केले की फसल ने बदली महिलाओं की जिंदगी, रेशे से बना रहीं बेहतरीन प्रोडक्ट
केले

Banana Farming Burhanpur: बुरहानपुर। देश-प्रदेश में ऐतिहासिक नगरी के साथ-साथ यहां होने वाली केले की खेती के लिए भी बुरहानपुर को पहचाना जाता है। जिले में करीब 25 हजार से ज्यादा हेक्टयर रकबे में केला उगाया जाता है। कृषि विभाग के मुताबिक इससे लगभग 20 हजार से ज्यादा किसान प्रत्यक्ष रूप से जुडे हुए हैं। बुरहानपुर जिले में अब इसी केले के तने से निकलने वाले रेशे आवश्यक घऱेलू सामान तैयार करने के काम आ रहे हैं।

केले की फसल ने बदली जिंदगी

दरअसल, दर्यापुर गांव में महिमा संकुल स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस काम को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। गौरतलब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जिला एक उत्पाद के तहत बुरहानपुर जिले में केला फसल को शामिल किया। इस साल फरवरी में बड़े स्तर पर केला फेस्टिवल भी आयोजित किया था। इस फेस्टिवल में केला और केले के पौधों से बनने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की गई थी। इसके प्रोडक्ट ने लोगों का मन मोह लिया। अब इससे विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट तैयार किए गए। इसमें सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट चटाई है, जो घर में शुभ अवसरों पर मेहमानों के स्वागत में मेहमान नवाजी के लिए बिछाई जाती है।

Banana Farming Burhanpur

 

 

 

केले के रेशे से चटाई

चटाई का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जा रहा है। महिलाओं को सवा मीटर बुनाई के एवज में 300 रूपए मिलते हैं, जबकि महिलाएं ढाई मीटर तक चटाई बन रही हैं। इससे उन्हें ढाई मीटर बुनाई के 600 रूपए मिल जाते हैं। उनका कहना है कि वह सिर्फ चटाई ही नहीं बना रहीं बल्कि उनके सफलता की कहानी के ताने बाने भी बुन रही हैं।

Banana Farming Burhanpur

कई हैंडमेंड प्रोडक्ट बनकर तैयार

बता दें कि म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आने वाले स्व-सहायता समूह की जिले भर की महिलाएं केले के तने के रेशे से झूमर, झाड़ू, टोकरी, स्टाइलिश पालना सहित तोरण की रिंग जैसे घऱेलू उत्पाद तो तैयार कर रही हैं। अब यह महिलाएं हैंडलूम की तरह आई एक मशीन की मदद से केले के तने के रेशे से चटाई तैयार की। इन उत्पादों की बिक्री से स्व-सहायता समूह की महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसके अलावा उनके आत्मविश्वास में भी वृध्दि हुई है। ज्ञात हो कि केले के तने के रेशे से चटाई बुनने के लिए यह मशीन तमिलनाडु से मंगवाई गई। आजीविका मिशन ने इन महिलाओं को फायबर एक्सट्रेक्टर मशीन भी मुहैया कराई, जिससे केले के तने से रेशा निकालना बेहद आसान हो गया है।

Banana Farming Burhanpur

Dakhal News 20 December 2024

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