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फिल्मों में जब आप देश की सीमा पर सैनिकों को तैनात देखते हैं, तो ज्यादातर आपको भारतीय सेना यानी इंडियन आर्मी के जवान दिखाई देते हैं. लेकिन देश की सीमा पर इंडियन आर्मी की तैनाती नहीं होती. बल्कि, उनकी तैनाती सीमा से थोड़ी दूरी पर होती है. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि देश की अलग-अलग सीमाओं पर किन-किन फौजों की तैनाती होती है.
भारत-चीन सीमा पर किसकी तैनाती होती है
भारत-चीन सीमा पर, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों की तैनाती होती है. ITBP के जवानों का काम मुख्य रूप से भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करना होता है. यह फोर्स सबसे टफ मानी जाती है, इसीलिए हिमालयी क्षेत्रों में तैनात रहती है और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में मुस्तैदी से काम करती है. ITBP की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद हुआ था. ITBP के जवानों की तैनाती खासतौर से लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में होती है. इन जगहों पर भारत की सीमा चीन से लगती है.
भारत-पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा
पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा की सुरक्षा बीएसएफ करती है. इसकी स्थापना 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद किया गया था. मौजूदा समय में BSF के जवानों की तैनाती जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, और मेघालय में है. इन जगहों पर भारत की सीमा पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती है. BSF के जवानों का काम होता है पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमा पर घुसपैठ को रोकना, सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों को रोकना और सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखना है.
म्यांमार सीमा पर इस फोर्स की तैनाती होती है
भारत म्यांमार सीमा पर असम राइफल तैनात रहती है. यह फोर्स भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में उन जगहों पर सुरक्षा बनाए रखने के लिए तैनात है जहां भारत की सीमा म्यांमार से लगती है. आपको बता दें, असम राइफल्स (Assam Rifles) भारतीय अर्धसैनिक बलों में सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है. इसका इतिहास 1835 तक जाता है. दरअसल, उस वक्त ब्रिटिश सरकार ने भारत के उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए असम राइफल्स की स्थापना की थी. हालांकि, उस वक्त इस फौज को मूल रूप से "Cachar Levy" के नाम से जाना जाता था.
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