे कुए में गिर गया तो उसकी माँ परेशान हो गई और जब तक पिल्ले को रेस्क्यू कर बाहर नहीं निकाला गया। पिल्ले की माँ कुए की मैड़ पर ही बैठी रही। एक कुतिया और उसके पिल्ले का वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। छतरपुर का ये वीडियो मां की ममता की अनूठी मिसाल का सबूत है। महोबा रोड पर एक सूखे कुये मे कुत्ते का पिल्ला गिर गया। पिल्ले को कुये मे गिरा देख उसकी कुत्तिया कुये की मेढ़ पर बैठकर रोने लगी। कुतिया के रोने की आवाज सुनकर एक सब्जी बेचने वाले ने देखा कि कुये मे कुत्तियां का बच्चा गिरा है। तब उसने लोगों की मदद से पिल्ले को कुए से निकलने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया। कुतिया कुए की मेड़ पर बैठा कर धैर्य से पूरा रेस्क्यू देखती रही। जैसे ही पपी बाहर आया तो मां उसे देखती रही और उसके बाद उसने पिल्ले को खूब लाड किया।
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पुलिस मामले की जांच में जुटी मैहर में राजेश शर्मा खट महाराज नाम के व्यक्ति ने फ़ासी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी करने की पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। मैहर के वार्ड क्रमांक 12 चौरसिया मोहल्ला में रहने वाले राजेश शर्मा खट महाराज नाम के व्यक्ति ने फ़ासी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के पीछे का कारण अभी सामने नहीं आया है। सुबह सुबह परिजन जब मृतक के कमरे में गए तो पाया की उसे फंदे में लटका हुआ पाया। इस घटना के बाद से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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नो एन्ट्री में घुस रहे हैं भारी वाहन प्रशासन और पुलिस सोते रहते हैं और नो एंट्री में भारी वाहन बेरोकटोक घुस कर लोगों को कुचल रहे हैं। ऐसे ही एक हादसे में दो भाइयों की जान चली गई |ये मामला सिंगरौली जिले के बरगवां थाने का है जहां पर ओवरलोड वाहनों से आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं। नो एन्ट्री में भी भारी वाहन बेरोकटोक आ जा रहे हैं। यहाँ बाइक और हाइवा की सीधी भिडंत हुई है। इस दुर्घटना में दो सगे भाइयों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिंगरौली में यह कोई नई घटना नही है हर पंद्रह दिन में किसी न किसी व्यक्ती की ऐसे ही दुर्घटना से जान जाती है। इस घटना के बाद मृतक परिजनों ने मौका ए वारदात पर चक्काजाम किया और जानलेवा भारी वाहनों पर अंकुश लगाए जाने की मांग की।
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कई जगह ओले गिरने की संभावना मध्य प्रदेश के मौसम में एक बार फिर करवट बदली है प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बरसात दर्ज की गई मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश के ऊपर से एक पश्चिम विक्क्षोत गुजर रहा है जिसके कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और ओले गिरने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार एक शक्तिशाली द्रोणिका बनी हुई है गुजरात के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है पाकिस्तान के मध्य में एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है इस अतिरिक्त उत्तरी मध्यप्रदेश के मध्य में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है जबलपुर,भोपाल , रीवा शहडोल सतना सागर एवं नर्मदापुरम संभाग के जिलों में वर्षा होने के आसार हैं इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
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सभी प्रत्याशियों को मतगणना की ट्रेनिंग मतगणना से पहले कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है कांग्रेस पार्टी अपने सभी 230 प्रत्याशियों को मतगणना की ट्रेनिंग दे रही है ताकि 3 दिस्मबर को नतीजे के दौरान कोई गलती या हेरफेर न हो सके ट्रेनिंग के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में 150 से ज्यादा सीट जीत रही है मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे तेन दिसंबर को सामने आएंगे इससे पहले कांग्रेस अपने सभी प्रत्याशियों और पोलिंग एजेंट को जरूरी दिशा निर्देश और ट्रेनिंग दे रही है ताकि मतगणना वाले दिन कोई गड़बड़ी और हेरफेर न हो सके इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने कहा कि बीजेपी को हम बेईमानी करने का कोई मौका नहीं देंगे भाजपा ने चोरी की सरकार बनाई थी अब बीजेपी के साथ हिसाब होगा। कांग्रेस 150 से ज्यादा सीट मध्यप्रदेश में जीतेगी।
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मास्टरमाइंड पुलिस की हिरासत में राजनांदगांव में मिले अज्ञात व्यक्ति के शव की मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है ये पूरा मामला खुदकुशी का नहीं बल्कि हत्या का निकला पुलिस ने हत्या की साजिश के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है वहीं एक आरोपी अब भी फरार चल रहा है राजनांदगांव में सुरेश राईस मिल के पास एक अज्ञात युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया था अब पुलिस ने इस पूरे मामले की गुत्थी को सुलझाते हुए बड़ा खुलासा किया है पुलिस ने बताया कि मृतक का नाम सुरेश कुमार जोशी है पांच लोगों ने मिलकर हत्या की साजिश रची और उसे थम्सअप में जहर मिलाकर पिला दिया...हत्या करने बाद आरोपियों ने मृतक के शव के पास झूठा सुसाइड नोट छोड़ दिया और इस पूरे मामले में ज्ञानचंद बाफना नामक व्यक्ति को झूठा फ़साने की कोशिश की पुलिस ने हत्या का मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है..वहीं एक आरोपी अब भी फरार है जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।
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जिम्मेदार सो रहे हैं गहरी नींद में भमौरा के आंगवाड़ी केंद्र से आने वाली तस्वीरें विकास के दावों की पोल खोल रही है भमौरा में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है आंगनवाड़ी का भवन जर्जर हालत में है और मासूम बच्चे इसी भवन में पढ़ने को मजबूर हैं कितनी ही बात कर ली जाये कि विकास की रफ़्तार दोगुनी हो गई है या इश्तहारों में कितने ही रंगीन विज्ञापन सजाकर विकास की तस्वीरें दिखाई जाए पर जमीनी स्तर पर हकीकत तो कुछ और ही है सिंगरौली के भमौरा में आंगनवाड़ी के भवन की हालत जर्जर है दीवारे खंडहर में तब्दील हो गई है बिजली के तार निकल आये हैं और मासूम बच्चों का भविष्य खतरे में बना हुआ .न जाने कब कोई बड़ा हादसा हो जाये पर अधिकारीयों की निगाह इस तरफ जाती ही नहीं ये तो पता नहीं कब जिम्मेदार लोगों को होश आएगा कब सरकार नींद से जागेगी और आंगनवाड़ी की हालत को सुधारेगी पर जब तक ऐसा नहीं होता कम से कम सरकार को विकास का झूठा बीन बजाना बंद करना चाहिए।
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ABVP के मुकेश गुप्ता ने लगाईं फांसी छतरपुर मे अखिल भारती विधाथीँ परिषद के नगर अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली गुप्ता ने अपने सोसाइड नॉट में लिखा है कि वे बलैकमेलिंग से परेशान हो कर ये कदम उठा रहे हैं चंदला के वार्ड क्र. 15 में रहने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नगर अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली घटनाक्रम की सूचना गुप्तया के परिजनों ने पुलिस को दी पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट पुलिस मिला है जिसमें मृतक ने चंदला के ही रहने वाले गुल्लू अंसारी और मानसी गुप्ता के द्वारा उसे ब्लैकमेल कर जबरन परेशान किये जाने के बारे में लिखा है इन दोनों के कारण ही डिप्रेशन में आकर नुकेष ने आत्महत्या कर ली अब मुकेश के परिजन और एबीबीपी के कार्यकर्ता उन्हें न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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प्रेगनेंसी दे दौरान किया गया कठिन ऑपरेशन राजनांदगाव में डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही के नेतृत्व में एक महिला का जटिल ऑपरेशन हुआ डॉक्टर्स ने वेरियन एक्स टाफी प्रेगनेंसी का का यह कठिन ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई गई। कहते हैं डॉक्टर भगवान होते हैं और यह बात सच भी साबित होता है ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव से सामने आया वनांचल क्षेत्र से एक महिला काफी गंभीर परिस्थितियों में अस्पताल लाई गई तब वहां पर उपस्थित डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही के सतत निगरानी में उक्त महिला पेशेंट का चेकअप कराया गया उस समय महिला की स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी पल्स रेट भी ना के बराबर था काफी ब्लीडिंग हो चुकी थी जब डॉक्टरों की टीम ने प्रेगनेंसी टेस्ट किया तो पता चला महिला का गर्भ बच्चेदानी में न होकर अनडेदानी में फंसा हुआ था जिसे वेरियन एक्स टाफी प्रेगनेंसी कहते हैं। ऐसे केस बहुत कम आते हैं इसके बाद ततकाल मरीज का जटिल ऑपरेशन के उसे बचाया गया उक्त सफल ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही डॉक्टर प्रियंक ठाकुर डॉक्टर सिद्धार्थ बनर्जी शामिल थे।
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गिरेगा प्रदेश का तापमान जल्द ही प्रदेश का मौसम करवट लेने वाला है दिसम्बर की शुरुआत में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है वहीँ मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर-उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत कई शहरों में रविवार को हल्की बारिश होने के आसार जताए हैं दिसंबर में प्रदेश की सरकार बदले या ना बदले पर मौसम जरूर करवट लेने वाला है मौसम विभाग की मानें तो दिसम्बर की शुरुआत में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है वहीँ भोपाल, इंदौर-उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत कई शहरों में रविवार को हल्की बारिश होने के आसार भी हैं कुछ जगह ओले गिरने की भी संभावना है।
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परिजनों ने जताई हत्या की आशंका महाराजपुर में पिता पुत्र का शव मिलने से हड़कंप मच गया। बाप और बेटा दोनों खेत में पानी देने गए थे। जब परिजन सुबह खेत पहुंचे तो दोनों के शव कुंए में मिले। परिवार के लोगों ने हत्या की आशंका जताई है। वहीँ पुलिस इस पूरे मामले में जांच की बात कह रही है। ये पूरी घटना महाराजपुर थाने के हरपाई हार की है। जहाँ बाप बेटे का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पिता पुत्र रात में खेत में पानी देने गए हुए थे। जब सुबह परिजन खेत पहुंचे तब दोनों के शव कुंए में मिले। पिता का शव तार मे और पुत्र का शव तौलिया मे बंधा हुआ था। पुलिस की मौजूदगी में शव को कुंए से बाहर निकाला गया। परिजनों ने पिता पुत्र की हत्या की आशंका जताई है।
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कुकर फटने से महिला हुई घायल खाना बनाते वक्त अचानक एक प्रेशर कुकर फट गया जिससे एक महिला बुरी तरह जख्मी हो गई इसलिए जरुरी है प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें। ग्राम पंचायत बड़खुरा में घर पर खाना बनाते समय प्रेशर कुकर फट गया इस हादसे में एक महिला झुलसने से गंभीर रूप से घायल हो गई कुकर फटने से उस में रखा सामान किचिन में फैल गया गर्म पदर्थ महिला के ऊपर भी गिरा जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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तेज़ रफ़्तार वाहन ने व्यक्ति को कुचला अमरपाटन में एक युवक को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया। वाहन इतना तेज़ी में था की व्यक्ति के पीछे होने से पहले ही वाहन उसको कुचल कर आगे निकल गया और व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। ये घटना नेशनल हाईवे के ककरा गांव की है जहां। तड़के रामकरण साकेत नाम के व्यक्ति को तेज रफ़्तार अज्ञात वहान ने टक्कर मार दी। गांव की रोड क्रॉस करते समय वाहन ने उसे कुचल दिया और व्यक्ति की मोके पर मौत होगई और वाहन तेज़ रफ़्तार में आगे निकल गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर शव का पोस्ट मार्टम कराया और फिर शव को परिजनों को सौंप दिया जिसके बाद अमरपाटन पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है।
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लाखों के फ़ोन और मोटरसाइकिल जब्त सिंगरौली में लगातार हो रही लूट और चोरी की घटनाओं से लोग परेशान थे और अपराधियों के हौसले बुलंद ऐसे में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की और चोरो को अपनी हिरासत में ले लिया है आरोपियों के पास से कई मोबाइल फ़ोन और मोटरसाइकिल जब्त की गई है। सिंगरौली में लगातार लूट और चोरी की वारदात ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया था आये दिन अपराधी किसी का फ़ोन लूट रहे तो किसी की मोटरसाइकिल ही चोरी हो जाती है लोगों को आस थी कि पुलिस चोरो को पकड़े बैढन पुलिस ने सूरज, साकेत, संजय नाम के तीन युवक को हिरासत में लिया है इन तीनो के पास से लूट के चार मोबाइल फ़ोन और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई इसके साथ पुलिस ने एक बदमाश को तमंचा और चोरी की दो मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार कर लिया है इन सभी आरोपियों का अपराध की दुनिया में बड़ा रिकॉर्ड रहा है इलाके के लगभग हर थाने में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज है।
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चरस के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया एसटीएफ कुमाऊं ने नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शख्स को अवैध चरस के साथ दबोचा है आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है एसटीएफ कुमाऊं के द्वारा नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है बड़ी कार्रवाई करते हुए एसटीएफ कुमाऊं ने पाटी थाना क्षेत्र के देवीधुरा में डिग्री कॉलेज तिराहे के पास से चरस तस्कर राजेंद्र सिंह बोहरा उर्फ राजू को 2 किलो 479 ग्राम अवैध चरस के साथ दबोचा है पाटी थाने के एसओ देवनाथ गोस्वामी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट तहत कार्रवाई की जा रही है एसटीएफ टीम का नेतृत्व एसआई विपिन जोशी ने किया, साथ में एएसआई जगबीर शरण, कांस्टेबल इसरार अहमद, कांस्टेबल वीरेंद्र चंद्र शामिल रहे।
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गाँव के लोगों ने बच्ची को बचाया सिंगरौली में एक कलयुगी माँ ने अपनी नवजात बच्ची को खेत में फेंक दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुन लोग वहां पहुंचे और नवजात बच्ची को अपने साथ ले लिया। नवजात शिशु की हालत स्थिर है। सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत मझौली गांव में एक कलयुगी माँ ने अपने नवजात शिशु को गणेश वैश्य के घर के पास अरहर के खेत में फेंक दिया। नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुन लोग खेत में पहुंचे। वहाँ नवजात शिशु को देख लोग हैरान रह गए। गाँव की महिलाओं ने ही नवजात शिशु को दूध पिलाया। नवजात बच्ची की हालत स्थिर है।
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धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी राजधानी भोपाल में अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला कर्मचारी को टक्कर मार दी। जिससे महिला की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक महिला के परिजन और निगम कर्मचारी जेपी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक महिला के परिजनों की मांग है की उन्हें पांच लाख रुपए मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये।भोपाल के शाहपुरा इलाके में एक अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद आनन फानन में नगर निगम कर्मचारी महिला को जेपी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके मृतक महिला के परिजन और सफाई कर्मचारी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारी, महापौर ,और ना ही नगर निगम अध्यक्ष ने आकर हमारी सुध ली है। अब तक टक्कर मारने वाले वाहन को भी जब्त नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई है। परिवारजन का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और महिला की मौत काम करने के दौरान हुई है इसलिए हमें मुआवजा दिया जाये और इसका आश्वासन हमें लिखित में मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल श्रवण ने कहा कि नगर निगम भोपाल पिछले तीन महीने से सफाई कर्मचारियों को सुबह पांच बजे से काम पर बुला रहा है। पहले ही इस बात की शिकायत की जा चुकी थी कि किसी भी समय हमारे कर्मचारियों के साथ कोई घटना घट सकती है। पर नगर निगम ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। इसी लापरवाही के चलते आज सड़क पर काम करने के दौरान हमारी बहन माया की मौत हो गई है। आज नगर निगम का कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आया। हमारी मांग है कि मृतक महिला के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये। नगर निगम आयुक्त आकर जब यहाँ हमारी बात सुनेंगे तब ही हम महिला का शव लेकर यहाँ से हटेंगे।
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धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी राजधानी भोपाल में अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला कर्मचारी को टक्कर मार दी। जिससे महिला की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक महिला के परिजन और निगम कर्मचारी जेपी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक महिला के परिजनों की मांग है की उन्हें पांच लाख रुपए मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये।भोपाल के शाहपुरा इलाके में एक अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद आनन फानन में नगर निगम कर्मचारी महिला को जेपी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके मृतक महिला के परिजन और सफाई कर्मचारी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारी, महापौर ,और ना ही नगर निगम अध्यक्ष ने आकर हमारी सुध ली है। अब तक टक्कर मारने वाले वाहन को भी जब्त नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई है। परिवारजन का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और महिला की मौत काम करने के दौरान हुई है इसलिए हमें मुआवजा दिया जाये और इसका आश्वासन हमें लिखित में मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल श्रवण ने कहा कि नगर निगम भोपाल पिछले तीन महीने से सफाई कर्मचारियों को सुबह पांच बजे से काम पर बुला रहा है। पहले ही इस बात की शिकायत की जा चुकी थी कि किसी भी समय हमारे कर्मचारियों के साथ कोई घटना घट सकती है। पर नगर निगम ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। इसी लापरवाही के चलते आज सड़क पर काम करने के दौरान हमारी बहन माया की मौत हो गई है। आज नगर निगम का कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आया। हमारी मांग है कि मृतक महिला के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये। नगर निगम आयुक्त आकर जब यहाँ हमारी बात सुनेंगे तब ही हम महिला का शव लेकर यहाँ से हटेंगे।
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परिजनों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार उत्तरकाशी की सिलक्यारा चारधाम सड़क परियोजना की क्षतिग्रस्त हुई टनल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र का पुष्कर सिंह फंसा हुआ है। पुष्कर के परिजन ने उसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री धामी से गुहार लगाईं है। चंपावत के टनकपुर के छीनीगोठ गांव का 22 वर्षीय युवक पुष्कर सिंह ऐरी फंसा हुआ है। दुर्घटना के 6 दिन बाद भी युवक समेत अन्य 40 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। बीते बुधवार को परियोजना मैनेजर के द्वारा फोन पर पुष्कर के परिवार को उनके बेटे के संबंध में जानकारी दी गई। बेटे के क्षतिग्रस्त सुरंग में फंसने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में अफरा तफरी मच गई। पुष्कर के बुजुर्ग माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना मिलने के बाद से ही पुष्कर की मां गंगा देवी ने खाना पीना त्याग दिया है। युवक के परिजनों की उससे आखिरी बार बात दिवाली से एक दिन पहले हुई थी। पुष्कर के माता-पिता रो-रोकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि चाहे तो उनका घर मकान जमीन सब ले लो परंतु उनके बच्चे को सही सलामत उनके सामने पहुंचा दो पुष्कर के अन्य परिजन एवं ग्राम वासी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू कर उनके बेटे पुष्कर सहित सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं।
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सिंगरौली में भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार का आज आखिरी दिन है। इसी बीच सिंगरौली से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास शाह ने जनसंपर्क कर लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता ने फिर भाजपा सरकार बनने पर संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करने की बात कही सिंगरौली विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी रामनिवास शाह ने जनसम्पर्क कर लोगों से भाजपा के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की इस दौरान रामनिवास शाह ने कहा कि हमारा कैंपेन अच्छा चल रहा है। भाजपा कार्यकर्ता खूब मेहनत कर रहे हैं। भाजपा सरकार की योजनाओं को हम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में महज कुछ घंटे ही बाकी हैं। आज शाम को चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा। इसी बीच भाजपा जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा।
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कांग्रेस नेताओं के नाम पर खरीदी गई शराब पेटी चुनाव से ठीक पहले छतरपुर में एडीएम ने शराब दुकान में छापामार कार्रवाई की है। शराब दुकान से कांग्रेस नेताओं के नाम पर शराब की कई बेटियां खरीदी गई है। इस पूरे मामले में आबकारी अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन पर एडीएम ने छतरपुर में शहर के चौबे तिराहा पर स्थित शराब दुकान क्रमांक 2 पर छापामार कार्रवाई की कार्रवाई में पाया गया कि शराब दुकान से कांग्रेस नेता पप्पू चौरसिया और मनोज त्रिवेदी के नाम से कई शराब की पेटियां खरीदी गई है। इस पूरे मामले में शराब दुकान का रिकॉर्ड जब्त कर आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।
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आग बुझाने की हो रही लगातार कोशिश माधवनगर में कुरकुरे फैक्ट्री में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया कुरकुरे फ़ैक्ट्री के पास कई पटाखे भी दुकाने की मौजूद है फायर ब्रिगेड के वाहन से आग बुझाने की लगातार कोशिश की जा रही है कटनी के माधवनगर में इमलिया रोड पर स्थित नितिन ट्रेडर्स नामक कुरकुरे बनाने की फैक्ट्री में अचानक लगी आग लग गई देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया कुरकुरे फैक्ट्री के आस पास पटाखे की कई दुकानें भी मौजूद है ऐसे में मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने SDM,तहसीलदार,नगर निगम कमिश्नर को तुरंत घटना स्थल पर भेजा फायर ब्रिगेड के वाहन से आग बुझाने की कोशिश लगातार की जा रही है।
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35 इंच चौड़े स्टील पाइप से निकलेंगे मजदूर उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई। पिछले 55 घंटे से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। उत्तरकाशी टनल हादसे में 55 घंटे से 40 मजदूर टनल में फंसे हुए हैं। बमुश्किल रेस्क्यू का काम चल रहा है। रेस्क्यू के दौरान भी टनल धंस रही है। रेस्क्यू टीम अब 35 इंच चौड़े स्टील पाइप से मजदूरों को निकालने के काम को अंजाम दे रही है। उत्तरकाशी में 12 नवंबर को सुबह 4 बजे सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा धंस गया और इसमें 40 मजदूर फंस गए। टनल का शुरुआती हिस्सा अभी ठीक है लेकिन यहां से 200 मीटर अंदर टनल का 50 मीटर का हिस्सा धंस गया है। NHIDCL, NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे के 200 से ज्यादा लोग यहाँ 24 घंटे काम कर रहे हैं। टनल से मलबा हटाने के दौरान ऊपर से लगातार मिट्टी धंस रही है। इससे रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद से 35 इंच का स्टील पाइप टनल में डाला जा रहा है। फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। NHIDCL के डायरेक्टर टेक्निकल अतुल कुमार ने बताया कि टनल से मलबा हटाने के दौरान ऊपर से लगातार मिट्टी धंस रही है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवत: मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक मजदूरों को टनल से बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन और छोटे पैकेट्स में खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। बताते हैं इस साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ। यह टनल चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है।
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नेता लोग चुनाव में बांटने ले जा रहे थे शराब चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए कई राजनैतिक दल चोरी छुपे शराब बांटते हैं। इस बार भी शराब बांटने ले जा रहे नेताओ का सामना पुलिस से हो गया और नेता लोग शाराब छोड़कर भाग गए। सिंगरौली से एक अजब गजब मामला सामने आया है जहाँ अज्ञात नेता लोगों ने पुलिस को देखकर दौड़ लगा दी और गायब हो गए। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बीजपुर गनियारी रोड पर नेता लोग मतदाताओं को शराब बांटने जा रहे थे। पुलिस को इसकी भनक लग गई और कोतवाली पुलिस वहां पहुँच गई |पुलिस को देखते ही ये नेता शराब छोड़कर भागते नजर आये। पुलिस ने 17 पेटी शराब जप्त की है। जिस अज्ञात वाहन सफेद स्कॉर्पियो से ये नेता भागे उसकी तलाश की जा रही है।
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फर्नीचर की दुकान में लगी आग दीपावली के शुभ पर्व पर मोरवा की एक तीन मंजिला दुकान में भीषण आग लग गई। आग लगने के कारण लाखो का सामान जल कर ख़ाक होगया बताया जा रहा है की आग करीब रात के 2 बजे लगी थी। जिसके बाद 5 फायर ब्रिगेड की टीम को मौके पर बुलाया गया। घटना मोरवा शहर के पुराने बाजार में स्थित एक फर्नीचर की दुकान बताई जा रही है। जिसके मालिक विनोद जैसवाल ने बताया की यह घटना रात के 2 बजे घटित हुई। विनोद ने बताया की शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी। जब तक उनको आग लगने की सूचना मिली तब तक दूकान का आधा सामान जल कर ख़ाक होगया था। जिसके बाद फ़ौरन फायर ब्रिगेड कि टीम को बुलाया गया और आग पर जैसे तैसे काबू पाया गया।
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प्रशासन सुस्त,खनन माफिया चुस्त खनन माफिया हर जगह सक्रीय हो कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है। खटीमा में भी प्रशासन की सुस्ती और मिली भगत से खनन माफिया मिटटी का अवैध रूप से खनन कर रहा है। खटीमा के टेडाघाट में धडल्ले से अवैध रूप से मिट्टी खनन का काम हो रहा है। मिट्टी खनन में लोडर और जेसीबी से ट्राली में भरकर जगह-जगह मिट्टी पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में खटीमा प्रशासन को सूचित करने के बावजूद लगातार देर रात तक टेडाघाट क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का कार्य चलता रहा इससे यह जाहिर होता है कि इसमें प्रशासन की मिली भगत है। मौके पर खटीमा का एक पटवारी भी गया था लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन अनजान बना हुआ है। खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं जो बेखौफ होकर मिट्टी खनन कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं उप जिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मात्र एक जगह से मिटटी खनन की परमिशन है। बाकी सब अवैध मिट्टी खनन का कार्य हो रहा है।
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आग से जलाकर ख़ाक हुई दुकान मैहर के चंडी देवी स्थित एक ज्वेलरी की दुकान में शॉर्ट शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इस घटना में जेवरात की दुकान पूरी तरह जलाकर ख़ाक में तब्दील हो गई। धनतेरस पर मैहर में एक बड़ा हादसा हो गया। मैहर के चंडी देवी मंदिर के पास उसे समय हड़कंप मच गया जब रात को गंगा ज्वेलरी शॉप पर आग लग गई। देखते ही देखते आग इतनी बढ़ गई की दुकान में रखी हुई ज्वेलरी सहित दुकान जलकर खाक हो गई। जिसके चलते ज्वेलरी की दुकान का करोड़ों का नुकसान हो गया। आग की लपटें इतनी तेज थी कि उन्होंने अगल-बगल की दुकानों को भी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेज थी की तीन दमकल गाड़ियों की मदद से भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक दुकान पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
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शिवसेना प्रत्याशी ने किया जनसंपर्क भोपाल मध्य विधानसभा से शिवसेना के राम नरवरे भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं अपने प्रचार अभियान में नरवरे लोगों से उन्हें मूलभूत सुविधाएं दिलवाने का वादा कर रहे हैं। भोपाल मध्य से शिवसेना प्रत्याशी राम नरवरे ने लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उन का कहना है कि इस विधानसभा में कोई विकास नहीं हुआ है अगर राजधानी भोपाल के 10 नंबर पर जाएंगे तो वहां ना तो पानी है ना सड़के हैं। अगर जनता मुझे आशीर्वाद देती है तो सड़क , नाली और पानी की व्यवस्था करूंगा। गायत्री मंदिर एमपी नगर से एक बड़ी रैली के रूप में राम नरवर ने अपना जनसंपर्क शुरू किया।
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अदालत ने चुनाव शून्य घोषित किया अमरपाटन न्यायालय का बड़ा फैसला सामने आया। जहां गलत जानकारी देने पर भाजपा से जुड़े रामनगर परिषद अध्यक्ष सुनीता पटेल और उनके पार्षद पति राम सुशील पटेल का चुनाव शून्य घोषित किया गया। ये मामला नगर परिषद रामनगर का है। जहां पर 2022 नगर परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता व उनके पति राम सुशील पटेल ने नामांकन जमा करते समय शपथ पत्र में गलत जानकारी प्रदर्शित की थी। जिसको लेकर न्यायालय में एक याचिका रामभुवन पटेल ने न्यायालय अमरपाटन में लगाई जहां। आज प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष सुनीता व उनके पति पार्षद राम सुशील पटेल का चुनाव शून्य कर दिया है जहां। उनका पार्षद पद के साथ-साथ अध्यक्ष पद भी अब निरस्त हो चुका हैं।
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पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लिया बाराकोट में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। चंपावत जिले के बाराकोट में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोप है कि हरीश सिंह रावल ने शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया। जिसकी शिकायत पीड़िता के पिता ने लोहाघाट थाने में दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।
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अध्यक्ष पद पर रोहित गंगवार ने जमाया कब्जा खटीमा में एनएसयूआई ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् को शिकस्त दी और अध्यक्ष पद पर कब्ज़ा किया एनएसयूआई के रोहित गंगवार ने अध्यक्ष का चुनाव जीता है। जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई ने एबीवीपी छात्र संगठन को मात दे अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाया रोहित गंगवार ने एबीवीपी के अशर्फी लाल को 389 मतों के अंतर से मात देकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की जबकि उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के शुभम पटवा ने कब्जा किया वहीं सचिव पद पर निर्दलीय प्रत्याशी अर्पित कालौनी ,कोषाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के परवेज अख्तर विजयी हुए।
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अध्यक्ष पद पर अमन शर्मा की जीत राधे हरि राजकीय महाविद्यालय में एबीवीपी ने जीत का परचम लहराया है। छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अमन शर्मा ने जीत हासिल की है। इस जीत के बाद के एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने खूब जश्न मनाया। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखिजा ने कहा कि यह जीत विद्यार्थी परिषद के प्रत्येक कार्यकर्ता की जीत है। छात्र संघ चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। काशीपुर के राधे हरि राजकीय महाविद्यालय में एबीवीपी ने शानदार जीत हासिल की है। अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अमन शर्मा को चुना गया है इस। शानदार जीत के बाद भाजपा के जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा ने कहा कि यह जीत विद्यार्थी परिषद के प्रत्येक कार्यकर्ता की जीत है। यह पल हम सब के लिए गौरव का पल है। यह जीत हर उस विद्यार्थी की जीत है जो विश्वविद्यालय की दशा और दिशा को सुधारना चाहता है। छात्रसंघ चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव प्रभारी डॉक्टर महिपाल सिंह ने कहा कि चुनाव पूर्णता निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहा उन्हों।ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल का भी आभार व्यक्त किया।
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स्कूली बच्चो ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा आयोजित सतर्कता सप्ताह के समापन कार्यक्रम में परियोजना प्रमुख राजीव कोटकर ने सभी कर्मचारियों को कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी के साथ कामकाज करने के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा सतर्कता सप्ताह का आयोजन "भ्रष्टाचार का विरोध करें राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे" थीम पर किया गया सतर्कता सप्ताह के समापन समारोह में स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी लोगों का दिल जीत लिया स अवसर पर स्कूली बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया समापन समारोह में परियोजना प्रमुख राजीव अकोटकर ने कहा कि अलग-अलग प्रतियोगिताओं के जरिए बच्चों के अंदर करप्शन के खिलाफ जागरूकता फैलाई गई राजीव अकोटकर ने कहा कि सभी कर्मचारियों को अपना काम ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करना चाहिए।
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50 ठिकानों पर पडी आईटी की छापेमारी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले शराब व्यवसायी जगदीश अरोरा के शराब बनाने वाले सोम ग्रुप से जुड़े कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा छापे की यह कार्यवाही देशभर में 50 से ज्यादा ठिकानों पर चल रही है एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से 10 दिन पहले आयकर विभाग ने शराब निर्माता कंपनी सोम ग्रुप से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की आय से अधिक संपत्ति और अन्य तरह की गड़बड़ियों के संदेह में यह कार्रवाई की गई है मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, कटक और बेंगलुरु में भी समूह से जुड़े स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है आयकर विभाग की टीम ने भोपाल में कंपनी के मालिक जगदीश अरोड़ा के निवास के अलावा कंपनी के एमपी नगर और त्रिलंगा स्थित कार्यालय में भी छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं सभी जगह विभाग की कार्रवाई मंगलवार सुबह छह बजे शुरू हुई मुंबई, दिल्ली, रायपुर और बेंगलुरु की टीमों ने मिलकर सभी स्थानों पर छापा डाला है भोपाल के अलावा जबलपुर, इंदौर और रायसेन में भी कंपनी के कारखाने, कार्यालय पर जांच की जा रही है सोम ग्रुप का अल्कोहल इंडस्ट्री में बड़ा नाम है यह मध्य भारत की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी है इसके उत्पाद बीयर, व्हिस्की आदि विभिन्न राज्यों के अलावा न्यूजीलैंड, अमेरिका सहित कई देशों में भी अलग-अलग ब्रांड नाम से बिक रहे हैं।
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ट्रैक्टर और बाइक टकराने से हादसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में भाग लेने गए दो भाजपा कार्यकर्ताओं की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा बाइक और ट्रैक्टर की टक्कर के कारण हुआ। माड़ा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी सभा के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री देवसर विधान सभा प्रत्याशी राजेन्द्र मेश्राम के लिए चुनावी सभा में पहुंचे थे। तभी दौरान ट्रैक्टर और बाइक की भिड़ंत में दो युवको की गई जान चली गई। दोनों भाजपा कार्यकर्ता बताऐ जा रहे हैं। माड़ा पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। इस घटना की जानकारी जैसे ही बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र मेश्राम व भाजपा जिला अध्यक्ष को मिली वह तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे व मृत व्यक्तियों के परिजनों को ढाढस बंधाया और उन्हें उचित मुवावजा दिलाने का भरोसा दिया।
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कालीचरण कुशवाह की नाराजगी खत्म विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के लिए राहत भरी खबर सामने आयी है बीजेपी से नाराज चल रहे कालीचरण कुशवाह को आखिरकार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मना लिया है कालीचरण कुशवाह ने कहा कि हमारा समाज बिकाऊ नहीं है हमारा समाज नरोत्तम मिश्रा को मन से चाहता है कालीचरण कुशवाह ने दावा किया कि अमित शाह ने मुझे विधायक से बड़ा पद देने का आश्वासन दिया दतिया जिले के विधानसभा सेवड़ा से भारतीय जनता पार्टी से टिकिट के दावेदार रहे कालीचरण कुशवाह टिकिट न मिलने से नाराज चल रहे थे चुनाव में कालीचरण कुशवाह भाजपा को काफी नुक्सान भी पहुंचा सकते थे पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मनाने पर कालीचरण कुशवाह मान गए और चुनाव में पूरी लगन से भाजपा का साथ देने की बात कही.. कालीचरण कुशवाह ने कहा कि हमारा समाज बिकाऊ नहीं है हमारा समाज नरोत्तम मिश्रा को मन से चाहता है अमित शाह ने मुझे विधायक से बड़ा पद देने का आश्वासन दिया है आपको बता दे कि कालीचरण कुशवाह जिले में कुशवाह समाज का कद्दावर नाम है कालीचरण कुशवाह की नाराजगी से कुशवाह समाज का वोट भाजपा से दूर जा सकता था।
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लोगो से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की छात्र संघ चुनाव से पहले सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की.. इंस्पेक्टर डीआर वर्मा ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविधालय हल्दूचौड़ में छात्रसंघ चुनाव से पहले सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानो ने फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की सीआरपीएफ और आरएएफ बटालियन की दो टुकड़ियों ने लालकुऑं शहर के मुख्य मार्गो और हल्दूचौड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लैग मार्च करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव प्रचार किये जाने की हिदायत भी दी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक डीआर वर्मा ने कहा कि फ्लैग मार्च का उद्देश्य संवेदनशील क्षेत्रों में शांति व्यवस्था कायम रखना है चुनाव में अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बोले कांग्रेस भी फ़ैल उसकी गारंटी भी फ़ैल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला है अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी बड़ी बड़ी गारंटी दे रही है जबकि इन गारंटी देने वालों की खुद अपनी गारंटी नहीं है अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में लाडली बहना कांग्रेस के राज में लूट गई बहना मध्यप्रदेश में महिलाओं को अधिकार तो राजस्थान में महिलाओं से अत्याचार केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में लाडली बहना कांग्रेस के राज में लुट गई बहना कांग्रेस कहती है कि हमारे पर दर्जनों गारंटी है पर गारंटी देने वाले की क्या गारंटी है अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने जो काम किया है वो बहुत अलग है सीखो कमाओ योजना अपने आप में युवाओं को अपने पांव पर खड़ा करने की योजना है जहां पर युवा हाथ फैलाकर जॉब लेने वाले नहीं जॉब देने वाले बनते हैं महिलाओं के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाओं को अधिकार तो राजस्थान में अत्याचार महिला अत्याचार में कांग्रेस शासित राजस्थान नंबर एक पर है कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस गारंटी देकर फ़ैल होती है और कांग्रेस की गारंटी भी फ़ैल होती है। कांग्रेस साठ सालों से गरीबी हटाओ की बात कह रही थी पंडित नेहरू , इंदिरा गांधी , राजीव गांधी , सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सबने केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गरीबी से बाहर निकला।
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सातना में बनेगा टमस विकास प्राधिकरण पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह ने व्यापारियों की समस्यायों के निदान की बात करते हुए सतना में नर्मदा विकास प्रधिकरण की तर्ज पर टमस विकास प्रधिकरण बनाने की बात कही। सर्व व्यापारी सम्मेलन का आयोजन कांग्रेस ने अमरपाटन में किया जहाँ पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह ने व्यापारी लोगों से समर्थन मांगा जहाँ अमरपाटन से जुड़े मौहारी कटरा सर्कल हटने से 59 गाँव अमरपाटन विधानसभा से दूसरी विधानसभा मैं चले गए थे जिससे व्यापारियों को व्यापार में हानि हो रही थी जिसे कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा दोबारा अमरपाटन में जुड़वाने की बात कही गई राजेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस की सरकार आने पर नर्मदा विकास प्राधिकरण जैसे सतना जिले के लिये टमस विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा।
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लोगो से मतदान करने की अपील मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है सिंगरौली में जिला प्रशासन ने लोकतंत्र की दौड़ का आयोजन किया मेराथन दौड़ में बड़ी संख्या में लोगो ने भाग लिया और मतदाताओं से सबसे पहले मतदान करने की अपील की प्रशासन लगातार मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है सिंगरौली में जिला प्रशासन ने लोकतंत्र की दौड़ का आयोजन किया जिसमे बड़ी संख्या में युवा इस मेराथन रेस का हिस्सा बने मैराथन रेस के माध्यम से लोगो से वोट करने की अपील की गई सिंगरौली के राजमाता चुन कुमारी स्टेडियम में जिला प्रशासन की दौड़ शुरू हुई कलेक्टर अरुण कुमार परमार पुलिस अधीक्षक युसूफ कुरैशी इस दौड़ में शामिल हुए कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए संदेश दिया कि आप सभी स्वतंत्रता पूर्वक निर्भय होकर शत प्रतिशत मतदान करें।
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वारदात करने से पहले पुलिस ने किया गिरफ्तार वारदात को अंजाम देने से पहले ही पुलिस ने कुछ बदमाशों को धर दबोचा हैं इन बदमाशों के पास से तमांचा और चाकू बरमाद किये गए हैं। काशीपुर की थाना कुंडा पुलिस ने कुछ अपराधियों को वरदात करने से पहले ही पकड़ कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है अभियुक्त गुरचरण सिंह उर्फ चन्नी के कब्जे से पुलिस ने एक 315 बोर का तमंचा तथा दो कारतूस बरामद कर गिरफ़्तार किया अभियुक्त आबकारी अधिनियम वआईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में भी वांछित था इसके पुलिस द्वारा अभियुक्त नाजिम तथा रिजवान के कब्जे से एक-एक चाकू बरामद किया। तीनो अभियुक्तगणों के विरुद्ध आयुध अधिनियम के तहत मुकादमा दर्ज किया गया है।
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नाबालिग लड़के की लाश मिलने से मचा हड़कंप मैहर के सरकारी स्कूल में नाबालिग लड़के की लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई स्कूल की ईमारत के पीछे सत्रह साल का नाबालिग लड़का फांसी के फंदे में लटका हुआ मिला मृतक के परिजनों ने नाबालिग की हत्या का शक जताया है पुलिस मामले की जांच कर रही है मैहर के कटिया सरकारी स्कूल की पुरानी बिल्डिंग के पीछे फांसी के फंदे में लटकती नाबालिग लड़के की लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई मृतक की उम्र सतरह साल है स्कूल के शिक्षक अशोक तिवारी ने बताया की स्कूल की पुरानी इमारत जो की खंडहर हो चुकी है उसके पीछे नाबलिग की लाश मिली है वही पवन दुबे ने बताया कि पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई थी इसके बावजूद पुलिस मौके पर समय से नहीं पहुंची मृतक के परिजनों को शक है कि नाबालिग लड़के की हत्या कर उसे फांसी के फंदे में लटकाया गया है पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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आरोपियों के कब्जे से मिली इनोवा और लूट की रकम अपहरण और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों को पुलिस ने पकड़ने में कामयाबी हांसिल की है इसके कब्जे से एक इनोवा और लूट की रकम भी बरामद कर ली गई है मामला NH-30 ग्राम मौहारी कटरा पास का हैं जहाँ बस से उतर घर की तरफ जा रहे बस कंडक्टर देवेंद्र शुक्ला का इनोवा सवार 5 लोगों ने अपहरण कर कार में बैठा लिया और उसकी जेब में रखे 12 हजार रुपये और मोबाइल लूट लिया इन बदमाशों ने फोन पे के माध्यम से 2 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिया जिसके बाद उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए ग्राम खुटहा मोड़ छोड़ कर भाग गए जिसके बाद पीड़ित ने सारा मामला पुलिस को बताया इधर बदमाश दूसरी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे इसी दौरान अमरपाटन थाना प्रभारी आदित्य सेन व स्टॉफ ने पीछा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया इनके पास से वारदात को अंजाम देने के मैं प्रयोग की गई इनोवा कार व लूट की नगदी व मोबाइल बरामद किए हैं।
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तीन से पच्चीस किलो गांजा किया जब्त विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कटनी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध कंटेनर से तीन सौ पच्चीस किलो गांजा जब्त किया है। जब्त किये गए माल की कुल कीमत एक करोड़ से ज्यादा है। पुलिस ने वाहन चालक और कंडक्टर को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कटनी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। कटनी पुलिस ने तीन सौ पच्चीस किलो गांजा जब्त कर दो लोगो को हिरासत में लिया है। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने बताया कि कटनी जिले के एनकेजे थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जुहली मोड़ के समीप सुनसान जगह पर एक कंटेनर संदिग्ध अवस्था पर खड़ा था। जब पुलिस ने कंटेनर की तलाशी ली तो उसमे सवा तीन क्विंटल गांजा पकड़ा गया ट्रक के अंदर एक विशेष चैम्बर बनाया गया था। उस चैम्बर में ही तेरह बोरियों में गांजा रखा गया था। पुलिस द्वारा जब्त किये गए माल की कुल कीमत एक करोड़ तीन लाख रुपए है। पुलिस ने गांजा जब्त कर वाहन चालक आरोपी राजेश जायसवाल और कंडक्टर दीपू उर्फ संदीप यादव को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
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कोंग्रेसियों को अगर सत्ता दी तो लूट मचा देंगे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को मंच से जय वीरू की जोड़ी बताते हुये इशारों इशारों में जनता से चोर कहलवा दिया और फिर शातिराना अंदाज़ में कहा कि हमने नही कहा ये पब्लिक है ये सब जानती है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मैहर मां शारदा दर्शन करने के बाद विधानसभा चुनाव 2023 अभियान की शुरुआत की मैहर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को मंच से जय वीरू की जोड़ी बताते हुये इशारों इशारों में उन्हें जनता से चोर कहलवा दिया, फिर शातिराना अंदाज़ में कहा कि हमने नही कहा। सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के पहले ही टिकट के दावेदारों को कमलनाथ दिग्विजय सिंहका कपड़ा फाड़ने की बात कह रहे हैं। माँ शारदा न करे विपक्ष में रहते हुए यह हाल है अगर सत्ता पर आ गए तो प्रदेश का क्या हाल करेंगे आप समझ सकते हैं, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सत्ता की कुर्सी देखते हैं तो उनकी आंखों में चमक आ जाती है और कुर्सी से कहते हैं आ..जा आ...जा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैहर को जिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बनाया है। केवल घोषणा करने से कुछ नहीं होता, सीएम ने कलेक्टर और एसपी को पदस्थ कर दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने चित परिचित अंदाज में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पब्लिक है सब जानती है। उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी जन-जन के दिलों में बसाना चाहती है, हम न नेता बनना चाहते हैं ना ही अभिनेता और न ही किसी अभिनेत्री के बगल में खड़े होना चाहते हैं। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है।
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कैलाश विजयवर्गीय पर कांग्रेस का हमला कांग्रेस ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा उन्होंने अपने शपथ पत्र मे गलत व अपूर्ण जानकारी दी। इसके बावजूद जिला निर्वाचन अधिकारी ने विजयवर्गीय को क्लीन चिट दे दी। अब कांग्रेस इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से कर रही है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के अपने नामांकन में अधूरी जानकारी दी है। विजयवर्गीय के द्वारा शपथ पत्र मे उनके खिलाफ दर्ज हुए सामूहिक बलात्कार के मामले को छुपाया गया है। इस मामले की कोई जानकारी इस शपथ पत्र मे नही दी गई। इस मामले मे जब कांग्रेस के द्वारा आपत्ति ली गई तो राजनैतिक दबाव और प्रभाव के चलते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा नियम के विपरीत आचरण कर कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया गया। कांग्रेस इस मामले मे अब जिला निर्वाचन अधिकारी के कृत्य की शिकायत चुनाव आयोग से कर रही है।
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भगवानदास ने भाजपा का साथ छोड़ा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी है। ऐसे में भाजपा के अंदर मची भगदङ ने बड़े नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। अब बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पुराने नेता भगवानदास बंसल ने बीजेपी को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पूर्व वित्त मंत्री रामहित गुप्ता के करीबी रहे और भाजपा के पुराने नेता भगवान दास बंसल ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। भगवानदास बंसल ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह के हाँथो कांग्रेस की सदस्यता ली। भगवान दास बंसल नगर परिषद अमरपाटन के वार्ड नंबर पांच 5 से पार्षद रह चुके हैं।
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भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने अजय टंडन ने ठोकी ताल दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने चुनावी ताल ठोक दी है अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ प्रचार प्रसार करने निकले अजय टंडन का सामना भाजपा कार्यकर्ताओं से हो गया कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता अपने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी करने लगे मौका देख कर कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐसी ताल ठोकी मानो कोई दंगल या कबड्डी का खेल जीत लिया हो नेता जी का यह अंदाज देख लोग कह रहे है विधानसभा चुनाव भी किसी दंगल से कम तो नहीं है चुनाव प्रचार के दौरान दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन का सामना भाजपा कार्यकर्ताओं से हुआ तो भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने अजय टंडन ने ताल ठोक दी अजय टंडन ने कुछ ऐसा इशारा किया मानो वो भाजपा से कह रहे हो की तुम्हे हराना तो मेरा बाए हाथ का खेल है दमोह से जीत मेरी ही होगी अजय टंडन का यह अंदाज देख कांग्रेस कार्यकर्ता भी झूम उठे और अजय टंडन के पक्ष में जमकर नारेबाजी की।
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आतिफ अकील और आमिर अकील आमने-सामने भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर घमासान मचा हुआ है अभी यहाँ से कांग्रेस के आरिफ अकील विधायक हैं अब यहाँ से उनके बेटे आतिफ अकील कांग्रेस प्रत्याशी हैं इसके बावजूद उनके भाई आमिर अकील भी निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं चचा भीतेजे के बीच मुकाबले से भाजपा के आलोक शर्मा को फायदा मिल सकता है।राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा से एक ही परिवार से चाचा और भतीजे ने नामांकन दाखिल किया है आपको बता दें कि उत्तर विधानसभा सालों से कांग्रेस का गढ़ रही है और यहाँ से कांग्रेस के आरिफ अकील चुनाव जीतते रहे हैं इस बार कांग्रेस ने आरिफ अकील के पुत्र आतिफ अकील को टिकिट दिया है वहीँ इस से खफा हो कर आरिफ अक्किल के भाई आमिर अकील का कहना है कि कांग्रेस ने मेरे साथ छल किया है क्योंकि मेरा लिस्ट में नाम था आखिरी तक कमलनाथ यही कह रहे थे कि आपका मेरी लिस्ट में नाम है बाद में मुझे ना देकर टिकट मेरे भतीजे को दे दिया गया मैं निर्दलीय फॉर्म भर रहा हूं मुझे क्षेत्र की जनता पर भरोसा है कि मैं चुनाव जीतूंगा वहीं दूसरी और आतिफ अकील का कहना है कि वह मेरे चाचा है और मेरे चाचा मेरे पिता का कहना मानते हैं वह हमसे अलग नहीं है मेरे पिता ने क्षेत्र की जनता के लिए सालों से कार्य किया है और हम आगे भी विकास करेंगे।
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बोले जनता मेरे साथ, सामने कोई चुनौती नहीं सिंगरौली से बसपा के प्रत्याशी चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया इस मौके पर चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा कि बेरोजगारी, नशाखोरी चुनाव में बड़ा मुद्दा है मेरे सामने कोई चुनौती नहीं क्षेत्र की सारी जनता मेरे साथ है सिंगरौली से बसपा के प्रत्याशी चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ पद यात्रा करते हुए नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे नामांकन जमा करने के बाद चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है मैंने क्षेत्र में बहुत मेहनत की है इसलिए जनता मेरे साथ है मेरे सामने कोई चुनौती नहीं बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन अटूट है और यही गठबंधन चुनाव में कारगर साबित होगा।
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बोले भाजपा शासन में जनता महंगाई से त्रस्त पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए तगड़ा हमला बोला है कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के शासन में जनता महंगाई से त्रस्त है वहीं भाजपा नेताओं के कांग्रेस के शामिल होने पर कमलनाथ बोले इन लोगों ने सच्चाई का साथ दिया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ प्याज नहीं हर चीज महंगी है भाजपा के शासन में जनता महंगाई से त्रस्त है भाजपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर कमलनाथ ने कहा कि इन नेताओं ने सच्चाई का साथ दिया है यह भांप चुके है कि जनता के मन में कांग्रेस है इसलिए भाजपा को छोड़कर नेता कांग्रेस में आ रहे है आपको बता दे कि सीहोर से जसपाल सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है रीवा जिले के मनगवा विधानसभा से विकास तिवारी ने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है।
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अवैध शराब और गांजा जब्त विधानसभा चुनाव से पहले चितरंगी पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है पुलिस ने बड़ी मात्रा में अवैध शराब और गांजा जब्त किया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ बेहद सख्त नजर आ रहा है चुनाव में कोई किसी को भी शराब या नशीली चीज़ का प्रलोभन न दे सके इस बात का प्रशासन पूरा ध्यान रख रहा है चितरंगी पुलिस की टीम ने नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई जगह छापामार कार्रवाई करते हुए सैकड़ो लीटर अवैध शराब और सैकड़ो किलो गांजा जब्त किया है।
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अनूप अग्रवाल के खिलाफ दर्ज कराइ है रिपोर्ट एक व्यापारी ने दूसरे व्यापारी अनूप अग्रवाल पर ब्लैक मेल करने का आरोप लगा कर उसे और उसके परिजनों की गिरफ्तारी की मांग की हे यह मामला उत्तराखंड के काशीपुर का है। काशीपुर के बहुचर्चित व्यापारी की हत्या के प्रयासों के मामले में पीडित प्रतीक अग्रवाल ने अनूप अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी पीड़ित ने सोशल मीडिया के जरिये उसे बदनाम करने और ब्लैक मेल करने के मामले में आरोपी अनूप अग्रवाल और उसके परिजनों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है प्रतीक अग्रवाल ने बताया गया है कि अनूप अग्रवाल ने एक माह पूर्व बीस लाख रुपये उधार मांगे थे जब मैने उसे उधार पैसा नहीं दिया तो अनूप ने मुझे प्रताडित करना शुरू कर दिया अनूप अग्रवाल ओर उसके बेटे अमोल अग्रवाल ने अपने साथिओ के साथ घेर कर गन्दी गन्दी गालिया देते हुए जान से मारने की नियत से गोली चलाई पीड़ित ने कहा उसे अनूप और उसके परिजनों से जान का खतरा बना हुआ है।
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व्यापारियों में मचा हड़कंप जीएसटी की टीम ने किराना व्यापारी की दुकान पर छापा मार कार्रवाई की कार्रवाई की सूचना मिलते ही ही बाकी व्यापारियों में भी हड़कंप मच गया और कई व्यापारी अपनी दुकाने बंद करके ही भाग गए। कस्बा भांडेर में लहार रोड पर स्थित गुप्ता ट्रेडर्स नामक दुकान पर जीएसटी की टीम ने छापामार कार्रवाई की गुप्ता ट्रेडर्स के बैलेंस में मिसमैच पाया गया है ऐसे में GST की टीम ने छापा मारकर छानबीन की कार्रवाई की सूचना जैसे ही इलाके में फैली तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया कई व्यापारी तो अपनी दुकाने बंद करके ही भाग गए जीएसटी अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि गुप्ता ट्रेडर्स की जांच की जा रही जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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भाजपा फैला रही भ्रामक खबरे कांग्रेस में कलह नहीं, सब एकजुट है,कांग्रेस के अंदर से आ रही अंतर्कलह की खबरों पर दिग्विजय सिंह के नए बयान ने विराम लगा दिया है दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में सभी एकजुट है जनता मध्यप्रदेश में बदलाव चाहती है। कांग्रेस के अंदर बड़े नेताओं के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है इस तरह की खबरे पिछले कई दिनों से आम हो रही थी पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने बयान से साफ किया है कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक है दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर सभी लोग एकजुट है भाजपा धनबल का प्रयोग कर झूटी खबरे फैलाती है जनता इस बार मध्यप्रदेश में बदलाव चाहती है दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो दतिया जायेंगे और नामांकन पत्र जमा करने के दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र भारती के साथ मौजूद रहेंगे दतिया में नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ जनता का रोष है।
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नियुक्ति नहीं होने से परेशान हैं योग प्रशिक्षक योग प्रशिक्षित बेरोजगारों ने नियुक्ति नहीं होने से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड सरकार और बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। योग शिक्षकों ने नियुक्ति की मांग को लेकर योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के बैनर तले देहरादून में सचिवालय कूच किया। लेकिन पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया। इससे नाराज योग शिक्षकों ने सरकार और बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बेरोजगार महासंघ के प्रदेश महासचिव कुमार मंगलम सेमवाल का कहना है कि 31 दिसंबर 2021 को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालय और प्रत्येक जिलों में एक-एक राज्य इंटर कॉलेज में योग प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आयुष और एलोपैथी अस्पतालों में योग प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने योग शिक्षकों को जल्दनियुक्ति नहीं दी तो उन्हें अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार एक घूसखोर पटवारी को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। यह पटवारी एक पीड़ित पक्ष का काम करने के एवज में आठ हजार की घूस ले रहा था। उत्तराखण्ड विजिलेंस ने एक शिकायत पर नानकमत्ता के पटवारी को आठ हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। नानकमत्ता निवासी ग्रामीण ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी की उसके खेत पर लगी धान को काटने पर उसका गुरदीप कौर व उसके परिवार से विवाद है। इस मसले पर पीड़ित के पक्ष ने उपजिलाधिकारी और तहसील सितारगंज को प्रार्थना-पत्र दिया। जिस पर पटवारी त्रिलोचन सुयाल द्वारा पहले भूमि पर विवाद होने की रिपोर्ट लगायी गयी और शिकायतकर्ता के पक्ष में रिपोर्ट लगाने के एवज में 8000 रूपये की मांग की गई। इसके बाद विजिलेंस टीम ने नानकमत्ता के पटवारी त्रिलोचन सुयाल को 8,000 रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
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बच्ची को आरोपी बहला फुसलाकर ले गया था एक नाबालिग किशोर ने छ बच्ची के साथ बलात्कार किया आरोपी बच्ची को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया और इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। अमरपाटन के रामनगर थाना अंतर्गत एक बार फिर 6 साल की नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म किए जाने की शर्मनाक घटना सामने आई। यहां 15 वर्ष के नाबालिक आरोपी ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि नाबालिक बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तभी आरोपी किशोर उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और घर के अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। आरोपी द्वारा मनमानी किए जाने से बच्ची ने शोर मचाया। जिसके बाद पीड़िता के परिजन पहुंच गए। जिन्हे देखते ही आरोपी भाग गया। पुलिस आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है।
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राममंदिर भाजपा का नहीं सब का है कांग्रेस भी इस चुनाव में हिंदुत्व की राह पर चल पडी है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला और कहा 'राम मंदिर पूरे देश का है, सनातनियों का है। लेकिन भाजपा राम मंदिर को अपना मंदिर बतानें में जुटी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भाजपा को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा 'राम मंदिर क्या भाजपा का मंदिर है',जी नहीं 'राम मंदिर पूरे देश का है, सनातनियों का है। आखिर 'राम मंदिर को अपना मंदिर बतानें में क्यों जुटी है भाजपा' इसी के साथ कामनाथ ने कहा की मूझे छिंदवाड़ा में कितनी भी घेरने की कोशिश कर ली जाए लेकिन मेरे मददाताओ का विश्वास मेरे साथ है।
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भाजपा को बताया भ्रष्टाचार की सरकार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए आम आदमी पूरा जोर लगा रही है। छतरपुर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पिछले 18 सालों से मध्यप्रदेश की जनता भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रही है। दिल्ली और पंजाब में सफलता के बाद आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में भी एक नया करिश्मा करने का सपना देख रही है। आप नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान छतरपुर पहुंचे। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के नौगांव में रोड शो करते हुए भगवंत मान ने जनता से आशीर्वाद माँगा। रोड शो में भगवंत मान के साथ बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। इस दौरान भगवंत मान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता पिछले 18 सालो से भ्रस्टाचार की चक्की में पीस रही है। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करती है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी को लेकर सराहनीय काम कर रही है और वो ही काम हम मध्यप्रदेश में भी करेंगे। आम आदमी पार्टी सर्वे में नहीं आती सीधे सरकार में आती है।
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कांग्रेस ने नवरात्रि में नारी शक्ति से बोले 9 झूठ केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कांग्रेस पार्टी में कभी महिलाओं का सम्मान नहीं रहा। प्रियंका गांधी कहती हैं कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं, लेकिन वो किस से लड़ रही हैं? कांग्रेस पार्टी के ही लोग महिलाओं को टंचमाल और आइटम कहते हैं, उनका उत्पीड़न करते हैं। ऐसे लोगों का विरोध करने की बजाय कांग्रेस में इन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कांग्रेस पार्टी एक बार फिर मध्य प्रदेश की महिलाओं से झूठ बोल रही है, उन्हें छलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जिस तरह से महिलाओं का भरोसा जीता है, उसके सामने कांग्रेस का हर झूठ, महिलाओं को भ्रमित करने की हर साजिश नाकाम होगी। भाजपा महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को फांसी पर लटकाने का फैसला लेती हैं, तो दूसरी तरफ कन्या पूजन को नौटंकी बताने वाली कुकर्मी कांग्रेस है, जो महिला उत्पीड़न करने वालें को टिकट देती है, उन्हें पुरस्कृत करती है। श्रीमती लेखी ने कहा कि छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ जी महिला को ’आइटम’ कहते हैं। बड़नगर के कांग्रेसी विधायक मुरली वोरवाल के बेटे पर महिला उत्पीड़न का मामला दर्ज है। सोनकच्छ से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा महिलाओं को ’बच्चे पैदा करने की मशीन कहते हैं। मुल्ताई के सुखदेव पांसे महिला को नाचने-गाने वाली’ कहते हैं। जबलपुर पश्चिम से प्रत्याशी और पूर्व मंत्री तरुण भनोट महिलाओं को ’बेवकूफ’ कहते हैं। गंधवानी से प्रत्याशी उमंग सिंघार महिला उत्पीड़न करते हैं। अटेर के प्रत्याशी हेमंत कटारे पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती आत्महत्या कर लेती है। कोतमा से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ और सतना से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ट्रेन में महिला से छेड़खानी करते हैं। श्योपुर से प्रत्याशी बाबू जंडेल एक महिला पुलिस अधिकारी से फोन पर गाली-गलौच करते हैं तो परासिया से प्रत्याशी सोहन वाल्मिकी के बेटे आदित्य वाल्मिकी लड़की की अश्लील तस्वीरें वायरल करते हैं।
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भिखारी को मुस्लमान बना के वीडियो बनाया हिन्दू तीर्थ स्थलों को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आया जहाँ एक हिन्दू को मुसलमान बना के वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई। इस मामले में अब आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया का सहारा लेकर हिंदू तीर्थ स्थलों को बदनाम करने की मंशा से कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने दिलीप बघेल नाम के भिखारी को शराब पिलाकर उसको पैसों का लालच देकर जावेद हुसैन नाम से एक वीडियो बनाया। जिसमें वह भिखारी हिंदुओं एवं ब्राह्मणों को अपशब्द कहते हुए उकसाने का कार्य कर रहा है। यह प्रकरण सोशल मीडिया में वायरल होने पर जब इसकी शिकायत पुलिस से की गई तो पुलिस ने उक्त व्यक्ति को ढूंढ निकाला तो पता लगा कि वह कोई मुस्लिम व्यक्ति नहीं वह आगरा का रहने वाला दिलीप बघेल नामक हिंदू व्यक्ति है। जिसे कुछ लोगों ने शराब और पैसे का लालच देखकर ऐसा करने के लिए कहा, अब श्रीगंगा सभा ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर इस वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को चिन्हित कर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
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महिला जंगल में घास काटने गई थी जंगल में घास काटने गई महिला पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के हमले में महिला की मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने महिला का शव बरामद कर लिया है। खटीमा सुरई वन क्षेत्र के जंगल में घास काटने गई बुजुर्ग महिला भागुली देवी पर बाघ ने हमला कर दिया। इस हमले में महिला की मौके पर ही मौत हो गई घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर वन क्षेत्र से महिला के शव की तलाश शुरू कर दी। बाघ के पद चिन्हों के सहारे खोज करते हुए वन विभाग की टीम ने महिला के शव को बरामद कर लिया। विभाग की फोरेंसिक टीम के द्वारा मौके पर ही शव का निरीक्षण कर फॉरेंसिक साक्ष एकत्र किए गए। अब बाघ के हमले के खतरे को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में वन अमले की गश्त बढ़ाई जाएगी। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से निवेदन किया है कि बेवजह जंगल में जाने से बचें।
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परिजनों ने जताई युवक की हत्या की आशंका यात्री बस के अंदर एक युवक का शव फंदे पर लटका हुआ मिला। परिजनों ने जताई युवक की हत्या की आशंका। कार्यवाही के लिए सड़क को किया जाम। मैहर थाना क्षेत्र के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित बस स्टैंड पर खड़ी बस के अंदर युवक का शव लटकता हुआ मिला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची व पंचनामा बनाकर चली गई। घटना की सूचना पर मृतक युवक के परिजनों को दी गई युवक की पहचान गुड्डू साकेत के रूप में हुई। मृतक युवक बस में ही खलासी का काम करता था। पुलिस की कार्यवाही से नाखुश मृतक के परिजन ने मां शारदा देवी मंदिर के जाने वाले मार्ग को जाम कर बंद कर दिया गया मौके पर थाना प्रभारी घटनास्थल पहुंचे और परिजनों को समझाइश देकर जाम खुलवाया। मृतक युवक के पिता का आरोप है कि बस के मालिक द्वारा हत्या कर डेड बॉडी लटकाई गई है। मृतक युवक की पत्नी ने बताया की रात में पति से बात हुई पति बोले मैं घर वापस आ रहा हूं फिर कुछ देर बाद पति का फोन आया की बस मालिक उसे लेकर वापस मैहर जा रहे हैं। इसके बाद कुछ देर बाद सूचना मिलती है कि उनकी डेड बॉडी मिली है। हमें यकीन का है कि उन्हें मार कर टांगा गया है घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसडीओपी राजीव पाठक में बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।
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सबसे ज्यादा जले 51 फ़ीट वाले रावण भोपाल में विजयादशमी पर सौ से जयादा जगह रावण के पतले जलाये गए राजधानी में 30 स्थानों पर अति विशाल रावण ,मेघनाद और कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया गया इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। राजधानी भोपाल के टी टी नगर में आतिशबाजी शुरू हुई और उसके बाद रावण दहन हुआ दशहरा उत्सव समिति के वात्सल्य जैन ने बताया कि रावण का पुतला 51 फीट का बनाया था मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई 45-45 फीट थी जिनका दहन किया गया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छोले मैदान पर रावण दहन के मौके पर पहुंचे तो वहीं दूसरी और टी टी नगर में रावण दहन के मौके पर दिग्विजय सिंह मौजूद रहे।
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दशहरे पर पुलिस करती है शस्त्र पूजा सिंगरौली जिले के पुलिस लाइन में कलेक्टर अरुण कुमार परमार ,पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने विधि विधान से शस्त्र पूजन किया पुलिस शस्त्र पूजन के साथ संकल्प लेती है कि वे सदैव पीड़ितों की रक्षार्थ और बदमाशों के खात्मे के लिए शस्त्र उठाएंगे। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने जिले वासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दी सभी पुलिस वालों ने हथियारों की साफ़ सफाई की और वर्षों से चली आ रही परम्परा के मुताबिक विजयदशमी पर्व पर शस्त्रों की पूजा की इसी परंपरा को निभाते हुए विजयदशमी पर जिले के सभी थाना प्रभारियों ने विधि विधान सेशत्रों की पूजा कर सभी के भले की मनोकामना की पुलिस बल द्वारा उपयोग हेतु शस्त्र एके 47, इंसास राइफल, रिवाल्वर आदि पर पुष्प और कंकु लगाकर पूजा संपन्न कराई गई शस्त्र पूजन के बाद पुलिस बल द्वारा निर्दोष व्यक्तियों पर शस्त्र का उपयोग न करने का संकल्प लेकर अपने अपने क्षेत्र की जनता की रक्षा की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
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नवरात्र के बाद सिंदूर लगाकर विदा हुई माँ शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन जब मां दुर्गा जब वापस जाती हैं, तो उनकी विदाई के सम्मान में सिंदूर लगा कर विदाई की जाती है बंगाली समाज सिंदूर खेला के जरिये माँ को विदा करता है। भोपाल की कालीबाड़ी में बंगाली समुदाय की महिलाएं देवी मां को सिंदूर लगाते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ में पारंपरिक डांस कर सिंदूर की होली खेली... दरअसल, विजया दशमी के दिन सिंदूरी खेला का आयोजन होता है ,जिसमें महिलाएं सिंदूर की होली खेलती हैं बंगाल की पारंपरिक लाल बॉर्डर वाली सफेद रंग की साड़ी में सजी-धज्जी महिलाओं ने पहले मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया, फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर 'सिंदूर खेला' की रस्म निभाई. रस्म के दौरान महिलाओं ने एक-एक कर मां दुर्गा की आरती की और सुख समृद्धि की कामना की।
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प्रत्याशी के फोटो पर लगाया क्रॉस का निशान छतरपुर की बिजावर सीट से काग्रेंस प्रत्याशी चरण सिंह यादव के खिलाफ विरोध के स्वर खत्म होने का नाम नही ले रहे हैं हर जगह कोंग्रस नेता और कार्यकर्ता अपने ही प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने बाहरी प्रत्याशी चरण स़िह यादव का विरोध करते हुये काग्रेंस कार्यालय में प्रत्याशी का पोस्टर लगा कर विरोध प्रदर्शन किया इस पोस्टर पर काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने काली स्याही से कट का निशान लगाकर विरोध किया काग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिजावर सीट पर स्थानीय प्रत्याशी होना चाहिए न कि बाहरी दरअसल काग्रेस प्रत्याशी चरण सिंह यादव उत्तरप्रदेश के झांसी के रहने वाले है इसलिए कांग्रेस नेता क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग कर रहे हैं कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में प्रियंका गांधी से हस्तक्षेप की मांग की है।
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कन्याओ को भोजन करा कर खोला उपवास उत्तराखंड में भी नवरात्रि का पर्व जबरदस्त उत्साह के साथ मनाया गया कहीं रतजगे हुए तो कहीं भजन हर तरफ माहौल पूरी तरह धार्मिक बना रहा काशीपुर मे नवरात्री और विजय दशमी के चलते हर जगह रोनक नजर आयी माँ दुर्गा पूजा के उपरांत व्रत पूरे करके जगह जगह कन्या भोज के आयोजन हुए कन्याओ को भोजन करा कर व्रत खोले गये ओर लोगो ने माँ दुर्गा से सभी की खुशहाली के लिये अराधना की मोहल्ला कवि नगर रायल इनक्लेव मे नवरात्रो के दौरान माँ दुर्गा पूजा के चलते रायल इनक्लेव परिवार ने सात दिनो तक डान्डिया का आयोजिन किया माता देवी की चोकी के साथ भजन किर्तन किये गये।
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वयोवृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के आवेदन की तिथि बढ़ाएं मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वयोवृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के आवेदन की तिथि को बढ़ाया जाए। निर्वाचन आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के एवं दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। प्रदेश में 21 अक्टूबर से निर्वाचन प्रक्रिया की अधिसूचना लागू हो गई है और ऐसे मतदाताओं के लिए फार्म 12 डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर निर्धारित की गई है। समय कम होने के कारण अनेक दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता निर्वाचन आयोग की इस पहल का लाभ नहीं ले सकेंगे और उन्हें मतदान से वंचित होना पड़ेगा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि फॉर्म 12 डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर को आगे बढ़ाया जाए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।
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मेवरा को बगुलामुखी की कृपा से मिला टिकिट भाजपा नेता बाबूलाल मेवरा पिछले कई दिनों से पीताम्बरा पीठ में माँ बगुलामुखी की साधना कर रहे हैं। इसी बीच उन्हें भाजपा ने विजयपुर से प्रत्याशी घोषित किया है। बाबूलाल मेवरा इसे माई का चमत्कार बता रहे है। पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा 15 अक्टूबर से दतिया के पीताम्बरा पीठ में माँ की साधना में व्यस्त हैं। मेवरा का कहना है कोई भी तपस्या बेकार नही जाती। इधर भाजपा ने इन्हें विजयपुर विधानसभा से टिकिट दे दिया है। उनको यह टिकिट भाजपा ने लंबी तपस्या के बाद ही दिया है। मेवरा इस सीट से 20 साल पहले विधायक रह चुके हैं। उनका कहना है भारतीय जनता पार्टी जमीनी कार्यकर्ता का विशेष ख्याल रखती है। उनका कहना है मध्यप्रदश में फिर भाजपा की सरकार बन रही है।
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विधायक राम लल्लू वैश्य का टिकिट कटा सिंगरौली से विधायक रामलल्लू वैश्य का टिकिट काटकर भाजपा ने राम निवास शाह को प्रत्याशी बनाया है शाह ने दावा किया है कि भाजपा 150 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रही है। सिंगरौली विधान सभा से भारतीय जनता पार्टी ने रामनिवास शाह को टिकट दिया है रामनिवास शाह ने कहा कि हम सभी वरिष्ठ लोगों से मेल मुलाकात करेंगे उन्होंने कहा कि हमें साहू समाज के नाम पर टिकट नहीं मिला है हमने भारतीय जनता पार्टी में बरसों से काम किया है इसलिए हमें टिकट मिला है सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य व पूर्व नगर निगम अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम दोनों से मुलाकात करेंगे रामनिवास शाह ने कहा प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बना रही है हमारे पार्टी के 150 से ज्यादा प्रत्याशी जीतकर विधानसभा में पहुंचेंगे।
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टैंकर में बाइक सवार पिता -पुत्र को कुचला एक तेज रफ़्तार तेल टैंकर अनियंत्रित हो गया और उसने एक बाइक को टक्कर मार दी। ये हादसा इतना खतरनाक था कि बाइक सवार पिता पुत्र की जान ले ली है। सितारगंज से खटीमा की तरफ आ रहे एक तेज रफ्तार तेल टैंकर ने अनंत्रित होकर बाइक सवार पिता पुत्र को टक्कर मार दी। टैंकर तेज रफ़्तार के कारण अनियंत्रित हुआ था। लेकिन कहा जा रहा है टैंकर चालक को नींद की झपकी लग जाने के कारण यह दुर्घटना घटी। जिसमें खटीमा से उमरिया जा रहे बाइक सवार पिता पुत्र दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में जान गंवाने ज़ाहिर और उनके पुत्र अमन हैं। इस घटना की सूचना मिलने पर मृतक के परिवारजनों में कोहराम मच गया। वही टैंकर चालक को नानकमत्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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गंभीर रूप से घायल किसान अस्पताल में खेत में काम कर रहे किसान पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल किसान को अस्पताल में भर्ती किया गया है। अमरपाटन के ग्राम पंचायत खरमसेड़ा के वृद्ध किसान बृजमोहन मिश्रा अपने खेत में घास काट रहे थे तभी पास के आम के पेड़ से मधुमक्खी के झुंड ने उन पर हमला कर दिया, मधुमक्खी के झुंड के काटने से वृद्ध किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें ईलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया। ईलाज बाद गंभीर हालत में किसान को जिला अस्पताल रेफर किया। ग्राम कंचनपुर मोड़ पास तेज रफ्तार पीकअप और मोटरसाइकिल की भिड़ंत हो गई। इस हादसे में 4 लोग हुए घायल हो गए। जिनमें से दो लोगों की हालत गंभीर है।
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तस्करों के पास मिली 60 लाख की स्मैक पुलिस ने एक बड़े स्मैक तस्कर गिरोह का खुलासा किया है। ये गैंग स्कॉर्पियो के जरिये स्मैक की तस्करी करती थी। इस गैंग के पास से साथ लाख रुपये की स्मैक बरामद की गई है। पुलिस को मुखबिर से एक स्मैक तस्कर गिरोह की जानकारी मिली। पुलिस ने इस गैंग को पकड़ने के लिए तैयारी की पुलिस को खबर मिली गैंग के चचार लोग सफेद रंग की नई स्कार्पियो से प्रयागराज से चल कर बीजापुर के सुनसान रास्ते से बैढ़न की ओर आ रहे हैं। पुलिस ने स्कार्पियो को ओरगाई रेण नदी पर बड़े पुल के पास रोका तो वाहन चालक वाहन को बंद कर अपने साथियों के साथ अँधेरे में भागा। पुलिस ने मुस्तैदी से तीन तस्करों को पकड़ लिया लेकिन ड्राइवर भागने में सफल हो गया। पकडे गए तस्करों के नाम आदित्य रंजन संदीप शर्मा और दिलीप पाण्डेय हैं। इनका चौथा साथी वाजिद खान उर्फ़ नवाब खान उर्फ़ राजवीर पाण्डेय है। इन तस्करों के पास से 60 लाख कीमत की पांच सौ ग्राम स्मैक बरामद की गई हैं।
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पुलिस लाइन में हुआ गरबा नृत्य का आयोजन शक्ति के उपासक पुलिस परिवार ने भी गरबा खेला। छतरपुर की पुलिस लाइन में माँ आदि शक्ति की उपासना के बाद सामने गरबा का आनंद लिया। पुलिस लाईन मे पुलिस परिवार के बीच गरबा का आयोजन किया गया। इस गरबे मे पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चो ने भाग लिया ,पांच दिन तक चले इस गरबे मे पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चो ने जमकर माँ शक्ति प्रतिमा के सामने गरबा करके अराधना की ,इसके बाद एसपी और कलेक्टर ने सभी गरबा खेलने वाली महिलाओं और बच्चो को प्रमाण पत्र बांटे।
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दो ट्रक चोर लगे पुलिस टीम के हाथ पुलिस ने एक ट्रक चोरी के मामले में तत्परता से कार्यवाही की और सिर्फ पंद्रह घंटे में ट्रक चोरी की वारदात का खुलासा कर दिया और दो चोरों को गिरफ्तार भी कर लिया। ऑपरेशन प्रहार के अंतर्गत सितारगंज कोतवाली पुलिस ने 15 घंटे में ट्रक चोरी का खुलासा करते हुए चोरी का ट्रक व दो चोरों को गिरफ्तार किया हैं। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 7 अक्टूबर को जाहाबाद ने मेहंदी हसन उर्फ सुहेल के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी ट्रक ड्राइवर किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ मिलकर ट्रक को चोरी कर ले गया है। सितारगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुऐ ट्रक चोरी के खुलासे के लिए टीमें गठित की पुलिस टीमों ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से हमीरपुर गांव के किनारे से नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार किया। उसके साथ दूसरे अभियुक्त राशिद अली को मिलक भोजीपुरा से चोरी के ट्रक के साथ गिरफ्तार किया।
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पुलिस कर्मियों ने मिलकर एक व्यक्ति को पीटा एक पीड़ित व्यक्ति ने जब सीएम हेल्प लाइन में की शिकायत वापस नहीं ली तो पुलिस वालों ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर गुंडागर्दी करने वाले पुलिस वालों को भी पुलिस बचाने का काम कर रही है। मामला मैहर जिले के ताला थाना अंतर्गत ग्राम कोतर का हैं जहाँ किसी समस्या को लेकर विनोद सिंह ने ताला थाने में शिकायत की थी। जब समस्या का समाधान नही हुआ तो उसने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाई। इससे नाराज पुलिस वालों ने पीड़ित की पीकअप वाहन ताला थाने में खड़ी करवा ली और विनोद को ताला थाने बुलाया और उसकी पिटाई कर दी पीड़ित ने मारपीट की शिकायत ताले थाने में की लेकिन पुलिस ने आवेदन भी नही लिया।
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मरीज को जमीन में लिटाकर पीटा दुर्ग से अमानवीय कृत्य की बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जिला अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने मिलकर अस्पताल में भर्ती मरीज के हाथ पैर बाँध दिए और उसके साथ जमकर मारपीट की। दुर्ग के जिला अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड का काम तो अस्पताल की सुरक्षा करना था पर ये गार्ड खुद गुंडई बदमाशी दिखाने पर उतर आये। सुरक्षा गार्ड के द्वारा अंजाम दी गई शर्मनाक घटना को सुन कर आप भी गुस्से में आ जायेंगे। अस्पताल में भर्ती एक मरीज के हाथ पैर बांधकर सुरक्षा गार्ड ने उसे जमीन पर लिटाया और फिर मरीज के साथ जमकर मारपीट की जब पीड़ित मरीज के परिजनों ने इसका विरोध किया तो सुरक्षा गार्ड्स ने मरीज की बहन और परिजनों के साथ भी मारपीट की ऐसे में सवाल उठता है कि जिला अस्पताल में सुरक्षा गार्ड की भर्ती हुई है या गुंडे बदमाशों को सुरक्षा गार्ड बना दिया गया है। मामले की शिकायत थाने में हो चुकी। ऐसे में देखना होगा की पुलिस प्रशासन सुरक्षा गार्ड का चोला ओढ़े गुंडे बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है या नहीं
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चोर के पास मिली चोरी की बाइक बाइक चोरी की घटनाओं से परेशान पुलिस ने अब घटना के तत्काल बाद एक्शन लिया और बाइक चोर को पकड़ लिया। चोर के पास से चोरी की बाइक भी बरामद की गई है। चम्पावत के थाना बनबसा क्षेत्र में मोहन चन्द की बाइक चोरी हो गई थी। इस घटना के बाद तत्काल पुलिस एक्टिव हुई और चोर की तलाश शुरू की पुलिस टीम द्वारा सूचना मिलते ही सीसीटीवी कैमरो की मदद से चोर तक पहुंचने का प्रयास किया। इसमें पुलिस को सफलता मिली और बाइक चोर अमित श्रीवास्तव को मय चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार किया।
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बिजली गिरने से महिला की मौत अचानक मौसम के बदलने से बारिश के बीच एक महिला के ऊपर बिजली गिर गई। बिजली गिरने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई है। ग्राम धोरहरा में बकरी चराते समय बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़ी महिला के ऊपर आकाशीय बिजलीं गिरी। आकाशीय बिजलीं गिरने से एक महिला की मौके पर मौत हो गई। इस हादसे में एक महिला अन्य महिला घायल हो गई। जिसे ईलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया गया। इस घटना में तीन बकरियों की भी मौत हुई है।
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हादसे में एक शख्स की मौत एक तेज रफ्तार ट्रक ने पिकअप और मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये जिनमें से एक की मौत हो गई है। ग्राम पड़हा के पास पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने पहले पिकअप को टक्कर मार दी और इसके बाद मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए मौके से फरार हो गया। इस दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार एक 75 वर्षीय वृद्ध व पिकअप सवार एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत में दोनों को संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रीवा के लिए रेफर कर दिया गया। जहाँ व्रद्ध ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
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एक शख्स की मौके पर मौत अमरपाटन में दो बाइक की आपस में टक्कर हो गई। भिड़त इतनी जोरदार थी कि हादसे में एक बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। बाकि दो लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमरपाटन में मैहर रोड सरदार पैट्रोल पंप के पास भीषण सड़क हादसा हुआ है। दो बाइक की जबरदस्त टक्कर में एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई वही दो लोगों को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन भर्ती कराया गया। जिसमे से एक व्यक्ति को इलाज के लिए संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर किया गया है।
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महिलाओं के साथ हो रही है छेड़खानी मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार को अपनी एक नजर खंडवा की तरफ भी कर लेना चाहिए। जहाँ हाट बाजार के बीच में शराब की दुकान है। शराबी शराब पीकर नशे में धुत हो जाते है और फिर नशे की हालत में महिलाओं के साथ छेड़खानी और अभद्र व्यवहार करते है। सवाल उठता है कि क्या महिलाएं अब बाजार में खरीदी करना ही बंद कर दें। शराबियों के डर से घर में बैठ जाये। शासन खुद ही बताये की महिलाएं क्या करे पूर्ण शराब बंदी करना तो सरकार के लिए दूर की कौड़ी ही नजर आता है। पर कम से कम ऐसे शराब ठेको का तो लाइसेंस निरस्त किया जाये जो बाजार,स्कूल और धार्मिक स्थल के करीब है और नियम भी यही कहता है। पर शासन अपने ही नियमों को धता बताते हुए दिखाई दे रहा है। यह पूरा मामला खंडवा जिले के तहसील मुख्यालय खालवा का है। हाट बाजार के मध्य स्कूल और मंदिर के पास में यहाँ शारब दुकान धड़ल्ले से चल रही है। नशे में धुत शराबी आये दिन महिलाओं के साथ छेड़खानी करते है। इसी क्षेत्र में स्कूल भी है। स्कूली बच्चो को शराब दूकान के करीब से ही स्कूल आना जाना पड़ता है। अब आप खुद सोच कर देखिये कि इसका प्रभाव बच्चो पर क्या पड़ता होगा। आये दिन शराबी मारपीट और अभद्रता करते है। पर लगता है जैसे प्रशासन या तो अपनी आँखें बंद किये हुए है या गहरी नींद में सोया हुआ है। जो उसका इस और कोई ध्यान ही नहीं है। रहवासी लगातार शराब दुकान को कहीं और शिफ्ट करने की मांग कर रहे है। पर उनकी सुनता कोई नहीं। ऐसे में रहवासियों का गुस्सा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
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ग्राम वासियों में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा कंपनियों की मनमानी का किया विरोध ,सिंगरौली में कम्पनियों द्वारा किये जा रहे लोगों के शोषण के खिलाफ पुनर्समीक्षा बैठक में हुंकार भरी गई बैठक में कहा गया एनटीपीसी एनसीएल विस्थापितों का शोषण कर रहा है। शक्तिनगर चिल्काडाड बस्ती में नागरिक मंच की पुनरसमीक्षा बैठक हुई जिसमें विस्थापित ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया नागरिक मंच की समीक्षा के बाद नए पदाधिकारीयो की सूची जारी की गई नर्मदा प्रसाद कुशवाहा को इसका संयोजक नियुक्त किया गया नागरिक मंच अध्यक्ष पन्नालाल ने एनटीपीसी और एनसीएल आदि कंपनियों पर सवाल उठाऐ उन्होंने कहा हम विस्थापितों का एनटीपीसी एनसीएल शोषण कर रहा है और किए हुए वादों से मुकर रहा है धूल प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और तरह तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
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चुनाव से पहले पुलिस एक्शन में छतरपुर पुलिस ने बडी कारवाई करते हुये एक देसी कट्टा बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया है पुलिस को इस कट्टा फैक्ट्री से भारी मात्रा मे अवैध कट्टे सहित कट्टा बनाने का सामान मिला है। एमपी मे विधानसभा चुनाव के चलते इन कट्टो का इस्तेमाल हो सकता था क्योंकि जहाँ अवैध हथियार बनाये जा रहे थे यह थाना यूपी की सीमा से लगा है जुझारनगर थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कस्बा बारीगढ़ के वार्ड नंबर 7 में एक व्यक्ति अपने घर के अंदर अवैध रूप से कट्टा निर्माण कर कट्टा फैक्ट्री संचालित कर रहा है सूचना पर पुलिस ने दविश देकर आरोपी के कब्जे से 315 बोर के 2 देसी कट्टे। .. 315 बोर के अधबने कट्टे और जिंदा कारतूस के साथ बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बनाने का सामान मिला है पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को फिरफ्तार किया है।
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बदमाश से तमंचा और स्कॉर्पियो बरामद पुलिस ने पच्चीस हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश गोलीबारी करने के बाद से फरार था। पुलिस ने इससे एक तमंचा भी बरामद किया है। पंजाबी ढाबे पर हुई फायरिंग के मामले में वांछित चल रहे पच्चीस हजार के इनामी अभियुक्त चंचल सिंह उर्फ सोनू गंजा को सितारगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर उस के कब्जे से घटना के वक्त प्रयुक्त किया गया 315 बोर का तमंचा व स्कॉर्पियो कार को बरामद किया है। पीड़ित सतेंद्र सिंह ने सितारगंज कोतवाली में तहरीर देकर इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी।
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नाराज बहन ने काटी हाथ की नस अमरपाटन से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां दो बहनों के बीच खूनी खेल हो गया। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर दोनों बहनों के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद नाराज बड़ी बहन ने चाकू से अपने हाथ की नस काट ली। अमरपाटन के ग्राम मगराज में दो नाबालिग बहनो के बीच हुआ झगड़ा खूनी खेल में बदल गया। झगड़ा इतना बढ़ा कि गुस्से में आकर बड़ी बहन श्रेया कुशवाहा ने चाकू उठाकर अपने हाथ की नस काट ली। आनन फानन में परिजन लड़की को इलाज के लिए सीएचसी अमरपाटन लेकर पहुंचे। इलाज के बाद नाबालिग लड़की को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मामले में डॉ सुशील गुप्ता का कहना है कि चोट ज्यादा गहरी नहीं थी। लड़की की हालत स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
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कार से मिले पांच लाख रुपये चुनाव से पहले पुलिस ने तलाशी अभियान चला रखा है। इस दौरान एक कार से पांच लाख रुपये नगद मिले हैं। पुलिस ने इस राशि को जप्त कर लिया है |छतरपुर पुलिस ने एक कार से पांच लाख से अधिक नगद रूपये बरामद किये है। अलीपुरा थाना पुलिस ने यूपी एमपी बार्डर पर चैकिंग के दौरान यूपी नंबर पास कार को चैक किया तो उसमे पांच लाख 14 हजार रूपये नगद मिले। पुलिस ने कार सवार से जब इतनी बड़ी रकम की डिटेल मांगी तो वह इस भारी रकम का स्तोत्र नही बता पाये तब पुलिस ने पूरी रकम जप्त कर ली है।
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ट्रेक्टर के रुपयों को लेकर था विवाद दो दोस्तों ने साथ में बैठकर पहले जमकर दारू पार्टी की उसके बाद नशे की हालत में दोनों के बीच विवाद हो गया झगड़ा इतना बढ़ा कि दोस्त ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पहले तो दोनों दोस्तों ने साथ में बैठकर दारू पी दारु पीने के बाद दोनों दोस्त नशे की हालत में थे इतने में ट्रैक्टर के रुपए को लेकर दोनों में विवाद शुरू हुआ और विवाद मारपीट में बदल गया गुस्साए दोस्त ने सब्बल उठाकर अपने दोस्त को दे मारा जिससे युवक के सिर पर गंभीर चोट लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई ये पूरा मामला गौरिहार थाना क्षेत्र का है मृतक के परिजन शिकायत लेकर जब थाने में पहुंचे तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची जहां मृतक की लाश पड़ी हुई थी पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की करवाई शुरू कर दी है।
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शराब के नशे में व्यक्ति पर पत्थर से हमला युवकों को गाली गलौज करने से रोकना एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया शराबी युवकों ने पत्थर से हमला कर व्यक्ति को घायल कर दिया मामला पुलिस के पास पहुँच गया है। अमरपाटन थाना के किशनगढ़ में एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हुई और झाड़ियां में जा गिरी इसके बाद मोटरसाइकिल सवार दोनों युवक गालियां देने लगे वहां पर कुछ महिलाएं खड़ी थी जिसको देख राजेंद्र यादव नामक व्यक्ति ने युवकों से गाली-गलौज करने से मना किया जिससे नाराज युवकों ने शराब के नशे में उस व्यक्ति पर पत्थर से हमला कर घायल कर दिया जिससे उसके सर और पेट में गंभीर चोटें आई जिसकी शिकायत पीड़ित द्वारा अमरपाटन थाने में की गई पीड़ित को गंभीर हालत में सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया वहीं पत्थर से हमला कर घायल करने वाले एक युवक को ग्रामीणों ने पकड़कर पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया।
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एक लाख दस हजार की शराब जप्त बुंदेलखंड इलाके में शराब तस्करी रुक नहीं रही है पुलिस ने एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है उसके पास से एक लाख से ज्यादा की अवैध शराब जप्त की गई है। छतरपुर पुलिस द्वारा अवैध शराब बेचने वालो पर लगातार कार्यवाही जारी है कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्यवाही करते हुये एक लाख दस हजार की शराब जप्त की है इस शराब तस्करी मे पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है पुलिस ने आरोपी पर आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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पंखा चालु करते वक़्त हुआ हादसा पंखा चालू करते वक्त 12 साल के लड़के को करंट लग गया करंट लगते ही लड़का झटका खाकर जमीन पर गिर पड़ा गंभीर हालत में नाबालिग लड़के को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। नंदन गांव में अजय बुनकर उम्र 12 साल है अपने घर में बिजली से चलने वाले पंखे को चालू कर रहा था इसी दौरान उसे करंट लगा और वह झटका खाकर जमीन पर गिर पड़ा आनन फानन में परिजन लड़के को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लेकर पहुंचे. जहा लड़के की गंभीर हालत देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
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पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार जमीन के मामले में धोखाधड़ी करने वाले एक जालसाज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है ये जालसाज पहले से बेची जा चुकी जमीन के फर्जी कागज बनाकर सस्ते में बेचने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था काशीपुर थाने मे फ़र्जी कागज तैयार करके जमीन बैचने के मामले में हरचरन सिंह की शिकायत पर सुमेर कौशिक के खिलाफ धोखाधड़ी कर एक करोड चोदह लाख तीन सो सतानवे रुपये हडपने ओर गाली गलोच व जान से मारने की धमकी देने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी पुलिस ने इस मामले की गम्भीरता से जांच की और साक्ष्यो के आधार पर कार्यवाही करते हुए अभियुक्त सुमेर कोशिक को गिरफ्तार कर लिया गिरफ़्त मे आये अभियुक्त ने बताया की वह पांच छै: वर्षो से जमीन खरिदने बैचने का कार्य करता है ओर एक जमीन को कई लोगो को दिखा कर एग्रीमेन्ट कर रुपये हडप लिया करता है।
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अस्पताल में मरीजों का जाना हाल एल डी भट्ट अस्पताल पहुंच कर अपर सचिव नमामि बंसल औचक निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने मरीजों का हाल चल जाना और अस्पताल की सुविधाओं को भी देखा। काशीपुर में राजकीय चिकित्सालय एल डी भट्ट अस्पताल पहुंच कर अपर सचिव नमामि बंसल ने औचक निरीक्षण किया अपर सचिव नमामि बंसल ने अस्पताल में मरीजों से बातचीत कर उनकी परेशानियों को जाना और अस्पताल की सुविधाओं को भी देखा नमामि बंसल ने मरीजों से बातचीत कर यह भी पूछा कि अस्पताल में और क्या बेहतर किया जा सकता है औचक निरीक्षण के बाद नमामि बंसल ने कहा कि जो फीडबैक मिला है उसके आधार पर ही आगे कार्य होगा अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की जो कमी है उसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
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रिहायशी इलाके में रखे थे पटाखे छतरपुर मे प्रशासन ने पटाखा गोदाम पर बडी कार्यवाही करते हुये बीस लाख के पटाखे जप्त किये है पटाखा व्यापारी ने बिना अनुमति के अवैध तरीके से रिहायशी इलाके में पटाखा गोदाम बना रखा था। प्रशासन को सूचना लगी थी कि आगामी त्यौहार दशहरा, दीपावली को देखते हुये पटाखा व्यापारी ने बिजावर रोड़ के रिहायशी इलाके मे पटाखों का स्टोक करके अवैध रूप से रखा है इसी सूचना के आधार पर एसडीएम की अगुवाई मे रात मे छापा मारा गया जहां भारी मात्रा मे पटाखे जप्त कियेगए प्रशासन ने जब व्यापारी से पटाखे रखने के लाईसेंस मांगा तो उन्होने पटाखा का लाईसेंस नही दिखाया तब प्रशासन ने विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखे जप्त कर लिये हैं और जिस मकान को किराये पर लेकर उसमे पटाखे रखे थे उस मकान मालिक पर भी कारवाई की जा रही है।
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हादसे में दो की मौत,एक घायल दो मोटर साइकिलों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई यह भिड़ंत इतनी खतरनाक थी कि हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और एक युवक घायल हो गया। सितारगंज में पीलीभीत रोड पर चीनी मिल के पास दो मोटरसाइक्लो की आमने-सामने टक्कर हो गई हादसे में दो युवकों की मौके पर मौत हो गई जबकि बाइक पर सवार तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायल की हालत नाजुक देख उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया सुखदेव सिंह सितारगंज क्षेत्र से अपना काम कर शाम को अपनी मोटरसाइकिल से घर वापस जा रहे थे तभी पीलीभीत रोड पर सामने से मोटरसाइकिल से टक्कर हो गई टक्कर इतनी भयानक थी कि 28 वर्षीय सुखदेव सिंह और 30 वर्षीय भगवान दास की मौके पर ही मृत्यु हो गई वहीं एक मोटरसाइकिल सवार रिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया मामले की जांच में जुट गई है।
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कई पुलिस कर्मियों का भी हुआ सम्मान सड़क दुर्घटना का शिकार हुए लोगों की तत्काल मदद कर उन्हें इलाज दिलवाने वाले सिपाही धीरज चौधरी का सामाजिक संस्थाओं ने सम्मान किया। सामान्य तौर पर ऐसे में लोग पीड़ित की मदद करने की बजाये उसके वीडियो बनाने में लग जाते हैं। राष्ट्रीय जाट एकता मंच व सर्व समाज एकता मंच के सदस्यों द्वारा धीरज सिपाही चौधरी को फूल माला व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। साथ ही डोईवाला कोतवाली में मौजूद सभी पुलिस कर्मियों को भी सम्मानित किया। सम्मानित करने पहुंचे राष्ट्रीय जाट एकता मंच व सर्व समाज एकता मंच के सदस्य हरेंद्र बालियान ने सिपाही धीरज चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जो सराहनीय कार्य धीरज चौधरी द्वारा किया गया आजकल ऐसा कार्य लोगों द्वारा बहुत कम ही किया जाता है। दरअसल डोईवाला सॉन्ग नदी पुल पर दो दिन पहले दो बाइक सवार युवकों का एक्सीडेंट हुआ था, उसी दौरान सिपाही धीरज चौधरी ने घायल को देखा तो तत्काल किसी का इंतजार किए बिना उन्हें इलाज के लिए अस्पताल अपने वाहन में ले कर गए।
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कब्जाधारियों से खाली कराने के लिए भटक रही , रो रो कर शासन प्रशासन से लगा रही हैं गुहार एक 75 वर्ष दिव्यांग महिलाअपना घर खाली कराने के लिए रो रो कर प्रशासन से गुहार लगा रही हैं। महिला के घर पर एक व्यक्ति ने जबरन कब्ज़ा कर लिया हैं। अपना घर खली करने के लिए ये महिला शासन - प्रसाशन के चक्कर लगा कर थक चुकी हैं। परासिया थाने की रहवासी एक 75 वर्ष दिव्यांग महिला अपना घर खाली कराने के लिए रो रो कर प्रशासन से गुहार लगा रही हैं। 1 माहने पहले भी शिकायत करने पहुंची थी। जहाँ आश्वासन मिला मगर उस बुजुर्ग महिला को न्याय नही मिला। फिर न्याय की आस में यह महिला परासिया अनुविभागीय अधिकारी जितेंद जाट से शिकायत करने अपने छोटे बेटे के साथ पहुंची जहाँ फिर इन्हे आश्वासन मिला 1 माह ने के अंदर कब्जाधारी व्यक्ति को निकाल दिया जाएगा। अब देखना ये हैं की दिव्यांग महिला को न्याय मिलेगा या यूँ ही दर दर भटकना पड़ेगा।
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पुलिस के अभियान में हत्थे चढ़े जुआरी उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाये जा रहे अपराधिओ व अबैध गति विधियां के विरुद्ध आपरेशन के तहत मुखबिर की सुचना पर एक घर में जुआ खेलते हुए लगभग सत्रह जुआरियों को पुलिस ने हिरासत में लिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर तीन थानों की संयुक्त कार्यवाही के बारे में पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस की संयुक्त टीम को जुआ खेल रहे सतरा जुआरिओ को गिरफ्तार करने मे बडी कामयावी मिली है। जुआरियों के पास से सात लाख वाबन हजार रुपये, ताश के पत्ते, पंद्रह मोबाइल, ओर ग्यारह मोटर साइकिल बरामद की गई है। सभी अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ़्तारी के दोरान पुलिस टीम मे एस एस आई प्रदीप मिश्रा, अनिल जोशी, एस आई नवीन बुध्धानी, कोशल भाकुनी, मनोहर चंद, होशियार सिंह, संतोष देवरानी, मनोज जोशी, कंचन पडलिया, कपिल कम्बोज, सुनील सुतेडी के साथ पुलिस बल मोके पर मोजूद रहा।
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पानी में तैरता हुआ मिला शव एक लापता युवक की लाश नदी में तैरती हुई मिली है। माना जा रहा है कि मछली पकड़ने के दौरान युवक फिसल कर पानी में गिर गया और डूबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कोनिया कोठार के 20 वर्षीय लापता युवक की लाश नदी में तैरती मिली मृतक मनीष रावत मछली पकड़ने गया था। जब वो वापस घर नहीं पहुंचा। तो परिजनों व् ग्रामीणों ने उसे ढूंढ़ना शुरू कर दिया। ग्रामीणों और परिजनों जब नदी के पास पहुंचे तो मनीष रावत की लाश पानी में तैरती नजर आई। जिसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को पानी से बाहर निकलवाया व पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों का सौंप दिया पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों का मानना हैं कि मनीष मछली पकड़ने के लिए गया हुआ था इसी दौरान उसका पैर फिसल गया होगा और नदी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
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पंजाबी ढाबे पर बदमाशों ने चलाई थी गोलियां पंजाबी ढाबे में घुसकर देर रात अंधाधुन्द गोलिया बरसाने वाले अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। आपको बतादे की सितारगंज में देर रात 11:30 बजे SH हॉस्पिटल के पास पंजाबी ढाबे पर एक काली स्कॉर्पियो में आए तीन से चार लोगों ने फायरिंग कर दी। फायरिंग होने के से चार लोगो झर्रे लगने से घायल हो गए थे। पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया बदमाशों की धरपकड़ शुरू कर दी। मामला 30 सितंबर की रात एन एच 74 पर पंजाबी ढाबे का हैं। जहाँ पर तीन से चार बदमाशों ने फायरिंग की थी। मामला दर्ज होने के बाद सितारगंज पुलिस ने फायरिंग करने वालों पर कार्यवाही करते हुए एक आरोपी को चीकाघाट पुल के पास से गिरफ्तार किया। बदमाश के बाकि साथियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई हैं। एन एच 74 पंजाबी ढाबे पर 3 से 4 लोगों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जिसमें लगभग चार लोग फायर के छर्रो की चपेट में आकर घायल हो गए थे। सितारगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और टीम गठित की आरोपी के गिरफ्त में आने के बाद एस पी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि आरोपी सर्वजीत सिंह को चिकाघाट पुल के पास से गिरफ्तार किया गया है। अन्य साथियों की तलाश भी पुलिस कर रही है। जल्द ही उनको भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। घटना में इस्तेमाल 12 बोर का एक तमंचा बरामद किया गया है।
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हत्या या आत्महत्या, पुलिस जाँच में जुटी छतरपुर में प्रेमी जोड़े का कंकाल मिलने से सनसनी फ़ैल गई। चरवाहों ने जब प्रेमी जोड़े का कंकाल पेड़ पर लटका देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। अब यह हत्या है या आत्महत्या पुलिस इसकी जांच कर रही है। छतरपुर के बाजना थाना क्षेत्र के नयाखेरा के अदल याऊ हार में पेड़ से लटका दो लोगों का शव मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई। बकरी चराने गए चरवाहों ने जब पेड़ पर लटके कंकाल को देखा तो तुरंत गाँव वालो की मदद से पुलिस को सूचना दी गई। मृतकों की शिनाख्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जुग्गु बाई रैकवार और उन्नीस वर्षीय मनीष रैकवार के रूप में हुई है। दोनों का आपस में प्रेम प्रसंग चल रहा था। वहीँ दोनों पिछले एक महीना से लापता थे। मृतक प्रेमिका तीन बच्चो की माँ है। जिसका पति गणेश रैकवार जंगली जानवर के शिकार के मामले में जेल में है। अब इस प्रेमी जोड़े की हत्या हुई है इन्होने आत्महत्या की है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
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परिजनों को दी जान से मारने की धमकी दतिया से सामने आई घटना बच्चों को डरा रही हैं। परेशान कर रही है और और अभिभावकों को गुस्सा भी दिला रही है। ड्रीम एक्सीलेंस पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने पांचवी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को इतनी बेरहमी से पीटा है कि छात्रा के शरीर में कई जगह चोट के निशान बन गए हैं और टीचर की गुंडई इस हद पहुँच गई कि जब बच्ची के परिजनों ने इस पिटाई का कारण पूछा तो टीचर ने जवाब में उन्हें जान से मारने की धमकी दे दी। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के कस्बा इंदरगढ़ में एक स्कूल है। जिसका नाम ड्रीम एक्सीलेंस पब्लिक स्कूल दस साल की खुशबु कुशवाहा इसी स्कूल में कक्षा पांचवी की छात्रा है। और इसी स्कूल में मुकेश कुशवाह नाम का एक शिक्षक है। स्कूल में खेलते समय खुशबु और इसी स्कूल में ही पढ़ने वाली भूमि का झगड़ा हो गया। जिस भूमि नाम की लड़की से खुशबु का झगड़ा हुआ। वो टीचर मुकेश कुशवाहा के चाचा की लड़की है। जैसे ही झगडे की बात टीचर मुकेश कुशवाहा को पता चली तो वो झल्ला गया और छड़ी उठाकर बहुत ही बेहरहमी के साथ खुशबू को पीटने लगा। पिटाई से खुशबु को कई जगह चोट आई है। जब बच्चो के परिजनों को इस बात का पता लगा तो उन्होंने स्कूल पहुंचकर बच्ची को मारने का कारण पूछा जिसके बाद मुकेश कुशवाहा ने बच्ची के परिजनों को जान से मारने की धमकी दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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लोकेश सैनी को 202 वोट से हराया भगवानपुर के हाल्लूमजरा में हुए उपचुनाव में शाइस्ता ने जीत हासिल कर ली है। प्रधान पद के लिए हुए उपचुनाव में शाइस्ता ने अपनी प्रतिद्वंदी लोकेश सैनी को 202 वोटो से मात दी है.जिसके बाद से समर्थकों में जश्न का माहौल है। भगवानपुर के हाल्लूमजरा ग्राम में प्रधान पद के लिए हुए उपचुनाव में शाइस्ता पत्नी नसीम ने जीत हासिल कर ली है। उपचुनाव में शाइस्ता ने लोकेश सैनी पत्नी राजेश सैनी को 202 वोट से शिकस्त दे दी। जीत के बाद शाइस्ता ने सभी मतदाता और अपने समर्थकों का आभार जताया और गाँव का विकास करने वादा किया। इसके साथ ही समर्थकों ने खूब जश्न भी मनाया। इस मौके पर मोहम्मद हसीन ने कहा कि यह जीत सच की जीत है। लोगो ने सच्चाई का साथ दिया है। वहीँ राशिद अली एडवोकेट ने कहा कि अब गाँव में ऐसा विकास होगा जो पहले कभी नहीं हुआ।
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धान खरीदी शुरू करने की मांग अभी तक धान की खरीदी शुरू नहीं हुई है। जिससे किसान काफी आक्रोश में नजर आ रहे हैं। नाराज किसानों ने तहसील का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष गुरुसेवक सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार हमें धरना पर बैठने के लिए मजबूर ना करें वरना तहसील घेरेंगे और हाईवे भी जाम कर देंगे। धान की खरीदी अब तक शुरू नहीं हो पाई है। जिससे किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ते जा रहा है। उधम सिंह नगर के खटीमा में नाराज किसानों ने तहसील का घेराव कर दिया और धान खरीद शुरू करने के लिए जमकर नारेबाजी की किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरसेवक सिंह ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है। सरकार और राइस मिलर आपस में मिले हुए हैं। आज किसानों के साथ शोषण हो रहा है अत्याचार हो रहा है। सरकार को चेतावनी देते हुए गुरसेवक सिंह ने कहा कि हमें धरने पर बैठने के लिए मजबूर ना किया जाये वरना किसान तहसील का घेराव करेंगे और हाईवे भी जाम कर देंगे। वही इस मामले में खटीमा के तहसीलदार हिमांशु जोशी का कहना है कि किसानों की मांगे सुनी गई है। कई सेंटर पर जांच कर पता चला है कि टेक्निकल इश्यू की वजह से सेंटर शुरू नहीं हो पाए है है जल्द से जल्द इन सेंटर को शुरू कर दिया जाएगा। वहीं एस एम आई अधिकारी जगदीश कॉलोनी ने कहा कि आवेदन मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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गाँव में लगा बधाई देने वालो का ताँता ख्वाहिश है जो उड़ने की तो पैरों की क्या जरूरत माद्दा है तो आसमां में हौसलों से पहुंच जाना इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है छतरपुर जिले के छोटे से गांव से आने वाली क्रांति गोड़ ने मध्य प्रदेश की अंडर -19 रणजी ट्रॉफी महिला क्रिकेट टीम में क्रांति गोड़ का सिलेक्शन हुआ है इसके बाद उनके घर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है। छतरपुर के छोटे से गांव भगंवा थाना के घुवारा की रहने वाली क्रांति गोड़ देश की उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरी है जो दिन रात मेहनत कर अपने सपने को पूरा करना चाहती हैं मध्य प्रदेश की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम में क्रांति गोड़ का चयन हुआ इस उपलब्धि को हासिल कर उन्होंने न सिर्फ अपना और अपने परिवार का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है क्रांति गोड़ ने जिला क्रिकेट अकैडमी छतरपुर, अपने माता-पिता और दोस्तों को अपनी सफलता का श्रेय दिया है क्रांति गौड़ ने अपनी क्रिकेट की यात्रा को याद करते हुए बताया कि उन्होंने अपना पहला मैच सागर टीम से खेला था।
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पुलिस ने मौके पर पहुंच के चोरो को धर दबोचा पुलिस तत्परता से काम किया और तीन शातिर चोरों को धरदबोचा पुलिस ने उनके पास से चोरी हुए मोबाइल वा चांदी के आभूषण सहित अन्य सामान भी बरामद किया गया है। घटना काशीपुर में स्थित एक मकान की बताई जा रही हैं... जहां रहने वाले मोहसिन ने पुलिस को बताया की जब उन्होंने सुबह देखा तो उनका गेट खुला हुआ था.. और साथ ही घर से सामान भी गायब था... जिसके बाद चौकी प्रभारी सुनील सुतेडी के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गयी और शातिर चोरों को कब्रिस्तान के पास चोरी की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया गया और उनके पास से एक 315 बोर की बंदूक मय कारतूस, दो चाकू सहित चांदी के आभूषण और मोबाईल फोन भी बरामद किये हैं।
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लाखों का नशीला पदार्थ किया जब्त आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन नशीले पदार्थ की तस्करी को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहा है सिंगरौली में पुलिस ने दो शख्स के पास से लाखों रुपए का नशीला पदार्थ जब्त किया है मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है ऐसे में प्रशासन किसी भी तरह के नशीले पदार्थ की तस्करी को रोकने का पूरा प्रयास कर रहा है सिंगरौली जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारी को नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है इसी आदेश का पालन करते हुए मांड़ा पुलिस की बधौरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुखबिर की सूचना पर नशीले पदार्थ की तस्करी करते दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है आरोपी के पास से 53 किलो 800 ग्राम गांजा किया है जिसकी कुल कीमत 10 लाख 76 हजार रुपये है गांजा छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से लाया गया था इसके साथ ही आरोपियों के पास से नकद रुपए और वाहन भी जब्त किये गए है पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।
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बुजुर्ग और दिव्यांग करेंगे घर से वोट मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं ऐसे में चुनाव आयोग और प्रशासन भी अपनी तैयारियां पुख्ता कर चुका है चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची भी जारी कर दी है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है परासिया में SDM पुष्पेंद्र निगम ने विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बताया कि सभी 245 मतदान केंद्रों में मतदान सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है परासिया तहसील में कुल मतदाता की संख्या लगभग दो लाख उन्नीस हजार है पुष्पेंद्र निगम ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में दिव्यांग मतदाता और 80 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग मतदाताओं को घर से वोट करने सुविधा मिलेगी पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जितेंद्र जाट ने असामाजिक तत्वों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि व्हाट्सप्प या अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म में भ्रामक या फेक खबर फ़ैलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी फेक खबर फ़ैलाने वाले शख्स और ग्रुप एडमिन दोनों को पुलिस अच्छा सबक सिखाएगी।
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जाँच के लिए मरीजों अब देना पड़ेंगे ज्यादा पैसे कुमाऊँ के बड़े अस्पताल एसटीएच की केन्द्रीय लैब के निजी हाथों में जाने की तैयारी है लैब के निजी हाथों में जाने का सीधा असर मरीज की जेब पर पड़ेगा एसटीएच की केन्द्रीय लैब को निजी हाथों में दिया जा रहा है हल्द्वानी में चल रही निजी लैबों की जांच दरों से तुलना करें तो जांच के लिए एसटीएच में जो पैसे दिए जा रहे हैं अब उससे 5 से 6 गुना तक अधिक देने पड़ सकते हैं इसका सबसे बड़ा नुकसान आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को होगा सुशीला तिवारी अस्पताल में केन्द्रीय लैब के तीन अंग हैं माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री तीनों में एसटीएच की ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी में आने वाले करीब 700 से ज्यादा मरीजों की जांचें होती हैं सरकारी छूट के चलते वर्तमान में यहां जांचें बाजार की तुलना में बेहद सस्ती हैं।
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दोनो पक्षों ने दर्ज कराई पुलिस रिर्पोट एक दरवाजे ने दो परिवारों के बीच में जमकर विवाद करवा दिया ये विवाद इतना बढ़ा की मामला पुलिस तक पहुँच गया है फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों को झगड़ा न करने की नसीहत दी है। देहरादून के विजय कालोनी में दो परिवारों में दरवाजा निकालने को लेकर झगड़ा हो गया दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ कब्जा करने के आरोप लगाए हैं दूध का कारोबार करने वाले यादव परिवार पर दूसरे पक्ष ने गैरकानूनी तरीके से दीवार तोड़ कर दरवाजा निकालने का आरोप लगाया तो दूसरे पक्ष कोठारी परिवार ने सार्वजनिक मार्ग को बन्द कर आने जाने पर रोक लगाने का आरोप लगाया है इसको लेकर इनके बीच कई बार मारपीट होने पर मामला पुलिस तक भी पहुँच गया है रूपाली यादव ने आरोप लगाया कि उसके और उसके परिवार के साथ कई बार मारपीट की गई और आने जाने वाले रास्तों पर गाली गलौज की जाती है दूसरी तरफ कोठारी परिवार का कहना है कि यादव परिवार अपनी बेटी को आगे करके महिला होने का फायदा उठाकर कर सचिन कोठारी पर छेड़खानी आरोप लगाया और पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज करवा दी है।
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दूसरे समुदाय की लड़की को भगा ले गया दूसरे समुदाय की नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने के आरोप में पुलिस ने एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले ही नाबालिग लड़की के परिवार ने लड़की के गुमशुदा होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई थी। काशीपुर के थाना कून्डा में श्याम नगर निवासी मुरारी लाल सैनी ने अपनी नाबालिग बेटी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। परिवार जन ने नईम खान नाम नाम के शख्स पर लड़की को भगा ले जाने का शक जताया था। मामले को लेकर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच शुरू की तो पुलिस को जानकारी मिली की नईम खान जो कि ग्राम सन्यासीबाला थाना जसपुर का निवासी है नाबालिग लड़की को भागकर हैदराबाद ले गया है। कून्डा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए युवक को गिरफ्तार कर उस पर मुक़दमा दर्ज कर लिया है और नाबालिग लड़की को भी बरामद कर लिया है।
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मलबे में फसे दो लोग सतना में भीषण हादसा हुआ है। तीन मंजिला इमारत गिर जाने से इलाके में अफरा तफरी मच गई हे। मलबे में दो लोग फंस गए। जिन्हे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सतना में उस वक्त अफरा तफरी और हाहाकार मच गया जब शहर के बिहारी चौक में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई। मलबे में दो लोग फंस गए। जिन्हे सुरक्षित मलबे से बाहर निकालने के लिए बचाव दल ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची वही विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, महापौर योगेश ताम्रकार और पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी ने भी घटनास्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इमारत के मालिक का नाम छत्तूमल सबनानी है। ईमारत में कपड़ो के शोरूम थे वहीँ ईमारत की ऊपरी मंजिल पर रिनोवेशन का काम चल रहा था।
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वन विभाग के हाथ अब तक खाली चम्पावत में गुलदार के हमले लगातार बढ़ते जा रहे है वही वन विभाग की टीम गुलदार को अब तक नहीं पकड़ पाई है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। चंपावत जनपद के टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूखीढांग क्षेत्र में गुलदार के बढ़ते हमले से ग्रामीणवासी परेशां है पिछले कुछ दिनों में गुलदार कई लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर चुका है तो वहीं एक ग्रामीण महिला की मौत भी हो गई है वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है गुलदार को पकड़ने के लिए जगह-जगह पिंजरे लगा दिए गए है वही क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर टीम भी तैनात कर दी गई हैं वन विभाग की टीम अब तक गुलदार नहीं पकड़ पाई है जिससे ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ते जा रहा है ग्रामीणों को अपने बच्चो की शिक्षा और जीवन की चिंता सता रही है।
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झाड़ फूँक कराना भारी पड़ा सांप काटने के बाद झाड़ फूँक कराना मासूम बच्ची और उसके परिजनों पर भारी पड़ गया झाड़ फूँक के बाद चार साल की मासूम बच्ची की हालत और बिगड़ गई जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई पर रास्ते में ही मासूम बच्ची ने अपना दम तोड़ दिया। अमरपाटन थाना के ग्राम धमना में चार वर्षीय मासूम बच्ची दीपांजलि कोल को जहरीले सांप ने काट लिया जिससे उसकी मौत हो गई घटना सुबह चार बजे की है जब बच्ची अपने घर में सो रही थी तभी सांप ने बच्ची को काट लिया जिसके बाद परिजन बच्ची को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूँक करवाने ले गए जहाँ बच्ची की हालत और बिगड़ गई जिसके बाद बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया जहाँ बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल सतना रेफर कर दिया गया जिला अस्पताल पहुँचने से पहले ही बच्ची ने रास्ते में अपना दम तोड़ दिया शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है।
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सोते समय कुल्हाड़ी से किया वार छतरपुर में एक मां ने अपनी बारह साल की बेटी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी मामला सामना आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गई है पुलिस ने आरोपी माँ को गिरफ्तार कर लिया है। छतरपुर के भगंवा थाना के पुतरीखेरा गांव में एक मां ने कुल्हाड़ी से वार करके अपनी बारह साल की बेटी को मौत के घात उतार दिया जिस वक़्त आरोपी महिला ने इस घटना को अंजाम दिया उस समय उसका पति काम के सिलसिले में घर से दूर था वहीं उसकी बेटी और 9 साल का बेटा घर में ही सो रहे थे तभी आरोपी महिला ने कुल्हाड़ी से पांच बार अपनी बेटी की गर्दन पर वार किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई घटना देख बेटा घर से बहार भागा और मोहल्ले वालों को घटना के बारे में बताया मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी मच गई पुलिस ने आरोपी माँ को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है आरोपी मां की मानसिक हालत कमजोर है जिसका लम्बे समय से इलाज चल रहा है।
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भारी मात्रा में अवैध गुटखा बरामद छतरपुर में प्रशासन ने अवैध गुटखा फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की है कार्रवाई में भाजपा नेता की फैक्ट्री से भी गुटखा बनाने का कच्चा माल बरामद हुआ है। छतरपुर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध गुटखा फैक्ट्री में छापा मारा जिसमे भाजपा नेता हरिश्चंद्र द्विवेदी की फैक्ट्री भी शामिल है छापामार कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने फैक्ट्री से सात मसीने तीस बोरी इललीगल गुटखा और कच्चा माल बरामद किया है कार्रवाई के बाद नौगांव एसडीएम गीता माधवानी ने कहा की पिछले कई दिनों से मिल रही शिकायत के आधार पर यह करवाई की गई है और भी जगह की सूचना प्राप्त होने पर इसी तरह छापामार कार्रवाई की जाएगी।
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महिला के सिर पर गिरी ईंट निर्माणाधीन भवन में लापरवाही के चलते ऊपर ऐ एक ईंट महिला के सिर पर गिर गई जिस कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन की नवनिर्मित बिल्डिंग से ईंट गिरने से महिला घायल हो गई दरअसल रामकली गुप्ता नाम की महिला वाटरकूलर से पानी भर रही थी इसी दौरान बिल्डिंग निर्माण कार्य के दौरान महिला के ऊपर ईंट गिरी जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हुए ईंट गिरने से महिला के सर पर गंभीर चोट आई हैं महिला को ईलाज के लिये CHC लाया गया जहाँ ईलाज बाद गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर किया गया घटना के बाद परिजन अमरपाटन थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज करवाई हैं।
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पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई हाथी दांत की तस्करी कर रहे तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है बरामद हाथी दांत की कीमत करीब बारह लाख रुपए है पुलिस तस्करों से गहन पूछताछ कर रही है। काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की टीम ने हाथी दांत की तस्करी करते तीन लोगो को धर दबोचा है पुलिस ने तस्करों के पास से 2 फीट 8 इंच लम्बाई का हाथी दांत बरामद किया है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बारह लाख रुपए है काशीपुर के पास बन्ना खेड़ा स्थित फ्लाईओवर पुल के नीचे एक महिला और दो युवक हाथी दांत की डील कर रहे थे तभी पुलिस ने हल्द्वानी निवासी आरोपी देवेंद्र सिंह और मनोज वोरा सहित सुखमणि देवी रावत जो की चंपावत की बताई जा रही है को गिरफ्तार किया और थैले से हाथी दांत बरामद किया तीनो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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अचानक खेत में ही उतारना पड़ा हेलीकॉप्टर हवा में उड़ते सेना के एक हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी खराबी आ गई ऐसे में पायलट ने सूझबूझ से काम लिया और हेलीकॉप्टर की एक खेत में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। आसमान की ऊंचाइयां नापते सेना के हेलीकॉप्टर को अचानक क्या हुआ कि वो भोपाल की बैरसिया तहसील के डूंगरिया गाँव के ऊपर उड़ने लगा हेलीकॉप्टर अचानक नीचे आना शुरू हुआ और एक खेत में उतर गया ये सेना के इस हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग थी ये लैंडिंग डूंगरिया गांव के डेम के पास एक खेत में हुई हेलीकॉप्टर में सेना के 6 जवान है सवार थे जो सभी सुरक्षित हैं कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण इसे इमरजेंसी लैंडिंग करना पडी ग्रामीणों के अनुसार हेलीकॉप्टर गांव और डैम के आसपास चक्कर लगा रहा था और फिर खेत में उतरा इस बारे में पुलिस ने बताया हेलीकॉप्टर के टेल रोटर में वाइब्रेशन होने लगा था जिसकी वजह से इमरजेंसी लैंडिंग की गई टेल रोटर हेलीकॉप्टर के पिछले सिरे पर पाया जाता है और इसका प्राथमिक कार्य मुख्य रोटर द्वारा टॉर्क प्रभाव का प्रतिकार करना है यदि टेल रोटर नहीं होता, तो हेलीकॉप्टर मुख्य रोटर की विपरीत दिशा में घूमता है।
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शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा अमरपाटन में बिजली का करंट लगने से एक महिला की मौत हो गई महिला को घर में काम करते समय करंट लगा। घटना अमरपाटन के लालपुर की है जहाँ एक महिला अपने घर के पीछे ही काम कर रही थी इसी दौरान उसे बिजली का करंट लगा जैसे ही परिजनों को इस घटना का पता लगा आनन फानन में परिजन महिला को सीएचसी अमरपाटन लेकर पहुंचे जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया शव का पोस्टमार्टम परिजनों को सौंप दिया गया है।
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मामले की जांच में जुटी पुलिस अमरपाटन में चौबीस वर्षीय नवविवाहिता युवती ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। अमरपाटन के सुभाष काम्प्लेक्स के पास रहने अग्रवाल परिवार में 24 वर्षीय नवविवाहिता युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना की जानकारी लगते ही थाना प्रभारी आदित्य सेन पुलिस बल व तहसीलदार मौके पर पहुँचे थे। हालांकि आत्महत्या के पीछे की वजह का खुलासा अब तक नहीं हो सका है। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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होटल,रिसोर्ट संचालकों के विरुद्ध हुई कार्यवाही अवैध रूप से शराब पिलाने वाले कैंपो होटल और रिसोर्ट संचालकों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्यवाही शुरू की है। मुनि की रेती के शिवपुरी क्षेत्र में अवैध रूप से शराब पिलाने वाले 25 स्थानों पर छापेमारी की गई और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। मुनि की रेती पुलिस द्वारा एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के निर्देश पर अवैध रूप से शराब पिलाने और परोसने वाले के यहाँ छापे मारे और तफ्तीश की। थाना मुनि की रेती पुलिस ने शिवपुरी क्षेत्र में रॉयल ग्रीन, मूनलाइट, ब्लू हेवन रिजॉर्ट, ब्लू मून, स्टेइंग कैम्प,पाम रिसोर्ट यूनिकॉर्न आदि 25 कैम्पों व रिसोर्ट को चेक किया गया। पुलिस टीम द्वारा ब्लू हेवन कैंप को चेक किया गया तो वहां कैम्प संचालक दीपक चौधरी कैंप में अवैध रूप से शराब पिलवा रहा था। एक अन्य कैंप रॉयल ग्रीन को चेक करने पर कैंप संचालक देवेंद्र सिंह द्वारा अवैध रूप से शराब परोसी जा रही थी। इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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श्रद्धालु खुले में शौच पर जाने को मजबूर दुनिया भर से श्रद्धालु यमुनोत्री धाम माँ यमुना के दर्शन करने आते हैं लेकिन जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक में शौचालय नहीं है जिससे श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। माँ नर्मदा के दर्शन करने देश विदेश से लाखों श्रद्धालु यमुनोत्री धाम आते है पर जानकी चट्टी से यमुनौत्री धाम तक के रास्ते पर श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए शौचालय नहीं है जो थोड़े बहुत शौचालय है उनमे बहुत ज्यादा गंदगी है और उन शौचालय में पानी की व्यवस्था भी नहीं है ऐसे में लोग खुले में शौच पर जाने को मजबूर है स्वच्छ भारत मिशन के बीच यह तस्वीर जमीनी हकीकत बयां करती है।
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जाँच के लिए भेजा गया सैंपल खटीमा में शिवसैनिक और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मिलकर अवैध मांस से भरा छोटा हाथी पकड़ा. वाहन चालक और उसके सहयोगी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आगे की जांच के लिए मास का परीक्षण कराया जा रहा है। खटीमा के शिवसेना नगर अध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में शिवसेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नगर के मुख्य चौक पर अवैध मास से भरा छोटा हाथी पकड़ा शिवसेना नगर अध्यक्ष का दावा है कि यह गौमांस है. वही क्षेत्रीय पशु चिकित्सक संजीव शर्मा ने बताया कि प्रथम दृष्टि से यह भैंस का मांस प्रतीत हो रहा है पुख्ता पहचान के लिए मास का सैंपल ऋषिकेश लैब भेजा जा चुका है छोटा हाथी वाहन के चालक और उसके सहयोगी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वही इस पूरे मामले में खटीमा कोतवाली के उपनिरीक्षक अशोक कुमार का कहना है मास का सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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घटना के बाद आरोपी पति हुआ फरार छतरपुर से दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई है जहाँ पति ने डंडा मारकर अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया मामला सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फ़ैल गई मृतक की मां का रो रो कर बुरा हाल है। छतरपुर में नौगांव थाने के वार्ड नंबर 18 में एक युवक ने अपनी पत्नी को डंडा से मारकर मौत के घात उतार दिया घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पति बच्चे को लेकर फरार हो गया मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक अक्सर शराब के नशे में पत्नी से मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था घटना के बाद मृतक की माँ का रो रो कर बुरा हाल है और वो प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है फॉरेंसिक और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
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आदिवासियों के साथ किया भोजन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार है सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव छतरपुर पहुंचे इस दौरान उन्होंने आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन किया और भाजपा पर तगड़ा निशाना साधा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जब छतरपुर की राजनगर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी ग्राम सिगरों पहुँचे तो सपा कार्यकर्ताओं और आदिवासियों ने फूल मालाओं से अखिलेश यादव का स्वागत किया आदिवासियों ने अखिलेश के स्वागत में लोकनृत्य किया सपा अध्यक्ष ने आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन किया इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा की जब तक पिछडो, दलितों और आदिवासियों को शिक्षा नहीं दी जायगी तब तक देश प्रदेश खुशहाली के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता भाजपा लोगो को लालच देकर वोट लेना चाहती है।
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कौमी एकता की दिखी मिसाल इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन पूरे देश में जश्न और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस मौके पर कौमी एकता की खूबसूरत तस्वीर मैहर में देखने मिली जहा हिन्दू समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए शरबत का इंतजाम किया इस्लान धर्म के आखरी नबी मोहब्बद साहब का जन्मदिन ईद मिलाद उन नबी के रूप में मनाया गया मसूरी में सैकड़ो मुस्लिम समुदाय लोगों ने मिलकर जुलूस निकाला नात शरीफ पढ़ी और केक काटकर खुशियां मनाई इस मौके पर लोगों ने अपने घरों को सजाया और जगह जगह फल और मिठाईया बाटी वही कौमी एकता का सन्देश देते हुए हिन्दू समुदाय के लोगों ने जुलूस में शामिल लोगो के लिए शरबत का इंतज़ाम किया।
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लोगो को दिया स्वच्छता का संदेश विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर नगर पालिका परिषद मसूरी ने स्वच्छता अभियान चलाया इस मौके पर गांधी चौक से कैमल बैक तक रैली निकालकर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया....वहीं नगर पालिका के अधिकारियों ने निर्माणाधीन एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट का भी निरीक्षण किया। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर देश भर मे अनेकों कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस मौके पर नगर पालिका परिषद मसूरी ने गाँधी चौक से कैमल बैक तक स्वच्छता अभियान चलाया और रैली निकालकर साफ़ सफाई का महत्व लोगो को बताया वहीँ नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका अधिकारियों ने आईडीएच बिल्डिंग के निकट बन रहे एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट का निरिक्षण किया अनुज गुप्ता ने कहा कि बहुत जल्द एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट बनकर तैयार हो जायेंगे और यहाँ के निवासियों को इसका लाभ मिलेगा।
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सतपाल महाराज ने किया उद्घाटन विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हेलीपैड और देश के पहले कार्टोग्राफिक म्यूजियम का उद्घाटन किया इस मौके पर सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मसूरी पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जॉर्ज एवरेस्ट में हेलीपैड और फोटोग्राफी म्यूजियम का उद्घाटन किया इस मौके पर उन्होंने कहा कि यहाँ हेलीपैड बनने से हवाई सेवा संचालित होगी साथ ही पर्यटन को भी अधिक बढ़ावा मिलेगा यह हेलीपैड देश के महान गणितज्ञ राधानाथ श्रीधर को समर्पित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टूरिस्म को बढ़ावा देने की बात हमेशा करते है पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पिथौरागढ़ स्थित सरमोली गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज का खिताब मिलना बहुत ही गर्व की बात है यहाँ देश के पहले कार्टोग्राफिक म्यूजियम का उद्घाटन हुआ है जो आने वाली नई पीढ़ी को बताएगा कि कैसे पैदल चलकर जंजीरो के जरिये ऐवरेस्ट की उचाई को नापा गया था।
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अश्वनी मित्तल को पुलिस ने किया गिरफ्तार तक़रीबन 205 करोड़ डकारने वाले बड़े काण्ड के आरोपी दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को भी गैंगेस्टर एक्ट में पुलिस ने गिरफ़्तार किया है इस मामले की जांच में अभी कई और खुलासे होना हैं निवेशकों के करोड़ों रुपए पचा जाने वाले बहुचर्चित काण्ड के आरोपी गैंगेस्टर दीपक मित्तल के पिता अश्विनी मित्तल को भी इस मामले में सह अभियुक्त बनाया गया है देहरादून पुलिस ने अश्विनी नित्तल को गैंगेस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया है व्हाइट कलर क्राइम में लिप्त अपराधियों पर अभियान चलाकर दून पुलिस सख्त कार्यवाही कर रही है आर्थिक अपराधों में शामिल सभी अपराधियों को किसी भी दशा में अब बक्शा नहीं जायेगा और इनकी सम्पत्तियों को जब्त करने के प्रक्रिया भी तेजी से आरम्भ की जाएगी एसआईटी द्वारा उक्त प्रकरण में कार्यवाही करते हुऐ पुष्पांजलि डेवलपर्स व उसके अन्य सहयोगियों के कुल 41 अलग-अलग बैंक खातों, जिनमें वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक लगभग 205 करोड का लेन-देन होना प्रकाश में आया है, को फ्रीज करवाया गया है खातों की जांच में कई सफेदपोश बिल्डर व कम्पनियों के मालिक पुलिस जांच के रडार पर हैं।
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आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस हरदा के झालवा गाँव मे वन अमले ने अवैध सागौन से लदे एक वाहन को पकड़ा हे जिसकी कीमत लगभग 2 लाख से ऊपर हे हरदा में ऐसा पहली बार नही हो रहा हे पहले भी कई बार अवैध सागौन बरामद की गई है हरदा जिले में वन माफिया लम्बे आरसे से सक्रिय है। मामला हरदा जिले के झालवा गांव का हे जहा हंडिया वन अमले ने अवैध सागौन से लदे एक वाहन को पकडा हे हंडिया रेंजर सुरेश कुमार ने बताया की 32 लट्ठ से भरी पिकअप वैन जब्त की गई हे जिसकी कीमत लगभग सवा दो लाख रुपये है यह कार्यवाही उप वनमंडल अधिकारी संजय जैन एवं ओमप्रकाश बिडारे के मार्गदर्शन में की गई इसके सभी आरोपी अज्ञात हैं वन अपराध दर्ज कर प्रकरण की विवेचना कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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दोनों को सुरक्षित बचाया गया एक युवक और युवती ने गंगा नहर में छलांग लगाकर खुदकुशी की कोशिश की हालांकि मोनू जलवीर और जल पुलिस ने अपनी जान पर खेलकर दोनों को बचा लिया। रुड़की में एक युवक और युवती ने एक साथ अपनी जान देने की कोशिश की दोपहर के समय दोनों सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र में सोलानी पार्क के पास पहुंचे और गंगनहर में छलांग लगा दी जैसे ही यह घटना हुई आसपास लोगो की भीड़ जमा हो गई हालांकि जल पुलिस और मोनू जलवीर ने हिम्मत दिखते हुए अपनी जान भी जोखिम में डालकर युवक युवती को सुरक्षित बचा लिया जिसके बाद युवक और युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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फ़रीद,मेहबूब,इब्राहिम और आरिफ़ हुए गिरफ्तार गौ मांस की तस्करी करने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है इन अपराधियों के तार गौ तस्करी की घटनाओं से भी जुड़े हुए हैं काशीपुर में गश्त के दौरान बान्सफ़ोडान चोकी इंचार्ज सुनील सुतेडी ने चालिस किलो गौ मास के साथ अल्ली खाँ निवासी फ़रीद, मेहबूब, इब्राहिम ओर आरिफ़ को गिरफ्तार किया ये अलग अलग प्लास्टिक की थेली मे दस दस किलो गौ मास को ऊँचे दाम में बेच रहे थे पुलिस ने बताया चारो अभियुक्त काफ़ी लम्बे समय से गो तस्करी का कारोबार कर रहे थे जिनको मुखबिर की सुचना पर पुलिस टीम मे पकड़ा।
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पोस्ट डालने वाला पहुंच गया सीखचों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर तमंचे के साथ पोस्ट डालना एक युवक को भारी पड़ गया पुलिस ने इस युवक को पकड़ कर सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है। हल्दी ग्राम के निवासी गुरप्रीत सिंह ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें वो अवैध तमंचे एवं कारतूसों का प्रदर्शन कर रहा है जिसका संज्ञान लेते हुए खटीमा कोतवाली पुलिस के द्वारा आरोपी गुरप्रीत सिंह को हिरासत में ले लिया गया है आरोपी के पास से पांच जिंदा 32 बोर के अवैध कारतूस भी बरामद किए गए वही वीडियो में दिखाया गया तमंचा आरोपी ने पुलिस के डर से जंगल में फेंक दिया है जिसे आरोपी की निशान देही के आधार पर तलाशने की कोशिश की जा रही है वहीं आरोपी के विरुद्ध खटीमा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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एटीएम काट रहे थे ,पुलिस ने पकड़ा पुलिस की मुस्तैदी से बैंक में चोरी की बड़ी वारदात टल गई। चोर कटर से एटीएम काट रहे थे उसी समय पुलिस ने चोरों को धार दबोचा। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के इंडियन बैंक का हैं। जहाँ रामनगर थाना से महज 50 मीटर की दूरी पर बैंक चोरी व एटीएम चोरी के असफल प्रयास के आरोपी को रामनगर थाना प्रभारी ने पुलिस बल के साथ रंगे हाथ पकड़ा है। बैंक में कटर के साथ तीन दिन तक रेकी करने वाले बदमाश को एटीएम काटने के दौरान ही पुलिस ने धर दबोचा। बदमाश धीरज पटेल बैंक बन्द होते ही खिड़की की ग्रिल काटकर घुस जाता है और पूरे बैंक की रेकी करता है। अगले दिन रात को बैंक में घुसकर बैंक चेस्ट को काटने की कोशिश करता है और अलार्म सिस्टम बन्द कर देता है। चूंकि बैंक चेस्ट जिसमे पूरा कैश रखा रहता है उसे वह काट नही पाता तब एटीएम को काटने की प्लानिंग करता है। इसी दौरान मुस्तैद पुलिस उसे एटीएम काटते हुए पकड़ लेती है। ये सारी वारदात सीसीटीवी में भी कैद हुई हैं।
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लाखों का माल ले गए चोर चोरों ने एक बार फिर सूने घरों को निशाना बनाया और लाखों का माल लेकर चम्पत हो गए पुलिस मामले की तफ्तीश कर चोरों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। मैहर के आमडा नाला के ग्राम डाढ़ी स्थित ग्रीन सिटी हाउसिंग कॉलोनी के ए बी सी ब्लॉक के तीन सूने घरों से चोरों ने लाखों रुपए के माल पर हाथ साफ कर दिया जब मामले की जानकारी लोगों को लगी तो देवी जी धाम अरकंडी चौकी पुलिस थाने में मामले की जानकारी दी गई चोरों ने ग्रीन सिटी हाउसिंग कॉलोनी के ए ब्लॉक के मकान नंबर 7 पंडित अजीत पांडे वहीँ दूसरे मकान सी ब्लॉक के माकन नंबर 2 पंकज कनौजिया और बी ब्लॉक के 9 नंबर मकान आदित्य तिवारी के यहाँ की की है यह सभी लोग बाहर गए हुए थे तीनों घरों को सूना पाकर चोरों ने गेट का ताला काट कर लाखों रुपए के गहने और नगदी पार कर दी पुलिस इस घटना की जांच कर रही है।
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पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार डिंडोरी के जंगलों में शिकारी सक्रीय हैं पुलिस ने तेन्दुए की खाल की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से तेंदुए की खाल बरामद की है पुलिस ने जांच के दौरान वन्य प्राणियों की खाल की तस्करी करने वाले बड़े रैकेट का खुलासा होने की भी सम्भावना जताई है मामला डिंडोरी जिले के गाड़ासरई का बताया जा रहा है जहा पुलिस ने तेन्दुए की खाल की तस्करी करते हुए तीन आरोपीयो को गिरफ्तार कर उनके पास से तेंदुए की दो खाल और बाइक बरामद की है अनूपपुर जिले से तीन लोग तेन्दुए की खाल बेचने के लिए डिंडोरी के रास्ते से होते हुए जबलपुर की ओर जा रहे थे पुलिस ने मुखबिर से सूचना मिलते ही सुरसाटोला गांव के पास घेरा बन्दी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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सड़कों पर चलने को मजबूर ग्रामीणो ने सरकारी विकास के दावों की पोल आदिवासी इलाकों में जाते ही खुल जाती है आजादी के बरसों बीत जाने के बाद भी बैगा जनजाति वाले इलाकों में लोग बदहाल किचड़ भरी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं इन ग्रामीणो ने प्रशासन से पक्की सड़क बनवाने की मांग की है। डिंडोरी जिले के बजाग जंनपद पंचायत के ग्राम चिखला टोला गांव में बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं लेकिन आज़ादी के सालों बीतने के बाद भी स्वस्थ सुविधा और पक्की सड़क जैसी मुलभुत सुविधाएं के लिए बैगा जनजाति के लोग तरस रहे हैं मुख्य मार्ग से चिखला टोला गांव की दूरी लगभग पांच किलोमीटर दूर है लेकिन पक्की सड़क ना होने से इस गांव में किसी भीबीमार व्यक्ति या फिर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जायें जाने तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती जिससे बीमार व्यक्तिओ को खाट के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया जाता है तब कहीं जाकर एंबुलेंस की सहायता मिल पाती है ग्रामीणों ने बताया कि चार महीने बदहाल कीचड़ भरे रास्तेव पर चलना उनकी मज़बूरी है ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से गांव तक पक्की सड़क निर्माण कार्य कराये जाने मांग की है।
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ऑटो पलटा ,पांच लोग घायल अमरपाटन में एक तेज रफ्तार ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया इस हादसे में ड्राइवर सहित 5 लोग घायल हो गए इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। अमरपाटन के ग्राम पाल कटरा के पास तेज रफ़्तार ऑटो गाय बचाने के चलते अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया जिसमें ऑटो सवार पांच लोग घायल हो गए जिन्हें 100 डॉयल की मदद से इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अमरपाटन लाया गया तीन लोगों की हालत गंभीर देखते हुए इन्हें सतना जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया वही दो लोगों का इलाज सीएचसी अमरपाटन में जारी है।
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आतिन जफर को पुलिस ने प्रयागराज से किया गिरफ्तार केंद्रीय कारागार बरेली में बंद रहने के दौरान माफिया अतीक के भाई माफिया अशरफ से अवैध मुलाकात कराने के आरोपी आतिन जफर को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ के लिए उसे प्रयागराज से बरेली लाइ है। मार्च में बिथरी चैनपुर में अतीक के भाई माफिया अशरफ के साले सद्दाम और उसके करीबी लल्ला गद्दी,आतिन जफर समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इन परआरोप था कि वह जेल में माफिया अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे। इसके बाद से ही जफर फरार चल रहा था, जबकि लल्ला गद्दी और अन्य आरोपी जेल में है। इस मामले में कोर्ट ने आतिन जफर और गुड्डू बमबाज का गैर जमानती वारंट जारी किया।आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी बरेली ने दो टीमें भेजी। इसके बाद जफर बेखौफ होकर बाहर निकला तो उसे प्रयागराज पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है 24 फरवरी 2023 की रात 9 बजे लखनऊ में असद के एटीएम से रुपये निकालने में आतिन जफर की फोटो कैद हुई थी। प्रयागराज में 24 फरवरी को ही उमेश पाल की दोपहर में हत्या की गई थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए असद ने अपना मोबाइल और एटीएम लखनऊ में छोड़ा था, जिससे पुलिस उसकी लोकेशन ना ट्रेस कर सके और उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के बेटे असद को बचाया जा सके।
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पुलिस से मिल कर हो रही थी स्मैक की तस्करी एक पुलिस वाला स्मैक तस्करी करते पकड़ा गया है। इसके दो अन्य साथी तस्करों को भी पुलिस ने पकड़ा हैं। इनके पास से एक किलो 75 जाम स्मैक बरामद की गई है। लालकुऑं पुलिस और एसओजी की टीम को बड़ी सफलता मिली। पुलिस टीम ने अब तक नशे के इतिहास में सबसे बड़ी खेप बरामद की है। पुलिस ने तीन बड़े तस्करों से एक किलो 75 ग्राम स्मैक बरामद की है। पकड़े गए आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन तीनों तस्करों मोरपाल,अर्जुन पांडे और रविंद्र सिंह को पुलिस ने मोटरसाइकिल सहित पकड़ा। पुलिस ने इनकी तलाशी ली तो तीनों के पास से स्मैक बरामद की गई। जिसकी अंतराष्ट्रीय बाजार की कीमत 1 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। एसएसपी ने बताया कि पकड़ा गया एक आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर बरेली में तैनात है।
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बिजली वाला बेचता था स्मैक बिजली सुधरने का काम करने वाले एक शख्स को ज्यादा पैसा कमाने का लालचा आया और वो स्मैक की तस्करी करने लगा। अब ये स्मैक तस्कर पुलिस के हाथ लग गया है। काशीपुर पुलिस टीम को स्मैक तस्करी के मामले में बड़ी सफ़लता हासिल हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर मंजु नाथ टी सी ने बताया गया थाना प्रभारी मनोज रातूडी के नेतृत्व में की जा रही चैकिंग के दोरान ढेला पुल के पास से सुल्तान खाँ को पकडने पर उसके पास से एक किलो 24 ग्राम स्मैक बरामद की गई है। जिसने पूछताछ मे बताया कि वह बिजली मिस्त्री है जो ज्यादा पैसे कमाने के लालच में स्मैक तस्कर रेशमा के सम्पर्क में आ गया ओर इसी लालच में बरेली से स्मैक लाकर काशीपुर मे अलग अलग लोगो को बेचने लगा। पकडी गई स्मैक को रेशमा की दूसरी पैडलर शमीम जहाँ व उसके बेटे अनस के द्वारा ली गई थी जो जिसको रेशमा केद्वारा बताये गई जगह ले जा रहा था। लेकिन चैकिंग के दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
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इलाज के दौरान अस्पताल में हुई मौत एक युवक के हत्यारों को पकड़ने में पुलिस ने कामयाबी हांसिल की है। सोनू साइमन की हत्या में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धारदार हथियारों को भी जब्त किया। यह मामला राजनांदगांव जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र का हे। जहाँ 19 सितंबर की देर रात को बसंतपुर थाना क्षेत्र के नंदई चौक में कुछ आरोपियों ने धारदार हथियार से सोनू साइमन पर हमला किया था। ईलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इसके बाद युवक की मां ने घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनांदगांव एसपी के दिशा निर्देश में बसंतपुर पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश की जा रही थी। जिस में बसंतपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने हत्या के आरोप में चार युवकों सहित एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया हे। वही पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त धारदार हथियार भी जब्त किए। पूरे मामले में अब पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है।
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घर में घुसकर महिलाओ से मारपीट उत्तराखंड में खनन माफिया खुद को नियम कानून से ऊपर मानते हैं। खनन मफियाओं के अवैध खनन करने पर जब एक किसान ने आपत्ति की तो खनन माफिया गुंडागर्दी पर उतर आये और किसान के घर में घुसकर महिलाओं तक से मारपीट की। भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम मानूबास क्षेत्र में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। जहाँ खनन माफियाओं के द्वारा लगातार नदियों का सीना चीरकर अवैध खनन दिन रात किया जा रहा है। जब मानूबास में किसान के द्वारा खेत में खनन का ट्रैक्टर ले जाने व रास्ता खराब किए जाने का विरोध किया गया तो किसान के घर मे घुसकर महिलाओं से भी मारपीट व अभद्रता की गई। मौके पर पहुँची पुलिस ने खनन माफियाओं पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। वही अगले दिन सुबह एक बार फिर खेत में खनन माफियाओं के द्वारा फसल खराब की गयी। जिसका वीडियो बनाकर पुलिस को दिया गया है। किसान का आरोप है कि वीडियो बनाने के कुछ ही समय बाद 10 से 15 खनन माफिया उनके घर पर धावा बोल दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए महिलाओ के साथ मारपीट की उच्चाधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया है पर कोई कार्रवाई नही हो रही है। घटना की तहरीर दिए जाने के बाद गाँव मे पुलिस भी पहुँची और घटना की जानकारी ली। लेकिन खनन माफियाओं पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।
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परीक्षण व विच्छेदन के बाद जलाया गया शव रेंज खातेगांव की बिट सुखेड़ी के कक्ष क्रमांक 296 में चौकी के सामने मृत तेंदुआ पड़ा हुआ पाया गया मामले की सूचना तत्काल बीट गार्ड को दी गई |जिसके बाद परिक्षेत्र अधिकारी व सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुचे वही डॉक्टर के परीक्षण एवं विच्छेदन के बाद डीएफओ के सामने शव को जलाया गया। रेंज खातेगांव की बिट सुखेड़ी के कक्ष क्रमांक 296 में चौकी के सामने मृत तेंदुआ पड़ा हुआ पाया गया जिसकी आज सुबह 7 बजे के करीब रामदीन चौकीदार ने बिट गार्ड सुखेड़ी को सूचना दी सूचना मिलने पर तत्काल परिक्षेत्र अधिकारी वंदना ठाकुर एवं सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मानसिंह गोड़ एवं बीट गार्ड मौके पर पहुंचे इसके बाद घटना की सूचना तुरंत डीएफओ एवं पशु चिकित्सा अधिकारी खातेगांव को दी पशु चिकित्सा डॉक्टर ऋतु कोठे एवं डॉक्टर लोकेश लोवंशी ने मौके पर आकर शव का परीक्षण उन्हो ने बताया की दुसरे तेंदुए के साथ झगडे के कारण सिर पर ,दाहिने कान के नीचे,गर्दन व बाया कंधे पर घाव आये हे साथ ही फेफड़े में भी संक्रमण पाया गया परीक्षण एवं शव विच्छेदन के बाद डीएफओ की उपस्थिति में शव जलाया गया वही स्थानीय निवासी सुनील जाट ने बताया की वह रात्रि 8,9 बजे के लगभग खातेगांव से दूध देकर लौट रहा था तब उसने तेंदुए को सड़क के दाई ओर खड़ा देखा था वह घबरा कर चिल्लाया तो तेंदुआ धीरे धीरे जंगल की ओर चला गया।
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प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन सुलियरी कोयला खदान को चालू रखने के लिए लोग सड़क पर उतर आए हे उनके प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है ओर वही आज लोेग हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर मांग करते नजर आए। सिंगरौली जिले के आंध्र प्रदेश मिनरल्स कॉर्पोरेशन (एपीएमडीसी) की सुलियरी कोयला खदान को चालू रखने के लिए सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग रोड पर उतर आये वही उन्के प्रतिनिधि मंडल ने सुलियरी खदान को बे रोक टोक चलवाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है आपको बता दे की सुलियारी कोल् ब्लॉक के आसपास रहने वाले स्थानीय लोग कुछ गैर-जिम्मेदार तत्वों से परेशान हैं .जो की कोयला खदान के संचालन में दिक्कत कर रहे हे सुलियारी खदान ने स्थानीय लोगों के लिए 5000 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हे कोयला खदान बंद होने से लोगो को आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का डर है वही आज अपने हाथों में सुलियरी कोल ब्लॉक के समर्थन में बैनर और तख्तियां लेकर स्थानीय लोग मांग करते नजर आए।
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गोपालपुर गांव बन रहा है टापू सितंबर माह में ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है लगातार हो रही बारिश के कारन सोन तीरथ नदी में पानी ज्यादा हो गया है जिसकी वजह से गोरखपुर मार्ग बंद हो गया है लगभग 12 घंटे से पुल के ऊपर पानी बहने की वजह से आवागमन भी पूरी तरह बाधित होगया है। गोपालपुर गांव में लगातार हो रही बारिश के चलते बुधवार की रात लगभग 12 बजे से सोन तीरथ नदी में पानी ज्यादा हो जाने की वजह से गोपालपुर मार्ग बंद हो गया है पुल के ऊपर से लगभग 5 फिट पानी बह रहा है। नदी किनारे बसे घरों और मंदिर में भी पानी घुस गया है इसी के साथ खेतों में भी लगभग पानी भर चूका है लोग सुरक्षा की दृष्टि से घर छोड़कर गांव में आ गए है और साथ ही गोरखपुर, करंजिया की तरफ जाने वाले वाहन भी जाम के चक्कर में फंसे हुए है और बाढ़ के उतरने का इंतजार कर रहे है।
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नर्सिंग अफसर से की मारपीट छिंदवाड़ा में एक मुस्लिम युवक और उसके परिवार ने नर्सिंग अफसर के साथ मारपीट कर दी साथ ही नर्सिंग अफसर का मंगलसूत्र छीनने की भी कोशिश की घटना में बाद आक्रोशित नर्स और स्टाफ के लोग हड़ताल पर बैठ गए। छिंदवाड़ा के परासिया जनपद के भाजीपानी प्राथमिक स्वस्थ केंद्र मे अन्नू खान और उसके परिवार ने गुंडागर्दी दिखाते हुए हुए भाजीपानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नर्सिंग ऑफिसर कौशल्या मंसूरी के साथ जम कर मारपीट की असल में पूरा विवाद नवजात शिशु की मौत के बाद शुरू हुआ अन्नू खान ने ना सिर्फ कौशल्या मंसूरी को पीटा बल्कि उसका मंगलसूत्र भी छीन लिया इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में अन्नू खान के खिलाफ आक्रोश है सरकारी अस्पताल की नर्सो व स्टॉफ ने हड़ताल कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और अन्नू खान और उसके परिवार को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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शख्स को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया अब बात अपहरण की उस घटना की जिसे सुनकर आप चौंक जायेंगे हैरान रह जायेंगे सोने के बिस्किट को लेकर किडनैपिंग का मामला सामने आया हालाकिं पुलिस ने तुरंत एक्शन लेकर अपहृत शख्स को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया है। सीधी जिले के रहने वाले कुछ लोगो ने कोतवाली बैढन में अपने साथी दीपक सोनी के बरदघटा जंगल से अपहरण होने की रिपोर्ट दर्ज कराई और अपहरण करने वालो की 2 लाख की फिरौती मांगने की बात बताई तो सिंगरौली पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इन्स्पेक्टर सुधेश तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम को तत्काल भेजा इन्स्पेक्टर तिवारी ने रसगंधा के घने जंगलो की सर्चिंग चालू की तब पुलिस को सफलता मिली और अपहृत दीपक सोनी को अपहरण कर्ताओं से मुक्त कराया लेकिन आरोपी जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए पुलिस को अपहरण करने वालों की तीन बाइकें जप्त कर कई साक्ष्य इकठ्ठे किये हैं पुलिस की जाँच में सामने आया है कि सीधी के 7 लोग अपनी अल्टो कार से खुदाई में मिले सोने की बिस्किट खरीदने छत्तीसगढ़ जा रहे थे जहाँ जंगल मे उनके एक साथी तेजबली अगरिया की मदद से कुछ लोगो ने उन्हें 4 सोने की बिस्किट दिखाए और तुरंत पैसे की मांग करने लगें लेकिन उन्होंने पैसे नही दिए तब उन आरोपियों ने तेजबली और दीपक सोनी को अपहृत कर लिया और तेजबली के फोन पर 2 लाख की फिरौती मांगी।
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देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में पास हो गया इस मौके पर देश भर की महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओ ने खुशिया मनाई और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में अभूतपूर्व समर्थन मिला बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद देश भर में महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशियां मनाई काशीपुर के महाराणा प्रताप चौक में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाइयां बाटी।
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पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार काशीपुर में लगातार ई रिक्शा ओर मोटर साइकिल चोरी होने के मामले बढ़ते जा रहे है जिसके बाद काशीपुर पुलिस ने दबिश देकर चोरो को गिरफ्तार किया है। वो काशीपुर की पुष्प् विहार कालोनी में रहने वाले राजेन्द्र सिंह एक ई रिक्शा चालक है वो अपना और अपने परिवार का भरण पोषण रिक्शा चलाकर ही करते है 16 सितम्बर की रात किसी अज्ञात चोर ने उनके घर के बाहर से ई रिक्शा को चोरी कर लिया तो वही दूसरी और कृष्णा अस्पाताल की पार्किंग से बाइक चोरी का मामला सामने आया शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों ही मामलो के केस दर्ज कर लिया था जिसके बाद थाना प्रभारी मनोज रातूडी ने कई लोगों से पूछताछ की और नाजिम उर्फ़ मूसा को पकड़ा पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूला और पुलिस ने उसके पास से तीन बाइक बरामद की।
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पेड़ के नीचे भी बिजली ने धर दबोचा तेज बारिश के दौरान बिजली कड़कने पर एक बुजुर्ग ने पेड़ के नीचे छुपने में ही भलाई समझी लेकिन बिजली उसी पेड़ पर गिरी जिसकी पनाह में बुजुर्ग ने शरण ली थी बुजुर्ग के लिए बिजली जानलेवा साबित हुई। अमरपाटन के ग्राम मझगांव में आकाशीय बिजली गिरने से 70 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई दरअसल 70 वर्षीय वंशधारी लोनी खेत में भैस चराने गए थे इसी दौरान बरसात हुई और बारिश से बचने वृद्ध पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए इसी दौरान आकाशीय बिजली उनके ऊपर गिरी और मौके पर ही वंशधारी लोनी की मौत हो गई सूचना मिलते ही परिजन खेत में पहुंचे और पुलिस को सूचना दी अमरपाटन थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
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ललिता :जनता के हाथ में है शासक चुनें या सेवक जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीबों के लिए जन्म से लेकर पढ़ाई, स्वास्थ्य, विवाह, रोजगार और मृत्यु तक 380 योजनाएं शुरू की जबकि बीच में आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली 5 हजार की राशि तक बंद कर दी थी। छतरपुर में जनआशीर्वाद यात्रा में भाजपा उम्मीदवार ललिता यादव के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा ने वोट मांगे उन्होंने कहा फर्क इतना है कि शिवराज गांव के किसान के बेटे हैं वहीँ कमलनाथ तो मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए और दिग्विजय सिंह तो राजा हैं वे गरीबों का दर्द क्या समझेंगे झा ने कहा कि आज के ज़माने में सगे भाई तक उधार नहीं देते लेकिन किसान के बेटे शिवराज ने किसानों को बिना ब्याज के कर्ज, बहनों को 450 में गैस सिलेंडर, लाड़ली लक्ष्मियों और लाड़ली बहनों के हितों की चिंता कर उन्हें सशक्त बनाया। झा ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के दो तिहाई बहुमत से जीतने का दावा करते हुए कहा कि चित्र नहीं कमल का चिन्ह देखिए अभी बहुत काम करना है इसलिए ललिता बहन का जीतना जरूरी है इसीलिए यह आपसे आशीर्वाद मांगने आई है। छतरपुर से विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी ललिता यादव ने बताया कि उन्होंने गांव-गांव में अस्पताल, जिला अस्पताल का 300 बेड का भवन, विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज की सौगात दी 2018 में कमलनाथ सरकार आई तो मेडिकल का पता नहीं था मेडिकल कालेज में कांग्रेसियों ने अदालती अडंगा डाला उन्होंने कहा विकास और सेवा भाजपा ही कर सकती है कांग्रेस से आप शासक चुनेंगे और भाजपा से ललिता यादव को सेवक के रूप में चुनेंगे।
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नियम विरुद्ध चल रहा था काम सिंगरौली जिले में स्टोन खदानों पर प्रसाशन की ताबड़तोड़ कार्यवाही चल रही है प्रसाशन के मुताबीक स्टोन खदानें नियमानिसार काम नहीं कर रही हे जिससे ग्रामीणों को काफी तकलीफ हो रही है अभी तक 11 खदानों को किया गया सीज किया गया है। सिंगरौली जिले में 100 से अधिक स्टोन खदानें चल रही हैं जहाँ नियम ओर कानूनों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं खदानों में बाउंड्री वाल ऊंची हाइट की नहीं है वहीं प्लांटेशन न करने से आसपास के इलाकों में एयर और वाटर भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है साथ ही आस पास के ग्रामीणों को घरों में रहना मुश्किल हो गया है हैवी ब्लास्टिंग के चलते गांव में कई जगह पत्थर गिर रहे हैं वहीं धूल के गुबार से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है NGT के आदेश पर कलेक्ट अरुण कुमार परमार ने खनिज विभाग के साथ पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की जॉइंट टीम गठित की और जांच के निर्देश दिए जांच टीम ने एक्शन लेते हुए तत्काल 11 स्टोन क्रेशरों को नियमों का पालन नहीं करने पर सीज कर दिया जिससे जिले में हड़कंप मच गया वहीं कुछ और स्टोन खदानों के बन्द करने की कार्यवाही जारी।
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वन विभाग को अजगर की तलाश छतरपुर के ग्राम भेलदा में अजगर के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है अजगर ने नीलगाय के बच्चे को निगल लिया जिसे एक फसल काटते किसान ने देखा अब वन विभाग की टीम अजगर की तलाश कर रही हे। छतरपुर के ग्राम भेलदा के एक खेत मे अजगर द्वारा एक नीलगाय के बछड़े को निगलने का मामला सामने आया है जिस के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है अजगर करीबन 20 फुट का बताया जा रहा है जिसे एक किसान ने फसल काटते हुए नीलगाय के बच्चे को निगलते हुए देखा था जिसे देख कर किसान घबरा गया और अजगर की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी बड़ामलहरा को दी गई सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया फिलहाल वन विभाग की टीम ने सर्चिंग चालू कर अजगर को तलाश रही है।
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एक की मौत पांच घायल तेजरफ्तार कार से परिजनों से मिलने जा रहे। परिवार के साथ सड़क हादसा हो गया। जिस में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वही पाँच लोग बुरी तरह घायल हो गए। यह मामला सतना के अमरपाटन थाना क्षेत्र का है। जहाँ हाईवे NH 30 के सुआ मोड के पास एक कार अनियंत्रित होकर 10 फीट नीचे खेत में जा गिरी। कार में 5 लोग सवार थे। दुर्घटना में 1 महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वही 5 लोग बुरी तरह घायल हो गए। फिलहाल घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद कटनी के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार सिंधी परिवार कटनी से रीवा अपने परिजनों से मिलने जा रहा था। तभी यह दुर्घटना घटी। हादसे में कार भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
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मांगे पूरी न होने को लेकर नाराज आरटीओ सरकार के आश्वासन के बाद जब परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई तो अपनी मांगो को लेकर अब आरटीओ कर्मचारी अपने कार्य का बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश पर चले गए प्रदेश भर के आरटीओ कार्यलयों में काम काज ठप रहा। सिंगरौली में मध्य प्रदेश परिवहन अधिकारी संगठन के तत्वावधान और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह रघुवंशी के आव्हान पर सिंगरौली सहित पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर रहे इस संबंध मे सिंगरौली परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह राठौर ने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारियों के ग्रेड पे मे वृद्धि करने क्रमोन्नत व्यवस्था लागू करने दूसरे विभाग से प्रतिनियुक्ति बंद करने व परिवहन उप निरीक्षक के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किये जाने का ज्ञापन गत 3 जून को प्रदेश सरकार को सौंपा गया था लेकिन मांगे पूर्ण होने का केवल आश्वासन मिला इसलिए परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी उक्त मांगो के पूर्ण न होने के विरोध में कार्य का बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश पर हैं।
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एक शख्स की मौत से हुआ बवाल पुलिस ने जुए के अड्डे पर छापा मारा और कई जुआरियों को धरदबोचा इसी बीच संदिग्ध अवस्था में एक व्यक्ति की मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इसके लिए पुलिस को आरोपी ठहराया है वहीँ एसपी ने पूरे घटनाक्रम की जांच की बात कही है। छतरपुर जिले के बिजावर में आदिवासी मोहल्ले में चल रहे जुए की एक फड़ पर पुलिस ने छापामार कार्यवाही कोई यहां भगदड़ में 45 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इस मौत के लिए टीआई सुनील शर्मा और उनके एक सिपाही को हत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए डाकखाने चौराहे पर जाम लगा दिया टीआई सुनील शर्मा के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने छापा मारा तो पुलिस को 8 जुआरी मिले पुलिस के मुताबिक उसने इस कार्यवाही के दौरान दो बुजुर्गों और एक शराबी को छोड़कर 5 आरोपियों को ही हिरासत में लिया और उन पर मुकदमा कायम कर दिया पुलिस का कहना है कि मौके पर मृतक हाकिम खान उर्फ छिद्दू मौजूद नहीं था उधर हाकिम के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने छापामार कार्यवाही कर हाकिम को जुए के फड़ से पकड़ा और उसकी छाती में कई लातें मारी जिससे उसकी मौत हो गई उसकी लाश घटना स्थल पर ही लगभग तीन घंटे तक पड़ी रही। छतरपुर एसपी अमित सांघी ने कहा कि इस मामले में पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी।
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सरकार सो रही है और भूमाफियाओं के ऐश उत्तराखंड में भी भूमाफिया सक्रिय है और कई जगह एसआरडीए की कार्यवाही के बाद भी अवैध कॉलोनियों को बनाने के साथ अवैध निर्माण जारी हैं लकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। एचआरडीए शहर और देहात क्षेत्रों में कार्यवाही कर रहा है लेकिन भूमाफिया और बिल्डर अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है पिछले दिनों एचआरडीए ने भगवानपुर,नारसन और मंगलौर में अवैध कॉलोनी और भवनों को सील किया इसके बावजूद रुड़की भगवानपुर मंगलौर और लंढोरा क्षेत्रो में अभी भी लगातार अवैध निर्माण जारी है यहाँ अवैध रूप से काटी जाने वाली कालोनियों की भरमार है बहुत सी कॉलोनी तो हाई टेंशन तारों के नीचे ही काट दी गई है और उनके ध्वस्तीकरण के ऑर्डर भी फाइलों में दबे पड़े है पर विभाग की तरफ से कार्यवाही शून्य ही नज़र आती है।
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भाजपा कार्यकर्ताओं ने काटा केक देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया खटीमा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर केक काटा और अस्पताल में मरीज़ों को फल भी बाटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 73वा जन्मदिन है देश भर में प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर खटीमा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगर में कई सारे आयोजन किये भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत के साथ केक काटकर प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाया तो वही भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों को फल बांटे इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष विमला मंडेला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्वगुरु हैं वो विश्व के नायक है दुनिया की बड़ी बड़ी हस्तिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है 2024 में फिर से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
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स्कूलों की छुट्टी नहीं मध्य प्रदेश में लगातार तेज बारिश हो रही है नदियां उफान पर है आवागमन के साधन मिल नहीं रहे इसके बावजूद देवास में स्कूली बच्चे अपनी जान मुश्किल में डालकर स्कूल जाने को मजबूर है पर शासन अवकाश देने के लिए तैयार नहीं है। वाह रे शासन तेरा भी क्या ही कहना भले ही छात्र छात्राएं बारिश के पानी में भीगे भीग कर बीमार पड़ जाएँ आवाजाही के साधन बंद हो तो तब भी स्कूल आओ नदियां उफान में है तब भी क्या तैर कर स्कूल आओ बच्चो की जान पर बन आयी है तब भी देवास जिले में स्कूली बच्चों को छुट्टी नहीं मिली जबकि आस पास के सभी जिलों में भारी बारिश के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया देवास जिले में स्कूलों में अवकाश न मिलने से बच्चे नाराज है और अपनी व्यथा सुना रहे हैं। अनेक स्थानों में नदी नाले उफान पर आ जाने से आवागमन बंद हो गया ऐसे में स्कूली बच्चे अपने घर बापस जाने के लिए घंटों इंतज़ार में खड़े रहे ऐसे में बच्चो के साथ ही उनके अभिभावक भी काफी आक्रोश में है।
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मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार शाहरुख नाम के बदमाश ने एक आदिवासी युवती को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया पुलिस ने इस मामले में तत्काल एक्शन लेते हुए आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया हे। सतवास के कांटाफोड थाना क्षेत्र में शाहरुख नाम का बदमाश ने एक आदिवासी युवती को जान से मारने की धमकी दी और उसे हरसूद के जंगलों में ले गया जहाँ शाहरुख़ ने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया इसके बाद पीड़िता ने अपने परिवार के लोगों को जानकारी दी और वह उसे लेने पहुंचे पीड़िता ने बताया कि शाहरुख ने उसे शादी का झासा देकर पहले भी कई बार उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए इस घटना का पता चलते ही आक्रोशित होकर हिंदू संगठन के युवा कार्यकर्ता थाने पहुंचे एवं लड़की को न्याय दिलाने की बात कही कांटा फोड़ थाना प्रभारी हिना डाबर ने बताया आरोपी शाहरुख के खिलाफ पीड़िता के बयान के आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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युवती जिला अस्पताल में भर्ती 25 वर्षीय युवती के रेल से पैर कट गए युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हे। छतरपुर में रेल से युवती के पैर कट गए खबर मिलते ही जीआरपी टीम मौके पर पहुची ओर युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया युवती का नाम रोहित विश्वकर्मा है और उम्र 25 वर्ष बताई जा रही है युवती प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में कनेक्शन का काम करती थी साथ ही युवती की स्कूटी घटना स्थल से काफी दूर मिली है।
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डीएम ने एसडीएम को तहसील से हटाया शमशान के मसले पर शिकायत करना एसडीएम को इतना नागवार गुजरा की उन्होंने पीड़ित को अपने चेंबर में मुर्गा बना दिया इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने एसडीएम की तहसील से हटाकर मुख्यालय अटैच कर दिया है बरेली के मीरगंज क्षेत्र के एसडीम ऑफिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दिखाई दे रहा है कि बरेली की मीरगंज तहसील के एसडीएम ऑफिस में एक पीड़ित मुर्गा बना हुआ है और अपनी बात कह रहा है वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एसडीएम मीरगंज उदित पवार के पीछे बोर्ड पर उप जिलाअधिकारी का पद भी अंकित है बताया जा रहा है कि गांव के ही कुछ लोग शमशाम भूमि संबंधित मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे लेकिन एसडीएम ने गांव के व्यक्ति को मुर्गा बना दिया और प्रार्थना पत्र फेक दिया। इस मामले में एसडीएम उदित पवार ने बताया जब मैं अपने चैम्बर में था तभी पांच छ लोग आये जिसमे से एक आदमी आते ही मेरे सामने मुर्गा बन गया और मैने उससे बोला कि मुर्गा क्यों बने हुए हो जो बाकी लोग आये हुए थे उनको बोला इसको उठाईये इतने में ही एक आदमी ने वीडियो बना लिया इस मामले को डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने गंभीरता से लिया और एसडीएम की गलती मानते हुए उन्हें तहसील से हटाकर मुख्यालय अटैच कर दिया है।
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लाखों के उपकरण जल कर हुए खाक अचानक एक इलेक्ट्रिक शॉप में आग लग गई फायर बिग्रेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया लेकिन तक तक आफ सब कुछ अपनी चपेट में ले चुकी थी गाडासरई थाना क्षेत्र के सौरभ इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में अज्ञात कारणों के चलते दुकान में अचानक भीषण आग लगी आग लगने से लाखों रुपए के उपकरण जल कर खाक हो गए बीती रात सौरभ इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में अचानक भीषण आग लगने की जानकारी ग्रामीणों ने दी फायर ब्रिगेड को दी फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक लाखों रुपए के उपकरण जल कर हुए खाक हो गए गाडासरई पुलिस पुरे मामले की जांच करने में जुटी है।
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चार घंटे में उत्तरप्रदेश से बरामद हुए एनटीपीसी से ऐश पाइप चोरी होने के बाद पुलिस ने इतनी तेजी से काम किया कि मध्यप्रदेश से चोरी हुए ऐश पाइप्स को मात्र चार घंटे में उत्तरप्रदेश से बरामद कर इस चोरी की वारदात का खुलासा कर दिया। सिंगरौली जिले के विंध्याचल एनटीपीसी परियोजना से चोरी हुए दो लाख कीमत की ऐश पाईप की चोरी के चार घंटे के भीतर ही पुलिस ने उत्तर प्रदेश के खड़िया से बरामद करने में बड़ी सफलता प्राप्त की विंध्य नगर थाना प्रभारी अनिल बाजपेई ने बताया कि फरियादी बालमुकुन्द मिश्रा द्वारा इस आशय की सूचना दी गई कि एनटीपीसी की ऐश पाईप अज्ञात बदमाशों द्वारा कटर से काटकर चोरी किये गए हैं। जिनकी कीमत लगभग 2 लाख रुपये है। मुखबिर द्वारा जानकारी मिली कि एक पिकअप गांव के रास्ते शक्तिनगर की तरफ गई है। पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए खड़िया उत्तर प्रदेश से पिकअप एवं उसमें लोड पाईप बरामद कर वाहन स्वामी राम भरोष साहू जो स्वयं वाहन को चला रहा था के पकड़ा। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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मछली पकड़ने में फिसलकर गिरा मछली पकड़ने के चक्कर में एक युवक पानी में बह गया। युवक की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन उसका कोई पता नहीं चला है। ये मामला छतरपुर का है। भगवा थाना के खरदोती गांव में एक युवक मछली पकड़ने की कोशिश में स्टाप डैम में बह गया। लक्ष्मण अहिरवार स्टाप डैम के किनारे मछली पकड़ने गया। लेकिन इस दौरान वह समझ नहीं सका कि नदी के पानी का बहाव कितना तेज है और वह पानी के बहाव में बह गया। जब युवक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया। मामले की जानकारी लगने पर भगवा थाना की टीम मौके पर पहुंची और युवक की तलाश शुरू की इस समय नदी में पानी के तेज बहाव के चलते स्टॉपडेम लबालब है। मौके पर बड़ामलहरा नायब तहसीलदार सहित पुलिस और एन आर डी ऍफ़ टीम से रेस्क्यू अभियान चला रखा है।
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दो मोटर साइकिल चोर गिरफ्तार पुलिस के हाथ उस समय बड़ी सफलता लगी जब उसने दो शातिर बाइक चोरों को पकड़ा। अब तक पुलिस ने इनके पास से चोरी की छह बाइक बरामद की हैं | पुलिस को उम्मीद हैं इनसे और भी चोरी की घटनाओं के सुराग मिल सकते हैं। चंपावत जनपद की टनकपुर कोतवाली पुलिस ने शारदा बैराज रोड पर चेकिंग के दौरान टनकपुर निवासी दो चोरों मोहम्मद आसिफ अंसारी और अमन कुमार को चोरी की दो मोटरसाइकिल सहित गिरफ्तार किया। दोनों मोटरसाइकिल पर लगाई गई रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट को चेक करने पर चोरी का खुलासा हुआ। दोनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने आरोपियों द्वारा जंगल में सुनसान पड़े खंडहर में छुपा कर रखी गई चार अन्य मोटरसाइकिल भी बरामद की जिनमें से दो मोटरसाइकिलों की चोरी का मामला खटीमा कोतवाली में पंजीकृत होना पाया गया। अन्य दो मोटरसाइकिल की छानबीन की जा रही है। पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया ये खटीमा से बाइक चोरी कर नेपाल ले जाकर ऊंचे दामों पर बेचने की फिराक में थे।
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पुलिस ने बदमाश दीपक कुशवाह को पकड़ा सिंगरौली का शातिर बदमाश दीपक कुशवाह वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया यह बदमाश यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाता घूम रहा था इस पर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं।कोतवाली पुलिस के सघन वाहन चेकिंग के दौरान थाना नवानगर का शातिर बदमाश दीपक कुशवाहा बुलेट के साथ पकड़ा गया कोतवाली प्रभारी सुधेश तिवारी ने बताया कि आरोपी पर शराब पीकर वाहन चलाने मौके पर वाहन के वैध दस्तावेज ना दिखाना, नंबर प्लेट मानकों के अनुरूप ना पाया जाना, अत्यधिक गति से वाहन चलाकर आम जनता के जीवन को संकट उत्पन्न करना, वाहन के साइलेंसर से अत्यधिक आवाज करके वाहन के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करना सहित अन्य धाराओ में मामला दर्जकर वाहन जप्त किया गया है आरोपी पर थाना नवानगर में करीब एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज हैं आरोपी बदमाश ने इसी बुलेट से 22 जनवरी 2023 को एक दुर्घटना कोअंजाम दिया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
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अचानक निकलने लगा तेज धुआ जान बचा कर भागे यात्री.अचानक बस में से धुआं निकलने के कारण बस में अफरा तफरी मच गई अपनी जान बचाने के लिए यात्री भाग कर बस से नीचे उतरे इंजन में खराबी के चलते बस से धुंआ निकलने लगा। बस में अचानक तेज धुआ निकलने से बस में बैठे यात्रियों में अफरातफरी मच गई अपनी जान बचाने के लिए यात्री भाग कर बस से नीचे उतरे आपको बता दे की बस छतरपुर से गौरिहार जा रही थी इसी दौरान महाराजपुर पहुंचते ही बस से धुआ निकलने लगा धुआं निकलने का कारण इंजन में खराबी बताई जा रही हे समय पर बस के रुक जाने से बड़ा हादसा टल गया।
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एम डी ड्रग्स के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार नशे के सौदागर हरदा को अब उड़ता हरदा बनाना चाहते हैं छोटे मोटे नशे के अलावा हरदा में नशीले ड्रग्स का धंधा भी जोरों पर है पुलिस ने तीन नशा तस्करों को पकड़ कर उनके पास से 40 लाख की एमडी ड्रग्स बरामद की है। नशा तस्करो ने हरदा में भी अपना नेटवर्क बना रखा है हरदा में भी ये तस्कर हर किस्म का नशा युवाओं को मुहैया करवा रहे हैं ऐसे में हरदा सिटी कोतवाली पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए तीन नशे के सौदागरों को धार दबोचा इनके पास से 204 ग्राम एम डी ड्रग्स बरामद किया गया है जिसकी कीमत 40 लाख 80 हजार रुपये बताई जा रही है पुलिस ने इंदौर रोड अतरसमा के पास एक बलेनो कार को रोका जिसमें 3 नशा तस्कर सवार थे जिनके नाम शिवम सिरोही अमन जाट और आनंद सिरोही हैं जिनके कब्जे से 204 ग्राम एम डी ड्रग्स पुलिस ने बरामद की तस्करी में प्रयुक्त बलेनो कार को भी जप्त किया गया है।
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छापों से व्यापारियों में मचा हड़कंप छतरपुर में तीन प्रतिष्ठानों पर जीएसटी की टीम ने छापा मार कारवाई की छापे की कारवाई से व्यापारियों मे हडकंप की स्थिति बन गई जीएसटी के अधिकारीयों ने इसे एक रूटीन कार्यवाही बताया। गायत्री मंदिर के पास स्थित भगत जी ट्रेडर्स, लक्ष्मी इंटरप्राइजेज और गुप्ता इंटरप्राइजेज के नाम से एक साथ तीन फर्मो पर जीएसटी ने छापामार कार्रवाई की जीएसटी टीम के 17 सदस्यों द्वारा एकसाथ मारे गए इस छापे से बाजार के व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई और कई दुकानदार अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करके घर लौट गए पता चला है कि गुप्त सूचना और शिकायतों के आधार पर सतना की टीम ने यह बड़ी छापामार कार्रवाई की है।
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डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज डिंडोरी में बीएमओ डॉक्टर ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ कर दी महिला का आरोप है कि डॉक्टर छेड़छाड़ करने के बाद जान से मारने की धमकी भी दे रहा है डॉक्टर के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि डिण्डौरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा के बीएमओ डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते ने कई बार उसके साथ छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया महिला की शिकायत के बाद शहपुरा पुलिस ने आरोपी डाॅक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉक्टर सतेन्द्र परस्ते महिला के ऊपर समझौता करने का दबाव बना रहा है साथ ही पीड़ित महिला को लगातार जान से मारने की धमकिया भी मिल रही हैं वहीं डिंडौरी की महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोषी साहू ने इस घटना की निंदा की और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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कई सालों से टूटी रोड का निर्माण नहीं हुआ रुड़की के मोहनपुरा क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने पिछले कई सालों से सड़क निर्माण न होने की शिकायत करते हुए जलभराव के कारण हो रही बड़ी समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से उनके क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के द्वारा सड़क निर्माण नहीं कराया गया जिसके चलते सड़क पर हर समय जलभराव की स्थिति बनी रहती है। हाल फिलहाल जलभराव के कारण क्षेत्र में बीमारी भी फैली हुई है मच्छरों के कारण डेंगू भी क्षेत्र में फैला हुआ है और इंफेक्शन की बीमारी भी फैल रही है लोगों का आरोप है कि कई बार जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में गुहार लगाई गई लेकिन सिवाय आश्वासन के आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया वहीं स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि यशवंत नगर निगम में आता है लेकिन नगर निगम के द्वारा बीमारी फैलने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया और कूड़ा उठाने के लिए भी नगर निगम के कर्मचारी यहां नहीं आते वहीं स्थानीय लोगों के द्वारा नारेबाजी कर अपना विरोध भी जताया गया और समाधान न होने पर आने वाले चुनाव में बहिष्कार की चेतावनी भी दी गई है।
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हरदा से सीहोर जा रही थी वर्मा बस इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर ग्राम अब गांव कला के पास एक यात्री बस पलट गई जिसमें सवार करीब बीस यात्रियों को हल्की चोट आई जिनमें से दो यात्रियों को उपचार के लिए हंडिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वर्मा ट्रेवल्स की बस हरदा से खातेगांव की ओर जा रही थी इस दौरान अब गांव कला के पास निर्माणाधीन हाईवे पर से निकल रही तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमें से रेखा और आशीष नामक दो यात्रियों को चोट लगने के चलते हंडिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है घटना के बाद बस के कंडक्टर और ड्राइवर मौके से फरार हो गए घटना की जानकारी लगते ही हंडिया थाना प्रभारी अनिल गुर्जर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को हंडिया व हरदा जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
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फर्जी जॉब कार्ड लगाकर रुपये लूटे डिंडोरी से फर्जी वाड़े का बड़ा मामला सामने आया है जिसमें पंचायत कर्मी के छत्तीसगढ़ में रहने वाले रिश्तेदार के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाया गया था और उस कार्ड से लगातार हाजिरी दी जा रही थी। यह पूरा मामला डिंडोरी के भानपुर का है जहां छत्तीसग़़ढ राज्य के रहने वाले मनराखन दास और उसकी पत्नी रेखा के नाम पर फर्जी जॉबकार्ड बनाया गया यह लोग पंचायत कर्मी के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं और ये मध्य प्रदेश के नही बल्कि छत्तीसग़़ढ राज्य के सिंदूरखार गांव के रहने वाले हैं इनके नाम से लगातार ग्राम पंचायत भानपुर के जिम्मेदारों ने मास्टरोल निकाल कर हाज़िरी दी और निमार्ण कार्यो में फर्जी हाजिरी लगाकर शासन के रुपयों का बंदरबाट किया इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के पंचो ने सरपंच सचिव पर आरोप लगाते हुए मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने की मांग की पंच सचिन सोनवानी ने कहा की हमें बहुत सारी अनियमितताओं की जानकरी मिली है हम लोग इसकी जाँच करवाएंगे उपसरपंच सुरंजना बघेल ने कहा की यह तो सरासर गतल है फर्जी जॉब कार्ड बनाने वाले के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाए वही इस मामले को लेकर , मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा की मामले की जाँच की जाएगी।
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आरोपियों के पास से लाखों के नकली नोट जब्त बिहार से नकली नोटों की खेप लेकर जबलपुर जा रहे कार सवार 3 बदमाशों को मैहर पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया। मगर 2 आरोपी चकमा देकर भाग निकले पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 1 लाख 92 हज़ार रुपये के नकली नोट और एक स्विफ्ट कार भी जब्त की। मैहर पुलिस को सूचना मिली थी की. नेशनल हाइवे से स्विफ्ट कार में सवार होकर 5 आरोपी सौ और दो सौ रुपये के नकली नोट लेकर जबलपुर की ओर जा रहे हैं। पुलिस टीम ने घेराबंदी करके कार रुकवाई। जब कार की चेकिंग की गई तो उसमें लाखों के नकली नोट बरामद हुए। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो आरोपी पुलिस को चकमा देकर भाग गए। आरोपियों के पास से जो नोट बरामद हुए हैं उसमें सौ और दो सौ रुपये के नकली नोट हैं। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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युवक के पास से जब्त हुई 8 मोटरसाइकिल कटनी पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी की 8 मोटरसाइकिल जब्त कर ली। जगह-जगह पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले चोर का नाम विक्रम है। और यह चोरी की बाइक को बेचने की फिराक में था। नगर पुलिस अधीक्षक ख्याति मिश्रा ने बताया की मुख़िबरों के द्वारा हमें सूचना मिली थी। शातिर चोर विक्रम मोटरसाइकिल बेचने की फ़िराक में है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और उसके पास से चोरी की बाइक भी जब्त कर ली। पूछताछ में आरोपी ने बताया की वह शहर के अलग-अलग इलाकों से मोटर सायकल चोरी कर उसे अलग-अलग जगहों में छिपाकर रखता था और मौक़ा मिलते ही उसे 5 से 6 हजार रुपए में बेच देता था। इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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कोने-कोने से भक्त कथा का श्रवण करने पहुंचे बाबा बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा बड़ा मलहरा में चल रही है देश के कोने-कोने से भक्त उनकी कथा का श्रवण करने पहुंचे हैं। हनुमंत कथा के पहले दिन कथा व्यास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज ने हनुमान चालीसा की चौपाई रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई से शुरुआत की महाराज ने भक्तों के अपार समूह को हनुमान जी की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि जिस तरह से भरत जी ने अपने भाई श्री राम के लिए मां का त्याग कर दिया था इसी तरह हनुमान जी ने राम जी के लिए त्याग किया है राम जी के कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ही हनुमान जी पृथ्वी में अवतरित हुए थे इस कथा में न केवल आसपास के बल्कि देश के कोने-कोने से लोग कथा रसपान करने आए हैं।
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पचास हजार की फिरौती मिलने पर छोड़ा, आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया राजनांदगांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहाँ दो दोस्तों ने मिलकर अपने ही दोस्त का अपहरण कर उसे बंधक बना लिया। फिर उसके घरवालों से पचास हज़ार रुपए की फिरौती मांग ली। वो कहते है ना ऐसी दोस्ती से तो दुश्मनी अच्छी। राजनांदगांव के लालबाग थाना क्षेत्र के रेवाडीह इंदामरा से ऐसा ही मामला सामने आया है। जहाँ गनवीर उर्फ रोहन और विवेक मसीह ने अपने पंद्रह वर्षीय दोस्त को पहले तो घर से बाहर बुलाया फिर अगवा करके उसे बंधक बना लिया। फिर उसकी मां को फ़ोन लगाकर पचास हज़ार रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती मिलने के बाद अपहरणकर्ताओं ने किशोर को छोड़ दिया। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की और 12 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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अभिभावकों ने किया स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा खटीमा के एक स्कूल में छात्राओं की ड्रेस की नाप लेने के बहाने टेलरों ने उनसे छेड़छाड़ की जिसका छात्राओं ने विरोध किया। इस दौरान विद्यालय प्रशासन का स्टाफ भी वहां मौजूद था। लेकिन उन्होंने छात्राओं की बात को अनसुना कर दिया। छात्राओं ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी। जिसके बाद अभिभावकों ने आकर स्कूल में हंगामा किया। यह पूरा मामला एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का है। जहाँ छात्राओं की ड्रेस बनाई जानी थी। जिसके लिए खटीमा नगर के सिद्धार्थ गारमेंट्स से एक सहायक प्रतीक तिवारी के साथ दो दर्जी मोहम्मद कुमार एवं मोहम्मद शकील विद्यालय में बुलाए गए। जिनके द्वारा ड्रेस की नाप लेने के नाम पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की गई। इस दौरान विद्यालय के तीन स्टाफ कर्मचारी अशोक आर्य, ममता खोलिया और चंद्रशेखर भी मौके पर मौजूद थे। जिन्होंने छात्राओं के विरोध के बावजूद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। घटना की जानकारी होने पर आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर विद्यालय प्रशासन का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी करी अभिभावक संघ के अध्यक्ष राजवीर सिंह राणा ने कहा की जिन टेलरों ने छात्राओं के साथ अभद्रता की है। उनपर कड़ी करवाई की जाए। छात्राओं के अभिभावकों के द्वारा विद्यालय में हंगामा करे जाने की सूचना पर उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट तुरंत मौके पर पहुंचे और अभिभावकों को समझा बुझा कर शांत किया उप अधिकारी रविंद्र बिष्ट ने कहा की हमने सभी छात्राओं और उनके अभिभावकों के बयान दर्ज कर लिए। जो भी आरोपी शिक्षक है। उनको सस्पेंड कर दिया गया है। विद्यालय प्रशासन ने विद्यालय स्टाफ के तीन सदस्यों को मामले में संलिप्त होने एवं काम में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया। वही इस मामले में खटीमा कोतवाली में तैनात एसएसआई अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की छात्राओं से हुई छेड़छाड़ एवं अभद्रता के मामले में तहरीर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घटना के लिए जो भी लोग जिम्मेदार होंगे जांच उपरांत उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वही इस पूरे मामले में सिद्धार्थ गारमेंट के स्वामी संजय सिद्धार्थ ने कहा कि नाप जोक की पूरी कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे के सामने हुई है। जो भी सत्य होगा वह जांच में आ जाएगा। हमारे कर्मचारी अगर दोषी पाए जाते हैं तो कानून अपना काम करेगा
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इलाज के दौरान किसान की मौत, मृतक किसान के परिजनों ने किया प्रदर्शन दो लोगो ने मिलकर किसान को इतना पीटा कि इलाज के दौरान अस्पताल में किसान की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने किसान का शव रखकर प्रदर्शन किया और कानून से न्याय की गुहार लगाई। मामला छतरपुर के बमनौरा का है जहां जमीन विवाद में दो लोगो ने किसान नत्थू कुशवाहा को रास्ते से अगवा कर उसके साथ जमकर मारपीट की जिसके बाद पीड़ित किसान थाने में घटना की शिकायत करने पहुंचा। जहाँ उसकी हालत बिगड़ गई। फ़ौरन किसान को जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया जहाँ इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। पुलिस ने मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया। पर मृतक किसान के परिजनों की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाये। इसी मांग को लेकर परिजनों ने किसान के शव के साथ प्रदर्शन किया और टीकमपुर स्टेट हाइवे जाम कर दिया जाम की सूचना मिलने पर पुलिस और राजस्व अमला मौके पर पहुंचा और जाम लोगो को समझाइश देकर जाम खुलवाया।
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मनचले को घसीटते हुए थाने ले गई, मनचला कर रहा था युवती को परेशान डिंडोरी के राज्यपरिवाहन बस स्टेंड में लोग उस समय हक्का बक्का हो गए। जब एक युवती एक मनचले युवक का कॉलर पकड़ उसे घसीटते हुए डिंडोरी कोतवाली ले जाने लगी। आइये जानते क्या है पूरा मामला। जिस युवक को यह युवती घसीटते हुए कोतवाली ले जा रही है। उसका नाम दुख्खू मरावी है। जो ग्राम बेदरा का रहने वाला है और तो और वह डिंडोरी जिले में भारतीय जनता पार्टी में बड़ा कद रखने वाले एक नेता का भतीजा बताया जा रहा है। दुख्खू इस युवती को विगत एक वर्ष से परेशान कर रहा है। इससे तंग आकर इस युवती ने सबक सिखाने के लिए यह साहसिक कदम उठाया। एकतरफा प्यार में पागल इस युवक ने न सिर्फ युवती को परेशान किया। बल्कि एटीएम से उसके रूपए भी निकाल लिए। फिर क्या था बीच राह में युवती ने युवक का कॉलर पकड़ा और घसीटते हुए कोतवाली की ले जाने लगी इस बीच युवक को मौका मिला और वह अपनी जान बचाकर भाग निकला। दरअसल युवती की मां ने इस युवक को अपनी लड़की की शादी के लिए देखा था। लेकिन युवक युवती को परेशान करने लगा और लडकी के एटीएम से रुपए भी निकाल लिए युवती ने बताया की उसने इस मामले की शिकायत पूर्व में डिंडोरी के महिला थाना सहित डिंडोरी कोतवाली में की है। लेकिन पुलिस ने अब तक इस युवक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जिसकी वजह से युवक का हौसला बढ़ते जा रहा है और वह युवती को लगातार परेशान कर रहा है। युवती ने बताया वह अब इस मामले की शिकायत डिंडोरी पुलिस अधीक्षक से करते हुए उचित कार्यवाही की मांग करेगी।
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व्यक्ति के परिवार में मातम पसरा तालाब में नहाने गए एक व्यक्ति की नहाते समय डूबने से मौत हो गई। व्यक्ति की मौत से परिवार में मातम का माहौल है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। यह मामला मैहर के भदनपुर गांव का है। जहां गांव का ही ध्रुव कुमार तिवारी तालाब में नहाने गया था और नहाते समय वह गहरे पानी में डूब गया। जैसे ही गांव वालों को इस मामले की जानकारी लगी। उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर ध्रुव को बाहर निकाला और उसे अस्पताल ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गांव के सरपंच राहुल गुप्ता ने बताया की शासन-प्रशासन से कई बार गुजारिश करने के बाद भी तालाब की सफाई नहीं कराई गई। तालाब में सिंघाड़े के जाल में बिछे हुए हैं। जिसकी चपेट में ध्रुव आ गया और वह डूब गया। जिस कारण उसकी मौत हो गई। वही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
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पुलिस ने किया इन नाबालिकों को गिरफ्तार आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में चोरी करने वाले नाबालिगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी का सारा सामान बरामद कर लिया। दुकानों से चोरी का यह मामला छतरपुर का है। जहाँ पुलिस ने दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया। टीआई कमलेश साहू ने बताया की हमें आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में चोरी होने की शिकायत मिली थी। जिसमें से ब्यूटी पार्लर की दुकान से मेकअप का सामान जूते चप्पल की दुकानों से जूते-चप्पल तथा कुछ पैसे भी चोरी हुए थे। पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए सीसीटीवी कैमरे चेक किये तो इन नाबालिगों के बारे में पता चला। नाबालिकों को गिरफ्तार करके बाल सुधारालय में भेज दिया गया। वही चोरी का सारा सामान जब्त कर लिया गया है।
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डॉग के भौंकने पर मारी शराबी ने गोली छतरपुर में एक शराबी ने फ़ीमेल डॉग को गोली मार दी। गोली डॉग के पिछले हिस्से में लगी। जिससे वह घायल हो गई। डॉग मालिक ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। बेजुबानों पर अपराध के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन फिर भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है। फ़ीमेल डॉग मालिक शिवम सिंह ने बताया कि गांव के ही आरोपी गुबंदी रजक ने मेरी जर्मन सेफ़र्ड प्रजाति की डेजी नाम की फ़ीमेल डॉग को उस समय गोली मार दी। जब शाम को वह घर के बाहर थी और गुबंदी रजक दारू पीकर मेरे दरवाजे से निकला, तो उसने भौंक दिया। जिससे गुस्साए गुबंदी ने एयर गन से उसे गोली मार दी। जो कि उसके कमर में जाकर लगी और वह चिल्लाने लगी उसके शरीर से काफी खून भी बह गया। वहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। टीआई कमलेश साहू ने बताया की यह पुरानी रंजिश का मामला है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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तस्कर के पास से 60 लीटर शराब जब्त आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कटनी पुलिस इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रही है। जिले मे अवैध नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ पुलिस ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने शराब की तस्करी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से 60 लीटर अवैध शराब भी जब्त की। पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया उसका नाम अरविन्द है। यह महुआ की कच्ची शराब बनाकर उसे बेचता था। बड़वारा थाना प्रभारी अनिल यादव ने बताया की हमें सूचना मिली थी की विलायत कला में कच्ची शराब बनाकर बेची जाती है। सूचना के आधार पर हमने दबिश देकर अरविन्द सिंह को गिरफ्तार किया। अरविन्द के कब्जे से हमें 60 लीटर अवैध महुआ शराब चार प्लास्टिक के डिब्बो में बरामद हुई। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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महिला कर्मचारी ने छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा के बीएमओ डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते के खिलाफ अस्पताल में पदस्थ एक महिला कर्मचारी ने छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया और थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़ित महिला ने बताया की वह अस्पताल में प्राइवेट तौर पर आया का काम करती है। बीएमओ द्वारा उसे नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म करने का भी दबाव बनाया गया। पीड़ित महिला ने बताया कि उसने इस बारें में अपने भाई और मां को बताया और परिवार वालों की सलाह पर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। महिला की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते के विरुद्ध मामला पंजीबध्द कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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डिप्टी रेंजर व वनरक्षक ने की आदिवासी युवक से मारपीट, नाराज आदिवासियों ने डीएफओ कार्यालय का किया घेराव हरदा में एक आदिवासी युवक की डिप्टी रेंजर व वनरक्षक ने बेरहमी से मारपीट कर दी। इस घटना के बाद से आदिवासी समाज में काफी आक्रोश है। आदिवासी समाज ने इस मामले पर कड़ी करवाई की मांग की। डिप्टी रेंजर जीवनदास रघुवंशी और वनरक्षक अंकुश द्विवेदी ने जिस युवक की पिटाई की उसका नाम शंकर है और वह वोवदा गांव का रहने वाला है। शंकर ने बताया की वह मीटिंग के समय अपनी बात रखने गया था। लेकिन वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ने उसकी कोई बात नहीं सुनी और कहने लगे की तुझे ज्यादा पता है। फिर उसके बाद उन्होंने अपशब्द कहे और मारपीट की वही इस घटना के बाद से नाराज आदिवासी समाज ने टिमरनी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अभिजीत शाह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वन मंडल कार्यालय का घेराव किया और डिप्टी रेंजर व वनरक्षक के खिलाफ एक ज्ञापन सामान्य वन मंडल अधिकारी को देकर कार्यवाही की मांग की अभिजीत शाह ने कहा की हमारी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। यदि तीन दिन के अंदर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम लोग आंदोलन करेंगे। वही इस मामले को लेकर एसडीओ ओमप्रकाश ने कहा की मामले की जाँच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी।
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सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर एक युवक ने भगवान् श्री कृष्ण पर आपत्तिजनक पोस्ट किया। जिसके बाद लोगों पुलिस स्टेशन पहुंचकर पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। छतरपुर मे सोशल मीडिया पर भगवान कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के खिलाफ आम लोगों और हिंदूवादी संगठनो ने प्रदर्शन कर थाने मे शिकायत दर्ज करवाई। सिविल लाईन थाना पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कृष्ण जन्माष्टमी पर कदारी गांव के एक युवक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भगवान कृष्ण के बारे मे आपत्तिजनक टिप्पणी जिस से लोग काफी नाराज थे।
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दोस्त के साथ मिलकर छेड़छाड़ करने वाले को मारा बरेली में एक युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक युवक की हत्या इसलिए कर दी। क्योंकि उस युवक ने 1 साल पहले उसकी बहन के साथ छेड़खानी की थी। बीते 1 वर्ष से वह आरोपी युवक की हत्या की प्लानिंग कर रहा था। मौका मिलते ही उसने उस युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवक का नाम चंचल राजपूत है और मृतक युवक का नाम प्रदीप है। आरोपी चंचल ने पुलिस पूछताछ में बताया की प्रदीप ने उसकी बहन के साथ लगभग 1 साल पहले छेड़खानी की थी। उसने तभी से ठान लिया था कि इसको सबक सिखाना है। लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। फिर उसने अपने दोस्त पप्पू के साथ इस पूरी हत्या की प्लानिंग की फिर बीते 7 सितंबर को उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। किसी को इस घटना की जानकारी ना मिल सके। इसलिए वह गांव से फरार हो गए थे। सिटी एसपी राहुल भाटी ने बताया की इस मामले में चंचल राजपूत और उसके दोस्त पप्पू को गिरफ्तार किया गया है। एसपी राहुल भाटी ने बताया की ये आरोपी प्रदीप को शराब पिलाने के बहाने जंगल ले गए और जंगल में उसे खूब शराब पिलाई। फिर नशे की हालत में ही उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। इन दोनों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
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डॉक्टरों की टीम ने किया लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन में आयुष्मान स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया जिसमें राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए इस मेले में लोगों का निशुल्क इलाज किया गया। सिविल अस्पताल की नवनिर्मित बिल्डिंग 9 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई जिसका राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने फीता काटकर शुभारंभ किया इसी शुभारंभ अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन में आयुष्मान स्वास्थ्य मेले का भी आयोजन किया गया था जहां मेडिकल कॉलेज से आए डॉक्टरों की टीम ने मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया है डॉक्टरों द्वारा सभी मरीजों का परीक्षण कर उन्हें उचित इलाज भी ऑन द स्पॉट प्रदान किया गया रामखेलावन पटेल ने कहा है कि भाजपा सरकार ने राष्ट्र स्तर पर से लेकर जिला स्तर तक आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का शुभारम्भ किया है जिससे हर माध्यम वर्ग के व्यक्ति का भला हो रहा है यहाँ पर लोगों का इलाज हो रहा है और यदि किसी को आगे भी इलाज की जरुरत पड़ी तो उनका इलाज मेडिकल कॉलेज और अन्य जगह पर कराया जायेगा बीएमओ सूरज ठकुरिया ने कहा की मेडिकल कॉलेज से 11 डॉक्टरों की टीम यहाँ पर आई हुई है जिन्होंने जनता का इलाज किया है।
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पुलिस ने किया शातिर चोरों को गिरफ्तार चोरों के पास से चोरी के पैसे भी बरामद,डाकघर में रुपये जमा कराने के लिए कतार में खड़ी विभागीय कमीशन एजेंट के थैले से ढाई लाख रुपये चोरी करने के मामले में पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया पुलिस ने चोरों के पास से चोरी के ढाई लाख रुपए भी बरामद कर लिए साथ ही चोरी करने में उपयोग में लाई गई बाइक भी जब्त कर ली। यह घटना 29 अगस्त की है मोहल्ला गंज निवासी रजनी सिंगल जो की स्थानीय डाकघर में कमीशन एजेंट है वह रुपए जमा करने के लिए जब डाकघर में पहुंची तो जमा काउंटर की कतार में उनका ढाई लाख रुपए से भरा थैला से किसी ने गायब कर दिया रजनी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी पुलिस ने इस मामले में जांच करते हुए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जिसमें दो संदिग्ध जाते हुए दिखाई दिए जिस पर पुलिस ने बाइक का नंबर ट्रेस कर दोनों संदिग्धों को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया की दोनों आरोपियों ने अपना नाम फरियाद हुसैन व जशमेद बताया दोनों नशे व जुआ खेलने के आदि है अपनी नशे व जुए की लत को पूरा करने के लिए चोरी करते थे पुलिस ने दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया है।
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पुलिस कर रही गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश काशीपुर पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया .जबकि इस गिरोह के अन्य सदस्य भागने में कामयाब हो गए जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। माता मंदिर रोड पर एक व्यक्तिकी कार चोरी हो गई थी पुलिस कार की तलाश कर ही रही थी की दूसरी कार चोरी की शिकायत पुलिस को मिली पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो को खंगाला लेकिन कुछ पता नहीं चला कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से पता चला कि उक्त चोरी की कार घटनास्थल से स्टेडियम तिराहा, चीमा चौक, टांडा तिराहा, ढेला पुल पार करते हुए मुरादाबाद रोड पर जाती दिखाई दी पुलिस ने जब कार की घेराबंदी कर चोरों को पकड़ने का प्रयास किया तो कार में सवार चार लोगों में से तीन भागने में सफल रहे जबकि एक युवक को पुलिस ने कार समेत दबोच लिया पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि हम चार लोग इसी कार से और कारो को चोरी करने जा रहे थे आरोपी के कब्जे से दो नंबर प्लेट भी बरामद कर ली गई फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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जिससे हजारों का नुकसान हुआ एक व्यक्ति को बचाने के चक्कर में बोलेरो चालक ने गाड़ी को घर में घुसा दिया। जिससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ। गनीमत रही की इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई। यह मामला सिंगरौली का है। इस हादसे से काफी नुकसान हुआ है। जिस महिला के घर में बोलेरो घुसी उसने बताया की उसका हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। घर की दीवार धराशायी हो गई है और घर में रखी मोटर साइकिल भी टूट गई है। वही इस हादसे में बोलेरो भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
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तस्कर के पास से 3 किलो गांजा जब्त राजनांदगांव में पुलिस प्रशासन ने अपराधियों पर सख्त रवैया अपनाया हुआ है। पुलिस जगह-जगह पर नशे की अवैध तस्करी करने वालों पर एक्शन ले रही है। इसी कड़ी में प्रशासन ने गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया और उसके पास से 3 किलो गांजा जब्त किया। नगर पुलिस अधीक्षक अमित पटेल ने बताया की हमें सूचना मिली थी की पुराना बस स्टैण्ड खालसा होटल के पास एक व्यक्ति ने अवैध रूप से गांजा रखा है और बिक्री करने के लिए ग्राहक तलाश रहा है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी कृष्णा कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से 3 किलो गांजा जब्त किया जिसकी कीमत 18 हजार रुपए है। आरोपी के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया।
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फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ छतरपुर में नर्सिंग की छात्रा ने ख़ुदकुशी कर ली। छात्रा ने ख़ुदकुशी क्यों की, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया। पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह घटना छतरपुर की चौबे कालोनी की है। जहां फांसी लगाने वाली छात्रा का नाम क्रांति अहिरवार है और वह नर्सिंग कॉलेज में पढ़ती है। क्रांति के माता-पिता जम्मू में मजदूरी करते हैं। टीआई कमलेश साहू ने बताया की पुलिस को छात्रा के फांसी लगाने की सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रा के परिजनों को सूचना दी और शव का पोस्टमार्टम कराया। छात्रा के फांसी लगाने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।
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वेयरहाउस संचालक ने की एसडीएम से शिकायत डिंडौरी में किसानों से समर्थन मूल्य में की गई। धान खरीदी में फर्जीवाड़ा किये जाने का मामला सामने आया है। वेयरहाउस संचालक ने घोटालेबाज अफसरों की पोल खोलते हुए मामले की शिकायत एसडीएम से की। आठ महीने पहले नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के द्वारा शहपुरा तहसील मुख्यालय स्थित गुप्ता वेयरहाउस में सोलह हजार सात सौ नौ बोरी धान का भंडारण कराया गया था। जिसका वजन कुल छ हजार छ सौ त्रियसी क्विंटल होता है। समर्थन मूल्य में किसानों से जब धान खरीदा जाता है। तो एक बोरी में 40 किलोग्राम धान लिया जाता है और किसानों को प्रति बोरी 40 किलोग्राम के हिसाब से ही भुगतान किया जाता है। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारीयों ने ऑनलाइन पोर्टल में गुप्ता वेयरहाउस में भंडारित धान का वजन 418 क्विंटल बढाकर दर्ज़ कर दिया। नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के मुताबिक धान की प्रत्येक बोरी का वजन 42 से लेकर 43 किलोग्राम है ऑनलाइन पोर्टल में धान के अधिक वजन को देखते हुए वेयर हाउस संचालक ने भंडारित धान का भौतिक सत्यापन कराने हेतू एसडीएम से शिकायत की वेयर हाउस संचालक कपिल गुप्ता ने बताया की मेरी गोदाम में धान खरीद कर रखी गई हैजो की 40 की एवरेज से खरीदी गई है। लेकिन उनको 42 की एवरेज का दर्शाया गया है। इस मामले की शिकायत मैंने एसडीएम से भी की लेकिन अभी तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला है। नियम के अनुसार 40 की एवरेज से खरीदी की जाती है। फिर गोदाम में 42 की एवरेज का माल क्यों रखा गया है। यह शासन के नियम के विरुद्ध है। जिला किसान संघ अध्यक्ष रेवाप्रसाद झारिया ने कहा की जब धान तुलवाते हैं। तो काटें में गड़बड़ी होती है। जिसकी वजह से गरीब किसानों को नुकसान होता है। जब इस मामले को लेकर जब नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के डीएम अरुण मौर्या से बात करने की कोशिश की गई। तो वे कैमरा देखते ही हाथ जोड़कर भागते नजर आए। वही एक किसान ने यह आरोप लगाया की अधिकारी धान तोलने के लिए भी घूस लेते हैं। नहीं देते तो धान नहीं तोलते है। वही एसडीएम निशा नापित ने पूरे मामले की जांच नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को सौंपी है।
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कर्मचारियों ने मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की माँ नर्मदा से सरकार को सद्बुद्धि देने को कहा,अपनी मांगों को लेकर सेवा सहकारी संस्था के कर्मचारी हड़ताल पर है कर्मचारियों का कहना है की जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वह हड़ताल करते रहेंगे संयुक्त मोर्चा महासंघ के आह्वान पर पिछले 20 दिनों से सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी हड़ताल पर है इसी के तहत देवास सहकारी संस्था कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जवाल सिंह ठाकुर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने नर्मदा तट पहुंचकर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और मां नर्मदा को चुनरी अर्पण की साथ ही उन्होंने मां नर्मदा से प्रार्थना की की वह सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें जवाल सिंह ठाकुर ने कहा की हमारी मुख्य मांग है की वेतनमान लागू हो वेतनमान के अंतर्गत कर्मचारियों को वेतन मिले जवाल सिंह ठाकुर ने कहा की....सरकार उनकी सभी मांगे जल्द से जल्द पूरी करें यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हड़ताल जारी रहेगी और कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे।
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खामियां मिलने पर डीआरएम यादव ने लगाई फटकार पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल की डीआरएम रेखा यादव ने निरीक्षण यान ट्रेन से अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर सभी कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया तथा खामियां मिलने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। डीआरएम रेखा यादव ने सभी कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने नगीना कॉलोनी क्षेत्र में होने वाले कार्यो की प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखी वही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं के लिये बनने वाली हाईटैक पार्किंग आरपीएफ बैरक, अनाउंसमेंट कार्यालय आदि का बारीकी से निरीक्षण करते हुए खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए रेखा यादव ने रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर लगी प्रचार सामग्री पर अधिकारियों को फटकार लगाई इसके साथ ही पैदल पुल पर निर्माण कार्य को देखकर आईओडब्ल्यू को जमकर लताड़ लगाते हुए खामियों को दुरूस्त करने के निर्देश दिये।
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घायलों का इलाज चल रहा मध्य प्रदेश में लम्बे समय के इंतजार के बाद बारिश का दौर शुरू हुआ जहाँ एक ओर बारिश किसानों के लिए खुशहाली ला रही है तो वही दूसरी ओर बारिश का कहर भी देखने को मिल रहा है लगातार बारिश की वजह से अमरपाटन में बिजली गिरी जिसकी चपेट में पांच लोग आ गए। यह सभी लोग अमरपाटन के रहने वाले हैं जिन्हे अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया वही दूसरी और लगातार बारिश के चलते रैकवार बड़ा टोला गाँव में कच्चा मकान गिर गया उस घर में मौजूद महिला भी मलबे में दब गई समय रहते ही मलबे से महिला को निकाला गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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बुजुर्ग का चल रहा है अस्पताल में इलाज पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले जंगलों में आए दिन जंगली भालुओं द्वारा. ग्रामीणों पर हमला किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं बावजूद इसके वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए इंतजाम नहीं किए जा रहे है ताजा मामला किशनगढ़ क्षेत्र के ग्राम कुपी से सामने आया है जहां एक अधेड़ पर जंगली भालू ने हमला कर उसे जख्मी कर दिया। बुजुर्ग व्यक्ति का नाम हरदयाल है हरदयाल के भतीजे दीपक यादव ने बताया की उसके चाचा किसी काम से जंगल गए हुए थे इसी दौरान एक मादा भालू और उसके बच्चों ने उनपर पर हमला कर दिया भालू के हमले से वह बुरी तरह जख्मी हो गए इस घटना की सूचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे और घायल अवस्था में ही चाचा को अस्पताल लेकर आये जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
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पुलिस ने हर्ष फायरिंग करने वाले युवक को गिरफ्तार सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक बर्थ डे पार्टी में हर्ष फायरिंग करते हुए नजर आ रहा है पुलिस ने इस फायरिंग करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया। यह वायरल वीडियो अमरपाटन का है जिसमें हर्ष फायरिंग करने वाले युवक का नाम श्रीकांत पाण्डेय है श्रीकांत ने पहले घर के बाहर फायरिंग की उसके बाद उसका वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया फ़िलहाल पुलिस ने आरोपी श्रीकांत पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया।
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युवक ने परिवार वालों पर लगाया आरोप पुलिस कॉन्स्टेबल पर भी प्रताड़ना का आरोप,देहरादून में एक युवक ने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी मृतक ने अपने ही घरवालों और पुलिस कांस्टेबल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर लिया। पहले सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट करके अपनी आपबीती सुनाई फिर अपने जीवन को खत्म कर लिया यह मामला देहरादून के गुडरीच का है मृतक युवक का नाम अजीत है अजीत सब्जी लेने का बहाना बनाकर शक्ति नहर के पास पहुंचा और वहां उसने अपना वीडियो बनाया और सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया वीडियो में मृतक अपने ही परिवार के लोगों पर और थाना विकासनगर में नियुक्त कांस्टेबल विकास त्यागी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते नज़र आ रहा है पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर लिया है और आरोपी कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
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घरों में तोड़फोड़ कर फसल बर्बाद की डिंडोरी ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों ने आतंक मचा दिया है हाथियों ने ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की व खेत में लगी फसल को बर्बाद कर दिया। हाथी मेरा साथी ये बात हर जगह फिट नहीं बैठती है कभी-कभी हाथियों की वजह से लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है ऐसा ही मामला सामने आया है डिंडोरी के कपोटी गावं में जहाँ जंगली हाथियों ने आतंक मचा दिया है हाथियों ने ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की साथ ही उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी।
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चुनावी रंजिश के चलते झगड़ा हुआ था सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ दबंग एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर रहे हैं आइये जानते हैं कहाँ का है वीडियो और कौन है पीड़ित व्यक्ति यह वायरल वीडियो छतरपुर के आतनिया का है और जिस व्यक्ति की पिटाई यह दबंग कर रहे हैं वह आदिवासी सरपंच का पति बताया जा रहा है और इस मारपीट की वजह चुनावी रंजिश है जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वैसे ही हड़कंप मच गया दोनों पक्षों द्वारा थाने में एफआईआर करवा दी गई है पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।
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पुलिस ने युवक-युवतियों को हिरासत में लिया कटनी में स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चल रहा था पुलिस ने छापा मारकर स्पा सेंटर से 2 युवक सहित 4 युवतियों को हिरासत में लिया हिरासत में लिए गए युवक-युवतियों से पूछताछ की जा रही है। महिला थाना को खबर मिली थी कि स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का कारोबार किया जा रहा है प्रभारी मधु पटेल के निर्देशन पर गोल्डन स्पा सेंटर पर छापामार कार्यवाही की गई महिला थाना प्रभारी मधु पटेल ने बताया की लगातार हमें सूचना मिल रही थी की स्पा सेंटरों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है सूचना के आधार पर हमने गोल्डन स्पा सेंटर में कार्यवाही की और वहां से 2 लोगों को आपत्तिजनक स्तिथि में पकड़ा इसके साथ ही अन्य महिला पुरुषों को भी हिरासत में लिया गया पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
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हितग्राहियों ने सेल्समैन पर लगाए आरोप डिंडोरी से राशन के बदले पैसे बांटने का मामला सामने आया है हितग्राहियों का आरोप है कि सेल्समैन राशन की जगह पैसे दे रहा है खाद्य अधिकारी ने मामले की जांच का भरोसा दिया है मामला डिंडोरी के कलगी टोला का है जहाँ शासकीय उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों को पिछले कई महीनों से राशन नहीं दिया गया है जिसकी शिकायत पहले ही हो चुकी है शिकायत होने के बाद आनन फानन में सेल्समैन अजय सिंह धुर्वे ने हितग्राहियों को पैसे बांटना शुरू कर दिया मामला सामने आने के बाद खाद्य अधिकारी जयंत असाठी का कहना है कि यह नियमों की अनदेखी है मामले की जांच कराई जाएगी इस मामले में सेल्समैन अजय सिंह धुर्वे का कहना है कि कुछ हितग्राही राशन तो लेकर चले गए पर उनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं हो पाया है।
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पंजे के वार से व्यक्ति लहूलुहान उमरिया में बाघ ने एक शख्स के ऊपर हमला कर दिया। हमला इतना ज़ोरदार था कि, बाघ के पंजे के वार से व्यक्ति लहूलुहान हो गया और किसी तरह अपनी जान बचा कर भागा। नाम उत्तम सिंह उम्र साठ वर्ष गए थे गजेहरा गाँव रिश्तेदारी निभाने पर वहा कुछ ऐसा हुआ कि अब उत्तम सिंह को अस्पताल में अपना समय बिताना पड़ रहा है। असल में उत्तम सिंह पर बाघ ने हमला कर दिया है। बाघ के पंजे के वार से उत्तम सिंह खूना खून हो गया। वो तो भला हो उसकी बहादुरी का कि किसी तरह उसने बाघ से अपनी जान बचा ली।
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अधेड़ व्यक्ति का हुआ अपहरण प्रदेश में बदमाशों के हौसलें बुलंद होते जा रहे है। रामनगर में कार सवार बदमाशों ने अधेड़ उम्र के व्यक्ति का अपहरण कर लिया। फिर पच्चीस हज़ार की फिरौती मिलने के बाद व्यक्ति को रिहा किया। ऐसा लग रहा है मानो बदमाशों को कानून का डर ही नहीं है। दुर्गा प्रसाद पटेल गाँव में कजलिया का त्यौहार मना रहा था। दुर्गा प्रसाद को क्या खबर थी कि कुछ ही समय में उसका अपहरण हो जाएगा। त्यौहार की शाम को अन्नू द्विवेदी, अमित द्विवेदी और सोनू मुसलमान ने दुर्गा को किडनेप कर लिया। फिर उसके बेटे रिषु कुमार पटेल को फ़ोन कर पच्चीस हज़ार रुपए की रकम मांगी। देर रात रिषु अपने चचेरे भाई के साथ जब फिरौती देने बताई गई लोकेशन पर पहुंचा तो आरोपियों ने रकम तो ले ली पर दुर्गा प्रसाद को नहीं छोड़ा। जिसके बाद रिषु ने मामले की शिकायत पुलिस से की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपहरणकर्ताओं की गाड़ी का पीछा किया। तब आरोपियों ने दुर्गाप्रसाद के साथ मार पीट की और उसे सुनसान क्षेत्र मे छोड़ कर भाग निकले। पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
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1 किलो 600 ग्राम गांजा जब्त सिंगरौली पुलिस ने एक शातिर गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। गांजा तस्कर ने पुलिस से बचने की खूब कोशिश की पर आख़िरकार पुलिस ने उसे धर दबोचा। जयनगर गांव में सत्यभान सिंह अपने घर से ही गांजा की बिक्री करता था। पुलिस को इस मामले की भनक तो पहले ही लग चुकी थी। पर शातिर आरोपी अक्सर पुलिस को चकमा देकर गाँव से भाग जाता था। सत्यभान सिंह को लगने था कि वो ऐसे ही गांजा तस्करी करता रहेगा और क़ानून भी उसका कुछ नहीं बिगड़ पायेगा। पर कहते हैं ना कानून के हाथ लम्बे होते है। पुलिस को एक बार फिर सूचना मिली कि सत्यभान अपने घर से गांजा बेच रहा है। इस बार पुलिस ने तुरंत करवाई की और गांजा तस्कर को उसी के घर में धर दबोचा। पुलिस ने सत्यभान सिंह के पास से 1 किलो 600 ग्राम गांजा जब्त किया है और कानूनी कार्यवाही करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है।
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चल रहा है अवैध हथियारिन का करबार छतरपुर में चोरी छुपे अवैध हथियारों का कारोबार चल रहा है। पुलिस ने जब दविश दे कर दो बदमाशों को पकड़ा तो उनके पास से अवैध हथियार भी मिले। पुलिस ने इन अपराधियों को जेल पहुंचा दिया है। थाना सिविल लाईन पुलिस ने दो अलग अलग स्थानो पर दबिश देकर दो आरोपियो को अवैध कट्टे और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने अवैध हथियार रखने व दहशत फैलाने वाले इन आरोपियो को जेल भेज दिया है। पुलिस को मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि सागर रोड पर न्यू झिलमिल ढाबा के सामने एक व्यक्ति अपराध करने की नियत से अवैध कट्टा लिये खडा है।इसके बाद पुलिस ने इसे धर दबोचा। हरिबाटिका मैरिज गार्डन के पास देरी रोड पर एक व्यक्ति अपराध करने की नियत से अवैध कट्टा लिये घूम रहा था इसे भी पुलिस ने अपराध करने से पहले ही पकड़ लिया।
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पुलिस कर रही है मामले की जांच भगवानपुर में पैंतालीस साल के एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा ही पिछले कई महीनों से मृतक की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पैंतालीस साल का यह व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ भगवानपुर के चौल्ली शहाबुद्दीनपुर गांव में किराये के मकान पर रहता था। पिछले करीब सात महीने से व्यक्ति का दिमागी संतुलन ठीक नहीं था। जिसका लगातार इलाज भी चल रहा था। व्यक्ति के फांसी लगा कर जान देने की खबर सुनने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। अब भगवानपुर पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
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पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी काशीपुर में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने ऐसे चोरों को पकड़ा है। जो मोबाइल फ़ोन चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों के पास से मोबाइल के साथ चाकू भी बरामद किया गया है। आये दिन फ़ोन चोरी की ख़बरें सुर्खिया बन रही है। पर चोर कितना ही शातिर क्यों न हो। काशीपुर थाना पुलिस से नहीं बच सकता। पिछले दिनों थाने में फ़ोन चोरी की शिकायत दर्ज हुई थी। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सीसीटीवी की मदद से चोरों को ढूंढ निकाला। काशीपूर में ही एक ब्यूटी पार्लर से चोर एसी का आउटडोर ले उड़े। फिर क्या था। काशीपुर के थाना प्रभारी मनोज रातूडी के नेतृत्व में पुलिस टीम चोरों की तलाश में जुट गई और 12 घंटे के अंदर चोरों को दबोच लिया। अब लोग काशीपुर पुलिस प्रशासन की तारीफ कर रहे है।
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धाबड़ा के पेड से टपक रहा है पानी देवास से एक अजीबोगरीब घटना सामने आयी है। जहां धाबड़ा के पेड से पानी की बूंदे टपक रही हैं। लोगों ने उस पेड़ की पूजा अर्चना भी शुरू कर दी है और नारियल चढ़ा कर मन्नते मांगी जा रही है। आस्था और अंधविश्वास के बीच एक महीन सी लकीर होती है। सतवास तहसील के ग्राम इकलेरा से आ रही तस्वीर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इकलेरा के समीप जंगल में धाबड़ा के पेड से पानी की बूंदे टपक रही है। ग्रामीणों का दवा है कि यह एक चमत्कार है। दावा तो ये भी किया जा रहा है की इस पेड़ की परिक्रमा करने से लोगों की बीमारिया ठीक हो रही है। बड़ी संख्या में लोग पेड़ की पूजा अर्चना करने मन्नत मांगने की लिए पहुँच रहे है। एसडीओ फॉरेस्ट एस एल यादव का कहना है कि, ये कोई चमत्कार नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। जबलपुर शोध केंद्र को इस मामले की सूचना दे दी गई है |शोध के बाद ही तय होगा की पेड़ से पानी क्यों टपक रहा है।
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मुँह में बिजली का तार लेने से गई जान एक युवक की छोटी सी लापरवाही उसकी जान पर भारी पड गई। युवक ने बिजली का तार छीलने के लिए मुँह में लिया था कि करंट ने उसकी जान ले ली। ये मामला छतरपुर के पीरा गाँव का है। जहाँ 22 वर्षीय युवक गोविंद्र पाल बिजली के पंखे का तार मुँह से छील रहा था। बिजली का एक तार बोर्ड में लगा था तभी अचानक बिजली के तार में करंट आ गया। जिससे युवक के मुंह में करंट लगने से वो जमीन पर गिर गया। युवक को उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले गए। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
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सैकड़ों ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे को किया जाम एक बस संचालक ने बेवजह एक ऑटो चालक के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद कई लोग ऑटोचालक के पक्ष में सामने आये और बस वाले गुंडागर्दी के खिलाफ चक्का जाम कर दिया। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष ने कलेक्टर को भाजपा का एजेंट बताया। डिंडोरी जिले भुर्सी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे शहडोल पंडरिया मार्ग पर जाम लगाकर हंगामा किया। जिसकी वजह से वाहनों की लंबी कतार हाइवे के दोनों ओर लग गई। दरअसल एक बस संचालक ने आटो चालक के साथ मारपीट कर दी थी। जब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया और कार्यवाही की मांग करने लगे। मौके पर पुलिस बल तैनात रहा। जहां कलेक्टर विकास मिश्रा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देते नजर आए लेकिन ग्रामीण कार्यवाही की मांग को लेकर अडे रहे। वही चक्का जाम कर हंगामा कर रहे ग्रामीणों के बीच पहुंचे डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेष परस्ते ने डिंडोरी कलेक्टर को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट बता दिया। प्रशासन के अनुरोध ग्रामीणों बमुश्किल चक्का जाम ख़त्म किया।
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युवक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल नर्मदा में डूबने से एक 15 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक युवक का नाम राज था और वह भील खेड़ी का रहने वाला था। राज नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए गया था। तभी अचानक वह गहरे पानी में चला गया। और डूब गया। घटना की जानकारी मिलते ही 108 पर तैनात पायलट नितिन सावले ईएमटी प्रवीण शर्मा ने मौके पर पहुंचकर राज को गंभीर अवस्था में शासकीय अस्पताल खातेगांव पहुंचाया। जहां मौजूद डॉक्टरों ने राज का स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।
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पुलिस ने इन आरोपियों को किया गिरफ्तार सतना में कुछ दरिंदों ने हैवानियत की हदें पार करते हुए एक 6 साल की बच्ची को हवस का शिकार बना डाला पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह मामला अमरपाटन के ककलपुर गांव का है जहां आरोपी विकास पटेल बच्ची को बहला-फुसलाकर रीवा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया विकास के साथियों ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया घटना के बाद जब मासूम अपने घर ग्राम ककलपुर पहुंची तो उसने परिजनों को जानकारी दी इसके बाद परिजनों ने थाना में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने मुख्य आरोपी विकास पटेल को तो पहले ही गिरफ्तार कर लिया थी अन्य आरोपियों की भी गिरफ़्तारी हो चुकी है।
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महिला एजेंट ने एक युवक पर जताया शक काशीपुर डाकखाने में कलेक्शन के ढाई लाख रुपये जमा कराने कैश काउंटर पर पहुंची महिला एजेंट के रुपये गायब हो गए महिला ने एक युवक पर रुपये गायब करने का शक जताया और पुलिस से शिकायती की। काशीपुर निवासी रजनी सिंघल डाकखाने में एजेंट के रूप में कार्य करती हैं जब वह एक थैले में कलेक्शन किये हुए करीब ढाई लाख रूपये डाकखाने में जमा कराने गई थी इस दौरान उन्होंने रुपयों से भरा थैला डाकखाने के कैश काउंटर पर रख दिया और किसी काम में व्यस्त हो गई इस बीच एक टप्पेबाज ने उनका रुपयों से भरा थैला चुरा लिया रजनी ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की रजनी सिंघल ने बताया की मैं डाकखाना ढाई लाख रुपये जमा करने गई थी लेकिन वहां पर मेरे पैसे चोरी हो गए वही इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है बता दें डाकखाने में कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जबकि डाकखाने में सैकड़ों लोग रोजाना किसी न किसी कार्य से आते है डाकखाना प्रभारी रमेश तिवारी ने बताया कि डाकखाने में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कई बार उच्च स्तर पर लिखित तौर पर मांग की गई लेकिन अभी तक कैमरे को स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है।
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पुलिस ने किया गांजा तस्करों को गिरफ्तार कटनी पुलिस ने गांजे की अवैध तस्करी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया पुलिस ने आरोपियों के पास से ढाई लाख रुपए का गांजा भी बरामद किया साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से गांजा तस्करी के उपयोग में लाई गई कार तेरह सौ बीस रूपए नगद व चार मोबाइल फोन भी जब्त किए। एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे ने बताया कि हमें सूचना मिली थी की कुछ लोग कार में गांजा रखकर कटनी की ओर आ रहे हैं इलाके की घेराबंदी करके हमने कार की तलाशी ली. तलाशी में कार की डिक्की में 23 किलो चार सौ पचास ग्राम गांजा रखा मिला जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए बताई जा रही है नीरज दुबे ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने रमेश उर्फ राहुल पचारिया,गोविन्द पचारिया,महेन्द्र श्रीवास,अमरीश सिंह और हरिशंकर गुप्ता को गिरफ्तार किया नीरज दुबे ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से स्वीफ्ट डिजायर कार, नगदी व चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
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जब तक मांग पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी पटवारी संघ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहा है पटवारी संघ का कहना है की सरकार उनकी बार-बार अनदेखी कर रही है जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक वह हड़ताल करेंगे। पटवारियों ने अपनी वेतन वृद्धि की सहित अन्य मांगों को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था तिरंगा यात्रा भी निकाली थी लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी है इस वजह से पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा की जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हमारी यह हड़ताल चलेगी हमने कलमबद्ध हड़ताल शुरू कर दी है साथ ही अमरपाटन तहसील के सभी हल्का पटवारी ने अपने बस्तों को तहसील कार्यालय में जमा कर दिए हैं और सभी राजस्व कार्यो को बंद करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
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सड़कों से सामान हटवाकर चालान भी काटे हाई कोर्ट के आदेश के बाद जहां एक ओर प्रशासन जगह-जगह से अतिक्रमण हटा रहा है तो वही दूसरी ओर त्योहारों का सीजन आते ही व्यापारियों ने सड़कों तक अपनी दुकानें सजा ली है जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने सड़क से उनकी दुकानें हटवाई और उनका चालान काटा। चौकी प्रभारी संदीप पिलख्वाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नगर की पुरानी तहसील रोड एवं सब्जी मंडी मार्केट में अवैध रूप से सड़क के बीच लगाए गए ठेलों एवं दुकानों को हटवाया साथ ही सड़क किनारे की नालियों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी हटवाया गया इस दौरान नगर की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण करने वाले लगभग 30 से 40 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चालान की कार्यवाही भी की गई चौकी प्रभारी संदीप पिलख्वाल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अतिक्रमण ना बर्दाश्त किए जाने के निर्देशों एवं खटीमा के उप जिलाधिकारी रविंद्र विष्ट के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए नगर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने एवं अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ चालान की कार्यवाही करी गई है यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
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बाघ ने एक व्यक्ति पर हमला किया बाघ के हमले से हुई व्यक्ति की मौत,खटीमा के सुरई वन रेंज संख्या 47 बी में बाघ ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया व्यक्ति की मौत के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। मृतक की पहचान हरनंदन के रूप में हुई है हरनंदन और उसकी पत्नी नानी देवी घास लेने के लिए जंगल में गए हुए थे इस दौरान बाघ ने हरनंदन पर हमला कर दिया और उसे खींचते हुए झाड़ियों की तरफ ले गया नानी देवी के शोर मचाने पर स्थानीय लोग एकत्रित हुए और घटना की सूचना वन विभाग की टीम को दी घटना की सूचना मिलते ही.. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लगभग 25 राउंड हवा में फायर कर बाघ के कब्जे से व्यक्ति को छुड़वाया लेकिन तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पुलिस के साथ मिलकर पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया एसडीओ संतोष पंत ने कहा की हमारे द्वारा लगातार उस क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि जंगल में अकेले न जाएं।
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कलयुगी पुत्र ने माँ के साथ पैसे को लेकर मारपीट की त्रेतायुग में एक बेटा था श्रवण कुमार जिसने अपने अंधे माता-पिता की सेवा की और वही कलियुग में एक बेटा है जिसने अपनी माँ को इतना मारा की अस्पताल में उसकी मौत हो गई और इस कलयुगी कुपुत्र ने माँ को सिर्फ इसलिए मारा क्योंकि उस बुजुर्ग माँ ने उसे वृद्धावस्था पेंशन का पैसा देने से इनकार कर दिया था। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला। दिल दहला देने वाला यह मामला अमरपाटन के सोनौरा गांव का है और इस मृत महिला का नाम छोटी बाई कोल है और उसके इस बेटे का नाम बेटे का नाम गोपाली कोल है। बताया जा रहा है की छोटी बैंक से वृद्धावस्था पेंशन का पैसा लाई थी। जब उसके बेटे गोपाली कोल को इस बारे में पता चला तो उसने माँ से पैसे मांगे। माँ ने मना किया तो गोपाली ने उनके साथ मारपीट की और उसे घसीट-घसीट कर इतना मारा की अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक छोटी बाई की बेटी बेबी ने बताया की उसके भाई गोपाली ने पेंशन के रुपए को लेकर मां के साथ मारपीट की थी। पैसे नहीं देने पर उसने मां की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
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वीडियो में स्कूली छात्र एक-दूसरे से लड़ाई कर रहे छतरपुर से स्कूली छात्रों की लड़ाई का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसके बाद लोग यह सवाल उठा रहे हैं की शिक्षा मंदिर में सरेआम ऐसी घटनाएं हो रही है तो स्कूल प्रबंधन क्या कर रहा है। यह दोनों वीडियो शासकीय स्कूल हटवारा के हैं वीडियो में साफ़ दिख रहा है की कैसे यह छात्र एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे हैं और कैसे यह स्कूल प्रबंधन की नाक के नीचे स्कूल को जंग का मैदान बना रहे हैं।
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जंगली हाथी पहुंचा रहे फसलों को भारी नुकसान राजाजी नेशनल पार्क व लच्छीवाला रेंज से सटे बुल्लावाला गांव में किसान परेशान हैं और उनकी परेशानी की वजह है जंगली हाथियों का झुण्ड जिन्होंने किसानों की सारी फसलों को रोंद दिया है। किसान बरसात अली ने कहा की हमारी फसलों का नुकसान लगातार हो रहा है लेकिन वन विभाग के अधिकारी बार-बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं कर रहे हैं 7-8 हाथी डेली आते हैं गन्ने और धान की फसल को नुकसान पहुंचा कर चले जाते हैं देर रात भी हाथियों के झुंड ने गन्ने व धान की लगभग 25 बीघा खेती को पूरी तरह रौंद दिया और किसानों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत खेती को बर्बाद कर दिया यहां के किसान केसीसी कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर फसलों को उगाते हैं ऐसे में अब इन किसानों के सामने यह कर्ज़ चुकाना भी मील का पत्थर साबित होगा पहले भी वन विभाग को शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई वही किसान हाजी नासिर अली ने कहा की सभी किसानों की फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है वन विभाग आंख मूंदकर सोया है सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
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एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री शिवराज का पुतला फूंका सिंगरौली जिले के सरई में कांग्रेस का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में मण्डलम् सेक्टर, पदाधिकारियों को ट्रेनर राम शंकर मिश्रा के ने प्रशिक्षण दिया। जिसके बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला फूंका। मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही कांग्रेस पार्टी अब अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करवा रही है। सरई में ट्रेनर राम शंकर मिश्रा ने कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया। जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्त्ता पूरे जोश में नज़र आए एन एस यू आई ने तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला फूँक दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि एन एस यू आई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के साथ जो बर्बरता हुई है। उसके खिलाफ पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज का पुतला फूंका जा रहा है। अपने खिलाफ विरोध के स्वर को दबाने के लिए शिवराज सरकार आंदोलनकारियों का दमन कर रही है
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जंगली हाथी पहुंचा रहे फसलों को भारी नुकसान राजाजी नेशनल पार्क व लच्छीवाला रेंज से सटे बुल्लावाला गांव में किसान परेशान हैं और उनकी परेशानी की वजह है। जंगली हाथियों का झुण्ड जिन्होंने किसानों की सारी फसलों को रोंद दिया है। किसान बरसात अली ने कहा की हमारी फसलों का नुकसान लगातार हो रहा है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी बार-बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं कर रहे हैं। 7-8 हाथी डेली आते हैं। गन्ने और धान की फसल को नुकसान पहुंचा कर चले जाते हैं। देर रात भी हाथियों के झुंड ने गन्ने व धान की लगभग 25 बीघा खेती को पूरी तरह रौंद दिया और किसानों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत खेती को बर्बाद कर दिया। यहां के किसान केसीसी कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर फसलों को उगाते हैं। ऐसे में अब इन किसानों के सामने यह कर्ज़ चुकाना भी मील का पत्थर साबित होगा। पहले भी वन विभाग को शिकायत की गई है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। वही किसान हाजी नासिर अली ने कहा की, सभी किसानों की फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग आंख मूंदकर सोया है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
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शराब बिक्री के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन डिंडोरी में नर्मदा के आस-पास हो रही अवैध शराब बिक्री के खिलाफ युवाओं ने अपना मोर्चा खोल दिया है शहर के कई युवाओं ने एडिशनल एस पी को ज्ञापन सौंपकर इसपर रोक लगाने की मांग की है। मधुर जैन ने बताया कि वर्ष 2017 में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी किनारे से पाँच किलोमीटर दूर तक शराब दुकान खोलने पर प्रतिबंध लगाया है इसके बाद भी नगर में बेख़ौफ़ शराब माफिया अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं नर्मदा नदी के पास मुख्य बस स्टैंड में मीट मार्केट संचालित हो रहा है जिसकी गंदगी से नर्मदा प्रदूषित हो रही है पुलिस कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है अगर शीघ्र ही अवैध शराब कारोबार पर लगाम नही लगती है तो फिर युवा संगठन नगर बंद करवाएगा ज्ञापन सौपने के दौरान राजेन्द्र सिंह,राकेश परस्ते,महेंद्र सिंह,नरेंद्र,सागर,सूरज प्रसाद सहित युवा मौजूद रहे।
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स्कूटी पाकर टॉपर छात्र के चेहरे पर ख़ुशी मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार कक्षा बारहवीं में टॉप करने वाले बच्चों को स्कूटी प्रदान कर रही है शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीक़ गंज के टॉपर छात्र को भी स्कूटी दी गई इस दौरान विधायक रघुनाथ सिंह भी मौजूद रहे। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीकगंज में बारहवीं में टॉप करने वाले छात्र के चेहरे पर उच्चतम अंक लाने का गौरव है तो साथ में स्कूटी पाने की ख़ुशी भी साफ़ झलक रही है मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत जब विद्यार्थी को सम्मानित किया गया तो साथ में क्षेत्र के विधायक रघुनाथ सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर,स्कूल प्राचार्य शिवलाल खारतीय,सरपंच महेंद्र काजले और समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
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खेती योग्य भूमि का भारी मात्रा में हुआ कटाव अत्यधिक बारिश के कारण भगवानपुर की सोलानी नदी में बाढ़ आ गई थी और बाढ़ का पानी किसानों के खेतों तक पहुंच गया था जिसकी वजह से खेती योग्य भूमि का भारी मात्रा में कटाव हो चुका है और यदि ऐसे ही नदी का पानी खेतों में आता रहा तो .खेती योग्य जमीन बचेगी ही नहीं इन्ही सब समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने भगवानपुर एसडीएम को ज्ञापन दिया और तटबंध के निर्माण की मांग की। ग्रामीण रविंद्र सैनी बताया कि इस बार भारी बारिश से सोलानी नदी के तेज बहाव में खेती की भूमि का भारी मात्रा में कटाव हो चुका है जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है रविंद्र सैनी ने कहा कि यदि जल्द ही तटबंध नहीं बना तो आने वाले समय में भारी मात्रा में सोलानी नदी के पानी से भूमि कटाव हो जायेगा जिससे खेती की भूमि पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगी ग्राम प्रधान सुशील कुमार ने बताया कि पानी के तेज बहाव से अभी तो ग्रामीणों की फसलों का नुकसान हुआ है यदि गांव की तरफ तटबंध का निर्माण नहीं हुआ तो गांव वालों को भी खतरा हो सकता है। वही भगवानपुर एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा की सिसौना के ग्रामीणों ने ज्ञापन दिया है जिसमे तटबंध की मांग की गई है ज्ञापन को संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जायेगा।
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बदमाश के पास से चाकू व मोटरसाइकिल जब्त की सरेआम चाकू लहराना एक बदमाश को भारी पड़ गया पुलिस ने बदमाश के गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे ने बताया की हमें सूचना मिली थी की एक व्यक्ति सुरकी टैंक के पास चाकू लहरा रहा है सूचना के आधार पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस को देखते ही युवक ने भागने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया पुलिस ने घेराबंदी कर युवक को गिरफ्तार किया है युवक के पास से एक धारदार चाकू व एक मोटरसाइकिल बरामद की गई थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध कटनी के अन्य थानों में भी कई मामले दर्ज है।
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माँ शारदा की नगरी में कवियों ने काव्य पाठ से जीता दिल मैहर के सारना पैलेस में भारत विकास परिषद के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में देश के कई नामचीन कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी और अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का दिल जीत लिया। मौका था अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का मैहर का सारना पैलेस दर्शकों से खचाखच भरा रहा। अशोक भाटी, मुन्ना बैटरी, एकता भारती, कमाल अग्नि, प्राची मिश्रा ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को खूब लुभाया और लोगों की तालियां बटोरी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद गणेश सिंह मौजूद रहे।
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रहवासियों ने थाने के सामने धरना देकर किया प्रदर्शन नेमावर में खुलेआम बिक रही शराब के खिलाफ रहवासियों ने अपना मोर्चा खोल दिया है बड़ी संख्या में रहवासी थाने पहुंचे और थाने के सामने नारेबाजी करते शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की रहवासियों ने थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा से मिलकर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि नेमावर में जगह-जगह पर शराब की ब्रिकी हो रही है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए पूर्व आदिवासी महिला सरपंच केशरबाई ने बताया की शराब की दुकान बंद करने के मामले में आबकारी विभाग द्वारा दिखावे की कार्यवाही की जाती है शराब माफिया कार्यवाही होने के तुरंत बाद वापस शराब विक्रय करना शुरू कर देते है उन्हें कानून का भय है ही नही है जब मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा नदी के दोनों किनारों से 5 किलोमीटर की दूरी पर शराब बिक्री पर रोक लगाई फिर 5 किलोमीटर के दायरे में गली गली में अवैध कच्ची पक्की शराब खुलेआम कैसी ओर किसके इशारे पर बिक रही है ग्रामीणों ने कहा की शराब की वजह से हर घर लड़ाई हो रही है यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम आंदोलन करेंगे।
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अस्पताल में इलाज के दौरान मौत परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप करवाई की होती तो यह नहीं होता,बीजेपी कार्यकर्ता से परेशान होकर आत्मदाह करने पर बुजुर्ग की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया परिजनों ने कहा की यदि पुलिस सही समय पर इस मामले में कार्यवाही कर लेती तो आज यह हादसा नहीं होता। यह मामला छतरपुर का है मृतक हरेश चौरसिया महाराजपुर में फल का ठेला लगाता था उसी की दुकान के पास ही लेखराम सेन भी ठेला लगाता था. कुछ समय पहले लेखराम ने हरेश से कुछ फल खरीदे थे लेकिन वो इसके पैसे नहीं दे रहा था बार-बार पैसे मांगने पर भी लेखराम कोई न कोई बहाना बनाकर हरेश के पैसे नहीं दे रहा था इसी को लेकर इनका आपस में विवाद बढ़ गया मरने से पहले घायल हरेश ने बताया था कि लेखराम सेन, कपिल सेन और रिंकू सेन ने इसे काफी प्रताड़ित किया इस मामले की शिकायत उसने पुलिस में भी करनी चाही लेकिन लेखराम बीजेपी कार्यकर्ता है इसलिए पुलिस ने उसकी नहीं सुनी जिससे तंग आकर इसने आग लगा ली। वही अब मृतक के परिजनों का आरोप है की यदि पुलिस ने सही कार्रवाई की होती तो शायद हरेश चौरसिया आत्मदाह नही करते और आज वह हमारे बीच होते वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजनों की शिकायत के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
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चंद्रयान को लेकर उत्साहित थे बच्चे चंद्रयान की चन्द्रमा पर लैंडिंग के नज़ारे को बच्चों ने अपने स्कूल में देखा जैसे ही चंद्रयान चन्द्र्मा पर पहुंचा उस दौरान स्कूल में उत्सव सा माहौल देखने को मिला चंद्रयान 3 की लेंडिंग का सीधा प्रसारण अमरपाटन के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सीएम राईज स्कूल में देखा गया जहां पर स्कूली छात्र छात्राओं सहित शिक्षक मौजूद रहे चंद्रयान की इस सफल लैंडिंग के बाद सभी लोग उत्साहित नजर आये चंद्रयान की सफल लेंडिंग के साथ ही भारत माता की जय से स्कूल गूंज उठा।
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कहीं पटाखे चले,कहीं मिठाइयां बंटी जैसे ही चंद्रयान चन्द्रमा पर उतरा मैहर के घंटाघर पर भाजपा ने जमकर जश्न मनाया ढोल नगाड़े बजाये गाये तो पटाखे भी चलाये गए उसके बाद सभी को मिठाइयां खिलाई गईं चंद्रयान के चांद पर पहुँचते ही मैहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे चलाये और एक दूसरों को मिठाई खिलाकर इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मनाया इस मौके पर उत्तर प्रदेश उन्नाव जिले के बागरमऊ विधानसभा के विधायक श्रीकांत कटियार भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य श्रीकांत चतुर्वेदी ने भी इस ऐतिहासिक पल का आनंद लिया।
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भाजपा नेताओं ने आतिशबाजी कर मिठाई बांटी चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है चंद्रयान-3 की इस सफलता का जश्न पूरे देश ने मनाया। देहरादून में भी भाजपा नेताओं ने चंद्रयान-3 की सफलता का धूमधाम से जश्न मनाया भाजपा नेताओं ने आतिशबाजी कर मिठाई वितरित की और एक-दूसरे को इस ऐतिहासिक जीत की शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री अजय कुमार, देहरादून महापौर सुनील उनियाल गामा सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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मूलभूत सुविधाएं और छात्रवृत्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन छात्र संगठन एनएसयूआई ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की मुख्य मांगों को लेकर महाविद्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया एनएसयूआई ने आरोप लगाया की हाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है साथ ही छात्र-छात्राओं की 2 साल की छात्रवृत्ति भी रुकी हुई है एनएसयूआई ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा एसडीएम की समझाइश के बाद यह प्रदर्शन रुका। एनएसयूआई अध्यक्ष कौशलेंद्र सिंह ने कहा की शासकीय महाविद्यालय अमरपाटन में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है 2 साल से छात्रों को छात्रवृत्ति तक नहीं मिल रही है यहाँ न पीने के पानी की व्यवस्था है न ही बाथरूम है और न ही शौचालय है कौशलेंद्र सिंह ने कहा की यहाँ पर कई ऐसे निजी कॉलेज हैं जो छात्रों को फर्जी डिग्री दे रहे हैं उनकी डिग्री कोई काम नहीं आ रही है महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष और महा विद्यालय प्राचार्य दोनों मिलकर महाविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं यहाँ पर कई घोटाले हुए हैं एनएसयूआई ने एसडीएम आरती यादव को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
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पिता ने लगाया युवक के दोस्तों पर हत्या का आरोप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए युवक की पानी में तैरती हुई लाश मिली परिजनों ने युवक के शव को लेने से मना करते हुए युवक के दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया युवक के पिता ने कहा की उनके बेटे के मुँह से खून निकला था और उसका पूरा शरीर नीला पड़ा था जबकि उसे कोई चोट नहीं लगी थी पिता ने कहा की उनके बेटे को जहर देकर मारा गया है जब तक मामले की जांच नहीं होगी वह शव नहीं लेंगे। यह पूरा मामला मैहर का है जहाँ पटेहरा निवासी 19 वर्षीय युवक कपिल दहिया अपने दोस्तों के साथ बर्थडे मनाने गया था जब वह घर वापस नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने उसके दोस्तों से पूछताछ की उसके दोस्तों ने भी कोई सटीक जवाब नहीं दिया जिसके बाद कपिल के परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई पुलिस ने जब सख्ती से कपिल के दोस्तों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया की हम पिकनिक मनाने गए थे पुलिस ने पिकनिक स्पॉट में काफी खोजबीन की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी लेकिन जब एनडीआरएफ टीम पानी में गई तो उन्हें तैरती हुई युवक की लाश मिली कपिल के पिता ने कहा की कपिल के दोस्तों ने हमें गुमराह किया था वह पूरी रात हमें इधर-उधर की बातों में उलझाते रहे जब हमने पुलिस में शिकायत की तब उन्होंने कुछ जानकारियां दी पुलिस ने भी खोजबीन की कुछ नहीं मिला तो फिर पानी में एनडीआरएफ की टीम को उतारा गया जिसके बाद कपिल की बॉडी मिली...इन आरोपियों की तरफ से हमें धमकी दी जा रही है जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं होती है तब तक हम डेड बॉडी नहीं लेंगे।
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हिमांशु जोशी ने कहा प्रशासन लोगों की मदद करेगा पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है। कई जगहों पर बाढ़ आ गई है। जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शासन-प्रशासन की तरफ से रहवासियों की हर संभव मदद की जा रही है। खटीमा तहसीलदार ने बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि वितरित की। खटीमा तहसीलदार हिमांशु जोशी ने बताया की बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि दी गई है और जिस परिवार का मकान आपदा के कारण ग्रसित हो गया था। उस परिवार को एक लाख 20 हजार की मकान की सहायता राशि प्रदान की गई। प्रशासन आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तैयार है
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भाजपा नेता नंदन सिंह ने बाटें पौधे उत्तराखंड में जीवन ज्योति ट्रस्ट ग्रामीण इलाकों में फलदार पौधे बांट कर पौधा रोपण का काम कर रहा है भाजपा नेता नंदन सिंह खड़ायत के मुख्य आतिथ्य में ऐसा ही आयोजन किया गया जहाँ खड़ायत ने कहा फलदार वृक्षों से पर्यावरण स्वच्छ रहेगा बल्कि इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा। खटीमा के ग्राम बरी अंजनिया में उत्तरांचल जीवन ज्योति ट्रस्ट ने पौधरोपण किया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा नेता नंदन सिंह खड़ायत मौजूद रहे .खड़ायत ने कहा कि सरकार के वृक्षारोपण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए संस्था का यह शानदार कदम है अब तक मंडी समिति की तरफ से आठ सौ से ज्यादा वृक्ष दिए जा चुके हैं जिसमे नींबू, आम, अमरूद, कटहल जैसे फलदार वृक्ष शामिल है खड़ायत ने कहा फलदार वृक्षों से पर्यावरण स्वच्छ रहेगा और इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा संस्था के अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने बताया कि उत्तरांचल जीवन ज्योति ट्रस्ट का उद्देश्य नागरिको को पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है।
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किसानों ने मुआवजे की मांग की अतिवृष्ट से प्रभावित हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने मुआवजे की मांग की किसानों ने मुख्यमंत्री से गुजरात की तर्ज पर एमएसपी कानून लागू किए जाने के साथ किसानों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान राशि की सीमा दस हजार रुपए प्रति बीघा किए जाने की मांग को दोहराया हरिद्वार में लगातार बरसात होने के कारण अतिवृष्टि से प्रभावित हुए किसानों ने फसलों के नुकसान की भरपाई की मांग की है किसानों ने उत्तराखंड राज्य में एमएसपी कानून शीघ्र लागू किए जाने की मांग को लेकर नुक्कड़ बैठक आयोजित की भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा राष्ट्रीय महामंत्री पूर्व मंडी अध्यक्ष संजय चोपड़ा और राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ऑनलाइन ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर .. गुजरात की तर्ज पर एमएसपी कानून लागू किए जाने की मांग की।
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पटवारियों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के लिए काम करने वाले 19 हजार पटवारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया इसी कड़ी में अमरपाटन में पटवारी संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा 26 अगस्त को पटवारी भोपाल आएंगे अटल पथ से मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेंगे। अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की पटवारी संघ के आव्हान पर 22 अगस्त को सभी पटवारी शासकीय व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट करेंगे यानी शासन का आदेश मानने से इनकार करेंगे और 23 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की हम लोगों को बहुत बार सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया की हमारी मांगे मानी जाएगी लेकिन इसके बावजूद भी हमारी कोई भी मांगे नहीं मानी गई हम लोगों से 51 विभागों की सेवा ली जाती है लेकिन हमें वेतन बहुत कम दिया जाता है यदि अब हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
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पटवारियों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के लिए काम करने वाले 19 हजार पटवारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया इसी कड़ी में अमरपाटन में पटवारी संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा 26 अगस्त को पटवारी भोपाल आएंगे अटल पथ से मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेंगे। अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की पटवारी संघ के आव्हान पर 22 अगस्त को सभी पटवारी शासकीय व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट करेंगे यानी शासन का आदेश मानने से इनकार करेंगे और 23 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की हम लोगों को बहुत बार सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया की हमारी मांगे मानी जाएगी लेकिन इसके बावजूद भी हमारी कोई भी मांगे नहीं मानी गई हम लोगों से 51 विभागों की सेवा ली जाती है लेकिन हमें वेतन बहुत कम दिया जाता है यदि अब हमारी मांगे नहीं मानी गई... तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
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सकरे मार्ग पर अनियंत्रित होने से गिरी थी बस गंगोत्री धाम से गुजरात के श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही बस के खाई में गिरने से हुए हादसे के कारणों के बारे में पुलिस ने बताया है पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि तेज गति के कारण बस के अनियंत्रित होने से ये हादसा हुआ था इसी के तहत बस चालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम से गुजरात के श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण उसकी तेज गति थी जिसके लिए चालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास बस अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई थी जिसमें सवार गुजरात के सात तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गयी थी जबकि 28 अन्य घायल हो गए थे घायलों में बस का चालक और परिचालक दोनों शामिल हैं उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि प्रथम दृष्टया चालक तेज गति से गाड़ी चला रहा था और इसी कारण यह हादसा हुआ यदुवंशी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तेज रफ्तार बस को गंगनानी के संकरे मार्ग पर मोड़ने का चालक को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाया और वह सीधे गहरी खाई में गिर गई।
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मां ने पुलिस पर लगाए पैसे मांगने के आरोप नाबालिग लड़की के 15 अगस्त से लापता होने के बाद से उसके बारे में किसी भी तरह की सूचना न मिलने पर थाने पहुंची मां और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया मां ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि बच्ची की तलाश के लिए पुलिसकर्मी पैसे की डिमांड कर रहे हैं। उधमसिंह नगर के दिनेशपुर थाना परिसर में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब ग्रामीण महिला अपनी नाबालिग बच्ची की तलाश कराने के लिए पुलिस के पास थाने पहुंची इस बीच थाना परिसर में किसी बात को लेकर पुलिसकर्मियों और ग्रामीण महिलाओं के बीच कहासुनी हो गई देखते ही देखते पुलिसकर्मियों एवं ग्रामीण महिलाओं के बीच धक्का मुक्की होने लगी बड़ी मुश्किल से थाना अध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने मामले को शांत कराया इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने पुलिस के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी नाबालिक लड़की 15 अगस्त से गायब है लेकिन पुलिस ढूंढने का प्रयास नहीं कर रही है लड़की ढूंढने के नाम पर पुलिस पैसे की डिमांड कर रही है इस मामले पर थानाध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है | पुलिस की टीमें गठित कर दी गई है जल्द ही लड़की को बरामद कर लिया जाएगा।
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बीमार गाय के दूध से बना था प्रसाद गाय की मौत होने पर लोगों में मचा हड़कंप,कुछ महीने पहले गाय को एक कुत्ते ने काट लिया था कुत्ते के काटे जाने से गाय बीमार रहती थी.. इस बीच बीमार गाय की दूध का इस्तेमाल आस पास के घरों में हुई पूजा के दौरान किया गया था पशु चिकित्सक से गाय की जांच कराने के बाद चला कि गाय को रेबीज हुआ है रेबीज होने से उसकी मौत हो गई है जिसकी जानकारी मिलने पर गांव हड़कंप मच गया इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने सभी लोगों से एहतियात के तौर पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की अपील की है। उधम सिंह नगर के अरविंद नगर में गाय को लगभग दो से ढाई महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था कुत्ते के काटे जाने के कुछ समय बाद से ही गाय बीमार रहने लगी थी जब गाय की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो पशु चिकित्सक को बुलाया गया गाय के लक्षण देखकर पशु चिकित्सक ने गाय को रेबीज होने की आशंका जताई इस बीच गांव के दो घरों में पूजा संपन्न हुई थी जिसमें इसी गाय के दूध से प्रसाद बनाया गया था उस प्रसाद को सैकड़ों लोगों ने ग्रहण भी किया था इस दौरान गाय की मृत्यु हो जाने के बाद प्रसाद खाने वाले लोगों में हड़कंप मच गया तत्काल ग्राम प्रधान पति पंकज बसु ने इसकी सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक को दी चिकित्सक ने प्रसाद खाने वाले सभी लोगों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाने की सलाह दी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अभिलाषा सिंह ने कहा कि 124 लोगों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए वहीं एहतियातन जिन लोगों ने भी गाय के दूध से बने प्रसाद को ग्रहण किया है उनसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाने के लिए अपील की जा रही है।
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पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है छतरपुर में भाजपा नेता पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू के नेतृत्व में कावड़ यात्रा छतरपुर से जटाशंकर धाम के लिए निकली थी तभी रास्ते में कावड़ यात्रा में शामिल एक बुजुर्ग की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई बुजुर्ग के परिजनों ने एक्सीडेंट से मौत होने का शक जाहिर किया है। भाजपा नेता पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू की कावड़ यात्रा में शामिल बुजुर्ग का नाम घासीराम अहिरवार था जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई घासीराम के परिजनों ने आरोप लगाया की उनकी मौत किसी एक्सीडेंट की वजह से होने की आशंका है वही पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
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यातायात नियमों को तोड़ने पर कटे चालान यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यातायात पुलिस ने अभियान चलाया इस दौरान बिना हेलमेट पहने शराब पीकर और बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। काशीपुर में यातायात व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजु नाथ टी सी के आदेश पर चेकिंग अभियान चलाया गया अभियान के दौरान यातायात प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह मेहरा ने यातायात पुलिस के साथ मिलकर बिना नम्बर प्लेट की 74 गाड़ियों का चालान, तीन चालान शराब का सेवन करते हुए गाड़ी चलाने पर 41 चालान बिना हेलमेट के कारण काटे गए चेकिंग अभियान के बारे में जानकारी देते हुए प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह मेहरा ने बताया कि समय समय पर उच्च अधिकारी के आदेश पर यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कार्यवाही की जाती रहती है शहर में फ़्लाई ओवर के काम चलने के कारण आये दिन जाम लगने की समस्या बनी रहती है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं भी होती है इसलिए चेकिंग अभियान चलाकर चोरी हुए वाहन भी पकड़ मे आ रहे हैं और आगे भी इसी तरह की कार्यवाही को अमल में लाया जाता रहेगा।
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पुलिस ने ड्रग्स तस्कर को किया गिरफ्तार तस्कर के पास से करोड़ों की ड्रग्स जब्त,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ड्रग फ्री देवभूमि अभियान का सपना पूरा करने में प्रशासन कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है इस अभियान के तहत नशे की अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है इसी कड़ी में पुलिस एवं एसओजी की टीम ने नेपाल सीमा के पास एक स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया की शाहजहांपुर निवासी जागेश्वर दयाल को छह सौ पचास ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया है सख्ती से पूछताछ करने पर जागेश्वर ने बताया की वह अपने भाई के साथ हरदोई में स्मैक खुद घर में मैन्युफैक्चर करता था फिर उसे बेचने का कारोबार करता था पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने बताया की पकड़ी गई स्मैक को बेचने के लिए यह नेपाल ले जा रहा था उसी दौरान इसे गिरफ्तार किया गया है अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्मैक की कीमत बहुत ज्यादा है और जो स्मैक पकड़ी गई है उसकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा है पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने कहा की इस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस एवं एसओजी की संयुक्त टीम के लिए इनाम की घोषणा की गई है।
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3 मवेशी जिंदा जले और 2 मवेशी घायल हुए एक गौशाला में आग लगने की वजह से दर्दनाक हादसा हो गया आग की चपेट में 5 मवेशी आ गए जिनमें से 3 मवेशियों की मौत हो गई व 2 मवेशी घायल है जिनका इलाज चल रहा है। यह मामला बड़कोट का है जहाँ डख्याट गांव के निकट स्थित गौशाला में अचानक आग लग गई इस आग की चपेट में एक बैल और दो गाय आ गई जिनकी मौके पर ही मौत हो गई वही आग की वजह से एक भैंस और एक बेल भी घायल हो गए .ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
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बोलेरो कार दुर्घटना का शिकार हो गई मसूरी से देहरादून जा रही एक बोलेरो कार दुर्घटना का शिकार हो गई बोलेरो कार के अंदर ड्राइवर रातभर फंसा रहा सुबह सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने चालक को बाहर निकाला। यह हादसा गलोगी धार के पास हुआ हादसे की सूचना वहां रह रहे मजदूरों ने स्थानीय निवासी गौरव रावत को दी जिसके बाद गौरव ने अन्य ग्रामीणों के साथ आकर बोलेरो में फंसे ड्राइवर को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गौरव रावत ने बताया की मुझे मजदूरों द्वारा फोन पर सूचित किया गया था कि एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके बाद मैंने अन्य लोगों के साथ आकर ड्राइवर को बाहर निकाला।
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भूवैज्ञानिक की टीम ने क्षेत्र का लिया जायजा पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से अचानक हो रहे भूस्खलन के चलते क्षेत्र का जायजा लेने के लिए भू वैज्ञानिक की टीम मौके पर पहुंची टीम के साथ जिलाधिकारी नवनीत पांडे भी मौजूद रहे उन्होने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उत्तराखंड के चंपावत में भारी बारिश के चलते पूर्णागिरि धाम को टनकपुर क्षेत्र से जोड़ने वाले मार्ग पर भूस्खलन हो गया है..भूस्खलन का जायजा लेने के लिए भू वैज्ञानिकों की टीम के साथ जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने क्षेत्र का दौरा किया इस दौरान जिलाधिकारी ने माता पूर्णागिरी के दर्शन कर प्रदेश वासियों के लिए मंगल कामना की जिलाधिकारी ने मंदिर समिति के सदस्यों के साथ पैदल निरीक्षण कर क्षेत्र की समस्याओं को जाना मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी ने जिलाधिकारी का स्वागत कर उन्हें क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया और क्षेत्र में होने वाली पेयजल समस्या एवं स्वास्थ्य समस्याओं के निदान की मांग की इस दौरान जिलाधिकारी ने समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए।
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आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ काशीपुर के सर्जिकल गोदाम में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई यह आग देखते ही देखते गोदाम में फ़ैल गई जिससे गोदाम में रखा लाखों का माल भी आग की चपेट में आ गया और पूरी तरह से जलकर खाक हो गया अचनक सर्जिकल गोदाम में आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है गोदाम मालिक जितेन्द्र गोयल को इस बारें में तब पता चला जब वह दुकान से सामान निकालने गए थे मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है तहसीलदार यूसुफ अली ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया उसके बाद उन्होंने रिपोर्ट बनाकर उप जिलाधिकारी को भेज दी।
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दूल्हे की तरह बग्गी मे बैठाकर उन्हें विदाई दी गई छतरपुर में एक टीआई को दूल्हे की तरह सजाकर और बग्गी मे बैठाकर इस तरह से विदाई दी गई की लोग देखते ही रह गए। चलिए आपको बताते हैं। दूल्हे की तरह सजने वाले टीआई के बारे में। दूल्हे की तरह सजने वाले यह टीआई के के खनेजा हैं। जो कि बड़ा मलहरा थाने में पदस्थ थे। अब उनका ट्रांसफर टीकमगढ़ जिला में हो गया है। उनके साथियों ने उन्हें इस तरह से विदाई दी की जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है। टीआई केके खनेजा को पहले दूल्हे की तरह सजाया गया। फिर उनका फूल माला से स्वागत किया गया और फिर डीजे पर देश भक्ति के गानो पर विदा हो रहे टीआई ने थाने के स्टाफ के साथ जमकर डांस किया। आपको बता दें केके खनेजा सिर्फ 11 महीने ही बड़ा मलहरा थाने में पदस्थ रहे। लेकिन उन्होंने अपने काम के जरिये सभी का दिल जीत लिया। विधानसभा चुनाव की वजह से उनका ट्रांसफर टीकमगढ़ में किया गया है।
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पुलिस कर रही है इस मामले की जाँच-पड़ताल नदी किनारे पुल के नीचे अज्ञात शव मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर दफ़न कर दिया। यह मामला छतरपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र का है जहाँ उमरिया गांव में उमि॔ल नदी के किनारे पुल के नीचे एक अज्ञात मिलने से सनसनी फ़ैल गई पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव के संबंध में जांच पड़ताल की परंतु कोई जानकारी नाम पता नहीं मिलने पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर दफन कर दिया है टीआई संदीप दीक्षित ने कहा की इस मामले की जांच की जा रही है।
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गोदाम मालिक ने मामले की शिकायत दर्ज कराई अज्ञात चोरों ने पाइप और टैंक की गोदाम से लाखों रुपयों की चोरी की घटना को अंजाम दिया चोरों ने पहले गोदाम में लगे सीसीटीवी कैमरे से छेड़छाड़ की उसके बाद ऑफिस का शीशा तोड़कर अलमारी से तकरीबन साढ़े चौबीस लाख रुपये चुरा लिए गोदाम मालिक ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। यह मामला रुड़की का है. जहाँ आजादनगर चौक के पास उपकारागार के सामने नवीन गोयल का पाइप और टैंक का बड़ा गोदाम है गोदाम मालिक नवीन गोयल ने बताया की अज्ञात चोरों ने उनके गोदाम के अंदर घुसकर ऑफिस का शीशा तोड़कर अलमारी से तकरीबन साढ़े चौबीस लाख की नकदी चुरा ली नवीन ने बताया की चोरों ने सीसीटीवी कैमरे के साथ भी छेड़छाड़ की जिससे उनकी पहचान न हो सके नवीन ने बताया की उन्होंने समय रहते ही इस मामले की शिकायत पुलिस में की वही नवीन के साथी सतेंद्र कुमार ने कहा कि यह पूरा पॉश इलाका है और गोदाम के सामने ही उप कारागार भी है चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे रहे हैं सतेंद्र ने कहा क सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर पुलिस को दे दी गयी है और पुलिस से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द घटना का खुलासा किया जाए।
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कांग्रेस की सरकार बनेगी कमलनाथ ही बनेंगे मुख्यमंत्री भांडेर में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महामंत्री एवं अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश संयोजक भानु ठाकुर के नेतृत्व में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली गई इस यात्रा को लेकर भानु ठाकुर ने कहा की यात्रा के माध्यम से हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाये भानु ठाकुर ने कहा की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कमलनाथ ही मुख्यमंत्री बनेंगे। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता भानु ठाकुर ने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है भानु ठाकुर ने कहा कि भांडेर विधानसभा में 103 पंचायतें हैं और 228 पोलिंग बूथ हैं यह यात्रा सभी पोलिंग बूथों और सभी पंचायतों में पहुंचेगी भानू ठाकुर ने कहा की यह यात्रा पूरी 580 किलोमीटर की है और यह 2 महीने तक चलेगी इस यात्रा के माध्यम से हम घर-घर जाएंगे और लोगों को कमलनाथ सरकार की योजनाओं के बारे में बताएंगे।
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इस हमले में युवक को गंभीर चोटें आई छिंदवाड़ा के परतापुर स्थित आदिवासी आश्रम में एक नाबालिग छात्र पर अज्ञात नकाबपोश ने हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गया घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस नाबालिग छात्र का नाम सोनू ढ़करिया है और यह परतापुर स्थित आदिवासी आश्रम में रहता है जब यह आश्रम के पीछे बने टायलेट से शौच करके लौट रहा था तभी अचानक पीछे से आए एक युवक ने इस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गनीमत रही की सोनू को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया जिससे उसकी जान बच गई सोनू की माने तो जिस युवक ने उसपर हमला किया वह मुंह पर रुमाल टक्कर आया था ऐसे में उसकी पहचान नहीं हो पाई वहीं पुलिस भी तरह-तरह के तथ्य निकाल कर मामले की जांच कर रही है।
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आरोपियों ने अलग-अलग जगहों से चुराई थी बाइक पुलिस ने शहर की अलग-अलग जगहों से बाइक चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने बताया की आरोपी के साथ अन्य सात लोग भी थे जिन्होंने बाइक चोरी करने और बेचने में उसका साथ दिया साथ ही पुलिस ने चोरी की हुई 10 मोटरसाइकिलों को भी जब्त कर लिया। यह मामला सिंगरौली का है पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने बताया कि रोहित पांडेय नामक युवक ने शिकायत की थी उसकी मोटरसाइकिल चोरी हो गई है पुलिस को पहले भी ऐसी ही कई घटनाओं के बारे जानकारी मिली थी पुलिस ने टीम गठित कर आरोपी अमरजीत सिंह को गिरफ्तार किया पूछताछ में आरोपी अमरजीत सिंह ने बताया की उसने महंगी बाइक ली थी जिसकी क़िस्त भरने के लिए उसने बाइक चोरी की साथ ही उसे गाना गाने का शौक है उसे गाना रिकॉर्ड करने के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए उसने चोरी की पुलिस अधीक्षक युसूफ कुरैशी ने बताया की इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है उन लोगों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है जिसने आरोपी अमरजीत सिंह का साथ बाइक चोरी करने और बेचने में दिया।
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बेहतरीन पुलिसकर्मी हुए सम्मानित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने झंडा फहराकर परेड की सलामी ली इसके बाद कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी इस अवसर पर अपने क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया गया। सिंगरौली जिले के सभी विभागीय मुख्यालयों के साथ ही निजी संस्थान मायाराम महाविद्यालय अमृत विद्यापीठ, विंध्यनगर ब्राइट एकेडमी, बरगवा इंडियन चिल्ड्रन एकेडमी, गनियारी बैढन में बड़े धूमधाम से झंडारोहण किया गया जिला मुख्यालय बैढ़न के राज माता चुन कुमारी स्टेडियम में कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने झंडा फहराकर परेड की सलामी ली कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने भी हिस्सा लिया परेड की कमान का नेतृत्व कमांडेंट आशीष तिवारी ने किया इसके बाद कई सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत किये गए परेड की सलामी लेने के बाद कलेक्टर ने जिले में बेहतरीन कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों , अफसरों को सम्मानित किया।
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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने ध्वजारोहण किया देवास में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास एवं गरिमा के साथ मनाया गया पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण कर सलामी ली मंत्री ठाकुर ने सुसज्जित सफेद जिप्सी पर सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। परेड निरीक्षण के उपरांत मंत्री उषा ठाकुर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन किया इसके बाद सशस्त्र बलों द्वारा तीन बार हर्ष फायर किए गए और फिर मार्च पास्ट किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान स्कूली बच्चों ने अपनी अनुपम प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया मंत्री उषा ठाकुर ने कहा की 77 वें स्वतंत्रता दिवस की देश व प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं हम सभी अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करेंगे तभी असल मायनों में स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा मंत्री उषा ठाकुर ने कहा की परिवारवाद और भ्रष्टाचार की वजह से असल प्रतिभाएं रुक जाती है इनका डटकर सामना करना पड़ेगा।
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एसडीएम अखिलेश सिंह के साथ तहसीलदार भी मौजूद थे दोनों अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है जहां तेज रफ्तार एसडीएम की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई हादसे के वक्त गाड़ी में एसडीएम के साथ तहसीलदार भी मौजूद थे फ़िलहाल दोनों अधिकारी सुरक्षित हैं यह घटना जियावन थाना क्षेत्र की है यह गाड़ी देवसर एसडीएम अखिलेश सिंह की बताई जा रही है जब यह हादसा हुआ तब गाड़ी में एसडीएम अखिलेश सिंह के साथ बरगवां तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद थे हादसे में गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
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प्रशासन ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया उत्तराखंड में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन से जनजीवन बेहाल है प्रशासन ने भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तराखंड के सभी स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है बारिश के चलते सोलानी नदी का जल स्तर बढ़ गया है आसपास के लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह ने कहा कि सोनाली नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद क्षेत्रवासियों को सूचित किया गया है कि अगर पानी ज्यादा बढ़ता है तो वह सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी भी तरह की परेशानी है तो हमें सूचित करें प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा।
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पुलिस ने किया दोनों आरोपियों को गिरफ्तार 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दो दरिंदों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला डिंडोरी के बजाग थाना क्षेत्र का है। बजाग थाना प्रभारी रंजीत सैयाम ने बताया की बच्ची बर्थडे पार्टी में गई थी। जब वह अपने घर वापस लौट रहीं थी। इसी दौरान गांव के ही दो युवकों ने बच्ची को रोककर इस घटना को अंजाम दिया और वहां से भाग गए। बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के बारे में घर वालों को बताया। उसके बाद बच्ची के परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
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किसानों ने निकाली सड़को पर ट्रैक्टर रैली भले ही सरकार ने डोईवाला में एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनाने से साफ मना कर दिया हो। लेकिन जनता सरकार के इस दावे को झूठा बता रही है। एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप निर्माण के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सड़क पर ट्रेक्टर के माध्यम से तिरंगा रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे किसान अब अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे एक ओर जहाँ उन्होंने ट्रेक्टर के माध्यम तिरंगा रैली निकालकर स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। तो वही दूसरी ओर उन्होंने सरकार को चेताने का काम भी किया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार डोईवाला के किसानों की जमीन लेना चाहती है। किसान .सरकार के मंसूबों को पूरी तरह नाकाम करेंगे। किसान नेता ताजेंद्र सिंह ने कहा की इस ट्रेक्टर रैली में सभी किसान मौजूद है। हमें सरकार की बात पर भरोसा नहीं है। किसान नेता सुरेंद्र सिंह खालसा ने कहा की डोईवाला में बनने वाली एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप के विरोध में हमने ट्रेक्टर रैली निकाली। सरकार हमें बार-बार गुमराह कर रही है। लेकिन किसान इनके बहकावे में नहीं आने वाले है।
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पुलिसकर्मियों ने पंचप्रण की शपथ के साथ वृक्षारोपण किया पूरे देश में मेरी माटी मेरा देश अभियान व्यापक स्तर पर चल रहा है दिनेशपुर थाना परिसर में भी पुलिसकर्मियों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया मेरी माटी मेरा देश अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानी और वीरों का सम्मान करना है जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया थानाध्यक्ष अनिल उपाध्याय के नेतृत्व में थाना परिसर में यह अभियान मनाया गया इस दौरान पुलिसकर्मियों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने, भारत की एकता एवं अखंडता को सुरक्षित रखने व भारतीय नागरिक का कर्तव्य पूर्णत: पालन करने की पंचप्रण की शपथ ली साथ ही उन्होंने थाना परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
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मतदाता सूची को अपग्रेड किया जा रहा है विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने बचे हैं .इसी को देखते हुए मतदाता सूची में नाम शामिल करने, हटाने या संशोधित करने हेतु विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है छतरपुर में भी मतदान केंद्रों पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विकास मिश्रा के निर्देश पर सभी मतदान केंद्रों पर शिविर का आयोजन किया गया कलेक्टर विकास मिश्रा ने जनपद पंचायत अमरपुर और समनापुर के मतदान केंद्र सहित अन्य मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया इसी दौरान उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को मतदाता सूची के संक्षिप्त पुन:निरीक्षण संबंधी निर्देश दिए मतदाता भी प्रशासन के इस अभियान से खुश हैं तहसीलदार ने कहा की कलेक्टर के निर्देश पर घर-घर जाकर मतदाता सूची में जो नाम है उनका सत्यापन किया गया वही कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा की. मतदाता सूची में नाम शामिल करने,हटाने संशोधित करने का काम किया जा रहा है।
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लोगों की समस्याओं का किया निराकरण सीएम पुष्कर सिंह धामी के नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने लोगों की समस्याएं सुनी इस दौरान नोडल अधिकारी ने समस्याओं के निराकरण के लिए सम्बधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने लोक निर्माण विभाग खटीमा के अतिथि गृह में स्थानीय लोगों की आम समस्याओं को सुना इस दौरान नोडल अधिकारी ने समस्याओं का त्वरित निवारण करने के लिए शिकायत से संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से देवरी क्षेत्र के दरिया नाथ मंदिर में सुंदरीकरण के लिए घोषणा की गई है घोषणा के अनुरूप मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं चारदीवारी के लिए चौरासी लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है जिसमें से 50 लाखों रुपए की धनराशि आ चुकी है शीघ्र ही खटीमा क्षेत्र की कई सड़कों का निर्माण एवं पुनर्निर्माण किया जाएगा।
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प्रसूता महिला को भर्ती करने से किया मना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इतनी संवेदनहीन कैसे हो सकती है कि एक प्रसव पीड़िता महिला को बच्चे को जन्म देने के लिए टॉयलेट में पर्दे की आड़ में जन्म देना पड़ा इस दौरान यदि महिला को कुछ हो जाता तो क्या स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी लेता आखिर किसकी जवाबदेही होती ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। छतरपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां प्रसूता को जिला अस्पताल मे भर्ती करने की जगह उसे अस्पताल से भगा दिया बस स्टैंड पर गांव जाते समय उसकी प्रसव पीड़ा बढ़ी तो उसने टॉयलेट मे पर्दे की आड़ मे बच्चे को जन्म देना पड़ा प्रसूता के पति का आरोप है कि उसे बड़ामलेहरा अस्पताल से एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन अस्पताल मे पीएम मोदी के आगमन के पहले मॉक ड्रिल चल रही थी इस वजह से उसे अस्पताल से भगा दिया गया। प्रसूता को अस्पताल में भर्ती न करने के मामले में सीएमएचओ का कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगे यदि किसी की गलती पाई जाती है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी।
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परिजनों का आत्महत्या से इन्कार सिख स्टूडेंट मनजोत सिंह छाबड़ा की कोटा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में परिजनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.. परिजनों का कहना है कि मनजोत सिंह छाबड़ा हत्या की सीबीआई जांच कराने को लेकर खालसा फ़ाउन्डेशन ने उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा खालसा फ़ाउन्डेशन के सदस्यों ने सौंपे गए ज्ञापन मे कहा कि मनजोत सिंह छाबड़ा जो अपनी 12वीं की परीक्षा पास करके डॉक्टर की पढ़ाई करने राजस्थान के कोटा गया था तीन अगस्त को परिजनो को हास्टल से फ़ोन पर बताया गया कि मनजोत सिंह ने आत्महत्या कर ली है मौके पर पहुंचे परिजनों को मैनेजर मुकेश शर्मा ने बताया कि मनजोत सिंह ने रात में खाना खाने के बाद दरवाजा नहीं खोला दरवाजा तोड़ने पर वह मृत पाया गया मौके पर पहुंचे परिजनों का कहना है कि मृतक मनजोत सिंह के पीछे से हाथ बंधे हुए थे और मुंह पर पट्टी बंधी थी लेकिन हॉस्टल मैनेजमेंट ने पूरी घटना को आत्महत्या बता कर रिपोर्ट दर्ज करा दी परिजनों ने मामले की जानकारी कोटा पुलिस को देते हुए हास्टल के मेनेजर और मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया परन्तु इतनी गंभीर घटना को राजस्थान की सरकार व पुलिस प्रशासन गंभीरता से नही ले रहा है।
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मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर पुलिस ने की थी युवक के साथ जेल में मारपीट,लूट के मामले में जेल में बंद आरोपी युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई युवक की मौत गुस्साए परिजनों ने रोड जाम कर लिया मृतक के परिजनों का आरोप है की पुलिस कस्टडी में युवक के साथ मारपीट की गई थी जिसकी वजह से अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई साथ परिजनों ने एसडीओपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा की युवक को फर्जी मामले में गिरफ्तार कर एसडीओपी ने उनसे 2 लाख रुपये की मांग की थी पैसे नहीं देने पर उन्होंने युवक को बहुत मारा। यह मामला बमीठा थाना क्षेत्र का है जहाँ राजबहादुर सिंह को पुलिस ने लूट के आरोप में गिरफ्तार किया था राजबहादुर के परिजनों का आरोप है की उसके साथ पुलिस ने मारपीट की थी जिसकी वजह से जेल में उसकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई राजबहादुर के भाई लक्की सिंह ने बताया की फर्जी लूट के मामले में फंसा कर राजबहादुर के साथ पुलिस वालों ने जमकर मारपीट की लक्की ने खजुराहो एसडीओपी पर आरोप लगाते हुए कहा की एसडीओपी ने उनसे राजबहादुर को छोड़ने के लिए 2 लाख रुपये मांगें थे राजबहादुर के एक और भाई दीपेंद्र सिंह ने बताया की राजबहादुर को ले गए और उसके साथ मारपीट की जिस वजह से उसकी मौत हो गई। वही इस पुरे मामले को लेकर जेलर कृष्ण कुमार कुलश्रेष्ठ ने कहा की राजबहादुर को जेल में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिस वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी ज्यादा तबियत बिगड़ने के कारण उसे ग्वालियर अस्पताल में भर्ती किया गया जहाँ उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई... जेल में उसके साथ कोई भी मारपीट नहीं हुई है मामले की जाँच की जयेगी।
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प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहा पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी-लाने उफान पर हैं प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया है साथ ही धिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं। खटीमा उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट तथा तहसीलदार हिमांशु जोशी के नेतृत्व में लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है तहसीलदार हिमांशु जोशी ने कहा की दाह ढाकी गाँव में 16 परिवारों को रेस्क्यू कर अन्य सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है बाढ़ की वजह से कुछ लोगों के मकान भी ध्वस्त हो गए थे उन लोगों को राहत सामग्री किट के साथ 5 हजार की राहत राशि दी गई हिमांशु जोशी ने कहा की बाढ़ पीड़ितों की प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है .उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है तथा उनके रहने खाने की उचित व्यवस्था की जा रही है।
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शिकायत बंद करने का बनाते हैं दबाव बेबस, लाचार, गरीब,मजबूर लोगों की समस्या के समाधान के लिए बनाई गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान की हेल्पलाइन के कर्मचारी शिकायतकर्ता को ही धमकी दे रहे हैं। लोगों की शिकायतों का निदान किए बगैर उन पर शिकायत को जबरन बंद कराने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों की ओर से फोन पर की जा रही धमकी पर सरकार कब कार्रवाई करेगी। सिंगरौली जिले के शिकायतकर्ता ने शिकायत के निदान के लिए सीएम हेल्पलाइन पर फोन किया। लेकिन फोन पर समस्या के निदान के बजाए भद्दी, भद्दी गालियां दी जाती हैं। शिकायत बंद करने का दबाव बनाया जाता है। एक ऐसा ही आडियो शिकायतकर्ता की ओर से बताया जा रहा है कि ये ऑडियो पीसीओ शंकर दीपांकर का है। जिसमे आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है। जबकि रिपोर्टर इस आवाज की पुष्टि नहीं कर सकता। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की सीएम हेल्पलाइन 181 किसी भी समस्या के समाधान के लिए संचालित की गई है। लेकिन बड़े अधिकारियों के सह पर कर्मचारी बिना निराकरण किए। शिकायत को जबरन बंद कराने का दबाव बनाते हैं। आखिर क्यों ? ऐसे में शिकायतकर्ता तो बेबस और मजबूर रहते हैं। उनके समस्या का कोई समाधान नहीं हो पता है। ऐसे में सीएम हेल्पलाइन की धज्जियां उड़ाने वाले लोकतंत्र के अधिकारों को ठेंगा दिखाने वाले कर्मचारियों पर कब कार्रवाई की जाती है। या फिर मजबूर लाचार लोगों के समस्याओं को दबा दिया जाएगा।
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आरोपी ने अपनी ही बेटी के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बेटी की हत्या कर दी, पुलिस ने इस आरोपी बाप को किया गिरफ्तार बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया। जिसमें एक कलयुगी बाप ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने इस दुराचारी बाप को गिरफ्तार कर लिया। रिश्तों को शर्मसार करने वाला यह मामला डिंडोरी की अमरपुर पुलिस चौकी का है। चौकी प्रभारी अतुल हरदहा ने बताया की पुलिस को सूचना मिली थी की हथकटा गांव के पास जंगल में 11 साल की नाबालिग बच्ची का शव संदिग्ध परिस्तिथियों में पड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची का शव बरामद किया। जब इस मामले की जांच की गई। तो पता चला की यह शव घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर बसे एक गांव की बच्ची का है, जो अपने पिता के साथ रहती थी। जब इस मामले की गहराई से जांच की गई तो पता चला की इस 11 साल की बच्ची का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका पिता ही है। आरोपी पोचा सिंह ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने उसकी इस हरकत का विरोध किया तो पोचा सिंह ने उसके सिर में पत्थर की चकिया पटक दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके बाद आरोपी ने बच्ची के शव को गाँव के पास जंगल में ही फेंक दिया। वही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
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ससुर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी कहते हैं ससुर और दामाद का रिश्ता आपसी प्यार, समझ और जिम्मेदारी वाला होता है...लेकिन इन सब बातों से आपका भरोसा उठ जायेगा जब आपको पता चलेगा की एक कलयुगी दामाद ने अपने ही ससुर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यह मामला छतरपुर के ग्राम गढ़ी सेमरा का है जहाँ पहलवान महाराज लोधी अपनी बेटी के ससुराल आये थे इसी दौरान उनके दामाद अखलेश लोधी ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी पहलवान लोधी किसी तरह से घर से बाहर आये तो गांव वालों ने आग बुझाई और पुलिस को सूचित किया उसके बाद उन्हें ईलाज के लिए भर्ती कराया गया वही इस मामले में छतरपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
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घटना में सभी यात्रियों की जान सुरक्षित अमरकंटक से रामेश्वरम जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस अनियंत्रित होकर अचानक पलट गई हादसे में कुछ श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई है.. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है डिंडोरी के किकरझर घाट में श्रद्धालुओं से भरी बस अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई हालांकि बड़ा हादसा होने से टल गया बस में करीब पचपन श्रद्धालु सवार थे जिनमें कुछ लोगों को मामूली चोट आई हैं लेकिन एक बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। देर रात घटना स्थल पर पहुंचे एसडीएम राम बाबू देवांगन ने बताया कि सभी श्रद्धालु सागर व रायसेन जिले के रहने वाले हैं जो कि अमरकंटक से दर्शन करके रामेश्वरम के लिए जा रहे थे तभी अचानक ये हादसा हो गया घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को जिला अस्पताल रेफर किया गया है जहां घायलों का इलाज चल रहा है।
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बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया यदि आप नेशनल हाईवे हरिद्वार और रुद्रपुर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर की ढेला नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए मौका मुआयना किया और बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया। उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश आफत बनकर टूट पड़ी है पर्वतीय क्षेत्रों में जहां भारी बारिश से भूस्खलन हो रहा है तो वहीं तेज बहाव के चलते कई पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं उधम सिंह नगर के काशीपुर में एनएच-74 पर ढेला नदी में तेज बहाव आने से पुल का हिस्सा बह गया प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर स्थिति नियंत्रण में की और बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया प्रशासन ने लोगों से अपील की है की वह घरों से बाहर न निकले वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजुनाथ टीसी ने भी घटनास्थल का मुआयना किया साथ ही पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करें।
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प्रशासन कर रहा है आपदा पीड़ितों की मदद पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते बैगुल नदी का जलस्तर बढ़ गया है जिसकी वजह से आसपास के गांवों के घरों में पानी घुस गया है जिला प्रशासन व एनडीआरएफ टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया वहीं जिला प्रशासन ने लोगों के खाने-पीने रहने आदि की व्यवस्था की अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह ने कहा की जिला प्रशासन पूरी तरह से लोगों की मदद के लिए लगा हुआ है डॉक्टरों की टीम भी तैनात कर दी गई है प्रशासन सभी के खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है बाढ़ से बचाव का यह अभियान अभी जारी रहेगा वही आपको बता दें सितारगंज से शक्ति फार्म को जोड़ने वाली सूखी नदी में पानी आ जाने से आसपास के घरों व रास्तों को काफी नुकसान पहुंचा है प्रशासन द्वारा मशीनें लगाकर मरम्मत का काम किया जा रहा है उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने कहा की पानी काफी बढ़ गया था लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। a
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फसल को पहुंचे नुकसान का मिले मुआवजा हाथियों से परेशान किसानों ने वन चौकी जाकर प्रदर्शन किया किसानों की फसल को जंगली हाथियों ने बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है जिससे पीड़ित किसानों ने वन रेंज अधिकारी से समस्या के समाधान की मांग की है। उत्तराखंड के लच्छीवाला और रामगढ़ क्षेत्र में हाथियों की घुसपैठ किसानों पर भारी पड़ रही है क्षेत्र में हाथी लगातार किसानों की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर रहे हैं जानकारी के मुताबिक देर रात भी 20 से 25 हाथियों के झुंड ने बुल्लावाला गांव में किसानों की धान व गन्ने की फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने वन चौकी पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए समस्या के समाधान की मांग की मौके पर पहुंचे वन रेंज अधिकारी जयपाल सिंह रावत ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि शीघ्र ही जंगल किनारे खाई खोदने का कार्य शुरू किया जाएगा जिससे कि हाथियों की आवाजाही आबादी क्षेत्र में बंद हो सकेगी बीडीसी राजेंद्र तड़ियाल ने कहा कि किसानों ने इतना महंगा धान लगाया है कर्ज लेकर किसानों ने खेती है कि.. किसानों के नुकसान का मुआवजा मिलना चाहिए।
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प्रभु नेत्र चिकित्सालय की तरफ से यह शिविर आयोजित हुआ सरकार के सेवा सुशासन और गरीब कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रभु नेत्र चिकित्सालय रुद्रपुर की ओर से महुआखेड़ागंज के अम्बेडकर पार्क में निःशुल्क चिकित्सा एवं बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मज़हर नईम नवाब ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। बहुउद्देश्यीय शिविर में एक दिव्यांग को ट्राई साइकिल दी गई और प्रभु नेत्र चिकित्सालय की ओर आंखों की जांच की गई जिसमें लगभग 365 लोगों के रजिस्ट्रेशन किए गए इनमें से 60 लोग मोतियाबिंद के रोगी पाए गए तथा कुछ लोगों को चश्मो के लिए फार्म भरवाए गए वही इस शिविर में अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष मज़हर नईम नवाब ने जनता की शिकायतें सुनी और अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष ने जनता को सरकार की योजनाएं बताई व उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी के साथ बिना भेदभाव के काम कर रही है और जनता की समस्याओं का शीघ्र निपटारा किया जा रहा है।
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पत्थर गिरने से महिला की हुई मौत पहाड़ से पत्थरों के अचानक टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया हादसे में यमुनोत्री से दर्शन करके आ रही महिला के ऊपर पत्थर गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक युवक घायल हो गया जिसे देहरादून रेफर कर दिया गया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित बड़कोट नगर में अचानक पत्थरों के गिरने से बड़ा हादसा हो गया तीन सप्ताह पहले उत्तराखंड पुलिस का एक जवान पत्थर की चपेट में आ गया था जिससे उसकी मौत हो गयी थी एक बार फिर यमुनोत्री से दर्शन करके लौट रही बस जिसमे 17 श्रद्धालु सवार थे अचानक ऊपर से पत्थर गिरने से हैदराबाद की रहने वाली महिला की मौत हो गयी जबकि मुंबई का युवक घायल हो गया जिसे देहरादून रेफर किया गया।
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विधायक राम लल्लू वैश्य ने खिलाड़ियों का बढ़ाया मनोबल खिलाड़ियों के खेल को निखारने के लिए विधायक कप 2023 का आयोजन किया गया आयोजन में विधायक राम लल्लू वैश्य ने हिस्सा लेते हुए खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया सिंगरौली जिले के बैढ़न राजमाता चुन कुमारी स्टेडियम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने विधायक कप-2023 के तहत बालक वर्ग फुटबॉल एवं बालिका वर्ग कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य ने खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया.. खिलाड़ियों को खेल के संबंध में विस्तार से संबोधित किए कार्यक्रम में नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडेय,वॉर्ड पार्षद सीमा जायसवाल पार्षद कमलेश वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे खेल का समापन 9 अगस्त को होगा।
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लगभग 2 किलोमीटर की सड़क का होगा निर्माण विधायक सुभाष रामचरित्र ने सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास किया। विकास पर्व के अवसर पर विधायक ने ग्रामीणों को ये सौगात दी। इस दौरान कार्यक्रम में सभी वरिष्ठ जन एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र में रजमिलान मेन रोड से हायर सेकेंडरी स्कूल तक दो करोड़ पचास लाख रुपए की लागत से लगभग दो किलोमीटर की सड़क का निर्माण होने जा रहा है। सड़क निर्माण के लिए देवसर के विधायक सुभाष रामचरित्र ने शिलान्यास किया। इस दौरान कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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बच्चों के जन्म से परिजनों में खुशी का माहौल अस्पताल में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है बच्चों की डिलीवरी होते ही स्वास्थ्यकर्मी जहां हैरत में पड़ गए वहीं परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा डाक्टर ने सात माह में हुई डिलीवरी की वजह से तीनों बच्चों को मशीन में रखा है उत्तराखंड के रुड़की स्थित निजी अस्पताल में एक महिला ने तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया है जिसको लेकर परिजनों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है वहीं अस्पताल में लोगों को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया गया आपको बता दें कि रुड़की के आजाद नगर चौक स्थित मेडविन अस्पताल में डॉक्टर रुबीना ने एक गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी कर एक साथ तीन बच्चों को सकुशल पैदा कराया है। जिनमे दो लड़के और एक लड़की है। डॉक्टर ने सात माह में हुई डिलीवरी की वजह से तीनों बच्चों को मशीन मे रखा है वहीं बताया जा रहा है कि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है। बाकी दोनों बच्चों का भी इलाज किया जा रहा है। बच्चों के माता पिता मंगलौर क्षेत्र के रहने वाले है और एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर अरशद राजपूत ने बताया कि उनके अस्पताल में ज्यादातर नॉर्मल डिलीवरी की जाती है। वहीं गरीब असहाय लोगों के लिए उनके अस्पताल में फ्री इलाज भी किया जाता है।
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पानी भरे होने से 4 मंजिला गोदाम मलबे में तब्दील हुआ पिरान कलियर के बेडपुर में गन्ने के खेत मे कई दिनों से पानी भरे होने के चलते 4 मंजिला गोदाम नेस्तनाबूत हो गया जिससे करोड़ो रूपये का नुकसान हो गया मौके पर पहुंचे पटवारी और तहसीलदार ने घटनास्थल का मुआयना किया। गन्ने के खेत में पानी भरा होने के कारण उसके पास बना चार मंजिला गोदाम भरभरा कर जमीदोज हो गया गोदाम गिरने से उसके मालिक मोहम्मद इंतजार अली हताश हो गए हैं गोदाम मालिक ने कहा की जैसे ही में यहाँ पर आया तो मैंने देखा की गोदाम मलबे में तब्दील हो गया है और इस वजह से हमारा करोड़ो का नुकसान हो गया इसके लिए जिम्मेदार शासन-प्रशासन सभी है क्योंकी बार-बार बोलने के बाद भी उन्होंने पानी की निकासी नहीं करवाई इंतजार अली ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है की उनको मुआवजा दिया जाए।
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बेहोशी की हालत में मिली युवती काम दिलाने के बहाने मुस्लिम युवक शाकिब महिला को गाजियाबाद से रुड़की ले गया। जहां मुस्लिम युवक शाकिब और नदीम ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और सड़क पर छोड़ दिया। दुष्कर्म के बाद सड़क पर महिला के बेहोशी की हालत में मिलने पर पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां महिला ने होश में आने पर घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उत्तराखंड के रुड़की में एक महिला के बेहोशी की हालत में मिलने पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। महिला के होश में आने पर पूछताछ में वह कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी। इस दौरान महिला ने अपना निवास स्थान गाजियाबाद बताया जहां से पुलिस की टीम ने उसके परिवार और पति को जानकारी देकर रुड़की बुलाया। रुड़की पहुंचने पर पति ने पत्नी से बात की तो पता चला कि गाजियाबाद में शाकिब ने महिला के साथ उसका शारीरिक शोषण किया। इस दौरान शाकिब की पत्नी ने भी इसमें सहयोग किया। महिला ने परिवार में काम के सिलसिले में बताकर लड़की आई थी। तभी रुड़की में नदीम और शाकिब ने मिलकर महिला के साथ शारीरिक शोषण किया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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मेरे बेटे के साथ पुलिस जो करना चाहे कर सकती है विधायक पुत्र द्वारा आदिवासी युवक को गोली मारने से गरमाई सिंगरौली की सियासत के बीच विधायक रामलल्लू वैश्य ने अपनी चुप्पी तोड़ी विधायक वैश्य ने कहा की पुलिस को पूरी छूट है। विवेकानंद वैश्य के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है और पुलिस गिरफ्तारी के लिए तलाश कर रही है। विधायक राम लल्लू वैश्य ने मोरवा गोलीकांड पर कांग्रेस के विरोध करने पर कहा की कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं। शायद वो भूल गए हैं कि उन्होंने स्वर्गीय विधायक रामचरित्र वर्मा जो की हरिजन थे। उनको अपने गांव में थप्पड़ मारा था। जिसे लेकर वह पचौर सहित पडरा जेल भी जा चुके हैं। इनका हरिजन आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार करना यह पुरानी परंपरा है। साथ ही डीजल चोरी के मामले में कांग्रेसी नेता के भाई अभी भी फरार हैं। ऐसे लोगों का विरोध करना कहां तक ठीक है। राम लल्लू वैश्य ने कहा की विवेकानंद वैश्य मेरा बेटा है लेकिन जहां हम रहते हैं। वह वहां करीब 5 वर्ष से नहीं रहता है और जब यह घटना हुई तब हम सिंगरौली के विस्थापन की समस्या को लेकर दिल्ली में थे। विधायक ने कहां की इस गोली कांड के मामले से में दुखी हूँ।
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बीजेपी पार्षदों पर कार्रवाई की मांग अंसल ग्नीन वैली में पीड़ित परिवारों के साथ हुई मारपीट के मामले को पांच महीने बीत चुके हैं। पीड़ित परिवार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी दे चुका है। लेकिन आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। देहरादून के अंसल ग्रीन वैली में पीड़ित परिवार ने यूकेडी के शिव प्रसाद सेमवाल के साथ रैली निकाल कर चौकी इंचार्ज को दोषी पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए ज्ञापन सौंपा। पीड़ित विगत 5 महीने से दोषी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहें हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आपको बता दे कि अंसल ग्रीन वैली में सोसायटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज के घर में घुसकर मारपीट हुई थी। मारपीट का आरोप बीजेपी के पार्षदों पर है। सोसायटी सचिव ने कहा कि अगर दोषी पार्षदों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
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मुंह से आग निकालने वाला स्टंट दिखा रहा था छतरपुर में भाजपा नेता की सभा में करतब दिखाने वाले एक स्टंटमैन की मौत हो गई स्टंटमैन मुंह से आग निकालने का करतब दिखा रहा था उसके साथियों का कहना है कि उसपर भाजपा नेता मानिक चौरासिया ने आग वाले स्टंट करने का दबाव बनाया था जिस वजह से उसने डीजल पिया और उसकी मौत हो गई कलाकारों की मांग है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। छतरपुर जिले के नौगांव में 5 अगस्त की शाम को सीएम शिवराज की सभा और रोड शो था भाजपाइयों ने भीड़ जुटाने के लिए अपने-अपने स्टेज बनवाए और कार्यक्रम करवाने के इंतजाम किए थे यूपी के कलाकारों ने बताया कि भाजपा नेता मानिक चौरासिया भी टिकट की दावेदारी कर रहें है उन्होंने हमारी टीम को करतब दिखाने के लिए यहाँ बुलाया था उन्होंने धौंस देकर कहा था कि मुंह से आग निकालने वाला स्टंट करो वरना एक रुपया भी नहीं मिलेगा कलाकारों का आरोप है कि मंच पर मुंह से आग निकालने वाला स्टंट दिखाने के लिए कबीर सिंह ने डीजल पिया. तभी अचानक वह गश्त खाकर गिर गया उसकी तबीयत बिगड़ने लगी जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया डॉक्टर ने बताया कि उसके लंग्स में डीजल चला गया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की मौसी ने कहा की हमें न तो प्रशासन मदद दें रहा हैं न तो सरकार मदद दे रही है हमें करें तो क्या करें।
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प्रशासन ने की गांव वालों के लिए व्यवस्था लोगों के आने-जाने के लिए 2 नाव लगी,कटनी में बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है ग्राम पंचायत अमरगढ़ के अंतर्गत आने वाला गाढ़ा पुल व पड़रिया मार्ग का रपटा डूब गया है जिस वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गाढ़ा पुल व पड़रिया मार्ग का रपटा डूब जाने से पकरिया गांव के लोग घरों में कैद हो गए हैं घरों में कैद ग्रामीणों को गंतव्य तक भेजने के लिए ग्राम पंचायत की तरफ से दो नाव लगाई गई वही पुल डूबने की जानकारी लगते ही एसडीएम प्रदीप मिश्रा व तहसीलदार गौरव पांडेय मौके पर पहुंचे एसडीएम ने पुलों के दोनों ओर बेरिकेड्स लगवाए साथ ही जब तक नदी का जल स्तर पुल के नीचे नहीं आ जाता तब तक के लिए पुलिस एवं राजस्व विभाग के अमले को तैनात किया एसडीएम ने जो राहगीर नाव के सहारे अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंच रहे हैं उन पर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि कोई भी अप्रिय घटना घटित न हो।
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दो दिनों से धरने पर बैठे थे पीड़िता के परिजन एक साल तक लगातार दुष्कर्म के आरोपी वाहिद की धमकियों से डरती रही। पीड़िता ने चुप्पी तोड़ी तो परिजनों ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद परिजन कड़ी कार्रवाई के लिए धरना पर बैठे थे। पुलिस प्रशासन ने आश्वासन के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 घंटे के भीतर आरोपी के घर बुलडोजर की कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आरोपी वाहिद ने कॉलेज की छात्रा को इंदौर रोड स्थित होटल आश्रम में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। आरोपी के डर से छात्रा एक साल तक चुप रही। लेकिन आरोपी एक साल तक लगातार छात्रा को प्रताड़ित करता रहा और पीटता रहा। छात्रा ने एक साल बाद घटना पर चुप्पी तोड़ी। तो पीड़िता के परिजनों ने मामला दर्ज कराकर आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए धरने पर बैठ गए। दो दिनों से धरने पर बैठे परिजनों को प्रशासन ने 24 घंटे का आश्वासन देते हुए आरोपी के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर की करवाई की है।
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पुलिस ने 14 बाइक बरामद की आस पास के क्षेत्रों में लगने वाली साप्ताहिक हाट बाजार में बाइक चोरी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है। आरोपी बाजार में रेकी करने के बाद घटना को अंजाम देते थे। रात में मौका पाकर क्षेत्र से बाहर बेच देते थे। उत्तराखंड शहर के काशीपुर में लगातार हो रही दोपहिया वाहन चोरियों को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस ने दो बाइक चोरों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने चोरी की 14 बाइक बरामद की है। आरोपी यूपी और उत्तराखंड में लगने वाली हाट बाजार से बाइक चोरी किया करते थे। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मानव बिहार के पास गश्त के दौरान दो संदिग्ध बाइक सवार नजर आए थे। उनकी गतिविधियों पर शक होने पर पुलिस ने उनका पीछा करते हुए उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने झाड़ियों में चोरी करके छिपाई गई बाइक के बारे में बताया। जहां चोरी की 14 बाइक बरामद हुई। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये आरोपी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आसपास के क्षेत्रों की साप्ताहिक बाजार से बाइक चुराते थे। इसके लिए आरोपी पहले रेकी करने के बाद बाइक चोरी की घटना को अंजाम देते थे। गाड़ियों की पहचान छिपाने के लिए आरोपी उसकी नंबर प्लेट हटा देते थे और रात में बाहर बेच देते थे।
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गेट खुलने से जलमग्न हुए नर्मदा घाट बारिश के चलते लबालब भरे शहर के बरगी बांध के 15 गेटों खोल दिया गया है 21 गेटों में से 15 को खोलने के बाद से नर्मदा के निचले क्षेत्रो में बाढ़ की स्तिथि बन गई है जबलपुर के ग्वारीघाट, भेड़ाघाट और पंचवटी में पानी का विकराल रूप देखने को मिल रहा है बरगी बांध के जलस्तर को कंट्रोल करने के लिए इन गेटों को औसतन 1.76 मीटर ऊंचाई तक खोला गया है। नर्मदा के सभी घाट डूब गए है जबलपुर में गौरी घाट पर सड़क और दुकानों तक पानी पहुंच गया है प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि नर्मदा तट के पास ना जाएं जिससे कोई भी अप्रिय घटना न घटे जिला प्रशासन ने बाढ़ वाले इलाको में फंसे लोगों को निकालने के लिए होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम को मौके पर लगा दिया है ये दोनों ही टीमें बाढ़ में फसे ग्रामीणों को नाव के जरिये रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
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तेज बारिश की भेंट चढ़ा पुल बारिश के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर नदी नाले उफान पर है बारिश इतनी अधिक हो चुकी है कि अब लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है बारिश के कारण कई शहरों और गांवों को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। यह टूटा हुआ पुल कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के गांव सगमा और लालपुर के बीच दतला नदी में बना हुआ था लेकिन पुल तेज बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है फिर भी लोग क्षतिग्रस्त पुल से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं वहीं पुल के टूटने से ग्रामीणों को मुख्यालय पहुंचने के लिए अब 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर अधिक लगाना होगा।
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करंट लगने की वजह से इनकी मौत हुई छतरपुर के कसार गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब खेत में काम करते-करते अचानक एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई इन लोगों की मौत करंट की वजह से हुई वही इस घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है। बता दें हल्कू रैकवार और उसकी पत्नी फूला बाई व उसकी बेटी काजल खेत में काम कर रहे थे इसी दौरान बारिश की वजह से करंट पूरे खेत में फैल गया जिससे करंट की चपेट में आने से तीनों की मौत हो गई पुलिस ने शवों पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है वही मामले की जांच की जा रही है।
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युवती ने एक साल बाद तोड़ी रेप पर चुप्पी एक साल पहले कॉलेज पेपर देने गई युवती के साथ आरोपी वाहिद ने जबरदस्ती होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया और दुष्कर्म की बात किसी से बताने पर बदनाम करने की धमकी दी जिससे युवती एक साल तक चुप रही लेकिन फिर भी बदनामी का डर दिखाकर आरोपी युवती से पैसे वसूलता रहा और सड़क पर सरे राह मारता पीटता रहा युवती ने एक साल बाद मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए परिजनों के साथ मिलकर अब आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मध्यप्रदेश के हरदा जिले में युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है युवती ने महिला थाने आकर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया था युवती ने पुलिस को बताया की 20 जुलाई 2022 को युवती हरदा पेपर देने आई थी तभी आरोपी वाहिद युवती को कॉलेज के बाहर से इंदौर शहर में स्थित होटल आश्रम में ले गया जहां आरोपी ने युवती के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और दुष्कर्म की बात किसी को बताने पर बदनाम करने की धमकी दी पीड़िता ने बताया कि बदनामी के डर से वह एक साल तक चुप रही लेकिन आरोपी फिर भी नहीं माना बदनाम करने की धमकी देकर हजारों रूपये भी लें लिए इसके बाद ज़ब युवती बाजार गई तब आरोपी वाहिद ने पीछा करते हुए छाते से उसे मारने लगा उसके बाद किसी तरह युवती ने हिम्मत करके एक साल बाद परिजनों को मामले से अवगत कराया और आरोपी वहिद के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया पीड़िता की शिकायत पर महिला थाने मे आरोपी वाहिद के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है वहीं परिजनों की मांग है कि आरोपी के खिलाफ लव जिहाद करने और बुलडोजर की कार्रवाई की जाए।
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पुलिस ने आरोपी युवक को किया गिरफ्तार पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद इतना बढ़ा की एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति की फावड़ा मारकर हत्या कर दी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया साथ ही उसके पास से हत्या में प्रयुक्त फावड़ा भी जब्त कर लिया। यह मामला सितारगंज का है पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया की शक्तिफार्म बैकुंठपुर निवासी फटिक बाला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी की मेरा भाई अखिल बाला उर्फ भोला देर रात अपने दोस्तों के साथ बैठा था तभी गांव का नंदू सरकार आया और उसके साथ गाली-गलौच करने लगा जब भोला ने इसका विरोध किया तो नंदू ने फावड़ा से उसके गले पर तीन-चार बार वार किया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की बहन की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया व उसके पास से हत्या में प्रयुक्त फावड़ा भी जब्त कर लिया पुलिस अधीक्षक ने बताया की आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया की वह नशा करता है और मृतक के घर के पास ही रहता है नंदू ने पुलिस को बताया की उससे अखिल घर के छोटे-मोटे काम कराता रहता था और पैसे नहीं देता था जब भी वह अखिल से पैसा मांगता था वह पैसा देने में आनाकानी करता था और साथ ही गाली-गलौच करता था.. इसी वजह से उसने अखिल की हत्या की आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
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पुलिस ने किया युवक को गिरफ्तार लगता है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नशामुक्त और अपराध मुक्त देवभूमि का सपना अधूरा ही रह जायेगा क्योंकि पुलिस की कार्यवाही करने के बावजूद भी अवैध हथियार और नशे की अवैध तस्करी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं वह खुलेआम अपने काले-कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में नशे और हथियारों की अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही हो रही है फिर भी ये लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं ऐसे ही एक मामले में कुंडा पुलिस ने नफ़ीस अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया साथ ही उसके पास से चाकू भी जब्त किया यह व्यक्ति इलाके में चाकू दिखाकर दहशत का माहौल बना रहा था पुलिस ने इसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
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बारिश की वजह से लोग हो रहे परेशान कटनी में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार बारिश की वजह से लोगों का हाल-बेहाल हो गया है नदी-नाले उफान पर होने की वजह से लोगों को आने-जाने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कई जगह बाढ़ की स्तिथि निर्मित हो गई है।
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स्कूल को बम से उड़ाने की दी धमकी प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल की ईमेल आईडी पर आए एक मैसेज से पूरे स्कूल में हड़कंप मच गया ये मैसेज कोई आम मैसेज नहीं था बल्कि मैसेज में स्कूल को बम उड़ाने की धमकी दी गई मामले की सूचना मिलने पर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की मदद से पूरे स्कूल की छानबीन की गई लेकिन कोई गतिविधि सामने नहीं आई पुलिस अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज कर मैसेज भेजने वाले आरोपियों की तलाश कर रही है। उत्तराखंड के डोईवाला में स्थित प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल को ई मेल पर बम से उड़ाने की धमकियां मिलने के बाद स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनिंदर सिंह जुनेजा की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई एमडी ने बताया कि उनके स्कूल की ईमेल आईडी पर दो अलग-अलग मेल आई आया था मेल में कहा गया था कि आज से 15 नवंबर के बीच किसी भी दिन स्कूल परिसर में लगाया गया बम फट जाएगा स्कूल की ईमेल आईडी पर प्राप्त हुए मेल से स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मचा गया सूचना के बाद बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की मदद से पूरे स्कूल की छानबीन की गई लेकिन ऐसी कोई भी गतिविधि सामने नहीं आई स्कूल के एमडी की ओर से मिली तहरीर के आधार पर अज्ञात के विरुद्ध जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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लोगों ने जमकर की उसकी पिटाई एक मनचले की सरेआम पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग मनचले युवक को लात-घूसों से पीट रहे हैं पुलिस इस मामले की जांच कर रही है यह वीडियो छतरपुर का है एसपी अमित सांघी ने बताया की युवक लड़की को छेड़ रहा था जिससे नाराज होकर लड़की के परिजनों और आसपास के लोगों ने उसकी पिटाई कर दी मामले की जांच की जा रही है।
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आरोपियों ने पुलिस टीम पर पथराव किया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पुलिस पर पथराव किए जाने की खबर सामने आ रही है इस घटना में 2 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जानकारी के मुताबिक पुलिस एक अपहृत युवक को छुड़ाने के लिए गई थी तभी पथराव की इस घटना को अंजाम दिया गया। दरअसल यह मामला छतरपुर के टिकरा गांव का है जहाँ गाँव की ही बुधिया बाई कुशवाहा ने थाने में शिकायत की थी कि सिंहपुर निवासी दीपू अपने चार अन्य साथियों के साथ उसके पति किशोरी कुशवाहा का अपहरण करके ले गया है और उसे बंधक बना लिया है बुधिया बाई की शिकायत पर पुलिस किशोरी कुशवाहा को छुड़ाने के लिए गई जब पुलिस आरोपियों के चंगुल से छुड़ाकर किशोरी को ले जाने लगी तो आरोपी दीपक राजपूत, मुल्ली राजपूत डेढ़ दर्जन से ज्यादा महिला-पुरुषों ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया और उन पर पथराव किया पथराव के दौरान 2 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है वहीं इस मामले में दीपू और उसके 10 साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है बाकि अन्य लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
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पति ने गला घोटकर की पत्नी की हत्या चरित्र शक में इंसान इतना पागल हो जाता है कि उसे सात वचन सात फेरों से बंधे रिश्तों पर तक विश्वास नहीं होता जी हां हम बात कर रहें हैं महिला के साथ घटी एक ऐसी वारदात के बारे में जिसका शव खेत से बरामद हुआ था मामले की जांच करने पर पता चला कि महिला का पति ही हत्या के पीछे का मुख्य आरोपी है जिसने खेत में पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र में मिले एक महिला के शव का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि दोनो पति पत्नी खेत में लगे ट्यूबवेल में नहाने के लिए घर से निकले थे लेकिन बाद में महिला का पति परमजीत अकेला ही घर पहुंचा काफी देर तक जसबीर कौर के घर वापस न आने पर बच्चों ने मां की खोजबीन शुरू की इस दौरान जसवीर कौर का शव खेत मे देख बच्चे बिलखने लगे जसवीर के गले पर निशान भी दिखाई दिया..लेकिन महिला के पति परमजीत ने पत्नी की हत्या कैसे हुई इस बारे में भी जानने की कोशिश नहीं की क्योंकि परमजीत ने ही पत्नी की हत्या की थी मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने परमजीत को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था पत्नी पर चरित्र शक होने के कारण शाम को नहाने के लिये खेत में पहुंचने पर एक बार फिर झगड़ा हुआ जहां आरोपी पति ने मौका पाकर कपड़े से गला घोटकर जसवीर कौर की हत्या कर दी
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दामाद ने दोस्तों के साथ मिलकर की हत्या दो दिन पहले बस बुकिंग एजेंट की धारदार हथियार से हुई हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि पत्नी और बेटी के गायब होने के पीछे ससुर का हाथ होने के शक में मृतक के दामाद ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। छतरपुर में दो दिन पहले बस बुकिंग एजेंट की धारदार हथियार से हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है हत्या में शामिल मृतक के दामाद और उसके दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि मृतक की बेटी ने चार साल पहले लव मैरिज की थी लेकिन कुछ दिन पहले मृतक के दामाद की पत्नी और बेटी के गायब हो गई थी जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिस पर मृतक के दामाद को शक था कि उसकी पत्नी और बेटी को उसके ससुर ने गायब किया है इस शक के आधार पर वह अपने ससुर के पास गया और विवाद करने लगा इस दौरान विवाद बढ़ने पर आरोपी दामाद ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ससुर की धारदार हथियार से हत्या कर दी और फरार हो गया एसपी ने कहा कि हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है..दो आरोपियों की अभी तलाश जारी है।
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18 सूत्री मांगो को लेकर कर रहे हैं हड़ताल नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर में साफ-सफाई की स्थिति बद से बदतर हो गई है जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है.. और बारिश की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों का विरोध किया साथ ही वे सरकार से मांग कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए उनके वेतनों में वृद्धि की जाए साथ ही सफाई कार्य में ठेका प्रथा समाप्त करने समेत नगर निगम क्षेत्र में कार्यरत प्राइवेट संविदा कर्मियों जैसे सफाई मित्र, वाहन चालकों को नियमित किए जाने की मांग की सफाई कर्मचारियों ने बताया की प्रदेश संगठन द्वारा मई एवं जून माह में किए गए पत्राचार पर कोई कार्यवाही नहीं होने से खंडवा निवासी वाल्मीकि समाज की बहन रंजीता चौहान वाल्मीकि बीते 10 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं मगर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है जिस कारण प्रदेश संगठन संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए वही कर्मचारियों की हड़ताल से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सफाई कर्मियों के कारण मोरवा, बैढन शहर में जगह-जगह कचरे का ढेर दिखने लगा है इसके साथ ही घरों से कचरा संग्रहण का कार्य ठप हो गया यह हड़ताल कितने दिन चलेगी इस पर संशय बना हुआ है।
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आरोपी का घर बुल्डोजर से जमींदोज किया गया डिंडोरी में माँ शारदा की टेकरी मंदिर के गेट में स्थित हनुमान प्रतिमा के अपमान का मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है हिन्दू संगठनों ने कलेक्टर से मांग की थी की आरोपियों के घर जमींदोज कर दिए जाए जिसके बाद इस मामले में शामिल एक आरोपी पर एनएसए के तहत कार्यवाही कर उसके घर को जमींदोज कर दिया गया है। मां शारदा टेकरी मंदिर के गेट में स्थित हनुमान प्रतिमा के अपमान का मामला सामने आने के बाद लगातार हिंदू संगठनों के द्वारा आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए एनएसए लगाने सहित आरोपियों के मकान को जमींदोज करने की मांग जिला प्रशासन से की जा रही थी जिसके लिए हिंदू संगठनों ने लगातार चरणबद्ध आंदोलन किया इसी कड़ी में हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता कलेक्टर विकास मिश्रा से चर्चा करने के लिए पहुंचें थे लेकिन कलेक्टर के मौजूद न होने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने कलेक्ट्रेट के दोनों गेट पर ताला लगाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद लोगों को बंधक बनाकर प्रदर्शन किया और साथ ही हिंदूवादी संगठनों ने आसपास की दुकानों को बंद कराकर नेशनल हाइवे जाम करते हुए कलेक्टर को बुलाने की मांग की कलेक्टर विकास मिश्रा के आने के बाद ही यह मामला शांत हुआ कार्यकर्ताओं ने बताया की कलेक्टर विकास मिश्रा के साथ बैठक के बाद यह निर्णय हुआ है कि आरोपीयों के मकान को जमींदोज किया जाएगा वही अब इस मामले में शामिल एक आरोपी पर एनएसए के तहत कार्यवाही कर उसके घर को जमींदोज कर दिया गया है। वही आरोपियों पर एनएसए लगाने की मांग पर चर्चा के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं से भाजपा जिला अध्यक्ष अवध राज बिलैया पर अभद्रता करते हुए उन पर लाठीचार्ज करवाने की बात कहने के आरोप लगे हैं इसके साथ ही जिला महामंत्री व शहपुरा मंडल अध्यक्ष पर हिंदू धर्म विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने लगाया है भाजपा के तीनों नेताओं से नाराज हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे जाम कर प्रदर्शन के दौरान इन तीनों नेताओं का पुतला फूंका और तत्काल पार्टी से निष्कासित करने की मांग की वही इन आरोपों को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष अवध राज बिलैया ने कहा की हिन्दू संगठनों का यह आरोप बिल्कुल भी बेबुनियाद है यदि किसी के पास सबूत है तो लाये नहीं है तो ऐसे बेबुनियाद आरोप न लगाए इस मामले में दोषियों के घर तोड़ दिए गए हैं आगे भी उन पर कड़ी करवाई होगी।
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पति-पत्नी ने धारदार हथियार से मारकर की थी हत्या जंगल में मिले अधजले शव का पुलिस ने खुलासा किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि मृतक युवक घर में काम करने वाली महिला पर गलत नियत रखता था.. जिससे परेशान होकर महिला ने पति के साथ मिलकर युवक की धारदार हथियार से हत्या कर दी। छतरपुर पुलिस ने जंगल मे मिले अधजले शव का खुलासा करते हुए बताया कि वन विभाग की सूचना पर जंगल में जला हुआ शव बरामद हुआ था जिसे देखकर प्रारंभिक तौर पर ही हत्या का मामला लग रहा था जिसकी जांच के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद एक टीम गठित की गई टीम ने तीन दिन के अन्दर मामले का खुलासा किया मृतक रामविलास अवस्थी खजुराहो का रहने वाला था जो अपने भतीजे के घर पर रहता था जिसके घर पर पति-पत्नी काम करते थे लेकिन मृतक युवक काम पर आने वाली महिला पर गलत नजर रखता था और परेशान भी करता था इस बीच कई बार इन लोगों का झगड़ा भी हुआ था लेकिन बार बार मना करने पर जब वह नहीं माना तो पति पत्नी ने मृतक युवक को घूमने के बहाने बुलाकर जंगल में धारदार हथियार से हत्या कर दी।
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कांग्रेस नेता ने एसपी से की कार्रवाई की मांग कांग्रेस नेता लोकेश पटेरिया ने आरोप लगाया कि गांव के लोगों की गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाकर एक अतिथि शिक्षक पहले रकम फायनेस करता है उसके बाद लोगों से मुंहमांगा सूद वसूलता है जिससे गांव के लोग काफी परेशान हैं। सूदखोरी पर भले ही प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन डिंडोरी जिले में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर अधिक मुनाफा कमाने का व्यापार जमकर फलफूल रहा है जहां एक अतिथि शिक्षक लल्लन साहू पर कांग्रेस नेता लोकेश पटेरिया ने सूदखोरी का धंधा करने का आरोप लगाते हुए थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई करने की मांग की कांग्रेस नेता ने कहा कि अतिथि शिक्षक ने भोले भाले आदिवासी शिक्षकों को रकम फाइनेंस की इसके बाद मुंहमांगा सूद वसूल रहा है अतिथि शिक्षक के बारे में बताते हुए गांव वालों ने कहा कि लोगों का फायदा उठाकर उसने लाखों रुपये का बेसकीमती मकान बना लिया इस मामले में अतिथि शिक्षक लल्लन साहू ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बता रहा है एसपी संजीव सिन्हा का ने कहा कि जिले में सूदखोरी पर प्रतिबंध लगा हुआ है यदि कोई शिकायत पुलिस के पास आएगी तो सूदखोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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बुजुर्ग महिला को एसएसपी ने किया परिजनों के सुपुर्द शहर का दौरा करने के बाद अपने आवास पर जा रहे एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने आवास के बाहर बैठी बुजुर्ग महिला को देखकर गाड़ी रोक दी महिला के भूखे होने का पता चलने पर एसएसपी ने स्वयं भोजन परोस कर उसे खाना खिलाया और बुजुर्ग महिला के परिजनों को तत्काल मौके पर बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया। देहरादून में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुँवर जब शहर का दौरा करने के बाद अपने आवास की तरफ़ की आ रहे थे इस दौरान उन्होंने अपने आवास के बाहर एक असहाय बुजुर्ग महिला को देखा जो उनके आवास के गेट के बाहर बैठी हुई थी SSP ने गाड़ी से उतरकर बुजुर्ग महिला से बात की महिला ने बताया कि वह भूखी है यह सुनते ही SSP ने स्वयं महिला को अपने आवास में लाकर भोजन कराया भोजन करने के बाद बुजुर्ग महिला ने एसएसपी को आशीर्वाद देकर उनका धन्यवाद किया एसएसपी ने महिला का नाम पता पूछने के बाद बुजुर्ग महिला के परिजनों को तत्काल मौके पर बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया।
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ट्रक ने युवक को कुचल दिया युवक की हुई मौके पर मौत,कटनी में एक दर्दनाक हादसा हो गया जिसमें ट्रक की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया मृतक के परिजनों ने बताया की मृतक का नाम अभय कोल है और इसकी उम्र 15 साल है यह ट्रक में खलासी का काम करता था देर रात यह माइंस में सड़क किनारे सो गया था इस दौरान किसी अज्ञात ट्रक ने उसे कुचल दिया जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई मामले की सूचना लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया वही पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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स्पष्ट जानकारी न देने पर स्थानीय लोगों ने किया हंगामा बड़कोट में यमुनोत्री हाइवे का विकासनगर डाकपत्थर से बड़कोट दोबाटा तक चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है जिसको लेकर एन.एच और कंसल्टेंट एजेंसी ने बैठक बुलाई लेकिन चिन्हित समरेखण के बारे अच्छे से न समझाने पर स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। यमुनोत्री हाइवे का विकासनगर डाकपत्थर से बड़कोट दोबाटा तक चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है जिसको लेकर एन.एच और कसल्टेंट एजेंसी ने स्थानीय विधायक संजय डोभाल की मौजूदगी में एक बैठक बुलाई लेकिन कंसल्टेंट एजेंसी के अधिकारी लोगों को चिन्हित समरेखण के बारे में स्पष्ट नहीं समझा पाए जिस वजह से लोगों ने हंगामा करते हुए. एक स्वर में कहा कि चारधाम में कहीं भी इस प्रकार बाईपास समरेखण को लेकर चर्चा तक नहीं हुई एनएच व सम्बंधित कंसल्टेंट एजेंसी अनावश्यक रूप से इसे बाईपास के नाम पर दो तीन साल से विवादित बनाकर लटकाने व लोगों को आपस मे भिड़वाने का काम करवा रहें हैं।
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बस बुकिंग एजेंट की धारदार हथियार से की हत्या घर में सो रहे बस बुकिंग एजेंट पर हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए.. वारदात की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे एसपी ने मामले की जांच कर आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कही। छतरपुर मे हमलावरों ने घर में घुसकर अचानक एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया हमलावरों ने घर में सोते समय बस बुकिंग एजेंट सुभाष गौतम की धारदार हथियार से हत्या कर दी और फरार हो गए घटना की जानकारी लगते ही एसपी सहित पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे घटना की जानकारी देते हुए एसपी ने बताया कि हमलावरो और बस बुकिंग एजेंट के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था विवाद के चलते हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला करके घटना को अंजाम दिया उन्होने कहा कि मामले की जांच करके जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बस एजेंट की हत्या की खबर लगते ही मौके पर पहुंचे कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने पुलिस प्रशासन की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और क्षेत्र में बढ़ते अपराध के खिलाफ एसपी से रोक लगाने की मांग की।
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मेरे ऊपर गांववालों ने झूठा आरोप लगाया है झूठे आरोप लगाकर मेरा हुक्का पानी बंद किया,एक पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा की गांव वालों ने हमपर झूठे आरोप लगाकर हमारा हुक्का पानी बंद कर दिया हमसे गाँव में कोई बात नहीं कर रहा है और न ही हमारी दुकान से सामान ले रहा है। यह मामला राजनंदगांव का है जहाँ तिलईरवार गाँव के रहने वाले विकास सिंह और उनके परिवार ने राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर न्याय दिलाने की गुहार लगाते हुए कलेक्टर के नाम पत्र लिखकर डिप्टी कलेक्टर को सौंपा विकास सिंह के पिता ने बताया की मेरा बेटा गांव में ठेले पर अंडा और मंगोड़ी बेचता है लेकिन गाँव के कुछ लोगों ने उसपर शराब बेचने और पिलाने का आरोप लगाया जो कि पूरी तरीके से निराधार है शराब पिलाए जाने का मामला अभी तक साबित नहीं हो पाया है बावजूद इसके गांव के लोगों ने हमारे पुरे परिवार का बहिष्कार करते हुए हमारा गांव से हुक्का पानी बंद कर दिया वही पीड़िता की माँ उषा सिंह ने कहा की गाँव वाले हमारे साथ भेदभाव कर रहे हैं। वही इस मामले को लेकर डिप्टी कलेक्टर इंदिरा देहरी ने कहा कि विकास सिंह और उनके परिवार द्वारा ज्ञापन दिया गया है उनकी शिकायत है की शराब पिलाने के मामले में गांव से उनको बहिष्कृत कर दिया गया है इस मामले की जांच कर आगे कार्रवाई की जाएगी।
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आम की लकड़ी से भरे ट्रक को जब्त किया वन विभाग की टीम ने बड़ी करवाई करते हुए आम की लकड़ी से भरे एक ट्रक को जब्त किया वन विभाग को सूचना मिली थी अवैध तरीके से ट्रक में लड़की भरकर ले जाया जा रहा है सूचना के आधार पर टीम ने यह करवाई की. वही टीम को देखते ही ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। यह मामला खटीमा का है वन विभाग को सूचना मिली थी की आम की लकड़ियों को भरकर एक ट्रक में ले जाया जा रहा है सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने नानकमत्ता डैम के किनारे बसी मच्छी झाला बस्ती के पास मुख्य मार्ग से जा रहे एक ट्रक को रोका टीम को देखते ही ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया टीम ने करवाई करते हुए ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया और अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्य अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी वन विभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया की अवैध तरीके से आम की लकड़ी ले जा रहा यह ट्रक टनकपुर की ओर से आ रहा था जिसे सितारगंज रोड मच्छी झाला के पास वन कर्मियों द्वारा पकड़ लिया गया है जल्द ही मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
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चरित्र संदेह पर दी थी सुपारी कुछ दिनों पहले बेटी को स्कूल से लाने जा रही महिला की बीच रास्ते में गोली मारकर की गई अंधी हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है दरअसल इस हत्या के पीछे महिला का पति ही मुख्य आरोपी है जिसने चरित्र शक में पत्नी को जान से मारने की सुपारी दी थी। छतरपुर पुलिस ने महिला की अंधी हत्या का खुलासा करते हुए महिला के पति सहित चार शूटर को गिरफ्तार किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि आरोपी पति राहुल शुक्ला को अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह था जिस पर आरोपी पति ने चार शूटरो को छह लाख की सुपारी देकर हत्या की साजिश रची थी एसपी ने बताया कि महिला ज्योति शुक्ला जब स्कूटी से अपनी बेटी को स्कूल से लाने जा रही थी उसके साथ उसके बेटे का दोस्त भी था तभी चार मोटरसाइकिल सवार नकाबपोश गोली मार कर फरार हो गये थे गोली लगने से महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
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विशेषज्ञों की टीम ने किया ऐसे क्षेत्रों का निरीक्षण भारी बारिश की वजह से मनसा देवी पहाड़ी से हिल बाईपास व अन्य आबादी वाले क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिसको देखते हुए जिलाधिकारी की पहल पर उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शान्तनु सरकार के निर्देशन में विशेषज्ञ डा. रोहित कुमार भू वैज्ञानिक डॉ. टन्ड्रिला सरकार की टीम ने वर्षा के बीच भूस्खलन वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया टीम ने मौका मुआयना कर जानकारी जुटाई। विशेषज्ञों की टीम ने मनसा देवी मन्दिर पहुंचकर पहाड़ी के चारों तरफ का जायजा लिया साथ ही टीम ने रेलवे ट्रैक, पैदल मार्ग में जहां-जहां धसाव हो रहा था उसके आस पास के क्षेत्र का भी जायजा लिया टीम ने पाया कि भूस्खलन से मां मनसा देवी मंदिर व आसपास के क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने हनुमान मंदिर के पास व अन्य तीन-चार बैंड पर हुए भूस्खलन और उसे रोकने के लिए तात्कालिक उपायों की जानकारी दी इसके बाद अपर रोड स्थित भूरे की खोल व विष्णु मार्केट में बार-बार मलबा आने के कारणों की पड़ताल करते हुए स्थलीय निरीक्षण किया उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र के निदेशक शान्तनु सरकार ने बताया कि भूस्खलन से मनसा देवी मन्दिर और आस-पास के क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट जल्द दी जाएगी।
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चोरों ने सोने-चांदी के आभूषण चुराए चोरों ने छतरपुर के प्रसिद्ध अबार माता मंदिर को निशाना बनाते हुए वहां से सोने-चांदी के आभूषण चुरा लिए मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जाँच की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मंदिर के पुजारी ने बताया की मेरी मंदिर में ड्यूटी 2 से 9 बजे तक थी सुबह मुझे चौकीदार ने बताया की मंदिर में चोरी हुई है और चोर दीवार तोड़कर माता के आभूषण चुराकर ले गए हैं मैंने इस मामले की सूचना पुलिस को दी वही इस मामले को लेकर एसपी अमित सांघी ने कहा की मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे जिस वजह से अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है मामले की जाँच की जा रही है।
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प्लाटिग के नाम पर कर रहे कब्जा गांवों में प्लाटिग के नाम पर खेतों पर कब्जा लगातार बढ़ता ही जा रहा है भू माफिया बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से प्लाटिग करके गांवों में पानी निकासी की नालियों को ब्लॉक कर दे रहे हैं जिससे बारिश के मौसम में ग्रामीणों को जल जमाव की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उधम सिंह नगर के खटीमा क्षेत्र में भू माफिया प्लाटिग के नियमों को ताक पर रखते हुए खेतों पर बड़ी तादाद में कब्जा कर रहे हैं ग्रामीणों ने मामले की शिकायत तहसीलदार से भी की है ग्रामीणों का कहना है कि भू माफिया बिना किसी अनुमति के प्लाटिग करके कब्जा कर लेते हैं जिससे गांव के लोगों को पानी की निकासी की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है वहीं बरसात के वक्त जल जमाव की भी समस्या होने लगती है
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पुलिस ने किया इन आरोपियों का पर्दाफाश आरोपियों ने रतलाम जाते वक्त की थी चोरी,गुरु पूर्णिमा के दिन संदलपुर के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर और सुंद्रेल के मन्दिर में हुई चोरी के मामले में खातेगांव पुलिस को सफलता मिल गयी है पुलिस ने चोरी करने के आरोप में 34 वर्षीय युवक और 40 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी का सामान भी बरामद कर लिया है। खातेगांव टीआई विक्रांत झांझोट ने बताया कि गिरधर शर्मा की तरफ से दक्षिण मुखी मंदिर में हुई चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी गिरधर शर्मा ने रिपोर्ट में कहा था कि चोर दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर से हनुमान जी, शनि महाराज एवं सिंगाजी महाराज के चांदी के आभूषण ले गए जिनकी कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए थी पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला की उसी दिन सुंद्रेल मंदिर में भी चोरी हुई थी पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरा खंगाला तो पता चला की यह चोरी रतलाम निवासी एक महिला और पुरुष ने की है काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम इन आरोपियों तक पहुंची टीआई झांझोट ने बताया कि आरोपियों की पहचान अनुज उर्फ लक्की राव और नितु थॉमस के रूप में हुई दोनो को पुलिस टीम ने जनता नगर रतलाम से पकड़ा पहले तो ये दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने मंदिरों में चोरी करना कबूल किया आरोपियों के पास से चोरी के आभूषण भी बरामद कर लिए गए हैं साथ ही चोरी करने में इन्होने जिस मोटरसाइकिल का उपयोग किया था उसे भी जब्त कर लिया गया है।
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हनुमान प्रतिमा के साथ आरोपी ने की थी छेड़छाड़ हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है हिन्दू संगठनों को दो दिन पहले प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने आरोपियों पर NSA सहित मकान तोड़े जाने की कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन घटना के लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही न होने से हिन्दू संगठनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। डिंडोरी जिले के शाहपुरा में मुस्लिम समुदाय के दो युवकों ने शारदा मंदिर के गेट पर स्थित हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार किया था इस घटना से आक्रोशित हिन्दू संगठनों ने शहपुरा नगर को बंद कर आक्रोश जताया था और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी प्रशासन ने दो दिन का समय लेकर आरोपियों पर NSA सहित मकान तोड़े जाने की कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन घटना के लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से हिंदूवादी संगठनों ने रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की इस दौरान हिंदूवादी संगठन के सैकड़ो युवाओ के साथ भाजपा के पूर्व विधायक और वर्तमान जिला पंचायत सदस्य सीएस भवेदी जिला पंचायत सदस्य ज्योति ओमप्रकाश धुर्वे और भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि नरेंद्र राजपूत ने प्रशासन से कार्यवाही की मांग की। घंटों तक चले इस घटनाक्रम में कलेक्टर विकास मिश्रा ने एडीएम सरोधन सिंह के माध्यम से जिले से बाहर होने के कारण फोन पर सभी को आश्वासन दिया और आते ही निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही।
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पीड़ित की मौत होने तक आरोपी बैठा रहा छतरपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक आदिवासी व्यक्ति ने दूसरे आदिवासी व्यक्ति की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी...और जब तक उस व्यक्ति की मौत नहीं हुई तब तक हत्यारा वहीं बैठा रहा। यह मामला ग्राम लालपुर का है जहाँ जमीन को लेकर गांव के ही लखन आदिवासी और दीना आदिवासी में विवाद चल रहा था और यह विवाद इतना बढ़ा की दीना ने दिनदहाड़े लखन पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया इस हमले की वजह से लखन खून से लथ-पथ होकर वही गिर गया और तड़पने लगा वही लखन जब तक मर नहीं गया तब तक दीना कुल्हाड़ी लेकर वही बैठा ही रहा घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने दीना को गिरफ्तार कर लिया आगे की करवाई की जा रही है।
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हनुमान प्रतिमा के साथ आरोपी ने की थी छेड़छाड़ हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार करने का मामले लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है हिन्दू संगठनों को दो दिन पहले प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने.. आरोपितों पर NSA सहित मकान तोड़े जाने की कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन लगभग एक सप्ताह के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से .. हिन्दू संगठनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। डिंडोरी जिले के शाहपुरा में 17 जुलाई को मुस्लिम समुदाय के दो युवकों ने शारदा मंदिर के गेट पर स्थित हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार किया था इस घटना से आक्रोशित हिन्दू संगठनों ने शहपुरा नगर को बंद कर आक्रोश जताया था और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी प्रशासन ने दिन का समय लेकर आरोपितों पर NSA सहित मकान तोड़े जाने की कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन लगभग एक सप्ताह के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से हिंदूवादी संगठनों ने रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे हिंदूवादी संगठन के सैकड़ो युवाओ के साथ भाजपा के पूर्व विधायक और वर्तमान जिला पंचायत सदस्य सीएस भवेदी जिला पंचायत सदस्य ज्योति ओमप्रकाश धुर्वे और भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि नरेंद्र राजपूत ने प्रशासन से कार्यवाही की मांग की। घंटों तक चले इस घटनाक्रम में कलेक्टर विकास मिश्रा ने एडीएम सरोधन सिंह के माध्यम से जिले से बाहर होने के कारण फोन पर सभी को आश्वासन दिया और आते ही निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही।
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जगह जगह लोगों ने फूलों से किया स्वागत सावन के तीसरे सोमवार पर प्राचीन सिद्धनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में भस्म आरती एवं जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही मंदिर के कपाट खुलने पर महंत गजानंदपुरी ने बाबा को नर्मदा जल से स्नान करवाकर भस्म लेपन किया...लेपन के बाद आरती कर भक्तों के लिए गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ किया गया। देवास में भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया दोपहर में बाबा का रजत पात्र से अभिषेक कर भोग अर्पण किया गया शाम 4 बजे मठ प्रांगण में बाबा का शाही श्रृंगार किया गया उन्हें चांदी की पालकी में विराजमान कर महापूजन किया गया भक्तों ने बाबा सिद्धनाथ को चांदी की पालकी में विराजमान कर यात्रा निकाली यात्रा को नगर के प्रमुख मार्ग से भ्रमण कराते हुए मंदिर परिसर में ले गए जहां पुनः बाबा की आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया।
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राह चलते हाथ पकड़कर की छेड़खानी राह चलते युवती के साथ बाइक सवार युवकों ने छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया युवती के विरोध करने पर आरोपी युवक गंदी गंदी गालियां देने लगे इस दौरान छेड़खानी की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर चंद घंटों में गिरफ्तार कर लिया। कटनी में बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ के बारे में पिता ने कहा कि तीन युवक मोटरसाइकिल पर सवार थे जिन्होने बुरी नियत से उनकी बेटी का पीछा करके हाथ पकड़कर छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया छेड़छाड़ का विरोध करने पर आरोपी युवक गंदी गंदी गालियां देने लगे। मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी नीरज दुबे ने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर तीन आरोपी युवक को चंद घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने उनके पास से 5500 रुपये जब्त किये पुलिस प्रशासन ने सट्टेबाजों पर करवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया पुलिस ने इन आरोपियों के पास से जुएं में उपयोग हुए रुपये भी जब्त किये। यह मामला काशीपुर का है थाना प्रभारी दिनेश सिंह और एस आई मनोहर चंद ने अपनी टीम के साथ मिलकर जुआ खेल रहे तीन आरोपी वसीम अहमद , भूरा और दिलशाद को गिरफ्तार किया पुलिस ने आरोपियों के पास से 52 ताश की गड्डी और जुये मे उपयोग हुए 5500 सौ रुपये भी बरामद किये।
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विवाद बढ़ने पर पुलिस ने शांत कराया मामला उत्तराखंड क्रांति दल से निष्कासित चल रहे शिव प्रसाद सेमवाल गुट ने रात में पार्टी ऑफिस पर कब्जा कर लिया इस दौरान मामले की जानकारी पार्टी के दूसरे गुट को लगने पर विवाद हो गया दोनों गुटों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बीच बचाव करने के लिए पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंचना पड़ा। देहरादून में स्थित उत्तराखंड क्रांति दल के दफ्तर में बवाल उस वक्त मच गया जब आधी रात पार्टी दफ्तर पहुंचकर पार्टी से निष्कासित किए गए शिव प्रसाद सेमवाल गुट ने पार्टी दफ्तर पर कब्जा करने की कोशिश की..इस दौरान मामले की जानकारी मिलने पर पार्टी का दूसरा गुट भी पहुंच गया और दोनों गुटों में बवाल हो गया. बवाल इतना बढ़ गया कि मौके पर पहुंचकर पुलिस को बीच बचाव करना पड़ा और मामले को शांत कराया गया।
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पुलिस ने आरोपी शिक्षक को न्यायलय में पेश किया अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन के बाद छात्राओं के साथ गलत हरकत करने वाले शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने आरोपी शिक्षक पर पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह मामला खटीमा के झनकट का है पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने बताया की आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सुभाष सिंह राणा ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी कि विद्यालय में नियुक्त अंग्रेजी विषय के शिक्षक नसीम अहमद द्वारा विद्यालय की छात्राओं से छेड़छाड़ की गई है पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था और उसकी गिरफ़्तारी के लिए टीम गठित कर दी थी 24 घंटे के अंदर ही आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने कहा की शासन-प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सजग है महिलाओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है महिलाओं एवं बच्चियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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कड़ी कार्रवाई नहीं तो होगा उग्र प्रदर्शन हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर हिन्दू संगठनों ने अलग अलग क्षेत्रों में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा इस दौरान कई जगह व्यापारियों ने दुकाने बंद कर विरोध जताया और प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग की मांग नहीं माने जाने पर कई हिन्दू संगठनों ने दो दिन बाद उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है। हनुमान प्रतिमा के साथ दुर्व्यवहार करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन हिन्दू संगठन मामले में एनएसए की कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं कई हिन्दू संगठनों ने इस मामले को लेकर कई क्षेत्रों में बंद बुलाकर विरोध जताया मुस्लिम समाज की ओर से हाजी हारुन मंसूरी ने कहा कि हनुमान प्रतिमा से छेड़छाड़ की गई है ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए हमारा पूरा समाज इसका विरोध करता है मैं स्वयं इसका विरोध करता हूं कड़ी से कड़ी सजा मिले ऐसा कृत्य करने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए मकान जमींदोज होने चाहिए एनएसए लगना चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसी हरकत कोई और ना कर सके। डॉ ए आर खान का कहना है कि ये घोर अपराध है हमारा समाज इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है ऐसे व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।
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संयुक्त टीम ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया तस्करों के पास से टाइगर की खाल बरामद की,उत्तराखंड एसटीएफ एवं वाइल्डलाइफ क्राइम ब्यूरो और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने वन्यजीवों का शिकार कर उनका व्यवसाय करने चार तस्करों पकड़ा टीम ने इन तस्करों के पास से एक टाइगर की खाल व 15 किलो टाइगर की हड्डियां बरामद की टीम ने आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी की..टोल प्लाजा के पास में नेशनल हाईवे के पास कुछ लोग टाइगर की खाल लेकर जा रहे हैं सूचना के आधार पर उत्तराखंड एसटीएफ एवं वाइल्डलाइफ क्राइम ब्यूरो और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते हुए टोल प्लाजा के पास से चार वन्यजीव तस्करों को पकड़ा तस्करों के पास से टीम ने टाइगर की खाल व 15 किलो टाइगर की हड्डियां बरामद की डीएफओ संदीप कुमार ने बताया की इन तस्करों के नाम किशन कुमार, गजेंद्र सिंह, संजय कुमार, हरीश कुमार है और यह पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं इनके खिलाफ वन्यजीव अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है इस मामले की सम्पूर्ण जांच की जाएगी।
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शिक्षक पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप सिंगरौली से एक दुखद खबर सामने आ रही है जिसमें 18 साल के लड़के ने महुआ के पेड़ से लटककर फांसी लगा ली मृतक युवक के परिजनों ने उसके एक शिक्षक पर आरोप लगाया की उसने मामूली विवाद के चलते युवक की हत्या की। उस माँ क्या बीत रही होगी जिसने अपना जवान बेटा खोया है मृतक गोपी यादव के परिजनों का दुःख बयां ही नहीं किया जा सकता मृतक की माँ ने बताया की मेरा बेटा इसी साल 12 वीं में पास हुआ था बेटे को पढ़ाने वाले एक शिक्षक ज्ञानेंद्र बैस ने उसके पास होने पर कहा की गोपी को मैंने पढ़ाया है इसलिए वह पास हुआ है उसके पास होने की ख़ुशी में मुझे बकरा खिलाया जाए माँ ने कहा की वह किसी कारण शिक्षक को बकरा बनाकर नहीं खिला पाई जिसके बाद शिक्षक ने छात्र के साथ अभद्र व्यवहार किया मृतक की माँ ने कहा की उनके बेटे की हत्या का आरोपी वह शिक्षक है वही इस मामले में पर फ़िलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्डम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
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बैग, टी-शर्ट की क्वालिटी पर भड़के छात्र एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्रों को मिलने वाले सामान की क्वालिटी अच्छी न होने पर छात्र प्राचार्य पर भड़क गए इस दौरान प्राचार्य ने कहा कि.. छात्रों को कुछ लोगों ने भड़काया है..इसलिए वो विरोध कर रहें हैं। डिंडोरी जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्रों को मिलने वाले सामान की क्वालिटी घटिया किस्म की होने के कारण छात्रों ने प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया लेकिन प्राचार्य छात्रों की बातों को सिरे से नकारते हुए बताया कि कुछ अतिथि शिक्षकों को हटाया गया है और बहुत से अतिथि शिक्षक सरकारी मकान में कब्जा करके रह थे जिनको मकान खाली करने का नोटिस दिया गया बच्चों को मोबाइल रखने पर पाबंदी लगाई गई इन्ही बातों को लेकर कुछ लोग बच्चों को उकसा रहे थे जिससे बच्चे विरोध कर रहे थे। मामले की जानकारी मिलने पर स्कूल पहुंची जिला पंचायत शिक्षा समिति अध्यक्ष अंजू ब्यौहार ने छात्रों को समझाकर मामले को शांत कराया।
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एनडीआरएफ टीम ने राहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया .. इस दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी अविनाश वर्मा के नेतृत्व में राहत एवं बचाव दल की कई टीमों ने संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया जिसके तहत आपदा की स्थिति में फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके। भारी बरसात के चलते उत्तराखंड राज्य के कई जिलों को मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है इसी को ध्यान में रखते हुए चंपावत जिले के कई क्षेत्रों में शारदा नदी से होने वाले नुकसान को रोकने के मद्देनजर पुलिस क्षेत्राधिकारी अविनाश वर्मा के नेतृत्व में अग्निशमन दल, जल पुलिस एवं एनडीआरएफ टीम ने संयुक्त आपदा राहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया जिसके तहत आपदा की स्थिति में फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर भेजे जाने की मॉकटेल रिहर्सल की गई पुलिस क्षेत्राधिकारी अविनाश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना बनी हुई है ऐसे में आपदा राहत कार्यों को सुचारू रूप से करने के लिए इस मॉडल का आयोजन किया।
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युवक की हत्या उसकी प्रेमिका के भाई ने की पुलिस प्रशासन ने 48 घंटे के अंदर हत्या के एक मामले का खुलासा करते हुए बताया की युवक की हत्या उसकी प्रेमिका के भाई ने अपने साथियो के साथ मिलकर की थी पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है उनसे पूछताछ की जा रही है। यह मामला देवास का है एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया की पुलिस को जिला अस्पताल से सूचना मिली थी अस्पताल में अज्ञात व्यक्ति के शव को लाया गया है जब जांच की गई तो पता चला की यह शव ग्राम ट्यूबेल पुरा के अनिल नामक व्यक्ति का है अनिल के सिर के पीछे साइड धारदार हथियार से प्रहार किया गया जिस वजह से उसकी मृत्यु हो गई पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था एडिशनल एसपी शर्मा ने बताया की इस मामले की जांच के दौरान गांव के ही दीपक नामक व्यक्ति पर शक हुआ जब दीपक से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कुबूल करते हुए बताया की उसकी बहन का अनिल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था काफी समझाने के बाद भी जब वह लोग नहीं माने तो उसने अपने चचेरे भाइयों के साथ मिलकर अनिल की हत्या कर दी।
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मेरे पति ने नाबालिग लड़की से दूसरी शादी की है मुझे न्याय दीजिये और मेरे ससुराल वालों को सजा,एक महिला ने पुलिस प्रशासन के सामने न्याय की गुहार लगाई महिला का कहना है की उसके पति ने पहले से शादीशुदा और एक बच्चे का बाप होने के बाबजूद भी एक नाबालिग लड़की से फर्जी दस्तावेज बनवाकर विवाह किया जब उसने अपने पति की सच्चाई सामने लानी चाही तो उसके पति और ससुराल वालों ने महिला के साथ अभद्र व्यवहार करके जान से मारने की धमकी दी। यह मामला डिंडोरी का है और इस पीड़ित महिला का नाम विमला है विमला ने एसपी कार्यालय पहुंच कर लिखित शिकायत पत्र दिया शिकायत पत्र के अनुसार विमला के ससुराल वालों ने उसके साथ गाली-गलोच करके उसे भगा दिया था उसके ससुराल वालों को बहुत समझाया गया लेकिन उन्होंने उसे और उसके बच्चे को रखने से साफ़ मना कर दिया विमला ने बताया की उसने इस मामले की शिकायत थाने में भी की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई विमला ने बताया की उसके पति हरिराम ने 15 साल की नाबालिग लड़की नंद रानी के साथ विवाह कर लिया है और दस्तावेजों में नंदरानी की उम्र 22 वर्ष करवा दी विमला ने बताया की जब उसने इस मामले को उजागर करने के बाद पुलिस में जाने की बात कही तो हरिराम और उसके परिवार ने उसे जान से मारने की धमकी दी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद भी उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई विमला ने कहा की उसे अब एसपी कार्यालय से ही न्याय की उम्मीद है।
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बदमाशों ने महिला पर चलाई दिनदहाड़े गोली मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन ख़राब होती जा रही है गुंडे-बदमाशों में पुलिस का जरा भी डर नहीं रह गया है वह सरेआम अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें बदमाशों ने महिला को सड़क पर रोककर उसे गोली मार दी गोली लगने से महिला घायल हो गई जिसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है यह मामला छतरपुर का है जहाँ ज्योति शुक्ला नाम की महिला जो अपनी बेटी को लेने स्कूटी से स्कूल जा रही थी रास्ते में चार नकाबपोश बदमाशों ने उन्हें रोका और उनपर कट्टे से फायरिंग कर फरार हो गए ज्योति को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है चिकित्सक मनोज चौधरी ने कहा की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं मरीज की हालत ठीक हो गए जरूरत पड़ी तो ऑपरेशन भी करना पड़ेगा वही एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने कहा की मामले की जांच की जा रही है।
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प्रदेश सरकार के खिलाफ की नारेबाजी नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट पर करंट फैलने से लगभग 16 लोगों की मौत होने और सात लोगों के झुलसने की घटना से आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का जमकर विरोध करते हुए घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की खटीमा नगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंकने के बाद .. जमकर नारेबाजी की प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैलने से हादसे में 16 लोगों की मौत होने और सात लोगों के करीब झुलसने के खिलाफ विरोध व्यक्त किया कांग्रेस नगर अध्यक्ष रवीश भटनागर ने पुतला फूंकने के बाद कहा कि सरकार सिर्फ दिखावा करके आम जनता का ध्यान भटकाने में लगी हुई है घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए
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78641 स्टूडेंट्स के बैंक खातों में डाले 196 करोड़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी सम्मान समारोह' में.12 वीं में 75% या उससे ज्यादा अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं के खातों में लेपटॉप की राशि डाली मुख्यमंत्री चौहान ने MP बोर्ड के 78641 स्टूडेंट्स के बैंक खातों में 196.60 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की साथ ही मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में कहा की आने वाले सत्र से CBSE बोर्ड के छात्रों के लिए भी लैपटॉप देने की योजना लागू की जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी सम्मान समारोह' कार्यक्रम में कहा की आप सभी बच्चों को लैपटॉप की राशि मिलने की बहुत-बहुत बधाई .आने वाले भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं.मुख्यमंत्री चौहान ने कहा की.आप सभी स्टूडेंट्स से सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनवाएंगे जिसमें आप सभी अपने सुझाव डाल सकते हैं हम फिर किसी बहाने से मिलकर साथ बैठेंगे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा की टॉपर बच्चों ने मुझसे कहा कि मामा जी स्कूटी आपने MP बोर्ड को दी है . हमें नहीं दी अब जितने टॉपर बच्चे हैं.उन्हें भी स्कूटी दी जाएगी इसके साथ ही आने वाले साल से CBSE बोर्ड के छात्रों के लिए भी लैपटॉप देने की योजना लागू की जाएगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की. जब कांग्रेस की सरकार 18, 19, 20 में आ गई थी तब उन्होंने लैपटॉप भी बंद कर दिए थे बच्चों की फीस भरवाना भी बंद कर दी थी कांग्रेस ने बच्चों की जिंदगी बर्बाद करने का पाप किया
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10 करोड़ से ज्यादा का मेटल स्क्रैप चोरी चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया जिसमें आयुध निर्माणी परिसर कटनी में 10 करोड़ से ज्यादा का मेटल स्क्रैप चोरी हो गया इस मामले की सूचना परिसर के कर्मचारी ने पुलिस को दी पुलिस ने शिकायत के आधार पर 3 आरोपियों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है आयुध निर्माणी परिसर के कर्मचारी रामानुज भट्टाचार्य ने पुलिस में शिकायत की 10 करोड़ से ज्यादा कीमत का मेटल स्क्रैप एक साल के अंदर परिसर से गायब हुआ है कर्मचारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजीव गुप्ता, राजमणि वर्मा और अंशुमन उप्पल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है कटनी पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने बताया की आयुध निर्माणी द्वारा स्क्रैप के बदले स्ट्रीक बनाने का काम किया जाता है इसके लिए निर्माणी निविदा के माध्यम से कंपनियों को चुनती है ऐसी ही एक कंपनी है दिल्ली की, जहां गिल्डिग मेटल स्क्रैप तो लिया गया. लेकिन एक साल बीतने के बाद भी स्ट्रिक वापस नहीं दी है वही एक साल के अंदर परिसर से 10 करोड़ से ज्यादा कीमत का मेटल स्क्रैप चोरी हो गया है इस मामले की जांच की जा रही है।
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छात्राओं की शिकायत पर मचा बवाल मध्यप्रदेश में सीधी के बाद एक और पेशाब कांड से जुड़ा मामला सामने आया है इस बार मामला स्कूली छात्राओं से जुड़ा हुआ है स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने छात्राओं की पानी की बॉटल में पेशाब भरने की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया है..छात्राओं ने जब पीने के लिए पानी की बॉटल उठाई तो पेशाब की बदबू आने पर शिक्षकों से शिकायत करने पर मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में शिकायत करने वाली तीनों छात्राएं 11वीं में पढ़ती हैं ये तीनों छात्राएं इंग्लिश का पीरियड अटेंड करने के लिए साइंस की क्लास में गई थीं इस दौरान इन्होंने अपना बैग और पानी की बॉटल अपनी क्लास में ही छोड़ दिया था छात्राएं जब इंग्लिश की क्लास अटेंड करके अपनी क्लास में वापस आई तो एक छात्रा ने बॉटल से पानी पीया उसे अजीब सा महसूस हुआ उसमें पेशाब जैसी बदबू आने पर छात्रा ने अपनी बॉटल को पानी फेंक दिया जबकि दूसरी छात्रा ने बॉटल का पानी नहीं फेंका और इसकी शिकायत स्कूल के शिक्षक से की। छात्राओं के परिजनों ने छात्रों की इस हरकत पर दुख जताते हुए है दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। तहसीलदार साक्षी शुक्ला ने बताया कि स्कूल की छात्राओं की पानी की बोतल में कुछ अज्ञात पदार्थ मिलने की सूचना है वो पदार्थ क्या है अभी इसकी जांच की जा रही है जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी सहायक आयुक्त विजय तेकाम ने कहा कि मामले की जांच चल रही है.. छात्र-छात्राओं से पूछताछ के बाद ग्रामीणों के साथ बैठकर मामले पर कार्रवाई की जाएगी।
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नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर फैला करेंट साइट पर करंट फैलने से हुई 15 लोगों की मौत,देवभूमि उत्तराखंड के चमोली में करंट फैलने से दर्दनाक हादसा हो गया इस हादसे की चपेट में आने से 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वही कई लोग इस हादसे में घायल हो गए घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया यह हादसा चमोली बाजार के पास नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर हुआ आपको बता दें चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर काम चल रहा है बीती रात यहाँ पर बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था सुबह जब तीसरे फेज को जोड़ा गया तभी यह करेंट फैला जिसकी चपेट में 22 लोग आ गए 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वही इस हादसे में 7 लोग घायल हो गए घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है वही गंभीर रूप से घायलों को हेलीकॉप्टर की मदद से ऋषिकेश इलाज के लिए पहुंचाया गया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे को लेकर ट्वीट किया धामी ने लिखा की चमोली में करंट लगने से कई लोगों के हताहत होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है दुर्घटना में घायल हुए लोगों को इलाज के अस्पताल भेज दिया गया है ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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मौसम विभाग ने पहाड़ पर भूस्खलन की जताई आशंका उत्तराखण्ड में भरी बारिश कहर मचा सकती हैं मौसम विभाग ने उत्तराखंड में चार दिन की भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हैं साथ ही पहाड़ पर भूस्खलन की आशंका भी जताई जा रही हैं पहाड़ों की बारिश बहुत कुछ बहा कर ले जाती हैं एक बार फिर उत्तराखंड में चार दिन की भारी बारिश का अलर्ट जारी किया मौसम विभाग की मानें तो आगामी चार दिनों तक लोगों को काफी एहतियात बरतने की जरूरत है इस दौरान पहाड़ पर भूस्खलन की आशंका बनी रहेगी मौसम विभाग ने 18, 19, 20 और 21 जुलाई को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया हैं 19 जुलाई को कुमाऊं के बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में ऑरेज अलर्ट और बाकी के जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है मौसम विभाग ने इस अलर्ट के दौरान लोगों को नदी किनारों से दूर रहने की सलाह दी है भारी बारिश के दौरान पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पुलिस-प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट हो गया हैं वही अब तक भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड में 195 सड़कें बंद पड़ी हैं जिनपर आवागमन बाधित हैं।
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पुलिस ने उत्साह के साथ मनाया पर्व पुरे उत्तराखंड में हरेला पर्व की धूम रही हरिद्वार में भी हरेला पर्व की धूम धाम से मनाया गया खास बात ये रही की हरिद्वार पुलिस ने हरेला पर्व मनाया और पौधे लगाए हरिद्वार पुलिस ने पूरे उत्साह के साथ पर्व मनाया सभी अधिकारियों ने वृक्षारोपण कर प्रकृति को बचाने का संदेश दिया पुलिस लाइन सहित जनपद के विभिन्न थाना एवं शाखा प्रांगण में फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए पूरे उत्तराखंड में आज हरेला पर्व मनाया गया पुलिस ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस द्वारा पुलिस लाइन रोशनाबाद, पुलिस कार्यालय, जनपद के विभिन्न थाना एवं शाखाओं के प्रांगण में वृक्षारोपण कर आमजन को प्रकृति से मित्रता करने का संदेश दिया।
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लोगों ने नर्मदे हर व हर हर महादेव के लगाए जयकारे नेमावर में हरियाली अमावस्या के अवसर पर कुंभ सा नजारा दिखा...सावन मास की हरियाली अमावस्या पर नर्मदा स्नान के लिए लोग उमड़ पड़े इन तटों पर नर्मदे हर के साथ ही हर-हर गंगे हर हर महादेव के भी स्वर गूंजे लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदे हर के उद्घोष के साथ पुण्य सलिला नर्मदा में डुबकी लगाई नर्मदा घाटों पर सावन मास की हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर देर रात से ही पैदल आने वाले श्रद्धालुओं का जमघट सड़कों पर दिखाई पडऩे लगा था श्रद्धालुओं ने मंदिर आश्रम और लोगों के घरों में रात गुजारी और ब्रह्ममुहुर्त में ही स्नान के लिए निकल पड़े पानी की बौछार के बावजूद सुबह से ही नर्मदा भक्तों का मेला सा लग गया।
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जोरदार भिड़ंत से 6 लोगों की मौत सागर जिले में पजेरो गाड़ी और ट्रक में जोरदार भिड़ंत हो गई इस दौरान जोरदार भिड़ंत से हादसे में छह लोगों की जान चली गई हादसे में गंभीर रूप से घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है सागर जिले के जबलपुर रोड पर सड़क एक्सीडेंट इतना भीषण था कि पजेरो में सवार सात युवकों में से 5 की दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दो घायल युवकों में से एक की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई हादसे में मृतकों के शव को मौके पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
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शिवा का जलाभिषेक करने उमड़े भक्त सावन के दूसरे सोमवार पर भगवान महादेव की ससुराल कलखन के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही वैसे तो हर शिवलिंग की पूजा फलदायी होती है लेकिन दक्षेश्वर मंदिर का अपना एक अलग ही महत्त्व है सावन के दूसरा सोमवार पर शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ रही हर तरफ शिवभक्त हर हर महादेव के जयकारे लगाते दिखे भगवान भोलेनाथ की ससुराल कहे जाने वाले कलखन के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में तो सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही जगह जगह से भक्त बड़ी संख्या में भगवान शिव का जलाभिषेक करने आए मान्यता है सावन के महीने के सोमवार को दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी ने बताया कि भगवान शिव को जल अति प्रिय है ऐसे में भक्तों को आज के दिन यानी सोमवार के दिन भगवान को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए ऐसा करने से शिव की अपार कृपा मिलती है।
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एसडीआरएफ की टीम कर रही बुजुर्ग की तलाश घाट के किनारे पानी पीने गए बुजुर्ग पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया मगरमच्छ ने बुजुर्ग को अपनी चपेट में लेकर पानी के अंदर ले गया सूचना मिलते ही पुलिस एसडीआरएफ की टीम के साथ घटनास्थल पहुंचकर बुजुर्ग की तलाश कर रही है यह घटना सिंगरौली के नौडिवा क्षेत्र की है घाट पर पानी पीने गए रामधन केवट को मगरमच्छ ने पानी में खींच लिया घटना की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली वैसे ही पुलिस प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर बुजुर्ग की तलाश में शुरू कर दी लेकिन अभी तक बुजुर्ग का पता नहीं चल पाया है।
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डैम खुलने से गांवों को चेताया धसान नदी के ऊपरी हिस्सों में बारिश के चलते बान सुजारा बांध में पानी बढ़ गया जिसके चलते बांध के चार गेट खोल दिए गए इस दौरान धसान नदी के पास स्थित गांव वालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है छतरपुर के धसान नदी पर बने बान सुजारा डैम के चार गेट को खोल दिया गया गेट खुलने से धसान नदी का जलस्तर तीन से चार फीट बढ़ गया अभी तक डैम से 300 क्युमेक्स पानी छोड़ा गया है इस दौरान सिंचाई विभाग ने धसान नदी के पास स्थित गांवो को चेतावनी जारी करते हुए. अलर्ट रहने के लिए कहा है।
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बारिश में सड़क पर डांस कर रहा है शराबी एक शराबी का डांस करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें शराबी भरी बारिश में शराब की दुकान के सामने सड़क पर डांस कर रहा है वीडियो के वायरल होते ही लोग इसपर कमेंट कर रहे हैं यह वायरल वीडियो छतरपुर का है जब शराबी भरी बारिश में डांस कर रहा था तब किसी ने उसका वीडियो बनाकर और उसमें बैकग्राउंड म्यूजिक डालकर वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जिसके बाद वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
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विरोधी पार्टियां साजिश के तहत फंसा रही गांव के प्रधान का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद वीडियो पर सफाई देते हुए गांव के प्रधान ने कहा कि विरोधी पार्टियां साजिश के तहत मुझे फंसाने की कोशिश कर रही हैं वीडियो के संबंध में प्रधान ने सिरे से नकार दिया सितारगंज शक्ति फार्म क्षेत्र के प्रधान ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये वीडियो लगभग 3-4 महीने पहले का है राजनीतिक साजिश के तौर पर मुझे इसमें फंसाया गया है वीडियो कब बना और कैसे बना मुझे इस संबंध में बिल्कुल जानकारी नहीं है आने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में मुझे नुकसान पहुंचाने की नियत से विरोधी पार्टियों ने साजिश के तौर पर यह वीडियो वायरल किया है उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो ग्राम प्रधानी के दौरान मेरे साथ कार्य करने वाले व्यक्ति के घर बनाया गया है जिसकी मुझे बिल्कुल जानकारी नहीं है।
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ट्रक फंसने से भागे ड्राइवर गोवंशों से भरा ट्रक फंसने से ट्रक ड्राइवर और क्लीनर मौके से फरार हो गए मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है कटनी जिले में गुलवारा ब्रिज के पास एक ट्रक छत्तीसगढ़ पासिंग रोड के किनारे फंस जाने के कारण ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर मौके से फरार हो गए जानकारी के मुताबिक गोवंशों से भरे ट्रक की सूचना विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओ को मिलने पर मौके पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने ट्रक के अंदर देखा तो ट्रक में गोवंश भरे हुए थे जिसकी सूचना विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को दी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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बुजुर्ग का हुआ था अपने भाई से विवाद अपने भाई से विवाद के बाद से लापता हुए एक बुजुर्ग का शव संदिग्ध हालात में कुए से बरामद किया गया पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि बुजुर्ग की हत्या को किसने अंजाम दिया छतरपुर मे तीन दिन से लापता बुजुर्ग का शव संदिग्ध हालत मे कुये मे मिलने से सनसनी फैल गई शव मिलने की सूचना जैसे ही बमीठा थाना पुलिस को मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और घूरा गांव मे कुये से शव को बाहर निकाला बुजुर्ग का अपने ही भाई से किसी बात पर विवाद हुआ था उसी के बाद से से वह घर से लापता हो गया थे अब जब शव को बाहर निकाला गया तो मृतक के दोनो पैर तोलिये से बंधे थे ,जिससे उसकी हत्या की आशंका जाहिर हो रही है घटना की पुलिस जांच कर रही है ।
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बाढ़ के खतरे के चलते किया गया शिफ्ट लगातार हो रही बारिश का पानी अब घरों में दाखिल हो चुका है हालात इतने खराब हैं कि लोगों को अपनी जान का डर सताने लगा है इस दौरान प्रशासन बाढ़ की जद में आए परिवारों को रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट कर रहा है उधम सिंह नगर के खटीमा में बहने वाली देवहा नदी की जद में कई परिवारों के आशियाने आ गए है साथ ही कई किसानों की खेती योग्य भूमि भी तेज बहाव के चलते कटाव का शिकार होने लगी है विगत कुछ दिनों से लगातार पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण तराई में बहने वाली सभी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बहाव की गति भी काफी तेज है जिसके चलते नदी के किनारे बसी आबादियों पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं इस बीच बाढ़ की जद में कई मकानों के आने के बाद कई परिवारों ने गांव के प्राइमरी स्कूल में में शरण ले रखी है पीड़ित परिवारों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी मदद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है हालत बेहद गंभीर हैं एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने बताया कि बाढ़ के प्रभाव से गांव को बचाने हेतु प्लान तैयार किया जा रहा है मौजूदा वक्त में लगभग सात परिवारों के मकान खतरे की जद में है जिसके चलते सातों परिवारों को गांव के प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट होने के निर्देश दिए गए हैं।
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दाम बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ा आलू प्याज जहाँ पहले सरकारें गिरवा चुके हैं वहीँ अब इस चुनाव से पहले टमाटर सरकार की नाक में दम किये हुए है टमाटर ने एक झटके में रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है टमाटर के खुदरा दाम 120 रुपये किलो से ऊपर चल रहे हैं, जिससे रसोई का बजट बिगड़ रहा है कटनी सब्जी मंडी में टमाटर की कीमत 3000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है इस अवधि में टमाटर की आवक 40 प्रतिशत कम हुई है यह पहला मौका नहीं है, जब टमाटर के भाव अचानक बढ़े हैं टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में साल के दौरान सबसे तेज उतार चढ़ाव होता है टमाटर कम अवधि में तैयार होने वाली फसल है और विभिन्न इलाकों में साल में कई बार उगाया जाता है लेकिन फिलहाल तो टमाटर के दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
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बरसाती नदी के पुल से गुजरने वालो को खतरा लगातार हो रही झमाझम बारिश ने उत्तराखंड में तबाही मचा दी है इस बारिश ने कई लोगों की रोजी रोटी भी छीन ली है बारिश से हरिद्वार का बरसाती नदी का पुल बीच से धराशाही हो गया है हरिदवार में लगातार हो रही ज़ोरो की बारिश अब आमजन की रोज़ी रोटी छीनने लगी है रोशनाबाद से आने जाने वाले रास्ते पर बना बरसाती नदी का पुल बीच में से धराशाही हो गया है जिसके कारण लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रह है बरसाती नदी में उफान के कारण उक्त नदी के पुल के बीच से टूटना शुरू हुआ जिसके कारन पुल पर से आवाजाही रोक दी गयी है अगर पुल से आवाजाही की जाती तो वो किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकती थी बारिश ने लोगों से उनका रोजगार और धंध तक छीन लिया है।
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मामला गंभीर होने पर पहुंची पुलिस एक ही समुदाय के दो पक्षों में बच्चों के बीच का विवाद इतना बढ़ गया कि लाठी डंडे तक आ गया इस दौरान मामले को गंभीर होता देख जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को बीच बचाव करना पड़ा चंपावत के बनबसा क्षेत्र में एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच बच्चों के आपसी विवाद को लेकर लड़ाई झगड़ा हो गया जिसके चलते दोनों पक्षों की ओर से जमकर लाठी-डंडे चले घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मामला शांत कराया गया थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह जगवान ने दोनों पक्षों की आपसी सहमति से शांति व्यवस्था बनाए रखने और भविष्य में इस प्रकार की घटना ना होने के लिए समझाया।
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कांवड़ियों की जान को डाल रहे खतरे में कांवड़ मेले की यात्रा लगातार जारी है लेकिन इस बीच कांवड़ियों की भीड़ का फायदा उठाकर वाहन चालक नियम के विरुद्ध ओवर लोडिंग कर रहें हैं और कांवड़ यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं ऋषिकेश में कांवड़ मेले के दौरान लाखों कावड़ियों की भीड़ का फायदा उठाकर चालकों ने सभी नियम कायदे ताक पर रख दिए हैं नियम के विरुद्ध लोडर वाहनों में कांवड़ियों को ठूस ठूस कर गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है यही नहीं टेंपो में भी कांवड़ियों को लटक कर सफर करते हुए देखा जा रहा है इससे जहां सड़क हादसे होने की आशंका बनी हुई है वहीं कावड़ियों की जान को खतरा भी बना है लेकिन ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक कांवड़ मेले में तैनात पुलिसकर्मी वाहन चालकों के खिलाफ मूकदर्शक बने हुए हैं तस्वीरों को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार वाहन चालक कावड़ियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।
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आरोपियों के पास धारदार हथियार बरामद जिले में डकैती की योजना बना रहे पांच बदमाशों के मंसूबे पर पुलिस ने पानी फेर दिया बदमाशों के डकैती करने की प्लानिंग के बारे में सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को हथियार सहित वारदात के पहले ही गिरफ्तार कर लिया छतरपुर मे डकैती की योजना बनाते पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस को सूचना मिली थी कि मॉडल बेसिक स्कूल के पास पांच लोग डकैती की योजना बना रहे है सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने छापा मारते हुए पांचो आरोपी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गिरफ्तार बदमाशों की जानकारी देते हुए टीआई कमलेश साहू ने कहा कि बदमाशों के पास से धारदार हथियार और अधिक मात्रा में अवैध कट्टा बरामद हुआ है उन्होने बताया कि सभी आरोपी हिस्ट्रीशीटर बदमाश जफ्फू गैंग के सदस्य है।
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24 घंटे के अन्दर आरोपियों को किया गिरफ्तार बैंक से अपने रिश्तेदार के साथ कैश निकालकर जा रही बुजुर्ग महिला के साथ कुछ लोगों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया स्कूटी से बुजुर्ग महिला का पीछा कर रहे आरोपी बैग छीन कर भाग गए घटना की जानकारी पुलिस को देने पर 24 घंटे के अन्दर आरोपियों को दबोच लिया गया छतरपुर पुलिस ने बुजुर्ग महिला से दो लाख रुपये कैश की लूट का 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है बुजुर्ग महिला अपने रिश्तेदार के साथ बैंक से दो लाख की रकम बैग मे रखकर बाइक से जा रही थी इस बीच रास्ते में तीन स्कूटी सवार बदमाशों ने बुजुर्ग महिला का बैग छीनकर भाग गये महिला के साथ हुई लूट की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग महिला के बताये हुलिया के आधार पर बदमाशों का पीछा किया और 24 घंटे के अन्दर मामले का खुलासा कर दिया।
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मन्नत पूरी होने पर दान करने की थी इच्छा मंडफिया स्थित श्री सांवलिया जी में कई भक्त अपनी मन्नत लेकर आते है मन्नत पूरी होने पर वो अलग-अलग तरह के भेंट चढ़ाते है इसी तरह तीन श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से एक किलो 119 ग्राम चांदी से निर्मित इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर का मॉडल भेंट किया है जो काफी चर्चा विषय बना हुआ है मेवाड़ के कृष्ण धाम श्री सांवलिया जी में तीन भक्तों ने एक किलो 119 ग्राम चांदी से बनी एक इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर का मॉडल भेंट किया तीनों भक्त चित्तौड़गढ़ में इलेक्ट्रिक स्कूटर का बिजनेस करते है और व्यवसाय को अच्छी गति मिलने के कारण उन्होंने यह स्कूटर का मॉडल बनवाकर भेंट किया है तीनों श्रद्धालुओं की इच्छा थी की सावन महीने में सांवलिया सेठ को एक इलेक्ट्रिक स्कूटर भेंट की जाए ताकि इस साल भी अच्छा बिजनेस हो भक्तों ने इसके साथ ही एक चांदी की अंगूठी भी भेंट की इस दौरान परिवार सहित भक्त मंदिर पहुंचे।
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छात्रों ज़मीन पर बैठने के लिए मजबूर शिवराज राज में बच्चे हो रहे हैं ज़मीन पर बैठने को मजबूर और सरकार केवल आश्वासन दे रही हैं... यू तो शिवराज मामा बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन पूरा करने की केवल उम्मीद देते हैं मामला डिंडोरी जिले के ग्राम मसूर घुघरी का है जहां मिडिल स्कूल को खुले हुए लगभग 22 साल हो चुके है लेकिन स्कूल भवन का अब तक निर्माण तक नहीं हुआ है नतीजा यह है की स्कूल आने वाले 55 छात्रों को सरकारी राशन दुकान के भवन में ज़मीन पर बैठ कर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है इतना ही नहीं बच्चो को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक मौजूद है .बताया जा रहा है की कई बार शासन प्रशासन से भवन निर्माण और स्टॉफ बढ़ाने के लिए मांग पत्र भी भेजा गया लेकिन सिवाए आश्वासन के कुछ हाथ नहीं लगा है हालांकि कलेक्टर ने 6 महीने के अंदर स्कूल का निर्माण करने के आदेश जारी किये है।
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नदी नाले उफान पर आये देशभर में लगातार चल रही झामा झाम बारिश से नदी नाले उफान पर हैं जिसके कारण लोगों के मन में बारिश का भय बना हुआ है हरिद्वार में ऐसी ही बारिश के चलते नदी नाले लबालब हैं जिसके कारण लोगों को खतरा बना हुआ है उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर हैं तेज़ बारिश से जलधार नदी पर बना पुल कभी भी धराशाई हो सकता है जानकारी के मुताबिक उक्त क्षेत्र में आने को जाने के लिए यह पुल एकमात्र सहारा है इसलिए ग्रामीणों में भये का माहौल बना हुआ है हालांकि ऐसी घटना पूर्व में हो चुकी है जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा पुल को बनाने वाले संबंधित विभाग से मरम्मत करवा कर ठीक करवाया गया था।
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मोटरसाइकिल में लगाई आग शिवराज सरकार यू तो बड़े बड़े वादे कर रही है लेकिन लोगों कि जान के साथ खिलवाड़ होने से नहीं रोक पा रही है छतरपुर में कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की देर रात कारों और मोटरसाइकिलों में आग लगा दी गयी मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर का है जहा ओमप्रकाश चतुर्वेदी युवक के घर डस्टाँन के कार्यक्रम मे शामिल होने आये रिश्तेदारों की खड़ी कार और बाइक में बदमाशों ने आग लगा दी हादसा देर रात 3 बजे का है जब कार्यक्रम में आए लोग घरों में जा कर सो गए उसी वक्त बदमाशों ने आकर कार और मोटरसाइकिल में आग लगा कर वह से फरार होगए। कुछ देर बाद जब घरो में धुआं घुसने लगा तब लोग बहार आए और आग को काबू करने की कोशिश की और पुलिस को आग लगने की सूचना दी हालांकि जब तक पुलिस वह पहुंची तब तक मोटरसाइकिल धू धू कर जलकर राख हो गई और कार की आग पर काबू पाया गया पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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अगले चार दिन हो सकती है भारी बारिश लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से पहाड़ी स्थानों पर जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है आलम यह है कि जगह-जगह पहाड़ियां दरक रही हैं जिससे लगातार भूस्खलन हो रहा है और सड़कें बंद हो रही हैं इस बीच मौसम विभाग ने अगले चार दिन और भारी बारिश का ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है उत्तराखंड में अगले चार दिन बारिश के लिहाज से मुश्किल भरे हो सकते हैं मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज एवं रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने भूस्खलन, सड़कें बंद होने, आकाशीय बिजली गिरने और नदियों का जलस्तर बढ़ने कि संभावना जताई है मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डा. बिक्रम सिंह ने बताया कि कई दिनों से प्रदेश के सभी जिलों में भारी बारिश हुई और कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ इसलिए आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
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हरिद्वार जाते समय हुआ यह हादसाउत्तराखंड में लगातार बारिश का दौर जारी है और बारिश के बीच कावड़ मेला चल रहा है इसी बीच एक कावड़िया हरिद्वार पहुंचने के पहले ही ट्रैन से गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया मामला उस वक्त का है जब कावड़िया दिल्ली से हरिद्वार आने के लिए ट्रैन में बैठा था उसी दौरान कावड़िया जिसकी पहचान उज्जवल सिंह के रूप में हुई है उसका अजानक पैर फिसल गए जिसके कारण वो ट्रैन से गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया घटनास्थल पर मौजूद भगत सिंह चौक में नियुक्त उपनिरीक्षक प्रशिक्षु विपिन चंद्र ने फ़ौरन 108 को कॉल कर बुलाया और उसी के साथ कोतवाली ज्वालापुर को भी सूचित किया और घायल को तत्काल चिकित्सालय पहुंचाया
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गंगा से तीन शव बरामद, तीन लापता सोनप्रयाग से ऋषिकेश आ रही एक मैक्स कार मालाकुंठी के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर कर गंगा में समा गई कार में सवार 11 यात्रियों में से 5 यात्रियों को पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर बचा लिया वही 3 यात्रियों के शव को गंगा से बरामद कर लिया गया है बाकी तीन लोगों की तलाश की जा रही है कार में सवार यात्री केदारनाथ यात्रा से वापस लौट रहे थे यह सभी यात्री अलग-अलग शहरों के रहने वाले हैं रेस्क्यू किए गए यात्रियों ने बताया की सभी लोग रात में सोनप्रयाग से एक मैक्स गाड़ी में बैठे थे बारिश की वजह से मालाकुंठी पुल से आगे गुलर की तरफ पहाड़ से पत्थर गिरा जिस कारण गाड़ी अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी और यह हादसा हो गया. एसडीआरएफ टीम व पुलिस टीम द्वारा सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है।
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जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का काम जारी पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश मुसीबत का सबब बन गई है घंटो बारिश से पहाड़ों का मलबा दरक कर नीचे गिर रहा है जिससे मुख्य मार्ग पर लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है चंपावत जिले में लगातार बारिश की वजह से तराई क्षेत्र को जोड़ने वाले टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ों का मलबा गिरने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है मलबा गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोग घंटों से जाम में फंसे हैं.. इस बीच प्रशासन की ओर से जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का प्रयास जारी है।
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जलस्तर बढ़ने से चौकियां हुई एलर्ट पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से भीमगोडा बैराज का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है जलस्तर बढ़ने की वजह से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं..इस दौरान कांवड़ मेला भी अपने चरम पर चल रहा है ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए भीमगोडा बैराज के जल स्तर पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश की वजह से भीमगोडा बैराज का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है बीते 24 घंटों में 55 एमएम बारिश से बैराज का जलस्तर अपने डेंजर लेबल को पार कर सकता है ऐसे में बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी बाढ़ नियंत्रण चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है इस बीच कावड़ मेला भी अपने चरम पर चल रहा है ऐसे में पहले से स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए भीमगोडा बैराज के जल स्तर पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
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आरोपियों ने आदिवासी भाइयों को बेरहमी से पीटा सीधी पेशाब कांड के बाद प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से आदिवासी युवकों को पीटने का मामला सामने आया है जिसमें तीन आरोपियों ने दो आदिवासी भाइयों के साथ करीब 8 घंटे तक मारपीट की इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है पुलिस ने सभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है यह मामला इंदौर के राऊ क्षेत्र का है पीड़ित युवक धार के रहने वाले दो भाई हैं जो इंदौर में ट्रेजर फैंटाइजी में मजदूरी करते हैं. 7 जुलाई की शाम दोनों मजदूरी के बाद बाइक पर सवार होकर वापस जा रहे थे इसी दौरान तेज बारिश होने लगी, जिसके चलते इनकी बाइक गिर गई वहां मौजूद गार्ड सुमित चौधरी ने बाइक हटाने को कहा. इस दौरान दोनों भाइयों का गार्ड के अलावा वहां मौजूद जयपाल सिंह बघेल और प्रेम सिंह परमार से विवाद हो गया विवाद के चलते गार्ड ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों भाइयों को गार्ड रूम में बंधक बना लिया तीनों ने मिलकर आदिवासी भाइयों को बेरहमी से पीटा वहीं इस घटना को लेकर डीसीपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया मुख्य आरोपी सुमित चौधरी समेत उसके दोनों साथी जयपाल और प्रेम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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हत्या में शामिल तीन आरोपी हुए गिरफ्तार प्रेम प्रसंग में हुई अंधी हत्या के केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है हत्या में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया जहां आरोपियों की जमानत रद्द होने के बाद जेल भेज दिया गया सिंगरौली जिले के बाघाडिह गांव में बाबा बैस नाम के व्यक्ति की अंधी हत्या हुई थी जो बरगवां पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था हत्या के पीछे शामिल आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने मुखबिरों को लगाया मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया मामले की जानकारी देते हुए एसपी मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने बताया कि हत्या का मुख्य आरोपी अशोक उर्फ राजेश सोनी है अशोक को शक था कि मृतक के साथ उसके पत्नी का अवैध संबंध है इसी शक के आधार पर अशोक सोनी ने अपने दो साथी अंबिका यादव और राजेश यादव के साथ मिलकर युवक की धारदार हथियार से हत्या की थी एसपी ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल दिया गया है।
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भारत-नेपाल सीमा पर चल रहा यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्रग फ्री देवभूमि मिशन 2025 का लक्ष्य रखा है इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन-प्रशासन नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है इसी कड़ी में पुलिस प्रशासन ने भारत से नेपाल के कैसिनो में जुआ खेलने जाने वाले लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है पुलिस भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग पर सघन चेकिंग अभियान चला रही है ड्रग फ्री देवभूमि मिशन 2025 के लिए जुआरियों के नेपाल जाने पर रोक लगाई जा रही है क्योंकि जुआरियों के जरिये नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है इसके लिए सघन चेकिंग अभियान चम्पावत पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा के निर्देश पर चलाया जा रहा है नियम के अनुसार भारत नेपाल सीमा पर पच्चीस हजार रुपए तक लाने ले जाने की अनुमति है निर्धारित रकम से ज्यादा सीमा के पार ले जाना प्रतिबंधित है यदि कोई व्यक्ति 25000 से ज्यादा की रकम ले जाता है तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जाती है चौकी प्रभारी हेमंत सिंह काठयत ने बताया की नशे की तस्करी करने वालों एवं कैसीनो में जुआ खेलने जाने वाले जुआरियों पर नकेल कसने के लिए सीमा पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
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इस रथ यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं पहाड़ों की रानी मसूरी में लगातार दूसरी बार सनातन धर्म मंदिर की ओर से भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें मसूरी एवं आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बारिश के बावजूद रथयात्रा में शामिल होकर पुण्य लाभ उठाया श्री जगन्नाथ रथयात्रा सनातन धर्म मंदिर से निकालकर गांधी चौक पर सम्पन्न हुई इस अवसर पर महामंडलेश्वर राधा गोविंद दास ने कहा की रथ यात्रा मैं जगन्नाथ जी के दर्शन करने वाले समस्त श्रद्धालु नाचते गाते भजन कीर्तन करते रथ यात्रा का रस्ता खींचते हैं जिससे कि श्रद्धालुओं के समस्त पापों का नाश हो जाता है वहीं सनातन धर्म मंदिर के प्रधान दीपक गोयल ने बताया कि लगातार बारिश होने के बावजूद भी इस बार फिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया गया है जिसका खास उद्देश्य आज के युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करना है।
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गंगा को स्वच्छ रखने के लिए निर्देश दिए गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बैठक की बैठक में श्री गंगा सभा के महामंत्री और अधिकारी मौजूद थे इस दौरान जिलाधिकारी ने गंगा की स्वच्छता के लिए कई निर्देश दिए हरिद्वार में गंगा की स्वच्छता के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बैठक में निर्देश दिए कि गंगा जी में श्रद्धालु पूजा सामग्री का सामान डाल देते हैं उसके लिए गंगा में प्रोटेक्शन जाल सभी पुल पर लगाया जाए उन्होंने बताया कि कुछ लोग खंडित मूर्ति गंगा के किनारे रख देते हैं जिस कारण खंडित मूर्ति पैरों में आती है उसके लिए भी एक स्थान चिन्हित किया जाए ताकि आस्था भी बनी रहे और खंडित मूर्ति पैरों में भी ना आए श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने जिलाधिकारी के साथ बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि जिलाधिकारी के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है जल्द ही अधिकारी द्वारा बताए सुझावों को इस्तेमाल में लाया जाएगा।
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कावड़ यात्रा में पुलिसबल की सुरक्षा को ले कर की बात सावन के महीने में शिव भक्त कावड़ यात्रा पर निकलता है ऐसे में उनकी सुरक्षा करने में पुलिस अपनी अहम भूमिका निभा रही है साथ ही साथ पुलिस अधिकारियों को कोई समस्या ना आए इसका भी पूरा ध्यान पुलिस विभाग रख रहा है एसपी विजेंद्र दत्त डोभाल ने पुलिसबल की समस्या जानने के लिए बैठक की और समस्यायों का निराकरण करवाया सावन में लगातार हो रही तेज़ बारिश ने लोगों का हाल बेहल भी कर रखा है तो वहीँ कावड़ियों की पूरी सुरक्षा पुलिसबल के हाथो में है लेकिन पुलिस को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े इसका भी ध्यान एसपी द्वारा रखा जा रहा है मुनी की रेती थाने में जनपद टिहरी के एसपी विजेंद्र दत्त डोभाल ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं का हल भी निकाला ऐसे में पुलिसबल ने कावड़ मेले में तन मन से ड्यूटी करने का भरोसा एसपी को दिलाया।
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एटीएम से 3000 निकालते समय निकला नकली नोट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपने खाते से राशि निकालते समय एक ग्रामीण के साथ अजीबो गरीब घटना घटी ग्रामीण ने जब एटीएम से राशि निकाली तो उसमें 500 रूपए का नोट नकली निकला जिसे देखकर ग्रामीण के पैरों तले से जमीन खिसक गई डिंडोरी जिले में स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से ग्रामीण ने जब राशि निकाली तो उसमें से एक 500 रु का नोट नकली निकला जिसे देखकर ग्रामीण के होश उड़ गए इसकी जानकारी ग्रामीण ने एसबीआई बैंक अधिकारी को दी तो ग्रामीण को गोल मोल जवाब के सिवाय कुछ नहीं मिला ग्रामीण ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है और अपने खाते से तेइस हजार रुपए निकालने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम गया था..उसने 10-10 हजार करके दो बार राशि निकाली और जब 3000 रु निकाला तो एक 500 रु का नोट नकली निकला।
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नशे में धुत था समीक्षा अधिकारी का ड्राइवर नशे में धुत समीक्षा अधिकारी के ड्राइवर ने गाड़ी से गाय के बच्चे को कुचल दिया इस दौरान समीक्षा अधिकारी गाड़ी में मौजूद थे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है हरिद्वार में नशे में धुत समीक्षा अधिकारी के ड्राइवर ने बेजुबान गाय के बच्चे पर गाड़ी चढ़ा दी गाड़ी में समीक्षा अधिकारी रविंद्र जोशी भी बैठे हुए थे घटना का वीडियो बनाते हुए स्थानीय लोगों ने जानकारी दी है कि अधिकारी का ड्राइवर इतना नशे में था कि गाड़ी को काबू नहीं कर पाया और गाय के बच्चे को कुचल दिया आपको बता दें प्रदेश सरकार एक तरफ नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही है जबकि दूसरी तरफ अधिकारी ही ड्राइवर के साथ नशे में शामिल दिखाई दे रहे हैं ऐसे में प्रदेश कैसे नशा मुक्त हो पाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी।
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शांति से यहाँ आए और जल भरकर ले जाए हरिद्वार में कावड़ यात्रा अपनी चरम सीमा पर है ऐसे में पुलिस चप्पे चप्पे पर नजर बनाए हुए है कावड़ मेले को लेकर हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने कहा की अभी तक तो यात्रा सकुशल चल रही है लेकिन डाक कावड़ के दौर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है की बड़े वाहन रात्रि 11:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक ही चलेंगे एसएसपी अजय सिंह ने कहा की अभी तक की कावड़ यात्रा अच्छी रही है लाखों श्रद्धालु यहाँ आ चुके हैं जो जल भरकर अपने शिवालय की ओर रवाना भी हो चुके हैं अजय सिंह ने बताया कि डाक कावड़ शुरू होने वाले हैं ऐसे में कावड़ियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बड़े वाहनों को 11:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक ही चलाने की परमिशन दी गई है अजय सिंह ने कहा की बिना साइलेंसर की 32 गाड़ियों का चालान काटा गया है लेकिन अगर चलान ही काटते रहे तो कावड़ यात्रा सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से आए और जल भरकर शांतिपूर्ण तरीके से अपने शिवालय तक पहुंचे और अपनी यात्रा शुभ बनाएं।
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एएसआई ने बचाई कावड़िये की जान हरिद्वार में कावड़ मेला लगा हुआ है इस बार कावड़ मेले में कोविड के बाद सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है कांवड़ मेले के दौरान ही एक युवक नहाते वक्त गंगा में डूब गया जैसे ही युवक के डूबने की खबर एनडीआरएफ को मिली तो तुरंत एएसआई दीपक मेहता ने छलांग लगाकर कांवड़िए को बचा लिया गंगा में डूबने वाले युवक का नाम कुणाल है कुणाल नहाते वक्त गहरे पानी में चला गया था जैसे ही उसके साथियों ने उसे पानी में डूबते देखा उन्होंने तुरंत एसडीआरएफ की टीम को इसकी सूचना दी सुचना मिलते ही एसडीआरएफ में तैनात एएसआई दीपक मेहता ने तत्काल छलांग लगाकर कुणाल को बचा लिया इस दौरान जल पुलिस और आपदा मित्र ने भी कुणाल को सकुशल बाहर निकालने में सहयोग किया।
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समाज में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला सम्मान समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संदीप पटेल को सम्मानित किया गया है उन्हे ये सम्मान दुबई में "एशिया अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस 2023'' के कार्यक्रम में श्रेष्ठ सोशल वर्कर एवं यूथ लीडर का पुरस्कार दिया गया "एशिया अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस 2023" के लिए मध्यप्रदेश से समाज में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हरदा के समाजसेवी एवं खेल प्रेमी और युवा तुर्क संदीप पटेल को दुबई में सम्मानित किया गया कार्यक्रम में उन्हे सोशल वर्कर एंड यूथ लीडर के रूप में सम्मानित किया गया आपको बता दें कि दुबई में देश के एक प्रतिष्ठित अखबार पत्र समूह ने इस अवॉर्ड फंक्शन का आयोजन किया था जिसमें भारत सहित एशिया के अन्य देशों की शख्सियतों को भी इस अवार्ड समारोह में सम्मानित किया गया मध्यप्रदेश से एकमात्र हरदा जिले के संदीप पटेल को इस अवार्ड के लिए चयनित किया गया था।
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सहस्त्रधारा मैं पत्थर गिरने से हुआ नुकसान बारिश का पानी जब ज्यादा हो जाए तो यह खुशी का कारण बनते-बनते मुसीबत का कारण बन जाता है और अधिक बारिश से जानमाल का भारी नुकसान हो जाता है इसी नुकसान को झेल रहे है गुप्ता भोजनालय के संचालक पहाड़ी से पत्थर गिरने से गुप्ता भोजनालय को भारी नुकसान हुआ है देवभूमि में एक ओर जहां सावन के पावन महीने में कावड़ यात्रा चल रही है मेला लग रहा है .वही दूसरी और कुदरत भी अपना कहर बरपाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है जगह-जगह पर लगातार बारिश के कारण तबाही मची हुई बारिश से जगह जगह जलभराव व पहाड़ों का दरकना जारी है सहस्त्रधारा मैं पहाड़ी से पत्थर गिरने से गुप्ता भोजनालय को भारी नुकसान हुआ है पूरा भोजनालय तहस-नहस हो चुका है।
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पुलिस ने गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गौ हत्या की घटनाओं को अंजाम देने वाले गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.. करीब 15 दिन से फरार चल रहे आरोपियों के पास से धारदार हथियार के साथ ही एक तमंचा व जिंदा कारतूस बरामद हुई है उधम सिंह नगर में 20 जून को गौ हत्या की घटना को अंजाम देकर ये आरोपी फरार चल रहे थे पुलिस की टीम इन आरोपियों के ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही थी मामले के करीब 15 दिन बाद पुलिस की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है गौ हत्या के गैंग के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी मंजूनाथ टी सी ने बताया कि गौ हत्या के मामले को गंभीरता लेते हुए पुलिस के साथ ही एसओजी की टीम भी लगी हुई थी और लगातार दबिश के दौरान गोवंश की हत्या में शामिल दो आरोपियों को हल्द्वानी रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास से दबोच लिया गया जिनके पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए धारदार हथियार के साथ ही एक तमंचा व जिंदा कारतूस बरामद हुई है।
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बदमाशों ने किया था मनीष पर चाकू से हमला कटनी में आधी रात को अज्ञात बदमाशों ने डेयरी संचालक के घर पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था इस दौरान बदमाशों ने घर के मालिक मनीष शर्मा और उनकी पत्नी पूनम व बच्चे सत्या पर चाकू से हमला किया जहां अस्पताल में इलाज के दौरान मनीष की मौत हो गई वही उनकी पत्नी और बच्चे का इलाज चल रहा है कटनी में अज्ञात बदमाशों ने हथियार के दम पर लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था बदमाशों ने मनीष के घर से करोड़ो रुपये के जेवरात और पैसे चुराए थाना प्रभारी अजय सिंह ने बताया था कि बदमाश मनीष के घर पीछे के दरवाजे से घुसे थे पहले उन्होंने मनीष और उसके परिवार पर चाकू से हमला किया उसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और पैसे लेकर फरार हो गए आरोपियों की तलाश लगातार जारी है।
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डी आर एम रेखा यादव ने किया चैंपियनशिप का शुभारंभ काशीपुर में आल इंडिया रेलवे पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2023-24 की शुरुआत हो चुकी है चैम्पियनशिप का शुभारंभ डी आर एम रेखा यादव ने किया इस चैम्पियनशिप में रेलवे के 17 जोन में से 16 जोन की टीम भाग ले रही हैं डीआरएम रेखा यादव ने रेलवे पॉवरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के बारे में कहा की ऑल इंडिया रेलवे पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप जो यहां हो रही है इसका आयोजन पहले बेंगलुरु में होना था लेकिन हम लोगों के प्रयास से यह आयोजन पहली बार काशीपुर में कराया जा रहा है हमारा प्रयास रहेगा कि और अन्य खेलों का आयोजन भी यहां काशीपुर में कराई जाए रेखा यादव ने कहा की रेलवे स्पोर्ट्स के प्रति गंभीर है 56 खेलों में हम लोग नेशनल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करते हैं अधिकांश खेलों में रेलवे की टीम प्रतिभाग करती है अंतरराष्ट्रीय एथलीट्स की बात कही जाए तो पिछले ओलंपिक में रेलवे के ही 38 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था हमारे यहां खिलाड़ी स्वयं नहीं जाते हैं, बल्कि उनका चयन ऑल इंडिया रेलवे करता है।
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जिलाधिकारी उदय राज सिंह इसमें शामिल हुए उधम सिंह नगर के खटीमा में तहसील दिवस का आयोजन किया गया तहसील दिवस में शामिल होने पहुंचे नवनियुक्त जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने आम जनता की समस्याओं को सुना और मौके पर ही उनके निदान हेतु आवश्यक निर्देश भी जारी किये जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने जनपद के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ मंच पर बैठकर जनता की समस्याएं सुनी एवं मौके पर ही उनके निदान हेतु आवश्यक आदेश एवं निर्देश जारी किए इस दौरान लगभग 60 से ज्यादा शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने कहा की खटीमा में आज तहसील दिवस का आयोजन किया गया है जिसमें उन्होंने आम जनता की समस्याओं को सुना है और उनके निदान हेतु निर्देश जारी कर दिए वही इस तहसील दिवस के कार्यक्रम में स्थानीय संगठनों सहित आम जनता ने भाग लिया।
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बदमाशों ने घर में रखें जेवरात और गहने लूट रात के अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाशों ने एक व्यापारी के घर से करोड़ो रुपये के जेवरात और गहने लूट लिए बदमाशों ने पहले व्यापारी और उसके परिवार पर चाकू से हमला किया उसके बाद अलमारी में रखे गहने और कैश रुपए लेकर फरार हो गए टी आई अजय बहादुर सिंह ने बताया की यह घटना आधारकाप निवासी मनीष शर्मा के घर पर हुई मनीष शर्मा शेयर मार्केट व डेयरी का व्यवसाय करते हैं जब वह घर पर सो रहे थे तो आधी रात को चार बदमाश उनके घर पर घुसे बदमाशों के आने की आहट सुनकर मनीष की नींद खुल गई और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया बदमाशों ने मनीष को चिल्लाता देख उन पर चाकू से हमला कर दिया साथ ही उनकी पत्नी और बेटे पर भी बदमाशों ने चाकू से हमला किया अजय बहादुर सिंह ने कहा की बदमाश घर की अलमारी में रखे लाखों के गहने और कैश रुपए लेकर मौके से फरार हो गए घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा घायलों को अस्पताल पहुंचाया घायलों के परिजनों का कहना है की बदमाशों ने करीब एक करोड़ के गहने लूटे हैं टी आई अजय बहादुर सिंह ने कहा की मामले की जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि बदमाश कितने के गहने लूटकर ले गए हैं।
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आरोपी ने मुंह दबाकर,हमला किया देर रात अपने काम से घर वापस लौट रही महिला पर एक अज्ञात शख्स ने हमला कर दिया जिससे महिला को गंभीर चोटें आईं हैं साथ ही महिला का एक दांत भी टूट गया है इस घटना के बाद से क्षेत्र की महिलाओं में दहशत का माहौल है मसूरी में देर रात महिला अपने काम से घर वापस लौट रही थी तभी घर के पास ही घात लगाए बैठे शख्स ने महिला पर हमला कर दिया और महिला से बैग छीनने की कोशिश करने लगा इस दौरान महिला ने इसका विरोध किया लेकिन अज्ञात शख्स महिला का मुंह बंद करके छीना झपटी करने लगा इस बीच छीना झपटी और आरोपी के हमले से महिला का एक दांत टूट गया और उसके शरीर पर गंभीर चोटें भी आई है जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है घायल महिला ने घटना की जानकारी पुलिस को देते हुए क्षेत्र का सत्यापन करने की मांग की और ऐसे आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।
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वन विभाग अधिकारियों ने किया रेस्क्यू प्रदेश भर में लगातार बारिश बढ़ती जा रही है जिसके कारण जंगलो में रहने वाले जीवजंतु सड़क पर उतार आए है जिसकी वजहा से लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है ऐसा ही मामला कटनी के हिरवारा ग्राम से सामने आ रहा है जहा पर अचानक विलुप्त होती प्रजाति का वन प्राणी पैंगोलिन आ गुसा जिसको देख कर ग्रामीण दर गए और फ़ौरन वन विभाग को सूचना दी हालांकि ग्रामीणों ने पैंगोलिन को जैसे तैसे कमरे में बंद कर दिया जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर आकर उसको रेस्क्यू कर के ले कर गए।
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सैक्स रैकेट का आरोपी मौके से गिरफ्तार नाबालिग लड़की और लड़के से जिस्मफरोशी का धंधा कराने वाले आरोपी की जानकारी पुलिस को देने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया इस दौरान आरोपी शख्स बेखौफ अंदाज में धमकी देते हुए जानकारी देने वाले व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने लगा हरिद्वार के बीएचईएल सेक्टर में जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था धन्धे में नाबालिग लड़के और लड़कियों को शामिल करके घनश्याम नाम का आरोपी उन्हे सेक्स रैकेट के जाल में फंसा रहा था इस दौरान मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया लेकिन गिरफ्तार हुए आरोपी के हौंसलें इतने बुलंद हैं की आरोपी जानकारी देने वाले शख्स को ही जान से मारने की धमकी देने लगा और अपने ऊपर दबंगों का सपोर्ट बताने लगा ऐसे में पुलिस को जानकारी देने वाले व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराते हुए आरोपी शख्स को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करना चाहिए जिससे ऐसे आरोपियों को सबक मिल सके और कानून का डर कायम हो सके।
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गुलदार के हमले से महिला की गई जान अपने पशुओं के लिए जंगल में चारा लेने गई महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया. गुलदार का हमला इतना भयानक था कि महिला का सर धड़ से अलग हो गया वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद महिला का शव खोज निकाला यह मामला सूखी ढंग क्षेत्र के चंपावत का है जहां ग्राम धुरा की महिला चंद्रावती देवी गांव की ही अन्य दो महिलाओं के साथ जंगल में जानवरों के लिए चारा लेने गई थी इसी बीच गुलदार ने उनके ऊपर हमला कर दिया और उन्हें खींच कर जंगल में ले गया साथी महिलाओं ने इस घटना की सूचना ग्रामीणों को दी जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काफी मशक्कत के बाद जंगल में महिला शव बरामद किया चंद्रावती देवी के देवर रमेश चंद्र शर्मा ने बताया की लंबे समय से क्षेत्र में गुलदार की गतिविधियों की सूचना वन विभाग को दी गई परंतु विभाग के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और अब यह हादसा हो गया जल्द से जल्द इस खूंखार गुलदार को पकड़कर ग्रामीणों की सुरक्षा की जाए वही इस मामले को लेकर डीएफओ आरसी कांडपाल ने कहा की पूर्व में भी क्षेत्र में गुलदार को देखे जाने की सूचना मिलती रही है विभाग के द्वारा समय-समय पर क्षेत्र में गस्त लगाए जाने के साथ अन्य कदम भी उठाए गए हैं जो घटना हुई है वह काफी दुखदाई है विभाग जल्द से जल्द उनके परिवार को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही पूरी करेगा साथ ही हमलावर गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाने के साथ पिंजरे भी लगाए जाएंगे जिससे कि हमलावर गुलदार को पकड़ा जा सके।
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प्रशासन नहीं कस रहा है माफियाओं पर शिकंजा अब भूमाफिया नेता गिरी से नहीं बल्कि गांधीगिरी से शासकीय जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं वह शासकीय बंजर जमीन पर पहले मंदिर बना रहे हैं और फिर मंदिर और पूजा पाठ की आड़ में उस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं यह मामला हरिद्वार का है भूमाफिया सोची समझी रणनीति के तहत बंजर जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं यह मंदिर की आड़ में अपना महल खड़ा करना चाहते हैं लेकिन ताजुब की बात तो यह है की शासन-प्रशासन को सारी जानकारी होने के बाद भी माफियाओं पर कोई करवाई नहीं हो रही है।
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चोरों के पास से 5 मोटरसाइकिल बरामद मोटरसाइकिल चोरी की बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देनें वाले 2 चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने चोरों के पास से 5 चोरी की मोटरसाइकिलें भी बरामद की पुलिस ने बताया की आरोपी नशे के आदी हैं और यह अपने नशे के खर्च को पूरा करने के लिए बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं वरिष्ठ उप निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया की. चेकिंग के दौरान संदेह होने पर जब एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को रुकने के लिए कहा गया था तो वह मोटरसाइकिल लेकर भागने लगे और भागते-भागते वह गिर गए पुलिस ने उनको उठाया और उनसे सख्ती से पूछताछ की तो पता चला की वह इलाके में कई बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुकें है पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।
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हादसे में घायल हुए 9 लोग गंभीर बारिश की वजह से एक सांप सड़क पर आ गया और सांप को बचाने के चक्कर में ट्रैक्टर अनियंत्रित हो कर पलट गया इस हादसे में 40 लोग घायल हो गए जिनमें से नौ की हालत चिंताजनक है सांप के चक्कर में ट्रैक्टर अनियंत्रित हो कर पलट गया उसमे सवार लोगों को गंभीर चोट आई है भांडेर में ट्रैक्टर में सवार 40 लोग भांडेर में घटोरिया पूजने जा रहे थे अजानक रास्ते में ट्रैक्टर के सामने सांप आ गया जिसको बचाने के चक्कर में ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया बताया जा रहा है की 9 लोगों को गंभीर चोट आई है मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है।
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धरना प्रदर्शन कर के जाहिर किया हाल लगातार बारिश के चलते नदी नाले उफान पर है जिसके कारण कई तरह के हादसे हो रहे है और कई लोगों की जाने भी जा रही है सितारगंज निवासियों ने लगातार बारिश से हो रही परेशानियों के चलते धरना प्रदर्शन कर अपनी परेशानिया जाहिर की हैं मामला उत्तराखंड के सितारगंज का है जहा मीना बाजार के व्यापारियों ने पीडब्ल्यू डी विभाग से सिफारिश की है कि जितने भी नाले और गड्डे हैं उनको जल्द से जल्द सही कराया जाए व्यापारियों ने प्रदर्शन करते हुए बताया कि लोगो को वह से आने जाने में काफी दिक्कते उठानी पड़ रही हैं कई लोग बाइक से गिर जाते है कई लोगो को चोट भी लग जाती है बारिश का पानी भरने के कारण गड्डे दिखाई नही देते है जिसके कारण बच्चे भी गड्डों में में गिर कर जख्मी हो रहे हैं धरना प्रदर्शन में व्यापारियों ने कहा यदि पीडब्ल्यूडी विभाग मामले का संज्ञान नहीं लेगा तो हम सभी लोग लगातार धरना प्रदर्शन करेंगे।
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मोदी की रैली में होने जा रही थी शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज रानी दुर्गवती गौरव यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने से पहले ही यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को अस्पताल भर्ती में करना पड़ा क्योंकि उनकी बस पलट गई इस घटना में कई लोग घायल हो गए डिंडोरी से शहडोल जा रही बस रास्ते में अनियंत्रित हो कर बगदरा घाट में पलटी जिसके कारण 8 लोग घायल हुए है और 4 लोगों को गंभीर चोट आई है बताया जा रहा है कि बस में लगभग 40 लोग सवार थे उसी वक्त यह हादसा हुआ जब बस में सवार लोग प्रधानमंत्री मोदी के समारोह में शामिल होने शहडोल जा रहे थे।
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मुख्य मार्ग पर मलबा आने से रास्ते बन्द भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं हालात इतने खराब हुए हैं कि नदी नालों से मलबा सड़कों तक आ गया है चम्पावत में पूर्णागिरि रोड पर मलबा जमा हो जाने से पूर्णागिरि धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है चंपावत जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों में बीते 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते जनपद के ज्यादातर पहाड़ी नदी - नाले उफान पर हैं टनकपुर में पूर्णागिरि रोड पर बाटनागाड़ नाले से भारी मात्रा में मलबा आ गया है जिसके चलते मार्ग अवरुद्ध होने के कारण पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालु और उनके वाहन फंस गए प्रशासन जेसीबी मशीनों की सहायता से मार्ग खोल रहा है परंतु लगातार हो रही बरसात के चलते पहाड़ी नाले से मलवा भी लगातार आ रहा है जिसके चलते यात्रियों को तमाम असुविधाओं का सामान करना पड़ रहा है खतरे को देखते हुए टनकपुर उप जिलाधिकारी के द्वारा ककरालीगेट पूर्णागिरि मार्ग पर रात में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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बिजली पानी के लिए तरस रही यहाँ जनता बिजली पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया जाम की खबर जब प्रशासन को मिली तो मौके पर पहुंचकर उन्होंने ग्रामीणों से बात की ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराया साथ ही ग्रामीणों ने यह आरोप भी लगाया की इससे पहले भी कई बार बिजली पानी की समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराया गया है लेकिन आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया जाता है ग्रामीणों ने बताया कि हम कई बार बिजली पानी की समस्या से आला-अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन आश्वासन देने के अलावा आज तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है इलाके में बिजली पानी की समस्या के कारण अनेक परेशानी आ रही है त्यौहार को छोड़कर मुस्लिम समुदाय के लोग भी ग्रामीणों के साथ समस्या के निराकरण के लिए सड़क जाम करने में सहयोगी बन गए...हम सभी को बकरीद जैसे त्यौहार में सड़क जाम कर अपनी समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षण करना पड़ा बिजली विभाग के सहायक यंत्री राजकुमार मरावी ने कहा की बिजली की समस्या का निराकरण करने के लिए ट्रांसफार्मर बदले जायेंगे और आवश्यकता पड़ने पर एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भी लगा दिया जायेगा।
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चौदह लाख से बना नया तालाब पानी में बहा लगता है इस बार बारिश का पानी प्रशासन के निर्माण कार्यों में हुई लापरवाही की पोल खोलकर ही रहेगा गांव में 14 लाख रुपये की लागत से बना तालाब पहली बारिश में ही बह गया तालाब बनाने में हुई अपनी इस लापरवाही पर लीपा -पोती करने के लिए अधिकारी जेसीबी लेकर पहुंचे डिंडोरी में निर्माण कार्यों में कितनी लापरवाही की गई है उसकी असलियत सबके सामने आ गई है मनरेगा योजना के अन्तर्गत गर्मी में लगभग 14 लाख रुपए की लागत से बना तालाब पहली बरसात में ही फूट गया ग्रामीण जमादार सिंह ने बताया की ग्राम पंचायत ने ठीक ढंग से तालाब का निर्माण नहीं करवाया जिसकी वजह से पहली ही बारिश में तालाब बह गया है मजदूरों की बजाए मशीनों से काम करवाया गया है वही पंचायत के सरपंच कीर्तन सिंह मरावी का कहना है, कि निर्माण कार्य सही तरीके से कराया गया है लेकिन बारिश के आगे किसका जोर चलता है।
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सड़क से लेकर पुलिया तक में भरा पानी बस घंटे भर की बारिश ने शासन-प्रशासन की पोल खोल कर रख दी नदी-नालों की सफाई न होने की वजह से बारिश का पानी उनमें नहीं जा रहा है जिससे सड़कों पर ही पानी का भराव हो गया है पानी के जमाव की वजह से कहीं पर लोगों के वाहन फंसे है तो कहीं पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई है कटनी में बारिश की वजह से वैसे तो हर जगह आम जन को समस्यों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सबसे अधिक समस्या जालपा देवी मोड़ पर हो रही है यहां पर नाले की सफाई ना होने के कारण पानी सड़क से बह रहा है जिस वजह से आने-जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और जाम की स्थिति निर्मित हो गई है।
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एक दिन पहले अराजकतत्वों ने किया था हमला जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने एक दिन पहले शिव मंदिर को ध्वस्त कर दिया था.. और भगवान शिव जी की मूर्ति तोड़ दी थी वही एक दिन बाद हिन्दू संगठनों ने आपसी सहयोग से मूर्ति की स्थापना कर भंडारे का आयोजन किया. जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया डोईवाला के कुआंवाला क्षेत्र में स्थित शिव मंदिर को 1 दिन पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने ध्वस्त कर दिया था लेकिन हिन्दू संगठन के लोगों ने आपसी सहयोग से मंदिर का पुनः निर्माण कर भव्य भंडारे का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में लोग भंडारे का आनंद लेने पहुंचे इस दौरान मंदिर में जमकर भीड़ देखने को मिली लोगों ने कहा कि जो भी लोग धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने की सोचते हैं ये बिल्कुल गलत है इससे लोगों के दिलों को ठेस पहुंचती है और लोगों की भावनाएं आहत होती है।
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कटनी में हो रही है लगातार जोरदार बारिश कटनी और उसके आसपास के जिलों में लगातार बारिश हो रही है बारिश की वजह से सलैया रेलवे स्टेशन के दमोह मार्ग पर रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है जिसकी वजह से कटनी से दमोह जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हो रही है रेल अधिकारियों व कर्मचारी ने मौके पर पहुंचकर रेलवे ट्रैक से पानी को निकालने का काम शुरू कर दिया है कटनी रेल स्टेशन मास्टर ने बताया की सलैया रेलवे स्टेशन के कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक के ऊपर से पानी बह रहा है वहां पर एक पहाड़ है और उस पहाड़ का पानी रेल्वे ट्रेक पर आ रहा है ट्रैक के नीचे छोटी सी पुलिया है लेकिन उस पुलिया से पानी नहीं निकल पाने के कारण ट्रैक पर भी पानी भर गया. जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं फ़िलहाल ट्रेक से पानी निकालकार ट्रेनो को धीमी गति से निकाला जा रहा है।
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हप्ते भर पहले बनी रोड के उड़े परखच्चे मानसून की पहली बारिश ने भ्रष्टाचारियों की पोल खोलकर रख दी डिंडोरी में एक सप्ताह पहले बनी सड़क बारिश के पानी में धस गई जिसकी वजह से आम लोगों को आवागमन में मुसीबत खड़ी हो गई है बारिश से हर जगह के नदी नाले उफान पर है जिसके कारन लोगो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है भ्रष्टाचार का यह मामला डिंडोरी से आया है बताया जा रहा है की ग्राम गीधा में अमरकंटक रोड से नर्मदा जाने वाली सड़क का निर्माण एक सप्ताह पहले ही हुआ था बताया जा रहा है की ठेकेदार ने इस सड़क निर्माण में अधिकारीयों से मिलकर भ्रष्टाचार किया जिस वजह से सड़क पानी में धस गई अब देखना यह होगा की सरकार दोषियों पर क्या कार्यवाही करता है इधर डिंडोरी जिले में दो दिन से लगातार हो रही बारिश से लोगो का हाल बेहाल है। नदी नाले भी उफान पर चल रहे है इसी के साथ लोगों को अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी नाले पार करने पड़ रहे है एक युवक जान जोखिम में डाल कर खरमेर नदी पुल पार करने की कोशिश कर रहा था लेकिन पानी के तेज़ बहाव के कारन उसकी बाइक पानी में डूबती चली गई हलाकि युवक बाइक छोड़ कर वहां से भाग निकला मामले पर पुलिस का कहना है की खरमेर नदी के किनारे पुलिस के जवान तैनात किए गए है और लोगों को वहां ना जाने की सलाह भी दी जा रही है।
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अजगर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल खेतों में घूमते हुए बकरे के सामने अचानक आए अजगर ने देखते ही देखते बकरे को अपनी चपेट में ले लिया अजगर ने बकरे को इस कदर जकड़ लिया की कुछ ही समय में पूरे बकरे को अजगर ने निगल लिया घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद वन विभाग ने अजगर को अभी तक अपने कब्जे में नहीं लिया सतना जिले के रामनगर गांव में अचानक निकले अजगर ने जिंदा बकरे को जकड़ लिया देखते ही देखते अजगर ने जिंदा बकरे को अपने कब्जे में लेते हुए बकरे को पूरी तरह से निगल लिया जिसका स्थानीय लोगों ने अपने कैमरे से वीडियो बना लिया ग्रामीणों ने घटना का जानकारी वन विभाग को दी लेकिन अभी तक वन विभाग ने पहुंचकर अजगर को अपने कब्जे में नहीं लिया..जिससे गांव वालों में दहशत का माहौल है।
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पेडलर के पास से लाखों का स्मैक भी जब्त ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान 2025 के तहत पुलिस प्रशासन ने नशे की अवैध तस्करी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया आरोपियों के पास से पुलिस ने 15 लाख रुपये की स्मैक भी जब्त की एसपी रेखा यादव ने बताया की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान 2025 के तहत बड़े स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और साथ ही नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी करवाई की जा रही है रेखा यादव ने बताया की पुलिस ने दो ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया है तस्कर नाजिम और रेहान दोनों ही स्मैक पीने के आदि है ये उत्तरप्रदेश से स्मैक लाकर उसे फुटकर में बेच देते थे पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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कंपनी के खिलाफ सिंचाई विभाग लेगा कड़ा एक्शन भारत-नेपाल बार्डर पर बनाए जा रहे सूखा बंदरगाह के लिए सरकार से मिले मिट्टी खोदने के ठेके में कंपनी ने लापरवाही बरतते हुए नदी के बांध को खोद डाला जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने से गांव वालों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काम पर रोक लगा दी उधम सिंह नगर की सीमांत तहसील में भारत नेपाल बार्डर पर बहने वाली शारदा नदी में मिट्टी निकालते हुए नियमों के विपरीत खनन किए जाने से शारदा नदी किनारे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिससे ग्रामीणों ने प्रदर्शन करके खनन के कार्य को रुकवा दिया आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह शारदा नदी में बांध को काटते हुए खनन किया गया है उससे अगर नदी का बांध टूट गया तो हम कहां जाएंगे इसके साथ ही खनन से बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचाया गया है मिट्टी निकालने का ठेका देने वाले उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने शारदा नदी के बांध कटाव मामले में संज्ञान लेते हुए कहा कि खनन कार्य में लगी कंपनी ने गलत तरीके से यदि नदी के बांध को नुकसान पहुंचाया है तो कंपनी यदि जल्द बांध को ठीक नहीं कराती है तो विभाग के द्वारा प्राइवेट कंपनी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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शिक्षाधिकारी ने किया सस्पेंड लोगो का घर उजाड़ देने वाली शराब अब लोगो की नौकरिया भी खानी लगी है ऐसा ही कुछ मामला छतरपुर से सामने आया है जहा एक शिक्षक को शराब पीना बड़ा महँगा पड़ गया और उसे निलंबित कर दिया गया मामला छतरपुर का है जहा एक शिक्षक ने शराब के नशे में आकर अपनी नौकरी से हाथ धो लिए है दलअसल रैयन गांव के प्राथमिक शाला स्कूल मे पदस्थ शिक्षक ने शराब के नशे में आकर अपनी अर्धनग्न अवस्था मे शराब की बोतल लिये फोटो अपने प्राशासनिक ग्रुप में पोस्ट कर दी फोटो वायरल होते ही शिक्षक की करतूते जिला शिक्षाधिकारी तक पहुंची और शिक्षक पर तत्काल एक्शन लेते हुए उससे सस्पेंड किया गया।
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युवक पर किया था प्राणघातक हमला पुलिस में ऐसे आदतन अपराधी को गिरफ्तार किया है चोरी करना जिसके बायं हाथ का खेल है ये अपराधी इतना खतरनाक है अगर कोई इसके बीच में आया तो ये उस पर हमला करने से भी नहीं रोकता खातेगांव के पटवारी मोहल्ले में चोरी की वारदात करने के दौरान युवक पर प्राणघातक हमला करने वाले आरोपियों को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इंदौर से हिरासत में ले लिया है पकड़े गए आरोपी आदतन अपराधी है जिनके खिलाफ खंडवा, हरदा ,देवास और इंदौर थाने में कई चोरी के अपराध दर्ज है इन चोरों ने पटवारी मोहल्ले में रहने वाले नीलेश उर्फ सागर दुबे पर उस समय हमला कर दिया था जिस समय उन्होंने चोरों को बाइक ले जाने पर ललकारा था पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज एवं मुखबिर तंत्र के आधार पर इस गैंग को पकड़ा है सख्ती से पूछताछ करने पर इनसे कई चोरी की वाइडटोन का खुलासा हुआ है।
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पूरे देश से ब्राह्मण समाज के लोग होंगे एकत्रित देवभूमि हरिद्वार में 24 सितंबर को ब्राह्मण महाकुंभ होने वाला है इस महाकुंभ में विभिन्न प्रदेशों से समाज के लोग एकत्र होंगे और समाज के उत्थान के लिए चर्चा करेंगे महाकुंभ की तैयारियों को लेकर रुड़की में समाज के लोगों की बैठक हुई इस बैठक में पूर्व राज्यमंत्री मनोहर लाल शर्मा शामिल हुए ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महासचिव रिटायर्ड पुलिस अधिकारी गोविंद बल्लभ पांडेय ने कहा कि महासभा द्वारा 24 सितंबर 2023 को हरिद्वार में ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा महाकुंभ में समाज की समस्याओं पर चर्चा होगी इसके साथ ही सरकार से मांग की जाएगी कि परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित हो गोविंद बल्लभ पांडेय ने कहा कि हम सरकार से मांग करेंगे कि मंदिरों के पुजारी जिनके परिजनों की कोविड में मृत्यु हुई या वह बेरोजगार हुए उन्हें आर्थिक मदद दी जाए और अखिल भारतीय सवर्ण आयोग का गठन किया जाए पूर्व राज्यमंत्री मनोहर लाल शर्मा ने कहा ब्राह्मण महाकुंभ ऐतिहासिक होगा इस महाकुंभ में समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
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मुख्यमंत्री ने जारी किए निर्देश बरसात का मौसम एक ओर जहां हरियाली और खुशहाली लाता है वही दूसरी ओर लोगों के लिए बाढ़ जैसी समस्याएं लेकर आता है देवभूमि उत्तराखंड के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल राहत कार्यों को अंजाम दें उत्तराखंड में बारिश की वजह से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अनेक स्थानों से भूस्खलन होने और रास्ते टूटने की भी खबर लगातार सामने आ रही है बताया जा रहा है कि नदियों में भी जल स्तर बढ़ गया है इसी के साथ चार धाम यात्रा भी प्रभावित हो रही है बढ़ती बारिश को मद्देनज़र रखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल राहत कार्यों को अंजाम दें।
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सीएम राइज स्कूल का निर्माण कार्य भी देखा सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का विधायक अमर सिंह ने उद्घाटन किया इस अवसर पर विधायक ने विद्यालय का निर्माण कार्य भी देखा और विद्यालय में सभी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा दिया सिंगरौली जिले के चितरंगी गांव में सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक अमर सिंह ने हिस्सा लिया कार्यक्रम की अध्यक्षता कौशल प्रताप सिंह ने की इस अवसर पर विद्यालय के अध्यापक और पूरा स्टाफ मौजूद रहा कार्यक्रम में विधायक ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय में जो भी कमियां हैं उन्हें ठीक कराया जाएगा इसके साथ ही विद्यालय के भवन को देखकर विधायक ने खुशी भी जाहिर की।
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लोगों को करना पड़ रहा संकट का सामना लगातार हो रही बारिश की वजह से हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में बाढ़ आ गई है बाढ़ की वजह से सड़क पर खड़ी मोटर साइकिलें सब पानी में डूबती नजर आ रही है इसके साथ ही लोगों को आने-जाने में भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है देवनागरी हरिद्वार में लगातार बारिश हो रही है बारिश की वजह से शहरी इलाकों में तो परेशानियों का सामना करना ही पड़ रहा है साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी रहवासी परेशान हो रहे हैं चुनाव के समय तो नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं और चुनाव हो जाने के बाद सब-कुछ भूल जाते हैं हालात इतने विषम हैं कि बाढ़ की वजह से सड़क पर खड़ी मोटर साइकिलें सब पानी में डूबती नजर आयीं।
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लड़की ने ठुकराया,लड़के ने जान दी प्यार के साइड इफेक्ट जान लेवा भी हो सकते हैं ऐसा ही एक मामला डिंडोरी से सामने आया है जहाँ प्यार में नाकाम रहे एक युवक में अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली पुलिस अब इस अधूरी प्रेम कहानी की तफ्तीश कर रही है केवलारी निवासी 23 साल के ब्रजमोहन मसराम ने राई के जंगल मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ब्रजमोहन 21 जून को गुजरात से घर आने के नाम से निकला था लेकिन उसने घर पहुंचने से पहले ही आत्मघाती कदम उठा लिया मौत से पहले बृजमोहन ने अपने भाई को मैसेज किया था,जिसमें आ के ले जाने और अकेले न आने की सलाह देते हुए आत्महत्या स्थल की लोकेशन भेजी थी पुलिस ने मामले की जांच की तो प्रेम प्रसंग का किस्सा निकला युवक के पास एक टी शर्ट मिली जिस पर सोसाइड नोट लिखा हुआ है टीशर्ट पर लिखा है कि डीयर माॅय लव तुम मेरे लाईफ पार्टनर हो लेकिन आप ऐसे क्यों छोड़कर चले गए
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एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ने मारा छापा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने एक मॉल में स्थित कैफ़े पर छापा मारा हलाकि टीम के वह पहुंचने की खबर कैफ़े मालिक को पहले ही लग गई थी जिसके कारण कर्मचारी कैफ़े बंद कर वहां से फरार होगए उत्तराखंड के काशीपुर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने एक मॉल में स्थित कैफ़े में छापा मारा लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही कर्मचारी कैफे बंद कर वह से फरार हो गए ऐसे में टीम ने मॉल के मैनेजर को सख्त हिदायत दी कि वह कैफे संचालन में पारदर्शिता रखें ऐसा न करने पर कैफे नहीं चलने दिया जाएगा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट इंचार्ज बसंती आर्य ने कहा कि पिछले काफी समय से मॉल में स्थित कैफे की आड़ में अनैतिक कार्य करवाए जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी जिसके कारण यह परिवार के साथ खरीदारी करने आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जिसके बाद यह पर छापेमारी की गई
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भूमाफियो के खिलाफ चलाया बुल्डोजर पुलिस ने शासकीय जमीन पर कब्ज़ा करने वाले भूमाफियाओं की दुकानों पर बुलडोजर चला दिया पुलिस की इस करवाई की बदौलत 25 एकड़ की शासकीय जमीन को भूमाफियाओं के चंगुल से छुड़ाया गया करोड़ों की कीमत की शासकीय जमीन पर कब्जा कर बैठे मोहन कुशवाहा के खिलाफ यह कार्रवाई छतरपुर पुलिस ने की जानकारी के मुताबिक 25 एकड़ की शासकीय जमीन पर बुल्डोजर चला कर पुलिस प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त करवाया है बताया जा रहा है कि मोहन जमीन पर कब्ज़ा कर उसकी बिक्री करता था एसडीएम सहित भारी पुलिस बल की मौजूदगी मे यह करवाई की गई
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बस पलटने से एक की मौत दर्जनों घायल छतरपुर में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया जिसमें बारातियों से भरी बस अनियंत्रित होकर खाई मे पलट गई बस पटलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई वही परिजनों व्यक्ति घायल हो गए घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है बताया जा रहा है की बस पिडपा गांव से लवकुशनगर ब्लॉक जा रही थी बस का ड्राइवर जो शराब के नशे में था दो बार ड्राइवर ने बस को ओवरटेक किया हादसे के बाद वह फरार हो गया है घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
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मूर्ति को भगवान के समक्ष करी स्थापित माँ ममता के मंदिर कि सबसे प्यारी मूरत होती है यह तो आपने सुना था लेकिन अब आप इसे देखेंगे भी जी हाँ कटनी के एक बेटे ने अपनी माँ की याद में उसकी मूर्ति बनवाई और उस मूर्ति को अपने घर के मंदिर में स्थापित की मध्यप्रदेश के कटनी जिले में से माँ और बेटे के प्रेम की अनोखी दस्ता सामने निकल कर आर ही है बताया जा रहा है 2021 में कोविड के कारण सावित्री सोनी की तबियत बिगड़ने से अजानक उनकी मौत हो गई जिसके बाद उनका पूरा परिवार बिखर सा गया और उनके चारों बच्चे डिप्रेशन में चले गए हालांकि कुछ समय बाद बच्चे सदमे से बाहर निकलने लगे लेकिन सोनी परिवार का छोटा बेटा चाहा कर भी माँ के जाने के दर्द से उभर नही पाया एक दिन उसने इंस्टाग्राम पर एक मूर्तिकार को देखा और उससे अपनी माँ की मूर्ति बनवाई और जब 6 महीने बाद मूर्ति घर आई तो पूरा परिवार उसको देख कर हैरान हो गया उसके बाद बेटे ने माँ की मूर्ति को घर के मंदिर के बगल में ही स्थापित किया है और अपनी माँ को मूर्ति के स्वरूप में वापस पाया है।
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तहसील विधिक सेवा समिति ने किया आयोजन कहते हैं रक्तदान महादान होता है आपके खून की एक बून्द किसी का जीवन बचा सकती है इन्ही सब उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तहसील विधिक सेवा समिति ने सरकारी अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जहां 43 लोगों ने अपना रक्त किसी का जीवन बचाने के लिए दान किया विधिक सेवा समिति खातेगांव की अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश सुश्री सरिता वाधवानी ने कहा की रक्तदान को लेकर समाज में जागरूकता फैलानी बहुत जरूरी है रक्तदान से ना सिर्फ किसी की जिन्दगी बचा सकते हैं बल्कि खुद को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलेगी ब्लड डोनेट करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहते है वही न्यायाधीश राजू पन्द्रे ने कहा की न्यायालय की तरफ से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें सभी कर्मचारियों ने अपना रक्त किसी का जीवन बचाने के लिए दान किया।
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हादसे में कार में सवार 10 लोगों की जान गई एक दर्दनाक हादसा हो गया जिसमें होकरा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए जा रहे से श्रद्धालुओं की कार रास्ते में ही 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई खाई में गिरने से कार में सवार 10 लोगों की मौत हो गई SDRF की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को रेस्क्यू किया यह हादसा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुआ जहाँ 10 लोग कार से होकरा मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे रास्ते में ही कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी जिससे कार में सवार किशन सिंह और धर्मेंद सिंह सहित उनके साथियों की मौत हो गई SDRF ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर शवों को बाहर निकाला।
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चक्का जाम से आम लोगों को हो रही थी दिक्कत चक्का जाम करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज,गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का दम भरने वाली सरकार को ये खबर जरूर देखनी चाहिए कि एक ऐसा भी गांव है जहां आज तक लोगों ने बिजली कनेक्शन के तार और खंभे का मुंह तक नहीं देखा है गर्मी से बेहाल गांव वालों ने जब चक्का जाम कर दिया तो पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर बिजली की व्यवस्था करवाने के बजाय लोगों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया डिंडोरी जिले में सौभाग्य योजना के तहत मिलने वाले बिजली कनेक्शन का लाभ गांव वालों को नहीं मिलने से नाराज़ गांव वालों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सड़कों पर उतरकर चक्का जाम कर दिया इस दौरान रास्ते से आने-जाने वाले लोगों को भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा वर्षों से बिजली की समस्या से परेशान गांव वालों की सुनवाई नहीं होने से चक्का जाम करने का रास्ता भले गलत हो सकता है लेकिन गांव वालों की मजबूरी को भी सरकार को सुननी चाहिए चक्का जाम करने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने सड़क जाम करने के खिलाफ कार्रवाई की है..और रास्ता खाली कराया।
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बड़े पत्थर में दबकर मजदूर को मौत हो गई मार्बल माइंस में एक बड़ा हादसा हो गया जिसमें मार्बल की चट्टान कटते वक्त एक बड़े पत्थर के आ जाने से मजदूर की दबकर मौत हो गई हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया है यह हादसा कटनी की त्रिवेणी मार्बल माइंस में हुआ मृतक मजदूर का नाम लल्लू उर्फ दुलारे है माइंस में मार्बल का पत्थर काटते वक्त अचानक एक बड़ा पत्थर लल्लू के ऊपर जा गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई पुलिस ने लल्लू के शव को क्रेन की सहायता से निकलकर पोस्टमार्डम के लिए भेजा।
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गौरव यात्रा का समापन 27 जून को पीएम करेंगे वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के चार जिलों और उत्तरप्रदेश के एक जिले से गौरव यात्रा निकाली जा रही है जिसका उद्देश्य उनके शौर्य और बलिदान को याद करते हुए जन जन तक पहुचना है गौरव यात्रा का समापन 27 जून 2023 को शहडोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में किया जायेगा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पंकज तेकाम ने बताया की डिंडोरी से तीन गौरव यात्रा गुजरेंगी पंकज तेकाम ने कहा की बालाघाट से निकलने वाली गौरव यात्रा को केंद्रीय मंत्री अमित शाह हरी झंडी देकर रवाना करेंगे और इस यात्रा के प्रभारी फग्गन सिंह कुलस्ते रहेंगे यह यात्रा 23 जून को डिंडोरी में विश्राम करेगी तथा दूसरे दिन 24 जून को समनापुर से सागर टोला होते हुए शहडोल के लिए रवाना होगी वही छिंदवाड़ा जिले से आने वाली गौरव यात्रा मंडला से होते हुए 24 जून को बिछिया पहुंचेगी और रात्रि विश्राम करेगी पंकज तेकाम ने कहा की तीसरी यात्रा दमोह जबेरा से प्रारंभ होगी और 24 जून को जबलपुर कुंडम होते हुए दोपहर को शहपुरा पहुंचेगी।
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संदिग्ध हालत मे मिला बुजुर्ग का शव संदिग्ध अवस्था में एक बुजुर्ग का शव मिलने से हड़कंप मच गया यह बुजुर्ग कौन है इसकी पहचान नहीं हो पाई है पुलिस ने बुजुर्ग के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया यह मामला छतरपुर का है जहां वन विभाग के हमा कास्टागार के मैन गेट पर बुजुर्ग का शव मिलने से हड़कंप मच गया पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया टीआई अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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भालू ने घर में घुस के मचाया आतंक जंगल से भटक के एक भालू इंसानी आबादी में पहुँच गया लोगों को देखकर भालू एक घर में जा घुसा ग्रामीणों ने भालू के होने की जानकारी वन विभाग को दी उसके बाद वन अमले ने भालू को रेस्क्यू किया कटनी जिले के बहोरीबंद वन क्षेत्र के बासन गांव में भालू ने युवक के घर में घुस कर हड़कंप मचा दिया बताया जा रहा है की भालू जंगल से भटक कर गांव में घुस आया और लोगो के हलचल सुन कर गांव में रहने वाले पटेल नारायण के छत पर जा पहुंचा लोगो को अपनी तरफ आता देख भालू छतपर बने कमरे में जा छुपा जिसके बाद ग्रामीणों ने उसका दरवाजा लगा कर तत्काल वन विभाग को सूचित किया बढ़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने भालू को रेस्क्यू किया।
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स्कूली बच्चों ने भी किया योग योग दिवस के अवसर पर राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भी योग किया इस अवसर पर स्कूली बच्चे भी कार्यक्रम में मौजूद हुए और योग के विभिन्न आसनों को राज्यसभा सांसद के साथ किया डिंडोरी के उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रीय योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया योगाभ्यास करने बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के अलावा सभी विभाग प्रमुख समेत कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे और योग के विभिन्न आसन और प्राणायाम को किया गया।
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बसपा अध्यक्ष ने कर्मचारी पर लगाए आरोप मध्यप्रदेश के डिंडोरी में लगातार ग्रामीण जनता के स्वस्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिले में घटिया और अमानक चावल की सप्लाई की जा रही है ये चावल गोदामों में भरा पड़ा है डिंडोरी जिले के नाना विभाग से ऐसे एक नही बल्की कई मामले सामने आ चुके है जहाँ घटिया चावल सप्लाई के सबूत मिले हैं बताया जा रहा है की स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड के गोदाम मेंअमानक स्तर का 12 लाट चावल रखा हुआ है बताया जा रहा है की 10 जून से लेकर 15 जून तक मां रेवा, मां शारदा, श्री फूड, , जेपी राइस मिलर्स मंडला के यहां से लगभग 30480 क्विंटल चावल अमानक स्तर का आया था इसे क्वालिटी इंस्पेक्टर द्वारा फेल कर दिया गया था तब से ले कर आज तक वो चावल वही रखा हुए है गोदाम में पिछले सात दिनों से अमानक स्तर का चावल रखे होने पर बसपा जिला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने नान विभाग के अधिकारियों पर अमानक स्तर का चावल शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर खपाने का आरोप लगाया है वही जिला प्रबंधक अरुण मौर्य का कहना है कि पाँच मिल के द्वारा अमानक स्तर का चावल पहुचाया गया है जिसे क्वालिटी इंस्पेक्ट पहले ही फ़ैल कर दिया गया था मिलरों को नोटिस जारी किया जा रहा है।
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गौंड भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग आदिवासी समाज के लोगों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा आदिवासी समाज की मांग है की गौंड भाषा को संविधान की आठवीं सूची में डाला जाए और देश में बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए जिला पंचायत सदस्य अजय कुमार गोटिया ने कहा की हम सभी आदिवासी समाज के लोग यहाँ इकट्ठा हुए हैं हमारी मांग है की संविधान की आठवीं अनुसूची में गौंड भाषा को शामिल किया जाए और इसके साथ ही देश में होने वाले चुनावों में वैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाए।
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दिव्यांगों को बांटी मोटराइज्ड ट्राई साइकिल एनटीपीसी के मानव संसाधन निदेशक दिलीप कुमार पटेल ने एनटीपीसी का निरीक्षण करने के साथ वनिता समाज की ओर से आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सीएसआर के तहत दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरित कीं एनटीपीसी लिमिटेड के मानव संसाधन निदेशक दिलीप कुमार पटेल ने एनटीपीसी सिंगरौली का दौरा किया इस अवसर पर मानव संसाधन निदेशक ने बैठक भी की इस बैठक में वरिष्ठ सदस्य ममता पटेल संयुक्ता महिला समिति और मुख्य महाप्रबंधक के सदस्यों ने हिस्सा लिया बैठक के बाद मानव संसाधन निदेशक ने वनिता समाज की ओर से आयोजित आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लिया...कार्यक्रम में सीएसआर के तहत आस-पास के दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल का वितरण किया गया जिसका उद्देश्य दिव्यांग जनों को उनकी दैनिक गतिविधियों विशेषकर आवागमन के लिए आत्मनिर्भर बनाना था वहीं इस मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की सुविधाओं की बात करे तो ये मोटराइज्ड ट्राई साइकिल विभिन्न आधुनिक सुविधाओं से लैस है इस मोटराइज्ड ट्राई साइकिल में स्टोरेज बॉक्स, सुरक्षा हेलमेट और हेड लाइट की सुविधा दी गई है..इस मोटराइज्ड ट्राई साइकिल में एक बैटरी है जिसे एक बार चार्ज किए जाने पर मोटराइज्ड साइकिल को 30 किमी तक चलाया जा सकता है वहीं इस मोटराइज्ड साइकिल को पाकर दिव्यांगजनों के चेहरे पर सहारे की एक अलग मुस्कान दिखाई दी।
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जांच करने आये अधिकारी को पीटा देहरादून में भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं की वह ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे अधिकारी को भी मार रहे है और इन माफियाओं का खौफ इलाके में इतना है की कोई भी इनके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं है मसूरी रोड पर मैगी प्वाइंट के नीचे भूमाफिया के हौंसले इतने बुलन्द हो गए हैं कि भूमाफिया पहाड़ काटकर भूमि को समतल करने का काम जेसीबी की मदद करवा रहे है जब वन विभाग के अधिकारी मामले की जाँच करने पहुंचे तो माफियाओं के गुंडों ने उनके साथ मारपीट की व उनके सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया इस मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है बता दें जहां पर भूमि को समतल करने का काम चल रहा है वहां पर सरकारी पानी का टैंक बना हुआ है जिससे गांव में पानी की सप्लाई की जाती है लेकिन भूमि को समतल करने की वजह से कई दिनों से गांव में पानी की सप्लाई नहीं हुई है
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पुलिस ने किया मामले का खुलासा काशीपुर में बंदरों की मौत का खुलासा हो गया है बंदरों को 9 लोगों ने जहर देकर मारा था पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव-जन्तु संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है यह मामला काशीपुर का है जहां पुलिस क्षेत्राधिकारी वंदना वर्मा ने बताया कि आम के बाग़ में बंदरों के शव मिलने की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी पुलिस ने वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए काशीपुर पशु चिकित्सालय भेज दिया वही इस मामले में मोहम्मद इमामुद्दीन और छोटे खाँ सहित 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है इन आरोपियों ने बंदरों को जहर देने की बात कुबूल की है।
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कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी हुए शामिल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड इकाई का सर्व सहमति से चुनाव संपन्न हुआ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी से समाज हित की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाते हैं ये एक सराहनीय और चुनौतीभरा कार्य है डोईवाला में जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड इकाई का चुनाव संपन्न हुआ इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड इकाई के पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई उप जिलाधिकारी ने कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी से समाज हित की समस्याओं को सरकार, शासन और अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं इसलिए पत्रकारिता एक सराहनीय कार्य है वहीं उपजिलाधिकारी ने नवनियुक्त कार्यकारिणी को बधाई दी और जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड डोईवाला द्वारा निर्वाचित अध्यक्ष जावेद हुसैन, महामंत्री रितिक अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्याय पवन सिंघल, उपाध्यक्ष आरती वर्मा और सह सचिव चमनलाल कौशल कोषाध्यक्ष आरिफ हसन, संरक्षक राजेंद्र वर्मा को पद देकर मनोनीत किया।
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पुलिस ने बरामद कि लूटी हुई चेन चेन स्नेचिंग के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को धर दबोचा आरोपी के पास से पुलिस ने लूटी हुई सोने की चेन भी बरामद की अब पुलिस उससे और लूट की घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है यह मामला हरिद्वार का है जहां राजेश नाम के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत की थी की प्लैटिना मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात युवक ने झपटा मारकर उसकी चाची के गले से सोने की चेन लूट ली शिकायत के आधार पर पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी को पकड़ा और उसके पास से लूटी हुई चेन भी बरामद की।
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पुलिस व्यक्ति की तलाश में जुटी एक गहरी खान में भरे पानी में नहाने गया व्यक्ति अचानक डूब गया जिसकी सूचना मिलते ही आस पास के लोग खान के पास पहुंच गए और मामले की सूचना पुलिस को दी गई. लेकिन व्यक्ति का अभी तक कुछ भी पता नही चल पाया है मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी नितिन कमल ने बताया की व्यक्ति की पहचान बरगवां में चंदी की दफाई गांव का रहने वाला बाबूलाल कोल के रूप में हुई है जो रोजाना की तरह खदान में भरे पानी में नहाने के लिए कूदा था जिसके बाद से वह बाहर नहीं निकाला साथ ही खदान के पास उसकी मोटरसाइकिल और कपड़े मिले है थाना प्रभारी ने बताया कि गोताखोरों की टीम व्यक्ति की तलाश में लगातार जुटी है जल्द ही व्यक्ति को ढूंढ लिया जाएगा।
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पैसे के लेन-देन को लेकर हुई व्यक्ति की हत्या एक 35 वर्षीय व्यक्ति की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने 48 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया पुलिस ने व्यक्ति की हत्या के मामले का खुलासा करते हुए बताया की व्यक्ति की उसके गाँव के ही ससुर और दामाद ने पैसे के लेनदेन को लेकर हुए विवाद में की थी यह मामला डिंडोरी के कटनारी गांव का है जहां 35 वर्षीय अनूप सिंह की लाश पुलिस को बरबसपुर गांव के खेत में मिली मृतक के शरीर पर चोट के निशान मिलने के कारण हत्या का मामला दर्ज किया गया पुलिस ने 48 घंटे के अंदर मामले का खुलासा करते हुए बताया की अनूप की हत्या गाँव के ही गोविन्द सिंह और उसके दामाद महेश मरावी ने की थी इन ससुर दामाद का पैसे के पुराने लेन-देन को लेकर अनूप सिंह से विवाद हुआ था जिसके बाद इन्होने लाठियों से पीठ-पीठकर अनूप की हत्या कर दी और अनूप के शव को खेत में छुपा दिया पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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प्रशासन छुड़वा रहा है माफियाओं से जमीन एक बार फिर प्रशासन ने सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने वालों के खिलाफ जंग छेड़ दी है .एंटी माफिया अभियान के तहत प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने वालों से जमीन को छुड़वा रहा है छतरपुर पुलिस ने नगर पालिका और राजस्व के अमले के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाने की करवाई की इस दौरान कुख्यात भूमाफिया फैयाज अली द्वारा सरकारी जमीन पर बाउंड्री बाल बनाकर किराये पर दी गई जमीन पर भी अतिक्रमण जेसीबी की मदद से गिरा दिया गया इसके बाद प्रशासन ने छत्रसाल यूनिवर्सिटी के सामने कब्रिस्तान की जमीन का भी कब्जा हटाया और साथ ही अन्य तीन जगह पर कार्यवाही करते हुये शासकीय जमीन को भूमाफियाओ के चंगुल से छुड़ा लिया कुछ जगह पर प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी किया गया बावजूद भी इसके करवाई नहीं रुकी।
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लैंगिक शोषण के अधिकारों पर की गई चर्चा बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक शोषण के अपराधों पर लगाम लगाने और ऐसे मामलों से निपटने के लिए.. एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इसके साथ ही कार्यक्रम में महिलाओं से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की गई डिंडोरी जिले में पोक्सो एक्ट 2012 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यक्रम का आयोजन जन साहस सामाजिक संस्था की ओर से किया गया कार्यक्रम में प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि किसी भी बच्चे के साथ लैंगिक शोषण की घटना यदि घटती है तो उसकी पहचान गुप्त रखी जाए पुलिस मामले की पूछताछ और जांच करते समय सिविल ड्रेस में हो इसके साथ ही ऐसे मामलों में बाल कल्याण समिति की क्या भूमिका होनी चाहिए इस संबंध में भी जानकारी दी गई कार्यक्रम की अध्यक्षता जन साहस जिला समन्वयक निकिता नेमा ने की कार्यक्रम में उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम ने कहा कि कार्यशाला में बच्चों के शोषण और साइबर क्राइम के तहत जानकारी दी गई है जल्द ही सभी जिलों में ऐसे मामलों से निपटने के तरीके में बदलाव किया जाएगा।
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बेटे ने हत्या को दुर्घटना का रूप देना चाहा एक ससुर ने अपनी बहु की बड़ी ही बेहरहमी से हत्या कर दी। सास-ससुर को बहू के चरित्र पर शक था और वह लगातार उसे दहेज़ के लिए भी प्रताड़ित करते थे। मृतक के पति ने भी माता-पिता के इस जुर्म पर साथ देते हुए। हत्या को दुर्घटना बताकर पुलिस को गुमराह करना चाहा। पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही मामले की गुत्थी सुलझा ली। यह मामला सिंगरौली का है। पुलिस अधीक्षक यूसुफ कुरैशी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया की मृतक महिला का नाम सुनीला रावत है और वह पंचायत सचिव है। सुनीला का ससुराल गन्नई गांव में था। सुनीला के सास-ससुर को उसके चरित्र पर शक था और वह दहेज़ के लिए उसे प्रताड़ित भी करते थे। घटना वाले दिन सुनीला का ससुर के साथ झगड़ा हुआ। जब वह स्कूटी से घर छोड़कर जाने लगी तो उसके ससुर ने फ़रसी से उसपर हमला कर दिया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सुनीला के पति ने इस घटना को दुर्घटना का रूप देते हुए। पुलिस को मामले की झूठी जानकारी दी। पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही मामले की जांच कर सुनीला के सास,ससुर और पति को गिरफ्तार कर लिया और उनपर हत्या,दहेज़ प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज कर लिया।
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वर्दी वाले ही पी रहे है सरेआम शराब जब वर्दी वाले ही अपनी वर्दी की मर्यादा भूल जाए। और शराब पीने से लोगों को रोकने की वजह खुद शराब के नशे में डूब जाए तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। जिन वर्दी वालों को शराब माफियाओं पर शिकंजा कसना चाहिए। वही उनके साथ शराब पी रहे है और ताजुब की बात है की प्रशासन भी इनपर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। यह मामला डिंडोरी का है। जहां राज्य परिवहन बस स्टैंड के सामने खुलेआम अवैध शराब बेची जा रही है शासन-प्रशासन को इस मामले की जानकारी होने की बाद भी शराब माफियाओं पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब महिला थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक हेमालसिंह और अजाक थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक चंदन सिंह वर्दी में ही सार्वजनिक स्थल पर शराब पी रहे थे। जब इनकी हरकतें कैमरे में कैद होने लगी तो इनके होश उड़ गए और यह सवालों से भागते दिखे। अब देखना यह होगा की शासन-प्रशासन इनपर क्या एक्शन लेता है।
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सच्चाई को दखल न्यूज ने प्रमुखता से दिखाया था बहुचर्चित अंसल वैली पीड़ित सचिव और बीजेपी पार्षदों के बीच हुई लड़ाई के मामले में पीड़ित को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस राहत के बाद पीड़ित सचिव के परिवार ने दखल न्यूज़ को धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि दखल न्यूज़ सच्चाई को पुख्ता से दिखाता है। इसलिए ये दखल न्यूज़ की जीत है। देहरादून के बहुचर्चित मामले में एक बार फिर दखल न्यूज़ की ख़बर का बड़ा असर हुआ है। अंसल वैली और बीजेपी पार्षदों की बीच हुई लड़ाई को दखल न्यूज़ चैनल पर प्रमुखता से उठाया गया था और इस मामले के हाई कोर्ट में जाने के बाद अंसल वैली पीड़ित सचिव परवीन भारद्वाज को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार के खिलाफ धारा 307 को निरस्त कर परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया। जिससे पीड़ित परिवार ने चैन की सांस ली है। वहीं इस फैसले से पार्षदों में निराशा छा गई है।
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गल्ला मालिक समय पर दुकान नहीं खोलता है सरकारी राशन की दुकान का मालिक मनमानी कर रहा है जिससे ग्रामीणों को राशन लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है राशन का मालिक समय पर दुकान नहीं खोलता है और न ही राशन देता है यह मामला देहरादून के कंडोली गांव का है जहां पर ग्रामीणों ने सरकारी राशन की दुकान के मालिक पर कई आरोप लगाए हैं ग्रामीणों ने कहा की राशन की दुकान का मालिक समय पर उन्हें राशन नहीं देता है और न ही दुकान तय समय के अनुसार खोलता है दुकान का मालिक राशन न होने की बात कहकर राशन को ब्लैक में बेच देता है ग्रामीणों ने मांग की है की इस मामले की जांच होनी चाहिए वही इस मामले को लेकर राशन दुकान मालिक विनोद बिष्ट का कहना है की मैं दुकान 10 बजे ही खोलता हूं और जिसको भी शिकायत करो मुझे कोई फर्क नही पड़ता।
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तालाब निर्माण में मनमानी करने से हैं नाराज किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत किसानों को 50 हजार तालाब दिए जाने हैं। लेकिन डिंडोरी प्रशासन तालाब का निर्माण करने में मनमानी कर रहा है। जिसके खिलाफ मजदूरों ने प्रदर्शन किया। डिंडोरी में आक्रोशित मजदूरों ने नेशनल हाइवे में जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। मजदूर अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब निर्माण में मनमानी करने से नाराज हैं। मजदूरों ने हंगामा करके मनमानी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसडीएम की समझाने के बाद यह मामला शांत हुआ।
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प्रशासन की करवाई को कांग्रेस ने गलत बताया दमोह के गंगा-जमुना स्कूल की इमारत से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने कहा की यह करवाई गलत है। वही बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस करवाई को सही बताते हुए शासन-प्रशासन को बधाई दी है। गंगा-जमुना स्कूल में अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर कमलनाथ ने कहा था की बिना जांच के ये बिलकुल ग़लत है। वही दिग्विजय सिंह ने कहा की यह कौन से नियम के तहत करवाई हुई है। अब कांग्रेस नेताओं के इन बयानों पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा की दमोह में शासन -प्रशासन ने जो कार्रवाई की उसके लिये वो बधाई के पात्र है। शर्मा ने कहा ,इतने दिनों से ये काम चल रहा था। तब वहां के डीओ - कलेक्टर कौन थे। पुरानी जांचे निकालकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए ताकि प्रदेश के अंदर सभी अधिकारी चौकन्ना रहे। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा की इस मामले के दोषियों को ऐसी सजा दी जाए की दिग्विजय सिंह उनसे मिलने ना जाए।
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बदमाशों के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़ पिछले एक माह से लगातार लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे बदमाश पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहे थे..इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की भारी फजीहत हो रही थी। लेकिन एसएसपी अजय सिंह ने बदमाशों की चुनौती स्वीकार कर गैंग पर कमर तोड़ कार्रवाई की है। पिछले एक महीने से हरिद्वार में शहर से लेकर गांव तक घर में घुसकर लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाशों के हौसले काफी बुलंद थे। ऐसी सनसनीखेज घटनाओं को रोकने के लिए एसएसपी अजय सिंह ने बड़ा एक्शन प्लान तैयार कियाऔर एक महीने के अन्दर हुई वारदातों के बदमाशों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी अजय सिंह ने अपने एक्शन प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक महीने में घर में घुसकर लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाशों पर पुलिस की पैनी नजर थी। इस दौरान कुछ बदमाशों के छिपे होने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची टीम पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। एसएसपी ने बताया कि फायरिंग कर रहे बदमाशों के साथ मुठभेड़ में पुलिस को कामयाबी मिली और 2 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया।
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अवैध शराब की 5 पेटी जब्त की पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी करने शराब माफिया को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह माफिया प्रेस लिखी हुंडई कार में 5 पेटी शराब ले जा रहा था। पुलिस ने इसे पकड़ लिया और इसके खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी चंद्र किशोर सिरामे ने बताया की पुलिस को सुचना मिली थी की जबलपुर रोड पर स्थित ढाबा का संचालक गुल्लू अपनी कार में अवैध शराब रखकर ला रहा है। सुचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा और कार की चैकिंग की तो उसमें 5 पेटी शराब बरामद हुई। आरोपी गुल्लू को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। वही जब्त हुई शराब की कीमत 35 हजार रुपये बताई जा रही है।
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बदमाश कल्लू वेश बदलकर दे रहा था चकमा अंतक का पर्याय बन चुका बदमाश कल्लू पटेल पुलिस के हाथ लग चुका है। अपना हुलिया बदलकर बदमाश कल्लू गुजरात में नौकरी कर रहा था। लेकिन पुलिस की साइबर टीम के हाथ से सालों से फरार चल रहा बदमाश अब सलाखों के पीछे है। छतरपुर पुलिस की गले की हड्डी बन चुका। तीस हजार रुपये का इनामी बदमाश कल्लू पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी अमित सांघी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ये बदमाश दोहरे हत्याकांड और डकैती जैसी गंभीर अपराधों में 8 साल से फरार चल रहा था। फरारी के दौरान ये गुजरात में हुलिया बदलकर नौकरी कर रहा था। एसपी ने बताया कि साइबर टीम की मदद से आरोपी बदमाश की जानकारी गौरिहार पुलिस को मिलने पर वह वेश बदलकर गुजरात गई और आरोपी को पकड़कर छतरपुर लाई। वहीं आरोपी बदमाश के ऊपर आठ मामले दर्ज हैं। इनमे हत्या ,हत्या के प्रयास ,डकैती ,वसूली ,मारपीट जैसे गंभीर अपराध की धाराओं में कल्लू आरोपी है। आरोपी के पास से पुलिस ने एक बंदूक भी जब्त की है। वहीं इस बदमाश का खौफ झेल चुके ग्रामीण भी पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे और इसके खौफ के बारे मे बताया।
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मनावर से शहडोल जा रही थी शराब देवास जिले के खातेगांव पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान अवैध शराब का जखीरा पकड़ा है। तस्करी कर ये शराब मनावर से शहडोल लेजाइ जा रही थी।खातेगांव पुलिस को एक गाड़ी पर शक हुआ और उसकी तलाशी ली गई तो पुलिस भी हैरान रह गई। उस गाडी से शराब तस्करी की जा रही थी। खातेगांव टीआई विक्रांत झंझट और उनकी टीम ने यह कार्रवाई की है। दोपहर में वाहन चेकिंग के दौरान आइशर गाड़ी से करीब 1183 पेटी देसी शराब पकड़ी गई। शराब धार से शहडोल ले जाइ जा रही थी। गाड़ी का ड्राइवर मंगेश गोस्वामी खुद भी नशे में था। पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि इसमें से कुछ शराब की पेटियां उसने रास्ते में बेच दी है। जप्त शराब की कीमत 41 लाख 40 हजार है।
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13 गिरफ्तार,20 के विरुद्ध शांतिभंग का मामला रात के अँधेरे में सड़क किनारे खड़ी ट्राली से एक मोटरसाईकल सवार के भिड़ने से मोटरसाईकल सवार युवक की मौत हो गई थी और युवक की मौत से नाराज़ लोगो ने भारी पथराव किया था। इस मामले पर पुलिस की ओर से अब बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। पुलिस ने 20 के विरुद्ध शांतिभंग का मामला दर्ज। 13 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। बेलड़ा गांव में हुई पथराव की घटना में हरिद्वार पुलिस की ओर से बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। पथराव करने वाले 56 नामजद उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने अब तक 13 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस ने 20 उपद्रवियों के विरुद्ध शांतिभंग करने का भी मामला दर्ज किया है। इस घटना पर एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव स्वीकार नहीं है। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्र में धारा 144 लागू है किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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पुलिस को चोर दे रहे खुलेआम चुनौती अस्पताल का चोर, सीसीटीवी में कैद डिंडोरी जिला अस्पताल में लगातार चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बाद भी चोरियों का सिलसिला थम नहीं रहा है चोर पुलिस और अस्पताल प्रबंधन के लिए चुनौती बने हुए हैं। चोरों के द्वारा पहले मेल वार्ड फीमेल वार्ड सहित इमरजेंसी वार्ड से मोबाइल चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। लगातार मोबाइल चोरी की घटनाओं पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेते हुए जिला अस्पताल के वार्ड सहित परिसर में 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए। लेकिन चोर कैमरे लगने के बावजूद चोरी की घटनाओं को अंजाम देते नजर आ रहे हैं जहां जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड से चोरों के द्वारा बैग चोरी कर लिया गया। जिसमें मरीज की दवाई सहित कपड़े और रुपये रखे हुए थे। चोर सीसीटीवी कैमरे में बैग ले जाते हुए कैद हो गए। चोरी की घटनाओं से मरीज और स्वास्थ्य विभाग स्टाफ में चोरों का भय व्याप्त है। सीसीटीवी कैमरे लगने के बावजूद भी चोर बिना किसी भय के चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। ये चोर पुलिस और अस्पताल प्रबंधन के लिए चुनौती बन गए हैं। अस्पताल में ट्रेनिंग लेने आने वाली मेकलसूता कॉलेज की स्टूडेंट की साइकिल भी चोर उठा ले गए। कैमरे में भी चोर दिख रहा है लेकिन पहचान में नहीं आ रहा है।
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पुलिस ने शराब में मिलाया गंगा जल यूं तो उत्तर प्रदेश पुलिस की नई-नई उपलब्धियां सामने आती रहती हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस का जवान हरिद्वार में शराब में गंगा जल मिला के पीता नजर आया |हद तो तब हो गई जब इस शराबी पुलिस वाले ने इसका फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर को ही उठा के गंगा जी में फैंक दिया। पुलिस अब इस जवान को बचाने में लगी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक शराबी जवान ने साड़ी हदें पार कर दीं और गंगा नदी के किनारे बैठकर शराब में गंगा जल मिलकर पीने लगा। सनातन धर्म के लोग मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने आप को शुद्ध और पवित्र करते हैं। वही उत्तर प्रदेश पुलिस का य शराबी जवान गंगा जी में बैठकर शराब में गंगाजल मिला कर पीने लगा। हाथी वाले पुल के पास फोटोग्राफी कर रहे युवक ने जब इसको शराब पीते देखा तो इसकी फोटो खींच ली हद तो तब हो गई जब इस पुलिस के जवान ने फोटोग्राफर को उठाकर गंगा जी में फेंक दिया। फोटोग्राफर ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। पूरा मामला फिलहाल रोड़ी बेलवाला चौकी में है। पुलिस इस शराबी पुलिस वाले को बचाने के लिए इस पर मात्र चालान की कार्रवाई कर रही है। वैसे गंगा जी पर कोई भी असामाजिक काम होता है तो पुलिस उस पर कड़ी कार्यवाही करती है। लेकिन यहाँ पुलिस इस जवान को बचाने में लगी है।
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प्रशासन ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया आपसी रंजिश से के चलते गोली कांड की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के घर पुलिस ने बुलडोजर की कार्रवाई की है। इस दौरान पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है आपको बता दे कि गोलीकांड की इस घटना में गोली लगने से दो युवको की मौके पर ही मौत हो गई थी। देवास जिले के गोला गोठान गांव में आपसी रंजिश के चलते दो पक्षों में विवाद हो गया था। ये विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने राजेश नारायण और कैलाश राम चन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान आरोपी गोली मारकर फरार हो गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने फरार चल रहे आरोपियों में से दो को आरोपी को गिरफ्तार कर बुलडोजर की कार्रवाई की है और इस गोलीकांड में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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बेलड़ा रुड़की में भारी पथराव DM,SSP ने संभाला मोर्चा रात के अँधेरे में सड़क किनारे खड़ी ट्राली से एक मोटरसाईकल सवार जा भिड़ा। जिस कारण मोटरसाईकल सवार युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से नाराज़ लोगो ने ग्राम बेलड़ा रुड़की में भारी पथराव किया। बढ़ते आक्रोश को देखते हुए डीएम व एसएसपी हरिद्वार ने पूरा संभाला मोर्चा संभाला और लोगो को समझाईश देकर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।देर रात पंकज पुत्र सुरेश उम्र लगभग 30 वर्ष अपनी मोटरसाईकल से बेलड़ा गांव आने वाले पर था उसी वक्त रास्ते में एक तरफ खड़ ट्रैक्टर ट्रॉली से टकरा गया। टकराने से युवक की मौत हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौपा गया तो परिजनों ने रोष जताया और शव को कोतवाली रुड़की ले जाने की जिद करने लगे साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली के मालिक के खिलाफ धारा 302 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। हंगामे के बीच राजमार्ग पर जाम करने का प्रयास किया गया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने गावं वालों को समझाने का प्रयास किया गया और शव का अंतिम संस्कार करने की समझाईश दी गई। ग्रामीण समझने की जगह और उग्र होते गए। इसके बाद मौके पर डीएम व एसएसपी हरिद्वार ने मोर्चा सँभालते हुए सभी को शांत कराया गया। आपको बता दें की ग्राम बेलडा में ट्रैक्टर ट्रॉली रोड (चौधरी) जाति जबकि मृतक के पिछड़ी जाति के होने के कारण दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति का कारण बनने की बात सामने आ रही हैं। जिसमे अचानक एक पक्ष द्वारा रोड (चौधरी) लोगों के घरों पर तोड़फोड़ किया गया। जिनको पुलिस बल द्वारा रोकने का प्रयास करने पर इनके द्वारा पुलिस अधिकारियों पर भारी पथराव किया गया। पथराव लगभग 2 घंटे तक होता रहा। जिसमें दो प्रभारी निरीक्षक, एक सब इंस्पेक्टर समेत कई पुलिस वाले व महिलाकर्मी घायल हो गए। जिनका इलाज रुड़की के विभिन्न चिकित्सालय में भी चल रहा है।
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अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ छापेमार कार्यवाही, 7 ट्रैक्टर ट्रॉली, तथा 2 मड लोडर को किया सीज खनन माफिया इतने दबंग हो गए की सीएम के गृह क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा। लगातार अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया हैं। सीएम के गृह क्षेत्र से प्रशासन द्वारा अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ छापेमार कार्रवाई करते हुए 7 ट्रैक्टर ट्रॉली, तथा 2 मड लोडर को पकड़कर सीज का दिया गया हैं। खटीमा विकासखंड के बिचई गांव में बाईपास के पास उप जिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट और नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवाण के नेतृत्व में तहसील प्रशासन ने अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ छापेमार कार्रवाई की कार्यवाही के दौरान 7 ट्रैक्टर ट्रॉली, तथा 2 मड लोडर को पकड़कर सीज का दिया गया। खटीमा क्षेत्र में दिन दहाड़े अवैध मिट्टी खनन काफी दिनों चल रहा है। प्रशासन के लगातार कार्रवाई करने के बावजूद खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि बेखौफ लगातार अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। फ़िलहाल कार्यवाही के दौरान अवैध खनन में लिप्त मौके पर पाई गई 7 ट्रैक्टर ट्राली तथा दो मड लोडर को पकड़कर सीज कर दिया गया जिनके खिलाफ जुर्माने की भी कार्रवाई की जा रही है। वहीं खटीमा उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि अवैध खनन की सूचना पर बिचई गांव में बाईपास के पास पहुंचकर छापेमार कार्रवाई की गई। इनमे लिप्त सभी के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही वह खेत मालिक जो अपने खेतों में खनन करवा रहे हैं। उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और आगे भी अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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पीड़ित परिवार को बंधाया ढांढस चैन लूट की घटना को अंजाम देने वाले लुटेरों में जरा सा भी कानून का खौफ नही है। आए दिन घर के अन्दर से परिवार के लोगों के घर में होने के बावजूद घटना को लगातार अंजाम दे रहे हैं। वहीं इस तरह की हो रही लूटपाट से प्रशासन पर भी जिले की सुरक्षा पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। हरिद्वार में लुटेरों ने लूटपाट की घटना को अंजाम देते हुए घर में घुसकर चेन लूट ली। इस दौरान लूट की घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एसएसपी अजय सिंह ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले गिरोह को जल्द पकड़ने की बात कही। लेकिन आए दिन घर के अन्दर से हो रही इस तरह की लूटपाट की घटना से पुलिस प्रशासन पर जिले की सुरक्षा पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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सवार लोगो की बाल बाल बची जान सड़क पर चलती कार में अचानक आग लग गई। सड़क पर कार आग का गोला बन कर दौड़ रही थी। गनीमत ये रही की कार में सवार लोगो की बाल बाल बची जान बच गई। मसूरी में देर शाम को मसूरी देहरादून कोलूखेत पानी वाले बैंड पर एक चलती कार में अचानक आग लग गई। जिसमें तीन महिला दो पुरुष और 4 बच्चे सवार थे। सभी सवार लोगों बाल-बाल बच गए। घटना की सूचना मिलते ही मसूरी पुलिस और फायर सर्विस की टीम मौके पर पहुंची और कार में लगी आग पर काबू पाया। लेकिन कार तब तक जलकर खाक हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि मसूरी से वापस सहारनपुर जाते समय जेन एस्टिलो कार मसूरी देहरादून मार्ग पर अचानक से कार में आग लग गई। जलती कार में सवार सभी लोग कार से सकुशल बाहर निकल लिया गया था। मुख्य सड़क पर कार में लगी आग के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। कार चालक धर्मेंद्र प्रताप सिंह फतेहपुर ने बताया कि वह मसूरी घूमने के बाद वापस सहारनपुर की ओर जा रहे थे। अचानक कार के बोनट से आग निकलने लगी। कार से सभी लोगों को बाहर निकाला देखते ही देखते आग ने कार को पूरी तरह से चपेट में ले लिया था। कार जलकर खाक हो गई।
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बांग्लादेश से 45 अधिकारियों का दल ट्रेनिंग के लिए आया था बांग्लादेश से ट्रेनिंग के लिए आए 45 अधिकारियों में से एक अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अधिकारी को उसके सहयोगियों ने तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टर ने जांच के बाद अधिकारी को मृत घोषित कर दिया। बांग्लादेश से मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में 45 अधिकारियों का दल ट्रेनिंग के लिए आया हुआ था। इस दौरान अधिकारियों का दल मसूरी के लाल टिब्बा और धनोल्टी घूमने के लिए गया था। जहां रास्ते में धनोल्टी से वापस आते समय अधिकारियों के दल में से 36 साल के एमडी अलामेन की रास्ते में तबियत बिगड़ गई। तभी उनके सहोगियों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टर ने जांच के दौरान उन्हे मृत घोषित कर दिया। एमडी अलामेन की अचानक से मौत की खबर के बाद सभी अधिकारियों में शोक दौड़ गया और सभी लोग हैरान हैं। वहीं मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सभी लोगों से पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है। इस दौरान अधिकारी की मौत पर डॉ संतोष नेगी ने बताया कि मृतक को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था और पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता लग पाएगा।
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कर्ज नहीं चुकाने पर होगी कार्रवाई सुपरटेक इन्फ्राट्रक्चर कंपनी के पेंटागन मॉल पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। करोड़ों रुपए के कर्ज में फंसे मॉल पर बैंक ने कर्ज नहीं चुकाने पर मॉल पर कब्जे का नोटिस चस्पा कर दिया है। हरिद्वार के सिडकुल में स्थित पेंटागन मॉल के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। 300 करोड़ का कर्ज न चुकाने पर बैंक ने नोटिस चस्पा कर दिया है। बैंक ने 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए। पेंटागन मॉल का स्वामित्व रखने वाली सुपरटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को कर्ज न चुकाने पर नोटिस में कब्जे की कार्रवाई की बात कही है। वहीं नोटिस के बाद दुकानदार भी अब सोच में पड़ गए हैं कि क्या बंद हो जाएगा पेंटागन मॉल हालांकि बैंक 2022 से लगातार मॉल मैनेजमेंट को नोटिस देता आ रहा था। लेकिन नोटिस को लगातार नजरअंदाज करते आ रहे मॉल पर अब देखना होगा कि 22 जून को बैंक की ओर से कितनी बड़ी कार्रवाई होती है।
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पुलिस ने बाइक सीज़ कर,लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील पर यातायात पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। वायरल रील में युवती हाथ छोड़कर गाड़ी चलाते हुए स्टंट कर रही थी..वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने युवती की बाइक सीज कर लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की है। देहरादून में सोशल मीडिया पर युवती को मोटरसाइकिल पर हाथ छोड़कर कर रील बनाना महंगा पड़ गया। युवती ने मोटरसाइकिल पर स्टंट वाली रील वायरल की वायरल वीडियो पर कार्रवाई करते हुए एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि यातायात के नियमों का उल्लंघन कर स्टंट करने वाले और रील बनाने वाले चालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी आदेश के अनुसार वायरल वीडियो पर कार्रवाई करते हुए यवती की बाइक को सीज़ कर ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने की कार्रवाई की गई है। वहीं इस कार्रवाई के बाद युवती ने अपनी गलती की क्षमा मांगते हुए भविष्य में कभी ऐसी गलती न करने और यातायात के नियमों का पालन करने की बात कही है।
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किसानों के समर्थन में आये भाजपा विधायक अनिरुद्ध किसानों को पूर्व सूचना दिए बगैर फॉरेस्ट विभाग का अमला जमीन खाली कराने पहुंचा किसानों ने इस अचानक हुई करवाई का विरोध किया किसानों के समर्थन में भाजपा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू भी आ गए और उन्होंने फॉरेस्ट विभाग से कहा की किसानों के साथ हथियार लेकर खड़ा हूँ देखते है कौन आता है जिन किसानों से फारेस्ट विभाग जमीन खाली करवा रहा था वह किसान 50 सालों से भी अधिक समय से वहां खेती कर रहे हैं और रह रहे है इसके बावजूद भी फॉरेस्ट विभाग का अमला बिना किसी नोटिस के जमीन खाली कराने पहुंचा जब इस मामले की सूचना मनासा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू को मिली तो वह मौके पर पहुंचे विधायक माधव मारू ने फॉरेस्ट विभाग की टीम से कहा की ऐसे बिना किसी सूचना दिए जमीन खाली नहीं करवायी जा सकती।
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इस भिंडत में हुई 4 लोगों की मौत एक दर्दनाक सड़क हादसे में कार और दो स्कूटियों में जोरदार भिड़ंत हो गई। इस भिड़ंत से स्कूटीयों पर सवार 4 लोगों की मौत हो गई। वही कार चालक मौके से फरार हो गया। यह हादसा टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ। बताया जा रहा है की नेम बहादुर चंद और उनके परिवार के लोग नेपाल से लौट रहे थे। तभी उनकी स्कूटियों की टक्कर सनिया नाले के पास खटीमा की तरफ से आती हुई कार से हो गई। इस टक्कर में नेम बहादुर चंद और उनके परिवार वालों की मौत हो गई। वही हादसे के बाद कार चालक फरार हो गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वही कार चालक की तलाश की जा रही है।
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नेता के ट्रक ने तीन घरों को किया क्षतग्रस्त सिंगरौली में रफ्तार का कहर रुक नहीं रहा है।अब आप नेता संदीप शाह के बे काबू ट्रक ने तीन घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संदीप शाह के ट्रक ने बलियरी रोड रेलवे क्रासिंग के पास तीन घरों को किया क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हादसे में एक पति पत्नी सहित कई लोग घायल हो गये। आसपास के लोगों ने ट्रक ड्राइवर को पकड़कर कोतवाली थाने के हवाले कर दिया। कुछ दिनों पहले सिंगरौली पुलिस अधीक्षक यूसुफ कुरैशी ने इस तरह की घटनाओं को लेकर कहा था कि यदि नियम का पालन ट्रक नहीं करेंगे तो उनके मालिक के खिलाफ कार्यवाही होगी लेकिन इन मामले में अब तक आम आदमी पार्टी के नेता संदीप शाह के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही नहीं की है।
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पुलिस ने ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार किया फाइनेंस कंपनी खोलकर आम जनता से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ये आरोपी चिट फंड के नाम पर प्राइवेट कंपनी खोलकर लोगों का पैसा एफडी और आरडी के जरिए इन्वेस्ट करते थे और मोटी रकम देने का लालच देते थे। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में गिरफ्तार ये आरोपी चिट फंड के नाम पर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलकर लोगों का पैसा एफडी और आरडी के नाम पर इन्वेस्ट करते थे और एजेंटों के माध्यम से जगह जगह कंपनी खोलकर महंगा ब्याज दर देने का वादा करते थे। इसी तरह आम जनता से लगभग लाखों रुपए जमा कराए गए। लेकिन जनता के पैसे वापस मांगने पर पैसा वापस न कर ठगी की गईऔर आरोपी कंपनी को बंद कर फरार हो गए। जब पीड़ित ने फोन पर उनसे पैसा मांगा तो उन्हे गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई। जिसके बाद पीड़ित ने इसकी जानकारी एसएसपी को दी। एसएसपी ने एक विशेष टीम का गठन किया और पुलिस की विशेष टीम ने ठगी करने वाले दो आरोपी सुनील कुमार और भगवान दास को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जानकारी देते हुए सीओ वीर सिंह ने बताया कि 2022 में ये मामला संज्ञान में आया था। इसमें 6 लोगों के नाम थे जिनमें से 2 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य आरोपियों की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही उन्हे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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कार ने बस को खाई में गिरने से बचाया केंपटी फॉल से देहरादून आ रही पर्यटकों की बस अनियंत्रित हो गई कार से टकरा गई जिसमें पर्यटकों की कार क्षतिग्रस्त हो गई। बस कार से नहीं टकराती तो उसके खाई में गिरने का अंदेशा था। लाइब्रेरी चौक पर ढाल उतरते ही पर्यटकों की बस के ब्रेक फेल हो गए और वो आगे जा रही पर्यटकों की कार से टकरा गई और बस वही पर रुक गई अन्यथा कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। बस न रुकने की स्थिति में खाई में भी गिर सकती थी। पंजाब से आए पर्यटक रजनीश कुमार ने बताया कि वह मसूरी घूमने आए थे और लाइब्रेरी चौक के पास अचानक पीछे से आ रही बस उनकी कार से टकरा गई हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आई। लेकिन कार क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने कहा कि यदि बस उनकी कार से नहीं टकराती तो आगे जाकर गहरी खाई में गिर सकती थी |
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हत्या और गुमशुदा हुए संतों की सीबीआई जांच हो अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द कर अपनी निजी संपत्ति अर्जित करने के मामले में अखाड़ा परिषद ने चार संतों के खिलाफ कार्रवाई की है और उन्हें अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया है। जिससे अब संतों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। हरिद्वार के पंचायती अखाड़ा परिषद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार संताों को अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया है। ये कार्रवाई अखाड़ा परिषद ने अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द कर अपनी निजी संपत्ति अर्जित करने के मामले में की गई है। इस मामले में निष्कासित हुए संतों में महंत रघु मुनि, महंत दामोदर दास,महंत दर्शन दास और महंत अग्रदास के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। लेकिन अब इस कार्रवाई से विवाद शुरू हो गया है और इस मामले में सभी अखाड़े एक होते दिखाई दे रहे हैं जबकि विवाद खड़ा करने वाले संत अलग थलग होते दिखाई दे रहे हैं। वहीं इस मामले की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि जिन संतों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उन्हे बिना किसी विवाद के निकल जाना चाहिए और अब तक संतों की जो हत्याएं हुईं है। उनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिससे अखाड़े में शामिल अराजकतत्वों का पहचान हो सके। वहीं इस मामले पर श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा के संत श्री महंत दुर्गादास का कहना है कि अब तक संतों के साथ हुई घटनाओं की सीबीआई जांच इसलिए जरूरी है कि जिससे ऐसे अपराधियों का पता चल सके। जो अखाड़े की संपत्ति को हड़पने की कोशिश करते हैं और संपत्ति के लिए हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
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हाईकोर्ट ने पुलिस को दिए सुरक्षा के आदेश उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अंसल वैली पीड़ित को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने अंसल वैली पीड़ित सचिव प्रवीण भारद्वाज को सुरक्षा देने के आदेश प्रशासन को दिए हैं। इस आदेश पर प्रवीण भारद्वाज ने कोर्ट का धन्यवाद करते हुए ख़ुशी जाहिर की। अंसल वैली पीड़ित सचिव प्रवीण भारद्वाज ने बीजेपी पार्षदों की गुंडागर्दी के खिलाफ शासन-प्रशासन सभी से गुहार लगा ली है। लेकिन कोई भी उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। पीड़ित के परिवार को पार्षदों के गुंडों से खतरा है। जिस कारण सचिन भारद्वाज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस को उनके परिवार को सुरक्षा देने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के इस आदेश पर प्रवीण ने कहा की पुलिस उनके परिवार को राजनीतिक दबाव के कारण सुरक्षा नहीं दे रही थी। अब कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें सुरक्षा मिलने का भरोसा है।
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नृत्यांगना को गोद में उठाकर कर रहा था डांस सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद तैनात व्यक्ति नशे की हालत में धुत होकर शादी में नृत्य करने आई नृत्यांगना को गोद में उठाकर जमकर डांस कर रहा है। यह मामला छतरपुर के एक शादी समारोह का है। जिसमें शासकीय माध्यमिक शाला के प्रभारी प्रधानाध्यापक राममिलन लोधी नृत्यांगना को गोद में उठाकर अश्लील डांस कर रहे थे। किसी युवक ने उनके डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया।जो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ़ दिख रहा है की प्रभारी प्रधानाध्यापक किस तरह से झूमते हुए अश्लील हरकतें कर रहें है और सबके सामने मनमानी पर उतारू हो रहे हैं। जब प्रधानाध्यापक ने नृत्यांगना को गोद में उठाया तो इस अश्लील हरकत पर नृत्यांगना घबरा गई और उसने राममिलन को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए नाराजगी भी जताई है। अब देखना यह होगा कि प्रधानाध्यापक पर शिक्षा विभाग क्या करवाई करता है।
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प्रशासन की टीम ने छापा मारकर करवाई की रुद्रपुर जिला प्रशासन और जिला पंचायत की संयुक्त टीम ने सिंगल यूज प्लास्टिक निर्माता फैक्टरी पर छापा मारकर प्लास्टिक गिलास के 4300 बंडल बरामद किए। प्रतिबंध के बावजूद फैक्टरी में कई साल से अवैध रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन किया जा रहा था। प्रशासन ने करवाई करते हुए फैक्ट्री को सील कर दिया है। जिला प्रशासन और जिला पंचायत की संयुक्त टीम जब खुशबू इंडस्ट्री के नाम से चल रही फैक्ट्री पर छापा मारने पहुंची तो फैक्टरी के मुख्य गेट पर ताला लगा था। टीम फैक्टरी के पिछले दरवाजे से अंदर गई। तो वहां पर काम कर रहे लोग फैक्टरी के पिछले गेट से भागने लगे। जिन्हें टीम ने रोक लिया और उनसे पूछताछ की इस करवाई को लेकर एडीएम जयभारत सिंह ने बताया की कुछ दिन पहले फैक्टरी में सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण की सूचना मिली थी। सुचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। करवाई के दौरान फैक्टरी से प्लास्टिक गिलास के 4300 बंडल से लेकर सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने में उपयोग होने वाले कई सामान बरामद किये गए है।
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पटवारी के कारनामों की तहसीलदार ने की जाँच ग्रामीण और किसानों ने एक घूसखोर पटवारी की शिकायत कलेक्टर से की थी। जिसके बाद पटवारी के कारनामों की जांच शुरू हो गई है। पतवारो पर आरोप है वो हर काम के बदले लोगों से रुपये मंगीति है। आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत मौहारी के पोषक ग्राम खितौली के ग्रामीणों ने विगत दिनों पटवारी राकेश मरावी पर कार्य के बदले दो - दो हजार रू लेने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की साथ ही कृषकों ने पटटेदार भूमि का गलत सीमांकन करने के भी गंभीर आरोप पटवारी पर लगया। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए नायब तहसीलदार ग्राम पंचायत मौहारी पहॅुचे और मामले की जाँच की नायब तहसीलदार ने बताया जाॅच के बाद जो भी तथ्य सामने आयेंगे,उसी के आधार पर संबंधित के विरूध्द कार्यवाही की जाएगी।
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ग्रामीणों में मची डीजल लूटने की होड़ जबलपुर अमरकंटक नेशनल हाइवे पर अचानक बेकाबू हुआ डीजल टैंकर पलट गया। इस हादसे में टैंकर चालक घायल हो गया। वहीँ ग्रामीणों में डीजल लूटने की होड़ मच गई और जान जोखिम में डाल कर लोग बर्तनों में डीजल भरते नजर आये। डिंडोरी के शहपुरा थानाक्षेत्र में सरवाही गाँव के पास डीजल से भरा टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गया ,हादसे में घायल चालक को उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया है। टेंकर डीजल लेकर बेनीबारी जा रहा था लेकिन बीच रास्ते मे हादसे का शिकार हो गया। वहीं टेंकर से डीजल के रिसाव की वजह से ग्रामीण अपने अपने घरों से बर्तन लेकर आ गए और बहते डीजल को भरकर ले जाने में जुट गए। घटना की खबर के बाद शहपुरा पुलिस मौके पर पहुंची और डीजल ले जा रहे ग्रामीणों को मौके से भागने में पुलिस को मशक्कत करना पड़ी। घटना के बाद नेशनल हाइवे में बड़ी देर तक जाम की स्थिति निर्मित रही।
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अचानक ब्रेक फेल होने से बस हो गई थी अनियंत्रित मसूरी से देहरादून जाते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम की एक बस के अचानक ब्रेक फेल हो गए। बस में सवार चालीस लोगों की जान खतरे में पड़ गई। ऐसे में बस चालक ने सूझबूझ से काम लिया और बस को एक पहाड़ी मार्ग पर चढ़ा के रोक लिया। मसूरी से बस मात्र 50 मीटर ही आगे बढ़ी होगी कि बस के ब्रेक फेल हो गए। चालक की सूझबूझ से बस को पहाड़ी पर संपर्क मार्ग पर चढ़ा कर बस में मौजूद यात्रियों की जान बचाई गई। बस में लगभग 40 यात्री सवार थे यदि बस चालक सूझबूझ का परिचय नहीं देता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। उत्तराखंड परिवहन द्वारा मसूरी देहरादून मार्ग पर पुरानी बसों का संचालन किया जाता है। इससे पूर्व भी कई बार बस के ब्रेक फेल हो चुके हैं और परिवहन विभाग अब तक नींद से नहीं जागा है। जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है वही पर्यटकों की जान से भी खेला जा रहा है। ऐसा लगता है उत्तराखंड परिवहन निगम कुंभकर्णी नींद में हो और किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।
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तीन घंटे की मशक्कत के बाद बचा भालू जंगली भालू के अचानक गाँव में आने से दहशत फ़ैल गई। ग्रामीणों ने इसकी सुचना वन विभाग की टीम को दी। जब वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने पहुंची तो भालू कुएं में जा गिरा। घंटो की मशक्कत के बाद उसे बचाया जा सका। यह मामला छतरपुर का है। रेंजर विनोद अवस्थी ने बताया की भालू के गाँव में आने की खबर जैसे ही हमें मिली। हम लोगों ने गाँव में पहुंचकर भालू को रेस्क्यू करना चाहा। लेकिन भालू दौड़ते हुए कुये में जा गिरा। 3 घंटे की मशक्कत के बाद भालू को कुएं से बाहर निकाला गया। भालू को पन्ना नेशनल पार्क के जंगल मे छोड़ा गया।
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बस स्टैंड पर बिक रही है अवैध शराब सोशल मीडिया पर लगातार अवैध शराब की बिक्री के वीडियो वायरल होने के बावजूद भी अभी तक शराब माफियाओं पर अंकुश लगाने में आबकारी और पुलिस विभाग नाकामयाब रहा है। लोगों का मानना है की पुलिस और आबकारी विभाग भी इन शराब तस्करों से मिला हुआ है। डिंडोरी में जगह-जगह अवैध शराब की ब्रिकी हो रही है। इसके बावजूद भी शराब माफियाओं पर शासन-प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कस रहा है। डिंडोरी बस स्टैंड पर कई शराब माफियाओं ने अपनी दुकानें खोल रखी हैं। जिससे वहां पर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। आने-जाने वाले यात्रियों को इससे खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय निवासियों कहना है की इन माफियाओं को पुलिस और आबकारी विभाग का संरक्षण मिला हुआ है। जिससे यह अवैध शराब की बिक्री करते हैं। शराब ठेकेदारों के गुर्गों द्वारा डिंडेरी में भारी मात्रा में अवैध शराब पहुंचाई जाती है।
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घोड़े पर बैठे दलित दूल्हे पर पत्थरबाजी दलित समाज के लोगों को हीन भावना से देखने वाले दबंगो ने पुलिस की मौजूदगी में दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस बल ने दूल्हे को घोड़े पर बैठाकर बरात भी निकलवाई और शादी की सभी रस्मों पूरा करवाया। इस मामले में पचाल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। छतरपुर के चौरई गांव में दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठने से दबंगो ने पथराव कर दिया। इस दौरान मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस बल पर भी दबंगों ने पथराव कर दिया। जिससे इस पथराव में तीन पुलिस वाले घायल हो गए। वहीं विवाद की खबर भीम आर्मी के लोगों को मिलने पर मौके पर पहुंचे भीम आर्मी के लोग भी अधिक आक्रोशित दिखे। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल ने मामले को शांत कराकर शादी की सभी रस्में करवाई और पूरी बारात में भी पुलिस बल मौजूद रहा। वहीं इस मामले की जानकारी देते हुए एसपी अमित सांघी ने कहा कि दलित दूल्हे पर पथराव की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर पुलिस बल ने मामले को शान्त कराया। इसके साथ ही बारात से लेकर विदाई तक पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा और इस घटना को अंजाम देने वाले 50 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
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किसानों की राहत राशि के पैसे को खा गए एक तो वैसे ही मौसम की मार से किसानों की फसल खराब हो गई थी। जैसे-तैसे उन्हें सरकार की तरफ से राहत के रूप में थोड़ी सी मदद मिली थी। उसे भी कुछ भ्रष्टाचारी पटवारी डकार गए। पटवारियों ने किसानों की राहत राशि के करोड़ो रुपये अपने करीबियों के खाते में डलवा दिए। मामले का खुलासा होते ही कई पटवारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह मामला देवास जिले का है। जहां 35 पटवारियों ने किसानों को करोड़ों का चूना लगाया। सरकार की तरफ से 2019-18 से 2021-22 तक जो राहत राशि किसानो के लिए भेजी गई थी। उस राशि को पटवारियों ने अपने करीबीयो के खाते मे डलवा लिए। पटवारियों ने करीब 1करोड़ 61 लाख रु की राशि का गबन किया। एडीएम महेंद्र कवचे ने इस मामले में कहा की ग्वालियर से महालेखाकर की टीम आई हुई थी। जिन्होंने इस घोटाले के बारे में बताया। अभी तक की करवाई में 1 करोड़ 10 लाख की राशि इन पटवारियों से वसूली जा चुकी है। बकाया राशि भी वसूल ली जएगी। इस मामले में 8 पटवारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
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व्यापारी को धमकी देने वाले दो गिरफ्तार कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के नाम से व्यापारी को धमकी देने का मामला सामने आया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर हरिद्वार के हार्डवेयर व्यापारी संतोष महेश्वरी से रंगदारी मांगने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में धमकी देने वाले दो बदमाशों वीरेंद्र उर्फ छोटा सुनार और गोविंद बाबा को गिरफ्तार किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी अजय सिंह ने पुलिस और सीआईयू की विशेष टीमों का गठन कर जल्द मामले के खुलासे के निर्देश दिए थे। संतोष महेश्वरी के मोबाइल पर कॉल करते हुए धमकी देते हुए रंगदारी के तौर पर 20 लाख रुपए का सोना मांगा गया था। ऐसा ना करने पर हत्या करने की धमकी दी गई थी। ये धमकी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी दी गई थी।
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अस्पताल में नहीं है सीसीटीवी कैमरा , पुलिस नहीं पकड़ पाई इन चोरों को जिला अस्पताल में चोरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। अस्पताल के वार्डों में सीसीटवी कैमरा न होने के कारण चोर दिन-दहाड़े मोबाइल चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे है। पुलिस भी चोरों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। डिंडोरी जिला अस्पताल में लंबे समय से मोबाइल चोरों का आतंक बढ़ा हुआ है। अनेकों बार मोबाइल चोरी की घटनाओं के घटित होने से पीड़ितों ने शिकायते दर्ज कराई थी। लेकिन अभी तक जिला अस्पताल से मोबाइल चोरी की घटनाओं में अंकुश नहीं लग सका है। चोर बिना भय चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे है। अस्पताल में अपना ईलाज करवाने आए गुलाब सिंह ने बताया की मुझे मेल वार्ड में भर्ती किया गया था। मेरे सिर के पास मोबाइल रखा हुआ था। जिसे अज्ञात चोर ने चुरा लिया। मैं पहले से ही अपनी बीमारी को लेकर वैसे ही परेशान हूं और मोबाइल चोरी हो गया है। अब मैं परिवार के लोगों से संपर्क भी नहीं कर पा रहा हूं। वही रक्तदान परिवार संचालक अतुल जैन ने कहा की स्वास्थ्य विभाग को जो फंड मिला है उस फंड से हर वार्ड में कैमरे लगना चाहिए। आज अगर वार्ड में कैमरे लगे होते तो लोगों के मोबाइल चोरी नहीं होते। लेकिन यह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। जिसका भुगतमान मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग को तत्काल चोरी के मामले पर संज्ञान लेते हुए वार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगवाना चाहिए।
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जानवरों की तस्करी करने वाले 8 आरोपी गिरफ्तार जानवरों के खालों की तस्करी करने वाले तस्करों को गिरफ्तार कर वन विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग की टीम ने अलग अलग ठिकानों पर दबिश देकर आठ तस्करों को गिरफ्तार किया है। डिंडोरी जिले में टाइगर स्ट्राइक फोर्स और जबलपुर की वन विभाग की टीम ने मिलकर कई अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी। इस दौरान टीम को संरक्षित वन्य जीव बाघ और तेंदुआ की खाल बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसके साथ ही इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमे पूर्व सरपंच, सरपंच के पति और शिक्षक सहित अन्य सफेदपोश भी शामिल हैं।
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मौके से हजारों की संख्या में नकली सीमेंट की बोरी जब्त नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए एसटीएफ की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर हजारों की संख्या में नकली सीमेंट की बोरियों को जब्त किया। इसके साथ ही मौके पर फैक्ट्री संचालक के मुंशी को गिरफ्तार कर एसटीएफ घपले में शामिल लोगों की पूछताछ कर रही है। उत्तराखंड के काशीपुर मे पुलिस और एस टी एफ़ की टीम ने नकली सीमेन्ट बनाने वाली फ़ैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए। मौके से हजारों की संख्या में नकली सीमेंट की बोरियां ,उपकरण और सीमेंट से लदे वाहनों को पकड़ने मे बडी कामयाबी हासिल की है। वहीं काशीपुर पुलिस ने धोखा धड़ी और कॉपी राइट सिमेन्ट बनाने के मामले में फ़ैक्ट्री सन्चालक खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जानकारी देते हुए एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री की सूचना मिलने पर हमारी टीम ने मौके पर पहुंचकर दबिश दी। इस दौरान मौके पर उपस्थित फैक्ट्री के मुंशी कमल सागर को गिरफ्तार कर लिया गया। जो की फैक्ट्री की देखभाल करता था। वहीं एसपी ने बताया कि मौके पर पहुंचे। सीमेंट के अधिकारियों ने जांच मे बताया कि इन पर कम्पनी का बैच नम्बर और एम आर पी गलत है। इससे फैक्ट्री की धोखा धड़ी साफ नजर आती है। एसपी ने बताया कि जल्द ही फरार चल रहे फैक्ट्री संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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युवक से पैसे के लेनदेन को लेकर हुआ था विवाद एक युवक की चार लोगों ने मिलकर बड़ी ही बेहरहमी से हत्या कर दी। युवक की हत्या पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के चलते हुई। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। हत्या का यह मामला सिंगरौली का है। थाना प्रभारी शंखधर द्विवेदी ने बताया कि गौतम नामक व्यक्ति का अपने मोहल्ले में रहने वाले विष्णु और देवा से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था और यह विवाद इतना बढ़ा की विष्णु और देवा ने अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर गौतम की लाठी डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद यह सभी आरोपी अलग-अलग जगह छुप गए थे। पुलिस ने इन सभी आरोपियों की तलाश करके उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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युवक ने धीरेन्द्र शास्त्री पर की आपत्ति जनक पोस्ट मुसलमान युवक जावेद अली ने फेसबुक पर बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर आपत्ति जनक पोस्ट की थी। पुलिस ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए युवक को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला हरिद्वार का है। जावेद अली नाम के युवक ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को अपशब्द कहकर उसका वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया। युवक का वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। पुलिस ने इस वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जावेद को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसका मोबाइल भी जब्त कर प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेज दिया।
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खाता धारक के अकाउंट से निकाले पैसे बैंक में खाताधारक से 5 लाख की ठगी करने वाले बैंककर्मी को पुलिस धर दबोचा। बैंककर्मी ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी हस्ताक्षर करके खाताधारक के खाते से 5 लाख रुपये निकाल लिए थे। पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला हरिद्वार का है। जहां कनखल निवासी व्यक्ति के खाते से बैंक कर्मी ने फर्जी हस्ताक्षर करके पांच लाख की राशि निकाल ली। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उनके पास से 4 लाख रुपये बरामद किये।
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पत्नी के विरोध करने पर मुंह दबाकर मार डाला हरिद्वार से हत्या का मामला सामने आया है। जहां आरोपी पति ने अपनी दूसरी शादी के लिए पहली पत्नी के मना करने पर पत्नी का मुंह दबाकर मौत के घाट उतार दिया। हरिद्वार के ऐथल गांव में एक पत्नी के होते हुए पति दूसरी शादी करने जा रहा था। लेकिन दूसरी शादी के लिए पत्नी के मना करने पर आरोपी पति ने पत्नी का मुंह दबाकर मौत के घाट उतार दिया। इस मामले की जानकारी मिलने पर महिला के भाई अजीम ने पुलिस में शिकायत की इस दौरान पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पति को 24 घंटे के अन्दर गिरफ्तार कर लिया।
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स्वीमिंग पूल में डूबने से मासूम की मौत कटनी के होटल राघव रीजेंसी के स्वीमिंग पूल में डूबने से एक साल साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है ऐसे में होटल की सुरक्ष व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। राघव रीजेंसी के स्वीमिंग पूल में डूबने से एक मासूम की मौत हो गई। ये बच्चा नहाने के लिए पूल में गया था। घटना की जानकारी मिलते ही एनकेजे थाना पुलिस मौके पर पहुंची और इस मामले की तफ्तीश शुरू की मृतक बच्चे के परिजन घटना के बाद से सदमे मे है। टीकमगढ़ निवासी सात साल का अर्थव गुप्ता कटनी अपनी नानी के यहां छुट्टी मनाने आया था और अपनी मां और मौसी के साथ राघव रीजेंसी स्थित स्वीमिंग पूल नहाने गया था। परिजनों का कहना है कि काफी देर नहाने के बाद जब बालक पूल से बाहर नही निकला तो परिजनों को आशंका हुई। पानी से निकाल कर मासूम को अस्पताल ले जाय गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्चे के परिजनों नें कहा कि राघव रीजेंसी स्थित पूल में न ही कोई सिक्योरिटी गार्ड है और ना ही कोई ध्यान देने वाला ऐसे में पूल में नहाने वालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जवान की मौत से परिवार को पहुंचा गहरा सदमा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात जवान की गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जवान की मौत से उसके गृह क्षेत्र में शोक की लहर है।अपने बेटे को खोने के बाद माता-पिता को गहरा सदमा लगा है। क्षेत्रवासियों ने मांग की है की जवान की मौत की जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात जवान प्रमोद रावत की सर्विस गन साफ करते समय चली गोली से मौत हो गई। प्रमोद अगरोड़ा गांव के रहने वाले थे। प्रमोद के गांव के हेमंत बिष्ठ ने बताया कि प्रमोद के घर में उसके माता -पिता ही रहते हैं। पिता मातबर सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं। साथ ही उनकी अगरोड़ा बाजार में कपड़े की दुकान है। ग्रामीण हेमंत बिष्ठ ने कहा की पुलिस प्रशासन क्यों जल्दबाजी में इस पूरे घटनाक्रम को आत्महत्या का रूप दे रहा है। प्रमोद रावत की मृत्यु की जांच रिटायर जज की अध्यक्षता में कराई जाए। जिससे इस घटना का खुलासा हो सकेगा।
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मूंग की फसल से लहलहाते खेत को बताया खाली मध्य प्रदेश सरकार फसलों को बढ़ावा देने के लिए समर्थन मूल्य पर अधिक राशि अदा करके किसानों से उपज खरीदती है ताकि अन्नदाता की उन्नति हो सके और उपज के मामले में प्रदेश को देश एवं विश्व में अलग पहचान मिल सके लेकिन सरकार की इस मंशा पर अधिकारी कर्मचारी पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते.. सक्रिय बिचौलियों के इशारे पर गिरदावरी चढ़ाने का कार्य कर रहे पटवारी ने मूंग की फसल से लहलहाते खेत को ही खाली बता दिया किसानों की गिरदावरी में गड़बड़ी करने का मामला कटनी जिले के बड़वारा तहसील क्षेत्र से सामने आया है जहां पटवारी ने गिरदावरी चढ़ाने में बड़ी गड़बड़ी करते हुए बिना जांच किए ही मूंग की फसल से लहलहाते खेत को ही खाली बता दिया इस मामले से पीड़ित किसान सुनील कुमार साहू ने कहा कि. मेरे 4 एकड़ के खेत पर मूंग की फसल लगी हुई है इसके बावजूद भी पटवारी ने बिना खेत का निरीक्षण किए ही गिरदावरी में खेत को खाली दर्शा दिया इस मामले पर किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष सोने लाल साहू ने कहा कि ऐसे क्षेत्र में कई किसान हैं जिनकी गिरदावरी अभी तक नहीं चढ़ी है मैने तहसीलदार से इस मामले की शिकायत की है अधिकारी सही तालमेल बनाकर किसानों के साथ काम नहीं कर रहें हैं.. ये विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है मामले पर बड़वारा नायब तहसीलदार सुनीता मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरदावरी पर गड़बड़ी होने की शिकायत प्राप्त हुई है पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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किसान यूनियन के सदस्य ने लगाया आरोप बंगली एकता मंच के संस्थापक एवं भारतीय किसान यूनियन के सदस्य सुब्रत विश्वास ने हल्द्वानी एसडीएम पर आरोप लगाया और कहा की एसडीएम ने उनके साथ मारपीट की और बंगाली समाज की महिलाओं के साथ अभद्रता की सुब्रत विश्वास ने मांग की है की एसडीएम को उसके पद से हटाया जाए नहीं तो बंगाली समाज उग्र आंदोलन करेगा बंगली एकता मंच के संस्थापक सुब्रत विश्वास ने कहा कि एसडीएम मनीष कुमार की मौजूदगी में अतिक्रमण के नाम पर बंगाली समाज के लोगों को बेघर किया जा रहा था जब वह अपने रिश्तेदारों के घरों से सामान निकाल रहे थे तब एसडीएम ने उनके साथ बदसलूकी कर मारपीट की और महिलाओं के साथ भी अभद्रता की सुब्रत विश्वास ने कहा कि एसडीएम के कहने पर ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और उन्हें निजी मुचलके पर रिहा किया. मारपीट के कारण उन्हें गंभीर चोटें आई है अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा है सुब्रत विश्वास ने कहा कि एसडीएम द्वारा जिस तरह से अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है वह निंदनीय है राज्य सरकार एसडीएम के खिलाफ सख्त से सख्त करवाई करें नहीं तो बंगाली समाज आंदोलन करेगा।
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सड़कों पर घसीटा महापौर का पुतला कटनी नदी को नाले में तब्दील होने से बचाने के लिए आम आदमी पार्टी आंदोलन कर रही है आप नेताओं ने इस मसले पर महापौर के पुतले को सड़कों पर घसीटा और नदी ने निकाल के लाये गौए कचरे को नगर निगम कार्यलय के सामने फैंका पिछले कई सालो से कटनी नदी की स्थित बिगड़ती जा रही अब कटनी नदी नाले में तब्दील हो रही है नदी की साफ सफाई को लेकर कई बार नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन से मांग की जा चुकी है लेकिन निगम प्रशासन और जिला प्रशासन इस और ध्यान ही नही दे रहा ऐसे में आम आदमी पार्टी ने कटनी नदी के लिए आंदोलन शुरू किया है आप नेताओं ने गंदे नाले में परिवर्तित हुई कटनी नदी का कचरा गाड़ी में भरा और महापौर का पुतला घसीटते हुए नगर निगम कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्हे पुलिस ने गेट पर ही रोक लिया आप नेताओं ने नदी का गंदा कचरा नगर निगम कार्यालय के सामने फैलाकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द नदी की साफ सफाई किये जाने की मांग की।
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रिवर ट्रेनिंग की आड़ में अवैध खनन माफिया अवैध खनन कर धरती का सीना चीरने से बाज नहीं आ रह है। वहीँ प्रशासन इस सब से बेखबर है। खनन का यह काम माफिया रिवर ट्रेनिंग की आड़ में कर रहा है। इस सब का जायजा लिया दख़ल न्यूज़ की रिपोर्टर आरती वर्मा ने। रिवर ट्रेनिंग की आड़ में प्रतिबंधित भाग सुसवा नदी में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। खनन माफिया रात दिन अपना काम कर रहा है। लेकिन सरकारी तंत्र इस सब से आँखें बंद किये बैठा है। खनन माफियाओं को प्रशासन का कोई खौफ नहीं है और प्रशासन को इस बात की चिंता नहीं है कि इससे राज्य सरकार को लाखों के राजस्व की प्रतिदिन हानि हो रही है या पर्यावरण को इससे कितना ख़तरा पैदा हो रह है। डोईवाला तहसील में सुसवा नदी में रिवर ट्रेनिंग के नाम पर चुगान की स्वीकृति दी गई है। लेकिन वहीं दूसरी ओर देखने को मिल रहा है कि प्रतिबंधित सुसवा नदी में रात दिन अवैध खनन लाया जा रहा है। इस बात की शिकायत नदी से तहसीलदार को फोन के जरिये दी गई। घंटों बीत जाने के उपरांत भी अवैध खनन माफिया अवैध खनन करते रहे। लेकिन तहसीलदार डोईवाला द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे लगता है। यहाँ दाल में काला नहीं पूरी दाल ही काली है।
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जीरो टार्लेंस पर भारी हैं डिंडोरी के शराब माफिया डिंडोरी में शराब माफिया सरेआम अवैध शराब का कारोबार कर रहा है। प्रशासनिक अमला या तो इस सब में मूकदर्शक बना रहता है या शराब सिंडिकेट के सामने नतमस्तक नजर आता है। आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी अवैध शराब कारोबार करने वालों के लिए इतना मुफीद है कि माफिया के आगे प्रशासन भी मूक दर्शक बना नजर आता है। प्रतिबंध के बावजूद जिला मुख्यालय पर अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफिया बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे है। जिसका नजारा राज्य परिवहन बस स्टैंड पर देखने मिल जाता है। शाम होते ही यहां जाम से जाम छालकाने का दौर शुरू हो जाता है जो देर रात तक चलता रहता है। शराब माफिया के गुर्गे बेरोकटोक दो पहिया वाहन से शराब की खेप हाथ ठेलो और गुमटियों तक पहुंचाते है। प्रशासनिक तंत्र को इसकी जानकारी नहीं है या वो जानबूझकर शराब तस्करी को अनदेखा कर रहा है। उल्लेखनीय विषय यह है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान घोषणा की थी कि नर्मदा तट के किनारे 5 किलो मीटर की परिधि में बसे शहरों में शराब बिक्री नहीं की जायेगी और इसके बाद से शराब के ठेके बंद कर दिए गए थे। पर इस आदिवासी बाहुल्य जिले में शिवराज सिंह के आदेशों पर अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफिया भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।
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पुलिस ने किया दंपत्ति से बच्चा बरामद मदद का भरोसा देकर एक निसंतान दंपत्ति ने एक बच्चे को चुरा लिया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने मामले की तफ्तीश कर बच्चे को आरोपी दम्पति के पास से बरामद कर लिया है। हरिद्वार में अपनी पत्नी की खोज में अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे विनायक के साथ आये रोहतास सिंह को एक दंपत्ति ने उनकी पत्नी को खोजने में मदद का भरोसा दिलवाया और मौका देखकर उसका बच्चा चुरा ले गए। मामला पुलिस तक पहुंचा तो इस सेंसेटिव मामले में SSP हरिद्वार ने पुलिस एवं CIU की संयुक्त टीम गठित कर बच्चे की तलाश शुरू करवाई। ऐसे में पुलिस को कामयाबी मिली और आरोपी दंपत्ति को गिरफ्तार कर चोरी किये गए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया। आरोपी दंपत्ति ने बताया कि उनके कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने बच्चा चुराया। पुलिस टीम के इस तेज एक्शन की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।
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बस लूटने की वारदात को देने वाला था अंजाम एक लाख बीस हजार के ईनामी अर्न्तराज्यीय बदमाश गैंग को दतिया पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये बदमाश बस लूटने वाले थे। उससे पहले ही पुलिस ने इसे धार दबोचा। इस गैंग ने पिछले वर्ष डॉ गुलशन के यहॉ डकैती डाली थी। उसके बाद थाना बडौनी क्षेत्र में महिला के गले से हार लूटा था। ये बस लूटने की वाले थे कि केतवाली पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। ग्वालियर हाईवे पर हड़ा पहाड के पास यह गैंग बस लूटने के घटना के लिए रैकी कर रहा था। तभी दतिया पुलिस अघीक्षक प्रदीश शर्मा के निर्देश पर दो टीमों ने क्षैत्र की घेरा बंदी की और पांच हथियार बंद बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया आरोपी अर्न्तराज्यीय बदमाश हैं। बदमाश आकाश अहिरवार के पास से पुलिस ने 315 बोर का कट्टा 3 जिदां कारतूस जप्त किये। दूसरा आरोपी अख्तर लक्षकार से 315 बोर का कट्टा 03 जिदा राउण्ड जप्त किए गए। तीसरे आरोपी मौनू चौथा आरोपी उमेश परिहार और पांचवा अजय कुशवाहाहै आरोपियों ने स्वीकार किया यदि पुलिस मात्र कुछ मिनिट चूक जाती तो यह बस में डकैती की योजना अंजाम दे देते। सभी आरोपियों पर पुलिस ने एक लाख तीस हजार का ईनाम घोषित किया हुआ था।
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बोल्ट टूट कर टायर फिकने से मजदूर की मौत छतरपुर से एक अजीब से हादसे की खबर है। जहाँ जेसीबी के पहिए का टायर खोलने के दौरान नट टूट जाने के कारण टायर फिक गया। जिस कारण एक युवक की मौत हो गई। यह हादसा सीसीटीवी में कैद हो गया है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत नया चंद्रपुरा में बुधौलिया क्रेशर पर जेसीबी में मैकेनिक का काम कर रहे मजदूर की अचानक बोल्ट टूट कर टायर फिकने से मौत हो गई। मजदूर जेसीबी के पीछे के पहिए का टायर खोला हा था इस दौरान नट टूट जाने के कारण टायर फिक गया। जिस कारण से उसकी मौत हो गई। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। पुलिस के द्वारा मर्ग कायम करते मामले की जाँच शुरू कर दी है।
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गहरी खाई में गिरने से युवती की मौत स्कूटी सवार युवती के अचानक स्कूटी पर नियंत्रण खो देने से युवती गहरी खाई में जा गिरी। जिस वजह से उसकी मौत हो गई। ओल्ड मसूरी रोड पर रामतीर्थ आश्रम के निकट स्कूटी सवार एक युवती गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय लोगों की मदद से युवती को खाई से निकाला गया और 108 की मदद से उसे जिला चिकित्सालय देहरादून भेजा गया। जहां पर उपचार के दौरान युवती की मौत हो गई। सहस्त्र धारा निवासी रिया प्रजापति निवासी कोठालगेट से राजपुर की ओर जा रही थी तभी स्कूटी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय निवासी सुल्तान सिंह ने बताया कि यहां पर हर माह वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं और लोक निर्माण विभाग को कई बार इस संबंध में पत्र भी दिया गया है। लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं की गई और फिर हादसा हो गया।
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सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया देश के चर्चित पहलवान गंगा में अपने मेडल बिना बहाये ही बैरंग वापस हो लिए हैं। किसान नेता नरेश टिकैत के कहने पर ये पहलवान वापस लौटे हैं। इससे पहले इन्हें हरिद्वार के स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। स्थानीय लोगों ने पहलवानों से कहा गंगा राजनीति करने की जगह नहीं हैं। यहां से वे वापस जाएँ। तस्वीरें हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट की है। जहाँ पहलवान मेडल बहाने पहुंचे थे। पहलवानों को हरिद्वार के लोगों ने खरी खोटी सुनाई और कहा गंगा राजनीति करने की जगह नहीं है ये धर्म क्षेत्र है। इसके बाद किसान नेता नरेश टिकैत हरिद्वार पहुँचे और पहलवानों से बातचीत की काफी देर की मान मुनव्वल के बाद खिलाड़ियों ने सभी मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिये। नरेश टिकैत पहलवानों कोअपने साथ ले गए। अब मुजफ्फरनगर में होने वाली खाप पंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। रेसलर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और संगीता सहित उनके कई समर्थक पहलवानों के साथ हर की पैड़ी पर अपने मैडल प्रवाहित करने के लिए पहुंचे थे। खिलाड़ी हर की पैड़ी पर पहुंचे और काफी देर तक मौन बैठे रहे। नरेश टिकैत ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ ज्यादती हो रही है। खिलाड़ी उसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इस से निराश होकर उन्होंने मेडल वापस करने का निर्णय लिया था। सरकार को यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करना चाहिए। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैट ने सरकार को पांच दिन का समय दिया हैमालवीय घाट पर पहुंचने के बाद पहलवानों के आंखों से आंसू झलक गए। पहलवान सिर पर कपड़ा रखकर रोने लगे। पहलवानों के साथ कांग्रेसियों कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ थी। हालांकि, इससे पहले गंगा सभा के पदाधिकारियों ने पहलवानों से आह्वान किया था कि वे अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित न करें श्रीगंगा सभा की ओर से कहा गया है कि खिलाड़ी आए, पूजा करें, आरती में सम्मलित हो। गंगा सभा स्वागत करेगी लेकिन हरकी पैड़ी को राजनीतिक अखाड़ा न बनाए। इधर पहलवान समर्थकों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है और ब्रिज भूषण पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
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प्रियंक कानूनगों ने की पुलिस में शिकायत मध्यप्रदेश के कटनी में एक मिशनरी संस्था में बच्चों को ईसाई बनाने का काम चल रहा था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इसकी भनक लगी तो आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले का खुलासा किया और इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई। बच्चों से जोर-जबर्दस्ती कर ईसाई प्रार्थना करवाने और उन्हें धीरे धीरे ईसाई बनाने का का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत बच्चों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से की थी। शिकायत मिलने पर प्रियंक कानूनगो कटनी पहुंच और झिंझरी स्थित एक मिशनरी संस्था का औचक निरीक्षण किया। वहां के बच्चो ने बताया की लंबे समय से एससी-एसटी के बच्चों को स्कूल में खेल से लेकर पढ़ाई-लिखाई में परेशान करते हुए क्रिश्चिन प्रार्थना करवाने का दबाव डाला जा रहा है। प्रियंक कानूनगो को बच्चो के पास से क्रिश्चन धर्म की किताब और हिंदू आदिवासी व दलित बच्चो ने उन्हें यह भी बताया की उनसे जबरन क्रिश्चन धर्म की प्रार्थना कराई जाती थी। बच्चो के निजी दस्तावेजों में छेड़ छाड़ किए जाने एवं बच्चो के कूट रचित दस्तावेज तैयार किए जाने के प्रमाण मिले। जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने माधवनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
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धर्मांतरण नहीं करने पर जान लेने की धमकी ये मामला उत्तराखंड और राजस्थान से जुड़ा हैं। जहाँ उत्तराखंड के एक मुस्लिम युवक ने नाम बदलकर एक लड़की से दोस्ती की और फिर उस पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। भरतपुर राजस्थान के मदनलाल ने देहरादून पुलिस को शिकायत की कि मेहुवाला देहरादून का रहने वाला फैजल शैख़ पुत्र मोहमद इरफान ने इंस्टाग्राम के माध्यम उन की पुत्री के साथ अपना धर्म बदलकर दोस्ती और खुद को गोवा की एक होटल का मालिक बताया। लड़की को भरोसे में लेकर फैजल लड़की से मिलता रहा और उसकी अश्लील फोटो ले ली। जब लड़की फैजल के बातों में आ गयी तो लड़की अपने पिता को साथ लेकर फैजल का घर देखने और शादी की बात करने मेहुवाला आ गयी। यहाँ लड़की और उसके पिता को पता चला कि फैजल मुस्लिम है,और फैजल का गोआ में कोई होटल भी नही है, और न ही वो इंटर पास है। तो लड़की के पिता ने फैजल को शादी के लिये मना किया। जिसपर फैजल ने लड़की पर मुस्लिम बनकर शादी करने का दबाव बनाया। जब लड़की नही मानी तो उसे जान से मारने की धमकी दी गयी। पिता की शिकायत पर उत्तराखण्ड पुलिस ने तत्काल एक्शन लेकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
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शातिर चोर को भेजा गया जेल पुलिस ने एक आदतन चोरों को को पकड़ा और उससे बड़ी चोरी की वारदात का खुलासा किया। पुलिस ने इन चोरों को सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है। उधम सिंह नगर के खटीमा कोतवाली ने एक चोरी की वारदात का खुलासा किया। पिछले दिनों खटीमा निवासी उषा मैहर के घर में ताला तोड़कर चोर दस तोला के जेवर चोरी कर ले गए थे। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की तफ्तीश की और चोरी के एक आरोपी शकील को गिरफ्तार कर उससे नगदी बरामद की। शकील ने बताया कि चोरी की वारदात का मास्टर माइंड उसका साथी अशरफ है। पुलिस ने वारदात के मुख्य आरोपी अशरफ को भी गिरफ्तार कर लिया।
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मिर्ची बाबा की आंख में आई है गंभीर चोट भोपाल की जेल में बंद वैराग्यनंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा पर दो कैदियों ने बैरक में घुसकर मारपीट की मारपीट से बाबा की आंख में गंभीर चोट लगी है। बाबा रेप के आरोप में जेल में बंद है। रेप के आरोप में भोपाल केंद्रीय जेल में बंद वैराग्यनंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा पर दूसरे कैदियों ने हमला कर दिया। उनकी आंख में गंभीर चोट आई है। बाबा के वकील श्रीकृष्ण धौसेला ने बताया कि 26 मई को मैं बाबा से मुलाकात करने जेल गया था। बाबा ने मुझे बताया था कि 23 मई को बैरक में दो कैदी घुस आए थे। कैदियों ने बाबा को जमकर पीटा। वो मरते-मरते बचे हैं। उनसे मुलाकात के दौरान मैंने देखा कि उनकी बाई आंख पूरी तरह लाल है। आंख के किनारे काला धब्बा था। ऐसा लग रहा था कि उनके साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई है। बाबा के वकील ने बताया कि इस संबंध जेल प्रशासन से जानकारी लेने के लिए आरटीआई दाखिल की है। इसमें पूछा है कि किन-किन कैदियों ने बाबा पर हमला किया
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फोटो खींचने के दौरान हुई दुर्घटना पहाड़ों की रानी मसूरी में सेल्फी ले रहे युवकों के साथ दर्दनाक हादसा हो गया। युवक जब सेल्फी ले रहे थे। तभी सामने से वाहन आता देख एक युवक ने बाइक को साइड में लगाना चाहा। लेकिन वह बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया और बाइक सहित खाई में जा गिरा। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और तीन घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद युवक के शव को बाहर निकाला। कभी-कभी जरा सी लापरवाही के कारण बड़ा हादसा हो जाता है। कॉलेज के 2 युवक राजेंद्र और शुभम धनोल्टी मोटर मार्ग पर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उन्होंने अपनी बाइक रोकी और फोटो लेने लगे। जब वह सेल्फी ले रहे थे तभी सामने से एक वाहन आता देख शुभम ने बाईक को थोड़ा साइड में लगाना चाहा। लेकिन दुर्भाग्य से वह बाइक को नहीं संभाल पाया और 200 फिट गहरी खाई में जा गिरा। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने एसडीआरएफ टीम की मदद से शुभम के शव को बाहर निकाला।
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रात-दिन सरकार को लगा रहे लाखों के राजस्व की चपत उत्तराखंड में खनन माफिया पूरी तरह से बेलगाम हैं। प्रशासन को चुनौती देते हुए खनन माफिया दिन रात बेखौफ होकर अवैध उत्खनन कर के सरकार को लाखों के राजस्व की चपत लगा रहा है। लेकिन प्रशासन ने अवैध खनन को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। उत्तराखंड की सुसवा और सोंग नदी में प्रशासन ने चुगान की अनुमति दे रखी है। लेकिन अवैध खनन माफिया रिवर ट्रेनिंग की आड़ में बेखौफ होकर रात दिन ट्रैक्टर-ट्रॉली , पिकअप गाड़ियों और मजदूरों से खनन सामग्री भरवा कर जिस कारण राज्य सरकार को प्रतिदिन लाखों के राजस्व की हानि हो रही है..वहीं इस मामले में खनन विभाग के अधिकारी पूरी तरह विफल साबित हुए है और इन अवैध खनन माफियाओं के सामने बौने साबित हो रहे हैं। इस मामले से प्रशासन के बड़े बड़े दावे और जमीनी हकीकत एकदम अलग हैं।
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संदिग्ध लोगों को पुलिस ने पकड़ा चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने चोरों के गाँव पर धावा बोला और कुछ संदिग्ध लोगों को पकड़ा है। इनसे पुलिस को बड़ी चोरियों का सुराग हाथ लग सकता है। ढाई सौ पुलिसकर्मियों के साथ सिंगरौली पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी गुरमटिया और लामीदह गाँव पहुंचे। लामीदह व गुर मटिया गांव चोरों के लिए प्रसिद्ध हैं। पुलिस ने पूरे गाँव की सर्चिंग कर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की और कुछ को पकड़ा है। गजरा बहरा में बाबूलाल गुप्ता के यहां लाखों रुपए की चोरी की वारदात के मद्देनजर यह कार्यवाही की गई है। यहां से पुलिस को कुछ क्लू भी हाथ लहे हैं। इस सर्चिंग में सिंगरौली और सीधी जिले का भी फोर्स शामिल था।
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मुनस्यारी की खूबसूरती और स्व सहायता समूह की बात हिमनगरी मुनस्यारी के दौरे पर पहुंचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मुनस्यारी की खूबसूरती की तारीफ की इसके साथ ही राज्यपाल ने स्व सहायता समूह की महिलाओं की क्रिएटिविटी को देखकर उन्हे मुनस्यारी के विकास की प्रेरणा बताया उत्तराखंड के मुनस्यारी पहुंचने पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का स्वागत जिलाधिकारी रीना जोशी और आईटीबीपी की 14 वीं बटालियन ने किया स्वागत के बाद राज्यपाल ने मुनस्यारी आईटीबीपी चौकी पहुंचकर आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की इसके साथ ही राज्यपाल ने मुनस्यारी की खूबसूरती की तारीफ करते हुए कहा कि मुनस्यारी अपने आप में इतना सुन्दर है कि मेरा पहले से ही इसकी खूबसूरती को देखने का मन था राज्यपाल ने कहा कि मुनस्यारी के लोगों के अन्दर एक अलग क्रिएटीविटी है और यहां की स्व सहायता समूह में काम करने वाली महिलाएं मुनस्यारी के विकास की प्रेरणा हैं।
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गोष्ठी में समलैंगिक विवाह जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई विश्व हिंदू परिषद ने साध्वी गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें धर्मांतरण, लव जिहाद और समलैंगिक विवाह जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई गोष्ठी में देशभर से आई हुई महिला संतों ने शिरकत की हरिद्वार के कनखल स्थित श्री कृष्ण आश्रम में विश्व हिंदू परिषद ने साध्वी संगोष्ठी आयोजित की देश के कोने-कोने से आईं महिला संतों ने संगोष्ठी में भाग लिया और समलैंगिक विवाह लिव इन रिलेशन लव जिहाद और धर्मांतरण पर चर्चा की संगोष्ठी में तय किया गया कि सनातन धर्म की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए धर्मांतरण, लव जिहाद और समलैंगिक विवाह जैसी बुराइयों को दूर करना होगा इसके लिए आने वाली दीपावली के त्यौहार पर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा साधु संतों के साथ महिला संत भी गांव गांव जाकर देश की युवा पीढ़ी को जागरूक करेंगी और इन सब बुराइयों से दूर रहने की अपील भी करेंगी।
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ट्रैफिक सिपाही की भीड़ में बम गिरने से सिपाही घायल ग्वालियर के पुलिस परेड ग्राउंड में मॉक ड्रिल के दौरान अचानक हादसा हो गया ये हादसा टीयर बम फेंकने की मॉक ड्रिल के दौरान हुआ इस हादसे में एक सिपाही घायल हुआ है ग्वालियर के बलवा परेड ग्राउंड में सिपाही टीयर बम फेंकने की मॉक ड्रिल कर रहे थे तभी टीयर बम अचानक से परेड ग्राउंड में खड़े सिपाहियों की भीड़ पर जा गिरा इस दौरान टीयर बम के फटने से एक सिपाही घायल हो गया जिसे इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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व्यक्ति ने खिलाफ लोगों ने किया जमकर विरोध प्रदर्शन विशेष समुदाय के एक व्यक्ति ने नाम बदलकर डोईवाला में मकान ख़रीदा।मकान खरीदने के कुछ दिन बाद ही व्यक्ति के घर संदिग्ध अजनबियों का आना-जाना शुरू हो गया। जिससे आस-पड़ोस के लोगों को इस व्यक्ति पर शक हुआ। उन्होंने सख्ती से पूछताछ की तब इस व्यक्ति ने अपना गुनाह कुबूल किया। पश्चिम बंगाल के मोनिरुल इस्लाम मंडल ने अपना नाम बदलकर राजू मंडल करके डोईवाला के चांदमारी क्षेत्र में मकान खरीदा। विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा नाम बदलकर मकान लेने पर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर जमकर आक्रोश व्यक्त किया और व्यक्ति से खरीदे हुए मकान को वापस करने के आश्वासन के बाद ही माने यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि पहचान छुपाकर घर खरीदना बेहद आपत्तिजनक और धोखाधड़ी है। उत्तराखंड में बदल रही डेमोग्राफी के पीछे इस तरह की घटनाएं बड़ा कारण है। यूकेडी के जिलाध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के स्थानीय नेता ही इस व्यक्ति को संरक्षण देने का का काम कर रहे हैं।
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पुलिस ने बच्चियों को तस्करों मुक्त कराया सिंगरौली में बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी बच्चियों की सौदेबाजी करके उन्हे प्रदेश से बाहर भेजने की फिराक में थे। सिंगरौली में पुलिस ने मानव तस्करी में लगे गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 2 नाबालिग बच्चियों को उनके चंगुल से मुक्त कराया है। इसके साथ ही पुलिस ने मानव तस्करी के गिरोह में शामिल 5 सदस्यों को भी गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस अधीक्षक यूसुफ कुरैशी ने बताया कि सरई की रहने वाली दो महिला आरोपी और तीन पुरुष आरोपियों ने बच्चियों को छतरपुर के रहने वाले देवेंद्र और बिहारीलाल को बेच दिया था। इस मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने ट्रेन से बच्चियों को प्रदेश से बाहर ले जा रहे आरोपियों को स्टेशन पर उतरते समय गिरफ्तार कर लिया है।
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पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार पुलिस प्रशासन ने कोयला माइंस में हुई लाखों रुपये के सामान चोरी का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया की बदमाशों ने स्टोर रूम का ताला तोड़कर लाखों की चोरी की थी और चोरी के सामान को कबाड़ी में बेच दिया था। पुलिस ने बदमाशों के पास से सारा सामान जब्त कर लिया।महादेव पूरी कोयला माइंस से चोरों ने तांबा समेत 3 लाख 56 हजार रुपये का सामान चुराया था। जिसका खुलासा करते हुए SDOP अनिल शुक्ला ने बताया की जिस स्टोर रूम में चोरी हुई है उसमें रोजाना इस्तेमाल करने वाली सामग्री रखी जाती थी। चोरों ने दो ड्रिल सॉकेट सहित 3 लाख 56 हजार रुपये का सामान चुराया।आरोपी अब्दुल रहमान मोंटी और पप्पू सरदार व इनके साथियों ने खदान से सामान चुराकर इसकी केसिंग उतारी। इसके बाद इन लोगों ने तांबा, पीतल ले जाकर चांदामेटा के कम्मू उर्फ कामरान कबाडी को बेच दिया। पुलिस ने कबाड़ी के पास से चोरी का सारा सामान जब्त कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने तमंचे के साथ युवक को पकड़ा पुलिस प्रशासन अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त करवाई कर रहा है। इसी के तहत पुलिस ने सोशल मीडिया पर तमंचा दिखाकर स्टेटस लगाने वाले युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस ने युवक के पास से तमंचा भी बरामद कर लिया। यह मामला हरिद्वार के लक्सर का है। बताया जा रहा है की इस युवक ने सोशल मीडिया पर तमंचे के साथ स्टेटस डाला था। जो काफी वायरल हो गया। जब यह वायरल वीडियो पुलिस के संज्ञान में आया तो पुलिस ने करवाई करते हुए युवक को गिरफ्तार कर लिया |
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तेज आंधी और बारिश ने किया लोगों को परेशान हरिद्वार में तेज बारिश और आंधी के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। तेज आंधी और बारिश की वजह से एक पेड़ गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई कई लोगों को पुलिस और आपदा प्र्बन्धन की टीम ने रेस्क्यू कर बचाया। ज्वालापुर क्षेत्र में पेड़ के नीचे दबने से 01 बच्चे की मौत हो गई। 03 घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल भिजवाया गया। तेज आंधी और बारिश के बीच डीएम एवं एसएसपी ने खुद रेस्क्यू की बागडोर सम्भाली। आंधी की चपेट में आकर शहर क्षेत्र में एक युवक की मृत्यू हुई। मृतक के चाचा को पुलिस टीम ने रेस्क्यू किया। पेड़ गिरने के कारण जनपद में जगह-जगह सड़कें बाधित हो गई। पुलिस ने कहा तेज आंधी के चलते घटी घटना अप्रत्याशित थी, हमारी सभी टीमें हर स्थिति से निपटने को तैयार हैं, हम हर संभव तरीके से पीड़ितों कि मदद का प्रयास कर रहे हैं।
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ग्राहक तलाशते में लगे थे ,पुलिस ने धर दबोचा कटनी में पुलिस ने दो युवकों को अवैध गांजे की तस्करी करते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। इन गांजा तस्करों के पास से नौ किलो गांजा जब्त किया गया है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की बस स्टैड पर दो युवक जिसमे से एक पन्ना जिले का निवासी है दूसरा दमोह जिले का निवासी है जो बड़ी मात्रा में गंजे की खेप के लिए ग्राहक की तलाश में जुट है। जिसकी सूचना मिलते हो बस स्टैड पुलिस चौकी की प्रभारी प्रियंका राजपूत ने पुलिस के साथ घेराबंदी करते हुए दोनो युवकों को अरेस्ट किया। जिसमे से आरोपी में गोलू पटेल और अशीष पटेल का बैग चेक किया गया तो उसमे से 9 किलो अवैध मादक पदार्थ गांजा मिला। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछ तक कर रही है की वे लोग गांजा कहा से और किसके लिए लाए थे। जब्त हुए गांजा कीमत 1 लाख है।
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बंदरों के डर से महिला ने लगाई छत से छलांग टूटे पैर बंदरों की टोली ने एक महिला को इतना डराया की उसने छत से छलांग लगा दी। जिस वजह से महिला के दोनों पांव फैक्चर हो गए। इन बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया हैं की लोग अपने घर से निकलने से डरने लगे हैं। पौड़ी शहर में बंदर इतनी तादात में बढ़ गए हैं की अब इंसान डरने लगे हैं। ये बन्दर टोलियों में घूमते हैं लोगों को डरते हैं। आए दिन बंदरों का आतंक बढ़ता चला जा रहा है। बंदरों का खौफ इतना हो गया है कि स्कूली बच्चों तथा राहगीरों को हर वक्त ये बन्दरों के काटने का खतरा बना रहता है। बंदरों के झुंड खेती को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये बन्दर इतने शातिर हैं की घर के अंदर से सामान चुरा कर भाग जाते हैं। बंदरों के आतंक का ताजा मामला शहर के सर्किट हाउस मोहल्ले का हैं। जहां महिला बबिता नेगी नाम की महिला छत पर कपड़े सुखा रही थी। वहां बंदरों की टोली आ धमकी घुड़का कर महिला को डरने लगी। बंदरों के झप्पटटा मारने के डर से महिला छत से कूद गई। जिसके कारण उसके दोनों पैर फैक्चर हो गए। महिला का इलाज जिला अस्पताल पौड़ी में चल रहा है। घायल महिला से मिलने स्थानीय विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी पहुंचे उन्होंने महिला का हालचाल जाना। इस दौरान स्थानीय लोगों ने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की स्थानीय विधायक से मांग की ताकि इस प्रकार की घटना दुबारा ना हो।
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पैदल गांव पहुंचे कलेक्टर एवं अधिकारी जबलपुर अमरकंटक मार्ग पर पानी के लिए परेशान लोगों ने चक्का जाम कर दिया। ऐसे में कलेक्टर एवं अधिकारी पैदल गांव पहुंचे और पानी के माकूल इंतजाम करने के निर्देश दिए। उसके बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम ख़त्म किया। डिंडौरी नगर से होकर जाने वाले नेशनल हाइवे जबलपुर अमरकंटक मार्ग पर मुख्यालय से साटे गांव बड़ा सूबखार के ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर सड़क पर जाम लगा दिया, सड़क जाम के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। इस दौरान खाली बर्तन रखकर महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की प्रदर्शन स्थल पर डिंडोरी कोतवाली प्रभारी सी के सिरामे और तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया पर ग्रामीण नहीं माने इसके बाद क्षेत्रीय विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी मौके पर पहुंचे लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उनकी बात भी नहीं सुनी इसी के चलते कलेक्टर विकास मिश्रा को ग्रामीणों के बीच उनकी समस्या को जानने आना पड़ा और ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें आश्वासन दिया कि तत्काल पानी परिवहन कर गांव में पहुंचाया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से गांव चलकर समस्या दिखाने की बात कही जिसके बाद प्रदर्शनकारी जिला प्रशासन के साथ गांव की तरफ चले गये और सड़क जाम खुल गया।
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नेताओं के सरक्षण में होती है सागौन तस्करी मध्यप्रदेश के जंगलों से सागौन की तस्करी कोई नई बात नहीं है। अब छिंदवाड़ा से सागौन की लकड़ी की तस्करी का मामला सामने आया है। यह भी पता चला है यह गौरखधंधा नेताओं के संरक्षण में होता है। तामिया के लहगडुआ जंगल से बड़े पैमाने पर सागौन की तस्करी करते ट्रक समेत एक आरोपी को वन अमले ने धरदबोचा। लहगडुआ में रंगे हाथों पकड़ा गया लकड़ी तस्कर, तामिया वन परिक्षेत्र के जंगल में लंबे समय से सागौन की तस्करी कर रहा था। रात्रि में तस्कर के द्वारा सागौन के पेड़ काटे गए और गुल्ले डंपर में भरे जा रहे थे। उसकी सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा सूचना देने पर वन विभाग और पुलिस की टीम पहुंची और बाबा गुलेल नामक व्यक्ति को ट्रक सहित पकड़ लिया। इस व्यक्ति को रसूखदार नेताओ का सरंक्षण मिला हुआ था। जिस कारण ये लम्बे आरसे से सागौन की तस्करी कर रहा था।
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घायल महिला की अस्पताल में मौत हो गई एक महिला पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले की वजह से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस घायल अवस्था में महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले गई। जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह मामला रुड़की का है। मृतक महिला का नाम सकीना है। सकीना ने मौत से पहले पुलिस को बताया की किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से उसपर हमला कर दिया। सकीना ने बताया की इस दौरान उसके पति और बेटे भी मौजूद थे। लेकिन इस हमले के बाद वो लोग कहां है। उसे पता नहीं। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। साथ ही सकीना के पति और बेटे को भी ढूंढ रही है। इस मामले को लेकर एसएसपी अजय सिंह ने बताया की पुलिस को सूचना मिली थी की बावन दर्रा पर एक महिला घायल अवस्था में पड़ी है। पुलिस मौके पर पहुंचकर महिला को अस्पताल ले गई। जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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गंदगी को लेकर व्यापारियों ने दिया धरना नगर निगम की लापरवाही के कारण इलाके में व्याप्त गंदगी को लेकर व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कहा कि मार्केट के अंदर बने नालों की वर्षों से सफाई ना होने से बारिश के सीजन में पानी भर जाता है और इस बारिश के पानी से होने वाली गंदगी का खामियाजा दुकानदारों को भुगतना पड़ता है।उत्तराखंड के रुद्रपुर में लंबे समय से मार्केट में व्याप्त गंदगी को लेकर कई बार व्यापारियों ने नगर निगम के मेयर से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में बने नाले की भी सफाई ना होने से उसकी गंदगी के कारण वहां से निकलने वाले व्यापारियों का बुरा हाल है। इसी को लेकर व्यापारियों ने धरना दिया। इस मामले पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि रुद्रपुर शहर के इस मेन मार्केट में वर्षों से नालों की सफाई नहीं होने से नाले का पानी सड़क पर आ रहा है जिसका खामियाजा हम दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है। ग्राहक गंदगी देखकर दुकानों पर नहीं आते हैं। मंडल अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि नगर निगम ने यदि इस गंदगी को साफ नहीं किया तो आने वाले समय में व्यापारी उग्र आंदोलन करेंगे।
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नगर निगम कर्मचारियों से करवाता है 12 घंटे काम नगर-निगम के उत्पीड़न के खिलाफ निगम कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया | कर्मचारियों का यह प्रदर्शन अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के बैनर तले हुआ। कर्मचारियों ने निगम आयुक्त पर आरोप लगाया की वह उनसे 12-12 घंटे काम करवाते हैं और समय पर वेतन भी नहीं देते। अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष नेम बहादुर ने कहा की यह प्रदर्शन नगर आयुक्त के उत्पीड़न के खिलाफ किया जा रहा है। नगर-निगम कर्मचारियों और अफसरों से 12-12 घंटे काम करवा रहा है और उनके काम के बदले उन्हें अलग से कोई भत्ता नहीं दे रहा है। जबकि अलग से भत्ता देने का प्रावधान है। संघ अध्यक्ष ने कहा की अलग से भत्ते की बात तो छोड़िए निगम तो कर्मचारियों और अधिकारीयों को समय पर वेतन भी नहीं दे रहा है। एक कर्मचारी का वेतन 3 महीने से रोका गया था। जिस वजह से उसे मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा। हमारी मांग है कि कर्मचारियों से सिर्फ तय समय के अनुसार ही काम कराया जाए और यदि उनसे ज्यादा काम करवाया जाता है तो उस हिसाब से उनको अलग से भत्ता भी दिया जाए। वही कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन पर महापौर सुनील गामा ने कहा की हम सभी अधिकारी-कर्मचारियों से बात करेंगे और उनकी समस्या का समाधान करेंगे। साथ ही महापौर ने कहा कर्मचारियों की जायज मांगों का समाधान किया जाएगा।
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छात्र-छात्राओं ने सौंपा तहसीलदार को ज्ञापन रिजल्ट बिगड़ने पर कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने धरना प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। छात्र-छात्राओं ने ज्ञापन में मांग की है की उनके रिजल्ट की दोबारा से जांच की जाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो वह इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे। ये छात्र-छात्राये पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय के है। छात्र-छात्राओं ने nsui के बैनर तले राजशाह यूनिवर्सिटी जबलपुर के खिलाफ तहसीलदार प्रांगण में प्रदर्शन किया। छात्र पंकज महोबे ने कहा की पहले भी हम इस विषय में ज्ञापन सौंप चुके हैं। फिर भी अभी तक कोई करवाई नहीं हुई है। तहसीलदार ने हमें आश्वासन दिया है की जल्द ही महाविद्यालय के प्राचार्य को बोलकर रिजल्ट की दोबारा से जांच कराई जाएगी और यदि हमारा रिजल्ट नहीं सुधरा तो हम आंदोलन करेंगे।
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तस्कर के पास से 75 ग्राम स्मैक बरामद पुलिस ने एक शातिर स्मैक तस्कर को गिरफ्तार कर उस के पास से 75 ग्राम हेराईन जब्त किया। जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। सिंगरौली पुलिस जिले में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध अभियान चला रही है। जिसके तहत कई अपराधियों पर अभी तक पुलिस का शिकंजा कस चुका है।पुलिस को सूचना मिली थी की शातिर अपराधी मनोज कुमार गुप्ता एन.सी.एल. बाउंड्री के पास मादक पदार्थ हेराईन की तस्करी रात्रि में करेगा। सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस ने इलाके की घेराबंदी करके मनोज कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मनोज के पास से 75 ग्राम हीरोइन जब्त की जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए है।
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24 घंटे के अन्दर 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए अम्बर फैक्ट्री में हुई चोरी का पुलिस ने खुलासा कर 24 घंटे के अन्दर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना का खुलासा करने वाली टीम की मुस्तैदी को देखकर एसएसपी ने दस हजार रुपए की इनामी राशि दिए जाने की घोषणा की है। देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में स्थित अम्बर फैक्ट्री में चोरी हुई थी। इस चोरी के मामले की जांच में जुटी पुलिस ने 24 घंटे के अन्दर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर फैक्ट्री से चोरी के सामान भी बरामद किए हैं। मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि चोरी में शामिल सर्वेश, महेश, राजा,आमिर, इमरान और इकराम को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो सहसपुर मे कबाड़ी की दुकान चलाते है और फैक्टरी से चोरी किए गए सामान को भी वो बेचने की फिराक में थे। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं एसएसपी ने घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपये का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है।
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यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई पुरानी रंजिश के चलते बाईक सवार बदमाश ने एक युवक को दिनदहाड़े गोली मार दी। गोली लगने से युवक घायल हो गया। घायल अवस्था में ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाश को तलाश कर गिरफ्तार कर लिया है। दिनदहाड़े युवक को गोली मारने की यह घटना छतरपुर की है। जहां रामकिशोर तिवारी को बाईक सवार बदमाश नीलू त्रिपाठी गोली मारकर फरार हो गया था। बदमाश की यह हरकत पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही बदमाश को पकड़ा। वही रामकिशोर के भाई ने बताया की हम लोग मार्केट गए थे। तभी नीलू भी अपने भाई के साथ आया और हमें देखते ही उसने अपशब्द कहना शुरू कर दिया। नीलू ने कहा की यदि हम कोर्ट में राजीनामा नहीं करेंगे तो वह हमें मार देगा। उसके बाद उसने गोली चला दी। जिससे मेरा भाई घायल हो गया। वही घटना की जानकारी मिलते ही एडिशनल एसपी अस्पताल पहुंचे और युवक के स्वास्थ्य की जानकारी ली। एडिशनल एसपी ने कहा की आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
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वीडियो में युवक ने किया मोर के साथ दुर्व्यवहार सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंख को बड़े ही बेहरहमी से उखाड़ते दिख रहा है। वीडियो के वायरल होते ही युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह वीडियो कटनी की रीठी तहसील का है। जहां मोर के साथ निर्दयता करने वाला यह युवक पारदी समुदाय का बताया जा रहा है। वीडियो के वायरल होते ही युवक की तलाश की जा रही है। इस युवक के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कटनी डीएफओ ने कहा की मामले की जाँच की जा रही है। युवक का पता चलते ही प्रशासन की मदद से उसे गिरफ्तार किया जयेगा |
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मार्केट में मौजूद 2 हजार के नोट अभी मान्य होंगे मार्केट में बढ़ते कालेधन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के रूप में एक ऐतिहासिक फैसला लिया था सरकार के इस फैसले के बाद मार्केट से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर हो गए थे और पुराने नोट बंद होने से मार्केट में करेंसी रिक्वायरमेंट बढ़ गई थी जिसकी पूर्ति करने के लिए रिजर्व बैंक ने 2 हजार रुपए के नोट छापने शुरू कर दिए थे लेकिन अब आर बी आई ने बड़ा फैसला लेते हुए मार्केट से 2000 के नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का फैसला लिया है रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का फैसला किया है लेकिन मौजूदा नोटअमान्य नहीं होंगे 2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था RBI ने फिलहाल 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है लेकिन ये भी कहा है कि ये इसके बाद भी लीगल रहेगा आर बी आई ने फैसले के बारे में कहा कि 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये फैसला लिया गया है 'क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश की गई है कि वो करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और नोट की वैल्यू भी कम हो जाती है
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नेहा बग्गा ने कहा शिवराज गब्बर नहीं बब्बर शेर है प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया पर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गब्बर कहा था जिसके बाद बीजेपी प्रवक्ता ने उन पर निशाना साधा है बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा की यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया मुख्यमंत्री चौहान गब्बर नहीं बब्बर शेर है और वह ऐसे बब्बर शेर है जिन्होंने प्रदेश से सांबा और कालिया को प्रदेश से समाप्त कर दिया है भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा की प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया आपकी बातों से मुझे शोले फिल्म से मौसी और जय का संवाद याद आता है आपकी नजरों में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बहुत अच्छे हैं भले ही उन्होंने प्रदेश को लूट खाया हो दिग्विजय सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल और कमलनाथ ने 15 महीने के कार्यकाल में प्रदेश का बंटाधार कर दिया है फिर भी वह अच्छे है उन्होंने अपने वचन पत्र के माध्यम से जनता को ठगा फिर भी आप उनको अच्छा मानते हैं भाजपा प्रवक्ता ने कहा की भले ही नाथ ने बेटियों के विवाह का पैसा नहीं दिया और बेरोजगारी भत्ता देने की बात कह कर मुकर गए फिर भी वह आपकी नजरों में अच्छे हैं सच में मौसी और जय का संवाद आप पर सही बैठता है
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बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ लगे पोस्टर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की गिरफ्तारी की मांग के पोस्टर भोपाल के की तमाम सड़कों पर नजर आये हैहयवंशी क्षत्रिय कलचुरि-कलार समाज ने शास्त्री पर FIR की मांग की है पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भगवान सहस्त्रबाहु पर दिए बयान पर खेद भी जता चुके हैं, लेकिन इससे समाज संतुष्ट नहीं है मध्यप्रदेश कलचुरि सेना के अध्यक्ष कौशल राय ने कहा कि परशुराम जंयती के दिन भगवान सहस्रबाहु पर धीरेंद्र शास्त्री ने गलत टिप्पणी की हम सरकार से उन पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं उन्होंने गलत टिप्पणी करने के दो दिन बाद फेसबुक पर खेद भी प्रकट किया हम उनके इस खेद से संतुष्ट नहीं हैं खेद में भी वे बता रहे थे कि उन्होंने ऐसा शास्त्रों में पढ़ा है अब वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें कलचुरि सेना ने कहा, इस मामले में हम गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिल चुके हैं हम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिलेंगे हम इस पूरे मामले में सरकार के रवैये को ढुलमुल ही मानते हैं इस मसले पर शहर भर में शास्त्री के खिलाफ के खिलाफ खूब पोस्टर लगाए गए हैं और धरना-प्रदर्शन भी किया गया इस आंदोलन के संयोजक डॉ. एलएन मालवीय ने कहा, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अनर्गल टिप्पणी कर हैहयवंश के राजा भगवान सहस्रबाहु को कुकर्मी, बलात्कारी और साधुओं पर अत्याचार करने वाला बताया पुराणों में वर्णित वर्णन के अनुसार भगवान सहस्रबाहु हैहयवंशी क्षत्रिय समाज के देवता हैं भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के अवतार हैं शास्त्री के मिथ्यापूर्ण बयान से भगवान सहस्रबाहु के 18 करोड़ हैहयवंशी क्षत्रिय कलचुरि समाज के अनुयाइयों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है अगर शास्त्री माफी नहीं मांगते हैं, तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे
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कांस्टेबल ने महिला को बंधक बनाकर किया था रेप छतरपुर पुलिस अधीक्षक ने रेप के आरोपी कांस्टेबल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया । कांस्टेबल पर एक महिला ने बंधक बनाकर रेप करने का आरोप लगाया था।जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। जांच में कांस्टेबल दोषी पाया गया।इसके बाद यह कार्रवाई गई । छतरपुर जिले में पदस्थ पुलिस कांस्टेबल संजय तिवारी पर एक युवती ने आरोप लगाया था की संजय ने बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया और उसकी इस हरकत में उसके परिवार ने उसका साथ दिया युवती की शिकायत पर एक्शन लेते हुए एसपी अमित सांघी ने संजय सहित उसके परिवार के 9 लोगों पर मुक़दमा दर्ज किया था... और पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। एसआईटी की जांच में संजय पर लगे सभी आरोप सही पाए गए.. जिसके बाद एसपी ने संजय को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है और गिरफ्तार करके जेल भेज दिया ।
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पत्रकार ने फूड इंस्पेक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत की एक फूड इंस्पेक्टर ने स्थानीय पत्रकार को फोन पर जान से मारने की धमकी दी | जिसका ऑडियो काफी वायरल हो रहा है | पत्रकार ने फूड इंस्पेक्टर के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी और उसपर कार्रवाई की मांग की वही फूड इंस्पेक्टर ने भी पुलिस को इस मामले की सूचना दी | दरअसल सिंगरौली फूड इंस्पेक्टर किशन पाल सिंह राशन दुकान की जांच में पहुँचे थे | जहां उन्होंने ग्रामीणों से कहा की एक महीने का राशन कंप्यूटर में दिख रहा है इसलिए आप लोगों को सिर्फ एक ही महीने का राशन मिलेगा | जिस बात पर ग्रामीण गुस्सा हो गए और वहाँ विवाद की स्थिति निर्मित हो गई | जिसका कवरेज स्थानीय पत्रकार अतुल दुबे कर रहे थे और जब अतुल दुबे वहाँ से लौटे तो फूड इंस्पेक्टर किशन पाल सिंह ने फोन कर उनको को धमकी दी और और उनके साथ अभद्रता की पत्रकार अतुल दुबे फूड इंस्पेक्टर की लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक से करके धरने पर बैठ गए हैं और फ़ूड इंस्पेक्टर के खिलाफ करवाई की मांग की वही एसडीएम ने इस मामले को लेकर कहा की मामले की जांच की जा रही है |
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परिजनों ने पुजारी पर लगाया हत्या का आरोप एक दलित युवती का शव मिलने से चम्पावत में हड़कंप मच गया है | युवती की गला घोंटकर हत्या किये जाने की आशंका है | युवती के परिजनों ने मंदिर के एक पुजारी पर हत्या का शक जताया है और उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है | हत्या का यह मामला चंपावत का है | जहां बबीता अपने घर से एक दिन पहले ही कहीं चली गई थी | उसका शव गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर जंगल के नजदीक सड़क किनारे मिला | मौके पर पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया | परिजनों ने बबीता की हत्या के पीछे मंदिर के पुजारी का हाथ होना बताया | परिजनों ने कहा की बबीता का मंदिर के पुजारी से मेल मिलाप था | तथा उसके घर आना-जाना भी था | जब पुजारी का विवाह दूसरी लड़की से हो गया | तो वह बबीता से दूर होने लगा | बबीता पुजारी से लगातार संपर्क कर रही थी उसके घर भी जा रही थी | जिसको लेकर पुजारी ने बबीता के परिजनों के समक्ष विरोध भी जताया था | परिजनों ने कहा की उन्होंने अपनी बेटी को समझा लिया था | फिर भी पुजारी ने उसकी हत्या कर दी | परिजनों की मांग है की मामले की तेजी से जांच हो और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले | वही इस मामले को लेकर एसपी देवेंद्र पिंचा ने कहा की पुजारी से पूछताछ की जा रही है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है |
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मोटरसाइकिल से करते थे दवाओं की तस्करी ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन के तहत पुलिस देवभूमि में नशे का जहर घोलने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है | पुलिस ने दो पहिया वाहन से प्रतिबंधित दवाइयों की तस्करी करने वाले दो तस्करों को धर दबोचा है |बाइक और स्कूटर से प्रतिबंधित दवाइयों की तस्करी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है | वही तस्करों के पास से पुलिस ने लाखों की नगदी और प्रतिबंधित दवाइयों का जखीरा बरामद किया | साथ ही पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अवैध दवाइयों की सप्लाई पड़ोसी राज्यों से की जा रही है | ये प्रतिबंधित दवाएं कई स्थानीय मेडिकल स्टोर्स को भी बेचने के लिए दी जाती थीं |
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आरोपी से पूछताछ कर गिरोह की तलाश तेज कटनी के जंगलों में जानवरों के शिकारी सक्रीय हैं | ये शिकारी जंगल में जानवरों को मार कर वहीँ उसका मॉस बेच देते हैं | कटनी के ग्रामीण इलाकों में एक सांभर के शिकार के बाद उसका मांस सप्लाई करने की जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने मांस सहित एक आरोपी को गिरफ्तार किया है | कटनी जिले के छपरवाह गांव के रहने वाले आरोपी राम सुजान को वन विभाग की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है | जो कि सांभर का मांस लेकर भाग रहा था | जिसकी जानकारी देते हुए डीएफओ गौरव शर्मा ने बताया कि आरोपी ने जानवरों की तस्करी करने वाले गिरोह से मांस खरीदा था और पूछताछ में कई लोगों के नाम भी बताए हैं | जिनकी तलाश की जा रही है |
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सट्टेबाजों से बरामद किये लाखों रूपए देश में क्रिकेट का महाकुंभ आईपीएल चल रहा है और इस खेल की आड़ में कुछ लोग सट्टे का गोरखधंधा चला रहे है | जगह-जगह पर सट्टेबाजों ने अपनी दुकान खोल रखी है | प्रशासन भी ऐसे लोगों पर नकेल कस रहा है | पुलिस ने करवाई करते हुए सट्टा खिलाने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से लाखों रुपए बरामद किये | कटनी पुलिस ने सट्टेबाजों के खिलाफ करवाई की सीएसपी विजय प्रताप सिंह ने बताया की पुलिस को सूचना मिली थी की कुछ लोग पहरिया गांव में ऑनलाइन सट्टा खिला रहे हैं | पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चार आरोपियों को वहां से गिरफ्तार किया | आरोपियों के पास से पुलिस ने 3 लाख रुपए के सट्टे का लेखा जोखा व 7 मोबाइल फोन सहित 3 मोटरसाइकिल और 9 हजार रुपए कैश जब्त किये | इन सब की टोटल कीमत 4 लाख 80 हज़ार रुपये है | सीएसपी ने बताया की चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है |
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पुलिस ने दो चरस सौदागरों को किया गिरफ्तार उत्तराखंड को नशामुक्त करने के लिए अभियान चल रहा है | इस अभियान के तहत पुलिस को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब उसके हाथ दो चरस तस्कर लगे | इनके पास डेढ़ किलो से ज्यादा चरस मिली है | ए एन टी एफ ऊधम सिंह नगर व रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए नेपाल बॉर्डर से तस्करी कर चरस ला रहे दो तस्करों को गिरफ्तार किया | पुलिस व ANTF की संयुक्त कार्यवाही में 1 किलो 600 ग्राम चरस के साथ दो युवक गिरफ्त में आये हैं | ये नेपाल बॉर्डर से चरस लाकर ऊधमसिंह नगर जिले में तस्करी करते थे | पुलिस की कार्यवाही पर एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने टीम को 2000 रुपये ईनाम देने की घोषणा की है |
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मुठभेड़ में 2 बदमाशों को लगी गोली रात के अंधेरे में गौ तस्करी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और गौ तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई | इस मुठभेड़ में दो गौ तस्कर घायल हो गए | जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया | वहीं मौके से फरार दो अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है | हरिद्वार में गौ तस्कर की घटना को अंजाम देने वाले गैंग की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और गौ तस्करों में मुठभेड़ हो गई थी | इस मुठभेड़ में दो तस्कर घायल हो गए | जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया | वहीं पुलिस ने मौके से 11 जिंदा गौवंश बचाए और आरोपियों के पास से तमंचे, जिंदा कारतूस व गौकशी उपकरण भी बरामद किए गए | मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी ने कहा कि रात के अंधेरे में अवैध धंधा करने वाले कुछ गैंग सक्रिय हैं, सभी हमारी रडार पर हैं और सभी का नंबर आएगा, गलत काम करने वाले किसी को भी नहीं छोड़ेंगे |
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फायरिंग से युवती हुई गंभीर रूप से घायल अक्सर समारोह में हर्ष फायरिंग की वजह से बड़ी घटनायें सामने आती है | फिर भी लोग अपनी झूठी शानो-शौकत के चलते ऐसी हरकतें करने से बाज नहीं आते हैं और दूसरों की जान के दुश्मन बन बैठते हैं | ऐसा ही मामला सामने आया एक शादी समारोह से जहां दुल्हन के भाई ने नशे की हालत में कट्टा लहराते हुए गोली चलाई | गोली के छर्रे वहां मौजूद एक युवती को जा लगे | जिससे युवती गंभीर रूप से घायल हो गई | हर्ष फायरिंग की यह घटना छतरपुर की है | घायल युवती समता यादव ने बताया की वह अपने परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने गई थी | जहां शादी की खुशी में दुल्हन का भाई राजेश यादव कट्टे से नशे की हालत मे फायरिंग कर रहा था | उसी दौरान गोली के छर्रे उसके हाथ मे लगे | जिससे वह घायल हो गई | घायल अवस्था में ही उसे जिला अस्पताल लाया गया | जहां उसका इलाज चल रहा है | साथ ही समता ने बताया की फायरिंग की वजह से एक महिला और घायल हुई है | एडीशनल एसपी ने कहा की मामले की जानकारी मिलते ही जांच के आदेश दे दिए हैं |
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बच्चों की मौत तालाब में डूबने के कारण हुई अपने परिवार के साथ विवाह के कार्यक्रम में शामिल होने आये दो मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई | इस घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल है | यह हादसा ईशानगर थाना क्षेत्र के परापट्टी में हुआए | जहाँ विवाह समारोह में आये दो बच्चों की तालाब में डूबने से मृत्यु हो गई | पीड़ित परिवार के रमेश अहिरवार ने बताया की तालाब में डूबने वाले बच्चों के नाम गौरव और प्रसन्न अहिरवार है | यह तालाब में नहाने के लिए गए हुए थे | जब यह काफी देर तक नहीं लौटे तो परिजनों ने ढूढ़ना शुरू किया | जब परिजन तालाब के पास पहुंचे तो इनके शव पानी में तैरते हुए मिले |
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व्यापारियों ने आक्रोश में किया धरना प्रदर्शन मसूरी के प्रसिद्ध माल रोड पर सात करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण और सुधारीकरण के कार्यों में बरती जा रही लापरवाही को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है | जिसको लेकर मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में ग्रीन चौक पर एक बार फिर से धरना प्रदर्शन किया गया |मसूरी माल रोड पर सुधारीकरण कार्यों में लगातार कोताही बरती जा रही है | जिसको लेकर मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में व्यापारियों ने ग्रीन चौक रोड पर जमकर प्रदर्शन किया और निर्माण विभाग और पेयजल निगम के खिलाफ नारेबाजी की व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी की अधिकांश सड़के खस्ताहाल है | मुख्य सचिव की बैठक में लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम , जल संस्थान, विधुत विभागों ने आश्वासन दिया था कि सभी काम पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले यानी 20 अप्रैल तक कर दिए जाएंगे...लेकिन मॉल रोड के ज्यादातर काम अधूरे है | जिस कारण लोगों को परेशानियों का सामना पड़ रहा है | उन्होंने किताब घर बाजार समेत अन्य जगहों से मलबे के ढेर को साफ करने की मांग भी की |
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पति-पत्नी के बीच हुआ था मामूली विवाद एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है | जहां एक युवक ने मामूली से विवाद के चलते अपनी पत्नी और डेढ़ साल की बच्ची पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया और उसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की |अपने ही परिवार की जान का दुश्मन बनने वाले युवक का नाम दीप सिंह है | दीप सिंह ने पहले अपनी पत्नी रूपा पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया और उसके बाद बेटी पर भी हमला किया | फिर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की घटना की सूचना पुलिस को दी गई | पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया | जहां ईलाज के दौरान पति-पत्नी की मौत हो गई | बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है | पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने कहा की मामले की जांच की जा रही है |
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पार्षद ने फर्जी मार्कशीट से लिया था कॉलेज में प्रवेश सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षदों ने अपने पद का दुरूपयोग करके अंसल वैली सचिव के घर तोड़फोड़ कर उनके परिवार के साथ मारपीट की थी | जिसके बाद से ही सचिव लगातार शासन-प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगा रहे है | लेकिन प्रशासन पार्षदों के खिलाफ एक्शन लेना तो दूर उनकी शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं है | अब सचिव ने उनके साथ मारपीट करने वाले एक पार्षद और पूर्व सचिव पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है | अंसल वैली के पीड़ित सचिव प्रवीण भारद्वाज ने बीजेपी पार्षद संजय नौटियाल पर फर्जी तरीके से कॉलेज में प्रवेश का आरोप लगाया है | सचिव प्रवीण भारद्वाज के अनुसार कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी | लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई और पार्षद चुनाव के समय इस बात को दबाया गया | सचिव प्रवीण भारद्वाज ने ऐसा ही आरोप अंसल वैली में रहने वाले पूर्व सचिव ओम प्रकाश पर लगाया | प्रवीण भारद्वाज के अनुसार पूर्व सचिव ने पार्क की भूमि पर गैरकानूनी रूप से कब्ज़ा किया था | जिसकी शिकायत एम डी डी ए में करने के पश्चात विभाग द्वारा कब्जे के ध्वस्तीकरण के आदेश दे दिए गए थे | लेकिन ऊपरी दबाव के चलते अभी तक इसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई |
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गोलीबारी में एक बदमाश हुआ घायल माफिया और बदमाशों का सफाया करने के लिए उत्तराखंड पुलिस लगातार अभियान चला रही है | इसी अभियान के तहत बदमाशों के वारदात की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हो गई.. जिसमें एक बदमाश घायल हो गया | उत्तराखंड और सहारनपुर के निकट गांवों में पुलिस को बदमाशों के वारदात की सूचना मिली थी | तभी मौके पर पहुंची पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हो गई | जिसमें एक बदमाश घायल हो गया | बदमाशों की सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर बदमाशों को चारो तरफ से घेर लिया था | लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी | जिसमें एक बदमाश घायल हो गया | इन बदमाशों में से दो हिस्ट्रीशीटर थे | जिनकी पुलिस को काफी दिनो से तलाश थी | जिन्हे अब गिरफ्तार कर लिया गया है | वहीं वारदात में शामिल तीन बदमाश अभी फरार हैं |
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लोगों ने मुआवजा की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन THDC अमिलिया कोल माइंस के खिलाफ विस्थापितों ने प्रदर्शन किया | प्रदर्शनकारियों ने कहा की कोल माइंस के अधिकारी उनको मुआवजा देने के नाम पर पागल बना रहे है | जब तक उनको घरों का मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वह प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे | वही एसडीएम ने इस मामले में टीम गठित कर दी है | जो 15 दिन के अंदर विस्थापितों की समस्या का हल निकालेगी | विस्थापित यह प्रदर्शन पिछले 19 दिनों से कर रहे हैं | सरपंच देवेंद्र पाठक ने कहा की हम अपनी मांगों को लेकर कंपनी से लेकर शासन-प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं | कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है | एक बार और हम 15 दिन के अंदर प्रशासन को मांगों को लेकर प्रतिवेदन देंगे | प्रशासन नहीं मनाता है तो हम कोल माइंस का कोई काम नहीं होने देंगे | वही THDC कंपनी के सीईओ ए. के.शर्मा ने कहा की यह धरना प्रदर्शन कम्पनी के संज्ञान में नहीं था | जैसे ही एसडीएम द्वारा टीम गठित करने की जानकारी मिली | तत्काल हमने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर विस्थापितों की मांगो को सुना | हम विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण 15 दिन के अंदर करेंगे |
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ग्रामीणों ने जूतों की माला पहनाकर घुमाया सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है | जिसमें अपनी प्रेमिका से मिलने आना प्रेमी को भारी पड़ गया | प्रेमी और उसकी प्रेमिका को गांव वालों ने जूतों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया | वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जांच में जुटी है |प्रेमी राहुल यूपी से अपनी प्रेमिका गीता से मिलने पिपरिया गाँव आया हुआ था | गाँव वालों ने इन दोनों को एक साथ पकड़ लिया और पुलिस को इस घटना की सूचना दी | पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों से बात की तो राहुल और गीता ने एक साथ रहने का फैसला किया और गीता के ससुराल वाले भी इस बात के लिए मान गए | मामला शांत होता देख पुलिस वहां से चली आई लेकिन पुलिस ने सोशल मीडिया पर राहुल और गीता को जूते पहनाकर घुमाने वाला वीडियो देखा | जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है | वही राहुल और गीता कहां गए | इसका किसी को पता नहीं है | इन को जूते की माला पहनने के साथ इनके साथ क्या सलूक किया गया है ये भी पुलिस को वायरल वीडियो से ही पता चला है |
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7 आरोपियों पर मामला दर्ज जिनमें तीन गिरफ्तार पुलिस प्रशासन ने फर्जीवाड़ा कर जमीन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है | पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों पर मुक़दमा दर्ज किया है | जिनमें से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है | बाकी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है |फर्जीवाड़ा का यह मामला सिंगरौली क्षेत्र का है | जहां पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर जमीन बेचने वाले एक आरोपी समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है | जिसमें से पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है | इसके अलावा पुलिस पटवारी समेत फर्जी दस्तावेज बनाने और जमीन खरीदने वाले लोगों की तलाश में जुट गई है | वही पुलिस ने बताया कि आवेदक राम प्रकाश सिंह ने पुलिस अधीक्षक यूसुफ कुरैशी के समक्ष शिकायत पत्र के माध्यम से अपनी फरियाद रखी थी | जिसके बाद एसपी कुरैशी ने सात दिन के भीतर शिकायत पत्र की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जाने की बात कही | थाना प्रभारी ने शिकायत पत्र की जांच कर आरोपी प्रमोद रंजन पटेल, छोटेलाल शाह और राम लखन पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया है | साथ ही आरोपियों के पास से फर्जी आधार कार्ड और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई रजिस्ट्री के पेपर बरामद किये गए है |
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मुठभेड़ में पुलिसकर्मी और बदमाश घायल गोकशी की सूचना मिलने पर जांच करने पहुंची पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई | इस मुठभेड़ में पुलिस का एक जवान और एक बदमाश घायल हो गए | घायलों को ईलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया | मामला हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र का है | जहां गोकशी की सूचना मिलने पर जा रही पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी | इस मुठभेड़ में एक पुलिस जवान को गोली लग गई | वही पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक बदमाश भी घायल हुआ है | जबकि कुछ बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले जिसके बाद घायलों को इलाज के लिए रुड़की जिला अस्पताल भेजा गया | वहीं पुलिस और बदमाशों के बीच हुई इस मुठभेड़ के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर आ गया है | एसएसपी के आदेश पर क्षेत्र की घेराबंदी कर फरार बदमाशों की तलाश में कांबिंग जारी है |
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युवक की मौत के कारण का नहीं चला पता लंबे समय से बंद पड़ी ओपनकास्ट कोयला माइंस में युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया | युवक की मौत किन कारणों से हुई है | इसका पता नहीं चल पाया है | मृतक युवक का नाम संदीप सल्लाम है | यह 7 मई से अपने घर से लापता था | संदीप की मौत के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है | वही इस घटना के बाद डब्लू सी एल प्रबंधन की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं | बता दें ओपन कास्ट कोयला खदान पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है | ऐसे में अक्सर यहां हादसे होते रहते हैं और शासन-प्रशासन मूकदर्शक बनकर देखता रहता है |
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बुजुर्ग के घर पुताई करने आया शख्स निकला कातिल हरिद्वार पुलिस ने एक बुजुर्ग महिला की निर्मम हत्या की गुत्थी पुलिस ने 48 घंटे के अंदर ही सुलझा ली | पुलिस ने पता लगाया की बुजुर्ग महिला की हत्या उसके घर पुताई करने वाले शख्स ने ही की है | आरोपी ने पहले महिला के घर में चोरी की | जब उसकी चोरी पकड़ी गई तो उसने मनगढंत कहानी रचकर महिला को चोरी का सामान दिलाने का भरोसा दिलाया और उसे ऑटो में ले जाकर उसकी हत्या कर दी | पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है | हरिद्वार में निखिल कुमार नाम के व्यक्ति ने अपनी माँ सुनीता की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी | सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को पता चला की सुनीता एक व्यक्ति के रिक्शे में बैठकर कही गई थी | पुलिस ने उस व्यक्ति का पता लगाकर उससे सख्ती से पूछताछ की तो व्यक्ति ने अपना सारा गुनाह कबूल कर लिया | दरअसल इस व्यक्ति का नाम नसीम है और यह महिला के घर पुताई का काम करता रहता था | इसी दौरान उसने महिला के घर से ज्वैलरी और पैसे चुरा लिए थे | जिसकी भनक महिला को लग गई थी | उसने इससे पूछा भी लेकिन इसने बहाना बना दिया और मनगढ़ंत कहानी रचते हुए कहा की एक बाबा है जो आपकी ज्वेलरी और पैसे के बारे में बता सकते हैं | महिला इसपर विश्वास करके इसके साथ बाबा से मिलने ऑटो में चली गई | रास्ते में इसने महिला को नहर में धक्का दे दिया | जिससे महिला की मौत हो गई | पुलिस ने आरोपी के घर से चोरी का सामान बरामद कर लिया है |
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विवाद में गोली चलने से तीन लोग हुए थे घायल खेत में सिंचाई को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद से फरार चल रहे चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | इन आरोपियों ने विवाद में मारपीट की थी और हवाई फायरिंग करके फरार हो गए थे | जिनकी पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी | हरिद्वार के थिथकी गांव में सिंचाई कर रहे दो पक्षों में विवाद हो गया था | ये विवाद इतना बढ़ गया था आरोपियों ने मारपीट के बाद हवाई फायरिंग कर फरार हो गए थे | इस घटना में तीन लोग घायल हो गए थे | घायलों ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी थी | पुलिस ने मामले की जांच करते हुए इस घटना में शामिल चार आरोपियों में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था | जबकि एक आरोपी फरार चल रहा था | जिसे भी अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और सभाी आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है |
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वृद्ध महिला ने कहा ठेकेदार ने उन्हें जानबूझकर फंसाया पुलिस प्रशासन ने अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ करवाई करते हुए एक वृद्ध महिला के घर से 7 पेटी शराब जब्त की पुलिस की इस करवाई पर आरोपी महिला ने कहा की उसे फंसाया जा रहा है | किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसके यहां शराब पहुंचाई गई थी | पुलिस उस व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर रही है | अवैध शराब के मामले में पुलिस ने जिस महिला को गिरफ्तार किया है | वह महिला चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है की यह शराब उसके यहां भट्टी संचालक के मैनेजर चिंटू जायसवाल ने पहुंचाई है | चिंटू ने फोन करके उसे कहा भी था की अगर कोई दिक्कत होती है तो मुझे फोन कर लेना | वृद्ध महिला ने कहा की पुलिस उसे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर थाने ले जा रही है | जबकि उसने कोई गुनाह नहीं किया है | बता दें शराब भट्टी संचालक के मैनेजर चिंटू जायसवाल गाँव-गाँव में शराब पहुंचा रहा है | पुलिस को इस बात की जानकारी है | फिर भी वह कोई करवाई नहीं कर रही है | इससे साफ जाहिर होता है की पुलिस भी शराब माफियाओं के साथ मिली हुई है | वही इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा की मामले की जांच की जा रही है | दोषियों के खिलाफ करवाई होगी |
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पड़ोसी ने ही की बुजुर्ग की पीटकर हत्या मामूली से विवाद के चलते एक युवक ने उसके पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग की लाठी डंडों से पीटकर हत्या कर दी | आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना अनगौर गांव की है | जहां मृतक जगदीश के भतीजे से आरोपी राजेश का पहले किसी बात को लेकर झगडा हो गया था। इस झगड़े में जगदीश ने अपने भतीजे का समर्थन किया था | इसी बात की खुन्नस राजेश को थी और इसी खुन्नस की वजह से राजेश ने जगदीश के सिर पर डंडा मार दिया और उसपर डंडे से कई वार करते हुए उसे लहूलुहान कर दिया | घायल अवस्था में जगदीश को अस्पताल में भर्ती कराया गया था । जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी राजेश को गिरफ्तार कर लिया है |
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स्कार्पियो चालक गंभीर रूप से घायल तेज रफ्तार का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है | जहां एक बार फिर तेज रफ़्तार स्कॉर्पियो और ट्रेलर में जोरदार भिड़ंत देखने को मिली | इस भिड़ंत से हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है | सिंगरौली जिले में तेज रफ्तार स्कार्पियो और ट्रेलर में भिड़ंत हो गई | मोरवा से गोरबी की ओर जा रही तेज रफ्तार स्कार्पियो रास्ते में जा रहे एक ट्रेलर से टकरा गई | जिससे स्कॉर्पियो के परखच्चे उड़ गए और इस भीषण सड़क हादसे में स्कॉर्पियो चालक को गंभीर रूप से चोटें आई है | वहीं दो अन्य लोग भी घायल हो गए हैं | जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है | डीएसपी शिव कुमार वर्मा ने बताया कि हादसा काफी भीषण था | लेकिन गनीमत रही हादसे में किसी की जान नहीं गई है |
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पुलिस ने दबोचा तीन शातिर चोरों को ग्राहक बनकर दिनदहाड़े ज्वैलरी शोरूम से लाखों की चोरी करके फरार चल रहे | आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है | ये गिरोह ग्राहक बनकर ज्वैलरी की दूकान में पहुंचता और जेवरात पार कर देता था | इसी तरह ये गैंग शादी समारोह में भी चोरियां करता रहा है | हरिद्वार में आशा ज्वैलरी शोरूम से चोरी करके फरार चल रहे गिरोह को पुलिस ने धर दबोचा है | ये शातिर चोर गिरोह ग्राहक बनकर ज्वैलरी शॉप में चोरी की घटना को अंजाम देता था | इसके साथ ही ये इसी तरह शादी समारोह में भी शामिल होकर घटनाओं को अंजाम देते थे | इनके साथ इस गिरोह में महिलाएं भी थी | जो दुकानों में चोरी के समय दुकानदार को उलझा कर रखती थी और बाकी आरोपी घटना को अंजाम देते थे | एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि ये सभी आरोपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं | हरिद्वार के ज्वैलरी शोरूम में हुई घटना के बाद पुलिस को इनकी काफी दिन से तलाश थी | जिन्हें अब गिरफ्तार कर लूट की ज्वैलरी भी बरामद कर ली गई है | वहीं गिरोह की दो महिलाओं की अभी तलाश जारी है |
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भारत विकास परिषद् लगाता है जांच शिविर जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए भारत विकास परिषद् हर महीने में दो बार स्वास्थ्य जाँच शिविर लगाता हैं | जहाँ पहले राष्ट्र गीत गाय जाता है उसके बाद निशुल्क स्वास्थ्य सम्बन्धी जांचें की जाती हैं | सिंगरौली जिले के मल्हार पार्क में भारत विकास परिषद निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन करता है | इस प्रकार के आयोजन से जरूरत मंद लोगों को लाभ मिलता | इस शिविर मे सहयोगी भूमिका में मिश्रा पालिक्लीनिक रहता है | भारत विकास परिषद इस निशुल्क जांच शिविर की शुरुवात राष्ट्र गीत से और समापन राष्ट्र गान से करता है | इस जांच शिविर में भारत विकास परिषद के अध्यक्ष डा. ओ पी राय , व्यापार मण्डल उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कोषाध्यक्ष रावेन्द्र विक्रम सिंह की मुख्य भूमिका रहती है |
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बस के कांच तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला मध्य प्रदेश के खरगोन में मंगलवार सुबह एक बस 50 फीट ऊंचे पुल से नदी गिर गई | इस हादसे में 22 यात्रियों की मौत हो गई | इनमें 3 बच्चे, 9 महिलाएं और 10 पुरुष हैं | बस डोंगरगांव और दसंगा के बीच बोराड़ नदी के पुल की रेलिंग तोड़कर नीचे जा गिरी, नदी सूखी हुई थी | गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं | खरगोन में 50 फीट ऊंचे पुल बस सूखी नदी में जा गिरी | हादसे में 22 यात्रियों की मौत हो गई | 30 से अधिक घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया | सात घायलों को इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया | मां शारदा ट्रेवल्स की बस में 50 से 60 लोग सवार थे | बस में सवार लोगों ने बताया बस तेज रफ़्तार में थी और ड्राइवर को झपकी लगने के कारण बस पुल की रैलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी | बस के कांच फोड़कर घायलों को बाहर निकाला निकला गया | लोगों ने घायलों को अपनी गाड़ियों से अस्पताल पहुंचाया | हादसे के बाद कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि 22 लोगों की मौत हुई है | SDM ने बताया कि हादसा जिला मुख्यालय से करीब 34 किलोमीटर दूर ऊन थाना क्षेत्र के डोंगरगांव के समीप हुआ | फिलहाल बस चालक का पता नहीं चल पाया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खरगोन हादसे पर दुख जताया | उन्होंने कहा, हादसा अत्यंत दुखद है | इसमें जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक संवेदनाएं मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं | पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया शोक जताया | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में केबिनेट मीटिंग में इस हादसे की जानकारी दी | उन्होंने दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया | मध्यप्रदेश सरकार ने खरगोन बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए और मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है |
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पुलिस ने दो नशे के सौदागरों को किया गिरफ्तार देवभूमि उत्तराखंड में भी नशे के सौदागर अपने पैर जमा रहे हैं | ऐसे में देहारादून पुलिस ने दो स्मैक तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से आठ लाख से ज्यादा की स्मैक बरामद की है | देहरादून पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए साढ़े ₹8 लाख की स्मैक के साथ दो स्मैक तस्करों को रायवाला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है | ये दोनों ही नशा तस्कर बरेली के रहने वाले हैं | इनके नाम पप्पू श्रीवास्तव और शहनवाज सिद्दीकी उर्फ सानू हैं | देहरादून एसएसपी दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि रायवाला चौक के आगे रेलवे स्टेशन के पास गश्त के दौरान दो व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में खड़े दिखाई दिए | जो पुलिस टीम को देकर दूसरी दिशा में मुड़कर जाने लगे | संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस टीम द्वारा दोनों युवकों को पकड़ कर पूछताछ की गई | इन की तलाशी लेने पर दोनों अभियुक्तों के पास से प्लास्टिक की पन्नी में छुपा कर रखी गई कुल 86 ग्राम स्मैक बरामद हुई | प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा उक्त स्मैक को मीरगंज बरेली से लाकर रायवाला में सुनैना मल्होत्रा नाम की महिला को देने के लिए आना बताया गया |
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सात लोग ब्याज के साथ रकम जमा करवाएंगे देहरादून में प्रशासन ने जमीन और भवनों की खरीद-फरोख्त में 18 लाख से ज्यादा की स्टांप शुल्क की चोरी पकड़ी है | शुल्क चोरी करने पर सात लोगों को जुर्माना और ब्याज के साथ यह रकम जमा करावानी होगी | प्रशासन को शिकायत मिल रही थी कि कुछ मामलों में जमीन और भवनों की खरीद फरोख्त में सर्किल रेट या कम एरिया दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई | ऐसा कर स्टांप शुल्क कम जमा कराकर सरकार को राजस्व की चपत लगाई जा रही है | इस पर डीएम सोनिका ने स्टांप शुल्क चोरी के मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए | एडीएम वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा ने बताया की संपत्तियों का मुआयना किया गया | जांच में 18 लाख 67 हजार 226 के स्टांप ड्यूटी में कमी पाई गई | संबंधित संपत्ति मालिकों पर 8 लाख 45 हजार 509 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है | साथ ही 6 लाख 24 हजार 130 रुपये ब्याज सहित कुल धनराशि 33 लाख 46 हजार 865 जमा कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं | अगर यह धनराशि जमा नहीं कराई जाती है तो संबंधित डिफाल्टर से 10 प्रतिशत और धनराशि ली जाएगी |
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मेडिकल स्टोर संचालकों को किया गिरफ्तार, बरामद माल की कालाबाजार में कीमत50 लाख देहरादून में पुलिस ने एक मेडिकल स्टोर पर छापा मार कार्यवाही की और प्रतिबन्धित नशीली दवाओं धंधा करने वाले को गिरफ्तार किया | पुलिस में इस व्यक्ति के पास से तक़रीबन पचास लाख रुपये की प्रतिबंधित नशीली दवाएं जप्त की हैं | पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि सुद्धोवाला चौक के निकट वंश मेडिकल स्टोर का संचालक केमिस्ट की दुकान की आड में लोगो को प्रतिबन्धित दवाएं बेच रहा है | पुलिस टीम ने मेडीकल स्टोर पर दबिश दी तो मेडीकल स्टोर संचालक व उसका भाई अपनी दुकान पर प्रतिबन्धित नशीली दवांए बेचते हुए पकडे गये | मेडीकल स्टोर की तलाशी लेने पर पुलिस टीम को मेडीकल स्टोर से नशीली दवाओं की बडी खेप बरामद हुई, जिसके सम्बन्ध में पूछताछ करने पर मेडीकल स्टोर संचालक द्वारा बताया गया कि वह तथा उसका भाई दोनों केमिस्ट की दुकान चलाते हैं उनके पास दवाओं को बेचने का कोई वैध लाइसेंस नहीं है | दोनो अभियुक्तों कृष्ण कुमार और विनय कुमार नेबताया कि हम वर्ष: 2013 से दवाओं को बेचने का कार्य कर रहे हैं | नशे के आदि व्यक्तियों द्वारा इन दवाओं को नशा करने के लिये प्रयोग किया जाता है | बरामद नशीली दवाओं की अनुमानित कीमत 50 लाख के करीब बताई गई है |
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नहीं हुआ हत्या की वजह का खुलासा सिंगरौली के ग्रामीण इलाके में शादी समारोह में गए एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई | हत्या की वजह का खुलासा अभी नहीं हुआ है | सिंगरौली जिले के कुंद्दा पचौर निवासी अमीर सिंह की बेदर्दी से पिपरी गांव में की हत्या कर दी गई | अमीर सिंह अपने रिश्तेदार प्रेम सिंह के साथ फुलझर गांव से शादी के कार्यक्रम में शामिल होने गया था | तभी सरई थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में अमीर सिंह की हत्या कर दी गई | अभी हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है |
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गिरोह बना कर काम करते हैं फर्जी पत्रकार, गांजे के झूठे केस में फंसाने की दे रहे थे धमकी गिरोह में काम करने वाले फर्जी पत्रकारों ने एक महिला को गांजे के झूठे केस में फंसाने की धमकी दे कर ब्लैकमेल कर रहे थे | महिला से हजारों रूपये ठग लिए थे | महिला ने परेशान होकर पुलिस में शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने इन फर्जी पत्रकारों के गिरोह का पर्दाफाश किया है | कटनी जिले के कांटी गांव में रहने वाली प्रेम बाई पिछले एक महीने से ब्लैकमेलिंग और धमकियों से परेशान थी | फर्जी पत्रकारों का एक गिरोह लगातार प्रेम बाई को गांजे के झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था | ये गिरोह महिला से हजारों रुपए ऐंठ चूका था | पानी हद से गुजरने के बाद महिला परेशान होकर पुलिस से शिकायत करने पहुंची | पीड़ित महिला प्रेम बाई की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच की और बंटी नामदेव नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है | जिसने फर्जी पत्रकार बनकर महिला से ठगी के आरोपों को कबूल किया है | इसके साथ ही इस गिरोह में सुमित जयसवाल, नरेश बजाज और मनोज परिहार नाम के तीन आरोपी और शामिल थे | जिसकी जानकारी देते हुए एसडीओपी शालिनी परस्ते ने कहा कि तीन आरोपी अभी फरार हैं जिन्हे भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा |
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कार्यवाही से, तस्करों में मची खलबली नशा तस्करों पर सरकारी गाज गिरना शुरू हो गई | नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर कार्यवाही करते हुए प्रशासन ने नशा तस्कर की संपत्ति का जब्तीकरण किया | नशे का अवैध कारोबार करने वाला सद्दाम उर्फ गुल्ल 266 ग्राम अवैध स्मैक के साथ पकड़ा गया था | इस पर थाना पथरी पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किये जहा से उसे जेल भेज दिया गया |
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युवक पर किया बदमाशों ने चाकू बड़ा से हमला एक युवक पर बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया | बदमाश युवक को जबरन उसके घर से उठाकर ले गए और उसके साथ पहले मारपीट की फिर चाकू से उसपर जानलेवा हमला करके फरार हो गए | घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया | जहां उसका इलाज चल रहा है | यह घटना कटनी की है | घायल युवक प्रेम वर्मा ने बताया की चार बदमाश उसे जबरन घर से उठाकर ले गए और उन्होंने बाबा घाट पर उसके साथ मारपीट कर उसकी पीठ,जांग और पेट पर चाकू से हमला कर दिया | उसके बाद बदमाश उसे वहा से उठाकर साउथ स्टेशन के पास ले गए और वहा भी उसके साथ मारपीट की और बंदूक से फायर कर मौके से फरार हो गए | घायल युवक के परिजनों ने बदमाशों के खिलाफ कड़ी करवाई की मांग की है | वही पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है |
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चोरों के पास से बरामद हुई मोटरसाईकिल पुलिस ने वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ है | पुलिस ने चोरों के पास से चोरी की आठ मोटरसाइकिल बरामद की है | पुलिस आरोपियों से चोरी की और भी घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है | ये चोर छतरपुर पुलिस के शिकंजे में तब आए जब यह हाईवे से जा रहे थे | पुलिस को हाईवे पर चेकिंग के दौरान इनपर शक हुआ | पुलिस ने इनसे जब इनसे सख्ती से पूछताछ की तो इन्होंने चोरी करने की बात कबूली | पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से चोरी की आठ मोटरसाईकिल बरामद की हैं | इन आरोपियों से और भी चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ की जा रही है |
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जोरदार टक्कर में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए काशीपुर में एक बडा सड़क हादसा हो गया | जिसमें नेशनल हाईवे पर ओवरटेक कर रहे हाइड्रा क्रेन ने सामने से आती हुई कार को जोरदार टक्कर मार दी | इस टक्कर की वजह से कार में सवार 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए | यह हादसा नेशनल हाइवे पर शाम के वक्त हुआ | जहां हाइड्रा क्रेन और कार की टक्कर की वजह से कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई | हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाया | इस हादसे में घायल होने वालों के नाम अंजुम,निशा गुलशेर,और कनीज है | यह लोग केलाखेडा से ठाकुरद्वारा रिश्तेदारी में शामिल होने जा रहे थे | तभी यह हादसा हो गया | हादसे के बाद से हाइड्रा चालक मोके से फ़रार हो गया है | पुलिस ने दोनों वाहनों को अपने कब्जे ले लिया है |
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गंभीर हालत में अस्पताल में है मासूम मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है | जहां 3 साल की बच्ची को आइसक्रीम का लालच देकर 26 साल के आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया | पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है | वही मासूम को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है |हैवानियत का आरोपी युवक दिल्ली में मजदूरी करता है | कुछ दिनों पहले ही यह अपनी पत्नी की डिलीवरी करवाने उसके मायके आया था | आरोपी मासूम बच्ची को आईसक्रीम का लालच देकर उसे गांव मे बने स्टाप डेम के पास ले गया और वहां इसने घटना को अंजाम दिया | जब परिजनों को बच्ची नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई | पुलिस बच्ची को तलाशते हुए घटना स्थल पर पहुंची | जहां मासूम लहूलुहान हालत मे मिली | पुलिस ने तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया | जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है | पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है | उससे पूछताछ की जा रही है |
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रात जंगल में ले जाकर घटना को दिया अंजाम देहरादून से एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है | जहां आधी रात अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी से युवती वापस आ रही थी | तभी लिफ्ट के बहाने टैक्सी चालक ने उसे जंगल में ले जाकर उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया | चंडीगढ़ की रहने वाली युवती मसूरी में अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी से वापस आ रही थी | वहीं आधी रात युवती नशे की हालत में थी और वह शिमला बाईपास से आईएसबीटी जाने के लिए टैक्सी का इंतजार कर रही थी | तभी लिफ्ट देने के बहाने से टैक्सी चालक ने युवती के नशे में होने का फायदा उठाकर उसे आईएसबीटी की जगह आशारोडी के जंगल की ओर ले गया | जहां उसने युवती के साथ रेप करके लूटपाट की घटना को अंजाम दिया | इस घटना से युवती बेहोश हो गई थी | वहीं सुबह होश आने पर उसने दोस्त के साथ थाने पहुंचकर मामले की एफआईआर दर्ज कराई | जिसकी जानकारी देते हुए एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना के आरोपी को 12 घंटे के भीतर ढूंढ निकाला हैं | वहीं आरोपी ने युवती के साथ बलात्कार करके लूटपाट की घटना को भी कबूल किया है |
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पुलिस ने बरामद की बदमाशों के पास से हजारों लीटर शराब पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया | पुलिस ने जंगलो,नालों में घुसकर अवैध शराब के गुप्त अड्डों को नष्ट किया | पुलिस की इस करवाई से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है | पुलिस और प्रशासन के इस शराब विरोधी अभियान में पुलिस शराब माफियाओं के जंगलों, नालों के बीच बनाए गए गुप्त अड्डों तक पहुंची और वहां पर करीब 10 हजार लीटर लाहन और शराब और शराब बनाने के उपकरण पुलिस ने नष्ट किये | पुलिस की इस करवाई से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है | वही करवाई के बाद एसएसपी ने कहा की जंगल,नालो में छुप कर अवैध शराब का धंधा करने वालों की कुंडली तैयार की जा रही है | सबका नंबर आएगा | एक-एक कर सबको जेल भेजा जाएगा | जल्द ही आसपास के क्षेत्र के सभी घने जंगलों और गुप्त इलाकों पर भी इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई की जायेगी और अवैध शराब का कार्य करने वालों को चिन्हित कर उन पर नकेल कसी जाएगी |
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पुलिस ने चोरों को सामान के साथ पकड़ा मंदिर में चोरी करने वाले युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया | युवकों के पास से पुलिस ने चोरी का सामान भी बरामद किया | पुलिस इन युवकों से और भी चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है | चोरों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं की उन्हें पुलिस प्रशासन का भी कोई डर नहीं है | आये दिन वह दिनदहाड़े चोरी की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं | शाहनवाज और दानिश नाम के 2 चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है | इन आरोपियों ने शिव मंदिर से दान पात्र, लड्डू और मंदिर की मूर्तियां चुराई थी | चोरी की यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई | जिसके आधार पर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया |
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पुलिस ने बरामद किये साढ़े चार ग्राम स्मैक उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार नशे के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है | धामी सरकार नशा मुक्त देवभूमि अभियान चला रही है | जिसके तहत 2025 तक प्रदेश को पूरा नशा मुक्त करना है | सरकार ने शासन-प्रशासन को सख्त निर्देश दिए है की किसी भी तरह की नशे से सम्बंधित गतिविधि हो तो तुरंत करवाई करें | इसी के तहत पुलिस प्रशासन ने स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया है | उत्तराखंड सरकार के निर्देशानुसार शासन-प्रशासन नशे से सम्बंधित गतिविधियों पर सख्त करवाई कर रहा है | इसी कड़ी में पुलिस की टीम ने मुखबिरों से मिली सुचना के आधार पर स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया | पुलिस ने आरोपी आजाद सलमानी के पास से 04.35 ग्राम स्मैक बरामद किया | आजाद से पुलिस पूछताछ कर रही है |
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सचिव ने सड़क पर लगाई इंसाफ की गुहार दबंगो की दबंगई से परेशान होकर एक परिवार ने सड़क पर इंसाफ की गुहार लगाई | पीड़ित परिवार का कहना है की दबंग उनके घर आकर तोड़-फोड़ कर रहे हैं | उनके साथ मारपीट कर रहे हैं | फिर भी प्रशासन उनपर कोई करवाई नहीं कर रहा है | बल्कि वह उल्टा हमारे पर ही करवाई कर हमें परेशान कर रहा है | देहरादून स्थित अंसल ग्रीन सोसायटी में रहने वाले सचिव प्रवीण भारद्वाज ने भाजपा के पार्षदों की दबंगई से दुखी होकर राष्ट्रपति से पहले इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है अब उन्होंने अपनी पत्नी के साथ हाथों में पोस्टर लेकर सड़क पर मदद की गुहार लगाई | प्रवीण भारद्वाज ने बताया की पार्षदों ने गुंडों के साथ आकर उनके घर में तोड़फोड़ की और उनके परिवार के साथ मारपीट की पुलिस में इस मामले की शिकायत करने के बाद भी पार्षदों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई | उल्टा पुलिस प्रशासन उनके परिवार को ही मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है | प्रवीण भारद्वाज ने बताया की हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है | मुझे मजबूर होकर सड़को पर घूम घूम कर जनता के बीच अपना दुखड़ा बताना पड़ रहा है | ताकि हमारी आवाज ऊंचे पदों पर बैठे नेताओं व अधिकारियों तक पहुंच जाए और हमें इंसाफ मिल सके |
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पुलिस ने इन मोबाइलों को उनके मालिक को लौटाया साइबर सेल की मदद से पुलिस ने 121 मोबाईल धारकों को उनके चोरी हुए मोबाइल लौटाए | मोबाईल मिलने से लोग काफी ज्यादा खुश हुए | उन्होंने पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया | कहते है एक बार यदि आपका कोई सामान चोरी हो जाए और आपने उसकी पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है | तो भले ही चोर मिल जाए | पर आपका चोरी हुआ सामान वापस नहीं मिलता है | लेकिन जब पुलिस प्रशासन आपके साथ आपके सामान की भी सुरक्षा करता है | तो यह संभव हो सकता है और ऐसा ही देखने को मिला छतरपुर में जहां पुलिस ने पच्चीस लाख के चोरी के मोबाईल बरामद किये | पुलिस ने साइबर सेल की मदद से इन मोबाइलों को मोबाईल धारकों को सौंपा |
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किसानों का पैसा दूसरों के खतों में मध्यप्रदेश में किसानों से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई है | इसका खुलासा एकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट्स से हुआ है | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सीहोर जिले में ही अधिकारीयों कर्मचारियों ने मिलकर पांच सौ किसानों को चूना लगा दिया है और उनके दो करोड़ रुपये किसी और खाते में डाल दिए | मध्यप्रदेश के 14 जिलों में किसानों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी होने का अंदेशा है | महालेखाकार के आदेश पर 4 जिलों में किसानों के नाम पर दिए गए पैसे की जांच शुरू की गई है | किसानों के साथ धांधली का खुलासा महालेखाकार ग्वालियर के ऑडिट रिपोर्ट में हुआ | ऑडिट के दौरान किसानों के नाम मिस मेच होने पर सर्वर ने इस धांधली को पकड़ा | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले सीहोर के 500 किसानों के खाते में तीन साल से फसल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं आई है और अधिकारीयों ने सरकार को बता दिया कि किसानों के खाते में राशि डाल दी गई है | यह राशि दो करोड़ रुपए केकरीब बताई गई है | अब सीहोर जिला प्रशासन ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट तैयार कर दोषियों के खिलाफ आरोप भी तय कर लिए हैं, यह मामला वर्ष 2019, 2020 और 2021 में भारी बारिश, ओलावृष्टि व प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई फसलों की क्षतिपूर्ति से जुड़ा बताया जा रहा है। किसानों के साथ धांधली 14 जिलों में की गई है | इस घोटाले में राजस्व विभाग के तहसीलदार, पटवारी सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूमिका साफ नजर आ रही है | अब सीहोर, विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सतना, दमोह, छतरपुर, देवास, खंडवा, सिवनी, मंदसौर, आगर मालवा और श्योपुर में प्ररम्भिक जांच में पता चला है इसमें भ्रष्ट सिस्टम किसानों के पंद्रह करोड़ रुपये से ज्यादा हजम कर गया है |
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फर्जी दस्तावेज से चुनाव लड़ने का है आरोप फर्जी दस्तावेज से चुनाव लड़ने के मामले में ग्राम प्रधान और जिला पचायत सदस्य की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है | भाजपा नेता की शिकायत के बाद जॉइंट मजिस्टेट ने इस मामले में एक जांच कमेटी गठित की जिसे 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी | लेकिन जांच कमेटी की लापरवाही को देखते हुए ग्रामीणों ने जॉइंट मजिस्टेट को ज्ञापन सौंपकर जल्द करवाई की मांग की है | बेलड़ा गाँव के ग्राम प्रधान सचिन कुमार और जिला पंचायत सदस्य सपना चौधरी के फर्जी दस्तावेज से चुनाव लड़ने वाले मामले को लेकर जॉइन्ट मजिस्टेट के आदेश पर एक जांच कमेटी बैठाई गई थी | जिसको 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी | लेकिन कमेटी जांच में लापरवाही कर रही है | जिस वजह से बेलड़ा गांव के ग्रामीणों ने इक्कठा होकर जॉइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य की जाँच जल्द पूरी कर उन पर कार्रवाई की जाए | ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि अगर एक सप्ताह के अंदर जाँच रिपोर्ट नही भेजी जाती है | तो ग्रामीण जॉइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे | वहीं जॉइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह ने आश्वासन दिया कि जल्द ही जाँच रिपोर्ट मंगाई जाएगी |
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पुलिस की करवाई से इलाके में मचा हड़कंप पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार में प्रसिद्ध दरगाह के आस-पास से अवैध अतिक्रमण को हटाया | पुलिस ने बताया की पहले भी इन लोगों को चेतावनी दी गई थी कि यह दरगाह के आस-पास से अपने कब्जे वाली जगह खाली करें | लेकिन इन लोगों ने प्रशासन की कोई बात नहीं सुनी जिस वजह से यह करवाई की गई | पुलिस की यह संयुक्त करवाई पिरान कलियर दरगाह इलाके में हुई | आपको बता दें पिरान कलियर दरगाह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यहां देश-विदेश से लोग आते हैं | वही दरगाह के आस-पास लोगों ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है और दुकानें बना की है | पहले भी प्रशासन ने यहां से अवैध अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए थे | लेकिन फिर भी अतिक्रमण वहां से नहीं हटाया गया | एसडीएम विजयनाथ शुक्ला ने बताया की कुछ दिन पहले भी इन लोगों को चेतावनी दी गई थी कि सड़कों पर अतिक्रमण ना करें | लेकिन उसके बाद भी इन लोगों ने दोबारा अतिक्रमण कर लिया | जिस वजह से दरगाह प्रबंधन और पुलिस प्रशासन व नगरपालिका की संयुक्त टीम ने यह कार्यवाही की है और अतिक्रमण को यहां से हटाया है | यदि फिर से अतिक्रमण जैसी घटना होती है तो यह अभियान आगे भी जारी रहेगा |
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युवती को प्रताड़ित कर आरोपी कराते थे देह व्यापार, पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया पुलिस ने देह व्यापार के बड़े मामले का खुलासा किया | पुलिस ने बताया की एक नाबालिग लड़की को काम दिलाने के बहाने कुछ लोगों ने उसे बेच दिया था और जहां उसे बेचा गया वहां उसका शारीरिक शोषण किया जाता था | उसके साथ मारपीट कर देह व्यापार कराया जाता था | पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है | अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है | यह मामला काशीपुर का है | जहां पॉक्सो एक्ट के तहत देह व्यापार के मामले में 9 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है | इस मामले में पीड़ित युवती ने बताया की उसके साथ बड़ा धोखा हुआ है | वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है | उसके घर में कमाने वाले कोई नहीं है | इसलिए वह काम की तलाश में शकील, सलीम और विजय ड्राइवर से मिली | लेकिन इन लोगों ने उसे काम दिलाने के बहाने गुडिया, रेहान और फ़रीदा को बेच दिया था | गुड़िया और उसके साथी पीड़ित युवती के साथ अत्याचार करते थे | उसके साथ मारपीट करते थे व उससे देह व्यापार कराते थे और इतना ही नहीं इन लोगों ने युवती को चंडीगढ़ में भी बेच दिया था | लेकिन वहां उसकी तबियत ख़राब होने के बाद उसे वापस काशीपुर लाया गया | जिसके बाद युवती ने अपनी आपबीती सुनाई | पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया की पीड़ित को चंडीगढ़ में बेचने वाले 2 आरोपी रेहान और गुड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है | उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार करके आगे की करवाई की जाएगी |
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स्पा सेंटरों को छापे की भनक लगते ही हो गए फरार उत्तराखण्ड में चल रहे अवैध कैफ़े व स्पा सेंटर पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने छापा मारा..लेकिन छापे की भनक लगते ही कैफे के मालिक सेंटरों को बंद करके फरार हो गए | जिसके एवज में टीम ने सेन्टर पर नोटिस चस्पा कर दिया और मालिकों को ओरिजनल पेपर लेकर एंटी ह्यूमन सेल में वैरिफिकेशन कराने की चेतावनी दी है | काशीपुर के प्रिया मॉल चल रहे अवैध कैफे व स्पा सेंटर पर एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट ने छापा मारा लेकिन कैफे व स्पा सेंटरों को कार्यवाही की भनक पहले ही लगने के कारण वह अपने सेन्टर बन्द करके फ़रार हो गए | वहीं पुलिस ने सन्चालको से फ़ोन पर सम्पर्क करने की भी कोशिश की लेकिन संपर्क ना होने के बाद सेन्टरो पर नोटिस चस्पा कर दिया गया और चेतावनी देते हुए मालिकों को ओरिजनल पेपर लेकर एंटी ह्यूमन सेल में वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है | जिसकी जानकारी देते हुए सीओ वन्दना वर्मा ने बताया कि काफ़ी समय से स्पा व कैफ़े सेन्टरों मे अवैध तरिके से कार्य किये जाने की शिकायत मिल रही थी | जिसकी गोपनीय तरीके से जांच भी की गई थी | इसी को आधार मानकर पुलिस ने कार्यवाही की है |
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वायरल वीडियो में मंत्री लात घूसों से व्यक्ति को पीट रहे पुष्कर सिंह धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का सरेआम गुंडागर्दी का वीडियो वायरल हो रहा है | वीडियो में विधायक और उनकी पूरी फोर्स एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर रही हैं | वीडियो के वायरल होते ही लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है | वहीँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना का वीडियो देखने के बाद इस मंत्री को तलब किया है | अलग चाल चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भाजपा सरकार के एक मंत्री की दादागिरी का वीडियो सामने आया है | ऋषिकेश के विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को जहां चार धाम यात्रियों का स्वागत कर उनके सुखमय यात्रा की शुभकामनाए देनी थी | वहीं यह मंत्री बीच सड़क पर एक व्यक्ति को अपनी पूरी फोर्स के साथ मिलकर लात घुस्सो से मारते हुए नजर आए | जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है | ऋषिकेश की जनता देख रही है की कैसे उनके विधायक पर सत्ता का नशा चढ़ा हुआ है | और यह किस तरह एक व्यक्ति की पिटाई करके अपनी जन सेवा दिखा रहे हैं | अब देखना यह होगा की इस वायरल वीडियो पर आगे क्या करवाई होती है | इस वीडियो में मंत्री की इन हर्जकत्तों को देखने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मंत्री को तलब किया है |
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जुआरियों के पास से पुलिस ने लाखों रुपये जप्त किये पुलिस ने छापा मारकर जुआ खेलते व्यापारियों को गिरफ्तार किया | पुलिस को खबर मिली थी ये जुआरी पुराने मकान में जुआ खल रहे है | पुलिस ने इन्हें रंगे हाथों पकड़कर इनके पास लाखों रुपये जब्त किये | यह मामला छतरपुर का है | जहां पुलिस को सूचना मिली थी की छत्रसाल कालोनी के एक मकान में काफी समय से जुआं संचालित हो रहा था | पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आठ व्यापारियों को रंगे हाथों जुआ खेलते गिरफ्तार किया | पुलिस ने इनके पास एक लाख 71 हजार रुपये जप्त किये और इन सभी आरोपियों को जुआ एक्ट मे गिरफ्तार किया है |
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आरोपी के पास से नगदी और सामान बरामद IPL शुरू होने के बाद सट्टेबाजी का दौर चल रहा है | पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सटोरियों के ठिकाने पर छापेमारी की और मैच में हारजीत का दांव लगवा रहे | चार आरोपियो को धर दबोचा | कटनी पुलिस ने आईपीएल क्रिकेट पर सट्टा लगाते 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है | दरअसल पुलिस को मुखविरों से ऑनलाइन सट्टा खेले जाने की सूचना मिली थी | जिसके बाद पुलिस ने सायबर सेल टीम के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया और आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें धरदबोचा है | चारों आरोपियों के पास से लाखों रुपए का लेखा जोखा, नगदी और सामान बरामद हुआ है | वही पुलिस पूछताछ में चारों आरोपियों ने इस खेल के लिए लखेरा निवासी शरद दुबे का नाम उजागर किया है | जिसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है |
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आरोपी के पास से नगदी और सामान बरामद IPL शुरू होने के बाद सट्टेबाजी का दौर चल रहा है | पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सटोरियों के ठिकाने पर छापेमारी की और मैच में हारजीत का दांव लगवा रहे | चार आरोपियो को धर दबोचा | कटनी पुलिस ने आईपीएल क्रिकेट पर सट्टा लगाते 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है | दरअसल पुलिस को मुखविरों से ऑनलाइन सट्टा खेले जाने की सूचना मिली थी | जिसके बाद पुलिस ने सायबर सेल टीम के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया और आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें धरदबोचा है | चारों आरोपियों के पास से लाखों रुपए का लेखा जोखा, नगदी और सामान बरामद हुआ है | वही पुलिस पूछताछ में चारों आरोपियों ने इस खेल के लिए लखेरा निवासी शरद दुबे का नाम उजागर किया है | जिसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है |
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कट्टे की नोक पर कैश सहित जेवरात लूटे छतरपुर में पांच नकाबपोशों ने एक व्यापारी के घर में घुसकर कट्टे की नोक पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है | जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा करते हुए कहा कि लूटपाट की वारदात को अंजाम देने के लिए | आरोपियों ने यूट्यूब वीडियो का सहारा लिया | छतरपुर में बीकानेर मिष्ठान भंडार के मालिक ओमप्रकाश पुरोहित रात मे अपने परिवार के साथ घर पर थे | तभी तीन नकाबपोश बदमाश कट्टा और चाकू लेकर घर के अंदर दाखिल हो गए | जिसका विरोध करने पर आरोपियों ने कट्टे की नोक पर व्यापारी को बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट करते हुए मौत की धमकी देकर व्यापारी के घर से कैश सहित सोने चांदी के जेवर बैग मे भरकर फरार हो गए | जिसका आंखों देखा हाल सुनाते हुए व्यापारी ओमप्रकाश पुरोहित ने कहा कि आरोपियों ने घर में घुसते ही हम लोगों के मुंह पर टेप लगाकर..पूरे परिवार को बंधक बना लिया था और सबके साथ मारपीट भी की | वहीं पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया | डीआईजी ललित शाक्यवार ने कहा कि पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता प्राप्त की है..जिसमें से एक आरोपी अभी फरार चल रहा है | जिसे भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा | पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने यूट्यूब मे वीडियो देखकर इस वारदात को अंजाम दिया था | जिनकी गिरफ्तारी के बाद उनके पास से लूटपाट के कैश सहित सभी जेवरात भी बरामद कर लिए गए हैं |
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पीड़ित युवक ने अपनी दोस्त की करतूत परिजनों को बताई सऊदी अरब में काम करने के दौरान एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को चूना लगा दिया और भारत वापस लौट आया | अब सऊदी में काम करने वाले व्यक्ति पर 15 हजार रियाल जो इंडिया करेंसी के हिसाब से करीब साढ़े तीन लाख होते है, का कर्ज हो गया | पीड़ित ने इस मामले से अपने परिजनों को अवगत कराया जिसके बाद पीड़ित के परिवार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और आरोपी के खिलाफ सख्त करवाई की मांग की | यह मामला हरिद्वार के खेलपुर गाँव का है | जहां गाँव का एक युवक मौ. कलीम सऊदी अरब में काम करता है | कलीम के पिता ने बताया कि गाँव का एक और युवक मोबिन उनके बेटे के पास सऊदी अरब काम करने के लिए गया था | जहां दोनो एक साथ काम करते थे | अब उनके बेटे कलीम ने उन्हें फोन करके बताया कि मोबिन उसके भरोसे पर कुछ सामान किराए पर लाया था | जिसे बेचकर वह भारत वापस लौट गया | जिस दुकान से मोबिन ने सामान खरीदा था | अब वह कलीम पर दबाव बना रहा है | की वह या तो सामान वापिस कर दें | या सामान का पैसा दे दें | और जो समान किराए पर लिया गया था | उसकी कीमत सऊदी अरब के हिसाब से 15 हजार रियाल है | जो इंडियन करेंसी के हिसाब से करीब साढ़े तीन लाख रुपये बैठती है | कलीम के पिता ने बताया की जब इस बात को लेकर मोबिन से संपर्क किया गया तो उसने पैसे देने से मना कर दिया और उल्टा उन्ही को धमकी देना शुरू कर दिया | जिस वजह से उनका परिवार काफी डरा हुआ है | इस मामले को लेकर कलीम के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई और पुलिस से कड़ी करवाई की मांग कर रहे हैं | वही सऊदी से पीड़ित कलीम ने इंडियन एम्बेसी को भी इस मामले से अवगत कराया है |
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प्रदर्शनकारियों ने मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगाया टीएचडीसी अमिलिया कोल माइन कंपनी के खिलाफ रहवासी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं | प्रदर्शनकारियों ने कंपनी पर आरोप लगाया है | की 2017 में नपाई होने के बाद भी अभी तक उनका मुआवजा नहीं मिला है | मुआवजा की मांग करने पर कंपनी के अधिकारी उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं | जब तक उनका मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक कोयला परिवहन नहीं करने दिया जयेगा | यह धरना प्रदर्शन सिंगरौली के पचौर में हो रहा है | जिसमें पूर्व सरपंच प्रेम सागर गुप्ता सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए | प्रदर्शनकरियों ने कहा है की जब तक हम लोगों के परिसंपत्तियों का शत-प्रतिशत भुगतान नहीं किया जाता | तब तक हम लोग पचौर में बने कोल यार्ड में कोयला परिवहन नहीं करने देंगे | वही प्रदर्शन में पूर्व सरपंच प्रेम सागर गुप्ता ने कहा की कंपनी ने 2017 में नापी की थी | लेकिन अभी तक किसी भी प्रभावित को एक रुपये भी नहीं मिला | कंपनी सभी लोगों के साथ नाइंसाफ़ी करती है | जब तक एक-एक प्रभावित को पैसा नहीं मिल जाता है | तब तक यहां से कोयला परिवहन नहीं होगा | वही प्रदर्शनकारी पार्वती बाई ने कहा की जब तक हमारा मुआवजा नहीं मिलेगा | तब तक कंपनी का कोई भी काम नहीं किया जायेगा |
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वेतन वृद्धि की मांग पर अड़े मजदूर सिंगरौली में राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों ने धरना दिया और सीटा डेल कंपनी के बाहर बैठकर मजदूरों ने वेतन वृद्धि सहित अन्य मुद्दों पर कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की | सिंगरौली नगर निगम में स्वच्छता का काम संभाल रही सीटा डेल कंपनी के खिलाफ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और मजदूर दिवस के अवसर पर नगर निगम के कार्यपालन यंत्री बीवी उपाध्याय से कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि सहित साप्ताहिक अवकाश की मांग सामने रखी और वेतन कम मिलने से परिवार का खर्च नहीं चलने की समस्या को बताते हुए कर्मचारियों ने कहा कि चाहे जो मजबूरी हो लेकिन हमारी मांगे पूरी की जाए |
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वसूली के लिए गुंडों ने व्यापारी को पीटा बागेश्वर धाम से सरेआम गुंडागर्दी की खबर सामने आ रही है | जिसमें महाराष्ट्र के एक व्यापारी से वसूली के लिए गुंडों ने मारपीट की और उन्हें धमकी दी की यदि पुलिस से शिकायत की तो अंजाम अच्छा नहीं होगा | जिस व्यापारी को गुंडों ने पीटा उसका नाम दिलीप राजकुमार विश्वकर्मा है और वह महाराष्ट्र के जलगांव का निवासी है | दिलीप राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया की उसके भाई ने बागेश्वर धाम पर होटल खोलने के लिए जमीन खरीदी थी | जिसके लिए लोन भी लिया और महाराष्ट्र जलगांव का मकान बेच कर धाम पर रोजी रोटी के लिए होटल शुरू कर रहा है | लेकिन बागेश्वर धाम पर आए दिन गुंडों का आतंक रहता है | बाहर के व्यापारियो से अवैध वसूली होती है और न देने पर उनके साथ मारपीट की जाती है | दिलीप राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया की गुंडों ने मेरे साथ भी मारपीट की और धमकी दी है की पुलिस से शिकायत की तो अंजाम अच्छा नहीं होगा | दिलीप राजकुमार विश्वकर्मा ने थाने में बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई |
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दुकान पर बैठे युवक ने राइफल से की फायरिंग छतरपुर तहसील में उस वक्त हड़कंप मच गया | जब दिन दहाड़े दुकान पर बैठे एक युवक ने राइफल से फायरिंग कर दी जिससे आस-पास मौजूद लोगों में अफरा तफरी मच गई | वहीं गनीमत रही की इस फायरिंग से कोई हताहत नहीं हुआ | छतरपुर तहसील में गोली चलने से हड़कंप तब मच गया | जब दुकान पर बैठे एक युवक ने 315 बोर की राइफल से फायरिंग कर दी | जिससे तहसील में अफरा तफरी मच गई | गनीमत रही उस वक्त ज्यादा भीड़ नहीं थी | जिससे कोई बड़ा हादसा होने से टल गया | घटना के वक्त मौके पर मौजूद दुकान वाले का कहना है कि युवक के फायरिंग से दुकान में रखे डिब्बे को चीरती हुई गोली वहां खड़ी बाइक मे लग गई | जिससे किसी को लगी नहीं | नहीं तो किसी की भी जान जा सकती थी | सीएसपी लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि फायरिंग करके भाग रहे युवक को गिरफ्तार करके जांच की जा रही है |
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तेज रफ्तार पिकअप ने बच्ची को रौंदा सिंगरौली में एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है | जहां सड़क पार करते वक्त एक पिकअप वाहन ने बच्ची को रौंद दिया | सिंगरौली के माजन मोड़ पर तेज रफ्तार के कहर ने एक 12 साल की बच्ची को रौंद दिया | ये हादसा पेट्रोल पंप के पास हुआ | जब बच्ची सड़क पार कर रही थी तभी एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने बच्ची को रौंद दिया | जिससे मौके पर ही बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई | इस घटना के बाद से बच्ची के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है |
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वन विभाग की टीम ने जब्त किए कई हथियार जंगलों में लगातार हो रही तस्करी की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रहीं हैं | वन अमले की गश्त के बावजूद दिन हो या रात आरोपी बेधड़क घटनाओं को अंजाम देने में लगे हैं | जिससे छिंदवाड़ा के जंगली जानवरों पर संकट खड़ा हो गया है | छिंदवाड़ा के जंगलों में लगातार हो रही जानवरों की तस्करी की सूचना मिलने पर वन अमला कई दिनों से रात-दिन गश्त कर रही थी | गश्ती टीम को बीती रात जंगलों में गश्त के दौरान जानवरों की आवाज और फायरिंग सुनाई पड़ी | जिससे वन विभाग की टीम ने सोना पिपरी के जंगल को चारो तरफ से घेर लिया | जिसमें एक आरोपी को मौके से हथियार सहित गिरफ्तार कर लिया | जिसकी जानकारी देते हुए परासिया वन विभाग की रेंजर अलका भूरिया ने बताया की आरोपी के घर की तलाशी लेने पर धारदार हथियार सहित कई कैप्सूल बरामद किये गए | जिससे पता चलता है कि ये लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैे | दूसरा मुख्य आरोपी फरार है | जिसे भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा |
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संपत्ति विवाद में भाई ने ली भाई और भतीजे की जान सम्पत्ति विवाद के चलते बड़े भाई ने बेटे के साथ मिलकर छोटे भाई और उसके बेटे को बुलेरो से कुचल दिया | जिससे छोटे भाई और उसके बेटे की मौके पर ही मौत हो गई | इस घटना के बाद बड़े भाई का बेटा फरार हो गया है | पुलिस ने आरोपी बड़े भाई को गिरफ्तार कर उसके अवैध बने घर घर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया | यह घटना सिंगरौली की है | जहां पारिवारिक हिस्सा बटवारा को लेकर इंद्र भान गुप्ता और उनके छोटे भाई केशव गुप्ता में विवाद था | विवाद इतना बढ़ा की छोटा भाई केशव बड़े भाई के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने कोतवाली जा रहा था | इसी दौरान इंद्रभान ने अपने बेटे अजय के साथ मिलकर छोटे भाई और उसके बेटे पर बुलेरो चढ़ाकर उन्हें कुचल दिया | जिससे बाप-बेटे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई | मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की इस घटना के बाद आरोपी अजय फरार हो गया और उसके पिता इंद्रभान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया | पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है | इस बीच आरोपी इंद्रभान के घर को प्रशासन ने बुलडोजर चलकर जमींदोज कर दिया |
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संपत्ति विवाद में भाई ने ली भाई और भतीजे की जान सम्पत्ति विवाद के चलते बड़े भाई ने बेटे के साथ मिलकर छोटे भाई और उसके बेटे को बुलेरो से कुचल दिया | जिससे छोटे भाई और उसके बेटे की मौके पर ही मौत हो गई | इस घटना के बाद बड़े भाई का बेटा फरार हो गया है | पुलिस ने आरोपी बड़े भाई को गिरफ्तार कर उसके अवैध बने घर घर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया | यह घटना सिंगरौली की है | जहां पारिवारिक हिस्सा बटवारा को लेकर इंद्र भान गुप्ता और उनके छोटे भाई केशव गुप्ता में विवाद था | विवाद इतना बढ़ा की छोटा भाई केशव बड़े भाई के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने कोतवाली जा रहा था | इसी दौरान इंद्रभान ने अपने बेटे अजय के साथ मिलकर छोटे भाई और उसके बेटे पर बुलेरो चढ़ाकर उन्हें कुचल दिया | जिससे बाप-बेटे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई | मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की इस घटना के बाद आरोपी अजय फरार हो गया और उसके पिता इंद्रभान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया | पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है | इस बीच आरोपी इंद्रभान के घर को प्रशासन ने बुलडोजर चलकर जमींदोज कर दिया |
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मजदूर से लूटपाट करने वाले बदमाश गिरफ्तार सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा था वायरल कटनी जिले में मजदूर के साथ हुई लूटपाट की ख़बर को दखल न्यूज़ ने प्रमुखता से दिखाया था | जिसका बड़ा असर देखने को मिला है |और खबर प्रसारण के चंद घंटे बाद ही । पुलिस की टीम एक्शन में आई और बदमाशों को धर दबोचा। कटनी जिले का सिविल लाइन एरिया जो काफी पॉश माना जाता है ।जहां एक मजदूर के साथ हुई लूटपाट की पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी । जिसका वीडियो हमने अपने चैनल पर प्रमुखता से दिखाया । और चंद घंटे बाद ही हमारी ख़बर का बड़ा असर देखने को मिला और मामले की गंभीरता को तुरंत संज्ञान में लेते हुए ।एसपी अभिजीत रंजन ने बताया कि कुछ ही घंटों बाद हमने बदमाशों का चिन्हित कर गिरफ्तार कर लिया । वहीं मजदूर से लूटी गई रकम को भी बरामद कर लिया गया है ।
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मृत ट्रक चालक के परिजनों को दिया जाए मुआवजा मसूरी में अचानक माल रोड पर एक मलवे से भरा ट्रक सड़क धसने से पलट गया | जिस वजह से ट्रक चालक का निधन हो गया | ऐसे में ट्रक चालक का परिवार प्रशासन से मुंआवजे की मांग कर रहा है | माल रोड के सुधारी करण कार्य के दौरान सड़क धंसने से ट्रक चालक की मौत हो गई है | जिसके बाद मृतक के परिजनों ने लोक निर्माण विभाग और स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की मांग की इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे और उन्होंने चालक के परिजनों को मुआवजा देने साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही.| इस घटना पर उप जिलाधिकारी नंदन कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा फौरी राहत देते हुए परिजनों पांच लाख रुपए की सहायता दी गई है और दस लाख रुपए 1 माह के भीतर दिए जाएंगे | साथ ही पांच लाख रुपए की राशि अन्य विभाग द्वारा दिए जाएंगे | उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है | वही लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने कहा कि मृतक के आश्रितों को जो भी संभव होगा सहायता प्रदान की जाएगी |
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युवक ने कहा माँ ने उसे किया है ब्लैकमेल, संपत्ति को माँ कर रही है बेटे को ब्लैकमेल सौतेली माँ से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है | जिसमें एक युवक ने आरोप लगाया है कि उसकी सौतेली माँ कुछ लोगों के साथ मिलकर उसकी संपत्ति हड़पना चाहती है और उसके लिए वह उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी कर रही है | मानसिक प्रताड़ना का यह मामला रुड़की का है | जहां सलमान कॉलोनी के रहने वाले सादिक अली ने बताया की उसकी माँ का देहांत होने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी | पिता की देखभाल और उनकी जिम्मेदारी को लेकर सौतेली माँ को वह 45 लाख रुपये भी दे चुका है और प्रत्येक माह उनका खर्च ऑनलाइन भेजता है | लेकिन अब उसकी सौतेली माँ षड्यंत्र रचकर जबरन उसकी संपत्ति कब्जाना चाहती है | सादिक का आरोप है कि सौतेली माँ कुछ दबंग लोगो के साथ मिलकर उसका मानसिक उत्पीड़न कर रही है | कुछ दिन पहले उसकी सौतेली माँ ने उसके घर पर आकर जबरन कब्ज़ा करने की कोशिश की थी | लेकिन किसी तरह से उसे वहां से हटाया गया | सादिक ने इस मामले की शिकायत पुलिस थाने में की है | अपनी सौतेली माँ और अन्य साथियों से जान माल का खतरा बताते हुए .सादिक ने पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है |
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सिंगरौली जिले के वन विभाग अधिकारी बेपरवाह एक तरफ जहां मध्यप्रदेश सरकार करोड़ों रूपये खर्च करके वृक्षारोपण जैसे महत्वपूर्ण अभियान चला रही है | तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग की लापरवाही से वन माफिया खुलेआम पेड़ों की कटाई कर रहा है | जिससे जंगलों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है | डिंडोरी जिले में वन माफिया खुलेआम जंगलों की कटाई कर रहा है | जिससे समनापुर के जंगलों का दायरा तेजी से सिकुड़ता जा रहा है | ये सब अवैध कारोबार वन कर्मियों की मिली भगत और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से हो रहा है | जिससे वन माफिया खुलेआम सरई के हरे भरे पेड़ों की कटाई कर रहे है और पेड़ों को काटकर इनकी सिल्लियां तैयार कर शहरों में महँगे दामो में बेच देते है | लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इससे अनजान बने हुए है | पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार जहां एक तरफ करोड़ों रूपये खर्च करा रही है | तो वहीं वन विभाग के अधिकारी सरकार के अभियान पर पलीता लगा रहें | और मामले पर गोल मोल जवाब देते हुए इससे पल्ला झाड़ते नज़र आ रहें है |
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चोरों के पास से बरामद किए गए 3 मोबाईल मोबाईल फ़ोन की चोरी करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया | पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 फोन भी जब्त किए | इन आरोपियों से पूछताछ की जा रही है | यह मामला हरिद्वार का है | जहां रहीम और इकराम मोबाईल फोन की चोरी करते थे | सिडकुल पुलिस ने इन्हें पकड़कर इनके पास से चोरी के 3 मोबाईल बरामद किए | आरोपियों के पास से जो मोबाईल बरामद हुए है | वह सेमसंग गलैक्सी व सेमसंग A20 और रियलमी है | पुलिस इनसे चोरी की और घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है | इन चोरों को पकड़ने में ASI चन्द्रमोहन की प्रमुख भूमिका रही |
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चाकू से गला काटकर की हत्या दो पक्षों में हुई मारपीट की वजह से एक व्यक्ति की गला काटकर हत्या कर दी गई | जिससे पूरे इलाके में सनसनी मच गई | मृतक के परिवार वालों की मांग है की दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए | हत्या की यह घटना सितारगंज की है | जहां मृतक रंजन की पत्नी और उसके परिवार वालों ने बताया की रंजन सुबह काम करने के लिए घर से निकला था | लेकिन वह वापिस नहीं लौटा | परिवार वालों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और उन्हें न्याय मिले वही इस मामले को लेकर सीएचसी सितारगंज की डॉक्टर अभिलाषा पांडे ने बताया की रंजन को सुबह हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया था | जब उसको अस्पताल में लाया गया था | तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी |
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सड़क बनाने में लापरवाही से हुआ हादसा मसूरी में माल रोड के सुधारीकरण के लिए हो रहे निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया | जिससे मलबा लेकर जा रहा ट्रक अचानक रेलिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरा | जिस पर कांग्रेस ने निर्माण कंपनी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं | और जांच की मांग की है | मसूरी के माल रोड पर चल रहे सुधारीकरण के दौरान कई जेसीबी मशीन और ट्रक कार्य कर रहे थे | तभी माल रोड से लाइब्रेरी की ओर जा रहा ट्रक अचानक धंसने से बेकाबू हो गया | जिससे वह 60 मीटर नीचे दूसरे मुख्य मार्ग पर जा गिरा और वहां खड़े वाहन भी ट्रक की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए | जिससे ड्राइवर को भी गंभीर चोटें आई हैं | वहीं गनीमत रही कि इस दौरान वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था | वरना बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी | इस दौरान अधिकारी बयान देने से बचते रहे | शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि लगातार माल रोड पर हो रहे कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं | लेकिन इसके बावजूद भी विभाग आम लोगों की जान से खेल रहा है | उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी दुर्घटना है और इससे विभाग को सबक लेना चाहिए |
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आबकारी विभाग ने बरामद की 40 लीटर कच्ची शराब अवैध शराब की तस्करी के मामले कम नहीं हो रहे है | अब हरिद्वार से ऐसा ही मामला सामने आया | जिसमें आबकारी विभाग ने 40 लीटर कच्ची शराब बरामद की है | और इसके साथ ही विभाग ने कच्ची शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए हैं | कच्ची शराब बनाने का यह मामला हरिद्वार में पथरी नदी के किनारे का है | जहां बताया जा रहा है की आबकारी विभाग की टीम को कच्ची शराब बनाने की सुचना मिली थी | सूचना के आधार पर आबकारी विभाग ने मौके पर पहुंचकर वहां से 40 लीटर शराब बरामद की साथ ही विभाग ने कच्ची शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए शराब तस्कर मौके से भागने में सफल हो गए |
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प्राकृतिक चिकित्सा सहायक के पदों को भरने की मांग देहरादून में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा डिप्लोमा बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकाली संघ की मांग है की प्राकृतिक चिकित्सा सहायक के 22 पदों के बजाय 300 पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा डिप्लोमा बेरोजगार संघ ने परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकाली संघ की मांग है की...शासन में विचाराधीन योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक के 22 पदों के बजाय 300 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए आपको बता दें 2018 में यह कोर्स चलाया गया था जिसमें सिर्फ 13 लोगों की नियुक्ति हुई है और वह भी सरकार में बैठे लोगों के परिचित लोग हैं इससे पहले भी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा डिप्लोमा बेरोजगार संघ ने सचिवालय कूच किया था लेकिन इन बेरोजगारों को मुख्यमंत्री आवास कूच से पहले ही रास्ते में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया बेरोजगार काफी समय से अपनी नियुक्ति को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इनकी कोई बात नहीं सुन रही है।
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एक दूसरे की जान लेने पर हुए आमादा सम्पत्ति को लेकर दो गुटों में इतना विवाद बढ़ गया....कि वो एक दूसरे खून के प्यासे हो गए और एक दूसरे की जान लेने पर आमादा हो गए दोनों पक्ष धारदार हथियार से एक दूसरे पर हमला किया मामला रुड़की के गंगनहर थाना क्षेत्र का है जहां संपत्ति विवाद के चलते दो गुटों में जमकर विवाद हो गया देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा गया की दोनों पक्ष एक दूसरे की जान लेने पर आमादा हो गए ईंट पत्थर और धारदार हथियारों से एक दूसरे पर हमला करने लगे वही आपको बता दें सम्पति विवाद से बड़े इस झगड़े में दोनों पक्षों के चार लोग गम्भीर रुप से घायल हुए है जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है वही घायलों से मिलने स्थानीय विधायक भी अस्पताल पहुंचे।
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कृषि मंत्री ने 12 वितरण केंद्रों का भी किया उद्घाटन उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पीएमएफएमई स्टोर, नैनीताल सहित चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थापित 12 वितरण केंद्रों का उद्घाटन वर्चुअली रूप से किया कृषि मंत्री गणेश जोशी ने चारधाम यात्रा मार्गों पर आउटलेट उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा की उत्तराखण्ड राज्य में औद्योगिक का समग्र विकास करते हुए काश्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित करने के साथ-साथ वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को औद्यानिक प्रदेश के रूप में विकसित करने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं मंत्री गणेश जोशी ने कहा लघु/ सीमान्त कृषकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारिता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों इत्यादि के विभिन्न औद्योगिक व प्रसंस्कृत उत्पादों की बिक्री के लिए जनपद नैनीताल में पीएमएफएमइ स्टोर का उद्घाटन किया गया है इसके अतिरिक्त चार धाम यात्रा मार्गों में तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड के प्रसंस्कृत उत्पादों के साथ-साथ मशरूम व शहद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चार धाम यात्रा के सभी जनपदों में कुल 12 आउटलेट खोले गए मंत्री गणेश जोशी ने कहा इन वितरण केंद्रों / आउटलेट के माध्यम से जहाँ एक ओर प्रदेश के लघु / सीमान्त कृषकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारिता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों इत्यादि के उच्च गुणवत्ता युक्त विभिन्न औद्यानिक प्रसंस्कृत, मशरूम व शहद उत्पादों की बिक्री स्थानीय स्तर पर उचित मूल्य पर हो सकेगी वहीं दूसरी ओर तीर्थयात्रियों को भी सुगमतापूर्वक उत्तराखंड के उत्पाद प्राप्त हो सकेंगे कृषि मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि पीएमएफएआई स्टोर एवं चार धाम यात्रा मार्गों में स्थापित वितरण केन्द्र / आउटलेट के माध्यम से कृषकों की आय वृद्धि एवं राज्य की आर्थिकी में विशेष योगदान मिलेगा जो कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में भी सहायक होगा।
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पुलिस ने भैसों को चोरों के चंगुल से छुड़ाया पुलिस ने भैंस चोरों को रंगे हाथों पकड़कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया पुलिस को सुचना मिली थी की ये चोर भैसों को गाड़ियों में भरकर ले जा रहे हैं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन्हें पकड़ लिया और उनके पास से चोरी की हुई भेंसे भी बरामद कर ली भैंस चोरी का यह मामला डोईवाला के बुल्लावाला से आया है जहां रात्रि के समय नरेश कंबोज के घर के आंगन से किसी ने भैंस चोरी कर ली इससे पहले भी सीमलास ग्रांट से भैंस चोरी हुई थी आपको बता दें जब चोर भैसों को गाड़ी में भरकर ले जा रहे थे तो रास्ते में उनकी गाड़ी पलट गई तब वह दूसरी गाड़ी बुलाकर भैंसों को उसमें डालने लगे स्थानीय लोगों को चोरों शक हुआ तो उन्होंने इस मामले की सुचना पुलिस को दी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन्हें पकड़ लिया वही इनके पास से पुलिस ने वह गाड़ी भी जब्त कर ली जिसमें भैसों को ले जाया जा रहा था किसानों ने चोरों के पकड़े जाने पर पुलिस का धन्यवाद किया और उन्हें सराहनीय कार्य करने हेतु शुभकामनाएं दी।
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मानव अधिकारों के लिए करेंगे काम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के सिंगरौली जिला उपाध्यक्ष राजू सोनकर को बनाया गया संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी ने राजू सोनकर को प्रमाण पत्र देकर उपाध्यक्ष बनने पर शुभकामनाएं दी राजू सोनकर को सिंगरौली जिले का अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन का उपाध्यक्ष बनाया गया है राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी ने राजू सोनकर को प्रमाण पत्र देकर शुभकामनाएं दी इसके साथ ही वहां पर उपस्थित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के पदाधिकारी संभागीय उपाध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी एवं सत्येंद्र पासवान प्रदेश महासचिव रमन सिन्हा ने राजू सोनकर को सिंगरौली जिला उपाध्यक्ष बनाए जाने पर शुभकामनाएं दी राजू सोनकर ने कहा कि वे सत्य निष्ठा एवं ईमानदारी से अपने पद का निर्वहन करेंगे।
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बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया बाल भवन के वार्षिक उत्सव में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों के जरिए अपनी अनुपम की प्रस्तुति दी बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम में आये सभी लोगों को दिल जीत लिया यह कार्यक्रम सिंगरौली में हुआ जहां बच्चों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति से सभी का मन-मोह लिया बच्चों के माता-पिता भी उनका हौसला बढ़ाने में पीछे नहीं रहे कार्यक्रम का शुभांरभ मुख्य अतिथि राजीव अकोटकर ने द्वीप प्रज्वल्लित करके किया मुख्य अतिथि के स्वागत सम्बोधन में बाल भवन प्रभारी आरती बेहरा ने कहा की बाल भवन इस क्षेत्र का काफी प्रसिद्ध एवं पुराना विद्यालय है जो नन्हें-मुन्ने बच्चों को प्रारम्भिक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करता है इस विद्यालय द्वारा अभी तक हजारों बच्चों को शिक्षा प्रदान की गई है अभी वर्तमान में 70 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं मुख्य अतिथि राजीव अकोटकर ने बच्चों की प्रस्तुति को सराहा और एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा निरंतर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
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हेलीकॉप्टर के पंखे की चपेट में आने से हादसा उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर से एक बड़ा हादसा हो गया | ये हादसा केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर उतरते हुए यूकाडा के वित्त नियंत्रक के हेलीकॉप्टर की चपेट में आने से हुआ | जिसमें उनकी मौत हो गई | वहीं केदारनाथ में हो रही बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है | केदारनाथ धाम में यूकाडा के वित्त नियंत्रक अमित सैनी हैलीपैड का निरीक्षण करने गए थे | तभी हेलीकॉप्टर से उतरते समय वे उसके पंखे की चपेट में आ गए | जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई | वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम का मौसम लगातार बिगड़ रहा है | जिससे प्रशासन ने एहतियात के तौर पर केदारनाथ यात्रा के पंजीकरण पर भी 30 अप्रैल तक रोक लगा दी है | और इस कड़ी में यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि वे मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही यात्रा करें |
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खटीमा में पकड़ी गई पैंगोलिन की खाल भारत में पैंगोलिन की सुरक्षा के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च करती हैं | लेकिन आरोपी इसके शिकार के लिए लगातार घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं | जिसकी जानकारी मिलने पर पुलिस ने अभियान चलाकर दो तस्करों को गिरफ्तार किया है | उधम सिंह नगर के सीमावर्ती क्षेत्र खटीमा में जंगली जानवरों का शिकार और उनकी खाल की तस्करी हो रही थी | जिसकी सूचना मिलने पर सुरई वन क्षेत्र के अधिकारी और एसटीएफ ने चेकिंग अभियान चलाया | चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध उत्तर प्रदेश के पीलीभीत की तरफ से आ रहे थे | जिनके पास पिट्ठू बैग थे | जिनकी तलाशी ली गई तो उनके पास पैंगोलिन की खाल पकड़ी गई | डी एफ ओ संदीप कुमार ने बताया कि उनके पास लगभग साढ़े चार किलो पैंगोलिन की खाल बरामद की गई है | जिसका उपयोग बाजार में अस्थमा और गठिया रोग जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है | वहीं आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है |
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हर एक किलोमीटर पर मेडिकल कैम्प की सुविधा विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है | उत्तराखंड सरकार हर बार की तरह इस बार भी चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.. वहीें इस बार तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी | जिसका जायज़ा स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने लिया | चार धाम यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए हर तरह की चाक चौबंद व्यवस्था की है | वहीं तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की कमान खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने संभाली है | मंत्री के निर्देश पर यात्रियों की सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण किया | वहीं इसके पहले उन्होने रुद्रप्रयाग पहुंचकर भी छौड़ी, चीरबासा, जंगलचट्टी व रामबाड़ा तक चिकित्सा इकाइयों का दौरा कर चुके हैं | और केंद्रों में व्यवस्थाओं को देखकर स्वास्थय कर्मियों को विशेष निर्देश दिए हैं |
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दुकानों से सैंकड़ों लीटर शराब की पेटियां की बरामद आबकारी विभाग की टीम ने शराब की दुकानों पर बड़ी करवाई करते हुए |वहां से बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद की | इसके साथ ही टीम ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया | आबकारी विभाग की यह करवाई उधम सिंह नगर के खटीमा क्षेत्र में हुई | जहां आबकारी विभाग की टीम ने अवैध रूप से चल रही शराब की दुकानों पर धावा बोला और वहां से 80 लीटर कच्ची शराब, 2 पेटी अंग्रेजी शराब के साथ 2 पेटी बियर व देशी शराब पकड़ी | इसी के साथ टीम ने 6 लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया | इन सभी आरोपियों पर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है |
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जानलेवा हमले में छोटे भाई को आई गंभीर चोटें कटनी से एक रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है | जिसमें लंबे समय से चल रहे संपत्ति विवाद में बड़े भाई और भतीजे ने छोटे भाई पर जानलेवा हमला किया | जिससे उसकी हालत बहुत नाजुक है | उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है | यह घटना कटनी के बिलगवां गांव की है | जहां संजय पटेल का अपने बड़े भाई ओम प्रकाश पटेल से संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था | 22 अप्रैल को दोनों भाइयों के बीच इसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी और दोनों आपस में झगड़ने लगे | यह झगड़ा इतना बढ़ा की भाई ओम प्रकाश ने अपने बेटे रिंकू के साथ मिलकर संजय के ऊपर धारदार हतियार से जानलेवा हमला कर दिया | इस जानलेवा हमले में संजय को गहरी चोटें आई | जिस कारण उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया | लेकिन उसकी हालत नाजुक होने के कारण उसे इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया | वही इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपी बाप बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है |
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कंसल्टेंट कंपनी से मांग रहा था रिश्वत भ्रष्टाचार की सीमा लांघ चुका छतरपुर नगर पालिका का उपयंत्री कंसल्टेंट कंपनी को घर बनाने की स्वीकृति देने के लिए घूस मांग रहा था | जिसकी शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त पुलिस से कर दी | जिस पर एक्शन लेते हुए टीम ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया | छतरपुर नगर पालिका मे पदस्थ एक घूसखोर उपयंत्री जिसका नाम बाबूलाल चौरसिया है | वह घर बनाने की स्वीकृति देने के लिए कंसल्टेंट कंपनी चलाने वाले उमेश कुमार चौरसिया से तीस हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था | जिसकी शिकायत पीड़ित ने सागर लोकायुक्त पुलिस से कर दी | जिस पर एक्शन लेते हुए टीम ने जाल बिछाकर पीड़ित को पैसे लेकर भेजा और जैसे ही उपयंत्री ने रिश्वत ली | वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया |
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महंगे दामों में लोगों की जमीन बेच रहे माफिया एक ओर जहां सरकार गुंडागर्दी और माफिया राज खत्म होने की बात करती है | तो वही दूसरी और आज भी गुंडे और माफियाओं का आतंक है | भू माफिया नियमो को ताक पर रखकर कृषि योग्य जमीन को अपने फायदे के लिए महंगे दामों में बेच रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बनकर ये तमाशा देख रहा है | प्रदेश में माफिया राज खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है | और इसका जीता-जगता नमूना डिंडोरी से सामने आया है | जहां भू माफिया नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेती-किसानी योग्य जमीन को मनमाने दामों में बेच रहे हैं | यहाँ कृषि योग्य जमीन बिना डायवर्सन | बिना कोलोनजर के ही महंगे दामो में बेच दी गईऔर किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी | इस मामले को लेकर बसपा जिला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने एसडीएम को ज्ञापन सौपते हुए भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है | जिससे कृषि योग्य जमीन को बचाया जा सके | वही एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच कर गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी |
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जोरदार भिड़ंत में गई ट्रक चालकों की जान छतरपुर में एक दर्दनाक हादसा हो गया | जिसमें दो ट्रकों की आपस में भिड़ंत हो गई | यह हादसा इतना भयानक था की इसमें दोनों ट्रक चालकों की मौके पर ही मौत हो गईऔर ट्रकों के भी टुकड़े-टुकड़े हो गए | यह दर्दनाक ट्रक हादसा छतरपुर के मातगुवां में हुआ | बताया जा रहा है की सागर-कानपुर हाईवे पर फार्मिक एसिड केमिकल से भरा ट्रक सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गया और यह टक्कर इतनी भयानक थी की दोनों ट्रक चालकों की मौके पर ही मौत हो गई | वही ट्रकों के भी टुकड़े-टुकड़े हो गए | पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और JCB की मदद से तीन घंटे में रास्ते को साफ कराया |
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दुकानदार ने कहा बच्चे चुराते हैं उसकी दुकान से आइसक्रीम देहरदून के डोईवाला में एक दुकानदार की निर्दयता सामने आई है| दुकानदार ने आइसक्रीम और कुरकुरे चुराने के जुर्म में मासूम बच्चों को बंधक बनाकर रख और बच्चों के गिड़गिड़ाने के बाद भी उसने उन्हें नहीं छोड़ा | वीडियो में आप साफ-साफ देख सकते हैं की कैसे इस बेरहम दुकानदार ने बच्चों को रस्सी से बांधकर कर रखा है | बच्चें उससे कह भी रहे हैं कि उन्होंने उसकी दुकान से आइसक्रीम और कुरकुरे नहीं चुराए हैं | फिर भी यह उनकी बात नहीं सुन रहा है और मनमानी करते उन पर आरोप-पे-आरोप लगाए जा रहा है | जब इससे पूछा गया की उसके पास इन बच्चों की चोरी का कोई सबूत है क्या तो इसने साफ मना कर दिया | अब देखना यह होगा की पुलिस प्रशासन इस दुकानदार पर क्या करवाई करता है |
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कोलार और लालघाटी से नौ सट्टेबाज हुए गिरफ्तार क्रिकेट का महाकुंभ आईपीएल चालू होने से एक ओर जहां फैन्स के बीच काफी उत्साह है | तो वही दूसरी ओर सट्टा बाजार भी गर्म हो गया है | लगातार ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाली घटनाएं सामने आ रही है | जिसके चलते भोपाल क्राइम ब्रांच ने सट्टेबाजों के खिलाफ कड़ी करवाई करते हुए नौ सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया | भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है | जिसकी जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि कोलार और लालघाटी इलाके से ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों की सूचना मिली थी | पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 9 लोगों को गिरफ्त में लिया है | वहीं दो आरोपी फरार चल रहे हैं | जिनकी तलाश की जा रही है | वही आपको बता दें आरोपियों के पास से पुलिस ने नगद कैश सहित मोबाइल फोन और अन्य सामग्री भी बरामद की है |
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ट्रक की चपेट में आने से बच्ची की हुई मौत अनियंत्रित ट्रएंक की चपेट में आने से तेरह साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई | इस हादसे की पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई | पुलिस ने ट्रक को जब्त कर ट्रक चालक पर करवाई की | आप इस वीडियो में देख सकते हैं की यह हादसा तब हुआ | जब बच्ची और उसकी सहेली साइकिल से जा रहे थे | तभी अचानक यह अनियंत्रित ट्रक आया जिससे बच्ची उसकी की चपेट में आ गई | और ट्रक के पहिए से दबकर बच्ची की मौत हो गई | पुलिस ने करवाई करते हुए ट्रक को जब्त कर लिया |
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खाद्य विभाग ने निरीक्षण कर फैक्ट्री को किया सील खाद्य विभाग टीम ने अवैध रूप से संचालित हो रही शिवाक्ष बर्फ फैक्ट्री का निरिक्षण किया | टीम ने फैक्ट्री से गुणवत्ताहीन सेक्रीन के साथ कुल्फी में मिलाने वाला घटिया क्वालिटी का रंग जब्त किया | खाद्य विभाग के अधिकारीयों ने फैक्ट्री को सील कर दिया | यह शिवाक्ष बर्फ फैक्ट्री डिंडोरी के साकेत नगर में संचालित हो रही थी | खाद्य विभाग की टीम ने जब वहां मौजूद कर्मचारियों से फैक्ट्री मालिक के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने यह कहते पल्ला झाड़ लिया की उन्हें फैक्ट्री मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है | टीम ने फैक्ट्री से गुणवत्ताहीन सेक्रीन के साथ घटिया क्वालिटी का कुल्फी बनाने वाला रंग जब्त किया | वही बर्फ फैक्ट्री संचालन के कोई भी आधिकारिक दस्तावेज नहीं मिले | जिसके बाद खाद्य विभाग टीम ने फैक्ट्री को सील कर दिया | खाद्य विभाग अधिकारी प्रतिभा सिंह तेकाम ने बताया की आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी |
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अर्न्तराज्जीय पेटीएम गिरोह का पर्दाफाश ठगों ने अब पेटीएम को ठगी का नया हथियार बना कर लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है | ऐसे ही एक अर्न्तराज्जीय गिरोह का पर्दाफाश देहरादून पुलिस किया है | देहरादून के रायपुर पुलिस ने पेटीएम के माध्यम से ठगी करने वाले अर्न्तराज्जीय गिरोह का पर्दाफाश किया है | देहरादून में पे टी एम के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यो ने विगत एक माह में विभिन्न राज्यों में 08 घटनाओं को अंजाम देकर छह लाख पचास हजार रुपये की ठगी लोगों के साथ की इस गिरोह के लोग फिर एक घटना को अंजाम देने देहरादून पहुचे थे तभी इन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और इस मामले का खुलासा किया | आरोपियों के पास से पुलिस ने 9 मोबाईल फोन 03 सिम कार्ड, 27 PAYTM कार्ड 60 PAYTM स्कैनर पेज 81 नेशन एक्सप्रेस कम्पनी के कार्ड और घटना में प्रयुक्त स्कूटी बरामद कर ली है | इनके तीन बैक खाते भी सीज किये गये हैं |
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महिला अस्पताल में ईलाज के दौरान हुई फरार एक आरोपी महिला का जब पुलिस मेडिकल करने अस्पताल पहुंची | तो आरोपी महिला पुलिस को चकमा देकर फरार हो गई |महिला के फरार होने की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है | एक लंबित मामले में महिला का बारेंट था जिसमे महिला की गिरफ़्तारी हुई थी | छतरपुर जिला अस्पताल में एक आरोपी महिला पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो गई | बता दें की महिला के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ था | जिसके चलते उसे पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल ले जाया गया था | महिला के फरार होने की ये पूरी वारदात अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे मे कैद हो गई | दरअसल सिविल लाईन पुलिस 2018 के एक मामले में महिला सुकन्या सोनी को गिरफ्तार करके जिला अस्पताल मे मेडिकल कराने लाई थी | इसी दौरान महिला आरोपी मौके का फायदा उठाकर वहां से रफू चक्कर हो गई | जैसे ही महिला आरोपी के फरार होने की बात पुलिस को लगी तो वह तत्काल जिला अस्पताल पहुंची | लेकिन महिला आरोपी का कोई सुराग हाथ नहीं लगा | वही इस मामले में सीएसपी लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि थाना सिविल लाईन में महिला के खिलाफ वारंट जारी हुआ था | जिसके चलते आरोपी महिला को गिरफ्तारी के बाद मेडिकल के लिए ले जाया गया था | लेकिन महिला वहां फरार हो गई | साथ ही उन्होंने कहा पुलिस की पूरी टीम महिला आरोपी की तलाश में जुट गई है |
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छात्रा के समर्थन में यूनिवर्सिटी में हुआ हंगामा महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी में उस वक्त हंगामा मच गया | जब यूनिवर्सिटी की छात्रा ने शिक्षक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए | छात्रा के समर्थन में यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं आये और जम कर नारेबाजी की साथ ही यूनिवर्सिटी कुल सचिव को ज्ञापन सौंपकर शिक्षक पर करवाई की मांग की |यूनिवर्सिटी की एक छात्रा को शिक्षक लगातार परेशां कर रहा था | शिक्षक ने छात्र के साथ छेड़छाड़ कर दी | जिसके बाद छात्रा ने शिक्षक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए | छात्र के समर्थन में यूनिवर्सिटी के बाकी छात्र-छात्रा भी आ गए | जम कर यूनिवर्सिटी में हंगामा हुआ उसके बाद सभी ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में छात्रों ने मांग की है की छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक को तुरंत सस्पेंड किया जाए | साथ ही शिक्षक पर fir दर्ज कराई जाए | यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जब छात्र नारेबाजी कर रहे थे तब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को बुलाकर छात्रों को शांत कराया | वही इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी कुलसचिव ने कहा की जिस छात्रा ने आरोप लगाये वह इस मामले को तूल नहीं देना चाहती है | फिर भी यह छात्र हंगामा करके शांति भंग करना चाहते हैं | बता दें इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन का कहना है की यूनिवर्सिटी के छात्र हंगामा कर रहे थे | हमने उन्हें शांत कराया |
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दुकान बंद कराने के लिए धरने पर बैठे लोग खबर कटनी से है, रहवासी इलाके में शराब की दुकान खुलने से महिलाये बहुत नाराज है | ऐसी ही नाराज महिलाओं ने बच्चों के साथ शराब दुकान के सामने धरना प्रदर्शन किया | महिलाओं का आरोप है की यहां पर शराब की दुकान खुलने से नशेड़ी लोगों का यहां आना जाना लगा रहेगा | जिससे महिलाओं को बाहर निकालने और कहीं आने-जाने में दिक्कतों का समाना करना पड़ सकता है | इलाके के लोगों का कहना है यह दुकान भाजपा के मंडल अध्यक्ष के प्लाट पर खोली गई है | एक ओर शिवराज सरकार ने सख्त कानून बना दिया है की किसी भी धार्मिक स्थल या स्कूल के आस-पास शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी | वही दूसरी ओर भाजपा मंडल अध्यक्ष के प्लॉट पर ही यह शराब की उप दुकान खुली तो इससे यह साफ़ जाहिर होता है की शिवराज सरकार की शराब नीति को उनके ही पार्टी के नेता नहीं मानते है | तो फिर आम लोग क्या मानेंगे.| बता दें कटनी में महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन की खबर लगते ही शासन-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे | उन्होंने महिलाओं से बात की और शराब की दुकान वहां से हटाने का निर्देश दिए | वही स्थानीय विधायक संदीप जायसवाल ने आबकारी विभाग के अधिकारीयों को बुलाकर फटकार लगाई | विधायक ने कहा की यहां पर शराब दुकान खोलकर कोई भी झगड़े की स्थिति पैदा नहीं की जाए | जल्द से जल्द इस रहवासी इलाके से शराब की दुकान हटाई जाए | आबकारी विभाग ने भी शराब दुकान हटाने के निर्देश दे दिए हैं |
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युवती समेत हत्या का आरोपी गिरफ्तार देहरादून पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है | पुलिस ने अपनी सूजबूझ से 12 अप्रैल को हुई रिटायर्ड बुर्जुर्ग की हत्या का पर्दाफाश कर दिया है | साथ ही हत्या में शामिल युवती समेत एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है | ये हत्या पैसे के लेनदेन में गई | एफआरआई से रिटायर्ड मनजीत कौर का शव 12 अप्रैल को उनके घर से बरामद किया गया था | बता दें बुर्जुर्ग को रास्ते से हटाने की योजना युवती ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बनाई थी | जिसके चलते युवती ने अपने दोस्त को वृद्धा के पास बातचीत के लिए भेजा था | जिस दौरान युवती के दोस्त और वृद्धा में कहासुनी हो गई | और आरोपी ने चाकू से गला रेत कर बुर्जुर्ग की हत्या कर दी | प्रेमनगर में वृद्धा की हत्या के मामले में पुलिस ने एक युवती समेत एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है | वही एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपी प्रेमनगर के रहने वाले हैं | युवती ने बुर्जुर्ग से उधार पैसे लिए हुए थे | रकम ना लौटाना पड़े इसलिए उसने दोस्त के साथ मिलकर वृद्ध की हत्या करवा दी |
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उपस्थित लोगों ने पानी डालकर बचाई युवक की जान छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान उस वक्त हंगामा हो गया | जब जनसुनवाई में आया फरियादी केरोसिन डालकर खुदकुशी की कोशिश करने लगा | पुलिस और वहां मौजूद लोगों ने समय रहते फरियादी पर पानी डाल दिया | जिससे उसकी जान बच गई | दरअसल यह पूरा घटनाक्रम उस वक्त हुआ | जब फरियादी अपनी समस्याएं जनसुनवाई में डिप्टी कलेक्टर के समक्ष रख रहे थे | इसी दौरान यह युवक अपना आवेदन लेकर आया था | लेकिन अचानक इसने केरोसिन डालकर खुदकुशी करने की कोशिश की वहां मौजूद लोगों ने युवक पर समय रहते हुए पानी डाला जिससे इसकी जान बच गई | युवक ने ख़ुदकुशी करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा की पारिवारिक विवाद में उसकी शिकायत पुलिस ने नहीं सुनी और उल्टा उसपर ही झूठा मामला दर्ज कर उसे जेल में डाल दिया | पुलिस की इस हरकतों से परेशान होकर वह खुदकुशी करना चाहता है | वही इस मामले पर डिप्टी कलेक्टर का कहना है की युवक की जो भी शिकायत है,उसे हल किया जाएगा | और इस मामले में जो भी आरोपी हैं उन पर केस दर्ज किया जाएगा |
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कारवाही के बारे में पूछने पर पीड़ित से पुलिस ने की बत्तमीजी कानून के रक्षकों की बदमिजाजी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है | जिसमें पीड़ित के शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पुलिस वाले चोरी के केस में कोई करवाई नहीं कर रहे थे | जब पीड़ित ने उसने पूछा की वह मामले पर करवाई क्यों नहीं कर रहे हैं तो पुलिस कर्मियों ने उल्टा पीड़ित पर ही चोरी का इल्जाम लगा दिया और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया | जिस वजह से पीड़ित और उसकी पत्नी ने आहत होकर जहर खा लिया | ईलाज के दौरान पीड़ित की पत्नी की मौत हो गई व पीड़ित की हालत भी काफी नाजुक बताई जा रही है | पीड़ित के परिजनों ने दोषी पुलिस वालों पर करवाई की मांग की है |कटनी में सुखदेव चौधरी नाम के व्यक्ति के घर 40 हजार के माल की चोरी हो गई थी | चोरी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई | लेकिन शिकायतकर्ता के बार-बार विनती करने पर पुलिस प्रशासन इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था | एक बार फिर शिकायतकर्ता सुखदेव थाने पंहुचा और उसने पुलिस से की करवाई के बारे में पूछा तो पुलिस वालों ने उल्टा जवाब देते हुए उसे ही चोर बता दिया और कहा की तुमने ही चोरी की और दूसरों को फंसा रहे हो साथ ही पुलिस वालों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया | पुलिस की बदमिजाजी की वजह से सुखदेव बहुत दुखी हुआ और उसने थाने में ही कह दिया की वो चोर नहीं है, ऐसे आरोप लगने से अच्छा है कि वह जहर खाकर मर जाए | उसके बाद सुखदेव घर आ गया और उसने जहर खा लिया | सुखदेव की ऐसी हालत देखकर उसकी पत्नी पगुनिया बाई ने भी जहर खा लिया | दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया | जहां इलाज के दौरान सुखदेव की पत्नी की मौत हो गई | सुखदेव की भी हालत गंभीर बताई जा रही है | अब इस घटना के बाद से पीड़ित के परिजनों व समाज के लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है | समाज के लोगों ने उचित कार्रवाई की मांग करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी सहित न्याय समंत करवाई की मांग की है है | पुलिस पर परिजनों ने प्रताड़ना के आरोप भी लगाए हैं | पीड़ित के परिजनों का कहना है की पुलिस थाने में सही जवाब नहीं देती है | उल्टा शिकायत करने वालों को ही धमकी देती है | और उनके साथ मारपीट करती है | पुलिसकर्मी चाहते ही नहीं थे कि पीड़ित सुखदेव थाने आए और उसके केस में करवाई हो | वही इस मामले पर पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने कहा की संपूर्ण घटना की जानकारी एकत्रित कर उनकी जाँच कराई जाएगी |
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स्कूल प्रिंसिपल ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा लिया स्कूल में एक छोटी बच्ची को चोट लगने पर बच्ची के माता पिता ने इस घटना की शिकायत स्कूल की प्रिंसिपल से की लेकिन शिकायत पर ध्यान देने की बजाय प्रिंसिपल ने बच्ची के माता-पिता को ही खरी खोटी सुना दी प्रिंसिपल ने कहा कि आप बच्ची को घर में पढाना शुरु कर दीजिए | उसे स्कूल भेजने की कोई जरूरत नहीं | देहरादून में जैतन वाला के ग्रीन लॉन एकेडमी स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची को चोट लगने से उसका हाथ फैक्चर हो गया | जिसकी शिकायत बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रिंसिपल से की लेकिन स्कूल प्रिंसिपल ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया | प्रिंसिपल ने कहा की अगर आपको स्कूल पर भरोशा नहीं है | और आपको लगता है किसी ने आपकी लड़की को गिराया है | जिससे उसे चोट आई है | तो आप स्कूल से बच्ची को निकाल कर किसी और स्कूल में ले जाइए | अगर फिर भी विश्वास न हो तो बच्ची को घर पर पढ़ाना शुरू दीजिए | और कल से बच्ची को स्कूल बिल्कुल भी मत भेजिएगा अब आप सोचिए की प्रिंसिपल की इस बेतुकी बयानबाजी पर शिक्षा विभाग को क्या एक्शन लेना चाइये |
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बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने लिया भाग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सीहोर में कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया | इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए प्रदर्शन में मंत्रालय के एनपीएस कर्मचारियों ने भाग लिया और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की | सीहोर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरना प्रर्दशन किया गया | ये प्रदर्शन राष्ट्रीय आंदोलन अध्यक्ष विजय कुमार बंधु और प्रांत अध्यक्ष परमानंद डहेरिया के आह्वान पर किया गया | एनपीएस कर्मचारियों ने बालविहार ग्राउंड पर धरना प्रदर्शन किया | जिसमें सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए सभी ने प्रथम नियुक्ति दिनाँक से वरिष्ठता के साथ पुरानी पेंशन बहाल करने का संकल्प लिया और पुरानी पेंशन बहाल न होने पर पेंशन नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए साथ ही धरना प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेड कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री समेत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा | वही सभी कर्मचारियों ने एनपीएस योजना खत्म कर पेंशन अधिनियम 1972 को लागू करने की माँग रखी |
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हत्या के केस में आरोपी के परिजनों ने किया हत्या के आरोपी को पकड़ने गई छतरपुर पुलिस पर टीकमगढ़ में हमला हुआ.और पुलिस पर यह जानलेवा हमला आरोपी के परिजनों ने किया इस हमले में दो पुलिस वाले घायल हो गए | जिन्हें ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया | दरअसल छतरपुर पुलिस टीकमगढ़ जिले में एक हत्या के आरोपी को पकड़ने गई थी | जब पुलिस वहां पहुंची तो आरोपी के परिजनों ने पुलिस टीम पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया...इस हमले में थाना प्रभारी दीपक यादव सहित एक आरक्षक घायल हो गया | समय रहते ही घायलों को ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया | वही मामले में दोषी आरोपी के परिजनों पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है |
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महिला के साथ बच्चे का मिला शव डिण्डोरी में नर्मदा नदी से एक महिला और उसके बच्चे का शव मिला तो इलाके में सनसनी फैल गई | महिला के शव की कमर से ही उसका बच्च्चा बंधा हुआ था | ये मामला हत्या का है या आत्महत्या का या फिर कोई दुर्घटना पुलिस हर ऐंगल से जाँच कर रही है | डिण्डोरी जिले में भवतारनी मंदिर के पास नर्मदा नदी में एक महिला का शव पानी में तैरते हुए पाए जाने पर आस पास के इलाके में सनसनी फैल गई | इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकाला तो महिला के साथ एक बच्चे का भी शव था | जिसको महिला अपने कमर में कपड़े से बांधे हुए थी | महिला की उम्र 25 वर्ष बताई जा रही है | पुलिस ने घटना के कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है |
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परिजन ने शव को लेकर किया प्रदर्शन डिण्डोरी जिला अस्पताल में एक मरीज की ईलाज के दौरान मौत हो गई | जिसके बाद मरीज के परिजनों नें सड़क पर मृतक के शव को रखकर जमकर हंगामा किया.परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को मरीज की मौत का जिम्मेदार ठहराया | डिंडोरी के बिझोरी गांवके एक व्यक्ति धनुष लाल का एक्सीडेंट हो गया था | जिसे ईलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था | इलाज के दौरान धनुष लाल की मौत हो गई | जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन और पुलिस पर आरोप लगाते हुए पहले जिला अस्पताल में हंगामा किया | उसके बाद सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया | परिजनों का आरोप है कि धनुष लाल का अस्पताल में सही इलाज नही हुआ | वही डॉक्टर मौत की वजह बीमारी बता रहे है | पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया | पुलिस के समझाने के बाद परिजनों ने सड़क पर से जाम हटा लिया |
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तस्करों के पास से कोरेक्स की 300 शीशियां व कार जप्त सिंगरौली पुलिस को नशीली दवा तस्करी के मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है | पुलिस ने मादक पदार्थ की अवैध तस्करी को अंजाम दे रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है |गढ़वा थाना पुलिस को कुछ संदिग्धों के बनारस उत्तर प्रदेश से अवैध मादक पदार्थों को नौडिहवा के रास्ते होते हुए चितरंगी के तरफ जाने की सूचना मिली थी | सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक मो.यूसुफ कुरैशी के निर्देश पर तत्काल टीम का गठन किया गया | पुलिस ने ग्राम नौडिहवा में चार आरोपियों को धर दबोचा आरोपियों के पास से 300 नग मादक पदार्थ कोडीन युक्त कफ सिरप कोरेक्स बरामद हुए गिरफ्तार आरोपियों का नाम पिनाक पांडे पिंटू मंगलेश्वर बाबा सौरव द्विवेदी और अंकुर बताया गए हैं | गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों खिलाफ पहले से भी थाने कई प्रकरण दर्ज है |
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पुलिस टीम ने ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया सिंगरौली में अस्पताल के पास स्थित जंगल की झाड़ियों में अचानक आग लग गई | जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई | आग लगने की सूचना पुलिस को दी गई...पुलिस टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया | आग लगने का यह मामला सिंगरौली जयंत चौकी का है | जहाँ पुलिस को सूचना मिली थी की नेहरू नगर अस्पताल के पास वाले जंगल की झाड़ियों में आग लग गई है | और यदि यह आग आस-पास के इलाके में फैलती है तो इससे भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है | पुलिस ने इस मामले में तेजी से एक्शन लिया और मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया | जिससे बड़ा नुकसान होने से बच गया |
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पुलिस ने बदमाशों को किया गिरफ्तार सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था | जिसमें वाहन चेकिंग के दौरान 2 बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया था | पुलिस ने इन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया | ये वायरल वीडियो छतरपुर का था | जिसमें फायरिंग करने वाले बदमाश हल्के राजा और उसका बेटा है बताया जा रहा है | यह सारी घटना वाहन चैकिंग के दौरान हुई थी | बदमाशों ने लाइसेंस वाली बंदूक से पुलिस पर फायर किया था | पुलिस ने इन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है |
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दिनदहाड़े लाखों के जेवरात उड़ा ले गए देहरादून में दिनदहाड़े स्कूल संचालक के घर लाखों की लूट करने वाले बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | पुलिस ने इन बदमाशों के पास से लूट का सारा सामान और दो गाड़ियों सहित हथियार बरामद किये | लूट का यह मामला 11 अप्रैल का है| जहां देहरादून में 5 बदमाशों ने स्कूल संचालक के घर पाए लाखों की लूट की दिनदहाड़े हुई इस लूट की घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था | पुलिस लगातार इन बदमाशों की तलाश कर रही थी | लेकिन ये बदमाश पकड़ में नहीं आ रहे थे | घटना के 3 दिन बाद पुलिस ने बदमाशों को मुज्जाफरनगर से गिरफ्तार किया | पुलिस ने बदमाशों के पास से चोरी के सामान के साथ-साथ हथियार और दो गाड़ियां भी जब्त की लुटेरे बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 8 टीमों का गठन किया था | जिन्हे देश के कोनों-कोनों में भेजकर मामले की पड़ताल करने के निर्देश दिए गए थे | इस दौरान 450 से अधिक CCTV फुटेज भी खंगाले गए ताकि बदमाशों की पहचान की जा सके |
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नौकरों को जंजीर से लटकाकर पीटा, चार नौकरों में से तीन घायल एक की मौत यूपी के शाहजहांपुर से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है | यहां एक बेरहम मालिक ने चोरी के शक में अपने नौकरों पर तालिबानी कहर बरपाया है | मालिक ने अपने 7 गुंडों के साथ मिलकर नौकरों को इतना पीटा की उनमे से एक की मौत हो गई | वहीं तीन लोगों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है | जहां उनका इलाज चल रहा है | यूपी के शाहजहांपुर में रहने वाले शिवम उर्फ अंशुल सूरी ट्रांसपोर्ट पर मैनेजर के पद पर काम करता था | जहां ट्रांसपोर्ट में आए नए कपड़ों की चोरी के शक में शिवम समेत तीन अन्य नौकरों को पहले ट्रांसपोर्ट पर बुलाया | जहां उन्हें कन्हैया हौजरी के अन्दर ले जाकर जंजीर से बांधकर लटका दिया और उसके बाद उन पर कोड़े बरसाए | जब इतने से भी मन नहीं भरा तो बिजली का करंट लगाया गया | घटना की सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शिवम् सहित सभी को अस्पताल में भर्ती करवाया जहां शिवम को मृत घोषित कर दिया गया | वहीं तीन अन्य घायलों का इलाज चल रहा है | पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मलिक सहित 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है | जिसमें होजरी का मालिक फरार है जिसे भी जल्द पकड़ लिया जाएगा |
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त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर दी हादसे की सूचना अपनी ही पार्टी से बगावत करने वाले मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के साथ एक बड़ा हादसा हो गया | विधायक नारायण त्रिपाठी जब बागेश्वर धाम महाराज का आशीर्वाद लेने जा रहे थे | तभी रास्ते में उनकी कार एक ट्रक से टकरा गई | जिससे उनकी कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई | लेकिन कार में मौजूद सभी लोग सुरक्षित है | यह हादसा उस वक्त हुआ जब विधायक नारायण त्रिपाठी अपने दो साथियों और ड्राइवर के साथ बागेश्वर धाम महाराज का आशीर्वाद लेने कार से विदिशा जा रहे थे | इसी दौरान कार अचानक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई | गनीमत रही कि इस हादसे में कार सवार किसी भी यात्री को कोई खास चोट नहीं आई है | इस घटना पर नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी करते हुए कहा की वे बागेश्वर धाम महाराज का आशीर्वाद लेने जा रहे थे | इसी दौरान गढ़ाकोटा में उनकी कार एक ट्रक से टकरा गई | लेकिन इस हादसे में उन्हें और उनके साथियों को कोई चोट नहीं आई है | जबकि उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई विधायक त्रिपाठी ने कहा की इस भीषण हादसे से उन्हें माँ शारदा और बागेश्वर महाराज ने बचाया है |
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एसडीआरएफ टीम की मदद से छात्रा को तलाश जारी रीवा में उस वक्त दर्दनाक हादसा हो गया | जब अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गई कॉलेज की छात्रा नहाते वक्त नदी में डूब गई | छात्रा दोस्तों की आंखों के सामने देखते ही देखते नदी में समा गई | एसडीआरएफ टीम की मदद से छात्रा को तलाश की गई लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है | मामला रीवा की बीहर नदी का है | जहां बीपीएड की छात्रा मैथिली सिंह अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गई थी | नदी में नहाते वक्त अचानक उसका पैर फिसल गया जिससे वह डूब गई | मैथिली के दोस्तों ने इस घटना की सूचना पुलिस की दी | पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर गोताखोर व एसडीआरएफ के जवानों मदद से नदी में छात्रा को ढूढ़ने की पूरी कोशिश की लेकिन अभी तक छात्रा का कोई पता नहीं चल पाया है | वही इस घटना को लेकर एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने बताया की छात्रा की तलाश की गई लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है | अब 15 सदस्यीय टीम के साथ छात्रा की तलाश की जा रही है | बताया जा रहा है छात्र-छात्राएं नदी की गहराई व बहाव से अनजान थे | फिर भी बारी-बारी से नहाने लगे | कुछ देर बाद बीपीएड की छात्रा नदी में उतरी लेकिन उसका अचानक पैर फिसल गया | जिससे वह तेज धार में बहने लगी | जब तक साथी कुछ समझ पाते तब तक वह डूब गई थी | लापता छात्रा मैथिली सिंह परिहार पतेरी थाना सिविल लाइन जिला सतना की रहने वाली है | वह अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में बीपीएड की छात्रा है |
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पुलिस पर लगे बेअदबी के आरोप अपनी वर्दी का फायदा उठाकर जनता के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी का वीडियों तेजी से वायरल हो रहा है | जहां पुलिस वाले अपनी वर्दी की धौंस जमाकर ट्रक ड्राइवर के साथ बदसलूकी करते हुए नजर आ रहे हैं | मामला डिंडौरी जिले के बजाक थाना क्षेत्र का है | जहां शहडोल पंडरिया नेशनल हाईवे पर एक ट्रक चालक से पुलिस कर्मी के अभद्रता करने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है | जिसमें बजाक थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी ट्रक चालक से बदसलूकी करते दिखाई दे रहे है | स्थानीय लोगों का कहना है | ट्रक शहडोल से छत्तीसगढ़ के पंडरिया की ओर जा रहा था | इसी बीच पुलिस वाहन का ट्रक से आमना सामना हुआ | जिसके बाद पुलिसकर्मी वाहन से उतरकर ट्रक चालक से विवाद करने लगे | इस दौरान ग्रमीण भी जमा हो गए | स्थानीय लोग भी इस मामले में पुलिसकर्मियों की निंदा करते हुए कार्यवाही की मांग कर रहे हैं |
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पूर्व जिला पंचायत के साथ छात्राएं पहंची कलेक्ट्रेट महाविघालय की छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर छात्राओं ने पूर्व जिला पंचायत की अध्यक्ष के साथ कलेक्ट्रेट में शिकायत की है छात्राओं का आरोप है कि बदले की भवना रखते हुए शिक्षक ने 50 छात्राओ को परीक्षा में सप्लीमेंट्री कर दिया है जिस पर छात्राओं ने कार्यवाही की मांग की है डिंडौरी जिले के शासकीय महाविघालय बजाग में पढ़ने वाली छात्राओं ने महाविद्यालय के शिक्षक अरविंद डेहरिया को हटाने की मांग की है छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक कक्षा में बदले की भवना रखते हैं जिससे 50 छात्राओ को परीक्षा में सप्लीमेंट्री कर दिया है छात्राओं ने इसकी शिकायत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे के साथ कलेक्ट्रेट पहुचकर की है और अध्यापक को हटाने की मांग की है।
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ज्ञापन में गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अभ्यारण्य की बनाने मांग भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में पार्टी ने मांग की है की गायों को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए गौ अभ्यारण्य बनाए जाए और उनकी देखरेख और उपचार के लिए अलग से विभाग बनाया जाए सिंगरौली में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम पर यह ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 में गौवंशों के संरक्षण एवं उनकी हत्या को प्रतिबंधित माना गया है लेकिन फिर भी देश में गौमाता के साथ अत्याचार हो रहे हैं जो काफी चिंता का विषय है यदि हमें गायों को सुरक्षित व संरक्षित करना है तो इसके लिए हमें गौ अभ्यारण्य बनाना होगा अभ्यारणों में जैसे अन्य जीवों को सुरक्षित रखा जाता है वैसे गौ माताओं को सुरक्षित रखा जाए और इसके साथ ही इनकी देखरेख व उपचार आदि की व्यवस्था के लिए अलग से एक विभाग भी बनाया जाए जिससे रोजगार का भी अवसर बढ़ेंगे।
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लड़कियों से देह-व्यापार कराये जाने का है शक देहरादून पुलिस ने बड़ी करवाई करते हुए 18 लड़कियों को हिरासत में लिया है | पुलिस को शक है की इन लड़कियों से से देह-व्यापार कराया जा रहा है | पुलिस लड़कियों से पूछताछ कर रही है | पूछताछ में बड़े-बड़े लोगों के सामने आने की आशंका है | मामला पछुवा दून का है | जहां पुलिस 18 लड़कियों को हिरासत मे लेकर उनसे पूछताछ कर रही है | पुलिस को शक की इन लड़कियों से से देह-व्पापार कराया जा रहा हैऔर इस धंधे में बड़े-बड़े नामचीन लोग शामिल हो सकते है | पुलिस ने छापामार कार्यवाही करते हुए भारी मात्रा में मादक पदार्थ को भी अपने कब्जे में ले लिया है | ये लड़किया दिल्ली हरियाणा और चंडीगण की बताई जा रही है |
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फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाया गया कोयले से लदे एक ट्रक में अचानक आग लग गई और ये आग की लपटे इतनी भयंकर थी की पूरे ट्रक को इन्होने अपनी चपेट में ले लिया आग लगने की सूचना पुलिस को दी गई | पुलिस टीम ने फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया | मामला सिंगरौली का है, जहां अचानक कोयले से भरे ट्रक में आग लग गई आग लगने की सूचना जैसे ही पुलिस अधीक्षक मो.यूसुफ कुरैशी को मिली | उन्होंने तत्काल आग पर काबू पाने के लिए निर्देश दिए | पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाया गया | वहीं इस मामले को लेकर सहायक पुलिस निरीक्षक साहबलाल सिंह ने बताया की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया | जिससे एक बड़ी हानि होने से रोका गया | बता दें इस सराहनीय कार्य को करने में चौकी प्रभारी जयंत सहित अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही |
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पार्षद की गिरफ्तारी को लेकर धरने पर बिजली कर्मचारी बिजली के कनेक्शन को लेकर स्थानीय पार्षद ने बिजली विभाग के कर्मचारी की पिटाई कर दी | जिसके बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों ने नाराजगी दिखाते हुए | पार्षद को गिरफ्तार करने की मांग की है | उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा की उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो पूरे राज्य में इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे | मामला देहरादून का है | जहां कुछ दिनों पहले बिजली के कनेक्शन लगवाने के लिए बिजली विभाग कर्मचारी और स्थानीय पार्षद के बीच में विवाद हो गया था और विवाद इतना बढ़ा की दोनों के बीच मारपीट की खबरें भी सामने आई | अब इस मामले को लेकर उत्तराखण्ड़ ऊर्जा कामगार संगठन ने पार्षद की गिरफ़्तारी की मांग की है | संगठन के प्रमुख महामंत्री दीपक बेनीवाल ने कहा की पार्षद अभिषेक पंत ने हमारी ड्यूटी के समय हमारे साथी कर्मचारी के साथ मारपीट की और सरकारी दस्तावेजों को फाड़ा | जो वाकई बहुत ही अशोभनीय कृत है | हमने इस घटना के बाद धरना प्रदर्शन करके पार्षद की गिरफ्तारी की मांग भी की थी | लेकिन अभी तक पार्षद की गिरफ्तारी नहीं हुई | उल्टा पार्षद बिजली विभाग कर्मचारी मोहन चंद पाठक को देख लेने की धमकी दे रहा है | इस मामले को लेकर पीड़ित कर्मचारी मोहन चंद पाठक ने बताया की पार्षद अभिषेक पंत और उसके दोस्तों ने बिजली ऑफिस में आकर उनके साथ बुरी तरीके से मारपीट की व देख लेने की धमकी दी और कहा की हमारी सरकार है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता | तुम्हें नौकरी करना सीखा देंगे | पाठक ने कहा इस घटना की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को भी दी गई है | लेकिन अभी तक आरोपियों पर कोई कार्यवाई नहीं हो पाई है |
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तीन युवकों को दिया फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर दिया बेरोजगारी के इस दौर में जहां लोगों को ढंग का रोजगार नहीं मिल पा रहा है..तो वही दूसरी तरफ कई लोग युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखो रुपए की ठंगी कर रहे है | ऐसा ही एक मामला भोपाल से सामने आया है | जिसमे मानव संग्रहालय में नौकरी दिलाने के बहाने से जालजासों ने युवाओं से लाखो की ठगी की है | भोपाल में मानव संग्रहालय में नौकरी लगवाने का झांसा देकर जालसाजों ने तीन लोगो से लाखों रुपए ठग लिए हैं | पैसे मिलते ही आरोपियों ने स्पीड पोस्ट से फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भेज दिया | साथ ही ई-मेल आईडी पर रोजगार योजना की फर्जी आईडी से ट्रेनिंग सर्टिफिकेट व आदेश भी भेज दिया | ठगी का पता चलते ही जब इन युवाओं ने आरोपियों से पैसे वापस मांगे तो आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे जिसकी शिकायत पीडितों ने ऐशबाग थाने जाकर दी | वही पुलिस ने हिना परवीन उर्फ शीबा, इमरान, जीनत, फराज उजमा और जहिर उद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है | अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है |
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इस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई मसूरी-देहरादून हाईवे पर हुए दर्दनाक हादसे को लोग भूले भी नहीं थे.की एक और हादसे की खबर सामने आ गई | जिसमें कार के गहरी खाई में गिरने से कार में सवार 4 लोगों में 3 की मौके पर ही मौत हो गई | वही एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है | जिसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है | यह हादसा देहरादून के चकराता में सहिया चापनु के बीच गहरी खाई में गाड़ी गिरने से हुआ | बताया जा रहा है की इस कार एक्सीडेंट में मरने वाले गाजियाबाद और दिल्ली से आये हुए टूरिस्ट थे | कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और चौथा व्यक्ति जो घायल है | उसे ईलाज के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया है | वही हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव के काम में जुट गया |
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बन्दुक की नोक के दम पर बैंक लूटने की कोशिश मैनेजर की सूझ-बुझ के चलते बैंक में लूट की बड़ी घटना होने से बच गई | चार नकाबपोश बदमाश बन्दुक की नोक के दम पर बैंक लूटने की कोशिश कर रहे थे | लेकिन मैनेजर ने सतर्कता दिखाते हुए | केबिन में लगे सायरन का स्विच दबा दिया | जिससे सायरन बजते ही चारों लुटेरे घबराकर भाग गए | पुलिस इस मामले की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है |मामला भोपाल के रिहायशी इलाके में स्थित फेड बैंक गोल्ड लोन ब्रांच का है | जहां सुबह-सुबह ही नकाबपोश चार बदमाशों ने बैंक को लूटने की कोशिश की पहले बदमाशों ने गोल्ड लोन के बारे में जानकारी के लिए बैंक में दाखिल हुए | बाद में मौका देखकर बैंक के कर्मचारियों पर पिस्टल तान दी | हालांकि तभी मैनेजर ने सतर्कता दिखाते हुए केबिन में लगे सायरन का स्विच दबा दिया जिससे सायरन बजते ही चारों लुटेरे घबराकर भाग गए | फिलहाल पुलिस बैंक के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है जल्द ही बदमाशों को पकड़ लिया जाएगा |
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आईपीएल का सातवा मैच गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच हुआ | इस मैच में गुजरात ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला लिया | दिल्ली ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 8 विकेट्स के नुकसान पर 162 रन्स बनाये | जवाब में गुजरात की टीम ने महज 4 विकेट्स खो कर टारगेट को हासिल कर लिया | गुजरात के लिए सबसे ज़्यादा साई सुदर्सन ने 62 रन्स की नाबाद पारी खेली | आपको बता दे की गुजरात की ये लगातार दूसरी जीत है | इस मैच के प्लेयर ऑफ़ थे मैच साई सुदर्सन को दिया गया |
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विधायक राम लल्लू वैश्य ने कहा पत्रकार सुरक्षा कानून बनेगा पत्रकारों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है | ऐसे में जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश ने कहा की पत्रकारों पर आये दिन जानलेवा हमले होते रहते हैं | जिससे देश में उनकी सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनने चाहिए | जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार को ड्राफ्ट सौंपे गए है | सिंगरौली में एन यू जे आई के कार्यक्रम में विधायक राम लल्लू वैश्य सहित दर्जनों पत्रकार शामिल हुये | कार्यक्रम में एन यू जे आई के उपाध्यक्ष व जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश के नवनियुक्त महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि आज देश-विदेश में पत्रकारों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बन चुका है | आये-दिन पत्रकारों पर हमले की खबर आती रहती हैं | जो बड़ी चिंता का विषय है | ऐसे में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना बहुत जरूरी है | इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को ड्राफ्ट दिए गए हैं | कार्यक्रम में उपस्थित सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैस ने भी पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर कहा की पत्रकार सुरक्षा कानून व राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा | जिसका मैं पुरजोर समर्थन करूंगा |
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कोर्ट पेशी के खर्चे के लिए मांगी रंगदारी कुख्यात गैंगस्टर के लिए रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया है | गैंगस्टर जेल मे बंद होने के बाद भी चला रहा है अवैध वसूली का कारोबार पुलिस अब इस मामले की जांच की जा रही है | खबर हरिद्वार से है जहां बदमाश सुनील राठी का हवाला देकर लाखों रुपए की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है | सागर नाम के व्यक्ति ने 31 मार्च को अभिषेक भारद्वाज को फोन करके बदमाश कलीम समेत 5 आरोपियों की कोर्ट में पेशी के खर्चे के लिए रंगदारी मांगी थी | जिसके बाद पीड़ित ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत सिडकुल थाने में की वही पुलिस ने टीम गठित करके इस मामले की जांच शुरू कर दी है | साथ ही एसपी स्वतंत्र कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया सुनील राठी के नाम से यह रंगदारी मांगी गई है और जिस नंबर से धमकी भरा फोन आया था उसको ट्रेस किया जा रहा है |
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केन्द्र सरकार को देशभर से भेजे जाएंगे पोस्टकार्ड कांग्रेस राहुल गाँधी के मसले पर भाजपा सरकार को तानाशाह बताते हुए उसके खिलाफ 30 अप्रेल को बड़ी रैली करेगी इससे पहले तीन से 20 अप्रैल तक केंद्र सरकार को पोस्टकार्ड लिखकर विरोध जताया जाएगा कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है मोदी सरकार अडानी अंबानी के हाथों में देश को बेचने का काम कर रही है इस पर सवाल उठाने वाले नेताओं को टारगेट किया जा रहा है मोदी सरकार ने इस सबसे बौखलाकर राहुल गाँधी के खिलाफ कार्यवाही की है लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा तीन अप्रैल से प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भेजकर विरोध जताया जाएगा तथा तीस अप्रैल को मोदी सर्कार के खिलाफ बड़ी रैली की जायेगी।
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नगरपालिका से प्रतिबंध लगाने की मांग सब्जी व्यापारियों को लगातार परेशान करने वाला ठेकेदार अपनी गुंडागर्दी से बाज नहीं आ रहा है वह लगातार व्यापारियों को परेशान कर अवैध वसूली कर रहा है जिससे नाराज़ होकर व्यापारी वर्ग ने नगरपालिका को चेतावनी दी है परासिया बाजार में व्यापारी संघ की नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है जिसकी मुख्य वजह ठेकेदार की अवैध वसूली है जबकि नगरपालिका ने ठेकेदार को 10 परसेंट बढ़ाकर बाजार का ठेका दिया था फिर भी वह अपनी मनमानी से बाजार के ठेके की दर बढ़ाकर वसूली कर रहा है जिससे व्यापारी संघ ने नगरपालिका अध्यक्ष विनोद मालवी को शिकायती ज्ञापन सौंपा है और इस पर रोक लगाने की मांग की और अवैध वसूली पर रोक नहीं लगाने पर साप्ताहिक बाजार बंद करने की चेतावनी दी है।
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इलाज के लिए छतरपुर आ रहा था परिवार सड़क हादसे की एक दर्दनाक खबर सामने आई है जिसमें कार से शहर इलाज करवाने के लिए आ रहे परिवार को रास्ते में स्कॉर्पियो ने भीषण टक्कर मार दी और ये टक्कर इतनी भयानक थी की मौके पर ही परिवार की मौत हो गई वही स्कॉर्पियो में सवार लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए घटना छतरपुर की है जहां महोबा का रहने वाला सेन परिवार इलाज के लिए कार से छतरपुर आ रहा था तभी रास्ते में तेज रफ्तार से आ रही स्कॉर्पियो ने कार को टक्कर मार दी जिससे कार में सवार माँ बेटी और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई हादसा इतना जोरदार था कि कार के परखच्चे उड़ गए वहीं दूसरी तरफ स्कार्पियो में सवार तीन लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गये घायलों को ईलाज के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।
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हादसे में 25 यात्री घायल हो गए और 4 की मौत हो गई एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें रोडवेज बस खाई में गिर गई बस के खाई में गिरने से इसमें सवार 42 यात्रियों में से 25 यात्री घायल हो गए वही 4 यात्रियों की मौत हो गई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है यह हादसा मसूरी-देहरादून हाइवे पर हुआ रोडवेज बस मसूरी से देहरादून को ओर आते वक्त खाई में गिर गई जिससे बस में सवार 42 यात्रियों में से 25 यात्री घायल हो गए और 4 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई घायलों को उचित इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है वही आपको बता दे जिस समय यह हादसा हुआ तब बस का ड्राइवर पान मसाला में तंबाकू मिला रहा था जिस वजह से वह बस पर ध्यान नहीं दे पाया और उसकी इस लापरवाही के चलते यह भीषण हादसा हो गया बस के ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की करवाई की जा रही है।
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इलाज के लिए छतरपुर आ रहा था परिवार सड़क हादसे की एक दर्दनाक खबर सामने आई है जिसमें कार से शहर इलाज करवाने के लिए आ रहे परिवार को रास्ते में स्कॉर्पियो ने भीषण टक्कर मार दी और ये टक्कर इतनी भयानक थी की मौके पर ही परिवार की मौत हो गई वही स्कॉर्पियो में सवार लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए घटना छतरपुर की है जहां महोबा का रहने वाला सेन परिवार इलाज के लिए कार से छतरपुर आ रहा था तभी रास्ते में तेज रफ्तार से आ रही स्कॉर्पियो ने कार को टक्कर मार दी जिससे कार में सवार माँ बेटी और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई हादसा इतना जोरदार था कि कार के परखच्चे उड़ गए वहीं दूसरी तरफ स्कार्पियो में सवार तीन लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गये घायलों को ईलाज के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।
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चोरी के माल को घर में ही छुपाया था आरोपी ने पुलिस ने छ महीने पुराने चोरी केस का खुलासा करते हुए बताया की आरोपी ने 1 लाख के जेवरों की चोरी कर जेवरों को अपने घर में ही छुपाकर रखा था और वह पकड़े जाने के डर से 6 महीने के लिए फरार हो गया था पुलिस ने आरोपी के पास से सारे जेवरात बरामद कर लिए मामला सिंगरौली का है जहां 6 महीने पहले धनवंती साहू के यहां 1 लाख के सोने चांदी के जेवरों की चोरी हुई थी जिसकी शिकायत उन्होंने थाने में दर्ज कराई थी 6 महीने तक इस केस में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला अचानक पुलिस को इस मामले में एक संदेही घर आने की खबर मिली पुलिस ने इस संदेही को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और उसे धर दबोच लिया सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया की चोरी का माल उसने घर में छुपाकर रखा है पुलिस ने चोरी किये जेवरात को बरामद कर लिए।
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जमीन विवाद को लेकर दोनों में हुआ था झगड़ा हत्या का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसमें आरोपी ने पहले युवक को दावत में बुलाकर शराब पिलाई फिर उसकी नशे की हालत का फायदा उठाकर उससे जमीन को लेकर विवाद शुरू कर दिया और अंत में युवक पर पाईप से हमला कर उसकी हत्या कर दी छतरपुर से हत्या का एक मामला सामने आया हैं जहाँ एक युवक को दावत पर बुलाकर शराब पिलाई गई और जमीन विवाद के चलते उसकी हत्या कर दी गई मृतक युवक का नाम देशराज है मामले का खुलासा करते हुए एसपी अमित संघी ने बताया की घटना की रात मृतक देशराज को आरोपी मुन्नू अहिरवार अपने घर दावत पर ले गया था जहां आरोपी ने पहले मृतक को शराब पिलाई और जब मृतक नशे में डूब गया तो आरोपी जमीन को लेकर उससे विवाद करने लगा विवाद इतना बढ़ गया की आरोपी ने मृतक पर पाईप से हमला कर दिया जिससे मृतक की मौके पर मौत हो गई आरोपी को गिरफ्तार करके उससे पूछताछ की जा रही है।
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अभी तक पुलिस नहीं ढूढ पाई कोई सुराग चोरों के हौसले दिनों-दिन बुलंद होते जा रहे है उन्हें पुलिस का जरा भी भय नहीं है वह दिन-दहाड़े घटनाओं को अंजाम दे रहे है ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें व्यापारी का पैसों से भरा बैग चुराकर चोर फरार हो गए और अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला मामला कटनी का हैं जहां इंदौर के व्यापारी संस्कार पार्टीदार का पैसों से भरा बैग चोरों ने चुरा लिया मामले की शिकायत पुलिस से भी की गई लेकिन पुलिस अभी तक इन चोरों को पकड़ नहीं पाई है आपको बता दें संस्कार पार्टीदार एग्रीकल्चर से जुड़े उपकरण बेचने का काम करते है वो पैसों की वसूली के लिए अलग-अलग जगह से होते हुए कटनी पहुंचे थे जहां उनकी गाड़ी बस स्टैंड पर पंचर हो गई थी जब वह गाड़ी सुधराने के लिए मैकेनिक तलाशने लगे तो चोरों ने मौके का फायदा उठाया और पैसों से भरा उनका बैग ले गए शिकायत मिलने पर पुलिस ने वक्त रहते ही इलाके की नाकाबंदी कर दी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश की जा रही है।
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आरोपियों की गाड़ी में मिले हथियार सड़क पर तीन लड़के एक युवक की पिटाई कर रहे थे | जब पुलिस ने आकर बीच-बचाव किया तो इन लड़कों ने पुलिस पर भी हमला किया और भाग गए | पुलिस ने इनकी गाड़ी की तलाश की तो उसमें भारी मात्रा में अवैध हथियार मिले | इन आरोपियों में एक कॉन्स्टेबल भी शामिल है | जिसे पहले ही आपराधिक मामलों के चलते बर्खास्त कर दिया गया था | मामला छतरपुर का है, जहां पीड़ित दिनेश वर्मा ने बताया की जब वह अपनी गाड़ी में था | तभी पीछे से आरोपियों ने आकर उसकी गाड़ी पर टक्कर मार दी | और जब वह गाड़ी से बाहर निकला तो इन लोगों ने उसके साथ मारपीट की | तथा बीच बचाव में आए पुलिसकर्मियों पर भी इन्होंने हमला किया | एसपी अमित सांघी ने इस मामले में बताया की जब आरोपी युवक को मार रहे थे | तो पुलिस ने बीच बचाव करने की कोशिश की लेकिन आरोपी पुलिस पर ही हमला करके भाग गए | इनकी गाड़ी की तलाश की गई तो उसमे भारी मात्रा मे अवैध हथियार मिले | पुलिस ने गाड़ी से छह कट्टे, 45 जिंदा कारतूस बरामद किये | इन आरोपियों में से एक अपराधी पुलिस का पूर्व कॉन्स्टेबल है | जिसे आपराधिक मामलों में पहले ही बर्खास्त किया गया था | इन आरोपियों की तलाश की जा रही है |
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अवैध शराब की कीमत 42 लाख रुपये यातायात पुलिस ने चेकिंग के दौरान अवैध शराब जब्त की यह शराब भोपाल से लाई जा रही थी और इसकी कीमत 42 लाख बताई जा रही है पुलिस इस मामले में आबकारी एक्ट के तहत कर रही है मामला छतरपुर का है जहां चैकिंग के दौरान पुलिस ने 42 लाख की शराब जब्त की एसपी अमित सांघी ने बताया की भोपाल से शराब का ट्रक लाया जा रहा था यातायात पुलिस को शक हुआ था तो उन्होंने ट्रक की चेकिंग की जिसमें सोलह सौ पेटी बीयर मिली जिसकी कीमत 42 लाख रुपये बताई जा रही है पुलिस ने उसे जब्त कर लिया और जब ट्रक चालक से दस्तावेज माँगा गया तो उस दस्तावेज में शराब परिवहन का परमिट समाप्त हो गया था ट्रक चालक पर मामला दर्ज करके उसके खिलाफ करवाई की जा रही है।
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बैटरी से चलती है वितरित की गई स्कूटर टीएचडीसी अमिलिया कोल माइन कंपनी ने दिव्यांगों को स्कूटर वितरित की स्कूटर मिलने से दिव्यांग बहुत खुश है स्कूटर वितरण कार्यक्रम में कंपनी के अधिकारी सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे टीएचडीसी अमिलिया कोल माइन कंपनी ने विस्थापित हुए परिवार जनों के 4 दिव्यांगों को बैटरी से चलने वाली स्कूटर दी दिव्यांगों ने स्कूटर मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा हम लोग बहुत खुश हैं कंपनी ने हमे जो स्कूटर दिया है उसके लिए के कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी धन्यवाद के पात्र है वही कंपनी के महाप्रबंधक एके शर्मा ने कहा कि हमें बहुत खुशी हो रही है जो आज दिव्यांगों को हमारी कंपनी द्वारा स्कूटर वितरित की गई है साथ ही इलाके के सरपंच ने भी कंपनी के अधिकारीयों का इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद किया।
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संघ ने मांगे न माने जाने पर निकाली चुनरी यात्रा अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रोजगार सहायक सचिव संघ ने अब अपनी मांगों के समर्थन में चुनरी यात्रा निकाली यात्रा में सैकड़ो रोजगार सहायक सचिव शामिल हुए | रोजगार सहायक सचिव संघ अपनी नियमितीकरण और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर काफी समय से प्रदेश में प्रदर्शन कर रहा है | लेकिन सरकार की तरफ से उनकी मांगे मानने का कोई संकेत नहीं दिया गया है | इस वजह से संघ ने चुनरी यात्रा निकाली | यात्रा में सैकड़ो रोजगार सहायक सचिव शामिल हुए | संघ के अध्यक्ष ने कहा की हमने अपनी मांगों को लेकर 51 मीटर की चुनरी माँ दुर्घटादेवी देवी के दरबार में समर्पित की है | हमें उम्मीद है की माँ अपने भक्तों को निराश नहीं करेगी |
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हिस्से - बटवारा को लेकर था विवाद एक बुजुर्ग की हत्या से इलाके में सनसनी मच गई | बुजुर्ग की हत्या उसके ही कलयुगी बेटे ने लाठी से पीट-पीट कर की थी | इस दौरान बीच-बचाव करने आई मां पर भी उसने प्रहार कर घायल कर दिया था | पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके उसे जेल दिया है | सिंगरौली में खेत में अरहर साफ़ कर रहे 62 वर्षीय बुजुर्ग लाल बैगा की उसके छोटे बेटे तिलकधारी बेगा ने हत्या कर दी | हत्या करने का करना कारण हिस्सा बटवारा था | जब यह अपराधी अपने बुजुर्ग पिता को पीट रहा था | उस दौरान उसकी मां बुधानी बीच-बचाव करने आई | लेकिन इस निर्दयी ने अपनी माँ पर भी प्रहार करके उसे घायल कर दिया था | घटना को अंजाम देने के बाद तिलकधारी फरार हो गया था | पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उसे गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की जहां उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया आरोपी को जेल भेज दिया गया है |
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डिस्पेंसरी के लिए ले रही थी 25 हजार रुपये टीकमगढ़ में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने महिला बीएमओ को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया | यह बीएमओ एक निजी डिस्पेंसरी को खुलवाने के लिए 25000 रूपये रिश्वत ले रही थी | तभी टीम ने दबिश देते हुए इसे पकड़ लिया | टीकमगढ़ के महेवा में बीएमओ डॉ अर्चना राजपूत ने डॉक्टर विश्वकर्मा के निजी डिस्पेंसरी को सील कर दिया था...जब डॉक्टर विश्वकर्मा ने उनसे डिस्पेंसरी खोलने के लिए बात की तो अर्चना राजपूत ने डॉक्टर विश्वकर्मा से पचास हजार रुपये डिस्पेंसरी खोलने के लिए मांगे और बाद में पूरा मामला ₹25000 में आकर सेटल हुआ | लेकिन डॉक्टर विश्वकर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी | जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने योजना बनाकर डॉक्टर विश्वकर्मा को केमिकल लगे नोटे लेकर बीएमओ के पास भेजा जैसे ही डॉक्टर विश्वकर्मा ने बीएमओ को पैसे दिए वैसे ही टीम ने बीएमओ डॉक्टर अर्चना राजपूत को नोट लेते रंगे हाथ पकड़ लिया | टीम ने करवाई करते हुए उनके खिलाफ एक प्रतिवेदन बनाकर उच्च अधिकारियों के पास कार्यवाही के लिए भेज दिया | वही इस मामले में लोकायुक्त डीएसपी ने कहा की शिकायत मिलने पर बीएमओ को रंगे हाथों पकड़ा गया है |
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सरपंच के करप्शन से लोग हो रहे हैं परेशान परासिया के इकलहरा में हिन्दू उत्सव समिति व जिला पंचायत सदस्य ने ग्राम पंचायत के सरपंच पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया और तहसीलदार को ज्ञापन सौपा हैं | लोग सरपंच की अवैध वसूली से परेशान हैं | हिन्दू उत्सव समिति व जिला पंचायत सदस्य ने परासिया जनपद के इकलहरा ग्राम पंचायत के सरपंच पर अवैध वसूली का आरोप लगाया | हिन्दू उत्सव समिति के लोगो ने बताया कि रामनवमी के पर्व पर अवैध वसूली करने का तरीका सरपंच ने अपने लेटर पेड से वसूली कर आरम्भ कर दिया है | जिससे हिन्दू धर्म बदनाम होता है और लोगों की आस्था को ठेस पहुँच रही है | हिन्दू उत्सव समिति ने तहसीलदार को ज्ञापन सौप कर सरपंच पर कार्यवाही की मांग की है |
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सरपंच के करप्शन से लोग हो रहे हैं परेशान परासिया के इकलहरा में हिन्दू उत्सव समिति व जिला पंचायत सदस्य ने ग्राम पंचायत के सरपंच पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया और तहसीलदार को ज्ञापन सौपा हैं | लोग सरपंच की अवैध वसूली से परेशान हैं | हिन्दू उत्सव समिति व जिला पंचायत सदस्य ने परासिया जनपद के इकलहरा ग्राम पंचायत के सरपंच पर अवैध वसूली का आरोप लगाया | हिन्दू उत्सव समिति के लोगो ने बताया कि रामनवमी के पर्व पर अवैध वसूली करने का तरीका सरपंच ने अपने लेटर पेड से वसूली कर आरम्भ कर दिया है | जिससे हिन्दू धर्म बदनाम होता है और लोगों की आस्था को ठेस पहुँच रही है | हिन्दू उत्सव समिति ने तहसीलदार को ज्ञापन सौप कर सरपंच पर कार्यवाही की मांग की है |
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सबसे बड़ा क्रिक्रेट टूर्नामेंट कराने का ख़िताब मिला राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और उनके बेटे आकाश सिंह राजपूत ने क्रिकेट महाकुंभ का आयोजन करवाया था | जिसके समापन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया शामिल हुए | उन्होंने सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी | इस मौके पर आकाश सिंह राजपूत को विश्व का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कराने का ख़िताब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड लंदन की टीम द्वारा दिया गया | सागर में क्रिकेट महाकुंभ का फाइनल मुकाबला समाप्त हुआ | जिसमें फ्रेंड्स क्लब राहतगढ़ ने जीत हासिल की और मित्रता क्लब सुरखी की टीम दूसरे नंबर पर रही | इस मुकाबले का आयोजन राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके बेटे आकाश सिंह राजपूत ने करवाया था | क्रिकेट महाकुंभ के इस समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने भी शिरकत की महाआर्यमन सिंधिया ने कहा की इस क्षेत्र से मेरा नाता पुराना है | यहाँ से मेरा नाता प्यार,परिवार,और मिट्टी का है | महाआर्यमन ने कहा, क्रिकेट सिर्फ शहरों के लिये नहीं बल्कि गांव के लिये भी है | क्रिकेट में गाँव से एक से एक होनहार खिलाड़ी आ रहे हैं | में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और आकाश सिंह राजपूत और उनकी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहूंगा | जिन्होंने इस क्रिकेट महाकुंभ का सफल आयोजन किया | आपको बता दें क्रिकेट टूर्नामेंट महाकुंभ में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड लंदन की टीम ने महामुकाबले में शामिल होकर आकाश सिंह राजपूत को विश्व का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कराने का विश्व रिकार्ड का खिताब दिया | टीम ने आकाश सिंह राजपूत को महा आर्यमन सिंधिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह पुरस्कार दिया |
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स्वच्छता की पाठशाला कार्यक्रम में हुआ सम्मान नगर निगम स्वच्छता की पाठशाला कार्यक्रम चला रही हैं जिसके तहत सभी सफाई कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया इस कार्यक्रम में जिले के विधायक, महापौर व अध्यक्ष उपस्थित रहे सफाई कर्मियों का यह सम्मान सिंगरौली में किया गया है विधायक राम लल्लू वैश्य ने कहा कि सफाई कर्मियों के वजह से ही हमारा शहर स्वच्छ रहता है जिसको लेकर इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है और इनके साथ बैठकर भोजन किया गया है वही महापौर रानी अग्रवाल ने कहा कि शहर की साफ सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ सफाई कर्मियों की नहीं हम सबकी जिम्मेदारी है सफाई कर्मियों के साथ हम सभी लोगों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने आसपास साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखें नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडेय ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के कारण ही हम सब कचरे से मुक्त रहते हैं।
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किसान के साथ मारपीट कर रहे दबंग दबंगों की दबंगई वाला एक वीडियो सामने आया है | जिसमें साफ़ दिख रहा है की ये दबंग खेत में काम कर रहे किसान और उसके परिवार के साथ मारपीट कर रहे है | वीडियो की जानकारी लगते ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है | मामला छतरपुर का है | वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है की इनमें से एक दबंग हाथ में कट्टा लहराते हुए, खेत में काम कर रहे किसान और उसके को धमकी दे रहा है और उन्हें अपशब्द कहकर मारपीट कर रहा है वहीं वीडियो वायरल होने और मामले की जानकारी लगने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश कर रही है | वही इस पूरे मामले एडीशनल एसपी ने कहा है की यह विवाद जमीन को लेकर हुआ था | आरोपियों की तलाश की जा रही है |
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विधवा महिला ने कराया था रेप केस दर्ज छतरपुर में दुष्कर्म के आरोपी बाल कल्याण समिति के सदस्य सौरभ भटनागर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | सौरभ पर पीड़ित महिला ने रेप का आरोप लगाते हुए. महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी |बाल कल्याण समिति के सदस्य सौरभ भटनागर पर आरोप है कि उसने एक विधवा महिला से नजदीकी बढ़ा कर उसके साथ दुष्कर्म किया | ये मामला छतरपुर का है | सीएसपी लोकेन्द्व सिंह ने बताया की बाल कल्याण समिति के सदस्य पर विधवा महिला ने 12 मार्च को रेप का केस दर्ज करवाया था | जिस पर पुलिस ने करवाई करते हुए |आरोपी सौरभ भटनागर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया |
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गोली मारकर फरार हुआ आरोपी देवर रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें पारिवारिक विवाद के चलते देवर ने भाभी की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है वाकया छतरपुर का है जहां मृतिका का नाम विमला पाल बताया जा रहा है विमला का अपने देवर से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था दोनो का विवाद इतना बढा कि देवर अरविंद पाल ने देशी कट्टे से विमला पर गोली चला दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई घटना के बाद से अरविंद फरार हो गया है परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई है पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है उसकी तलाश जारी है
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लोकायुक्त विभाग की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा लोकायुक्त विभाग की टीम ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के निरीक्षक को रंगे हाथों पकड़ा यह निरीक्षक शिकायतकर्ता से 30 हजार की रिश्वत ले रहा था तभी लोकायुक्त विभाग की टीम ने उसे धर-दबोचा मामला कटनी का है जहां शिकायतकर्ता राजकुमार बर्मन ने बताया की उसकी पत्नी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष है तो उसने खाद्य वितरण राशन दुकान खुलवाने के लिए आवेदन किया था जब उसने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के निरीक्षक संतोष नन्दनवार से दुकान खुलवाने के लिए बात की तो निरीक्षक ने उससे दुकान खुलवाने के लिए 50 हजार की रिश्वत मांगी उसने जब 50 नहीं 30 हजार देने की बात बोली तो यह निरीक्षक मान गया और रिश्वत लेने लगा लेकिन आपको बता दें राजकुमार बर्मन ने इसकी शिकायत पहले ही लोकायुक्त विभाग से कर दी थी तो टीम पहले से ही वहां मौजूद थी टीम ने निरीक्षक पैसे लेते गिरफ्तार कर लिया वही इस मामले को लेकर लोकायुक्त निरीक्षक ने बताया की शिकायत कर्ता से पूरी जानकरी मिलने के बाद निरीक्षक को रंगे हाथों पैसे लेते पकड़ा गया मामले की जांच की जा रही है।
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एफआईआर पर समाज सेवी गिरफ्तारी देने पहुंचा भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले समाजसेवी मंजू अग्रवाल थाने में अपनी ही गिरफ्तारी देने पहुंच गये और ऐसा करने की वजह उन्होंने बताया की भ्रष्ट अधिकारीयों द्वारा उनके खिलाफ फर्जी एफ आई आर थाने में दर्ज कराई गई है जिस वजह से वह अपनी गिरफ्तारी देने थाने आये है मंजू अग्रवाल ने अपनी गिरफ्तारी देने पर कहा की उनका और उनके साथियों का कृषि उपज मंडी के अधिकारियों से किसी बात पर विवाद हुआ था जिसकी शिकायत थाने में की गई थी अब वह खुद अपनी गिरफ़्तारी देने थाने आये हुए है मंजू ने विवाद के बारे में बताया की वह अपने साथियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए मंडी गए हुए थे वहां पर उनकी बहस अधिकारियों से हुई जिसके बाद उनके खिलाफ फर्जी एफ आई आर दर्ज कराई गई मंजू ने कहा की मुझे बिल्कुल भी खेद नहीं यदि कोई वीडियो या साक्ष्य मेरे खिलाफ दिए जाते हैं तो मैं अपना जुर्म स्वीकार करूँगा अन्यथा इसकी जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए वहीं इस मामले में सीएसपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
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आरोपियों में लैब टेक्नीशियन और आरक्षक शामिल जबलपुर टीएसएफ और वन परिक्षेत्र की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पैंगोलिन तस्करी के मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया पकड़े गए इन आरोपियों में पुलिस विभाग का आरक्षक और मेडिकल साइंस कॉलेज का लैब टेक्नीशियन भी शामिल है टीम ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया है और उन पर करवाई की जा रही है मामला कटनी के खमतरा गाँव का है जहां टीएसएफ की टीम को सूचना मिली थी की वन्यजीव पैंगोलिन को राम लखन बर्मन ने अपने घर में कैद करके रखा हुआ है टीएसएफ की टीम ने कटनी वन विभाग की टीम के साथ मिलकर संयुक्त रूप से करवाई करते हुए राम लखन के घर दबिश दी जहां से टीम को जीवित पैंगोलिन मिला इसके बाद टीम ने राम लखन बर्मन से शक्ति से पूछताछ की तो पता चला की इस मामले में अन्य और भी पांच लोग शामिल है और उसमे से 2 आरोपी में एक पुलिस विभाग का आरक्षक और दूसरा मेडिकल साइंस कॉलेज का लैब टेक्नीशियन है पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया आपको बता दें बेशकीमती पैंगोलिन की तस्करी कर उसे लाखों करोड़ों में बेचा जाता है जिसका उपयोग दवाइयों समेत अन्य चीजों में किया जाता है तस्करी को रोकने के लिए वन विभाग लगातार इस तरह की कार्यवाही को अंजाम देते रहता है वही इस पूरी करवाई को लेकर वनसंरक्षक गौरव शर्मा ने बताया कि मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें लैब टेक्नीशियन ओमप्रकाश धुर्वे अलिक जेंडर नायडू, सहित अन्य आरोपी शामिल हैं फिलहाल वन विभाग ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
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पुलिस ने किया काफी मशक्कत से गिरफ्तार पुलिस प्रशासन ने काफी मशक्कत के बाद दो आदतन अपराधियों को गिरफ्तार किया है ये अपराधी दो अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों पर चाकू से हमला कर पैसे लेकर फरार हो गए थे कटनी में अपराधी निखिल विश्वकर्मा और उसके दोस्त जावेद उर्फ राय खान ने मोहम्मद सादिक से शराब पीने के लिये पैसे मांगे लेकिन जब सादिक ने पैसे देने से मना किया तो इन दोनो ने उसके साथ मारपीट की और उस पर चाकू से हमला कर दिया और वहां से फरार हो गए इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया इन दोनों के पास से पुलिस ने चाकू जब्त किया है इन दोनों अपराधियों ने एक और युवक पर चाकू से हमला किया था जिसकी सूचना भी पुलिस को मिली थी।
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पुलिस ने चोर के पास से सामान जब्त किया चोरी का एक अनोखा मामला में सामने आया है जिसमें शादियों को टारगेट करके एक व्यक्ति द्वारा चोरी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसके पास से चोरी के सामान जब्त किए है मामला छतरपुर का है जहां एक व्यक्ति जिसका नाम कमलेश लोधी बताया जा रहा है उसे पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया बता दें आरोपी कमलेश लोधी शादियों में जाता था और वहां चोरी की वारदात को अंजाम देता था कमलेश ने पहले ओरछा रोड पर शादी के कार्यक्रम में चोरी की उसके बाद उसने विराज गार्डन में चोरी की वारदात को अंजाम दिया पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज करते हुए उसके पास से चोरी के कई सामान जब्त किए इस मामले पर सीएसपी लोकेंद्र सिंह का कहना है कि आरोपी ज्यादातर शादियों में ही जाकर चोरी करता था।
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होली के दिन बदमाशों ने एक युवक की बेहरहमी से पिटाई की जिससे युवक बुरी तरह से घायल हो गया था। युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज लिया है। और उनकी तलाश कर रही है मामला सिंगरौली का है जहां सुभाष नाम के युवक के साथ होली के दिन बदमाशों ने बेरहमी से मारपीट की थी...मारपीट की वजह से सुभाष गंभीर रूप से घायल हो गया था जिस कारण उसे रीवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई..सुभाष की मौत की सूचना जब उसके गांव पहुंची तो उसके परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया है। आरोपियों के खिलाफ पहले मारपीट का प्रकरण दर्ज करा गया था। सुभाष की मौत के बाद हत्या प्रकरण दर्ज कर लिया गया है... वही इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा की पुलिस को सूचना मिली थी की सुभाष जब अपने भाई के साथ होली के दिन कहीं जा रहा था... तो रास्ते में ही पुरानी रंजिश के चलते बदमाशों ने उसके साथ मारपीट की इस मामले में 5 लोगों पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
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मुंबई के लालबाग इलाके के एक अपार्टमेंट में 53 साल की महिला की सड़ी-गली लाश के टुकड़े प्लास्टिक बैग में मिले हैं। महिला के भाई और भतीजे ने कुछ दिन पहले उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट कलाचौकी थाने में कराई थी।शिकायत के बाद पुलिस तलाशी के लिए महिला के घर पहुंची थी, जहां उसकी लाश प्लास्टिक बैग में मिली। महिला के हाथ-पैर और शरीर के कुछ हिस्सों को काट दिया गया था। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही उसकी 22 साल की बेटी रिंपल प्रकाश जैन को भी अरेस्ट कर लिया है।मुंबई के लालबाग इलाके के एक अपार्टमेंट में 53 साल की महिला की सड़ी-गली लाश के टुकड़े प्लास्टिक बैग में मिले हैं। महिला के भाई और भतीजे ने कुछ दिन पहले उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट कलाचौकी थाने में कराई थी।शिकायत के बाद पुलिस तलाशी के लिए महिला के घर पहुंची थी, जहां उसकी लाश प्लास्टिक बैग में मिली। महिला के हाथ-पैर और शरीर के कुछ हिस्सों को काट दिया गया था। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही उसकी 22 साल की बेटी रिंपल प्रकाश जैन को भी अरेस्ट कर लिया है।डीसीपी प्रवीण मुंधे ने बताया कि मारी गई महिला की पहचान वीना प्रकाश जैन के रूप में हुई है। पुलिस को शक है कि बेटी ने ही मां को महीनों कोठरी में बंद रखा। इसके बाद उसकी हत्या कर दी।
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प्रेमिका से शादी करवाने के लिए पुलिस से की मांग सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हुआ वीडियो में एक सिरफिरा युवक खुद पर पेट्रोल डालकर थाने के सामने आग लगाने की कोशिश कर रहा है पुलिस ने पानी डालकर युवक की जान बचाई यह युवक चाहता हे कि पुलिस उसकी प्रमिका से उसकी शादी करवाए इस वीडियो में दिख रहा है की सौरभ गुप्ता नाम का युवक खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश थाने के सामने कर रहा है पुलिस ने मौका देखते ही युवक पर पानी डाला और उसे खुदकुशी करने से रोका इसके बाद युवक को पुलिस ने अरेस्ट कर उस पर आत्महत्या करने का मामला दर्ज कर लिया है आपको बता दें एक महीने पहले भी सौरभ गुप्ता ने वीडियो बनाकर वायरल किया था जिसमें उसने थाना प्रभारी को बम से उड़ाने की धमकी दी थी पुलिस ने उस वक्त उसे समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया था लेकिन फिर से उसने ऐसी ही हरकत की वहीं इस पूरे मामले पर कोतवाली थाना प्रभारी ने कहा की सौरभ मांग कर रहा है की उसका विवाह उसकी प्रेमिका से कराया जाए पुलिस के समझाने के बाद भी वह नहीं मान रहा है।
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2 दिन तक उसके साथ मारपीट की और उसे प्रताड़ित किया एक व्यक्ति को बंधक बनाकर उसके साथ तालिबानी सलूक करते हुए कुछ लोगों ने मारपीट की मारपीट करने की वजह यह पीड़ित का लड़का समाज की लड़की को लेकर भाग गया था आरोपियों ने 2 दिन तक पीड़ित को बंधक बनाकर रखा और उसके साथ मारपीट की 2 दिन बाद पीड़ित घर में फांसी लगा हुआ पाया गया मृतक की पत्नी ने आरोपियों पर ही पीड़ित को फांसी लगाकर मारने का आरोप लगाया मामला छतरपुर के पंचमपुर गांव का है जहां ऊधा अहिरवार नाम के व्यक्ति को बंधक बनाकर कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की और मारपीट करने की वजह यह थी की ऊधा का लड़का समाज की लड़की को लेकर भाग गया था जिससे लड़की पक्ष ने दबाव बनाने के लिए कानून को अपने हाथ मे ले लिया और लड़के के पिता को ऊधा बंधक बना कर उसके साथ मारपीट की आपको बता दें ऊधा की पत्नी ने कई बार रहम की भीख मांगी लेकिन इन आरोपियों ने उसे मरना बंद नहीं किया इस पुरे घटनाक्रम की सूचना पुलिस को भी दी गई थी लेकिन पुलिस न तो घटनास्थल पर पहुंची और न ही पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाई की आरोपियों ने पीड़ित को दो दिन बाद कैद से छोड़ा कैद से छूटने के बाद ऊधा अपनी पत्नी के साथ घर चले गए थे लेकिन जब उनकी पत्नी 15 मिनट के लिए घर से बाहर गई तो वापस आने पर ऊधा उन्हें फांसी के फंदे पर लटके मिले फांसी लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई वही मृतक की पत्नी सावित्री ने बताया की जब वह घर लौट रही थी तो उसने घर से 8 से 9 लोगों को निकलते देखा है इन्हीं लोगों ने उनके पति की हत्या की है इस पूरे मामले पर पुलिस ने अब जाकर रिपोर्ट दर्ज की है छतरपुर एसपी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.. उनकी तलाश की जा रही है।
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राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में 13 मार्च को एकेडमिक काउंसिल की बैठक होगी। इसमें सत्र 2022-23 के लिए 87 कॉलेजों को सशर्त अस्थाई संबद्धता देने का प्रस्ताव रखा जा रहा है। ये इंजीनियरिंग, एमबीए और फार्मेसी काॅलेज हैं। इस संबंध में विवि प्रशासन ने सदस्यों को एजेंडा के साथ पूरी जानकारी नहीं दी।इंस्पेक्शन कमेटी की अलग-अलग अनुशंसा नहीं बताकर, सबको एक लिस्ट में रखकर एक जैसा प्रस्ताव रखा जा रहा है। सदस्यों को नहीं बताया कि कमेटी ने कॉलेजों के संबंध में क्या-क्या अनुशंसाएं की हैं, सशर्त अस्थाई संबद्धता किस आधार पर दी जा रही है, कॉलेजों में क्या कमी पाई गईं और उन्हें दूर करने क्या शर्त लागू की गई है। वहीं सवाल यह भी उठ रहा है क्या 87 कॉलेजों में एक भी ऐसा कॉलेज नहीं है, जो संबंधित प्रोग्राम को चलाने के लिए निर्धारित सभी मापदंड पूरा करता हो। यह सभी तथ्य छिपाकर संबद्धता देने के प्रकरण एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ले जा रहे हैं। इनमें 43 बीटेक/एमटेक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। 21 एमबीए कॉलेज हैं। 19 एमफार्मा/बी.फार्मेसी कॉलेज हैं। 1 बी.डिजाइन व 3 एमसीए कॉलेज हैं। एकेडमिक काउंसिल के एक सदस्य ने बताया कि सभी 87 काॅलेजों के संबंध में एक जैसा प्रस्ताव एजेंडा में दिया है। फार्मेसी छोड़कर इस सत्र के तहत फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा भी हो चुकी हैं।
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हनुमान जी के सामने 2 पीस में डांस रतलाम में हुई नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप विवादों में घिर गई है...बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप के शुभारंभ के दौरान महिलाओं ने बजरंगबली की मूर्ति के सामने टू-पीस में रैंप वॉक और डांस किया जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने माफी की मांग की है रतलाम में जूनियर मिस्टर इंडिया बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था यह आयोजन रतलाम महापौर प्रहलाद पटेल की अध्यक्षता वाली समिति ने करवाया था कार्यक्रम की शुरुआत में हनुमान जी का पूजन किया गया विवाद उस वक्त हुआ जब महिला खिलाड़ियों द्वारा चैंपियनशिप ट्रॉफी के लिए टू-पीस में रैंप वॉक और डांस किया गया हिंदूवादी संगठनों ने महिला खिलाड़ियों के डांस और रैंप वॉक पर आपत्ति जताते हुए कार्यक्रम के आयोजकों से माफी की मांग की है संस्कृति बचाओ मंच ने कहा की हनुमान जी के सामने इस प्रकार की अश्लीलता उचित नहीं है आयोजकों को माफी मांगना चाहिए।
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पैसे और मोबाइल लेकर फरार हुए नकाबपोश उमरिया में बन्दूक की नोक पर नकाबपोशों ने हार्डवेयर दुकान को लूटा जिसकी सूचना दुकान के व्यापारी ने पुलिस को दी व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का प्रकरण दर्ज कर लिया है..मामले की जांच की जा रही है उमरिया जिले की कानून व्यवस्था दिनों-दिन खराब होती जा रही है और पुलिस मूक दर्शक बनकर बैठी हुई है .बीते दिनों एसआईएसएफ जवानों पर हमला हुआ था अब नकाबपोशों ने बंदूक की नोक पर हार्डवेयर दुकान में लूटमार की जिसकी सूचना व्यापारी ने पुलिस को दी व्यापारी ने पुलिस को बताया की उसकी हार्डवेयर की दुकान पर नकाबपोश स्कूटी से आये और कट्टे की नोक पर इन्होने व्यापारी के साथ झूमाझपटी की व दुकान के काउंटर में रखे हुए पैसे और मोबाइल लेकर ये फरार हो गए व्यापारी ने बताया की नकाबपोशों ने कट्टे से फायरिंग भी की थी लेकिन गनीमत रही की इस फायरिंग से किसी को चोट नहीं आई व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का प्रकरण दर्ज कर लिया है घटनास्थल से पुलिस को जिन्दा कारतूस भी मिला हैं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक ने कहा की मामले की जांच की जा रही है आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जयेगा।
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आरोपी ट्रक चालक मौके से हुआ फरार डिंडौरी में मिनी ट्रक ने बाइक सवार को रौंद दिया इस हादसे में बाइक चालक की मौके पर ही मौत हो गई और आरक अन्य व्यक्ति घायल हो गया ट्रक वाला मौके से फरार हो गया डिंडोरी कोतवाली थाना क्षेत्र के अनूपपुर रूसा मार्ग में भरा टोला के पास ट्रक की चपेट में आने से बाइक चालक की मौके पर हुई मौत हो गई बाइक के पीछे बैठे व्यक्ति को चोट आई है जिसे इलाज के लिए डिंडोरी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है वहीं मिनी ट्रक चालक घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया है।
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मना करने के बाद गोलू ने चाकू से हमला किया डिंडोरी में आदतन अपराधी आसिफ खान उर्फ गोलू ने भरे बाजार एक युवक पर चाकू से हमला कर दिया आरोपी ने युवक के पैर में चाकू मारा और इसके बाद आरोपी फरार हो गया पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश की जा रही है आदतन अपराधी आसिफ खान पुलिस के लिए दिनों-दिन मुसीबत बनता जा रहा है पुलिस उसको ढूंढ पाने में नाकाम हो रही है पीड़ित सुखवीर यादव ने बताया की वह मिस्त्री का काम करते हैं जब वह अपनी दुकान पर थे तब गोलू ने उनसे शराब पीने के लिए पैसे मांगे जब उन्होंने मना किया तो गोलू ने उनके पैर में चाकू से धारदार हमला कर दिया जिससे उनके पैरों में गंभीर चोट आ गई इस घटनाक्रम की शिकायत पीड़ित सुखवीर ने पुलिस से की पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया और आरोपी की तलाश की जा रही है।
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प्यार की खातिर गलत काम करेगा सिरफिरा युवक प्रेम में पगलाए एक आशिक ने लड़की को इम्प्रेस करने के लिए पुलिस को धमकी देकर पुलिस से पंगा ले लिए है इस युवक का मानना है कि अगर टीआई की गाड़ी में बम फेकूंगा तो वो मुझसे शादी कर लेगी आशिक का वीडियो सामने के बाद पुलिस भी सतर्क हो गई है सोशल मीडिया में टीआई की गाड़ी पर बम फेकने की धमकी देने का वीडियो वायरल हो रहा है जिस युवक ने बम फेकने की धमकी दी है, वह कटनी कोतवाली थाना क्षेत्र के आजाद चौक का रहने वाला सौरभ गुप्ता बताया जा रहा है वीडियो की जानकारी मिलने के बाद कोतवाली टीआई अजय सिंह ने वैधानिक कार्रवाई करने की बात कही है युवक वीडियो में यह कहते दिखाई दे रहा है कि वह अपने प्यार के लिए कुछ भी कर सकता है, जिस युवती से वह प्यार करता है उसने उसे टीआई की गाड़ी में बम फेकने के लिए कहा है।
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मध्यप्रदेश में अचानक गर्मी बढ़ने से लोग परेशान है , प्रदेश में हवा के पश्चिमी रूख की वजह से तापमान में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिसकी वजह से कई जिलों में 25 दिनों बाद रात का पारा 15 डिग्री के पास गया है वहीं दिन का तापमान भी कई जिलों में 33.7 डिग्री दर्ज किया गया। इस सीजन के ठंड के आखिरी दिन चल रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी मौसम ने अपना रूख बदलना शुरू कर दिया है दिनों में सुबह और रात ठंड का आलम था लेकिन, अब मौसम ने करवट ली है और रात में भी ठंड कम हो गई है रात का पारा भी 15 डिग्री पर पहुंच गया है इसके अलावा दिन का तापमान भी बढ़ने लगा है. बीते रोज राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान समान्य से 5 डिग्री ज्यादा 33.7 डिग्री दर्ज किया गया। वही मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में हवा के पश्चिमी रूख रहने की वजह से मौसम में परिवर्तन आ रहा है. इसी वजह से दिन और रात के तापमान में इजाफा हुआ है अगर हम शुक्रवार दिन की बात करें तो तेज धूम होने की वजह से सुबह 11.30 के आस पास ही पारा 30 डिग्री के पार पहुंच गया था. इसके अलावा मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि एक दो दिन तक भी ऐसा आलम बना रहेगा।
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फोन भी नहीं उठा रहे न ही चार्ज दे रहे डिंडोरी में विकास यात्रा के दौरान निलंबित सचिव की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की ग्रामीणों ने निलंबित सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा की वह उनका फोन नहीं उठा रहे हैं और न ही नए सचिव को चार्ज दे रहे हैं डिंडोरी में विकास यात्रा के दौरान सचिव ज्ञान सिंह को निलंबित कर दिया गया था अब ग्राम पंचायत समनापुर के ग्रामीणों ने निलंबित सचिव की शिकायत कलेक्टर विकास मिश्रा से करते हुए कहा की निलंबित सचिव ज्ञान सिंह द्वारा पंचायत कर्मियों और ग्रामीणों का फोन नहीं उठाया जा रहा है और निलंबन आदेश के 1 महीने के बाद भी ज्ञान सिंह द्वारा नवनियुक्त सचिव को ग्राम पंचायत का चार्ज नहीं दिया गया है वही कलेक्टर ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए निलंबित सचिव को फोन किया लेकिन निलंबित सचिव ने कलेक्टर का फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझा कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निलंबित सचिव के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
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युवक ने आत्मदाह की कोशिश की डिंडोरी जिला अस्पताल में युवक ने आत्मदाह करने की कोशिश की युवक ने प्रसूति वार्ड में पेट्रोल डालकर आग लगाना चाहा लेकिन वहां मौजूद मरीजों ने उससे माचिस छीन ली जिससे युवक की जान बच गई वाकया जिला अस्पताल ने प्रसूति वार्ड का है आत्मदाह करने वाला युवक वार्ड में मौजूद प्रसूता से मिलने आया था लेकिन अचानक ही इसने मरीजों के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की किन वहाँ मौजूद मरीजों ने इससे माचिस छीन ली इस घटना की जानकारी जैसे ही अस्पताल चौकी पुलिस को मिली तो वह वार्ड में पहुंची तब तक यह युवक फरार हो चुका था पूछताछ करने पर पता चला की इस युवक नाम फरीद खान है वही इसके आत्मदाह करने की वजह नहीं पता चल पाई है अभी तक इस घटना की शिकायत पुलिस को लिखित रूप में नहीं दी गई घटना के बाद से जिला अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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3 लोगों की हुई मौत,दर्जनभर लोग घायल सिंगरौली में एक दर्दनाक बस हादसा हुआ जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई वहीं करीब एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं घायलों को उपचार के लिए स्वस्थ केंद्र माड़ा एवं ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है वाकया सिंगरौली के माड़ा थाना क्षेत्र का है जहां बारात लेकर जा रही प्रिया बस धरी गांव में अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई यह हादसा सुबह करीब 10.30 पर हुया घटना के बाद वहां घायलों की चीख-पुकार मच गई जानकारी के मुताबिक 3 लोगों की मौत हो गई व दर्जन भर लोग घायल हो गए घायलों को ईलाज के लिए समुदाय स्वस्थ केंद्र माड़ा एवं ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
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मध्य प्रदेश में फरवरी में ही तेज गर्मी पारा 36 के पार पंहुचा इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है की जितनी देर तक ठण्ड पड़ी थी उतनी ही देर तक गर्मी सताएगी। फरवरी में ही प्रदेश के कई शहरों में दिन का पारा 36 डिग्री के पार पहुंच चुका है, जबकि रातें भी गर्म है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी समेत नौगांव भी गर्म है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी में पारे में एक-दो डिग्री की बढ़ोतरी होगी, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह से ही गर्मी के तेवर और भी तीखे हो जाएंगे। दूसरे पखवाड़े में तो ज्यादातर शहरों में पारा 42 डिग्री के पार पहुंच जाएगा।मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि प्रदेश में भी शहरों में तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। सामान्य से चार-पांच डिग्री तक पारा बढ़ा है। हालांकि, मौसम में बदलाव होने से एक-दो दिन में पारे में थोड़ी गिरावट भी हो सकती है, लेकिन फरवरी के आखिरी सप्ताह में गर्मी का असर ज्यादा हो जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह से सूरज के तेवर तीखे हो जाएंगे।
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राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार छतरपुर में एयर फोर्स जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया एयर फोर्स जवान सौरभ द्विवेदी का चंडीगढ़ में सड़क हादसे मे निधन हो गया था दिवंगत जवान का शव उनके निवास पर लाया गया और पुरे सम्मान के साथ नम आँखों से लोगों उन्हें अंतिम विदाई दी गई छतरपुर के तलैया मोहल्ला के निवासी एयर फोर्स के जवान सौरभ द्विवेदी का चंडीगढ़ में सड़क हादसे मे निधन हो गया जिसके बाद दिवंगत जवान का शव आज सुबह एयर फोर्स के जवानों के द्वारा उनके निवास लवकुशनगर लाया गया जहां पर वीर जवान के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा राजकीय सम्मान के साथ शहीद सौरभ द्विवेदी का अंतिम संस्कार लवकुश नगर के मुक्तिधाम में किया गया परिजनों से लेकर लवकुश नगर के निवासी और क्षेत्र के तमाम लोग लवकुश नगर के सपूत के अंतिम दर्शन करने के लिए आये सभी ने उन्हें नम आँखों से श्रद्धांजलि दी. लवकुश नगर एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पुलिस बल उनकी अंतिम यात्रा में मौजूद रहे।
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भिड़ंत जिसमे दिव्यांग बच्चे को आई चोट परासिया में तेज रफ्तार चार पहिया वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी जिससे दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई इस भिड़ंत में एक दिव्यांग बच्चा सड़क पर गिर गया है जिसे एम्बुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया है वाकया इकलहरा टोल नाका का है,जिसमें तेज रफ्तार से आ रहे चार पहिया वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी टक्कर के बाद दोनों पक्षों में झगड़ा होने लगा और इस भिड़ंत में एक दिव्यांग बच्चा सड़क पर गिर गया जिसे एम्बुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया है पुलिस के आने के बाद यह झगड़ा शांत हुआ लेकिन पुलिस ने न तो चार पहिया वाहन चालक के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया न ही तेज गति से वाहन चलाने वाले इन नाबालिक युवकों पर मामला दर्ज किया पुलिस प्रशासन बस मूकदर्शक बनके बैठा है।
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इलाज के लिए दर दर भटक रहे मरीज सिंगरौली में डॉक्टर अपनी विभिन्न भागों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर काम बंद हड़ताल पर हैं और डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है सिंगरौली में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और अस्पताल में सैकड़ो लोग पर्ची कटवा कर इलाज के लिए भटक रहे हैं डॉक्टर्स अपनी तीन सूत्रीय मांगों के पूरा नहीं होने पर बेमियादी हड़ताल पर अड़े हुए हैं वही जिला प्रशासन से लेकर अस्पताल प्रबंधन में खलबली मच गई है डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को परेशानी न है इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्टर से मीटिंग की अस्पताल प्रबंधन ने इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखने 10 डॉक्टर NTPC और NCL से बुलाये हैं डॉक्टरों की हड़ताल के बाद जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं वही जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के भी बॉर्डर इलाके से मरीज आते हैं जो इलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं।
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कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच हुई झड़प कटनी के तिलक कॉलेज के वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई कटनी के तिलक कॉलेज में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने विधायक को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संदीप जयसवाल ने पहले भी कॉलेज के विकास के लिए कई घोषणाएं की थी जो अभी तक पूरी नहीं हुई है और विधायक एक बार फिर खोखली घोषणाएं कर रहे हैं जिसपर एनएसयूआई कार्यकर्त्ता जमकर भड़क गए और विधायक को काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन किया जिसके बाद एन के जे पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ता को अरेस्ट किया थाने में भी कांग्रेसियों ने जोरदार प्रदर्शन किया वही पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।
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जेपी अग्रवाल के रिश्तेदार के घर करवाई कटनी में मार्बल कारोबारी के ठिकानों पर इनकम टैक्स की टीम ने छापा मारा है टीम ने कारोबारी के बंगले और मार्बल खदान सहित 4 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है टीम करोड़ो रूपए के लेन देन वाले कागजातों की जाँच कर रही है इनकम टैक्स विभाग की टीम ने जयपुर और उदयपुर में जेपी अग्रवाल के बंगले पर छापामार कार्यवाही की है इसी कड़ी में इनकम टैक्स विभाग ने कटनी में जेपी अग्रवाल के भतीजे सुमित अग्रवाल के घर छापा मारा टीम ने सुमित अग्रवाल के 4 ठिकानों पर छापा मारा है आपको बता दें सुमित अग्रवाल ओजस्वी मार्बल और पेसिफिक मार्बल में पार्टनर के रूप में लंबे समय से काम कर रहे है टीम करोड़ों रुपए के लेन देन वाले कागजातों की जांच कर रही है।
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निदेशक ने किया सभी कामों का निरीक्षण सिंगरौली में एनटीपीसी परियोजनाएं निदेशक उज्ज्वलकांती भट्टाचार्य आए उन्होंने विद्युत गृह के प्लांट प्रचलन प्रणालियों का बारीकी से निरीक्षण किया और साथ ही उच्च गुणवत्ता पूर्ण रख रखाव के लिए निर्देश भी दिए। सिंगरौली में एनटीपीसी परियोजनाएं निदेशक उज्ज्वलकांती भट्टाचार्य का आगमन हुआ इस दौरान निदेशक ने एनटीपीसी सिंगरौली विद्युत गृह के प्लांट प्रचलन प्रणालियों का बारीकी से निरीक्षण किया और साथ ही उच्च गुणवत्ता पूर्ण रख रखाव के लिए विभिन्न निर्देश दिए इसके बाद निदेशक ने एक उच्च स्तरीय बैठक में विद्युत विभाग के कामकाज की गहन समीक्षा की और साथ ही भारत सरकार की विद्युत प्राथमिकताओं के अनुसार गुणात्मक भावी कार्य योजना के संबंध में उचित दिशा-निर्देश भी दिए इसके बाद उज्ज्वल कांती भट्टाचार्य ने कहा कि एनटीपीसी एक अनमोल धरोहर है जो कई वर्षों से विद्युत सेवा दे रहा है .और आगे भी हमे ऐसे ही समर्पण भाव से लोगों की सेवा करनी है साथ ही उन्होंने विद्युत यूनिट-1 के 40 वर्षों से अधिक समय से विद्युत प्रचलित किये जाने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी कर्मचारियों के कौशल और समर्पण की सहराना की।
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सरपंच ने अपने खातें में डलवाई किस्त परासिया जनपद से आवास योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है जहाँ सरपंच ने हितग्राहियों की आवास योजना की किस्त अपने खाते में डलवा ली और जब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो सरपंच समेत पंचायत सचिव ने भी इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है वहीं हितग्राहियों की शिकायत के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया है सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े की बात तो अब आम ही हो गई है वहीं सभी देशवासियों के सिर पर छत हो इस मंशा के साथ भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है लेकिन इस योजना में लगातार फर्जीवाड़े के मामले भी सामने आ रहे है मामला ग्राम पंचायत जमुनिया पठार का है जहां जंगल सिंह ने प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आवेदन दिया था जिसका वर्ष 2021 -22 की सूची में नाम आया था मंगल सिंह के खाते में पहली किस्त 25 हजार रुपए की राशि डाली गई जिससे मंगल सिंह ने मकान की नींव भरी इसके बाद जियो टेक के माध्यम से दूसरी व तीसरी 45 - 45 हजार राशि की किस्त सरपंच के खाते में फर्जी तरीके से डाल दी गई जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पंचायत सचिव से इस बारे में बात की गई तो सचिव ने पल्ला झाड़ते हुए कहा की मैं तो अभी ट्रांसफर होकर आया हूं मेरे कार्यकाल के समय यह सब नहीं हुआ है जिसके बाद मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई और सीईओ रविकांत ऊके ने टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं।
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चोर को बचा रहे हैं विभाग के अधिकारी डिंडोरी में नल जल योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण और पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों को गर्मियों में पानी की समस्या न हो लेकिन टंकी का निर्माण और पाइप लाइन बिछाने का काम करने वाला ठेकेदार बिजली की चोरी कर रहा है और इस चोरी की जानकारी विद्युत विभाग और पीएचई विभाग को भी है लेकिन अभी तक उसपे कोई करवाई नहीं की गई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी नल जल योजना के तहत देश भर में पानी की टंकी के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं इसके साथ ही गांव में घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों को गर्मियों में पानी के लिए मशक्कत ना करना पड़े लेकिन इस मामले में ठेकेदार द्वारा बिजली की चोरी की जा रही है मामला डिंडोरी के पड़रिया 2 का है जहां ठेकेदार जीशान अंसारी पानी टंकी निर्माण कार्य सहित पाइप लाइन बिछाने के कार्य रहा है लेकिन वह निर्माण कार्य के साथ ही बिजली की चोरी भी कर रहा है और प्रशासन और राजस्व विभाग को चूना लगा रहा है लेकिन हैरानी की बात तो यह है की विद्युत विभाग और पीएचई विभाग को इस मामले की जानकारी होने के बाद भी सिर्फ ठेकेदार को नोटिस दिया गया है उसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है एक तरफ जहां विभाग लापरवाही करने वाले ठेकेदारों पर कार्यवाही कर रहा है वहीं अपने चहेते ठेकेदारों बचाने का कार्य विभाग के कुछ नुमाइंदे कर रहे हैं और जब इस पूरे मामले को लेकर विद्युत विभाग के सहायक यंत्री से पूछा गया तो उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है।
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बस चालक की लापरवाही के चलते हुए हदसा बस हादसे में बीस घायल एक की हालत गंभीर,डिंडोरी में बस चालक की बड़ी लापरवाही सामने आई है बस चालक की लापरवाही के चलते यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमे बीस यात्री घायल हो गए वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है फिलहाल सभी घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है शाहपुर में मुड़की डैम के पास एक बस हादसा हो गया जिसमे बस चालक की लापरवाही सामने आई है हादसे में 20 लोग घायल है और एक की हालत गंभीर है जानकारी के अनुसार स्लोक बस जमगांव से डिंडोरी की ओर आ रही थी घायलों कहना है कि बस चालक बस चलाते समय मोबाइल पर बात करने लगा बस अचानक अनियंत्रित हो गई और बस चालक की इस लापरवाही के चलते बस खाई में जा गिरी हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार शुरू हो गई जिसके बाद ग्रामीणों ने सवारियों को बस से निकालने के लिए रेस्क्यू किया और सभी घायलों को 108 व प्राइवेट वाहनों की मदद से जिला चिकित्सालय पहुंचकर भर्ती कराया गया जहां घायलों का इलाज जारी है वहीं घटना की जांच शाहपुर पुलिस द्वारा की जा रही है।
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जांच में जुटे वन अधिकारी छतरपुर में अज्ञात शिकारियों द्वारा तेंदुए का शिकार किया गया है शिकारियों ने पहले तेंदुए के गले में फंदा डाला उसके बाद उसका शिकार किया जिसके बाद वन अधिकारियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है वन्य प्राणियों के संरक्षण में लापरवाही लगातार सामने आ रही हैं वहीं छतरपुर में बड़ी ही बेहरहमी से तेंदुए का शिकार कर लिया गया शिकारियों ने पहले तेंदुए के गले में फंदा डाला उसके बाद उन्होंने उसका शिकार किया यह शिकार मलहरा वन रेंज की सूरजपुरा बीट में किया गया है मृत तेंदुए का शव पेड़ पर एक फंदे से लटका मिला इस घटना की जानकारी वन विभाग को दी गई जिसके बाद वन विभाग तुरंत मौके पर पंहुचा और तेंदुए का शव फंदे से उतारा गया इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी एक्शन में आ गए है वही आरोपी शिकारियों की तलाश की जा रही है।
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गोली मारने के बाद चारों आरोपी फरार छतरपुर में सरपंच ने रोजगार सहायक को गोली मार दी बताया जा रहा है कि रोजगार सहायक का पंचायत के काम को लेकर सरपंच से विवाद हुआ था और देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि सरपंच ने रोजगार सहायक को गोली मार दी इस अपराध में अन्य तीन लोग भी शामिल है हमले के बाद घायल रोजगार सहायक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है मामला चाची सेमरा गांव का है जहाँ पंचायत के किसी काम को लेकर पंचायत के रोजगार सहायक बाबूलाल आदिवासी का विवाद सरपंच से हुआ था और धीरे धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि सरपंच ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर रोजगार सहायक को गोली मार दी गोली मारने के बाद सरपंच सहित चारों आरोपी फरार हो गए गोली लगने से रोजगार सहायक वहीं गिर गया जिसके बाद उसे पहले बकस्वाहा सामुदायिक केंद्र लाया गया लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से रोज़गार सहायक को इलाज के लिए दमोह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है वहीं रोजगार सहायक की शिकायत पर. पुलिस ने सरपंच मलखान लोधी सहित अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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इस हमले में महिला की मौत छतरपुर में पुरानी रंजिश के चलते एक महिला और उसके बच्चों पर जानलेवा हमला कर दिया गया इस हमले में महिला की मौत हो गई व उसके बच्चे घायल हो गए हैं जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उनका इलाज जारी है फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है छतरपुर के रजपुरा गाँव से हत्या का एक मामला सामने आया है जहाँ एक महिला और उसके बच्चों पर जानलेवा हमला किया गया है बताया जा रहा है पुरानी रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया है जानलेवा हमले में महिला की मौके पर ही मौत हो गई वहीं बच्चे घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज जारी है मृत महिला का नाम गीता यादव और उसके बच्चों के नाम टिंकू व प्रिंशी बताया जा रहा है महिला के पति का नाम हरलाल यादव है महिला के पति का अपने ही परिवार के चाचा से किसी बात पर अनबन थी जिसके चलते चाचा राजाराम व उनके साथी हीरा लाल के घर में घुसे और धारदार हथियारों से उसकी पत्नी व बच्चों पर हमला कर दिया वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़ित पक्ष ने महिला का शव सड़क पर रखकर बिजावर गुलगंज रोड के रजपुरा में जाम लगाकर प्रदर्शन किया जिसके बाद जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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मप्र में भाजपा को मिलेंगे 51 फीसदी वोट भाजपा की विकास यात्रा के तहत जगह-जगह पर भाजपा नेता और कार्यकर्ता जनता से मुखातिब हो रहे हैं वहीं सिंगरौली में भाजपा जिला अध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने भाजपा की उपलब्धियों और बजट के बारे में जनता को बताया अपनी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिए शिवराज सरकार विकास यात्रा कर रही है शिवराज के मंत्री,विधायक और कार्यकर्ता जगह जगह जाकर आपकी योजनाओं का ब्याख्यान कर रहें है विकास यात्रा के दौरान सिंगरौली में भाजपा जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिर्श कांत देव और अन्य नेताओं ने प्रेस वार्ता की. जहां भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा की हमारी सरकार ने जनता का साथ दिया है हमारे मुख्यमंत्री शिवराज ने 25 हजार भूमिहीनों को पट्टा दिया है ये इतिहास में पहली बार हुआ है की 25 हजार भूमिहीनों ने एक साथ पट्टा ग्रहण किया 5 फरवरी से 25 फरवरी के बीच चल रही विकास यात्रा के बारे में राम सुमिरन गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार ने अच्छा काम किया है जिले में जहां भी कोई शिकायत मिलती है उसको तत्काल इस विकास यात्रा के माध्यम से पूरा कराया जा रहा है वही प्रदेश अध्यक्ष सिर्श कांत देव ने कहा की मारी विकास यात्रा जनता की सेवा के लिए है यह बजट दुनियां का सबसे अच्छा बजट है हम अपनी योजनाओं के आधार पर और कार्यकर्ताओं की मेहनत के आधार पर चुनाव लड़ेंगे .सिंगरौली का विकास भाजपा के राज में ही होगा हम अपनी उपलब्धियों को लेकर चुनाव में जायेंगे सिर्श कांत ने कहा मध्य प्रदेश में भाजपा को 51 % वोट मिलेंगे कांग्रेस पार्टी द्वारा इस बजट को जनता के विरोध बताए जाने पर प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के पास न कोई नेता हैं और न ही नीति।
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40 हजार रुपए की रकम मांगी कटनी से रिश्वत खोरी का एक मामला सामने आया है जहां अस्पताल के डॉक्टर ने विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की बताया जा रहा है लोकायुक्त विभाग को इसकी सूचना मिली थी जिसके बाद विभाग ने डॉक्टर के निजी अस्पताल में धड़पकड़ करते हुए डॉक्टर को 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा अस्पताल में धांधली की खबरें मानो इन दिनों आम बात हो गई हो और ऐसा की मामला है कटनी जिला अस्पताल का जहां लोकायुक्त टीम ने जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पी.डी. सोनी को पन्द्रह हजार रिश्वत लेते रँगे हाथ पकड़ा बताया जा रहा है की विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर डॉक्टर पी.डी. सोनी ने 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी जिसकी सूचना लोकायुक्त विभाग को मिली जिसके बाद लोकायुक्त विभाग ने डॉक्टर के ठिकाने पर छापामार कार्रवाई की और डॉक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
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पाठ के लिए 130 लोगों की टीम बनाई रतलाम के एक गाँव में लगातार 7 वर्षों से रामायण की चौपाइयों का पाठ किया जा रहा है पाठ के लिए ग्रामीणों ने 130 लोगों की टीम बनाई है जो 24 घंटे में अलग-अलग समय पर अखंड रामायण का पाठ करती है इस अखंड पाठ के पीछे ग्रामीणों का उद्देश्य है की गांव में शांति और सामाजिक एकता बनी रहे देश में भले ही रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर विवादित बयान दिए जा रहे हैं या फिर लोग रामचरित्र मानस का तिरस्कार कर रहे हों लेकिन रतलाम में एक गाँव ऐसा भी है जहाँ लगातार 7 वर्षों से रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है और यह गांव है पंचेड़ यहां दिन हो या रात हर समय आपको रामायण की चौपाइयां सुनने को मिलेगी गांव के लोगों ने इसके लिए 130 लोगों की टीम बनाई है जो अलग-अलग शिफ्ट में गांव के शिव और हनुमान मंदिर परिसर में अखंड रामायण का पाठ करती हैं सभी जातियों और समुदाय के लोग यहां मिलजुल कर इस अनोखे अखंड रामायण पाठ को जारी रखे हुए हैं युवाओं में जहां धार्मिक और सांस्कृतिक विकास हो रहा है वहीं, यहां के युवाओं को रामचरितमानस की चौपाइयां कंठस्थ है अखंड रामायण पाठ करने के उद्देश्य के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि इससे उनके गांव में शांति और सामाजिक एकता बनी हुई है।
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फिर भी मेहनत के दम पर कमाया नाम फिल्मी दुनिया में नाम कमाने के लिए आपकी पहचान होना जरूरी है या फिर आपका फ़िल्मी परिवार से होना जरुरी है लेकिन आपको बता दें इंडस्ट्री में कई स्टार्स हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से इंडस्ट्री में अपना नाम कमाया है और आज कई लोगों के लिए आदर्श हैं ग्लैमर की इस दुनियां में नाम कमाने के लिए 2 ही चीजें महत्वपूर्ण होती है पहली आपका फ़िल्मी बैकग्राउंड होना चाहिए और दूसरी आपका कोई गॉड फादर होना चाहिए लेकिन आपको बता दें इंडस्ट्री के कई स्टार है जिनका फिल्मी दुनियां से ताल्लुक होने के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपना नाम कमाया है अजय देवगन,आमिर खान और विक्की कौशल ये ऐसे स्टार्स हैं जिनका परिवार फ़िल्मी दुनिया से है. लेकिन इन्होने अपने काम से खुद को साबित किया है आपको बता दें अजय के पिता बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर थे फिर भी अजय ने अपनी मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में अपना नाम कमाया है वहीं आमिर के पिता भी फिल्म प्रोड्यूसर थे लेकिन आमिर ने भी अपनी काबिलियत से इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल किया है और एक्टर विक्की कौशल के पिता भी एक स्टंट डायरेक्टर हैं लेकिन विक्की ने अपने काम से नाम कमाया है।
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मधई मंदिर में चल रहा सद्बुद्धि यज्ञ कटनी में मेडिकल कॉलेज खुलवाने की मांग वर्षों से की जा रही है लेकिन शासन प्रशासन इन मांगों को सुन ही नहीं रहा जिसके बाद अपनी मांगों को लेकर कटनी डेवलपमेंट एसोसिएशन के अधिकारी और अन्य संगठन .प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ कर रहे हैं जब तक जनता सड़को पर न आ जाये तब तक नेताओं के कान में जूं नहीं रेंगती है कोई भी विकास का कार्य हो शासन और प्रशासन उसमें लेट लतीफी कर ही देता है वही मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कटनी डेवलपमेंट एसोसिएशन के...पदाधिकारियों एवं अन्य संगठनों के सदस्यों द्वारा कई वर्षों से मांग की जा रही है लेकिन उनकी मांगों को सुना नहीं जा रहा है और अब अपनी मांगों को लेकर संगठन मधई मंदिर में सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ कर रहा है।
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100 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई सिंगरौली में एनटीपीसी सीएसआर व संजीवनी अस्पताल द्वारा नि:शुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जहां डॉक्टर एस के खरे ने लोगों को अपने जीवन में आयुर्वेद को अपनाने के लिए कहा. और 100 से अधिक लोगों की जांच कर उचित परामर्श एवं निशुल्क दवा दी सिंगरौली में सीएसआर एवं संजीवनी अस्पताल द्वारा नि:शुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन वनिता समाज अध्यक्षा जयिता गोस्वामी के साथ एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारीगण ने किया इस आयुर्वेद शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को आयुर्वेद के बारे में जानकारी देना और आस-पास के क्षेत्र में नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना था इस दौरान डॉ एसके खरे, ने सी एस आर एवं संजीवनी चिकित्सालय के सभी सदस्यों को आयुर्वेदिक शिविर आयोजन के लिए बधाई दी और साथ ही शिविर में लोगों को अपनी दिनचर्या में आयुर्वेद को अपनाने के लिए कहा इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनटीपीसी सिंगरौली भविष्य में भी समग्र चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाती रहेगी वहीं उन्होंने सभी ग्रामीणों से नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर का लाभ उठाने की अपील की इस आयुर्वेद शिविर में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ पी के पाण्डेय ने 100 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य की जांच की..तथा उन्हें उचित परामर्श एवं निशुल्क दवा दी।
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लोन धारक रमेश साहू से की मारपीट बैंकों का काम होता है ग्राहकों की सेवा करना लेकिन छतरपुर में कुछ और ही मामला दिखा यहाँ पर AU बैंक के कर्मचारियों ने लोन धारक के साथ मारपीट की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।बैंक जनता के लिए होते है और बैंक कर्मचारियों को जनता की सेवा के लिए हमेशा खड़ा रहना चाइये, लेकिन छतरपुर में तो उल्टा ही देखने को मिला दरअसल सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें साफ साफ देखा जा सकता है की कैसे AU बैंक के कर्मचारी दिन दहाड़े लोन धारक रमेश साहू की जमकर पिटाई कर रहे हैं इस मामले की शिकायत पीड़ित ने थाने में की तथा आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।
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30 महिला एवं पुरुष प्रतिभागी सिंगरौली में अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता सीजन फाइव का आयोजन 4 से 5 फरवरी को किया जा रहा है जिसकी जानकारी दंगल प्रतियोगिता समिति के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने दी इस प्रतियोगिता में 30 महिला एवं पुरुष पहलवान भाग ले रहे है इन सभी के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था हो चुकी है। सिंगरौली में अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता सीजन फाइव का आयोजन किया जा रहा है जिसकी जानकारी भारतीय दंगल प्रतियोगिता समिति के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने प्रतियोगिता के व्यवस्थापक एवं सदस्यों की उपस्थिति में दी सुरेश शर्मा ने बताया की आगामी 4 एवं 5 फरवरी को अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता सीजन फाइव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देशभर से करीब 30 महिला एवं पुरुष पहलवान भाग लेंगे इसके साथ ही प्रतियोगिता के संरक्षक गिरीश द्विवेदी ने बताया कि स्थानीय पहलवानो को भी विशेष रूप से इस आयोजन में प्राथमिकता दी गई है जिसमें सिंगरौली सीधी और रीवा एवं समूचे संभाग के युवा भाग ले सकते हैं कमेटी के अन्य सदस्यों ने भी कि पहलवानों की रुकने ,खाने पीने की व्यवस्था की ली है वहीं अतिथियों की व्यवस्था की रूपरेखा भी सदस्यों द्वारा तैयार कर ली गई है अखिल भारतीय दंगल प्रतियोगिता कमेटी के सदस्यों ने समस्त नागरिकों से अपील की है कि आगामी 4 एवं 5 फरवरी को चुन कुमारी स्टेडियम में पहुंचकर दंगल प्रतियोगिता को सफल बनाएं।
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सरकार की आँखों में धूल झोंक रहा विभाग विभाग और भ्रष्टाचार चोली दमन के साथ जैसा हैं बिना भ्रष्टाचार के प्रदेश में कोई काम होना जैसे ना मुमकिन सा हैं एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है डिंडोरी से जहां लोक निर्माण विभाग द्वारा बड़ा घोटाला कर सरकार की आँखों में धूल झोंकी जा रही है डिंडोरी जिले में सड़कों की मरम्मत के नाम पर लोक निर्माण विभाग के अफसर व ठेकेदार सरकार की आँखों में धूल झोंकने में कोई कसार नहीं छोड़ रहे आपको जानकर हैरानी होगी की सरकार ने जिन सड़कों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत नई सड़क बनाने की मंज़ूरी दे रखी है उन स्वीकृत सड़कों के मरम्मत के नाम पर लोक निर्माण विभाग के द्वारा आनन फानन में लाखों रुपये फूंक दिया गये है यह मामला बजाग विकासखंड के वनांचल जलदा बौना मार्ग का है जहां एक महीने पहले सड़क की मरम्मत के नाम पर लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदार को क़रीब 45 लाख रुपये का भुगतान किया गया है और यही नहीं सड़क मरम्मत के नाम पर ठेकेदार ने पुरानी सड़क के ऊपर जो गिट्टी की पतली परत बिछाई थी वो पूरी तरह से उखड़ गई है सड़क की मरम्मत में गुणवत्ता का कितना ख्याल रखा गया है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की छूने भर से सड़क के कंकड़ पत्थर डामर सहित उखाड़ा कर हाथ में आ जाते है स्थानीय जनप्रतिनिधि तो इस बात पर अचंभित है की जब सड़क की हालत सालों से खराब थी तब लोक निर्माण विभाग के द्वारा मरम्मत नहीं कराई गई और जब सरकार ने इस मार्ग को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत क़रीब ढाई करोड़ की लागत से बनाने की स्वीकृति दे दी है तब लोक निर्माण विभाग आनन फानन में सड़क मरम्मत कर लाखों रुपये खर्च क्यों कर रहा है स्थानीय ग्रामवासियों ने लोक निर्माण विभाग के अफसर व ठेकेदार पर सड़क की मरम्मत में मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाये हैं अब इस पुरे मामले में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एस एस ठाकुर कैमरे पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आ रहे हैं।
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छात्र ने चौथी मंजिल से लगाई छलांग निचे खड़े एस आई पर गिरा दोनों घायल ,एसआइ व छात्र को अस्पताल में कराया भर्ती कोलार रोज मैरी स्कूल के पास की घटना एक छात्र 11वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिलने पर इतना नाराज हो गया की चार मंजिला इमारत की छत पर चढ़ गया और मुंडेर पर बैठकर नीचे कूदने की धमकी देने लगा पुलिस की टीम समझा कर उतरने की कोशिश कर रही थी की छात्र ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी और नीचे खड़े एसआइ पर जा गिरा जिससे एसआइ व छात्र दोनों घायल हो गए दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं छात्र और एस आई का हाल चाल जाने के लिए हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा अस्पताल पहुंचे दसवीं पास करने के बाद भी 11वीं कक्षा में प्रवेश नहीं दे रहे स्कूल प्रबंधन से नाराज कोलार इलाके का एक छात्र चार मंजिला इमारत की छत पर चढ़ गया और मुंडेर पर बैठकर नीचे कूदने की धमकी देने लगा सूचना मिलने पर कोलार थाने से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छात्र को समझा-बुझाकर नीचे उतारने की कोशिश करने लगी इस बीच दो आरक्षकों ने छत पर पहुंच कर छात्र को बचाने का प्रयास किया पुलिसवालों को आता करीब देख छात्र ने छत से छलांग लगा दी और नीचे खड़े एसआइ एसआइ जयकुमार सिंह के ऊपर गिरागया जिससे एसआइ को कंधे और हाथ में चोट आई छात्र को भी मामूली चोटें आई हैं दोनों को नजदीकी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है कोलार में रोज मैरी स्कूल के पास की घटना बताई जा रही हैं वही स्कूल प्राचार्य नेहा अध्वर्यु ने बताया कि ऋषभ साल भर से स्कूल नहीं आया है शाहपुरा थाना परिसर के मंदिर में दान पेटी में चुराने के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था उसके बाद वह बाहर आया और आकर स्कूल में धमकियां और गालियां देता है इस कारण छात्र और शिक्षक उसे प्रवेश देने को लेकर आपत्ति ले रहे थे गुरुवार को भी वह स्कूल आया और धमकियां देकर गाली-गलौच करने लगा कुछ देर में वह स्कूल की पड़ोस की बिल्डिंग पर जाकर चढ़ गया आपको बता दे की डीके 3 दानिश कुंज कोलार निवासी 18 वर्षीय ऋषभ भट्ट कोलार रोड स्थित रोज मैरी स्कूल में पढ़ता है वह दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करके 11 वीं में आया है उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था छात्र और एस आई का हाल चाल जाने के लिए हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा अस्पताल पहुंचे।
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जबलपुर के बदमाश कटनी में काट रहे थे फरारी कटनी से एक मामला सामने आया है जहां फरारी काट रहे बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर फायरिंग की गई जिससे आरक्षक की जान बाल बाल बची .बताया जा रहा है जबलपुर से इनपुट मिलने पर इन फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस तीन गई हुई थी उसी दौरान यह हादसा हुआ फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है रंगनाथ नगर थाना क्षेत्र के झर्राटिकुरिया में फरारी काट रहे जबलपुर के दो शातिर अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर पिस्टल से फायरिंग की गई लेकिन पुलिसकर्मी ने युवक को पकड़ लिया जिसके चलते गोली सामने चलने की जगह फर्श पर लगी फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से दो पिस्टल व जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं सीएसपी विजय प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन को जबलपुर के दो शातिर अपराधी जीत चतुर्वेदी और आकाश ग्राउकर के कटनी में फरारी काटने की सूचना मिली थी जिसके बाद इस पर साइबर सेल आरक्षक प्रशांत विश्वकर्मा व सतेन्द्र सिंह को उनकी लोकेशन पता करने के निर्देश दिए गए थे और साइबर सेल को दोनों के रंग नाथनगर थाना क्षेत्र के झर्रा टिकरिया के पास होने की लोकेशन मिली जिसके बाद पुलिस की टीम ने आरोपियों के ठिकाने पर दबिश दी इस दौरान एक बदमाश ने आरक्षक पर कट्टे से फायर कर दिया लेकिन आरक्षक ने हिम्मत दिखाते हुए कट्टे की दिशा जमीन की ओर कर दी जिससे फायर होने के बाद भी गोली उसे नहीं लगी बल्कि फर्श में जा धंसी।
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रोकने वाले सरपंच के साथ की मारपीट रेत उत्खनन के मामले अक्सर सामने आते रहते है वहीं डिंडोरी से ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां अवैध खनन के कारोबार में लिप्त ग्रामीणों ने सरपंच समर्थकों के साथ मारपीट की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है जिसके बाद इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई अवैध रेत खनन का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है और अब यह कारोबार सिर्फ नामी गामी अपराधी ही नहीं बल्कि आम जनता भी करने लगी है वहीं डिंडोरी से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा रहा है की रेत के अवैध कारोबार में लिप्त ग्रामीणों और सरपंच के बीच विवाद हो रहा है और यह विवाद इतना बढ़ गया की ग्रामीणों ने सरपंच समर्थकों के साथ मारपीट कर दी जिसकी शिकायत करते हुए सरपंच ने पुलिस को बताया की वह अवैध कारोबार को रोकने अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे थे लेकिन ग्रामीण उनसे उलझ गए और समर्थकों के साथ मारपीट की जिसके बाद सरपंच की शिकायत पर मामला दर्ज कर भूमि स्वामी पर कार्रवाई की बात कही है वही दूसरी तरफ भूमि स्वामी सुमारू मांझी ने कार्यवाही से बचने के लिए सरपंच को एक अधेड़ व्यक्ति की मौत का जिम्मेदार बता कर झूठी साजिश रची लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया है वही इस पूरे मामले में जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ सिंह मरकाम ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
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सी एस आर गतिविधियों की गहन समीक्षा सिंगरौली में व्यावसायिक उत्कृष्टता मूल्यांकन दल ने सी एस आर गतिविधियों का दौरा कर उनकी गहन समीक्षा की मूल्यांकन कर्ताओं ने एनटीपीसी सिंगरौली सी एस आर के कामकाज की सराहना की और उन्हें मूल्यवान सुझाव भी दिए दल ने इसी तरह कई अन्य जगहों का भी दौरा किया व्यावसायिक उत्कृष्टता मूल्यांकन दल के आर डी कुलकर्णी दिनेश कुमार सिंह रौतेला,और एस. फिलिप्स पी थॉमस ने सी एस आर गतिविधियों का दौरा कर उनकी गहन समीक्षा की इस मूल्यांकन दल ने एनटीपीसी सिंगरौली सी एस आर के कामकाज की सराहना की और कुछ सुझाव भी दिए दल ने डॉ. अम्बेडकर स्कूल में अंग्रेजी बैच का उद्घाटन किया और वहां के छात्र-छात्राओं से बातचीत की इसके बाद दल ने राजकीय इंटर कॉलेज का दौरा किया जहां उन्होंने छात्र-छात्राओं के सीखने के मानक में सुधार हेतु एनटीपीसी सिंगरौली सी एस आर द्वारा स्थापित विज्ञान प्रौद्योगिकी अंग्रेजी गणित लैब और पोर्टेबल स्मार्ट क्लास संचालन की सराहना की इसके बाद मूल्यांकन दल ग्राम पंचायत कोटा गया जहाँ उन्होंने 210 ग्रामीण जनों को कंबल बांटे आगे दल ने बालिका सशक्तिकरण मिशन सभी बैचों की प्रतिभागियों के साथ विवेकानंद विद्यालय में बातचीत की और बालिकाओं के प्रदर्शन की सराहना की इस अवसर पर ओम प्रकाश, वरिष्ठ प्रबंधक विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षक गण, संबंधित ग्राम के प्रधान एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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बिना रजिस्ट्रेशन के कर दी इको की जांच कटनी में माधवशाह हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर ने एमपीएमसी में बिना रजिस्ट्रेशन के इको की जांच कर दी जिसके बाद इस मामले की शिकायत जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पास की गई शिकायत मिलने पर मुख्य जिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने माधवशाह हॉस्पिटल में दबिश देते हुए... प्रारंभिक रूप में हॉस्पिटल में रखी इको जांच वाली मशीन को जब्त कर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है हॉस्पिटल में धांधली की बात अब आम हो चुकी है आए दिन हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा की गई बदसलूकी,और कालाबाजारी की खबरें सामने आती रहती है ऐसा ही मामला है माधवशाह हॉस्पिटल का जहां डॉक्टर बलदेव सिंह बिना रजिस्ट्रेशन के इको की जांच रहा था जिसकी शिकायत मिलने पर जिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी जांच के लिए माधवशाह हॉस्पिटल पहुंचे अधिकारियों ने इको मशीन को जब्त कर ली और कार्यवाही शुरू कर दी है वहीं इस पूरे मामले पर जिला अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रदीप मुड़िया ने बताया की कल उन्हे शिकायत मिली थी की माधवशाह हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर बलदेव सिंह बिना रजिस्ट्रेशन के इको की जांच कर रहा है इसकी जांच करने के लिए कलेक्टर की परमिशन भी ली जाती है शिकायत के बाद जिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने माधवशाह हॉस्पिटल में दबिश देते हुए प्रारंभिक रूप में हॉस्पिटल में रखी इको जांच वाली मशीन को जब्त कर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है।
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कार में सवार थे पन्ना राजघराने के 5 लोग छतरपुर में एक सड़क हादसा हो गया है जिसमें तेज़ रफ़्तार अनियंत्रित ट्रक ने एक कार में टक्कर मार दी कार में पन्ना राजघराने के 5 लोग थे जिनमे से दो घायल हो गए फिलहाल दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है गढ़ा के पास नेशनल हाईवे पर एक ट्रक ने कार में ज़ोरदार टक्कर मार दी कार में पन्ना राजघराने के 5 लोग सवार थे जिनमें से दो राजकुमारियां घायल हो गई बताया जा रहा है .यह राजपरिवार पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह के निधन में शामिल होने जा रहा था उसी दौरान एक तेज़ रफ़्तार अनियंत्रित ट्रक ने कार में टक्कर मार दी जिसके कारण या हादसा हुआ फिलहाल दोनों घायल राजकुमारियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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लापरवाह पुलिस वालों पर कार्यवाही नहीं छतरपुर सिविल लाइंस थाना से पुलिस की लापरवाही के चलते एक आरोपी फरार हो गया है। आरोपी की तलाश जारी है लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है इस मामले में लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है पुलिस की लापरवाही के चलते अक्सर कई बड़े अपराधी फरार हो जाते है और दोबारा वो अपराधी जुर्म की घटनाओं को अंजाम देने लगते है ऐसी ही घटना है छतरपुर की जिसमें पुलिस ने बीते दिन सटई रोड़ के रहने वाले राकेश उर्फ टिक्कल को चोरी के आरोप में पकड़ा था पुलिस ने उसे हथकड़ी लगाकर थाने में बैठा दिया था लेकिन मौका मिलते ही टिक्कल पुलिस थाने से फरार हो गया लगातार तलाश करने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है,आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर है जिन लापरवाह पुलिस के अधिकारियों के चलते यह आरोपी फरार हुआ,उन पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जब इस मामले को लेकर एडिशनल एस पी से बात की गई तो उन्होंने कहा -अभी इस मामले की जांच की जा रही है,जांच में यदि कोई आरोपी पाया जाता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।
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शहीदों के सम्मान में निकाली रैली गणतंत्र दिवस सारे देश में धूमधाम से मनाया गया परासिया यूनिक कॉलेज ने शहीदों के सम्मान में रैली निकाली गई इस रैली के जरिए देश भक्ति का सन्देश दिया गया 74 वें गणतंत्र दिवस का जश्न धूमधाम से मनाया। इस खास मौके पर परासिया यूनिक कॉलेज ने रैली निकाली इस रैली में भगत सिंह सुखदेव राजगुरु समेत छत्रपति शिवाजी महाराणा प्रताप व भारत माता की रथ की झांकियां शामिल की गई रैली में शहीदों का सम्मान किया गया रैली को भारत की रक्षा कौन करेगा हम करेंगे के नारे साथ निकाला गया। रैली ने राष्ट्रभक्ति का सन्देश देते हुए पुरे नगर में भ्रमण किया।
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बेल्टों,डंडो और गुम्मा से छात्र की पिटाई छतरपुर में पॉलिटेक्निक के एक छात्र के साथ मारपीट का मामला सामने आया है जिसमें बेल्टों,डंडो और गुम्मा से अन्य छात्रों ने छात्र को पीटा मारपीट का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कॉलेज छात्रों के साथ मारपीट के मामले अक्सर सामने आते रहते है एक ऐसा ही मामला सामने आया है छतरपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज से जहां कॉलेज के ही एक छात्र को अन्य छात्रों ने बेल्टों,डंडो से पीटा छात्र के साथ मारपीट क्यों की गई है इसका कारण स्पष्ट नहीं है। यह घटना शहर के नंबर वन स्कूल के पास हुई है।
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हादसे में एक दर्जन मजदूर घायल सिंगरौली में पक्के मकान की छत ढलाई के दौरान अचानक सेटरिंग सहित दीवार गिरने से 1 दर्जन से ज्यादा मजदूर घायल हो गए है घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया जहाँ उनका इलाज चल रहा है सिंगरौली में एक पक्के मकान की छत ढलाई के दौरान अचानक सेटरिंग सहित दीवार गिर गई जिसमें एक दर्जन से ज्यादा मजदूर दब गये आस पास के लोगों द्वारा इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई पुलिस ने तत्काल घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया 7 लोगों को पुलिस के वाहन से जिला अस्पताल बैढ़न में उपचार हेतु किया रवाना किया गया है बताया जा रहा है कि गहिल गढ़ पश्चिम के निवासी राम सागर साह का मकान बन रहा था है,जिसमें 22 लोग कार्य कर रहे थे मकान निर्माण में कुछ लापरवाही के वजह से हादसा हो गया जिसमें ठेकेदार हरिचंद सहित एक दर्जन लोग घायल हो गए घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
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माँ का आरोप गुलज़ार के बहकावे में आई बच्ची डिंडोरी से एक मामला सामने आया है जहां घर से घूमने का कहकर गई एक नाबालिग लड़की ओरई बायपास पर मृत पायी गई वहीं मृतका की माँ ने बेटी के साथ कुछ गलत होने की आशंका जताई है फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है नाबालिग मृतका की मां का कहना है कि बेटी शाम के समय घूमने का कहकर घर से निकली थी माँ का आरोप है कि उसकी बच्ची को नगर का ही गुलजार नाम का लड़का बहला फुसला कर अपने साथ बाइक पर ले गया था नाबालिक बच्ची भी आरोपी के बहकावे में आ गई. और माँ से यह कहकर गई कि जल्दी लौट आएगी लेकिन उसके बाद नाबालिग का शव ही घर लौटा वहीं माँ को यह भी आशंका है कि बेटी के साथ किसी गलत कृत्य को अंजाम दिया गया है डिंडोरी कोतवाली थाना प्रभारी चंद्र किशोर सिरामे बताया कि गुलजार और बच्ची ओरई बायपास पर सड़क दुर्घटना का शिकार हुए और ज़्यादा गहरी चोट लगने के कारण बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया हालांकि माँ के बयानों के आधार पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी गुलजार को अपनी कस्टडी में ले लिया है आरोपी की उम्र 19 साल बताई जा रही है जिसका मोबाइल फोन जब्त कर जांच शुरू कर दी है थाना प्रभारी का कहना है कि पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट और पूरी जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है फिलहाल आरोपी से भी पूछताछ की जा रही है
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संगठन करता है गरीबों की मदद सिंगरौली में मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन ने एक बार फिर अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है संगठन के अधिकारियों ने संगठन के चेयरमैन पंडित मोहित नवानी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर गरीब बच्चों के बीच जाकर मिठाइयां बांटकर जन्मदिन मनाया मानव सेवा ही माधव सेवा होती है इसका सबसे अच्छा नजारा देखने को मिला सिंगरौली में जहाँ मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन चेयरमैन पंडित मोहित नवानी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर संगठन के पदाधिकारी अमित तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव सत्येंद्र कुमार पासवान, प्रदेश महासचिव एवं उप संभाग अध्यक्ष के साथ कई पदाधिकारी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों के बीच जाकर मिठाइयों का वितरण किया गया और बड़े ही धूमधाम से जन्मदिन मनाया गया इन अधिकारियों को विस्थापितों ने एमसीएल के द्वारा किए जा रहे अधिग्रहण के समस्याओं के बारे में बताया. इन समस्याओं पर अधिकारियों ने कहा की. विस्थापितों की समस्या के निदान के लिए हम राष्ट्रीय स्तर तक बात करेंगे और समस्या का समाधान कराने का पूरा प्रयास करेंगे।
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व्यवसायियों की मांग बर्खास्त करे पुलिसकर्मी जब जनता रक्षा करने वाले ही उनके भक्षक बन जाये तो जनता का क्या होगा कटनी में नशे में धुत पुलिस के सिपाहियों ने स्थानीय टेंट वाले को घसीट कर उसके साथ मारपीट की जिससे टेंट व्यवसायी बुरी तरह घायल हो गया है घटना के बाद टेंट व्यवसाई संगठनो ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलफ कड़ी करवाई करने की मांग की। पुलिसिया गुंडागर्दी का यह मामला कटनी की खिरहनी चौकी का है जिसमें आरक्षक राकेश सिंह एवं पवन सिंह ने नशे की हालत में रात के 10 बजे टेंट व्यवसायी विनोद जायसवाल की दुकान में घुसे और विनोद को जबरदस्ती थाने ले गए फिर उसके साथ मारपीट की जिससे विनोद बुरी तरह घायल हो गया...इस घटना के बाद सभी टेंट वाले एकत्रित हुए उन्होंने कोतवाली थाने में जाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नगर पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंप विधि अनुसार कार्रवाई करने की मांग की है विनोद जायसवाल ने इस घटना पर अपना बयान देते हुए बताया की पहले उन्होंने बेटे के साथ मारपीट की थी जैसे तैसे मामला शांत हुआ फिर ये पुलिसकर्मी दुकान पे आये और बात करने के बहाने कोतवाली ले गये वहाँ पर इन दोनों ने और इनके साथियों ने मारपीट की वहीं विनोद की पत्नी ने बताया की पुलिस वाले जबरदस्ती उठाकर थाने ले गये और वहाँ मारपीट की समाज की रक्षा करने वाले ही धीरे-धीरे समाज के लिए खतरा पैदा कर रहे है पुलिसकर्मियों की गुंडागर्दी की खबरें आये दिन आती रहती है लेकिन इन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है इधर ज्ञापन मिलने के बाद ने पुलिस अधीक्षक ने कहाँ उक्त घटना की सूचना उन्हें मिली है,अपराधियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी है।
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व्यापारी की स्कूटी की डिग्गी से सात लाख पार छतरपुर में दिन दहाड़े एक चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है जहां एक सोना चांदी व्यापारी की स्कूटी से देखते ही देखते सात लाख रूपए पार कर दिए जाते है चोरी की यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है छतरपुर में एक सोना चांदी व्यापारी की स्कूटी की डिग्गी से 7 लाख रुपए चोरी होने मामला सामने आया है जहां व्यापारी बैंक से सात लाख की रकम निकाल कर अपनी स्कूटी से जा रहे थे इस दौरान वे टॉयलेट के लिए अस्पताल परिसर में रुके जहां युवक देखते ही देखते गाड़ी से चाबी निकलकर स्कूटी की डिग्गी खोलकर 7 लाख रूपए पार कर देता है जैसे ही व्यापारी की नजर बैग चोरी करते हुए युवकपर पड़ती है...वैसे ही वे चोर को पकड़ने के लिए भागते है लेकिन व्यापारी जमीन पर गिर जाता है और युवक रुपये से भरा बैग लेकर भाग जाता है जिसके बाद व्यापारी शिकायत दर्ज करने थाने पंहुचा. जहां पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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कुत्ते के बच्चों का सड़क पर मिला शव डिंडोरी में पुलिस प्रशासन उस वक्त हैरान हो गया जब उन्हें पता चला की जिन लाशों के सड़क पर पड़े होने की शिकायत उन्हें मिली है वो कुत्ते के पिल्लों की लाश है दरअसल एक शिकायत कर्त्ता द्वारा फर्जी कॉल के जरिए पुलिस को सुचना दी गई की उसके बच्चों की लाश सड़क पर पड़ी है और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें पता चला की शिकायत कर्ता की मानसिक हालत ठीक नहीं है उसने सड़क पर पड़ी 2 कुत्ते के बच्चों की लाश को अपने बच्चों की लाश बताकर फोन किया था डायल 100 और 181 लोगों की सहायता के लिए बनी है लेकिन कभी कभी लोग इनका गलत इस्तेमाल कर लेते है जिसकी वजह से पुरे प्रशासन को परेशान होना पड़ता है जब रहंगी गाँव के एक युवक ने डायल 100 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी की सड़क पर उसके बच्चों की लाश पड़ी है जिसके बाद पुलिस में जुट गई और लाशों की तलाश करना शुरू कर दी लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला और जब पुलिस कॉल की जांच करके शिकायतकर्ता तक पहुंचीं तो पुलिस को जांच में पता चला की युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है जिस वजह उसने गलत सूचना दी थी सड़क पर बच्चों की नहीं बल्कि कुत्ते के 2 बच्चों की लाश पड़ी थी यही नहीं युवक ने सिर्फ डायल 100 पर ही फोन नहीं किया बल्कि 181 सीएम हेल्पलाइन में भी बच्चों की लाश की शिकायत की थी जिसके बाद घटना के स्पष्ट होते ही युवक को थाने ले जा कर पूछताछ की।
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कुत्ते के बच्चों का सड़क पर मिला शव डिंडोरी में पुलिस प्रशासन उस वक्त हैरान हो गया जब उन्हें पता चला की जिन लाशों के सड़क पर पड़े होने की शिकायत उन्हें मिली है वो कुत्ते के पिल्लों की लाश है दरअसल एक शिकायत कर्त्ता द्वारा फर्जी कॉल के जरिए पुलिस को सुचना दी गई की उसके बच्चों की लाश सड़क पर पड़ी है और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें पता चला की शिकायत कर्ता की मानसिक हालत ठीक नहीं है उसने सड़क पर पड़ी 2 कुत्ते के बच्चों की लाश को अपने बच्चों की लाश बताकर फोन किया था डायल 100 और 181 लोगों की सहायता के लिए बनी है लेकिन कभी कभी लोग इनका गलत इस्तेमाल कर लेते है जिसकी वजह से पुरे प्रशासन को परेशान होना पड़ता है जब रहंगी गाँव के एक युवक ने डायल 100 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी की सड़क पर उसके बच्चों की लाश पड़ी है जिसके बाद पुलिस में जुट गई और लाशों की तलाश करना शुरू कर दी लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला और जब पुलिस कॉल की जांच करके शिकायतकर्ता तक पहुंचीं तो पुलिस को जांच में पता चला की युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है जिस वजह उसने गलत सूचना दी थी सड़क पर बच्चों की नहीं बल्कि कुत्ते के 2 बच्चों की लाश पड़ी थी यही नहीं युवक ने सिर्फ डायल 100 पर ही फोन नहीं किया बल्कि 181 सीएम हेल्पलाइन में भी बच्चों की लाश की शिकायत की थी जिसके बाद घटना के स्पष्ट होते ही युवक को थाने ले जा कर पूछताछ की।
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प्रशासन के सामने रखी अपनी समस्या परासिया में सरपंच संघ की बैठक की गई बैठक में सरपंच संघ ने नई रणनीति बनाने पर चर्चा की ग्राम पंचायत में रेत को लेकर बहुत किल्लत का सामना करना पड़ रहा है जिससे प्रधानमंत्री आवास समेत ग्राम पंचायतों में कोई निर्माण नहीं हो पा रहे शासन व प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखने पर बात की परासिया में सरपंच संघ अध्यक्ष राजू पवार के नेतृत्व में सरपंच संघ की बैठक हुई जिसमें सरपंच संघ ने नई रणनीति बनाई और शासन व प्रशासन से मांग रखी कि ग्राम पंचायत में रेत को लेकर बहुत किल्लत का सामना करना पड़ रहा है जिससे प्रधानमंत्री आवास समेत ग्राम पंचायतों में कोई निर्माण नहीं हो पा रहे जनपद के इंजीनियर भी सरपंच को कुछ निर्माण की बातें नहीं बता रहे इन्ही सब बातों को लेकर सरपंच संघ ने रणनीति बनाई उन्होंने मध्यप्रदेश शासन से निवेदन किया कि सरपंचों को गाँव के विकास के लिए साथ लेकर चले और गावो में रेत के लिए कुछ छूट दे अन्यथा आगामी समय में सरपंच संघ सड़को पर उतरकर आंदोलन करने में मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदार शासन प्रशासन की होगी।
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बजरंग दल ने विरोध कर प्राचीन शिव मंदिर को बचाया रीवा में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करके प्राचीन शिव मंदिर को जेसीबी से गिराने की कोशिश की गई वहीं जब बजरंग दल को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने मोके पर पहुंच कर इसका विरोध किया वहीं उनका आरोप है कि मंदिर के पुजारी ने काम्प्लेक्स मालिक को लाभ पहुंचाने के लिए शिव मंदिर तोड़ने की साजिश की है जिसके बाद प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों को शांत कराकर जेसीबी को वापिस भेजा गया है देश में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ होना बंद नहीं हो रहा है कभी धर्म पर तो कभी धार्मिक प्रतीकों पर प्रहार किये जाते है वहीं रीवा में स वक्त हंगामा हो गया जब देर रात मुख्य मार्ग पर स्थित शिव मंदिर को जेसीबी से तोड़कर गिराया जा रहा था वहीं जैसे ही इसकी जानकारी बजरंग दल को मिली तो वे तुरंत घटना स्थल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करने लगे और मंदिर के पुजारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कॉम्प्लेक्स के मालिक के साथ मिलकर प्राचीन शिव मंदिर को तोड़ने की साजिश की है और जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है जिसके बाद प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत कराकर जेसीबी को वापस भेजा गया और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।
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आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले 11 आरोपियों में से 6 को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई और 5 को बरी कर दिया धोखाधड़ी का यह मामला 2019 का है, जिसमे अनाज मंडी करोंद के व्यापारी आशीष गुप्ता और उसके साथियों ने किसानों से 5 करोड़ 76 लाख की धान खरीदी,और उन्हें फर्जी चेक दे दिए थे किसानों ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई कोर्ट ने 121 गवाहों की गवाही के बाद आरोपियों को सजा सुनाई कोर्ट ने उन 11 आरोपियों में से 6 को 7 साल की सजा सुनाई जिन्होंने गाँव-गाँव जाकर 95 किसानों से 5 करोड़ 76 लाख की धान खरीदी,और उन्हें धान के भुगतान के नाम पर फर्जी चेक दे दिए थे,कोर्ट ने इन आरोपियों पर 7 साल की सजा के साथ 25 हजार का जुर्माना लगाया यह मामला 2019 का है जिसमें आरोपी आशीष गुप्ता और उसके साथी नय प्रकाश पटेरिया, राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता, अरविंद परिहार, जीवन सिंह राजपूत, नारायण प्रसाद राजौरिया, रंजीत गोस्वामी, धर्मेन्द्र गुप्ता ने धान तो खरीद ली लेकिन फर्जी चेक देकर किसानों के भरोसे को तोड़ा इन आरोपियों पर किसानों ने केस दर्ज करा दिया था, जाँच के बाद कोर्ट ने 121 गवाहों की गवाही के बाद सजा सुनाई।
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सतपुड़ा नेशनल पार्क में घायल हुई मादा तेंदुआ सतपुड़ा नेशनल पार्क से इलाज के लिए एक मादा तेंदुआ को भोपाल के वन विहार लाया गया है यह मादा तेंदुआ बायसन के झुंड के बीच फंस गई थी बायसन ने इस पर हमला कर दिया और सींगों में फंसाकर पटक दिया जिससे इसे अंदरूनी चोट आई है अब इसका ईलाज वन विहार में चल रहा है वन विहार नेशनल पार्क में मादा तेंदुआ को इलाज के लिए लाया गया मादा तेंदुआ बायसन के झुंड के बीच फँस गई,जिसकी वजह से बायसन ने इस पर हमला कर दिया इससे मादा तेंदुआ को अंदरूनी चोंट आई और इसकी रीड की हड्डी टूट गई और चारों पैर में लकवा हो गया है सतपुड़ा नेशनल पार्क में इलाज संभव नहीं था जिसकी वजह से प्रबंधन ने इसे वन विहार नेशनल पार्क के आधुनिक अस्पताल में भेजा दिया वन विहार के चिकित्सक डॉ अतुल गुप्ता ने कहा मादा तेंदुआ खड़ी भी नहीं हो पा रही है।
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टीम इंडिया के क्रिकटरों ने न्यूजीलैंड के छक्के छुड़ाए आखिर 4 साल के बाद भारत ने 3 मैचों की वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड को 12 रन से हरा ही दिया। वैसे तो न्यूजीलैंड की ओर से माइकल ब्रेसवेल ने 78 गेंद पर 140 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली,लेकिन अफसोस वो अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। शुभमन गिल और शार्दल ठाकुर के बढ़िया परफॉर्मेंस की वजह से टीम इंडिया सीरीज में 1-0 से आगे हो गई है। टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड से 3 मैचों की वनडे सीरीज में 12 रन से न्यूजीलैंड को हराकर पहला मुकाबला जीत लिया है इस फॉर्मेट में टीम इंडिया 4 साल बाद न्यूजीलैंड से जीती है। इससे पहले 2019 में जीती थी भारत ने टॉस जीतकर 8 विकेट के नुकसान 349 रन बनाए न्यूजीलैंड सिर्फ 337 रन ही बना पाया। न्यूजीलैंड की तरफ से माइकल ब्रेसवेल ने 78 गेंद पर 140 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली फिर भी वो अपनी टीम को नहीं जीता पाए इंडिया की तरफ से शुभमन गिल ने डबल सेंचुरी मारी और मैच जीता दिया गिल की तरह ही मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर भी इस मैच के हीरो रहे।
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लोगों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव डिंडौरी में आदिवासी विकास विभाग में हुए घोटालों को लेकर लोगों ने कलेक्टरेट का घेराव किया और इस मामले की जाँच के साथ दोषियों को सजा देने की मांग की लोगों का आरोप है ये घोटाले मरम्मत कार्यो, छात्रवृत्ति स्मार्ट क्लास के नाम पर किये गए हैं डिंडौरी में आदिवासी विकास विभाग में हुए घोटाले की जाँच की मांग को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते के अगुवाइ में धरना प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया प्रदर्शनकारियों ने पुलिस सुरक्षा घेरा तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुसकर कर नारेबाजी की प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आदिवासी विकास विभाग में हॉस्टलों में मरम्मत कार्यो छात्रवृति खेलकूद गणवेश और स्मार्ट क्लास के नाम गड़बड़ी की गई हैं कलेक्ट्रेट के घेराव से पहले आदिवासी विकास विभाग में हुए घोटाले की जांच की मांग को लेकर मुख्य बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया गया वहाँ से आंदोलनकारी कलेक्ट्रेट ज्ञापन देने के लिये पहुंचे प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने गेट तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में नारे बाजी की जब एस डी एम रजनी वर्मा ज्ञापन लेने पहुँची तो प्रदर्शनकारी ने ज्ञापन देने से मना कर दिया जब कलेक्टर विकास मिश्रा ज्ञापन लेने पहुचे तो तब कही जाकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा गया।
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चोरी की हुई वैगनआर कार भी की जब्त डिंडोरी से चोरी का एक और मामला सामने आया है जहां चोरों ने मास्टर चाबी से जेसीबी मशीन का लॉक खोलकर कटिंग कराने की तैयारी कर ली हालांकि चोरों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए और पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों धर दबोचा फिलहाल दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं और 3 फरार बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है डिंडोरी से लगातार चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं वहीं हाल ही में चोरी का एक और मामला सामने आया है चोर जेसीबी का लॉक तोड़कर उसे ठिकाने लगा रहे थे कि उसी दौरान पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया पुलिस ने चोरों के पास से कई सामान जब्त किये है जिनमें वैगनआर कार भी शामिल है पुलिस ने बताया की जेसीबी जिसे जेसीबी चालक बबलू चला रहा था वो समनापुर से चोरी हो गई जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज भी कराई गई जब पुलिस ने जेसीबी की तलाश शुरू की तो उन्हें छत्तीसगढ़ में जेसीबी के होने की खबर मिली जिसके बाद पुलिस ने चोरों की धड़पकड़ कि हालांकि दो चोर ही पुलिस की गिरफ्त में आ पाए है फ़िलहाल तीन फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है।
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हादसे में चार युवकों की मौके पर ही मौत गुस्साए ग्रामीणों ने किया चक्का जाम,सिंगरौली में एक भीषण सड़क हादसा हो गया जिसमें दो बाइक की टक्कर हो गई टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वहीं अस्पताल ले जाने के दौरान चौथे युवक ने भी दम तोड़ दिया हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया जिसके बाद मौके पर एसडीएम तहसीलदार एवं चितरंगी टीआई ने पहुंचकर लोगों को शांत कराया बसनिया मार्ग पर दो मोटरसाइकिलों की आपस में टक्कर होने से 4 युवकों की दर्दनाक मौत हो गई है इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने चितरंगी दुधमनिया मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया है...बताया जा रहा है भिड़ंत में प्रवेश यादव , संतोष यादव ,बैजनाथ सिंह एवं पप्पू सिंह की सड़क हादसे में मौत हो गई है इस भीषण सड़क हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने चितरंगी दुधमनिया मार्ग को सुबह से शाम तक के लिए चक्का जाम कर दिया जिसके बाद मौके पर एसडीएम विकास सिंह , तहसीलदार चितरंगी एवं टीआई डीएन राज पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया वही मृतक के परिजन मुआवजे के लिए अड़े रहे।
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गरीबों की मदद का बेहतरीन अनुष्ठान डिंडोरी में मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा,डिंडोरी जिला चिकित्सालय में और जोगी टिकरिया गुजराती धर्मशाला में परिक्रमा वासियों को कंबल बांटे गए। इसी तरह शहर के अन्य स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित कर कम्बल का वितरण किया गया। कहते हैं मानव सेवा ही माधव सेवा है जो दुखों में इंसान की मदद करता है,वह किसी फरिश्ते से कम नहीं होता है और इसी बात का मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवा भावना से बेहतरीन उदाहरण पेश किया है अधिकारीयों और कार्यकर्ताओं ने जोगी टिकरिया गुजराती धर्मशाला में नर्मदा परिक्रमावासीयों और डिंडोरी जिला चिकित्सालय में कार्यक्रम आयोजित कर गरीबों को कम्बल बांटे और उनकी मदद की ट्रस्ट के पदाधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा लगातार गरीब परिवारों के लिए कार्यक्रम आयोजित कर उनकी मदद की जाती है,वही मकर संक्रांति के अवसर पर डिंडोरी में जगह-जगह कंबलों का वितरण किया गया।
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मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाईं डुबकी मकर संक्रांति के अवसर पर पुण्य पावनि नर्मदा नदी के तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही जहाँ लोगों ने उत्तरायण हो रहे सूर्य के दर्शन किये और नर्मदा नदी में डुबकी लगाईंडिंडौरी में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान कर धर्म लाभ अर्जित किया मकर संक्रांति के पावन अवसर पर पवित्र नदी नर्मदा में स्नान और पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है जिसको लेकर जिले के लगभग 20 नर्मदा तटों में मेला का आयोजन किया गया जिला मुख्यालय के डेम घाट में आज नर्मदा भक्तो का तांता लगा रहा मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त दो दिन होने से विशेष महत्व होने से हजारो श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में डुबकी लगाई और पूजा अर्चना कर अन्न दान के साथ ही विशेष रूप से तिल और गुड़ के साथ ही रुपये पैसा का दान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया डिंडौरी जिला प्रशासन की पहल पर चलाये जा रहे मैया अभियान के तहत सभी जगह साफसफाई नजर आई लोगो को स्वच्छता बनाये रखने के लिए भी लगातर अपील की गई सभी के सहयोग से इस बार का नजारा बदला हुआ दिखा।
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50 हज़ार से भी ज़्यादा लोग हुए शामिल सिंगरौली में मकर संक्रांति के पर्व पर मेले का आयोजन किया गया यह मेला सैकड़ों सालों से आयोजित किया जा रहा है इस दौरान प्रखंड अधिकारी देवस्थान विकास सिंह के निर्देश पर की गयी सुरक्षा व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त भी दिखाई दी मेले में हज़ारों की संख्या में लोग मेले का लुफ्त उठाने पहुंचे सिंगरोली में सरई में मकर संक्रांति पर विशाल मेले का आयोजन हुआ यह मेला यहाँ सैकड़ो सालों से लगाया जा रहा है जो मकर संक्रांति पर्व से लेकर 10 से 12 दिनों तक आयोजित किया जाता है मेले में देवसर उपखंड अधिकारी विकास सिंह के द्वारा देवसर विकासखंड अंतर्गत जितने भी जगह इस तरह के मेले का आयोजन किया जा रहा है वहां उनके निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त दिखाई दी इस दौरान सरई तहसीलदार जितेंद्र कुमार वर्मा भी उपस्थित रहे वहीं सिंगरौली के साथ ही सीमावर्ती सीधी जिले के भुईमाड़ क्षेत्र सहित छत्तीसगढ़ के लोग भी मेले में पहुंचे मेले में 50 हज़ार से भी ज़्यादा की संख्या में लोग पहुंचे और झूले, जादूगर, एवं गन्ना सहित विभिन्न चीजों का आनंद लिया यह ऐतिहासिक मेला भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करता है इस मेले के कारण लोग एक दूसरे से मिलते हैं और पुरानी भूली बिसरी बातों के समय का आनंद व्यतीत करते हैं।
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हाथ में बैट बॉल लिए हुए नज़र आए पुजारी छतरपुर में संतो के बीच एक अनोखा क्रिकेट मैच देखने को मिला जहां भगवा कपडे पहने संत और पुजारी हाथ में बेट बॉल लेकर चौके छक्के लगाते नज़र आये संतो पुजारियों के बीच हुए इस क्रिकेट मैच का लोगों ने भी जमकर लुफ्त उठाया पुजारियों और संतों को मंदिरो में पूजा पाठ करते हुए तो सभी ने देखा होगा लेकिन छतरपुर में संतो और पुजारियों का अनोखा रूप देखने को मिला जब वे हाथों में बैट बॉल लिए चौके छक्के लगाते नज़र आए दरअसल मौका था कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी द्वारा कराये जो रहे किक्रेट टूर्नामेंट का जो मंदिर के संतों और पुजारियों के बीच रखा गया था इस दौरान भगवाधारी संत कर्मकांड छोड़कर हाथ में किक्रेट का बेट और गेंद लिए नज़र आए संतों के बीच हुऐ इस किक्रेट मैंच में लोगों ने संतों के चौके छक्कों के बीच जमकर तालियां बजाकर किक्रेट का आनंद लिया वहीं संत भी किक्रेट के मैदान गेंद बल्ला लेकर काफी खुश देखें गये।
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जिले में हो रही देवदूत समिति की प्रशंसा डिंडोरी में देवदूत समिति गरीबों के लिए मसीहा बनी हुई है यह समिति रक्तदान से लेकर गरीबों का अंतिमसंस्कार भी कराती है वहीं देवदूत समिति ने छत्तीसगढ़ की एक महिला के पति का अंतिम संस्कार भी कराया गया जहां महिला ने अपने चार माह के बच्चे को गोद में लेकर अपने पति का अंतिम संस्कार कराया डिंडौरी में देवदूत रक्तदान समिति अपने अच्छे कार्यों को लेकर काफी चर्चित है देवदूत संस्थान के द्वारा लगातार जिला अस्पताल में रक्तदान किया जा रहा है जिससे मरीजों की जान बचाई जा रही है साथ ही यह समिति मानवता की सेवा करते हुए गरीब निर्धन लोगों के अंतिम संस्कार भी करा रही है जिला अस्पताल में छत्तीसगढ़ गौरेला का मरीज भर्ती कराया गया था और जिसकी इलाज मौत हो गई थी और बीते दो दिनों से शव अस्पताल में ही रखा हुआ था जिसके बाद इसकी सूचना मिलने पर देवदूत समिति ने शव के परिजनों का पता करके उन्हें इसकी जानकारी दी जिसके बाद मृतक की पत्नी और चार माह के बच्चे को गोद में लेकर मुक्तिधाम में आकर शव का अंतिम संस्कार करवाया गया साथ ही गरीब महिला और बच्चे को वन स्टॉप सेंटर में ठहराया गया वही कुछ समाजसेवियों ने महिला को नगद राशि देकर मानवता क़ा परिचय दिया मानव सेवा करने वाले देवदूत रक्तदान समिति की जिले में प्रशंसा की जा रही है।
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ग्रामीणों ने सिखाया सीईओ को सबक डिंडोरी से जनपद पंचायत के सीईओ का ग्रामीणों से अपशब्द कहने का मामला सामने आया है जिससे नाराज़ ग्रामीणों ने सीईओ अशोक सावनेर को जमकर सबक सिखाया जिसके बाद सीईओ ग्रामीणों से माफ़ी मांगते नज़र आये डिंडौरी में जनपद पंचायत के सीईओ अशोक सावनेर ग्रामीणों से बात करते समय अपशब्द का इस्तेमाल किया जिससे ग्रामीण काफी नाराज हुए मामला समनापुर जनपद के मझगांव ग्रामपंचायत का है नाराज़ ग्रामीणों ने जनपद पंचायत के सीईओ को खासा मज़ा चखाया जिसके बाद सीईओ साहब ग्रामीणों से माफ़ी मांगते हुए नज़र आए।
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किसानों के नाम पर लाखों का फ़र्ज़ी लोन परासिया से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जहां किसानों ने सोसयटी पर करोड़ो रूपए के भरस्टाचार का आरोप लगाया है जिसके बाद जांच अधिकारी मामले की जांच में जुट गए है उनका कहना है कि जांच के बाद ही पूरे मामले का पता चल सकेगा परासिया में सेवा सहकारी समिति मर्यादित चांदामेटा में किसानों की जमा दस्तावेज पर फर्जी तरीके से लोन लेने का मामला सामने आया है सेवा समिति सदस्य किसान ने आरोप लगाया है कि सोसायटी ने किसानों के जमा दस्तावेज़ों पर फर्जी तरीके से ढाई लाख का लोन लिया है वही इस मामले में सोसायटी जांचकर्ताओं का कहना है कि यह किसान की लोन लिमिट दर्शाया गया है ना कि लोन वहीं अमूल्य नाम के व्यक्ति का कहना है कि बैंक से लोन लेना बताया जा रहा है फिलहाल जांच अधिकारी मामले की जांच करने में जुटे हुए हैं लेकिन किसान बड़े घोटाले का दावा कर रहे हैं।
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मेडिकल लाइसेंस की एवज में मांगे 40 हज़ार छतरपुर में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर के रिश्वत लेने का मामला सामने आया है शिकायतकर्ता का कहना है कि एक साल पहले उसने मेडिकल दुकान खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जिसके मेडिकल लाइसेंस के एवज में उससे 40000 रुपयों की मांग की जा रही है वहीं कलेक्टर ने मामले में जांच की बात कही है छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान अरविंद उपाध्याय ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि उसने एक साल पहले मेडिकल दुकान खोलने के लिये ऑनलाइन आवेदन किया था इस आवेदन में मांगे गए सभी दस्तावेज उसने जमा किये थे लेकिन अभी तक ड्रग इंस्पेक्टर ने उसे लाइसेंस नहीं दिया और इसे लेकर जब पीड़ित अरविंद ने डृग इंस्पेक्टर लखन पटेल से बात की तो ड्रग इंस्पेक्टर ने लाइसेंस देने के लिए चालीस हजार रुपये की रिश्वत की मांग की इतना नहीं जब अरविंद ने रिश्वत देने से मना किया तब ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि उसे अधिकारियों,पत्रकारों को रुपये देने पड़ते हैं और जब वह पैसे लेगा तभी तो देगा इसलिए चालीस हजार लाओ और लाइसेंस ले जाओ वहीं जब डृग इंस्पेक्टर पर लगे आरोप पर उनसे बात की गई तो वह तोड़ मरोड़कर जवाब देते हुये मीडिया से ही उलझ गये और अपनी लग्जरी गाड़ी से भाग निकले. वहीं कलेक्टर ने पीड़ित की शिकायत पर जांच करने के आदेश दिये है उनका कहना है यदि जांच में रिश्वत लेने की बात पता चलने पर तुरंत उचित कार्रवाई की जायेगी।
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सीएमओ की गाड़ी के सामने लेटे लोग छतरपुर नगरपालिका में उस समय जमकर हंगामा हो गया जब कांग्रेस महिला पार्षद पुत्रों ने वार्ड में सफाई नहीं होने पर दर्जनों लोगों को इखट्टा कर तमाशा कर दिया वहीं नगरपालिका सीएमओ ने जल्द से जल्द काम होने का आश्वान दिया जिसके बाद हंगामा शांत हुआ छतरपुर नगरपालिका में कांग्रेस की महिला पार्षद पुत्रों ने वार्ड में सफाई न होने हो लेकर जमकर हंगामा कर दिया पार्षद पुत्र दर्जनों लोगों को लेकर नगरपालिका के सामने प्रदर्शन करने लगे वहीं इस दौरान नगरपालिका सीएमओ की गाडी को आता देख पार्षद पुत्रों के आदेश पर प्रदर्शन कर रहे लोग सीएमओ की गाड़ी के सामने तक लेट गए सीएमओ गाड़ी से उतरे तो आक्रोशित पार्षद पुत्रो की सीएमओ से जमकर नोकझोंक भी हुई सीएमओ के जल्द से जल्द कार्य होने के आश्वासन के बाद हंगामा शांत हुआ वहीं इस मामले पर कहा यह भी जा रहा है कि पार्षद पुत्र अपनी नेतागिरी चमकाने नगरपालिका में हंगामा करने आये थे।
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दो महिलाओं की मौत तीन हुए घायल छतरपुर में एक हादसा हो गया जहां एंबुलेंस और ट्रक में ज़ोरदार टक्कर हो गई हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई वहीं तीन लोग घायल बताए जा रहे है फिलहाल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है छतरपुर में एक एंबुलेंस और ट्रक में भिड़ंत हो गई टक्कर इतनी ज़ोरदार थी की एंबुलेंस में मौजूद गर्भवती महिला और उसकी झेठानि की मौके पर ही मौत हो गयी वहीं तीन लोग घायल हैं बताया जा रहा है कि गंज निवासी गर्भवती महिला को वमीठा से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था जिसे एम्बुलेंस अस्पताल लेकर जा रही थी वहीं घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है।
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कोटा में होगी जूनियर हैंडबॉल चैम्पियनशिप डिंडोरी के नवोदय की छात्रा का प्रदेश की हैंडबॉल टीम में चयन हुआ है छात्रा गरिमा मरावी 11वी कक्षा में साइंस की छात्रा है गरिमा शनिवार को इंदौर रवाना होंगी जहाँ मध्यप्रदेश की टीम राजस्थान के कोटा में हैंडबॉल खेलेंगी इंदौर में 2 जनवरी को हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए छात्रों का चयन होना था उस दौरान डिंडोरी सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों से करीब 100 छात्राएं प्रतियोगिता में शामिल हुई जिनमें डिंडोरी से गरिमा को चयनित किया गया बताया जा रहा है राजस्थान में 44 वी जूनियर हैंडबॉल चेम्पियनशिप जयपुर के पास डीडवाड़ा में होगी और 11 से 15 जनवरी के बीच मैच खेला जाएगा वहीं गरिमा के चयन होने पर नवोदय विद्यालय के छात्रों और टीचर सहित परिजन ने काफी ख़ुशी ज़ाहिर की हैं।
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बीएन राशि दिए नहीं होता है कोई काम कलेक्टर ने अधिकारी को लगायी फटकार,डिंडोरी में कलेक्टर विकास मिश्रा अचानक परिवहन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे जहां कार्यालय से अधिकारी ही नदारद मिले वहीं जब मोटर मालिकों की लम्बी कतार कलेक्टर ने देखी तो पता चला कि RTO अधिकारी मनमाने ढंग से अवैध वसूली कर रहे है जिसके बाद कलेक्टर ने फ़ोन पर आरटीओ अधिकारी आर एस चिकवा को जमकर फटकार लगाई डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे जहां दफ्तर से अधिकारी नदारद मिले. और कलेक्टर को देखते ही दलाल फरार हो गए इसी दौरान परिवहन कार्यालय परिसर में खड़े मोटर मालिको से जब कलेक्टर ने बात की तो पता चला कि आरटीओ अधिकारी बिना राशि लिए फ़ाइल पर हस्ताक्षर ही नही करते है जिसके चलते बसें 3 दिनों से लेकर हफ़्तों खड़ी रहती है बस की परमिट से लेकर एनओसी देने और दर्ज कराने के लिए बस और चार पहिया वाहन मालिकों को 15 हजार से लेकर 25 हजार रु की चढ़ोत्तरी देनी पड़ती है यही नही मोटर मालिकों का यह भी आरोप है कि बड़े बस मालिकों के दबाव में छोटे बस मालिको को न तो परमिट मिलती है और न ही सड़कों पर बसें दौड़ने की अनुमति फ़ोन पर ही आपत्ति दर्ज करवा कर छोटे मोटर मालिको को आर्थिक नुकसान पहुँचाया जाता है जिसके बाद कलेक्टर ने आरटीओ अधिकारी को न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि शाम 5 बजे कार्यालय पहुँचकर मोटर मालिको की लंबित फ़ाइल को पूर्ण करने में आदेश दिये वही जिला परिवहन अधिकारी आर एस चिकवा ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि कलेक्टर डिंडोरी का उन्हें फ़ोन आया था और जो भी समस्या मोटर मालिकों की है उसे दूर करने के निर्देश दिये है वहीं उन्होंने बातों बातों में यह भी माना कि दलालों के कारण उन पर ऐसे गंभीर आरोप लग रहे है।
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खेतों और वाहनों पर बिछी बर्फ की चादर प्रदेश में ठण्ड लगातार बढ़ती जा रही है वहीं लगातार गिरते पारे के चलते डिंडोरी में शिमला जैसे हालत देखने को मिले जहां सुबह लोगों को वाहनों और खेतों पर बर्फ की चादर देखने को मिली प्रदेश में कड़ाके की ठण्ड के कारण लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आये हैं गिरते पारे के चलते लोग घरों से निकलना पसंद नहीं कर रहे ऐसे में डिंडोरी अमरकंटक मार्ग के ग्राम गाड़ासरई से एक वीडियो सामने आया है जिसमे खेतों में और वाहनों पर बर्फ की चादर दिखाई दे रही है वहीं घरों के बाहर बर्फ की सफ़ेद चादर देख लोग काफी हैरान हुई और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए।
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मनोबल बढ़ाने पहुंचे क्षेत्रीय श्रम आयुक्त सिंगरौली में शीतकालीन बालिका सशक्तिकरण अभियान -2022-23 का आयोजन किया जा रहा है जिसमें क्षेत्रीय श्रम आयुक्त एवं सहायक श्रम आयुक्त बालिका सशक्तीकरण प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने पहुंचे इस अभियान में विभिन्न गांवो की लगभग 120 बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है सिंगरौली में गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी शीतकालीन सत्र के तहत. 3 जनवरी से 10 जनवरी-2023 तक बालिका सशक्तिकरण अभियान कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है इस अभियान के तहत आस-पास के गाँव में छठी कक्षा में अध्ययनरत 120 बालिकाओं को सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न प्रकार के व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं...इस दौरान क्षेत्रीय श्रम आयुक्त दिपेद्र मोहन वर्मा व सहायक श्रम प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने पहुंचे राम किशन मीणा ने एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा सीएसआर के चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना की और कहा कि एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए शिक्षा, खेलकूद, नृत्य, योग आदि का प्रशिक्षण प्रदान करना एक बड़ा सार्थक कदम हैं।
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वन विभाग ने तेंदुए को सकुशल बाहर निकाला कटनी में वायर फेंसिंग की तार में फसे हुए तेंदुए को रेस्क्यू कर लिया गया है तेंदुआ गुरुवार रात से फंसा हुआ था जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए का रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन चलाया था वहीं 24 घंटे बाद तेंदुए को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है कटनी से गुरूवार को कन्हवारा ग्राम पौड़ी मोहारी के जंगलों में तेंदुए के वायर फेंसिंग में फंसे होने की खबर मिली थी जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया तेंदुए के फेंसिंग में फंसे रहने की सूचना जैसे ही वन विभाग को मिली वे तुरंत मौके पर पहुंचे और तेंदुए को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और करीब 24 बाद तेंदुए को बाहर निकाला गया जिसके बाद तेंदुए को वन विभाग से आई रेस्क्यू की गाड़ी में बांधवगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया है कटनी डीएफओ ने यह बताया कि तेंदुआ सुरक्षित है सिर्फ हल्की-फुल्की चोटें आई हैं जिसका इलाज कर तेंदुए को उमरिया बांधवगढ़ के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
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शराब बेचने और पीने पर एक हजार का जुर्माना डिंडौरी जिले के जल्दा मुड़िया गांव में शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है यहाँ शराब बेचने और पीने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा मे ये प्रस्ताव पारित किया गया डिंडौरी जिले के अमरपुर जनपद पंचायत के जल्दा मुड़िया गांव में अधिकारियों के समक्ष ग्रामीणों ने ग्राम सभा मे पेसा एक्ट के तहत ग्राम में शराब बनाकर बेचने एवं पीने पर प्रतिबंध लगाया है मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू होने के बाद यह जिले की पहली ग्राम सभा है जिसने ऐसा प्रस्ताव पारित किया है इस प्रस्ताव की जानकारी जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लगी तो उन्होंने भी ट्विटर पर ट्वीट कर ग्रामीणों की प्रशंसा की जल्दा मुड़िया गांव के ग्राम सभा अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि 30 दिसम्बर को पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा का आयोजन किया गया था गांव की महिलाओं और पुरुषों ने एक मत होकर गांव में शराब पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठाई इसके बाद ग्राम सभा मे प्रस्ताव पारित किया गया है कि गांव में जो भी ग्रामीण शराब बनाते या बेचते पाया जाएगा उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा गांव की सरपंच सुनीता वनवासी ने बताया कि साथ ही गांव के जिस घर मे शादी,विवाह, जन्मोत्सव या पूजा होगी उस घर के लोगो को ग्राम सभा मे आकर जानकारी देनी होगी तब उन्हें उपयोग के लिये चार लीटर शराब तक कि छूट मिल सकेगी ग्रमीण महिलाओ में इस फैसले का स्वागत करते हुए इस फैसले की सराहना कर रहे है।
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इंदौर में एक कार कंपनी के नाम से ठगी करने वाले मैनेजर के खिलाफ राउ पुलिस ने ठगी का केस दर्ज किया है। मैनेजर पर कुछ माह पहले ही संयोगितागंज पुलिस ने भी केस दर्ज किया था। उसके खिलाफ लसूडिया और बाणगंगा थाने में भी शिकायत दर्ज की गई थी। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है।राउ पुलिस के मुताबिक राहुल ठाकुर निवासी किशनगंज,अमन सोलंकी बिजलपुर और गोपाल मीणा निवासी बाबूलाल नगर की शिकायत पर अक्षय जैसवाल निवासी नीलगिरी अपार्टमैंट कालिंदी मिड टाउन देवगुराड़िया के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। आरोपी जूनी इंदौर इलाके की एक बिल्डिंग को अपना ठिकाना बनाकर रह रहा था।अक्षय जैसवाल ने कई लोगों के साथ ठगी की है। आरोपी ने रुक्मिणी मोटर्स (ट्रू वैल्यू) ए.बी. रोड़ राऊ शोरुम से गाड़ी देने की बात कही थी। जिसमें सभी से लाखों रुपए लेकर रुक्मिणी मोटर्स की ही रसीद थमा दी थी। लेकिन महीनों बीतने के बाद भी कस्टमर को कारों की डिलीवरी नहीं की। कंपनी की ओर से अक्षय के खिलाफ पूर्व में भी इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई गई थी। लोगों को उसके कंपनी में नौकरी नहीं करने के बारे में भी बताया गया था। पीड़ित पक्ष ने वरिष्ठ अफसरों से इस मामले की शिकायत की थी।संयोगितागंज थाने पर कुछ माह पहले कंपनी के जनरल अकाउंट मैनेजर प्रफुल्ल राघव ने अक्षय जैसवाल और राजेश गंगराड़े के खिलाफ करीब 54 लाख रुपए से अधिक की राशि का गबन करने के मामले में केस दर्ज कराया था। अकाउंट मैनेजर ने बताया था कि जब उन्होंने अकाउंट की जांच की तो अक्षय और राजेश के द्वारा कंपनी के दस्तोवेजों का उपयोग करते हुए कई लोगो से पेमेंट लेकर उसे कंपनी में जमा नही कराया था। जिसके बाद पुलिस ने अक्षय और उसके साथी को पकड़कर जेल भेजा था। इसके पहले लसूडिया और बाणगंगा थाने पर भी अक्षय की शिकायत पहुंची थी। बताया जाता है कि इंदौर के बाहर भी अक्षय ने लोगों के साथ कार दिलाने के नाम पर ठगी की है।
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पुलिस अधिकारी ने की वहान व्यवस्था आम तौर पर पुलिस वालों की नेगेटिव छवि सामने आती है | लेकिन सिंगरौली में जब मज़बूरी वश कुछ लोग एक शव को खाट पर रखकर सीधी ले जा रहे थे तो एक पुलिस वाले ने दरियादिली की मिसाल पेशा की और शव के लिए वहान का इंतजाम करवाया और उसे ससम्मान घर तक पहुँचाया |सिंगरौली जिले से खाट पर जा रहे शव को सीधी जिले के भुईमाड़ थाना प्रभारी आकाश सिंह राजपूत ने वाहन व्यवस्था कर मृतक के शव को घर तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य करते हुए अपनी दरियादिली की मिसाल पेश की है | भुईमाड़ थाने के प्रभारी आकाश सिंह राजपूत ने बताया कि मनमोहन सिंह कुशमी जिला सीधी की मृत्यु बीमारी के कारण सीधी जिले के सटे सिंगरौली मे अपने बेटी दमाद के घर में हो गई थी, जिसके बाद परिजन शव को चारपाई पर लेकर सीधी जिले के लिए रवाना हुए | जैसे ही यह खबर भुइमाड़ थाना प्रभारी आकाश सिंह राजपूत को मिली उन्होंने आनन-फानन में वाहन व्यवस्था कर शव को वाहन से घर तक भिजवाने का कार्य किया |
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किसानों की फसल को भी पहुंचाया नुकसान डिंडौरी में हाथियों ने बुजुर्ग दंपती पर हमला कर दिया और तीन किसानों की फसल को भी नुकसान पहुँचाया हाथियों के हमले में घायल दंपत्ति का अस्पताल में इलाज चल रहा है बजाग के ग्राम तांतर में हाथियों की आमद हो चुकी है हाथियों ने एक बुजुर्ग दंपती को घायल कर दिया गया है स्थानीय अस्पताल से दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ से छह हाथियों का झुंड डिंडौरी के जनपद बजाग अंतर्गत ग्राम तांतर में पहुंचा और खेत से कोदो कुटकी गहाई कर घर लौट रही तीन महिलाओं पर हाथी ने हमला किया जिनमें से नरवरिया बाई पति मनीराम उम्र 60 वर्ष को काफी चोटें आई हैं भागने के चक्कर में उसका पति मनीराम उम्र 62 वर्ष गिरकर घायल हो गया दोनों को इलाज के लिए चाडा के अस्पताल ले जाया गया स्थिति गंभीर होने पर महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया स्थानीय लोगों की मानें तो हाथियों ने तीन किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है गौरतलब है कि पिछले वर्ष की तीन से चार बार छत्तीसगढ़ की ओर से हाथियों का झुंड जिले के करंजिया, बजाग व समनापुर में चहल कदमी करते हुए देखा गया था उस दौरान भी कई किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ हाथियों ने 3 से 4 लोगों को घायल किया था।
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सगे चाचा ने भतीजी के साथ किया बलात्कार सिद्धि गंज से एक मामला सामने आया है जहां एक सगे चाचा ने अपनी भतीजी के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया है बताया जा रहा है आरोपी चाचा ने शादी का झांसा देकर नाबालिग भतीजी के साथ इस वारदात को अंजाम दिया है फ़िलहाल आरोपी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है सिद्दीकगंज के मोरू खेड़ी में एक सेज चाचा ने भतीजी के साथ बलात्कार किया इस घटना का खुलासा तब हुआ जब नाबालिग पीड़िता ने आरोपी के बच्चे को जन्म दिया बताया जा रहा है कि आरोपी चाचा ने 2 साल से मरने की धमकी और शादी का झांसा देकर भतीजी के साथ ऐसा कर रहा था सगा चाचा होने के कारण पीड़िता यह बात किसी को नहीं बतापाई जिसमें वह गर्भवती पाई गई पीड़िता की तबीयत खराब होने पर पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्परता से आरोपी की तलाश की गई और आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
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लोगों ने कर दिया वीडियो वायरल छतरपुर के बिजावर में दो परिवारों के बीच झगड़ा हुआ जो मारपीट तक पहुंच गया तमाशबीनों ने इस झगडे का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया अब पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है मारपीट का यह वीडियो बिजावर के अलीगंज मुहल्ले का है जंहा पर आपसी विवाद को लेकर दो परिवार भिड़ गए औए एक दूसरे की लाठी डंडो से मारपीट कर दी इस घटना में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला घायल हो गई जिन्हें ईलाज के लिए अस्पताल भेजा गया मारपीट का यह वीडियो घटनास्थल पर मौजूद किसी तमाशबीन ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया वीडियो में एक दूसरे के ऊपर जमकर हमला किया जा रहा है घटना में पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी हमला करते नजर आ रही है पुलिस ने दोनों पक्षो के खिलाफ़ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
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राजधानी में छाया घना कोहरा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार रात का पारा सबसे ज्यादा 3.5 डिग्री लुढ़ककर 7.2 रिकॉर्ड हुआ। सुबह कोहरा सबसे ज्यादा रहा। विजिबिलिटी 50 मीटर तक रह गई थी। 10 बजे के बाद धूप तो निकली लेकिन ठंडी हवाओं की वजह से गर्माहट कम है। वही MP में पचमढ़ी सबसे ज्यादा ठंडा रहा है। यहां न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। ग्वालियर में रात का तापमान 8.2, इंदौर में 9.4 डिग्री रहा। इंदौर में 2 डिग्री टेंपरेचर लुढ़का है। खंडवा, खरगोन नर्मदापुरम, खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी और सिवनी में तापमान 10 से ऊपर रहा। बाकी जिलों में 10 से नीचे ही रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग का कहना है की 5 और 6 जनवरी को बारिश-ओले के आसार है।
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कट्टा लहराते हुए जान से मारने की धमकीछतरपुर के ऊजरा में दो पक्षों में जमीन विवाद को लेकर मारपीट हो गई विवाद इतना बढ़ा कि एक युवक कट्टा लहराते हुए लोगों को धमकाने लगा युवक का कट्टा लहराते हुते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है पुलिस इस मामले की जाँच कर रह है उजरा में जमीं विवाद के कारण एक पक्ष के लोगों ने पहले घर में घुसकर मारपीट की जिसके बाद दूसरे पक्ष के कुछ लोगों ने कट्टा लहराते हुए जान से मारने की धमकी दी इसी बीच ग्रामीणों ने बीच-बचाव किया और पुलिस को सूचना दी गढ़ीमलहरा थाना पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है .
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दमकल कर्मियों ने आग पर पाया काबू सतना में एक समोसे की दुकान में गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गया जिससे इलाके में अफरा तफरी मच गई...जिसके बाद तुरंत मौके पर पहुंचकर दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया हादसे में कोई भी जनहानि नहीं हुई है सतना शहर में साल के पहले दिन समोसे की दुकान पर अचानक गैस सिलेंडर में विस्फोट होने से अफरा तफरी मच गई इस दौरान काफी संख्या में लोग दुकान के आसपास थे जैसे ही विस्फोट हुआ लोग विस्फोट से भडक़ी आग को देखकर दंग रह गए इस प्रकार की घटना से आसपास के लोग दहशत में आ गए हैं गनीमत ये रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई मौके पर पहुंचकर दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।
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पिपलानी इलाके में बाइक स्लीप होने से बी.टेक स्टूडेंट की मौत हो गई। हादसा उस दौरान हुआ जब स्टूडेंट कॉलेज जाने के लिए निकला। चश्मदीद ने पुलिस को बताया कि स्टूडेंट चलती बाइक में कंधे में लटका बैग ठीक कर रहा था। तभी उसकी बाइक असंतुलित होकर डिवाइडर से टकरा गई। गंभीर हालत में सिख समाज के एक समाजसेवी ने उसे अस्पताल में एडमिट कराया। शनिवार रात उसने दम तोड़ दिया। ललितपुर का रहने वाला शोएब खान (20) पुत्र मुजफ्फर खान बीटेक का छात्र था। पिपलानी इलाके में वह हास्टल में रहता था। शोएब ने भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज में इसी साल एडमिशन लिया था। पिपलानी में ही हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। गुरूवार को सुबह 9 बजे अपनी हीरो करिज्मा जेडएमआर से कॉलेज जाने के लिए निकला था। तभी उसका बैग गिरने लगा जिसे ठीक करने के चक्कर में शोएब की बाइक डिवाइडर से टकरा गई। शोएब की गाड़ी की रफ्तार तेज थी और हेलमेट भी नही लगाया था। इस कारण से उसके सिर पर चोट आ गई। बताया कि बैग लटक गया था जिसे ठीक करने के चक्कर में डिवाइडर से टकरा गया। वहां मौजूद सिख समाज के समाजसेवी ने शोएब को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा कर एडमिट कराया साथ ही इलाज के पैसे भी दिए। जहां पर इलाज के दौरान शनिवार रात 9 बजे के करीब शोएब ने दम तोड़ दिया।
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बंदी को घायल बताकर मांगते है रुपये डिंडौरी जेल में बंद बंदियों को दुर्घटना में घायल बताकर उनके इलाज के नाम पर बंदियों के परिजनों से ठगी करने का एक नये तरीका का फ्राड करने का मामला सामने आया हैं पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है अधिवक्ताओं को माध्यम बनाकर बंदियों के परिजनों से ठगी करने का अनोखा मामला सामने आया डिंडौरी में दो दिन में लगभग आधा दर्जन अधिवक्ताओं के पास ऐसे फोन आ चुके हैं जिनमें जिला जेल डिंडौरी में बंद बंदियों को दुर्घटना में घायल होने पर इलाज कराने के लिए सात से 12 हजार रुपयों तक की मांग की गई जिसमें एक पीड़ित इस ठगी का शिकार भी हुआ है वही ठगी का शिकार होने से पहले ही एक महिला ने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस में की है अधिवक्ताओं को माध्यम बनाकर बंदियों के स्वजन से ठगी करने के इस मामले में अधिवक्ताओं ने बताया कि उनके पास एक मोबाइल से फोन पर जेल कर्मचारी होने का हवाला देते हुए हमारे क्लाइंट के दुर्घटना में घायल और इलाज के संबंध में जानकारी देते हुए परिजनों को सूचना देने तथा इलाज केलिए रुपये की मांग की जा रही है इस बार पुलिस अधीक्षक संजय सिंह द्वारा बताया गया कि इस मामले से सम्बंधित शिकायत सिटी कोतवाली में प्राप्त हुई है जिसकी जांच कराई जा रही है साथ ही मोबाइल नम्बरो के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही, जो भी तथ्य सामने आयेंगे आगे कार्यवाही की जायेगी पुलिस, जेल प्रशासन व अधिवक्ताओं द्वारा इस संबंध में लोगों से अपील की गई है इस तरह फोन करने वाले किसी व्यक्ति को रुपये न दें, पहले पूरी जानकारी ले और पुलिस को सूचना दे।
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गाड़ी के बिल भुगतान के एवज में घूस मांगी NCL नार्दन कोल फील्ड्स लिमटेड की दूधिचुआ प्रोजेक्ट में पदस्थ असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक त्रिपाठी को रीवा लोकायुक्त की टीम ने 12 हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया इस रिश्वतखोर मैनेजर ने किराय की गाडी के बिल भुगतान के लिए रिश्वत माँगी थी सिंगरौली NCL नार्दन कोल फील्ड्स लिमटेड की दूधिचुआ प्रोजेक्ट में पदस्थ असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक त्रिपाठी को रीवा लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने 12 हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया फरियादी उमेश कुमार साहू ने लोकायुक्त रीवा में शिकायत किया था कि प्रोजेक्ट में फरियादी का वाहन मंथली किराए पर है जिसके बिल भुगतान के एवज में असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक त्रिपाठी द्वारा घूस मांगी जा रही है जिस पर लोकायुक्त की टीम ने आज अभिषेक त्रिपाठी को उनके एनसीएल आवास पर गिरफ्तार किया वही लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद NCL की कोयला खदान इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
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अभी शौचालय बने नहीं और गांव हुआ ओडीएफ प्लस मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले डिंडोरी के यू तो कई गांव ओडीएफ प्लस घोषित किये जा चुके है और बड़े बड़े अक्षरों से यहाँ ओडीएस प्लस भी लिख दिया गया है लेकिन यहाँ की हकीकत कुछ और ही है तमाम घर अब भी यहाँ शौचालय विहीन हैं ओडीएस प्लस लिखा देखकर यह माना जा सकता है कि डिंडौरी के गाँव मे स्वछता की बयार चली रही है घर घर शौचालय बन चुके हैं लेकिन जब गांव की महिलाओं से बात की गई तो सारी सच्चाई पत्थरो को चीर कर सामने आ गई ओडीएफ प्लस गाँव की रहने वाली महिलाओं ने बताया कि अभी तमाम घरों में शौचालय बने ही नहीं हैं इलाके में पानी की भी किल्लत है डिंडोरी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत नरिया के ग्राम बरबसपुर रैयत को कागजों में और शिलालेख में ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है,लेकिन गाँव की महिलाओं की माने तो पानी की जटिल समस्या और अधिकांश घरों में शौचालय ही नही है शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है ऐसे में सवाल ये हैं कि फिर इसे ओडीएफ प्लस ग्राम कैसे घोषित कर दिया गया गाँव की महिलाओं ने गांव में पानी की समस्या दूर करने व हर घर नल जल योजना के तहत पानी दिये जाने की मांग जिला प्रशासन से की है महिलाओं ने बताया शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी भी गाँव मे झांकने आज तक नही पहुँचे।
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कलेक्टर ने पूछे बच्चों से सवाल छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए डिंडौरी में KBC की तर्ज पर कलेक्टर ने बच्चों को हॉट सीट पर बैठकर उनसे सवाल पूछे इस शो में बच्चों ने भी जमकर भागीदारी की और इनाम भी जीते डिंडौरी में समनापुर जनपद मुख्यालय मैदान में जिला प्रशासन ने शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बीच कौन बनेगा करोड़पती प्रतियोगिता खेली जहाँ कलेक्टर विकास मिश्रा बच्चों से सवाल करते नजर आए प्रतियोगिता में 12 छात्र छात्राओं का चयन किया गया कलेक्टर ने बच्चों को हॉट सीट बैठकर सवाल पूछे इसमें दो बच्चों ने 1500-1500 रुपए जीते प्रतियोगिता को देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गयीं थी अमिताभ बच्चन की तरह कलेक्टर विकास मिश्रा हाट सीट पर बैठे बच्चों से प्रश्न करते नजर आए पहला सवाल सौ रुपए से शुरू हुआ अंतिम प्रश्न दो हजार रुपए तक पूछा गया कलेक्टर विकास मिश्रा ने शासकीय योजनाओं और सामान्य जानकारी के प्रश्न पूछे, जिनमे छात्र अंकित धुर्वे और गोकुल सिंह ठाकुर ही 1500-1500 रुपए तक जीत सके प्रतियोगिता में शामिल हुई छात्रा कीर्ति मरावी और सोनाली एक्का का कहना है कि पहली बार ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है इससे पहले किसी ने ऐसे सवाल हमसे नहीं पूछे जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में केवल शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को ही शामिल किया गया कलेक्टर विकास मिश्रा का कहना है कि इस जिले में बहुत सारी प्रतिभाएं छुपी हुई हैं बस उन्हें खोजना बाकी है इस तरह के आयोजनों से बच्चों के मन के अंदर की झिझक खत्म होगी उनके अंदर प्रतिस्पर्धा का भाव आएगा।
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एक ट्रैक्टर ट्राली को पुलिस ने पकड़ा परासिया में अवैध रेत का धंधा बेख़ौफ़ चालू है प्रशासन और कुछ सफेदपोश लोगों की मिलीभगत के जरिये रेत की तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है पुलिस ने जब एक ट्रेक्टर ट्रॉली को पकड़ा तो उसका ड्राइवर और मजदूर पुलिस को चकमा देकर भाग गए न्यूटन चौकी इलाके में अवैध तरीके से रेता का धंधा करने वाले ट्रेक्टर ट्राली को पकड़ा गया तो इस ट्रेक्टर ट्राली से ड्राइवर व मजदूर भाग गए पुलिस ने रेत तस्करी को लेकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है न्यूटन चौकी इलाके में अवैध कामो का निरन्तर कार्य चलता रहता है रेता के साथ साथ अवैध रूप से शराब की बिक्री भी दिनदहाड़े चलती है पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता से यहाँ अवैध काम करने वालो के हौसले बुलंद रहते हैं।
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मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमे एक व्यक्ति को रस्सी से बांधकर लात घूंसों से उसकी बुरी तरह पिटाई की जा रही है...यह वायरल वीडियो सिंगरौली जिले का बताया जा रहा है पिटाई वाला वायरल वीडियो सिंगरौली का है जहां जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में एक युवक को रस्सी से बांधकर लात घूसों से उसकी पिटाई की जा रही है और लोग केवल तमाशबीन बनकर देख रहे हैं बताया जा रहा है कि युवक पर हत्या के आरोप के चलते उसके साथ ऐसा किया जा रहा है बरगवां में लाला वैश्य ट्रैक्टर मालिक के चालक मरदन सिंह की मौत हो गई थी जिसके आरोप परिजन लाला वैश्य पर लगा रहे हैं फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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प्रशासन के आदेश की हुई अवेल्हना मंदसौर से किसान के खेत में हरे वृक्षों की कटाई का मामला सामने आया है बताया जा रहा है खेत की ज़मीन को लेकर विवाद था जिसके चलते सितम्बर में फरियादी के पक्ष में आदेश सुनाया गया था लेकिन अब एक बार फिर यह विवाद खड़ा हो गया है मंदसौर के करजू ग्राम से एक मामला सामने आया है जहां फरियादी मांगीलाल ने तहसीलदार मंदसौर कार्यालय में आवेदन पेश किया गया था कि उक्त कृषि भूमि उसके नाम है जिसे लेकर गाँव के ही तीन लोगों से उसका विवाद चल रहा है जिसके बाद सितम्बर में फरियादी मांगीलाल के पक्ष में फैसला सुनाया गया था लेकिन अब प्रार्थी मांगीलाल ने गणपत , अर्जुन , पर्वत सिंह और हीरालाल के विरुद्ध न्यायालय के आदेश की अवेल्हना करने और प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप में कहा कि मेरे खेत पर हरे वृक्षों की कटाई की गई इस मामलेकी शिकातय पुलिस अधीक्षक से भी की गई है।
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नशे के सौदागरों ने की युवक की हत्या छतरपुर में नशे के सौदागरों ने एक यवक की दिनदहाड़े हत्या कर दी बताया जा रहा है कि उनका क्रिकेट को लेकर विवाद हुआ था | जिसके कारण इस वारदात को अंजाम दिया गया | फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है | पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है | घटना कोतवाली थाने की है | जहां बीस वर्षीय अमन खान को पहले चाकू से गोदा गया और उसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई | मृतक के भाई का आरोप है कि मोहल्ले के चार युवकों ने इस वारदात को अंजाम दिया है | और किक्रेट खेलने के दौरान विवाद पर उसके भाई की हत्या की गई है | वहीं घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि जिन युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया है. | वह नशे का सौदा करते और नशा करने के आदी हैं. | वहीं इस घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई | जिसके बाद सीएसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है हत्या करने के बाद आरोपी फरार है | पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है |
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पीड़िता ने की सीएम शिवराज से इन्साफ की मांग कटनी एक मामला सामने आया है | जहां एक पुलिसकर्मी ने मॉडल एकसीलेन्स स्कूल की छात्रा से छेड़खानी की पीड़ित छात्रा 10 कक्षा में पढ़ती है और छात्रा ने प्रदेश के मुखिया शिवराज को पत्र लिखकर इन्साफ की गुहार लगाई है | पीड़िता ने पत्र में आरोपियों के नाम भी लिखे हैं | अब देखना यह हैं कि बच्चियों के मामा शिवराज इस पर क्या एक्शन लेते हैं | प्रदेश के मुखिया शिवराज जहां एक तरफ मध्यप्रदेश महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रदेश बताते हैं | वहीं दूसरी तरफ उनकी भांजियों के इंसाफ मांगते हुए लिखे गए आवेदन उनके खोखले दावों की पोल खोल रहे हैं | यही नहीं जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी ही आपकी भांजियों को नहीं बख्श रहे तो फिर किसी और से उम्मीद ही क्या की जा सकती है | मामला कटनी का है | जहां रीठी थाने में तैनात मनचले पुलिसकर्मी ने मॉडल एकसीलेन्स स्कूल की छात्रा को छेड़ दिया | जिसके बाद दसवीं कक्षा की पीड़ित छात्रा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज के नाम आवेदन पत्र लिखा है और आरोपी पुलिसकर्मी आरक्षक लखन पटेल व धर्मेंद्र चौधरी का नाम उल्लेख करते हुए | इन्साफ की मांग की है |
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है सिंगरौली के एक दिल दहला देने वाली सनसनीखेज घटना सामने आयी है | पति ने चरित्र संदेह के चलते अपनी पत्नी के प्राइवेट पार्ट में लाठी से हमला कर दिया | गंभीर रूप से घायल महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई | घटना माड़ा थाना अंतर्गत कुम्हिया गांव की है | जहां पति ने चरित्र संदेह के चलते महिला के प्राइवेट पार्ट में लाठी से हमला कर दिया | जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई | वहीं महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई | जिसके बाद पति ने खुदकुशी कर ली | बताया जा रहा है कुम्हिया के हरिजन बस्ती निवासी जवाहरलाल साकेत ने | अपनी पत्नी प्रमिला साकेत पर चरित्र संदेह के चलते पत्नी की पिटाई करते हुए लहूलुहान कर दिया | इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई | इस खबर को सुन आरोपी जवाहरलाल साकेत ने भी फांसी लगाकार ख़ुदकुशी कर ली | पुलिस मामले की जांच में जुट गई है |
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पुलिसवाले ने क्यों लगाईं फांसी डिंडोरी में पदस्थ ASI भूरे सिंह ने अज्ञात कारणों घानाघाट के पास बने खेत के कुएं में फांसी लगा ली डिंडोरी एसपी संजय कुमार सिंह ने कहा कि सभवतः पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्या के कारण पुलिस कर्मी ने यह कदम उठाया हो | पुलिस मामले की जांच की जा रही है | डिंडोरी जिला मुख्यालय के महिला थाना में पदस्थ ASI भूरे सिंहः का शव खेत मे बने कुएं पर झूलता मिला है | घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँची | कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँची और मामले की तफ्तीश शुरू की डिंडोरी पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह ने बताया है कि ASI भूरे सिंह स्वयं की बाइक से घटना इस्थल पहुँचे थे | प्रथम दृष्टया कोई सोसाइड नोट मौके पर नही मिला है,संभावना जताई जा रही है कि पारिवारिक विवाद या व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने ऐसा कदम उठाया होगा |
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चार जंगली भालूओं ने कर दिया ग्रामीण पर हमला छतरपुर में चार आक्रामक भालूओं ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया भालूओं ने हमला तब किया जब ग्रामीण मवेशियों के तबेले की सफाई कर रहा था पतरा गांव में भालूओं के हमले में एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे गंभीर रूप में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया घटना आज सुबह की है राजेश गौतम अपने मवेशियों के तबले की साफ सफाई कर रहा था ,तभी चार जंगली भालूओं ने उस पर हमला कर दिया ,भालूओं के हमला की जानकारी आसपास के ग्रामीणों को लगी तो वह घटना स्थल पर पहुंचे और भालूओं को भगाया , लहूलुहान राजेश गौतम को पहले बिजावर सामुदायिक केन्द्र लाया गया ,लेकिन हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रिफर किया गया , जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
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पुनर्वास प्लान को जोड़ने के बाद हो जनसुनवाई सिंगरौली में कोल ब्लॉक बंधा की पुर्नवास नीति के दावा आपत्ति को लेकर विस्थापित कलेक्टर से मिलने पहुंचे विस्थापितों का कहना है कि जनसुनवाई का आयोजन ग्रामीणों की समस्या के निदान के बाद ही किया जाय इसके साथ ही विस्थापितों की समस्या का निदान किया जाय सिंगरौली में कोल ब्लॉक बंधा की पुर्नवास नीति के दावा आपत्ति के लिए बैठक 21 को होगी जिसको लेकर विस्थापित कलेक्ट्रेट पहुंचे विस्थापित नेता देवेंद्र पाठक का कहना है की कोल ब्लॉक बंधा ग्राम बंधा पचौर, देवरी, पेड़रवाह ,तेंदूहा, कुल 5 गांव के प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास एवं पूनर्पस्थापन संबंधी 21 दिसम्बर को पंचायत भवन बंधा में बैठक है इससे पूर्व ई एम आई एल कंपनी के द्वारा पुनर्वास प्लान को जोड़ने का वचन दिया था जिसे नहीं जोड़ा गया है पुनर्वास प्लान को जोड़ने के बाद ही जनसुनवाई हो।
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'धर्म बदलकर शादी करो, वर्ना बेटे से हाथ धो बैठोगी.. इंदौर के हीरानगर में रहने वाली 42 साल की महिला ने रेप और धर्म परिवर्तन कर शादी का दबाव बनाने के मामले में केस दर्ज कराया है। पीड़ित महिला ने हिंदूवादियों से संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने हीरानगर थाने पर जाकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई की है। युवक ने धर्म बदलकर महिला से दोस्ती की थी।हीरानगर पुलिस ने शादीशुदा महिला की शिकायत पर मोहम्मद नबील उर्फ नवीन उर्फ अंसार के खिलाफ रेप, धोखा देने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में आरोपी की तलाश कर रही है।पीड़िता ने बताया कि वह स्कीम नंबर 136 में रहती है। उसका पति से 2015 से विवाद हो गया था। इसके बाद 11 साल के बेटे के साथ अलग रह रही थी। वह इस दौरान एक निजी कैफे में काम करने लगी। 2017 में यहां कैफे में नबील उर्फ अंसार शेफ बनकर आया। उसने तब अपना नाम नवीन बताया था। होटल कर्मचारी होने के नाते दोनों के बीच दोस्ती हो गई।पीड़िता ने बताया कि स्कीम नंबर 136 में मैंने दूसरा कमरा किराये पर लिया था। नबील ने एक दिन जबरदस्ती घर में घुसकर उसके साथ रेप किया। फिर उसे ब्लैकमेल कर कई बार संबंध बनाए। फिर नबील ने एक दिन बताया कि वह धर्म से मुस्लिम है वह भी अगर मुस्लिम धर्म अपना लेगी तो शादी कर लेगा। इसके बाद महिला ने धर्म अपनाने की बात से इंकार कर दिया ओर अलग रहने की बात कही।महिला ने बताया कि इस साल 18 जनवरी को नबील को मुंबई में काम के लिए गया था। वहां जाने के बाद उसकी दूसरी नौकरी लग गई। वह जब भी इंदौर आता महिला से धर्म बदलकर शादी करने का दबाव डालता था। मना करने पर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाता था। नाबिल ने कहा कि वह मुस्लिम धर्म अपना ले नहीं तो ठीक नही होगा। बेटे से भी हाथ धोना पड़ेगा। इसके बाद लगातार मोबाइल पर वह धर्म को लेकर दबाब बनाने लगा। पीड़िता ने मामले में हिंदूवादी नेता तन्नू शर्मा ,मनोज यादव ओर जितेन्द्र शर्मा से संपर्क किया। इसके बाद नबील उर्फ नवीन उर्फ अंसार के खिलाफ केस दर्ज किया गया। आरोपी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अधिसूचना पारित की, जिसके कहा गया है कि हाई कोर्ट के अलावा राज्य की सभी अदालतों को ‘अधीनस्थ न्यायपालिका’ की जगह ‘जिला न्यायपालिका’ कहा जाएगा। साथ ही हाई कोर्ट के अलावा सभी अदालतों को अधीनस्थ न्यायालय की जगह ‘ट्रायल कोर्ट’ कहने का भी संकल्प पारित किया गया। गुरुवार को हुई पूर्ण कोर्ट की बैठक में मप्र हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और जजों ने यह संकल्प पारित किया। फैसले को लागू करने का आदेश शुक्रवार को मप्र हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे ने जारी किया।हाई कोर्ट का मानना है कि कोई भी कोर्ट, किसी भी कोर्ट के अधीन नहीं होती और न कोई निचली अदालत होती है। हाई कोर्ट में जिला कोर्ट और संबंधित जिले की कोर्ट के फैसलों पर रिव्यू पिटीशन, जमानत याचिका समेत अन्य आवेदनों में जिला कोर्ट को अधीनस्थ कोर्ट, निचली अदालत (अधीनस्थ न्यायालय) से संबोधित किया जाता था। हाई कोर्ट जजेस की फुल कोर्ट मीटिंग में लिए गए फैसले के बाद अब ऐसा नहीं होगा। मध्य प्रदेश ऐसा प्रस्ताव पारित करने वाला देश का दूसरा हाई कोर्ट है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 2 अगस्त 2021 को ऐसा प्रस्ताव पास किया था। तब जस्टिस रवि मलिमथ हिमाचल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।मप्र हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ के अलावा इंदौर और ग्वालियर में दो खंडपीठ हैं। मप्र में 52 जिला न्यायालय हैं, जिनमें 1200 से अधिक सेशन कोर्ट हैं। करीब 1500 से अधिक मजिस्ट्रेट स्तर की कोर्ट हैं। सेशन कोर्ट और मजिस्ट्रेट स्तर की कोर्ट को सबऑर्डिनेट (अधीनस्थ ) कोर्ट कहा जाता था।
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क्रिकेट प्रेमियों ने मैच का उठाया लुत्फ सिंगरौली में करौटी प्रीमियर लीग सत्र सिक्स का आयोजन किया गया इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने मैच का लुत्फ़ उठाया वहीं जीती हुई टीमें अपने अगले दौर में पहुँच गई इस मौके पर विधायक रामलल्लू वैश्य ने सभी को बधाई दी विधायक रामलल्लू बैस के मुख्य आतिथ्य में करौटी प्रीमियर लीग सत्र सिक्स का आयोजन किया गया मैच को देखने बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी मैदान पहुंचे विधायक रामलल्लू वैश्य ने सभी खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई और शुभकामनायें दी इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि सरपंच करौटी मेघनाथ वैश्य , बद्री नारायण बैस डायरेक्टर मायाराम महाविद्यालय मेढौली के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे टूर्नामेंट में विजेता और उपविजेता टीम को पुरस्कृत किया जायेगा टूर्नामेंट में कुल 24 टीमें अपना प्रदर्शन करेंगी।
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स्कूटी पर सवार दंपत्ति की मौके पर ही मौत छतरपुर में एक तेज़ रफ़्तार अनियंत्रित डम्पर ने स्कूटी को टक्कर मार दी टक्कर इतनी ज़ोरदार थी की स्कूटी सवार दंपत्ति की मौके पर ही मौत हो गई मौके पर एम्बुलेंस के न पहुंचने पर दोनों के शव को पिकअप वाहन से पोस्टमॉर्टेम के लिए पहुंचाया गया घटना छतरपुर के सिविल लाईन थाना क्षेत्र की है डंपर छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन की कंपनी एम मिनरल्स का बताया जा रहा है दंपत्ति स्कूटी से अपने गांव लवकुशनगर जा रहे थे तभी रोंग साईट से आ रहे डंपर ने स्कूटी सवार दम्पति को टक्कर मार दी जिससे दोनो की मौके पर मौत हो गई घटना की सूचना लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एम्बुलेंस को कॉल किया गया लेकिन जब एक घंटे तक इंतज़ार करने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो पिकअप वाहन से शव अस्पताल भेजे गए फिलहाल पुलिस ने डंपर को जब्त कर लिया है और आरोपी की तलाश की जा रही है।
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कच्चे तेल के भाव में उछाल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है। लगातार दूसरे दिन क्रूड ऑयल में 2 डॉलर प्रति बैरल का उछाल देखा गया है। डब्ल्यूटीआई की कीमत 77.25 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी है। ब्रेंट क्रूड 82.70 रुपये पर बना हुआ है। देश के महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुए हैं। तेल कंपनियों ने नए रेट जारी कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में फ्यूल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। प्रदेश में पेट्रोल पर औसतन 0.09 रुपये और डीजल पर 0.08 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। कुछ शहर ऐसे भी है जहां पेट्रोल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। बालाघाट में 0.79 रुपये, दमोह में 0.68 रुपये, होशंगाबाद में 0.75 रुपये, शिवनी में 1.09 रुपये की वृद्धि हुई है। इस लिस्ट में उमरिया, शहडोल, धार, डिंडौरी, बेतूल और अलीराजपुर भी शामिल है। बालाघाट में डीजल 0.82 रुपये महंगा हुआ है। शिवनी में इसकी कीमतों में 1.03 रुपये का इजाफा हुआ है। दमोह , छिंदवाड़ा, बेतूल, अलीराजपुर में वृद्धि हुई है। आज भी ईंधन में में उतार-चढ़ाव जारी है। अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत भी अलग देखी जा रही है। सिंगरौली, सीहोर, रतलाम, सागर, रायसेन, नरसिंहपुर, जबलपुर, ग्वालियर, देवास, भोपाल, अशोकनगर में आज पेट्रोल की कीमत 108 रुपये प्रति लीटर के आसपास है। अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, नीमच, पन्ना, सतना , शिवनी, शिवपुरी, सिंगरौली और उमरिया में इसकी कीमत 110 रुपये प्रति लीटर तक है। अनुपुर, बालाघाट, शहडोल, शिवपुरी और रीवा में यह सबसे ज्यादा महंगा है, एक लीटर की कीमत करीब 111 रुपये है। आगर मालवा, बेतूल, भिंड, छतरपुर, दमोह , दतिया, धार, गुना, हरदा, झाबुआ, कटनी, खंडवा, खरगोन, मंडला, मंदसौर, मुरैना, राजगढ़, शाजापुर, टीकमगढ़ और उज्जैन में या यह करीब 109 प्ररुपये ति लीटर में बिक रहा है।
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लॉ स्टूडेंट ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में स्थानांतरित की गई थी। हेलमेट नहीं लगाने के कारण सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि सड़क पर हेलमेट लगाए दो पहिया वाहन चालक नजर नहीं आते हैं। मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन नहीं किए जाने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है। याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दो पहिया वाहन सवारों की मौत होती है। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम तथा हाईकोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता के संबंध में आदेश जारी किए हैं। मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है। जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है। हेलमेट की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाए जो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी। याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा हलफनामे के साथ स्टेटस रिपोर्ट रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें बताया गया कि अक्टूबर में हेलमेट नहीं पहनने पर शहरी क्षेत्र में एक लाख 830 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 54 हजार 969 व्यक्तियों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है। इसके अलावा ओव्हर लोडिंग, चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट नहीं लगाने, पार्किंग सहित अन्य नियमों का पालन नहीं करने पर अक्टूबर में कुल 1 लाख 98 हजार 286 कार्रवाई की गई है। दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में सभी जिले को पीटीआरआई ने पत्र जारी किए हैं। युगलपीठ ने रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कागजी कार्रवाई नहीं बल्कि मैदानी कार्रवाई दिखनी चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित तौर पर किया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश से संबंधित मामले में एएसपी स्तर का अधिकारी हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश कर रहा है। प्रदेश स्तर के अधिकारी को हलफनामा के साथ रिपोर्ट पेश करना चाहिए। युगलपीठ ने प्रदेश सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने पैरवी की।
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आपस में भिड़ी दो ट्रेवल बस, 8 गंभीर, 1 की मौत इंदौर से हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इंदौर-इच्छापुर हाईवे के सिमरोल घाट पर करीब सुबह दो बसे आमने-सामने टकराने की वजह से बड़ा हादसा हो गया है। इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वहीं 8 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है और एक की मौत मौके पर हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, इस हादसे की सूचना जैसे ही पुलिस को लगी पुलिस मौके पर घटनास्थल पहुंच गई। जिन 8 लोगों की हालत गंभीर थी उन्हें सबसे पहले अस्पताल भेजा गया। वहीं बाकि घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है बता दें यह हादसा धुंध अधिक होने की वजह से हुआ है। ये हादसा सिमरोल के बाइग्राम में हुआ। इस हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शी सुरेश खंडेलवाल ने बताया कि गुरुवार सुबह 10 बजे ये हादसा हुआ। रअसल, आर्या ट्रैवल्स की बस खंडवा से इंदौर जा रही थी। वहीं यादव ट्रैवल्स की बस इंदौर से खंडवा जा रही थी। ऐसे में दोनों आपस में टकरा गई। ये हादसा बस ने मोड़ पर ओवरटेक किया इस वजह से हुआ और धुंध ज्यादा होने की वजह से हुआ। जैसे ही हादसा हुआ लोगों के चींखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। बच्चे भी रोने लगे। बस ड्राइवर के दोनों पैर बस के अंदर फंस गए। ऐसे में क्रेन की मदद से उन्हें निकाला गया। वहीं 4 एंबुलेंस से घायलों को इंदौर भेजा गया है। इसके अलावा बाईग्राम की सरपंच के पति लवलेश मीणा ने इस हादसे को लेकर बताया कि सुचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे। ऐसे में घायलों को बसों से निकाल कर अस्पताल भेजा गया। वहीं एक मृतक को भी निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि हादसा बेहद खतरनाक था। बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
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नाम बदलकर दोस्ती की, शादी का झांसा दे ज्यादती की कोलार थाना क्षेत्र में पीड़ित रहती है। वह 2019 में 11वीं कक्षा में एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। वहां, शान पंडित नाम के लड़के का आना जाना था। उसने पीड़िता से दोस्ती की। उस समय पीड़िता की उम्र 16 साल थी। यह दोस्ती प्रेम प्रसंग में बदल गई। राजधानी भोपाल में लव जिहाद का मामला सामने आया है। आरोपी ने नाम बदलकर नाबालिग से दोस्ती और तीन साल तक उसके साथ ज्यादती की। बाद में धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने पर पीड़िता ने पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने आरोपी फैजल सैय्यद अब्बास को गिरफ्तार कर लिया है। कोलार थाना क्षेत्र में पीड़ित रहती है। वह 2019 में 11वीं कक्षा में एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। वहां, शान पंडित नाम के लड़के का आना जाना था। उसने पीड़िता से दोस्ती की। उस समय पीड़िता की उम्र 16 साल थी। यह दोस्ती प्रेम प्रसंग में बदल गई। आरोपी पीड़िता को घुमाने फिराने ले जाने लगा। नवंबर 2019 में आरोपी पीड़िता को एक होटल में लेकर गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता के विरोध करने पर उसे शादी करने का झांसा दिया। इसके बाद लगातार तीन साल तक आरोपी पीड़िता के साथ ज्यादती करते रहा। पीड़िता को पिछले महीने आरोपी की असलितय का पता चला। जब उसने इसके बारे में उससे बात कि तो उसने कहा कि उसके पास उसके वीडियो है। यदि उसके बारे में किसी से कुछ बताया तो वह वीडियो वायरल कर देगा। आरोपी ने पीड़िता के साथ मारपीट भी की। पीड़िता ने बताया कि पीड़िता कॉलेज जाने के लिए निकलती तो आरोपी उसे अपने साथ ले जाता था। वह उससे कॉलेज की फीस के पैसे भी ले लेता था। इस वजह से वह कॉलेज की पढ़ाई भी नहीं कर पाई। उसने पीड़िता का गर्भपात भी कराया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म, एट्रोसिटी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
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कॉलेज पढ़ने जा रही थी छात्रा सिंगरौली में अनियंत्रित ट्रैक्टर ने एक छात्रा को कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई मौत से गुस्साए परिजनों ने चक्का जाम कर दिया बैढन में एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने कॉलेज की छात्रा को कुचल दिया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई छात्रा का नाम सुमित्रा है ट्रैक्टर धान लोड कर ले जा रहा था छात्रा बैढ़न कालेज पढ़ने जा रहीं थी तभी यह हादसा हुआ वहीं इससे गुस्साए ग्रामीणों ने लाश को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया जिसके बाद मांडा पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और लोगों को समझाइश दी।
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गाने पर पिस्टल लहराते हुए बनवाया था VIDEO क्राइम ब्रांच ने भतीजे के मेंहदी रस्म में स्टेज डांसर लड़कियों के साथ पिस्टल लहरा कर जश्न मना रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है वह शादी समारोह में "मुझे हीरो न बनना विलन रहने दे" गाने पर पिस्टल लहरा कर डांस कर रहा था पुलिस ने उसके पास से अवैध पिस्टल भी बरामद कर ली है बदमाश के खिलाफ पहले से ही 8 अपराध दर्ज हैं तमंचे पर डिस्को करने वाला बदमाश सीखचों के पीछे पहुँच गया है एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल के राजगढ़ कॉलोनी छोला रोड गौतम नगर निवासी फुरकान उर्फ शेरु को गिरफ्तार किया गया है पुलिस को चार दिन पहले सूचना मिली कि फुरकान अपने भतीजे के मेंहदी रस्म में भाड़े से बुलाई गई स्टेज डांसर लड़कियों से साथ पिस्टल लहरा कर डांस कर रहा है पुलिस पहुंचने की भनक लगते ही आरोपी स्टेज से गायब हो गया था पुलिस में मुखबिर की सुचना पर उसे 1 मैकेनिक मार्केट छोला मरघट के पास से जब पकड़ा तब भी वो पिस्टल लिए हुए था आरोपी के खिलाफ पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है पुलिस को फुरकान का जो वीडियो मिला है उसमें स्टेज पर दो लड़कियां डांस करती हुई दिखाई दे रही हैं उनके पीछे फुरकान खड़ा है वह कमर से पिस्टल निकालकर लहराने की कोशिश करता है करीब 30 सेकंड तक वह पिस्टल हाथ में लिए दिखाई देता है वीडियो में "मुझे हीरो न बनना विलन रहने दे" म्यूजिक बज रहा है।
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सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों की पिटाई की, परिजनों का गुस्सा फूटा ,मामले में जांच के निर्देश टीकमगढ़ में कुंडेश्वर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया है | जूनियर छात्रों ने सीनियर छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाया है मामले की शिकायत पीड़ित छात्रों ने सोमवार को स्कूल प्रबंधन से की और इसके बाद छात्रों ने मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया वहीं मामले में जांच के आदेश जारी | नवोदय विद्यालय के नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों ने आरोप लगाया कि 12वीं कक्षा के आधा दर्जन से ज्यादा छात्रों ने उनके साथ लाठी-डंडों से मारपीट की है | सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को ग्राउंड में बुलाया और एक-एक कर कई छात्रों के साथ मारपीट की छात्रों ने बताया कि इसके पहले भी सीनियर छात्रों ने कई बार मारपीट की थी | जिसकी शिकायत उन्होंने स्कूल प्रबंधन से की, लेकिन सीनियर छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई | पीड़ित छात्रों ने स्कूल प्राचार्य उमा पी रावत से मामले की शिकायत की और जब कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रों ने वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया नवोदय विद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आते ही एसडीएम सीपी पटेल ने पुलिस को सूचना दी और मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं | वहीं मारपीट को लेकर छात्रों के परिजनों का गुस्सा स्कूल प्रबंधन पर फूटने लगा है |
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पुलिस ने बनाया बदमाशों पर सरेंडर का दबाव छतरपुर में व्यापारी पर गोली चलाने वाले बदमाश के घर पुलिस ने दबिश दी पुलिस ने बदमाशों की छानबीन शुरू की और बदमाशों को खुद को सरेंडर करने को कहा, छतरपुर में व्यापारी पर गोली चलाने वाले बदमाशों की खोज जारी है | पुलिस ने गोली चलाने वाले बदमाशों के घर पर दबिश दी और सरेंडर करने को कहा , बीते दिनों जमीन विवाद को लेकर एक व्यापारी को गोली मार दी गई थी | जिसके बाद घायल व्यापारी को ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था | जहाँ व्यापारी का इलाज जारी है | वहीं इस दौरान पुलिस ने डीजे लेकर अनाउंस करके फरार बदमाशों को सरेंडर करने को कहा , पुलिस ने बदमाशों के मकानो की नपाई भी की |
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भारतीय जनता युवा मोर्चा ने लगाए आरोप माफियाओं को आबकारी विभाग संरक्षण देता हैं | भारतीय जनता युवा मोर्चा ने ये आरोप जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता के ऊपर लगाए हैं | आबकारी विभाग के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा सड़क पर उतर आई हैं | सात दिनों के अंदर कार्यवाही की मांग की है | कार्यवाही ना होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी भी दी हैं | उमरिया में आबकारी विभाग के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा सड़क पर उतर आई है | युवा मोर्चा ने जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता के उपर शराब माफियाओं के संरक्षण के गम्भीर आरोप लगाए हैं | सात दिनों के अंदर कार्यवाही की मांग की है | कार्यवाही ना होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी भी दी है | मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष अमित सिंह के नेतृत्व में रैली निकाली जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता के खिलाफ एक ज्ञापन उमरिया कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी को सौंपा भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता के उपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिले में अवैध शराब की पैकारी इन्ही के संरक्षण में हो रही है | जिसके कारण युवा नशे की जद में आ रहे है और नशे में संगीन अपराध करते है | अगर सात दिवस के अंदर शराब की अवैध पैकारी बंद नहीं होती है | और जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही नही होती है तो भारतीय जनता युवा मोर्चा उग्र आन्दोलन करेगा |
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गोली लगने से युवक गंभीर जमीन विवाद दो पक्षों के बीच इतना बढ़ गया की एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के एक युवक को गोली मार दी और फरार हो गए | युवक की हालत गंभीर बनी हुई हैं युवक को ग्वालियर मेडिकल काँलेज रिफर किया गया है | पुलिस पुरे मामले की जाँच में जुट गई हैं | छतरपुर सिविल लाईन थाना क्षेत्र मे जमीन विवाद को लेकर दिन दहाडे एक युवक को गोली मार दी गई | युवक को गंभीर हालत मे पहले जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया | हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर मेडिकल काँलेज रिफर कर दिया गया है | घटना सागर रोड के ललौनी तिगैला की बताई जा रही है | सिविल लाइन पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी हैं | घटना की जानकारी लगते ही सीएसपी सहित पुलिस अमला मौके पर पहुंच गया है, हमलावर घटना को अंजाम देते ही फरार हो गए | घायल ब्रजेश तिवारी नोटरी के वकील जगदीश तिवारी का बेटा हैं और सागर रोड पर बगोता तिराहे के आगे इनका घर होना बताया जा रहा हैं | इसी रोड पर उनकी पैतृक जमीन भी है, सागर रोड की उनकी जमीन का किसी अन्य से कोई विवाद है और यह घटना इसी से जोड़ कर देखी जा रहा है |
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CM सड़क योजना से किसानों के खेतों में होगी सड़क शिवराज :अपनी राजनीति दूसरों की सेवा करने के लिए,हमने सिंचित क्षेत्र को बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर किया खरीदी केंद्रों पर जाएं , अव्यवस्था की दें जानकारी मुख्यमंत्री निवास में किसान गौरव सम्मेलन का आयोजन किया गया इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम फिर से मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना चालू कर रहें हैं किसानों के खेतों में सड़क होगी उन्होंने कहा अगर खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी करता है कोई तो उसकी जानकारी हमें दें शिवराज ने कहा अपनी राजनीति है दूसरों की सेवा करने के लिए , दूसरों की पीड़ा हरने के लिए हैं दूसरों को सुख देने से बड़ा कोई सुख और आनंद है ही नहीं है किसान गौरव सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा गुजरात की विजय ऐसी है कि विरोधी हक्के-बक्के रह गए झाड़ू की भी झाड़ू लग गई पंजा तितर-वितर हो गया शानदार सफलता भारतीय जनता पार्टी ने प्राप्त की है शिवराज ने कहा प्रधानमंत्री के यशस्वी, गतिशील और कर्मठ नेतृत्व को हम प्रणाम करते है और इस संकल्प के साथ ठीक ऐसी ही विजय मध्यप्रदेश में हो इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कांग्रेस, नवाब, अंग्रेज मिलकर साढ़े 7 लाख हेक्टेयर जमीन सींच पाए लेकिन हमने अपनी सरकार में सिंचित क्षेत्र को बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है उन्होंने कहा हम फिर से मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना चालू कर रहें हैं किसानों के खेतों में सड़क होगी मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा मेरे मन में यही भाव रहता है कि अगर एक क्षण भी बेकार करता हूँ तो लगता है कि मैं साढ़े आठ करोड़ लोगों के साथ अन्याय कर रहा हूँ उन्होंने आप खरीदी केंद्र पर कभी-कभी जाएं, देखें, मामला ठीक ठाक चल रहा है या नहीं अगर कहीं लगता है कि अव्यवस्था है तो आप उसकी खबर करो मेरे पास आप सही जानकारी दोगे तो हम मिलकर लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे और सच में इससे बड़ा संतोष कोई नहीं है भगवान न करे कोई दुर्घटना हो हाथ कट गया कोई और दिक्कत आ गई एक्सीडेंट हो गया, मुसीबत में अगर आए तो मामा कोई कसर नहीं छोड़ेगा अपनी राजनीति है दूसरों की सेवा करने के लिए, दूसरों की पीड़ा हरने के लिए दूसरों को सुख देने से बड़ा कोई सुख और आनंद है ही नहीं हम मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का पैसा बांटे तो उस समय 1 संभाग में 1 जगह कार्यक्रम और उससे सारे जिले जोड़ें उस समय एक बड़ी प्रदर्शनी भी लगाएं जिनमें सारी आधुनिक मशीनें, आधुनिक खेती की प्रदर्शनी लगाकर किसानों को प्रेरित भी करें
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लाखों का सामान जलकर हुआ ख़ाक सिंगरौली में दुकान और फोटो स्टूडियो लैब में आग लग गई जिससे दुकानों में रखा लाखों का सामान जलकर ख़ाक हो गया | दमकल की गाड़ियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया बैढ़न में किराना दुकान और फोटो स्टूडियो लैब में अचानक आग लग गई जिसमे दुकान में रखा लाखों का सामान जलकर खाक हो गया | आग की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची आग सुबह करीब चार बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी | किराना दुकान मालिक अजय केसरी ने बताया कि उनका लगभग 3 लाख रुपये का नुकसान हुआ है वही फोटो स्टूडियो लैब के रंजीत शाह ने बताया की उनका 10 लाख के सामान का नुकसान हुआ है।
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गृह मंत्री बोले धार्मिक कट्टरता भूल जायेंगे लोग लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता का मामला गरमाने के बाद प्राचार्य डा. रहमान ने पहले छह प्रोफेसरों को निलंबित किया। जब काॅलेज की लाइब्रेरी मेें विवादित किताबें मिली तो काॅॅलेज प्राचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया था। इंदौर के लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने और भड़काऊ शिक्षा देने के मामले में पुलिस ने काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. रहमान को आरोपी बनाया है,लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वे एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। जिला कोर्ट ने उनका अग्रिम जमानत आवेदन भी खारिज कर दिया है। अब पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। उधर उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर गठित हुई जांच कमेटी ने जांच शुरू कर दी। कमेटी ने शिकायतकर्ता छात्रों से भी चर्चा की। लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता का मामला गरमाने के बाद प्राचार्य डा. रहमान ने पहले छह प्रोफेसरों को निलंबित किया। जब काॅलेज की लाइब्रेरी मेें विवादित किताबें मिली तो काॅॅलेज प्राचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया था, हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। प्राचार्य डाॅ. रहमान ने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। यह तर्क दिया गया है कि विवादित पुस्तक उनके कार्यकाल में नहीं खरीदी गई। इस वजह से उनकी कोई गलती नहीं है। फरियादी की तरफ से एडवोकेट गोविंद बैस ने जमानत आवेदन पर आपत्ति ली और तर्क रखा था कि पुस्तक किसके समय में खरीदी गई यह मुद्दा ही नहीं है। आरोपी विवादित पुस्तक के माध्यम से छात्रों का ब्रेन वाश कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर उनमें धार्मिक कट्टरता फैलाने का प्रयास किया है। आरोपितों को जमानत दी गई तो समाज में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद प्राचार्य व एक अन्य प्रोफेसर को जमानत देने से इंकार करते हुए आवेदन खारिज कर दिया। आपको बता देे कि इस मामले में पुलिस विवादित किताब लिखने वाली लेखिका फरहत खान भी घर से फरार है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लेखिका की पीएचडी भी निरस्त करने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाए।
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पहले प्यार फिर, अश्लील वीडियो से ब्लैकमेलिंग युवक ने किशोरी के अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए और किशोरी के पिता को भेजकर ब्लैकमेल कर रहा है। वह किशोरी के साथ रहना चाहता है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में फ्री फायर गेम 16 वर्षीय किशोरी के लिए मुसीबत बन गया। इस गेम की वजह से एक युवक से उसकी दोस्ती हुई थी। बाद में बात प्यार-मोहब्बत तक पहुंच गई। इस दौरान युवक ने किशोरी के अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए और किशोरी के पिता को भेजकर ब्लैकमेल कर रहा है। पिता ने ग्वालियर पुलिस को मदद की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार मामला ग्वालियर के जनकगंज का बताया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया ने बताया कि 16 साल की लड़की को पढ़ाई के लिए मोबाइल दिलाया था। लेकिन लड़की ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलने लगी। गेम खेलने के दौरान सनी उर्फ एचआर नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई। बात प्यार तक पहुंच गई। आरोपी युवक सन्नी ने इस नाबालिग को अपनी बातों में फंसा कर उसके सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड को ले लिया और वहां से उसके फोटो वीडियो चुरा लिए। इन फोटो और वीडियो को अश्लील फोटो के साथ बदलकर वह अब छात्रा ब्लैकमेल कर रहा है। वह चाहता है कि युवती उसके साथ रहे। उसके बाद अभी हाल में ही इस आरोपी युवक ने अश्लील वीडियो और फोटो पीड़ित युवती के पिता को भेजा तो दंग रह गए और उसके बाद युवक ने पिता को धमकी दी है अगर आपने मुझे अपनी बेटी नहीं दी तो उन्हें नहीं छोड़ेगा और उनकी इज्जत मिट्टी में मिला देगा। लगातार धमकियों से परेशान होकर लड़की के पिता ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। एसपी राजेश दंडोतिया का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है जल्द आरोपी पकड़ा जाएगा।
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निराश-हताश शख्स को मिला बेशकीमती हीरा मजदूर हुकमन अहिरवार ने हीरा पाने के जुनून में आकर पन्ना पहुंचकर हीरे की खदान लगाई. यहां उसे छोटे-छोटे लगभग 8 हीरे मिलते गए पर कोई बड़ा हीरा नहीं मिलने पर धीरे-धीरे उसकी जमीन जायदाद बिक गई लगभग 10 लाख की ढाई एकड़ जमीन भी बिक गई तो वह हैरान -परेशान हो गया. मगर, इसके बाद भी हुकमन अहिरवार का जुनून कम नहीं हुआ. इसका नतीजा यह रहा कि आज उन्हें 4.5 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है. हीरा मिलने से मजदूर की खुशी का मानो ठिकाना नहीं रहा इस हीरे की अनुमानित कीमत करीब 10 से 12 लाख रुपए आंकी जा रही है। हुकमन अहिरवार बेशकीमती हीरा को हीरा कार्यालय में जमा करवाया है इससे पहले मिले छोटे हीरों भी उन्होंने हीरा कार्यालय में जमा करवाए हैं हुकमन का कहना है कि वह मजदूरी करके परिवार का गुजर-बसर करते थे, मगर उनके ख्वाब बड़े थे. वे कुछ बड़ा व्यवसाय करना चाहते थे, जिसके लिए पैसों की आवश्यकता थी. इसके लिए उन्होंने हीरा खदान लगाई। हालांकि, हीरा खदान में कोई बड़ा हीरा नहीं मिलने से वह घाटे में चले गये. धीरे-धीरे उनकी ढाई एकड़ जमीन भी बिक गई इसके बाद भी वह निराश नहीं हुए और लगे रहे, जिसमें यह बेशकीमती हीरा मिला है. हीरा मिलने से वह काफी खुश हैं. वहीं हीरा अधिकारी रवि पटेल का कहना है कि यह अच्छी क्वालिटी का हीरा है जिसे आगामी नीलामी में रखा जाएगा। रिपोर्ट- सपना भाटी
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सीनियर ने कराया जूनियर्स से अश्लील काम 10 सीनियर स्टूडेंट्स की हुई पहचान,मध्य प्रदेश के इंदौर के मेडिकल कॉलेज में कुछ माह पहले आए रैगिंग के मामले में आखिरकार पुलिस ने 10 आरोपी स्टूडेंटस की पहचान कर ली है. अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है वहीं कालेज प्रशासन का कहना है कि अभी तक पुलिस ने उनको आरोपी छात्रों की सूची नहीं सौंपी है सूची मिलते ही आरोपी छात्रों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. रैगिंग का यह मामला इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़ा है पुलिस गंभीरता से पूरे मामले की जांच में जुटी है। संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने पीटीआई-भाषा को बताया एक पीड़ित छात्र की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की हेल्पलाइन पर की गई शिकायत के बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने अज्ञात वरिष्ठ विद्यार्थियों के खिलाफ 24 जुलाई की देर रात आपराधिक मामला दर्ज कराया था। जांच में इस आरोप के समर्थन में कुछ सुराग मिले हैं कि रैगिंग के दौरान कुछ सीनियर स्टूडेंट्स की ओर से जूनियर स्टूडेंट्स को अलग-अलग फरमान सुनाने के अलावा अश्लील कार्य करने को भी कहा जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने कथित रैगिंग के नाम पर अलग-अलग तरीकों से जूनियर स्टूडेंट को परेशान करने के आरोपी 10 सीनियर स्टूडेंट्स की पहचान कर ली है. इनमें से कुछ लोग अभी इंदौर से बाहर हैं अभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है थाना प्रभारी ने बताया इस मामले में 15 दिसंबर तक अदालत में आरोप-पत्र पेश करने का लक्ष्य तय किया गया है पुलिस त्वरित कार्रवाई में लगी हुई है। वहीं चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया पुलिस ने उनको अभी तक आरोपी स्टूडेंट्स की सूची नहीं सौंपी है सूची मिलते ही हम संबंधित स्टूडेंट्स के खिलाफ अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे रैगिंग का मामला सामने आने के बाद चिकित्सा महाविद्यालय के डीन ने दावा किया था कि यह घटना कॉलेज और उसके छात्रावास के परिसरों के बाहर की है।
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प्रशासनिक लापरवाही को भुगत रहे ग्रामीण ग्रामीणों ने दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी ,कटनी के बड़वारा ईलाके में रहने वाले तकरीबन 9 गांव के आदिवासी सरकारी नियम कायदों का शिकार हो रहे हैं मुख्य मार्ग तक पहुंचने वाली सड़क पर रेल्वे लाईन का काम शुरू कर दिया गया है जिसको लेकर ग्रामीणों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है रास्ता बंद होने के चलते नाराज ग्रामीणों ने जल्द वैकल्पिक व्यवस्था की मांग को लेकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है बड़वारा विकास खण्ड के ठुठिया सलैया गांव के लोगों का जीना मुहाल हो गया है दरअसल ठुठिया से सलैया मुख्य मार्ग तक पहुंचने वाली सड़क पर रेल्वे लाईन का काम शुरू कर दिया गया है जिससे मुख्य मार्ग तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया है अब ग्रामीणों को सलैया मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए 2 किलो मीटर की जगह 10 किलो मीटर का रास्ता तय कतना पड़ता है स्थानीय लोगों के मुताबिक ठुठिया के अलावा अमराडांड़, कोडो, कछारी, झांपी, कारीबराह और धीरपुर गांव का भी रास्ता बंद हो जाने के कारण प्रभावित हुए हैं कायदे से रेलवे को सड़क बंद करने के पहले या तो वहां रेल्वे फ़ाटक का इंतजाम करना चाहिए था या फ़िर पुलिया का निर्माण करना था ताकि ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा का सामना ना करना पड़े बच्चे जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाने को मजबूर है लोगों के मुताबिक अब यह इलाका मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हो गया है ना तो इस इलाके में एंबुलेंस आ पाती है और ना हीं आपात सुविधाएं पहुंच सकती हैं ग्रामीणों का कहना है कि हालात इतने बदतर हैं कि लोग बीमार होने के बाद अस्पताल तक पहुंचने के लिए परेशान हो रहे हैं लेकिन प्रशासन से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है लोगों का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लेकर रेलवे के महाप्रबंधक तक अपनी परेशानी सुनाई है लेकिन आज तक उन्हें किसी प्रकार की मदद हासिल नहीं हुई है हालात ऐसे बदतर हैं कि लोगों से लेकर स्कूली बच्चे रोज जान जोखिम में डाल कर रेलवे लाईन पार करते हैं जिसके चलते किसी भी दिन बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है वहीं स्थानीय लोगों ने तय कर लिया है कि अगर जल्द हीं उन्हें राहत नहीं पहुंचाई गई या फिर वैकल्पिक मार्ग नहीं दिया गया तो ये लोग रेल की पटरियों पर बैठ कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे वहीं बड़वारा कांग्रेस विधायक विजय राघवेंद्र सिंह ने ग्रामीणों की समस्या का निदान कराने के लिए संबंधित डीआरएम को पत्र लिखने की बात कही है बड़वारा तहसीलदार भी वैकल्पिक रास्ता निकालने की बात कह रहे हैं।
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उड़ा ले गया दुल्हन का सामान शादियों का सीजन चल रहा है ' ऐसे में चोर भी सक्रिय हो गए हैं। शादी के सीजन में लोगों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि चोरों का टारगेट शादियां ही होती है। अभी हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक बार फिर शादी समारोह से चोरों ने मेहनमान बनकर एंट्री ली फिर दुल्हन के साथ फोटो भी खिंचवाई और उसका पर्स लेकर फरार हो गए। चोरों ने बाकायदा मेहमान बनकर हाथ साफ किया और इसकी भनक किसी को नहीं लगी। जब दुल्हन का पर्स नहीं मिला तो अफरातफरी मच गई। सभी पर्स ढूंढ़ने में लग गए लेकिन किसी को नहीं मिला। पुरे मामले को समझिये ग्वालियर क्षेत्र में स्थित मैरिज गार्डन की है। यहां दुल्हन के परिवार वालों ने पुलिस थाने में पहुंच कर शिकायत दर्ज करवाई है। जानकारी के मुताबिक, बहोड़ापुर स्थित हरिहर नगर निवासी सूरज अकाउंटेंट हैं, वह निजी फर्म में काम करते हैं। बीते दिन लधेड़ी इलाके में स्थित गणेशी मैरिज गार्डन से उनकी शादी थी। जब ये सूरज और उनकी पत्नी स्टेज पर थी और वरमाला का कार्यक्रम होने वाला था उसके बाद रिश्तेदारों ने दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाना शुरू किया। ऐसे में एक चोर मेहमान बन कर आया और स्टेज के बगल में रखी कुर्सी पर रखा दुल्हन का बैग उड़ा ले गया। बताया गया है कि पर्स में दस हजार रुपए, नाक की सोने की नथ, मोबाइल व कुछ अन्य गहने थे। जब दुल्हन का पर्स नहीं मिला तो लोगों ने पर्स ढूंढना शुरू किया नहीं मिलने पर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। ऐसे में ग्वालियर थाना प्रभारी दीपक यादव द्वारा बताया गया है कि मैरिज गार्डन में लगे सीसीटीवी कैमरे और वीडियो रिकार्डिंग चेक करने पर चोर नजर आ गया है। वह मेहमान बन कर पूरे गार्डन में घूमता रहा और फोटो खींचने के बहाने पर्स उड़ा ले गया। अब चोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। रिपोर्ट- पल्लवी परिहार
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एक दर्जन यात्री घायल 7 की हालत गंभीर सिंगरौली में एक हादसा हो गया जहां एक तेज़ रफ़्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई हादसे में करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए 7 लोगों की हालत गंभीर है सभी घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है सतना से बैढ़न आने वाली बस तेज़ रफ़्तार के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई बस विजय ट्रेवल्स की बताई जा रही है जो यात्रियों को बैढ़न सिंगरौली लेकर जा रही थी जो बरगवां थाना क्षेत्र के पास पलट गई इस हादसे में लगभग 12 यात्री घायल है और 7 की हालत नाज़ुक है जिन्हे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां उनका इलाज जारी है हादसे की खबर लगते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची बताया जा रहा है कि नेशनल हाईवे सड़क न होने की वजह से आए दिन ऐसे हादसे होते हैं। रिपोर्टर -संतोष दिवेदी
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दिल को लुभा देने वाला डांस गवान किसी से कुछ छीन लेता है, तो उसे कुछ खास भी जरूर देता है. हम बात कर रहे है रतलाम की एक ऐसी बालिका की जो अपने हुनर से अपनी कमजोरी को मात दे रही है. हम बात कर रहे है जन चेतना बधिर एवं मंदबुद्धि माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली दीक्षिका गोस्वामी की. 12 साल की दीक्षिका कक्षा 5वी में पढ़ती है. जो बोल व सुन नहीं सकती है और केवल एक ही पैर से चलती है लेकिन गाने और ढोल की थाप पर जबरदस्त डांस करती है जन्म से ही उसके शरीर में कई कमियां हैं, लेकिन वह खुद को किसी से कमजोर नहीं समझती दीक्षिका के डांस को देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ जाता है. दीक्षिका जब डांस करती है तब कोई भी यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि वह शरीर से निःशक्त है अपने हुनर से दीक्षिका अब सशक्त है। दीक्षिका की मां ममता रतलाम के डोसिगांव में रहती है, जिनकी शादी मंदसौर के विवेकगिरी गोस्वामी से हुई है दीक्षिका का जन्म मंदसौर में हुआ, जन्म के समय उसका एक पैर विकसित नहीं हुआ था. 4 महीने बाद आवाज लगाने पर कोई हलचल ना होने पर जब डॉक्टर को बताया तो मालूम हुआ कि वह सुन और बोल भी नही सकती. मंदसौर में दीक्षिका की पढ़ाई के लिए दिव्यांग स्कूल की व्यवस्था नहीं होने से उसके पिता ने उसे रतलाम अपने नाना के यहां छोड़ दिया. जिससे दीक्षिका को बेहतर शिक्षा मिल सके. दीक्षिका के मामा दशरथ गिरी बताते है कि वह 4 वर्ष की थी जब से हमारे पास है. दीक्षिका जब डांस करती है तो उसे हर कोई देख कर हैरान रह जाता है. दीक्षिका को आगे अच्छा बड़ा मंच मिलने की उम्मीद उसके परिवार के लोग करते है। दीक्षिका की शिक्षिका उषा तिवारी के मुताबिक जब छोटी उम्र में दीक्षिका उनके पास आई, तब उसमें हिचक थी. धीरे – धीरे वह सब के साथ घुल मिल गई. जब दीक्षिका ने टीवी देखना शुरू किया तो उसने टीवी में इशारों से डांस स्टेप सीखना शुरू किया. जब मैने उसे डांस करते देखा तो उससे इशारों में पूछा कि क्या उसे डांस पसंद है, तो उसने हामी भरी. हमने स्कूल में एक कार्यक्रम में उसे पार्टिसिपेट करवाया, तब हम घबराये भी थे कि कहीं वह गिर ना जाये. लेकिन दीक्षिका ने अपने डांस से सभी को हैरत में डाल दिया. उसके लिए यह गॉड गिफ्ट है कि वह केवल इशारों में सिख कर हूबहू एक्सप्रेशन व स्टेप्स कर लेती है. जबकि उसे गाना सुनाई भी नहीं देता है. दीक्षिका बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है. उसका सपना है कि वह सभी का इलाज करे। रिपोर्ट- सत्यम शर्मा
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पीड़ित छात्रा का अस्पताल में चल रहा है इलाज टीकमगढ़ में मनचलों की छेड़ छाड़ से परेशान नाबालिक छात्रा डिप्रेशन में चली गई डिप्रेशन के चलते छात्रा का अस्पताल में इलाज चल रहा है परिजनों का आरोप है कि कुछ मुस्लिम लड़के कोचिंग से घर आने पर लड़की का पीछा करते थे और उसको परेशान करते थे जिसके चलते वह डिप्रेशन में चली गई मामला टीकमगढ़ मोटे मोहल्ला का है जहां करीब 6 महीने से कुछ लड़के एक नाबालिग छात्रा को परेशान कर रहे थे बच्ची परेशान होकर डिप्रेशन में चली गई बच्ची को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज जारी है बच्ची के परिजनों का आरोप है कि कुछ बच्ची कोचिंग से घर लौट रही थी तभी सोहेल खान , नोमान खान और मुन्ना के साथ इ अन्य ने बच्ची का पीछा किया जिससे वह बुरी तरीके से डर गई और वह डिप्रेशन में चली गई जिसके चलते उसकी हालत खराब हुई वहीं पुलिस ने मामला जांच शुरू कर दी है कोतवाली थाना प्रभारी मनीष कुमार ने आरोपियों पर जल्द कार्रवाई की बात कही है।
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फसल बीमा योजना के प्रचार के लिए रथ रवाना पटेल :किसान भाई अपनी फसलों का कराएं बीमा,कृषि मंत्री कमल पटेल ने भोपाल से फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिये तैयार किये गये रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया उन्होंने किसानों से फसल बीमा योजना में अपनी फसलों का बीमा कराने की अपील की किसानों को सुविधा का लाभ देने के लिए कमल पटेल ने फसल अधिसूचित रकबे को 100 हेक्टेयर से घटाकर 50 हेक्टेयर कर दिया है किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने किसानों से फसल बीमा योजना में फसलों का बीमा कराने की अपील की है मंत्री पटेल ने बताया कि दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है किसान भाईयों को सुविधा प्रदान करते हुए फसल अधिसूचित रकबे को 100 हेक्टेयर से घटाकर 50 हेक्टेयर कर दिया गया है फसल बीमा योजना के प्रचार के लिये प्रदेश में 54 प्रचार रथ रवाना किये गये हैं रथों द्वारा जिलों की प्रत्येक तहसील और ग्राम पंचायतों में फसल बीमा योजना का प्रचार किया जाएगा किसानों को किसान पाठशाला और संगोष्ठी आयोजित कर बीमा प्रक्रिया एवं दावा राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी प्रदान की जायेगी।
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मध्यप्रदेश में ठण्ड बढ़ेगी दिन में भी बढ़ेगी सर्दी, 5 दिसंबर से बढ़ेगी ठण्ड मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इंदौर-भोपाल के मुकाबले जबलपुर और ग्वालियर में ठंड का असर ज्यादा रहेगा।भोपाल में दिसंबर की शुरुआत में ही सर्दी का असर ज्यादा देखने मिला और 2 दिसंबर को दिन में भी ठंड का एहसास हुआ। रात में और सुबह पारे में खासी गिरावट दर्ज की गई, इसके चलते लोगो को ज्यादा सर्दी महसूस हुई शनिवार और रविवार को मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 5 दिसंबर के बाद उत्तर से आने वाली हवाओं का स्ट्रांग विंड सिस्टम बनने की संभावना है। इसके बाद ठंड बढ़ जाएगी। इन दिनों नौगांव और पचमढ़ी में ठंड ज्यादा है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 7 डिग्री के आसपास चल रहा है। वहीं, नौगांव में तापमान 6 डिग्री के करीब है। इसके अलावा खजुराहो, उमरिया, मालंकखंज, गुना, ग्वालियर, खंडवा, रायसेन, राजगढ़ समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री के नीचे चल रहा है। पांच दिसंबर के बाद अन्य शहरों के तापमान में भी खासी गिरावट होगी।
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जान बचाकर भागे कर्मचारी, वीडियो वायरल सतना में एक युवक ने शराब की दुकान में गोलीबारी शुरू कर दी गोलीबारी के बाद दुकान कर्मचारी भागते नजर आये फायरिंग की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है सतना के कोलगवां बाबूपुर चौकी अंतर्गत शराब दुकान में देर रात गोली चली एक युवक बाइक से शराब दुकान पहुंचा और काउंटर में बैठे कर्मचारियों को निशाना बनाकर एक एक कर दो फायर कर दिए हालांकि कि गोली किसी कर्मचारी को नहीं लगी सभी कर्मचारी जान बचाकर भाग निकले घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है मामला बाबूपुर में खुली लाइसेंसी शराब दुकान का है आरोपी की पहचान पतौरा गांव निवासी सागर सिंह के रूप में हुई है बताया जा रहा है कि दोपहर को सागर सिंह शराब दुकान पहुंचा था और कीमत को लेकर कर्मचारियों से बहस हुई थी रात में सागर दुकान पहुंचा और बाइक से उतरकर बंदूक से शराब दुकान पर दो फायर किये करीब दस मिनट तक आरोपी दुकान के आसपास रहा शराब के नशे में आरोपी झूमता दिखा दुकान से कुछ ही दूरी पर बाबूपुर चौकी थी, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची और आरोपी फरार हो गया पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
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जान बचाकर भागे कर्मचारी, वीडियो वायरल सतना में एक युवक ने शराब की दुकान में गोलीबारी शुरू कर दी गोलीबारी के बाद दुकान कर्मचारी भागते नजर आये फायरिंग की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है सतना के कोलगवां बाबूपुर चौकी अंतर्गत शराब दुकान में देर रात गोली चली एक युवक बाइक से शराब दुकान पहुंचा और काउंटर में बैठे कर्मचारियों को निशाना बनाकर एक एक कर दो फायर कर दिए हालांकि कि गोली किसी कर्मचारी को नहीं लगी सभी कर्मचारी जान बचाकर भाग निकले घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है मामला बाबूपुर में खुली लाइसेंसी शराब दुकान का है आरोपी की पहचान पतौरा गांव निवासी सागर सिंह के रूप में हुई है बताया जा रहा है कि दोपहर को सागर सिंह शराब दुकान पहुंचा था और कीमत को लेकर कर्मचारियों से बहस हुई थी रात में सागर दुकान पहुंचा और बाइक से उतरकर बंदूक से शराब दुकान पर दो फायर किये करीब दस मिनट तक आरोपी दुकान के आसपास रहा शराब के नशे में आरोपी झूमता दिखा दुकान से कुछ ही दूरी पर बाबूपुर चौकी थी, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची और आरोपी फरार हो गया पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
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महिला अफसर ने बड़ा हाथ मारने कराई पोस्टिंग सीएम से भ्रष्ट महिला अफसर के बर्खास्तगी की मांग मध्यप्रदेश की करप्शन क्वीन" नाम से कुख्यात महिला अधिकारी का 9 लाख की रिश्वत का ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है इस महिला अफसर का संबंध आयुष्मान योजना से बताया जा रहा है मामला हरदा का है वहीं अब सीएम से महिला के बर्खास्त करने की मांग उठने लगी है। मध्य प्रदेश की "करप्शन क्वीन" का रिश्वत के लिए वीडियो वायरल हो रहा है करप्शन क़्वीन से मशहूर इस महिला अफसर का 9 लाख की रिश्वत का ऑडियो सामने आया है महिला अफसर का संबंध आयुष्मान योजना से बताया जा रहा है इस महिला अफसर ने रिश्वत में बड़ा हाथ मारने अपनी पोस्टिंग बड़े जिले में कराई है लेकिन जिले के कलेक्टर के पास पहले ही इनका काला चिठ्ठा पहुंच गया कलेक्टर ने फिलहाल मेडम को लूप लाईन बैठा रखा है लेकिन इनकी हरकतें कम होने का नाम नही ले रही ये वीडियो हरदा का है महिला आयुष्मान की नोडल अधिकारी है।
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महापौर मिश्रा का विधायक राजेंद्र शुक्ल ,बीजेपी पर निशाना रीवा महापौर अजय मिश्रा ने नगर निगम में अपने चार माह के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई मिश्रा ने कहा कि मुख्य समस्या मीठे पानी की थी जिसका डीपीआर बनवाकर 199 करोड़ की अमृत योजना के प्रस्ताव को तकनीकी समिति के लिए भेजा गया वहीं इस दौरान मिश्रा ने रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला को भी निशाने पर लिया। रीवा महापौर अजय मिश्रा ने सड़क निर्माण, नाली सीवरेज के साथ अन्य उपलब्धियां गिनाई उन्होंने कहा विगत 20 वर्षों में 150 करोड़ से अधिक का पैसा पीने के पानी में खर्च हुआ और रीवा के लोगों को आज भी दिन में दो वक्त कुछ वार्ड में ही 30 मिनट बमुश्किल पानी मिल पाता है महापौर ने कहा एकल खिड़की का संचालन के साथ-साथ 4 महीनों में जो निविदाएं की गई उतनी निविदाएं भाजपा शासनकाल के 23 वर्ष में नही निकाली इस दौरान महापौर ने रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के साथ भाजपा के पूर्व महापौर पर भी जमकर निशाना साधा उन्होंने भूमि पूजन के नाम पर की जा रही फिजूलखर्ची पर भी तंज कसा। रिपोर्ट- सुमित गिरी
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2 से 4 दिसंबर तक चलेगी चैंपियनशिप सिंगरौली में मध्य प्रदेश की 24वीं यूथ महिला पुरुष वॉलीबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है जिसे जिला वॉलीबॉल एसोसिएशन सिंगरौली द्वारा NCL स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है यह चैंपियनशिप 2 से 4 दिसंबर तक चलेगी। 2 से 4 दिसंबर तक सिंगरौली में वॉलीबॉल चैम्पियनशिप का आयोजन किया जायेगा प्रदेश से कुल 13 जोन बनाये गये है जिसमें 13 गर्ल और 13 ब्वायज की टीमें भाग लेंगी प्रतियोगिता का आगाज 2 दिसंबर को होगा प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की टीम का चयन किया जायेगा जो नेशनल में भाग लेगी जी पन्ना में आयोजित की जाएगी जिसमें भारत की सभी 21 टीमें भाग लेंगी आयोजन समिति के अध्यक्ष बद्रीनारायण वैश्य और आयोजन सचिव राजेंद्र वैश्य ने प्रतियोगिता को सफल बनाने का सभी से आग्रह किया है। रिपोर्ट- सनतोष द्विवेदी
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नियमों का उल्लंघन करने पर होगी जांच एक्ट्रेस रवीना टंडन के जंगल सफारी पर बवाल हो गया है जंगल सफ़ारी के दौरान अभिनेत्री के टाइगर के बिल्कुल नजदीक जाकर फोटो खींचने और वीडियो बनाने से विवाद खड़ा हो गया है वहीं नियमों का उल्लंघन करने पर अभिनेत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए है। अभिनेत्री रवीना टंडन इन दिनों अपनी फिल्म की शूटिंग के चलते मध्यप्रदेश में हैं इस दौरान वे नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व पहुंची और इस दौरान उनके बाघ के करीब से फोटोशूट करने पर विवाद खड़ा हो गया है वहीं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने रवीना टंडन के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं प्रबंधन का कहना है कि टाइगर के वीडियो शूट में नियमों की अनदेखी हुई है रवीना ने खुद 25 नवंबर को जंगल सफारी का एक वीडियो ट्वीट किया था वीडियो में जिप्सी टाइगर के काफी करीब थी और बाघ दहाड़ते हुए आगे बढ़ा था इससे उनकी जान को खतरा भी हो सकता था। रिपोर्ट - आशुतोष सराठे
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मध्य प्रदेश के रीवा में एक बार फिर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल, यहां मेडिकल दुकान संचालक के साथ 36 लाख रुपए की ठगी हो गई। बता दें जिले का रतहरा निवासी कोलकाता के जालसाज के मिलकर इ घटना को अंजाम दे रहा था। बताया जा रहा है कि, युवक मेडिकल संचालक का दोस्त था इसलिए उसने आसानी से युवक को अपने झांसे में ले लिया। जिसके बाद उससे रविवार को दूसरी किस्त डेढ़ करोड़ रुपए लेने आए लेकिन ऐन मौके पर दोनों जालसाजों का झूठ पकड़ा गया। मिली जानकारी के अनुसार, संचालक ने इस बारे में अपने CA और दोस्तों को बताई थी। जिसके बाद पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तब उन्होंने इसकी शिकायत अमहिया पुलिस में दर्ज कराई गई। तब पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। अमहिया थाना प्रभारी उपनिरीक्षक दीपक तिवारी ने बताया कि मेडिकल संचालक तुषार ताम्रकार को इथेनॉल प्लांट लगाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी। दोनों ने संचालक को अपने झांसा देकर 36 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे और एक बार फिर सौ करोड़ के प्लांट में वर्ल्ड बैंक से सब्सिडी दिलाने के नाम पर 5 प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे। वहीं, घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जिला न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी सहित कांग्रेसी पीछे दौड़े, ग्वालियर के रजत पाराशर की है बुलेट राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इंदौर पहुंची जहां राहुल गांधी की यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है दूर दूर से लोग राहुल गांधी से मिलने आ रहे हैं इस बीच राहुल नए अंदाज में दिखे यात्रा में उन्होंने बुलेट दौड़ा दी और उनके पीछे कांग्रेसी कार्यकर्ता दौड़ पड़े। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गाँधी के पीछे उस समय पूरी कांग्रेस दौड़ पड़ी जब उन्होंने बुलेट की सवारी करते हुए बुलेट दौड़ा दी ये बुलेट है ग्वालियर के रजत पाराशर की है रजत पेशे से इंजीनियर हैं वे चार दिन पहले इस यात्रा से जुड़े हैं इसके लिए उन्होंने ग्वालियर से बुरहानपुर तक का सफर 21 घंटे में बुलेट से तय किया था उनके साथ उनका डॉग 'माउल' भी है राहुल गांधी की यात्रा में वो भी पिछले पांच दिन से बुलेट पर रजत के साथ पीछे बैठकर चल रहा है इंदौर में जब वे राहुल गांधी से मिले तो उन्होंने बुलेट ऑफर की राहुल ने भी बात मान ली उन्होंने राऊ में यह बुलेट दौड़ाई तो उनके पीछे सभी लोग दौड़ते नजर आए कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी राहुल गांधी के पीछे दौड़ लगा दी है। रिपोर्ट- संतोष धनगड
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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में रैड कार्पेट बिछाने को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि वो रेड कारपेट कल्चर के ही हैं पदयात्रा तो केवल दिखावा है। हकीकत में कल्चर तो उनका रेड कारपेट कल्चर ही है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को गांधी परिवार ने किस प्रकार से अपमानित किया और किस प्रकार से उनको इस देश के अंदर रोकने का प्रयास किया गया यह पूरा देश जानता है। राहुल गांधी बाबा साहब की जन्मस्थली पहुंचकर केवल दिखावा कर रहे हैं। बाबा साहब अंबेडकर के महू के अंदर उस भूमि पर आप गए। जो भूमि त्याग बलिदान और तपस्या की भूमि है। जिस भूमि के अंदर अपना जीवन समर्पित करके इस भारत के संविधान का निर्माण करने वाले बाबा साहब, एक गरीब से गरीब परिवार का व्यक्ति और राहुल गांधी जी आपके मन के अंदर तो कॉर्पोरेट कल्चर है। भोपाल में धर्मांतरण के मामले पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा बोले ने कहा कि धर्मांतरण के मामले आज भोपाल में भी एक निकल कर आया है। उस घटना पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सरकार हमारी करेगी। जबलपुर के अंदर जो बिशप जिनको पकड़ा गया। वहीं दमोह के अंदर भी कई प्रकार की घटनाएं हो रही है। बैतूल में भी इस प्रकार की घटना करने का लोगों ने प्रयास किया। ऐसे लोग मध्य प्रदेश के अंदर अब नहीं बचेंगे कोई भी धर्मांतरण कि अगर इस प्रकार की गतिविधि चलाने का कोई प्रयास करेगा तो उनको जेल भेजा जाएगा।
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युवकों ने नशे की हालत में दी भद्दी गलियां भोपाल में दो युवकों ने डायल 100 की टीम के साथ मारपीट की बताया जा रहा है कि दोनों युवक नशे की हालत में थे फ़िलहाल दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। लोगों के बीच पुलिस का डर तो ख़त्म हो ही गया है लेकिन अब शायद लोग पुलिस पर हाथ उठाने से भी नहीं डरते मामला राजधानी के हनुमानगंज का है में नशे की हालत में दो युवकों के बीच मारपीट हुई जिसे शांत कराने के लिए डायल 100 की टीम और एक पुलिस कर्मी पहुंचे तो दोनों युवकों ने डायल 100 की टीम से छीना झपटी की यही नहीं युवकों ने एक पुलिसकर्मी पर भी हाथ उठाया और नशे की हालत में भद्दी गालियां भी दी।
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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहने वाले किरण महाजन ने नौकरी नहीं मिलने पर उन्होंने टिश्यू कल्चर तकनीक से केले का पौधा तैयार करना शुरू किया. अच्छी क्वालिटी के पौधों को किसानों तक पहुंचाकर वे आज इस बिजनेस से लाखों में कमाई कर रहे हैं. इस बिजनेस को चुनने के पीछे उनकी दूरगामी सोच छिपी हुई है किरण ऐसे इलाके से हैं, जहां केले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस तकनीक की सफलता को देखते हुए टिश्यू कल्चर से पौधे तैयार करने में कई कंपनियां जुट गईं, लेकिन डिमांड इतनी थी कि उनको पूरा करना असंभव था. इसी अवसर को किरण महाजन ने भुना लिया. उन्होंने इस क्षेत्र में छुपी हुई संभावनाओं को समझा और शुरू टिश्यू कल्चर से पौधा विकसित करना शुरू कर दिया। टिशू कल्चर से तैयार पौधे खेतों में रोपाई के महज 9 से 10 महीने के बाद ही फल देने लगते हैं. इतना ही नहीं, इन केला के फल बीज रहित, आकार में बड़े और काफी मीठे होते हैं. साथ ही टिश्यू कल्चर से तैयार पौधों का उत्पादन भी अन्य किस्मों की तुलना में अधिक होता है। किरण ने अपने एरिया में टिशू कल्चर लैब बनाने के लिए पुणे और बेंगलुरु जाकर लैब और टिश्यू कल्चर से पौधे तैयार करने की तकनीक के बारे में गहन अध्ययन किया. फिर उन्होंने एक छोटा सा टिश्यू कल्चर लैब बनाया.एक पौधे को तैयार करने में उन्हें 8 से 9 रुपए का खर्च आता है वे 12 से 13 रुपए के हिसाब से बेचती हैं इस तरह 10 से 12 लाख पौधे बेचकर उनको सालाना 25 से 30 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा होता है। रिपोर्ट- सुमित गिरी
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शादी के 18 साल बाद पति ने पत्नी को ट्रिपल तलाक दे दिया. पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है. मामला मध्यप्रदेश के इंदौर का है। दरअसल, इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने अपने पति के ऊपर तीन तलाक की धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया है. पीड़िता ने इस दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. पीड़िता के मुताबिक़ वह अपने पति और सास-ससुर की शिकायत लेकर चंदन नगर थाने पर तकरीबन 15 दिन पहले गई थी, लेकिन 15 दिन में पुलिस लगातार जांच पड़ताल की बात कह कर शिकायत को दर्ज नहीं कर रही थी। इसके बाद पीड़िता ने पूरे मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर कर दी उसके बाद थाना प्रभारी ने उसे थाने पर बुलाकर पहले समझाइश दी और सीएम हेल्पलाइन के निराकरण की बात कही, लेकिन पीड़िता ने थाना प्रभारी को यह कहा कि पूरे मामले में जब तक तीन तलाक की धाराओं में प्रकरण दर्ज नहीं होता, तब तक सीएम हेल्पलाइन की शिकायत का निराकरण नहीं करेगी, उसके बाद इस पूरे मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने पति पर तीन तलाक की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। पीड़िता का वर्ष 2004 में आशिक से निकाह हुआ था वह कुछ समय तो ठीक रहा, लेकिन पीड़िता का आरोप है की उसके अन्य युवतियों से भी संबंध थे, इस कारण से उसके पिता भी परेशान रहते थे कुछ समय पूर्व एक आत्महत्या के मामले में पुलिस ने उसे दोषी पाया था, जिस पर से उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, वह लम्बे समय जेल रहा था, जेल से जमानत पर बाहर आकर दोनों काफी दिनों तक अलग-अलग रहे. कुछ समय पहले वह पीड़िता के पास गया और तलाक की बात कही. लेकिन, पीड़िता ने अपने 13 वर्षीय बच्चे के होने के कारण तलाक न देने का हवाला दिया इस पर से दोनों के बीच अनबन हो गई. वहीं, आरोपी ने मौखिक तौर पर तीन बार तलाक कह कर उसे दूर रहने की हिदायत दे दी। इसकी शिकायत पीड़िता ने पुलिस से की, लेकिन पुलिस इस आधार पर तीन तलाक का प्रकरण टालती रही कि दोनों पूर्व से ही अलग-अलग रहते है, लेकिन पीड़िता केस दर्ज करवाने पर ही अड़ी रही. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपी के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया है जांच अधिकारी राजवंश सिंह गौतम के मुताबिक़ पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और मामले में विस्तृत जाँच की जा रही है।
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मिश्रा : गद्दार कौन यह अब राहुल गांधी तय करें , सोनिया गांधी को आंखें दिखाने वाला या गहलोत को मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहने को लेकर कहा कि अब ये तो राहुल गाँधी को तय करना है की गद्दार कौन है उन्होंने कहा जिनके पिता राजेश पायलट पूरे जीवनभर कांग्रेस समर्पित रहे और खुद सचिन पायलट कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं उनको सार्वजनिक गद्दार कहना ठीक नहीं नरोत्तम मिश्रा ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहने को लेकर कहा की सचिन पायलट एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं वे कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं सचिन पायलट को सार्वजनिक गद्दार कहना ठीक नहीं मिश्रा ने कहा गद्दार कौन है ये तो राहुल गांधी को तय करना है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में गहलोत ने आलाकमान सोनिया गांधी को आँखे दिखाई कांग्रेस से किसने बगावत की अब गद्दार कौन है जिन्होंने सोनिया गांधी को ऑंखें दिखाई वो या जिसने अशोक गहलोत को आँखें दिखाई वो रिपोर्ट:सुनील व्यास
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शर्मा : पाकिस्तान जिंदाबाद नारे वाले मुख्य भूमिका में हैं, यह भारत जोड़ो नहीं भारत तोड़ने वालों के समर्थन की यात्रा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने राहुल गाँधी पर निशाना साधा है शर्मा ने कहा राहुल गांधी जो यात्रा कर रहे हैं उसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगना, ये इस बात का सबूत है कि यह वही राहुल गांधी हैं जो जेएनयू में दिल्ली में भारत माता के टुकड़े करने वाले लोगों के समर्थन में खड़े होते थे। राहुल गाँधी की यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे से वे बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा यह वही राहुल गांधी हैं जो जेएनयू में दिल्ली में भारत माता के टुकड़े करने वाले लोगों के समर्थन में खड़े होते थे मध्य प्रदेश के दिग्विजय सिंह मोहन चंद्र शर्मा की शहादत पर प्रश्न खड़ा करते थे और जब भारत के सैनिकों का सर कलम करने वाले पाकिस्तान पर सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है तब राहुल गांधी पूछते हैं, इसका प्रूफ क्या है यह सिद्ध करता है यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं यह भारत तोड़ने वाले लोगों का समर्थन करने वाली यात्रा है शर्मा ने कहा राहुल गांधी जी यह देश आपसे पूछना चाहता है आपकी यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे क्यों लग रहे हैं। रिपोर्ट:-अफ़जल
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इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत ग्वालियर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्कूली छात्रों ने अपने अपने आविष्कार प्रदर्शित किए हैं, जो भविष्य के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. आइए जानते हैं इन नन्हे बाल वैज्ञानिकों ने कैसे-कैसे आविष्कार किए हैं। ग्वालियर के एक स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र कनिष्क जैन ने कोरोना के दौरान रहे स्वास्थ्य संकट को देखकर एक सेहत की डोरी तैयार की है. इसका प्रयोग आप चलती ट्रेन में भी कर सकते हैं सेहत की डोरी गर्म पानी में डालते ही काढ़े का रूप ले लेती है इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है और इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कक्षा दसवीं की छात्रा मनु प्रजापति ने एक ऐसे चूल्हे का निर्माण किया है जिसके जरिए एक तरफ जहां भोजन तैयार होगा, तो वहीं दूसरी तरफ गर्म पानी भी निकलेगा। 11वीं की छात्रा भूमि ने एक ऐसा पैनल बनाया है, जो सेंसर युक्त है. यह किसी बिल्डिंग आदि स्थान पर आग लगते ही अपने आप एक्टिवेट हो जाएगा और बिल्डिंग में लगे अग्निशमन यंत्रों को भी एक्टिवेट कर देगा. इसके अलावा यह सेंसर अपने आप से ही उस क्षेत्र की बिजली को बंद कर देगा, ताकि आसपास करंट का खतरा ना रहे. वहीं, एक तेज ध्वनि यंत्र बजाकर लोगों को सूचित भी करेगा। यह एक ऐसा आविष्कार है जिसके जरिए आप बिना हाथों के भी अपने पैरों से कंप्यूटर को ऑपरेट कर सकते हैं. यह अविष्कार उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो अपने हाथों से काम करने में सक्षम नहीं है. कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा प्रांजली त्रिपाठी ने एक ऐसी चप्पल बनाई है, जिसमें माउस फिट है जिसके जरिए दिव्यांग अपने पैरों से भी कंप्यूटर हो चला सकते हैं।
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इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इंदौर को प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट से पहले संवारने की तैयारी है. एयरपोर्ट परिसर के कायाकल्प के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 5 करोड़ की राशि मंजूर की है. इन दोनों आयोजनों के पहले एयरपोर्ट पर कई सारे बदलाव किए जाने हैं। इंदौर में जनवरी महीने में दो बड़े कार्यक्रमों होने हैं. इस वजह से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस संबंध में पत्र लिखा था. मंत्री तुलसी सिलावट ने केंद्रीय मंत्री से एयरपोर्ट परिसर में किए जाने वाले विकास कार्यो के लिए राशि स्वीकृत करने की मांग की थी. इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। स्वीकृत की गई 5 करोड़ की राशि से एयरपोर्ट पर नए निकासी मार्ग बनाए जाएंगे. निकासी मार्ग पर नए गेट बनेंगे. आगंतुक हॉल और टॉयलेट के रखरखाव से जुड़े काम भी किए जाने हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के भीतर और बाहर पेंटिंग भी करवाई जानी है. ताकि एयरपोर्ट सुसज्जित हो सके. इसके लिए आकर्षक साज-सज्जा, सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। गेस्ट रूम के बाहर ग्रीनवॉल भी बनवायी जाएगी. नए निकासी द्वार के पास कार पार्किंग का निर्माण भी होगा. इसके संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पांच करोड़ की राशि मंजूर की है. इन सब विकास कार्यों के बाद इंदौर एयरपोर्ट की सूरत बदल जाएगी. यह सारे काम एक महीने में पूरे किए जाएंगे. एयरपोर्ट की बदली सूरत इन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाएगी.
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इंदौर में तेजाजी नगर क्षेत्र में आदिवासी होस्टल में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, इसलिए आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला। छात्रा की सहेलियों का कहना है कि वह पैरों में सूजन की परेशान थी। वह रात को अपनी सहेलियों से दवा लाने का बोल कर निकली थी। बाद में बाथरुम में जाकर फांसी लगा ली। तेजाजी नगर पुलिस के अनुसार शिवानी मूल रुप से धार जिले के पिपरी गांव की है और इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसकी उम्र 16 वर्ष थी। वह मोरोद के होस्टल में रह रही थी। रात को उनसे बाथरूम में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। होस्टल प्रबंधन को जब इसका पता चला तो कर्मचारियों ने उसे फंदे से निकाला और अस्पताल ले गए। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। होस्टल वार्डन ने शिवानी के परिजनों को इसकी जानकारी दी और वे भी इंदौर आ गए। शिवानी के पिता एक शिक्षक है और परिवार में एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। पुलिस के अनुसार शिवानी ने देर रात को फांसी लगाई, क्योकि रात दस बजे वह अपनी सहेलियों से मिली थी और दवा लेने का बोली थी। उसके बाद उनसे बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। सहेलियों ने पुलिस को बताया कि शिवानी पैरों की सूजन की बीमारी से परेशान थी, लेकिन कभी तनाव में नजर नहीं आई। पुलिस अन्य एंगल पर भी जांच कर रही है। पुलिस ने छात्रा को मोबाइल जब्त किया है और उसने आत्महत्या से पहले किन लोगों से बात की। इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। परिजनों ने बताया कि शिवानी पढ़ाई मेें होशियार थी, इसलिए उसे पढ़ने इंदौर में भेजा था। रिपोर्टर- शैफाली गुप्ता
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बेघर गरीब को रहने के लिए दिलवाई जगह रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के बाद कई गरीब सड़कों पर आ गये जिनके मकान हटाए गए थे वे सभी लोग सड़क पर रहने के लिए मजबूर हो गए जिनकी मदद के लिए भाजपा युवा नेता सौरभ बावरिया ने हाथ बढ़ाया। कुछ दिनों पहले परासिया ख़िरसाडोह में रेलवे की ज़मीन पर किये गए अतिक्रमण को हटाया गया था जिसके बाद वहां रह रहे लोग बेसहारा हो गए और सड़क पर जिंदगी गुजारने को मजबूर हो गए इनकी मदद के लिए कोई जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया पर भाजपा युवा नेता सौरभ बावरिया ने तत्परता दिखाते हुए प्रशासन की मदद से ख़िरसाडोह पंचायत में मंगल भवन खुलवाकर बेघर गरीबों को रहने के लिए जगह दिलवाई और प्रशासन की मदद से पट्टा दिलाकर प्रधानमंत्री आवास दिलाने की बात भी कही। सवांददाता-धीरेंद्र सिंह
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कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी कल यानि 23 नवंबर को MP के बुरहानपुर में आएंगे। इस दौरान वो गांव बोदरली आएंगे, जहां से भारत जोड़ो यात्रा निकाली जानी है लेकिन उससे पहले ही पोस्टर वार चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, बुरहानपुर में राष्ट्रीय अर्चना के नाम से सावरकर के होर्डिंग चर्चा का विषय बन हुए है। जिसमें सावरकर को लेकर स्लोगन लिखे हुए है। वहीं, कांग्रेस नेता पर कटाक्ष करते हुए होर्डिंग ने राजनीतिक पारा गर्मा दिया है। इस पोस्टर में लिखा है- सावरकर माने तेज, सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्थ, सावरकर माने तारुण्य, सावरकर माने तीर, सावरकर माने तलवार, राहुल माने….? जिसके नीचे राष्ट्र अर्चना लिखा हुआ है। अब यह पोस्टर पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। बता दे 41 साल पहले 1980 में इंदिरा गांधी बुरहानपुर आई थी। वो यहां लोकसभा चुनाव के दौरान तीन दिवसीय दौरे पर आई थी। तो वहीं परिवार की चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी 23 नवंबर को करोली, बोदरली ग्राम से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करेंगे। जिसके लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं उनके आगमन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। दरअसल,महाराष्ट्र में सावरकर पर राहुल गांधी के बयान ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। इस बयान के बाद सभी विपक्ष पार्टी राहुल गांधी पर निशाना साधने से एक भी मौका नहीं छोड़ रही। इसी बीच बुरहानपुर में लगाए इस पोस्टर ने इस विवाद को और हवा दे दी है।
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खेत में फांसी के फंदे पर लटका किसान किसान ने कर्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली किसान घर से खेत का कहकर निकला और उसने वहीं पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली बताया जा रहा है कि किसान पर क़र्ज़ था जिसके चलते वो परेशान रहता था फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। किसान दयाशंकर राजपूत कर्ज से परेशान थे कर्ज ना चुका पाने से परेशान होकर फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी मृतक के भाई का कहना है कि दयाशंकर की पिछली फसल पानी की वजह से खराब हो गई थी इसलिये उसने पानी के दो बोर खुदवाये थे लेकिन उसमे पानी नही निकला जिससे वह परेशान हो गया बीते दिन वह खेत के लिये निकला था वही पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली मामला छतरपुर के बेरदी गांव का है बताया जा रहा है मृतक किसान पर साहूकार का तीन लाख से ज्यादा का कर्ज था उसे पीएम किसान निधि के रुपये भी नहीं मिले थे और न खराब फसल का बीमा मुआवजा मिला पुलिस मामले की जाँच कर रही है। रिपोर्टर- दीपेंद्र गुप्ता
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प्रशासन ने कार्यवाही कर तोड़े 56 आशियाने माकन और दुकाने बनाकर लोगो ने लम्बे आरसे से रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था जिस पर प्रशासन में कार्यवाही करते हुए 56 मकानों का कब्ज़ा हटाया और जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया अतिक्रमण कार्यवाही के वक्त सुरक्षा के मद्दे नजर पुलिस प्रशासन व् रेलवे के कई बडे अधिकारी मौजूद रहे। कई वर्षों से रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर कब्ज़ा जमाये लोगो पर प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 56 मकानों को ध्वस्त कर दिया लोग रेलवे की ज़मीन पर घर बना कर रह रहे थे दुकानें भी बनाई हुई थी रेलवे की यह जमीन परासिया छिंदवाड़ा मार्ग पर है जहां पहले खिरसाडोह जंक्शन था ब्रॉड गेज होने के बाद कोयला लोड करने के लिए यहां साइडिंग बना दी गई स्टेशन के सामने पीडब्ल्यूडी की रोड है जिसके सामने एक बड़े हिस्से में अतिक्रमण कर लोगों ने मकान और दुकानें बना ली थी रेलवे ने इसे हटाने के लिए लगातार नोटिस दिए थे रेलवे ने 77 मकान तोडने की सूची बनाई और बीते माह मकानों पर निशान लगाए गए थे अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे ने एक समय सीमा तय की थी जिसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए 56 मकान और दुकान तोड़ दिए हैं वर्षों से यहां रह रहे लोगों के आशियाने टूटने के बाद मातम पसर गया इस दौरान इंडियन रेलवे के सर्विस अधिकारी अभिषेक गुप्ता। पुलिस व प्रशासन समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। सवांददाता -धीरेंद्र सिंह
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280 अफसरों के खिलाफ जांच लंबित मध्यप्रदेश में सरकार क्या भ्रष्ट अफसरों पर मेहरबान है. ये सवाल इसलिए क्योंकि शासन लोकायुक्त (EOW) को भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी नहीं दे रहा. ऐसे करीब 280 अफसर हैं जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली है. लेकिन शासन की मंजूरी न मिलने के काऱण इनके खिलाफ चार्जशीट ही पेश नहीं हो पा रही. कई बार पत्राचार के बावजूद संबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति में आनाकानी कर रहे हैं. कुछ विभाग तो लोकायुक्त की चिट्ठी का जवाब तक नहीं दे रहे। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन को ऐसे 280 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का इंतजार है. इजाजत नहीं मिलने की वजह से भ्रष्टाचार के 15 केस 9 साल से लंबित हैं. सबसे ज्यादा नगरीय आवास और विकास विभाग के लगभग 31 मामले लंबित हैं. सामान्य प्रशासन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 29-29 मामले लंबित हैं. वहीं राजस्व विभाग के 25 और स्वास्थ विभाग के 17 मामले लंबित हैं. अभियोजन स्वीकृति समय पर नहीं मिलने के कारण चार्जशीट पेश करने में देर हो रही है. वैसे नियम के अनुसार अधिकतम 4 महीने में अभियोजन की स्वीकृति मिलनी चाहिए। आईएएस पवन जैन के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग( डीओपीटी) की सलाह के बाद शासन ईओडब्ल्यू को केस चलाने की मंजूरी देगा. सामान्य प्रशासन विभाग पत्र लिखकर डीओपीटी से इस मामले में सलाह लेगी. ईओडब्ल्यू ने इंदौर से जुड़े 7 साल पुराने मामले में चालान पेश करने के लिए शासन से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. डीओपीटी से अभियोजन की स्वीकृति के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी. तत्कालीन एसडीओ राजस्व पवन जैन पर रियल स्टेट के लोगों से सांठगांठ कर पर्यवेक्षण शुल्क जमा करने का आरोप है। इस बीच सिंचाई परियोजनाओं में 800 एकड़ के घोटाले का मामला भी चर्चा में आ गया है. इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दखल हुआ है. ईडी ने जो ईओडब्लू से एफ आई आर की कॉपी मांगी है. ईओडब्ल्यू ने इसी साल बिना काम 800 करोड़ एडवांस भुगतान के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी. ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफ आई आर की कॉपी मांगी है. एफ आई आर की कॉपी के आधार पर ब्लैक मनी के एंगल पर जांच होगी। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी भ्रष्टाचार तंत्र को संरक्षण दे रही है. ऊपर तक इनकी मिलीभगत है इसलिए भ्रष्ट अधिकारियों के मामले में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जा रही है. इससे स्पष्ट है कि सरकार भ्रष्टाचारियों का संरक्षण और उनका बचाव कर रही है. कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश बीजेपी संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा अभियोजन स्वीकृति देने की एक प्रक्रिया होती है. इसके लिए तमाम पैरामीटर होते हैं. बीजेपी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ समझौता नहीं करती है कार्रवाई लगातार जारी है किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का रोमांचित वीडियो जंगल का राजा शेर होता हैं वैसे ही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों का बर्चस्व हैं और जब पर्यटकों को बाघिन कुनबे के साथ दीदार करा दे तो जंगल सफ़ारी का मजा दोगुना हो जाता हैं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बाघिन और उसके दो शावक के आये दिन रोमांचित वीडियो सामने आते है शनिवार को भी पर्यटक जंगल सफारी करने पहुंचे तो बाघिन और उसके दो शावकों ने पर्यटकों का रास्ता रोक लिया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में शनिवार को बाघिन और उसका परिवार पर्यटकों की जिप्सी के आगे रस्ते में आराम फरमाता नजर आया इस नज़ारे को देख कर पर्यटक काफी रोमांचित नजर आये सभी पर्यटकों ने इस दृश्य का वीडियो कैमरे में कैद कर लिया उसी वक्त एक शावक टहलता हुआ पर्यटकों के पास पहुँच गया जिसे देख पर्यटक घबरा गए यह वीडियो एसटीआर प्रबंधन ने सोशल मिडिया पर शेयर किया है इन दिनों बाघिन और उसके दो व्यस्क शावक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उनके साथ प्रशिक्षित वाहन चालक और गाइड को भेजा जाता है। रिपोर्ट:आशुतोष सराठे
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7 लाख कीमत की 240 पेटी शराब जब्त दतिया में पुलिस ने अवैध शराब से भरी गाड़ी जब्त की है वाहन से 7 लाख कीमत की 240 पेटी अवैध शराब बरामद हुई है पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सिविल लाइन पुलिस ने चेकिंग के दौरान अवैध शराब से भरी पिकअप ज़ब्त की है वाहन से 7 लाख कीमत की 240 पेटी अवैध शराब बरामद की गई थाना प्रभारी धवल सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी जयप्रकाश कुशवाहा ग्राम रिछारी का रहने वाला है और बिना परमिट के शराब खपाने ले जा रहा था जिसे पुलिस ने पकड़ कर शराब जब्त कर ली आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पकड़ी गई शराब व वाहन की कीमत करीब 12 लाख रुपये आंकी गई बताया गया है जिस गाड़ी शराब खपाई जा रही थी वह गाड़ी पुलिस एस डी ओ पी कार्यालय में पदस्थ आरक्षक कमल किशोर तिजोरिया की पत्नी के नाम है। रिपोर्ट:मनोज गोस्वामी
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मैथली के मधुर भजनों और लोकगीतों से श्रोता सरोबार, भजन ,लोकगीतों की प्रस्तुति से श्रोता झूमते नजर आए रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के विश्वरंग कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका मैथली ठाकुर पहुंची युवा गायिका मैथिली ठाकुर के लोकगीतों ने लोगों का मन मोह लिया मैथली के मधुर भजनों और लोकगीतों से श्रोता सरोबार हो गए इस मौके पर मैथली ने कई गानों की प्रस्तुति दी रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के विश्वरंग कार्यक्रम में मैथली ठाकुर के लोकगीतों के गाये गानों ने श्रोताओं का मनमोह लिया मैथिली ठाकुर ने विश्वरंग में अपने गीतों से हजारों श्रोताओं को सराबोर किया एक के बाद एक भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति से श्रोता झूमते नजर आए मैथिली ने रागों का ऐसा समा बांधा कि विश्वरंग की शाम ऐतिहासिक बन गई विश्वरंग में देर रात तक मैथिली ठाकुर के लोकगीतों का रंग गूंजता रहा मैथली के गाए गीत छाप तिलक सब छीनी मो से नैना मिलाइके ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया इसके बाद मैथली ने उनकी नजरों ने कुछ ऐसा जादू किया तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी , मोहब्बत की राह में आकर तो देखो साथ कई गीत गए सत्यम शर्मा
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मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर अपने एक बयान के कारण संकट में पड़ गयी हैं. उन्होंने दुष्कर्मियों को चौराहे पर फांसी देने और शव को चील कौओं के खाने के लिए छोड़ देने का बयान दिया था. साथ ही मानवाधिकार आयोग के बारे में भी टिप्पणी की थी. इस पर आयोग ने आपत्ति ली है. आयोग ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है. मंत्री के बयान पर आयोग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अपराध बर्बरता पूर्ण हो सकता है, दंड नहीं। मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इंदौर के महू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर लटका कर फांसी दी जानी चाहिए. उन्हें ऐसे ही लटके हुए छोड़कर उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि शव को चील कौवे नोच कर खाएं. ऐसे दुष्कर्मियों के कोई मानव अधिकार नहीं होते हैं, यदि मानव अधिकार आयोग हस्तक्षेप करे तो उसकी कोई चिंता ना करें. इस बयान पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी ने संज्ञान लेकर मुख्य सचिव से 15 दिन में जवाब मांगा है। मनोहर ममतानी ने कहा प्रतिवेदन राज्य शासन किसी जिम्मेदार अधिकारी के जरिए ही दे. ताकि शासन की गंभीरता पर भी विचार किया जा सके. मानव अधिकार आयोग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अपराध बर्बरता पूर्ण हो सकता है दंड नहीं. आयोग ने यह भी कहा कि मंत्री स्तर के सम्मानजनक पद पर रहते हुए मंत्री उषा ठाकुर का बयान भारतीय संविधान की मूल भावना और मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए बने मानव अधिकार आयोग के लिए अनुचित और आपत्तिजनक है. जबकि मंत्री ने शपथ ली थी, उसमें स्पष्ट है कि वह विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची सत्य निष्ठा रखेंगी. सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि अनुसार न्याय करेंगी .
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खारगौन में डिंडौरी सिटी कोतवाली पुलिस ने लांज से एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक ने अपना धर्म छिपाते हुए किसी दूसरे के नाम पर लॉज में रूम बुक कराया था, जिसकी संदिग्ध गतिविधियों को देख लॉज प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दे दी. मामला बिगड़ता देख आरोपी युवक लॉज से फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया। एसपी संजय सिंह ने बताया कि आरोपी युवक का असली नाम तौफीक खान है, जो दिल्ली के शाहदरा इलाके का रहने वाला है. आरोपी तौफीक ने डिंडौरी जिला मुख्यालय स्थित लांज में खुद का नाम समीर श्रीवास्तव बताते हुए रूम बुक किया था, जिसके लिए उसने लॉज प्रबंधन को समीर श्रीवास्तव नामक व्यक्ति के आधार कार्ड की जीरोक्स कॉपी जमा की थी. आरोपी के पास से तौफीक एवं समीर श्रीवास्तव नाम के दो आधार कार्ड मिले हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस हर पहलुओं की जांच कर रही है। एसपी संजय सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया की आजकल धर्म छिपाकर विशेष धर्म के युवक युवतियां प्रेम प्रसंग के चक्कर में फंसने की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं, तो वहीं लांज के मालिक का कहना है कि जैसे ही उन्हें शक हुआ तो उन्होंने आरोपी युवक से ओरिजनल आधार कार्ड मांगा. इस पर आरोपी खुद को आईजी का बेटा होने की धौंस दिखा रहा था और जब लांज मालिक ने आरोपी से ओरिजनल आधार कार्ड दिखाने को कहा तो वह चकमा देकर भाग खड़ा हुआ था. लेकिन पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर आरोपी को दबोच लिया. आरोपी युवक डिंडौरी क्यों आया था, उसका मकसद क्या था जिसकी जांच पुलिस बारीकी से कर रही है।
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इंदौर में तीन तलाक का मामला सामने आया है. तीन बच्चों की मां को उसके पति ने तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया और अब समझौते के लिए हलाला का दबाव बना रहा है परेशान महिला पुलिस में पहुंची और शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने पति, सास, ससुर और ननद के खिलाफ केस दर्ज किया है। इंदौर में तीन तलाक के बाद हलाला के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है. पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि पति ने उसे तीन तलाक दिया और फिर वापसी के लिए हलाला का दबाव बना रहा है. पुलिस ने पति सहित परिवार के अन्य लोगों पर प्रताड़ना, दहेज, तीन तलाक कानून की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. भारत में तीन तलाक कानून लागू हुए लगभग 3 साल से ज्यादा हो चुके हैं. प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज एक्ट लागू होने के बाद भी तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं. इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में 3 बच्चों की मां को पति ने तीन तलाक दे दिया. बड़नगर उज्जैन की रहने वाली पीड़िता की वर्ष 2014 में शादी हुई थी. घर में काम और अन्य कारणों से पति पत्नी में अक्सर विवाद होते थे. अचानक से पति ने पत्नी को तीन बार तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया. जब पीड़िता के परिवार ने समझौते का प्रयास किया तो पति ने हलाला की शर्त रख दी। रिपोर्टर- सुमित गिरी
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पत्नी ने अब सहेली के पति पर दर्ज करायी एफआईआर जाने माने उद्योगपति अजय हरिनाथ सिंह केस में नया मोड़ आ गया है. पत्नी अमृता सिंह ने पति पर मारपीट और शोषण के आरोप के बाद अब सहेली के पति पर एफआईआर करा दी है. अमृता सिंह ने पुलिस को दिए बयान में सहेली के पति धीरेंद्र मिश्रा पर हमला करने का आरोप लगाया है. टीटी नगर पुलिस ने धीरेंद्र मिश्रा पर मारपीट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दी है. अमृता ने पुलिस को बताया कि 3 नवंबर की सुबह सहेली मोनिका का पति धर्मेंद्र आया था. अमृता के विरोध करने पर धर्मेंद्र ने क्रिकेट बेट से मेरी पिटाई की. टीटी नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है. एसीपी चंद्रशेखर पांडे ने जानकारी दी कि इस मामले में एफआईआर कर मामले की जांच की जा रही है. महिला की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. अमृता सिंह ने पति पर प्रताड़ना और मारपीट के आरोप लगाते हुए अस्पताल में ही एक वीडियो बनाया. वीडियो में कहा था कि मैं अमृता अजय सिंह, मुझे नहीं पता मेरे पास कितना टाइम है. मेरी ये जो हालात है, वो अजय हरिनाथ सिंह ने की है. मैं पिछले 11 साल से पति से परेशान हूं. मेरी शादी 20 जनवरी 2011 में अजय हरिनाथ से हुई थी. जब मैं 7 महीने पेट से थी, तब पता चला कि वो पहले से शादीशुदा हैं. उसकी बीवी का नाम स्मृति है. उनक एक बेटा भी है. जब ये बात मुझे पता चली तो पति ने बहुत मारा था. मैं 2 महीने अस्पताल में एडमिट रही.
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परिवार की इज्जत के लिए रहा खामोश नई नवेली शादी को लेकर हर किसी के हजारों अरमान होते हैं। लेकिन क्या हो अगर शादी के तुरंत बाद पता चले कि शादी के नाम पर धोखा हुआ है। धोखा भी कोई छोटा नहीं, ऐसा जिसकी शायद ही कोई कल्पना भी करे। ऐसा ही कुछ हुआ एटा जिले के जैथरा के कसबा निवासी एक युवक के साथ। इस युवक की शादी दिल्ली की एक लड़की के साथ तय हुई। धूमधाम से शादी हुई और लड़के वाले दुल्हन को विदा कराकर घर ले आए। लेकिन सुहागरात को पत्नी ने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया। उस दिन पति ने पत्नी की बात मान ली। अगली रात फिर जब उसने पत्नी के करीब जाने की कोशिश की तो जो राज़ खुला, वो सुनकर उसके होश उड़ गए। पत्नी ने बताया कि वो एक किन्नर है। उसने कहा कि उसके घरवालों ने ये बात लड़के और उसके परिवार से छिपाई है। ये बात सुनने के बाद लड़के के पैरों तले जमीन खिसक गई। युवक का कहना है कि घटना के बाद 5 रातों तक वो सो नहीं पाया। इसके बाद उसके सास ससुर और साली आए और रुपये जेवरात लेकर भाग गए। युवक के मुताबिक जब उसने जेवर वापिस मांगे तो उन्होने उसपर हमला कर दिया और जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित ने अब थाना जैथरा में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनकी शादी मई महीने में हुई थी। पीड़ित का कहना है कि परिवार की इज्जत बचाने के लिए वो इतने समय तक चुप रहा लेकिन अब आरोपी पक्ष उसे परेशान कर रहा है इसलिए वो पुलिस की शरण में गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। रिपोर्टर-सुमित गिरी
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विधायक त्रिपाठी का सीएम से आग्रह मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम शिवराज से आग्रह किया कि विंध्य का किसान खाद को लेकर परेशान है और खाद की कमी के चलते किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहे हैं विधायक त्रिपाठी का यह आग्रह उन्ही के मुखिया सीएम शिवराज के खोखले दावों की पोल खोलता नज़र आ रहा है एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज कह रहे हैं कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद है खाद की कहीं कोई कमी नहीं है वहीं दूसरी ओर उन्ही की पार्टी के विधायक का खाद की कमी को लेकर आग्रह करना मुख्यमंत्री के घोषणावीर होने का प्रमाण देता है मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का कहना है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही जिसके चलते किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहा यूरिया खाद तो हद तक मिल रही है लेकिन डीएपी नहीं मिल पा रही है जबकि किसान DAP खाद की ही मांग कर रहा है त्रिपाठी ने कहा अधिकारी,कर्मचारी आपको गलत रिपोर्ट दे रहे हैं विधायक का यह बयान ये दर्शाता है कि या तो सरकार के मुखिया को सच में खाद की कमी की कोई जानकारी नहीं है या फिर आपके ही अधिकारी, कर्मचारी आपको गुमराह कर रहे हैं रिपोर्ट:प्रकाश तिवारी
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वन्यप्राणियों से क्षति को लेकर की घोषणाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बांधवगढ़ में वन्य प्राणियों से होने वाले नुकसान को लेकर कई घोषणाएं की सीएम ने किसानों की फसल का नुकसान होने पर मुआवजे की राशि डबल करने की बात कही जिससे किसान काफी खुश हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ने बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणियों के हमले से मौत होने की स्थिति पर आश्रित परिवार को 8 लाख मुआवजे की राशि घोषित की है पहले मुआवज़े की राशि 4 लाख थी जिससे आश्रित परिवारों का गुज़र बसर नहीं हो पाता था दरअसल वनवासी समाज के हितों से जुड़ा पेसा अधिनियम मध्यप्रदेश में लागू हुआ है इस दौरान चौहान ने वन्य प्राणियों से फसल नुकसान के भी मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया है सिंचित भूमि पर नुकसान होने पर जो राशि पहले 16000 मिलती थी वो अब 30000 कर दी गई है वहीं इसके अलावा असिंचित भूमि पर फसल नुकसानी को 8000 से बढ़ाकर 16000 किया गया है किसानों के हित में की गई इस घोषणा से किसान खुश है खास तौर से बीटीआर सीमा से सटे किसान जिनकी फसल को हमेशा वन्य प्राणियों से खतरा रहता है उनके लिए ये घोषणा वरदान साबित होगी। रिपोर्ट राजेश पाण्डेय
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के जवार में एक युवती के साथ दुष्कर्म करने और जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया है। युवक होटल के कमरे में युवती को डरा-धमकाकर उसका शोषण कर रहा था। पकड़े जाने के डर से उसने युवती को होटल की दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। युवती के पैर में काफी चोटें आई हैं लेकिन युवक को होटल पहुंचे लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। मध्यप्रदेश में सीहोर जिले के इंदौर-भोपाल हाइवे पर मेहतवाड़ा-जावर के बीच स्थित होटल में एक मुस्लिम युवक हिंदू युवती को धमकाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे रहा था। लोगों के होटल पहुंचने और पकड़े जाने के डर से उसने युवती को होटल की दूसरी मंजिल से धक्का देकर नीचे फेंक दिया। जिससे युवती घायल हो गई, लेकिन लोगों ने युवक को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया। दरअसल पूरा मामला जावर थाना क्षेत्र के मेहतवाडा जावर के बीच इंदौर-भोपाल हाइवे पर स्थित होटल अतिथि का है। यहां कुछ लोगों को जब ये भनक लगी कि होटल में एक युवक और युवती किसी गलत काम के उद्देश्य से आए हैं। तो क्षेत्र के नागरिकों ने होटल को चारों तरफ से घेर लिया, ताकि युवक भाग न सके। इस बात की खबर युवक तक भी पहुंची। फिर उसने युवती को होटल की ऊपरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। जिससे युवती घायल हो गई और उसके पैर में चोट आई। मगर युवक को होटल पहुंचे लोगों ने दबोच लिया और पुलिस को बुला लिया। युवती ने पुलिस को बताया कि युवक ने उसके घर में चार-पांच माह पूर्व भी गलत काम किया था। इसे लेकर वह उसे फोन पर धमकी देकर ब्लैक मेल कर था। शनिवार को युवक ने होटल बुलाया। नहीं आने पर परिवार को बता देने की धमकी दे रहा था। जावर टीआई मदन इवने ने बताया कि युवती जावर क्षेत्र की है। शनिवार को युवक डरा धमकाकर उसे इंदौर-भोपाल हाइवे पर स्थित होटल ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। युवती की रिपोर्ट पर आरोपी युवक सोहेल पिता फारूख खां उम्र 22 वर्ष निवासी अंबिकापुरी जावर के खिलाफ धारा 307, 376, 376(2 एन) 506 आईपीसी, एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्टर- सुमित गिरी
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एक आईएएस कोचिंग के प्रोफेसर विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसके बाद वे विवादों में घिर गए हैं। हिंदू संगठनों ने विकास भगवान श्रीराम को अपमानित करने का आरोप लगाया है। इसी कड़ी में भोपाल की संस्कृति बचाओ मंच ने उनका पुतला फूंका। कोचिंग सेंटर बंद करने की मांग उठाई है। चेतावनी भी दी है कि मध्य प्रदेश में आने पर उसका मुंह काला कर गंधे पर बिठाकर गुमाया जाएगा। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में भगवान श्रीराम और माता सीता पर टिप्पणी करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद प्रोफेसर दिव्य कीर्ति की जमकर आलोचना हो रही है। संस्कृति बचाओ मंच ने दिव्य कीर्ति का पोस्टर जलाया। भोपाल के टीटी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करने शिकायत पत्र दिया है। उन्होंने भगवान राम और सीता पर अनर्गल टिप्पणी का आरोप लगाया है। बता दें कि मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि जल्द ही ईशनिंदा कानून लाया जाए, जिससे हमारे देवी देवताओं और भगवानों के खिलाफ टिप्पणी बंद हो। और मांग उठाई कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें। इनकी जहां-जहां कोचिंग सेंटर है उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर प्रोफेसर को गिरफ्तार किया जाए। रिपोर्टर - सुमित गिरी
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सड़कों की स्थिति देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही नाराजगी जता दी हो। लेकिन भोपाल की सड़कें फिलहाल नहीं सुधर सकती। बताया जा रहा है कि भोपाल में अच्छी सड़क के लिए करीब 8 महीने तक इंतजार करना होगा। यह बात प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव ने कही है। दरअसल मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि सड़को को सुधारने के लिए फिलहाल बजट नहीं है। जैसे ही हमारे लिए बजट आवंटन होगा तब सड़को की हालत सुधार दी जाएगी। जिसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि जून 2023 के लिए हम भोपाल को सच्ची सड़के दे सकेंगे। जानकारी के अनुसार बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग का आयोजन किया गया था। इस मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री से चर्चा करने के लिए बुलाया था। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों से करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस चर्चा के दौरान आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी बात की गई। बैठक से बाहर निकले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बैठक में अगले 3 महीने के कार्यक्रमों को चर्चा की गई है। इस दौरान बताया गया कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में टंट्या मामा के बलिदान दिवस तक आयोजित होगा। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा प्रदेश में आ रही है। इस यात्रा की गंभीरता को देखते हुए, अब प्रदेश में भाजपा भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
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दो दिन पहले बताया था खुद की जान को खतरा,महिला डांसरों के साथ मंच पर जमकर लगाए ठुमके कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल दो दिन पहले खुद को भाजपा और कांग्रेस नेताओं से जान का खतरा बता रहे थे वहीं बाबू जंडेल धार्मिक मेले में गाने पर महिला डांसरों के साथ जमकर ठुमके लगाते हुए नजर आए जिसका वीडियो भी सामने आया है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं पर हत्या की साजिश रचने के गंभीर आरोप लगाकर खुद की जान को खतरा बताने वाले कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल नाचते गेट और ठुमके लगाते नजर आये जंडेल धार्मिक मेले में महिला डांसरों के साथ ठुमके लगाते दिखे दरअसल मानपुर इलाके में चंबल सीप और बनास नदियों के त्रिवेणी संगम स्थल के रामेश्वर धाम पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन हुआ जहां चार से पांच डांसरों को नाचते देख जंडेल भी मंच पर चढ़ गए और डांसरों के साथ ठुमके लगाए। रिपोर्ट:-अमिताभ उपाध्याय
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मध्य प्रदेश में सागर के देवरी नगर से एक सनसनी फैला देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक कलयुगी बेटे ने अपने पिता की लोहे की रॉड से सिर पर हमला कर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि बेटा अपने पिता से बिजनेस के लिए पैसे मांग रहा था जिसे लेकर उनके बीच विवाद हुआ था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल मरने वाले का नाम अशोक सोनी है। पता चला है कि उसका बेटा अमित सोनी जबलपुर में मां और पत्नी के साथ रहता है। यहां बेटा लंबे समय से पिता से पैसों की मांग कर रहा था। जिससे वह जबलपुर में व्यवसाय शुरू कर सके। इसे लेकर आए दिन पिता-बेटे में कहासुनी होती थी। वहीं इस घटना की सूचना तब लगी जब बेटे ने अपनी मां को पत्नी के साथ मायके जाने बोला और पिता के घर जाने से मां और पत्नी को मना कर दिया। तभी मां को किसी ने बताया कि पति की हत्या हो गई। और इस घटना की सूचना के बाद देवरी थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे। जानकारी के अनुसार पुलिस ने गुरुवार की सुबह पंचनामा कार्रवाई कर शव को परिजनों को सौंप दिया है। वहीं आरोपी बेटे अमित को गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लिया है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि बेटा बिजनेस के लिए पिता से पैसे मांग रहा था, पैसे नहीं मिलने पर विवाद हुआ और लोहे की रॉड से सिर पर वार पिता को मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्टर- सुमित गिरी
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भोपाल से बुरहानपुर 350 किलोमीटर की यात्रा कमलनाथ ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने 350 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है जो भोपाल से बुरहानपुर तक जाएगी आरिफ मसूद की इस पदयात्रा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया यह यात्रा 20 नवंबर को राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होगी। आरिफ मसूद की पदयात्रा को ग्रीन सिग्नल देने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश मे परिवर्तन की लहर ले कर आई है आरिफ मसूद की पदयात्रा 20 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होगी मसूद पदयात्रियों के साथ राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और उन्हें संविधान की प्रति भेंट करेंगेअलग-अलग जिलों से कांग्रेस विधायक पदयात्रा निकाल रहे हैं वहीं मध्यप्रदेश में राहुल गांधी के साथ उनकी यात्रा में प्रतिदिन एक लाख से अधिक कार्यकर्ता चलेंगे। रिपोर्ट:सुनील व्यास
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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक अनोखे सांप का रेस्क्यू किया गया है। यह सांप खेत में बने किसान के मकान में घुस आया था। यह कोई साधारण सांप नहीं है बल्कि इस सांप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 10 करोड़ रुपए है। इसे दोमुंहा या दो मुंह वाला सांप भी बोला जाता है। बताया जा रहा है कि रेस्क्यू करने के बाद सांप को सुरक्षित स्थान में छोड़ दिया गया है। यह सांप छिंदवाड़ा के पांढुर्ना तहसील के ग्राम लहरा में मिला है। गांव से बाहर खेत में बने मकान में किसान परिवार रहता है। और इस परिवार के सदस्यों ने मंगलवार दोपहर कमरे में दोमुंह वाले सांप को देखा। वहीं घर के सदस्य इसे देख डर गए। जिसके बाद सांप को मारने की जगह इन लोगों ने उसे पकड़वाने का सोचा। फिर इलाके के फेमस स्नैक कैचर संभारे को इसके बारे में जानकारी दी। और कुछ ही समय बाद संभारे अपनी टीम के साथ बताई गई जगह पहुंचे। वहां उन्होंने घर के कमरे में सांप को रेंगते देखा। जानकारी के अनुसार चार फीट छह इंच लंबे सांप को बड़ी ही सावधानी के साथ रेस्क्यू किया गया। साथ ही इसे तोलने पर उसका वजन चार किलो निकला। इसे लेकर संभारे ने कहा कि इस सांप को सेंडबोआ कहा जाता है। और इसे दोमुंहा भी बोला जाता है। इस सांप की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत है। हमने पांढुर्ना फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को पंचनामा बनाकर सौंप दिया है। और सांप को सुरक्षित स्थान पर जंगल में छोड़ दिया गया है। संभारे ने आगे बताया कि अभी तक चार हजार से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर चुका हूं। इनमें अलग-अलग प्रजातियों के जहरीले सांप भी शामिल हैं। साथ ही मैंने दुलर्भ प्रजाति के भी कई सांपों को रेस्क्यू किया है। रिपोर्टर- सुमित गिरी
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हिंदू संगठन आक्रोशित आंदोलन की चेतावनी मध्य प्रदेश के खंडवा में हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। मामला रामनगर स्थित शिवराज नगर मल्टी का है। यहां हनुमान मंदिर में हनुमान जी और शिवलिंग को असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया। सुबह जब लोग दर्शन करने पहुंचे तब इस घटना का पता चला। घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठनों के लोग भी मौके पर पहुंच गए। हिंदू संगठन ने कहा कि अगर आरोपी को जल्द गिरफ्तार नहीं किया तो वह आंदोलन करेंगे। फिलहाल पुलिस ने इस मामले आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। खंडवा के राम नगर क्षेत्र में स्थित शिवराज नगर मल्टी में हनुमानजी की मूर्ति और शिवलिंग को किसी बदमाश ने खंडित कर दिया। इस सनसनीखेज घटना से हड़कंप मचा हुआ है। सुबह जब लोग पूजा करने मंदिर पहुंचे तो देखा कि हनुमानजी की मूर्ति और शिवलिंग के साथ किसी ने तोड़फोड़ की है। सूचना मिलते ही रामनगर चौकी पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बदमाशों की तलाश शुरू की। वही घटना को लेकर हिन्दू संगठनों ने आक्रोश जताया है। बता दें कि रामनगर के पास शिवराज नगर मल्टी में भगवान हनुमान जी और शंकर भगवान का मंदिर है। प्रतिदिन की तरह बुधवार को सुबह रहवासी मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। हिंदू संगठन बजरंग सेना के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर मूर्तियों के खंडित फोटो वायरल कर दिये। इसके बाद मंदिर में लोगों की भीड़ लग गईं। इधर हिन्दू संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शिवराज नगर मल्टी पहुंचे। हिंदू जागरण मंच के माधव झा ने बताया कि हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुचाने वाले को पुलिस जल्द पकड़े। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। इधर इस मामले में रामनगर चौकी प्रभारी सुभाष नावड़े का कहना है कि मूर्ति खंडित होने की सूचना मिली थी। पुलिस आरोपियों की तलाश में लग गई है। जल्द ही आरोपियों के बारे में पता कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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बढ़ा पब कल्चर ,लड़कियां शराब के नशे में थी, युवतियों पर जानलेवा हमले की धारा लगाई गई इंदौरी छोरियां अब छोरों से कम नहीं रही युवाओं में पब कल्चर के बढ़ते क्रेज ने अब उन्हें किसी भी हद तक जाने पर मजबूर कर दिया है एमआइजी थाना क्षेत्र में एक युवती की चार लड़कियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी लड़कियों ने बेल्ट लात घूंसों से उस युवती को जमीन पर पटककर पीटा और युवती का मोबाइल भी तोड़ दिया वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इंदौर के एलआइजी चौराहे पर चार युवतियों ने एक युवती की बेल्ट और पत्थरों से पिटाई कर दी युवतियां शराब के नशे में थी और पब से लौट रही थीं चारों युवतियां पहले साथ ही रहती थी घटना वाली रात सभी पब से लौट रही थी और शराब के नशे में थी उनमें कुछ दिनों पूर्व कपड़े चोरी करने की बात पर लड़ाई हुई थी रात में उन्होंने मौका देखा और प्रिया की पिटाई कर दी प्रिया धेनु मार्केट में एक दुकान पर नौकरी करती है। टीआइ अजय वर्मा ने बताया कि घटना 4 नवंबर की रात करीब 1 बजे एलआइजी चौराहे की है प्रिया एलआइजी चौराहे पर कचोरी खा रही थी तभी चार लड़कियां आई और उसकी पिटाई करने लगीं चारों ने बेल्ट, लात, घूंसे मारे एक ने पत्थर उठा लिया और मुंह पर मार दिया बाल पकड़कर युवती को घसीट घसीट कर मारा गया पहले पुलिस ने साधारण धाराओं में मामला दर्ज किया था वीडियो जारी होने के बाद पुलिस हरकत में आई और तीन युवतियों को गिरफ्तार कर लिया जोन-2 के डीसीपी संपत उपाध्याय ने मेडिकल परीक्षण के आधार पर जानलेवा हमले की धारा बढ़ा दी। रिपोर्ट - राजेन्द्र नायक
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लोगों को अंतिम संस्कार करने से रोका छतरपुर के बडामलेहरा में एक बुज़ुर्ग ने जमकर ड्रामा किया बुज़ुर्ग ने एक शव का अंतिम संस्कार करने का विरोध किया और खुद ही शव के साथ चिता पर लेट गया अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है वहीं विवाद बढ़ता देख पुलिस ने बुज़ुर्ग को समझाइश देकर मामला शांत करवाया। सूरजपुरा कला में उस समय जमकर ड्रामा हो गया जब एक बुज़ुर्ग ने एक शव का अंतिम संस्कार होने से रोक दिया यही नहीं जब लोगों ने उसकी बात नहीं सुनी तो बुजुर्ग शव के साथ चिता पर लेट गया वहीं मौजूद किसी शख्स ने इस पूरे ड्रामे का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जो अब जमकर वायरल हो रहा है दरअसल बुज़ुर्ग का कहना है कि जिस ज़मीन पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है वह ज़मीन सरकारी नहीं है वह उसकी निजी संपत्ति है इस बात को लेकर विवाद बढ़ने लगा जिसके बाद पुलिस ने बुज़ुर्ग को समझाते हुए मामला शांत करवाया। रिपोर्टर-दीपेंद्र गुप्ता
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने करीब डेढ़ सौ लोगों को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई सबलगढ़ मुरैना से आए लोगों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है सदस्यता लेने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य , जनपद सदस्य और वर्तमान सरपंच शामिल हैं। सबलगढ़ मुरैना से बड़ी संख्या में आये नेताओं और कार्यर्ताओं ने भोपाल में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली यह सदस्यता कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर ली गई कांग्रेस पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर करीब डेढ़ सौ लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ली पूर्व सीएम ने इन लोगों को सदस्यता ग्रहण कराते हुए सबको बधाई दी सदस्यता लेने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य,जनपद सदस्य,पूर्व और वर्तमान सरपंच शामिल हैं सदस्यता लेने वालों ने बताया की कांग्रेस पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर उन्होंने सदस्यता ली है। रिपोर्ट: सपना भाटी
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गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके में कुछ दिनों पहले एक व्यापारी पर चाकू से हमला किया गया था जिसके आरोपी अमन सरदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जुलूस निकाला इस दौरान पुलिस ने गुंडे से यह भी बुलवाया कि गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है शाहजहांनाबाद इलाके में व्यापारी मनीष राज पर गुंडे अमन सरदार ने चाकू से हमला कर दिया था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर पूरे इलाके में उसका जुलूस निकाला और गुंडे से बुलवाती रही कि गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है गुंडे अमन पर इंदौर और भोपाल में करीब डेढ़ दर्जन केस दर्ज हैं रेप, हत्या के प्रयास, मारपीट और अड़ीबाजी जैसे कई मामले अमन के खिलाफ दर्ज हैं रंगदारी नहीं देने पर शुक्रवार को उसने व्यापारी मनीष राज पर हमला कर दिया था रिपोर्ट:विक्रम सिंह
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गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके में कुछ दिनों पहले एक व्यापारी पर चाकू से हमला किया गया था जिसके आरोपी अमन सरदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जुलूस निकाला इस दौरान पुलिस ने गुंडे से यह भी बुलवाया कि गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है शाहजहांनाबाद इलाके में व्यापारी मनीष राज पर गुंडे अमन सरदार ने चाकू से हमला कर दिया था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर पूरे इलाके में उसका जुलूस निकाला और गुंडे से बुलवाती रही कि गुंडागर्दी पाप है पुलिस हमारी बाप है गुंडे अमन पर इंदौर और भोपाल में करीब डेढ़ दर्जन केस दर्ज हैं रेप, हत्या के प्रयास, मारपीट और अड़ीबाजी जैसे कई मामले अमन के खिलाफ दर्ज हैं रंगदारी नहीं देने पर शुक्रवार को उसने व्यापारी मनीष राज पर हमला कर दिया था रिपोर्ट:विक्रम सिंह
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मैनेजर के साथ बदमाशों का विवाद कटनी में क्रेशर प्लांट मैनेजर के साथ कुछ लोगों ने मार पीट की आरोपियों ने मैनेजर पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया मामला अवैध उत्खनन से जुड़ा बताय जा रहा है जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया गया फ़िलहाल कुछ लोगों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और मैनेजर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है माईस ग्राम बिचपुरा में मशीन लगाई गयी थीजिस पर वहा मौजूद कर्मचारी भोला तिवारी ने मशीन लगाने से मना किया जिसपर केपी अवस्थी ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया और कर्मचारी से प्लांट के मालिक और मैनेजर को बुलाने की बात कही जिसके बाद कर्मचारी भोला तिवारी ने मैनेजर मनेंद्र कुमार तिवारी को इसकी जानकारी दी और प्लांट पर पहुंचे लोगों ने मारपीट कर मैनेजर का घायल कर दिया जानकारी के अनुसार घटना के दौरान मारपीट करने वाले लोग चार गाड़ियों में आए और जिनमें से एक गाड़ी में मैनेजर मनेंद्र कुमार तिवारी कों रामप्रसाद तोमर , केपी अवस्थी , तिलक ग्रोवर , रामजी ग्रोवर पकड़ कर क्रेशर ददरा टोला बिचपुरा ले गये और वहाँ पर लात घूंसों से मारपीट की मारपीट के दौरान मैनेजर को कई जगह चोटें आई है घायल मैनेजर का जिला चिकित्सालय इलाज जारी है पुलिस ने प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है रिपोर्ट:सुमित पांडेय
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू की सिंगरौली में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों ने विरोध में चक्का जाम कर दिया पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझाइश देते हुए परिजनों को शांत कराया वहीँ पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। खुटार चौकी अंतर्गत एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताई और सड़क में चक्का जाम कर दिया सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश देते हुए युवक की लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया युवक का नाम अरुण विश्वकर्मा है वह खुटार का रहने वाला था अरुण संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क किनारे मिला जहां उसे उपचार के लिए भर्ती कराया गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिपोर्टर- संतोष द्विवेदी
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15 महीनों में कांग्रेस ने नहीं किया कोई विकास, खुदके लिए गए क़र्ज़ का हिसाब दे कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार के लगातार कर्ज लेने पर कांग्रेस भाजपा सरकार को घेर रही है जिसपर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बौखलाई हुई है उन्होंने झूठ बोलकर अपनी सरकार बनाई थी जो 15 महीने में ही चली गई और इन 15 महीनों में कांग्रेस ने एक भी विकास की ईट नहीं लगाई। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सरकार झूठ बोलकर बनायीं थी उन्होंने अपने 15 महीनों में कुछ नहीं किया जिसका परिणाम यह रहा कि उन्ही की पार्टी के वरिष्ठ नेता इस्तीफा देकर भोजपा में शामिल हो गए कांग्रेस विचार करके बताये कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान कितना कर्ज़ा लिया था और उससे कितने विकास के काम किये उन्होंने कहा कर्ज़ा लेना कोई बुराई नहीं है हर सरकार कर्ज़ा लेती है एक नियम और प्रक्रिया से कर्ज़ा लिया जाता है और उसे चुकाया भी जाता है मुख्यमंत्री शिवराज के मार्गदर्शन में प्रदेश की सरकार अच्छी चल रही है कर्ज़ा लिया है तो सड़कें बना रहे हैं तालाब बना रहे हैं ,स्कूल खोल रहे हैं , विकास के काम हो रहे हैं...हमारी सरकार गरीबों के लिए योजनाएं बना रही है जनकल्याणकारी योजनाएं बनायी जा रही हैं। रिपोर्ट:सुनील व्यास
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कुलदीप सेन ने टीम इंडिया में मारी एंट्री बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया का एलान कर दिया है। टीम में मध्यप्रदेश के रीवा जिल में हरिहरपुर गांव के रहने वाले कुलदीप सेन का भी चयन किया गया है। कुलदीप सामान्य परिवार से आते हैं और उनके पिता रीवा के सिरमौर चौराहे पर सैलून शॉप चलाते हैं। कुलदीप आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल चुके हैं और अब उन्हें टीम इंडिया का टिकट दिया गया है। कुलदीप सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1996 को मध्यप्रदेश के रीवा जिले में हरिहरपुर गांव में हुआ था। कुलदीप के पिता रामपाल सैलून की शॉप चलाते हैं। तीन भाइयों में कुलदीप सबसे बड़े हैं। इनके छोटे भाई का चयन मध्यप्रदेश पुलिस में हो चुका है। तीसरे नंबर के जगदीप सेन कोचिंग इंस्टीट्यूट का संचालन करते हैं। कुलदीप सेन को उनकी गेंदबाजी की वजह से रीवांचल एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है। कुलदीप 140-145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में माहिर हैं। न्यूजीलैंड की तेज पिचों पर कुलदीप की गेंदबाजी का जलवा देखा जा सकता है। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले कुलदीप न्यूजीलैंड के कई खिलाड़ियों के खिलाफ गेंदबाजी कर चुके हैं। बचपन के दोस्त राघवेंद्र सेन ने बताया, फटे मोजे की गेंद और मोगरी से क्रिकेट खेलने वाला मेरा यार आज इंडियन टीम का स्टार बनने वाला है। हम दोनों एक ही साथ पले-बढ़े हैं। साल 2005 में हमारी उम्र आठ से 10 साल थी। तब हमारे पास गेंद और बैट नहीं होता था। ऐसे में हम फटे मोजे की गेंद बनाकर और मोगरी के बैट से क्रिकेट खेला करते थे। क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता था। सिर्फ मनोरंजन का साधन था। दोस्त ने कहा, कुलदीप सेन के रूम में कोई नहीं आता जाता है। सिर्फ यार यानी कि मेरी एंट्री है। हम सुबह से शाम तक कुलदीप के रूम में बैठकर उसके ही जीवन के सपने बुनते रहते हैं। कुलदीप की जर्सी, जूता और बैट-गेंद देखकर गर्व होता है। अब उस दिन सबसे बड़ी खुशी मिलेगी, जब कुलदीप भारतीय टीम का स्थापित बॉलर बन जाएगा। देश दुनिया में चारों तरफ रीवा का नाम होगा। तेज गेंदबाज कुलदीप का दो महीने पहले 27 अगस्त से 11 सितंबर के बीच दुबई में खेले गए एशिया कप के लिए चयन हो चुका है। हालांकि, उनको खेलने का अवसर नहीं मिला था। तब इंडियन क्रिकेट में 18 सदस्यीय टीम में जगह दी गई थी। बैकअप खिलाड़ी स्टैंडबाय के रूप में श्रेयस अय्यर, दीपक चाहर और अक्षर पटेल का चयन हुआ था। चोट के कारण दीपक चाहर को ड्रॉप कर कुलदीप सेन को चुना गया था। रिपोर्टर- राज कुमार पांडेय
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परिवहन मंत्री ने हादसे पर जताया दुख ,परिजनों को दी जाएगी आर्थिक सहायता बैतूल में बस और टवेरा गाड़ी में ज़ोरदार टक्कर हुई है जिसमें टवेरा में सवार सभी 11 यात्रियों की मौत हो गयी हादसे को लेकर परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने दुःख व्यक्त किया राजपूत ने कहा प्रारंभिक जांच में टवेरा चालक की गलती सामने आई है वहीं उन्होंने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की बात कही है। बैतूल में सड़क हादसे के दौरान 11 लोगों की मौत हो गयी जिसमें 3 महिला 6 पुरुष और दो बच्चे शामिल थे बताया जा रहा है ये सभी मजदूर महाराष्ट्र से मजदूरी करके महंतगांव और चिखलायी जा रहे थे उसी दौरान यह हादसा हुआ वहीं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को ₹15000 की मदद की गई है और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद मृतकों के परिजनों को 4 लाख रु की सहायता दी जाएगी उन्होंने बताया की शुरुआती जांच में पता चला है कि गलती टवेरा चालक की है ड्राइवर रोंग साइड से गाड़ी निकल रहा था जिससे यह हादसा हुआ। रिपोर्टर-नईम शेख
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कृषि मंत्री पटेल ने जनता को दी बधाई कृषि मंत्री कमल पटेल ने जनता को बधाई देते हुए कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में स्थापना दिवस पर सभी 52 जिलों में स्थापना दिवस के कार्यक्रम धूमधाम से मनाए जा रहे हैं ये गौरव की बात है की हर बार की तरह 2022 में भी मध्यप्रदेश स्वच्छ सर्वेक्षण में पहले स्थान पर आया है। कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हमारे प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर आया है इंदौर को लगातार 6 वर्षों से देश में सबसे स्वच्छ शहर होने का पुरस्कार मिला है और भोपाल भी स्वच्छता में अव्वल नंबर पर है उन्होंने कहा छिंदवाड़ा जो मेरे प्रभार का जिला है उसे भी स्वच्छता में तीन-तीन पुरस्कार प्राप्त हुए है प्रदेश की जनता और छिंदवाड़ा के लोगों को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि 2023 में भी हमारा प्रदेश देश में पहले पायदान पर रहेगा। रिपोर्ट:-सुनील व्यास
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मप्र स्थापना दिवस पर स्वच्छता अभियान मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर सिंगरौली में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है इस मौके पर बस स्टैंड पर झाड़ू लगाकर साफ सफाई की गई और सभी को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। मोरबा में मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष सफाई अभियान चलाया गया नगर निगम ने स्वच्छता श्रमदान चलाया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक रामलल्लू वैश्य सहित बीजेपी के नेता और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे सभी ने बस स्टैंड फल मंडी रोड में झाड़ू लगाकर साफ सफाई की वहीं राम लल्लू वैश्य ने सभी से आग्रह किया कि स्वस्थ भारत,स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहयोग करें साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या में लाएं आसपास के लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। रिपोर्टर- संतोष द्विवेदी
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अजगर को देखने लोगों की लगी भीड़ छतरपुर के महोबा में पांच फ़ीट का अजगर सडकों पर आ गया जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई लोगों ने अजगर के मूवमेंट को कैमरे में कैद कर लिया। महोबा में पांच फ़ीट का अजगर रेंगता हुआ रहवासी इलाके में पहुँच गया सडक के बीच में रेंगते हुए अजगर को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई अजगर किसी को नुकसान न पहुंचाए इसके लिए उसे डंडी के सहारे बाँध कर रखा गया था वहीं अजगर के रहवासी क्षेत्र में आने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है अमूमन इतना बड़ा अजगर सांप लोगों को कम ही देखने को मिलता है इसलिए अजगर को देखने लोग सड़क पर जमा हो गए। रिपोर्ट:- दिपेन्द्र गुप्ता
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हर जिले में एक लाड़ली लक्ष्मी पथ बनाने का फैसला,बेटियों के सम्मान से बढ़कर कोई दूसरा सम्मान नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आज ये हिंदुस्तान में क्या, शायद पूरी दुनिया में पहली बार हो रहा होगा की लाडली लक्ष्मी बेटियों के नाम से वाटिका बनी है मेरी बेटियों ने कई जगह पेड़ लगाए है उन्होंने कहा बेटियों के सम्मान से बढ़कर कोई और दूसरा सम्मान नहीं है और बेटियों का सम्मान नहीं होगा तो देश और प्रदेश कभी भी सुखी नहीं रह सकता उन्होंने कहा अब हर एक जिले में एक रोड का नाम लाड़ली लक्ष्मी पथ रखा जायेगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में लाड़ली लक्ष्मी पथ का लोकार्पण किया इस दौरान उन्होंने कहा कि एक पार्क लाडली लक्ष्मी बेटियों के नाम हो लाडली लक्ष्मी वाटिका यह सभी 52 जिलों में हुआ है बाद में इस वाटिका को जिलों के नीचे भी ले जाएंगे शिवराज सिंह चौहान ने कहा आज ये हिंदुस्तान में क्या, शायद पूरी दुनिया में पहली बार हो रहा होगा की लाडली लक्ष्मी बेटियों के नाम से वाटिका बनी है मेरी बेटियों ने कई जगह पेड़ लगाए है शिवराज सिंह ने कहा बड़े लोगों के नाम से, महापुरुषों के नाम से रोड का नाम रखने की परंपरा तो थी मैंने कहा मेरी लाड़ली लक्ष्मी बेटियां तो बड़ी होकर प्रदेश का भविष्य बनाएंगी देश का भविष्य गढ़ेंगी ये बहुत आगे बढ़ेंगी इसलिए एक रोड का नाम "लाडली लक्ष्मी रोड" रख दिया जाए उन्होंने कहा भारत माता चौराहे से लेकर पॉलीटेक्निक चौराहे को लाड़ली लक्ष्मी रोड कहा जायेगा जिसमें यह स्मार्ट पार्क भी आता है जहां मैं रोज पेड़ लगाता हूं यह स्मार्ट रोड था मैंने कहा "यह स्मार्ट रोड नहीं होगा यह लाड़ली लक्ष्मी रोड कहा जायेगा।"
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तीन करोड़ की लागत से होगा निर्माण सिंगरौली में विधायक रामलल्लू वैस और महापौर रानी अग्रवाल ने सड़कों का भूमि पूजन किया इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष और कमिश्नर सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे इन सड़कों के निर्माण से स्थानीय लोगों को काफी मदद मिलेगी। व्यावसायिक शॉपिंग प्लाजा के मेन गेट निर्माण और जयस्तंभ रोड का लगभग 3 करोड़ की लागत से नवनिर्माण किया जाएगा इसका भूमिपूजन विधायक रामलल्लू बैस और महापौर रानी अग्रवाल ने किया इस अवसर पर कई लोग मौजूद थे वहीं इस दौरान विधायक रामलल्लू बैस और महापौर रानी अग्रवाल ने लोगों को बताया कि विकास के लिए सतत प्रयास पर यह सड़क बनाने का कार्य किया जाएगा जिससे वार्ड वासियों के साथ इस सड़क से आने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
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सरदार पटेल और महात्मा गांधी की थी इच्छामैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने पृथक विंध्य प्रदेश के नवनिर्माण को लेकर कहा कि हमारे राष्ट्रगान में स्पष्ट वर्णित है कि विंध्य हिमाचल यमुना गंगा यानी विंध्य के बिना राष्ट्रगीत अधूरा है यदि विंध्य नहीं तो राष्ट्रगान भी पूर्ण नहीं होता |विधायक त्रिपाठी ने कहा सिंधु तो पाकिस्तान में चला गया और विंध्य प्रदेश रहा नहीं इसलिए राष्ट्रीय गीत अपने आप मे अधूरा है विंध्य प्रदेश का न होना सरदार पटेल और महात्मा गांधी की परिकल्पना का अपमान है ये दोनों नेता चाहते थे कि विंध्य प्रदेश बने और इनके चाहने की बदौलत ही विंध्य प्रदेश बना था लेकिन हमारा विंध्य प्रदेश छल कपट कूटरचना का शिकार हुआ था और मध्यप्रदेश में विलय कर दिया गया विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि इसलिए आज जो भी सरदार पटेल और महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं जो उनके अनुयायी है हमारे विंध्य प्रदेश का पुनर्निर्माण कराने में सहभागिता निभा दोनों महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें |
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नाराज किसानों ने सोसाइटी का किया घेराव, सीएम की नगद खाद वितरण का नहीं मिला लाभकिसानों के हित के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई योजनाओं की घोषणा करते हैं लेकिन कई बार योजनाएं धरातल पर नहीं आ पाती जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है मंदसौर में नगद खाद वितरण न होने से किसान नाराज है जिसको लेकर किसानों ने सोसायटी का घेराव किया दलोदा तहसील के गांव एलची मे किसानो ने नगद खाद वितरण को लेकर सोसायटी का घेराव किया मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने किसान हित में नगद खाद वितरण की बात कही है लेकिन कही भी इस प्रकार का आदेश लागू नहीं हुआ किसानों को अभी भी खाद नहीं मिल रही है किसान कर्ज माफ़ी का हवाला देकर नगद खाद भुगतान नहीं किया जा रहा है जिन किसानो की कर्जमाफ़ी नहीं हुई और ड्यू हो चुके हैं ऐसे किसान अब ना तो घर के रहे ना घाट के ऐसा नहीं है खाद की कमी है खाद के गोदाम भरे पड़े हैँ लेकिन सोसायटी में शासन का आदेश नहीं आने से नगद खाद वितरण नहीं किया जा रहा है जिससे किसान परेशान है अब देखना यह होगा की कितना जल्द नगद खाद वितरण का निर्णय होता है और किसानों को इसका लाभ मिल पाता है |
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सिंगरौली जिले में एक हैंड पम्प अचानक दूषित जल उगलने लगा। इस नल का पानी पीने से अचानक दर्जन भर से ज्यादा लोग लोग बीमार हो गए हैं। पानी पीने वाले लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत हुई जिसके बाद आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। दूषित जल से लोगों के बीमार होने की जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने छानबीन की और हैंडपंप को सील कर दिया। यह पूरा मामला सिंगरौली जिले के नंदगांव का है जहां पर अचानक वर्षों पुराना हैंडपंप दूषित पानी उगलने लगा। इसकी जानकारी तब हुई जब एक एक करके गांव के दर्जन भर से ज्यादा लोग बीमार हो गए। गांव में एसडीएम के साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुंचा और हैंडपंप का निरीक्षण करते हुए पानी का सैंपल लिया। हैंडपंप का जल दूषित कैसे हुआ इसकी जांच कराई जा रही है। हैंडपंप का पानी पीकर बीमार हुए लोगों को चिन्हित कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी की हालत में अब सुधार है। लोगों ने बताया कि वे पिछले 15 वर्ष से हैंडपंप का पानी पी रहे हैं कभी कोई बीमार नहीं हुआ। अचानक से पानी दूषित कैसे हो गया यह तो छानबीन के बाद ही सामने आएगा। घटना की जानकारी पर प्रशासन की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इस बात की पुष्टि हुई है कि ग्रामीणों के बीमार होने की वजह हैंडपंप का दूषित पानी ही है। फिलहाल हैंडपंप को सील कर दिया गया है ताकि कोई और बीमार ना हो। बताया जाता है कि जो लोग बीमार हुए हैं वे हैंडपंप के आसपास ही रहते हैं। सभी ने हैंडपंप के जल का उपयोग किया था।
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हर महीने निवासियों को देने होंगे 10 रुपये स्वच्छ गांव को लेकर यहां के एक ग्राम पंचायत ने कमर कसी है। पंचायत ने स्वच्छता टैक्स (swachh cess) लेने का निर्णय लिया है। इसे आगामी दिनों में लागू भी कर दिया जाएगा। ऐसा करने वाली बड़ा इटमा प्रदेश की पहली पंचायत भी बन गई। जानकारी के मुताबिक जिले के रामनगर ब्लाक में आने वाले बड़ा इटमा पंचायत की महिला सरपंच ने गांव में स्वच्छता कर लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित किया गया है। पंचायत का दावा है कि यह प्रस्ताव ग्रामीणों की आम सहमति से पारित किया गया है। ग्राम सभा के दौरान पारित स्वच्छता कर के लिए मासिक 10 रुपए का निर्धारण किया गया है। ...ताकि सुचारू हो सके कचरा गाड़ी का संचालन यह टैक्स इसलिए लगाया गया है कि कचरा गाड़ी का संचालन सुचारू हो सके। सरपंच गीता पांडेय ने बताया कि ग्राम सभा से पहले ग्रामीणों से चर्चा की गई है। उनकी सहमति के आधार पर यह प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्रामीण इस बात से राजी है कि उनके गांव के कचरा साफ होगा। सरपंच ने बताया कि यह नागरिकों के ही विचार से किया गया है। बताया गया है कि पंचायत इस कर के एवज में अपशिष्ट जल प्रबंधन, पर्यावरण सुरक्षा और अन्य कार्य आगामी दिनों में प्रारंभ करेगी। ग्राम पंचायत की आबादी करीब 7 हजार है और इसमें 3100 वोटर हैं। पहले से लिया जा रहा जल कर बड़ा इटमा पंचायत में पहले से जल कर लिया जाता है। यहां बिना जल जीवन मिशन के ही पहले से घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है। यहां के युवा समाजसेवी सुभाष पांडेय ने बताया कि वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक रहे सरपंच स्वर्गीय राकेश कुमार पांडेय ने यहां के नागरिकों के लिए घर-घर पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था की थी। इसके लिए 50 हजार लीटर की टंकी बनी है। इसी के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है। पांडेय ने कहा कि ग्राम पंचायत पानी सप्लाई के लिए हर घर से 50 रुपए महीना जल कर ले रहा है। इसकी शुरुआत 2015 से हो गई थी। बीच में कई व्यवधान थे जिस कारण पानी की सप्लाई टंकी बन जाने के 10 साल बाद शुरू हुई। बाजार के लिए भी लगेगा टैक्स इस बार की ग्राम सभा में पावती का प्रावधान भी किया गया है। उपसरपंच लोलवा कोल की अध्यक्षता में हुई ग्राम सभा में एक और निर्णय लिया गया। यहां सोमवार को साप्ताहिक बाजार लगता है। इस बाजार के लिए भी कर लिया जाएगा। हालांकि यह कितने रुपए का होगा यह प्रस्ताव में नहीं आया। कहा गया है कि इसके बदले में पंचायत स्वच्छता, प्रकाश और पेयजल की व्यवस्था करेगी। इसके अलावा आगामी दिनों में पक्का हाट बाजार उपलब्ध कराएगी। हाट बाजार के लिए सरपंच ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री को पत्र भी लिखा है।
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उज्जैन से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है यहां पर इंदौर के एक युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा दिया है और परिजनों द्वारा लाश की शिनाख्त भी कर ली गई है। युवक ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया इस बारे में कोई भी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक मृतक इंदौर में बिल्डर का काम करता था। इंदौर से आए इस युवक ने मोहनपुरा ब्रिज पर पहुंचकर ट्रेन के सामने छलांग लगा दी जिस वजह से उसकी मौत हो गई। मामले की सूचना मिलने पर महाकाल पुलिस मौके पर पहुंची और ब्रिज पर खड़ी हुई कार से मृतक की शिनाख्त करने की कोशिश की गई। मृतक इंदौर में मेघदूत नगर का निवासी है और पेशे से बिल्डर था। इंदौर से वह अपनी कार लेकर निकला था और उसके बाद वापस घर नहीं लौटा। जानकारी के मुताबिक आत्महत्या का कदम उठाने से पहले उसने अपने चाचा के लड़के के दोस्त को फोन करके यह कहा था कि मैं जा रहा हूं और मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना। यह सुनकर युवक ने सारी बात मृतक के परिजनों को बताई। यह सुनकर परिजनों ने मृतक की तलाश शुरू की और वह उसे ढूंढते हुए इंदौर से उज्जैन की तरफ आ रहे थे तभी पुलिस ने परिवार को आत्महत्या की सूचना दी। पुलिस द्वारा सामने आई जानकारी के मुताबिक मृतक मोहनपुरा ब्रिज पर पहुंचा और अपनी कार खड़ी करने के बाद ट्रैक पर गया और सामने से आ रही ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक शादीशुदा है और उसकी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं फिलहाल उसके बच्चे नहीं है। पुलिस की सूचना के बाद परिजन मौके पर पहुंच गए थे और उन्हीं की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
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मोनियां कलाकारों के साथ किया नृत्य मुख्यमंत्री शिवराज छतरपुर पहुंचे जहां वे मोनियां महोत्सव में शामिल हुए और मानिया कलाकारों के साथ जमकर थिरके इस दौरान उन्होंने पढ़ाई को लेकर कई घोषणाएं की। शिवराज सिंह चौहान ने बडी घोषणा करते हुए कहा कि अब एमपी मेडिकल ,लॉ और इंजीनियरिंग की पढाई अपनी मात्र भाषा हिंदी में होगी उन्होंने कहा पीएम मोदी की इच्छा के अनुरूप यह काम एमपी सरकार ने शुरु कर दिया सीएम मोनियां महोत्सव में शामिल होने आये थे यहां मानिया कलाकारों को नाचते देख वे भी उसी वेशभूषा में आ गये और अपने आपको नाचने से रोक नहीं पाए और मोनिया नृत्य करने लगे उन्होने मोनियां महोत्सव पूरे प्रदेश में मनाने की भी घोषणा की।
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बाइक लूटने के इरादे से चलाई थी गोली बीते चार महीनों से अंधी हत्या का केस सुलझाने में लगी हुई थी | जिसमें पुलिस को सफलता मिली ये अंधी हत्या बाइक लूटने के इरादे से गोली मारकर की गयी थी | छतरपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है | पुलिस ने चार महीने पहले हए हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है | पुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिये एस आई टी भी गठित की थी | लेकिन उसमे उन्हें कामयाबी नहीं मिली | पुलिस ने आरोपी पप्पू यादव और सर्वज्ञ गर्ग को पठापुर तालाब बिजावर के जंगली इलाके से गिरफ्तार किया है | आरोपियों के पास से घटना में प्रयोग देसी कट्टा मोटरसाइकिल और लूटी गई हीरो होंडा मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है | पुलिस ने पकडे गये दोनो आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या और लूट की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की है | आरोपियों ने मोटरसाइकिल छीनते समय विरोध करने पर फरियादी को गोली मार दी थी | वहीं आरोपियों ने 21 जुलाई को एक और युवक मनीराम बंशकार और उसकी पत्नी के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया था | बरदाहा हरपुरा रोड पर आरोपियों ने कट्टा अड़ाकर उसका मोबाइल और पत्नी का मंगलसूत्र लूट लिया था | जिसकी शिकायत फरियादी ने पुलिस से की थी | पुलिस ने इस घटना का भी खुलासा किया है|
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डीजल-पेट्रोल लूटने पहुंचे ग्रामीण हुए शिकार खरगोन में पेट्रोल डीजल से भरा टैंकर पलटने से भीषण हादसा हो गया | टैंकर पलटने के करीब दो घंटे बाद टैंकर में धमाका हो गया | धमाके में एक युवती की मौत हो गई | वहीं कई लोग घायल हो गए |खरगोन में पेट्रोल-डीजल से भरा टैंकर पलट गया | इस दौरान वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई | तभी टैंकर में जोरदार ब्लास्ट हो गया | ब्लास्ट इतना तेज हुआ की 20 साल की एक युवती का केवल कंकाल ही बचा | साथ ही वहां मौजूद 21 लोग झुलस गए | बिस्टान थाना क्षेत्र के ग्राम अंजनगांव में टैंकर टर्न पर अनियंत्रित होकर पलट गया | टैंकर झिरनिया जा रहा था | टैंकर पलटने की जानकारी ग्रामीणों को मिलते ही लोग टैंकर के पास पहुंचे | ये अपने घरों से डीजल-पेट्रोल भरने के लिए बर्तन लेकर पहुंचे थे | इसी दौरान ये ब्लास्ट हो गया | जिससे लोग घायल हो गए टैंकर में 8 हजार लीटर पेट्रोल और 4 हजार लीटर डीजल भरा हुआ था | टैंकर पलटने के करीब दो घंटे बाद धमाका हुआ | फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाया गया | पुलिस ने घायलों को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया | घायलों में 7 बच्चे और 14 महिला-पुरुष शामिल हैं | अब तक 17 घायलों को इंदौर रेफर किया गया है | 4 का इलाज खरगोन जिला अस्पताल में चल रहा है
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फरियादी पति ने ही की थी साजिश छतरपुर में बीस दिन पहले हुई अंधी हत्या का खुलासा हो गया है | हत्यारा महिला का ही पति निकला जो फरियाद लेकर थाने पहुंचा था | एसपी ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया, कि पति अपनी पत्नी पर चरित्र पर शक करता था , और संपत्ति को लेकर भी वह पत्नी को रास्ते से हटाना चाहता था | दरअसल 6 अक्टूबर को ओरछा रोड थाना कैडी में एक महिला का शव बरामद हुआ था | जिसकी पहचान मथुरा बाई यादव के रूप में हुई थी | मृतका के पति मिजाजी की शिकायत पर ओरछा रोड थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की, जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने मौके पर पहुंचे और एसआईटी का गठन कर जांच पड़ताल के निर्देश दिए | पड़ताल के दौरान सभी तथ्यों की बारीकी से जांच के बाद पुलिस को मृतका के पति मिजाजी पर हुआ और यह पाया गया कि फरियादी मिजाजी ने ग्रामीणों को घटना की सूचना करीब एक घंटे बाद दी | जब पुलिस ने एक घंटे देर से सूचना देने का कारण जानना चाहा तो मृतका का पति मिजाजी घबरा गया और जब उससे प्रश्न पूछे गए तो बार-बार मृतका के पति का बयान बदलना सामने आया जिसके बाद सख्ती बरतने पर मिजाजी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया | हत्यारे पति ने घटना की रात में पत्नी को पत्थर पटककर घायल कर दिया और फिर कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी |
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मध्य प्रदेश के छतरपुर पुलिस ने 6 अक्टूबर को हुए मथुरा बाई हत्या कांड का खुलासा करते हुए जिसमे बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है मथुरा बाई का हत्यारा उसका पति मिजाजी यादव ही निकला जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और आज प्रेस कान्फ्रेस कर इसकी जानकारी दी | फिल्मी अंदाज में की थी हत्या छतरपुर एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि मिजाजी यादव ने ही अपनी पत्नी मथुरा यादव की हत्या की थी मिजाजी उसे अपने साथ बाइक में बैठा कर कहीं ले जा रहा था तभी उसने जंगल में बाइक रोकी और पहले से तय प्लान के अनुसार उसे गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई| घटना के बाद आरोपी ने ही गांव के लोगों एक घंटे बाद सूचना दी मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और जांच दल का गठन कर दिया गया लंबे समय तक चली जांच के बाद आखिर में मथुरा के पति को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया| अवैध संबंधों के चलते की गई हत्या एसपी सचिन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की आरोपी मिजाजी यादव को अपनी पत्नी मथुरा बाई पर किसी दूसरे व्यक्ति से अवैध संबंधों का शक था जिसके चलते उसने घटना को अंजाम दिया था साथ ही आरोपी मिजाजी ने अपनी पत्नी के नाम पर एक जेसीबी भी ली थी उसको लेकर भी वह परेशान था|
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सांक रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात थे जवान मुरैना में एक दर्दनाक हादसा हो गया | सांक स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से दो RPF जवानों की मौत हो गई | दोनों मृतक RPF जवानों के नाम हेड कांस्टेबल अशोक कुमार और हेड कांस्टेबल नवराज सिंह बताए जा रहे हैं | दोनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे | मुरैना के सांक स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से कांस्टेबल अशोक कुमार और हेड कांस्टेबल नवराज सिंह की मौत हो गई | दोनों आरपीएफ पोस्ट सांक स्टेशन पर तैनात थे | दोनों जवान ट्रैक पर गश्त कर रहे थे। तभी दिल्ली से चेन्नई जा रही ट्रेन दुरंतो एक्सप्रेस तेज रफ्तार में ट्रैक पर आ गई | दोनों को संभलने का मौका भी नहीं मिला और वे ट्रेन की चपेट में आ गए | ट्रैक पर एक दूसरी ट्रेन भी गुजर रही थी | इस ओर ध्यान होने की वजह से जवान दूसरी तरफ से आ रही दुरंतो एक्सप्रेस के खतरे को भांप नहीं सके और यह हादसा हो गया |
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शहीदों को पुष्प अर्पित कर दी गयी श्रद्धांजलि सिंगरौली में पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर परेड का आयोजन किया गया | इस दौरान शहीद पुलिस जवानों के नाम पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प गुच्छ समर्पित किये गए |और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई | पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में अमर जवान ज्योति पर परेड का आयोजन किया गया | इस अवसर पर विधायक सुभाष रामचरित वर्मा ,सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा सहित जिले के कई न्यायाधीश और नगर निगम के पार्षद उपस्थित रहे, जहां पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन कर पुलिस बलिदानियों को याद करते हुए सलामी दी गई |साथ ही पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह ने शहीदों के नाम का वाचन भी किया |
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मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से हुई कई लोगों मृत्यु के बाद शुक्रवार को एक अवैध पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा गया। छापेमारी में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बानमौर कस्बे में गुरुवार पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से हुई मौतों के बाद शुक्रवार को एक अवैध पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में पटाखा बनाने वाला विस्फोटक (सामग्री) बरामद कर इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रवीण सिंह चौहान को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि सिलायथा गांव में आसिम खान नामक युवक अवैध पटाखे बनाने एवं बिक्री करने का काम करता है। मुखबिर की सूचना के आधार पर आसिम खान निवासी सिलायथा के घर पर दबिश दी तो कमरे में करीब ढाई हजार तैयार पटाखे और 5000 पटाखे बनाने वाले खाली कोखे व साथ ही 5 किलो बारूद भी जब्त की गई है। फिलहाल पुलिस आरोपी से अन्य ठिकानों के बारे में पूछताछ कर रही है।
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पुलिस के कार्रवाई न करने पर नाराज हुए किन्नर भोपाल में किन्नर समाज के लोग एक मामले को लेकर कमिश्नर कार्यालय के सामने पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा नाराज किन्नर समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ कमिश्नर कार्यालय में जमकर नारेबाजी की दरअसल किन्नरों ने एक अन्य किन्नर काजल बंबइया पर आरोप लगाते हुए कहा की उसने घर में घुसकर एक किन्नर के बाल काटे और तेजाब डालकर मारपीट की जिसकी वजह से सभी किन्नर दहशत में है लेकिन इस मामले मंगलवारा थाना पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है इसी के चलते किन्नर समाज में नाराजगी है किन्नरों ने इसके खिलाफ कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा है।
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तारों में नहीं था करंट ,नहीं हो सकती थी अनहोनी दमोह से एक सिरफिरे युवक का वीडियो सामने आया है जिसमे बिजली की तार पर एक युवक योग करता हुआ नजर आ रहा है गनीमत रही की जिस समय व्यक्ति यह हरकत कर रहा था उस समय बिजली नहीं होने से करंट नहीं था बिजली की नंगी तारों पर करतब दिखाता यह युवक किसी अनहोनी को निमंत्रण देता दिखाई दे रहा है वीडियो दमोह का बताया जा रहा है जहां यह युवक बिजली के तारों पर बैठकर करतब दिखा रहा है गनीमत रही की बिजली की तारों में करंट नहीं था नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था बिजली की तार पर उल्टा लेटकर यह सनकी युवक योग करता दिखाई दे रहा है लेकिन जिस तरह यह खतरों का खिलाड़ी बनने की कोशिश कर रहा है यह किसी अनहोनी का भी शिकार हो सकता था।
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अस्पताल में परिजनों को एम्बुलेंस नसीब नहीं, कलेक्टर ने दिया उचित कार्रवाई का भरोसा सिंगरौली में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बुरे हाल है यहां एक नवजात के शव को ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ मजबूर होकर पिता मोटरसाइकिल की डिक्की में शव लेकर मदद के लिए कलेक्टर के पास जनसुनवाई मे पहुंच गया कलेक्टर ने उन्हें मामले में उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है वहीं बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं ने दावों की पोल खोल कर रख दी है। सिंगरौली जिले को शर्मशार करने वाली तस्वीरें सामने आई है जहां बड़ी संख्या औद्योगिक संस्थान हैं जहाँ स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए वहां से आई ये मजबूर पिता की तस्वीर पूरे सिस्टम को शर्मशार करने वाली हैं प्रशासन में बैठे अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए अस्पताल ट्रामा सेंटर में किस तरह की बदहाल व्यवस्था है इसकी एक तस्वीर यहां आज देखने को मिली दरअसल दिनेश भारती अपनी पत्नी मीना भारती को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे जहां दिनेश की पत्नी के मृत बच्चे की डिलीवरी कराई गई और परिजनों ने जब बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की तो एम्बुलेंस नहीं होना बताया गया जिसके बाद मजबूर पिता ने बच्चे का शव अपनी मोटरसाइकिल की डिक्की में रखा और कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुँच गया पिता ने बताया की उससे पांच हजार रुपये भी लिए गए हैं वहीं कलेक्टर ने इस मामले में उचित कार्रवाई की बात कही है।
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हिन्दू रिवाज़ से किया अंतिम संस्कार छतरपुर से एक मामला सामने आया है जहां पुलिस प्रशासन की टीम ने एक मृत महिला की कब्र खोदकर उसे निकाला और हिन्दू रिवाज़ से उसका अंतिम संस्कार करवाया मंदिर के पुजारी ने उनकी माँ की मृत्यु के बाद मंदिर के पास ही उनकी समाधी बनायीं थी जिसका हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था जिसके बाद शव निकालकर अंतिम संस्कार किया गया। मामला शहर की आस्था के केंद्र मोटे के महावीर मंदिर का है जहां के पुजारी कमलेश गुप्ता ने अपनी मां की मौत के बाद हिंदू रिवाज से दाह संस्कार करने की बजाय मंदिर कैम्पस में ही समाधि बना दी जिस पर हिंदूवादी संगठन पुजारी कमलेश गुप्ता की इस हरकत पर नाराज हो गये उन्होंने सड़क पर उतरते हुए नाराजगी व्यक्त की और प्रशासन से कार्यवाही की मांग की जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर ही दफन शव को मंदिर परिसर से खोदकर बाहर निकाला और विधि विधान से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कराई इस पूरे मामले में मंदिर के पुजारी कमलेश गुप्ता का कहना है कि यहां पर शरीर महाराज की समाधि बनी हुई थी जिसकी हमारी माताजी ने सेवा की और उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी जब भी मृत्यु हो तो उन्हें यहीं पर स्थान दिया जाए...इसलिए हमने उनकी समाधि बनाने का काम किया लेकिन यहां पर कुछ हिंदू संगठनों को आपत्ति हुई जिसका प्रशासन ने मुझे अल्टीमेटम दिया... तो आज प्रशासन ने यहां पर यह कार्रवाई की है...लेकिन मेरी मां की अंतिम इच्छा थी उसको हम पूरा नहीं कर पाए।
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6 लूट के मोबाइल और 1 बाइक जब्त छतरपुर में दो शातिर लुटेरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लुटेरों के कब्जे से 6 मोबाइल 1 बाइक जब्त की है आपको बता दें दोनों लुटेरे मामा भांजे हैं और ये मिलकर लूट की वारदात को अंजाम दिया करते थे। छतरपुर में दो शातिर मामा भांजे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है अकसर ये मामा-भांजे लुटेरे राह चलते फोन पर बात करती लड़कियों को अपना निशाना बनाते थे अधिकतर कॉलेज तिराहे और बिजावर नाका पर लूट की घटना को ये अंजाम देते थे छतरपुर सीएसपी ने लूट का खुलासा किया है उन्होंने बताया की इनके पास से 6 लूट के मोबाइल 1 बाइक जब्त की गई है फिलहाल मामा भांजे पर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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मूलभूत सुविधाओं के बारे में कराया अवगत जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत जन शिविर में पहुंचे हाँ उन्होंने ग्रामीणों को जनसेवा अभियान में सरकार की मूलभूत सुविधाओं के बारे में बताया। जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर सीहोर जिला के श्यामपुरा और गोविंदपुरा ग्राम पंचायत में पहुंचे उन्होंने गांव के लोगों को जनसेवा अभियान में सरकार की मूलभूत सुविधा के बारे में बताया और कहा कि जो सुविधा से वंचित हैं उनको मूलभूत सुविधा दिलाई जाएगी और गांव में विकास कार्य अधिक से अधिक कराया जाएगा।
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मेले में सरकारी अधिकारियों के सामने लगाए ठुमके मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक सरकारी कार्यक्रम में डर्टी डांस का एक मामला सामने आया है। इस मामले में सबसे आश्चर्य वाली बात यह देखने को मिली कि मंच पर नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी के अलावा कई भाजपा के नेता भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी इस सरकारी कार्यक्रम में अश्लील नृत्य को रोकने का प्रयास या बंद कराने का साहस नहीं किया। दरअसल छतरपुर जिले के नगर पालिका प्रशासन द्वारा मेला जलबिहारियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेकिन यहां सरकारी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मंच पर अश्लील डांस हो रहा था। इस कार्यक्रम में बाहर से आई बालाओं ने फिल्मी गानों पर जमकर अश्लील भाव भंगिमा के साथ डांस किया। अब इस सरकारी आयोजन में अश्लील डांस की चर्चा पूरे जिले में जोरों पर है। जिसका वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार इस सरकारी कार्यक्रम में सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेता के अलावा नगर पालिका के अधिकारी और कई कर्मचारी भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी मंच पर चल रहे इस अश्लील डांस को रोकने की कोशिश नहीं की। बताया जाता है कि देर रात तक मेला जलबिहार के मंच पर खुलेआम अश्लील डांस चलता रहा। ये भी जानकारी मिली है कि यह कार्यक्रम का आयोजन नगर पालिका द्वारा किया गया था। बताया जाता है कि इस कार्यक्रम में अश्लील डांस के पहले ही नगर पालिका अध्यक्ष कार्यक्रम से घर चली गई। हालांकि भाजपा के महामंत्री एवं नगर पालिका अध्यक्ष के पति के सामने ऐसे अश्लील ठुमके से पालिका का सभ्य मंच दागदार होता नजर आया। अश्लील डांस के दौरान कई बार मौजूद दर्शकों में हंगामा मच गया। इस दौरान माहौल को पुलिस बार-बार संभालती नजर आई। लेकिन जब अधिक विवाद होने लगा तो अध्यक्ष पति वहां से भाग निकले। जिस तरह से सांस्कृतिक परंपरागत जल विहार मेले में अश्लीलता परोसी गई है। इस मामले को लेकर बुंदेलखंड महिला कांग्रेस सेवादल प्रभारी दीप्ति पांडे ने कहा कि संस्कृति के नाम पर अश्लील डांस से छतरपुर की मर्यादा को धूमिल किया है। यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि भगवान के जल बिहार पर निकलने के दौरान मेला जलबिहार होता है। लेकिन नगर पालिका ने जो अश्लीलता परोसी है वो बेहद शर्मनाक है। इसी कड़ी में भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह ने इसे लेकर कहा कि हमें जानकारी नहीं है की क्या हुआ है। इसकी जानकारी मीडिया के द्वारा प्राप्त हुई है। साथ ही उन्होंने पार्टी गाइडलाइन के तहत कार्रवाई करते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष को फटकार लगाई जाएगी। और कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इसपर कार्रवाई की जाएगी।
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ये रिश्ता क्या कहलाता है, ससुराल सिमर का समेत अन्य कई मशहूर टीवी धारावाहिकों में काम कर लोकप्रियता हासिल कर चुकीं वैशाली ठक्कर की आत्महत्या को लेकर जांच जारी है। लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश पुलिस ने अभिनेत्री की आत्महत्या को लेकर बड़ा दावा किया है। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि वैशाली ठक्कर को उनके पूर्व बॉयफ्रेंड प्रताड़ित कर रहे थे। वहीं टीवी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में इंदौर पुलिस ने रविवार को उसके पड़ोसी राहुल और उसकी पत्नी दिशा नवलानी को गिरफ्तार कर लिया है। वैशाली के सुसाइड नोट के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दंपती पर धारा 306 आत्महत्या के लिए मजबूर करने के तहत केस दर्ज किया है। सुसाइड नोट में एक्ट्रेस ने अपने पड़ोसी और उसकी पत्नी पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। दरअसल एक्ट्रेस ने पड़ोसी राहुल पर बीते ढाई साल से मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और सुसाइड नोट में अपने माता-पिता से आरोपी राहुल को सजा दिलाने की अपील की है। वैशाली ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरी आत्महत्या के बाद राहुल को सजा जरूर दिलाना, मम्मी-पापा आई लव यू और नोट के आखिर में आई क्वीट लिखा है। फिलहाल पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा है। पड़ोसी की गिरफ्तारी से पहले रविवार को पुलिस ने एक्ट्रेस के पूर्व प्रेमी के परेशान करने की बात सुसाइड नोट के आधार पर कही थी। पुलिस ने वैशाली को परेशान करने वाले लोगों पर कार्रवाई की बात भी कही है। इस दौरान इंदौर में एसीपी एम रहमान ने कहा कि हमें तेजाजी नगर पुलिस स्टेशन से सूचना मिली थी कि टीवी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर ने पिछली रात फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। जो सुसाइड नोट बरामद किया गया है उसमें इस बात का जिक्र है कि वो तनाव में थीं। सुसाइड नोट के मुताबिक अभिनेत्री के एक्स बॉयफ्रेंड उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। मामले की जांच आगे जारी है। वैशाली ने सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि राहुल ने मुझे दोस्ती में धोखा दिया। उसने धोखे से मेरे फोटो ले लिए और फिर ये फोटो-वीडियो मेरे एनआरआई मंगेतर को भेज दिए, जिसके चलते मेरी सगाई टूट गई। जानकारी के अनुसार वैशाली ठक्कर इंदौर के तेजाजी नगर थाना क्षेत्र के साईं बाग कालोनी में रहती थीं।
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ब्लड मांगना महँगा पड़ गया संजय गांधी अस्पताल में मरीज के परिजनों के साथ मारपीट सिक्योरिटी गार्ड ने मरीज के अटेंडर लात घूंसों से पीटा ब्लड मांगने पर CMO के सामने पीटा ,प्रबंधन की लापरवाही रीवा का संजय गाँधी अस्पताल आये दिन कभी अव्यवस्था तो कभी मरीजों और उनके परिजनों के साथ मारपीट को को लेकर सुर्खियों में रहता है ... एक बार फिर ब्लड मांगना मरीज के परिजन को महंगा पड़ गया घायल का इलाज कराने आये मरीज के अटेंडर को ही अस्पताल के गार्डस ने घायल कर एडमिट करने लायक बना दिया अस्पताल में तैनात गार्ड्स ने मरीज के अटेंडर की जमकर लात घूंसों से पिटाई कर दी यह सब CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय के सामने हुआ जिसको लेकर अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं सवाल ये भी है की क्या जान बचाने के लिए ब्लड की मांग करना गुनाह है क्या सीएमओ और अस्पताल प्रबंधन की ये बड़ी लापरवाही नहीं है वहीं अब इस मामले की जांच के नाम पर लीपापोती का काम शुरू कर दिया गया है अब अस्पतालों की स्थिति प्रभु भरोसे है ये वीडियो रीवा के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी का है वीडियो में जिस आदमी पर अस्पताल के ये गार्ड्स टूट पड़े हैं उसकी गलती ये थी के उसने घायल मरीज के लिए ब्लड की मांग कर ली थी यह मारपीट प्रभारी CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय के सामने हुई मरीज के अटेंडर का आरोप है कि स्टॉक रहने के बाद भी उन्हें ब्लड नहीं दिया गया इसी बात को लेकर जब विरोध जताया, तो आधा दर्जन गार्ड्स ने लात, घूंसों और डंडे से पिटाई कर दी साथ ही, अमहिया पुलिस को सूचना देकर पुलिस को सौंप दिया बताया जा रहा है कि एक मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ी, तो उसके परिजनों ने नीरज मिश्रा को जानकारी दी नीरज मिश्रा एक अन्य साथी के साथ अस्पताल पहुंचे नीरज मिश्रा ब्लड लेने के लिए वहां तैनात प्रभारी CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय से बातचीत करने लगे इसी दौरान, नीरज के साथ पहुंचे साथी ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया इसे देखकर वहां तैनात गार्ड आक्रोशित हो गए उन्होंने दोनों लोगों पर हमला बोल दिया वहीं अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि नीरज मिश्रा के साथ जो दूसरा व्यक्ति आया था, वो नशे में धुत था और उत्पात मचा रहा था विडंबना देखिये कि CMO के सामने ही आधा दर्जन गार्डों ने दोनों को जमकर पीटा दोनों जोर-जोर से चिल्लाते रहे लेकिन गार्ड्स तो गार्ड्स किसी डॉक्टर ने भी इसे रोकने की कोशिश नहीं की अमहिया थाना प्रभारी ने कहा है कि SGMH प्रबंधन से शराब पीकर उत्पात मचाने वालों के खिलाफ आवदेन मांगा है साथ ही, अस्पताल कैम्पस के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस खंगाल रही है अगर शराब पीकर उत्पात मचाने की बात सही निकली, तो फरियादी नीरज मिश्रा और उसके साथी को भी आरोपी बनाया जाएगा |
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ज़ख़्मी हालत में रेस्क्यू किया गया था कोबरा नर्मदापुरम में एक सांप की सर्जरी की गई एक महिला डॉक्टर ने एक कोबरा सांप का इलाज किया बताया जा रहा है कि कोबरा ज़ख़्मी हालत में मिला था जिसके बाद उसे इटारसी पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी की | कुछ लोग बेज़ुबान जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार करते हैं तो कुछ लोग बेजुबानों को बचाने के लिए हमेशा तैयार रहते है ऐसा ही एक मामला नर्मदापुरम से सामने आया है जहाँ इटारसी के पशु चिकित्सालय की डॉक्टर ज्योति नावड़े ने रेस्क्यू किए गए घायल कोबरा सांप का इलाज किया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है सर्जरी किये जाने के बाद इस सांप की हालत में तेजी से सुधार हुआ इलाज के तीसरे दिन कोबरा सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ा दिया गया |
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कॉंस्टेबल ने हिम्मत दिखा बचाई जान मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा रेलवे स्टेशन पर एक बुजुर्ग के प्लेटफॉर्म पर ट्रेन से घिसटने का वीडियो सामने आया है। यह ट्रेन संख्या 19037 अवध एक्सप्रेस में बुजुर्ग शांतिलाल ट्रेन से राजस्थान भवानी मंडी की ओर जा रहे थे। इसी दौरान नागदा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर सुबह 9.00 बजे के करीब बुजुर्ग ने चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया और उनका पैर फिसल गया। जिससे वह ट्रेन के से लटक गए और उनका शरीर ट्रेन से रगड़ाने लगा। प्लेटफॉर्म पर रगड़ता हुआ जाते देख मौके पर मुस्तैद कॉन्स्टेबल विशाल कुमार ने ट्रेन के साथ तेजी से दौड़ लगा दी। जवान ने जान जोखिम में डाल कर बुजुर्ग को ट्रेन व प्लेटफॉर्म के गैप में से बाहर खींचकर जान बचा ली। इस दौरान जवान भी गिर गया। एक बुजुर्ग चलती ट्रेन में सवार होने की कोशिश करता है। लेकिन वह सवार होता इसके पहले के पहले फिसलकर ट्रेन के साथ घसीटता चला जाता है। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ जवान ने बहादुरी दिखाते हुए दौड़ लगा दी। जवान ने बुजुर्ग को ट्रेन से खींच लिया। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है। घटना 10 अक्टूर को अवध एक्सप्रेस 19037 की है। घटना का सीसीटीवी सामने आया है। यात्री को घुटनों व कमर में चोट लगी है वहीं पुलिस जवान को भी चोट आई है। यात्री को चेतावनी देने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसका उपचार चल रहा है।
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श्योपुर में कट्टे की नोंक पर आदिवासी नाबालिग से दरिंदगी की घटना सामने आई है। दोनों ने मिलकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया है। नाबालिग बच्चों को लेकर परिजन थाने पहुंचे और पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। मामला बीरपुर थाना क्षेत्र के चक सीताराम गांव का है। बताया गया है कि पीड़िता अपनी मां के साथ झोपड़ी में रहती है। बीती रात वह रोजाना की तरह झोपड़ी के भीतर सो रही थी, उसकी मां पास में बंधी हुई मवेशियों के पास खटिया बिछा कर लेटी थी, तभी दो आरोपी आए,वीरेंद्र रावत नाम के आरोपी ने नाबालिग युवती के हाथ पकड़ कर उसका मुंह बंद किया। उसके बाद उसने सिर पर कट्टा आकर जान से मारने की धमकी दी और निरबचन रावत नाम के आरोपी ने नाबालिग के साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया। दूसरा आरोपी युवती के साथ दरिंदगी कर रहा था तभी उसकी बहन की नींद खुल गई और उसने शोर मचा कर अपनी मां को बुला लिया। यह सब देख आरोपी मौके से फरार हो गए। फरियादिया की मां ने डायल 100 पर फोन करके पुलिस को बनवाया और उसके बाद पीड़ित और उसकी मां थाने पर पहुंची जहां पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है साथ ही पुलिस का कहना है कि दोनों युवकों की तलाश की जा रही है जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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सीधी में दहेज प्रताड़ना से तंग आकर एक मां ने अपने 3 बच्चों के साथ जहर खाकर जान देने की कोशिश की। हालांकि इस घटना के बाद मां की हालत तो ठीक है लेकिन उसके बच्चे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। महिला के 2 बच्चों को इलाज के लिए रीवा के गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती किया गया है। जहां गहन चिकित्सा इकाई में उनका इलाज चल रहा है। तीन बच्चे और शादी को करीब पांच साल का वक्त बीत जाने के बाद भी जब पति व ससुराल वालों के ताने और प्रताड़ना खत्म नहीं हुई तो महिला ने अपने तीनों बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। मां सहित सभी बच्चों की हालत बिगड़ते देख परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि पीड़िता ने महिला थाने में आवेदन देकर प्रताड़ना के खिलाफ शिकायत की थी लेकिन तब पुलिस ने इसपर ध्यान नहीं दिया और समझौता करा दिया था। अब जब महिला ने बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की है तो पुलिस ने महिला के पति व ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना जिले के तरका (झरिया) गांव की है जहां रहने वाली निर्मला नाम की महिला की शादी 10 जून 2017 को लीलामणि नाम के शख्स के साथ हुई थी। बताया जा रहा है कि शादी के बाद ही सास, ननद व पति लीलामणि द्वारा उसे दहेज में 60 हजार रुपए और बाइक नहीं लाने पर प्रताड़ित किया जाता था। लगातार प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने 21 जुलाई को महिला थाना में शिकायती आवेदन दिया, जहां पुलिस ने दोनों पक्षों में आपसी सुलह कराई थी। लेकिन कुछ दिन बाद उसे फिर प्रताड़ित किया जाने लगा। महिला थाना में दिए शिकायती आवेदन के अनुसार ससुराल वाले लगातार उसे प्रताड़ित कर उसके साथ अक्सर मारपीट करते थे। साथ ही दूसरी शादी कर लेने की धमकी देते हुए उसे घर से बाहर निकाल दिया था। महिला का नंदोई रामकृपाल जायसवाल निवासी बहरी भी इन लोगों के साथ मिलकर गाली-गलौज करते हुए मारपीट करता था और दूसरी शादी करा देने की धमकी देता था। रोजाना होने वाली इसी प्रताड़ना से तंग आकर निर्मला ने तीनों बच्चों एक वर्षीय शुभम दो वर्षीय समन और चार वर्षीय सत्यम के जहर खा लिया। लेकिन इसकी भनक घरवालों को लग गई और सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए रीवा के गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी बहरी अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस मामले में बहरी थाना प्रभारी पवन सिंह ने बताया कि महिला ने बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की है। पीड़िता ने जिस-जिसके नाम बताए हैं उनपर दहेज प्रताड़ना का मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। महिला की हालत में सुधार होने के बाद उसका बयान दर्ज किया जाएगा। हालांकि इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है की पीड़िता के पति का किसी और से संबंध था जिससे वो शादी करना चाहता था। अपनी पत्नी से पीछा छुड़ाने के लिए वह उसे परेशान करता था।
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बीती रात पत्थर की खदान में ब्लास्टिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। ब्लास्टिंग के दौरान खदान के नीचे खड़े डंपर के आगे पत्थर गिरने से उसके परखच्चे उड़ गये और इस घटना में डंपर चालक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना इतनी भयानक थी कि 4 घंटे बाद डंपर चालक को निकाला गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बनी खदानें लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और जांच शुरू कर दी है।4 घंटे बाद बाहर निकाला गया शव बता दें कि ग्वालियर जिले के हस्तिनापुर क्षेत्र में बीती रात लगभग 2:00 बजे काली गिट्टी के पत्थर की खदान में जोरदार ब्लास्टिंग की वजह से खदान का आगे का हिस्सा धसक गया। जिस कारण नीचे खड़े डंपर और चालक भीकम सिंह राणा पर पत्थर का बड़ा हिस्सा जा गिरा जिस कारण डंपर के परखच्चे उड़ गए। पत्थर से दब जाने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई बड़ी मशक्कत के बाद 4 घंटे में डंपर चालक के शव को बाहर निकाला गया। परिजनों ने किया थाने का घेराव,मांगा मुआवजा सूचना मिलने पर पुलिस और परिजन मौके पर पहुंच गए उसके बाद परिजनों ने आर्थिक मदद और खदान संचालक पर कार्रवाई की मांग को लेकर रात में थाने का घेराव किया। मृतक के परिजनों की मांग है कि उन्हें आर्थिक मदद और खदान संचालक पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने शासन से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया और शव को पोस्टमार्टम हाउस रवाना कर दिया। गौरतलब है कि ग्वालियर जिले की पास दर्जन भर मौत की खदानें बन गई है। यह मौत की खदानें अनुमति से अधिक खोद दी गई हैं यही कारण है कि यहां हादसे होते रहते हैं। जिले के बिजौली, हस्तिनापुर,बिलुआ में मौत के खदानें बन गई है। यहां जितनी अनुमति प्रशासन ने दी थी उससे काफी अधिक गहराई तक खदानों को खोद कर पत्थर निकाला गया है। जिसके चलते अब यहां हादसे होने लगे हैं। लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है।
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दो साल की बच्ची से दुष्कर्म इंदौर से एक दिल दुखाने वाली खबर है जहाँ एक दरिंदे ने एक दो साल की बच्ची का अपहरण कर के उसके साथ दुष्कर्म किया पुलिस ने इस हैवान आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है बुधवार रात को दो साल की बच्ची के साथ अपहरण और दुष्कर्म का मामला सामने आया दो साल की मासूम बच्ची अपने माता-पिता के साथ सो रही थी रात दो बजे स्वजनों की नींद खुली तो बच्ची गायब मिली, इससे सनसनी फैल गई पुलिस ने देर रात मासूम बच्ची को बरामद कर एक ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है यह मामला शहर के चंदन नगर थाने का है। चंदन नगर थाना पुलिस का कहना है कि मासूम बच्ची को ट्रक चालक अपने ट्रक में ले गया था पुलिस ने देर रात ही मासूम को दूर रेती मंडी इलाके से बरामद किया बाद में मासूम बच्ची की तबियत बिगड़ गई, तो उसे लेकर एमवाय अस्पताल ले जाया गया और उसका उपचार जारी है डाक्टरों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की है चिकित्सक लगातार बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं।
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इंदौर में दो साल के मासूम के अपहरण का मामला सामने आया है,जिसे बाद में बरामद कर लिया गया है। चंदन नगर थाना क्षेत्र का मामला है। एक ट्रक चालक मासूम को लेकर उस वक्त फरार हो गया, जब वो घर वालों के साथ सो रही थी। मासूम को बिगड़ी हालत में पुलिस बरामद कर अस्पताल ले गई। मासूम के साथ दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही है। इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में 2 साल की मासूम अपने परिजनों के साथ सो रही थी। रात 2 बजे परिजनों की नींद खुली तो बच्ची उनके पास से गायब मिली। परेशान होकर घर वालों ने आस-पास ढूंढा लेकिन बच्ची नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी। चंदन नगर थाने की पुलिस ने बहुत मशक्कत के बाद बच्ची को बरामद कर लिया। बच्ची बिगड़ी हालत की अवस्था में मिली है उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। दुष्कर्म की जताई आशंका बच्ची को एक ट्रक ड्राइवर उठा कर ले गया था। अचेत अवस्था में मिली बच्ची को देखकर उसके साथ दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही है। हलांकि डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। पुलिस ने घर से कई किलो मीटर दूर से बच्ची को बरामद किया है। इस घटना के बाद चंदन नगर थाने में वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच आए।
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महामृत्युंजय मंदिर प महाकाल लोक का हुआ प्रसारण उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह के समय भोपाल में भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी और अन्य भाजपा नेता शिव भक्ति में लीन नजर आये इसके बाद सभी ने महाकाल लोक का लाइव लोकार्पण देखा | महाँकाल लोक का लोकार्पण उज्जैन की पावन धरा पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया भोपाल के गांधी नगर मंडल के वार्ड 6 स्तिथ श्री महामृत्युंजय मंदिर पर श्री महाकाल लोक का लाइव प्रसारण देखा गया इस अवसर सभी ने दीपक जला कर महादेव सरकार की आराधना की इस अवसर पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी मंडल अध्यक्ष योगेश वासवानी सहित बड़ी संख्या मे श्रद्धालु उपस्तिथ रहे।
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हैंडपंप से पानी की जगह निकली शराब सीएम शिवराज के निर्देश पर गुना में अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी जहां दो गांवों में हैंडपंप से शराब निकलती हुई दिखाई दी जब इनके नीचे खुदाई की गयी तो पुलिस को शराब से भरी टंकियां मिली पुलिस को जानकारी मिली थी की जिले के कुछ गांवों में अवैध शराब बनाई जा रही है जिसे लेकर पुलिस ने कुछ गांवो में दबिश दी...और पाया कि गांव में दो हैंडपंप से पानी की जगह शराब निकल रही है जब पुलिस ने हैंडपंप के नीचे खुदाई की तो उन्हें शराब से भरी टंकियां मिली...ये टंकियां जमीन में करीब सात फीट तक धंसी हुई थी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में शराब नष्ट की है हालांकि फ़िलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है लेकिन पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है उनके खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गयी है।
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मध्य प्रदेश के खंडवा में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान विवादित नारे लगाए जाने को लेकर कोतवाली पुलिस ने कुछ युवकों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की । इस कार्रवाई से आक्रोशित परिजनों ने थाने का घेराव किया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष थाना परिसर में धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस ने बेकसूर युवकों को उठा लिया है जबकि कसूरवार बाहर घूम रहे हैं। धरने पर बैठे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती रही। इस धरने में शहर काजी भी पहुंचे। पुलिस प्रशासन और मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल के बीच लंबी चर्चा के बाद पुलिस ने चार युवकों को छोड़ दिया, वहीं दो युवकों पर आपत्तिजनक नारे लगाने के मामले में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि चार युवकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनका इंवॉल्वमेंट नहीं होने के चलते उन्हें फिलहाल छोड़ा जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोतवाली थाने में लोग डटे रहे। पुलिस और मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल के समझाइश देने के बाद लोग वहां से रवाना हुए। दरअसल ईद मिलादुन्नबी पर खंडवा के अमन नगर में निकाले गए जुलूस में डीजे साउंड पर सर तन से जुदा के नारे का रिकार्ड बजाया गया। इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ युवकों को पूछताछ के लिए कोतवाली थाने बैठा लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से आक्रोशित परिवार जनों ने थाने का घेराव किया। थाने के गेट के सामने महिलाएं धरने पर बैठ गई। इसके बाद हजारों की संख्या में युवाओं ने थाने के घेराव किया। सोमवार को देर रात तक कोतवाली थाने के सामने हंगामे की स्थिति रही। धरने पर बैठी महिलाओं का कहना था कि पुलिस ने बेवजह उनके बच्चों को थाने में बैठाया है। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। जुलूस में अगर नारे लगे हैं तो पुलिस इसका प्रूफ दे। महिलाओं ने कहा कि वह तब तक यहां से नहीं वापस नही लौटेंगी, जब तक कि उनके बच्चों को छोड़ा नहीं जाता। इसके बाद शहर ले अलग अलग क्षेत्रो से युवकों के समूह भी वहां पहुंचे। कुछ ही देर में हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। इस बीच शहर काजी निसार अली, पार्षद इक़बाल कुरैशी, कहारवाड़ी पार्षद अशफाक सीगड़ और अकरम जाटू कोतवाली थाना प्रभारी से मिले। हेडक्वार्टर डीएसपी अनिल चौहान से चर्चा की। करीब दो घंटे बाद पुलिस ने चारों को छोड़ दिया। रात करीब एक बजे चार युवकों को छोड़ने पर मामला शांत हुआ। विवादित नारे को लेकर उठाए गए युवकों के परिजन और समाज जनों ने पूरे थाने को घेर लिया। ऐसे में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि मंडल और शहर काजी सैयद निसार अली ने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा की। उसके बाद धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए शहर काजी ने सभी से शांति के साथ वापस घर लौटने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि बेगुनाह युवकों को पुलिस परेशान नहीं करेगी। चार युवकों को भी थोड़ा जा रहा है। तब जाकर लोग थाना परिसर से हटने लगे। इस बीच डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल चौहान ने भी माइक से एनाउंसमेंट किया कि मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद 4 लोगों को छोड़ा जा रहा है। सभी लोग शांति बनाए रखें और अपने घर वापस लौट जाएं। जिसके बाद थाने से सभी लोग वापस लौटे और मामला शांत हुआ। डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान ने बताया कि विवादित नारे लगाने के मामले में कुछ युवकों को उठाया था। वेरिफिकेशन कर लिया गया है। इसके बाद कुछ युवकों को रिलीज किया गया है और दो युवकों को अरेस्ट कर लिया गया है। इसमें शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। फिलहाल चार लोगों को वेरीफाई कर लिया गया है। उनका इंवॉल्वमेंट नहीं होने पर उन्हें रिलीज किया गया है। हालांकि उसे पुनः पूछताछ की जाएगी। डीजे पर कुछ विवादित बजा था उसी पर कार्रवाई की गई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दबाव के चलते युवकों को छोड़ा गया है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, पूछताछ के लिए पुलिस युवकों को लाई थी। अमन नगर के युवाओं को विवादित नारे के मामले में जब पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया तो उनके परिवार की महिलाओं ने कोतवाली थाने में धरना शुरू कर दिया। इस धरने में उनके साथ अमन नगर में रहने वाली हिन्दू समुदाय की महिलाएं भी शामिल हुईं। हिन्दू समुदाय की महिलाओं ने भी कहा कि पुलिस ने बेकसूर लोगों को उठाया है। हिन्दू समुदाय की महिलाएं भी धरने में आखिर तक बैठी रहीं। वे तभी वापस हुईं जब युवाओं को छोड़ दिया गया।
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मध्य प्रदेश के खंडवा में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान विवादित नारे लगाए जाने को लेकर कोतवाली पुलिस ने कुछ युवकों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की । इस कार्रवाई से आक्रोशित परिजनों ने थाने का घेराव किया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष थाना परिसर में धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस ने बेकसूर युवकों को उठा लिया है जबकि कसूरवार बाहर घूम रहे हैं। धरने पर बैठे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती रही। इस धरने में शहर काजी भी पहुंचे। पुलिस प्रशासन और मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल के बीच लंबी चर्चा के बाद पुलिस ने चार युवकों को छोड़ दिया, वहीं दो युवकों पर आपत्तिजनक नारे लगाने के मामले में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि चार युवकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनका इंवॉल्वमेंट नहीं होने के चलते उन्हें फिलहाल छोड़ा जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोतवाली थाने में लोग डटे रहे। पुलिस और मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल के समझाइश देने के बाद लोग वहां से रवाना हुए। दरअसल ईद मिलादुन्नबी पर खंडवा के अमन नगर में निकाले गए जुलूस में डीजे साउंड पर सर तन से जुदा के नारे का रिकार्ड बजाया गया। इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ युवकों को पूछताछ के लिए कोतवाली थाने बैठा लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से आक्रोशित परिवार जनों ने थाने का घेराव किया। थाने के गेट के सामने महिलाएं धरने पर बैठ गई। इसके बाद हजारों की संख्या में युवाओं ने थाने के घेराव किया। सोमवार को देर रात तक कोतवाली थाने के सामने हंगामे की स्थिति रही। धरने पर बैठी महिलाओं का कहना था कि पुलिस ने बेवजह उनके बच्चों को थाने में बैठाया है। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। जुलूस में अगर नारे लगे हैं तो पुलिस इसका प्रूफ दे। महिलाओं ने कहा कि वह तब तक यहां से नहीं वापस नही लौटेंगी, जब तक कि उनके बच्चों को छोड़ा नहीं जाता। इसके बाद शहर ले अलग अलग क्षेत्रो से युवकों के समूह भी वहां पहुंचे। कुछ ही देर में हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। इस बीच शहर काजी निसार अली, पार्षद इक़बाल कुरैशी, कहारवाड़ी पार्षद अशफाक सीगड़ और अकरम जाटू कोतवाली थाना प्रभारी से मिले। हेडक्वार्टर डीएसपी अनिल चौहान से चर्चा की। करीब दो घंटे बाद पुलिस ने चारों को छोड़ दिया। रात करीब एक बजे चार युवकों को छोड़ने पर मामला शांत हुआ। विवादित नारे को लेकर उठाए गए युवकों के परिजन और समाज जनों ने पूरे थाने को घेर लिया। ऐसे में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि मंडल और शहर काजी सैयद निसार अली ने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा की। उसके बाद धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए शहर काजी ने सभी से शांति के साथ वापस घर लौटने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि बेगुनाह युवकों को पुलिस परेशान नहीं करेगी। चार युवकों को भी थोड़ा जा रहा है। तब जाकर लोग थाना परिसर से हटने लगे। इस बीच डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल चौहान ने भी माइक से एनाउंसमेंट किया कि मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद 4 लोगों को छोड़ा जा रहा है। सभी लोग शांति बनाए रखें और अपने घर वापस लौट जाएं। जिसके बाद थाने से सभी लोग वापस लौटे और मामला शांत हुआ। डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान ने बताया कि विवादित नारे लगाने के मामले में कुछ युवकों को उठाया था। वेरिफिकेशन कर लिया गया है। इसके बाद कुछ युवकों को रिलीज किया गया है और दो युवकों को अरेस्ट कर लिया गया है। इसमें शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। फिलहाल चार लोगों को वेरीफाई कर लिया गया है। उनका इंवॉल्वमेंट नहीं होने पर उन्हें रिलीज किया गया है। हालांकि उसे पुनः पूछताछ की जाएगी। डीजे पर कुछ विवादित बजा था उसी पर कार्रवाई की गई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दबाव के चलते युवकों को छोड़ा गया है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, पूछताछ के लिए पुलिस युवकों को लाई थी। अमन नगर के युवाओं को विवादित नारे के मामले में जब पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया तो उनके परिवार की महिलाओं ने कोतवाली थाने में धरना शुरू कर दिया। इस धरने में उनके साथ अमन नगर में रहने वाली हिन्दू समुदाय की महिलाएं भी शामिल हुईं। हिन्दू समुदाय की महिलाओं ने भी कहा कि पुलिस ने बेकसूर लोगों को उठाया है। हिन्दू समुदाय की महिलाएं भी धरने में आखिर तक बैठी रहीं। वे तभी वापस हुईं जब युवाओं को छोड़ दिया गया।
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SC भड़का , कहा- जुर्माना लगाना पड़ेगा क्या? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने की अपील वाली याचिका पर सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। जस्टिस एस के कौल और जस्टिस अभय एस ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर इससे कौन-सा मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है। पीठ ने कहा, 'क्या यह अदालत का काम है? आप ऐसी याचिकाएं दायर ही क्यों करते हैं कि हमें उस पर जुर्माना लगाना पड़े? कौन-से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ? आप अदालत आए हैं तो क्या हम नकारात्मक नतीजे की परवाह किए बिना यह करें?' याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने न्यायालय में कहा कि गौ संरक्षा बहुत जरूरी है। बेंच ने वकील को आगाह किया कि वह जुर्माना लगाएगी, जिसके बाद उन्होंने याचिका वापस ले ली और मामले को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट गैर-सरकारी संगठन गोवंश सेवा सदन और अन्य की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने का मांग की गई थी। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग पुरानी गौरतलब है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग पुरानी है। बीते साल दिसंबर में राज्यसभा में भाजपा के एक सदस्य ने गौ-हत्या पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की मांग की थी। बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने गौहत्या पर रोक के लिए केंद्रीय कानून बनाने के साथ ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सनातन और हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है। भाजपा सांसद ने शून्यकाल के दौरान कहा, 'गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और उसे माता का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में गौ-हत्या होने से सामाजिक समसरता प्रभावित होने लगती है।' वहीं, भाजपा के महेश पोद्दार ने बायो-एथनॉल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही नीति बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम की खरीद पर एक ओर विदेशी मुद्रा खर्च होती है, वहीं इसके उपयोग से प्रदूषण भी बढ़ता है। ऐसे में अगर बायो-एथनॉल के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए तो किसानों को भी फायदा मिलेगा।
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चीतल का मांस और खाल बरामद 1 अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के गेटों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहले पर्यटकों को सफारी के दौरान तेंदुआ दिखाई दिया था। हाल ही में को पर्यटकों को महामन बाघ दिखाई दिया। इस बेहद ही सुंदर नजारे में बाघ को देखकर पर्यटक रोमांचित हुए। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में महामन बाघ अपने वन क्षेत्र में विचरण करता हुआ दिखाई दिया जो जंगल सफारी के दौरान रास्ते में सैलानियों के जिप्सी के सामने से निकला। जिप्सी में बैठे लोगों ने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया। साथ ही बाघ को आता देख जिप्सी भी पहले ही रोक ली गई और बाघ को रास्ते से निकलने दिया गया। जहां एक तरफ पर्यटक आनंद ले रहें हैं वहीं दूसरी तरफ शिकारी भी सक्रिय हो गए है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन की टीम ने 2 आदतन शिकारियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। बताया जा रहा है कि इन शिकारियों के पास से चीतल का मांस और खाल बरामद की गई हैं। इसे लेकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उमरिया बकेली गांव में र दो आदतन अपराधियों दादूराम बर्मन व गोविंद बर्मन को चीतल के मांस व चमड़े के साथ हिरासत में लिया गया है। ये आरोपी पहले से ही वन्यजीव अपराधों में लिप्त रहे हैं। इन पर कई प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से लम्बे समय से वन विभाग की राडार पर थे। जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर पतौर परिक्षेत्र की टीम ने ताला परिक्षेत्र व पनपथा बफर परिक्षेत्र की टीम के सहयोग से उमरिया बकेली गांव में आधी रात दबिश देकर कार्रवाई की। और 2 आरोपियों को चीतल के पके हुए मांस, कच्चे मांस, साथ ही खाल के साथ गिरफ्तार करके न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वारा दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि 3 अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है।
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मध्य प्रदेश की निवाड़ी पुलिस ने नशा कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाकर अलग-अलग जगह दबिश देकर करीब दो दिन में 50 लोगों पर कार्रवाई की है। यह लोग शराब बनाने और बेचने का व्यापार करते थे। इसके अलावा पुलिस ने अवैध गांजे की खेती से करीब डेढ़ क्विंटल हरे पौधे जब्त किए हैं। इनकी कीमत करीब 14 लाख रुपये बताई जा रही है। मामला पृथ्वीपुर थाना इलाके का है। पृथ्वीपुर एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने देर रात पुलिस बल के साथ भोपालपुरा गांव के मझले खिरक से अवैध गांजे की खेती के साथ रमेश उर्फ भज्जू यादव व शैलेन्द्र यादव को गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने जेर गांव से 38 किलो गांजे के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस बल के साथ गांजे की खेती पकड़ी है करीब आधा बीघा में यह खेती हो रही थी। जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस लगातार नशा के खिलाफ अभियान चला रही है गांव-गांव जाकर चौपाल के माध्यम से लोगों को नशा से दूर रहने व नशा खोरी से लड़ने के लिए जागरुक किया जा रहा है।
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ईदगाह में किया गया रैली का समापन परासिया में मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद मिलादुन्नबी के पर्व पर जुलूस निकाला और नगर भ्रमण करते हुए परासिया ईदगाह में समापन किया गया...इस इस बीच समाज के सभी लोगों ने जुलूस का स्वागत किया शांति के साथ यह पर्व मनाया गया और इस बात का ध्यान रखा गया की इससे किसी को भी किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। ईद मिलादुन्नबी के पर्व पर रैली निकली गई परासिया के मुख्य मार्गो से लेकर कई कॉलोनी में सजावट दिखी रैली में भारत देश का झंडा भी दिखाई दिया और जगह जगह मुस्लिम समाज का स्वागत किया गया परासिया पुलिस ने भी कड़े इंतेज़ाम किए पुलिस व्यवस्था बनाती रही जिससे कही भी आवागमन में किसी को मुश्किलों का सामना करना नही पड़ा व्यवस्थित ढंग से जुलूस निकाला गया और मोटरसाइकिल से भी कुछ युवाओं ने रैली निकाला।
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विभाग की मनमानी से मिल रहा अधिक बिल विधायक नारायण त्रिपाठी करेंगे जन आंदोलन मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने बिजली विभाग की समस्याओं को लेकर एकबार फिर बड़े जन आंदोलन की चेतावनी दी है नारायण त्रिपाठी ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारी अधिकारियों की उदासीनता की बदौलत बिजली बिलों का फर्जी भुगतान किया गया है वहीं आम जन,किसान ,व्यापारियों की कमर टूटती जा रही है कर्मचारी बिना मीटर रीडिंग के मनमाना बिल लोगो को भेजे जा रहे हैं। विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर आम जन की समस्या को लेकर मुखर हो गए हैं विधायक त्रिपाठी ने कहा आम जन का मीटर खपत 10 यूनिट है मीटर रीडिंग 10 यूनिट बता रहा है लेकिन बिल उसके घर मे 300 यूनिट का भेजा जा रहा है जब उपभोक्ता फर्जी बिलिंग की शिकायत करने अधिकारियों के पास पहुँचता है तो अधिकारी उन बिलो की सत्यता की परख तो कर लेता है किंतु उसे कम करने या सुधार करने का अधिकार न होने की दुहाई देकर विदा कर देता है ऊपर से वह फर्जी बिल जमा न होने पर कनेक्शन काट दिया जाता है जिससे क्षेत्र के आम जन के बीच बिलो को लेकर दहशत का माहौल है किस दिन कितना बिल घर आ टपकेगा किसी को नही पता उन्होंने कहा राजधानी की तरह विन्ध्य और बुन्देलखण्ड में भी बिल सुधारे जाए समस्या हल नहीं होने पर बड़ा जनांदोलन किया जायेगा।
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रंगे हाथों 10 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा कटनी जिला अस्पताल में लोकायुक्त ने बड़ी कार्यवाही करते हुए ईएमटी कर्मचारी को 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है बताया जा रहा है की ईएमटी कर्मचारी ने विकलांगता प्रमाण पत्र के रिन्यूअल के एवज में 10 हजार रुपए की मांग की थी। शिकायतकर्ता कश्यप तिवारी ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के सामने उपस्थित होकर लिखित तौर पर शिकायत की थी कि विकलांग बोर्ड में ईएमटी के पद पर पदस्थ शशिकांत तिवारी ने विकलांगता प्रमाण पत्र के रिन्यूअल करने के बदले में 10 की रिश्वत की मांग की है जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 सदस्यों की टीम ने जिला चिकित्सालय में दबिश दी और ईएमटी कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
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शर्मा :स्कूल में मजार बनाने नहीं पढ़ाने भेजा गया था विदिशा के कुरवाई में सीएम राइस स्कूल में मजार बनाने का मामला सामने आया मजार बनाने को लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि प्रिंसिपल को मजार बनाने नहीं भेजा गया था मजार बनाना है तो खुद के पैसे से प्लाट खरीदकर मजार बनाए वहीं मामला सामने आने के बाद प्रिंसिपल शायना फिरदौस को निलंबित कर दिया गया है। सरकारी स्कूल में मजार बनाने का मामला अब बढ़ता जा रहा है भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने स्कूल में मजार बनाने को लेकर कहा प्राचार्य को स्कूल में मजार बनाने नहीं भेजा गया है प्रिंसिपल को पढ़ाने के लिए भेजा है आपको मंजार बनाना है तो खुद के पैसों से प्लाट जमीन खरीदो वहां पर मजार बनाओ मामले में स्कूल में मजार बनाने वाली कुरवाई स्कूल की तत्कालीन प्रिंसिपल शायना फिरदौस को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है विदिशा के कुरवाई में सरकारी स्कूल में मजार बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है सीएम राइस स्कूल परिसर में प्राचार्य शायना फिरदौस ने सरकारी खर्चे पर चबूतरे को मजार बना दिया इतना ही नहीं मुस्लिम समाज के लोग जुमे वाले दिन यानी शुक्रवार को वहां पर नमाज भी पढ़ने लगे मुस्लिम विद्यार्थियों को इस दिन विशेष अवकाश भी दिया जाता था जिसकी शिकायत होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच की और लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने शायना को निलंबित कर दिया लेकिन सवाल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी है की आखिरकार कैसे एक सरकारी स्कूल परिसर में प्राचार्य ने मजार बनवा दी और स्कूल शिक्षा विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी।
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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल छतरपुर के लवकुशनगर में एक नाबालिग युवक को ग्रामीणों ने बुरी तरह से पीटा ग्रामीणों ने युवक को चोरी के शक में पकड़ा और बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। परसानिया गांव मे नाबालिग युवक को ग्रामीणों ने चोरी के शक मे पकड़ा और खम्भे से बांधकर मारपीट कर दी मारपीट का विडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है की भीड़ किस तरह नाबालिग युवक को पीट रही है नाबालिग चीख चीख कर मिन्नतें कर रहा था कि वह निर्दोष है उसने चोरी नहीं की उसे मत मारो लेकिन ग्रामीण नहीं माने और मार मार कर नाबालिग की नाक से खून निकाल दिया बाद में नाबालिग युवक को चोरी के शक में पुलिस के हवाले कर देते है लेकिन नाबालिग युवक के खिलाफ चोरी के कोई सबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया है यह विडियो सोशल मीडिया में वायरल होने पर एसपी ने पूरे मामले के जांच के आदेश कर दिये है।
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू की छतरपुर मे एक बुजुर्ग किसान की लाठी डंडो से पीटकर हत्या कर दी गई बुजुर्ग खेत में गया हुआ था तभी अज्ञात लोगों ने उनकी हत्या कर दी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है मामला हरपालपुर थाना के सरसेड गांव का है जहां सुबह जब परिजन खेत पर गये तो बुजुर्ग नन्नू कोरी मृतक हालत मे मिले परिजनो ने बताया कि मृतक रोजाना मूंगफली के खेत की रखवाली के लिये खेत मे सोता था तभी अचानक किसी ने उनकी हत्या कर दी है परिजनो ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और एफ एस एल की टीम ने मौके पर जाकर जांच शुरु की पुलिस के अधिकारियों का कहना है अभी जांच चल रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस घटना का खुलासा किया जायेगा
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रेलवे टेक्नीशियन ने सूझबूझ ने बचाया कटनी मुड़वारा स्टेशन से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है जिसमे एक बुज़ुर्ग रेलवे ट्रैक पार करते हुए दिखयी देता हैऔर उसी दौरान ट्रेन के आजाने से बुज़ुर्ग की जान पर बन आती है। स्टेशन पर ये बुज़ुर्ग रेलवे ट्रैक को पार करते हुए दीखेति देता है लेकिन कम दिखाई सुनाई पड़ने के कारण बुज़ुर्ग को ट्रैन के आने का पता नहीं चल पाया और बुज़ुर्ग की जान पर बन आती है जिसके बाद रेलवे टेक्नीशियन ने सूझबूझ से बुज़ुर्ग को बचाया गया ट्रेन के सामने आते ही बुजुर्ग को धक्का देकर बचाया गया और स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना यह साडी घटना कैद हो गयी।
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू की छतरपुर मे एक बुजुर्ग किसान की लाठी डंडो से पीटकर हत्या कर दी गई बुजुर्ग खेत में गया हुआ था तभी अज्ञात लोगों ने उनकी हत्या कर दी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला हरपालपुर थाना के सरसेड गांव का है जहां सुबह जब परिजन खेत पर गये तो बुजुर्ग नन्नू कोरी मृतक हालत मे मिले परिजनो ने बताया कि मृतक रोजाना मूंगफली के खेत की रखवाली के लिये खेत मे सोता था तभी अचानक किसी ने उनकी हत्या कर दी है परिजनो ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और एफ एस एल की टीम ने मौके पर जाकर जांच शुरु की पुलिस के अधिकारियों का कहना है अभी जांच चल रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस घटना का खुलासा किया जायेगा।
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मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस रोग के गिरफ्त में हजारों गायें अब तक आ चुकी हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से चीते लाए गए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने चीतों और लंपी वायरस को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया है। नाना पटोले ने कहा कि यह लंपी वायरल नाइजीरिया देश में बहुत लंबे समय से चल रहा है। उधर से ही चीते भी लाए गए हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा केंद्र सरकार ने जानबूझकर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा किसानों के नुकसान के लिए किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर अफ्रीका के नामीबिया से आए इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़े थे। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने ऐसे में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर ऐसा किया है। मध्यप्रदेश में लंपी वायरस के साथ-साथ स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। मध्यप्रदेश के जबलपुर के शीतलामाई और चंद्रशेखर आजाद वार्ड रांझी तथा बरेला और पनागर के सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू पाया गया है। चूंकि यह संक्रामक रोग है और तेजी से फैलता है इसलिए कलेक्टर ने तत्काल ही इन क्षेत्रों को ईपीसेंटर घोषित करते हुए इनके एक किलोमीटर के क्षेत्र को प्रभावित तथा 9 किमी क्षेत्र को सर्विलांस जोन घोषित कर दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष के दावे की पुष्टि नहीं करता है। उन्होंने कहा कि लंपी वायरस और चीते एक जगह से आए हैं और उन्होंने उस जगह का नाम नाइजीरिया बताया। कूनो नेशनल पार्क के चीते नाइजीरिया से नहीं बल्कि नामीबिया से लाए गए हैं।
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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे ही सियासत गरमाती जा रही है। कब कौन सा मुद्दा उछालकर किस वर्ग को अपने पाले में लाना है ये राजनीतिक दल अच्छे से जानते हैं। भाजपा और कांग्रेस फिलहाल उसी उधेड़बुन में लगें कि किसी भी तरह से अपने वोटरों को साध लिया जाए। 2023 के चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में अब शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इसे लेकर भाजपा और अब कांग्रेस मैदान में उतर गई है। दरअसल कांग्रेस ने ऐलान किया है कि अगर 2023 में उनकी सरकार बनती है तो बिहार, गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में शराबबंदी हो जाएगी। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या शराबबंदी का एजेंडा ही 2023 में सबसे बड़ा चुनावी मुददा बनेगा? इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से हुई। इस दौरान वे शराब की दुकानों पर पत्थर भी फेंकते हुए नजर आई है। लेकिन अब कांग्रेस नेता भी इस मुद्दे को चर्चा में लाकर अपना उल्लू सीधा कर रहें हैं। देखा जा रहा है मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती फिर मैदान में उतर गईं है। 2 अक्टूबर को भोपाल स्थित कर्फ्यू वाली माता मंदिर में दर्शन कर पूर्ण शराबबंदी के लिए नशा मुक्ति अभियान की शुरूआत की। यह अभियान अब 30 नवंबर तक जारी रहेगा। इस दौरान नशामुक्ति अभियान में बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। लेकिन मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के बजाए ये दावा जरूर किया कि मध्य प्रदेश से हुक्का लाउंज जरुर बंद हो जाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज के बयान से फिलहाल ये तो साफ हो गया कि प्रदेश में फिलहाल शराबबंदी नहीं होगी। लेकिन सरकार के नशा मुक्ति अभियान शुरु करने के 24 घंटे बाद कांग्रेस ने शराबबंदी को चुनाव से पहले बड़ा पॉलिटिकल एजेंडा बना लिया है। कांग्रेस ने अब ये दावा किया है कि सत्ता में लौटते ही मध्य प्रदेश में गुजरात और बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी होगी। और कहा कि पार्टी इसे अपने वचन पत्र में भी शामिल करेगी। जानकारी के अनुसार कांग्रेस शराबबंदी की मांग को लेकर अब घर घर माहौल बनाने की तैयारी में है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट करके भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के ऐलान के बाद सरकार के मंत्री डैमेज कंट्रोल में जुट गए है और कांग्रेस को कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता देने के वादे का हश्र याद दिला दिया। बता दें कि दोनों ही दल मिशन 2023 की जोरदार तैयारी में जुटें हुए है। चुनाव से पहले कांग्रेस को बैठे-बिटाए शराबबंदी का मुद्दा मिल गया है। शराबबंदी की मांग कांग्रेस की तरफ से नहीं उठी थी, ये मांग तो खुद मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने उठाई थी। लेकिन उमा भारती के यू टर्न के बाद कांग्रेस ने इसे हथिया लिया है। ऐसे में सवाल है कि क्या चुनाव से पहले शराबबंदी पर कांग्रेस का वचन भाजपा की टेशन बढ़ाएगा।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया। राजस्थान में जोधपुर वायु सेना केन्द्र पर समारोह आयोजित हुआ। इन हेलीकॉप्टरों को 143 हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल किया जाएगा। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को प्रचंड नाम दिया गया है। समारोह को संबोधित करते हुए, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से वायु सेना की युद्धक क्षमता बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है। रक्षामंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की जरूरत महसूस हुई थी और इस मांग को पूरा करने के लिए दो दशकों से प्रयास किये जा रहे थे। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन हेलीकॉप्टरों को विकसित किया है। अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। दुनिया में ये ऐसे हेलीकॉप्टर हैं जो काफी भार के साथ पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर हथियार और ईंधन लेकर उड़ान भर सकते हैं और उतरने में सक्षम हैं। इन हेलीकॉप्टरों में दो शक्तिशाली इंजन लगे हैं और इनमें राडार से बचने की विशेष क्षमता है। इनकी अन्य विशेषताओं में हर मौसम के अनुकूल काम करना, सुरक्षा कवच, रात में हमले की क्षमता और दुश्मन का पीछा करते हुए सटीक निशाना लगाना शामिल है। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पांच सौ पचास किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम हैं और छह हजार पांच सौ मीटर तक ऊंचाई तक जा सकते हैं। यह हेलीकॉप्टर हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों, 70 एमएम रॉकेट और 20 एमएम की बंदूक की सुविधाओं से युक्त हैं। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर कई तरह की भूमिकाएँ निभा सकता है, इनमें युद्ध के दौरान तलाश और बचाव, दुश्मन की वायु रक्षा को नष्ट करना और जंगल तथा शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए काम करना शामिल हैं। मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने इस साल मार्च में 15 स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। इन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के भारतीय वायु सेना में शामिल होने से आत्मनिर्भर भारत अभियान को और गति मिलेगी। सरकार आयात को कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, रक्षा उपकरणों के देश में ही निर्माण करने को बढ़ावा दे रही है।
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नशे में ट्रक चला रहा था ड्राइवर मध्य प्रदेश के सागर जिले में रविवार को एक कार एवं ट्रक की भिड़ंत में कार में सवार एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। राहतगढ़ पुलिस थाना प्रभारी आनंद राज ने बताया कि यह हादसा सागर जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर सागर-भोपाल मार्ग पर राहतगढ़ के बेरखेड़ी गांव के पास सुबह करीब 11 बजे हुई। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान मोहित शुक्ला (38), उसकी पत्नी रक्षा शुक्ला (36), उनकी दो बेटियां लावण्या शुक्ला (11) व मान्या शुक्ला (7) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि ये सभी हरदा के रहने वाले थे। राज ने बताया कि इस हादसे में कार चला रहा पंकज शुक्ला (50) नामक शख्स गंभीर रूप से घायल भी हुआ है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त ये लोग हरदा से कानपुर पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। राज ने बताया कि पुलिस ने ट्रक जब्त कर लिया है व ट्रक चालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया पाया गया कि घटना के वक्त ट्रक चालक नशे में था।
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धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है नवरात्रि का पर्व सिंगरौली के मोरवा स्थित आदिशक्ति बूढ़ी माई मंदिर में नवरात्रि का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है बूढी माई मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है मान्यता है की यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना माता पूरा करती है। आदिशक्ति बूढ़ी माई मंदिर सेवा समिति ने बताया की नवरात्रि का पर्व यहाँ बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है प्रत्येक वर्ष दोनों नवरात्रों में माता रानी के दरबार में बड़ी संख्या में भक्त अपनी मन्नत लेकर आते हैं और माता रानी उनकी मन्नतों को पूरा करती हैं इस मौके पर मंदिर समिति कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है वहीं कार्यक्रम में दूर दूर से कलाकार और भजन गायक यहां पहुंचते हैं पर्व के दौरान 108 कन्याओं को भोजन के साथ साथ भव्य भंडारे का भी आयोजन किया जायेगा।
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नदी में मिला बाघ का शव ,पंजे भी गायब टाइगर स्टेट में एक टाइगर का शिकार किया गया है पिपरिया में पेंच नदी में एक बाघ का शव मिला है जिसके पंजे काट कर शिकारी अपने साथ ले गया है वन विभाग के अधिकारियों ने मुके पर जांच की वन विभाग वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह मना रहा है इसी बीच बाघ के शव के इस तरह मिलने से वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। बाघ का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है फ़िलहाल मौत की वजह सामने नहीं आयी है बाघ की उम्र 2 से 3 साल की है अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ की मौत सामान्य नहीं है बाघ के शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं है लेकिन उसका पंजा काट कर ले जाया गया है ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बाघ का शिकार किया गया है इस क्षेत्रों में कुछ मछुआरे नदी में करंट फैलाकर मछली पकड़ते हैं और कुछ किसानों ने भी अपने खेतों को वन्य प्राणियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए करंट लगा रखे हैं जिसको लेकर वन विभाग हर एंगल से इसकी जांच कर रहा है।
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कलेक्टर से रामबाई की अभद्रता , कहा ढोर बदतमीज, एस कृष्ण चैतन्य ने कहा पूरे प्लानिंग के साथ हरकत की अक्सर विवादों में रहने वाली विधायक रामबाई के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई है कलेक्टर से अभद्रता के मामले में दमोह के सिटी कोतवाली में यह एफआईआर दर्ज हुई है मामले में दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चेतन्य का कहना है कि विधायक ने पूरे प्लानिंग के साथ यह हरकत की है रामबाई ने कलेक्टर को ढोर और बदतमीज कहा था ग्रामीणों को साथ लेकर समस्याएं सुनाने के लिए कलेक्टर के पास पहुंचीं विधायक रामबाई ने कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के साथ अभद्रता की उन्होंने कलेक्टर को ढोर और बदतमीज जैसे अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया उन्होंने कलेक्टर से कहा कि आंखें फूटीं हैं क्या बेवकूफ कहीं के अक्ल नहीं है कलेक्टर होकर नेतागिरी की भाषा बोलते हो इस बीच तुरंत कलेक्टर चेंबर में चले गए इस मामले में अभद्र व्यवहार करने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने पर कोतवाली पुलिस ने विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है बता दें कि नरसिंहगढ़ में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन रखा गया था लेकिन इसमें ज्यादा अधिकारी नहीं पहुंचे जब कि ग्रामीण समस्याएं लेकर पहुंच गए काफी देर इंतजार के बाद जब अधिकारी नहीं आए तो इस बात की सूचना पथरिया विधायक रामबाई को लगी वे तुरंत ग्रामीण महिलाओं को अपने साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गईं उन्होंने पहले कलेक्टर को सूचना भिजवाई और उसके बाद कलेक्टर काे बाहर आने के लिए कहा एक मामले में कलेक्टर बार-बार जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और वृद्धावस्था पेंशन के दस्तावेज जांच कराने की बात कह रहे थे इस बात पर विधायक रामबाई भड़क गईं उन्होंने कलेक्टर को खारी खोटी सुनाना चालू कर दिया
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सीएम शिवराज सहित केंद्रीय मंत्री हुए शामिल , 2023 चुनाव के साथ कई विषयों पर हुई चर्चा रातापानी के जंगल में बीजेपी की बड़ी बैठक हुई यह बैठक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में हुई.बैठक में सीएम शिवराज के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ,नरेद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए इस दौरान पार्टी की रणनीतियों को लेकर चर्चा की गई रातापानी के जंगल में बैठक में सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश,सीएम शिवराज, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मध्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी मौजूद रहे सभी नेता बस में बैठकर विश्राम गृह पहुंचे इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के उज्जैन दौरे,संगठन मजबूती, जनजाति क्षेत्रों में पार्टी की मजबूती,नेताओं के प्रवास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश सरकार के चुनिंदा मंत्री और प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए बैठक की जगह से वाहनों को 5 किलोमीटर दूर रोका गया है बैठक में सत्ता और संगठन के कामकाज पर चर्चा हुई सत्ता और संगठन में नए चेहरे शामिल करने सरकार में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष शामिल हुए बैठक में 2023 चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई इस मौके जिम्मेदारी तय की गई है निगम मंडल को लेकर भी फैसला लिया गया सामाजिक संगठनों के प्रभाव खत्म करने के निर्देश दिए गए ST/SC सीटें जीतने के लिए भी रणनीति बनाई गई।
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समाधि स्थल पर बड़ी संख्या में पहुंचेश्रद्धालु भोपाल में बाबा पुरुषोत्तम नंद महाराज ने भूमिगत समाधि ले ली है पुरुषोत्तमनंत महाराज मां भद्रकाली विजयसन दरबार अध्यात्मिक संस्था के संस्थापक हैं इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बाबा की समाधि स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे बाबा 3 दिन तक भूमिगत समाधि साधना में रहेंगे बाबा की समाधि स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन मौजूद रहा मामला टीटी नगर थाना इलाके का है आपको बता दें बाबा पुरुषोत्तमानंद माता मंदिर के पीछे निवास करते हैं बाबा पुरुषोत्तमनंद ने ऐलान किया था कि वह शुक्रवार सुबह 10 बजे तीन दिन के लिए भूमिगत समाधि लेने जा रहे हैं इसके लिए बाबा ने बाकायदा गड्ढा खुदवाया पुलिस ने बाबा पुरुषोत्तमानंद से भूमिगत समाधि ना लेने का आग्रह किया था लेकिन अब बाबा ने समाधि ले ली है।
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दक्षिणपंथी हिंदू संगठन बजरंग दल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने इंदौर में पिछले तीन दिनों के दौरान आठ मुस्लिम युवकों को पुलिस के हवाले किया है। संगठन का आरोप है कि युवक 'लव जिहाद' के इरादे से गरबा पंडालों में अपनी पहचान छिपाकर दाखिल होने के बाद 'अनैतिक गतिविधियों' में शामिल थे। शर्मा ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ये युवक 'लव जिहाद' के इरादे से अपनी पहचान छिपाकर गरबा पंडालों में घुसे थे और गरबा कर रही युवतियों की अनुमति के बिना उनके वीडियो बनाने तथा अन्य अनैतिक गतिविधियों में शामिल थे। बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा गरबा पंडालों से मुस्लिम युवकों को पकड़ कर पुलिस के हवाले करने के वीडियो सोशल मीडिया पर फैल रहे हैं। बजरंग दल की इंदौर इकाई के संयोजक तन्नू शर्मा ने कहा, 'हमने लव जिहाद रोकने के लिए अपने 400 कार्यकर्ताओं की शहर के अलग-अलग गरबा पंडालों में तैनाती की है। इनकी जिम्मेदारी निगरानी करना है कि अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कोई व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर इन पंडालों में तो दाखिल नहीं हो रहा है।' उन्होंने कहा कि 'अनैतिक गतिविधियों' की सूचना मिलने पर पिछले तीन दिनों में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने शहर के अलग-अलग इलाकों के गरबा पंडालों से कुल आठ मुस्लिम युवकों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम ने कहा, 'किसी भी धर्म का व्यक्ति अगर गरबा पंडालों में गलत हरकत करता है, तो उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि क्या राज्य की भाजपा सरकार ने बजरंग दल को नैतिक पुलिसिंग की खुली छूट दे दी है।' गौरतलब है कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 27 सितंबर को कहा था कि गरबा आयोजकों को नृत्य पंडालों में प्रवेश की अनुमति देने से पहले लोगों के पहचान पत्रों की जांच करने के लिए कहा गया है। इससे पहले, राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने आठ सितंबर को सुझाव दिया था कि कथित 'लव जिहाद' रोकने के लिए नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा नृत्य स्थलों पर प्रवेश की अनुमति पहचान पत्रों की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए।
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तीन दिन की बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं।समिति ब्याज दरें तय करने के बारे में शुक्रवार को घोषणा करेगी। हाल ही में अमरीकी फेडरल रिजर्व बैंक सहित अन्य प्रमुख बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की थी। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक भी मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने के लिए चौथी बार ब्याज दरों में बढोतरी करने का निर्णय ले सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मई के बाद से अपनी लघु अवधि के लिए बैंकों को ऋण देने की दर रेपो दर में कुल 140 आधार अंक की बढोतरी की है और वह 50 आधार अंक की और वृद्धि कर सकता है। इसके बाद रेपो दर तीन साल के उच्चतम स्तर पांच दशमलव नौ प्रतिशत हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने मई में 40 आधार अंक, जून और अगस्त में पचास-पचास आधार अंक की बढोतरी की थी। इस समय रेपो दर पांच दशमलव चार प्रतिशत है।उपभोक्ता सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर मई के बाद से कम होना शुरू हो गई थी, लेकिन अगस्त में ये फिर से सात प्रतिशत तक पहुंच गई। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक में खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में भी विचार कर सकता है।
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कांग्रेस एक परिवार तक सिमट कर रह गई है कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर मचे घमासान और दिग्विजय सिंह के अध्यक्ष बनने की चर्चा के सवाल पर बोले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कांग्रेस में गाँधी परिवार नहीं तो परिवार का दरबारी बनेगा कांग्रेस अध्यक्ष मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कांग्रेस एक परिवार तक सिमट कर रह गई है जब कोई संगठन नहीं होगा तो लोग ही नहीं मिलेंगे क्योंकि एक ही परिवार सब कुछ बनता रहा है अब देश के अंदर आवाज उठने लगी है कि कांग्रेसी अस्तित्व खो रही है परिवार तक सिमट कर रह गई है ये अब परिवार को भी लगने लगा है इसलिए अब परिवार नहीं तो परिवार का दरबारी आएगा जिसे देश की संस्कृति के, स्वाभिमान के, भारत के खिलाफ काम करने वाली शक्तियों के साथ जो खड़ा रहेगा कांग्रेस ऐसे ही लोगों को ढूढेंगी
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वीडियो वायरल :पुलिस मामले की कर रही जांच है रीवा में एक शिक्षक ने आठवीं कक्षा के छात्र को बेहरमी से पीटा शिक्षक की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है इस वायरल वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि यह गुढ़ तहसील के खजुआ कला हायर सेकेंड्री स्कूल का है जहां पर स्कूल में पदस्थ शिक्षक संदीप भारती के द्वारा आठवीं कक्षा के छात्र के साथ स्कूल परिसर के मैदान में उसकी जमकर पिटाई की जा रही है अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। वीडियो में जिस तरह से शिक्षक द्वारा छात्र का गला दबाकर उसकी थप्पड़ों से बेरहमी से पिटाई की जा रही है उसे देखकर यह बिल्कुल भी नहीं लग रहा की यह शिक्षक है, बल्कि ऐसा लग रहा है कि किसी गुंडे या बदमाश ने छात्र पर हमला कर दिया है जिस दौरान शिक्षक द्वारा छात्र के साथ मारपीट की जा रही उस दौरान वहां पर और दूसरे शिक्षक और छात्र भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने छात्र को बचाने का प्रयास नहीं किया हालांकि, अभी यह वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है कि शिक्षक ने आखिर छात्र इस तरह से बेरहमी से क्यों मारपीट की ये वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया है और मामले की जांच शुरु कर दी गई है जिस शिक्षक द्वारा छात्र की पिटाई की जा रही है, उसकी पहचान कर ली गई है और छात्र की भी पहचान हो गई है हालांकि, यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर शिक्षक द्वारा छात्र की आखिर इतनी बेरहमी से क्यों पिटाई की गई पुलिस ने इस मामले में छात्र के परिजनों से संपर्क कर मामले की शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच की जा रही है।
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मध्यप्रदेश सरकार का किसानों को तोहफा मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फिर शिवराज सरकार तोहफा देने जा रही है सरकार किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले और कृषि उपज मंडियों में उन्हें तुलावटी और हम्माली न देने के लिए कानून में संशोधन करने जा रही है कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया की किसानों को अब उनकी फसल का मर्जी का रेट मिलेगा और मंडी में लाई जाने वाली फसल में अब उन्हें तुलावटी और हम्माली नहीं देनी पड़ेगी। मंत्री पटेल ने कहा की जैसे वेयरहाउसो पर सरकार किसान से उनकी फसल की खरीदी करती है और तुलावटी और हम्माली किसानों से न लेकर सरकार देती है कृषि उपज मंडियों में अभी इस व्यवस्था में किसान और व्यापारी आधा-आधा देते थे लेकिन अब व्यापारी ही तुलावटी और हम्माली देगा उन्होंने कहा व्यापारी एसोसिएशन से सरकार की चर्चा हो चुकी है जल्द ही संशोधन आदेश जारी किए जाएंगे पटेल ने कहा कि किसान अपनी फसल अब घर से भी बेच सकेगा ऐप के माध्यम से वह अपनी फसल अपनी मर्जी के दामों पर बेचेगा किसान को हम पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एमएसपी वाला नहीं एमआरपी वाला किसान बनाएंगे किसान को उसकी फसल का उचित दाम मिलेगा तो किसान वर्ग समृद्ध होगा किसान जब समृद्धशाली होगा तो देश आत्मनिर्भर बनेगा।
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योजनाओं की जानकारी के साथ समस्याओं का निराकरण मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत ग्राम पंचायत सिद्दीकगंज में शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी इस दौरान लोगों की समस्याओं को सुना गया और उन का निराकरण भी किया गया। सिद्दीकगंज में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह ने ग्राम वासियों को योजनाओं की जानकारी दी उन्होंने संबल योजना ,प्रधानमंत्री आवास, दिव्यांग पेंशन , विधवा पेंशन आदि योजनाओं के बारे में बताया उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और उनका निराकरण भी किया इस दौरान लाडली लक्ष्मी योजनाओं के प्रमाण पत्र और गैस कनेक्शन वितरित किए गए जिसके बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्धि गंज इको क्लब ने पौधरोपण किया इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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कांग्रेस ने दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर दी चेतावनी, केजेएस सीमेंट के श्रमिक नेता की हत्या पर बढ़ा विवाद अक्सर विवादों में रहने वाली मैहर की K j s सीमेंट फैक्ट्री एक बार फिर विवादों में घिर गई है कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष मनीष शुक्ला की हत्या का विवाद थमने का नाम ले रहा है कांग्रेस नेता रामनिवास उरमलिया ने 10 दिन के अंदर न्याय नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है उन्होंने कहा मनीष शुक्ला हत्याकांड के पीछे किसका हाथ है यह स्पष्ट होना चाहिए। मैहर स्थित केजेएस सीमेंट फैक्ट्री के श्रमिक नेता मनीष शुक्ला हत्याकांड को लेकर कांग्रेस नेता रामनिवास उरमालिया ने कहा कि मनीष शुक्ला के दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए उरमलिया ने कहा कि हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए और हत्याकांड के पीछे किसका हाथ है यह स्पष्ट होना चाहिए इस दौरान मनीष शुक्ला के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा राशि और उनकी पत्नी को 15000 रुपये प्रति माह दिए जाने की मांग की गई उर्मलिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो बड़ा आंदोलन होगा और केजेएस फैक्ट्री में तालाबंदी की जाएगी।
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कुर्सी पर बैठने को लेकर हुआ विवाद छतरपुर में एक दलित को कुर्सी पर बैठना महंगा पड़ गया जिसकी वजह से दलित को एक दबंग ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीट दिया पिटाई के कारण दलित को गंभीर चोटें आयी है जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना मातगुंवा थाने के चौका पंचायत की है जहां एक दलित युवक किसी योजना के लिये अपने दस्तावेज जमा करवाने आया था और वहां कुसीँ पर बैठा था उसी दौरान गांव का दबंग रोहित सिंह ठाकुर पंचायत आय और दलित युवक को कुसीँ पर बैठा देख नाराज हो जाता है जिसके बाद दबंग दलित युवक को धमका कर चला जाता है लेकिन बाद में वह अपने दो अन्य साथियों के साथ आया और दलित युवक के साथ मारपीट करना शुरू कर दी। और मारपीट कर उसे लहूलुहान हालत मे छोड़कर भाग गए जिसके बाद दलित युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया... वही पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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कोच्चि से माल भरकर बिहार के पटना जा रहा ट्रक एक पंचर खड़े ट्रक में पीछे से भिड़ गया। भिड़ंत के बाद ट्रक में भीषण आग लग गई जिसके बाद ट्रक में फंसे कंडक्टर को निकलने का मौका नहीं मिला । और वह जिंदा ही जल गया, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। थोड़ी ही देर में घटना की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई और क्षेत्रीय लोगों की भीड़ भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही घायल को भी उपचार हेतु भेजा गया है। बरगी पुलिस ने बताया कि मूलत: यूपी के बरेली का रहने वाला मो. शादाब और मो. अरमान कोच्चि से मसाला लोड कर पटना जा रहे थे। आज सुबह 4 बजे जैसे ही वे निगरी के पास पहुंचे तो नागपुर की ओर से आ रही एक कार ने तेज गति से वाहन चलाते हुए ट्रक को ओवरटेक किया, जिससे ट्रक थोड़ा बहका और रोड किराने खड़े दूसरे ट्रक में पीछे से घुस गया। टक्कर तेज होने के कारण ट्रक केबिन में आग लग गई और तत्काल ही विकराल हो गई। जिसकी चपेट में शादाब तो नहीं आया लेकिन कंडक्टर साइड निकलने के लिए जगह न होने से कंडक्टर मो. अरमान बुरी तरह झुलस गया, जिससे उसकी मौत हो गई। चालक मो. शादाब ने बताया कि रोड किनारे खड़े ट्रक एमपी 20 एचबी 8833 का टायर पंचर हो गया था। ऐसे में जब उसका ट्रक क्रमांक एनएल 01 एडी 7488 उससे टकराया तो उसमें कोई भी मौजूद नहीं था। उसने बताया कि कार को बचाने के चक्कर में हादसा हुआ, ऐसे में स्पीड भी कंट्रोल नहीं हो पाई और हादसे के बाद जरा भी समय नहीं मिला कि अरमान बाहर निकल पाए। ऐसे में करीब एक घंटे तक वह अंदर फसा रहा और उसकी मौत हो गई। शादाब का ट्रक जिस ट्रक से भिड़ा उसके चालक और सहायक थोड़ा दूर थे, जिससे वे हादसे का शिकार होने से बच गए। दूसरे ट्रक के चालक का नाम शक्ति इनावती और सहायक का नाम संदीप इनावती बताया जा रहा है। जो कि दोनों ही सिवनी जिले के रहने वाले हैं। घटना के बाद इन दोनों भी शादाब का ढांढस बंधाया और फसे हुए अरमान को बचाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
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केजेएस सीमेंट फैक्ट्री का मामला मैहर की केजेएस सीमेंट फैक्ट्री हमेशा विवादों में बनी रहती है अब एक बार फिर अहलूवालिया समूह की केजेएस सीमेंट फैक्ट्री में श्रमिक नेता की हत्या पर विवाद खड़ा हो गया गया है श्रमिक नेता मनीष शुक्ला की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी जिसके बाद कंपनी पर अब सवालिया निशान खड़ा हो गया है वहीं मौत की खबर के बाद प्लांट कैंपस में तनाव के हालात बन गए हैं। अहलूवालिया समूह की केजेएस सीमेंट फैक्ट्री के मजदूर नेता मनीष शुक्ला की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी मनीष पर कुछ अज्ञात लोगों ने लाठी और लोहे के रॉड से हमला किया था जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया था जहाँ उसकी मौत हो गयी बताया जा रहा है कि मनीष ने इलाज के दौरान नागेंद्र सिंह पटेल और एसके सिंह पर हमला करवाने की आशंका जताई थी मारपीट करने वाले भंवरलाल का साथ देने को लेकर नाराज थे वे मारपीट के दौरान भंवर के साथ देने को लेकर गाली गलौज कर रहे थे इस घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है लोग केजेएस सीमेंट प्लांट पहुंच रहे हैं जहाँ भारी पुलिस बल तैनात है पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और हत्या से जुड़े संदिग्ध लोगों की तलाश में जुट गयी है मैहर पुलिस केजेएस प्लांट पहुंची जहाँ उन्होंने प्रमोद पटेल और जेपी सोनी को थाने लाया गया नागेंद्र पटेल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
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देश में 5G नेटवर्क का काफी लोगों को बेसब्री से इंतजार है. अब वो घड़ी पास आ गई है. 1 अक्टूबर से 5G सर्विस शुरू हो जाएगी. इसका आयोजन प्रगति में होगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉन्च करेंगे. बता दें प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कॉन्ग्रेस में 5G को लॉन्च किया जाएगा. इसके रोल आउट से देश के एविएशन क्षेत्र में कोई दिक्कत नहीं आएगी. इसको लोकर टेलीकॉम मंत्रालय ने टेक्निकल स्टडी कराई है। बता दें आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट के अनुसार पर्याप्त gapping के कारण देश में अमेरिका वाली समस्या नहीं आएगी. टेलीकॉम और नागरिक उड्डयन मंत्रालय लगातार इसके संपर्क में है. आखिरकार ये 5G सर्विस क्या है और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा आइए जानते हैं। पांचवी पीढ़ी यानी 5G दूससंचार सेवाओं के जरिए कुछ ही सेकेंड्स में मोबाइल और अन्य उपकरणों पर हाई-क्वालिटी वाले लंभी ड्यूरेशन के वीडियो या फिल्म को डाउनलोड किया जा सकता है. ये एक वर्ग किलोमीटर में करीब 1 लाख संचार उपकरणों को समर्थन करेगा। यह सर्विस सुपरफास्ट स्पीड (4जी से लगभग 10 गुना तेज), संपर्क में होने वाली देरी में कटौती और अरबों एसोसिएट डिवाइसेस को एक्चुअल लाइट में डेटा शेयर करने में सक्षम बनाती है. इसके जरिए 3D होलोग्राम कॉलिंग, मेटावर्स एक्सपीरियंस और एजुकेशन एपलीकेशन को नए सिरे से परिभाषित किया जा सकता है। इंडियन कस्टमर्स को जल्द ही चुनिंदा शहरों में 5जी सेवाएं मिलने लगेंगी और अगले 12-18 महीनों में इसका एक्सपेंशन देखने को मिलेगा. समय के साथ नई तकनीक जीवन के उन अनुप्रयोगों को भी हकीकत में तब्दील कर देगी, जो महज कुछ साल पहले दूर की कौड़ी नजर आते थे. रीटेल सेल्सपर्सन 5जी परिवेश में ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) के साथ काम कर रहे हैं. इसके जरिए खरीदारों को इस तरह का एक्सपीरियंस दिया जा सकता है कि एक नया फर्नीचर उनके घरों में किस तरह नजर आएगा. 5 जी सर्विस एजुकेशन दिलाने के तरीके को भी बदल सकती है. यहां तक कि दूरदराज के क्षेत्रों में भी टीचरों या गेस्ट लेक्चरर को संचालित होलोग्राम के माध्यम से जोड़कर या मिश्रित-वास्तविकता वाली सामग्री को कक्षाओं में प्रसारित करके शिक्षा दी जा सकती है. इस साल की शुरुआत में एयरटेल ने अपोलो हॉस्पिटल्स और सिस्को के साथ मिलकर 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस का प्रदर्शन किया था. इसकी मदद से अस्पताल में डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स को वास्तविक समय में मरीज के टेलीमेट्री डेटा की जानकारी मिल सकती है।
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मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के एक मंत्री पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक टेंडर की पूरी प्रक्रिया को इसलिए निरस्त कर दिया क्योंकि इसमें उन्हें कमीशन नहीं मिल रहा था। राजधानी भोपाल से प्रकाशित दैनिक भास्कर के अनुसार यह मंत्री जी नर्मदा घाटी क्षेत्र (नर्मदा पुरम से जबलपुर तक के बीच का क्षेत्र) से आते हैं। इनके डिपार्टमेंट की ओर से टेंडर कॉल किया गया था। 5 ठेकेदारों ने टेंडर फाइल किया। इसके बाद मंत्री जी के सुपुत्र को यह जानकारी दी गई थी वह कौन सा ठेकेदार है जिसको टेंडर मिलने की पूरी संभावना है। मंत्री पुत्र ठेकेदार के पास पहुंचा और अपने हिस्से की मांग की। ठेकेदार ने देने से मना कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद मंत्री जी ने पूरी टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया। नोटशीट चली है कि नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों लगातार रिश्वतखोरी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। यदि कोई अधिकारी रिश्वत के लालच में सरकार की सुविधाओं और योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचने से रोकता है तो उसे कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान तो कभी भरे मंच से सस्पेंड कर दिया जाता है। यह मामला भी बिल्कुल वैसा ही है। मंत्री जी ने कमीशन के लालच में विकास कार्य रोक दिया है।
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16 दिसंबर 2012 को बीकॉम के छात्र प्रांकुल शर्मा पुत्र अवधेश शर्मा के अपहरण एवं हत्या का 9वां आरोपी ग्वालियर पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। क्राइम ब्रांच ने बताया कि जय पाल बघेल को उसके परिवार वालों ने मृत घोषित कर दिया था और वह दिल्ली में पहचान बदलकर रह रहा था। घटना करीब 9 साल पुरानी है। बहोडा़पुर इलाके में रहने वाले छात्र प्रांकुल शर्मा का अपहरण हो गया था। फिरौती मांगी गई थी और बाद में डबरा के पास उसकी हत्या करके डेड बॉडी को सिंध नदी में फेंक दिया गया था। सिंध नदी में शिवपुरी जिले की सीमा क्षेत्र में बच्चे की लाश मिली थी। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला था कि अपहरणकर्ताओं ने किडनैप करने के बाद सबसे पहले बच्चे को मार दिया था और उसके बाद फिरौती की मांग कर रहे थे। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के बाद इस मामले में जयपाल बघेल सहित कुल 9 लोगों को नामजद किया था जिसमें से 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था परंतु जय पाल बघेल फरार चल रहा था। पुलिस ने जयपाल बघेल की सूचना देने वाले को इनाम देने का ऐलान कर दिया था परंतु फिर भी कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी थी। इधर जयपाल बघेल के परिवार वालों ने उसको मृत घोषित कर दिया। पूरे 9 साल बाद क्राइम ब्रांच को पता चला कि जय पाल बघेल दिल्ली में अपनी पहचान बदल कर रहा है। तुरंत एक टीम रवाना हुई और पहचान सुनिश्चित की गई। जब कंफर्म हो गया कि जय पाल बघेल जिंदा है तो उसे हिरासत में ले लिया गया। एसपी ग्वालियर अमित सांघी ने क्राइम ब्रांच की प्रशंसा की है।
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30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगी साधना भोपाल में नवचण्डी महायज्ञ समाधी साधना श्रीमद् देवी भागवत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जो की 27 सितम्बर से 3 अक्टूबर तक चलेगा इस दौरान 30 सितम्बर को स्वामी पुरुषोत्तमानंद जी महाराज भूमिगत समाधी साधना में लीन होंगे। 30 सितम्बर को स्वामी पुरुषोत्तमानंद जी महाराज समाधि लेंगे उन्होंने बताया की समाधि एक साधना है समाधि में जाने के बाद साधन ईश्वर के निकट होता है और जो भी व्यक्ति चाहता है जो उसके मन में होता है वह उसे समाधि से प्राप्त होती है उन्होंने कहा की समाधि के बाद जब कोई भी व्यक्ति वापस आता है तो वह जनकल्याण के विचार लेकर आता है और उसी भावना से कार्य करता है उसके संपर्क में आने वाले हर दुखी व्यक्ति और उनकी समस्या के निदान के लिए हमेशा तत्पर रहता है और उनकी समस्या का हल ईश्वर से करा देता है। इस दौरान जब स्वामी जी से पूछा गया की इस समाधी साधना के दौरान आप ऐसा क्या करेंगे जिससे आपके शरीर को नुकसान न हो जिस पर उन्होंने कहा कि यह सिद्धियां होती है साधन पहले से ही मंत्रो को सिद्ध कर लेता है और उसी सिद्धि के माध्यम से वह समाधि लेता है और समाधि के दौरान जब वह ईश्वर के निकट होता है तो उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचता है स्वामी जी विगत 30 वर्षो से किसी न किसी माध्यम से लोगों के दुःख दूर कर रहे हैं उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसा करने से संतुष्टि होती है प्रसन्नता मिलती है।
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फिर चालू हुआ पीडब्ल्यूडी विभाग ,HC के आदेश पर था सील सिंगरौली के पीडब्ल्यूडी विभाग के दैनिक वेतन भोगियों का पेमेंट नहीं होने के चलते पीडब्ल्यूडी विभाग बंद कर दिया गया था पीडब्ल्यूडी ऑफिस को जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर सील किया गया था कार्यपालन यंत्री पर आरोप था कि डेली वेजेस कर्मियों को भुगतान नहीं का रूप लगा था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी अब भुगतान के बाद फिर से ऑफिस को खोल दिया गया है जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी विभाग को बंद कर दिया था पीडब्ल्यूडी विभाग के 16 दैनिक वेतन भोगियों के करीब 1 करोड़ 8 लाख 81 हजार रुपए का भुगतान किया गया.. जिसके बाद जिला प्रशासन के ने पीडब्ल्यूडी विभाग को सुचारु रुप से चालू करा दिया गया हैआपको बता दें कि 2016 में पदस्थ कार्यपालन यंत्री डी के सिंह पर आरोप था कि उन्होंने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का भुगतान नहीं किया जिसके बाद राम नरेश रावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को वेतन नहीं देने के चलते सील करने आदेश दिया था जिसके बाद सिंगरौली पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगियों के वेतन का भुगतान कर दिया गया है तहसीलदार रमेश कोल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने सभी 16 कर्मचारियों का भुगतान कर दिया है
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बड़े व्यावसाइयों पर मेहरबान , गरीबों से छीनी रोजी रोटी आये दिन सुर्ख़ियों में रहने वाला सिंगरौली नगर निगम एक बार फिर चर्चाओं में है नगर निगम ने फुटपाथ पर लगी दुकानों पर बुलडोजर चला दिया ..., जिसके बाद नगर निगम की अब जमकर आलोचना की जा रही है नगर निगम अधिकारी बीबी उपाध्याय , आरपी बैस कई वर्षों से सिंगरौली नगर निगम में पदस्थ हैं और आए दिन ये विवादों में बने रहते है ताजा मामला छोटे छोटे व्यवसाय कर अपना गुजारा चलाने वाले दुकानदारों का है जहां नगर निगम ने बुलडोजर चला दिया वहीं दूसरी ओर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े बड़े होटल व्यावसाई बेख़ौफ़ अतिक्रमण कर रहे हैं दरअसल जिला हॉस्पिटल ट्रामा सेंटर के सामने खाली पड़े मैदान में छोटे छोटे ठेले वालों ने अपनी दूकान ठेलों में लगा रखी थी जिसको नगर निगम ने बुलडोजर चलाकर हटा दिया आपको बता दें ये दुकानें ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के लिए सहारा थीं लेकिन नगर निगम की दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया जिससे अब गरीब दुकानदारों रोटी का संकट आ गया है
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RSS चीफ भागवत पहली बार पहुंचे मस्जिद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भगवत को दिल्ली के चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि कहा है RSS प्रमुख ने डॉ. उमर अहमद इलियासी बुलावे पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के इमाम हाउस पहुंचे और मस्जिद के बंद कमरे में चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी के साथ रहे किसी मुस्लिम धार्मिक संगठन के प्रमुख से RSS चीफ की मस्जिद में यह पहली मुलाकात थी इस मुलाक़ात के बाद डॉ. इलियासी ने कहा कि हमारा DNA एक ही है, सिर्फ इबादत करने का तरीका अलग है RSS प्रमुख ने हमारे बुलावे पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया था और वे बच्चों से भी मिले डॉ इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि बताया उन्होंने कहा ये बहुत अच्छी बात है इस मुलाकात के बारे में सभी को अच्छा ही सोचना चाहिए ये देश के लिए अच्छा पैगाम है इमाम हाउस में मोहन भागवत का आना, हम सबके लिए सौभाग्य और खुशी की बात है मोहन भागवत हमारे राष्ट्रऋषि हैं वे इस देश के राष्ट्रपिता हैं राष्ट्रपिता का हमारे पास आना खुशी की बात है मुझे लगता है कि यही मोहब्बत का पैगाम हमें सभी को देना चाहिए।
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मध्य प्रदेश में सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से एक बच्चा चोरी करने की खबर सामने आई है। बच्ची की मां काउंटर पर पर्ची बनवा रही थी। और दौरान बुरखा पहनी हुई दो महिलाओं ने खिलाने के लिए मांगा। जिसके बाद जब मां पर्ची बनवाकर आई तो महिलाएं समेत बच्ची गायब थी। बच्ची चोरी की सूचना मिलते ही बीएमसी प्रबंधन समेत पुलिस भी हक्का-बक्का रह गई। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही सेमराबाग निवासी रीना शिल्पी ने एक बच्ची को जन्म दिया था। और अपने परिजनों के साथ परिवार नियोजन कराने बीएमसी आई थी। इस दौरान जब वो काउंटर पर पर्ची बनवा रही थी। तभी पास ही बुरखा पहनकर बैठी दो महिलाओं ने उन्हें बच्चा देने की बात कही। तो रीना ने बच्ची को उनकी गोद में देकर पर्ची बनवाने लगी। लेकिन जब कुछ ही देर में जब मां वापिस आई तो उसने पाया कि उसकी बच्ची गायब थी। और वो 2 महिलाएं भी वहां नहीं थी। परिजनों ने उसे तलाश कर बीएमसी प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची। वहीं बच्ची की मां ने जानकारी देते हुए बताया कि महिलाएं बुर्का पहने थी। जिससे सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया। लेकिन उस वीडियो में कई महिलाएं बुर्के में नज़र आई। पुलिस ने फुटेज देखने के बाद उसकी तलाश शुरू कर की। लेकिन कुछ समय बीएमसी परिसर में एक प्लास्टिक का थैला रखा मिला। जिसमें बच्ची की रोने की आवाज आई और उसी थैले में महिला की बेटी थी। फिलहाल इस मामले में पुलिस उन महिलाओं की तलाश में जुटी है, जो बच्चा ले गई थी।
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पशुओं के बाजार-मेले ,क्रय-विक्रय पर रहेगी रोक, पशुओं के टीकाकरण के साथ सावधानी जरूरी है लंपी वायरस को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक संदेश दिया है जिसमें उन्होंने लंपी वायरस के रोकथाम और बचाव के उपाय बताए हैं उन्होंने संक्रमित पशु पशुओं के झुण्ड को स्वस्थ पशुओं से पृथक रखने के लिए कहा है बाड़े की साफ़ सफाई के साथ पशुओं के आवागवन पर भी रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंपी वायरस से जानवरों को बचाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये हैं उन्होंने अपने एक सन्देश में कहा कि लंपी वायरस से बचने के लिए कीटनाशक और विषाणु नाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को नष्ट करें पशुओं के आवास- बाड़े की साफ सफाई रखें संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी गई है रोग के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब पशु चिकित्सक से उपचार कराना जरूरी है क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप थमने तक पशुओं के बाजार, मेले आयोजन और पशुओं के क्रय-विक्रय आदि पर रोक रहेगी स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना आवश्यक है।
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पशुओं में कोविड जैसा ही है लम्पी वायरस , बचाव जरूरी है, सीएम :पशुओं का जीवन बचाने के लिए लंपी वायरस से लड़ेंगे लम्पी वायरस को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में बैठक ली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उपायों की जानकारी पशुपालकों को दें ग्राम सभा बुलाकर भी सूचित करें गौ शालाओं में टीकाकरण हो उन्होंने कहा इसे पूरी गंभीरता से लें,छिपाए नहीं सभी को जागरूक करें उन्होंने कहा यह एक तरीके से पशुओं में कोविड जैसा ही है यह बीमारी मक्खी , मच्छरों , आपस में मिलने से, साथ रहने से फैलता है बचाव जरूरी है | लम्पी वायरस को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में कहा कि प्रदेश में संक्रमित पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित करें जानकारी को छुपाए नहीं सभी को जफरुक करें रोग के प्रमुख लक्षण को पहचाने संक्रमित पशु को हल्का बुखार रहता है मुँह से अत्यधिक लार तथा आंखों एवं नाक से पानी बहता है लिंफ नोड्स तथा पैरों में सूजन एवं दुग्ध उत्पादन में गिरावट आती है गर्भित पशुओं में गर्भपात एवं कभी-कभी पशु की मृत्यु हो जाती है पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 2 से 5 सेंटीमीटर आकार की गठानें बन जाती है इसके लिए रोकथाम जरूरी है संक्रमित पशुओं के झुण्ड को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए कीटनाशक और विषाणु नाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को नष्ट करना चाहिए पशुओं के आवास- बाड़े की साफ सफाई रखना जरूरी है संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन को रोका जाय रोग के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब पशु चिकित्सक से उपचार कराना आवश्यक है | सीएम शिवराज ने कहा क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप थमने तक पशुओं के बाजार, मेले आयोजन तथा पशुओं के क्रय-विक्रय आदि पर रोक रहेगी स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना आवश्यक है शिवराज सिंह ने कहा 21 तारीख तक प्रभावित पशुओं की संख्या 7686 है और मृत पशुओं की संख्या 101 है स्वस्थ होने वाले पशुओं की संख्या 5432 है उन्होंने कहा मैं मानता हूं इसे बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है पड़ोसी राज्यों में जिस तरह गाय और बाकी पशुओं की मृत्यु हुई वह दृश्य हमने देखे हैं किसी भी कीमत पर हमें उस स्थिति को पैदा नहीं होने देना है यह गंभीर चिंता विषय है इसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है जैसे हम कोविड के खिलाफ लड़े थे वैसे ही पशुओं का जीवन बचाने के लिए हम इस लंपी वायरस से लड़ेंगे
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नरोत्तम और धाकड़ ने किया अस्पताल का निरिक्षण मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ ने बैतूल जिला अस्पताल का निरीक्षण किया मिश्रा एवं धाकड़ ने पुलिस विभाग द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर का अवलोकन कर रक्तदान कर रहे पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन किया गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ ने बैतूल जिला अस्पताल का मुआयना करने के बाद उत्कृष्ट बालक आदिवासी छात्रावास की व्यवस्थाएं भी देखीं मंत्री मिश्रा एवं धाकड़ ने जिला अस्पताल में पुलिस विभाग द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर का अवलोकन किया एवं रक्तदान कर रहे पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन किया मंत्री मिश्रा एवं धाकड़ ट्रामा सेंटर स्थित प्रसूता वार्ड पहुंचे, जहां उन्होंने प्रसूता महिलाओं से जिला अस्पताल में मिल रही उपचार व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली उन्होंने प्रसूताओं को मिलने वाली डाइट की भी जानकारी ली और पूछा कि किसी ने उनसे राशि तो नहीं मांगी प्रसूता वार्ड के शौचालय की साफ-सफाई व्यवस्था भी मंत्रीद्वय द्वारा देखी गई एवं वहां मौजूद मरीजों एवं उनके परिजनों से अस्पताल की उपचार व्यवस्थाओं पर चर्चा की इस दौरान कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस एवं पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद भी मौजूद थीं
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मृत बाघिन की उम्र लगभग 11 वर्ष उमरिया जिले के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से एक बाघिन की मौत हो गई फ़िलहाल बाघिन की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है पार्क के गश्ती दल को बाघिन मृत अवस्था में मिली थी जिसके बाद इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गयी। बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में एक बाघिन की मौत हो गयी जानकारी के बाद पार्क के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि वन्य जीव चिकित्सक एनटीसीए सदस्य और उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में मृत बाघिन का पोस्टमार्टम कराया गया घटना स्थल की फोरेंसिक जांच के बाद ही बाघिन की मौत के कारणों का पता चल पाएगा बाघिन की उम्र लगभग 10 से 11 वर्ष बताई जा रही है।
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आरिफ मसूद ने की जेल मंत्री से शिकायत राजगढ़ जेल में कुछ बदमाश मुस्लिम युवकों की दाढ़ी काटे जाने का मामला तूल पकड़ रहा है इस मसले को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर इस प्रकरण पर आपत्ति दर्ज करवाई और इस मामले के आरोपियों पर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। राजगढ़ जेल में मुस्लिम युवकों की दाढ़ी काटे जाने को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को आवेदन देकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है उन्होंने कहा की यह एक दुखद घटना है जेल प्रशासन द्वारा इस प्रकार की घटना को अंजाम देने से मुस्लिम समुदाय में रोष है राजगढ़ के कुछ मुस्लिम युवकों के विरूद्ध धारा 151 की कार्यवाही कर न्यायालय तहसीलदार जीरापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जहां से युवकों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
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अपराधियों की संपत्ति की जांच छतरपुर में एक बार फिर मामा का बुलडोज़र चलेगा कोतवाली में चार आदतन अपराधियों की जन्म कुंडली अब खोल दी गयी है इनके किये गए हर एक अपराध की एक एक ईंट अब इनके घर से निकाली जाएगी इन अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोज़र चलाकर कर उसे ज़मींदोज़ की जाएगी | गुंडा माफिया अभियान के तहत भारी पुलिस बल की मौजूदगी मे चार ऐसे आदतन अपराधियों की संपत्ति की जांच की गई जो लगातार कोतवाली और सिविल लाइन थाने में अपराध कर रहे है इन अपराधियों के यह नगरपालिका ,राजस्व और पुलिस अमला पहुंचा और उनकी संपत्ति की फीते से नापती की गई अवैध निमार्ण को चिन्हित किया गया प्रशासन की इस कार्यवाही की गाज बीजेपी किसान मोर्चा के नगर महामंत्री धमेंद्र सोनी , इरफ़ान काटर, सतेंद्र सिंह जंतू,और हल्के यादव पर गिरी हैं अब उनके परिवार को प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि यह आरोपी अगर नहीं सुधरे तो संपत्ति पर मामा का बुलडोजर चला दिया जायेगा।
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कई जिले से आये कलमकारों ने लिया हिस्सा भोपाल में कलम कला कलाकार प्रोडक्शन ने आर्टिस्टिक कनवर्ज का आयोजन किया गया जिसमे कई अनुभवी और नए कलाकारों ने हिस्सा लिया इस आयोजन में प्रदेश के कई जिलों से आये कलाकार सम्मिलित हुए। मध्यप्रदेश कलाकारों का प्रदेश है जहां हमेशा कला सम्बंधित कार्यक्रम होते रहते है...ऐसा ही एक कार्यक्रम का आयोजन K3 प्रोडक्शन ने किया कलम कला कलाकार ग्रुप ने "आर्टिस्टिक कनवर्ज" का आयोजन किया जिसमे गुना, विदिशा, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा, भोपाल के कलमकारों ने हिस्सा लिया इस मच का उद्देश्य है की उनके ज़रिये से नए कवियों को आगे आने का मौका मिले कार्यक्रम के सूत्रधार कवि आनंद कुमार थे।
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एक लाख 17 हजार बच्चों को पिलायेंगे दवा मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में पाल्स पोलियो अभियान की शुरुवात की इस मौके पर मिश्रा ने बच्च्चों को पोलियोपोलियो की दवा भी पिलाई दतिया में एक लाख सतरा हजार से जयदा बच्चोंको पोलियो रोधी दवा पिलाई जाएगी। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र 5 साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाई बच्चों को दवा पिलाकर बिस्किट और टॉफी दी इस मौके पर दतिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी राकेश बिहारी कुरेले ने बताया कि पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं इस अभियान के तहत जिले में 5 वर्ष तक के लगभग एक लाख17 हजार बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है आज बूथों पर दवा पिलाई जाएगी कल से दो दिन ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों घर-घर जाकर पोलियो रोधी दवा पिलाई जाएगी इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ की मोबाइल टीम के अलावा इस अभियान में सरकारी वाहनों के अतिरिक्त स्वैच्छिक संगठन सहयोग कर रहे हैं।
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एमपी गजब है सबसे अजब है मध्यप्रदेश अब तक टाइगर स्टेट के रूप में जाना जाता था अब इसे चीता स्टेट के रूप में नई पहचान मिल गई है मध्यप्रदेश में तीस फीसदी से ज्यादा इलाका अब भी घना जंगल है जो जानवरों को आदर्श वातावरण प्रदान करता है इसलिलिये कहते हैं एमपी गजब है सबसे अजब हैं पालपुर कूनो में अफ्रिका से चीतों के आगमन के साथ-साथ मध्यप्रदेश की ख्याति अब चीता स्टेट के रूप में भी हो गई है लोगों को चीता स्टेट में ही अभी चीतों के दीदार के लिए थोड़ा इन्तजार करना पडेगा इससे पहले मध्यप्रदेश की ख्याति टाइगर स्टेट, तेंदुआ स्टेट, वल्चर स्टेट , और घड़ियाल स्टेट के रूप में रही है मध्य प्रदेश में 30% से ज्यादा जंगल है यहाँ दस राष्ट्रीय उद्यान छ: टाइगर रिजर्व 25 वन्य जीव अभ्यारण हैं पूरे देश में सबसे ज्यादा घड़ियाल और वल्चर भी मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं मध्यप्रदेश में देश के सबसे ज्यादा 526 टाइगर यहीं रहते हैं यहाँ के जंगलों में देश के सबसे ज्यादा तेंदुए भी मौजूद हैं एमपी में 3421 तेंदुए हैं इसलिए एमपी के बारे में कहा जाता है एमपी अजब है सबसे गजब है।
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युवा कांग्रेस ने भीख मांग कर बेरोजगारी दिवस मनाया, युवाओं को रोजगार देने के नाम पर झूठे वादों का आरोप मध्यप्रदेश में जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीते छोड़ कर जन्मदिन मना रहे थे वहीं दूसरी ओर यूथ कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को देशभर में बेरोजगारी दिवस के तौर पर मनाया कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था मगर जब वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो वे अपने वादे को भूल गए। यूथ कांग्रेस ने भीख मांगकर पीएम मोदी के जन्मदिन को बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेरोजगारी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया भोपाल में युवा कांग्रेस के प्रभारी अखिलेश यादव के नेतृत्व में युवाओं ने भीख मांग कर बेरोजगारी दिवस मनाया अखिलेश यादव ने कहा कि युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री महोदय को यह ये याद दिलाया है कि मध्यप्रदेश में लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार है लाखों की संख्या में सरकारी पद खाली हैं ऐसे में जल्द से जल्द इन पदों पर भर्तियों को शुरू करनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो चरणबद्ध रूप से प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि देश और प्रदेश में जिस तरीके से बेरोजगारी बढ़ रही है उससे युवा अत्यधिक चिंतित हैं सरकार हर साल लाखों करोड़ों युवाओं को रोजगार देने के सिर्फ झूठे वादे करती हैं।
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आपराधिक तत्वों का कलेक्टर के सामने तांडव, शराब के लिए पैसे नहीं देने पर ये क्या किया छतरपुर मे एक युवक पर कुछ आपराधिक तत्वों ने हमला कर उसके प्राइवेट पार्ट को काट दिया दलित युवक से शराब पीने के लिए पैसे की अड़ीबाजी की गई पैसा देने से मना करने पर आरोपियों ने युवक पर चाकू से हमला कर दिया गया दलित युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है कोतवाली थाना इलाके में कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने शराब पीने के लिए पैसे नहीं देने पर खूबचंद रैकवार और डामर ने दलित युवक विकास वाल्मीकि पर चाकू से हमला कर दिया दलित युवक के गुप्तांग को आरोपियों ने काट दिया दलित युवक से शराबखोरी और नशा के लिए पैसे की मांग की गई थी युवक के पैसे देने से मना करने पर आरोपियों ने उसके गले से चेन छीनने का प्रयास किया और चाकू से उसके प्राइवेट पार्ट को काट दिया लहूलुहान हालत मे उसे एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा है घायल युवक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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राजधानी भोपाल से सिमी के आंतकियों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। साल 2013 के सेंधवा कांड मामले में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के 4 आतंकियों को कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई है। सजा के अनुसार 2 आतंकियों को आजीवन कारावास और 2 को 10 साल की सजा मिली है। साथ ही 4 सिमी आतंकियों को बरी भी किया गया है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सिमी आंतकी उमेर दंडोति को आजीवन कारावास, मोहम्मद सादिक को आजीवन कारावास, इरफान नागोरी को और अबु फैजल को 10-10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि सबूतों के अभाव में 4 आरोपी छूट गए हैं। जिनके खिलाफ अब मध्य प्रदेश सरकार हाईकोर्ट जाएगी। दरअसल साल 2013 में सेंधवा में एटीएस की टीम ने सिमी आतंकियों को पकड़ा था। उस दौरान कुल 15 आरोपी बनाए गए थे। और इस मामले में 7 लोगों का इनकाउंटर हुआ था। जिसके बाद आज यानी शुक्रवार को सिमी आतंकियों को जिला कोर्ट में पेश किया गया था। जहां करीब 9 साल बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार 24 दिसंबर 2013 में सोलापुर के महाराष्ट्र के समीप आतंकियों के पास से विस्फोटक मिला था। और पुलिस के साथ इनकी मुठभेड़ हुई भी थी। उस दौरान सिमी के आतंकी देश के बड़े नेता और प्रसिद्ध लोगों की हत्या करने की तैयारी में थे।
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देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। कोरोना के मामले लगातार आ रहे हैं। हाल के दिनों में, एक फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। गुरुवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 6,422 नए केस सामने आए हैं। ये बुधवार की तुलना में करीब 25 फीसदी अधिक है। इस तरह फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव केस 46,389 हैं। बुधवार को कोरोना के 5,108 नए मामले सामने आए थे, इस अवधि के दौरान 19 मरीजों की मौत रिपोर्ट की गई थी। साथ ही कोरोना से संक्रमित 5,675 मरीज ठीक होकर घर पहुंचे थे। बुधवार को देश में कोविड-19 के कुल सक्रिय मामले भी घटकर 45,749 रह गए थे।इसके साथ ही कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर 46,389 हो गई है। राहत की बात मरनेवालों की संख्या नहीं है। लेकिन कोविड के लॉन्ग-टर्म असर को देखते हुए इसे हलके में नहीं लिया जा सकता। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों की अवधि के दौरान कोरोना के 6,422 नए केस मिले हैं। कोरोना की तीसरी डोज शुरू हो चुकी है। आपको बता दें दो साल से कोरोना के मामले आ रहे है और कोरोना अभी ख़त्म नहीं हुआ है। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।हमें अभी भी सरतारक रहने की जरूरत है।
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शिवपुरी अंचल में दो दिन से हो रही लगातार बारिश के चलते देर रात शहर में नाले उफान पर आ गए और पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई कालोनियों में पानी भर गया, जिसके चलते लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही जिले में भारी बारिश के चलते कलेक्टर ने सभी सरकारी स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी है। पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है कि अगर कोई आवश्यक काम नहीं है तो लोग अपने घरों से बाहर न निकलें। बारिश के कारण किसानों की चिंता बढ़ने लगी है, क्योंकि कई जगह खेतों में किसान पानी भरने लगा है तो कहीं पकी हुई फसल खराब होने की नौबत बन गई है। वहीं दूसरी ओर मड़ीखेड़ा डैम के कैचमेंट एरिया में भी हो रही बारिश के चलते डैम में पानी बढ़ने लगा है जिस कारण कल शाम को डैम के भी दो गेट खोलकर पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है। बता दे शिवपुरी और गुना जिले में रिमझिम बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश के चलते देर शाम शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए दर्जनों भर ऐसी कॉलोनियां है जो पानी से पूरी तरह लबालब हो गई है। कई निचली बस्तियों और कालोनियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। पुलिस ने इन हालातों से निपटने के लिए सबसे पहले तो शहर की सड़कों पर माइक के माध्यम से अलर्ट जारी कर दिया कि अगर किसी भी व्यक्ति को बाजार में आवश्यक काम नहीं है तो वह बाजार न आए। बारिश में अपने घरों में ही सुरक्षित रहें ।इसके अलावा माधव चौक चौराहे, पुरानी शिवपुरी, फिजीकल, मीट मार्केट, तात्याटोपे समाधि पर बैरिकेड लगाकर ओवर फ्लो वाले स्थानों से लोगों की आवाजाही रोक दी,ताकि किसी भी घटना दुर्घटना से बचा जा सके।
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कट्टा दिखाकर अगवा करने वाला गिरफ्तार मैहर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है कट्टा दिखाकर युवती को अगवा करने वाले आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है15 दिनों तक लगातार महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पता लगाने के बाद आरोपी को तेलंगाना के भोंगीर से गिरफ्तार कर लिया गया है अगवा युवती को सकुशल अपराधी के चंगुल से बचा कर घर पहुंचा दिया गया है। 28 अगस्त को मैहर निवासी महिला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमे उसने बताया की करीब शाम सात बजे के आसपास वह उसका बेटा और उसकी 24 वर्षीया बेटी घर पर थे इस दौरान कृष्णा सिंह नाम का युवक ज़बरदस्ती घर में घुसा और उसकी बेटी के सर पर कट्टा लगाकर उसको अगवा कर ले गया जिस गाड़ी में उसकी बेटी को ले जाया गया उसमे एक धीरज शुक्ला नाम का युवक भी बैठा हुआ था महिला की शिकायत के बाद तुरंत मामला दर्ज कर पुलिस अपराधी की तलाश में जुट गयी...मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस लगातार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्थानीय मुखबिर की मदद से अपहृत और आरोपी की तलाश करती रही और हर संभावित स्थानों पर दबिश देते हुए भोंगीर से आरोपी कृष्णा सिंह को गिरफ्तार किया गया और आरोपी के कब्जे से अपहृत युवती को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
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हाथ पर बनवाया नरोत्तम मिश्रा का टेटू मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं उनकी लोकप्रियता का आलम ऐसा है कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने नरोत्तम मिश्रा का टेटू अपने हाथ पर बनवा लिया है मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का एक भाजप कार्यकर्ता दीवाना हो गया है नरसिंहगढ़ के रहने वाले रविंद्र शर्मा ने अपने कलाई पर गृहमंत्री की तस्वीर बनवाई है रविंद्र शर्मा ने गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को अपनी कलाई पर बनी उनकी तस्वीर भी दिखाई गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ राजनेता मानने वाले रविंद्र कहते हैं मैं उनकी कार्यशैली से खासा प्रभावित हूँ रविंद्र कहते हैं मेरे लिए उनकी मुस्कराहट ही काफी है मेरे लिए वो भगवान स्वरूप हैं माई से प्रार्थना है वे एक बार मुख्यमंत्री अवश्य बनें।
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पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने किया शुभारंभ भोपाल के थाना अरेरा हिल्स में ऊर्जा डेस्क का की शुरुआत की गई ऊर्जा डेस्क का उद्घाटन पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने किया इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। भोपाल के अरेरा हिल्स थाने में ऊर्जा डेस्क यानी अर्जेन्ट रिलीफ एंड जस्ट एक्शन की शुरुआत की गई ऊर्जा डेस्क के शुभारंभ के दौरान पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर , एसीपी सचिन आतुलकर के साथ बड़ी संख्या पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी मौजुद रहे इस दौरान पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने कहा की ऊर्जा डेस्क इस क्षेत्र की पीड़ित महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा हेतु इस ऊर्जा डेस्क की शुरुआत की गई है उन्होंने बताया कि भोपाल के सभी थानों में अब महिला डेस्क है आपको बता दें नव गठित महिला डेस्क में में पीड़ित महिलाओं के बैठने की व्यवस्था , पानी , वोटिंग रूम के साथ अन्य व्यवस्थाएं की गई है।
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बुज़ुर्ग दम्पति पर हुआ जानलेवा हमला छतरपुर में चोरी के इरादे से घर में घुसे व्यक्ति ने बुज़ुर्ग दंपत्ति पर हमला कर दिया हमला किसी धारदार हथियार से किया गया था जिसके कारण बुज़ुर्ग महिला की मौके पर ही मौत हो गयी और उसका पति गंभीर रूप से घायल है जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है गढीमलेहरा थाने के कुर्राहा में घर पर सो रहे बुजुर्ग दम्पति को किसी के घर में घुसने की भनक लगी उन्हें लगा की घर में चोर घुस आया है तो उन्होंने शोर मचाया जिससे पूरा परिवार जाग गया परिवार के जागने पर आरोपी ने अपनी पहचान से बचने के लिये बुजुर्ग दम्पति पर धारदार हथियार से हमला कर दिया हमले मे बुजुर्ग महिला की तुरंत मौत हो गयी जबकि बुजुर्ग जिला अस्पताल मे ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ रहा है पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश में जुट गयी है
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मुरैना शहर में बढ़ते हुए अतिक्रमण से आम जनता काफी परेशान है, इस अतिक्रमण को लेकर आम जनता द्वारा कई बार नगर निगम आयुक्त जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस कई शिकायतें की गई परंतु इसका कोई हल ना निकला वही कुछ दिन पहले नगर निगम ने ठोस कदम उठाते हुए शहर के सबसे व्यस्ततम बाजार हनुमान तिराहे पर से ठेले वालों को हटाकर निगम द्वारा बनाए गए हॉकर्स सदर बाजार जोन में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन आदेश मानने की बजाए बौखलाए ठेले चालकों ने फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों के साथ मिलकर नगर निगम का घेराव कर दिया। नगर निगम का घेराव कर रहे प्रदर्शनकारियों ने निगम को वहां से ना हटाए जाने के लिए आवेदन दिया और बड़े व्यापारियों पर आरोप लगाते हुए कहा के नगर निगम आयुक्त बड़े व्यापारियों को संरक्षण दे रहे हैं बड़े व्यापारी दुकानों के सामने रोड पर सामग्री, तख्त व अन्य सामग्री रखकर खुद ट्रैफिक व्यवस्था को बिगड़ते हैं और आरोप ठेले वालों पर लगा देते हैं ठेले वालों ने उस हॉकर्स जोन में जो कि नगर निगम द्वारा बनाया गया है जाने से मना किया क्योंकि उसके बगल से एक शराब की दुकान है ठेला वालों का आरोप है कि वहां शराबी आए दिन ठेले वालों से मारपीट करते रहते हैं। चेतावनी देते हुए हाथ ठेले वालों ने कहा कि अगर उनकी मांगे 7 दिन में मांग ली गई तो तो ठीक है अन्यथा वह अपने सभी साथियों के साथ नगर निगम के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।
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विट्ठलभाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान सम्मान इंदौर में विट्ठलभाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान सम्मान का आयोजन किया गया जिसमे पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिए प्रदेश टुडे समूह को सम्मानित किया गया इस मौके पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया अभय प्रशाल में विट्ठलभाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान द्वारा मध्यप्रदेश की पत्रकारिता क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान देने के लिए प्रदेश टुडे समूह को सम्मानित किया गया यह सम्मान ग्रुप के चेयरमैन हृदेश दीक्षित को दिया गया इस दौरान उच्च न्यायालय खंडपीठ के न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला, खजराना मंदिर पुजारी अशोक भट्ट, इंदौर के एडीजे गगॉंचरण दुबे ,प्रतिष्ठान के संयोजक ललित अग्रवाल और सह संयोजक सुधीर मालवीय मौजूद रहे वहीं सम्मान से पहले प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसके बाद कवि सम्मेलन हुआ जिसमे दिग्गज कवियों के बीच आगाज हुआ जिसका प्रोफेसर राजीव शर्मा ने सफल संचालन किया
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आरक्षक ने ग्रामीणों से मारपीट कर पैसे छीने सागर में एक पुलिसकर्मी के उत्पात मचाने की खबर सामने आयी है जहाँ एक पुलिसकर्मी ने शराब के नशे में तीन साथियों के साथ मिलकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की और पैसे भी छीन लिए सभी ग्रामीण इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचे जहां ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है जैसीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम रमपुरा में पानी की टंकी निर्माण का कार्य किया जा रहा है जहां मजदूर दोपहर के समय निर्माण कार्य कर रहे थे तभी जैसीनगर थाने में पदस्थ आरक्षक रघुराज धुर्वे अपने तीन अन्य साथियों के साथ शराब के नशे में पंहुचा और किसी चैन सिंह नाम के व्यक्ति के बारे में पूछने लगा जब मजदूरों ने कहा कि वह किसी चैन सिंह को नहीं जानते तो उस पुलिसकर्मी ने मजदूरों के साथ जमकर मारपीट की यहां तक कि मजदूरों का कहना है की आरक्षक ने उनके पास से 1200 रुपए भी छीन लिए इसके बाद पुलिसकर्मी और उसके 3 अन्य साथियों ने एक स्थानीय डॉक्टर जो रमपुरा गांव में किसी महिला का इलाज करने जा रहे थे उनको भी रोका और चैन सिंह मामले में पूछताछ के नाम पर जमकर मारपीट की इसी दौरान गांव की महिलाएं और अन्य ग्रामीण आ गए तब जाकर पुलिसकर्मी और तीन अन्य साथी वहां से भाग निकले इसके बाद महिलाओं सहित ग्रामीण और मजदूर जैसीनगर पुलिस थाना पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस वालों पर पूछताछ के नाम पर मारपीट करने और रुपये छीनने के गंभीर आरोप लगाए हैं गौरतलब है कि जैसीनगर थाना क्षेत्र में 4 मई को गैंगरेप का मामला सामने आया था जिसमें मुख्य आरोपी चैन सिंह अब तक फरार है जिसको पुलिस नहीं पकड़ पा रही है
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धारदार हथियार से हमला एक घायल सिंगरोली जिला न्यायलय में दो पक्षों में विवाद हो गया देखते देखते विवाद इतना बढ़ गया की दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर धारदार हथियार से हमला करना शुरू कर दिया जिसमे एक युवक घायल भी हो गया पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कर किया और घायल युवक को इलाज के लिए अस्पताल भेजा सिंगरौली जिले के माड़ा थाना क्षेत्र के निवासी आपसी विवाद के केस को लेकर जिला न्यायालय पहुंचे थे न्यायालय में एक दूसरे से कहासुनी होने लगी और देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष दूसरे पक्ष से गाली गलौज कर मारपीट करने लगा हालांकि वहां उपस्थित लोगों ने इन्हें अलग करने की कोशिश की लेकिन एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर लाठी-डंडों और धारदार हथियार से हमला कर दिया जिससे एक पक्ष का 35 वर्षीय युवक गंभीर रूप से घायल हो गया मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया और घायल युवक को इलाज के लिए जिला ट्रामा सेंटर भेजा दिया गया।
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एमपी मौसम विभाग ने आज शनिवार 10 सितंबर को सभी संभागों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। रीवा, शहडोल, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर और चंबल संभाग में कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वही शहडोल, जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के साथ धार, पन्ना, सागर,शाजापुर, दमोह, देवास,छतरपुर और आगर जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने और चमकने का अलर्ट जारी किया गया है।एमपी मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में एक ट्रफ लाइन दक्षिणी कोकण से उत्तरी आंध्र प्रदेश व दक्षिणी ओड़िशा तट से बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र तक जा रही है।वही मानसून द्रोणिका लाइन उदयपुर, जलगांव, रामागुंडम होते हुए कम दबाव के क्षेत्र तक जा रही है, जिसके प्रभाव से अभी दक्षिण मप्र में खंडवा, खरगोन, बड़वानी व आलीराजपुर क्षेत्र में नमी आ रही है और दक्षिण मप्र में हल्की बूंदाबांदी के आसार बने हुए हैं।कम दवाब का क्षेत्र उड़ीसा-आंध्रा के बीच सक्रिय है। यह मजबूत होकर आगे बढ़ेगा, तब वर्षा की गतिविधि में तेजी आएगी।
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महापौर टटवाल के फोटो पर कांग्रेस की आपत्ति, कांग्रेस ने कहा ये महापौर की अभद्रता है उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल का एक फोटो शनिवार को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ फोटो में वे महाकाल के मंदिर के गर्भ गृह में जलाधारी के पास अजीब पोज बना कर बैठे नजर आ रहे हैं कांग्रेस ने इस फोटो को लेकर आपत्ति जताई और कहा है ये आस्था के प्रति अशोभनीय व्यवहार है पहले फर्जी तरीके से चुनाव जीते, अब आस्था के प्रति फर्जीवाड़ा किया जा रहा है महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में यूं अभद्र तरीके से पसर कर बैठना ठीक नहीं कोई ऐसा न करे इस बात का ख्याल मंदिर प्रशासक और पुजारियों को भी रखना चाहिए फोटो में एक पुजारी भी दिख रहा है जिन्होंने महापौर को ऐसा करने से रोका तक नहीं महापौर मुकेश टटवाल को महाकाल मंदिर में कुछ ज्यादा ही बड़ा वीआईपी मान कर उन्हें गर्भगृह में बड़े ही अजीब से अंदाज में बैठने दिया गया और मंदिर के पुजारी फोटो खिंचवाने में मस्त नजर आये एक भी पुजारी की हिम्मत महापौर को रोकने की नहीं हुई क्या महाकाल मंदिर प्रशासन और यही पुजारी दूसरे भक्तों को ऐसा करने की इजाजत देंगे इस सावल का जवाब न मंदिर प्रशासन के पास हैं और न ही इन पुजारी के पास महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह इस मामले में क्या कार्रवाई करेंगे? यह देखना होगा इस पूरे मामले में महापौर ने कहा है कि पंडित रमन त्रिवेदी के अनुरोध पर मैने फोटो क्लिक कराया था , मैं महाकाल का भक्त हूं मुझे क्या उनकी गोद में बैठने का अधिकार नहीं उनके चरणों में आनंद से बैठ गया तो क्या बुरा हुआ इस मामले में मुकेश टटवाल के सर सत्ता का मद चढ़ा हुआ साफ़ नजर आ रहा हे कांग्रेस नेता अरुण यादव ने महापौर मुकेश टटवाल के फोटो को ट्वीट कर लिखा है- तुम्हारी हैसियत नहीं कि राजाओं के राजा महाकाल के दरबार में इस तरह से बैठो फरेब से पाई उज्जैन महापौर की कुर्सी का इतना अभिमान बाबा का रौद्र रूप तुम्हारे इस अहंकार को मिट्टी में मिला देगा महापौर जी कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा की फर्जी तरीके से चुनाव जीते, अब आस्था के प्रति भी फर्जीवाड़ा और अशोभनीय व्यवहार उजागर यह एक धर्म के ठेकेदारों का वास्तविक चरित्र है बाबा महाकालेश्वर के समक्ष आदर की बजाय आराम की मुद्रा में उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल |
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महिला ने SDOP को चूड़ी उतारकर कर दी, SDOP ने चूड़ियां टीआई को पहनाने को कहा श्योपुर के विजयपुर कस्बे में चोरी की बढ़ती वारदातों से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है चोरी की वारदात से परेशान महिलाएं व्यापारियों के साथ एसडीओपी को ज्ञापन देने पहुंची जहां महिलाओं की SDOP के साथ जमकर नोंक झोक हो गई इस दौरान बीजेपी की महिला नेत्री तारा देवी ने एसडीओपी की टेबल पर चूड़ियां रख दी और पुलिस प्रशासन पर चोरी रोकने में नाकाम होने के आरोप लगाए चोरी की बढ़ रही वारदात से नाराज विजयपुर कस्बे के लोग सड़क पर उतर गए वे थाना प्रभारी सोनपाल सिंह तोमर की कार्रवाई से खफा थे उनका कहना था कि पिछले एक माह से कस्बे में अज्ञात चोर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं पुलिस चैन की नींद सो रही है ऊपर से थाना प्रभारी ने 4 दिन पूर्व एक ही रात में अंबेडकर कॉलोनी में 5 घरों से हुई लाखों रुपयों की चोरी की वारदात में सिर्फ एक ही मामले में केस दर्ज किया है ऐसे में विजयपुर एसडीओपी दफ्तर पर चोरियों पर लगाम लगाने और टीआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लोग ज्ञापन देने पहुंचे थे तभी बीजेपी महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष तारा देवी और एसडीओपी के बीच नोकझोंक हो गई इस दौरान तारा देवी ने यह कहते हुए अपने हाथों से चूड़ी निकालकर एसडीओपी निर्भय सिंह अलावा की टेबल पर रख दी कि कार्रवाई करो नहीं तो चूड़ियां पहन लो इसके बाद एसडीओपी ने भी कह दिया कि ये चूड़ियां आप थाना प्रभारी को पहनाए मुझे आवेदन दें मैं जांच करूंगा
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बच्चों को परोसा गया इल्लियां वाला भोजन,मिलीभगत के चलते जीवन से हो रहा खिलवाड़ मध्य प्रदेश में हुए पोषण आहार घोटाले की जांच अभी शुरू भी नही हुई है कि अब मिड डे मील में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जहां एक सरकारी स्कूल में मिलने वाले मध्यान भोजन में गड़बड़ी की शिकायत आई है जिसमें उचित मूल्य की दुकान से भेजे गये चावल को बेचकर खराब चावल बच्चों की थाली में परोसने के आरोप लगे हैं खाने में इल्लियां मिल रही हैं यही नहीं शिकायत करने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती है अब सवाल ये भी उठता है कि क्या मध्यान भोजन में कमीशनखोरी हो रही है या मिलीभगत के चलते बच्चों का जीवन दांव पर लगा दिया गया है। उमरिया से मिड डे मील में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है बच्चों के मध्यान भोजन के साथ खिलवाड़ किया गया है बताया जा रहा है कि मध्यान्ह भोजन में इल्लियां मिली है मामला मानपुर ब्लॉक के चितरांव माध्यमिक शाला का है जहां तीन दिनों तक चावल में इल्लियाँ पाई गई जिसकी शिकायत भी बच्चों ने स्कूल प्रबंधन से की है लेकिन मिलीभगत के कारण कुछ नही हो सका जिसके बाद बच्चों ने वीडियो जारी कर पूरी कहानी बयां की है बच्चों ने वीडियो में बताया की जानवरों की तरह स्कूल में भोजन परोसा जाता है शिकायत करने पर स्कूल से निकाल देने की धमकी दी जाती है। वीडियो के जारी होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और अब सर्व शिक्षा अभियान विभाग के जिम्मेदार जांच कराने की बात कह रहे है स्व सहायता समूह के परोसे जाने वाले भोजन का स्तर इस कदर खराब है की मध्यान भोजन के बाद बच्चों का स्वास्थ्य बनने के बजाय बिगड़ने के ज्यादा आसार हैं हालांकि स्कूल प्रबंधन भी इसके लिए जिम्मेदार है लेकिंन मिलीभगत के कारण घटिया स्तर का चावल लाकर छोटे बच्चों को खिलाया जा रहा है।
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ट्रक ने 14 गोवंशों को रौंदा छतरपुर में रौशनी वेयर हाउस के सामने एक ट्रक ने 14 गोवंशों को रौंद दिया जिनमे से 8 गोवंश मरे और 6 गंभीर घायल हो गए गोसेवकों को जैसे ही इसकी सूचना लगी उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर गोवंशों का इलाज किया सागर छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोशनी वेयरहाउस के सामने देर रात किसी अज्ञात ट्रक ने सड़क पर बैठे 14 गोवंशों को जोरदार टक्कर मारते हुए उन्हें रौंद डाला जिससे 8 गायों की मौके पर ही मौत हो गई और बाकी गंभीर रूप से घायल 6 गायों में से भी दो ने तड़फ तड़फ कर दम तोड़ दिया इसकी सूचना गोसेवकों को लगने के बाद वे तुरंत मोके पर पहुंचे और घायल गायों को सड़क किनारे कर उन्हें दवाई और इंजेक्शन दिए मृत गायों को ग्रामीणों ने तुरंत ट्रेक्टर की मदद से एक खेत में इखट्टा कर दिया और सड़क को आने जाने के लिए सुगम बनाया घायल गायों के प्रारंभिक इलाज के कुछ समय बाद गोसेवक इन्हें हरिओम गौशाला के वाहन से गोशाला ले आए जहां उनका उपचार किया जा है
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मानवता के लिए महत्वपूर्ण है शिक्षा परासिया में पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया ने शिक्षकों का सम्मान किया इस दौरान शिक्षकों पर फूलों की वर्षा की गयी बावरिया ने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उनके कार्य को मानवता के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया परासिया पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया ने संस्कार लॉन में शिक्षकों का सम्मान किया क्षेत्र की शालाओं में कार्यरत शिक्षकों का पुष्प वर्षा कर सम्मान किया गया... उन्होंने शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा की बारिश के चलते भी सभी शिक्षक कार्यक्रम में पहुंचे यह देख उन्हें ख़ुशी हुई विधायक ताराचंद बावरिया ने कहा समाज में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है समाज और देश की तरक्की गुरुओ से होती है इसीलिए गुरुओ का सम्मान करना चाहिए
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मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, अतिथि शिक्षकों ने उपेक्षा का लगाया आरोप छतरपुर में शिक्षक दिवस के मौके पर नियमितिकरण और मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों हड़ताल की और रैली निकालकर राज्यपाल और सीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा वहीं अतिथि शिक्षकों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है कहने को तो सरकार खुद को शिक्षकों को हितैषी बताती है कई बार आंदोलन और धरने के समय अतिथि शिक्षकों से वादे भी किये गए लेकिन अब टाक वादों को पूरा नहीं किया गया जिससे अतिथि शिक्षकों में नाराजगी है और इसी नाराजगी को व्यक्त करने के लिए बारीगढ़ में शिक्षक दिवस के दिन अतिथि शिक्षकों ने धरना दिया और रैली निकाली अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ तहसीलदार को सीएम और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा अतिथि शिक्षकों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया शिक्षकों की मांग है की उनको नियमित किया जाए इसके साथ ही वेतन वृद्धि भी की जाए अतिथि शिक्षक 12 से 14 वर्षो से सेवाएं दे रहे उसके बाद भी हर वर्ष उन्हें निकाल दिया जाता है अतिथि शिक्षकों के माध्यम से प्रदेश में लगभग अधिकांश विद्यालय संचालित हो रहे हैं लेकिन सरकार अतिथि शिक्षकों के हित में ठोस कदम नहीं उठा रही है शिक्षकों की मांग है कि जिस प्रकार गुरूजी को शासन ने नियमित किया उसी प्रकार व्यापम परीक्षा पास या विभागीय परीक्षा कराकर अतिथि शिक्षकों को भी नियमित किया जाय
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत की चार दिन की यात्रा पर आज नई दिल्ली आ रही हैं। इस दौरान वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे। हसीना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कल द्विपक्षीय विचार विमर्श करेंगी। विदेशमंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर आज शाम उनसे मुलाकात करेंगे। बंगलादेश की प्रधानमंत्री पिछली बार अक्तूबर, 2019 में भारत आई थीं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों नें हाल के वर्षों में कई स्तरों पर लगातार संपर्क बनाए रखा है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी यात्रा से पहले भारत को परखा हुआ मित्र बताया और कहा कि वह जरुरत के समय हमेशा बांग्लादेश के साथ खड़ा रहा है। एक समाचार एजेंसी के साथ साक्षात्कार में प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि भारत ने न केवल मुक्ति संग्राम में, बल्कि बाद में भी बांग्लादेश का साथ दिया। भारत को सबसे करीबी पडोसी देश बताते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा पडोसी राष्ट्रों के साथ मित्रता को महत्व और प्राथमिकता देती हैं। जमीनी और समुद्री सीमा से संबंधित समझौतों, शरणार्थियों की वापसी और अन्य मामलों की चर्चा करते हुए श्रीमती हसीना ने कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेदों का समाधान बातचीत और चर्चा के माध्यम से किया गया है। सभी से मित्रता और किसी के प्रति द्वेष नहीं रखने के बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान द्वारा स्थापित बांग्लादेश की विदेश नीति के मूल सिद्धांत को रेखांकित करते हुए श्रीमती हसीना ने कहा कि बांग्लादेश का उद्देश्य अन्य राष्ट्रों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों के जरिए अपनी जनता की खुशहाली सुनिश्चित करना है। हसीना ने कोविड महामारी के दौरान भारत की ओर से मिले सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी समारोहों के दौरान अपनी यात्रा में सकारात्मक रूख प्रकट किए। उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने पर वहां फंसे बांग्लादेश और अन्य पडोसी देशों के नागरिकों की वापसी में मदद के लिए भी भारत की सराहना की।
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रसेना हाईस्कूल में भी हुआ था शिक्षकों में विवाद सागर में सरकारी स्कूल स्टाफ के बीच मारपीट अब कोई नई बात नहीं है लेकिन अब सीएम राइज स्कूल से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई हैं जहाँ एक महिला टीचर ने एक बाबू को थप्पड़ रसीद कर दिया सरकारी बाबू भी महिला टीचर से अभद्रता करता नजर आ रहा है नरयावली स्थित सीएम राइज स्कूल में एक शिक्षिका व एक बाबू के बीच विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है इस वीडियो में शिक्षिका गुस्से में आकर बाबू को जोरदार थप्पड़ लगा रही है वहीं बाबू भी अपशब्द कहता दिख रहा है इस घटना से कुछ कुछ दिन पहले रसेना हायर सेकंडरी स्कूल में एक शिक्षिका प्रभारी प्राचार्य को चप्पल मारती नजर आई थीं नरयावली सीएम राइज में हुई इस घटना में स्कूल प्राचार्य और अन्य लोग बीच-बचाव करते हुए झगड़ रही शिक्षिका व बाबू को स्कूल ग्राउंड से कार्यालय ले जा रहे हैं इस मारपीट की शिकायत बाबू महेश जाटव ने स्कूल प्राचार्य आशा जैन से की उन्होंने कहा कि उन्हें शिक्षिका नीता विश्वकर्मा ने सबके सामने थप्पड़ मारा है घटना का समय और वीडियो भी उपलब्ध कराते हुए उन्होंने कार्रवाई की मांग की है वहीं शिक्षिका ने भी प्राचार्य को आपत्ति दर्ज कराई है कि बाबू ने एक तो काम भी नहीं किया, ऊपर से गाली देकर मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया है शिक्षिका का कहना है कि वह भी कागज लेकर सील लगवाने के लिए जाती तो बाबू कहता मेरे पास प्रभार नहीं है सील नहीं लगा सकते
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आयुर्वेद चकित्सा को लेकर लोगों में बढ़ा विश्वास बीमारी को जड़ से समाप्त करने की है क्षमता आयुर्वेद चकित्सा को लेकर लोगों का विश्वास और रुझान बढ़ा है रीवा में आयुर्वेदिक संजीवनी आयुर्वेद एवं पंचकर्म सेंटर के उद्घाटन के साथ वरिष्ठ वाद्यों का सम्मान किया गया इस दौरान डॉक्टर प्रदीप सिंह ने कहा कि आज के समय में आयुर्वेद में रोगों का कारगर इलाज केवल आयुर्वेद ही ऐसा है जिसमे रोगों को जड़ से समाप्त करने की क्षमता है आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति बढ़ते विश्वास को देखते हुए रीवा में संजीवनी आयुर्वेद एवं पंचकर्म सेंटर की शुरुआत की गई आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा , विधायक नागेंद्र सिंह , विधायक दिव्यराज सिंह , महाराजा पुष्पराज सिंह के साथ मुख्य वन संरक्षक ए के सिंह मौजूद रहे ... कार्यक्रम का संचालन राम बिहारी शर्मा ने किया इस दौरान वरिष्ठ वैद्यों का सम्मान किया गया और उनके अनुभव लिए गए कार्यक्रम को लेकर बताया गया कि इस आयुर्वेदिक सेंटर में शिरोधारा , पंचकर्म , लीच थेरेपी , के साथ सभी रोगों का इलाज किया जायेगा मरीजों का इलाज अनुभवी डॉक्टर्स करेंगे कार्यक्रम को लेकर सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि हमारी पुरानी इलाज पद्धति कारगार थी लेकिन समय के साथ लोगों ने आयुर्वेद को भुला दिया लेकिन कोरोना के समय फिर इसी आयुर्वेद ने काढ़ा देकर लोगों की जान बचाई उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है की लोगों में आयुर्वेद के इलाज के प्रति विश्वास बढ़ा है वहीँ रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह ने कहा कि आयुर्वेद जैसा इलाज आज किसी पद्धति में नहीं है संजीवनी आयुर्वेद एवं पंचकर्म सेंटर के डॉक्टर प्रदीप सिंह ने बताया की आयुर्वेद में करीब करीब सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है इस सेंटर में सभी तरह के मरीजों का इलाज होगा उन्होंने बताया की पंचकर्म से मौसमी बीमारियों से लेकर सभी तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है अनुभवी डॉक्टर मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज करेंगे
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भारी बारिश से कई प्रदेशों में बुरा हाल यूपी , एमपी , केरल और ओडिशा समेत कई प्रदेशों में भारी बारिश से बाढ़ के हालात हैं. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दक्षिण भारत के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. IMD के अलर्ट में तमिलनाडु, केरलऔर कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कई जिलों में मूसलाधार बारिश का अनुमान लगाया गया है. IMD के पूर्वानुमान के तहत अगले 4 दिन तक पश्चिम बंगालके साथ पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बरसात की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है कि सितंबर के इस महीने में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और पूर्व व उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. शुक्रवार 2 सितंबर से सोमवार 5 सितंबर तक तटीय और उत्तरी कर्नाटक में गरज के साथ व्यापाक बारिश होने की संभावना है. अगले 4 दिन तक लक्षद्वीप, रायलसीमा, दक्षिणी कर्नाटक, केरल, और तमिलनाडु में भारी बारिश हो सकती है. अगले 3 दिन तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश में बारिश की उम्मीद है. 2-3 सितंबर तक उत्तराखंड में सामान्य बारिश और 4 सितंबर को उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. 4-5 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में बारिश दर्ज हो सकती है. 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में भी बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है. इसी तरह अगले 48 से 72 घंटों में अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालल में भारी बारिश व आंधी की संभावना जताई गई है.
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राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 212 करोड़ 52 लाख से अधिक टीके लगाये जा चुके हैं। पिछले 24 घंटों में लगभग 13 लाख टीके लगाये गये। स्वस्थ होने की दर 98 दशमलव छह-सात प्रतिशत है। कल लगभग दस हजार रोगी ठीक हुए और लगभग आठ हजार नए मामले दर्ज किए गए। इस समय 62 हजार से अधिक रोगियों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे में दो लाख 66 हजार से ज्यादा नमूनों की कोविड जांच की गई।
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मौसम में भी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. केंद्रीय मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. जिसमें मध्यप्रदेश औऱ छत्तीसगढ़ भी शामिल है. बता दें कि मानसून सीजन 30 सितंबर तक माना जाता है ऐसे में आने वाले दिनों में अभी आगे अच्छी बारिश होने के पूरे आसार है. मौसम विभाग के अनुसार आज पश्चिम बंगाल, सिक्किम, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में कहीं भारी तो कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। देश के उत्तर पश्चिमी व मध्य भाग में इन दिनों मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ गई हैं। मानसून की द्रोणिका हिमालय की तराई में पहुंच गई है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 2022 अलविदा हो रहा है। बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में फिलहाल कोई नया सिस्टम बनता नहीं दिख रहा है। हालांकि एक द्रोणिका तमिलनाडु से लेकर मध्य प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा तक बनी हुई है। इसके असर से कुछेक राज्यों में भारी से मध्यम बारिश हो सकती है।
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बच्चे क्लास में लगाते हैं झाड़ू , स्कूल प्रबंधन मौन, चपरासी खुद को बताता है अधिकारी का रिश्तेदार आज हम आपको एक स्कूल के वीआईपी चपरासी से मिलाते है चपरासी ऐसा जो कार से आये और पूरे स्कूल पर हुक्म चलाए स्कूल में चपरासी की नौकरी करने वाले युवक ने स्कूल की सफाई के लिए दूसरे चपरासी को रख लिया और अब स्कूल के हालात ऐसे हैं कि बच्चों को खुद क्लास की सफाई करनी पड़ती है लेकिन कोई कुछ नहीं कहता क्यूंकि वीआईपी चपरासी खुद को अधिकारी का रिश्तेदार बता धौंस दिखाता है यह मामला मैहर का है ये तस्वीरें मैहर के पोड़ी ग्राम के हाई स्कूल की है स्कूल में सरकारी नौकरी पर वीआईपी चपरासी के पद पर पदस्थ मदन अग्रवाल का अलग ही स्कूल में रुतबा है मदन अग्रवाल ने साफ़ सफाई के लिए स्कूल में अलग से एक 70 वर्षीय वृद्ध अरुण श्रीवास्तव को रख लिया है बताया जा रहा है कि वीआईपी चपरासी कार से आता है अच्छी खासी सरकार से तनखा लेता है और ऑफिस में बैठकर हुक्म चलाता है मगर स्कूल की सफाई नही करता जिसके चलते स्कूल में चारो तरफ गंदगी फ़ैल चुकी है स्कूल के बच्चों ने बताया की उनकी क्लास में झाड़ू लगाने कोई नही आता उन्हे खुद ही झाड़ू लगाना पड़ता है स्कूल में टीचर बच्चों से झाड़ू लगवाते हैं अब ऐसा नहीं है की ये बात टीचर्स को नहीं पता है बस किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती है वो इसलिए क्योंकि चपरासी खुद को अधिकारी का रिश्तेदार बताता है वो कहते हैं न सैयां भयो कोतवाल तो डर काहे का चपरासी मदन अग्रवाल को लेकर स्कूल प्रबंधन भी मौन है जिसके चलते पूरा स्कूल चपरासी के कहने पर चलता है
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बिहार में झाम झम बारिश भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार में आने वाले कुछ दिनों तक अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. इसके बावजूद बिहार के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश नहीं रिकॉर्ड नहीं की गई. मौसम विभाग ने बुधवार यानी 31 अगस्त 2022 को भी सूबे में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है. उमस के कारण लोग दिनभर पसीने से तरबतर रहे. दूसरी तरफ, गंगा समेत तमाम प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि से कई इलाके बाढ़ में डूब गए हैं. यदि नदियों के जलस्तर में इसी तरह से वृद्धि जारी रही तो आने वाले दिनों में बाकी बचे हुए इलाके भी जलमग्न हो सकते हैं. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण कई जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है. कहीं-कहीं तो रिहायशी इलाके भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करना पड़ रहा है.
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बिहार में रिमझिम बारिश तेज धूप और उमस वाली गर्मी का सामना कर रहे बिहार वासियों को उस वक्त राहत मिली जब सोमवार को आधी रात के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में रिमझिम से मध्यम दर्जे तक की बारिश हुई. इसका असर मंगलवार 30 अगस्त 2022 को सुबह में भी देखा गया. सुबह प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे. देर रात बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार में आने वाले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में धान की रोपाई करने वाले किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है. दूसरी तरफ, गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते सूबे के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बेगूसराय, मुंगेर जैसे जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. उत्तरी बिहार में भी नदियां उफान पर हैं. आने वाले कुछ दिनों में गंगा नदी के जलस्तर में और वृद्धि होने की बात कही गई है. यदि ऐसा हुआ तो हालात और खराब हो सकते हैं.
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अनियंत्रित होकर बुरी तरह पलटी कार, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी छिंदवाड़ा नागपुर हाईवे पर एक तेज रफ्तार कार ज़रा सी चूक के कारन अनियंत्रित होकर पलट गई सड़क पर भरे बारिश के पानी से गुजरते हुए कार अनियंत्रित हुई तथा देखते ही देखते सड़क से नीचे उतरते हुए पांच पलटी खाई गई गनीमत ये रही की कार सवारों को मामूली चोट आई है ये कार हादसा किसी राहगीर के मोबाइल में कैद हो गया जिसके बाद वह अब ते इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कार सीधे जा रही है और पानी के कारण चालक नियंत्रण खो देता है और कार फिर पलट जाती है वीडियो को सांसद नकुल नाथ ने भी इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया है सांसद नकुल नाथ ने अपने सोशल मीडिया पेज पर वीडियो को शेयर करते हुए बारिश में सावधानी से वाहन चलाने की अपील की है छिंदवाड़ा के बिन्द्रा कालोनी निवासी विकास जयंत बोरकर रविवार को नागपुर से वापस लौट रहे थे, उनके साथ बेटा भी था नागपुर मार्ग पर लिंगा के समीप देवर्धा में सड़क पर भरे बारिश के पानी के कारण कार अनियंत्रित हो गई मोड़ पर कार पानी में से गुजरते हुए सड़क छोड़ते हुए सड़क से नीचे उतर कर कई पलटियां खा गई कार में सवार लोगों को मामूली चोट आई है
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भरी बारिश का अनुमान मौसम विभाग (IMD) ने देश के एक काफी बड़े हिस्से में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश का अनुमान लगाया है. IMD के मुताबिक सोमवार को नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और मिजोरम में जमकर बादल बरस सकते हैं. वहीं अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में तो अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना जताई गई है. इसी तरह उत्तर प्रदेश , बिहारऔर झारखंड में भी तेज बारिश की भविष्यवाणी की गई है.मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल , कर्नाटक और तेलंगाना में तो बिहार, पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक पूर्वोत्तर के राज्यों समेत बिहार, यूपी और उत्तराखंड में भी जमकर बादल बरसेंगे. उत्तराखंड के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है उत्तर प्रदेश के कई जिले पड़ोसी राज्यों से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं. बाढ़ का पानी रिहायाशी इलाकों में पहुंच गया है इसलिए लोग पलायन करने को मजबूर हैं. मिर्जापुर, चंदौली, बुंदेलखंड का बांदा, जालौन, हमीरपुर, महोबा, इटावा में नदियों के बढ़ते जलस्तर से लोग दहशत में हैं. .
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सामाजिक जागरूकता के प्रयास कुपोषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी से कुपोषण से लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया। मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं। इससे चेतना की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि इतने विशाल और विविधतापूर्ण देश में जब तिरंगा फहराने की बात आई, तो हर कोई एक ही भावना में बहता दिखा। प्रधानमंत्री ने पर्वतों की चोटियों, राष्ट्र की सीमाओं और समुद्र के मध्य तिरंगा फहराये जाने पर सैनिकों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान और कोविड टीकाकरण अभियान में भी देश की यही भावना देखने को मिली थी। अमृत महोत्सव में भी फिर से देशभक्ति का यही जज्बा देखने को मिल रहा है। मोदी ने कहा कि बच्चों और युवाओं सहित देशवासियों से मिले प्रत्येक संदेश, पत्र और कार्ड में अंकित राष्ट्रीय ध्वज से प्रधानमंत्री कार्यालय तिरंगामय हो गया है। प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगा अभियान के लिए लोगों के नये-नये विचारों की सराहना की। इस संबंध में उन्होंने कृशनील अनिल का उदाहरण दिया, जो पज़ल आर्टिस्ट हैं। अनिल ने रिकार्ड समय में खूबसूरत तिरंगा मॉजेक कलाकृति तैयार की है। कर्नाटक के कोलार में लोगों ने 630 फीट लंबा और 205 फीट चौड़ा तिरंगा फहराया। असम में सरकारी कर्मियों ने दिघालीपुखरी युद्ध स्मारक में अपने हाथों का ही 20 फीट का तिरंगा बनाया। इंदौर में लोगों ने मानव श्रृंखला के जरिये भारत का मानचित्र बनाया। श्री मोदी ने चंडीगढ़ में विशाल मानव तिरंगा बनाने पर युवाओं की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि ये दोनों ही प्रयास गिनीज रिकार्ड बुक में दर्ज हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों में भी अमृत महोत्सव के रंग दिखे। उन्होंने कहा कि बोत्स्वाना में स्थानीय गायकों ने भारत की आजादी के 75 वर्ष का उत्सव मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाये। ये गीत हिंदी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला, असमिया, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत जैसी भाषाओं में हैं। नामीबिया में भारत के साथ सांस्कृतिक और पारंपरिक संबंधों पर विशेष डाक टिकट जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित स्वराज धारावाहिक का उदाहरण दिया। यह प्रत्येक रविवार को रात 9 बजे प्रसारित होता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से 75 सप्ताह का यह धारावाहिक देखने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों की दूरदृष्टि और एकात्मचिंतन आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस संबंध में उन्होंने ऋग्वेद की सूक्ति का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में हजारों वर्ष पहले से ही जल और जल संरक्षण का महत्व समझाया गया है। यह ज्ञान आज के संदर्भ में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चार महीने पहले मन की बात में की गई अमृत सरोवर की अपील प्रशासन सहित सभी के प्रयासों से अब जन आंदोलन बन गई है। श्री मोदी ने कहा कि जब देश के लिए कुछ करने की भावना हो, अपने कर्तव्यों का अहसास हो, आने वाली पीढि़यों की चिंता हो, तो सामर्थ्य और संकल्प एकजुट हो जाते हैं। उन्होंने तेलंगाना के वारंगल में नई ग्राम पंचायत मंग्त्या-वाल्या थांडा के गठन का उदाहरण दिया, जहां वर्षा जल के संचय के लिए अमृत सरोवर विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मंडला में मोचा ग्राम पंचायत में बने अमृत सरोवर की भी चर्चा की। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पास बने इस सरोवर से इलाके की सुंदरता भी बढ़ी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के ललितपुर में शहीद भगत सिंह अमृत सरोवर का भी उदाहरण दिया। निवारी ग्राम पंचायत में चार एकड़ का यह सरोवर लोगों को आकर्षित कर रहा है। इस सरोवर के पास बने 35 फीट ऊंचे तिरंगे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत सरोवर अभियान वर्तमान अनेक समस्याओं का समाधान तो करता ही है, यह आने वाली पीढि़यों के लिए भी उतना ही आवश्यक है। इस अभियान के तहत पुराने जलाशयों का कायाकल्प किया जा रहा है और नये सरोवर बनाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने असम के बोंगाई गांव में चलाई जा रही चिलचस्प योजना संपूर्णा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना कुपोषण से लड़ाई का अनूठा तरीका है। इसके तहत आंगनवाडी केंद्र के स्वस्थ बच्चे की मां हर सप्ताह कुपोषित बच्चे की मां से मिलती है और पोषण से संबंधित सभी जानकारियों पर चर्चा करती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के दतिया जिले में गीत-संगीत और भजन के उपयोग से मेरा बच्चा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत भजन कीर्तन, मटका कार्यक्रम और प्रत्येक शनिवार को बाल भोज का आयोजन होता है। इससे आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ कुपोषण भी कम हो रहा है। झारखंड में कुपोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए गिरिडीह में सांप-सीढ़ी का गेम तैयार किया गया है। इससे बच्चे खेल-खेल में अच्छी आदतें सीखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर का महीना त्योहारों के साथ-साथ पोषण से जुड़े अभियान के लिए समर्पित है। प्रत्येक वर्ष एक से 30 सितंबर के बीच पोषण माह बनाया जाता है। श्री मोदी ने कहा कि कुपोषण से लड़ाई के लिए देशभर में अनेक रचनात्मक और विविधतापूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। तकनीक का बेहतर उपयोग और जनभागीदारी पोषण अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। प्रधानमंत्री ने कुपोषण दूर करने की लड़ाई में हर किसी से शामिल होने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा का प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में मोटे अनाज बाजरे की लोकप्रियता बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विदेशी मेहमान और राष्ट्राध्यक्ष भारत आते हैं, तो उन्हें बाजरे जैसे मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाते हैं। मेहमानों को ऐसे व्यंजन बहुत पसंद आते हैं और वे मोटे अनाज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्र करने के प्रयास भी करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजरा और अन्य मोटे अनाज प्राचीन काल से ही खेती-बाड़ी, संस्कृति और सभ्यता का अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि वेदों में भी बाजरे का उल्लेख मिलता है। पुराणनुरू और तोल्काप्पियम में भी बाजरे का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि बाजरा देशभर में होता है। श्री मोदी ने कहा ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टु बाजरे के ही रूप हैं। भारत विश्व में बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसलिए इस पहल को सफल बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी भारतवासियों की ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजरे को लोकप्रिय बनाने के लिए हमें जागरूकता बढ़ानी चाहिए और जन आंदोलन चलाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजरा छोटे किसानों के लिए भी लाभदायक है क्योंकि इसकी फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है और इसे अधिक पानी की आवश्यकता भी नहीं होती। उन्होंने कहा कि बाजरे के भूसे को बेहतरीन चारा माना जाता है। श्री मोदी ने कहा कि बाजरे में भरपूर प्रोटीन, रेशे और खनिज पदार्थ होते हैं। यह मोटापा कम करने के साथ ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों का खतरा भी कम करता है। यह पेट और लीवर की बीमारियों से बचाने में भी उपयोगी है। बाजरा कुपोषण से लड़ने में लाभदायक है, क्योंकि यह प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बाजरे को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान देने के साथ ही किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। प्रधानमंत्री ने किसानों से बाजरा उगाने और इससे लाभ उठाने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा कि आज कई स्टार्ट अप बाजरे पर काम कर रहे हैं। वे इससे मिलेट कुकीज, मिलेट पैन केक और डोसा भी बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने श्रोताओं से आग्रह किया कि घर पर बाजरे से बने इसी तरह के व्यंजन के चित्र सोशल मीडिया पर अपलोड करें और जागरूकता बढायें। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर अरूणाचल प्रदेश में सियांग जिले के जोरसिंग गांव से 4जी इंटरनेट सेवा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के दूर-दराज के क्षेत्रों में 4जी इंटरनेट सेवा से नया सवेरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान से देश में नये-नये डिजिटल उद्यमी उभर रहे हैं जो सराहनीय हैं। उन्होंने राजस्थान के अजमेर जिले में सेठा सिंह रावत का उदाहरण दिया, जो दर्जी ऑनलाइन-ई स्टोर चलाते हैं। उन्हें देशभर से कपड़ों के ऑर्डर मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने उत्तर प्रदेश में उन्नाव के ओम प्रकाश सिंह को भी उद्यमी बना दिया। ओम प्रकाश सिंह ने अपने गांव में एक हजार से अधिक ब्रॉडबेंड कनेक्शन स्थापित किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरनेट ने विद्यार्थियों के पढ़ने और सीखने के तरीके भी बदल दिए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की गुडि़या सिंह का उदाहरण दिया, जिसने ससुराल जाकर भी अपनी पढ़ाई पूरी की। गुडि़या को पढ़ाई में भारतनेट से बहुत मदद मिली। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ों में रहने वाले लोगों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी लोगों की जीवन शैली और संस्कृति में सादगी से पहला पाठ तो यही सीखा जा सकता है कि हम परिस्थितियों के दबाव में ना आएं और आसानी से उन पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। दूसरा पाठ यह है कि उनसे स्थानीय संसाधनों के साथ आत्मनिर्भर बनने की सीख मिलती है। प्रधानमंत्री ने स्पीति जनजातीय क्षेत्र का उदाहरण दिया, जहां महिलाएं मिलजुल कर एक-दूसरे के खेतों से मटर तोड़ती हैं। यह आपसी सहयोग लोक परंपरा का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड़ में सराहनीय प्रयास का उदाहरण दिया जहां कई प्रकार की औषधियां और वनस्पतियां मिलती हैं। इनमें से एक बेड़ू फल है। इसे हिमालयन फिग भी कहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि पिथौरागढ़ प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से बेडू को अलग-अलग रूप में लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है। पहाड़ी अंजीर के नाम से पेडू की ब्रैंडिंग की गई है और ऑनलाइन बाजार में उतारा गया है।
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मंदसौर के 34 श्रद्धालु ले जा रही थी बस मध्यप्रदेश के मंदसौर से श्रद्धालु ले जा रही बस हिमाचल में पलट गयी बस में 34 यात्री सवार से जिनमें से 11 यात्री घायल बताए जा रहे है घायलों को अस्पताल पहुंचकर इलाज कराया जा रहा हैबताया जा रहा है की 34 श्रद्धालु तीर्थ दर्शन यात्रा के लिए निकले थे सभी यात्री हिमाचल के चिंतपूर्णी माता मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे उसी दौरान यह हादसा हुआ हादसे में 11 लोग घायल हो गए जिनमे से 2 गंभीर रूप से घायल है घटना शुक्रवार को अम्ब उपमंडल के मुबारकपुर के पास हुई है सभी श्रद्धालु मंदसौर जिले के बोरखेड़ी चारण गांव के रहने वाले हैं
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अगले 24 घंटों में एक बार फिर बारिश की संभावना मॉनसून के दूसरे चरण में आसमानी आफत का कहर जारी है. इस दौर में ओडिशा राजस्थान , उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में मौसम की मार से लोग पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं. एमपी और ओडिशा में बाढ़ जैसे हालात हैं. यूपी की नदियां खतरे के निशान के ऊपर हैं. इस बीच मौसम विभाग ने नई चेतावनी जारी की है. मध्य प्रदेश में इस मौसम में अब तक सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और अगले 24 से 48 घंटों में एक बार फिर बारिश होने की संभावना है. विदिशा, सागर, भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के कुछ निचले हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जगहों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई सर्वेक्षण किया और नावों से बाढ़ प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है.
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ब्लड के नाम पर मरीज के साथ ठगी कटनी जिला अस्पताल में ठगों और बदमाशों का जमघट लगा हुआ है अब अस्पताल में भर्ती मरीजों से ब्लड दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है लेकिन अस्पताल प्रशासन ऐसे धोखेबाजों पर एक्शन लेने की बजाये मौन साढ़े हुए है ये मामला कटनी जिला अस्पताल का है जहां ग्राम रीठी बड़गांव निवासी एक महिला मरीज अस्पताल में सांप काटने की वजह से भर्ती हुई थी महिला को इलाज के दौरान ब्लड की जरूरत पड़ी तो उसके परिजन ब्लड के लिए यहां वहां इंतजाम करने में लगे रहे जब वह ब्लड बैंक में गए तो पहले से वहां मौजूद शख्स ने उन्हें ₹3000 में ब्लड देने की बात कही मगर पीड़िता के गरीब परिजनों के पास इतने पैसे नहीं होने के कारण वह एक हजार रुपये में खून देने को तैयार हो गया पीड़ित के परिजन से ब्लड बैंक में बैठा युवक पैसे लेकर फरार हो गया ठगी का शिकार महिला के परिजन उसे खोजते रहे लेकिन वो शख्स अस्पताल से गायब हो गया इससे यह प्रतीत होता है की जिला अस्पताल में अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है इस घटना के बाद भी अस्पताल प्रशासन इस सब पर चुप्पी साधे है
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मध्य प्रदेश के 40 जिलों में आंधी, मूसलाधार बारिश और बाढ़ के बाद आज धूप खिली परंतु मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान चिंता बढ़ा रहा है। बंगाल की खाड़ी से बादल रवाना हो रहे हैं। 27 अगस्त को मध्यप्रदेश के आसमान पर आकर बरसने लगेंगे। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी मौसम का पूर्वानुमान एवं किसान मौसम बुलेटिन के अनुसार केवल उज्जैन संभाग के सभी जिलों में सामान्य बारिश होगी। इसके अलावा शेष मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की फुल्की बारिश हो सकती है। पूरे मध्यप्रदेश में कहीं कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। आसमान में रुक रुक कर सूरज चमक रहा है। लोग राहत की सांस ले रहे हैं। नदियों में जलस्तर कम हो रहा है। बाढ़ पीड़ितों को उम्मीद है कि जल्द ही घर वापस लौट पाएंगे। उम्मीद का सूरज और राहत की खबरों के बीच वरिष्ठ वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह द्वारा दिया गया समाचार चिंता बढ़ाने वाला है। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बन गया है। 26 अगस्त को मध्यप्रदेश के आसमान पर बादल छा जाएंगे और 27 अगस्त से वर्षा शुरू हो जाएगी जो 31 अगस्त तक चलेगी। श्री सिंह का कहना है कि भोपाल एवं नर्मदा पुरम इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है जबकि इंदौर एवं उज्जैन संभाग में सामान्य बारिश होगी।
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दिल्ली हाईकोर्ट में आज केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ को लेकर सुनवाई थी। कोर्ट ने इसपर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथी ही इस योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह को समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश पारित करने के बजाय मामले की सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने हाईकोर्ट से कहा कि वे सभी याचिकाओं पर एक जवाब दाखिल करेंगे। इसपर अदालत ने कहा कि चूंकि तीनों सेनाओं में निकली वैकेंसी के खिलाफ अलग-अलग याचिका दी गई है, इसलिए सरकार की तरफ से विस्तृत प्रतिक्रिया दर्ज करानी चाहिए। भाटी ने अदालत को यह भी बताया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता किसी अन्य मामले में व्यस्त थे इसलिए आज की इस बहस में शामिल नहीं हो सके। मामले की सुनवाई अब 19 अक्टूबर को होगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इसके तहत 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है। उनमें से 25 प्रतिशत को 15 वर्ष या उससे अधिक समय तक सेवा में बनाए रखने का भी प्रावधान है। इस योजना की घोषणा के तुरंत बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। बिहार और उत्तर प्रदेश में इसका व्यापक असर देखने को मिला।
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दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी तक फैला हुआ है। मॉनसून की ट्रफ रेखा दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर बने हुए गहरे निम्न दबाव के केंद्र से, जयपुर, ग्वालियर, प्रयागराज, रांची, बांकुरा और फिर पूर्व की ओर मिजोरम की तरफ बांग्लादेश और त्रिपुरा से होकर गुजर रही है। बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। अगले 24 घंटों में उसी स्थान पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है।उत्तरी आंतरिक तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी के बीच फैला हुआ है।
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सैलानियों ने कैमरे में कैद किया नजारा ,काला तेंदुआ देख रोमांचित हुए सैलानी पेंच टाइगर रिजर्व में इन दिनों बारिश के कारण मौसम सुहाना है इस बीच यहां एक बार फिर विलुप्त प्रजाति का काला तेंदुआ दिखाई दिया जंगल सफारी कर रहे पर्यटकों की नजर काले तेंदुए पर पड़ी तो उन्होंने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है पेंच नेशनल पार्क में 70 से ज्यादा बाघ हैं बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां नाइट सफारी का आनंद लेने पहुंचते हैं लेकिन शुक्रवार को यहां एक बार फिर विलुप्त प्रजाति का काला तेंदुआ दिखाई दिया पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में तीन दिन से काला तेंदुआ सैलानियों को लुभा रहा है इसे देखने बंगाल, नासिक, मुंबई से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं शनिवार और रविवार को सफारी में यह तेंदुआ सैलानियों को नजर आया आपको बता दें पेंच राष्ट्रीय उद्यान के खवासा बफर क्षेत्र में सबसे पहले जुलाई 2020 में काला तेंदुआ दिखाई दिया था और अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वही काला तेंदुआ है बहरहाल काले तेंदुए को देखकर सैलानियों में काफी उत्साह देखने को मिला
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नुकसान का सर्वे कर मुआवजे की मांग मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया वहीं परासिया में भी बारिश के चलते किसानों की फसल को नुकसान हुआ है विधायक सोहन वाल्मीकि ने नुकसान का जल्द सर्वे कराकर उचित मुआवजे की मांग की है परासिया विधानसभा में भारी बारिश के चलते ग्रामीणों को काफी नुक्सान का सामना करना पड़ा है अधिक बारिश के कारण आवास क्षतिग्रस्त हुए वहीं किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई है विधायक सोहन वाल्मीकि ने जल्द नुकसान का सर्वे कराने की मांग की है वाल्मीकि ने कहा कि बारिश में जो भी नुकसान हुआ है उसका सर्वे प्रशासन करे और मुआवजा राशि देकर किसानों को राहत दी जाय इसके साथ ही आवासों को भी सुधारने का काम किया जाए जिससे लोगों को राहत मिले
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मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक झमाझम बारिश के आसार हैं। ऐसे में लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। मौसम विभाग ने राज्य के 4 जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। प्रदेश के बड़े हिस्से में रुक-रुक कर बरसात का दौर जारी है। IMD ने राज्य के नरसिंहपुर, दमोह, सागर और छतरपुर जिलों के लिए 115.6 मिमी या उससे अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। कुछ हिस्सों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने का भी अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, ग्वालियर, चंबल और जबलपुर संभाग के 18 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। इस अलग-अलग स्थानों पर 64.4 मिमी और 204.4 मिमी के बीच भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के कुछ जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया है। इसमें शहडोल, सागर संभाग के कुछ जिले शामिल हैं, जहां छिटपुट स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी दी गई है। ये अलर्ट रविवार दिन तक के लिए हैं।
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बंगाल की खाड़ी में सक्रिय तंत्र के असर से एक बार फिर मानसून की मूसलाधार बारिश का दौर हाड़ौती अंचल समेत अन्य जगहों पर हावी है। कोटा, झालावाड, टोंक सहित आसपास की जगहों पर बाढ़ के हालात होने से आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश से मौसम में ठंडक हो गई है। इसके साथ ही जलभराव से आमजन के लिए राहत कार्य जारी है। राजधानी जयपुर में मंगलवार को हल्की बूंदाबादी होने के साथ ही ठंडी हवाओं के चलने से मौसम सुहावना बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी 24 घंटे में कोटा संभाग में तेज बारिश का दौर देखने को मिलेगा। कोटा बैराज बांध से चंबल में हो रही पानी की आवक से चंबल नदी का जलस्तर 165.2 मीटर पर पहुंच गया है। चंबल नदी में खतरे का स्तर 165 मीटर है। आसपास की जगहों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। ज का जलस्तर बढक़र 313.65 आरएल मीटर दर्ज किया गया। ढाई नदी 3.30 मीटर, खारी नदी का गेज 1.05 मीटर तक दर्ज किया गया। कल शाम से लेकर आज सुबह तक बांध में 43 सेंटीमीटर पानी दर्ज किया गया।
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दबने से कनिष्ठ यंत्री की दर्दनाक मौत छतरपुर मे सड़क किनारे खडी बोलोरो कार पर तेजरफ्तार टृक पलटने से बिजली मे पदस्थ कनिष्ठ यंत्री की दबने से दर्दनाक मौत हो गई कनिष्ठ यंत्री बिजली लाइन की पेट्रोलिग के लिए स्टॉफ के साथ चोपरिया बिलवार मोड़ पर गए हुए थे उसी दौरान यह हादसा हुआ घटना गुलगंज थाने के बिलवार के पास की है गुलगंज मे बिजली विभाग मे पदस्थ कनिष्ठ यंत्री विवेक राज तिवारी बिजली लाइन की पेट्रोलिग के लिए स्टॉफ के साथ चोपरिया बिलवार मोड़ पर गए हुए थे स्टॉफ बिजली की लाइन देखने चला गया और वे खड़ी बोलोरो कार में बैठे हुए थे तभी पीछे से आ रहा तेज रफ्तार अनियन्त्रित ट्रक खड़ी हुई बोलोरो कार के ऊपर पलट गया जिससे जीप सहित कनिष्ठ यंत्री ट्रक के नीचे दब गए और उनकी मौके पर दर्दनाक मौत हो गयी...घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस दल बल के साथ जे सी बी मशीन पहुंची जिससे ट्रक के नीचे बोलोरो कार मे दबे मृतक का शव तीन घंटे के रेश्क्यू के बाद निकाला गया और शव का पंचनामा बनाकर बडामलेहरा पोस्टमार्टम को भेज दिया है।
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प्रशासन ने मौके पर भेजी पोकलेन मशीन मध्यप्रदेश में लगातार बारिश के चलते सारे डैम ओवरफ्लो हो रहे है ऐसे में अब धार के बाद अब उमरिया में डैम रिसाव की खबर सामने आ रही है फिलहाल प्रशासन ने मौके पर पोकलेन मशीनें भेज दी है मध्यप्रदेश के एक और डैम पर खतरा मंडरा रहा है तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण उमरिया जिले के घोघरी डैम में रिसाव की खबर सामने आयी है बांध फूटने की संभावना से उच्च अधिकारी देर रात मौके पर पहुंचे और मशीनों से हालत काबू में करने की कोशिश की प्रशासन ने बांध से सटे तीन गांवों को खाली कराने के आदेश दे दिए है ताकि किसी प्रकार का कोई बड़ा हादसा न हो।
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मध्य प्रदेश में शनिवार से झमाझम बारिश का दौर लगातार जारी है, जो सोमवार सुबह तक जारी है। इसके चलते अनेक स्थानों पर नदी नाले उफान पर आ जाने के कारण आम जीवन प्रभावित हुआ है। इस बीच अगले चौबीस घंटों में भोपाल सहित दस से अधिक जिलों में अत्यधिक भारी बारिश का 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते एक बार फिर मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर प्रारंभ हो गया है। शनिवार से शुरू हुयी यह बारिश रविवार को भी दिन भर जारी रही, इसके चलते प्रदेश के अनेक स्थानों पर नदी नाले उफान पर आ जाने के कारण आम जीवन प्रभावित हुआ है। राजधानी भोपाल में शनिवार रात से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो आज दिन भर चलता रहा। शनिवार से रविवार आठ बजे तक प्रदेश के उमरिया में सर्वाधिक 142.6 मिमी वर्षा रिकार्ड की गयी।
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पद नाम परिवर्तन सहित कई चर्चा हुई कटनी में मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ की समीक्षा बैठक आयोजित की हुई इस दौरान समस्त विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की स्थानीय और शासन स्तर की समस्या और मांगों पर चर्चा की गई बैठक संघ के संभागीय अध्यक्षअजय कुमार दुबे की अध्यक्षता में हुई मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ कटनी के जिला अध्यक्ष पुणेश उइके ने बताया कि संघ की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सामुदायिक भवन में आयोजित की गई बैठक संघ के संभागीय अध्यक्ष अजय कुमार दुबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में समस्त विभागों की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की स्थानीय और शासन स्तर की समस्या और मांगों पर विचार विमर्श किया गया।
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महानदी डेम के पानी में बहा पुलिस का जवान उमरिया जिले में पानी में स्टंट कर रहा पुलिस का एक जवान बह गया बताया जा रहा है ये जवान स्टंट करते हुए वीडियो बनवा रहा था तभी उसके साथ हादसा हो गया भारी बारिश के कारण आपदा प्रबंधन की टीम उसका रेस्क्यू भी नहीं कर पाई पुलिस जवान के नदी में बहने का एक वीडियो सामने आया है इस वीडियो में साफ़ दिखाई पड़ रहा है कि जवान स्टंट कर रहा था और अपने स्टंट का वीडियो बनवा रहा था वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस का जवान नदी के बीच में बने डैम के ऊपर चहलकदमी कर रहा है इसके बाद वह तेज धारा में छलांग लगा देता है छलांग लगाने के काफी देर बाद तक पुलिस का जवान दिखाई नहीं पड़ता, लेकिन कुछ क्षण बाद ही वह दो तीन बार ऊपर नीचे होता हुआ दिखाई देता है और उसके पश्चात उसका कहीं पता नहीं चलता जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं शुरू में इस मामले को लेकर यह बात सामने आई थी कि पुलिस के जवान ने नदी में कूदकर आत्महत्या की है लेकिन जिस तरह से वीडियो तैयार कराया गया है उसे देखकर नहीं लगता कि पुलिस के जवान ने आत्महत्या की वीडियो से साफ समझ में आ रहा है कि वह स्टंट करने के लिए नदी में गया था और इस तरह उसने अपनी जान गवा दी हालांकि अभी तक जवान का शव मिला नहीं है लेकिन गोताखोर और अन्य लोग उसे तलाशने में जुटे हुए हैं राज्य आपदा प्रबंधन की टीम बारिश कम होने का इंतजार कर रही है।
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भारी बारिश संभावना मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों समेत भारत के कई राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि इस सप्ताह पूर्वी और मध्य भारत में बारश की गतिविधियां बढ़ने की संभावनाएं हैं। मंगलवार को भी महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में भारी बारिश के आसार हैं। MD की तरफ से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार,पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र के घाट इलाकों और कोंकण और गोवा में मंगलवार को हल्की या मध्य बारिश के आसार हैं। इस दौरान इन क्षेत्रों में गरज के साथ आंधी तूफान/बिजली की भी काफी संभावनाएं हैं। साथ ही 17 अगस्त तक राजस्थान और गुजरात क्षेत्र में बारिश के आसार हैं। सौराष्ट्र और कच्छ में दो दिनों तक बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने बताया है कि 19 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावनाएं हैं। इसके चलते गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में 18-19 अगस्त को हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान ओडिशा में भी भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। 19 अगस्त को झारखंड, छत्तीसगढ़ में वर्षा की संभावना है।
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किसान ने गाकर बताई अपनी पीड़ा,सरकारें रहीं गर्राने ,महंगाई रोज बढ़ावे मध्यप्रदेश के छतरपुर में परेशान किसान ने अपनी भाषा में किसान की पीड़ा को बताते हुए किसान चालीसा का गायन किया किसान से सारे अपने दुःख दर्द चालीसा के अंदर समेट दिया अब यह किसान चालीसा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है कभी मौसम की मार तो कभी खाद बीज न मिलना देश का अन्नदाता हमेशा मुश्किलों में घिरा रहता है इन सब के बाद एक आस रहती है तो वो है सरकार लेकिन जब सरकार कोई मदद नहीं कर पाती तो अन्नदाता के हिस्से में आता है दुख और दर्द और उसी दुःख दर्द को एक किसान ने अपनी बना हुई किसान चालीसा के जरिये बयान किया है दद्दा अब हुईये कैसो उरदा रह गौ हलको सो जरा अब भी सुनिए किसान की पीड़ा।
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आज इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी देश के कई राज्यों में भरी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आज ओडिशा गुजरात ,झारखंड,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में भारी बारिश अनुमान जताया है ,साथ ही मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. उत्तर से दक्षिण तक के राज्यों में मॉनसून सीजन के दूसरे फेज में जमकर बारिश हो रही है। झारखंड के सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों में लगा तर 48 घंटों भारी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है ओडिशा ,गुजरात ,झारखंड,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रशासन अलर्ट पर रहे। उम्मीद लगयी जा रही है 70 से 200 मिमी तक वर्षा होने की संभावना है मौसम विभाग के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड के चतरा, पूर्वी सिंहभूम और कोडरमा जिलों में अगले कुछ घंटे में जोरदार बारिश हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी गिर सकती है. उन्होंने कहा कि इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी और हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. पहाड़ी राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड के देहरादून में आज मध्यम बारिश होगी. वहीं हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में भी तेज बारिश हो सकती है. आज अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. रविवार तक लगभग यही स्थिति रहेगी.
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मध्यप्रदेश में फिर लौट रही है बारिश, मौसम विभाग ने दी चेतावनी कुछ दिनों की राहत के बाद एमपी में भारी बारिश का दौर फिर शुरू हो सकता है. बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बनने से बारिश होगी. जबलपुर-शहडोल संभाग में बारिश की संभावना बन रही है. अगले 3 से 4 दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं. 19 से 23 अगस्त तक सरकार ने अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. आज शुक्रवार रात से मौसम बदलने की संभावना है. मौसम बदलने के साथ ही मध्य प्रदेश में फिर से बारिश की झड़ी लग सकती है. अभी कुछ दिनों पहले ही भारी बारिश की वजह से एमपी के कुछ शहरों में हालात बदहाल हो गए थे. भारी बारिश की वजह से कई पुलों के ऊपर पानी आ गया था जिससे रास्तों को भी बंद करना पड़ा था. भारी बारिश के संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की तिथि आगामी दो या तीन दिन में है, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर अस्पतालों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए. बांधों में 80 प्रतिशत जल भंडारण का निर्णय लिया गया है, 20 प्रतिशत की गुंजाइश छोड़ी गई है. सरकार भारी बारिश में आपदा प्रबंधन को गंभीरता से ले रही है. साथ ही भारी बारिश को देखते हुए सरकार ने प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा है.
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सामान्य से कम हुई बारिश , किसान हो रहे परेशान मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है लेकिन प्रदेश के कुछ जिलों में कम बारिश किसानों की परेशानी की वजह बनी हुई है सीधी , रीवा सहित आठ जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है इन जिलों में सूखे जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं खेतों में खड़ी फसल पानी के बिना सूखने की कगार पर है कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा अगर यह ज़िले सूखा घोषित होने के क्राइटेरिया में आएंगे तो इनको सूखा घोषित किया जाएगा प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है अब तक सामान्य बारिश से 21 परसेंट ज्यादा बारिश हो चुकी है जिसकी वजह से नदी नाले उफान पर है डैमों के गेट खोले जा रहे हैं मगर प्रदेश के 8 जिले ऐसे हैं जहां पर अभी भी आमजन बरसात की बाट जोह रहे हैं इनमें से सीधी जिले में तो सामान्य से 41 परसेंट कम बारिश हुई है इन जिलों में सूखे जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं खेतों में खड़ी फसल पानी के बिना सूखने की कगार पर है कुछ किसान बारिश नहीं होने की वजह से बुवाई ही नहीं कर पाए और तो और अब पीने के पानी का संकट भी गहराना शुरू हो गया है इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के विधायको ने सरकार से सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है वहीं इस मामले में कृषि मंत्री ने कहा कि अगर यह ज़िले सूखा घोषित होने के क्राइटेरिया में आएंगे तो इनको सूखा घोषित किया जाएगा मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल इन जिलों में बारिश होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे है बताया जा रहा है कि रीवा में 40 % ,दतिया में 35 % , अलीराजपुर में 32 प्रतिशत। सिंगरौली में 39 प्रतिशत , टीकमगढ़ और निवाड़ी में 26 प्रतिशत डिंडोरी में 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
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नवरात्रि मेले को लेकर बैठक का आयोजन ,सुरक्षा व्यवस्था के दिशा निर्देश दिए गए मैहर में आगामी नवरात्रि मेले को लेकर बैठक का आयोजन किया गया जिसमे नवरात्री मेले से संबंधित सभी प्रकार के दिशा निर्देश दिए गए बैठक में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए आने वाली नवरात्री पर्व को देखते हुए मैहर में नवरात्री मेले को लेकर बैठक की गयी यह बैठक सुरक्षा व्यस्था के इंतेज़ामो को लेकर की गयी बैठक का आयोजन मैहर देवी सर्किट हाउस में किया गया जिसमें नवरात्री के मेले को लेकर दिशा निर्देश दिए गए बैठक में सतना एडिशनल एसपी सुरेन्द्र जैन,एसडीओपी मैहर लोकेश डावर,मैहर टीआई संतोष तिवारी के साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
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स्वास्थ सेवाएं चरमराई,लापता एम्बुलेंस ,मरीज़ को ठेले पर ले गए अस्पताल भिंड में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमे गंभीर रूप से बीमार मरीज़ को ठेले पर अस्पताल ले जाया जा रहा है प्रदेश में स्वास्थ व्यवस्था की पोल खुलती नज़र आयी भिंड में एक वीडियो सामने आया है जिसमे एक मरीज़ को उसके परिजन ठेले पर ले जा रहें है मरीज़ गंभीर रूप से बीमार बताया जा रहा है जिसके लिए न तो उसे 108 एंबुलेंस की सेवा मिली और न ही किसी ने उसकी मदद की मानवता को शर्मसार करने वाली ये तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं।
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खनिज विभाग ने जब्त किए वाहन छतरपुर मे खनिज विभाग ने अवैध रेत का परिवहन करने वालो पर कार्रवाई की खनिज विभाग ने अवैध रेत के छह ट्रैक्टर जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है छतरपुर खनिज विभाग ने छापामार कार्रवाई करते हुए छह ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया है खनिज विभाग की टीम ने गायत्री मंदिर पर बनी अवैध रेत मंडी मे जैसे ही छापा मारा वैसे ही रेत से भरे ट्रैक्टर चालकों मे हड़कंप मच गया चालक अपना वाहन लेकर भागने लगे इस दौरान खनिज विभाग ने ट्रैक्टरों को जब्त कर कार्रवाई शुरु कर दी है।
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स्कूलों में बच्चों को गणवेश (यूनिफॉर्म) की जगह सरकार अब राशि देगी। नई व्यवस्था के तहत 66 लाख से अधिक बच्चों को ड्रेस के लिए 600-600 रुपए दिए जाएंगे। विभाग के इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद प्रदेश में नई व्यवस्था लागू होगी। गणवेश की राशि बच्चों के बैंक खातों में अगले महीने तक ट्रांसफर करने की तैयारी है। सरकार ने इसके लिए करीब चार सौ करोड़ रुपए का बजट रखा है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक, गणवेश बांटने का अधिकार कलेक्टरों को सौंपा जाएगा। कलेक्टर यदि स्व सहायता समूहों के जरिए गणवेश तीन माह में तैयार करा लेते हैं तो वे बच्चों को गणवेश बांट सकेंगे, लेकिन जिन जिलों में कलेक्टरों के पास ऐसी व्यवस्था नहीं है, वहां बच्चों के खाते में ही राशि दी जाएगी।
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रायसेन के जिला अस्पताल में घुसा पानी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम का विधानसभा क्षेत्र अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही आई सामने। प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है इस बीच प्रबंधन की लापरवाही के चलते रायसेन के जिला अस्पताल के SNCU इकाई और प्रसव वार्ड में पानी घुस गया यह क्षेत्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी का है रायसेन जिला अस्पताल में बारिश का पानी भरने का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है यह अस्पताल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का विधानसभा क्षेत्र है अस्पताल में पानी भरने से अस्पताल प्रबन्धन की लापरवाही सामने आई है बताया जा रहा है कि लापरवाही के चलते अस्पताल के SNCU इकाई और प्रसव वार्ड में घुस गया है जिससे मरीजों काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं पानी भरने से अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है अब जब ये हालात प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र का है तो अन्य अस्पतालों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने किया ध्वजारोहण छतरपुर मे भी स्वतंत्रता दिवस आन बान और शान से मनाया गया जिले के प्रभारी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने तिरंगा झंडा फहराकर कर परेड की सलामी ली इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया छतरपुर में प्रदेश सरकार मे मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने तिरंगा झंडा फहराया उन्होंने परेड की सलामी ली और तिरंगे के रंग के गुब्बारे को आसमान मे छोड़ा बारिश के बीच स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाया गया समारोह मे लोगों मे उत्साह देखते ही बन रहा था इस मौके पर मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सीएम शिवराज के भाषण का अभिवादन किया और फिर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी , मीसा बंदियों को शाल श्रीफल देकर स्वतंत्रता दिवस की बधाई देकर उनका सम्मान किया।
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सरपंच की दादागिरी का वीडियो वायरल नवनिर्वाचित सरपंच की दादागिरी का वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने सरपंच के खिलाफ एक्शन लिया और मामला दर्ज कर लिया है सरपंच के खिलाफ एक महिला ने शिकायत की थी ये मामला कटनी का है बड़वारा थाना क्षेत्र के रोहनिया ग्राम के नवनिर्वाचित सरपंच कोमल सिंह ने एक व्यापारी महिला सरस्वती चौधरी के साथ गाली गलौज करते हुए प्रधान होने का जमकर रौब दिखाया और व्यापारी को मार देने की धमकियां भी दी इस पूरे घटनाक्रम को अज्ञात व्यक्ति ने अपने कैमरे पर कैद कर सोशल मीडिया वायरल कर दिया वीडियो वायरल होते ही ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है लेकिन व्यापारी महिला ने बड़वारा थाने पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत की पुलिस ने पीड़िता महिला की फरियाद पर सरपंच कोमल सिंह के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया है।
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हादसे का शिकार हो गया युवक छिंदवाड़ा की पेंच नदी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई बताया जा रहा है कि युवक मछली मारने वाले जाल में फंस गया था जिसकी वजह से वह डूब गया और यह हादसा हुआ घटना न्यूटन चौकी के अंतर्गत की है जहाँ पेंच नदी हेमंत कहार की पानी में डूबने से मौत हो गई बताया जा रहा है कि नदी में बने डैम के नीचे मछली मारने के लिए दावन रखे गए थे युवक मछली मारने वाली जाल में फस गया जिससे वह नदी से बाहर नहीं आ सका और पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई पुलिस ने मामला कायम कर जांच शुरू कर दी है।
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रेस्क्यू टीम की मदद से निकाला गया छतरपुर में धसान नदी में नहाने गए 5 युवक नदी में अचानक पानी आने के कारण फस गए जिनमे से 3 युवक तैरकर सुरक्षित बहार निकल आये और 2 युवक नदी में फसे रह गए प्रशासन को जानकारी लगते ही रेस्क्यू टीम को मौके पर पहुंचाया गया रेस्क्यू टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद दोनों को सकुशल बाहर निकला नौगांव थाने के गरौली की धसान नदी मे दो युवक उस समय फंस गये थे जब वह नदी मे नहाने पहुंचे और नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा पानी का स्तर बढ़ते देख दोनों एक चट्टान के ऊपर चढ़ कर बैठे रहे...जैसे ही दोनों युवक के नदी में फसे होने की जानकारी प्रशासन को लगी जिसके तुरंत बाद रेस्क्यू टीम को मौके पर पहुंचाया गया पहले ट्यूब के सहारे दोनों युवको को निकालने का प्रयास किया गया लेकिन उसमे सफलता न मिलने पर दोनों को बोट की मदद से बाहर निकाला गया बताया जा रहा है की 5 युवक नदी में नहाने गए थे जिनमे से 3 तैरकर बहार निकल आये थे।
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बांध के पास मछली पकड़ने गए थे दोनों युवक,नगर निगम के अमले ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला बाघ भ्रमण क्षेत्र में मछली पकड़ने पहुंचे दो युवक पानी के बहाव में फंस गए जब ये युवक कलियासोत नदी पर पहुंचे तो पानी न के बराबर था लेकिन इनके नदी की चट्टान पर पहुँचने के बाद कलियासोत डैम के गेट खुलने से ये पानी के तेज बहाव में फंस गए जिन्हें बाद में रेस्क्यू करके बचाया गया भोपाल में हो रही बारिश की वजह से जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में भी मछली पकड़ने वाले अपनी से बाज नहीं आ रहे हैं कलियासोत डैम के पास बाघ भ्रमण क्षेत्र में कलियासोत नदी में मछली पकड़ने पहुंचे दो युवक नदी के बीच एक चट्टान पर बैठकर मछली पकड़ रहे थे तभी कलियासोत डेम का जलस्तर बढ़ने से उसके गेट खोले गए और अचानक नदी में पानी बढ़ने लगा और ये दोनों युवक पानी के बहाव में चट्टान पर फंसे रहगये वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया घटना की भनक लगने पर कोलार फायर स्टेशन से टीम मौके पर पहुंची और बड़ी मशक्कत के बाद गोताखारों ने इन युवकों को बचा लिया इस दौरान डैम के आसपास मछली पकड़ रहे लोग टीम को देखकर अपने जाल छोड़कर फरार हो गए फायरब्रिगेड की टीम ने जाल भी जब्त किए और पकड़ी गई मछलियों को वापिस डैम में छोड़ दिया फायरब्रिगेड अधिकारियों का कहना है कि भदभदा, कलियासोत, केरवा डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है इसके बाद भी यहां पर पुलिस द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं इसी वजह से लोग बेखौफ होकर मछली पकड़ रहे हैं।
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विदिशा में कुछ युवकों पर वन विभाग द्वारा चलाई गई गोली में एक युवक की मौत और कुछ लोगों के घायल हो जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'कल जब आदिवासी समुदाय की संस्कृति और सम्मान में सभी जगह समारोह किए जा रहे थे, तब लटेरी विदिशा में वन विभाग ने आदिवासियों पर फ़ायरिंग की। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 4 घायल हो गए। मैं इस घटना की घोर निंदा करता हूँ।'इधर अब इस मामले में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिये हैं। गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि लटेरी तहसील में हुई घटना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। फायरिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। मंगलवार की देर रात हुई इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई ,वहीं तीन व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हैं।
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कलेक्टर ने पहली से 12वीं तक के स्कूलों की छुट्टी ,रातभर में हो गई 4 इंच वर्षा, सुबह भी जारी है बारिश इंदौर में मंगलवार शाम से देर रात तक भारी बारिश हुई इससे शहर की सड़कें बडियों में तब्दील हो गईं सड़कों पर इतना पानी भरा था कि कई कारें बह गईं सड़कों पर पानी होने के कारण वाहनों के पहिए थम गए और लोग घंटों तक वाहनों में ही फंसे रहे कई इलाकों में बिजली गुल रही इंदौर में बारिश का सिलसिला बुधवार सुबह भी जारी रहा रातभर में चार इंच पानी बरस गया मंगलवार रात 12 बजे यशवंत सागर के तीन गेट खोले गए इंदौर में अति वर्षा को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने बुधवार को पहली से 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र पर मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक 1 4.2 इंच वर्षा दर्ज की गई इंदौर में पिछले 24 घंटे में इस सीजन में सबसे अधिक वर्षा दर्ज हुई है सबसे बुरे हाल पश्चिम क्षेत्र में देखने को मिले फूटी कोठी, हवा बंगला, सुदामा नगर, द्वारकापुरी, शांतिनाथपुरी, साईं बाबा नगर, वैशाली नगर, राजेंद्र नगर, सिलिकॉन सिटी, नालंदा परिसर में चारों तरफ पानी ही पानी था शांतिनाथपुरी में सड़कों पर इतना तेज पानी था कि कार बह गई फूटी कोठी के सामने भी एक कार बही और आगे जाकर पलट गई राजेंद्र नगर में 3 से 4 फीट ऊंचे ओटलों तक पानी था हवा बंगला क्षेत्र के भी यही हाल थे बाकी हिस्सों में- निहालपुर में तालाब का पानी ओवरफ्लो होकत गांव में घुसा गया नालंदा परिसर के रवि चावला ने बताया कि सड़क पर इतना पानी था कि उनकी कार में स्टेयरिंग तक पानी भर गया वैशाली नगर मेनरोड और आसपास के इलाकों में सड़कें डूबी हुई थीं रात तक 3 कारें और दर्जनभर बाइक बहने की सूचना थी चाणक्यपुरी, बिजलपुर, केसरबाग रोड, गायत्री नगर में भी पानी जमा हो गया।
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देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 11,738 नए केस मिले हैं जबकि 29 लोगों की मौत भी हुई है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के में एक साथ 54 बच्चे पॉजिटिव मिले। वहीं एक्टिव केस की संख्या 1 लाख 32 हजार 566 है। बीते दिन 14,344 लोग रिकवर भी हुए हैं।इसके एक दिन पहले शनिवार को 14,352 मिले थे और 23 लोगों की मौत हुई थी। उधर, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सरायपाली केंद्रीय जवाहर नवोदय विद्यालय में एक साथ 56 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इममें 54 बच्चे और दो स्टाफ हैं।इसके अलावा मंगलवार को कोरोना पर बने सरकारी पैनल (NTAGI) ने कोविशील्ड, कोवैक्सिन के वैक्सीन लगवा चुके वयस्कों को बूस्टर के तौर पर कॉर्बेवैक्स वैक्सीन लगाने की सिफारिश की है। मंजूरी मिलने के बाद यह पहली बार होगा, जब बूस्टर डोज के लिए पहले लगाई गई वैक्सीन से इतर कोई वैक्सीन लगेगी। भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल फिलहाल में 12 से 14 साल ऐज ग्रुप के बच्चों के वैक्सीनेशन में किया जा रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग की टीम को किया रवाना सिंगरौली के चितरंगी में एक ही दिन में अचानक तीन लोगों की मौत हो गई इस घटना क बाद राजस्व विभाग की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी चितरंगी के खमरिया के लिए रवाना कर दिया गया बेमौसम तेज गर्मी और जल प्रदूषित होने के कारण मौसमी बीमारियां फ़ैल रहीं है इनके साथ-साथ कई अन्य तरह की जानलेवा बीमारियां भी क्षेत्र में अपने पैर पसार रही हैं ऐसे ही एक वायरल से चितरंगी में तीन लोगों की मौत हो गयी जिससे क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गयी जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ का परिक्षण करना शुरू कर दिया है ऐसे में पानी को उबालकर पीने, बार-बार हाथ धोने और साफ सफाई से रहने के निर्देश दिए जा रहे है जनस्वास्थ्य शिविर में नायब तहसीलदार अर्जुन बेलवंशी के साथ कई अधिकारी भी व्यवस्था में जुटे रहे।
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संजय मेहता के नाटक हसीना मान जाएगी से आगाज,रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट का आयोजन संजय मेहता की अदाकारी और निर्देशन ने समां बांधा,रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट के चार दिवसीय क्षेत्रीय बोली नाट्य समारोह का आरम्भ अदाकार और निर्देशक संजय मेहता के नाटक हसीना मान जाएगी से हुआ समारोह का उद्घाटन दखल न्यूज़ के मुख्य सम्पादक अनुराग उपाध्याय ने किया रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप सभागार में रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट के चार दिवसीय क्षेत्रीय बोली नाट्य समारोह का आगाज हुआ समारोह का आरम्भ दखल न्यूज़ के मुख्य संपादक अनुराग उपाध्याय ने माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रजवल्लित कर किया इस मौके पर उर्दू अखबार नया नजरिया के संपादक डॉ नजर महमूद और वरिष्ठ पत्रकार खान आशु भी मौजूद रहे अपने आप में अनोखे इस चार दिवसीय क्षेत्रीय बोली नाट्य समारोह की खूबी नाटकों में इस्तेमाल की जाने वाली बोली है जो नाटक की पृष्ठभूमि से दर्शक को एक झटके में जोड़ देती है नाटकों में बोली का जादू समाज के हर वर्ग की आवाज और नजरिये को बहुत आसानी से दर्शक तक पहुंचा देता है समारोह के आयोजक भी इसे लेकर उत्साहित नजर आये समारोह में अतिथियों के स्वागत के बाद संजय मेहता निर्देशित नाटक हसीना मान जाएगी का मंजन किया गया इस नाटक में अदाकारों की अदाकारी और स्थानीय बोली के असर ने उस कालखंड को सजीव कर दिया नाइ बब्बन शमीम सरगम अली सब ने मंच लूट लिया नाटक के निर्देशक संजय मेहता के निर्देशन और अदाकारी ने एक बार फिर दर्शकों को बंधे रखा वैसे भी भोपाल को रंगमंच की नर्सरी कहा जाता है इस समारोह में अलग अलग लेखकों और विभिन्न कलाकारों की मौजूदगी निश्चित रूप से रंगमंच को नई ऊर्जा देने वाला है रंग मोहल्ला का ये समारोह भारत सरकार की सांस्कृतिक समारोह एवं प्रस्तुति योजना के तहत किया जा रहा है।
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पल में लाखों का सामान जलाकर ख़ाक छतरपुर में एक कपड़ों की दुकान में अचानक आग लग गयी आग लगने से लाखों के कपडे जलकर ख़ाक हो गए मौके पर दमकल की तीन गाड़ियों ने पहुंच कर आग पर काबू पाया फ़िलहाल आग लगने की वजह सामने नहीं आयी है। छतरपुर के लवकुश नगर में एक रेडीमेड कपडों की दुकान में भीषण आग लगने का मामला सामने आया है आग इतनी तेज़ी से फैली की उसमे रखा लाखों का सामान पालक झपकते जलकर ख़ाक हो गया हालांकि तीन फायरब्रिगेड ने समय पर पहुंच कर आग पर काबू पा लिया आग लगने की वजह फिलहाल सामने नहीं आयी है अनुमान लगाया जा रहा है की शॉर्टसर्किट की वजह से भी आग लग सकती है पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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राष्ट्र ध्वज ,संघ के इतिहास से जुड़ी पुस्तक कांग्रेस का मीडिया विभाग संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को राष्ट्र ध्वज और संघ के इतिहास से जुडी पुस्तक भेंट करेगा RSS प्रमुख मोहन भागवत बीते चार दिनों से भोपाल में है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा अपने 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ शनिवार 6 अगस्त को राजधानी के पीपुल्स मॉल में आयोजित विश्व संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में शिरकत करने आ रहे संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को राष्ट्र के स्वाभिमान, गौरव, सम्मान और बलिदान का प्रतीक राष्ट्र ध्वज तिरंगा झंडा भेंट करेंगी मीडिया विभाग का प्रतिनिधि मंडल भागवत को राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सच्चे इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक भी भेंट करेगा।
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करंट लगने से हुई पति पत्नी की मौत छतरपुर के एक गाँव में करंट लगने से पति पत्नी की मौत हो गयी दंपति खेत पर काम कर रहे थे उसी दौरान बिजली के तारों के संपर्क में आने से पति को करंट लग गया और पति को बचने गयी पत्नी को भी करंट ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। जुझारनगर थाने के बारीगढ़ गांव में बलोका अनुरागी ने खेत बंटाई पर ले रखा था वह और उसकी पत्नी उसी में काम कर रहे थे काम करते करते बलोका उस जगह चले जहां बिजली के कटीले तार बिछे हुए थे जिनके संपर्क में आने से उसे करंट लगा जिसके बाद उन्हें बचाने गई उनकी पत्नी को भी करंट लग गया और दोनों की मौत हो गयी हादसे की खबर परिजनों को लगते ही पुलिस को सूचना दी गयी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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8 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म,13 साल का नाबालिग है आरोपी रीवा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक १३ साल के नाबालिग लड़के ने 8 की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया बच्ची के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया। शाहपुर थाना के खटखरी चौकी क्षेत्र की रहने वाली एक 8 साल की बच्ची अपनी भैंस चराने पास के खेत में गई थी वहीं गांव का ही रहने वाला 13 वर्षीय नाबालिक भी अपनी मवेशियों को लेकर चराने गया था उस दौरान लड़के ने 8 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया इस घटना के दौरान अचानक लड़की के पिता वहां पहुंच गए और बच्ची को साथ लेकर खटखरी चौकी में जाकर रिर्पोट दर्ज करवा दी जिसके बाद पुलिस ने बिना समय गंवाए आरोपी को हिरासत में ले लिया है और नाबालिक आरोपी को न्यायालय में पेश किया है।
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मारपीट का वीडियो हुआ वायरल गोविंदगढ़ में जमीनी को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया अब इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है विवाद में महिलाएं भी शामिल हैं इसमें आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुये हैं घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गोविंदगढ़ तमरा गांव के निवासी द्विवेदी परिवार के चाचा और भतीजे के बीच कई दिनों से जमीनी विवाद था अचानक रास्ते से निकासी को लेकर विवाद खड़ा हो गया और देखते ही देखते दोनों पक्ष के लोगों ने डंडे निकाल कर एक दूसरे को मारना शुरू कर दिया इस मारपीट में दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को चोटे आई हैं एडिशनल एसपी अनिल सोनकर ने बताया कि गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़े थे इसमें कई लोगों को चोटें आई हैं पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
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उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है। भारी बारिश से कई जगह भूस्खलन की खबरे हैं। उत्तरकाशी के नेलांग घाटी में भैरोघाटी से तीन किलोमीटर आगे भूस्खलन की चपेट में आने से एक सैनिक की मौत की सूचना है जबकि घटना में एक सैन्य अधिकारी भी चोटिल हुए हैं। गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं के भी कुछ हिस्सों में बारिश जारी है। भारत.चीन सीमा पर उत्तरकाशी के नेलांग घाटी में भैरोघाटी से तीन किलोमीटर आगे पेट्रोलिंग के दौरान भूस्खलन की चपेट में आने से एक सैनिक की मौत की खबर है। जवान जम्मू कश्मीर का रहने वाला था। घटना में एक सैन्य अधिकारी के भी चोटिल होने की सूचना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर भैरोघाटी से तीन किलोमीटर आगे भूस्खलन की चपेट में आने से सैनिक की मौत हुई है। उत्तराखंड में चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे के अंदर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना जताई थी। हालांकि अन्य राज्यों के लिए हल्की बारिश की संभावना जताई है। राजधानी देहरादून में भी बुधवार को बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार तीन अगस्त को कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अब 5 और 6 अगस्त को देहरादून, पौड़ी,नैनीताल और चंपावत में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी कर यलो अलर्ट जारी किया है।
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अब आधार से वोटर कार्ड को लिंक कराना जरूरी होगा। साथ ही 1 जनवरी, 1 अप्रेल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले व्यक्ति मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने के लिए पात्र होंगे। आधार से वोटर कार्ड को लिंक करने से ये फायदा होगा कि वोटर का नाम दो जगह है तो पकड़ में आ जाएगा। कलक्टोरेट में हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह जानकारी कलक्टर अविनाश लवानिया ने दी। बैठक में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, एनसीपी, आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कलेक्टर ने बताया कि सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर स्वैच्छिक आधार पर मतदाताओं से आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेकर डाटा को लिंक करने का काम करेंगे। शहरी क्षेत्र में कैम्प लगाकर वोटर कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। राजनीतिक दलों से अपील की है मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम या एक से अधिक स्थानों पर नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं रहें, लोगों को जानकारी दें। घर बैठे सबसे पहले आपको वेबसाइट https://voterportal.eci.gov.in/ पर जाना होगा। - अपने मोबाइल नंबर/ईमेल आईडी/वोटर आईडी नंबर का यूज कर लॉगिन करें। -इसके बाद वहां अपना मनचाहा पासवर्ड डालें.. राज्य, जिला. और पर्सनल डिटेल जैसे नाम, जन्म तिथि और पिता का नाम दर्ज करें। -डिटेल भरने के बाद ‘Search’ बटन पर क्लिक करें। - वहीं आपकी तरफ से दर्ज की गई डिटेल सरकारी डेटाबेस से मेल खाता है, तो डिटेल स्क्रीन पर दिखाई देगा। -‘Feed Aadhaar No’ ऑप्शन पर क्लिक करें जो स्क्रीन के लेफ्ट साइड दिखाई देगा. -पॉप अप पेज खुलने के बाद वहां अपना आधार कार्ड, आधार नंबर, वोटर आईडी नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और/या रजिस्टर्ड ईमेल पता भरना होगा. सभी डिटेल सही ढंग से दर्ज करने के बाद, इसे एक बार क्रॉस चेक करें और 'Submit' बटन दबाएं। एक जुलाई 2022 और उससे पहले जिन युवाओं ने 18 वर्ष की उम्र पूरी कर ली है वे युवा, मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के पात्र हो गए हैं। ऐसे युवा मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोडऩे की प्रक्रिया एक अगस्त से प्रदेश में शुरू भी हो चुकी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने यह जानकारी राज्य स्तरीय मास्टर्स ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी। निर्वाचन कानून एवं नियमों में संशोधन और एक अगस्त से शुरू हुए आधार संग्रहण अभियान के बारे में संभाग स्तर पर बीएलओ एवं सुपरवाइजर को प्रशिक्षण देने मुख्य निर्वाचन सदन सभागार में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। निर्वाचन कानून एवं नियमों में हुए संशोधन को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारीराजन ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
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मध्यप्रदेश में चल रहे मदरसों पर अब सियासत गरमा गई है। इस मामले में राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राज्य में फर्जी मदरसे चलने का आरोप लगाते हुए इन्हें बंद करने की बात कही है. मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि अधिकांश मदरसों ने जरूरी मान्यता नहीं ली है. हजारों मदरसे से केवल कागजों पर चल रहे हैं. ऐसे सभी फर्जी मदरसों को बंद कराया जाएगा. मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि फर्जी मदरसा चलाने के मामले में जांच के बाद दोषी लोगों पर कठोरतम कार्रवाई भी की जाएगी. अब सरकार इन्हें बख्शने के मूड में बिल्कुल नहीं है। मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि राज्य में चल रहे मदरसों के बारे में प्रदेश सरकार को विभिन्न सूत्रों और माध्यमों से ऐसी जानकारी मिली है। राज्य में मदरसे कागजों पर चल रहे हैं. ऐसे अनेक मदरसे हैं जो केवल एक कमरे में चल रहे हैं. कमरे में एक टेबल रखकर और बाहर साइन बोर्ड लगाकर मदरसों को संचालित किया जा रहा है। गौरतलब है कि बाल आयोग ने भी इस संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें सार्वजनिक रूप से बताया गया है कि किस तरह से फर्जी मदरसे चल रहे हैं. कागजों में चलने वाले ऐसे मदरसों पर कठोर कार्रवाई करने की भी बात कही गई है।राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के इस बयान के बाद ऐसे हजारों मदरसों पर तलवार लटक गई है। उन्होंने साफ कहा कि जो धरातल में नहीं है, वे मदरसे बंद किए जाएंगे. इधर उनके बयान के बाद कांग्रेस नेता और भोपाल से विधायक आरिफ मसूद ने प्रतिक्रिया जारी की. उन्होंने कहा कि मदरसों को जानबूझकर निशाना बनाकर अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. मसूद ने राज्य की बीजेपी सरकार पर मदरसों की ग्रांट रोकने का भी आरोप लगाया. उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट को गलत बताया है।
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अभियान को सफल बनाने प्रशासन ने निकाली रैली आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव पर हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है सिंगरौली में कलेक्टर सहित विधायक ने रैली निकालकर तिरंगा अभियान को सफल बनाने की अपील की सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी को निर्देश दिया है की जिले के हर घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाए उन्होंने कहा आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वर्षगांठ के उपलक्ष में इस तिरंगा अभियान को सफल बनाएं उन्होंने बैठक में सभी राशन दुकानों में झंडारोहण कराया जाने के लिए कहा है अभियान की सफलता के लिए उन्होंने अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई है इस मौके पर विधायक सुभाष वर्मा सहित कई समाजसेवी संस्थानों ने प्रशासन के साथ रैली निकालकर तिरंगा अभियान को सफल बनाने की अपील की।
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डेढ़ सौ यूनिट लीडर ने बनाई रणनीति कटनी में स्काउट गाइड का विगनर कोर्स आयोजित किया गया जहाँ डेढ़ सौ से ज्यादा स्काउट गाइड यूनिट्स के लीडर बैठे और भविष्य की रणनीति तय की कटनी जिला स्तरीय स्काउट गाइड का प्रशिक्षण उत्कृष्ट महाविद्यालय में किया गया भारत स्काउट गाइड राज्य मुख्यालय के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी जिला आयुक्त स्काउट पृथ्वीपाल सिंह के निर्देश पर यह विगनर कोर्स आयोजित किया गया इसमें कटनी जिले के तीन विकासखंड बड़वारा, ढीमरखेड़ा एवं बहोरीबंद की विभिन्न 150 से अधिक यूनिट लीडर सम्मिलित हुए जहाँ नियम प्रतिज्ञा स्काउट चिन्ह, प्रार्थन झंडा, गीत भूत सिद्धांत, गणवेश आदि के विषय में चर्चा के साथ भविष्य की रणनिति पर विचार किया गया।
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16 साल के नाबालिग ने की बुज़ुर्ग की हत्या छतरपुर से एक बुज़ुर्ग की हत्या का मामला सामने आया है हत्या के मामले में एक 16 साल के नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है पूछताछ करने पर नाबालिग ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है बुजुर्ग शनिवार शाम से लापता था जिसके बाद परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। मृतक बुजुर्ग परम लाल साहू घुवारा मे नाश्ते की दुकान चलाता था जब परम लाल शनिवार की रात घर नहीं पंहुचा तब घर वालों ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद बुजुर्ग का शव बछेडी नदी के स्टापडेम मे हाथ पैर बंधा हुआऔर सिर पत्थर से कुचला हुआ मिला शव मिलने के बाद जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तो पुलिस को जानकारी मिली की परम लाल को आखरी बार एक 16 साल के नाबालिग के साथ देखा गया था जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की पूछत्ताछ करने पर किशोर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है उसका कहना है की मृतक बुजुर्ग उससे अनैतिक सबंध बनाता था घटना की रात दोनो ने शराब पी और शराब के नशे मे दोनो का विवाद हुआ विवाद इतना बढा, कि किशोर ने पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।
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बिजली विभाग के अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार छतरपुर में सागर लोकायुक्त पुलिस ने बिजली विभाग छापा मारते हुए सहायंत्री सहित तीन को अस्सी हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया है यह कार्यवाही बिजली का प्रकरण न बनाने पर रिश्वत लेने की शिकायत के चलते की गयी छतरपुर में बिजली विभाग की सागर लोकायुक्त पुलिस को शिकायत मिली थी की बिजली विभाग के सहायक यंत्री रिंकू मैना ने बिजली का प्रकरण न बनाने के शैलेन्द्र रैकवार से रिश्वत की मांग की है इसमें टेस्टिंग सहायक प्रवीण कुमार तिवारी और लाईमैन घनश्यामदास दुबे भी शामिल थे बिजली विभाग के आरोपियों ने एक लाख की रिश्वत की मांग की थी इसी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने तीनो को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया तीनो आरोपियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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दक्षिण-पश्चिमी मानसून इन दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय है. मानसून के मूवमेंट में आ रहे परिवर्तन की वजह से बारिश हो रही है। कई जगह मानसूनी बादल खूब बरस रहे हैं, जिस कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदियां उफान पर हैं. दियारा क्षेत्र में कटाव जारी है, जिससे लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार मानसूनी बादल फिलहाल बरसते रहेंगे। IMD के ताजा बुलेटिन के अनुसार एक और दो अगस्त को उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश और एक अगस्त को जम्मू-कश्मीर में गरज के साथ बारिश की संभावना है. वहीं, अगले 48 घंटे में बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा मौसम विभाग ने 01, 04 और 05 अगस्त को ओडिशा; 01-03 के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश; 01-05 अगस्त, 2022 के दौरान असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश की संभवना जताई है।
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रायसेन के हलाली डैम में तीन युवक डूबे रायसेन के हलाली डेम में 3 लोगों के डूबने की खबर आई है बताया जा रहा है की युवक पिकनिक मनाने डैम गए हुए थे तभी नहाते समय यह हादसा हुआ भोपाल से रायसेन के हलाली डैम में पिकनिक मनाने गए एक ही परिवार के तीन लोग डूब गए रायसेन जिले के सलामतपुर दीवानगंज के पास स्थित हलाली डैम में भोपाल की नवाब कॉलोनी से एक परिवार पिकनिक मनाने पहुंचा था इस दौरान दो सदस्य डैम में उतर गए और गहरे पानी में चले गए एक के डूबने पर दूसरे ने उसको बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी डूबने लगा यह देखकर परिवार का तीसरा सदस्य भी बचाने पहुंच गया एक दूसरे को बचाने में तीनों ही पानी में डूब गए आसपास के लोगों ने उनको बचाने का प्रयास किया, लेकिन गहरे पानी में जाने के कारण सफल नहीं हो पाए।
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एलन मस्क की ट्विटर डील रद्द के मामले में, अमेरिकी की कोर्ट 17 अक्टूबर से सुनवाई शुरू करेगी , ट्रायल चल सकता है 5 दिन तक दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच की लड़ाई अब कोर्ट में लड़ी जाएगी. 44 बिलियन डॉलर की डील रद्द होने के मामले में अमेरिका की कोर्ट 17 अक्टूबर से सुनवाई शुरू करेगी. डेलावेयर कोर्ट ऑफ में जस्टिस कैथलीन मैककॉर्मिक ने ऑफिशियल शेड्यूल जारी करते हुए कहा कि इस हाई प्रोफाइल केस का ट्रायल 17 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगा एलन मस्क ने शुक्रवार को 44 बिलियन डॉलर की डील रद्द करने के मामले में अपनी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए मामले का विरोध किया. इस हफ्ते की शुरुआत में, मस्क के वकीलों ने डेलावेयर चांसरी कोर्ट को एक पत्र दायर किया, जिसमें कहा गया था कि ट्विटर प्री-ट्रायल प्रोसेस में सपोर्ट नहीं कर रहा है. ट्विटर को इसके लिए लिए बाध्य करना होगा. मस्क के वकीलों ने दावा किया कि ट्विटर उन डॉक्यूमेंट्स को भी नहीं दे रहा है, जिसे देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था. इसे मस्क के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि मस्क कोर्ट से फरवरी में मुकदमा शुरू करने की अपील कर रहे थे. इसके उलट ट्विटर ने अदालत से सितंबर में ट्रायल चलाने का अनुरोध किया था. ट्विटर की अपील का मस्क की टीम ने विरोध किया था, लेकिन अब कोर्ट ने अक्टूबर में केस चलाने की अनुमति दे दी है। बता दें कि मस्क ने जैसे ही ट्विटर के साथ डील कैंसिल की थी, कंपनी के शेयर बुरी तरह टूट गए थे. 12 जुलाई को कंपनी के शेयर में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आने से निवेशकों के 3.2 अरब डॉलर साफ हो गए थे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर शेयर अप्रैल में दिए गए 54.20 डॉलर प्रति शेयर के मस्क के ऑफर से काफी नीचे पहुंच गए थे। बीते 13 अप्रैल को मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान करके लोगों को चौंका दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 54.2 डॉलर प्रति शेयर के रेट से 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया. 13 अप्रैल की फाइलिंग में यह बात सामने आई. हालांकि, 13 मई को एलॉन मस्क ने ट्विटर डील को होल्ड पर डाल दिया. इसकी वजह स्पैम और फेक अकाउंट्स थे। दरअसल, मई की शुरुआत में SEC फाइलिंग में ट्विटर ने कहा था कि उनके प्लेटफॉर्म पर सिर्फ 5 परसेंट ही स्पैम अकाउंट हैं. इसी बात को लेकर ट्विटर और मस्क के बीच मतभेद शुरू हुआ था. इसके बाद 8 जुलाई को मस्क ने डील तोड़ने का फैसला किया. उन्होंने ट्विटर पर फेक अकाउंट्स को लेकर 'गलत जानकारी' देने आरोप लगाते हुए डील कैंसल करने का फैसला किया. वहीं, ट्विटर के चेयरमैन ने डील तोड़ने के वजह से मस्क के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात कही।
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राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर में लगे कूलर में पानी भरा पड़ा हैं। कई दिनों से पानी जमा होने के कारण कूलर में काई तक लग गई है। वहीं पास लगे वाटर कूलर के हौज में भी पानी भरा हुआ था और उसमें मच्छर के लार्वा नजर आ रहे थे। शुक्रवार को पत्रिका टीम को जेपी अस्पताल में यह हाल नजर आए। जेपी शहर के बड़े अस्पतालों में से एक है। रोजाना डेढ़ से दो हजार की ओपीडी है। करीब सौ मरीज यहां भर्ती हैं। इस बीच मरीजों को यहां डेंगू मलेरिया का खतरा है। अस्पताल में ब्लड बैंक की बिल्डिंग के पीछे पानी जमा मिला। सफाई न होने से बड़ी संख्या में मच्छर दिखाई दिए। मरीज और तीमारदारों पर ये हालात भारी पड़ रहे हैं। पिछले एक माह से डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए अभियान चल रहा है। लोगों को जानकारी दी जा रही है। जो हालात अस्पताल में नजर आए उसे देख लगा यह जागरूकता तक सीमित हो गया। बचाव की फिक्र न तो प्रशासन को है और न ही स्वास्थ्य अमले को। यह हालात लोगों के लिए घातक हो सकते हैं।
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बड़े अंतर के साथ भाजपा ने दर्ज की जीत रीवा जिला पंचायत में भाजपा ने अपनी धमाके दार जीत दर्ज करा दी है...जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल और उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह ने 2323 मत पाकर विजयी प्राप्त की है पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला की उपस्थिति में दोनों को प्रमाण पत्र मिला और शहर में विजय जुलूस निकाला गया भाजपा की तरफ़ से जिला पंचायत रीवा के वार्ड क्रमांक 1 से सदस्य नीता कोल को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया था जिसमें उनको 23 वोट मिले वही विपक्षी दल को 9 वोट से ही संतोष करना पड़ा जबकि जिला पंचायत के उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के प्रणव प्रताप सिंह को बड़ी जीत मिली है जिनमें उनको भी 23 वोट मिले हैं और विपक्षी को 9 मत प्राप्त हुए यह जीत कांग्रेस पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं है वही जिला कलेक्टर मनोज पुष्प ने जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल और उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह को जीत का प्रमाण पत्र वितरित किए इस दौरान पूर्व मंत्री विधायक राजेंद्र शुक्ला,अध्यक्ष डाक्टर अजय सिंह के साथ जिला पंचायत के सदस्यगण मौजूद रहे कलेक्टर कार्यालय परिसर के समाने भाजपा समर्थको जमवाड़ा लग गया और समर्थकों ने गाजे बाजे के साथ जुलूस निकाला।
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स्कूल जाने के लिए उफनती नदी पार करते हैं हरदा से एक वीडियो सामने आया है जहाँ स्कूल जाने के लिए छात्राएं अपनी जान जोखिम में डालती हैं और बारिश के दिनों में अक्सर इसी तरह उफनाती नदी को पार करती हैं बताया जा रहा है की कई समय से इस रपटे पर ऊंचा पुल बनाने की मांग चल रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है हरदा जिले के रहटगांव तहसील के वनग्रामों के बच्चे स्कूल जाने के लिए अक्सर उफनती नदी को पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं लगभग 200 स्कूली बच्चे रोज़ाना जान जोखिम में डालकर उफनती हुई गंजाल नदी को पार करते हैं ग्राम वासियों का कहना है की केवल यही एक रास्ता गाँव से बहार जाता है इसलिए बच्चे इस रस्ते से स्कूल जाने के लिए मजबूर है छोटे बच्चों को उनके परिजन अपने कंधे पर बैठा कर नदी पार करवाते है और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है लोगों ने नाराज़गी जताते हुए कहा की न तो इस पुल पर कोई रेलिंग है और न ही किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को पुल बनाने को लेकर आवेदन दिए गए लेकिन अभी तक किसी ने ग्रामीणों की सुध नहीं ली।
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अज्ञात व्यक्ति ने मारी गोली छतरपुर में अज्ञात हमलावरों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है हमलावर गोली मारने के बाद मृतक की मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गए पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है घटना मातगंवा थाना क्षेत्र के कोडन.गांव के पास की है जहां दुकान बंद कर नित्य क्रिया के लिए गए युवक दीपक यादव को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी गोली लगने के बाद दीपक को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई बताया जा रहा है कि हमलावर मृतक की मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गए वहीं पुलिस ने पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है।
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जनता अब मुंह पर जवाब देना जानती है,पी एल तंतवाय के टकराव का वीडियो वायरल जनप्रतिनिधियों को अब जनता का सीधे जवाब मिलने लगा है जनप्रतिनधि अब बड़े बड़े वादे कर मुकर नहीं सकते हैं वादा किया है तो निभाना पड़ेगा नहीं जनता के बीच जाने पर सवालों के जवाब देने होंगे ऐसा ही कुछ मामला हटा से देखने को मिला जहां गौरीशंकर वार्ड की महिलाओं की हटा भाजपा विधायक पी एल तंतवाय से तकरार हो गई और बीजेपी विधायक महिलाओं के सवालों का जवाब नहीं दे पाए जनता विधायक चुनती है कि उनके क्षेत्र में काम होंगे उनके क्षेत्र का विकास होगा लेकिन चुनाव के बाद विधायक बनते ही माननीय जनता को भूल जाते हैं लेकिन अब जनता ने सीधा जवाब देना शुरू कर दिया है वादों से नहीं अब काम करके दिखाना होगा मामला हटा के गौरीशंकर वार्ड का है जहाँ महिलाओं ने बीजेपी के विधायक पी एल तंतवाय से सवाल जवाब कर लिए इस बीच महिलाओं से विधायक की तकरार शुरू हो गई विधायक से महिलायें जवाब मांग रही थी अपनी परेशानी बता रहीं थी तकरार बढ़ता देख पुलिस को बीच में आना पड़ा पुलिस ने महिलाओं को विधायक जी से दूर कर दिया अब पुलिस कितना भी जनता को दूर कर दे लेकिन जनता को विधायक जी को जवाब देना होगा अभी नहीं तो चुनाव के समय जवाब देना होगा जनता अब वादों और विकास पर जवाब चाहती है जनता को दूर करने से समस्या हल नहीं होगी उनकी परेशानी सुनकर समस्या को दूर करना होगा।
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कबाड़ी मृतक के परिवार के पास नहीं थे पैसे,मृतक का खुद के खर्चे से कराया अंतिम संस्कार छतरपुर पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है कबाड़ बीनने वाले एक युवक की बीमारी के चलते मौत हो गई और परिवार के पास गरीबी के चलते अंतिम संस्कार के लिये धनराशि नही थी थाना प्रभारी को सूचना लगते ही वे मौके पर पहुंचे और उन्होंने सारी व्यवस्था अपने खर्चे पर की आमतौर पर पुलिस को सख्त और अमानवीय दिखाया जाता है लेकिन छतरपुर पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है दरअसल मातगुंवा मे कबाड़ बीनने वाले एक युवक माईकल की बीमारी के चलते मौत हो गई मृतक कबाड़ी के परिवार के पास अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं थे परेशान परिवार की खबर मातगुंवा थाना के प्रभारी सिद्वार्थ शर्मा को लगी तो उन्होने मानवता दिखाते हुये मृतक परिवार का अपनी धनराशि से अंतिम संस्कार कराया मृतक युवक का विधि विधान से श्मशान घाट मे उसके परिवार की उपस्थिति मे अंतिम संस्कार करवाया गया पुलिस की इस पहल की सभी लोग सराहना कर रहे है।
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कोरोना संक्रमण के कारण सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन उद्योग अब पटरी पर आ गया है। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय महत्त्व के 14 स्मारकों को निहारने के लिए वर्ष 2021-22 में 15.65 लाख से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे। सैलानियों से प्रवेश शुल्क के रूप में 4.36 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिला है। वर्ष 2020-21 में इन पर्यटक स्थलों पर 8 लाख 3469 सैलानी पहुंचे थे। इनसे 2.05 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। हालांकि वर्ष 2019-20 में 21 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे और इनसे 8.78 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई थी। सूबे के ऐतिहासिक स्मारकों के रखरखाव पर एक साल में 16.25 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।धार जिले में स्थित मांडू में वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक 7 लाख 94 हजार 438 पर्यटक आए। 3 लाख 44 हजार 913 पर्यटक स्मारक समूह देखने गए। रूपमती मंडप जाने वाले पर्यटकों की संख्या 3 लाख 36 हजार 286 रही। मांडू पहुंचने वाले पर्यटकों से प्रवेश शुल्क के रूप में 1 करोड़ 99 लाख 27 हजार 55 रुपए का राजस्व मिला। पर्यटकों के पसंदीदा स्मारकों में दूसरा स्थान खजुराहो का रहा। यहां 2 लाख 44 हजार 270 पर्यटक आए। तीसरे स्थान पर ग्वालियर का किला रहा। यहां 2 लाख 3 हजार 372 पर्यटक पहुंचे और 46.30 लाख का राजस्व मिला। प्रदेश में राष्ट्रीय महत्त्व के 291 स्मारक हैं। सबसे अधिक 66 धार में हैं। छतरपुर में 25, अशोकनगर और विदिशा में 18-18, सागर में 16, बुरहानपुर में 15, कटनी में 12, शिवपुरी में 11, खरगोन में 9, रायसेन में 8 स्मारक हैं। ग्वालियर में 7, बालाघाट-मुरैना में 6-6 स्मारक हैं।
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मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में बैतूल के बैंक कर्मचारी ने सुसाइड कर लिया। वह एक युवती को लेकर डिप्रेशन में था। बैंककर्मी की बड़ी बहन इंदौर में एक निजी कंपनी में काम करती है, जिससे मिलने के लिए वह शुक्रवार शहर आया था। बहन हॉस्टल में रहती है, इसलिए युवक दोस्त के कमरे पर रुका था। सोमवार को कमरे में अकेला था, तभी उसने फांसी लगा ली। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूरे मामले में जांच की जा रही है। 24 साल का संतोष खातरकर बैतूल में एक निजी बैंक में काम करता था। पिता धन्नाराम खातरकर आर्मी से रिटायर्ड हैं। विजयनगर पुलिस ने बताया कि संतोष ने सोमवार देर शाम फांसी लगाई। दोस्त हिमांशु जब कमरे पर पहुंचा तो वह फंदे पर लटका था। संतोष मूल रूप से बैतूल जिले के आमला का रहने वाला था। उसने पिता से कहा था कि वह बहन से मिलने इंदौर जा रहा है, कुछ दिन दोस्तों के साथ रहेगा। संतोष की तीन बहनें हैं। वह सबसे छोटा था। इंदौर में रह रही बहन ने उसके दोस्तों को बताया था कि संतोष बैतूल की किसी युवती को लेकर तनाव में है। इस बात को लेकर बहन ने उसे समझाया भी था। पुलिस ने कमरा सील कर संतोष का मोबाइल जब्त कर लिया है।
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बारिश के बीच कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध,मंत्री इन्दर सिंह परमार का जलाया पुतला भोपाल में चौथी कक्षा में पढ़ने वाली मासूम के साथ हैवानियत के मामले को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया कांग्रेस नेताओं ने बरसात में भी पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार का पुतला दहन किया भोपाल में स्कूल की नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने भारी बारिश के बीच पैदल मार्च निकाला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकालकर शिवराज सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार का विरोध किया और उनके निवास में जाने की कोशिश की पुलिस ने बेरिकेट लगाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीच में ही रोक लिया पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हल्की फुल्की झड़प भी हुई वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का विरोध स्वरुप पुतला जलाया महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि मध्यप्रदेश में बच्चियां स्कूल में भी सुरक्षित नहीं है मध्यप्रदेश में जंगल राज स्थापित है।
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प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को तैनात किया भोपाल में तेज बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं बारिश के चलते घरों और सडकों में पानी भर गया है भोपाल के कई इलाकों में कुलांसी नदी का पानी घरों में घुस गया है भोपाल में लगातार तेज बारिश हो रही है जिसके चलते नदी नाले उफान पर आ गए हैं बारिश के कारण भोपाल तालाब की जीवन दायनी कुलांसी नदी में लगातार जल स्तर बढ़ रहा है बोरखेड़ी, कोडिया फंदा खुर्द सहित कई गांवों में कुलांसी नदी का पानी घुस गया है ग्राम कोड़िया की पंचायत और उप स्वास्थ्य केंद्र में भी पानी घुस गया है वहीं प्रशासन ने किसी भी विपरीत परिस्थिति में रेस्क्यू के लिए टीम तैनात कर दी है।
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आपूर्ति निगम को पत्र लिखकर कमीशन की मांग कटनी में कनिष्ठ विक्रेताओं को एक वर्ष से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है जिससे वे काफी परेशान हैं वहीं नागरिक आपूर्ति निगम को सहकारिता समिति के प्रदेश सचिव दिनेश द्विवेदी ने शिकायत पत्र देकर कनिष्ठ विक्रेताओं का कमीशन रिलीज करने की मांग की है कनिष्ठ विक्रेताओं को एक वर्ष से वेतन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है नागरिक आपूर्ति निगम को इसके लिए एक पत्र लिखा गया है आपको बता दें कि पत्र में कनिष्ठ विक्रेताओं का 1 वर्ष का कमीशन 84 सौ के मान से मांगा गया है इसके साथ ही माह अप्रैल से माह जुलाई तक का प्रति दुकान 84 सौ के मान से सभी दुकानों का कमीशन भुगतान करने को कहा है इन लोगों ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कमीशन लोडिंग स्टैकिंग की राशि का भुगतान जल्द से जल्द देने की मांग की है जिससे खरीदी प्रभारियों को उनकी लंबित राशि का भुगतान मिल सके जब इस बारे में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं अभी-अभी आया हूं और इसकी जानकारी मुझे नहीं थी जो जानकारी मेरे संज्ञान में आई है जल्द से जल्द जांच कर कनिष्ठ विक्रेताओं का पेमेंट रिलीज किया जाएगा वही सहकारी समिति के प्रदेश महासचिव ने कहा अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम बुधवार को नागरिक आपूर्ति निगम के ऑफिस के सामने आंदोलन करने पर विवश होंगे।
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कलियासोत का जलस्तर बढ़ा भोपाल में भारी बारिश का दौर जारी है भारी बारिश के बीच बड़े तालाब का जल स्तर बढ़ गया जिसके चलते भदभदा डेम के दो गेट खोले गए हैं भोपाल समेत मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं वहीं भोपाल स्थिति भदभदा डैम का जल स्तर बढ़ने से डैम के दो गेट खोल दिए गए इस दौरान सुरक्षा के सारे इंतजाम किये गए गेट खुलने की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोग भदभदा डैम पहुँच गए और इस नज़ारे का आनंद लिया भदभदा डैम के गेट खुलने से कलियासेत डेम का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है।
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भोपाल में ठिकाना बनाने वाले चार आतंकियों के एक और साथी को एनआइए ने बिहार से दबोचा लिया है। दरअसल, प्रतिबंधित जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चार आतंकियों को मप्र एसटीएफ ने 13 मार्च को राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र से पकड़ा था। इनमें से तीन बांग्लादेश के तो एक बिहार के कटिहार जिले का था। आतंकियों से हुई पूछताछ के बाद विदिशा जिले के नटरेन और हैदरगढ़ से साहवान और अब्दुल करीम को पकड़ा गया था। इसके बाद एनआइए ने बुधवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में तीन जगह सर्चिंग ऑपरेशन चलाया। वहां से सक्रिय आतंकी और मप्र से पकड़ाए छह आतंकियों के सहयोगी असगर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी को पकड़ा है। मप्र की राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र से फजर अली उर्फ महमूद उर्फ शरिफुल (32), जहीरुद्दीन अली उर्फ इब्राहिम पठान (28), जैनुलउद्दीन उर्फ अकरम उल हक (25) सभी निवासी बांग्लादेश और मोहम्मद अकील अहमद शेख उर्फ अहमद (24) निवासी कटिहार बिहार को पकड़ा था। इनकी निशानदेही पर विदिशा से साहवान और अब्दुल करीम की गिरफ्तारी हुई थी
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देश में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हैं। मौसम जानकारों के मुताबिक देश के दक्षिण पश्चिमी मानसून की सक्रियता के चलते भारी बारिश के असार हैं। दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई जा रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में भारी बारिश हो सकती हैं। कई जिलों में बिजली चमकने और गिरने की संभावना जताई जा रही हैं। राज्य के सागर,चंबल और ग्वालियर संभाग में बारिश हो सकती हैं। राज्य में यलो अलर्ट जारी किए गए हैं।
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प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव के बाद जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे करते हुए जश्न में जुटे हैं तो आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी प्रदेश में खुशी की वजहें कम नहीं हैं। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने इस चुनाव में मजबूत दस्तक दी है। पार्टी ने जहां सिंगरौली में मेयर का चुनाव जीता है तो 40 वार्ड में पार्षद का पद हासिल करते हुए राज्य में तीसरी ताकत के उभरने का संकेत दे दिया है। पार्टी ने करीब 4 दर्जन सीटों पर दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी दस्तक दे दी है।17 जुलाई को पहले चरण की गिनती में 'आप' ने सबको चौंकाते हुए सिंगरौली नगर निगम में मेयर के पद पर कब्जा कर लिया। यहां पार्टी प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने जीत हासिल की। 2 जुलाई को खुद पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके लिए प्रचार किया था। सिंगरौली में मेयर पद के अलावा पार्टी ने 17 जिलों में जीत हासिल की। दूसरे चरण की काउंटिंग में भी 'आप' को 23 वार्ड में जीत हासिल हुई है। इस तरह पार्टी ने एक मेयर पद के अलावा 40 वार्ड में 'झाड़ू' चलाया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी और कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश में अब 'आप' को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। ग्वालियर का उदाहरण देकर कहा जा रहा है कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में भले ही सत्ता या विपक्ष का स्थान छीनने की स्थिति में ना आए, लेकिन वह कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकती है।
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देश के प्रख्यात मोटिवेशनल स्पीकर, लाइफ कोच व बड़ा बिज़नेस के सीईओ डॉ विवेक बिंद्रा 30 जुलाई 2022 को भोपाल आ रहे है। डॉ बिंद्रा देश के तेज़ी से उभरती यूनिवर्सिटी सेज यूनिवर्सिटी के "कन्फ्यूजन से क्लैरिटी" कार्यक्रम में स्टूडेंट्स से उनके करियर व उज्जवल भविष्य के लिए संवाद करेंगे। कक्षा दसवीं व बारहवीं स्टेट बोर्ड के परिणाम आ चुके है, सीबीएसई व अन्य बोर्ड के परिणाम 25 जुलाई तक आने की सम्भावना है। सेज ग्रुप की भोपाल व इंदौर स्थित सेज यूनिवर्सिटी व SIRT कॉलेज भोपाल स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री रेडी एजुकेशन व उज्जवल करियर के लिए निरंतर कुछ नया व गुणवत्तापूर्ण करने का प्रयास करता रहा है। ताकि स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन के दौरान ही इतना सक्षम बनाया जाये उसके लिए भविष्य में करियर के श्रेष्ठ विकल्प प्राप्त हो। सेज यूनिवर्सिटी का 100 से भी अधिक इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स व कॉर्पोरेट लीडर्स के साथ अनुबंध है , जिसका लाभ सेज यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को वर्कशॉप या टॉक शो के माध्यम से मिलता रहता है।
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देश की राजधानी में आज हुई तेज बारिश से दिल्लीवासियों को गर्मी से राहत मिली है. दरअसल मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश होगी और इसको लेकर ‘येलो अलर्ट' जारी किया है. विभाग के अनुसार, शहर में अगले तीन दिन तक आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और बारिश होने या गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार हैं. राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान के 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तर पश्चिम भारत में अगले दो-तीन दिन में मानसून की गतिविधियां बढ़ने का अनुमान लगाया है. राष्ट्रीय राजधानी में जून के अपेक्षाकृत शुष्क रहने के बाद, जुलाई में अभी तक 165.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि जुलाई में सामान्य तौर पर 126.9 मिमी बारिश होती है.
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सिहोरा थाना क्षेत्र के ग्राम दर्शनी में घरेलू विवाद के चलते पुत्र ने अपने ही पिता कि जिंदा जलाकर हत्या कर दी। दिल दहला देने वाली वारदात के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। पुलिस ने आरोपित बेटे के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर हिरासत में ले लिया है।सिहोरा पुलिस ने बताया कि ग्राम दर्शनी निवासी 60 वर्षीय राम जी गोटिया मंगलवार रात अपने घर पर था। रात में करीब 10:00 बजे राम जी का छोटा बेटा 28 वर्षीय आदेश गोटिया शराब के नशे में घर पहुंचा और अपने पिता राम जी एवं मां के साथ गाली गलौज करने लगा। रामजी ने गाली देने से मना करते हुए उसे समझाने का प्रयास किया तो बेटे आदेश ने अपने पिता राम जी के साथ मारपीट शुरू कर दी।आदेश ने अपनी मां को घर से बाहर निकाल कर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद अपने पिता को बुरी तरह पीटा जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद आदेश ने घर के कपड़े इकट्ठे किए और पिता रामजी को उस में लपेटकर केरोसिन डालकर आग लगा दी। आज सुबह जब राम जी की पत्नी ने देखा तो कमरे के अंदर राम जी का शव जली हुई हालत में पड़ा था जिसके बाद हत्या की सूचना पुलिस को दी गई। वारदात की सूचना मिलते ही सिहोरा टीआई गिरीश धुर्वे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और आरोपित आदेश गोटिया को हिरासत में ले लिया।
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कविता के जरिये रखे युवाओं ने अपने विचार भोपाल के भारत भवन में मध्यप्रदेश की रचनाशीलता का महोत्सव युवा कविता का सम्मेलन किया गया जिसमे युवाओं ने अपनी कविता के जरिए अपने विचार रखे यह युवा सम्मेलन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाया गया आजादी के अमृत महोत्सव के तहत युवा सर्जना का हृदयप्रदेश सम्मेलन का आयोजन किया गया सम्मेलन में युवाओं ने अपने विचार कविता के माध्यम से रखा कविता में कहीं महिलाओं की पीड़ा को लेकर कविता पाठ हुआ तो कहीं देश की व्यवस्था को लेकर विचार रखे गए सम्मेलन की अध्यक्षता मनोज श्रीवास्तव ने क सम्मेलन में सांत्वना श्रीकांत ने कविता के जरिये अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमे उन्होंने हड़प्पा संस्कृत से लेकर महिलाओं की स्थिति को लेकर कविता पढ़ी।
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बच्चों ने की जमकर तैराकी ,बारिश ने दावों की खोली पोल मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है इस बीच विकास के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है स्कूल सहित कई जगह बारिश की वजह से स्विमिंग पूल जैसे नज़ारे देखने को मिल रहे हैं सिवनी के एक सरकारी स्कूल का मैदान तो स्वीमिंग पूल बन गया है सिवनी में अधिकतर इलाकों में जलभराव ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं सिवनी के कहानी गांव में एक हायर सेकेंडरी स्कूल में पानी भरने से स्विमिंग पूल जैसा नजारा हो गया है बच्चों ने इस बारिश के टेंशन को ही अपना मनोरंजन बना लिया स्कूल परिसर में भरे बारिश के पानी में बच्चों की मौज मस्ती की तस्वीरें भी सामने आई हैं किसी के लिए बारिश भले ही मुसीबत का सबब बनी हो लेकिन वीडियो में नजर आ रहे बच्चों ने उसी मुसीबत को किस तरह अपना मनोरंजन का साधन बना लिया ये साफ तौर पर देखा जा सकता है छात्र पढ़ने के लिए स्कूल तो आ गए, लेकिन पढ़ाई के बाद ये स्कूल परिसर में ही फुटबॉल खेलने लगे और खेलते खेलते तैराकी करने लगे इसी बीच स्कूल के स्टाफ ने वीडियो बना लिया जिसे सोशल मीडिया पर डाल दिया गया इस बीच शासन और प्रशासन के विकास के दावों की पोल खुलती दिख रही है।
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नाले में नर कंकाल मिलने से सनसनी सिंगरौली के विन्ध्यनगर इलाके में एक नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई नर कंकाल सतीश विश्वकर्मा ामक व्यक्ति का बताया गया है पिलिस इस मामले की तफ्तीश में जुटी हैं और कंकाल का डीएनए टेस्ट भी करवा रही है विंध्य नगर के जयंत चौकी क्षेत्र के एक नाले में नर कंकाल मिला नर कंकाल मिलने की सूचना जैसे ही जयंत चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह भदौरिया को मिली तो वे तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे 3 जुलाई को सतीश विश्वकर्मा के गुम हो जाने की सूचना सतीश विश्वकर्मा के परिजनों ने जयंत पुलिस चौकी को दी थी सतीश विश्वकर्मा के परिजनों ने कंकाल के पास पड़े कपड़ों को पहचान कर बताया है कि कंकाल सतीश विश्वकर्मा का है जयंत चौकी प्रभारी भदौरिया ने कहा कि इस कंकाल का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा उन्होंने कहा कि यदि किसी ने इनकी हत्या की है तो जांच के बाद इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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बच्चों के सवालों के दिए जवाब , बच्चों में उत्साह भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ओल्ड कैम्पियन स्कूल पहुंचे जहां उन्होंने बच्चों की क्लास लगाईं उन्होंने बच्चों को पढ़ाया और उनके सवालों का जवाब भी दिया भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ओल्ड कैम्पियन स्कूल में बच्चों के बीच पहुंचे कलेक्टर को अपने बीच देख बच्चे रोमांचित हो उठे इस दौरान अविनाश लवानिया ने बच्चों की क्लास ली उन्होंने बच्चों को पढाया उनको पढ़ाई से सम्बंधित जानकारी दी इस मौके पर अविनाश लवानिया ने सभी बच्चों के सवालों के जवाब भी दिया कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चों में काफी उत्साह देखा गया।
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पैर फिसलने से नाले में बह गया युवक मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है खंडवा-बैतूल के बीच बाढ़ग्रस्त रपटे को बाइक लेकर पैदल पार करते समय एक युवक पैर फिसलने की वजह से नाले में बह गया घटना रोशनी गांव के निकट की बताई जा रही है मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं वहीँ बैतूल में भी एक हादसा हो गया जहां खंडवा से दर्शन कर हेमंत राठौर और टोनी राठौर वापस बैतूल लौट रहे थे दोनों युवक खंडवा-बैतूल के बीच बाढ़ग्रस्त रपटे को बाइक लेकर पैदल ही पार कर रहे थे तभी नदी के दूसरे छोर पर पहुंचने के कुछ कदम पहले टोनी राठौर पैर फिसलने की वजह से नाले में बह गया घटना रोशनी गांव के बारा जोशी नाले की बताई जा रही है प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना का वीडियो बना लिया था जो अब वायरल हो रहा है। पैर फिसलने से नाले में बह गया युवक मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है खंडवा-बैतूल के बीच बाढ़ग्रस्त रपटे को बाइक लेकर पैदल पार करते समय एक युवक पैर फिसलने की वजह से नाले में बह गया घटना रोशनी गांव के निकट की बताई जा रही है मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं वहीँ बैतूल में भी एक हादसा हो गया जहां खंडवा से दर्शन कर हेमंत राठौर और टोनी राठौर वापस बैतूल लौट रहे थे दोनों युवक खंडवा-बैतूल के बीच बाढ़ग्रस्त रपटे को बाइक लेकर पैदल ही पार कर रहे थे तभी नदी के दूसरे छोर पर पहुंचने के कुछ कदम पहले टोनी राठौर पैर फिसलने की वजह से नाले में बह गया घटना रोशनी गांव के बारा जोशी नाले की बताई जा रही है प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना का वीडियो बना लिया था जो अब वायरल हो रहा है।
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फर्जी मतदान का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर भड़की छतरपुर में निकाय चुनाव के दौरान नौगांव में एक महिला एसआई की दादागिरी का वीडियो वायरल हुआ है फर्जी मतदान का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर ही महिला एसआई भड़क गई दरअसल नौगांव के एक मतदान केन्द्र पर फर्जी मतदान हो रहा था जिसका खुलासा करने के लिए एक पत्रकार वीडियो बनाने लगा इसी दौरान महिला एसआई वहां पहुंची और पत्रकार पर भड़क उठीं वीडियो में दिख रहा है कि महिला एसआई पत्रकार को तेज आवाज में चिल्लाते हुए अभद्रता कर रही हैं यह घटनाक्रम सामने आने के बाद लोगों में चर्चा रही कि मप्र सरकार और निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने में असफल रहा जिस कारण से इस तरह की घटना सामने आई है बताया गया है कि एक व्यक्ती फर्जी वोट डालने जा रहा था जिसे पुलिस ने पकड़ लिया था इसके बाद जब पुलिस उसे ले जा रही थी और एक पत्रकार ने उसका वीडियो बनाया तो महिला एसआई जनकनंदिनी को गुस्सा आ गया वे पत्रकार के ऊपर चिल्लाने लगीं वीडियो में दिख रहा है जिस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा था वह पुलिस के कंधे पर हाथ रखकर चल रहा था जब इसका वीडियो बनाया गया तो एसआई साहिबा को गुस्सा आ गया ऐसे में एसआई जनकनंदिनी पर फर्जी मतदान को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं लोगों का कहना है कि पत्रकारों पर चिल्ला कर उनके द्वारा दबाव बनाने का प्रयास किया गया ताकि फर्जी मतदान की खबर सामने न आ सके यह भी जानकारी मिली है कि वे वार्ड नम्बर 14 में पकडे गए काग्रेंस के फर्जी वोटर को पुलिस कार्यवाही से बचाने की फिराक में थीं और जब वीडियो बना तो वे नाराज हो गई।
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प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में हुई कैद नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में रीवा नगर निगम में महापौर पद के लिए 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं रीवा नगर निगम के 45 वार्डों में पार्षदों के लिए 217 उम्मीदवार मैदान में हैं रीवा में दूसरे चरण का मतदान हुआ 9 नगरीय निकायों के नगर परिषद गोविंदगढ़, गुढ़, सिरमौर, बैकुंठपुर, त्योंथर, मनगवां, सेमरिया, चाकघाट के साथ डभौरा में नगरीय निकायों के 135 वार्डों में पार्षद पदों के लिए 838 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं नगर परिषद गुढ़ में 75, गोविंदगढ़ में 58, मनगवां में 58 तथा डभौरा में 95 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं इसी तरह नगर परिषद सिरमौर में 67, बैकुण्ठपुर में 66, सेमरिया में 63, चाकघाट में 55 तथा त्योंथर में 84 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
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3 की मौत 4 लोगों की तलाश जारी देशभर में भारी बारिश के चलते कई नदी नाले उफान पर है ऐसे में ही मुलताई से एक खबर सामने आयी है जहाँ एक स्कॉर्पियो से सफर कर रहा परिवार पानी में बाह गया जिनमे से तीन लोगों की मौत हो गयी मुलताई तहसील अंतर्गत थाना साईंखेड़ा निवासी मधुकर पाटील और उनकी पत्नी निर्मला पाटिल परिवार के 4 लोगों के साथ स्कॉर्पियो से मंगलवार को महाराष्ट्र के नान्दा गये थे केलोद थाना क्षेत्र अंतर्गत नान्दा के पास नाले के ऊपर बनी पुलिया पर पानी का अधिक बहाव होने के कारण स्कॉर्पियो नदी में बह गयी जो थोड़ी दूर जाकर अटक गयी जिसमें 3 लोगों की मौत हो गयी जिनके शव निकाल लिए गए है केलोद पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर बाकी लोगों की तलाश की जा रही है मृतकों में मधुकर पाटील 60 वर्ष ,निर्मला पाटील 55 वर्ष , रोशनी चौकीकर 35 शामिल है।
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जेईई मैन्स परीक्षा में 99.93 पर्सेंटाइल प्राप्त किए इंदौर के दीपक प्रजापति के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें ‘बेहद कमजोर’ का टेग देकर स्कूल से निकाल दिया था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज वो कर दिखाया जो आसान काम नहीं है। दीपक प्रजापति के पिता मजदूर हैं। कक्षा दो में दीपक को ऐसे शब्द सुनने पड़े जिनसे किसी का भी भरोसा डगमगा जाएं। उन्हें स्कूल में कहा कि तुम बड़े होकर कुछ नहीं कर सकते, तुम मज़दूरी ही करोगे। लेकिन दीपक ने हार नहीं मानी और अपने सपनों का पीछा कर आज यहां तक पहुंच गए। जेईई मैन्स परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली है। दीपक की सफलता की कहानी हर इंसान के लिए प्रेरणा है।दीपक ने अपनी मेहनत से 10वी में 96 फीसदी अंक हासिल किए थे। उसके बाद उन्होंने एक काउंसलर से मदद ली और कई करियर ऑप्शन्स समझने के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। जब दीपक ने ये बात अपने परिवार से कही तो उन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने बेटे को पढ़ने भेजा। दीपक ने इंदौर रहकर जेईई की तैयारी करी। वे दिन के करीब 13 से 14 घंटे पढ़ाई करते थे। ब्रेक के लिए वे स्पोर्टस् से जुड़े हुए थे। दीपक फुटबॉल और बैडमिंटन खेलते हैं। लेकिन खास बात ये है कि उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना रखी है। दीपक आईआईटी-कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। दीपक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने गरीबी को बेहद करीब से महसूस किया है। उनके पिता वेल्डर है। हर रोज सुबह काम की तलाश में निकलते हैं और उन्हें कभी काम मिल पाता है, कभी नहीं। लेकिन अपने बेटे के सपनों के रास्ते में इसे कभी बीच में नहीं आने दिया और बेटे ने भी अपने पिता का मान रखा।
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एक कार और तीन गांजा तस्कर गिरफ्तार वाहन चैकिंग के दौरान बड़वारा पुलिस ने 50 किलो गांजे के साथ तीन गांजा तस्करों को धर दबोचा इनके पास से एक एक महंगी कार भी की जप्त की गई बड़वारा पुलिस के ने अवैध मादक पदार्थ का व्यापार करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर एक बार फिर गांजा तस्करों को पकड़ा हैं इस बार तीन गांजा तस्कर पुलिस के हाथ लगे हैं जिनके पास से पुलिस ने 50 किलो अवैध गांजा और एक आर्टिका कार जप्त की है बरामद किए गए गांजे की कीमत पांच लाख रुपए आंकी जा रही है बड़वारा पुलिस ने पिछले महीने भी गांजे की बड़ी खेप ले जा रहे गांजा तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था वही एक बार फिर बड़वारा थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम शातिर गांजा तस्करों को पकड़ने में कामयाब हुई है बड़वारा थाना प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया एक आर्टिका कार विलायत कला से कटनी की तरफ जा रही थी संदेह होने पर वाहन को रुकवाया गया और तलाशी ली गई तो कार की डिक्की से तकरीबन 50 किलो गांजा बरामद हुआ आरोपी चालक फहिम, विवेक शुक्ला, सुमित सेन कार छोड़कर भागने लगे जिन्हें मौजूद पुलिस बल ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।
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एक कार और तीन गांजा तस्कर गिरफ्तार वाहन चैकिंग के दौरान बड़वारा पुलिस ने 50 किलो गांजे के साथ तीन गांजा तस्करों को धर दबोचा इनके पास से एक एक महंगी कार भी की जप्त की गई बड़वारा पुलिस के ने अवैध मादक पदार्थ का व्यापार करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर एक बार फिर गांजा तस्करों को पकड़ा हैं इस बार तीन गांजा तस्कर पुलिस के हाथ लगे हैं जिनके पास से पुलिस ने 50 किलो अवैध गांजा और एक आर्टिका कार जप्त की है बरामद किए गए गांजे की कीमत पांच लाख रुपए आंकी जा रही है बड़वारा पुलिस ने पिछले महीने भी गांजे की बड़ी खेप ले जा रहे गांजा तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था वही एक बार फिर बड़वारा थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम शातिर गांजा तस्करों को पकड़ने में कामयाब हुई है बड़वारा थाना प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया एक आर्टिका कार विलायत कला से कटनी की तरफ जा रही थी संदेह होने पर वाहन को रुकवाया गया और तलाशी ली गई तो कार की डिक्की से तकरीबन 50 किलो गांजा बरामद हुआ आरोपी चालक फहिम, विवेक शुक्ला, सुमित सेन कार छोड़कर भागने लगे जिन्हें मौजूद पुलिस बल ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।
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मध्यप्रदेश के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश हो रही है, मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन तक राज्य के ज्यादातर इलाकों में भारी वर्षा होगी इसके साथ ही मध्यप्रदेश सहित गुजरात, राजस्थानऔर महाराष्ट्र में अलर्ट जारी। भोपाल शहर में रविवार को दिन भर धूप चटकी रही, लेकिन शाम 7 बजे के बाद फिर बारिश शुरू हो गई। रात 8ः30 तक एक इंच पानी और बरस चुका था। यानी 20 घंटे में 6 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी थी।
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भोपाल के कई इलाको में पानी भरा वही रायसेन में कच्चा मकान गिरा, एक मौत भोपाल में शनिवार रात हुई तेज बारिश के बाद रविवार दोपहर में भी झमाझम बारिश हुई, लगातार तेज बारिश से भोपाल शहर में पानी-पानी हो गया, 24 घंटों के दौरान भोपाल में सवा पांच इंच वर्षा हुई साथ ही कई इलाकों में बिजली भी गिरी। बारिश के कारण रायसेन के सिलवानी में कच्चा घर गिर गया। इससे एक व्यक्ति की दबने से मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया।
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प्रशासनिक अमला ,कंपनियों के अधिकारी रहे मौजूद सिंगरौली के बलियरी इंडस्ट्रियल एरिया में एक हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी जिसको लेकर उनकी याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया श्रद्धांजलि सभा में कई कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मृतकों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये वैढन शहर के बलियरी इंडस्ट्रियल एरिया में कई गैस फैक्ट्री संचालित की जाती है इस क्षेत्र में 13 वर्ष पहले 5 जुलाई 2009 मे एक हादसा हुआ था जिसमे 22 लोगों की मौत हो गई थी हादसे को लेकर जांच भी हुई और फैक्ट्री को अलग जगह स्थापित करने का निर्णय हुआ था लेकिन आज भी यहाँ फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है हादसे के बाद मृतकों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया श्रद्धांजलि सभा में कलेक्टर राजीव रंजन मीना , एसपी बीरेंद्र कुमार सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी और कंपनियों के अधिकारी मौजूद रहे।
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मतदाता से वोट के लिए माता रानी की ली कसम,निर्वाचन आयोग में प्रत्याशी के खिलाफ शिकायत छिंदवाड़ा के परासिया से कांग्रेस के प्रत्याशी का पैसे बांटने और वोट के लिए मतदाताओं को माता रानी की कसम लेने का वीडियो सामने आया है शिकायतकर्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी गगन खंडूजा की शिकायत निर्वाचन आयोग से लिखित में की है शिकायतकर्ता ने निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की है अक्सर आपने सुना होगा कि मतदान के लिए शराब और वोट बांटे जाते हैं ऐसा ही कुछ वीडियो सामने आया है परासिया के वार्ड नंबर 10 से जिसमे नगरीय निकाय चुनाव में युवक कांग्रेस अध्यक्ष नकुलनाथ के ख़ास और कांग्रेस प्रत्याशी गगन खंडूजा वोट के बदले नोट बाटने की बात करते नजर आ रहे हैं यही नहीं गगन खंडूजा ने वोट के लिए शराब के साथ माता रानी की कसम भी मतदाताओं को दिलाई उन्होंने मतदाताओं से कहा की वे पैसे भी देंगे और जीतने के बाद काम भी करेंगे गगन खंडूजा के खिलाफ निर्वाचन आयोग में लिखित शिकायत दर्ज की गई है शिकायतकर्ता ने बकायदे वीडियो की सीडी जमा करने के साथ आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
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कांग्रेसी अल्पसंख्यक भाजपा में आये चीनी चेलानी के भाजपा में आने के बाद से कटनी में कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं कांग्रेस से जुड़े अल्पसंख्यक समुदाय के तमाम कार्यकर्ता ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने भाजपा की सदस्य्ता ली कटनी में एक बार फिर लगा कांग्रेस को झटका कांग्रेस से जुड़े अल्पसंख्यक समुदाय के कार्यकर्ता ने बीजेपी की सदस्यता ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने इस सभी को भाजपा की सदस्य्ता दिलाई गुलाम ख्वाजा नियाज़ी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बीजेपी में शामिल हो गए इन लोगों ने मोदी सरकार और शिवराज सरकार की जनकल्याणकारी योजना पर विश्वास जताया इससे पहल पूर्व जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस की वार्ड 17 से प्रत्याशी निशा मिश्रा ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
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1 लाख 5 हजार रुपये बरामद ,मामला दर्ज सिंगरौली में मतदाताओं को वोट के बदले नोट बांटने वाले दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने इनके वाहनों से 1 लाख 5 हजार रुपये बरामद किये हैं चितरंगी विकासखंड में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान को लेकर लोगों में सुबह से ही उत्साह दिखाई दिया चितरंगी जनपद पंचायत में 111 सरपंच पद के लिए , जिला पंचायत के 5 वार्ड , 25 जनपद सदस्यों का चुनाव होगा जिसमे 2 लाख 70 हजार मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे ... इसी बीच चितरंगी जनपद के ग्राम पिपड़खड़ पंचायत में अरविंद उर्फ अन्न्नू मास्टर और सोनू कुमार पनिका का मतदाताओं को पैसे बांटने का वीडियो सामने आया है सूचना मिलने पर मोरवा थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी दोनों को गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने उनके पास से 1 लाख 5 हजार रुपये जब्त कर लिया है दोनों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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जुलाई के पहले हफ्ते में औसत 115 पॉजिटिव रोज़ इंदौर में लगभग 4 महीने बाद कोरोना के 77 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। निकाय चुनाव के बीच कोरोना मरीजों कीसंख्या बढ़ती जा रही है और जांच घट रही है। कोरोना से होने वाली मौतें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने में भी गड़बड़ी की जा रही है। भोपाल में हुई मौत को 9 दिन बाद दर्ज किया गया,पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में 140 नए मरीज मिले हैं। भोपाल के नरेला इलाके के 77 साल के हेमराज पवार कस्तूरबा अस्पताल भेल में 22 जून को भर्ती हुए थे। एक दिन बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। 5 दिन ICU में भर्ती रहने के बाद 26 जून को उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें गंभीर न्यूरो प्रॉब्लम और डायबिटीज थी। हेमराज के बेटे ने बताया कि पापा को निमोनिया की समस्या थी। वे न्यूरो प्रॉब्लम के कारण चार साल से बेड पर ही थे। उनकी मौत के 9 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनकी मौत की जानकारी दर्ज की।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो प्रदेश भर में भारी बारिश के चलते सभी जगह के नदी नाले उफान पर है ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक युवक गाड़ी सहित पानी में बाह जाता है मध्यप्रदेश के देवास से एक वीडियो सामने आया है जहाँ एक आदमी को उसकी चूक काफी भरी पड़ गयी व्यक्ति जल्दबाजी में अपनी मोटरसाइकिल से एक पुल उस वक्त पार करने की कोशिश कर रहा था जब बारिश का पानी पुल के ऊपर से बह रहा था पानी के तेज बहाव के कारण व्यक्ति गाड़ी सहित पानी में बह गया
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प्रशासन की लापरवाही से परेशान किसान डिंडोरी में खरीफ के फसल की बोनी अंतिम समय पर है लेकिन किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है वहीं इसमें प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है प्रशासन लगातार गोलमोल जवाब देते दिखाई दे रहा हैआपको जानकर हैरानी होगी कि अभी तक डिंडोरी जिले के तहसील मुख्यालय बजाग में कृषि विभाग ने किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया हैकिसानों से पूछने पर बताया गया कि पिछले वर्ष तक कृषि विभाग ने उनको बीज दिया लेकिन इस वर्ष कृषकों को बीज नहीं दिया गया इसमें कहीं न कहीं प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है बोनी शुरू हो गई है लेकिन बीज न मिलने को लेकर किसान कई महीनों से परेशान है किसान प्रशासन से बीज की आस में बैठा है जब विभागीय अमले से बीज को लेकर बात की गई तो अमले ने गोल गोल मोल जवाब देकर मामले को रफा दफा कर दिया
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पूर्व मंत्री के समझाने के बाद तैयार हुए कॉलोनीवासी छतरपुर नगर पालिका में मूलभूत समस्याएं हल नही होने पर कॉलोनी वासियों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया देरी रोड़ कालोनी के रहवासियो ने आरोप लगाया कि वह नगरपालिका को हाऊस टैक्स देते हैं लेकिन शहर मे अमृत धारा योजना के तहत बिछाई गई पाईप लाईन का लाभ कॉलोनी वासियों को नही मिल रहा है जिसके बाद पूर्व मंत्री ललिता यादव के कहने पर ये लोग मतदान के लिए तैयार छतरपुर में एक कॉलोनी वासियों ने मतदान का बहिष्कार किया है इन लोगों ने बाकायदा मतदान के बहिष्कार का बैनर भी लगाया जब इस की जानकारी पूर्व मंत्री ललिता यादव को मिली तो वह बहिष्कार करने वाले कालोनीवासियों के पास गई और उनकी समस्या सुनकर उनकी समस्या का हल हर हाल मे निकालने का आश्वासन दिया इस मौके पर उन्होंने कलेक्टर और नगरपालिका अधिकारी से बात कर उनकी समस्या हल करने की बात कही जिसके बाद कालोनी वासी मतदान करने को तैयार हो गए
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सोमवार को एमपी के कई जिलों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश भोपाल जिले में रात 12:30 तक 4 इंच बारिश हो चुकी थी।। इसके अलावा जबलपुर में 17 मिमी, गुना और पचमढ़ी में 15-15 मिमी, मंडला में 8 मिमी बारिश दर्ज की गई। ये आंकड़े सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक की बारिश के है।मध्यप्रदेश में मानसून एक्टिव होने के बाद से हो रही बारिश से छोटी नदियां और नाले उफना गए हैं। इंदौर में सुबह से बादल छाए रहे, दोपहर में शुरू हुई बारिश अब भी जारी है। सड़कों पर पानी भर गया है। औबेदुल्लागंज में सुखतवा के नए पुल पर डेढ़ फीट पानी आने से भोपाल-नागपुर हाईवे बंद हो गया है। डेढ़ घंटे से वाहन चालक हाईवे के दोनों ओर पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं। बैतूल जिले में भौंरा नदी भी उफान पर है। राजधानी भोपाल में सोमवार रात गरज और चमक के साथ तेज बारिश हुई। रात 12.30 बजे तक 4 इंच बारिश हो चुकी थी। शहर में जगह-जगह सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने इंदौर-उज्जैन समेत 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।भोपाल के लालघाटी, गुफा मंदिर रोड स्थित कॉलोनियां, मिसरोद थाना, भोपाल टॉकीज, सेफिया कॉलेज रोड, बैरागढ़ की कॉलोनियां, अयोध्या नगर की कॉलोनियां, सिंधी कॉलोनी, इब्राहिमगंज, शांति नगर, सेमरा, कटारा हिल्स, शाहपुरा, संजय नगर, कोहेफिजा कॉलोनी, बीडीए कॉलोनी सलैया में दो-दो फीट तक पानी भर गया। वीआईपी रोड, सिंधी कॉलोनी रोड, लिंक रोड नंबर 1, बाणगंगा चौराहा, बागमुगालिया रोड, ऑरा मॉल के सामने, बैरागढ़ से लालघाटी रोड, कोहेफिजा, हमीदिया रोड डूब गईं।
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देश में मानसून ट्रफ सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है. पश्चिमी तट के साथ-साथ तेज पछुआ हवाएं चल रही हैं. दिल्ली के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. श के ज्यादातर राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है. कई प्रदेशों में भारी बारिश हो रही है. कई जगह नदियां उफान पर हैं और बाढ़ की वजह से लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. वहीं कई राज्यों में तेज बारिश के कारण शहरों में जलजमाव की स्थिति है. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. यहां कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस बीच राजधानी दिल्ली में भी मानसून पहुंच गया है. भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में कई राज्यों में जोरदार बारिश की संभावना जताई है. दिल्ली में सात और आठ जुलाई को भारी बारिश की संभावना जताई गई है. देश में मानसून ट्रफ सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है. पश्चिमी तट के साथ-साथ तेज पछुआ हवाएं चल रही हैं. गुजरात में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो रही है. दिल्ली के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार के लिए येलो अलर्ट और बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के कई जिले में भारी बारिश के चलते कुछ नदियां खतरे के निशान पर पहुंच गई हैं. कुंडलिका नदी चेतावनी के स्तर को पार कर गई है. अंबा, सावित्री, पातालगंगा, उल्हास और गढ़ी नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे है. इसके अलावा जगबुड़ी और काजली नदियों का पानी चेतावनी स्तर पर बह रहा है. सीएम ने चिपलून के हालात पर पैनी नजर रखने और नागरिकों को बार-बार आगाह करने के भी निर्देश दिए। महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से रायगढ़ जिले से 1535 लोगों के रेस्क्यू किया गया है. रायगढ़ समेत कई जगहों पर एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. मुंबई समेत कई इलाकों में भारी बारिश से जलजमाव की स्थिति है. लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. प्रदेश के सीएम खुद कोंकण क्षेत्र के सभी जिलों के जिला कलेक्टरों के संपर्क में हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण जान-माल का भारी नुकसान न हो. भारी बारिश और निचले इलाकों में जलभराव से ट्रेन और सड़क यातायात प्रभावित है. तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में गुरुवार तक गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. चेन्नई में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है. कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण तमिलनाडु तट और दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.पिछले एक सप्ताह में राज्य के कई हिस्सों में बारिश हुई है. शनिवार से रविवार की सुबह तक, कोयंबटूर के चिन्नाकलर में 5 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई. अगले 5 दिनों के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है. इस दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़-दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में व्यापक वर्षा की संभावना है. अगले 24 घंटों के दौरान इन क्षेत्र में छिटपुट गरज के साथ छिटपुट गरज के साथ आसमानी बिजली गिरने की संभावना है. कानपुर में बारिश से कई जगह पर जलजमाव की स्थिति बन गई थी. प्रायद्वीपीय भारत, पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है. भारी बारिश के मद्देनजर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है.
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झारखण्ड के गढ़वा से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। दरिंदों ने एक 70 साल की महिला की लाठी डंडों से पीट पीट कर हत्या कर दी। ग्रामीणों ने महिला पर जादू टोना करने का आरोप लगाया और उसे अपने ही हाथों से सजा दे दी। गांव वालों ने बुजुर्ग महिला को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। घटना गढ़वा के चिनिया थाना क्षेत्र के खुरी गांव का है। बताया जा रहा है कि करीब चार पांच लोग बुजुर्ग महिला के घर में अचानक घुस आये, उनके हाथ में लाठी डंडे थे, उन्होंने महिला को पकड़ा और करीब 200 मीटर दूर तक घसीट कर ले गए और पीटना शुरू कर दिया। 70 साल की बुजुर्ग महिला दरिदों से रहम की भीख मांगती रही, चीखती चिल्लाती रही लेकिन वे नहीं पिघले, दबंगों के सामने महिला को बचाने की हिम्मत भी किसी ने नहीं दिखाई , गांव वालों ने महिला को इतना पीटा की उसकी सांसें वहीँ थम गई घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची उन्होंने शव को कब्जे में लिया, उसका पंचनामा बनाया और पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया। बुजुर्ग महिला के परिजनों ने कहा है कि गांव वाले उसपर जादू टोना करने का आरोप लगाते थे। फ़िलहाल पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया है , उससे पूछताछ की जा रही है। गांव में दहशत और शोक का माहौल है।
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यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप ,सौंपा ज्ञापन परासिया में कॉलेज के छात्रों ने रिजल्ट खराब होने को लेकर विरोध जताया छात्रों ने यूनिवर्सिटी के विरोध में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और दोबारा जांच की मांग की है परासिया पेंचव्हेली महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने रिजल्ट खराब आने को लेकर यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप लगाया है छात्रों ने विरोध में sdm को ज्ञापन सौपा है छात्रों का कहना है कि पूरे मध्यप्रदेश में छात्राओं का रिजल्ट खराब आया है इसमें कही न कही की यूनिवर्सिटी ने लापरवाही बरती है कॉपियों की दोबारा से जाँच कराई जाए अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हो जायेंगे सड़कों पर जाम किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी और प्रशासन की होगी ।
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भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई,कई शहरों में अगले चार दिन होगी तेज बारिश मध्यप्रदेश में सुबह से तेज बारिश हो रही है प्रदेश में मूसलाधार बारिश कराने वाले तीन सिस्टम एक्टिव हैं भारी बारिश की वजह नदी नाले उफान पर आने लगे हैं मौसम विभाग ने भोपाल सहित कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है मध्यप्रदेश में मूसलाधार बारिश कराने वाले तीन सिस्टम एक्टिव हैं ओडिशा में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है दक्षिणी झारखंड में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है अरब सागर से भी नमी मिल रही है इन तीनों वजह से अगले चार से पांच दिन भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों में अगले चार दिन बारिश होती रहेगी खंडवा, अशोकनगर, सागर, छिंदवाड़ा, खंडवा, रायसेन और ग्वालियर में भी बारिश हुई भिंड के दबोह में बिजली गिरने से एक की मौत हो गई टीकमगढ़ और दमोह में भी गाज गिरने से एक-एक मौत हुई है मौसम विभाग ने भोपाल, नर्मदापुरम समेत 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन में तेज बारिश हो सकती है उमरिया, अनूपपुर, डिंडोरी और शहडोल में भारी बारिश के आसार हैं
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देश में मानसून ने तेजी पकड़ ली है ज्यादा तर हर हिस्सों में बारिश हो रही है।जम्मू कश्मीर के मौसम को लेकर मौसम बिभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में मौसम गर्म और शुष्क ही बना रहेगा। वर्तमान हीटवेव 4 जुलाई को हटने की उम्मीद है,और 4 या 5 तारिक मौसम सामान्य होने की सम्भावना है भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेन्नई और उपनगरों में बारिश और आंधी की भविष्यवाणी की। मौसम विभाग ने कहा कि चेन्नई और तमिलनाडु के आसपास के जिलों में अगले पांच दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है।साथ ही दक्षिण तथा मध्य गुजरात के कुछ जिलों तथा सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के एक दल ने आणंद जिले में बारिश से प्रभावित गांवों में 380 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।वहीं गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन ठप हो गया और सूरत, बनासकांठा तथा आणंद जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अगले पांच दिनों में गुजरात के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। शनिवार को मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली में अगले तीन दिन हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
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केजरीवाल को सुनने के लिए उमड़ा हुजूम सिंगरौली पहुंचे आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आप महापौर प्रत्याशी और पार्षद प्रत्याशियों के पक्ष में जनता का समर्थन जुटाने का प्रयास किया जहां उन्होंने रोड शो किया वही सभा कर आम जनता को संबोधित किया सिंगरौली में केजरीवाल को सुनने के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा मस्जिद चौराहा से उनका रोड शो शुरू हुआ और अंबेडकर चौक पहुंचने पर यह सभा में तब्दील हो गया अरविंद केजरीवाल ने सभा के दौरान भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा अभी तक आपने बीजेपी वालों को मौका देकर देखा है कांग्रेस वालों को मौका दिया एक बार आम आदमी पटरी को और रानी दीदी को मौका देकर देखो हम पूरी ईमानदारी से काम करेंगे और आप से पूछ कर काम करेंगे जो काम आप कहोगे वही करेंगे उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली 24 घंटे रहती है और बिजली फ्री दी जाती है पंजाब में हमारी सरकार बनी वहां भी बिजली फ्री कर दी गयी
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हर मौसम की अपनी खास बातें होती हैं जो मनुष्य के जीवन और विकास के लिए जरूरी होती हैं लेकिन हर मौसम की अपनी कुछ परेशानियां भी होती है। कुछ बीमारियां भी होती है। यदि थोड़ी सी सावधानी रखें तो बीमारियों से बचा जा सकता है। खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज की हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉक्टर कामिनी सोनी ने बताया कि बारिश के मौसम में क्या करें जो डॉक्टर के पास जाना ही ना पड़े। बरसाती बीमारियों से बचने के उपाय वर्षा काल में एसिड ज्यादा बनता है इसलिए पाचन शक्ति खराब हो जाती है। वर्षा काल में मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जबकि वायरस ताकतवर हो जाता है।प्रोटीन वाली चीजें जैसे दाल, दूध व इससे बनी चीजें और दही खाएं। विटामिन सी से भी प्रतिरोधक शक्ति अच्छी होती है। इसके लिए खट्टी चीजें जैसे आंवला, संतरा आदि का सेवन करें। यदि उमस के कारण आने वाले पसीने से खुजली होती है तो खुजली वाले पाउडर लगाएं। कई आयुर्वेदिक क्रीम भी आती हैं। इन्हें लगा सकते हैं।शरीर में खुजली के लिए नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं | बारिश में ज्यादा देर तक नहीं देखना चाहिए। तत्काल कपड़े बदले और सिर के बालों को भी गीला ना छोड़े। वर्षा ऋतु में शरीर ज्यादा देर तक गीला रहने के कारण त्वचा में दाने और दूसरी बीमारियां संभव है। ढीले कपड़े पहने जो भीगने के बाद भी जल्दी सूख जाएं।
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पानी से अठखेलियां करते दिखे बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार बाघो का कुनबा बढ़ता जा रहा है...यहां 75 से भी अधिक बाघ हो गये है यही कारण है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में देश के कोने-कोने से सैकड़ों की संख्या में पर्यटक बाघों का दीदार करने आ रहे है ऐसे ही हाल में पन्ना रिज़र्व का एक विडिओ वायरल हुआ है जिसमे पर्यटकों को बाघ पानी से अटखेलियां करते नज़र आ रहे है पन्ना टाइगर रिजर्व से पर्यटकों को रोमांचित करने वाले वीडियो सामने आरहे है...ऐसा ही एक नज़ारा तब देखने को मिला जब बाघिन पी-151 अपने दो शावकों के साथ अटखेलियां करती नज़र आयी सफारी पर निकले पर्यटक एक साथ तीन बाघो को देख कर रोमांचित हो उठे यह बाघ पर्यटकों की गाडी के सामने काफी देर तक रहे एक बाघ तो बीच सड़क पर भी बैठगया पर्यटकों ने यह नजारा अपने कैमरे में कैद कर लिया उमस भरी गर्मी में राहत पाने के लिए बाघ पानी में अठखेलियां करते भी नजर आये यह शावक अपनी माँ के साथ गड्ढे में भरे पानी मे गर्मी से राहत पाने उछल कूद कर रहे थे फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि आज पर्यटकों को एक साथ तीन बाघ दिखे है जिसमें एक बाघिन पी-151 अपने दो शावकों के साथ गर्मी से राहत पाने के लिए पानी के पास अठखेलियां कर रहे हैं ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जब एक साथ लोगों को तीन बाघ दिख जाएं...
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पेंच टाइगर रिजर्व में अनोख नज़ारा सामान्य तौर पर ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि बाघ और हाथी एक साथ जंगल में घूमते दिखाई दें लेकिन मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में सफारी पर गए पर्यटकों को यह नजारा देखने मिला जहाँ एक हाथी जंगल में घूम रहा था और उसके साथ एक बाघिन भी तफरी कर रही थी अब ये वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है पेंच टाइगर रिजर्व में यहां की लंगडी बाघिन के साथ हाथी को घूमता देख पर्यटक रोमांच से भर गए इस दुर्लभ पल को पर्यटकों ने कैमरे में कैद कर लिया हाथी और बाघिन के एक साथ घूमने के दौरान बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है पेंच टाइगर रिजर्व के टुरिया गेट से सफारी पर गए कुछ सैलानियों को अलीकट्टा क्षेत्र में लंगडी बाघिन एक हाथी के साथ घूमते दिखाई दी करीब 10 मिनट तक बाघिन और हाथी एक साथ घूमते रहे पेंच टाइगर रिजर्व के टुरिया गेट से बड़ी संख्या में सैलानी सफारी पर जा रहे हैं सैलानियों को बाघ के अलावा अन्य वन्य प्राणियों के दीदार भी हो रहे हैं इससे सैलानी काफी खुश व रोमांचित हैं पिछले दिनों वर्षा होने से पार्क के नजारे और खूबसूरत हो गए हैं लेकिन जिसने भी हाथी और बाघ की तफरी का यह दृश्य देखा वो खुद को ज्यादा रोमांचित महसूस कर रहा है ..
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कमलनाथ बस ट्विटर ट्विटर खेलते हैं मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रहते हैं पन्ना में मुख्यमत्री शिवराज सिंह ने कहा कमलनाथ के पास कोई काम तो है नहीं वे अब बस ट्विटर ट्विटर खेलते रहते हैं पन्ना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में हवा बनाने के लिए रोड शो किया इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कमलनाथ अब ट्विटर ट्विटर खेलते है उनका जनता में कोई आधार है नही कार्यकर्ता भी गायब हो गए हैं हैं
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महापौर प्रत्याशी को जिताने की अपील भाजपा नेताओं ने सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा कि सिंगरौली का विकास भाजपा के जरिये ही संभव है भाजपा नेताओं ने भाजपा के 45 पार्षद प्रत्याशियों और महापौर प्रत्याशी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को जिताने की अपील आम जान से की है सिंगरौली में भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल एवं विधायक राम लल्लू वैश्य ने भाजपा संगठन एवं सरकार की उपलब्धियों के साथ साथ नगर निगम चुनाव अभियान मे पार्टी एवं संगठन द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला विधायक रामलल्लू वैश्य ने कहा कि भाजपा सरकार की जनहित की ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिससे आम जन लाभान्वित है वहीँ वीरेंद्र गोयल ने भाजपा महापौर प्रत्याशी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा एवं 45 वार्ड प्रत्याशियों को जिताने की अपील करते हुए 5 वर्षों में किए गए नगर निगम क्षेत्र के विकास कार्यो पर प्रकाश डाला
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अब बंगाल की खाड़ी से बनेगा सिस्टम मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक प्रदेश के सिर्फ नर्मदापुरम, जबलपुर और इंदौर में ही कहीं-कहीं गरज-चमक की स्थिति रहेगी। इसके अलावा प्रदेश भर में कहीं और बारिश की संभावना नहीं है। मध्य प्रदेश के भोपाल समेत कई जिलों में बीते दो-तीन दिन ही तेज हवा के साथ बारिश का दौर जारी रहा। लेकिन, अब एक बार फिर प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश का सिलसिला थम गया है। बीते शुक्रवार को इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी दर्ज हुई तो भोपाल संभाग के अधिकतर जिलों में उमस ने परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक प्रदेश के सिर्फ नर्मदापुरम, जबलपुर और इंदौर में ही कहीं-कहीं गरज-चमक की स्थिति रहेगी। इसके अलावा प्रदेश भर में कहीं और बारिश की संभावना नहीं है। 26 जून से बंगाल की खाड़ी में सक्रियता बढ़ेगी। जिसके बाद 27 जून से बारिश का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। विभाग की मानें तो प्रदेश में 28 से 29 जून तक मानसून सेट होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, केरल की ओर से भारत में प्रवेश लेने वाला मानसून कर्नाटक में पहुंचने के बाद कुछ स्लो हुआ था, लेकिन कुछ दिनों की धीमे पड़ने के बाद इसने एक बार फिर रफ्तार बढ़ाते हुए समय पर चल रहा था। हालांकि, उज्जैन में मानसून लेट है। ये करीब एक सप्ताह पीछे हो गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में मानसून की स्थिति समय पर है। 3 दिन तक प्रदेश में बादल तो छाएंगे, लेकिन बारिश होने की संभावना कम है। मध्य-पूर्वी अरब सागर में चक्रवातीय गतिविधियों के साथ, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर भी चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय है। साथ ही, दक्षिणी गुजरात से कर्नाटक तट के समानांतर एक ट्रफ बना हुआ है। झारखंड के आसपास भी चक्रवात सक्रिय है, जिससे होकर विदर्भ तक अन्य ट्रफ लाइन जा रही है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा अभी भी पोरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा और चुर्क से गुजर रही है।जून के तीसरे सप्ताह में जोरदार बारिश हुई, लेकिन गर्मी एकबार फिर बढ़ने लगी है। मानसून के दो दिन के ब्रेक के कारण अब प्रदेश में गर्मी और उमस लोगों को परेशान करने लगी है। शुक्रवार को कई इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। खजुराहो, नौगांव, ग्वालियर और राजगढ़ में यह 40 डिग्री से अधिक रहा। प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का पारा 36 के पार रहा। सिर्फ पचमढ़ी में सबसे कम 30 और बैतूल में 31 डिग्री रहा।
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दो गांवों के बीच एक ही कुआं,प्रशासन ने फिर दिया आश्वासन सिवनी के आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र लखनादौन के घंसौर जनपद में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं ग्रामीणों ने बताया कि गाँव में एक ही कुआँ है जिसमे पानी खत्म हो गया है प्रशासन ने टैंकर से दो बार कुएं में पानी डाला उसके बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिससे लोग पानी के लिए मोहताज हो गए हैं ग्राम पंचायत रूपदौन के गांव रूपदौनमाल मे ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं इस गांव में मात्र एक कुआं है जिसमें पानी खत्म हो चुका है आपको बता दें कि 2 गांव के बीच ये एकमात्र कुआं है जिसका पानी दोनों गांव के ग्रामीण पेयजल के रूप में करते हैं इस पूरे मामले में जब ग्रामीणों से चर्चा की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि 2 माह से ग्रामीण पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं ग्राम पंचायत द्वारा टैंकर से कुएं में पानी गिराया जा रहा था लेकिन उसमें भी 2 टैंकर पानी डालने के बाद बंद कर दिया गया अब सूखे कुए की तलहटी में जमा पानी को जैसेतैसे निकाल कर ग्रामीण अपनी प्यास बुझा रहे हैं वहीँ तमाम शिकायतों के बावजूद इन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है
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SEBI ने नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाने के कुछ नियमों में बदलाव कर दिए हैं। जिसमे डीमैट अकाउंट की KYC 30 जून तक कराना ज़रूरी है। अगर KYC नहीं होती है तो आपका डीमैट अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा। जिससे आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड नहीं कर पाएंगे और आपका इन्वेस्टमेंट फंस सकता है। साथ ही कोई कंपनी का शेयर खरीद भी लेता है तो , ये शेयर्स अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे। हर डीमैट अकाउंट की KYC के साथ ये 6 जानकारियां (नाम, पता, मोबाइल नंबर,पैन कार्ड नं, ईमेल ID, आय) ज़रूरी हैं। ट्रेडिंग खाता धारक को इन सभी 6 जानकारियों के साथ KYC विशेषताओं को अपडेट करना अनिवार्य है। साथ ही 1 जून, 2021 से खोले गए नए सभी डीमैट खातों के लिए ये अनिवार्य है। KYC कराने के लिए आप ब्रोकरेज हाउस के ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं, या फिर अपने स्टॉक ब्रोकर से सलाह ले कर ऑनलाइन भी करा सकते हैं।
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प्रदेश में तीन दिन पहले दस्तक देने के बाद मानसून एक्सप्रेस ने रविवार को गति पकड़ी। एक ही दिन में 20 जिलों में दस्तक दे दी। अब 23 जिलों में मानसून छा चुका है। भोपाल के पड़ोसी जिले सीहोर, रायसेन में भी एंट्री हो चुकी है। अगले 24 से 48 घंटों में इसके राजधानी में पहुंचने का अनुमान है। बुरहानपुर, खंडवा और बैतूल से 16 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। इसके बाद से मानसूनी गतिविधियां रुकी हुई थीं। इस दौरान पूर्वी मप्र में कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। रविवार को 23 जिलों में मानसून की दस्तक हो चुकी है। रविवार को गुना, ग्वालियर, दमोह, छिंदवाड़ा, धार, मलाजखंड, सिवनी में बारिश हुई। खंडवा में इस सीजन में अभी तक लगभग 101 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं इंदौर शहर में ठंडी हवा के साथ आखिरकार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शहर में एंट्री ले ली है। पिछले साल 11 जून को मानसूनी झमाझम हुई थी। इस साल हल्की बूंदाबांदी के साथ ही मानसून का प्रवेश हुआ। मौसम विभाग द्वारा मानसून के लिए अनूकुल परिस्थियों को देखते हुए रविवार को अधिकृत रूप से प्रवेश की घोषणा कर दी गई। जून के बीते सप्ताह से अब तक 2 इंच बारिश हो चुकी है। बीते दिन शहर के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई और एयरपोर्ट स्थित केंद्र पर बारिश ट्रेस की गई। आज भी हल्की बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा इंदौर तक पहुंच गई है, जिससे अरब सागर से बनी सक्रियता के असर से भरपूर नमी आ रही है। बादल भी पानीदार आने लगे हैं, अगले एक-दो दिन हल्की बारिश के आसार हैं। समय से पहले आमद की घोषणा की गई थी, लेकिन बाद में 19 जून को अपेक्षित था। रविवार को दिनभर धूप-छांव का दौर चलता रहा। दिन का अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दक्षिण-पश्चिम हवा भी 20 से 25 किमी की रफ्तार से देर रात तक चलती रहीं। विभाग के अनुसार फिलहाल अभी बूंदाबांदी के आसार हैं। वर्तमान में अरब सागर व बंगाल की खाड़ी दोनों ओर से मानूसनी सक्रियता बनी है। मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, खरगोन, झाबुआ, रतलाम, डिंडोरी, अनूपपुर, मंडला, राजगढ़, नीमच और मंदसौर में सोमवार सुबह तक तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, शहडोल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, रीवा और उज्जैल संभागों में कहीं-कहीं गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
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2 लाख रुपये है अवैध गांजे की कीमत क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने अवैध मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सागर पब्लिक स्कूल के पास खड़ी गाड़ी से दो लोगों को मादक पदार्थ गांजे के साथ गिरफ्तार किया है भोपाल में पुलिस मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर एक आल्टो कार में दो तस्करों को गांजे के साथ गिरफ्तार किया है पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी की सागर पब्लिक स्कूल के पास एक आल्टो कार खड़ी है जिसमे मादक पदार्थ गांजा रखा हुआ है सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर वाहन चालक नरेन्द्र सिसोदिया और मानसिंह मेवाड़ा को गिरफ्तार किया है बताया जा रहा है कि कार की गैस टंकी को कंटेनर के तौर पर उपयोग किया गया था गैस टंकी में करीब 21 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा मिला जिसकी कीमत दो लाख रुपए बताई गई है गाँजे को उड़ीसा जगदलपुर से भोपाल लाया गया था
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बालिकाओं के लिए एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण एनटीपीसी में बालिका सशक्तिकरण मिशन 2022 का भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक बसुराज गोस्वामी ने बताया की विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से बालिकाओं के ज्ञान, कौशल और समग्र व्यक्तित्व विकास को बढ़ाने के लिए एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया हैसमारोह में राज्य सभा सांसद श्री राम शकल और लोक सभा सांसद पकौड़ी लाल कोल सहित कई अतिथिगण मुजूद रहे एनटीपीसी सिंगरौली के शक्तिनगर में बालिका सशक्तिकरण मिशन आयोजित किया गया इस अवसर राज्य सभा और लोक सभा सांसद राम शकल,और पकौड़ी लाल कोल मुख्या रूप से उपस्थित थेअतिथियों और अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया जिसके बाद एनटीपीसी गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गयाकार्यक्रम के दौरान बसुराज गोस्वामी ने बताया कीबालिका सशक्तिकरण मिशन-2022 एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया जिसके तहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण, पेंटिंग, स्केचिंग, कला- कौशल, सॉफ्ट स्किल्स, स्वास्थ्य और स्वच्छता, कंप्यूटर प्रशिक्षण आदि प्रदान किए गएइस एक महीने का प्रशिक्षण मॉड्यूल 120 बालिकाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था
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सत्तन बोले कांग्रेस में जितने कार्यकर्ता बचे, वो समर्पित हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता और कवि सत्यनारायण सत्तन ने सिंधिया पर निशाना साधा और कहा कि सिंधिया परिवार ने अपनी मातृ संस्था से दगा कर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया है ... जो लोग मुखौटा लगाकर बात करते हैं, उनकी असलियत हमें समझना होगीइंदौर में यंग इंडिया क्लब द्वारा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन ने सिंधिया परिवार पर कटाक्ष किए उन्होंने कहा कि सिंधिया ने अपनी मातृ संस्था से दगा कर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया है जो लोग मुखौटा लगाकर बात करते हैं, उनकी असलियत हमें समझनी होगी आज भाजपा में हर किसी को प्रवेश मिल रहा है यह देखते ही नहीं कि वह दलबदलू है, गद्दार है या क्या है कांग्रेस में अब जितने भी नेता बचे हैं, वे न तो दलबदलू ,हैं न गद्दार हैं, वे समाज, देश और पार्टी के प्रति समर्पित नेता हैं इंदिराजी के समय में जो हालत हमारी थी, अब वही हालत कांग्रेस की हो गई है
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मध्यप्रदेश में पकड़ी मानसून ने रफ्तार। बंगाल की खाड़ी के साथ अब अरब सागर में भी मानसून की गतिविधियां तेज होने लगी है भोपाल, जबलपुर, सागर के इलाको में अधिकतम हर जगह पिछले दिनों से बारिश हो रही है। अब यह अगले 48 घंटों में इन इलाकों में मानसून की भी बारिश शुरू हो जाएगी। भोपाल में तो रविवार सुबह भी रुक-रुककर बौछारें पड़ने लगी। इंदौर के अधिकांश इलाकों में बारिश होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार इंदौर में भी 21 जून तक मानसून की रंगत दिखने लगेगी। ग्वालियर में 24 तक और प्रदेश में 28 तक बारिश शुरू करा देगा।मौसम विभाग के अनुसार पाकिस्तान से लगातार हवाओं के आने के कारण अरब सागर का मानसून बैतूल और खंडवा में अटक गया था। रविवार से पाकिस्तान से आ रही हवाओं पर ब्रेक लग जाएगा। इसके कारण अरब का सागर का मानसून भी रफ्तार पकड़ने लगेगा। अगले 48 घंटे के दौरान बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रियता बड़ने से प्रदेश भर में झमाझम होने लगेगी।अरब सागर का मानसून खंडवा से आगे बड़ने लगा है।बीते दो दिन में सबसे ज्यादा बारिश विदिशा में करीब 4 इंच से ज्यादा हो चुकी है।
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पूर्व मंडल अध्यक्ष समर्थकों ने की पुनर्विचार की मांग छिंदवाड़ा में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद नाराजगी देखने को मिल रही है जिसको लेकर कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय पहुंचे और घोषित प्रत्याशी पर दोबारा विचार करने की मांग की न्यूटन और चांदामेटा में भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किये जिसके बाद से कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है दरअसल भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता और पूर्व मंडल अध्यक्ष श्रीचंद पटेल अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिलने पर वह समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने टिकट न मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी के आला पदाधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए घोषित प्रत्याशी पर पुनर्विचार करने की मांग की वहीं पदाधिकारियों ने उनकी बात पर गौर करने का आश्वासन दिया है भाजपा नेताओं के रवैये और टिकिट वितरण में हुई गड़बड़ी इस बार भाजपा को भारी पड़ सकती है
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खत्म हुआ मानसून का इंतज़र मध्यप्रदेश के खंडवा और बैतूल में अरब और में तो सागर से मानसून ने एंट्री कर ली है।और इसी मौसम के बढ़ते असर प्रदेश में दूसरी जगह नज़र आ रहे है । अगले दो दिनों में पहले इंदौर फिर भोपाल के मानसून देखने को मिल सकता है भोपाल में शाम को करीब 15 मिनट तक तेज बारिश के बाद कुछ देर रिमझिम होती रही। और फिर मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को भोपाल में सबसे ज्यादा तापमान 40 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा खजुराहो, नरसिंहपुर, बैतूल, नौगांव, दमोह, सतना, रीवा, मलाजखंड, ग्वालियर और गुना में बारिश हुई।बारिश होने से रात का पारा भी 28 के नीचे आ गया, पचमढ़ में सबसे कम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा खजुराहो, दतिया, बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन, नौगांव और दमोह में आधा-आधा इंच बारिश हुई। साथ ही गुना, सतना, पचमढ़ी, टीकमगढ़, रीवा, ग्वालियर, राजगढ़, जबलपुर, मलाजखंड और होशंगाबाद में भी बारिश।
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मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में लगी हुई है कांग्रेस की कद्दावर नेत्री रईसा बेगम मालिक ने आप आरती का दामन थाम लिया है इस दौरान आप प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कांग्रेस और बीजेपी से लोग त्रस्त हो चुके हैं आप पार्टी कांग्रेस और बीजेपी का विकल्प है वहीं रईसा मालिक ने कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती है बीजेपी कांग्रेस से नाराज कार्यकर्ता और नेता आप पार्टी का दामन थाम रहे हैं कांग्रेस से नाराज कद्दावर नेत्री और पूर्व पार्षद रईसा बेगम मालिक ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया रईसा ने अपने समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है रईसा ने बताया कि कांग्रेस में अब कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती वहां जिसकी लाठी उसी की भैंस के तहत काम किये जा रहे हैं उन्होंने कहा वे आप पार्टी की नीतियों से प्रभावित हैं दिल्ली और पंजाब में आप पार्टी ने बेहतरीन काम किया है आप जनता के लिए काम करती है इस मौके पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी आप का दामन थामा और पार्टी को मजबूत करने की बात कहीआप प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा जनता कांग्रेस बीजेपी से परेशान है उन्होंने बताया कि कुछ महापौर प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी का विकल्प है
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, सरकार और तेल कंपनियां कह रही सप्लाई नार्मल हैदेश में पेट्रोल-डीजल का संकट आ गया है? यह एक ऐसा सवाल है, जो इस समय कई लोगों के दिमाग में चल रहा है। इसका कारण है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, हिमाचल और कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल की कमी से जुड़ी खबरें सामने आना। इन राज्यों में कुछ पेट्रोल पंप तेल की कमी का सामना कर रहे हैं। अब कुछ पेट्रोल पंप्स में फ्यूल की कमी की अफवाह तेजी से फैली और लोगों को लगने लगा कि पेट्रोल-डीजल का संकट खड़ा हो गया। सरकार ने इससे इनकार किया है। सरकार ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का उत्पादन किसी भी मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इंडियन ऑयल के डायरेक्टर ने भी कहा है कि देश में पेट्रोल-डीजल के संकट जैसी बातें अफवाह हैं। अब सवाल उठता है कि फिर कुछ राज्यों में पेट्रोल पंप में तेल की कमी क्यों हो रही है। दरअसल इस समय देश में सरकारी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की अच्छी-खासी डिमांड देखने को मिली है। इसके पीछे कुछ वजहें हैं। पहली तो यह कि कई राज्यों में धान की बुआई और दूसरे खेती से जुड़े कार्यों के चलते डीजल की मांग इस समय बढ़ गई है। दूसरा यह कि पेट्रोल-डीजल की लागत बढ़ जाने से पेट्रोल पंप पर बोझ काफी बढ़ गया है और वे घाटे में तेल बेच रहे हैं। तीसरी वजह निजी कंपनियों से जुड़ी है। तेल बेचने वाली निजी कंपनियां घाटे से बचने के लिए बिक्री में कटौती कर रही हैं। इंडियन ऑयल के डायरेक्टर (मार्केटिंग) ने हाल ही में एक ट्वीट में लिखा है, 'प्रिय ग्राहकों, हम आपको सुनिश्चित करते हैं कि हमारे सभी रिटेल स्टोर्स में प्रोडक्ट की उपलब्धता पूरी तरह से सामान्य है। हमारे पास पर्याप्त प्रोडक्ट मौजूद है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि परेशान ना हों। इंडियन ऑयल हर वक्त आपकी सेवा के लिए हाजिर है।' उन्होंने अपने ट्वीट में हरदीप सिंह पुरी और आईओसीएल के चेयरमैन को भी टैग किया है।पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से गुरुवार को कहा गया कि मांग में आई अचानक वृद्धि से कुछ जगहों पर आपूर्ति अस्थायी रूप से प्रभावित हुई है। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, 'देश में पेट्रोल और डीजल का उत्पादन किसी भी मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। मांग में अचानक वृद्धि और सप्लाई मुद्दों ने कुछ राज्यों में अस्थायी रूप से आपूर्ति को प्रभावित किया है। मांग के अनुरूप ईंधन उपलब्ध कराया जा रहा है।'
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मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को हुई बारिश से लगने लगा कि मानसून अब बस दस्तक देने ही वाला है। इस पर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 घंटों में राज्य में अच्छी बारिश होगी। खासकर जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, मंडला में। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. ममता यादव का कहना है कि 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और गरज-चमक के साथ तेज बारिश होगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, खंडवा, गुना, रतलाम, धार जैसे क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में अलग-अलग तीव्रता की बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। वहीं, आज से पूरे पूर्वी मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश होगी, जो तीन-चार दिनों तक जारी रहेगी। इससे तापमान में भारी गिरावट आएगी। वहीं छिंदवाड़ा में बिजली गिरने से 22 वर्षीय बृजपाल की मौत हो गई। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि सोमवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून और आगे बढ़ा। अब ये उत्तरी सीमा दीव, नंदुरबार, जलगांव, परभणी, तिरुपति, पांडिचेरी और बुल्लेरघाट से होते हुए बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रहा है। इस समय अपतटीय ट्रफ रेखा दक्षिण गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है।दूसरी ओर, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान में मध्य क्षोभमंडल की पश्चिमी हवाओं के बीच एक ट्रफ के रूप में स्थित है, जबकि अगला पश्चिमी विक्षोभ मंगलवार से सक्रिय होने की संभावना है। पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा हरियाणा से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी बंगाल, सिक्किम और पूर्वी असम तक फैली हुई है। इसके साथ ही पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अभी भी सक्रिय है, जिससे एक ट्रफ रेखा महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश तक जा रही है।
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जनता के पास आम आदमी का विकल्प,कांग्रेस बीजेपी नेताओं ने आप ज्वाइन की आम आदमी पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी प्रभारी मुकेश गोयल ने 240 प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए कहा कि आप गरीबों के पार्टी है भाजपा कांग्रेस में धन्नासेठ चुनाव लड़ेंगे लेकिन आप से सब आम आदमी होंगे वहीं प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा पार्टी कमर्शिअल टैक्स हाफ और प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है इस मौके पर आप प्रभारी मुकेश गोयल ने कहा कि हम जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं दूसरी पार्टी में सभी धन्ना सेठों को टिकट दिया जा रहा है आम आदमी पार्टी गरीबों की और आम जन की पार्टी है हम समाज के मुद्दों को उठाएंगे और पार्टी जनहित में काम करेगी प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा पार्टी में अच्छी छवि रखने वालों को जगह दी जा रही है पार्टी का लक्ष्य है की इन चुनावों से जनता को लाभ मिले जनता के पास आम आदमी का विकल्प है मौके पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा आप की सदस्यता लेने वालों ने बताया की उन्हें आप के कार्यों पर भरोसा है आप में केजरीवाल ने काम करके दिखाया है वहीं बीजेपी और कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती है यहाँ गुटबाजी चरम पर है
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प्रत्याशी घोषणा में देरी के पीछे सिंधिया का हाथ बीजेपी ने अब तक निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है जिसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बीजेपी पर कृष्णा गौर पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है शर्मा ने कहा बीजेपी कृष्णा गौर को विधानसभा से हटाना चाहती है उन्होंने बीजेपी में प्रत्याशियों की घोषणा में देरी के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ बताया निकाय चुनाव को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है अब तक बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है जिसको लेकर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा की इन सब के पीछे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ है जब वे कांग्रेस में थे तब कांग्रेस में भी ऐसा ही करते थे अब बीजेपी में पहुंच गए हैं तो वहां की भी लिस्ट नहीं आएगी शर्मा ने कहा BJP कृष्णा गौर के खिलाफ साजिश कर रही है उन्होंने BJP पर गंभीर आरोप लगाया है शर्मा ने कहा बीजेपी कृष्णा गौर को महापौर का टिकट देकर उनको विधानसभा से हटाना चाहती है कृष्णा गौर पर दबाब बनाकर BJP चुनाव लड़ना चाहती है BJP कृष्णा गौर की जगह गोविंदपुरा से किसी बड़े आदमी को बैठाना चाहती है
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कमर्शियल टैक्स हॉफ , प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ होगा जनता से एक बार आप को मौका देने की अपील नगरीय निकाय चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने पार्षद प्रत्याशी के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने पहली सूची जारी करने के साथ ही कहा कि पार्टी के प्रत्याशी पूरे डैम से चुनाव मैदान में उतरेंगे पार्टी मुद्दों को लेकर मैदान में उतर रही है नगरीय निकाय चुनाव में त्रिकोणी मुकाबला बनता दिख रहा है आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है जिसमे 232 प्रत्याशियों के नाम अलग अलग जिलों से घोषित किये गए हैं इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि अगर आप के पार्षद चुने जाते हैं तो वो जनता के मुद्दों पर काम करेगी कमर्शियल टैक्स हॉफ , प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ किया जायेगा दिल्ली की तर्ज पर बजट तैयार होगा उन्होंने कहा जनता टैक्स की मार से परेशान है और सुविधाएं उस तरह नहीं दी जा रही है शहर में सभी छोटे बड़े कार्यों को पूरा किया जायेगा उन्होंने जनता से अपील की है कि एक बार आम आदमी पार्टी को जनता मौका दे उनकी उम्मीदों पर वे खरे उतरेंगे
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चरित्र संदेह में दोस्तों ने ही की थी हत्या सिंगरौली में पुलिस ने अंधे क़त्ल की गुत्थी सुलझा दी है बताया जा रहा है कि युवक के दोस्तों ने ही चरित्र संदेह के चलते युवक की हत्या की थी पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है बरगवां थाना क्षेत्र में बीते दिनों चरित्र संदेह के शक में दोस्तों ने एक युवक की निर्मम हत्या कर दी थी मोरवा एसडीओपी राजीव पाठक ने बताया किउनको सुरेश बैस के शव मिलने की सूचना मिली थी सूचना के आधार पर पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरू की और जांच में मृतक सुरेश की मौत की वजह उसके सर पर गंभीर चोट लगना पाया गया पुलिस ने शक के आधार पर जब ग्राम गोदवाली के ही शिव सागर, अंशू वियार, उमेश से पूछताछ की तो उन्हें पूरी घटना की जानकारी लगी आरोपियों ने बताया कि सुरेश का उनके घर आना जाना था जिसे वह पसन्द नही करते थे उन्हें सुरेश के चरित्र पर संदेह था जब मना करने पर सुरेश नहीं माना तो उन्होंने सुरेश को मारने का प्लान बनाया सुरेश को शराब पिलाई गई और जब वह घर जा रहा था तभी उसके सिर पर रॉड से हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई
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मोदी का किसानो की आय दूगनी का संकल्प मध्यप्रदेश कृषि मंत्री कमल पटेल ने उन्होंने सरकार द्वारा 2022~ 23 की फसलों की खरीदी पर एमएसपी बढ़ाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को धन्यवाद दिया है उन्होंने कहा किसानों को खुशखबरी देते हुए कहा की नरेंद्र मोदी का किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प है किसानों के प्रति किए गए मोदी सरकार के निर्णय पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आभार माना...और किसानों को दी बधाई किसान नेता एवं मध्यप्रदेश सूबे के कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2022~ 23 की फसलों की खरीदी पर एमएसपी बढ़ाए जाने का स्वागत किया है पीएम मोदी और नरेंद्र सिंह तोमर को धन्यवाद देते हुए मंत्री पटेल ने मध्यप्रदेश के किसानों की ओर से आभार व्यक्त किया है साथ ही उन्होंने किसानों को इस खुशखबरी की बधाई दी है...कृषि मंत्री पटेल ने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प है... इसमें यह निर्णय सहायक सिद्ध होगा और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा पटेल ने बताया कि केंद्र सरकार ने मूंग पर 480 सूरजमुखी पर 385 कपास पर 354 सोयाबीन पर 350 तुवर पर 300 उड़द पर 300 मूंगफली पर 300 धान पर 100 बाजरा पर 100 और मक्का पर 92 रुपए बढ़ाए हैं इस प्रकार पिछली खरीफ फसलों के दामों से 50% एमएसपी की वृद्धि की गई है
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NTPC की मनमानी के चलते लोग परेशान सिंगरौली एनटीपीसी विंध्यनगर में राख को सेमरा रेलवे गेट के पास एकत्रित किया गया है जिसके चलते गांव के लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं कलेक्टर के निर्देश के बावजूद एनटीपीसी की मनमानी के चलते जर्जर पुल से आवाजाही जारी है ग्रामीणों ने राखड़ को लेकर एनटीपीसी को पत्र लिखा लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई करवाई नहीं की जिससे लोग राख की वजह से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं बताया जा रहा है कि डिस्पोजल कैनाल के ऊपर बनी पुल भी जर्जर हो गई है कलेक्टर ने बड़े वाहनों के लिए अलग से पुल निर्माण करने का निर्देश दिया था लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन अपनी मनमानी पर तुला हुआ है इस मामले को लेकर निवर्तमान नगर निगम अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा कि एनटीपीसी को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है एनटीपीसी प्रबंधन जल्द इसमें सुधार करे यदि उसमें सुधार नहीं किया गया तो उसके खिलाफ आंदोलन किया जायेगा नगर निगम के महापौर चुनाव को लेकर चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा कि यदि पार्टी उनको मौका देगी तो शहर का विकास करूंगा
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दमकल गाड़ियों ने आग पर पाया काबू सिंगरौली में मोटर गैरेज में रखी गाड़ियों में आग लग गई जिससे गैरेज में रखी गाड़ियों का नुक्सान हुआ है वहीं मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों आग पर काबू पाया जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया बैढन में जम्मू बेग के मोटर गैरेज में आधा दर्जन से अधिक खड़े वाहनों में आग लग गई आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है आग की सूचना पर पुलिस प्रशासन नगर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची ... और आग पर काबू पाया जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया बताया जा रहा है ने बगल में बनी बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचाया है
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हादसे की खबर से सो नहीं पाए संजय पाठक पूर्व मंत्री भाजपा विधायक संजय पाठक ने उत्तराखंड हादसे पर दुख जताया और कहा ये दुर्घटना अत्यंत पीड़ा दायक है हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं कटनी विजय राघव गढ़ के विधायक पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया उन्होंने कहा किडामटा बस हादसा अत्यंत पीड़ा दायक है ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति देंपाठक ने कहा की हादसे की सूचना के बाद मुझे नींद नहीं आयी मृतकों के परिजनों के साथ हमारी संवेदना हैं विधायक ने कहा कि मृतकों के परिजनों के साथ मैं हर पल खड़ा हूं केंद्र एवं प्रदेश सरकार परिजनों की हर संभव मदद कर रही है और पूरी सरकार पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है
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पन्ना में पति -पत्नी को भालू जिंदा खा लिया । भालू दोनों के शव को करीब 50 फीसदी खा गया है। घटना के 5 घंटे बाद उसका रेस्क्यू कर लिया गया। दोनों रविवार सुबह खेरमाई मंदिर में दर्शन कर लौट रहे थे,वह जब घर लौट रहे थे, तभी आदमखोर भालू ने उन पर हमला कर दिया, भालू दोनों को नाले तक खींचकर ले गया। मुकेश राय पत्नी गुड़िया राय के साथ शहरी आबादी से लगभग 1 किमी दूर खेरमाई मंदिर दर्शन के लिए गए थे। दोनों के शरीर को बुरी तरह नोचकर खा गयाजिससे पति-पत्नी की मौत हो गई। सूचना मिलते ही भीड़ इकट्ठी हो गई। भालू 4 घंटे तक शवों के पास घूमता रहा। वन विभाग की टीम ने भालू को, बेहोश कर 2 घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ लिया है।
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लाखों का सामान जलकर खाक छतरपुर में तीन दुकानों में अचानक आग लग गई आग कार डेकोरेशन और मोटर पार्ट्सकी दुकान में लगी आग लगने से लाखों के नुकसान की आशंका है तीन दुकानो मे अचानक भीषण आग लग गई जिससे तीन दुकानों मे रखा सामान जलकर खाक हो गया आग लगने की सूचना मिलते ही दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पायादुकाने कार डेकोरेशन और मोटर पार्ट्स से सम्बंधित थी बताया जा रहा है कि आग लगने सेएक करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ है वहीं आग लगने के दौरान दुकान कर्मचारी शोरूम से बाइक निकालने में लगे रहे
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कैंसर पीड़ित महिला ने कुएं में लगाई छलांग,अपनी जान जोखिम में डाल वृद्ध कुएं में कूदा रीवा में एक कैंसर पीड़ित महिला ने बीमारी से परेशान होकर ख़ुदकुशी करने की कोशिश की परेशान महिला ने कुएं में छलांग लगा दी महिला को बचाने के लिए गांव के ही एक 65 वर्षीय बुजुर्ग मथुरा कोल ने हौसला दिखाते हुए कुएं में कूदकर महिला की जान बचाई कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई मामला मऊगंज थाना क्षेत्र का है जहां एक महिला कैंसर से परेशान थी कैंसर से परेशान महिला ने आत्महत्या करने का प्रयास किया उसने गाँव के ही कुएं में छलांग लगा दी स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने महिला को बाहर निकालने की कोशिश की मगर जब पुलिस इसमें असफल रही तो गांव के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग मथुरा कोल ने हौसला दिखाते हुए कुएं में छलांग लगा दी बुजुर्ग ने महिला को कुएं के अंदर पलंग से बांधा गाँव वालों ने धीरे धीरे पलंग को ऊपर खींचना शुरू किया और तकरीबन 1 घंटे के रेस्क्यू के बाद महिला को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकाबुजुर्ग के साहस और हिम्मत की वजह से महिला की जान बच गई
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संस्कृतिबचाओमंचनेप्रधानमंत्रीकोभेजाज्ञापन राजधानीकेकईसाधुसंतआएंगेएकमंचपर संस्कृतिबचाओमंचनेभोपालकीजामामस्जिदकेसर्वेक्षणकीमांगकीहै जिसेलेकरउन्होंनेप्रधानमंत्री ,गृहमंत्री कोज्ञापनभेजाहैइसबातकासमर्थनकरतेहुएराजधानीकेसाधु-संतोंनेभीएकमंचपरआनेकीबातकहीहैभोपालकीजमामस्जिदकेसर्वेक्षणकीमांगकोलेकरसंस्कृतिबचाओमंचनेज्ञापनसौंपाहैउन्होंनेप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदी, केंद्रीयगृहमंत्रीअमितशाहऔरकेंद्रीयसंस्कृतिमंत्री रेड्डीकोस्पीडपोस्टकेज़रियेज्ञापनभेजाहैउनकाकहनाहैकीजामामस्जिदकापुरातत्वविभागसेसर्वेक्षणकरेंएवंउसेसंरक्षितकरनेकेआदेशजारीकरेंभोपालकीजामामस्जिदकेनीचे मंदिरहोने केसमर्थनमेंआये हुएसाधु-संतोंनेभीएकमंचपरआनेकीचेतावनीदेतेहुएकहाकीयदिजामामस्जिदकासर्वेनहींहुआतोसंतसमाजसड़कोपरउतरआएगाइसमसलेपरसंस्कृतिबचावमंचकाका प्रतिनिधि मंडल मंत्री उषा ठाकुर से भी मुलतकरेगा
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अजय देवगन, अक्षय, शाहरुख का पुतला फूंका फिल्म स्टारों के गुटखा विज्ञापन करने का विरोध भोपाल में विश्व तंबाकू दिवस के अवसर पर फिल्म स्टार अक्षय कुमार, अजय देवगन और शाहरुख खान के खिलाफ जमकर विरोध किया गया लोगों ने कैंसर पीड़ितों के साथ मिलकर पिपलानी इलाके में तीनों फिल्मी सितारों के पोस्टर पर बने चेहरों पर कालिख पोती इतना ही नहीं तीनों का पुतला भी फूंका गया इन स्टारों के तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन करने से लोग काफी आक्रोशित हैं भोपाल मे तीनो गुटखा बेचने वाले अभिनेताओं के पोस्टर पर कालिख पोती गई है जगह जगह होर्डिंग्स पर नगर निगम की बसों और प्रशासन के बस स्टॉप पर तम्बाखू उत्पाद बेचते अभिनेता शाहरुख़ खान ,अजय देवगन और अक्षय कुमार नजर आ रह हैं इस मामले पर जब सरकार नहीं चेती तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर प्रशांत त्रिपाठी ने बताया कि देश में करीब 72% आबादी युवा है मध्यप्रदेश में बीते दो साल में करीब 69 हजार लोगों की ओरल कैंसर से मौत हो चुकी है करीब सवा दो लाख लोग ओरल कैंसर का इलाज करा रहे हैं ओरल कैंसर मुख्यत: सुपाड़ी और गुटखा खाने से होता है जब अक्षय कुमार, अजय देवगन और शाहरुख खान जैसे जिम्मेदार स्टार गुटखा जैसी खतरनाक चीजों का विज्ञापन करते हैं युवा उनको फॉलो करते है यह स्टार जो भी करते हैं, युवा भी वैसा बनने का प्रयास करते हैं इनके कारण ही लोगों के गुटखा का चलन बढ़ गया है अभी विज्ञापन के होर्डिंग पर कालिख पोती है अगर सामने से मिलेंगे, तो मुंह पर कालिख पोती जाएगी प्रशांत ने बताया कि तम्बाकू में ऐसे पदार्थ होते हैं, जिनकी वजह से कैंसर जैसी भयावह एवं जानलेवा बीमारी होती है इस प्रदर्शन के दौरान हिंदी सिनेमा जगत की उन प्रसिद्ध हस्तियों का भी विरोध किया गया जिन लोगों को इस देश की जनता अपना आदर्श अपना हीरो मानती है वही लोग मात्र व्यवसायिक लाभ के लिए इस जानलेवा उत्पाद के उपयोग के बारे में भ्रामक प्रचार-प्रसार का भाग बनते है
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पीसी शर्मा : सिर्फ बीजेपी की सुनी जाती है पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा ने सड़क पर बने गड्डों से परेशान होकर खुद फावड़े से गड्ढ़ा भरना शुरू कर दिया बताया जा रहा है नगर निगम से कई बार कहने के बाद भी जब नगर निगम अधिकारियों ने नहीं सुनी तो शर्मा ने खुद गड्ढे भरना शुरू कर दिया राजधानी भोपाल में सडकों के हाल बेहाल हैं कहीं खुदी हुई सड़क तो कहीं सडकों में बने गड्ढो से लोग परेशान हैं जिसको लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने नाराजगी जाहिर की उन्होंने खुद फावड़ा उठाया और सड़क पर बने गड्डो को भरने का काम शुरू कर दिया उन्होंने सड़क पर बने गड्डों को भरा इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया की नगर निगम लोगों की परेशानी को सुन नहीं रहा है जनता की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है उन्होंने कहा यहां सिर्फ बीजेपी नेताओं की सुनी जाती है और किसी की नहींसरकार को आम जनता से कोई लेना देना नहीं है
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मासूम के साथ दरिदंगी का मामला छतरपुर से रिश्तों को कलंकित करने वाली एक खबर सामने आई हैं जहाँ शराब के नशे में एक रिश्ते के चाचा ने अपनी मासूम भतीजी के साथ दरिंदगी की पुलिस ने इस मामले में आरोपी दरिंदे को गिरफ्तार कर लिया है छतरपुर के बिजावर मे एक चार साल की मासूम के साथ दरिदंगी का मामला सामने आया जहां मासूम के रिश्ते के चाचा ने उसे हवस का शिकार बना लिया मासूम के पिता और रिश्ते के चाचा ने शराब पाटीँ की और उसके बाद शराब के नशे में चाचा ने भतीजी के साथ यह घिनोनी वारदात की जब मासूम के पिता को इसकी जानकारी लगी ,तो उन्होने थाने मे जाकर इस की शिकायत की पीडिता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कारवाई करते हुये रेप और पास्को एक्ट का मामला दर्ज कर आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर लिया है
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रहवासी क्षेत्र से शराब दुकान हटाने की मांग रहवासी क्षेत्र में सुरक्षित नहीं हैं लोग कांग्रेस पार्टी ने भोपाल में शराब दुकान बंद कराये जाने को लेकर प्रदर्शन किया कांग्रेस प्रवक्ता अनुराधा सिंह कहा की रहवासी इलाकों में शराब की दुकाने खुलने से समाज में गलत मैसेज जा रहा है महिलाएं बच्चे सुरक्षित नहीं है अराजकतत्वों की वजह से रहवासी क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है भोपाल के पांच नंबर स्टॉप स्थित शराब की दुकान का कांग्रेस ने विरोध जताया कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शराब दुकान के बाहर रखे ड्रम को फेंक दिया कहरेस के इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि शराब की दुकान की वजह से रहवासी शराबियों से परेशान है कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा की रहवासी इलाकों से दुकान बंद होनी चाहिए उन्होंने कहा शिवराज सरकार युवाओं को नशे में झोंक रही है वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अनुराधा सिंह ने कहा कि शराब की दुकाने रहवासी क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए शिवराज सरकार में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है रहवासी इलाकों में शराब दुकान खुलने से समाज में गलत संदेश जा रहा है वहीं सुरक्षा के दृष्टि से भी सही नहीं है
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इटारसी से ज़प्त की 21 किलो हीरोइन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर टीम को बड़ी सफलता मिली 21 किलो हीरोइन ज़प्त की जिसे इटारसी से ट्रैन के ज़रिये दिल्ली ले जाया जा रहा था जिसके चलते तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर नर्मदापुरम की सेंट्रल जेल भेजा गयादेश में मादक पदार्थ सप्लाई करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह की तीन महिलाओं को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर टीम ने किया गिरफ्तार मिजोरम निवासी तीनों महिलाओं को इटारसी के होटल सूर्या से गिरफ्तार कर15 दिनों की ज्यूडिशियल रिमांड पर नर्मदापुरम की सेंट्रल जेल भेज दिया गया एनसीबी इंदौर के जोनल डायरेक्टर बृजेंद्र चौधरी ने बताया की मादक पदार्थ हीरोइन जिम्बाब्वे से बेंगलुरु लाया गया था और ट्रैन मांर्ग से दिल्ली ले जाया जा रहा था पहले महिलाओं के कोविड टेस्ट लिए गए फिर तीनो को स्पेशल कोर्ट भेज दिया गया
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तीनमहिलाओंसे 21 किलोहेरोइनजब्त नारकोटिक्सकंट्रोलब्यूरोकीइंदौरटीमकोबड़ीसफलताहाथलगीहै एनसीबी नेमादकपदार्थकीसप्लाईकरनेवालेअंतरराष्ट्रीयगिरोहकीतीनमहिलाओंकोगिरफ्तारकियाहैआरोपियोंकेपाससे 21 किलोमादकपदार्थहेरोइनभीजब्तकीगईहै नारकोटिक्सकंट्रोलब्यूरोनेमादकपदार्थकीसप्लाईकरनेवालेअंतरराष्ट्रीयगिरोहकापर्दाफाशकियाहैमादकपदार्थमामलेमें इटारसीकेहोटलसूर्यासेतीनमहिलाओंकोगिरफ्तारकियागयाहै महिलाएं मिजोरमकीरहनेवालीहैं आरोपियोंसे 21 किलोमादकपदार्थहेरोइनजब्तकीगईथी एनसीबी इंदौरकेजोनलडायरेक्टरबृजेंद्रचौधरीनेबताया किजब्तकीगईहेरोइनजिम्बाब्वेसेबेंगलुरुहवाईमार्गसेलाईगईथी जिसेबादमेंट्रेनकेजरिएदिल्लीलेजायाजारहाथा आरोपीमहिलाएंइटारसीमेंहीरुकगईंथीं पुलिसनेसूचनामिलनेपरइन्हेगिरफ्तारकरलिया तीनोंआरोपियोंकोनर्मदापुरमकीस्पेशलकोर्टमेंपेशकियागया जहांसेउन्हेंजेलभेजदियागया
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जादूटोनाकेबहानेमहिलासेकियाथादुष्कर्म छतरपुरपुलिसनेरेपकेआरोपीतांत्रिकघनश्यामश्रीवासकोगिरफ्तारकरलियाहै तांत्रिकनेजादूटोनाकेबहानेघरमेंमहिलाकेसाथदुष्कर्मकियाथा महिलानेतांत्रिककेखिलाफमामलादर्जकरायाथा जिसपरपुलिसनेतांत्रिककोगिरफ्तारकरलिया तीनदिनपहलेगौरिहारथानाक्षेत्रमेकथिततांत्रिक मकानमेजादूटोनाकोदूरकरनेगयाथा जहांमौकापाकरइसतांत्रिकनेरातमेपरिवारकेसभीलोगोकोबाहरबैठादिया महिलाकोघरकेअंदरतंत्रक्रियाकरनेलेगया जहांउसने महिलाकोप्रसादकेरूपमेशराबपिलादीऔरफिरउसकेसाथदुष्कर्मकियाजबमहिलाकोहोशआयातोउसनेपरिवारकोघटनाकीजानकारीदीजिसपरमहिलाकेपरिजनोंनेथानेमेजाकरकथिततांत्रिककेखिलाफरेपकामामलादर्जकरवायापुलिसनेआरोपीतांत्रिककोगिरफ्तारकरलिया
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शादी का झांसा देकर ये क्या कियाभोपाल में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं ताजा मामला श्यामला हिल्स थाना क्षेत्र का है। जहां पर फैज नामक युवक ने एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म किया उसके साथ मारपीट की और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी भोपाल में इन दिनों दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं एक बार फिर नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला सामने आया है नाबालिग युवती निशातपुरा क्षेत्र की रहने वाली है जिसकी मुलाकात फैज नामक युवक से 2020 में हुई थी फैज ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया कई बार उसका शोषण किया और जब शादी की बात आई तो उसने मना कर दिया फैज ने नाबालिग के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी बताया जा रहा है कि दोनों की पीड़िता की एक 9 माह की बच्ची भी है युवती अपनी शिकायत लेकर निशातपुरा थाने पहुंची जहां मामले की गंभीरता देख ज़ीरो पर कायमी की गई एडिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित कर तलाश शुरू कर दी गई है जल्दी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा बाईट- रामस्नेही मिश्रा ,एडिशनल डीसीपी
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शेखबनेहिन्दू चैतन्यसिंहराजपूत मध्यप्रदेशकेमंदसौरमें 46 वर्षीयशेखजफरशेख ने सनातनधर्मस्वीकारकरलिया श्रीपशुपतिनाथमहादेवमंदिरपरिसरमेंमुंबईसेआएमहामंडलेश्वरस्वामी चिदंबरानंद सरस्वतीकीमौजूदगीमेंउनकीघरवापसीकीप्रक्रियाहुई हिंदूधर्मग्रहणकरनेकेबादशेखजफरशेख चैतन्यसिंहराजपूतबनगए उन्होंनेकहाकिहमारामूलधर्महिंदूहीथाऔरअधिकांशराजपूतहीमुस्लिमबनेथे इसलिएनएनाममेंउपनामराजपूतरखाहै मंदसौरनिवासीशेखजफरशेखकोअबचैतन्यसिंहराजपूतकेनामसेजानाजाएगा जफ़रशेखनेभगवानपशुपतिनाथमंदिरप्रांगणमेंधर्मपरिवर्तनकिया 46 वर्षीयशेखकोमहामंडलेश्वरस्वामीचिदंबरानंद सरस्वती नेविधिवत पूजनहवनकरहिंदूधर्मकीदीक्षादी इसदौरानउन्हेंगोबरऔरगोमूत्रसेस्नानकरायागया हिंदूधर्मअपनानेकेबादउन्होंनेकहाकिबचपनसेहीमेराझुकावहिंदूधर्मकीओरथा, इसीवजहसेमैंनेमराठीसमाजकीयुवतीसेशादीकीथी अबतकमैंखुदकोअधूरामहसूसकररहाथा, लेकिनविधिविधानसेसनातनधर्मअपनानेकेबादमैंपूर्णरुपसेहिंदूहोगयाहूं इसआयोजनमेंपहुंचे जनप्रतिनिधियोंनेइसेघरवापसीकानामदियाशेखजफरशेखअपनेपांचभाईबहनोंमेंसबसेछोटेहैं उनकाकहनाहैकिमैराजन्मभलेहीमुस्लिमपरिवारमेंहुआहैपरमैने कभीभीनमाजहीनहींपढ़ीहै ईदयाअन्यत्योहारपरभाईवपिताजीजिदकरतेतोउनकेसाथअनमनेमनसेचलेजाताथा जबकिसालकीदोनोंनवरात्रिवदोगुप्तनवरात्रिमेंनौदिनतकमाताजीकीपूजा-अर्चनाकरताहूंऔरकन्याभोजभीकराताहूं गणेशोत्सवमेंश्रीगणेशजीकीस्थापनाभीकरताहूं चैतन्यसिंहराजपूत नेबतायाकिवैसेतोकहीकोईदिक्कतनहींथीपरहमेशालगरहाथाकिकुछनकुछकमीहैइसलिएविधिविधानसेहिंदूधर्मग्रहणकरनेकीइच्छाथीसंयोगसेअभीमहामंडलेश्वरस्वामीचिदंबरानंदजीसरस्वतीरतलाममेंआएहुएथेउनसेचर्चाकरनेपरशुक्रवारकादिनतयहोगयाचैतन्यसिंहराजपूतनेकहाकियहघरवापसीकीहैपरिवर्तनकाकोईप्रश्ननहींहै दुनियाकेअधिकांशलोगसनातनीहैंजोइधर-उधरहोगएहैं अबजोलोगयहां-वहांभटकरहेहैंवहभीहिम्मतदिखाकरअपनेमूलसनातनमेंलौटआएं यहींपरशांतिमिलेगी।जोमुस्लिमहैं, उनकेपूर्वजराजपूतथे इसलिएयहनामचुनागयापंचायतीअखाड़ामहानिर्वाणीकेमहामंडलेश्वरस्वामीचिदंबरानंदजीसरस्वती नेकहाकिशेखजफरशेखकीइच्छानुसारउन्हेंनयानामदेकरघरवापसीकीगईहैविधि-विधानसेसभीप्रक्रियानिभाईगईहै
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तेंदूपत्ताकेसाथट्रकजलकरखाक सिंगरौलीमेंतेंदूपत्तासेलदेट्रकमेंअचानकआगलगगईजिससेट्रकसहिततेंदूपत्ताजलकरख़ाकहोगया जिससेकाफीनुकसानहुआहै वनविभागआगलगनेकेकारणोंकापतालगानेमेंजुटगयाहै घटनाचितरंगी केरजमिलानकीहै जहांअचानकट्रकमेंआगलगगईजिससेतेंदूपत्तासेभराहुआट्रकजलकरखाकहोगया ट्रकड्राइवरनेआगबुझानेकाप्रयासकिया लेकिनआगइतनीतेजथीकीदेखतेहीदेखतेतेंदूपत्तेकेसाथआगनेट्रककोअपनीचपेटमेंलेलिया आगलगनेकीसूचनाफायरब्रिगेडऔरवनअमलेकोदीगई औरजबतकफायरब्रिगेडअमलामौकेपरपहुंचतातबतकट्रकजलकरख़ाकहोचुकाथावनविभागआगलगनेकेकारणोंकापतालगारहाहै
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पैसेलेकरसरकारकोबेचनेकीकहीबात उमरियासेसरपंचसचिवकेभ्रष्टाचारकामामलासामनेआयाहैपंचायतकीखालीपड़ीभूमिपरसरपंचनेअतिक्रमणकरगोदामबनादिया औरअबगोदामबनाकरसरकारकोबेचनेकीबातकहरहाहै मामलाउमरियाकेकरकेलीजनपदकेग्रामपंचायतगोपालपुरकाहै जहांसरकारीयोजनाओंमेंसरपंचसचिवनेभष्ट्राचारतोकियाही साथहीपंचायतकीखालीपड़ीभूमिपरसरपंचकमलेशनेअतिक्रमणकरगोदामबनालिया ...इससेपहलेइसजगहपरदोपुस्तोंसेएकआदिवासीपरिवारकाबिजथा जोअबअपनीसंतानोंकेरहनेऔरगुजरबसरकेलिएदरदरभटकरहाहै सरपंचने बतायाकीयेमकानउन्होनेबनायाहै अगरसरकारउन्हेंपैसे देगीतोमकानकोसरकारकोदेदियाजायेगा वहींइसमामलेकीशिकायतकेबादअधिकारियोंनेजांचकराकरकार्रवाई कीबातकहीहै
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विदेशीकंपनियोंकेसीएसआरफंडकीसूचना भोपालमें पीपुल्सग्रुपके ठिकानोंपर प्रवर्तननिदेशालय कीटीमनेछापामारकार्रवाईकी बतायाजारहाहैकिसुबहतकरीबनसाढ़ेछहबजेईडीकीमुंबईसे 50 गाड़ियोंमेंटीमभोपालपहुंची औरग्रुपकेपांचठिकानोंपरएकसाथदबिशदीप्रवर्तननिदेशालयनेपीपुल्सअखबारकेदफ्तरकेसाथअयोध्यानगरबाईपासरोडस्थितपीपुल्सअस्पताल, कॉलेजमें दस्तावेजोंकीछानबीनकररहीहै मुंबईसेआईटीमनेएकसाथग्रुपके 5 ठिकानोंपररेडकीहै प्रारंभिकजानकारीकेमुताबिकविदेशीफंडिंगकीशिकायतमिलनेकेबादईडीनेयहकार्रवाईकीहै ईडीकीरेडमें 200 अधिकारीकर्मचारियोंमौजूदरहेबतायाजारहाहैकिविदेशीकंपनियोंकेसीएसआरफंडकी पीपुल्सग्रुपमेंनिवेशकीसूचना ईडीकोमिलीथी पीपुल्सग्रुपमें कालेधनकोसफ़ेदकियाजारहाथा ... फिलहालअभीकार्रवाईजारीहै
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बनारस से रीवा ले गई थी सिरप अवैध तरीके से कफ सिरप की तस्करी करने वालो पर रीवा पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक इनोवा कार जप्त की हैं तस्कर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए सिरप की बोरियों से भरा वाहन यूपी के बनारस से रीवा आया थामध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर हनुमना थाना के पास पुलिस ने घेराबंदी कर कफ सिरप से भरा हुआ वाहन जब्त किया है वाहन के अंदर 16 बोरियों में लगभग 25 से 30 पेटी कफ सिरप भरकर ले जाया जा रहा था जिसकी कीमत लगभग 6 लाख बताई जा रही है पुलिस ने जप्त वाहन के नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है
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संस्कृति बचाओ मंच के साथ आएगा संत समाज भोपाल की जामा मस्जिद के नीचे मंदिर होने के दावे का सच क्या है ये जांच के बाद ही सामने आ पायेगा इस मामले में संस्कृति बचाओ मंच और संत समाज जल्द ही साथ खड़ा नज़र आएगा ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षकार एडवोकेट जैन को इसके दस्तावेज भेजे गए हैं साथ ही संस्कृति बचाओ मंच ने इस स्थान को सुरक्षित करने और पुरातत्व विभाग से जांच कराने की मांग की हैसंस्कृति बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र शेखर तिवारी ने बताया कि भोपाल की जामा मस्जिद के मामले में दस्तावेज लगभग एकत्रित कर लिए गए हैं और सभी दस्तावेजों के साथ शीघ्र याचिका दायर की जाएगी उन्होंने कहा भोपाल के प्रमुख संतों से चर्चा हो गई है मध्य प्रदेश के समस्त संत समाज शीघ्र ही एक पत्रकार वार्ता करके इसमें अपना समर्थन देंगेसंस्कृति बचाओ मंच ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , केंद्रीय पुरातत्व मंत्री मध्य प्रदेश के राज्यपाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को रजिस्टर्ड ज्ञापन भिजवा दिया है शीघ्र ही इस स्थान को सुरक्षित कराने एवं पुरातत्व विभाग से जांच कराने की मांग की है इस मामले में पैरवी करने के लिए ज्ञानवापी मामलों के अधिवक्ता जैन ने अपनी सहमति प्रदान की है बाइट :चंद्रशेखर तिवारी ,अध्यक्षसंस्कृति बचाओ मंचउन्हें सभी दस्तावेज व्हाट्सएप के जरिए भेज दिए गए हैं हार्ड कॉपी भी शीघ्र ही भेज दी जाएग संस्कृति बचाओ मंच ने कहा की भोपाल के सनातन धर्म इतिहासकारों से भी इस मामले में सहयोग प्राप्त कर रहा है वरिष्ठ समाजसेवियों से हम सहयोग प्राप्त कर रहे हैं समस्त समाज के लोग इस कार्य के लिए अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहे हैं जिसका संस्कृति बचाओ मंच ने आभार जताया है
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रोपवेप्रबंधनकीबड़ीलापरवाही मैहरमें माँशारदाशक्तिपीठकेदर्शनकरनेजारहेलोगोंकीजानपरउसवक्तबनआईजबअचानक मौसमबिगड़तेहीरोपवेरुकगया रोपवे बड़ीसंख्यामेंसवारलोग लोगहवामेंलटकगए रोपवेमें कईबार ऐसीघटनाएंहोचुकीहैं जिसकोलेकरअबरोपवेकंपनीपरसवालियानिशानखड़ाहोगयाहैमैहरमेंमाँशारदाकेदर्शनकेलिएलगाएगएरोपवेघटनाओंकोलेकरसुर्खियोंमेंहैं देवधरस्थितरोपवेमेंकुछमहीनोंपहलेएक घटनाहुईथी उसकेबादभीप्रबंधननेइसघटनासेकोईसीखनहींली एकबारफिरअचानकआंधीतूफान केचलते रोपवेहवामेंरुकगए तूफानकेबीचहीदर्शनार्थीट्रालीमेंबैठेकरीब 40 मिनटतकहवामेंलटकतेरहे हालाँकि माँशारदाकीकृपारही किकोईबड़ाहादसानहीहुआलेकिन रोपवेप्रबंधनकीलापरवाहीकेचलतेकईलोगोंकीजानपरबनआईथी हालातइतनेखराबहैंकि यहाँकभीभीकोईबड़ीघटनाहोसकतीहे प्रशासनभीरोपवेमामलेमेंचुप्पी साढ़ेहुएहै बहरहाल कारणजोभीहोपरखामियाजाअंततःआमजनताकोहीउठानापड़ताहै
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स्मार्टमीटरसेमोबाइलपरदेखसकेंगेबिल कोयलेकीआपूर्तिमेंकमीनहींआनेदेंगे ऊर्जामंत्रीप्रद्युम्नसिंहतोमरनेकहाकि विधुतविभागलगातारनवाचारकररहाहै स्मार्टमीटरलगाकरअबमोबाइलसेमीटररीडिंगदेखसकेंगे उन्होंनेकहाकोयलेकीआपूर्तिमेंकोईकमीनहींआनेदीजाएगीऊर्जामंत्रीप्रद्युम्नसिंहतोमरनेबिजलीऔरकोयलाआपूर्तिकोलेकरकहाकीकोयलेकीजितनीजरूरतहैउतनालायाजारहाहै अगरकोईप्राकृतिकआपदानहींहुईतो कोयलेकीकमीनहींआनेदीजाएगीउन्होंनेबतायाकीस्मार्टमीटरलगाएजारहेहैं मोबाइलमेंरीडिंगदेखसकेंगे अगरआपकोलगताहैकियहरीडिंगतेजचलरहीहैतो उसकीशिकायतभीतत्कालकरसकेंगे उपभोक्ताकीसंतुष्टिकाप्रयासविधुतविभागकररहाहै प्रद्युम्नसिंहतोमरनेकहाकमलनाथकीसरकारमेंकिसानोंकेसाथधोखाहुआहैकहागयाथाकिसानकाकर्जमाफ़करेंगेलेकिन किसानोंकाकर्जमाफ़नहींकियागया उन्होंनेकहापीएममोदीनेकिसानोंकेहितमेंकामकियाहै बिजलीकटौतीकोलेकरऊर्जामंत्री नेकहाकी कटौतीकहींनहींहोरहीहैकिसानों , उद्योगपतियोंसबकोबिजलीदीजारहीहैजहांमांगहैवहांबिजलीकीआपूर्तिकीजारहीहै बिजलीकीकोईकमीनहींहै उन्होंनेकहामेंटेनेंसकेलिएकटौतीकीजारहीहै लेकिनहमबिजलीआपूर्तिमेंपहलेसेबेहतरपोजीशनपरहैं
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जिलेकेपचामा इंडस्ट्रीजक्षेत्रमेंसोमवारकोएककेमिकल फैक्ट्रीमेंविस्फोटहोगया।विस्फोटइतनाजबरदस्तथाकिइसमें 2 लोगों कीमौतहोगईवहींकुछलोगअंदरभीफंसेथे जिन्हेंनिकालागयाहै। दुर्घटनाकीसूचनामिलनेकेबादफायरबिग्रेडएवंपुलिसकीटीमभीमौके परपहुंची जानकारीकेअनुसारपचामाइंडस्ट्रीजक्षेत्रमेंआयशाइंडस्ट्रीजकेमिकल फैक्ट्रीसंचालितहै इसीफैक्ट्रीमेंविस्फोटहुआहै जिसमेंदोलोगों कीमौतहोगईवहीकुछलोगकैसेहुएथेकिनेमौकेपरपहुंचेराहतबचाओधन केदौराननिकालदियागयाहैघटनाकीसूचनामिलतेहीमोकेपरमुख्यमंत्री दिग्विजयसिंहऔरनेताप्रतिपक्षगोविंदसिंहमौकेपरपहुंचेऔरघटनास्थल कानिरीक्षणकियासाथहीअधिकारियोंकोआवश्यकदिशानिर्देशदिएमीडिया सेचर्चाकरतेहुएगोविंदसिंहनेकंहा सरकारकीलापरवाहीहैगरीबमजदूर केसाथअन्यायहुआहैइसघटनाकोघटीहैमैंमुख्यमंत्रीसेबातकरूंगा ज्यादासेज्यादाआर्थिकमददकीजाएजिनलोगोंनेउनकेनियमोंकाउल्लंघन कियाहैउनपरकार्रवाईकीजाए
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जमुनियापठारकोयलाखदानबंदकरनेकेविरोधमेंविधयकनेकियाप्रेसवार्ता परासियाविधायकसोहनवाल्मीकिनेप्रेसवार्तामेंकोयलामाइंसको लेकरबतायाकिपेंचछेत्रमेंसबसेबड़ीकोलमाइंसपूर्वमुख्यमंत्री कमलनाथनेखुलवायाथापरसत्ताबदलतेहीप्रबंधककारवैयामनमानीहोरहा है जिसजमुनियापठारमाइंसकोबंदकररहेहैपरउसीमाइंसकोखोलनेमें लगभगसाढ़े 8करोड़रुपयेखर्चहोचुकेहैअबबंदकरनेमेंसरकारकाबहुत नुकसानहोगाऔरकुछमाहबादहीउसकोलमाइंसकोप्राइवेटकोदेदिया जाएगाजिससेमजदूरोंकाशोषणहोगाइन्हीसबप्रबन्धकोकीरीतिनीतिगलत होनेसेहजारोंलोगोंकारोजगारहटजाएगाजिससेयहाँकाछेत्रपेअसर होगा
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अतिक्रमणकोलेकरकीगईकार्रवाई भोपालकेकरोदचौराहेपरसैनीरेस्टोरेंटकेखिलाफजिलाप्रशासननेबड़ी कार्यवाईकीअतिक्रमणकोलेकर रेस्टोरेंटपरकार्रवाईकीगईहै यहरेस्टोरेंटकांग्रेसनेताकाबतायाजारहाहै रेस्टोरेंटपरकार्रवाईकेदौरानएसडीएम मनोजवर्माकेसाथनगरनिगमअमलाऔरपुलिसबलमौजूदरहा कार्रवाईकोलेकरकांग्रेसनेतानाराजदिखाईदिए कार्रवाईकोलेकरकांग्रेसनेतामनोजशुक्लासहितअन्यनेताधरनेपरबैठगए उन्होंनेअतिक्रमणहटानेकीकरवाईकाविरोधकिया शासकीयकार्यमेबाधाडालनेपरकांग्रेसनेताओंपरमामलादर्जकियागयाहै
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भाजपा का चाल चरित्र सामने आया है नीमच में बुजुर्ग की हत्या के विरोध में महिला कांग्रेस ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने मांग की बीजेपी के शासन काल में इनका चाल और चरित्र का घिनौना चेहरा सामने आया है हत्या के मामले में बीजेपी कार्यकर्ता के ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए 20 मई को नीमच में एक 65 वर्षीय विचित्र भंवर लाल न की हत्या भाजपा नेता ने कीजिसको लेकर अब विरोध शुरू हो गया है बुजुर्ग को बेरहम तरीके से मुस्लिम समझ कर पीट-पीटकर कर हत्या कर दी गई जिसका वीडियो स्वयं अपराधी ने स्वच्छ भारत अभियान की साइट पर डाल दिया था अब इसके विरोध में महिला कांग्रेस पूनम जायसवाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता के साथ पुरुष कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग कीकांग्रेस ने आरोप लगाया की जिस तरीके से भाजपा के गुंडों ने एक बुजुर्ग की हत्या की है उसका हम सब पुरजोर विरोध करते हैं अगर कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस सड़क पर उतरेगी और इसकी तमाम जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी
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जनहितैषी निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए केंद्र के पेट्रोल डीजल के दाम कम करने को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा की पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करना साहसिक और स्वागत योग्य कदम है इस जनहितैषी निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा की यह केंद्र सरकार का एक साहसिक कदम है मैं इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री सीतारमण और केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहा है केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करने का काम किया इसके साथ ही उज्जवला योजना के गैस सिलेंडरों पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय एक साहसिक फैसला है पेट्रोल-डीजल की कीमतों के कम होने से जहां देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी वहीं गैस सिलेंडरों पर दी जा रही सब्सिडी सेगरीब परिवार की गृहिणियों की मुश्किलें आसान होंगी
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BRTS पर दौड़ने का वीडियो हो रहा है वायरल फिटनेस को लेकर पुलिस अफसर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं और चर्चा तब और बढ़ जाती है जब फिटनेस के लिए रात 2 बजे सड़क पर दौड़ लगाई जाय इन दिनों इंदौर बीआरटीएस पर दो टीआई के दौड़ने का वीडियो वायरल हो रहा है एक बैच के अफसर टीआई तहजीब काजी और टीआई दिनेश वर्मा ने बीआरटीएस पर दौड़ लगाई दोनों ही टीआई फिटनेस क्रेजी माने जाते हैं इंदौर में आधी रात को बीआरटीएस पर शहर के दो थानों में तैनात टीआई दौड़ते नजर आये बताया जा रहा है की ये दोनों पुलिस अधिकारीयों को जब भी समय मिलता है वो अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं विजयनगर टीआई तहजीब काजी और खजराना थाने के टीआई दिनेश वर्मा फिटनेस को लेकर बेहद संजीदा हैं वीडियो में दोनों टीआई देर रात बीआरटीएस में दौड़ते दिखाई दे रहे हैं रात्रि गश्त के दौरान दोनों ने यह दौड़ लगाई थी काजी सिविल में तो वर्मा ड्रेस में ही दौड़ लगाते दिखाई दे रहे हैं यूं तो काजी के कुछ और वीडियो फिटनेस को लेकर पहले भी वायरल हो चुके हैं लेकिन वर्मा का वीडियो पहली बार वायरल हुआ है
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विधायक ने किया भूमि पूजन सिंगरौली में विधायक राम लल्लू वैश्य ने पुल निर्माण का भूमि पूजन किया इस मौके पर लल्लू वैश्य ने कहा की पल निर्माण होने से लोगों को आने जाने में सुविधा होगी लोगों को कई समस्याओं से निजात मिल सकेगी मोरवा के चटका पहुंच मार्ग में पुल का निर्माण किया जाएगा जिसका भूमि पूजन सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर किया भूमिपूजन के दौरान मंडल महामंत्री आलोक यादव सहित भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता के साथ नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहेइस अवसर पर विधायक राम लल्लू वैश्य ने कहा कि 13 लाख 8 हजार की लागत से पुल निर्माण किया जा रहा है पुल निर्माण हो जाने से वहां के रहवासियों के लिए आने-जाने में काफी सुविधा मिलेगी
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एक युवक गंभीर रूप से हुआ घायल रीवा में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं टोल प्लाज़ा पर तीन युवकों पर बदमाशों ने हमला कर दिया बदमाशों ने पिस्टल से एक युवक को गोली मार दी वहीं दूसरे युवक के साथ मारपीट की गई पूरा मामला अवैध शराब से जुड़ा बताया जा रहा हैघटना रीवा के रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र के जोगनहाई टोल प्लाजा के पास की है जहां तीन युवकों के ऊपर कार सवार आधा दर्जन सेज्यादा बदमाशों ने हमला कर दिया बदमाशों ने राहुल सेन की पीठ में गोली मारी जबकि शुभम तिवारी के सिर पर कट्टे की बट से हमला किया वहीं तीसरा युवक अखंड दिवेदी मौके से भाग निकला घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा जानकारी अनुसार राहुल सेन शराब की दुकान में काम करता है जबकि हमलावर शराब पैकार है राहुल सेन ने कुछ माह पूर्व इन्हें शराब की पैकारी करते हुए पुलिस से पकड़ाया था जिससे आरोपियों को जेल हो गई थी जेल से छूटने के बाद अपराधियों ने बदला लेने के लिए इन पर जानलेवा हमला किया फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है
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सड़क दुर्घटना में पंचायत सचिव की मौत छतरपुर में अज्ञात वाहन ने पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को टक्कर मार दी जिससे सचिव की मौत हो गई और रोजगार सहायक गंभीर रूप से घायल हो गया बताया जा रहा है की दोनों मोटरसाइकिल से मीटिंग के लिए जा रहे थे तभी यह हादसा हुआ है मामला लवकुशनगर थाना क्षेत्र का है जहां पंचायत सचिव और रोजगार सहायक मीटिंग के लिए छतरपुर जा रहे थे तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी जिसमे पड़वार पंचायत सचिव दिनेश शिवहरे की मौत हो गई तो वही गहावरा पंचायत के रोजगार सहायक राम राजा शुक्ला गम्भीर रूप से घायल हो गये जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक वहां मौजूद लोगों ने घायलों को अस्पताल ले जाने की जहमत नहीं कीलोग तमाशा देखते रहे वहीं 108 वाहन ने भी अस्पताल ले जाने में कानूनी अड़चन बताईटीआई की सख्ती के बाद एम्बुलेंस से उसे अस्पताल लाया गया बताया जा रहा है की अवकाश होने के बावजूद मीटिंग रखी गई थी जिसमे शामिल होने दोनों छतरपुर जिला पंचायत कार्यालय जा रहे थे पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है |
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swasthya mantri दो सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का घेराव ANM कर्मचारियों ने कोरोना में दी थी सेवाएं सरकार की बेरुखी प्रदेश के एएनएम कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है कोरोना के समय अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर सेवा देने वाले ये कर्मचारीअब सरकार से खुद के लिए गुहार लगा रहे हैं दो सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर एएनएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले का घेराव कियाएएनएम कर्मचारी मांगों को लेकर एक बार फिर लामबंद हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के बंगले पर इन कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर ये कर्मचारी लंबे समय से सरकार से गुहार लगा रहे हैं शनिवार को एक बार फिर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपनी मांग रखी प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इन्हें 90% वेतनमान के साथ नियमितीकरण किया जाएगौरतलब है की प्रदेश में लगभग 5 हजार संविदा एएनएम कर्मचारी हैं कोरोना काल में जरूरत के समय सरकार ने इन कर्मचारियों का भरपूर लाभ उठाया इन कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दी लेकिन सरकार की बेरुखी के चलते इन्हें अपने परिवार के पालन पोषण के लिए आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है इन कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे हड़ताल करने के लिए विवश होंगे |
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उपेन्द्र नाथ राय कश्मीर के चंदूरा तहसील के कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या से पूरा माहौल गमगीन है। हत्या के बाद पूरी घाटी आक्रोश की आग में उबल पड़ी है। चारों तरफ धरना- प्रदर्शन हो रहे हैं। आफिस में ही आतंकियों द्वारा तड़ातड़ गोलियों से किसी पंडित की हत्या कर देना नि:संदेह सरकार के लिए चुनौती है, लेकिन लोगों का सड़कों पर उससे ज्यादा एक बड़ा संदेश यह भी है कि लोगों में दशकों बाद आत्मबल देखने को मिला। किसी कश्मीरी ब्राह्मण की हत्या पर लोग सड़कों पर उतरे और घाटी में इतना बड़ा प्रदर्शन होना, नई पीढ़ी के लिए तो इतिहास की बात हो गयी थी। हां, आतंकवादियों के मारे जाने पर घाटी में जरूर पत्थर चलते देखा गया। उनके शव पर लोगों द्वारा एके-47 लहराते हुए जरूर देखा जाता रहा। इस बार किसी कश्मीरी पंडित की नृशंस हत्या पर यह आक्रोश देखने को मिला है। हम इसे सरकार द्वारा लोगों में आत्मबल पैदा करने का परिणाम ही मानते हैं। इस दुखद समय के बीच एक चिंगारी दिख रही है, जिसमें भविष्य में घाटी का सुधार दिख रहा है। पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने का काम किया जा रहा है। इस बीच सरकार ने उन्हें तमाम सुविधाएं भी प्रदान की है। इससे कश्मीरी पंडितों में एक आत्मबल पैदा हुआ है। उन्हें ऐसा लगने लगा है कि सरकार उनकी है। उनकी आवाज सरकार तक पहुंचती है और वे उसके समर्थन में या खिलाफ में आवाज बुलंद करने की क्षमता रखते हैं। पहले यही नहीं था। कश्मीरी पंडितों को आजादी के बाद से कभी एहसास ही नहीं हुआ कि सरकार उनकी भी है। कहीं सुनवाई उनकी भी होगी, इस कारण अपनों की मौत को भी खुद खून का घूंट पीकर रह जाने को मजबूर थे। कभी उनकी आवाज नहीं सुनाई दी और वे अपनों को गंवाने के बाद खुद की जान बचाने के लिए देश के अन्य जगहों की ओर खिसक लिये। यदि हम देश में पनप रहे आतंक व माओवाद की तुलनात्मक रूप से देखें तो सरकार को बस्तर, झारखंड, तेलंगाना के माओवाद क्षेत्रों में भी वही करने की जरूरत है, जो कश्मीर में कर रही है अर्थात वहां के स्थानीय लोगों में आत्मबल पैदा करना। जिस दिन सरकार वहां के स्थानीय लोगों में माओवादियों से लड़ने, उनके खिलाफ आवाज उठाने के लिए आत्मबल पैदा करने में सफल हो गयी, उस दिन माओवाद का खात्मा होना तय है। मैंने खुद उत्तर बस्तर जिले में रहकर देखा है, वहां के माओवाद पनपने का मुख्य कारण है, वहां के लोगों में आत्मबल का न होना है। माओवादियों से प्रताड़ित होते हुए भी लोग उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाने को मजबूर हैं। यदि आप बाहर से गये हैं, कहीं भी माओवादियों द्वारा लोग प्रताड़ित हुए हैं, आप लाख कोशिश करते रहिए लेकिन कोई उनके खिलाफ मुंह खोलने को नहीं मिलेगा। इसका कारण है, मुंह खोलने का मतलब माओवादियों द्वारा हमेशा के लिए मुंह बंद कर दिया जाएगा। इस कारण लोग मजबूर हैं, खून का घूंट पीकर, आंखों में आंसू लेकर यही कहते हैं भैया, हमें कहीं कोई माओवादी प्रताड़ित नहीं करता। एक उदाहरण के तौर पर बता रहा हूं, कांकेर जिले के ही जिला मुख्यालय से लगभग 160 किमी दूर सीतरम इलाका है। वहां जाने के लिए नदी को पार करना होता है। जब 2016 में हम उस इलाके में गये। नदी पार करते ही माओवादियों के गेट और उनके स्मारकों ने स्वागत किया। जब फोटो खींच रहे थे, तो आसपास लोग संदेह भरी निगाहों से देख रहे थे, फिर जब उनसे बात करने की कोशिश की तो उनका यही कहना था कि भैया, यहां कोई माओवादी तंग नहीं करता। जबकि हकीकत है, उस इलाके में आज भी माओवादियों की पंचायत लगती है। उसी हिसाब से लोगों को रहना पड़ता है। पुलिस वहां के विवाद का फैसला नहीं करती। वहां के विवादों का फैसला माओवादी पंचायतों में होता है। इसका कारण है, पुलिस जब तक लोगों की सुरक्षा में पहुंचेगी तब तक माओवादियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों के प्राण पखेरू उड़ चुके होंगे। यदि यही लोगों को विश्वास हो जाए कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचेगी। सरकार उनको संपूर्ण सुरक्षा देगी, माओवादी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उस दिन से माओवादियों के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो जाएगी और जिस दिन माओवादियों के खिलाफ मुंह खुलने लगे, उस दिन से उनका सफाया होना सुनिश्चित हो जाएगा। ऐसा कुछ इलाकों में धीरे-धीरे हो भी रहा है, लेकिन सरकार द्वारा आत्मबल देने की गतिविधियां धीमी है। इस कारण माओवादियों क्षेत्रों के समाप्त होने की प्रक्रिया भी धीमी है। जरूरत है, लोगों में आत्मबल पैदा करने की।
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आर.के. सिन्हा किसी भी सरकार का जनमानस में सम्मान तब ही होता है, जब उसके कर्मचारी पूरी निष्ठा, मेहनत और ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वाह करते हैं। देखिए सरकार को चलाने वाले नेता तो एक विजन के साथ सत्ता पर काबिज होते हैं। फिर उनके विजन को सरकारी बाबू अमली जमा पहनाकर जमीन पर उतारते हैं। मतलब वे ही वस्तुतः समस्त सरकारी योजनाओं-परियोजनाओं को जमीं पर लागू करते हैं। लेकिन अगर वे ही काहिली और करप्शन के जाल में फंस जाएं तो फिर सरकार और देश का क्या होगा, यह भलीभांति सोचा जा सकता है। दुर्भाग्यवश हमारे यहां अब भी बड़ी तादाद में सरकारी बाबू कायदे से मन लगाकर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। यही नहीं, वे तो करप्शन करने से तनिक भी बाज नहीं आ रहे। वे चंद सिक्कों में अपना जमीर और देश को बेचने से भी पीछे नहीं हटते। अब कुछ ताजा मामलों को ही देख लीजिए। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाल ही में अपने चार अफसरों को डिसमिस करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इन पर चंडीगढ़ के एक बिजनेसमैन से एक करोड़ रुपए की उगाही के आरोप सिद्ध होने के बाद यह एक्शन लिया गया। सरकार की जीरो टोलरेंस पॉलिसी के तहत यह एक्शन हुआ है। अब जरा सोचिए कि सीबीआई का काम बड़े घोटाले और दूसरे आपराधिक मामलों की जांच करने का है। इससे जुड़े मुलाजिमों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने काम को सही से अंजाम देंगे। लेकिन, यहां पर सही की बात बहुत दूर है, इनके कुछ कर्मी भी करप्शन में बुरी तरह ही लिप्त हैं। वे खुलेआम घूस ले रहे हैं। बहरहाल, ये मानना होगा कि सीबीआई ने अपने इन शातिर अफसरों को डिसमिस करके सबको कड़ा संदेश तो दे ही दिया। सरकार का अब कोई भी महकमा पहले की तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर नहीं चल सकता। पहले तो सरकारी बाबू अपने को सरकार का दामाद समझ कर ही दफ्तर आते थे और अपना रुआब झाड़ कर वापस घर चले जाते थे। कुछ सरकारी बाबुओं ने तो अपने को वक्त के साथ बदल लिया। वे अब सही से काम भी करते हैं। लेकिन, कई अब भी बाज नहीं आ रहे। वे करप्शन के किसी भी मौके को नहीं छोड़ते। उन पर तो चाबुक चलाने की सख्त जरूरत है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकारी कर्मियों की सैलरी में भी तगड़ा उछाल आया है। अब छोटे से छोटे पदों पर काम करने वाले सरकारी बाबू भी ठीक-ठाक ही पगार उठाते हैं। लेकिन, लालच का कोई इलाज नहीं है। महात्मा गांधी बहुत पहले ही कह गए हैं कि मनुष्य की आवश्यकताओं को तो भरसक पूरा किया जा सकता है, लेकिन लालच को नहीं। रोटी, कपड़ा और मकान आदमी की बुनियादी जरूरतें हैं। फिर भी देख लीजिए, जीवनशैली कैसी होती जा रही है। पृथ्वी से हमें जो कुछ मिलता है, वह हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। लेकिन, लालच को पूरा नहीं किया जा सकता है। हमलोग पर्यावरण के साथ अन्याय कर रहे हैं। दिन-प्रतिदिन नई-नई टेक्नोलॉजी हमें घेर रही है। लेकिन, इसके प्रतिकूल प्रभावों पर कोई चर्चा तक नहीं होती। आज घरों से गोरैया लुप्त हो गई है। पर्यावरण से छेड़छाड़ के कारण गंगा की अविरलता बाधित हो रही है। यही हाल रहा तो पृथ्वी को बचाना मुश्किल हो जाएगा। अब वक्त आ गया है कि करप्शन में लिप्त सरकारी बाबुओं को किसी भी सूरत में न छोड़ा जाए। जब सीबीआई के कर्मियों पर एक्शन हुआ, लगभग तब ही झारखंड सरकार की खनन सचिव व आईएएस अफसर पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में निलंबित कर दिया है। करीब 20 करोड़ रुपए से अधिक का कैश पूजा सिंघल के करीबियों के ठिकानों से जब्त किया गया है। पूजा सिंघल को खूंटी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना निधि के गबन और अन्य संदिग्ध वित्तीय लेन देन के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूजा सिंघल को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। अब जरा सोचिए कि मेरठ के सोफिया स्कूल की छात्रा रही पूजा सिंघल ने 21 साल की उम्र में आईएएस की परीक्षा को क्रैक कर लिया था। यानी वह मेधावी तो थी ही लेकिन वह रास्ते से भटक गई और उसने अपनी खुद ही इज्जत तार-तार कर ली। मोदी सरकार अब निकम्मों और भ्रष्ट अफसरों के पीछे पड़ गई है। अब तो वही सरकारी नौकरी में रहेगा जो काम करेगा। बेकार-कामचोर बाबुओं के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। इस बीच, रेलवे ने भी हाल ही में अपने 19 आला अफसरों को एक ही दिन में जबरन रिटायर कर दिया। उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दी गई है। कामकाज की समीक्षा के बाद इनमें से कई अफसरों को कार्य में अक्षम पाया गया था और उन्हें बार-बार चेतावनी भी दी जा रही थी। रेलवे इससे पहले भी 75 अफसरों को वीआरएस दे चुका है। जिन्हें वीआरएस दी गई है, उनमें इलेक्ट्रिकल, पर्सनल, मैकेनिकल, स्टोर, सिविल इंजीनियर, सिग्नल इंजीनियर एवं ट्रैफिक सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी हैं। इसमें रेलवे बोर्ड के दो सचिव स्तर के अधिकारियों सहित एक जोनल रेलवे के महाप्रबंधक भी शामिल हैं। इसके अलावा वेस्टर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे, ईस्टर्न रेलवे, नॉदर्न सेंट्रल रेलवे, नॉदर्न रेलवे सहित रेलवे उपक्रमों रेल कोच फैक्टरी कपूरथला, मॉडर्न कोच फैक्टरी रायबरेली, डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी और आरडीएसओ-लखनऊ आदि के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। भारतीय रेलवे में अधिकारियों को वीआरएस देने का सिलसिला जुलाई, 2021 से शुरू हो गया था। यानी काहिल अफसरों की तो अब शामत आ गई है। इन्हें अब तबीयत से कसा जा रहा है। देखिए सख्ती होने लगी तो रेलवे के कामकाज में सुधार साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। मैं हाल ही में आगरा गया था। इस दौरान नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन और आगरा कैंट रेलवे स्टेशनों को देखा। सबको देखकर दिल प्रसन्न हो गया। वहां पहले वाली अराजकता और अव्यवस्था कहीं नजर नहीं आई। इन रेलवे स्टेशनों में रेलवे कर्मियों का व्यवहार भी सहयोगपूर्ण मिला। तो क्या माना जाए कि हम सख्ती के बाद ही काम करने लगते हैं? ये सख्ती सभी भ्रष्ट तथा निकम्मे सरकारी बाबुओं पर लगातार जारी रहनी चाहिए। हां, सरकार को ईमानदार तथा मेहनती सरकारी अफसरों तथा कर्मियों को पुरस्कृत भी करते रहना चाहिए ताकि यह मैसेज जाता रहे कि सरकार अपने सच्चे अफसरों को हर तरह से सम्मानित और पुरस्कृत करती रहेगी। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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विश्व परिवार दिवस (15 मई) पर विशेष प्रो.संजय द्विवेदी भारत में ऐसा क्या है जो उसे खास बनाता है? वह कौन-सी बात है जिसने सदियों से उसे दुनिया की नजरों में आदर का पात्र बनाया और मूल्यों को सहेजकर रखने के लिए उसे सराहा। निश्चय ही हमारी परिवार व्यवस्था वह मूल तत्व है, जिसने भारत को भारत बनाया। हमारे सारे नायक परिवार की इसी शक्ति को पहचानते हैं। रिश्तों में हमारे प्राण बसते हैं, उनसे ही हम पूर्ण होते हैं। आज कोरोना की महामारी ने जब हमारे सामने गहरे संकट खड़े किए हैं तो हमें सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संबल हमारे परिवार ही दे रहे हैं। व्यक्ति कितना भी बड़ा हो जाए उसका गांव, घर, गली, मोहल्ला, रिश्ते-नाते और दोस्त उसकी स्मृतियां का स्थायी संसार बनाते हैं। कहा जाता है जिस समाज स्मृति जितनी सघन होती है, जितनी लंबी होती है, वह उतना ही श्रेष्ठ समाज होता है। परिवार नाम की संस्था दुनिया के हर समाज में मौजूद है। किंतु परिवार जब मूल्यों की स्थापना, बीजारोपण का केंद्र बनता है, तो वह संस्कारशाला हो जाता है। खास हो जाता है। अपने मूल्यों, परंपराओं को निभाकर समूचे समाज को साझेदार मानकर ही भारतीय परिवारों ने अपनी विरासत बनाई है। पारिवारिक मूल्यों को आदर देकर ही श्रीराम इस देश के सबसे लाडले पुत्र बन जाते हैं। उन्हें यह आदर शायद इसलिए मिल पाया, क्योंकि उन्होंने हर रिश्ते को मान दिया, धैर्य से संबंध निभाए। वे रावण की तरह प्रकांड विद्वान और विविध कलाओं के ज्ञाता होने का दावा नहीं करते, किंतु मूल्य आधारित जीवन के नाते वे सबके पूज्य बन जाते हैं, एक परंपरा बनाते हैं। अगर हम अपनी परिवार परंपरा को निभा पाते तो आज के भारत में वृद्धाश्रम न बन रहे होते। पहले बच्चे अनाथ होते थे, आज के दौर में माता-पिता भी अनाथ होने लगे हैं। यह बिखरती भारतीयता है, बिखरता मूल्यबोध है। जिसने हमारी आंखों से प्रेम, संवेदना, रिश्तों की महक कम कर भौतिकतावादी मूल्यों को आगे किया है। न बढ़ाएं फासले, रहिए कनेक्ट आज के भारत की चुनौतियां बहुत अलग हैं। अब भारत के संयुक्त परिवार आर्थिक, सामाजिक कारणों से एकल परिवारों में बदल रहे हैं। एकल परिवार अपने आप में कई संकट लेकर आते हैं। जैसा कि हम देख रहे हैं कि इन दिनों कई दंपती कोरोना से ग्रस्त हैं, तो उनके बच्चे एकांत भोगने के साथ गहरी असुरक्षा के शिकार हैं। इनमें माता या पिता या दोनों की मृत्यु होने पर अलग तरह के सामाजिक संकट खड़े हो रहे हैं। संयुक्त परिवार हमें इस तरह के संकटों से सुरक्षा देता था और ऐसे संकटों को आसानी से झेल जाता था। बावजूद इसके समय के चक्र को पीछे नहीं घुमाया जा सकता। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने परिजनों से निरंतर संपर्क में रहें। उनसे आभासी माध्यमों, फोन आदि से संवाद करते रहें, क्योंकि सही मायने में परिवार ही हमारा सुरक्षा कवच है। आमतौर सोशल मीडिया के आने के बाद हम और ‘अनसोशल’ हो गए हैं। संवाद के बजाए कुछ ट्वीट करके ही बधाई दे देते हैं। होना यह चाहिए कि हम फोन उठाएं और कानोंकान बात करें। उससे जो खुशी और स्पंदन होगा, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। परिजन और मित्र इससे बहुत प्रसन्न अनुभव करेंगे और सारा दिन आपको भी सकारात्मकता का अनुभव होगा। संपर्क बनाए रखना और एक-दूसरे के काम आना हमें अतिरिक्त उर्जा से भर देता है। संचार के आधुनिक साधनों ने संपर्क, संवाद बहुत आसान कर दिया है। हम पूरे परिवार की आनलाईन मीटिंग कर सकते हैं, जिसमें दुनिया के किसी भी हिस्से से परिजन हिस्सा ले सकते हैं। दिल में चाह हो तो राहें निकल ही आती हैं। प्राथमिकताए तय करें तो व्यस्तता के बहाने भी कम होते नजर आते हैं। जरूरी है एकजुटता और सकारात्मकता सबसे जरूरी है कि हम सकारात्मक रहें और एकजुट रहें। एक-दूसरे के बारे में भ्रम पैदा न होने दें। गलतफहमियां पैदा होने से पहले उनका आमने-सामने बैठकर या फोन पर ही निदान कर लें। क्योंकि दूरियां धीरे-धीरे बढ़ती हैं और एक दिन सब खत्म हो जाता है। खून के रिश्तों का इस तरह बिखरना खतरनाक है क्योंकि रिश्ते टूटने के बाद जुड़ते जरूर हैं, लेकिन उनमें गांठ पड़ जाती है। सामान्य दिनों में तो सारा कुछ ठीक लगता है। आप जीवन की दौड़ में आगे बढ़ते जाते हैं, आर्थिक समृद्धि हासिल करते जाते हैं। लेकिन अपने पीछे छूटते जाते हैं। किसी दिन आप अस्पताल में होते हैं, तो आसपास देखते हैं कि कोई अपना आपकी चिंता करने वाला नहीं है। यह छोटा सा उदाहरण बताता है कि हम कितने कमजोर और अकेले हैं। देखा जाए तो यह एकांत हमने खुद रचा है और इसके जिम्मेदार हम ही हैं। संयुक्त परिवारों की परिपाटी लौटाई नहीं जा सकती, किंतु रिश्ते बचाए और बनाए रखने से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके साथ ही सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है। जरा-जरा सी बातों पर धीरज खोना ठीक नहीं है। हमें क्षमा करना और भूल जाना आना ही चाहिए। तुरंत प्रतिक्रिया कई बार घातक होती है। इसलिए आवश्यक है कि हम धीरज रखें। देश का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसे ही पारिवारिक मूल्यों की जागृति के कुटुंब प्रबोधन के कार्यक्रम चलाता है। पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे भी लोगों को पारिवारिक मूल्यों से जुड़े रहने प्रेरित कर रहे हैं। वे साफ कहते हैं ‘भारत में परिवार ही समाज को संभालता है।’ जुड़ने के खोजिए बहाने हमें संवाद और एकजुटता के अवसर बनाते रहने चाहिए। बात से बात निकलती है और रिश्तों में जमी बर्फ पिधल जाती है। परिवार के मायने सिर्फ परिवार ही नहीं हैं, रिश्तेदार ही नहीं हैं। वे सब हैं जो हमारी जिंदगी में शामिल हैं। उसमें हमें सुबह अखबार पहुंचाने वाले हाकर से लेकर, दूध लाकर हमें देने वाले, हमारे कपड़े प्रेस करने वाले, हमारे घरों और सोसायटी की सुरक्षा, सफाई करने वाले और हमारी जिंदगी में मदद देने वाला हर व्यक्ति शामिल है। अपने सुख-दुख में इस महापरिवार को शामिल करना जरूरी है। इससे हमारा भावनात्मक आधार मजबूत होता है और हम कभी भी अपने आपको अकेला महसूस नहीं करते। कोरोना के संकट ने हमें सोचने के लिए आधार दिया है, एक मौका दिया है। हम सबने खुद के जीवन और परिवार में न सही, किंतु पूरे समाज में मृत्यु को निकट से देखा है। आदमी की लाचारगी और बेबसी के ऐसे दिन शायद कभी देखे गए हों। इससे सबक लेकर हमें न सिर्फ सकारात्मकता के साथ जीना सीखना है बल्कि लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाना है। बड़ों का आदर और अपने से छोटों का सम्मान करते हुए सबको भावनात्मक रिश्तों की डोर में बांधना है। एक- दूसरे को प्रोत्साहित करना, घर के कामों में हाथ बांटना, गुस्सा कम करना जरूरी आदतें हैं, जो डालनी होंगी। एक बेहतर दुनिया रिश्तों में ताजगी, गर्माहट,दिनायतदारी और भावनात्मक संस्पर्श से ही बनती है। क्या हम और आप इसके लिए तैयार हैं? (लेखक भारतीय जनसंचार संस्थान, नयी दिल्ली के महानिदेशक हैं।)
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अब पुलिस कर रही है मामले की जांच सिंगरौली में एक मासूम की निर्मम हत्या कर दी गईबताया जा रहा है की मासूम बारात देखने गया था जिसके बाद वह घर नहीं लौटा पुलिस मामले की जाँच कर रही हैसिंगरौली में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं घूरीताल में एक दस वर्षीय मासूम अभय साहू की निर्मम हत्या कर दी गई सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और जांच शुरू की बताया जा रहा है की मासूम बालक बारात देखने की बात कहकर गया था लेकिन सुबह तक जब मासूम वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की सुबह उसका शव घर से कुछ दूरी पर क्षत विक्षत अवस्था में मिला पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को पकड़ा है |
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डॉ. रीना रवि मालपानी जीवन सदैव नियति के विधान से चलता है पर समाज के सीसीटीवी के अनोखे विश्लेषण है। यह मानता है कि बेटी विवाह के बाद माता-पिता के घर नहीं रुक सकती। माता-पिता को रखना केवल बेटों की जिम्मेदारी है। लड़की की कमाई से माता-पिता का जीवनयापन करना ठीक नहीं। आप किसी अनाथ को गोद लेकर उसका लालन-पालन करोगे तो वह खून के रिश्ते की तरह वफादार नहीं होगा। ऐसे अनेकों प्रश्न हैं जिन पर समाज सदैव अपना सीसीटीवी लगाए रखता है। विश्लेषण और मूल्यांकन समाज करता है। मगर अपेक्षित सहयोग समाज नहीं करता। समाज के सीसीटीवी में बहू की कमाई से घर चलाना ठीक नहीं है। कन्या संतति से वंश का आगे उद्धार नहीं हो सकता। यदि आपने परिस्थिति या मन के अनुरूप निर्णय लिए हैं तो वहां उनका अतिरिक्त मूल्यांकन होने लगता है। कई माता-पिता को समाज के इस सीसीटीवी के डर से बेटी का विवाह शीघ्र करना होता है। फिर भले ही उसकी क्षमताओं को मारा जाए। वह घर उसके अनुरूप उचित हो या न हो। बाद में वह लड़की भले ही घुट-घुट कर अपना दम तोड़ती रहे। कई बार अपनों और रिश्तेदारों के कहने में आकर खर्च करते-करते हम स्वयं पूरी तरह रंक बन जाते हैं और दुख की अवस्था में हमारा कोई सहयोगी नहीं होता। यदि कोई भी स्त्री भक्ति का मार्ग चुन ले और वह अपना अत्यधिक समय ईश भक्ति में लगा दे तो यही समाज उस पर उंगली उठाने लगेगा। इस समाज की घटिया सोच के कारण ही स्त्री शादी के बाद मायके में स्वयं को बोझ समझने लगती है। क्यों समाज की सोच जीवन में उलझनों को जन्म देती है और सुलझने का मार्ग क्यों नहीं सुझाती। समाज के दिखावे के चलते लोग महंगी-महंगी पार्टी करते हैं। शादी, बर्थडे पार्टी और सेलिब्रेशन में अनाप-शनाप रुपया खर्च किया जाता है। यह रुपया हम समाज में लोगों के इलाज, शिक्षा और उनके दुख को कम करने में नहीं लगाते। यह समाज दोहरा चरित्र निभाता है। कुछ समय झूठी तारीफ कर पुनः मीन-मेख निकालने लग जाता है। इस समाज के सीसीटीवी में आदर्श बेटे-बहू की संकल्पना है पर उन आदर्शों के साथ गृहस्थी का बोझ भी ढोना है। अत्यधिक अच्छाई की कीमत कभी-कभी आत्महत्या, घुटन, संत्रास, उत्पीड़न, अवसाद और खुद को रंक बनाकर भी अदा की जाती है। यह समाज आपके विवाह न करने, देरी से विवाह करने, प्रेम विवाह करने यानी हर स्थिति पर आपसे स्पष्टीकरण चाहता है। वह आपके परिस्थिति अनुरूप स्वतंत्र निर्णय का समर्थन नहीं करेगा पर कैमरे की चौकसी जरूर बढ़ाएगा। और उल्टे-सीधे विश्लेषण से सत्य से गुमराह करने में सहयोगी बनेगा। क्यों हमारा समाज लोगों के अतिरिक्त मूल्यांकन के पहले उनकी यथार्थ स्थिति को समझने का प्रयत्न नहीं करता। क्यों उनके उन्नति के सोपानों में सहयोगी नहीं होता। समय के अनुरूप निर्णय का भी स्वागत होना चाहिए। जीवन सदैव वैसा नहीं होता जैसा आप अपने सीसीटीवी में देखते है। हर व्यक्ति की अपनी परिस्थितियां, अपने भविष्य के लिए विचार या अपने स्वतंत्र निर्णय हो सकते हैं। समाज को समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मक सोच में सहयोगी होना चाहिए, क्योंकि आप भी इसी समाज का अंग हैं। परिवर्तन संसार का नियम है, जिस कसौटी पर आज आप लोगों को तौल रहे हैं कल शायद उस तराजू में आपको भी खड़ा होना हो सकता है। समाज के सीसीटीवी से बुराई, आलोचना, नकारात्मकता और अतिरिक्त मूल्यांकन की धुंध समाप्त होनी चाहिए। (लेखिका, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की दो मिसाइलों ‘एमआरएसएएम’ (मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल) का पिछले दिनों सतह से सफल परीक्षण किया गया। सेना के लिए तैयार इन मिसाइलों को उड़ीसा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से दागा गया और दोनों ही मिसाइलों ने लक्ष्यों को रास्ते में ही रोककर पूरी तरह से नष्ट कर दिया। ‘आईटीआर’ डीआरडीओ की ही भारतीय रक्षा प्रयोगशाला है, जो रॉकेट, मिसाइलों तथा हवाई हथियार प्रणालियों के लांच के लिए सुरक्षित सुविधाएं प्रदान करती है। आईटीआर से किए गए परीक्षण के दौरान पहली एमआरएसएएम मिसाइल ने मध्यम ऊंचाई पर लंबी दूरी के लक्ष्य को निशाना बनाया जबकि दूसरी मिसाइल ने कम ऊंचाई पर कम दूरी के लक्ष्य को निशाना बनाकर नष्ट किया। एमआरएसएएम के इन परीक्षणों के दौरान बालासोर जिला प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर आईटीआर के निकट बसे तीन गांवों से करीब सात हजार लोगों को अस्थायी तौर पर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक एमआरएसएएम के दोनों सफल परीक्षण अहम रेंज पर लक्ष्यों को भेदने की हथियार प्रणाली की क्षमता को दिखाते हैं। डीआरडीओ के अनुसार यह उड़ान परीक्षण उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य के खिलाफ लाइव फायरिंग ट्रायलों का हिस्सा थी और बढ़ी हुई रेंज की इस मिसाइल ने बहुत दूर से लक्ष्य पर सीधा प्रहार करते हुए लक्ष्य को पूरी सटीकता से नष्ट कर दिया। पिछले साल दिसम्बर में एमआरएसएएम के आर्मी वर्जन का पहला परीक्षण किया गया था। एमआरएसएएम के सफल परीक्षण से ठीक चार दिन पहले भी डीआरडीओ द्वारा निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का अंडमान और निकोबार में सफल परीक्षण किया गया था। उस परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को मार गिराया था। जहां तक सतह से हवा में मार करने वाली एमआरएसएएम संस्करण वाली मिसाइल की विशेषताओं की बात है तो डीआरडीओ द्वारा इस मिसाइल को डीआरडीएल हैदराबाद और इजरायल की कम्पनी ‘इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज’ (आईएआई) के साथ मिलकर बनाया गया है और आधा किलोमीटर से 100 किलोमीटर तक रेंज वाली एमआरएसएएम सैन्य हथियार प्रणाली में मल्टीफंक्शन रडार, मोबाइल लांचर प्रणाली तथा अन्य व्हीकल शामिल हैं। इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी एमआरएसएएम ही है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लांचर सिस्टम होता है। आईएआई के सहयोग से डीआरडीओ द्वारा बनाई गई एमआरएसएएम इजरायल की खतरनाक मिसाइल ‘बराक-8’ पर ही आधारित है। बराक मिसाइलें एमआरएसएएम का ही बेहतरीन नमूना मानी जाती हैं और भारत की इजरायल से बराक-1 मिसाइल से लेकर बराक-8 तथा बराक-8ईआर मिसाइल की डील चल रही है। भारत ने इजरायल से एमआरएसएएम मिसाइल के पांच रेजिमेंट (40 लांचर्स तथा 200 मिसाइल) खरीदने के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपये के सौदे को लेकर बात की है। आईएनएस विशाखापट्टनम में 100 किलोमीटर रेंज वाली 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें या 150 किलोमीटर रेंज वाली बराक 8ईआर मिसाइलें तैनात हो सकती हैं। इसके अलावा 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन घातक मिसाइलों से लैस होने के बाद यह युद्धपोत दुश्मन के जहाजों और विमानों पर कहर बनकर टूट पड़ने में सक्षम हो जाएगा। हाल ही में डीआरडीओ द्वारा जिस एमआरएसएएम मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है, वह एक वायु और मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो भारतीय नौसेना के लिए लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) का लैंड बेस्ड वर्जन है। इस मिसाइल को खासतौर से भारतीय सेना के इस्तेमाल के लिए ही बनाया गया है। एमआरएसएएम मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइलों, लड़ाकू जेट विमानों, विमानों, ड्रोन, निगरानी विमानों तथा एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमानों को मार गिराने में सक्षम है और एक बार छोड़े जाने के बाद यह आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक के लक्ष्य को गिरा सकती है। इसकी रेंज में आने के बाद किसी यान, विमान, ड्रोन अथवा मिसाइल का इसकी जबरदस्त मार से बच पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल की बहुत तीव्र गति भी इसे दुश्मन के लिए बेहद घातक बनाती है। इसकी गति 680 मीटर प्रति सेकेंड अर्थात् 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इस मिसाइल की सबसे विशेष बात है ‘रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर’ अर्थात् यदि दुश्मन का यान चकमा देने के लिए केवल रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी। यह मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली दुश्मन की किसी भी मिसाइल, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान इत्यादि को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है। डीआरडीओ के मुताबिक सेना की वायु रक्षा के लिए एमआरएसएएम एक उन्नत ऑल वेदर, 360 डिग्री मोबाइल लैंड बेस्ड थिएटर एयर डिफेंस सिस्टम है, जो एक युद्ध क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के खतरों के खिलाफ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वायु रक्षा प्रदान करने में सक्षम है। इस मिसाइल प्रणाली में एडवांस रडार, मोबाइल लांचर के साथ कमांड एंड कंट्रोल सहित इंटरसेप्टर भी मौजूद है। करीब 275 किलोग्राम वजनी, 4.5 मीटर लंबी और 0.45 मीटर व्यास वाली एमआरएसएएम मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह जमीन से आसमान तक लंबी दूरी तक किसी भी दुश्मन के हवाई हमले को नाकाम कर सकती है और केवल एक वार में अपने लक्ष्य को नेस्तनाबूत कर सकती है। यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लांच किए जाने पर कम धुआं छोड़ती है और इस पर 60 किलोग्राम वॉरहेड अर्थात् हथियार लोड किए जा सकते हैं। दुश्मन की सटीक जानकारी देने के लिए इसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम, मोबाइल लांचर सिस्टम, एडवांस्ड लांग रेंज रडार, रीलोडर व्हीकल, फील्ड सर्विस व्हीकल इत्यादि शामिल हैं। बहरहाल, माना जा रहा है कि इजरायल से मिलने वाली एमआरएसएएम मिसाइल रेजिमेंट के अलावा डीआरडीओ और इजरायल द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित एमआरएसएएम की तैनाती 2023 तक की जा सकती है। ये मिसाइलें भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. रमेश ठाकुर रानिल विक्रमसिंघे पांचवीं बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बन गए हैं। कांटों से भरे इस ताज के साथ विक्रमसिंघे के समक्ष कठिनाइयों और चुनौतियों का अंबार है। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे स्वतः बीते एकाध दिनों से लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं जिससे देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था किसी भी तरह से सुधारी जा सके। इसलिए नए प्रधानमंत्री रानिल के कंधों पर उम्मीदों का बड़ा भार है। हालांकि अनमने मन से उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला जरूर है, लेकिन भय उनके भीतर भी है। लेकिन विपक्षी दलों ने उनसे साफ कहा है, उनके किसी फैसले का विरोध नहीं करेंगे, बस देश को सुधार दो। कोर्ट, प्रशासन, राजनीति, जनता, तमाम तंत्र उनके साथ चलने को राजी है। जिस बुरे दौर से श्रीलंका गुजर रहा है, ऐसी कल्पना श्रीलंकाइयों ने सपनों में भी नहीं की होगी। नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे युनाइटेड नेशनल पार्टी यानी यूएनपी के प्रमुख नेता हैं। उन्हें श्रीलंका का सबसे अच्छा प्रशासक और ताकतवर देशों का समर्थक माना जाता है। भारत के अलावा अमेरिका के साथ उनके संबंध अच्छे रहे हैं। पर, समस्याएं इस वक्त विकट हैं, इससे पहले भी वे चार बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। हालांकि तब की परिस्थितियों से आज के हालात की तुलना नहीं की जा सकती। इस वक्त समूचा श्रीलंका तबाह हुआ पड़ा है। लोग खाने-पीने की चीजों के साथ अन्य जरूरी चीजों के मोहताज हैं। काम-धंधे, व्यापार, नौकरियां, स्कूल-कॉलेज सब पर ताले हैं। जनजीवन थम गया है। पर्यटकों ने आना बंद कर दिया है। ये ऐसा क्षेत्र है जो देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती देता है। राजनीतिक उठापठक के बीच आर्थिक संकट के समुद्र में भी श्रीलंका गोता खा रहा है, उससे देश को बाहर निकालना रानिल विक्रमसिंघे की सबसे बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री पद की कमान भले उन्होंने संभाल ली, पर जिन चुनौतियों से उन्हें अगले कुछ महीनों में लड़ना है, उसमें वह कितना सफल होते हैं, ये कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। कुल मिलाकर, श्रीलंका को एक अनुभवी प्रशासक चाहिए था। शायद रानिल के मिलने से यह खोज पूरी होगी। वे बेदाग नेता हैं। बिना लाग-लपेट और साफगोई से अपनी बात कहते हैं। निर्णय लेने में वह ज्यादा देरी नहीं करते। सबको साथ लेकर चलने में उन्हें महारथ हासिल है। रानिल के प्रधानमंत्री बनने पर भारत ने भी खुशी जाहिर की है। रानिल के राजनीतिक करियर को देखें तो ऐसा लगता है कि श्रीलंका को ऐसे ही नेता की इस वक्त जरूरत थी। वह अपनी पार्टी युनाइटेड नेशनल पार्टी के 1994 से सर्वमान्य के नेता हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 7 मई 1993 से 18 अगस्त 1994, 8 दिसंबर 2001 से 6 अप्रैल 2004, 9 जनवरी 2015 से 26 अक्टूबर 2018 और 15 दिसंबर 2018 से 21 नवंबर 2019 तक देश की बागडोर संभाली। इसके अलावा वे सदन में दो बार नेता विपक्ष भी रहे। वह श्रीलंका में ही नहीं, बल्कि संसार भर में राजनीतिक पटल पर जाने पहचाने नेता हैं। श्रीलंका की स्थिति इस वक्त ऐसी है जिसे राजनीतिक-प्रशासनिक गठजोड़ ही उबार पाएगा। बिगड़ी अर्थव्यवस्था में अगर रानिल कुछ महीनों में तीस-चालीस फीसदी भी सुधार कर पाते हैं तब भी उनकी बड़ी उपलब्धि होगी। उनकी नियुक्ति इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि श्रीलंका की अवाम को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। वह इकलौते ऐसे नेता हैं जिसपर जनता विश्वास करती है। वे देश को राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और हिंसा से बाहर निकाल पाएंगे, ऐसी उम्मीद वहां के लोग लगाए बैठे हैं। श्रीलंका में बीते डेढ़ महीने से कानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है, उसे दुरूस्त करना होगा। सुरक्षा दृष्टि से इस पड़ोसी मुल्क को हमेशा से शांत प्रिय कहा जाता है। लिट्टे के आतंक से मुक्ति के बाद देश में अमन-चैन लौटा था। लेकिन अचानक उगता सूरज डूब गया, अर्थव्यवस्था धड़ाम हो गई। इन सभी समस्याओं से रानिल विक्रमसिंघे को जूझ कर समाधान निकालना होगा। बहुत जल्द कुछ ऐसा करना होगा, जिससे आम जीवन कुछ सामान्य हो सके। जैसे भारत ने आर्थिक मदद, पेट्रोल, खाद्य सामग्री भेजी है, श्रीलंका की मदद के लिए कुछ और देशों को आगे आना होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री रानिल को कुछ देशों से सहयोग की अपील करनी होगी। बहरहाल, श्रीलंका में इस वक्त आपातकाल लगा है। सबसे पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को इसे हटाना होगा, जिससे आम जनजीवन सामान्य हो पाएगा। संकट के इस दौर में समूचा विपक्ष एकजुट है और होना भी चाहिए। विपक्षी दलों ने संकटकाल में सामूहिकता प्रकट कर अच्छी तस्वीरें पेश की है। 225 सदस्यों वाली श्रीलंकाई संसद में रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी के एक ही सीट है। बावजूद इसके सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना, विपक्षी समगी जन बालावेगाया के एक धड़े और अन्य कई दलों ने संसद में विक्रमसिंघे को अपना बहुमत देकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर इस उम्मीद से बैठाया है कि वे अपने अनुभवों से देश को फिर पटरी पर ला पाएंगे। भारत भी उम्मीद करता है कि नए प्रधानमंत्री जल्द से जल्द श्रीलंका को संकट से बाहर निकालें। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. नितिन सहारिया भारतवर्ष को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो चुके हैं। हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता तो प्राप्त हुई किंतु अभी भी हम अंग्रेजीयत / इस्लामियत को धारण किए हुए हैं। न्यायालय में अंग्रेजी-उर्दू का प्रयोग, वही अंग्रेजी जमाने के गुलामी के कानून आईपीसी, सीआरपीसी की धाराएं और भी अनेकों विदेशी चीजों से हमने आज भी मुक्ति नहीं पाई है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'स्व' का तंत्र बनाना चाहिए था। किंतु ऐसा नहीं हो सका। हमने उन्हीं का गुणगान किया जिन्होंने हमें पराधीन (गुलाम) बनाया था। ऐसा लगता है हमारी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। ऐसा लगता है कि स्वतंत्रता के पश्चात सत्ता गलत लोगों के हाथों में चली गई थी। तभी तो भारत आजतक अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया है। एक तरफ आंशिक रूप से हमने कुछ सुधार अवश्य किए थे। गुलामी के चिह्न जॉर्ज पंचम की मूर्ति को इंडिया गेट से हटाया, मिंटो ब्रिज को शिवाजी ब्रिज, विक्टोरिया पार्क को महात्मा गांधी पार्क किया। कोलकाता, मद्रास, बॉम्बे को हमने कोलकाता-चेन्नई -मुंबई किया। किन्तु अभी भी देश में बड़े सुधार की आवश्यकता है। भारत के संविधान की पूरी समीक्षा हो व वर्तमान की देश की प्रासंगिकता/ आवश्यकता के अनुरूप उसका स्वरूप का निर्धारण हो। ज्यादा लचीलेपन के कारण देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है। आज भी भारत के न्याय के मंदिर में विदेशी अंग्रेजी भाषा का बोलबाला है। उच्च शिक्षा इंजीनियरिंग, तकनीकी, भारतीय प्रशासनिक सेवा इत्यादि में अंग्रेजीयत की पैठ/ दबदबा है। आजादी के 75 वर्षों बाद भी गुलामी के अवशेष अभी भी देश में बाकी हैं। जरा विचार कीजिए जापान में शिक्षा जापानी भाषा में होती है। जर्मनी में जर्मन भाषा में, फ्रांस में फ्रेंच भाषा में, इंग्लैंड में अंग्रेजी में, रूस में रशियन भाषा में तो फिर भारत में शिक्षा हिंदी में क्यों नहीं? भारत की राजधानी दिल्ली का अद्भुत नजारा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। कभी दिल्ली जाकर देखिए आपको ऐसा लगेगा कि आप पाकिस्तान की राजधानी में आ गए हैं। अकबर रोड, तुगलक रोड, हुमायूं रोड, औरंगजेब-जहांगीर -शाहजहां रोड, सराय काले खां बस स्टॉप, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, मुगल गार्डन, मंगोलपुरी, जहांगीरपुरी, आसफ अली रोड। क्या है ये सब? भारत आजाद हुआ है कि नहीं? अथवा देश की स्वतंत्रता के नाम पर छलावा हुआ है? यदि छलावा नहीं तो फिर यह दृश्य क्या है? यह देश में चल क्या रहा है? इसके विपरीत पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तो कहीं लेशमात्र भी भारत की झलक/ झांकी नहीं दिखलाई देती, फिर भारत में यह सब क्यों? यही सबसे बड़ा प्रश्न है। कुछ प्रश्नों पर जरा हम विचार करें - लुटेरों (आतताइयों के) नाम पर देश की राजधानी के मार्गों के नाम क्यों? लुटेरों के नाम पर देश की राजधानी के मार्गों का नामकरण आखिर किसने किया? क्यों किया? दिल्ली भारत की राजधानी है या पाकिस्तान की? देश में आजादी के 75 वर्ष बाद भी गुलामी के अवशेष शेष क्यों? कौन देशद्रोहियों से प्रेम कर रहा /किसे है? खगोलीय वेधशाला का नाम बदलकर आखिर कुतुब मीनार किसने करवाया? किसने तेजो महालय (शिव मंदिर) को ताजमहल लिखवाया इतिहास की पुस्तकों में? वाराणसी में ज्ञानवापी जब मंदिर है तो फिर मस्जिद किसने बनाई? किसने इतिहास की पुस्तकों में उसे झूठा ज्ञानवापी मस्जिद लिखवाया? किसने इतिहास में इतने झूठे/मिथक गढ़े/ लिखवाए? ताजमहल के बंद कमरों की वीडियोग्राफी की जाए। आखिर ज्ञानवापी की वीडियोग्राफी से मुस्लिम समाज को ऐतराज/ घबराहट क्यों? क्या कुतुब मीनार का एएसआई द्वारा सर्वे/ वीडियोग्राफी /अनुसंधान नहीं किया जाना चाहिए? देश में 95 प्रतिशत मस्जिदें मंदिर ध्वस्त करके उसके ऊपर ही बनाई गई हैं, अतः सभी की जांच /अनुसंधान एएसआई द्वारा किया जाए ; अब मुगल काल बीत चुका है। भारत में दिल्ली चांदनी चौक का नाम 'गुरु तेग बहादुर शहीदी स्थल' किया जाना चाहिए, अकबर रोड -महाराणा प्रताप मार्ग, तुगलक रोड -जनरल बिपिन रावत मार्ग, हुमायूं रोड- भगत सिंह मार्ग किया जाना चाहिए। इतिहासकारों का बयान है कि दिल्ली की जामा मस्जिद कभी बड़ा भव्य मंदिर हुआ करता था।आखिर मथुरा की वास्तविक श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर 75 वर्षों से मस्जिद क्यों बनी हुई है? कौन इसे संरक्षण दे रहा है? आखिर कौन इन लुटेरों की वकालत कर रहा है ? क्या वह भारतीय नहीं? क्या उसे देश ( भारत) से प्रेम नहीं ? भारत को 15 अगस्त 1947 को 'स्वतंत्रता' तो मिली किंतु 'स्वाधीनता' नहीं। स्व के जागरण से ही स्वाधीनता की प्राप्ति होगी। सृष्टि का यही अटल नियम है की -"अंत में सब दूध का दूध और पानी का पानी होता है।" अंत में सत्य ही विजित होता है। हर रात की सुबह होती है । स्वामी विवेकानंद ने कहा था - To be good and to do good that is the whole of religion ." जो जैसा करता है, वह वैसा ही पाता है यही धर्म का सार है।" अब एक झटके में गुलामी के अवशेषों से मुक्ति पानी होगी तभी हम 'स्व ' से 'स्वाधीनता' के पथ पर अग्रसर होंगे। अत: सत्य, धर्म व नैतिकता का मार्ग ही सर्वश्रेष्ठ है। किसी वस्तु को शक्ति/डंडे के बल पर कुछ देर तक ही दबाया जा सकता है किंतु यह भी परम सत्य है कि शक्ति से ही धर्म /सत्य की प्रतिष्ठा होती है। शक्ति से ही शांति आती है। संतुलन बनता है अतः शक्ति का संचय, आराधना करनी चाहिए तभी तो स्व भी पुष्ट होगा व भविष्य उज्ज्वल होगा। जितनी जल्दी हम गुलामी के अवशेषों से मुक्ति प्राप्त करेंगे उतनी ही जल्दी हमें स्वाधीनता प्राप्त होगी। राष्ट्र का भविष्य उज्जवल होगा। (लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार हैं।)
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गिरीश जोशी भगवान बुद्ध और बौद्ध पंथ के विषय में अनेक विमर्शों के माध्यम से सनातन और बौद्ध दर्शन के बीच मतभिन्नता का अस्तित्व खड़ा किया गया है। इस विमर्श से हटकर एक अलग दृष्टिकोण से भगवान बुद्ध और सनातन दर्शन के अन्तर्सम्बन्धों को देखने का प्रयास करते हैं। भारत देश की विशेषता है, जब-जब समाज धर्माचरण के मार्ग से विचलित हो जाता है, सनातन के शाश्वत सिद्धांतों की समाज को विस्मृति हो जाती है, समय काल परिस्थितिवश सामाजिक व्यवस्था में धर्म का त्रुटिपूर्ण विवेचन होने लगता है इस कारण से विभिन्न प्रकार की जटिल समस्याएँ सामाजिक जीवन में व्याप्त हो जाती है, तब-तब इन व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए उच्चस्तर की चेतना का धरती पर अवतरण होता है। इस प्रकार अवतरित हुई चेतनाओं को ही अपने यहां अवतार कहा गया है। सृष्टि परिचालन की व्यवस्था के बारे में सनातन दृष्टि में ब्रह्मा- सृजन, शिव-विसर्जन और विष्णु पालन का काम करते हैं। जिसके पास व्यवस्थाओं के संचालन का काम होता है उसे ही व्यवस्थाओं में आने वाली गड़बड़ी को ठीक करने का भी दायित्व वहन करना पड़ता है। इसलिए जब भी व्यवस्था तंत्र में किसी प्रकार के सुधार की आवश्यकता होती है उस समस्या की प्रकृति के अनुसार उसे ठीक करने के लिए भगवान विष्णु एक अलग अवतार में विलक्षण दृष्टिकोण के साथ हमारे मध्य उपस्थित होते हैं। भगवान बुद्ध की मूल चेतना को आद्य शंकराचार्यजी ने पहचाना था। इसलिए उन्होंने भगवान बुद्ध को दशावतार में एक अवतार माना है। भगवान बुद्ध की उच्चस्तरीय चेतना को आचार्य शंकर ही पहचान सकते थे। यहाँ हम बौद्ध दर्शन और सनातन परंपराओं के बीच किस प्रकार का संबंध है, उसका विचार करेंगे। भगवान बुद्ध द्वारा प्रवर्तित मार्ग में त्रिरत्न बुद्ध, धर्म और संघ, दिए गए हैं। सनातन में भी तीन योगों का प्रावधान है- कर्म योग, भक्ति योग एवं ज्ञान योग। बुद्ध दर्शन में चार आर्य सत्य हैं। आर्य सनातन परंपरा का गुणवाचक विशेषण है। सनातन में धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चार पुरुषार्थ हैं। बुद्ध दर्शन में पंचशील है-1.झूठ न बोलना 2. हिंसा न करना 3. चोरी न करना 4. व्यभिचार न करना 5. नशा न करना। सनातन परंपरा में पाँच यम है- सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य अपरिग्रह। भगवान बुद्ध ने अष्टांग मार्ग सम्यक्दृष्टि, सम्यक्, सम्यक्वचन, सम्यक्कर्म, सम्यक्आजीविका, सम्यक्व्यायाम, सम्यक्स्मृति और सम्यक्समाधि का प्रवर्तन किया । सनातन परंपरा में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा और समाधि अष्टांग योग के माध्यम से सत्य को जानने का मार्ग बतलाया गया है। दोनों मार्गों का लक्ष्य समाधि ही है। सनातन परंपरा में साधना के लिए चार साधन चतुष्टय- नित्यानित्यवस्तुविवेक,वैराग्य, षट्सम्पत्ति का अर्जन तथा मुमुक्षता और छः संपत्ति -शम,दम,श्रद्धा,समाधान,उपरति और तितिक्षा कुल दस बातों का साधक में होना जरूरी बताया गया है तो बौद्ध दर्शन में दस परिमिताएं - दान,शील,नैष्क्रम्य, प्रज्ञा, वीर्य, शांति, सत्य, अधिष्ठान, मैत्री और उपेक्षा को आवश्यक बताया गया है। भगवान बुद्ध ने अपने जीवनकाल में कभी वेदों का विरोध नहीं किया लेकिन उस समय वे लोग जो वेदों का त्रुटिपूर्ण प्रतिपादन कर मनमाने कर्म जैसे हिंसा तथा पशुबलि जैसी कुप्रथा मे लिप्त हो गए थे उनका विरोध किया था। भगवान बुद्ध की संकलित वाणी सुत्तनपात 292 में लिखा- ”विद्वा च वेदेहि समेच्च च धम्मं, न उच्चावचं गच्छति भूपरिपञ्ञे। ”इसका अर्थ पं. धर्मदेव जी विद्यामार्तण्ड अपने ग्रन्थ “वेदों का यथार्थ स्वरूप” में करते हैं- ”जो विद्वान् वेदों द्वारा धर्म का ज्ञान प्राप्त करता है। उसकी ऐसी डांवाडोल अवस्था नहीं होती।” “धम्मपीति सुखं सेति विप्पसन्नेन चेतसा। अरियप्पवेदिते धम्मे सदा रमति पण्डितो।।“ (धम्मपद पृ. 114-15) अर्थात् धर्म में आनन्द मानने वाला पुरुष अत्यन्त प्रसन्नचित्त से सुखपूर्वक सोता है। पण्डितजन सदा आर्योपदिष्ट धर्म में रत रहते हैं। न जटाहि न गोत्तेन न जच्चा होति ब्राह्मणो। यम्हि सच्चं च धम्मो च सो सुची सो च ब्राह्मणो।। (धम्मपद पृ. 140-141) अर्थात् न जन्म के कारण, न गोत्र के कारण, न जटा धारण के कारण ही कोई ब्राह्मण होता है। जिसमें सत्य है, जिसमें धर्म है, वही पवित्र है और वही ब्राह्मण है। भगवान बुद्ध ने विपश्यना नामक साधना की तकनीक को वेदों से ही प्राप्त कर पुनः प्रतिस्थापित किया और उसके माध्यम से साधना कर बुद्धत्व को प्राप्त हुए। अखिल सृष्टि के सत्य स्वरूप का वर्णन करते हुए बुद्ध कहते हैं-"सब्बो पज्जलितो लोको,सब्बो लोको पकंपितो" अर्थात मुझे सृष्टि का माया से अनावृत सत्य स्वरूप ये दिखा की सारा लोक ‘पज्जलित’ यानी प्रकाश के स्वरूप में है और सर्वत्र मात्र ‘पकंपन’ यानि केवल तरंगे ही तरंगे है। इस सृष्टि का वास्तविक स्वरूप प्रकाश और तरंगे मात्र है। हमें दृश्यमान स्वरूप में जो जगत दिखाई पड़ता है वो उस प्रकाश तथा तरंगों की घनीभूत अभिव्यक्ति है,वह वास्तविक नहीं है। इसी बात को आदि गुरु शंकराचार्य ने कहा था-"ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या जीवोब्रमैहव नापरह।" भगवान बुद्ध ने अपने अनुभव के आधार पर कहा- “अत्ताहि अत्तनो नथो को हि नाथो परो सिया अत्तनां व सुदन्तेन,नाथं लभति दुल्लभं।“ अर्थात मैं स्वयं अपना स्वामी हूँ। सुयोग्य पद्धति से जानने के प्रयास करने पर ‘नाथं लभति दुल्ल्भं’ से दुर्लभ नाथ (ब्रम्ह) पद प्राप्त होता है। इसी बात को आदि गुरु शंकराचार्य ने महावाक्य में अभिव्यक्त किया- "अहम् ब्रह्मास्मि।" दोनों का गंतव्य एक ही था केवल मार्ग अलग था। भगवान बुद्ध के मन में दु:खों के कारण का निवारण विचार था। भगवान बुद्ध के अनुसार हमारे दु:खों का कारण हमारा इस जगत के व्यक्ति, वस्तु, स्थान, कार्य, विचार आदि के प्रति अनुराग या द्वेष होता है। बुद्ध के अनुसार ये सारी चीजें अनित्य हैं जो पल-प्रतिपल समाप्त ही हो रही है, प्रिय के प्रति अनुराग और अप्रिय के प्रति द्वेष हमारे दु:खों का कारण बनता है। इसलिए बुद्ध ने इस संसार की हर बात को अनित्य प्रकृति का होने के कारण उस पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया ना कर अस्तित्व को “शून्य” के रूप में स्वीकार कर तटस्थता के मार्ग का अनुसरण किया और सत्य तक पहुंचे। इस संबंध में आदि गुरु शंकराचार्य के दृष्टिकोण को देखें तो इस विश्वप्रपंच को देखकर उनके मन में प्रश्न उठे- “कस्तवम कोSहम कुतः अयात, को में जननी को में तात:” यानि में कहाँ और क्यों आया हूँ? मेरे वास्तविक माता-पिता कौन है? मेरे यहाँ आने का उद्देश्य क्या है? इस सृष्टि का रहस्य क्या है? इन प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए वे भी वेदों में वर्णित “अनंत” की साधना का अनुसरण कर सत्य तक पहुंचे। सामान्य व्यक्ति की दृष्टि में ‘शून्य’ और ‘अनंत’ के बीच भारी अंतर है जिसे कभी पाटा नहीं जा सकता। लेकिन सृष्टा जो कि अनादि और अनंत है उसकी दृष्टि से देखें तो उसके लिए शून्य और अनंत एक ही रस्सी के दो छोर जैसे ही हैं। गणित के विद्यार्थियों को शून्य और अनंत का संबंध बड़ी आसानी से समझ में आता है। यदि किसी भी संख्या को शून्य से भाग दिया जाए तो परिणाम अनंत प्राप्त होता है और यदि किसी संख्या को अनंत से भाग दिया जाए तो परिणाम में शून्य प्राप्त होता है। इसका अर्थ है अर्थ है यदि हम शून्य का विचार लेकर चलें या अनंत की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़े अंततोगत्वा इस सत्यान्वेषण की प्रमेय का हल “परमसत्य” के रूप में ही प्राप्त होगा। इसी देश के सत्यान्वेषी मनीषियों ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा है- “एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति।“ भगवान बुद्ध इस देश में अवतरित हुए “विप्र” श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ महात्माओं में से एक हैं जिन्होंने उसी सनातन सत्य को एक अलग मार्ग से खोज कर दुनिया के सामने रखा है। (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक कुलसचिव हैं।)
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आर.के. सिन्हा जरा एक बात पर गौर करें कि सूचना के अधिकार की आड़ में भारतीय सेना की तैयारियों को लेकर कुछ खास तत्वों में उत्सुकता किसलिए हो सकती है? क्या सेना के कामकाज की जानकारियां सार्वजनिक करनी चाहिए? सेना से संबंधित जानकारियां सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सेना की विभिन्न इकाइयों, एजेंसियों तथा छावनियों से मांगने वाले कौन लोग हैं? ये तमाम सवाल इसलिए अहम हो जाते हैं क्योंकि इधर देखने में आ रहा है कि कुछ तत्व सेना की अति संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारियों को हासिल करने में भी दिलचस्पी लेने लगे हैं। इन सब वजहों से सेना का तंत्र भी चौकन्ना हो गया। वह सारी स्थिति पर नजर रख रहा है। उसकी तरफ से हाल ही में यह भी मांग हुई है कि सेना को आरटीआई कानून से बाहर रखा जाए। ये मांग सच में बहुत ही सार्थक है तथा संकेत दे रही कि मामला कितना गंभीर है। पिछली 28 अप्रैल को केन्द्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस बात पर गंभीर चिंता जताई गई कि आरटीआई के नाम पर सेना की अहम जानकारियां मांगी जा रही हैं। यह बैठक सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे के रिटायर होने से दो दिन पहले हुई थी। सेना की तरफ से उपर्युक्त मांग को लेकर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। इस पर सरकार को देश की आंतरिक सुरक्षा तथा सेना के कामकाज को गुप्त रखने के अधिकार के आलोक में निर्णय लेना होगा। निश्चय ही देश के नागरिकों को आरटीआई कानून के तहत सूचना पाने के अधिकारों की सीमाएं हैं। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को, अपने कार्य को और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुनी हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन जनता को यह अधिकार तो कतई नहीं दिया जा सकता कि वह देश की सुरक्षा और शत्रु का मुकाबला के लिए की जा रही तैयारियों की ही जानकारियां मांगने लगे। जाहिर है, ये सब वे शातिर लोग करते हैं जिनके इरादे नेक नहीं होते। ये कौन नहीं जानता कि हमारे यहां सेना की जासूसी करने वाले जयचंद और मीर जाफर भी जगह-जगह मौजूद हैं। इनमें सेना के अंदर ही छिपे कुछ गद्दारों से लेकर कुछ तथाकथित पत्रकार आदि शामिल हैं। ये आरटीआई के माध्यम से धीरे-धीरे सूचनाएं निकालने की जुगाड़ में लगे रहते हैं। इन्हें अपने आकाओं से मोटा पैसा जो मिलता है। इसलिए ये अपनी मातृभूमि का भी सौदा करने से पीछे नहीं हटते। इनका जमीर मर चुका है। इसलिए यह जायज मांग तो ये भी हो रही है कि इंटेलिजेंस ब्यूरों, रॉ, नेशनल सिक्युरिटी गार्ड्स (एनएसजी), सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय सुरक्षा बल पुलिस जैसे कुछ और सरकारी विभागों को आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया जाए या फिर यहां से सूचनाएं प्राप्त करने की सीमा तय कर दी जायें। मतलब सिर्फ इन विभागों से जुड़े रहे मुलाजिम इनसे अपनी पेंशन और नौकरी संबंधी जानकारियां आदि ले लें। आपको याद ही होगा कि पिछले साल चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में राजधानी के एक कथित वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा को पकड़ लिया गया था। राजीव शर्मा के बारे में पता चला था कि वह आरटीआई से जानकारियां निकाल कर चीन को सप्लाई करता था। उसे ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ (ओएसएस) के तहत गिरफ्तार किया गया था। उसने सेना से जुड़े कई राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील सूचनाओं वाले दस्तावेज चीन को दिए थे। चीन को संवेदनशील सूचनाएं उपलब्ध कराने की एवज में उसे मोटी रकम मिलती थी। दरअसल एक बेहद शानदार कानून का कुछ शातिर तत्व दुरुपयोग करने लगे हैं। इसलिए ही देश के उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर, 2019 को कहा था कि “आरटीआई का दुरुपयोग रोकने और इसके माध्यम से ‘आपराधिक धमकी’ पर रोकथाम के लिए सूचना का अधिकार कानून के लिए दिशा-निर्देश बनाने की जरूरत है।” तब प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बीआर गवई तथा न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा था, ‘‘हम आरटीआई कानून के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हमें लगता है कि इसके नियमन के लिए किसी प्रकार के दिशा-निर्देश बनाना जरूरी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘कुछ लोग आरटीआई दाखिल करने के विषय से किसी तरह संबंधित नहीं होते। यह कई बार आपराधिक धमकी की तरह होता है, जिसे ब्लैकमेल भी कहा जा सकता है।’’ देखिए, यह सरकार को तो पता ही है कि आरटीआई के तहत आवेदकों की बाढ़-सी आ गई है। बहुत से लोग अनाप-शनाप सवाल भी पूछते रहते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना होगा कि इस अधिकार का गलत इस्तेमाल न हो। मुझे केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के एक अधिकारी बता रहे थे कि उनके विभाग से हर साल दर्जनों आरटीआई में यही पूछा जाता है कि गांधीजी को सबसे पहले महात्मा किसने बोला? संस्कृति मंत्रालय के अधीन ही काम करता है गांधी स्मृति और दर्शन समिति। यानी फिजूल की आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों के जवाब देने में सरकारी बाबुओं का बहुत-सा वक्त गुजर जाता है। यहां पर मामला सेना और उन सरकारी विभागों से जुड़ा है जिनके ऊपर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। ये देश के अति संवेदनशील तथा जरूरी विभाग हैं। भारत के अंदर तथा बाहर शत्रुओं की कोई कमी नहीं है। भारत को लगातार चीन तथा पाकिस्तान का मुकाबला करना पड़ता है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारतीय सैनिक चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डटे हुए हैं। जनरल ने कहा कि सीमा विवाद को लेकर चीन की मंशा स्पष्ट नहीं है। अब उसी भारत के दुश्मन नंबर एक चीन के लिए कुछ जयचंद भी हमारे देश के अन्दर काम करते हैं। उनका भी देश को कायदे से इलाज करना होगा। इसके साथ ही सरकार को सेना से जुड़ी कोई भी जानकारी आरटीआई के माध्यम से देने से पहले सोचना होगा कि कहीं देश की सुरक्षा से संबंधित जानकारी तो किसी राष्ट्र विरोधी तत्व को नहीं दी जा रही है। इस तरह के आरटीआई पूछने वालों के व्यक्तिगत चरित्र और पृष्ठभूमि की भी जांच जरूरी है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री समाज कल्याण के व्यापक आयाम होते हैँ। लोक कल्याणकारी सरकार से इन सभी पर एक साथ प्रयास करने की अपेक्षा रहती है। इस आधार पर सरकार के कार्यों का आकलन किया जाता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस दायित्व का बखूबी निर्वाह किया। यही कारण है कि ईज ऑफ लिविंग में उत्तर प्रदेश का ग्राफ बहुत ऊपर हुआ है। विगत पांच वर्षों के दौरान समाज कल्याण के सभी मोर्चों पर एक साथ प्रभावी कार्य किया गया। इस दौरान दो वर्ष तक कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। आपदा की इस अवधि में समाज कल्याण के कार्यों की सर्वाधिक आवश्यकता थी। केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने गरीबों के भरण-पोषण हेतु विश्व की सबसे बड़ी निःशुल्क राशन योजना लागू की। योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूसरी पारी इस योजना की समय सीमा बढ़ाने के साथ की। उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों के दौरान व्यवस्था बदलाव के प्रभावी प्रयास किये गए। इसके चलते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से लेकर ईज ऑफ लिविंग की रैंकिंग में अभूतपूर्व मुकाम हासिल हुआ है। इसके पहले उत्तर प्रदेश का इस क्षेत्र में पिछड़ा माना जाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वप्रथम प्रदेश की व्यवस्था को बदलने का कार्य किया। इसका सकारात्मक प्रभाव अनेक क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है। ईज ऑफ लिविंग अभियान के अंतर्गत योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन सभागार में ई पेंशन पोर्टल का शुभारंभ किया। पेंशनधारकों को यह सुविधा उपलब्ध कराने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। सात वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया था। इसके अंतर्गत देश में चालीस करोड़ जन-धन खाते खोले गए। व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के तकनीकी प्रयास किये गए। इससे जरूरतमंदों को सीधा व शत-प्रतिशत लाभ मिलना सुनिश्चित हुआ। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने भी व्यापक सुधार किए। इसके अनुरूप प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने ई-पेंशन पोर्टल का विकास किया। इससे पेंशन व्यवस्था को सुगम व पारदर्शी बनाया गया है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत पेंशनर को सेवानिवृत्त होने के छह माह पहले ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आवेदन करना है। रजिस्ट्रेशन करने के बाद आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा पेंशनर के आवेदन की जांच कर 30 दिनों के अन्दर पेंशन पेमेण्ट ऑर्डर जारी करने वाले अधिकारी को अग्रसारित कर दिया जाएगा। पीपीओ जारी करने वाले अधिकारी द्वारा 30 दिनों के अन्दर पीपीओ जारी कर दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले पूर्ण कर ली जाएगी। यहां से पेंशन के कागजात पूर्ण होने का संदेश आवेदनकर्ता के पास आ जाएगा। नियत तिथि को कोषागार द्वारा पेंशनर के खाते में पेंशन का ऑनलाइन भुगतान हो जाएगा। यह पोर्टल कॉन्टैक्टलेस है। कहीं जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना है। शेष प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यह पेपरलेस तथा कैशलेस है। पूरी प्रक्रिया सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व से शुरु होकर अपने आप पूरी हो जाएगी। यह सुविधा अनेक उपलब्धियों से भरी है। पेंशन के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ेगा। इसी प्रकार दिव्यांग कल्याण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किये गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांग की जगह दिव्यांग संबोधन का प्रयोग किया था। उनका कहना था कि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों में कोई न कोई दिव्य प्रतिभा अवश्य होती है। अवसर मिलने से उनकी प्रतिभा में निखार आता है। जिससे वह समाज व के सामने अपनी क्षमता को प्रमाणित भी करते है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस विचार को आगे बढाते रहे हैं। इन प्रयासों से विकलांगों के प्रति समाज की धारणा बदल रही है। दिव्यांग शब्द में एक सम्मान का भाव है। अब यह शब्द प्रचलन में आ गया है। योगी आदित्यनाथ ने भारत की ऋषि परम्परा में ऋषि अष्टावक्र व महाकवि सूरदास का उल्लेख किया। कहा कि इन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा से समाज को नई दिशा प्रदान की। उनकी भक्ति, विचार व साहित्य शाश्वत रूप में प्रासंगिक रहेंगे। भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंस ने भी दिव्यांग शब्द को चरितार्थ किया है। उनकी दिव्य प्रतिभा को भी लोगों ने देखा व स्वीकार किया है। उन्होंने ब्रह्माण्ड के रहस्य पर महत्वपूर्ण शोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ न कुछ क्षमता अवश्य है। ‘अयोग्यः पुरुषो नास्तिः।’ कुछ भी अयोग्य नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर कुछ न कुछ गुण अवश्य होता है। इसके लिये उनको अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है। सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। योगी आदित्यनाथ डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अटल प्रेक्षागृह में आयोजित विभिन्न कार्याें के शिलान्यास एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम में सहभागी हुए। उन्होंने कहा है कि व्यक्ति के विवेक,साहस,विचार और बुद्धिमत्ता से उसकी पहचान बनती है। इनका स्थूल रूप में मूल्यांकन नहीं हो सकता। शारीरिक रूप में कठिनाई का सामना करते हुए भी लोग जीवन में सफल हो सकते है। यह विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों के पुनर्वास में योगदान कर रहा है। यहां के आधे विद्यार्थी दिव्यांग व आधे सामान्य हैं। इनका परस्पर समन्वय, संवाद व सहयोग सार्थक हो रहा है। यहां अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय स्थापित होने जा रहा है। डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूत बनाने के लिए शासन ने प्रदेश के एक करोड़ बच्चों को टैबलेट एवं स्मार्टफोन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसमें हर प्रकार के पाठ्यक्रम टैग होंगे। इसका विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार द्वारा आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा औद्योगिक विकास विभाग के समन्वय से नए नए प्रोग्राम के साथ इन बच्चों को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। इससे ऑनलाइन एजुकेशन के साथ-साथ इन विद्यार्थियों को किसी परीक्षा की ऑनलाइन तैयारी के लिए भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। वर्तमान सरकार ने दिव्यांगों की सुविधा हेतु अभूतपूर्व कार्य किये हैं। दिव्यांगजन पेंशन राशि तीन सौ रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के वार्षिक बजट को लगभग दोगुना किया गया। इसी प्रकार पेंशन प्राप्त करने वालों की संख्या व उपकरण हेतु दी जाने वाली धनराशि में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। दिव्यांगजनों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी गयी है। दिव्यांगजनों के प्रोत्साहन के लिए राज्यस्तरीय पुरस्कार की श्रेणी में चार गुना वृद्धि की गई। तीस उप श्रेणी बनाई गई। पुरस्कार राशि पांच गुना वृद्धि की गई है। राज्य सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक निवासी व प्रवासी श्रमिक को दो लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा कोरोना काल के दौरान उपलब्ध करायी है। प्रदेश सरकार प्रत्येक श्रमिक को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने की कार्यवाही कर रही है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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प्रमोद भार्गव ऐसा पहली बार देखने में आया है कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने न्यायालयों में बढ़ते मामलों के मूल कारणों में जजों की कमी के साथ राजस्व न्यायालयों को भी दोषी ठहराया है। रमणा ने न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका की शक्तियों और क्षेत्राधिकार के विभाजन की संवैधानिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि कर्तव्यों का पालन करते समय हम सभी को लक्ष्मण रेखा की मर्यादा ध्यान में रखनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो न्यायपालिका कभी भी शासन के रास्ते में आड़े नहीं आएगी। आज जो न्यायपालिका में मुकदमों का ढेर लगा है, उसके लिए जिम्मेदार प्रमुख प्राधिकरणों द्वारा अपना काम ठीक से नहीं करना है। इसलिए सबसे बड़ी मुकदमेबाज सरकारें हैं। न्यायालयों में 66 प्रतिशत मामले राजस्व विभाग से संबंधित हैं। राजस्व न्यायालय एक तो भूमि संबंधी प्रकरणों का निराकरण नहीं करती, दूसरे न्यायालय निराकरण कर भी देती है तो उस पर वर्षों अमल नहीं होता। नतीजतन, अवमानना के मुकदमे बढ़ने की भी एक नई श्रेणी तैयार हो रही है। अदालत के आदेश के बावजूद उसका क्रियान्वयन नहीं करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। रमणा ने मामलों का बोझ बढ़ने का कारण गिनाते हुए कहा कि तहसीलदार यदि भूमि के नामांतरण और बंटवारे समय पर कर दें तो किसान अदालत क्यों जाएगा? यदि नगर निगम, नगरपालिकाएं और ग्राम पंचायतें ठीक से काम करें तो नागरिक न्यायालय का रुख क्यों करेगा? यदि राजस्व विभाग परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण विधि सम्मत करे तो लोग अदालत के दरवाजे पर दस्तक क्यों देंगे? ऐसे मामलों की संख्या 66 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि जब हम सब संवैधानिक पदाधिकारी हैं और इस व्यवस्था का पालन करने के लिए जिम्मेदार हैं और हमारे क्षेत्राधिकार भी स्पष्ट हैं, तब समन्वय के साथ दायित्व का पालन करते हुए राष्ट्र की लोकतांत्रिक नींव मजबूत करने की जरूरत है। रमणा ने यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आहूत मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में कही। अदालतों में मुकदमों की संख्या बढ़ाने में राज्य सरकारें निश्चित रूप से जिम्मेवार हैं। वेतन विसंगतियों को लेकर एक ही प्रकृति के कई मामले ऊपर की अदालतों में विचाराधीन हैं। इनमें से अनेक तो ऐसे प्रकरण हैं, जिनमें सरकारें आदर्श व पारदर्शी नियोक्ता की शर्तें पूरी नहीं करती हैं। नतीजतन जो वास्तविक हकदार हैं, उन्हें अदालत की शरण में जाना पड़ता है। कई कर्मचारी सेवानिवृति के बाद भी बकाए के भुगतान के लिए अदालतों में जाते हैं। जबकि इन मामलों को कार्यपालिका अपने स्तर पर निपटा सकती है। हालांकि कर्मचारियों से जुड़े मामलों का सीधा संबंध विचाराधीन कैदियों की तादाद बढ़ाने से नहीं है, लेकिन अदालतों में प्रकरणों की संख्या और काम का बोझ बढ़ाने का काम तो ये मामले करते ही हैं। इसी तरह पंचायत पदाधिकारियों और राजस्व मामलों का निराकरण राजस्व न्यायालयों में न होने के कारण न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है। जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा और बिजली बिलों का विभाग स्तर पर नहीं निपटना भी अदालतों पर बोझ बढ़ा रहे हैं। कई प्रांतों के भू-राजस्व कानून विसंगतिपूर्ण हैं। इनमें नाजायज कब्जे को वैध ठहराने के उपाय हैं। जबकि जिस व्यक्ति के पास दस्तावेजी साक्ष्य है, वह भटकता रहता है। इन विसंगतिपूर्ण धाराओं का विलोपीकरण करके अवैध कब्जों से संबंधित मामलों से निजात पाई जा सकती है। लेकिन नौकरशाही ऐसे कानूनों का वजूद बने रहने देना चाहती है, क्योंकि इनके बने रहने पर ही इनका रौब-रुतबा है। हमारे यहां संख्या के आदर्श अनुपात में कर्मचारियों की कमी का रोना अक्सर रोया जाता है। ऐसा केवल अदालत में हो,ऐसा नहीं है। पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध न कराने का यही बहाना है। कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों एवं उनके सहायक कर्मचारियों की कमी बड़ी संख्या में देखने में आई थी। इसकी पूर्ति आउट सोर्स के माध्यम से चिकित्सक एवं कर्मचारी तैनात करके तत्काल तो कर ली गई, किंतु कोरोना संकट खत्म होते ही उन्हें हटा दिया गया। नतीजतन कमी यथावत है। जजों की कमी कोई नई बात नहीं है। 1987 में विधि आयोग ने हर 10 लाख की आबादी पर जजों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 करने की सिफारिश की थी। फिलहाल यह संख्या 17 कर दी गई है। जबकि विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा आस्ट्रेलिया में 58, कनाडा में 75, फ्रांस में 80 और ब्रिटेन में 100 है। हमारे यहां जिला एवं सत्र न्यायालय में 21 हजार की तुलना में 40 हजार न्यायाधीशों की जरूरत है। मार्च 2016 तक देश के 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के कुल 1056 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 434 पद खाली हैं। हालांकि हमारे यहां अभी भी 14,000 अदालतों में 17,945 न्यायाधीश काम कर रहे हैं। अदालतों का संस्थागत ढांचा भी बढ़ाया गया है। उपभोक्ता, परिवार और किशोर न्यायालय अलग से अस्तित्व में आ गए हैं। फिर भी काम संतोषजनक नहीं है। उपभोक्ता अदालतें अपनी कार्य संस्कृति के चलते बोझ साबित होने लगी हैं। बावजूद औद्योगिक घरानों के वादियों के लिए पृथक से वाणिज्य न्यायालय बनाने की पैरवी की जा रही है। अलबत्ता आज भी ब्रिटिश परंपरा के अनुसार अनेक न्यायाधीश ग्रीष्म ऋतु में छुट्टियों पर चले जाते हैं। सरकारी नौकरियों में जब से महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान हुआ है, तब से हरेक विभाग में महिलाकर्मियों की संख्या बढ़ी है। इन महिलाओं को 26 माह के प्रसूति अवकाश के साथ दो बच्चों की 18 साल की उम्र तक के लिए दो वर्ष का ‘बाल सुरक्षा अवकाश‘ भी दिया जाता है। अदालत से लेकर अन्य सरकारी विभागों में मामलों के लंबित होने में ये अवकाश एक बड़ा कारण बन रहे हैं। इधर कुछ समय से लोगों के मन में यह भ्रम भी पैठ कर गया है कि न्यायपालिका से डंडा चलवाकर विधायिका और कार्यपालिका से छोटे से छोटा काम भी कराया जा सकता है। इस कारण न्यायालयों में जनहित याचिकाएं बढ़ रही हैं, जो न्यायालय के बुनियादी कामों को प्रभावित कर रही हैं। जबकि प्रदूषण, यातायात, पर्यावरण और पानी जैसे मुद्दों पर अदालतों के दखल के बावजूद इन क्षेत्रों में बेहतर स्थिति नहीं बनी है। न्यायिक सिद्धांत का तकाजा तो यही है कि एक तो सजा मिलने से पहले किसी को अपराधी न माना जाए, दूसरे आरोप का सामना कर रहे व्यक्ति का फैसला तय समय-सीमा में हो जाए। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे यहां ऐसा संभव नहीं हो पाता। इसकी एक वजह न्यायालय और न्यायाधीशों की कमी जरूर है, लेकिन यह आंशिक सत्य है। मुकदमों के लंबा खिंचने की एक वजह अदालतों की कार्य-संस्कृति भी है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति राजेंद्रमल लोढ़ा ने कहा भी था ‘न्यायाधीश भले ही निर्धारित दिन ही काम करें, लेकिन यदि वे कभी छुट्टी पर जाएं तो पूर्व सूचना अवश्य दें। ताकि उनकी जगह वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।‘ इस तथ्य से यह बात सिद्ध होती है कि सभी अदालतों के न्यायाधीश बिना किसी पूर्व सूचना के आकस्मिक अवकाश पर चले जाते हैं। गोया, मामले की तारीख आगे बढ़ानी पड़ती है। इन्हीं न्यायमूर्ति ने कहा था कि ‘जब अस्पताल 365 दिन चल सकते हैं तो अदालतें क्यों नहीं ?‘ यह बेहद सटीक सवाल था। हमारे यहां अस्पताल ही नहीं, राजस्व और पुलिस विभाग के लोग भी लगभग 365 दिन काम करते हैं। किसी आपदा के समय इनका काम और बढ़ जाता है। इनके कामों में विधायिका और खबरपालिका के साथ समाज का दबाव भी रहता है। बावजूद ये लोग दिन-रात कानून के पालन के प्रति सजग रहते हैं। जबकि अदालतों पर कोई अप्रत्यक्ष दबाव नहीं होता है। यही प्रकृति वकीलों में भी देखने में आती है। हालांकि वकील अपने कनिष्ठ वकील से अक्सर इस कमी की वैकल्पिक पूर्ति कर लेते हैं। लेकिन वकील जब प्रकरण का ठीक से अध्ययन नहीं कर पाते अथवा मामले को मजबूती देने के लिए किसी दस्तावेजी साक्ष्य को तलाश रहे होते हैं तो वे बिना किसी ठोस कारण के तारीख आगे खिसकाने की अर्जी लगा देते हैं। विडंबना है कि बिना ठोस पड़ताल किए न्यायाधीश इसे स्वीकार भी कर लेते हैं। तारीख बढ़ने का आधार बेवजह की हड़तालें और न्यायाधीशों व अधिवक्ताओं के परिजनों की मौतें भी हैं। ऐसे में श्रद्धांजलि सभा कर अदालतें कामकाज को स्थगित कर देती हैं। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने इस तरह के स्थगन और हड़तालों से बचने की सलाह दी थी। लेकिन जिनका स्वार्थ मुकदमों को लंबा चलाने में अंतर्निहित है, वहां ऐसी नसीहतें व्यर्थ हैं। लिहाजा, कड़ाई बरतते हुए कठोर नियम बनाने की जरूरत है। अगली तारीख का अधिकतम अंतराल 15 दिन से ज्यादा का न हो, दूसरे अगर किसी मामले का निराकरण समय-सीमा में नहीं हो पा रहा है तो ऐसे मामलों को विशेष प्रकरण की श्रेणी में लाकर उसका निराकरण त्वरित और लगातार सुनवाई की प्रक्रिया के अंतर्गत हो। ऐसा होता है तो मामलों को निपटाने में तेजी आ सकती है। बहरहाल प्रधान न्यायाधीश ने जो खरी-खरी बातें कहीं हैं, उन पर राजस्व अदालतों को अमल करने की जरूरत है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष को मजबूरन इस्तीफा देना पड़ गया। उनके छोटे भाई गोटबाया राजपक्ष अभी भी श्रीलंका के राष्ट्रपति पद पर डटे हुए हैं। श्रीलंका में आम-जनता के बीच इतना भयंकर असंतोष फैल गया है कि इस राजपक्ष सरकार को कई बार कर्फ्यू लगाना पड़ गया। इस राजपक्ष सरकार के मंत्रिमंडल में राजपक्ष-परिवार के लगभग आधा दर्जन सदस्य कुर्सी पर जमे हुए थे। जब आम जनता का गुस्सा बेकाबू हो गया तो मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया। लोगों के दिलों में यह प्रभाव जमाया गया कि राजपक्ष परिवार को कोई पद-लिप्सा नहीं है। राष्ट्रपति गोटबाया ने सारे विपक्षी दलों से निवेदन किया कि वे आएं और मिलकर नई संयुक्त सरकार बनाएं लेकिन विपक्ष के नेता सजित प्रेमदास ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया। अब भी राष्ट्रपति का कहना है कि विपक्ष अपना प्रधानमंत्री खुद चुन ले और श्रीलंका को इस भयंकर संकट से बचाने के लिए मिली-जुली सरकार बनाए लेकिन विपक्ष के नेता इस प्रस्ताव पर अमल के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। वे सारे श्रीलंकाइयों से एक ही नारा लगवा रहे हैं- ‘गोटा गो’ याने राष्ट्रपति भी इस्तीफा दें। श्रीलंका के विपक्षी नेताओं की यह मांग ऊपरी तौर पर स्वाभाविक लगती है लेकिन समझ नहीं आता कि नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की नियुक्ति क्या चुटकी बजाते हो जाएगी? उनका चुनाव होते-होते श्रीलंका की हालत और भी बदतर हो जाएगी। नये राष्ट्रपति और नई सरकार खाली हुए राजकोष को तुरंत कैसे भर सकेगी? श्रीलंका का विपक्ष भी एकजुट नहीं है। स्पष्ट बहुमत के अभाव में वह सरकार कैसे बनाएगा? वह सर्वशक्ति संपन्न राष्ट्रपति को कैसे बर्दाश्त करेगा? यदि श्रीलंका का विपक्ष देशभक्त है तो उसका पहला लक्ष्य यह होना चाहिए कि वह मंहगाई, बेरोजगारी और अराजकता पर काबू करे। गोटबाया सरकार जैसी भी है, फिलहाल उसके साथ सहयोग करके देश को चौपट होने से बचाए। भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों से प्रचुर सहायता का अनुरोध करे और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा-कोष से भी आपात राशि की मांग करे। अभी तो लोग दंगों और हमलों से मर रहे हैं लेकिन जब भुखमरी और बेरोजगारी से मरेंगे तो वे किसी भी नेता को नहीं बख्शेंगे, वह चाहे पक्ष का हो या विपक्ष का! श्रीलंका की वर्तमान दुर्दशा से पड़ोसी देशों को महत्वपूर्ण सबक भी मिल रहा है। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस/ फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती (12 मई) पर विशेष योगेश कुमार गोयल कोरोना काल में दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हुई लेकिन करोड़ों लोगों के प्राण बचाने में भी सफलता मिली। इसका श्रेय जाता है नर्सिंग कर्मियों को, जो स्वयं के संक्रमित होने के खतरे के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बिना ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में जुटे रहे। 12 मई को मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों के इसी योगदान को नमन करना जरूरी है। यह दिवस दया और सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्हें ‘आधुनिक नर्सिंग की जन्मदाता’ माना जाता है। ‘लेडी विद द लैंप’ (दीपक वाली महिला) के नाम से विख्यात नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। भारत सरकार ने वर्ष 1973 में नर्सों के अनुकरणीय कार्यों को सम्मानित करने के लिए उन्हीं के नाम से ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ की स्थापना की, जो नर्स दिवस के अवसर पर प्रदान किए जाते हैं। फ्लोरेंस कहती थी कि रोगी का बुद्धिमान और मानवीय प्रबंधन ही संक्रमण के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली में रह रहे एक समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में हुआ था लेकिन वह इंग्लैंड में पली-बढ़ी। वह बेहद खूबसूरत, पढ़ी-लिखी और समझदार युवती थी। उन्होंने अंग्रेजी, इटेलियन, लैटिन, जर्मनी, फ्रैंच, इतिहास और दर्शन शास्त्र सीखा तथा अपनी बहन और माता-पिता के साथ कई देशों की यात्रा की। 16 वर्ष की आयु में ही उन्हें अहसास हो गया कि उनका जन्म सेवा कार्यों के लिए ही हुआ है। 1837 में नाइटिंगेल परिवार अपनी बेटियों को यूरोप के सफर पर ले गया, जो उस समय बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिए जरूरी माना जाता था। उसी सफर के दौरान फ्लोरेंस ने माता-पिता से कहा था कि ईश्वर ने उसे मानवता की सेवा का आदेश दिया है लेकिन यह नहीं बताया कि सेवा किस तरह से करनी है। यह सुनकर माता-पिता बेहद परेशान हो गए थे। फ्लोरेंस ने माता-पिता को बताया कि वह एक ऐसी नर्स बनना चाहती है, जो अपने मरीजों की अच्छी तरह सेवा और देखभाल कर सके। इस पर माता-पिता बेहद नाराज हुए थे क्योंकि विक्टोरिया काल में ब्रिटेन में अमीर घरानों की महिलाएं कोई काम नहीं करती थी। उस दौर में नर्सिंग को एक सम्मानित व्यवसाय भी नहीं माना जाता था, इसलिए भी माता-पिता का मानना था कि धनी परिवार की लड़की के लिए वह पेशा बिल्कुल सही नहीं है। वह ऐसा समय था, जब अस्पताल बेहद गंदी जगह पर होते थे और वहां बीमार लोगों की मौत के बाद काफी भयावह माहौल हो जाता था। परिवार के पुरजोर विरोध और गुस्से के बाद भी फ्लोरेंस अपनी जिद पर अड़ गई और वर्ष 1845 में अभावग्रस्त लोगों की सेवा का प्रण लिया। वर्ष 1849 में उन्होंने शादी करने का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया और परिजनों से दृढ़तापूर्वक कहा कि वह ईश्वर के आदेश का पालन करेगी तथा एक नर्स ही बनेगी। वर्ष 1850 में उन्होंने जर्मनी में प्रोटेस्टेंट डेकोनेसिस संस्थान में दो सप्ताह की अवधि में एक नर्स के रूप में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया। मरीजों, गरीबों और पीडि़तों के प्रति उनके सेवाभाव को देखते हुए आखिरकार उनके माता-पिता द्वारा वर्ष 1851 में उन्हें नर्सिंग की आगे की पढ़ाई के लिए अनुमति दे दी गई, जिसके बाद उन्होंने जर्मनी में महिलाओं के लिए एक क्रिश्चियन स्कूल में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की, जहां उन्होंने मरीजों की देखभाल के तरीकों और अस्पतालों को साफ रखने के महत्व के बारे में जाना। वर्ष 1853 में उन्होंने लंदन में महिलाओं के लिए एक अस्पताल ‘इंस्टीच्यूट फॉर द केयर ऑफ सिंक जेंटलवुमेन’ खोला, जहां उन्होंने मरीजों की देखभाल के लिए बहुत सारी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई और नर्सों के लिए कार्य करने की स्थिति में भी सुधार किया। नर्सिंग के क्षेत्र में पहली बार उनका अहम योगदान वर्ष 1854 में क्रीमिया युद्ध के दौरान देखा गया। युद्ध के दौरान सैनिकों के जख्मी होने, ठंड, भूख तथा बीमारी से मरने की खबरें आई। युद्ध के समय वहां उनकी देखभाल के लिए कोई उपलब्ध नहीं था। ऐसे में ब्रिटिश सरकार द्वारा फ्लोरेंस के नेतृत्व में अक्तूबर 1854 में 38 नर्सों का एक दल घायल सैनिकों की सेवा के लिए तुर्की भेजा गया। फ्लोरेंस ने वहां पहुंचकर देखा कि किस प्रकार वहां अस्पताल घायल सैनिकों से खचाखच भरे हुए थे, जहां गंदगी, दुर्गंध, दवाओं तथा उपकरणों की कमी, दूषित पेयजल इत्यादि के कारण असुविधाओं के बीच संक्रमण से सैनिकों की बड़ी संख्या में मौतें हो रही थी। फ्लोरेंस ने अस्पताल की हालत सुधारने के अलावा घायल और बीमार सैनिकों की देखभाल में दिन-रात एक कर दिया, जिससे सैनिकों की स्थिति में काफी सुधार हुआ। उनकी अथक मेहनत के परिणामस्वरूप ही अस्पताल में सैनिकों की मृत्यु दर में बहुत ज्यादा कमी आई। उस समय किए गए उनके सेवा कार्यों के लिए ही सभी सैनिक उन्हें आदर और प्यार से ‘लेडी विद द लैंप’ कहने लगे थे। दरअसल जब चिकित्सक अपनी ड्यूटी पूरी करके चले जाते, तब भी वह रात के गहन अंधेरे में हाथ में लालटेन लेकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित रहती थी। रात में अस्पताल में जब घायल सैनिक सो रहे होते, तब वह स्वयं उनके पास जाकर देखती कि किसी को कोई तकलीफ तो नहीं है। वर्ष 1856 में युद्ध की समाप्ति के बाद जब वह वापस लौटी, तब नायिका के तौर पर उभरी फ्लोरेंस के बारे में अखबारों में बहुत कुछ छपा और उसके बाद उनका नाम ‘लेडी विद द लैंप’ काफी प्रसिद्ध हो गया। स्वयं महारानी विक्टोरिया ने पत्र लिखकर उनका धन्यवाद किया था। सितम्बर 1856 में रानी विक्टोरिया से उनकी मुलाकात हुई, जिसके बाद उनके सुझावों के आधार पर ही वहां सैन्य चिकित्सा प्रणाली में बड़े पैमाने पर सुधार संभव हुआ और वर्ष 1858 में रॉयल कमीशन की स्थापना हुई। उसके बाद ही अस्पतालों की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना, सैनिकों को बेहतर खाना, कपड़े और देखभाल की सुविधा मुहैया कराना तथा सेना द्वारा डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने जैसे कार्यों की शुरूआत हुई। फ्लोरेंस के प्रयासों से वर्ष 1860 में लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में ‘नाइटिंगेल ट्रेनिंग स्कूल फॉर नर्सेज’ खोला गया, जहां नर्सों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता था। सेवाभाव से किए गए फ्लोरेंस के कार्यों ने नर्सिंग व्यवसाय का चेहरा ही बदल दिया, जिसके लिए उन्हें रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति द्वारा सम्मानित किया गया। यही समिति फ्लोरेंस नाइटिंगेल के नाम से नर्सिंग में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कार देती है। वर्ष 1869 में उन्हें महारानी विक्टोरिया ने ‘रॉयल रेड क्रॉस’ से सम्मानित किया था। मरीजों, गरीबों और पीडि़तों के प्रति फ्लोरेंस की सेवा भावना को देखते हुए ही नर्सिंग को उसके बाद महिलाओं के लिए सम्मानजनक पेशा माना जाने लगा और उनकी प्रेरणा से ही नर्सिंग क्षेत्र में महिलाओं को आने की प्रेरणा मिली। फ्लोरेंस के अथक प्रयासों के कारण रोगियों की देखभाल तथा अस्पताल में स्वच्छता के मानकों में अपेक्षित सुधार हुए। 90 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1910 को फ्लोरेंस नाइटिंगेल का निधन हो गया। स्वच्छता तथा स्वास्थ्य सेवा को लेकर फ्लोरेंस के विचार सही मायनों में आधुनिक चिकित्सा जगत में भी 19वीं सदी जितने ही प्रासंगिक हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री अयोध्या प्राचीन काल से भव्य नगरी के रूप में प्रतिष्ठित रही है। प्रभु श्रीराम के यहां अवतार लेने से पहले यह चक्रवर्ती सम्राटों की वैभवशाली राजधानी थी। प्रभु के अवतार ने इसे आध्यात्मिक रूप से भी दिव्य बना दिया था। किंतु मध्यकाल में इसे विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण झेलने पड़े। पांच सौ वर्षों बाद यहां जीर्णोद्धार प्रारंभ हुआ है। भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। किंतु अयोध्या का विकास यहीं तक सीमित नहीं है। इसको विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसमें मूलभूत सुविधाओं का विकास, ढांचागत निर्माण कार्य, शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क कनेक्टिविटी आदि सभी क्षेत्र शामिल है। योगी आदित्यनाथ स्वयं इन कार्यों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचते हैं। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वह दो बार अयोध्या की यात्रा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने श्रीराम लला के दर्शन पूजन के अलावा मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा की। वह एक स्कूल का भी निरीक्षण करने गए। कुछ देर के लिए वह एक शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाते दिखाई दिए। वस्तुतः उनके कार्य करने का अपना अंदाज है। वे एक यात्रा में एक साथ अनेक उद्देश्य पूरा करते हैं। इन सभी का संबंध प्रदेश व समाज के हित से जुड़ा होता है। अयोध्या गए तो वहां श्रीराम लला विराजमान का दर्शन पूजन किया। यहां बन रहे मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। अनेक विकास योजनाओं की समीक्षा की। दलित परिवार में भोजन कर समरसता का संदेश दिया। उनके घर जा रहे थे तो पता चला कि कुछ मीटर दूरी पर बेसिक स्कूल है। बेसिक शिक्षा में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से विगत पांच वर्षों में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं। योगी अक्सर इन विद्यालयों में निरीक्षण के लिए जाते रहते हैं। उस समय स्कूल खुला हुआ था तो वह कुछ पल के लिए शिक्षक की भूमिका में आ जाते हैं। बच्चों के लिए यह यादगार लम्हा बन जाता है। दरअसल, योगी दलित महिला बसंती के बेगमपुरा स्थित आवास में भोजन हेतु जा रहे थे। उनका काफिला आवास से कुछ आगे बढ़ गया। इंतजार कर रहे लोगों को हैरत हुआ। यहां से कुछ मीटर दूरी पर उनका काफिला रुका। योगी आदित्यनाथ वाहन से उतर कर पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा पहुंच गये। विद्यालय में सुविधाओं का निरीक्षण किया। सरकार द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही यूनिफॉर्म की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद वह कई क्लास रूम में मुख्यमंत्री नहीं बल्कि शिक्षक के रूप में गए। बच्चों से सहजता से संवाद किया। ब्लैक बोर्ड पर जो लिखा था उसके बारे में उनसे सवाल किए। जो किताब खुली थी या कॉपी पर बच्चों ने जो लिखा था, उसके विषय में पूछा। जो गलती थी, उसे सही कराया। बच्चों से किताब पढ़वाई। हिंदी के शब्द और अर्थ के विषय में पूछा। अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं। अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय बेजोड़ होगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास हो रहा है। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अयोध्या को स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या के आस-पास संचालित लगभग दो हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं कार्य चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में इसकी समीक्षा की। उन्होंने अयोध्या के विजन डॉक्युमेण्ट ‘अयोध्या विजन तथा आगामी सौ दिनों में किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन भी किया। अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। अयोध्या विजन के विभिन्न विभागों की दो सौ से ज्यादा परियोजनाओं की नियमित निगरानी के लिए डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इसकी नियमित समीक्षा भी होती रहेगी। अयोध्या के आगामी विकास में तीन प्रमुख पथ निर्धारित किए गए हैं। पहला पथ राम पथ- सहादतगंज से नयाघाट, दूसरा पथ- श्रीराम जन्मभूमि पथ-सुग्रीव किला मार्ग से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर, तीसरा पथ- भक्ति पथ-श्रृंगार हाट से रामजन्मभूमि मन्दिर तक हैं। योगी ने अयोध्या में हर घर नल कनेक्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाने, विद्युत आपूर्ति को बेहतर करने के निर्देश दिए। दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन की अपनी परंपरा का निर्वाह किया था। पांच वर्ष पूर्व भी उन्होंने ऐसा किया था। तब श्री रामजन्मभूमि पर यथास्थिति थी। योगी ने अपनी योजना के अनुरूप यहां पर्यटन विकास संबंधी कार्य शुरू कर दिए थे। फिर वह समय भी आया जिसकी पांच सदियों से प्रतीक्षा थी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। इस बार योगी जब अयोध्या पहुंचे तो स्थिति अलग रही। भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। श्री रामलला को अस्थाई मंदिर में योगी आदित्यनाथ द्वारा ही प्रतिष्ठित किया गया था। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में सरकारी अस्पतालों को देखकर हमारे स्वास्थ्य मंत्रियों को शर्म क्यों नहीं आती? ऐसा नहीं है कि उन्हें इन अस्पतालों की हालत का पता नहीं है। उन्हें अगर पता नहीं है तो वे ‘राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5’ की ताजा रपट जरा देख लें। उसके मुताबिक बिहार के 80 प्रतिशत मरीज अपने इलाज के लिए गैर सरकारी अस्पतालों में जाते हैं। उन्हें पता है कि इन निजी अस्पतालों में जबर्दस्त ठगी होती है लेकिन जान बचाने की खातिर वे उसे बर्दाश्त करते हैं। वे पैसे उधार लेते हैं, दोस्तों और रिश्तेदारों के कृपा-पात्र बनते हैं और मजबूरी में मंहगा इलाज करवाते हैं। ये लोग कौन हैं? निजी अस्पतालों में क्या कोई मजदूर या किसान जाने की हिम्मत कर सकता है? क्या तीसरे-चौथे दर्जे का कोई कर्मचारी अपने इलाज पर हजारों-लाखों रु. खर्च कर सकता है? इन अस्पतालों में इलाज करवाने लोग या तो मालदार होते हैं या मध्यम वर्ग के लोग होते हैं। ये ही ज्यादा बीमार पड़ते हैं। जो मेहनतकश लोग हैं, वे बीमार कम पड़ते हैं लेकिन जब पड़ते हैं तो उनके इलाज का ठीक-ठाक इंतजाम किसी भी राज्य में नहीं होता। उत्तर प्रदेश में भी 70 प्रतिशत मरीज निजी अस्पतालों में जाते हैं। सरकारी अस्पतालों में भयंकर भीड़ होती है। दिल्ली के प्रसिद्ध मेडिकल इंस्टीटयूट में अगर आप जाएं तो आपको लगेगा कि किसी दमघोंटू हाॅल में मेले-ठेले की तरह आप धक्के खाने को आ गए हैं। देश के कस्बों और गांवों के लोगों को लंबी-लंबी यात्रा करनी पड़ती है, सरकारी अस्पताल खोजने के लिए! करोड़ों लोग तो ऐसे हैं, जिन्हें अपने गंभीर रोगों के बारे में बरसों कुछ जानकारी ही नहीं होती, क्योंकि भारत में जांच और चिकित्सा बहुत मंहगी है। होना तो यह चाहिए कि देश में चिकित्सा बिल्कुल मुफ्त हो। सरकार ने अभी पांच लाख रु. के स्वास्थ्य बीमे की जो व्यवस्था बनाई है, उससे लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी लेकिन इससे क्या सरकारी अस्पतालों की दशा सुधरेगी? सरकारी अस्पतालों की दशा सुधारने का पक्का उपाय मैंने कुछ वर्ष पहले एक लेख में सुझाया था। उस सुझाव पर इलाहाबाद न्यायालय ने मुहर लगा दी थी लेकिन उत्तर प्रदेश की अखिलेश या योगी-सरकार ने उस पर अभी तक अमल नहीं किया है। सुझाव यह था कि राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक और सांसद से लेकर पार्षद तक सभी के लिए यह अनिवार्य होना चाहिए कि वे अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में ही करवाएं। यदि ऐसा नियम बन जाए तो देखिए कि सरकारी अस्पतालों की दशा रातों-रात ठीक हो जाती है या नहीं? इसके अलावा यदि आयुर्वेद, होमियोपेथी, यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा को पर्याप्त प्रोत्साहन दिया जाए और उनमें अनुसंधान बढ़ाया जाए तो भारत की चिकित्सा पद्धति दुनिया की सबसे सस्ती, सुगम और सुघड़ चिकित्सा पद्धति बन सकती है। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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शहनाज हुसैन गर्मियों में त्वचा पर धूप का असर दिखने लगता है और हाथ भी इससे अछूते नहीं रह सकते। चिलचिलाती धूप हाथों की रंगत बिगाड़ देती है। शरीर के बाकी हिस्सों के मुकाबले सूर्य की किरणों का हाथों पर ज्यादा असर पड़ता है और हाथों में टैनिंग की समस्या खड़ी हो जाती है। गर्मियों में आधे बाजू के कपड़े पहनने, घर से बाहर निकलने और स्कूटर,बाइक आदि चलाने से हाथ काले पड़ जाते हैं । गर्मियों में अधिकांश महिलाएं टैनिंग से परेशान रहती हैं लेकिन उनका ध्यान चेहरे की टैनिंग में ज्यादा रहता है जबकि हाथों का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी होता है क्योंकि हाथों पर लोगों का ध्यान उतना ही जाता है जितना चेहरे पर। हाथों की टैनिंग को आप घरेलू उपायों से काफी हद तक दूर कर सकते हैं। 1- एक कटोरी में दही लें और इसमें एक चम्मच हल्दी मिलाकर बने पेस्ट को हाथों पर लगा लें तथा इसे प्रकृतिक तौर पर सूखने दें। इसके बाद हाथों को साफ ताजे पानी से धो डालें। इससे आपकी त्वचा को नमी मिलेगी और यह स्किन टैनिंग को कम करने में मदद करेगा। 2-एक चम्मच दही, एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच चावल का पाउडर मिलाकर इसका मिश्रण तैयार कर लें । इस लेप को हाथों पर लगा कर आधे घंटे बाद साफ ताजे पानी से धो डालें । इसे आप रोजाना कर सकती हैं और कुछ दिनों बाद हाथों की टैनिंग कम होने लगेगी । 3 -हाथों की रंगत को निखारने में कॉफी का स्क्रब काफी मददगार साबित होता है । एक चम्मच कॉफी, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच दूध लेकर कांच के बाउल में मिश्रण बना लें । इस मिश्रण से हाथों को स्क्रब करें । 4-खीरे के रस में कुछ बूंदे नींबू की मिलाकर बने पेस्ट को हाथों पर लगाने के 15-20 मिनट बाद ताजे पानी से धो डालिये । इसे आप रोजाना लगा सकती हैं । खीरे को कद्दू कस करके इसमें दो चम्मच कच्चा दूध तथा कुछ बूंदें नींबू की मिला लीजिए । इस पेस्ट को हाथों पर लगाने के आधे घंटे बाद सामान्य पानी से धो डालिये ।इसे आप सप्ताह में दो बार उपयोग कर सकती हैं । 5-हाथों की टैनिंग कम करने में एलोबेरा जेल काफी मददगार साबित होता है । रात को सोने से पहले हाथों पर इस जेल को लगाने के बाद सुबह ताजे पानी से धो डालिये । 6 -तीन चार नींबू का रस निकालकर इसे गर्म पानी में मिला लें । नींबू रस युक्त गर्म पानी में अपने हाथों को 15 -20 मिनट तक डुबो कर रखें और इसके बाद ठंडे पानी से धो डालें । इसे आप हफ्ते में दोबार आजमा सकती हैं और एक महीने में यह अपना असर दिखाना शुरू कर देगा । (लेखिका, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ हैं।)
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उमाशंकर पाण्डेय जल में ही सारी सिद्धियां हैं। जल में ही शक्ति है। जल में समृद्धि है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का अभावग्रस्त जखनी गांव यह सिद्ध कर चुका है। यहां वर्षा जल बूंदों को रोकने की पुरखों की मेड़बंदी विधि को अपनाकर समृद्धि लाई गई है। अब देश ने मेड़बंदी का महत्व समझा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जखनी के सामुदायिक प्रयास के इस अभियान को जन अभियान बना दिया है। जल शक्ति मंत्रालय और नीति आयोग के सहयोग से हजारों गांव परंपरागत समुदाय आधारित जल संरक्षण के गुण जखनी के किसानों से बगैर पैसे के सीख रहे हैं। जखनी ने जल संरक्षण के मंत्र खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ को अपनाकर देश-दुनिया को नया रास्ता दिखाया है। सूखा और अकाल के लिए मशहूर रहे बुंदेलखंड में पानीदार बने इस गांव की कहानी पर वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मेड़बंदी के माध्यम से भू-जल रोकने के लिए देशभर के प्रधानों को पत्र लिख चुके हैं। इसलिए पानी जहां गिरे, उसे वहीं रोका जाए। जिस खेत में जितना पानी होगा, वह उतना अधिक उपजाऊ होगा। मेड़ खेत को पानी देती है। खेत पानी पीकर पड़ोसी खेत को देता है। फिर खेत तालाब को पानी देता है। तालाब से कुआं, कुआं से गांव, गांव से नाली, नाली से बड़े नाला, इस नाले से नदी, नदी से समुद्र, समुद्र से सूर्य, सूर्य से बादल और बादल से खेत को पानी मिलने की यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। मानव जीवन की सभी आवश्यकताएं जल पर निर्भर हैं। तभी जल को जीवन कहा गया है। मौसम के परंपरागत वैज्ञानिक लोककवि घाघ ने पानी रोकने के लिए मेड़बंदी को उपयुक्त माना है। मेड़बंदी से खेत में वर्षा का जल रुकता है। भू-जल संचय होता है। भू-जलस्तर बढ़ता है। विश्व में हमारी आबादी 16 प्रतिशत और जल संसाधन मात्र दो फीसदी है। देश में बड़ी संख्या में नहर, तालाब, कुओं, निजी ट्यूबवेल और सिंचाई संसाधन होने के बावजूद कई करोड़ हेक्टर भूमि की खेती वर्षा जल पर निर्भर है। 1801 से 2016 तक 47 बार सूखा पड़ चुका है। मेड़बंदी आसान तकनीक है। खेत पर तीन फीट चौड़ी और तीन फीट ऊंची मेड़ बनानी होती है। मेड़ पर औषधीय पेड़ लगाकर इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। मेड़बंदी से जल रोकने का उल्लेख मत्स्य पुराण, जल संहिता, आदित्य स्त्रोत के अलावा ऋग्वेद में भी है। जल क्रांति के लिए मेड़बंदी आवश्यक है। सौराष्ट्र के कच्छ क्षेत्र में 1205 फीट गहराई तक पानी नहीं है। राजस्थान के कई जिलों में मालगाड़ी से पानी जाता है। खेत में पानी रोकने से गांवों का भू-जलस्तर बढ़ेगा। यह प्रयोग बुंदेलखंड के कई जिलों में सफल रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय पूरे देश के सूखा प्रभावित गांवों को खेतों में मेड़ बनाओ। हर गांव को जलग्राम बनाने का संदेश दे चुके हैं। अनपढ़ बालक, वृद्ध नौजवान अपने खेत में मेड़बंदी कर सकते हैं। एक व्यक्ति को जीवन में 70 हजार लीटर पीने का पानी लगता है। संपूर्ण शरीर में लगभग 80 फीसदी पानी होता है। पानी से बिजली बनती है। पानी से अमृत। पानी में देवताओं का वास है। जन्म से मृत्यु तक जल ही असली साथी है। इसलिए जल बचाएं। पानी बनाया नहीं, केवल बचाया जा सकता है। भारतीय संस्कृति पूजा प्रधान है। पूजा पवित्रता के लिए जल आवश्यक है। जल में आध्यात्मिक शक्तियां होती हैं। दुनिया की सभी पुरानी सभ्यताओं का जन्म जल के समीप अर्थात नदियों के किनारे हुआ है। दुनिया के जितने पुराने नगर हैं वे सब नदियों किनारे बसे हैं। दुनिया के सामने जल संकट है। इस समस्या से कैसे निपटा जाए। क्या रणनीति बने। सबको सोचना होगा। दुनिया में 200 करोड़ लोगों के सामने पेयजल संकट है। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार जितने लोगों के पास मोबाइल फोन है उतने लीटर पानी उपलब्ध नहीं है। भारत में 1959 में अमेरिकी सरकार की मदद से भू-जल की खोज शुरू की गई थी। आज के युग का सर्वाधिक चर्चित शब्द जल है। जल राष्ट्रीय संपदा है। पानी हमें प्रकृति ने निशुल्क उपहार के रूप में दिया है। पानी के बिना सब सून है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में कहा है- क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पांच तत्व मिल रचा शरीरा। इसलिए जखनी के जलमंत्र मेड़बंदी को अपनाना समय की जरूरत है। सरकार के आग्रह को कर्तव्य समझकर मानने की जरूरत है। (लेखक, जलग्राम जखनी बुंदेलखंड के संयोजक और जल शक्ति मंत्रालय के पहले जलयोद्धा सम्मान से अलंकृत हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक यूक्रेन के मामले में भारत मौका चूक गया। पिछले ढाई महीने से मैं बराबर लिख रहा था कि यूक्रेन-विवाद शांत करने के लिए भारत की पहल सबसे ज्यादा सार्थक हो सकती है। जो पहल हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करनी थी, वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने कर दी और वे काफी हद तक सफल भी हो गए। गुटरेस खुद जाकर पुतिन और जेलेंस्की से मिले। उन्होंने दोनों खेमों को समझाने-बुझाने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद, महासभा और मानव अधिकार परिषद में रूस के खिलाफ जब भी कोई प्रस्ताव रखा गया तो ज्यादातर सदस्यों ने उसका डटकर समर्थन किया। बहुत कम राष्ट्रों ने उसका विरोध किया लेकिन भारत हर प्रस्ताव पर तटस्थ रहा। उसने उसके पक्ष या विपक्ष में वोट नहीं दिया। भारत के प्रधानमंत्री पिछले हफ्ते जब यूरोप के सात देशों के नेताओं से मिले तो हर नेता ने कोशिश की कि भारत रूस की भर्त्सना करे लेकिन भारत का रवैया यह रहा कि भर्त्सना से क्या फायदा होगा? क्या युद्ध बंद हो जाएगा? इतने पश्चिमी राष्ट्रों ने कई बार रूस की भर्त्सना कर ली, उसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर लिए और उस पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिए, फिर भी यूक्रेन युद्ध की ज्वाला लगातार भभकती जा रही है। भारत की नीति यह थी कि रूस का विरोध या समर्थन करने की बजाय हमें अपनी ताकत युद्ध को बंद करवाने में लगानी चाहिए। अभी युद्ध तो बंद नहीं हुआ है लेकिन गुटरेस के प्रयत्नों से एक कमाल का काम यह हुआ है कि सुरक्षा परिषद में सर्वसम्मति से यूक्रेन पर एक प्रस्ताव पारित कर दिया है। उसके समर्थन में नाटो देशों और भारत जैसे सदस्यों ने तो हाथ ऊंचा किया ही है, रूस ने भी उसके समर्थन में वोट डाला है। सुरक्षा परिषद का एक भी स्थायी सदस्य किसी प्रस्ताव का विरोध करे तो वह पारित नहीं हो सकता। रूस ने वीटो नहीं किया। क्यों नहीं किया? क्योंकि इस प्रस्ताव में रूसी हमले के लिए ‘युद्ध’, ‘आक्रमण’ या ‘अतिक्रमण’ जैसे शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। उसे सिर्फ ‘विवाद’ कहा गया है। इस ‘विवाद’ को बातचीत से हल करने की पेशकश की गई है। यही बात भारत हमेशा कहता रहा है। इस प्रस्ताव को नार्वे और मेक्सिको ने पेश किया था। यह प्रस्ताव तब पास हुआ है, जब सुरक्षा परिषद का आजकल अमेरिका अध्यक्ष है। वास्तव में इसे हम भारत के दृष्टिकोण को मिली विश्व-स्वीकृति भी कह सकते हैं। यदि हमारे नेताओं में आत्मविश्वास होता तो इसका श्रेय भारत को मिल सकता था और इससे सुरक्षा-परिषद की स्थायी सदस्यता मिलने में भी भारत की स्थिति मजबूत हो जाती। इस प्रस्ताव के बावजूद यूक्रेन-युद्ध अभी बंद नहीं हुआ है। भारत के लिए अभी भी मौका है। रूस और नाटो राष्ट्र, दोनों ही भारत से घनिष्टता बढ़ाना चाहते हैं और दोनों ही भारत का सम्मान करते हैं। यदि प्रधानमंत्री मोदी अब भी पहल करें तो यूक्रेन-युद्ध तुरंत बंद हो सकता है। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोविड के बाद पटरी से उतरी देश की आर्थिक व्यवस्था में निरंतर सुधार देखने को मिल रहा है पर जीडीपी की तुलना में अभी भी रोजगार के अवसर कम ही बढ़ रहे हैं। आज की अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर की प्रमुख भूमिका हो गई है और अब यह मानने में कोई संकोच नहीं किया जा सकता कि सर्विस सेक्टर लगभग पटरी पर आ गया है। देश में सर्वाधिक रोजगार के अवसर भी कृषि, एमएसएमई सेक्टर के बाद सर्विस सेक्टर में ही उपलब्ध होते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं कि कोरोना में सबसे अधिक प्रभावित सर्विस सेक्टर ही हुआ है। सबकुछ बंद हो जाने से रोजगार के अवसर प्रभावित हुए और हुआ यह कि या तो रोजगार ही चला गया या फिर वेतन आदि में कटौती हो गई। इससे लोगों में निराशा आई पर ज्यों-ज्यों हालात सामान्य होने लगे हैं यह माना जाने लगा है कि अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कोविड के कारण बड़ी संख्या में असंगठित श्रमिकों का गांवों की और पलायन हुआ है और कोरोना की नित नई लहरों की आशंकाओं के चलते अब उतनी संख्या में श्रमिक शहरों की और नहीं गए हैं जितनी संख्या में शहरों से गांवों की ओर पलायन रहा है। ऐसे में अब नई चुनौती गांवों में रोजगार के अवसर विकसित करने की हो जाती है। हालांकि मनरेगा के माध्यम से लोगों को निश्चित अवधि का रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास जारी है पर इसे यदि उत्पादकता से जोड़ दिया जाए तो परिणाम अधिक सकारात्मक हो सकते हैं। दरअसल कोरोना का डर अभी भी लोगों में बना हुआ है। यह दूसरी बात है कि कोरोना के प्रोटोकाल को पूरी तरह से नकार दिया गया है और अब तो भूले भटके ही लोग मास्क लगाए हुए दिखाई देते है। हालांकि जिस तरह के हालात चीन में इन दिनों चल रहे हैं और करोड़ों चीनी नागरिक लॉकडाउन भुगत रहे हैं उसे देखते हुए डरना भी जरूरी हो जाता है। पर सवाल यही है कि दो जून की रोटी का बंदोबस्त जरूरी है। रोजगार की सच्ची तस्वीर तो यह है कि बड़े उद्योगों में बहुत कम लोगों को रोजगार के बावजूद बेहतर वेतन और सुविधाएं मिलती है तो दूसरी और एमएसएमई सेक्टर या सर्विस सेक्टर में रोजगार के अवसर कम होने के साथ ही वेतन भत्ते भी प्रभावित हुए हैं। सर्विस सेक्टर में भी हालात ऐसे ही हैं। ऐसे में इस तरह के उपाय खोजने होंगे कि अर्थ व्यवस्था में सुधार के साथ साथ रोजगार के अवसर भी बढ़े और लोगों को बेहतर रोजगार मिले। इसके साथ ही कार्मिक के मनोविज्ञान को समझना होगा। कोरोना के बाद एक नई सोच विकसित हुई है जो चिंतनीय होने के साथ ही आने वाले समय के लिए गंभीर चुनौती भी है। हो यह रहा है कि कोरोना के बाद सेवा प्रदाताओं ने अपने सालों से सेवा दे रहे कार्मिकों के लिए इस तरह के हालात पैदा किए गए हैं और किए जा रहे हैं ताकि वे वहां नौकरी नहीं कर सके। इसके पीछे बढ़ती बेरोजगारों की फौज का होना है। दरअसल, पुराने कर्मचारी को अधिक पैसा देना पड़ता है जबकि नए कर्मचारी को या तो सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से रखा जा सकेगा या फिर कम वेतन में काम करने को तैयार होने से कम पैसा देना पड़ेगा। पर वह दिन दूर नहीं जब इसके साइड इफेक्ट सामने आने लगेंगे। पहला तो यह कि कर्मचारी का जो कमिटमेंट होता है वह नहीं मिल पाएगा। नया या तो सर्विस प्रोवाइडर के प्रति निष्ठावान होगा या फिर उसे अंदर से यह भय सताता रहेगा कि जैसा पहले वालों के साथ हुआ है वैसा उसके साथ भी हो सकता है ऐसे में लायल्टी की संभावनाएं लगभग नगण्य ही देखने को मिलेगी। यह अपने आप में ऐसा संकेत है जो आगे चलकर व्यवस्था को चरमराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इसलिए अभी से भावी संकेतों को समझना होगा। दूसरा यह कि कोरोना ने सबसे अधिक व लंबे समय तक प्रभावित किया है शिक्षा क्षेत्र को या फिर हॅस्पिलिटी सेक्टर को। विदेशी पर्यटकों की संख्या तो अभी भी नाम मात्र की ही रह गई है। देशी पर्यटक अवश्य कुछ बढ़ने लगे हैं और उसका कारण भी कोरोना का सबक ही है। स्कूल-कॉलेज संकट के दौर से आज भी गुजर रहे हैं। इनमें काम करने वाले शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन आदि की समस्या बरकरार है। सर्विस सेक्टर सहित अभी सभी क्षेत्रों में यह सोच विकसित हो गई है कि कम से कम मेनपॉवर का उपयोग करते हुए उससे अधिक से अधिक काम लिया जाए। पर यह हालात अधिक दिन तक नहीं चलने वाले हैं। ऐसे में अर्थशास्त्रियों व श्रम विशेषज्ञों को समय रहते इसका कोई हल खोजना होगा। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब सारी व्यवस्था एक साथ धराशायी हो जाए। इसके लिए अब मोटे पैकेजों के स्थान पर निष्ठावान कार्मिक ढूंढने होंगे तो कार्मिकों का विश्वास जीतने के प्रयास करने होंगे। एक समय था जब कार्मिक अपने प्रतिष्ठान के प्रति पूरी तरह से लायल होता था पर अब जो हालात बन रहे हैं उससे संस्थान कुछ पैसा व मानव संसाधन तो बचाने में सफल हो जाएंगे पर संस्थान के प्रति जी-जान लगाने वाले कार्मिक नहीं मिल सकेंगे। ऐसे में नई सोच के साइड इफेक्ट अभी से समझना होगा नहीं तो परिणाम अति गंभीर होने में देर नहीं लगेगी। कार्मिकों के मनोविज्ञान को समझते हुए निर्णय करना होगा। कार्मिकों में अपने रोजगार के प्रति सुरक्षा की भावना रहेगी तो वह निश्चित रूप से अच्छे परिणाम देगा अधिक निष्ठा से सेवाएं देगा और इसके लाभ प्रतिष्ठान को मिलेगा। इसलिए संस्थान और कार्मिक के बीच परस्पर समन्वय, विश्वास और समझ का माहौल बनाना होगा। नियोक्ता को कार्मिक का मनोविज्ञान समझना होगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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महाराणा प्रताप के जन्मदिवस ( 9 मई) पर विशेष मृत्युंजय दीक्षित भारत माता की कोख से एक से बढ़कर एक महान सपूतों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने सर्वस्व सुखों का त्याग कर पूरे मनोयोग से मातृभूमि की रक्षा की। ऐसे ही महान सपूतों की श्रेणी में नाम आता है महाराणा प्रताप का। भारत के इतिहास में महाराणा प्रताप का नाम साहस, शौर्य, त्याग एवं बलिदान का मूर्तरूप है। मेवात के सिसौदिया वंश में बप्पा रावल, राणा हमीर, राणा सांगा ऐसे एक से बढ़कर एक महान प्रतापी शूरवीर हुए जिन्होंने आक्रमणकारियों से लोहा लेकर उनको धूल चटाई, वे सभी राणा के नाम से जाने जाते हैं परन्तु “महाराणा” का गौरवयुक्त संबोधन केवल प्रताप सिंह को ही मिला। जिससे उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप हो गया। मुगल सम्राट अकबर के द्वारा दिये गये झूठे आश्वासन, उच्च स्थान, पदाधिकार आदि प्रलोभनों के वशीभूत होकर कई राजपूत राजाओं ने उसका प्रभुत्व मान लिया था जबकि अन्य वीर राजपूत अपना गौरव खो चुके थे ऐसा प्रतीत होता था कि मानों पूरा राजस्थान ही अपना आत्मगौरव खो चुका हो निराशा के ऐसे कठिन समय में मेवाड़ के महाराणा प्रताप का मातृभूमि की रक्षा के लिए राजनैतिक क्षेत्र में प्रवेश हुआ। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की मां का नाम जयन्ती बाई तथा पिता का नाम उदय सिंह थ। अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान प्रताप बहुत ही स्वाभिमानी तथा सद्गुणी थे। बचपन से ही युद्ध़ कला उनकी रुचि का विषय था। जिस समय प्रताप का राज्याभिषेक हुआ उस समय भारत में अकबर का शासन था। अकबर बहुत ही कुटिल प्रवृत्ति का शासक था। वह हिन्दुओं के बल से ही हिन्दुओं को अपने अधीन करता था । तत्कालीन हिंदू राजाओं की मूर्खता का अकबर ने भरपूर लाभ उठाया। हिन्दू स्वाभिमान को कुचलने के लिए अकबर ने सभी प्रकार के उपाय और लगभग सभी राजपूत राजाओं को अपने अधीन करने में सफल रहा। इस विपरीत कालखंड में भी मेवाड़, बूंदी तथा सिरोही वंश के राजा अंत तक अकबर से संघर्ष करते रहे। मेवाड़ के राणा उदयसिंह का स्वतंत्र रहना अकबर के लिए असहनीय था। चूँकि मेवाड़ के राजा उदय सिंह विलासी प्रवृत्ति के थे इसलिए अकबर ने मेवाड़ विजय के लिए भारी-भरकम सेना के साथ मेवाड़ पर हमला बोल दिया। विलासी उदय सिंह का मनोबल बहुत ही गिरा हुआ था इसलिए वह मैदान छोड़ कर भाग गया और अरावली की पहाड़ियों पर छुप गया। वहीं पर उसने उदयपुर नामक नगर बसाया और राजधानी भी बनायी। उदय सिंह ने अपनी मृत्यु के पूर्व अपनी कनिष्ठ पत्नी के पुत्र जगमल्ल को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया लेकिन उसके अन्य सरदारों ने जगमल्ल के खिलाफ विद्रोह कर दिया और महाराणा प्रताप को अपना राजा घोषित कर दिया। राजा घोषित होते ही प्रताप को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उनके भाई शक्ति सिंह और जगमल्ल जाकर मुगलों से मिल गये। शत्रुओं का मुकाबला करने के लिए मजबूत सैन्य शक्ति की महती आवश्यकता थी। राणा प्रताप सदैव इसी चिंता में लगे रहते थे कि अपनी मातृभूमि को मुगलों से किस प्रकार मुक्त कराया जाये। परम पवित्र चितौड़ का विनाश उनके लिए बेहद असहनीय था। एक दिन राणा प्रताप ने दरबार लगाकर अपनी ओजस्वी वाणी में सरदारों का स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए आह्वान करके उनमें नया जोश भरा तथा युद्ध की प्रेरणा प्रदान दी। एक बार शीतल नामक भाट उनके दरबार आ पहुंचा और शौर्य तथा वीरता की कविताएँ सुनायीं। अप्रतिम वीरता का सन्देश देने वाली कविता सुनकर महाराणा ने अपनी पगड़ी उतारकर भाट को दे दी। जिसे पाकर वह बेहद प्रसन्न हुआ और महाराणा की प्रशंसा करके वापस चला गया। महाराणा प्रताप ने अकबर के साथ युद्ध करने के लिए नई योजनायें बनाईं, उन्होंने संकरी घाटियों में अकबर की सेना से लोहा लेने का निर्णय लिया। महाराणा प्रताप अपनी सत्ता व राज्य की स्वतंत्रता के लिए सतत संघर्षशील रहे। महाराणा प्रताप को अपने अधीन करने के लिए अकबर ने चार बार दूत भेजे लेकिन वे सभी प्रयास विफल रहे। अकबर ने महाराणा प्रताप को मनाने के लिए जिन चार दूतों को भेजा उनमें जलाल खान, मान सिंह, भगवानदास और टोडरमल के नाम इतिहास में मिलते हैं। महाराणा प्रताप बहुत ही स्वाभिमानी प्रवृत्ति के नायक थे। जब राणा प्रताप को अपने वश में करने के अकबर के सभी प्रयास विफल रहे तब हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध हुआ। अकबर बहुत ही धूर्त था इसलिए उसने अपनी दो लाख सेना का नेतृत्व सलीम व मान सिंह को सौंपा। यह युद्ध बहुत ही भयंकर था। महाराणा प्रताप ने पूरी सजगता और अप्रतिम वीरता के साथ युद्ध लड़ा लेकिन यह निर्णायक नहीं रहा। इस युद्ध में महाराणा का प्रिय चेतक बलिदान हो गया। महाराणा प्रताप की लड़ाई जीवनपर्यंत चलती रही। इस संघर्ष में दानवीर भामाशाह ने अपनी सपत्ति दान करके अतुलनीय योगदान दिया। महाराणा प्रताप ने इस आर्थिक सहायता के बल पर अपनी खोई हुई सैन्य ताकत को फिर से खड़ा करने का प्रयास किया। इस समय प्रताप के शत्रु समझ रहे थे कि वह अपना प्रदेश छोड़ कर भाग गये हैं तथा अपने अंतिम दिन कंदराओं में बितायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुगल सेनापति शहबाज खान ने हलबीर नामक एक स्थान पर अपना डेरा डाल रखा था। महाराणा प्रताप ने अचानक उस पर धावा बोल दिया। अचानक हमले से सभी मुगल सैनिक भाग खडे़ हुये। इसी प्रकार महाराणा ने कई अन्य किले भी अपने अधीन कर लिये। बाद में उदयपुर भी राणाप्रताप के कब्जे में आ गया। इस प्रकार महाराणा प्रताप एक के बाद एक किले जीतते चले गये। महाराणा प्रताप की वीरता की बातें सुनकर अकबर शांत रह गया और उसने अपना सारा ध्यान दक्षिण की ओर लगा दिया। लगातार युद्ध करते रहने और संकटों को झेलने के कारण महाराणा का शरीर लगातार कमजोर होता जा रहा था। 19 जनवरी 1597 को उन्होंने अंतिम सांस ली। महाराणा प्रताप स्वाधीनता की रक्षा करने वाले मेवाड़ के स्वनामधन्य वीरों की मणिमाला में सुर्कीतिमान हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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हृदयनारायण दीक्षित शंकराचार्य का व्यक्तित्व विस्मयकारी है। उन्होंने 32 वर्ष का जीवन पाया। अल्प समय में ही उन्होंने भारत का भ्रमण किया। 11 उपनिषदों का भाष्य किया। अन्य तमाम पुस्तकें लिखी। गीता का आश्चर्यजनक भाष्य लिखा और ब्रह्म सूत्र का भी। अद्वैत दर्शन का सार समझाया। अल्पजीवन में ढेर सारा काम आश्चर्यजनक है। 32 वर्ष के जीवन में लगभग 20 वर्ष अध्ययन में लगे होंगे। उन्होंने संपूर्ण वैदिक साहित्य पढ़ा। चार मठ धाम बनाए। सैकड़ों स्थानों पर विद्वानों से शास्त्रार्थ हुआ। तब यात्रा के साधन नहीं थे, लेकिन उन्होंने भारत का भ्रमण किया। वे अद्वैत वेदांत के प्रवक्ता व्याख्याता बने। डाॅ. रामधारी सिंह लिखित ”संस्कृति के चार अध्याय” (पृष्ठ 332) में ’शंकराचार्य और इस्लाम‘ शीर्षक से एक मजेदार निष्कर्ष है, ’’शंकर ने एकेश्वरवाद का प्रतिपादन किया है। इस्लाम, आरम्भ से ही, एक ईश्वर में विश्वास करता था। इतनी सी बात पर डाॅ. ताराचन्द ने यह अनुमान निकाल लिया कि शंकर का उद्भव इस्लामी प्रभावों के कारण हुआ। शंकर केरल में जन्मे थे ओर केरल में तब तक मुसलमान आ चुके थे। अर्थात मुसलमान केरल में आए नहीं कि हिन्दुओं ने उनके एकेश्वरवाद को देखकर उसका अनुसरण करना आरम्भ कर दिया। ये नितान्त भ्रमपूर्ण बातें हैं।’’ शंकराचार्य द्वारा इस्लाम से प्रेरणा लेने की बात गलत है। स्वयं दिनकर ने लिखा है, ”इस मत के विरुद्ध सबसे पहले यह अकाट्य तर्क है कि शंकर का एकेश्वरवाद भारतीय अद्वैतवाद का विकसित रूप है और उसका इस्लामी एकेश्वरवाद से कोई भी मेल नहीं है। इस्लाम एक ईश्वर को जरूर मानता है, किन्तु वह एकेश्वरवादी या अद्वैतवादी नहीं, केवल ईश्वरवादी है। इस्लाम ईश्वर को एक मानता है, किन्तु वह यह भी समझता है कि ईश्वर ने सृष्टि बनाई, वह सातवें आकाश पर बसता है। उसके हृदय में भक्तों के लिए प्रेम और दुष्टों के लिए घृणा का वास है। संसार असत्य है अथवा जो कुछ हम देखते हैं वह ‘कुछ नहीं में कुछ का आभास है।’ यह बातें इस्लाम में न पहले थीं, न अब हैं। इस्लाम का ईश्वरवाद शंकराचार्य के अद्वैतवाद से भिन्न है। फिर भी डाॅ. ताराचन्द ने गलत निष्कर्ष निकाले। दिनकर ने लिखा है, ”शंकराचार्य भारतीय चिंतनधारा में आकस्मिक घटना की तरह नहीं आए। उनकी परम्परा की लकीर उपनिषदों से आगे ऋग्वेद के नासदीय-सूक्त तक पहुँचती है। नासदीय सूक्त ने जीवन और सृष्टि के विषय में जो मौलिक प्रश्न उठाए थे, उन्हीं के प्रश्नों का समाधान खोजते-खोजते पहले उपनिषद्, फिर बौद्ध दर्शन और सबके अन्त में, शंकराचार्य का सिद्धान्त प्रकट हुआ।” ऐसे विद्वानों की मानें तो ”भारत की प्राचीनता का तर्कपूर्ण ज्ञान भारत में नहीं था। भारत की प्राचीनता को गौरव यूरोप ने दिया। ऐसे ही एक विद्वान वेबर ने लिखा था कि आध्यात्मिक मुक्ति के लिए भक्ति को साधन मानने की प्रथा भारत में नहीं थी। यह चीज भारतवासियों ने ईसाइयत से ली होगी। अब के पक्षपाती लोग दुनिया को यह समझा रहे हैं कि हिन्दुओं ने भक्ति और अद्वैतवाद के सिद्धान्त इस्लाम से ग्रहण किए थे।” भारत की अपनी सभ्यता और संस्कृति थी और अपना मौलिक चिंतन। सिंध में मोहम्मद बिन कासिम के हमले के समय भारत ज्ञान समृद्ध था। कई धाराओं में चिंतन का विकास हो चुका था। उपनिषद् लिखे जा चुके थे। इस्लाम के जन्म के पहले ही भारतवासी सृष्टि के मूल कारण को जानने के लिए सक्रिय थे। तब भारतवर्ष मंदिरों और मूर्तियों से भरा हुआ था। मोहम्मद बिन कासिम ने भी मूर्तियों का उल्लेख किया है। बौद्धों ने शून्यवाद की स्थापना की थी। बौद्धों का शून्यवाद शंकराचार्य के मत का मायावाद था। बौद्धों से आगे बढ़कर शंकराचार्य ने एक तटस्थ ब्रह्म को स्थान दिया। यह तटस्थ ब्रह्म भी नया नहीं था। उपनिषदों का ब्रह्म पहले से था। शून्यवाद को मायावाद के नाम से अपनाने के कारण ही कुछ लोग शंकराचार्य को प्रच्छन्न बौद्ध कहते थे। शंकराचार्य ने अपने तत्व ज्ञान से सांस्कृतिक भारत का मैलिक चित्र उपस्थित किया। उन्होंने हिन्दुत्व को पौराणिक कल्पनाशीलता से दर्शन की ओर उन्मुख किया। भारतीय चेतना को उपनिषदों की ओर मोड़ा। उपनिषद्ों पर भाष्य के प्रभाव में भारतीय चिंतन की दिशा शोधपूर्ण हो गई। दर्शन में वह अद्वैत के प्रवक्ता बने। साथ ही विष्णु, शिव, शक्ति और सूर्य पर स्तुतियाँ लिखी। वह आध्यात्मिकता और उपासना के समन्वयवादी महापुरुष थे। भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक एकता को मजबूत करने के लिए उन्होंने चारों दिशाओं में चार पीठ भी बनाएं। ये वद्रिकाश्रम, द्वारका, जगन्नाथपुरी और श्रंगेरी में हैं। चारों पीठों के दर्शन भारत की अभिलाषा बने हैं। इस्लाम में दर्शन का प्रवेश सूफियों के माध्यम से आया। सूफियों ने यह ज्ञान सीधे वैदिक ग्रंथों से पाया। प्लाटीनस ने उसे ब्राह्मणों और बौद्धों से प्राप्त किया। इससे अलग शंकराचार्य का दर्शन ब्रह्म, शुद्ध, बुद्ध, चैतन्य, निराकार और विर्विकार है। दिनकर ने लिखा है, कि उसे ”भक्तों की चिंता नहीं है और न दुष्टों को दण्ड देने की। शंकराचार्य के अनुसार सृष्टि ईश्वर ने नहीं बनाई। आचार्य शंकर ब्रह्म के अतिरिक्त कोई अस्तित्व नहीं मानते । शंकराचार्य का दर्शन शुद्ध अद्वैत विचार है। इस्लाम अद्वैतवाद में विश्वास नहीं करता। उसका विश्वास सिर्फ ईश्वरवाद में है। इस्लामी ईश्वरवाद शंकराचार्य के अद्वैतवाद से भिन्न है। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने शंकराचार्य पर खूबसूरत पुस्तक लिखी है। शंकराचार्य के समय का भारत विचारणीय है। उपाध्याय जी ने लिखा है, ”वैदिक दर्शनों में कणाद भौतिकवाद का कपिल द्वेतवाद का गौतम नीरस तर्क का प्रचार कर रहे थे। श्रीकृष्ण की गीता और महाऋषि वेदव्यास के बताए मार्ग को लोग भूलते जाते थे। ऐसे समय में यहां तीन दर्शनों की रचना हुई। वह है, पंतजलि का योग दर्शन, जेमिनी का मीमांसा और बादरायण का वेदांत दर्शन।“ कपिल का सांख्य दर्शन तर्कपूर्ण है। इन की अपनी विशेषता है। दर्शन व विज्ञान लोकमंगल के लिए ही होते हैं। वह कोरे बुद्धि विलास नहीं हैं। वेदांत इन सबमें प्रमुख है। वेदांत दर्शन का मुख्य ग्रंथ ब्रह्म सूत्र है। इसे बादरायण ने लिखा था। इसे सारी दुनिया में प्रतिष्ठित करने का काम शंकराचार्य ने किया। ऋग्वेद से लेकर उपनिषद तक दर्शन की धारणा एक सत्य की है। उसी एक सत्य को विद्वानों ने अनेक नाम दिए हैं। ब्रह्म सूत्रों में ऐसे सभी नामों को एक अर्थ दिया गया है। शंकराचार्य का ब्रह्म नित्य है। सदा से है। सदा रहता है। संसार अनित्य है। आभास है। मिथ्या है। ब्रह्म सदा से है। सदा रहेगा। ब्रह्म का शाब्दिक अर्थ है सतत् विस्तारवान। यह ब्रह्माण्ड फैल रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका विस्तार अनंत है। यह और फैलने वाला है। ब्रह्म किसी से नहीं जन्मा। वह सृष्टि सृजन के पहले से है और प्रलय के बाद भी रहेगा। शंकराचार्य इसलिए ब्रह्म को सत्य और जगत को मिथ्या कहते थे। मिथ्या का अर्थ झूठ नहीं है। जगत प्रत्यक्ष है, लेकिन इसका एक-एक अंश प्रतिपल विदा हो रहा है। इसमें नया जुड़ रहा है। नए को भी पुराना होना है। प्रकृति के सभी अंश गतिशील हैं। अनेक अंश विदा भी हो रहे हैं। प्रकृति की सारी कार्यवाही अनित्य है और ब्रह्म नित्य। शंकराचार्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी शारदा पीठ गये थे। भारत में इनके दर्शन को लेकर तर्क हुए। उन्होंने सभी विद्वानों को वेदांत के लिए सहमत किया। समूचे देश में उनका यश भी नित्य रहने वाला है। (लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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प्रमोद भार्गव आदिवासी असंतोष के प्रतीक ओडिशा के 'पाइक विद्रोह' को भी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा प्राप्त है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की शोषणकारी नीतियों के विरुद्ध ओडिसा में पाइक जनजाति के लोगों ने जबरदस्त सशस्त्र एवं विद्रोह किया था। इससे कुछ समय के लिए पूर्वी भारत में फिरंगी सत्ता की चूलें हिल गईं थीं। पाइक मे पारंपरिक भूमिगत रक्षा सेना के रूप में काम करते थे। 1857 के सैनिक विद्रोह से ठीक 40 साल पहले 1817 में अंग्रेजों के विरुद्ध इन भारतीय नागरिकों ने जबरदस्त सशस्त्र विद्रोह किया था। इसके नायक बख्शी जगबंधु थे। इस संघर्ष को कई इतिहासकार आजादी की पहली लड़ाई मानते हैं। इसको ऐतिहासिक स्वीकार्यता देने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2017 में केंद्र को पत्र लिखकर मांग की थी कि वास्तविक इतिहास लिखने के क्रम में 2018 के नए सत्र से एनसीआरटी की इतिहास संबंधी पाठ्य पुस्तक में 'पाइक विद्रोह' का पाठ जोड़ा जाए। इस पर तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ किया था- '1817 का पाइक विद्रोह ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम है। 1857 का सिपाही विद्रोह किताबों में यथावत रहेगा। लेकिन देश के लोगों को आजादी का असली इतिहास भी बताना जरूरी है।' वैसे भी यदि घटनाएं और तथ्य प्रामाणिक हैं तो ऐसे पन्नों को इतिहास का हिस्सा बनाना चाहिए, जो बेहद अहम होते हुए भी हाशिए पर है। पाइक विद्रोह के 2017 में 200 साल पूरे होने पर इसके द्विशताब्दी समारोह मनाने के लिए केंद्र ने ओडिशा सरकार को 200 करोड़ रुपये दिए थे। आदिवासियों की जब भी चर्चा होती है तो अक्सर हम ऐसे कल्पना लोक में पहुंच जाते हैं, जो हमारे लिए अपरिचित व विस्मयकारी होता है। इस संयोग के चलते ही उनके प्रति यह धारणा बना ली गई है कि वे एक तो केवल प्रकृति प्रेमी हैं, दूसरे वे आधुनिक सभ्यता और संस्कृति से अछूते हैं। इसी वजह से उनके उस पक्ष को तो ज्यादा उभारा गया, जो 'घोटुल' और 'रोरुंग' जैसे उन्मुक्त रीति-रिवाजों और दैहिक खुलेपन से जुड़े थे, लेकिन उन पक्षों को कमोबेश नजरअंदाज ही किया गया, जो अपनी अस्मिता के लिए आजादी के विकट संघर्श से जुड़े थे ? भारतीय समाजशास्त्रियों और अंग्रेज साम्राज्यवादियों की लगभग यही दोहरी दृष्टि रही है। देश के इतिहासकारों ने भी उनकी स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी लड़ाई को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजतन उनके जीवन, संस्कृति और सामाजिक संसार को देश समाज से जुदा रखने के उपाय अंग्रेजों ने किए और उन्हें मानव शास्त्रियों के अध्ययन की वस्तु बना दिया। अंग्रेजों ने सुनियोजित ढंग से आदिवासी क्षेत्रों में मिशनरियों को न केवल उनमें जागरुकता लाने का अवसर दिया, बल्कि इसी बहाने उनके पारंपरिक धर्म में हस्तक्षेप करने की छूट भी दी। एक तरह से आदिवासी इलाकों को 'वर्जित क्षेत्र' बना देने की भूमिका रच दी गई। इसके लिए बहाना बनाया गया कि ऐसा करने से उनकी लोक-संस्कृति और परंपराएं सुरक्षित रहेंगी। जबकि इस हकीकत के मूल में आदिवासियों की बड़ी आबादी का ईसाईकरण करना था। इस कुटिल मकसद में अंग्रेज सफल भी रहे। ये उपाय तब किए गए, जब अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने के लिए पहला आंदोलन 1817 में ओडिशा के कंध आदिवासियों ने किया। दरअसल 1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठाओं को पराजित कर ओडिशा को अपने आधिपत्य में ले लिया था। सत्ता हथियाने के बाद अंग्रेजों ने खुर्दा के तत्कालीन राजा मुकुंद देव द्वितीय से पुरी के विश्वविख्यात जगन्नाथ मंदिर की प्रबंधन व्यवस्था छीन ली। मुकुंद देव इस समय अवस्यक थे, इसलिए राज्य संचालन की बागडोर उनके प्रमुख सलाहकार व मंत्री जयी राजगुरु संभाल रहे थे। राजगुरु जहां एकाएक सत्ता हथियाने को लेकर विचलित थे, वहीं मंदिर का प्रबंधन छीन लेने से उनकी धार्मिक भावना भी आहत हुई थी। नतीजतन उन्होंने आत्मनिर्णय लेते हुए अंग्रेजों के विरुद्ध जंग छेड़ी। कंपनी की कुटिल फौज ने राजगुरु को हिरासत में लिया। विद्रोह के आरोप में बीच चौराहे पर फांसी पर चढ़ा दिया। अंग्रेज सोच रहे थे कि इससे ओडिशा की जनता घरों में दुबक जाएगी। मगर हुआ इसके उलट। घुमसुर के 400 पाइक आदिवासियों ने खुर्दा में जगह-जगह अंग्रेजों पर हमले शुरू कर दिए। ब्रिटिश राज्य के प्रतीकों पर आक्रमण कर पुलिस थाने, प्रशासकीय कार्यालय और राज-कोषालय आग के हवाले कर दिए। घुमसुर वर्तमान में गंजम और कंधमाल जिले का हिस्सा है। पाइक मूल रूप से खुर्दा के राजा के ऐसे खेतिहर सैनिक थे, जो युद्ध के समय शत्रुओं से लड़ते थे और शांति के समय राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करते थे। इस कार्य के बदले में उन्हें जागीरें मिली हुई थीं। इन जागीरों से राज्य कर वसूली नहीं करता था। शक्ति-बल से सत्ता हथियाने के बाद अंग्रेजों ने इन जागीरों को समाप्त कर दिया। यही नहीं कंपनी ने किसानों पर लगान कई गुना बढ़ा दी। जो लोग खेती से इतर नमक बनाने का काम करते थे, उसके निर्माण पर रोक लगा दी। इतनी बेरहमी बरतने के बावजूद भी न तो अंग्रेजों की दुष्टता थमी और न ही पाइकों का विद्रोह थमा। लिहाजा 1814 में अंग्रेजों ने पाइकों के सरदार बख्शी जगबंधु विद्याधर महापात्र, जो मुकुंद देव द्वितीय के सेनापति थे, उनकी जागीर छीन ली और उन्हें पाई-पाई के लिए मोहताज कर दिया। अंग्रेजों के यह ऐसे जुर्म थे, जिनके विरुद्ध जनता का गुस्सा भड़कना स्वाभाविक था। फलस्वरूप बख्शी जगबंधु के नेतृत्व में पाइकों ने युद्ध का शंखनाद कर दिया। देखते-देखते इस संग्राम में खुर्दा के अलावा पुरी, बाणपुर, पीपली, कटक, कनिका, कुजंग और केउझर के विद्रोही शामिल हो गए। यह संग्राम कालांतर में और व्यापक हो गया। 1817 में अंग्रेजों के अत्याचारों के चलते घुमसुर, गंजम, कंधमाल, पीपली, कटक, नयागढ़, कनिका और बाणपुर के कंध संप्रदाय के राजा और आदिवासी समूह इस संग्राम का हिस्सा बन गए। इन समूहों ने संयुक्त रणनीति एकाएक अंग्रेजों पर आक्रामण कर दिया। तीर-कमानों, तलवारों और लाठी-भालों से किया यह हमला इतना तेज और व्यापक था कि करीब 100 अंग्रेज मारे गए। जो शेष बचे वे शिविरों से दुम दबाकर भग निकले। एक तरह से समूचा खुर्दा कंपनी के सैनिकों से खाली हो गया। जनता ने अंग्रेजी खजाने को लूट लिया। इसके बाद इन स्वतंत्रता सेनानियों को जहां-जहां भी अंग्रेजों के छिपे होने की मुखाबिरों से सूचना मिली, इन्होंने वहां-वहां पहुंचकर अंग्रेजों को पकड़ा और मौत के घाट उतार दिया। इससे तिलमिलाए फिरंगियों की सेना ने पाइक स्वतंत्रता सेनानियों पर तोप और बंदूकों से हमला बोल दिया। अंग्रेजों ने जिस सेनानी को भी जीवित पकड़ा उसे या तो फांसी दे दी अथवा तोप के मुहाने पर बांधकर उड़ा दिया। अंततः इस संग्राम के नायक बख्शी जगबंधु को 1825 में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें कटक के बरावटी किले में बंदी बनाकर रखा गया। 1829 में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। पाइक विद्रोह के समतुल्य ही अंग्रेजों से 1817 में भील आदिवासियों का संघर्ष हुआ था। भारत में जब अंग्रेज आए तो ज्यादातर सामंत उनके आगे नतमस्तक हो गए। नतीजतन अंग्रेज राजपूत सामंतों के सरंक्षक हो गए। गोया, भीलों ने जब संगठित रूप में सामंतों पर आक्रमण किया तो अंग्रेजों ने राजपूतों की सेना के साथ भीलों से युद्ध कर उन्हें खदेड़ दिया। बाद में यही संघर्ष 'भील बनाम अंग्रेज' संघर्ष में बदल गया। इसलिए इसे 'खानदेश विद्रोह' का नाम दिया गया। इस विद्रोह से प्रेरित होकर भीलों का विद्रोह व्यापक होता चला गया। 1825 में इसने सतारा की सीमाएं लांघी और 1831 तक मध्य प्रदेश के वनांचल झाबुआ क्षेत्र में फैलता हुआ मालवा तक आ गया। 1846 में अंगेज इस भील आंदोलन को नियंत्रित करने में सफल हुए। इसके बाद 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ। लिहाजा 1817 में पाइक विद्रोह के समानांतर जितने भी 1857 के पहले तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष हुए हैं, यदि उन्हें जोड़कर 1857 पहले के स्वतंत्रता संग्राम को मान्यता दी जाती है, तो यह इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। (लेखक,वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक अपने देश में 5 मई दो घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिन्हें लेकर भारत के धर्मध्वजियों और नेताओं को विशेष चिंता करनी चाहिए। पहली घटना हैदराबाद में हुई और दूसरी गुजरात में। हैदराबाद में एक हिंदू नौजवान नागार्जू की हत्या इसलिए कर दी गई कि उसने सुल्ताना नामक एक मुसलमान लड़की से शादी कर ली थी। गुजरात के एक गांव में कुछ हिंदुओं ने दो अन्य हिंदुओं पर इसलिए हमला कर दिया कि वे अपने पूजा-पाठ को लाउडस्पीकर पर गुंजा रहे थे। ध्यान रहे कि यह हमला न तो मुसलमानों पर हिंदुओं का था और न ही हिंदुओं पर मुसलमानों का। उक्त दोनों हमले अलग-अलग कारण से हुए और उनका चरित्र भी अलग-अलग है लेकिन दोनों में बुनियादी समानता भी है। दोनों हमलों में मौतें हुईं और दोनों का मूल कारण एक ही है। वह कारण है-असहिष्णुता! यदि गांव के कुछ लोगों ने अनजाने या जानबूझकर लाउडस्पीकर लगा लिया तो उससे कौन सा आसमान टूट रहा था? उन्हें रोकने के लिए मारपीट और गाली-गुफ्ता करने की क्या जरूरत थी। यदि सचमुच लाउडस्पीकर की आवाज कानफोड़ू थी और उससे आपके काम में कुछ हर्ज हो रहा था तो आप पुलिस थाने में जाकर शिकायत भी कर सकते थे लेकिन किसी की आवाज काबू करने के लिए आप उसकी जान ले लें, यह कहां कि इंसानियत है? इसके पीछे का सूक्ष्म कारण पड़ोसियों का अहंकार भी हो सकता है। किसी कमतर पड़ोसी की यह हिम्मत कैसे पड़ गई कि वह पूजा-पाठ के नाम पर सारे मोहल्ले में अपने नाम के नगाड़े बजवाए? यदि हमलावर लोग कानून-कायदों का दूसरों से इतना सख्त पालन करवाना चाहते हैं तो उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने पड़ोसी की हत्या करके कौन से कानून का पालन किया है? जहां तक एक मुस्लिम लड़की का एक हिंदू लड़के से विवाह का सवाल है, दोनों की दोस्ती लंबी रही है। वह विवाह किसी धर्म-परिवर्तन के अभियान के तहत नहीं किया गया था। वह शुद्ध प्रेम-विवाह था। लेकिन भारत में आज कोई भी बड़ा नेता या बड़ा आंदोलन ऐसा नहीं है, जो अन्तरधार्मिक और अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहित करे। हम लोग अपने मजहबों और जातियों के कड़े सींखचों में अभी तक जकड़े हुए हैं। जो व्यक्ति इन संकीर्ण बंधनों से मुक्त है, वह ही सच्चा धार्मिक है। वही सच्चा ईश्वरभक्त है। यदि ईश्वर एक ही है तो उसकी सारी संतान अलग-अलग कैसे हो सकती है? उनका रंग-रूप, भाषा-भूषा, खान-पान देश और काल के मुताबिक अलग-अलग हो सकता है लेकिन यदि वे एक ही पिता के पुत्र हैं तो आप उनमें भेद-भाव कैसे कर सकते हैं? यदि आप उनमें भेद-भाव करते हैं तो स्पष्ट है कि आप धार्मिक हैं ही नहीं। आप एक नहीं, अनेक ईश्वरों को मानते हैं। इसका एक गंभीर अर्थ यह भी है कि ईश्वर ने आपको नहीं, आपने ईश्वर को बनाया है। हर देश और काल में लोगों ने अपने मनपसंद ईश्वर को गढ़ लिया है। ऐसे लोग वास्तव में ईश्वरद्रोही हैं। उनके व्यवहार को देखकर तर्कशील लोग ईश्वर की सत्ता में अविश्वास करने लगते हैं। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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आर.के. सिन्हा फिलहाल देश में कोयले और बिजली की किल्लत का माहौल बनाया जा रहा है। इस तरह के हालात निर्मित करने की कोशिशें इसलिए हो रही हैं ताकि देश का जनमानस केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा होने लगे। इस माहौल को हवा-पानी मिल रही है उन राज्यों में जहां पर कोयले के सर्वाधिक भंडार हैं। जैसे झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा। गौर कीजिए कि इन सब राज्यों में गैर-भाजपाई सरकारें हैं। अब जरा आगे चलिए। वोट के लालच में फ्री बिजली देने वाले दिल्ली, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्य भी गैर- भाजपाई शासित हैं। क्या गर्मियों के मौसम में पहली बार बिजली की खपत बढ़ रही है और बिजली की किल्लत को महसूस किया जा रहा है? नहीं न। दिल्ली में बिजली की कटौती नाम-निहाद हो रही है। पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सियासत करने से पीछे नहीं हट रहे। वे कोयले की कमी को मुद्दा बना रहे हैं और सबको डरा रहे हैं। अब उन्होंने एक और खेल खेलना शुरू कर दिया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया है कि 01 अक्टूबर, 2022 से दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी केवल उन्हीं लोगों को मिलेगी, जो इसे लेना चाहेंगे यानी बिजली पर छूट अब वैकल्पिक होगी। इस योजना के तहत लोगों के पास यह ऑप्शन होगा कि अगर वे चाहे तो अपनी सब्सिडी को त्याग सकते हैं। कोई क्यों छोड़ेगा? उन्होंने इससे मिलती-जुलती बात तब भी कही थी जब डीटीसी की बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर करने की घोषणा की गई थी। तब कहा गया था कि जो महिलाएं टिकट लेना चाहें वह ले सकती हैं। डीटीसी बसों में सफर करने वाली किसी महिला से पूछ लीजिए कि क्या वह टिकट लेती है? उत्तर नकारात्मक ही मिलेगा। महाराष्ट्र में भी बिजली संकट गहराता जा रहा है। भारत की प्रगति का रास्ता महाराष्ट्र से होकर ही गुजरता है। वहां इस प्रकार की स्थिति का होना अफसोसजनक है। महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली तथा पंजाब जैसे राज्यों का बिजली कंपनियों पर लाखों करोड़ बकाया पड़ा है। महाराष्ट्र सरकार तो सुप्रीम कोर्ट में केस तक हार चुकी है और उसे भुगतान करना ही करना है, उसके बाद भी ये राज्य बिजली खर्च कर रहे है और पेमेंट भी नहीं कर रहे हैं। सबको पता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) के 7,918 करोड़ रुपये के भारी बकाया के कारण कई राज्यों, विशेष रूप से महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को कोयले की आपूर्ति कम हुई है। जरा इन राज्यों के नेताओं की बेशर्मी देखिए कि ये कोयले की कमी का रोना तो रो रहे हैं, पर ये नहीं बता रहे कि जेनको का बकाया धन वापस क्यों नहीं कर रहे? जबकि इन्होंने जनेको से बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को कई बार दुगने दाम तक में बेच भी दिया है और ज्यादातर पैसा वसूल भी कर लिया है तो कैसे सुधरेगा बिजली क्षेत्र? कहां से आएगा जेनको के पास अपना काम करने लिए आवश्यक धन? कोयले की कमी की नौटंकी की जानकारी कई माह पहले से थी, आप यकीन नही करेंगे पर ये भी टूलकिट का ही एक पूर्व नियोजित हिस्सा है, सरकार विरोधी माहौल बनाने के लिए। जब सारे पैंतरे आजमाकर हार गए हैं तो कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू हुआ है, जिनमें दंगे भड़काना और मूलभूत आवश्यकताओं की कमी कर के ठीकरा सरकार पर फोड़ना। दंगे भड़कने से कोर वोटर भाजपा से दूर होगा, जैसा वोटर का स्वभाव है और मूलभूत आवश्यकताओं की कमी पर नया वोटर जो जुड़ा है वह भी निराश होकर दूर होगा। अब पंजाब की बात करेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान की हर घर में प्रति माह 300 मुफ्त यूनिट की घोषणा से राज्य सरकार के वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा। उनकी घोषणा के साथ, बिल बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। कर्ज में डूबी पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को अपने थर्मल प्लांटों को चलाने के लिए आयातित कोयले की खरीद के लिए और भारी खर्च करना होगा, क्योंकि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने पंजाब और अन्य राज्यों को कोयला आयात करने की सलाह दी है। इतना सब कुछ होने पर भी पंजाब सरकार मुफ्त की बिजली देने से बाज नहीं आ रही। हां, उसका तो एक सूत्रीय कार्यक्रम है मोदी सरकार को घेरना। पंजाब या महाराष्ट्र सरकारें समझ लें कि अब दुनिया बदल गई है। देश जागरूक हो गया है। उसे पता है कि कौन सी सरकार कितनी जिम्मेदारी से अपने राज्य को चला रही है। अब आते हैं कोयले पर। तो यह बात सभी को मालूम है कि गर्मियों में बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है, ऐसे में बिजली की कमी होना या कटौती होना कोई बड़ी बात या नई बात नहीं है। आज से कुछेक साल पहले तक हमने राजधानी में रोज कई-कई घंटे बिजली की कटौती देखी है। दिल्ली में बिजली संकट केंद्र में अटल बिहारी सरकार और दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकारों के समय खत्म होने लगा था। इस बीच, बिजली और कोयले के संकट के कोलाहल के बीच कोयले से लदी मालगाड़ी के 13 डिब्बों के पटरी से उतरने की खबर भी वास्तव में बहुत गंभीर है। यह घटना बीती 30 अप्रैल की है। रेलवे के सबसे बिजी मार्गों में से एक दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर इटावा जिले में ये हादसा हुआ। रेलवे को इस हादसे की गहराई से छानबीन करनी होगी कि डेडिकेटेड फ्राइट रूट पर कोयले से लदी मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से कैसे उतर गए। इस तरह की घटना पहले तो कभी नहीं हुई। इस हादसे के कारण डिब्बों में रखा कोयला पटरियों में बिखर गया और कई पटरियां टूट गईं। याद नहीं आता कि इससे पहले कभी डेडिकेटेड फ्राइट रूट पर इस तरह का हादसा हुआ हो। गौर करें कि रेलवे ने बिजली की बढ़ती खपत और कोयले की कमी को देखते हुए अगले एक महीने तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है। साथ ही कोयला से लदी मालगाड़ियों की औसत संख्या भी बढ़ा दी गई है। तब यह रेल हादसा एक बड़ी साजिश की तरफ भी संकेत करता है। केंद्र सरकार सारे सार्थक प्रयास कर रही है। लेकिन, बोलने वाले तो बोलने से बाज नहीं आएंगे। (लेखक, वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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आर.के. सिन्हा एक अजीब-सी मानसिकता हमारे देश में बन गई कि हम किसी भी क्षेत्र के कुछेक लोगों की प्रशंसा करके इतिश्री कर लेते हैं। यही स्थिति बिजनेस की दुनिया के लिए भी कही जाएगी। कुछ ज्ञानी और गुणी लोग रतन टाटा, एन. नारायण मूर्ति, अजीम प्रेमजी, मुकेश अंबानी वगैरह की बात करके सोचने लगते हैं कि इससे आगे की चर्चा व्यर्थ है। ये ही हमारे कॉरपोरेट संसार की सबसे श्रेष्ठ हस्तियां हैं। इसी सोच के कारण वे पृथ्वीराज सिंह ओबराय (पीआरएस) का नाम लेना या उनकी चर्चा करना भूल जाते हैं। उन्हें ‘बिक्की ओबेरॉय’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत के होटल सेक्टर में लक्जरी लाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। उन्होंने लगभग 93 साल की उम्र में ओबराय होटल ग्रुप के चेयरमैन का पद छोड़ दिया। कहना होगा कि भारत तथा भारत से बाहर विश्वस्तरीय ओबराय होटलों के चलते ही ओबराय तथा भारत की इमेज उजली हुई। किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि आर्थिक उदारीकरण से पहले के दौर में भारत के टाटा, गोदरेज, महिन्द्रा तथा ओबराय जैसे ब्रांड ही देश से बाहर जाने जाते थे। भारत आने वाले विदेशी व्यापारी और पर्यटक मुंबई के ओबराय ट्राइडेंट तथा दिल्ली के ओबराय इंटरकांटिनेंटल पर जान निसार करते हैं। इन दोनों को बिक्की ओबेराय ने अपने हाथों से बनाया था। इसकी योजना बनाने से लेकर इसे शुरू करने तक वे इससे जुड़े रहे थे। वे सारे फैसले खुद लेकर अपने पिता सरदार मोहन सिंह ओबराय को बता भर देते थे। पीआरएस ओबराय के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने पिता को इस बात के लिये तैयार किया था कि वे दिल्ली में भी एक होटल और खोलें। हालांकि तब तक ओबराय ग्रुप का ओबराय मेडिंस होटल चल रहा था। यह 1960 के दशक के शुरू की बातें हैं। तब दिल्ली में लक्जरी होटल के नाम पर अशोक होटल तथा इंपीरियल होटल ही कायदे के होटल थे। ओबराय पिता-पुत्र ने दिल्ली के अपने होटल के लिए जमीन ली ड़ॉ. जाकिर हुसैन रोड पर। यह जगह दिल्ली गोल्फ क्लब से सटी है। पीआरएस ओबराय ने इसके डिजाइन का काम सौंपा पीलू मोदी को। हालांकि उनके पास देश-दुनिया के तमाम आर्किटेक्ट अपने डिजाइन लेकर आए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बाल सखा और टाटा अध्यक्ष रूसी मोदी के बड़े भाई पीलू मोदी सियासी शख्सियत होने के साथ-साथ प्रयोगधर्मी आर्किटेक्ट भी थे। उन्होंने इसका शानदार डिजाइन बनाया। यह 1965 में शुरू हुआ। भारत में लक्जरी होटल की जब भी बात होती है, तो ओबराय इंटरकांटिनेंटल होटल का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। ओबराय इंटरकांटिनेंटल से पहले राजधानी में कायदे का स्तरीय सिर्फ अशोक होटल ही था। यह अक्तूबर,1956 में शुरू हो गया था। इसमें उसी साल यूनिस्को सम्मेलन में भाग लेने आए दुनियाभर के प्रतिनिधियों को ठहराया गया था। गुजरे साढ़े छह दशकों के दौरान अशोक होटल को सैकड़ों राष्ट्राध्यक्षों और नामवर शख्सियतों की मेजबानी का मौका मिला। इसकी भव्यता भी लाजवाब है। पीआरएस ओबराय विश्व नागरिक होने के बावजूद दिल से हिन्दुस्तानी हैं। उनकी इस सोच के चलते सभी ओबराय होटलों में आने वाले गेस्ट का होटल स्टाफ नमस्कार करके ही स्वागत करते हैं। वे मानते रहे हैं कि नमस्कार ही भारत की पहचान है। जब कोई ओबराय होटल में आए तो उसे पता चले कि इस होटल का संबंध भारत से है। देखिए, आपने पीआरएस ओबराय का नाम कभी किसी विवाद में नहीं सुना होगा। यह सामान्य बात नहीं है। बिजनेस की दुनिया में रहते हुए लोग कुछ न कुछ गड़बड़ कर ही देते हैं। टैक्स चोरी के केस तो सामान्य रूप से सामने आ ही जाते हैं। पर ओबराय होटल पर कभी इस तरह के आरोप नहीं लगे। इससे पीआरएस ओबराय यह साबित करते हैं कि आप ईमानदारी से भी आगे बढ़ सकते हैं। पीआरएस ओबराय बहुत आहत हुए थे जब उनके प्रिय ट्राइडेंट होटल को मुंबई में हुए 26/11 के हमलों में तबाह कर दिया गया था। वहां पाकिस्तानी आतंकिय़ों ने दर्जनों बेगुनाहों को मार डाला था। पीआरएस ओबराय दुखी थे पर वे दुनिया को संदेश देना चाहते थे कि वे और भारत राख के ढेर पर से भी उठना जानते हैं। तब उनकी सरपरस्ती में ओबराय ट्राइडेंट होटल का नए सिर से रेनोवेशन हुआ। वे कई महीनों के लिये दिल्ली से मुंबई चले गए थे। उन्होंने दिल खोलकर पैसा लगाय़ा। यानी पीआरएस ओबराय ने इसे राख के ढेर से फिर खड़ा किया। एक बात और जान लें कि भारत में एक से बढ़कर एक सैकड़ों की गिनती में उद्योगपति हैं। पर पीआरएस ओबराय सबसे अलग हैं। वे जानते हैं कि अपने ब्रांड को कैसे बाजार में सम्मान दिलवाया जाता है। वे होटल इंडस्ट्री के भीष्म पितामह हैं। वे 1988 में ओबराय होटल के चेयरमैन बने थे। उनसे पहले उनके पिता मोहन सिंह ने ही ओबराय होटल ग्रुप की कमान संभाल रखी थी। वे अपने पिता के जीवनकाल में ही अपने ग्रुप के लिए अहम फैसले लेने लगे थे। वे भविष्य द्रष्टा किस्म के इंसान हैं। उन्हें ईश्वर ने यह शक्ति दी कि वे जान लें किस शहर या देश में इनवेस्ट करने से लाभ होगा। उन्होंने करीब दस साल पहले गुरुग्राम में अपना होटल खोला। उसमें तगड़ा इनवेस्टमेंट किया। तब कुछ लोग दबी जुबान से कह रहे थे कि उनकी गुरुग्राम की इनवेस्टमेंट का लाभ नहीं होगा। पर वे सब गलत साबित हुए। पिछले दस साल में गुरुग्राम बदल गया है। अब यह शहर आईटी हब बन गया है। यहां हजारों विदेशी रहते हैं और आते-जाते हैं। इनका गुरुग्राम का होटल धड़ल्ले से चल रहा है। दरअसल शिखर पर बैठे शख्स से यही उम्मीद रहती है कि वह भविष्य की संभावनाओं को जान ले। इस लिहाज से पीआरएस ओबराय लाजवाब हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि वयोवृद्ध पीआरएस ओबराय आगे भी भारत के कॉरपोरेट संसार के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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गिरीश्वर मिश्र आए दिन यह तर्क किसी न किसी कोने से तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग पेश करता रहता है कि भारत की विविधता की अनदेखी हो रही है। वह बड़े निश्चय के साथ अपना सुचिंतित संदेह कुछ इस तरह से व्यक्त करता है मानो ‘भारत’ कोई एकल रचना न थी, न है और न उसे होना चाहिए। इस तरह की सोच की प्रेरणाएँ विभिन्न अवसरों पर उभार लेती रहती हैं और भारत की अंतर्निहित स्वाभाविक एकता को संदिग्ध बना कर उसे प्रश्नांकित करने की चेष्टा करती रहती हैं। भारत की विविधता ही उसका स्वभाव है, ऐसा रेखांकित करते हुए और उसी का बखान करते हुए एकता की समस्या खड़ी की जाती है और उसको पैदा करने की संभावना तलाशी जाती है । इस तरह की स्थापना के लिए भाषा, धर्म, जाति, रंग, वेश-भूषा, खान-पान, क्षेत्र और प्रथा आदि को दिखाया जाता है। नाना प्रकार की विविधताओँ को विशदता से पहचनवाते हुए भारत एक विविधता का नाम है, यह प्रतिपादित करते हैं। यह सच है कि दृश्य जगत में मिलने वाली विविधता की कोई सीमा नहीं है और न हो ही सकती है। हम सभी देखते हैं क़ि प्रत्येक विविधता से कुछ और विविधताएँ भी पैदा होती रहती हैं। विविधताओं का विस्तार हर किसी का प्रत्यक्ष अनुभव है। हम अक्सर पाते हैं कि एक ही माता-पिता की अनेक संतानें होती हैं जो स्वभाव और रंग-रूप आदि विशेषताओं में एक-दूसरे से भिन्न भी होती हैं। यहाँ तक कि जुड़वां बच्चों में भी अंतर पाए जाते हैं पर उस भिन्नता से माता-पिता से उनका निरंतर सम्बन्ध कमतर या असंगत नहीं हो जाता। इस सामान्य अनुभव को किनारे रख भारत की एकता को नक़ली और प्रायोजित घोषित करते हुए विविधता के शास्त्र को बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ाने में हमारे प्रगतिशील विचारक महानुभाव सतही जानकारियों का अम्बार लगाते हुए विविधताओं की नई-नई क़िस्में खड़ी करते नहीं थकते। उनका स्थायी भाव यही रहता है कि विविधता प्राणदायी है और उसकी हर क़ीमत पर रक्षा की जानी चाहिए (विविधता बची रहेगी तो एकता आ ही जायगी!) । विविधता का उत्सव मनाते हुए इन विशेषज्ञों को विविधता ही मूल लगती है इसलिए वे विखंडन में ही भविष्य देखते हैं। वे यह यह भूल जाते हैं कि विविधता भी किसी एकता के सापेक्ष ही हो सकती है और सोची-समझी जा सकती है। यदि मूल का उच्छेदन करते हुए सिर्फ प्रकट विविधता पर ही ध्यान देते रहेंगे तो सत्य का केवल आंशिक और अधूरा परिचय होगा और गलत निष्कर्ष पर पहुंचा जायगा। इस अधकचरे ज्ञान से उपजने वाली विखंडन की प्रक्रिया आत्मघाती हो जाती है। इस तरह की सोच में बिना पूर्वापर का विचार किए किसी एक मूल से पैदा होने वाली हर नई इकाई एक-दूसरे से स्वतंत्र हो जाती है और अन्य इकाइयों से प्रतिस्पर्धा में द्वन्द करती खड़ी होती है। यह बात आसानी से देखी जा सकती है कि इस तरह की विखंडनकारी परियोजनाओं की तार्किक परिणति प्रायः हिंसा में घटित होती दिखाई पड़ती है। यह तो जड़ को काटने या उखाड़ने जैसी बात लगती है जिसके फलस्वरूप पूरे वृक्ष की सभी शाखा-प्रशाखाएँ निर्जीव या परोपजीवी हो जाएँगी। भारत को स्वभावत: बिखरा हुआ और परस्पर असम्बन्धित देखने की प्रवृत्ति भारत के की प्रकृति, इतिहास और संरचना के सत्य को अनदेखी करती है। वास्तविकता यह है कि भारत की विविधताएँ ख़तरे में हैं, इसका नारा देते हुए विविधताओं का उपयोग सिर्फ़ अपने सीमित अहंकार की पुष्टि और तात्कालिक हितों की तुष्टि के लिए ही किया जाता है। इस युक्ति का उपयोग करते समय यह भुला दिया जाता है कि भारत की मौलिक एकता और राष्ट्र के साथ रागात्मक सम्बंध की अनुगूँज ऋग्वेद से आरंभ होकर रामायण, महाभारत, विष्णु पुराण आदि से होते हुए रवि ठाकुर, सुब्रह्मन्य भारती, मैथिलीशरण गुप्त और रामधारी सिंह दिनकर समेत अन्यान्य रचनाकारों तक विस्तृत होता आ रहा है। सहृदयता के साथ सौमनस्य का स्वीकार और प्रसार का लक्ष्य समरसता और पारस्परिक निकटता की भावना से ही संभव हो पाता है। यह पृथ्वी नाना धर्म वालों और विविध भाषाओं को बोलने वालों का भरण-पोषण करती है । इसी अर्थ में भूमि माता है । देवता और मनुष्य भिन्न होते हुए भी परस्पर एक दूसरे पर निर्भर माने गए हैं , यहाँ तक कि भक्त जितना भगवान पर निर्भर होता है उतना ही भगवान भी भक्त पर निर्भर होते हैं । यही सोच कर यह आकांक्षा बार-बार की जाती रही कि विविधवर्णी समाज में बुद्धि, हृदय और मन सभी समान हों। साथ चलने, साथ बोलने और साथ मन बनाने पर बल दिया जाता रहा। भिन्नता तो है पर भिन्नताओं के बीच पारस्परिकता और परस्पर निर्भरता भी है। भिन्नता है पर उसका अतिक्रमण करते हुए जीना उद्देश्य है। इसीलिए भारतीय मन सारी वसुधा को ही कुटुम्ब मान कर आगे बढ़ता है। जो भारत में जन्मा है उसकी भारतीयता भारत की विविधता को उसकी समृद्धि को बढ़ाती है । यह अकारण नहीं है कि हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख जैसे भारत के सभी धर्म अहिंसा पर बल देते हैं जो दूसरों को मिटा कर नहीं उनसे मन मिला कर साथ रहने के मार्ग ढूढते हैं । इतिहास साक्षी है कि वे अन्य धर्मावलम्बियों की तरह आक्रान्ता कभी नहीं रहे और कभी उपनिवेश नहीं बनाया न किसी समुदाय पर जुल्म ढाए। इस प्रसंग में भारत विद्या के प्रख्यात अध्येता आनंद कुमारस्वामी स्मरण आते हैं जिनके शब्दों में भारत की विश्व को सबसे बड़ी देन उसकी भारतीयता है। फिर भारतीयता की व्याख्या करते हुए वे एक सूत्र बताते हैं कि इस देश की प्रतिज्ञा है कि एक तत्व की प्रधानता और उसकी बहुलता वाली अभिव्यक्ति- एकोहं बहुस्याम और उस एक तत्व तक कई मार्गों से पहुंचा जा सकता है - एकं सत् विप्रा: बहुधा वदन्ति। एकता से विविधता ज़रूर पैदा होती है पर एकता ही मूल में है। जड़ और चेतन सब में एक तत्व की प्रधानता देखना यहाँ की चिंतन-शैली की प्रमुख विशेषता है। इस एकता की पराकाष्ठा ब्रह्मन की अवधारणा में होती है जो स्वयं अपने से सृष्टि करता है, वैसे ही जैसे मकड़ी स्वयं अपना जाल बुनती-बनाती है। बीज एक होता है और उससे वृक्ष पैदा होता है जिसमें विकसित होने पर अनेक फल लगते हैं । इन फलों में नए बीज पैदा होते हैं और यह क्रम अनवरत चलता है । बीज अपना मूल अस्तित्व खो कर नया रूप पाता है । अक्सर बीज वृक्ष या पौधे की जड़ का रूप ले लेता है जो वृक्ष को धरती से जोड़ कर वृक्ष को जीवन रस देते रहने का काम करता रहता है । कोई खोजे तो बीज का कोई नामों-निशान नहीं पाएगा पर बिना वीज के वृक्ष की कल्पना भी नहीं की जा सकती । बीज अपने रूपान्तर से नए को जन्म देता है और वृक्ष के तने, डालों, पत्तों, फूलों और फलों में रूप बदल कर मौजूद रहता है । रूपांतर नाश नहीं होता है और पृथकता नहीं योग से ही कोई रचना परिपूर्णता को प्राप्त करती है । मैं पृथक नहीं और दूसरा भी मुझसे पृथक नहीं ऐसा विश्वास और अनुभव होना चाहिए। किस तरह भिन्न अवयव मूल की प्रकृति से मिला रहता है यह पहचानना जरूरी है । समष्टि और व्यष्टि कि आँख-मिचौनी कई कई रूपों में चलती रहती है और व्यष्टि की सार्थकता समष्टि के अवयव के रूप में होती है। किसी भी कपड़े में कई-कई धागे मौजूद होते हैं पर अलग-अलग धागों को एक जगह रखने से कपड़ा नहीं बनता। दूसरी ओर एक ही तत्व के विभिन्न गुण पृथकता का अनुभव देते हैं जैसा क़ि हमारे शरीर के सारे अंग प्रत्यंग अलग-अलग कार्य करते हैं और मिल कर एक सत्ता का निर्माण करते हैं । विविधताओं का संजाल परस्पर मिला हुआ है और एक रचना का निर्माण करता है। इस तरह पार्थक्य केंद्रीय नहीं है। उसकी जगह सब मिल कर संयुक्त रूप में जो पूर्णता का अहसास कराते हैं वह महत्वपूर्ण है। आज पूरे देश की बात विस्मृत सी हो रही है जब कि इसके निर्माण पूरे भारत के लोगों ने एक समग्र सत्ता के बोध के साथ जुड़े थे और देश के स्वतंत्रता-संग्राम में बलिदान किया था । स्वतंत्रता के यज्ञ में आहुति देने वाले वीर पूरब, पच्छिम, उत्तर, और दक्षिण हर ओर से आए थे। वे हर धर्म और जाति के थे और देश के साथ उनका लगाव उन्हें जोड़ रहा था। उनके सपनों का भारत एक समग्र रचना है। यह इसलिए भी जरूरी है कि हम उनका भरोसा न तोड़ें और उनकी विरासत को साझा करें। उपनिवेश काल में जो छवि गढ़ी गई छवि से आगे बढ़ते हुए अपने समष्टिगत स्वरूप को पहचानने की जरूरत है। एक स्वायत्त राष्ट्र की चेतना वाला एक भारत ही श्रेष्ठ भारत होगा। (लेखक, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति हैं।)
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योगेश कुमार सोनी दिल्ली के अधिकतर इलाकों में बहुत गंदा पानी आ रहा है। इसके अलावा पानी जरूरत के हिसाब से भी नहीं मिल रहा। शिकायत करने पर दिल्ली सरकार व विभाग ने हाथ खड़े कर दिये। मामला संज्ञान में आने के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखा रहे। वहीं दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना हम हर स्तर पर जितना बेहतर कर सकते हैं वो कर रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि आखिर नलों से पानी के साथ गटर का पानी आ रहा है तो वह कैसे पिया जाए। स्थिति यह है कि पानी को तीन-चार बार फिल्टर करके पीने लायक बनाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन उससे भी बदबू व कालापन नहीं जा रहा है। लोग गंदा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह बेहद आश्चर्य की बात है कि एक ही तरह की बीमारी के लोग लगातार आ रहे हैं। इस मामले में विपक्ष का कहना है कि दिल्ली सरकार ने फ्री बिजली व पानी के नाम पर लूटा है और लोगों को पानी के नाम पर जहर दिया जा रहा है। केजरीवाल एंड कंपनी जितनी बड़ी-बड़ी बातें करती है यदि उसका दो प्रतिशत भी काम कर ले तो राजधानी की हालात सुधर सकती है। यदि उन स्लम कॉलोनियों पर गौर करें जहां पाइप लाइन में पानी नहीं आता, वहां टैंक में आता है, वहां पानी पर लोग ऐसे लड़ते हैं मानो खजाना लुट रहा हो चूंकि जितना पानी आता है उससे चालीस प्रतिशत लोगों की ही पूर्ति होती है। बीजेपी विधायक जितेन्द्र महाजन का कहना है कि ‘कई बार व्यक्तिगत तौर पर भी दिल्ली सरकार व दिल्ली जल बोर्ड के चीफ इंजीनियर को अवगत कराने के बावजूद टाल दिया जाता है।‘ आश्चर्य तो इस बात का है कि यह देश की राजधानी की स्थिति है। इस मामले पर अब बीजेपी जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रही है लेकिन हल निकलता नजर नहीं आ रहा। केजरीवाल सरकार दिल्ली मॉडल के गुणगान ऐसी करती है जैसे पेरिस बना दिया गया हो। पानी जैसी चीज जो जिंदगी की पर्यायवाची है, यदि वो भी न मिले तो ऐसी राजनीति से परहेज करना चाहिये। बच्चे, बूढ़े व गर्भवती महिलाओं को गंदा पानी पीने से बहुत समस्या हो रही है। गंदा पानी पीकर जिस तरह लोग बीमार पड़ रहे हैं, इस मामले पर चिकित्सकों का कहना है यदि कोरोना आ गया तो सबसे पहले इन लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा चूंकि पानी इतना गंदा है कि लोगों की आंतरिक शक्ति बहुत कमजोर पड़ रही है। जो पानी कई बार फिल्टर करके भी अपना रंग व स्वाद नहीं बदल रहा तो स्पष्ट तौर पर समझने की बात यह है कि यह जहर के समान ही माना जाएगा। केजरीवाल सरकार इस समय दिल्ली की जनता से खुलेआम खिलवाड़ कर रही है। केजरीवाल अजीब शैली की राजनीति करते हैं। अपनी कमी या गलती कभी नहीं मानते। अच्छा किया तो दिल्ली सरकार ने और बुरा किया तो केन्द्र सरकार ने। कभी भी, कहीं भी बिना किसी तथ्यों के कुछ भी बोल देते हैं। बहरहाल, जनता से जुड़े बुनियादी मामलों का ख्याल रखना होगा अन्यथा यह पब्लिक जैसे सिर पर चढाती, उससे भी बुरी तरह उतार देती है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी यूरोप यात्रा के दौरान राष्ट्रीय हितों का संरक्षण-संवर्धन करने में सफल रहे। उनकी यह यात्रा संवेदनशील परिस्थितियों में हुई। यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध चल रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ नाटो के सदस्य देश रूस के खिलाफ हैं। दूसरी तरफ भारत व रूस के बीच आपसी सहयोग जारी है। यूरोपीय देशों की यात्रा पर रहे नरेन्द्र मोदी के लिए यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण थी। उनके सामने रूस से संबंध ठीक रखते हुए यूरोपीय देशों से साझेदारी बढ़ाने की मुश्किल चुनौती थी। नरेन्द्र मोदी ने यूरोप यात्रा में अपनी कुशलता का परिचय दिया। बहुत संतुलित तरीके से स्थिति को संभाले रखा। पूरी यात्रा में वह सहज रहे। मोदी ने सभी समस्याओं के समाधान में वार्ता के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि युद्ध से किसी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता। मोदी की कूटनीतिक कुशलता कामयाब रही। जर्मनी व डेनमार्क के साथ कई समझौते हुए। डेनमार्क में मोदी की कई अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मसलों पर वार्ता हुई। नरेन्द्र मोदी भारत नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में सहभागी हुए। उनकी आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर से मुलाकात के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों में चल रही गतिविधियों की समीक्षा की और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने ब्लू इकोनॉमी, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सौर और पवन परियोजनाओं हरित शिपिंग, मत्स्य पालन, जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, अंतरिक्ष सहयोग, दीर्घकालिक अवसंरचना निवेश, स्वास्थ्य और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में जुड़ाव को मजूबत करने की क्षमता पर चर्चा की। इस दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई। यूएनएससी के सदस्य के रूप में भारत और नॉर्वे संयुक्त राष्ट्र में पारस्परिक हित के वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे के साथ जुड़ते रहे हैं। स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने लीड आईटी पहल द्वारा की गई प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया। यह कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर दुनिया के सबसे भारी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक उद्योगों का मार्गदर्शन करने में मदद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में उद्योग संक्रमण पर एक नेतृत्व समूह लीड आईटी स्थापित करने के लिए भारत-स्वीडन की संयुक्त वैश्विक पहल थी। इसकी सदस्यता अब सोलह देशों और उन्नीस कंपनियों से बढ़कर पैंतीस हो गई है। दोनों नेताओं ने नवाचार, जलवायु प्रौद्योगिकी, जलवायु कार्रवाई, हरित हाइड्रोजन, अंतरिक्ष, रक्षा, नागरिक उड्डयन, आर्कटिक, ध्रुवीय अनुसंधान, सतत खनन और व्यापार और आर्थिक संबंधों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने विशेष रूप से भूतापीय ऊर्जा, नीली अर्थव्यवस्था, आर्कटिक, नवीकरणीय ऊर्जा, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, डिजिटल विश्वविद्यालयों सहित शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। भूतापीय ऊर्जा, विशेष रूप से, एक ऐसा क्षेत्र है जहां आइसलैंड की खास विशेषज्ञता है और दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जैकोब्स्दोतिर के व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना की और उन्हें इस संबंध में भारत की प्रगति के बारे में जानकारी दी। क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी चर्चा हुई। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ बातचीत में दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और ऐसे अन्य क्षेत्रों में इस साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। भारत और फिनलैंड के बीच विकासात्मक साझेदारी तेजी से बढ़ रही है। दूसरी तरफ भारत व रूस का सहयोग भी आगे बढ़ा है। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने भारतीय वायु सेना को अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम की तीसरी खेप अगले महीने देने का निर्णय लिया। रूस ने यूक्रेन संघर्ष के बीच पिछले माह इसकी दूसरी खेप दी थी। रूस से मिला पहला मिसाइल डिफेन्स सिस्टम पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया है। भारत के रक्षा बेड़े में शामिल हो रहे इस रूसी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है। सतह से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाले इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भारत को आपूर्ति होने से चीन और पाकिस्तान की परेशानी बढ़ गई है। भारतीय वायुसेना को एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल की कुल पांच रेजिमेंट आगामी वर्ष तक मिलनी हैं। इसके अलावा मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी हथियारों के निर्माण में लगने वाले उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति में कोई कठिनाई नहीं होगी। भारतीय वायुसेना को अगले महीने रूस से तीसरा एस-400 स्क्वाड्रन हासिल होने वाला है। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ मल्टी टारगेट को निशाना बनाकर दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और यूएवी को नष्ट कर सकते हैं। इस मिसाइल सिस्टम की दूरी करीब चार सौ किलोमीटर है। यह एंटी बैलिस्टिक मिसाइल आवाज की गति से भी तेज रफ्तार से हमला कर सकती है। भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में चर्चा तीन विषयों कोविड के बाद बहुपक्षीय सहयोग, जलवायु व सतत विकास और नीली अर्थव्यवस्था तथा नवाचार पर केंद्रित रही। इसके अलावा स्वच्छ और हरित विकास समाधान, नॉर्डिक देशों में कौशल क्षमताओं को भारत की संभावनाओं से जोड़ने और नई अभिनव साझेदारी बनाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की विकास और आर्थिक विकास की यात्रा के पिछले पचहत्तर वर्षों में नॉर्डिक देशों की विश्वसनीय भागीदारी का सराहना की। उन्होंने कहा कि नॉर्डिक देश और भारत स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों और नियम आधारित व्यवस्था और विभिन्न वैश्विक मामलों पर साझा दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगा। हमारे देश मिलकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं और वैश्विक समृद्धि और सतत विकास में योगदान कर सकते हैं। स्टॉकहोम में आयोजित शिखर सम्मेलन में चार वर्ष पूर्व पहली बार भारत एक मंच पर समूह के रूप में नॉर्डिक देशों के साथ जुड़ा था। यूरोप यात्रा के तीसरे चरण में नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंचे। भारत और फ्रांस के संबंध बहुत मजबूत है। वह भारत के सबसे मजबूत साझेदारों में से एक है। दोनों देश अनेक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग कर रहे हैं। फ्रांस में कुछ समय पहले आम चुनाव हुए हैं। इसमें राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को पुनः बहुमत मिला है। नरेंद्र मोदी और इमेनुएल मैक्रो के बीच बेहतर आपसी समझ है। इससे भी भारत फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़ रही है। इसके पहले नरेन्द्र मोदी जर्मनी और डेनमार्क की यात्रा गए थे। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोरोना के साइड इफेक्ट के साथ सबसे बड़ा साइड इफेक्ट अब खाने की थाली पर दिखाई देने लगा है। हालांकि देश-दुनिया मेें खाद्यान्नों के उत्पादन में बढ़ोतरी ही हुई है पर कोरोना और उसके बाद दुनिया के देशों में युद्ध और तनाव के हालात ने कोढ़ में खाज का काम किया है। दरअसल कोरोना के कारण सबकुछ थम जाने के बाद दुनिया के देशों ने जिस ओर सबसे अधिक ध्यान दिया है, वह कोरोना के कारण ठप हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास है। इसे अच्छा प्रयास भी माना जा सकता है क्योंकि आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाना इसलिए आवश्यक है कि विकास और रोजगार की गति उसी पर निर्भर है। यह दूसरी बात है कि संकट के इस दौर में जहां दुनिया के देशों को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाते हुए रोजगार बढ़ाने के समन्वित प्रयास करने चाहिए थे वहीं पहले अफगान और अब रूस-यूक्रेन युद्ध की त्रासदी में फंस कर रह गए हैं। दुनिया अभी महामारी की त्रासदी से निपट भी नहीं पाई है कि रूस-यूक्रेन युद्ध दुनिया के देशों को दो खेमों में बांट कर रख दिया है। दुनिया के देश कोरोना के कारण आई समस्याओं से निपटने के स्थान पर एक-दूसरे की टांग खिंचाई में उलझ कर रह गए हैं। देखा जाए तो दुनिया के देशों में तनाव के कारण कच्चे तेल के भावों में जिस तरह से तेजी आई है और इस तेजी को रोकने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे उन्हें नजरअंदाज किया गया है। इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। आपसी खींचतान के चलते कच्चे तेल का उत्पादन और विपणन दोनों प्रभावित हुए हैं। पाम ऑयल का आयात-निर्यात प्रभावित हुआ है। तो युद्ध के कारण दुनिया के देशों में गेहूं-चावल आदि का कारोबार प्रभावित हुआ है। दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को इन बिगड़े हालात ने हिला कर रख दिया है। यदि हमारे देश की बात करें तो कोरोना के पहले और बाद के हालात में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ माह से जब भी घरेलू जरूरत के सामान खरीदने जाते हैं तो पैकिंग पर हर बार बदली हुई रेट देखने को मिल रही है। जानकारों के अनुसार पिछले दो साल में खाद्य सामग्री की कीमतों में एक मोटे अनुमान के अनुसार 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। खाद्य तेलों के भाव तो सारे रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं तो दालों के भाव में भी तेजी देखी गई है। मसालों के भाव भी आसमान की ओर है तो डेयरी उत्पाद के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। देखा जाए तो खाद्य तेल, दालें और सब्जियां गरीब की थाली से दूर होती जा रही है। दरअसल, अन्य कारणों के साथ पेट्रोल, डीजल, गैस की कीमतों ने बहुत कुछ बिगाड कर रख दिया है। पेट्रोलियम पदार्थों के भाव भले सरकारों की स्थाई रेवेन्यू का माध्यम हो पर इसका प्रभाव पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। वस्तुओं का परिवहन महंगा हो रहा है तो उसकी वसूली अंततोगत्वा आम आदमी से ही होनी हैै। ऐसे में भावों में बढ़ोतरी का अनवरत दौर जारी है। एक मोटे अनुमान के अनुसार गत दो सालों में खुदरा कीमतों में 6 प्रतिशत से भी अधिक की सालाना बढ़ोतरी रही है। सरकारों ने चाहे वह केन्द्र की हो या राज्यों की पेट्रोल-डीजल को आय का साधन बना लिया है। आए दिन पेट्रोल, डीजल, गैस के भावों में बढ़ोतरी हो रही है और इन पर करों का बोझ सीधे लोगों को प्रभावित कर रही है। यह भी सही है कि सरकार को इनसे निरंतर राजस्व मिल रहा है और अब सरकारों की रेवेन्यू का प्रमुख जरिया यह हो गया है। पर आखिर आम आदमी की दिक्कत और परेशानियों को भी समझना होगा। भारत ही नहीं दुनिया के देशों को समझना होगा कि खाने की थाली पर महंगाई की मार नहीं पड़नी चाहिए। आखिर नागरिकों को भरपेट भोजन नहीं मिलेगा तो एक समय ऐसा आएगा कि दूसरे मुद्दे नेपथ्य में चले जाएंगे। इसलिए समय रहते इस तरह की रणनीति तय करनी होगी। जिस तरह से पानी-बिजली व अन्य वादों को लेकर मुफ्तखोर बनाया जा रहा है उससे अच्छा तो यह हो कि खाद्य वस्तुओं पर राहत दी जाए। होना तो यह चाहिए कि अनाज, तेल, दालें, सब्जियां, गैस आदि पर महंगाई की मार नहीं पड़नी चाहिए। थाली को महंगाई की मार से बचाने की ठोस योजना बनानी होगी। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल भीषण गर्मी में बिजली की तेजी से बढ़ती मांग के कारण देश के कई राज्यों में बिजली की कमी का संकट गहरा रहा है। बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की खपत तेजी से बढ़ी है और इसी कारण कुछ राज्यों के बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक घट रहा है। दरअसल गर्मी के कारण कई बिजली कंपनियों में बिजली की मांग में वृद्धि हुई है और जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, बिजली की मांग में भी उसी तेजी से वृद्धि हो रही है। कोरोना लॉकडाउन के बाद बड़ी मुश्किल से पटरी पर लौट रही औद्योगिक गतिविधियों के कारण उद्योगों में भी बिजली की खपत बढ़ी है, इससे भी बिजली की मांग बढ़ रही है लेकिन मांग के अनुरूप पावर प्लांटों में कोयले का स्टॉक नहीं है। कोयले की कमी के संकट को लेकर कोल इंडिया स्वीकार चुकी है कि गर्मी शुरू होने के साथ ही देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि संघीय दिशा-निर्देशों के अनुसार बिजली संयंत्रों में कम से कम 24 दिनों का कोयला स्टॉक होना चाहिए। आंकड़े देखें तो महाराष्ट्र में करीब 28 हजार मेगावाट बिजली की मांग है, जो गत वर्ष के मुकाबले 4 हजार मेगावाट ज्यादा है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना इत्यादि राज्य भी इस समय कोयले की किल्लत से जूझ रहे हैं, जिस कारण कुछ राज्यों में कुछ पावर प्लांटों में तो बिजली उत्पादन ठप हो गया है तो कुछ प्लांटों में बिजली उत्पादन अपेक्षाकृत कम हो पा रहा है। केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के मुताबिक देश में 173 बिजली संयंत्रों में से 155 गैर-पिथेड बिजली संयंत्र हैं, जहां पास में कोई कोयला खदान नहीं है और इनमें औसतन कोयले का करीब 28 फीसदी स्टॉक है जबकि कोयला खदानों के पास स्थित 18 पिथेड संयंत्रों का औसत स्टॉक सामान्य मांग का 81 फीसदी है। पिछले साल अक्तूबर माह में भी बिजली की मांग करीब एक फीसदी बढ़ जाने के कारण कोयला संकट के चलते बिजली संकट गहराया था और तब यह भी स्पष्ट हुआ था कि बिजली संयंत्रों को कोयले की वांछित आपूर्ति नहीं होने के अलावा कई नीतिगत खामियां भी बिजली संकट का प्रमुख कारण हैं। कोरोना काल से पहले अगस्त 2019 में देश में बिजली की खपत 106 बिलियन यूनिट थी, जो करीब 18 फीसदी बढ़ोतरी के साथ अगस्त 2021 में 124 बिलियन यूनिट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च 2023 तक देश में बिजली की मांग में 15.2 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसे पूरा करने के लिए कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को उत्पादन में 17.6 फीसदी वृद्धि करनी होगी। देशभर में कुल बिजली उत्पादन का 70-75 फीसदी कोयला आधारित संयंत्रों से ही होता है और कोल इंडिया द्वारा रिकॉर्ड कोयला उत्पादन भी किया जा रहा है लेकिन फिर भी मांग और आपूर्ति का अंतर कम नहीं हो पा रहा है। देश में करीब 80 फीसदी कोयले का उत्पादन कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा किया जाता है और उसने इस वित्त वर्ष में कोयला आपूर्ति को 4.6 फीसदी बढ़ाकर 565 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। कोल इंडिया का कहना है कि वैश्विक कोयले की कीमतों और माल ढुलाई लागत में वृद्धि से आयात होने वाले कोयले से बनने वाली बिजली में कमी आई है। केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के मुताबिक 2012-22 में देश में कुल कोयला उत्पादन 8.5 फीसदी बढ़कर 77.72 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि यदि वाकई कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है तो फिर बिजली संयंत्र कोयले की भारी कमी से क्यों जूझ रहे हैं और यदि कोयले की कमी नहीं है तो बिजली उत्पादन में गिरावट क्यों आ रही है? बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलगाड़ियों की कमी भी बिजली संकट गहराने का कारण बनी है। कोयला खदानों से पावर प्लांटों तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे में रैक (डिब्बों) की कमी एक अहम कारण रहा है। एक बड़ी समस्या यह भी है कि कोरोना महामारी के कारण कई राज्यों की वित्तीय स्थिति खस्ता हुई है, जिससे उनके स्वामित्व वाली बिजली वितरण कम्पनियां (डिस्कॉम) बिजली उत्पादन कम्पनियों को बकाया चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। माना जा रहा है कि केन्द्र तथा कोयला बहुल गैर-भाजपा शासित सरकारों के बीच भुगतान को लेकर तनातनी और बिजली उत्पादन कम्पनियों द्वारा सीआईएल को अदायगी में देरी भी कोयला खनन में ठहराव आने का प्रमुख कारण है। विदेशों से कोयले का आयात बंद करने से भी समस्या गहराई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतें काफी बढ़ी हैं और बिजली संयंत्रों द्वारा कोयले का आयात इसीलिए बंद या बहुत कम किया जा रहा है क्योंकि इससे उनकी उत्पादन लागत में काफी वृद्धि हो रही है। कोयले की बढ़ती मांग के कारण बिजली मंत्रालय द्वारा कोयले का आयात बढ़ाकर 36 मिलियन टन करने को कहा गया है। बहरहाल, कोयले की कमी से बार-बार उपजते बिजली संकट से निजात पाने के लिए बिजली कम्पनियों को भी कड़े कदम उठाने की दरकार है। दरअसल बिजली वितरण में तकनीकी गड़बडि़यों के कारण कुछ बिजली नष्ट हो जाती है। वितरण प्रणाली को दुरूस्त करके बेवजह नष्ट होने वाली इस बिजली को बचाया जा सकता है। इसके अलावा लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर चोरी की जाने वाली बिजली के मामले में भी सख्ती बरतते हुए निगरानी तंत्र विकसित करते हुए बिजली की चोरी पर अंकुश लगाना होगा। बिजली संकट से स्थायी राहत के लिए अब आवश्यकता इस बात की भी महसूस होने लगी है कि देश में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के बजाय प्रदूषण रहित सौर ऊर्जा परियोजनाओं, पनबिजली परियोजनाओं तथा परमाणु बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाए। इस वर्ष तक सौर ऊर्जा के जरिये 100 गीगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन इस लक्ष्य को हासिल नहीं किए जा सकने के कारण भी बिजली की कमी का संकट बना है। सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत फिलहाल चीन, अमेरिका, जापान तथा जर्मनी के बाद दुनियाभर में पांचवें स्थान पर है और बिजली के समय-समय पर गहराते संकट से देश को निजात तभी मिलेगी, जब सौर ऊर्जा परियोजनाओं के जरिये लक्ष्यों को समय से हासिल किया जाए। घरों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु आसान शर्तों पर ऋण तथा सब्सिडी देने की योजना के जरिये भी बिजली की मांग कुछ हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। ऊर्जा की कमी को विश्व बैंक द्वारा किए गए एक अध्ययन में आर्थिक विकास में बाधक बताया जा चुका है। दरअसल बिजली के समय-समय पर गहराते संकट के कारण विभिन्न राज्यों में आम नागरिकों की ही परेशानियां नहीं बढ़ती बल्कि बिजली की कमी से देश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. रमेश ठाकुर बीते ढाई महीनों में यूरोप के कई प्रमुख नेताओं का भारत आना और उनका हमारे प्रधानमंत्री को अपने यहां आने का आमंत्रण देकर बुलवाना, बताता है कि भारत की विश्व बिरादरी में अब क्या अहमियत है। ग्लोबल मार्केट पर भारत आज क्या मायने रखता है, शायद बताने की जरूरत नहीं। इसलिए कोरोना संकट के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूरोप यात्रा बहुराष्ट्रीय फलक पर बेहद लाभदायक कही जा रही है। दो मायनों में कुछ ज्यादा ही खास है। अव्वल, रूस-यूक्रेन युद्ध से बिलबिला उठे यूरोपीय देश फ्रांस, डेनमार्क, स्वीडन, नार्वे, आइसलैंड, फिनलैंड व अन्य भारत से बड़ी आस लगाए बैठे हैं। ये देश भारत से उम्मीद करते हैं कि वह रूस-यूक्रेन विवाद में मध्यस्थता कर मामले को जल्द से जल्द सुलझवाए। इसके अलावा यूरोपीय राष्ट्र ये भी चाहते हैं कि भारत यूक्रेन के प्रति अपनी उदारता दिखाते हुए विश्व स्तर पर रूस की भर्त्सना करे। जबकि, इसे लेकर भारत शुरू से तटस्थ रहा है। बात भी ठीक है, भला कोई किसी के चलते अपने संबंध क्यों किसी से बिगाड़े? पूरी दुनिया इस बात से वाकिफ है कि भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है। कुछ दिनों पहले यूरोपीय आयोग की अध्यक्षा 'उर्सला वॉन डेर लेयेन' ने भी भारत का दौरा किया था। उन्होंने भी मोदी को मनाने की पूरी कोशिश की। उस वक्त भी प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि उनका देश रूसी हमले का समर्थन बिल्कुल नहीं करता। खैर, यात्रा के दूसरे मायने को समझें तो भारत पर इस बात को लेकर यूरोपीय देशों का जबरदस्त दबाव है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति से युद्ध रुकवाने को लेकर खुलकर बात करें। हालांकि ऐसी कोशिशें भारत ने जानबूझकर अभी तक नहीं की, अगर करते तो रूस से रिश्ते खराब हो जाते। इसके बाद यूरोपीय देशों का नजरिया भारत के प्रति कैसा है, उसे मोदी अपनी यात्रा के दौरान अच्छे से भांप रहे हैं। हालांकि जिस गर्मजोशी से उनका भव्य स्वागत हुआ, उससे लगता नहीं यूरोपीय देशों का नजरिया भारत के विरुद्ध है। ये सच है कि यूरोपियन देश खासकर फ्रांस, डेनमार्क, स्वीडन, नार्वे, आइसलैंड व फिनलैंड की कमर रूस-यूक्रेन युद्ध से टूट चुकी है। यहां से उबरना उनके लिए भविष्य में मुश्किल होगा। क्योंकि इन दोनों देशों पर यूरोपीय देशों की निर्भरता बहुत है। युद्ध अगर और लंबा खिंचा तो इनके लिए समस्याएं और बढ़ेंगी। अगर कायदे से देखें तो मोदी की मौजूदा यात्रा भारत से ज्यादा यूरोपीय देशों के लिए ही खास है। यूरोप के दो बड़े मुल्क जर्मनी-फ्रांस, दोनों ही यूक्रेन के तेल-गैस व अन्य जरूरी सामानों पर निर्भर हैं। इनके लिए एक-एक दिन काटना भारी पड़ रहा है। मोदी की यूरोप यात्रा पहले से प्रस्तावित नहीं थी, तत्काल शिड्यूल बना। यात्रा से पूर्व करीब नौ देशों ने मिलकर बैठकें की जिसमें प्रधानमंत्री को अपने यहां आमंत्रित किया। आमंत्रण का मकसद भी पानी की तरह साफ है। युद्ध अगर और लंबा चला तो इन देशों की हालत बेहद खराब हो सकती है। तेल-गैस की आपूर्ति यूक्रेन से ही होती है, जो बीते पौने दो महीनों से नहीं हुई है। वैकल्पिक आपूर्ति भी इनके यहां अब खत्म होने के कगार पर है। जर्मनी के साथ हमारे समझौते तो कई हुए हैं, लेकिन प्रमुख बात जो है वो सभी जानते हैं। लेकिन ये भी सच है, भारत को रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के जो प्रयास करने थे, पहले ही किया जा चुका है। जिसे पुतिन ने अनसुना किया। युद्ध बदस्तूर जारी है, उनको जो करना है करते जा रहे हैं। पुतिन किसी की भी नहीं सुन रहे। अपनी यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी समझदारी से आगे बढ़ाया है। दरअसल सबसे पहले अपना हित देखना होता है। कमोबेश उसी नजरिए से मोदी वहां के नेताओं से मिले भी। व्यापार की दृष्टि से हमें सचेत रहने की जरूरत है। यूरोप के साथ हमारा व्यापारिक इतिहास अभी तक उतना अच्छा नहीं रहा। संबंध भी उतने अच्छे नहीं रहे, इन देशों के साथ हमारी विदेश नीति भी ज्यादा अच्छी नहीं रही थी। बीते कुछ ही वर्षों में गर्माहट आई है। तभी वहां के नेता मोदी को बुलाने को इतने उतावले हुए। यूरोपीय राष्ट्र हमारे साथ सालाना करीब दो-तीन प्रतिशत साझा व्यापार करते हैं, जो कच्चे माल पर निर्भर होता है। बीते कुछ दशकों में प्रमुख यूरोपीय राष्ट्रों ने भारत के कच्चे माल से अरबों-खरबों डॉलर कमाए हैं। इसमें और गति आए, उसे लेकर प्रधानमंत्री का ज्यादा फोकस रहा। एक बात और है अगर यूरोपीय देश हमारे साथ राजनीतिक और सामरिक सहयोग बढ़ाते हैं तो उसका एक जबरदस्त मुनाफा ये भी होगा, उससे चीन-अमेरिका का रुतबा भी कम होगा। मोदी की यात्रा पर चीन, अमेरिका और पाकिस्तान की नजरें भी टिकी हुई हैं। यूरोप यात्रा की प्रमुख बातों पर चर्चा करें तो शुरुआती दो दिनों में मोदी कई प्रमुख नेताओं से मिले, ताबड़तोड़ कई समझौते किए, हरित उर्जा समझौता जिसमें प्रमुख रहा। इसमें कुछ 25 कार्यक्रम प्रमुख हैं. जिनमें उन्होंने शिरकत की। सबसे खास तो भारत-नार्डिक शिखर सम्मेलन रहा जिसमें कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणनीय ऊर्जा जैसे विषयों पर चर्चा हुई, ये चर्चाएं 2019 से छूटी हुईं थीं जिसे अब बल दिया गया। प्रधानमंत्री अपनी अल्प यात्रा के दौरान आठ-दस प्रमुख नेताओं से मिले हैं, उनके साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बातचीत को आगे बढ़ाया। साथ ही सबसे प्रमुख मुलाकातें उनकी दुनिया के उन पचास प्रमुख कारोबारियों से रही जो भारत आकर निवेश रूपी व्यापार करने के इच्छुक हैं, उन्हें प्रधानमंत्री ने न्योता दिया है। उम्मीद है अगले कुछ समय बाद मोदी की यूरोप यात्रा के सुखद तस्वीरें दिखाई देने लगेगी। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल पिछले दिनों मंगोलिया में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों ने कुल 17 पदक जीते। चैंपियनशिप में अपनी-अपनी श्रेणियों में बजरंग पूनिया ने रजत पदक, गौरव बालियान ने रजत पदक, नवीन तथा सत्यव्रत कादियान ने कांस्य पदक जीते लेकिन सबसे बड़ा कारनामा किया टोक्यो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने के बाद भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने। रवि ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके इरादों में कितना दम है। रवि ने शारीरिक क्षमता और रणनीतिक श्रेष्ठता के बूते कजाकिस्तान के रखत कालजान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई चैंपियनशिप में जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। तकनीकी श्रेष्ठता का परिचय देते हुए रवि ने पहले पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में जापान के रिकुतो अराई को हराया और उसके बाद मंगोलिया के जानाबाजार जंदनबुड पर 12-5 से शानदार जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई। हालांकि रवि ने अपने सभी मुकाबलों में शुरूआत में बढ़त गंवा दी थी लेकिन शानदार तरीके से वापसी करते हुए पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया। फाइनल मुकाबले में रखत कालजान ने उन्हें काफी समय तक कोई अंक नहीं लेने दिया था लेकिन अपनी चिर-परिचित शैली के अनुरूप रवि ने मुकाबले पर दबदबा बनाना शुरू कर दिया और लगातार 6 ‘टू-प्वाइंटर’ हासिल किए, साथ ही स्वयं को ‘लेफ्ट-लेग अटैक’ से भी बचाया, जिससे मुकाबला दूसरे पीरियड के शुरू में ही समाप्त हो गया और भारत ने 2022 की एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण पदक रखत कालजान को 12-2 से हराते हुए अपने नाम किया। गौरतलब है कि रवि ने इससे पहले 2020 में दिल्ली और 2021 में अलमाटी में भी एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था और इस चैंपियनशिप में इस बार उन्होंने लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है। कोई भी भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान अभी तक ऐसा कारनामा नहीं कर सका है और रवि लगातार तीसरी खिताबी जीत दर्ज कराने वाले पहले भारतीय पहलवान बन गए हैं। इस साल फरवरी में डान कोलोव स्पर्धा में रजत पदक जीतने के बाद रवि का इस सीजन का यह दूसरा फाइनल था। इससे पहले 5 अगस्त 2021 को टोक्यो में ‘खेलों के महाकुंभ’ में शानदार प्रदर्शन करते हुए रवि रजत पदक जीतने में सफल रहे थे। हालांकि रवि को ओलम्पिक के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद थी लेकिन 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में 2018 और 2019 के विश्व चैम्पियनशिप रह चुके रूस ओलम्पिक समिति के पहलवान जावुर युगुऐव से 7-4 से हारने के बाद उनका वह सपना चकनाचूर हो गया था। अभी तक कुश्ती में कोई भारतीय पहलवान ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने में सफल नहीं हुआ है। हालांकि ओलम्पिक के रेसलिंग मुकाबलों में रवि का रजत पदक भी इसीलिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया क्योंकि ओलम्पिक खेलों के इतिहास में पदक जीतने वाले वे पांचवें पहलवान बने थे और रेसलिंग में भारत का वह केवल छठा पदक था। पहलवान सुशील कुमार ने ओलम्पिक में लगातार दो बार पदक जीते थे। भारत को सबसे पहले 1952 में हेलसिंकी ओलम्पिक में पहलवान केडी जाधव ने कांस्य पदक दिलाया था। उसके बाद रेसलिंग में पदक के लिए 56 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा था। उस लंबे सूखे को 2008 में सुशील कुमार ने बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर खत्म किया था। उसके बाद 2012 के लंदन ओलम्पिक में दो भारतीय पहलवानों ने जीत का परचम लहराया। सुशील कुमार रजत और योगेश्वर दत्त कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। 2016 के रियो ओलम्पिक में साक्षी मलिक ने कांस्य पदक हासिल किया था। सुशील कुमार के बाद ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाले रवि दूसरे भारतीय पहलवान बने थे। ओलम्पिक के सेमीफाइनल मुकाबले में जब रवि ने मैच के आखिरी मिनट में कजाक पहलवान को अपनी मजबूत भुजाओं में जकड़ लिया था, तब उसने रवि की पकड़ से छूटने के लिए खेल भावना के विपरीत उनकी बांह पर दांतों से काटना शुरू कर दिया था लेकिन रवि ने अपने दबंग इरादों का परिचय देते हुए अपनी मजबूत पकड़ ढीली नहीं होने दी और उसे चित्त करते हुए मुकाबला अपने नाम किया था। 12 दिसम्बर 1997 को हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में जन्मे रवि कुमार दहिया ने केवल छह वर्ष की आयु में गांव के हंसराज ब्रह्मचारी अखाड़े में कुश्ती शुरू कर दी थी। दरअसल यह गांव पहलवानों का गांव माना जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां का लगभग हर बच्चा कुश्ती में हाथ आजमाता है। कुछ समय बाद वह उत्तरी दिल्ली के उस छत्रसाल स्टेडियम में चले गए, जहां से दो ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त निकले हैं। वहां 1982 के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रहे सतपाल सिंह ने उन्हें दस वर्ष की आयु में ही ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। रवि के पिता राकेश भूमिहीन किसान थे, जो बंटाई की जमीन पर खेती किया करते थे। उनकी दिली तमन्ना थी कि उनका बेटा पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करे और अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उन्होंने आर्थिक संकट के बावजूद बेटे की ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं आने दी। वह प्रतिदिन बेटे तक फल-दूध पहुंचाने के लिए नाहरी गांव से 40 किलोमीटर दूर छत्रसाल स्टेडियम तक जाया करते थे। 2019 की विश्व चैंपियनशिप में रवि ने कांस्य पदक जीता था लेकिन उस समय उनके पिता उनका वह यादगार मैच नहीं देख सके थे क्योंकि वे काम पर गए हुए थे। रवि ने 2015 में 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में सल्वाडोर डी बाहिया में विश्व जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। 2017 में लगी चोट के बाद वह करीब एक साल तक कुश्ती से दूर रहे थे और उसके बाद 2018 में बुखारेस्ट में विश्व अंडर-23 कुश्ती चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीतकर धमाकेदार वापसी करने में सफल हुए थे। उस चैम्पियनशिप में वह भारत का एकमात्र पदक था। बहरहाल, टोक्यो ओलम्पिक में रवि भले स्वर्ण पदक जीतने में सफल नहीं हुए लेकिन उन्होंने भारत को अपने दमदार प्रदर्शन से रजत जीतकर निराश नहीं किया और अब एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने साबित कर दिया है कि उनके इरादों में कितना दम है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. जगदीश गाँधी विज्ञान व धर्म मिलकर समाज की बेहतर सेवा कर सकते हैं। विज्ञान और धर्म अलग नहीं, बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यह धारणा गलत है कि विज्ञान व धर्म साथ-साथ नहीं चल सकते। विज्ञान प्रत्यक्षवाद और धर्म परोक्षवाद पर विश्वास करता है। प्रत्यक्ष व परोक्ष मिलकर एक होते हैं। दुर्भाग्य यह है कि वैज्ञानिकों को धर्म व धर्म से जुड़े लोगों को विज्ञान की जानकारी नहीं है। ऐसे में दोनों को मिलाने की जरूरत है। विज्ञान जड़ पदार्थों से जुड़ा है और धर्म चेतन जगत से संबंध रखता है। पहले धर्म का उद्देश्य मानव समाज को जोड़ना था लेकिन आज इसे समाज को तोड़ने का हथियार बना दिया गया है। विज्ञान और धर्म दोनों ही मनुष्य के जीवन को समान रूप से प्रभावित करते हैं। एक ओर जहां विज्ञान तथ्यों व प्रयोगों पर आधारित है वहीं धर्म, आस्था और विश्वास पर। दोनों ही मनुष्य की अपार शक्ति का स्रोत हैं। मनुष्य कभी उड़ते हुए पक्षियों की उड़ान को देखकर परिकल्पना किया करता था कि क्या वह भी इन पक्षियों की भाँति उड़ान भर सकता है। उसकी यह परिकल्पना ही अनेक प्रयोगों का आधार थी। आज अंतरिक्ष की ऊँचाई को नापते हुए वायुयान उन्हीं परिकल्पनाओं के प्रतिफल हैं। इस प्रकार विज्ञान स्वयं में अनंत शक्तियों का भंडार है। विज्ञान के अंतर्गत वह अपनी कल्पनाओं को अपने प्रयोगों के माध्यम से साकार रूप देता है। वह प्रकृति में छिपे गूढ़तम रहस्यों को ढूँढ़ निकालता है। एक रहस्य के उजागर होने पर वह दूसरे रहस्य को खोलने व उसे जानने हेतु प्रयत्नशील हो जाता है। धर्म भी विज्ञान की भाँति अनंत शक्तियों का स्रोत है परंतु धर्म प्रयोगों व तथ्यों पर नहीं अपितु अनुभवों, विश्वासों व आस्थाओं पर आधारित है। मनुष्य की धार्मिक आस्था उसे आत्मबल प्रदान करती है। मनुष्य की समस्त धार्मिक मान्यताएँ किसी अज्ञात शक्ति पर केंद्रित रहती हैं। इस शक्ति का आधार मनुष्य की आस्था व विश्वास होता है। धर्म मनुष्य के चारित्रिक विकास में सहायक होता है। धर्म के मार्ग पर चलकर वह उन समस्त जीवन मूल्यों को आत्मसात करता है जो उसके चारित्रिक विकास में सहायक होते हैं। सद्गुणों को अपनाना अथवा सन्मार्ग पर चलना ही धर्म है। वे सभी सत्य जो मानवता के विरूद्ध हैं वे अधर्म हैं। दूसरों का हित करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है तथा दूसरों का अहित करने से बड़ा कोई अधर्म नहीं है। इस प्रकार हम देखते हैं कि अनेक रूपों में विज्ञान धर्म का ही एक रूप है। धर्म और विज्ञान दोनों के परस्पर समान गुणों के कारण ही एक-दूसरे का पूरक माना गया है। विज्ञान और धर्म दोनों ही मनुष्य की असीमित शक्ति का स्रोत हैं। विज्ञान जहाँ मनुष्य को भौतिक गुण प्रदान करता है वहीं धर्म उसे आत्मिक सुख की ओर ले जाता है। दोनों के परस्पर समन्वय से ही मनुष्य पूर्ण आत्मिक सुख, सफलता तथा समृद्धि की प्राप्ति कर सकता है। धर्मरहित विज्ञान मनुष्य को सुख तो प्रदान कर सकता है परंतु यह उसे कभी-कभी विनाश के कगार पर भी ला खड़ा करता है। विज्ञान के वरदान से जहाँ मनुष्य चंद्रमा पर अपनी विजय पताका फहरा चुका है वहीं दूसरी ओर उसने परमाणु बम जैसे हथियार विकसित कर लिए हैं जिसने उसे विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। धर्म और विज्ञान का समन्वय ही मानवमात्र में संतुलन स्थापित कर सकता है, उसे पतन की ओर जाने से रोक सकता है। यह समन्वय आज की प्रमुख आवश्यकता है। धर्म प्रायः मनुष्य की आस्था व विश्वास पर आधारित है परंतु यह भी सत्य है कि कभी-कभी हमारी आस्थाएँ निराधार होती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लोग चंद्रमा को ईश्वर का रूप मानते थे परंतु विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है कि यह मिथ्या है। चंद्रमा, पृथ्वी की भांति ही है। यह एक उपग्रह है। इस प्रकार हमारी धार्मिक मान्यताएँ समय-समय पर विज्ञान द्वारा खंडित होती रही हैं। विज्ञान के प्रयोगों व नित नए अनुसंधानों ने प्रकृति के अनेक गूढ़ रहस्यों को उजागर किया है परंतु अभी भी ऐसे अनगिनत रहस्य हैं जो विज्ञान की परिधि से बाहर हैं। विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि एक ऐसी परम शक्ति अवश्य है जो समस्त शक्तियों का केंद्र है। अतः जब मनुष्य के लिए सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तब वह उन परम शक्तियों का स्मरण करता है। अतः विज्ञान और धर्म का परस्पर समन्वय ही उसे प्रगति के उत्कर्ष तक ले जा सकता है। जब विज्ञान का सहारा लेकर मनुष्य कुमार्ग पर चल पड़ता है तब धर्म का संबल प्राप्त करना अनिवार्य हो जाता है। धर्म इस स्थिति में मनुष्य का तारणहार बन जाता है। दूसरी ओर जब धर्म की छत्रछाया में अधार्मिक व्यक्तियों का समूह आम लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं तब विज्ञान का आलोक उन्हें सीधे रास्ते पर लाने की चेष्टा करता है। बच्चों की शिक्षा के द्वारा हम बालक का वैज्ञानिक, मानवीय तथा विश्वव्यापी दृष्टिकोण विकसित कर रहे हैं। बच्चों को बाल्यावस्था से ही घर में माता-पिता तथा स्कूल में शिक्षक द्वारा बताया जाना चाहिए कि ईश्वर एक है, उसका धर्म एक है तथा सारी मानव जाति एक है। मानव जाति के पास मानव सभ्यता का जो इतिहास उपलब्ध है उसके अनुसार परमपिता परमात्मा की ओर से युग-युग में भेजे गये महान अवतारों राम (7500 वर्ष पूर्व), कृष्ण (5000 वर्ष पूर्व), बुद्ध (2500 वर्ष पूर्व), ईसा मसीह (2000 वर्ष पूर्व), मोहम्मद साहब (1400 वर्ष पूर्व), गुरू नानक देव (500 वर्ष पूर्व) तथा बहाउल्लाह (200 वर्ष पूर्व) धरती पर अवतरित हुए हैं। स्कूलों के माध्यम से संसार के प्रत्येक बालक को राम की मर्यादा, कृष्ण का न्याय, बुद्ध का सम्यक ज्ञान, ईशु की करूणा, मोहम्मद साहेब का भाईचारा, गुरू नानक का त्याग और बहाल्लाह की हृदय की एकता की शिक्षाओं का ज्ञान कराया जाना चाहिए। एक ही परमपिता परमात्मा की ओर से युग-युग में अपने संदेशवाहकों के द्वारा भेजे गये पवित्र ग्रन्थों- गीता, त्रिपटक, बाईबिल, कुरान शरीफ, गुरू ग्रन्थ साहिब, किताबे अकदस में संकलित परमात्मा की एक जैसी मूल शिक्षाओं का ज्ञान प्रत्येक बालक को स्कूल के माध्यम से कराया जाना चाहिए तथा परमात्मा की शिक्षाओं को जानकर उसके अनुसार अपना जीवन जीना चाहिए। आज आधुनिक विद्यालयों द्वारा बच्चों को एकांकी शिक्षा अर्थात केवल भौतिक शिक्षा दी जा रही है, जबकि मनुष्य की तीन वास्तविकताएं होती हैं। पहला- मनुष्य एक भौतिक प्राणी है, दूसरा- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है तथा तीसरा मनुष्य- एक आध्यात्मिक प्राणी है। इस प्रकार मनुष्य के जीवन में भौतिकता, सामाजिकता तथा आध्यात्मिकता का संतुलन जरूरी है। युद्ध के विचार सबसे पहले मनुष्य के मस्तिष्क में पैदा होते हैं अतः दुनियाँ से युद्धों को समाप्त करने के लिये मनुष्य के मस्तिष्क में ही शान्ति के विचार उत्पन्न करने होंगे। शान्ति के विचार देने के लिए मनुष्य की सबसे श्रेष्ठ अवस्था बचपन है। स्कूल चार दीवारों वाला ऐसा भवन है जिसमें कल का भविष्य छिपा है। मनुष्य तथा मानव जाति का भाग्य क्लास रूम में गढ़ा जाता है। शिक्षकों को पूरे मनोयोग से विद्यालय को लघु विश्व का मॉडल तथा बच्चों को विश्व नागरिक बनाना चाहिए। चरित्र निर्माण एवं विश्व एकता की शिक्षा इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। अभिभावकों को भी विद्यालय में मिल रहे इन विचारों के अनुकूल घरों में ये विचार अपने बच्चों को बाल्यावस्था से देना चाहिए। विद्यालय तथा घर ही सबसे बड़े तीर्थधाम हैं। पारिवारिक एकता के द्वारा विश्व एकता की शिक्षा इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। (लेखक जाने-माने शिक्षाविद् हैं।)
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डॉ. नितिन सहारिया प्राचीन वैदिक सनातन हिंदू धर्म के मतानुसार हम सभी पृथ्वी वासी/ मानव उस आदिपुरुष/ प्रथमपुरुष मनु -शतरूपा के ही वंशज/ संतान हैं। पृथ्वी पर आदिपुरुष का जन्म भारतवर्ष के हिमालय पर्वत- मानसरोवर क्षेत्र में हुआ। उन्हीं के वंशज सप्तऋषि हैं। कालांतर में चंद्रवंश-सूर्यवंश यानी ऋण व धनात्मक कुल परंपरा चली। पुरातात्विक साक्ष्य व आर्कलॉजिकल सोर्सेस भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि आदि मानव का उद्भव उत्तरी ध्रुव हिमालय क्षेत्र में हुआ। विश्व में मूल रूप से चार प्रकार के मनुष्य पाए जाते हैं। श्वेत (काकेशस). पीले (मंगोलियन), काले (नीग्रो ) और लाल (रेड इंडियन )। इन चारों के अलावा 5 वीं प्रजाति भारतीयों की है जिसमें यह सभी चारों मिश्रित हैं। तब प्रश्न उत्पन्न होता है कि यह चारों भारत से संपूर्ण वसुधा पर गए (फैले) अथवा संपूर्ण पृथ्वी से होकर भारत में आए? इस प्रश्न के उत्तर में साहित्यिक स्रोत व पुरातात्विक स्रोत दोनों ही इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि यह भारत से ही विश्व में गए /प्रसार हुआ। आदिमानव के अवशेष हिमालय क्षेत्र में जीव विज्ञानियों को मिले हैं। अभी कुछ वर्ष पूर्व अमेरिकी विज्ञान संस्थान नासा ने भारत के हिमालय क्षेत्र से एक 80 फिट लंबा नरकंकाल प्राप्त किया। जिस पर नासा में वैज्ञानिक रिसर्च करके यह पता लगाने में जुटे हुए हैं कि त्रेता व सतयुग के मनुष्य /आदिमानव का उद्गम भारत है और वास्तव में ये इतने लंबे होते थे। भारतवर्ष के पुराणों में वर्णित सत्य व तथ्य की पुन: पुष्टि होना ही मात्र शेष है। भारतवर्ष के साहित्यिक पौराणिक ग्रंथों में वर्णित एक-एक बात /तथ्य सत्य है। जिसे उथली बुद्धि वाले नहीं समझ सकते हैं। इसे समझने के लिए परिष्कृत प्रज्ञा/ ऋषि प्रज्ञा की आवश्यकता है। जो साधना व सुपात्र बनने से प्राप्त होती है। यह तो वही बात हुई कि- ऊग कर सूरज, भला फिर क्या करेगा। आंख पर पट्टी, मनुज यदि बांध बैठे ।। भारतवर्ष में 40000 वर्ष पूर्व से हम सभी भारतवासियों का डीएन एक है। हमारे पूर्वज एक हैं। वर्तमान में भारतवर्ष की आबादी लगभग 135 करोड़ के आसपास है। इसमें 4693 समुदाय, 4500 सजातीय समूह, 325 प्रचलित बोलियां और 25 लिपियां हैं। इनके अलावा इस देश की विशेषताओं में चार प्रमुख जातियां और सैकड़ों उपजातियां भी सम्मिलित हैं। विश्व के वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि- इस विशाल भारत का आदि स्रोत क्या है? इसके मूल में वह कौन-सा जीन है, जो विकास के बाद इतना विराट रूप धारण कर चुका है। वे जानना चाहते हैं कि भारतीय वास्तव में कैसे भारतीय बने? अनुवांशिक विशेषज्ञों के अनुसार इस सृष्टि का प्रथम मानव कौन-सा है? उसी प्रथम मानव का जीन ही प्रकारांतर से अनुवांशिक गुणों का वाहक बना और अब तक लंबी यात्रा को पार कर वर्तमान विराट विभिन्नता तक पहुंचा। पौराणिक आख्यान है कि मध्य हिमालय मानव जाति का उत्पत्ति स्थल है और आर्य संस्कृति का आदि स्रोत है। यही आर्यों का आदिदेश है। सृष्टि के प्रथम मानव को ' मनु' माना जाता है। मनु की उत्पत्ति स्थल भी यही है। पौराणिक मतानुसार मनु एवं शतरूपा की उत्पत्ति सृष्टिकर्ता ब्रह्मा के दाहिने भाग तथा बाएं भाग से हुई। शक्ति साधना के पश्चात स्वयंभू मनु पृथ्वी पर रहकर सृष्टिकर्म करने लगे। पहले उनके प्रियव्रत व उत्तानपाद नामक दो तेजस्वी पुत्र एवं आकृति, देवहूति व प्रसूति नामक 3 कन्याएं हुई। उत्तानपाद से ध्रुव जैसे भगवत भक्त प्रकट हुए। देवहूति से स्वयं भगवान ने कपिल रूप में अवतार ग्रहण किया। और इस संसार में मानव वंश का प्रारंभ हुआ। चूंकि इसका प्रारंभ मनु से हुआ इसलिए इसकी संतान को मानव कहा जाता है। मनु का कार्यक्षेत्र हिमालय को माना जाता है। इस संदर्भ में फ्रांसीसी विद्वान क्रूजर अपनी सहमति प्रकट करते हैं। 'इंडिया टुडे' -पत्रिका (23 सितंबर 2009 पृ.13 ) में अनेक आंकड़ों व निष्कर्षों का हवाला देते हुए लिखती है कि "विश्व भर में जितने विविध प्रकार के मनुष्य हैं, जिनमें सभी संभावित अनुवांशिक संरचना विद्यमान हैं, उन सबका मूल है उनका भारतीय होना एवं अनुवांशिक विविधता का उद्गम इसी उपमहाद्वीप में मूल रूप से हुआ, न कि यह तथाकथित आर्यों की घुसपैठ का परिणाम था; जैसा कि अबतक कुछ इतिहासकारों ने भ्रम फैलाया था।" स्वामी विद्यानंद सरस्वती के अनुसार, "मानव जाति का प्रादुर्भाव हिमालय क्षेत्र में ही हुआ है।" हिमालय को आदिमानव का मूल स्थान बनाने के लिए सात कसौटियाँ स्पष्ट की गई हैं- 1. वह स्थान संसार भर में सबसे ऊंचा और पुराना हो। 2. उस स्थान में सर्दी और गर्मी जुड़ती हो। 3. उस स्थान में मनुष्य की प्रारंभिक खुराक फल एवं अन्य उपलब्ध हो। 4. उस जगह पर अब भी मूल पुरुषों के रंग-रूप के मनुष्य बसते हों। 5. उस स्थान के आसपास ही सब रूप-रंगों के विकास और विस्तार की परिस्थितियां हों। 6. उस स्थान का नाम सभी मनुष्य जातियों को स्मरण हो। 7. वह स्थान उच्चकोटि के देसी और विदेशी विद्वानों के अनुमान के बहुत विरुद्ध न हो। उपयुक्त साथ कसौटियों में से पांच वैज्ञानिक तथ्य हैं, जो उस स्थान के लक्षण हैं और दो ऐतिहासिक तथ्य हैं; जो उक्त पांचों की पुष्टि करते हैं। इतिहासकारों के अनुसार यह समस्त लक्षण एवं प्रमाण हिमालय पर ही घटते हैं। अतः हिमालय ही मानव का मूल स्थान है। वैज्ञानिक मानने लगे हैं कि यह वही स्थान हो सकता है, जहां मानव जीन का संपूर्ण विकास हुआ हो क्योंकि जेनेटिक अनुसंधान के लिए जिन परिस्थितियों की आवश्यकता पड़ती है, वे सारे तत्व हिमालय के भू-भाग में विद्यमान हैं। अतः हिमालय को आदिमानव /प्रथम पुरुष का आंचल माना जाता है। एशियावाद के समर्थक 'जान वैषम' भी 'इंडिया हॉट इट कैन टीच अस ' में कहते हैं कि "आर्यावर्त (हिमालय) ही मानव की मूल जाति का उत्पत्ति स्थान है और आर्य ही आदिमानव हैं।" इसका समर्थन मैकडोनाल्ड ,नृतत्व विज्ञानी नेसफील्ड आदि ने भी किया है। मैक्समूलर ने अपने अंतिम दिनों में यह स्वीकार किया था कि "आर्यों का मूल निवास स्थल एशिया में संभवत है भारत में हो सकता है।" यूनेस्को ने 1997 में कजाकिस्तान की राजधानी ' दुशांबे 'में "ईसा पूर्व एक सहस्त्र वर्ष में जातियों का संचार" विषय पर एक 'अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी' हुई। जिसमें 90 देशों के विद्वानों ने भाग लिया। भारत सरकार ने बी.बी. लाल के नेतृत्व में 7 सदस्यों वाली टीम भेजी थी। वहां इन विद्वानों ने आर्यों के बाहर से आने संबंधी सिद्धांत का खंडन किया। अत: मनुस्मृति ,बाल्मीकि रामायण, पुराणों में भारत की श्रेष्ठ संतति को आर्य श्रेष्ठ, ( धर्त्मात्मा ) गुण बोधक शब्द से संबोधित किया गया है एवं भारतवर्ष ही आर्यावर्त है। अब किसी को भी इसमें रंच मात्र भी संदेह, शंका नहीं होना चाहिए। अतः हमें भारतीय/ हिंदू/ आर्य/ सनातनी होने पर गर्व करना चाहिए। भारतवर्ष में यह उद्घोष किया जाता है - मानव मात्र एक समान। एक पिता की सब संतान। एवं 'वसुधैव कुटुंबकम।' जब सारे विश्व में हमारे ही वंशज/बंधु -बांधव/ मानव बसे हुए हैं। तब कोई भी हमारे लिए पराया नहीं अतः संपूर्ण विश्व एक हमारा विराट परिवार है । इस सत्य के समझने व प्रज्ञा/ ज्ञान जगने पर कोई भी फिर पराया नहीं रह जाता है। तब फिर सारे संसार के प्रति अपनी दृष्टि ही बदल जाती है। भारत का चिंतन /विचार - विराट/ उदात्त / अनंत है। इसे समझना हर किसी के बस की बात नहीं। 'जैसी दृष्टि- वैसी सृष्टि' का सिद्धांत है। जैसा हमारा नजरिया दृष्टिकोण होगा हमें सबकुछ वैसा ही नजर आता है। भारतवर्ष के विचारों, संस्कारों में श्रेष्ठता, मानवता, 'वसुधैव कुटुंबकम', सर्वे भवंतु सुखिन: का संस्कार समाया हुआ है। भारतवासी सरल/भोला है। जिसे पश्चिमी व विश्व के अन्य लोगों ने हल्के में लिया अथवा सज्जनता को ठगा है। किंतु वह भूल गए कि भारतवासी महाकाल अनादि शिवशंकर भोला- भाला के उपासक हैं । समय आने पर दोनों ही रूप प्रकट होते हैं हम बंसीधारी व चक्र सुदर्शन धारी कृष्ण दोनों के उपासक हैं। हमें -'विनाशाय च दुष्कृताम्' के उपदेश पर भी चलना आता है । कोई हमारी सज्जनता को हमारी कमजोरी न समझे। समय आने पर हम माला व भाला (रौद्र) रूप भी धारण कर लेते हैं। जब सारे तथ्यों व सत्यों के अन्वेषण से, इतिहास की गहराइयों में जाकर यह सत्य प्रकट होता है कि मूल में, जड़ में हम सभी एक हैं, एकात्मता है। एक पिता की संतान हैं। हमारे पुरखे/ पूर्वज एक थे। तब हमें अपने मूल सत्य सनातन हिंदू धर्म में वापसी करने में गर्व होना चाहिए ना की हिचकिचाहट। कहावत है कि - "सुबह का भूला, यदि शाम को लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते हैं।" पश्चिमी व दुनिया में बहुत से लोग शनै -शनै इस तथ्य से परिचित होते जा रहे हैं। अतः वह सभी भारत व भारतीय संस्कृति के नजदीक आ रहे हैं। भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं । अभी एक- दो दशक से तो पश्चिम का रुख पूर्व (भारत )की ओर सैलाब की तरह से बढ़ा है। भारत में भी तो अज्ञानता या परिस्थिति बस किसी अन्य पंथ, मजहब, विचारधारा में जो चले गए थे वह अब वापस हिंदू धर्म/ मूल में आ रहे हैं। यह उनके लिए घर वापसी एक सुखद अहसास,अनुभव है। बेटा जब थक, परेशान हो जाता है तब वह अपने मूल/ मां की गोदी में ही लौटकर शांति पाता है। हिंदू धर्म है ही महान, गंगा की तरह जो सभी को पचा लेता है। अपने में समाहित कर के पवित्र बना देता है, श्रेष्ठ बना देता है । यह लोहे को सोना बना देने वाला पारस है हिंदू धर्म। तभी तो स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि "मुझे अपने आप को हिंदू कहलाने में गर्व होता है।" (लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं समीक्षक हैं।)
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आर.के. सिन्हा किसी भी स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पहचान होती है उसमें शिक्षित हुए विद्यार्थियों तथा शिक्षकों से। इस मोर्चे पर अपने 100 साल का सफर पूरा कर रही दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) जितना भी चाहे गर्व कर सकती है। डीयू की स्थापना 1922 में हुई थी और इसका पहला दीक्षांत समारोह 26 मार्च, 1923 को हुआ था। उस समय तक डीयू में सिर्फ सेंट स्टीफंस कॉलेज, हिन्दू कॉलेज, रामजस कॉलेज और दिल्ली कॉलेज ( अब जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज) ही थे। ये उन दिनों की बातें हैं जब डीयू में सिर्फ साइंस और आर्ट्स की ही फैकल्टी हुआ करती थीं। अब जब डीयू में 70 से अधिक कॉलेज हैं, महत्वपूर्ण बिन्दु यह भी है कि डीयू में राजधानी के दो अन्य विश्वविद्यालयों क्रमश: जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के विपरीत शांति तथा सौहार्द बना रहता है। यहां पढ़ने-पढ़ाने पर फोकस रहता है सबका। क्या यह बात जेएनयू या जामिया के लिए भी कही जा सकती है। इन दोनों में तो लगातार आंदोलन, प्रदर्शन तथा मारपीट होती ही रहती है। अगर डीयू के इतिहास के पन्नों को खंगालें तो इसका रजत जयंती दीक्षांत समारोह 1947 में ही होना चाहिए था। उसी साल देश आजाद भी हुआ था। इसलिए इसका आयोजन 1948 में डीयू की मेन बिल्डिंग में हुआ था। इस समारोह में देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, भारत के वायसराय लार्ड माउंटबेटन, उनकी पत्नी, शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद और महान वैज्ञानिक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर भी मौजूद थे। तबतक इंद्रप्रस्थ कॉलेज और मिरांडा हाउस भी डीयू का हिस्सा बन चुके थे। डीयू में दिल्ली से बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए ग्वायर हाल नाम से छात्रावास का निर्माण भी कर लिया गया था। यह सर मौरिस ग्वायर के नाम पर बना था। ग्वायर साहब डीयू के उप कुलपति भी रहे। उन्होंने इसके विस्तार में अहम रोल निभाया था। डीयू का स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह 1973 में हुआ था। उसमें देश की तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पंजाबी की लेखिका अमृता प्रीतम और गायिका एम एस सुब्बालक्ष्मी भी शामिल हुये थे। देखिए जब डीयू का जिक्र आता है तो सबसे पहले दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डी स्कूल) की छवि जेहन में आती है। इसकी स्थापना 1949 में हुई। यहाँ टाटा उद्योग समूह के सहयोग से रतन टाटा लाइब्रेरी स्थापित की गई। डी स्कूल को अर्थशास्त्र और संबंधित विषयों में अध्ययन और अनुसंधान के लिए एशिया का सबसे बेहतर संस्थान माना जाता है। डी स्कूल की स्थापना में प्रोफेसर वी.के.आर.वी. राव की निर्णायक भूमिका रही। वे डी स्कूल के पहले निदेशक थे। इसी डी स्कूल में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. अर्मत्य सेन, प्रो. सुखमय चक्रवर्ती, डॉ. मृणाल दत्ता चौधरी डॉ. ए.एल नागर जैसे अर्थशास्त्रियों ने पढ़ाया। डीयू के इतिहास पुरुष डीयू के इतिहास विभाग में लंबे समय से इस तरह के विद्वान गुरु रहे जिनसे पढ़ने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा तक के नौजवान यहां दाखिला लेते रहे। उनमें डॉ. डी.एन.झा भी थे। वे इतिहासकार ही नहीं थे बल्कि इतिहास रचयिता भी थे। या यूं कहें कि वे ख़ुद भी इतिहास के निर्माताओं सा ही जीवन जिये। विद्यार्थी कभी उनके लेक्चर मिस नहीं करते थे। वे वैदिक काल के विद्वान थे। डीयू में ही आर.एस.शर्मा, सुमित सरकार, मुशीर उल हसन, के.एम. श्रीमाली जैसे नामवर इतिहासकार भी शिक्षक रहे। इनके अलावा यहां पिता-पुत्र मोहम्मद अमीन और शाहिद अमीन की जोड़ी भी पढ़ाती रही। इतिहास का कोई भी संजीदा विद्यार्थी उनके योगदान का ऋणी रहेगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस तरह के अनेकों प्रोफेसर रहे है, जो पढ़ाते तो इंग्लिश, गणित या जंतु विज्ञान (ज़ोआलॉजी) रहे हैं, पर उनका खेलों की तरफ भी गहरा झुकाव रहा। प्रोफेसर रवि चतुर्वेदी ने करीब सौ क्रिकेट टेस्ट मैचों की कमेंट्री की। उन्होंने दो दर्जन किताबें भी क्रिकेट पर लिखीं। गणित के प्रोफेसर रंजीत भाटिया ने 1960 के रोम ओलंपिक खेलों की मैराथन दौड़ में भाग लिया था। सेंट स्टीफंस कॉलेज और हिन्दू कॉलेज को बांटने वाली सड़क का नाम सुधीर बोस मार्ग है। वे सेंट स्टीफंस कॉलेज में 1937-63 तक फिलॉसफी पढ़ाते रहे। वे दिल्ली जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए के संस्थापक सदस्यों में से थे। फुटबॉल कमेंटेटर और लेखक नोवी कपाड़िया तो अपने आप में फुटबॉल के चलते-फिरते विश्वकोष हैं। इस बीच, कॉमर्स में करियर बनाने वाले या रुचि रखने वाले नौजवानों के लिए डीयू के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में पढ़ना किसी सपने की तरह रहा। इधर डॉ. केपीएम सुंदरम ने लगभग चालीस सालों तक पढ़ाया। वे पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली तथा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके सीकरी के भी शिक्षक थे। शायद ही इस देश में कोई इकोनॉमिक्स का छात्र हो जिसने केपीएम सुंदरम की किताब, प्रिंसिपल ऑफ इकोनॉमिक्स न पढ़ी हो। सुंदरम साहब अपने जीवनकाल में ही लीजैंड बन गए थे। अफ्रीकी देश मलावी के 2004-2012 तक राष्ट्रपति रहे बिंगु वा मुथारिका 1961 से 1964 तक श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स में पढ़े। वे भी सुंदरम साहब के छात्र थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी को समृद्ध करने में विदेशी अध्यापक भी सक्रिय रहे। इस लिहाज से सबसे पहले दीनबंधु सी.एफ.एंड्रयूज का नाम लेना होगा। वे गांधीजी के मित्र थे। वे इंग्लिश पढ़ाते थे। उन्हीं के प्रयासों से गांधीजी पहली बार 12 अप्रैल-15 अप्रैल, 1915 को दिल्ली आए और दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में रूके। एन्ड्रयूज ने ब्रिटिश नागरिक होते हुए भी जलियांवाला बाग कांड के लिए ब्रिटिश सरकार को जिम्मेदार माना था। वे गुरुदेव टैगोर के भी करीबी रहे। शांति निकेतन में 'हिंदी भवन' की स्थापना उनके आश्रम में हुई थी। उन्होंने 16 जनवरी 1938 को शांति निकेतन में 'हिंदी भवन' की नींव रखी। गुरुदेव की कूची से बना एन्ड्रयूज का एक चित्र सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल के कक्ष में लगा हुआ है। उनकी परम्परा को डीय़ू में आगे लेकर गए इतिहासकार पर्सिवल स्पियर। वे इधर 1924-1940 तक पढ़ाते रहे। स्पियर साहब ने भारत के इतिहास पर अनेक महत्वपूर्ण किताबें लिखीं। वे विशुद्ध अध्यापक और रिसर्चर थे। वे भारत के स्वाधीनता आंदोलन को करीब से देख रहे थे। पर वे उसके साथ या विरोध में खड़े नहीं थे। उन्होंने भारत छोड़ने के बाद इंडिया, पाकिस्तान एंड दि वेस्ट (1949), ट्वाइलाइट आफ दि मुगल्स (1951), दि हिस्ट्री आफ इंडिया (1966) समेत कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं। इन सबका अब भी महत्व बना हुआ है और आगे भी रहेगा। पिछली लगभग आधी सदी से डीयू में सारे देश के नौजवान आते हैं पढ़ने के लिए। यानी देश के नौजवानों का इस पर भरोसा बना हुआ है। उन्हें लगता है कि यहां आकर उनका वक्त आंदोलनों तथा देश विरोधी गतिविधियों में बर्बाद नहीं होगा और वे एक योग्य नागरिक बन पाएंगे। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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अक्षय तृतीया (3 मई) पर विशेष योगेश कुमार गोयल हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन बेहद शुभ माना गया है। विभिन्न शास्त्रों के अनुसार इस दिन हवन, जप, दान, स्वाध्याय, तर्पण इत्यादि जो भी कर्म किए जाते हैं, वे सब अक्षय हो जाते हैं। मान्यता है कि द्वापर युग इसी तिथि को समाप्त हुआ था जबकि त्रेता, सतयुग और कलियुग का आरंभ इसी तिथि को हुआ था, इसीलिए इसे कृतयुगादि तृतीया भी कहा जाता है। भारत में कई स्थानों पर अक्षय तृतीया को ‘आखा तीज’ के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि की अधिष्ठात्री देवी पार्वती मानी गई हैं और इस दिन मां लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा की जाती है। भगवान शिव-मां पार्वती तथा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से इनकी कृपा बरसती है, समृद्धि आती है, जीवन धन-धन्य से भरपूर होता है और संतान भी अक्षय बनी रहती है। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त के साथ इस बार खरीदारी के लिए तीन राजयोग भी बन रहे हैं। मान्यता है कि यदि अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र को आए तो इस दिवस की महत्ता हजारों गुणा बढ़ जाती है और धर्म के जानकारों के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व पर इस बार रोहिणी नक्षत्र के कारण मंगल रोहिणी योग बन रहा है, जो तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रहा है और यह शोभन योग अक्षय तृतीया को शुभ बना रहा है। 30 साल पश्चात् अक्षय तृतीया पर बनने वाला शुभ योग इस वर्ष इस दिन का महत्व बढ़ा रहा है और 50 वर्षों के बाद ग्रहों के विशेष योग से भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 50 वर्ष लंबे अंतराल के बाद ऐसा संयोग बनेगा, जब दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में स्थित होंगे। इन ग्रहों की युति से बने अद्भुत योग में दान करना बहुत पुण्य का कार्य होगा। इस दिन चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना अक्षय तृतीया पर्व को इस बार और भी खास बना रहा है। वैसे यह भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया यदि रविवार के दिन हो तो वह सर्वाधिक शुभ तथा पुण्यदायी होने के साथ-साथ अक्षय प्रभाव रखने वाली भी हो जाती है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन माता पार्वती ने अमोघ फल देने की सामर्थ्य का आशीर्वाद दिया था, जिसके प्रभाव से अक्षय तृतीया के दिन किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन स्वयं सिद्ध योग होते हैं और इस दिन बिना मुहूर्त निकलवाए कोई भी शुभ कार्य सम्पन्न किया जा सकता है, इसीलिए लोग बिना पंचांग देखे अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, घर, भूखंड या नए वाहन आदि की खरीदारी इत्यादि विभिन्न शुभ कार्य करते हैं। पुराणों के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान, दान, जप, स्वाध्याय इत्यादि करना शुभ फलदायी होता है। सतयुग, द्वापर युग और त्रेता युग के प्रारंभ की गणना भी इसी दिन से होती है और भगवान विष्णु के चरणों से गंगा भी इसी दिन धरती पर अवतरित हुई थी। अक्षय तृतीया को वसंत ऋतु के अंत और ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ का दिन भी माना जाता है। इस पर्व को लेकर लोक धारणा है कि इस तिथि को यदि चंद्रमा के अस्त होते समय रोहिणी आगे होगी तो फसल अच्छी होगी लेकिन यदि रोहिणी पीछे होगी तो फसल अच्छी नहीं होगी। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन खरीदी गई वस्तुएं लंबे समय तक चलती हैं और शुभ फल देती हैं। वैसे इस दिन सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन सोना-चांदी खरीदने में असमर्थ हों तो कुछ सस्ती चीजें भी खरीदी जा सकती हैं, जिन्हें खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके पीछे धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्राप्त धन-सम्पत्ति एवं पुण्य फल अक्षय रहते हैं और खरीदी गई चीजें मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की कृपा दिलाती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान-पुण्य करने वाला व्यक्ति सूर्य लोक जाता है और अक्षय तृतीया के दिन उपवास करने वाला व्यक्ति रिद्धि-सिद्धि और श्री से सम्पन्न हो जाता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक अभी-अभी कुछ संकेत ऐसे मिले हैं, जिनसे लगता है कि पाकिस्तान की विदेश नीति में बड़े बुनियादी परिवर्तन हो सकते हैं। इन परिवर्तनों का लाभ उठाकर भारत और पाकिस्तान अपने आपसी संबंध काफी सुधार सकते हैं। जिस चीन से पाकिस्तान अपनी ‘इस्पाती दोस्ती’ का दावा करता रहा है, वह इस्पात अब पिघलता दिखाई पड़ रहा है। जो चीन 5 लाख करोड़ रु. खर्च करके पाकिस्तान में तरह-तरह के निर्माण-कार्य कर रहा था, उस प्रायोजना का भविष्य खटाई में पड़ गया है। चीन अपने शिनच्यांग प्रांत से पाकिस्तान के ग्वादर नामक बंदरगाह तक 1153 किमी लंबी सड़क बना रहा था ताकि अरब और अफ्रीकी देशों तक पहुंचने का उसे सस्ता और सुगम मार्ग मिल जाए लेकिन अब शाहबाज शरीफ की नई सरकार ने इस पाक-चीन गलियारे की योजना को क्रियान्वित करनेवाले प्राधिकरण को भंग कर दिया है। इसे भंग करने के कई कारण बताए जा रहे हैं। एक तो बलूचिस्तान में से इस गलियारे की लंबाई 870 किमी है, जो कि सबसे ज्यादा है। बलूच लोग इसके बिल्कुल खिलाफ हैं। उन्होंने दर्जनों चीनी कामगारों को मार डाला है। दूसरा, इसने बहुत वक्त खींच लिया है। इसके कई काम अधूरे पड़े हुए हैं। तीसरा कारण यह भी है कि पाकिस्तान अपने हिस्से का पैसा लगाने में बेहद हीले-हवाले कर रहा है। उसने 2000 मेगावाट के बिजलीघर में लगने वाले 30 हजार करोड़ रु. का भुगतान चीनी कंपनी को नहीं किया है। इसी तरह शिनच्यांग से ग्वादर तक रेलवे लाइन डालने का 55 हजार करोड़ रु. की प्रायोजना भी खटाई में पड़ गई है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मालदार मुस्लिम राष्ट्रों के आगे अपनी झोली फैलाने के लिए मजबूर है। ऐसी स्थिति में वह चीन से अगर विमुख होता है तो उसके पास अमेरिका की शरण में जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस वक्त तो रूस और चीन दोनों की ही दाल पतली हो रही है। एक की यूक्रेन के कारण और दूसरे की कोरोना के कारण ! अमेरिका तो पाकिस्तान का सबसे बड़ा मददगार रहा है। यदि शाहबाज शरीफ थोड़ी हिम्मत दिखाएं और नई पहल करें तो पाकिस्तान का उद्धार हो सकता है। यदि अमेरिका से उसके संबंध बेहतर होंगे तो भारत के साथ वे अपने आप सुधरेंगे। अमेरिका इस वक्त चीन से बेहद खफा है। उसके इस्पाती दोस्त पाकिस्तान को वह अपनी हथेली पर उठा लेगा। शाहबाज चाहें तो भारत के साथ बंद हुए सभी रास्तों को खोलने की भी कोशिश कर सकते हैं। अमेरिका अपने आप उसके लिए अपनी भुजाएं फैला देगा। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (3 मई) पर विशेष योगेश कुमार गोयल प्रेस को सदैव लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की संज्ञा दी जाती रही है क्योंकि लोकतंत्र की मजबूती में इसकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही कारण है कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को बहुत अहम माना गया है लेकिन विडंबना है कि विगत कुछ वर्षों से प्रेस स्वतंत्रता के मामले में लगातार कमी देखी जा रही है। प्रेस की स्वतंत्रता को सम्मान देने और उसके महत्व को रेखांकित करने के लिए ही 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। यूनेस्को वर्ष 1997 से प्रतिवर्ष इसी दिन विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रेस का सदैव यही दायित्व रहा है कि वह प्रत्येक जानकारी को बिल्कुल सटीक और सही तरीके से लोगों तक पहुंचाए ताकि लोगों को उसके बारे में उतना ही सच पता चल सके, जितना वास्तविक रूप से उस खबर में है लेकिन इसके लिए प्रेस की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है ताकि वह निडर-निर्भीक रहते हुए इस कार्य को बखूबी कर सके। अंग्रेजी शब्द PRESS का शाब्दिक अर्थ समझना भी आवश्यक है। अंग्रेजी वर्णमाला के इन पांच अक्षरों का काफी गहरा अर्थ है। पी-पब्लिक, आर-रिलेटेड, ई-इमरजेंसी, एस-सोशल, एस-सर्विस अर्थात् जनता से संबंधित आपातकालीन सामाजिक सेवा। भारत में प्रेस की भूमिका और उसकी ताकत को रेखांकित करते हुए अकबर इलाहाबादी ने एक बार कहा था, ‘‘न खींचो कमान, न तलवार निकालो, जब तोप हो मुकाबिल, तब अखबार निकालो।’’ इसका आशय यही था कि कलम, तोप व तलवार तथा अन्य किसी भी हथियार से ज्यादा ताकतवर है। दरअसल कलम को तलवार से भी ज्यादा ताकतवर और तलवार की धार से भी ज्यादा प्रभावी इसलिए माना गया है क्योंकि इसी की सजगता के कारण न केवल भारत में बल्कि अनेक देशों में पिछले कुछ दशकों के भीतर बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो सका, जिसके चलते बड़े-बड़े उद्योगपतियों, नेताओं तथा विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों को एक ही झटके में अर्श से फर्श पर आना पड़ा। अमेरिका के मशहूर ‘वाटरगेट’ कांड का भंडाफोड़ 1970 के दशक में हुआ था, जिसके चलते अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पद छोड़ना पड़ा था। भारत में भी मुख्यमंत्री और मंत्री जैसे पदों पर रहे कुछ आला दर्जे के नेता प्रेस की सजगता के ही कारण भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में आज भी जेल की हवा खा रहे हैं। संभवतः यही कारण है कि समय-समय पर कलम रूपी इस हथियार को भोथरा बनाने या तोड़ने के कुचक्र होते रहे हैं और विभिन्न अवसरों पर न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में सच की कीमत कुछ पत्रकारों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। 3 दिसम्बर 1950 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने अपने सम्बोधन में कहा था, ‘‘मैं प्रेस पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, उसकी स्वतंत्रता के बेजा इस्तेमाल के तमाम खतरों के बावजूद पूरी तरह स्वतंत्र प्रेस रखना चाहूंगा क्योंकि प्रेस की स्वतंत्रता एक नारा भर नहीं है बल्कि लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग है।’’ हालांकि पिछले दशकों में प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में स्थितियां काफी बदली हैं। आज दुनियाभर में पत्रकारों पर राजनीतिक, अपराधिक और आतंकी समूहों का सर्वाधिक खतरा है और भारत भी इस मामले में अछूता नहीं है। विड़म्बना है कि दुनियाभर के न्यूज रूम्स में सरकारी तथा निजी समूहों के कारण भय और तनाव में वृद्धि हुई है। विश्वभर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण करने और मुकाबला करने के लिए कार्यरत पेरिस स्थित ‘रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स’ (आरएसएफ) अथवा ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ नामक एक गैर-लाभकारी संगठन प्रतिवर्ष 180 देशों और क्षेत्रों में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ नामक वार्षिक रिपोर्ट पेश करता है। दुनियाभर के देशों में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति की विवेचना करते हुए यह संगठन स्पष्ट करता रहा है कि किस प्रकार विश्वभर में पत्रकारों के खिलाफ घृणा हिंसा में बदल गई है, जिससे दुनियाभर में पत्रकारों में डर बढ़ा है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021 रिपोर्ट में कहा गया था कि दुनिया के 73 देशों में प्रेस की स्थिति बहुत बुरी है जबकि 59 देशों में बुरी स्थिति में है और बाकी देश कुछ बेहतर हैं लेकिन उनकी स्थिति भी समस्याग्रस्त ही है। 2019 की रिपोर्ट में भारत 140वें स्थान पर था, जो 2021 की रिपोर्ट में 46.56 स्कोर के साथ 142वें स्थान पर पहुंच गया। संस्था की वर्ष 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत प्रेस की आजादी के मामले में 109वें पायदान पर था लेकिन 2021 तक 33 पायदान लुढ़ककर 142वें स्थान पर पहुंच गया। हालांकि भारत सरकार विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उसे मानने से इनकार करती रही है। केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर तो ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ की रिपोर्ट को मानने से इनकार करते हुए संसद में लिखित जवाब में कह चुके हैं कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक का प्रकाशन एक विदेशी गैर सरकारी संगठन द्वारा किया जाता है और सरकार इसके विचारों तथा देश की रैंकिंग को नहीं मानती। उनका कहना था कि इस संगठन द्वारा निकाले गए निष्कर्षों से सरकार विभिन्न कारणों से सहमत नहीं है, जिसमें नमूने का छोटा आकार, लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को बहुत कम या कोई महत्व नहीं देना, एक ऐसी कार्यप्रणाली को अपनाना, जो संदिग्ध और गैर पारदर्शी हो, प्रेस की स्वतंत्रता की स्पष्ट परिभाषा का अभाव आदि शामिल हैं। अनुराग ठाकुर का कहना था कि केन्द्र सरकार पत्रकारों सहित देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और रक्षा को सर्वाेच्च महत्व देती है। पत्रकारों की सुरक्षा पर विशेष रूप से 20 अक्तूबर 2017 को राज्यों को एक एडवाजरी जारी की गई थी, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया था। सरकार विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक रिपोर्ट को माने या न माने किन्तु आए दिन पत्रकारों पर होने वाले हमले और थानों में बेवजह दर्ज होने वाली एफआईआर और पत्रकारों की गिरफ्तारियों की खबरें आती रहती हैं। ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ (सीपीजे) द्वारा 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष विश्वभर में 293 पत्रकारों को उनकी पत्रकारिता को लेकर जेल में डाला गया जबकि 24 पत्रकारों की मौत हुई और यदि भारत की बात की जाए तो यहां कुल पांच पत्रकारों की हत्या उनके काम की वजह से हुई। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में यह गिरावट स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। प्रेस की स्वतंत्रता में कमी आने का सीधा और स्पष्ट संकेत है, लोकतंत्र की मूल भावना में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जो अधिकार निहित है, उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है। भारतीय संविधान में प्रेस को अलग से स्वतंत्रता प्रदान नहीं की गई है बल्कि उसकी स्वतंत्रता भी नागरिकों की अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता में ही निहित है और देश की एकता तथा अखण्डता खतरे में पड़ने की स्थिति में इस स्वतंत्रता को बाधित भी किया जा सकता है किन्तु ऐसी कोई स्थिति निर्मित नहीं होने पर भी देश में पत्रकारिता का चुनौतीपूर्ण बनते जाना लोकतंत्र के हित में कदापि नहीं है। यदि प्रेस की स्वतंत्रता पर इसी प्रकार प्रश्नचिन्ह लगते रहे तो पत्रकारों से सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठाने की कल्पना कैसे की जा सकेगी? (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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सुरेश हिंदुस्थानी किसी भी देश के शक्तिशाली होने के अपने निहितार्थ हैं। इन निहितार्थों का मन, वाणी और कर्म से अध्ययन किया जाए तो जो प्राकट्य होता है, वह यही कि सबके भाव राष्ट्रीय हों, सबके अंदर एक-दूसरे के प्रति सामंजस्य भाव की प्रधानता हो, लेकिन वर्तमान में समाज के बीच सामंजस्य के प्रयास कम और समाज के बीच भेद पैदा के प्रयास ज्यादा हो रहे हैं। जिसके चलते हमारी राष्ट्रीय अवधारणाएं तार-तार हो रही हैं। कौन नहीं जानता कि भारतीय समाज की इसी फूट के कारण भारत ने गुलामी के दंश को भोगा था। अंग्रेजों की नीति का अनुसरण करने वाले राजनीतिक दल निश्चित ही भारत के समाज में एकात्म भाव को स्थापित करने के प्रयासों को रोकने का उपक्रम कर रहे हैं। समाज को ऐसे षड्यंत्रों को समझने का प्रयास करना चाहिए। लम्बे समय से भारत में इस धारणा को समाज में संप्रेषित करने का योजनाबद्ध प्रयास किया गया कि मुस्लिम तुष्टिकरण ही धर्मनिरपेक्षता है। इसी कारण गंगा-जमुना तहजीब की अपेक्षा केवल हिन्दू समाज से ही की जाती रही है। भारत का हिन्दू समाज पुरातन समय से इस संस्कृति को आत्मसात किए हुए है। तभी तो इस देश में सभी संप्रदाय के व्यक्तियों को पर्याप्त सम्मान दिया गया। यह सभी जानते हैं कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने आपको धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल मानती है और इन्हीं दलों ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की। इसके कारण देश में जिस प्रकार से वर्ग भेद की खाई पैदा हुई, उससे आज का वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो रहा है। अभी हाल ही में जिस प्रकार रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्राओं पर पत्थरबाजी की गई, वह देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की परिभाषा के दायरे में बिलकुल नहीं आता। धर्मनिरपेक्षता की सही परिभाषा यही है कि देश में धर्मों को समान दृष्टि से देखा जाए, लेकिन क्या देश में समाज के द्वारा सभी धर्मों को समान रूप से देखने की मानसिकता विकसित हुई है। अगर नहीं तो फिर धर्मनिरपेक्षता का कोई मतलब नहीं है। वस्तुत: धर्मनिरपेक्षता शब्द समाज में समन्वय स्थापित करने में नाकाम साबित हो रहा है, इसके बजाय वर्ग भेद बढ़ाने में ही बहुत ज्यादा सहायक हो रहा है। हालांकि यह शब्द भारत के मूल संविधान का हिस्सा नहीं था। इसे इंदिरा गांधी के शासनकाल में आपातकाल के दौरान जोड़ा गया। इस शब्द के आने के बाद ही देश में तुष्टिकरण की राजनीतिक भावना ज्यादा जोर मारने लगी। यहां हम हिन्दू और मुस्लिम वर्ग को अलग-अलग देखने को प्रमुखता नहीं दे रहे हैं। और न ही ऐसा दृश्य दिखाने का प्रयास ही करना चाहिए। बात देश के समाज की है, जिसमें हिन्दू भी आता है और मुस्लिम भी। जब हम समाज के तौर पर चिंतन करेंगे तो स्वाभाविक रूप से हमें वह सब दिखाई देगा, जो एक निरपेक्ष व्यक्ति से कल्पना की जा सकती है। लेकिन इसके बजाय हम पूर्वाग्रह रखते हुए किसी बात का चिंतन करेंगे तो हम असली बातों से बहुत दूर हो जाएंगे। आज देश में यही हो रहा है। आज का मीडिया अखलाक और तबरेज की घटना को भगवा आतंक के रूप में दिखाने का साहस करता दिखता है, लेकिन इन घटनाओं के पीछे का सच जानने का प्रयास नहीं किया जाता। संक्षिप्त रूप में कहा जाए तो इन दोनों की अनुचित क्रिया की ही समाज ने प्रतिक्रिया की थी, जो समाज की जाग्रत अवस्था कही जा सकती है। यही मीडिया उस समय अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेता है, जब किसी गांव से हिन्दुओं के पलायन की खबरें आती हैं। जब महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने की कवायद पर सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा पर राष्ट्रद्रोह का प्रकरण दर्ज हुआ है। हो सकता है कि राणा दंपत्ति का तरीका गलत हो, लेकिन कम से कम भारत में हनुमान चालीसा पढ़ने को गलत तो नहीं ठहराया जा सकता। जब हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं तो हिन्दू समाज के व्यक्तियों की ओर से की गई जायज कार्यवाही को इस दायरे से बाहर क्यों रखा जाता है। अब फिर से हम अपने मूल विषय पर आते हैं। आज कई लोग और राजनेता यह सवाल उठाते हैं कि हिन्दू उनके क्षेत्र से यात्रा क्यों निकालता है? यह सवाल इसलिए भी जायज नहीं कहा जा सकता है कि जब देश में सभी धर्मों के धार्मिक समारोह बिना किसी रोकटोक के किसी भी स्थान से निकाले जा सकते हैं, तब हिन्दू समाज की धर्म यात्राएं क्यों नहीं निकाली जा सकती। आज अगर वे अपने मोहल्ले से रोक रहे हैं, तब कल यह भी हो सकता है कि पूरे नगर में पत्थरबाजी करके रोकने का प्रयास करें। हो सकता है कि यह घटनाएं अभी छोटे रूप में प्रयोग के तौर पर हो रही हों, लेकिन कल के दिन जब इस प्रकार की घटनाएं बड़ा रूप लेंगी, तब स्थिति हाथ से निकल जाएगी। इसलिए समाज के बीच लकीर खींचने वाले ऐसे किसी भी प्रयास का किसी भी वर्ग को समर्थन नहीं करना चाहिए। आज ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है, जिससे समाज के बीच सामंजस्य स्थापित हो सके। इसके लिए सारे समाज को अपनी ओर से प्रयास करने चाहिए। आज हमें धर्मनिरपेक्षता के असली मायनों को समझने की आवश्यकता है। भारतीय समाज के सभी नागरिकों को एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होकर ऐसा भाव प्रदर्शित करना चाहिए, जो एकता की भावना को पुष्ट कर सके। इसके लिए सबसे पहले हमारे राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। हालांकि आज जिस प्रकार से राजनीति की जा रही है, उसको देखते हुए यह उम्मीद बहुत कम है। इसलिए यह प्रयास मुस्लिम और हिन्दू समाज की ओर से ही प्रारंभ किए जाएं, यह समय की मांग है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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सियाराम पांडेय ‘शांत’ दिल्ली के विज्ञान भवन में छह साल बाद मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन हुआ। इसमें अदालतों में न्यायाधीशों की कमी का मुद्दा तो उठा ही, भारतीय भाषाओं में कामकाज पर भी जोर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बड़ी अदालतों में अगर स्थानीय भाषाओं में कार्य हो तो न्याय प्रणाली में आमजन का विश्वास बढ़ेगा। वे इससे अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने भी कहा है कि अब न्यायालयों में स्थानीय भाषाओं में काम करने का वक्त आ गया है लेकिन अदालतों में स्थानीय भाषाओं के प्रयोग के लिए एक कानूनी व्यवस्था की जरूरत है। यह काम तो आजादी के कुछ समय बाद या यों कहें कि संविधान लागू किए जाने के दिन ही हो जाना चाहिए था, अगर उसे करने की जरूरत आजादी के 75 वें साल में महसूस की जा रही है तो इसे न्यायिक विडंबना नहीं तो और क्या कहा जाएगा? खैर जब जागे तभी सवेरा लेकिन कानूनी व्यवस्था बनाने और लक्ष्मण रेखा के बहाने इसे और अधिक खींचा नहीं जाना चाहिए। शुभस्य शीघ्रं। वैसे भी यह देश 1774 से ही सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजी का प्रभाव देख और झेल रहा है। यह गुलाम भारत की विवशता हो सकती थी लेकिन आजाद भारत में तो निज भाषा उन्नति अहै वाली रीति-नीति अपनाई जा सकती थी। हमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के उस निर्णय को भी याद करना चाहिए जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की भाषा अंग्रेजी ही है और इसकी जगह हिन्दी को लाने के लिए वह केंद्र सरकार या संसद को कानून बनाने के लिए नहीं कह सकते क्योंकि ऐसा करना विधायिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देना होगा। इसके बाद भी तत्कालीन सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ा था। जिस अंग्रेजी को वादकारी जानता ही नहीं, उसमें वकील क्या बहस कर हा है और जज क्या फैसला दे रहे हैं, यह वादी-प्रतिवादी को पता ही नहीं चलता। संविधान की धारा 384 में संशोधन और बड़ी अदालतों में भारतीय भाषाओं में कामकाज शुरू करने के लिए एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीन दयाल उपाध्याय के न्यायविद प्रपौत्र पं. चंद्रशेखर उपाध्याय हिंदी न्याय आंदोलन चला रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में व्यापक प्रयास भी किए हैं। हिंदी से एलएलएम करने वाले वे भारतीय छात्र हैं और हिंदी से एलएलएम करने में उन्हें अपने कई साल गंवाने पड़े। अदालत के चक्कर काटने पड़े। अगर सरकार ने उनके प्रयासों पर भी गौर किया होता तो आज बड़ी अदालतों में लोगों को अपनी बोली-बानी में न्याय मिल रहा होता। वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय में पंडित श्याम जी उपाध्याय वर्षों से संस्कृत में वाद दायर करते और बहस करते आ रहे हैं। मूल भावना भाषा नहीं, न्याय है। इसमें संदेह नहीं कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के पक्षधर लंबे समय से यह मांग उठाते आ रहे हैं कि अदालतों के कामकाज की भाषा ऐसी हो जिसे आम आदमी भी समझ सके और वह हर बात के लिए वकीलों पर निर्भर न रहे। भारत एक आजाद और लोकतांत्रिक देश है और यहां अदालती कामकाज की भाषा आज भी अंग्रेजी है। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति भला और क्या हो सकती है? वह अंग्रेजी जिसे हटाने की मांग अगर समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया करते रहे तो संघ और भाजपा के नेता भी। हिंदी, हिन्दू और हिंदुस्तान के नारे के साथ सत्ता में आई भाजपा के बड़े नेता, मौजूदा रक्षा मंत्री और तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार बड़ी अदालतों में हिन्दी को न्याय की भाषा आज तक नहीं बना पाई है। हमें 1967 के अंग्रेजी हटाओ आंदोलन को भी नहीं भूलना चाहिए। मौजूदा समय यह सोचने का है तो आखिर वे कौन लोग हैं जो बड़ी अदालतों में अंग्रेजी का वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं और सरल, सहज व सस्ते न्याय की भारतीय अवधारणा को पलीता लगा रहे हैं। गौरतलब है कि संविधान की धारा 348 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के कामकाज की भाषा अंग्रेजी होगी लेकिन यदि संसद चाहे तो इस स्थिति को बदलने के लिए कानून बना सकती है। इसी तरह हाईकोर्ट के कामकाज की भाषा भी अंग्रेजी है लेकिन राष्ट्रपति की पूवार्नुमति लेकर राज्यपाल अपने राज्य में स्थित हाईकोर्ट को हिन्दी या उस राज्य की सरकारी भाषा में कामकाज करने के लिए कह सकते हैं, लेकिन ऐसे हाईकोर्ट भी अपने आदेश, निर्देश और फैसले अंग्रेजी में ही देंगे। ऐसा तो है नहीं कि संसद में संविधान संशोधन नहीं हुए। इतने संशोधन हुए कि मूल संविधान तलाश पाना किसी के लिए भी कठिन हो सकता है। ऐसे में एक संशोधन यह भी हो जाता। इसकी संभावना तलाशने के लिए अलग से समूह गठित करने या अधिकरण बनाने की जरूरत ही नहीं थी लेकिन इस पूरे प्रकरण को जिस तरह जलेबी पेंच बनाया गया, वह समझ से परे है। अब भी समय है कि सरकार एक संविधान संशोधन कर दे कि आज से बड़ी-छोटी सभी अदालतों में कामकाज भारतीय भाषाओं में होंगे। समस्या चाहे जितनी बड़ी क्यों न हो लेकिन उसका समाधान बहुत छोटा होता है, इस देश के हुक्मरानों को इस बाबत सोचना होगा । अगर हम सात साल पीछे जाएं तो सोचने पर विवश होना पड़ेगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर वाकई गंभीर है। जनवरी 2015 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर संविधान में संशोधन कर हिन्दी को सुप्रीम कोर्ट एवं सभी 24 हाईकोर्ट के कामकाज की भाषा बनाए जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। यह शपथपत्र उसी जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया गया था जिसे टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने खारिज किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय का हलफनामा 2008 में विधि आयोग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर आधारित था जिसमें आयोग ने विचार व्यक्त किया था कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में हिन्दी का प्रयोग अनिवार्य करने का प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है और लोगों के किसी भी हिस्से पर कोई भी भाषा जबर्दस्ती नहीं लादी जा सकती। इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों का अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में तबादला होता रहता है, इसलिए उनके लिए यह संभव नहीं है कि वे अपने न्यायिक कर्तव्यों को अलग-अलग भाषाओं में पूरा कर सके। यह तर्क कुछ हद तक सहज हो सकता है लेकिन मौजूदा समय में अनुवाद की सुविधा है। टेली प्रॉम्प्टर की सुविधा है। उसका इस्तेमाल तो किया ही जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों के समक्ष अंग्रेजी के साथ ही भारतीय भाषाओं में भी न्याय देने की बात कही है,वह सुखद भी है और भारतीय हितों के अनुरूप भी लेकिन अब न चूक चौहान वाले सिद्धांतों पर अमल करते हुए उसे गंभीरता से लिया जाए।बतौर प्रधानमंत्री दुनिया के तमाम देश इस व्यवस्था पर काम कर रहे हैं तो भारत में भी इस तरह के न्यायिक सुधार होने ही चाहिए। भारतीय धर्मग्रंथों में भी न्याय को सुशासन का आधार कहा गया है। इस वजह से न्याय की भाषा ऐसी होनी चाहिए जो सबकी समझ में आ सके। का संबंध आम लोगों से होना चाहिए और इसे उनकी भाषा में होना चाहिए। न्याय और शासकीय आदेश अगर न्याय की भाषा की वजह से एक जैसे लगें तो इस दोष का निवारण तो होना ही चाहिए। जिस देश में 3.5 लाख से अधिक विचाराधीन कैदी जेलों में बंद हों, वहां भाषागत, व्यवस्थागत चिंता लाजिमी हो जाती है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से न्याय प्रदान करने को आसान बनाने के लिए पुराने कानूनों को निरस्त करने की भी अपील की है। यह भी कहा है कि उनकी सरकार ने वर्ष 2015 में, लगभग 1800 कानूनों की पहचान की, जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से 1450 कानूनों को समाप्त कर दिया गया। लेकिन, राज्यों ने केवल 75 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है। प्रधानमंत्री ने एक ऐसी न्यायिक प्रणाली के निर्माण पर जोर देने की बात कही है जहां न्याय आसानी से , जल्दी से और सभी के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा है कि न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक की है, वहीं विधायिका नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मेरा मानना है कि इन दोनों का संगम एक प्रभावी व समयबद्ध न्यायिक प्रणाली के लिए रोडमैप तैयार करेगा। प्रधान न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्वीकृत 1104 पदों में से 388 के रिक्त होने का हवाला दिया। यह भी बताने और जताने के प्रयास किया कि न्यायाधीशों के पद भरने के लिए उन्होंने 180 सिफारिशें की हैं। इनमें से 126 नियुक्तियां की गई हैं। हालांकि, 50 प्रस्तावों को अभी भी भारत सरकार के अनुमोदन की प्रतीक्षा है। उच्च न्यायालयों ने भारत सरकार को लगभग 100 नाम भेजे हैं। वे अभी तक हम तक नहीं पहुंचे हैं। स्वीकृत संख्या के अनुसार, हमारे पास प्रति 10 लाख जनसंख्या पर लगभग 20 न्यायाधीश हैं, जो बेहद से कम हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि बुनियाद मजबूत न हो तो ढांचा मजबूत नहीं हो सकता। प्रधान न्यायाधीश रमण की यह बात ढांढस बंधाती है कि संवैधानिक अदालतों के समक्ष वकालत किसी व्यक्ति के कानून की जानकारी और समझ पर आधारित होनी चाहिए न कि भाषाई निपुणता पर। न्याय व्यवस्था और हमारे लोकतंत्र के अन्य सभी संस्थानों में देश की सामाजिक और भौगोलिक विविधता परिलक्षित होनी चाहिए। लगता है कि अब समय आ गया है कि इस मांग पर फिर से विचार किया जाए और इसे तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाया जाए। प्रधानमंत्री भी सहमत हैं और मुख्य न्यायाधीश भी तो फिर देर किस बात की? सरकार पहल करे और न्यायपालिका अमल। कोई भी देश अपनी भाषा में ही बेहतर कार्य निष्पादन कर सकता है। इसलिए यही उचित समय है।इसका सम्यक उपयोग किया जाए।
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डॉ. प्रभात ओझा अभी पिछले ही महीने की 14 तारीख को वे हमसे विदा हुए। इस अर्थ में उन्हें भूलने का कोई मतलब ही नहीं है। फिर भी मजदूर दिवस आया तो उनके जुझारू जीवन को रखना स्वाभाविक है। एशिया की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम कंपनी हिंडाल्को की कहानी उसके प्रथम मजदूर नेता रामदेव सिंह के बिना पूरी नहीं होती। प्रथम इसलिए कि कंपनी शुरू हुई और उसी के साथ उसमें काम करने वाले मजदूरों की मजबूरियां भी। ऐसे में उनके लिए रामदेव बाबू ने आवाज उठायी। वह आवाज उनकी जिद और दृढ़ संकल्प की कहानियों से भरी है। रेणूकूट हिंडालको जब शुरू हुआ, आसपास वीरान था। मजदूरों ने काम शुरू किया तो बाहर जीवन की सामान्य सुविधाओं का मिलना भी मुश्किल था। सबसे बड़ी मुश्किल कार्य क्षेत्र में भी दिखने लगी। चिमनियों के बीच काम करने वालों को लिए सामान्य उपकरण तो छोड़िए, हेलमेट और धातु वाले अन्य शरीर-रक्षक उपकरण तक नहीं थे। इन साधनों के साथ बाहर बाजार की शुरुआत आसान नहीं थी। आज के कारखाने और व्यवस्थित बाजार को देखते हुए तब के कष्ट की कल्पना नहीं की जा सकती। यह सब सुलभ कराने में रामदेव बाबू के संघर्ष की कथा लंबी हो सकती है। फिर भी एक तथ्य पूरी कहानी का सार है कि वे 14 साल तक नौकरी से बाहर रखे गये। इन 14 वर्षों को राम की तरह इसे रामदेव का भी बनवास कहा जा सकता है। उन्होंने इस दौरान ट्रेड यूनियन और उसकी गतिविधि जारी रखने के लिए मजदूर विरोधी राक्षसों से संघर्ष किया। मजदूरों के बीच रोशनी लाने वाले और बिजली बत्तियों से चमचमाता बाजार बसाने वाले रामदेव सिंह का जीवन टीन शेड में ही गुजरा। वह कभी छप्पर वाला मकान भी नहीं बना पाए। जिनके बारे में मशहूर है कि हिंडाल्को में सैकड़ों योग्य लोगों की नौकरी उनके एक बार कह देने से लग गई, अपने तीन बेटे और बेटी की नौकरी वह नहीं लगवा पाए। बिहार के सिवान जिले के कौंसड़ गाँव में जन्मे रामदेव सिंह एक सामान्य किसान के बेटे थे। 18 वर्ष की वय में परिवार का सहयोग करने के लिये नौकरी ढूंढते हुए वह गोरखपुर चले आए। एक कंपनी में सुपरवाइजर का काम मिला, जिसमें उन्हें 70 रुपये तनख्वाह के मिलने लगे। वह अधिक कमाई के लिये झरिया के शिवपुर कोइलरी में आ गए। जब उनकी मां को पता चला कि कोलफील्ड में काम करने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है, तो उन्हें वहाँ से नौकरी छोड़ने को कहा। फिर जेके नगर होते हुए उनका रुख रेनूकूट की ओर हुआ। वर्ष 1961-62 के बीच उनकी नौकरी हिंडाल्को कारखाने के पॉट रूम में लगी, जहां आग उगलती भट्ठियाँ और उबलते बॉयलर्स होते थे। ऊपर से तनख्वाह और सुविधाएं नाम मात्र की थीं। अधिकारियों की डाँट-फटकार से भी वहाँ के मजदूर त्रस्त थे। आवास के नाम पर एक टीन शेड के नीचे 30-30 मजदूर भेड़-बकरियों के जैसे रहा करते थे। यह सब देख उबलते बॉयलर्स की तरह युवा रामदेव के अंदर का क्रांतिकारी उबल पड़ा। वह सीधे फोरमैन से जाकर मजदूरों की समस्या के लिये भिड़ गए। उन लोगों ने नौकरी से निकालने की धमकी दी तो वह और तन गए। उनके खिलाफ वार्निंग लेटर आया, जिसे उन्होंने अधिकारियों के सामने सुलगते सिगरेट से जला दिया। यह सब साथी मजदूरों के लिये टॉनिक की घूंट थी, कई अमरीकी कर्मचारी भी उनके समर्थन में आए। कुछ हफ्तों में रामदेव सिंह ‘नेता रामदेव’ बन गए थे। मैनेजमेंट ने एक दिन उन्हें नौकरी से निकाल दिया। जब वह अगले दिन गेट पर आए तो बीसियों सिक्योरिटी गार्ड उनका रास्ता रोकने को खड़े थे। मजदूरों की भीड़ गेट पर ही धरने पर बैठ गई। रामदेव सिंह जिंदाबाद के नारे लगे। मजदूरों की मांग थी कि रामदेव अगर नौकरी नहीं करेंगे तो हम भी काम नहीं करेंगे। मैनेजमेंट झुक गया और चेतावनी देकर उन्हें वापस काम पर रख लिया। हालांकि उन्होंने इतने बड़े समर्थन के बाद मजदूरों की लड़ाई और तेज कर दी। इस तरह हिंडाल्को के मजदूरों को अपना पहला मजदूर नेता मिल गया था। कुछ महीनों बाद ही उन्हें नौकरी से फिर निकाल दिया गया। उनको जान से मारने की कई बार साजिश हुई। उनके सहयोगियों को भी एक-एक कर झूठे मामलों में फंसा कर जेल भेजा जाने लगा। रामदेव सिंह को भी कई बार जेल जाना पड़ा। वह हिंडाल्को से बाहर थे लेकिन वहाँ के मजदूरों के लिये लड़ते रहे। उनके पीछे गुप्तचरों की टीम लगी रहती थी, इसलिए उन्हें देश की आजादी के क्रांतिकारियों की तरह ठिकाना बदल-बदल कर योजनाएं बनानी पड़ती थीं। हड़ताल पर हड़ताल होते गए, नेता रामदेव सिंह का नाम पहले राज्य के राजनीति में फिर केंद्र की राजनीतिक गलियारों तक पहुँच गया। प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से रामदेव सिंह ने कई बार मीटिंग की। केन्द्रीय मंत्री रहे राजनारायण और प्रभुनारायण तो उनके संघर्ष के साथी रहे। उनका भरपूर समर्थन हमेशा मिलता रहा। वे हिंडालको मजदूरों और स्थानीय लोगों में इतने लोकप्रिय हो चुके थे कि लोग उन्हें राम और हिंडालको प्रबंधन को रावण की संज्ञा देती रही। वे वहां के भोजपुरी क्षेत्र और लोक जीवन में “आदमी में नउवा, पंछिन में कौआ और नेतन में रामदेउवा” (आदमियों में नाऊ, पंक्षियों में कौआ और नेताओं में रामदेव) के रूप में याद किए जाते रहे। वह हिंडाल्को में पॉट रूम में काम करने के दौरान मजदूरों की दयनीय हालत को देखकर मैनेजमेंट पर हमेशा करारा प्रहार किया करते थे। उन्होंने ‘राष्ट्रीय श्रमिक संघ’ की स्थापना की, जो आज भी सक्रिय है। उस समय रेनूकूट के सड़क के दोनों किनारों पर एक भी झोपड़ी नहीं थी, एक भी दुकानदार नहीं था...सिर्फ बेहया (जंगली झाड़ी) के जंगल थे। रामदेव सिंह ने झोपड़ियाँ बनवाईं, दुकानें खुलवाईं और व्यापार मण्डल के अध्यक्ष बने। उन्होंने बिड़ला मैनेजमेंट के खिलाफ संघर्ष किया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। रामदेव सिंह ने जीवन का पहला आंदोलन साल 1963 में एक रात 11 बजे शुरू किया जब उन्होंने हिंडाल्को में तीन दिन की हड़ताल करा दी। फिर दूसरी हड़ताल 12 अगस्त 1966 में हुई। उसका असर ये हुआ कि रामदेव बाबू समेत 318 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। उन्हें बहुत प्रलोभन दिया गया लेकिन उनके जमीर का कोई मोल नहीं लगा सका। साल 1977 में उनके साथी और प्रसिद्ध राजनेता रहे राजनारायण ने उन्हें पुनः हिंडाल्को जॉइन कराया। इस दरम्यान उनका परिवार, उनके बच्चे सब मुफलिसी में जीवन काटते रहे। फिर नौकरी करते हुए भी हिंडाल्को के प्रेसिडेंट को ललकारते रहते थे। हिंडाल्को की मर्जी के खिलाफ रामदेव सिंह ने रेनूकूट के असहाय दुकानदारों को भी बसाया। इस तरह बाबू रामदेव सिंह मजदूरों के साथ-साथ, व्यापारियों और जनता के भी नेता थे। रेनुकूट से सटे पिपरी पुलिस स्टेशन के पास रामदेव सिंह का निवास स्थान था, जहां अक्सर भारतीय राजनीति के बड़े राजनेता राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, राजनारायण, चौधरी चरण सिंह, जॉर्ज फर्नांडीज़, विश्वनाथ प्रताप सिंह चंद्रशेखर, लालू प्रसाद यादव और वर्तमान केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह आदि का आना-जाना हुआ करता था। यहीं राजनीतिक विश्लेषण होते। जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रामदेव बाबू का राजनीतिक जीवन हमेशा उन्हें परिवार से दूर ही रखे रहा। एक बार की बात है बुजुर्ग हो रहे रामदेव सिंह की तबीयत गंभीर हुई तो उनके बेटे उन्हें लखनऊ के अस्पताल लेकर गए। इसकी सूचना यूपी के मुख्यमंत्री रहे रामनरेश यादव को मिली। वह आनन-फानन उनसे मिलने आए। वह रामदेव बाबू को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। उनका लगाव रामदेव सिंह से आजीवन रहा। ये सारे परिचय मजदूरों और आम लोगों के हित में लगाने का गजब का उनका हुनर था। उनका निधन 87 वर्ष की उम्र में हुआ और जीवन के बड़े हिस्से को उन्होंने इसी लोकहित में लगा दिया। (लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और इंदिरा गांधी कला केंद्र के मीडिया सेंटर से भी जुड़े हैं।)
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गिरीश्वर मिश्र साहित्य की दुनिया में गोष्ठी, व्याख्यान और विमर्श नई बात नहीं है। वह निरंतर चलते रहते हैं । आलोचना और समीक्षा के दौर साहित्यकारों के जीवन के प्राणभूत हैं । साहित्य विधाओं में भी अनेक प्रयोग होते रहे हैं और बौद्धिक 'वादों' के पुरोधा अक्सर विवाद के इर्द-गिर्द उपस्थित रहते हैं । अब रचना की जगह मत की पुष्टि या विरोध और रचनाकार के प्रति आग्रह तथा दुराग्रह के उत्सव सोशल मीडिया में भी खूब मनाए जा रहे हैं । इन सब के बीच साहित्य का समकालीन सरोकार घोरतर रूप में तात्कालिक होता जा रहा है । यह भी है कि अब सभ्यता, समाज और संस्कृति के व्यापक सरोकार यदि उठाए जाते हैं तो वे बाजार में स्थित उपभोक्ता व्यक्ति के मनोजगत की परिधि में ही जीवित होते हैं । साहित्य यथार्थ का आईना बन कर ऊबड़- खाबड़ जिंदगी का अक्स हाजिर कर कृतार्थ हो रहा है और यह यथार्थप्रियता उसकी उल्लेखनीय और विशिष्ट उपलब्धि है । परंतु साहित्य का यह आंशिक पक्ष ही है और बहुत हद तक साहित्यिक आलोचना की पश्चिमी दृष्टि की देन है । भारतीय साहित्य दृष्टि में समग्रता , संवाद और पुरुषार्थ की दिशा में प्रेरणा देना मुख्य उद्देश्य है । साहित्य शब्द ही स्वयं में 'सहित' अर्थात साथ लेना और हित के साथ चलने की ओर उद्यत करता है । काव्य प्रयोजनों की चर्चा में भी 'शिव' यानी कल्याणकारी की प्रतिष्ठा एक प्रमुख प्रयोजन के रूप में परिगणित है । इसी अर्थ में नायक पर विस्तृत चर्चा मिलती है और काव्य रचना में धीरोदात्त नायक को आदर्श रूप में पहचाना गया है । समूह और समाज केंद्रित दृष्टि वाली संस्कृति में नायक की ओर सभी की निगाह होती है और उस श्रेष्ठ व्यक्ति के पद-चिह्न सामान्य जन के लिए मार्गदर्शक बन जाते हैं । इसीलिए आधुनिक साहित्य में भी ऐसी युगांतरकारी प्रतिभाओं को लेकर औपन्यासिक रचनाएं हुई हैं और पाठकों में लोकप्रिय भी हुई हैं । इस तरह के प्रयास भारत की लगभग सभी भाषाओं के साहित्य में मिलते हैं । यद्यपि ये समाज की मानसिकता और मूल्यबोध को दिशा देते हैं तथापि साहित्य-संस्कृति की वर्तमान प्रथा की धारा अति यथार्थ की ओर इस तरह आकृष्ट दिखती है कि उदात्त सामाजिक - सांस्कृतिक रचनाशीलता पृष्ठभूमि में चली जाती है । विगत वर्षों में अनेक नगरों में साहित्य उत्सव या लिटरेरी फेस्टिवल ( संक्षेप में लिट फेस्ट !) के आयोजन की प्रथा चल पड़ी है जिसके अपने आशय और लाभ हैं । दिल्ली की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी का भी आयोजन प्रतिवर्ष होता है । ऐसी स्थिति में कदाचित प्रचलित धारा के विपरीत जाते हुए वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय द्वारा एक अद्भुत कार्य हुआ। यहां समाज के महानायकों पर रचित विभिन्न भाषाओं के उपन्यासों पर रचना केंद्रित विमर्श आयोजित किया गया । वर्धा साहित्य महोत्सव की यह संकल्पना कुलपति प्रोफेसर रजनीश कुमार शुक्ल की अभिनव और सार्थक पहल कगी । प्रोफेसर कृष्ण कुमार सिंह के संयोजकत्व में एक प्रकार के अंतर भारती संवाद को आधार बनाते हुए 'साहित्य में समाज के महानायक' विषय पर एकाग्र त्रिदिवसीय विमर्श का 28 अप्रैल को समापन हो गया । विश्वविद्यालय के अमृतलाल नागर सृजन पीठ के तत्वावधान में 'वर्धा साहित्य महोत्सव' शीर्षक इस आयोजन में हिंदी , संस्कृत , मराठी , उड़िया , मलयालम , गुजराती , कन्नड़ , बांग्ला समेत आठ भारतीय भाषाओं के साहित्य के 21 महत्वपूर्ण उपन्यासों पर गहन चर्चा हुई । जिन लेखकों की रचनाएं सम्मिलित की गईं उनमें रांगेय राघव , प्रतिभा राय , विष्णु पण्ड्या , एसी विजय कुमार , अभिराज राजेंद्र मिश्र , विश्वास पाटील, नरेंद्र कोहली , अमृतलाल नागर, मनु शर्मा, एनएस इनामदार, वृन्दावन लाल वर्मा , श्यामल गंगोपाध्याय, दिनकर जोशी, गंगाधर गड़गिल , शिवाजी सावंत, वीरेंद्र कुमार जैन, गिरिराज किशोर, राजेन्द्र भटनागर, भगवान सिंह, सुधाकर अदीब, मोहन दास नेमिशारण्य उल्लेख्य हैं । संस्कृति, सृजनधर्मिता, भाषा, शिल्प, कथ्य , मूल्यवत्ता आदि विविध आयामों पर हुआ यह अखिल भारतीय संवाद साहित्य और समाज के पारस्परिक सम्बन्धों को बौद्धिक जगत में देखने पहचानने की एक नई संस्कृति का संकेत है । यह एक सुखद आश्चर्य रहा कि विविध प्रकार के दबावों से जूझती दुनिया में राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, दाराशिकोह, मीरा बाई, आदि शंकर, सरदार पटेल, बाबा साहब अम्बेडकर, कस्तूरबा, विवेकानंद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई, कश्मीर की रानी कोटा, भारतेंदु हरिश्चन्द्र आदि अनेक सांस्कृतिक चरित्रों की गाथा कहने वाली कथा- रचनाओं का आलोचनात्मक पाठ और सजग विमर्श किया गया । इस आयोजन का एक महत्व पूर्ण पक्ष यह भी रहा कि विमर्श में अनेक रचनाओं के मूल लेखक भी उपस्थित रहे और व्याख्या करने वाले सहृदय अध्येता कई पीढ़ियों के थे । यह अनुभव और भी आश्वस्त करने वाला है कि चर्चा मुंहदेखी स्तुति या प्रशस्ति न होकर प्रश्नाकुलता और बौद्धिक साहस पर केंद्रित रही । इस परिचर्चा में कई वरिष्ठ लेखक और विचारक भी सम्मिलित हुए। उनमें उल्लेखनीय हैं गोविंद मिश्र, प्रणव पण्ड्या, अभिराज राजेंद्र मिश्र , केसी अजय कुमार, प्रेमशंकर त्रिपाठी, दामोदर खड़से, रामजी तिवारी, अग्नि शेखर, श्रीराम परिहार, टीवी कट्टीमनी, रमेश पोखरियाल निशंक, नीरजा गुप्त, योगेन्द्र शर्मा ‘अरुण’, बलवंत शांतिलाल जानी और प्रकाश बरतूनिया। विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापकों ने भी विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया और करोना पश्चात विश्वविद्यालय की शैक्षिक जीवंतता को प्रमाणित किया। पूरा आयोजन यू ट्यूब पर प्रसारित रहने से दूरस्थ लोगों के लिए भी उपलब्ध रहा । समाज के लिए आलोक स्तंभ सदृश चरित्र स्मरण में रहने से राह सूझती है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है । इस तरह के आयोजन यह भी स्थापित करते हैं कि साहित्य का संस्कृति और संस्कार के साथ भी गहन रिश्ता है । राष्ट्र की जीवंतता और आत्मनिर्भरता का यह साहित्य राग अनेक संभावनाओं वाला है जिधर कम ही ध्यान जाता है पर अच्छे मनुष्य के निर्माण के लिए साहित्य का कोई विकल्प नहीं है । भाषा और संस्कृति से जुड़े विश्वविद्यालय की साहित्य को लोक से जोड़ने की यह पहल स्तुत्य प्रयास है। इस साहित्य उत्सव की उपलब्धि के रूप में विमर्शों को पुस्तकाकार प्रकाशित करना समीचीन होगा। (लेखक, साहित्यकार स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतीय राजनीति का यह अनिवार्य चरित्र बन गया है कि लोकहितकारी मुद्दों को भी सांप्रदायिक रंगों में रंग दिया जाता है। जैसे अवैध मकानों को गिराना और धर्मस्थलों की कानफोड़ू आवाज को रोकना अपने आप में सर्वहितकारी कार्य हैं, लेकिन इन्हें ही लेकर आजकल देश में विभिन्न संप्रदायों के नेता और राजनीतिक दल आपस में दंगल पर उतारू हो गए है। मुंबई में अब महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने धमकी दी है कि 3 मई (ईद के दिन) तक यदि महाराष्ट्र सरकार ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए तो वह मस्जिदों के सामने हनुमानचालीसा का पाठ करेंगे। यदि यह सेना सभी धर्मस्थलों- मस्जिदों, मंदिरों, गिरजाघरों, गुरुद्वारों आदि के लिए इस तरह के प्रतिबंधों की मांग करती तो वह जायज होती लेकिन सिर्फ मस्जिदों को निशाना बनाना तो शुद्ध सांप्रदायिकता है या यों कहें कि थोक वोट की राजनीति है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस कानफोड़ू आवाज के खिलाफ अभियान शुरू किया तो उसने किसी भी धर्मस्थल को नहीं बख्शा। उसने मंदिरों और मस्जिदों पर ही नहीं, जुलूसों पर भी तरह-तरह की मर्यादाएं लागू कर दी हैं। इसी तरह बुलडोजर मामा की तरह प्रसिद्ध हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पिछले दिनों अवैध मकान ढहाने में कोई भेदभाव नहीं किया। उनके बुलडोजरों ने मुसलमानों के जितने मकान ढहाए, उससे कहीं ज्यादा हिंदुओं के ढहा दिए। अवैध मकानों को ढहाना तो ठीक है लेकिन सिर्फ दंगाइयों के ही क्यों, सभी अवैध मकानों को ढहाने का एकसार अभियान क्यों नहीं चलाया जाता? ढहाने के पहले उन्हें सूचित किया जाना भी जरूरी है। इसके अलावा जो गलत ढंग से ढहाए गए हैं, उन मकानों को फिर तुरंत बना देना और उनका पर्याप्त हर्जाना भरना भी जरूरी है। अवैध मकानों को ढहाने का मामला हो या कानफोड़ू आवाज को काबू करना हो, कोई भी भेदभाव करना अनैतिक और अवैधानिक है। जहां तक मस्जिदों से उठनेवाली अजान की आवाजों या मंदिर की भजन-मंडलियों के बजनेवाले भोंपुओं का सवाल है, दुनिया के कई देशों में इन पर कड़े प्रतिबंध हैं। हमारे मुसलमान जरा सउदी अरब और इंडोनेशिया की तरफ देखें। इस्लाम की दृष्टि से एक सबसे महत्वपूर्ण और दूसरा, सबसे बड़ा देश है। सउदी अरब की मस्जिदों में लाउडस्पीकर हैं लेकिन वे उनकी 1/3 आवाज से ज्यादा नहीं चला सकते। इंडोनेशिया में इस तरह के प्रतिबंध और भी बारीकी से लगाए गए हैं। नाइजीरिया ने तो कानफोड़ू आवाज के चलते 70 गिरजों और 20 मस्जिदों को बंद कर दिया है। होटलों और दारूखानों को भी बंद किया गया है। कारों के भोंपुओं की आवाज भी सीमित की गई है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में भी मजहबियों को शोर मचाने की छूट नहीं है। यूरोप के लगभग दो दर्जन देशों ने मजहबी प्रतीक चिह्न लगाकर बाहर घूमने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन ये देश इन प्रतिबंधों को लगाते वक्त इस्लाम और ईसाइयत में फर्क नहीं करते। जब प्रतिबंध सबके लिए समान रूप से लगाए जाएं, तभी वे निरापद कहलाते हैं। धर्म के नाम पर चल रहे निरंकुश पाखंड और दिखावों को रोकने में भी इन प्रतिबंधों का उत्तम योगदान होगा। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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(01 मई मजदूर दिवस पर विशेष) रमेश सर्राफ धमोरा मजदूर एक ऐसा शब्द है जिसके बोलने में ही मजबूरी झलकती है। सबसे अधिक मेहनत करने वाला मजदूर आज भी सबसे अधिक बदहाल स्थिति में है। दुनिया में एक भी ऐसा देश नहीं है जहां मजदूरों की स्थिति में सुधार हो पाया हो। दुनिया के सभी देशों की सरकारें मजदूरों के हित के लिए बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी करती हैं मगर जब उनकी भलाई के लिए कुछ करने का समय आता है तो सभी पीछे हट जाती हैं। इसीलिए मजदूरों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाता है। भारत में भी मजदूरों की स्थिति बेहतर नहीं है। हमारी सरकार भी मजदूर हितों के लिए बहुत बातें करती है, बहुत सी योजनाएं व कानून बनाती है। मगर जब उनको अमलीजामा पहनाने का समय आता है तो सब इधर-उधर ताकने लग जाते हैं। मजदूर फिर बेचारा मजबूर बनकर रह जाता है। भारत सहित दुनिया के सभी देशों में 01 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मजदूरों की भलाई के लिए काम करने व मजदूरों में उनके अधिकारों के प्रति जागृति लाना होता है। मगर आज तक ऐसा हो नहीं पाया है। कोरोना महामारी की मार सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग पर पड़ी है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति करने का प्रमुख भार मजदूर वर्ग के कंधों पर ही होता है। मजदूर वर्ग की कड़ी मेहनत के बल पर ही राष्ट्र तरक्की करता है। मगर भारत का श्रमिक वर्ग श्रम कल्याण सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहा है। देश में मजदूरों का शोषण भी जारी है। समय बीतने के साथ मजदूर दिवस को लेकर श्रमिक तबके में अब कोई खास उत्साह नहीं रह गया है। बढ़ती महंगाई और पारिवारिक जिम्मेदारियों ने भी मजदूरों के उत्साह का कम कर दिया है। अब मजदूर दिवस इनके लिए सिर्फ कागजी रस्म बनकर रह गया है। देश का मजदूर वर्ग आज भी अत्यंत ही दयनीय स्थिति में रह रहा है। उनको न तो किए गए कार्य की पूरी मजदूरी दी जाती है और न ही अन्य वांछित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। गांव में खेती के प्रति लोगों का रुझान कम हो रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग मजदूरी करने के लिए शहरों की तरफ पलायन कर जाते हैं, जहां न उनके रहने की कोई सही व्यवस्था होती है ही उनको कोई ढंग का काम मिल पाता है। जैसे तैसे कर वह गुजर-बसर करते हैं। बड़े शहरों में झोपड़पट्टी बस्तियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। यहां रहने वाले लोगों को कैसी विषम परिस्थितियों का सामना करता है। इसको देखने की न तो सरकार को फुर्सत है न ही नेताओं को। यहां मजदूरों को शौचालय जाने के लिए भी घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। झोपड़ पट्टी बस्तियों में न रोशनी की सुविधा रहती है। न पीने को साफ पानी मिलता है और न ही स्वच्छ वातावरण। शहर के किसी गंदे नाले के आसपास बसने वाली झोपड़ पट्टियों में रहने वाले गरीब तबके के मजदूर कैसा नारकीय जीवन गुजारते हैं। उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। मगर इसको अपनी नियति मान कर पूरी मेहनत से अपने मालिकों के यहां काम करने वाले मजदूरों के प्रति मालिकों के मन में जरा भी सहानुभूति के भाव नहीं रहते हैं। उनसे 12-12 घंटे लगातार काम करवाया जाता है। घंटों धूप में खडे़ रहकर बड़ी-बड़ी कोठियां बनाने वाले मजदूरों को एक छप्पर तक नसीब नही हो पाता है। कोरोना के कहर के चलते आज सब से ज्यादा परेशान देश के करोड़ों मजदूर हो रहे हैं। उनका काम धंधा एकदम चैपट हो गया है। परिवार के समक्ष गुजर-बसर करने की समस्या पैदा हो रही है। हालांकि सरकार ने देश के गरीब लोगों को कुछ राहत देने की घोषणा की है। मगर सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सहायता भी मजदूरों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पा रही है। उद्योगपतियों व ठेकेदारों के यहां अस्थाई रूप से काम करने वाले श्रमिको को न तो उनका मालिक कुछ दे रहा है नाही ठेकेदार। इस विकट परिस्थिति में श्रमिक अन्य कहीं काम भी नहीं कर सकते हैं। उनकी आय के सभी रास्ते बंद हो रहे हैं। इन मजदूरों की सुनने वाला देश में कोई नहीं हैं। कारखानों में काम करने वाले मजदूरों पर हर वक्त इस बात की तलवार लटकती रहती है कि न जाने कब छंटनी कर दी जाए। कारखानों में मजदूरों से निर्धारित समय से अधिक काम लिया जाता है विरोध करने पर काम से हटाने की धमकी दी जाती है। कारखानों में श्रम विभाग के मानदण्डों के अनुसार किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाती है। कई कारखानों में तो मजदूरों से खतरनाक काम करवाया जाता है। इस कारण उनको कई प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं। कारखानों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा, पीने का साफ पानी, विश्राम की सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवायी जाती है। मजदूर संगठन भी मजदूरों के बजाय मालिकों की ज्यादा चिंता करते हैं। हालांकि कुछ मजदूर यूनियन अपना फर्ज भी निभाती हैं मगर उनकी संख्या बहुत कम है। देश में मजदूरों की स्थिति सबसे भयावह होती जा रही है। देश का मजदूर दिन प्रतिदिन और अधिक गरीब होता जा रहा है। दिन रात रोजी-रोटी के जुगाड़ के लिए जद्दोजहद करने वाले मजदूर को अगर दो जून की रोटी मिल जाए तो मानों सब कुछ मिल गया। आजादी के इतने सालो में भले ही देश में बहुत कुछ बदल गया होगा, लेकिन मजदूरों के हालात नहीं बदले हैं।
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सियाराम पांडेय ‘शांत’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य डीजल-पेट्रोल पर वैट घटाएं जिससे जनता को राहत मिले। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा नवम्बर में जो डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क कम किया गया था तो सभी राज्यों को इसकी सलाह दी गई थी कि वे वैट घटाकर आम जन को राहत दें। वे किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं, केवल उनके राज्य के भले के लिए उनसे निवेदन कर रहे हैं कि वे डीजल-पेट्रोल पर मूल्य संवर्धित कर घटाएं। वैसे यह काम नवम्बर में ही हो जाना चाहिए था लेकिन वे तब न सही, अब बिना किसी विलंब के जनता के हित में प्रभावी निर्णय लें। प्रधानमंत्री बेहद स्पष्टवादिता के साथ अपनी बात कहते और विपक्षी दलों को वास्तविकता का आईना दिखाते रहे हैं। यह बात विपक्ष को हमेशा सालती है। जिस तरह कांग्रेस प्रवक्ताओं ने उनकी अपील की आलोचना की है, उससे लगता नहीं कि कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारें आम जन को राहत देने को मूड में हैं। इस देश ने कोरोना की लंबी मार झेली है। इस दौरान जीएसटी और अन्य कर राजस्व बहुत घट गया था, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों की उधार सीमा बढ़ा कर न केवल उनकी मदद की बल्कि केन्द्रीय राजस्व में भारी कमी के बाद भी जीएसटी हानि की भरपाई की। राज्यों को जीएसटी से मिलने वाला हिस्सा भी दिया। इसके बाद भी विपक्षी दल अगर उस पर जीएसटी राशि न देने के आरोप लगा रहे हैं तो इसे क्या कहा जाएगा? जब वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल के दाम कम हो गए थे, तब भी कुछ राज्य राजस्व घाटे का वास्ता देकर डीजल-पेट्रोल पर भारी-भरकम वैट वसूलते रहे और महंगाई के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते रहे। आज भी उनके इस स्वभाव में कहीं कोई बदलाव नहीं आया है। इसमें शक नहीं कि डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम हर भारतीय के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। महंगाई की मार से पहले ही उसकी कमर टूटी पड़ी है, उस पर महंगाई की और लाठियां बरसाना कितना उचित है। विपक्ष का तर्क है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों के साथ बैठक तो कोरोना मुद्दे पर आहूत की लेकिन राजनीतिक ढंग से उसमें डीजल-पेट्रोल पर वैट के मामले को शामिल कर लिया। कोरोना और महंगाई का चोली-दामन का रिश्ता है। उसी तरह महंगाई को घटाने-बढ़ाने में डीजल-पेट्रोल की कीमतें भी अहम भूमिका निभाती हैं। विपक्ष के कुछ नेता केंद्र सरकार को बिजली संकट और बढ़ती महंगाई के लिए तो जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन जिन राज्यों में उनके अपने दल की सरकारें हैं, वहां वे जनता को महंगाई से राहत देने के धरातल पर क्या कुछ कर रही हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। राष्ट्रहित और सहकारी संघ वाद की भावना से काम करने की बजाय राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोविड की चुनौतियों को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। कोरोना के हालात और उससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। उन्हें आगाह किया कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। इस नाते इसे हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। लगे हाथ उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर भी चर्चा की और गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पेट्रोलियम उत्पादों से मूल्य वर्धित कर यानी वैट घटाने और आम आदमी को राहत देने की अपील की। यह भी कहा कि गत वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी लेकिन महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम न कर वहां की जनता के साथ अन्याय किया है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष का जिक्र तो किया ही, मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल और उनके बीच सामंजस्य बनाने पर जोर दिया। वैश्विक परिस्थितियों की वजह से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने का हवाला दिया। दिनों-दिन बढ़ती चुनौतियों पर चिंता जताई। वैट के जरिए हजारों करोड़ जुटा लेना बुरा नहीं है लेकिन आम भारतीय के हितों की भी चिंता की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री की मानें तो भारत सरकार के पास जो राजस्व आता है, उसका 42 प्रतिशत तो राज्यों के ही पास चला जाता है। यह और बात है कि कांग्रेस राज्यों के पास 32 प्रतिशत ही जाने की बात कर रही है। इस भ्रम को केंद्र और राज्यों को मिल बैठकर सुलझाना चाहिए। कांग्रेस का तर्क है कि जब केंद्र में उसकी सरकार थी तो डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम थीं। उस पर वैट कम था लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके दौर में कोरोना जैसी महामारी नहीं थी। रूस-यूक्रेन जैसा युध्द नहीं था। इन सबके बीच मोदी सरकार ने लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण, किसानों-मजदूरों की आर्थिक मदद का सिलसिला निर्बाध जारी रखा है। विपक्ष तो मोदी सरकार को किसान विरोधी ठहराने की हरसंभव कवायद करता रहा लेकिन फास्फेट और पोटाश पर 60939 करोड़ की सब्सिडी देकर मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसके लिए किसानों का हित सर्वोपरि है।प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि को बढ़ाकर 8100 करोड़ करने और शहरी भारत के 1.2 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने की इस योजना में भला किसे राग-द्वेष और घृणा के दीदार हो सकते हैं। दाम बढ़ने के अनेक कारक होते हैं। उर्वरकों के मामले में भारत दुनिया के कई देशों पर निर्भर है। ऐसा नहीं कि विपक्ष को इसका अंदाजा नहीं है लेकिन सरकार के विरोध के लिए उसके पास इससे बड़ा मुद्दा भला और क्या हो सकता है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए विपक्ष अक्सर केंद्र सरकार को दोषी ठहराता है जबकि सरकार इसके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को दोष देती रही है। वैट में कटौती न करने के लिए वह विपक्ष शासित राज्यों पर भी ठीकरा फोड़ती रही है। यह अपनी जगह सच भी हो सकता है लेकिन देश सबका है इसलिए सभी को इसकी समस्याओं के समाधान तलाशने होंगे। ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संगठन की मुद्राओं की विनिमय की दर से रुपये की तुलना की जाए तो पेट्रोल व डीजल की सबसे कम कीमत के मामले में भारत इन देशों में दूसरे स्थान पर है। रूस में कीमत सबसे कम है और वह कच्चे तेल का उत्पादन करता है। आसियान देशों (भारत, थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस) में पेट्रोल के मामले में भारत पांचवां ऐसा देश है जहां कीमतें सबसे कम हैं और डीजल के मामले में चौथा देश है जहां कीमतें सबसे कम है। भाजपा और उसके सहयोगी जनता दल युनाइटेड के शासन वाले बिहार और भाजपा शासित मध्य प्रदेश उन 10 राज्यों में शुमार है जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें सर्वाधिक हैं। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र , तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और झारखंड ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने केंद्र द्वारा उत्पाद कर में कटौती किए जाने के बाद वैट में कमी नहीं की। मौजूदा समय आलोचना-प्रत्यालोचना का नहीं, अपितु यह सोचने का है कि अपने स्तर पर राज्य की जनता की परेशानियां कितनी घटा सकते हैं। उनके सुख-सुविधाओं में कितनी वृद्धि कर सकते हैं। विरोध और आत्मप्रशंसा तो कभी भी-कहीं भी हो सकती है लेकिन जनता ही अगर दुखी रही तो यह जनसेवा किस तरह की? इसलिए समय है कि राजनीतिक दल देश की जनता के लिए कुछ खास करें। नसीहतें अक्सर अच्छी नहीं लगती लेकिन इसके लिए मुखिया अपने परिजनों को समझाना तो नहीं छोड़ देता।
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दादा साहेब फाल्के की जयंती (30 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र में नासिक के निकट त्रयंबकेश्वर में जन्मे दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता है, जो केवल फिल्म निर्देशक ही नहीं बल्कि जाने-माने प्रोड्यूसर और स्क्रीन राइटर भी थे। नासिक के एक संस्कृत विद्वान के घर जन्मे धुन्धी राज गोविन्द फाल्के, जिन्हें बाद में दादा साहेब फाल्के के नाम से जाना गया, उनकी पहली फिल्म थी ‘राजा हरिश्चन्द्र’, जिसे भारत की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म का दर्जा हासिल है। उस दौर में फाल्के साहब की फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ का बजट 15 हजार रुपये था। 3 मई 1913 को रिलीज हुई यह फिल्म भारतीय दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हुई और उसकी सफलता के बाद से ही दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाने लगा। ‘राजा हरिश्चन्द्र’ की जबरदस्त सफलता के बाद फाल्के साहेब का हौसला इतना बढ़ा कि उन्होंने अपने 19 वर्ष लंबे कैरियर में एक के बाद एक 100 से भी ज्यादा फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें 95 फीचर फिल्में और 27 लघु फिल्में शामिल थीं। उनकी बनाई धार्मिक फिल्में तो दर्शकों द्वारा बेहद पसंद की गई। दादा साहेब की जिंदगी में वह दिन उनके कैरियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है, जब उन्होंने ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ नामक एक मूक फिल्म देखी थी, जिसे देखने के बाद उनके मन में कई विचार आए। उसे देखने के पश्चात् उन्होंने दो महीने तक शहर में प्रदर्शित सारी फिल्में देखी और तय किया कि वे फिल्में ही बनाएंगे। आखिरकार उन्होंने पत्नी से कुछ पैसे उधार लेकर पहली मूक फिल्म बनाई। दादा साहेब फाल्के अक्सर कहा करते थे कि फिल्में मनोरंजन का सबसे उत्तम माध्यम हैं, साथ ही ज्ञानवर्द्धन के लिए भी बेहतरीन माध्यम है। उनका मानना था कि मनोरंजन और ज्ञानवर्द्धन पर ही कोई भी फिल्म टिकी होती है। उनकी इसी सोच ने उन्हें एक ऊंचे दर्जे के फिल्मकार के रूप में स्थापित किया। उनकी फिल्में निर्माण व तकनीकी दृष्टि से बेहतरीन थी, जिसकी वजह यही थी कि फिल्मों की पटकथा, लेखन, चित्रांकन, कला निर्देशन, सम्पादन, प्रोसेसिंग, डवलपिंग, प्रिंटिंग इत्यादि सभी काम वे स्वयं देखते थे और कलाकारों की वेशभूषा का चयन भी अपने हिसाब से ही किया करते थे। फिल्म निर्माण के बाद फिल्मों के वितरण और प्रदर्शन की व्यवस्था भी वे स्वयं संभालते थे। उन्होंने अपनी कुछ फिल्मों में महिलाओं को भी कार्य करने का अवसर दिया। उनकी एक फिल्म ‘भस्मासुर मोहिनी’ में दुर्गा और कमला नामक दो अभिनेत्रियों ने कार्य किया था। दादा साहेब की आखिरी मूक फिल्म ‘सेतुबंधन’ थी और उन्होंने कोल्हापुर नरेश के आग्रह पर 1937 में अपनी पहली और अंतिम बोलती फिल्म ‘गंगावतरण’ बनाई थी। दादा साहेब द्वारा बनाई गई फिल्मों में राजा हरिश्चंद्र, मोहिनी भस्मासुर, सत्यवान सावित्री, लंका दहन, श्रीकृष्ण जन्म, कालिया मर्दन, बुद्धदेव, बालाजी निम्बारकर, भक्त प्रहलाद, भक्त सुदामा, रूक्मिणी हरण, रुक्मांगदा मोहिनी, द्रौपदी वस्त्रहरण, हनुमान जन्म, नल दमयंती, भक्त दामाजी, परशुराम, श्रीकृष्ण शिष्टई, काचा देवयानी, चन्द्रहास, मालती माधव, मालविकाग्निमित्र, वसंत सेना, बोलती तपेली, संत मीराबाई, कबीर कमल, सेतु बंधन, गंगावतरण इत्यादि प्रमुख थी। 16 फरवरी 1944 को इस महान शख्सियत ने दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उन्होंने भारतीय सिनेमा को शानदार फिल्मों की ऐसी सौगात सौंपी, जिसकी महत्ता आने वाली सदियों में भी कम नहीं होगी। 1971 में भारतीय डाक विभाग ने दादा फाल्के के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। फिल्मों में उनके अविस्मरणीय योगदान के मद्देनजर उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा उनके जन्म शताब्दी वर्ष 1969 में ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ की स्थापना की गई और तभी से प्रतिवर्ष भारतीय सिनेमा के विकास में आजीवन उत्कृष्ट योगदान देने वाली किसी एक शख्सियत को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता रहा है। यह पुरस्कार फिल्म इंडस्ट्री के तमाम फिल्मकारों, निर्देशकों और कलाकारों की आजीवन उपलब्धियों का समग्र मूल्यांकन करने के पश्चात् किसी एक फिल्मकार, निर्देशक अथवा कलाकार को प्रदान किया जाता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्थापित ‘फिल्म महोत्सव निदेशालय’ द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रतिवर्ष दादा साहेब फाल्के के नाम पर यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा और उसके विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को वर्ष 1969 से नियमित प्रदान किया जा रहा है, जिसे भारतीय सिने जगत के सर्वोच्च पुरस्कार का दर्जा प्राप्त है। वर्तमान में इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली शख्सियत को 10 लाख रुपये नकद, स्वर्ण कमल पदक एवं शाल प्रदान की जाती है। अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, मनोज कुमार, पृथ्वीराज कपूर, बी आर चोपड़ा, श्याम बेनेगल, देवानंद, शशि कपूर, लता मंगेशकर, मन्ना डे, गुलजार, रजनीकांत, प्राण सहित कई नामी कलाकारों को मिल चुका है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा यकीन मानिए, कभी-कभी अफसोस होता कि मुसलमानों को उनके रहनुमाओं ने हिजाब, बुर्का, उर्दू जैसे खतरे के वहम में फंसा कर रखा हुआ है। यह बात उत्तर भारत के मुसलमानों को लेकर विशेष रूप से कही जा सकती है। मुसलमानों के कथित नेता यही चाहते हैं कि इनकी कौम अंधकार के युग में ही बनी रहे। वहां से कभी निकले ही नहीं। इसलिए आज के दिन उत्तर भारत के मुसलमानों में जीवन में आगे बढ़ने को लेकर उस तरह का कोई जज्बा दिखाई नहीं देता जैसा हम गैर-हिन्दी भाषी राज्यों के मुसलमानों में देखते हैं। उत्तर भारत के मुसलमान अब भी सिर्फ नौकरी करने के बारे में सोचते हैं। जो कायदे से शिक्षित नहीं हैं, वे कारपेंटर, पेंटर, वेल्डर या मोटर मैकनिक बनकर खुश हो जाते हैं। शिक्षित मुसलमान अजीम प्रेमजी (विप्रो), हबील खुराकीवाला (वॉक फार्ड) या युसूफ हामिद (सिप्ला) बनने के संबंध में क्यों नहीं सोचते? यह सच में बड़ा सवाल है। महाराष्ट्र, गुजरात, बैंगलुरू यानी कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि का मुसलमान बिजनेस में भी अब लंबी छलांगें लगा रहा है। उसे सफलता भी मिल रही है। आप दिल्ली के इंडिया इस्लामिक सेंटर और मुंबई के इस्लाम जिमखाना के माहौल में जमीन-आसमान का अंतर देखेंगे। जहां इस्लामिक सेंटर में कव्वाली के नियमित कार्यक्रम होते हैं, वहीं इस्लाम जिमखाना के सदस्य बिजनेस की चर्चा में मशगूल मिलते हैं। दोनों की प्राथमिकताएं ही भिन्न हैं। इन दोनों के माहौल को देखकर ही पलक झपकते समझ आ जाता है कि देश के अलग-अलग भागों के मुसलमानों की सोच में कितना फर्क है। जहां विप्रो आईटी सेक्टर की कंपनी है, वहीं वॉककार्ड तथा सिप्ला फार्मा कंपनियां हैं। इन सबमें हजारों पेशेवर काम करते हैं और इनका सालाना मुनाफा भी हजारों करोड़ रुपए का है। आपको गैर-हिन्दी भाषी राज्यों में दर्जनों उत्साही मुस्लिम कारोबारी तथा आंत्रप्योनर मिल जाएंगे। पर आपको दिल्ली और उत्तर भारत में कोई बहुत बड़ी नामवर कंपनी नहीं मिलेगी, जिसका प्रबंधन मुसलमानों के पास हो। राजधानी दिल्ली में कुछ दशक पहले तक देहलवी परिवार शमां प्रकाशन चलाता था। इसकी शमां, सुषमा, बानो समेत बहुत-सी लोकप्रिय पत्रिकाएं होती थीं। फिल्मी पत्रकारिता में इनका एक मुकाम होता था। शमीम देहलवी के बाद कुछ सालों तक इन पत्रिकाओं को देहलवी परिवार की सदस्य सादिया देहलवी ने भी देखा। पर ये अपने को वक्त के साथ बदल नहीं सके। नतीजा ये हुआ कि शमां प्रकाशन बंद हो गया। अब राजधानी के कनॉट प्लेस में चल रहे मरीना होटल की बात कर लेते हैं। इसका स्वामित्व भी एक मुस्लिम परिवार के पास है। लेकिन इसके मालिकों ने इसे रेंट पर किसी अन्य कंपनी को दिया हुआ। यानी जिनका होटल है वे रेंट लेकर ही खुश हैं। जबकि किराएदार हर साल मोटा मुनाफा कमाता है। रुह अफजा शर्बत बनाने वली कंपनी हमदर्द ने भी अपने को समय के साथ नहीं बदला। इनके दिल्ली के आसफ अली रोड के दफ्तर में जाकर लगता है कि ये आधुनिक बनने के लिए तैयार नहीं है। इसे बुलंदियों पर पहुंचाया था हकीम अब्दुल हामिद ने। उनके निधन के बाद उनका कारोबार बिखरता-सा जा रहा है। ये स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। काश. हमदर्द मैनेजमेंट ने सिप्ला लिमिटेड से कुछ सीखा होता। सिप्ला भारत की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी है। सिप्ला हृदय रोग, गठिया, मधुमेह आदि के इलाज के लिए नामी दवाएं विकसित और निर्माण करती है। इसकी स्थापना ख्वाजा अब्दुल हमीद ने 1935 में मुंबई में की थी। इसकी एक फैक्ट्री में महात्मा गांधी 1940 के दशक में आए थे। हमीद साहब राष्ट्रवादी विचार के मुसलमान थे। जहां तक विप्रो लिमिटेड की बात है तो यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी है। आज इसका टर्न ओवर कोई 600 अरब रुपये प्रतिवर्ष है और मुनाफ़ा कोई 70 अरब रुपये। दरअसल 1977 में जनता सरकार के समय विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने के आदेश के बाद विप्रो के व्यवसाय में असरदार इजाफ़ा हुआ था। आज यह एक बहु व्यवसाय तथा बहु स्थान कंपनी के रूप में उभरी है। आप उत्तर भारत के आबादी के लिहाज से दो बड़े राज्यों-उत्तर प्रदेश तथा बिहार पर भी नजर डालिए। यकीन मानिए कि हिमालय ड्रग्स के अलावा कोई बड़ी कंपनी नहीं मिलेगी जिसका नाम हो और जिसका मैनेजमेंट किसी मुसलमान व्यवसायी के पास हो। आप जब इस विषय पर किसी मुस्लिम बुद्धिजीवी से बात करते हैं तो वह आमतौर पर एक घिसा-पिटा उत्तर देता है कि देश की आजादी के समय उत्तर भारत का एलीट सरहद के उस तरफ चला गया था। उस समय का असर अब भी दिखाई देता है। कहना न होगा कि इस तर्क को आजादी के 75 सालों के बाद भी मानना असंभव है। इस दौरान देश-दुनिया बदल गई। पर कुछ लोग अब भी 1947 में ही जी रहे हैं। वे आगे बढ़ने या सोचने के लिए तैयार नहीं हैं। मुस्लिम समाज के चिंतकों, शिक्षकों, संस्थानों को अपने समाज के नौजवानों को प्रेरित करना होगा कि वे नौकरी या छोटा-मोटा काम करके जिंदगी गुजारने की सोच से बाहर निकलें। ये नौकरी करने से अधिक नौकरी देने का वक्त है। इसलिए पढ़े-लिखे मुसलमान युवक-युवतियों को किसी नए आइडिया के साथ कोई नया काम करने के बारे में सोचना होगा। उन्हें समझना होगा कि जब उन्हीं के समाज के नौजवान देश के अन्य भागों में अपने लिए बिजनेस की दुनिया में प्रतिष्ठित जगह बना रहे हैं तो वे भी किसी से कम नहीं हैं। वे भी सफल हो सकते हैं। नया काम-धंधा शुरू करने वालों को लोन मिलने में भी अब कोई दिक्कत नहीं है। उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से सस्ते ब्याज दरों पर लोन भी मिल रहा है। अब गेंद मुस्लिम नौजवानों के पाले में है कि वे आगे आएं और देश की ताकत बनें। उनके पास दोनों विकल्प मौजूद हैं। वे छोटी-मोटी नौकरी करके भी जिंदगी गुजार सकते हैं। अगर वे चाहें तो कुछ बड़ा भी कर सकते हैं। उन्हें रिस्क लेने से भागना या घबराना नहीं चाहिए। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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विश्व मेनिनजाइटिस दिवस (24 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल मेनिनजाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसे आम भाषा में दिमागी बुखार भी कहा जाता हैं। मेनिनजाइटिस को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को ‘विश्व मेनिनजाइटिस दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि कुछ मामलों में लक्षण दिखने के कुछ घंटे में मरीज की जान ले सकती है। दिमागी बुखार वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के जरिये फैलता है। यही कारण है कि दिमागी बुखार होने पर इसका तुरंत इलाज बेहद जरूरी है अन्यथा मामला गंभीर हो सकता है और मरीज की मौत भी हो सकती है। यह एक वायरल संक्रामक रोग है लेकिन यह जीवाणु अथवा फंगल संक्रमण के कारण भी हो सकता है, जो लोगों के एक-दूसरे के निकट सम्पर्क में रहने से फैलता है। यह बीमारी मरीज के खांसने, छींकने और खाने के माध्यम से आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है और किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकती है। इसीलिए मेनिनजाइटिस दिवस के अवसर पर टीकाकरण पर विशेष जोर दिया जाता है। मेनिनजाइटिस बीमारी एक प्रकार का संक्रमण है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाले मेम्ब्रेन में सूजन पैदा कर देता है। इसीलिए इस बीमारी को मेम्ब्रेन मेनिन्जेस भी कहते हैं। यह बीमारी सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को ही होती है। मेनिनजाइटिस ब्रेन में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की सुरक्षात्मक झिल्लियों (मेनिन्जेस) की सूजन का कारण बनती है। मेनिनजाइटिस बीमारी में मृत्यु दर करीब दस फीसदी है अर्थात् प्रत्येक 100 में से 10 मरीजों की मौत हो जाती है। हालांकि स्पेनिश बाल चिकित्सा एसोसिएशन का मानना है कि 30 फीसदी से भी ज्यादा लोग नहीं जानते कि मेनिनजाइटिस को रोका जा सकता है। मेनिनजाइटिस को खतरनाक रोग माना जाता है क्योंकि शरीर पर इसके कई हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते हैं लेकिन बीमारी के लक्षणों को शुरूआत में ही पहचान कर इसका इलाज करा लेने से मेनिनजाइटिस के रोगी को ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि बुखार अथवा शरीर दर्द जैसे लक्षणों को सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज करने के बजाय अपने चिकित्सक से सम्पर्क कर आवश्यक जांच कराएं। इसके अलावा घर में छोटे बच्चों सहित सभी सदस्यों को मेनिनजाइटिस का टीका अवश्य लगवाएं। मेनिनजाइटिस ऐसी बीमारी है, जिसके विकसित किए गए टीके इसके जीवाणु को रोकते हैं। वैसे भी संक्रामक रोगों को रोकने के लिए टीकाकरण अभी भी सबसे प्रभावकारी तरीका है। इसीलिए इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को बचपन में ही मेनिनजाइटिस के टीके लगाए जाते हैं। मेनिन्जाइटिस के टीके इस बीमारी के मुख्य जीवाणुओं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, मेनिंगोकॉकस और न्यूमोकॉकस को रोक सकते हैं। हालांकि टीके से बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की रोकथाम होती है, जो ज्यादा खतरनाक होता है। वायरल मेनिनजाइटिस, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की तुलना में कम गंभीर होता है। सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अधिकांश व्यक्ति, जो वायरल मेनिनजाइटिस से पीडि़त हैं, प्रायः इलाज के बिना भी ठीक हो सकते हैं जबकि फंगल मेनिनजाइटिस संक्रमण केवल कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। मेनिनजाइटिस को खतरनाक रोग इसलिए भी माना जाता है क्योंकि इससे शिशु का दिमाग अविकसित या अल्पविकसित हो सकता है, छोटे बच्चों को सीखने में परेशानी हो सकती है। रोगी की याद करने की क्षमता खत्म हो सकती है और सुनने की क्षमता भी सदा के लिए जा सकती है। इस बीमारी में किडनी फेल होने का भी खतरा रहता है और कुछ मामलों में व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान मेनिनजाइटिस से बचाव के लिए महिलाओं को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। विशेष रूप से बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस काफी गंभीर किस्म की बीमारी है, जो बहुत घातक हो सकती है। इसका इलाज यदि समय से नहीं कराया जाए तो इससे मस्तिष्क की क्षति के अलावा कुछ मामलों में मरीज की मृत्यु की संभावना भी रहती है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग यूक्रेन के सवाल पर अब भी रूस का साथ दिए जा रहे हैं। वे रूस के हमले को हमला नहीं कह रहे हैं। उसे वे विवाद कहते हैं। यूक्रेन में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग देश छोड़कर भाग खड़े हुए लेकिन रूसी हमले को रोकने की कोशिश कोई राष्ट्र नहीं कर रहा है। चीन यदि भारत की तरह तटस्थ रहता तो भी माना-जाता कि वह अपने राष्ट्रहितों की रक्षा कर रहा है लेकिन उसने अब खुलेआम उन प्रतिबंधों की भी आलोचना शुरू कर दी है, जो नाटो देशों और अमेरिका ने रूस के विरुद्ध लगाए हैं। चीनी नेता शी ने कहा है कि ये प्रतिबंध फिजूल हैं। सारा मामला बातचीत से हल किया जाना चाहिए। यह बात तो तर्कसंगत है लेकिन चीन चुप क्यों है? वह पुतिन और बाइडेन से बात क्यों नहीं करता? क्या वह इस लायक नहीं है कि वह मध्यस्थता कर सके? वह तमाशबीन क्यों बना हुआ है? उसका कारण यह भी हो सकता है कि यूक्रेन-हमले से चीन का फायदा ही फायदा है। रूस जितना ज्यादा कमजोर होगा, वह चीन की तरफ झुकता चला जाएगा। चीन आगे-आगे रहेगा और रूस पीछे-पीछे ! रूस की अर्थव्यवस्था इतनी कमजोर हो जाएगी कि मध्य एशिया और सुदूर एशिया में भी रूस का स्थान चीन ले लेगा। शीतयुद्ध के जमाने में अमेरिका के विरुद्ध सोवियत संघ की जो हैसियत थी, वह अब चीन की हो जाएगी। चीन ने संयुक्तराष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस के पक्ष में वोट देकर पुतिन के हाथ मजबूत किए हैं ताकि इस मजबूती के भ्रमजाल में फंसकर पुतिन गल्तियों पर गल्तियां करते चले जाएं। चीन ने यूक्रेन में हो रहे अत्याचारों को भी पश्चिमी प्रचारतंत्र की मनगढ़ंत कहानियां कहकर रद्द कर दिया है। पुतिन का साथ देने में शी ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं। वे एक पत्थर से दो शिकार कर रहे हैं। एक तरफ वे अमेरिका को सबक सिखा रहे हैं और दूसरी तरफ वे रूस को अपने मुकाबले दोयम दर्जे पर उतार रहे हैं। हो सकता है कि पुतिन ने जो यूक्रेन के साथ किया है, वैसा ही ताइवान के साथ करने का चीन का इरादा हो। अमेरिका ने जैसे झेलेंस्की को धोखा दे दिया, वैसे ही वह ताइवान को भी अधर में लटका सकता है। यदि अंतरराष्ट्रीय राजनीति इसी पगडंडी पर चलती रही तो विश्व के शक्ति-संतुलन में नए अध्याय का सूत्रपात हो जाएगा। द्वितीय महायुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति का जो ढांचा बन गया था, उसे पहले सोवियत-विघटन ने प्रभावित किया और अब यूक्रेन पर यह रूसी हमला उसे एकदम नए स्वरूप में ढाल देगा। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि (24 अप्रैल) पर विशेष सुरेन्द्र किशोरी 24 अप्रैल 1974 की वह मनहूस शाम न केवल गंगा की गोद में उत्पन्न दिनकर के अस्ताचल जाने की शाम थी, बल्कि हिंदी साहित्य के लिए भी मनहूस साबित हुई। उस रात भारतीय साहित्य के सूर्य राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर सदा के लिए इस नश्वर शरीर को त्याग कर स्वर्ग लोक की ओर चले गए थे। उस समय संचार के इतने साधन तो थे नहीं, धीरे-धीरे जब लोगों को पता चला कि तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के बाद दिनकर जी ने इस शरीर को हमेशा के लिए त्याग दिया, दिनकर अब नहीं रहे, सहसा किसी को विश्वास नहीं हुआ कि ओजस्वी वाणी और भव्य स्वरूप का सम्मिश्रण भारतीय हिंदी साहित्य के तेज पुंज अब हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन यह सत्य था, देश ही नहीं विदेशों के भी साहित्य जगत में शोक की लहर फैल गई। मद्रास से लेकर दिल्ली तक, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के साहित्य जगत और हिन्दी पट्टी में शोक की लहर फैल गई। गृह जनपद बेगूसराय का हर घर रो उठा, तो वहीं इंदिरा गांधी भी सदमे में आ गई थी। इंदिरा गांधी ने कहा था दिनकर जी के निधन से देश ने एक प्रतिभाशाली सृजनशील लेखक को खो दिया। जो हमारी जनता की धरोहर और आकांक्षाओं के प्रतीक थे। दिनकर हमारी संस्कृति पर अपनी छाप छोड़ गए हैं, उन्हें उनकी रचनाओं के माध्यम से याद किया जाएगा। डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा था दिनकर जी अब नहीं रहे, विश्वास करने को जी नहीं चाहता पर यही सत्य है। वह सही अर्थों में दिनकर थे तेज पुंज, भगवान ने उन्हें जैसी वाणी की संपत्ति दी थी, वैसा ही चारुदर्शन भव्य रूप दिया था, वह ओजस्वी वाणी और भव्य रूप इस नश्वर जगत से हमेशा के लिए चला गया। 2018 में सिमरिया में गंगा तट पर आयोजित साहित्य महाकुंभ में रामकथा वाचक मोरारी बापू ने कहा था देशवासियों के रग- रग में राष्ट्रवाद की चेतना भरने वाले रामधारी सिंह दिनकर राष्ट्रकवि ही नहीं, अपने आप में एक कुंभ थे। उनकी कविता में मार्क्सवाद और साम्यवाद का मिश्रण झलकता था, उनकी कविता में गांधीजी भी दिखते थे। संस्कृति के चार अध्याय ने दुनिया को एक अद्भुत ग्रंथ दिया। रश्मिरथी, उर्वशी साहित्य के रूप में ऐसे विचार हैं, जिनकी हर समय चर्चा होनी चाहिए। तभी तो हम भी उनकी प्रेरणा से साहित्य महाकुंभ और रामकथा कर रहे हैं। दिनकर के विचार बहुत ही प्रासंगिक हैं, जिसे पढ़कर चरितार्थ ही नहीं विचार का भी बीज बोया जा सकता है। प्रत्येक कवि, लेखक, चित्रकार के जीवन के अंतिम दिन अत्यंत ही आश्चर्यजनक और लोमहर्षक होते हैं। ऐसा ही दिनकर जी के साथ भी हुआ, तिरुपति बालाजी का दर्शन करने गए उन्हें जब वहीं दिल का दौरा पड़ा तो मद्रास तक रास्ते में हे राम-मेरे राम को याद करते रहे। बालाजी के सामने उन्होंने प्रार्थना की थी- हे भगवान तुमसे तो उऋण हो गया, अब मेरी उम्र आप जयप्रकाश नारायण को दे दो। अपने मृत्यु के दिन ही दिनकर जी ने हरिवंश राय बच्चन को भी एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था ''लॉजिक गलत, पुरुषार्थ झूठा, केवल राम की इच्छा ठीक।'' समय की आने वाली पदचाप का स्पष्ट आभास रखने वाले राष्ट्रकवि दिनकर की कविताओं में भाषा और भावों के ओज का अद्भुत संयोजन था। वह न तो उनके समकालीनों में था और न ही बाद की हिंदी कविता में देखने को मिलता है। अपनी कविता से राष्ट्र प्रेमियों को प्रेरणा देकर, उनके दिल और दिमाग को उद्वेलित कर झंकृत करने वाले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म मिथिला के पावन भूमि सिमरिया में हुआ था। तत्कालीन मुंगेर (अब बेगूसराय) जिले की सुरसरि तटवर्तिनी सिमरिया के एक अत्यंत ही सामान्य किसान के घर में 23 सितंबर 2008 को जब अचानक सोहर के रस भरे छंद गूंजने लगे तब किसे पता था कि मनरूप देवी एवं रवि सिंह का यह द्वितीय पुत्र कभी राष्ट्रीय फलक पर ध्रुवतारा-सा चमकेगा। पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज पटना से 1932 में इतिहास से प्रतिष्ठा की डिग्री हासिल कर 1933 में बरबीघा उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर तैनात हुए। अगले साल ही उन्हें निबंधन विभाग के अवर निबंधक के रूप में नियुक्त कर दिया गया। इस दौरान कविता का शौक जोर पकड़ चुका था, दिनकर उपनाम को ''हिमालय'' और ''नई दिल्ली'' से ख्याति भी मिलने लगी। लेकिन इस ख्याति का पुरस्कार मिला कि पांच साल की नौकरी में 22 बार तबादला हुआ। दिनकर ब्रिटिश शासन काल में सरकारी नौकर थे, लेकिन नौकरी उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति में कभी बाधक नहीं बनी। वह उस समय भी अन्याय के विरुद्ध बोलने की शक्ति रखते थे और बाद में स्वाधीनता के समय भी सरकारी नौकरी करते समय हमेशा अनुचित बातों का डटकर विरोध करते रहे। 1943 से 1945 तक संगीत प्रचार अधिकारी तथा 1947 से 1950 तक बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत रहे। संविधान सभा बनने के बाद जब संविधान सभा का प्रथम निर्वाचन हुआ तो दिनकर जी को तेजस्वी वाणी, प्रेरक कविता एवं राष्ट्र प्रेरक कविता की धारणा के कारण कांग्रेस द्वारा राज्यसभा सदस्य मनोनीत कर दिया गया। पहली बार 1952 से 58 तथा 1958 में फिर राज्यसभा सदस्य बनाए गए, लेकिन ललित नारायण मिश्र के अनुरोध पर उन्होंने 1963 में इस्तीफा दे दिया। 1963 से 1965 तक बेमन से ही सही लेकिन भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे तथा 1965 से 1972 तक भारत सरकार के हिंदी विभाग में सलाहकार का दायित्व निर्वहन करना पड़ा। राष्ट्रकवि दिनकर की कविता की सबसे बड़ी विशेषता थी कि वह महाभारत के संजय की तरह दिव्यदृष्टि से प्रत्यक्षदर्शी के रूप में वेदना, संवेदना एवं अनुभूति के साक्षी बनकर काव्यात्मक लेखनी को कागजों पर मर्मस्पर्शी तरीके से उतारा करते थे। राष्ट्रकवि दिनकर की साहित्य रचना का प्रारंभ विजय संदेश से हुआ था, उसके बाद प्रणभंग तथा सबसे अंतिम कविता संग्रह 1971 में हारे को हरि नाम। कविता के धरातल पर बाल्मीकि, कालिदास, कबीर, इकबाल और नजरुल इस्लाम की गहरी प्रेरणा से राष्ट्र भक्त कवि बने। उन्हें राष्ट्रीयता का उद्घोषक और क्रांति के नेता सभी ने माना। रेणुका, हुंकार, सामधेनी आदि कविता स्वतंत्रता सेनानियों के लिए बड़ा ही प्रेरक प्रेरक सिद्ध हुआ था। कोमल भावना की जो धरा रेणुका में प्रकट हुई थी, रसवंती में उन्हें सुविकसित उर्वशी के रूप में भुवन मोहिनी सिद्धि हुई। कहा जाता है कि दिनकर की उर्वशी हिंदी साहित्य का गौरव ग्रंथ है, धूप छांव, बापू, नील कुसुम, रश्मिरथी का भी जोर नहीं। राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रीय भावना का ज्वलंत स्वरूप परशुराम की प्रतीक्षा में युद्ध और शांति का द्वंद कुरुक्षेत्र में व्यक्त हो गया। संस्कृति के चार अध्याय जैसे विशाल ग्रंथ में भारतीय संस्कृति के प्रति अगाध प्रेम दर्शाया। जो उनकी विलक्षण प्रतिभाओं का सजीव प्रमाण है। संस्कृति के चार अध्याय की भूमिका कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखकर अपने को गौरवान्वित महसूस किया था। 1972 के ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मान समारोह में उन्होंने कहा था कि ''मैं जीवन भर गांधी और मार्क्स के बीच झटके खाता रहा हूं। इसलिए उजाले को लाल से गुणा करने पर जो रंग बनता है, वही रंग मेरी कविता का है''। यानी निश्चित रूप से वह बनने वाला रंग है केसरिया। दिनकर सच्चे अर्थों में मां सरस्वती के उपासक और वरदपुत्र थे। उन्होंने उर्वशी में कहा है ''मर्त्य मानव की विजय का तूर्य हूं मैं, उर्वशी अपने समय का सूर्य हूं मैं''।दिनकर ने रुढ़िवादी जाति व्यवस्था पर प्रहार करते हुए अपने खंड-काव्य परशुराम की प्रतीक्षा में लिखा है ''घातक है, जो देवता-सदृश दिखता है, लेकिन कमरे में गलत हुक्म लिखता है, जिस पापी को गुण नहीं-गोत्र प्यारा है, समझो, उसने ही हमें यहां मारा है।'' दिनकर की प्रासंगिकता का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष उनका साम्राज्यवाद विरोध है। हिमालय में लिखते हैं ''रे रोक युधिष्ठिर को न यहां, जाने दे उनको स्वर्गधीर, पर फिरा हमें गांडीव गदा, लौटा दे अर्जुन भीम वीर''। क्योंकि दिनकर को शांति का समर्थक अर्जुन चाहिए था। रेणुका में लिखते हैं ''श्रृण शोधन के लिए दूध बेच बेच धन जोड़ेंगे, बूंद बूंद बेचेंगे अपने लिए नहीं कुछ छोड़ेंगे, शिशु मचलेंगे, दूध देख जननी उनको बहलाएगी''। हाहाकार के शीर्षक में ही है ''हटो व्योम के मेघ पंथ से, स्वर्ग लूटने हम आते हैं, दूध-दूध वो वत्स तुम्हारा दूध खोजने हम जाते हैं''। परशुराम की प्रतीक्षा का एनार्की 1962 के चीनी आक्रमण के बाद की भारतीय लोकतंत्र वास्तविकता को उजागर करते हुए कहती है ''दोस्ती ही है देख के डरो नहीं, कम्युनिस्ट कहते हैं चीन से लड़ो नहीं, चिंतन में सोशलिस्ट गर्क है, कम्युनिस्ट और कांग्रेस में क्या फर्क है, दीनदयाल की जनसंघी शुद्ध हैं, इसलिए आज भगवान महावीर बड़े क्रुद्ध हैं''। आजादी की वर्षगांठ पर भी 1950 में दिनकर जी ने राजनीति के दोमुंहेपन, जनविरोधी चेतना और भ्रष्टाचार की पोल खोल दिया था ''नेता का अब नाम नहीं ले, अंधेपन से काम नहीं ले, मंदिर का देवता, चोरबाजारी में पकड़ा जाता है''। रश्मिरथी से समाज को ललकारा है ''जाति जाति रटते वे ही, जिनकी पूंजी केवल पाखंड है। कुरुक्षेत्र में समतामूलक समाज के उपासक के रूप में लिखते हैं ''न्याय नहीं तब तक जबतक, सुख भाग न नर का समहो, नहीं किसी को बहुत अधिक हो, नहीं किसी को कम हो।'' दिनकर जी की रचनाओं के अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में तो व्यापक रूप से आए ही हैं। विदेशी भाषाओं में भी उनके अनुवाद हुए हैं। एक कविता संग्रह रूसी भाषा में अनुदित होकर मास्को से प्रकाशित हुआ तो दूसरा स्पेनी भाषा में दक्षिण अमेरिका के चाइल्ड में। कुरुक्षेत्र का तो कई अनुवाद कई भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होता रहा। दिनकर आजीवन संघर्षरत रहे, साहित्य और राजनीति दोनों के बीच उनका मन रमता था। ज्ञानपीठ पुरस्कार दिनकर जी के जीवन में एक नई आशा का संचार लाया। लेकिन 24 अप्रैल 1974 की शाम गंगा की गोद में उत्पन्न सूर्य रुपी दिनकर अस्ताचल चले गए। राष्ट्रकवि दिनकर जी की जन्मभूमि को नमन करने के लिए आने वाले देश भर के कवि और साहित्यकार आज भी कहते हैं हमारे देश का हर युग, युवा पीढ़ी राष्ट्रकवि को सदा श्रद्धा एवं सम्मान सहित याद करती रहेगी।
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गुरू अर्जुन देव के प्रकाश पर्व पर विशेष योगेश कुमार गोयल सिख धर्म में पांचवें गुरू श्री अर्जुन देव के बलिदान को सबसे महान् माना जाता है, जो सिख धर्म के पहले शहीद थे। उन्हें ‘शहीदों के सिरताज’ भी कहा जाता है। अमृतसर के गोइंदवाल साहिब में जन्मे गुरु अर्जुन देव के मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था, जो दिन-रात संगत की सेवा में लगे रहते थे। धर्म रक्षक और मानवता के सच्चे सेवक श्री अर्जुन देव के पिता गुरू रामदास सिखों के चौथे तथा नाना गुरू अमरदास सिखों के तीसरे गुरू थे और गुरु अर्जुन देव के पुत्र हरगोविंद सिंह सिखों के छठे गुरू बने। वर्ष 1581 में 18 वर्ष की आयु में पिता गुरू रामदास जी द्वारा अर्जुन देव को सिखों का पांचवां गुरू बनाया गया था। गुरू अर्जुन देव को उनकी विनम्रता के लिए भी स्मरण किया जाता है। दरअसल उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में कभी किसी को कोई दुर्वचन नहीं कहा। शांत व गंभीर स्वभाव के स्वामी तथा धर्म के रक्षक गुरू अर्जुन देव जी को अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक का दर्जा प्राप्त है, जिनमें निर्मल प्रवृत्ति, सहृदयता, कर्त्तव्यनिष्ठता, धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भावना जैसे गुण कूट-कूटकर समाये थे। ब्रह्मज्ञानी माने जाने वाले गुरू अर्जुन देव को आध्यात्मिक जगत में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, जो शहीदों के सरताज और शांतिपुंज माने जाते हैं। वह आध्यात्मिक चिंतक और उपदेशक के साथ ही समाज सुधारक भी थे, जो सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ डटकर खड़े रहे तथा अपने 43 वर्षों के जीवनकाल में उन्होंने जीवन पर्यन्त धर्म के नाम पर आडम्बरों तथा अंधविश्वासों पर कड़ा प्रहार किया। प्रतिदिन प्रातःकाल लाखों लोग शांति हासिल करने के लिए ‘सुखमनी साहिब’ का पाठ करते हैं, जो गुरू अर्जुनदेव जी की अमर-वाणी है, जिसमें 24 अष्टपदी हैं। सुखमनी अर्थात् सुखों की मणि यानी मन को सुख देने वाली वाणी, जो मानसिक तनाव की अवस्था का शुद्धिकरण भी करती है। यह सूत्रात्मक शैली की राग गाउडी में रची गई उत्कृष्ट रचना मानी जाती है, जिसमें साधना, नाम-सुमिरन तथा उसके प्रभावों, सेवा, त्याग, मानसिक सुख-दुख तथा मुक्ति की उन अवस्थाओं का उल्लेख है, जिनकी प्राप्ति कर मानव अपार सुखों की प्राप्ति कर सकता है। गुरू अर्जुन देव ने ही सभी गुरूओं की बानी के अलावा अन्य धर्मों के प्रमुख संतों के भजनों को संकलित कर एक ग्रंथ ‘श्रीगुरू ग्रंथ साहिब’ बनाया, जो मानव जाति को सबसे बड़ी देन मानी गई है। सम्पूर्ण मानवता में धार्मिक सौहार्द पैदा करने के लिए श्री गुरू ग्रंथ साहिब में कुल 36 महान् संतों और गुरूओं की वाणी का संकलन किया गया। इसमें कुल 5894 शब्द हैं, जिनमें से कुल 30 रागों में 2216 शब्द श्री गुरू अर्जुन देव जी के हैं जबकि अन्य शब्द महान् संत कबीर, संत रविदास, संत नामदेव, संत रामानंद, बाबा फरीद, भाई मरदाना, भक्त धन्ना, भक्त पीपा, भक्त सैन, भक्त भीखन, भक्त परमांनद, बाबा सुंदर इत्यादि के हैं। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का सम्पादन गुरू अर्जुनदेव ने भाई गुरदास की सहायता से किया था, जिसमें रागों के आधार पर संकलित वाणियों का इस प्रकार वर्गीकरण किया गया, जिसे देखते हुए इसे मध्यकालीन धार्मिक ग्रंथों में बेहद दुर्लभ माना जाता है। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के संकलन का कार्य वर्ष 1603 में शुरू हुआ और 1604 में सम्पन्न हो गया था, जिसका प्रथम प्रकाश पर्व श्री हरिमंदिर साहिब में 30 अगस्त 1604 को आयोजित किया गया था और इसके मुख्य ग्रंथी की जिम्मेदारी बाबा बुड्ढ़ा जी को सौंपी गई, जिन्होंने बचपन में गुरू अमरदास के साथ मिलकर अर्जुन देव का पालन-पोषण किया था। वर्ष 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरू गोविंद सिंह जी ने गुरू तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर श्री गुरू ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया, जिसमें कुल 1430 पृष्ठ हैं। श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का कार्य तथा गुरू अर्जुनदेव जी का सेवाभाव कुछ असामाजिक तत्वों को रास नहीं आया, जिन्होंने इसके खिलाफ बादशाह अकबर के दरबार में शिकायत कर डाली कि ग्रंथ में इस्लाम के खिलाफ काफी गलत बातें लिखी गई हैं लेकिन जब अकबर को ग्रंथ में संकलित गुरूवाणियों की महानता का आभास हुआ तो उसने 51 मोहरें भेंट कर खेद प्रकट किया। अकबर के देहांत के बाद दिल्ली का शासक बना निर्दयी और कट्टरपंथी जहांगीर, जिसे गुरू अर्जुनदेव जी के धार्मिक और सामाजिक कार्य फूटी आंख नहीं सुहाते थे। जहांगीर ने 28 अप्रैल 1606 को उन्हें सपरिवार पकड़ने का फरमान जारी कर दिया। आखिरकार लाहौर में गुरूजी को बंदी बना लिया गया और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। क्रूर शासक के फरमान पर 30 मई 1606 को गुरू अर्जुन देव को लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान लोहे के बुरी तरह तपते तवे पर बिठाकर शहीद कर दिया गया। तपते तवे और तपती रेत से भी गुरूजी जरा भी विचलित नहीं हुए और हंसते-हंसते असहनीय कष्ट झेलते हुए भी उन्होंने सभी की भलाई के लिए ही अरदास की। जब उनके शीश पर आग-सी तपती रेत डालने पर उनका शरीर बुरी तरह जल गया तो उन्हें जंजीरों से बांधकर रावी नदी में फेंक दिया गया लेकिन उनका शरीर रावी में विलुप्त हो गया। रावी नदी में जिस स्थान पर गुरूजी का शरीर विलुप्त हुआ, वहां गुरूद्वारा डेरा साहिब का निर्माण किया गया, जो अब पाकिस्तान में है। सिख धर्म में पहले शहीद गुरू अर्जुन देव ने मानवता और जीवन मूल्यों के लिए अपनी शहादत देकर समस्त मानव जाति को यही संदेश दिया कि अपने धर्म और राष्ट्र के गौरव तथा महान जीवन मूल्यों के लिए आत्म-बलिदान देने को सदैव तत्पर रहना चाहिए। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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ऋतुपर्ण दवे महंगाई वह सार्वभौमिक सत्य है जिसे लेकर शायद ही कभी ऐसा दौर रहा हो और सरकार किसी की भी हो, निशाने पर न आई हो। मौजूदा समय में बेशक महंगाई का सबसे बड़ा खामियाजा वो मध्यम वर्ग ही झेल रहा है जिसके पास सिवाय सीमित आय से गुजारा करने के और कोई चारा नहीं है। इस सच को भी स्वीकारना होगा कि तमाम वायदों, प्रलोभनों और राजनीतिक दांव-पेंच के बीच कभी सस्ता तो कभी मुफ्त का अनाज, कभी गरीबों को मदद पहुंचाने की होड़ में छूटता और पिसता मध्यम वर्ग ही है जो अपनी सीमित आय और तमाम सरकारी औपचारिकताओं को पूरा कर हमेशा पिसता रहा है। पहले गरीब महंगाई का शिकार होते थे जब सरकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ नहीं मिल पाता था। अब चाहे बात इनकम टैक्स की हो या मकान भाड़ा, वाहन का भाड़ा हो या बच्चों को योग्यता के हिसाब से पढ़ाने या रहन-सहन में खर्च या फिर इज्जत के साथ परिवार के दो जून की रोटी की कवायद। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्ग ही हुआ है। मौजूदा महंगाई को पहले कोविड की नजर लगी, अभी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते ग्लोबल इकॉनामी की दुहाई। जिंस और वित्तीय बाजारों में जैसे उतार-चढ़ाव दिख रहे हैं, वह ठीक नहीं हैं। अब ज्यादा सतर्कता के साथ वित्तीय कदम उठाए जाने चाहिए जिससे भारत में मुद्रास्फीति और वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर से निपटने में मदद मिल सके। इसी 11 अप्रैल को सरकार द्वारा जारी किए गए डेटा बताते हैं कि मार्च-2022 में खुदरा महंगाई दर फरवरी-2022 की तुलना में इतनी बढ़ी कि 16 महीनों के उच्चतम स्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। फरवरी-2022 में यही दर 6.07 प्रतिशत थी। इसी महंगाई दर या वृध्दि की तुलना बीते साल के मार्च से करें तो और भी चौंकाने वाला आंकड़ा सामने है। मार्च में खाने-पीने के सामान के दामों में 7.68 प्रतिशत की वृध्दि हुई जो फरवरी में केवल 5.85 प्रतिशत थी। अंतर और आंकड़े खुद ही कहानी कह रहे हैं। वहीं यदि इसी फरवरी-2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो तस्वीर बदलती दिखने लगती है। पेट्रोल-डीजल के मूल्य में 10-10 रूपए की वृद्धि का असर माल भाड़े पर भी पड़ा और भाड़ा 15 से 20 तक तक बढ़ा। इन कारकों और कारणों से खुदरा और थोक दोनों बाजारों में अनाज, फल, दूध और सब्जियों के दाम किस तरह से बढ़े, सबको पता है। मार्च महीने में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में 7.68 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि यही खुदरा महंगाई दर फरवरी में 5.85 प्रतिशत पर थी। हालांकि 48 अर्थशास्त्रियों के बीच एक पोल के जरिए पहले ही यह अनुमान लगा लिया गया था कि खुदरा महंगाई दर बढ़ गई है जो 16 महीनों के अधिकतम स्तर पर पहुंच चुकी है। बाद में यही सच निकला। सर्वेक्षण 4 से 8 अप्रैल के बीच किया गया था और सरकारी आंकड़े 11 अप्रैल को आए। फरवरी-2022 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 13.11 प्रतिशत रही जो 4 महीनों का उच्चत्तम स्तर था। वहीं जनवरी-2022 में दर 12.96 प्रतिशत थी जो मार्च-2022 में 14.55 प्रतिशत पहुंच गई। जबकि मार्च 2021 में यही थोक आधारित महंगाई दर केवल 7.89 प्रतिशत थी जिसका दहाई के अंकों तक पहुंचना चिन्ताजनक है। 137 दिनों के अंतराल के बाद भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में इजाफा का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जिसने कई दिनों तक थमने का नाम नहीं लिया। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम गिर चुके थे। भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में बीते 22 मार्च से इसी 6 अप्रैल तक कई बार वृध्दि हुई जो दिवाली के वक्त से नहीं बढ़े थे। वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर शुरू में भारत में नहीं दिखा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15 मार्च 2022 से पहले लगातार तीन सप्ताह तक 130 डॉलर प्रति बैरल तक उछला तेल भी टूटकर 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों उछाल दुनिया में तेल के दाम गिरने के बाद शुरू हुए। हालांकि छह अप्रैल से कीमत नहीं बढ़ी है। लेकिन तब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10-10 रुपए का इजाफा हो चुका था। इसी तरह एलपीजी, पीएनजी, सीएनजी के दाम भी बढ़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल बाजार में कीमतों में गिरावट जारी है। 3 अप्रैल को इंडियन बास्केट की कीमत गिरकर 97 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई जो मार्च की औसत कीमत से लगभग 13 प्रतिशत सस्ती है। महंगाई का सबसे ज्यादा असर थाली पर पड़ता है। नींबू तक ने दामों में ऐसी ऐतिहासिक छलांग मारी कि नजर उतारने के बजाए खुद नजरिया गया। यही हाल आसमान छूते सब्जियों के दामों, दूध, फल और अन्य खाद्य सामग्रियों पर भी पड़ा। लोहे के सरियों की कीमतें जबरदस्त उछलीं। सीमेण्ट भी प्रति बोरी 15 से 25 रुपए बढ़ गई। ईंट तक के दाम खूब उछाल पर हैं। कुछ समय पहले तक दो कमरे, एक रसोई, एक बाथरूम यानी औसत 111 गज का मकान 10 लाख रुपए में आसानी से बन जाता था अब वहीं 12-13 लाख रुपयों से भी ज्यादा हो गई है। इधर, आम दवाइयां जैसे बुखार, दर्द निवारक से लेकर एंटीबायोटिक तक की कीमतें भी दस प्रतिशत तक बढ़ीं। एक तरफ हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना देख रहे हैं। दूसरी तरफ लॉकडाउन ने करोड़ों रोजगार खत्म कर दिए। अनगिनत व्यापार-व्यवसाय चौपट हुए। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग एकाएक गरीब हो गए। रही-सही कसर दो साल में कोरोना ने पूरी कर दी। अब रूस-यूक्रेन युध्द की विभीषिका के नाम पर अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है। वैसे तो मंहगाई का सब पर असर पड़ता है। लेकिन खाली जेब आम आदमी कैसे जाएगा बाजार? सवाल फिर वही कि महंगाई को काबू में कैसे रखा जाए? जाहिर है महंगाई वो बेलगाम घोड़ा है जिसे रोका तो नहीं जा सकता पर काबू जरूर किया जा सकता है। हां, इसे काबू में रखना ही होगा वरना जीवन और कठिन हो जाएगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत के साथ दोस्ती तथा सौहार्दपूर्ण संबंधों की इच्छा जताई है। यह सुखद है। वर्ना पाकिस्तानी सेना के साए में रहने वाली वहां की सरकारों के लिए भारत से संबंधों को मधुर तथा मजबूत बनाने के बारे में सोचने से पहले रावलपिंडी के आर्मी हाउस से हरी झंडी लेनी पड़ती है। अब दोनों देशों को बिना देर किए कम से कम आपसी व्यापार तथा सरहद के आरपार रहने वाली जनता को एक-दूसरे से मिलने-जुलने की इजाजत देने में देरी नहीं करनी चाहिए। शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में भारत से पाकिस्तान जाकर बसे मुसलमानों के हितों के लिए लड़ने वाली राजनीतिक पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) भी है। इसके नेता अल्ताफ हुसैन की यही मुख्य मांग रही कि मुहाजिर परिवारों को अपने बच्चों के निकाह उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली वगैरह के परिवारों में करने की इजाजत मिले। यह सच है कि दोनों मुल्कों के रिश्तों में तल्खी के कारण बंटवारे के वक्त बंटे परिवार हमेशा के लिए एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। खैर, शरीफ तथा भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के बीच हाल के दिनों में हुए संदेशों के आदान-प्रदान से यह उम्मीद बंधी है कि सरहद के आरपार रहने वाले परिवार फिर से करीब आएंगे। ये आपस में निकाह करके ऱिश्तों की डोर को बांधे हुए थे। कुछ दशक पहले तक हर साल सैकड़ों निकाह होते थे, जब दूल्हा पाकिस्तानी होता था और दुल्हन हिन्दुस्तानी। इसी तरह से सैकड़ों शादियों में दुल्हन पाकिस्तानी होती थी और दूल्हा हिन्दुस्तानी। नवाब मंसूर अली खान पटौदी के रिश्ते के भाई तथा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शहरयार खान ने चंदेक साल पहले अपने पुत्र के लिए भोपाल की कन्या को अपनी बहू बनाया था। उनके फैसले पर पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने शहरयार पर हल्ला बोलते हुए कहा था “शर्म की बात है कि शहरयार खान को अपनी बहू भारत में ही मिली।” जवाब में शहरयार खान ने कहा, “भोपाल मेरा शहर है। मैं वहां से बहू नहीं लाऊंगा तो कहां से लाऊंगा।” आप पाकिस्तान के चोटी के अखबारों में छपे वैवाहिक विज्ञापनों को देख लीजिए। आपको समझ आ जाएगा कि वहां पर मुहाजिर किस तरह पुरखों की जड़ों से जुड़े हुए हैं। आपको तमाम विज्ञापनों में ये लिखा मिल जाएगा, वर (वधू) यूपी से हों या यूपी से संबंध रखते हैं। यूपी का मतलब ही मुहाजिर से है। उधर यूपी में वे सब लोग शामिल हो जाते हैं, जो भारत से जाकर बसे थे। तिजारती रिश्ते शुरू हों भारत की यह भी चाहत है कि कश्मीर मसला हल होने से पहले ही दोनों पड़ोसी मुल्क अपने व्यापारिक संबंधों को एक्टिव कर लें। चूंकि शाहबाज शरीफ और उनकी पार्टी के नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का संबंध एक बिजनेस करने वाले परिवार से है, इसलिए वे भारत की चाहत का सम्मान करेंगे। जानने वाले जानते हैं कि शरीफ परिवार की स्टील कंपनी ‘इत्तेफाक’ का भारत की चोटी की स्टील कंपनी जिंदल साउथ वेस्ट (जेएसडब्ल्यू) से कारोबारी संबंध हैं। जेएसडब्ल्यू के चेयरमैन सज्जन जिंदल के शरीफ परिवार से निजी संबंध हैं। इस बात को कभी शरीफ परिवार ने छिपाया नहीं है। शरीफ सीखें चीन से पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री तथा सरकार को भारत-चीन संबंधों से सीखना होगा। भारत-चीन के बीच जवाहर लाल नेहरू के ज़माने से ही जटिल सीमा विवाद है, पर इसके साथ दोनों देशों के बीच तिजारती रिश्ते भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। फिलहाल दोनों देशों का दिवपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर के करीब पहुंच रहा है। साफ है कि भारत-चीन आपसी व्यापार बढ़ता ही रहेगा। तो चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के नारों का कोई बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ। हकीकत यह है कि भारत चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों तथा मोबाइल फोन कंपोनेंट्स का बहुत बड़े स्तर पर आयात करता है। हमारी फार्मा कंपनियों की भी चीन पर निर्भरता तो खासी अधिक है। इस निर्भरता को हम कुछ महीनों में या नारेबाजी मात्र से तो खत्म नहीं कर सकते। जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं हो जाते तब तक हमें चीन से विभिन्न उत्पादों का आयात करना होगा। बहरहाल, अब भारत-पाकिस्तान के आपसी व्यापार की हालत जान लेते हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) मानता है कि अगर दोनों देशों की सरकारों की तरफ से आपसी व्यापार को गति देने की पहल हो तो 2.7 अरब ड़ॉलर का आंकड़ा 10 अरब ड़ॉलर तक पहुंच सकता है। पाकिस्तान की धूल में जाती अर्थव्यवस्था को पंख लगाने की शाहबाज शरीफ को कसकर कोशिशें करनी होगी। फिलहाल उनका देश की अर्थव्यवस्था भारी संकट में है। पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले बेहद कमजोर हो चुका है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा है। इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ने से पहले पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा गए हैं। वे कहते रहे कि अमेरिका उन्हें हटाना चाहता है। इस कारण अमेरिका पाकिस्तान से नाराज है। हालांकि अमेरिका ने पाकिस्तान को बार-बार संकट से निकाला है। पाकिस्तान की धूर्त और भ्रष्ट सेना को भी यह समझना होगा कि भारत के साथ शांति के रास्ते पर चलकर ही उनका मुल्क विकास कर सकेगा। उसका एक पक्ष व्यापारिक संबंध मजबूत करना भी है। पाकिस्तानी सेना ने देश की प्राथमिकताएं बदली हैं। पाकिस्तान में शिक्षा बजट से सात गुना अधिक है रक्षा बजट। इस सोच के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। शरीफ को लेकर की जा रही इन तमाम उम्मीद भरी बातों के बीच अभी उन्हें साबित करना होगा कि वे सच में अपने मुल्क का भला चाहते हुए अपनी एक असल में शरीफ प्रधानमंत्री की इमेज को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। शाहबाज शरीफ के साथ बड़ी चुनौती यह भी रहेगी कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा पंजाब घनघोर रूप से भारत विरोधी रहा है। क्या वह अब बदलेगा, यह भी देखना होगा। इसके लिए शाहबाज शरीफ को पंजाब में भारतीय विरोधी माहौल को खत्म करना होगा। यह संभव है क्योंकि उनका और उनकी पार्टी का पंजाब में गजब का असर है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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योगेश कुमार गोयल भारत का अचूक ब्रह्मास्त्र मानी जाने वाली ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक के बाद एक सफलता के नए पड़ाव पार करते हुए अपनी क्षमताओं और ताकत से पूरी दुनिया को हतप्रभ कर रही है। ब्रह्मोस मिसाइल जब करीब तीन हजार किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ती है तो किसी भी देश की वायु रक्षा प्रणाली के लिए इसे रोक पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। 19 अप्रैल को सफलता का एक और पड़ाव पार करते हुए ब्रह्मोस ने एक ही लक्ष्य के खिलाफ दो सफल वार किए। पहला परीक्षण भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस दिल्ली द्वारा देश के पूर्वी समुद्र तट पर एक जहाज को निशाना बनाते हुए किया गया और बिना वारहेड वाली ब्रह्मोस मिसाइल ने इस जहाज में एक बड़ा सुराख बना दिया। इस सफल परीक्षण के बाद ब्रह्मोस मिसाइल के एयर-लांच संस्करण से लैस भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई विमान ने एयरबेस से उड़ान भरते हुए उसी जहाज पर पुनः वार किया और ब्रह्मोस के वारहेड से सीधे टकराने के बाद जहाज पानी में डूब गया। इन परीक्षणों के लिए भारतीय वायुसेना तथा नौसेना द्वारा एक-दूसरे के साथ समन्वय किया गया था। भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से बनाई गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ के अलग-अलग संस्करणों के अभी तक कई परीक्षण किए जा चुके हैं। सभी परीक्षणों में ब्रह्मोस ने अपनी जो ताकत दुनिया को दिखाई है, उससे यह हिन्द की बाहुबली और रण की बॉस साबित हुई है। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि निकट भविष्य में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के अभी और भी प्रक्षेपण होने जा रहे हैं। वैसे, पहले से बनी इन शक्तिशाली मिसाइलों को और ज्यादा शक्तिशाली बनाते हुए भारत पूरी दुनिया को अपनी स्वदेशी ताकत का अहसास कराने का भी सफल प्रयास कर रहा है। ब्रह्मोस अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है और डीआरडीओ द्वारा इस मिसाइल प्रणाली की सीमा को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर करीब 450 किलोमीटर तक किया जा चुका है। लंबी दूरी पर मौजूद लक्ष्यों पर अचूक प्रहार करने की अपनी क्षमता को विभिन्न परीक्षणों में बखूबी प्रदर्शित कर चुकी ब्रह्मोस की ताकत को इसी से समझा जा सकता है कि इसकी रफ्तार ध्वनि की गति से करीब तीन गुना ज्यादा है। ब्रह्मोस अब न केवल भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए बेहद शक्तिशाली हथियार बन गई है बल्कि गर्व का विषय यह है कि अभी तक जहां भारत अमेरिका, फ्रांस, रूस इत्यादि दूसरे देशों से मिसाइलें व अन्य सैन्य साजोसामान खरीदता रहा है, वहीं भारत अपनी इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को दूसरे देशों को निर्यात करने की दिशा में अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, विमानों और जमीन से अर्थात् तीनों ही स्थानों से सफलतापूर्वक लांच किया जा सकता है, जो भारतीय वायुसेना को समुद्र अथवा जमीन के किसी भी लक्ष्य पर हर मौसम में सटीक हमला करने के लिए सक्षम बनाती है। बेहद ताकतवर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें भारतीय वायुसेना के 40 से भी अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों पर लगाई जा चुकी हैं, जिससे सुखोई लड़ाकू विमान पहले से कई गुना ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। सुखोई विमान की दूर तक पहुंच के कारण ही इस विमान को ‘हिंद महासागर क्षेत्र का शासक’ भी कहा जाता है और ब्रह्मोस से लैस सुखोई अब दुश्मनों के लिए बेहद घातक हो गए हैं। ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों और जमीन से दागा जा सकता है। यह दस मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकती है और रडार के अलावा किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में भी सक्षम है, इसीलिए इसे मार गिराना लगभग असंभव माना जाता रहा है। इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी तथा रूस की मस्कवा नदी को मिलाकर रखा गया है और इसका 12 जून 2001 को पहली बार सफल लांच किया गया था। यह मिसाइल दुनिया में किसी भी वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। मिसाइलें प्रमुख रूप से दो प्रकार की होती हैं, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल। क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों में अंतर यही है कि क्रूज मिसाइल बहुत छोटी होती हैं, जिन पर ले जाने वाले बम का वजन भी ज्यादा नहीं होता और अपने छोटे आकार के कारण उन्हें छोड़े जाने से पहले बहुत आसानी से छिपाया जा सकता है जबकि बैलिस्टिक मिसाइलों का आकार काफी बड़ा होता है और वे काफी भारी वजन के बम ले जाने में सक्षम होती हैं। बैलिस्टिक मिसाइलों को छिपाया नहीं जा सकता, इसलिए उन्हें छोड़े जाने से पहले दुश्मन द्वारा नष्ट किया जा सकता है। क्रूज मिसाइल वे मिसाइलें होती हैं, जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती हैं और रडार की आंखों से भी आसानी से बच जाती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल उर्ध्वाकार मार्ग से लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं जबकि क्रूज मिसाइल पृथ्वी के समानांतर अपना मार्ग चुनती हैं। छोड़े जाने के बाद बैलिस्टिक मिसाइल के लक्ष्य पर नियंत्रण नहीं रहता जबकि क्रूज मिसाइल का निशाना एकदम सटीक होता है। डीआरडीओ अब रूस के सहयोग से ब्रह्मोस मिसाइल की मारक दूरी को और भी ज्यादा बढ़ाने के साथ इन्हें हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर भी कार्य कर रहा है। दरअसल सुपरसोनिक मिसाइलों की गति ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना अर्थात् तीन मैक तक होती है और इनके लिए रैमजेट इंजन का प्रयोग किया जाता है, जबकि हाइपरसोनिक मिसाइलों की रफ्तार ध्वनि की गति से पांच गुना से भी ज्यादा होती है और इनके लिए स्क्रैमजेट यानी छह मैक स्तर के इंजन का प्रयोग किया जाता है। फिलहाल ब्रह्मोस के जो संस्करण उपलब्ध हैं, वे सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें ही हैं, जो ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से अपने लक्ष्य पर जबरदस्त प्रहार करती हैं। यह दुनिया में अपनी तरह की ऐसी एकमात्र क्रूज मिसाइल है, जिसे सुपरसॉनिक स्पीड से दागा जा सकता है। दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने से मात्र बीस किलोमीटर पहले भी अपना रास्ता बदल सकने वाली तकनीक से लैस है और यह केवल दो सैकेंड में चौदह किलोमीटर तक की ऊंचाई हासिल कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इसके दागे जाने के बाद दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता और यह पलक झपकते ही दुश्मन के ठिकाने को नष्ट कर देती है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पूरी दुनिया को अन्न देने की भारत की पेशकश, कोई बड़बोलापन या हवाई नहीं है। देश के अन्नदाताओं की मेहनत और सरकारी नीतियों का परिणाम है कि आज देश के गोदाम अन्न-धन से भरे हैं। दुनिया का बड़ा गेहूं उत्पादक देश होने के बावजूद गेहूं के निर्यात में चार साल पहले तक भारत की हिस्सेदारी नगण्य के बराबर रही है। पर पिछले चार साल में ही भारत गेहूं के निर्यात में लंबी छलांग लगाने की स्थिति में आ गया है। युद्ध और कोरोना जैसी महामारी के चलते दुनिया के देशोें के सामने खाद्यान्न का संकट आ गया है। वहीं, आबादी के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होने के बावजूद खाद्यान्न के मामले मेें आज भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर होने के साथ दुनिया के देशों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की स्थिति में आ गया है। केवल चार साल में भारत ने गेहूूं निर्यात में नए आयाम स्थापित किए हैं। आज भारत दो लाख टन से सौ लाख टन, वो भी केवल चार साल में गेहूं के निर्यात के आंकड़े को छूने जा रहा है। यह सफलता किसी ऊंची उड़ान से कम नहीं। हालांकि गेहूं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। 2016 में 0.14 प्रतिशत की गेहूं निर्यात की हिस्सेदारी 2020 तक बढ़कर 0.54 प्रतिशत तक ही पहुंची है यानी की एक प्रतिशत से भी कम है पर हालात तेजी से बदल रहे हैं। पहले कोरोना और अब यूक्रेेन-रुस युद्ध ने दुनिया के सामने सारी तस्वीर बदल कर रख दी है। रूस और यूक्रेन पर पूरी तरह से निर्भर मिस्र जैसे अनेक देश आज भारत की ओर देख रहे हैं। पिछले दिनोें ही मिस्र ने भारत से गेहूं आयात करने को लेकर मंजूरी दी है। भारत ने भी मिस्र को शुरुआती दौर में 30 लाख टन गेहूं निर्यात का लक्ष्य तय किया है। देखा जाए तो भारत के पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। इस साल भी गेहूं का रेकार्ड उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मण्डियों में नए गेहूं की आवक शुरू हो गई है। हालांकि इस बार सरकारी खरीद का आंकड़ा छूने मेें परेशानी आ रही है और इसका कारण दूसरे अर्थों में सकारात्मक संकेत भी माना जाना चाहिए। क्योंकि इस साल मण्डियों में या यों कहें कि बाजार में गेहूं के भाव सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से कहीं ज्यादा चल रहे हैं। यही कारण है कि पंजाब-हरियाणा तक में किसान सरकारी खरीद केन्द्रों के स्थान पर गेहूं सीधे बेचने या भण्डारित करने पर जोर दे रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि अभी तो एमएसपी से अधिक भाव चल ही रहे हैं पर रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आने वाले समय में गेहूं के भावों में और तेजी आने के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि गेहूं की विदेशों में मांग और अधिक बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव बढ़ने का लाभ किसानों को भी मिलेगा। अमेरिकी विशेषज्ञों की मानें तो देश में 12 मिलियन टन गेहूं निर्यात के लिए मौजूद है। एक समय था जब अमेरिका जैसे देशों के सामने गेहूं के लिए हाथ फैलाना पड़ता था। पुरानी पीढ़़ी को आज भी याद है कि घटिया किस्म का गेहूं भारत आता था। लाल बहादुर शास्त्री जी को तो देशवासियों से एक दिन उपवास खासतौर से सोमवार को व्रत रखने का संदेश देना पड़ा था। आज भी शास्त्री जी के कोल को देखते हुए लोग सोमवार को उपवास रखते आ रहे हैं। खैर, किसानों की मेहनत, कृषि विशेषज्ञों के प्रयास और केन्द्र व राज्य सरकारों की नीतियों का ही परिणाम है कि आज भारत दुनिया के कई देशों की भूख मिटाने की स्थिति में आ गया है। यह तो आंकड़े बता रहे हैं। कोरोना के कारण देश के 80 करोड़ लोगों तक आज भी अन्न पहुंचाया जा रहा है तो कोविड की विपरीत परिस्थितियों में खाद्यान्न की कहीं भी कमी नहीं आने दी गई। यह सब अन्नदाता की मेहनत का परिणाम है। जहां तक गेहूं के निर्यात का प्रश्न है मिस्र द्वारा भारत से गेहूं मंगाने पर सहमति के बाद हालात और अधिक तेजी से बदलेंगे। देश में 2019 में 2 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ था जो 2020 में 21 लाख टन और 2021 में 70 टन पहुंच गया और इस साल सौ लाख टन यानी एक करोड़ टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य रखते हुए कार्ययोजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। भारत द्वारा गेहूं निर्यात के लिए नए देशों से संपर्क साधा जा रहा है। खासतौर से 9 देशों से संपर्क बनाया जा रहा है। इनमें मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैण्ड, टर्की, अल्जीरिया और लेबनान प्रमुख है। मिस्र से तो निर्यात पर सहमति भी हो गई है और करीब 30 लाख टन गेहूं निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले गेहूं का सर्वाधिक निर्यात बांग्लादेश को किया जा रहा है। बांग्लादेश के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, श्रीलंका, कतर और ओमान को गेहूं का निर्यात पहले से किया जा रहा है। खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता और निर्यात का सारा श्रेय अन्नदाता को जाता है तो कृषि विज्ञानियों और केन्द्र व राज्य सरकारों की नीतियों को भी कम नहीं आंका जा सकता। देश के 135 करोड़ से भी अधिक देशवासियों की जरूरत को पूरा कर विदेशों में निर्यात की स्थिति में लाना बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। केवल चार साल में ही दो लाख टन से 100 लाख टन का आंकड़ा छूना किसी अजूबे से कम नहीं है। इससे निश्चित रूप से भारतीय कृषि को वैश्विक पहचान मिलने के साथ विदेशी आय के नए रास्ते खुुले हैं। आज यह कहने की स्थिति में आना कि भारत पूरी दुनिया को अन्न देने को तैयार है, यह देश के लिए गर्व की बात है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री रक्षा तैयारियों की दृष्टि से वर्तमान सरकार का कार्यकाल अभूतपूर्व रहा है। इस दौरान अनेक मोर्चों पर एक साथ कार्य किया गया। वर्षों से लंबित रक्षा समझौतों को पूरा किया गया। राफेल जैसे लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हुए। रूस के साथ रक्षा समझौते का क्रियान्वयन शुरू हुआ। इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्रभावी रूप में आगे बढ़ाया गया। भारत अब रक्षा उत्पाद का प्रमुख निर्यातक बन रहा है। पचहत्तर देशों को भारत द्वारा रक्षा उत्पाद निर्यात किये जा रहे है। सीमा क्षेत्र पर व्यापक निर्माण कार्य किये गए। इस क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा उपयोगी रही। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई जब रूस-यूक्रेन युद्ध चर्चा में है। इसमें नाटो देश भी लाचार नजर आ रहे हैं। भारत से ही सर्वाधिक अपेक्षा की जा रही है। रूस व यूक्रेन के राष्ट्रपति, भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्ता कर चुके हैं। रूस के विदेश मंत्री कुछ दिन पहले नई दिल्ली आए थे। अमेरिका भी भारत के महत्व को समझ रहा है। राजनाथ सिंह की पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ इसी माहौल में मुलाकात हुई। इसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। उन्होंने भारत-अमेरिका के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लिया। जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने संबोधित किया। राजनाथ सिंह और ऑस्टिन वार्ता के बाद साझा बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि दोनों देश रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में गुणवत्ता और दायरे को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। सैन्य संबंध सूचना साझाकरण, उन्नत रसद सहयोग और संगत संचार व्यवस्था के तहत सशस्त्र बलों की क्षमता पर विचार किया गया। विशेष ऑपरेशन संबंधी सहयोग बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग भी मजबूत होगा। भारत और अमेरिकी कंपनियों के बीच सह विकास, सह उत्पादन की आवश्यकता है। रक्षा उपकरणों के निर्माण और रखरखाव के लिए अमेरिकी कंपनियों को भारत में आमंत्रित किया गया। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई। हिंद प्रशांत और व्यापक हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व को स्वीकार किया। भारत अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता हुई। राजनाथ सिंह व एस जयशंकर ने अमेरिकी समकक्षों के साथ टू प्लस टू वार्ता में हिस्सा लिया। दोनों देशों के बीच पिछली टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता दो वर्ष पूर्व नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले साल सितंबर में वाशिंगटन में द्विपक्षीय टू प्लस टू अंतर-सत्रीय बैठक की और दक्षिण एशिया, भारत-प्रशांत क्षेत्र और पश्चिमी हिंद महासागर में विकास पर आकलन का आदान-प्रदान किया था। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव रैमोंडो से वार्ता की। दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई। हमारा लक्ष्य आपूर्ति परिवर्तन के लचीलेपन और विश्वसनीयता और व्यापार में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाना है। जयशंकर ने व्यापार मामलों की राजदूत कैथरीन से भी मुलाकात की। इसमें द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा और वैश्विक स्थिति पर विचार किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वुर्चअल बैठक भी महत्वपूर्ण रही। इस बैठक पर दुनिया की निगाहें थीं। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ शामिल हुए थे। चार चरणों में हुई वार्ता द्विपक्षीय संबंधों की दृष्टि से उपयोगी रही। अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया कि चीन के बढ़ते आक्रामक रुख के विरुद्ध सहायता देगा। बाइडेन ने यूक्रेन के लोगों को भारत की ओर से भेजी गई मानवीय सहायता का स्वागत किया। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और कानून के शासन को बढ़ावा देने के लिए भारत और क्वाड भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेगा। आर्थिक सुधार और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत और क्वाड भागीदारों के साथ काम करता रहेगा। अमेरिका इस बात से अवगत है कि भारत और रूस स्वाभाविक सहयोगी हैं। भारत किसी तीसरे देश के साथ अपने संबंधों को राष्ट्रीय हितों को देखते हुए प्रतिकूल प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देगा। राजनाथ सिंह ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों पर यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से पड़ने वाले किसी भी प्रभाव से इनकार किया। हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समस्या होगी। भारत के पास यह सुनिश्चित करने की क्षमता है कि अगर कोई समस्या आती है तो वह उससे निपट सकता है। राजनाथ सिंह को अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में विशिष्ट सम्मान दिया गया। विशिष्ट सम्मान बेहद खास अतिथियों को ही दिया जाता है। सामान्य सम्मान के तहत अतिथियों का पेंटागन की सीढ़ियों पर सम्मान किया जाता है। हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया जाता है। विशिष्ट सम्मान के तहत दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए जाते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में स्थिरता और निरंतरता है। इसे बनाए रखने में दोनों देशों की अहम भूमिका रही है। राजनाथ सिंह ने चीन को भी कड़ा संदेश दिया। कहा कि अगर हमें नुकसान पहुंचा तो भारत किसी को नहीं छोड़ेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है और हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। किसी देश के साथ हमारे संबंध किसी अन्य देश के साथ संबंधों की कीमत पर नहीं हो सकते। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल इस साल मार्च महीने से ही भीषण गर्मी का जो कहर देखा जा रहा है, उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। न केवल मार्च बल्कि अप्रैल मध्य तक तापमान प्रायः सामान्य ही रहता था लेकिन इस बार तापमान जिस तरह के रिकॉर्ड तोड़ रहा है, ऐसे में पूरी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में पृथ्वी और ज्यादा तीव्रता के साथ तपेगी और भारत में लोगों को लू का भयानक कहर झेलना पड़ सकता है। वैसे न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी तथा मौसम का बिगड़ता मिजाज गंभीर चिंता का विषय बना है। पर्यावरण के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने तथा पृथ्वी को संरक्षण प्रदान करने के साथ दुनिया के समस्त देशों से इस कार्य में सहयोग व समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है। ‘पृथ्वी दिवस’ पहली बार बड़े स्तर पर 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था और तभी से केवल इसी दिन यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया। उस समय अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन द्वारा पृथ्वी को संरक्षण प्रदान करने के लिए इस महत्वपूर्ण दिवस की स्थापना पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गई थी, जिसे अब दुनिया के कई देशों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। दरअसल, धरती की सेहत बिगाड़ने और इसके सौन्दर्य को ग्रहण लगाने में समस्त मानव जाति जिम्मेदार है। आधुनिक युग में सुविधाओं के विस्तार ने पर्यावरण को सर्वाधिक क्षति पहुंचाई है और निरन्तर हो रहा जलवायु परिवर्तन इसी की देन है। हालांकि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विगत वर्षों में दुनियाभर में बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन होते रहे हैं और वर्ष 2015 में पेरिस सम्मेलन में 197 देशों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अपने-अपने देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2030 तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री तक सीमित करने का संकल्प लिया था। इसके बावजूद इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम उठते नहीं देखे गए हैं। हालांकि प्रकृति पिछले कुछ वर्षों से लगातार भयानक आंधियों, तूफान और ओलावृष्टि के रूप में स्थिति की गंभीरता का संकेत देती रही है कि विकास के नाम पर प्रकृति से भयानक खिलवाड़ के खतरनाक नतीजे होंगे लेकिन अपेक्षित कदम अबतक नहीं उठाए गए। जलवायु परिवर्तन से निपटने के नाम पर वैश्विक चिंता व्यक्त करने से आगे हम शायद कुछ करना ही नहीं चाहते। हम यह समझना नहीं चाहते कि पहाड़ों का सीना चीरकर हरे-भरे जंगलों को तबाह कर हम जो कंक्रीट के जंगल विकसित कर रहे हैं, वह वास्तव में विकास नहीं बल्कि अपने विनाश का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। पृथ्वी का तापमान यदि इसी प्रकार बढ़ता रहा तो आने वाले वर्षों में हमें इसके बेहद गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा। हमें यह बखूबी समझ लेना होगा कि जो प्रकृति हमें उपहार स्वरूप शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, शुद्ध मिट्टी तथा ढेरों जनोपयोगी चीजें दे रही है, अगर मानवीय क्रियाकलापों द्वारा पैदा किए जा रहे पर्यावरण संकट के चलते प्रकृति कुपित होती है तो उसे सब कुछ नष्ट कर डालने में पलभर की भी देर नहीं लगेगी। करीब दो दशक पहले देश के कई राज्यों में जहां अप्रैल माह में अधिकतम तापमान औसतन 32-33 डिग्री रहता था, अब वह मार्च महीने में ही 40 के पार रहने लगा है। यदि पृथ्वी का तापमान इसी प्रकार बढ़ता रहा तो इससे एक ओर जहां जंगलों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि होगी, वहीं पृथ्वी का करीब 20-30 प्रतिशत हिस्सा सूखे की चपेट में आ जाएगा। इसके साथ एक चौथाई हिस्सा रेगिस्तान बन जाएगा, जिसके दायरे में भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य अमेरिका, दक्षिण आस्ट्रेलिया, दक्षिण यूरोप इत्यादि आएंगे। पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाने का प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है, जो तमाम तरह की सुख-सुविधाएं व संसाधन जुटाने के लिए किए जाने वाले मानवीय क्रियाकलापों की देन है। पेट्रोल, डीजल से उत्पन्न होने वाले धुएं ने वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड तथा ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वातावरण में पहले की अपेक्षा 30 फीसदी ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड मौजूद है, जिसकी मौसम का मिजाज बिगाड़ने में अहम भूमिका है। पेड़-पौधे कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित कर पर्यावरण संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन पिछले कुछ दशकों में वन-क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर कंक्रीट के जंगलों में तब्दील किया जाता रहा है। एक और अहम कारण है जनसंख्या वृद्धि। जहां 20वीं सदी में वैश्विक जनसंख्या करीब 1.7 अरब थी, अब बढ़कर 7.9 अरब हो चुकी है। अब विचारणीय तथ्य यही है कि धरती का क्षेत्रफल तो उतना ही रहेगा, इसलिए कई गुना बढ़ी आबादी के रहने और उसकी जरूरतें पूरी करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर दोहन किया जा रहा है, इससे पर्यावरण की सेहत पर जो जबरदस्त प्रहार हुआ है, उसी का परिणाम है कि धरती बुरी तरह धधक रही है। पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाने का ही दुष्परिणाम है कि ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ पिघल रही है, जिससे समुद्रों का जलस्तर बढ़ने के कारण दुनिया के कई शहरों के जलमग्न होने की आशंका जताई जाने लगी है। यदि प्रकृति से खिलवाड़ कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाकर हम स्वयं इन समस्याओं का कारण बने हैं और हम वाकई गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं को लेकर चिंतित हैं तो इन समस्याओं का निवारण भी हमें ही करना होगा। ताकि हम प्रकृति के प्रकोप का भाजन होने से बच सकें अन्यथा प्रकृति से जिस बड़े पैमाने पर खिलवाड़ हो रहा है, उसका खामियाजा समस्त मानव जाति को अपने विनाश से चुकाना पड़ेगा। अब हमें ही तय करना है कि हम किस युग में जीना चाहते हैं? एक ऐसे युग में जहां सांस लेने के लिए प्रदूषित वायु होगी। पीने के लिए प्रदूषित और रसायनयुक्त पानी तथा ढेर सारी खतरनाक बीमारियों की सौगात। या फिर ऐसे युग में जहां हम स्वच्छंद रूप से शुद्ध हवा और शुद्ध पानी का आनंद लेकर एक स्वस्थ सुखी जीवन व्यतीत कर सकें। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा इंदिरा गांधी ने 1975 में देश में इमरजेंसी लगाई तो उस दौर में राजधानी दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले हजारों लाखों लोगों को उनके घरों से उजाड़कर अलग-अलग जगहों में बसाया गया था। उसमें उत्तर-पश्चिम दिल्ली का जहांगीरपुरी नाम का इलाका भी था। उसे इन अभागे लोगों के लिए ही बसाया गया। इधर, मुख्य रूप से नई दिल्ली तथा साउथ दिल्ली की मलिन बस्तियों में रहने वालों को उठाकर ले जाया गया था। ये अधिकतर वाल्मिकी या धोबी समाज से थे। वक्त बदला तो जहांगीरपुरी में आबादी का चरित्र बदलने लगा। यहां पर ज्यादातर आ गए बांग्लादेशी मुसलमान। ये यहां पर कच्ची शराब बनाने से लेकर सट्टेबाजी के धंधे में लग गए। इन्होंने कभी शांत समझे जाने वाले जहांगीरपुरी में छोटे-मोटे अपराध करने भी शुरू कर दिए। जहांगीरपुरी में रोज क्लेश होने लगा। इनकी आबादी तेजी से बढ़ने लगी। दिल्ली के लोकप्रिय नेता मदन लाल खुराना भी राजधानी में बांग्लादेशियों की बढ़ती जनसंख्या से डरे-सहमे रहते थे। वे बार-बार कहते थे कि इनको दोनों देशों की सीमा पार करके यहां आने की इजाजत नहीं मिले। पर यह हो न सका। खुराना जी तो संसार से चल गए और बांग्लादेशी दिल्ली और देश के दूसरे भागों में आते रहे। खैर, जहांगीरपुरी की आबादी का चरित्र किस हद तक बदला, इसका पता चला जब हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकली शोभायात्रा के वक्त इन बांग्लादेशियों ने कसकर बवाल काटा। वैसे ये अपने को पश्चिमी बंगाल का ही नागरिक बताते हैं। हालांकि जन्नत की हकीकत कुछ और है। इन्होंने हनुमान जन्मोत्सव मना रहे एक जुलूस पर ताबड़तोड़ हमला करने के बाद यहाँ तक झूठे आरोप मढ़े कि शोभायात्रा में शामिल लोगों ने एक मस्जिद पर अपना झंडा लगाने की कोशिश की थी। हालांकि दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस की तफ्तीश से यह साफ हो गया है कि मस्जिद पर झंडा लगाने की कोई कोशिश नहीं हुई। जहांगीरपुर में हुई हिंसा के लिए जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे लगभग सब बांग्लादेशी मुसलमान हैं। अब जरा गौर करें कि इन देश विरोधी तत्वों को कुछ कथित नामवर बुद्धिजीवी का भी साथ मिल रहा है। इनमें पत्रकार राणा अयूब भी हैं। दरअसल जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एक वीडियो पर राणा अयूब ने ट्वीट किया तो जानी-मानी पूर्व अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी और कोच मार्टिना नवरातिलोवा ने भी उनका समर्थन किया। राणा ने ट्वीट किया था कि, ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। इस वीडियो को देखें। हिंदू कट्टरपंथी पिस्टल और हथियार लहराते हुए एक मस्जिद के आगे से गुजर रहे हैं। और क्या होता है? 14 मुसलमानों को गिरफ्तार करके आरोपी बनाया गया है। यह सब नरेंद्र मोदी के निवास से सिर्फ कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है।’ यह वही राणा अयूब हैं जिन पर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया था कि वह एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि को लेकर गंभीर अपराध में संलिप्त हैं। यह केस फिलहाल कोर्ट में है। राणा को पिछली 29 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था। वह 29 मार्च को लंदन जाने के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंची थीं। लंदन में वह महिला पत्रकारों पर साइबर हमलों की वैश्विक समस्या पर कार्यक्रम में शामिल होने वाली थीं। अब गौर करें कि इतनी संदिग्ध छवि वाली राणा अनाप-शनाप ट्वीट कर रही हैं। उसपर एक महान टेनिस खिलाड़ी प्रतिक्रिया दे रही है। यानी जहांगीरपुरी की शोभायात्रा में हुए बवाल का अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया गया। देश की इज्जत तार-तार हो गई। राणा के प्रति सम्मान का भाव तो तब जागता अगर वह जहांगीरपुरी में बांग्लादेशी मुसलमानों की करतूतों पर भी ट्वीट करती। लेकिन वह यह क्यों करेंगी। जहांगीरपुरी में हुई हिंसा में बांग्लादेशियों का रोल धीरे-धीरे सामने आ रहा है। बेशक, उस दिन की हिंसा में जो शामिल हैं उन्हें कठोर दंड मिले। देखिए राजधानी दिल्ली में एक अनुमान के अनुसार, बांग्लादेशियों की आबादी 5 लाख तक हो गई है। ये लगातार आपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहते हैं। याद करें जब कुछ साल पहले राजधानी के विकासपुरी में बांग्लादेशी गुंडों ने डॉ. पंकज नारंग का कत्ल कर दिया था। डॉ. पंकज नारंग की हत्या से सारी दिल्ली सहम गई थी। जिन्दगी बचाने वाले डॉक्टर की सरेआम हत्या कर दी गई, पर तब राणा अयूब या कोई अन्य 'सद्बुद्धिजीवी' नहीं बोला था। तब कहां गई थी असहिष्णुता? जहांगीरपुरी की घटना पर केन्द्र सरकार तथा पुलिस की निंदा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल डॉ. पंकज नारंग के घर जाने की जरूरत नहीं समझी थी। क्या किसी सेक्युलरवादी ने उनकी पत्नी, बेटे और विधवा मां से पूछा कि उनकी जिंदगी किस तरह से गुजर रही है? उस अभागे डॉक्टर का कसूर इतना ही था कि उन्होंने कुछ युवकों को तेज मोटरसाइकिल चलाने से रोका था। बस इतनी-सी बात के बाद बांग्लादेशी युवकों ने डॉ.पंकज नारंग का कत्ल कर दिया था। देखिए, सरकार को बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या घुसपैठियों के मसले पर गौर करना होगा। इस पर सिर्फ चिंता जाहिर करना पर्याप्त नहीं होगा। मुझे नहीं लगता कि इन्हें इनके मुल्क में वापस भेजा जा सकता है। पर इनकी हरकतों पर लगाम तो लगाई ही जा सकती है ताकि भविष्य में फिर से जहांगीरपुरी जैसी घटनाएं न हों। कुछ सियासी दल बांग्लादेशियों के खिलाफ राजनीतिक लाभ या कहें कि वोटबैंक की राजनीति के चलते सामने नहीं आते। इसलिए सरकार को अब सियासत और वोटबैंक की परवाह किए बिना इन घुसपैठी बांग्लादेशियों को तो कसना ही होगा। यही नहीं भारत-बांग्लादेश की सीमा को सील भी करना होगा ताकि ये भारत में घुस न पाएं। इस लिहाज से अब और ढील नहीं दी जा सकती है। एक और अहम बात यह है कि उन तत्वों को भी न छोड़ा जाए जो बिना पुलिस की अनुमति के शोभायात्रा निकालने लगते हैं। कानून सबके लिये समान है और समान रूप से ही लागू होना चाहिये। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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गुरू तेग बहादुर के प्रकाश पर्व (21 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल सिखों के नवें गुरू तेग बहादुर सदैव सिख धर्म मानने वाले और सच्चाई की राह पर चलने वाले लोगों के बीच रहा करते थे, जिन्होंने न केवल धर्म की रक्षा की बल्कि देश में धार्मिक आजादी का मार्ग भी प्रशस्त किया। सिखों के 8वें गुरू हरिकृष्ण राय की अकाल मृत्यु के बाद तेग बहादुर को नौवां गुरू बनाया गया था, जिनके जीवन का प्रथम दर्शन ही यही था कि धर्म का मार्ग सत्य और विजय का मार्ग है। माता नानकी की कोख से जन्मे तेग बहादुर ने धर्म और आदर्शों की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावार कर दिए थे। धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर रहे गुरू तेग बहादुर का प्रकाश पर्व इस वर्ष 21 अप्रैल को मनाया जा रहा है। सिख गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व के अवसर पर 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे और इस अवसर पर एक डाक टिकट तथा एक सिक्का भी जारी करेंगे। गुरु तेग बहादुर के बलिदान की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार यह आयोजन कर रही है। 14 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने अपने पिता के साथ मुगलों के हमले के खिलाफ हुए युद्ध में वीरता का परिचय दिया था और उनकी इस वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने ही उनका नाम ‘तेग बहादुर’ अर्थात् तलवार का धनी रखा था। गुरू तेग बहादुर ने हिन्दुओं तथा कश्मीरी पंडितों की मदद कर उनके धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राण गंवाए थे। क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें हिन्दुओं की मदद करने और इस्लाम नहीं अपनाने के कारण मौत की सजा सुनाई थी और उनका सिर कलम करा दिया था। उस आततायी और धर्मान्ध मुगल शासक की धर्म विरोधी तथा वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरूद्ध गुरू तेग बहादुर का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना थी। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों में गुरू तेग बहादुर का स्थान अद्वितीय है और एक धर्म रक्षक के रूप में उनके महान् बलिदानों को समूचा विश्व कदापि नहीं भूल सकता। उस समय औरंगजेब ने आदेश पारित किया था कि राजकीय कार्यों में किसी भी उच्च पद पर किसी हिन्दू की नियुक्ति नहीं की जाए और हिन्दुओं पर ‘जजिया’ (कर) लगा दिया जाए। उसके बाद हिन्दुओं पर हर तरफ अत्याचार का बोलबाला हो गया। अनेक मंदिरों को तोड़कर वहां मस्जिदें बनवा दी गई और मंदिरों के पुजारियों, साधु-संतों की हत्याएं की गई। लगातार बढ़ते अत्याचारों और भारी-भरकम नए-नए कर लाद दिए जाने से भयभीत बहुत सारे हिन्दुओं ने उस दौर में धर्म परिवर्तन कराकर मजबूरन इस्लाम धर्म अपना लिया। औरंगजेब के अत्याचारों के उस दौर में कश्मीर के कुछ पंडित गुरू तेग बहादुर के पास पहुंचे और उन्हें अपने ऊपर हो रहे जुल्मों की दास्तान सुनाई। गुरू जी ने उनकी पीड़ा सुनने के बाद मुस्कराते हुए कहा कि तुम लोग बादशाह से जाकर कहो कि हमारा पीर तेगबहादुर है, अगर वह मुसलमान हो जाए तो हम सभी इस्लाम स्वीकार कर लेंगे। कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर के सूबेदार शेर अफगन के मार्फत यह संदेश औरंगजेब तक पहुंचाया तो औरंगजेब बिफर उठा। उसने गुरू तेगबहादुर को दिल्ली बुलाकर उनके परम प्रिय शिष्यों मतिदास, दयालदास और सतीदास के साथ बंदी बना लिया और तीनों शिष्यों से कहा कि अगर तुम लोग इस्लाम धर्म कबूल नहीं करोगे तो कत्ल कर दिए जाओगे। भाई मतिदास ने जवाब दिया कि शरीर तो नश्वर है और आत्मा का कभी कत्ल नहीं हो सकता। यह सुनकर औरंगजेब ने मतिदास को जिंदा ही आरे से चीर देने का हुक्म दिया। औरंगजेब के फरमान पर जल्लादों ने भाई मतिदास को दो तख्तों के बीच एक शिकंजे में बांधकर उनके सिर पर आरा रखकर आरे से चीर दिया और उनकी बोटी-बोटी काट दी लेकिन जब भाई मतिदास को आरे से चीरा जाने लगा, तब भी वे भयभीत हुए बिना ‘श्री जपुजी साहिब’ का पाठ करते रहे। अगली बारी थी भाई दयालदास की लेकिन उन्होंने भी जब दो टूक लहजे में इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया तो औरंगजेब ने उन्हें गर्म तेल के कड़ाह में डालकर उबालने का हुक्म दिया। सैनिकों ने उसके हुक्म पर उनके हाथ-पैर बांधकर उबलते हुए तेल के कड़ाह में डालकर उन्हें बड़ी दर्दनाक मौत दी लेकिन भाई दयालदास भी अपने अंतिम श्वांस तक ‘श्री जपुजी साहिब’ का पाठ करते रहे। अगली बारी थी भाई सतीदास की लेकिन उन्होंने भी दृढ़ता से औरंगजेब का इस्लाम धर्म अपनाने का फरमान ठुकरा दिया तो उस आततायी क्रूर मुगल शासक ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए उन्हें कपास से लपेटकर जिंदा जला देने का हुक्म दिया। भाई सतीदास का शरीर धू-धूकर जलने लगा लेकिन वे भी निरंतर ‘श्री जपुजी साहिब’ का पाठ करते रहे। औरंगजेब के आदेश पर 22 नवम्बर 1675 के दिन काजी ने गुरू तेग बहादुर से कहा कि हिन्दुओं के पीर! तुम्हारे सामने तीन ही रास्ते हैं, पहला, इस्लाम कबूल कर लो, दूसरा, करामात दिखाओ और तीसरा, मरने के लिए तैयार हो जाओ। इन तीनों में से तुम्हें कोई एक रास्ता चुनना है। अन्याय और अत्याचार के समक्ष झुके बिना धर्म और आदर्शों की रक्षा करते हुए गुरू तेग बहादुर ने तीसरे रास्ते का चयन किया। जालिम औरंगजेब को यह सब भला कहां बर्दाश्त होने वाला था। उसने गुरू तेग बहादुर का सिर कलम करने का हुक्म सुना दिया। 24 नवम्बर के दिन चांदनी चौक के खुले मैदान में एक विशाल वृक्ष के नीचे गुरू तेग बहादुर समाधि में लीन थे, वहीं औरंगजेब का जल्लाद जलालुद्दीन नंगी तलवार लेकर खड़ा था। अंततः काजी के इशारे पर जल्लाद ने गुरू तेग बहादुर का सिर धड़ से अलग कर दिया गया, जिसके बाद चारों ओर कोहराम मच गया। इस प्रकार अपने धर्म में अडिग रहने और दूसरों को धर्मान्तरण से बचाने के लिए गुरू तेग बहादुर और उनके तीनों परम प्रिय शिष्यों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहूति दे दी। धन्य हैं भारत की पावन भूमि पर जन्म लेने वाले और दूसरों की सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले उदार चित्त, बहादुर व निर्भीक ऐसे महापुरूष। हिन्दुस्तान तथा हिन्दू धर्म की रक्षा करते हुए शहीद हुए गुरू तेग बहादुर को उसके बाद से ही ‘हिन्द की चादर गुरू तेग बहादुर’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी, इसीलिए उन्हें ‘हिन्द की चादर’ कहा जाता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री मीडिया का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक के साथ अब सोशल मीडिया की भी बाढ़ है। लेकिन यह सब तभी तक सार्थक है, जब तक इनके सामाजिक सरोकार भी है। इसके निर्वाह के लिए भारतीय संस्कृति के प्रति आग्रह आवश्यक है। भारत में देवर्षि नारद ने ही पत्रकारिता का प्रादुर्भाव किया था। उनके चौरासी सूत्र आधुनिक पत्रकारिता के संदर्भ में भी प्रासंगिक हैं। उनकी सभी बात आज की मीडिया पर न केवल लागू होती है, बल्कि उनपर अमल से मीडिया को आदर्श रूप दिया जा सकता है। लेकिन आधुनिक वामपंथी खेमे पत्रकारों ने भारतीय संस्कृति की घोर अवहेलना की। उदारीकरण और वैश्वीकरण ने नया संकट पैदा किया है। ऐसे में राष्ट्रवादी पत्रकारिता के महत्व को बनाये रखने की चुनौती है। इसमें धीरे धीरे सफलता भी मिल रही है। देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह संयोग है कि इस दौरान राष्ट्रवादी विचार से प्रेरित अनेक संगठन व संस्थान भी अपना अमृत वर्ष मना रहे हैं। कुछ दिन पहले विद्यार्थी परिषद द्वारा अपनी स्थापना के सात दशक होने पर ध्येय यात्रा पुस्तक का लोकार्पण नई दिल्ली में किया गया। इधर लखनऊ में हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी संवाद एजेंसी ने अमृत पर्व प्रवेश समारंभ-2022 का आयोजन किया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश जोशी भैयाजी, संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर सहित बड़ी संख्या में पत्रकार व अन्य लोग सहभागी हुए। योगी आदित्यनाथ ने हिन्दुस्थान समाचार के संस्थापक बाबा साहेब आप्टे, एजेंसी को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले बालेश्वर अग्रवाल और एजेंसी को दोबारा प्रारंभ करने वाले श्रीकांत जोशी का आदरपूर्वक स्मरण किया। कहा कि उन्हें भी हिन्दुस्थान समाचार की पत्रिकाओं नवोत्थान और युगवार्ता से जुड़ने का अवसर मिला है। राष्ट्र भाव की पत्रकारिता के अनुरूप कार्य करते हुए हिन्दुस्थान समाचार ने यह यात्रा तय की है। वह अब अपने अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में भी न्यूज एजेंसी भविष्य की चुनौतियों का समाना करते हुए लोगों तक गुणवत्तापूर्ण समाचार पहुंचाती रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार ने आजादी के बाद भारतीयता को विशेष महत्व देते हुए सत्य, संवाद और सेवा को अपना ध्येय माना। वर्तमान समय में पत्रकारिता कई चुनौतियों का समाना कर रही है। प्रिंट, विजुअल और डिजिटल मीडिया के साथ ही लोगों का दृष्टिकोण बदला है। योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि है इन चुनौतियों का सामना करते हुए हिन्दुस्थान समाचार आगे बढ़ेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी भैयाजी जोशी ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में पचहत्तर वर्ष पूर्ण करना आसान नहीं है। पत्रकारिता को धर्म मानकर काम करने वाले ही सफल होते है। हिन्दुस्थान समाचार ने इसी विचार के अनुरूप कार्य किया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में आदर्श अपेक्षित हैं। उनके पालन से ही समाज व राष्ट्र का हित सुनिश्चित होता है। इन आदर्शों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। समाचार सम्प्रेषण में स्पष्टता व गुणवत्ता रहनी चाहिए। इससे प्रामाणिकता कायम होती है। साथ ही समाज का भी कल्याण होता है। उसी के आधार पर देश का लोकतंत्र स्वस्थ बना रहेगा। देश के लोकतंत्र का स्वस्थ बने रहना समग्र विकास के लिए आवश्यक शर्त है। समाज जागरूक होकर सही दिशा में चलता है तभी लोकतंत्र सफल होता है। हिन्दुस्थान समाचार अपने स्थापना के समय से ही लेकर आज तक इसी धारणा से कार्य कर रहा है। आज ऐसी ही ध्येयवादी पत्रकारिता की आवश्यकता है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि हिन्दुस्थान समाचार ने देश की आजादी के बाद भारतीय भाषाओं में समाचार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। एक एजेंसी की सबसे बड़ी भूमिका यथास्थिति और स्पष्ट तथा पुष्ट जानकारी देना होता है। आज के समय में यह भूमिका और भी अधिक बड़ी हो जाती है। हिन्दुस्थान समाचार को आने वाले समय में भारत का सटीक और सही चित्रण विश्व पटल में रखने की बड़ी भूमिका निभानी होगी। वस्तुतः भारतीय पत्रकारिता का वामपंथी विचारों ने नुकसान किया है। इसके लिए वामपंथियों ने अपना स्वरूप भी बदला है। कार्ल मार्क्स ने आर्थिक आधार समाज की व्याख्या की थी। उसने समाज को दो वर्गों में बांटा था। पहला पूंजीपति और दूसरा सर्वहारा। पूंजीपति सदैव सर्वहारा का शोषण करता है। दोनों में संघर्ष चलता रहता है। यह वामपंथियों, मार्क्सवादियों, माओवादियों, नक्सलियों का मूल चिंतन रहा है। इसमें अनेक बदलाव भी होते रहे। भारत के वामपंथियों ने मीडिया में अपना सांस्कृतिक विचार चलाया है। इसमें मार्क्स का आर्थिक चिंतन बहुत पीछे छूट गया। पूंजीपति और सर्वहारा की बात बन्द हो गई। उन्होंने हिन्दू और मुसलमानों की बात करना शुरू कर दिया। लेकिन वर्ग संघर्ष के चिंतन को बनाये रखा। ये कथित प्रगतिशील पत्रकार हिन्दू और मुसलमानों के संघर्ष की रचना करने लगे। इन्होंने यह मान लिया इनका वर्ग संघर्ष चलता रहेगा। वामपंथी रुझान वाले यहीं तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने सवर्ण और दलित के बीच भी वर्ग को हवा देना शुरू किया। वामपंथी रूझान की पत्रकारिता ने हिंदुओं के विरोध को अपना पैशन बना लिया। वर्ग संघर्ष के सिद्धांत पर उन्होंने यह विचार फैलाया की हिन्दू शोषक और मुसलमान शोषित है। इसीलिए पश्चिम बंगाल और केरल की राजनीतिक हिंसा उन्हें दिखाई नहीं देती। किंतु कुछ लोग मजहब के आधार पर समाज विरोधी कार्य करें, यह कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करें, तो इसे भगवा आतंकवाद के रूप में प्रसारित किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद से ही वामपंथी विचारकों को लेखन के लिए प्रोत्साहित किया गया। उनके द्वारा बनाये गए पाठ्यक्रम को शिक्षा में चलाया गया। इसमें भारत के प्रति हीन भावना का विचार था। प्राचीन भारतीय विरासत को खारिज किया गया। यह पढ़ाया गया कि विदेशी शासन ने भारत को सभ्य बनाया। जबकि वह स्वयं सभ्यताओं के संघर्ष करने वाले लोग थे। भारत तो सबके कल्याण की कामना करने वाला देश रहा है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा पिछले साल अप्रैल में आई कोरोना वायरस की भीषण लहर ने देश में प्रलय मचा कर रख दी थी। उन दिनों को याद करके भी घबराहट होने लगती है। एक साल बाद फिर से कोरोना की चौथी लहर का खतरा सामने है। कोरोना के नये केस सामने आ रहे हैं। इनकी संख्या में लगातार वृद्धि भी हो रही है। इससे पहले कोरोना के ओमिक्रान वैरियंट के लगभग बेअसर रहने के बाद यह उम्मीद बंधी थी कि कोरोना का अब नाश हो गया है। लेकिन, कहते ही हैं कि वायरस कभी खत्म नहीं होता। हां, उसका असर कमजोर पड़ने लगता है। तो ओमिक्रान के बाद आने और चले जाने के बाद यही लग रहा है कि अगर चौथी लहर आई भी तो वह भी समुद्री लहर की तरह सागर किनारे आकर वापस चली जाएगी। यानी वह घातक नहीं होगी। पर यह सब पक्के से तो नहीं कहा जा सकता है। देखिए कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स अपने साथ नए-नए लक्षण साथ लेकर आने लगे हैं। एक बात पर आपने गौर किया होगा कि जैसे ही कोरोना के नियमों में ढील दी जाने लगी, लगभग तब ही कोरोना फिर से सामने आ गया। इसने लोगों को अपनी चपेट में लेना चालू कर दिया। स्कूल-कॉलेज खुले तो छात्रों में कोरोना फैलना शुरू हो गया है। तो बहुत साफ है कि कोरोना का असर कम भी होने पर मास्क लगाना ही होगा तथा सामाजिक दूरी अपनानी ही होगी। हाल ही में आईआईटी-कानपुर ने अपने एक शोध के बाद दावा किया है कि भारत में जून में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। यह कहना होगा कि जिस प्रकार से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखकर लगता है आईआईटी का दावा सही हो सकता है। पर क्या यह दूसरी लहर जितनी घातक होगी? इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में अभी कोई नहीं है। बहरहाल, जिस किसी ने कोरोना की दोनों डोज ले ली है, वे काफी हद तक सुरक्षित हो गए हैं। उन पर कोरोना के नए-नए वेरियंट का असर कम होगा। अब कहा जा रहा है कि 18 से 59 साल तक की उम्र के लोगों को भी ऐहतियातन बूस्टर लगवा लेनी चाहिए। लेकिन, यह जानना आवश्यक है कि टीका लगवाने के बाद जो ऐंटीबॉडी बनती है, वह ज्यादातर मामलों में 8 महीनों तक ही रहती है। एक बात और कि फिलहाल तीसरी डोज उन लोगों को लगवा लेनी चाहिए जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। इसे अस्पतालों, पुलिस तथा बैंकों कर्मियों को लगवा लेनी चाहिए। कैंसर, लिवर, किडनी, हार्ट, लंग्स खासकर टीबी की बीमारी के रोगी भी इसे लगवा लें। देखिए कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स अपने साथ पहले से अलग नए लक्षण लेकर आ रहे हैं। जैसे कि कंपकंपी के साथ बुखार होना या थकान महसूस करना, शरीर में दर्द होना, गले में खराश, नाक का बहना या बंद होना आदि। खैर, यह तो सब मानते हैं कि अब हमें कोरोना के नए-नए वेरिएंट के साथ ही जिंदा रहना सीखना होगा। पर इसके लिए जरूरी है कि अगर हमने अभी तक भी दोनों टीके नहीं लगवाए तो हम अब देर न करें। हमारे देश में अभी तक 65 प्रतिशत लोगों ने ही दोनों टीके लगवाए हैं। एक तिहाई जनता को एक ही टीका लगा है। बच्चों को टीके पूरे नहीं लगे। यह जान लें कि यदि टीका लग गया है तो कोरोना का वायरस कमजोर पड़ेगा। यह अफसोस की बात है कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद अब भी बहुत से लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं। वे अब भी इसको लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। मेरे अपने सर्किल में कुछ लोग समझाने पर भी नहीं मान रहे हैं। इस तरह के लोग अपने को खतरे में डाल रहे हैं। अब वे लोग फिर से मास्क पहन लें जो इसे उतार चुके थे। निश्चित रूप से मास्क कोरोना के नया वेरिएंट के विरूद्ध खड़ा तो होता ही है। हालांकि अभी कोरोना की चौथी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू ही किया है, इसलिए केन्द्र तथा राज्य सरकारों को किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। जैसे कि कोरोना रोगियों के लिए अलग से वॉर्ड तथा बिस्तरों की व्यवस्था करना, पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न सप्लाई सुनिश्चित करना तथा एम्बुलेंस सेवा को तैयार करना। यह सब जानते हैं कि किसी भी राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था का काम राज्य सरकार देखती है। हमने देखा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन पर चलते हुए सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य कोरोना की दूसरी लहर के वक्त इससे होने वाली मौतों की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय को दे रहे थे। हालांकि तब तमाम राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से बहुत से लोग मारे भी गए थे। लेकिन, सरकारें नहीं मानती कि ऑक्सीज़न की कमी के कारण लोग जान से हाथ धो बैठे थे। लेकिन, जरा उनसे भी तो पूछिए जिनके परिजन ऑक्सीजन की कमी के कारण संसार से विदा हो गए। मुझे नहीं पता कि सरकारी दावों का क्या आधार है कि कोरोना की दूसरी लहर के समय ऑक्सीज़न की कमी के कारण किसी की जान नहीं गई। हालांकि सच इससे बहुत अलग तथा बहुत कठोर है। तब ऑक्सीजन की किल्लत के कारण लाखों लोग कितने बेबस और बेहाल थे, यह सबको पता है। मुझे याद है तब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल तब हालात से इतने खिन्न हो गए थे कि उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि सरकारों ने ऑक्सीजन की सप्लाई को बेहतर न बनाया तो वे खुदखुशी कर लेंगे। जरा सोचिए कि देश के डॉक्टरों की सर्वोच्च संस्था का नेता कितना असहाय था तब। डॉ. अग्रवाल ने इस तरह की चेतावनी इसलिए दे डाली थी क्योंकि उनका कहना था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण डॉक्टर रोगियों का सही से इलाज नहीं कर पा रहे हैं। इस विकट स्थिति से सैकड़ों डॉक्टर गुजरे। भगवान न करें कि अब वही स्थिति फिर कभी आए। तब सारा देश घरों में दुबका हुआ था और सड़कों पर सिर्फ एंबुलेंसों के सायरन बजने की आवाजें आती थीं। सारे माहौल में भय और डर था। ऐसे माहौल को फिर से कभी आने नहीं देना है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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विकास सक्सेना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद से सपा मुखिया अखिलेश यादव नित नए राजनैतिक संकट से घिरते जा रहे हैं। पार्टी की कमान संभालने के बाद हुए एक लोकसभा और दो विधानसभा चुनावों में पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। अब सैफई परिवार से लेकर पार्टी संगठन तक में उनके खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में असंतोष के कारण नेतृत्व के फैसलों में ही दिखाई देते हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने चाचा शिवपाल सिंह यादव को ‘बाहरी’ मानते हुए पार्टी विधायकों की बैठक में न बुलाकर अखिलेश यादव ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। इसी तरह समाजवादी पार्टी के कद्दावर मुस्लिम नेता मोहम्मद आजम खां कई साल से जेल की सलाखों के भीतर हैं लेकिन पार्टी ने इसके खिलाफ कभी आवाज बुलंद नहीं की। पार्टी के भीतर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे तमाम कद्दावर नेता और उनके समर्थक अखिलेश यादव के नेतृत्व और उनकी नीतियों के खिलाफ बोलने लगे हैं। जिसके चलते भाजपा जैसे शक्तिशाली राजनैतिक विरोधी का सामना करने की रणनीति खोजने में जुटे अखिलेश यादव को अब कुनबा बचाने की चुनौती से भी जूझना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को विकसित करने वाले शिवपाल यादव और आजम खान जैसे नेता अखिलेश के नेतृत्व में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी की शानदार जीत के बाद मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अखिलेश यादव को बैठा दिया था। पिता की विरासत के तौर पर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी तो हासिल हो गई लेकिन पार्टी संगठन और सरकार पर वह अपना प्रभाव स्थापित नहीं कर सके। इसी के चलते उनकी सरकार साढ़े चार मुख्यमंत्रियों की सरकार कहलाती थी। इसमें चार मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, प्रो. रामगोपाल यादव और आजम खान माने जाते थे जबकि खुद अखिलेश यादव की हैसियत आधे मुख्यमंत्री की समझी जाती थी। खुद को मजबूत साबित करने के लिए उन्होंने जनवरी 2017 में मुलायम सिंह यादव को हटाकर पार्टी के अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया और चाचा शिवपाल यादव को पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली। सरकार और संगठन पर एकछत्र राज स्थापित करने के बाद अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकांश नेताओं के पर कतर दिए। लगभग पूरे प्रदेश में नए सिरे से पार्टी संगठन तैयार किया गया। विधानसभा चुनाव 2017 में उन्होंने कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन किया। लेकिन अखिलेश और राहुल गांधी की जोड़ी के भरसक प्रयास के बावजूद समाजवादी पार्टी महज 47 सीटों पर सिमट कर रह गई। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में सारी राजनैतिक कटुता को भुलाकर उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती से चुनावी गठबंधन किया। मतभेद खत्म होने का संदेश देने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी डिम्पल यादव से मंच पर मायावती का चरण वंदन भी करवाया लेकिन राजनैतिक नजरिए से इतने बड़े गठबंधन का भी समाजवादी पार्टी को कोई लाभ नहीं मिला। लोकसभा चुनाव 2014 का प्रदर्शन दोहराते हुए एकबार फिर सपा सिर्फ पांच सीटों पर सिमट कर रह गई। खास बात यह रही कि इन चुनावों में उनकी पत्नी डिम्पल यादव, चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और उनके सबसे बड़े सलाहकार रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव तक चुनाव हार गए। विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी खासी उत्साहित थी। नागरिकता संशोधन कानून और कृषि कानूनों के विरोध में हुए कथित किसान आंदोलन ने भी उन्हें नई ऊर्जा दी। इस बार पिछली ‘गलतियों’ से सबक लेते हुए उन्होंने ऐलान किया कि वह किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने जाटों में प्रभाव वाले रालोद समेत विभिन्न जातीय प्रभाव वाले राजनैतिक दलों का गठबंधन तैयार किया। लेकिन लगातार सपा से गठबंधन का प्रस्ताव देने वाले चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनावी समझौता नामांकन शुरू होने के चंद रोज पहले ही हो सका। समझौते से पहले तक अपने साथियों के सम्मान की बात कहने वाले शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के किसी भी फैसले पर सवाल खड़े नहीं किए। समाजवादी पार्टी से समझौता करते समय शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव को अपनी पार्टी के नेताओं की सूची सौंपते हुए कहा था कि वह मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी के चयन के लिए जमीनी हकीकत का सर्वेक्षण कराते समय इन नेताओं के नाम पर भी विचार कर लें और जो बेहतर स्थिति में हो उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जाए। लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ शिवपाल यादव को सपा का उम्मीदवार बनाया। उनके बेटे आदित्य यादव को भी टिकट नहीं दिया गया। इतना ही नहीं प्रसपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव वीरपाल सिंह यादव को भी टिकट नहीं दिया गया। जबकि वीरपाल यादव सपा के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। लम्बे समय तक जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने बरेली क्षेत्र में सपा को मजबूत स्थिति में पहुंचाया था। वह विधानसभा चुनाव 2017 में 76886 वोट हासिल करके दूसरे स्थान पर रहे थे। पूरे रूहेलखण्ड परिक्षेत्र के यादवों में खास प्रभाव रखने वाले वीरपाल सिंह यादव के अनुभव और प्रभाव का चुनाव में इस्तेमाल करने के बजाय महज एक विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाकर उन्हें चिढ़ाने का प्रयास किया गया। पार्टी के सबसे कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान को लेकर अखिलेश यादव कोई स्पष्ट नीति नहीं बना सके हैं। वे उनसे नजदीकी जाहिर नहीं करना चाहते लेकिन मुस्लिम वोटों के छिटकने के डर से वह उनसे दूरी भी नहीं बना पा रहे हैं। जेल में बंद होने के बावजूद आजम खान को रामपुर और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को स्वार सीट से चुनाव लड़ाया गया। लेकिन वह यह स्पष्ट तौर पर कहने को तैयार नहीं हैं कि आजम खान पर लगाए गए आरोप सही हैं या फिर उन्हें राजनैतिक बदले की भावना से जेल में डाला गया है। क्योंकि इस सवाल का जवाब देते ही उनसे पूछा जाएगा कि अगर वह आरोप सही हैं तो उन्हें पार्टी ने टिकट क्यों दिया और अगर आरोप झूठे हैं तो अपने नेता के बचाव के लिए पार्टी ने सड़कों पर उतर कर संघर्ष क्यों नहीं किया। इसके अलावा भोजीपुरा से विधायक शहजिल इस्लाम और कैराना से विधायक नाहिद हसन के परिवार की सम्पत्तियों पर बाबा का बुलडोजर चलने के बावजूद अखिलेश यादव की खामोशी से मुस्लिम समाज में बेचैनी है। विधानसभा चुनाव में इस बार अधिकांश बूथों पर सपा को 90 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोट हासिल हुए हैं। ऐसे में इस समुदाय को उम्मीद थी कि वह खुलकर उनके पक्ष में खड़े होंगे। लेकिन विधान परिषद की 36 सीटों पर हुए चुनाव में महज चार मुसलमानों को टिकट देकर सपा ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है। इसके बाद से संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान वर्क और आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान उर्फ शानू ने पार्टी पर निशाना साध कर सियासी हलचल के संकेत दे दिए हैं। इसी तरह शिवपाल यादव की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के बाद समान नागरिक संहिता की उनकी मांग सपा के लिए मुसीबत बनने वाली है। शिवपाल यादव के साथ अगर थोड़ा भी यादव वोट भाजपा की ओर सरक गया तो मुस्लिम वोट भी उनके पाले में नहीं ठहरेगा। ऐसे में अखिलेश यादव को सपा की सबसे बड़ी ताकत एमवाई समीकरण बचाना अत्यंत दुश्कर हो जाएगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. रमेश ठाकुर बुनियादी सवाल यही है कि दिल्ली हिंसा सुनियोजित थी? यह ट्रेलर मात्र है, पिक्चर अभी शेष है? या इसकी नींव राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखकर राजनीतिक शास्त्र ने रखी। घटना के बाद ऐसे कुछ सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठने भी चाहिए, आखिर ऐसा क्या है जो किस्तों में कुछ अंतराल के बाद राजधानी में ऐसे फसाद होते रहते हैं। तब तो और जब चुनावों की सुगबुगाहट होने लगती हैं। कुछ समय बाद दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने हैं। इसलिए कड़ियां आपस में काफी हद तक मेल खाती हैं। राजधानी की हिंसा सुनियोजित थी या नहीं? ये सवाल पुलिस पर छोड़ देते हैं। पर, दूसरे सवाल का जवाब हम खुद खोजेंगे। आखिर कौन सौहार्द्रपूर्ण माहौल में जहर घोल रहा है। 16 अप्रैल की शाम को जब दिल्ली में हिंसा हो रही थी, उसी वक्त सोशल मीडिया पर दो बेहद खूबसूरत तस्वीरें हम सबको दिख रही थीं, जिसमें हनुमान जन्मोत्सव के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रैली में शामिल लोगों पर फूल बरसा रहे थे, कोल्ड ड्रिंक और पानी की बोतलों का वितरण कर रहे थे। ये तस्वीरें उत्तर प्रदेश के शामली और नोएडा की हैं। शामली में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा काफी समय बाद दिखा। घटना वाला इलाका जहांगीरपुरी दिल्ली का ऐसा आवासीय क्षेत्र है जहां बेहद गरीब तबके लोग रहते हैं, दिहाड़ी-मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं, उन्हें राजनीति, दंगा-फसादों से कोई मतलब नहीं। लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के दिन लोगों ने उन्हें उकसा कर इसे अंजाम दिलाया। जहां हिंसा हुई, वहां दोनों तरफ आमने-सामने मंदिर और मस्जिद हैं, हिंदु-मुसलमान मिलजुल कर रहते आए हैं। किसी तरह की दिक्कत आजतक नहीं हुई। घटना कैसे हुई, इसे वहां के लोग समझ नहीं पाए हैं। हिंसक घटना के बाद से समूचा इलाका भयभीत है। हर तरह के काम-धंधे बंद हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इलाके को छावनी में तब्दील कर धारा 144 लगा दी गयी है। गलियों के गेट पर ताला जड़ दिया है। स्कूल, प्रतिष्ठान, दुकानें, बाजार सब बंद हैं। हिंसा को लेकर जमकर सियासत होनी शुरू गई है। पक्ष-विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। जबकि, इस वक्त सिर्फ और सिर्फ समाधान की बात होनी चाहिए। पर, लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की फिराक में हैं। कोई एक दल नहीं, बल्कि सभी पार्टियां मौके का फायदा उठाना चाहती हैं। लेकिन अंदरखाने राजधानी के हालात अच्छे नहीं हैं। इसके बाद भी कुछ अंदेशे ऐसे दिखते हैं जो सुखद नहीं। ये तय है कि जो हिंसा हुई, वह अचानक होने वाली घटना नहीं थी। इलाके के कई लोग तो खुलेआम बोल रहे हैं कि अगर पुलिस सतर्क होती तो घटना नहीं होती। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं जब लोग हिंसक हो रहे थे, तब पुलिसकर्मी तमाशबीन बने हुए थे। लोगों के हाथों में धारदार हथियार थे, पत्थर थे। दोनों तरफ से जब पथराव शुरू हुआ तो सबसे पहले लोगों ने पुलिसकर्मियों को ही निशाना बनाया, जिसमें कई पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए। घायलों का इलाज पास के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में हो रहा है। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज की हैं जिसमें मुस्लिम समुदाय के 14 लोगों को नामजद किया गया है जिसमें प्रमुख नाम मोहम्मद अंसार है, जिसने सबसे पहले विरोध शुरू किया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। अंसार इलाके का कुख्यात है, कई मुकदमे दर्ज हैं, गैंगस्टर के तहत चार बार जेल जा चुका है। समय का तकाजा यही है कि घटना की निष्पक्ष जांच हो, दोषी पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। हिंसा को लेकर केंद्र सरकार की नजर बनी हुई है, क्योंकि दिल्ली की सुरक्षा का जिम्मा उन्हीं के कंधों पर है। घटना की जानकारी के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस कमिश्नर तलब कर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एलजी से बात करके दंगाईयों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। गृह मंत्रालय में घटना को लेकर बड़ी बैठक भी हुई। हालांकि ऐसा हर घटना के बाद होता ही है। पर, इस बार सिर्फ मामला शांत होने का इंतजार नहीं किया जाए, फसाद की तह तक जाने की जरूरत है। घटना की जांच में तीन टुकड़ियां लगी हैं। ड्रोन कैमरे भी लगे हैं जिन घरों से पथराव शुरू हुआ, उनकी जांच हो। हर एंगल से जांच की जाए। ईमानदारी और राजनीतिक चश्मे के बिना कड़ाई से जांच होगी, तभी प्रत्येक वर्ष होने वाले दंगों से राजधानी मुक्त हो पाएगी। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारत ने अपनी संवैधानिक यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस अवधि में प्रजातंत्र की जड़ें यहां गहरी हुई है। प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में भारत प्रमुख रूप से शामिल है। यहां संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप सरकारों की रचना होती है। संविधान की प्रस्तावना 'हम भारत के लोग' शब्दावली से शुरू होती है। भारत के लोग ही चुनाव के माध्यम से जनादेश देते हैं। भारत से अलग होकर निर्मित पाकिस्तान को आज तक संवैधानिक व्यवस्था पर चलने का सलीका नहीं आया। वहां निर्वाचित सरकार भी सेना के नियंत्रण में रहती है। सैन्य कमांडर की नजर तिरछी होने के बाद निर्वाचित प्रधानमंत्री को भी कुर्सी छोड़नी पड़ती है। यह स्थिति तब रहती है जब सेना का सीधे सत्ता पर नियंत्रण नहीं रहता है। लगभग आधे समय तक वहां की सत्ता पर सेना के जनरल का नियंत्रण रहा है। भारत ने प्रजातंत्र के उच्च प्रतिमान स्थापित किये हैं। सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने तरीके से कार्य किया। कई बार नेकनीयत से किये गए कार्यों के भी बेहतर परिणाम नहीं मिलते हैं। भारत की संवैधानिक व्यवस्था में भी ऐसे तथ्य दिखाई देते है। यहां लोकप्रियता के शिखर पर रहे जवाहर लाल नेहर, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी व नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इनमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी को पराजय भी देखनी पड़ी। जबकि जवाहर लाल नेहरू और अभी तक नरेन्द्र मोदी अपराजित रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता पीछे रहने वाले भी प्रधानमंत्री बने। लाल बहादुर शास्त्री को अल्प समय में प्रतिष्ठा मिली। मनमोहन सिंह का उदाहरण सबसे अलग है। वह कभी ग्राम प्रधान या पार्षद का चुनाव नहीं जीते, लेकिन दस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी ने करीब दो दर्जन दलों के सहयोग से बेहतरीन सरकार चलाई। इसके पहले एक मत से उनकी सरकार लोकसभा में पराजित हो गई थी। तब उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने लोकसभा में बैठकर सरकार के विरुद्ध मतदान किया था। उस समय तक लोकसभा की सदस्यता से उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया था। तकनीकी रूप से उनका मतदान करना भले ठीक रहा हो, लेकिन यह संविधान की भावना के विरुद्ध था। संविधान निर्माता यह नहीं चाहते थे कि कोई नेता विधानसभा व लोकसभा की कार्यवाही में एक साथ सम्मिलित हो। चरण सिंह, वीपी सिंह, चन्द्रशेखर, देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल राजनीतिक जोड़तोड़ के चलते प्रधानमंत्री बने थे। उनकी ताजपोशी संसदीय व्यवस्था के संख्या फैक्टर से संभव हुई थी। इन सभी प्रधानमंत्रियों की चर्चा चलेगी तब अनेक दिलचस्प तथ्य भी उजागर होंगे। इनके बाद नरेन्द्र मोदी ने अपना अलग मुकाम बनाया है। उनके कार्यकाल में ऐतिहासिक समस्याओं का समाधान हुआ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण, श्री विश्वनाथ धाम निर्माण, अनुच्छेद 370 व 35 ए, तीन तलाक की समाप्ति हुई। गरीबों को अनेक योजनाओं का अभूतपूर्व लाभ मिला। 40-60 वर्ष से लंबित योजनाओं को पूरा किया गया। यह संयोग है कि नरेन्द्र मोदी ने ही प्रधानमंत्रियों से जुड़े संग्रहालय का लोकार्पण किया। यह लोकार्पण डॉ. आंबेडकर की जन्म जयंती पर किया गया। वह संविधान के शिल्पी थे। उनकी प्रतिष्ठा में सर्वाधिक कार्य नरेन्द्र मोदी सरकार ने किए हैं। इसमें उनके जीवन से संबंधित स्थलों का भव्य निर्माण किया गया। इसके साथ ही दलित वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ वंचित वर्ग को तक पहुंच रहा है। नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच स्थानों को भव्य स्मारक का रूप प्रदान किया। इसमें लंदन स्थित आवास, उनके जनस्थान, दीक्षा स्थल, इंदुमिल मुम्बई और नई दिल्ली का अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान शामिल हैं। यह अपने ढंग का अद्भुत संस्थान है, जिसमें एक ही छत के नीचे डॉ. आंबेडकर के जीवन को आधुनिक तकनीक के माध्यम से देखा-समझा जा सकता है। पिछले दिनों मोदी ने यह संस्थान राष्ट्र को समर्पित किया था। संयोग देखिये, इसकी कल्पना अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी और इसे पूरा नरेन्द्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री संग्रहालय में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान उल्लेखित हैं। पं. जवाहर लाल नेहरू का चित्रण संस्थान निर्माता के रूप में किया गया है। यह पहले नेहरू म्यूजियम था। इसे नया स्वरूप दिया गया है। यहां देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी स्मृतियों व योगदान को दर्शाया गया है। इसके अलावा कई लोकतांत्रिक मूल्यों की भी चर्चा की गई। जवाहर लाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, मनमोहन सिंह शामिल हैं। राष्ट्र निर्माण में इन सभी के योगदान की सराहना की गई। यह उनकी विचारधारा और कार्यकाल को अप्रतिम श्रद्धांजलि है। इसकी कल्पना नरेन्द्र मोदी ने ही की। वर्तमान पीढ़ी को सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलेगी। प्रधानमंत्री संग्रहालय ब्लॉक एक के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लाक दो के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत किया गया है। संग्रहालय के लिए कोई पेड़ नहीं काटे गए। यह भी नरेन्द्र मोदी का ही विजन है। वह प्रकृति संरक्षण की सदैव प्रेरणा देते हैं। इसी क्रम में ऊर्जा संरक्षण व्यवस्था को शामिल किया गया है। गहन शोध और अध्ययन के बाद प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण किया गया है। सूचना प्रसार भारती, दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, देश-विदेश के मीडिया हाउस समाचार एजेंसियों आदि जैसे संस्थानों के माध्यम से सामग्री का संग्रह किया गया। सभी प्रधानमंत्रियों के व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार और यादगार वस्तुएं, उनके भाषण व जीवन के विभिन्न पहलू यहां दिखाई देंगे। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के हर प्रधानमंत्री ने संविधान सम्मत लोकतंत्र के लक्ष्यों की पूर्ति में भरसक योगदान दिया है। देश के विकास में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है। संग्रहालय प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्षतम पदों पर पहुंच सकता है। ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं। सुदूर देहात के एकदम गरीब, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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गिरीश्वर मिश्र भारत में शिक्षा का आयोजन किस प्रकार हो ? यह समाज और सरकार दोनों के लिए केंद्रीय सरोकार है। ज्ञान की अभिवृद्धि, समाज के मानस-निर्माण, कुशलता, उत्पादकता तथा सांस्कृतिक और सर्जनात्मक उन्मेष आदि अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शिक्षा महत्व निर्विवाद है। यह तथ्य भी किसी से छिपा नहीं है कि आज के युग में सामान्यतः औपचारिक शिक्षा की प्रक्रिया से गुजर कर ही प्रौढ़ जीवन में सार्थक प्रवेश मिल पाता है। जो शिक्षा और उसकी कसौटी पर खरे उतरते हैं वे जीविका की दौड़ में आगे बढ़ जाते हैं और जीवन में कामयाबी हासिल करते हैं। इसलिए शिक्षा को लेकर विद्यार्थी, अध्यापक और अभिभावक सभी के मन में आशाएं पलती रहती हैं। भारत की जनसंख्या में युवा-वर्ग के अनुपात में वृद्धि के साथ शिक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में ‘सर्वोदय’ की भावना भी है और हमारी अपेक्षा है कि असमानता को दूर करने और सामाजिक-आर्थिक खाई को पाटने के लिए शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का कारगर उपाय साबित होगी। इन सारी महत्वाकांक्षाओं के मद्देनजर गौर करें तो शिक्षा की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती दिखती है। शिक्षा से जुड़े लोगों का विचार है कि स्वतंत्रता मिलने के बाद शिक्षितों और शिक्षा केन्द्रों की संख्या तो जरूर बढ़ी है पर शिक्षा-तंत्र कई तरह के विकारों से अधिकाधिक ग्रस्त भी होता गया है जिसके चलते शिक्षा वह सब कर पाने में पिछड़ रही है जिसकी उससे अपेक्षा थी। शिक्षा से जुड़े बहुत से सवाल मसलन- शिक्षा किसलिए दी जाय ? शिक्षा कैसे दी जाय ? शिक्षा का भारतीय संस्कृति और वैश्विक क्षितिज पर उभरते ज्ञान-परिदृश्य से क्या सम्बन्ध हो ? शिक्षा की विषयवस्तु क्या और कितनी हो ? उठाए जाते रहे हैं और सरकारी नीति के मुताबिक समय-समय पर टुकड़े-टुकड़े कुछ-कुछ किया जाता रहा। मुख्य परिवर्तन की बात करें तो स्कूली अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण (बीएड) बड़े पैमाने पर शुरू हुआ, एनसीआरटी ने राष्ट्रीय स्तर पर मानक पाठ्यक्रम की रूपरेखा और पाठ्य पुस्तकें तैयार कीं, छात्रों के लिए शिक्षा-काल की अवधि में इजाफा हुआ, सेमेस्टर प्रणाली चली, बहु विकल्प वाले वातुनिष्ठ (आब्जेक्टिव) प्रश्न का परीक्षा में उपयोग होने लगा , अध्यापकों के लिए पुनश्चर्या कार्यक्रम शुरू हुए और अध्यापकों के प्रोन्नति के लिए अकादमिक निष्पादन सूचक (ए पी आई) लागू किये जाने जैसे ‘सुधारों’ का जिक्र किया जा सकता है। इन सबसे कई तरह के बदलाव आए हैं जिनके मिश्रित परिणाम हुए हैं। इस बीच शिक्षा का परिप्रेक्ष्य भी बदला है और शिक्षा व्यवस्था में कई तरह की विविधताएँ भी आई हैं। खासतौर पर व्यावसायिक परिदृश्य की जटिलताओं के साथ शिक्षा ने कई दिशाओं में कदम बढ़ाया है। बाजार की जरूरत के हिसाब से कई बदलाव आए हैं और सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में शिक्षा के निजी क्षेत्र का तीव्र और बड़ा विस्तार हुआ है। शिक्षा के परिदृश्य का यह पहलू इस बात से भी जुड़ा हुआ कि सरकार की ओर से न पर्याप्त निवेश हो सका और न व्यवस्था ही कारगर हो सकी। इसका एक ही उदाहरण काफी होगा। दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित केन्द्रीय विश्वविद्यालय और ऐसे ही अनेक संस्थानों में अध्यापकों के हजारों पद वर्षों से खाली पड़े हैं और ‘तदर्थ’ /‘अतिथि’ (एडहाक / गेस्ट) अध्यापकों के जरिए जैसे-तैसे काम निपटाया रहा है। ऐसे ही एनसीआर ट , जो स्कूली शिक्षा का प्रमुख राष्ट्रीय केंद्र और शिक्षा नीति को लागू करने वाली संस्था है, पिछले कई वर्षों से लगभग आधे से भी कम कर्मियों के सहारे घिसट रहा है। देश में सरकारी स्कूलों कि स्थिति में जरूरी सुधार नहीं हो पा रहा है। अध्यापकों और जरूरी सुविधाओं से वे लगातार जूझ रहे हैं। इन सब पर समग्रता में विचार करते हुए भारत सरकार ने 2014 में देश के लिए नई शिक्षानीति बनाने का बीड़ा उठाया और लगभग छह वर्ष में नीति का एक महत्वाकांक्षी मसौदा 2020 में प्रस्तुत किया है। उसे लेकर पिछले एक वर्ष से पूरे देश में चर्चाओं का दौर चला है। उस पर अमल करते हुए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें पाठ्यक्रम की रूप रेखा (एन सी ऍफ़) का निर्माण प्रमुख है। अनुमान किया जाता है कि बन रहे पाठ्यक्रम से ज्ञान, कौशल और मूल्य को संस्कृति और पर्यावरण के अनुकूल ढालने का उद्यम हो रहा है । उससे अपेक्षा है कि नए पाठ्यक्रम नौकरी, नागरिकता और निसर्ग सभी के लिए उपयोगी होगा । वह भारत केन्द्रित होने के साथ-साथ वैश्विक दृष्टि से भी प्रासंगिक होगा। मातृभाषा को माध्यम के रूप में और भारतीय ज्ञान परम्परा को अध्ययन विषय के रूप में स्थान मिलेगा। यह सब कैसे और कब होगा यह प्रकट नहीं तो भविष्य के गर्भ में है, पर कुछ कदम जरूर उठाए गए हैं जैसे अध्यापकों का ‘निष्ठा’ नामक प्रशिक्षण चला। कहा जा रहा नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के अंतर्गत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक प्रवेश-परीक्षा लेने का प्रस्ताव रखा है। इस उपाय को प्रवेश की चुनौतियों से निबटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम के रूप में सोचा गया है। शिक्षा के लिए उमड़ते विद्यार्थियों के हुजूम के लिए इस समाधान के क्या सुफल होंगे यह जानना आवश्यक है क्योंकि हम यह मान रहे हैं कि यह शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सुझाया जा रहा है । यह नया स्पीड ब्रेकर क्या गुल खिलाएगा और उसके क्या परिणाम हो सकते हैं इस पर गौर करना ज़रूरी है । साथ ही विविधता में एकता लाने का यह प्रयास समाज के बौद्धिक स्तर के संवर्धन में कितना लाभकारी होगा यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए । सबका अनुभव है कि उच्च शिक्षा के अवसरों की उपलब्धता, खास तौर पर अच्छे संस्थानों और शिक्षा केन्द्रों पर, बेहद अपर्याप्त रही है और उसमें कोई ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है। इसके चलते प्रतिस्पर्धा में सफलता पाने के लिए बारहवीं की परीक्षा के प्राप्तांकों को ही आधार बनाया गया । मेडिकल , इंजीनियरिंग और प्रबंधन जैसे व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षा द्वारा प्रवेश की व्यवस्था पहले से ही लागू है। अब उसे सामान्य शिक्षा के क्षेत्र में भी लागू किया जा रहा है। औपचारिक शिक्षा वाली परीक्षा में सामान्य अंकों को उपार्जित करने पर अतिरिक्त जोर पड़ा और उसमें सही गलत किसी भी तरह से बढ़त पाने की इच्छा का परिणाम कई समस्याओं को पैदा करता रहा है। मसलन पिछले सत्र में एक प्रदेश के बोर्ड में अप्रत्याशित रूप से शत-प्रतिशत अंक पाने वाले बड़ी संख्या में छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश को प्रस्तुत हुए और छा गए। शेष छात्र मुँह देखते रहे। प्रस्तावित प्रवेश परीक्षा के साथ पहले वाली औपचारिक परीक्षा भी बनी रहेगी पर उससे अधिक महत्त्व की होगी क्योंकि प्रवेश अंतत: नई परीक्षा के परिणाम द्वारा ही निर्धारित होगा। अर्थात अब छात्रों और अभिभावकों पर एक नहीं दो-दो परीक्षाओं का भूत सवार होगा ! एक परीक्षा की समस्या को दूर करने के लिए एक और परीक्षा लादी जा रही है। आज का घोर सत्य यही है कि शिक्षा प्रवेश और परीक्षा की दो चक्कियों के बीच पिस रही है और इससे पिस कर निकल सकने वाले को ही मोक्ष मिल पा रहा है। शिक्षा की यह त्रासदी दिन-प्रतिदिन जटिल होती जा रही है। इसके अवांछित प्रवाह को रोकने के लिए गति अवरोधक खड़े किए जाते रहे हैं। दरअसल प्रवेश परीक्षा अभिक्षमता या ऐप्टिट्यूड का मापन करने के लिए होती है ताकि शिक्षा या प्रशिक्षण का लाभ उठा सकने वाले अभ्यर्थियों को चुना जा सके। पर हमने उसे एक सीढ़ी ऊपर उठाकर उपलब्धि या अचीवमेंट का मापक बना दिया और फिर वही सब होने लगा जो पहले की परीक्षा में होता था। परिणाम यह है कि विद्यालय की पढ़ाई से विद्यालय की परीक्षा की तैयारी और कोचिंग की पढ़ाई से व्यावसायिक परीक्षा की तैयारी, यह आज अभिभावक और विद्यार्थी के मन में एक स्पष्ट समीकरण बन गया है। इसी के अनुसार जीवन में आगे बढ़ने की कवायद चल रही है। सभी देख रहे हैं कि इस प्रक्रिया में विद्यालय की पढ़ाई गौण होती जा रही है और व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई निहायत गुरु-गम्भीर और सीरियस मानी जाती है। इसकी इंतहा तो तब होती है जब कोचिंग संस्थान खुद ही विद्यालय वाली इंटर की परीक्षा का जिम्मा ले लेते हैं और विद्यार्थी विद्यालय भी नहीं जाता सिर्फ ‘परीक्षा फार्म‘ भरता है और यथासमय उसकी परीक्षा में शामिल हो जाता है। शिक्षा की अधोगति की यह अद्भुत कथा एक सार्वजनिक सत्य है। आज अधिकांश इंटर कॉलेज विद्यार्थी शून्य होते जा रहे हैं। मेधावी बच्चे विद्यालय छोड़ कोचिंग की ओर रुख करते दिख रहे हैं। विद्यालयी शिक्षा के प्रति सरकार, समाज, विद्यार्थी सबका एक स्वर से समवेत घोर अविश्वास चिंताजनक हो रहा है। कहाँ तो इसकी रोकथाम की जानी चाहिए थी परंतु इस बात पर बिना विचार किए प्रस्तावित साझा प्रवेश परीक्षा इस अविश्वास की ही पुष्टि करती है और घोषित करती है कि विद्यालय की पढ़ाई जैसे हो रही थी, होती रहेगी यदि आगे पढ़ने-पढ़ाने की इच्छा है तो विद्यालयी परीक्षा के अतिरिक्त इस नई परीक्षा को अनिवार्य रूप से पास करना होगा। एक परीक्षा की जगह दूसरी परीक्षा को महत्व देने से विद्यालयी शिक्षा के स्तर में गिरावट ही होगी। परीक्षा देवी की महिमा की जय हो। विद्या को विमुक्ति का माध्यम कहते हैं परन्तु पर हम सब उसे जकड़बंद करने पर तुले हैं।
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हृदयनारायण दीक्षित आनंद सबकी अभिलाषा है। प्रसन्नता मापने का मानक तय करना कठिन है। लेकिन पिछले 10 वर्ष से आनंद या हैप्पीनेस की मात्रा जानने का काम जारी है। इसकी शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। लगभग 150 देशों को इस रैंकिंग में शामिल किया जाता है। वैसे, व्यक्ति-व्यक्ति की प्रसन्नता के मानक अलग-अलग होते हैं। कोई सुन्दर किताब पढ़कर आनंदित होता है। कोई अपने मन का वातावरण पाकर प्रसन्न होता है। कोई झगड़ालू है। उसे कलह में सुख मिलता है। प्रसन्नता मापना आसान काम नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक सूचकांक की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022 आयी है। प्रसन्न और अप्रसन्न देशों की रैंकिंग बतायी गयी है। मूल्यांकन के आधार विचारणीय हैं। इसमें प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक मानक है। जीवन चुनने की स्वतंत्रता और उदारता भी मानक हैं। सामाजिक समर्थन को भी प्रसन्नता का मानक कहा गया है। इस रिपोर्ट में फिनलैण्ड पहले स्थान पर आया है। फिनलैण्ड विशाल जंगलों और सुन्दर झीलों का देश है। प्रति व्यक्ति आय, सामाजिक विश्वास, उदारता और जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने की स्वतंत्रता है। प्रसन्नता के लिए डेनमार्क दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर आइसलैण्ड है, चौथे स्थान पर स्विटजरलैण्ड और पांचवें स्थान पर नीदरलैण्ड है। अमेरिका 16वें स्थान पर है। चीन 72वाॅं है। ब्रिटेन 17वाॅं है। अपना भारत प्रसन्नता के इस मानक में 136वाॅं है। पाकिस्तान 121वाॅं है। अफगानिस्तान की रैंकिंग सबसे निचले स्थान पर है। प्रसन्नता मापने के यह मानक संयुक्त राष्ट्र के हैं। भारत में प्रसन्नता के मानक भिन्न हैं। यहां प्रसन्नता विधायी मूल्य हैं। किसी के प्रसन्न होने या न होने के मानक जीडीपी आदि से तय नहीं हो सकते। प्रसन्नता आंतरिक होती है। भारत प्राचीनकाल से ही प्रसन्न राष्ट्र रहा है। ऋग्वेद में सोमदेव से प्रसन्नता प्राप्ति की कामना हैं, ‘‘हे सोमदेव मुझे ऐसे स्थान पर रखो जहाॅं प्रचुर अन्न हो। जहाँ सदा नीरा नदियाॅं हों, मुद, मोद, प्रमोद हों, मुझे वहाँ स्थान दो। जहाँ विवस्वान का पुत्र राजा है वहाॅं स्थान दो।’’ इसमें मुद, मोद, प्रमोद तीन शब्द आते हैं। तीनों प्रसन्नता बोधक हैं। नदियों का सुन्दर प्रवाह, प्रचुर अन्न सुन्दर राज्य व्यवस्था प्रसन्नता के घटक हैं। तैत्तरीय उपनिषद् उत्तर वैदिककाल की रचना है। ऋषि कहते हैं कि ”हम आनंद की मीमांसा करते हैं, “मनुष्य स्वस्थ हो सदाचारी हो, सांस्कृतिक स्वभाव वाला हो। सदाचार की शिक्षा देने में समर्थ हो। शरीर रोग रहित हो। वह धन सम्पन्न हो। यह सब मनुष्य के बड़े सुख हैं।’’ लेकिन ऐसे आनंद से मानव गंधर्वों का आनंद 100 गुना ज्यादा है। यह आनंद अकामहत व्यक्ति को स्वभाव से ही प्राप्त है। मनुष्य गंधर्व की अपेक्षा देवगंधर्व आनंद 100 गुना अधिक बताया गया है। अकामहत व्यक्ति को यह आनंद भी स्वाभाविक रूप से प्राप्त है।’’ आगे कहते हैं देव गंधर्व आनंद से पीतरों का आनंद 100 गुना ज्यादा है। यह भी भोगों के प्रति निष्काम व्यक्ति को स्वभाव रूप से प्राप्त है। इसी तरह पितरों के आनंद से ‘आजानज‘ नामक देवों का आनंद 100 गुना ज्यादा है। उच्च लोकों में रहने वाले हमारे पितरों के आनंद से ‘आजानज‘ आनंद 100 गुना है। लेकिन भोगों के प्रति निष्काम अकामहत व्यक्ति को यह आनंद सहज ही प्राप्त हैै। आजानज आनंद से कर्मदेवानाम आनंद 100 गुना ज्यादा है। यह आनंद भी भोगों से कामना रहित को स्वाभाविक रूप से प्राप्त है। देवताओं के आनंद से 100 गुना ज्यादा इन्द्र का आनंद हैै। भोगों से दूर रहने वाले लोगों को यह आनंद भी स्वतः प्राप्त होता है। इसी तरह इन्द्र के आनंद से वृहस्पति का आनंद 100 गुना है। यह आनंद भी भोगों से विरक्त वेदवेत्ता को प्राप्त है। वृहस्पति के आनंद से 100 गुना ज्यादा आनंद प्रजापति का आनंद है। भोगों से विरक्त अकामहत व्यक्ति को यह आनंद भी स्वतः प्राप्त है। प्रजापति के आनंद से 100 गुना ब्रम्ह का आनंद है। यह भी भोगों से विरक्त अकामहत व्यक्ति को प्राप्त है। आनंद सबकी अभिलाषा है। सभी प्राणी आनंद के प्यासे हैं। भारतीय चिन्तन में आनंद की गहन मीमांसा की गयी है। सामान्यतया लोगों को उपयोगी वस्तुओं की प्राप्ति में आनंद दिखायी पड़ता है। यह वास्तव में आनंद नहीं है। अभाव का अभाव है। अल्पकालिक अभाव दूर होने पर अल्पकालिक सुख मिलता है। आनंद इससे भिन्न है। जीवन यापन के लिए जरूरी उपाय करना व्यक्ति और राज्य व्यवस्था का कर्तव्य है। लेकिन इनसे आनंद नहीं मिलता। अन्तःकरण में अपूर्णता बनी रहती है। छान्दोग्य उपनिषद में सनत् कुमार ने नारद को बताया कि अल्प में दुख है। पूर्णता में सुख है। उपनिषद में पूर्णता को ‘‘भूमा’’ कहा गया है। जहाँ पूर्णता है वहाॅं आनंद है। आनंद आखिरकार है क्या? प्रसन्न/अप्रसन्न दर्शन विज्ञान की चुनौती हैं। क्या सुन्दर वाहन, महंगे घर और इस तरह की अन्य वस्तुऐं आनंद का सृजन कर सकती हैं। यश भी आनंद है। प्रसन्नता में आनंद लोभ है ? लेकिन इसमें भी अप्रसन्नता रहती है। तैत्तरीय उपनिषद में ऋषि भ्रगु ने पिता की आज्ञानुसार यह निश्चय किया कि विज्ञानस्वरूप चेतना जीव आत्मा है। ब्रम्ह है। उन्होंने आनंद का ज्ञान दिया। ब्रम्ह तत्व समझाया और आनंद को ब्रम्ह बताया। भृगु ने संयमपूर्वक तप किया और निष्कर्ष निकाला कि आनंद ही ब्रह्म है। आनंद से ही समस्त प्राणी उत्पन्न होते हैं। आनंद से ही जीवित रहते हैं और जीवन के अन्त में आनंद में ही लौट जाते हैं। आनंदमय परम तत्व अन्नमय है। स्थूल रूप है। ब्रह्म के लक्षण आनंद में ही प्राप्त होते हैं। आनंद ब्रह्म है। ब्रह और आनंद पर्यायवाची हैं। समूचे विश्व में सारे कर्म आनंद के लिए ही सम्पन्न होते हैं। मुझे लगता है कि आनंद का स्थूल रूप अस्तित्व है। स्थूल विश्व का सूक्ष्म रूप, लेकिन सबको प्रभावित करने के लिए आनंद ही है। वायु आनंद प्राप्ति के लिए आनंदित होकर बहती है। वर्षा आनंद में प्रवाहित होती है। जल आनंद गोत्री है। जीवन के सभी कार्य व्यापार आनंद में ही सम्पन्न होते हैं और आनंद का सृजन करते हैं। आनंद के उपकरण भौतिक हैं। आनंद का आनंद अध्यात्मिक है। ईश्वर आनंद है। आनंद दाता है। आनंद का सृजनकर्ता है। अस्तित्व को आनंद से परिपूरित करता है। ज्ञान की यह परंपरा वैदिककाल के पहले से अब तक यथावत है और निरंतरता में भी है। पूर्वजों ने शरीर में पाँच मुख्य कोष बताएं हैं। पहला अन्नमय कोष है। शरीर की यह पर्त अन्न से बनती है। दूसरा कोष प्राणमय है। प्राण महत्वपूर्ण है। प्राण से प्राणी है। तीसरा मनोमय कोष है। यह मन प्रभाहित है। मनोमय शरीर की विशिष्ट महिमा है। इसके बाद विज्ञानमय कोष है। विज्ञानमय कोष ज्ञानकोष है। उसके बाद पाँचवां कोष आनंदमय है। आनंद से भरापूरा है। वस्तुतः आनंद है। शरीर में बाहर की ओर से भीतर की ओर यात्रा में आनंदमय कोष अंतिम है। भीतर से बाहर की यात्रा में आनंदमय कोष प्रथमा है। ज्ञान का परिणाम आनंद है। आनंद का परिणाम सर्वोच्च ज्ञान है। (लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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डॉ. विश्वास चौहान भारत में अंतरराष्ट्रीय कारणों से खनिज तेल यानी पेट्रोल-डीजल मंहगा हो रहा है। वैसे तो यह स्थिति पूरे विश्व में है। भारत के अलावा यदि दुनिया की बात करें तो भारतीय मुद्रा के हिसाब से हांगकांग में पेट्रोल 218.85 रुपये लीटर बिक रहा है। वहीं, नीदरलैंड में 191.34 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इसके अलावा मोनाको में 189 रुपये, नार्वे में 186.50 रुपये और फिनलैंड में 179.14 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर पेट्रोल मिल रहा है। भारत में पेट्रोल की वर्तमान कीमतों के लिए यूपीए सरकार की गलत खनिज तेल नीतियां और व्यापारिक समझौते जिम्मेदार हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 29 मार्च 2022 को राज्यसभा में कहा कि 'मैं इस सदन को याद दिला दूं कि आज के सत्यनिष्ठ करदाता उस (कच्चे तेल की) सब्सिडी का भुगतान कर रहे हैं जो उपभोक्ताओं को एक दशक से अधिक समय पहले तेल बांड (उधारी) के नाम पर दिया गया था और वे अगले पांच वर्षों तक भुगतान करना जारी रखेंगे क्योंकि बांड (उधारी) का पेमेंट 2026 तक जारी रहेगा। इसलिए, दस साल पहले उठाए गए तेल बांड (उधारी) के माध्यम से तेल की कम कीमतों का वह बोझ अब भी हम पर है। इसलिए, मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी। 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उधारी जो यूपीए के तेल बांड के दौरान जुटाए गए थे जिसका भुगतान हम अभी भी कर रहे हैं। इसलिए अधिक कीमत पर तेल की उधारी का भुगतान करना एक ईमानदार तरीका है, न कि ऐसा तरीका जिससे आप इसे किसी और पर उधारी उठा लेते हैं और कोई अन्य सरकार इसके लिए भुगतान करती रहती है।' निर्मला सीतारमण के स्पष्टीकरण से साफ है कि देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के लिए यूपीए सरकार भी जिम्मेदार है। वास्तव में तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 82 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 140 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची है। भारत में जिस गति से देश के विकास में संसाधन जुटाए जा रहे हैं, उसकी कीमत का आकलन विश्व को है लेकिन हममें से कुछ भारतीय अभी भी अज्ञानी बने हुए हैं। लोग यह समझना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय और जान-माल की सुरक्षा की एक कीमत होती है। दूसरी तरफ 75-80 करोड़ महिलाएं-बच्चे और पुरुष खुले में शौच को जाते थे। 43 करोड़ लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं थे। 11 करोड़ लोगों के पास गैस नहीं थी। 16 करोड़ घरों में नल से जल नहीं आता था। केवल 60 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन था। मालगाड़ियां एवं यात्री ट्रेन एक ही लाइन पर चलती थी। बर्फ गिरने से लद्दाख सड़क मार्ग से कट जाता था। चुंगी पर ट्रक घंटों ईंधन फूंकते रहते थे। लगभग 31 प्रकार के अप्रत्यक्ष टैक्स हुआ करते थे। भूतपूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन देने से अर्थ विशेषज्ञ डॉ. मनमोहन सिंह ने मना कर दिया था। यूपीए की सरकार ने उधारी पर तेल खरीदकर आने वाली पीढ़ियों पर उसका भार छोड़ दिया था। इसलिए सरकार पर भरोसा बनाये, आने वाला समय हम भारतीयों का ही रहना वाला है। (लेखक विधि प्राध्यापक हैं।)
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हनुमान जयंती (16 अप्रैल) पर विशेष प्रमोद भार्गव कुछ समय पूर्व दिलचस्प खबर, उड़ने वाला ‘विंगसूट‘ पहनकर इंसान के उड़ने की आई। इन्हें पंख-वस्त्र या उड़ान-परिधान कह सकते हैं। कार निर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू ने इस विद्युत उपकरण का निर्माण कराया है। इसकी परिकल्पना पीटर सैल्जमैन ने की थी। पीटर पेशे से विंगसूट पायलट और पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण हैं। बीएमडब्ल्यू आई और डिजाइन वर्कर्स ने इसे मिलकर तैयार किया है। इसका पहला परीक्षण पीटर ने ऑस्ट्रिया के पहाड़ी क्षेत्र में एक हेलीकाॅप्टर से 9,800 फीट की ऊंचाई से कूदकर किया। आमतौर से एक इलेक्ट्रिक उड़ान-वस्त्र की सामान्य गति 100 किमी प्रति घंटे होती है, किंतु इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसकी गति 300 किमी प्रति घंटे से भी अधिक है। हाॅवरक्राॅफ्ट नाम के यंत्र से इसी प्रकार न्यूजीलैंड के ग्लेन मार्टिन ने 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से सौ घंटों तक आसमान में उड़कर दिखाया था। उनके इस प्रयोग को देश-दुनिया के समाचार चैनलों ने 3 सितंबर 2010 को प्रसारित किया था। इन व्यक्तिगत उड़ानों से तय होता है कि अकेला मानव आसमान में उड़ान भर सकता है। अब बात रामभक्त हनुमान की जो समुद्र के ऊपर उड़ान भरकर लंका पहुंचे। डाॅ. ओंकारनाथ श्रीवास्तव ने अनेक पाश्चात्य अनुसंधानों के मतों के आधार पर निश्चित किया था कि रामायण व अन्यान्य राम कथाओं में उल्लेखित हनुमान की वायु-यात्राएं ऐसे ही आकाशगामी यानों से की यात्राएं थीं। हनुमान उड़ान-वस्त्र और राॅकेट बेल्ट बांधकर आकाशगमन करते थे। आज के अंतरिक्ष यात्री भी यही यंत्र धारण करते हैं। हनुमान व रावण-पुत्र मेघनाद में हुआ युद्ध भी हाॅवरक्राॅफ्ट से मिलता-जुलता है। अब यह भी प्रमाणित हुआ है कि लंका की पहाड़ियों पर जो चौकस मैदान हैं, वे उस कालखंड के हवाई-अड्डे हैं। दक्षिण-भारत के मंदिरों और कुछ गुफा-चित्रों में वायुयान, आकाशचारी मानव और अंतरिक्ष वेशभूषा से युक्त व्यक्तियों के चित्रों की पत्थरों पर उत्कीर्ण मूर्तियां मिलती हैं। मिस्र में दुनिया का ऐसा मानचित्र मिला है, जिस पर अंकित रेखांकन आकाश में उड़ान सुविधा की पुष्टि करता है। रावण के ससुर मयासुर ने विश्वकर्मा से वैमानिकी विद्या सीखी और पुष्पक विमान बनाया, जो कालांतर में विष्णु की कृपा से कुबेर को प्राप्त हुआ और फिर रावण के पास आया। महर्षि भारद्वाज द्वारा रचित ‘यंत्र सर्वेश्वयं‘ में विमान निर्माण से लेकर संचालन के तरीकों तक का विवरण है। ये वर्णन कोरी कल्पनाएं न होकर उस समय के उड़ान तकनीक से जुड़े विज्ञान सम्मत आविष्कार हैं, जो प्रलय जैसी प्राकृतिक आपदाओं और रामायण एवं महाभारत में दर्शाए वैश्विक युद्धों के चलते तकनीकी ज्ञान सहित नष्ट हो गए। सीता हरण के बाद जामवंत के नेतृत्व में सीता की खोज में लगा वानर-दल समुद्र के किनारे स्थित गंधमादन पर्वत पर पहुंचता है। यहां जामवंत की मुलाकात संपाती से होती है। जटायु संपाती का ही बड़ा भाई था। जटायु, संपाती और संपाती-पुत्र सुपाष्र्व बड़े जानकार थे। उन्होंने गिद्ध नगरी में रहते हुए लघु और मंझोले किस्म के वायुयानों और पंख-वस्त्रों (विंगसूट) का निर्माण किया था। जटायु ने रावण से सीता के मुक्ति के लिए जो युद्ध किया था, तब वह यही वस्त्र पहने हुए थे। जामवंत ने ही संपाती को बताया था कि जटायु की रावण ने हत्या कर दी है। इससे संपाती में प्रतिशोध की भावना उग्र हो उठी। संपाती ने रावण को एक स्त्री का अपहरण कर ले जाते हुए भी देखा था। यहीं से संपाती ने एक शक्तिशाली दूरबीन के जरिए लंका और अशोक वाटिका हनुमान को दिखाई थी। इसी गंधमादन पर्वत से हनुमान ने संपाती-पुत्र सुपाष्र्व के साथ पंख-वस्त्र धारण करके लंका की ओर कूच किया था। मदन मोहन शर्मा ‘शाही‘ के शोधपूर्ण उपन्यास ‘लंकेश्वर‘ में इस यात्रा को लघु-विमान से पंख-वस्त्र पहनकर किया जाना बताया गया है। तय है, हनुमान ने समुद्र को यांत्रिक उड़ान-वस्त्र पहनकर पार किया और सीता की खोज की। किंवदंती यह भी है कि भगवान गौतम बुद्ध ने वायु यान द्वारा तीन बार लंका की यात्रा की थी। ऐरिक फाॅन डाॅनिकेन की पुस्तक ‘चैरियट्स ऑफ गाॅड्स‘ में तो भारत समेत कई प्राचीन देशों से प्रमाण एकत्र करके वायु यानों की तत्कालीन उपस्थित की पुष्टि की गई है। वाल्मीकि रामायण एवं अन्य रामायणों तथा अन्य ग्रंथों में पुष्पक विमान के उपयोग में लाने के विवरण हैं। इससे स्पष्ट होता है कि उस युग में राक्षस व देवता न केवल विमान शास्त्र के ज्ञाता थे, बल्कि सुविधायुक्त आकाशगामी साधनों के रूप में वाहन उपलब्ध थे। रामायण के अनुसार पुष्पक विमान के निर्माता ब्रह्मा थे। ब्रह्मा ने यह विमान कुबेर को भेंट किया था। कुबेर से इसे रावण से छीन लिया। रावण की मृत्यु के बाद विभीषण इसका अधिपति बना और उसने फिर से इसे कुबेर को दे दिया। लंका पर विजय के बाद भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान इसी विमान में बैठकर अयोध्या आए थे। राम-रावण युद्ध में प्रयोग में लाई गईं शक्तियों को मायावी या दैवीय शक्ति कहकर उनके वास्तविक महत्व, आविष्कार के ज्ञान व सामर्थ्य को सर्वथा नकारने की अवैज्ञानिक कोशिशें पूर्व में होती रही हैं। लेकिन अब इन्हें विज्ञान-सम्मत ज्ञान के सूत्र मानकर इनकी सच्चाइयों को खंगालने के उपक्रम में वैज्ञानिक व विज्ञान संस्थान आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया अब मान रही है कि वास्तव में यह विध्वंसकारी परमाणु अस्त्र-शस्त्र एवं अद्भुत भौतिक यंत्र थे। इनकी सूक्ष्म और यथार्थ विवेचना के लिए इनके रहस्यों को जानना समझना अवश्यक है। अतएव विश्वविद्यालयों में प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में उल्लेखित अंशों को पाठ के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों में प्राचीन भारतीय विज्ञान को जानने की जिज्ञासा जन्म लेगी और छात्र उस मिथक को तोड़ेगे, जिसे कवि की कपोल-कल्पना कहकर उपेक्षा की जाती रही है। इस सिलसिले में हनुमान की उड़ान को भी विज्ञान-सम्मत दृष्टि से देखने की जरूरत है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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हनुमान जन्मोत्सव (16 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल हिन्दू पंचांग के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस वर्ष यह 16 अप्रैल को मनाया जा रहा है। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में इसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी मनाया जाता है। वैसे हनुमान जन्मोत्सव साल में दो बार मनाया जाता है। पहला हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को और दूसरा कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को। कुछ मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को प्रातःकाल में एक गुफा में हनुमानजी का जन्म हुआ था जबकि वाल्मिकी रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को हुआ था। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़ पड़े थे और एक ही छलांग में उन्होंने सूर्यदेव के पास पहुंचकर उन्हें पकड़ कर अपने मुंह में रख लिया था। जैसे ही नटखट हनुमान ने सूर्य को मुंह में रखा, तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। इसी तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में भी मनाया है। एक मान्यता के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमानजी की भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था। आजन्म ब्रह्मचारी हनुमानजी को भगवान महादेव का 11वां अवतार अर्थात् रूद्रावतार भी माना जाता है और हिन्दू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का विशेष महत्व है। महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण में उन्हें विशिष्ट पंडित, राजनीति में धुरंधर और वीर-शिरोमणि कहा है। बजरंग बली हनुमान को कलियुग में कलियुग के राजा की उपाधि प्राप्त है। भक्तजन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हुए व्रत भी रखते हैं, जगह-जगह भव्य शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं। इस अवसर पर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड तथा हनुमान आरती का पाठ करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भक्तजन हनुमानजी की भक्ति और दर्शन करते हुए व्रत रखते हैं, उन्हें हनुमानजी का आशीष प्राप्त होता है और उनके जीवन में किसी तरह का कोई संकट नहीं आता। दरअसल समस्त ब्रह्मांड में एकमात्र हनुमानजी ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जिनकी भक्ति से हर प्रकार के संकट तुरंत हल हो जाते हैं और इसीलिए हनुमानजी को संकटमोचक भी कहा गया है। यह भी मान्यता है कि हनुमानजी की पूजा जीवन में मंगल लेकर आती है, इसीलिए उन्हें मंगलकारी कहा गया है। शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक देवता माने गए हनुमानजी को सभी देवताओं ने वरदान दिए थे, जिससे वह परम शक्तिशाली बने थे। वाल्मीकि रामायण के अनुसार बचपन में हनुमान ने जब सूर्यदेव को फल समझकर अपने मुंह में रख लिया था तो पूरी सृष्टि में हाहाकार मच गया। तब घबराकर देवराज इंद्र ने पवनपुत्र हनुमान पर अपने वज्र से प्रहार किया, जिसके बाद हनुमान बेहोश हो गए। यह देख पवनदेव ने क्रोधित होकर समस्त संसार में वायु का प्रवाह रोक दिया, जिससे संसार में हाहाकार मच गया। तब परमपिता ब्रह्मा हनुमान की बेहोशी दूर कर उन्हें होश में लाए। उसके बाद सभी देवताओं ने दिल खोलकर उन्हें वरदान दिए। सूर्यदेव ने उन्हें अपने प्रचण्ड तेज का सौवां भाग देते हुए कहा कि जब इस बालक में शास्त्र अध्ययन करने की शक्ति आएगी, तब मैं ही इसे शास्त्रों का ज्ञान दूंगा, जिससे यह अच्छा वक्ता होगा और शास्त्रज्ञान में इसकी बराबरी करने वाला कोई नहीं होगा। परमपिता ब्रह्मा ने उन्हें दीर्घायु, महात्मा और सभी प्रकार के ब्रह्मदण्डों से अवध्य होने, इच्छानुसार रूप धारण करने, जहां चाहे वहां जा सकने, अपनी गति को अपनी इच्छानुसार तीव्र या मंद करने का वरदान दिया। देवराज इंद्र ने कहा कि यह बालक मेरे वज्र द्वारा भी अवध्य रहेगा और देव शिल्पी विश्वकर्मा ने भी उन्हें चिंरजीवी तथा अपने बनाए सभी शस्त्रों से अवध्य रहने का वर प्रदान किया। ऐसे ही वरदान उन्हें भगवान शिव, कुबेर, जलदेवता वरूण, यमराज इत्यादि ने भी दिए। इन्द्र का वज्र बालक मारुति की हनु (ठोडी) पर लगा था, जिससे उनकी ठोडी टूट गई थी, इसीलिए उन्हें हनुमान कहा जाने लगा। जिस प्रकार भगवान शिव के शिवालय नंदी के बगैर अपूर्ण माने जाते हैं, उसी प्रकार हनुमानजी की उपस्थिति के बिना रामदरबार अपूर्ण रहता है। परम रामभक्त हनुमानजी के करीब 108 नाम बताए जाते हैं, जिनमें से कुछ काफी प्रचलित हैं और माना जाता है कि इन नामों को जपने से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं। हनुमानजी का बचपन का नाम मारूति था, जो उनका वास्तविक नाम माना जाता है। उनकी माता का नाम अंजना तथा पिता का केसरी था, इसलिए उन्हें अंजनी पुत्र या आंजनेय तथा केसरीनंदन भी कहा जाता है। उन्हें वायु देवता का पुत्र भी माना जाता है, इसीलिए इनका नाम पवन पुत्र तथा मारुति नंदन भी हुआ। उन्हें भगवान शंकर का पुत्र अर्थात् रुद्रावतार भी माना जाता है, इसलिए एक नाम शंकरसुवन भी है। वज्र धारण करने और वज्र के समान कठोर और बलशाली होने के कारण उन्हें बजरंगबली कहा जाने लगा। पातल लोक में अहिरावण की कैद से राम, लक्ष्मण को मुक्त कराने तथा अहिरावण का वध करने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण किया, इसलिए उन्हें पंचमुखी हनुमान भी कहा जाता है। दरअसल अहिरावण ने मां भवानी के लिए पांच दिशाओं में पांच जगहों पर पांच दीपक जलाए थे। उसे वरदान मिला था कि इन पांचों दीपकों को एक साथ बुझाने पर ही उसका वध हो सकेगा। इसीलिए हनुमानजी ने उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की ओर हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख धारण कर पंचमुखी मुख से पांचों दीप एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध किया था। वे भगवान श्रीराम का हर कार्य करने वाले दूत की भूमिका निभाने के कारण रामदूत भी कहलाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनके ऐसे ही 12 नामों हनुमान, अंजनीसूत, पवनपुत्र, महाबल, रामेष्ट, सीताशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा, उदधिक्रमण, अमितविक्रम, पिंगाक्ष, फाल्गुनसख का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की हनुमानजी दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल से रक्षा करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार धर्म की स्थापना और रक्षा का कार्य चार लोगों के हाथों में है, दुर्गा, भैरव, हनुमान और कृष्ण। मान्यता है कि हनुमानजी को धर्म की रक्षा के लिए अमरता का वरदान मिला था और इसी वरदान के कारण आज भी हनुमानजी जीवित हैं तथा प्रभु श्रीराम के भक्तों तथा धर्म की रक्षा में लगे हैं। वे आज भी धरती पर विचरण करते हैं और कलियुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। हनुमानजी अपार बलशाली और वीर हैं, उनका कोई सानी नहीं है। हनुमान चालीसा में उनका गुणगान करते हुए कहा गया है कि चारों युगों में हनुमानजी के प्रताप से ही सम्पूर्ण जगत में उजियारा है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई और पीएमएलएन के नेता शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में जो घटनाक्रम चल रहे थे उससे साफ हो गया था कि अब इमरान सरकार अंतिम सांसें ले रही है और इसका भी हस्र पाकिस्तान के अब तक के इतिहास के अनुसार ही होगा। यह सही है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। खासतौर से पाकिस्तान के मामले में यह साफ है। धर्म के आधार पर पाकिस्तान का गठन हमसे ठीक एक दिन पहले 14 अगस्त, 1947 को हुआ और इसे दुर्भाग्यजनक ही कहा जाएगा कि धर्म और संप्रदाय पर बना पाकिस्तान 75 साल में ऐसा प्रधानमंत्री नहीं दे सका जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। किसी ना किसी प्रकार से उसे अपने कार्यकाल के बीच में ही सत्ता गंवानी पड़ी। यह भी साफ हो जाना चाहिए कि शहबाज शरीफ की कुर्सी भी दूर-दूर तक सुरक्षित नहीं लगती है। जैसी की संभावना थी और जो सही भी हो गई कि शहबाज शरीफ को शपथ दिलाने से पहले ही राष्ट्रपति अल्बी की तबीयत बिगड़ गई। यह कोई नई बात नहीं है बल्कि राजनीतिक विश्लेषक पहले से ही अंदाज लगा रहे थे कि इमरान अपनी हारी बाजी में अंतिम प्रयास राष्ट्र्पति को हथियार के रूप में करेंगे और किया भी पर सत्ता गंवानी पड़ी। आखिर क्या कारण है कि आजादी के 75 साल में भारत में लोकतंत्र दिन-प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों की कदर है। लोगों का लोकतंत्र में लगातार विश्वास बढ़ता गया। दो कदम आगे बढ़कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर असहिष्णुता और सरकार का लाख विरोध करने वालों की मुखरता में भी कोई कमी नहीं आई है। यहां रहकर हिन्दुस्तान के टुकड़े होने के नारे सरेआम लगाते हैं, पर यहां की माटी का कमाल है कि लोकतंत्र यहां आज भी हरा-भरा है। ठीक इसके विपरीत मुस्लिम राष्ट्र होने के बावजूद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान से लेकर 19 वें प्रधानमंत्री इमरान खान तक एक भी तो ऐसा उदाहरण नहीं मिलता कि किसी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। चाहे सेना द्वारा चाहे कोर्ट द्वारा या हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा पाकिस्तान में प्रधानमंत्रियों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा है। सत्ता लोलुपता ही ऐसी है कि भले आज शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन गए हों पर लोग उनकी कुंडली खंगालने लगे हैं। यही कुंडली उन्हें मौका मिलते ही बाहर का रास्ता दिखाने के काम में आएगी। आखिर सत्ता संघर्ष का ही परिणाम है कि 75 साल में पाकिस्तान एक से दो राष्ट्र यानी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में बदल चुका है। सवाल यह है कि पाकिस्तान में 75 सालों में एक भी प्रधानमंत्री बाइज्जत अपना कार्यकाल पूरा क्यों नहीं कर पाया। क्या पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था केवल दिखावा मात्र है और राष्ट्र्पति या सेनाध्यक्ष जिसको भी जब मौका मिलता है येन केन प्रकारेण सत्ता संघर्ष को हवा देकर प्रधानमंत्री की कुर्सी को डांवाडोल कर देता है। इमरान ने आखिरी दम तक राजनीति के साम, दाम, दंड भेद अपनाने के प्रयास किए। यहां तक कि बाहरी ताकतों का हवाला देकर विपक्षियों को नाकाम करने की कोशिश की पर आखिर मेें सब हथियार भोथरे साबित हुए। उन्हें रातोंरात इस्तीफा देने के साथ अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा। यह कोई इमरान खान के साथ ही हुआ हो ऐसा नहीं है, यह पाकिस्तान का 75 साल का इतिहास है जो थोड़े-थोड़े अंतराल में अपने को दोहरा रहा है। पाकिस्तानी नेताओं को एक बात साफ हो जानी चाहिए कि कश्मीर का राग अलापने से सत्ता में बने रहेंगे, यह कोई गारन्टी नहीं है। नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी सत्ता संभालते ही कश्मीर राग अलापना शुरु कर दिया। कश्मीर राग अलापने या कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित कर अधिक दिनों तक राजनीतिक लाभ नहीं ले सकते। बल्कि देखा जाए तो कश्मीर राग अलाप कर पाकिस्तानी नेता सेना को ही सशक्त करते हैं और इसका खामियाजा उन्हें देर सबेर भुगतना पड़ता है। आज तो कश्मीर के हालात काफी बदल गए हैं। अलगाववादियों की हिम्मत जवाब दे गई है तो अब पाकिस्तान को पीओके की चिंता सताने लगी है। कश्मीर में धारा 170 हटाने और हालात में तेजी से सुधार का प्रयास ही है कि लाख विरोध के बावजूद पाकिस्तान को दुनिया के देशों में भारत के खिलाफ समर्थन देने वाला नहीं मिला। यह दुनिया के देशों में भारत की मजबूत उपस्थिति को भी दर्शाती है। कश्मीर राग अलापने या भारत विरोध से सरकारें चलने वाली नहीं है, यह पाकिस्तान के सत्ताधीशों को समझना होगा। नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी शपथ लेते ही यह गलती की है। पिछले सालों में जिस तरह से पाकिस्तान हर मोर्चे पर विफल रहा है और आतंकवादी गतिविधियों के कारण दुनिया के देशों से अलग-थलग होकर आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है, ऐसे में पाकिस्तान के नुमांइदों को अपने घर को सुधारने की ओर ध्यान देना होगा। अन्यथा पाकिस्तान का भविष्य अंधकारमय रहेगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक यूक्रेन के बारे में भारत पर अमेरिका का दबाव बढ़ता ही चला जा रहा था और ऐसा लग रहा था कि हमारे रक्षा और विदेश मंत्रियों की इस वाशिंगटन-यात्रा के दौरान कुछ न कुछ अप्रिय प्रसंग उठ खड़े होंगे लेकिन हमारे दोनों मंत्रियों ने अमेरिकी सरकार को भारत के पक्ष में झुका लिया। इसका सबसे बड़ा प्रमाण वह संयुक्त विज्ञप्ति है, जिसमें यूक्रेन की दुर्दशा पर खुलकर बोला गया लेकिन रूस का नाम तक नहीं लिया गया। उस विज्ञप्ति को आप ध्यान से पढ़ें तो आपको नहीं लगेगा कि यह भारत और अमेरिका की संयुक्त विज्ञप्ति है बल्कि यह भारत का एकल बयान है। भारत ने अमेरिका का अनुकरण करने की बजाय अमेरिका से भारत की हां में हां मिलवा ली। अमेरिका ने भी वे ही शब्द दोहराए, जो यूक्रेन के बारे में भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहता रहा है। दोनों राष्ट्रों ने न तो रूस की भर्त्सना की और न ही रूस पर प्रतिबंधों की मांग की। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह मांग जरूर की कि दुनिया के सारे लोकतांत्रिक देशों को यूक्रेन के हमले की भर्त्सना करनी चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन की जनता को दी जा रही भारतीय सहायता का भी जिक्र किया और रूस के साथ अपने पारंपरिक संबंधों का भी! ब्लिंकन ने भारत-रूस संबंधों की गहराई को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया। भारत प्रशांत-क्षेत्र में अमेरिकी चौगुटे के साथ अपने संबंध घनिष्ठ बना रहा है। इस यात्रा के दौरान दोनों मंत्रियों ने अंतरिक्ष में सहयोग के नए आयाम खोले, अब अमेरिकी जहाजों की मरम्मत का ठेका भी भारत को मिल गया है और अब भारत बहरीन में स्थित अमेरिकी सामुद्रिक कमांड का सदस्य भी बन गया है। इस यात्रा के दौरान अमेरिकी पक्ष ने भारत में मानव अधिकारों के हनन का सवाल भी उठाया। जयशंकर ने उसका भी करारा जवाब दिया। उन्होंने पूछा कि पहले बताइए कि आपके देश में ही मानव अधिकारों का क्या हाल है? अमेरिका के काले और अल्पसंख्यक लोग जिस दरिद्रता और असमानता को बर्दाश्त करते रहते हैं, उसे जयशंकर ने बेहिचक रेखांकित कर दिया। जयशंकर का अभिप्राय था कि अमेरिका की नीति ‘पर उपदेशकुशल बहुतेरे’ की नीति है। जहां तक रूसी एस-400 प्रक्षेपास्त्रों की खरीद का सवाल है, उस विवादास्पद मुद्दे पर भी जयशंकर ने दो-टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह पाबंदी का अमेरिकी कानून है। इसकी चिंता अमेरिका करे कि वह किसी खरीददार पर पाबंदियां लगाएगा या नहीं? यह हमारी चिंता का विषय नहीं है। जयशंकर पहले अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उन्हें उसकी विदेश नीति की बारीकियों का पता है। इसीलिए उन्होंने भारत का पक्ष प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में कोई कोताही नहीं बरती।। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 27 सितंबर 1951 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की केन्द्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। दोनों में हिन्दू कोड बिल पर गहरे मतभेद उभर आए थे। बाबा साहेब ने अपने इस्तीफे की जानकारी संसद में दिए अपने भाषण में दी। वे दिन में तीन-चार बजे अपने सरकारी आवास वापस आए। इस्तीफे के अगले ही दिन 22 पृथ्वीराज रोड के अपने आवास को छोड़कर वे 26 अलीपुर रोड में शिफ्ट कर गए। कैबिनेट से बाहर होने के बाद बाबा साहेब का सारा वक्त अध्ययन और लेखन में गुजरने लगा। उन्होंने 26 अलीपुर रोड में रहते हुए ही ‘'द बुद्धा ऐण्ड हिज़ धम्मा' नाम से अपनी अंतिम पुस्तक लिखी। इसमें डॉ. अंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों की व्याख्या की है। इसका हिन्दी, गुजराती, तेलुगु, तमिल, मराठी, मलयालम, कन्नड़, जापानी सहित और कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। बाबा साहेब की 26 अलीपुर रोड में ही दिसम्बर 1956 में मृत्यु हुई। दरअसल, 1951 से लेकर जीवन के अंतिम समय तक उनके करीबी सहयोगियों-शिष्यों में तीन-चार लोग ही रहे। उन सबकी बाबा साहेब के प्रति उनके विचारों को लेकर आस्था अटूट थी। भगवान दास भी उनमें से एक थे। बाबा साहेब के विचारों को आमजन के बीच में ले जाने में भगवान दास का योगदान अतुलनीय रहा। वे बाबा साहेब से उनके 26 अलीपुर रोड स्थित आवास में मिला करते थे। शिमला में 1927 में जन्मे भगवान दास एकबार बाबा साहेब से मिलने दिल्ली आए तो यहीं के होकर रह गए। उन्होंने बाबा साहेब की रचनाओं और भाषणों का सम्पादन किया और उन पर पुस्तकें लिखीं। उनका "दस स्पोक अंबेडकर" शीर्षक से चार खण्डों में प्रकाशित ग्रन्थ देश और विदेश में अकेला दस्तावेज़ है, जिनके जरिये बाबा साहेब के विचार सामान्य लोगों और विद्वानों तक पहुंचे। उन्हें दलितों की एकता में रूचि थी और उन्होंने बहुत-सी जातियों मसलन धानुक, खटीक, बाल्मीकि, हेला, कोली आदि को अम्बेडकरवादी आन्दोलन में लेने के प्रयास किये। जमीनी स्तर पर काम करते हुए भी उन्होंने दलितों के विभिन्न मुद्दों पर लेख लिखे जो पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे। भगवान दास ने सफाई कर्मचारियों पर चार पुस्तकें और धोबियों पर एक छोटी पुस्तक लिखी। उनकी बहुचर्चित पुस्तक "मैं भंगी हूँ" अनेक भारतीय भाषाओं में अनुदित हो चुकी है और वह दलित जातियों के इतिहास का दस्तावेज है। एकबार दलित चिंतक एस.एस दारापुरी बता रहे थे कि भगवान दास जी दबे-कुचले लोगों के हितों के प्रति जीवन भर समर्पित रहे। उन्होंने कुल 23 पुस्तकें लिखीं। भगवान दास ने भारत में दलितों के प्रति छुआछूत और भेदभाव के मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का ऐतिहासिक काम किया। भगवान दास का 83 साल की उम्र में 2010 में निधन हो गया। बाबा साहेब की निजी लाइब्रेरी में हजारों किताबें थीं। उन्हें अपनी लाइब्रेरी बहुत प्रिय थी। उस लाइब्रेरी को देखते थे देवी दयाल। वे बाबा साहेब से 1943 में जुड़े। बाबा साहेब जहां कुछ भी बोलते देवी दयाल उसे प्रवचन मानकर नोट कर लिया करते थे। कहना कठिन है कि उन्हें यह प्रेरणा कहां से मिली थी। वे बाबा साहेब के पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले लेखों और बयानों आदि की कतरनों को भी रख लेते थे। बाबा साहेब के सानिध्य का लाभ देवी दयाल को यह हुआ कि वे भी खूब पढ़ने लगे। वे बाबा साहेब के बेहद प्रिय सहयोगी बन गए। उन्होंने आगे चलकर ‘डॉ. अंबेडकर की दिनचर्या’ नाम से एक महत्वपूर्ण किताब ही लिखी। उसमें अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। मसलन कि 30 जनवरी, 1948 को बापू की हत्या के बाद बाबा साहेब की क्या प्रतिक्रिया थी? बापू की हत्या का समाचार सुनकर बाबा साहेब स्तब्ध हो जाते हैं। वे पांचेक मिनट तक सामान्य नहीं हो पाते। फिर कुछ संभलते हुए बाबा साहब कहते हैं कि ‘बापू का इतना हिंसक अंत नहीं होना चाहिए था।” देवी दयाल को इस किताब को लिखने में उनकी पत्नी उर्मिला जी ने बहुत सहयोग दिया था क्योंकि पति की सेहत खराब होने के बाद वही पुरानी डायरी के पन्नों को सफाई से लिखती थीं। देवी दयाल का 1987 में निधन हो गया। नानक चंद रतू भी बाबा साहेब के साथ छाया की तरह रहा करते थे। बाबा साहेब 1942 में वायसराय की कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में दिल्ली आ गए थे। उन्हें 22 प़ृथ्वीराज रोड पर सरकारी आवास मिला। बस तब ही लगभग 20 साल के रत्तू उनके साथ जुड़ गए। वे टाइपिंग भी जानते थे। रत्तू को बाबा साहेब के समाज के कमजोर वर्गों के लिए कार्यों और संघर्षों की जानकारी थी। बाबा साहेब ने उत्साही और उर्जा से लबरेज रत्तू को अपने पास रख लिया। उस दौर में बड़े नेताओं और आम जनता के बीच दूरियां नहीं हुआ करती थी। रत्तू पंजाब के होशियारपुर से थे। उसके बाद तो वे बाबा साहेब की छाया की तरह रहे। बाबा साहेब जो भी मैटर उन्हें डिक्टेट करते वह उसकी एक कॉर्बन कॉपी अवश्य रख लेते। वे नौकरी करने के साथ पढ़ भी रहे थे। बाबा साहेब ने 1951 में नेहरू जी की कैबिनेट को छोड़ा तब बाबा साहेब ने रत्तू जी को अपने पास बुलाकर कहा कि वे चाहते हैं कि सरकारी आवास अगले दिन तक खाली कर दिया जाए। ये अभूतपूर्व स्थिति थी। रत्तू नए घर की तलाश में जुट गए। संयोग से बाबा साहेब के एक मित्र ने उन्हें 26 अलीपुर रोड के अपने घर में शिफ्ट होने का प्रस्ताव रख दिया। बाबा साहेब ने हामी भर दी। रतू जी ने अगले ही दिन बाबा साहेब को नए घर में शिफ्ट करवा दिया। मतलब उनमें प्रबंधन के गुण थे। बाबा साहेब की 1956 में सेहत बिगड़ने लगी। रत्तू जी उनकी दिन-रात सेवा करते। वे तब दिन-रात उनके साथ रहते। बाबा साहेब के निधन के बाद रतू जी सारे देश में जाने लगे बाबा साहेब के विचारों को पहुंचाने के लिए। 2002 में मृत्यु से पहले उन्होंने बाबा साहब के जीवन के अंतिम वर्षों पर एक किताब भी लिखी। बाबा साहेब के इन सभी सहयोगियों को भी याद रखा जाना चाहिए। ये सब उनके साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़ गए थे। अब कहां मिलेंगे इस तरह के फरिश्ते। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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डॉ. अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) पर विशेष डॉ. राघवेंद्र शर्मा आज जब भारतीय जनता पार्टी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय पखवाड़ा मना रही है, तब मन में विचार आता है कि सामाजिक न्याय के मामले में भारतीय जनमानस की अवधारणा क्या है। इस विषय पर यदि गहरी दृष्टि डाली जाए तो हम तय कर पाएंगे कि भारत को अथवा भारत सरकार को या फिर यहां के जनमानस को सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाने का नैतिक अधिकार है भी या नहीं। इसकी वास्तविकता जानने के लिए हमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और उनके अभिन्न मित्र रहे जोगेंद्र नाथ मंडल के जीवन प्रसंग से जुड़े पहलुओं को बारीकी से देखना होगा। बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और जोगेंद्र नाथ मंडल के बीच विचारों का सामंजस्य काफी गहरे तक स्थापित था। उदाहरण के लिए- यह दोनों नेता ऐसा मानते रहे कि दलितों का भला तभी हो सकता है जब अंग्रेजों और कांग्रेस को इनके मामलों में दखलअंदाजी करने से वर्जित कर दिया जाए। शायद यही वजह रही कि वर्ष 1940 में अनुसूचित जाति संघ की स्थापना अविभाजित बंगाल में हुई, तब उसके संस्थापक अंबेडकर और मंडल ही बने। इस घटना के बाद से इन दोनों नेताओं के जीवन प्रसंगों में इतने नाटकीय मोड़ आए, जिनसे यह साबित हो गया कि सामाजिक न्याय के मामले में भारतीय जनमानस बेहद स्पष्ट और सकारात्मक सोच रखता है। आगे देखें- जब देश का विभाजन हुआ तब जोगेंद्र नाथ मंडल को लगा कि कांग्रेस शासित भारत में दलितों का शायद ही भला हो पाए। इसी सोच के चलते उन्होंने दलितों को इस्लाम आधारित पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा किया और उन्हें भारी लाव-लश्कर के साथ उस ओर ले जाने में सफल रहे। यहां तक कि उन्हीं की कार्यप्रणाली के चलते बंगाल क्षेत्र का बहुत बड़ा भूभाग हिंदू बाहुल्य होते हुए भी दलितों के साथ पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। चूंकि जोगेंद्र नाथ मंडल मुस्लिम लीग के संस्थापक और पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के काफी करीबी थे। इसलिए वे पाकिस्तान सरकार में कानून मंत्री भी बने। यही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान के संविधान रचना में भी निर्णायक भूमिका निभाई। लेकिन जल्दी ही उन्हें यह एहसास हो गया कि पाकिस्तान में तो सामाजिक न्याय की अवधारणा सिरे से गायब है। अल्पसंख्यक हिंदुओं से दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाना वहां की सरकार और जन सामान्य के व्यवहार में शामिल है। उन्होंने देखा कि जिन दलितों को वे शेष हिंदू समाज के खिलाफ भड़का कर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा करने में कामयाब हुए थे, उनका भी पाकिस्तान में बुरा हाल है। मोहम्मद अली जिन्ना के बेहद नजदीक होने के बावजूद और सरकार में काबीना मंत्री रहते हुए भी मंडल उनकी हिफाजत नहीं कर पाए। अंततः उन्होंने वर्ष 1950 में पाकिस्तान सरकार को मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और हमेशा के लिए भारत लौट आए। आपको बता दें कि उन्होंने अपनी जिंदगी के अंतिम 18 वर्ष भारत के पश्चिम बंगाल में गुजारे और अंततः यह माना कि सामाजिक न्याय की अवधारणा भारतीय जनमानस की रगों में रक्त बनकर दौड़ रही है। अब हमें सामाजिक न्याय के प्रति भारतीय प्रतिबद्धता की तस्वीर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन प्रसंगों में भी देखनी होगी। उदाहरण के लिए- यह उल्लेख करना कोई बड़ा रहस्योद्घाटन का विषय नहीं है कि जब 1950 में मंडल भारत लौटे तब हमारे देश का संविधान हमारी स्वतंत्रता को पूर्णता प्रतिपादित कर रहा था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष बन चुके थे और देश के प्रथम कानून मंत्री के पद को गौरवान्वित कर रहे थे। वह भी तब, जबकि उनके कांग्रेस से काफी गहरे मतभेद रहे। क्योंकि वे ऐसा मानते थे कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार दलितों का उतना ही शोषण करती है, जितना आजादी के पहले अंग्रेज शासक करते रहे। फिर भी उन्होंने जो संविधान इस देश को सौंपा, उसका भारतीय जनमानस में काफी सम्मान है। यही वजह है कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर केवल दलित नेता ना रहकर इस देश में संविधान निर्माता के रूप में जाने पहचाने जाते हैं। लिखने का आशय यह कि हमारे यहां दलित, अगड़ा, पिछड़ा आदि शब्दों का प्रयोग राजनीतिक लाभ-हानि की दृष्टि से कुछ अवसरवादी दलों और नेताओं द्वारा किया जाता रहता है, इससे किसी को इनकार नहीं। लेकिन जब सामाजिक न्याय की बात आती है तो हम देखते हैं कि हमारे यहां का जनमानस इसके लिए पूरी तरह स्वयं को सक्षम सिद्ध करता आया है। यहां के एक महाकवि कह गए हैं- जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान।। इस रचना को भारतीय जनमानस में उतना ही सम्मान प्राप्त है, जितना एक धार्मिक व्यक्ति गीता, गुरुग्रंथ साहिब, बाईबिल, अथवा कुरान को देता आया है। इस संदर्भ में यही कहना उचित रहेगा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर या फिर महात्मा ज्योतिबा फुले की स्मृति में यदि इस देश और दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाने का संकल्प ग्रहण करती है तो वह भारतीय जनमानस की इस बाबत गहरे तक स्थापित अवधारणा की सच्चाई को प्रतिपादित ही कर रही है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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सियाराम पांडेय 'शांत' भारतीय जनता पार्टी जीत पर जीत दर्ज कर रही है। उत्तरप्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी चुनाव में उसकी शानदार जीत ने यह साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश के गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर तक उसकी पकड़ मजबूत हुई है। उसकी नीति, नीयत और कार्य संस्कृति पर जनता का विश्वास बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में तो समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिलीं भी थीं लेकिन विधान परिषद चुनाव में वह खाता भी नहीं खोल पाई है। इस पर सपा प्रमुख की जो प्रतिक्रिया आई है, वह उनकी बौखलाहट का ही इजहार करती है। कायदे से तो उन्हें हार पर आत्ममंथन करना चाहिए लेकिन वे भाजपा पर ही लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहे है लेकिन जिस तरह उन्हें शिवपाल यादव, आजम खान और बर्क जैसे बड़े नेताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है, वह भी उनके राजनीतिक पराभव का एक बड़ा कारण हो सकता है। भारतीय राजनीति का यह दुर्भाग्य रहा है कि यहां पराजय के कारणों पर विचार तो होता नहीं, उस पर पर्दा डालने की कोशिशें जरूर होती रही हैं। विधान परिषद की 36 में से 9 सीटों पर तो भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे लेकिन जिन 27 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें भी 24 पर भगवा लहराना बड़ी बात है लेकिन जिस तरह वाराणसी में एक अपराध माफिया की पत्नी भाजपा प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर छोड़ते हुए जीती है, उसे क्या कहेंगे। इसमें सुशासन की सुगंध तो आती नहीं। सपा प्रमुख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 18 स्वजातीय के विधान परिषद चुनाव जीतने पर तंज भी कस रहे हैं कि यह कैसा सबका साथ, सबका विकास? हर विधान परिषद चुनाव में पराजित दल ने सत्तारूढ़ दल पर कुछ इसी तरह के आरोप लगाए हैं और उनकी फलश्रुति नक्कारखाने में तूती की आवाज की तरह रही है। जब सपा सरकार थी तब सपा के 31 प्रत्याशी जीते थे।मायावती और मुलायम सिंह के कार्यकाल में भी एमएलसी निकाय चुनाव में क्रमशः बसपा को 34 और सपा को 24 सीटें मिली थीं। कांग्रेस सत्ता में थी तो उसके सर्वाधिक विधान पार्षद चुने गए थे। ऐसे में अगर अखिलेश यह आरोप लगा रहे हैं कि योगी सरकार ने गड़बड़ी की है तो क्या उनके भी दौर में चुनावी गड़बड़ी हुई थी। इस सवाल का जवाब तो उन्हें देना ही चाहिए। साथ ही जनता को यह भी बताना चाहिए कि उनका गढ़ कही जाने वाली आजमगढ़ व इटावा-फर्रुखाबाद सीट भी सपा क्यों हारी? क्या शिवपाल यादव के अच्छे दिन का यही इशारा था? क्या यादवों और मुसलमानों के बीच अखिलेश की पकड़ ढीली पड़ रही है। आजम खान अगर नई पार्टी बनाते हैं तो अल्पसंख्यक वर्ग क्या सपा के प्रति इसी तरह प्रतिबद्ध रह पाएगा, यह अपने आप में बड़ा सवाल है जिसका जवाब अगर अखिलेश ने समय रहते न तलाश तो उसकी राजनीतिक जमीन को छिनते देर नहीं लगेगी। चार दशक के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब वहां किसी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिला है। इससे पूर्व 1982 में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में पूर्ण बहुमत मिला था। विधान परिषद में बहुमत का आंकड़ा 51 का है। अब भाजपा के 67 एमएलसी हो चुके हैं। यानी बहुमत के आंकड़े से भी 16 ज्यादा। उच्च सदन में अब समाजवादी पार्टी के 17, बसपा के चार, कांग्रेस के एक, अपना दल (सोनेलाल) के एक सदस्य हैं। वर्ष 2018 में 13 सदस्य निर्विरोध ही चुनाव जीत गए थे। इसमें योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा समेत 10 सदस्य भाजपा के थे। इसके अलावा अपना दल (सोनेलाल) और सपा के एक-एक सदस्य भी चुने गए थे। 2020 में शिक्षक एमएलसी के चुनाव हुए थे। तब छह सीटों में से तीन पर भाजपा, एक पर सपा और दो पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। 2020 में ही पांच एमएलसी की सीटों के लिए चुनाव हुए थे। तब तीन पर भाजपा और एक पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी। 2021 में भाजपा के चार सदस्यों को राज्यपाल ने नामित किया था। राजनीति में हार-जीत सामान्य बात है। लेकिन लगता है कि राजनीति में अब सोच-समझ का तत्व गायब हो रहा है। काश इस पर विचार हो पाता।
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सुरेश हिंदुस्तानी पाकिस्तान में पिछले कई महीनों से चली आ रही राजनीतिक उथल-पुथल भले इमरान खान की सत्ता जाने के बाद समाप्त होती दिखाई दे रही है, लेकिन दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि पाकिस्तान राजनीतिक भंवर से निकलने में सफल हो गया। इसका मूल कारण यही माना जा रहा है कि इमरान को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान के विपक्षी राजनीतिक दल जिस प्रकार लामबंद हुए, वह समय के हिसाब से अनुकूल कहे जा सकते हैं लेकिन यह लम्बे समय तक राजनीतिक पिच पर जमे रहेंगे, इसकी संभावना कम है। क्योंकि नई सरकार में जो दल शामिल होंगे, वे पहले से ही एक-दूसरे के विरोध में राजनीतिक अखाड़े में उतर चुके हैं। इमरान खान की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी अगर कोई रही तो वह उसके अपने साथियों द्वारा साथ छोड़ देना है। इमरान खान की सत्ता जाते ही यह फिर प्रमाणित हो गया कि पाकिस्तान अपने बनाए हुए रास्ते पर पूरी तरह से कायम है। पाकिस्तान के इतिहास में आज तक कोई प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। इमरान खान से यह उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उसे भी विपक्ष ने एकता स्थापित करके राजनीतिक मैदान से आउट करके अपने इतिहास को कायम रखा है। पाकिस्तान की संसद में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ और उन्हें पराजय मिली। इस तरह इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा। पाकिस्तान का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इमरान खान के कार्यकाल में पाकिस्तान आर्थिक रूप से कंगाल हो गया, महंगाई अपने चरम पर है। हालांकि ऐसी स्थितियों में इमरान खान के अलावा कोई दूसरा भी होता तो उसके सामने ऐसी ही स्थितियां निर्मित होती, लेकिन ठीकरा इमरान के सिर ही फूटना था, जो फूट भी गया है। पाकिस्तान के शासकों की सबसे बड़ी विसंगति यह है कि विश्व के कई देश पाकिस्तान से आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं। ऐसी कार्रवाई न होने के कारण पाकिस्तान को भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। एफएटीएफ ने उसे ग्रे सूची में डाल दिया है, अब उस पर काली सूची में आने का खतरा भी मंडरा रहा है। यह खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि सरकार चाहते हुए भी आतंकियों के विरोध में उतना बड़ा कदम नहीं उठा सकती, जितने की अपेक्षा की जा रही है। उसके पीछे कारण यही है कि पाकिस्तान में शरण लिए आतंकी सरगना का बहुत बड़ा जाल है, जो किसी न किसी रूप में सरकार को भी नियंत्रित करने की हैसियत रखता है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि वहां की सेना आतंकियों के साथ खड़ी हुई दिखाई देती है। पाकिस्तान की वास्तविकता यही है कि वहां की सरकार सेना और आतंकियों के समर्थन के बिना चल ही नहीं सकती। पाकिस्तान की खराब स्थिति के बारे में यह तर्क दिया जा रहा है कि इमरान खान के प्रधानमंत्रित्व काल में गलत नीतियों पर चलते हुए न केवल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को डुबो दिया गया, बल्कि विदेशी कर्ज का बोझ भी रिकॉर्ड स्तर पर तक बढ़ा दिया। इमरान खान ने कई देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्ते भी बिगाड़ दिए जिनमें वे देश भी शामिल हैं जिनकी मदद के बिना पाकिस्तान एक कदम भी नहीं चल सकता। यही सब इमरान खान की समय से पहले सत्ता से बेदखली का कारण बना। अब पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ की ताजपोशी हो गयी है। चूंकि पश्चिम में अफगानिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन और पूर्व में भारत के बीच स्थित पाकिस्तान रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण देश है इसलिए यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि पाकिस्तान की राजनीति में हो रहे इस बदलाव का क्या दुनिया पर भी कोई असर पड़ेगा? साल 2018 में जब इमरान खान पाकिस्तान की सत्ता में आए तभी से उन्होंने अमेरिका के खिलाफ निराशा भरा रवैया अपनाया जबकि चीन को काफी महत्व दिया। पिछले दिनों इमरान खान ने रूस के साथ भी नजदीकियां बढ़ाईं और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात और बात भी की। हालांकि विदेश मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान में सेना ज्यादा शक्तिशाली है जो कि पाकिस्तान की विदेश और रक्षा नीति को नियंत्रित करती है। ऐसे में पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता का दूसरे देशों पर प्रभाव बहुत सीमित ही पड़ेगा। फिर भी इन देशों को लेकर पाकिस्तान की नीति को समझना जरूरी है। परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान ने 1947 में आजादी के बाद से तीन युद्ध लड़े और हर बार भारत से मुंह की खाई। जब इमरान खान की सरकार पाकिस्तान में आई तब से दोनों देशों के बीच कई सालों से कोई औपचारिक राजनयिक वार्ता भी नहीं हुई। इसकी एक वजह ये भी है कि इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हमेशा आलोचना करते रहे, लेकिन अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान में बनी नई सरकार पर वहां की सेना कश्मीर में सफल सीजफायर को लेकर दबाव डाल सकती है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल ही में कहा भी था कि अगर भारत सहमत होता है तो उनका देश कश्मीर पर बातचीत के लिए आगे बढ़ने को तैयार है। उधर, अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार है, जिसके साथ भी पाकिस्तान के संबंध कमजोर हो गए हैं। पाक सेना और तालिबान के बीच तनाव है क्योंकि पाक ने अपनी सीमा पर अपने कई सैनिक खोए हैं। इसलिए पाकिस्तान चाहता है कि इन चरमपंथियों पर नकेल कसना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये आगे चलकर पाकिस्तान में तबाही जरूर मचाएंगे। हालांकि पाकिस्तान अगर भारत के साथ अशांति बढ़ाता है तो इसका प्रभाव अमेरिका पर पड़ सकता है। जानकार ये भी मानते हैं कि पाकिस्तान की नई सरकार अमेरिका से रिश्ते सुधर सकती है। इमरान खान अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका को छोड़कर चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर बहुत जोर देते रहे। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार का चीन के प्रति कैसा रवैया रहेगा, यह देखना होगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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विकास सक्सेना पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच से बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार का ठीकरा बसपा सुप्रीमो मायावती के सिर फोड़ने की कोशिश की है। एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर से बसपा नेत्री ने भाजपा के सामने समर्पण कर दिया। हालांकि मायावती ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें बसपा के बारे में झूठ न बोलने की सख्त हिदायत दी। अपने बेतुके और तथ्यहीन बयानों के लिए कुख्यात राहुल गांधी ने कांग्रेस की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए उसकी नीति, रीति और नेतृत्व की कमियों पर आत्ममंथन करने के बजाए दूसरे दलों पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर एक बार फिर अपनी फजीहत कराई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में भाजपा की वापसी का ठीकरा बसपा सुप्रीमो मायावती के सिर फोड़ते हुए दावा किया कि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस, बसपा से गठबंधन करना चाहती थी। इसके लिए मायावती को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के डर की वजह से मायावती ने उनके प्रस्ताव पर गौर नहीं किया। राजनीति की मामूली जानकारी रखने वाला भी अच्छी तरह जानता है कि अगर बसपा और कांग्रेस के बीच चुनावी समझौता होता तो मुख्यमंत्री पद की स्वभाविक दावेदार मायावती ही होतीं। अगर राहुल गांधी की बातों में जरा भी सच्चाई है तो विचारणीय प्रश्न यह है कि आखिर बसपा ने कांग्रेस से समझौता क्यों नहीं किया। इस सवाल का जवाब कांग्रेस को अपने चुनावी प्रदर्शन में खोजना चाहिए। विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में ताल ठोंकी इसके बावजूद भाजपा तीन चौथाई से ज्यादा सीटें जीतकर प्रदेेश की सत्ता पर काबिज हो गई। लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी खुद अपने परिवार की परम्परागत अमेठी सीट से चुनाव हार गए। पश्चिम बंगाल में सीपीएम और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी के इंडियन सेक्यूलर फ्रंट से समझौता करने के बावजूद शून्य पर सिमटी कांग्रेस पार्टी को कोई भी राजनैतिक दल भला क्यों महत्व देगा, इस पर राहुल गांधी को गंभीरता से विचार करना चाहिए। राहुल गांधी के बयान को सिरे से खारिज करते हुए मायावती ने इसे बसपा को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। राजनैतिक विश्लेषकों में यह धारणा पुष्ट होती जा रही है कि सियासी फायदे के लिए झूठ बोलना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आदत में शुमार होता जा रहा है। पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान उन्होंने सरकार पर राफेल विमानों की खरीद में घोटाले के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार जिन विमानों को महज 520 करोड़ रूपये में खरीद रही थी, उसे मोदी सरकार ने 1600 करोड़ रूपये में खरीदा है। देश की कूटनीति और अन्तरराष्ट्रीय संबंधों की परवाह किए बिना उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति से बातचीत का हवाला देते हुए दावा किया कि राफेल विमान सौदे में गोपनीयता की शर्त नहीं है। सरकार इस रक्षा सौदे में हुए घोटाले को छिपाने के लिए इन विमानों की कीमत बताने से कतरा रही है। लेकिन राहुल गांधी के भाषण के दो घंटे के भीतर ही फ्रांस की सरकार को बयान जारी करके सफाई देनी पड़ी कि राहुल गांधी का बयान गलत है। राफेल सौदे में गोपनीयता की शर्त है और यह शर्त यूपीए सरकार के समय हुए समझौते से ही शामिल है। राफेल विमान खरीद को लेकर बोले गए अपने झूठ को स्थापित करने के लिए उन्होंने संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ दी थीं। वह 29 जनवरी 2019 को अचानक पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने पहुंच गए। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि पर्रिकर ने उनसे कहा कि बतौर रक्षामंत्री राफेल सौदे से उनका कोई लेना-देना नहीं था। पल-पल मौत की तरफ बढ़ रहे मनोहर पर्रिकर उनके बयान से भौंचक रह गए थे। उन्होेंने पत्र लिखकर राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पांच मिनट की भेंट में राफेल का जिक्र तक नहीं हुआ। उनके झूठ से आहत पर्रिकर ने यहां तक कहा कि मेरे लिए ये अत्यंत निराशाजनक और आहत करने वाली बात है कि मेरे स्वास्थ्य का हाल जानने के बहाने आपने अपने क्षुद्र राजनैतिक स्वार्थों को पूरा करने का काम किया है। मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर पा रहा हूं। गौरतलब है कि बीमारी से जूझते हुए मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को यानी राहुल गांधी से मुलाकात के लगभग डेढ़ माह बाद निधन हो गया था। भाजपा और संघ को घेरने के लिए नए नए पैंतरे आजमाने वाले राहुल गांधी ने इसी कार्यक्रम में वर्तमान सरकार को संविधान और संस्थाओं के लिए खतरा बताया। संविधान और संस्थाओं की दुहाई देते समय वह भूल गए कि वर्ष 1976 में जब देश में आपातकाल लगा हुआ था उस समय संसद में बहस के बिना ही संविधान की प्रस्तावना को बदलने का काम कांग्रेस ने किया था। इसी तरह जब उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को पिंजड़े का तोता कहा था उस समय देश में कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग की ही सरकार थी। संवैधानिक संस्थाओं का राहुल गांधी कितना सम्मान करते हैं इसे दागी जनप्रतिनिधियों को बचाने के लिए लाए गए मनमोहन सिंह सरकार के अध्यादेश के संदर्भ से आसानी समझा जा सकता है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरी संप्रग सरकार इस अध्यादेश के खिलाफ बन रहे देशव्यापी माहौल के कारण भारी दबाव में थी। अध्यादेश वापसी का श्रेय लेने के लिए राहुल गांधी ने इसके बचाव में की जा रही कांग्रेस की एक पत्रकार वार्ता में अचानक पहुंचकर ‘एंग्री यंग मैन’ की तरह कहा कि यह अध्यादेश बकवास है, इसे फाड़कर कूड़े के डिब्बे में फेंक देना चाहिए। अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री और उनकी केबिनेट से पारित अध्यादेश पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया से संस्थाओं के प्रति उनके सम्मान के भाव को आसानी से समझा जा सकता है। हालांकि राहुल गांधी की ‘भावनाओं’ की कद्र करते हुए सरकार ने यह अध्यादेश वापस ले लिया जबकि उस समय वह एक संसद सदस्य मात्र ही थे। देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए जिम्मेदार विपक्ष का होना अनिवार्य है। राजनैतिक इतिहास के सबसे खराब दौर में भी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 में तकरीबन 12 करोड़ वोट हासिल किए। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि देश में सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेता संघर्ष और जनांदोलनों के बजाए झूठ और प्रपंच के सहारे सत्ता के शिखर पर पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरे दलों के नेता ही नहीं उनके अपने दल के नेता भी उनकी कार्य प्रणाली से असंतुष्ट हैं इसीलिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह समेत अनेक युवा कांग्रेसी उनका साथ छोड़ चुके हैं और असंतुष्ट कांग्रेसी नेताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि राजनेता की सबसे बड़ी पूंजी उसकी विश्वसनीयता ही होती है। लेकिन वह अपने बेतुके, तथ्यहीन और झूठे बयानों से लगातार इस पूंजी को गंवा रहे हैं। जन विश्वास में कमी के कारण ही कांग्रेस का जनाधार तेजी से घट रहा है। घटती लोकप्रियता के कारण राहुल गांधी की चुनावी सभाएं उनके प्रत्याशियों को लाभ नहीं पहुंचा पा रही हैं, यहां तक कि वह अपना चुनाव भी हार चुके हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध चला है, मैं बराबर लिखता रहा हूं कि इस मामले में भारत सर्वश्रेष्ठ मध्यस्थ हो सकता है, क्योंकि अमेरिका, रूस और यूक्रेन, तीनों से उसके संबंध उत्तम हैं। मुझे खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से बात करके उन्हें प्रेरित किया कि वे व्लादिमीर पुतिन से सीधे बात करें और इस युद्ध को शांत करें। बेहतर होता कि मोदी सीधे ही खुद मध्यस्थ की भूमिका निभाते। वह यह काम अभी भी कर सकते हैं। ऐसा प्रयत्न फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कर चुके हैं लेकिन उनकी एक सीमा है। वह है, उनका अमेरिका और नाटो वाला संबंध! उनका तो अपना स्वार्थ भी अटका हुआ है। वे रूस के तेल और गैस पर निर्भर हैं। भारत की ऐसी कोई मजबूरी नहीं है। भारत रूस से शस्त्र जरूर खरीदता है लेकिन रूस को पता है कि भारत चाहे तो वह उन्हें किसी भी अन्य देश से खरीद सकता है। जब रूस भारत को सस्ता तेल भेजने लगा तो अमेरिका चिढ़ने लगा। उसके एक अफसर ने भारत आकर धमकी भी दे डाली कि इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। भारत की तटस्थता पर टिप्पणी करते हुए बाइडन भी बोल पड़े कि चौगुटे के देशों में भारत ही ऐसा है, जो रूस का विरोध करने में जरा ढीला है। लेकिन अमेरिका को पता है कि भारत के प्रतिनिधि ने संयुक्तराष्ट्र संघ में दर्जनों बार साफ-साफ कहा है कि यह युद्ध तुरंत रुकना चाहिए और किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता और स्वतंत्रता पर आंच नहीं आनी चाहिए। भारत ने यूक्रेन के बूचा नामक शहर में हुए नरसंहार की जांच की मांग भी की है। बाइडन और मोदी के संवाद में यह मामला भी उठा। मोदी ने पुतिन से भी कहा था कि वे झेलेंस्की से सीधे बात क्यों नहीं करते? भारत ने यूक्रेन को पहले भी अनाज और दवाइयां भिजवाई थीं और अब भी भेजने की घोषणा की है। भारत के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इस समय अमेरिका में अपने समकक्षों से संवाद कर रहे हैं तो भारत रूस से पिछले एक माह में इतना तेल आयात कर चुका है, जितना कि वह पिछले एक साल में भी नहीं कर सका था। यह तेल उसे सस्ते दामों पर मिल रहा है। अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र भारत की इस नीति की आलोचना कैसे कर सकते हैं, क्योंकि यूरोपीय राष्ट्रों ने अपना रूसी तेल का आयात अभी तक ज्यों का त्यों रखा हुआ है। मोदी और बाइडन के सीधे संवाद में भारत-अमेरिका सहयोग के कई अन्य आयामों पर भी सार्थक चर्चा हुई। चीन की चुनौती का सामना करने में अमेरिका हमेशा भारत का साथ देगा, यह अमेरिका रक्षा मंत्री लाॅयड आस्टिन ने हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ को आश्वस्त किया है। भारत की विदेश नीति में यदि थोड़ी सक्रियता और पहल की क्षमता अधिक होती तो विश्व राजनीति में आज उसका स्थान अनुपम बन सकता था। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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ऋतुपर्ण दवे अंधविश्वास पर जब भी बात होती है तो लगता है कि पढ़े-लिखे जमाने में और कब तक....! वहीं, यह फख्र भी है कि 21 वीं सदी के जेट युग में हम, अपने अंतरिक्ष यान को मंगल की कक्षा में पहले ही प्रयास में स्थापित करने में 25 सितंबर 2014 को सफल हुए। यह अंधविश्वास नहीं था। दूसरी ओर ठीक सालभर बाद 2 सितंबर 2015 को अमेरिका जैसे विकसित देश की वायुसेना में एक भारतीय महिला डेबरा शोनफेल्ड मैरिलैंड जो भारतीय संगीत सुनती और योग करतीं। उनकी एक सहकर्मी को लगता कि जादू-टोना भी करती हैं। बस इसीलिए डेन्टल टेक्नीशियन डेबरा बर्खास्त कर दी गईं। 21 सितंबर 2015 की ही एक घटना जिसने खूब सुर्खियां बटोरी। हुआ यह कि नेपाल सीमा से सटे कपिलवस्तु की महिलाएँ एक टोटका करने कोतवाली पहुंचीं। थाना प्रभारी को खूब नहलाया और बारिश की प्रार्थना की। मान्यता और भावनाओं का सम्मान करते थानेदार रणविजय सिंह भी चुपचाप जमीन पर बैठे और महिलाएं पानी उड़ेलती रहीं। बारिश न होने से सूख रही धान को बचाने हेतु इन्द्रदेव को खुश करने खातिर इलाके के राजा को पानी में डुबोने का पुराना टोटका पूरा करना था। राजा-रजवाड़े रहे नहीं सो थानेदार को ही राजा मान टोटका किया। यूँ तो हर रोज अँध विश्वास की कोई न कोई घटना या कहानी किसी न किसी रूप में सामने होती है। चंद दिन पहले 20 मार्च 2022 को राजस्थान के राजसमंद के खमनोर की एक घटना जिसमें सात साल के बच्चे को दो साल पहले आंख में फुंसी हुई तो घरवाले करीब की दवा दुकान से दवा लेकर इलाज करते रहे। लेकिन जब दर्द और मर्ज बढ़ा तो तंत्र-मंत्र करने वाले भोपे के पास ले गए। वहां बच्चे की तकलीफ कम होने की बजाय इतनी बढ़ी कि उसकी आंख तीन इंच बाहर आ गई। आखिर में अस्पताल गए तो पता चला कि कैंसर है और आंख निकालनी पड़ेगी। 4 सितंबर 2021 राजस्थान के ही चित्तौड़गढ़ में तंत्र-मंत्र के चक्कर में 30 साल की सुनीता की जान, इसका सगी छोटी बहन ने ले ली। वो मायके आई थी। वहाँ तबीयत क्या बिगड़ी परिवार वालों ने मान लिया कि जादू-टोने का असर है। परिवार 18-20 घंटे तक कमरा बंद करके मंत्र-तंत्र करता रहा। दो कमरों में बन्द 25 लोगों को भरोसा था कि छोटी बहन जिस पर एक रिश्तेदार की आत्मा आती है, सब ठीक करेगी। घण्टों चीख-चिल्लाहट और मारपीट की आवाज से डरे पड़ोसियों ने आखिर पुलिस बुलाई। जबरदस्ती दरवाजा खुलवाया। बीमार की तो मौत हो चुकी थी लेकिन तंत्र-मंत्र जारी था। ताँत्रिक बनी लड़की पुलिस को भी धमकाती रही। उप्र के ललितपुर थाना कोतवाली के घटवार गाँव की 27 अप्रेल 2018 की घटना। 22 और 20 वर्षीय पति-पत्नी ताराचंद और ज्योति कुशवाहा ने शादी की दूसरी सालगिरह की रात फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब देर तक दोनों नहीं उठे तो खिड़की से झाँकने पर दिखा कि दोनों एक ही रस्सी से फांसी पर लटके थे। ससुर दामोदर ने पुलिस को बताया कि ज्योति पर छह माह से भूत-प्रेत का साया था। कई ओझा-गुनी से झड़वाया कुछ काम न आया, जिससे दोनों परेशान थे। मृतकों का एक ही कागज पर मिला सुसाइड नोट उनकी हताशा और परिवार के अंधविश्वासों को बयाँ कर रहा था। 31 जनवरी 2019 को मप्र के टीकमगढ़ जिले के खरगापुर सरकारी अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास से अजीब घटना सामने आई। पठारे गाँव की दसवीं की एक छात्रा कई दिनों से अजीबोगरीब हरकतें कर रही थी। रात को सोते में पलंग तक गिर जाती। अधीक्षिका ने उसके पिता को सलाह दी कि बेटी प्रेतात्मा के साये से परेशान है इसलिए अच्छे ताँत्रिक को दिखाओ। बताते हैं कि ताँत्रिक ने भूत-प्रेत भगाने छात्रावास में ही मुर्गे की बलि देकर शराब चढ़ाई। 26 मार्च, 2013 को गंगापुर सिटी के रहने वाले फोटोग्राफर कंचन सिंह ने भगवान से मिलने की चाह में अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ राजी-खुशी से जानबूझकर सायनाइड मिला जहरीला लड्डू खाया। जब लोग मरने लगे तो एक लड़की पड़ोसियों को बताने भागी और लड्डू थूक दिया। दो और को तुरंत अस्पताल पहुँचाया। बाद में जाँच से पता चला कि परिवार बेहद आस्थावान था। परिवार की भगवान से मिलने की आस में चुना गया रास्ता, आस्था पर ही बड़ा सवाल बन गया। 1 जुलाई, 2018 को दिल्ली सहित पूरे देश को हिला देने वाला बुराड़ी काण्ड लोग अभीतक नहीं भुला पाए हैं जिसमें घर में मौजूद सभी 11 लोगों (4 पुरुष और 7 महिला) में 10 ने घर की एक ग्रिल से लटक कर फाँसी लगाई जबकि 11वीं बूढ़ी थी, जिसकी लाश दूसरे कमरे के जमीन पर मिली। सबकी आंखों में पट्टी और हाथ-पैर बंधे थे। मौतों की वजह फांसी निकली। पुलिस ने जबरदस्त मशक्कत की लेकिन मामला सुसाइड पैक्ट से आगे नहीं बढ़ा। छह दिनी तांत्रिक अनुष्ठान के फेर में सबकी जान गई। वहाँ मिली डायरी ने काफी खुलासे किए। 'महान शक्ति' पाने और संपन्न से धनाढ़्य होने की बातें लिखीं थीं। साइकोलॉजिकल अटॉप्सी से पता चला कि मरना कोई नहीं चाहता था। फंदे पर लटक छह दिन की कथित 'साधना' के बाद सामान्य और बेहद खुशहाल जिन्दगी की लालसा के बदले मौत मिली। नेताओं के एक-दूसरे पर तंत्र-मंत्र के आरोप भी अक्सर सुर्खियाँ बनते हैं। दुष्ट आत्माओं से मुक्ति हेतु कर्मकाण्ड पर कर्नाटक के एक पूर्व मुख्यमंत्री की जगहँसाई तो एक राज्य के मुख्यमंत्री की विधानसभा भवन के कक्ष में तोड़फोड़ की खूब चर्चा रही। वहीं, देश-विदेश में पढ़े-लिखे ऐसे मानसिक रोगी भी बहुतायत में मिलते हैं जो किस्म-किस्म के अज्ञात डर से भयभीत होते हैं। समय के साथ अनेकों मिथक, अंधविश्वास और कई परम्परागत रीति-रिवाज अब जरूरी नहीं है। हीन भावना और सामान्य तौर पर नहीं पहचाने जा सकने वाले मानसिक रोगी भी अनजाने, अनचाहे अंधविश्वास की राह पकड़ लेते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही ये सब है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, जापान, मिश्र, उत्तरी और दक्षिणी कोरिया, न्यूजीलैण्ड, स्पेन, यूनान, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल यानी दुनिया का कोई कोना इससे अछूता नहीं है। छींक आना, बिल्ली का रास्ता काटना, खाली कैंची चलाना, कुछ नंबरों को अशुभ मानना, उल्लू को देखना, घर के अन्दर सीटी बजाना, यात्रा के वक्त दाहिना पैर आगे बढ़ाना, पड़ोसी को नमक उधार देना- ऐसे हजारों अँधविश्वास अब भी दुनिया भर में प्रचलित हैं। ऐसे में सवाल वही कि विकसित, विकासशील और नित नए वैज्ञानिक उपलब्धियां, यहां तक कि धरती छोड़िए आसमान में कुलांचे भरती नई दुनिया कबतक ऐसे अंधविश्वासों को ढ़ोएगी? रेखा और बिन्दु का फर्क यानी रेखा में लंबाई हो चौड़ाई न हो और बिन्दु में लंबाई-चौड़ाई न हो अनंत बहस का विषय हो सकता है लेकिन यही सच है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सबसे गहराइयों को छूने वाला तत्व यही है कि जब प्रश्न उठाने की जरूरत हो तो चुप्पी तोड़ सवाल करें क्योंकि इसी से अंधविश्वास टूटता है। लेकिन पता नहीं किस भ्रम या अज्ञात भय से कहीं न कहीं अनचाहे, अनकहे सबकुछ जानते व समझते हुए अपढ़ छोड़िए खूब पढ़े-लिखे भी अक्सर बेवजह अंधविश्वास को हवा देने लगते हैं। सच तो ये है कि परमात्मा भले ही काल्पनिक हो लेकिन वह अज्ञात मानसिक शक्ति जरूर है जो गलत रास्ते या निर्णय से रोकती है, झकझोरती है और अंधविश्वास इसी के पार डर, भय या लोभ के रास्तों पर भटका ऐसे नतीजों पर ला खड़ा करता है जहां पछतावा, नुकसान या सबकुछ गंवाने के अलावा अंत में कुछ नहीं मिलता। काश अंधविश्वास के मकड़जाल में उलझने और उलझाने वाले इस सच को समझ पाते और सरकारें व समाज के तमाम जिम्मेदार इसके लिए कुछ कर पाते जो आसान नहीं दिखता। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री श्री जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है। यहां भूमि पूजन के साथ ही पांच सौ वर्ष पुराना सपना साकार होने लगा था। लेकिन यहां जन्मोत्सव के आयोजन हेतु करीब दो वर्षों तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। कोरोना संकट के कारण यहां सार्वजनिक आयोजन संभव नहीं हुआ। अंततः यह सपना भी पूरा हुआ। इसबार जन्मभूमि पर भव्य जन्मोत्सव का आयोजन किया गया- अवधपुरी सोहइ एहि भाँती। प्रभुहि मिलन आई जनु राती॥ देखि भानु जनु मन सकुचानी। तदपि बनी संध्या अनुमानी॥ श्री राम जन्म के पूर्व की स्थिति का गोस्वामी जी सुंदर चित्रण करते है- जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। कुछ वर्ष पहले तक जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य में अनेक बाधाएं दिखाई दे रही थी। लेकिन सभी बाधाओं का निवारण हो गया। सामाजिक सौहार्द के साथ श्री रामलला जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन सम्पन्न हुआ था। अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान के प्रति करोड़ों हिंदुओं की आस्था रही है। इसके अलावा यहां मंदिर होने के पुरातात्विक प्रमाण भी उपलब्ध थे। स्कन्दपुराण, वाल्मीकि रामायण, वशिष्ठ संहिता, रामचरित मानस जैसे सैकड़ों ग्रंथों में श्रीराम जन्मभूमि का उल्लेख है।भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षणों का भी यही निष्कर्ष रहा है। विवादित ढांचे की दीवार पांच क्रमांक पांच में मकर चिन्ह था। निर्माण हिन्दू कला के अनुरूप शुंगकाल से प्रारंभ हुआ था। सिविल इंजीनियरिग के हिसाब से भी पुराने ढांचे पर मस्जिद का निर्माण हुआ था। यह गोलाकार हिन्दू धार्मिक स्थल था। इसकी रचना श्रावस्ती के चेरीनाथ शिव मंदिर की तरह है। चन्द्रेह रीवा का शिवमन्दिर, कुरारी फतेहपुर का शिवमन्दिर, तिण्डुलि सूर्य मंदिर की रचना भी जन्मभूमि मंदिर की तरह थी। पुरातत्व प्रमाण ऐसे हैं कि राजपूत काल तक मंदिर सुरक्षित था। इसके आसपास रिहायशी बस्ती नहीं थी। स्थापत्य के हिन्दू चिन्ह उपलब्ध रहे हैं, जिनमें घट पल्लव, स्तम्भ, पुष्प, गरुण स्तंभ, देवी-देवताओं के चित्र, नागरी लिपि के शिलालेख, बीस लाइन का विष्णु हरि शिलालेख है। बताया जाता है कि 1528 में बाबर के सेनापति मीरबाकी ने मंदिर का विध्वंस करके मस्जिद का निर्माण कराया था। अयोध्या धाम के प्रति भारत ही नहीं अनेक देशों के करोड़ों लोगों की आस्था है। गोस्वामी तुलसीदास ने इसका सुंदर उल्लेख किया है- बंदउँ अवध पुरी अति पावनि। सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥ महर्षि वाल्मीकि ने भी रामकथा पर भावपूर्ण रचना की है। रामायण के माध्यम से उन्होंने यह कथा जन-जन तक पहुंचाई थी। जहां प्रभु अवतार लेते हैं, वह स्थल स्वतः तीर्थ बन जाता है। त्रेता युग से अयोध्या इसी रूप में प्रतिष्ठित रही। मुगलकाल में यहां मंदिर का विध्वंस हुआ। पांच सौ वर्षो तक जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा व प्रयास होते रहे। सदियों बाद श्रीराम जन्मस्थान पर जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। दूरदर्शन पर इसका सजीव प्रसारण किया गया। पहले यह प्रसारण कनक भवन से हुआ करता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्मोत्सव को भव्य रूप में मनाने का निर्णय लिया। यहां की तैयारियों को देखने वह स्वयं अयोध्या यात्रा पर आए थे। समारोह के सजीव प्रसारण का आग्रह भी उनका था। जिससे अयोध्या में रामनवमी पर राम जन्मोत्सव का देश-विदेश में रहने वाले रामभक्त घर बैठे अवलोकन कर सकें। पहली बार दूरदर्शन, एएनआई और आकाशवाणी पर राम जन्मभूमि परिसर से कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। करीब दो वर्ष पूर्व श्रीराम लला को टेंट से बाहर लाकर मानस मंदिर प्रांगण में फाइवर के मंदिर में विराजमान किया था। उसके बाद रामनवमी के त्योहार को भव्यता से मनाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन की अपनी परम्परा का निर्वाह किया था। पिछली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जब वह अयोध्या आये थे, तब श्री रामजन्मभूमि पर यथास्थिति थी। योगी ने अपनी योजना के अनुरूप यहां पर्यटन विकास संबन्धी कार्य शुरू कर दिए थे। फिर वह समय भी आया जिसकी पांच सदियों से प्रतीक्षा थी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। इस बार योगी जब अयोध्या पहुंचे तो स्थिति अलग रही। अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में चैत्र रामनवमी मेले की तैयारी के संबंध में समीक्षा की थी। उन्होंने कहा था कि इस आयोजन की तैयारी इस प्रकार से की जाए कि मेला पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित हो और अयोध्या को विश्व मानचित्र पर लाने में सहायक बने। रामनवमी के बाद भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरे भारत से आएंगे। इसके दृष्टिगत अयोध्या में ऐसी व्यवस्था सृजित की गई जिससे लोगों को प्रवेश करते ही उन्हें पूरा वातावरण राममय लगे, जिससे सभी श्रद्धालु अपने गृह जनपद एक अच्छा संदेश लेकर जाएं। अयोध्या में चुनाव से पूर्व चल रही विकास योजनाएं के लंबित कार्य पुनः तेजी से शुरू किए गए है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या मंदिर निर्माण का आह्वान कर रही है। मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण संपन्न हो गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान हो गए हैं। अब इसके बाद मंदिर निर्माण की दिशा में आगे की प्रक्रिया चल रही है। प्रभु के अवतार लेने से पूर्व सभी ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो गए थे। पांच सौ वर्षों बाद इसी स्थल पर भव्य मंदिर निर्माण के पहले भी अनुकूल स्थिति बनी थी। केंद्र में नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनना भी संयोग ही था। फिर योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अयोध्या में उत्साह का संचार हुआ है। उन्होंने त्रेता युग के दीपोत्सव के साथ अपनी कार्ययोजना का शुभारंभ किया था। यह एक पक्षीय कार्यक्रम नहीं था। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या जी के विकास को इसके साथ जोड़ दिया था। उनका कहना था कि पिछली सरकारें अयोध्या जी का नाम लेने से डरती थी। जबकि योगी समय-समय पर अयोध्या जी की यात्रा पर आते रहे हैं। प्रत्येक बार वह विकास की योजनाएं भी घोषित करते थे। उनके क्रियान्वयन पर ध्यान देते थे। पहले दीपोत्सव के कीर्तिमान कायम हुए। यहां रामलीला सदियों से हो रही थी। किंतु विगत कुछ वर्षों के दौरान विलक्षण उत्साह का संचार देखने को मिला। रामलीला की भव्यता का नया अध्याय प्रारंभ हुआ। सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला परिसर में नौ दिवसीय रामलीला प्रारंभ हुई थी। इसमें प्रसिद्ध फिल्मी सितारों ने इसमें मंचन किया था। कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पार्वती एक दूसरे से वार्ता कर रहे होते हैं- रची महेस निज मानस राखा माता पार्वती उनसे रामकथा सुनाने को कहती है। शिव जी कहते हैं कि तुमने राम जी का प्रसंग पूंछा, इससे तुम लोकों को पवित्र कर देने वाली गंगा के समान रामकथा की हेतु बनी। जब जब होई धरम कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी।। तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा।। अयोध्या में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रतिबिंब दिखाई दे रहे हैं। उसकी प्रतिध्वनि सुनी जा सकती है। दक्षिण भारत में निर्मित श्रीराम की भव्य मूर्ति के अनावरण ने ऐसे ही वातावरण का निर्माण किया था। श्रीराम संग्रहालय, विश्व के अनेक स्थानों पर होने वाली रामलीलाओं के कलाकारों का सम्मान, कोदण्ड मूर्ति पर डाक टिकट, महंत नृत्यगोपालदास के इक्यासीवें जन्मोत्सव आदि कार्यक्रमों ने यहां के माहौल को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से ओतप्रोत कर दिया था। क्योंकि इसमें उत्तर और दक्षिण भारत की झलक के साथ-साथ अन्य देशों के रामभक्तों की सहभागिता भी थी। यह प्रमाणित हुआ कि भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की सीमाएं बहुत व्यापक हैं। अपनी संस्कृति को विस्मृत कर कोई राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता। केंद्र में जब से नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, तब से देश का गौरव बढ़ रहा है। इसका अनुभव किया जा सकता है। हम अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं, अपनी संस्कृति को गर्व के साथ अपना रहे हैं। यह भी मानना पड़ेगा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार केंद्र के प्रयासों में सहयोगी की भूमिका का बखूबी निर्वाह कर रही है। यह सहयोग सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की गौरव-गाथा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि केंद्र की विकास और कल्याणकारी योजनाओं को भी प्रदेश में बेहतर ढंग से लागू किया गया है। यह सांस्कृतिक राष्ट्रभाव का प्रमाण है। श्रीराम भारत ही नहीं, विश्व के अनेक देशों में पूज्य हैं। अयोध्या में ठुमक चलत रामचन्द्र के बालरूप से लेकर राजा राम तक की पूजा होती है। मिथिला में राम वर हैं, माता सीता उनके साथ हैं। वनगमन के मार्ग पर वह वनवासी रूप में हैं, दक्षिण भारत में वह धनुषधारी हैं, क्योंकि यहां वह रावण से युद्ध की तैयारी करते हैं। इसी धनुर्धारी रूप को दक्षिण में कोदण्ड कहा गया। इसके अलावा विश्व के पचासों देशों में रामकथा और रामलीला प्रचलित है। अयोध्या शोध संस्थान में हस्तशिल्प में राम संग्रहालय की स्थापना की गई है, जिसमें अबतक राम पर आधारित धातु, वस्त्र, काष्ठ, चर्म, टेराकोटा आदि शिल्पों में देश और विदेश की सैकड़ों कलाकृतियां संग्रहित हैं। श्रीराम सर्किट का निर्माण चल रहा है। अयोध्या सहित श्रीराम से जुड़े प्रत्येक स्थान इससे जुड़ेंगे। यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। अयोध्या की दीपावली वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित हो रही है। रामकथा और रामलीला की विश्वव्यापी जानकारी यहाँ उपलब्ध कराई जा रही है। केंद्र में नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद अयोध्या को उसके गौरव के अनुकूल विकसित किया जा रहा है। देवताओं एवं अवतारों की जन्मतिथि पर उनका तत्व भूतल पर अधिक मात्रा में सक्रिय रहता है। श्रीरामनवमी के दिन रामतत्व सदा की तुलना में एक सहस्र गुना सक्रिय रहता है। मान्यता के अनुसार प्रभु श्रीराम का नामजप श्रीराम जय राम जय जय राम यह श्रीराम का अत्यंत प्रचलित नामजप है। इस जप में श्रीराम यह शब्द श्रीराम का आह्वान है। जय राम यह शब्द स्तुति वाचक है और जय जय राम यह 'नमः,जो अन्य देवताओं के नामजप के अंत में उपयोग किया जाता है। उस प्रकार शरणागति का दर्शक है। श्री रामनवमी की पूर्व संध्या पर विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर के फर्श का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अगले वर्ष दिसंबर तक रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जायेंगे। विगत एक शताब्दी में इतना विशाल मंदिर नहीं बना होगा। पत्थरों का इतना बड़ा भवन बनाया ही नहीं गया। राम मंदिर में लोहे का प्रयोग बिल्कुल नहीं हो रहा है। छह एकड़ में साढ़े पन्द्रह मीटर गहराई में नींव डाली गई है। मंदिर की फर्श इक्कीस फुट ऊंची बनाई गयी है। राम जैसा आचरण दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। राम जैसा आचरण दुनिया में कहीं नहीं मिलता है। अच्छा समाज, अच्छा परिवार बनाने के लिए राम ने मर्यादाएं निर्धारित कीं। स्वानुशासन का पालन राम ने जीवनभर किया। श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन में समरसता दिखती है। निषादराज, शबरी, हनुमान सबसे उन्होंने स्नेह किया। राम की पूजा करने वालों में भी राम व शबरी का व्यवहार देखना चाहिए। राम को राज्य सत्ता का मोह नहीं था। त्याग के बल पर भारतीय संस्कृति टिकी है। भगवान राम के आदर्शों के आधार पर हम विश्व में श्रेष्ठ बनना चाहते हैं। हम वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाले लोग हैं। राम जब वन गये तब वह राजकुमार थे। चौदह वर्षों के वनवास के बाद वह भगवान राम के रूप में पूज्य हो जाते हैं। जाकर नाम सुनत सुभ होई। मोरें गृह आवा प्रभु सोई॥ परमानंद पूरि मन राजा। कहा बोलाइ बजावहु बाजा॥ ध्वज पताक तोरन पुर छावा। कहि न जाइ जेहि भाँति बनावा॥ सुमनबृष्टि अकास तें होई। ब्रह्मानंद मगन सब लोई॥ करि आरति नेवछावरि करहीं। बार बार सिसु चरनन्हि परहीं॥ मागध सूत बंदिगन गायक। पावन गुन गावहिं रघुनायक॥ (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा देश के आठ पूर्वोतर राज्यों के सभी स्कूलों के दसवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले बच्चों को हिन्दी अनिवार्य रूप से पढ़ाने पर वहां की राज्य सरकारें राजी हो गईं हैं। 22 हजार हिन्दी अध्यापकों की भर्ती की जा रही है तथा नौ आदिवासी जातियों ने अपनी बोलियों की लिपि देवनागरी को स्वीकार कर लिया है। क्या इन जानकारियों में आपको कहीं हिन्दी थोपने के संकेत मिलते हैं? लेकिन, कांग्रेस तो कम से कम यही मानती है। कांग्रेस के नेता यह कहते हैं कि सरकार महंगाई तथा बेरोजगारी जैसे गंभीर मसलों पर बात करने की बजाय हिन्दी को गैर-हिन्दी भाषियों पर थोपने की चेष्टा कर रही है। दरअसल विगत दिनों केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपर्युक्त जानकारियां देश के साथ साझा की थीं। उसके बाद कांग्रेस के नेता जयराम रमेश और अभिषेक मनु सिंघवी मैदान में उतर आए। जयराम रमेश ने ज्ञान दिया कि ‘हिन्दी राजभाषा है न कि राष्ट्रभाषा।’ एक तरह से वे और उनके मित्र अभिषेक मनु सिंघवी हिन्दी के खिलाफ वक्तव्य देते हुए महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान करने लगे। देश की ये सभी महान शख्सियतें गैर हिन्दी भाषी होने पर भी हिन्दी के प्रसार-प्रचार के लिए सक्रिय रहीं। ये सभी हिन्दी की ताकत को जानते थे। क्या कांग्रेस के इन नेताओं को इतना भी नहीं पता कि भगत सिंह तो हिन्दी के ही पत्रकार थे। पंजाब से संबंध रखने वाले भगत सिंह की मातृभाषा हिन्दी नहीं थी। इसके बावजूद वे कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी के कानपुर से छपने वाले अखबार ‘प्रताप’ में पत्रकार के रूप में काम करते रहे थे। प्रसिद्ध क्रांतिकारी शचींद्रनाथ सान्याल की सलाह पर भगत सिंह विद्यार्थी जी से मिले। वे ‘प्रताप’ में बलवंत सिंह के नाम से लिखते थे, जो खासतौर पर नौजवानों के बीच खासे लोकप्रिय थे। भगत सिंह पंजाबी पत्रिका किरती के लिए भी रिपोर्टिंग और लेखन कर रहे थे। देखिए संविधान में बहुत सोच-विचार कर हिन्दी की स्वीकृति दी गई क्योंकि इसकी सर्वत्र राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता आज के 75 वर्ष पूर्व भी थी। जब अनुच्छेद 343 में देवनागरी में लिखी हिन्दी को सर्वसम्मति से मान्यता मिली तो वह ‘राष्ट्रभाषा हिन्दी’ ही मानी गई। बाद में चलकर ‘कोई राजभाषा’ ‘कोई सरकारी भाषा’ और ‘कोई आधिकारिक भाषा’ कहने लगा। सरदार पटेल ने दिनांक 13 अक्टूबर 1949 को अपने महत्वपूर्ण संदेश हिन्दी के लिए ‘राष्ट्र भाषा’ का प्रयोग ही किया है। जयराम रमेश यह याद रखें कि हिन्दी भारत के करोड़ों लोगों की प्राण और आत्मा है। हिन्दी प्रेम और सौहार्द की भाषा है। ये सबको जोड़ती है। इसका बार-बार अनादर करना बंद करें। वे जब हिन्दी को लेकर नकारात्मक टिप्पणी करते हैं तो वे हिन्दी भाषियों को निराश करते हैं। उम्मीद के मुताबिक अमित शाह की जानकारी के बाद तमिलनाडु में भी हिन्दी का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। पर यह विरोध जमीन पर नहीं है। दक्षिणी राज्यों में अब हिन्दी का विरोध रत्ती भर नहीं रहा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन आज जो कह रहे हैं कि केन्द्र सरकार हिन्दी को गैर-हिन्दी भाषी राज्यों पर थोपने की कोशिश कर रही है, वे तब कुछ नहीं बोले थे जब तमिलभाषी एचसीएल टेक्नोलॉजीस के खरबपति फाउंडर चेयरमैन शिव नाडार ने कुछ समय पहले एक स्कूल के कार्यक्रम में कहा था-“हिन्दी पढ़ने वाले छात्रों को अपने करियर को चमकाने में लाभ ही मिलेगा।” वे भारत के सबसे सफल कारोबारी माने जाते हैं और पूरे देश में लाखों पेशेवर उनकी कंपनी में काम करते हैं। हिन्दी का विरोध करने वालों को शिव नाडार जैसे सफल उद्यमी से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने 1960 के दशक में तमिलनाडु में हुए हिन्दी विरोधी आंदोलन को स्वयं देखा था। बहरहाल, तमिलनाडु को लेकर यह कहना होगा कि वहां हिन्दी फिल्मों को देखने के लिए जनता जिस तरह से सिनेमाघरों में उमड़ती है, वहां के सियासी नेता के हिन्दी विरोध की बातें नासमझी ही मानी जाएगी। जिस तमिलनाडु के नेता हिन्दी का विरोध करते हैं, वहां आयुष्मान खुराना, ऱणवीर सिंह, आमिर खान और अक्षय कुमार की फिल्में खूब देखी जाती हैं। महात्मा गांधी से ज्यादा इस देश को कोई नहीं जान-समझ सकता। गांधीजी का विचार था कि दक्षिण भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार जरूरी है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि जब वे पेशावर और उसके आसपास जाकर जनता के बीच अपनी बात रखते हैं तो वे अपनी हिन्दी में उर्दू तथा अरबी के कुछ शब्दों को जोड़ लेते हैं। जब वे दक्षिण भारतीय राज्यों में जाते हैं तो वे संस्कृत के शब्दों को शामिल कर लेते हैं। इससे वे अपने श्रोताओं को अपनी बात बेहतर तरीके से समझाने में सफल हो जाते हैं। अभिषेक मनु सिंघवी का हिन्दी की बात करने पर भड़कना इसलिए और कष्टप्रद है क्योंकि उनके पूज्य स्वर्गीय पिता और चोटी के विधिवेत्ता डॉ. लक्ष्मीमल सिंघवी जीवनपर्यंत हिन्दी के पक्ष में बोलते-लिखते रहे। जानेमाने कवि, लेखक, भाषाविद एवं संविधान विशेषज्ञ और प्रसिद्ध न्यायविद लक्ष्मीमल सिंघवी ने हिन्दी के वैश्वीकरण और हिन्दी के उन्नयन की दिशा में सजग, सक्रिय और ईमानदार प्रयास किए थे। वे भारतीय संस्कृति के राजदूत, ब्रिटेन में हिन्दी के प्रणेता और हिन्दी-भाषियों के लिए प्रेरणास्रोत थे। जैन धर्म के इतिहास और संस्कृति के जानकार के रूप में मशहूर लक्ष्मीमल सिंघवी ने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें से अनेकों हिन्दी में हैं। अफसोस कि उनके पुत्र अभिषेक मनु सिंघवी अब हिंदी का जिक्र आते ही भड़कने लगे हैँ। अगर बात हिन्दी को लेकर चल रही राजनीति से हटकर करें तो पूर्वोत्तर राज्यों की जनता लगातार हिन्दी से जुड़ रही है। वह हिन्दी पढ़-सीख रही है। अब आप पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा कर लीजिए। आपको वहां हिन्दी जानने-समझने वाले सब जगह मिल जाएंगे। देखिए हिन्दी तो अब सारे देश के आम-खास की भाषा बन ही चुकी है। कोई चाहे या न चाहे। इस पर किसी को संदेह नहीं होगा। जो कांग्रेस महंगाई तथा बेरोजगारी पर सरकार को घेर रही है, वह इन बिन्दुओं पर कोई बड़ा आँदोलन क्यों नहीं खड़ा करती। बेशक, महंगाई और बेरोजगारी गंभीर मसले हैं। देश को इनका हल निकालना होगा। कांग्रेस को यह भी तो बताना होगा कि उसने अपने शासन काल में क्या किया? पर इसका यह मतलब तो नहीं होता कि अन्य विषयों पर काम ही न हो। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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रामनवमी पर विशेष डॉ. वंदना सेन प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा के पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा श्रीराम ने अपने जीवन से अनुशासन और विनम्रता का जो चरित्र प्रस्तुत किया, वह आज भी समाज के लिए एक दिशाबोध है। वनवासी राम का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का अनुकरणीय पाथेय है। श्रीराम ने वनगमन के समय प्रत्येक कदम पर समाज के अंतिम व्यक्ति को गले लगाया। केवट के बारे में हम सभी ने सुना ही है, कि कैसे भगवान राम ने उनको गले लगाकर समाज को यह संदेश दिया कि प्रत्येक मनुष्य के अंदर एक ही जीव आत्मा है। बाहर भले ही अलग दिखते हों, लेकिन अंदर से सब एक हैं। यहां जाति का कोई भेद नहीं था। वर्तमान में जिस केवट समाज को वंचित समुदाय की श्रेणी में शामिल किया जाता है, भगवान राम ने उनको गले लगाकर सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। सामाजिक समरसता के भाव को नष्ट करने वाली जो बुराई आज दिखाई दे रही है, वह पुरातन समय में नहीं थी। समाज में विभाजन की रेखा खींचने वाले स्वार्थी व्यक्तियों ने भेदभाव को जन्म दिया है। वर्तमान में हम स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि समाज को कमजोर करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण जहां एक ओर समाज की शक्ति तो कमजोर हो रही है, वहीं देश भी कमजोर हो रहा है। वर्तमान में राम राज्य की संकल्पना को साकार करने की बात तो कही जाती है, लेकिन उसके लिए सकारात्मक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सामाजिक एकता स्थापित करने के लिए रामायण हम सभी को उचित मार्ग दिखा सकती है। यह भी सर्वविदित है कि राम वनगमन के दौरान भगवान राम ने निषाद राज को भी गले लगाया, केवट को भी पूरा सम्मान दिया। इतना ही नही भगवान राम ने उन सभी को अपना अंग माना जो आज समाज में हेय दृष्टि से देखे जाते हैं। इसका यही तात्पर्य है कि भारत में कभी भी जातिगत आधार पर समाज का विभाजन नहीं था। पूरा समाज एक शरीर की ही तरह था। जैसे शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होता है, तब पूरा शरीर अस्वस्थ हो जाता था। इसी प्रकार समाज की भी अवधारणा है, समाज का कोई भी हिस्सा वंचित हो जाए तो सामाजिक एकता की धारणा समाप्त होने लगती है। हमारे देश में जाति आधारित राजनीति के कारण ही समाज में विभाजन के बीजों का अंकुरण किया गया। जो आज एकता की मर्यादाओं को तार-तार कर रहा है। भगवान राम ने अपने वनवास काल में समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम पूरे कौशल के साथ किया। समाज की संग्रहित शक्ति के कारण ही भगवान राम ने आसुरी प्रवृति पर प्रहार किया। समाज को निर्भयता के साथ जीने का मार्ग प्रशस्त किया। इससे यही शिक्षा मिलती है समाज जब एक धारा के साथ प्रवाहित होता है तो कितनी भी बड़ी बुराई हो, उसे नत मस्तक होना ही पड़ता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो संगठन में ही शक्ति है। इससे यह संदेश मिलता है कि हम समाज के साथ कदम मिलाकर नहीं चलेंगे तो हम किसी न किसी रुप में कमजोर होते चले जाएंगे और हमें कोई न कोई दबाता ही चला जाएगा। सम्पूर्ण समाज हमारा अपना परिवार है। कहीं कोई भेदभाव नहीं है। जब इस प्रकार का भाव बढ़ेगा तो स्वाभाविक रूप से हमें किसी भी व्यक्ति से कोई खतरा भी नहीं होगा। आज समाज में जिस प्रकार के खतरे बढ़ते जा रहे हैं, उसका अधिकांश कारण यही है कि समाज का हिस्सा बनने से बहुत दूर हो रहे हैं। अपने जीवन को केवल भागदौड़ तक सीमित कर दिया है। यह सच है कि व्यक्ति ही व्यक्ति के काम आता है। यही सांस्कृतिक भारत की अवधारणा है। पूरे विश्व में भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में पहचाना जाता है, जब हम भारत को राष्ट्र बोलते हैं, तब हमें इस बात का बोध होना ही चाहिए कि राष्ट्र आखिर होता क्या है? हम इसका अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा कि राष्ट्र की एक संस्कृति होती है, एक साहित्यिक अवधारणा होती है, एक आचार विचार होता है, एक जैसी परंपराएं होती हैं। भगवान राम के जीवन में इन सभी का साक्षात दर्शन होता है, इसलिए कहा जा सकता है कि राम केवल वर्ग विशेष के न होकर सम्पूर्ण विश्व के हैं। उनके आदर्श हम सभी के लिए हैं। हमें राम के जीवन से प्रेरणा लेकर ही अपने जीवन को उत्सर्ग के मार्ग पर ले जाने का उपक्रम करना चाहिए। इस लेख का तात्पर्य यही है कि भगवान श्रीराम का जीवन हमारे सामाजिक जीवन के उत्थान के लिए अत्यंत ही प्रासंगिक इसलिए भी है क्योंकि वर्तमान में हम देख रहे हैं कि कुछ स्वार्थी राजनीतिक तत्व अपना हित साधने के लिए समाज में फूट पैदा करने का प्रयास करते हैं। समाज की फूट का दुष्परिणाम हमारे देश ने भोगा है। भारत इसी फूट के कारण ही वर्षों तक गुलाम बना। आज भी देश में लगभग वैसी ही स्थिति है। जो काम पहले अंग्रेज करते थे, वह काम आज राजनीतिक दल कर रहे हैं। हमें आज पुनः सामाजिक एकता के प्रयासों को गति प्रदान करने होगी, तभी हमारा देश शक्तिशाली होगा। (लेखिका, सहायक प्राध्यापक और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर विशेष - योगेश कुमार गोयल हर साल 10 अप्रैल को ‘होम्योपैथी’ के जनक जर्मन मूल के डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती पर ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जाता है। डॉ. हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को और निधन 2 जुलाई, 1843 को हुआ था। डॉ. हैनीमैन चिकित्सक होने के साथ-साथ एक महान विद्वान, शोधकर्ता, भाषाविद् और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे। उनके पास एमडी की डिग्री थी। उन्होंने बाद में अनुवादक के रूप में कार्य करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उसके बाद उन्होंने अंग्रेजी, फ्रांसीसी, इतालवी, ग्रीक, लैटिन इत्यादि कई भाषाओं में चिकित्सा और वैज्ञानिक पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन किया। होम्योपैथी ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो औषधियों तथा उनके अनुप्रयोग पर आधारित है। होम्योपैथी को आधार बनाने के सिद्धांत से चिकित्सा विज्ञान की पूरी प्रणाली को प्राप्त करने का श्रेय डॉ. हैनीमैन को ही जाता है। इसीलिए उनकी जयंती को ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। देश में प्रतिवर्ष केंद्रीय आयुष मंत्रालय होम्योपैथी दिवस की थीम निर्धारित करता है। इस साल की थीम ‘होम्योपैथी: पीपुल्स च्वाइस फॉर वैलनेस’ है। इस का प्रमुख उद्देश्य भारत सहित दुनियाभर में होम्योपैथी औषधियों की सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावकारिता को मजबूत करना, होम्योपैथी को आगे ले जाने की चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों को समझना, राष्ट्रीय नीतियों के विकास की रणनीति तैयार करना, अंतरपद्धति एवं अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग, उच्चस्तरीय गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा, प्रमाण आधारित चिकित्सा कार्य और विभिन्न देशों में होम्योपैथी को स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में समुचित स्थान दिलाकर सार्वभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि वैकल्पिक और परम्परागत औषधियों को बढ़ावा दिए बगैर सार्वभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में विश्व में होम्योपैथी का प्रमुख स्थान है। एलोपैथ, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की भांति होम्योपैथी की भी कुछ अलग ही विशेषताएं हैं और इन्हीं विशेषताओं के कारण आज होम्योपैथी विश्वभर में 100 से भी अधिक देशों में अपनाई जा रही है तथा भारत तो होम्योपैथी के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश है। दरअसल होम्योपैथी दवाओं को विभिन्न संक्रमित और गैर संक्रमित बीमारियों के अलावा बच्चों और महिलाओं की बीमारियों में भी विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। हालांकि होम्योपैथिक दवाओं के बारे में धारणा है कि इन दवाओं का असर रोगी पर धीरे-धीरे होता है लेकिन इस चिकित्सा प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह रोगों को जड़ से दूर करती है और इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी नहीं के बराबर होते हैं। होम्योपैथी दवाएं प्रत्येक व्यक्ति पर अलग तरीके से काम करती है और अलग-अलग व्यक्तियों पर इनका असर भी अलग ही होता है। होम्योपैथी चिकित्सकों की मानें तो डायरिया, सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारियों में होम्योपैथी दवाएं एलोपैथी दवाओं की ही भांति तीव्रता से काम करती हैं लेकिन अस्थमा, गठिया, त्वचा रोगों इत्यादि को ठीक करने में ये दवाएं काफी समय तो लेती हैं मगर इन रोगों को जड़ से खत्म कर देती हैं। होम्योपैथी के बारे में सरदार वल्लभभाई पटेल का कहना था कि होम्योपैथी को चमत्कार के रूप में माना जाता है। भारत में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 के तहत होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली है, जिसे दवाओं की राष्ट्रीय प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है। केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संगठन है, जो होम्योपैथी में समन्वय, विकास, प्रसार और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है। 30 मार्च, 1978 को इसका गठन आयुष विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संगठन के रूप में किया गया था। सीसीआरएच अनुसंधान कार्यक्रम और परियोजनाएं बनाती तथा चलाती है और होम्योपैथी के मौलिक एवं अनुप्रयुक्त पहलुओं में साक्ष्य आधारित अनुसंधान करने के लिए राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थानों के साथ सहयोग करती है। केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के अनुसार चिकित्सा का ही एक वैकल्पिक रूप है होम्योपैथी, जो ‘समः समम् शमयति’ अथवा ‘समरूपता’ दवा सिद्धांत पर आधारित है, जो दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है, जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है। भारत में होम्योपैथी सबसे लोकप्रिय चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। देशभर में 210 से ज्यादा होम्योपैथी अस्पताल, 8 हजार से ज्यादा होम्योपैथी डिस्पेंसरी और करीब तीन लाख होम्योपैथी प्रैक्टिशनर हैं। भारत में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। आयुष (AYUSH) के अलग-अलग अंग्रेजी अक्षरों का पूरा अर्थ है आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी। आयुष का वास्तव में चिकित्सा सेवाओं के बीच महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें होम्योपैथी को एक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता है। दिखने में भले ही होम्योपैथी दवाएं एक जैसी लगती हैं किन्तु वास्तव में विश्वभर में होम्योपैथी की 4000 से भी ज्यादा तरह की दवाएं हैं। होम्योपैथी के संस्थापक माने जाने वाले सैमुअल हैनीमैन का कहना था कि इलाज का उच्चतम आदर्श सबसे भरोसेमंद और कम से कम हानिकारक तरीके से स्वास्थ्य की तेज, कोमल और स्थायी बहाली है। चूंकि बहुत सारी होम्योपैथी दवाओं का असर रोगी पर कुछ धीमी गति से होता है जबकि एलोपैथी दवाएं रोगी पर तुरंत असर दिखाती हैं, इसीलिए हाम्योपैथी भले ही एलोपैथी जितनी लोकप्रिय नहीं है लेकिन दुनियाभर में यह उपचार के सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक रूप में मौजूद हैं। दरअसल होम्योपैथिक उपचार सबसे सरल उपचार है, जो शरीर को अधिक प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया की अनुमति देता है। होम्योपैथी दवाएं चिकित्सा का एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प प्रदान करती हैं, जो बिना किसी दुष्प्रभाव अथवा दवा के परस्पर क्रिया का कारण बनता है। सही मायनों में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति सस्ती कीमत पर चमत्कार करती है। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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रामनवमी (10 अप्रैल) पर विशेष योगेश कुमार गोयल भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष नवमी को रामनवमी का त्योहार समूचे भारतवर्ष में अपार श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में उत्सवों का विशेष आयोजन होता है, जिनमें भाग लेने के लिए देशभर से हजारों भक्तगण अयोध्या पहुंचते हैं तथा अयोध्या स्थित सरयू नदी में पवित्र स्नान कर पंचकोसी की परिक्रमा करते हैं। समूची अयोध्या नगरी इस दिन पूरी तरह राममय नजर आती है और हर तरफ भजन-कीर्तनों तथा अखण्ड रामायण के पाठ की गूंज सुनाई पड़ती है। देशभर में अन्य स्थानों पर भी जगह-जगह इस दिन श्रद्धापूर्वक हवन, व्रत, उपवास, यज्ञ, दान-पुण्य आदि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न हिन्दू धर्मग्रंथों में कहा गया है कि श्रीराम का जन्म नवरात्र के अवसर पर नवदुर्गा के पाठ के समापन के पश्चात हुआ था और उनके शरीर में मां दुर्गा की नवीं शक्ति जागृत थी। मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या के महाराजा दशरथ की पटरानी महारानी कौशल्या ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को जन्म दिया था। वाल्मिकी रामायण के अनुसार, ‘भगवान श्रीराम चन्द्रमा के समान अति सुंदर, समुद्र के समान गंभीर और पृथ्वी के समान अत्यंत धैर्यवान थे तथा इतने शील सम्पन्न थे कि दुखों के आवेश में जीने के बावजूद कभी किसी को कटु वचन नहीं बोलते थे। वे अपने माता-पिता, गुरूजनों, भाईयों, सेवकों, प्रजाजनों अर्थात् हर किसी के प्रति अपने स्नेहपूर्ण दायित्वों का निर्वाह किया करते थे। माता-पिता के प्रति कर्तव्य पालन एवं आज्ञा पालन की भावना तो उनमें कूट-कूटकर भरी थी। उनकी कठोर से कठोर आज्ञा के पालन के लिए भी वह हर समय तत्पर रहते थे।’ श्रीराम का चरित्र बेहद उदार प्रवृत्ति का था। उन्होंने उस अहिल्या का भी उद्धार किया, जिसे उसके पति ने देवराज इन्द्र द्वारा छलपूर्वक उसका शीलभंग किए जाने के कारण पतित घोषित कर पत्थर की मूर्त बना दिया था। जिस अहिल्या को निर्दोष मानकर किसी ने नहीं अपनाया, उसे भगवान श्रीराम ने अपनी छत्रछाया प्रदान की। लोगों को गंगा नदी पार कराने वाले एक मामूली से नाविक केवट की अपने प्रति अपार श्रद्धा व भक्ति से प्रभावित होकर भगवान श्रीराम ने उसे अपने छोटे भाई का दर्जा दिया और उसे मोक्ष प्रदान किया। अपनी परम भक्त शबरी नामक भीलनी के जूठे बेर खाकर शबरी का कल्याण किया। महारानी केकैयी ने महाराजा दशरथ से जब राम को 14 वर्ष का वनवास दिए जाने और अपने लाडले पुत्र भरत को राम की जगह राजगद्दी सौंपने का वचन मांगा तो दशरथ गंभीर धर्मसंकट में फंस गए थे। वह बिना किसी कारण राम को 14 वर्ष के लिए वनों में भटकने के लिए भला कैसे कह सकते थे और श्रीराम में तो वैसे भी उनके प्राण बसते थे। दूसरी ओर वचन का पालन करना रघुकुल की मर्यादा थी। ऐसे में जब श्रीराम को माता केकैयी द्वारा यह वचन मांगने और अपने पिता महाराज दशरथ के इस धर्मसंकट में फंसे होने का पता चला तो उन्होंने खुशी-खुशी उनकी यह कठोर आज्ञा भी सहज भाव से शिरोधार्य की और उसी समय 14 वर्ष का वनवास भोगने तथा छोटे भाई भरत को राजगद्दी सौंपने की तैयारी कर ली। श्रीराम द्वारा लाख मना किए जाने पर भी उनकी पत्नी सीता जी और अनुज लक्ष्मण भी उनके साथ वनों में निकल पड़े। वनवास की यात्रा की शुरूआत श्रृंगवेरपुर नामक स्थान से प्रारंभ कर वहां से वे भारद्वाज मुनि के आश्रम में चित्रकूट पहुंचे। उसके बाद विभिन्न स्थानों की यात्रा के दौरान पंचवटी में उन्होंने अपनी कुटिया बनाने का निश्चय किया। यहीं पर रावण की बहन शूर्पनखा की नाक काटे जाने की घटना हुई। उसी घटना के कारण वहां खर-दूषण सहित 14000 राक्षस राम-लक्ष्मण के हाथों मारे गए। यहीं से श्रीराम व लक्ष्मण की अनुपस्थिति में लंका का राजा रावण माता सीता का अपहरण कर उन्हें अपने साथ लंका ले गया। कहा जाता है कि जब सीता का विरह श्रीराम से नहीं सहा गया तो उन्होंने साधारण मनुष्य की भांति विलाप किया लेकिन हिम्मत न हारते हुए सीता जी की खोज में राम-लक्ष्मण जंगलों में भटकने लगे। इसी दौरान उनकी भेंट हनुमान से हुई, जिन्होंने राम-लक्ष्मण को वानरराज बाली के छोटे भाई सुग्रीव से मिलाया, जो उस समय बाली के भय से यहां-वहां छिपता फिर रहा था। श्रीराम ने बाली का वध कर सुग्रीव तथा बाली के पुत्र अंगद को किष्किंधा का शासन सौंपा और उसके बाद सुग्रीव की वानर सेना के नेतृत्व में लंका पर आक्रमण कर देवताओं पर भी विजय पाने वाले महाप्रतापी, महाबली, महापंडित तथा भगवान शिव के घोर उपासक लंका नरेश राक्षसराज रावण का वध कर सीता को उसके बंधन से मुक्त कराया। लंका पर खुद अपना अधिकार न जमाकर लंका का शासन रावण के छोटे भाई विभीषण को सौंप दिया तथा वनवास की अवधि समाप्त होने पर भैया लक्ष्मण, सीता जी व हनुमान सहित अयोध्या लौट आए। वास्तव में विधि के विधान के अनुसार राम को दुष्ट राक्षसों का विनाश करने के लिए ही वनवास मिला था। उन्होंने अपने मानव अवतार में न तो भगवान श्रीकृष्ण की भांति रासलीलाएं कीं और न ही कदम-कदम पर चमत्कारों का प्रदर्शन किया बल्कि उन्होंने सृष्टि के समक्ष अपने क्रियाकलापों के जरिये ऐसा अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसकी वजह से उन्हें ‘मर्यादा पुरूषोत्तम’ कहा गया। जहां तक राम-रावण के बीच हुए भीषण युद्ध की बात है तो वह सिर्फ दो राजाओं के बीच का सामान्य युद्ध नहीं था बल्कि दो विचारधाराओं का संघर्ष था, जिसमें एक मानव संस्कृति थी तो दूसरी राक्षसी संस्कृति। एक ओर क्षमादान की भावना को महत्व देने वाले व जनता के दुख-दर्द को समझने एवं वीतरागी भाव थे तो दूसरी ओर सबकुछ हड़प लेने की राक्षसी प्रवृत्ति। रावण अन्याय, अत्याचार व अनाचार का प्रतीक था तो श्रीराम सत्य, न्याय एवं सदाचार के। यही नहीं, सीताजी के अपहरण के बाद भी श्रीराम ने अपनी मर्यादाओं को कभी तिलांजलि नहीं दी। उन्होंने रावण को महाज्ञानी के रूप में सदैव सम्मान दिया और यह इससे साबित भी हुआ कि रावण की मृत्यु से कुछ ही क्षण पूर्व श्रीराम ने लक्ष्मण को रावण के पास ज्ञान अर्जन के लिए भेजा था। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम में सभी के प्रति प्रेम की अगाध भावना कूट-कूटकर भरी थी। प्रजा वात्सल्यता, न्यायप्रियता और सत्यता के कारण ही उनके शासन को ‘आदर्श’ शासन की संज्ञा दी जाती है और आज भी अच्छे शासन को ‘रामराज्य’ कहकर परिभाषित किया जाता है। ‘रामराज्य’ यानी सुख, शांति एवं न्याय का राज्य। रामनवमी पर्व वास्तव में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की गुरू सेवा, माता-पिता की सेवा व आज्ञापालन, जात-पात के भेदभाव को मिटाने, क्षमाशीलता, भ्रातृप्रेम, पत्नीव्रता, न्यायप्रियता आदि विभिन्न महान् आदर्शों एवं गुणों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने रूस को अपनी मानव अधिकार परिषद से निकाल बाहर किया है। उसके 193 सदस्यों में से 93 सदस्यों ने रूस के निष्कासन के पक्ष में वोट दिया और 24 ने विरोध में। 58 सदस्य तटस्थ रहे, जिनमें भारत भी शामिल है। रूस के पहले सिर्फ लीब्या को इस परिषद से निकाला गया था लेकिन लीब्या रूस की तरह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं था। रूस का निकाला जाना अपने आप में ऐतिहासिक घटना है। वैसे मानव अधिकारों के उल्लंघन में अमेरिका और चीन ने भी रिकार्ड कायम किए हैं लेकिन यूक्रेन में जिस तरह का नरसंहार चल रहा है, वैसा द्वितीय महायुद्ध के बाद कहीं देखा नहीं गया। दुनिया के कई देश, खासतौर से अमेरिका से जुड़े हुए उम्मीद कर रहे थे कि भारत कम से कम इस बार तटस्थ नहीं रहेगा। वह रूस के विरुद्ध वोट करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने कल-परसों यह भी कह दिया था कि देखें कि मानव अधिकार परिषद में भारत का वोट किधर पड़ता है। उसे रूस का विरोध करना ही चाहिए। यदि अब वह तटस्थ रहता है तो उसका असर भारत-अमेरीकी संबंध पर जरूर पड़ेगा। भारत ने अन्य दर्जन भर मतदानों की तरह इस मतदान में भी तटस्थता बनाए रखी लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि यूक्रेन के नरसंहार पर उसने आंख मींच रखी है। अंतरराष्ट्रीय मंचों तथा भारतीय संसद में भी भारत सरकार कई बार कह चुकी है कि वह यूक्रेन में युद्ध बिल्कुल नहीं चाहती। वह हिंसा और दबाव के बजाय बातचीत से सारे मामले को शांतिपूर्वक हल करवाना चाहती है। वास्तव में बूचा में हुए नरसंहार की उसने जांच की मांग की है। ऐसी मांग करनेवाला भारत पहला राष्ट्र है। संयुक्तराष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में चल रहे रक्तपात पर गहरा दुख भी व्यक्त किया है। असलियत तो यह है कि अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र यूक्रेन पर शुद्ध जबानी जमा-खर्च कर रहे हैं। उसकी वे खुलकर सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं कर रहे हैं। इसके कारण रूस का क्रोध प्रतिदिन उग्र होता जा रहा है। यदि ये पश्चिमी राष्ट्र यूक्रेन को पानी पर नहीं चढ़ाते तो रूसी आक्रमण की ये नौबत ही क्यों आती? रूस के विरुद्ध इन प्रस्तावों और मतदानों का पूतिन पर क्या असर पड़ रहा है? कुछ नहीं! यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की ने ठीक ही कहा है कि संयुक्तराष्ट्र संघ अगर कुछ नहीं कर सकता तो उसे भंग क्यों नहीं कर दिया जाना चाहिए? उन्होंने नाटो और अमेरिका की अकर्मण्यता को भी जमकर रेखांकित किया है। इस समय भारत का रवैया अत्यंत व्यावहारिक और तर्कसंगत है लेकिन वह अत्यंत सीमित है। उसके अफसर यद्यपि जो कुछ बोल रहे हैं, ठीक बोल रहे हैं लेकिन उनसे ये आशा करना उचित नहीं है कि वे पुतिन और जेलेंस्की के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं या उनके बयानों का इन दोनों नेताओं पर कोई असर पड़ सकता है। यह भारत के लिए पहल का एकदम सही मौका है। बाइडन और पुतिन, दोनों के साथ भारत का बराबरी का संबंध है। यदि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहल करें तो निश्चय ही बाइडन, पुतिन और जेलेंस्की उनकी बात सुनेंगे, क्योंकि इस मामले में भारत का अपना कोई स्वार्थ नहीं है। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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प्रमोद भार्गव प्राचीन भारतीय संस्कृत ग्रंथों में ‘रामायण‘ जनमानस में सबसे ज्यादा लोकप्रिय ग्रंथ है। भारत के सामंत और वर्तमान संवैधानिक भारतीय लोकतंत्र में राम के आदर्श मूल्य और रामराज्य की परिकल्पना प्रकट अथवा अप्रकट रूप में हमेशा मौजूद रही है। अतएव रामायण कालीन मूल्यों ने भारतीय जनमानस को सबसे ज्यादा उद्वेलित किया है। इस जन-समुदाय में रामकथा में उल्लेखित वे सब वनवासी जातियां भी शामिल हैं, जिन्हें वानर, भालू, गिद्ध, गरुड़ भील, कोल, नाग इत्यादि कहा गया है। यह सौ प्रतिशत सच्चाई है कि ये लोग वन-पशु नहीं थे। इसके उलट वन-प्रांतों में रहने वाले ऐसे विलक्षण समुदाय थे, जिनकी निर्भरता प्रकृति पर अवलंबित थी। उस कालखंड में इनमें से अधिकांश समूह वृक्षों की शाखाओं, पर्वतों की गुफाओं या फिर पर्वत शिखरों की कंदराओं में रहते थे। ये अर्धनग्न अवस्था में रहते थे और रक्षा के लिए पत्थर और लकड़ियों का प्रयोग करते थे। इसलिए इन्हें जंगली प्राणी का संबोधन कथित सभ्य समाज करने लगा। अलबत्ता सच्चाई है कि राम को मिले चौदह वर्षीय वनवास के कठिन समय में ये जंगली मान लिए गए आदिवासी समूह राम-सीता एवं लक्ष्मण के जीवन में नहीं आए होते तो राम की आज जो पहचान है, वह संभव नहीं थी। राम ने लंका पर विजय इन्हीं वनवासियों के बूते पाई। जिन वन्य-प्राणियों के नाम से इन वनवासियों को रामायण काल में चिन्हित किया गया है, संभव है, ये लोग अपने समूहों की पहचान के लिए उपरोक्त प्राणियों के मुख के मुखौटे धारण करते हों। रांगेय राघव ने अपनी पुस्तक ‘महागाथा‘ में यही अवधारणा दी है। रामायण में वनवासियों की महिमा का प्रदर्शन बालकांड से ही आरंभ हो जाता है। राजा दशरथ के साढू अंग देश के राजा लोमपाद हैं। संतान नहीं होने पर दशरथ, पत्नी कौशल्या से जन्मी पुत्री शांता को बाल्यावस्था में ही लोमपाद को गोद दे देते हैं। अंगदेश में जब भयंकर सूखा पड़ा, तब वनवासी ऋषि ऋश्यश्रृंग को बुलाया जाता है। ऋषि विभाण्डक के पुत्र श्रृंगी अंगदेश में पहुंचकर यज्ञ के माध्यम से वर्षा के उपाय करते हैं। अततः मूसलधार बारिश हो जाती है। उनकी इस अनुकंपा से प्रसन्न होकर लोमपाद अपनी दत्तक पुत्री शांता का विवाह श्रृंगी से कर देते हैं। कालांतर में जब दशरथ को अपनी तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा से कोई संतान नहीं हुई, तब बूढ़े दशरथ चिंतित हुए। मंत्री सुमन्त्र से ज्ञात हुआ कि श्रृंगी पुत्रेष्ठि यज्ञ में दक्ष हैं। तब मुनि वशिष्ठ से सलाह के बाद श्रृंगी ऋषि को अयोध्या आमंत्रित किया। ऋश्यश्रृंग ने यज्ञ के प्रतिफल स्वरूप जो खीर तैयार की उसे तीनों रानियों को खिलाया। तत्पश्चात कौशल्या से राम, कैकई से भरत और सुमित्रा की कोख से लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म हुआ। इस प्रसंग से यह तथ्य प्रमाणित होता है कि वनवासियों में महातपस्वी ऐसे ऋषि भी थे, जो कृत्रिम वर्षा और गर्भधारण चिकित्सा विधियों के जानकार थे। राम को वनगमन के बाद पहला साथ निषादराज गुह का मिलता है। इलाहाबाद के पास स्थित श्रृंगवेरपुर से निषाद राज्य की सीमा शुरू होती है। निषाद को जब राम के आगमन की खबर मिलती है तो वे स्वयं राम की आगवनी के लिए पहुंचते हैं। हालांकि निषाद वनवासी नहीं है, उन्हें ढीमर, ढीबर, मछुआरा और बाथम कहा गया है। निषाद लोग शिल्पकार थे। उत्कृष्ट नावें और जहाजों के निर्माण में ये निपुण थे। निषाद के पास पांच सौ नौकाओं का बेड़ा उपलब्ध होने के साथ यथेष्ट सैन्य-शक्ति भी मौजूद थी। जब राम को वापस अयोध्या ले जाने की भरत की इच्छा पर संदेह होता है तो निषाद राम-लक्ष्मण की रक्षा का भरोसा अपनी सेना के बूते जताते हैं। किंतु राम अपने भ्राता पर अटूट विश्वास करते हुए कुशंकाओं का पटाक्षेप कर देते हैं। भरत-मिलन के बाद निषाद ही अपनी नौका पर राम, लक्ष्मण और सीता को बिठाकर गंगा पार कराते हैं। निषाद राज गुह ऐसे पहले व्यक्ति थे, जो राम को कौशल राज्य की सीमाओं के बाहर सुरक्षा का भरोसा देते हैं। हालांकि राम के आगे बढ़ते जाने के साथ उनसे अत्रि, वाल्मीकी, भरद्वाज, अगस्त्य, शरभंग, सुतीक्ष्ण, माण्डकणि और मतंग ऋषि मिले। नि:संदेह वनवासियों के बीच वन-खंडों में रहने वाले इन ऋषियों ने ही राम का मार्ग प्रशस्त किया। ऋषियों की जो वेधशालाएं, अग्निशालाएं और आश्रम थे, उन पर राक्षस तो आक्रमण करते हैं लेकिन वनवासियों ने किसी ऋषि को कष्ट पहुंचाया हो, ऐसा वाल्मीकि रामायण में ही नहीं, अन्य रामायण में भी उल्लेख नहीं मिलता। यहां प्रश्न खड़ा होता है कि ऋषि जब वन-खंडों में अपनी गतिविधियों को संचालित रखे हुए थे, तो उनका संरक्षण और सहयोग कौन कर रहे थे ? उनकी वेधशालाओं में अस्त्र-शस्त्रों के शोध व निर्माण में सहयोगी कौन थे ? वे उन आश्रमों में किसे शिक्षित कर रहे थे ? जबकि उन आश्रमों के आसपास ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य जातियां रह ही नहीं रही थीं? स्पष्ट है, ऋषि अनार्यों अर्थात राक्षसों से लुक-छिपकर एक तो वनवासियों के एकत्रीकरण में लगे थे, दूसरे वनवासियों को ही शिक्षित व दिक्षित कर रहे थे। राम से पहले दक्षिण के वनांचलों में धूल छान रहे ऋषियों का वनवासियों से संघर्ष नहीं है, इससे यह संदेश स्पष्ट है कि ऋषि इन जंगलों में इन जातियों के बीच रहकर उन्हें सनातन हिंदू धर्म के सूत्र में पिरोने और उनके कल्याण में संलग्न थे। यह दृष्टिकोण इसलिए भी समीचीन है, क्योंकि इस ओर लंकाधीश रावण की निगाहें थीं और वह इन जातियों को शूर्पनखा, खर व दूषण के माध्यम से रक्ष अर्थात अनार्य संस्कृति में ढालने में लगा था। राम अनार्य संस्कृति के विस्तार में बाधा बनें, इस दृष्टि से ही अगस्त्य राम को पंचवटी में भेजते हैं और पर्ण-कुटी बनाकर वहीं रहने की सलाह देते हैं। यहीं से राम वनगमन में ऐतिहासिक मोड़ आता है। राम को जब पता चलता है कि शूर्पनाखा का पुत्र शंबूक ‘सूर्यहास-खंग‘ नामक विध्वंशक शस्त्र का निर्माण कर रहा है तो राम लक्ष्मण को भेजकर शंबूक को मरवा देते हैं। शंबूक इसलिए दानव या वनवासी कहा गया है, क्योंकि शूर्पनखा का विवाह दानव कालिका के पुत्र विद्युतजिव्ह से हुआ था। रावण जब दिग्विजय पर निकला था, तब उसने कालकेय दानवों के राजा अष्मनार पर हमला बोला था। विद्युतजिव्ह कालकेयों के पक्ष में लड़ा। रावण ने रणोन्मत्त होकर कालकेयों को तो परास्त किया ही विद्युतजिव्ह का भी वध कर दिया। इस समय शूर्पनाखा गर्भवती थी। रावण को अपने किए पर पश्चाताप होता है। शूर्पनाखा भी उसे भला-बुरा कहती है। अंततोगत्तवा रावण शूर्पनाखा को त्रिषिरा के साथ भेजकर दण्डकवन की अधिष्ठात्री बना देता है। इस क्षेत्र में खर और दूषण पहले से ही तैनात थे। इसी दण्डकवन क्षेत्र में राम ने पंचवटी का निर्माण किया था। पंचवटी के निर्माण पर शूर्पनाखा को आपत्ति थी। इसी विरोध का परिणाम शंबूक-वध और शूर्पनाखा के अंग-भंग के रूप में सामने आया। बाद में जब रावण को इन घटनाओं की खबर लगी तो वह छद्म-भेश में सीता का हरण कर ले जाता है। जटायु ने जब एक स्त्री को बलात रावण द्वारा ले जाते हुए देखा तो उसने पुष्पक विमान पर सवार रावण पर हमला बोल दिया। हालांकि जटायु मारा गया। लेकिन जटायु ऐसा पहला वनवासी था, जिसने अनभिज्ञ स्त्री सीता की प्राण रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। संभवतः यह पहला अवसर था, जहां से राम और वनवासी जातियों के बीच परस्पर रक्षा में आहुति देने का व्यवहार पनपा। जटायु के बाद वनवासी महिला शबरी ने राम को सुग्रीव के पास भेजा। यहीं राम शबरी की भावना का आदर करते हुए उसके जूठे बेर भी चाव से खाते हैं। वाल्मीकि रामायण से इतर रामायण में तो यहां तक जानकारी मिलती है कि शबरी लंका की गुप्तचर होने के साथ विभीषण की विश्वसनीय थी। इस मुलाकात के दौरान वह राम को विभीषण का एक संदेश भी देती है। इस संदेश से सीता के लंका में होने की पुष्टि होती है। इन घटनाक्रमों के बाद राम और सुग्रीव की वह मित्रता है, जो राम को रावण से युद्ध का धरातल देती है। सुग्रीव वनवासियों की उप प्रजाति वानर से है। बालि सुग्रीव का सगा भाई है, जो किष्किंधा राज्य का सम्राट है। बालि ने सुग्रीव को किष्किंधा से निष्कासित कर उसकी पत्नी रूमा को भी अपनी सहचारिणी बना लिया है। बालि इतना शक्तिशाली है कि रावण भी उससे पराजित हो चुका है। इसके बाद दोनों में मित्रता कायम हुई और एक-दूसरे के सहयोगी बन गए। राम बालि की ताकत से परिचित थे। इसके बाद भी उन्होंने अपेक्षाकृत कमजोर सुग्रीव से मित्रता की, क्योंकि बालि शक्ति का भय दिखाकर शासन चला रहा था। इस कारण अनेक वानर किष्किंधा से पलायन कर गए थे। राम ने उदारता दिखाते हुए पहले बालि को मारा और फिर सुग्रीव को किष्किंधा के राज-सिंहासन पर बिठाया। तत्पश्चात अपने हित यानी सीता की खोज में जुट जाने की बात कही। बालि की मृत्यु और राम व सुग्रीव की मित्रता की जानकारी फैलने के बाद वे वानर किष्किंधा लौट आए, जो बालि के भय से भाग गए थे। यहीं से राम को जामबंत, हनुमान, नल-नील, अंगद, तार और सुशेण का साथ मिला। इनमें हनुमान तीक्ष्ण बुद्धि होने के साथ दुभाषिए भी थे। सीता की खोज में वानरों की मदद स्वयंप्रभा नाम की एक वनवासी तपस्विनी और गंधमादन पर्वत पर रहने वाले संपाती और उसका पुत्र सुपाष्र्व भी करते हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा क्या आपने हाल-फिलहाल रेल तथा विमान से सफर किया है? अगर आपने दोनों से यात्रा की है तो आपने कुछ बड़े बदलावों को महसूस किया होगा जो हमारे देश के एविएशन सेक्टर में दिखाई दे रहे हैं। हो यह रहा है कि रेलवे स्टेशनों से अधिक यात्रियों की भीड़ हवाई अड्डों पर दिखाई दे रही है। आप किसी दिन राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कहीं चले जाइये या फिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अपने गंतव्य स्थल की यात्रा पर निकल जाइये। यकीन मानिए कि आपको इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ज्यादा भीड़ और अफरातफरी मिलेगी। इधर से हर वक्त सैकड़ों-हजारों लोग आ-जा रहे होते हैं। हरेक पांच मिनट पर एक फ्लाइट आ-जा रही होती है। शायद ही इतनी रफ्तार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों की आवाजाही होती हो। इन दोनों जगहों का उदाहरण देने का मकसद यह है क्योंकि इन दोनों का अपना अलग मुकाम है। जहां इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दुनिया के तीसरे सबसे व्यस्त एयरपोर्ट का दर्जा प्राप्त है, वहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को रेल विभाग का सबसे कमाऊ रेलवे स्टेशन माना जाता है। यह भी देश का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। दरअसल देश के एविएशन सेक्टर का तेजी से विकास बहुत सारे संकेत दे जाता है। माना जाता है कि इस सेक्टर में निवेश 3.1 का आर्थिक गुणक और 6.1 का रोजगार गुणक है। इसका मतलब है कि एविएशन सेक्टर में एक रुपये का निवेश लंबे समय में अर्थव्यवस्था में 3.1 रुपये जोड़ता है, और प्रत्येक प्रत्यक्ष रोजगार के लिए 6.1 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होते हैं। एविएशन सेक्टर दुनिया में सबसे बड़े रोजगार और आउटपुट देने वाले क्षेत्रों में से एक है। भारत जैसे देश में जहां पर हर साल शिक्षित नौजवानों की पूरी फौज रोजगार के लिए तैयार हो जाती है, वहां एविएशन सेक्टर का विकास और विस्तार जरूरी है। आप दिल्ली से लेकर बनारस और मुंबई से लेकर लेह एयरपोर्ट में जाकर देख सकते हैं कि इनमें कितने लोग भांति-भांति का काम कर रहे हैं। इनमें महिलाएं भी खूब काम कर रही होती हैं। यानी यह सेक्टर महिलाओं को भी स्वावलंबी बना रहा है। देखिए, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता एविएशन सेक्टर का बाजार है। देश में हवाई अड्डों की संख्या 2013-14 में 74 से बढ़कर लगभग 140 हो चुकी है। 2024-25 तक यह संख्या 220 पहुंच तक जाने की संभावना है। देश में 2013-14 में 400 विमान थे और अब यह संख्या बढ़कर 700 से अधिक हो चुकी है। सरकार का यह इरादा है कि हर साल 100 से अधिक विमान शामिल हों। लास्ट माइल कनेक्टिविटी (कोई जगह छूट न जाए) के प्रावधान के साथ सरकार का ध्यान रीजनल कनेक्टिविटी पर है। देश में अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में सफर करने लगा है। यही इस क्षेत्र की सफलता को इंगित करता है। इस समूचे क्षेत्र में बहुत सकारात्मक बदलाव देखने में आ रहा है। भारत में जिस तरह विमान बेड़ों का विस्तार हो रहा है उससे आशा है कि देश में जल्दी ही लगभग 2000 वाणिज्यिक विमान आकाश में होंगे। उदाहरण के रूप में भारत के कुल पायलटों में 15% महिला पायलट हैं, जो वैश्विक औसत का तीन गुना है। क्या यह मामूली उपलब्धि है? दुनिया में करीब 5 फीसदी पायलट महिला हैं। लेकिन, भारत में महिला पायलटों की संख्या अधिक है। कुछ समय पहले सरकार ने राज्यसभा में बताया कि 17,726 रजिस्टर्ड पायलटों में महिला पायलटों की संख्या 2764 है। क्या कुछ साल पहले तक किसी ने सोचा था कि बिहार के दरभंगा में भी विमान आने-जाने लगेंगे? दरअसल अब सिर्फ बड़े और खास शहरों तक हवाई जहाज नहीं आ-जा रहे हैं। अब छोटे और मंझोले शहरों, जिन्हें टियर दो और तीन शहर माना जाता है, वहां भी एयरपोर्ट बन गए हैं। वहां के हवाई अड्डों के अंदर-बाहर भी मुसाफिरों की भीड़ लगी रहती है। ये सब देश-विदेश आ-जा रहे होते हैं। इनमें किसी रेलवे स्टेशन जैसा ही मंजर दिखाई देता है। यकीन मानिए कि चंडीगढ़. पटना, त्रिचि, नागपुर लखनऊ, अमृतसर जैसे शहरों के हवाई अड्डों में भी अब तिल रखने की जगह नहीं होती। इन सब स्थानों से भी लोग दुबई, यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया वगैरह घूमने के लिए निकल रहे होते हैं, तो कुछ काम-धंधे के सिलसिले में अन्य देशों में जा रहे होते हैं। भारत से बाहर जाने वाले 30 फीसदी लोग सिर्फ घूमने के लिए जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, साल 2025 तक डेढ़ करोड़ भारतीय हर साल सैर-सपाटा के लिए देश से बाहर जाने लगेंगे। आपको दुबई, बैंकाक, सिंगापुर, लंदन के पर्यटन स्थलों में भारतीयों की भीड़ नजर आएगी। इसी तरह रोजगार और काम-धंधे के सिलसिले में भी हर साल लाखों भारतीय देश से बाहर जा रहे होते हैं। यहां तक तो सब ठीक है। पर एविएशन सेक्टर से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों को अब यह भी देखना होगा कि एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले मुसाफिरों को किसी तरह की दिक्कत न हो। फिलहाल तो सेक्युरिटी चेक से लेकर बोर्डिंग पास लेने के क्रम में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। कोरोना काल के बाद देश में एविएशन सेक्टर ने पहले की तरह से काम करना शुरू कर दिया है। करीब दो साल से घरों में बैठे लोग फिर से निकले हैं अपनी मंजिल की तरफ। इस कारण हवाई अड्डों पर भीड़ पहले की तुलना में बहुत बढ़ गई है। ये देखना होगा कि यात्रियों को हवाई अड्डों या उनके सफर के समय किसी तरह की दिक्कत पेश ना आए। अब विदेशी पर्यटक भी भारत आने लगे हैं। इनका आंकड़ा भी बढ़ेगा। इन्हें भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अगर हम यह कर सके तो ही माना जाएगा कि भारत का एविशन सेक्टर कायदे से उड़ान भरने लगा है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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सियाराम पांडेय ‘शांत’ भारत उत्सव प्रिय देश है। वह कठिनतम समय में भी उत्सव मनाने की संभावनाएं तलाशता है। उसका राजनीतिक समाज भी इस बात को बेहतर समझता है। भारतीय जनता पार्टी का तो इस मामले में कोई सानी नहीं है। वह तो एक तरह से आयोजनों में जीती है। आयोजनों के जरिये वह जनता से सीधे तौर पर जुड़ी रहती है। अन्य राजनीतिक दल भी ऐसा कुछ कर पाते लेकिन वे अपनी राजनीतिक और विकासपरक गतिविधियों से भाजपा से बड़ी रेखा खींचने की बजाय उसे अस्थिर करने की दुरभिसंधियों में ही अपने श्रम और समय का नुकसान कर रहे हैं। वे भाजपा के 42 साल के राजनीतिक सफर को देखें, दो सांसदों से 303 सांसदों वाली पार्टी बनने की उसकी रणनीति पर विचार करें। स्थापना दिवस तो हर पार्टी के आते हैं लेकिन इस आयोजन को जन सापेक्ष कैसे बनाया जाए, विरोधी दल यह हुनर भाजपा से बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में किसी को भी प्रगति सहसा नहीं मिल जाती। शिखर पर चढ़ना जितना मुश्किल होता है, उससे कहीं अधिक मुश्किल होता है खुद को शिखर पर बनाए रखना। शिखर तक पहुंचने का कोई शॉर्टकट नहीं होता। पार्टी सामूहिक उत्तरदायित्व है। इस बात को राजनीतिक दल जितनी जल्द समझ लेंगे, वे शिखर की यात्रा पथ पर अग्रसर हो जाएंगे। भाजपा केंद्र और 18 राज्यों में सत्तासीन है। कुछ राज्यों में उसके सहयोगी दलों की सरकार है। इतनी बड़ी उपलब्धि उसके रणनीतिकारों और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत, लगन और पार्टी के प्रति समर्पण का ही प्रतिफल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के स्थापना दिवस पर बेहद पते की बात कही है कि आज दुनिया के सामने ऐसा भारत है जो बिना किसी भय या दबाव के, अपने हितों के प्रति अडिग है और जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो तब भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है। उन्होंने न केवल राष्ट्रीय हितों को सर्वाेपरि रखते हुए काम करने का विश्वास जताया है, बल्कि यह भी बताया है कि आज भारत के पास नीति भी है, नीयत भी है। निर्णय और निश्चय की शक्ति भी है। यही वजह है कि वह न केवल अपने लक्ष्य तय कर रहा है बल्कि उसे पूरे भी कर रहा है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र भी है और वह सबका विश्वास प्राप्त करने में भी जुटी है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक भाजपा एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संकल्प को निरंतर सशक्त कर रही है। गौरतलब है कि भाजपा अपना स्थापना दिवस ऐसे समय पर मना रही है जब चार राज्यों में अपनी सत्ता बरकरार रखने में दोबारा कामयाब हुई है। तीन दशकों में राज्यसभा में 100 सांसदों वाली पहली पार्टी बनी है। 6 अप्रैल, 1980 से आज तक उसने राजनीतिक उत्थान-पतन के अनेक पड़ाव देखे लेकिन जिस तेजी के साथ वह उत्तरोत्तर विकसित हो रही है, उसने विरोधी दलों की पेशानियों पर बल ला दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात में दम है कि भारतीय जनता पार्टी जहां राष्ट्र भक्ति को समर्पित है वहीं विरोधी दलों का समर्पण परिवार भक्ति के प्रति है। परिवार वादी पार्टियों को उन्होंने लोकतंत्र का दुश्मन, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं की उपेक्षा करने वाला करार दिया है। उन पर यह भी आरोप लगाया है कि परिवार वादी दलों ने देश की प्रतिभा तथा युवा शक्ति को कभी उभरने नहीं दिया। हमेशा उनके पैर खींचे। ऐसे दल राष्ट्र नीति से राजनीति को अलग करके चलते रहे। मौजूदा समय राजनीति और राष्ट्र नीति को साथ लेकर चलने का है। यह और बात है कि परिवार वादी दलों को प्रधानमंत्री की यह बात पहले भी बुरी लगती थी। आज भी बुरी लगी है और आगे भी लगती रहेगी। उन्हें लगता है कि उनका दल ही लोकतंत्र को मजबूती दे सकता है। सोनिया गांधी ने जिस तरह लोकतंत्र की मजबूती के लिए कांग्रेस को मजबूत बनाने की बात कही है। कमोबेश इसी बात का पृष्ठपोषण कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने यह कहकर किया है कि संसद और हर प्रांत में भाजपा वंशवाद की पार्टी है। प्रधानमंत्री और उनकी सरकार महंगाई, भुखमरी, किसानों की स्थिति और अर्थव्यवस्था की हालत पर नहीं बोल पा रही है। भाजपा के स्थापना दिवस समारोह में सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को टोपी लगाए देख सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज किया है कि जो हमारे दल की टोपी पर आक्षेप करते थे, वे आज खुद टोपी लगाए बैठे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिवों ने सैद्धांतिक आधार पर कम्युनिस्ट आंदोलन फिर से शुरू करने की जरूरत पर बल दिया है। सभी विरोधी दल एकजुट होकर जहां भाजपा को पटखनी देना चाहते हैं, वहीं भाजपा सभी प्रदेश को विकास के शिखर पर ले जाना चाहती है। वह तरक्की के नए आयाम स्थापित करना चाहती है। हर क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के लोगों को आगे बढ़ाना चाहती है। वर्षों से बिगड़ी व्यवस्था एक दिन में नहीं सुधरती लेकिन अगर प्रयास किए जाएं तो सुधार-परिष्कार तो होकर ही रहता है। भाजपा अपने स्थापना दिवस पर एक पखवाड़े तक विभिन्न आयोजन कर रही है। इसके पीछे उसे अपने लोगों को सक्रिय रखना तो है ही, विपक्ष की रणनीति को आईना दिखाना भी है।
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डॉ. रमेश ठाकुर ...जिसका काम उसी को साजै, और करे तो डंडा बाजै!- बाल अपराध के मामले अब पारंपरिक पुलिस थानों को नहीं सौंपे जाएंगे। अलग से व्यवस्था की जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर किशोर अपराध से जुड़े प्रत्येक किस्म के मामलों को सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में ‘बाल मित्र थाना’ खोलने का निर्णय हुआ है। फैसला निश्चित रूप से सराहनीय है, इससे आपराधिक प्रवृति वाले किशोरों को सही रास्ते पर लाने में मदद मिलेगी। देश में जैसे महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए ‘महिला थाना’ हैं, डिजिटल धोखाधड़ी के लिए ‘साइबर थाना’ है, उसी तर्ज पर ‘बाल मित्र थाना’ स्थापित किया जाएगा। बाल अधिकार संरक्षण विषय से जुड़े देशभर के असंख्य कार्यकर्ता लंबे समय से मांग उठाते भी आए हैं कि छोटे-बड़े अपराधों में नौनिहालों की संलिप्तता पर पुलिस उन्हें वयस्क की तरह दंडित ना करें। बल्कि, उनके लिए अलग से थाने बनाए जाएं, जहां उनकी बेहतर तरीके से सुनवाई हो और नम्रतापूर्वक काउंसलिंग की जाए, ताकि गलत रास्तों को त्यागकर बच्चे अच्छे संस्कारों की ओर दोबारा से मुड़ सके। बच्चों के अपराध में संलिप्त होने के कुछ बुनियादी कारण हैं। एकल परिवारों के बच्चों की वैयक्तिक स्वतंत्रता में अत्यधिक वृद्धि होने से उनके नैतिक मूल्य क्षरण होते जा रहे हैं। मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट की लत ने बच्चों को तनाव-अवसाद के दलदल में धकेल दिया है जिससे वे अपराध जगत का हिस्सा बन रहे हैं। बाल मित्र थाने कैसे होंगे, कार्यशैली कैसी होंगी और उनमें तैनाती किन अधिकारियों की होगी, इसका खाका तैयार हुआ है। थानों में सिर्फ सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी की तैनात रहेगी जिनमें अन्य थानों की तरह एक इंस्पेक्टर या एसएचओ होंगे। स्टाफ में करीब आठ-दस उप-निरीक्षक और एकाध महिला उप-निरीक्षक रहेंगी। ये तामझाम और अतिरिक्त खर्च का भार सरकार इसलिए उठाना चाहती है, ताकि बढ़ते बाल अपराधों पर अंकुश लगाया जाए। शायद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मौजूदा रिपोर्ट ने ये सब करने पर मजबूर किया है। बीते एक वर्ष में नाबालिगों द्वारा अंजाम दी गई आपराधिक घटनाओं में 842 हत्या, 981 हत्या का प्रयास, 725 अपहरण केस शामिल हैं। ये संगीन मामले हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश अव्वल है। चोरी की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा हुआ है और करीब 6081 घटनाएं दर्ज हुई हैं। लूट की 955 और डकैती की 112 घटनाएं भी सामने आईं। ये घटनाएं सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय हैं। ये रिपोर्ट कोरोना काल की है जिस पर सभी राज्यों के बाल संरक्षण आयोग गंभीर हैं, सभी अपने स्तर पर कुछ न कुछ करने की रणनीति बना रहे हैं। हाल के वर्षों में आपराधिक वारदातों में बच्चों की संलिप्तता का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। सरकार का एक प्रयास है कि ‘बाल मित्र थानों’ के जरिए इस अपराध को थामा जाए। थानों में महिला-पुरुष कांस्टेबल सभी सादे कपड़ों में रहा करेंगे। थानों में जब आपराधिक प्रवृत्ति से जुड़े बच्चों के केस आएंगे तो किशोरों को डराने के बजाए अपराध से दूर रखने की कवायद होगी। प्रत्येक बाल मित्र थानों में आपराधिक बच्चों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था का प्रबंध रहेगा। थानों में खिलौने से लेकर पढ़ने के लिए ज्ञानवर्धक पुस्तकें होंगी और पुलिसकर्मियों के अलावा बाल कल्याण समिति के लोग भी बच्चों से मिलते रहेंगे। बाल अपराधों की रफ्तार को रोकने के लिए कुछ इसी तरह लीक से हटकर कुछ करना ही होगा, तभी कुछ हो सकेगा। वरना, स्थितियां खराब होती चली जाएंगी। किशोर अपराधों की संख्याओं का बढ़़ना ना सिर्फ चिंतित करता है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करता है कि युवा किन रास्तों पर चल पड़े हैं। बढ़ते बाल अपराध की घटनाएं हम से ही सवाल करती हैं कि क्या इन घटनाओं के लिए वास्तव में कच्ची मिट्टी जैसे मन वाले नौनिहाल ही जिम्मेदार हैं या कहीं ना कहीं हमारे लालन-पालन व सामाजिक माहौल में व्याप्त कमियां हैं? बाल अपराधों को रोकने के लिए अभी तक सरकारी स्तर पर जितने भी प्रयास किए गए, वे उतने सफल नहीं हुए, इसलिए नौनिहालों से जुड़े मसलों के निस्तारण के लिए ‘बाल मित्र थाने’ समय की दरकार है। देश में जिस तरह से किशोर अपराधों के अलग से न्याय विधान हैं, अलग न्यायाधीश हैं, अलग न्यायाधिकारी हैं और अलग बाल-मनोविज्ञान हैं तो पुलिस थाने क्यों नहीं? बच्चे कभी डांटने से नहीं सुधरते और न दूसरे डराने वाले हथकंड़ों से पटरी पा आते हैं। उनसे जितना विनम्रतापूर्वक व्यवहार किया जाए, अच्छा रहेगा। इसलिए सरकार का यह प्रयास कारगर साबित होगा, ऐसी उम्मीद अभी से की जा सकती है। हालांकि, थानों के बनने के बाद उनकी निगरानी अतिआवश्यक होगी। अक्सर देखने में आता है कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले बच्चों से विनम्रतापूर्वक व्यवहार नहीं किया जाता। उनके साथ थानों में पुलिसकर्मी वयस्क जैसा बर्ताव करते हैं, जिससे बच्चे सुधरने के बजाय और बिगड़ जाते हैं। बच्चों को हथकड़ी लगाने का प्रावधान नहीं है, फिर भी पुलिसकर्मी लगाते हैं। किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2000 के मुताबिक एक किशोर यदि किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल है तो कानूनी सुनवाई और सजा के लिए उसके साथ एक वयस्क की तरह व्यवहार नहीं किया जायेगा। बहरहाल, योजना स्वरूप नए थानों के बनने के बाद पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं होंगे, जिससे बच्चे डरेंगे नहीं। पुलिस वाले बच्चों से सहानुभूति के साथ अपराध का कारण पूछेंगे और उनकी बेहतर तरीके से काउंसलिंग करेंगे। बाल अपराधियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ उनके खिलाफ मामलों में भारी इजाफा हुआ है। ये आंकड़े सोचने पर मजबूर करते हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए समूचे देश को सोचना होगा। ये जिम्मेदारी सिर्फ सरकारों की नहीं, हम सभी की भी है। सामूहिक प्रयासों से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और उन्हें सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण में दोबारा से लौटाना होगा। (लेखक, राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान, भारत सरकार के सदस्य हैं।)
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सुरेश हिन्दुस्थानी जब सच से सामना होता है, तब सबकी बोलती बंद हो जाती है। कुछ इसी प्रकार का वातावरण फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर भी हो रहा है। इस फिल्म का एक तरफ विरोध भी हो रहा है, लेकिन जिसने इस दर्द को झेला है, उसने जब इस फिल्म को देखा तो उसकी आंखों के समक्ष गुजरे हुए दर्दनाक पल आते चले गए। जिन लोगों ने यह झेला है उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। धर्मनिरपेक्षता का ढोंग करने वाले कथित बुद्धिजीवी वर्ग का जिस प्रकार से नैरेटिव ध्वस्त होता हुआ दिखाई दे रहा है, उससे उनके पेट में मरोड़ उठ रही है। उनका कहना है कि फिल्म का एक ही पक्ष दिखाया गया है, लेकिन कश्मीर घाटी का बड़ा सच यही है कि केवल हिन्दुओं को ही अपने घर और व्यवसाय से बेदखल किया गया। इसी प्रकार कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह सब पाकिस्तान के संरक्षण में कार्य करने वाले आतंकवादियों के संकेत पर ही हो रहा था। जहां तक बॉलीवुड की बात है तो यह सच है कि कई फिल्मों में हिन्दू देवी-देवताओं को पत्थर की मूर्ति कहकर संबोधित किया गया है, जबकि ऐसी टिप्पणियां अन्य धर्मों के आराधक पर किया जाए तो भूचाल आ जाता है। वास्तविकता यह है कि फिल्मों के माध्यम से भारतीय नागरिकों का ब्रेन वॉश किया गया और हमारा समाज भी उसे इसलिए स्वीकार करता गया क्योंकि वह सत्य से बहुत दूर जा चुका था। अब जब सच सामने आ रहा है तो सबकी आंखों पर जो परदा चढ़ा था, वह हटने लगा है। दर्द केवल उन्हीं को हो रहा है, जिन्होंने इस आवरण को चढ़ाने का कार्य किया था। विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स सही मायनों में एक फिल्म ही नहीं, बल्कि एक ऐसा सच है जिसे हिन्दुस्तान ने झेला है। कश्मीरी हिन्दुओं के दर्द पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर आज देशभर में चर्चा हो रही है। फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से एक पत्रकार ने पूछा कि वह अगली फिल्म किस मुद्दे पर बनाने की सोच रहे हैं तो उनका जवाब था कि उनकी अगली फिल्म दिल्ली दंगों पर होगी। यानी अब नैरेटिव रिवर्सल का दौर शुरू हो चुका है। अब अति संवेदनशील कहे जाते रहे मुद्दों को भी छूने का साहस बॉलीवुड में आने लगा है। ऐसी साहसिक फिल्मों पर तर्क-वितर्क होने लगे हैं। राजनीति से लेकर सामाजिक रूपरेखा पर सवाल उठने लगे हैं और यह जरूरी भी है और समय की मांग भी। अब ये सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए कि हमारी सरकार के सामने कश्मीर में (या कहीं पर भी) ऐसी क्या मजबूरी होती है जिसकी वजह से आरा मशीन में लकड़ी की तरह एक महिला को चीर देने का अधिकार दे दिया जाता है? ऐसा कौन सा इंकलाब होता है जिसमें ऐलान करके बहू-बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है। उनकी नृशंस हत्या होती है या फिर ऐसी कौन-सी मजबूरी होती है, जिसकी वजह से आतंक से लाल होती धरती को देखकर भी दिल्ली दरबार को आंखें मूंद लेने के लिए मजबूर होना पड़़ता है? देश की हर पार्टी और हर काल के नेतृत्व को बताना चाहिए कि दुनिया में ऐसा कौन-सा अभागा देश है या अभागी जनता है जो एक कातिल को दिल्ली दरबार में सम्मान पाते देखती है। जेकेएलएफ के नेता यासीन मलिक से हाथ मिलाते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीर देखकर तब भी देश की जनता दांत पीसकर रह गई थी। इस पाक परस्त नेता ने पूरी ठसक के साथ कैमरे के सामने स्वीकार किया था कि उसने भारतीय वायुसेना के चार निहत्थे अधिकारियों को भरे चौराहे पर गोलियों से भून दिया। बावजूद इसके खून से लथपथ हाथ लेकर एक लकवा ग्रस्त सा दिखने वाला अलगाववादी नेता कश्मीर से निकला और ठाठ से दिल्ली दरबार में दाखिल हुआ। देश के प्रधानमंत्री से उसने पूरी अकड़ के साथ-हाथ मिलाया। द कश्मीर फाइल्स फिल्म रिलीज होने के बाद कश्मीरी हिन्दुओं के उस भयावह नरसंहार को भूल चुकी आज की नई पीढ़ी गूगल सर्च में इसी तस्वीर को सबसे ज्यादा खोज रही है। कश्मीरी हिन्दुओं के पलायन और सामूहिक नरसंहार के संदर्भ में भी इन दोनों टर्म की विवेचना होना चाहिए। यासीन मलिक का हौसला देखिए, उसने कैमरे के सामने स्वीकार किया कि उसने भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों को बीच चौराहे पर गोलियों से भून दिया, लेकिन उसका अपराध सिर्फ इतना ही नहीं था। उस पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है। यह तो एक फिल्म की ही बात है, कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह वास्तविकता है। जो लोग कश्मीर छोडक़र आए, उनके मन में एक अंतहीन दर्द की इबारत कंपायमान कर देती है। देश में घटित ऐसी और फाइल्स हैं, जिनका सच सामने आना चाहिए। देश की जनता यह भी जानना चाहती है कि कैसे गोधरा में रामभक्तों को रेल के डिब्बे में जिन्दा जला दिया गया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस नेताओं ने कैसे सिखों का नरसंहार किया? इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की हत्या के पीछे कौन-सी विदेशी ताकतों का हाथ था? ऐसे ही कुछ बड़े सवाल और भी हैं, जिनका सच देश की जनता जानना चाहती है। इन मुद्दों पर भी फिल्म बननी चाहिए। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल पिछले करीब तीन महीने से एक के बाद एक होती रेल दुर्घटनाओं से रेलवे के सुरक्षा प्रबंधों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हालांकि 13 जनवरी को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के दोमोहानी इलाके में हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद इतनी बड़ी दुर्घटना तो नहीं हुई है लेकिन लगातार हो रही छोटी रेल दुर्घटनाओं की अनदेखी करना भी उचित नहीं होगा क्योंकि ये दुर्घटनाएं भी यह सचेत करने के लिए पर्याप्त हैं कि भारतीय रेल प्रणाली में सब कुछ दुरूस्त नहीं है। ऐसे हर छोटे-बड़े हादसों में रेल तंत्र की लापरवाही स्पष्ट उजागर होती रही है। अगर हाल की कुछ दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो 3 अप्रैल को महाराष्ट्र में नासिक के निकट जयनगर एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरने के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। उसी दिन जोगबनी से कटिहार जा रही डीएमयू का एक्सल टूट जाने से बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। 2 अप्रैल को महाराष्ट्र के दौलताबाद स्टेशन के निकट मालगाड़ी के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए। 31 मार्च को एटा से आगरा जा रही रेलगाड़ी बड़ी दुर्घटना का शिकार होते-होते टली, दरअसल आगे पटरी टूटी थी और एक श्रमिक महिला ने रेल पटरी के बीचों-बीच अपनी लाल साड़ी दिखाकर चालक को सचेत किया। 28 मार्च को छत्तीसगढ़ के जामगांव रेलवे स्टेशन के निकट एक ही पटरी पर दो मालगाडि़यां आ जाने से उनकी टक्कर हो गई। 5 मार्च को सहारनपुर से दिल्ली आ रही पैसेंजर ट्रेन में अचानक आग लगने से यात्रियों में हड़कंप मच गया था। उससे पहले बिहार के मधुबनी रेलवे स्टेशन पर खड़ी स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की कुछ बोगियों में 19 फरवरी की सुबह एकाएक आग लग गई थी। लापरवाही के चलते लगातार हो रहे ऐसे रेल हादसों की बहुत लंबी फेहरिस्त है लेकिन चिंता की बात यह है कि लगातार होते ऐसे हादसों से कोई सबक नहीं लिए जाते। जब भी बड़ा रेल हादसा होता है तो रेलवे द्वारा भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का रटा-रटाया जवाब सुनने को मिलता है लेकिन थोड़े ही समय बाद जब फिर कोई रेल हादसा सामने आता है तो रेल तंत्र के ऐसे दावों की कलई खुल जाती है। ऐसे रेल हादसों के बाद प्रायः जांच के नाम पर कुछ रेल कर्मचारियों व अधिकारियों पर गाज गिरती है किन्तु समूचा रेल तंत्र उसी पुराने ढर्रे पर रेंगता रहता है। हर रेल हादसे के बाद कारणों को लेकर तरह-तरह की बातें कही-सुनी जाती हैं। कभी रेलकर्मियों की लापरवाही की बात सामने आती है तो कभी कहा जाता है कि बाहरी ताकतों ने इसे अंजाम दिया। हर दुर्घटना के बाद जांच के आदेश दिए जाते हैं और जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की जाती है किन्तु समिति की रिपोर्ट फाइलों में दबकर रह जाती है। यही कारण है कि किसी भी हादसे में कभी पता नहीं चलता कि हादसे में वास्तविक दोषी कौन था? रेल दुर्घटनाओं के मामले में भारतीय रेलों की क्या दशा है, इसका अनुमान रेल मंत्रालय के ही इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 2019 से पहले के साढ़े चार वर्षों में 350 से भी अधिक छोटे-बड़े हादसे हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार 2014-15 में जहां 135 रेल हादसे हुए, वहीं 2015-16 में 107 और 2016-17 में 104 रेल हादसे सामने आए। तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने संसद में बताया था कि 2012 से 2017 के बीच पांच वर्षों में देश में 586 रेल हादसे हुए, जिनमें 308 बार ट्रेनें पटरी से उतरी और उन हादसों में 1011 लोग मारे गए, जिनमें पटरी से उतरने वाली ट्रेनों ने ही 347 जानें ली। रेलवे सेफ्टी और यात्री सुरक्षा से जुड़े एक सवाल के जवाब में संसद में बताया गया था कि रेल हादसों की बड़ी वजह रेलवे स्टाफ की नाकामी, सड़क पर चलने वाली गाडि़यां, मशीनों की खराबी और तोड़-फोड़ रही। 2014-15 के 135 रेल हादसों में 60, 2015-16 में हुए 107 हादसों में 55 और 2016-17 में 30 नवम्बर 2016 तक के 85 हादसों में से 56 दुर्घटनाएं रेलवे स्टाफ की नाकामी या लापरवाही के चलते हुई। तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा 2016-17 के रेल बजट में रेल दुर्घटनाएं रोकने के लिए ‘मिशन जीरो एक्सीडेंट’ नामक एक विशेष अभियान शुरू करने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए त्वरित पटरी नवीनीकरण, अल्ट्रासोनिक रेल पहचान प्रणाली तथा प्राथमिकता के आधार पर मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म किए जाने जैसे विभिन्न सुरक्षा उपायों पर कार्य शुरू किया गया था किन्तु ये कार्य बहुत धीमी गति से जारी हैं। हालांकि ट्रेनों की आपस में टक्कर से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ‘कवच’ नामक सुरक्षा प्रणाली का उपयोग शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है लेकिन तमाम छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। रेल दुर्घटनाओं पर लगाम नहीं लग पाने का बहुत बड़ा कारण है रेल पटरियों की जर्जर हालत, जिन पर सरपट दौड़ती रेलें कब किस जगह बड़े हादसे का शिकार हो जाएं, कहना मुश्किल है। एक तरफ जहां बूढ़ी हो चुकी जर्जर पटरियों पर जवान ट्रेनें सरपट दौड़ रही हैं, वहीं देशभर में लगभग सभी स्थानों पर पटरियां अपनी क्षमता से कई गुना ज्यादा बोझ ढ़ो रही हैं। रेलवे ट्रैकों पर बोझ लगातार बढ़ रहा है। भारतीय रेलवे के कुल 1219 रेलखंडों में से करीब 40 फीसदी पर ट्रेनों का जरूरत से ज्यादा बोझ है। एक रिपोर्ट के मुताबकि 247 रेलखंडों में से करीब 65 फीसदी तो अपनी क्षमता से 100 फीसदी से भी अधिक बोझ ढ़ोने को मजबूर हैं और कुछ रेलखंडों में पटरियों की कुल क्षमता से 220 फीसदी तक ज्यादा ट्रेनों को चलाया जाता रहा है। इस वजह से भी अनेक वीभत्स हादसे होने के बाद भी रेल तंत्र इस ओर से आंखें मूंदे रहा है। रेलवे की स्थायी समिति द्वारा अपनी सुरक्षा रिपोर्ट में स्पष्ट किया जा चुका है कि वर्ष 1950 से 2016 के बीच दैनिक रेल यात्रियों में जहां 1344 फीसदी की वृद्धि हुई, वहीं माल ढुलाई में 1642 फीसदी की बढ़ोतरी हुई लेकिन इसके विपरीत रेलवे ट्रैक का विस्तार महज 23 फीसदी ही हो सका। वर्ष 2000 से 2016 के बीच दैनिक यात्री ट्रेनों की संख्या में भी करीब 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यात्री रेलों के अलावा मालगाडि़यों की भी बात करें तो अधिकांश मालगाडि़यां भी ट्रैकों पर उनकी क्षमता से कहीं अधिक भार लिए दौड़ रही हैं। रेल नियमावली के अनुसार मौजूदा ट्रैक पर 4800 से 5000 टन भार की मालगाडि़यां ही चलाई जा सकती हैं लेकिन पिछले कई वर्षों से सभी ट्रैकों पर 5200 से 5500 टन भार के साथ मालगाडि़यां दौड़ रही हैं। हालांकि कैग की एक रिपोर्ट में ओवरलोडेड मालगाडि़यों के परिचालन पर आपत्ति जताते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था किन्तु कमाई के फेर में रेलवे द्वारा कैग के इन महत्वपूर्ण सुझावों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। बेहतर होगा, रेल तंत्र पटरियों पर दौड़ती मौत रूपी भारतीय रेल के सफर को सुरक्षित बनाने की दिशा में शीघ्रातिशीघ्र कारगर कदम उठाए और रेलों में यात्रियों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हों। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में नया अध्याय लिख रही है। इसमें भारत को महाशक्ति बनाने का बुलंद मंसूबा है। आत्मनिर्भर अभियान की प्रभावी प्रगति है। भारत रक्षा उत्पाद का निर्यातक बन चुका है। दुनिया में देश का महत्व बढ़ा है। रूस- यूक्रेन युद्ध में दोनों पक्ष भारत से सहयोग की अपेक्षा कर रहे है। रूस और यूक्रेन के शासक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई बार बात कर चुके है। संकटकाल में भी रूस के विदेशमंत्री नई दिल्ली पहुंचते है। भारत आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करता है। चीन को डोकलाम से अपने कदम पीछे खींचने पड़ते हैं। यह न्यू इंडिया का प्रभाव है। इसमें विश्व में शांति व सौहार्द के प्रति भारत की परम्परागत नीति है, लेकिन रक्षा तैयारियों पर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एक दम नहीं लाई जा सकती। भारत ने स्वदेशी रक्षा उत्पाद के प्रयास शुरू किए। इसके साथ ही लड़ाकू विमान व अन्य रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए लंबित समझौतों पर अमल किया। राफेल विमान को लेने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह स्वयं फ्रांस गए। मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया था। इसकी धमक दुनिया में दिखाई देने लगी है। रक्षा क्षेत्र में भी इस अभियान ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है। भारत अभी तक सामरिक हथियारों का सबसे बड़ा आयातक माना जाता था। अब 40 से अधिक देशों को भारत सामरिक उत्पाद का निर्यात कर रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत अनेक योजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर से देश को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट बताती हैं कि बीते वर्ष में वर्ल्ड मिलिट्री स्पेंडिंग लगभग दो ट्रिलियन यूएस डॉलर पर पहुंच चुकी थी। डिफेंस रिलेटेड डोमेस्टिक डिमांड में भी बढ़ोतरी होगी। भारत सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बन रहा है। देश का विकास पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर के बीच समन्वय से हो सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 साल पहले डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर के 100 प्रतिशत प्रतिभागिता की व्यवस्था की थी। कास्टिंग और फोर्जिंग के क्षेत्र में जिन भारतीय कंपनियों ने दुनिया में बड़ा नाम कमाया है पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड उनमें से एक है। लखनऊ में जिस प्लांट का उद्घाटन हुआ है वह एयरोस्पेस और एयरोस्पेस में टाइटेनियम और निकिल के आलाय बनाने वाली पहली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है। भारत के अलावा अमेरिका, फिनलैंड,चीन,नॉर्वे व स्वीडन की बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों को पीटीसी द्वारा अपने उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रक्षा विनिर्माण सुविधा विमान के इंजन,हेलीकॉप्टर इंजन,विमानों के लिए संरचनात्मक भागों,ड्रोन और यूएवी,पनडुब्बियों, अल्ट्रा लाइट आर्टिलरी गन, स्पेस लॉन्च व्हीकल और स्ट्रैटेजी सिस्टम आदि का निर्माण करेगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आने वाले दस टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में तेजी लाने का आह्वान किया। हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी में प्रगति हमारे रक्षा क्षेत्र के लिए प्रभावी होगी। भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी। अब तक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण के साथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है। भारत ने स्वदेश में डिजाइन और विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और इसके वेरिएंट का निर्माण किया। पांच टन की श्रेणी में हेलीकॉप्टरों के डिजाइन, विकास और संचालन में अपनी ताकत दिखाई है। उन्होंने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को युद्ध अभियानों के लिए हल्के हेलीकॉप्टरों में देश की क्षमता का यह एक उदाहरण है। वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रक्षा उत्पादन और तैयारियों में आत्म निर्भरता हासिल करने का सरकार ने संकल्प लिया है। गत वर्ष डीआरडीओ ने उद्योग के साथ 225 लाइसेंस समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत यह कार्य अपरिहार्य थे। यूपीए सरकार ने इस जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया था। नरेन्द्र मोदी अमेठी में भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम इंडो रशियन राइफल्स प्रा.लि. को राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू की है। अब भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर रहा है। रक्षा मंत्रालय सैकड़ों उत्पाद की सूची जारी कर चुका है। इन सभी का उत्पादन अब भारत में होगा। इन्हें आयात नहीं किया जाएगा। फाइटर प्लेन,हेलीकॉप्टर,टैंक और पनडुब्बियों सहित के निर्माण के अवसर भी हमने मेगा डिफेंस प्रोग्राम तहत शुरू किए हैं। डीआरडीओ के माध्यम से निशुल्क ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी यूपी और तमिलनाडु के बीच शुरू की गई है। ट्रांसपोर्ट प्लेन सी का बाइस हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। इनमें अधिकांश प्लेन हमारी इंडियन इंडस्ट्री के साथ मिलकर बनाए जाएंगे। विगत सात वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट का 38 हजारर करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। 10 हजार एमएसएमई का डिफेंस सेक्टर से जुड़ना प्रगति का उदाहरण है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भारत का रक्षा निर्यात पैंतीस प्रतिशत बढ़ा है। भारत 75 देशों को रक्षा उत्पाद का निर्यात कर रहा है। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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रमेश ठाकुर 'जिसका काम उसी को छाजै, और करे तो डंडा बाजै' यह पुराना मुहावरा है। मगर इसका महत्व उत्तर प्रदेश शासन ने अब समझा है। बाल अपराध प्रकरण अब पारंपरिक पुलिस थानों को नहीं सौंपने का फैसला लिया गया है। इसके लिए अलग व्यवस्था की जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर किशोर अपराध से जुड़े हर प्रकरण को सुलझाने के लिए सभी जिलों में ‘बाल मित्र थाना’ खोलने का निर्णय हुआ है। माना जा रहा है कि इससे आपराधिक प्रवृति वाले किशोरों को सही रास्ते पर लाने में मदद मिलेगी। देश में जैसे महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए ‘महिला थाने’ हैं, डिजिटल धोखाधड़ी के लिए ‘साइबर थाने’ हैं, ठीक उसी तर्ज पर ‘बाल मित्र थानों’ को स्थापित किया जाएगा। बाल अधिकार सरंक्षण से जुड़े देशभर के असंख्य कार्यकर्ता लंबे समय से इसकी मांग करते रहे हैं। वह चिल्लाते रहे हैं कि छोटे-बड़े अपराधों में नौनिहालों की संलिप्ता पर पुलिस उन्हें वयस्कों की तरह दंडित ना करे? उनके लिए अलग थाने बनाए जाएं, जहां उनकी बेहतर तरीके से सुनवाई हो और नम्रतापूर्वक काउंसलिंग की जाए, ताकि गलत रास्तों को त्यागकर बच्चे अच्छे संस्कारों की ओर दोबारा से मुड़ सकें। बच्चों के अपराध में संलिप्त होने के कुछ बुनियादी कारण हैं। एकल परिवारों के बच्चों की वैयक्तिक स्वतंत्रता में अत्यधिक वृद्धि होने से नैतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट की लत ने बच्चों को अवसाद के दलदल में धकेल दिया है। इससे वह अपराध जगत का हिस्सा बन रहे हैं। बाल मित्र थाने कैसे होंगे, कार्यशैली कैसी होंगी और उनमें तैनाती किन अधिकारियों की होगी, इसका खाका तैयार हुआ है। थानों में सिर्फ सामान्य कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात होंगे। अन्य थानों की तरह एक इंस्पेक्टर या एसएचओ, करीब आठ-दस उप निरीक्षक और एकाध महिला उप निरीक्षक रहेंगी। ये तामझाम और अतिरिक्त खर्च का भार सरकार इसलिए उठाना चाहती है, ताकि बढ़ते बाल अपराधों पर अंकुश लगाया जाए। शायद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मौजूदा रिपोर्ट ने ये सब करने पर मजबूर किया है। ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक वर्ष में नाबालिग बच्चों के खिलाफ 842 हत्या, 981 हत्या का प्रयास, 725 अपहरण के केस दर्ज हुए हैं। ये संगीन मामले हैं। इनमें उत्तर प्रदेश अव्वल है। चोरी की घटनाओं में बेहताशा इजाफा हुआ है। करीब 6081 घटनाएं दर्ज हुई हैं। लूट की 955 और डकैती की 112 घटनाएं भी सामने आईं। ये घटनाएं सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय हैं। ये रिपोर्ट कोरोना काल की है। इस पर सभी राज्यों के बाल संरक्षण आयोग गंभीर हैं। सभी अपने स्तर पर कुछ न कुछ करने की रणनीति बना रहे हैं। हाल के वर्षों में आपराधिक वारदात में बच्चों के संलिप्ता का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। सरकार का प्रयास है शायद ‘बाल मित्र थानों’ के जरिए इस अपराध को थामा जाए। इन थानों में किशोरों को डराने के बजाए अपराध से दूर रखने की कवायद होगी। बिगड़ैल बच्चों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था का प्रबंध रहेगा। थानों में खिलौने से लेकर पढ़ने वाली ज्ञानबर्धक पुस्तकें भी होंगी। पुलिसकर्मियों के अलावा बाल कल्याण समिति के लोग भी बच्चों से मिलते रहेंगे। बढ़ते बाल अपराध गंभीर चिंता का विषय हैं। इन घटनाओं के लिए वास्तव में कच्ची मिट्टी जैसे मन वाले नौनिहाल ही जिम्मेदार हैं या कहीं न कहीं हमारे लालन-पालन व सामाजिक माहौल में व्याप्त कमियां हैं? बाल अपराधों को रोकने के लिए अभी तक सरकारी स्तर पर जितने भी प्रयास किए गए, वे उतने सफल नहीं हुए। कहा जा सकता है कि इसलिए नौनिहालों से जुड़े मसलों के निष्तारण के लिए ‘बाल मित्र थाने’ समय की दरकार हैं। अक्सर देखने में आता है कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले बच्चों से विनम्रतापूर्वक व्यवहार नहीं किया जाता। उनके साथ थानों में पुलिसकर्मी वयस्कों जैसा बर्ताव करते हैं । इससे बच्चे सुधरने के बजाय और बिगड़ जाते हैं। किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2000 के मुताबिक एक किशोर यदि किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल है तो कानूनी सुनवाई और सजा के लिए उसके साथ एक वयस्क की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक बाल अपराधियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ उनके खिलाफ मामलों में भारी इजाफा हुआ है। बीते तीन वर्षों में किशोरों के खिलाफ 4,18,385 अपराध दर्ज हुए जिनमें पॉक्सो-एक्ट के तहत करीब 1,34,383 मामले हैं। ये सभी आंकड़े सोचने पर मजबूर करते हैं। काश उत्तर प्रदेश का यह प्रयोग सफल हो तो आगे की नई राह खुले। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका में अस्थिरता के बादल छा गए हैं। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला जो भी हो और श्रीलंका की राजपक्ष भाइयों की सरकार रहे या चली जाए, हमारे इन दो पड़ोसी देशों की राजनीति गहरी अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर गई है। जहां तक श्रीलंका का प्रश्न है, वहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य तीन मंत्री एक ही राजपक्ष परिवार के सदस्य हैं। ऐसी पारिवारिक सरकार शायद दुनिया में अभी तक कभी नहीं बनी है। जब सर्वोच्च पदों पर इतने भाई और भतीजे बैठे हों तो वह सरकार किसी तानाशाह से कम नहीं हो सकती। राजपक्ष-परिवार श्रीलंका का राज-परिवार बन गया। श्रीलंका में आर्थिक संकट इतना भीषण हो गया है कि कल पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया। सबसे बड़ी बात यह कि जिन चार मंत्रियों को फिर नियुक्त किया गया, उनमें वित्तमंत्री बसील राजपक्ष नहीं हैं। वित्तमंत्री के खिलाफ सारे देश में जबर्दस्त रोष फैला हुआ है, क्योंकि महंगाई आसमान छूने लगी है। चावल 500 रुपये किलोग्राम, चीनी 300 रुपये किलोग्राम और दूध पाउडर 1600 रुपये किलोग्राम बिक रहा है। बाजार सुनसान हो गए हैं। ग्राहकों के पास पैसे नहीं हैं। रोजमर्रा पेट भरने के लिए हर परिवार को ढाई-तीन हजार रुपये चाहिए। लोग भूखे मर रहे हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि अगले दो-तीन दिन में सरेआम लूटपाट की खबरें भी श्रीलंका से आने लगें। पेट्रोल, डीजल और गैस का अकाल पड़ गया है, क्योंकि उन्हें खरीदने के लिए सरकार के पास डाॅलर नहीं हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग-भागकर भारतीय आ रहे हैं । श्रीलंका के रिजर्व बैंक के गवर्नर अजीत निवार्ड कबराल ने भी इस्तीफा दे दिया है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के तीन बड़े आधार हैं। पर्यटन, विदेशों से आनेवाला श्रीलंकाइयों का पैसा और वस्त्र-निर्यात। महामारी के दौरान ये तीनों अधोगति को प्राप्त हो गए। 12 बिलियन डाॅलर का विदेशी कर्ज चढ़ गया। उसकी किस्तें चुकाने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। चाय के निर्यात की आमदनी घट गई, क्योंकि रासायनिक खाद पर प्रतिबंध के कारण चाय समेत सारी खेती लंगड़ा गई। श्रीलंका को पहली बार चावल का आयात करना पड़ा। 2019 में बनी इस राजपक्ष सरकार ने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लालच में तरह-तरह के टैक्स घटा दिए और मुफ्त अनाज बांटना शुरू कर दिया। सारा देश विदेशी कर्जे में डूब गया। गांव-गांव और शहर-शहर में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए। घबराई हुई सरकार ने विरोधी दलों से अनुरोध किया कि सब मिलकर संयुक्त सरकार बनाएं लेकिन वे तैयार नहीं हैं। राजपक्ष सरकार ने पहले आपातकाल घोषित किया। संचारतंत्र पर कई पाबंदियां लगाईं और अब उसे कर्फ्यू भी थोपना पड़ा है। भारत सरकार ने श्रीलंका की तरह-तरह से मदद करने की कोशिश की है लेकिन जब तक दुनिया के मालदार देश उसकी मदद के लिए आगे नहीं आएंगे, श्रीलंका अपूर्व अराजकता के दौर में प्रवेश कर जाएगा। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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योगेश कुमार गोयल नारी को भारतीय संस्कृति में विशेष सम्मान प्राप्त रहा है। सनातन धर्म में मां दुर्गा को जगत का पालन करने वाली, विश्व कल्याण की प्रणेता और दुष्टों का संहार करने वाली अधिष्ठात्री देवी माना गया है। नारी शक्ति के आदर-सम्मान का उत्सव ‘नवरात्रि’ तो नारी को उसके स्वाभिमान और शक्ति का स्मरण दिलाता है और साथ ही समाज को नारी शक्ति का सम्मान करने के लिए प्रेरित भी करता है। एक ओर जहां नवरात्रि पर्व के दौरान देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग नारी रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है, वहीं विद्या एवं बुद्धि की देवी भी नारी स्वरूपा देवी सरस्वती हैं। इसी प्रकार धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी भी नारी स्वरूपा ही हैं। हमारे सभी पौराणिक ग्रंथों में नारी को देवी शक्ति के रूप में पूजनीय माना गया है और सभी शास्त्रों तथा धर्म ग्रंथों में नारी के सामाजिक महत्व को स्वीकारते हुए कहा गया है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात् जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है। नारी के प्रति पुराणों में इतना आदर-सम्मान यूं ही नहीं व्यक्त किया गया, दरअसल वह नारी शक्ति ही है, जो घनघोर अंधकार में भी अपनी मुस्कान बिखेरकर उजाला करती है। गुरू नानकदेव ने भी नारी महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि नारी, जो राजाओं की भी जननी है, उसका सम्मान होना चाहिए। इसी प्रकार प्रसिद्ध विचारक हेरिएट बीचर स्टोव ने कहा था कि महिलाएं समाज की वास्तविक शिल्पकार होती हैं। नारी को शक्ति की उपासक तथा घर की आत्मा और प्राण माना गया है। ईश्वर ने नारी को एक जननी के रूप में सम्मान देकर धरती पर भेजा है। नारी के मां के रूप को तो ममता की मूरत कहा गया है। एक मां ही अपने बच्चे के लालन-पालन और उसके अस्तित्व निर्माण के लिए अपनी इच्छाओं का बलिदान दे देती है और अपनी संतान में संस्कारों का बीजारोपण करते हुए उसमें दया, करुणा, प्रेम इत्यादि गुणों को जन्म देती है। बेटी, बहन, कुलवधू, पत्नी और मां जैसे अलग-अलग रूपों में नारी सही मायनों में एक परिवार की आन-बान और शान होती है। एक गुणवान बेटी के रूप में वह अपने माता-पिता का नाम रोशन करती है तो शादी के बाद अपना घर छोड़कर वह जिस दूसरे घर में जाती है, वहां भी त्याग और बलिदान की मूर्ति बनकर सबका दिल जीतने की कोशिश करती है और उस घर को स्वर्ग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। जिस घर-आंगन में चलना सीखकर, खेल-कूदकर वह बड़ी हुई, उसी को छोड़कर वह एक दिन एक ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करते हुए उसे अपने जीवन की बागडोर सौंप देती है, जिसे वह जानती तक नहीं थी। नवरात्रि के नौ दिनों में हम मातृ शक्ति के नौ रूपों का पूजन करते हैं, उनका स्मरण करते हैं, कन्याओं को भोजन पर आमंत्रित कर उनकी पूजा करते हैं, चरण धोकर उनका स्वागत करते हैं और तिलक के पश्चात् दक्षिणा तथा उपहार देकर विदा करने की सदियों पुरानी परम्परा का निर्वहन करते हैं लेकिन साल के बाकी दिन यही नारी शक्ति सम्मान पाने के लिए विभिन्न मोर्चों पर संघर्ष करती दिखती है। पुराणों तथा धार्मिक ग्रंथों में भले ही नारी को देवी का दर्जा दिया गया है किन्तु हमारे समाज में नारी की स्थिति प्राचीन काल से ही अच्छी नहीं रही। घर हो या बाहर, उसे हर कहीं किसी न किसी रूप में शोषण का शिकार होना पड़ता है। कन्या भ्रूण हत्या की प्रवृत्ति हो या समाज में महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ते अपराध, हर कहीं स्थिति सोेचनीय दिखाई पड़ती है। हालांकि नारी की वीरगाथाओं से हमारा इतिहास भरा पड़ा है। आज भी हम माता सीता, सती सावित्री, तारा, कुंती, गार्गी, रानी लक्ष्मीबाई जैसी अनेक महान और विदुषी नारियों के व्यक्तित्व, त्याग और साहस की गाथाओं से प्रेरणा लेते हैं। किसी भी देश का भविष्य नारी पर ही टिका होता है क्योंकि एक मां जिस प्रकार अपने बच्चों का पालन-पोषण करती हैं, उन्हें संस्कारवान बनाती है और फिर वही बच्चे देश के कर्णधार बनते हैं, ऐसे में समझा जा सकता है कि एक नारी की भूमिका राष्ट्र निर्माण में कितनी महत्वपूर्ण है। आज भले ही नारी समानता की बातें हो रही हैं लेकिन समानता के इस अधिकार को हासिल करने के लिए उसे बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। फिर भी संतोषजनक स्थिति यह है कि धीरेे-धीरे ही सही, लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ रही है। यदि कहा जाए कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। घर-परिवार से लेकर बाहर तक की जिम्मेदारी आज महिलाएं बखूबी निभा रही हैं। साक्षरता के मामले में भले ही महिलाओं की स्थिति अभी पुरुषों के मुकाबले कम है लेकिन दूसरी ओर अगर हम देखें तो विभिन्न परीक्षाओं में लड़कियां ही आज लड़कों से आगे निकलती दिखाई देती हैं। चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, उच्च प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी क्षेत्रों में महिलाएं आज नेतृत्व प्रदान कर रही हैं। व्यापार, अंतरिक्ष, खेल, राजनीति इत्यादि क्षेत्रों में भी वे नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। यही नहीं, न केवल सिविल सेवाओं बल्कि पुलिस बल तथा सैन्य सेवाओं में भी सक्षम अधिकारी के रूप में उनका दबदबा निरन्तर बढ़ रहा है। पूरी दुनिया में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दबंगता मिसाल बनी थी। सुरों की साम्राज्ञी लता मंगेशकर को साक्षात मां सरस्वती का दर्जा दिया जाता है। किरण बेदी, पीटी उषा, कल्पना चावला, ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन इत्यादि अनेक भारतीय महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से तमाम भारतीयों को न केवल गौरवान्वित किया है बल्कि यह भी साबित किया है कि महिलाएं आज के जमाने में किसी से कम नहीं हैं। स्वतंत्रता सेनानी और कवियत्री सरोजिनी नायडू, जिन्हें ‘भारत कोकिला’ के नाम से भी जाना जाता है, देश की पहली महिला गवर्नर बनी थी। उसी प्रकार स्वतंत्रता सेनानी रही सुचेता कृपलानी देश के किसी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थी। उन्हें उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभालने का गौरव हासिल है। पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की छोटी बहन विजयलक्ष्मी पंडित भारत की ऐसी पहली महिला थी, जो यूएन जनरल असेंबली की प्रेसीडेंट रही। वह देश की आजादी के बाद 1947 से 1949 तक रूस में राजदूत रही और 1953 में यूएन जनरल असेंबली की प्रेसीडेंट रही। दीपक संधू भारत की पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त रह चुकी हैं। कर्नाटक की राज्यपाल रह चुकी रमा देवी भारत की प्रथम महिला चुनाव आयुक्त बनी थी। पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की सुपुत्री मीरा कुमार बिजनौर से 1985 में सांसद चुने जाने के बाद 2009 में लोकसभा की पहली महिला स्पीकर चुनी गई। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त है। जून 2016 में तीन जांबाज महिलाओं, बिहार के बेगूसराय की भावना कंठ, मध्य प्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी तथा वडोदरा की मोहना सिंह ने पहली बार वायुसेना में फाइटर प्लेन पायलट का दायित्व संभालकर यह स्पष्ट संदेश दिया था कि भले ही महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता जो भी हो पर महिलाएं आज देश के नभ को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। बहरहाल, आज भारतीय महिलाएं हर मोर्चे पर सफलता की जो कहानियां लिख रही हैं, उसे देखते हुए उन्हें हर वो मान-सम्मान मिलना ही चाहिए, जिसकी वो हकदार हैं। समय की बदलती धारा के साथ महिलाएं अपने प्रयासों और प्रयत्नों में कहीं पीछे नहीं हैं, बस आवश्यकता है उन्हें सही मार्ग दिखाने और सही अवसर प्रदान करने की। नवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाने और इस अवसर पर कन्या पूजन करने का औचित्य भी तभी है, जब हम नारी के गुणों का इसी प्रकार सम्मान करें और उसे दोयम दर्जे की न समझकर उसके गुणों को महत्व दें तथा आगे बढ़ने के हरसंभव अवसर प्रदान करें। इस नवरात्रि पर संकल्प लें कि नारी के प्रति सम्मान रखने के लिए हम अपने घर-परिवार से ही इसकी शुरूआत करेंगे। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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हृदयनारायण दीक्षित मां प्रथमा है। परमात्मा भी माता के गर्भ से अवतार लेते हैं। हम सब मां का विस्तार हैं। निस्संदेह हम अस्तित्व का भाग हैं। अस्तित्व हमारा जनन संभव करता है वह जननी है। अस्तित्व को मां देखना गहन आस्तिक भाव में ही संभव है। स्वयं को मां से जोड़ने का अनुष्ठान ही देवी उपासना है। हम प्रकृति पुत्र हैं। प्रकृति मां है। वही मूल है, वही आधार है। इसमें रहना, कर्म करना, कर्मफल पाना और अंततः इसी में समा जाना जीवनसत्य है। कुछ विद्वान प्राचीन भारत में देवी उपासना नहीं देखते लेकिन ऋग्वेद माता की गहन अनुभूति से भरा-पूरा है। ऋषि आनंद उल्लास और आश्वस्ति के हरेक प्रतीक में मां देखते हैं। इन ऋषियों के लिए माता पृथ्वी धारक है। पर्वतों को धारण करती है, मेघों को प्रेरित करती है। वर्षा के जल से अपने अंतस् ओज से वनस्पतियां धारण करती है। (5.84.1-3) ऋग्वेद में रात्रि भी एक देवी हैं “वे अविनाशी - अमत्र्या हैं, वे आकाश पुत्री हैं, पहले अंतरिक्ष को और बाद में निचले-ऊचे क्षेत्रों को आच्छादित करती है। उनके आगमन पर हम सब गौ, अश्वादि और पशु पक्षी भी विश्राम करते हैं।” (10.127) मां प्रकृति की आदि अनादि अनुभूति है। हमारा इस संसार में प्रथम परिचय मां से ही होता है। मां हमारे संभवन का माध्यम है। दुनिया की तमाम आस्थाओं में ईश अवतरण हैं। आदरणीय देवदूत हैं। मां न होती तो हम न होते। भारत ने प्रकृति की दिव्य अन्तस् चेतना को माता कहा। भारत के प्रति अपनी गाढ़ी प्रीति के चलते हम सबने भारत को भी भारत माता जाना। प्रकृृति का हरेक अणु परमाणु मां का ही विस्तार है। इसलिए यहां सभी तत्वों, रूपों में मां की अनुभूति है - या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। प्रकृति माता है। सदा से है। सदा रहती है। प्रलय जैसी चरम प्राकृतिक आपदा में भी सब कुछ नष्ट नहीं होता। भारतीय दर्शन की सांख्य शाखा के अनुसार तब प्रकृति के तीनों गुण सत्व, रज और तम साम्यावस्था में होते हैं। लेकिन गुणों की साम्यावस्था हमेशा नहीं रहती। साम्यावस्था भंग होती है, सृजन लहक उठता है। प्रकृति का अन्तस् जगत् का छन्दस् बनता है। यह अन्तस् अजन्मा है। दिव्य है सो देवता है। भारतीय अनुभूति में देवी है। माता है। मां सृष्टि बीज है। सृष्टि का विकास जल से हुआ। यूनानी दार्शनिक थेल्स भी ऐसा ही मानते थे। अधिकांश विश्व दर्शन में जल सृष्टि का आदि तत्व है। ऋग्वेद में जल को भी मां देखा गया और प्रणाम किया गया है। ऋग्वेद में वे ‘जल माताएं’-आपः मातरम् हैं। जल को बहुवचन रूप में याद किया गया है। जल माताएं देवियां हैं। मां ही जन्म देती है। मां नहीं तो सृष्टि विकास नहीं। ऋग्वैदिक अनुभूति में संसार के प्रत्येक तत्व को जन्म देने वाली यही आपः माताएं हैं: विश्वस्य स्थातुर्जगतो जनित्रीः (6.50.7) ऋग्वेद के बहुत बड़े देवता है अग्नि। ये भी बिना माता के नहीं जन्में। इन्हें भी आपः जल माताओं ने जन्म दिया है: तमापो अग्निं जनयन्त मातरः (10.91.6) ऋग्वेद में वाणी की देवी वाग्देवी (10.125) हैं। ऋग्वेद के वाक्सूक्त (10.125) में कहती हैं - “मैं रूद्रगणों वसुगणों के साथ भ्रमण करती हूँ। मित्र, वरूण, इन्द्र, अग्नि और अश्विनी कुमारों को धारण करती हूँ। मेरा स्वरूप विभिन्न रूपों में विद्यमान है। प्राणियों की श्रवण, मनन, दर्शन क्षमता का कारण मैं ही हूँ। मैं समस्त लोकों की सर्जक हूँ आदि। वे ‘राष्ट्री संगमनी वसूनां - राष्ट्रवासियों और उनके सम्पूर्ण वैभव को संगठित करने वाली शक्ति - राष्ट्री है’। (10.125.3) हमारे पूर्वज ने राष्ट्र के लिए भी राष्ट्री देवी की अनुभूति दी। दुर्गा सप्तशती में यही देवी शक्ति है, लज्जा है। क्षुधा है। निद्रा भी है। माता और देवी है। माता रूप देवी की उपासना वैदिक काल से भी प्राचीन है। ऋग्वेद में पृथ्वी माता हैं ही। इडा, सरस्वती और मही भी माता हैं, ये तीन देवियां कही गयी हैं - इडा, सरस्वती, मही तिस्रो देवीर्मयो भुव।” (1.13.9)एक मंत्र (3.4.8) में ‘भारती को भारतीभिः’ कहकर बुलाया गया है - आ भारती भारतीभिः। मां हरेक क्षण स्तुत्य है। दुख और विषाद में मां आश्वस्तिदायी है। प्रसन्नता और आह्लाद में भी मां की ही उपस्थिति होती है। देवी का आह्वान हरेक समय ऊर्जादायी है। इसलिए ‘भारती’ को नेह-न्योता है। जान पड़ता है कि भारतीभिः भरतजनों की इष्टदेवी हैं। ऋग्वेद में ऊषा भी देवी हैं। एक सूक्त (1.124) में “ये ऊषा देवी नियम पालन करती हैं। नियमित रूप से आती हैं।” (वही मन्त्र 2) ऊषा देवी हैं, इसीलिए उनकी स्तुतियाँ है, “वे सबको प्रकाश आनंद देती हैं। अपने पराए का भेद नहीं करतीं, छोटे से दूर नहीं होती, बड़े का त्याग नहीं करती।” (वही, 6) समद्रष्टा हैं। सबको समान दृष्टि से देखती है। ऋग्वेद में जागरण की महत्ता है इसलिए “सम्पूर्ण प्राणियों में सर्वप्रथम ऊषा ही जागती हंै।” (1.123.2) प्रार्थना है कि “हमारी बुद्धि सत्कर्मो की ओर प्रेरित करे।” (वही, 6) ऊषा सतत् प्रवाह है। आती हैं, जाती हैं फिर फिर आती हैं। जैसी आज आई हैं, वैसे ही आगे भी आएंगी। ऊषा देवी नमस्कारों के योग्य हैं। चंचल मन है। यह कर्म के लिए जरूरी एकाग्रता में बाधक है। ऋग्वेद में मन की शासक देवी का नाम ‘मनीषा’ है। मनीषा और प्रज्ञा पर्यायवाची हैं। ऋषि उनका आवाहन करते हैं “प्र शुकैतु देवी मनीषा”। (7.34.1) प्रत्यक्ष देखे, सुने और अनुभव में आए दिव्य तत्वों के प्रति विश्वास बढ़ता है, विश्वास श्रद्धा बनता है। ऋग्वेद में श्रद्धा भी एक देवी हैं, “श्रद्धा प्रातर्हवामहे, श्रद्धा मध्यंदिन परि, श्रद्धां सूर्यस्य निम्रुचि श्रद्धे श्रद्धापयेह नः” - हम प्रातः काल श्रद्धा का आवाहन करते हैं, मध्यान्ह मेें श्रद्धा का आवाहन करते हैं, सूर्यास्त काल में श्रद्धा की ही उपासना करते हैं। हे श्रद्धा हम सबको श्रद्धा से परिपूर्ण करें। (10.151.5) यहां श्रद्धा से ही श्रद्धा की याचना में गहन भावबोध है। श्रद्धा प्रकृति की विभूतियों में शिखर है - श्रद्धां भगस्तय मूर्धनि। (10.151.1) देवी उपासना प्रकृति की विराट शक्ति की ही उपासना है। अस्तित्व का अणु परमाणु दिव्य है, देवी है और माता है। दुर्गा, महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी या सिद्धिदात्री आदि कोई नाम भी दीजिए। देवी दिव्यता हैं। माँ हैं। भारत स्वाभाविक ही देवी उपासक है। सभी रूप प्रकृति के ही रूप हैं। हमारा रूप प्रकृति का ही रूप है। हमारे गुण प्राकृतिक हैं। हम अपनी सुविधा के लिए उन्हें अनेक नाम देते हैं। दुर्गा, काली, सरस्वती, शाकम्भरी, महामेधा, कल्याणी, वैष्णवी, पार्वती आदि आदि। नाम स्मरण बोध में सहायक हैं। असली बात है - मां। या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः। अंधविश्वास या आस्था का कोई प्रश्न नहीं। विज्ञान प्रकृति में पदार्थ और ऊर्जा देख चुका है। पदार्थ और ऊर्जा भी अब दो नहीं रहे। समूची प्रकृति एक अखण्ड इकाई है। इस अखण्ड इकाई का नाम क्या रखें? कठिनाई बड़ी है। नाम रखते ही रूप का ध्यान आता है। रूप की सीमा है। अखण्ड प्रकृति अनंत है। असीम और अव्याख्येय। इसे मां कहने में ही परिपूर्ण ममत्व प्रीति खिलती है। मां सुख, आनंद, रिद्धि, सिद्धि, प्रसिद्धि का मूल है। (लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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रमेश सर्राफ धमोरा हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जनता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू रत्ती भर भी कम नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर जैसे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पूर्व पंजाब को छोड़कर चारों प्रांतों में भाजपा की सरकार थी। लगातार पांच साल सत्ता में रहने के कारण भाजपा को सत्ता विरोधी लहर से नुकसान होने के कयास लगाए जा रहे थे। ऐसे में सभी प्रदेशों में फिर से एक बार सरकार बनाना भाजपा के समक्ष एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन पार्टी ने इसे संभव कर दिखाया। उत्तर प्रदेश को लेकर तो सभी राजनीतिक समीक्षकों का मानना था कि इस चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से दूर रहेगी। अधिकांश विश्लेषकों व पत्रकारों का भी मानना था कि वहां पर अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी गठबंधन की सरकार बनेगी। ऐसा इसलिए माना जा रहा था क्योंकि किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट मतदाता भाजपा से बहुत नाराज थे। किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश होने के कारण नरेश टिकैत जैसे किसान नेता जाटों को लगातार भाजपा के खिलाफ भड़का रहे थे। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी संवैधानिक पद पर होने के बावजूद लगातार भाजपा पर हमलावर थे। जिससे भाजपा बचाव की मुद्रा में थी। यदि उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य में भाजपा की हार हो जाती तो उसका असर आगे कई प्रदेशों के विधानसभा चुनाव व 2024 के लोकसभा चुनाव में भी निश्चय ही पड़ता। परिस्थितियों को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता विरोधी लहर को समाप्त करने के लिए खुद मैदान में उतरे और पूरे चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली। मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह पूरी तरह से सक्रिय हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां सभी चुनावी राज्यों में ताबड़तोड़ रैलियां की, वहीं अमित शाह ग्राउंड लेवल पर पार्टी को एकजुट करने में लग गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गांवों में तो मतदाताओं की नाराजगी दूर करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने घर-घर जाकर वोट मांगकर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह की मेहनत रंग लाने लगी व पार्टी से नाराज मतदाता धीरे-धीरे फिर से भाजपा खेमे में नजर आने लगे। चुनावी नतीजे आने पर भाजपा एक बार फिर अपने चारों प्रदेशों में सरकार बनाने में सफल रही। हालांकि उत्तराखंड में भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे। मगर भाजपा वहां फिर से बहुमत में आ गई। पूर्वोत्तर के मणिपुर जैसे प्रदेश में भी पहली बार भाजपा ने 32 सीटें जीतकर अपने दम पर सरकार बना ली। गोवा में भी पार्टी ने पहली बार सबसे अधिक 20 सीटें जीती और आराम से अपनी सरकार बना ली। भाजपा ने चारों ही प्रदेशों में अपने मुख्यमंत्रियों को बरकरार रखा। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के खटीमा से चुनाव हार जाने के बाद भी उन्हीं को मुख्यमंत्री बनाया गया। क्योंकि पार्टी का मानना था कि कम समय में ही मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी की गुटबाजी को दूर कर पूरी एकजुटता से चुनाव लड़ा था। जिसके फलस्वरूप लगातार दूसरी बार भाजपा उत्तराखंड में सरकार बनाने में सफल रही। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुष्कर सिंह धामी जैसे युवा चेहरों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में भी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव हार जाने के बावजूद दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। हालांकि मौर्य अभी विधान परिषद् के सदस्य हैं। मणिपुर में भाजपा को पहली बार पूरा बहुमत दिलाने पर मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह को इनाम स्वरूप दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया गया। वहीं, गोवा में भी युवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को ही दूसरी बार कमान सौंपी गई। हालांकि अपनी विधानसभा सीट पर प्रमोद सावंत महज 666 वोटों से ही चुनाव जीत पाए थे मगर उन्होंने चुनाव के दौरान पूरी मेहनत की थी। जिसका फल उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बना कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी लगातार चुनाव दर चुनाव जीतती जा रही है। पिछले 8 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र में भाजपा की सरकार चला रहे हैं। सदस्यता के मामले में भी भाजपा देश की सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी बन चुकी है।
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारत के ऋषियों ने प्रकृति में भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव किया। उसे भव्य मानते हुए प्रणाम किया। चरक संहिता में कहा गया है- यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे। अर्थात जो इस ब्रह्माण्ड में है वही सब हमारे शरीर में भी है। भौतिक संसार पंचमहाभूतों से बना है। ये हैं-आकाश, वायु, अग्नि,जल और पृथ्वी। उसी प्रकार हमारा यह शरीर भी इन्हीं पांचों महाभूतों से बना है। इस प्रकार ब्रह्माण्ड और शरीर में समानता है। स्थूल और सूक्ष्म की दृष्टि से ही अंतर है। प्रकृति और पुरुष में समानता है। चरक संहिता में यह भी कहा गया है - यावन्तो हि लोके मूर्तिमन्तो भावविशेषा:। तावन्त: पुरुषे यावन्त: पुरुषे तावन्तो लोके॥ अर्थात ब्रह्माण्ड में चेतनता है। मनुष्य भी चेतन है। पंचमहाभूतों के सभी गुण मनुष्य में हैं। प्रकृति में सन्धिकाल का विशेष महत्व है। वर्ष और दिवस में दो संधिकाल महत्वपूर्ण होते हैं। दिवस में सूर्योदय व सूर्यास्त के समय संधिकाल कहा जाता है। सूर्योदय के समय अंधकार विलीन होने लगता है,उसके स्थान पर प्रकाश आता है। सूर्यास्त के समय इसकी विपरीत स्थिति होती है। भारतीय चिंतन में इस संधिकाल में उपासना करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त वर्ष में दो संधिकाल होते है। इसमें मौसम का बदलाव होता है। ऋतु के समय संयम से स्वास्थ भी ठीक रहता है। नवरात्र आराधना भी वर्ष में दो बार इन्हीं संधिकाल में आयोजित होती है। यह शक्ति आराधना का पर्व है। इसी के अनुरूप संयम नियम की भी आवश्यकता होती है। देश के 51 शक्तिपीठ पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देते है। नवरात्र का आगाज हो गया है। मां दुर्गा का प्रथम रूप है शैल पुत्री। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म होने से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। नवरात्रि की प्रथम तिथि को शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। इनकी उपासना से तप,त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है। मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि की सप्तमी के दिन मांं काली की रात्रि आराधना का विधान है। देवी का आठवांं रूप मांं गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। मां सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्रि की नवमी के दिन की जाती है। मां जगदम्बा वाणीरूपा हैं। वही वाणी,बुद्धि, विद्या प्रदायिनी भी है। देवी दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों एवं सिद्धों को अमोघ फल देता है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा और साधना करने से कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है। ऐसा भक्त इसलिए करते हैं ताकि मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से कर सकें। नवरात्र के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली अर्थात तप का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है। यह देवी शांत और निमग्न होकर तप में लीन हैं। मुख पर कठोर तपस्या के कारण तेज और कांति का ऐसा अनूठा संगम है जो तीनों लोको को उजागर कर रहा है। यह स्वरूप श्वेत वस्त्र पहने दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल लिए हुए सुशोभित है। ब्रह्मचारिणी देवी के कई अन्य नाम हैं जैसे तपश्चारिणी,अपर्णा और उमा। कहा जाता है कि देवी ब्रह्मचारिणी अपने पूर्व जन्म में राजा हिमालय के घर पार्वती स्वरूप में थीं। इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप से प्राप्त करने के लिए घोप तपस्या की थी। कठोर तप के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। मां जगदम्बे की भक्ति के लिए मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र का नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। अर्थात- सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे,आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं। मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा के नाम से प्रसिद्ध है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अद्र्धचंद्रमा सुशोभित है। स्वर्ण के समान इनका दमकता हुआ तेजोमय स्वरूप है। इनके दस हाथ हैं,जिनमें अस्त्र-शस्त्र लिए हुए मां सिंह पर आरूढ़ हैं। मां राक्षसों के विनाश के लिए युद्ध में प्रस्थान करने को उद्यत हैं। मान्यता है कि इनके घंटे की ध्वनि सुनकर दैत्य, राक्षस आदि भाग जाते हैं। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान आत्मिक रूप से सशक्त बनाता है। नकारात्मक ऊर्जा का निराकरण होता है। सकारात्मक भाव व सद्गुणों का विकास होता है- पिंडज प्रवरारूढ़ा चंडकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता।। ‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन की अपनी परम्परा का निर्वाह किया। अंतर यह रहा कि पिछली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जब वह अयोध्या आये थे, तब श्री रामजन्म भूमि पर यथास्थिति थी। योगी ने अपनी योजना के अनुरूप यहां पर्यटन विकास संबन्धी कार्य शुरू कर दिए थे। फिर वह समय भी आया जिसकी पांच सदियों से प्रतीक्षा थी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। इस बार योगी जब अयोध्या पहुंचे तो स्थिति अलग रही। भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। श्री रामलला को अस्थाई मंदिर में योगी आदित्यनाथ द्वारा ही प्रतिष्ठित किया गया था। भारतीय संस्कृति के प्रेरणा व प्रतीक स्थलों पर योगी आदित्यनाथ की गहरी आस्था है। उन्होंने ऐसे सभी स्थानों को विकास पर्यटन से जोड़ने की व्यापक कार्य योजना बनाई थी। इस पर पिछली सरकार के पांच वर्षों में प्रभावी अमल किया गया। इसके चलते उत्तर प्रदेश के सभी पौराणिक नगरों का कायाकल्प हुआ है। यहां होने वाले आयोजन अब विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हो रहे हैं। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का शुभारंभ योगी आदित्यनाथ ने किया था। अब यह आयोजन परम्परा के रूप में स्थापित हो चुका है। विदेशों से भी लोग इस आयोजन को देखने आते हैं। अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्राहलय में चैत्र रामनवमी मेले की तैयारी के संबंध में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की तैयारी इस प्रकार से की जाए कि मेला पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित हो और अयोध्या को विश्व मानचित्र पर लाने में सहायक बने। उन्होंने कहा कि श्रीराम मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो गया है। रामनवमी के बाद भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरे भारत से आएंगे। इसके दृष्टिगत अयोध्या में ऐसी व्यवस्था सृजित की जाए कि लोगों को प्रवेश करते ही उन्हें पूरा वातावरण राममय लगे,जिससे सभी श्रद्धालु अपने गृह जनपद एक अच्छा संदेश लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व चल रही विकास योजनाएं यदि लम्बित हों तो उन्हें तत्काल शुरू कराया जाए। जिन योजनाओं की डीपीआर न बनी हो, उनकी डीपीआर बनाकर भेजी जाए। पत्रावली यदि किसी भी स्तर पर लम्बित हो तो उन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी विकास परियोजनाओं का कार्य तेजी से शुरू कराकर निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाए। उन्होंने अयोध्या की सड़कों को रामनवमी मेले से पूर्व ठीक किये जाने के निर्देश दिए। श्रीराम मन्दिर भूमि पूजन तथा कोविड के बाद यह पहला रामनवमी मेला आयोजित हो रहा है, ऐसे में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इन श्रद्धालुओं के लिए नागरिक सुविधाओं सहित सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से सुनिश्चित की जाएं। योगी आदित्यनाथ अयोध्या में श्रीराम लला हनुमानगढ़ी, जनकपुर, बलरामपुर में श्री सिद्धपीठ रतननाथ का दर्शन पूजन किया। उन्होंने चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर आज बलरामपुर स्थित आदिशक्ति मां पाटेश्वरी देवी शक्तिपीठ, तुलसीपुर में माता रानी के भी दर्शन किए। उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक इमरान खान के इस दावे पर उनके विरोधी हंस रहे हैं कि अमेरिका उन्हें उनके प्रधानमंत्री पद से हटाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह सच है कि अमेरिका दुनिया के सभी देशों पर दबाव डाल रहा है कि वे रूस-विरोधी रवैया अपनाएं। इसका सबसे पुख्ता प्रमाण तो अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीपसिंह की भारत-यात्रा है। भारतीय मूल के इस अधिकारी को दिल्ली क्यों भेजा गया है? इसीलिए कि वह भारत सरकार पर दबाव डाले यूक्रेन के मामले में! उसने कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने हमारे विदेश मंत्री जयशंकर को कह दिया कि यदि आप अमेरिका का समर्थन नहीं करेंगे तो उसके दुष्परिणाम होंगे। उसने यह डर भी दिखाया कि अगर चीन ने भारत पर हमला कर दिया तो रूस बचाने वाला नहीं है। जयशंकर को चाहिए था कि वे दलीपसिंह से पूछते कि क्या अमेरिका यूक्रेन को बचा रहा है? उसे अमेरिका ने पानी पर चढ़ाकर अकेले मरने को छोड़ रखा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना दुमछल्ला बनाकर कई दशकों तक अधर में रखा। उसे सोवियत संघ और भारत के खिलाफ भड़काता रहा लेकिन क्या 1965, 1971 और कारगिल के युद्धों में उसने पाकिस्तान का साथ दिया? बिल्कुल नहीं। इसी बात को ध्यान में रखकर इमरान ने बिल्कुल ठीक कहा कि भारत की विदेश नीति एकदम सही रास्ते पर चल रही है और वे भी उसे स्वतंत्र रास्ते पर चलाना चाहते हैं। वे पाकिस्तान को किसी महाशक्ति का पायदान नहीं बनने देना चाहते हैं। उनके रूस जाने पर अमेरिका का भड़कना बिल्कुल अनुचित है। उनकी रूस-यात्रा यूक्रेन-विवाद के पहले ही तय हो चुकी थी। उन्होंने भी भारत की तरह न रूस का विरोध किया और न ही समर्थन ! इस रवैए से अमेरिका का नाराज़ होना स्वाभाविक है। इसीलिए वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी राजदूत को एक अमेरिकी अफसर ने काफी जोर से हड़काया। इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत ने भी इमरान को कोई चिट्ठी लिखी है। अब इमरान कह रहे हैं कि वे अमेरिकी साजिश की तहत हटाए जा रहे हैं। इस कथन में ज्यादा दम नहीं है। उन्हें अपने दल की बगावत के कारण यह मुसीबत झेलनी पड़ रही है लेकिन पाकिस्तान के इतिहास की यह अविस्मरणीय घटना बन गई है कि उसके प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश नीति की खुले-आम तारीफ की है। इमरान का भविष्य चाहे जो भी हो, क्या इस घटना से पाकिस्तान कोई सबक लेगा या नहीं? भारत ने जहां अमेरिका के दबाव को रद्द किया है, वहीं उसने रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव को भी कह दिया है कि वह किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय सुरक्षा को अक्षुण्ण मानता है। यदि पाकिस्तान भी शुरू से इसी नीति पर चलता तो दुनिया में उसकी इज्जत कहीं ज्यादा होती। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं)
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डॉ.वंदना सेन अंग्रेजी नववर्ष के बढ़ते प्रभाव के बीच राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' भारतीय नागरिकों को सचेत करते हुए लिखते हैं- 'ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं/ है अपना ये त्योहार नहीं/ है अपनी ये तो रीत नहीं/ है अपना ये त्योहार नहीं...।' इन पंक्तियों का आशय पूरी तरह से स्पष्ट था कि अंग्रेजी नववर्ष हमारा अपना नहीं, बल्कि अंग्रेजों द्वारा भारतीयता को मिटाने के लिए भारत पर थोपा गया था। विसंगति यह है कि अंग्रेज जो भारत में छोड़कर गए थे, उसे हमने अपना मान लिया। उसके पीछे मूल कारण यही था कि हम अपनी भारतीय संस्कृति को विस्मृत कर चुके थे। अपने स्वत्व का बोध भी हमको नहीं रहा था। जब हम स्वत्व की बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से इसमें वह सब दिखाई देगा, जो मूल भारत की कल्पना था। अब पहला सवाल यह आता है कि अपना मूल भारत क्या था? क्या हमें इसका भान है? यकीनन नहीं, क्योंकि आज जो भारत दिख रहा है, उसे पहले मुगलों ने अपने हिसाब से बनाया और फिर अंग्रेजों ने भारतीय समाज को हमें अपनी संस्कृति से विमुख कर दिया। विचार कीजिए कि भारत का स्वत्व क्या है? अगर भारत का स्वत्व जानना है तो हमें मुगलों से पूर्व के भारत का अध्ययन करना होगा, वही वास्तविक भारत है। आज हम भले ही अंग्रेजी दिनचर्या का उपयोग करते हैं, लेकिन आज भी यह सत्य है कि अंग्रेजी दैनंदिनी का प्रयोग हम अपने त्योहारों में कभी नहीं करते। क्योंकि हमारे सारे त्योहार सांस्कृतिक और प्राकृतिक हैं। वे प्रकृति के हिसाब से ही तय किए जाते हैं। इसीलिए प्रारंभ से ही भारत के समस्त त्योहार दिशा बोध कराने वाले रहे हैं। वसंत के त्योहार को ही ले लीजिए, इसमें प्राकृतिक बोध होता है। वसंत के पश्चात पतझड़ और फिर प्रकृति में नवीनता का उल्लास। यही उल्लास प्राकृतिक नववर्ष का आभास कराता है। इसीलिए यही भारत का अपना नववर्ष है, अंग्रेजों वाला नहीं। भारतीय संस्कृति में पुरातन काल से नववर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही माना जाता रहा है। इस तिथि को भारतीय संस्कृति में अति पावन दिन माना गया है। क्योंकि इसी प्रतिपदा दिन रविवार को सूर्योदय होने पर ब्रह्मा ने सृष्टि के निर्माण की शुरुआत की थी। इसलिए इसको सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहते हैं। यह प्राकृतिक संयोग ही है कि अब भारत के नागरिक अपनी मूल की ओर लौट रहे हैं। जो लोग कल तक अपने नववर्ष मनाने वाले समाज की हंसी उड़ाता था, वे स्वयं होकर नव वर्ष मनाने की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि भारत अपने स्वत्व की ओर लौट रहा है। भारत के नागरिकों को यह आभास होने लगा है कि हमारा देश किसी भी मामले में दुनिया के देशों से पीछे नहीं रहा, बल्कि उसे षड्यंत्र पूर्वक पीछे कर दिया गया था। अब यह षड्यंत्र भी समझ में आने लगा है। इसलिए अब बहुत बड़ी संख्या में भारत का अपना नव वर्ष मनाने के लिए एकत्रित होने लगे हैं। वर्तमान में जिस प्रकार से श्रद्धा केन्द्रों पर भीड़ बढ़ रही है, वह इस बात का प्रमाण है कि भारत का युवा जाग्रत हो रहा है। उसे सांस्कृतिक रूप से अपने पराए का बोध हो रहा है। समाज अपने विवेक से श्रेष्ठ और बुराई के बीच तुलनात्मक अध्ययन करने लगा है। समाज के व्यवहार में भी व्यापक परिवर्तन आया है। जो बुद्धिजीवी पहले हर बात की अपने हिसाब से व्याख्या करते थे, आज वे भी भारतीय संस्कृति के अनुसार चलने की ओर प्रवृत्त हुए हैं। इसलिए अब भारतीय समाज को भ्रमित करने के दिन बहुत दूर जा चुके हैं। आज विश्व के कई देशों के नागरिक अपनी भोगवादी विकृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की ओर उन्मुख हो रहे हैं। धार्मिक दृष्टि से आस्था के क्षेत्र के रूप में विद्यमान नगरों में यह दृश्य आम हो गए हैं। आज गंगा के घाट पर विदेशी नागरिक भजन करते हुए मिल जाते हैं तो ब्रज की गलियों में कृष्ण भक्ति में लीन अनेक विदेशी नागरिक भी दिखाई देते हैं। भारत की संस्कृति में इस बात की स्पष्ट कल्पना है कि भगवादी विकृति से मन विकृत हो जाता है। आत्मा की शुद्धि करना है तो उसके लिए भारतीय संस्कृति ही सर्वोत्तम है। जब विदेशी लोग भारतीय संस्कृति को पसंद करके उसकी राह पर चलने के लिए आगे आ रहे हैं, तो फिर यह हमारी अपनी है। यह हमारा स्वत्व है। इसलिए हम अपना नव वर्ष धूमधाम से मनाएं और अपने जीवन को सफल करें। (लेखिका- सहायक प्राध्यापक और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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ऋतुपर्ण दवे सच में प्रकृति की अनदेखी वो बड़ी भूल है जो पूरी मानवता के लिए जीवन-मरण का सवाल है। बस वैज्ञानिकों तक ज्वलंत विषय की सीमा सीमित कर कर्तव्यों की इतिश्री मान हमने वो बड़ी भूल या ढिठाई की है जिसका खामियाजा हमारी भावी पीढ़ी भुगतेगी। इसे हम जानते हैं, लेकिन फिर भी हैं कि मानते नहीं। इसे नाइंसाफी कहें या गद्दारी, कुछ भी कह लें लेकिन सच है। यह कभी क्यों नहीं चुनावी एजेंडा बनता कि राजनीतिक दलों, उनके आकाओं, जनप्रतिनिधियों तथा नुमाइन्दगी का ख्वाब देखने वालों को तेजी से बदल रही प्रकृति और उसके कारणों के बारे में कितना पता है? सच तो यह है कि राजनीति की बिसात में हर कहीं अगर कोई गच्चा खाता है तो वह है वही प्रकृति है जिसकी बदौलत ही हम हैं, हमारा अस्तित्व है। ऐसे सवाल जायज हैं, उठने भी चाहिए। पर्यावरण-प्रदूषण की चिंता राजनीति में सबसे ऊपर होनी चाहिए, लेकिन सभी ने बेशर्म खामोशी ओढ़ी हुई है। चुनावी चकल्लस और नेताओं के लुभावने वादों के बीच न तो कोई धरती की चिंता करने वाला है और न कोई भू-गर्भ और आसमान को लेकर गंभीर दिख रहा है। शायद इनका चुनाव से सीधा वास्ता जो नहीं है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इतनी सी भूल या भुलाने की कोशिश जीवन पर धीरे-धीरे भारी पड़ती जा रही है। हर साल बाढ़ की बढ़ती भयावहता, धरती की बढ़ती तपन, तेजी से कटते जंगल, रेत से चलते छलनी होती नदियां, गिट्टियों में तब्दील होते पहाड़, अंधाधुंध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हमारी भविष्य की पीढ़ी के लिए बड़ा अभिशाप है। उससे भी दुखद यह कि सबको, सब कुछ पता है। फिर भी गंभीर कोई दिखता नहीं है। शायद यही कारण है कि देश के किसी भी राजनीतिक दल के अहम मुद्दों में ऐसे विषय शामिल ही नहीं हैं। कब तक नहीं रहेंगे यह भी नहीं पता। प्रदूषित होती नदियां जितनी चिंता का विषय हैं उससे बड़ी चिंता मानव निर्मित वो कारण हैं जो इसके मूल में हैं। केवल भारत के संदर्भ में बात करें तो भारत में अब ‘जल क्रांति’ की जरूरत है। पेयजल और सिंचाई के लिए घटते और सूखते जलस्रोतों की चिंता करनी होगी। वाकई लोगों को स्वस्फूर्त इस पर सोचना ही होगा। लोग जागरूक हों और कुछ करें तभी सकारात्मक नतीजे निकलेंगे वरना आयोग, बोर्ड, ट्रिब्यूनल बनते हैं, बनते रहेंगे। बहस, सुनवाई, फैसले होंगे, महज औपचारिकताओं की पूर्ति होगी और हर गांव, कस्बे, शहर, महानगर की आबादी की गंदगी का आसान और निःशुल्क वाहक बनीं नदियां दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होंगी, सूखेंगी और मरती रहेंगी। तीन दशकों से जारी गंगा की सफाई हमेशा चर्चाओं में रही। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व की तल्ख टिप्पणी जिसमें मौजूदा कार्ययोजनाओं से क्या गंगा 200 साल में भी साफ हो पाएगी, बेहद मायने रखती है। सच में कदम तो वो हों जिससे गंगा अपनी पुरानी भव्यता यानी प्रिस्टीन ग्लोरी हासिल कर सके। यह दशा, कहानी या सच्चाई उस गंगा की है जो मोक्षदायिनी है जो खुद अपने मोक्ष को तरस रही है। नर्मदा और भी श्रेष्ठ मानी गई है। पद्म पुराण में लिखा है ‘पुण्या कनखले गंगा, कुरुक्षेत्रे सरस्वती। ग्रामे वा यदि वारण्ये, पुण्या सर्वत्र नर्मदा ।।' अर्थात गंगा को कनखल तीर्थ में विशेष पुण्यदायी माना जाता है, सरस्वती को कुरुक्षेत्र में, किन्तु नर्मदा चाहे कोई ग्राम हो या फिर जंगल सर्वत्र ही विशेष पुण्य देने वाली है। ऐसी पवित्र नर्मदा अपने उद्गम अमरकंटक के उद्गम कुंड से ही प्रदूषित होने लगती है। भारत के 27 राज्यों में 150 नदियां प्रदूषित हैं लेकिन इसकी चिंता किसे? थोड़ा पीछे चलना होगा। पांच साल पहले देश में धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ उसमें भी खास पहचान लिया बिलासपुर 23 मई 2017 को बेहद तेजी से 50 डिग्री सेल्सियस का तापमान छूकर चर्चाओं में आ गया था। वायुमंडल में घुली कार्बन डाइऑक्साइड, पराबैंगनी विकरण के सोखने और छोड़ने से हवा, धरती और पानी तीनों गर्म होते हैं। पिछली आधी सदी में कोयला-पेट्रोलियम के धुआं ने वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा खतरनाक हदों तक पहुंचा दिया। सामान्यतः सूर्य की किरणों से आने वाली ऊष्मा का एक हिस्सा वायुमंडल को जरूरी ऊर्जा देकर, अतिरिक्त विकिरण धरती की सतह से टकराकर वापस अंतरिक्ष को लौटता है। लेकिन यहां मौजूद ग्रीनहाउस गैसें, लौटने वाली अतिरिक्त ऊष्मा को भी सोख लेती हैं, जिससे धरती की सतह का तापमान बढ़ जाता है। मार्च तो बीत गया लेकिन गर्मी के तेवर मार्च के दूसरे हफ्ते से ही असहनीय से हो गए। अगले तीन महीनों का हाल समझा जा सकता है। वर्षा जल संचय के लिए ठोस प्रबंधन और जनजागरुकता के लिए कुछ ही हफ्तों में बड़ी-बड़ी बातें सुनाई देंगी। बस आदेश-निर्देश की हर रोज फेहरिस्त निकलने लगेगी। लेकिन जब तक कुछ करने या पानी को बचाने पर अमलीजामा पहनाने के लिए दौड़ते कागजी घोड़े थमेंगे तब तक बारिश निकल चुकी होगी। यह हकीकत है। बस इन्हीं दिखावे या औपचारिकताओं ने पेयजल की किल्लत को और बढ़ाया है। नए हिमखंडों के लिए उचित वातावरण नहीं हैं। जो बचे हैं वो पर्यावरण असंतुलन से पिघल रहे हैं। पृथ्वी पर 150 लाख वर्ग किलोमीटर में करीब 9-10 प्रतिशत हिमखंड बचे हैं। ठंड के साथ गैस चैम्बर बनते महानगर, झील से सड़कों तक फैलता केमिकल झाग, सूखे तालाब, लापता होते पोखर, समतल होते सूखे कुएं उसके बावजूद अंधाधुंध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन खासकर भारत में बड़ी चिंता का विषय है। कभी सोचा है कि लगातार बीमार हो रही धरती को सेहतमंद बनाने और उसके स्वस्थ जीवन के लिए पहाड़, जंगल, नदी, तालाब, पोखर बचाना, उन्हें जिंदा रखना जरूरी है या क्रंक्रीट के जंगल, कल-कारखाने, पॉवर प्लांट की चिमनियों और धुआं के गुबार के बीच मानव निर्मित हिरोशिमा-नागासाकी से भी बड़ा सच बनाना जो चुपचाप, बिना आवाज दुनिया के मुंह बाए खड़ा है। दुनिया के विकसित और विकासशील देशों में इसको लेकर बस चिंता दिखती है लेकिन भारत में पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर कितनी ईमानदार कोशिशें की जा रही हैं यह भी खुली आंखों दिखता है। काश राजनीतिक दलों के लिए जीवनदायिनी प्रकृति भी मुद्दा हो पाती और भारत के माथे को ऊंचा करने का दावा करने वाले तमाम राजनीतिक दल भी इसे समझ पाते। अब वह वक्त आ गया है जब एक कॉमन एजेंडा होना चाहिए जहां राजनीति के बराबर प्रकृति के हालातों पर भी बहस हो और परिणाम दिखें। 21 वीं सदी में यह सोचना बेमानी तो नहीं लगता? बात राजनीतिज्ञों के ईमान की है, पता नहीं गंभीर होंगे भी या नहीं। फिलहाल तो हर रोज हमारी धरती, हमारा आसमान प्रदूषण के नए-नए दंश को झेल रहा है। इससे आम और खास, इंसान और परिंदे, जानवर और कीड़े-मकोड़े, फसल और जंगल यानी सभी की सांस की डोर बंधी है। उसी की फिक्र हमारे नुमाइंदों को नहीं है? यब बेहद सोचनीय है। सभी की बेरुखी से डर बस इतना है कि कहीं आसमान का फेफड़ा पूरा न फट पाए और धरती का कलेजा सूख-सूख सिकुड़ न जाए। भला कौन और कब सोचेगा कि जब हम ही नहीं होंगे तब राजनीति कहाँ होगी? (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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(अप्रैल फूल विशेष) श्वेता गोयल दुनियाभर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल (मूर्ख दिवस) मनाया जाता है। इस दिन हल्के-फुल्के हंसी-मजाक के सहारे लोग एक-दूसरे को ‘मूर्ख’ बनाकर माहौल को मनोरंजक बनाने का प्रयास करते हैं। बहुत बार ऐसे वाकये भी सामने आते रहे हैं, जब दूसरों को मूर्ख बनाने की कोशिश में कुछ लोग स्वयं ही मूर्ख बन गए। कभी-कभार ऐसे मनोरंजक अवसर भी देखे गए हैं, जब मूर्ख दिवस के अवसर पर एक साथ हजारों की संख्या में लोग ‘मूर्ख’ बन गए और वास्तविकता जानने के बाद हंसते हुए अपने-अपने घर लौट गए। सामूहिक तौर पर लोगों को मूर्ख बनाने या लोगों का मनोरंजन करने के लिए कभी-कभार दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ अखबारों तथा अन्य संचार माध्यमों के जरिये भी अनोखे तरीके अपनाए जाते रहे हैं। मूर्ख दिवस दुनियाभर में हंसने-हंसाने और हल्के-फुल्के मजाक के जरिये लोगों को बेवकूफ बनाने के दिन के रूप में सदियों से मनाया जाता रहा है। लेकिन दावे के साथ यह नहीं कहा जा सकता कि मूर्ख दिवस मनाए जाने की परंपरा कब और कैसे शुरू हुई थी। हालांकि माना यह जाता है कि इस दिवस को मनाने की शुरुआत फ्रांस में 1 अप्रैल 1564 से शुरू हुई थी, जब वहां के राजा ने चटपटी और मनोरंजक बातों के माध्यम से लोगों के बीच मित्रता और प्रेम भाव की स्थापना के लिए एक अनोखी सभा का आयोजन कराया था। राजा द्वारा उस अनोखी सभा के बाद अनोखा फैसला लिया गया कि अगले साल से ऐसी ही सभा का आयोजन एक अप्रैल के ही दिन प्रतिवर्ष होगा, जिसमें सबसे ज्यादा मूर्खतापूर्ण हरकतें करने वाले शख्स को ‘मास्टर ऑफ फूल’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। बहरहाल, समय-समय पर अनेक ऐसे प्रसंग सामने आते रहे हैं, जब दुनिया की कुछ बड़ी-बड़ी शख्सियतें भी इस दिन लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास करती देखी गईं। ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साथ भी जुड़ा हुआ है। दरअसल उन्होंने एक बार ऐसी अनोखी घोषणा की कि अनायास ही उनकी बातों पर विश्वास कर लाखों लोग एक साथ मूर्ख बन गए। अब भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अगर कोई घोषणा की थी तो लोगों का उनकी बातों पर आंख मूंदकर भरोसा करना भी स्वाभाविक ही था लेकिन लोगों को क्या पता था कि वे उनके साथ मजाक कर उन्हें अप्रैल फूल रूपी हंसी-मजाक भरा तोहफा दे रहे हैं। भारतेन्दु ने घोषणा करते हुए कहा कि पहली अप्रैल के दिन एक बहुत ही पहुंचे हुए सिद्ध महात्मा काशी में गंगा नदी को पैदल ही पार करेंगे। अब ऐसी चमत्कारिक घटना को भला कौन व्यक्ति को अपनी आंखों से देखने का मौका गंवाना चाहता। इसीलिए काशी में गंगा के तट पर उनके द्वारा बताए गए दिन और नियत समय पर कई वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारियों सहित लाखों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। बताए गए समय पर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र बनारस के घाट पर पहुंच गए। उनके साथ भगवा वस्त्र धारी एक महात्मा भी थे, जो चेहरे से कोई सिद्धपुरुष ही प्रतीत हो रहे थे। भारतेन्दु ने उन महात्मा के साथ घाट पर पहुंचकर वहां उपस्थित लाखों लोगों की भीड़ का अभिवादन किया और घोषणा की कि महात्मा जी की तबीयत अभी कुछ खराब है, इसलिए वे गंगा नदी के उस पार जाने के लिए तो नाव का सहारा लेंगे लेकिन वहां से वापस लौटते समय गंगा नदी को पैदल पार करके ही इस तरफ तट तक आएंगे। अब भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की बात पर भला कौन अविश्वास करता, इसलिए लोग दम साधे उस पल की प्रतीक्षा करने लगे, जब उन्हें पैदल नदी पार करते उन अलौकिक सिद्ध महात्मा के दर्शन होते। आखिरकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र संन्यासी के साथ एक नाव में सवार होकर गंगा नदी में दूसरे छोर की ओर जाने के लिए निकल पड़े लेकिन यह क्या! अचानक वहां एकत्रित लोगों के साथ कुछ ऐसा हुआ, जब उन्होंने स्वयं को ठगा सा महसूस किया और वे हंसते-खिलखिलाते वापस लौट गए। दरअसल गंगा में थोड़ा आगे बढ़ने पर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने नाव से ही ‘मूर्ख दिवस’ का एक बड़ा सा बैनर हवा में लहरा दिया और ब्रिटिश अधिकारियों सहित लाखों लोगों को यह समझते देर नहीं लगी कि भारतेन्दु ने पहली अप्रैल के दिन उन्हें सामूहिक रूप से ‘मूर्ख’ बनाने के लिए उनके साथ यह मजाक किया। (लेखिका, शिक्षक और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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प्रभुनाथ शुक्ल यूक्रेन और रूस युद्ध का परिणाम चाहे जो हो, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। युद्ध में व्यक्ति और देश के रूप में न कोई हारता है न कोई जीतता है। अगर कोई हारता है तो वह मानवता है। युद्ध की विभीषिका का सुखद परिणाम कभी शायद किसी देश को मिला हो। युद्ध सिर्फ साम्राज्यवाद विस्तार की महत्वाकांक्षा है। युद्ध और गृह युद्ध में अब तक लाखों बच्चे शिकार हुए हैं। यूक्रेन और रूस के मध्य छिड़ी जंग अगर खत्म भी हो जाए तो अपने मूल स्वरूप में लौटने में सदियां गुजर जाएंगी। यूक्रेन की पीढ़ी व्लादिमीर पुतिन को कभी माफ नहीं करेगी। दुनिया में शांति सिर्फ बुद्ध के रास्ते से आएगी। युद्ध का सबसे बुरा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। पूरे विश्व भर में अब तक हजारों बेजुबान मासूम युद्ध की भेंट चढ़ चुके हैं। ग्लोबल मंच पर बाल अधिकार की बात करने वाली संस्थाएं हाथ बांधे खड़ी हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति की पत्नी ओलेना ने रूसी सैनिकों की माताओं से मार्मिक अपील की है। उन्होंने कहा है देखिए आपके बेटे किस तरह हमारे पति, बच्चे और भाइयों का कत्ल कर रहे हैं। कोई भी मां किसी बच्चे को इस तरह कत्ल होते नहीं देख सकती। रूसी हमले में अब तक 144 से अधिक मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं। युद्ध की विभीषिका का असर रूस और यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ेगा। रूसी हमले में बच्चों के स्कूल तबाह चुके हैं। अस्पताल खंडहर में तब्दील हो गए हैं। मां-बाप की मौत से तमाम बच्चे अनाथ हो गए हैं। सेव द चिल्ड्रन की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के 60 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर है। 464 स्कूल तबाह हो गए हैं। अस्पतालों में इलाज की सुविधा बंद हो गई। युद्ध की वजह से यूक्रेन के 75 लाख बच्चों में 15 लाख ने देश छोड़ दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में 80 हजार बच्चे मांओं के के गर्भ में हैं। जंग के हालात में उन्हें मैटरनिटी सुविधाएं उपलब्ध कराना मुश्किल है। इस स्थिति पर सवाल है क्या यह मातृत्व और बाल अधिकारों पर कुठराघात नहीं है। यूनिसेफ और संयुक्तराष्ट्र ने क्यों मुंह को सिल रखा है। युद्ध किसी समस्या का हल नहीं। युद्ध भविष्य में कई युद्ध की आधारशिला रखता है। सवाल सिर्फ यूक्रेन और रूस के युद्ध का नहीं। सीरिया अफगानिस्तान, यमन, इराक और सोमालिया जैसे देशों का भी है। यहां लाखों बच्चे युद्ध की भेंट चढ़ चुके हैं। बावजूद इसके बच्चों के अधिकारों को लेकर पूरी दुनिया मौन है। नार्वे के पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार तीन साल पूर्व यानी 2019 में 160 करोड़ बच्चे युद्ध के इलाकों में रह रहे थे। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार सीरिया में युद्ध के दौरान हर 10 घंटे में एक बच्चे की मौत हुई। इस दौरान 10 लाख से अधिक बच्चों ने जन्म लिया। युद्ध में 5427 बच्चों की मौत हुई। अफगानिस्तान में साल 2018 तक पांच हजार बच्चों की युद्ध में मौत हुई। इस दौरान हजारों लोग शरणार्थी बने। लाखों की संख्या में बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। यहां हर 10 मिनट में एक बच्चे की बीमारी से मौत हुई। युद्ध के दौरान यहां 1427 बच्चों की मौत हुई। यहां चार लाख से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हो गए । युद्ध की वजह से 20 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है। 17 लाख बच्चों के परिवारों को विस्थापित होना पड़ा। सोमालिया में 1991 के दौरान युद्ध के शुरुआती नौ महीने में 1800 बच्चों की मौत हुई। 1278 बच्चों का अपहरण हुआ। 10 में से 6 बीमार बच्चों को इलाज तक की सुविधा उपलब्ध नहीं मिल पाई। इराक में अमेरिकी सेना की कार्रवाई के दौरान साल 2003 से साल 2011 के बीच काफी बच्चों की मौत हुई। युद्ध की वजह से बच्चों को अस्पताल में इलाज तक की सुविधा नहीं मिल पाई और उनकी मौत हो गई। दुनिया भर में युद्धग्रस्त इलाकों में बाल अधिकार हाशिए पर हैं। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा राजस्थान के दौसा जिले में एक महिला डॉक्टर का आत्महत्या करना चीख-चीख कर इस चिंता की पुष्टि कर रहा है कि अब वक्त आ गया है कि देश के डॉक्टरों को भी तो बचाया जाए। अगर यह नहीं किया गया तो डॉक्टर बनने से पहले नौजवान सौ-सौ बार सोचेंगे। जान लें कि दौसा में डॉ.अर्चना शर्मा और उनके पति डॉ. सुनीत उपाध्याय का उस इलाके का एक प्रतिष्ठित आनंद अस्पताल है। कुछ दिन पहले उनके पास लालूराम बैरवा नाम का एक शख्स अपनी पत्नी आशा देवी (22) को डिलीवरी के लिए सुबह अस्पताल आया। डिलीवरी के दौरान प्रसूता (आशा देवी) की मौत हो गई। नवजात सकुशल है। यह एक सामान्य सी प्रसव पीड़ा के दौरान मृत्यु की घटना है। अब शुरू हुआ है हंगामा। आशा देवी की मौत के बाद उसके घरवालों ने मुआवजे की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर जमकर बवाल काटा। गुस्साए घरवालों ने स्थानीय छुटभैये नेताओं का दबाव बनाकर डॉ.अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला पुलिस में दर्ज करवा दिया। इससे वह महिला चिकित्सा बुरी तरह से घबरा गई और उन्होंने खुदकुशी ही कर ली। महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले को लेकर राजस्थान के सभी डॉक्टरों ने हड़ताल भी की। दौसा से मिल रही खबरों के अनुसार असामाजिक एवं अराजक तत्वों के अनैतिक दबाव के कारण ही डॉक्टर ने आत्महत्या की है। यह बेहद दुखद मामला है। डॉ.अर्चना शर्मा का इन हालातों में संसार से चले जाना दिल दहलाने वाला है। वह बेहद मेधावी मेडिकल छात्रा रही थीं। जब बहुत से डॉक्टर सिर्फ बड़े शहरों तथा महानगरों में ही नौकरी या प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो वह जयपुर से 70 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे में अपने पति के साथ प्रैक्टिस कर रही थीं। दौसा के लोगों के लिए हर वक्त उपलब्ध रहती थीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल ने मुझे बताया कि डा.अर्चना शर्मा गांधीनगर मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर भी रही थीं। वह मानती थीं कि हरेक डॉक्टर की जिम्मेदारी है कि वह देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों की भी सेवा करे। डॉ.अर्चना शर्मा से जुड़े केस से हटकर भी बात करें तो अचानक से अब रोगियों के संबंधी और दोस्त बात-बात पर डॉक्टरों की ठुकाई करने लगते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि डॉक्टर सिर्फ रोगी को ठीक करने का प्रयास भर कर सकता है। वह कोई भगवान नहीं है। पर डॉक्टरों और आमजन के बीच में अविश्वास की खाई गहरी ही होती जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से इस तरह की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं जब रोगी के परिचितों ने डॉक्टरों के हाथ-पैर तोड़ दिए। आप अगर कभी राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जाएं तो वहां पर आपको बलिष्ठ भुजाओं वाले बहुत से बाउंसर अलग-अलग जगहों पर खड़े हुए मिल जाते हैं। इनकी यहां पर तैनाती की वजह पूछने पर पता चला कि यहां पर डॉक्टरों पर लगातार होने वाले हमलों को देखते हुए अस्पताल मैनेजमेंट की तरफ से उन्हें तैनात किया गया है। ये दिन-रात यहां रहते हैं। याद रख लें कि अगर डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं तो फिर बाकी जगहों की बात करना बेकार है। डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सरकारी बाबुओं से लेकर देश के सांसदों और मंत्रियों तक का इलाज होता है। कोरोना काल में यहां के डॉक्टरों ने अनगिनत लोगों की जानें बचाई थीं। डॉक्टरों के साथ बदतमीजी या मारपीट करना किसी भी सभ्य समाज में सही नहीं माना जा सकता । इसकी घोर निंदा सर्वत्र होनी ही चाहिए और जो इस तरह की अक्षम्य हरकतें करते हैं उन्हें कठोर दंड भी मिलना चाहिए। अब भी देशभर में लाखों की संख्या में निष्ठावान डॉक्टर हैं। वे रोगी का पूरे मन से इलाज करके उन्हें स्वस्थ करते हैं। यह सोच सिरे से गलत है कि सभी डॉक्टर लूटते ही हैं। इस तरह की मानसिकता के कारण ही डॉक्टर और रोगी अब आमने-सामने हैं। इनके संबंधों में पहले वाली प्रेम और सम्मान नजर नहीं आता। आपको पटना से लेकर लखनऊ और दिल्ली से मुंबई समेत देश के हरेक शहर और गांव में सुबह से देररात तक कड़ी मेहनत करते डॉक्टर मिल जाएंगे। यह कोई बहुत पुरानी बात नहीं है जब देशभर के डॉक्टरों, नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ ने कोरोना वायरस को मात देने के लिए अपने प्राणों को भी दांव पर लगा दिया था। जरा सोचिए कि उस भयावह दौर में अगर ऐसे सेवा भावी डॉक्टर और नर्स भी हमारे साथ न होते तो क्या होता। वैसे डॉक्टरों पर कातिलाना हमलों का इतिहास पुराना है। राजधानी दिल्ली के करोल बाग में डॉ.एन.सी.जोशी का 1947 में कत्ल कर दिया गया था। इस वक्त वे दिल्ली में भड़के दंगों के घायलों का इलाज कर रहे थे। राजधानी में उनके नाम पर एक अस्पताल भी है। यह याद रखा जाएगा कि ये डॉक्टर कोरोना काल में देश की जनता के लिये फरिश्ते बनकर आए थे। कोरोना की दूसरी लहर को प्रलय जैसी स्थिति कहा जा सकता है। तब भी ये हमारे करीब खड़े थे। हमने इन्हें देखा-पहचाना था। ये अपना फर्ज निभा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के असर के कारण देशभर के अस्पताल एक अदद बेड से लेकर आक्सीजन, दवाओं वगैरह के लिए कराहने लगे थे। तब ये डॉक्टर ही हमारे लिये उम्मीद की किरण के रूप में खड़े हुए थे।। ये दिन-रात रोगियों को बेड दिलवा रहे थे। ये रोगियों के संबंधियों से फोन और व्हाट्स ऐप पर बातें कर रहे थे और करवा भी रहे थे । उन्हें उनके रोगी का ठीक होने का वादा-भरोसा दे रहे थे। उनका व्हाट्स ऐप स्टेटस चेक करिए। वे रात के दो बजे भी ऑनलाइन थे और सुबह पांच बजे भी। अब जब कोरोना के बाद जिंदगी फिर से पहले की तरह पटरी पर वापस लौटने लगी है तो क्या हम इन्हें खुदखुशी करने के लिए बाध्य करेंगे। यही तो दौसा की डॉ. अर्चना के साथ हुआ। वह भी चाहतीं तो अपने पति के साथ किसी बड़े शहर में चैन से जिंदगी गुजार सकती थीं। यह न भूला जाए कि हरेक समाज और पेशे में कुछ धूर्त तो होते ही हैं। पर वे बहुमत में कभी नहीं होते। बहुमत सज्जनों और डॉ. अर्चना शर्मा जैसों का ही होता है। इनके प्रति समाज को कृतज्ञता का भाव तो रखना होगा ही। अब देखना यह है कि अशोक गहलौत की कांग्रेसी सरकार डॉ. अर्चना शर्मा को ख़ुदकुशी करने के लिये उकसाने वालों पर क्या कारवाई करती है। (लेखक-वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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-अरविंद कुमार राय कांग्रेस छोड़कर हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए नेताओं को असम-मेघालय के बीच लगभग 50 वर्षों से जारी सीमा विवाद का समाधान रास नहीं आ रहा है। टीएमसी नेताओं को यह बात खटक रही है कि इतने जटिल विवाद का समाधान हो गया और उसे इसके श्रेय में भागीदार होने का मौका तक नहीं मिला। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज टीएमसी भाजपा के आक्रामक रूख से बेहद परेशान है। वह भाजपा को पश्चिम बंगाल में घेर नहीं पा रही है, जिसके चलते उसने अपनी लड़ाई को पश्चिम बंगाल से शिफ्ट कर मेघालय में करने की चाल चल दी है। अगर ऐसा नहीं है तो मेघालय टीएमसी के विधायक और नेताओं को सीमा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के ठीक दूसरे दिन अचानक सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर लोगों की नाराजगी का मुद्दा उठाने की आवश्यकता क्यों हुई, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, विधायकों, प्रशासनिक अधिकारियों और विवाद वाले क्षेत्रों के नागरिकों के साथ लंबी चर्चा के बाद विवाद वाले 12 में से 6 स्थानों पर विवाद को सुलझाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने विधानसभा में भी पूरी स्थिति को सभी नेताओं को सामने रखा था, उस समय टीएमसी के नेताओं ने क्यों नहीं अपना जोरदार विरोध जताया। यह सवाल अब उठने लगा है। 30 मार्च, 2022 को गारो हिल्स जिला अंतर्गत रंगसकुना वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के टीएमसी विधायक जेनिथ संगमा ने विवाद वाले माईखुली गांव का दौरा कर ग्रामीणों के साथ एक बैठक की। उनके साथ गारो छात्र संघ, दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स जिला के सलमानपारा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक, माइखुली गांव के मुखिया और कुछ ग्रामीण भी मौजूद रहे। इस दौरान जेनिथ संगमा ने कहा, "इस क्षेत्र के लोग मदद के लिए रो रहे हैं और असम के लोग हमारे लोगों को बार-बार परेशान करते हैं।" उन्होंने असम सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगाए। साथ ही मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा पर मेघालय विधानसभा को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, मैंने (जेनिथ) जब ग्राउंड जीरो को देखा तब जाकर स्थिति का पता चला है। जबकि, हकीकत यह है कि सीमा विवाद के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से पहले एक लंबी प्रक्रिया का पालन किया गया, जिसके बारे में उनको भी पूरी जानकारी थी। उस दौरान उनको ग्राउंड जीरों की याद क्यों नहीं आई, यह सवाल क्षेत्र की जनता भी पूछ रही है। चूंकि नागरिक खुलकर अधिक नहीं बोल पा रहे हैं, क्योंकि जेनिथ संगमा उसी इलाके के विधायक हैं। जेनिथ के दौरे के दौरान कुछ लोगों ने मीडिया के सामने गारो भाषा का मुद्दा उठाते हुए कहा, उन्हें सिर्फ गारो भाषा ही बोलनी आती है। वे मेघालय में ही रहना चाहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह भी टीएमसी विधायक द्वारा प्लांट कराया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीमा विवाद के सुलझने से उनके क्षेत्र में विकास होगा। क्योंकि इससे पहले दोनों राज्य सरकारें क्षेत्र पर तो अपना दावा करतीं थीं, लेकिन विकास कार्य करने के लिए कोई भी तैयार नहीं होती थीं। अब जबकि सीमाओं का निर्धारण हो गया तो दोनों राज्य सरकारें यहां के लोगों की भलाई के लिए काम करेंगी। इस तरह से सीमा विवाद समझौते को लेकर स्थानीय नागरिकों में प्रसन्नता है। लेकिन, टीएमसी के नेताओं को इसमें गड़बड़ी नजर आ रही है। माना जा रहा है कि टीएमसी इसको आने वाले समय में मुद्दा बनाने के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार कर रही है। संभवतः इसकी पटकथा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लिखी जा रही है।
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रमेश ठाकुर कोलंबो में 18वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन चल रहा है। श्रीलंका में इस आयोजन का एक खास मकसद भी है। पड़ोसी मुल्क इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उन्हें इससे उबारने के लिए हिंदुस्तान ने बड़ी मदद की है। मदद, शिखर बैठक से पहले इसलिए की गई है ताकि दूसरे सदस्य देश भी प्रेरित होकर सहायता कर सकें। बिम्सटेक सम्मेलन का मकसद एक-दूसरे का सहयोग करना ही है। भारत ने श्रीलंका को एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया है और पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए अलग से पचास करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त सहायता दी है। श्रीलंका और आर्थिक विश्लेषकों ने इसके लिए जमकर भारत की सराहना की है। सराहना की भी जानी चाहिए, संकट के दौर उन्होंने संबल जो दिया है। वरना दूसरे मुल्क तो सिर्फ हवा-हवाई बातों से ही पेट भरते रहते हैं। चीन उनमें अव्वल है। श्रीलंका बिम्सटेक का मौजूदा अध्यक्ष सदस्य देश है। बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी देशों पर केंद्रित क्षेत्रीय सहयोग का बड़ा मंच है। इस मंच पर बैठकर सभी सदस्य अपनी समस्याएं एक-दूसरे से साझा करते हैं। यह सम्मेलन करीब चार साल बाद आयोजित हुआ है। हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपनी बात इस मंच पर साझा। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, अफगानिस्तान के मौजूदा हाल और खाड़ी देशों में पनपते नए किस्म के आतंकवाद पर सभी सदस्य देशों का ध्यानाकर्षण कराया। वैसे, अबकी बार के शिखर सम्मेलन का विषय 'बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था, और स्वस्थ लोग' पर रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बुधवार को वर्चुअल दिल्ली से जुड़े। बहरहाल, विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका पहुंचकर जो मानवता का परिचय दिया है उसे चीन भी देख रहा है और बाकी मुल्क भी। बिम्सटेक सम्मेलन का आयोजन कह लें या उनका दौरा ऐसे वक्त में हुआ, जब संकट से निपटने में श्रीलंकाई सरकार पूरी तरह से असक्षम है। जनता आक्रोशित है। महंगाई आसमान छू रही है और चारों तरफ अफरातफरी है। लोग ईंधन और रसोई गैस की कतारों में लगे हैं। बिजली कटौती की मार से बेहाल हैं। इन सभी समस्याओं से निजात चाहते हैं श्रीलंकाई नागरिक। इसलिए वहां जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर वहां विरोध कर रहे प्रमुख विपक्षी नेताओं से भी मिले हैं। श्रीलंका इस संकट में चीन की चालाकी से वाकिफ हो गया है। आर्थिक संकट में चीन ने साथ नहीं दिया। कुछ वर्ष पूर्व तक हर तरह की मदद करने का दावा करता था। श्रीलंकाई वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे हमारे विदेश मंत्री को ऐसे वक्त में एक सहायक सहयोगी के रूप में देख रहे हैं जब उनकी सरकार के खिलाफ अवाम हमलावर है। ऐसे पहले भी कई मौके आए हैं जब भारत ने ही श्रीलंका का सहयोग किया। यह श्रीलंका का एक-एक बच्चा जानता है। लोग राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से सत्ता से हटाने की अपील कर रहे हैं। राजपक्षे के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ परिवार को अपनी अक्षमता के लिए इस्तीफा देने को बोल रहे हैं। हालात सुधर जाएं, इसी उद्देश्य से श्रीलंका ने बिम्सटेक का आयोजन अपने यहां करवाया है। खाड़ी मुल्कों के लिए बिम्सटेक सम्मेलन बहुत जरूरी होता है। बैठकें नहीं होने से भारी नुकसान हुआ है। चार वर्ष पूर्व काठमांडू में आयोजित हुए सम्मेलन में कुछ मुद्दे उठे थे। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। कोरोना के चलते तय मसले नहीं सुलझे। पर, शायद अब कुछ हो। तब, सदस्य देशों ने कृषि में स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति और बीज क्षेत्रों के विकास सहित क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण जैसी अन्य पहलुओं पर भारत की ओर से आवाज उठाई गई थी, जिसपर सभी एकमत हुए थे। साथ ही खाड़ी देशों के मध्य पशुधन-पोल्ट्री के उच्च प्रभाव वाले सीमावर्ती रोगों के क्षेत्रों में सहयोग व जलीय जंतु रोगों और जलीय कृषि में जैव सुरक्षा व सटीक खेती को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलाइजेशन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। फिलहाल मौजूदा सम्मेलन के कुछ और मुद्दे इनमें जुड़ेंगे। कुल मिलाकर अगले कुछ वर्षों के लिए ये सभी मसले हल करने की चुनौती होगी। लेकिन सबसे पहले अध्यक्ष देश श्रीलंका को आर्थिक संकट से उभारने के लिए सभी सदस्य देशों को मिलकर सहयोग करना होगा। बिम्सटेक में भारत की अहम भूमिका होती है, सभी सदस्य देश उनकी तरफ ही ताकतें हैं। क्योंकि समृद्वि के हिसाब से वही सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए बैठक में भारत जिन मसलों को उठाता है, सभी मुल्क बिना सोचे समझे हामी भरते हैं। उनको पता है भारत जो भी मुद्दे मंच पर रखेगा उससे सबका भला होगा। बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार व थाईलैंड ने कभी भी किसी मसले का आज तक विरोध नहीं किया। हां, एक बार चीन के इशारे पर नेपाल ने जरूर थोड़ा विरोध किया था, लेकिन उनका विरोध ज्यादा देर टिका नहीं? इस बार के सम्मेलन में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए करीब 14 से 15 प्रमुख आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। सबसे बड़ी चिंता अब नए किस्म के आतंकवाद को लेकर है जो न सिर्फ खाड़ी देशों को परेशान किया हुआ, बल्कि समूचे एशिया के लिए चुनौती बना हुआ है। अफगानिस्तान और यूक्रेन की घटनाओं ने बिम्सटेक देशों को सोचने पर मजबूर किया है। समय ऐसा है अब सबको तगड़ी एकता दिखानी होगी। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा अब यह तय हो चुका है कि उस इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटने को कोई रोक नहीं सकता, जिसकी ननिहाल भारत के जालंधर शहर में थी। उनकी मां शौकत खानम जालंधर की लड़की थीं। क्रिकेटर से सियासत में आए और फिर सेना के कंधे पर चढ़कर प्रधानमंत्री बन गए इमरान खान अपने ही जाल में फंस गए हैं। उन्होंने अपने मुल्क की जनता को तमाम सपने दिखाए थे। पाकिस्तान को जन्नत बनाने का वादा किया था। जनता के सामने जन्नत की हकीकत कुछ और ही सामने आई। वे महंगाई पर काबू पाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे। उनकी एक दंभी और घमंडी इंसान की छवि बनी रही। वे अपने सियासी प्रतिद्वंद्वियों जैसे नवाज शरीफ, उनके छोटे भाई शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनके पुत्र बिलाल भुट्टो के ऊपर लगातार घटिया और छिछोरे वार करते रहे। इमरान खान को इन नेताओं को चोर से लेकर डाकू बताने में कोई लज्जा नहीं आई। हालांकि, वे यह नहीं बता पाते कि अगर ये सब इतने खराब थे तो उन्होंने इनके खिलाफ पिछले साढ़े तीन साल के दौरान क्या एक्शन लिया? उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा? ये ही सवाल पाकिस्तानी जनता उनसे पूछ रही है कि वे दावा करते थे कि वे करप्ट नेताओं को जेल भेजेंगे। पर वे क्यों यह सब नहीं कर पाए। बेशक, बिलाल को छोड़कर ये सब नेता पाक साफ तो नहीं हैं। कहते हैं कि इंसान की पहचान इस बात से होती है कि उसके मित्र किस तरह के हैं या वह किनके साथ रहता है। इमरान खान के दो सबसे करीबी साथी हैं गृहमंत्री शेख राशिद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी । कश्मीरी मूल के शेख राशिद रावलपिंडी के उसी गॉर्डन कॉलेज में पढ़े हैं जिसमें सशक्त अभिनेता बलराज साहनी और उनके अनुज तथा महान कथाकार भीष्म साहनी पढ़ते थे। शेख राशिद वैसे बेहद हल्के इंसान हैं। उनकी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखकर उनके स्तर का अंदाजा लग जाता है। उनके तीन ही काम हैं। वे या तो शरीफ बंधुओं को कोस रहे होते हैं या वे जरदारी और उनके पुत्र बिलाल भुट्टो को पाकिस्तान के ताजा खराब हालातों के लिए दोष दे रहे होते हैं या फिर वे इसके अलावा भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देते रहते हैं। फवाद चौधरी भी शेख राशिद वाला ही काम करते हैं। अब आप सोचिए कि क्या इमरान खान इस तरह के लुंज-पुंज लोगों के साथ मिलकर देश की किस्मत बदलेंगे? असंभव। ये दोनों मसखरे नुमा नेता ही इमरान खान के हक में आजकल मीडिया से लेकर सियासी तकरीरों में माहौल बनाते घूम रहे हैं। फवाद चौधरी तो यह भी कह रहे हैं इमरान खान तो फकीर आदमी है, आज नहीं तो कल चला जाएगा। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि इमरान खान अपना पांच सालों का कार्यकाल पूरा करने में सफल होंगे या नहीं । इसपर लोगों को भरोसा नहीं दिखता। हां, इमरान खान की ईमानदारी पर कोई शक नहीं कर सकता। इस मोर्चे पर उनका अभी तक का जीवन बेदाग सा ही रहा है। इसके साथ ही उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भी कई अहम उदाहरण पेश किए। एक दौर था जब पाकिस्तान में विदेशी टीमें खेलने से पहले दस बार सोचा करती थीं। क्योंकि, सबको पाकिस्तान के अम्पायरों की हकीकत पता थी। वे अपनी टीम के खिलाड़ियों को आउट देने से कतराते थे। तब इमरान खान ने पहल की कि उनके मुल्क में जो टीम खेलेगी उसे एक विदेशी अंपायर भी मिलेगा। बहरहाल, माना जा रहा है कि इमरान खान के पास अब सदन में बहुमत तो नहीं रहा है। बहुमत के लिए 172 का आंकड़ा होना जरूरी है। पाकिस्तानी मीडिया में यह कहा जा रहा है कि 39 सांसदों ने इमरान खान का साथ छोड़ दिया है। उनकी दिक्कतें इसलिए बढ़ गई हैं क्योंकि पाकिस्तान की सेना ने भी उनसे किनारा कर लिया है। हालात यह बन गए हैं कि पाकिस्तान में कोई सरकार सेना के आशीर्वाद के बगैर नहीं चल सकती। इन हालातों में माना जा सकता है कि अब इमरान खान की प्रधानमंत्री दफ्तर से छुट्टी होना तय है। उसे कोई रोक नहीं सकता। पर इमरान खान बार-बार यह कह रहे हैं कि वे 5 साल तक सरकार चलाते ही रहेंगे। कभी भी वे इस्तीफा नहीं देंगे। समझ नहीं आ रहा है कि वे यह दावा किस आधार पर कर रहे हैं। ताजा सूरत-ए- हाल तो उन्हें आने वाले कुछ दिनों के भीतर ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री बनाने जा रहा है। हां, ये सच है कि उनकी रैलियों में खूब भीड़ जुट रही है। पाकिस्तान की जनता उनका पक्ष भी सुन रही है। इन रैलियों में वे विपक्षी नेताओं पर जोरदार हमले बोल रहे हैं। लेकिन, अब फैसला जनता नहीं, चुने हुए सांसद ही करने वाले हैं। अब एक सवाल यह भी पैदा हो रहा है कि इमरान खान के बाद कौन? मतलब पाकिस्तान में इमरान खान के बाद कौन प्रधानमंत्री बन सकता है। नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ के नाम पर विपक्ष में आम सहमति हो सकती है। उन्हें आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो भी समर्थन दे सकते हैं। शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के सबसे अहम पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रहे हैं। पर उन पर भी करप्शन के अनेक आरोप हैं। वे हजारों करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति के मालिक भी हैं। देखा जाए तो उनमें और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ में कोई बहुत फर्क तो नहीं है। नवाज शरीफ सन् 2013 में पाकिस्तान के वजीरे आजम की कुर्सी पर फिर से बैठे थे। यह तब हुआ था जब नवाज शरीफ और शाहबाज शरीफ पर करप्शन के अनेकों केस थे। शरीफ परिवार के लिए कहा जाता है कि इनके लिए पाकिस्तान ही इनका खानदान है। इनका बड़ा औद्योगिक समूह भी है। ये जनता को झूठे सब्जबाग दिखा कर ही अबतक चुनाव जीतते रहे हैं। ये घनघोर रूप से पतित इंसान हैं। नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कभी भी कोई सघन प्रयास नहीं किए। इनके समय में भी पाकिस्तान में मुद्रास्फीति से अवाम का बुरा हाल था और देश में विदेशी निवेश नहीं आ रहा था। अब उन्हीं शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा हो रही है। यह वास्तव में पाकिस्तान की जनता के साथ तो अन्याय ही हो रहा है। शाहबाज शरीफ की इमेज मुहाजिर विरोधी भी रही है। उन्होंने एक बार मुहाजिरों पर एक सभा में तंज करते हुए कहा था कि वे (जो उत्तर प्रदेश-बिहार से 1947 में पाकिस्तान शिफ्ट हुए थे) पान खाने वाले कराची की तरह लाहौर को भी खूबसूरत बना देंगे। जाहिर है, पान खाने वालों से उनका इशारा मुहाजिरों से था। अब जरा सोचिए कि किस खराब स्थिति में पाकिस्तान पहुंच चुका है। (लेखक, वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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रमेश शर्मा पिछले दिनों सिने संसार या चित्रपट जगत से जुड़ी तीन बड़ी घटनायें सामने आईं । इनमें से एक ने हल्का ध्यानाकर्षण किया। दो को प्रचार माध्यमों में खूब स्थान मिला । पहली घटना एक अंडरवियर के विज्ञापन की थी। इसमें मर्यादा की सभी सीमाएं तोड़कर उत्पाद का प्रचार किया गया । दूसरी घटना कश्मीरी पंडितों की वेदना पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स है । तीसरी घटना चित्र भारती का भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय सिने उत्सव है। इसमें देश के मूर्धन्य विचारकों ने फिल्म निर्माण की महत्ता, दशा और दिशा पर विचार रखे । इन तीनों घटनाओं ने दो बातें स्पष्ट की। एक- सिने संसार के भीतर कुछ लोग हैं जो अपने उत्पाद का प्रचार तो करना चाहते हैं पर इस बहाने वे मनौवैज्ञानिक स्तर पर जन भावनाओं को भ्रमित भी करना चाहते हैं । इस विज्ञापन का विरोध हुआ, वह रुका। उसके स्थान पर दूसरा आया पर उसमें भी उतनी शिष्ठता नहीं थी जितनी अपेक्षित थी । भारतीय समाज जीवन की अपनी भावनाएं हैं । इस प्रकार का प्रदर्शन भावनाओं की सरलता को प्रभावित करता है । इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ कमजोर मानस में विकृति आ जाए । दूसरी घटना फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर प्रतिक्रिया है । इस फिल्म ने जनचर्चा के सभी रिकार्ड तोड़े । इस फिल्म ने पिछले सभी कीर्तिमान मान ध्वस्त किए हैं। इन दो घटनाओं से यह तो स्पष्ट हुआ कि लगभग 1200 वर्षों से दमित भारतीय जन भावनाओं की मौलिकता क्या है । और यह प्रश्न भी उठा कि इस मौलिकता या जन अभिव्यक्ति के रचनात्मक प्रस्तुति का भविष्य में मार्ग क्या होना चाहिए ? इन प्रश्नों का समाधान चित्र भारती के इस तीन दिवसीय सिने उत्सव ने दिया । निसंदेह चित्र भारती का यह सिने उत्सव भविष्य में फिल्म निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही भविष्य के हिंदी सिनेमा में सकारात्मक और सांस्कृतिक वातावरण की झलक मिलेगी। भारतीय जीवन में फिल्मों का प्रभाव संसार में सबसे अधिक है । दुनिया के दूसरे देशों में फिल्में केवल मनोरंजन का माध्यम भर होतीं हैं । भारत में फिल्में केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं । वह सामाजिक वातावरण भी बनाती हैं । विशेष कर युवा पीढ़ी को प्रभावित भी करतीं है । यह फिल्मी प्रचार ही तो है कि जोधा बाई और अकबर की जोड़ी के किस्से लोगों की जुबान पर हैं। जबकि इतिहास में कोई जोधाबाई पैदा ही नहीं हुई । कुछ ऐसे निर्माता हैं जो इतिहास के सत्य पर परदा डालकर कूटरचित तथ्य को स्थापित करने और भारतीय समाज में वैमनस्यता फैलाने में सहायक बने हैं । साम्यवाद के जन्मदाता काल मार्क्स ने कभी कहा था कि भारत में वर्ग संघर्ष नहीं वर्ण संघर्ष हो सकता है । पता नहीं कितना सच है पर कुछ फिल्मों की पटकथा देखकर लगता है कि क्या कुछ फिल्मों ने इस दिशा में काम किया है ? यह फिल्मों का ही तो प्रभाव है कि भारतीय समाज जीवन में भारतत्व कमजोर होने लगा । लोग परंपराओं से भाग कर आधुनिकता की दौड़ के नाम दिग्भ्रमित हो रहे हैं । अनेक फिल्में ऐसी हैं जिनमें समाज को बांटने और परस्पर द्वेष की भावना को बल मिला है । आधुनिकता के नाम पर वस्त्र विन्यास की गरिमा को कम करने का काम फिल्मों से ही हुआ है । ऐसे वातावरण में भोपाल में यह तीन दिवसीय सिने उत्सव हुआ । इस उत्सव की विशेषता यह रही कि इसके शुभारंभ और समापन में ही नामचीन अतिथि आए । इस तीन दिवसीय आयोजन के करीब पच्चीस घंटे तक भारतीय संस्कृति के यथार्थ स्वरूप, फिल्म निर्माण की तकनीक, समय और समाज के सामने आने वाली चुनौतियां, इतिहास के वास्तविक स्वरूप, मीडिया की भूमिका और महत्ता के साथ फिल्मों के माध्यम से कैसे समाज में व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण का संदेश जाए पर चर्चा हुई। संभवतः देश में यह पहला अवसर है जब फिल्म निर्माण से संबंधित विषयों की समीक्षा ही नहीं वर्तमान स्वरूप और भविष्य की दिशा पर कार्यशाला हुई । चित्र भारती की इस पहल ने एक बीड़ा उठाया है कि कैसे सिने संसार में मनोरंजन के साथ एक सकारात्मक पहल हो । राष्ट्र और संस्कृति पर आक्षेपात्मक प्रस्तुति के बजाय सकारात्मक और संदेशात्मक प्रस्तुति हों । (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कश्मीर घाटी से लाखों हिंदुओं के पलायन के पीछे की त्रासदी को फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ने उजागर किया है। इस देखकर हर संवेदनशील व्यक्ति आहत हुआ है। शर्मनाक यह है कि इस पर वोटबैंक की सियासत शुरू हो गई है। संसद में अनुच्छेद 370 को कायम रखने के लिए जमीन-आसमान एक करने वाले नेता इस समय कश्मीर की सच्चाई से मुंह छिपा रहे है। भाजपा शासित राज्यों की किसी एक निंदनीय व अप्रिय घटना पर हंगामा करने वाले घाटी के लाखों हिंदुओं की पीड़ा का मखौल उड़ा रहे हैं। इस वोटबैंक की सियासत में आप प्रमुख सबसे आगे निकल गए। उन्होंने फिल्म को झूठा बता कर लाखों पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़का है। केजरीवाल के लिए ऐसे बयान देना आसान है। उनका राजनीतिक वजूद वोटबैंक की सियासत से जुड़ा है। जो नेता इसे पुरानी बात कह कर नजरअंदाज करने की सलाह दे रहे है,उन्हें पश्चिम बंगाल और केरल के वर्तमान को देखना चाहिए। यदि वर्तमान सरकार दृढ़ता न दिखाती तो सब कुछ पहले की तरह ही चलता रहता है। यूपीए सरकार के समय प्रधानमंत्री अपने आवास पर कश्मीरी अलगाववादियों का स्वागत करते थे। अब हालात बदले हैं। द कश्मीर फाइल्स ने आतंकी हिंसा व अलगाववाद के प्रति वितृष्णा पैदा की है। इसमें किसी के प्रति बदले का विचार नहीं है, लेकिन अलगाववादियों के मंसूबों से सबक लेने का सन्देश अवश्य है। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति देश के किसी भी क्षेत्र में पैदा न हो। इस लिहाज से पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा अवश्य विचलित करने वाली है। जो लोग कश्मीर के अतीत पर चर्चा से बचना चाहते है, उनको पश्चिम बंगाल के वर्तमान पर नजर डालनी चाहिए। यहां भी विधानसभा चुनाव के बाद खास स्थानों को लक्ष्य बना कर आतंक का वातावरण बनाया गया था। शासन व प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे। ऐसा ही कभी कश्मीर घाटी में हुआ करता था। वहां भी आतंकियों व अलगाववादियों की गतिविधियों के सामने शासन प्रशासन नकारा साबित हुआ था। इसी सच्चाई को द कश्मीर फाइल्स में दिखाया गया है। जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की जड़ अनुच्छेद 370 था। यह संविधान का अस्थाई अनुच्छेद था। पिछली सरकारों ने वोटबैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की। मोदी सरकार ने यह फैसला लिया। गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक लंबे रक्तपात भरे युग का अंत अनुच्छेद 370 हटने से होगा। इसके कारण ही सत्तर वर्षों तक जम्मू-कश्मीर,लद्दाख और घाटी के लोगों का बहुत नुकसान हुआ है। यह आतंकवाद की जड़ बन गया था। फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स कश्मीर में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने का तरीका है। अभिनेता पुनीत इस्सर का कहना है कि कश्मीर पर बनी 'हैदर' और 'मिशन कश्मीर' जैसी फिल्में अजीब नेरेटिव सेट करती आई हैं। इन फिल्मों में अन्याय होने की वजह से घाटी के मुस्लिमों को हथियार उठाए दर्शाया गया है। जबकि यह सच्चाई नहीं है। विभाजन के समय पाकिस्तान के लाखों हिन्दू परिवारों का सब कुछ लूट लिया गया था लेकिन हिंदुओं ने कभी हथियार नहीं उठाए। हथियार उठाने को मजबूरी और विवशता का चोला पहनाकर हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 हटाने का जमकर विरोध किया था। अब वह कश्मीर फाइल्स पर वैसा ही हंगामा कर रही है। विरोध कर रही पार्टियों को स्वीकार करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 से केवल दो -तीन राजनीतिक कुनबों को ही भरपूर लाभ पहुंच रहा था। आमजन को तो इससे नुकसान ही हो रहा था। उस दौर में कश्मीर घाटी में चार दिन की बंदी की गई थी। उसमें हिंदुओं को घाटी छोड़ कर चले जाने की हिदायत दी जा रही थी। तब अलगाववादी सैयद अली शाह जिलानी ने कहा था कि कश्मीर में सेकुलरिज्म नहीं चलेगा। डेमोक्रेसी नहीं चलेगी। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला थे। उस समय यहां पकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर यहां जश्न मनाया जाता था। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन की मनाही थी। उसी समय लोकसभा चुनाव में अलगाववादियों ने मतदान के बहिष्कार का आदेश जारी किया था। आज इस फिल्म का विरोध करने वाले उस समय खामोश थे। वर्तमान सरकार ने घाटी में प्रजातंत्र के सच्चे रूप को बहाल किया है। इससे जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक बदलाव हुआ है। अलगाववाद का दशकों पुराने अध्याय का अंत हो गया है। पंचायत चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी इसका प्रमाण है। केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश को लाभान्वित कर रही हैं। पंचायत चुनाव में केसर की घाटी में कमल खिला। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय में अश्विनी उपाध्याय ने मजेदार याचिका पेश की है। उन्होंने याचिका में तर्क दिया है कि अल्पसंख्यकता के नाम पर कई राज्यों में बड़े पैमाने पर ठगी चल रही है। जिन राज्यों में जो लोग बहुसंख्यक हैं, वे यह कहते हैं कि हम लोग अखिल भारतीय स्तर पर अल्पसंख्यक हैं, इसलिए हमें अल्पसंख्यकों की सब सुविधाएं अपने राज्य में भी मिलनी चाहिए। जैसे जम्मू-कश्मीर में मुसलमान बहुसंख्यक हैं लेकिन उन्हें इसके बावजूद वहां अल्पसंख्यकों की सारी सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर के हिंदुओं, यहूदियों और बहाईयों को, जो वास्तव में वहां अल्पसंख्यक हैं, उन्हें अल्पसंख्यकों की कोई सुविधा नहीं मिलती। यही हाल मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल, लक्षद्वीप, मणिपुर और पंजाब का है। इन राज्यों में रहनेवाले धार्मिक बहुसंख्यकों को भी अल्पसंख्यक मानकर सारी विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। उपाध्याय ने अपनी याचिका में अदालत से मांग की है कि अल्पसंख्यकता का निर्णय राज्यों के स्तर पर भी होना चाहिए ताकि वहां के अल्पसंख्यकों को भी न्याय मिले। तर्क की दृष्टि से उपाध्याय बिल्कुल ठीक हैं लेकिन बेहतर तो यह हो कि देश में मजहब, भाषा और जाति के आधार पर समूहों को बांटा न जाए। राष्ट्रीय एकता के लिए यह बेहद जरूरी है। दूसरे शब्दों में संख्या के आधार पर बना यह विशेष दर्जा राज्य स्तरों पर तो खत्म होना ही चाहिए, यह भी जरूरी है कि इसे अखिल भारतीय स्तर पर भी खत्म किया जाए। 1947 में भारत का बंटवारा इसी मजहबी संख्यावाद के कारण हुआ और अब देश के चुनाव और राजनीति का आधार यही जातीय संख्यावाद बना। यही क्रम आगे चलता रहा तो 1947 में भारत के सिर्फ दो टुकड़े हुए थे लेकिन 2047 में भारत के 100 टुकड़े भी हो सकते हैं। यह बेहद खतरनाक प्रक्रिया है। महाराष्ट्र और कर्नाटक ने संविधान के ढीले-ढाले प्रावधानों का सहारा लेकर मजहबी और भाषाई आधार पर अपने नागरिकों को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक वर्गों में बांट रखा है। हमारी केंद्र सरकार ने इस याचिका का समर्थन करते हुए संवैधानिक प्रावधान का हवाला भी दे दिया है। संविधान में ऐसा करने की छूट है। लेकिन किसी भी राष्ट्रवादी सरकार को हिम्मत करनी चाहिए कि वह इस राष्ट्रभंजक संवैधानिक प्रावधान को खत्म करवाए और देश के सभी नागरिकों को उनकी जरूरत के मुताबिक (जाति और धर्म के आधार पर नहीं) आवश्यक विशेष सुविधाएं अवश्य दी जाएं। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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- योगेश कुमार गोयल स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ द्वारा हाल ही में 2021 की ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट’ जारी की गई है, जिसमें दुनियाभर के कुल 117 देशों के 6475 शहरों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है कि विश्व का कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित किए गए मानकों पर खरा उतरता हो। डब्ल्यूएचओ की यूएन एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी द्वारा इस रिपोर्ट के आधार पर विश्वभर के शहरों की एयर क्वालिटी की जो रैंकिंग जारी की गई है, उसके मुताबिक वायु प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति तो बेहद खराब है। रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित देशों में भारत छठे स्थान पर है लेकिन चौंकाने वाली स्थिति यह है कि प्रदूषण पर लगाम लगाने की तमाम कवायदों के बावजूद देश की राजधानी दिल्ली फिर से दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में सामने आई है। इतना ही नहीं, दुनियाभर के 50 सबसे ज्यादा खराब एयर क्वालिटी वाले शहरों में से 35 शहर तो भारत के ही हैं। मध्य और दक्षिण एशिया के सर्वाधिक प्रदूषित 15 शहरों में 12 भारत के हैं। भारत के संदर्भ में तो रिपोर्ट का सार यही है कि राजधानी दिल्ली के अलावा भी देश के अधिकांश स्थानों पर लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को विवश हैं, जिस कारण उनमें तमाम गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालते हुए कई गंभीर बीमारियों का कारण तो बनता ही है, साथ ही इससे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत बड़ी चोट पहुंचती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वायु प्रदूषण संकट की आर्थिक लागत भारत जैसे देश के लिए सालाना 150 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो सकती है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2021 में पीएम2.5 का वार्षिक औसत स्तर 58.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था जबकि राजधानी दिल्ली में यह 2020 के पीएम2.5 के वार्षिक औसत स्तर 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के मुकाबले 2021 में 14.6 फीसदी वृद्धि के साथ 96.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया। दिल्ली में प्रदूषण का यह स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानकों से 19 गुना से भी ज्यादा है। राजस्थान का भिवाड़ी 106.2 पीएम2.5 स्तर के साथ सबसे प्रदूषित क्षेत्रीय शहर है जबकि दूसरे स्थान पर 102 पीएम2.5 के साथ गाजियाबाद है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 15 शहर तो ऐसे हैं, जहां पीएम2.5 का स्तर निर्धारित मानकों से 17 से 21 गुना ज्यादा है। ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर खतरे किस कदर बढ़ रहे हैं। प्रदूषण मुक्त सांसें पुस्तक में वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण करते हुए बताया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने और वायु प्रदूषण के निरन्तर सम्पर्क में रहने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल जिस हवा में हम सांस लेते हैं, उसमें मौजूद प्रदूषित कण ‘पीएम’ (पार्टिकुलेट मैटर) शरीर में प्रवेश कर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। प्रदूषित हवा में अनेक हानिकारक बैक्टीरिया भी होते हैं, जो सांस के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों को निमंत्रण दे सकते हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ वेरोना द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों में कैंसर की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण ही कैंसर, महिलाओं में गर्भपात की समस्या, गंभीर मानसिक समस्याओं के अलावा भी तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण के कारण शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं और इससे मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण विश्वभर में प्रतिवर्ष करीब 70 लाख लोगों की जान ले रहा है। वायु प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान होता है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से नाक में जलन तथा सूजन की समस्या हो सकती है और नाक तथा श्वांस नली में गंभीर संक्रमण हो सकता है। दूषित वायु में सांस लेने से हृदय की सेहत पर भी गंभीर असर पड़ता है। हृदय में रक्त संचार सुचारू रूप से नहीं हो पाने के कारण रक्त की धमनियां रुक जाती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हृदय पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों के कारण ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। मानव शरीर की मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में प्रवेश करने वाली बीमारियों से लड़ने का कार्य करती है किन्तु लंबे समय तक वायु प्रदूषण के सम्पर्क में रहने के कारण लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर गंभीर असर पड़ता है और ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर का इम्यून सिस्टम ही शरीर की कोशिकाओं पर हमला कर देता है। दूषित हवा में कई प्रकार की विषैली गैसों का मिश्रण होता हैं, जिसमें सांस लेने से फेफड़ों की कोशिकाएं सही से काम नहीं कर पाती और शरीर में सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। इस वजह से फेफड़ों के कैंसर का खतरा कई गुना ज्यादा हो जाता है। विभिन्न अध्ययनों से यह पुष्टि हो चुकी है कि वायु प्रदूषण अब किडनी के लिए भी बड़ा खतरा बनने लगा है। दरअसल दूषित वायु में पीएम 2.5 के अलावा शीशा, पारा और कैडमियम जैसे भारी तत्व भी मौजूद होते हैं, जो धीरे-धीरे किडनी को खराब करते हैं। प्रदूषण के कारण शरीर में होने वाली ऑक्सीजन की कमी से किडनियों की कार्यक्षमता बाधित होती है। प्रदूषित माहौल में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों की किडनियां रक्त को सही तरीके से फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे किडनी के अलावा अन्य समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। लिवर पर भी वायु प्रदूषण का बहुत बुरा असर पड़ता है, यह धीरे-धीरे रक्त से विषैले तत्वों को बाहर करने की क्षमता खोने लगता है। वायु प्रदूषण के कारण फैटी लिवर और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ता है और ऐसे में लिवर धीरे-धीरे पूरी तरह खराब हो सकता है। वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों के ही कारण प्रायः लिवर की एडवांस बीमारी मानी जानी वाली ‘लिवर फाइब्रोसिस’ की समस्या उत्पन्न होती है, जो बढ़ते-बढ़ते ‘लिवर सिरोसिस’ का रूप ले लेती है। ऐसी स्थिति में पहुंचने पर यह बीमारी लिवर की कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है, जो ऐसे व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। बढ़ता वायु प्रदूषण अब गंभीर मानसिक समस्याओं का कारण भी बनने लगा है। अनेक अध्ययनों में यह पुष्टि हो चुकी है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने और ऐसे ही वातावरण में रहने से गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण का गंभीर असर अब मासूम बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। गर्भ में पल रहे शिशु के लिए प्रदूषित हवा बहुत खतरनाक हो सकती है, जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर गहरा असर डालती है। ऐसे शिशुओं को जन्म से ही इम्यून सिस्टम की कमजोरी, सर्दी-जुकाम, निमोनिया जैसी विभिन्न समस्याएं अपनी चपेट में ले सकती हैं और इसके अलावा भी कई प्रकार के विकार हो सकते हैं। बहरहाल, वायु प्रदूषण के अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर बढ़ते खतरों के मद्देनजर वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट ने एक बार फिर हमें यह सोचने-विचारने का अवसर प्रदान किया है कि यदि हम स्वच्छ और उन्मुक्त हवा में सांस लेकर अपना और अपनी भावी पीढि़यों का भविष्य बीमारियों रहित बनाना चाहते हैं तो हमें अब सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक तौर पर भी वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार, पर्यावरण मामलों के जानकार तथा ‘प्रदूषण मुक्त सांसें’ पुस्तक के लेखक हैं)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक कल रात ही मैं दुबई पहुंचा और आज सुबह मैंने यह खुश खबर पढ़ी कि दुबई की कुल 160 सेवाओं में से भारत के लिए 100 सेवाओं के द्वार खोल दिए गए हैं। कुछ दिन पहले भारत के व्यापार मंत्री पीयूष गोयल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आए थे और उन्होंने यहां के नेताओं से बातचीत करके यह समझौता किया था। अब यहां भारतीय नर्सों, इंजीनियरों, सूचना-विशेषज्ञों आदि तरह-तरह के व्यावसायिक विशेषज्ञों को काम करने की सुविधा मिलेगी। इसका नतीजा यह होगा कि भारत के लाखों सुयोग्य नौजवानों को अपनी योग्यता को परखाने का मौका मिलेगा। यदि वे दुबई और अबू धाबी में अपना सिक्का जमाएंगे तो उसकी खनक सारे अरब और अफ्रीकी देशों में भी होगी। इस समय भारत के माल को अरब और अफ्रीका के देशों में खपाने का सबसे बड़ा केंद्र यूएई ही है। भारत की कोशिश है कि ‘गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल' के साथ भी वह कुछ इसी तरह के समझौते कर ले तो सउदी अरब, ओमान, बहरीन, कुवैत और क़तर जैसे देशों के साथ उसके व्यापारिक और आर्थिक संबंध घनिष्ट हो सकते हैं। इस समय यूएई के साथ भारत का व्यापार 60 बिलियन डाॅलर का है। अगले पांच वर्षों में यह दुगुना हो सकता है। दुबई से भारतीय माल बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को भेजा जाता है। भारत-पाक व्यापार आजकल लगभग ठप्प है लेकिन पाकिस्तान के गांवों में भी यदि आप चले जाएं तो भारतीय चीजें वहां दनदनाती हुई दिखाई पड़ती हैं। दुबई को भारत से आनेवाला माल लगभग करमुक्त हो जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात में आप कहीं भी चले जाइए, आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत में ही हैं। यहां लगभग 35 लाख भारतीय रहते हैं। इस देश की एक तिहाई आबादी इसके बाजारों, अस्पतालों और होटलों में भारतीयों की ही दिखाई पड़ती है। अब दोनों देशों के संबंध इतने घनिष्ट होते जा रहे हैं कि ये द्विपक्षीय संबंध दुनिया के सारे मुस्लिम देशों से आगे निकल गए हैं। कश्मीर में पैसा लगाने की पहल यूएई कर रहा है। यदि कश्मीर में एक इस्लामी देश का विनिवेश बढ़ेगा तो क्या यह पाकिस्तान के घावों पर नमक छिड़कना सिद्ध नहीं होगा? लेकिन हमारे कश्मीरियों के लिए यह विनिवेश शहद से भी ज्यादा मीठा होगा। यहां मैं जिस भारत-यूएई सम्मेलन की आज अध्यक्ष करुंगा, उसमें दोनों देशों के सैकड़ों नेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि भाग लेंगे। यूएई एक आदर्श और आधुनिक इस्लाम राष्ट्र बनता जा रहा है। भारत के साथ उसकी दोस्ती इस्लाम की छवि को सारी दुनिया में चमकाने का काम करेगी। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तभकार हैं)
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आर.के. सिन्हा पंजाब और दिल्ली सरकारों के दफ्तरों से गांधी जी के चित्र हटा दिए गए हैं। उनका स्थान ले लिया है भगत सिंह और डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्रों ने। दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकारें हैं। आखिर क्यों दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को और पंजाब में भगवंत मान को यह जरूरी लगा कि वे अपने-अपने राज्यो में गांधी जी के चित्र हटवाएं दें? क्या गांधी जी का चित्र हटाना ज़रूरी था? ‘आप’ के इस कदम से संकेत यह जाता है कि वह भगत सिंह और बाबा साहेब को गांधी जी के सामने खड़ा करना चाहती है। हालांकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। ये तीनों ही पूरे देश के लिये आदरणीय हैं। इन सबका देश ह्रदय से आदर सम्मान करता है। गांधी जी का नाम लेकर हुए अन्ना आंदोलन से निकली ‘आप’ ने ऐसा क्यों किया, यह जवाब उन्हें देना तो चाहिए ही। यह समझा जाए कि गांधी जी हिंसा के साथ नहीं थे और भगत सिंह बापू की अहिंसा के साथ नहीं थे। इसका यह मतलब नहीं कि वे लोग अंग्रेजों के मुखबिर थे या एक-दूसरे के शत्रु थे। गांधी जी वैचारिक स्तर पर भगत सिंह के साथ न होते हुए उन्हें फांसी की सजा मुक्ति दिलवाना चाहते थे। दिल्ली के सुभाष पार्क (पहले एडवर्ड पार्क) में 7 मार्च, 1931 को गांधी जी ने एक बड़ी सभा को संबोधित किया था। वह सभा इसलिए खास थी ताकि गोरी सरकार पर भगत सिंह और उनके दोनों साथियों राजगुरु और सुखदेव को फांसी के फंदे से बचा लिया जाए। गांधी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था “ मैं किसी भी स्थिति में, किसी को फांसी की सजा देने को स्वीकार नहीं कर सकता हूं। मैं यह सोच भी नहीं सकता हूं कि भगत सिंह जैसे वीर पुरुष को फांसी हो।” महात्मा गांधी उन दिनों दिल्ली में ही थे। वे उस दौरान ब्रिटिश वायसराय लार्ड इरविन से भगत सिंह को फांसी के फंदे से मुक्ति दिलाने के लिए मिल रहे थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग से जुड़े हुए डॉ. चंदर पाल सिंह ने भगत सिंह पर लिखी अपनी किताब में बताया है कि “ गांधी जी ने 19 मार्च,1931 को लार्ड इरविन से भेंटकर उनसे भगत सिंह और उनके साथियों को जीवनदान देने की अपील की थी। उन्हें लग रहा था कि लार्ड इरविन, भगत सिंह को राहत देना नहीं चाहते। संभवत: इसलिए ही गांधी जी ने अपने प्रयत्न तेज कर दिए थे।” यह अलग बात है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई। गांधीजी अपनी किताब 'स्वराज' में लिखते हैं, “ भगत सिंह की बहादुरी के लिए हमारे मन में सम्मान उभरता है। लेकिन, मुझे ऐसा तरीका चाहिए जिसमें खुद को न्योछावर करते हुए आप दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं। लोग फांसी पर चढ़ने को तैयार हो जाएं। ” इन साक्ष्यों के आलोक में समझा जाना चाहिए कि गांधी जी के मन में भगत सिंह को लेकर सम्मान का भाव था। वे भी मानते थे कि भगत सिंह देश के सच्चे सपूत हैं। दरअसल दोनों का लक्ष्य तो भारत को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाना ही तो था। हां, दोनों के रास्ते भिन्न अवश्य थे। पर ‘आप’ तो गांधी जी के चित्र सरकारी दफ्तरों से इस तरह से हटा रही है मानो उन्होंने देश के साथ कोई अहित किया हो। आखिर ‘आप’ के नेता बताएं तो सही कि उन्हें गांधी जी से तकलीफ क्या है? ‘आप’ ने सरकारी दफ्तरों में भगत सिंह के साथ बाबा साहेब के चित्र भी लगाए हैं। बहुत अच्छी बात है। पर किस कीमत पर? गांधी जी के चित्र हटाकर। इसका क्या मतलब है। आम आदमी पार्टी के नेता संविधान के महत्व पर लगातार अपने विचार रखते हैं। जरा वे बता दें कि बाबा साहेब को संविधान सभा का अध्यक्ष किसकी सिफारिश पर बनाया गया था? 29 अगस्त, 1947 को बाबा साहेब के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत का नया संविधान बनाने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। बाबा साहेब देश के नए संविधान को तैयार करने के अहम कार्य में जुट जाते हैं। इसकी बैठकें मौजूदा संसद भवन में होती हैं। पर इससे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु और सरदार पटेल संवैधानिक मामलों के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान सर गऊर जैनिंग्स को भी देश के संविधान को अंतिम रूप देने के लिए आमंत्रित करने पर विचार कर रहे थे। इसी सिलसिले में ये दोनों एक बार गांधी जी से मिले। उनकी इस बिन्दु पर बापू से बात हुई। तब बापू ने उन्हें सलाह दी थी कि बाबा साहेब सरीखे विधि और संवैधानिक मामलों के उद्भट विद्वान की मौजूदगी में किसी विदेशी को देश के संविधान को तैयार करने की जिम्मेदारी देना सही नहीं होगा। तब बाबा साहेब को संविधान सभा से जुड़ने का प्रस्ताव दिया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। इससे स्पष्ट है कि गांधी जी के मन में बाबा साहेब के प्रति सम्मान का भाव था। वे बाबा साहेब की विद्वता को स्वीकार करते थे। बाबा साहेब भी जानते थे कि उन्हें इतनी अहम दायित्व गांधी जी की सिफारिश पर ही मिला है। देखिए पढ़े-लिखे लोगों के बीच में किसी विषय पर मतभेद हो सकते हैं। इसका यह मतलब नहीं होता कि वे एक-दूसरे के शत्रु हो गए। यह सच है कि गांधी जी और बाबा साहेब के बीच ‘कम्यूनल अवार्ड’ में दलितों को पृथक निर्वाचन का स्वतन्त्र राजनीतिक अधिकार मिलने के सवाल पर तीखे मतभेद थे। यह अवार्ड दलितों को पृथक निर्वाचन के रूप में प्रांतीय विधानसभाओं और केन्द्रीय एसेम्बली के लिए अपने नुमाइंदे चुनने का अधिकार देता था। गांधी जी इस अवार्ड का विरोध कर रहे थे। उन्होंने इसके विरोध में 20 सितम्बर, 1932 से आमरण अनशन चालू कर दिया। वे मानते थे कि इससे दलित हिन्दू समाज से अलग हो जायेंगे जिससे हिन्दू समाज बंट जाएगा। पर, बाबा साहेब अवार्ड के पक्ष में थे। पर अंत में गांधी की राय को सबको मानना पड़ा। 30 जनवरी,1948 को गांधी जी की हत्या कर दी जाती है। “ गांधी जी की हत्या का समाचार सुनकर बाबा साहेब अवाक रह गए। वे पांचेक मिनट तक सामान्य नहीं हो पाते। फिर कुछ संभलते हुए बाबा साहब ने कहा कि बापू का इतना हिंसक अंत नहीं होना चाहिए था”, ये जानकारी डॉ. अंबेडकर की दिनचर्या’ किताब से मिलती है। अब ‘आप’ के नेता स्वयं देख समझ लें कि गांधी जी, भगत सिंह और डॉ. अम्बेडकर कितने करीब या दूर थे। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं)
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सियाराम पांडेय ‘शांत’ हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय समझे जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य की कमान संभाल ली है। दो उपमुख्यमंत्रियों समेत 18 कैबिनेट मंत्रियों, 14 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों और 20 राज्यमंत्रियों के साथ उन्होंने लखनऊ के भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा की तमाम दिग्गज हस्तियां इस शपथ ग्रहण समारोह की साक्षी बनीं। 70 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति में यह शपथ ग्रहण समारोह हुआ। यह भी अपनी तरह का रिकॉर्ड है। किसी भी राज्य में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर इतने नवोन्मेष भी कभी नहीं हुए। काशी, मथुरा, अयोध्या समेत प्रदेश भर के देवालयों में तो भाजपाइयों ने पूजन-अर्चन किए ही, घंटा -घड़ियाल और शंख भी बजाए। यही नहीं, बुलडोजर तक की पूजा-आरती कर डाली। कुछ भाजपाई तो बुलडोजर पर चढ़कर ही शपथ ग्रहण समारोह देखने आए। नमामि गंगे के पदाधिकारियों ने काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया और आरती उतारी। लखनऊ में एक स्कूल के छात्रों ने योगी आदित्यनाथ को शुभकामना देने के लिए मानव शृंखला बनाई और इसे योगी से उम्मीदों का प्रतीक निरूपित किया गया। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ ने 47 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। तब भी उन्होंने मोहसिन रजा को अपने मंत्रिमंडल में स्थान दिया था। इस बार मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। योगी सरकार चाहती तो 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के एक-दो दिन बाद ही सत्ता की कमान संभाल सकती थी लेकिन 15 दिन उसने सहयोगियों के चयन को लेकर राजनीतिक मंत्रणा की। इस बीच उसने जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन समेत 23 पूर्व मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया, वहीं कई नए चेहरों को अपने साथ भी लिया। राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से देखें तो योगी सरकार में इस बार अति पिछड़ा वर्ग के 18 मंत्री बनाए गए हैं। 10 राजपूतों को योगी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है जबकि 8 ब्राह्मणों को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया गया है। 7 दलितों और तीन जाटों और एक सिख को योगी मंत्रिमंडल में तरजीह मिली है। पांच महिलाओं बेबी रानी मौर्य, प्रतिभा शुक्ल, विजय लक्ष्मी गौतम, रजनी तिवारी और गुलाब देवी को मंत्री बनाया गया है। इसमें गुलाब देवी को छोड़कर चारों पहली बार मंत्री बनी हैं। मंत्रिमंडल में 38 विधायकों, 9 विधान परिषद सदस्यों को स्थान मिला है जबकि पांच मंत्री अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और अवध को साधने की हर संभव कोशिश की गई है। योगी मंत्रिमंडल में आईएएस और आईपीएस को तो महत्व दिया ही गया है, वकीलों को भी महत्व दिया गया है। श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना और सिद्धार्थ नाथ सिंह को तरजीह न मिलना खलता जरूर है लेकिन चर्चा यह है कि भाजपा उनका बेहतर उपयोग करने की दिशा में विचार कर रही है। पूर्वांचल से तीन कैबिनेट और छह राज्यमंत्री बनाकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि उसकी नजर वर्ष 2024 की तैयारी पर है और इस लिहाज से भी वह मंत्रियों के चयन में कोई जोखिम ले पाने की स्थिति में नहीं है। योगी-2 सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए दानिश आजाद का कहना है कि भाजपा अपने हर कार्यकर्ता की मेहनत की कद्र करती है। यह मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता के लिए पार्टी शीर्ष नेतृत्व के भरोसे का प्रतीक है। इससे पहले भी भाजपा के शीर्ष नेताओं के स्तर पर कहा गया था कि भाजपा अपने हारे हुए प्रत्याशियों का भी बेहतर उपयोग करेगी। इसलिए उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है लेकिन जिस पूर्व मंत्री के आगे से सत्ता की थाल सरक गई, उस पर क्या बीत रही होगी, इसका आकलन करना सामान्य जन के बस का नहीं है। यह सच है कि इस चुनाव के जरिये योगी सरकार ने कई कीर्तिमान बनाए हैं। उसमें एक यह भी है कि 1985 के बाद पहली बार लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। 35 साल पहले नारायण दत्त तिवारी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि नारायण दत्त तिवारी भी उत्तराखंड से थे और योगी आदित्यनाथ भी उत्तराखंड से हैं। दो दिन पहले उत्तराखंड में पुष्कर धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने दोबारा कमान संभाली है। उत्तर प्रदेश सरकार के सामने चुनौतियां बहुत हैं। उसे युवाओं और किसानों की अपेक्षाओं पर तो खरा उतरना ही है। कोरोना काल में पटरी से उतर चुकी शिक्षा व्यवस्था को ठीक करना है। डिफेंस कॉरिडोर को अंजाम तक पहुंचाना है तो शुरू की गई अनेक विकास परियोजनाओं को पूरा भी करना है। इस बार सरकार को सत्ता संचालन की मॉनिटरिंग अधिक मुस्तैदी से खुद करनी है। बृजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाकर योगी आदित्यनाथ ने विरोधी दलों को यह संदेश तो दे ही दिया है कि भाजपा में आने वाले दूसरे दल के नेताओं को भी पर्याप्त सम्मान मिलता है। सहयोगी दलों के हितों के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के प्रति भाजपा अनवरत प्रतिबद्ध रहती है। बांह गहे की लाज की उसकी अपनी संस्कृति है और इसके लिए वह बड़े नुकसान की भी परवाह नहीं करती। भाजपा ने इस मंत्रिमंडल के गठन के जरिये यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि उसके लिए परिवारवाद मायने नहीं रखता। जो जनसेवा की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा, उसके पर कतरने में पार्टी नेतृत्व एक पल भी जाया नहीं करेगा। योगी सरकार को मौजूदा समय भावुकता और धार्मिकता में गंवाने की बजाए प्रदेश के विकास अनुष्ठान में लगाना चाहिए। उसे उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाना है तो ऐसे किसी भी प्रयोग से बचना होगा जो विपक्ष को चिढ़ाते नजर आएं। यह प्रदेश सबका है। जब हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं तो हमें सबका दिल भी जीतना होगा। बुलडोजर की आरती से यह लक्ष्य वैसे भी पूरा नहीं होगा। आरती उन लोगों की होनी चाहिए जो वाकई अपने काम को ही धर्म मानते हों। जिस तरह खास रणनीति के तहत मंत्रिमंडल का गठन किया गया है, उसी तरह खास रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश को हर सेक्टर में मजबूती देनी होगी। व्यवस्था के कमजोर कील-कांटों को हटाना होगा और योगी ही नहीं, उनके मंत्रिमंडल का हर मंत्री उपयोगी है, इस अवधारणा को सच करना होगा।
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डॉ. अनिल कुमार निगम चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर की स्पष्ट गुफ्तगू के बाद यह तो पता चलता है कि चीन की मंशा को लेकर भारत सजग है। लेकिन जिस तरीके से यूक्रेन के मामले में चीन अप्रत्यक्ष तौर पर रूस के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है, उससे यह इनकार नहीं किया जा सकता कि वह ताइवान के साथ-साथ भारत के लिए भी संकट बन सकता है। चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जिस तरीके से अपने रक्षा बजट में 7.1 प्रतिशत बढ़ोतरी की है, उसके बाद भारत को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। ध्यातव्य है कि भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी हो और मई 2020 से पहले जैसी स्थिति बहाल की जाए। उसके पश्चात ही दोनों देशों के रिश्ते सामान्य हो सकते हैं। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद विदेश मंत्री जयशंकर और वांग की तीन बार दूसरे देशों (रूस और ताजिकिस्तान) में मुलाकात हो चुकी है। सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर सैन्य कमांडरों और विदेश मंत्रालयों के बीच वार्ता हो रही है, हालांकि इसकी रफ्तार काफी धीमी है। निस्संदेह, चीन भारत का सबसे धोखेबाज पड़ोसी देश रहा है। 5 मई 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच जबरदस्त झड़पें हुई थीं और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। यह दोनों देशों के बीच वर्ष 1996 में हुई संधि का उल्लंघन है। यही नहीं, चीन भारत के साथ दोस्ती का नाटक करते हुए भारत पर पहले भी हमला कर चुका है। सीमा विवाद के ही चलते चीन ने वर्ष 1962 में आक्रमण कर दिया था जो दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध में तब्दील हो गया था। हालांकि भारत की विदेश नीति गुटनिरपेक्षता पर आधारित रही है। भारत खुद किसी शक्ति गुट का हिस्सा नहीं रहा है। वह एक स्वतंत्र विदेश नीति को लगातार आगे बढ़ाता रहा है। यह शीत युद्ध से पैदा हुई नीति है। जब भारत आजाद हुआ था, दुनिया खूनखराबे से भरी हुई थी। वैश्विक शक्तियां गुटों में बंटी हुई थीं और संघर्ष को और भड़का रही थीं। कोरियाई युद्ध के दौरान भी भारत और अन्य गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों ने इसका पक्ष नहीं लिया था। यही कारण है कि यूक्रेन के मसले पर भारत ने ट्रांस-एटलांटिक सहयोगियों का साथ देने से इनकार कर दिया। भारत का मानना है कि मसले का हल बातचीत के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। वस्तुस्थिति यह है कि रूस भारत का आजमाया हुआ पक्का मित्र है। वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में तत्कालीन सोवियत संघ का समर्थन भारत को मिला था, वह भारतीय जनता के दिल-ओ-दिमाग में आज भी कायम है। इसके विपरीत, अमेरिका ने भारत के खिलाफ अड़ियल रुख अपनाया था और भारत को डराने के लिए बंगाल की खाड़ी में अपने सातवें बेड़े को भेज दिया था। यही नहीं, सैन्य साधनों के मामले में भारत के लिए रूस सहयोगी रहा है। उसने इसे एक मजबूत शक्ति बनाया और इन्हीं सैन्य साधनों की मदद से भारत तीन युद्ध जीत चुका है। निस्संदेह, चीन रूस की ओर से प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन में लड़ाई नहीं लड़ रहा है लेकिन उसने संघर्ष में काफी हद तक रूस का साथ दिया है और उसने इसे आक्रमण कहने से भी इनकार कर दिया है। वहीं, अमेरिका ने चीन पर झूठी खबरें और गलत सूचना फैलाने में रूस की मदद करने का भी आरोप लगाया है। चीन इस मसले पर बाकी देशों से हटकर बर्ताव कर रहा है। यह भी तय है कि अगर महाशक्तिओं के बीच विश्वयुद्ध छिड़ता है तो चीन रूस के साथ खड़ा होगा। हालांकि भारत चीन के इस रुख से परेशान नहीं है। लेकिन भारत को चीन के इस स्टैंड को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि साम्राज्यवादी नीति पर भरोसा करने वाला चीन भारत सहित कई देशों के लिए संकट बन सकता है। चीन के इस स्टैंड से इस बात का डर बढ़ गया है कि वह कभी भी ताइवान और भारत की सीमा पर आक्रमणकारी के तौर पर घुसपैठ कर सकता है। चीन स्वशासित देश ताइवान को अपना अधिकार क्षेत्र मानता है और भारत के अरुणाचल प्रदेश सहित कई सीमाई इलाकों को अपना हिस्सा मानता है। चीन के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए भारत को इसे और अधिक गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। परिवर्तित परिस्थितियों में वैश्विक स्तर पर न केवल चीन के खिलाफ माहौल तैयार करने की आवश्यकता है बल्कि अपनी रक्षा नीति का पुनर्मूल्यांकन करते हुए उसे और अधिक चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा बिहार दिवस के ठीक बाद हैदराबाद से बिहार के लिए एक बुरी खबर सामने आई कि वहां पर हुई एक भीषण आगजनी की घटना में बिहार के 11 मजदूर जिंदा जल गए। ये सभी सारण और कटिहार जिलों के थे। ये सब अभागे मजदूर कबाड़ गोदाम में लगी भीषण आग में फंस गए थे। आग इतनी तेज थी कि फायर ब्रिगेड की नौ गाड़ियों को आग पर काबू करने में तीन घंटों से भी अधिक का समय लगा। इन मजदूरों के परिवारों के लिए तेलंगाना और बिहार की सरकारों ने कुछ मुआवजे की घोषणा की रस्म पूरी कर दी है। मुआवजे की घोषणा का मतलब यह हुआ कि अब केस खत्म हो गया। अब कोई इस विषय पर विचार नहीं करेगा कि देश के चप्पे-चप्पे पर होने वाले निर्माण कार्यों से लेकर छोटे-मोटे मजदूरी के कामों में बिहारी ही क्यों लगे हुए हैं? आप लद्दाख की राजधानी लेह से लेकर गोवा के सुदूर क्षेत्रों और देश के दूरदराज वाले इलाकों में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बिहारी मजदूरों को दिन-रात सड़कों से लेकर फैक्ट्रियों और खेतों से लेकर घर-दफ्तरों के बाहर देखेंगे। ये कितनी कठोर परिस्थितियों में काम करते हैं, इसको जानने की किसी को चिंता नहीं है। किसी को इस बात की जल्दी भी नहीं है कि बिहारी मजदूरों के हक में कोई ठोस योजना बना ली जाए। पंजाब आज अगर कृषि क्षेत्र में देश में अहम राज्य का दर्जा पा चुका है तो इसका सबसे बड़ा श्रेय बिहारी मजदूरों को ही जाता है। ये दिन-रात अपनी मेहनत से पंजाब के खेतों को हरा-भरा करते हैं। पर वहां हाल तक कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी बिहारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्हें “भैये” कहकर गालियां दे रहे थे। मतलब यह कि सिर्फ खून-पसीना बहाने के लिए ही हैं बिहारी मजदूर। पंजाब के खेतों में धान की रोपाई के लिए या गेहूं की कटाई के लिए राज्य को बिहार के खेतिहर मजदूरों का ही इंतजार रहता है। बिहार के छपरा, पूर्णिया, मोतिहारी आदि जिलों और पूरे मिथिलांचल के खेती करनेवाले किसान पंजाब पहुंचकर खेतों की रोपाई करते हैं। पर उन्हें मिलता क्या है? सिर्फ इतनी मजदूरी ताकि वे जी भर सकें। आजकल ‘दि कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की सारे देश में चर्चा हो रही है। उसमें कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के ऊपर हुए जुल्मों सितम को दिखाया गया है। यह जरूरी भी था। पर कोई यह नहीं बताता कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद के बढ़ने के बाद से न जाने कितने प्रवासी बिहारी मजदूर भी मारे जा चुके हैं। इनकी संख्या भी हजारों में है। वहां पर कुछ समय पहले ही बिहार के भागलपुर से काम की खोज में आए गरीब वीरेन्द्र पासवान को भी गोलियों से भूना गया था। पासवान की मौत पर उसके घरवालों या कुछ अपनों के अलावा रोने वाला भी कोई नहीं था। पासवान का अंतिम संस्कार झेलम किनारे दूधगंगा श्मशान घाट पर कर दिया गया था। वीरेंद्र पासवान गर्मियों के दौरान पिछले कई वर्षों से कश्मीर में रोजी-रोटी कमाने आता था। वह श्रीनगर में ठेले पर गोलगप्पे बेचता था। हैदराबाद में मारे गए बिहारी मजदूरों की तरह पासवान के परिवार को भी कुछ राशि दे दी गई थी, ताकि वे अपने आंसू पोंछ लें। जरा याद करें कि किस तरह लॉकडाउन के दौर में लाखों बिहारी मजदूर सड़कों पर पैदल चले जा रहे थे, अपने घरों की तरफ। बिहारियों की आंसुओं भरी कहानी का इतिहास बहुत पुराना है। इन्हें ब्रिटिश सरकार “गिरमिटिया” श्रमिकों के रूप में मॉरिशस, गयाना, त्रिनिडाड-टोबैगो, सूरीनाम, फीजी आदि देशों में लेकर गई थी, गन्ने के खेतों में काम करवाने के लिए। इन श्रमिकों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कमाल की जीवटता दिखाई और घोर परेशानियों से दो-चार होते हुए अपने लिए जगह बनाई। इन्होंने लंबी समुद्री यात्राओं के दौरान अनेक कठिनाइयों को झेला। दरअसल ब्रिटेन को 1840 के दशक में गुलामी का अंत होने के बाद भारी संख्या में खेतों में काम करने वाले श्रमिकों की जरूरत पड़ी जिसके बाद भारत से गिरमिटिया मजदूर बाहर के देशों में जाने लगे। लेकिन दुख इस बात का है कि अंग्रेजी राज खत्म होने के इतने दशक गुजर जाने के बाद भी गरीब बिहारी की जिंदगी में सुधार नहीं हो रहा है। उसे तो अपने घर, धरती और संबंधियों से दूर जाकर ही पेट की आग को बुझाना पड़ रहा है। देश-दुनिया के किसी भी भाग में बिहार के नागरिक के मारे जाने या अपमानित किए जाने पर कोई खास प्रतिक्रिया तक नहीं होती। यह नहीं देखा जाता कि बिहारी जहां भी जाता है वहां पूरी मेहनत से जी-जान लगाकर काम करता है और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करता है। बिहार से बाहर बहुत से लोगों को लगता है कि बिहार के लोग तो सिर्फ सिविल सेवा में आते हैं। वे आईएएस, आईपीएस, आईएफएस बनना चाहते हैं। यह भी बिहार का एक छोटा-सा सच है। जिस राज्य में रोजगार के मौके नगण्य होंगे, वहां का पढ़ा-लिखा नौजवान सरकारी नौकरी की तरफ आकर्षित होगा ही। बिहार से हर साल हजारों नौजवान विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं। उसमें से कुछ पास हो जाते हैं और शेष धक्के खाते रहते हैं। इनमें से कई ट्यूशन पढ़ाते-पढ़ाते वरिष्ठ नागरिक का दर्जा प्राप्त कर लेते हैं। यह याद रखा जाए कि जब तक बिहार में ही रोजगार के भरपूर अवसर पैदा नहीं होंगे तबतक बिहारियों की दुर्दशा होती ही रहेगी। बिहार में रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने होंगे। बिहार में इस तरह का वातावरण बनाना होगा ताकि टाटा, रिलायंस, एचसीएल, जिंदल, महिन्द्रा गोयनका, मारूति, इंफोसिस जैसी श्रेष्ठ कंपनियां राज्य में भी भारी निवेश करें। जब बिहार में हर साल हजारों करोड़ का निवेश होगा तो फिर कहीं जाकर बिहार के लोगों को राज्य से बाहर जाना नहीं पड़ेगा। उन्हें राज्य में ही नौकरी मिल जाएगी। बिहार के सभी सियासी दलों को इस सवाल को अपने से पूछना होगा कि उन्होंने राज्य में निजी क्षेत्र का निवेश लाने में क्या किया? महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों का तगड़ा विकास इसलिए हो रहा है क्योंकि इनमें हर निजी क्षेत्र का तगड़ा निवेश आ रहा है। हमने देखा कि गुजरे कुछ दशकों के दौरान देश के अनेक शहर मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र के हब बनते गए। पर इस मोर्चे पर भी बिहार पिछड़ गया। अब बताइये कि इन हालात में गरीब बिहारी के पास रोजी-रोटी के लिये राज्य से बाहर जाने के अलावा क्या विकल्प है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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योगेश कुमार गोयल क्रिकेट को और ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिनमें अक्तूबर 2017 में बनाए गए कुछ नियम भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए नियम बनाने वाली संस्था ‘मेरिलबोन क्रिकेट क्लब’ (एमसीसी) के कानून प्रबंधक फ्रेजर स्टीवर्ट का कहना है कि 2017 कोड के आने से खेल के कई नियम बदल गए हैं। उनके मुताबिक 2019 में आए उस कोड का दूसरा संस्करण ज्यादातर स्पष्टीकरण और थोड़ा बहुत संसोधन था किन्तु 2022 कोड बड़ा बदलाव करता है। दरअसल, एमसीसी ने अब क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव किए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में इसी साल होने वाले टी20 विश्व कप से पहले लागू किए जाएंगे और 1 अक्टूबर, 2022 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रभावी होंगे। इनमें से कुछ नियम इंग्लैंड के द हंड्रेड लीग में लागू किए गए थे। उल्लेखनीय है कि एमसीसी के सुझाव पर ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) नियमों को लागू करती है। एमसीसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू किए जा रहे नए नियमों को आधुनिक क्रिकेट में नवीनता लाने वाला कदम माना जा रहा है। एमसीसी ने जिन नियमों में बदलाव किया है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव कैच आउट होने वाले खिलाड़ी को लेकर है। नए नियम के तहत अब कैच आउट होने पर उस खिलाड़ी की जगह आने वाला नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक लेगा, बशर्ते वह ओवर की अंतिम गेंद न हो। इससे पहले जब स्ट्राइक पर मौजूद बल्लेबाज का कैच लिया जाता था तो उस दौरान क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज रन लेने के लिए दौड़ते थे। अगर कैच लेने से पहले नॉन स्ट्राइक बल्लेबाज हॉफ पिच क्रॉस कर जाता था तो वह अगली गेंद पर स्ट्राइक लेता था। नियम 18.11 में बदलाव के बाद यदि कोई बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है तो नया बल्लेबाज अगली गेंद का सामना करने के लिए स्ट्राइक पर आएगा, जब तक कि वह ओवर खत्म नहीं हो, भले ही बल्लेबाजों ने खिलाड़ी के आउट होने से पहले अपने छोर बदल लिए हों। एमसीसी के सुझाव पर इस नियम को पिछले साल इंग्लैंड तथा वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने द हंड्रेड टूर्नामेंट में ट्रायल किया था। एमसीसी द्वारा नियमों में बदलाव के तहत नियम 41.3 में परिवर्तन करते हुए गेंद पर थूक लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है। गेंदबाज अब गेंद की चमक को बरकरार रखने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे और गेंद पर लार का इस्तेमाल अब गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की तरह ही माना जाएगा। दरअसल कोरोना काल में दोबारा से क्रिकेट का नया दौर शुरू होने के बाद क्रिकेट में कई चीजें बदली थी, जिनमें से एक गेंदबाज द्वारा गेंद पर थूक लगाने पर पाबंदी भी शामिल थी। एमसीसी द्वारा इस पर की गई रिसर्च में पाया गया कि गेंद पर थूक नहीं लगाने से गेंदबाजों को मिलने वाली स्विंग पर प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि कोरोना काल में गेंदबाज गेंद की चमक बनाए रखने के लिए पसीने का इस्तेमाल करते रहे हैं, जो समान रूप से प्रभावी है लेकिन एमसीसी द्वारा गेंद पर लार लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों में तीसरा बड़ा बदलाव डेड बॉल को लेकर नियम 27.4 और 28.6 में बदलाव है। दरअसल डेड बॉल कभी-कभी मैच में काफी अहम भूमिका निभाती है। नए नियम के तहत मैदान पर अचानक किसी प्रशंसक, जानवर या अन्य किसी वस्तु के आ जाने पर अब अम्पायर को यह अधिकार होगा कि वह खेल में व्यवधान उत्पन्न होने की स्थिति में यदि किसी टीम को उस वजह से नुकसान होता है तो उस गेंद को ‘डेड बॉल’ करार दे सके। अभी तक क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में फील्डिंग करने वाली टीम के किसी सदस्य की अनुचित मूवमेंट को डेड बॉल से दंडित किया जाता था लेकिन अब ऐसा होने पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे, जिससे गेंदबाजी करने वाली टीम के सदस्य ज्यादा सतर्क रहेंगे। एमसीसी के नए नियमों में वाइड गेंद तय करते समय भी नियम अलग निर्धारित किया गया है। नए नियम के तहत यह ध्यान रखा जाएगा कि गेंदबाज के रनअप लेने के समय बल्लेबाज कहां खड़ा था। इसे लेकर एमसीसी का कहना है कि उस गेंद को वाइड कहना अनुचित होगा, जो उस जगह पर पड़ी है, जहां गेंदबाज के एक्शन में आने के समय बल्लेबाज खड़ा था। इसी प्रकार नियम 25.8 में बदलाव के बाद अब पिच छोड़ने को मजबूर करने वाली गेंद नो बॉल मानी जाएगी। दरअसल, अब अगर गेंद पिच के बाहर गिरती है तो नए नियम के तहत बल्लेबाज के बल्ले का कुछ हिस्सा या उसके पिच के भीतर रहने पर उसे गेंद खेलने का अधिकार होगा और उसके बाहर जाने पर अंपायर डेड बॉल का इशारा करेंगे। मांकडिंग आउट को लेकर भी एमसीसी ने अपने नियम 38.3 में संशोधन किया है। गेंदबाजी छोर पर खड़े बल्लेबाज को गेंद फैंकने से पहले आउट किए जाने वाले रन आउट को मांकडिंग कहा जाता है और 74 साल बाद मांकडिंग को अनुचित खेल की श्रेणी से हटाया गया है। 1974 में पहला ऐसा वाकया हुआ था, जब भारत के वीनू मांकड ने आस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को दूसरे छोर पर आउट किया था। तब मांकड के नाम पर ही क्रिकेट जगत में इसे नकारात्मक तौर पर ‘मांकडिंग’ नाम दिया गया था। हालांकि सुनील गावस्कर इत्यादि भारतीय खिलाडि़यों ने इसे वीनू मांकड के प्रति अपमानजनक बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया था। अब इसी मांकडिंग को एमसीसी द्वारा वैध आउट के रूप में स्वीकार किया जाना भारत के लिए बड़ी राहत का विषय है। एमसीसी द्वारा अब दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम 41.16 को नियम 41 (अनुचित खेल) से हटाकर नियम 38 (रन आउट) में डाल दिया गया है, जिसमें नॉन स्ट्राइक छोर के बल्लेबाज को रन आउट करने का प्रावधान है। नए नियम में अब मांकडिंग को अनुचित की श्रेणी से हटा दिया गया है और अब यदि नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज गेंद फेंकने से पहले क्रीज से बाहर निकल जाता है तो गेंदबाज गिल्लियां बिखेरकर उसे रन आउट कर सकता है। अभी तक इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता था और ऐसा किए जाने पर काफी हो-हल्ला होता था। मांकडिंग को लेकर बने नए नियम के बाद अब बल्लेबाज क्रीज नहीं छोड़ेंगे और इससे रनों और रन आउट होने की संख्या पर भी असर पड़ेगा। बहरहाल, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सहित क्रिकेट जगत के अधिकांश दिग्गज एमसीसी के इन नए नियमों को स्वागत योग्य कदम बता रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए नियमों के बाद खेल प्रेमियों का आकर्षण क्रिकेट के प्रति और ज्यादा बढ़ेगा। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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हृदयनारायण दीक्षित संस्कृति सामाजिक व राष्ट्रीय एकता की संवर्द्धक होती है। दुनिया की सभी भाषाओं की अपनी संस्कृति होती है। भाषा गतिशील रहती है। यह अपनी यात्रा में संस्कृति भी साथ ले जाती है। भारतीय भाषाओं के कारण हमारी संस्कृति गतिशील है। राजभाषा हिन्दी के अपने उदात्त संस्कार हैं। मैं एक बार दिल्ली में विचार गोष्ठी में था। मैंने कहा कि जहां उपद्रव है, वहां हिन्दी पहुंचा दीजिए। उपद्रव शांत हो जाएगा। कानून/पुलिस से उपद्रव का शमन अल्पकालिक होता है। भाषा और संस्कृति के प्रभाव दीर्घकालिक होते हैं। लेकिन उन क्षेत्रों में जब हिन्दी पहुंचेगी तो तुलसीदास पहुंचेगे। तुलसीदास पहुंचेगे तो अराजकप्रियता के स्थान पर मर्यादा और शालीनता का विकास होगा। सांस्कृतिक राष्ट्रभाव का विकास होगा। तुलसीदास के पहुंचने से तनावपूर्ण समस्याओं का समाधान संभव है। तुलसीदास एक नाम है। वे एक समर्पित संत थे। हिन्दी में ऐसे अनेक पुरोधा है। वे संस्कृतिक के संवाहक हैं। भाषा के साथ संस्कार भी गति करते हैं। अंग्रेजी सत्ता आई। भारत में अंग्रेजी आई। अंग्रेज आए। अंग्रेजी के साथ यूरोपीय संस्कार आये। संस्कारों के साथ हमारे रहन-सहन में, जीवन पद्धति में, हमारे हालचाल में, प्रीति-प्यार की अभिव्यक्ति में अंतर आया। उच्च वर्ग में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग बढ़ा। अंग्रेजी सत्ता की भाषा थी। अंग्रेजी हनक ठसक की भाषा बनी। अंग्रेजी में विद्वानों के नाम लेकर हम उदाहरण दें सकते हैं। हमने शेक्सपीयर व कीट्स को पढ़ा है। हमने शेली को पढ़ा है। अंग्रेजी विद्वानों के नाम सुनकर लोगों को लगता है कि बोलने वाला विद्वान है। हम कहें कि हमने वृहदारण्यक उपनिषद् पढ़ा है। हमने तुलसीदास को पढ़ा है। लोगों को लगता है कि कोई नयी बात नहीं है। यह साधारण सी बात है। हमने रामचन्द्र शुक्ल को पढ़ा है। हमने हजारी प्रसाद द्विवेदी को पढ़ा है। हमने विद्यानिवास मिश्रा को पढ़ा है। लोगों को लगता है कि यह कोई बड़ी बात नहीं हैं। अंग्रेजी में कुछ पढ़े होते, अंग्रेजी के किसी बड़े व्यक्ति का नाम लेते। बड़ी बात होती। इस तरह हमारी सोच और मानसिकता में अंग्रेजी घर कर गयी है। अंग्रेजी का हमारे भीतर घर कर जाना, सांस्कृतिक दृष्टि से उचित नहीं है। भाषा की दृष्टि से ठीक है। मैंने स्वयं अंग्रेजी पढ़ी है। भाषा के रूप में अंग्रेजी पढ़ना बुरा नहीं है। मैंने स्वयं हिन्दी को ठीक से पढ़ा है। लेकिन हिन्दी का उदाहरण कमतर और अंग्रेजी का उदाहरण महान मानने की वृत्ति उचित नहीं है। इससे संस्कृति बदल जाती है। हमारे आपके घरों में बच्चे, शिक्षित माताएं, बहनें किसी न किसी रूप में अधकचरी अंग्रेजी बोलती हैं। हिन्दी बोलना संस्कृति का धारक है। हिन्दी हमारे प्राणों में है। भारत हिन्दी में हँसता है। हिन्दी में दुखी होता है। हिन्दी में व्यक्त होता है। हिन्दी में शोक करता है। हिन्दी में उल्लास व्यक्त करता है। हिन्दी में हर्ष और विषाद व्यक्त करता है। हिन्दी हमारे मन, प्राण, विवेक और प्रज्ञा की भाषा है। हिन्दी हमारे अर्पण की तर्पण की, प्रीति की, प्यार की भाषा है। हमारी रहन-सहन शैली की भाषा है। हिन्दी हमारा स्वाभिमान है। लेकिन हिन्दी से कटे लोग भारतीय समाज के संस्कारों से दूर हो रहे हैं और भारत की मूलभूत प्रज्ञा से भी। हिन्दी के पास संस्कृत का उत्तराधिकार है। लेकिन हिन्दी के प्रति उपेक्षा भाव है। यह चिन्ता का विषय है। हिन्दी से जुड़े कार्यक्रमों में कई आश्चर्यजनक बातें जानकारी में आती हैं। हाईस्कूल इण्टर के छात्र हिन्दी में असफल हो रहे हैं। मातृभाषा में ही असफल होना दुखद है। हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन हो रहा है। बच्चों को संस्कार देना अपरिहार्य है। लेकिन बच्चों के लिए लिखना बहुत कठिन है। बच्चों से बात करना भी कठिन है। बच्चों से बातचीत कैसे हो? यह दुनिया के मनोविज्ञान की बहुत बड़ी चुनौती है। यह कठिन बात है कि बच्चों से कैसे बात हो? इसके लिए किसी डिग्री या किसी विश्वविद्यालय की आवश्यकता नहीं है। बच्चों से बात करना आसान नहीं। आखिरकार बच्चों से कैसे संवाद किया जाए? हमारे बाल साहित्य के सर्जकों ने कविता लिखते समय या बाल साहित्य पर कुछ लिखते समय अपने मन में जरूर बच्चों से संवाद किया होगा। ऐसा संवाद कठिन है। मैं अखबारों में लिखता हूं। मेरे सामने पाठक ध्यान में रहते हैं। ध्यान में आता है कि पाठक हाईस्कूल या इण्टर तक पढ़ा होगा। हमारा लेख पीएचडी धारक भी पढ़ेंगे। हिन्दी का विशेष वर्ग भी पढ़ेगा। हमारे सामने एक पाठक वर्ग दिखाई पड़ता है। प्रत्येक लेखक या रचनाकार अपनी अभिव्यक्ति शैली होती है। अभिव्यक्ति शैली से नया पाठक वर्ग बनता है। बच्चों के लिए लिखना कठिन है। उनके लिए लिखते समय संस्कारों पर ध्यान देना जरूरी है। बाल साहित्य के सृजन में लेखक के सामने कोई स्पष्ट पाठक वर्ग नहीं दिखाई पड़ता है। मुस्कुराता बच्चा, रोता बच्चा, हंसता बच्चा, गाता बच्चा, गुदगुदाता बच्चा, नाराज बच्चा, ऐसे बच्चों की तमाम तरह की भावनाएं या इमोशन है। अंग्रेजी में फीलिंग एक शब्द है। इमोशन के साथ फीलिंग से जुड़कर कुछ लिखना-पढ़ना निश्चित रूप से बड़ा काम है। लेकिन लोग लिख रहे हैं। वे बधाई के पात्र हैं। बच्चो की भावना फीलिंग, उनके इमनोशन्स उसकी गहराई में जाना और मां जैसा हो जाना बड़ा काम है। बच्चों के लिए कुछ लिखना, गीत लिखना, लोरी लिखना, गाना, मां हो जाना है। मुझे लगता है कि सभी बाल साहित्यकार पहले मां बने हैं। तब साहित्यकार बने हैं। उनके भीतर का मातृत्व, उनके भीतर का वात्सल्य, उनके भीतर का रस, उनके भीतर खिलता बसंत अथवा अषाढ़ ये सब उनको रससिक्त करते हैं। लेखन सृजनधर्म है। इसे लोक मंगल का साधक होना चाहिए। लेखन का ध्येय मनोरंजन ही नहीं होता। इसे राष्ट्रजीवन का धारक व साधक होना चाहिए। (लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं)
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वीरेन्द्र सिंह परिहार गत माहों कर्नाटक के स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने को लेकर पूरे देश में बड़ा बवाल मचा। मुस्लिम लड़कियों की एवं मुस्लिम स्कालरों का जहाँ एक ओर यह कहना था कि वह क्या पहनती हैं, यह उनका मौलिक अधिकार है। प्रियंका गांधी ने तो इस संदर्भ में यह तक कह दिया कि कोई चाहे बिकनी पहने- यह भी उसका अधिकार है। लेकिन मुस्लिम पक्ष का यह भी कहना था कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा है और शरिया के अनुसार वह हिजाब पहनकर ही स्कूल एवं कालेज जायेंगी। जबकि दूसरी तरफ शैक्षणिक संस्थानों एवं कर्नाटक सरकार का कहना था कि शैक्षणिक संस्थानांे में डेªसकोड लागू है। इसलिये वहाँ डेªसकोड से इतर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अंततः मामला कर्नाटक हाईकोर्ट गया, जहाँ पर उसके द्वारा यह कहा गया कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है, इसलिये शैक्षणिक संस्थानों पर इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। मुस्लिम पक्ष इससे संतुष्ट न होकर सर्वाेच्च न्यायालय पहुंच गया है। उसके अनुसार उसके लिये शरियत संविधान से ऊपर है। यद्यपि सर्वाेच्च न्यायालय ने इस पर त्वरित सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। दूसरी तरफ इसी बीच गुजरात सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुये श्रीमद् भगवत गीता को स्कूलों में पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया। कर्नाटक सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है। फलतः मुस्लिम जगत की ओर से इसका व्यापक विरोध देखने को मिला। मुस्लिम धर्म गुरूओं द्वारा कहा गया कि यदि ऐसा है तो सभी धर्माें की पुस्तकें पढ़ाई जानी चाहिए। पता नहीं क्यों ? इस देश में तथाकथित सेक्यूलर जो ऐसे मामलों में विरोध करने के लिये अग्रणी रहते थे, वह देश के बदले माहौल और हिन्दू चेतना के बढ़ते प्रवाह को देखते हुये मुखर होकर इस कदम का विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। ऐसी स्थिति में बड़ा सवाल यह कि क्या स्कूलों में गीता पढ़ाया जाना, किसी मजहब या पंथ की किताब पढ़ाया जाना है ? वस्तुतः गीता कोई ऐसी पुस्तक नहीं जो मात्र हिन्दू धर्म से सम्बन्ध हो। उसमें न तो कोई कर्मकाण्ड का वर्णन है और न ही कोई ऐसे रीति-रिवाजों का जो मात्र हिन्दुओं के लिये हो। उसमें जो कुछ है पूरी मानवता के लिये है। सारे इंसानों के लिये भगवान श्री कृष्ण ने कुरूक्षेत्र के मैदान में कर्म का संदेश दिया। उन्होंने संदेश ही नहीं दिया, अपितु अर्जुन से पूछ भी लिया- अर्जुन क्या तुमने मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुना ? क्या तुम्हारा मोह- अज्ञान समाप्त हो गया ? अर्जुन ने दृढ़ता से उत्तर दिया- ‘‘नष्टो मोहः स्मृतिलव्धा त्वत्प्रसादा व्मायाच्युत स्थितिस्मि गतसंदेहः करिष्ये वचनं तव।।’’ अर्थात मेरा मोह नष्ट हो गया, संदेह दूर हो गया। तुम्हारे वचनों से और कृपा से मैं स्मृति को उपलब्ध हो गया। पर इसको बड़े फलक मंे देखने की आवश्यकता है। पहली बात तो गीता अनुशासन, संयम सिखाती है, बड़ी सच्चाई यही है कि यदि व्यक्ति में संयम, अनुशासन का अभाव है तो न तो वह अध्यात्म में सफल हो सकता है, न परिवार में, न व्यापार में। जीवन के किसी भी विधा के चरम को स्पर्श करने में निश्चित रूप से सफल नहीं होगा। जैसा कि स्वामी सत्यमित्रानंद जी कहते हैं- ‘‘अध्यात्म पूरे संसार को छूता है। उसके प्रमाणिक स्पर्श से व्यक्ति की ऊर्जा जागृत होती है। अध्यात्म से तात्पर्य यह भी नहीं कि वह जीवन से दूर ले जाये। ऐसे अध्यात्म की जीवन में उपयोगिता भी नहीं है।’’ अब जहाँ तक मोह का सवाल है, वहाँ यह स्पष्ट है कि यदि प्रबंधन करने वाले या नेतृत्व करने वाले के मन में मोह होगा तो वह न्याय नहीं कर सकेगा, वह निष्पक्ष नहीं हो सकता। इसलिये प्रबंधन करने वाले को अपने जीवन की बौद्धिक तुला को संतुलित करने का पूरा प्रयास करना पड़ेगा कि मेरा कोई नातेदार, मित्र, घनिष्ठ, कहीं अनुचित आचरण कर रहा है तो उसे दण्डित करना पड़ेगा। उसके कर्म को ठीक करना पड़ेगा। इसके लिये संतुलित मस्तिष्क की पहली आवश्यकता है, लेकिन संतुलित मस्तिष्क को पाने के लिये जीवन को आध्यात्म के साथ जोड़ना पड़ता है। देह के साथ जुड़ा व्यक्ति कर्तव्य विमुख होता है। देह के साथ जब धृतराष्ट जुड़ जाता है तो वह संजय से पूँछता है- ‘‘ममकाः पाण्डाश्चैव किम कुर्वत संजय’’ अर्थात मेरे और पाण्डु-पुत्रों ने क्या किया ? पूछना चाहिए था- कौरवों-पाण्डवों ने क्या किया ? लेकिन अंधे होने पर भी उसका मोह अपनो के लिये ‘मामका’ शब्द प्रयोग कराता है। गीता में कृष्ण कहते हैं- ‘‘व्यवसायित्माक बुद्धि समाधान न विधीयते।’’ अर्थात जिन लोगो का मन चंचल है वे ठीक से निर्णय लेने में अपने को असमर्थ पाते हैं। जीवन की किसी भी व्यवस्था को यदि ठीक से चलाना है तो गीता के अनुसार पहला प्रयत्न अपने चित्त अपने मन को धीरे-धीरे ही सही, संतुलित करने की आवश्यकता है। जिन लोगो का मन चंचल है वे ठीक से निर्णय करने में सक्षम नहीं होते। गीता बार-बार कहती है- ‘‘धर्मस्य त्रस्यते महतो भयात (2/40) धर्म का छोटे-से-छोटा आचरण, अध्यात्म की छोटी सी क्रिया व्यक्ति का बहुत बड़े भय से बचा लेती है। गीता कहती है- ‘‘स्वकर्मणा तभम्यच्र्य सिद्धि विद्धति मानवः (18/40) यानी कुछ भी हो यदि कार्य करने की कला सीख ली तो वह सिद्धि प्राप्त कर लेता है जिसे प्राप्त करने का प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। (इसका तात्पर्य उस सिद्धि से नहीं जो चमत्कार की ओर ले जाती है) लेकिन गीता जिस सिद्धि की बात कर रही है, वह मनुष्य को आनंद की ओर ले जायेगी। जगत में रहते हुये भी व्यक्ति संसार में लिप्त नहीं होगा। इसी सिद्धि या प्रवीणता प्राप्त करने के चलते एक रविदास मोची को एक राजरानी के रूप में प्रतिष्ठित महिला मीरा ने अपना गुरू बनाया था। गीता कहती है मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय सभी में समभाव रखना चाहिए। यह भी संभव है- हार में कोई जीत छुपी हो या दुःख में कोई आनंनद छिपा हो। श्रेष्ठ व्यक्ति आपदा को अवसर में बदल देता है। इस तरह से गीता पूरी मनुष्य जाति से यह अपेक्षा करती है कि वह श्रेष्ठ या आर्य बनें। यह बड़ी सच्चाई है कि भारत सभ्यता व आर्थिक समृद्धि मैं अतीत में अग्रणी था, परन्तु जबसे राजनीति में धर्म का प्रभाव कम होना शुरू हुआ। गांधी के शब्दों में कहे तो धर्म विहीन राजनीति का दौर जबसे चला तो भारत में एक राष्ट के रूप में अवनति की शुरूआत हो गई। स्वतंत्र भारत में भी राजनीतिज्ञों में मोह-माया, तेरा-मेरा और भाई-भतीजावाद का प्राबल्य ही हमारी राष्ट्रीय असफलता का बड़ा कारक है। इधर हाल के वर्षाें में मोदी और योगी ने बताया है कि एक सन्यासी दृष्टि से यदि शासन किया जाये तो सुशासन का दौर आ सकता है। महान दार्शनिक एवं भारत के भूतपूर्व राष्टपति स्व0 राधाकृष्णन का कहना था- ‘‘गीता को विज्ञान की तरह पढ़ने में और दर्शन की तरह सोचने की अभिलाषा स्वाभाविक है।’’ पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. कलाम का कहना था- ‘‘गीता एक विज्ञान और भारतीयों के लिये अपनी संस्कृतिक विरासत का गर्व है। जर्मन धर्म के अधिकृत भाष्यकार होअर का कहना है- ‘‘यह सब कालो के लिये सब प्रकार के धार्मिक जीवन के लिये प्रमाणिक है।’’ यूरोपीय विद्धान एडविन अर्नाल्ड ने गीता पर ग्रंथ लिखा- सेलेशियन शांगा और कहा भारतवर्ष के इस दार्शनिक ग्रंथ के बिना अंग्रेजो साहित्य निश्चित ही अपूर्ण रहेगा।’’ महात्मा गांधी कहते थे- गीता के श्लोक उन्हें विशाल ब्रिटिश साम्राज्य से टकराने की ताकत देते हैं। जब प्रकाश की कोई किरण नहीं तब रास्ता बना देते हंै। उन्होंने गीता को माँ बताया था।’’ लोकमान्य तिलक ने गीता पर भाष्य लिखकर यह बताया कि यह कर्म प्रधान है, यह पलायन का नहीं, संघर्ष का दर्शन है।’’ गीता जीवन जीने की कला एवं विज्ञान दोनो है। समस्त मानव जाति के कल्याण का मार्ग गीता में निहित है। यह बताती है कि शरीर और मन का सम्बन्ध ठीक से यदि नहीं जुड़ा तो सफलता नहीं मिलने वाली। अर्जुन के सवाल प्रत्येक व्यक्ति के सवाल हैं, क्योंकि यह जिंदगी ही एक युद्ध-क्षेत्र है। गौर करने का विषय है कि यदि अमेरिका के न्यू जर्सी विश्व विद्यालय मंे गीता पढ़ाई जा सकती है तो भारतवर्ष में क्यों नहीं ? जापान, जर्मनी, नीदरलैण्ड, स्वीडन में भी गीता किसी न किसी रूप में पढ़ाई जा रही है। हावर्ड विश्व विद्यालय में भी पढ़ाई जाने वाली है। ऐसी स्थिति में भारत का एक वर्ग इसका विरोध करे, यह दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा। लेकिन वक्त की यह मांग है कि प्रत्येक विद्यालयों और विश्व विद्यालयों में गीता का अध्ययन, अध्यापन सिर्फ देश के लिये नहीं, सम्पूर्ण विश्व के लिये कल्याणकारी होगा। (इस आलेख में प्रस्तुत विचार लेखक के अपने हैं)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में अंतर्विरोध की एक पटकथा बनाई गई थी। कुछ लोगों ने इसे प्रायोजित रणनीति के तहत प्रचारित किया। यह बताने का प्रयास किया गया कि सत्ता पक्ष में नेतृत्व को लेकर अंतर्विरोध है। यहां तक कहा गया कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के पहले ही नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। एक बार तो राज्यपाल के कार्यक्रम को भी परिवर्तन से जोड़ दिया गया। भाजपा के प्रमुख नेताओं की लखनऊ यात्राओं पर भी ऐसे ही कयास लगाए गए। जबकि दिग्गज नेताओं का प्रवास चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में था। इसके अलावा उसी समय भाजपा का सेवा ही संगठन अभियान चल रहा था लेकिन राजनीतिक सरगर्मियों में इन सकारात्मक कार्यों को नजरअंदाज किया जा रहा था। उस समय संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले लखनऊ आये थे। उनकी यात्रा का उद्देश्य संघ के अनुषांगिक संगठनों द्वारा संचालित सेवा कार्यों का जायजा लेना था। इसी के साथ उन्होंने सेवा कार्यों को गति देने के लिए स्वयं सेवकों को प्रोत्साहित किया। संघ के आनुषंगिक संगठन पूरे देश में सेवा कार्यों का संचालन कर रहे थे। सर कार्यवाह उनके बीच जाकर मनोबल बढ़ा रहे थे। उनकी लखनऊ यात्रा के सेवा व राहत कार्यों संबन्धी मूल उद्देश्य कुछ लोगों नजरअंदाज कर दिया। ऐसे बताया गया जैसे उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार व संगठन में उलटफेर होने जा रहा है। बताया गया कि केशव मौर्य दिल्ली तलब किये गए हैं। फिर जोड़ा गया कि उनके दिल्ली से लौटते बदलाव होगा। राज्यपाल आनन्दी बेन को भी इन अटकलों में जोड़ लिया गया। कहा गया कि वह भोपाल में अपने समस्त कार्यक्रम निरस्त करके लखनऊ पहुंच रही हैं। चुनाव प्रबंधन की दृष्टि से भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री लखनऊ आये थे। उनकी यात्रा पर भी वैसे ही कयासों का बाजार गर्म रहा। इसमें संगठन के सेवा कार्य चर्चा से बाहर कर दिए गए। जबकि उनकी बैठक में तय किया गया कि सेवा ही संगठन अभियान को और तेज किया जाएगा। योजना बनी कि पार्टी कार्यकर्ता कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुए लोगों के घरों पर पहुंचकर उनसे संपर्क करने के साथ साथ आवश्यकतानुसार उनकी सहायता का भी प्रयास करेंगे। ऐसे पटकथा लेखक किसी एजेंडे के तहत ही सक्रिय थे। जबकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किसी प्रकार का संशय ही नहीं था। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनेक जनसभाओं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते थे। उनका यह विचार मात्र राजनीति तक सीमित नहीं है बल्कि यह प्रमाणों व तथ्यों पर आधारित है। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की। अनेक विषयों पर तो 70 वर्षों के कार्य भी पीछे छूट गए। नए भारत में नए उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक योगदान है। नरेन्द्र मोदी ने इन उपलब्धियों के आधार पर ही योगी आदित्यनाथ की उपयोगिता को रेखांकित किया। यूपी विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के नेतृत्व को लेकर चल रहे कयास बेमानी साबित हो चुके थे। प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप में अलंकारिक शब्दावली में योगी आदित्यनाथ के नाम का उल्लेख किया था। यह स्वभाविक भी था क्योंकि उत्तर प्रदेश के इतिहास में विगत पांच वर्ष उपलब्धियों की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहे हैं। करीब पचास योजनाओं में यूपी के नंबर वन का गौरव सामान्य नहीं थी। प्रधानमंत्री पिछले कुछ समय में कई बार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए थे। उनकी प्रत्येक यात्रा यूपी की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हो रही थी। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन योगी आदित्यनाथ की अनवरत मेहनत व सक्रियता से संभव हो रहा थी। उसी दौरान नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। इसकी चर्चा दुनिया में हुई। इसके पहले कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लोकार्पण में तो बीस देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण अवसर पर युद्धक विमानों के प्रदर्शन को भी दुनिया ने गौर से देखा। मेडिकल कॉलेज निर्मांण में भी यूपी शिखर पर पहुंच गया था। नरेन्द्र मोदी ने स्वयं कहा था कि योगी सरकार की सभी उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए बहुत समय की आवश्यकता होगी। नरेन्द्र मोदी योगी की जमकर सराहना कर रहे थे। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश की जनता अब कह रही है- यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी। उन्होंने मंच से इस नारे को कई बार दोहराया था। अपार जनसमूह ने इसका पुरजोर समर्थन किया था। देर तक जनसभा में यह नारा गूंजता रहा। उसी अवधि में मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास हुआ था। योगी सरकार ने व्यवस्था को सुधारने का बखूबी कार्य किया है। माफियाओं पर नकेल कसी गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण के साथ ही उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य बन गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रगति पर है। सबसे बड़ी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना अगले करीब दो वर्ष पूरी होगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण गोरखपुर-आजमगढ़ के बीच तेजी से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे लगभग छह सौ किमी लंबी होगी। देश की सबसे लंबी गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगी। इसके लिए 95 प्रतिशत से ज्यादा जमीन ली जा चुकी है।डबल इंजन की सरकार, मोदी योगी की जोड़ी, उत्तर प्रदेश में पांच एक्सप्रेस-वे,काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण,एयरपोर्ट निर्माण और कानून-व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति, माफियाओं की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने आदि को लोगों ने सराहनीय कार्य बताया। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रभावी कार्य किया। इसी क्रम में वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का संजाल बिछाया जा रहा है। विकास के मामले में सरकार का नजरिया समग्रता का है। सरकार एक्सप्रेस-वे के साथ एयर कनेक्टिविटी पर भी बराबर का जोर दिया। सरकार ने दशकों से लंबित वाण सागर, अर्जुन सहायक नहर, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजनाओं को पूरा किया। किसानों को समय से पानी के साथ खाद भी मिले, इसके लिए करीब तीन दशक से बंद गोरखपुर के खाद कारखाने की जगह नया कारखाना लगाया। सबके स्वास्थ्य का सपना साकार करने के लिए गोरखपुर एम्स का भी उद्घाटन हो चुका है। विकास का यह सिलसिला जारी रहेगा। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से पांच वर्ष पहले तक मात्र एक एक्सप्रेस-वे बना था। आज छह एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर एक्सप्रेस-वे और अब गंगा एक्सप्रेस-वे की नींव रखी जा रही है। लगभग छह सौ किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे न केवल प्रयागराज से मेरठ को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह आपसी दूरी को कम करेगा। लोगों को जोड़ने का भी काम करेगा। योगी के नेतृत्व पर पहले भी कोई संशय नहीं था। चुनाव परिणाम आने के साथ ही उनका दावा पहले से अधिक मजबूत हो गया। विधायक दल की बैठक तो बाद में हुई, उनको मुख्यमंत्री बनाने का जनादेश पहले ही आ गया था। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत की विदेश नीति से सीधा संबंध रखने वाली कई घटनाएं इधर एक साथ हो गई हैं और हो रही हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत पहुंच चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने यूक्रेन की मदद के लिए जो प्रस्ताव रखा है, उसका समर्थन सिर्फ चीन ने किया है। भारत उसमें भी तटस्थ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन यूरोप पहुंच चुके हैं। यूरोपीय राष्ट्रों के नई दिल्ली स्थित राजदूतों ने रूस के विरोध में एक संयुक्त लेख छपवाया है। यह काम वे पहले ही इस्लामाबाद में भी कर चुके हैं। जी-7 देशों के समूह ने रूस पर कुछ नए प्रतिबंध थोप दिए हैं। हमारे विदेश मंत्री जयशंकर ने संसद में भारत की यूक्रेन-नीति की व्याख्या करते हुए कई तर्क पेश किए हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति झेलेंस्की ने नाटो की सदस्यता की बात तो छोड़ दी है लेकिन यूरोपीय संघ की सदस्यता की मांग जोरों से की है। एक माह-बीत गया लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यूक्रेनी लोग बड़ी बहादुरी से लड़ रहे हैं। यूक्रेन के कई शहर ध्वस्त हो गए हैं और लगभग 80 लाख लोग देश छोड़कर बाहर भाग गए हैं। उधर, रूस के भी 15-20 हजार सैनिकों के मारे जाने और हवाई जहाजों के नष्ट होने की खबरें हैं। परमाणु-युद्ध की धमकियां भी यूरोप पर मंडरा रही हैं लेकिन झेलेंस्की के निवेदन के बावजूद व्लादिमीर पुतिन बात करने को तैयार नहीं हैं। इस समय यह समझना मुश्किल हो रहा है कि यह युद्ध कैसे खत्म होगा? यह भी थोड़ा आश्चर्यजनक है कि झेलेंस्की अभी तक सुरक्षित कैसे हैं? हो सकता है कि पुतिन उन्हें जिंदा ही पकड़ना चाहते हों। वरना, रूस के पास ऐसे फौजी शस्त्रास्त्र पर्याप्त मात्रा में है, जिनसे वे झेलेंस्की के ठिकाने पर हमला बोल सकें। रूस ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन को सहायता पहुंचाने का जो प्रस्ताव रखा है, उससे बड़ा क्रूर मजाक क्या हो सकता है? यदि रूस हमला नहीं करता या अब भी उसे बंद कर दे तो यह अपने आप में उसकी बड़ी कृपा होगी। रूस ने यूक्रेन को इतना गहरा धक्का पहुंचाया है, जितना उसे द्वितीय महायुद्ध में भी नहीं पहुंचा था। रूस ने सारी दुनिया में जबर्दस्त बदनामी मोल ले ली है। भारत को अब सोचना पड़ेगा कि वह रूस का समर्थन कब तक करता रहेगा? चीन ने रूसी मदद के ताजा प्रस्ताव का समर्थन करके रूस के इस्पाती मित्र और संरक्षक का दर्जा तो हासिल कर लिया है लेकिन यूक्रेन के सवाल पर उसने सिद्ध कर दिया है कि वह भारत की तरह तटस्थ और निष्पक्ष नहीं है। यूक्रेन के सवाल पर भारत और चीन के रवैयों में तो फर्क साफ़ दिखाई पड़ ही रहा है, लेकिन इस्लामाबाद में वांग यी ने कश्मीर पर पाकिस्तान-समर्थक बयान देकर अपनी भारत-यात्रा को बेस्वाद कर दिया है। उनका और रूसी प्रतिनिधि का अचानक काबुल जाना यह बताता है कि वे अब अफगानिस्तान को भी पाकिस्तान की तरह अपना मोहरा बनाना चाहते हैं। ये सब घटनाएं भारतीय विदेश मंत्रालय को अपनी अब तक नीतियों पर पुनर्विचार के लिए मजबूर करेंगी। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)
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गुना/भोपाल। देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेशचन्द्र लाहोटी का बुधवार देर शाम दिल्ली निधन हो गया। पांच दिन पहले तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने 82 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत देश के प्रमुख लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। रमेशचन्द्र लाहोटी मप्र के गुना के रहने वाले थे। उनका जन्म एक नवंबर 1940 को हुआ था। उन्हें अप्रैल 1977 में बार से राज्य उच्च न्यायिक सेवा में सीधे भर्ती करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। एक वर्ष तक पद पर रहने के बाद उन्होंने मई 1978 में इस्तीफा दे दिया था और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए बार में लौट आए थे। उन्हें तीन मई 1988 को मप्र उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और अगले वर्ष चार अगस्त को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया। उन्हें सात फरवरी, 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया और नौ दिसंबर, 1998 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें एक जून 2004 को भारत के 35वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था। वे एक नवंबर 2005 को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे बेबाक फैसले लिए, जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। न्यायमूर्ति लाहोटी अपनी नियुक्ति के बाद 2004 में ही तब सबसे ज्यादा चर्चा में आए, जब अपने से पहले रहे मुख्य न्यायाधीश के उस बयान को खारिज किया, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका में उभरते भ्रष्टाचार के बारे में चिंता व्यक्त की थी। उस समय लाहोटी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि न्यायपालिका पूरी तरह से 'स्वच्छ' है। यह उस समय काफी चर्चित वक्तव्य था, क्योंकि मीडिया में भ्रष्ट न्यायाधीशों के बारे में लिखा जा रहा था। वे 2005 में एक न्यायिक तबादले में भी वह काफी चर्चित रहे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीके रॉय का तबादला हरियाणा कोर्ट से असम उच्च न्यायालय कर दिया था। तब बार काउंसिल के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद एस. नरीमन ने पत्र लिखकर इस तबादले पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस तबादले को 'दंडात्मक' बताते हुए इसे 'गंभीर परिणामों से भरा मामला' करार दिया था। अपने कार्यकाल में न्यायमूर्ति लाहोटी ने हरियाणा के उस कानून को बरकरार रखा, जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने निजता और धर्म के अधिकार पर आधारित तर्कों को खारिज कर दिया था। उनके इस निर्णय ने काफी सुर्खियां बंटोरी थीं। न्यायमूर्ति लाहोटी का असम में प्रवासियों पर अवैध प्रवासियों (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) अधिनियम को रद्द करने का निर्णय भी काफी चर्चा में रहा था। साल 2005 में असम गण परिषद के सांसद सर्बानंद सोनोवाल ने इस एक्ट के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की। इस याचिका को स्वीकार करते हुए तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से 1983 अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) अधिनियम को रद्द कर दिया। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश लाहोटी, न्यायमूर्ति जीपी माथुर और पीके बालासुब्रमण्यन शामिल थे। उन्होंने इसे संविधान के अधिकार से बाहर होने के रूप में बनाए गए नियम के रूप में घोषित किया। मुख्य न्यायाधीश लाहोटी उस समय भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में तमिलनाडु के चर्चित कांची शंकराचार्य मामले में आरोपितों को जमानत दे दी थी। कांचीपुरम मंदिर के कार्यालय में 3 सितंबर 2004 को धारदार हथियार से शंकर रमन की हत्या कर दी गई थी। दोनों शंकराचार्यों के खिलाफ वित्तीय हेरफेर के आरोप लगे थे। शंकर रमन के परिजन ने शंकराचार्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 34 और 120B के तहत केस दर्ज किया था। जयेंद्र को शंकर हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में 11 नवंबर 2004 को दीपावली की रात में आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। इस पर पूरे देश में खूब हंगामा हुआ था।
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प्रमोद भार्गव पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक हिंसा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं। कांग्रेस, वामपंथी या तृणमूल, सत्ता किसी की रही हो, इन दलों की राजनीतिक संस्कृति हिंसा का ही पर्याय रही है। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में और इसके पहले पंचायत चुनाव में खूब हिंसा की वारदातें देखने में आती रही हैं। बीरभूम जिले के रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता भादू शेख की हत्या के बाद करीब एक सैंकड़ा बाइक सवार हथियारबंद आततायी रामपुरहाट पहुंचे और घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर आग लगा दी, जिसमें दस लोग जिंदा जलकर राख हो गए। जब राज्य सरकार उचित कानूनी कार्रवाई करते नहीं दिखी तब कलकत्ता हाईकोर्ट ने कठोर रुख अपनाते हुए मामले को स्व-संज्ञान में लिया और चौबीस घंटे में घटना की रिपोर्ट मांगी। साथ ही अग्निकांड में घायल एक नाबालिग सहित अन्य घायलों की सुरक्षा तय करने की हिदायत दी, ताकि इन चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें। उपचार, सुरक्षा और मृतकों के शवों के वीडियो रिकाॅर्डिंग भी कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। चूंकि निर्दोष महिला और बच्चे भी इस नरसंहार में मारे गए हैं, लिहाजा राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संगठन आयोग भी सक्रिय हुए और पुलिस से कानूनी कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार को हर प्रकार की मदद देने का भरोसा दिया है। यह नरसंहार इतना वीभत्स था कि बंगाल के महाअधिवक्ता एनएस मुखर्जी को न्यायालय में कहना पड़ा कि ‘ऐसी दुर्लभतम घटना पर मैं राज्य का नागरिक होने पर शर्मिंदा हूं। अतएव मैं उस गांव का निवासी होता तो कुछ दिनों के लिए पलायन कर जाता।‘ हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों का कहना है कि रामपुर हाट के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनारूल हुसैन के उकसाने पर इस वारदात को अंजाम दिया गया है। पीड़ित और हत्यारों के नाम उजागर होने पर भाजपा की बंगाल राज्य सचिव लाॅकेट चटर्जी ने कहा है ‘अब बंगाल कश्मीर की राह पर चल रहा है। यदि यही हालात रहे तो बंगाल कश्मीर में बदल जाएगा। अतएव इस मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच अनिवार्य है।‘ भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की मानें तो इस राज्य में एक सप्ताह के भीतर 26 लोगों की हत्याएं हुई हैं, जिनमें राजनेता भी शामिल हैं। साफ है, बीरभूम की घटना और अन्य घटनाओं की पृष्ठभूमि में राजनीतिक एवं सांप्रदायिक संघर्ष अंतरनिर्हित है। दरअसल यह घटना विधानसभा के चुनाव के समय और उसके बाद हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी का ही एक हिस्सा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भी प्रदेश में जगह-जगह हिंसा भड़की थी, जिनमें 16 लोग मारे गए थे। इसलिए यह आशंका भी जताई जा रही है कि हिंसा की यह इबारत चुनावी प्रतिक्रिया स्वरूप लिखी गई है। यह असहिष्णुता पंचायत, निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक स्थाई चरित्र के रूप में मौजूद रहती है। विडंबना ही कहा जाएगा कि जब हिंसा और अराजकता के लिए बदनाम राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश इस हिंसा से मुक्त हो रहे हैं, तब बंगाल और केरल में यह हिंसा बेलगाम होकर सांप्रदायिक रूप में दिखाई दे रही है। याद रहे इसी कड़ी में भाजपा विधायक देवेंद्रनाथ की हत्या कर लाश सार्वजनिक स्थल पर टांग दी गई थी। देवेंद्रनाथ माकपा से भाजपा में शामिल हुए थे। बंगाल में वामदल अर्से से खूनी हिंसा के पर्याय बने हुए हैं। इन हिंसक वारदातों से पता चलता है कि बंगाल पुलिस तृणमूल कांग्रेस की कठपुतली बनी हुई है। दरअसल बंगाल ने हिंसा को राजनीतिक-सांस्कृतिक परंपरा मान लिया है। यह हिंसा राष्ट्रवादी क्रांतिकारियों ने जहां अंग्रेजों से मुक्ति के लिए अंजाम तक पहुंचाई वहीं चारू मजूमदार और कानून सान्याल जैसे नक्सलवादियों ने इसे सामतामूलक हितों के लिए अपनाया था, किंतु बाद में यह आर्थिक हित साधने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़ गई। देश में हिंसा भड़काने के लिए नक्सलवादियों को बांग्लादेश और चीन से धन व हथियारों की मदद मिलती रही है। पश्चिम बंगाल में जब बांग्लादेशी मुस्लिमों की घुसपैठ बढ़ गई और इनका कांग्रेस, वामपंथ और तृणमूल कार्यकर्ताओं के रूप में राजनीतिकरण हो गया, तब ये राजनीतिक गुटों की शत्रुता को सांप्रदायिक हिंसा में बदलने लग गए। जहां-जहां इन घुसपैठियों का संख्या बल बढ़ता गया, वहां-वहां इन्होंने स्थानीय मूल हिंदू बंगालियों की संपत्ति हड़पकर उन्हें बेदखल करना शुरू कर दिया। बंगाल में हिंसा बढ़ते जाने का यह प्रमुख कारण है, जिसे वोट बैंक की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस, वामपंथी और तृणमूल नजरअंदाज करती रही हैं। यही कारण है कि मां, माटी और मानुष जैसा राष्ट्रवादी नारा लगाने वाली ममता भी इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ी वारदातों पर पर्दा डालने की कोशिश करती रही हैं। मानवाधिकार और कथित धर्मनिरपेक्षता के पैरोकार भी ऐसे मुद्दों पर होठ सिल लेते हैं। वामदलों के साढ़े तीन दशक चले शासन में राजनीतिक हिंसा की खूनी इबारतें निरंतर लिखी जाती रही थीं। वामपंथी मार्क्सवादी विचारधारा विरोधी विचार को तरजीह देने की बजाय उसे जड़-मूल से खत्म करने में विश्वास रखती हैं। ममता बनर्जी जब सत्ता पर काबिज हुई थीं, तब यह उम्मीद जगी थी कि बंगाल में लाल रंग का दिखना अब समाप्त हो जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे तृणमूल कांग्रेस वामदलों के नए संस्करण में बदलती चली गई। हिंसा की इस राजनीतिक संस्कृति की पड़ताल करें तो पता चलता है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का पहला सैनिक विद्रोह इसी बंगाल के कलकत्ता एवं बैरकपुर में हुआ था, जो मंगल पाण्डे की शहादत के बाद 1947 में भारत की आजादी का कारण बना। बंगाल में जब मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी, तब सामाजिक व आर्थिक विषमताओं के विद्रोह स्वरूप नक्सलवाड़ी आंदोलन उपजा। लंबे समय तक चले इस आंदोलन को कुचला गया। हजारों दोषियों के दमन के साथ कुछ निर्दोष भी मारे गए। इसके बाद कांग्रेस से सत्ता हथियाने के लिए भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में वाम मोर्चा आगे आया। इस लड़ाई में भी विकट खूनी संघर्ष सामने आया और आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में वामदलों ने कांग्रेस के हाथ से सत्ता छीन ली। लगातार 34 साल तक बंगाल में मार्क्सवादियों का शासन रहा। इस दौरान सियासी हिंसा का दौर नियमित चलता रहा। तृणमूल सरकार द्वारा जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1977 से 2007 के कालखंड में 28 हजार राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्या हुई। सर्वहारा और किसान की पैरवी करने वाले वाम मोर्चा ने जब सिंगूर और नंदीग्राम के किसानों की खेती की जमीनें टाटा को दीं तो इस जमीन पर अपने हक के लिए उठ खड़े हुए किसानों के साथ ममता बनर्जी आ खड़ी हुईं। ममता कांग्रेस की पाठशाला में ही पढ़ी थीं। जब कांग्रेस उनके कड़े तेवर झेलने और संघर्ष में साथ देने से बचती दिखी तो उन्होंने कांग्रेस से पल्ला झाड़ा और तृणमूल कांग्रेस को अस्तित्व में लाकर वामदलों से भिड़ गईं। इस दौरान उन पर कई जानलेवा हमले हुए लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। जबकि 2001 से लेकर 2010 तक 256 लोग सियासी हिंसा में मारे गए। यह काल ममता के रचनात्मक संघर्ष का चरम था। इसके बाद 2011 में बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए और ममता ने वाम मोर्चा का लाल झंडा उतारकर तृणमूल की विजय पताका फहरा दी। इस साल भी 38 लोग मारे गए। ममता बनर्जी के कार्यकाल में भी राजनीतिक लोगों की हत्याओं का दौर बरकरार रहा। इस दौर में 58 लोग मौत के घाट उतारे गए। बंगाल की माटी पर एकाएक उदय हुई भाजपा ने ममता के वजूद को संकट में डाल दिया है। बंगाल में करीब 27 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इनमें 90 फीसदी तृणमूल के खाते में जाते हैं। इसे तृणमूल का पुख्ता वोट बैंक मानते हुए ममता ने अपनी ताकत मोदी व भाजपा विरोधी छवि स्थापित करने में खर्च दी है। इसमें मुस्लिमों को भाजपा का डर दिखाने का संदेश भी छिपा है। किंतु इस क्रिया की विपरीत प्रतिक्रया हिंदुओं में स्व-स्फूर्त ध्रुवीकरण के रूप में दिखाई देने लगी। बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए एनआरसी लागू होने के बाद भाजपा को वजूद के लिए खतरा मानकर चल रहे हैं, नतीजतन बंगाल के विधानसभा चुनाव में हिंसा का उबाल देखने में आया था। दरअसल यही लोग ममता की निजी सेना के वे असामाजिक और अराजक तत्व हैं, जिन्हें सरकारी सरंक्षण देकर तृणमूल कांग्रेस इस मुस्लिम वोट बैंक के जरिए बहुमत तक पहुंचने का जनाधार मान रही हैं। किंतु कानून व्यवस्था से यह खिलवाड़, राष्ट्रहित के लिए़ किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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बलिदान दिवस (25 मार्च) पर विशेष योगेश कुमार गोयल गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता जगत के ऐसे महान पुरोधा थे, जिनकी लेखनी से ब्रिटिश सरकार इस कदर भयभीत रहती थी कि क्रांतिकारी लेखन के लिए उन्हें पांच बार सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा दी गई। उनके लेखों में ऐसी गजब की ताकत थी कि उनकी पत्रकारिता ने ब्रिटिश शासन की नींद हराम कर दी थी। बेमिसाल क्रांतिकारी पत्रकारिता के कारण ही गणेश शंकर विद्यार्थी और उनका अखबार ‘प्रताप’ आज के दौर में भी पत्रकारिता जगत के लिए आदर्श माने जाते हैं। गणेश शंकर विद्यार्थी एक निर्भीक पत्रकार, समाजसेवी, महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे स्वयं तो एक उच्च कोटि के पत्रकार थे ही, उन्होंने अनेक युवाओं को लेखक, पत्रकार तथा कवि बनने की प्रेरणा और ट्रेनिंग दी। कांग्रेस के विभिन्न आन्दोलनों में भाग लेने तथा ब्रिटिश सत्ता के अत्याचारों के विरूद्ध ‘प्रताप’ में निर्भीक लेख लिखने के कारण वे पांच बार जेल गए। जब भी उन्हें अंग्रेज सरकार द्वारा गिरफ्तार किया जाता तो उनकी अनुपस्थिति में ‘प्रताप’ का सम्पादन माखनलाल चतुर्वेदी तथा बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ सरीखे साहित्य के दिग्गज संभाला करते थे। 26 अक्तूबर 1890 को उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में एक स्कूल हेडमास्टर जयनारायण के घर जन्मे विद्यार्थी जी की प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू तथा अंग्रेजी में हुई। इलाहाबाद में शिक्षण के दौरान ही उनका झुकाव पत्रकारिता की ओर हुआ। हिन्दी साप्ताहिक ‘कर्मयोगी’ के सम्पादन में वे पंडित सुन्दर लाल की सहायता करने लगे। कानपुर में अध्यापन के दौरान उन्होंने कर्मयोगी सहित कई और अखबारों में लेख लिखे और पत्रकारिता के जरिये स्वाधीनता आन्दोलन से गहरे जुड़ गए। कुछ समय बाद उन्होंने पत्रकारिता, सामाजिक कार्यों तथा स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़ाव के चलते ‘विद्यार्थी’ उपनाम अपना लिया और गणेश शंकर से ‘गणेश शंकर विद्यार्थी’ हो गए। उनकी उत्कृष्ट लेखनशैली से प्रभावित होकर हिन्दी पत्रकारिता जगत के पुरोधा पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने 1911 में अपनी साहित्यिक पत्रिका ‘सरस्वती’ में उपसम्पादक के पद पर कार्य करने का ऑफर दिया किन्तु विद्यार्थी जी को ज्वलंत समाचारों, समसामयिक तथा राजनीतिक विषयों में ज्यादा दिलचस्पी थी, इसलिए उन्होंने द्विवेदी जी का प्रस्ताव स्वीकारने के बजाय महामना पं. मदन मोहन मालवीय के हिन्दी साप्ताहिक ‘अभ्युदय’ में नौकरी ज्वाइन की। 9 नवम्बर 1913 को उन्होंने एक क्रांतिकारी पत्रकार के रूप में कानपुर से स्वयं ‘प्रताप’ नामक पत्रिका निकालना शुरू कर दिया। प्रताप के जरिये विद्यार्थी जी किसानों, मजदूरों और ब्रिटिश अत्याचारों से कराहते गरीबों का दुख-दर्द उजागर करने लगे। ब्रिटिश शासनकाल की उत्पीड़न और अन्याय की क्रूर व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना उनकी पत्रकारिता का सबसे महत्वपूर्ण अंग था, जो ब्रिटिश हुकूमत को फूटी आंख न सुहाया और इसीलिए अपनी इसी क्रांतिकारी पत्रकारिता का खामियाजा उन्हें कई मुकद्दमों, भारी जुर्माने और कई बार जेल जाने के रूप में भुगतना पड़ा। 1920 में उन्होंने ‘प्रताप’ का दैनिक संस्करण निकालना शुरू कर दिया, जो मूलतः किसानों, मजदूरों और पीडि़तों का हिमायती समाचारपत्र बना रहा। उन्होंने ‘प्रताप’ के अलावा ‘प्रभा’ नामक एक साहित्यिक पत्रिका तथा एक राजनीतिक मासिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया। घटना जनवरी 1921 की है, जब रायबरेली के एक ताल्लुकदार सरदार वीरपाल सिंह ने किसानों पर गोलियां चलावाई थी। ‘प्रताप’ के संपादक गणेश शंकर विद्यार्थी ने उस घटनाक्रम का पूरा विवरण अपने अखबार में छापा, जिसके लिए उन्हें तथा ‘प्रताप’ छापने वाले शिवनारायण मिश्र पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें जेल हो गई। 16 अक्तूबर 1921 को विद्यार्थी जी ने स्वयं गिरफ्तारी दी और 22 मई 1922 को जेल से रिहा हुए। जेल में रहते हुए उन्होंने एक डायरी लिखी और रिहाई के बाद उन्होंने उसी पर आधारित ‘जेल जीवन की झलक’ नामक एक ऐसी श्रृंखला छापी, जिसे अत्यधिक पसंद किया गया और ‘प्रताप’ के साथ पाठकों का काफिला जुड़ता गया। उसके बाद तो अंग्रेजों ने उन्हें वक्त-बेवक्त लपेटने का कोई अवसर नहीं छोड़ा लेकिन विद्यार्थी अपने क्रांतिकारी विचारों से जरा भी नहीं डिगे। जेल से रिहाई के कुछ ही समय बाद भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा फिर गिरफ्तार कर लिया गया और 1924 में तब रिहा किया गया, जब उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया था। 1925 में राज्यसभा विधानसभा चुनाव में वे कानपुर से चुने गए और कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन की स्वागत-समिति के प्रधानमंत्री भी नियुक्त हुए लेकिन 1929 में उन्होंने पार्टी की मांग पर त्यागपत्र दे दिया, जिसके बाद वे 1930 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष चुन लिए गए और उन्हें प्रदेश भर में सत्याग्रह आन्दोलन का नेतृत्व करने की अहम जिम्मेदारी दी गई। उसी दौरान उन्हें फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और गांधी-इरविन पैक्ट के बाद 9 मार्च 1931 को उनकी जेल से रिहाई हुई। स्वाधीनता संग्राम के उस दौर में हिन्दू-मुस्लिम एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे थे लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने दोनों समुदायों की भावनाओं को भड़काने का ऐसा खेल खेला कि जगह-जगह हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक दंगे भड़कने लगे और देशभर में साम्प्रदायिक हिंसा फैलने लगी। कानपुर शहर भी साम्प्रदायिक दंगों की आग में झुलस उठा। गणेश शंकर विद्यार्थी का मन इन दंगों से बड़ा व्यथित हुआ और वे स्वयं इन दंगों को रोकने तथा दोनों समुदायों में भाईचारा कायम करने के लिए लोगों को समझाते हुए घूमने लगे। कई जगहों पर वे लोगों को समझाने में सफल भी रहे और इन दंगों के दौरान उन्होंने हजारों लोगों की जान बचाई भी लेकिन वे स्वयं दंगाइयों की एक ऐसी टुकड़ी में फंस गए, जो उन्हें पहचानते नहीं थे। उसके बाद उनकी बहुत खोज की गई किन्तु वे कहीं नहीं मिले। आखिर में उनका पार्थिव शरीर एक अस्पताल में लाशों के ढेर में पड़ा मिला, जो इतना फूल गया था कि लोग उसे पहचान भी नहीं पा रहे थे। हजारों लोगों की जान बचाने के बावजूद गणेश शंकर विद्यार्थी स्वयं धार्मिक उन्माद की भेंट चढ़ गए। इस प्रकार 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी दिए जाने के दो ही दिन बाद देश ने 25 मार्च 1931 को निर्भीक, निष्पक्ष, ईमानदार, यशस्वी व क्रांतिकारी पत्रकार भी खो दिया। 29 मार्च 1931 को उनका अंतिम संस्कार किया गया। गणेश शंकर विद्यार्थी जीवन पर्यन्त जिस धार्मिक कट्टरता तथा उन्माद के खिलाफ आवाज उठाते रहे, वही धार्मिक उन्माद उनकी जिंदगी लील गया। 27 अक्तूबर 1924 को विद्यार्थी जी ने ‘प्रताप’ में ‘धर्म की आड़’ शीर्षक से लेख में लिखा था, ‘‘देश में धर्म की धूम है और इसके नाम पर उत्पात किए जा रहे हैं। लोग धर्म का मर्म जाने बिना ही इसके नाम पर जान लेने या देने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे लोग कुछ भी समझते-बूझते नहीं हैं। दूसरे लोग इन्हें जिधर जोत देते हैं, ये लोग उधर ही जुत जाते हैं।’’ वह गणेश शंकर विद्यार्थी ही थे, जिन्होंने श्याम लाल गुप्त पार्षद लिखित गीत ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ को जलियांवाला हत्याकांड की बरसी पर 13 अप्रैल 1924 से गाया जाना शुरू करवाया था। ऐसे क्रांतिकारी पत्रकार और महान् स्वाधीनता सेनानी को उनके बलिदान दिवस पर शत-शत नमन। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में चार दशक बाद योगी आदित्यनाथ ने नया अध्याय जोड़ा है। इस अवधि में वह लगातार दूसरी बार जनादेश हासिल करने वाले पहले मुख्यमंत्री है। चुनावी समर में लोकप्रियता या समीकरण के बल पर एक बार सफलता मिल सकती है। लेकिन दूसरी बार की सफलता नेतृत्व की नेकनीयत व विश्वसनीयता पर आधारित होती है। तब नेतृत्व के यह दो गुण कारक बन जाते हैं। इस कारण चालीस वर्षों के दौरान किसी मुख्यमंत्री को दोबारा जनादेश नहीं मिला। योगी आदित्यनाथ अपनी नेकनीयत व विश्वसनीयता को कायम रखने में सफल रहे। केंद्र में नरेंद्र मोदी को भी इस आधार पर सफलता मिलती रही है। गुजरात के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी यह विशेषता कायम रखी। इस लिहाज से नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ एक ही धरातल पर है। दोनों परिवारवाद की राजनीति से दूर हैं। समाज सेवा में पूरी निष्ठा व ईमानदारी से समर्पित रहते हैं। विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना की तीसरी लहर को लेकर संशय था। उस समय योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार की जगह कोरोना आपदा प्रबंधन को वरीयता दी। जनपदों की यात्रा कर रहे थे। सभी जगह कोरोना चिकित्सा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे। आपदा प्रबंधन की पूरी व्यवस्था के बाद ही उन्होंने चुनाव प्रचार की तरफ ध्यान दिया। इसी प्रकार चुनाव परिणाम आने के बाद वह जन कल्याण कार्यों में सक्रिय हो गए। उन्होंने बारह से चौदह वर्ष आयु के बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के सुचारू संचालन हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। कोरोना आपदा प्रबंधन में योगी मॉडल की प्रशंसा दुनिया में रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी सराहना की थी। इस पूरी अवधि में योगी आदित्यनाथ ने कई बार प्रदेश की यात्राएं की थी। वह अनवरत प्रबंधन का जायजा लेते रहे। वैक्सिनेशन के संबन्ध में भी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया गया। योगी आदित्यनाथ वैक्सिनेशन केंद्रों में पहुंच कर लोगों का उत्साह वर्धन करते रहे। इसके चलते उत्तर प्रदेश ने वैक्सिनेशन का रिकार्ड कायम कर दिया। यह यात्रा अगले चरण के रूप में जारी है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सर्वाधिक टेस्ट व सर्वाधिक वैक्सीनेशन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। राज्य में अब तक करीब तीस करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। प्रदेश में वैक्सीन की पहली डोज के शत प्रतिशत से अधिक के लक्ष्य को प्राप्त किया जा चुका है। अब तक एक सौ तीन प्रतिशत से ऊपर वैक्सीन की प्रथम डोज पूरे प्रदेश में उपलब्ध करवाई जा चुकी है। सेकेण्ड डोज भी प्रदेश में बयासी प्रतिशत से अधिक लोगों ने ले ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बारह से चौदह आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय में किया। बारह से चौदह साल के बच्चों को प्रदेश के तीन सौ केन्द्रों में यह वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा रही है। सभी के लिए प्रर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश में चले भारत के कोरोना प्रबन्धन की दुनिया में सराहना हुई है। यहां तक कि अन्य देशों में भी भारत के कोरोना प्रबंधन मॉडल को अपनाया गया है। कोरोना के खिलाफ लागू किए गये फोर टी फॉर्मूले के तहत ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीका, इन सभी में उत्तर प्रदेश अग्रणी है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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सुरेश हिन्दुस्थानी क्रिकेटर से राजनीति में पदार्पण करने वाले इमरान खान अभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे, इसकी उम्मीद बहुत कम है। इसका कारण यही है कि वे ऐसे राजनीतिक चक्रव्यूह में घिरते दिखाई दे रहे हैं, जहां से निकलने का कोई मार्ग दिखाई नहीं दे रहा है। यह कहा जाए कि उनके निकलने के सारे मार्ग बंद हो चुके हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कुछ सांसदों के अलावा दो बड़े राजनीतिक दल इमरान खान के विरोध में पहले से ज्यादा मुखर हैं। इस जबरदस्त विरोध के चलते अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में आ गई है। संभावना इस बात की भी बनने लगी है कि इमरान खान या तो स्वयं ही कुर्सी से उतर जाएंगे या फिर जबरदस्ती उतार दिए जाएंगे। ऐसी में इमरान खान की स्थिति एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली होती जा रही है। पाकिस्तान के बारे में यह स्पष्ट मान्यता है कि वहां सरकार के अलावा सेना और आईएसआई शक्तिशाली संस्थान हैं। इसलिए किसी भी सरकार द्वारा इन दोनों की कतई उपेक्षा नहीं की जा सकती। समझा जाता है कि इमरान खान सेना और आईएसआई के समर्थन के चलते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन सके थे। अब इमरान खान का इन दोनों से छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से यही कहा जा रहा है कि अब पाकिस्तान की राजनीतिक स्थितियां इमरान खान के अनुकूल नहीं हैं। वैसे भी यह पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि अब तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। इमरान खान के पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को पनामा प्रकरण में दोषी करार देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अयोग्य घोषित कर दिया था और इसके बाद नवाज शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने और कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पदच्युत होने का मामला केवल नवाज शरीफ तक सीमित नहीं है। इसके पूर्व भी पाकिस्तान ने ऐसी ही स्थितियों का सामना किया है। लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे। मुस्लिम लीग के लियाकत अली खान की अक्टूबर 1951 में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। उसके बाद ख्वाजा नाजीमुद्दीन ने सत्ता संभाली। बमुश्किल दो साल ही इस कुर्सी पर थे, तब तक गवर्नर जनरल ने उन्हें पद से हटा दिया। उनके बाद मोहम्मद अली बोगला ने सत्ता का संचालन किया, परंतु वह भी कुछ ही महीनों के ही मेहमान रहे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के समक्ष एक और बड़ी परेशानी यह भी है कि वर्तमान में पाकिस्तान बहुत बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। जिसके लिए पाकिस्तान की जनता सीधे तौर पर प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार मान रही है। कोरोना संक्रमण के समय उत्पन्न हुई स्थितियों के चलते जिस प्रकार से महंगाई बढ़ी थी, उसके कारण सरकार पर संकट के बादल पहले से ही मंडरा रहे थे, लेकिन अब यह बादल और ज्यादा घने होते जा रहे हैं। जिसमें इमरान खान पूरी तरह से विलुप्त होते दिखाई दे रहे हैं। वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के दौर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के समक्ष उत्पन्न हुई स्थितियां उनके राजनीतिक जीवन की सबसे कठिन परीक्षा मानी जा रही है। इसमें सबसे प्रमुख बात यही है कि इमरान खान और सेना प्रमुख के बीच पैदा हुई खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है, जिसके कारण यह भी माना जा रहा है कि इमरान खान सेना प्रमुख वाजवा को पद से अलग करने का मन बना चुके हैं। पाकिस्तान का इतिहास यह बताने के लिए काफी है कि जिस सरकार ने सेना के विरोध में कदम उठाया है, उनमें से कई सरकारों के मुखिया को अपना पद छोडऩा पड़ा है। यहां तक कि पाकिस्तान के लिए सरकार का तख्ता पलट होना भी कोई नई बात नहीं है। वैसे भी यह भी खबर आ रही है कि सेना प्रमुख और आईएसआई ने इमरान खान को पद से अलग होने की स्पष्ट चेतावनी दे दी है। इसके अलावा पाकिस्तान के विपक्षी दलों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया है। जिसके समर्थन में इमरान की पार्टी के कुछ सांसद भी हैं। इसलिए यही माना जा रहा है कि इस बार इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से हाथ धोना ही पड़ेगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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मृत्युंजय दीक्षित कोरोना महामारी का दौर हल्का हो जाने के बाद भारतीय फिल्म उद्योग जगत में भी हलचल दिखने लगी है। विगत दो वर्षो से कोई भी फिल्म थिएटर में रिलीज नहीं हो पा रही थी, अब सिनेमा जगत की रौनक लौट रही है। फिल्में बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो रही हैं, दर्शक भी सिनेमाघरों में वापस आने लगे हैं। 11 मार्च को देशभर के कुछ ही सिनेमाघरों में रिलीज हुई “द कश्मीर फाईल्स” अब बहुत बड़ी फिल्म बन चुकी है। विश्वव्यापी प्रशंसा के साथ फिल्म ने कमाई का नया रिकॉर्ड भी बना लिया है। यह फिल्म कश्मीर में हिंदुओं पर हुए भीषणतम अत्याचारों की मार्मिक कहानी है। फिल्म ने एक ऐसा सच उजागर कर दिया है जिसे आज तक पूरी ताकत के साथ छुपाया जाता रहा है लेकिन कहा जाता है कि सत्य को बहुत दिनों तक छुपाया नहीं जा सकता। सत्य एक न दिन बाहर आ ही जाता है। इस फिल्म ने काम कर दिखाया है। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म देखने के लिये पूरा देश सिनेमाघरों में उमड़ पड़ा है। फिल्म ने अपनी लागत से 20 गुना कमाई करने वाली फिल्म 'जय संतोषी मां' का रिकार्ड तोड़ दिया है। लेकिन वह फिल्म भी सिर्फ नौ दिनों में कमाई के 10 गुना कारोबार तक नहीं पहुंच पाई, यह फिल्म अब बहुत तेजी से लोकप्रियता का शिखर छू रही है। इस फिल्म ने दूसरी आने वाली फिल्मों पर भी दबाव बना दिया है। 'द कश्मीर फाईल्स' ने सिनेमा जगत के लिये एक लकीर खींच दी है। मीडिया की जो सेकुलर जमात इन हृदयविदारक घटनाओं पर मौन थी, उसे अब इस फिल्म और कश्मीर की घटनाओं की कहानी पर घंटों चर्चा करनी पड़ रही है। अब मीडिया कश्मीरी पंडितों के साथ घटी घटनाओं का सच खोज रहा है और उसे दिखाने का साहस भी जुटा पाया है। नहीं तो अभीतक यही धारणा थी कि कश्मीर में कुछ हुआ ही नहीं और सभी कश्मीरी पंडित अपनी स्वेच्छा से पलायन कर गये। लेकिन अब सच उजागर हो चुका है। फिल्म के दृश्यों को देखकर आंखों में आंसू भी आ रहे हैं और सवाल भी कि आखिर उस समय जो अत्याचार हो रहे थे, उस समय की सरकारों ने कार्रवाई क्यों नहीं की? आज 'द कश्मीर फाईल्स' का विरोध वही लोग विरोध कर रहे हैं जो लोग अबतक वहां के सच को छुपाते रहे हैं और अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकते रहे हैं। आज इस फिल्म को देशव्यापी जनसमर्थन मिल रहा है। फिल्म के माध्यम से राष्ट्रवाद की एक नयी बयार चल पड़ी है। बहुत से लोग पूरा का पूरा सिनेमाघर ही बुक कराकर लोगों को दिखाने के लिए ले जा रहे हैं। लोग पूरे परिवार के साथ यह फिल्म देख रहे हैं और पंडितों के कश्मीर से दर्दनाक पलायन के कारण को समझ रहे हैं। युवा, महिलाएं, बुजुर्ग समाज के हर वर्ग के लोग यह फिल्म देखने के लिए समय निकाल रहे हैं और दूसरे लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। एक प्रकार से यह फिल्म जनमानस की फिल्म बन गयी है, जिसे फिल्म इतिहास के पन्नों में हमेशा याद रखा जायेगा। फिल्म की लोकप्रियता ने सभी रिकार्ड तोड़ दिये हैं। कई राज्यों ने जनता को सच दिखाने के लिए फिल्म को को टैक्स फ्री कर दिया है। सेकुलर गैंग फिल्म को बिना देखे तिलमिला गया है। जब एक फिल्म देखकर यह गैंग तिलमिला गया है तो उससे यह साफ हो जाता है कि कश्मीर में पंडितों के साथ जो अत्याचार हुए थे, उसे इन दलों और तत्वों का समर्थन व सहयोग भी हासिल था। 'द कश्मीर फाइल्स' को देखे बिना ही जब शिवसेना जैसे दलों के नेता भी फिल्म के खिलाफ बयान देते हैं तो उन लोगों पर गहरा शक हो जाता है। शिवसेना जैसे दल जो कभी हिंदू हित की बातें करते थे और सदन के अंदर व बाहर धारा- 370 को हटाने की मांग करते थे, वही लोग आज कह रहे हैं कि इस फिल्म से नफरत की आग बढ़ रही है। यह दल अपने वोट व सरकार बचाकर रखने के लिए नीचता पर उतर आये हैं। यह सेकुलर गैंग एक के बाद एक जो बयान दे रहा है उससे यह भी साबित हो गया है कि यह गैंग हिंदू सनातन संस्कृति से कितनी नफरत करता है। एक कांग्रेसी सांसद ने कहा कि अगर 'कश्मीर फाईल्स' बन सकती है तो गुजरात फाईल्स क्यों नहीं बन सकती। उप्र के समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर फाईल्स भी बननी चाहिए। वहीं, कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार के लिए जिम्मेदार फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के सभी मुसलमान एकजुट हो जायें। आज हिजाब से लेकर 'द कश्मीर फाईल्स' तक और फिर गुजरात-कर्नाटक में गीता पढ़ाने से लेकर हर विषय पर अपनी विकृत मानसिकता का परिचय देकर समाज में खुद जहर घोल रहे हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने जनवरी 1990 में चुप्पी साध ली थी और आज विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इस फिल्म के कारण समाज में नफरत फैल रही है। जबकि यह फिल्म सच्चाई का एक आईना है जो अभी भी पूरा नहीं दिखाया गया है। जब पूरा का पूरा सच सामने आ जायेगा तब सेकुलर गैंग का क्या होगा? आज इस फिल्म के माध्यम से देश में एक नयी जन जागृति पैदा हो रही है और देश का जनमानस कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग तक कर रहा है। फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री का कहना है कि 'द कश्मीर फाईल्स' संवदेनशीलता, मानवाधिकार और नरसंहार के खिलाफ अलग-अलग विचारधारा के लोगों को एक मंच पर लाने में सफल रही है। फिल्म का वही लोग विरोध कर रहे हैं जो केवल आधा सच जानते हैं। वही लोग विवाद की भी जड़ हैं। आज 32 सालों के बाद फिल्म के माध्यम से नरसंहार का सच सामने आया है। यह फिल्म बनने से पहले हर घटना पर पूरी तरह से शोध किया गया है। पीड़ित पक्षों से मिलकर कहानी बनायी गयी जो पूरी तरह से सत्य घटनाओं पर आधारित है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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प्रमोद भार्गव सहज रूप में कोई पद नवाचारधर्मी नहीं होता वरन व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है। व्यक्तित्व भी वह होगा, जिसके अंतर्मन में कृतित्व रचने का वैचारिक मर्म हो और वह निरंतर मंथन की प्रक्रिया में रहे। साधारणतः कृतित्व का अर्थ पुस्तक लेखन से जोड़ दिया जाता है, इसीलिए लेखक को तो सृजनधर्मी मान लिया जाता है लेकिन समाज के अन्य सृजनधर्मी जैसे राजनेता, शिल्पकार या आविष्कारक को अक्सर ऐसी विलक्षण उपमाओं से संबोधित नहीं किया जाता। मेरी दृष्टि में यह बौद्धिक विडंबना है, जो संकीर्ण सोच के आवरण में आबद्ध है। यदि कोई राजनेता समाज परिवर्तन और समाज को सुखमयी बनाने के लिए नए प्रयोग करता है, उनका सुनिश्चित क्रियान्वयन करता है और वे वास्तविक रूप में फलीभूत होते हैं, तो यह नवाचार भी मौलिक सृजन की परिकल्पना से उत्पन्न है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने सरकारी विद्यालयों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) को पढ़ाने का ऐलान किया है। शिक्षा में यह प्रयोग नवाचार ही कहलाएगा। इस मायने में शिवराज सिंह चौहान नवाचारधर्मी, कल्पनाशील व्यक्तित्व, जन सरोकारों से जुड़े मुख्यमंत्री हैं। अतएव प्रदेश में जब-जब बाढ़, अतिवृष्टि अनावृष्टि, ओलावृष्टि या अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा का संकट पैदा हुआ है, तब-तब शिवराज सिंह ने इसे नई चुनौती माना और मुठभेड़ की। दरअसल चुनौती को स्वीकारने में ही आनंद है। जीवन में आए ठहराव को उन्मुक्त मन से स्वीकार करके ही समाप्त किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के ठहराव से मुक्ति का उपाय ही समाज को वर्तमान परिस्थितियों में जीने के अनुकूल बनाती है। कोरोना संकट को हम प्राकृतिक मानें या कृत्रिम, इस बहस में कोई नवाचारी पड़कर समय जाया नहीं करता, बल्कि उससे उपजे नैराश्य भाव को संवाद साधकर तोड़ता है। जब निराशा का परिवेश व्यापक या घनीभूत हो तब ऊर्जामयी संवाद ही समाज में चेतना जगाने के काम कर पाते हैं। हम देखते है कि कोरोना का जो डेढ़-दो साल का अंधकार था, सजग मुख्यमंत्री ने उस अवधि में भी जनता से प्रेरक संवाद किए और अनेक जन-कल्याण से जुड़े नवाचार जमीन पर उतारे। ये संवाद सभाओं के माध्यम से संभव नहीं था इसलिए तकनीक के माध्यम से संभव हुए। इस आभासी उपस्थिति में भी मुख्यमंत्री के जीवंत क्रियाकलापों ने मन और शरीर में आवेग जगाने का काम किया। फलतः प्रदेश के लाखों लोग अवसाद में जाने से बचे और कोरोना से बचाव के उपायों का उपयोग करते हुए सामान्य जीवन जीते रहे। बालिकाओं की संख्या कम होना किसी भी विकासशील समाज के लिए बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती से तभी निपटा जा सकता है, जब स्त्री की आर्थिक हैसियत तय हो और समाज में समानता की स्थितियां निर्मित हों। इस नजरिए से मध्य प्रदेश में ‘लाडली लक्ष्मी योजना‘ कारगर औजार साबित हुई और इसीलिए इसे देश के नवाचारी माॅडल के रूप में मान्यता मिली। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ने ही नहीं पूरे देश ने इस योजना का अनुकरण किया और बेटी बचाने के लिए जुट गए। क्योंकि बेटी बचेगी, तभी बेटे बचेंगे और सृष्टि की निरंतरता बनी रहेगी। जैविक तंत्र से जुड़े इस सिद्धांत को हमारे ऋषि-मुनियों ने भलि-भांति आज से हजारों साल पहले समझ लिया था इसीलिए भगवान शिव-पार्वती के रूप में अर्धनारीश्वर के प्रतीक स्वरूप मंदिरों में मूर्तियां गढ़ी गईं, जिससे पुरुष संदेश लेता रहे कि नारी से ही पुरुष का अस्तित्व अक्षुण्ण है। किंतु हमने शिव-पार्वती की पूजा तो की, परंतु उनके एकरूप में अंतर्निहित अर्धनारीश्वर के प्रतीक को आत्मसात नहीं किया। भारत के लिए यह प्रसन्नता की बात है कि लिंगानुपात के अंतर्गत स्त्री का जो अनुपात घट रहा था, उसमें जनसांख्यिकीय बदलाव लाडली लक्ष्मी योजना के नवाचार को देशव्यापी स्वीकार्यता मिलने के बाद ही देखने में आया है। पहली बार महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक आई है। साथ ही लिंगानुपात 1020 के मुकाबले 1000 रहा है। यह जानकारी राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के ताजा निष्कर्षों से मिली है। स्त्रियों की संख्या 1000 के पार हो रही हैं तो इसका अर्थ है कि भारत आर्थिक प्रगति के साथ-साथ लिंगानुपात में भी विकसित देशों के समूह के बराबर आ रहा है। इसके लिए महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत मध्य-प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाडली लक्ष्मी योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं रही हैं, जो शैक्षिक व वित्तीय समावेशन, लैंगिक पूर्वाग्रह तथा असमानताओं से लड़ने में सार्थक रही हैं। इन योजनाओं की सफलता के बाद, इन्हें केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की करीब डेढ़ दशक की सार्वजनिक यात्रा का अवलोकन करें तो यह साफ देखने में आता है कि उनकी कार्य संस्कृति अन्य मुख्यमंत्रियों से भिन्न रही। वे प्रकृति, कृषि व किसान प्रेमी हैं और युवाओं को कौशल दक्ष बनाने की प्रखर इच्छा रखते हैं। इसीलिए प्रदेश में अनेक प्रकार की छात्रवृत्तियां हैं, जिससे छात्रों को आर्थिक बाधा का सामना न करना पड़े। गांव से यदि पाठशाला कुछ दूरी पर है तो बालिका को आने-जाने में व्यवधान न हो, इस हेतु साइकिल है। ये योजनाएं मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को रेखांकित करती हैं। शिवराज कविता तो नहीं लिखते लेकिन दूरांचल वनवासी-बहुल जिले झाबुआ में परंपरागत ‘आदिवासी गुड़िया हस्तशिल्प‘ कला को संरक्षित करने और इसे आजीविका से जोड़ने का उपाय जरूर करते हैं। फलस्वरूप अब स्थानीय लोगों के नाजुक हाथों द्वारा निर्मित यह कपड़े की गुड़िया मध्य-प्रदेश सरकार के ‘एक जिला, एक उत्पाद‘ योजना के अंतर्गत व्यापारिक उड़ान भरकर जर्मनी और आस्ट्रेलिया के बच्चों का खिलौना बन गई है। सामाजिक सरोकार से इस संरचना की महिमा वही नवाचारी समझ सकता है, जो कल्पनाशील हो। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा भारत-पाकिस्तान में गुजरे सात दशकों के दौरान कभी कोई बहुत मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं रहे। दोनों के बीच कई बार जंग हुई। दोनों के बीच आपस में कुछ न कुछ विवाद बना रहता है। विवाद के अनेकों कारण हैं। पर भगत सिंह इस तरह की शख्सियत हैं जिन्हें दोनों देशों की जनता आदरभाव से देखती है। भगत सिंह भारत के तो निर्विवाद नायकों में से हैं ही, वे पाकिस्तान में भी बहुत आदर के भाव से देखे जाते हैं। इस लिहाज हमें भगत सिंह के अलावा कोई दूसरी शख्सियत नहीं मिलती। पाकिस्तान के शहर लाहौर और कुछ अन्य स्थानों पर उनका जन्मदिन और शहीदी दिवस मनाया जाता है। दरअसल, भगत सिंह और उनके दो अन्य साथियों क्रमश: राजगुरु और सुखदेव को लाहौर सेंट्रल जेल में 23 मार्च 1931 को फ़ांसी दी गई थी। उन पर इल्ज़ाम लगाया गया था कि उन्होंने एक ब्रितानी अधिकारी की हत्या की थी। पाकिस्तान में कई संगठन उन्हें देश का नायक घोषित करने की लगातार मांग भी करते रहे हैं। वहां के पंजाब प्रांत में तो वे विशेष रूप से सम्मान पाते हैं। अगर बात भारत की करें तो वे सबके नायक हैं। उनका सब आदर करते हैं। भगत सिंह सिर्फ देशभक्त क्रांतिकारी तक सीमित नहीं हैं। वे जब फांसी पर लटकाए गए तब तक मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग करनी चालू नहीं की थी। मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान की मांग 1940 से करनी शुरू की थी। उसने पाकिस्तान के हक में प्रस्ताव 23 मार्च, 1940 को उसी लाहौर में पारित किया था, जिस शहर में भगत सिंह को फांसी दी गई थी। यानी भगत सिंह के फांसी पर चढ़ने के नौ साल बाद पाकिस्तान की मांग हुई। आमतौर पर पाकिस्तान में किसी मुस्लिम को ही नायक का दर्जा मिल पाता है। इस लिहाज से भगत सिंह सबसे अलग खड़े होते हैं। हालांकि वे अपने को किसी धर्म के साथ नहीं जोड़ते थे। वे तो अपने को नास्तिक कहते थे। उन्होंने इस मसले पर एक निबंध भी लिखा है कि वे नास्तिक क्यों हैं। इसके बावजूद घनघोर कठमुल्ला देश पाकिस्तान में भी उन्हें सम्मान मिलता है। दुर्भाग्यवश हमारे यहां भी कुछ तत्व उन्हें सच्चा सिख साबित करने पर आमादा रहते हैं। हमारे अपने पंजाब सूबे में उन्हें सिख साबित करने की कोशिश होती रही है। उनका जन्म अवश्य एक उस सिख परिवार में हुआ था जो मूलतः आर्य समाजी था। भगत सिंह को मूरतों में कभी पगड़ी तो कभी हैट में दिखाया जाता है। उनकी संसद भवन और दिल्ली विधानसभा में प्रतिमाएं लगी हैं। संसद भवन में उन्हें पगड़ी में दिखाया गया है, जबकि दिल्ली विधानसभा में वे हैट पहने हैं। उन्हें संसद भवन में कांस्य की प्रतिमा में पगड़ी में दिखाया गया है। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को केन्द्रीय असेम्बली (अब संसद भवन) में बम फेंका था। उस घटना के लंबे अंतराल के बाद भगत सिंह की प्रतिमा संसद भवन में सन 2008 में ही स्थापित की गई थी। इसके लगते ही बवाल चालू हो गया था। भगत सिंह पर गहन अध्ययन करने वाले दावा करते हैं कि भगत सिंह ने सन 1928 से 23 मार्च, 1931 को फांसी दिए जाने तक पगड़ी नहीं पहनी। कुछ इतिहासकारों और भगत सिंह के संबंधी तक मानते रहे हैं कि संसद भवन में लगी प्रतिमा में उन्हें सही से नहीं दिखाया गया। भगत सिंह यूरोपियन स्टाइल की हैट पहनते थे, तो फिर उन्हें पगड़ी में क्यों दिखाया गया? भगत सिंह पर शोध करने वाले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल कहते हैं कि उन्हें हैट में न दिखाना गलत है। उधर, दिल्ली विधानसभा में स्थापित अर्धप्रतिमा में भगत सिंह हैट पहने हैं। इस पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीसी) ने विरोध जताया था। इसका कहना था कि भगत सिंह सिख थे और उनकी प्रतिमा में उन्हें सिख के रूप में दिखाया जाना चाहिए था। हमारे यहां एक गलत परंपरा चालू हो गई है कि राष्ट्र विभूतियों को भी उनकी जाति या धर्म से पहचाना जाने लगा है। राम मनोहर लोहिया जीवन भर जाति तोड़ो आन्दोलन चलाने का आह्वान करते हैं। पर मैंने देखा है कि कुछ वैश्य समाज की पत्रिकाओं में उन्हें वैश्य नायक के रूप में दिखाया जाता है। जबकि, लोहिया जिंदगी भर वैश्य समाज की मुनाफाखोरी, मिलावट और टैक्स चोरी पर प्रहार करते रहे। बहरहाल, भगत सिंह अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण भारत-पाकिस्तान के करोड़ों लोगों को अब भी प्रेरित करते हैं। वे प्रशासनिक और पुलिसिया अन्याय़ और साम्राज्यवाद के खिलाफ सबसे सशक्त प्रतीक के रूप में हमारे सामने आते हैं। भगत सिंह संभवत: देश के पहले चिंतक क्रांतिकारी थे। वे एक गहन राजनीतिक विचारक भी थे। वे लगातार लिखते-पढ़ते थे। उनसे पहले या बाद में कोई उनके कद का चिंतनशील क्रांतिकारी सामने नहीं आया। हालांकि, कम्युनिस्ट इस आधार पर उन्हें कम्युनिस्ट साबित करने की कोशिश करते रहते हैं क्योंकि उन्होंने काल कार्ल मार्क्स को भी पढ़ा था। लेकिन, वे सच्चे राष्ट्रवादी थे। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन भगत सिंह की विरासत को संजोकर रखने के लिए पाकिस्तान के फैसलाबाद में उनके पुश्तैनी मकान को स्मारक बनाना चाहता है। पाकिस्तान सरकार ने इस घर को हैरिटेज साइट का दर्जा दिया था, लेकिन सही तरीके से देखरेख नहीं होने के कारण फाउंडेशन ने यहां स्मारक बनाने का फैसला लिया है। फैसलाबाद को आजादी के पहले लायलपुर के नाम से जाना जाता था और शहीद भगत सिंह का जन्म यहीं पर हुआ था। फैसलाबाद के बंगा गांव में भगत सिंह के परिवार का पुश्तैनी घर था जहां वो पले-बढ़े थे। भारत-पाकिस्तान की सरकारें अगर दोनों देशों में भगत सिंह से जुड़े प्रतीकों को एक-दूसरे के देशों के लोगों को देखने के लिए खोल दें, तो यह बड़ी और सकारात्मक पहल होगी। देखिए भारत-पकिस्तान के बीच के जटिल मसले कब पूरी तरह से हल होंगे, इसका कोई उत्तर नहीं दे सकता। लेकिन, दोनों देशों की अवाम को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर एक-दूसरे से मिलने-जुलने की अनुमति तो होनी चाहिए। जब करतारपुऱ कॉरिडोर खोला जा सकता है तो भगत सिंह से जुड़े प्रतीकों को देखने की भी अनुमति मिले तो इसमें क्या बुराई है। करतारपुर साहिब, पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से तीन से चार किलोमीटर और लाहौर से करीब 120 किमी दूर है। यह सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं उनका निधन भी हुआ था। फिर यहां उनकी याद में गुरुद्वारा बनाया गया था। उम्मीद की जानी चाहिए कि गुरुनानक और भगत सिंह के रास्ते पर चलते हुए पाकिस्तान, आतंकवादी मुल्क की अपनी छवि से मुक्ति पाने में कभी न कभी सफलता पा लेगा। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर विशेष रमेश सर्राफ धमोरा टीबी एक संक्रामक बीमारी है। जो संक्रमित लोगों के खांसने, छींकने या थूकने से फैलती है। यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करती है। लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकती है। इस बीमारी का इलाज तो है बशर्ते लोग नियमित रूप से दवा लें। हर वर्ष 24 मार्च को पूरे विश्व में टीबी दिवस मनाया जाता है। इस दिन टीबी यानि तपेदिक रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। भारत में बहुत बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रही है। देश में जब तक गरीबी दूर नहीं होगी तब तक टीबी पर पूर्णतया रोक नहीं लग पायेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्वास्थ्य सेवा का ढांचा कमजोर है और स्वास्थ्य कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके अलावा बीमारी का शुरुआती दौर में पता लगने में दिक्कत और सही इलाज का मिलना चुनौती बनी हुई है। विश्व में भारत पर टीबी का बोझ सबसे अधिक है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में टीबी उन्मूलन को प्राथमिकता के तौर पर लिया है। इसका उद्देश्य टीबी के नए मामलों में 95 प्रतिशत की कमी करना और टीबी से मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी लाना है। देश में जिन टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है उन्हें सरकार द्वारा 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। टी.बी माइक्रोबैक्टीरियम नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह बैक्टीरिया फेफड़ों में उत्पन्न होकर उसमें घाव कर देते हैं। यह कीटाणु फेफड़ों, त्वचा, जोड़ों, मेरूदण्ड, कण्ठ, हड्डियों, अंतडियों आदि पर हमला कर सकते हैं। दुनिया में छह-सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और हर वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। दुनिया में बीमारियों से मौत के 10 शीर्ष कारणों में टीबी को प्रमुख बताया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक टीबी रोग रिपोर्ट 2020 जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के कारण दुनिया भर में टीबी से होने वाली मौत में वृद्धि हो सकती है। भारत में अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के समय क्षय रोग के मामलों में 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। विश्व में टीबी के वैश्विक मामलों का 44 प्रतिशत फिलीपींस, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका में है। जबकि भारत, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, नाइजीरिया, बांग्लादेश और रूस में टीबी के दो-तिहाई मामले दर्ज किये गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट दर्शाती है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण टीबी के खिलाफ लड़ाई में वर्षों से दर्ज की जा रही प्रगति को एक बड़ा झटका लगा है। एक दशक से ज्यादा समय में पहली बार टीबी से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। हाल ही में जारी रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में ज्यादा लोगों की मौत हुई है और अपेक्षाकृत कम लोगों में इस बीमारी का पता चल पाया है। रिपोर्ट के अनुसार टीबी के कारण पिछले वर्ष करीब 15 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से अधिकतर मौतें मुख्य रूप से उन 30 देशों में हुई हैं जहाँ टीबी एक बड़ी समस्या है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अनुमान जताया है कि टीबी से पीड़ित लोगों और मृतक संख्या 2022 में और भी अधिक होने की आशंका है। 2019 में नए मरीजों की संख्या 71 लाख थी। लेकिन 2020 में 58 लाख नए मरीजों का ही पता चला। संगठन का अनुमान है कि फिलहाल टीबी के 41 लाख मरीज ऐसे हैं। जिन्हें या तो अपनी बीमारी के बारे में जानकारी नहीं है या फिर सरकारी एजेंसियों को इसकी सूचना नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में रोजाना करीब आठ सौ लोगों की मौत टीबी की वजह से हो जाती है। भारत में टीबी के करीब 10 प्रतिशत मामले बच्चों में हैं। लेकिन इसमें से केवल छह प्रतिशत मामले ही सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत में टीबी के केवल 58 प्रतिशत मामले ही दर्ज होते हैं। एक तिहाई से ज्यादा मामले या तो दर्ज ही नहीं होते हैं या उनका इलाज नहीं हो पाता है। इसका बड़ा कारण यह है कि गैर सरकारी सेक्टर के अस्पतालों में टीबी को दर्ज किए जाने का अब तक कोई सिस्टम नहीं बना पाना है। संगठन का ऐसा अनुमान है कि ऐसे तकरीबन दस लाख और टीबी मरीज देश में है जिन्हें पहचाना ही नहीं जा सका है। इसलिए माना यह जाना चाहिए कि हम 2025 तक टीबी को जड़ से मिटा देने की बात कर रहे हैं मगर वह इतना आसान नही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत टीबी से निपटने को लेकर गंभीर नहीं है। अपनी ग्लोबल टीबी रिपोर्ट में उसने हमारे आंकड़ों पर भी सवाल उठाया है। उसके मुताबिक भारत ने टीबी के जितने मामले बताए हैं। वास्तव में मरीज उससे कहीं ज्यादा रहे हैं। भारत के गलत आंकड़ों की वजह से इस रोग का विश्वस्तरीय आकलन सही ढंग से नहीं हो पाया है। पिछले कुछ समय से टीबी के कई नए रूप सामने आ गए हैं। कई मानसिक बीमारियां टीबी का बड़ा कारण बनकर उभरी हैं। इस बीमारी को लेकर हमे नजरिया बदलने की जरूरत है। सरकार को परम्परागत तौर-तरीके से बाहर निकलना होगा। टीबी से निपटने के लिए सरकार को निजी क्षेत्र के साथ मिलकर व्यापक योजना बनानी होगी। कुछ वर्षों पूर्व तक टीबी की बीमारी को लाइलाज रोग माना जाता था। टीबी के मरीजों को घर से अलग रखा जाता था व उससे अछूत जैसा व्यवहार किया जाता था। मगर अब टीबी की बीमारी का देश में पर्याप्त उपचार व दवा उपलब्ध है। टीबी के रोगियों द्वारा नियमित दवा के सेवन से नो माह में ही टीबी का रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है। सरकार को टीबी रोग की प्रभावी रोकथाम के लिये बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये और अधिक राशि का प्रावधान करना होगा। टीबी के प्रति लोगों को सचेत करने के लिये देश भर में टीबी जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर ही टीबी पर काबू पाया जा सकता है। टीबी का संबंध पोषण से जुड़ा रहता है। भूखे पेट रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए टीबी के शिकार गरीब तबके के लोग ज्यादा होते हैं। पोषण से मतलब संतुलित भोजन से माना जाना चाहिए। इसलिए यहां केवल टीबी का इलाज मुहैया करा भर देने से टीबी का खात्मा संभव नहीं है। यह तब मुमकिन होगा जबकि देश में लोगों को रोग प्रतिरोधक ताकत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार भी मिले। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार को इस क्षेत्र में एक ठोस अभियान शुरू करना होगा और साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाने की राह में पैसों की कमी आड़े नहीं आए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इससे मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होगी। सरकार ने टीबी को मिटाने के लिये जो प्रतिबद्धता जतायी है उस पर तुरन्त अमल करने की जरूरत है। तभी विश्व क्षय रोग दिवस 2022 की थीम ‘टीबी को खत्म करने के लिए निवेश करें, जीवन बचाए‘ सार्थक हो पायेगी।
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विश्व जल दिवस (22 मार्च) पर विशेष रमेश ठाकुर पानी के पहरेदार लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं कि दुनिया में पानी के लिए भी भविष्य में युद्ध हो सकता है। लोग बूंद-बूंद के लिए कट मरेंगे। महानगरों में तो ऐसे हालात बनने भी लगे हैं। भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जमीन से पानी सूख रहा है। पानी का संकट और बड़ा हो रहा है। जितना बचा है वह वह धीरे-धीरे धरातल में समा रहा है। कभी तराई क्षेत्र में पानी बहुतायत में था। अब वहां भी जमीन बंजर होने लगी है। नमीयुक्त तराई क्षेत्र में कभी एकाध फीट नीचे ही पानी दिखता था। अब वहां जलस्तर कईफीट नीचे खिसक चुका है। राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में पानी का जलस्तर तो पाताल में घुस चुका है। यह गंभीर मसल है। बावजूद यह चुनावी मुद्दा नहीं बनता है। यह बात दीगर है कि ‘विश्व जल दिवस’ पर घड़ियाली आंसू बहाकर इस चिंता की सुर्खियां पाई जाती हैं। चिंतन, मनन और विमर्श अगले दिन भुला दिया जाता है। ऐसे काम नहीं चलने वाला। जीवन को बचाने के लिए पानी अति जरूरी है। इसलिए कोई कारगर विकल्प खोजना ही होगा। पानी की भयावहता को लेकर किसी को कोई परवाह नहीं? सरकारें आती हैं। चली जाती हैं। योजनाएं बनती हैं। ‘विश्व जल दिवस’ के खास मौके पर दिनभर पानी सहेजने को लंबे-चौड़े भाषण होते हैं। अगली सुबह सबकुछ भुला दिया जाता है। यह प्रवृत्ति नहीं बदली तो वह कहावत कभी भी चरितार्थ हो सकती जो बे-पानी पर कही गई है-रहिमन पानी राखिए, पानी बिन सब सून’ पानी गए न उबरे, मोती मानस सून। याद करिए कुछ दशक पहले के गांव, कस्बे और शहर। सब जगह तालाब और कुआं होते थे। नदी-नाले तो प्रकृति प्रदत्त हैं। अब तालाब और कुएं नजर नहीं आते हैं। कुछके बचे हैं तो वह खुद पानी को तरस रहे हैं। सूखे पड़े हैं। सरकारी आंकड़ा भयावह है। वह साफ करता है कि बीते एकाध दशक में करीब 10-15 हजार नदियां गायब हो गई हैं। करीब इतने ही छोटे-बड़े नालों का पानी सूख चुका है। अब यह जलस्रोत सिर्फ बारिश के दिनों में ही गुलजार होते हैं। नदी और तालाबों के सूखने से बेजुबान जानवरों और पक्षियों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस कारण अब ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्लभ पक्षी दिखाई नहीं पड़ते। ऐसे पक्षियों की संख्या असंख्य है जो बिन पानी के मर चुके हैं। कालांतर से लेकर प्राचीन काल तक दिखाई देने वाले पक्षी बिना पानी के ही मौत के मुंह में समाए हैं। ऐसी प्रजातियों के खत्म होने अकेला कारण पानी का न होना है। दूषित पानी को लेकर एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि स्वच्छ जल के बिना लोग गंभीर बीमारियों से भी घिरते जा रहे हैं। जल संरक्षण की जिम्मेदारी सिर्फ सरकारों के भरोसे छोड़ देने से समस्या का समाधान नहीं होगा? सामाजिक स्तर पर भी हम सबको सामूहिक प्रयास करने होंगे। जल भंडारण की स्थिति पर निगरानी रखने वाले केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट भी सोचने पर मजबूर करती है। मानसून में भी देश के तकरीबन जलाशय सूखे रहे। यह तब है जब बीते दो वर्षों में बारिश अच्छी हुई है। वर्षा का पानी भी अगर हम बचा लें तो संभावित खतरों से लड़ सकते हैं। मगर बात वहीं आकर रुक जाती है कि बिल्ली के गले में घंटी बांधे तो बांधे कौन? पानी अगर यूं ही खत्म होता रहा तो उससे पृथ्वी का वातावरण में खराब होगा। समूचे हिंदुस्तान के 76 विशालकाय जलाशयों में कुछेक को छोड़ दें तो बाकी मृत्यु के कगार पर हैं। उत्तर प्रदेश के माताटीला बांध, रिहन्द, मध्य प्रदेश के गांधी सागर, तवा, झारखंड के तेनूघाट, मेथन, पंचेतहित, कोनार, महाराष्ट्र के कोयना, ईसापुर, येलदरी, ऊपरी तापी, राजस्थान का राण प्रताप सागर, कर्नाटक का वाणी विलास सागर, ओडिशा का रेंगाली, तमिलनाडु का शोलायार, त्रिपुरा का गुमटी और पश्चिम बंगाल के मयुराक्षी और कंग्साबती जलाशय सूखने के कगार पर हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने जलाशयों से बिजली बनाने की भी योजना भी बनाई पर वह कागजों में दम तोड़ गई। शायद वह वक्त ज्यादा दूर नहीं, जब हमें पानी और बिजली की भयावहता का सामना करना पड़ेगा। मशहूर शायर बशीर बद्र लिख भी चुके हैं-अगर फुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना/हर इक दरिया हजारों साल का अफसाना लिखता है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक जापान के नए प्रधानमंत्री फ्यूमियो किशिदा ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, यह अपने आप में महत्वपूर्ण है। भारत और जापान के बीच कुछ दिन पहले चौगुटे (क्वाड) की बैठक में ही संवाद हो चुका था लेकिन इस द्विपक्षीय भेंट का महत्व इसलिए भी था कि यूक्रेन-रूस युद्ध अभी तक जारी है। दुनिया यह देख रही थी कि जो जापान दिल खोलकर भारत में पैसा बहा रहा है, कहीं वह यूक्रेन के सवाल पर भारत को फिसलाने की कोशिश तो नहीं करेगा लेकिन भारत सरकार को हमें दाद देनी होगी कि मोदी-किशिदा वार्ता और संयुक्त बयान में वह अपनी टेक पर अड़ी रही और अपनी तटस्थता की नीति पर टस से मस नहीं हुई। यह ठीक है कि जापानी प्रधानमंत्री ने अगले पांच साल में भारत में 42 बिलियन डाॅलर की पूंजी लगाने की घोषणा की और छह मुद्दों पर समझौते भी किए लेकिन वे भारत को रूस के विरुद्ध बोलने के लिए मजबूर नहीं कर सके। भारत ने राष्ट्रों की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने पर जोर जरूर दिया और यूक्रेन में युद्धबंदी की मांग भी की लेकिन उसने अमेरिका के सुर में सुर मिलाते हुए जबानी जमा-खर्च नहीं किया। अमेरिका और उसके साथी राष्ट्रों ने पहले तो यूक्रेन को पानी पर चढ़ा दिया। उसे नाटो में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और रूस ने जब हमला किया तो सब दुम दबाकर बैठ गए। यूक्रेन को मिट्टी में मिलाया जा रहा है लेकिन पश्चिमी राष्ट्रों की हिम्मत नहीं कि वे रूस पर कोई लगाम कस सकें। किशिदा ने मोदी के साथ बातचीत में और बाद में पत्रकारों से बात करते हुए रूस की काफी भर्त्सना की लेकिन मोदी ने कोरोना महामारी की वापसी की आशंकाओं और विश्व राजनीति में आ रहे बुनियादी परिवर्तनों की तरफ ज्यादा जोर दिया। जापानी प्रधानमंत्री ने चीन की विस्तारवादी नीति की आलोचना भी की। उन्होंने दक्षिण चीनी समुद्र का मुद्दा तो उठाया लेकिन गलवान घाटी की भारत-चीन मुठभेड़ का जिक्र नहीं किया। भारत सरकार अपने राष्ट्रहितों की परवाह करे या दुनिया भर के मुद्दों पर फिजूल की चौधराहट करती फिरे ? चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आ रहे हैं। चीन और भारत, दोनों की नीतियां यूक्रेन के बारे में लगभग एक-जैसी हैं। भारत कोई अतिवादी रवैया अपनाकर अपना नुकसान क्यों करें? भारत-जापान द्विपक्षीय सहयोग के मामले में दोनों पक्षों का रवैया रचनात्मक रहा। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)
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डॉ. सौरभ मालवीय भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां सभी धर्म और संप्रदाय के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। सभी को अपने-अपने धर्म के अनुसार धार्मिक कार्य करने एवं जीवनयापन करने का अधिकार है। बावजूद इसके कुछ अलगाववादी शक्तियों के कारण देश में किसी न किसी बात को लेकर प्राय: विवाद होते रहते हैं। इन विवादों के कारण शांति भंग होती है। लोगों में मनमुटाव बढ़ता है। ताजा उदाहरण हिजाब प्रकरण है। कर्नाटक के उडुपी से प्रारंभ हुआ हिजाब प्रकरण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। कर्नाटक हाई कोर्ट के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिए जाने के पश्चात यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट का कहना है कि छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में हिजाब नहीं, यूनिफॉर्म पहननी होगी। हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। राज्य के एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने कर्नाटक हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ के सामने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं है और इसके उपयोग पर रोक लगाना संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं है। हिजाब धर्म के पालन के अधिकार के अंतर्गत दिखावे का भाग है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि सरकार का आदेश संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन भी नहीं करत। यह अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। यूनिफॉर्म के बारे में सरकार का आदेश पूरी तरह शिक्षा के अधिकार कानून के अनुरूप है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। विशेष बात यह भी है कि हाई कोर्ट ने पर्दा प्रथा पर भीमराव आंबेडकर की टिप्पणी का भी का उल्लेख करते हुए कहा- "पर्दा, हिजाब जैसी चीजें किसी भी समुदाय में हों तो उस पर बहस हो सकती है। इससे महिलाओं की आजादी प्रभावित होती है। यह संविधान की उस भावना के विरुद्ध है, जो सभी को समान अवसर प्रदान करने, सार्वजनिक जीवन में हिस्सा लेने और पॉजिटिव सेक्युलरिज्म की बात करती है।“ भारत में व्याप्त अनेक कुप्रथाओं ने महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा है। पर्दा प्रथा भी उनमें से एक है। इस प्रथा के कारण महिलाओं को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ा। उन्हें घर की चारदीवारी तक सीमित कर दिया गया। पुनर्जागरण के युग में समाज सुधारकों ने इन कुप्रथाओं के विरोध में जनजागरण आंदोलन किया। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। समय के साथ-साथ समाज में परिवर्तन आया। हिन्दू व अन्य समुदायों के साथ-साथ मुसलमान भी अपनी बच्चियों को स्कूल भेजने लगे, परन्तु उनका अनुपात अन्य समुदायों की तुलना में बहुत ही कम है। यह चिंता का विषय है। देश में सबको समान रूप से अधिकार दिए गए हैं। शिक्षण संस्थानों में भी सबके साथ समानता का व्यवहार किया जाता है। प्रश्न यह है कि कुछ लोग स्वयं को दूसरों से पृथक क्यों रखना चाहते हैं? वास्तव में हिजाब प्रकरण मुस्लिम समाज की लड़कियों को शिक्षा से दूर रखने का बड़ा षड्यंत्र है। चूंकि शिक्षा ही मनुष्य को अज्ञानता के अंधकार से निकाल कर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती है, इसलिए रूढ़िवादी मानसिकता के लोग महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने के लिए ऐसे षड्यंत्र रचते रहते हैं, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज न उठा सकें। मुस्लिम समाज में महिलाओं की जो स्थिति है, वह किसी से छिपी नहीं है। जब मुस्लिम बहन-बेटियों के हक में भाजपा सरकार ‘तीन तलाक’ पर रोक लगाने का कानून लाई तो शिक्षित और जागरूक मुस्लिम महिलाओं ने इसका खुले दिल से स्वागत किया था। तब भी रूढ़िवादी लोगों ने जमकर इसका विरोध किया। परन्तु उनकी एक न चली। इस कानून ने मुस्लिम महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया है। अब कोई भी व्यक्ति ‘तीन तलाक’ कहकर अपनी बीवी को घर से नहीं निकाल सकता। ऐसा करने पर दंड का प्रावधान है। यूरोप के अनेक देशों में हिजाब अर्थात बुर्का पहनने पर आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। इनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड एवं स्विट्जरलैंड आदि हैं। इटली और श्रीलंका में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है। इन सभी देशों में आदेश का उल्लंघन करने पर भारी आर्थिक दंड का प्रावधान है। कुछ लोग हिजाब प्रकरण में कुरआन की दुहाई देते हैं। वह तर्क देते हैं कि इसमें कई स्थानों पर हिजाब का उल्लेख है, परन्तु वे इस बात पर चुप्पी साध लेते हैं कि ड्रेस कोड के संदर्भ में ऐसा कुछ नहीं कहा गया। इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों में भी हिजाब सम्मिलित नहीं है। वास्तव में धर्म का संबंध आस्था एवं विश्वास से होता है, जबकि वस्त्रों का संबंध क्षेत्र विशेष एवं आवश्यकताओं से होता है। उदाहरण के लिए किसी भी ठंडे स्थान पर रहने वाले लोग जो भारी भरकम गर्म वस्त्र पहनते हैं, वे किसी गर्म क्षेत्र में रहने वाले लोग नहीं पहन सकते। महत्वपूर्ण यह है कि भारत में कहीं भी हिजाब अथवा बुर्का पहनने पर प्रतिबंध नहीं है, परन्तु जिन संस्थानों में ड्रेस कोड लागू है, वहां हिजाब पहनने की जिद क्यों की जा रही है ? (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा बात भले अजीब लगे पर मनोविज्ञानी भी मानने लगे हैं कि सोशल मीडिया लोगों को तेजी से डिप्रेशन की ओर ले जा रहा है। देश-दुनिया में डिप्रेशन के आगोश में आने वाले लोगों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। पहली बात तो यह है कि क्या बड़े और क्या बालक और क्या पुरुष और क्या महिलाएं सभी का तेजी से रुझान सोशल मीडिया के किसी ना किसी माध्यम की और हो रहा है। दरअसल सोशल मीडिया अपनी बात कहने का प्लेटफार्म बन गया है तो लोगों को अपनी बात पोस्ट करते ही उस पर रिएक्शन की चाह भी तत्काल होने लगी है। किसी को भी एक क्षण की भी प्रतीक्षा नहीं रहती। ट्वीटर, फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, शेयर चेट, कूकू, स्नेप चेट, हाईक, टेलीग्राम, मैसेज, रेडईट और ना जाने कितने ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म दुनिया के देशों में चल रहे हैं। इनमें से कुछ केवल और केवल मात्र मनोरंजन के माध्यम है तो कुछ प्लेटफार्म अपना संदेश आसानी से पहुंचाने का प्रमुख माध्यम बन रहा है। सोशल मीडिया के इन प्लेटफार्म के चलते पोस्टकार्ड ही नहीं अपितु अब तो ईमेल भी बेमानी होती जा रही है। ईमेल तो अब केवल दस्तावेजों के आदान-प्रदान का माध्यम बनती जा रही है। हालांकि ईमेल का अपना महत्व आज भी बरकरार है। सोशल मीडिया के कारण ही साधारण मोबाइल फोन का स्थान अब एन्ड्राइड व कैमरा वाले मोबाइल फोन ने ले लिया है। इससे मोबाइल मार्केट में भी तेजी से विस्तार हुआ है तो नेटवर्क प्रदाता कंपनियों की बल्ले बल्ले का कारण भी बन गया है। डेटा देने के नाम पर कंपनियों में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है तो बाजार में अधिक से अधिक पकड़ के लिए नित नए प्रयोग भी होने लगे हैं। सेल्फी और फोटो के लिए कैमरों की क्वालिटी और मोबाइल में स्टोरेज केपेसिटी को भी ग्राहकों को लुभाने का माध्यम बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले जिस तेजी से सामने आ रहे हैं वह भी एक नई चुनौती बनती जा रही है। पिछले तीन साल मेें कोरोना ने भी बहुत कुछ बदल कर रख दिया है। स्कूलों के बंद होने से ऑनलाइन पढ़ाई का जो दौर चला है उसके सकारात्मक परिणाम की तुलना में दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। दरअसल सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग के साथ लोगों की सहनशीलता, संवेदनशीलता तेजी से कम होने लगी है। लोगों का धैर्य जवाब देता जा रहा है। दरअसल ज्योंही आपने सोशल मीडिया के किसी भी माध्यम पर कोई पोस्ट अपलोड की दूसरे ही क्षण आप उस पर प्रतिक्रिया को लेकर व्यग्र हो जाते हैं। एक नए तरह का टेंशन दिलो दिमाग में छा जाता है। पहला यह कि जो पोस्ट की है उसे संबंधित व्यक्ति या समूह ने देखा या नहीं, देख लिया तो उसकी प्रतिक्रिया व्यक्त हुई या नहीं। यदि प्रतिक्रिया नकारात्मक है तो अलग तरह की भावना पोस्टकर्ता के मन में आती है तो सकारात्मक रिएक्शन पर अलग तरह की भावना सामने आती है। पर सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते ही टेंशन का दौर शुरू हो जाता है और इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि बिना समय गंवाए बार-बार यह देखने का प्रयास करते हैं कि कितने लोगों ने देखा, फलां ने अभी तक क्यों नहीं देखा, अमुक ने मेरी पोस्ट को लाइक क्यों नहीं किया। अमुक की प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। खासतौर से जन्मदिन की विश या इसी तरह की पोस्टों पर बार-बार यही देखने की कोशिश की जाती है कि अब तक कितने लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। यहां तक कि फलां व्यक्ति ने फलां की पोस्ट पर तत्काल प्रतिक्रिया दी और मेरी पोस्ट को अनदेखा कर दिया, यह भी तनाव का कारण बन जाता है। सोशल मीडिया को अपने विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी बनाया जा रहा है। खासतौर से फेसबुक पेज पर लंबी-लंबी पोस्ट अपलोड होती है और फिर उस पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू होता है। यहां तक तो सब ठीक है पर अधिकांश लोग अप्रिय प्रतिक्रियाओं को पचा नहीं पाते और यह व्यक्तिगत द्वेष का कारण बनता जा रहा है। उसके बाद फ्रैंड-अनफ्रैंड करने का दौर शुरू हो जाता है। इसी तरह इंस्टाग्राम या अन्य प्लेटफार्म पर पोस्ट अपलोड करते ही किसने लाइक किया, किसने नहीं- इसका अंतहीन दौर शुरू हो जाता है। यह लगातार तनाव बनाए रखने का कारण बन जाता है। सोशल मीडिया आज के जमाने में एक दूसरे के नजदीक आने का जुड़ाव का बड़ा माध्यम है पर परिणाम इसके उलट ही देखने को मिल रहे हैं। सूचनाओं का आदान प्रदान तो हो रहा है पर यही सूचनाएं आपसी विवाद का कारण भी बनती जा रही है। बल्कि अब तो यहां तक होने लगा है कि सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं के आधार पर रिश्तों का ताना-बाना बुना जाने लगा है। कौन किसके नजदीक है इसका फैसला भी प्रतिक्रियाओं के आधार पर किया जाने लगा है। सोशल मीडिया के कारण जहां दिन रात इससे जुड़े रहने लगे हैं वहीं अनावश्यक तनाव भी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में मनोविज्ञानियों के सामने नई चुनौती आने लगी है। लोग तेजी से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। मानवीय रिश्तों में मिठास के लिए आरंभ सोशल मीडिया खटास का कारण बनता जा रहा है। लगातार मानसिक दबाव के चलते लोग कुंठित और व्यग्र होते जा रहे हैं। रिश्तों का नए सिरे से विश्लेषण होने लगा है। इसे किसी भी तरह से समाज के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता। ऐसे में चिकित्सकों, समाज विज्ञानियों, मनोविश्लेषकों और चिंतकों को समय रहते कोई हल निकालना होगा नहीं तो डिप्रेशन का विस्तार रुकने वाला नहीं है। एक अच्छे उद्देश्य से शुरु सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपनी राह भटक चुका है और यही कारण है कि लोगों के दिलोदिमाग पर नकारात्मक असर डालने लगा है। ऐसे में समय रहते समाधान खोजना ही होगा। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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बलिदान दिवस पर विशेष हेमेन्द्र क्षीरसागर अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति, महान वीरांगना रानी अवन्ती बाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। अपनी मातृभूमि की रक्षा की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 1857 की क्रान्ति में रानी अवन्ती बाई का वही योगदान है जो रानी लक्ष्मीबाई का है। इसी कारण रानी अवन्ती बाई की तुलना रानी लक्ष्मी बाई से की जाती है। इतिहास इन दोनों महान वीरांगनाओं का हमेशा ऋणी रहेगा। रानी अवन्ती बाई का अवतरण 16 अगस्त 1831 को ग्राम मनकेहणी जिला सिवनी, मध्य प्रदेश के जमींदार राव जुझार सिंह के यहां हुआ था। इनकी शिक्षा दीक्षा ग्राम मनकेहणी में हुई। जुझार सिंह ने अपनी कन्या अवंती बाई का विवाह रामगढ़ रियासत के राजा लक्ष्मण सिंह लोधी के पुत्र राजकुमार विक्रमादित्य सिंह लोधी के साथ तय किया। 1850 में राजा लक्ष्मण सिंह के निधन के बाद राजकुमार विक्रमादित्य ने राजगद्दी संभाली। विक्रमादित्य वचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे। पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में लगे रहते थे। इनके दो पुत्र थे अमान सिंह और शेर सिंह। इनके दोनों पुत्र छोटे ही थे कि राजा विक्षिप्त हो गए और राज्य की सारी जिम्मेदारी रानी अवन्तीबाई के कन्धों पर आ गई। यह समाचार सुनकर अंग्रेजों ने रामगढ़ राज्य पर ''कोर्ट ऑफ़ वार्ड्स'' की कार्यवाही की एवं राज्य के प्रशासन के लिए सर बराहकार नियुक्त कर शेख मोहम्मद और मोहम्मद अब्दुल्ला को रामगढ़ भेजा। जिससे रामगढ राज्य ''कोर्ट ऑफ़ वार्ड्स'' के अधीन चला गया। अंग्रेजों कि इस हड़प नीति को रानी जानती थी और दोनों सरबराहकारों को रामगढ़ से बाहर निकाल दिया। लार्ड डलहौजी की राजे रजवाड़ों को हडपने की नीति जिसे डलहौजी की हड़प नीति" कहा गया। जिसके कारण सतारा, जैतपुर, संभलपुर, बघाट, उदयपुर ,नागपुर, झाँसी सहित कई देशी रियासतों का अंग्रजी साम्राज्य में विलय कर दिया गया। अन्य रियासतों को हडपने का अंग्रजी कुचक्र देश जोर-शोर से चल रहा था। अंग्रजों के इस कुचक्र का राजे रजवाड़ों ने विरोध किया। रानी अवन्तीबाई ने भी विरोध किया। पुरवा में आस-पास के राजाओं और जमीदारों का विशाल सम्मलेन बुलाया। जिसकी अध्यक्षता 70 वर्षीय गोंड राजा शंकर शाह ने की। राजा शंकर शाह को मध्य भारत में क्रांति का नेता चुना गया। इस सम्मलेन में प्रचार-प्रसार का कार्य रानी अवंती बाई को सौंपा गया। प्रचार के लिए एक पत्र और दो काली चूड़ियों की एक पुड़िया बनाकर प्रसाद के रूप में वितरित की गईं। इसके पत्र में लिखा गया-''अंग्रेजों से संघर्ष के लिए तैयार रहो या चूड़ियाँ पहनकर घर बैठो। तुम्हें धर्म, ईमान की सौगंध है, जो इस कागज का सही पता बैरी को दो।'' जो राजा, जमींदार और मालगुजार पुड़िया ले तो इसका अर्थ क्रांति में अंग्रेजों के विरुद्ध अपना समर्थन देना था। इस समय तक मंडला नगर को छोड़कर पूरा जिला अंग्रेजों से मुक्त हो चुका था। 23 नवम्बर 1857 को मंडला के पास अंग्रेजों और रानी अवन्ती बाई के बीच भीषण युद्ध हुआ। इस युद्ध में मंडला का अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर वाडिंग्टन पूरी शक्ति लगाने के बाद भी कुछ ना कर सका और मंडला छोड़ सिवनी भाग गया। इस प्रकार पूरा मंडला और रामगढ़ स्वतंत्र हो गया। इस प्रकार पूरा मंडला जिला और रामगढ़ राज्य स्वतंत्र हो गया। अंग्रेज अपनी हार से बौखलाए हुये थे और अपनी हार का बदला लेना चाहते थे। अंग्रेज लगातार अपनी शक्ति सहेजते रहे अंग्रेजों ने 15 जनवरी 1858 को घुघरी पर नियंत्रण कर लिया। मार्च 1858 के दूसरे सप्ताह में रीवा नरेश की सहायता से रामगढ को घेरकर हमला बोल दिया। वीरांगना रानी अवन्ती बाई की सेना जो अंग्रेजों की सेना की तुलना में बहुत छोटी थी फिर भी साहस पूर्वक अंग्रेजों का सामना किया। रानी ने परिस्थितियों को भांपते हुए अपने किले से निकलकर डिंडोरी के पास देवहारगढ़ की पहड़ियों की ओर प्रस्थान किया। अंग्रेजों की सेना रानी अवन्ती बाई का पता लगाते हुए देवहारगढ़ की पहडियों तक पहुँच गई। यहां वीरांगना रानी अवन्ती बाई पहले से ही मोर्चा लगाये बैठी थी। कालगलवित, 20 मार्च 1858 को रानी अवन्ती बाई ने शाहपुर के पास स्थित तालाब के पास बने मंदिर में पूजा अर्चना की और युद्ध मैदान में उतर गई। यहां अंग्रेजों और रानी के बीच घमासान युद्ध हुआ। रानी अवन्ती बाई ने अपने आप को अंग्रेजों से घिरता देख वीरांगना रानी दुर्गावती का अनुकरण करते हुए अपनी तलवार निकाली और कहा “ हमारी दुर्गावती ने जीते जी वैरी के हाथ अंग ना छुए जाने का प्रण लिया था। इसे ना भूलना’’ इतना कहकर रानी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया। वीरांगना जब मृत्यु शैय्या पर थीं तब उन्होंने अंग्रेजों को अपना बयान दिया कि '' ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मैंने ही विद्रोह के लिए भड़काया, उकसाया था, प्रजा बिलकुल निर्दोष है।'' इस प्रकार वीरांगना ने वीरगति में भी हजारों लोगों को अंग्रेजों द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से बचा लिया। वरेण्यं, क्रांति मुक्त आंदोलन की सूत्रधार, आजादी की चिंगारी, वीरांगना रानी अवन्ती बाई के श्री चरणों में बलिदान दिवस पर शत-शत नमन…! (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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रमेश सर्राफ धमोरा पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी अपने ही नेताओं के निशाने पर आ गई है। जी-23 ग्रुप के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने तो सीधे गांधी परिवार पर हमला करते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर दूसरे किसी कांग्रेस जन को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने तक की मांग कर डाली है। कपिल सिब्बल के बाद बहुत से नेताओं ने भी पार्टी संगठन में आमूलचूल बदलाव की मांग की है। कांग्रेस पार्टी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कांग्रेस पार्टी दो बार लोकसभा तथा राज्यों के विधानसभा चुनाव में लगातार हारती जा रही है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा व मणिपुर में बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रांत में तो कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया है। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जहां भाजपा का प्रदर्शन लगातार अच्छा होता जा रहा है। वहीं कांग्रेस दिनों दिन कमजोर होती जा रही है। कुछ दिनों पूर्व संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महज दो सीटें ही जीत सकी है। जबकि 2017 में कांग्रेस 7 सीटों पर विजय हुई थी। इस बार कांग्रेस को 21 लाख 51 हजार 234 वोट मिले जो पिछली बार 54 लाख 16 हजार 540 वोटों की तुलना में 32 लाख 65 हजार 306 वोट यानी 3.92 प्रतिशत कम मिले हैं। इस बार कांग्रेस 397 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जबकि पिछली बार समाजवादी पार्टी से समझौता होने के चलते महज 114 सीटों पर ही चुनाव लड़ पाई थी। उत्तराखंड में कांग्रेस 70 में से 19 सीटें ही जीत पाई है। जबकि इस बार कांग्रेस को सबसे अधिक विश्वास उत्तराखंड में सरकार बनाने का था। मगर वहां 4.40 प्रतिशत वोट बढ़ने के बावजूद भी कांग्रेस सरकार बनाने से बहुत पीछे रह गई। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बार भी लालकुआं विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ. मोहन सिंह बिष्ट से करीब 17 हजार वोटों से चुनाव हार गए। 2017 में भी हरीश रावत मुख्यमंत्री रहते दो विधानसभा सीटों से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस को सबसे बुरी स्थिति का पंजाब में सामना करना पड़ा है। यहां कांग्रेस महज 18 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। उसे 59 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी घटकर 22.98 प्रतिशत रह गया है। जो पिछली बार की तुलना में 15.66 प्रतिशत कम है। कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी दोनों विधानसभा सीटों चमकौर साहिब व भदौड़ से तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव हार गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अधिकांश मंत्री व बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में भी कांग्रेस से सत्ता छीन ली है। राजनीति के जानकार गोवा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की सरकार बनने के कयास लगा रहे थे। लोगों का मानना था कि लगातार 15 साल से सत्ता में रहने के कारण भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर व्याप्त हो रही थी। जिसका लाभ कांग्रेस को मिलता नजर आ रहा था। मगर चुनाव परिणामों में कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई। कांग्रेस को 40 में से महज 11 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। 20 सीटें जीतकर भाजपा फिर सरकार बनाने जा रही है। गोवा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को पिछली बार की तुलना में 6 सीटों का व 4.58 प्रतिशत वोटों का घाटा उठाना पड़ा है। गोवा के मतदाताओं ने कांग्रेस की पिछली बार की गलती को माफ नहीं किया है। रही सही कसर वहां आम आदमी पार्टी व तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशियों ने कांग्रेस के वोट काटकर पूरी कर दी। गोवा में तो लगता है कि कांग्रेस में आने वाले समय में कोई बड़ा नेता नहीं बचेगा। वहां आप, तृणमूल कांग्रेस व भाजपा की नजर कांग्रेस के नेताओं को तोड़कर अपने पाले में लाने पर लगी हुई है। मणिपुर विधानसभा के चुनाव में भी कांग्रेस बहुत कमजोर स्थिति में आ गई है। इस बार कांग्रेस महज 5 सीटें ही जीत पाई है। जबकि पिछली बार उसने 28 सीटों पर चुनाव जीता था। पिछली बार की तुलना में वहां कांग्रेस को 18.17 प्रतिशत वोट भी कम मिले हैं। उत्तर पूर्व के सभी आठों राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है। 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बाहर हो गई थी। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस हार गई थी। इसके साथ ही राज्य विधानसभाओं के चुनाव में भी कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। 2018 जरूर कांग्रेस के लिए कुछ अच्छा रहा। इस वर्ष कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में अपनी सरकार बनाई। मगर पार्टी में नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते कर्नाटक व मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस में दलबदल करवा कर अपनी सरकार बनवा ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने साथी विधायकों को संतुष्ट नहीं कर पाए। जिसके चलते उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी। अभी राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार चल रही है। महाराष्ट्र व झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल है। कभी पूरे देश पर एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस आज महज दो- चार प्रदेशों तक ही सिमट कर रह गई है। कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुष्मिता देव, लुइजिन्हो फलेयरो, आर पी एन सिंह, आदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में रश्मि तौर पर तो सभी ने गांधी परिवार पर भरोसा जताया। सोनिया गांधी को पद बने रहने का प्रस्ताव पास कर दिया था। मगर पार्टी के अंदर खाने लोगों में बदलाव की मांग तेज होती जा रही है। बहुत से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को बनाने की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 397 सीटों पर चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को महज 2.33 प्रतिशत वोट मिले। जबकि मात्र 34 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय लोकदल को कांग्रेस से अधिक 2.85 प्रतिशत वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश से लोकसभा की 80 सीटें आती हैं। वहां कांग्रेस का महज दो सीटों पर सिमट जाना पार्टी के लिए चिंतन मनन का विषय है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पिछले तीन वर्षों से उत्तर प्रदेश में लगातार पार्टी को मजबूत करने में लगी हुई है। उनका पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर ही रहा है। पंजाब में ऐन चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना कांग्रेस के लिये आत्मघाती कदम साबित हुआ। पार्टी द्वारा नियुक्त प्रदेश प्रभारियों का खूब विरोध हो रहा है। अधिकांश प्रभारी ऐसे नेताओं को लगाया गया है जो स्वयं कई चुनाव हार चुके हैं। ऐसे नेता जो खुद चुनाव नहीं जीत सकते वो संगठन को कैसे मजबूत करेंगे। हरियाणा में सिटिंग विधायक रहते विधायक का चुनाव हारने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला के पास पार्टी के कई बड़े पद हैं। विवादों के चलते राजस्थान के प्रभारी महासचिव के पद से हटाये गये अविनाश पांडे को फिर से महासचिव व झारखंड का प्रभारी बना दिया गया हैं। दिल्ली में कांग्रेस का सफाया करने वाले अजय माकन पार्टी के महासचिव व राजस्थान के प्रभारी बने हुये हैं। माकन ही पंजाब में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष थे जिन पर काफी आरोप लगे हैं। केरल के केसी वेणुगोपाल संगठन महासचिव के रूप में पूरी पार्टी को चला रहे हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस पार्टी में बड़े बदलाव की जरूरत है। राजस्थान व छत्तीसगढ़ जहां कांग्रेस की सरकारें चल रही हैं, वहां के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कांग्रेस विधायकों में व्याप्त असंतोष को पार्टी आलाकमान को समय रहते समाप्त करवाना चाहिए। वरना 2023 के विधानसभा चुनाव में वहां भी कांग्रेस को बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस में जनाधार वाले नेताओं को आगे लेने पर ही आगे कुछ उम्मीद की जा सकेगी।
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार को अनेक लोग सहज रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे। वह यह तथ्य स्वीकार करने को तैयार नहीं कि नरेन्द्र मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। आमजन के बीच उनकी विश्वसनीयता शिखर पर है। अनेक प्रदेशों में भी भाजपा को मोदी के नेतृत्व का लाभ मिलता है। योगी आदित्यनाथ भी व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन में नरेन्द्र मोदी की तरह हैं। दोनों में समाज सेवा और संन्यास का अलग-अलग समन्वय दिखाई देता है। इसमें परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है। विपक्ष इनसे मुकाबले का तरीका ही नहीं समझ सका। । यही कारण है कि यह पार्टियां अपनी पराजय पर आत्मचिंतन करने से बचती हैं। किसी प्रदेश में सरकार बन गई तो इसे अपनी लोकप्रियता बताते हैं। भाजपा को जनादेश मिला तो ईवीएम की खैर नहीं। कुछ वर्षों से यही चल रहा है। इस शोधग्रंथ में एक नया अध्याय जुड़ा है। वह है- उत्तर प्रदेश में पोस्टल बैलेट के आधार पर पूरे चुनाव की सीटों का आकलन करना। यह आंकड़ा 300 प्लस तक पहुंच गया। कहा गया कि भाजपा चालाकी और बेईमानी से जीत गई, जबकि बैलेट पोस्टल पर पुरानी पेंशन बहाली और 300 यूनिट फ्री बिजली वादे का असर हुआ। कहा गया कि पोस्टल बैलट में समाजवादी पार्टी गठबंधन को करीब 51 प्रतिशत वोट मिला। इस हिसाब से कुल तीन सौ चार सीटों पर सपा गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। वैसे भी प्रदेश के मतदाताओं ने सपा की ढाई गुना सीटें बढ़ाकर अपना रुझान जता दिया है। बैलेट पोस्टल की सुविधा सरकारी सेवा के लोगों को मिलती है। इनमें भी उन लोगों ने उत्साह दिखाया िजन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। अनेक लोगों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। कहा गया कि राष्ट्रवाद, कानून व्यवस्था, विकास आदि के मुद्दे अगले चुनाव में देखे जाएंगे। इस बार केवल पुरानी पेंशन बहाली के वादे पर वोट करना है। दो सौ फ्री यूनिट बिजली वादे से सरकार बनने के उदाहरण हैं। उत्तर प्रदेश में तो तीन सौ यूनिट फ्री बिजली का वादा किया गया था। इन वादों को गेंम चेंजर कहा जा रहा था। सत्तारूढ़ भाजपा वादों की इस झड़ी में पीछे रह गई थी। लेकिन पुरानी पेंशन बहाली से गरीब, किसान, व्यापारी व निजी क्षेत्रों में कार्यरत लोगों का कोई मतलब नहीं था। इस संबन्ध में आमजन के अनुभव भी सुखद नहीं होते। उन्हें अपने उचित कार्यों के लिए भी अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। किंतु पोस्टल बैलेट का प्रयोग करने वालों के लिए पुरानी पेंशन बहाली के बाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। इसके बाद भी अनेक लोगों ने निजी हितों की जगह समाज व प्रदेश के हित को वरीयता दी। उनको इसी प्रकार की राजनीति करने वाले लोग पसंद हैं। वैसे भी भाजपा को छोड़ कर देश के प्रायः सभी दल व्यक्ति व परिवारवादी हैं। अन्य प्राथमिकता इसके बाद ही प्रारंभ होती है। वह अपनी इस कमजोरी को छिपाना चाहते हैं। इसके लिए पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों आदि की दुहाई देते हैं। इस परम्परागत राजनीति से ऊपर उठने का इनके पास कोई विजन नहीं है। जबकि लोग जागरूक हो चुके हैं। वह असलीयत को देखते और समझते हैं। गरीबों और किसानों आदि के हित में सभी सरकारों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रहता है। करोड़ों की संख्या में कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित होने वाले लोग है। इनके ऊपर जाति मजहब और लोकलुभावन समीकरण ज्यादा महत्व नहीं रखते। मुकाबले में एकमात्र दल था। इसलिए उसकी सीटें बढ़ानी स्वभाविक थी। लेकिन बेशुमार वादों के बावजूद उसे सत्ता से दूर रखने का मतदाताओं ने निर्णय लिया। इस पराजय पर आत्मचिंतन की आवश्यकता थी। लेकिन फिर ईवीएम और बेईमानी की बात हुई। कहा गया कि जनता ने सपा को भाजपा का विकल्प मान लिया है। जबकि यह तब सच होता जब सपा को बहुमत मिलता। इस चुनाव में उसे एक मात्र विपक्षी अवश्य माना गया। फिलहाल वह कांग्रेस और बसपा की विकल्प अवश्य बनी है। लेकिन इस आधार पर पांच वर्ष बाद का निष्कर्ष नहीं निकल सकता। पांच वर्ष बाद मतदाता सरकार व मुख्य विपक्षी पार्टी के कार्यों के आधार पर निर्णय करेंगे। कम मत के अंतर से जीत-हार की बातें भी दिल बहलाने के लिए होती हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा नब्बे सीटों पर मामूली अंतर से हारी थी। इस आधार पर वह यह नहीं कह सकती कि वहां के लोगों ने उसे तृणमूल कांग्रेस का विकल्प मान लिया है। सच्चाई यह थी कि तृणमूल कांग्रेस को बहुमत मिला। उसने सरकार बनाई। भाजपा को पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी के रूप में अवश्य माना गया। उत्तर प्रदेश में भाजपा पर छल प्रपंच से चुनाव जीतने का आरोप लगाना निराधार है। कांग्रेस और बसपा लड़ ही नहीं सकी। ऐसे में सपा की सीटें और मत प्रतिशत बढ़ा। इसके पहले बसपा और सपा को पूरे बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला था। योगी सरकार के कार्यकाल में दो वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप रहा। इससे अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा। अनेक विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ा। इसके बाद भी भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। परिस्थितियों को देखते हुए यह सफलता भी कम नहीं है। लेकिन ईवीएम को लेकर फिर वही अंदाज सामने है। मतलब भाजपा ईवीएम से विजयी होती है। गैर भाजपा पार्टियां अपनी लोकप्रियता और नैतिक राजनीति से परचम फहराती है। ममता बनर्जी, कुमार स्वामी कमलनाथ, अशोक गहलोत, हेमंत सोरोन आदि लोकप्रयिता से मुख्यमंत्री बने। योगी आदित्यनाथ की वापसी पर ईवीएम को कोसा जा रहा है। आमजन इस दोहरे मापदंड को देख और समझ रहा है। सच्चाई को सहज रूप में स्वीकार करना चाहिए। तीन सौ यूनिट बिजली का वादा बहुत लोक लुभावन था। लेकिन बिजली की आपूर्ति का मुद्दा भी चर्चा में रहा। यह किसी पार्टी के कहने की बात नहीं थी। इसका लोगों को प्रत्यक्ष अनुभव रहा है। करोड़ों गरीबों को अनेक योजनाओं का सीधा लाभ मिला। करीब 45 लाख गरीबों को आवास मिला। पांच साल पहले तक यूपी में किसान सरकारों की प्राथमिकता से बाहर था,लेकिन आज वह राजनीति के एजेंडे में शामिल है। किसानों के उत्थान के लिए,उनकी आय में दोगुना वृद्धि के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। सरकार ने दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाकर तैयार किए। इसका लाभ 10 करोड़ लोगों को मिला है। जिला मुख्यालयों में 10 घंटे बिजली और तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे बिजली की सुविधा दी जा रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। किसान व गरीब कल्याण, लाखों करोड़ के निवेश,अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार, पांच एक्सप्रेस-वे पर कार्य,स्वास्थ्य आदि तमाम और क्षेत्रों में भी पिछली सरकारों के रिकार्ड को बहुत पीछे छोड़ दिया गया है। राज्य सरकार की कार्यपद्धति में बदलाव से आय भी बढ़ी है। शीघ्र ही स्टेट जीएसटी से होने वाली आय एक लाख करोड़ रुपये की सीमा को पार कर लेगी। राज्य सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। कोरोना काल में भी सभी 119 चीनी मिलें संचालित की गईं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। व्यापार का वातावरण बना है और प्रदेश देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर आ गया है। आज प्रदेश में तेजी के साथ निजी निवेश हो रहा है। निजी क्षेत्र में अब तक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इसके माध्यम से 45 लाख युवाओं को रोजगार और नौकरी के साथ जोड़ा गया है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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प्रभुनाथ शुक्ल गौरैया हमारी प्राकृतिक सहचरी है। कभी वह हमारे आंगन और नीम के पेड़ के नीचे फुदकती और बिखेरे गए चावल या अनाज के दाने को चुगती। कभी प्यारी गौरैया घर की दीवार पर लगे आईने पर अपनी हमशक्ल पर चोंच मारती दिख जाती है। मगर अब ऐसा नहीं है। एक वक्त था जब बबूल के पेड़ पर सैकड़ों घोंसले लटके होते और गौरैया के साथ उसके चूजे चीं-चीं-चीं का शोर मचाते। बचपन की यादें आज भी जेहन में ताजा हैं लेकिन वक्त के साथ गौरैया एक कहानी बन गई है। गौरैया इंसान की सच्ची दोस्त भी है और पर्यावरण संरक्षण में उसकी खासी भूमिका है। दुनिया भर में 20 मार्च को गौरैया संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रसिद्ध पर्यावरणविद मो. ई. दिलावर के प्रयासों से इस दिवस को चुलबुली गौरैया के लिए रखा गया। 2010 में पहली बार यह दुनिया में मनाया गया। प्रसिद्ध उपन्यासकार भीष्म साहनी ने अपने बाल साहित्य में गौरैया पर बड़ी अच्छी कहानी लिखी है, जिसे उन्होंने गौरैया नाम दिया। हालांकि, जागरुकता की वजह से गौरैया की आमद बढ़ने लगी है। हमारे लिए यह शुभ संकेत है। गौरैया एक घरेलू और पालतू पक्षी है। यह इंसान और उसकी बस्ती के पास अधिक रहना पसंद करती है। पूर्वी एशिया में यह बहुतायत पायी जाती है। यह अधिक वजनी नहीं होती हैं। इसका जीवनकाल दो साल का होता है। यह पांच से छह अंडे देती है। आंध्र यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में गौरैया की आबादी में 60 फीसदी से अधिक की कमी बताई गई थी। ब्रिटेन की ‘रॉयल सोसाइटी आफ प्रॉटेक्शन आफ बर्डस’ ने इस चुलबुली और चंचल पक्षी को ‘रेड लिस्ट’ में डाल दिया था । गौरैया पासेराडेई परिवार की सदस्य है। इसे वीवरपिंच परिवार का भी सदस्य माना जाता है। इसकी लंबाई 14 से 16 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन 25 से 35 ग्राम तक होता है। यह अधिकांश झुंड में रहती है। यह अधिक दो मील की दूरी तय करती है। शहरी हिस्सों में इसकी छह प्रजातियां पायी जाती हैं। इनमें हाउस स्पैरो, स्पेनिश, सिंउ स्पैरो, रसेट, डेड और टी स्पैरो शामिल हैं। यह यूरोप, एशिया के साथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में मिलती है। बढ़ती आबादी के कारण जंगलों का सफाया हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में पेड़ काटे जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में बाग-बगीचे खत्म हो रहे हैं। इसका सीधा असर इन पर दिख रहा है। गांवों में अब पक्के मकान बनाए जा रहे हैं। इसका कारण है कि मकानों में गौरैया को अपना घोंसला बनाने के लिए सुरक्षित जगह नहीं मिल रही है। पहले गांवों में कच्चे मकान बनाए जाते थे, उसमें लकड़ी और दूसरी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता था। कच्चे मकान गौरैया के लिए प्राकृतिक वातावरण और तापमान के लिहाज से अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराते थे। आधुनिक मकानों में यह सुविधा अब उपलब्ध नहीं होती है। यह पक्षी अधिक तापमान में नहीं रह सकता है। गगनचुंबी ऊंची इमारतें और संचार क्रांति इनके लिए अभिशाप बन गई। शहर से लेकर गांवों तक मोबाइल टावर एवं उससे निकलते रेडिएशन से इनकी जिंदगी संकट में है। खेती-किसानी में रसायनिक उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग बेजुबान पक्षियों और गौरैया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। केमिकलयुक्त रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से कीड़े मकोड़े भी विलुप्त हो चले हैं। इससे गौरैया के लिए भोजन का भी संकट खड़ा हो गया है। दूसरा बड़ा कारण मकर सक्रांति पर पतंग उत्सवों के दौरान काफी संख्या में पक्षियों की मौत होना है। पतंग की डोर से उड़ने के दौरान इसकी जद में आने से पक्षियों के पंख कट जाते हैं। हवाई मार्गों की जद में आने से भी इनकी मौत हो जाती है। दूसरी तरफ बच्चों की ओर से चिड़ियों को रंग दिया जाता है। इससे उनका पंख गीला हो जाता है और वे उड़ नहीं पाती। हिंसक पक्षी जैसे बाज इत्यादि हमला कर उन्हें मौत की नींद सुला देते हैं। दुनिया के चर्चित पर्यावरणविद मोहम्मद ई. दिलावर नासिक से हैं और वह बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी से जुड़े हैं। उन्होंने यह मुहिम 2008 से शुरू की थी। आज यह दुनिया के 50 से अधिक मुल्कों तक पहुंच गई है। गौरैया के संरक्षण के लिए सरकारों की तरफ से कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखती है। हालांकि, यूपी में 20 मार्च को गौरैया संरक्षण दिवस के रूप में रखा गया है। दिलावर के विचार में गौरैया संरक्षण के लिए लकड़ी के बुरादे से छोटे-छोटे घर बनाए जाएं और उसमें खाने की भी सुविधा भी उपलब्ध हो। अमेरिका और अन्य विकसित देशों में पक्षियों का ब्योरा रखा जाता है लेकिन भारत में ऐसा नहीं हैं। पक्षियों के संरक्षण के लिए कॉमन बर्ड मॉनिटरिंग आफ इंडिया के नाम से साइट बनाई है जिस पर आप भी पक्षियों से संबंधी जानकारी और आंकड़ा दे सकते हैं। कुछ सालों से उनकी संस्था गौरैया को संरक्षित करने वालों को स्पैरो अवॉर्ड्स देती है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय जज दलवीर भंडारी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने यूक्रेन के मामले में उन 13 जजों का साथ दिया है, जिन्होंने रूस से मांग की है कि वह यूक्रेन पर चल रहे युद्ध को तुरंत रोके। भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में ऐसी मांग नहीं की है लेकिन वह भी यही चाहती है। भंडारी के वोट को रूस विरोधी इसलिए कहा जा सकता है कि वह उन राष्ट्रों के जजों के साथ मिलकर दिया गया है, जो रूस विरोधी हैं। लेकिन सारी दुनिया में रूस और पुतिन की निंदा हो रही है। पुतिन का कुछ पता नहीं, वे इस हमले को कब रोकेंगे? यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत के कई दौर चले हैं लेकिन अभी तक वे किसी अंजाम पर नहीं पहुंचे हैं। यह हमला द्रौपदी का चीर बन गया है। मुझे ऐसा लगता है कि रूस इस मुख्य मुद्दे पर तो संतुष्ट हो गया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा लेकिन जिस मुद्दे पर बात अभी तक लटकी हुई है, वह यह है कि रूस ने दोनात्स्क और लुहांस्क नामक जो दो नए स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा की है उस पर यूक्रेन राजी नहीं हो रहा है। यूक्रेन को पता है, इन दोनों क्षेत्रों में रूसी मूल के लोग बहुसंख्यक हैं और वे यूक्रेनी सत्ता से स्वायत्त होकर पहले से ही रह रहे हैं। यदि वे यूक्रेन के साथ जुड़े रहे तो सिरदर्द ही सिद्ध होंगे। या तो उन्हें वह रूस को सौंपकर चिंतामुक्त हो जाए या फिर कोई ऐसा व्यवस्था बनवा ले कि पूरे दोनबास क्षेत्र से यूक्रेन और रूस के एक समान संबंध बन जाएं। यह युद्ध तुरंत बंद होना चाहिए वरना यूक्रेन का भयंकर नुकसान तो होगा ही, विश्व राजनीति भी हिचकोले खाए बिना नहीं रहेगी। देखिए, यूक्रेन ने अमेरिका और चीन तथा भारत और चीन को एक ही जाजम पर ला खड़ा किया है। अब बाइडन और शी चिन फिंग में सीधा संवाद चलेगा और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आ रहे हैं। भारत और चीन दोनों ने यूक्रेन के सवाल पर जैसी तटस्थता और एकरूपता दिखाई है, वह अविश्वसनीय है। अब भारत ने रूसी तेल के लाखों बैरल भी खरीदने शुरू कर दिए हैं। यह पहल रूस को तो पश्चिमी दबाव सहने की ताकत प्रदान करेगी ही, साथ ही भारत को सस्ता तेल भी मिलेगा। यूरोपीय देशों की पूरी कोशिश है कि यह युद्ध बंद हो जाए, क्योंकि देर-सबेर उनकी रूसी तेल की सप्लाई रुक सकती है। भारत की आलोचना करनेवाले अमेरिकी सीनेटरों से मैं पूछता हूं कि आपको भारत का रूस से तेल लेना इतना आपत्तिजनक क्यों लग रहा है, जबकि यूरोपीय राष्ट्रों को उसके तेल की सप्लाई में जरा भी रुकावट नहीं आई है? यूरोपीय राष्ट्रों और अमेरिका के सांसदों को जेलेंस्की बराबर संबोधित कर रहे हैं। इन संबोधनों में वे ऐसी बातें भी कह देते हैं, जो पुतिन को चिढ़ाए बिना नहीं रह सकतीं। यदि यह मामला हल हो रहा हो तो भी ऐसी बातें उसमें बाधा बन जाती हैं। इसमें शक नहीं कि यूक्रेन की फौज और जनता ने रूस का मुकाबला काफी डटकर किया है लेकिन इस नाजुक मौके पर जेलेंस्की को भी दूरदर्शितापूर्वक व्यवहार करना चाहिए। उन्हें अमेरिका और नाटो पर जरूरत से ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन अब पुतिन को ‘युद्ध अपराधी’ कहने लगे हैं। यह ऐसा ही है, जैसे 100 चूहे मारकर कोई बिल्ली हज करने चली हो। (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं)
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डॉ. सौरभ मालवीय देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में मिली विजय ने सिद्ध कर दिया है कि यह भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की विजय है। जनता ने भाजपा में विश्वास जताया है, भाजपा की नीतियों का समर्थन किया है। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था क्योंकि यही चुनाव आगे के लोकसभा चुनाव की दिशा निर्धारित करता है। यह चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। उनका दावा था कि राज्य की जनता उनके विकास कार्यों को देखते हुए उन्हें पुन: सत्ता की बागडोर सौंपेगी। उनका यह दावा सत्य सिद्ध हुआ। कारण स्पष्ट है कि भाजपा अपने चाल चरित्र, चेहरे के अनुसार निरंतर हिंदुत्व की छवि को और सुदृढ़ करने का प्रयास कर रही है। प्राचीन शहरों के नाम बदलना तथा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण इसका उदाहरण है। अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। सरकार नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल करने पर विशेष बल दे रही है। गंगा का प्रदूषण कम करने के लिए स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना पर कार्य जारी है। योगी सरकार ने राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है। गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना प्रारम्भ की गई है। चार राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश में मिली विजय से भाजपा नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में अपार हर्षोल्लास है। भाजपा इस विजय रथ को आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। भाजपा लगभग साढ़े तीन दशक के पश्चात पहली बार उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार में आई है। इसी प्रकार उत्तराखंड में भी पहली बार भाजपा सरकार दोहराई गई है। गोवा में तो विजयश्री की हैट्रिक लगी है। भाजपा को प्रत्येक दिशा से अपार जनसमर्थन मिला है। इस विजय ने 2024 के परिणामों को लगभग निश्चित कर दिया है। वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 325 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। उस समय चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था। इस बार भाजपा ने 255 सीटों पर विजय प्राप्त की है, पिछली बार की तुलना में भाजपा को 57 सीटों की हानि हुई। किन्तु भाजपा ने इस बार उत्तर प्रदेश में लगभग 42 प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 39.67 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ाना पार्टी नेताओं के लिए हर्ष का विषय है, परन्तु लोकसभा चुनाव में विजय का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भाजपा को अपना जनाधार बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को लगभग 50 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इस दृष्टि से देखा जाए तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपने घटे मत प्रतिशत को पुन: प्राप्त करने के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला समाजवादी पार्टी से था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 311 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उसे लगभग 28 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इस बार समाजवादी पार्टी ने 32 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त किए हैं, जो भाजपा के लिए चिंता का विषय है। इस बार सपा ने 111 सीटें प्राप्त की हैं। इस प्रकार उसे 64 सीटों का लाभ हुआ है। बहुजन समाज पार्टी से भाजपा को कोई विशेष खतरा नहीं है, क्योंकि बसपा के मतदाता अच्छी तरह समझ चुके हैं कि मायावती ने उनके नाम पर केवल सत्ता सुख भोगा। उन्हें दलित समाज के दुःख-सुख से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए इस बार बसपा को केवल एक ही सीट से संतोष करना पड़ा है। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में उसे 18 सीटों की हानि हुई है। कांग्रेस की बात करें, तो पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी के कड़े प्रचार के पश्चात भी उसे केवल दो ही सीटें प्राप्त हो सकीं। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में उसे पांच सीटों की हानि हुई है। कांग्रेस के पास ऐसा कोई नेता भी नहीं बचा, जो उसके लिए विजय का मार्ग प्रशस्त कर सके। कांग्रेस कहीं भी मुकाबले में दिखाई नहीं देती। पिछले विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के प्रचार के पश्चात कांग्रेस केवल सात ही सीटें जीत पाई थी। इस बार के विधानसभा चुनाव ने कई मिथक तोड़े हैं। विपक्षी दल जिन मुद्दों को सरकार के विरुद्ध मान रहे थे, उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने एक लंबे समय तक आंदोलन किया। देशभर में प्रदर्शन हुए और रैलियां निकाली गईं। विपक्षी दलों ने खुलकर किसानों का समर्थन किया। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों का साथ दिया। इसके बाद भी पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को चुनकर राजनीति में एक नये अध्याय का प्रारंभ किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी व अन्य दलों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था। अखिलेश यादव को विश्वास था कि माय अर्थात मुस्लिम और यादवों के वोट बैंक के साथ उन्हें जाटों का भी भरपूर समर्थन मिलेगा, इसलिए उन्होंने आरएलडी के साथ गठबंधन किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सुभासपा और अपना दल जैसे कई छोटे दलों से भी गठबंधन किया परन्तु गठबंधन सफल नहीं हुआ। भाजपा ने किसान आन्दोलन के पश्चात पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 136 विधानसभा सीटों में से 93 पर विजय प्राप्त करके सिद्ध कर दिया कि किसान आन्दोलन निष्प्रभावी रहा। साथ ही लखीमपुर खीरी की उन आठ विधानसभा सीटों पर भी भाजपा ने विजय पाई, जो उसके लिए कठिन मानी जा रही थी। वास्तव में यह भाजपा की नीतियों और उसकी सरकार के विकास कार्यों की विजय है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद राज्य में विकास कार्यों की गंगा बहा दी। राज्य में बेघरों को आवास देने के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास योजना प्रारम्भ की गई। निर्धन परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आरम्भ की गई। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान प्रारम्भ किया गया। बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आरम्भ की गई। बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन तथा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई। राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना प्रारम्भ की गई। बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता नामक योजना आरम्भ की गई। राज्य के श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ देने के लिए श्रमिक पंजीकरण योजना प्रारम्भ की गई। श्रमिकों के भरण पोषण के लिए राज्य में श्रमिक भरण पोषण योजना आरम्भ की गई है। इसके साथ ही राज्य की समृद्धि के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया है। राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए परम्परागत खेती विकास योजना चलाई जा रही है। खेतों को पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश नि:शुल्क बोरिंग योजना तथा उत्तर प्रदेश किसान उदय योजना संचालित की जा रही है। इनके अतिरिक्त बीज ग्राम योजना के अंतर्गत किसानों को धान एवं गेहूं के बीज पर विशेष अनुदान दिया जा रहा है। पारदर्शी किसान सेवा योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को समुचित उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। किसानों को ऋण के बोझ से मुक्त करने के लिए किसान ऋण मोचन योजना प्रारम्भ की गई। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य में अनाथ बच्चों को आसरा देने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारम्भ की गई। महिला सशक्तिकरण के लिए भी सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों की पुत्रियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत पुत्री की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त लोगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग संवाददाता सखी योजना प्रारम्भ की गई है। इससे जहां लोगों को घर पर बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, वहीं महिलाओं को भी रोजगार प्राप्त हुआ है। राज्य में अनेक पेंशन योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना तथा उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन पेंशन योजना सम्मिलित हैं। सरकार लड़कियों और दिव्यांगों के विवाह के लिए अनुदान प्रदान कर रही है। उत्तर प्रदेश विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत लड़कियों के विवाह के लिए सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है। दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों के विवाह लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। राज्य में विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों एवं उनके नये भवनों की स्थापना की जा रही है। गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण किय जा रहा है। उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। सरकार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर है। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेफ सिटी योजना प्रारम्भ की गई है। विद्युत क्षेत्र में भी योगी सरकार उत्कृष्ट कार्य किया है। परिवहन के क्षेत्र में भी सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं। राज्य ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि अपने कार्यकाल में राज्य में रोजगार के अवसर तीव्रगति से बढ़े हैं। स्टार्टअप नीति के अंतर्गत पांच लाख युवाओं को रोजगार मिला है, जबकि मनरेगा के माध्यम से डेढ़ करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार 10 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ महिलाओं को रोजगार मिला है। इतना ही नहीं साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई, जबकि साढ़े तीन लाख युवाओं की संविदा पर नियुक्ति हुई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को 2.16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। नि:संदेह भाजपा अपने विकास कार्यों के कारण ही पुन: सत्ता में आई है। ( लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर किसी गंभीर और संवेदनशील मसले पर भी अपनी राय बेबाकी से ही रखते थे। उनकी मुस्लिम समाज की औरतों के हिजाब और बुर्का पहनने पर प्रगट किये गए सार्वजनिक विचार 75 साल बाद भी समीचीन और स्पष्ट हैं। इसलिए कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में हिजाब पहनने या ना पहनने को लेकर चल रही बहस पर अपना फैसला सुनाते हुए बाबा साहेब के विचारों का भी विस्तार से हवाला दिया। बाबा साहब ने अपनी मशहूर किताब “पाकिस्तान ओर द पार्टिशन ऑफ इंडिया (1945)” में लिखा था, 'एक मुस्लिम महिला सिर्फ अपने बेटे, भाई, पिता, चाचा, ताऊ और शौहर को देख सकती है या फिर अपने वैसे रिश्तेदारों को जिन पर विश्वास किया जा सकता है। वो मस्जिद में नमाज अदा करने तक नहीं जा सकतीं। मुसलमानों में भी हिंदुओं की तरह और कई जगह तो उनसे भी ज्यादा सामाजिक बुराइयां हैं।” उन्होंने एक तरह से पर्दा प्रथा का खुलकर विरोध किया था। हैरानी इसलिए हो रही है कि जो मुस्लिम नेता देश में मुसलमान और दलितों के बीच सियासी तालमेल बनाने की हर वक्त वकालत करते हैं, वे हिजाब के मसले पर बाबा साहेब के विचारों को या तो जानते नहीं या फिर जानकर भी अनजान बने हुए हैं। अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को ही लें। आप गूगल करके देख सकते हैं कि वे बार-बार दलित-मुस्लिम एकता का आह्वान करते हैं। वहीं, ओवैसी हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध भी कर रहे हैं। वे इससे पहले भी तीन तलाक और अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर चुके हैं। इसके बावजूद वे संविधान और दलित-मुसलमान गठबंधन पर प्रवचन देते रहते हैं। क्या उन्हें मालूम नहीं है कि भारत के संविधान को तैयार करने में बाबा साहेब की क्या भूमिका थी? क्या उन्हें पता है कि हिजाब जैसी कुप्रथा पर बाबा साहेब की राय किस तरह की थी? कहने का अर्थ यह है कि ओवैसी जैसे नेता जो मुसलमानों की राजनीति करते हैं, वे अपनी कौम के साथ-साथ दलितों को भी छलने का काम करते हैं। ये किसी के भी सगे नहीं हैं। ये जान लें कि आज का दलित समाज जाग चुका है। वे बाबा साहेब जैसे रोशन ख्याल नेता को अपना आदर्श मानते हैं। ओवैसी और उनके जैसे मुसलमान नेता यह भी जान लें कि हाल के उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में दलित उसी भाजपा के साथ खड़े थे जिसने उनके बारे में सही ढंग से सोचा और किया भी। आगरा को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की दलित सियासत का किला समझा जाता था। वहां की सभी सात विधानसभा सीटों पर भाजपा को विजय मिली है। इस चुनाव ने उस गलतफहमी को ध्वस्त कर दिया है कि प्रदेश में बसपा की सरकार बने या नहीं बने, लेकिन उसका वोटबैंक तो बना रहेगा। एकबार मूल विषय पर लौटूंगा। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक और गंभीर बात सुनने में आ रही है कि कुछ मुसलमान नेता अंदर ही अंदर अपनी कौम के बीच में यह आह्वान कर रहे हैं कि वे अपनी बेटियों को सरकारी स्कूलों-कॉलेजों से निकाल कर उन शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलवा दें, जिनका प्रबंधन मुसलमानों के हाथों में है। यह एक बेहद गंभीर और खतरनाक पहल है। इस खुराफात के पीछे जिन शातिर लोगों का दिमाग चल रहा है, जाहिर है कि उन्हें मुसलमान जल्दी ही पहचान लेंगे। इस तरह के देश विरोधी तत्वों को तुरंत बेनकाब करना होगा। क्या इन्हें मालूम नहीं कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंतर्गत चलने वाले स्कूलों-कॉलेजों की फीस और जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी की फीस में कितना अंतर है? जामिया मिल्लिया इस्लामिया सरकारी यूनिवर्सिटी है और जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी प्राइवेट। स्पष्ट कर दें कि जामिया हमदर्द को भी सरकार की तरफ से खासी मदद मिलती है। फिर भी उसकी फीस कई गुना ज्यादा है। यह तो बस एक उदाहरण था। खैर, कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि इस्लाम में हिजाब पहनना कतई अनिवार्य नहीं है। स्कूलों-कॉलेजों में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। देखिए भारत में कोई यह नहीं कह रहा है कि आप हिजाब मत पहनिए। लेकिन, हरेक शिक्षण संस्थान की अपनी एक मर्यादा है। उसकी एक वेशभूषा है। क्या आप उसे भी नहीं मानेंगे? पड़ोसी देश श्रीलंका में कुछ साल पहले हुए दिल-दहलाने वाले बम धमाकों के बाद सरकार ने बुर्का पहनने पर रोक लगा दी थी। इस्लामिक देश मोरक्को बुर्का पर प्रतिबंध लगा चुका है। जाहिर है कि यदि वहां की सरकार ने बुर्के पर रोक लगाई है तो उसकी तरफ से यह कदम बहुत सोच-विचार के बाद ही लिया गया होगा। इस्लाम को बुर्का प्रथा से जोड़ना कतई सही नहीं है। फ्रांस भी बुर्का और हिजाब पर पहले ही रोक लगा चुका है। फ्रांस में मुसलमानों की आबादी का हिस्सा 9 फीसदी है। ये अधिकतर उत्तरी अफ्रीकी मूल के हैं, जहां अल्जीरिया, मोरक्को या ट्यूनीशिया में पहले फ्रांसीसी उपनिवेश हुआ करते थे। फ्रांस में धार्मिक आधार पर कतई भेदभाव नहीं होता, यह बात आप फ्रांस की फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों के नामों को पढ़कर समझ सकते हैं। लेकिन वहां अंधकार युग के चिह्नों को स्वीकार नहीं किया जाता। मुसलमानों को यह समझना होगा कि उन्हें अकारण दलदल में रखने की चेष्टा उन्हीं के ओवैसी जैसे कथित रहनुमा करते रहते हैं। उन्हें धार्मिक मसलों में फंसाए रखने की कोशिशें भी निरंतर चलती रहती हैं। वे जब तक अपने इन बदबूदार नेताओं से दूरी नहीं बनाएंगे इनका कल्याण नहीं होगा। याद कीजिए कि यही मुसलमानों में ट्रिपल तलाक और हलाला की परम्परा को बनाए और बचाए रखने के लिए लड़ते रहे हैं। इनकी घनघोर महिला विरोधी सोच को जहां से भी चुनौती मिलती है, वे अनाप-शनाप बकने लगते हैं। इस सारी बहस का बेहद कड़वा सच यह भी है कि मुसलमानों का शिक्षित मध्यवर्ग भी हिजाब, बुर्का, ट्रिपल तलाक को खत्म करने को लेकर दिल से चाहते हुए भी खुलकर सामने नहीं आता। अपने को मुसलमानों का शुभचिंतक बताने वाली तीस्ता सीतलवाड़ भी सामने नहीं आतीं हैं। वे तमाम लेखक और कैंडल मार्च निकालने वाले बुद्धिजीवी दीन-हीन मुसलमान औरतें का साथ देने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन भारत तो उस संविधान के अनुसार ही चलेगा, जिस पर उदारवादी बाबा साहेब की अमिट छाप है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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डॉ. अनिल मेहता क्या होलिका दहन एक रिवाज मात्र है? क्या होलिका दहन कुछ लकड़ियों, सूखे पत्तों, टहनियों का जलना मात्र है? क्या होलिका दहन में अक्षत (चावल), नारियल, कुछ नव पके अन्नों व गाय के गोबर को एक साथ अग्नि में समर्पित करना एक धार्मिक अनुष्ठान मात्र है? क्या होलिका दहन का महीना व समय किसी पंचांग का एक निर्देश मात्र है? ऐसे कई प्रश्न हैं जिन पर आज की युवा पीढ़ी को पूर्ण वैज्ञानिकता के साथ विचार करना चाहिए। भारतीय परम्परा में हरेक पर्व ऋतु चक्र, कृषि चक्र व स्वास्थ्य चक्र पर आधारित हैं। होलिका दहन का पर्व भी इन तीनों चक्रों - ऋतु चक्र, कृषि चक्र व स्वास्थ्य चक्र का एक प्रमुख प्रतिनिधि पर्व है। हमारे देश में मोटे तौर पर रबी व खरीफ यह दो प्रमुख कृषि चक्र हैं। समाज इन कृषि चक्रों को आत्मसात करते हुए तदनुरूप खेती की तैयारी करे, मौसम, तापमान व जल उपलब्धता का आकलन करते हुए फसलों का निर्धारण करे, उन्हें उपजाए व अन्न प्राप्ति करे, इस दृष्टि से होलिका दहन व अन्य कई सामुदायिक पर्व भारतीय धर्म मान्यताओं, रीति रिवाजों व संस्कृति के अंग बने। वर्षा काल पश्चात सर्द ऋतु के कम तापमान में गेहूं, चना, मसूर, सरसों इत्यादि रबी फसलों की बुआई होती है व मार्च-अप्रैल में इन फसलों की कटाई होती है। अतएव, होली रबी फसलों की पूर्णता के उल्लास व आगामी कृषि कार्य में पूर्ण उत्साह व नई ताजगी से जुटने का एक सांस्कृतिक अनुष्ठान है। मौजूदा चिकित्सा सिद्धांतों के प्रतिपादन से बहुत पहले ही हमारे शास्त्र यह घोषित करते आए हैं कि ऋतुओं के संधिकाल में कई प्रकार की व्याधियों की उत्पति होती है। ऋतु चक्र की दृष्टि से होलिका दहन का काल सर्दी की ऋतु से गर्मी की ऋतु के मध्य का एक संक्रमण काल है। यह वह समय है, जब वातावरण में सूक्ष्म कीटों, बैक्टीरिया, वायरस इत्यादि की वृद्धि होती है। बीमारियां बढ़ती हैं। इन बीमारियों के कारकों को नियंत्रित करने के लिए होलिका दहन एक वैज्ञानिक विधि है। होलिका दहन से पैदा होने वाला तेज (ताप) ऋतु संधिकाल के रोगकारी जीवाणुओं इत्यादि को खत्म कर स्थानीय वातावरण को शुद्ध करता है। होलिका दहन एक सामुदायिक यज्ञ है। प्राचीन काल में इसे ‘नवान्नेष्टि यज्ञ’ कहा गया। नव अन्न को होलिका की आग में भुनने, समर्पित करने की दृष्टि से ही नहीं, वरन प्रक्रिया में गोबर के कंडों, गूलर की टहनियों, आम इत्यादि वृक्षों की पत्तियों, नारियल के साथ जलने से एक प्रकार से वायु का औषधिकरण भी हो जाता है। अतः होलिका दहन को पर्यावरणीय सुधार की गतिविधि माना जाना चाहिए। यज्ञों से स्थानीय वायु के शुद्धीकरण पर कई शोध हुए हैं और यज्ञ विधान की वैज्ञानिकता को मान्यता मिली है। होलिका दहन यज्ञ भी परिधि क्षेत्र में तापक्रम की वृद्धि कर सूक्ष्म जीवाणुओं पर नियंत्रण स्थापित करता है तथा उस स्थल की वायु में औषधीय गुणों को विकसित कर देता है। लेकिन, सौहार्द्र व समरसता को पनपाने वाले व विज्ञान के सिद्धांतों की कसौटी पर जांचे जा सकने वाले होली जैसे पर्व कालांतर में कुछ विकृतियों का शिकार भी हुए हैं। होलिका दहन में गीली लकड़ी सहित विलुप्त हो रहे वृक्षों को जलाने जैसे कार्यों से होलिका दहन की गरिमा व वैज्ञानिकता को आघात पहुंचता है। ऐसी गलतियों से बचना चाहिए। वहीं, स्थानीय पर्यावरण के सुधार में होलिका दहन की उपयोगिता को वैज्ञानिक शब्दावली में पुनः परिभाषित करने का जिम्मा आज के युवा शोधार्थियों व विज्ञानियों को लेना चाहिए। (लेखक पर्यावरणविद तथा विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज उदयपुर के प्राचार्य हैं।)
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प्रमोद भार्गव इतिहास तथ्य, घटना और साक्ष्य के सत्य पर आधारित होता है। 32 साल पहले कश्मीर की धरती पर पंडित एवं अन्य हिंदुओं के साथ हत्या, अत्याचार और दुराचार की एक नहीं अनेक तथ्यात्मक घटनाएं घटी थीं। नतीजतन चार से सात लाख लोगों को रातों-रात पलायन को विवश होना पड़ा था। उस समय सत्य का सामना करने से लोकतंत्र के चारों संवैधानिक स्तंभ आंख चुराते रहे थे। लिहाजा जो तथ्य और घटनाएं घटीं, उनके जीवित और पीड़ित सैकड़ों साक्ष्यों के आधार पर जब एक फिल्म सामने आई है, तो उसे झुठलाने की कोशिश हो रही है। भारतीय इतिहास का यह दुर्भाग्यपूर्ण पहलू रहा है कि जब भी इतिहास से मुठभेड़ होती है तो तथाकथित बुद्धिजीवी ठोस सच्चाइयों को या तो नकारते हैं या फिर सुधारने की बात करते हैं। अयोध्या के विवादित राममंदिर के पुरातत्वीय उत्खनन से सामने आए साक्ष्यों को भी वामपंथी कथित बौद्धिकों ने कुछ इसी तर्ज पर नकारा था। इतिहास को झुठलाने में छद्म धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ जाने को भी मुद्दा बनाया जाता रहा है। लेकिन इसी सिलसिले में जब जोधा-अकबर जैसी फिल्में बनती हैं तो उन्हें सराहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द कश्मीर फाइल्स पर ठीक ही कहा है कि ‘जो अभिव्यक्ति की आजादी के झंडे लेकर घूमते थे, वे पूरी तरह बौखला गए हैं। उसे वे फिल्म की तथ्य और कला के आधार पर समीक्षा करने की बजाय बदनाम करने में जुटे हैं। यह पूरा का पूरा इको सिस्टम कोई सत्य उजागर करने का साहस करे तो उसके साथ ऐसा ही करते हैं। ऐसे लोग इस सत्य को न तो समझने के लिए तैयार हैं और न ही यह चाहते हैं कि दुनिया इसे देखे।‘ दरअसल इस फिल्म में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा पंडितों पर किये गये क्रूरतम अत्याचार को हुबहू उसी रूप में दर्शाया गया है, जिस रूप में खूनी इबारत लिखकर घटना को अंजाम तक पहुंचाया गया था। इस संदर्भ में यह इतिहास के सत्य को वर्तमान रूप में फिल्माने वाली वास्तविक फिल्म है। चश्मदीद गवाहों के रूप में आज भी इन घटनाक्रमों के साक्षात्कार करने वाले लाखों पंडित शरणार्थी शिविरों में उन दिनों को याद कर दहशत से रो पड़ते हैं। कश्मीर का अतीत खंगालने से पता चलता है कि कश्मीर का इकतरफा सांप्रदायिक चरित्र तब से गढ़ना शुरू हुआ, जब 32 साल पहले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और तब के मुख्यमंत्री डाॅ.फारूख अब्दुल्ला के घर के सामने सितम्बर 1989 में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष टीकालाल टपलू की हत्या हुई थी। अलगाववादी हड़ताल तथा उग्र प्रदर्शन से बाज नहीं आ रहे थे और मस्जिदों से हिंदुओं को औरतें छोड़कर कश्मीर से भाग जाने के ऐलान किए जा रहे थे। इसी आशय के पोस्टर उनके घरों के दरवाजों पर चिपका दिए गए थे। नतीजतन, अल्पसंख्यक हिन्दुओं के सामूहिक पलायन का सिलसिला शुरू हो गया था। उस समय जम्मू-कश्मीर राज्य में कांग्रेस तथा नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन की सरकार थी और डाॅ. फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे। इस बेकाबू हालत को नियंत्रित करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की बजाय 20 जनवरी 1990 को एकाएक डाॅ. अब्दुल्ला कश्मीर को जलता छोड़ लंदन भाग खड़े हुए थे। उस समय केंद्र में वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे और गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद थे। लेकिन कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन द्वारा हालात से निपटने के लिए सेना की मांग करने के बावजूद सेना नहीं भेजी गई। 1990 में शुरू हुए पाक प्रायोजित आतंकवाद के चलते घाटी से कश्मीर के मूल सांस्कृतिक चरित्र के प्रतीक कश्मीरी पंडितों को बेदखल करने की यह सुनियोजित साजिश रची गई थी। इस्लामी कट्टरपंथियों का मूल मकसद घाटी को हिन्दुओं से विहीन कर देना था। इस मंशा पूर्ति में वे सफल भी रहे। देखते-देखते वादी से हिन्दुओं का बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया और वे अपने ही पुश्तैनी राज्य में शरणार्थी बना दिए गए। ऐसा हैरान कर देने वाला उदाहरण अन्य किसी देश में नहीं है। पूरे जम्मू-कश्मीर में करीब 45 लाख कश्मीरी अल्पसंख्यक हैं, जिनमें से 7 लाख से भी ज्यादा विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। कश्मीर की महिला शासक कोटा रानी पर लिखे मदन मोहन शर्मा ‘शाही’ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास ‘कोटा रानी’ पर गौर करें तो कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण था। प्राचीन काल में कश्मीर संस्कृत, सनातन धर्म और बौद्ध शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र था। ‘नीलमत पुराण’ और कल्हण रचित ‘राजतरंगिनी’ में कश्मीर के उद्भव के भी किस्से हैं। कश्यप ऋषि ने इस सुंदर वादी की खोज कर मानव बसाहट का सिलसिला शुरू किया था। कश्यप पुत्र नील इस प्रांत के पहले राजा थे। कश्मीर में यहीं से अनुशासित शासन व्यवस्था की बुनियाद पड़ी। 14 वीं सदी तक यहां शैव और बौद्ध मतों ने प्रभाव बनाए रखा। इस समय तक कश्मीर को काशी, नालंदा और पाटलीपुत्र के बाद विद्या व ज्ञान का प्रमुख केंद्र माना जाता था। कश्मीरी पंडितों में ऋषि परंपरा और सूफी संप्रदाय साथ-साथ परवान चढ़े। लेकिन यही वह समय था जब इस्लाम कश्मीर का प्रमुख धर्म बन गया। सिंध पर सातवीं शताब्दी में अरबियों ने हमला कर, उसे कब्जा लिया। सिंध के राजा दाहिर के पुत्र जयसिंह ने भागकर कश्मीर में शरण ली। तब यहां की शासिका रानी कोटा थीं। कोटा रानी के आत्म-बलिदान के बाद पर्शिया से आए इस्लाम प्रचारक शाहमीर ने 14वीं शताब्दी में कश्मीर का राजकाज संभाला। इस वंश के क्रूर शासकों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाया जाता रहा। जिन सूफियों को साझा संस्कृति का वाहक माना गया था, वे वास्तव में छिपे रूप में इस्लाम के कट्टर व रूढ़िवादी पाठ पढ़ाकर मुस्लिमों को हिंदुओं के विरुद्ध खड़ा करते रहे। इन सूफियों ने केरल के मोपला में हिंदू नरसंहार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सुल्तान सिकंदर बुतशिकन के कालखंड में यह अत्याचार और बढ़ गया। यहीं से जबरन धर्म परिवर्तन करते हुए कश्मीर का इस्लामीकरण शुरू हुआ और एक-एक कर मंदिर भी तोड़े जाने लगे। इन मंदिरों के जीर्णोद्धार और नए मंदिरों के निर्माण पर रोक लगा दी गई। जिस पर आज तक स्थायी विराम नहीं लगा है। जरूरी नहीं कि इतिहास की लाचारियां, बाध्यताएं और गलतियां किसी गतिशील समाज को स्थिर बनाए रखने का काम करें। यदि 32 साल में कोई ठोस तथ्यात्मक फिल्म कश्मीर समस्या पर नहीं बनाई गई तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वर्तमान या भविष्य में बनाई ही न जाएं। जिस देश का अतीत जितना प्राचीन होता है, उसे नए-नए संदर्भों में दोहराया जाता है। रामायण, महाभारत, सम्राट अशोक और चाणक्य पर आज भी फिल्म व टीवी सीरियल बन रहे हैं। अकबर, सिकंदर और पोरस, पद्मावती, कंगना रानौत की मर्णिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी भी ऐतिहासिक घटनाओं पर बनाई गई नई फिल्में हैं। कष्मीर पर 2020 में शिकारा नामक फिल्म भी बनी थी। लेकिन वास्तव में यह फिल्म पीड़ित कश्मीरी हिंदुओं के दर्द को दर्शाने की बजाय, उसकी आड़ में हरकत करती दिखाई दी थी। इसमें बताया गया था कि कश्मीर में आतंकवाद सरकारी दमन के कारण पैदा हुआ। नतीजतन इस फिल्म को देखने के बाद मजहबी जिहाद से आहत हिंदुओं ने खुद को छला अनुभव किया। कोई फिल्म परिणाममूलक हों यह जरूरी नहीं, लेकिन यदि फिल्म इतिहास की छिपी हुई सच्चाई से अवगत कराती है तो यह ऐतिहासिक प्रमाण का बोध कराने वाली फिल्म है। कश्मीर का इतिहास और यह फिल्म इस बात का भी सबक है कि आखिर उदारमना हिंदू समाज उदार नीतियों और अनजान विदेशियों को शरण देने के चलते ही अपनी राज्य सत्ता से विस्थापित भी हुआ है। इस लिहाज से इस फिल्म को इतिहास का दस्तावेज भी मान सकते हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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गिरीश्वर मिश्र इसमें कोई संदेह नहीं कि गोवा के सागर तट, उत्तराखंड के पहाड़, उत्तर प्रदेश का गंगा-जमुनी मैदान और पूर्वोत्तर भारत में पर्वत-घाटी वाले मणिपुर से आने वाले चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की छवि राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त और ऊर्जावान राजनैतिक दल के रूप में निखरी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक नायक के रूप स्वीकृति पर फिर मुहर लगी है। इस तरह के स्पष्ट राष्ट्रव्यापी जन-समर्थन को मात्र संयोग कह कर कमतर नहीं आंका जा सकता और न इसे जाति, धन और धर्म के आधार पर ही समझा जा सकता है। इसे दिशाहीन विपक्ष की मुफ्त की सौगात भी कहना उचित न होगा क्योंकि जहां पंजाब के परिणाम वहां की सरकार के विरुद्ध गए और विपक्ष को पूरा अवसर मिला था, इसके ठीक विपरीत भाजपा शासित प्रदेशों में मिले मुखर जनादेश शासन में आम जन के भरोसे और विश्वास को प्रकट करते हैं। साथ ही यह भी संकेत कर रहे हैं कि उन्हें अपनी आशाओं और आकांक्षाओं के साथ आगे भी चलने की राह खुली दिख रही है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार निश्चित रूप से विस्तृत हुआ है और छोटी हदों को पार कर बड़ी अस्मिताओं की ओर बढ़ने की प्रवृत्ति भी उभरी है। बहुत हद तक अप्रत्याशित बढ़त वाला भाजपा का यह ताजा चुनावी प्रदर्शन तात्कालिक रणनीति और प्रचार से अधिक सघन जनसम्पर्क तथा समाज के हाशिए के लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की सक्रियता, उपलब्धता और प्रभाविकता को भी दर्शाता है। आधार संरचनाओं का बड़े पैमाने पर विस्तार, माफिया और भ्रष्टाचार पर बहुत हद तक नियंत्रण और अराजक तत्वों पर नकेल कसने जैसे कठोर उपाय उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और जनसंख्या बहुल राज्य के लिए ऐतिहासिक महत्व के कहे जा सकते हैं। यद्यपि बहुत-सी मुश्किलें अभी भी हैं, बिजली, पानी और सड़क जैसी आम जरूरत की सुविधाओं के बढ़ने से लोग जीवन को संचालित करने में सुभीता भी महसूस करने लगे हैं। राष्ट्र की एकता, उसके गौरव और उसकी सामर्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री के कटिबद्ध प्रयास से जनता का मन भी बदला है और सोच में भी बदलाव आया है। इस बदलाव के पीछे मोदी जी की अनथक संलग्नता की बड़ी भूमिका है जो इतिहास और वर्तमान में प्रधानमंत्री के स्तर पर दूर-दूर तक नहीं दिखती है। प्रेरणा देना और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर पहल और सक्रियता का अद्भुत उदाहरण पेश कर मोदी जी ने आम लोगों के मन में साख अर्जित की है। कोरोना काल की विभीषिका को भारत ने जिस क्षमता के साथ संभाला और राजनैतिक कोलाहल को नजरअंदाज किया, उसने सबको निरुत्तर कर दिया। जनस्वास्थ्य की दो साल लंबी चली यह भीषण चुनौती देश में कई मोर्चों पर सफलतापूर्वक लड़ी गई, यद्यपि उस दौरान कई खामियां भी उजागर हुई थीं जो प्रशासनिक कमजोरी और लोभ-लिप्सा के विमानवीकृत रूप को व्यक्त करती हैं। वे सावधान करती हैं कि सतत पर्यवेक्षण और सतर्कता का कोई विकल्प नहीं है। उत्तरकरोना काल में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक जगत की मुश्किलों को संभालते हुए सामान्य जीवन को पटरी पर ले आना कठिन काम है। बहुत-सी परियोजनाओं में अंतराल और ठहराव आ गया था। इन सब पर केंद्रीय नेतृत्व की नजर है। कई सुधार किए जा रहे हैं और जनोपयोगी परियोजनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। यह संतोष की बात है कि कोरोना और उसके बाद के बनते-बिगड़ते अंतरराष्ट्रीय घटना चक्र से आज जहां सारी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है, भारत अपनी स्थिति को काफी कुछ संभाल सकने में कामयाब है। गौरतलब है कि वर्तमान प्रधानमंत्री कई वर्षों से ‘मन की बात’ के साथ लगातार साप्ताहिक जन-संवाद का अद्भुत प्रयोग कर रहे हैं। इसके प्रत्येक आयोजन में सकारात्मक विचार और उदाहरण के साथ आम जन को प्रेरित करने का उपक्रम अनवरत जारी है। मोदी जी आम जनों से जुड़ने का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं और सब कुछ के आगे देश-धर्म के लिए जुटने का उनका सतत आग्रह सामाजिक मूल्यबोध को अंगीकार करने की दिशा में आम लोगों को उन्मुख करने वाला होता है। जनाभिमुख नेतृत्व की यह ऐतिहासिक पहल और मिसाल है। इस तरह का संवाद कुशल नेतृत्व जनता के मर्म को समझता भी है और दृढ़तापूर्वक अपना संदेश उन तक पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बीच जोखिम उठाते हुए मोदी जी ने आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक महत्व के अनेक नीतिगत फैसले लिए और उनको दृढ़ता से लागू किया। कोरोना काल में कई प्रदेशों में चुनाव संपन्न हुए और प्रजातांत्रिक प्रक्रियाओं को बहाल रखने में देश कामयाब रहा। शिक्षा की व्यवस्था को लेकर ऊहापोह बना रहा और आभासी प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था से काम चलाने का प्रयास हुआ जिसका मिश्रित परिणाम प्राप्त हुआ। कोर्ट-कचहरी, दफ्तर की काम-काजी दुनिया भी तेजी से डिजिटल होने लगी। आर्थिक रूप से विकास की मंजिलों की ओर आगे बढ़ती एक विश्वस्तरीय बड़ी अर्थव्यवस्था के स्वप्न के साथ हाशिए के समाज की स्थिति को सुधारने के संकल्प की दोहरी चुनौती के लिए सरकार की प्रकट प्रतिबद्धता ने जनता को भरोसा दिलाया है। देश के उत्थान का यह विस्तृत फलक सभी साझा कर रहे हैं और स्वतंत्र भारत की शताब्दी के प्रति समुत्सुक हो रहे हैं। देश के जीवन में अल्प विराम के बाद गतिशीलता आने के लक्षण स्पष्ट दिख रहे हैं। यहां इस बात को भी रेखांकित किया जाना चाहिए कि मतदाता की समझदारी बढ़ने के साथ सरकार के दायित्व के क्षेत्र भी जनता की तीक्ष्ण निगरानी के दायरे में आ रहे हैं। प्रशासन तंत्र की औसत चुस्ती-फुर्ती अभी भी संतोषजनक नहीं हो सकी है और उसमें शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं न केवल अस्त-व्यस्त हैं बल्कि उनमें बड़े दिनों से व्यापक सुधार की प्रतीक्षा बनी हुई है। हौले-हौले कुछ कदम उठाए गए हैं पर ठहराव और जड़ता इतनी गहरे पैठी है कि अभी भी मर्ज कम नहीं हो सका है। स्वतंत्र भारत में तुष्टीकरण की राजनीति से प्रलोभनों का जाल फैलता गया और इसके फौरी राजनैतिक फायदे भी उठाए जाते रहे हैं परंतु समस्याओं के प्रति तटस्थता के चलते यथास्थितिवाद को तरजीह मिलती रही। यह मानना कि समय सभी समस्याओं को कभी न कभी स्वत: हल कर देगा दुराशा ही होती है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रति जिस नजरिये को अपनाया जाता रहा उससे सारी परिस्थिति किस कदर जटिल होती गई यह सबके सामने है। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें कुछ कुछ काम होता रहा पर उससे आने वाला सतही बदलाव स्थायी सकारात्मक परिवर्तन नहीं ला सका। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव मनाए जाने के अवसर पर ‘स्वतंत्र’ महसूस करने के लिए अब तक चली आ रही औपनिवेशिक कार्य प्रणाली की जकड़नों को पहचान कर दूर करना होगा। पाश्चात्य चिंतन और कार्य शैली हमारे देश काल और समाज की प्रकृति के अनुकूल न होने पर भी बाध्य बनी हुई है। वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के मोहक और आकर्षक मुहावरों के आवरण में आज एक नए ढंग का उपनिवेशीकरण जायज ठहराया जाने लगा है और उसी की राह पर चलने पर बल देते हुए अनिवार्य प्रतिबंध खड़े हो रहे हैं। शिक्षा, संस्कृति, साहित्य और कला हर क्षेत्र में आज पश्चिम से आगत मानक ही निर्णायक बन रहे हैं। हम अपनी समस्याओं को पहचानने और समाधान ढूंढ़ने के लिए भी परनिर्भर होते जा रहे हैं। इसके दुष्परिणाम भी दिख रहे हैं और अनेक संस्थाएं अव्यवस्था का शिकार भी होती जा रही हैं और उनकी सृजनात्मकता और गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है। उनके स्वभाव के साथ छेड़छाड़ को राजनैतिक हित की रक्षा दृष्टि से किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। इसी तरह भौतिक और सामाजिक परिवेश में व्याप्त हो रहे प्रदूषण, महंगाई , बेरोजगारी, असुरक्षा, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसे जीवनरोधी प्रक्रियाओं के विरुद्ध प्रभावी और ठोस कदम उठाने ज़रूरी हो गए हैं। वर्तमान जनादेश इन सभी समस्याओं से पार पाने के लिए आवाह्न है। जनता को भरोसा है कि इनसे पार पाना मुमकिन है बशर्ते सरकारें बनाने और चलाने के अनुष्ठान से आगे बढ़ कर सुशासन द्वारा प्रजा की भलाई की जाय। (लेखक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कांग्रेस में अपने ही नेतृत्व को लेकर निराशा है। पहले राहुल गांधी ने पार्टी की कमान संभाली थी। उन्हें भरपूर अवसर भी मिला। इसमें यूपीए के समय सत्ता और उसके बाद विपक्ष में रहने का अनुभव भी शामिल था। लेकिन दोनों भूमिकाओं में वह किसी प्रकार का करिश्मा नहीं दिखा सके। उनके बयानों में पद व प्रतिष्ठा के अनुरूप गरिमा-गंभीरता का नितांत अभाव रहा है। फिर ऐसा समय आया जब राहुल की जगह प्रियंका गांधी को लाने की मांग उठने लगी। राहुल गांधी से निराश कांग्रेस के लोग ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर दायित्व देने की मांग कर रहे थे। कहा गया कि प्रियंका गांधी में अपनी दादी इंदिरा गांधी की झलक है। कार्यकर्ता प्रियंका लाओ-कांग्रेस बचाओ की नारेबाजी तक करने लगे। कार्यकर्ताओं की यह मुराद पूरी हुई। प्रियंका को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। उन्होंने अपनी सक्रियता खूब बढा दी लेकिन कांग्रेस बचाओ का लक्ष्य अधर में रह गया। इसका बड़ा कारण यह था कि प्रियंका पार्टी में बड़ा बदलाव करने में विफल रही। वह उसी राह पर चलती रहीं, जिस पर राहुल अमल कर रहे थे। बयानों का स्तर भी एक जैसा था। यह माना गया कि नरेन्द्र मोदी पर अमर्यादित बयान कांग्रेस का ग्राफ बढ़ा देंगे। इसके बाद जहां भी भाजपा या मोदी के विरोध का धुआं उठता दिखाई दिया, कांग्रेस नेतृत्व उस ओर दौड़ने लगा। जेएनयू, सीएएए, हाथरस, किसान आंदोलन सभी में कांग्रेस पिछलग्गू बन कर पहुंचने लगी। जो राहुल करते थे, वही प्रियंका भी करने लगी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक जैसी राजनीति। एक जैसे बयान। सब कुछ यथावत। कांग्रेस में एक प्रकार की जड़ता स्थायी रूप में आ गई। कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व को दस वर्षों तक सत्ता पर नियंत्रण रखने का अवसर मिला। तत्कालीन प्रधानमंत्री उनके ही इशारों पर चलते थे। यही उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। इसके चलते ही वह दस वर्षों तक कुर्सी पर काबिज रहे। विगत सात वर्षों से कांग्रेस इसी हाईकमान के नेतृत्व में विपक्ष की भूमिका का निर्वाह कर रही है। लेकिन सत्ता और विपक्ष दोनों की भूमिका में उसका रिपोर्ट कार्ड निराशाजनक है। यही कारण है सत्ता के दस वर्षों की उपलब्धि पर कांग्रेस के लोग ही चर्चा नहीं करते। प्रजातंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। संविधान के अनुरूप होने वाले उसके आंदोलन व सत्याग्रह सरकार पर नियंत्रण का काम कर सकते हैं। यह ना भी हो, तब भी जनता के बीच एक माहौल का निर्माण अवश्य होता है। लेकिन वर्तमान कांग्रेस ऐसा कुछ नहीं कर सकी। उसकी सक्रियता चुनाव सभाओं के अलावा ट्विटर पर ही दिखाई दी है। इसके नेता दूसरे संगठनों के नकारात्मक आंदोलनों को समर्थन देने पहुंच जाते हैं। जल्दी ही ऐसे आंदोलनों की असलियत सामने आ जाती है। इन सबके पीछे आंदोलनजीवी ही पाए जाते हैं। वही ऐसे अराजक आंदोलनों के सूत्रधार होते हैं। इनका समर्थन करने वालों को भी अंततः फजीहत उठानी पड़ती है। लेकिन कई बार की ऐसी दुर्गति के बाद भी कांग्रेस सबक लेने को तैयार नहीं है। यह वर्तमान कांग्रेस में जड़ता का ही प्रमाण है। लगातार पराजय के बाद कांग्रेस में सुधार की संभावना नहीं दे रही है। अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के वही एपिसोड। परिवार के अलावा किसी अन्य पर विचार संभव नहीं। बिल्कुल क्षेत्रीय पार्टियों जैसी दशा है। राहुल गांधी से कांग्रेस कार्यकर्ता पहले ही निराश हो चुके थे। कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय किया गया। उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण स्थान मिला लेकिन इससे कांग्रेस का ग्राफ बढ़ने की जगह घट गया। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव इसके प्रमाण हैं। लोकसभा चुनाव में भी उसे पहले के मुकाबले कम सीट मिली। पश्चिम बंगाल में पार्टी का सफाया हो गया। केरल में सरकार बनाने का दावा भी इस बार साकार नहीं हुआ। मतलब साफ है। प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए आखरी किरण थीं। लेकिन इससे भी कांग्रेस में उजाला नहीं हुआ क्योंकि प्रियंका भी राहुल के रास्ते पर ही चल रही हैं। इससे कांग्रेस में बदलाव व सुधार की जो आशा थी, वह समाप्त हो गई। चीन सीमा पर तनाव और कोरोना आपदा राष्ट्रीय संकट की तरह रही है। लेकिन ऐसे मौके पर भी इनके द्वारा राष्ट्रीय सहमति दिखाने का प्रयास नहीं किया गया। चीन सीमा पर संकट के समय कांग्रेस के नेता भारत सरकार पर ही हमला बोल रहे थे। इनके निशाने पर चीन नहीं था। इनके बयान केवल अपनी सरकार के विरोध में नहीं थे, बल्कि ये भारतीय सैनिकों का मनोबल गिराने वाले थे। अच्छाई यह है कि इनके बयानों को देश में गंभीरता से नहीं लिया जाता। कांग्रेस में निराशा बढ़ रही है। जिन युवा नेताओं की अच्छी छवि रही है, वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कांग्रेस को पांच राज्यों में हुए चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। पंजाब में भारी पराजय का सामना करना पड़ा। पहले किसान आंदोलन और बाद में नवजोत सिद्धू व चन्नी के चक्कर में कांग्रेस कहीं की ना रही। इन सबके पीछे कांग्रेस नेतृत्व की अदूरदर्शिता उजागर हुई है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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सुरेश हिंदुस्थानी पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद निश्चित ही कांग्रेस पार्टी के भविष्य के सामने ऐसा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है, जिसका जवाब न तो कांग्रेस नेतृत्व के पास है और न ही इसका जवाब आसान रह गया है। कांग्रेस में ऐसी स्थितियों के पीछे क्या कारण हैं? क्यों कांग्रेस निरंतर अपना अस्तित्व खो रही है? इसके कारण तलाशे जाएं तो कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गाहे-बगाहे कांग्रेस के अंदर ही जिस प्रकार के स्वर मुखरित हो रहे हैं, उसका यही सही जवाब है। लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस इन स्वरों से इत्तेफाक नहीं रखती। कांग्रेस की दुर्गति के बारे में कहा जाए तो यह कहना तर्कसंगत होगा कि इसके बारे में उसकी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। तर्कों के माध्यम से भले ही सत्य को झुठलाने का प्रयास किया जाए, लेकिन एक दिन सत्य सामने आता ही है। बस इसी सत्य को कांग्रेस के नेताओं को समझने की आवश्यकता है। इस सत्य को जब तक कांग्रेस नहीं समझेगी, तब तक उसका उत्थान संभव ही नहीं है। पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की जो राजनीतिक स्थिति बनी, वह कांग्रेस के लिए एक स्पष्ट चेतावनी थी, इस बारे में कई कांग्रेस नेताओं ने अपने नेतृत्व को आत्ममंथन के लिए आगाह भी किया था, लेकिन कांग्रेस ने इन बातों को सुनने के बजाय अपने कानों को लगभग बंद ही कर लिया। नेतृत्व परिवर्तन के लिए कवायद भी प्रारंभ हुई थी, लेकिन परिणाम जो निकला, वह ढाक के तीन पात जैसा ही था। गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष बनाए जाने की बात हवा में ही उड़ गई। कहने के बाद भी अगर गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष नहीं बना तो इसके पीछे केवल यही कारण था कि इस परिवार के अलावा कांग्रेस का कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो पार्टी को एक रख सके। अब कांग्रेस में सुधार की गुंजाइश की संभावना पर मंथन करने वाला समूह एक बार फिर राष्ट्रीय नेतृत्व पर ठीकरा फोड़ने की कवायद करता हुआ दिखाई दे रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर बहुत पहले से नेतृत्व परिवर्तन पर मंथन करने पर जोर देते रहे हैं, अब भी कुछ इसी प्रकार की आवाज उठा रहे हैं। इसी प्रकार जी-23 में शामिल नेता भी दो वर्ष पूर्व से अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज को भी कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है। जब से कांग्रेस ने पराभव की ओर कदम बढ़ाने प्रारंभ किए हैं, उस दिन के बाद न तो कांग्रेस में अपनी स्थिति सुधारने की दिशा में कोई प्रयत्न हुए हैं और न ही ऐसा कोई प्रयास ही किया गया है। इसको लेकर कांग्रेस में अंदर ही अंदर लावा सुलग रहा है, जिसकी हल्की सी चिंगारी ने ही कांग्रेस को कमजोर किया है, लेकिन अब भविष्य में कांग्रेस के अंदर बड़े विस्फोट की भी आशंका निर्मित होने लगी है। आज कांग्रेस के दिग्गज नेता असहज महसूस करने लगे हैं। वरिष्ठ नेता के रूप में पहचान बनाने वाले आज मायूस हैं। वे कभी खुलकर बगावत करने की स्थिति में दिखाई देते हैं तो कभी अपने प्रति होने वाली उपेक्षा से दुखी दिखाई देते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बार अपना दुख प्रकट करते हुए कहा था कि अब कांग्रेस में वरिष्ठों के दिन समाप्त हो चुके हैं। राहुल गांधी जैसा चाहते हैं, वैसा ही हो रहा है। अब आगे क्या होगा, यह भविष्य के गर्भ में है लेकिन यह अवश्य ही कहा जा सकता है कि कांग्रेस की भविष्य की राह आसान नहीं है। जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है तो वहां भी कांग्रेस पतन की ओर तेज गति से अग्रसर हुई है। चुनाव से पूर्व कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा की ओर से महिलाओं को प्रमुखता देने की बात जोर शोर से की गई, लेकिन यह मात्र शिगूफा बनकर रह गया। जहां एक ओर कांग्रेस को मात्र ढाई प्रतिशत वोट मिले, वहीं उसके लगभग 95 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इसी प्रकार समाजवादी पार्टी भले ही चुनाव में सरकार बनाने लायक सीट प्राप्त नहीं कर पाई, लेकिन उसकी सीटों में जबरदस्त उछाल आया है। हालांकि कहा यह जा रहा है कि सपा को कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने आंतरिक रूप से समर्थन किया था, यह बात कितनी सच है, इसका दावा नहीं किया जा सकता। परंतु यह सच है कि विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से जिस प्रकार से भ्रम फैलाया गया, जनता उसकी असलियत भी जान चुकी थी। कांग्रेस की विसंगति यह है कि आज के परिदृश्य में उसके साथ मिलकर कोई भी दल चुनाव लडऩा नहीं चाहता, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा सपना दिखाते हुए समाजवादी पार्टी को सत्ता सुख से वंचित कर दिया। अखिलेश यादव के सीने में यह टीस गाहे-बगाहे उठती ही होगी। कांग्रेस के कमजोर होने एक प्रामाणिक तथ्य यह भी है कि राहुल गांधी ने अपने परिवार की परंपरागत सीट अमेठी का परित्याग कर केरल की राजनीतिक पिच पर उतरे। राहुल गांधी अमेठी से चुनाव अवश्य लड़े, लेकिन भाजपा ने पूरी तैयारी कर जो चुनौती दी, राहुल गांधी उस चुनौती को स्वीकार करने की स्थिति में दिखाई नहीं दिए। अमेठी से उन्हें शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा। पंजाब राज्य की बात करें तो वहां सरकार होते हुए भी कांग्रेस को शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा। वहां पिछले छह महीने पहले जो राजनीतिक दृश्य दिखाई देता था, उसके पीछे यही कहा जा रहा है कि जब से नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की कमान संभाली, तभी से कांग्रेस का हारना लगभग तय हो गया था। वस्तुत: पार्टी के मौजूदा संकट को कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा के रूप में निरूपित किया जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। चुनाव में मिली असफलता के बाद कांग्रेस नेताओं को अपनी दशा सुधारने के लिए आत्ममंथन करना चाहिए। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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प्रमोद भार्गव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक का भिन्न चेहरा देखने में आया है। मुस्लिम मतदाताओं ने एकजुट होकर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को वोट दिया है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), कांग्रेस और बसपा की ओर झांका भी नहीं। मुस्लिमों ने संपूर्ण रूप से ध्रुवीकृत होकर सपा के पक्ष में मतदान किया। इस कारण सपा की सीटें तो बढ़ीं, लेकिन यह साफ हो गया कि मुस्लिमों को न तो राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं ने लुभाया और न ही वे अन्य दलों में समावेशन कर पाए। जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या तीस-पचास प्रतिशत से अधिक थी, वहां-वहां सपा ने जीत दर्ज कराई। ऐसी 73 सीटें हैं। इनमें से दो मुरादाबाद और रामपुर में 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। नतीजतन कुल 34 मुस्लिम विधायक तो चुने ही गए, सपा और उसके सहयोगी दल भी कुल 125 सीटें जीतने में सफल हो गए। सपा के 31 मुस्लिम विधायकों ने जीत दर्ज कराई है, जबकि दो पर रालोद और एक पर बसपा उम्मीदवार जीते। 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 24 मुस्लिम विधायक निर्वाचित हुए थे। चुनाव परिणाम के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तो अपनी हार का ठीकरा मुस्लिमों पर फोड़ते हुए कह भी दिया कि सपा को इकतरफा वोट देकर भविष्य में वे पछताएंगे। इसी तरह ओवैसी को कहना पड़ा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में 80-20 का समीकरण चल गया। याद रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में कहा था कि ‘यह चुनाव अस्सी बनाम बीस प्रतिशत के बीच लड़ा जा रहा है।‘ साफ है, कि मुस्लिमों का उप्र में जो 20 प्रतिशत वोट हैं, उसका ध्रुवीकरण हुआ और साइकिल की रफ्तार बढ़ती चली गई। यह वोट न तो माया को मिला और न ही ओवैसी को। यदि यह विभाजित होता तो भाजपा की सीटों की संख्या और बढ़ सकती थी। इस ध्रुवीकरण ने एक बार फिर जता दिया है कि आज भी यह समुदाय वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। एक समय कांग्रेस ने और फिर बसपा ने इसका दोहन किया और अब इनमें असुरक्षा का भाव जगाकर सपा दोहन में लगी है। यहां मुस्लिम और उनके नेतृत्वकर्ताओं को सोचने की जरूरत है कि अब देश और राज्यों में सरकारें मुस्लिम वोट के बिना अस्तित्व में आने लगी हैं, इसलिए उन्हें जिस तरह से लोक-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समान रूप से मिलता है, उसी अनुरूप उन्हें वोट भी भयमुक्त व व्यक्तिगत इच्छा के अनुसार देने की जरूरत है, जिससे उनका समावेशी चरित्र देखने में आए और अन्य जाति व धर्मों में उनकी स्वीकार्यता बढ़े। जिससे कालांतर में वे अलग-थलग न पड़ें। जब-जब मुस्लिम कार्ड खेला गया है, वह उल्टा ही पड़ा है। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने सच्चर समिति के जरिए मुस्लिम कार्ड खेला था, जो न तो कांग्रेस के अनुकूल रहा और न ही मुस्लिम समाज के। नतीजा रहा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार पर काबिज हो गए। कांग्रेस, बसपा और सपा आगे भी मुस्लिम कार्ड खेलते रहे, जिसका नतीजा रहा कि 2017 और 2022 में प्रचंड बहुमत से योगी आदित्यनाथ की सरकार बन गई। 2019 में जनता ने फिर से मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर संदेश दिया कि अब मुस्लिम कार्ड चलने वाला नहीं है। कांग्रेस और बसपा का इस कार्ड को खेलते-खेलते जो हश्र हो गया है, वही कालांतर में सपा का होना तय है। दरअसल मनमोहन सिंह सरकार ने उस समय अल्पसंख्यक बहुल गांवों, कस्बों और विकास खण्डों में बुनियादी जरूरतों और सुविधाओं की पूर्ति के लिए एक नया सर्वे कराने का निर्णय लिया था। मुस्लिम बहुल 90 जिलों में यह सर्वे कराया गया था। सर्वे को आधार बनाकर, बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत मुस्लिमों को राहत की रेवड़ियां आम चुनाव से ठीक पहले बांट दी जाएं। जाहिर है, कांग्रेस मुस्लिमों को महज वोट बैंक मानकर चल रही थी। इस विभाजन कारी नीति के अंतर्गत अल्पसंख्यक बहुल गांवों व कस्बों में इंदिरा आवास, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल और सफाई व्यवस्था पता लगाया गया था। साथ ही विकास खण्ड मुख्यालयों में पड़ताल की गई कि इन शहरों में हाईस्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास केंद्र, छात्रावास व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस अवस्था में हैं। यह भी पता लगाया गया कि अल्पसंख्यक वर्ग सामान्य व तकनीकी शिक्षा ले रहे हैं अथवा नहीं? जबकि इस बाबत केंद्र को कुछ ऐसी नीतिगत योजनाएं अमल में लाने की जरूरत थी, जिनके क्रियान्वयन से समावेशी विकास लक्षित होता। ऐसा होता तो भाजपा को बहुसंख्यकों के ध्रुवीकरण का अवसर नहीं मिलता। राजनीति के चतुर खिलाड़ी नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव में इस मुद्दे को पूरी आक्रामकता से उछालकर बहुसंख्यक समाज को सांप्रदायिकता के आधार पर भुनाने का काम किया, जिसमें वे सफल भी हुए। जब मोदी प्रधानमंत्री बन गए, तब उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं में जाति और संप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं बरता। इसीलिए प्रधानमंत्री आवास, सस्ता अनाज, शिक्षा, आयुष्मान स्वास्थ्य योजना और जल जीवन मिशन योजनाओं में मुस्लिमों को समान भागीदारी मिली। नतीजतन कहीं भी यह समुदाय यह कहता नहीं मिलता कि हमारे साथ कल्याणकारी योजनाओं में कोई भेद बरता जा रहा है। वैसे भी मोदी राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को नई दृष्टि से देख रहे हैं और देश की समग्र सवा अरब आबादी के हित की बात कर अपना जनाधार हरेक समाज में बढ़ा रहे हैं। क्या मुस्लिम और उनके रहनुमाओं को भाजपा की यह समावेशी सोच दिखाई नहीं देती? दरअसल मनमोहन सरकार ने मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक हैसियत का आकलन करने की दृष्टि से सच्चर समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर मुसलमानों को सक्षम बनाने के बहुआयामी उपाय किए जाने थे। ये उपाय अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत ‘बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम’ को अमल में लाकर मुस्लिम बहुल आबादी वाले उन 90 जिलों में किए गए, जहां मुस्लिमों की आबादी 25 प्रतिशत या इससे अधिक थी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यह लाभ केवल 30 फीसदी आबादी को मिला। वह भी ऐसी आबादी को जो पहले से ही आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से सक्षम थी। जबकि देश के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले राज्य में मोदी और योगी के उस करिश्मे का कोई जवाब नहीं है, जो उन्होंने केंद्र और राज्य की कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं को सर्वसमावेशी रूप में जमीन पर उतारा। जाति और समुदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किया। इन योजनाओं पर ठीक से अमल भी इसलिए हो पाया क्योंकि कठोर कानून व्यवस्था का योगदान रहा। यदि लचर व्यवस्था को बुलडोजर का भय नहीं होता तो कल्याणकारी योजनाएं भी नौकरशाही की भ्रष्ट मंशा का शिकार हो गई होतीं। अतएव मुस्लिमों को ध्रुवीकरण के उस खोल से बाहर निकलने की जरूरत है, जो उनको बहुसंख्यक समाज से अलग बनाए रखने का काम कर रहा है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम में बुलडोजर का कितना असर रहा यह तो चुनाव विश्लेषकों के लिए चिंतन का विषय हो सकता है पर इसमें दो राय नहीं कि यूपी के चुनाव अभियान से लेकर चुनाव परिणाम और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विजय जश्न में बुलडोजर जम कर चला। बुलडोजर सरकार को बनाए रखने का प्रतीक बन गया। दरअसल बुलडोजर का उपयोग निर्माण कार्य को आसान बनाने के लिए है पर अवैध निर्माणों को रोकने के लिए जिस तरह से बुलडोजर का उपयोग किया जाता रहा है वह भी कम चर्चा में नहीं रहा है। देखा जाए तो बुलडोजर व्यवस्था का प्रतीक बन चुका है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती का प्रयोग ही बुलडोजर के मायने माने जाने लगे है। यही कोई एक दशक पहले की बात होगी जब मुंबई के तत्कालीन अधिकारी जीआर खैरनार समूचे देश में लोगों की जुबान पर चढ़ गए थे। बुलडोजर ही इसका कारण था। जिस तरह से खैरनार ने मुंबई में अवैध इमारतों और अतिक्रमणों को ध्वस्त किया, वह ना केवल चर्चा का विषय बना अपितु बुलडोजर के उपयोग का ही परिणाम रहा कि सारी दुनिया में जीआर खैरनार को ईमानदारी, किसी भी दबाव में नहीं आने और व्यवस्था में सुधार का प्रतीक बना दिया था। उत्तर प्रदेश में भी कब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी बाबा से बुलडोजर बाबा बन गए यह सबके सामने है। पक्ष हो या विपक्ष दोनों ने ही यूपी चुनाव अभियान के दौरान योगी आदित्यनाथ के लिए बुलडोजर बाबा का प्रतीक जमकर प्रयोग किया। समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव जब योगी आदित्यनाथ के लिए बुलडोजर बाबा शब्द का प्रयोग करने लगे तब शायद उन्होंने यह सोचा भी नहीं होगा कि बुलडोजर बाबा कहना चुनाव में गेमचेंजर बन जाएगा। उन्होंने तो इसके माध्यम से योगी की नकारात्मक छवि बनाने के प्रयास किए थे पर दरअसल जहां अखिलेश आदि ने बुलडोजर को विनाश व भय का प्रतीक बताया, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर को विकास का प्रतीक बताकर खूब भुनाया। कहना नहीं होगा कि बुलडोजर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की चुनाव कैंपेनिंग का माध्यम बन गया। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही जिस तरह अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया त्यों-त्यों बुलडोजर विकास और भय दोनों का प्रतीक बनता गया। देखा जाए तो बुलडोजर प्रशासन की सख्ती और स्वच्छ प्रशासन के रूप में जाना जाता रहा है। 1923 में पेन्सिलवेनिया के दो किसानों ने खेती किसानी को आसान बनाने के लिए एक डिजाइन तैयार किया और वह लगभग बुलडोजर के विकास का माध्यम बना। हालांकि 1870 में बुलडोजर का प्रयोग ताकत के रूप में इस्तेमाल किया जाता था पर समय के साथ जिस तरह विकास यात्रा चली, बुलडोजर निर्माण कार्यों की अहम मशीनरी बनकर सामने आया। खुदाई-भराई, तोड़-फोड आदि का काम बुलडोजर से आसान हो गया। इससे निर्माण कार्य आसान हो गए। कई दिनों और कई श्रमिकों से होने वाले काम आसानी से कुछ घंटों में होने लगे। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स में बुलडोजर की अहम आवश्यकता होने लगी। यूपी चुनाव से इतर भी देखा जाए तो बुलडोजर का प्रयोग दुनिया के देशों में होता रहा है। सही मायने मेें देखा जाए तो बुलडोजर की ताकत को देखते हुए ही बुलडोजर शब्द का प्रयोग धमकी के रूप में किया जाता रहा है। याद होगा कि इराक के खुमैनी की सरकार को अपदस्थ करते समय और खासतौर से बैरकों को तोड़ने में बुलडोजर का ही उपयोग किया गया। ओसामा बिन लादेन के मकान पर भी अमेरिका ने बुलडोजर ही चलाया। जहां तक हमारे देश की बात करें तो मुंबई के खैरनार के उदाहरण के अलावा राजस्थान में जयपुर में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मंजीत सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबूलाल गौड़, प्रशासनिक अधिकारी बाबा हरदेव आदि प्रसिद्धि पा चुके हैं। किरण बेदी को तो क्रेन से प्रसिद्धि मिली। दरअसल अब बुलडोजर का उपयोग भी बढ़ा है। देश में करीब एक लाख मशीनें सालाना इस तरह की तैयार हो रही हैं। भारत में जेसीबी कंपनी 130 बुलडोजर मशीनें प्रतिदिन तैयार कर रही हैं। सेना सहित अलग-अलग क्षेत्रों में आवश्यक बदलाव के साथ इसका उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। अब तो कहीं भी नया काम चल रहा हो या कहीं पुराने को ध्वस्त किया जाना हो तो बुलडोजर, जिसका एक रूप जेसीबी मशीन भी है, आसानी से देखने को मिल जाएगी। ऐसे में बुलडोजर किसी पहचान का मोहताज नहीं है। चुनावी अभियान के दौरान लोगों को डराने के लिए जहां बुलडोजर बाबा का इस्तेमाल किया गया वहीं बुलडोजर बाबा के लिए यह प्रचार का माध्यम बन गया। कहने का अर्थ यह है कि प्रतीक भी कई बार गेमचेंजर बनकर उभरते हैं और इन प्रतीकों के उपयोग से नकारात्मक और सकारात्मक असर तेजी से फैलता है। बुलडोजर भी इसी तरह का प्रतीक रहा है। यह उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से साफ हो गया है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रतीकों के दूरगामी परिणाम होते हैं और इनके अभियान के रूप में उपयोग से पहले गंभीर चिंतन आवश्यक है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो दशकों से चल रहे सपा-बसपा के वर्चस्व को समाप्त किया था। इस बार मुख्य विपक्षी के रूप में एकमात्र सपा थी। उसका भाजपा से सीधा मुकाबला था। सपा को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश में स्थापित हो चुकी परंपरा आगे बढ़ेगी। जिसके मुताबिक कई दशक से किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर नहीं मिला था। करीब चालीस वर्षों से चल रही इस परंपरा को सपा ने स्थायी मान लिया था। इसी हिसाब से उसने मंसूबे भी बनाए थे। लोक लुभावन वादों का पिटारा खोल दिया। इसके बाद भी उसे सरकार बनाने का जनादेश नहीं मिला। बेहिसाब वादों से संख्या बल तो बढ़ा लेकिन बहुमत का विश्वास हासिल नहीं हुआ। चुनाव में वादों का बहुत महत्व रहता है। इसमें भी फ्री सौगात के वादों का गहरा असर होता है। आम आदमी पार्टी के उत्थान में फ्री बिजली-पानी का सर्वाधिक योगदान था। दिल्ली के बाद पंजाब में भी यह वादा खूब चला। उत्तर प्रदेश में सपा ने भी आप की तर्ज पर वादों का पिटारा खोल दिया था। इस मामले में अन्य सभी पार्टियां उससे पीछे थी। उत्तर प्रदेश में फ्री बिजली वादे की शुरुआत आप ने ही की थी। आप सांसद संजय सिंह ने दो सौ यूनिट फ्री बिजली का दांव चुनाव की शुरुआत में चला था। उनका अंदाज अरविंद केजरीवाल जैसा था। उसी अंदाज में वह भाजपा और संघ पर आरोप लगाने लगे। उनका अभियान आगे बढ़ता उसके पहले सपा तीन सौ यूनिट फ्री बिजली का वादा लेकर आ गई। इसी के साथ अन्य बेहिसाब वादों की सूची थी। इसमें पुरानी पेंशन बहाली, पांच वर्ष तक करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन और न जाने क्या क्या। इन वादों को गेम चेंजर तक कहा गया। दो सौ यूनिट फ्री बिजली से तो दिल्ली में सरकार बनवा दी थी। संजय सिंह वहीं तक सीमित रहे। सपा ने इसे तीन सौ यूनिट तक पहुंचा दिया। पेंशन बहाली का मुद्दा भी महत्वपूर्ण था। इन वादों ने सपा को मुकाबले के बेहतरीन स्तर पर पहुंचा दिया था। अन्य विपक्षी पार्टियां मुकाबले से बाहर थी। ऐसे में पूरा लाभ सपा को ही मिलना था। उसे इसका लाभ भी मिला। पिछली बार के मुकाबले उसकी सीटें बढ़ी लेकिन सत्ता में पहुंचने की उम्मीद पूरी नहीं हुई। दिल्ली और पंजाब में आप का मुकाबला कांग्रेस से था। लेकिन उत्तर प्रदेश में सपा को भाजपा से मोर्चा लेना था। जिसमें योगी सरकार के पांच वर्षों की अभूतपूर्व उपलब्धियां सामने थी। दूसरी तरफ सपा की पिछली सरकार का रिकॉर्ड था। जिसमें कानून व्यवस्था की दशा को लोग भूले नहीं थे। यही कारण था कि सपा ने वादों के आधार पर जो मंसूबा बनाया था, वह पूरा नहीं हुआ। योगी सरकार ने विरासत में मिली बदहाल बिजली व्यवस्था को सुधारा था। पिछली सरकारों के समय बिजली की किल्लत को लोग भूले नहीं हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का फ्री बिजली-पानी के वादे ने जादुई असर दिखाया था। अरविंद केजरीवाल की चुनावी सफलता में यह सबसे बड़ा कारक बना था। इसके बाद अनेक पार्टियों ने इस तरीके को अपनाया। इसके पहले ऐसे वादों ने कई राज्यों में असर दिखाया था। ऐसे वादे करने वाले दलों को सफलता तो मिली, लेकिन इनके अमल से वहां की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। क्योंकि इन वादों पर खर्च होने वाली धनराशि की भरपाई अन्यत्र से ही करनी होती है। गरीबों-वंचितों व जरूरतमंदों की सहायता करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। ऐसी व्यवस्था परिस्थिति काल के अनुरूप की जाती है। किंतु मात्र चुनावी लाभ के लिए ऐसा करना उचित नहीं हो सकता। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों को 72 हजार रुपये वार्षिक देने का वादा किया था। यह मोदी सरकार द्वारा दी जा रही किसान सम्मान निधि के जवाब में किया गया था। जिसमें किसानों को बीज, उपकरण, खाद आदि के लिए छह हजार रुपये वार्षिक दिए जाते हैं। कांग्रेस ने इतनी धनराशि प्रतिमाह देने का वादा किया था। इसके बाद भी किसान कांग्रेस से प्रभावित नहीं हुए। उत्तर प्रदेश में इस समय कानून-व्यवस्था का मुद्दा सर्वाधिक प्रभावी है। इस आधार पर पिछली व वर्तमान सरकार की तुलना भी चल रही है। फ्री बिजली आदि का मुद्दा इसके बाद आता है। इसके अलावा पिछली व वर्तमान सरकार के समय बिजली की उपलब्धता भी एक मुद्दा है। पहले बिजली की बेहिसाब कटौती से जनजीवन प्रभावित रहता था। मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री के क्षेत्र अति विशिष्ट माने जाते थे। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस परम्परा को समाप्त किया। जिला, तहसील व गांव तक बिजली आपूर्ति की व्यवस्था बिना भेदभाव के की गई। अघोषित बिजली अघोषित कटौती से निजात मिली। एक करोड़ 38 लाख घरों में निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। आज प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय पर करीब 22 घण्टे, ग्रामीण क्षेत्र में 16 से 17 घण्टे बिजली आपूर्ति दी जा रही है। आने वाले समय में पूरे प्रदेश में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की दिशा में कार्य चल रहा है। पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग 73 हजार करोड़ रुपये के घाटे में था। उस समय बिजली की उचित आपूर्ति व्यवस्था नहीं थी। बिजली विभाग का घाटा अवश्य बढा है, किंतु वर्तमान सरकार ने पर्याप्त आपूर्ति की व्यवस्था की है। प्रदेश के सभी गांव-घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। पिछली सरकार के दौरान बिजली दरों में 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई थी। विगत पांच वर्षों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी सपा के लिए भारी पड़ा। उसके वादे आकर्षक थे लेकिन उसका अतीत आमजन को आशंकित कर रहा था। जबकि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को ठीक करने पर जोर दिया था। उनका कहना था बेहतर कानून-व्यवस्था का सर्वाधिक महत्व रहता है। क्योंकि इसके बाद ही विकास का माहौल बनता है। पिछली सरकारों ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए उत्तर प्रदेश विकास में पीछे रह गया था। योगी का यह फार्मूला सार्थक रहा। प्रदेश में विकास के अनेक रिकार्ड कायम हुए। पचास कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में यूपी नंबर वन हो गया। मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट एक्सप्रेस वे निर्माण में उत्तर प्रदेश ने 70 वर्षों के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया। चुनाव ज्यों-ज्यों आगे बढ़ा कानून-व्यवस्था का मुद्दा प्रभावी होता गया। सपा और उसके सहयोगी दल के नेताओं के बयान आशंका बढ़ाने वाले थे। इसके सामने फ्री बिजली, पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा कमजोर पड़ गया। भाजपा की सीटें कम हुई, लेकिन सरकार बनाने का जनादेश उसी को मिला। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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हृदय नारायण दीक्षित समाज का गठन संवाद से होता है। संवाद उपयोगी है। संवाद कई तरह का होता है। पहला है, व्यक्ति से व्यक्ति के मध्य। दूसरा, व्यक्ति से समूह या व्यक्ति से राष्ट्र का। ऐसे संवाद सारी दुनिया में प्रतिष्ठित हैं। ये अध्ययन के विषय भी हैं। प्रकृति भी संवादरत दिखाई पड़ती है। आकाश पृथ्वी से संवादरत है। चन्द्रमा तारों से बातें कर रहा है। हम सब नीचे हैं और आकाश ऊपर। ऊपर एक दुधिया गलियारा दिखाई पड़ता है। अंग्रेजी में इसे मिल्की-वे या गैलेक्सी कहते हैं। बचपन में उसकी तरफ देखते-दिखाते हुए अम्मा बताया करती थीं कि ये आकाश में बहती हुई गंगा है। आकाश गंगा तमाम तारों से संवादरत जान पड़ती है। पूर्वज अनूठे संवादी थे। संवाद शिक्षित तक, प्रशिक्षित और दीक्षित तक सतत् संवाद थे। संवाद सब तरफ प्रवाहमान थे और हैं। आकाश में गंगा बहा देना भारतीय संवाद की ही विशेषता है। यूनान में भी एक आकाश चारी नदी की कल्पना है, यह आकाश में बहती कही जाती है। उसका नाम ओकअनास बताया गया है। मैं अनुमान करता हूं कि आकाश की नदी की बात भारतीय व्यापारियों का पर्यटकों के माध्यम से यूनान पहुंची होगी। यूनानियों ने सोचा होगा कि भारत के लोग एक नदी आकाश मेें देखते हैं। हम भी एक नदी आकाश में देखें। लेकिन ओकअनास धरती पर नहीं थी। हमारी गंगा धरती पर है। हमारे पूर्वजों ने गंगा से भी संवाद किया है। वैदिक साहित्य में, लोकगीत में, गाँव-गली में उन्हें गंगा माता कहकर पुकारा जाता है। ऐसा संवाद दुनिया के अन्य देशों में कहीं नहीं मिलता। दुनिया के अन्य देशों के विद्वान भी भारतीय संवाद शैली के बारे में जानने को उत्सुक रहे हैं। आखिरकार यह पूरा देश संवादरत क्यों दिखाई पड़ता है? दुनिया का प्राचीनतम ज्ञानकोष ऋग्वेद है। ऋग्वेद में विश्वामित्र और नदी के बीच में सुंदर संवाद है। विश्वामित्र नदी के किनारे खड़े हैं। कहते हैं कि ‘हम पार उतरना चाहते हैं। लेकिन तुम ऊपर बह रही हो। थोड़ा नीचे बहो।’ नदी कहती है कि, ‘ऐसा कहने की क्या आवश्यकता है? हम वैसे ही नीचे हुए जाते हैं, जैसे माता दूध पिलाने के लिए अपने बच्चे पर झुक जाती हैं।’ यह संवाद अनूठा है। संवाद की शुरूआत ऋग्वेद के भी हजार-दो हजार साल प्राचीन होनी चाहिए। ऋग्वेद जिज्ञासा से भरा पूरा है और यजुर्वेद भी। भारतीय राष्ट्र जीवन में प्रश्नाकुल बेचैनी का दीर्घ इतिहास है। संवादरत रहना भारतीय प्रकृति है। रामायण और महाभारत महाकाव्य है। रामचरितमानस भारत का लोकप्रिय ग्रंथ है। रामायण महाभारत संवाद समृद्ध है। रामचरितमानस भी संवाद से भरी पूरी है। शंकर और पार्वती लगातार बातें करतें जा रहे हैं। पक्षी भी आपस में संवाद करते हैं। काकभुशुण्डि और गरूण के बीच संवाद चला करता है। यजुर्वेद के ऋषियों ने प्रश्न को देवता कहा था। प्रश्न के कारण जिज्ञासा बढ़ती है। जिज्ञासा से संवाद शुरू हो जाता है। छान्दोग्य उपनिषद भी संवाद से भरापूरा है। छान्दोग्य उपनिषद में ऋषि कहता है कि, ‘‘यह पृथ्वी समस्त भूतों का रस है। ऋषि आगे कहता है कि पृथ्वी का रस जल है।’’ आगे बताता है कि, ’’जल का रस वनस्पतियां हैं। फिर आगे बताता है कि वनस्पतियों का रस यह मनुष्य है। फिर आगे बताता है कि मनुष्य का रस वाक् है। फिर बताता है कि वाणी का रस ऋक है और ऋक का रस साम है।’’ शिव और पार्वती लगातार संवादरत हैं। संवाद कैसा? जिसमें प्रीति रस घुल जाए। संवाद कैसा? जिसमें आपके हृदय और हमारे हृदय एक साथ स्पंदित हो। आपके और हमारे संवाद में षडंज, ऋषभ, गांधार आदि सारे सुर सा रे गा मा पा धा नि खिलें। हम बिना बोले भी आपको अपनी बात सुना ले जायें। ऐसा संवाद । कुछ कहें और आपको संदेश मिल जाए। ऐसा संवाद। ऐसा प्रीतिपूर्ण संवाद। भारत के राष्ट्र जीवन का संवाद व्यर्थ नहीं रहा। बाद में कुछ लोगों ने वाद-विवाद, संवाद भी कहा है। वाद-विवाद, संवाद की बात करते हुए एक हिन्दी विद्वान ने कहा कि इसमें तीसरी परम्परा की खोज होनी चाहिए। भारतीय परंपरा एक ही है। वही नित्य नवीन होती है। दूसरी, तीसरी नहीं होती। मैं विधानसभा अध्यक्ष हूँ। विधानसभा भी प्रीतिपूर्ण संवाद का स्थल है। लेकिन मैं दुखःपूर्वक कह सकता हूं कि सदनों में संप्रति प्रीतिपूर्ण संवाद नहीं होता। ऐसी संस्थाएं हमारे राष्ट्र जीवन में अति प्राचीनकाल से रही हैं। ऋग्वेद में सभा है। समिति है। सभा-समिति खूबसूरत प्रीतिपूर्ण संवाद के मंच रहे हैं। उस परम्परा के उत्तराधिकारी होकर भी हम सब प्रगाढ़ संवाद नहीं करते। भारत माता के पुत्र आपस में प्रीतिपूर्ण संवाद क्यों नहीं कर सकते? यहाँ बहुत अनुभवी, विद्वान तमाम सुयोग्य मित्र बैठे हैं। मुझे आपने मुख्य अतिथि बनाया। राजनैतिक कार्यकर्ता के लिए मंच, माला और माइक यह तीन त्रिशूल हैं। तीन देव हैं। जैसे आयुर्वेद में वात, पित्त, कफ हैं। भारतीय दर्शन में सत्व, रज और तम हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीन देव हैं। ऐसे ही हमारे लिए आनंदवर्धन तत्व हैं-मंच, माला और माइक। इसमें माइक संवाद का उपकरण है। हमारे पूर्वजों ने धरती और आकाश को भी संवाद करते हुए देखा है। पूर्वजों ने व्यष्टि और समष्टि के बीच के संवाद की गुनगुनाहट को ध्यान से सुना है। प्रकृति के प्रत्येक अणु-परमाणु में संवाद की ध्वनियां सुनी हैं। संवाद की प्रगाढ़ता में ऐसी ही सुन्दर अभिव्यक्ति का वातावरण भारत में रहा है। दुनिया का कोई देश अभिव्यक्ति के प्रश्न पर भारत की बराबरी नहीं कर सकता। यहां अभिव्यक्ति की असीम सीमा का प्रयोग करते हुए हमारे पूर्वजों, अग्रजों ने बहुत कुछ भारत की धरती को दिया है। यही हमारा शीलाचार है। यही हमारी परंपरा है। पूर्वजों ने इस प्रकृति में एक अन्तःसंगीत देखा था। प्रकृति एक कविता जैसी छन्दबद्ध है। लयबद्ध है। उसकी एक रिदम है। ऋग्वेद के ऋषियों ने उसे ऋत कहा था। ऋत का व्यवहार कांन्स्टिट्यूशन ऑफ नेचर के अर्थ में हुआ। प्रकृति का संविधान, प्रकृति की लयबद्धता, प्रकृति का प्रवाह ऋत है। प्रकृति प्रतिपल नवसर्जन में व्यस्त रहती है। नया आकाश, नये मेघ, कभी नयी ऊषा, प्रतिदिन नयी कोंपल, नयी तितली, नयी चिड़िया, नया गीत, पूर्वजों ने इसे ऋत कहा । पूर्वजों ने देखा कि प्रकृति के भीतर लयबद्धता है। हमारे अपने जीवन में भी लयबद्धता होनी चाहिए। ऋत का विकास भारत का धर्म है। अर्थात भारत का धर्म प्रकृति के वैज्ञानिक नियमों के अधीन संचालित होने वाली एक आचार संहिता है। अंधविश्वास नहीं। (लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हैं।)
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आर.के. सिन्हा पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के नतीजों का गंभीरता से आकलन करने के बाद कांग्रेस का समाधि लेख लिखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कांग्रेस को मतदाताओं ने सिरे से खारिज कर दिया। इन नतीजों के बाद किसी को शक नहीं रहना चाहिए कि यदि गांधी परिवार से कांग्रेस का पीछा नहीं छुड़ाया गया तो 2024 तक इसका कोई नामलेवा नहीं रहेगा। चुनाव आयोग ने 9 जनवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, उसके बाद प्रियंका गांधी ने 42 जगह रोड शो और घर-घर सम्पर्क का अभियान किया। उन्होंने नुक्कड़ सभाओं, वर्चुअल रैलियों आदि के जरिये 340 विधानसभा क्षेत्रों में सम्पर्क किया, इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के दौरे भी शामिल हैं। राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश में काफी वक्त बिताया पर अपनी बहन की तुलना में थोड़ा कम। छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सचिन पायलेट, दीपेन्द्र हुड्डा, शायर और कांग्रेस के माइनॉरिटी सेल के चीफ इमरान प्रतापगढ़ी आदि जमीन पर दिखे। इमरान प्रतापगढ़ी ने अकेले छह दर्जन सभाएं की। पर इन सभाओं और प्रयासों के नतीजे सिफर निकले। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, जे.पी. नड्डा, राजनाथ सिंह जैसे शिखर नेता थे। जैसी उम्मीद थी वही हुआ। कांग्रेस को उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फिर करारी शिकस्त मिली। अब आप समझ लें कि 1989 से कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है। वहां उसके अंतिम मुख्यमंत्री वीर बाहदुर सिंह थे। यह वही उत्तर प्रदेश है जो कि कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और नेहरू परिवार का निवास भी। अगर अब भी कांग्रेस के अनुभवी नेताओं ने नेहरू-गांधी परिवार की गुलामी नहीं छोड़ी तो उनकी पार्टी बहुत जल्दी इतिहास की किताबों में आ जाएगी। अब कांग्रेस को जिन्दा रखना है तो उसकी कमान ऐसे नेता को देनी ही होगी जिसमें निर्णय लेने की क्षमता के साथ दूरदृष्टि भी हो। कांग्रेस के लिए अभी उम्मीद की एक ही किरण है अशोक गहलोत। पर क्या वे मुख्यमंत्री की कुर्सी को त्याग कर पार्टी की कमान अपने हाथ में लेंगे? इस बात की उम्मीद भी कम ही है। याद करें कि इन पांच राज्यों के चुनावों से पहले राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जहां पर भी रैली की वहां पर कांग्रेस को मतदाताओं ने नकारा। कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई। जिस पार्टी से पंडित नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल और चितरंजन दास जैसे जन नेताओं का संबंध रहा है, वह पार्टी अंतिम सांसें ले रही है। यह दुखद स्थिति है। उसका वजूद समाप्त हो रहा है। उसे बचाने की कहीं कोशिश होती नजर तक नहीं आ रही। कांग्रेस की हार के लिए गांधी परिवार के साथ-साथ पार्टी के कुछ दूसरे नेताओं को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। कांग्रेस में कपिल सिब्बल, पी.चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी समेत दर्जनों तथाकथित नेता हैं जिनका जनता से कोई संबंध तक नहीं है। ये लुटियन दिल्ली के बड़े विशाल सरकारी बंगलों में रहकर कागजी राजनीति करते हैं। इनमें से अधिकतर बड़े मालदार कमाऊ वकील हैं। वकालत से थोड़ा बहुत वक्त मिल जाता है तो टाइम पास करने और खबरों में बने रहने के लिये सियासत भी करने लगते हैं। ये मानते हैं कि खबरिया चैनलों की डिबेट में आने मात्र से ही वे पार्टी की महान सेवा कर रहे हैं। प्रियंका गांधी बार-बार कहती रहीं कि वो उत्तर प्रदेश में रहकर ही काम करेंगी। तो फिर उन्होंने चुनाव क्यों नहीं लड़ा। वो चुनाव लड़ने से क्यों भागती हैं? वो नेता ही क्या, जिसे चुनाव लड़ने से डर लगता हो। याद करें जब हिजाब विवाद चल रहा था, तो उन्होंने एक जगह कहा था- “लड़कियों को हिजाब पहनने का अधिकार है। अगर कोई बिकिनी पहनना चाहे तो वह भी पहन सकता है।” क्या राष्ट्रीय दल की नेता को इतना सड़कछाप बयान देना चाहिए? प्रियंका गांधी किस आधार पर स्कूलों में हिजाब पहनने के हक में बोल रही थीं? उन्हें बताना चाहिए। क्या भारत में कोई बिकिनी पहनकर स्कूल में आएगा? प्रियंका गांधी को समझ होनी चाहिए कि देश का मतदाता सबकुछ देखता है। पिछले साल सितंबर में राहुल और प्रियंका गांधी के आशीर्वाद से जेएनयू के टुकड़े-टुकड़े गैंग के नेता कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री हुई थी। ये वही कन्हैया कुमार थे जो कहते थे कि भारतीय सेना के जवान कश्मीर में बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य कर रहे हैं। क्या कांग्रेस भी कन्हैया कुमार के बेतुके और बेहूदगी भरे आरोपों के साथ खड़ी थी? प्रियंका गांधी ने कभी बताया नहीं कि कन्हैया कुमार किसलिए और किस आधार पर सरहदों की रक्षा करने वाली भारतीय सेना पर आरोप लगाते रहे हैं? आप अगर देश विरोधी तत्वों का साथ देंगे तो चुनावों में जनता आपको जवाब तो देगी ही। दरअसल न तो राहुल जनता का मिजाज और राजनीति जानते हैं और न ही प्रियंका। इनकी किसी भी अहम सवाल पर कोई धीर-गंभीर राय नहीं होती। राहुल गांधी की चाहत है कि वे नरेंद्र मोदी का स्थान ले लें। प्रियंका की भी इच्छा है कि वह दूसरी इंदिरा गांधी बनें। लेकिन दोनों भारत को अभीतक समझ ही नहीं पाए हैं। यही वजह है कि आज कांग्रेस पार्टी की स्थिति बेहद शर्मनाक हो गई है। अगर ये दोनों पार्टी में बरकरार रहते हैं तो कांग्रेस के अंतिम संस्कार की राख भी ढूंढने से नहीं मिलेगी। लगता है कि दोनों ने कांग्रेस की कपाल क्रिया करने का पूरी तरह मन बना लिया है। दोनों अपने मकसद की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। पंजाब में भी सब ठीक ठाक ही चल रहा था। इन दोनों ने राजनीति के धाकड़ कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नान-सीरियस मसखरे इंसान को पार्टी का मुखिया बन दिया। इनके फैसलों का नतीजा सबके सामने है। पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव को जरा याद कर लेते हैं। तब केरल और पंजाब को छोड़कर कहीं भी कांग्रेस का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा था। पंजाब में कांग्रेस पूर्व पटियाला नरेश कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के कारण ही जीती थी। उसी कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को खड़ा किया। सिद्धू राहुल गांधी का प्रिय है। कैप्टन के न चाहने के बाद भी सिद्धू को कांग्रेस में एंट्री मिली थी। राहुल गांधी ने सिद्धू को सारे देश में प्रचार के लिए भेजा था। सिद्धू ने सभी जगह जाकर भाजपा और मोदीजी के खिलाफ अपनी गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया। यह सब जनता देख रही थी। सिद्धू जहां भी गए वहां उनकी पार्टी परास्त हुई। वैसे लोकतंत्र में वाद-विवाद-संवाद तो होते ही रहना चाहिए। संसद में भी खूब सार्थक बहस होनी चाहिए। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए पहली शर्त है। पर लोकतंत्र का यह कब से अर्थ हो गया कि आप अपने राजनीतिक विरोधी पर लगातार टुच्चे किस्म के निराधार आरोप लगाते रहें। कांग्रेस में केन्द्रीय नेतृत्व लगातार कमजोर हो रहा है। वह पार्टी को कहीं विजय नहीं दिलवा पा रहा है। केन्द्रीय नेतृत्व तब ताकतवर होता है जब उसकी जनता के बीच में साख होती है। लेकिन हैरानी होती है कि कांग्रेस में केन्द्रीय नेतृत्व यानी सोनिया गांधी और उनके बच्चों के खिलाफ विद्रोह क्यों नहीं होता है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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आर.के. सिन्हा 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के मौके पर आधी दुनिया के अपने हिस्से के आसमान को छूने को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आईं। इन्हें देख-पढ़कर सुखद अनुभूति हुई। पर यह पक्ष शायद ठीक से सामने नहीं आया कि आधी दुनिया कॉरपोरेट संसार में भी शिखर के पदों पर पहुंच रही है। सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में निशि वासुदेवा की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) में अलका मित्तल का अंतरिम चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया जाना इस तरफ इशारा कर रहा है कि अब महिलाओं को विशाल सरकारी नवरत्न कहे जाने वाले प्रतिष्ठित उपक्रमों के सबसे ऊंचे पायदान पर काम करने का मौका मिल रहा है। यह पहली बार हुआ है कि किसी महिला को देश की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी का प्रमुख बनाया गया है। जान लें कि यह एक सामान्य घटना नहीं है। अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और कॉमर्स में डॉक्टरेट की डिग्री पाने वाली अलका मित्तल 27 नवंबर, 2018 को ओएनजीसी के निदेशक मंडल में शामिल होने वाली पहली महिला बनी थीं। हालांकि यह भी स्वीकार करना होगा कि अभी महिला पेशेवरों को कॉरपोरेट संसार में अपना वाजिब हिस्सा लेने के लिए मेहनत और संघर्ष करते रहना होगा। ताजा जानकारी के अनुसार, बॉम्बे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के बोर्ड में अब भी सिर्फ 18 फीसदी ही महिलाएं हैं। इस आंकड़े से साफ है कि अभी कम से कम सूचीबद्ध कंपनियों में महिला निदेशकों की संख्या 45-50 फीसदी होने में भी अभी वक्त लगेगा। पर कुछ साल पहले तक यह भी किसने सोचा था कि सूचीबद्ध कंपनियों में 18 फीसदी तक महिलाएं निदेशक बन जाएंगी। बेशक, महिलाएं लगातार कॉरपोरेट जगत में कदम तो बढ़ा ही रही हैं। आप किसी भी छोटी-बड़ी कंपनी के दफ्तर में जाकर देख लें। वहां पर आपको महिला पेशेवरों की ठीक-ठाक तादाद नजर आ जाएगी। इस बीच, माधवी पुरी बुच ने कुछ समय पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की प्रमुख का पदभार संभाल लिया है। सेबी की चेयरपर्सन बनने वाली बुच पहली महिला हैं। साथ ही वह पिछले कुछ वर्षों में इस पद पर आने वाली पहली गैर-नौकरशाह हैं। सरकार ने उन्हें सेबी प्रमुख पद पर तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया है। यह मानना होगा कि कॉरपोरेट भारत में औरतों के लिए हाल-फिलहाल तक कोई बहुत स्पेस नहीं था। इन्हें टाइपिस्ट-क्लर्क या प्राइवेट सेक्रेटरी जैसे पदों लायक ही समझा जाता था। टाटा समूह भारत की कॉरपोरेट दुनिया को एक तरह से दिशा देता रहा है। इसकी राष्ट्र निर्माण में भी शानदार भूमिका रही है। लेकिन, इस समूह के प्रेरणा पुरुष जे.आर.डी.टाटा के दौर में भी यहां पर समूह की किसी कंपनी की कमान किसी महिला पेशेवर को नहीं मिली। इसी तरह से शायद ही किसी महिला को समूह की किसी कंपनी के बोर्ड में जगह मिली। जे.आर.डी.टाटा के दौर में अजित केरकर ( ताज होटल), एफ.सी. सहगल (टीसीएस), प्रख्यात विधिवेत्ता ननी पालकीवाला (एसीसी सीमेंट), रूसी मोदी (टाटा स्टील) ही टाटा समूह के अहम चेहरे रहे। इस उदाहरण को देने का मकसद यह है कि जब टाटा समूह में महिलाओं को कायदे का हक नहीं मिला था तो बाकी की तो बात ही छोड़ दीजिए। देश में सन 1991 के बाद आर्थिक उदारीकरण की जो बयार बहने लगी तो उसने कॉरपोरेट संसार का चेहरा बदलना चालू कर दिया। उसके बाद धीरे-धीरे आधी दुनिया आंत्रप्यूनर भी बनने लगीं और उन्हें दिग्गज कंपनियों में अहम पद भी हासिल होने लगे। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि अवसरों की सुनामी-सी आ गई। इन अवसरों को दोनों हाथों से पकड़ने में आधी दुनिया पीछे नहीं रहीं। इधर, ब्यूटी स्टार्टअप नायका की फाउंडर फाल्गुनी नायर का जिक्र करना समीचीन रहेगा। वो भारत की सबसे अमीर सेल्फमेड महिला अरबपति बन गई हैं। कुछ समय पहले नायर की कंपनी नायका की शानदार लिस्टिंग हुई। शेयर बाजार ने इस आईपीओ का दिल खोलकर स्वागत किया था। नायका की आधी मल्कियत नायर के पास है। फर्म के शेयरों में 89 फीसदी तक की वृद्धि के बाद अब नायर की नेटवर्थ लगभग 6.5 अरब हो गई है। यह स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी है। इस बीच, एक राय यह भी है कि हमारे यहां भले ही कॉरपोरेट जगत में बहुत-सी महिलाएं अहम पदों को सुशोभित कर रही हैं, पर वे कंपनियों के बोर्ड रूम में भी उस अनुपात नहीं हैं। बहरहाल, भारतीय स्टेट बैंक में अरुंधति भट्टाचार्य, शिखा शर्मा (एक्सिस बैंक), चंदा कोछड़ (आईसीआईसीआई बैंक) का मैनेजिंग डायरेक्टर होना मील का पत्थर माना जा सकता है। इन सबका देश के चोटी के बैंकों का हेड बनने से बहुत ठोस संदेश गया था। पर यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर अपने पद के दुरुपयोग के तमाम गंभीर आरोप भी लगे। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। फिलहाल वो जमानत पर हैं। चंदा कोचर पर नियमों को ताक पर रखकर लोन देने के आरोप हैं। अगर आप गुजरे दौर को देखेंगे तो समझ आ जाएगा कि सूचीबद्ध कंपनियों के बोर्ड रूम में महिलाओं के दरवाजे बंद ही रखे जाते रहे हैं। यह बेहद लचर मानसिकता थी। जो समाज नारी को देवी के रूप में पूजनीय मानता हो वहां औरतों को बोर्ड रूम से दूर रखा जाना शर्मनाक था। महिलाओं की मेरिट की अनदेखी होती रही। यह सच है। एक वह भी समय था जब हमारे यहां कंपनियों के प्रमोटर अपनी पत्नियों, बेटियों, बहुओं वगैरह को ही बोर्ड रूम में रख कर सोचते थे कि उन्होंने बहुत बड़ी क्रांति कर दी है। इतना भर करके इन्हें लगता था कि इन्होंने महिलाओं को उनका हक दे दिया है। बहरहाल, अब स्थितियां बहुत सकारात्मक हो चुकी हैं। आधी दुनिया को कॉरपोरेट जगत में हरेक पद मिल रहा है। एक बात साफ लगती है कि जैसे-जैसे हमारे यहां महिलाएं आंत्रप्यूनर बनेंगी तो बोर्ड रूम में उनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होती रहेगी। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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कौशल मूंदड़ा नंदी महाराज दूध पी रहे हैं। दोपहर में यह बात शुरू हुई और रात तक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कई लोगों को करीब 25 साल पहले गणपति बप्पा के दूध पीने का घटनाक्रम याद आ गया, तब भी पूरे देश में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा था। आस्था के इस सैलाब को चुनौती मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जी हां, ढाई दशक पहले भी गणपति बप्पा के दूध पीने के घटनाक्रम के बाद विज्ञानियों ने भौतिकी के सिद्धांत के जरिये घटनाक्रम को समझाया था, लेकिन जैसा कि भूलना मानव स्वभाव है, वह बातें भुला दी गईं। ऐसा नहीं है कि सभी लोगों ने आंख मूंदकर इस बात पर विश्वास किया। कुछ बुजुर्ग महिलाएं जिन्होंने 25 साल पहले का मंजर भी देखा था और अब भी देख रही थीं, उन्होंने कहा कि दूध और जल रिसकर बह रहा है, उस पर भी ध्यान देना चाहिए। उस दिन 5 मार्च 2022 को शनिवार था और उदयपुर के शनि महाराज के मंदिर के बाहर बैठी एक बुजुर्ग महिला श्रद्धालु ने कहा कि वे भी गई थीं और नंदी महाराज को दूध अर्पित करते हुए नीचे गले पर जब हथेली रखी तो हथेली गीली हो गई। कई जगह प्रतिमा सफेद होने के कारण दूध का रिसना नजर नहीं आ रहा था और जल का रिसना तो काले और सफेद दोनों ही रंग की प्रतिमा पर नजर आना मुश्किल है। इस घटना के बाद हमने उदयपुर के विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के भौतिकी के प्राध्यापक हेमंत सालवी से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आस्था को भौतिकी सिद्धांतों के साथ समझा जाए तो और भी बेहतर होगा। लगभग ढाई दशक पहले 21 सितम्बर 1995 में गणेश प्रतिमाओं द्वारा दूध पीने की बात फैली थी। सालवी बताते हैं कि इसे हम भौतिक विज्ञान में कैपिलरी राइजिंग (केशकीय विधि) या केशकीय गति भी कहते है। इस विधि से पानी किसी छोटे-छोटे छिद्र से अंदर की ओर खिंच जाता है। नंदी की मूर्ति मार्बल की बनी होती है, इसमें कई छेद होते हैं, पानी से भरा चम्मच इन वैक्यूम चवतने (छिद्र) के पास लाया जाता है तो ये छिद्र पानी को अंदर सोख लेते हैं। जैसे दीपक में तेल धीरे-धीरे बाती में ऊपर की ओर चढ़ता है, पौधों को पानी जड़ों में दिया जाता है और इसी सिद्धांत से पानी पत्तियों तक पहुंच जाता है। दीपक की बाती व पौधों की जड़े कैपिलरी की तरह कार्य करती हैं। यहां भौतिकी का एक और सिद्धांत पृष्ठ तनाव भी कार्य करता है। पृष्ठ तनाव हर तरल का गुण होता है। पृष्ठ तनाव के कारण तरल की बूंदें आपस में चिपक कर एक साथ रहना चाहती हैं, जैसे पानी की छोटी बूंद गोलाकार होती है। पानी के अणुओं में ससंजक बल लगता है (समान पदार्थों में), पर ससंजक बल पानी में बहुत कम होता है। पारे में ससंजक बल ज्यादा होता है। पानी में ससंजक बल कम होने के कारण पानी दूसरे पदार्थ के साथ चिपकता है व मार्बल के पास लाया जाता हे तो पानी उस मार्बल की बनी मूर्तियों के सूक्ष्म छिद्रों में चिपककर आसानी से मार्बल में चढ़ जाता है। इसे यूं भी समझ सकते हैं जैसे कोई एंटीसेप्टिक घाव पर आसानी से फैल जाता है। एंटीसेप्टिक व सर्फ के पानी का पृष्ठ तनाव कम होता है। ये आसानी से आगे की ओर गति करते हैं। सालवी बताते हैं कि इस तरह की घटना में मौसम का भी बड़ा योगदान होता है। अभी के मौसम में तापमान बढ़ने लगा है। वायुमंडलीय दबाव भी बढ़ने लगा है। वायुमंडलीय दबाव वातावरण में ज्यादा और मार्बल की मूर्ति में कम होने से पानी अधिक दबाव से कम दबाव की तरफ बहता है, इसी कारण पानी आसानी से छोटे-छोटे छिद्रों में चढ़ता नजर आता है। ये तीनों कारण जब एक साथ होते हैं तब मार्बल की बनी मूर्ति पानी या दूध पीती नजर आती है। हालांकि, कुछ ही देर में द्रव की मात्रा ज्यादा होते ही वह रिसना भी शुरू कर देता है, क्योंकि छिद्रों में उतना ही द्रव समाहित हो सकता है जितनी वहां जगह है। वैज्ञानिक कारण के साथ इस तरह की घटनाओं से मनोवैज्ञानिक प्रभाव को भी अलग नहीं रखा जा सकता। हमारे आस्था स्थल आत्मिक शांति के केन्द्र माने जाते हैं। व्यक्ति की आस्था जहां होती है, वहां पर वह सुकून महसूस करता है। जीवन की परेशानियों को लेकर व्यक्ति इन्हीं आस्था स्थलों पर समाधान की उम्मीद लेकर पहुंचता है। ऐसे में जब उसे इस तरह का घटनाक्रम दिखाई देता है तो उसका विश्वास और दृढ़ होता है और उसका आत्मिक बल बढ़ता है। व्यक्ति का आत्मिक बल मजबूत हो तो वह किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए स्वतः स्वयं को तैयार कर लेता है। ऐसे में चाहे वैज्ञानिक कारण मानें या मनोवैज्ञानिक, आस्था के इस जन ज्वार में यदि आत्मिक शक्ति का संधान होता है, तब ऐसी घटनाओं को जनमानस की झोली में ही छोड़ दिया जाना उचित माना जाना चाहिए। (लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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सुरेश हिन्दुस्थानी देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणामों में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उत्तर प्रदेश में पुन: भाजपा की सरकार बनने जा रही है। वहीं, पंजाब को छोड़कर शेष तीन राज्यों में भी भाजपा ने प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। समाजवादी पार्टी की ओर से किए गए परिश्रम का प्रतिफल यही है कि उसकी सीटों की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर से जिस प्रकार के दावे किए जा रहे थे, वे धराशायी होते दिखाई दिए। उत्तर प्रदेश में जनता ने जिस प्रकार दूसरी बार भारतीय जनता को पसंद किया है, उसके निहितार्थ यही हैं कि उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही थी, उस पर अब बड़ा विराम स्थापित हो चुका है। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की पूरी राजनीति एमवाई यानी मुसलमान-यादव समाज के इर्दगिर्द घूमती रही थी। पिछले दो विधानसभा चुनाव परिणाम यही प्रदर्शित करते दिखाई दे रहे हैं कि अब उत्तर प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस के इस गणित को पूरी तरह से नकार दिया है। उत्तर प्रदेश अब भ्रमित करने वाली राजनीतिक धारणा से बहुत ऊपर जा चुका है। कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी सहित गैर भाजपा दलों ने लम्बे समय तक गरीब जनता के मन में भाजपा के प्रति भय का वातावरण निर्मित किया था, जिसे जनता ने सही समझ लिया और इनको अवसर दिया लेकिन राजनीतिक संरक्षण में जिस प्रकार आपराधिक प्रवृति का विस्तार होता गया, उससे जनता बहुत हद तक प्रभावित हुई। जनता ने संभवत: इसी प्रताड़ऩा के कारण अब भाजपा के प्रति अपना मानस बदला है और एक बार फिर सत्ता सौंप दी। इन चुनावों में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस की ओर से तुरुप का इक्का के रूप से प्रचारित की गईं प्रियंका वाड्रा इस बार भी कोई कमाल नहीं कर पाईं। हालांकि कांग्रेस को इस चुनाव से बहुत उम्मीद थी, लेकिन परिणाम आने के बाद उनके लिए यह बुरे सपने जैसा साबित हो रहा है। इसी प्रकार बहुजन समाज पार्टी की ओर से किए जाने वाले दावे भी अप्रत्याशित रूप से असफल होते दिखाई दिए। ताजा राजनीतिक हालात का अध्ययन किया जाए तो यही परिलक्षित होता है कि उत्तर प्रदेश में तमाम भाजपा विरोधी दलों ने भाजपा को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यह सब केवल इसलिए किया गया क्योंकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते कई राजनीतिक दलों की दुकानें बंद हो गईं थीं। यहां तक कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में भी बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। कहने का तात्पर्य यही है कि जनता आज भी ईमानदार शासक को पसंद करती है। उत्तर प्रदेश का चुनाव इसी बात को प्रदर्शित कर रहा है। जहां तक पांच राज्यों के चुनाव परिणामों की बात है तो स्वाभाविक रूप से यही कहा जाएगा कि पूरे परिदृश्य में कांग्रेस ने मुंह की खाई है। उसकी किसी भी राज्य में सरकार न तो बनी है और न ही पंजाब में अपनी सरकार को बचाने में सफल हुई है। इसलिए यही कहा जा सकता है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कांग्रेसी दांव स्वयं कांग्रेस के लिए उलटा पड़ गया। पंजाब में गहन चिंतन की बात यह भी है कि जिस प्रकार आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद बनाया था, उसने आम आदमी पार्टी की जीत का रास्ता तैयार करने में महत्वपूर्ण कार्य किया। सीधे शब्दों में यही कहना तर्कसंगत होगा कि आम आदमी पार्टी में भी सिद्धू के समर्थक मौजूद हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी द्वारा खेले गए इस खेल को समझने में चूक कर बैठी और उसका परिणाम यह हुआ कि उसे पंजाब से हाथ धोना पड़ा। ऐसी स्थितियों में यह कहना वाजिब लग रहा है कि आने वाले समय में कहीं ऐसा न हो कि नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी के नेता के रूप में स्थापित होने के लिए अग्रसर हो जाएं। जिसकी पूरी संभावना भी दिखाई दे रही है। अब फिर उत्तर प्रदेश की बात करते हैं। उत्तर प्रदेश में विपक्ष की ओर से इस धारणा को स्थापित करने का कुचक्र रचा गया कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है। परिणाम के बाद इस मुद्दे की हवा निकल गई। जिस अंचल से विपक्ष को लाभ मिलने की उम्मीद थी, उसमें भी भाजपा का दबदबा कायम रहा है। इसी प्रकार यह कहना भी सर्वथा उचित होगा कि भाजपा ने प्रदेश में पूरी तरह से ईमानदार शासन दिया। मुख्यमंत्री पर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सका, जबकि पहले के मुख्यमंत्री और उनके मंत्री खुलेआम भ्रष्टाचार करते रहे। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर किसी की मदद की। यहां तक कि गरीब मुसलमान भी उनकी सरकार में लाभान्वित हुआ। दूसरी बात यह भी है कि भाजपा ने जिस प्रकार से खुलकर राममंदिर और हिन्दुत्व की बात की, उसका राजनीतिक फायदा भाजपा को मिला है। हालांकि हिन्दुत्व के मुद्दे के प्रति बाद में सभी राजनीतिक दल सहानुभूति दिखाने को प्रवृत्त हुए थे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी है। सीधे शब्दों में निरूपित किया जाए तो यही कहना उचित होगा कि अब प्रदेश और देश का जनमानस हिन्दुत्व यानी राष्ट्रीयता की ओर अपने कदम बढ़ा चुका है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। पिछले कुछ वर्षों में यह सार्थक रूप में आगे बढ़ा है। यह अभियान का व्यापक निहितार्थ है। इसमें बेटियों के प्रति सम्मान उनके स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा के विषय शामिल है। इसके साथ ही महिला स्वावलंबन पर भी बल दिया गया। यह माना गया कि आधी आबादी को उपेक्षित कर कोई देश विकास नहीं कर सकता है। बालिकाओं व महिलाओं को जहां उचित अवसर मिला उन्होंने बेहतर ढंग से कार्य किया। इतिहास में भी ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है। वैदिक काल में महिलाओं ने ऋचाओं की रचना की। वह विद्वतापूर्ण शास्त्रार्थ में सहभागी होती थी। युद्ध क्षेत्र में उनकी भूमिका वीरांगना के रूप में रहती थी। विदेशी आक्रांताओं के समय से महिलाओं को उपेक्षा शुरू हुई थी। इस कारण हमारे समाज में अनेक कमजोरियों ने जगह बना ली। कुछ वर्ष पहले तक बेसिक स्कूलों में शौचालय ना होने के कारण बालिकाएं आगे की पढ़ाई छोड़ने को विवश हो जाती थी। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस समस्या के समाधान पर ध्यान दिया। उनके स्वच्छ भारत अभियान में यह विषय शामिल था। भारत में प्राचीन काल से ही महिलाओं के सम्मान की परंपरा और संस्कृति रही है। महिलाओं की प्रगति देश को मजबूत बनाती है। सरकार महिलाओं और बेटियों को उनके सपने पूरे करने के लिए उनकी प्रगति के लिए वित्तीय मदद प्रदान कर रही है। सरकार ने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया है। कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून लागू किए हैं। बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड तय किया गया है। महिलाओं को सेना में उच्च रैंक तक प्रमोट किया जा रहा है। सैनिक स्कूलों में बेटियों को दाखिले देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। कोशिश की जा रही है कि बेटियों की शादी की उम्र 18 से 21 की जाए। बालिकाओं की शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो करोड़ घर बनाए गए हैं। पहले महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं होता था। आज इस योजना से उन्हें यह अधिकार मिल रहा है। जनधन योजना के माध्यम से तेईस करोड़ महिलाओं के खाते खोले गए हैं। नौ करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाओं को शौच के लिए घर से बाहर न जाना पड़े। वोकल फॉर लोकल अभियान के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। कोरोना कालखंड में भी महिलाओं ने उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह किया है। आशा कार्यकर्ता गांव के प्रत्येक घरों तक सर्वे किया। दवाई पहुंचाई। इसके बाद टीकाकरण में भी पूरा योगदान दिया। हर घर दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता हर घर में पहुंचीं। टीकाकरण को बढ़ावा दिया। अभियान की सफलता में महिलाओं का योगदान बहुत लाभप्रद साबित हुआ है। केंद्र सरकार ने कोरोना और अन्य कारणों के चलते स्कूल छोड़ चुकी 11 से 14 आयुवर्ग की बालिकाओं को फिर से स्कूली शिक्षा में जोड़ने के लिये कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव अभियान शुरू किया है। यह अभियान अधिक से अधिक लड़कियों के लिए शिक्षा प्राप्ति सुनिश्चित करेगा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और यूनीसेफ के साथ मिलकर औपचारिक शिक्षा या कौशल प्रणाली की तरफ किशोरियों को वापस स्कूल लाने के लिये एक अभूतपूर्व अभियान कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया। इससे स्कूल छोड़ने वाली चार लाख से अधिक किशोरियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा। वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। इसके दृष्टिगत सामाजिक जागरूकता के साथ ही महिला स्वावलंबन संबधी अनेक योजनाओं को लागू किया गया। विगत कुछ वर्षों में महिला सम्मान व स्वालंबन संबधी अनेक उल्लेखनीय कार्य किये गए। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति योजना लागू की। इसके माध्यम से समाज में जागरूकता का सन्देश दिया गया। महिला सम्मान व स्वावलंबन में समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। यह कार्य केवल सरकार के द्वारा नहीं हो सकता। समाज की चेतना अपरिहार्य होती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से देश की चेतना को जगाने का प्रयास किया गया। इससे अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई। योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के दूसरे चरण का शुभारंभ महिला दिवस के अवसर पर किया था। उन्होंने इस अवसर पर शास्त्रों की सूक्ति का उल्लेख किया- नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रपा।। माता के समान कोई छाया नहीं है, माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है, माता के समान कोई प्रिय नहीं है और इस विश्व में माता के समान कोई जीवनदाता नहीं है। नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन एक साथ जुड़ेंगे तो नारी सशक्तिकरण का लक्ष्य स्वतः ही प्राप्त होगा। महिला स्वावलंबन संबधी सुमंगला योजना का शुभारंभ भी योगी आदित्यनाथ ने किया था। अपने ढंग की यह अभिनव योजना है। इसमें बेटियों को शिक्षित व स्वावलंबी बनाने का उद्देश्य निर्धारित किया गया। इसके अलावा वूमेन पावर लाइन पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा करते हुए इनके त्वरित समाधान के निर्देश दिए गए। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में एक लाख साठ हजार महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते में एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से अधिक नवीन लाभार्थियों के खाते में बीस करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण भी किया था। बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी बैंक को गांव तक ले आयी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन पर पचहत्तर हजार करोड़ रुपये के लेन देन की जिम्मेदारी सौंपी है। बेटियां गांव में पचहत्तर हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं। पहले जिन बहन बेटियों के अपने बैंक खाते भी नहीं थे। आज उनके पास डिजिटल बैंकिंग की ताकत है। आयुष्मान भारत योजना से सर्वाधिक लाभ महिलाओं को हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्राथमिकता पर महिलाओं के नाम पर बनाये गये हैं। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों की संख्या में आवास बनाये गये हैं। इनमें से अधिकतर आवास महिलाओं के नाम पर हैं। केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना के अन्तर्गत देश भर में घरों के मालिकों को उसके कागजात घरौनी दी जा रही है। मुद्रा योजना के अन्तर्गत गांव में गरीब परिवारों की नयी महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत दिये गये ऋण में से सत्तर प्रतिशत महिलाओं को प्रदान किये गये हैं। दीनदयाल अन्त्योदय योजना के जरिये भी बहनों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत वर्तमान केंद्र सरकार के पहले पांच वर्षों में जितनी सहायता दी गयी, उससे तेरह गुना बढ़ोत्तरी विगत सात वर्षों में हुई है। पहले स्वयं सहायता समूहों को दस लाख रुपये का ऋण बिना गारण्टी के उपलब्ध कराया जाता था। अब इसका दोगुना बीस लाख रुपये दिया जा रहा है। मुस्लिम बहनों को उत्पीड़न और शोषण से बचाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार होते बोरवेल हादसे चिंता का सबब बन रहे हैं। पिछले दिनों महज एक सप्ताह के दौरान तीन बोरवेल हादसों का होना और तीन में से दो हादसों में बच्चों की मौत हो जाना, ऐसे हादसों को लेकर आंखें खोलने के लिए पर्याप्त है। 27 फरवरी को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा गांव में हुई हृदयविदारक घटना में प्रिंस नामक 4 वर्षीय बच्चा खेलते हुए करीब 300 फुट गहरे खुले बोरवेल में गिरकर 15-20 फीट गहराई में फंस गया। हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन 6 घंटे के बचाव अभियान के बाद उसे बोरवेल से मृत ही बाहर निकाला जा सका। 15 दिन बाद ही बच्चे का जन्मदिन भी था। बोरवेल का निर्माण बच्चे के पिता ने ही कराया था, जिसे ढंके नहीं जाने के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ। इस घटना से पहले 24 फरवरी को राजस्थान के सीकर के बिजारणिया की ढ़ाणी में खेलते-खेलते अपने ही खेत में खुले पड़े 50 फुट गहरे बोरवेल में 4 वर्षीय रविन्द्र गिर गया था। एसडीआरएफ सहित अन्य बचाव दलों द्वारा चलाए गए 25 घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद आखिरकार बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। 23 फरवरी को मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बरछड़ में अपने ही परिवार के खेत में खुले बोरवेल में 4 वर्षीय गौरव संतोष दुबे खेलते हुए गिर गया। हालांकि उसे रेस्क्यू कर बचाव टीमों द्वारा अगले दिन सुबह बोरवेल से निकाल लिया गया लेकिन कटनी जिले के बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाए जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थोड़े-थोड़े अंतराल पर लगातार सामने आते ऐसे दर्दनाक हादसे गहरी चिंता का सबब बन रहे हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि न तो ऐसे हादसों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठाने की पहल होती दिखती है और न ही बोरवेल हादसों को लेकर समाज को जागरूक करने के प्रयास हो रहे हैं। इन हादसों से लोग स्वयं भी सबक सीखने को तैयार नहीं दिखते। थोड़े-थोड़े अंतराल बाद जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो पता चलता है कि न तो आमजन ने और न ही प्रशासन ने ऐसी दिल दहलाने वाली घटनाओं से कोई सबक सीखा। ऐसे हादसों में प्रायः देखा जाता रहा है कि लोगों द्वारा फसलों की सिंचाई के लिए अपने खेत में बोरिंग कराने के बाद उसके सफल नहीं होने पर बोरवेल के गड्ढे को बंद कराने के बजाय खुला छोड़ दिया जाता है, जो अक्सर ऐसे दर्दनाक हादसों का कारण बनते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर लगातार सामने आते बोरवेल हादसों के बावजूद खुले बोरवेलों में कब तब मासूम जानें इस तरह दम तोड़ती रहेंगी? अक्सर देखा जाता है कि बहुत-सी जगहों पर पानी उपलब्ध नहीं होने पर किसानों द्वारा खराब ट्यूबवैल उखाड़कर दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाता है लेकिन ट्यूबवैल उखाड़ने के बाद भी बोरवेल को कंक्रीट से भरकर समतल करने के बजाय किसी बोरी या कट्टे से ढ़ंककर खुला छोड़ दिया जाता है, जो बहुत बार मासूम बच्चों का काल बन जाते हैं। कोई बड़ा हादसा होने पर प्रशासन द्वारा बोरवेल खुला छोड़ने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्ती की बातें दोहरायी जाती हैं लेकिन निरंतर सामने आते ऐसे हादसे यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि सख्ती की ये सब बातें महज बयानों तक ही सीमित रहती हैं। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद कभी ऐसे प्रयास नहीं किए गए, जिससे ऐसे मामलों पर अंकुश लग सके। 21 जुलाई 2006 को हरियाणा के हल्दाहेड़ी गांव में पांच वर्षीय प्रिंस के 50 फुट गहरे बोरवेल में गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के दृश्य टीवी चैनलों पर लाइव दिखाये जाने के चलते पहली बार पूरी दुनिया का ध्यान ऐसे हादसों की ओर गया था और तब उम्मीद जताई गई थी कि भविष्य में फिर कभी ऐसे हादसे सामने नहीं आएंगे किन्तु विड़म्बना है कि देश में प्रतिवर्ष औसतन करीब 50 बच्चे बेकार पड़े खुले बोरवेलों में गिर जाते हैं, जिनमें से बहुत से बच्चे इन्हीं बोरवेलों में जिंदगी की अंतिम सांसें लेते हैं। भूगर्भ जल विभाग के अनुमान के अनुसार देशभर में करीब 2.70 करोड़ बोरवेल हैं लेकिन सक्रिय बोरवेलों की संख्या, अनुपयोगी बोरवेलों की संख्या तथा उनके मालिक का राष्ट्रीय स्तर का कोई डाटाबेस मौजूद नहीं है। ऐसे हादसे न केवल निर्बोध मासूमों की बलि लेते हैं बल्कि रेस्क्यू ऑपरेशनों पर अथाह धन, समय और श्रम भी नष्ट होता है। आए दिन होते ऐसे भयावह हादसों के बावजूद न तो आम आदमी जागरूक हो पाया है, न ही प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की फुर्सत है। कहीं बोरिंग के लिए खोदे गए गड्ढ़ों या सूख चुके कुओं को बोरी, पॉलीथीन या लकड़ी के फट्टों से ढांप दिया जाता है तो कहीं इन्हें पूरी तरह से खुला छोड़ दिया जाता है और अनजाने में ही कोई ऐसी अप्रिय घटना घट जाती है, जो किसी हंसते-खेलते परिवार को जिंदगीभर का असहनीय दर्द दे जाती है। न केवल सरकार बल्कि समाज को भी ऐसी लापरवाहियों को लेकर चेतना होगा ताकि भविष्य में फिर ऐसे दर्दनाक हादसों की पुनरावृत्ति न हो। देश में ऐसी स्वचालित तकनीकों की भी व्यवस्था करनी होगी, जो ऐसी विकट परिस्थितियों में तुरंत राहत प्रदान करने में सक्षम हों। दरअसल ऐसे मामलों में सेना-एनडीआरएफ की बड़ी विफलताओं को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि अंतरिक्ष तक में अपनी धाक जमाने में सफल हो रहे भारत के पास चीन तथा कुछ अन्य देशों जैसी वो स्वचालित तकनीक क्यों नहीं है, जिनका इस्तेमाल कर ऐसे मामलों में बच्चों को अपेक्षाकृत काफी जल्दी बोरवेल से बाहर निकालने में मदद मिल सके। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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आर.के. सिन्हा पाकिस्तान के पेशावर की एक शिया मस्जिद में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हुए दिल दहलाने वाले आत्मघाती बम विस्फोट में लगभग 60 से अधिक शिया नमाजी मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। मारे गए लगभग सभी अभागे शिया मुसलमान बताए जाते हैं। अब गौर करें कि हमलावरों ने निशाना बनाया शिया मुसलमानों और उनकी इबादतगाह को। यह भी याद रखा जाए कि एक इस्लामिक मुल्क में ही शिया मुसलमानों का जीना मुश्किल हो गया है। वे हर वक्त डर-भय के साए में रहते हैं। यह हाल उस पाकिस्तान का है, जो मुसलमानों के वतन के रूप में बना था या जबरदस्ती जिन्ना वादियों द्वारा बनवाया गया था। पेशावर की शिया मस्जिद में हुआ हमला पहली बार नहीं हुआ है। वहां शिया मुसलमानों पर लगातार जुल्मो-सितम होते रहे हैं। शिया पाकिस्तान की आबादी का 10 से 15 फीसदी हैँ। वे देश के विभाजन के समय लगभग 25 फीसदी से भी ज्यादा थे। इन्हें बार-बार हमलों और ईशनिंदा के आरोपों में फंसाया जाता रहा है। पाकिस्तान में लगातार प्रतिबंधित संगठन शियाओं के ख़िलाफ़ खुलेआम प्रदर्शन करते रहते हैं। इस तरह के ज्यादातर प्रदर्शन लाहौर, क्वेटा, पेशावर वगैरह जगहों पर देखने को मिलते हैं। वहां शिया मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने वाला विकृत और भड़काऊ साहित्य हर जगह उपलब्ध है। तो क्या इन हालातों में शियाओं पर आगे हमले नहीं होंगे? याद रखें कि शियाओं पर हमले कानून और व्यवस्था का मसला नहीं है। हालांकि पाकिस्तान के हुक्मरान यही मानते या मानने का नाटक करते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर गृह मंत्री शेख राशिद तक यही कह रहे हैं कि शिया मस्जिद पर हमला करने वालों को दंड दिया जाएगा। वे इस तरह के दावे तो पहले भी करते रहे हैं। उनके दावों के बावजूद वहां शियाओं के खिलाफ हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वे बताएं कि ये हमले क्यों नहीं थम रहे हैं। अगर पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों की एक रिपोर्ट को ही माना जाए तो वहां साल 2001 से अबतक हमलों और टारगेट किलिंग में तीन हजार से ज्यादा शिया मार डाले गए हैं। इधर देखने में आया कि ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में शिया मस्जिदों पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह बताना जरूरी है ख़ैबर पख़्तूनख़्वा सूबे में एक दौर में सरहदी गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान का खासा प्रभाव था। लेकिन, लगता है कि वक्त गुजरने के साथ वहां सरहदी गांधी और उनके आदर्शों को भुला दिया गया है। यह सच है कि आज पाकिस्तान में शियाओं के अधिकारों को कोई देखने-सुनने वाला नहीं है। पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमानों के अलावा बाकी किसी का रहना मुश्किल होता जा रहा है। वहां के बंद समाज और कठमुल्लों ने अपने देश के महान वैज्ञानिक अब्दुस सलाम तक को नहीं बख्शा। भौतिकी में शानदार काम करने वाले और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के आरंभिक चरण में उसे दिशा देने वाले सलाम साहब को पाकिस्तान का नायक होना चाहिए था। लेकिन, उन्हें वहां सिर्फ इसलिए जलील किया गया क्योंकि उनका संबंध अहमदिया समुदाय से था। अब उनका नाम-काम स्कूल की किताबों से भी हटा दिया गया है क्योंकि वे अहमदिया मुसलमान थे। उनकी कब्र को भी तोड़ दिया गया था। पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों को गैर- इस्लामिक घोषित कर दिया है और उन्हें काफिर माना जाता है। दरअसल अब्दुस सलाम और उनके जैसे दूसरे लाखों अहमदिया मुसलमानों की जिंदगी सत्तर के दशक में ही बदल गई थी जब पाकिस्तान की संसद ने अहमदिया लोगों को मुसलमान मानने से मना कर दिया था। अहमदिया मानते हैं कि हजरत मिर्जा गुलाम अहमद अल्लाह के पैगम्बर थे। इस्लाम पैगम्बर मोहम्मद को ही अंतिम पैगम्बर मानता है और उनके बाद अपने को पैगम्बर घोषित करने वालों को काफिर मानता है। क्या आप मानेंगे कि पाकिस्तान में अहमदिया लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन देते हुए एक दस्तखत करना होता है कि अहमदिया संप्रदाय के संस्थापक छली थे और उनके शिष्य मुसलमान नहीं हैं। महत्वपूर्ण है कि भारत के गुरुदासपुर के कादियां कस्बे में अहमदिया समुदाय की नींव 23 मार्च 1889 को रखी गई थी। अजीब इत्तेफाक है कि अहमदिया संप्रदाय की जिस दिन नींव रखी गई थी उसके 51 साल बाद लाहौर में पाकिस्तान के पक्ष में मुस्लिम लीग प्रस्ताव पारित कर रही थी। उस प्रस्ताव में एक स्वतंत्र इस्लामिक देश की मांग की जा रही थी। यह बात 23-24 मार्च, 1940 की है। मोहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम लीग के पृथक मुस्लिम राष्ट्र की मांग के हक में रखे प्रस्ताव पारित कर अपने भाषण में कहा था- “हिन्दू-मुसलमान दो अलग मजहब हैं। दो अलग विचार हैं। दोनों की संस्कृति, परंपरा और इतिहास अलग हैं। दोनों के नायक भी अलग हैं। इसलिए दोनों कतई साथ नहीं रह सकते।” लेकिन भारी खून-खराबे के बाद जिस देश को उन्होंने बनाया, वहां पर तो मुसलमानों के ही कुछ वर्गों को काफिर कहा जाने लगा। उनमें शिया और अहमदिया भी थे। पाकिस्तान में शियाओं के अलावा भी कई संप्रदाय अछूत हैं। वहां अहमदिया तथा शिया मुसलमानों के साथ-साथ हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति खराब होती गई। 1947 में पाकिस्तान में हिन्दुओं और सिखों की आबादी एक करोड़ के आसपास थी। इसमें पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) शामिल नहीं था। अब वहां मात्र 12 लाख हिन्दू और 10 हजार सिख रह गए हैं। हिन्दुओं और सिखों की इतनी बड़ी संख्या जो लगभग 88 लाख के करीब बनती है, आख़िरकार गई कहां? क्या हुआ इनका? पाकिस्तान में हिन्दू और सिख दोयम दर्जे के नागरिक हैं। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रान्त में हिन्दू लड़कियों के अपहरण और उनके साथ जबरन शादी के मामले बार-बार सामने आते रहे हैं जिसकी वहां कोई सुनवाई नहीं है। अब बात कर लें जरा ईसाइयों की। उनके ऊपर होने वाले अन्याय की भी लंबी दास्तान है। ईसाइयों को भी गाजर-मूली की तरह काटा जाता रहा है। पाकिस्तान में हिंदुओं के बाद ईसाई दूसरा सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है। पाकिस्तान में लगभग 18 करोड़ की आबादी में 1.6 प्रतिशत ईसाई हैं। इधर बीते कुछेक साल में पाकिस्तान के अन्दर ईसाइयों को निशाना बनाकर कई बड़े हमले किए गए हैं। मार्च 2015 में लाहौर के चर्चों में दो बम धमाके हुए थे, जिनमें 14 लोग मारे गए थे। 2013 में पेशावर के चर्च में हुए धमाके में 80 लोग मारे गए थे। 2009 में पंजाब में एक उग्र भीड़ ने 40 घरों को आग लगा दी थी। इसमें आठ ईसाई मारे गए थे। 2005 में क़ुरान जलाने की अफ़वाह के बाद पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद से ईसाइयों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था। हिंसक भीड़ ने चर्चों और ईसाई स्कूलों को आग लगा दी थी। 1990 के बाद से कई ईसाइयों को क़ुरान का अपमान करने और पैगंबर की निंदा करने के आरोपों में दोषी ठहराया जा चुका है। कभी-कभी बुरा भी लगता है कि हमसे ही धर्म के नाम पर अलग हुआ हमारा पड़ोसी इतना अनपढ़ और वहशी है कि वह अपने ही लोगों को मारता-काटता रहता है। (लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)
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प्रमोद भार्गव पांच राज्यों में मतदान के बाद समाचार चैनलों ने एग्जिट पोल यानी निकटता के करीब पहुंचने वाले नतीजों ने भाजपा की तीन राज्यों और आम आदमी पार्टी की पंजाब में जीत निश्चित कर दी है। वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उत्तर प्रदेश तीन दशक पुरानी राजनीतिक परंपरा को तोड़ता दिख रहा है। यहां दूसरी बार बंपर बहुमत से भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है। वहींं, पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस व अन्य दलों की उम्मीदों पर झाडू फेरते हुए आम आदमी पार्टी सत्ता के सिंहासन पर सवार होती दिख रही है। यदि ऐसा होता है तो भविष्य में आम आदमी पार्टी तेजी से अन्य राज्यों में वर्चस्व जमाती दिखेगी, जिसका नुकसान कांग्रेस को होगा। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस में बराबरी के मुकाबले का अनुमान है। अंततः भाजपा फिर से सरकार बना लेगी। मणिपुर में पूर्ण बहुमत से भाजपा की जीत लगभग तय है। दरअसल केंद्र में जबसे नरेंद्र मोदी की सरकार है, अलग-थलग पड़े पूर्वोत्तर का शेष भारत में विकास के साथ-साथ तेजी से समावेश हो रहा है। नतीजतन पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में भाजपा प्रभावशाली होती जा रही है। गोवा में त्रिशंकु नतीजे का अनुमान है, ऐसे में सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ हो सकती है। इन चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण उत्तर-प्रदेश है क्योंकि यहीं से दिल्ली का रास्ता निकलता है। इसलिए मतदान के पहले अंतिम दो दिन नरेन्द्र मोदी को वाराणसी में डेरा डालना पड़ा था। यह राज्य आबादी में सबसे बड़ा होने के साथ 80 लोकसभा सदस्य भी देता है। बीते दिनों इस राज्य में लंबे समय तक चले किसान आंदोलन ने कुछ ऐसे हालात पैदा कर दिए थे, जिससे यह लग रहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी डवांडोल है। पंजाब व हरियाणा में चले किसान आंदोलन का भी इस राज्य के मतदाताओं पर असर दिखाई दे रहा है। लेकिन लगभग सभी चैनलों एवं सर्वेक्षण एजेंसियों ने भाजपा को 250 सीटें दी हैं। कुछ प्रतिष्ठित चैनलों ने 326 तक सीटें भाजपा की झोली में डाली है। फिलहाल भाजपा जीत दोहराती है तो यह इतिहास रचने जैसी बात होगी, क्योंकि यहां करीब तीन दशकों से किसी भी सत्तारूढ़ दल की वापसी नहीं हुई है। भाजपा को इतनी सीटें मिलने का अनुमान इसलिए भी थोड़ा आश्चर्यजनक लगता है, क्योंकि 2017 की तुलना में सभी सातों चरणों में मतदान का प्रतिशत कम रहा है। मतदान का कम होना अकसर सत्तारूढ़ पार्टी के विरुद्ध माना जाता है। अतएव भाजपा लौटती है तो साफ है कि किसानों में जाट-सिख या यादवों ने अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी के नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया। साथ ही सपा में मुस्लिमों के प्रभाव के चलते भी हिंदू मतदाताओं का रूख भाजपा के पक्ष में रहा है। अयोध्या में राममंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के कायाकल्प ने भी हिंदू मतदाताओं का जबरदस्त ध्रुवीकरण किया है। ठोस कानून व्यवस्था ने महिलाओं को खासतौर से भयमुक्त रखा इसलिए उनका झुकाव व विश्वास योगी के प्रति रहा। यदि वाकई भाजपा 300 के पार सीटें लाने में कामयाब होती है तो यह मानने के लिए विवश होना पड़ेगा कि मतदाता लोक-लुभावन वादों के रूप में दी जाने वाली घूस के लालच में भी नहीं आया। इन पूर्वानुमानों ने भाजपा और आप को छोड़ अन्य दलों के रणनीतिकारों के पसीने छुड़ा दिए हैं। कांग्रेस, सपा और अकाली दल के प्रमुखों के माथे पर चिंता की लकीरें एकाएक गहरा गई हैं। हालांकि ये लोग इन अनुमानों को अपने-अपने ढंग से परिभाषित करते हुए गलत ठहरा रहे हैं। दरअसल पंजाब में आप को 40 प्रतिशत मत और 100 सीटें मिलती दिखाई हैं। जबकि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पुर्वानुमानों के आंकड़े वास्तविक चुनाव नतीजों के करीब भी नहीं थे। इसलिए अनुमानों पर प्रश्नचिह्न लगाए जा रहे हैं। बावजूद इस मर्तबा पंजाब में अनुमान इसलिए सटीक बैठ सकते हैं, क्योंकि वहां केंद्रीय नेतृत्व की निरंतर गलतियों के चलते कांग्रेस अंतरकलह का शिकार होकर लगभग चौपट हो गई है। ऐसे में आप ने मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत सिंह मान का चेहरा देकर बाजी मार लेने की चाल चली है, जो कामयाब होती दिख रही है। फिलहाल हमारे देश में चुनाव पूर्व जनमत सर्वेक्षण एक नया विषय है। यह ‘सेफोलाॅजी’ मसलन जनमत सर्वेक्षण विज्ञान के अंतर्गत आता है। भारत के गिने-चुने विश्वविद्यालयों में राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम के तहत सेफोलाॅजी को पढ़ाने की शुरुआत हुई है। जाहिर है, विषय और इसके विशेषज्ञ अभी अपरिपक्व अवस्था में हैं। सर्वेक्षणों पर शक की सुई इसलिए भी जा ठहरती है कि पिछले कुछ सालों में निर्वाचन-पूर्व सर्वेक्षणों की बाढ़-सी आई हुई है। इनमें तमाम कंपनियां ऐसी हैं, जो धन लेकर सर्वे करती हैं, नतीजतन परिणाम सटीक नहीं निकलते हैं। वैसे भी किसी भी प्रदेश के करोड़ों मतदाताओं की मंशा का आकलन महज कुछ हजार मतदाताओं की राय लेकर सटीक नहीं किया जा सकता। कभी-कभी ये अटकलें संयोगवश ठीक बैठ जाती हैं। इसलिए चुनाव सर्वेक्षणों के प्रसारण व प्रकाशन पर रोक लगाई जाने की मांग भी उठ रही है। ओपिनियन पोल मतदाता को गुमराह कर निष्पक्ष चुनाव में बाधा बन रहे हैं। वैसे भी ये सर्वेक्षण वैज्ञानिक नहीं हैं, क्योंकि इनमें पारदर्शिता की कमी है और ये किसी नियम से बंधे नहीं हैं। साथ ही ये सर्वे, कंपनियों को धन देकर कराए जा सकते हैं। बावजूद इन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने ढोया जा रहा है। जबकि ये पेड न्यूज की तर्ज पर ‘पेड ओपोनियन पोल‘ में बदल गए हैं। इसीलिए इनके परिणाम भरोसे के तकाजे पर खरे नहीं उतरते। सर्वे कराने वाली एजेंसियां भी स्वायत्त होने के साथ जवाबदेही के बंधन से मुक्त हैं। इसलिए इन पर भरोसा किस आधार पर किया जाए ? दरअसल चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर 2013 को सभी राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखकर, चुनाव सर्वेक्षणों पर राय मांगी थी। दलों ने जो जवाब दिए उससे मत भिन्नता पेश आई। वैसे भी बहुदलीय लोकतंत्र में एकमत की उम्मीद बेमानी है। जाहिर है, कांग्रेस ने सर्वेक्षण को निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला बताया था। बसपा ने भी असहमति जताई थी। माकपा की राय थी कि निर्वाचन अधिसूचना जारी होने के बाद सर्वेक्षणों के प्रसारण और प्रकाशन पर प्रतिबंध जरूरी है। तृणमूल कांग्रेस ने आयोग के फैसले का सम्मान करने की बात कही थी। जबकि भाजपा ने इन सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगाना संविधान के विरुद्ध माना था। उसने तथ्य दिया था कि सर्वेक्षणों में दर्ज मतदाता या व्यक्ति की राय वाक्, भाषण या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार क्षेत्र का ही मामला है। दलों के अलग-अलग रुझान, भ्रम और गुमराह की मनःस्थिति पैदा करने वाले थे, इसलिए आयोग भी हाथ पर हाथ धरे बैठा रह गया। जो राजनीतिक दलों और सर्वेक्षण कंपनियों के पैरोकार इन सर्वेक्षणों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने जारी रखने की बात कह रहे हैं, उन्हें सोचने की जरूरत है कि संविधान में दर्ज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी के मौलिक अधिकारों के प्रावधानों का दुरुपयोग भी हुआ है। हर एक चुनाव में पेेड न्यूज के जरिए दलों और उम्मीदवारों का मीडिया ने कितना आर्थिक दोहन किया, यह सक्रिय राजनीति और पत्रकारिता से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है। जाहिर है, पेड न्यूज के सिलसिले में तो मीडिया पहले ही अपना विश्वास खो चुका है और अब पेड ओपीनियन पोल खालिस मुनाफाखोरी की दिशा में आगे बढ़ रहा है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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योगेश कुमार गोयल अपनी गेंदबाजी से दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों को चकमा देने में माहिर रहे सर्वकालिक महान स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न के आकस्मिक निधन की खबर से समूचा क्रिकेट जगत स्तब्ध है। थाइलैंड के कोह सामुई में वक्त बिता रहे ‘फिरकी के जादूगर’ शेन वॉर्न का 52 वर्ष की उम्र में 4 मार्च 2022 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 4 मार्च की सुबह ही ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज विकेटकीपर रॉड मार्श का भी निधन हो गया था। इस प्रकार ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए एक ही दिन में दो दिग्गजों को खोना बड़ा सदमा है। स्पिन गेंदबाजी में क्रांति लाने वाले और अपनी गेंदबाजी से दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीतने वाले वॉर्न ने निधन से कुछ घंटे पहले ही रॉड मार्श के निधन पर शोक जताते हुए लिखा था कि वह हमारे शानदार खेल के लीजैंड और कई युवा खिलाड़ियों के प्रेरणास्रोत थे। 13 सितम्बर 1969 को विक्टोरिया में जन्मे वॉर्न ने अपने कैरियर में स्पिन गेंदबाजी से कई कारनामे किए। वॉर्न दुनिया के ऐसे इकलौते गेंदबाज थे, जिन्होंने ऐसी-ऐसी गेंदों का आविष्कार किया, जिन्हें सिर्फ वे ही डाल सकते थे। फ्लिपर उनकी सबसे घातक गेंद थी। लेगब्रेक होती गेंद के बीच जब वे विकेट पर तेज गति से फ्लिपर फेंकते तो बल्लेबाज प्रायः एलबीडब्ल्यू या बोल्ड हो जाता था। उनकी लेगब्रेक, फ्लिपर तथा गुगली को दुनियाभर के बल्लेबाज समझने में विफल रहते थे। वॉर्न ने 1993 से 2005 तक कुल 194 वनडे अंतरराष्ट्रीय और 1992 से 2007 तक 145 टेस्ट मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 25.41 की गेंदबाजी औसत से 708 तथा वनडे फॉर्मेट में 293 विकेट चटकाए। टेस्ट क्रिकेट में 708 विकेट के साथ वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में 800 विकेट लेने वाले श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद दूसरे नंबर पर रहे। वॉर्न टेस्ट तथा वनडे मैचों को मिलाकर 1000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले भी मुरलीधरन के बाद दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे। क्रिकेट आस्ट्रेलिया तथा श्रीलंका क्रिकेट ने 2007 में क्रिकेट के दोनों दिग्गजों के सम्मान में दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज का नाम ‘वॉर्न-मुरलीधरन ट्रॉफी’ रखा था। टेस्ट में वॉर्न ने कुल 12 अर्धशतक लगाए और इस फॉर्मेट में बिना एक भी शतक लगाए सबसे ज्यादा कुल 3154 टेस्ट रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 99 रनों का है। वनडे में उन्होंने 1 अर्धशतक के साथ कुल 1018 रन बनाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 1319 विकेट दर्ज हैं। टेस्ट क्रिकेट में भारत के खिलाफ शेन वॉर्न ने 1992 में सिडनी टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, जिसमें उन्होंने पहला विकेट रवि शास्त्री का लिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स को पहले ही सत्र में कप्तान और कोच के रूप में खिताब दिलाया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद शेन वॉर्न बिग बैश लीग और आईपीएल से जुड़ गए थे। 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में उनकी कप्तानी में ही राजस्थान रॉयल्स ने खिताब जीता था। बाद में वह राजस्थान रॉयल्स टीम के कोच बने और कुछ समय तक क्रिकेट में कमेंट्री भी की। बेहतरीन कमेंटेटर के रूप में भी उन्हें सफलता मिली। क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में उन्होंने अपना आखिरी मैच वॉरियर्स की कप्तानी करते हुए 2015 में अमेरिका में भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की एसआरटी ब्लास्टर्स की टीम के खिलाफ खेला था। शेन वॉर्न के बारे में कहा जाता है कि गेंदबाजी की कला लेग ब्रेक को उन्होंने ही पुनर्जीवित किया था। बहरहाल, शेन वॉर्न को श्रद्धांजलि उनकी ‘बॉल ऑफ सेंचुरी’ का उल्लेख किए बिना अधूरी रहेगी। 24 वर्ष की आयु में 1993 में ओल्ड ट्रैफर्ड में वॉर्न ने इंग्लैंड के माइक गैटिंग को जिस गेंद पर आउट किया था, उसे ही ‘बॉल ऑफ सेंचुरी’ कहा जाता है। उस लेग ब्रेक पर न सिर्फ गैटिंग बल्कि स्वयं शेन वॉर्न भी आश्चर्यचकित रह गए थे। कई वर्षों बाद वॉर्न ने कहा भी था कि एक लेग स्पिनर के तौर पर आप हमेशा एक बेहतर लेग ब्रेक गेंद डालने के बारे में सोचते हैं और उन्होंने भी उसी तरह की गेंद डालने की कोशिश की थी लेकिन वह बॉल एक अचरज थी जिसकी न तो उन्होंने कल्पना की थी और न इसे दोहरा सकते हैं। दरअसल उन्होंने 1993 की एशेज सीरीज के दौरान 4 जून 1993 को ऐसी बॉल फेंकी थी, जिसने 90 डिग्री पर टर्न लेते हुए बल्लेबाज माइक गैटिंग को चारों खाने चित्त कर दिया था। हालांकि वॉर्न की गेंद लेग स्टंप के काफी बाहर पिच हुई थी और लग रहा था कि गेंद वाइड हो सकती है, इसीलिए गैटिंग ने उसे खेलने का प्रयास नहीं किया। गेंद गैटिंग को चकमा देते हुए जबरदस्त तेजी से घूमी औक उनके ऑफ स्टंप पर जा लगी, जिसे देखकर हर कोई हतप्रभ रह गया था। गेंद करीब 90 डिग्री के कोण से घूमी थी और ‘बॉल ऑफ सेंचुरी’ अर्थात् ‘शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद’ कही गई उस गेंद ने वॉर्न की जिंदगी बदल दी थी। शेर्न वॉर्न न केवल मैदान के भीतर बल्कि बाहर भी बहुत लोकप्रिय थे और भारत में वह काफी लोकप्रिय रहे। उनकी गेंदबाजी को स्पिन का शास्त्रीय संगीत भी कहा जाता था। हालांकि अपने मिजाज के कारण मैदान के बाहर उनका विवादों से भी नाता रहा। उनके कई अफेयर्स रहे, ब्रेकअप हुए और पत्नी से तलाक भी हुआ। उन पर कई बार सट्टेबाजी के आरोप लगे और वह प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने के भी दोषी पाए गए थे, जिसके चलते उन पर प्रतिबंध भी लगा था। दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप से पहले वह प्रतिबंधित डायूरेटिक के सेवन के दोषी पाए गए थे। शेन वॉर्न तथा मार्क वॉ को 1998 में एक सटोरिये को पिच तथा मौसम के हालात की जानकारी देने के एवज में पैसा लेने के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को जुर्माना भी देना पड़ा था। क्रिकेट में कोचिंग के खिलाफ रहे वॉर्न का मानना था कि क्रिकेट में मैनेजर होने चाहिए। शेन वॉर्न के नाम 10 बार एक मैच में 10 विकेट और 38 बार एक पारी में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। वह दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तीन हजार से भी ज्यादा रन बनाए लेकिन कभी शतक नहीं जड़ा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले लेग स्पिनर शेन वॉर्न पहले ऐसे क्रिकेटर थे, जिन्होंने सबसे पहले 600 और 700 टेस्ट विकेट लिए थे। एक वर्ष में सर्वाधिक 96 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी वॉर्न के नाम दर्ज है, इसके अलावा वनडे में लगातार तीन पारियों में चार विकेट लेने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। 15 वर्षों तक क्रिकेट के मैदान पर राज करने वाले शेन वॉर्न का 1999 के क्रिकेट विश्वकप की विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान था। विश्वकप फाइनल में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। अपना आखिरी टेस्ट वॉर्न ने जनवरी 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ सिडनी में खेला था। 1993 से 2003 तक वह पांच बार एशेज सीरीज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे और एशेज सीरीज में उन्होंने सर्वाधिक 195 विकेट चटकाए। ‘क्रिकेट की बाइबल’ कही जाने वाली पत्रिका ‘विज्डन’ द्वारा उन्हें 1992 से 2007 के बीच उनकी अतुलनीय उपलब्धियों के लिए 20वीं सदी के पांच क्रिकेटर्स में चुना गया था तथा 2013 में उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया था। बहरहाल, शेन वॉर्न का निधन क्रिकेट जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन की एकबार फिर मिसाल कायम की है। यूक्रेन संकट के दृष्टिगत उसके ऑपरेशन गंगा की दुनिया में सराहना हो रही है। इसके जरिये यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की गई है। वैसे नरेन्द्र मोदी के प्रत्येक कदम विपक्ष के निशाने पर रहते हैं। कई बार तो बिना किसी तर्कसंगत आधार पर उनका विरोध किया जाता है। सरकार के बेहतर कार्यों का समर्थन करने की उम्मीद वर्तमान विपक्ष से नहीं की जा सकती। भारतीय राजनीति में पहले ऐसे प्रकरण दिखाई देते थे। अब इनकी कल्पना भी मुश्किल है। बेशक सराहना ना हो, लेकिन कतिपय प्रसंगों पर चुप तो रहा जा सकता है। सरकार से संबंधित प्रत्येक विषय पर आंख मूंदकर हमला बोलने से विपक्ष की प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती है। ऐसा करने का उसे कोई राजनीतिक लाभ भी नहीं मिलता है। किंतु नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक ऐसा विपक्ष नहीं मिला। नरेन्द्र मोदी के कार्य ही नहीं प्रत्येक बयान पर भी तत्काल निशाना लगाने वाले बेशुमार नेता हैं। उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख विपक्षी नेता ने मोदी द्वारा चुनाव में यूक्रेन का नाम लेने पर हमला बोला। जबकि यूक्रेन में उत्तर प्रदेश सहित देश के अनेक नागरिक फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सरकार लगातार हर तरह का प्रयास कर रही है। देश के प्रधानमंत्री जब जनसभा में इसका उल्लेख करते हैं, तब ऐसे लोगों को राहत मिलती है, जिनके परिजन वहां हैं। यह अच्छा है कि नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों की भावनाओं को समझते हैं। उन्होंने गरीबों की भावनाओं को भी इसी प्रकार महसूस किया था। इसके चलते आवास, शौचालय, उज्ज्वला, आयुष्मान जैसी अनेक योजनाएं बनाई गई। देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है। वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में तीव्र गति की मिसाल कायम की। कुछ ही वर्षों में प्रगति के कीर्तिमान स्थापित हो गए। पिछली सरकारें बहुत पीछे रह गई। यूक्रेन प्रसंग को भी इसी रूप में देखने की आवश्यकता थी। नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू करने का निर्देश दिया। युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सरकार की प्राथमिकता है। भारतीय वायुसेना के कई परिवहन विमान ऑपरेशन गंगा के अंतर्गत लगाए गए। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अबतक आठ फ्लाइट से डेढ़ हजार से अधिक भारतीयों को रेस्क्यू किया जा चुका है। ऑपरेशन गंगा में यूक्रेन से सटे देशों रोमानिया एवं हंगरी के रास्ते अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया गया। ऑपरेशन के तहत अन्य भारतीय नागरिकों और छात्रों को वापस लाए जाने की अभियान जारी है। भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए अब स्पाइसजेट, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी अन्य निजी एयरलाइंस ने भी अपने विमान भेजे हैं। भारतीय नागरिकों की निकासी के चल रहे प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना का भी इस ऑपरेशन से जुड़ने का निर्देश दिया था। वायुसेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया तेज हुई है। अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भी भारतीय वायुसेना ऑपरेशन देवी शक्ति शुरू किया था। तब दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई थी। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा करने के लिए दो उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की। छात्रों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते भारत लाया जा रहा है। इसके लिए इन देशों की यूक्रेन के साथ सटी सीमाओं पर विशेष भारतीय प्रतिनिधियों की तैनाती की गयी है। भारत सरकार ने अपने चार वरिष्ठ मंत्रियों को यूक्रेन के विभिन्न पड़ोसी देशों में अपने विशेष दूत के रूप में प्रतिनियुक्त किया है ताकि निकासी के प्रयासों में तेजी लाई जा सके। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को यूक्रेन संकट सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की वापसी संबंधी किये जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत कराया। राष्ट्रपति ने सरकार के कदमों को सराहनीय बताया। यूक्रेन के राजदूत ने भारत से यूक्रेन को सहायता पहुंचाने की अपील की थी। भारत दवाओं सहित मानवीय सहायता यूक्रेन को देगा। भारत लगातार दोनों पक्षों से बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की बात कह रहा है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए दो प्रस्तावों में भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया है। चीन और संयुक्त अरब अमीरात का भी यही रूख रहा है। रूस के राष्ट्रपति को फोन कॉल कर भारत ने हिंसा पर तुरंत विराम लगाने की अपील की थी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा था कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए ईमेल आईडी जारी की है। उनसे विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास की एडवाइजरी का पालन करने की अपील की गयी है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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शहनाज हुसैन होली का त्यौहार खुशियां, मस्ती, रोमांच तथा उत्साह लेकर आता है। लेकिन रंगों के इस त्योहार को हम उत्साह से मनाने के साथ ही रंग खेलने से ज्यादा रंग छुड़ाने, त्वचा एवं बालों को हुए नुकसान को लेकर टेंशन में ज्यादा रहते हैं। इसकी वजह है कि "बुरा न मानो होली है" कहकर रंग फेंकने वाले अल्हड़ युवक-युवतियों की टोलियां पिचकारी, गुब्बारों व गुलाल में बाजार में बिकने वाले जिन रंगों का प्रयोग करते हैं उनमें माइका, लेड जैसे हानिकारक रसायनिक मिले होते हैं। इससे बाल तथा त्वचा रूखी एवं बेजान हो जाती है। बालों का झड़ना शुरू हो जाता है तथा त्वचा में जलन एवं खारिश शुरू हो जाती है। बाजार में बिकने वाले रंगों में हर्बल तथा प्राकृतिक उत्पाद नाममात्र ही होते हैं। लेकिन ऐसे में आप घर पर छुपकर कतई न बैठें। अगर आप कॉलोनी के पार्क में खुशनुमा माहौल में दिल खोल कर होली खेलना चाहते हैं तो जमकर रंग खेलने के बाद चुटकियों में रंग छुड़ाने के तरीके भी हैं। होली का त्यौहार ज्यादातर खुले में खेला जाता है जिससे सूर्य की गर्मी से त्वचा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। खुले आसमान में हानिकारक यूवी किरणों के साथ-साथ नमी की कमी की वजह से त्वचा के रंग में कालापन आ जाता है। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव बन जाती है। होली के रंगों से अपनी त्वचा की रक्षा के लिए होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एसपीएफ सनस्क्रीन का लेप कीजिए। यदि आपकी त्वचा पर फोडे़, फुंसियां आदि हैं तो 20 एसपीएफ से ज्यादा दर्जे की सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। ज्यादातर सनस्क्रीन में माइस्चराईजर ही होता है। यदि आपकी त्वचा अत्याधिक शुष्क है तो पहले सनस्क्रीन लगाने के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद ही त्वचा पर माइस्चराईजर का लेप करें। आप अपनी बाजू तथा सभी खुले अंगों पर माईस्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें। होली खेलने से पहले सिर में बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें। इससे बालों को गुलाल के रंगों की वजह से पहुंचने वाले सूखेपन से सुरक्षा मिलेगी तथा सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाव मिलेगा। आजकल बाजार में सनस्क्रीन सहित हेयर क्रीम आसानी से उपलब्ध हो जाती है। थोड़ी हेयर क्रीम लेकर उसे दोनों हथेलियों पर फैलाकर बालों की हल्की-हल्की मालिश करें। इसके लिए आप शुद्ध नारियल तेल की बालों पर मालिश भी कर सकते हैं। इससे भी रसायनिक रंगों से बालों को होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता है। होली के रंगों से नाखूनों को बचाने के लिए नाखूनों पर नेल वार्निश की मालिश करनी चाहिए। होली खेलने के बाद त्वचा तथा बालों पर जमे रंगों को हटाना काफी मुश्किल कार्य है। उसके लिए सबसे पहले चेहरे को बार-बार साफ जल से धोएं तथा इसके बाद क्लीजिंग क्रीम या लोशन का लेप कर लें तथा कुछ समय बाद इसे गीले कॉटन वूल से धो डाले। आंखों के इर्द-गिर्द के हिस्से को हल्के-हल्के साफ करना न भूलें। क्लीजिंग जैल से चेहरे पर जमे रंगों को धुलने तथा हटाने में काफी मदद मिलती है। अपना घरेलू क्लीनजर बनाने के लिए आधा कप ठण्डे दूध में तिल, जैतून, सूर्यमुखी या कोई भी वनस्पति तेल मिला लीजिए। काटन वूल पैड को इस मिश्रण में डुबोकर त्वचा को साफ करने के लिए उपयोग में लाएं। शरीर से रासायनिक रंगों को हटाने में तिल के तेल की मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इससे न केवल रासायनिक रंग हट जाएंगे बल्कि त्वचा को अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलेगी। तिल के तेल की मालिश से सूर्य की किरणों से हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है। नहाते समय शरीर को लूफ या वाश कपड़े की मदद से स्क्रब कीजिए तथा नहाने के तत्काल बाद शरीर तथा चेहरे पर माइस्चराईजर का उपयोग कीजिए। इससे शरीर में नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी। यदि त्वचा में खुजली है तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर त्वचा पर उसका उपयोग करें। इससे खुजली खत्म हो जाऐगी। इसके बाद भी त्वचा में खुजली जारी रहती है तथा त्वचा पर लाल चकत्ते तथा दाने उभर आते हैं तो आपकी त्वचा को रंगों से एलर्जी हो गई तथा इसके लिए आपको डॉक्टर से आवश्यक सलाह जरूर कर लेनी चाहिए। बालों को साफ करने के लिए बालों में फंसे सूखे रंगों तथा माईका को हटाने के लिए बालों को बार-बार सादा ताजा पानी से धोते रहिए। इसके बाद बालों को हल्के हर्बल शैम्पू से धोएं तथा उंगलियों की मदद से शैम्पू को पूरे सिर पर फैला लें तथा इसे पूरी तरह लगाने के बाद पानी से अच्छी तरह धो डालिए। बालों की अंतिम धुलाई के लिए बियर को अन्तिम हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। बीयर में नींबू का जूस मिलाकर शैम्पू के बाद सिर पर उड़ेल लें। इसे कुछ मिनट बालों पर लगा रहने के बाद साफ पानी से धो डालें। होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में मिलाकर थोड़ी-सी हल्दी में मिलाएं तथा इस मिश्रण को चेहरे, बाजू तथा सभी खुले अंगों पर लगा लें। इसे 20 मिनट लगा रहने दें तथा बाद में साफ ताजा पानी से धो डालें। इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा तथा त्वचा मुलायम हो जाएगी। होली के अगले कुछ दिनों अपनी त्वचा तथा बालों के पोषाहार तत्वों की पूर्ति करें। एक चम्मच नारियल तेल में एक चम्मच अरण्डी का तेल मिलाकर इसे गर्म करके अपने बालों पर लगा लीजिए। एक तौलिए को गर्म पानी में भीगो कर पानी को निचोड़ दीजिए तथा तौलिए को सिर पर लपेट लीजिए तथा इसे 5 मिनट तक पगड़ी की तरह सिर पर बंधा रहने दीजिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराइए इसे खोपड़ी पर तेल को जमने में मदद मिलती है। एक घंटा बाद बालों को साफ ताजा पानी से धो डालिए। (लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ हैं।)
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डॉ. सौरभ मालवीय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को भी अपने लिए संजीवनी मान रही है। योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का जितना विकास हुआ है, उतना विकास न तो मायावती के शासनकाल में हुआ और न अखिलेश यादव के शासनकाल में ही हुआ। कोरोना महामारी के दौरान जब प्राय: सभी राज्यों ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूर्ण तालाबंदी लगाकर सामान्य गतिविधियों को ठप कर दिया, जिससे साधारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जबकि उत्तर प्रदेश ने कोरोना कर्फ्यू की नीति को लागू किया। उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता के कारण जीवन और जीविका दोनों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखा गया। सरकार द्वारा लागू इस अभिनव व्यवस्था में चिकित्सा जैसी अति आवश्यक गतिविधियों के साथ-साथ किराना की दुकानों, दुग्ध डेयरियों, फल-सब्जी, औद्योगिक इकाइयों, शीतगृहों, कृषि कार्य, निर्माण कार्य, खाद-बीज की दुकानों, खेतीबाड़ी से जुड़े कार्य, गेहूं-धान व अन्य कृषि उत्पादों के क्रय केंद्रों आदि का संचालन जारी रखा गया। कोरोना कर्फ्यू के बीच गेहूं खरीद में तो रिकॉर्ड भी बना। लोगों के आवश्यक आवागमन पर भी कोई रोक नहीं थी। विशेष परिस्थितियों के लिए ई-पास की सुविधा दी गई। राज्य के भीतर राज्य परिवहन निगम की बसें भी संचालित होती रहीं, ताकि नागरिकों को आवश्यकता पर आवागमन में समस्या न हो। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश का रिकवरी दर देश में सबसे अच्छा है। यह प्रदेश सबसे कम पॉजिटिविटी दर वाले राज्यों में सम्मिलित है। नि:संदेह उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी है। राज्य में सभी चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आयुष चिकित्सा प्रणाली पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले वर्ष गोरखपुर के भटहट ब्लॉक के पिपरी तलकुलहा में आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। इस विश्वविद्यालय का नामकरण महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय रखा गया है। यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय होगा। इस विश्वविद्यालय परिसर में आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा का एक उत्कृष्ट श्रेणी का शोध संस्थान भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें अन्तर्विभागीय चिकित्सा पद्धतियों का पारस्परिक समन्वय करते हुए शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। 52 एकड़ भूमि पर बनने वाले इस आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आयुष विश्वविद्यालय का वास्तुशिल्प भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनोहारी होगा। इसके परिसर में एकेडमिक भवन, प्रशासनिक भवन, आवासीय भवन, छात्रावास, अतिथि गृह के अतिरिक्त ऑडिटोरियम और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक भी बनाया जाएगा। इस विश्वविद्यालय से राज्य में संचालित समस्त आयुष, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग व प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान और महाविद्यालयों एवं शिक्षा संस्थानों को जोड़ा जाएगा। आयुष महाविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया, सत्र-नियमन, परीक्षा-संचालन व परिणाम में एकरूपता स्थापित होगी। इस विश्वविद्यालय में पैरामेडिकल, नर्सिंग, फॉर्मेसी एवं आरोग्यता से जुड़े सभी पाठ्यक्रमों के निर्माण एवं अध्ययन, अध्यापन, शोध की व्यवस्था होगी। इस विश्वविद्यालय द्वारा योग, आयुर्वेद, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, कौशल विकास, उच्चस्तरीय शोध आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त इसके परिसर में आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी की सभी विधाओं से आरोग्यता प्राप्त करने हेतु जांच, परामर्श एवं उपचार तथा अध्ययन, अध्यापन व शोध के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थान स्थापित किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हठयोग, राजयोग या मंत्रयोग समेत योग की जितनी भी विशिष्ट विधाएं हैं, उन सभी अलग-अलग व्यवहारिक स्वरूपों के जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं। आयुर्वेद में 'रस शास्त्र' और धातु सिद्धांत में 'इमरजेंसी मेडिसिन' के जनक भी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी है। पिछले चार वर्षों की समयावधि में राज्य में एक करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों को छह करोड़ 47 लाख लोगों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष का गठन किया गया। राज्य के 47 जनपदों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई। साथ ही 56 जनपद चिकित्सालयों में नि:शुल्क सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। राज्य में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवा संचालित हैं। एसजीपीजीआई लखनऊ में स्टेम सेल रिसर्च सेंटर, बॉन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर, लीवर ट्रांसप्लांट सेंटर एवं 60 बेड का ट्रामा सेंटर क्रियाशील है। रोबोटिक सर्जरी प्रारंभ हो गई है। इमरजेंसी मेडिसिन एवं रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर निर्माणाधीन है। एसजीपीजीआई लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एवं इंडोक्राइनॉलोजी विभाग के नाम से एक नये भवन की स्थापना का निर्णय लिया गया है। राज्य के 45 जनपदों के राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं संस्थानों व चिकित्सा विश्वविद्यालयों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। केजीएमयू में राज्य का प्रथम इंटीग्रेटेड स्पाइन सेंटर एवं मेडिसिन विभाग में आर्थोप्लास्टी यूनिट एवं पीड्रिक विभाग तथा राज्य के प्रथम ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना की गई। केजीएमयू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अंतर्गत बर्न एवं रिकंस रिकंस्ट्रक्टिव यूनिट की स्थापना की गई। केजीएमयू में रोबोट सर्जरी यूनिट की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-2022 के बजट में कोरोना की रोकथाम हेतु टीकाकरण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5395 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के लिए 1300 करोड़ की व्यवस्था की गई। आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के लिए 320 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। डायग्नोस्टिक मूलभूत ढांचा सृजित करने के लिए 1073 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के लिए 425 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए 54 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। राज्य के 12 मंडलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं एवं मंडलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। ब्लॉक स्तर पर लोक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना के लिए 77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रही है। बिजनौर, कुशीनगर, सुलतानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशाम्बी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 1950 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। राज्य के 16 असेवित जनपदों में पीपीसी मोड में मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए 48 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए 23 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मिर्जापुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में जुलाई 2021 से शिक्षण सत्र प्रारंभ किए जाने के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। अमेठी एवं बलरामपुर में नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इंफेक्शस डिजिजेज के अंतर्गत बायोसेफ्टी लेवल-4 लैब की स्थापना का लक्ष्य रखा गया। एसजीपीजीआई लखनऊ में उन्नत मधुमेह केंद्र की स्थापना कराए जाने का निर्णय लिया गया। राज्य में दो राजकीय औषधि निर्माणशालाओं लखनऊ एवं पीलीभीत सुदृढ़ीकरण एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि किए जाने का लक्ष्य रखा गया। कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश जब ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा था, तब उत्तर प्रदेश ने वह कदम उठाया जिसकी सर्वत्र सराहना हुई। ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ-साथ वितरण व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया। इस पर स्वयं नीति आयोग ने मुहर भी लगाई है। उत्तर प्रदेश में 'ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सिस्टम फार उत्तर प्रदेश' का शुभारंभ हुआ। परिणामस्वरूप मात्र 10 दिनों से प्रतिदिन एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की रिकॉर्ड आपूर्ति संभव हो सकी, जबकि कुछ दिनों पूर्व तक यह आपूर्ति मात्र 250 मीट्रिक टन थी। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य था। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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डॉ. प्रभात ओझा रूस- यूक्रेन युद्ध की तस्वीर अब साफ है। रूस को लगता है कि उसने यूक्रेन को उसकी मर्जी करने लायक रखा तो वह नाटो खेमे का हिस्सा हो जाएगा। इससे रूस की सीमाओं तक नाटो देश आसानी से पहुंच जाया करेंगे। अमेरिकी अड्डे पहले से ही उसके लिए चिंता के कारण हैं। इस बीच तमाम उतार-चढ़ाव के बीच यूक्रेन का नाटो में होना भी तय हो चुका है। यह अलग बात है कि वह अपने बचे हुए कितने भू-भाग के साथ वहां होगा। ऐसा कहते समय लग सकता है कि अभी से रूस की जीत और यूक्रेन की बदहाली का जिक्र हो रहा है। इसे स्पष्ट करने के लिए बताना होगा कि रूस अपने प्रतिद्वंद्वी यूक्रेन के हिस्सों, दोनेत्स्क और लुहांस्क को न सिर्फ आजाद करा चुका है, इन दोनों हिस्सों को सीरिया और निकारगुआ ने स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता भी दे दी है। यूक्रेन के इन दोनों पुराने हिस्सों में रूसी मूल के लोग बहुतायत में हैं। ठीक उसी तरह, जिस तरह पाकिस्तान के पुराने हिस्से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बंगाली समुदाय के लोग हैं। सवाल बना रहेगा कि आज युद्ध बंद हो जाए तो दोनेत्स्क और लुहांस्क पूर्ववत रूस का हिस्सा बन जाएंगे। यह मुमकिन नहीं लगता। बांग्लादेश की तरह वे भी देश बन ही जाएंगे और रूस के बहुत अनुकूल नहीं, तो यूक्रेन के लिए मुश्किल के सबब बनते रहेंगे। भविष्य में रूसी राष्ट्रपति अपने लोगों को राष्ट्र का हवाला देकर शायद अनुकूल भी कर लें। रूस इस युद्ध में विजेता ही है, यह कहना भी आसान नहीं है। दोनेत्स्क और लुहांस्क की कीमत पर उसे बहुत कुछ गंवाना भी पड़ा है। अमेरिका सहित कई देशों में उसके बैंक के ऊपर प्रतिबंध है। देश के तौर पर रूस और स्वयं रूसी राष्ट्रपति के खाते सीज कर दिए गए हैं। अब तो अमेरिका ने अपने हवाई क्षेत्र से रूसी जहाजों के गुजरने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यह भविष्य में रूसी व्यापार और राजनय, दोनों के लिए कष्टदायक होने वाला है। यानी सीमाओं की सुरक्षा को कुछ हद तक मजबूत करने के साथ रूस आर्थिक तौर पर भारी नुकसान की स्थिति में है। इस युद्ध का एक और सच है, जो रूस के लिए कटु बनता जा रहा है। अमेरिकी प्रस्ताव पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने देश से बाहर सुरक्षित निकल आने की जगह लड़ने का फैसला किया। जेलेंस्की ने अमेरिका के बहाने युद्ध विरोधी सभी शक्तियों से कहा कि यूक्रेन हमारा देश है, मैं अपने देश में हूं। दूसरी ओर रूस हमलावर है और इस युद्ध में किसी को यूक्रेन की मदद करनी ही है, तो हमें हथियार दे। यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस रणनीतिक बयान ने यूक्रेनी जनता में अजीब जोश भर दिया। वे सड़कों-गलियों में आकर सशस्त्र रूसी सेना का प्रतिरोध करने लगे हैं। दूसरी ओर राष्ट्रपति ने शुभचिंतकों से जिसकी उम्मीद की, वह हथियार भी कम बड़ा मुद्दा नहीं है। यूक्रेन को मिलने वाले हथियार और आर्थिक मदद की ताजा अमेरिकी मदद किन शर्तों पर है, यह भी देखना होगा। हथियार बेचने का अमेरिकी इतिहास स्थापित सत्य है। अमेरिका ही नहीं, युद्ध में लगे दोनों देशों के अतिरिक्त कोई अन्य देश अपना कुछ भी गंवाने वाला नहीं है। डर यह है कि यूक्रेन भी अफगानिस्तान की तरह नया संघर्ष क्षेत्र न बन जाए। यूक्रेन समर्पण के मूड में नहीं है। इधर एक अनुमान के मुताबिक, इस युद्ध में रूस के हर दिन 20 अरब डॉलर खर्च हो रहे हैं। रूस के अंदर भी भले युद्ध विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं, पर रूसी सेना का जल्द वहां लौटना आसान नहीं लगता। वियतनाम और इराक के बाद अफगानिस्तान ताजा उदाहरण है। यानी युद्ध के अभी चलते रहने की आशंका है, रूप क्या होगा, यह अलग बात है। इसी के साथ दुनिया में कई देशों के आपसी संबंध पर भी असर होने वाला है।
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डॉ. दिलीप अग्निहोत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश दशकों से उपेक्षित था। इस कारण यह क्षेत्र विकास की दृष्टि से पिछड़ गया। अनेक समस्याओं के कारण यहां का जनजीवन प्रभावित रहा। अनेक समस्याएं तो चार दशकों से लंबित थीं। पहले विकास कार्यों की कृपा कुछ विशेष जनपदों व क्षेत्रों तक सीमित हुआ करती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने इस प्रचलित मान्यता को बदल दिया। विगत पांच वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में विकास के व्यापक कार्य हुए। यहां के लोग अनेक योजनाओं से लाभान्वित हुए। गोरखपुर में अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ। इनका लाभ पूरे पूर्वांचल को मिलेगा। यहां के लोगों ने तीन दशक से बन्द खाद कारखाने व एम्स के निर्माण की उम्मीद छोड़ दी थी। योगी सरकार ने इस अधूरे सपने को साकार किया। वर्तमान सरकार ने सभी अवैध बूचड़खाने बंद कर दिये। तय किया गया कि गौ माता को कटने नहीं देंगे। साथ ही अन्नदाता किसान की फसल भी बर्बाद नहीं होने देंगे। यह चुनाव विकास और शासन की कल्याणकारी योजनाओं पर हो रहा है। हर गरीब को मकान, शौचालय, वृद्धजन, दिव्यागजन को पेंशन और उपचार की सभी सुविधा मिल रही है। पिछली सरकार ने तो वृद्धजन तक की पेंशन बन्द कर दी थी। योगी सरकार ने वृद्ध,दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन को बढ़ा कर लागू किया।एक करोड़ ऐसे लोगों को वर्ष में बारह हजार रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। इस राशि को बढ़ाकर अठारह हजार रुपये वार्षिक किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज पर्व और त्योहार शांति से मनाये जा रहे हैं। कोरोना कालखंड के दैरान माह में दो बार राशन के साथ दाल,तेल और नमक भी दिया जा है। बेटी के विवाह के लिए दी जाने वाली 51 हजार रुपये की कन्यादान राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। मेधावी बेटी को मुफ्त में स्कूटी और बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की शिक्षा के लिए दी जा रही 12 हजार की रकम को बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ सुशासन के लिए विकास व बुलडोजर दोनों का महत्व प्रमाणित कर रहे हैं। बुलडोजर से माफिया की अवैध कमाई सरकारी खजाने में वापस आती है। इससे गरीब कल्याण के कार्य होते हैं। योगी अपनी जन सभाओं में संबंधित क्षेत्र के विकास का उल्लेख अवश्य करते हैं। उनके पास प्रत्येक क्षेत्र के सम्बन्ध में बताने के लिए बहुत कुछ होता है। पहले मुख्यमंत्रियों का भाषण इस प्रकार का नहीं होता था। योगी ने कहा कि सरकार सहजनवां में श्रमिकों और अनाथ बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय खोल रही है। दो- दो फोर लेन से यह क्षेत्र जुड़ रहा है। इसके बाद यहां से वाराणसी की दूरी दो घंटे में पूरी की जा सकेगी। बलरामपुर में 40 वर्षों से लंबित परियोजना चार साल में पूरी की गई। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना इसका प्रमाण है। आज यहां सड़क, बिजली, स्कूल,कॉलेज, पॉलिटेक्निक जैसी परियोजनाओं के साथ मेडिकल कॉलेज भी बन रहा है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के पूर्ण होने से बलरामपुर के खेत और उपजाऊ हो गए हैं। यहां की जमीन की कीमत बढ़ने लगी है। गोंडा से तुलसीपुर आने में तीन घण्टे लग जाते थे लेकिन अच्छी सड़कें बन जाने से अब महज 45 मिनट लगते हैं। एक करोड़ नौजवानों को मुफ्त में स्मार्टफोन व टैबलेट प्रदान की गई। सपा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की तो सरकार ने यह तय किया है कि चुनाव बाद फिर से भाजपा सरकार बनने पर आने वाले समय में यह संख्या बढ़ाकर दो करोड़ करेंगे। इसके साथ ही डिजिटल एसेस मुफ्त देंगे ताकि पढ़ाई के लिए नौजवानों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ ना पड़े। प्रदेश के एक करोड़ सड़सठ लाख गरीबों के घरों में मुफ्त में गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम किया गया है। दो करोड़,61 लाख घरों में शौचालय बनाये गए। एक करोड़,41 लाख घरों में आजादी के 70 साल के बाद भी अंधेरा रहता था। अब 24 बिजली रहती है। उत्तर प्रदेश में ढाई करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छह हजार रुपये दिया जा रहे हैं। गोरखपुर में एम्स, कुशीनगर,देवरिया, सिद्धार्थनगर,बलरामपुर गोण्डा,बस्ती,बहराइच, आजमगढ़,गाजीपुर, प्रतापगढ़,सुल्तानपुर आदि पूर्वांचल के जनपदों में मेडिकल काॅलेज की स्थापना करायी जा रही है। यह संस्थान प्रदेश की जनता को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराने के लिए स्थापित कराए जा रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के साथ ही उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य बन गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस वे का कार्य प्रगति पर है। सबसे बड़ी गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना अगले करीब दो वर्ष में पूरी होगी।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण गोरखपुर आजमगढ़ के बीच तेजी से चल रहा है। निश्चित ही विधानसभा चुनाव में विकास बड़ा मुद्दा है।(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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डॉ. रमेश ठाकुर चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आता, दोस्ती करके पीठ में छुरा घोंपना उसका चरित्र रहा है। आज तक जिस मुल्क से भी उसने दोस्ती की, धोखा ही दिया। कहावत है कि ‘देर आए, दुरूस्त आए’, ये बात पड़ोसी देश नेपाल पर मौजूदा वक्त में सटीक बैठती है। चीन नेपाल पर क्यों डोरे डालता था, ये बात नेपाल बहुत कुछ खोकर समझ पाया, लेकिन अच्छी बात ये है समय रहते समझ गया। बीते काफी समय से नेपाल में चीन की जारी अंदरूनी खुराफात की तस्वीरें धीरे-धीरे बाहर आ गई हैं। कई जगहों पर चीन अवैध अतिक्रमण करते रंगे हाथों पकड़ा गया है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में कई जगह पर अतिक्रमण बड़े गुपचुप तरीके से कर रहा था। बता दें कि दोनों देशों के बीच सरहद की सीमाएं तो जुड़ती ही हैं, हिमालय पर्वत का क़रीब 1400 किमी क्षेत्रफल भी दोनों देश आपस में साझा करते हैं। चीन सीमा से सटे नेपाल के कुछ जिले दोलखा, धारचुला, हुम्ला, सिंधु पाल, गोरखा, जलचौक, संखुवासभा और रसुवा में चीन ने अवैध अतिक्रमण किया है। कई मंजिला भवन भी बना रखे हैं, सेनाओं के रहने के लिए अस्थायी घरों को भी बनाया हुआ है। चीन की इन हरकतों की खबरें बीते सितंबर में सबसे पहले बाहर आईं। इसको लेकर नेपाल की विपक्षी पार्टियों ने शोर मचाना शुरू किया, सरकार पर दबाव डाला। नेपाल में जब विरोध तेज हुआ, तब सरकार ने चीन से पूरी हकीकत पूछी तो वह मुकर गया। उनके उच्चायुक्त को भी पूछा तो वह भी कुछ नहीं बोले। लेकिन भारत इस बात से वाकिफ था कि एक न एक दिन चीन नेपाल में ऐसी हरकत करेगा। भारत नेपाल को ज्ञान न दे इसे लेकर चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों में पहले ही खटास पैदा करवा दी। हालांकि भारत ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया और उसकी सहानुभूति हमेशा से नेपाल के प्रति रही। चीन के अवैध अतिक्रमण को लेकर नेपाल सरकार ने पहली बार आधिकारिक रूप से माना है कि चीन उसके इलाक़ों में अवैध अतिक्रमण कर रहा है। भारत काफी समय से आगाह करता आया है, लेकिन नेपाल मानने को राजी नहीं था। चीन नेपाल के जरिए भारत में भी घुसपैठ की फिराक में था, जिसे हमारी सेना ने पहले ही खदेड़ दिया था। बहरहाल, नेपाल के कई पहाड़ी ज़िलों पर चीन क़ब्ज़ा कर चुका। नेपाल में करीब नौ-दस बड़ी सैन्य इमारतें बना चुका है। कब्जे की सूचनाएं बाहर आने के बाद से ही राजधानी काठमांडू में चीन के दूतावास पर बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति के पुतले फूंके जा रहे हैं, उनसे हर तरह के व्यापारिक संबंधों को खत्म करने का दबाव भी अपनी सरकार पर बना रहे हैं। बीते महीने नेपाल सरकार ने चीन की बनाई इमारतों का सर्वे करवाया था जिसके बाद भेद खुला। इसके अलावा दोलखा, गोरखा, धारचुला, हुमला व संखुवासभा जिलों में भी चीन की नापाक हरकतें पकड़ी गई हैं। वहां भी कई जगहों पर अतिक्रमण होता दिखा है। गौरतलब है कि चीन-नेपाल के बीच मौजूदा सीमा विवाद की प्रकृति को समझने के लिए हमें दोनों देशों के बीच हुए सीमा समझौते के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को भी समझना होगा। कुछ समझौते ऐसे हैं जिनमें चीन ने चालाकी दिखाई थी, नेपाल को धोखे में रखा। वे समझौते आज के नहीं, बल्कि सदियों पुराने हैं जिनका मौजूदा समय में कोई लेना-देना नहीं। चीन उन्हीं पुराने समझौतों की दलीलें देने में लगा। नेपाल-तिब्बत ने पांच सितंबर 1775 को सीमा पर संबंधों को मज़बूत करने के लिए व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिनमें जिक्र था कि दोनों देशों के बीच सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा। चीन की मंशा नेपाल के अधिकांश पहाड़ी क्षेत्र को हड़पने की है, पर शायद ही कोई आम नेपाली ऐसा होने दे। चीन को डर सिर्फ भारत से है, उसे लगता है कि कहीं भारत नेपाल के पक्ष में न खड़ा हो जाए। खैर, नेपाल स्वयं भी सशक्त है किसी भी समस्या से निपटने के लिए। उसकी सेना भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दे सकती है। पर, इस विवाद के बाद एक लकीर ऐसी खिंच गई है जिससे दोनों देशों में खटास पैदा होना निश्चित है। भारत ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है क्योंकि नेपाल अपने किए की ही सजा भुगत रहा है। नेपाल अब एक बात और ठीक से समझ गया कि वह भारत के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा था। अवैध अतिक्रमण की खबरों के बाद नेपालियों ने भी चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार शुरू कर दिया। नेपाल में चीन के खिलाफ भड़की चिंगारी जल्द बुझने वाली नहीं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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दीपक कुमार त्यागी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया पर हर पल तीसरे विश्वयुद्ध के बादल मंडराने लगे हैं। इस विवाद को लेकर दो धड़ों में विभाजित दुनिया एकबार फिर अचानक बड़े युद्ध के मुहाने पर खड़ी हो गयी है। दुनिया में आज हालात ऐसे बन गये हैं कि ताकतवर देशों के हुक्मरानों ने अगर युद्ध के लिए उकसाने और युद्ध को बढ़ावा देने वाला रवैया तत्काल नहीं त्यागा तो स्थिति भयावह हो सकती है। आज समय की मांग है कि दुनिया में अपनी चौधराहट चलाने वाले चंद ताकतवर देश रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द रोकने के लिए बातचीत के माध्यम से तत्काल प्रभावी सकारात्मक कदम उठाएं। क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध लंबे समय तक चलने की स्थिति में युद्ध का दायरा रूस-यूक्रेन के साथ अन्य देशों की भागीदारी के चलते बढ़ने की प्रबल आशंका है। इसलिए इस ज्वलंत मसले से जुड़े सभी पक्षों को समय रहते यह समझना होगा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं बल्कि आपसी बातचीत से ही समाधान संभव है। रूस-यूक्रेन विवाद का निष्पक्ष आकलन करें तो कुछ माह पूर्व से लड़ने पर आमादा बैठे रूस-यूक्रेन के बीच हालात को बिगाड़ने में बहुत सारे देशों की नकारात्मक भूमिका रही है। जिस तरह रूस-यूक्रेन के हुक्मरानों की जिद ने एक-दूसरे के ऊपर युद्ध थोपा है, उसे दुनिया के चौधरी बनने वाले पश्चिमी देशों, नाटो व अमेरिका ने भड़का कर युद्ध में तब्दील करने का कार्य किया है। आज की परिस्थितियों में दुनिया के शांतिप्रिय देशों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए यह चंद देश अब भी धरातल पर सकारात्मक पहल नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसके विपरीत यह देश अब भी हथियार देने की बात करके युद्ध को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। हालांकि इस तरह के हालात से स्पष्ट है कि चंद देशों के हुक्मरानों का लक्ष्य युद्ध भड़का कर हथियारों के व्यापार से अपनी तिजोरी भरने का ही रहता है। देखा जाये तो इन देशों के बड़बोले हुक्मरानों की हर तरह की मदद करने के आश्वासन के झांसे में रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है। अब इन देशों के हुक्मरान युद्ध में झुलसते देश को तमाशबीन की तरह देख रहे हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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महाशिवरात्रि (1 मार्च) पर विशेष योगेश कुमार गोयल देवाधिदेव भगवान शिव के समस्त भारत में जितने मंदिर अथवा तीर्थ स्थान हैं, उतने अन्य किसी देवी-देवता के नहीं। आज भी समूचे देश में उनकी पूजा-उपासना व्यापक स्तर पर होती है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन माना गया है, जो सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है। भारत में धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। यह आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने का सुअवसर है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जलाभिषेक के साथ भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। दाम्पत्य जीवन में प्रेम और सुख-शांति बनाए रखने के लिए भी यह व्रत लाभकारी माना गया है। धर्मग्रंथों में भगवान शिव को ‘कालों का काल’ और ‘देवों का देव’ अर्थात् ‘महादेव’ कहा गया है। एक होते हुए भी शिव के नटराज, पशुपति, हरिहर, त्रिमूर्ति, मृत्युंजय, अर्द्धनारीश्वर, महाकाल, भोलेनाथ, विश्वनाथ, ओंकार, शिवलिंग, बटुक, क्षेत्रपाल, शरभ इत्यादि अनेक रूप हैं। सर्वत्र पूजनीय शिव को समस्त देवों में अग्रणी और पूजनीय इसलिए भी माना गया है क्योंकि वे अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और दूध या जल की धारा, बेलपत्र व भांग की पत्तियों की भेंट से ही अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। वे भारत की भावनात्मक एवं राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के प्रतीक हैं। भारत में शायद ही ऐसा कोई गांव मिले, जहां भगवान शिव का कोई मंदिर अथवा शिवलिंग स्थापित न हो। यदि कहीं शिव मंदिर न भी हो तो वहां किसी वृक्ष के नीचे अथवा किसी चबूतरे पर शिवलिंग स्थापित मिल जाएगा। हालांकि बहुत से लोगों के मस्तिष्क में यह सवाल उमड़ता है कि जिस प्रकार विभिन्न महापुरूषों के जन्मदिन को उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है, उसी प्रकार भगवान शिव के जन्मदिन को उनकी जयंती के बजाय रात्रि के रूप में क्यों मनाया जाता है? इस संबंध में मान्यता है कि रात्रि को पापाचार, अज्ञानता और तमोगुण का प्रतीक माना गया है और कालिमा रूपी इन बुराइयों का नाश करने के लिए हर माह चराचर जगत में एक दिव्य ज्योति का अवतरण होता है, यही रात्रि शिवरात्रि है। शिव और रात्रि का शाब्दिक अर्थ एक धार्मिक पुस्तक में स्पष्ट करते हुए कहा गया है, ‘‘जिसमें सारा जगत शयन करता है, जो विकार रहित है, वह शिव है अथवा जो अमंगल का ह्रास करते हैं, वे ही सुखमय, मंगलमय शिव हैं। जो सारे जगत को अपने अंदर लीन कर लेते हैं, वे ही करूणा सागर भगवान शिव हैं। जो नित्य, सत्य, जगत आधार, विकार रहित, साक्षीस्वरूप हैं, वे ही शिव हैं। महासमुद्र रूपी शिव ही एक अखंड परम तत्व हैं, इन्हीं की अनेक विभूतियां अनेक नामों से पूजी जाती हैं, यही सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान हैं, यही व्यक्त-अव्यक्त रूप से ‘सगुण ईश्वर’ और ‘निर्गुण ब्रह्म’ कहे जाते हैं तथा यही परमात्मा, जगत आत्मा, शम्भव, मयोभव, शंकर, मयस्कर, शिव, रूद्र आदि कई नामों से संबोधित किए जाते हैं।’’ शिव के मस्तक पर अर्द्धचंद्र शोभायमान है, जिसके संबंध में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय समुद्र से विष और अमृत के कलश उत्पन्न हुए थे। इस विष का प्रभाव इतना तीव्र था कि इससे समस्त सृष्टि का विनाश हो सकता था, ऐसे में भगवान शिव ने इस विष का पान कर सृष्टि को नया जीवनदान दिया जबकि अमृत का पान चन्द्रमा ने कर लिया। विषपान करने के कारण भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया, जिससे वे ‘नीलकंठ’ के नाम से जाने गए। विष के भीषण ताप के निवारण के लिए भगवान शिव ने चन्द्रमा की एक कला को अपने मस्तक पर धारण कर लिया। यही भगवान शिव का तीसरा नेत्र है और इसी कारण भगवान शिव ‘चन्द्रशेखर’ भी कहलाए। धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव के बारे में उल्लेख मिलता है कि तीनों लोकों की अपार सुन्दरी और शीलवती गौरी को अर्धांगिनी बनाने वाले शिव प्रेतों और भूत-पिशाचों से घिरे रहते हैं। उनका शरीर भस्म से लिपटा रहता है, गले में सर्पों का हार शोभायमान रहता है, कंठ में विष है, जटाओं में जगत तारिणी गंगा मैया हैं और माथे में प्रलयंकर ज्वाला है। बैल (नंदी) को भगवान शिव का वाहन माना गया है और ऐसी मान्यता है कि स्वयं अमंगल रूप होने पर भी भगवान शिव अपने भक्तों को मंगल, श्री और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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