Patrakar Priyanshi Chaturvedi
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने विकिपीडिया को एक न्यूज एजेंसी के बारे में प्रोपेगेंडा टूल करने वाली सूचना संपादित करने वाले हिस्से को हटाने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह अंतरिम आदेश दिया। उधर, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को सुनवाई करने वाला है।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि विस्तृत आदेश शाम तक कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2024 को कहा था कि किसी न्यूज एजेंसी के लिए इससे बुरी बात कुछ नहीं हो सकती है कि उसे सरकार का प्रोपेगेंडा टूल बताया जाए। 05 सितंबर, 2024 को विकिपीडिया के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे ।
न्यूज एजेंसी ने आरोप लगाया था कि विकिपीडिया वेबसाइट पर उनके बारे में सूचना दी गई है कि वह सरकार का प्रोपेगेंडा टूल है। इस पर हाई कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया था कि वो इस सूचना को लिखने वाले यूजर का खुलासा करे लेकिन विकिपीडिया ने यूजर का खुलासा नहीं किया।
हाई कोर्ट ने जुलाई 2024 में विकिपीडिया को नोटिस भेजकर कहा था कि आपको न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना चाहिए। अगर आप नाम नहीं बताएंगे तो न्यूज एजेंसी की ओर से दाखिल याचिका में उसका पक्ष कैसे जाना जा सकता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह तब कहा था जब विकिपीडिया ने कहा कि कोर्ट का नोटिस तामील करने की सूचना संबंधित न्यूज एजेंसी को दी जाएगी लेकिन इसमें यूजर की पहचान की जानकारी नहीं होगी। ऐसा होने पर यूजर्स की गोपनीयता सार्वजनिक नहीं होगी और कोर्ट को संबंधित यूजर्स की पूरी जानकारी भी मिल जाएगी।
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