द्वापर में अंगूठा माँगा कलयुग में चाहिए पीओके
bhopal,   Dwapar,   Kaliyug

जगतगुरु रामभद्राचार्य ने  सेना प्रमुख से मांगी गुरु दक्षिणा

 जनरल द्विवेदी को मिला हनुमान वाला मंत्र 

 

 

अनुराग उपाध्याय 

महाभारत काल में द्रोणाचार्य ने बतौर गुरु दक्षिणा एकलव्य से अंगूठा मांग लिया था तो अब जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से पकिस्तान के कब्जे वाला पकिस्तान मांग लिया है।  जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य की इस मांग से सेना प्रमुख कुछ क्षण के लिए असमंजस में दिखे और फिर उनकी मुस्कराहट ने कह दिया ये भी जल्द हो जाएगा। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जगतगुरु को भरोसा दिलाया कि इस बार युद्ध हुआ तो हो सकता है पाकिस्तान दुनिया के नक़्शे से ही ख़त्म हो जाए। 

 

गुरु शिष्य के बीच के मधुर संबंधों की कथाओं से भारतीय साहित्य और संस्कृति रची बसी है। इस कड़ी में अब सतना का वाकया भी दर्ज हो गया है। यूँ समझिये द्वापर के बाद कलयुग में भी एक गुरु ने शिष्य से राष्ट्रहित में एक आवशयक और रोचक मांग कर दी। तब गुरु द्रोणाचार्य से तो अब  जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य हैं। तब शिष्य एकलव्य थे तो अब शिष्य जनरल उपेंद्र द्विवेदी हैं। गुरुओं की इन कथाओं में तात्कालिक और दीर्घ प्रयोजन छिपे होते हैं। बस उन्हें समझने की जरुरत है। 

 

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपनी पत्नी के साथ सतना जिले के चित्रकूट की यात्रा पर थे। जहाँ पूर्व से ही उनकी मुलाक़ात जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी से होना थी।सेना प्रमुख और आध्यात्मिक गुरु के बीच ताजा हालातों पर दर्शन शास्त्र के मुताबिक चर्चा हुई। उस चर्चा की यहाँ आवशयकता नहीं है। लेकिन इस बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य से गुरु  दीक्षा दिए जाने का अनुरोध किया। जगतगुरु इस पर मुस्कुराये और गुरु दीक्षा दिए जाने के लिए सहर्ष तैयार हो गए। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि दीक्षा देशकाल और परिस्थितियों का आकलन कर के ही दी जाती है। परम ज्ञानी, अत्यंत प्रखर और विनोदी जगतगुरु रामभद्राचार्य इस दीक्षा के जरिये प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा को निभा रहे थे। 

 

जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी को अपने करीब बैठाया और उन्हें गुरु दीक्षा दी। दीक्षा भी वो जिसकी सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को इस समय अत्यंत आवशयकता है। आपको बता दें गुरु दीक्षा का अर्थ ही है किसी विशेष ज्ञान में अति दीक्षित होना । दीक्षा किसी को भी सांसारिक और  आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करती है। यहाँ भी जगतगुरु ने अपने शिष्य जनरल उपेंद्र द्विवेदी को एक खास मंत्र दिया। जिसका पालन  अब जनरल साहब को करना होगा। दिन बुधवार का था स्थान भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट। जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भी राम नाम की महिमा बताते हुए उपेंद्र द्विवेदी को राम मंत्र के साथ गुरु दीक्षा प्रदान की।यहाँ जगतगुरु ने द्विवेदी को वही मंत्र  दिया जो माता सीता ने लंका विजयी के लिए अशोक वाटिका में हनुमान जी महाराज को दिया था। इसी मंत्र से वानर सेना ने लंका विजयी की थी। देशकाल परिस्थितियां और पात्र बदल गए हैं। युद्ब अब भी  वैसा ही है। एक तरफ असुर पाकिस्तानी आतंकवादी हैं तो दूसरी और सीता हरण जैसी स्थिति पीओके की है। ऐसे में सीता के हनुमान जी को दिया मंत्र सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के लिए 'रामबाण' से कम नहीं होगा।  

 

ये मामला भी गुरु दीक्षा तक नहीं रुका। इसके बाद महाराज जगतगुरु रामभद्राचार्य ने अपने शिष्य सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी से गुरु दक्षिणा में पीओके मांग लिया।कुछ क्षण का असमंजस और जनरल साहब ने मुस्कराहट के जरिये इसे डन कर दिया और ये भी कहा आगर पाकिस्तान ने दोबारा ऐसी हिमाकत की और हमला किया तो वह दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा।

 

युद्ध के हालातों में यह मुलाक़ात बहुत सुकून देती है और मान्य भारतीय परम्पराओं को नए सदर्भों में परिभाषित भी करती है। गुरु का दीक्षा में शिष्य से कुछ लेना हमारी प्राचीन सभ्यता का ही एक हिस्सा है ये गुरु के प्रति समर्पण का भी भाव प्रकट करता है। 

 

अटल जी ने मांगा में दहेज़  पाकिस्तान 

 

गुरु शिष्य के लेनदेन के इस हिसाब -किताब के बाद एक किस्से की चर्चा भी बेहद जरुरी है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि आप चाह कर भी पड़ौस नहीं बदल सकते इसलिए उससे मधुर सम्बन्ध बनायें या उसे अच्छे से समझाए। हाजिर जवाब या यों कहें हर सवाल पर लाजवाब करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहते पाकिस्तान से रिश्ते मधुर करने के लिए समझौता एक्सप्रेस लेकर लाहौर चले गए। ये अलग बात है उसके बाद भी आतंकी पड़ौसी पाकिस्तान से हमें आतंकी हमला और कारगिल युद्ध ही मिला। लेकिन तब दुनिया भर में अटल जी के प्रयास का यशगान हुआ ये बात 1999 की है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार ने अटल जी के सामने इस शर्त पर शादी का प्रस्ताव रखा की  मुंह दिखाई में उन्हें कश्मीर चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी ठहरे महा हाजिर जवाब उन्होंने कहा 'मोहतरमा विवाह तो हम कर लेंगे लेकिन हमारी भी शर्त है दहेज़ में हमें पाकिस्तान चाहिए। इसके बाद हर कोई अटल जी की हाजिर जवाबी का मुरीद हो गया और जमकर ठहाके लगे।

Dakhal News 31 May 2025

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