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वहीं 85 प्रतिशत मौतें दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुई
दिल का दौरा पड़ने के कई कारक जिम्मेदार है. जिनमें से एक है वायु प्रदूषण. आजकल वायु प्रदूषण के कारण दौरे, स्ट्रोक और इर्रेगुलर हार्ट रिथम की बीमारी बढ़ने का खतरा होता है. वायु प्रदूषण का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. हार्ट एक तरह से शरीर का पंप है यानि वह ब्लड को पूरे शरीर में पंप करने का काम करता है. अगर उसमें किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो फिर इसका नुकसान पूरे शरीर को भुगतना पड़ता है.
किन लोगों को हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है?
आज कल तो सभी उम्र के लोगों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है. इसके अलावा दिल का दौरा, एनजाइना, बाईपास सर्जरी, स्टेंट के साथ उसके बिना एंजियोप्लास्टी, स्ट्रोक, गर्दन या पैर की आर्टरीज में रुकावट, हार्ट फेलियर, डायबिटीज या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा काफी ज्यादा होताहै जिन पुरुषों की उम्र 45 साल की है और महिला जिनकी उम्र 55 साल की है ऐसे उम्र वाले लोगों को दिल की बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है. अगर किसी व्यक्ति की फैमिली हिस्ट्री हार्ट या स्ट्रोक की रही है तो उसके आने वाले जेनरेशन में भी हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होगी.
हार्ट अटैक से बचना है तो करें ये काम
हार्ट अटैक से बचना है तो आपको रोजाना आधे घंटे के लिए भी एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए. दिल को हेल्दी रखने के लिए डाइट का खास ख्याल रखें. ऐसा करने से आप हार्ट अटैक से बचे रहेंगे.
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