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गजलक्ष्मी व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन चांदी का हाथी, सोना और विवाह से जुड़ी खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है. गजलक्ष्मी व्रत के दिन आपको हाथी पर सवार माता लक्ष्मी या फिर हाथी की पूजा करनी चाहिए. इससे आपके घर में धन-दौलत बढ़ता है. गजलक्ष्मी व्रत के दिन आप चांदी और सोने की खरीदारी करते हैं तो उसमें निरंतर वृद्धि होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं गजलक्ष्मी व्रत के पूजा मुहूर्त के बारे में.
गजलक्ष्मी व्रत तिथि 2022
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 18 सितंबर दिन रविवार को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर गजलक्ष्मी व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.
इस दिन सिद्ध योग प्रातः काल में 06 बजकर 34 मिनट पर खत्म हो जा रही है. इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है.
गजलक्ष्मी व्रत पूजा मुहूर्त 2022
18 सितंबर को गजलक्ष्मी व्रत के लिए सुबह में पूजा का समय 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक और आगे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. शाम को पूजा का शुभ समय 06 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक है.
सोना-चांदी खरीदारी समय
गजलक्ष्मी व्रत के दिन सोना और चांदी खरीदने का शुभ समय दिन में 09:11 बजे से 10:43 बजे तक है. इस मुहूर्त में खरीदा गया सोना और चांदी उन्नति कारक और लाभ प्रदान करने वाला होगा. इसके अलावा आप सुबह 10:43 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक, शाम को 06:23 बजे से रात 09:19 बजे तक भी खरीदारी कर सकते हैं.
गजलक्ष्मी व्रत की पूजा
व्रत वाले दिन आपको लाल रंग की एक चैाकी पर हल्दी से कमल बनाना है और उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए. उसके पास ही श्री यंत्र और कलश भी स्थापित करें. अब चांदी के हाथी को रखें या मिट्टी की हाथी को सोने चांदी से सजाकर रखें.
इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें. उनको कमल, लाल गुलाब, कमलगट्टा, अक्षत्, मिठाई, फल आदि चढ़ाएं. धूप, दीप आदि अर्पित करें. महालक्ष्मी मंत्र, श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें.
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