मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को उन्नत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से एक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को नई दिशा प्रदान करना है। बिजली की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, सरकार ने सौर परियोजना प्रोजेक्ट को लॉन्च किया है, जो न केवल ऊर्जा की बचत करेगा, बल्कि गरीबों के बिजली बिल में भी कमी लाएगा।
मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा का नया दौर
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 3,520 करोड़ रुपये की लागत से आगर और नीमच में स्थापित 880 मेगावाट की सौर परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना के माध्यम से मध्य प्रदेश सहित सात राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी, जो पर्यावरण को भी बचाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि 2030 तक प्रदेश की आधी ऊर्जा की आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए। इसके अलावा, किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक लाख सौर पंप भी वितरित किए जाएंगे, जिससे सिंचाई के क्षेत्र में क्रांति आएगी और किसानों को बहुत राहत मिलेगी।
पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भर ऊर्जा उत्पादन
यह सौर ऊर्जा परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और मध्य प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी।
सरकार की सौर ऊर्जा पहल से मिली राहत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों के चलते अब किसानों से लेकर आम आदमी तक को बिजली के बिलों के मामले में राहत मिल रही है। सरकार की सोलर एनर्जी पहल लोगों के खर्चे कम करने के साथ-साथ उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का कारण भी बन रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है, जिससे प्रदेशवासियों को न केवल आर्थिक लाभ मिल रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा रहा है।