Dakhal News
11 October 2024
दुनियाभर में लाखों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं. इन जानवरों में शेर-चीता जैसे जानवरों को सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां पर शेर और चीता जैसे खतरनाक जानवर को लोग घरों में पालते हैं. जी हां, जैसे भारत में लोग कुत्ता-बिल्ली पालते हैं, वैसे ही कुछ देशों में लोग शेर और चीता पालते हैं.
शेर
बचपन से किताबों में हमने पढ़ा है कि शेर जंगल का राजा है. क्योंकि शेर जैसे जानवरों को सबसे खतरनाक माना जाता है. ये देखते ही देखते इंसान को खत्म कर देते हैं. बता दें कि पहले यूएई में लोग अपनी अमीरी को दिखान के लिए घरों शेर और चीता पालते थे. लेकिन साल 2017 की शुरुआत में यूएई में हर तरह के जंगली जानवरों को घरों में रखने पर रोक लगा दी ग थी. इन जानवरों को चिड़ियाघर नेशनल पार्क्स, सर्कस या फिर रिसर्च सेंटर में रखने की इजाजत थी. वन जीव संरक्षण अधिनियम के तहत घर में इन जानवरों को रखने पर एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना या 6 महीने की जेल या फिर दोनों हो सकती है.
पाकिस्तान
पाकिस्तान में पहले के समय शेर और चीते पालने का बड़ा चलन था. राजनेता और बड़ी-बड़ी हस्तियां अक्सर शेर चीतों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डाला करते थे. लेकिन साल 2009 में नवाज शरीफ के भांजे सलमान शाहबाज ने सरकार से इजाजत मांगी थी, जिसके बाद देशभर में बवाल मचा था और शेर पालने पर रोक लग गई थी. इतना ही नहीं कन्वेंशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेजर्ड स्पीशीज ने भी इस मामले में दखल दी थी. जिसके बाद सभी लोगों को अपने घरों में रखे पालतू जानवरों को चिड़ियाघर भेजना पड़ा था.
थाईलैंड
थाइलैंड से भी कई बार जंगली जानवरों को घर पर पालतू बनाकर रखने का मुद्दा उठ चुका है. वहां पर एग्जॉटिक एनिमल कैफे हैं. जहां लोमड़ी, ऊदबिलाव जैसे बड़े-बड़े जंगली जानवर को रखा जाता है. वहां पर आने वाले लोग उन्हें छू सकते हैं और तस्वीर खिंचवा सकते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें कम से कम इतनी कीमत की डिस खरीदनी पड़ेगी. एनिमल एक्टिविटीज इस तरह के कैफे को कई बार बंद भी कर चुका है.
अमेरिका
अमेरिका के कई राज्यों में जंगली शेर कम मगर पालतू शेर बहुत है. इसमें चीते से लेकर सल्वाडोर तक शामिल है. बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट बताती है कि वहां के लगभग 12 स्टेट में 5000 से ज्यादा चीतें घरों में रखे हुए हैं. वहीं वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के मुताबिक जंगलों में रहने वाले बाघों की संख्या घटकर 4000 से कम हो चुकी है.
भारत
भारत में बाघ और शेर को बिना कानूनी मंजूरी के नहीं पाला जा सकता है. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत इन जानवरों को निजी तौर पर पालने की मंजूरी नहीं दी गई है.
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9 September 2024
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