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जर्जर स्कूल भवनों में पढ़ाई
मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर सजग तो है और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सरकार तमाम योजनाएं चला रही हे लेकिन यहां जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती हे। एक सरकारी स्कूल की छत का एक हिस्सा उस समय भारभराकर गिर गया जब बच्चे क्लास रूम में पढ़ाई कर रहे थे। घटना में एक छात्रा घायल हुई। मामला डिंडोरी जिले के कनई सांगवा गांव में संचालित प्राथमिक शाला का है। ऐसा ही एक मामला डिंडोरी जिला के शहपुरा जनपद क्षेत्र के ग्राम घुटैना प्राथमिक विद्यालय का है, जहां जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा छात्र छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। जरा-सी बारिश से कक्षाओं में पानी टपकने लगता है जिसकी वजह से पढ़ाई बाधित हो जाती है। प्राथमिक स्कूलों के जर्जर भवनों में बच्चे जान जोखिम में ड़ाल कर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। प्राथमिक विद्यालय घुटैना की छत जर्जर होने के कारण थोड़ी सी बारिश में ही पानी छत से स्कूल के कमरों में टपकने लगता है। छात्रों के सर पर छत गिरने का डर हर पल मंडराता रहता है। छत की गली हुई छढ़े दिखाई दे रही है और पालकों का कहना है की बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है। इसलिए बच्चों को कमरे से बाहर बरामदे या जर्जर छज्जे पर पढ़ना मजबूरी हो गया है। शिक्षक कहते हैं, कई बार विभाग को अवगत कराया गया, मगर विभाग अनजान बना है। डिंडौरी जिले में लगभग 600 स्कूल संचालित हैं ,वही जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया जिले के 492 स्कूल भवनों की हालत जर्जर हे जो खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और 528 स्कूलों में मेजर रिपेयरिंग की आवश्यकता है। प्राथमिक विद्यालय अमेरा ग्राम पंचायत के घुटना में स्कूल भवन कई वर्ष पूर्व खंडहर घोषित कर दिया है। नए भवन के लिए धनराशि की मांग की जा रही है, लेकिन शिवराज सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए बहनों को तोहफा दे कर रिझाने में लगी हुई हैं.जिसे प्रथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले नौ निहालों की शिक्षा और सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं हे शिवराज को तो केवल अपनी कुर्सी से प्यार है और शिवराज के अधिकारियों को सरकारी ऑफिस की कुर्सियां तोड़ने से यही कारण है जर्जर भवन में बच्चे जान जोखिम में डाल पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वैसे तो सरकार शिक्षा को लेकर कई योजनाएं और सजक रूप से काम कर रही है। लेकिन इस तरह का मामला सामने आने के बाद पता चलता है ,कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
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