केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के शौर्य दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
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भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सेवा और वफादारी की मिसाल केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ने बनाई है। बल का गौरवमयी इतिहास बताता है कि बल किसी भी परिस्थिति में कोई भी चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक करने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा कि शौर्य दिवस केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के शौर्य और वीरता पर गर्व करने और हमारे पुलिस बलों में देश के भरोसे की अभिव्यक्ति का भी दिन है।

 

राज्यपाल पटेल शनिवार को सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र मध्यप्रदेश सेक्टर के भोपाल परिसर में आयोजित शौर्य दिवस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नर्मदा जल आपूर्ति का सांकेतिक लोकार्पण और सूर्य नमस्कार स्थल का उद्घाटन किया।

 

राज्यपाल ने कहा कि अपनी स्थापना से बल निरंतर आंतरिक सुरक्षा का दायित्व निष्ठापूर्वक निभा रहा है। बल ने बिना किसी पक्षपात के निर्भीकता से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन बेहद पेशेवर तरीके से किया है। विश्व का सबसे बड़ा अर्द्ध सैनिक बल बन गया है।

 

उन्होंने कहा कि कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के पराक्रम की शौर्य गाथा की स्मृति को मनाना, अमर शहीदों का स्मरण कर उनके बलिदान से प्रेरणा लेने उनके प्रति कृतज्ञ होना है। उन्होंने कहा कि अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस बलों के सभी वीर शहीद हमारे देशवासियों की स्मृति में सदा अमर रहेंगे। उनके सेवा एवं समर्पण भाव से सभी पुलिसजन को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने आज़ादी के वीरों की शौर्य गाथाओं से युवाओं को परिचित कराने की जरूरत भी बताई।

 

राज्यपाल पटेल ने कैंप में नवनिर्मित सूर्य नमस्कार परिसर में विभिन्न आसनों की मूर्तियों पर आसन के साथ उच्चारित किए जाने वाले मंत्रों को भी अंकित कराने के लिए कहा है। बल के द्वारा कानून और व्यवस्था की चुनौतियों के साथ सामाजिक कार्यों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर समय-समय पर किए जाने वाले वृक्षा-रोपण, जल-संरक्षण, स्वच्छता आदि अभियानों की सराहना की।

 

उन्होंने केंद्रीय पुलिस बलों में सबसे पहले महिला बटालियन का गठन सी.आर.पी.एफ. द्वारा किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया। देश के लिए प्राणों की आहुति देने वालों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सी.आर.पी.एफ. के शहीद अधिकारी स्व. राकेश कुमार सिंह की पत्नी जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरि बाला सिंह और जवान हरीशचंद्र पाल की पत्नी लक्ष्मी देवी को सम्मानित किया गया।

 

विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि माँ तेरा वैभव अमर रहे, हम दिन चार रहे न रहे की भावना से केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल भारत भूमि की सेवा कर रहा है। राष्ट्र के प्रतीकों की रक्षा और सम्मान के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले जवानों को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल शौर्य, त्याग और बलिदान की गौरवशाली भारतीय परम्परा को निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहा है।

 

महानिरीक्षक केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के. विजय कुमार ने आभार प्रदर्शन किया। उप महानिरीक्षक संजय कुमार ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मिशन में बल को देश के बाहर भी तैनात किया जाता है। श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के साथ बल को भी भेजा गया था। परिसर 250 एकड़ में विस्तारित है। भोपाल में 7 अप्रैल 1994 को कैंप की स्थापना हुई थी। बल के अधिकारी, जवानों के परिजन और प्रशासनिक अधिकारी परिसर में रहते हैं। इनके लिए कम्पोजिट अस्पताल, परिवार कल्याण केंद्र, स्कूल, डाकघर, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और आवागमन के लिए ई-रिक्शा की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि बल की स्थापना वर्ष 1939 में नीमच में एक बटालियन के रूप में हुई थी।

 

राज्यपाल पटेल ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के कैंप परिसर में शहीद स्मारक पहुँच कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और सम्मान गारद की सलामी ली। उन्होंने शौर्य उत्सव पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। शौर्य उत्सव कार्यक्रम में सी.आर.पी.एफ. परिवार कल्याण संघ के द्वारा गणेश वंदना, घूमर नृत्य और सी.आर.पी.एफ. की शौर्य गाथाओं पर केन्द्रित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। कच्छ गुजरात में सी.आर.पी.एफ. द्वारा पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर करने की घटना पर केन्द्रित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।

Dakhal News 9 April 2022

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