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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस के अवसर पर देशवासियों, खासकर बच्चों और युवाओं को संबोधित किया और साहिबजादों के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि साहिबजादों का बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा है और यह हमें अपने देश और समाज के लिए बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
वीर बाल दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भाग लिया, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुए वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "वीर बाल दिवस का यह वर्ष और भी खास है, क्योंकि यह भारतीय गणतंत्र की स्थापना और हमारे संविधान के 75 वर्षों का साल है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक वीर साहिबजादों से प्रेरित होकर राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने की प्रेरणा ले रहा है।"
साहिबजादों का बलिदान और लोकतंत्र की नींव
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहिबजादों का बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिले।" उन्होंने संविधान की ओर इशारा करते हुए कहा कि "संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा या बड़ा नहीं है। यह नीति प्रेरणा हमारे गुरुओं के सर्वदा भला के उस मंत्र को भी सिखाती है, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है।"
गुरु परंपरा और समानता का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे गुरुओं ने हमें हमेशा समानता का संदेश दिया है। "गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है," मोदी ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि साहिबजादों की शहादत और उनके संघर्षों से हमें यही संदेश मिलता है कि हम हमेशा एक दूसरे के लिए काम करें और एक मजबूत, एकजुट राष्ट्र की दिशा में प्रयासरत रहें।
वीर बाल दिवस का महत्व
वीर बाल दिवस, जो हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है, साहिबजादों की शहादत को याद करने का दिन है। गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। पीएम मोदी के संबोधन ने इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया, क्योंकि उन्होंने साहिबजादों के बलिदान को राष्ट्रीय एकता और समाज में समानता की दिशा में एक प्रेरणा के रूप में पेश किया।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है, जो आने वाली पीढ़ियों को साहिबजादों के बलिदान से प्रेरित करेगा और समाज में समानता, एकता और अखंडता के संदेश को फैलाएगा।
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