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11 December 2024दखल क्यों
मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जनवरी 2025 से ही यात्री परिवहन सेवा की शुरुआत हो सकती है। बुधवार को इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने बस सेवा शुरू करने संबंधी प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा है। केबिनेट द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी के बाद जल्द ही सरकारी बसें चालू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। एमपी में 19 साल बाद फिर सरकारी बसें चलने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अफसरों की बैठक ली। समत्व भवन में आयोजित इस बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, परिवहन विभाग के एसीएस एसएनस मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों से प्रदेश में नई यात्री बस सेवा के संचालन में यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने बस संचालन में ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की आवश्यकता और इंटरसिटी मार्गों के महत्व को ध्यान में रखने की हिदायत दी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने टिकट बुकिंग, बस ट्रैकिंग जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के लाभ यात्रियों को सरलता से प्राप्त हों, इसके निर्देश दिए। उन्होंने बस सेवा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए समयसीमा पर जोर दिया। सीएम ने नई परिवहन सेवा जल्द से जल्द शुरु करने को कहा। बता दें कि जून में कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने सरकारी परिवहन सेवा दोबारा शुरू करने को लेकर रिपोर्ट बनाने को कहा था। प्रदेश में सन 2005 में सड़क परिवहन निगम को बंद कर दिया था। इस प्रकार करीब 19 साल बाद राज्य सरकार नए सिरे से यात्री परिवहन सेवा शुरू करने की कवायद कर रही है। शहरी, ग्रामीण परिवहन सेवा के साथ-साथ अंतर शहरी अन्तर्राज्यीय नई यात्री परिवहन सेवा का प्रबंधन राज्यस्तरीय होल्डिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। क्षेत्रीय स्तर पर कंपनियां होंगी और जिलास्तर पर निगरानी के लिए भी परिवहन समितियां बनेंगी। राज्यस्तरीय और संभागस्तरीय कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे। नोटिफाईड रूटस पर निविदा प्रक्रिया से ऑपरेटर चुने जाएंगे। आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल यात्रियों की सुविधा और बेहतर बस सेवा संचालन के लिए आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल किया जाएगा। ई-टिकट, मोबाइल एप, बस ट्रैकिंग, ऑक्युपेंसी देखने और भुगतान की सरलतम सुविधा उपलब्ध होगी।
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11 December 2024एमपी के एक मुस्लिम विधायक दुर्गा मंदिर बनवाएंगे। भोपाल के विधायक आरिफ मसूद माता का मंदिर बनवाकर उसमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार को माता मंदिर में हुई टूट फूट के बाद विधायक ने यह घोषणा की। यहां जो महिला मंदिर के देखरेख का काम करती है उसके बेटे ने पत्नी से झगड़े के दौरान माता की प्रतिमा को तोड़ दिया था। इसके बाद विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे और यहां जयपुर से दुर्गाजी की नई मूर्ति मंगवाकर प्राण प्रतिष्ठा कराने की बात कही। राजधानी भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश करते हुए टूटे दुर्गा मंदिर का पुनर्निर्माण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि माता रानी की टूटी प्रतिमा के स्थान पर नई मूर्ति बुलवाकर बाकायदा प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। माता के मंदिर में पति-पत्नी के झगड़े के दौरान पति ने दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया था। शराब के नशे में धुत्त युवक ने फिर शराब पीने के लिए पत्नी से पैसे मांगे। दोनों में झगड़ा हुए जिसमें युवक ने दुर्गा प्रतिमा तोड़ दी। मामले में आरोपी युवक विजय बाथम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस वारदात के बाद कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे। उन्होंने घटना पर अफसोस जताते हुए मूर्ति को तोड़ने की निंदा की। विधायक आरिफ मसूद ने लोगों से बात की और कहा कि वे फिर से यहां माता रानी की प्राण प्रतिष्ठा करवाएंगे। इसके लिए जयपुर से मूर्ति मंगवाएंगे। भोपाल के वार्ड 45 स्थित दुर्गा मंदिर में शराब के नशे में जमकर लड़ाई के बाद आरोपी विजय बॉथम ने पत्थर से दुर्गा मूर्ति तोड़ दी थी। हबीबगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
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11 December 2024छतरपुर: छतरपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झमटुली में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मृतक युवक की पहचान गयाप्रसाद उर्फ बॉस के रूप में हुई है। वह स्कूल के समीप ही रहता था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, युवक ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह मामला बमीठा थाना क्षेत्र के झमटुली गांव का है।
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11 December 2024अमरपाटन थाने में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखी घटना घटी जब बंदर जनसुनवाई में ही पहुंच गए। आपने बंदरों को लोगों से सामान लेते या छीनते देखा होगा, लेकिन इस बार बंदरों ने थाना प्रभारी की टेबल पर अपना कब्जा जमा लिया। इस मस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी थानों में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। इसी कड़ी में अमरपाटन थाने में भी जनसुनवाई हो रही थी। इस दौरान दो बंदर थाना प्रभारी की टेबल पर आकर बैठ गए और मस्ती करने लगे। थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए केला मंगा कर बंदरों को खिलाया। करीब आधे घंटे तक बंदरों की मस्ती को पुलिसकर्मी और जनसुनवाई में पहुंचे फरियादी देखते रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।
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10 December 2024छतरपुर में लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लिए बुरी खबर है। लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। छतरपुर एसपी अगम जैन ने सख्त रुख अपनाते हुए कलेक्टर को लाइसेंस निरस्त करने के प्रतिवेदन भेजे हैं। दरअसल, छतरपुर में प्रिंसिपल की छात्र द्वारा हत्या के मामले के बाद अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 48 घंटे में 40 अवैध हथियार जब्त किए गए और हथियार रखने वालों पर कार्यवाही की गई। लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों पर भी एसपी अगम जैन सख्त हो गए हैं। अब लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और उनका प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त होंगे। इसके लिए कलेक्टर पार्थ जैसवाल को प्रतिवेदन भेजे गए हैं।
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10 December 2024बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान को लेकर सफाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने जो पहले वीडियो जारी किया था, वह गलत था और उनका ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था. बीती शाम शालिग्राम गर्ग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बागेश्वर बाबा से सभी पारिवारिक संबंध खत्म करने की बात कही थी और इसके बारे में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जानकारी देने का भी उल्लेख किया था. लेकिन अब, शालिग्राम ने एक नया वीडियो जारी कर अपने पहले वीडियो को गलत बताया और कहा कि उनका उद्देश्य बागेश्वर धाम और सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था. सफाई देते हुए कहा कि यह वीडियो उन्होंने अपनी हरकतों से धाम की छवि को खराब होने से बचाने के लिए जारी किया था. अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या हुआ रात भर में, जिससे शालिग्राम को अपने बयान से पलटना पड़ा.
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10 December 2024अमरपाटन के महाविद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ABVP के छात्र-छात्राओं और एक प्रोफेसर के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है। वीडियो में दिखाया गया है कि प्रोफेसर का गुस्सा एक छात्र के मोबाइल पर उतर गया और उन्होंने गुस्से में मोबाइल जमीन पर फेंक दिया। इस घटना की शुरुआत तब हुई जब अमरपाटन कॉलेज के खराब रिजल्ट को लेकर ABVP के छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने अपनी बात रखने के लिए ज्ञापन दिया और इस प्रक्रिया को वीडिओ में कैद कर रहे थे। तभी एक छात्र के हाथ से गुस्साए प्रोफेसर ने मोबाइल छीनकर जमीन पर फेंक दिया। इस घटना के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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10 December 2024हर साल की तरह इस साल भी बच्चों को सर्दी की छुट्टियों का बड़ी बेसब्री से इंतजार है। बता दें कि मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने अपने जारी आदेश में बतया है कि इस बार प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से शुरू होंगे। सर्दियों की ये छुट्टी(School Holiday) 5 दिनों के लिए है लेकिन बच्चों को 6 दिन तक मौज-मस्ती करने का मौका मिलेगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने एमपी के स्कूलों में 31 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी तक ठंडी की छुट्टी(School Holiday) घोषित की है। 31 दिसंबर को मंगलवार है और 4 जनवरी को शनिवार है। 5 जनवरी का दिन रविवार होने के चलते ये छुट्टियां(School Holiday) 5 नहीं बल्कि 6 दिन की हो गई हैं। बच्चों को रविवार का भी फायदा मिलेगा।
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9 December 2024सिंगरौली: साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और हालांकि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता अभियान जारी हैं, फिर भी कुछ पढ़े-लिखे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले के डॉक्टर दंपति से सामने आया, जहां साइबर ठगों ने 4 लाख रुपये ठग लिए। हालांकि पुलिस की तत्परता से दंपत्ति को उनके पैसे वापस मिल गए। घटना विन्ध्यनगर पुलिस थाना क्षेत्र की है, जहां डॉक्टर राजीव चौधरी और उनकी पत्नी डॉक्टर हेमलता चौधरी को एक अनजान व्यक्ति ने कॉल किया। कॉल करने वाले ने खुद को सैनिक स्कूल का कैप्टन सतीश बताकर बताया कि उन्हें सैनिक स्कूल में प्रवेश से पहले 40 छात्रों का मेडिकल परीक्षण करना है। इस पर डील तय हो गई और साइबर ठग ने पेमेंट के लिए I-MOBILE ऐप का उपयोग करने की सलाह दी। जब डॉक्टर ने पेमेंट के लिए ऐप का इस्तेमाल किया, तो ठग ने कहा कि वे वीडियो कॉल पर उनके द्वारा बताए गए तरीके से कार्रवाई करने के लिए कह रहे थे। डॉक्टर ने ठग के कहे अनुसार काम किया और दो बार में उनके खाते से 4 लाख रुपये कट गए। इसके बाद डॉक्टर दंपत्ति को एहसास हुआ कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस मामले की सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायत दर्ज की और 1930 की हेल्पलाइन के माध्यम से डॉक्टर दंपत्ति के 4 लाख रुपये वापस कराए। डॉक्टर दंपत्ति ने सिंगरौली पुलिस की सराहना की और सभी से साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की।
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9 December 2024हल्द्वानी: जंगल के समीप स्थित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के छात्र दिव्यांशु पांडे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दिव्यांशु पांडे हल्दूचौड़ दौलिया निवासी थे। परिजनों ने पुलिस से इस मामले में हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है। परिजनों का कहना है कि दिव्यांशु की हत्या की गई है, और इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की गई। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी ने बताया कि युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी दे दी है और जांच जारी है। यह मामला हल्द्वानी में एक नई चिंता का विषय बन गया है, जहां परिजनों का आरोप है कि दिव्यांशु की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या हो सकती है।
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9 December 2024खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के आयोजक और प्रयास प्रोडक्शन के संस्थापक अभिनेता राजा बुंदेला अब विवादों में हैं। राजा बुंदेला पर 33 लाख रुपए डकारने का आरोप एक व्यापारी ने लगाया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले को लेकर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। अभिनेता राजा बुंदेला के ऊपर खजुराहो थाने में शिकायत दर्ज हुई है। खजुराहो टूर्स एंड ट्रेवल्स कंपनी के मालिक साकेत गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। साकेत गुप्ता के मुताबिक, टिकट और ट्रांसपोर्टेशन का काम कराकर 33 लाख का भुगतान नहीं किया गया है। साकेत गुप्ता का कहना है कि पेमेंट मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने कहा कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो, 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह करेंगे। इस मामले में आयोजक राजा बुंदेला ने इनकार किया है। वहीं एसपी ने कहा कि शिकायत मिली है तो जांच कर रहे हैं। इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की खजुराहो में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। आरोप लगाने वाले व्यापारी का आरोप है कि रुपये मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। व्यापारी ने मंत्री के सामने कहा कि यदि पेमेंट नहीं मिला तो 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह कर लेगा।
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8 December 2024सिंगरौली जिले के पिपरा झाँपी शासकीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्रों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। एक-एक कर 16 बच्चे बीमार हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि कुछ बच्चों ने हाथ-पैर में दर्द होने की शिकायत की, जिसके बाद 16 बच्चों को फौरन इलाज के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में इन बच्चों का इलाज जारी है और डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को कोई मनोवैज्ञानिक परेशानी हो गई है। हालांकि, फिलहाल बच्चे स्वस्थ हैं और कोई खतरा नहीं है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल में कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और विधायक राजेंद्र मेश्राम के साथ अन्य नेता भी पहुंचे। शिक्षकों और अभिभावकों ने डॉक्टरों के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि बच्चों को सही समय पर उचित इलाज मिल सके। स्थानीय प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र बनाए रखने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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8 December 2024देवास जिले के नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर खनिज विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। अवैध उत्खनन और परिवहन करते हुए पांच ट्रैक्टर ट्राली रेत जब्त की गई है। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई के बाद रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करने वाले रेत माफिया में हड़कंप मच गया है। देवास में लंबे समय से नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा था। खनिज विभाग को इसकी खबर मिली, जिसके बाद डीएम देवास ऋषभ गुप्ता और माइनिंग अधिकारी रश्मि पांडे के निर्देशन में कार्रवाई शुरू की गई। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार और खनिज टीम ने छापा मारकर पांच ट्रैक्टरों को जब्त कर नेमावर थाने में खड़ा कर दिया। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई से रेत माफिया में हड़कंप मच गया। कार्रवाई के दौरान रेत माफिया ट्रैक्टर लेकर इधर-उधर भागते नजर आए। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार बरेठा के अनुसार, खनिज विभाग के अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई से अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संदेश जाएगा।
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8 December 2024अमरपाटन की एक ज्वेलरी शॉप पर चोरी का मामला सामने आया है। दुकान पर सामान खरीदने आई महिलाओं ने दिनदहाड़े चोरी की घटना को अंजाम दिया, जो पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मैहर जिले के अमरपाटन स्थित गायत्री ज्वैलरी की दुकान में दो महिलाएं ज्वैलरी की दुकान में पहुँचीं और दुकानदार से पायल दिखाने के लिए कहा। महिलाओं ने शातिर तरीके से चाँदी की 3-4 जोड़ी पायलों को पार कर दिया। जब दुकानदार को शक हुआ, तो उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चेक किया, तब घटना का खुलासा हुआ। पूरे मामले को लेकर पीड़ित थाना अमरपाटन पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर एक महिला को हिरासत में लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
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8 December 2024मध्य प्रदेश के मैहर जिले के अमरपाटन में एक अज्ञात कारण से सब्जी व्यापारी की चलती बाइक में आग लग गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना रामनगर रोड की है, जहां एक सब्जी व्यापारी सुबह अपने घर से मंडी के लिए निकला था। अचानक उसकी बाइक में आग लग गई। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और पानी डालकर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि बाइक पूरी तरह से जलकर राख हो गई। घटना के दौरान किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन बाइक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, और संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर किया है।
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7 December 2024दिल्ली के शाहदरा इलाके से एक बेहद खौफनाक खबर आ रही है। शनिवार सुबह एक बर्तन के कारोबारी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय सुनील जैन सुबह की सैर से लौट रहे थे, तभी फर्श बाजार इलाके में दो बाइक सवार बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। घटनास्थल से पुलिस ने 5-6 खोखे बरामद किए हैं। गंभीर रूप से घायल सुनील जैन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। शुरुआती जांच में परिवार वालों ने किसी तरह की दुश्मनी या धमकी मिलने से इनकार किया है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है
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7 December 2024छतरपुर जिले के धमोरा हायर सेकेंडरी स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। स्कूल के ही एक 12वीं कक्षा के छात्र, सुरेंद्र यादव ने प्रिंसिपल एस के सक्सेना की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना स्कूल के बाथरूम में हुई जब प्रिंसिपल वहां गए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल एस के सक्सेना स्कूल स्टाफ और छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उन्हें एक अच्छे और मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वह पिछले 5 साल से इस स्कूल में पदस्थ थे और उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा अधिकारी आर पी प्रजापति और एसपी अगम जाएं मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल को घेर लिया और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस अभी तक इस हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई है और आरोपी छात्र सुरेंद्र यादव की तलाश में जुटी हुई है। क्या है इस घटना के पीछे का कारण? फिलहाल, इस घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी छात्र ने ऐसा क्यों किया। क्या कोई व्यक्तिगत दुश्मनी थी या फिर कोई और कारण था। शिक्षा जगत में छाया मातम इस घटना ने शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ा दी है। लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर शिक्षकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है
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6 December 2024मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया थाना अंतर्गत एक नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया। घटना के बाद पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस संबंध में दमोह जिले के पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बेगी ने बताया कि गुरुवार की शाम को पीड़िता के पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंग रेप किया गया है। इसका वीडियो भी बनाया गया। जिसके बाद नाबालिक पीड़िता ने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया गया है। पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी से रवि सेन और राकेश कुर्मी उसे स्कूल से पहाड़ी के पास ले गए। जहां पर इन दोनों के अलावा दो अन्य लोगों द्वारा गैंगरेप किया गया। गैंगरेप के दौरान वीडियो भी बनाया गया। इस घटना के बाद वो काफी दुखी थी और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। जिस पर उसके पिता ने जब इस बात की जानकारी ली, तो पीड़िता की मां ने बताया कि उसके साथ ऐसी घटना घटित हो गई है। जब तक इस मामले में वह रिपोर्ट करते तब तक पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पथरिया थाने में दो आरोपियों रवि सेन और राकेश कुर्मी के विरुद्ध पास्को एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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6 December 2024शहर में न्यूड वीडियो बनाकर वायरल करने के नाम पर पैसे की ठगी करने का मामला सामने आया है। उक्त मामले में कोतवाली थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी, जिस पर कोर्ट ने आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रुपये की वसूली करने वाले दो जालसाजों को चार साल की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार बिजेंद्र कुमार यादव (72 वर्ष), निवासी जूनापारा, वार्ड क्रमांक 19 ने तीन जुलाई 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया था कि 21 मई 2023 की रात्रि आठ बजे मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसे उन्होंने परिचित का समझकर उठाया. वीडियो कॉल में एक युवती नग्न अवस्था में दिखी. प्रार्थी ने तुरंत कॉल बंद कर दिया, लेकिन इसके बाद उस युवती ने स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. युवती ने उनसे 50,000 रुपये की मांग की. प्रार्थी ने पैसे नहीं भेजे, परंतु बाद में अलग-अलग मोबाइल नंबरों से धमकी भरे कॉल और संदेश मिलने लगे.इन धमकियों से भयभीत होकर उसने कुल 31,24,514 रुपये विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किए। रिपोर्ट पर थाना बैकुंठपुर में अपराध की धारा 388, 420 भा.द.वि. एवं धारा 66(ग) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया. केस की जांच के दौरान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आरोपियों की पहचान की गई. पुलिस ने आरोपी किशन कुमार (32 वर्ष), निवासी बल्लभगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा और नीरज कुमार (34 वर्ष), निवासी लालकुआं, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को 20 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया.दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोग पत्र के आधार पर न्यायालय ने 30 नवंबर 2024 को आरोपित किशन कुमार और नीरज कुमार को दोषी ठहराया है, जिसमे न्यायालय द्वारा आरोपियों को कारावास एवं अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया है. यह मामला साइबर अपराध और ब्लैकमेलिंग के गंभीर परिणामों को उजागर करता है. एसपी सूरज सिंह परिहार ने आम जनता को धोखाधड़ी से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को देने की अपील की है.
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6 December 202430 नवंबर की देर रात दंपती को रोककर 50 हजार रुपये लूटने और व्यापारी को डंडे से पीटकर हत्या करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। व्यापारी की पत्नी ने ही उसे अपने प्रेमी से मरवा दिया, इसके बाद वारदात को लूट बताने की कोशिश की। पत्नी और अन्य लोगों के बयानों में अंतर से ये पकड़ में आ गए। व्यापारी की पत्नी ने प्रेमी और उसके चार साथियों के संग मिलकर अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मौत के घाट उतार दिया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर ने मामले का खुलासा करने के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया। थाना प्रभारी दिनेशसिंह कुशवाह को अज्ञात आरोपितों का पता कर शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसपी के दिशा निर्देश, एएसपी, एसडीओपी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी के नेतृत्व मे प्रकरण की विवेचना करते हुए घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। व्यापरी की पत्नी के बयान और साक्षीगणों के कथन के आधार पर बताए गए क्रम में काफी विरोधाभास होने से परिस्थिति जन्य साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं मनोवैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर फरियादिया सारिका भी संदेह के घेरे में होने से उससे पुन: सख्ती से पूछताछ की। सारिका ने स्वीकार कर लिया अपराध जिसमें सारिका ने अपराध स्वीकार किया। इस मामले का पर्दाफाश बुधवार दोपहर 12 बजे एसपी कार्यालय में एसपी डावर ने किया। इस दौरान एएसपी अनिल पाटीदार, एसडीओपी दिनेशसिंह चौहान, टीआई दिनेशसिंह कुशवाह सहित पुलिस अमला मौजूद रहा। आठ दिन पहले बनाई थी हत्या की योजना पुलिस पूछताछ में आरोपी सारिका ने बताया कि उसके पति मोहन काग को उसके और नवीन बर्फा के प्रेम संबंध के बारे मे पता चल गया था। इसके बाद नवीन को यह बात बताई और मोहन को रास्ते से हटाने के लिए आठ दिन पहले उसकी हत्या करने के लिए योजना बनाई। फिर 30 नवंबर की रात्रि उसने आशाग्राम रोड बायपास चौराहा के पास जहां अंधेरा रहता है, सारिका अपने पति मोहन के साथ बाइक पर बैठकर गई और फिर नवीन ने उसके साथियों को वहां बुलवाकर सारिका के पति मोहन की हत्या कर घटना को अंजाम दिया। दो आरोपितों की तलाश जारी उक्त प्रकरण में पुलिस ने व्यापारी की पत्नी सारिका सहित उसके प्रेमी आरोपित नवीन पुत्र सुरेश बर्फा निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बड़वानी और कपिल पुत्र देवसिंह डोडवे निवासी गोदडपुरा थाना गंधवानी धार, करण पुत्र प्रभात नर्गेश निवासी ग्राम मलहरा स्कूल पुरा थाना गंधवानी धार को गिरफ्तार किया। वहीं इस मामले में दो और आरोपितों की तलाश जारी है। अवैध संबंध के खुलासे के डर में हत्या की एसपी डावर ने बताया कि उक्त हत्याकांड के पीछे व्यापारी की पत्नी के प्रेमी से अवैध संबंध होना और उक्त अवैध संबंध के खुलासे के डर के चलते पत्नी ने ही अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए यह योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया। साथ ही उक्त घटना को लूट में परिवर्तित करने की कोशिश की। मृतक बायपास पर किराना दुकान संचालित करता था। जहां वो अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता था। उसके पास ही धार जिले के गंधवानी का निवासी ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बेकरी का व्यवसाय शुरू किया था और अपने गांव से मजदूरों को बुलाकर काम पर लगाया था। इस दौरान आरोपित का व्यापारी के परिवार में मेल मिलाप बढ़ता गया। इसके बाद आरोपित और व्यापारी की पत्नी को अवैध संबंध का डर सताने लगा। जिसके बाद दोनों ने मिलकर मजदूरों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम देकर उसे लूट की घटना में परिवर्तित कर प्रदर्शित करने की कोशिश की थी। पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम एसपी ने उक्त मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। साथ ही फरार दो आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की बात कही। उक्त कार्रवाई में शहर टीआई दिनेशसिंह कुशवाह, वैज्ञानिक अधिकारी सुनिल मकवाना, उपनिरीक्षक रविन्द्र चौकले, रविन कन्नौज, राजीवसिंह ओसाल, ललिता चौहान, सहायक उपनिरीक्षक दीपक ठाकुर, निसार एहमद, प्रधान आरक्षक जगजोधसिंह चौहान, संदेश पांचाल, शैलेंद्रसिंह परिहार, भारतसिंह, सतीश पाटीदार आदि का सहयोग रहा।
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6 December 2024गढ़ीमलहरा, दिसंबर 2024— मध्य प्रदेश के गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब बेचने वालों के बीच मारपीट और फायरिंग की घटना सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों पर मामला दर्ज किया है, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है और तीन फरार हैं। घटना के दौरान, शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब विक्रेताओं के बीच खुलेआम फायरिंग और मारपीट हुई। बताया जा रहा है कि घटना से पहले शराब कंपनी के गुंडों ने अवैध शराब बेचने वालों पर हमला किया था, जिसका बदला लेने के लिए यह हमला किया गया। पुलिस ने शराब कंपनी के कर्मचारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया है, लेकिन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए एसपी ने कहा कि जांच अभी चल रही है और जितने भी लोग फरार हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा
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5 December 2024भोपाल, दिसंबर 2024— भोपाल में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल जल्द ही अपने दरवाजे खोलने जा रहा है। यह प्रतिष्ठित शिक्षा ब्रांड पहले से ही भारत के छह राज्यों में अपनी पहचान बना चुका है और अब भोपाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। जयपुरिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्रीवत्स जयपुरिया ने बताया कि सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल का उद्देश्य हमेशा से समग्र शिक्षा प्रदान करना रहा है, जिसमें छात्रों को जीवन जीने के लिए आवश्यक सभी कौशल सिखाए जाते हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने स्कूल में जड़ों को मजबूती से पकड़कर, अंतरराष्ट्रीय मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। आज के युग में यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हम 21वीं सदी के विश्व स्तर पर जिम्मेदार नागरिक बनने वाले व्यक्तियों के साथ काम करते हैं।" जयपुरिया स्कूल नेटवर्क वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 51 शहरों में 60 से अधिक स्कूलों का संचालन करता है। उनके स्कूलों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 99% प्रथम श्रेणी के साथ भारत के शीर्ष 10 स्कूलों में गिना जाता है। भोपाल में इस नए स्कूल का उद्घाटन, शहर के शिक्षा जगत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है। सभी अभिभावकों और छात्रों को इस सम्मानित शिक्षा ब्रांड के हिस्से बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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5 December 2024छतरपुर, दिसंबर 2024— छतरपुर में एक बड़ी चोरी की घटना सामने आई है, जिसमें लगभग 3 करोड़ रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चोरी हो गए हैं। यह घटना नगर के प्रतिष्ठित बीजेपी नेता चंद्रोदय सोनी के प्रतिष्ठान नीलम ज्वेलर्स में हुई है। घटना के दौरान, चोरों ने घर के सदस्यों को बेडरूम में बंद कर दिया और सोने के कीमती आभूषणों को ले गए। इस बड़ी चोरी के बाद, पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया है और एसपी के निर्देश पर चोरी के खुलासे के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। लवकुश नगर थाना पुलिस इस घटना की छानबीन में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, चोरी की यह घटना बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से की गई है, जिसमें चोरों ने दुकान के सुरक्षा उपायों को भी पार कर लिया। पुलिस की टीम इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही चोरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। इस घटना ने नगर के व्यापारियों और आम जनता के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। सभी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।
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5 December 2024मध्य प्रदेश के देवास जिले में जल निगम द्वारा पाइप लाइन डालने के दौरान लापरवाही बरती जा रही है। सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया है और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई है, जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं। कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में जल निगम के द्वारा डाली जा रही पाइप लाइन में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम पंचायत गनोरा के सरपंच नरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि खुदाई में सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं जनपद सदस्य गोलू तिवारी ने बताया कि पाइपलाइन सड़क से 6 फीट दूर खुदाई कर के डालना था, लेकिन ठेकेदार की मनमानी और जल निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से शोल्डर की मिट्टी हटाकर पाइप लाइन डाली जा रही है। जल निगम के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और जल निगम को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनहानि से बचा जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्यों में सावधानी और गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और हादसों से बचा जा सके।
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4 December 2024उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर गूगल मैप की वजह से हादसा हो गया। गूगल मैप की वजह से एक कार नहर में गिर गई। हालांकि, इस हादसे में किसी को ज्यादा चोट नहीं आई। घटना बरेली के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के पीलीभीत रोड पर हुई। बताया जा रहा है कि तीन युवक कानपुर से पीलीभीत जा रहे थे और रास्ता तलाशने के लिए गूगल मैप की मदद ली। लेकिन गूगल मैप के बताए निर्देश पर जा रही कार कलापुर की सूखी पड़ी नहर में पलट गई। एसपी सिटी लाल बहादुर ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया। इस दुर्घटना में कोई भी जन हानि नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों, इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
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4 December 2024मध्य प्रदेश के गढीमलहरा थाना क्षेत्र में एक बड़ा विवाद सामने आया है। यहां अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट और फायरिंग हुई। जब यह घटना हुई, तो पुलिस भी वहां मौजूद थी। घटना निवारी के बस स्टॉप के सामने सागर-कानपुर नेशनल हाईवे पर हुई। बताया जा रहा है कि अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। एक पक्ष निवारी और आसपास के क्षेत्र में दारू बेचने वाला था, जबकि दूसरा पक्ष दारू कंपनी के गुंडे थे। विवाद के दौरान एक पक्ष ने पुलिस और डायल हंड्रेड की मौजूदगी में फायरिंग की और गाड़ी रोककर तोड़फोड़ भी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग चाहते हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और अवैध दारू बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस विवाद ने एक बार फिर से अवैध दारू के कारोबार और उससे जुड़े अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर इस समस्या का समाधान करें और अवैध दारू के कारोबार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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4 December 2024आजकल ठगों के पैंतरों के सामने पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी हार रहे हैं। अधिकांश ठग सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग के अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। वहीं, कई बार ज्यादा मुनाफे के फेर में लोगों की जीवनभर की कमाई लूटी जा रही है। ऐसा ही एक मामला भोपाल के रिटायर्ड कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ के साथ हुआ। शेयर बाजार में निवेश के लिए मुफ्त ट्रेनिंग का झांसा देकर उनसे 1.77 करोड़ रुपए ठग लिए गए। रिटायर्ड कर्नल की जुबानी ठगी की कहानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जीवन में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता, कीमत चुकानी होती है। ठगों ने मुफ्त में शेयर बाजार की ट्रेनिंग देने की बात कही और वह झांसे में आ गए। जीवन के ढलते पड़ाव पर जब ज्यादा आर्थिक मजबूती की जरूरत थी, तब 1.77 करोड़ लुटा बैठे। रिटायरमेंट का पैसा गया, बचत पूंजी चली गई। झटके में सब बिखर गया। वह लोगों को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो। पीड़ित की कहानी, उनकी ही जुबानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह रिटायर होकर बेफिक्र थे। बच्चे अपने पैरों पर खड़े थे, इसलिए अपनी ऊर्जा समाज के लिए सकारात्मक कार्यों में लगाना चाहते थे। वक्त बहुत था, इसलिए शौकिया शेयर बाजार की दुनिया सीखना चाहते थे। यूट्यूब पर इससे जुड़े वीडियो देखते और अपनी समझ से शेयरों में छोटे-मोटे निवेश करते थे। 8 जुलाई 2024 का दिन था। फोन की घंटी बजी। अनजान नंबर से किसी शालिनी त्रिवेदी ने कहा, आप शेयर बाजार में अच्छा कर रहे हैं, एक्सपर्ट की क्लास लेंगे तो और बेहतर करेंगे। वह प्रभावित हुए। ट्रेनिंग के पैसे पूछे तो शालिनी ने कहा कि यह मुफ्त है। वह तैयार हो गए। अगले दिन से ट्रेनिंग शुरू हुई। देशभर से 80 लोगों का ग्रुप वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग ले रहा था। ट्रेनिंग देने वाले का चेहरा नहीं था। कभी घरेलू काम से यदि वह कक्षा मिस कर देते तो शालिनी फोन लगाकर कहती थी कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन क्लास मत छोड़िए। उन्हें सही-गलत का पता नहीं चल रहा था। पहले दो लाख से निवेश शुरू हुआ। अच्छा मुनाफा मिला। निवेश और मुनाफा मिलाकर रकम 35 लाख हो गई। जब उन्होंने पैसे निकालने की बात कही तो ठगों ने और पैसा लगाने को कहा। जब उन्होंने कहा कि पैसे खत्म हो गए तो ठग लोन देने को तैयार हो गए। उन्होंने 30 लाख लोन लिए और शेयर बाजार में लगाया। लोन से पहले एफडी व जमा पूंजी 1.77 करोड़ रुपए ठगों के निजी खाते में डाले थे। जब जरूरत हुई और रुपए निकालने की कोशिश की तो ठग आनाकानी करने लगे। कई चार्ज और मेंबरशिप फीस मांगने लगे। तब उन्हें यकीन हो गया कि वह सब गंवा चुके हैं। अगस्त की शुरुआत में उन्हें अनजान कॉल आया। जलगांव से आए कॉल पर कहा गया कि आपसे ठगी हुई है। यह सुनते ही उनके सपने बिखर गए। वह डर गए कि जीवन कैसे गुजरेगा। ट्रेनिंग में वीडियो कॉल पर 80 का ग्रुप था। उसी से एक ने यह बताया। उसके भाई से भी ठगी हुई थी। उन्होंने साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 व थाने में शिकायत की।
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3 December 2024मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। रविवार-सोमवार की रात नौगांव के बाद राजगढ़ का तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला बन गया। कड़ाके की ठंड के कारण कलेक्टर ने कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से कर दिया है। जिले में पिछले तीन-चार दिनों से सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे न केवल दिन बल्कि रातें भी बेहद सर्द हो गई हैं।इस सीजन में दूसरी बार 8 डिग्री तक तापमान गिरा है। शनिवार-रविवार की रात सबसे कम 7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई, फिर भी सर्दी शबाब पर रही। इस बार राजगढ़ मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला रहा है। प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में 7.8 डिग्री दर्ज किया गया, इसके बाद राजगढ़ का 8.0 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी भोपाल में दो दिन से पारा 11.5 डिग्री के करीब ठहरा हुआ है। वहीं, सागर में भी दो दिन से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री के पास ठहरा हुआ है। दिन और रात का तापमान सामान्य से कम होने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। रात का पारा 11.5 डिग्री पर लुढ़ककर आया है, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम है। पारे में गिरावट आने से दिन और रात के समय कंपकंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटों में मौसम में परिवर्तन आने का अनुमान है। कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है और बर्फीली हवाओं से पूरा प्रदेश ठिठुर सकता है। उत्तरी हिस्से में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, जिसके कारण पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी। इससे प्रदेश में दिन और रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक रितेश कुमार के मुताबिक, वर्तमान में तमिलनाडु में चक्रवात सक्रिय है, जिसके प्रभाव से आसमान पर हल्के बादल छाए हुए हैं। इससे तापमान में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी होने से उत्तरी हवाएं तेज हो गई हैं। इससे अगले तीन दिन तक तापमान में एक से दो डिग्री की मामूली गिरावट आएगी। इस ठंड के कारण लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और ठंड से बचने के उपाय करने चाहिए। जैसे ही ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, वैसे ही इससे बचने के लिए लोगों को अपने घरों में गर्म कपड़े पहनने और हीटर या अन्य साधनों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
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3 December 2024मध्य प्रदेश के 2023 बैच के आईपीएस हर्षवर्धन की कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। हर्षवर्धन अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे। घटना का विवरण हर्षवर्धन कर्नाटक पुलिस अकादमी में अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे, तभी दुर्घटना का शिकार हो गए। उनके वाहन के चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क के किनारे एक घर में जा घुसा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। ड्राइवर की भी हालत गंभीर है। हर्षवर्धन के पिता अखिलेश सिंह सिंगरौली जिले के देवसर उपखंड क्षेत्र में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। इस दुखद घटना ने पूरे पुलिस विभाग और हर्षवर्धन के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। हर्षवर्धन की असामयिक मृत्यु ने उनके सहकर्मियों और दोस्तों को भी स्तब्ध कर दिया है। उनके परिवार और दोस्तों को इस कठिन समय में संवेदनाएं और समर्थन की आवश्यकता है।
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3 December 2024दक्षिण राज्यों के बाद अब चक्रवात फेंगल का असर मध्य प्रदेश में भी दिखने वाला है। अगले 48 घंटों में राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रह सकते हैं और कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। इस दौरान दिन के समय तापमान में वृद्धि होगी, लेकिन रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। आने वाले दिनों में राज्य के ज्यादातर जिलों में शीतलहर और घने कोहरे का असर देखने को मिलेगा। एमपी मौसम विभाग की भविष्यवाणी एमपी मौसम विभाग की मानें तो फेंगल तूफान के असर से हवाओं का रुख बदलेगा और बादलों की आवाजाही शुरू होगी। इस दौरान छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश होने के आसार हैं, जबकि ग्वालियर, चंबल और उज्जैन में बर्फीली हवा चलेगी। राज्य में अगले 48 घंटों में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, न्यूनतम तापमान में मामूली कमी आ सकती है। दिसंबर में तापमान का अनुमान मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर में रात का पारा 3 से 4 डिग्री तक पहुंच सकता है। कड़ाके की सर्दी की शुरुआत अगले सप्ताह से हो जाएगी। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिसंबर में प्रदेश में तापमान तेजी से गिरेगा और ठंड व कोहरे के साथ शीतलहर की स्थिति बनेगी। खासतौर से मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलेगा। दिसंबर के अंत सप्ताह से लेकर जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। शीतलहर चलने के साथ मालवांचल के कई जिलों में पाला पड़ने के आसार रहेंगे। मौसम प्रणालियाँ और वर्तमान स्थिति वर्तमान में देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम, पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में और हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने गहरा अवदाब का क्षेत्र पुड्डूचेरी के आसपास टकराने के आसार हैं। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से कहीं-कहीं बादल छा रहे हैं और न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने के आसार हैं। उधर, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और वर्षा होने की भी संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर एक बार फिर तापमान में गिरावट होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे का मौसम रविवार को शाजापुर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि प्रदेश के दूसरे इलाकों में रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा। शाजापुर से जुड़े गिरवर में सबसे कम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री सेल्सियस, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
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2 December 2024सिंगरौली जिले के चितरंगी में पुरानी रंजिश को लेकर हुए खूनी संघर्ष में एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले में चितरंगी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना में पुरानी दुश्मनी विशम्भर सिंह गोड़ को भारी पड़ी। उसके विरोधी दो लोगों ने उसे घेरकर मारपीट की। गंभीर अवस्था में विशम्भर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों रघुनाथ सिंह गोड़ और बसंतलाल सिंह गोड़ को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग इस प्रकार की हिंसा की निंदा कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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2 December 2024देवास के सतवास वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने वन्यजीव अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नीलगाय का शिकार करने वाले तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। घटना का विवरण सतवास वन परिक्षेत्र में गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने बाँईजगवाडा से नामनपुर मार्ग पर एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को खून से सने कट्टों के साथ जाते हुए देखा। वन कर्मियों ने तुरंत वाहन का पीछा किया, लेकिन आरोपी अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गए और अपनी मोटरसाइकिल छोड़ गए। जब्ती और जांच पुलिस ने मौके से लगभग 90 किलोग्राम नीलगाय के मांस से भरे कट्टे और एक कुल्हाड़ी जब्त की। यह तफ्तीश वन परिक्षेत्र अधिकारी विधि सिरोलिया के मार्गदर्शन में की गई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल कर तीनों शिकारियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने नीलगाय के अवशेषों को लेकर अपराध स्वीकार किया है। न्यायिक प्रक्रिया आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि वन विभाग वन्यजीव अपराधों के प्रति सख्त है और ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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2 December 2024अंबिकापुर- बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम गुमगा के पास रविवार की सुबह हुए सड़क हादसे में कार सवार पांच युवकों की मौत हो गई। युवक रायपुर के चंगोराभाटा के रहने वाले थे। स्कोडा रैपिड कार में सवार पांचों युवक मैनपाट जा रहे थे। इनके नाम दिनेश साहू, संजीव और राहुल हैं। युवकों की यु 25 से 30 वर्ष बताई जा रही है। दो युवकों के नाम का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि उक्त तीनों युवक घर से जगदलपुर जाने के नाम पर निकले थे। रास्ते में कार में दो और युवक सवार हुए। उदयपुर से पहले गुमगा के पास सामने से आ रहे ट्रक से कार की जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त होग गई। चार युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल एक युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उदयपुर में भर्ती कराया गया। यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर रेफर किया गया था। अंबिकापुर पहुंचते ही चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे भी मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही उदयपुर थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची थी। कार इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी कि शवों को निकालने के लिए कटर का सहारा लेना पड़ा। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। दो लोग गाड़ी में फंस गए थे। उन्हें मुश्किल से बाहर निकाला जा सका। मृतकों के स्वजन को सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद युवकों के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। तेज गति को दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है। घटना के बाद ट्रक का ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग गया है। सुबह क्षेत्र में धुंध भी थी। जहां दुर्घटना हुई वहां मोड़ और ढलान है। दुर्घटनास्थल के अवलोकन के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अंबिकापुर की ओर से जा रहे ट्रक सामने जा रहे किसी वाहन को ओवरटेक कर रहा होगा। ओवरटेक के दौरान ही सामने से आ रही कार की जोरदार टक्कर हो गई होगी।
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1 December 2024सिंगरौली का सरई बाजार लंबे समय से जाम की स्थिति से जूझ रहा था। इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने सख्त एक्शन लेते हुए बाजार को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया। इस कार्यवाही का कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन ने जनहित में सभी अतिक्रमणों को हटा दिया। सरई बाजार में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सड़कों और नालियों से अतिक्रमण हटाया। तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा और सीएमओ सुरेंद्र सिंह उइके के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई में पुलिस बल भी मौजूद रहा। अभियान के दौरान कई अतिक्रमणकारियों ने स्वेच्छा से अपने निर्माण हटा लिए, जबकि कुछ ने विरोध किया। हालांकि, प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के बाद बाजार को जाम मुक्त कर दिया गया है, जिससे आम जनता ने राहत की सांस ली। संपूर्ण कार्यवाही में राजस्व अमला सरई, नगर परिषद के कर्मचारी और थाना सरई का पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इस कार्रवाई से सरई बाजार में यातायात की स्थिति में सुधार हुआ है और लोगों को जाम की समस्या से निजात मिली है। प्रशासन की इस सख्त कार्यवाही से यह संदेश गया है कि जनहित में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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1 December 2024अमरपाटन के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस ने एक ऑटो में लोड 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस इलाके में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस लगातार इस पर नज़र रख रही है। अमरपाटन थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे नंबर 30 के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ऑटो में दो युवक अवैध तरीके से अंग्रेजी शराब रीवा से मैहर की ओर ले जा रहे हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान एक ऑटो को रोका गया और उसमें से 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई। पुलिस ने ऑटो चालक शुभम पटेल और एक अन्य आरोपी लवकेश पटेल को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अवैध शराब के इस कारोबार पर सख्ती से नज़र रखने और इसे रोकने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इस मामले में पुलिस की तेज़ कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबारियों को एक बड़ा झटका लगा है और यह संदेश गया है कि कानून के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे इस प्रकार की किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और समाज में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इस प्रकार की घटनाएं समाज को हानि पहुंचाती हैं और इन्हें रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति को सजग रहना आवश्यक है।
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1 December 2024इंदौर नगर निगम के पूर्व सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 2019 के चर्चित हनी ट्रैप मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में चर्चा में आए थे। उनका निधन मध्य प्रदेश के रीवा जिले स्थित उनके पैतृक निवास पर हुआ, जहां वे बेहोशी की हालत में पाए गए थे। पड़ोसियों ने उन्हें घर में गिरा हुआ पाया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई जा रही है। हरभजन सिंह वह शख्स थे जिन्होंने इंदौर में हनी ट्रैप मामले की पहली FIR दर्ज कराई थी। उनके द्वारा की गई शिकायत के बाद, यह मामला सामने आया था जिसमें कुछ महिलाएं उन्हें अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही थीं। इस मामले ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं, और कई गिरफ्तारियां भी हुईं। हालांकि, हनी ट्रैप मामले के बाद हरभजन सिंह के खिलाफ एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और उनका तबादला रीवा कर दिया गया था। रीवा पुलिस इस समय उनके निधन से संबंधित मामलों की जांच कर रही है, और यह मामला पुलिस के ध्यान में है। हरभजन सिंह के निधन ने हनी ट्रैप मामले से जुड़ी कई चर्चाओं को फिर से ताजगी दे दी है, और अब इस घटना की जांच जारी है।
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30 November 2024रीवा में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां महिलाओं के एक गिरोह ने नकली किन्नर बनकर लोगों के घरों में घुसकर चोरी की वारदातें कीं। असली किन्नर समुदाय ने इन नकली किन्नरों को रंगे हाथों पकड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। यह घटना न केवल किन्नर समुदाय के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह समाज में व्याप्त भेदभाव और अपराध को भी दर्शाती है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। इस घटना से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठते हैं: सामाजिक कलंक: किन्नर समुदाय को अभी भी समाज में बहुत सम्मान नहीं मिलता है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। कानून और व्यवस्था: इन महिलाओं को नकली किन्नर बनकर अपराध करने में आसानी हो गई, जो कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाता है। पीड़ितों का शोषण: इन अपराधों के शिकार अक्सर बुजुर्ग व्यक्ति या महिलाएं होते हैं, जो इस तरह के अनुभव से काफी आहत होते हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह की आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और कमजोर समुदायों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को किन्नर समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक करना चाहिए और सहानुभूति और समझ को बढ़ावा देना चाहिए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें एक समावेशी, करुणामय और भेदभाव मुक्त समाज बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
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30 November 2024अमरपाटन नगर परिषद में एक गंभीर मुद्दा उभरा है। बसपा की एक महिला पार्षद, वार्ड नंबर 5 की प्रतिनिधि, पिछले तीन दिनों से धरने पर हैं। उनका आरोप है कि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं और नगर परिषद के अधिकारी जातिगत भेदभाव कर रहे हैं। पार्षद का वार्ड मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों का निवास स्थान है। यहां पानी की किल्लत, सफाई की समस्या और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार नगर परिषद अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीएमओ) को लिखित शिकायतें दी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा, पार्षद ने सीएमओ पर जातिगत टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी एससी और एसटी समुदाय के लोगों के विकास में बाधा डाल रहे हैं। स्थानीय लोग पार्षद के साथ खड़े हैं और नगर परिषद से मांग कर रहे हैं कि वे वार्ड में विकास कार्य शुरू करें। उनका मानना है कि सभी वार्डों का समान विकास होना चाहिए और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यह मामला कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाता है। सबसे पहले, यह विकास की असमानता को उजागर करता है। कुछ वार्डों में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, जबकि अन्य वार्डों में विकास की गति बहुत धीमी है। दूसरा, यह जातिगत भेदभाव का एक गंभीर मामला है, जो भारतीय संविधान के विरुद्ध है। नगर परिषद को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पार्षद की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें वार्ड में विकास कार्य शुरू करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, उन्हें जातिगत भेदभाव के आरोपों की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला न केवल अमरपाटन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलें, चाहे उनकी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
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30 November 2024अमरपाटन: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर चौकी अंतर्गत एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां जगन्नाथ मंदिर के पास रहने वाले मोहन यादव के कच्चे मकान में भीषण आग लग गई। इस आग में परिवार की पूरी गृहस्थी और करीब 10 बकरियां जलकर राख हो गईं। जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट के कारण देर रात आग लग गई। जब तक परिवार के लोग आग पर काबू पाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। कच्चे मकान होने के कारण आग तेजी से फैली और पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे सभी लोग दूसरे कमरे में सो रहे थे। जब उन्हें आग की लपटें दिखीं तो वे घर से बाहर निकल आए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया था कि कुछ बचा पाना संभव नहीं था। ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। बताया जा रहा है कि इस घटना में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन की मदद: घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को राहत राशि देने की भी घोषणा की है। आग लगने के कारण: प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है। कच्चे मकानों का खतरा: यह घटना एक बार फिर कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी है। कच्चे मकान आग लगने की घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में लोगों को पक्के मकान बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। सुरक्षा के उपाय: घर में बिजली के उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करें। घर में लकड़ी या अन्य ज्वलनशील पदार्थों को न रखें। घर में फायर एक्सटिंग्विशर रखें। आग लगने की स्थिति में तुरंत दमकल विभाग को सूचित करें। निष्कर्ष: यह घटना एक दुखद घटना है। इस घटना से हमें सतर्क रहने और आग से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है। प्रशासन को भी लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाने चाहिए। मुख्य बिंदु: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर में भीषण आग मोहन यादव के कच्चे मकान में लगी आग परिवार की पूरी गृहस्थी और 10 बकरियां जलकर राख शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया
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30 November 2024ग्वालियर, 1 दिसंबर: ग्वालियर के जीवाजी क्लब में 1 दिसंबर को एक निशुल्क हृदय रोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल अरोड़ा अपनी टीम के साथ हृदय रोगियों की जांच करेंगे। यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं या जिनमें इसका खतरा बढ़ सकता है। शिविर का आयोजन फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ के द्वारा किया गया है। शिविर का उद्देश्य और सेवाएंइस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर में हृदय रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को सही समय पर जांच और उपचार की सुविधा प्रदान करना है। शिविर में उपस्थित डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम हृदय रोगियों की पूरी जांच करेंगे। शिविर में शामिल होने वाले लोगों के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर और ईसीजी की जांच निशुल्क रखी गई है। दिल की बीमारियों से बढ़ती मौतों का खतराडॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि, "आजकल की खराब जीवनशैली, अनियमित खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह केवल पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं और युवाओं के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।" स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल की बीमारियों के कारण हर साल देश में 28% मौतें होती हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे शिविरों का आयोजन महत्वपूर्ण है। शिविर में भाग लेने के लिए प्रक्रियाशिविर में भाग लेने के लिए किसी प्रकार की पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। लोगों को सिर्फ शिविर स्थल पर पहुंचकर अपनी जांच करानी है। डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम सभी हृदय रोगियों की निशुल्क जांच करेंगे और उन्हें उचित सलाह देंगे।
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30 November 2024सिंगरौली जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज एक और सड़क हादसे में दो लोग दुर्घटना का शिकार हुए, जिसमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दुर्घटना से जुड़ी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़ा कर दिया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से कदम नहीं उठा रहा है और समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। हादसे की जानकारीहादसा कोतवाली थाना क्षेत्र के हिर्वाह इलाके में हुआ, जब तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, बरगवां थाना क्षेत्र के तेलदह इलाके में एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक राखड़ वाहन ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में उस व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने सड़क पर जाम लगा कर मुआवजे की मांग की। उनका आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन पर सवालपरिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देता और सही कदम उठाता तो शायद यह हादसा टल सकता था। उनका मानना है कि सड़क निर्माण, सुधार और सही ट्रैफिक नियमों का पालन करने से इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। लेकिन नेताओं और अधिकारियों की नजर इस गंभीर समस्या पर नहीं जा रही है। सवाल यह उठता है कि जब सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा और कब तक इस समस्या को नजरअंदाज किया जाएगा? सिंगरौली जिले के लोग अब इस मुद्दे पर प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
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29 November 2024राज्य ब्यूरो, दखल भोपाल:- कुछ दिनों से बड़ी संख्या में मंत्रालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों पर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल आ रहे हैं। इनमें मोबाइल सेवाएं बंद कर देने अन्यथा कोई लिंक का उपयोग करने की बात कही जा रही है।मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है और मामले में जांच कराने की मांग की है। जिन नंबरों पर उक्त कॉल आए हैं, उनकी सूची भी शासन को सौंपी गई है। शासन के पास सुरक्षित डाटा में सेंध लगना (यदि ऐसा हुआ है तो) गंभीर विषय है। उल्लेखनीय है कि ऐसे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कॉल केवल उन नंबरों पर आ रहे हैं जो नंबर सामान्य प्रशासन विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं। जिन कर्मचारियों-अधिकारियों के पास एक से अधिक नंबर हैं, उनके केवल उस नंबर पर कॉल आए हैं जो नंबर शासन को दे रखा है। नायक ने कहा कि ऐसा संदेह होता है कि कहीं शासन के पास सुरक्षित अधिकारियों कर्मचारियों का डाटा फर्जीवाड़ा करने वालों को लीक तो नहीं हो गया है। प्रदेश में संगठित अपराध पर नियंत्रण और कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में स्वीकृत बल के 25 प्रतिशत भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं हैं। यहां के लिए कुल 390 अधिकारी-कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए थे, पर अभी मात्र 87 ही पदस्थ हैं। एसटीएफ में एक तो पहले से ही बल की कमी थी। उसमें भी पहले से पदस्थ कुछ कर्मचारी-अधिकारी जिनमें आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक तक शामिल हैं, दूसरी जगह चले गए। उनकी जगह नए बहुत कम आए। इस कारण 87 ही बचे हैं। बल कम होने का एक कारण यह भी है कि जिला पुलिस बल से कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर एसटीएफ में आने के इच्छुक भी नहीं हैं।बल कम होने से संगठित अपराधों में अपराधियों को पकड़ने, प्रकरण की विवेचना, विश्लेषण आदि काम प्रभावित हो रहे हैं। एसटीएफ के गठन से लेकर अब तक करीब 25 हजार अपराध पंजीकृत किए गए हैं। व्यापम फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ ने की थी। इसके बाद ड्रग्स तस्करी, अवैध हथियार, मापदंडों की अनदेखी कर बीएड कालेजों की मान्यता, सतना में शस्त्र लाइसेंस देने में गड़बड़ी जैसे मामले एसटीएफ के पास हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय से लेकर सातों जोन में बल की कमी है।विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के तीन-तीन नए जोन और बन रहे हैं, परंतु बल कम होने के कारण एसटीएफ के नए जोन का गठन नहीं हो पा रहा है। यही स्थित ईओडब्ल्यू की है। यहां स्वीकृत बल की तुलना में 40 प्रतिशत स्टाफ ही है। इस कारण शिकायतों की जांच और अभियोजन में देरी होती है।
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29 November 2024ऑडी ने अपनी एक लग्जरी एसयूवी Audi Q7 का फेसलिफ्ट वर्शन भारत में लॉन्च कर दिया है। इस नई ऑडी Q7 में आकर्षक डिज़ाइन, नई फीचर्स और दमदार इंजन के साथ कई अपडेट्स हैं। इसकी शुरुआत एक्स-शोरूम कीमत ₹88.66 लाख से हो रही है। इस नई एसयूवी के डिज़ाइन में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें वर्टिकल क्रोम ग्रिल, अपग्रेडेड एचडी मैट्रिक्स एलईडी हैडलाइट्स, और नई 19-इंच एलॉय व्हील्स शामिल हैं, जो इसे और भी स्टाइलिश बनाते हैं। इसे कुल पांच रंगों में उपलब्ध किया गया है - सखिर गोल्ड, वेटोमो ब्लू, माइथॉस ब्लैक, समुराई ग्रे और ग्लेशियर व्हाइट। इंटीरियर्स की बात करें तो इसमें ऑल-ब्लैक थीम के साथ ब्लैक लेदर सीट अपहोल्स्ट्री, और दो कलर ऑप्शन, सीडर ब्राउन और सैगा बेज दिए गए हैं। इसके साथ ही 10.1-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 12.3-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और 19-स्पीकर बैंग एंड ओल्फसेन ऑडियो सिस्टम जैसे उन्नत फीचर्स भी शामिल हैं। पावर की बात करें तो इसमें 3.0-लीटर ट्विन-टर्बो V6 पेट्रोल इंजन है, जो 340 हॉर्सपावर और 500 Nm टॉर्क जनरेट करता है। यह एसयूवी सिर्फ 5.6 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है। ऑडी Q7 फेसलिफ्ट दो वेरिएंट्स में उपलब्ध है - प्रीमियम प्लस और टेक्नोलॉजी, जिनकी कीमत क्रमशः ₹88.66 लाख और ₹97.81 लाख (एक्स-शोरूम) है। इस लग्जरी एसयूवी का मुकाबला BMW X5, Mercedes GLE, और Volvo XC90 जैसी प्रीमियम एसयूवीज़ से है। ऑडी Q7 अपने स्टाइलिश लुक, दमदार इंजन और अत्याधुनिक फीचर्स के कारण इन सभी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर, नई ऑडी Q7 एक शानदार और प्रीमियम ड्राइविंग अनुभव देने के लिए बनी है, जो उन ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो लक्जरी और परफॉर्मेंस दोनों चाहते हैं।
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29 November 2024छोला मंदिर थाना पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर उसके रिश्ते के देवर के खिलाफ घर में घुसकर ज्यादती करने का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक, क्षेत्र में रहने वाली 28 वर्षीय महिला गृहिणी है। उसका पति एक निजी फर्म में नौकरी करता है। महिला के घर के पास ही रहने वाला युवक रिश्ते में देवर लगता है। महिला ने शिकायत में पुलिस को बताया कि रोजाना की तरह 20 नवंबर को सुबह पति दफ्तर चले गए थे। दोपहर में देवर घर पहुंचा और डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। साथ ही घटना के बारे में किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दे दी। भयभीत होने के कारण महिला ने घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। उधर देवर ने दोबारा संबंध बनाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो महिला मानसिक रूप से परेशान हो गई। उसने पति को घटना की पूरी जानकारी दी और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करा दी। रातीबड़ इलाके के बड़झिरी में एक युवक का शव पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया है कि युवक मानसिक रूप से बीमार था। पुलिस के अनुसार 25 वर्षीय जगदीश सिंह बड़झिरी में अपने ताऊ के घर में मां और छोटी बहन के साथ रहता था। सोमवार को वह किसी काम से घर से निकला था, लेकिन देर रात तक नहीं पहुंचा। स्वजन ने उसकी आसपास खोजबीन भी की, लेकिन उसका पता नहीं चला। अगले दिन मंगलवार को जगदीश का शव घर के पीछे लगे आम के पेड़ पर मफलर से बनाए गए फंदे पर लटका मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे फोरलेन पर ग्राम छोटी हरदा के पास हार्वेस्टर और ट्रक की भीषण टक्कर हो गई, जिसमें ट्रक सामने से क्षतिग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1 बजे इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे पर ग्राम छोटी हरदा के पास बैतूल की ओर से इंदौर की ओर जा रहे हार्वेस्टर ने चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इसी दौरान पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी 13 जेडपी 7357 हार्वेस्टर से टकरा गया। ट्रक का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि दोनों वाहनों के चालक सुरक्षित हैं।
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28 November 2024बागसेवनिया इलाके में रहने वाले एक पुजारी से एजुकेशन काउंसलरों ने 20 लाख की धोखाधड़ी की है। उन्होंने पुजारी की बेटी को रूस की एक यूनिवर्सिटी से एमबीए करवाने के नाम पर 30 लाख रुपये ऐंठ लिए, लेकिन वहां सिर्फ 10 लाख ही जमा किए बाकि 20 लाख की राशि हड़प ली। पुजारी ने रुपयों की मांग की तो काउंसलरों ने धमकाना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्होंने बागसेवनिया पुलिस थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की है। पुलिस के अनुसार राजबहादुर द्विवेदी रेलवे कालोनी में परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बेटी एमबीबीएस करना चाहती थी, लेकिन उसका नीट में चयन नहीं हो सका था। जिसके बाद 2022 में राजबहादुर के परिचित एजुकेशन काउंसलर मो. नदीम खान और इरफान खान ने रूस की मारी यूनिवर्सिटी से उनकी बेटी को एमबीए करने की सलाह दी। उन्होंने एमबीए की पूरी पढ़ाई का खर्च 30 लाख रुपये बताया। राजबहादुर ने अलग-अलग किश्तों में उन्हें 30 लाख रुपये दिए, लेकिन नदीम और इरफान ने यूनिवर्सिटी में केवल 10 लाख रुपये ही जमा किए और बाकी 20 लाख हड़प लिए। यूनिवर्सिटी ने जब पुजारी और उनकी बेटी को फीस जमा करने का नोटिस दिया तब उन्हें धोखाधड़ी की जानकारी हुई। राजबहादुर ने एजुकेशन काउंसलरों से संपर्क कर फीस जमा करने की बात कही तो नदीम और इरफान ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
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28 November 2024मध्य प्रदेश में सक्रिय लगभग 75 नक्सलियों में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह जानकारी पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में सामने आई है। ये सभी अलग-अलग समूह में पुरुषों के साथ काम कर रही हैं। यह भी पता चला है कि कुछ नक्सली प्रेमी-प्रेमिका की तरह रह रहे हैं। गांव के लोगों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याएं जानने, पर्चा बांटने, लोगों को बरगलाने या किसी तरह की सहायता मांगने के लिए नक्सली महिलाओं को ही आगे करते हैं। महिलाएं गांव के लोगों के बीच आसानी से घुल-मिल जाती हैं। इससे उन्हें गांव में प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी भी मिलती रहती है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र से ही हैं। अधिकतर महिलाओं की उम्र 25 से 40 वर्ष की है। अभी तक ऐसा होता रहा कि नक्सली मुठभेड़ के दौरान अपने मांगों से जुड़ा पर्चा फेंक कर जाते थे। पिछले दिनों बालाघाट में हुई मुठभेड़ में उन्होंने ऐसा नहीं किया था। यह जरूर पता चला है कि इसके पहले कुछ गांवों में उन्होंने तेंदूपत्ता की राशि बढ़ाने, बांस कटाई की दर बढ़ाने और मजदूरी बढ़ाने के लिए पर्चे फेंके थे। गांव के लोगों का समर्थन पाने के लिए वह ऐसी मांग रखते हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि हम उनकी मांग के हिसाब से नहीं बल्कि अन्य विभाग और एजेंसियों से मिलकर विकास की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देते रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में संचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर का निर्माण, सड़क निर्माण, सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए विशेष शिविर लगाने का काम करते हैं। निजी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) से भी काम कराए जा रहे हैं।
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28 November 2024छतरपुर जिले के कालापानी में नकली खाद की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में एक ट्रक से 460 बोरी डीएपी जब्त की गई, जिसे जांच के बाद नकली पाया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर तस्करी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना का विवरणदेर रात प्रशासन को सूचना मिली कि एक ट्रक से नकली डीएपी खाद की तस्करी की जा रही है। एसडीएम अखिल राठौर और कृषि विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रक को रोका और जांच की। जांच में पाया गया कि ट्रक में लाया गया डीएपी नकली था। यह खाद उत्तर प्रदेश से लाया गया था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाईपुलिस ने इस मामले में नरेंद्र कुमार (अलीगढ़), प्रेमपाल जाट (अलीगढ़), सचिन गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता और पांडे बंधु सहित अन्य तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई ओरछा रोड थाने के अंतर्गत की गई। खाद की कमी और तस्करीछतरपुर में हाल के दिनों में खाद की कमी की समस्या बनी हुई है। ऐसे में नकली खाद की तस्करी का यह मामला किसानों के लिए और भी चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन ने नकली खाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और किसानों को सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन का सख्त रुखएसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि नकली खाद की तस्करी से किसानों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कृषि विभाग ने भी किसानों को जागरूक करने और नकली खाद की पहचान करने में मदद करने का वादा किया है। इस छापेमारी ने नकली खाद के कारोबार पर कड़ा प्रहार किया है और प्रशासन की तत्परता का परिचय दिया है।
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27 November 2024खातेगांव के न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर विधिक सेवा समिति द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया और उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षणकार्यक्रम में जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल और न्यायिक मजिस्ट्रेट राजू पन्द्रे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से लोगों को कानूनी जानकारी दी और भारतीय संविधान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। संविधान के प्रति जागरूकतासंविधान दिवस के इस आयोजन का उद्देश्य आम नागरिकों को भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करना और इसके महत्व को समझाना था। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया, जिससे संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाई गई। यह आयोजन संविधान के प्रति सम्मान प्रकट करने और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।
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27 November 202422 नवंबर को मध्य प्रदेश के देवास जिले के कन्नौद में हुए निसार अली के ब्लाइंड मर्डर का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला कि इस हत्या की साजिश निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन ने रची थी। मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें रुकसाना और सिमरन भी शामिल हैं। घटना का विवरणनिसार अली को उनके घर के सामने सतवास रोड पर अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारी थी। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच का खुलासापुलिस ने महज चार दिनों में हत्या के आरोपियों का पता लगा लिया। तकनीकी साक्ष्यों और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया 12 बोर का कट्टा, एक खाली खोखा और मोबाइल फोन बरामद किया है। घरेलू विवाद बना हत्या की वजहपुलिस के अनुसार, इस हत्या की मुख्य साजिशकर्ता निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन थीं। इसे घरेलू विवाद से जुड़ा मामला बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पारिवारिक कलह के चलते यह हत्या की गई। पुलिस और साइबर सेल की भूमिकाइस मामले को सुलझाने में कन्नौद थाना प्रभारी तहजीब काजी और उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साइबर सेल की सहायता से तकनीकी सबूत जुटाए गए, जो आरोपियों को पकड़ने में निर्णायक साबित हुए। यह घटना पारिवारिक विवादों के गंभीर परिणामों को उजागर करती है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की कुशलता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
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27 November 2024रीवा: रीवा जिले में खाद वितरण केंद्रों पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली है, जिससे किसान निराश होकर लौटने पर मजबूर हो गए हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद रविवार को खाद वितरण केंद्र बंद मिले, जिससे किसानों को खाद प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद थी कि रविवार को भी खाद वितरण केंद्र खुले रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खड्डा के शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि वह 40 किलोमीटर दूर से आए थे, लेकिन केंद्र बंद होने के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। मोहरवा के किसान विकास पांडेय ने भी बताया कि उन्होंने गांव से ऑटो बुक कर करहिया मंडी पहुंचे, लेकिन खाद वितरण केंद्र बंद मिला। रीवा के रितिक सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कलेक्टर का आदेश है कि किसानों को खाद उपलब्ध करवाई जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, सहायक कर्मचारी रामभजन कुशवाहा ने बताया कि वह खाद वितरण केंद्र में सहायक कर्मचारी हैं और पर्चियों के अनुसार खाद वितरण करते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को खाद वितरण नहीं हो रहा है और इस बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही सही जानकारी दे सकते हैं। इस अव्यवस्था के कारण किसान भारी परेशानी में हैं और उनका यह सवाल है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद खाद वितरण केंद्र क्यों बंद थे, और किस कारण से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
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26 November 2024लालकुआँ: सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के स्थाई श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा निकालते हुए जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू ने भी श्रमिकों का समर्थन किया और उनकी समस्याओं को उठाया। श्रमिकों ने बताया कि सेंचुरी मिल प्रबंधन ने फरवरी महीने में किए जाने वाले एग्रीमेंट को अब तक पूरा नहीं किया है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। इस असंतोष के चलते श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया और नारेबाजी की। श्रमिकों का कहना है कि सेंचुरी प्रबंधन और यूनियन के बीच मिलीभगत के कारण उनका लगातार शोषण हो रहा है। स्टाफ वर्ग के कर्मचारियों का सालाना वेतन ₹6,000 बढ़ा दिया गया है, जबकि स्थाई श्रमिकों का वेतन तीन वर्षों में केवल ₹3,700 बढ़ाया गया है, जो उनके मुताबिक पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। स्थाई श्रमिकों का कहना है कि वे सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा रहता है, फिर भी उन्हें सही वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। स्थाई श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि अगर 30 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे एक विशाल प्रदर्शन करेंगे।
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26 November 2024सिंगरौली: सिंगरौली के सरई थाना प्रभारी शेष मणि पटेल के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि वे मध्य प्रदेश शासन के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं और अपनी मनमर्जी से थाना संचालन कर रहे हैं। खासकर, शासन द्वारा प्रत्येक मंगलवार को निर्धारित जनसुनवाई के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, शेष मणि पटेल समय पर थाने नहीं पहुंचते, और मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में देरी होती है। यह भी बताया जा रहा है कि थाना क्षेत्र में अवैध ट्रैक्टरों का संचालन हो रहा है, जिनसे प्रतिदिन ₹3000 की वसूली की जा रही है। इन अवैध गतिविधियों के बारे में स्थानीय लोगों ने शिकायत की है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब देखना होगा कि नवागत पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या उचित कार्रवाई होती है। इस स्थिति ने स्थानीय लोगों में असंतोष और आक्रोश पैदा किया है।
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26 November 2024युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती के अनुसार उसकी मंगनी 12 अप्रैल को हुई थी। उसके बाद से शुभम उसे ज्यादा परेशान करने लगा। फोन पर धमकियां देता है। उसके फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहा है। रात में कभी भी फोन लगाकर घर वालों को भी धमकाता है। युवती की शादी फरवरी माह में होना है। उसे अब डर सताने लगा है कि शुभम की इन हरकतों के कारण शादी में खलल न पड़ जाए। वो साफ तौर पर कह रहा है कि तेरी शादी नहीं होने दूंगा। युवती के मंगेतर को भी जान से मारने की धमकी दे रहा है। युवती की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपित मोबाइल पर युवती को धमकियां दे रहा है। आरोपित की तलाश जारी है। फिलहाल वो गांव में नहीं है। जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे। - राधेश्याम मालवीय, जांच अधिकारी, थाना मूंदी
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24 November 2024बुरहानपुर: बुरहानपुर जिले का जंबूपानी गांव अब एक नई पहचान बना चुका है। यह आदिवासी बाहुल्य गांव ऐसा पहला गांव बन गया है, जहां ना कोई शराब बेचता है और ना ही इसका सेवन करता है। पंचायत ने शराब बिक्री पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है, जिससे गांव में शराब का कारोबार समाप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। कुछ समय पहले तक, जंबूपानी ग्राम पंचायत के अधिकांश गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा था। खासकर महुआ से कच्ची शराब बनाई जाती थी, और अवैध रूप से विदेशी शराब की बिक्री भी हो रही थी। इस स्थिति को बदलने के लिए पंचायत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। पंचायत ने शराब कारोबार में लिप्त लोगों के घरों की तलाशी ली और शराब बनाने के लिए रखे गए महुआ और अन्य सामान को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही, सभी शराब बनाने वालों को चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में कोई शराब बनाता या बेचता हुआ पाया गया, तो उस पर 21 हजार रुपये का जुर्माना और पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय के बाद गांव की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि अब परिवार में शराब के कारण होने वाले विवादों में कमी आई है, जिससे पारिवारिक जीवन में सुधार हुआ है। इस पूरे मामले पर शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने सरपंच लाल सिंह पटेल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि "यह कदम न केवल शराब के अवैध कारोबार को समाप्त करने में मदद करेगा, बल्कि यह नशामुक्ति के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है।" पुलिस विभाग ने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया है, जिससे गांव के लोग नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। जंबूपानी गांव की यह पहल अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जिससे समाज में शराब की समस्या को खत्म करने में मदद मिलेगी।
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24 November 2024सूर्यनगरी: मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज सूर्यनगरी बालाजी धाम में भगवान सूर्य के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे "एक रहेंगे, सेफ रहेंगे" को जीत का आधार बताया। डॉ मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो बाटने वाले और तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, "यह जीत एकता और सुरक्षा की जीत है," और यह दर्शाती है कि जनता एकजुटता और विकास के मार्ग को पसंद कर रही है। मिश्रा ने इस जीत को एक नई शुरुआत के रूप में देखा और आशा जताई कि यह न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इस सफलता के लिए बधाई दी और आगामी चुनावों में और अधिक मेहनत करने का आह्वान किया। डॉ नरोत्तम मिश्रा का यह दौरा उनके धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, जहां उन्होंने एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भाजपा की नीतियों को बढ़ावा दिया।
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24 November 2024मध्यप्रदेश में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला शाजापुर जिले से सामने आया है, जहां एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। घायलों को सारंगपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, कार सवार लोग भोपाल से आगर की ओर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। सड़क हादसे की सूचना मिलने के बाद, 108 एंबुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में कार के चालक की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद सारंगपुर से शाजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। यह हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुआ, जिससे एक व्यक्ति की जान चली गई और अन्य घायल हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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23 November 2024मध्यप्रदेश सरकार जहां स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक मध्याह्न भोजन देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं देवास जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सतवास के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दूषित भोजन परोसा जा रहा है। यह मामला कई दिनों से चल रहा है और बार-बार शिकायतें की जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बच्चों ने बताया कि भोजन में बाल और कीड़े निकलते हैं। इसके अलावा, बच्चों का यह भी कहना है कि भोजन परोसने वाले लोग पाउच खाकर भोजन परोसते हैं, जिससे साफ-सफाई पर सवाल उठते हैं। विद्यालय के स्टाफ ने भी इसकी पुष्टि की है और बताया कि कई बार घटिया भोजन दिया जा रहा है, जिसमें रोटी-चावल कच्चे आते हैं और मेन्यू के अनुसार भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। इंस्पेक्शन के दौरान जांच दल ने पाया कि चावल कच्चे थे और कड़ी में बदबू आ रही थी। इसके बाद, जिला पंचायत सीईओ ने दूषित भोजन के सैंपल को जांच के लिए भेजने का आदेश दिया है। वहीं, पालकों और पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि सीईओ ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो वे मंगलवार को जनसुनवाई में जाकर अपनी शिकायत जिलाधीश महोदय के सामने रखेंगे।
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23 November 2024इंदौर के संकट मोचन हनुमान मंदिर, छोटा अखाड़ा में 26 नवंबर से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। इस कथा का समापन 3 दिसंबर को विशाल भंडारे के साथ होगा। इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत 26 नवंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ होगी, जो शहर के विभिन्न सिद्ध स्थलों से होती हुई हनुमान मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद, श्रीमद भागवत कथा का उद्घाटन होगा। 2 दिसंबर को विशेष हवन पूजन के साथ आस्था के साथ कार्यक्रम की आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत पूज्य गंगा शरण महाराज ने प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य भगवान श्रीराम और भगवान कृष्ण के उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाना है। साथ ही, यह आयोजन मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था और धार्मिक समागम होगा। 3 दिसंबर को कथा के समापन के बाद एक विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
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23 November 2024अज्ञात व्यक्ति ने 45 वर्षीय दुकान संचालक को गोली मारकर हत्या कर दी जिसके बाद घटनास्थल पर भीड़ लग गई पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है हत्यारा मौके से फरार हो गया देवास जिले के कन्नौद में एक इलेक्ट्रिक वर्कशॉप के संचालक को अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार दी जिसके बाद परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया घटना के बाद मृतक के निवास और अस्पताल के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई मृतक की पहचान निसार अली के रूप में हुई है...निसार अली के परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी जिसके बाद कन्नौद थाना प्रभारी ने मामले की प्रारंभिक जांच की पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली रही है.
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22 November 2024रानी माजरा: जबकि सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं रानी माजरा गांव के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। यहां छात्राओं से नॉनवेज भोजन बनवाने के साथ-साथ उन्हें झूठे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सच्चाई सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में छात्राएं चिकन को साफ करते हुए नजर आ रही हैं। जब दखल न्यूज की टीम ने इस मामले की पड़ताल के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का दौरा किया, तो वहां की वास्तविकता सामने आई। छात्राओं ने कैमरे के सामने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि उन्हें विद्यालय में नॉनवेज भोजन बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, साथ ही उनसे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। वार्डन का बयान जब वायरल वीडियो पर विद्यालय की वार्डन तन्नू चौहान से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने शुरू में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। बाद में कैमरे से बचते हुए उन्होंने कहा कि उनके विद्यालय में कोई चिकन नहीं बना, बल्कि पहले से बना हुआ चिकन मंगाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यहां सिर्फ चिकन को गर्म किया गया है, जिसे वीडियो में देखा जा सकता है। वार्डन का कहना था कि बच्चों ने चिकन खाने के लिए कहा था, जिस पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमति ली थी। छात्राओं की परेशानियां हालांकि, छात्राओं ने अपनी सच्चाई बताने की कोशिश की, लेकिन वार्डन ने उन्हें कैमरे के सामने से हटा दिया और कुछ भी बोलने से मना कर दिया। यह घटनाक्रम स्कूल के बदहाल हालात और छात्राओं की परेशानियों को उजागर करता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के सरकार के दावों के बीच इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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22 November 2024दतिया: दतिया में चोरों ने एक बार फिर से पुलिस को चुनौती देते हुए चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस की गश्त के बावजूद चोरों के हौसले बुलंद हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में डर और चिंता फैल गई है। रातभर चली चोरी की घटनाएं बीती रात दतिया के बडोनी नगर पंचायत में चोरों ने डॉक्टर के क्लिनिक, मेडिकल स्टोर, और कीटनाशक तथा खाद की दुकानों के ताले तोड़ दिए। सूचना मिलते ही बडोनी पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने एक अज्ञात पल्सर बाइक भी जब्त की, जो चोरों द्वारा उपयोग की गई हो सकती है। स्थानीय लोगों की चिंताएं स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस गश्त में लापरवाही बरत रही है, जिसके कारण चोरों को खुली छूट मिल रही है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वे अपनी गश्त को सख्त करें और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएं। दतिया में बढ़ती चोरी की घटनाएं न केवल पुलिस की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा को भी चुनौती देती हैं। पुलिस प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करनी होगी, ताकि स्थानीय लोगों का भरोसा पुनः स्थापित हो सके।
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22 November 2024हिरखेड़ी में बुधवार रात एक महिला ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की। महिला को सूदखोर प्रताड़ित कर रहा था। 15 प्रतिशत ब्याज की मांग कर महिला और उसके बेटे को धमकाता था। बेटे के नाम से मोबाइल, एसी और वाटर प्यूरीफायर फायनेंस करवा लिए थे। द्वारकापुरी पुलिस के मुताबिक सुनंदा देवकुमार पाटिल ने बताया कि 3 महीने पहले छावनी के निलेश सिलावट से 3 लाख रुपये उधार लिए थे। कर्जा देते समय तय हुआ था कि 5 प्रतिशत ब्याज लेगा। एक महीने बाद ही निलेश ने 15 प्रतिशत ब्याज कर दिया। उन्होंने आगे जानकारी दि कि हमने जैसे-तैसे एक लाख रुपये की व्यवस्था करवा दी। निलेश ने धमका कर मेरे बेटे विवेक के नाम से एसी, प्यूरीफायर और मोबाइल फायनेंस करवा लिया। पिछले महीने निलेश बदमाशों के साथ घर पहुंचा। उसने गुंडागर्दी करते हुए जबरदस्ती मकान की लिखापढ़ी अपने नाम से करवा ली। सूदखोर निलेश की इस प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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21 November 2024भोपाल में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) का 76वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से शौर्य स्मारक पर मनाया गया। इस खास मौके पर भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सलामी दी गई, जिससे कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मंत्री ने बच्चों से किया संवाद कार्यक्रम के दौरान, प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने NCC कैडेट्स को संबोधित करते हुए उनके योगदान और मेहनत की सराहना की। मंत्री ने कहा कि ये बच्चे बहुत भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता और समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनका मानना था कि इन बच्चों का NCC में भाग लेना उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो उन्हें जीवन में नई दिशा और साहस देता है। रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई आकर्षक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जो उपस्थित दर्शकों का मन मोह गए। इनमें गार्ड ऑफ ऑनर, समूह गान, बैंड प्रदर्शन और NCC गीत जैसे कार्यक्रम शामिल थे। इन आयोजनों ने न केवल NCC कैडेट्स की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को दर्शाया, बल्कि उनके संस्कार, कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति योगदान को भी उजागर किया। NCC का महत्व और बच्चों के प्रति सम्मान मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि NCC कार्यक्रम बच्चों को अनुशासन, एकता और राष्ट्र सेवा की भावना से लैस करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्लेटफॉर्म बच्चों को अपने हुनर को निखारने का अवसर देता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
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21 November 2024हल्द्वानी में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने कमलुवागांजा गणपति विहार इलाके में छापेमारी कर नकली शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी मुखबिर की सूचना पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने गणपति विहार के एक घर में छापेमारी की। यहां से नकली शराब बनाने का सामान और बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की गई। टीम ने मौके से एल्कोमीटर, होलोग्राम, और अन्य सामग्री जब्त की, जो नकली शराब तैयार करने में उपयोग की जाती थीं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान विशाल मंडल के रूप में हुई है। आरोपी पहले भी ऐसे मामलों में संलिप्त रहा है और जेल जा चुका है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ और पुलिस की बड़ी सफलता यह छापेमारी एसटीएफ और पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि नकली शराब का कारोबार इलाके में एक गंभीर समस्या बन चुका था। नकली शराब की बिक्री से न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह अवैध व्यापार संगठित अपराधों को भी बढ़ावा देता है। आगे की कार्रवाई आबकारी विभाग और पुलिस ने यह भी बताया कि वे इस अवैध कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के कारोबार को जड़ से समाप्त किया जाए। विभाग अब यह पता लगाने में जुटा हुआ है कि यह नकली शराब किस तरीके से बाजार में सप्लाई की जा रही थी, और इस गैंग के अन्य सदस्य कौन-कौन हो सकते हैं।
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21 November 2024मऊगंज, रीवा में अतिक्रमण हटाने को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ जेसीबी मशीन लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे, लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, माहौल हिंसक हो गया। दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी और नारेबाजी होने से तीन लोग घायल हो गए। घटना का विवरण मऊगंज के खटखरी चौकी क्षेत्र स्थित देवरा महादेव मंदिर के पास जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी टीम के साथ खुद कार्रवाई की। इस दौरान विशेष समुदाय के लोगों के साथ संघर्ष हुआ, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में बल तैनात किया। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रचना ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभालने की कोशिश की और धारा 163 लागू कर दी। प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया नियमानुसार ही चलेगी, लेकिन भाजपा विधायक प्रदीप पटेल तत्काल कार्रवाई पर अड़े हुए थे। इसके बाद पुलिस ने विधायक को जबरन वाहन में बैठाकर मऊगंज भेज दिया। स्थिति घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही, लेकिन पुलिस ने समय रहते नियंत्रण स्थापित किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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20 November 2024भोपाल में एक व्यक्ति को फर्जी पुलिसकर्मी बनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम आनंद सेन है, जिसे पुलिस ने एमपी नगर थाने में पकड़ा। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। घटना का विवरण आनंद सेन पर आरोप है कि वह नकली पुलिसकर्मी बनकर शहर में घूम रहा था और लोगों को डरा-धमका कर पैसे की मांग करता था। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने इस मामले की जांच की पुष्टि की और बताया कि आरोपी ने खुद कबूल किया है कि वह असल में फर्जी पुलिस वाला था। जानकारी के अनुसार, छतरपुर में भी इस आरोपी के खिलाफ शिकायतें आई थीं, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। आरोपी के पास मिलीं कई पुलिस वर्दियां आरोपी के पास कई पुलिस वर्दियां मिली हैं, जिससे उसकी नकल करने की कोशिश और भी स्पष्ट हो गई है। वह अक्सर पुलिस की गाड़ी देखकर उसके आसपास खड़ा होकर फोटो खिंचवाता था और लोगों को यह बताकर धमकाता था कि वह पुलिसकर्मी है। इसके बाद वह उनसे पैसे की मांग करता था। पुलिस अब आरोपी के खातों की जांच भी कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और कौन-कौन से अपराध किए हैं। आरोपी अशोका गार्डन क्षेत्र में रह रहा था, और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को उजागर करता है, जहां एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से पुलिस की वर्दी पहनकर आम जनता को परेशान किया।
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20 November 2024भोपाल पुलिस ने एक साइबर ठगी के गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, और गैंग के सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष को 20 नवंबर तक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक, उसके मोबाइल से कई संदिग्ध ऐप्स मिले हैं, जिनका इस्तेमाल अपराध में किया जाता था। पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस कमिश्नर का बयान भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि यह गिरोह फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें बेचता था और साइबर ठगी करता था। आरोपी सबसे पहले नाबालिग लड़के-लड़कियों के आधार कार्ड हासिल करते थे। फिर इन्हें एडिट कर उनकी तस्वीरें बदलते थे और उम्र बढ़ाकर लिख देते थे। इसके बाद इन फर्जी आधार कार्डों की मदद से पैन कार्ड बनवाया जाता था। इस पैन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आरोपी बैंक खाते खुलवाते थे। गिरोह की गतिविधियाँ गिरोह के सात आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। ये आरोपियों का गिरोह बिहार का अंतरराज्यीय नेटवर्क है, जो भोपाल में किराए के मकान पर रहकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। पुलिस ने इब्राहिमपुरा में एक कमरे में कॉल सेंटर भी पकड़ा, जहां से ये लोग दस्तावेज तैयार करते थे। फर्जी दस्तावेज बनाने का नेटवर्क पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने देश के छह अलग-अलग शहरों में फर्जी दस्तावेज बनाने का काम किया। इनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, और पुलिस को उम्मीद है कि इससे देशभर में साइबर ठगी के मामलों में कमी आएगी।
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20 November 2024मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रीवा शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचे और टीम द्वारा जांच के दौरान सोते हुए पाए गए। जांच टीम को शराब के नशे में मिला शिक्षक रीवा के प्राथमिक पाठशाला पोखरी टोला में जांच के दौरान शिक्षक रमाकांत वर्मा शराब के नशे में सोते हुए मिले। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें छात्र भी आरोप लगा रहे हैं कि शिक्षक पढ़ाने के बजाय क्लास में सोते रहते हैं। शहर के स्कूल में ऐसे हाल, तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या होगा? यह घटना शहर के बीचों-बीच स्थित सरकारी स्कूल की है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है। अगर शहर के स्कूल में ऐसी स्थिति है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का हाल क्या होगा, इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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18 November 2024आष्टा क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिससे वे परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने इस साल रामपुरा डैम की नहर से केवल दो बार पानी छोड़ा जाएगा, जो उनकी फसलों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके परिणामस्वरूप किसानों की फसल सूखने का खतरा है। कर्ज लेकर खरीदी थी बीज, अब संकट में किसान किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर गेहूं और चना की बुवाई के लिए बीज खरीदा था, लेकिन सिंचाई के लिए पानी न मिलने से उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। रामपुरा डैम में पर्याप्त पानी होने के बावजूद फसलों के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा, जिससे किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। किसानों का मुख्यमंत्री से समाधान की मांग इस समस्या को लेकर क्षेत्र के किसान भारी संख्या में रामपुरा डैम पहुंचे और ‘हमारा हक हम लेकर रहेंगे’ जैसे नारे लगाए। किसानों ने यह भी बताया कि वे मंगलवार को जनसुनवाई में मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्या का समाधान मांगने के लिए पहुंचेंगे।
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18 November 2024खजुराहो में पश्चिमी मंदिर समूह के स्मारकों की साइड सीन करते समय एक विदेशी पर्यटक को अचानक हार्ट अटैक आ गया। 59 वर्षीय पोलिश नागरिक पीटर डिजिकन, जो टूरिस्ट ग्रुप के साथ खजुराहो आया था, लक्ष्मण टेम्पल परिसर में चक्कर खाकर गिर गया और बेहोश हो गया। तत्काल इलाज और अस्पताल रेफर घटना के बाद, पीटर को तुरंत ई-रिक्शा से एग्जिट गेट पर लाया गया, जहां से उसे एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने त्वरित प्राथमिक उपचार दिया और उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय छतरपुर रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, पीटर को हार्ट अटैक आया था और उसे पहले से कई बीमारियां थीं। खजुराहो पहुंचने पर पीटर का ब्लड प्रेशर बहुत कम था और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। इलाज जारी अभी बीमार पर्यटक का इलाज जारी है, और डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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18 November 2024भोपाल के गुलाब उद्यान में बोनसाई एसोसिएशन द्वारा तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस अनूठी प्रदर्शनी में 400 से अधिक बोनसाई पौधों की सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बोनसाई केवल पौधों की कला नहीं है, बल्कि यह प्रकृति से जोड़कर नई कलाकृतियां सृजित करने का प्रतीक है। मंत्री ने बोनसाई को सृजन का संदेश देने वाला और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाला बताया। कार्यशाला में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंडोनेशिया के ययात हिदायत और अधित्य आजी पमुनगकास, नई दिल्ली के सौमिक दास, बेंगलुरु की अनुपमा वडेचला, और हैदराबाद के गोविंद राज शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने बोनसाई की बारीकियों और तकनीकों को साझा किया।
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17 November 2024छतरपुर में पुलिस और प्रशासन ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईशानगर में एक व्यापारी के गोदाम पर छापा मारकर 1500 बोरी अवैध खाद बरामद की गई। एसडीएम की टीम ने मौके पर पहुंचकर गोदाम को सील कर दिया। यह खाद ब्लैक में बेचने के लिए जमा की गई थी। छतरपुर में खाद की कालाबाजारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा घटना में ईशानगर के व्यापारी संतोष अग्रवाल के गोदाम पर पुलिस प्रशासन ने छापा मारा, जहां से 1500 बोरी अवैध खाद बरामद हुई। व्यापारी के पास खाद बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। एसडीएम अखिल राठौर ने मौके पर पहुंचकर गोदाम की जांच की और उसे सील कर दिया। यह सवाल उठता है कि जब किसान खाद की बोरी के लिए परेशान हैं, तो व्यापारी इतनी बड़ी मात्रा में खाद का भंडारण कैसे कर रहा था? और यह खाद आखिरकार कहां से आई?
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17 November 2024छतरपुर में शराब के नशे में धुत एक महिला ने कलेक्टर बंगले के सामने जमकर हंगामा किया। उसने सड़क पर गाड़ियों को रोकने, गाली-गलौज करने और तमाशा करने जैसी हरकतें की, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। महिला की हरकतों से सड़क पर अफरा-तफरी फैल गई। सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन महिला इतनी नशे में थी कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। अंततः पुलिस ने थाने की टीम को बुलाया, जिसने महिला को टीआई की गाड़ी में बैठाकर वहां से ले जाया। महिला को जिला अस्पताल लाया गया, जहां मेडिकल परीक्षण के दौरान भी उसने डॉक्टरों और नर्सों को परेशान करना जारी रखा। एक घंटे तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे ने पूरे शहर में हलचल मचा दी।
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17 November 2024मैहर में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए खाद विभाग की टीम ने दो दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद जब्त किए। इस कार्रवाई के बाद से दोनों दुकानों के मालिक फरार हो गए हैं। अवैध व्यापार पर कार्रवाई मैहर में लंबे समय से खाद की कमी की शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन को किसानों से लगातार खाद की कालाबाजारी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर खाद विभाग ने पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स पर छापा मारा। मैहर रेस्ट हाउस के पास स्थित इन दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद बरामद किए गए। इस कार्रवाई के दौरान पाया गया कि दुकानदार बिना वैध प्रक्रिया के अधिक कीमत पर खाद बेचने की कोशिश कर रहे थे। किसान की शिकायत बनी कार्रवाई का आधार एक किसान ने शिकायत की थी कि पवन ट्रेडर्स ने उससे 1500 रुपए प्रति बोरे के हिसाब से तीन बोरे का पैसा ले लिया, लेकिन खाद देने में आनाकानी कर रहा था। इस शिकायत के बाद खाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संग्रहित खाद जब्त की। दुकानदार फरार, जांच जारी कार्रवाई के बाद पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स के मालिक फरार हो गए। पुलिस और प्रशासन अब इन दुकानदारों की तलाश कर रहे हैं। खाद विभाग यह भी जांच कर रहा है कि इस अवैध व्यापार में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। किसानों को राहत की उम्मीद मैहर में इस कार्रवाई के बाद किसानों को उम्मीद है कि खाद की किल्लत पर जल्द काबू पाया जाएगा। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत विभाग को दें। यह कार्रवाई मैहर में खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और किसानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है।
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16 November 2024रीवा जिले में नशे के बढ़ते कारोबार पर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बैकुंठपुर क्षेत्र से 19 वर्षीय युवती को 146 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया है। युवती से पूछताछ के दौरान नशे की तस्करी से जुड़े अन्य पहलुओं का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई और जब्ती बैकुंठपुर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर युवती को रिमांड पर लिया है। एसडीओपी सिरमौर उमेश प्रजापति के अनुसार, जब्त ब्राउन शुगर और अन्य नशीले पदार्थों की कीमत करीब 4 लाख 39 हजार रुपए आंकी गई है। युवती के पास से अन्य नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। साथियों की तलाश जारी इस मामले में पकड़ी गई युवती सोनम तिवारी के दो साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है और नशे के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत है। रीवा में बढ़ता नशे का खतरा रीवा में कोरेक्स, गांजे के बाद अब ब्राउन शुगर और अन्य ड्रग्स का नशा भी तेजी से पैर पसार रहा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। इस मामले ने नशे के अवैध कारोबार को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। पुलिस की सख्ती और अपील पुलिस ने नशे के इस बढ़ते खतरे पर कार्रवाई तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। यह घटना रीवा में नशे के अवैध कारोबार के तेजी से बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है और इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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16 November 2024छतरपुर जिले के बिजावर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एयरगन से निकला छर्रा 16 वर्षीय नाबालिग की जान ले गया। यह घटना बिजावर के जेल मोहल्ला में तालाब किनारे हुई, जहां दो युवक बगुलों का शिकार करने गए थे। बगुलों का शिकार बना नाबालिग तालाब के किनारे बैठे दो युवक एयरगन से बगुलों को मारने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान उनकी एयरगन से निकला छर्रा पास में बैठे एक नाबालिग के पेट में जा लगा। गंभीर रूप से घायल नाबालिग को तुरंत बिजावर के उप-स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सही इलाज के अभाव में मौत जिला अस्पताल से भी नाबालिग को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। इस दौरान लगभग पांच घंटे तक उसे सही इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि घटना महज एक हादसा थी या इसमें किसी प्रकार की लापरवाही भी शामिल थी। परिवार में शोक की लहर इस घटना से मृतक के परिवार और इलाके में शोक का माहौल है। एक मासूम की जान जाने से लोग गहरे सदमे में हैं और इस घटना ने सुरक्षा उपायों और लापरवाह शिकार की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यह हादसा असावधानी और लापरवाही के परिणामों को उजागर करता है और सभी के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसी गतिविधियों में अधिक सतर्कता बरती जाए।
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16 November 2024जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दिन को खास बनाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। बिरसा मुंडा जयंती पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बिहार-झारखंड की धरती पर खड़े होकर हमारे समाज का प्रबल प्रतिरोध स्थापित किया। उनके नेतृत्व में आदिवासी अंचल से जो आंदोलन शुरू हुआ, उसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा अपने संघर्षों के कारण जीते जी भगवान का दर्जा प्राप्त कर गए। ऐसे महान नेता की जयंती को मध्यप्रदेश सरकार भी श्रद्धा और गौरव के साथ मना रही है।
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15 November 2024महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में ठेकेदार एक युवक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। छतरपुर में ठेकेदार की गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का बताया जा रहा है। वीडियो में ठेकेदार रिक्शा चालक चालक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। दरअसल पूरा मामला यह है कि- ई रिक्शा चालक ने पार्किंग के दौरान ठेकेदार से सही रसीद मांग ली। जिससे ठेकेदार ने गुस्से में आकर ई रिक्शा चालक को बेरहमी से मारपीट की। यह मामला सिविल लाईन थाना का है।
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15 November 2024दतिया: बदलते मौसम में संक्रमित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में, दतिया जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उनाव बालाजी में कोविड मॉकड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की संक्रमण रोकने की तैयारीइस मॉकड्रिल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोविड संक्रमित व्यक्ति को उपचार देने की प्रक्रिया का अभ्यास किया। यह मॉकड्रिल खास तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी कि स्वास्थ्य कर्मचारी आपात स्थिति में सही तरीके से संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकें और संक्रमण फैलने से बचा जा सके। डॉक्टरों की अपील- बदलते मौसम में रखें स्वास्थ्य का ध्यानकार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। डॉक्टरों ने कहा कि बदलते मौसम में वायरस के संक्रमण की रफ्तार बढ़ जाती है, जिससे लोग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टरों ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग निरंतर इस तरह की तैयारियों में लगा हुआ है ताकि किसी भी संभावित संकट से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। यह मॉकड्रिल कार्यक्रम यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग कोविड के संभावित पुनरुत्थान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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14 November 2024बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में तंत्र-मन्त्र के जरिए खजाना दिलाने के नाम पर एक बुजुर्ग दम्पति से पांच लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। कथित तांत्रिकों ने पहले बुजुर्ग दम्पति से दोस्ती की और फिर उन्हें खजाना दिलाने का झांसा देकर उनकी तामझाम से पूजा शुरू की। तंत्र-मन्त्र का लालच देकर शुरू किया धोखाधड़ी का खेलतांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति को विश्वास में लिया और उन्हें बताया कि उनके घर के पास जमीन में खजाना दबा हुआ है। जब दम्पति खजाने के लालच में आ गए, तो तांत्रिकों ने पूजा-पाठ शुरू करने की बात की। इसके बाद शातिर तांत्रिकों ने इस पूजा के लिए जो सामान आवश्यक होगा, उसका खर्च पांच लाख रुपये से ज्यादा होने की बात कही। बुजुर्ग दम्पति जब इसके लिए तैयार हो गए, तो तांत्रिकों ने एक मिट्टी की हांडी में पांच लाख रुपये रखवाए और पूजा शुरू करने के लिए गहरा गड्डा खोदने का नाटक किया। बेहोश करने के बाद ठग फरारपुजा आरंभ करने के बाद, तांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति पर सुगंधित पदार्थ डालकर उन्हें बेहोश कर दिया। इस बीच, तांत्रिकों ने मौके का फायदा उठाते हुए पांच लाख रुपये लेकर फरार हो गए। जब कुछ समय बाद दम्पति को होश आया, तो उन्हें अपनी ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तारमामला पुलिस तक पहुंचा और भमोरा पुलिस ने इस मामले में दो तांत्रिकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 50 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। पुलिस अब इस मामले की आगे जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि तंत्र-मन्त्र के नाम पर लोग अक्सर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने इस ठगी मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी तांत्रिकों को गिरफ्तार किया है।
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14 November 2024महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पढ़ाई की बजाए लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। हाल ही में यहाँ दो छात्राओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। छतरपुर में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में दो छात्राओं के बीच मारपीट हुई। वायरल वीडियो में दोनों छात्राएं एक दूसरे के साथ जमकर मारपीट करती नजर आ रही हैं। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में कई बार मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, इन लड़कियों के बीच मारामारी के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
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12 November 2024छतरपुर में अवैध रेत के कारोबार में लगे एक ट्रक के ड्राइवर की रेत में दबकर मौत हो गई। दुर्घटना के बाद जब लोगों ने ट्रक से रेत चुराई, तो ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिला। इस मामले में समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो ड्राइवर की जान बचाई जा सकती थी। पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अवैध रूप से रेत के कारोबार में लगा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन हादसे के बाद ट्रक का ड्राइवर नहीं मिला। पुलिस ने उसकी खोजबीन भी नहीं की, जबकि ट्रक ड्राइवर दो दिन तक रेत के नीचे दबा रहा और जिंदगी की जंग हार गया। पुलिस और प्रशासन ने दो दिन तक सिर्फ तमाशबीन बने रहे, जबकि रेत चोर दो दिन तक वहाँ से रेत चुराते रहे। अचानक ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिलने पर भगदड़ मच गई। ट्रक ड्राइवर का शव मिलने पर उसके परिजनों ने चक्का जाम किया, तब जाकर पुलिस की नींद टूटी और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। अब पुलिस मामले की लीपापोती कर रही है। एक अन्य सड़क हादसे में, छतरपुर में अटरा सरकार मंदिर के सामने दो मोटरसाइकिल आमने-सामने तेज रफ्तार से टकरा गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, और 13 वर्षीय एक बालिका समेत तीन पुरुष घायल हो गए। मौके पर उपस्थित राहगीरों ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक पुरुष की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया।
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12 November 2024भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल में गर्ल्स और बॉयज टॉयलेट एक साथ बनाए जाने का मामला सामने आया है। इस निर्माण की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, और इसे लेकर प्रदेश की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोग इस मामले को लेकर कह रहे हैं कि "एमपी अजब है, सबसे गजब है।" वायरल तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य के. डी. श्रीवास्तव ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि शासकीय कन्या सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल पहले संस्कृत विद्यालय और हॉस्टल के भवन में था, और 2022-23 में नए भवन का कब्जा मिला है। दूसरी मंजिल में बने लेडीज टॉयलेट को बालकों को आवंटित किया गया है, जिसके ऊपर ही जेंट्स टॉयलेट बनाया गया है। प्राचार्य के अनुसार, यह अस्थायी व्यवस्था है और चालू सत्र में बिना पुराने निर्माण को तोड़े टेम्परेरी टॉयलेट बनाए गए हैं। जल्द ही नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अजीब निर्माण कार्य अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का परिणाम है।
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11 November 2024छिंदवाड़ा। वेकोलि पेंच क्षेत्र के विजय साइडिंग और शिवपुरी के मुख्य मार्गों पर गड्ढों के कारण लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, क्योंकि इन सड़कों पर बड़े ट्रक कोयला लेकर गुजरते हैं, और इसी मार्ग से मोटरसाइकिल से लोग भी सफर करते हैं। परासिया के पूर्व जनपद अध्यक्ष रहीस खान और रावनवाड़ा के सरपंच अरुण नैवेध ने स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि 7 दिनों के अंदर सड़क के गड्ढों की मरम्मत की जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह काम समय पर नहीं हुआ, तो वे जनता के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
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11 November 2024इंदौर में तुकोगंज थाना इलाके में रेसकोर्स रोड के करीब एक इमारत की पार्किंग में लूट की बड़ी वारदात हो गई। यहां पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान बिजनेसमैन और उनके भतीजे सहित पड़ोसी के साथ लूट की वारदात हो गई। बदमाशों ने चाकू दिखाकर इनसे सोने की चेन और ब्रेसलेट उतरवा लिया। पड़ोसी वहां आए तो उन्हें भी बदमाशों ने लूट लिया। इसके बाद वे बाइक से भाग निकले। अब पुलिस आस-पास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए इनकी तलाश कर रही है। शहर के सबसे पॉश इलाकों में शुमार रेसकोर्स रोड पर लूट की बड़ी वारदात की घटना सामने आई है। दो बदमाशों ने यहां चाकू अड़ाकर लोगों से सोने के आभूषण लूट लिए। वारदात बिल्डर कमलेश अग्रवाल, सहित उनके रिश्तेदार दिशांत अग्रवाल और पास रहने वाले पिकेश शाह के साथ हुई।बदमाशों ने पहले कमलेश अग्रवाल और दिशांत को निशाना बनाया और उनकी सोने की चेन और ब्रेसलेट और अंगूठी छीन लिए। पड़ोसी पिकेश वहां पहुंचे तो उन्हें भी लूट लिया। सोने के आभूषण लाखों रुपये कीमत के बताए जा रहे हैं। सूचना मिलने के बाद तुकोगंज थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस अब इस मामले में सीसीटीवी कैमरे खंगालकर बदमाशों की तलाश में जुट गई है। व्यस्त इलाके में इस तरह की घटना से कई सवाल खड़े होने लगे हैं। बदमाश लोगों को धमका रहे थे कि अगर वे गहने नहीं देते तो उन्हें चाकू मार देंगे। घबराए लोगों ने अपने गहने उतारकर उन्हें दे दिए। जिसे लेकर वे फरार हो गए। रात्रि गश्त और नाकाबंदी के बाद भी नकाबपोश बदमाश सूने घरों में घुस गए। पाश कॉलोनियों से चोर लाखों रुपये कीमती आभूषण, नकदी, लेपटाप व अन्य सामान चुराकर ले गए। सीसीटीवी फुटेज में चोर अलग-अलग घरों में दस्तक देते नजर आ रहे हैं। वारदात की शुरुआत राऊ थाना अंतर्गत साईं रायल पाल्म कालोनी में हुई है। फरियादी राशी सोलंकी सात नवंबर को रात करीब आठ बजे पति नवनीतसिंह सोलंकी के साथ पैतृक निवास सुदामा नगर गई थीं। शनिवार सुबह सवा आठ बजे पड़ोसी जेके सोनी ने कॉल कर बताया घर का दरवाजा खुला हुआ है। राशी और नवनीत घर आए तो पता चला घर में चोरी हुई है। पांच अलमारियों के ताले टूटे हुए थे। चोर सोने के आभूषण,नकदी और महंगी शराब की बोतलें चुरा कर ले गए। राशी और नवनीत सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने थाने में शिकायत की। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट पहुंचे और चोरों के फिंगर प्रिंट जुटाए। पुलिस ने कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो चार चोर नजर आए दो दो-दो की टुकड़ी बनाकर चोरी कर रहे थे। चोरों ने कई घरों के दरवाजों पर दस्तक दी थी। जिन घरों में ताले नहीं लगे उनको छोड़ दिया। सीसीटीवी की जांच कर रहे हैं।
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11 November 2024सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति के परीक्षण में भले ही लगभग 175 नर्सिंग कॉलेज मान्यता के योग्य पाए गए हैं, पर सख्ती के चलते कई कॉलेज संचालक हाथ खींच रहे हैं। उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है, मान्यता नवीनीकरण के लिए लगभग 300 आवेदन आए थे, जिनमें 125 के करीब ही मान्यता योग्य बताए जा रहे हैं। सीटों की बात करें तो इन 125 कॉलेजों में जीएनएम (डिप्लोमा पाठ्यक्रम) और बीएससी (नर्सिंग) मिलाकर लगभग छह हजार सीटें ही हैं, जबकि वर्ष 2020 के बाद एक समय ऐसी स्थिति थी कि प्रदेश में 670 नर्सिंग कॉलेजों में 45 हजार तक सीटें थीं। यह कॉलेजों और सीटों की अब तक की सर्वाधिक संख्या रही। सीटें कम होने का बड़ा नुकसान नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश की तैयारी कर रहे युवक-युवतियों का होगा। कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिन के भीतर मान्यता जारी होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने तय किया है वर्ष 2023 की तरह इस वर्ष भी कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा, सिर्फ पहले से संचालित कॉलेजों को ही मान्यता दी जाएगी। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों से आवेदन मांगे गए थे, जिनके परीक्षण का काम लगभग पूरा हो गया है। मान्यता नवीनीकरण सूची जारी होने के बाद एमपी ऑनलाइन से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित कर चुका है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बंद हो जाएंगे 350 कॉलेज बता दें, लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में मापदंड को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कुछ कॉलेजों का फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने पकड़ा। हाई कोर्ट ने अपात्र कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए। इस तरह लगभग 200 कॉलेज बंद हो गए। अभी 485 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 350 बंद हो जाएंगे क्योंकि वे मान्यता के लिए जरूरी सुविधाओं के पैमाने पर खरे नहीं उतर रहे। आगे भी यही स्थिति रही तो प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार नर्सिंग कर्मचारी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल पाएंगे।
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10 November 2024डबरा के इस्लामपुर में दहेज की मांग पूरी न होने पर बहन के ससुराल वालों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। नीरज सेंगर अपनी बहन विनीता के निमंत्रण पर उनके घर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी बहन विनीता सेंगर, नीलम, जूली राजोरिया, इंद्रजीत सेंगर और संजय जाटव भी थे। इस दौरान विनीता के ससुराल वालों ने दहेज को लेकर अपनी मांग रखी, लेकिन नीरज और उनके परिवार ने देने में असमर्थता जताई। इससे नाराज होकर विनीता के ससुराल वालों ने लाठी और फरसों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में नीलम गंभीर रूप से घायल हो गईं और उनका न्यूरोलॉजी में इलाज चल रहा है। नीलम की हालत नाजुक बताई जा रही है। यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा, लेकिन डबरा थाना प्रभारी ने इसे दोनों पक्षों का झगड़ा बताया और क्रॉस केस दर्ज करने की बात कही।
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10 November 2024अमरपाटन सिविल अस्पताल को 10 डी फ्रीजर की सौगात मिली है। डॉक्टरों की मौजूदगी में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने ब्लॉक के अलग-अलग सीएचसी को यह फ्रीज सौंपे। मैहर जिले के अमरपाटन में मृत शवों को अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा समय तक रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए अमरपाटन विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 10 डी फ्रीजर की सौगात दी। डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत शवों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने में कई कठिनाइयाँ आ रही थीं। अमरपाटन सीएचसी में पहले एक ही डी फ्रीजर था, जिससे शवों को रखने की समस्या उत्पन्न हो रही थी। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सभी डॉक्टरों की मौजूदगी में अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 5-5 डी फ्रीजर की सौगात दी गई है। अब इस सुविधा से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी, और शवों को अंतिम संस्कार से पहले सुरक्षित रखने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
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9 November 2024देवास जिले के ग्राम बड़ी चुरलाय में अवैध रूप से शराब का धंधा चलने की सूचना पर आबकारी विभाग की टीम ने दविश दी, जिसके दौरान टीम पर हमला किया गया। आबकारी उप निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन, अवैध धंधे में लिप्त परिवारों ने टीम का विरोध किया और उन पर हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाओं द्वारा उप निरीक्षक पर हमला होते देखा जा सकता है। इस हमले में उप निरीक्षक का मोबाइल तोड़ दिया गया और उनकी ड्रेस भी फाड़ दी गई। इस दौरान कुछ लोग अवैध शराब लेकर भागने का भी प्रयास करते दिखाई दिए। गांव वालों ने इस अवैध शराब कारोबार से परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कार्रवाई की जा रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस फोर्स भी मौके पर बुलाई गई। फिलहाल, पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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9 November 2024पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर बड़ा बम धमाका हुआ है। इसमें 20 लोगों की मौत की खबर है। विस्फोट में 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस वक्त धमके को अंजाम दिया गया, स्टेशन पर काफी भीड़ थी। एक ट्रेन पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। इसके अलावा भारी संख्या में यात्री दूसरी पैसेंजर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। धमाके के बाद क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सनसनी फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। स्टेशन पर अफरा तफरी मच गई। बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। टीम घटनास्थल पर युद्धस्तर पर काम कर रही है। बम निरोधक दस्तों को भी मौके पर जांच करने के लिए बुलाया गया है। पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि क्वेटा में एक के बाद एक दो बम धमाके हुए। पहले धमाके में चार लोगों की मौत हुई, जबकि दूसरे में करीब 15 से 26 लोगों की मौत हो गई। धमाकों में इससे कहीं ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल इसकी जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि विस्फोट रेलवे स्टेशन के बुकिंग कार्यालय में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले हुआ। रेलवे अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जाफर एक्सप्रेस सुबह 9 बजे पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। विस्फोट के समय ट्रेन अभी प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंची थी। स्टेशन पर हमेशा की तरह भीड़भाड़ को देखते हुए, बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका है।
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9 November 2024बैरागढ़ में एक कपडे की दूकान में आग लग गई बताया जा रहा है आगजनी की यह घटना शार्ट सर्किट के कारण हुई है समय रहते फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया बैरागढ़ की एक कपड़ा एक दुकान में आज सुबह तड़के आग लग गई बताया जा रहा है कि मोहिनी टेक्सटाइल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग भड़क गई और उसने विकराल रूप ले लिया मॉर्निंग वॉक पर निकले व्यक्ति ने इसकी सूचना बैरागढ़ थाने में दी सूचना मिलते ही पुलिस ने दमकल की गाड़ियों को इस बारे में जानकारी दी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया इस इलाके में तमाम सारी कपडे की दुकानें हैं अगर समय रहते इस आग पर काबू नहीं पाया जाता तो यहाँ बड़ा हादसा हो सकता था.
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8 November 2024दतिया जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ते-बढ़ते फायरिंग तक पहुंच गया, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना खैरी माता मंदिर के पास हुई, जहां भाई दूज के दिन शुरू हुई कहासुनी ने बाद में हिंसक रूप ले लिया। मामले की जानकारी के अनुसार, पहले गुर्जर पक्ष ने राय परिवार के साथ मारपीट की थी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों पक्षों में जमकर फायरिंग हुई, जिसमें दो युवक गोली लगने से घायल हो गए। स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। दतिया में इस तरह की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
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8 November 2024छतरपुर जिले के बक्सवाहा थाना क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में एक युवक की जान चली गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने एक चार पहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। घायल युवक को प्राथमिक उपचार के लिए दमोह के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और यातायात नियमों की अनदेखी से होने वाली दुर्घटनाओं पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। पुलिस द्वारा हादसे की जांच की जा रही है कि आखिर दुर्घटना किन कारणों से हुई।
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8 November 2024छतरपुर में आपसी विवाद के बाद पति पत्नी ने आत्मघाती कदम उठाया और जहरीला पदार्थ खा कर दोनों ने जान दे दी वहीँ एक अन्य घटना में पत्थर खदान में डूबने से 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई. पति -पत्नी मे विवाद के बाद दोनो ने जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे पति -पत्नी दोनो की मौत हो गई विवाद का कारण पति की शराब और जुआं खेलने की लत थी पति घर पर रखे पैसे शराब और जुए में उडाना चाहता था इसी वजह से दोनों में विवाद हुआ पुलिस इस मामले की जांच मे जुटी है ये घटना लवकुशनगर थाना के मिढ़का गांव की है. जिले की सबसे बड़ी मंडी क्रेशर से पत्थर का उत्खनन होता है लेकिन इन खदानों में कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं है उत्खनन करने के बाद खदानों को इसी तरह से छोड़ दिया जाता है इस खदान के पास से 16 वर्षीय महेश प्रजापति घर से खेत पर जा रहा था तभी पैर फिसलने से वह खदान में गिर गया और उसकी मौत हो गई.
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8 November 2024गुड़ा ग्राम में जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। जिसमें करीब 100 वन कर्मी शामिल थे। रेस्क्यू के बाद हाथी के बच्चे को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया । कटनी जिले के ग्राम गुड़ा से जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। इस ऑपरेशन के वक्त जंगली हाथियों का दल खेत में मौजूद था। वही हाथी के बच्चे को खेत से निकलने के लिए करीब 100 वन कर्मी खेत में मौजूद रहे। यह बचाव कार्य रात भर चला । तब कही जाकर वन कर्मियों ने हाथी शावक को पिकअप वाहन के माध्यम से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले गए । इस ऑपरेशन में कटनी और उमरिया जिले के वन कर्मी शामिल हुए थे।
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6 November 2024चेकिंग के दौरान यातायात प्रभारी ने ओवरलोड टैक्सी चालक के साथ चलानी कार्यवाही करने के बजाए मारपीट शुरू कर दी इस मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. छतरपुर में यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत ने वर्दी का रौब दिखाया यातायात प्रभारी ने चेकिंग के दौरान ओवरलोड टैक्सी चालक की कॉलर पकड़कर मारपीट की जबकि उन्हें तत्काल टैक्सी चालक का चालान काटना चाइये था जिसका वीडियो सोशल मीडिया मे वायरल हो गया है वीडियो में यातायात प्रभारी चेकिंग मे ओवरलोड टैक्सी का चालान करने की जगह मारपीट करते नजर आए।
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6 November 2024छतरपुर में एक बहु ने नया काण्ड कर दिया और अपने आशिक के साथ मिलकर सास की जघन्य हत्या कर दी पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर के कुडेरी गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है जहा पर एक बहु ने आशिक के साथ मिलकर सास की हत्या कर दी दरअसल बहु के पड़ोसी के साथ अवैध संबंध थे सास ने दोनों को रंगे हाथो पकड़ा लिया तो बहु ने सास को ईंटों और पत्थरों से पीटपीट कर मार डाला पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है यह मामला जुझार नगर थाना क्षेत्र का है.
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6 November 2024खातेगांव मंडी में शुभ मुहूर्त में नीलामी कार्य प्रारंभ हुआ। जिसमें कर्मचारियों, व्यापारी और किसानों ने उत्साह के साथ भाग लिया। साथ ही किसानो से गुजारिश की गई की किसान अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे बेचने लाये । कृषि उपज मंडी समिति एवं व्यापारियो ने संयुक्त रूप से शुभ मुहूर्त में नालामी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पुरुषोत्तम व्यास, मंडी सचिव रघुनाथ सिंह , लेखपाल गुरप्रीत सिंह और मंडी के सभी कर्मचारी के साथ समस्त मंडी व्यापारि मौजूद रहे। फसल नीलामी का कार्यक्रम शुभ मुहूर्त पर मंडी में मौजूद बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना कर की गई । व्यापारियों ने किसानो, कर्मचारियों, हम्मालो, तुलावटियों के लिए नास्ते की व्यवस्था कराई । उसके बाद व्यापारियो को शॉल श्रीफल और साफा बांधकर मंडी कर्मचारियों ने सम्मानित किया। जिसके बाद कृषि उपज की नीलामी प्रारंभ हुई । साथ ही सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने किसानो को व्यापारियों, हम्मालों तुलावटियों को आभार व्यक्त कर मंडी की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालन रूप से करने की बात कही और किसान भाइयों से अपील की है कि वे अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे विक्रय हेतु लावें।
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5 November 2024ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
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5 November 2024देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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5 November 2024देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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5 November 2024देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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5 November 2024ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
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5 November 2024ओरछा रोड थाना क्षेत्र में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई फायरिंग करते हुए बदमाश पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई. ओरछा रोड थाना क्षेत्र ग्राम देरी में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई। पुलिस 10 हजार के इनामी बदमाश रविंद्र सिंह का पीछा कर रही थी पीछा करने के दौरान पुलिस पर फायरिंग की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायर किया। फायरिंग करते हुए आरोपी पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी अगम जैन ने टीम बनाई थी। सीएसपी का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिये पांच थानों की पुलिस लगी है ,आरोपी के ऊपर 11 मामले दर्ज है। पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई है.
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4 November 2024दतिया में गोली चलने का सिलसिला लगातार जारी है बीती रात को दतिया में मातन के पहरे पर गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी हुई पुलिस मामले की जांच कर रही है दतिया में आपसी रंजिश के चलते 2 गुटों में जमकर विवाद हो गया विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई गोली चलने का सिलसिला यही खतम नही हुआ इसके बाद बीती आधी रात को गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी भी की गई करीब 20 मिनट तक बीच सड़क पर तांडव हुआ इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया मौके पर कोतवाली पुलिस घटना स्थल पर पहुची और मामले की पड़ताल शुरू की.
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4 November 2024परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस बुलाई और घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। छिंदवाड़ा के परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। जिसमें 4 लोग घायल हो गये। इसकी खबर घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस को की। एम्बुलेंस से घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। इसके पहले भी कुछ माह पहले इसी तरह घटना हुई थी। जिसमें वाहन का ब्रेक फेल होने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।
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4 November 2024रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने रिसोर्ट में ही फांसी लगा ली आत्महत्या की वजह पारिवारिक विवाद को बताया जा रहा है नौगांव के मनोआस रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने फांसी लगा ली। रिसोर्ट के कमरा नंबर 10 मे कर्मचारी संदीप सोनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रिसोर्ट के कमरे से सुबह कर्मचारी नही निकला, तो रिसोर्ट के स्टाफ ने कमरा खोला तो कर्मचारी फांसी से लटका हुआ मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव का पंचनामा बनाया पुलिस का कहना है कि पारिवारिक विवाद की वजह से मृतक ने फांसी लगाई है.
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3 November 2024दतिया के इंदरगढ़ में पानी के विवाद पर एक पड़ौसी ने दूसरे की पिटाई लगा दी. घायल लोग पुलिस के पास पहुंचे तो कुछ पुलिस वालों ने मामला दर्ज करने के लिए रुपयों की मांग कर दी मार पीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दतिया के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम मुरगुवा में दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे से मारपीट हुई. मारपीट में भूता जाटव और उनके बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव घायल हो गये पीड़ित घायल अवस्था में ही थाने पहुंचेपीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने उनकी सही रिपोर्ट नहीं लिखी और रुपए भी मांग रहे थे महिला भूता जाटव ने रिपोर्ट लिखवाई की पड़ोस में रहने वाले सोनू कमरिया घर के बाहर पानी फैला रहा था. मना करने पर जातिगत गालियां देने लगा. तभी विनोद जाटव, छोटू जाटव, सूरज जाटव भी आ गए उन्होंने लाठी डंडे से मारपीट चालू कर दी मुझे बचाने आए मेरे बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव के साथ भी लाठी डंडों से मारपीट की गई वही पीड़ित पक्ष ने कार्रवाई को लेकर इंदरगढ़ पुलिस पर पक्षपात एवं रुपए मांगने का आरोप लगाया हालांकि उक्त मामले पर पुलिस ने मेडिकल करा कर मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है.
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3 November 2024इन दिनों बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की धूम मची हुई है मोनिया नृत्य के आयोजन दीपावली के बाद किये जाते हैं इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं. बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की परम्परा सदियों पुरानी है इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं इन नृत्य दीपावली पर्व के पश्चात किया जाता है मोनिया नृत्य के माध्यम से सुख सम्रद्धि को लेकर कामना की जाती है इस बार खजुराहो में मोनिया नृत्य की धूम रही मतंगेश्वर मंदिर में मोनिया नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे.
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3 November 2024इंदौर के छत्रीपुरा इलाके में पटाखा फोड़ने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। दोपहर में कुछ बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे, जिसे पास खड़े युवकों ने रोका। इस पर विवाद बढ़ा और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ। पथराव के दौरान एक दर्जन लोगों को चोट भी आई। लोगों ने चार से पांच वाहनों को पलट दिया और आग लगा दी। पुलिस बल छत्रीपुरा क्षेत्र में जमा रहा और इलाके को छावनी के रुप में तब्दील किया गया है।यह घटना छत्रीपुरा थाने से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर हुई। विवाद बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी, हालात को संभालने के लिए आसपास के चार थानों का बल भी बुलाया गया, जिससे स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। लोग नारेबाजी कर रहे थे। तस्वीरों में देख सकते हैं, विवाद के दौरान पथराव में कई गाड़ियों के सीसे फूट गए, तो कुछ को पलटा दिया गया। एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। आग से गाड़ी पूरी तरह जल गई, हालांकि इस दौरान आस-पास आग को फैलने से रोक दिया गया।कई बाइक भी सड़क पर देख सकते हैं। विवाद के दौरान लोग नारेबाजी करने लगे। पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की।शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे छत्रीपुरा क्षेत्र में बच्चों द्वारा पटाखा फोड़ने पर दो पक्षों में विवाद हुआ। लोगों ने कुछ महिलाओं से अभद्रता की शिकायत भी की है। स्थानीय ने कहा कि, लोग आपस में मिल रहे थे, बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे घरों के आगे, इस दौरान सामने कुछ मुस्लिम परिवार थे, जिन्होंने बच्चों को अपशब्द कहे और बच्ची का हाथ भी खीचा। इसका विरोध करने पर बच्चों के परिवार वालों के साथ भी मारपीट की और पथराव किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रविदासपुरा गली में दो अलग-अलग समुदाय के पड़ोसियों में आपस में विवाद हुआ, जिसमें बाद में कुछ और घरों के लोग भी शामिल हुए। अभी कई थानों के प्रभारी इलाकें में हैं, पूरी तरह शांति है, किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। पथराव की पुष्टि की है।
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1 November 2024लहार में घर में खाना बनाते समय युवक का मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। युवक कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट हो गया। इससे युवक गंभीर रूप से झुलस गया। स्वजन तत्काल उपचार के लिए लहार सिविल अस्तपाल ले गए। यहां उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में जाम लगने से एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला। इससे युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार लहार के वार्ड एक निवासी 40 वर्षीय चंद्रप्रकाश दौहरे बुधवार रात करीब आठ बजे घर में खाना बना रहे थे। उनका मोबाइल शर्ट की ऊपर की जेब में रखा था। चंद्रप्रकाश के झुकते ही मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। चंद्रप्रकाश ने कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी बैटरी तेज आवाज के साथ फट गई। इससे चंद्रप्रकाश गर्म तेल से बुरी तरह से झुलस गया। स्वजन उपचार के लिए अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया। स्वजन एंबुलेंस से चंद्रप्रकाश को ग्वालियर ले जा रहे थे। मौ-सेंवढ़ा के बीच सिंध नदी पर टूटे पुल पर जब एंबुलेंस पहुंची तो वहां जाम लगा हुआ था। इसके बाद एंबुलेंस को थरेट, इंदरगढ़, डबरा होते हुए करीब 80 किलोमीटर घुमाकर ग्वालियर ले गए। इससे एंबुलेंस को दो घंटे अस्पताल पहुंचने में लग गए। इस दौरान युवक की मौत हो गई।स्वजनों का कहना है, कि समय रहते प्रकाश ग्वालियर के अस्पताल पहुंच जाता तो उसकी जान बच जाती। जिस समय हादसा हुआ, तब उसकी चंद्रप्रकाश की पत्नी भैंस को चारा खिला रही थी। उशके दो भाई है। चंद्रकाश लहार के बुद्धपुरा के पास पंचर की दुकान है। इसी से उसके परिवार का भरण पोषण कर रहा था। मृतक की 18 साल पहले शादी हुई थी। मृतक अपने पीछे एक बेटा 14 और 8 साल का बेटा छोड़ गया है।
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1 November 2024नूराबाद थाना क्षेत्र के बित्तौली पुरा गांव में शुक्रवार की सुबह खेत जोतने गए एक ही परिवार के पांच लोगों पर लभनपुरा गांव के दूसरे पक्ष ने ताबड़तोड़ फायर की, इसके बाद कुल्हाड़ी फरसों से हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोगों गोली लगी, वहीं दो कुल्हाड़ी-फरसे के हमले में घायल हो गए। गोली लगने से एक बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, अन्य घायलों को इलाज के लिए ग्वालियर अस्पताल ले जाया गया है। विवाद के पीछे बित्तौलीपुरा व लभनपुरा गांव के बीच में स्थित पांच बीघा जमीन है। जिसको लेकर दोनों पक्षों में पूर्व से कहासुनी चली आ रही थी। पुलिस अब आरोपितों की तलाश में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक बित्तौलीपुरा निवासी श्रीकृष्णा गुर्जर के परिवार का लभनपुरा के पूर्व सरपंच बुलाखी गुर्जर के परिवार से दोनों गांव के बीच स्थित पांच बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। अब बोवनी का समय है, तो फिर से यह विवाद गर्मा गया और दो दिन से कहासुनी भी हो रही थी। शुक्रवार की सुबह आठ बजे श्रीकृष्णा गुर्जर उसके परिवार के देशराज गुर्जर , करतार सिंह , अंकुर, विशंभर सिंह इस खेत को जोतने के लिए गए थे। इसी बीच वहां बुलाखी गुर्जर अपने परिजनों के साथ लाठी फरसे और बंदूकों से लैस होकर मौके पर पहुंच गए। श्रीकृष्णा गुर्जर व उसके स्वजन को खेत जोतता देख बुलाखी व उसके स्वजन ने ताबड़ताेड़ फायरिंग कर दीं। गोलीबारी में एक गोली श्रीकृष्णा गुर्जर के सीने में लगी, देशराम के बांये कंधे पर लगी और अंकुर गुर्जर की पीठ में गोली लगी। वहीं करतार व विशंभर फरसों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली लगने से श्रीकृष्णा गुर्जर ने मौके पर दम तोड़ दिया। बाकी घायलों को सीधे ही ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई। पुलिस अभी इस मामले में आरोपितों पर मामला दर्ज कर रही है। बागचीनी थाना क्षेत्र के घुर्रा गांव में गुरूवार की शाम को विवाद के चलते एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में चार लोग घायल हुए। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक घुर्रा गांव निवासी शाहरूख खान का गांव के ही जफर खान से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी कहासुनी पर जफर व उसके स्वजन ने शाहरूख पर हमला कर दिया। बचाव में शाहरूख के स्वजन इंतो खां, साबिर व उम्मेद खान आए तो उन पर भी आरोपितों ने धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शाहरूख की फरियाद पर आरोपित जफर खान, हनीफ, पप्पन व सागीर खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। BY सुमित गिरी
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1 November 2024चार दिवसीय मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह की शुरुवात भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की उन्होंने कहा मध्यप्रदेश अब मोदी के नेतृत्व में विकास के नए आयाम लिख कर उन्नति कर रहा है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर मध्य प्रदेश का 69 वां स्थापना दिवस धूमधाम से आरम्भ हुआ मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस समारोह 4 दिनों तक चलेगा आपको बता दें कि मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया जाता है इस मौके पर मध्य प्रदेश के 69 वे स्थापना दिवस की सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश उन्नति कर रहा है उन्होंने कहा कि- 5 दिन दिवाली का उत्सव और चार दिन का मध्य प्रदेश स्थापना दिवस का महोत्सव साथ में मनाया जाएगा, यह एक गौरव की बात है यह उत्सव 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाएगा.
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30 October 2024रेत के मामले में अब भी गुंडागर्दी चल रही है रेट ठेकेदार सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की पीड़ित लोगों की शिकायत पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. सिंगरौली जिले में सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों से दबंगों ने मारपीट की जिनके खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है गुंडागर्दी करने वाले दबंगो के नाम अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार है सहकार ग्लोबल कंपनी को जिले में रेत का ठेका मिला जो जिले में रेत का व्यापार कर रही है इस कंपनी के कर्मचारी अजय कुमार जायसवाल व उनके साथियों के साथ मामूली कहा सुनी के बाद अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार ने मारपीट की पीड़ित ने बताया कि उसे इतनी चोट लगी है कि उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती होना पड़ा.
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30 October 2024मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए छोटे कामगारों को प्रोत्साहन की बात कही दीपोत्सव पर इन गरीब लोगों से तहबाजारी वसूल न करने की बात कही लेकिन इसके बावजूद अधिकारी अपनी से बाज नहीं आये लाइट की चकाचौंध में अब दीपावली की दीयों की पहले सी बिक्री भी नहीं रही है. दीवाली के पर्व मिट्टी के दीपक जलाने से सुख-समृद्धि आती है, लेकिन आधुनिकता के दौर में अधिकांश लोग मिट्टी के दीये के स्थान पर लाइट और मोमबत्तियां का प्रयोग कर रहे हीं अब सिर्फ पूजन के लिए गिनती के मिट्टी के दीये खरीदकर लोग शगुन कर लेते हैं अमरपाटन में दीपक बनाने वाले सोनू प्रजापति ने बताया कि पहले की तुलना में मिट्टी के दीये लोग कम खरीदते हैं पहले लोग पूजा-पाठ करने के साथ ही पूरे घर आंगन को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये खरीदा करते थे, लेकिन अब मिट्टी के दीयों में वो बात नहीं रह गई इसकी बिक्री कम हो गई है इस बार उन्होंने पिछले साल की आपेक्षा काफी कम दीये तैयार किये और उनकी भी बिक्री कम हुई प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में प्रोत्साहन की बात कही , साथ ही मिट्टी के दिए बेचने बनाने वालों को करो से मुक्त करते हुए बैठकी शुक्ल से मुक्त किया परंतु अमरपाटन में इसके विपरीत हैं यहाँ मुख्यमंत्री का आदेश भी नही चलता नगर परिषद के ठेकेदार ने बैठकी शुल्क सबसे वसूल लिए और शुक्ल नहीं देने पर दीपक बेचने वाली महिलाओं को बैठने न देने व भगाने की धमकी तक दे दी.
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30 October 2024छतरपुर की एक मस्जिद में बम रखे होने की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद मस्जिद में बम की तलाश की गई लेकिन बम नहीं मिला बम की सूचना अफवाह निकली सिविल लाइन थाना के सुल्तानुल हिन्द मस्जिद में बम होने का खत मिला इसके बाद मस्जिद में बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया अज्ञात ने मस्जिद में बम होने की सूचना का पत्र छोड़ा था इसके बाद बम निरोधक दस्ता मस्जिद परिसर में बम की तलाश में जुटा डॉग स्क्वायड की टीम भी बम खोजने में लगी रही बम की सूचना अफवाह निकली.
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23 October 2024एक झोलाछाप डॉक्टर का इलाज किसान पर भारी पड़ गया और किसानकी जान चली गई. इस घटना के बाद डॉक्टर अपना क्लिनिक बंद जार फरार हो गया है. मुरैना की पोरसा तहसील में झोलाछाप डाक्टर के इलाज से किसान की मौत हो गई, डॉक्टर ने किसान के पैर में दर्द होने पर दवा देने के साथ उसे इंजेक्शन लगाया. जिससे उसे खून की उल्टियां होने लगीं. किसान को पोरसा के शासकीय चिकित्सालय में ले जाने के दौरान मौत हो गई. धौर्रा गांव निवासी अनंगपाल सिंह तोमर पैर दर्द की दवा लेनेपहुंचे थे और गलत इलाज क कारण उनकी जान चली गई बताते हैं पोरसा सब्जी मण्डी में डाक्टर बघेल बिना डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था किसान के परिजनों ने आरोप लगाया की डॉक्टर के इंग्जेक्शन लगाते ही किसान अनंगपाल की हालत बिगड़ गई इसके बाद डाक्टर क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है.
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23 October 2024राशन दुकान आवंटन के दौरान मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के साथ आये बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा है. लालकुआँ कोतवाली के हल्दूचौड़ पुलिस चौकी क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग से क्षेत्र में हड़कंप मच गया सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पांच युवको को हिरासत में लिया है वही सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है दौलीया गांव में खाद्य पूर्ति निरीक्षक मोहित कठैत की अध्यक्षता में सरकारी सस्ता गल्ला दुकान के आवंटन को लेकर मीटिंग चल रही थी इस दौरान मामूली विवाद पर कुछ युवकों ने पूर्व सैनिक कैलाश चंद्र बिरखानी पर तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी गनीमत रही की घटना में किसी की जान नही गई सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कारतूस के खोखे बरामद करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हल्दूचौड़ चौकी पहुंचकर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है.
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23 October 2024डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम अंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने देश में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से लोगों की आवास की समस्या का समाधान हुआ है। “भरत वर्मा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में इसी उद्देश्य के तहत कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास मुहैया कराकर उनकी जीवनस्तर में सुधार लाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। यह कदम न केवल सामाजिक समृद्धि के लिए आवश्यक है, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एक नई उम्मीद भी प्रदान करता है।”
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22 October 2024बजाज ऑटो लिमिटेड ने दिवाली के मौके पर मार्केट में नई पल्सर एन125 लॉन्च की है, जो कि फर्स्ट टाइम बाइक खरीदारों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह बाइक नए इंजन और चेसिस के साथ आई है, जिसमें आधुनिक स्टाइल और फीचर्स शामिल हैं। पल्सर एन125 दो वेरिएंट—एलईडी डिस्क ब्लूटूथ और एलईडी डिस्क—में उपलब्ध है, जिनकी एक्स शोरूम कीमत क्रमशः 98,707 रुपये और 94,707 रुपये है। इस नई बाइक को लाइट स्पोर्ट कैटिगरी में रखा गया है और इसका डिजाइन बिल्कुल नया है। पल्सर सीरीज में पहले से मौजूद पल्सर 125 क्लासिक और पल्सर एनएस125 की तुलना में, एन125 में नई तकनीक और आकर्षक लुक शामिल हैं। इसके एंगुलर बॉडीवर्क और स्पोर्टी अपील इसे युवा बाइकर्स के लिए और भी आकर्षक बनाते हैं। बजाज ने पल्सर एन125 के डिज़ाइन में हेडलैंप, फ्रंट फॉर्क्स के चारों ओर प्लास्टिक पार्ट्स, स्कल्पटेड फ्यूल टैंक, स्प्लिट सीट, और आकर्षक रियर व्यू मिरर्स का समावेश किया है। इसमें 17 इंच के टायर और 198 मिमी का ग्राउंड क्लियरेंस भी है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इंजन की बात करें तो नई पल्सर एन125 में 124.58 सीसी का एयर-कूल्ड सिंगल सिलेंडर इंजन है, जो 12 पीएस की पावर और 11 न्यूटन मीटर का टॉर्क उत्पन्न करता है। कंपनी का दावा है कि यह बाइक एक लीटर पेट्रोल में 60 किलोमीटर (हाइवे) और 55 किलोमीटर (शहर) तक चल सकती है। इसकी टॉप स्पीड 97 किमी/घंटा है और 0-60 किमी/घंटा की स्पीड हासिल करने में इसे केवल 6 सेकंड लगते हैं। एक विशेषता है इसका आयडल स्टार्ट स्टॉप सिस्टम, जो ट्रैफिक में इंजन को ऑटोमैटिकली ऑफ कर देता है, जिससे माइलेज में सुधार होता है। बाइक में 5 स्पीड गियरबॉक्स, टेलिस्कोपिक फ्रंट फॉर्क और प्री-लोडेड अडजस्टेबल मोनोशॉक रियर सस्पेंशन है। ब्रेक्स के लिए फ्रंट में 240 मिमी का डिस्क और रियर में 130 मिमी का सीबीएस ड्रम ब्रेक दिया गया है। राइडिंग एक्सपीरियंस के बारे में बात करें तो एन125 की हैंडलिंग अच्छी है। ट्रैक और भारी ट्रैफिक में इसे चलाने में कोई परेशानी नहीं होती। इसकी सीट की ऊँचाई और डिज़ाइन इसे विभिन्न ऊँचाइयों के राइडर्स के लिए उपयुक्त बनाता है। बजाज ने इस बाइक में NVH (नॉइज़, वाइब्रेशंस और हार्शनेस) पर भी ध्यान दिया है। यह बाइक चलाने के दौरान शांति और आराम प्रदान करती है। पावर के साथ-साथ इसके फीचर्स और आरामदायक सीटिंग इसे एक बेहतरीन राइडिंग अनुभव प्रदान करते हैं। अंत में, अगर आप एक ऐसी बाइक की तलाश में हैं जो लुक, परफॉर्मेंस और मूल्य में संतुलन बनाए रखती हो, तो बजाज पल्सर एन125 एक अच्छा विकल्प है। यह टीवीएस रेडर और हीरो एक्सट्रीम 125आर जैसी बाइक्स को टक्कर दे सकती है और निश्चित रूप से पहली बार बाइक खरीदने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प है। दिवाली के इस मौके पर, नई पल्सर एन125 आपके लिए एक उत्कृष्ट चुनाव हो सकती है।
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22 October 2024जय गुरुदेव के अनुयायियों ने सिंगरौली में रैली निकली और कहा हम जयदेव के बच्चे हैं और सतयुग लाकर ही दम लेंगे रैली में बाबा उमाकांत ने कहा कहना है शाकाहारी रहकर नशे से दूर रहना है क्योंकि नशे से कई पीढ़ियां बर्बाद होती हैं. सिंगरौली हम जय गुरुदेव के बच्चे हैं सतयुग लाकर दम लेंगे नारों के साथ बैढ़न के माजन मोड़ से विंध्यनगर तक जय गुरुदेव के अनुयायियों द्वारा रैली निकाली गई बाबा उमाकांत का कहना है शाकाहारी रहना है लोग शाकाहार अपनाएं अपना जीवन बचाएं बाबा जी ने कहा है कि लोग किसी जीव की हत्या नहीं करें क्योंकि हम भी जीव हैं किसी जीव की हत्या होती है तो उसको कितना कष्ट होता है। जैसे अपने को छोटा सा कांटा भी लग जाता है तो कितना दर्द होता है ऐसे ही व्यक्ति दूसरे जीव की खाने के लिए यदि हत्या करता है तो उसे जीव के ऊपर कैसी गुजरती होगी.
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21 October 2024कांटाफोड़ पुलिस द्वारा ग्राम गोदना मे हुई डकैती के 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर बडी घटना का खुलासा किया है. थाना प्रभारी हिना डाबर के नेतृत्व मे गठित टीम द्वारा विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर संतोष राठौर के घर 10 अक्टूबर की रात्रि हुई डकैती की घटना का खुलासा किया डकैती की घटना को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को अलग अलग राज्यों से पुलिस ने गिरफ्तार किया है अन्य आरोपियों की तलाश भी पुलिस द्वारा की जा रही है घटना मे देवास सहित अन्य जिलो के आरोपी पकडे गए है तथा उनसे डकैती का माल भी बरामद हुआ है.
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21 October 2024कुछ शरारती तत्वों ने कचरे के ढेर में आग लगा दीटचिंग ग्राउंड की यह आग भड़क गई जिसे बुझाने में समय लगेगा प्रशासन आग लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा. हल्द्वानी के टचिंग ग्राउंड में रखें लाखों टन कूड़े में आग लग गई अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाने के बाद पूरे इलाके में दुर्गंध और धुआं ही धुआं हो गया. जिससे कि आसपास के इलाकों में सांस लेना दूभर हो गया घटना की जानकारी नगर आयुक्त को मिलते ही वे मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त ने आग बुझाने के लिए नगर निगम के वाहनों के अलावा फायर ब्रिगेड से भी मदद मांगी ली हल्द्वानी मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों ने भी टचिंग ग्राउंड में आग लगाई है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा इस आग पर काबू पाने में थोड़ा समय लगेगा.
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20 October 2024आइआईटी रुड़की के राधा कृष्ण मेस मे चूहे निकलने से आइआईटी प्रशासन मे हड़कम्प मच गया. इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची और मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे. आईआईटी रुड़की के राधा कृष्ण भवन की मेस में खाने के सामान में चूहों के वायरल वीडियो के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आ गया खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची टीम ने मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए और साथ ही सैंपल को जांच के लिए लैब भेज दिया इसके अलावा टीम ने संस्थान को चूहों से निपटने के लिए निर्देश दिए हैं IIT रुड़की के राधा-कृष्ण भवन की मेस में दोपहर का खाना बना हुआ था इस दौरान छात्र खाना खाने के लिए मेस पहुंचे थे तो उन्होंने किचन में जाकर देखा तो चूहे खाने में उछल-कूद कर रहे थे, इस दौरान छात्रों ने इसका वीडियो भी बना लिया और हंगामा शुरू कर दिया था छात्रों ने संस्थान के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की इस दौरान छात्रों की खाने बनाने वाले कर्मचारियो के साथ जमकर बहस हुई.
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20 October 2024अवैध रूप से रिहाइशी इलाकों में फटाके का भण्डार कर लोगों को मुसीबत डालने वाले व्यक्ति पर प्रशासन ने कार्यवाही की है और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा पटाखों को जप्त किया गया. सिविल लाइन थाना क्षेत्र के छत्रसाल नगर में प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा यहाँ रिहायशी इलाके में अवैध रूप से पटाखों का भंडारण कर लोगों को जोखिम में डालने का काम किया जा रहा था. यहाँ से लाखों की कीमत के पटाखे जप्त किये गए दीपावली को लेकर अवैध पटाखों का भंडारण किया गया था.
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20 October 2024राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू और अन्य गंभीर बीमारी के मरीज निकलने के बाद एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दी है. जिसकी पुष्टि जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने की है. साथ ही उन्होंने कहा कि, ''कोरोना की जांच पूरे एमपी में बंद है, लेकिन सीटी स्कैन के माध्यम से इसकी पुष्टि की गई है.'' आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी है. बीते वर्षों में दुनिया भर में तबाही मचा रहे कोरोना का एक बार फिर से डरावना रूप नजर आ रहा है. कोरोना जांच मध्यप्रदेश में बंद मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू, चिकनगुनिया के बीच एक मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. पेशेंट का जिला अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है. डॉक्टर के मुताबिक कोरोना जांच मध्यप्रदेश में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से कोविड है. वहीं राजगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की जांच की बात भी सामने आई है. युवक में मिले कोविड के लक्ष्ण राजगढ़ जिला चिकित्सालय में पदस्थ एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने कहा कि, ''राजगढ़ में निवास करने वाला एक मरीज लगभग दो दिन पहले आया था. उस समय वह ज्यादा गंभीर नहीं था, लेकिन उसके लंग्स में लगातार इंफेक्शन बढ़ रहा था. सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. फिलहाल मरीज राजगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती है, लेकिन आगामी दिनों में उसे भोपाल या इंदौर के किसी बड़े अस्पताल में रेफर किया जा सकता है.'' कोरोना के पेशेन्ट मिलने से स्वास्थ महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
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19 October 2024शहर के होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में गंदगी के बीच भोजन बनाया जा रहा है। यह खुलासा लगातार खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम द्वारा किए जा रहे निरीक्षण के दौरान हो रहा है। टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी परिसर में स्थित फ्रेशरूम कैफे एंड रेस्टारेंट के रसोईघर का निरीक्षण किया तो पाया कि गंदगी के बीच खाना बनाया जा रहा था। साथ ही रसोईघर में खाद्य सामग्रियों के आसपास कॉकरोच घूम रहे थे। इसके बाद प्रशासन ने रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट में स्वच्छता के बीच भोजन निर्माण किया जाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग की टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी स्थित छह रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया। इस दौरान फ्रेशरूम रेस्टोरेंट के रसोईघर सहित अन्य क्षेत्रों में कॉकरोच मिले थे। इस वजह से रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। वहीं अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट से बेसन का नमूना लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है। नमकीन निर्माण व विक्रय केंद्रों का किया निरीक्षण दीपावली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को नमकीन कारखानों व विक्रय केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान काली परेड स्थित कुंदन नमकीन, गणेश नमकीन बरखेड़ा पठानी, न्यू कबाड़खाना स्थित डीएसपी नमकीन पर पहुंचकर स्वच्छता सहित अन्य व्यवस्थाएं देखी। खाद्य निरीक्षक देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कारखानों में उपयोग होने वाले घटक पदार्थों व उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए बेसन, खाद्य तेल, मसाले और नमकीनों के कुल 22 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हनुमानगंज में पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग निकला शुद्ध उधर, हनुमानगंज थाना क्षेत्र में बीते शनिवार पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग शुद्ध (पनीर का विकल्प) शुद्ध निकला है। खाद्य सुरक्ष प्रशासन ने बीते शुक्रवार और शनिवार को डेढ़- डेढ़ क्विंटल पनीर जब्त किया था। दरअसल दोनों ही पनीर का विकल्प चीज एनालॉग था लेकिन शुक्रवार को जो नमूने लिए गए थे, वे पनीर के नाम से लिए गए थे। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में यह अमानक साबित हुए थे। जबकि शनिवार को नमूने चीज एनालॉग के नाम से लिए गए थे, जांच भी इसके पैरामीटर से की गई, जिसमें यह पास हो गए हैं। अब जल्द ही व्यापारियों को यह चीज एनालॉग वापस किया जाएगा।
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19 October 2024बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव ने बुंदेलखंडी दशहरे की दस दिनी परम्परा निभाती नजर आईं. ललिता यादव कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे पान लेकर निकलीं और सभी को पान खिलाया. बुंदेलखंड की परंपरा में दशहरा का त्यौहार दस दिन तक मनाया जाता है ,ऐसी परंपरा का निर्वाह करने बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव निकल पडी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे उनके हाथ मे था बुंदेलखंड का प्रसिद्ध पान जिसे उन्होंने दशहरा के उपलक्ष्य मे व्यापारियों और आम आदमियों को खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया ऐसा वह बषोँ से कर रही है. उनका कहना है ऐसा करने से लोगो को अपने जनप्रतिनिधि को अपने बीच पाकर ख़ुशी होती
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19 October 2024एक बच्ची को बचाने में एक बस दुर्घटना ग्रस्त हो गई. इस हादसे के बाद बच्ची सुरक्षित है लेकिन बस के पेड़ से टकरा जाने के कारण कई बस में सवार लोग घायल हो गए. महोबा से नौगांव आ रही थी शिवकुमार ट्रेवल्स की बस एक बच्ची को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गई. इस घटना में बस में सवार यात्रियों को चोटें आई है. मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने एंबुलेंस की सहायता से घायलों को नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया. ये हादसा जीसीएम कॉन्वेंट स्कूल के पास बच्ची को बचाने के चक्कर में हुआ. बस में 55 यात्री सवार थे.
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18 October 2024मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे की धुन पर नाच रहा एक 13 वर्षीय बालक अचानक बेसुध होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। घटना 14 अक्टूबर, सोमवार शाम की बताई जा रही है। बालक की पहचान समर बिल्लौरे के रूप में हुई है। वह सेंट जोसफ स्कूल में पांचवीं का छात्र था। बताया जा रहा है कि समर डीजे पर बज रहे गाने की धुन पर नाच रहा था। डीजे के तीव्र साउंड में डांस करते-करते अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़ा। स्वजन तुरंत उसे नर्मदा अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मां चिल्लाती रही, किसी ने नहीं सुना बच्चे के स्वजन ने पीएम करवाए बिना अगले दिन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में उन्होंने दावा किया कि समर की मौत डीजे की तेज आवाज से हुई है। उनका कहना है कि डीजे की आवाज पहले कम थी। जैसे ही उसका साउंड तेज हुआ, समर बेहोश हो गया। यह देख मां मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन डीजे वाले ने साउंड कम नहीं किया। स्वजन बच्चे को नजदीकी अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। समर के बड़े भाई अमर बिल्लौरे का कहना है कि उस दौरान डीजे में करंट फैलने की शिकायत भी आई थी। पुलिस तक नहीं पहुंचा मामला बहरहाल पुलिस ने बताया कि उन्हें अस्पताल और परिवार की ओर से बच्चे की मौत की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। वहीं इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। परिवार वालों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया है। इसलिए इस मामले में कुछ कहा नहीं जा सकता। मृतक की मां क्षमा बिल्लौरे का कहना है कि बच्चे को हृदय संबंधी समस्या थी, लेकिन फिलहाल वह पूरी तरह स्वस्थ था। डीजे की तेज आवाज की वजह से उसकी जान गई है।
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18 October 2024पुलिसकर्मि से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ा लिया है, चौरसिया समाज ने निष्पक्ष जांच को लेकर एसपी को ज्ञापन सौपा है. पुलिसकर्मी पर नशे में होने का आरोप लगाया गया है. आपको बता दे की मैंहर में बीते दिनों चल समारोह के दौरान पुलिसकर्मी के साथ भाजपा नेता ने मारपीट की थी. जिसके बाद से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे शहर में परेड निकाला था. आज इसी मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग की लेकर मैहर के चौरसिया समाज ने आरोपी अरुण चौरसिया के पक्ष में मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। लोगो ने बताया कि पुलिसकर्मी नशे की हालत में धुत्त था. सामने से आमजन को गाली गलौज कर रहा था. जिस वजह से वहां हाथापाई हुई इस मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस वाले पर भी कार्यवाही की मांग की है।
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17 October 2024मंगलवार शाम को निशातपुरा रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ने शराब के नशे में आकर चिल्लाना शुरू कर दिया कि "ट्रेन में बम है," जिससे हड़कंप मच गया। सिवनी से फिरोजपुर कैंट जंक्शन जाने वाली 14623 पातालकोट एक्सप्रेस में इस सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई की। यात्री की सूचना के बाद जीआरपी ने ट्रेन को रोका और पूरे ट्रेन की जांच की, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला। बताया गया है कि यह यात्री शराब के नशे में था और अचानक बम की बात करने लगा। पातालकोट एक्सप्रेस प्रतिदिन शाम 6:10 बजे भोपाल स्टेशन पर पहुंचती है और मंगलवार को यह 6:19 बजे निशातपुरा स्टेशन पर पहुंची थी। जब टीसी को बम की सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया और ट्रेन को रोक दिया। आरपीएफ की टीम के साथ मिलकर पूरी ट्रेन की सघन जांच की गई, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। जांच के बाद ट्रेन को भोपाल की ओर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली। इस घटना के चलते निशातपुरा से गुजरने वाली लगभग 19 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। इनमें डॉ. आंबेडकर नगर प्रयागराज एक्सप्रेस 10 मिनट, दक्षिण सुपरफास्ट एक्सप्रेस 31 मिनट, मुंबई एलटीटी अयोध्या एक्सप्रेस 75 मिनट, डॉ. आंबेडकर नगर श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा स्पेशल 15 मिनट, भोपाल जोधपुर एक्सप्रेस 60 मिनट, और जन साधारण एक्सप्रेस 92 मिनट लेट हुईं। आरपीएफ ने अफवाह फैलाने वाले यात्री को हिरासत में ले लिया है।
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17 October 2024अतिथि विद्वान शिक्षक अब अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. सरकार से उनकी एक ही मांग है कि सरकार उन्हें नियमित करें. इसी भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों से महापंचायत लगाकर यह वादा किया था कि उन्हें नियमित किया जाएगा. अपनी नियमिति कारण की मांग को लेकर अतिथि विद्वान लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.इसी कड़ी में आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भोपाल के नीलम पार्क में किया गया. अतिथि विद्वान शिक्षकों के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदोरिया ने बताया कि.हमारी केवल एक मांग है कि हमें नियमित किया जाए और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमसे पंचायत में है वादा किया था कि वह हमें नियमित कारण करेंगे. आज दिनांक तक हमें नियमित नहीं किया गया है. धरना प्रदर्शन कर हम सरकार को उनका वादा याद दिला रहे हैं.सुरजीत सिंह भदोरिया ने कहा कि अतिथि विद्वानों से सरकार ने वादा खिलाफी की है.अतः सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमें नियमित करें क्योंकि मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों का भविष्य अंधकार में है.
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16 October 2024एम पुजारी हनुमान जी की मूर्ति लेकर जनसुनवाई में पहुँच गए. पुजारी ने प्रशासन को बताया की मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है. मंदिर की जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया जाए. छतरपुर मे जनसुनवाई मे उस समय अजीब स्थिति बन गई ,जब एक पुजारी गोदी मे हनुमानजी की मूतिँ लेकर पहुंच गया. एसपी और कलेक्टर के पास आवेदन देकर उसने बताया कि नौगांव तहसील के कुलवारा गांव के मंदिर की जमीन पर दबंग लोग कब्जा करे है ,इसके लिये उसने सिविल न्यायालय मे कैस दायर किया ,जिसका फैसला 2022 मे आया था तब से अब तक सिविल न्यायालय के फैसला उसके पक्ष मे आने के बाद उसे उस जमीन पर कब्जा नही मिल पाया है. जिस मंदिर पर हनुमानजी की मूतिँ बिराजना है, इस लिये वह हनुमानजी को साथ लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, पुजारी के आवेदन पर एडीएम ने संबधित एसडीएम से बात कर इस मामले को तत्काल निराकरण करने का आदेश दिया है.
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16 October 2024छतरपुर से अपराध जगत से जुडी दो खबरे हैं. एक तो गुंडे बदमाश दहशत पैदा करने के लिए अवैध हथियारों के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं . ऐसा ही एक वीडियो फिर सामने आया है. दूसरा दबंगों ने अपने रसूख की दम पर कुछ लोगों की लाठी डंडों से पिटाई लगाईं. पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है . छतरपुर मे अवैध हथियारों के साथ एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा है. लोगो में दहशत फैलाने की मंशा से युवक सोशल मीडिया पर अवैध हथियार के साथ वीडियो पोस्ट कर लोगो में दहशत फैला रहा है. महाराजपुर क्षेत्र का युवक अवैध देशी कट्टा के साथ दिखाई दे रहा है छोटू पटैरिया नाम के युवक ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेट फार्म इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने जांच के आदेश दे दिये हैं. पुरानी रंजिश को लेकर लवकुश नगर थाना क्षेत्र के परसानिया में लाठी डंडे चले. हाथ में लाठी डंडा लिए मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है. पांच लोगों के साथ दबंगों ने जमकर मारपीट की. मारपीट करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मारपीट में तीन लोगों की हालत गंभीर हो गई है. दबंगो पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पीड़ितों ने एसपी को आवेदन दिया है
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16 October 2024तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे. भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने तेज गेंदबाज की फिटनेस पर बड़ा अपडेट दिया है. रोहित ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट से पहले बेंगलुरु में कहा कि वे चोटिल शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जा सकते हैं. 37 साल के भारतीय कप्तान ने शमी की फिटनेस पर पूछे गए सवाल पर कहा- 'ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए शमी को लेकर फैसला करना मुश्किल है. उनके घुटनों में सूजन है, जिसके कारण वे थोड़ा पिछड़ गए हैं और उन्हें दोबारा शुरू करना होगा. हम शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहते. भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा, जिसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से भी जाना जाता है, 22 नवंबर से शुरू हो रहा है. टीम इंडिया को इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. मोहम्मद शमी पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोटिल हुए थे. उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. यह वर्ल्ड कप कप फाइनल मुकाबला था.
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16 October 2024भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष और पार्षद पति अरुण चौरसिया ने नशे की हालत में एक पुलिस वाले से मारपीट की और पुलिस को सबक सिखाने की धमकी दी. इसके बाद पुलिस ने भाजपा नेता की हेकड़ी निकल दी और उसका जुलूस निकाल दिया. मध्य प्रदेश के मैहर में एक बार फिर खादी के आगे खाकी शर्म सार हो गई है. एक पार्षद पति व भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया की गुंडागर्दी का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो भाजपा की रीती नीति से मेल ही नहीं खाता है. बताते हैं नशे में धुत्त पार्षद पति और बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष ने पुलिस कर्मी पर ही हांथ साफ कर दिया. दरसल मामला दुर्गा प्रतिमा के चल समारोह के दौरान का है. जब वार्ड नंबर 12 की निर्दलीय पार्षद अर्चना चौरसिया के पति को उस समय गुस्सा आ गया जब वो चल समारोह में मदहोश होकर नाच रहे थे तभी ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी गुड्डू यादव ने उन्हें चल समारोह आगे बढ़ाने को कहा तो पार्षद पति को यह बात नागवार लगी और वो भड़क गया उसने पुलिस कर्मी को थप्पड़ रसीद कर दिया. पूरे घटना क्रम पर पुलिस ने 24 घंटे बाद तब संज्ञान लिया जब घटना क्रम का वीडियो शोसल मीडिया पर वायरल हुआ. हालाकि पुलिस ने आनन फानन में आरोपी पार्षद पति एवम बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया को गिरफ्तार कर उसका जुलूस भी निकाला. इस घटना क्रम ने साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश में खादी के आगे जब खाकी अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही तो ऐसे नेता आम लोगों का क्या हाल करते होंगे.
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15 October 2024छतरपुर में एक पाइप बनाने वाले कारखाने पर लीगल एक्शन लिया गया. बताते हैं इस कम्पनी पर बड़े ब्रांड के पाइप का डुप्लीकेट पाइप बनाने का आरोप है पीवीसी पाईप बनाने की फैक्ट्री पर एक बड़े ब्रांड की कंपनी की लीगल टीम ने कार्यवाही की कोर्ट के आदेश पर यह कार्यवाही की गई. ब्रांडेड कंपनी के हुबहू पाईप बनाने पर कोर्ट ने रोक लगाईं है. फैक्ट्री मालिक का आरोप किसी तरह का कोई डुप्लीकेट पाईप नहीं बनाया जा रहा. मेरे पास पाईप बनाने के पूरे है दस्तावेज है. जबकि ब्रांडेड कंपनी की लीगल टीम ने कोर्ट के आदेश पर कथित पाईप बनाने पर रोक लगाईं है और स्टाक को भी सील करवा दिया है.
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15 October 2024यह खबर मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला को जरूर देखना चाहिए क्योंकि मध्यप्रदेश में गरीबों को मुक्त इलाज देने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. मात्र 5 रुपए नहीं होने पर एक बीमार माँ - बेटी को अस्पताल से बिना इलाज के लौटना पड़ा. राजेंद्र शुक्ला जी आप स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं इसलिए गरीब गुरबों से जुड़ी ये खबर आपको समर्पित है. गरीब आदिवासी वर्ग के लोगों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज देने का दावा करने वाली आपकी सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पर्ची बनवाने के बाद 5 रूपए कम होने पर एक मां बेटी को बगैर इलाज अस्पताल से वापस घर लौटना पड़ा. मंत्री जी आप और आपके जिम्मेदार लोग जांच कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और स्वास्थ्य सेवाएं भगवान् भरोसे नजर आती हैं. यह मामला देवास जिले के नेमावर आयुष्मान आरोग्य केंद्र का है. जहां एक मां उसका ओर उसकी मासूम बेटी का इलाज करने के लिए 20 रूपए लेकर घर से सरकारी अस्पताल पहुंची थी. जहां मां ने अपनी ओर बेटी के नाम पर इलाज के लिए पर्ची काउंटर पर लाइन मैं लगकर पर्ची बनवाली, जब पैसे देने का नंबर आया तो उनके पास मात्र 15 रूपए ही निकले, ₹5 का सिक्का रास्ते में कहीं गिर गया था. 5 रूपए कम होने की बात पर काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने गरीबों का मजाक उड़ाते हुए मां को खरी खोटी बातें सुना कर उसको अपमानित किया. जिसके चलते मां अपनी बेटी के साथ सरकारी अस्पताल से वापस घर लौट गई. मंत्री जी आपके विभाग के क्या हाल है ये आप अच्छे से जानते हैं इस संबंध में जब अस्पताल के डॉ राहुल से बात की तो उनका कहना था कि पर्ची वाला मामला उनके संज्ञान में भी आया है. मंत्री जी आपके सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के नाम पर पर्ची का खेल लंबे समय से चल रहा है जिस पर सरकार के नुमाइंदों का भी कोई ध्यान नहीं. जिसके चलते गरीब ,ग्रामीण आदिवासी लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ₹10 देकर इलाज करवाना पड़ रहा है. पैसे के अभाव में कई गरीब लोगों को बगैर इलाज ही अस्पताल से वापस घर भेज दिया जाता है.
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15 October 2024जबलपुर के कटंगी थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या के पीछे उसके गांव का एक अन्य युवक था, जिसने हत्या के लिए दोस्ती करके धोखे से युवक को मौत के घाट उतार दिया। आठ दिन तक खोजबीन करता रहा। पूछताछ करने पर आरोपित ने किया जुर्म कबूल पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और काल डिटेल की मदद से आरोपित की पहचान कर ली। पूछताछ करने पर आरोपित ने जुर्म भी कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपित युवक ने बताया कि बहन पर बुरी नजर रखने की वजह से ही उसने हत्या को अंजाम दिया। तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी कटंगी के थूहा पड़रिया गांव में 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी। अरूण पिछले एक अक्टूबर से लापता था। पुलिस ने इस मामले में आनंद सिंह 19 साल को गिरफ्तार किया है। आनंद और अरूण दोस्त थे। दोस्ती कर ली तो वह उसके साथ घुल मिल गया आरोपित ने बताया कि अरूण लोधी उसकी बहन पर बुरी नजर रखता था। यह बात उसे पता लगी तो वह इसका बदला लेने के इरादे से अरूण लोधी से दोस्ती कर ली। वह उसके साथ घुल मिल गया। फ्री फायर गेम खेला, तीनों गांव में घूमने निकल गए एक अक्टूबर को फ्री फायर गेम खेलने के बहान आनंद ने अरूण को बुलाया। करीब आधा घंटा गेम खेलने के बाद तीन दोस्त आनंद, अरुण और राघवेंद्र रोज की तरह गांव के चबूतरे पर बैठे थे। आधा घंटा फ्री फायर गेम खेला। इसके बाद तीनों गांव में घूमने निकल गए। जबलपुर में गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की रात 9.30 बजे तीनों उसी चबूतरे पर लौटे। राघवेंद्र और अरुण घर चले गए। जबकि आनंद ने जबलपुर निवासी अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की। फिर अरुण को फोन किया। कहा- एक बार और फ्री फायर गेम खेल लेते हैं। रात 10 बजे चुके थे। सिर पर लोहे का पाना मारा, तालाब में धक्का दे दिया गेम खेलने के बाद दोनों टहलते हुए तालाब के पास पहुंचे। आसपास घना अंधेरा था। इसका फायदा उठाते हुए आनंद ने अचानक अरुण के सिर पर लोहे का पाना मार दिया। यह पाना आनंद ने पहले ही अपने पास रखा था। हमले के बाद उसे तालाब में धक्का दे दिया। हत्या करने के बाद आनंद घर आकर सो गया घटना के दूसरे दिन अरूण के स्वजन ने कटंगी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। आनंद भी स्वजन के साथ अपने दोस्त की तलाश में जुटा रहा। आठ दिन बाद 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण का शव मिला। अरूण के गायब होने के बाद माेबाइल भी बंद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि अरूण के गायब होने के बाद से उसका माेबाइल भी बंद है। पुलिस ने लोकेशन और काल डिटेल निकलवाई। जिसमें आनंद और अरूण के बीच बातचीत होना पाया गया। बहन के आने-जाने पर पीछा किया करता था पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपित टूट गया और उसने जुर्म कबूल कर लिया। आनंद ने बताया कि उसकी छोटी बहन पर अरूण की नजर थी वह उसके आने-जाने पर पीछा किया करता था। इस बात से नाराज होकर आनंद ने अरूण को ठिकाने लगाने का मन बनाया।
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15 October 2024कंचन नदी में दुर्गा प्रतिमा मूर्ति विसर्जन के दौरान हादसा हो गया इस हादसे में एक युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई. मौके पर पहुंचे विधायक राजेंद्र मेश्राम ने पीड़ित परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक के पानी में डूबने की जानकारी देवसर विधानसभा के विधायक राजेंद्र मेश्राम को मिली तो उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई, देवरी में कंचन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान चंद्रकांत दुबे अचानक पानी में डूब गया. विधायक ने एसपी सिंगरौली से आनन फानन में हर संभव मदद की बात कही. पुलिस एनडीआरएफ की टीम एवं विधायक देवसर तत्काल मौके पर पहुंचे. तब तक युवक की पानी में डूबने से हुई मौत हो गई थी. ऐसे में विधायक राजेंद्र मेश्राम पीड़ित परिजनों के साथ खड़े नहर आये और उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया.
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14 October 2024मैंहर में धारदार हथियार से एक युवक ने अपना ही गला रेत कर आत्महत्या करने की कोशिश की. ये युवक घरेलू विवाद से परेशान बताया जा रहा था. अमरपाटन थाना क्षेत्र में घरेलू कारणों से यूवक ने चाकू से अपना गला रेत लिया. आत्महत्या की कोशिश के बाद परीजन गंभीर अवस्था में युवक को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. घटना की जानकारी लगते ही सिविल अस्पताल पुलिस ने युवक से पूछताछ की युवक हालाँकि अभी ज्याद कुछ नहीं बता पाया है ,लेकिन वो घरेलू विवादों से परेशान था.
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14 October 2024विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 9 रन से हरा दिया. इसी के साथ टीम इंडिया के सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं. टीम 4 में से 2 ही मैच जीत सकी है. अब अगर पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हरा दिया, तभी टीम इंडिया सेमीफाइनल खेल पाएगी. शारजाह में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी. ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 151 रन बनाए. टीम से ताहलिया मैक्ग्रा ने 40 रन बनाए. जवाब में टीम इंडिया 9 विकेट खोकर 142 रन ही बना सकी. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 47 गेंद पर 54 रन बनाए. बाकी बैटर्स कुछ खास नहीं कर सकीं. हरमनप्रीत कौर 20वें ओवर तक नॉटआउट रहीं, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सकीं. आखिरी ओवर में भारत 14 रन चाहिए थे, टीम 6 गेंद पर 4 ही रन बना सकी और 4 विकेट गंवा दिए. एनाबेल सदरलैंड ने 2 विकेट लिए, जबकि 2 बैटर्स रनआउट हुईं. यहां दूसरी गेंद पर पूजा वस्त्राकर को एनाबेल सदरलैंड ने बोल्ड कर दिया. तीसरी गेंद पर अरुंधति रेड्डी रनआउट हो गईं. पांचवीं बॉल वाइड रही, इस पर श्रेयांका पाटिल रनआउट हो गईं. अगली बॉल पर राधा यादव LBW हो गईं. वस्त्राकर ने 9 रन बनाए, जबकि बाकी 3 बैटर्स खाता भी नहीं खोल सकी.
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14 October 2024सिंगरौली में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मौजूदगी में रामलीला के मंचन के साथ रावण का वध किया गया. इसके बाद बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया. सिंगरौली में प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजमाता चुनकुमारी स्टेडियम में भगवान राम की पूजा अर्चना के बाद 45 फिट के रावण के पुतले का दहन किया गया. ऐसे में जय श्री राम के नारे से पूरा स्टेडियम गूंज उठा रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद शर्मा जो पेशे से एक पुलिस कर्मी है रावण का किरदार निभाने के लिए उन्होंने स्पेशली छुट्टी लेकर रावण का किरदार निभाया. उन्होंने जनता जनार्दन का आभार व्यक्त किया. संयुक्त व्यापार मंडल अध्यक्ष राजाराम केशरी ने जिला प्रशासन नगर निगम और यहाँ की जनता को आभार व्यक्त किया की सबने इस आयोजन में अपना योगदान दिया.
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13 October 2024छतरपुर के बडामलेहरा मे काग्रेस नेता के होटल में युवक की संदिग्ध मौत पर बबाल मच गया. यह युवक किसी युवती के साथ होटल में ठहरा था. युवक के परिजनों ने युवक की ह्त्या किये जाने का आरोप लगाया है. ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल में युवती के साथ ठहरे शादीशुदा युवक की संदिग्ध हालत मे मौत हो गई, जिसको लेकर मृतक के परिजनों ने हत्या के आरोप लगाते हुये लगभग दो घण्टे जाम भी लगाया. ग्राम सिरोंज निवासी अरविंद सिंह एक युवती के साथ बड़ामलहरा ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल के कमरा नंबर 3 में ठहरा था. जहाँ उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गयी. जिसे राजकुमार सिंह ने अस्पताल भेजा और वहाँ से भाग खड़ा हुआ. मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी लगते ही टिंकू चौहान की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया. पुलिस ने मर्ग कायम कर युवती के बयान पर मामले की तहकीकात शरू कर दी है.
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13 October 2024स्पा सेंटर के दो मैनजर पैसे के लेनदेन को लेकर आपस में भीड़ गए. इनका झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक मैनेजर ने दूसरे को तवे से मार मार कर उसकी जान ले ली. पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है. बिलौंजी स्पा सेंटर में 12 घंटे पहले हुई मैनेजर की हत्या का पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने किया खुलासा कर दिया है. उन्होंने बताया मृतक व आरोपी दोनों अंजली स्पा सेंटर के अलग अलग सेंटरों बैढ़न व विंध्य नगर के मैनेजर है. अंजलि स्पा सेंटर के संचालक का फोन आया उसी बात को लेकर दोनों मैनेजरों के बीच पैसे के हिसाब किताब को लेकर विवाद इतना बढ़ा की आरोपी शिवम मिश्रा ने मृतक सिकंदर रविदास के ऊपर रोटी बनाने वाले तवे से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया. इस दौरान अंजलि स्पा सेंटर बिलौजी में कार्य कर रही लड़की ने बीच बचाव किया लेकिन आरोपी लगातार प्रहार करता रहा जिससे सिकंदर रविदास की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी शिवम मिश्रा एक ऑटो से बैठकर बरगवां तरफ भागा जैसे ही पुलिस को सूचना मिली पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी की वही बरगवां से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
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13 October 2024अंततः खैरागढ़ रियासत के दिवंगत राजा देवव्रत सिह की पत्नी की मांग को छतीसगढ़ सरकार ने मान लिया और दशहरे से पूर्व उनके पति देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण करवा दिया. खैरागढ़ रियासत के राजा देवव्रत सिंह की प्रतिमा अनावरण के विवादित मामले को सरकार ने सुलझा दिया. दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह ने मौजूदा सरकार से उनकी प्रतिमा की अनावरण की मांग की थी. अंतत सरकार ने उनकी मांग को मान लिया और दशहरा के पहले स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया. जिले के प्रभारी कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने राजा देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण किया ..इस दौरान सांसद संतोष पांडे एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद थे. विभा सिंह ने इस बात की खुशी जताई की उन्हें इस कार्यक्रम में सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया गया। साथ ही उनकी बातों को महत्व देते हुए मौजूदा सरकार के द्वारा स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया.
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12 October 2024सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक पांडे का दो महीने में ही तबादला कर दिया जिसकी खूब चर्चा है. एसपी का कहना है शिकायत के आधार पर एक्शन लिया गया है .लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही. पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने दो महीने में ही जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह पांडे को हटा दिया. सोशल मीडिया में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर क्या वजह है जो पुलिस अधीक्षक ने इतनी जल्दी अभिषेक पांडे को जयंत चौकी से लाइन हाजिर कर दिया. इस बारे में पुलिस अधीक्षक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत थी. जन अन्य पुलिसवालों की शिकायत पर उनसे सवाल किया गया तो उनका कहना था. सबको हटाकर सभी थानों को थाना प्रभारी विहीन कर दें.
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12 October 2024छतरपुर में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. एक बच्ची की कुए में फेंक कर ह्त्या कर दी गई. वहीँ पुलिस ने भेष बदलकर जुए की फड़ पर छापामार कार्यवाही कर जुआरियों को पकड़ा और शराब बनाने के एक अड्डे का भी खुलासा किया. छतरपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहाँ 9 साल की नाबालिग बच्ची को गांव के ही एक व्यक्ति ने कुएं में फेंका कर उस पर तब तक पत्थर बरसाए जब तक बच्ची की मौत न हो गई. ये घटना राजनगर थाना क्षेत्र के देव कुलिया गांव की है. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. बच्ची नवरात्रि के मौके पर अपने चचेरे भाई के साथ देवी मंदिर दिया रखने जा रही थी. तब इस घटना को अंजाम दिया गाया. बच्ची के भाई ने आरोपी फांसी देने की मांग की है. इस वारदात के आरोपी गोवर्धन पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर जिले की नौगांव पुलिस ने जुआ की फड़ पर छापा मारा और आधा दर्जन से अधिक जुआरियों को गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार झांसी खजुराहो नेशनल हाईवे पर भड़ार नदी के पुल के समीप एक जुआ के फड़ की सूचना पुलिस को मिली. पुलिस ने भेष बदलकर इस जुआ के फड़ की चारों तरफ से घेराबंदी की और दबिश दी. जहाँ 114000 नगद एक आल्टो कार दो मोटरसाइकिल समेत 6 लाख से अधिक का सामान जब्त कर पुलिस ने है 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. बिजावर ब्लाक के ग्राम कंजरपुर, भरगावा में चल रहे शराब के अड्डे पर आबकारी पुलिस ने छापा मारा यहाँ से कच्ची शराब बनाने का जखीरा बरामद किया गया. 4000 kg महुआ लाहन और मदिरा निर्माण की भट्ठियों को मौके पर नष्ट किया गया. मदिरा निर्माण सामग्री की कीमत चार लाख रूपये से अधिक बताई गई है. यहाँ से कुछ शाराब तस्कर गायब हो गए और कुछ को पकड़ लिया गया है.
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12 October 2024नवरात्र में जगह-जगह पर विराजमान दुर्गा जी की प्रतिमाओं और पंडालों में श्रधालुओं की भीड़ है और जगह से माँ के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. सिंगरौली विधायक राम निवास शाह दुर्गा पंडालो में पहुंचकर पूजा अर्चना की और सभी जिले वासियों से नवरात्रि पर्व की बधाई दी. विधायक शाह ने दुर्गा जी के प्रतिमा के समक्ष पहुंच कर पूजा अर्चना की तत्पश्चात प्रसाद वितरण का हुआ आयोजन हुआ. मां के दरबार में भंडारे का भी आयोजन किया गया.
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11 October 2024रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को इसके लॉन्च से पहले कई बार देखा जा चुका है, और अब यह बाजार में आने के लिए तैयार है। इसे नवंबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। इसका डिजाइन रेट्रो स्टाइल का होगा, जो इसे रॉयल एनफील्ड 650 ट्विन्स लाइनअप में एक नया सदस्य बनाता है। आइए जानते हैं कि Royal Enfield Classic 650 किन फीचर्स के साथ आ सकती है। Royal Enfield Classic 650: डिजाइन Classic 650 का डिज़ाइन काफी हद तक Classic 350 से मिलता-जुलता हो सकता है। इसमें गोल एलईडी हेडलाइट, टियरड्रॉप आकार का फ्यूल टैंक, त्रिकोणीय साइड पैनल और घुमावदार फेंडर शामिल होंगे। Royal Enfield Classic 650: कलर ऑप्शन रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को दो कलर ऑप्शन में पेश किया जा सकता है: मैरून और क्रीम डुअल-टोन। ये कलर इसके विंटेज लुक को और भी बढ़ाएंगे। इसके अलावा, यह बाइक वायर स्पोक और अलॉय व्हील दोनों ऑप्शन में उपलब्ध हो सकती है, जो रेट्रो और आधुनिक डिजाइन का खूबसूरत संयोजन पेश करेंगे, जिसके लिए रॉयल एनफील्ड जानी जाती है।
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11 October 2024बीवाईडी ने 6 और 7 सीटर वर्जन के साथ नई इलेक्ट्रिक कार ईमैक्स 7 को लॉन्च कर दिया है. इंडिया में यह इलेक्ट्रिक कार दो वेरिएंट्स में खरीदने के लिए मिलेगी. परफॉर्मेंस की बात करें तो eMAX 7 महज 10.1 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है. यहां जानें कि इसके स्पेसिफिकेशंस और फीचर्स कैसे हैं. वाईडी ने इंडिया में अपनी इलेक्ट्रिक कार लाइनअप को और मजबूत करते हुए eMAX 7 को लॉन्च किया है. यह एक नई इलेक्ट्रिक MPV कार है, जो खासतौर पर e6 का अपग्रेडेशन है. बीवाईडी ने लेटेस्ट इलेक्ट्रिक कार को दो वेरिएंट्स- प्रीमियम और सुपीरियर में पेश किया है. अगर आपकी फैमिली बड़ी है, तो ये इलेक्ट्रिक कार अच्छा ऑप्शन हो सकती है. इसमें 6 और 7 सीटर ऑप्शन मिलेंगे. eMAX 7 की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये है, और इसकी सिंगल चार्ज 530 किलोमीटर है. भारत में इलेक्ट्रिक कार तो बहुत हैं, लेकिन eMAX 7 ज्यादा सीटों के साथ आती है. बिग फैमिली और ज्यादा पैसेंजर कैपेसिटी के साथ यह उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है, जो 5 से ज्यादा सीटों वाली इलेक्ट्रिक कार चाहते हैं. eMAX 7 इलेक्ट्रिक के फीचर्स, बैटरी और रेंज आदि के लिए जानकारी यहां पढ़ें. BYD eMAX 7: फीचर्स ईमैक्स7 एक थ्री-रो इलेक्ट्रिक एमपीवी है जिसे 6 या 7 सीटर ऑप्शन के साथ लॉन्च किया गया है. इसमें 12.8 इंच के इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन के अलावा दो वायरलेस फोन चार्जिंग पैड, वेंटिलेटेड फीचर्स के साथ लेदरेट सीटें, नया ड्राइव नॉब, इलेक्ट्रिकली पावर्ड टेलगेट और 360 डिग्री कैमरा जैसे फीचर्स मिलते हैं. कार में हवा की बेहतर आवाजाही के के लिए पीछे की सीटों पर रूफ-माउंटेड वेंट्स हैं. BYD eMAX 7: बैटरी और रेंज eMAX7 दो बैटरी पैक ऑप्शन – 55.4 kWh और 71.8 kWh के साथ आती है. 71.8 kWh बैटरी पैक से लैस इलेक्ट्रिक कार एक बार फुल चार्ज होने पर 530 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इसमें डुअल मोटर सेट-अप है. 55.4 kWh बैटरी पैक वर्जन थोड़ा सस्ता है, जो एक बार फुल चार्ज होने पर 420 किलोमीटर की रेंज देगा. BYD eMAX 7: कीमत बीवाईडी ईमैक्स 7 इलेक्ट्रिक कार 8.6 सेकेंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ सकती है. भारत में इस इलेक्ट्रिक कार की किसी दूसरी इलेक्ट्रिक कार से सीधा मुकाबला नहीं है. इसकी एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये से शुरू होती है. ईमैक्स 7 के सबसे महंगे वर्जन की एक्स-शोरूम कीमत 29.9 लाख रुपये है.
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10 October 2024भोपाल: यूं तो पति-पत्नी में विवाद चल रहा है। यह विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों ने अलग-अलग होने के लिए कोर्ट में तलाक का केस लगा दिया। तलाक होता इससे पहले हुए एक कांड ने सनसनी फैला दी। यह मामला एमपी की राजधानी भोपाल से सामने आया है। भोपाल के अशोका गार्डन में एक पति ने अपनी ही पत्नी के साथ बलात्कार किया। जबकि दोनों के बीच तलाक का केस कोर्ट में चल रहा था। यही नहीं उसने पीड़िता को धमकाकर कई बार उसका शोषण भी किया। पुलिस ने एक्शन लेते हुए पति को पकड़ लिया है। हवसी पति ने नहीं छोड़ा पीछा घटना के बाद पीड़िता ने अशोका गार्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। 31 साल की पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति से अलग रह रही थी। पर वहां भी हवस के नशे में चूर उसके पति ने पीड़िता का पीछा नहीं छोड़ा। घर में अकेली थी उस दौरान आया हैवान 27 सितंबर को जब वह अपने घर में अकेली थी, तभी उसका पति अचानक आ धमका और उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी पति ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती की और लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा। पुलिस आरोपी को पहुंचाया जेल महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी के आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
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10 October 2024मैंहर में बिजली विभाग के अधिकारी को उपभोक्ता को धमकाना महंगा पड़ गया. जिसके बाद विभाग ने अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. अधिकारी के निलंबन की वजह उपभोक्ता के साथ अभद्रता बताई जा रही है. जिले के अमरपाटन बिजली विभाग में पदस्थ अधिकारी प्रकाश चंद्र निगम का उपभोक्ता के साथ धमकी देने और गाली गलौज करने का एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. जिसके बाद विवादित अधिकारी को बिजली विभाग ने निलंबित कर दिया. आपको बता दे कि उपभोक्ता ने बिजली का बिल कम करने के लिए 10 हज़ार रूपए दिए थे. जब काम नहीं हुआ. तो उपभोक्ता बात करने पहुचा जिसके बाद साहब भड़क गए और धमकी सहित गाली दे लगे. हालांकि अब गालीबाज़ जेई को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है. कि पहले भी जेई प्रकाश चंद्र निगम को वर्ष 2023 में लोकायुक्त ने 15 हज़ार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था.
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10 October 2024भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए न्यूजीलैंड की टीम का ऐलान कर दिया है. 3 मैचों की सीरीज के लिए टॉम लैथम को कप्तान बनाया गया है. वे फुल टाइम कैप्टन बनने के बाद पहली बार टीम की कप्तानी करेंगे. टीम में मार्क चैपमैन को मौका दिया गया है, जबकि ईश सोढ़ी की दूसरे और तीसरे टेस्ट के लिए वापसी हुई है. वहीं, पूर्व कप्तान केन विलियमसन को चोटिल होने के बावजूद भी स्क्वॉड में शामिल किया गया है. इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच 3 टेस्ट की सीरीज 16 अक्टूबर से शुरू हो रही है. पहला मुकाबला बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा. गैरी स्टीड न्यूजीलैंड के कोचिंग स्टॉफ को लीड करेंगे. ल्यूक रोंची बैटिंग, जैकब ओरम बॉलिंग और रंगना हेराथ स्पिन बॉलिंग कोच हैं. ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल को बेंगलुरु में 16 अक्टूबर से होने जा रहे पहले टेस्ट के लिए टीम का हिस्सा बनाया गया है.
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10 October 2024भारतीय बाजार में वाहनों की बिक्री में हर महीने उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे है और बीता सितंबर महीना अच्छा नहीं रहा। इसके बावजूद इस वित्त वर्ष, यानी 2024-25 की पहली छमाही में अप्रैल से लेकर सितंबर 2024 के दौरान वाहनों की बिक्री में ओवरऑव 6 फीसदी से ज्यादा की बिक्री हुई है। देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में इसमें 6.55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दरअसल, भारत के टियर 2 और टियर 3 सिटीज के साथ ही ग्रामीण इलाकों में वाहनों की मजबूत डिमांड की वजह से वाहनों की बिक्री में बीते 6 महीने में तेजी दिखी है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की हालिया रिपोर्ट देखें तो इस साल सितंबर में वाहनों की ओवरऑल बिक्री पिछले साल के समान महीने की तुलना में 9.26 फीसदी कम रही। सितंबर 2023 में कुल 18.99 लाख वाहन बिके थे, जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या घटकर 17,23,330 यूनिट हो गई। बीते सितंबर में यात्री वाहनों में 18.81 फीसदी, कॉमर्शियल वाहनों में 10.45 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 8.51 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल-सितंबर की अवधि में टू-व्हीलर्स की बिक्री में 9.08 फीसदी, थ्री-व्हीलर में 7.58 फीसदी और पैसेंजर वीइकल सेगमेंट 1.07 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों (CV) और ट्रैक्टर्स की बिक्री में क्रमशः 0.65 फीसदी और 8.82 फीसदी की गिरावट आई है। FADA के नए प्रेजिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर का कहना है कि पितृपक्ष ने बिक्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे अलग-अलग सेगमेंट में रिटेल सेल में सालाना रूप से गिरावट आई। उन्होंने कहा कि डिमांड बढ़ाने के लिए अलग-अलग सेगमेंट में डिस्काउंट और ऑफर पेश किए गए हैं, लेकिन इनसे बिक्री में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। आपको बता दें कि मॉनसून के दौरान सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फाडा की मानें तो ऑटोमोबाइल के खुदरा कारोबार के लिए आने वाला समय अच्छा है, क्योंकि नवरात्र और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ते हैं और इससे वाहनों की बिक्री में तेजी की संभावना है। फेस्टिवल सीजन में दोपहिया, यात्री वाहनों, और ट्रैक्टरों की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है। फाडा की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरशिप पर गाड़ियों का स्टॉक ज्यादा होने की वजह से पैसेंजर वीइकल सेगमेंट एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अगर अक्टूबर में बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ती है तो डीलरों पर गोदामों में जमा हुए बिना बिके स्टॉक से वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा। हालांकि डीलर और ओईएम त्योहार के मौसम में बिक्री तेज गोने की उम्मीद में हैं।
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9 October 2024आर्टिकल 34: भारतीय संविधान का सुरक्षा कवच भारत का संविधान विभिन्न आर्टिकल्स से बना है, जिनमें से आर्टिकल 34 महत्वपूर्ण है। यह आर्टिकल विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण से संबंधित है। "अगर कोई व्यक्ति किसी अधिनियम के अंतर्गत, किसी संवैधानिक या कानूनी प्रावधान के अनुसार, भारत के खिलाफ युद्ध करने या देश के किसी अन्य व्यक्ति के साथ घातक संलिप्तता में लिप्त होता है, तो उसे बिना किसी न्यायालय द्वारा बिना सुनवाई के मुआवजे के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।" आर्टिकल 34 का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की अनुमति देता है, जहां समय की कमी होती है और तत्काल निर्णय आवश्यक होता है। इस आर्टिकल के तहत, सरकार आपातकालीन स्थितियों में कार्रवाई कर सकती है, जिससे जनहित सुरक्षित रहता है। यह आतंकवाद, दंगा या किसी अन्य आपातकालीन स्थिति में लागू किया जा सकता है। हालांकि, आर्टिकल 34 की आलोचना भी होती है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन मानते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रावधान का उपयोग केवल जनहित में किया जाए, न कि दुरुपयोग के लिए। आर्टिकल 34 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण की दृष्टि से आवश्यक है। इसका सही उपयोग ही इसे प्रभावी बनाता है।
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9 October 2024डॉ. आनंद सिंह राणा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की चर्चित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाली नोट छाप जाने के मामले में जांच के दायरे में है। जांच के क्रम में मदरसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई किताबें मिली हैं। मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे में आरएसएस पर लिखी गई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिलने पर मामला गंभीर हो गया है। मदरसे के प्रिंसिपल के कमरे से उर्दू भाषा में भड़काऊ साहित्य पाया गया। बरामद उर्दू साहित्य के अनुसार आरएसएस मुल्क में सबसे दहशतगर्द तंजीम है और बरामद किताब में आरएसएस के खिलाफ कई भड़काऊ लेख हैं, आरएसएस को किताब मे आतंकी संगठन बताया गया है। देश में हुए कई आतंकी घटनाओं का भी किताब में जिक्र किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड मुस्लिम पुलिस आधिकारी ने इस भड़काऊ किताब को लिखा है। जांच एजेंसियां उर्दू साहित्य से जुड़ी किताब की भी पड़ताल कर रही हैं। इन किताबों के जरिए मदरसे के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था। यूपी में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है। यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है, मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है,यहां बड़ी संख्या में छात्र तालीम हासिल करते हैं, मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है। दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए, छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं, न्यूज़ एजेंसियो को पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं।ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के विरुद्ध बातें लिखी हुई हैं। ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है,जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर्ड आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं, ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं। अब प्रश्न उठता है कि संघ को आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में संघ के विरुद्ध जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्टरी का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के विरुद्ध जहर तो नहीं भरा जा रहा था। पुलिस आरोपितों पर एनएसए लगाने की तैयारी में है। (लेखक, इतिहास के प्राध्यापक एवं इतिहास संकलन समिति के पदाधिकारी हैं।)
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8 October 2024इसे आप एक संयोग ही मान सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कहते हैं, "सुप्रीम कोर्ट ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, यह भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है। इस यात्रा में संविधान निर्माताओं और न्यायपालिका के अनकों मनीषियों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें उन करोड़ों देशवासियों का भी योगदान है, जिन्होंने हर परिस्थिति में न्यायपालिका पर अपना भरोसा अडिग रखा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के यह 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी के गौरव को और बढ़ाते हैं। इसलिए इस अवसर में भी गर्व और प्रेरणा भी है। एक तरफ पीएम मोदी का यह उद्बोधन भारत के संविधान के प्रति विश्वास और अपनी न्यायप्रणाली विशेषकर उच्चतम न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों के प्रति विश्वास व्यक्त कर रहा था तो दूसरी ओर बहुत समय बाद यह देखने में आया कि न्यायालय ने केंद्र की भाजपा सरकार के पिछले 10 वर्षों से किए जा रहे प्रयासों एवं मध्यप्रदेश सरकार समेत बाघ संरक्षण के लिये कार्य कर रहे अन्य राज्यों के प्रयासों और सफलता के लिये खुलकर उनकी सराहना की है। कहना होगा कि विश्व के 75 प्रतिशत बाघ भारत में हैं। देश में बाघों की संख्या वर्ष 2014 में 2226 से बढ़कर अब 3682 हो गई है। इसमें मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। बीच में जब बाघों की संख्या घट रही थी तो यह ना सिर्फ भारत के पर्यावरणविदों के लिए बल्कि दुनिया भर में जैव विविधता के प्रेमी और वैज्ञानिकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया था। उसके बाद जब 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार आई, तब जिस तरह से विदेशी जैव वैज्ञानिकों के साथ भारत के वैज्ञानिकों ने मिलकर कार्य किया और वहीं राज्यों के स्तर पर जो कार्य वन विभागों के साथ मिलकर राज्यों के अन्य विभागों ने किया, यह उसी का परिणाम है जो आज एक अच्छी-खासी संख्या में भारत में बाघों की संख्या बढ़ सकी है। प्रधानमंत्री आज जब यह बोल रहे थे कि ‘‘आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत।’’ तब निश्चित ही उनके इस कथन में सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था, राजनीतिक तंत्र या प्रशासनिक व्यवस्था नहीं आती है। उसमें समग्रत से भारत का वह सभी कुछ समाहित हो जाता है, जिसके होने से भारत, भारत है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और पी वी संजय कुमार की बैंच का धन्यवाद है कि उन्होंने केन्द्र सरकार की सराहना करते हुए जैव विविधता की दृष्टि से बाघ संरक्षण, विकास और उनकी वृद्धि को "अच्छा कार्य" बताया है। वस्तुत: यह किसी सी छिपा नहीं है कि बाघों की पुनर्स्थापना का काम एक अत्यंत कठिन काम है, जोकि देश के अनेक राज्यों के बीच मध्य प्रदेश ने दिन-रात की मेहनत से किया जा रहा है । डॉ. मोहन यादव की सरकार इसके लिए हर संभव मदद अपने कर्मचारियों को उपलब्ध करा रही है। यदि महंगे से महंगे पशु चिकित्सक, बाघ विशेषज्ञ की जहां आवश्यकता होती है, उन्हें सरकार वहां पहुंचाने में जरा भी देरी नहीं करती। कहीं भी बाघ पर कोई संकट आता दिखता है, पूरा वन अमला उसकी सुरक्षा में जुटा हुआ दिखाई देता है । यही कारण है जो वर्ष 2006 से बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़ता दिखा, आगे यही वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 257 तक पहुंच गया था । इसे बढ़ाने के लिए बाघों के उच्च स्तरीय संरक्षण और संवदेनशील प्रयास जरूरी थे। जिसके लिए मध्य प्रदेश में मानव और वन्यप्राणी संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन के लिए 16 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड और हर जिले में जिला स्तरीय रेस्क्यू स्क्वाड बनाए गए। वन्यप्राणी अपराधों की जांच के लिए वन्यप्राणी अपराध की खोज में विशेषज्ञ 16 श्वान दलों का गठन किया गया। राज्य स्तरीय स्ट्राइक फोर्स ने पिछले आठ वर्षों में वन्यप्राणी अपराध करने वाले 550 अपराधियों को 14 राज्यों से गिरफ्तार किया गया । संरक्षित क्षेत्र के बाहर वन्यप्राणी प्रबंधन के लिए बजट की व्यवस्था की गई। वन्य प्राणी पर्यटन से होने वाली आय की स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी की एक नई शुरूआत हुई। प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उदयानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। राज्य शासन की सहायता से 50 से अधिक गाँवों का विस्थापन किया जाकर बहुत बड़ा भू-भाग जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है। संरक्षित क्षेत्रों से गाँवों के विस्थापन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है। कान्हा, पेंच, और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गाँवों को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है। मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सतपुडा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है। वस्तुत: इस राज्य में बाघ प्रदेश बनने के चार मुख्य कारण आज ध्यान में आते हैं। पहला ग्रामों का वैज्ञानिक विस्थापन। वर्ष 2010 से 2022 तक टाइगर रिजर्व में बसे छोटे-छोटे 200 गांव को विस्थापित किया गया। सर्वाधिक 75 गांव सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बाहर किए गए। दूसरा है ट्रांसलोकेशन। कान्हा के बारहसिंगा, बायसन और वाइल्ड बोर का ट्रांसलोकेशन कर दूसरे टाइगर रिजर्व में उन्हें बसाया गया। इससे बाघ के लिए भोजन आधार बढ़ा। तीसरा है हैबिटेट विकास। जंगल के बीच में जो गांव और खेत खाली हुए वहां घास के मैदान और तालाब विकसित किए गए जिससे शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ी और बाघ के लिए आहार भी उपलब्ध हुआ। सुरक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव हुआ। पन्ना टाईगर रिज़र्व में ड्रोन से सर्वेक्षण और निगरानी रखी गई। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल कर अवैध शिकार को पूरी तरह से रोका गया। क्राइम इन्वेस्टीगेशन और पेट्रोलिंग में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ाया गया। इसका सबसे अच्छा उदाहरण पन्ना टाइगर रिजर्व है जिसका अपना ड्रोन स्क्वाड है। हर महीने इसके संचालन की मासिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। इससे वन्य जीवों की लोकेशन खोजने, उनके बचाव करने, जंगल की आग का स्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव और पशु संघर्ष के खतरे को टालने, वन्य जीव संरक्षण कानून का पालन करने में मदद मिल रही है। भारत सरकार की टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले टाइगर रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है। अब यहां बाघ वृद्धि का सकारात्मक दृष्य देखकर कहना यही होगा कि देश के अन्य राज्यों के बीच मध्य प्रदेश के लिए सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि यहां टाइगर रिजर्व के बाहर भी बाघों की संख्या बढ़ रही है और यह संख्या 526 से बढ़कर 785 तक जा पहुंची है जोकि देश के किसी भी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश के बाद कर्नाटक में 524 बाघों की संख्या है, वहीं, आज उत्तराखंड 442 बाघों के साथ तीसरे नंबर पर है । प्रदेश में चार-पांच सालों में 259 बाघ बढ़े हैं। इसके लिए पूर्व में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का तो धन्यवाद है ही साथ ही सबसे अधिक आभार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का है, जिन्होंने पर्यावरण एवं जैववैविध्य को अपने अन्य कार्यों की प्राथमिकता की सूची में प्रमुखता से रखा है।
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8 October 2024फेमिनिस्टों और एमआरए (मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट्स) के बीच टकराव विचारधाराओं के संघर्ष के कारण ही नहीं, बल्कि उचित कानूनों की कमी के कारण भी है। भारत में मैरिटल रेप (वैवाहिक-दुष्कर्म) के मुद्दे से ज्यादा इस बात को कोई और नहीं उजागर करता। मैरिटल रेप एक हकीकत हैं। पत्नी का पति द्वारा यौन-शोषण किया जा सकता है। क्या विवाह का मतलब पूर्ण और बिना शर्त सहमति है? नहीं। और ‘नहीं’ का मतलब हमेशा ‘नहीं’ होता है। विवाह सेक्स के लिए अनुबंध नहीं है। महिलाएं अपने पतियों की जागीर नहीं हैं, बल्कि कानून के तहत वे उन्हीं के समान एक स्वतंत्र-व्यक्ति हैं। यही कारण है कि जबरन बनाए जाने वाले शारीरिक सम्बंध दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। वे सहमति के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। क्या मैरिटल रेप कानून से परिवारों में टूट उत्पन्न हो जाएगी? नहीं। उलटे, एब्यूज़ से परिवार टूटते हैं, कानूनों से नहीं। फिर क्या कारण है कि सरकार मैरिटल रेप के अपराधीकरण को ‘अत्यधिक कठोर’ करार दे रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे कानून जेंडर-न्यूट्रल नहीं होते। कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि सत्ता की डायनैमिक्स स्वाभाविक रूप से महिलाओं के खिलाफ है, जिसका श्रेय हजारों सालों की पितृसत्ता को जाता है। जब महिलाओं को पुरुषों के हाथों हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो वे इसका प्रतिकार करती हैं। लेकिन मुट्ठी भर महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए बनाए कानूनों का दुरुपयोग करके इस बात को बहुत आगे तक बढ़ा दिया है। ये 1% महिलाएं अन्य 99% को नुकसान पहुंचा रही हैं। इन 1% महिलाओं द्वारा कानूनी ब्लैकमेलिंग और झूठे मामलों के कारण, मैरिटल रेप जैसे कानूनों को दुर्भाग्य से ऐसा विशेषाधिकार माना जाने लगा है, जिन्हें महिलाएं अब गंवा चुकी हैं। फेमिनिस्टों का मानना है कि अगर कानून जेंडर-न्यूट्रल बनाए गए तो पुरुष इसका दुरुपयोग करेंगे। वहीं पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्टों का मानना है कि अगर कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए तो महिलाएं इसका दुरुपयोग करेंगी। दोनों अपने तरीके से सही हैं। यही कारण है कि हिंसा और एब्यूज़ को सभी के लिए मुद्दा माना जाना चाहिए, न कि केवल महिलाओं के लिए। कानूनों की पक्षपातपूर्ण व्याख्या (जैसे दहेज या घरेलू हिंसा कानून) को समाप्त किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनों को सुरक्षा-उपायों की आवश्यकता है कि आरोपों का इस्तेमाल व्यक्तिगत हिसाब बराबर करने के लिए न किया जाए। दुर्व्यवहार के मामलों में पुरुष-पीड़ितों की कानूनी मान्यता की कमी को समाप्त किया जाना चाहिए। पुरुषों को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए या पर्याप्त सबूतों के बिना दोषी नहीं माना जाना चाहिए। उचित प्रक्रिया और कानूनी-तंत्र को महिलाओं और पुरुषों को गलत आरोपों से बचाना चाहिए। एक जेंडर को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के बजाय हमारा लक्ष्य निष्पक्षता, कानूनों के दुरुपयोग को रोकना और जेंडर-न्यूट्रल सुरक्षा की वकालत करना हो। जब तक कानून समानतापूर्ण नहीं होंगे- कि हां, महिलाएं भी धोखा दे सकती हैं, झूठे आरोप लगा सकती हैं, हिंसा कर सकती हैं- हमारे देश के लोग समान नहीं हो सकते। ये सच है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा पीड़ित हैं- लेकिन यह समानतापूर्ण कानूनों के विरोध में दिया जाने वाला तर्क नहीं हो सकता। दुनिया के केवल 36 देश ऐसे हैं, जो मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानते, और भारत उनमें से एक है। दुनिया की रेप-कैपिटल के रूप में पहले ही बदनाम भारत की प्रतिष्ठा को इससे मदद नहीं मिलती। इसमें आगे बढ़ने के लिए हम क्या कर सकते हैं? हर चीज का दस्तावेजीकरण करें। गलत संदेशों का स्क्रीनशॉट लें। अनुचित बातचीत का ऑडियो या वीडियो रिकॉर्ड करें। सीसीटीवी लगाएं। चाहे यौन उत्पीड़न हो या मैरिटल रेप, आपको अपने केस को मजबूत बनाना होगा। सबूत होंगे तो आपके पास न्याय के लिए लड़ने का मौका होगा। यह न भूलें कि यौन-हिंसा पहले ही घरेलू-हिंसा के अंतर्गत आती है। याद रखें , पुरुष और महिला एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। महिलाओं और पुरुषों- दोनों की लड़ाई पितृसत्ता से है, जो महिला-पुरुष दोनों के साथ अन्याय करती है। हमें इसी के लिए लड़ना चाहिए, मिलकर लड़ेंगे तो मजबूत बनेंगे।
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8 October 2024उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए।
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6 October 2024देश एक साथ चुनाव कराने की दिशा की ओर सार्थक कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अपनी रिपोर्ट सौपने के बाद अब केंद्र सरकार एक साथ चुनाव कराने के अभियान को गति देने का प्रयास कर रही है। इस समिति ने इस आधार पर एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है, क्योंकि इसके लिए अधिकांश राजनीतिक दलों की राय एक साथ चुनाव कराने को लेकर सकारात्मक रही। राजनीतिक विद्वानों का मानना रहा कि एक साथ चुनाव से देश में विकास की धारा को गति मिलेगी। इसका मूल कारण यही है कि देश में चुनाव की प्रक्रिया बहुत जटिल-सी दिखाई देने लगी है। राजनीतिक दल हर समय किसी न किसी चुनाव की तैयारी में व्यस्त रहते हैं। बार-बार चुनाव होने के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी जनता के काम करने में सीधा सरोकार नहीं रखते। जिसके कारण जन सामान्य के जुड़े ऐसे कार्य भी प्रभावित होते हैं, जो बहुत जरूरी होते हैं। ऐसे में एक साथ चुनाव कराया जाना एक सार्थक पहल कही जा सकती है। इससे बार-बार चुनाव में लगने वाले समय में कमी आएगी और आवश्यक कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जा सकेगा। यह बात स्मरण करने वाली है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने देश में कई परियोजनाओं को तय समय से पहले ही पूर्ण किया है। एक साथ चुनाव होने से इसमें और गति आएगी, यह तय है। वर्तमान में भारत में ऐसे कई कारण हैं, जो राष्ट्रीय विकास में बाधक बन रहे हैं। इसमें एक अति प्रमुख कारण बार-बार चुनाव होना है। देश में होने वाले चुनावों के दौरान लगने वाली आचार संहिता के चलते सरकार का कामकाज भी प्रभावित होता है। हमारे देश में किसी न किसी राज्य में हर वर्ष चुनाव के प्रक्रिया चलती रहती है। चुनाव के दौरान संबंधित सरकार कोई बड़ा निर्णय नहीं ले सकती। चुनाव होने के कारण राजनीतिक दल हर साल केवल चुनाव जीतने की योजना ही बनाते रहते हैं। इस कारण देश के उत्थान के बारे में योजना बनाने या सोचने का उतना समय भी नहीं मिल पाता, जितना सरकार का कार्यकाल होता है। इसलिए वर्तमान में जिस प्रकार से एक साथ चुनाव कराने की योजना पर मंथन चल रहा है, वह देश को उत्थान के मार्ग पर ले जाने का एक अभूतपूर्व कदम है। केंद्र सरकार ने इस बारे आवश्यक प्रावधान बनाने की दिशा में भी कार्य प्रारंभ कर दिया है। इससे पूर्व एक साथ चुनाव कराने क़े लिए बनाई गई समिति ने सभी से रायशुमारी की। अधिकांश राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया। राजनीतिक दलों का यह सोच राष्ट्रीय दिशा की तस्वीर को और अधिक स्पष्ट करता है। इसे इसी दृष्टिकोण से देखेंगे तो हर किसी को यह कदम अच्छा ही लगेगा। प्रायः देखा जाता है कि देश में सरकार के हर कदम का विरोध करना फैशन बन गया है। कमी देखने में बुराई नहीं है लेकिन कुछ अच्छा भी होता है, उसे भी बिना राजनीति के देखने के प्रयास किए जाने चाहिए। एक साथ चुनाव कराना भी ऐसा ही कदम है। अगर इसे राष्ट्रीय राजनीति के तौर पर देखेंगे तो यह अच्छा दिखाई देगा। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की इस बारे में राय अलग हो सकती है, क्योंकि उनको चुनाव के लिए एक या दो राज्यों तक ही सीमित रहना होता है। हालांकि उनको भी विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेना होता है। एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व में समिति बनाई थी। उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए एक बार अपने अभिभाषण में भी एक साथ चुनाव कराए जाने पर जोर दिया था। पूर्व राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा था कि बार-बार होने वाले चुनावों से विकास में बाधा आती है, ऐसे में देश के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। सच कहा जाए तो एक साथ चुनाव कराया जाना राष्ट्रीय चिंता का विषय है, जिसे सभी दलों को सकारात्मक दृष्टि से लेना होगा। हम यह भी जानते हैं कि देश के स्वतंत्र होने के पश्चात लम्बे समय तक एक साथ चुनाव की प्रक्रिया चली लेकिन कालांतर में कई राज्यों की सरकारें अपने कार्यकाल की अवधि को पूरा नहीं कर पाने के कारण हुए मध्यावधि चुनाव के बाद यह क्रम बिगड़ता चला गया और चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। एक साथ चुनाव होने से देश में विकास की गति को समुचित दिशा मिलेगी, जो बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि देश में बार-बार चुनाव होने से जहां राजनीतिक लय बाधित होती है, वहीं देश को आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ता है। दुनिया के कई देशों ने भी इस प्रकार की नीतियां बनाई हैं, जिसके अंतर्गत एक साथ चुनाव कराए जाते हैं और वे देश विकास के पथ पर निरंतर रूप से आगे बढ़ते जा रहे हैं, तब भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता। जब से देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई है, राष्ट्रीय हित की दिशा में अनेक काम किए जा रहे हैं। इन कामों का वास्तविक स्वरूप भविष्य में सामने आएगा क्योंकि देश में लम्बे समय से एक मानसिकता बन गई थी कि अब भारत से समस्याओं का निदान संभव नहीं है। उस समय सरकारों के संकल्प में कमी दिखाई देती थी। सरकारें हमेशा इसी उधेड़बुन में लगी रहती थी कि हमारी सरकार कैसे बचे या हमारी सरकार कैसे फिर से बने। इसी कारण कई निर्णय ऐसे भी किए जाते रहे हैं, जिससे देश की विकास की गति बाधित होती गई और स्वतंत्रता के बाद देश को जिस रास्ते पर जाना चाहिए था, उस रास्ते पर न जाकर केवल स्वार्थी राजनीति के रास्ते पर चला गया। एक साथ चुनाव देश को सही रास्ते पर लाने की कड़ी का हिस्सा कहा जा सकता है। जनहित के साथ राष्ट्रीय हितों के प्रति सबको समर्थन देना ही चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित से बड़ा कुछ हो ही नहीं सकता।
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6 October 2024वैश्विक तनाव, रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास, सूडान गृहयुद्ध, दो अरब की भुखमरी और पर्यावरण असंतुलन की मार से संयुक्त राष्ट्रसंघ इन दिनों कैमरे में बंद है, इसके संरक्षक, मुखिया और चाहने वाले हाल-बेहाल हैं। ‘यूक्रेन-रूस’ युद्ध पर पश्चिमी तंज पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इतने क्रुद्ध हैं कि उनके राजनयिक प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में धमकी दे डाली कि ‘इस परम्परागत युद्ध में एक ने भी लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र का प्रयोग किया तो उसके परिणाम घातक होंगे।‘ इधर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु ने संयुक्त राष्ट्र में कड़े तेवर अपनाते हुए युद्ध विराम को नकारा और अपने कमांडरों का आह्वान किया कि युद्ध की गति को बढ़ा दें। इसके एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में इस्लामिक देशों ने दो तिहाई देशों के साथ मिलकर इजराइल पर दबाव बनाने की पहल की थी। इसका त्वरित असर यह हुआ कि इजराइली वायुसेना ने चंद घंटों बाद लेबनान के दक्षिण में ईरान के ‘छद्म फ़्रंट’ हेज़्बुल्लाह ठिकानों को निशाना बना कर पाँच सौ से अधिक फ्रंट समर्थकों को ढेर कर दिया और हजारों को घायल कर दिया। इसके चंद दिन पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में ‘युद्ध नहीं, शांति’ और विश्व बंधुत्व के संदेश की अनसुनी कर डाली। इज़राइल और फ़िलिस्तीन के दशकों से चले आ रहे ख़ूनी संघर्ष में भारत ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ को प्रश्रय देता आया है। इसके बावजूद अमेरिकी कंधे पर सवार इजराइल के कमांडो ने घने अंधेरे में हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हुए शुक्रवार को सीरिया के उत्तर पश्चिम में आधुनिकतम प्रेक्षापास्त्र शोध केंद्र’ को ध्वस्त किया है, एक चौंकाने वाली घटना है। यही नहीं, शनिवार रात इजराइल ने हिज्बुल्लाह के मुखिया हसन नसरुल्लाह को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है। हेज्बुल्लाह के बड़े कमांडरों में अब गिनती के कमांडर रह गये हैं। ग्लोबल फ़ायरपावर इंडेक्स की माने तो इजराइल और ईरान असल में बराबरी की टक्कर में हैं। ईरान 14वें नंबर पर है तो इजराइल 17वें पायदान पर है। ईरान के पास 551 तो इजराइल के पास 612 विमान हैं। ईरान के पास 186 लड़ाकू विमान हैं तो इजराइल के पास 241 लड़ाकू विमान हैं। टैंकों की स्थिति में ईरान आगे है। इजराइल का लक्ष्य ईरान क्यों है?: न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो यह सीरियाई केंद्र ईरान की मदद से हिज्बुल्लाह संचालित कर रहा था। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इजराइल का लक्ष्य सीधे-सीधे ईरान को युद्ध में लपेटना है। ऐसा अगले चंद दिनों में संभव है। यहाँ हमास के हमसफ़र हिज्बुल्लाह ने इजराइल के उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में एक साथ सैकड़ों रॉकेट लांचर से हमला किया, इजराइली आयरन डोम से हमला विफल हो गया, प्रशासन को आनन-फानन में अपने करीब पच्चास हजार यहूदियों को सुरक्षित क्षेत्र में पुनर्वासित करना पड़ा। अब इजराइली पैदल सेना गाजा पट्टी की तरह लेबनान में घुसेगी और भयंकर तबाही मचेगी तो यह युद्ध विकराल रूप लेता हुआ दिनों नहीं, महीनों और वर्षों तक चलेगा। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट है कि ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने संयुक्त राष्ट्र में अपने उद्बोधन में पश्चमी देशों के प्रतिबंधों से मुक्ति और मित्रता का हाथ बढ़ाए जाने की घोषणा जरूर की है, उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान के साये में पल रहे हिज्बुल्लाह, हमास और हैती संगठनों से निजात पाना संभव नहीं है। गत जुलाई में सत्तारूढ़ डॉक्टर पेजेशकियन ने यह भी कहा है, ‘हिज्बुल्लाह अकेले दम इजराइल से टक्कर लेने की स्थिति में नहीं है।‘ यह भी एक सच्चाई है, अमेरिका में लाखों यहूदी (12 %) व्यवसायी हैं, टेक्नोक्रेट और अधिकारी हैं। इन दिनों चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है, डेमोक्रेट जो बाइडन हों या रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप, यहूदियों की अनदेखी नहीं कर पा रहे हैं। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के शुभारंभ पर अपने अंतिम संबोधन में दलील दी थी, ‘हमास सभी बंधक छोड़े फिर गाजा पट्टी से मुँह मोड़ कर चल दे, इससे युद्ध विराम और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।‘ ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में विजयी होते हैं तो निःसंदेह खाड़ी में युद्ध विकराल रूप लेगा। पुतिन और उनके हमसफर चीन के राष्ट्रपति शी चिन्फ़िंग तो न्यूयॉर्क पहुँचे नहीं, नाटो के द्वार पर रूसी दुंदुभि से हताश निराश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के क़द्दावर, स्थायी सदस्य इंग्लैंड और फ़्रांस भी व्लोडोमीयर जेलेंस्की के स्वर में स्वर मिला रहे हैं, लेकिन जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हैं कि उन्हें रूस के अंदरूनी हिस्सों में मार करने के लिए लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र दिये जाएँ। यहाँ इंग्लैंड की नई सरकार के तेवर, ख़ासकर उसके विदेश मंत्री ने यूक्रेन-रूस युद्ध में पुतिन की हठधर्मिता को कोसते हुए माफिया कह डाला। जेलेंस्की लगे रहे कि रूस पर युद्ध विराम और शांति के लिए विवश किया जाए। वह न्यूयॉर्क स्थित ट्रंप टावर में डोनाल्ड ट्रंप से मिले। ट्रंप भी उन्हें पुतिन से अपनी दोस्ती और एक दिन में युद्ध समाप्ति किए जाने की घुट्टी पिलाते रहे। इस ऊहापोह में संयुक्त राष्ट्र भले 190 देशों और पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सीमाओं में बंधा हुआ है, सुरक्षा परिषद के विस्तार में अमेरिकी प्रस्ताव पर इंग्लैंड, फ़्रांस सहित अन्यान्य देश भारत, जर्मनी और ब्राज़ील सहित एक अफ़्रीकी देश को जोड़ने के लिए आगे आए हैं, लेकिन क्या इस प्रस्ताव को चीन स्वीकार करेगा? नरेन्द्र मोदी के शांति मार्ग के भी बहुत दीवाने हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र मंच से मोदी जब कहते हैं, ‘’युद्ध नहीं, शांति ही एकमात्र विकल्प है तो यूरोपीय देशों के साथ-साथ एशियाई और अफ्रीकी देश भी भारतीय दर्शन ‘विश्व बंधुत्व’ के तर्क से सम्मोहित हैं। संयुक्त राष्ट्र एक प्लेटफार्म है, साल में एक बार राष्ट्र नेता विश्व मंच पर अपनी-अपनी बात कहने न्यूयॉर्क आते हैं, दो विश्वयुद्ध की विभीषका के बाद 79 वर्ष पूर्व गठित इस साझा मंच पर अपनी व्यथा दोहराते हैं और फिर संयुक्त राष्ट्र की परिसीमाओं पर रोना रोकर चले जाते हैं। भारतीय दृष्टि से एक अच्छी बात यह कही जा सकती है कि यूक्रेन के युवा राष्ट्रपति ने मोदी को, जो पुतिन और बाइडन दोनों के मित्र भी हैं, स्वत: एक शांति दूत माना और साथ में आशीर्वाद भी लिया। मोदी दो महीने में दूसरी बार जेलेंस्की से मिले हैं, उन्होंने अपने रूस दौरे में दया अथवा दबाव में पुतिन को ‘अनुज’ रूप में यही संदेश दिया था, ‘युद्ध नहीं, शांति’ एकमात्र विकल्प है। उन्होंने यही संदेश संयुक्त राष्ट्र पहुँचे फ़िलिस्तीन के राष्ट्रपति को भी देते हुए कहा, ‘विश्व एक परिवार है, विश्व बंधुत्व भारतीय पहचान है। ईरानी राजनीति में ‘कठमुल्लेपन’ से हटकर राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने कहा, ‘वह पश्चिम से मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं,’ उनके इस कथन का देश में ईरानी युवाओं ने जमकर स्वागत किया, पर देश की मिलिट्री पर कुंडली जमाए धर्मगुरु अयातुल्ला खुमाइनी ने सहज लिया होगा, जो पहले से आणविक शक्ति बनने के स्वप्न देख रहे हैं?
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5 October 2024गांधीजी का जन्म उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था, आधी बीसवीं सदी तक के दौरान वे भारतीय समाज और राजनीति की धुरी बन गए और अब इक्कीसवीं सदी में हम सब उनके मिथक से रूबरू हो रहे हैं। विश्वव्यापी अंग्रेजी साम्राज्य से अहिंसक लड़ाई के साथ उनका स्वाधीन भारत का स्वप्न सत्य हुआ। देश में रचनात्मक बदलाव के लिए वे सबको साथ ले कर चलते रहे। उनकी स्वीकार्यता का दायरा आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक यानी जीवन के सभी क्षेत्रों में निरंतर बढ़ता गया। संयम और आत्म-बल के साथ कर्मवीर गांधी ने जो ठाना उसे पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दिया। समाज के स्तर पर मानव कर्तृत्व की विरल गाथा बना उनका निजी जीवन पीड़ा, संघर्ष और अनिश्चय से भरा था। देश के लिए समर्पण की मिसाल बने गांधीजी अंतिम जन की मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए की मोर्चों पर डटे रहे। वे देश के विभाजन और आजादी के साथ शुरू हुई हिंसा से क्षुब्ध और दुखी थे। बंगाल में नोआखाली से लौट दिल्ली में दंगापीड़ितों की सेवा सुश्रूशा में जुट गए। विभाजन की विभीषिका बड़ी दारुण थी और विचलित तथा हताश गांधीजी ने स्वतंत्र भारत में अपने पहले जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर 1947 को दुखी हो कर कहा था कि वे अब जीना नहीं चाहते और विधि का विधान यह हुआ कि वह सचमुच उनका आखिरी जन्मदिन सिद्ध हुआ। पांच बार की असफल कोशिशों के बाद 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में उनकी हत्या हो गई। गौरतलब है कि गांधीजी स्वतंत्र भारत में करीब पांच महीने जीवित रहे थे और इस बीच यह बूढ़ा सेनानी स्वप्न-भंग से गुज़र रहा था। अब कोई उनकी सुन नहीं रहा था। ये दिन उनके लिए बड़े तकलीफ़देह थे। गांधीजी ने अपने जीवन की कथा को पारदर्शी बनाए रखा। ‘सत्य’ और ‘नैतिकता’ से जूझती इस कथा को उन्होंने ‘एक खुली किताब’ कहा। उनका साहस ही था कि वह कह सके कि ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’ प्रिय-अप्रिय, अच्छे-बुरे हर पहलू को वह सबसे साझा किए। वे सही अर्थों में सत्य के पुजारी थे और जो भी है वह सत्य है इसलिए उसे झूठ के सहारे छिपाना अपराध ही होता। सत्य पर उनका भरोसा बढ़ता गया और वे कथनी और करनी में एका लाने में लागातार जुटे रहे। तभी वह पहनावा, खानपान और मेलमिलाप आदि सब में सरल भारतीय जीवन शैली को अपना सके। वे प्रामाणिकता की कसौटी पर खरे उतरते रहे। विचार को कर्म में तब्दील करने पर जोर देने वाले गांधीजी परिवर्तन चाहने वाले को खुद अपने में बदलाव लाने के लिए कहते हैं। यह खुद उनकी अपनी जिन्दगी की सीख थी। बहुत हद तक प्रयासपूर्वक संयमित जीवन जीते हुए वह जगत की नियमबद्धता में प्रकट हो रहे परमात्मा में आस्था और विश्वास रखते थे। चूँकि नज़रिए स्वाभाविक रूप से भिन्न होते हैं विविधता सहज संभाव्य होती है। गैर-जानकारी में लोग अपने से अलग दूसरी दृष्टियों को ग़लत या हीन ठहराने लगते हैं। गांधीजी अपनी प्रार्थंना सभा में सभी प्रमुख धर्मों की प्रार्थनाओं को शामिल करते थे। वे मानते थे सभी एक ही तत्व से बने हैं इसलिए कोई अछूत नहीं और किसी का भी स्वामित्व नहीं। सभी ट्रस्टी हैं इसलिए (अपना हक़ न जमाते हुए) त्यागपूर्वक भोग करना चाहिए। गांधीजी धैर्य और दृढ़ता के साथ सत्य (ईश्वर), अहिंसा (प्रेम) और अपरिग्रह (जरूरत भर संग्रह) जैसे विचारों को अमली जामा पहनाते रहे और दैनन्दिन जीवन में शामिल करते रहे। इस दृष्टि से उनकी उर्वर मानसिकता और सृजनशीलता असंदिग्ध है। भारत और विदेश में हो रहे अनुभवों को समेटते और पचाते हुए गांधीजी खुले मन से मानवीय चेतना के आत्म-बोध को रचते रहे। वे कई अर्थों में समकालीनों से अलग हट कर गांधीजी ने अपना रास्ता बनाया और उस पर चलने की तैयारी की थी और जोखिम उठाकर भी उस पर चलते रहे। गांधीजी देश के लम्बे स्वतंत्रता-संग्राम में दो दशकों तक केंद्र-बिन्दु रहे। इसके पहले दाक्षिण अफ़्रीका में के दो दशक की अवधि में सामाजिक–राजनैतिक कार्यकलाप में बीती थी जिनमें नस्लवाद और साम्राज्यवाद का तीव्र विरोध शामिल था। वे भारतीय समुदाय के साथ काम करते हुए संघर्ष की शक्ति को जाना पहचाना। आत्मविश्वास से भरे गांधीजी ने अखबार निकालने के साथ सामाजिक चेतना के लिए प्रयास किए। उनका निजी अध्यवसाय भी चलता रहा और मानव स्वभाव की गहनता को समझते रहे। 1915 में भारत लौटने पर वे एक सजग-सशक्त सत्याग्रही और नेतृत्व के लिए प्रस्तुत थे। स्थानीयता पर जोर देते हुए वैश्विक मानव-बोध के पक्षधर गांधी जी अपनी सभ्यता की खूबियों के साथ उसकी कमियों को भी स्वीकार करते हैं। वे स्वदेश, स्वभाषा और स्वराज के ख़ास तौर पर हिमायती हैं। वे ऐसे स्वराज की कल्पना करते हैं जिसमें समाज के अंतिम जन की आवाज भी मायने रखती है। गांधीजी के सपनों के भारत में यहाँ का पूरा लोक-जीवन समाया था। उनकी सोच में एक विकेन्द्रीकृत सत्ता संरचना वाला भारत था। वे गावों को समर्थ और समृद्ध बनाने के लिए चिंतित थे। इसलिए वे स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और आर्थिक जीवन को सशक्त बनाने के पक्षधर थे। वे एक आदर्शवादी व्यावहारिक देश-सेवक की हैसियत से एक सर्वसमावेशी व्यवस्था को विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहे थे। गांधी होने का वास्तविक अर्थ आचरण और विचार का एक गतिशील पुंज है जो आज भी अंधेरे में दीपक की भाँति रोशनी बिखेरता है ।
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5 October 2024भारतीय पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनसे हमें ज्ञात होता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी विशाल, संपन्न एवं समृद्ध है। यदि नवरात्रि की बात करें तो यह पर्व भी भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। विगत कुछ दशकों से देश में महिला सशक्तीकरण की बात हो रही है। कुछ लोग विदेशों के उदाहरण देते हैं कि वहां की महिलाएं सशक्त हैं तथा उन्हें बहुत से अधिकार प्राप्त हैं। किंतु ये लोग अपने देश के इतिहास पर चिंतन एवं मनन नहीं करते हैं। वास्तव में भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जहां महिलाओं को पुरुषों के समान माना गया है। उदाहरण के लिए भारत में देवियों की पूजा-अर्चना की जाती है। यहां पर उन्हें भी देवताओं के समान ही पूजा जाता है, अपितु देवियों का स्थान देवता से पहले आता है जैसे राधा-कृष्ण, सीता-राम आदि। भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। भगवान राम के साथ देवी सीता की पूजा की जाती है। हमारी मान्यता के अनुसार शक्ति की देवी दुर्गा है। धन एवं समृद्धि की देवी लक्ष्मी है तथा ज्ञान की देवी सरस्वती है। कहने का अभिप्राय यह है कि मनुष्य को जीवन में जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, वह सब उन्हें इन देवियों से ही तो प्राप्त होती हैं। मानव जीवन को अनुशासन में रखने एवं आदर्श जीवन को स्थापित करने के लिए भगवान हमारे विश्वास और श्रद्धा के केंद्र है। नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है अर्थात चैत्र, आषाढ़, अश्विन, माघ। इनमें से चैत्र एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। माघ एवं आषाढ़ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, क्योंकि इनमें कोई सार्वजनिक उत्सव का आयोजन नहीं किया जाता है। आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसका आरंभ अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से होता है। इस दिवस पर शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जाती है। नवरात्रि में नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।। नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। अर्थात देवी पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी एवं नौवीं देवी सिद्धिदात्री है। शैलपुत्री नवरात्रि के प्रथम दिन देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उन्हें सफेद मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। यह प्रसाद गाय के शुद्ध घी से बनाया जाता है। सफेद रंग पवित्रता एवं शांति का प्रतीक माना जाता है। जीवन में सर्वाधिक पवित्रता एवं शांति का ही महत्व है। इनके बिना सब व्यर्थ है। देवी की साधना से सुख एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन देवी देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर एवं पंचामृत का भोग लगाया जाता है। शक्कर जीवन में मिठास का प्रतीक है। जिस प्रकार भोजन में मिष्ठान का महत्व है, उसी प्रकार जीवन में मधुर वाणी का महत्व है। मृदु भाषी व्यक्ति सबका मन मोह लेते हैं। देवी की साधना से भाग्य में वृद्धि होती है तथा आयु भी लम्बी होती है। चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां चंद्रघंटा को दुग्ध से बने मिष्ठान एवं खीर का भोग लगाया जाता है। खीर भी दुग्ध से बनाई जाती है। दुग्ध समृद्धि एवं अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। देवी की साधना से व्यक्ति बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहता है। कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कुष्मांडा को मालपुये का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से मनुष्य की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को फल विशेषकर केला अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें केले का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से सुख एवं एश्वर्य में वृद्धि होती है। कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी को मीठे पान एवं मधु का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से दुखों का नाश होता है तथा जीवन में सुख का आगमन होता है। कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवे स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि को गुड़ अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें गुड़ से बने व्यंजन का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है तथा सकारात्मकता में वृद्धि होती है। जीवन सुखी हो जाता है। महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के आठवे स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां महागौरी को नारियल अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें नारियल का भोग लगाया जाता है अर्थात नारियल अर्पित किया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं। सिद्धिदात्री नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कन्या पूजन का विधान है। कन्याओं की पूजा की जाती है। उन्हें भोजन ग्रहण कराया जाता है। इसके पश्चात उनके चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। कन्याओं को प्रसाद के साथ उपहार भेंट किए जाते हैं। तदुपरांत देवी को काले चने, हलवा पूड़ी एवं खीर का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है तथा उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वास्तव में नवरात्रि का पर्व नारी शक्ति का उत्सव है। प्राचीन काल से ही यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का प्रतीक रहा है। कन्या पूजन इस बात को सिद्ध करता है कि भारतीय समाज में कन्या का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कन्या भ्रूण हत्या तथा नवजात कन्याओं का वध कर देने जैसी बुराइयां हमारे समाज में कब और कैसे सम्मिलित हो गईं, ज्ञात ही नहीं हो पाया। निरंतर घटता लिंगानुपात अत्यंत चिंता का विषय बना हुआ है। विदेशों में भारत की जिन बुराइयों का उल्लेख कुछ लोग बड़े गर्व के साथ करते हैं, वे बुराइयों तो हमारे समाज में कभी नहीं थीं। जिस समय विश्व के अधिकांश देश अशिक्षित एवं असभ्य थे, उस समय हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था। पुरुष ही नहीं, अपितु महिलाएं भी शिक्षित थीं। वे शास्त्रार्थ करती थीं, अस्त्र-शस्त्र चलाती थीं। देवियों ने कितने ही राक्षसों का अकेले वध किया है। नारी को ईश्वर ने श्रेष्ठ बनाया है। अनेक मामलों में वह पुरुष से उच्च स्थान पर है। वह जन्मदात्री है। जिस प्रकार एक स्त्री अपने बालकों का पालन-पोषण कर लेती है, उस प्रकार एक पुरुष उनका पालन-पोषण नहीं कर पाता। स्त्री पूरे परिवार का संचालन सुंदर तरीके से करती है। नारी संस्कार की जननी है उसके अंदर ममता, स्नेह, उदारता,आत्मीयता ,प्यार ,दुलार आदि गुण जीवन का हिस्सा है । ईश्वर ने नारी को अत्यंत सबल बनाया है। नारी प्रत्येक क्षेत्र में अपनी योग्यता एवं प्रतिभा का सफल प्रदर्शन कर रही है।
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5 October 2024भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान के माध्यम से सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और पोषक भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किया है। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। भारत में बढ़ती आबादी के कारण और मांग एवं आपूर्ति में अंतर के चलते प्राय: खाद्य वस्तुओं की किल्लत और दामों में बढ़ोत्तरी होती ही रहती है और इसी किल्लत का फायदा जमाखोरों की टोलियां उठाने से नहीं चूकती हैं, तो वहीं घटिया एवं मिलावटी चीजें बेचने वालों की पौ-बारह हो जाती है। भारत में इन दोनों तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले लड्डुओं को मिलावटी देसी घी से बनाने से भक्तों की धार्मिक आस्था आहत होने का मुद्दा चर्चा में है। देवस्थानम को देसी घी की आपूर्तिकर्ता कंपनी एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से खाद्य नियामक ने पूछा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियमन 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उसका केंद्रीय लाइसेंस निलंबित क्यों न कर दिया जाए? आज भारत में मिलावट का कारोबार उस स्तर को पार कर चुका है जहां खाद्य उत्पादों में सस्ते और घटिया पदार्थ मिलाकर बेईमान व्यापारी व विक्रेता सामान की मात्रा को बढ़ा देते हैं और भारतीयों की जान की कीमत पर भारी मुनाफा कमाते हैं। ऐसा अनुमान है कि 60 करोड़ लोग अर्थात विश्व में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति हर वर्ष दूषित भोजन खाने के कारण बीमार पड़ते हैं तथा 420000 लोग मरते हैं। भारत में दूध और डेयरी उत्पाद, वसा और तेल, फल और सब्जियां, अनाज, कॉफी, चाय, शहद और मसाले सहित लगभग हर खाद्य सामग्री में मिलावट का प्रतिशत अत्यधिक बढ़ गया है और स्वच्छता मानकों की बुरी तरह से अनदेखी हो रही है। इतना ही नहीं, भारत के कई क्षेत्रों से ऐसे भी वीडियो की सोशल मीडिया में भरमार है जिसमें समोसे, चाट, ब्रेड, कुल्फी, प्लास्टिक के चावल और गुलाब जामुन से भरी कड़ाही में पेशाब करते युवक और गोलगप्पे वाले जलजीरा पानी से ही हाथ मुंह धोने, गंदे हाथ व पैरों से आलू और आटा गूंथने जैसे कृत्यों द्वारा गंदगी से परिपूर्ण खाद्य सामग्री आम लोगों को परोसी जा रही है। ऐसे कृत्य न केवल निंदनीय हैं अपितु दोषी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग भी करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर ऐसी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को तत्काल जेल की सलाखों के पीछे क्यों नहीं डाला जाता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से युक्त असुरक्षित भोजन 200 से अधिक बीमारियों का कारण बनता है जिसमें डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित भोजन के कारण चिकित्सा व्यय में हर साल 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक डा. कू डोंग्यू के अनुसार, ‘हमें अपने भोजन की पहचान, गुणवत्ता और सुरक्षा पर एक आम समझ की जरूरत है। लेकिन भारत में दूध में पानी मिलाने, नकली दूध, घी में केमिकल, दाल में सिंथेटिक रंग और वैक्स कोटिंग, सब्जियों में हॉर्मोन के इंजेक्शन तथा सिंथेटिक रंग, हर्बल उत्पादों में एलोपैथिक दवाइयां तथा केमिकल्स, सौंदर्य प्रसाधनों में और देसी घी बनाने में पशुओं की चर्बी होने की जानकारी किसी से छुपी हुई नहीं है। खाद्य अपमिश्रण से आखों की रोशनी जाना, हृदय संबंधित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसे असाध्य रोग हो सकते हैं। मिलावटी और बासी खाद्य पदार्थों से निपटने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से 37 लाख रुपे की मोबाइल फूड सेफ्टी वैन भी मिली है। खाद्य अपमिश्रण के परीक्षण के लिए मैसूर, पुणे, गाजियाबाद एवं कोलकाता में भारत सरकार द्वारा चार केन्द्रीय प्रयोगशालाएं व्यवस्थित रूप से स्थापित की गई हैं। खाद्य अपमिश्रण एवं रेहड़ी फड़ी वालों द्वारा लोगों को गंदा और घटिया खाने-पीने की वस्तुएं बेचने से आगाह करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’ की पहल की गई है। ईट राइट मूवमेंट अभियान तीन प्रमुख विषयों पर आधारित है- सुरक्षित खाएं, व्यक्तिगत और आसपास की स्वच्छता सुनिश्चित करें, स्वस्थ खाएं, आहार विविधता और संतुलित आहार को बढ़ावा दें एवं स्थानीय और मौसमी सब्जियों/भोजन को बढ़ावा दें, भोजन के नुकसान को रोकें। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। केवल अतिरिक्त सतर्कता और जागरूकता का पालन करने से ही हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित बना सकते हैं और अपमिश्रित एवं गंदी खाद्य सामग्री बेचने वालों के कुत्सित इरादों को परास्त कर सकते हैं।
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4 October 2024देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश के अति निर्धन वर्ग का उत्थान नहीं होता, तब तक वह मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में देश भी समृद्ध नहीं हो पाएगा। इसलिए अंत्योदय आवश्यक है। जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय उनका सपना था। वे कहते थे कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे हुए व्यक्ति नहीं, बल्कि सबसे नीचे के स्तर पर विद्यमान व्यक्ति से होगा। अंत्योदय के माध्यम से केवल भारत ही नहीं, अपितु समग्र विश्व का विकास हो सकता है। इसके सुनियोजित योजना एवं उत्तरदायित्व आवश्यक है। विश्व के बहुत से विकसित राष्ट्र हालांकि किसी भी योजना के बिना ही वर्तमान आर्थिक विकास की दर प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जिससे कुछ लोगों को यह अनुभव हो रहा है कि योजनाएं न केवल अनावश्यक हैं, अपितु निहायत अवांछनीय भी हैं। इसके बावजूद आम सहमति इस बात पर भी है कि यदि अविकसित राष्ट्र थोड़े समय में वही हासिल करना चाहते हैं, जो विकसित देशों ने लगभग एक शताब्दी में प्राप्त किया है तो विकास को अपनी प्राकृतिक गति पर नहीं छोड़ा जा सकता। विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी एक प्रयास करना पड़ेगा और यह प्रयास नियोजित ढंग से होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी, तभी से यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाना है, ताकि वे भी प्रगति करके समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें। आर्थिक उन्नति के साथ-साथ यह दिवस समाज में व्याप्त असमानताओं के उन्मूलन के लिए कार्य करने की प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त यह दिवस विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देता है, जिससे निर्धनों एवं वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके तथा वे इसका लाभ उठा सकें। सरकार इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के कई घटक हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर प्रारंभ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी प्रारंभ की। इसका उद्देश्य निर्धन ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम पारिश्रमिक के समान या उससे अधिक मासिक पारिश्रमिक प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की क्रियान्वित की जा रही है। इससे पूर्व 24 सितंबर, 2013 को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत शहरी निर्धनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने एवं उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाता है। इससे पूर्व 25 सितंबर, 2004 को दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत निर्धन रोगियों को एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि सरकार अंत्योदय अन्न योजना संचालित कर रही है। यह योजना 25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रारंभ की गई थी। इसे केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण परमाली द्वारा देश के सबसे निर्धन लोगों को रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को 35 किलो राशन प्रदान किया जाता है। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल सम्मिलित होता है। इसके अंतर्गत गेहूं तीन रुपये प्रति किलोग्राम और चावल दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। इसे सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि कच्ची नौकरियों में निर्धन परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें वे परिवार सम्मिलित हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। कोरोना काल से यह राशन नि:शुल्क कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारें अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर शासन कर रही हैं। भाजपा के अनुसार एकात्म मानववाद और अंत्योदय का दर्शन पार्टी के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। इस सिद्धांत को हम सबका साथ सबका विकास के साथ मिला हुआ देख सकते हैं जो गरीब, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा तय की गई नीतियों में भी नजर आता है। दीनदयाल जी और उनकी आर्थिक नीतियों ने हमेशा गरीबों की भलाई पर जोर देने की बात की है। उनके आर्थिक विचार में पंक्ति के अंतिम पड़ाव पर खड़ा व्यक्ति शामिल रहा है। उन्होंने कहा था कि ‘आर्थिक नीति निर्धारण और प्रगति की सफलता का पैमाना यह नहीं है कि समाज के सबसे शीर्ष पर मौजूद व्यक्ति को उससे कितना फायदा मिल रहा है बल्कि यह है कि समाज पर जो लोग सबसे नीचे हैं उन्हें उन नीतियों का कितना फायदा मिला है। अंत्योदय का मतलब समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने यह भी कहा था कि यह हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि ये गरीब और अशिक्षित लोग हमारे ईश्वर हैं, यही हमारा सामाजिक और मानवीय धर्म है। उनके इसी अंत्योदय के विचार से प्रेरित होकर केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मौजूद एनडीए सरकार और तमाम प्रदेशों में शासन करने वाली भाजपा सरकारें अंत्योदय के रास्ते पर बढ़ने की ओर अग्रसर हैं तथा गरीब, ग्रामीण एवं किसानों के लिए और समाज के सबसे शोषित वर्ग से आने वाले युवाओं और महिलाओं के कल्याण की ओर प्रतिबद्ध हैं। गरीब को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए औसत जीवन स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मुद्रा, जनधन, उज्जवला, स्वच्छता मिशन, शौचालयों का निर्माण, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, आवास योजना, सस्ती दवाएं और इलाज, इन सभी योजनाओं पर कार्य को आगे बढ़ा दिया गया है। तकनीक के प्रयोग से कृषि में सुधार किया जा रहा है एवं किसानों की आय दुगनी करने के इरादे से सिंचाई तकनीकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केंद्रीय बजट की सहायता से गांवों में भी कई निवेश किए जा रहे हैं। दीनदयाल जी के विचारों से प्रेरित भाजपा सरकार देश के संसाधनों का उपयोग केवल देश की उन्नति के लिए करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, कालाधन रोकने और जनता की कमाई की लूट रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का रास्ता गरीबी दूर करके ही मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय व सेवा के संकल्प को पूर्ण कर विकसित भारत के निर्माण के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा। वास्तव में दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करती है। इसके अंतर्गत कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की आजीविकाओं में सहायता मिलती है। इससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता मिलती है। महिला स्वयं सहायता समूहों को उनकी आजीविका बढ़ाने में सहायता मिलती है। इसके अंतर्गत महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखियों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।
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4 October 2024आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB -PMJAY) की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई एबी-पीएमजेएवाई आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है। यह योजना इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों, के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों जिंदगियों को छुआ है, उन्हें आशा, उपचार और कई मामलों में जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया है। एबी-पीएमजेएवाई की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है तो क्या कुछ हासिल कर सकता है। आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएमजेएवाई ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एबी-पीएमजेएवाई के लाभों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे देश में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे आशा बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था। 55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज पात्र हैं। अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण है कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में, आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाईपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों के लिए पहुंच से बाहर थे, लेकिन अब एबी-पीएमजेएवाई ने उन्हें सुलभ, किफायती और सभी के लिए उपलब्ध बना दिया है। विस्तृत नेटवर्क और मजबूत सिस्टम एबी-पीएमजेएवाई की एक विशेषता इसका मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के अलावा देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं। इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है। आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को उत्प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। समग्र स्वास्थ्य सेवा आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। एबी-पीएमजेएवाई के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक, पूरे भारत में 1.73 लाख से अधिक AAM स्थापित किए जा चुके हैं, जो सामान्य बीमारियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी चिरकालिक परिस्थितियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग, निदान और दवाएं प्रदान कर रहे हैं। ये केंद्र व्यापक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल की ओर हमारे प्रयास के केंद्र में हैं। कल्याण (वेलनेस) और प्रारंभिक निदान को बढ़ावा देकर, हम अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को लंबे समय में और अधिक स्थाई बनाने की उम्मीद करते हैं। चुनौतियों को पार करके आगे बढ़ना आयुष्मान भारत की उपलब्धियों का हर्ष मनाते हुए हमें आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए। योजना का पैमाना विशाल है और इसके साथ इसे लगातार अनुकूलित, परिष्कृत और सुधारने की जिम्मेदारी आती है। हम योजना की पहुंच को बढ़ाने, अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और हर लाभार्थी को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए, हम आयुष्मान भारत को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह भारत की समग्र, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की यात्रा में सबसे आगे बना रहे। हम योजना के तहत कवर किए गए उपचारों की सूची का विस्तार करने, सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के सफल निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वस्थ भारत का सपना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा दृढ़ विश्वास है कि किसी भी राष्ट्र का स्वास्थ्य उसकी समृद्धि की नींव है। स्वस्थ जनता देश के विकास, उत्पादकता और नवाचार में योगदान करने में सक्षम होती है। आयुष्मान भारत इस स्वस्थ, मजबूत और विकसित भारत की संकल्पना का केंद्र है। अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दर्शाती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखेंगे।
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4 October 2024अमेरिका में बसे लाखों भारतीय डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं या कमला हैरिस के पक्ष में? अगर मीडिया पर आ रही खबरों पर यकीन करें तो कमला हैरिस को आज के दिन अधिक लोकप्रिय बताया जा रहा है। कमला की लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती जा रही बताते हैं। भारत सरकार किसे विजयी देखना चाहती है? यह तय है कि जो भी जीतेगा भारत सरकार उसके साथ तालमेल बिठा कर काम करेगी ही! यह बात भारत-अमेरिका के गहरे द्विपक्षीय संबंधों की रोशनी में कही जा सकती है, जो लगातार मजबूत हो रहे हैं। एक बात जान लें कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के एकमुश्त वोट कमला हैरिस को नहीं मिलेंगे, कुछ वोट तो बटेंगे ही! कुछ वोट ट्रम्प के खाते में भी जाएंगे। पर कमला हैरिस को भारतीय अपना तो मानते हैं। कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन, तमिलनाडु के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार से थीं। यह समाज अपनी बेटियों की शिक्षा पर बहुत ध्यान देता है। इसलिए इस परिवार ने श्यामला गोपालन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए नई दिल्ली जाने की अनुमति दी। जहां उन्होंने दिल्ली युनिवर्सिटी में पढ़ाई की। श्यामला के पिता पीवी गोपालन सरकारी सेवा में ही थे और मां सफल गृहणी थीं। गोपालन जी सरकारी दफ़्तर में टाइपिस्ट थे और अपनी लगन और ईमानदारी के सहारे पदोन्नति पाते रहे। वह अपनी नौकरी के सिलसिले में मद्रास, नई दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रहे। डीयू से 19 साल की उम्र में डिग्री लेने के बाद कमला हैरिस की मां श्यामला ने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अमेरिका का रुख किया। उन्होंने अमेरिका में एक अफ्रीकी मूल के शख्स से शादी की, जिसका परिवार कैरिबियाई देश जमैका में बस गया था। इस लिहाज से देखा जाए तो कमला हैरिस को भारतीय और अफ्रीकी कहीं ना कहीं अपने से जुड़ा मानते हैं। उधर, ट्रम्प का भी अपना ख़ास जनाधार है। वह 2016-2020 के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। ट्रम्प वह व्यक्ति भी हैं जिन्होंने यूक्रेन और गाजा में संघर्षों को समाप्त करने का वादा किया है, जो लेबनान तक फैल गया है। वह इसे लेकर कितने गंभीर हैं या वे इसमें कितना सफल होंगे, यह अनुमान का विषय है लेकिन कम से कम उन्होंने वादा तो किया ही है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकन भी गाजा में चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए अपने ढंग से कुछ काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि इससे डेमोक्रेटिक पार्टी को मदद मिलेगी। लेकिन न तो बाइडेन और न ही कमला हैरिस ने अब तक गाजा में शांति लाने का कोई ठोस इरादा दिखाया है। ऐसे में क्या ट्रम्प की जीत विश्व शांति के लिए भी मतदाता अच्छी मानेंगें? भारत-अमेरिका संबंध अब जरा बात भारत-अमेरिका संबंधों की। ज़्यादातर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा कि व्हाइट हाऊस में ट्रम्प पहुंचते हैं या कमला हैरिस। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध बेहतर होते रहेंगे, यही अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषक मानते हैं। दोनों देशों के संबंध उस दायरे से कहीं आगे जाते हैं, जब सत्ता परिवर्तन का असर संबंधों पर होता है। इन संबंधों में किसी पर्सनेल्टी का असर नहीं हो सकता। हां, दोनों देशों के नेताओं के निजी संबंधों से स्थिति और बेहतर हो सकती है। यह हमने नरेन्द्र मोदी और बराक ओबामा, फिर मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प और उसके बाद मोदी और बाइडेन के समय देखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से अमेरिका के दो पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक अलग पर्सनल केमिस्ट्री विकसित की थी, वैसी ही केमिस्ट्री उनकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भी बनी। कुछ अस्वस्थ होने के बावजूद पिछले साल बाइडेन जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने नई दिल्ली आए। उसके बाद से उनकी भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से आपसी और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अक्सर बातचीत होती रहती है। एक बात और। अगर ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाते हैं तो संसार के इस्लामिक देशों के साथ वे किस तरह का संबंध बनाकर रखना चाहेंगे? वह पहली बार जब राट्रपति का चुनाव जीते थे तब सारा इस्लामिक संसार दुखी था। वह अपनी कैंपेन के दौरान बार-बार इस्लाम को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने इस्लाम को अमेरिका विरोधी बताते हुए उनके अपने देश में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग तक दोहराई थी। हालाकि उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई कट्टरपंथी मुसलमानों से है। लेकिन, इस बार वह संभल कर चल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के पनपने के लिए बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन को जिम्मेदार मानते हैं। ट्रम्प के इस तरह के बयानों पर उन्हें अमेरिका के गैर-मुसलमानों का समर्थन मिला। ट्रम्प के इस दावे से सनसनी पैदा हो गई थी कि 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद दुनिया भर के मुसलमान जश्न मनाने के लिए 'सड़कों पर उतर' आए थे। उन्होंने कहा था कि अरब और अमेरिकी मुसलमानों ने आतंकी हमलों का जश्न मनाया था। ट्रम्प ने अपने देश में मुसलमानों की निगरानी करने के लिए डाटा बेस बनाने का भी वादा किया था। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका के मुस्लिमों पर तगड़ी निगरानी जरूरी होगी। तब अमेरिकी मीडिया ने उनकी तीखी आलोचना की थी लेकिन ट्रम्प अपने रुख पर कायम रहे थे। यह सच है कि अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद औसत अमेरिकी मुसलमानों से डरने और सतर्क रहने लगा था। हालांकि 9/11 की घटना के बाद दुनिया बहुत बदल चुकी है। फिलहाल यह देखने वाली बात है कि अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन बनता है।
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3 October 2024वन्य जीव प्रकृति का उपहार ही नहीं, अमूल्य धरोहर से बढ़कर हैं। अफसोस कि वन्य जीवों की विभिन्न प्रजातियां दिनों दिन लुप्तप्राय हो रही हैं। हजारों प्रजातियों का तो अबतक नामोनिशान मिट चुका है। जंगल के बेजुबान जानवरों की संख्या विलुप्त होने से कैसे बचे, उनका संरक्षण कैसे किया जाए, इन्हीं को ध्यान में रखकर हर साल 4 सितंबर को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का प्रचलन वर्ष 2005 में ‘कोलीन पैगे’ नामक एक वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ व परोपकारी व्यक्ति द्वारा की गई थी। वहीं, अगले साल यानी 2006 में वन्यजीव संरक्षणवादी ‘स्टीव इरविन’ के निधन के बाद उनकी स्मृति में यह खास दिवस मनाया जाता है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 48.5 फीसदी वन्य प्रजातियों की आबादी में कमी आ चुकी है। इन प्रजातियों की कुल संख्या 16,150 है जिनमें पक्षियों की 5412 प्रजातियां, उभयचरों की 3135, मछलियों की 2631 प्रजातियां, स्तनधारियों की 1885 और कीटों की 1622 प्रजातियां शामिल हैं। जबकि, सरीसृपों की 1465 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। वन्यजीवों की संख्या घटने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। अव्वल, वनों का तेजी से कटना। दूसरा, उनके भोजन की उपलब्धता में कमी आना, जिस कारण उनका वनों से बाहर आना और शिकारियों द्वारा शिकार हो जाना। उचित आवास का न होना, अत्यधिक वन संपदा का दोहन, जंगलों में बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की मार भी जंगली जीव झेल रहे हैं। पशु तस्कर अब चुन-चुनकर जंगली जानवरों का शिकार करने लगे हैं क्योंकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जंगली जानवरों की खाल, दांत या उनके अन्य अंगों की भारी डिमांड है। ग्राहक तस्करों को मुंहमांगी कीमत देते हैं जिस कारण तस्कर वन्य जीवों का शिकार करने पर आमादा रहते हैं। लुप्तप्राय जीवों और उनके संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों में और तेजी लाना ही आज के खास दिन का मकसद है। वन्य जीव प्रजातियों के महत्व और उनकी रक्षा-सुरक्षा के लिए सभी को भागीदार होना चाहिए। आज पशुओं की सुंदरता और उनके मूल्यों को पहचानने का दिन है। कार्यक्रमों के जरिए जनमानस को याद दिलाना होता है कि मानव जीवन में वन प्रजातियों की क्या भूमिका होती है। दुख इस बात का है कि लाख कोशिशों के बावजूद मानवीय गतिविधियां नहीं रुकती और पर्यावरण में होते नित नए परिवर्तन ने भी वन्य पशु-पक्षियों का जीना मुहाल किया हुआ है। राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस का उद्देश्य व्यक्तिगत प्रयासों से लेकर वैश्विक पहलों तक, वन्यजीवों के संरक्षण में मदद करने वाले कार्यों को प्रोत्साहित करना होता है। ये दिन हमें अपने प्राकृतिक परिवेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी की भी याद दिलाता है। वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना और चिड़ियाघरों, अभयारण्यों और वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित संगठनों के काम का समर्थन भी आज का दिन करता है। ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ के अलावा 3 मार्च को मनाया जाने वाला ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ भी जंगली जानवरों की रक्षा के लिए लोगों को आह्वान करता है कि भावी पीढ़ियां पृथ्वी की जैव विविधता का आनंद ले सके, इसलिए वन्य जीवों को संरक्षित करना होगा। आज के खास दिन का मकसद, वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के सामने आने वाली प्राकृतिक आपदाएं, बीमारियों व अन्य गंभीर समस्याओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाना भी होता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मानवीय गतिविधियां वन्य जीवों के लिए मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा खतरा हैं। सरकारी स्तर पर जैव विविधता के महत्व और प्राकृतिक वन्य जीव संरक्षण पर अब और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
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3 October 2024अभी कुछ दिन पहले एक खबर मीडिया की सुर्खियों में थी कि भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई अब एशिया की 'अरबपतियों की राजधानी' बन गई है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, मुंबई में चीन के राजधानी शहर बीजिंग से भी ज़्यादा अरबपति व्यक्ति रहने लगे हैं। भारत में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा अरबपति अब दो और महानगरों नई दिल्ली और हैदराबाद में रहते हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि देश में अरबपतियों की तादाद देश में विकास की रफ़्तार के साथ बढ़ती ही रहेगी। अरबपति छोटे शहरों और कस्बों में भी बने। पर भारत को फिलहाल सैकड़ों-हजारों दानवीर भी चाहिए। भारत, अपने युवा और विविध जनसंख्या के बावजूद , दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि, फ़िलहाल इसकी समृद्धि असमान रूप से वितरित है। लाखों लोग गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक की पहुँच से वंचित हैं। इस असमानता को कम करने और भारत को एक समृद्ध और न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाने के लिए अधिक से अधिक दानवीरों की आवश्यकता है। हमें इस तरह के दानवीर चाहिए जो हर साल बड़ी राशि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में खर्च करें। यह संतोष का विषय है कि बिल गेट्स ने अपनी समृद्धि का उपयोग मानवता की सेवा में किया है। उनके द्वारा स्थापित बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बड़ी चुनौतियाँ हैं, जिसमें गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित है। बेशक, दानवीर स्वास्थ्य सेवा में निवेश करके, नई तकनीकों और दवाओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और क्लिनिकों का निर्माण कर सकते हैं। भारत में शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की बड़ी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में बहुत सारे दानवीरों को निवेश करना चाहिए। वे शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करके, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। समृद्ध दानवीर शिक्षकों के प्रशिक्षण, स्कूलों का आधुनिकीकरण और नए शिक्षण उपकरणों का विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। यह कोई नहीं कह रहा है कि हमारे यहां दानवीर शिक्षा या हेल्थ सेक्टर में निवेश नहीं करते। पर इन दोनों क्षेत्रों में शत प्रतिशत सरकार के भरोसे भी तो नहीं रहा जा सकता। सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं। इसके साथ ही भारत में गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर चहुँमुखी सामाजिक विकास की आवश्यकता है। दानवीर गरीबों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। वे ग्रामीण विकास, कृषि, स्वरोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है। इस स्थिति का सामना करने के लिए हमारे दानवीर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जल संरक्षण और ज़्यादा पानी अवशोषित करने वाले गेहूँ, धान और गन्ना के उत्पादन छोड़ कर या कम करके परंपरागत मोटे और छोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान चला सकते हैं। एक किलो धान के उत्पादन में जहाँ 8000 लीटर , एक किलो गेहूँ उत्पादन में 10,000 लीटर पानी और एक किलो चीनी के उत्पादन में 28,000 लीटर पानी का व्यय होता है, वहीं एक किलो छोटे अनाज कोदो, कँगनी, कुटकी , साँवा और हरा सावाँ के उत्पादन में मात्र 100 से लेकर 300 तक ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रकार, हर तरह के दूरगामी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए भी दानवीर अरबपति पर्यावरणीय संगठनों को समर्थन दे सकते हैं। मैं अपना ख़ुद का उदाहरण देना चाहूँगा। मैं 1966 से लेकर 1975 में स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा लगायी गई इमरजेंसी के पूर्व तक उस समय भारतवर्ष के दो बड़े मीडिया संस्थानों में से एक में विशेष संवाददाता था। तनख़्वाह थी मात्र 230 रुपए प्रतिमाह। संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख लिखने पर प्रति लेख 10 रुपए अलग से मिल जाते थे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा और आशीर्वाद से भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिये एक छोटा-सा सेवामूलक कार्य शुरू किया और तीन लाख भूतपूर्व सैनिकों और बेरोज़गार युवक-युवतियाँ को रोज़गार दिया। आज उन संस्थाओं का वार्षिक कारोबार लगभग 13,000 करोड़ का है। संतोषप्रद लाभ भी है। लेकिन, मैं अपने लाभाँश का लगभग 95% अपने पूज्य माता और पिताजी की स्मृति में स्थापित “अवसर ट्रस्ट“ के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों की शिक्षा, चिकित्सा, बिना दहेज विवाह, किसी भी तरह की समाज सेवा करने वाली संस्थाओं की सहायता में खर्च करता हूँ। इससे जो आत्मीय संतुष्टि मिलती है, उसका वर्णन करना संभव नहीं है। धन की गति या तो व्यभिचार के लिये होगी या सद्कार्यों के लिये! अरबपतियों को एक ही रास्ता चुनना होगा। नोटों की गड्डी पर न तो आज तक कोई जला है, न जलेगा। तब बुद्धिमत्तापूर्वक सबको यह सोचना चाहिये कि संचित धन का सदुपयोग करना है या दुरुपयोग ? नए-नए करोड़पतियों और अरबपतियों को अनुसंधान और विकास में भी निवेश करना चाहिए। ये दानवीर वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और नए क्षेत्रों में निवेश करके, भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में नेता बनने में मदद कर सकते हैं। वे नए उद्यमों को शुरू करने और भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निवेश कर सकते हैं। इंफोसिस टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत दान देते हैं। उन्होंने कुछ समय पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए दान किये। इससे पहले भी, उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को 85 करोड़ रुपए दान किया था। यानी अब तक वो आईआईटी बॉम्बे को करीब 400 करोड़ रुपये का दान कर चुके हैं। दरअसल देश के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्लायों के सफल छात्रों को अपने शिक्षण संस्थानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए। इन संस्थानों को सरकार की मदद के सहारे पर नहीं छोड़ा जा सकता है। अमेरिका में पूर्व छात्र अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की भरपूर मदद करते हैं। पूर्व छात्रों की मदद से ही उनके शिक्षण संस्थानों में रिसर्च और दूसरी सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। नीलकेणी की सबसे बड़ी कामयाबी आधारकार्ड है। देश के हर नागरिक को एक विशिष्ठ पहचान संख्या या यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर को उपलब्ध करवाने का विचार उन्होंने ही सफलतापूर्वक चलाया था। इसमें दो राय नहीं कि भारत में नंदन नीलकेणी जैसे दानवीरों की संख्या को बढ़ाना होगा। अजीम प्रेमजी और शिव नाडर जैसे अरबपति दानवीर भी देश के युवाओं को सामाजिक उद्यमिता, सामुदायिक विकास और सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं। वे भारत के संसाधनों का प्रभावी उपयोग करके, गरीबी को दूर करने और मानवता की सेवा करने के लिए सहायता भी कर सकते हैं। कभी-कभी मन उदास हो जाता है कि भारत में दानवीरों की काफी कमी हैं। देखिए भारत में अब भी धनी लोग समाज के लिए धन देने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि उनका टैक्स देना ही काफी है। यह सोच बदलनी होगी। फिर भारत में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिससे लोगों को दान करने के लिए प्रेरित करने में कठिनाई होती है। उन्हें डर लगता है कि उनके दान का गलत उपयोग किया जाएगा। कई मामलों में यह होता भी है। फिर कई लोग दान के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं या वे यह नहीं जानते कि वे दान कैसे कर सकते हैं। इस बीच, यह कहना सही नहीं है कि यूरोप और अमेरिका में भारत से ज़्यादा दानवीर हैं। दानवीरता किसी भी देश या संस्कृति तक सीमित नहीं है। हर जगह अच्छे दिल वाले लोग होते हैं जो दूसरों की मदद करने को तैयार रहते हैं। हर देश के अपने-अपने दान करने के तरीके हैं और हर व्यक्ति की अपनी ज़रूरतें और सीमाएँ होती हैं। दानवीरता किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद और क्षमता पर निर्भर करती है, न कि किसी देश या संस्कृति पर। हमारे यहां बहुत से लोग मशहूर खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों से शिकायत करते रहते हैं कि वे चैरिटी नहीं करते। हालांकि सच यह है कि कई सेलिब्रिटी अपने दानों के बारे में सार्वजनिक नहीं होने देना चाहते। उनका मानना हो सकता है कि दान करना निजी मामला है और इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं है। कुछ सेलिब्रिटी किसी विशिष्ट कारण के प्रति सहानुभूति महसूस नहीं करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी सेलिब्रिटी एक समान नहीं होते हैं। कुछ बहुत दानवीर होते हैं, जबकि कुछ नहीं भी करते हैं। इसलिए, यह मान लेना गलत होगा कि सभी सेलिब्रिटी दान नहीं करते हैं।
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3 October 2024एन. रघुरामन स्ना तकोत्तर के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इस हफ्ते संबोधित करते हुए मैंने उनसे एक गोल शीट बनाने के लिए कहा, जिसमें उन्हें यह बताना था कि यूनिवर्सिटी से अगले दो साल का कोर्स करने के बाद वे खुद को किस रूप में और कहां देखते हैं। मैंने उनकी शीट जमा कीं और उनमें कुछ लोगों के लक्ष्य थोड़ा तेज आवाज में पढ़े और उन्हें यह सलाह देते हुए रास्ता दिखाने में मदद की कि वे लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकते हैं और इन दो सालों में अकादमिक लिखाई-पढ़ाई के अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में उन्हें क्या-क्या करना चाहिए। उन 45 विद्यार्थियों की शीट में से एक शीट ने मेरा ध्यान खींचा और मैं इसे जोर से नहीं पढ़ सका क्योंकि मुझे यकीन था कि पूरी क्लास की इसे सुनकर हंसी छूट पड़ती और वे शायद असहज हो सकते थे। उसने लिखा, ‘मैं कुछ नहीं करना चाहता हूं, पर पैसे कमाना चाहता हूं!’ मालूम चला कि उस लड़के ने दबाव में इस कोर्स में दाखिला ले लिया था क्योंकि उसके कॉलेज के ज्यादातर मित्रों ने ऐसा किया था। इससे मुझे एक किताब याद आ गई, जो कि मैंने इस साल की गर्मियों में अपने अमेरिका प्रवास के दौरान खरीदी थी। जनवरी 2024 में रिलीज हुई ‘रेंटल पर्सन हू डज़ नथिंग’ शीर्षक की यह किताब एक जापानी, शोजी मोरिमोटो की आत्मकथा है और डॉन नॉटिंग ने अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया है। जीवन जीने के लिए शोजी जो करते हैं, वह जानना दिलचस्प है। वह वाकई कुछ नहीं करते हैं। यहां इसका उदाहरण है। कल्पना करें, आप किसी ऐसे सामाजिक कार्यक्रम में हैं, जहां जाना टाल नहीं सकते थे, लेकिन अब कुछ कारणों से उस जगह से जाना चाहते हैं- एक कारण ये हो सकता है कि आप वहां असहज हों। आप आयोजक से एक झूठ बोलते हैं कि मुझे लेने कोई आया है, क्योंकि दफ्तर में कोई जरूरी काम निपटाना है। आयोजक सहमत हो जाते हैं और वह आपको बाहर तक छोड़ने आते हैं और अगर वे पूछते हैं कि वो आदमी कहां है, तब आप वह आदमी कैसे दिखाएंगे? अगर आप जापान मेें हैं और बिल्कुल एेसा ही झूठ बोल रहे हैं, तो आप शोजी को बुला सकते हैं और वह वहां इंतजार करेगा, वो भी आपके बताए किसी भी नाम से। आप अपने मित्र, पड़ोसी या सहकर्मी के रूप में उसका परिचय दे सकते हैं और उस जगह से छुटकारा पा सकते हैं। शोजी मोरिमोटो, खुद को एक फोकट इंसान के रूप में किराए पर देते हैं, जो केवल आसान-से काम करेगा और कोई राय नहीं देगा। एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने अपनी किताब का हवाला दिया है, जिसमें पेशेवर खाली व्यक्ति के रूप में बनने की अपनी पिछले पांच साल की यात्रा का वर्णन है, एक्स पर उनके चार लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और अच्छा-खासा पैसा कमाते हैं। शोजी अक्सर एक थैरेपिस्ट की भूमिका में रहते हैं, जैसे कि एक क्लाइंट ने माना कि उसे किसी का खून करने के लिए किशोरवस्था में जेल हो गई थी। इस तरह की स्थिति में वह सिर्फ ‘हम्मम्म्म...’ या ‘अच्छा’ में सिर हिलाते या बुदबुदाते हैं। लेकिन क्लाइंट्स के लिए यह भी काफी होता है, जो सिर्फ यह चाहते हैं कि कोई तटस्थ व्यक्ति उन्हें सुने। शोजी लिखते हैं कि ‘बातचीत में गहराई व रिश्तों में गहराई हमेशा से ही एक-दूसरे से नहीं जुड़ी होती। वह लिखते हैं, ‘सच में, निकटता अक्सर लोगों को उनके मुंह बंद रखने के लिए मजबूर करती है।’ शोजी अजनबी को नीचे रहने वाले पड़ोसी से बात करने में मदद करते हैं, ताकि छोड़ी गई लॉन्ड्री गुम होने से बच सके। वह किसी ऐसे के साथ स्टारबक्स फ्रैपुचीनो बांट लेते हैं, जिसे लगता है कि वह इसे अकेला खत्म नहीं कर पाएगा/ पाएगी। वह बैठते हैं और किसी को नॉवेल लिखते हुए देखते हैं। वह किसी के साथ अपॉइंटमेंट करते हैं, ताकि वे लोग झूठ पकड़ाए/ बोले बिना उस रिलेशनशिप से बाहर निकल सकें। फंडा यह है कि अगर आप कुछ नहीं करना चाहते, तो ठीक है, करिए, क्योंकि आपकी जिंदगी है। पर याद रखें, कुछ नहीं करने के लिए भी आपके पास प्लान होना चाहिए, ऐसा प्लेटफॉर्म बनाएं, लक्ष्य तय करें और लाखों फॉलोअर्स बनाएं। फिर खाने और किराए की जगह के पैसे कमाएं।
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29 September 2024थॉमस एल. फ्रीडमैन ‘वैसे में आप क्या करते?’ 7 अक्टूबर के बाद से इजराइल की सरकार ने दुनिया से बार-बार यही सवाल पूछा है। यह कि अगर हमास के आतंकवादी आपकी पश्चिमी सीमा पार करके सैकड़ों इजराइलियों को मार डालें, उनका अपहरण कर लें और अगले दिन उनके हिजबुल्ला सहयोगी आपकी उत्तरी सीमा पर रॉकेट दाग दें- और ईरान इसका समर्थन करे तो आप वैसी स्थिति में क्या करते? यह एक जरूरी सवाल है और इसे इजराइल के आलोचक अक्सर टालते रहते हैं। लेकिन वे अकेले नहीं हैं, जो इसे टालते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली यह इजराइली सरकार चाहती है कि आप और मैं और हर इजराइली और इजराइल के सभी मित्र- यहां तक कि दुश्मन भी- इस पर विश्वास कर लें कि इस प्रश्न का हमेशा केवल एक ही सही उत्तर था : गाजा पर हमला बोलकर हमास को खत्म कर देना, इस प्रक्रिया में हताहत होने वाले नागरिकों से विचलित न होना, फिर लेबनान में हिजबुल्ला पर धावा बोलकर यही सब फिर से दोहराना- और युद्ध के इन दोनों मोर्चों में से किसी से भी बाहर निकलने की रणनीति बनाने में समय बर्बाद न करना। यह एक जाल है, और बाइडेन प्रशासन इजराइल को इसमें फंसने से रोकने के लिए पर्याप्त दृढ़ नहीं था। अब हालात संगीन हो चुके हैं। इजराइल का यहूदी-राष्ट्र गंभीर खतरे में है। और उसे यह खतरा ईरान के साथ ही उसके वर्तमान इजराइली सत्तातंत्र दोनों से है। मुझे इस युद्ध के प्रमुख कारणों के बारे में कभी कोई भ्रम नहीं रहा। यह यहूदी राष्ट्र को धीरे-धीरे नष्ट करने, अमेरिका के अरब सहयोगियों को कमजोर करने और क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करने की भव्य ईरानी रणनीति का खुलासा है। इसकी एक अन्य उपकथा है, इजराइल को ईरान की परमाणु-फेसिलिटीज़ पर हमला करने से रोकना और प्रॉक्सी का उपयोग करना। ईरान-हमास की रणनीति इजराइल के चारों ओर एक आग का घेरा बनाने की थी, जिसमें हमास, हिजबुल्ला, हूतियों, इराक की शिया मिलिशिया और वेस्ट-बैंक में जॉर्डन के माध्यम से तस्करी किए गए हथियारों से लैस उग्रवादियों का इस्तेमाल किया गया था। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति है : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए। इजराइल को खत्म करने के लिए ईरान हरेक लेबनानी, फिलिस्तीनी, सीरियाई और यमनी की जान को जोखिम में डालने से हिचकने नहीं वाला है। इससे वह ईरानी हुकूमत द्वारा अपने ही लोगों के साथ की जा रही ज्यादतियों और लेबनान, यमन, इराक और सीरिया पर अपने नियंत्रण से भी दुनिया का ध्यान हटा सकेगा। इजराइलियों और यहूदी लोगों के लिए समस्या यह है कि नेतन्याहू सरकार ने युद्ध को उस तरीके से संचालित करने से इनकार कर दिया, जिससे सफलता की उम्मीद की जा सकती थी- क्योंकि वह रणनीति प्रधानमंत्री के राजनीतिक हितों के विपरीत थी। इजराइल को बाहर से अस्तित्व का खतरा है, और उसके प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी अपने राजनीतिक और वैचारिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में इजराइल के सर्वोच्च न्यायालय को कुचलने के लिए न्यायिक तख्तापलट के प्रयासों को फिर से शुरू कर दिया है- जबकि इजराइल अपने अस्तित्व के लिए युद्ध लड़ रहा है और उसके बंधक आज भी गाजा में कहीं हैं। इजराइल को चार चीजों की जरूरत थी : 1. समय, क्योंकि आग के इस घेरे को रातोंरात नहीं बुझाया जा सकता था; 2. संसाधन, विशेष रूप से अमेरिका से; 3. अरब और यूरोपीय सहयोगी, क्योंकि इजराइल अकेले नहीं लड़ सकता था; और 4. अपनी कार्रवाइयों के लिए वैधता। बाइडेन की टीम ने इजराइल के सामने एक रोडमैप पेश किया था। इसमें अमेरिका के अरब सहयोगियों को नए, विश्वसनीय नेतृत्व के साथ वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण में सुधार के लिए राजी करना और फिर इजराइल को टू-स्टेट सॉल्यूशन के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नेतृत्व से बातचीत शुरू करने के लिए सहमत करना शामिल था। इससे हमास अलग-थलग हो जाता और उस पर संघर्ष-विराम के लिए दबाव डालने का रास्ता खुल जाता, जिसके तहत सभी बंधकों के बदले में इजराइल गाजा से बाहर निकल जाता। इससे इजराइल पर हमला करने का हिजबुल्ला का बहाना खत्म हो जाता। सऊदी अरब के लिए इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का रास्ता खुल जाता, जो ईरान के लिए एक बड़ा झटका होता। लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं किया जा सका है। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति थी : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए।
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29 September 2024पं. विजयशंकर मेहता पैसा कमाना यदि एक कला है, तो उसे खर्च करना भी हुनर है। तीन तरह के लोग देखने में आते हैं- कंजूस, मितव्ययी और दोनों हाथों से लुटाकर खर्च करने वाले खर्चीले। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों के मामले में कंजूस हैं, लेकिन अपने मामले में बड़े खर्चीले हो जाते हैं। तो प्रयोग करना चाहिए कि धन को यदि भोग-विलास में खर्च करना हो तो कंजूस हो जाएं। अपने ऊपर खर्च करना हो तो मितव्ययी हो जाएं। लेकिन अपने परिवार में खर्च करना हो, तो फिर खुले दिल से करिए। पैसे को एक शब्द से जोड़िए और उसका नाम है प्रेम। प्रेम से कमाइए, प्रेम से खर्च करिए। इसका मतलब यह है कि कमाते समय दूसरों का अहित नहीं करेंगे और खर्च करते समय दूसरों का हित देखेंगे। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि प्रेम विज्ञान से परे और ऊपर है। इसलिए पैसे से प्रेम करना और प्रेम को सामने रखकर उसे खर्च करना, यह समझ पैदा करना चाहिए। क्योंकि धन आता जाता है तो जब ये आए तो दीवाने न हो जाएं और जब ये जाए तो बावले न बन जाएं।
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28 September 2024पवन के. वर्मा किसी शायर ने लिखा है : ‘हम उनकी याद में अक्सर उन्हीं को भूल गए!’ कभी-कभी मुझे लगता है कि यह हमारे लोकतंत्र के बारे में सच है। हम इसकी प्रशंसा करते हैं, लेकिन इसी के सिद्धांतों को भूल जाते हैं। इसका एक उदाहरण विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका है। यह किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं रहा है। कांग्रेस सरकारों ने इसे खुलेआम किया और 2014 के बाद भाजपा भी इससे अलग नहीं रही है। यह दु:खद है, क्योंकि हम उम्मीद करते हैं कि जैसे-जैसे लोकतंत्र विकसित होगा, इसकी कई विकृतियां ठीक हो जाएंगी, आगे नहीं बढ़ेंगी। संविधान के अनुच्छेद 152 से 160 के तहत राज्यपालों की शक्तियों और भूमिका को परिभाषित किया गया है। इनके तहत राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, वह दलगत राजनीति से ऊपर होता है तथा संविधान और कानून के संरक्षण के लिए काम करता है। हालांकि, चूंकि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं, इसलिए कई राज्यपाल सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा नियुक्त होने के नाते उसके प्रतिनिधि के रूप में व्यवहार करते हैं। राज्यपालों द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का एक उदाहरण विधानसभाओं द्वारा विधिवत पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करना है। तमिलनाडु, बंगाल, केरल, पंजाब, कर्नाटक, दिल्ली जैसे विपक्ष-शासित राज्यों में इस प्रवृत्ति ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। कांग्रेस-शासित कर्नाटक में, राज्यपाल थावरचंद गहलोत- जो अपनी नियुक्ति से पहले भाजपा-संघ के विश्वासपात्र सदस्य थे- ने राज्य की विधानसभा द्वारा पारित किए 11 विधेयकों को यह कहकर लौटा दिया है कि इन्हें और स्पष्ट किया जाए। द्रमुक की सरकार वाले तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि ने 31 अक्टूबर 2023 से 28 अप्रैल 2024 के बीच विधानसभा द्वारा पारित 12 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी। केरल में, आरिफ मोहम्मद खान ने 7 विधेयकों को दो साल तक मंजूरी नहीं दी, और बाद में उन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। पश्चिम बंगाल में टीएमसी का दावा है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 8 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। ‘आप’ शासित पंजाब में बनवारी लाल पुरोहित ने 4 विधेयक रोके हुए हैं। संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार विधेयक के लिए राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है। राज्यपाल उनमें संशोधन या पुनर्विचार का सुझाव दे सकते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ‘जितनी जल्दी हो सके’ करना चाहिए। हालांकि, अगर विधानसभा राज्यपाल के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विधेयक को फिर से पारित करती है, या उसे उसके मूल रूप में कायम रखती है, तब भी राज्यपाल ‘उस पर स्वीकृति नहीं रोक सकते’। राज्यपाल विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ प्रेषित करने के लिए सुरक्षित रख सकते हैं, पर केवल तभी, जब प्रस्तावित कानून ‘उच्च न्यायालय की शक्तियों से वंचित’ होगा। नवंबर 2023 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। तमिलनाडु और केरल के मामले में, कोर्ट ने तीखे शब्दों में पूछा कि राज्यपाल दो से तीन साल तक विधेयकों को रोककर क्यों बैठे रहते हैं? कोर्ट ने ‘गंभीर चिंता’ जताते हुए कहा राज्यपाल ‘बिना किसी कार्रवाई के किसी विधेयक को अनिश्चित काल तक रोक नहीं सकते।’ ऐसा करने पर ‘राज्य के अनिर्वाचित प्रमुख के रूप में राज्यपाल विधिवत रूप से निर्वाचित विधायिका के कामकाज को वीटो करने की स्थिति में आ जाएंगे।’ न ही राज्यपाल, एक बार सहमति रोक लेने के बाद, विधायिका द्वारा पुनः अधिनियमित विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई हमारी संघीय राजनीति को प्रभावित करती है, जो कि संविधान का एक बुनियादी ढांचा है। सच तो यह है कि कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘लेडी मैकबेथ’ कहा और उनके साथ सार्वजनिक मंच साझा करने से इनकार कर दिया दिल्ली के उपराज्यपाल ने चुनी गई सरकार की आलोचना करते हुए लेख लिखा। तमिलनाडु और केरल के राज्यपालों का अपनी सरकारों से सार्वजनिक विवाद चल रहा है। चेन्नई में राज्यपाल ने इस सप्ताह कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी अवधारणा है’ और ‘भारत को इसकी आवश्यकता नहीं’। उन्होंने उसी संविधान को अस्वीकार कर दिया, जिसके आधार पर उन्होंने शपथ ली थी। जबकि संविधान कोई निष्प्राण दस्तावेज नहीं, जिसकी गलत व्याख्या की जाए। हमें उसके इरादों और भावनाओं को भूलना नहीं चाहिए। कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करते हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है ।
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28 September 2024संजय कुमार हम एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर कितने गम्भीर हैं? यह सवाल इसलिए पूछा जाना चाहिए, क्योंकि इस बारे में नीति-निर्माताओं की कथनी-करनी में अंतर है। चार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और रामनाथ कोविंद समिति द्वारा परामर्श किए गए आठ में से सात राज्यों के चुनाव आयुक्तों ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार को मंजूरी दी है, लेकिन जब चुनाव कराने की बात आती है तो चुनाव आयोग एक अलग पद्धति का पालन करता है। 2024 का लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था। कुछ साल पहले, न केवल दो राज्यों के चुनाव कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक हुए थे, बल्कि दोनों की तारीखों की घोषणा भी अलग-अलग की गई। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव एक साथ नहीं बल्कि कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक होंगे। क्या हम वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीर हैं? या इसमें आने वाली बाधाएं चुनाव आयोग के मन में हिचकिचाहट पैदा कर रही हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से इस बात पर जोर देते आ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने एक साथ चुनाव कराने की जरूरत का जिक्र किया था। एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए बिना समय गंवाए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। समिति ने अपनी पहली बैठक से 361 दिनों के रिकॉर्ड समय में रिपोर्ट पेश की, जिसे अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। समिति ने 47 राजनीतिक दलों से परामर्श किया, जिनमें से 32 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 15 ने विरोध किया। प्रस्ताव का विरोध करने वाले 15 दलों में से 5 विभिन्न राज्यों में सत्ता में हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी टीडीपी ने पहले तो कोई राय नहीं दी, लेकिन अब वह भी प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। बसपा ने प्रस्ताव का विरोध करने का अपना रुख बदलते हुए अब प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है। चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एक भाषा में बात नहीं कर रहा है। वर्ष 2015 में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति को सौंपे अपने निवेदन में आयोग ने इस विचार को लागू करने में आने वाली कई कठिनाइयों को बताया था। उसने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की बड़े पैमाने पर खरीद की आवश्यकता होगी। इसमें 9,284.15 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। मशीनों को हर 15 साल में बदलने की भी आवश्यकता होगी, जिसके लिए फिर से खर्च करना होगा। इसके अलावा, मशीनों के स्टोरेज से वेयरहाउसिंग लागतें बढ़ जाएंगी। कोविंद समिति के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में आयोग ने लॉजिस्टिक्स संबंधी कठिनाइयों का जिक्र किया। उसने कहा कि 2029 में एक साथ चुनाव कराने के लिए कुल 53.76 लाख बैलेट यूनिट और ईवीएम की 38.67 लाख कंट्रोल यूनिट और 41.65 लाख वीवीपैट की आवश्यकता होगी। लेकिन 10 मार्च 2022 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि अगर सरकार चाहती है तो आयोग एक साथ चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है, लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। जो विधानसभा 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, उसे इस बारे में सोचना होगा या फिर देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संसद का कार्यकाल बढ़ाने की जरूरत है। यह संसद में तय होना है, लेकिन चुनाव आयोग सभी चुनावों को एक साथ कराने में सक्षम है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जब वर्ष 2022 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने थे, तब चुनाव आयोग इन दोनों के विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं करा सका। दोनों राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा भी अलग-अलग की गई- हिमाचल के लिए चुनाव की तिथि 12 अक्टूबर को घोषित की गई, जबकि चुनाव 12 नवंबर को होने थे, वहीं गुजरात में विधानसभा चुनाव की तिथि 3 नवंबर को घोषित की गई, जबकि मतदान 1 और 3 दिसंबर को होना था। दोनों ही राज्यों की मतगणना 8 दिसंबर को एक साथ होनी थी। हाल ही में चुनाव आयोग ने बिना किसी जायज वजह के दो राज्यों (महाराष्ट्र और हरियाणा) के लिए एक साथ होने वाले चुनावों को भी बाधित किया। क्या चुनाव आयोग वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है या इसमें उसकी ओर से कोई कोर-कसर है?
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27 September 2024डेरेक ओ ब्रायन 16 जनवरी, 2012 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार पर दबावपूर्ण संघवाद की नीति अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वित्तीय आवंटन की शक्तियों पर एकाधिकार कायम करके राज्यों को मातहत की हालत में लाया जा रहा है और इससे राज्यों के संवैधानिक अधिकार घटे हैं। वहीं इस स्तम्भकार को यह भी याद है कि 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद के अपने कमरे में लगभग आधा दर्जन साथी सांसदों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था। हमारे उदार मेजबान एक अच्छी खबर का जश्न मनाना चाहते थे : 14वें वित्त आयोग ने राज्यों को विभाज्य टैक्स-पूल का हस्तांतरण 32% से बढ़ाकर 42% करने की सिफारिश की थी। हम सभी ने इसे संघवाद की बड़ी जीत के रूप में देखा था। लेकिन जेटली के नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के विचार कुछ और थे। संघवाद को क्षति पहुंचाने वाला : उपकर (सेस)। जैसा कि वाणिज्य में स्नातक करने वाला कोई भी व्यक्ति आपको बता सकता है, उपकर विभाज्य पूल का हिस्सा नहीं हैं; यानी उनके माध्यम से एकत्र किया गया धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र सरकार किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करती है। केंद्र सरकार वर्तमान में जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाती है, साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा, सड़क और बुनियादी ढांचा, कृषि और विकास, स्वच्छ भारत, निर्यात और कच्चे तेल आदि पर उपकर हैं। 2012 में, उपकर केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व का 7% था। 2015 में, यह बढ़कर 9% हो गया। 2023 में, उपकरों ने कुल कर-राजस्व में 16% का योगदान दिया। 2019 से 23 के बीच, केंद्र सरकार ने उपकर के रूप में 13 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर शामिल नहीं है। पिछले पांच वर्षों में उसने कच्चे तेल पर उपकर के रूप में 84,000 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व में उपकरों का हिस्सा बढ़कर तिगुना हो गया है। 2011 में यह 6% था, 2021 में 18% हो गया। उपकर और अधिभार (सरचार्ज) में इस वृद्धि ने करों के विभाज्य पूल में कमी ला दी है। विभाज्य पूल 2011 में सकल कर-राजस्व के 89% थे, जो 2021 में घटकर 79% हो गए। यह स्थिति तब है, जब 14वें वित्त आयोग ने अनुशंसित राज्यों को कर-हस्तांतरण में 10% की वृद्धि कर दी थी। कैग की एक रिपोर्ट ने उजागर किया कि 2018-19 में केंद्र सरकार ने भारत की समेकित निधि (सीएफआई) में विभिन्न उपकरों के माध्यम से एकत्र 2.75 लाख करोड़ रुपयों में से 1 लाख करोड़ रुपए रोक लिए। वित्त-वर्ष के दौरान एकत्र किए गए सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर के 10,000 करोड़ रुपए न तो संबंधित रिजर्व फंड में स्थानांतरित किए गए और न ही उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए, जिसके लिए उपकर एकत्र किया गया था। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि पिछले एक दशक में कच्चे तेल पर उपकर के रूप में एकत्र किए गए 1.24 लाख करोड़ रुपए निर्दिष्ट रिजर्व फंड (तेल उद्योग विकास बोर्ड) में स्थानांतरित नहीं किए गए और सीएफआई में ही रखे गए। रिजर्व फंड्स के न बनने या उनका ठीक से उपयोग न होने से उपकरों और शुल्कों का उपयोग संसद द्वारा निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। उपकर बढ़ाने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में राजस्व में मामूली वृद्धि ही हुई है- 2014 में यह जीडीपी की 8.8% थी तो 2024 में 9.6% हो गई यानी 1 प्रतिशत से भी कम। हाल ही में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एनडीए और विपक्ष शासित राज्यों के आठ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चिंता जताई कि उच्च प्रति व्यक्ति जीएसडीपी वाले राज्यों को अनुपात से कम कर-आवंटन दिया जाकर उन्हें उनके अच्छे आर्थिक प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है। 80 के दशक की शुरुआत में सरकरिया आयोग ने सिफारिश की थी कि उपकर और सरचार्ज एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए और सीमित समय के लिए लगाए जाने चाहिए। 2010 में पुंछी आयोग ने कहा था कि उपकर और सरचार्ज का विस्तार करना वित्त-आयोगों की सिफारिशों को कमजोर करने के बराबर है, क्योंकि इससे राज्य केंद्रीय कर-राजस्व में उनके उचित हिस्से से वंचित रह जाते हैं। लेकिन उपकरों की संख्या और मात्रा बढ़ती जा रही है। जो राज्य वैचारिक रूप से सत्तारूढ़ व्यवस्था का विरोध करते हैं, उन्हें अक्सर उनके उचित हिस्से से वंचित कर दिया जाता है। उपकरों के माध्यम से एकत्र धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करता है। लेकिन इस धन का अपने प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।
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27 September 2024एन. रघुरामन कल्पना करें, आप ऐसी जगह पर हैं, जो किसी भव्य रेस्तरां जैसी दिख रही है, जहां बराबर दूरी पर लगी टेबल पर सफाई से फूल व्यवस्थित लगाए गए हैं और आंख की बराबरी के लेवल पर फूलदान रखे हैं, जिससे आपको अहसास होता है कि किसी उत्सव में आए हैं। उस कमरे में महक का कारण प्राकृतिक फूलों की खुशबू थी। कुछ कोनों पर दीवार पर रंग-बिरंगे फूल भी लगे थे। उस बड़े-से कमरे में रोशनी भी एकदम सही थी- न बहुत भड़कीली और ना मद्धिम। बैकग्राउंड में हल्का सिंगल इंस्ट्रूमेंट म्यूजिक चल रहा था। वहां एक चिपर थी, जो आसपास भागती-दौड़ती हरेक का अभिवादन कर रही थी और पूछ रही थी कि उन्हें कुछ पीने के लिए तो नहीं चाहिए। चिपर मतलब हंसमुख, बहुत प्यारी और आत्मविश्वास से भरी हाजिरजवाब लड़की। अगर लोग ड्रिंक के लिए हां कहते, तो वह कुछ बहुत अच्छी मॉकटेल ऑफर करती क्योंकि वहां एल्कोहल की अनुमति नहीं है। हर टेबल पर एक फोल्ड किया कार्ड रखा है, जिसके साथ पेन भी है, ताकि किसी को पता नहीं चल सके कि किस में दिलचस्पी दिखाने के लिए आपने कौन-सा बॉक्स टिक किया है या दिलचस्पी नहीं होने के लिए क्रॉस किया है। इस मीटिंग में मोबाइल की अनुमति नहीं है। और अंततः जब घंटी बजती है, तो हर टेबल पर एक-एक महिला-पुरुष, आमने-सामने बैठते हैं और चिपर नियमों की घोषणा करती है। हर पांच मिनट में वह सुंदर चिपर घंटी बजा देती। और तब पुरुष प्रतिभागी खड़ा होता, उस फोल्ड किए कार्ड पर अपने निशान लगाता और दाईं तरफ की टेबल पर मुड़ जाता। उस हॉल में हर पुरुष तयशुदा समय में हर महिला से मिलता। पुुरुष के दूसरे टेबल पर जाने के दौरान उसी टेबल पर बैठी महिला भी अपने कार्ड पर निशान लगाती। दोनों की हां में सहमति का मतलब है िक दोनों को अगले 24 घंटों में उनके फोन नंबर के साथ एक ईमेल मिल जाएगा। और यह ‘स्पीड डेटिंग’ कहलाती है! साल 1998 में रब्बी याकोव देयो द्वारा लॉस एंजेलिस में यहूदी सिंगल लोगों के लिए निफ्टी मैचमेकिंग के तौर पर स्पीड डेटिंग की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब यह वैश्विक परिघटना बन चुकी है। पिछले कुछ सालों में अकेलेपन नामक बीमारी के बढ़ने और डेटिंग एप में धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद विकसित देशों में युवाओं ने इस मैथड को लोकप्रिय बना दिया है। मैरिज ब्यूरो की तरह ही स्पीड डेटिंग भी एक संजीदा व्यवसाय है और बड़े शहरों में ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी करने वाली कंपनियों का 75% मैच रेट का दावा है। जोड़ी मिलान के अलावा यह लोगों में एक खूबसूरत रिश्तों को भी बढ़ावा दे रहा है। जिसका मतलब है कि यह एेसे लोगों को दोस्तों की तरह जोड़ रहा है, जिनकी समान अभिरुचियां हैं, जैसे लेखन, संगीत, बुक क्लब के सदस्य हैं, हाइकिंग आदि। भले ही शादी किसी और से हो, लेकिन वे लोग अच्छे दोस्त बनने के बाद ताउम्र दोस्त रहते हैं। अब डेटिंग एप गुजरे जमाने की बात हो चुकी है और इंसानी संपर्क के साथ इन नए एप ने उनकी जगह ले ली है। डेटिंग एप्स पर प्रोफाइल में जानकारी भरते हुए लोग जानबूझकर अच्छी तस्वीरें चुनते हैं और अपने बारे में अच्छे-अच्छे शब्द लिखते हैं, जिससे सोचने और दोबारा सोचने का भरपूर समय मिलता है। संक्षेप में, वे खुद को अच्छे दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मानव से मानव संपर्क में इंसान नैसर्गिक होता है। प्यार या जीवनसाथी चुनना स्वतः और बिना गुणा-भाग के ही होता है। इस तरह के पलों की योजना नहीं बना सकते या प्रोफाइल में नहीं समा सकते। कोई भी इसे अपने अंदर निर्मित नहीं कर सकता। तभी यह ‘प्यार में पड़ना’ कहलाता है। व्यक्तिगत रूप से मिलने की खोज की बढ़ती लोकप्रियता एक तरह से एनालॉग की ओर वापसी का हिस्सा है। इसलिए युवाओं द्वारा पुराने दौर को अपनाने की कई रिपोर्ट्स हैं। मिलेनियल्स और जेन ज़ी ने अब अपने स्मार्टफोन, एप और स्किनी जींस को एकतरफ रखकर जीवनसाथी चुनने के लिए पुराने तरीकों की ओर रुख किया है। फंडा यह है कि नौजवान समझ चुके हैं जो कभी ओल्ड फैशन था, लगता है कि वो नया बन गया हैै! यह हमारी जिम्मेदारी है कि पुराने तौर-तरीकों को नए माहौल में ढालें।
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26 September 2024शिवांगी सक्सेना केस-1 'मेरे ऑफिस में ग्रिलिंग का कल्चर था। आपको कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता है। ओवरवर्क की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा।' - मेहर सूरी, बेंगलुरु केस-2 'मैं ऐड कंपनी में काम करता था। इसमें डेडलाइन की बहुत अहमियत होती है। मुझसे तीन लोगों का काम कराते थे। मैं घर भी काम लेकर जाता था। कई बार पूरे दिन खाना नहीं खाया। परेशान होकर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ -सुकून, मुंबई मेहर और सुकून अलग-अलग शहरों में रहते हैं। अलग कंपनियों में काम करते हैं। दोनों के फील्ड अलग हैं, लेकिन परेशानी एक जैसी है। ऑफिस में इतना वर्कलोड है कि खाना-पीना, नींद, आराम सब छूट गया। मेहर और सुकून की तरह ही एना सेबेस्टियन पेरिइल थीं। 26 साल की एना चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में इसी साल फरवरी में एक कंपनी में नौकरी शुरू की थी। 6 महीने बाद 20 जुलाई को एना को कार्डियक अरेस्ट आया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एना की मां अनीता ऑगस्टीन ने सितंबर में कंपनी चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखा। बताया कि कैसे ऑफिस के वर्कलोड की वजह से एना की जान गई। एना की मां ने लिखा- जरूरत से ज्यादा काम ने बेटी को मार डाला अनीता ऑगस्टीन ने बेटी की मौत के लिए जरूरत से ज्यादा काम के बोझ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लेटर में लिखा कि शॉर्ट डेडलाइन और देर रात तक काम करने की वजह से एना की तबीयत बिगड़ी। चेस्ट पेन के बाद वो जुलाई में डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर ने उसे वेंट्रिकुलर (सीने में सिकुड़न) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पूरी नींद न लेने और देर से खाना खाने की वजह से ऐसी परेशानी आ रही है। अनीता ऑगस्टीन का लेटर वायरल हुआ, तो भारत में कॉरपोरेट सेक्टर के वर्क-कल्चर पर बहस शुरू हो गई है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में युवा सबसे ज्यादा ओवर वर्क करते हैं। देश की आधी वर्कफोर्स हफ्ते में 49 घंटे से ज्यादा काम करती है। भारत उस लिस्ट में 12वें नंबर पर है, जहां काम करने के घंटे सबसे ज्यादा हैं। पहली कहानी मेहर सूरी, 29 साल, बेंगलुरु सेक्टर: NGO रोज 12 घंटे काम करके बीमार पड़ी, ऑफिस नहीं जा पाईं तो सैलरी काट ली मेहर ने करियर की शुरुआत 2020 में की थी। वे रिसर्चर हैं। 2020 के आखिर में मेहर ने एक NGO के साथ काम करना शुरू किया। ये उनकी पहली नौकरी थी। मेहर बताती हैं, 'उस वक्त कोरोना था। तब काम करने के अलग चैलेंज थे। लोग बीमार पड़ रहे थे, आए दिन मौतें हो रही थीं।’ ‘इस बीच मेरे ऑफिस ने मुझे अकेले नॉर्थ-ईस्ट के एक गांव में भेज दिया। मैं चली भी गई। वहां जाकर पता चला कि यहां तो उग्रवादियों की एक्टिविटी रहती है। मुझे ये नहीं बताया गया कि यहां फायरिंग होती है। मैंने सीनियर से इस बारे में पूछा तो जवाब मिला कि अगर तुम्हें बता देते तो तुम डर जातीं। इसके बाद भी ऑफिस की तरफ से मेरी सेफ्टी के लिए कुछ नहीं किया गया।' मेहर आगे बताती हैं, 'ऑफिस में कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता था। वर्कलोड की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन फील्ड पर साइकोसिस का अटैक आया। मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। मेरी परेशानी कोई समझ ही नहीं रहा था। हमारे यहां ऑर्गेनाइजेशंस में मेंटल हेल्थ का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। किसी भी ऑफिस में मानसिक तनाव को आसानी से अनदेखा कर दिया जाता है।' मेहर कहती हैं, 'एक तरफ मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था, दूसरी तरफ मैं पार्ट टाइम जॉब ढूंढ रही थी। मुझे दो महीने की सैलरी के बराबर पैसा ऑफिस में देना था। ये अमाउंट करीब 80 हजार रुपए था। मेरे मन में सुसाइड का ख्याल आने लगा। कोई मेरी तकलीफ नहीं समझ रहा था। आखिर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ मेहर के अगले ऑफिस में भी कुछ नहीं बदला। वे कहती हैं, 'दूसरी नौकरी में भी वर्क प्रेशर बहुत ज्यादा था। मैं मेंटल ट्रामा से उबर ही रही थी कि ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग का पता चला। मेरी फैमिली मुझे अस्पताल ले गई। मम्मी-पापा ने पूरा ख्याल किया। ऑफिस से कोई सीनियर मुझे देखने तक नहीं आया। कंपनी ने उस महीने की सैलरी तक नहीं दी। कहा गया कि मैं पूरे महीने छुट्टी पर थी।' 'मुझे फैमिली का सपोर्ट मिला, इसलिए मैं इलाज करा सकी। हर किसी के पास इतना पैसा नहीं कि वो हॉस्पिटल का खर्च उठा सके।' दूसरी कहानी सुकून, 28 साल, मुंबई सेक्टर: एडवरटाइजिंग दिन-रात सिर्फ काम, न खाने का टाइम, न सोने का 28 साल के सुकून मुंबई में रहते हैं। उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया है। 2022 में सुकून ने एक होटल में जॉब शुरू की। वे बताते हैं, 'मैं मराठी में बात करता था। ये बात मेरी सुपरवाइजर को पसंद नहीं थी। वो मुझसे चिढ़ने लगती थी। मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा। मैंने नौकरी छोड़ी और ऐडवरटाइजिंग फर्म में काम करने लगा। वहां परेशानियां और ज्यादा थीं।' ऐडवरटाइजिंग कंपनी में अपने अनुभव के बारे में सुकून बताते हैं, 'ऐडवरटाइजिंग की दुनिया बहुत क्रिएटिव है। आइडिया आने का कोई वक्त नहीं होता। ये कहकर कर्मचारियों से पूरा दिन काम करवाया जाता है। मेरे बॉस हर वक्त मुझ पर नजर रखते थे। ऑफिस में किसी से बात करते देख लेते, तो कहते कि तुम्हारा ध्यान काम पर नहीं है।' सुकून आगे बताते हैं, 'मैं रोज सुबह 9 बजे ऑफिस पहुंच जाता था। रात को 8 बजे घर जाने के लिए उठता, तो पीछे से बॉस की आवाज आती- अभी से घर जा रहे हो। इस तरह के ताने बहुत आम थे।' सुकून बताते हैं... जब तक कोई आइडिया न मिल जाए, तब तक हम घर नहीं जा सकते थे। वीकेंड भी काम खत्म करने और क्लाएंट से बात करने में चला जाता था। एक दिन सुकून ने बॉस को अपने जेंडर के बारे में बताया। इसके बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया। वे बताते हैं, 'मैंने बहुत भरोसे के साथ बॉस को बताया कि मैं जेंडर-फ्लूइड हूं। मेरे प्रोनाउन He/They हैं। इसके बाद से बॉस का रवैया बदल गया।' 'मुझे सबसे हल्का काम मिलने लगा। ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं मिलता, जहां मैं टैलेंट दिखा सकूं। हद तो तब हो गई जब मुझसे पूछे बिना, उन्होंने ऑफिस में मेरी आइडेंटिटी के बारे में बता दिया। इसका असर मेरे प्रमोशन और इन्क्रिमेंट पर भी दिखा। मैंने परेशान होकर नौकरी छोड़ दी। दो साल से मेरी थैरेपी चल रही है।' तीसरी कहानी प्रिया, 28 साल, नोएडा सेक्टर: मीडिया काम का वक्त तय नहीं, इलाज के लिए भी छुट्टी नहीं प्रिया (बदला हुआ नाम) नोएडा में एक मीडिया हाउस में काम करती हैं। उन्होंने भोपाल से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। भोपाल में ही साउथ इंडिया की एक वेबसाइट के लिए काम करने लगीं। जॉब करने के दौरान प्रिया को चेस्ट कंजेशन का पता चला। अगर वक्त पर डॉक्टर के पास न जातीं, तो टीबी हो सकता था। प्रिया बताती हैं, 'मैं 2018 में जर्नलिज्म के प्रोफेशन में आई। ये मेरी पहली जॉब थी। ये जिंदगी का सबसे बुरा फैसला साबित हुआ। मुझसे पूरा दिन काम करवाया जाता। सुबह मैं रिपोर्टिंग पर जाती और शाम को आने के बाद मुझसे डेस्क का काम करवाते। काम का कोई वक्त ही तय नहीं था।' 'इसी बीच मेरी तबीयत बिगड़ी और खांसी आनी शुरू हुई। मैंने शुरू में इसे नजरअंदाज कर दिया। डॉक्टर को दिखाने का सोचती, तो छुट्टी नहीं मिलती थी। बॉस कहते कि स्टाफ कम है, इसलिए छुट्टी नहीं दे सकते। एक दिन ऑफिस में बैठे-बैठे मेरी खांसी रुक ही नहीं रही थी। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला मुझे चेस्ट इन्फेक्शन है।'
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26 September 2024रश्मि बंसल सितंबर का महीना खत्म होने को आया, अब त्योहार शुरू। नवरात्र, दशहरा, दिवाली, फिर कुछ दिनों बाद साल खत्म होने का इंतजार। समय भाग रहा है। एक और बर्थडे, दो-चार सफेद बाल, स्केल पर थोड़ा और वजन। इन्हीं चीजों से मापते हैं हम अपनी बढ़ती हुई उम्र। ये ठीक है पर एक और चीज का मैप जरूरी है। आप कंप्यूटर इस्तेमाल करते होंगे, कुछ दिन बाद मैसेज आता है- ‘डिस्क फुल’ यानी फाइल सेव करने की और जगह नहीं। पर दिमाग का क्या? इंसान का प्राकृतिक कंप्यूटर, समय के साथ उसकी डिस्क भी फुल हो जाती है। अब देखते हैं दिमाग के डिस्क में क्या-क्या भरा है। निरीक्षण करने पर पता चला- 80% कूड़ा है। कुछ तो इतना पुराना कि बदबू मार रहा है। जैसे बीस साल पहले, शादी के बाद सास ने कुछ कड़वे शब्द कहे थे। सास तो चली गईं, पर उनकी आवाज आज भी आपके अंदर गूंज रही है। अब भी वो निगेटिव इमोशन जिंदा हैं। छोड़िए, मैं तो दूसरी समस्याओं से जूझ रही हूं। पेट में काफी दर्द रहता है, किडनी स्टोन निकला है। अच्छा जी, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका ताल्लुक भी आपकी सास से है। मतलब? शरीर की ज्यादातर बीमारियां उत्पन्न होती हैं हमारे उन जज्बातों से, जिन्हें हम अपने अंदर दबाकर रखते हैं। जब मैंने पहली बार इस थ्योरी के बारे में सुना, मैं हंसी। ऐसा हो सकता है क्या? मगर लुइस हे द्वारा लिखी ‘यू कैन हील यॉर लाइफ’ किताब पढ़ने के बाद मुझे लगा कि उनकी बातों में दम है। हर बीमारी का ‘रूट कॉज’ जो दर्शाया गया है - अपने अंदर झांककर देखिए, सच्चाई झलकेगी। जैसे किडनी स्टोन का मूल कारण- मन में क्रोध की गांठें। हाई बीपी हो या डायबिटीज, माइग्रेन या पीठ का दर्द, उसके पीछे है लंबे समय से चली आ रही भावनात्मक समस्या। खैर, जरूरी नहीं कि आप लुईस की थ्योरी को सच मानें। पर ये तो मानेंगे कि दिमाग की डिस्क में स्पेस बनाना जरूरी है। भगवान ने डिलीट बटन तो नहीं दिया पर कुछ आसान तरीके हैं, मन में भरी फालतू फाइल्स से मुक्ति पाने के लिए। खास कर किसी इंसान के प्रति गुस्से या कटुता की भावना जब हो। 1. लिख डालिए- कलम हाथ में लीजिए और कागज पर वो सब लिख डालिए जो आप कभी व्यक्त न कर सकीं। बिना रोक-टोक, बिना हिचकिचाहट। बस समय बांध लीजिए- 7 मिनट। उछलती हुई नदी की तरह अपनी भावनाओं को बहने दीजिए। 2. बोल डालिए - एक कुर्सी सामने रख कर मन में सोचिए कि वो इंसान उस पार बैठा है। अब जो भी आप कहना चाहती थीं, कभी कह न सकीं, बोल दीजिए। दिमाग की कढ़ाही में खीझ के पकौड़े जो तल रही थीं, वो बर्तन अब गैस से तो उतरा। अब नए पकवान बना सकेंगे। 3. मन ही मन - कुछ नहीं, आप सिर्फ उनका चेहरा मन के पर्दे पर लाकर उनके साथ कम्युनिकेट कीजिए कि मैं आपसे क्या चाहती थी? क्यों मुझे दुख हुआ? हो सकता है, उनकी तरफ से आपको जवाब भी सुनाई पड़े। ना मिले तो भी इस एक्सरसाइज के अंत में आप उनसे कहिए- ‘मैं तुम्हें माफ करती हूं’। ऐसा करने से मन का डिस्क क्लियर होगा, ऊर्जा मिलेगी। गिले-शिकवे के स्टेशन से गाड़ी हिलेगी। लंबा है सफर, बेहतर कटेगा। जब मन में जमा मैल हटेगा।
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25 September 2024विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
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25 September 2024विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
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25 September 2024आतिशी के बारे में जो राजनीतिक चर्चा चल रही थी, सही निकली। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल सँभालते वक्त आतिशी ने केजरीवाल के नाम का सिंहासन ख़ाली छोड़ा और बग़ल में एक कुर्सी रखकर वहाँ बैठ गईं। होना तो यह चाहिए कि इन राजनेताओं को अपनी चालें चलने और नित नए समीकरण भिड़ाने के लिए कम से कम पौराणिक पात्रों के उदाहरण देना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि खड़ाऊं रखकर राज ज़रूर चलाए जा रहे हैं, लेकिन आज की राजनीति में न तो जिसकी खड़ाऊं रखी जा रही है वो राम है और न ही जो खड़ाऊं रख रहा है, वो भरत। बात केवल आप पार्टी की ही नहीं है, और भी राजनीतिक दल हैं जहां कोई न कोई किसी न किसी की खड़ाऊं रखकर किसी न किसी प्रदेश का राज चला रहा है। हो सकता है ज्यादातर राज्य सरकारें रिमोट से चलाई जा रही होंगी, लेकिन आतिशी की तरह राम और भरत का उदाहरण देकर तो नहीं ही। इसके पहले भी कुछ राजनीतिक उदाहरण सामने आए थे जिनमें खड़ाऊं शासन की झलक मिली थी। जे जयललिता को जब जेल हो गई थी तो उन्होंने भी पन्नीरसेलवम को डमी मुख्यमंत्री बनाया था। तब पन्नीरसेल्वम भी आतिशी की तरह ही जयललिता का सिंहासन ख़ाली छोड़कर बग़ल की कुर्सी पर बैठकर सरकार चलाया करते थे। यदा-कदा जेल से फ़ोन आ जाया करता था तो केवल पन्नीरसेल्वम ही नहीं, पूरा मंत्रिमंडल कुर्सी से खड़ा होकर बात किया करता था। खैर, चार महीने के लिए ही सही, आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गईं हैं, लेकिन इतना तय है कि सरकार केजरीवाल ही चलाने वाले हैं। जैसे जेल में बैठकर जयललिता चलाया करती थीं। जैसे मनमोहन सिंह के वक्त सरकार दस, जनपथ से चलाई जाती रही। हो सकता है उनकी इसी स्वामिभक्ति के कारण उनका नेता पद पर चयन किया गया हो, लेकिन कुर्सी खाली छोड़ते वक्त जो तर्क आतिशी ने दिया वह और भी हैरत कर देने वाला है। आतिशी ने कहा- जिस तरह भगवान राम वनवास गए थे तब चौदह साल तक उनके छोटे भाई भरत ने राम की खड़ाऊं रखकर राज चलाया था, उसी तरह मैं भी दिल्ली का शासन चलाऊंगी। जब चुनाव में जीतकर केजरीवाल वापस आएँगे तो इसी कुर्सी पर बैठकर फिर से दिल्ली का शासन वे ही चलाएँगे।
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24 September 2024प्रो. चेतन सिंह सोलंकी पिछले कुछ दिनों में मैंने गहरी पीड़ा महसूस की, जब मैंने देखा कि गणेश जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित करने के दौरान खंडित हो रही हैं। कुछ लोग दूर से ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे थे और मुंबई की चौपाटी में समुद्र का पानी पीछे लौटने पर उन्हीं सुंदर प्रतिमाओं के अवशेष दिखने लगे। मैं सोच रहा था कि क्या गणेश जी को भी यह देखकर पीड़ा होती होगी? हम अपने प्रिय गणेश जी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? वही गणेश जिनकी हम कुछ दिन पहले तक पूजा कर रहे थे? हम विसर्जन की आवश्यक सुविधाओं या मूर्तियां बनाने में लगी सामग्रियों के पर्यावरणीय परिणामों पर विचार किए बिना बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं। इसका पर्यावरण पर गहरा प्रभाव हो रहा है, जो दिखता भी नहीं है। इन मूर्तियों को बनाने और सजाने में लगी लोहे की फ्रेम, रंगीन पेंट्स और प्लास्टिक आदि हमारे जल निकायों को प्रदूषित करते हैं। विसर्जित हुई ये सामग्रियां जल में विषैले रसायन छोड़ती हैं, जिससे जलीय जीवन प्रभावित होता है और पारिस्थितिक तंत्र बाधित होता है। ये क्रियाएं ना केवल जलीय-प्रजातियों को बल्कि हमें और हमारे बच्चों को भी नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि हम भी प्रकृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा देश त्योहारों से समृद्ध है, नवरात्र और फिर दीपावली आने वाली है। क्या जागरूक नागरिक आगे आकर समुदायों और मंडलों का मार्गदर्शन कर सकते हैं ताकि पिछली गलतियां न दोहराई जाएं? हमारे त्योहार, हमारी परंपराओं और पर्यावरण दोनों का सम्मान करें, इसके लिए हमें अपनी पारंपरिक प्रथाओं को पुनर्जीवित करना चाहिए। केवल भव्य प्रदर्शनों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, गायन, कीर्तन और सामुदायिक नाटकों जैसी गतिविधियों को अपनाएं। हम इन अवसरों का उपयोग सामूहिक रूप से अपने परिवेश को साफ और सुंदर बनाने के लिए कर सकते हैं? इस तरह की सामुदायिक रूप से की जाने वाली गतिविधियां न केवल लोगों को साथ लाती हैं, बल्कि हमारे उत्सवों को भी समृद्ध करती हैं, और हमें भक्ति की सच्ची भावना की याद दिलाती हैं। इसके अलावा, हम प्राकृतिक सामग्रियों से बनी छोटी, पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का चयन कर सकते हैं। विसर्जन-स्थानों की अलग से योजना बनाई जाए ताकि नदियों-महासागरों के प्रदूषण को रोका जा सके। क्या हम पंडाल बनाने के लिए सिर्फ बायोडिग्रेडेबल मटेरियल का उपयोग कर सकते हैं? पंडालों को बांस, कपड़े, केले के पत्तों से बनाया जा सकता है। शिक्षित और सचेत नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और स्थानीय मंडलों के साथ मिलकर इस तरह की प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए। सामूहिक रूप से काम कर के हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि त्योहार न केवल आनंदमय हों बल्कि धरती का भी ध्यान रखें। आइए हम नवरात्र की अभी से तैयारी करें, ताकि इस पर्व को पूरी भव्यता के साथ मना सकें। परंतु संकल्प भी लें कि विसर्जन की समुचित व्यवस्था के साथ, मां की प्रतिमा का भी पूरा आदर करेंगे। और इस सबमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी ख्याल रखेंगे।
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24 September 2024नवनीत गुर्जर हरियाणा औ जम्मू-कश्मीर में चुनाव-प्रचार चरम पर है। हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के लोकल नेताओं ने कमान संभाल रखी है। हालाँकि भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी यहाँ जा रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रचार धुँआधार चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह वहाँ ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से एक-दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ज़रूर कश्मीर गए थे, लेकिन पार्टी की ओर से वहाँ प्रचार अभियान धीमा ही नज़र आ हा है। नेशनल कान्फ्रेंस ने ज़रूर प्रचार में जान झोंक रखी है क्योंकि उसके लिए यह चुनाव जीवन-मरण का सवाल है। भाजपा और नेशनल कान्फ्रेंस दोनों जानते हैं कि उनके प्रभाव क्षेत्र अलग-अलग है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा का ज़बर्दस्त प्रभाव है। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है, वहाँ नेशनल कान्फ्रेंस का प्रभाव ज़्यादा है। हालांकि, वहाँ पीडीपी और कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं। कुछ निर्दलीय भी हैं, जिनके बारे में कहा जा हा है कि वे भाजपा के प्रॉक्सी उम्मीदवार हैं। इधर, दिल्ली में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रचार शुरू कर दिया है। हालाँकि यहाँ चुनाव महाराष्ट्र औ झारखंड के भी बाद अगले साल फ़रवरी में होना है लेकिन आप पार्टी ने दिल्ली जीतने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है। दिल्ली में रविवार, 22 सितंबर को केजरीवाल जनता के बीच गए और कहा कि दिल्ली चुनाव मेरे लिए एक तरह की अग्निपरीक्षा है। अब फ़ैसला आपको करना है कि मैं ईमानदार हूँ या बेईमान। अगर आप मुझे ईमानदार समझें तो ही वोट देना वरना मत देना। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बारे में केजरीवाल का कहना है कि भले ही मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हों, लेकिन लांछन लगने के बाद मैं किसी पद पर नहीं रहना चाहता। अब उनसे ये कौन पूछे कि इतने दिन तक जेल में रहने के बावजूद इस मुख्यमंत्री पद को क्यों ढोते रहे? अब केजरीवाल कह रहे हैं कि वे जनता की अदालत में न्याय माँगने आए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने का प्रमाण हो सकती है? देश में ऐसे कई नेता हैं जो अनेक आरोप लगने का बाद भी चुनाव जीतकर लोकसभा या विधानसभा में पहुँचे हैं।
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23 September 2024एन. रघुरामन हालांकि उनका जन्मदिन मई के महीने में आता है, लेकिन उन्होंने इसे 15 सितंबर को मनाने तक इंतजार किया, ताकि अलग-अलग शहरों में रहने वाले परिवार के सभी लोग एक साथ आ सकें। आखिर, वे दोनों मां हैं और उन दोनों के कुल 13 बच्चे हैं और उन 13 के भी अपने बच्चे और पोते-पोतियां हैं। वे जुड़वां थीं और अपना 102वां जन्मदिन मना रही थीं, इसलिए यह खास था। 1922 में अमेरिका के जॉर्जिया में जन्मीं ये दोनों बहनें- मर्लिन राइट और मैडलिन कैस्पर अभी भी बहुत अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में हैं। 102 साल पूरे करना एक विशेष उपलब्धि है- लेकिन अपने जुड़वां के साथ ऐसा कर पाना तो और अनूठा है। इसने कुछ शोधकर्ताओं को यह पता लगाने के लिए प्रेरित किया कि एक-दूसरे की हमशक्ल ये जुड़वां बहनें सामान्य आबादी की तुलना में अधिक समय तक कैसे जीवित रहीं। उन्होंने पाया कि नजदीकी और मददगार संबंध बनाए रखने से लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद मिलती है। जब मैं इस बर्थडे पार्टी के बारे में पढ़ रहा था, मेरे मोबाइल पर एक बुरी खबर आई। इसमें पुणे में एक 26 वर्ष के युवा की "काम के दबाव के चलते' मृत्यु की सूचना थी। इससे मुझे अपने दादाजी की याद आ गई, जिनका काम, करियर और जीवन का संतुलन बहुत बढ़िया था। उन्होंने हमारे गांव में 94 साल की उम्र तक अपने कपड़े खुद धोए, और उनके कपड़ों की सफेदी इतनी रहती थी कि आज के वॉशिंग पाउडर के विज्ञापन भी शरमा जाएं। अपनी चमचमाती धोती और कुर्ता पहनकर वे बगीचे में अपनी रोजाना की सैर को कभी नहीं भूलते थे। वे शाम 6 बजे खाना खाते थे, फिर बरामदे में बैठकर मुक्तकंठ से गाना गाते थे और रात 9 बजे से पहले सो जाते थे। सुबह 4 बजे वे दिन की शुरुआत करते थे और ब्रह्म मुहूर्त में खुद कुएं से ठंडा पानी भरकर नहाते थे। अपने करियर में वे तेजी से आगे बढ़े थे और तमिलनाडु के तंजावुर जिले में अपनी प्रतिभा के दम पर भूमि रजिस्ट्रार कार्यालय में नंबर 2 बन गए थे। वे अच्छी तरह जानते थे कि वे कभी नंबर 1 नहीं बन सकते, क्योंकि उस स्तर पर उन्हें कई समझौते करना होते, जो वे शायद न कर पाते। इसलिए उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा पर रोक लगाई और अपनी ऊर्जा को अपने आठ बच्चों के पालन-पोषण में लगाया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और ईमानदार बने रहे। उन्होंने अपनी स्वीकृत छुटि्टयां लेकर परिवार की सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया, और इसी दौरान उनके बॉस रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने उच्च अधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए वह सब कर सके, जो वे दादाजी की उपस्थिति में नहीं कर सकते थे, क्योंकि वे कागजात पर दूसरे हस्ताक्षरकर्ता हुआ करते थे। वे कभी भी घर में कोई उपहार नहीं लाए, न ही उन्होंने त्योहारों के दौरान भी किसी उपहार की उम्मीद की। कार्यालय बंद होने के ठीक 30 मिनट बाद वे घर में होते थे। उनके घर में हमेशा अलग-अलग उम्र के कुछ पोते-पोतियां हुआ करते थे। वे हमेशा यह सुनिश्चित करते थे कि घर में बच्चों की चहल-पहल बनी रहे। उनकी मृत्यु तभी हुई, जब उन्हें चेन्नई में उनके बेटे के घर ले जाया गया, जहां वे बाथरूम में गिर गए और काफी लंबे समय तक बीमार रहे। आज हम उनके आठ बच्चों से हुए दो दर्जन पोते-पोतियां उन्हें हमेशा एक ख्याल रखने वाले, प्यार करने वाले और सभी से उदारता से बातें करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, उनसे भी जिन्हें वे पसंद नहीं करते थे। हम सभी को उन चीजों के लिए समय निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जो हमारे लिए मायने रखती हैं। हम सभी अपने दिन की शुरुआत अच्छे इरादों के साथ करते हैं, लेकिन जब व्यस्त ऑफिस मीटिंग, काम के दबाव और नियोक्ता, परिवार और दोस्तों के वॉट्सएप निर्देशों के साथ-साथ लगातार ईमेल में समय बर्बाद हो जाता है, तो हम समय पर नियंत्रण खो देते हैं। अगर पोते-पोतियों या नाती-नातिनों के साथ रहकर आपको खुशी मिलती है, तो रहिए या जोर से गाना आपको खुश करता है, तो गाएं और इस बात की परवाह न करें कि कौन सुन रहा है, और जंगल में दोस्तों के साथ घूमना आपको खुश करता है, तो आगे बढ़ें, दोस्त बनाएं और उनके साथ निकल पड़ें। फंडा यह है कि जीवन में जो मायने रखता है उसके लिए समय निकालना ही पड़ेगा, क्योंकि समय ही इकलौता ऐसा है, जो आपके जीवन को खुशनुमा बना सकता है।
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23 September 2024अभय कुमार दुबे हरियाणा चुनाव के सिलसिले में इस समय एक दिलचस्प बहस चल रही है। इसका एक पहलू यह सवाल है कि ‘आप’ और कांग्रेस के बीच समझौता टूट जाने के कारण क्या भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी बिखरकर कमजोर हो जाएगी? कुछ लोग इस सवाल का विस्तार भी कर रहे हैं। वे एंटी-इनकम्बेंसी के सम्भावित बिखराव में चौटाला परिवार की दो पार्टियों के दो दलित-आधारित पार्टियों से गठजोड़ को भी जोड़ कर दिखा रहे हैं कि ये सभी राजनीतिक ताकतें वोट काटेंगी, और इससे भाजपा को फायदा हो सकता है। इसका दूसरा पहलू है चुनावी लड़ाई में बड़े पैमाने पर बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही 70-70 से ज्यादा बागी मैदान में हैं, और उनमें से कई स्थानीय स्तर पर शक्तिशाली भी माने जाते हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि इनके कारण लड़ाई सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच न हो कर इतनी बहुकोणीय हो जाएगी कि एंटी-इनकम्बेंसी का फैक्टर उतना प्रभावी नहीं रह जाएगा। सब लोग मान रहे हैं कि भाजपा सरकार के खिलाफ अच्छी-खासी ‘एंटी-इनकम्बेंसी’ है। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार विरोधी भावनाएं मंद या नरम न होकर तीखी हैं। किसी भी समीक्षक को यह कहते नहीं सुना गया है कि यह दस साल के शासन में स्वाभाविक रूप से जमा हो जाने वाली नाराजगी से अधिक कुछ नहीं है। स्पष्ट है कि अगर नाराजगी सरकार बदलने की हद तक चली गई तो भाजपा को दिक्कत हो सकती है। अगर ऐसी स्थिति न होती तो साढ़े नौ साल से सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को महज छह महीने पहले न हटाया जाता। आलाकमान खट्टर से नाराज नहीं था, वरना वह उन्हें केंद्र में मंत्री न बनाता। रणनीतिकारों ने खट्टर को हटाकर दोहरा दांव खेला। अलोकप्रिय चेहरा नजरों से ओझल हो गया, और उसकी जगह एक ओबीसी चेहरे को दी गई, ताकि हरियाणा को पहली बार पिछड़े वर्ग का सीएम देने का श्रेय लिया जा सके। जो भी हो, यह निर्विवाद है कि हरियाणा में भाजपा जबरदस्त एंटी-इनकम्बेंसी का सामना कर रही है। खराब शासन-प्रशासन की आम शिकायत के साथ-साथ ‘जवान-किसान-पहलवान’ की त्रिकोणात्मक समस्या ने इसे और मुश्किल बना दिया है। जवान यानी फौज की नौकरी को बेहद प्राथमिकता देने वाले इस राज्य में अग्निपथ योजना से पैदा हुई गहरी कुंठा है। किसान यानी खरीद मूल्यों को कानूनी जामा पहनाने की मांग न माने जाने के खिलाफ अरसे से चल रहे आंदोलन का असर है। और राज्य की ‘पहलवान-पट्टी’ (जिसमें 12 से ज्यादा सीटें हैं) में पहलवान बेटियों के जंतर-मंतर आंदोलन से पैदा हुई विक्षोभ की आग, जिसमें विनेश फोगाट के ओलिम्पिक-प्रकरण ने घी डाल दिया है। जब ऐसी राजनीतिक स्थिति बनती है तो आम मतदाता सरकार बदलने के लिए वोट डालने के बारे में सोचने लगता है। फिर वो यह नहीं देखता कि पार्टी कौन-सी है। वो ऐसा उम्मीदवार तलाश करता है, जो सत्तारूढ़ दल को हरा सके। हरियाणा कांग्रेस बनाम भाजपा की आमने-सामने की टक्कर के लिए जाना जाता है। इसलिए ऐसे उम्मीदवारों की 90 फीसदी संख्या कांग्रेस की तरफ से पेश किए जाने की सम्भावना है। परिणामस्वरूप, अगर कोई जोरदार एंटी-इनकम्बेंसी है, तो उससे प्रभावित वोट कांग्रेस के ध्रुव पर ही गोलबंद होंगे। कांग्रेस का कोई ताकतवर बागी, दलित प्रधान इलाकों में दोनों दलित-आधारित पार्टियों का स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय कोई उम्मीदवार या ‘आप’ का कोई ऐसा ही प्रत्याशी भी बाकी दस फीसदी सीटों में ही सरकार विरोधी भावनाओं से लाभान्वित हो सकता है। लेकिन, इसका लाभ भाजपा को मिलेगा, सम्भावना कम से कम है। भाजपा को तो यह आकलन करना होगा कि वोटरों के जिस हिस्से को वह अपना आधार मानती है, उसमें इस नाराजगी के कारण कहां क्षय हो रहा है। भले ही एंटी-इनकम्बेंसी परिस्थितिवश बिखराव का शिकार न बने, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या उसे पलटा नहीं जा सकता? भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? चुनाव में हो तो सब-कुछ सकता है। लेकिन, आज की तारीख में उसकी संभावना नहीं दिखती। उसके बागियों में अधिकतर वही नेता हैं, जिनके दम पर गैर-जाट जनाधार तैयार किया गया था। जिस तरह से टिकट बांटे गए हैं, उससे नहीं लगता कि भाजपा अब उस रणनीति का लाभ उठाने की स्थिति में है। भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? इसकी संभावना तो नहीं दिखती।
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21 September 2024एन. रघुरामन एक टीनएजर के रूप में हम में से किसी को भी रोक-टोक पसंद नहीं थी। मेरी किशोरावस्था के दौरान मेरी रोजमर्रा की गतिविधियों के सबसे बड़े मुखबिर ‘टिन और स्टोव वाले अंकल’ हुआ करते थे, जिनका नागपुर के सीताबर्डी में भिड़े रोड पर मेरे घर से कोई पांच घर दूर टिन और स्टोव की मरम्मत का व्यवसाय था। जैसे ही मैं घर से निकलता, सबसे पहले वही मुझसे पूछते कि बेटा कहां जा रहे हो? मुझे उन्हें बताना पड़ता कि मैं किस काम से जा रहा हूं। मैं भले ही दिन में 20 बार उस गली से निकलता, लेकिन हर बार मुझे उन्हें बाहर जाने का कारण बताना पड़ता। मेरे और आस-पास के चार घरों के माता-पिता के लिए, वे ही उनके बच्चों के पहरेदार थे। उन्हें बताने के बाद अगर मैं सीताबर्डी की मुख्य सड़क पर जाता, तो शर्मा स्टोर वाले अंकल भी वही सवाल पूछते। जब तक मैं वैरायटी स्क्वेयर, यानी बस स्टैंड से पहले वाले मुख्य जंक्शन तक पहुंचता, मुझे कुछ और अंकलों का सामना करना पड़ता, जैसे कि साउथ इंडियन रेस्तरां विशांति गृह के मालिक मणि अय्यर। मेरे माता-पिता जिस समाज में रहते थे, उनके लिए वह भरोसेमंद था, जो हमेशा उनके टीनएज बच्चे पर नजर रखता था। मुझे 55 साल पुरानी यह बात तब याद आ गई, जब इंस्टाग्राम ने इस सप्ताह से पूरी दुनिया के टीनएजर्स को एक प्रोटेक्टिव-बबल में रखने का फैसला किया है। जी हां, बच्चों की सुरक्षा के बारे में वर्षों से आलोचना झेलने के बाद, मेटा के स्वामित्व वाला यह सोशल नेटवर्क जनवरी 2025 तक दुनिया से कम से कम 10 करोड़ किशोरों को गार्ड-रेल्ड अकाउंट में स्थानांतरित कर देगा। वहीं वह इसी सप्ताह से स्वचालित रूप से युवाओं के अकाउंट्स को प्राइवेट बनाना शुरू कर देगा। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक सेटिंग्स होंगी और अगले दो महीनों में पूरे यूरोप में और बाकी दुनिया में जनवरी 2025 तक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। टीनएजर्स अपनी सेटिंग्स बदलकर या नकली जन्म-तिथियों वाले वयस्क-खाते बनाकर इससे बच सकते हैं। टीनएजर्स पर लगाए रिस्ट्रिक्शंस में यह श