Patrakar Priyanshi Chaturvedi
युवकों ने कराई अपनी माँओं को कावड़ यात्रा
आज के ज़माने में एक ओर जहां बच्चे अपने माँ-बाप को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देते हैं तो वही दूसरी ओर कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो कलियुग में भी अपने माँ-बाप की जिम्मेदारी सतयुग के श्रवण कुमार जैसे बन के निभा रहे हैं ऐसे ही बच्चे हैं धराऊं के रहने वाले देव और इटावा के रहने वाले अजय जो अपनी मॉंओं को कंधे पर बिठाकर कावड़ यात्रा करा रहे हैं धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेले की शुरुआत हो चुकी है कावड़िये अलग-अलग जगह से पवित्र नदियों का जल लेकर हरिद्वार पहुँच रहे हैं राऊं गांव के देव ने अपनी मां को कंधे पर लेकर कावड़ यात्रा पर निकले है देव ने बताया की उनकी मां की इक्छा थी की वह अपने जीवन में कावड़ यात्रा करें लेकिन चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया उनके मन में विचार आया की क्यों न वह अपनी माँ को कावड़ यात्रा करायें इसी विचार के चलते वह माँ को कावड़ यात्रा करा रहे हैं वही दूसरे श्रवण कुमार बेटे अजय ने कहा की मैं सभी शिवभक्त कांवड़ियों से यही निवेदन करना चाहूंगा कि वह अपनी मां की सेवा करें और हो सके तो अपनी माता को भी कावड़ यात्रा कराएं।
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