दुनिया पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ, टॉप-3 में भारत भी शामिल
Debt burden on the world is increasing

दुनिया के देशों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है. इसमें अमेरिका और जापान आगे हैं. दुनिया के देशों पर इस समय कर्ज का कुल बोझ 315 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. दुनिया पर कर्ज का बोझ बढ़ाने वालों में भारत भी टॉप-3 में है.कोविड के दौर में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ही चरमरा गई थी. इसके बाद से ये लगातार उबरने की कोशिश कर रही है, लेकिन एक के बाद एक ग्लोबल लेवल पर घटती घटनाओं के चलते हालात जस के तस बने हुए हैं. अब एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि दुनिया के देशों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, जो 315 ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुका है.साल 2024 की ही पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में ग्लोबल डेट (Global Debt) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है. इस बारे में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (IIF) ने एक स्टडी ‘ग्लोबल डेट मॉनिटर रिपोर्ट’ जारी की है.

भारत भी टॉप-3 देशों में शामिल

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के देशों पर लदे कुल कर्ज के बोझ में सबसे बड़ी हिस्सेदारी अमेरिका और जापान की है. जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भी कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. दुनिया के कर्ज को बढ़ाने में मुख्य तौर पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं का हाथ है.इसमें क्रमश: चीन, भारत और मेक्सिको का प्रमुख योगदान है. जबकि दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं, जिनकी वजह से ओवरऑल डेट में डॉलर की वैल्यू सबसे कम हुई है. आईआईएफ के डेटा के मुताबिक उभरती अर्थव्यवस्थाओं का कर्ज का बोझ 105 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुका है. बीते एक दशक से तुलना करने पर देखें, तो इसमें दोगुने का इजाफा हुआ है.

तिमाही आधार पर इतना बढ़ा कर्ज का बोझ

रिपोर्ट के मुताबिक डॉलर की वैल्यू में तिमाही आधार पर ग्लोबल डेट में करीब 1.3 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी आई है. वहीं ग्लोबल डेट 2 आउटपुट रेशियो भी 333 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि जनवरी-मार्च से पहले की तीन तिमाहियों में ये गिरा था. डेट 2 आउटपुट रेशियो से पता चलता है कि कर्ज लेने वाले कर्जदार की उसे चुकाने की क्षमता कितनी है.

सरकारों का बजट अब भी घाटे में

रॉयटर्स ने आईआईएफ की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि दुनिया की कई सरकारों का बजट घाटा कोविड के पहले के दौर से ज्यादा है. इस साल ये ग्लोबल डेट में कुल 5.3 ट्रिलियन डॉलर की हिस्सेदारी रख सकता है. दुनिया के सामने बढ़ता भू-राजनैतिक तनाव और व्यापार को लेकर बिगड़ते माहौल की समस्या अब भी बनी हुई है और ये ग्लोबल डेट को और बढ़ा सकती है.

Dakhal News 1 August 2024

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