Patrakar Priyanshi Chaturvedi
भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कितना ही दावा कर लें की प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था अच्छी है। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है लेकिन असलियत में तो यह है की उनके प्रदेश के स्कूलों की हालत बद से बदतर है।.जिस वजह से बच्चे एक ही क्लास में बैठने के लिए मजबूर हैं। बच्चों के इतने संघर्ष के बाबजूद भी शिक्षक क्लास में नहीं पढ़ा रहे हैं तो मुख्यमंत्री बताएं कि क्या वह इसे अच्छी शिक्षा व्यवस्था बोलेंगे। शिक्षा जगत की बदहाली से जुड़ा यह मामला तामिया का है। जहां के प्राथमिक शाला भवन की हालत इतनी ख़राब है की यदि कोई वहां बैठा तो उसके साथ कोई न कोई हादसा हो सकता है। तो आप ही सोचिये उन मासूम बच्चों का क्या हाल होगा। वही आपको बता दें इस प्राथमिक शाला में पढ़ाने के लिए दो शिक्षक नियुक्त किये गए हैं। लेकिन उनका कोई अता-पता ही नहीं रहता है। वही इस मामले में जब शिक्षा अधिकारी से बात की गई। तो उन्होंने शिक्षकों का पक्ष लेते हुए कहा कीजिन शिक्षकों को पढ़ाने के लिए चयनित किया गया। उन्हें ट्रैनिंग के लिए कार्यालय बुलाया गया था। इस वजह से वह विद्यालय में उपस्थित नहीं थे। अब ऐसी शिक्षा व्यवस्था रही तो विधार्थी आगे बढ़ना तो दूर विद्यालय आना ही छोड़ सकते हैं।
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