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नागपंचमी पर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पट गुरुवार रात 12 बजे खुलेंगे। परंपरा अनुसार सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से महंत विनीत गिरी महाराज नागचंद्रेश्वर का त्रिकाल पूजन करेंगे। ये पूजन करीब एक घंटे चलेगा। आरती और भोग के बाद रात करीब एक बजे आम लोगों के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।
दर्शन का सिलसिला अगले 24 घंटे गुरुवार रात 12 बजे तक चलता रहेगा। भगवान नागचंद्रेश्वर को शुक्रवार दोपहर में दाल बाटी का भोग लगाया जाएगा। पंचांग तिथि अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खुलने की परंपरा चली आ रही है।
नागचंद्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा
नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी।
गुरुवार 8 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्टर एवं अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जाएगा।
शुक्रवार 9 अगस्त को दोपहर 12 बजे अखाड़े द्वारा पूजन होगा। महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के बाद श्री नागचन्द्रेश्वर की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और पुरोहितों द्वारा की जाएगी
नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए यहां से प्रवेश करें
दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में लगाकर बैरिकेटिंग से हरिसिद्धि माता मंदिर पहुंचेगे। यहां से बड़े गणेश मंदिर होते विश्रामधाम और फिर ब्रिज पर से होते हुए नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुचेंगे। मंदिर प्रशासन ने नागचंद्रेश्वर मंदिर तक जाने के लिए भक्तों को पानी और बारिश से बचने के लिए शेड की व्यवस्था की है।
चारधाम से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में आम लोगों को दर्शन का दावा मंदिर समिति ने किया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्नत गार्डन से बसें 50 भी संचालित की जाएंगी। कर्कराज स्थल और नृसिंह घाट के समीप भील ठाकुर धर्मशाला के परिसर में जूता स्टैंड भी बनाया गया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए गए है।
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए यहां से एंट्री
महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन महाकाल लोक त्रिवेणी के सामने पार्किंग में पार्क कर सकेंगे। यहां से वे नंदी द्वार से एंट्री लेकर महाकाल लोक मान सराेवर फिर टनल होते हुए कार्तिकेय मंडपम और फिर नीचे गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।
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