भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में अहम निर्णय लिए गए। बैठक में मंत्रि-परिषद ने ट्रांसफर नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अनुसार, प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के एक मई से 30 मई तक तबादले हो सकेंगे। इसमें स्वैच्छिक तबादले भी शामिल है। विभाग खुद भी पॉलिसी बना सकेंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेना होगा।
बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि 30 मई तक ई-ऑफिस से ही तबादले आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद तबादले नहीं हो सकेंगे। विभाग अपनी सुविधा अनुसार तबादला नीति बना भी सकेंगे। मंत्री और प्रभारी मंत्रियों को भी इसका अधिकार दिया गया है। उनसे कहा गया है कि वे 30 मई से पहले सभी तबादला आदेश जारी कर दें।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तबादलों की प्रतिशत सीमा में स्वैच्छिक तबादलों को इसलिए जोड़ा है, ताकि कुल पदों के हिसाब से तबादले का प्रतिशत बना रहे। अगर स्वैच्छिक तबादलों को अलग रखा जाएगा तो कुल पदों की संख्या के प्रतिशत से यह अधिक हो जाएगा। इसलिए मंत्रि-परिषद ने तय किया है कि स्वैच्छिक तबादलों को भी पदों के आधार पर तय तबादला संख्या और प्रतिशत में जोड़ा जाएगा।
विजयवर्गीय ने बताया कि सरकार का ग्रीन एनर्जी पर फोकस है। इसलिए एमपी और यूपी सरकार की बिजली डिमांड को ध्यान रखते हुए प्लान तैयार किया है। प्रदेश में बरसात में बिजली की डिमांड कम हो जाती है जबकि यूपी में बरसात के दौरान डिमांड बढ़ जाती है। मंत्रि-परिषद ने तय किया है कि तीन हजार मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। एक हजार मेगावाट कंपोजिट प्लान में रहेगी जबकि दो हजार मेगावाट यूपी को दी जा सकेगी। यह प्लांट चंबल में लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) के लिए छह अधिकारियों की कमेटी बनी है। यह कमेटी कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रूप पेंशन स्कीम का प्रस्ताव तैयार करेगी। इस कमेटी में अशोक बर्णवाल, मनीष रस्तोगी, लोकेश जाटव, तन्वी सुंद्रियाल, अजय कटेसरिया, जेके शर्मा इस कमेटी में शामिल हैं। कमेटी केंद्र सरकार की गाइडलाइन का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी।
विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया है कि पराली जलाने पर संबधित किसान की सम्मान निधि एक साल के लिए रुक जाएगी। पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज होने पर उस किसान का अनाज समर्थन मूल्य पर खरीदा नहीं जाएगा।