प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की शुरआत
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की सरकार में प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है...मध्य प्रदेश विकार के नए आयामों को छू रहा है.. पिछले 1 वर्ष में मध्यप्रदेश में विकास कार्यों को नई गति मिली है...मोहन सरकार भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेई के सपने को साकार करती हुई...देश की पहली नदी जोड़ी परियोजना केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की शुरआत की है...मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य जहां नदियों को जोड़ने के अभियान की शुरूआत हुई है... सरकार की इस पहल से बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नये द्वार खुल गए है....
भारत इतना विशाल देश है....कि यहां काफी विविधता पाई जाती है....किसी हिस्से में सूखा पड़ जाता है....तो कहीं ज्यादा पानी की वजह से बाढ़ आ जाती है...इस समस्या को कम करने के लिए मुख्या मंत्री डॉ मोहन यादव ने एक नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की शुरुआत की है... इस योजना में सरकार उत्तर प्रदेश के साथ मिल कर काम करेगी...सीएम यादव की सरकार ने किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या को दूर करने के लिए इस योजना को शुरू किया... योजना से सिचाई के साथ साथ सभी को पिने के लिए पर्याप्त पानी भी मिलेगा...नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है...जहां नदियों को जोड़ने के अभियान की शुरूआत की गई है.... इस परियोजना से मध्य प्रदेश को बड़ा लाभ होगा... मध्य प्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया इससे लाभान्वित हों रहे है.. वहीं उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा में भी पानी पहुंचाया रहा है....केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई और 2.13 किलोमीटर लंबाई वाला बांध बनाया जाएगा...इस बांध को दौधन बांध कहा जाएगा... इसके साथ ही दो टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घन मीटर पानी को स्टोर किया जाएगा... मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है...यह परियोजना मध्यप्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर निर्मित की जा रही है... परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊँचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध एवं 2 टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण किया जायेगा... केन नदी पर दौधन बांध से 221 कि.मी. लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्रदान करते हुए केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में अंतरित किया जाएगा... परियोजना से दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मध्य प्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया के 2 हजार ग्रामों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। इससे लगभग 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे...