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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक ऐसी रोटी बनाई जाती है जिसका नाम सुनकर ही लोग हैरान रह जाते हैं. दरअसल इसका नाम है 'पत्थर की रोटी’. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. यह रोटी पत्थर पर पकाई जाती है और इसका स्वाद बेहद अनोखा होता है. ऐसे में चलिए इस अनोखी रोटी के बारे में जानते हैं और ये बनाता कौन है ये भी जानेंगे.
कैसे बनती है पत्थर की रोटी?
पत्थर की रोटी, जिसे स्थानीय भाषा में 'سنگ روٹی' कहा जाता है, एक खास तरह की रोटी है जो पाकिस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों में बनाई जाती है. इसे बनाने की विधि भई बेहद दिलचस्प है. दरअसल इस रोटी को पत्थर पर बनाया जाता है, जो इसकी खासियत है. इसे बनाने के लिए एक ठोस पत्थर की सतह का उपयोग किया जाता है.
दरअसल पत्थर की रोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा, पानी और थोड़ा सा नमक मिलाकर एक सख्त आटा गूंथा जाता है. इस आटे को छोटी-छोटी लोइयों में बांटकर चकले पर बेल लिया जाता है. फिर इन लोइयों को गर्म पत्थर पर रखकर पकाया जाता है. पत्थर की गर्मी से रोटी पक जाती है और इसका स्वाद बेहद क्रिस्पी हो जाता है. यह रोटी आमतौर पर मोटी होती है और इसमें एक अलग ही स्वाद होता है. यह खाने में कुरकुरी होती है और इसे कई तरह की चटनियों या सब्जियों के साथ परोसा जाता है.
क्यों खाई जाती है पत्थर की रोटी?
बलूचिस्तान में अधिकतर लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं. ऐसे में उनके पास रसोई बनाने की सुविधा नहीं होती है. इसलिए वो पत्थर पर रोटी बनाकर खाते हैं. वहीं इस तरह की रोटी में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. साथ ही पत्थर की रोटी का स्वाद बहुत ही अनोखा और स्वादिष्ट होता है. इसे दही, चटनी या सब्जी के साथ खाया जाता है.
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