22 दिसंबर को रखा जाएगा पौष कालाष्टमी का व्रत
22 दिसंब

पौष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पौष कालाष्टमी मनाई जाती है, जो काल भैरव को समर्पित होती है। उनकी पूजा-अर्चना करने से जातकों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही कष्टों से छुटकारा मिलता है। सनातन धर्म में काल भैरव को समय और न्याय का देवता माना गया है। उनकी उपासना से जीवन में अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

शुभ योग

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन चार शुभ योग बन रहे हैं। जिनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग और सौभाग्य योग शामिल हैं। इन शुभ योगों में पूजा करने से जातकों को तीन गुना अधिक फल की प्राप्ति होगी।

करें ये उपाय

  • कालाष्टमी के दिन कच्चा दूध अर्पित करने से काल भैरव अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • लोग भोग के तौर पर हलवा पुरी और मदिरा चढ़ाते हैं। इसके अलावा, भक्त इमरती, जलेबी सहित पांच अन्य तरह की मिठाइयां भी चढ़ा सकते हैं।
  • इस दिन दान का भी खास महत्व होता है। आप जरूरतमंदों में चावल, दाल, आटा, कंबल, तिल, आदि का दान कर सकते हैं।

ऐसे करें पूजा

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद काल भैरव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
  • फिर फूल, चंदन, और धूप अर्पित करें।
  • इस दौरान आप “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
  • इसके बाद भगवान को भोग चढ़ाएं, उनकी व्रत कथा सुनें और आरती उतारें।
Dakhal News 20 December 2024

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