Dakhal News
21 January 2025नए वर्ष रेलवे विभाग सुसनेर, सोयतकलां एवं आगर जिले के लोगों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। उज्जैन से झालावाड़ के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने को रेलवे बोर्ड ने लो बजट वाली 2,667 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति प्रदान की। पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा विकल्प स्वरूप प्रस्तुत महंगे बजट की दो अन्य योजनाओं से किनारा कर लिया। स्वीकृति के बाद प्रोजेक्ट की विस्तृत कार्य योजना बनाना शुरू किया गया।
रेलवे लाइन को मिली मंजूरी
मालूम हो कि लोगों को उज्जैन से झालावाड़ तक का सफर वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर कराने के लिए इसी वर्ष फरवरी में केंद्रीय रेल मंत्री ने विस्तृत कार्य योजना बनाने को 4 करोड़ 75 लाख रुपए की मंजूरी दी थी। इसके पालन में रेलवे ने सर्वे कर प्राथमिक स्तर पर तीन योजना बनाकर महीने भर पहले रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेजा था। इस योजना का प्रस्तुतीकरण 5 अक्टूबर को हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया के समक्ष भी किया था।
समझाने को योजना के नाम पिंक, ब्लू और रेड रखा है। पिंक योजना 2,836 करोड़ रुपए, ब्लू योजना 2,727 रुपए और रेड योजना 2,697 करोड़ रुपए की बनाई। स्वीकृत रेड योजना 177.860 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 36 कर्व और 34 पुल बनाना प्रस्तावित हैं। तीनों योजना अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को ध्यान में रखकर बनाई है। तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक मुख्य पुलों की संख्या स्पष्ट की थी।
वर्ष 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच चलती थी ट्रेन
सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच नैरोगेज ट्रेन चलती थी। उस समय चलने वाली ट्रेन का जेडबी टाइप का इंजन (तब की कीमत एक लाख 61276 रुपये) उज्जैन रेलवे स्टेशन परिसर में खड़ा है। एक दशक पहले झालावाड़ से रामगज मंडी तक रेल लाइन बिछाकर ट्रेन का संचालन शुरू करा चुकी है। मगर झालावाड़ से उज्जैन के बीच रेल अब भी कागजों पर ही है।
क्षेत्र के लोगों की थी मांग
आपातकाल में उज्जैन से आगर तक की नैरोगेज लाइन को उखाड़ने के बाद से ही क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर पुनः रेल लाइन की मांग कर रहे थे। परन्तु लोगों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला था। तब जाकर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार के नेतृत्व में पूरे जिले के लोगों ने सन 2018-19 में अभियान चलाकर उज्जैन रामगंजमंडी एवं शामगढ़ हरदा रेलवे लाइन की मांग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 5 हज़ार मांगपत्र भेजे थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर उज्जैन-झालावाड़ रेलवे लाइन के सर्वे के लिए पौने पांच करोड़ की स्वीकृति रेल मंत्रालय द्वारा दी गई, जिसकी डेड लाइन 31 दिसंबर तय की गई थी। डेड लाइन से पूर्व रेल मंत्रालय ने योजना तैयार कर 31 दिसंबर को सबसे कम लागत की योजना को स्वीकृति प्रदान की।
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2 January 2025
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