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बरसात का मौसम आ गया है. ऐसे में घर बैठकर बोर होने से अच्छा है, कि आप मध्य प्रदेश की इस खूबसूरत जगह पर घूमने चले जाए. यकीन मानिए आज जो हम आपको जगह बताने वाले हैं, पूरे मध्य प्रदेश में ऐसी जगह आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगी यहां आप अपने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती कर सकते हैं, फोटोशूट कर सकते हैं और रात भर गाना, बजाना और नाचना भी कर सकते हैं. यानी कुल मिलाकर यह जगह स्ट्रेस फ्री होकर मौज मस्ती करने की है. मध्य प्रदेश का पचमढ़ी हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पचमढ़ी की. यह एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो अपनी खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. इसे अक्सर लोग \"सतपुड़ा की रानी\" कहते हैं. इस बात की तो पूरी गारंटी है कि यहां आने के बाद आपको पछताना नहीं पड़ेगा. क्योंकि यहां पर एक नहीं कई सारी जगह है, जहां आप दोस्तों के साथ इंजॉय कर सकते हैं. पहाड़ों से घिरी हुई जगहें पचमढ़ी पूरा पहाड़ों से घिरा हुआ है और यहां की घाटियां, झरने और जंगल देख कर आपको लगेगा कि आप किसी स्वर्ग में आ गए हैं. भागदौड़, ऑफिस की कच कच से दूर शांत माहौल में आप सुख के दो पल बिता सकते हैं. यहां पर रुकने के लिए आपको कई सारे होटल और रिसॉर्ट भी मिल जाएंगे. तो अब भैया उठाइए अपनी गाड़ी और निकल पड़िए पचमढ़ी की ओर. चौरागढ़ मंदिर पचमढ़ी में कई पिकनिक स्पॉट हैं, जहां आप परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं. यहां पर आप पहाड़ों में ट्रेकिंग करने का भी लुत्फ उठा सकते हैं. यही नहीं आपको यहां के हरे भरे जंगलों में कई तरह के पशु पक्षी देखने को मिलेंगे. यहां पर आपको महादेव मंदिर और चौरागढ़ मंदिर भी देखने को मिलेगा. पचमढ़ी का अप्सरा झरना पचमढ़ी में कई झरने भी हैं, जैसे कि रजत प्रपात और अप्सरा विहार आदि. यानी कुल मिलाकर आपको एक ही जगह पर कई सारी चीजों का नजारा देखने को मिलेगा. पचमढ़ी आने का सबसे अच्छा समय होता है ठंड और बरसात का मौसम. तो अब देर किस बात की है आ जाइए अपने दोस्तों के साथ मध्य प्रदेश के पचमढ़ी. ऐसे पहुंचे पचमढ़ी अब आप सोच रहे होंगे कि पचमढ़ी तक कैसे पहुंचा जाए, तो आप अपने घर से नजदीकी एयरपोर्ट से जबलपुर हवाई अड्डा तक की फ्लाइट देख लें. इसके अलावा पचमढ़ी का निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है. आप रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से टैक्सी और बस की मदद से यहां पहुंच सकते हैं.
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महिलाओं की तरह पुरुषों में भी कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. पुरुषों में भी कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. सबसे बड़ा चेंज होता है पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ में होने वाले बदलाव जिसे टेस्टोसटिरोन के नाम से जाना जाता है. टेस्टोस्टेरोन एक जरूरी एंड्रोजेन हार्मोन है. जो स्पर्म बनने में अहम रोल निभाता है 'क्लीवलैंड क्लीनिक' के मुताबिक, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मर्दानी ताकत के लिए बहुत जरूरी होती है, मसल मास, रेड ब्लड सेल्स, बोन डेंसिटी और रिप्रोडक्टिव फंक्शन्स के लिए भी बेहद जरूरी होता है. इसलिए पुरुषों में इस हार्मोन का लेवल कंट्रोल में रहता है. अच्छी सेहत के लिए पुरुषों में इस हार्मोन का होना बेहद जरूरी होता है. एक्सरसाइज करने से टेस्टोस्टेरोन के लेवल पर कैसा असर होता है? रोजाना एक्सरसाइज करने से कई सारी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. दिल और दिमाग से जुड़ी कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं एक्सरसाइज करने से कंट्रोल में रहती है. सिर्फ इतना ही नहीं एक्सरसाइज करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी मेंटेन रहता है. आइए जानें शरीर में यह कैसे फंक्शन करता है? शिकागो में रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में यूरोलॉजी के अध्यक्ष एडवर्ड चेरुलो, एम.डी. कहते हैं. एक्सरसाइज करने से टेस्टोस्टेरोन का लेवल काफी ज्यादा प्रभावित होता है. यह समझने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है उम्र के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है. अक्सर पुरुषों में 40 के बाद टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने लगता है. लेकिन पुरुषों में कई बार कई दूसरे कारण से भी ये कम होने लगता है. जिसके कारण कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है आइए जानें टेस्टोस्टेरोन कम होने के लक्षण हॉट फ्लैश इरेक्टाइल डिसफंक्शन स्पर्म काउंट कम होना इनफर्टिलिटी बॉडी फैट बढ़ना डिप्रेशन मांसपेशियां कमजोर होना टेस्टिकल्स का सिकुड़ना प्युबिक हेयर कम होना ब्रेस्ट साइज बढ़ना प्रोटीन से भरपूर फूड्स खाने से टेस्टोस्टेरोन लेवल शरीर में बढ़ाने में मदद मिलती है. इसलिए आपको अपनी डाइट में मीट, चिकन, मछली और अंडे जैसे फूड्स जरूर शामिल करने चाहिए. इसके अलावा दूध, पनीर, टोफू, नट्स और बीज भी स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद मिलती है.शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ाना है तो 7-8 घंटे की नींद जरूर लें. अगर आप 4-5 घंटे सोते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छा है. रोजाना 30 मिनट पैदल चलें या एक्सरसाइज जरूर करें. इससे भी टेस्टोस्टेरोन लेवल में काफी ज्यादा सुधार होता है. बॉडी बिल्डर के लिए टेस्टोस्टेरोन क्यों है जरूरी? टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों मजबूत प्रदान करती है. दुबला शरीर वजन को नियंत्रित करने और एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है. कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुषों को अंदर से कमजोरी हो सकती है. बॉडी बिल्डर वाले लोगों को लिए टेस्टोस्टेरोन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह मांसपेशियों में ताकत और आकार बढ़ाती है.
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मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो गया है. बीजेपी के दिग्गज नेता ने दिल्ली के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. वो काफी लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे. प्रभात झा बीजेपी में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं. उन्होंने पत्रकारिता से अपने करियर की शुरआत की थी. बीजेपी नेता का अंतिम संस्कार बिहार के सीतामढ़ी जिले के गांव में होगा. सीएम मोहन यादव ने भी प्रभात झा को भावपूर्ण श्रद्धांजली दी.प्रभात झा के निधन पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा कि अचानक भोपाल में तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया था। 67 वर्षीय झा ने अस्पताल में अंतिम सांस ली। सीएम यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, “भाजपा मप्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रभात झा के निधन का बहुत दुखद समाचार मिला। बाबा महाकाल दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।” उन्होंने आगे लिखा, “मध्य प्रदेश के विकास में प्रभात झा की महत्वपूर्ण भूमिका हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। प्रभात झा का निधन राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ओम शांति!” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी दुख व्यक्त किया और वरिष्ठ भाजपा नेता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “वरिष्ठ भाजपा नेता, भाजपा सांसद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति!”, शर्मा ने एक्स पर पोस्ट किया। CM धामी ने जताया दुःख उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाजपा नेता प्रभात झा के निधन पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोकाकुल परिवारजनों एवं समर्थकों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। विनम्र श्रद्धांजलि।” प्रभात झा का जन्म 4 जून 1957 को बिहार के दरभंगा जिले के हरिहरपुर में हुआ था। वह 8 मई 2010 से 15 दिसंबर 2012 तक मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर रहे। अप्रैल 2008 में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य चुने गए
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मध्य प्रदेश में लाडली बहनों के लिए खुशखबरी है. लाडली बहनों को ध्यान में रखकर सावन में भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में सीएम मोहन यादव ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की है. सरकार की ओर से लाडली बहनों के लिए उपहार का ऐलान किया गया है. अब प्रत्येक लाडली बहनों के खाते में आने वाली एक तारीख (एक अगस्त) को 250 रुपये अतिरिक्त ट्रांसफर किए जाएंगे यह राशि प्रतिमाह जारी होने वाली 1250 रुपये की राशि से अलग होगी. यह उपहार सावन के महीने में लाडली बहनों को मिलने वाला है. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जनप्रतिनिधियों से रक्षाबंधन के पर्व पर सावन माह में अपने-अपने क्षेत्र की बहनों से राखी बंधवाने का आह्वान भी किया. क्या है लाडली बहना योजना? 28 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए राज्य में लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने राज्य सरकार द्वारा 1000 रुपये दिये जाते थे. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षाबंधन के दिन इसमें 250 रुपये बढ़ा दिए. जिससे अब इस योजना में लाभ लेने वाली महिलाओं को 1250 रुपये प्रति महीने दिए जाते हैं. अब सावन में एक बार फिर से सीएम मोहन यादव की ओर से लाडली बहनों की मौजूदा राशि में 250 रुपये की अतिरिक्त देने की घोषणा की गई है. इससे लाडली बहनों की खुशी का ठिकाना नहीं है. क्या है लाडली बहना योजना? जिसकी किस्त जारी करेंगे सीएम मोहन यादव भारत सरकार अपने देश के नागरिकों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाती है. अलग-अलग लोगों की जरूरतों के हिसाब से यह योजनाएं लाई जाती हैं. इसी तरह राज्य सरकारें भी अपने राज्य के नागरिकों के लिए कई योजनाएं लेकर आती हैं. मध्य प्रदेश में साल 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना शुरू की थी इस योजना के तहत हर महीने महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती है. डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत यह राशि सीधे उनके खाते में भेजी जाती है. फिलहाल इस योजना की 13 किस्तें भेजी जा चुकी हैं. आज यानी 5 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव योजना की अगली किस्त जारी करेंगे.चलिए जानते हैं क्या है लाडली बहना योजना इसमें कितना मिलता है लाभ. क्या है लाडली बहना योजना? 28 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए राज्य में लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने राज्य सरकार द्वारा 1000 रुपये दिये जाते थे. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षाबंधन के दिन इसमें 250 रुपये बढ़ा दिए. जिससे अब इस योजना में लाभ लेने वाली महिलाओं को 1250 रुपये प्रति महीने दिए जाते हैं आंकड़ों के अनुसार करीब 4 लाख 77 हजार महिलाओं को लाडली बहना योजना का लाभ मिलता है. योजना की 13 किस्तें जारी की जा चुकी है. आज यानी 5 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इस योजना की 14वीं किस्त जारी करेंगे. पहले हर महीने की 10 तारीख को किस्त की राशि खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी. लेकिन अब सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया है कि महीने की 5 तारीख को ही राशि भेज दी जाएगी. किन्हें मिलता है योजना के तहत लाभ? मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का लाभ सिर्फ मध्य प्रदेश की महिलाओं को ही मिलता है. लाडली योजना के तहत सिर्फ वही महिलाएं आवेदन कर सकती हैं. जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम होती है. इसके साथ ही महिला के परिवार में कोई भी सदस्य इनकम टैक्स पेयर नहीं होना चाहिए. महिलाओं के पास 5 एकड़ से ज्यादा खेती करने की जमीन नहीं होनी चाहिए और परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए. सरकार द्वारा अब 21 साल या उससे ऊपर की अविवाहित महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा.
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पूर्व पत्रकार और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा का निधन हो जाने का समाचार सामने आया है. आज सुबह गुरुग्राम के मेदांता में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. झा को लगभग 26 दिन पहले भोपाल के एक निजी अस्पताल से एयरलिफ्ट कर गुरुग्रां ले जाया गया था. उनके बेटे अयत्न ने निधन की जानकारी देते हुए कहा कि अंतिम संस्कार ग्वालियर या पैतृक गांव कोरियाही, सीतामढ़ी (बिहार) में किया जाएगा. प्रभात झा मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे. 4 जून 1957 को उनका जन्म दरभंगा स्थित हरिहरपुर गांव में हुआ था. वे परिवार के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जाकर बस गए थे. ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज से बीएससी और माधव कॉलेज से पॉलिटिक्स में एमए और एमएलबी कॉलेज से एलएलबी किया था. शादी के बाद उन्होंने स्वदेश नामक अखबार में रिर्पोर्टर की नौकरी की. पत्रकारिता के बाद राजनीति में प्रवेश किया. एमपी में मीडिया सेंटर की स्थापना करवाई. वे बीजेपी के मुखपत्र कमल संदेश के लंबे समय तक संपादक भी रहे थे. मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कराने में उनका भी खासा योगदान रहा था. प्रभात झा अपनी कार्यकुशलता के चलते लंबे समय तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर काबिज रहे. उनके परिवार में पत्नी रंजना झा के अलावा दो पुत्र तुष्मुल और अयत्न झा हैं.
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भारतीय जनता पार्टी ने पत्रकार प्रदीप भंडारी को अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता घोषित किया है। इस तरह अब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं की संख्या 31 हो गई है, जिसमें सांसदों संबित पात्रा और सुधांशु त्रिवेदी जैसे बड़े नाम भी शामिल है। अनिल बलूनी BJP के मुख्य प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी हैं। प्रदीप भंडारी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद अर्णब गोस्वामी के चैनल ‘रिपब्लिक वर्ल्ड’ पर कवरेज के दौरान सुर्खियाँ बटोरी थी, वो महाराष्ट्र की तत्कालीन MVA सरकार के खिलाफ खुल कर सामने आए थे।प्रदीप भंडारी ‘जन की बात’ नामक सेफोलॉजिकल ब्रांड के संस्थापक भी हैं, कई चुनावों में उनके अनुमान सटीक साबित हुए हैं। साथ ही वो ITV नेटवर्क के ‘इंडिया न्यूज़’ के न्यूज़ डायरेक्टर भी रहे हैं, उसके बाद वो ‘Zee News’ से जुड़े रहे। हर चैनल पर उनके शो को खासी लोकप्रियता मिली। ‘ज़ी न्यूज़’ में उन्हें कंसल्टिंग एडिटर का पद दिया गया था। उन्होंने कर्नाटक स्थित ‘मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (MIT) से इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्युनिकेशंस में इंजीनियरिंग कर रखा है।प्रदीप भंडारी अब तक 40 चुनावों को लेकर अनुमान लगा चुके हैं। ‘इंडिया न्यूज़’ पर वो रोज रात 8 बजे ‘जनता का मुकदमा’ नामक शो लेकर आते थे। फरवरी 2021 में उन्होंने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ से बतौर कंसल्टिंग एडिटर इस्तीफा दे दिया था। ‘रिपब्लिक टीवी’ पर उन्हें ‘ललकार’ नामक शो के जरिए शोहरत मिली थी। वो थैलेसेमिया बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाते हैं, इसके ब्रांड एम्बेस्डर हैं। प्रदीप भंडारी अब टीवी पर भाजपा का पक्ष रखते हुए दिखेंगे।मुंबई में NCB की दफ्तर के बाहर कवरेज के दौरान प्रदीप भंडारी पर कुछ पत्रकारों ने ही हमला कर दिया था। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स के चलन को लेकर आवाज़ उठाने के कारण उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था। खार पुलिस थाने में मुंबई पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया था। ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ जैसे प्रपंची मीडिया संस्थान अक्सर उनके खिलाफ झूठ फैलाते रहते हैं। प्रदीप भंडारी काफी ऊर्जावान तरीके से रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते रहे हैं।
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इंदौर के न्याय नगर में आज सुबह-सुबह कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर नगर निगम अवैध मकान पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करने पहुंचा लेकिन इसी दौरान एक महिला ने अपना मकान तोड़ने पर गुस्से में आकर फांसी लगाने का प्रयास किया घटना के बाद महिला को तुरंत अस्पताल भेजा गया जहां उसका उपचार चल रहा है. महिला के द्वारा फांसी लगाने के प्रयास करने के बाद उक्त महिला के मकान को नहीं तोड़ा गया है वहीं इंदौर नगर निगम के रिमूवल दस्ते ने कई सारे मकान पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जमीदोज कर दिया. इधर गुस्से में आए रहवासियों ने महिला के फांसी लगाने के बाद नगर निगम के रिमूवल दस्ते पर पत्थरों से हमला कर दिया और मशीनों में भी तोड़फोड़ की. क्या है विवाद की वजह? दरअसल इंदौर के न्याय नगर में 7.57 एकड़ जमीन को मुक्त करने का विवाद कई महीनों से जारी है. इस विवाद में रहवासियों ने हाईकोर्ट की शरण ले रखी है तो प्रशासन ने अपनी जमीन को छुड़ाने के लिए न्यायिक सहारा लिया. कोर्ट में सुनवाई चलती रही तारीख पर तारीख मिलती रही और न्याय नगर में अवैध तरीके से मकान बनते और बिकते रहे लोगों को यह उम्मीद बंध गई कि अब बड़ी संख्या में यहां मकान बन गए हैं तो जिला प्रशासन और नगर निगम यहां कोई कार्रवाई नहीं करेगा लेकिन मामला इसके ठीक उलटा हुआ और कोर्ट ने प्रशासन की बात को सही ठहराया. इस मामले में कोर्ट ने कार्रवाई करने का आदेश जारी किया तो आज सुबह-सुबह इंदौर नगर निगम का अमला बने हुए मकानों को तोड़ने के लिए जा पहुंचा. जैसी ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे महिलाओं ने अफसर से कहा कि उन्होंने लोन लेकर मकान बनाया है और किस्त चुकाने में भी परेशानी आ रही है ऐसे में अगर भारी बारिश में उनका मकान तोड़ दिया तो वह कहां जाएंगे? इधर बार-बार मिन्नतें करने के बाद भी जब प्रशासन का कलेजा नहीं पिघला तो लोगों को गुस्सा आ गया और उन्होंने नगर निगम और प्रशासन के अम्लों की गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दिया यहां हमले पर पथराव किया गया विरोध इतना ज्यादा बढ़ा कि प्रशासन को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा.
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मध्य प्रदेश के गुना शहर में एक निजी स्कूल की प्रधानाचार्य के खिलाफ विद्यार्थियों को संस्कृत का श्लोक पढ़ने से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानाचार्य ने इस मामले में माफी मांग ली है उन्होंने बताया कि कथित घटना 15 जुलाई को वंदना कॉन्वेंट स्कूल में सुबह की सभा के दौरान हुई, जब तीन विद्यार्थियों ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे भवन्तु सुखमया’ का पाठ किया. आरोप है कि प्रधानाचार्य सिस्टर कैथरीन ने उनसे माइक छीन लिया और कहा कि स्कूल में ऐसे श्लोक बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे. उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में घटना का विवरण दिया गया है.दो दिन बाद कथित घटना के बारे में पता चलने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने स्कूल में हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. एबीवीपी से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. सूत्रों ने बताया कि उनके आग्रह पर सिस्टर कैथरीन वहां पहुंचीं और इस मुद्दे पर माफी मांगी. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानाचार्य ने कहा कि वह दिन केवल अंग्रेजी में बातचीत के लिए आरक्षित था और इसीलिए विद्यार्थियों को रोका गया. सूत्रों के अनुसार, प्रधानाचार्य ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और अगर उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो उन्हें खेद है. अधिकारी ने बताया कि माफी मांगने के बावजूद प्रदर्शनकारी प्रधानाचार्य के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और उन्हें हटाने की मांग करते रहे तथा वे दो घंटे से अधिक समय तक परिसर में रहे और मांग की कि स्कूल में रोजाना श्लोक का पाठ किया जाए. अधिकारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) चंद्र शेखर सिसोदिया भी स्कूल पहुंचे और आश्वासन दिया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. गुना थाने के प्रभारी अनूप भार्गव ने बताया कि सक्षम दुबे की शिकायत पर स्कूल प्रधानाचार्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सौहार्द बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करना) और 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत 22 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई है. सिस्टर कैथरीन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थी.
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बॉलीवुड कोरियोग्राफर और डायरेक्टर फराह खान और साजिद खान पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. दरअसल उनकी मां मेनका ईरानी का शुक्रवार (26 जुलाई) को मुंबई में निधन हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीस मार खां डायरेक्टर की मां काफी समय से बीमार चल रही थीं .उनका पहले मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. इसके बाद वे डिस्चार्ज होकर घर आ गई थीं लेकिन उनकी तबियत फिर बिगड़ गई और उन्हें किसी और अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली फराह खान और साजिद खान की मां उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थीं. हालांकि अभी उनकी मौत की असली वजह का पता नहीं चल पाया है. बता दें कि दिवंगत मेनका ईरानी मशहूर चाल्ड आर्टिंस्ट डेजी ईरानी और लेखिका हनी ईरानी (जावेद अख्तर की पूर्व पत्नी) की बहन थीं. जन्मदिन के दो हफ्ते बाद ही फराह की मां ने दुनिया को कह दिया अलविदा बता दें कि फराह ने इससे पहले 12 जुलाई को अपनी मां के जन्मदिन पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर की थी जिसमें उन्होंने उन्हें अपनी जान-पहचान में 'सबसे बहादुर' इंसान बताया था. मैं हूं ना के निर्देशक ने खुलासा किया कि उनकी मां की कई सर्जरी हुई थीं. फराह खान ने अपनी मां मेनका ईरानी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके साथ दो तस्वीरें पोस्ट की थीं.उनका जन्मदिन मनाने के दो सप्ताह बाद उनकी माँ का निधन हो गया. फराह खान ने अपनी मां को बताया था सबसे बहादुर इंसान फराह ने अपनी पोस्ट में लिखा था, \"हम सभी अपनी मांओं को हल्के में लेते हैं..खासकर मैं! पिछले महीने यह खुलासा हुआ है कि मैं अपनी मां मेनका से कितना प्यार करती हूं.. वह सबसे मजबूत, सबसे बहादुर हैं जिन्हें मैंने कभी देखा है.. कई बार सर्जरी के बाद भी सेंस ऑफ ह्यूमर बरकरार है.जन्मदिन मुबारक हो माँ! आज घर वापस आने का अच्छा दिन है. मैं आपके फिर से मुझसे लड़ने के लिए मजबूत होने का इंतजार नहीं कर सकती.. मैं आपसे प्यार करती हूं.'' फराह की इस पोस्ट पर काजोल, हुमा कुरेशी, गौहर खान, अभिषेक बच्चन, अनन्या पांडे,, भारती सिंह ने कमेंट किया था.
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आज पूरे देश में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. आज ही के दिन साल 1999 में भारत ने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध पर विजय हासिल की थी. भारत की जीत की रजत जयंती के अवसर पर आपको एक किस्सा सुनाते हैं. जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा. पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों के शव के बदले माधुरी दीक्षित और रवीना टंडन को मांगा था. जिसके बाद इंडियन एयरफोर्स ने ऐसा करारा जवाब दिया था कि सबकी बोलती बंद हो गई थी रवीना टंडन पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की फेवरेट एक्ट्रेस थीं. इंडियन एयरफोर्स ने नवाज शरीफ को रवीना टंडन के नाम से ही जवाब दिया था. माधुरी और रवीना को मांगा था जागरण स्टेट की रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया-पाकिस्तान कारगिल युद्ध जब अपने पीक पर था और भारतीय सेना जीत रही थी. जब कुछ भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जब भारतीय सैनिक उनके शव वापस लेने के लिए गए तो पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें ये कहकर ताना मारा- 'अपने लोगों के शव ले जाओ और हमे माधुरी-रवीना देदो.' पाकिस्तानी सैनिकों की ये बात सुनने के बाद भारतीय सैनिकों ने इसका जवाब देने का फैसला कर लिया था. ऐसे दिया जवाब भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान पर एक बम छोड़ा था. जिसपर लिखा था- रवीना टंडन की तरफ से नवाज शरीफ को. इससे जुड़ी एक और कहानी है कि पाकिस्तानी सैनिक माधुरी दीक्षित और रवीना टंडन का नाम लेकर भारतीय सैनिकों को चिढ़ाते थे. वो कहते थे- हम कश्मीर छोड़ देंगे अगर भारत हमे माधुरी और रवीना दे देगा. जिसके बाद बम के साथ उन्हें जवाब दिया गया था. रवीना ने ऐसे किया था रिएक्ट 2017 में स्क्रॉल को दिए इंटरव्यू में रवीना ने इस पर रिएक्ट किया था. उन्होंने कहा था- 'मुझे टकराव या हिंसा पसंद नहीं है. मुझे तस्वीर के बारे में पता है और शायद यह किस वजह से प्रेरित हुई. लेकिन मैं युद्ध के दौरान सैनिकों से मिलने भी गई थी और तब मैं हिल गई थी. मैं किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए उनसे मिलने नहीं गई थी. जो कुछ हो रहा था, उससे मैं वाकई प्रभावित हुई
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दुर्भाग्यवश चुनिंदा राज्यों की तरह मध्यप्रदेश के लिए कोई विशेष बजट प्रावधान नहीं किए गये हैं न ही अमरावती की तरह राजधानी भोपाल पर कोई फ़ोकस हैं। सरकार को चाहिए कि पीछे रह गये राज्यों और पिछड़ गयी राजधानियों का पारदर्शी ऑडिट करे और उनके विकास के लिए अनुपातिक बजट प्रावधान हों। संपूर्ण राजनीतिक समर्थन देने वाले गुजरात जैसे राज्यों को सदैव प्राथमिकता मिलती रही है वहीं मध्यप्रदेश के साथ सदा पक्षपात होता रहा है। राज्य के नागरिक के रूप में यह निराशाजनक है। केंद्रीय बजट 2024 में जीडीपी वृद्धि 6.5-7% अनुमानित है, पूंजीगत व्यय ₹11.11 लाख करोड़ रखा गया है, और कर सुधारों के साथ सामाजिक कल्याण और शहरी विकास पर जोर दिया गया है। महिलाओं, युवाओं, और रियल एस्टेट के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। हालाँकि चुनावों के बाद के इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता से राहत मिलती नहीं दिखती। इस बजट का आलोचनात्मक विश्लेषण करने पर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यात्मक मत सामने आते हैं : 1. वित्तीय अनुशासन और घाटा : - वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.1% जीडीपी रखा गया है, जो अभी भी ऊँचा है और इसे कम करने के लिए पर्याप्त ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि सरकार ने FY26 तक इसे 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है, कई विशेषज्ञ इसे पर्याप्त नहीं मानते। - बढ़ते सार्वजनिक कर्ज और उच्च बाजार उधारी पर भी चिंता व्यक्त की गई है, जो कि ₹14.13 लाख करोड़ पर अपरिवर्तित रखा गया है। 2. कर सुधारों की अपर्याप्तता : - प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं गया है, जिससे करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली है। कर संरचना में स्थिरता को सकारात्मक माना जा सकता है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि करदाताओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है - अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर 20% और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर निर्धारित करना निवेशकों के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर छोटे निवेशकों के लिए । 3. महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाओं का प्रभाव : - 'लखपति दीदी' योजना और मुद्रा ऋण सीमा बढ़ाने के बावजूद, इन योजनाओं की कार्यान्वयन की क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इससे पहले भी कई योजनाएँ ठीक से लागू नहीं हो सकी हैं। 4. बुनियादी ढांचे और शहरी विकास में चुनौतियाँ : - बुनियादी ढांचे के लिए ₹11.1 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र में पिछली योजनाओं की धीमी प्रगति को देखते हुए, इसपर शंका जताई जा रही है। - शहरी विकास के लिए की गई घोषणाओं में स्पष्टता की कमी है। विशेषकर, PM आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ घरों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ठोस योजनाओं का अभाव है। 5. सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता : - पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार सकारात्मक कदम हैं, लेकिन इन योजनाओं की के वास्तविक लाभार्थिता पर भी कई सवाल हैं। निष्कर्ष : बजट 2024 में सरकार ने आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया है, लेकिन कई क्षेत्रों में ठोस और प्रभावी कदमों की कमी है। वित्तीय घाटे को कम करने और कर सुधारों में अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता की आवश्यकता है। योजनाओं के कार्यान्वयन और पारदर्शिता पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि घोषित लक्ष्य वास्तव में प्राप्त किए जा सकें। मनोज मीक लेखक शहरी विकास, डेटा साइंस और एआई के जानकार हैं
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लेखक-सत्येंद्र जैन भाजपा की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वर्ष 2024- 25 संसद के पटल पर प्रस्तुत किया गया है।यह बजट विकसित भारत के ऊषा काल का बजट है।वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र हो जाएगा। वर्तमान में भारत विश्व में पांचवी आर्थिक शक्ति संपन्न देश है। भारत आगामी दो-तीन वर्ष में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का सुफल है कि यह सर्व समावेशी बजट है ।भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। 48.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।जो पिछले दस सालों में लगभग चौगुना हो गया है। बजट में यह चमत्कारिक वृद्धि भाजपा की मोदी सरकार के उत्तरोत्तर विकास को दर्शाती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागीरथी परिश्रम,अर्थशास्त्रीय सुधारों के कारण दस वर्ष में ही भारत की जीडीपी ,सकल घरेलू उत्पाद भी लगभग तीन गुना बढ़ा है।अंतरिम बजट प्रस्तुति के समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुयोग्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने चुनावी वर्ष होने के उपरांत भी पूंजीगत व्यय को पिछले वर्ष से बढ़कर 11.1111 लाख करोड़ रुपए से अधिक किया है।अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।यह मोदी सरकार का साहस है जो चुनावी वर्ष होते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहले अंतरिम बजट और अभी आम बजट में सर्वाधिक धनराशि व्यय कर रही है।यही कारण है कि देश की जनता ने मोदी सरकार को विजय श्री का आशीर्वाद दिया। एनडीए की सरकार तीसरी बार बनी है। अधिक पूंजीगत व्यय से ही भारत का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है।रोजगार के असंख्य अवसर उपलब्ध होते हैं।यह बजट गरीबों,युवाओं, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है।सर्व समावेशी बजट प्रस्तुत करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन है।यह आम बजट निश्चित ही विकसित भारत की संकल्पना को सिद्ध करेगा। इस बजट में राजस्व सहित कुल प्राप्तियों का अनुमान 32.07 लाख करोड़ रुपए है।सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के सापेक्ष 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत रखना है।अर्थव्यवस्था की आशा से अधिक विकास दर 8.2 प्रतिशत प्राप्त होने से संभव हुआ है। मुद्रा स्फीति 4.56 प्रतिशत रही है।अगले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है।खाद्य और ईंधन को छोड़कर कोर मुद्रा स्फीति 3.1 प्रतिशत रही है।इस बजट में रोजगार कौशल एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान सरकार ने दिया है। विकसित भारत की 9 बजट प्राथमिकताएं हैं,स्तम्भ हैं, जो इस प्रकार हैं- 1 कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता 2 रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3 समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4 विनिर्माण और सेवाएं 5 शहरी विकास 6 ऊर्जा सुरक्षा 7 अवसरंचना 8 नवाचार अनुसंधान और विकास 9 अगली पीढ़ी के सुधार प्राथमिकता 1- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता कृषि क्षेत्र एवं कृषक कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अनंत ऊर्जा के साथ अखंड प्रचंड पुरुषार्थ कर रहे हैं ।कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों लिए 1.52 लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया है। किसानों को खेती-बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली जलवायु के अनुकूल किस्मों को जारी किया जाएगा। प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के लिए किसानों को प्रमाण पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था की जाएगी। अगले 2 वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ से किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। उनको प्रमाण पत्र दिया जाएगा।प्राकृतिक खेती के लिए 10000 आवश्यकता आधारित जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित भी किए जाएंगे।3 साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना,डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। प्राथमिकता 2- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण रोजगार और कौशल पर मोदी की गारन्टी है। पांच योजनाओं के द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं के लिए 5 साल में रोजगार कौशल और अन्य अवसरों के लिए पहल की गई है।2 लाख करोड रुपए से अधिक राशि सरकार व्यय करेगी। पहली योजना में ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को ₹15000 तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में युवाओं को दिया जाएगा।दूसरी योजना के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना है ।नौकरी के पहले 4 साल में दोनों के ईपीएफओ के योगदान पर निर्भर है।तीसरी योजना के अनुसार सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 रुपए प्रतिमाह भुगतान करेगी।चौथी योजना अनुसार कौशल के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना अगले 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल बढ़ाया जाएगा।1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।पांचवी योजना अनुसार 5 साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों मे इंटर्नशिप दी जाएगी।7.5 लाख रुपए तक के ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मॉडल कौशल ऋण योजना और सरकार की योजना के तहत किसी भी योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान बजट में किया गया है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास की स्थापना करना, महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम उत्पादों को बाजार तक बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार ने बजट प्रावधान किया है। प्राथमिकता 3- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय पूर्वोदय अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।बिहार के लिए 21400 करोड रुपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएगी 2400 मेगावाट का पिरपैंती में नया विद्युत संयंत्र भी सम्मिलित है। आंध्र प्रदेश के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 15000 करोड रुपए की विशेष वित्तीय सहायता मोदी सरकार दे रही है।विशाखापट्टनम-चेन्नई और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।महिलाओं और कन्याओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है।प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान द्वारा जनजाति बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजाति परिवारों का सामाजिक आर्थिक विकास हेतु 63000 गांव में लागू किया जाएगा।5 करोड़ जनजाति जनसंख्या लाभान्वित होगी ।उत्तर पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं प्रारम्भ करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है। प्राथमिकता 4- विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ाना गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक लोन की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी की योजना का प्रावधान किया गया है। संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता बैंक द्वारा जारी रखने के लिए नई व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। तरुण श्रेणी के मुद्रा लोन की सीमा को 10 से बढ़ाकर के 20 लाख रुपए कर दिया गया है।ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड रुपए से ढाई सौ करोड़ का प्रावधान है। लोन, ई-कॉमर्स ,शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि ,न्याय ,लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई सेवा प्रदाय और शहरी शासन के क्षेत्र में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अनुप्रयोगों का प्रावधान सरकार ने किया है। प्राथमिकता 5- शहरी विकास 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों में कार्यान्वयन और वित्त पोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुख विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत 2.2 लाख करोड रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड रुपए के निवेश से अगले 5 वर्ष में एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा।अगले 5 वर्ष में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हॉट या बाजार स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 6- ऊर्जा सुरक्षा रोजगार विकास और पर्यावरण की आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करना। पंप स्टोरेज पॉलिसी विद्युत भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजना को बढ़ावा देने की नीति प्रस्तावित है ।परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना हेतु नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी के प्रयोग से 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित है। प्राथमिकता 7- अधोसंरचना विकास अधोसंरचना विकास हेतु निवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूंजीगत व्यय के लिए 1111111 करोड़ रुपए का प्रावधान मोदी की गारन्टी है। राज्यों को आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड रुपए की ब्याज रहित लंबी अवधि के लोन का प्रावधान मोदी की गारंटी है।25000 गांव के लिए बारहमासी सड़क बनाने के लिए पीएमजीएसवाय का चौथा चरण आरंभ किया जाएगा। बिहार में कोसी मची अंतर राज्य लिंक और अन्य योजनाओं के लिए 11500 करोड रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। सरकार असम हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।बिहार के गया मे विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर में जैन पथ सर्किट,अन्य मंदिरों का व्यापक विकास करेगी। प्राथमिकता 8- नवाचार,अनुसंधान और विकास मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का प्रावधान किया है।वाणिज्य के स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड रुपए के वित्तीय पूल की व्यवस्था का प्रावधान भी सरकार द्वारा किया गया है। 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाने पर जोर देते हुए 1000 करोड रुपए की उद्यम पूंजी का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 9- अगली पीढ़ी के सुधार ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों हेतु सभी भूखंडों के लिए भूखंड पहचान संख्या अथवा भू आधार,मानचित्रो का डिजिटल करण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र प्रभावों का सर्वेक्षण, भू रजिस्ट्री और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ने का प्रावधान है।शहरी क्षेत्र में भूमि अभिलेख को जीआईएस मैपिंग से अंकिकृत किया जाएगा।श्रमिकों के वन स्टॉप समाधान के लिए इ-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टल से जोड़ना, तेजी से बदलते श्रमिक बाजार कौशल संबंधी जरूरत उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए डेटाबेस तैयार करना, रोजगार इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने की प्रणाली को विकसित करने का प्रावधान। जीएसटी की सफलता से उत्साहित होकर शेष क्षेत्रों तक विस्तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना का प्रावधान किया गया है।कैंसर दवाइयां को सीमा शुल्क से हटाने का प्रावधान किया है। विनिर्माण हेतु मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग में आने वाले फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर सीमा शुल्क में कम किया है।मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क को घटकर 15% का प्रावधान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत ,प्लैटिनम पर भी 6.4 प्रतिशत किया गया है। अन्य धातुओं जैसे लोहा,निकल,ब्लिस्टर तांबे पर सीमा शुल्क हटाया है। इलेक्ट्रॉनिक रेजिस्टरों के निर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटा दिया गया है। रसायनों में अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत किया गया है। पीवीसी फ्लेक्स, प्लास्टिक बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है।विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली पर बीसीडी को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रावधान है।वारंटी वाली वस्तुओं की मरम्मत के लिए फिर से आयात करने की समय सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान किया है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।दो खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रावधान है।सोलर सेल और सोलर पैनलों के विनिर्माण में प्रयोग में आने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर करने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष करों को सरल बनाने करदाता सेवाओं में सुधार करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व वृद्धि पर जोर दिया गया है। कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत व्यवस्था के द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने व्यवस्था का लाभ उठाया।स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव है । क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रावधान किया है।अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हारबरों का प्रावधान किया है। विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत का प्रस्ताव है।एनपीएस में नियोजन करताओं द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारियों के वेतन के 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान है।20 लाख रुपए तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर दाण्डिक बनाने का प्रस्ताव है।दो प्रतिशत की इक्विलाइजेशन लेवी को वापस करने का प्रावधान है ।वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़कर 75000 रुपये करने का प्रावधान है। पेंशन भोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 से बढ़ाकर 25000 रूपए करने का प्रावधान है।आयकर की दरों को संशोधित करने का प्रावधान है ।300000 तक शून्य आयकर ,3 से 7 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर प्रस्तावित है।नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी कर्मचारी को आयकर में 17500 रूपए तक की बचत होगी। इस बजट में भारत के विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है।भारत का यह आम बजट वर्ष 2047 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और विकसित भारत के निर्माण में सोपान सिद्ध होगा।विकसित भारत की संकल्पना है।
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