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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वनांचल के संरक्षित क्षेत्रों से विस्थापित परिवारों को आजीविका से जोड़ने के लिए प्रभावी प्रयास आवश्यक है। प्रवेश में विस्थापित ऐसे परिवारों के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण दिलाकर उनका कौशल उन्नयन कर रोजगार गतिविधियों से जोड़ा जाए। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही बाघों की संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बाघों के व्यवस्थित प्रबंधन की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री चौहान मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की दूसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे। बुधवार को मंत्रालय में हुई बैठक में वन मंत्री कुंवर विजय शाह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख वन सचिव अशोक वर्णवाल, अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, वन विभाग के अधिकारी तथा कमेटी के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 8826 बीटों में से 1858 बीटों में बाघ की उपस्थिति पाई गई है। प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों और क्षेत्रीय मंडलों में पाए जाने वाले वन्य-प्राणियों की चिकित्सा, रेस्क्यू और बीमारियों की रोकथाम के लिए वन विभाग में 10 पशु चिकित्सकों के पदों का सृजन किया गया है। बैठक में वन क्षेत्र में लगने वाली आग को नियंत्रित करने के लिए राज्य स्तर पर फायर ऑडिट कराने और इको टूरिज्म के लिए राज्य शासन द्वारा गाइड लाइन विकसित करने संबंधी सुझाव भी प्राप्त हुआ।
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