मप्र विधानसभा: हंगामे के चलते सोमवार तक के लिए सदन स्थगित
bhopal, MP Assembly, House adjourned, Monday due to uproar

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।

 

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे।

 

आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए।

 

इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

 

सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए।

 

इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।

विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न

 

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।

Dakhal News 11 March 2022

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.