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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को पचमढ़ी में प्राकृतिक वातावरण के बीच दो दिवसीय चिंतन बैठक का शुरुआत हुई। बैठक का प्रारंभ वंदे-मातरम गान के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री चौहान ने सभी मंत्रियों का स्वागत कर प्रारंभिक उदबोधन में कहा कि आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सभी कार्य कर नया इतिहास रचना होगा। प्रदेश के सभी मंत्रियों में चमत्कारिक क्षमता है, वे विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य कर सकते हैं। टीम भावना से कार्य कर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना है।
मध्यप्रदेश को बनाएँ सर्वश्रेष्ठ राज्य
उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों के समय अनेक क्षेत्र में उपलब्धियाँ अर्जित की गई हैं। नए विचारों, परिश्रम के अधिकाधिक प्रयासों के साथ प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के प्रयास करें।
यशस्वी होकर जीने का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी होकर जीने का विशेष महत्व है। यह सौभाग्य की बात है कि कोई व्यक्ति मंत्री के पद पर है। समय का सदुपयोग करते हुए अपने अदभुत कार्य से आम जनता को लाभान्वित करना है। प्रत्येक व्यक्ति में असीमित क्षमताएँ हैं, उनका उपयोग कर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रांत बनाने में अपने प्रयास करें।
नवीन क्षेत्रों में हो कार्य
चौहान ने कहा कि नवीन क्षेत्रों में विकास के प्रयास किए जाएँ। कृषि सहित वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, निवेश वृद्धि और अन्य क्षेत्रों में और भी बेहतर कार्य मध्यप्रदेश में हो सकता है। मंत्रीगण ऐसे प्रयासों का नेतृत्व करें। बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्यों के साथ मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।
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