मप्र में धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान करेगी राज्य सरकारः मुख्यमंत्री डॉ यादव
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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही लागू है। अब बेटियों का धर्मांतरण कराने वाले दोषियों के लिए भी मध्य प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाएगी। मध्य प्रदेश में जोर जबरदस्ती या बहला फुसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है। धर्मान्तरण, दुराचरण जैसी किसी भी घटना को हमारी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
 
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने यह बात शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान करने जा रहे हैं। बच्चियों, बालिकाओं, बेटियों के साथ दुराचार करने वालों के विरूद्ध सरकार कठोरतम कदम उठाएगी। दोषियों को फांसी की सजा भी दिलवाएंगे। किसी भी दोषी को किसी भी परिस्थिति में नहीं बखशा जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शासकीय महिला कर्मचारियों को सात दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश और संविदा कर्मचारी बहनों को 180 दिवस का प्रसूति अवकाश देने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार का हर कदम पर बहनों के साथ है, वे आगे बढ़ें, सरकार उन्हें हर संभव सहायता और मार्गदशन उपलब्ध कराएगी।
 
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 1.27 करोड़ महिलाओं के खाते में लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपये ट्रांसफर किए। सिंगल क्लिक में मार्च 2025 की लगभग 1552.73 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है। उज्ज्वला योजना की गैस कनेक्शनधारक महिलाओं के खाते में डीबीटी के जरिए भी राशि ट्रांसफर की गई। इस दौरान सीएम की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की कमान महिला अधिकारियों के हाथों सौंपी गई। सीएम ने महिलाओं और बच्चों के क्षेत्र में समाज सेवा, सुरक्षा, वीरता और साहसिक कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया।
 
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 में लागू हुआ था। अभी इस कानून के तहत अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान है। मप्र में लागू धार्मिक स्वतंत्रता कानून में सरकार फांसी का प्रावधान करने की जो बात मुख्यमंत्री ने कही है, अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जो धर्मांतरण पर फांसी की सजा का प्रावधान करेगा। मुख्यमंत्री के इस बयान पर कानून के जानकारों की राय अलग–अलग है। कुछ का मानना है कि सरकार के लिए ये फैसला लेना आसान नहीं होगा। जबकि किसी का कहना है कि सरकार कानून में संशोधन कर फांसी की सजा का प्रावधान कर सकती है।
 
वर्तमान में भारत में कोई भी राज्य धर्मांतरण के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान नहीं रखता है। भारत के 11 राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून मौजूद है। ये राज्य हैं- ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश। राजस्थान सरकार ने हाल ही में हुए विधानसभा के बजट सत्र में पुराने कानून में संशोधन करते हुए धर्मांतरण विधेयक को पेश किया है। यदि ये कानून की शक्ल लेता है तो राजस्थान धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाने वाला 12वां राज्य बन जाएगा।

 

 

Dakhal News 9 March 2025

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