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21 January 2025भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की प्रगति, विकास और जन-कल्याण में लोक सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश को बीमारू राज्य से विकासशील राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने में जिन लोक सेवकों ने योगदान दिया है, मैं उन सभी को प्रणाम करता हूँ। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा, मात्र केरियर नहीं यह देश के निर्माण और जनता की सेवा का अभियान है। लोक सेवकों के पास देश एवं प्रदेश को बदलने और जनता की जिंदगी बदलने का सामर्थ्य है। लोक सेवक केपेसिटी बिल्डिंग की हर समय कोशिश करते रहे और इस भाव के साथ कार्य करें कि सुधार की गुंजाइश हमेशा विद्यमान रहती है।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को 17वें सिविल सेवा दिवस पर आरसीपीव्ही नरोन्हा प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित भोपाल में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा और राज्य वन सेवा के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। हारमोनी समूह द्वारा वंदे-मातरम गीत की प्रस्तुति दी गई। केपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सदस्य आर. बालासुब्रमण्यम विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में कोरोना के कठिन काल में सिविल सेवकों की भूमिका पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में लोक सेवकों ने कोरोना काल में अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। वे डरे नहीं, चुनौतियों को स्वीकार किया और स्वयं को दांव पर लगाकर भी अपने दायित्वों का निर्वहन किया। कर्त्तव्य की बलिवेदी पर कई अधिकारी-कर्मचारी बलिदान हो गए। कई लोक सेवक संक्रमित होने के बाद भी कर्त्तव्य-पथ पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के साथ काम का मुझे सुखद अनुभव है, प्रदेश की टीम पर मुझे गर्व है।
उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना और पब्लिक सर्विस डिलीवरी गारंटी एक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि योजनाओं का विचार जनता के बीच से और जनता को राहत देने के उद्देश्य से आता है। योजनाओं को आकार देना और उसका सफल क्रियान्वयन लोक सेवकों पर ही निर्भर करता है। प्रदेश में लागू लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप आज प्रदेश में 43 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। मध्यप्रदेश की इस योजना को कई राज्यों ने भी अपनाया है। इसी प्रकार पब्लिक सर्विस डिलीवरी गारंटी एक्ट की सराहना संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अद्भुत नेतृत्व क्षमता है। वे जीवन के सभी पहलुओं पर विचार करते हैं और देश को परिणाममूलक नेतृत्व प्रदान करते हैं। मिलेट मिशन, प्राकृतिक खेती, अमृत तालाब योजना और मिशन कर्म योगी, इसके कुछ उदाहरण हैं।
उन्होंने लोक सेवकों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि हम वर्तमान में जो कर रहे हैं, उससे बेहतर करने के लिए प्रयास करते रहना आवश्यक है। बदलती तकनीक और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को अपग्रेड करना और स्वयं को दक्ष एवं उपयुक्त बनाना जरूरी है। इसके लिए उपयुक्त प्रशिक्षण लेने के साथ व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करते रहने से ही हम, स्वयं की कार्य क्षमता को निरंतर बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने समय प्रबंधन और प्राथमिकताओं के निर्धारण में स्वयं अपना उदाहरण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने गीता के श्लोक का उदाहरण देते हुए, सात्विक कार्यकर्ता के लक्षणों के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह से मुक्त एवं अहंकार शून्य रहना, धैर्य बनाए रखना, सकारात्मक रहते हुए उत्साह से परिपूर्ण दृष्टिकोण रखना, सफलता-असफलता में समान भाव बनाए रखना तथा विश्वास से भरे रहना आवश्यक है। उन्होंने एक अन्य उदाहरण से कार्य के प्रति सकारात्मक एवं उत्साह से परिपूर्ण और कल्याण का दृष्टिकोण रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को देश-प्रदेश को बनाने और जनता के कल्याण का मौका मिला है। वे प्रसन्नता और विनम्रता के भाव से अपने कार्य को क्रियान्वित करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने शासकीय कार्य के साथ परिवार को समय देने और स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि ध्यान-योग एवं प्राणायाम, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए आवश्यक है। उन्होंने नरोन्हा तथा बुच का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने कार्यों और सेवाओं के बल पर लोक सेवक आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण के रूप में स्थापित हो सकते हैं। लोक सेवक जिलों और प्रदेश में बदलाव लाने में सक्षम हैं। उनके कार्य और सेवाएँ ऐसी हों कि लोग उन्हें आगामी समय तक याद करते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोक-कल्याण, प्रगति और विकास तथा प्रत्येक व्यक्ति तक शासकीय सुविधाओं के विस्तार में लोक सेवक अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
कोरोना के कारण कठिततम परिस्थितियों में प्रदेश की लोकसेवा का मुखिया होने का अवसर मिला: बैंस
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि 21 अप्रैल 1947 को आज ही के दिन भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इंडियन सिविल सर्विस के पहले बेच के अधिकारियों को संबोधित किया था। स्वतंत्रता के कगार पर खड़े राष्ट्र से सिविल सेवाओं की अपेक्षाओं को अभिव्यक्त करता यह संबोधन आज भी प्रसांगिक है। कार्यपालिका के अधीन कार्य करने वाला प्रत्येक कर्मचारी सिविल सर्विसेस का भाग है। इस दृष्टिकोण से सिविल सर्विसेज दिवस के दायरे का इस वर्ष विस्तार किया गया है।
कार्यक्रम में भोपाल के साथ संभाग और जिला स्तरीय कार्यालयों को भी वर्चुअली जोड़ा गया है। मुख्य सचिव ने कोरोना की कठिन परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के कुशल नेतृत्व में सिविल सेवकों के अथक परिश्रम के परिणामस्वरुप ही प्रदेश, कोरोना से मुक्त हो सका। बैंस ने प्रदेश के सभी सिविल सेवकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण उन्हें कठिनतम परिस्थितियों में प्रदेश की लोक सेवा का मुखिया होने का अवसर मिला। प्रदेश के सभी लोक सेवकों के सहयोग और कर्त्तव्य परायणता के आधार पर ही कोरोना की कठिन परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया गया।
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21 April 2022
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