कमलनाथ का आरोप, शिवराज सरकार ने मप्र को आत्मनिर्भर नहीं, कर्ज निर्भर प्रदेश बना दिया
bhopal, Kamal Nath

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने सीएम शिवराज शासित भाजपा सरकार पर मप्र को कर्ज में दलदल में डूबाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार को आर्थिक मोर्चे पर विफल बताया है। उन्होंने प्रदेश के कर्ज के आंकड़ों का बिंदुवार विश्लेषण करते हुए सरकार पर फिजूलखर्ची पर लगाम लगाकर कर्ज के बोझ को कम करने की बात कही है।

कमलनाथ ने गुरुवार को मध्यप्रदेश पर कर्ज के बढ़े बोझ के संबंध में एक बयान जारी कर कहा कि मध्यप्रदेश दिन पर दिन कर्ज के दलदल में डूबता चला जा रहा है। मप्र की शिवराज सिंह चौहान सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश की जनता ने आशा की थी कि विधानसभा के बजट सत्र में सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कोई रोडमेप प्रस्तुत करेगी। लेकिन बजट सत्र समाप्त होने के बाद यह स्पष्ट है कि शिवराज सरकार यावत जीवेत सुखम जीवेत, ऋणम कृत्वा घृतम पीवेत के सिद्धांत पर चल रही है। अर्थात जब तक जियो सुख से जियो और उधार लेकर घी पियो। शिवराज सरकार ने प्रदेश को आत्मनिर्भर नहीं, बल्कि कर्ज निर्भर प्रदेश बना दिया है।

पूर्व सीएम ने प्रदेश के कर्ज के आंकड़ों का बिंदुवार विश्लेषण करते हुए कहा प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के समय वर्ष 2020 की स्थिति में लगभग एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये का ऋण राज्य सरकार पर था जो कि वर्ष 2021 की स्थिति में 2.33 लाख करोड़ एवं वर्ष 2022 की स्थिति में 2.73 लाख करोड़ हो चुका है। सरकार के अनुसार वर्ष 2023 की स्थिति में मध्यप्रदेश पर कुल ऋण 3.25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार विगत दो वर्षों से हर महीने लगभग 3 हजार 9 सौ करोड़ रुपये का ऋण ले रही है । सरकार के अनुसार वर्ष 2022-23 में 51829 करोड़ रुपये का ऋण लेगी । वर्ष 2022-23 में सरकार हर महीने लगभग 4 हजार 3 सौ करोड़ रुपये ऋण लेगी।

कमलनाथ ने कहा कि कर्ज का यह विश्लेषण स्पष्ट बताता है कि शिवराज सरकार के पास कोई वित्तीय नीति नहीं है। कर्ज लेकर वे मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को चौपट करते जा रहे हैं। मप्र की जनता की मेहनत की कमाई को कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च किया जा रहा है। कर्ज की इस राशि का उपयोग जनता को रोजगार देने के बजाय सरकारी आयोजनों और पार्टी की फिजूलखर्ची में किया जा रहा है। इस समय आवश्यकता है कि मप्र के मुख्यमंत्री और मंत्रीगण सादगी का परिचय दें और खजाने पर कम से कम बोझ डालें।

Dakhal News 17 March 2022

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