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हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान ने उत्तराखंड को फिर से चर्चा में ला दिया है. एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड के हिल स्टेशन के रूप में मशहूर औली की सड़कों को स्विट्जरलैंड की बतखों के जैसा बना दिया जाएगा. आपको बता दें कि औली उत्तराखंड का बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है.
यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, हरियाली और पहाड़ लोगों का मन मोह लेते हैं. ऐसे में औली के विकास के लिए और वहां जाने के लिए पर्यटन को बेहतर बनाने का नितिन गडकरी का बयान वाकई मायने रखता है. चलिए जानते हैं कि औली क्यों मशहूर है, औली में देखने लायक जगहें कौन सी हैं और वहां कैसे जाया जा सकता है.
कहां बसा है औली
औली की बात करें तो ये हिल स्टेशन उत्तराखंड के चमोली जिले में बसा है. हिमालय की पहाड़ियों के बीच बसे औली को घूमने फिरने के साथ साथ स्कीइंग के लिए भी जाना जाता है. गढ़वाली भाषा में घास के मैदान को औली बुग्याल कहा जाता है. औली के आस पास हरे भरे घास के मैदान है और इसलिए ये इलाका औली के नाम से मशहूर हो गया. यहां आपको हरी भरी वादियों के साथ साथ बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ दिखेंगे.
औली में घूमने लायक जगहें
औली की खासियत ये है कि यहां से नंदा देवी पर्वत, नागा पर्वत, हाथी पर्वत और गौरी पर्वत जैसी दुर्लभ जगहों को साफ देखा जा सकता है. यहां सर्दियों के मौसम में पहाड़ पूरी तरह बर्फ से घिर जाते हैं. पहाड़ों पर स्कीइंग के लिए ये पूरे भारत में सबसे मशहूर हिल स्टेशन है. जो लोग ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, उनके लिए भी औली जन्नत समान है क्योंकि यहां से जोशीमठ के लिए शानदार ट्रेकिंग का रास्ता जाता है जो काफी पॉपुलर है.
औली की दूसरी सबसे बड़ी खासियत है चतर कुंड झील. इंसान द्वारा बनाई गई यह दुनिया की सबसे ऊंची झील है. यहां का घोसो बुग्याल भी काफी खूबसूरत और हरी भरी जगह है.इसके साथ साथ नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, जोशीमठ जाने वाला रोपवे भी शानदार एक्सपीरिएंस करवाता है.
आप औली के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए केबल कार में भी सवार हो सकते हैं. औली जाना बहुत ही आसान है. अगर दिल्ली की बात करें तो औली दिल्ली से 504 किलोमीटर दूर है. देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से औली की दूरी 180 किलोमीटर दूर है. यहां से कार से आराम से पहुंच सकते हैं.
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