Patrakar Priyanshi Chaturvedi
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योगों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए निवेशकों को 25 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सरकार ने इस क्षेत्र में 10 सालों तक 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली की सुविधा देने का प्रस्ताव रखा है। इस नीति का उद्देश्य सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रोत्साहित करना है, जिससे राज्य में 2000 करोड़ तक का निवेश हो सकता है और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, मध्यप्रदेश सरकार ने सेमीकंडक्टर पॉलिसी को मंजूरी दी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इस पॉलिसी को निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि इस क्षेत्र में 2000 करोड़ तक का निवेश हो सकता है। इसके अलावा, सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योगों को 25 फीसदी की सब्सिडी देने के साथ-साथ 10 सालों तक 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली प्रदान करने का ऐलान किया है। इस नीति के तहत, अगले पांच सालों में 1009.46 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य इस क्षेत्र में स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करना है। इसके लिए सरकार सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काम कर रहे प्रोफेशनल्स की ट्रेनिंग पर भी ध्यान देगी। इसके तहत, सेमीकंडक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के संचालन के लिए सरकार 5 साल में 25 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई डिजाइन में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए संस्थानों को 10 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा।
इस क्षेत्र से जुड़े स्कूल और कॉलेजों में सेमीकंडक्टर विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों की ट्रेनिंग पर सरकार 50 लाख रुपये सालाना खर्च करेगी। इस योजना से एमपी के मूल निवासियों को फायदा होगा और राज्य में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
राज्य सरकार का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में 3982 करोड़ रुपये की इंडस्ट्री स्थापित होगी और 2700 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे 14,400 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और हर साल 1702 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
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