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मेले में लोक संस्कृति की दिखी झलक
देवदार के पेड़ों से घिरे वन में प्रतिवर्ष लगने वाला पौराणिक देव राणा मेला धूमधाम से मनाया गया इस दौरान मेले में रवांई घाटी की परंपरा और लोक संस्कृति की एक अलग झलक देखने को मिली देहरादून का देवराना मेला रवांई के अराध्यदेव रूद्रेश्वर का पौराणिक मेला है और 65 गांवों के आस्था का प्रतीक है देवराना मेले में प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और रूद्रेश्वर महादेव से मन्नत मांगते हैं इसके अलावा मेले में रवांई का सुंदर परिधान पहनकर पुरुष और महिला मेले में पहुंचतें हुए तांदी नृत्य करते हैं.. वहीं रवांई घाटी के लोगों की ऐतिहासिक और पौराणिक देवराना मेले को राजकीय मेला घोषित करने की मांग है लेकिन मेले को अभी तक राजकीय सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं देवराना मेले में पहुंची भाजपा महिला प्रवक्ता नेहा जोशी ने बताया कि वह देवराना घाटी में आकर बेहद खुश है और जल्द ही इस मेले को राजकीय मेला घोषित करने की मांग को सरकार के सामने रखेंगी वहीं रुद्रेश्वर देवता मन्दिर के माली अमित नौटियाल देवराना ने कहा कि मेला पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और इस मेले को राजकीय मेला घोषित करना रवांई की जनता की महत्वपूर्ण मांग है।
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