गांधी सागर अभयारण्य बना चीतों का नया आशियाना मुख्यमंत्री ने छोड़े दो चीते
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मंदसौर । मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले का गांधी सागर अभयारण्य चीतों का नया आशियाना बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार शाम को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से लाए गए दो चीतों पावक और प्रभास को गांधी सागर अभयारण्य के बाड़े में रिलीज किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिंजरे का लीवर दबाकर गेट खोला, जिसके बाद एक चीता बाहर आया और दौड़ लगा दी। वह थोड़ी दूर जाकर रुका, फिर पलटकर देखा। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री ने दूसरे पिंजरे का गेट खोला। इसमें चीता फौरन बाहर नहीं आया। पीछे से पिंजरें को धकेलना पड़ा, जिसके बाद वह बाहर आया और दौड़ लगा दी। चीतों को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। नर चीते पावक और प्रभाष करीब 6-6 साल के हैं। इन दोनों को दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को लाया गया था।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान सांसद सुधीर गुप्ता, वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, विधायकगण अनिरुद्ध माधव मारू व दिलीप सिंह सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री नेता सत्यनारायण जटिया मौजूद रहे।
 
श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से रविवार सुबह दोनों चीतों को लेकर टीम गांधी सागर के लिए रवाना हुई थी, जो दोपहर करीब चार बजे गांधी सागर पहुंची। दोनों को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में रखा गया था। ये वही पिंजरे हैं, जिन्हें चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाने के लिए तैयार किया गया था। वातानुकूलित गाड़ी में दोनों को अलग-अलग पिंजरे में रखा गया था। ये चीते राजस्थान के कोटा, झालावाड़ होते हुए आठ घंटे में 360 किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय कर गांधी सागर पहुंचे। यहां इन्हें छह वर्ग किमी के बाड़े में छोड़ा गया।
 
गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की व्यवस्था की गई है। चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां पहले से ही हिरणों की अच्छी-खासी संख्या है।
 
गांधी सागर अभयारण्य के रेंजर अंकित सोनी ने बताया कि यहां 90 प्रशिक्षित लोगों की टीम चीतों की देखरेख करेगी। इनकी ट्रेनिंग कूनो सेंचुरी में पूरी हो चुकी है। वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें चीतों को सुरक्षित रखा जाएगा। पानी की विशेष व्यवस्था के लिए सेंचुरी एरिया में तालाब बनाए गए हैं। वहीं, डीएफओ संजय रायखरे ने बताया कि गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर संसदीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीतों की आमद से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
 
इन दोनों चीतों के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से जाने के बाद यहां 24 चीते रह गए हैं। इनमें 13 भारतीय और 11 विदेशी चीते हैं। इन 24 में से 17 चीते फिलहाल कूनो के खुले जंगल में दौड़ लगा रहे हैं, जबकि शेष को बाड़ों में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की रखा गया है।
Dakhal News 20 April 2025

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