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अनुराग उपाध्याय , भोपाल
पृथ्वी पर वापसी के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपनी फिटनेस के लिए चिकित्साकों की निगरानी में हैं। इसके बाद हो सकता है सुनीता भारत आने पर विदिशा जरूर आएं। सुनीता विलियम्स विदिशा में वो स्थान देखना चाहती हैं जहाँ उनके पुरखे रहा करते थे। सुनीता विलियम्स के परदादा विदिशा में रहा करते थे।
सुनीता विलियम्स ने 2013 में भारत दौरे के समय विदिशा के लोगों से मुलाक़ात कर अगली बार विदिशा आने का वादा किया था। विदिशा के लोग उन्हें अपनी बेटी ही मानते हैं। बात 18 वीं शताब्दी की है , विदिशा के अंदर किला के एक मोहल्ले में सुनीता विलियम्स के पुरखे यहाँ रहा करते थे। उनके कुछ पूर्वज भेलसा के जमींदार भी रहे हैं।
सुनीता के परदादा नर्मदा शंकर पांडे का जन्म विदिशा के किला अंदर घर में ही बृजलाल पांडे के यहाँ हुआ था। नर्मदा शंकर पांडे जब आठ साल के थे और उनकी बहन सरस्वती देवी छ साल की थीं ,तब वे अपने पिता बृजलाल पांडे और माँ के साथ 1890 में धार्मिक समारोह में काशी गए। अचानक वहां बीमारी फैलने से बृजलाल पांडे और उनकी पत्नी का निधन हो गया। बृजलाल ने अपने निधन से पहले ही वे जिस आश्रम में थे वहां उन्होंने अपने पुत्र नर्मदाशंकर और पुत्री सरस्वती को आपने भाई शिवलाल पांडे के पास भेजने का आग्रह किया था। बृजलाल पांडेय के बड़े भाई शिवलाल रेलवे के बड़े अधिकारी थे। लेकिन बीमारी के दौर में अफरा तफरी का माहौल था। आश्रम के साधु -सन्यासी दोनों बच्चों को विदिशा लाने की बजाये गुजरात के मेहसाणा के झुलसाणा ले गए। इस तरह पांडे परिवार विदिशा से गुजरात पहुँच गया। गुजरात में नर्मदाशंकर पांडे मंदिर में पुजारी हो गए। उसके बाद पढ़ -लिख के उन्होंने नौकरी की और गुजरात और महाराष्ट्र में रहे । झुलसाणा में ही 1932 में उनके पुत्र दीपक का जन्म हुआ। बाद में दीपक चर्चित तंत्रिका विज्ञानी चिकित्सक डॉ दीपक एन. पांड्या के रूप में पहचाने गए। डॉ दीपक पंड्या ही सुनीता विलियम्स के पिता थे। लेकिन वे कभी विदिशा नहीं आए।
विदिशा में सुनीता विलियम्स के पुरखों का पड़ौसी रहा शास्त्री परिवार अब भी विदिशा में है। धर्माधिकारी गोविन्द प्रसाद शास्त्री ने पांड़े परिवार से सम्बंधित पुराने दस्तावेज भी जुटाए। समाजसेवी ,कांग्रेस नेता ,पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा ने इन दस्तावेजों के साथ सुनीता विलियम्स से 2013 में मुलाक़ात की और उन्हें उनके पुरखों के बारे में बताया। सुनीता को इसके बारे में पूर्व से भी जानकारी थी और उन्होंने विदिशा से मुंबई आये लोगों से विदिशा आने का वादा भी किया। उनकी उसी समाय विदिशा आने की इच्छा थी। लेकिन वो उस समय टल गया। पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा ने स्वदेश से चर्चा में बताया कि अक्टूबर 2013 में सुनीता विलियम्स मुंबई में थीं तब भारत सरकार से इजाजत के बाद सुनीता विलियम्स से मुलाक़ात हुई और वे अपने पुरखों के बारे में जानकार खुश हुईं वो विदिशा आकर उस जगह को देखना चाहती थीं जहाँ कभी उनके दादा -परदादा रहा करते थे। लेकिन उस वक्त वे चाह कर भी विदिशा नहीं आ पाईं।
सुनीता विलियम्स सकुशल पृथ्वी पर आ गई हैं। ऐसे में उम्मीद है स्वस्थ होने के बाद वे अपने अगले मिशन से पहले भारत जरूर आएंगी और भारत आएंगी तो विदिशा उनकी लिस्ट में पहले से दर्ज है।
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