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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अथक प्रयासों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की वजह से पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी को जोड़ने का महाअभियान शुरू हो चुका है। इस योजना से मध्यप्रदेश में 21 बांध-बैराज बनेंगे और 11 जिलों की 40 लाख आबादी को इसका फायदा मिलेगा। यह परियोजना किसानों की आय बढ़ाने और सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना पर करीब 72 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, जिसमें से 90% राशि केंद्र सरकार देगी। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 11 जिलों और अप्रत्यक्ष तौर पर 13 जिलों के 3217 गांवों की सूरत बदल जाएगी। इसमें एमपी में 17 बांध, 4 बैराज समेत कुल 21 नई जल संरचनाएं बनाई जाएंगी। मालवा और चंबल क्षेत्र की 6.13 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी और कुल 40 लाख से ज्यादा आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना में देरी के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस योजना के लिए सराहा। इस परियोजना से सिंहस्थ-2028 के लिए क्षिप्रा को प्रवाहमान बनाने की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी और चितावद परियोजना भी शामिल है। इस परियोजना से प्रदेश की 6.36 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता बढ़ जाएगी और यह बुंदेलखंड के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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