प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग काे लेकर दाखिल अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने शुक्रवार को दिया।
कोर्ट ने मथुरा में शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने के मामले में बहस पूरी होने के बाद गत 23 मई को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। अर्जी में मासरे आलम से लेकर मथुरा के कलेक्टर रहे एफएस ग्राउस तक के समय में लिखी गई इतिहास की पुस्तकों का हवाला देते हुए कोर्ट के समक्ष कहा गया था कि वहां पहले मंदिर था, मस्जिद होने का कोई साक्ष्य अब तक इंतजामिया कमेटी पेश नहीं कर सका है। न खसरा खतौनी में मस्जिद का कहीं भी नाम है। न नगर निगम में उसका कोई रिकॉर्ड और न कोई टैक्स दिया जा रहा है। यहां तक कि बिजली चोरी की रिपोर्ट भी इंतजामिया कमेटी के खिलाफ हो चुकी है। इसलिए मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए। यह भी कहा गया कि भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में यह सब स्पष्ट हो जाएगा। कोर्ट ने शुक्रवार को यह अर्जी खारिज करने का फैसला सुनाया।
शुक्रवार को मूल केस में सीपीसी के आदेश एक नियम आठ के तहत प्रतिनिधित्व क्षमता के लिए पक्षकारों ने अपने तर्क रखे। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख लगाते हुए उस दिन सीपीसी के आदेश एक नियम आठ के मुद्दे पर आदेश करने को कहा है।