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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में तुलसी माता का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह होता है, जो इस वर्ष 14 नवंबर 2024 को आयोजित होगा। सुप्रसिद्ध भागवताचार्य घनश्याम शास्त्री महाराज के अनुसार, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शालिग्राम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इस बार शालिग्राम भगवान तुलसी की लग्न वर-वधू के हाथों पर रखी गई है।
तुलसी विवाह विधि पूर्वक कराने से कन्यादान समान फल प्राप्त होता है। इस वर्ष बहोड़ापुर महादेव मंदिर पर तुलसी विवाह का आयोजन 14 नवंबर को होगा। इस दिन लग्न का कार्यक्रम वैदिक विधि विधान से संपन्न किया जाएगा। मान्यता है कि जब श्री हरि विष्णु चार माह की चिर निद्रा से जागते हैं, तो सबसे पहली पुकार तुलसी की सुनते हैं। तुलसी जी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं, इसलिए इन्हें हरीवल्लभा भी कहा जाता है।
तुलसी विवाह के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से विष्णु जी और देवी तुलसी की कृपा से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन तुलसी स्तुति अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि इससे देवी तुलसी प्रसन्न होती हैं और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। महारानी तुलसी और शालिग्राम भगवान का विवाह ग्वालियर शहर के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं. घनश्याम शास्त्री महाराज द्वारा संपन्न कराया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर पुजारी विनोद शर्मा, कौशलेंद्र राजावत, कमल सिंह आदि उपस्थित रहेंगे।
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