Patrakar Priyanshi Chaturvedi
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने रोजगार सृजन, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना’ को मंजूरी दी है। योजना का विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसके अंतर्गत नियोक्ताओं और पहली बार नौकरी करने वालों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी पत्रकार वार्ता में दी।
योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए 99,446 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योजना से जुड़ा लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर मिलेगा।
पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के ईपीएफ वेतन के बराबर अधिकतम 15,000 रुपये दो किस्तों में प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाएंगेे। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त बारह महीने की सेवा के बाद दी जाएगी। योजना से लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले लाभान्वित होंगे।
वहीं नियोक्ताओं को उन कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा जिनकी मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक है। प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए (कम से कम छह महीने तक कार्यरत) दो वर्षों तक प्रति माह 3 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र में यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा।
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