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21 December 2024इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में गणेशोत्सव के पर्व पर इस वर्ष करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक चौबंद करनी शुरू कर दी है। दस दिनों तक चलने वाले उत्सव में पहले दिन भगवान का करीब 3 करोड़ के स्वर्ण मुकुट से श्रृंगार किया जाएगा।
इसके साथ ही सवा लाख मोदक का भोग लगाया जाएगा। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर जैसी जिगजैग रेलिंग की व्यवस्था की है। जिससे एक बार में करीब 5 हजार भक्त मात्र 20 मिनट में बप्पा के दर्शन कर सकेंगे।
इस बार हरितालिका तीज से गणेश चतुर्थी तक मंदिर भी रातभर भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहेगा। पूरा उत्सव जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में मनाया जाएगा।
पहले दिन करीब 3 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना
10 दिनों (07 से 17 सितंबर) तक चलने वाले गणेश उत्सव में पहले दिन करीब 3 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है। वहीं भगवान गणेश के खास दिन बुधवार और रविवार को करीब 2 लाख भक्तों के लिए व्यवस्थाएं की गई है। अन्य दिनों में रोजाना करीब 1 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है।
ध्वजा पूजन से होगी शुरुआत, सवा लाख मोदक का भोग लगेगा
7 सितंबर को मंदिर प्रशासन और पं. अशोक भट्ट के साथ अन्य ब्राह्मणों द्वारा सुबह 9.30 बजे ध्वजा पूजन किया जाएगा। इस दौरान करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से बने नए स्वर्ण मुकुट से भगवान गणेश का श्रृंगार किया जाएगा। यह स्वर्ण मुकुट भगवान के खजाने से साल में केवल दो बार मकर संक्रांति और गणेश चतुर्थी पर ही निकाला जाता है।
इस दौरान गणेशजी को तिल-गुड़ के लड्डू के साथ सवा लाख मोदक का भोग भी लगाया जाएगा। इसके बाद इन्हें प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। भगवान गणेश का रोजाना अलग-अलग प्रकार के फूलों और मोतियों की माला से श्रृंगार किया जाएगा।
हर दिन सुबह मंदिर का मनोहारी पुष्प श्रृंगार भी होगा। पहले दिन पुष्प बंगला सजेगा। इस दौरान रात की आरती के बाद हर दिन 11 हजार लड्डुओं का भोग लगेगा। गणेश चतुर्थी पर सवा लाख मोदक का भोग लगने के बाद अगले 9 दिनों तक भगवान को अलग-अलग लड्डुओं का भोग लगेगा।
इनमें गोंद के लड्डू, अजवाइन-सोंठ के लड्डू, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, उड़द के लड्डू, मूंग के लड्डू, चावल के लड्डू, बड़ी बूंदी के लड्डू, तिल्ली के लड्डू और ग्यारस के दिन फरियाली लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। सभी दिन 11-11 हजार लड्डूओं का भोग लगेगा।
सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक होगें दर्शन
पंडित अशोक भट्ट के मुताबिक गणेश चतुर्थी के पर्व पर रोजाना सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। इस दौरान प्रात: सुबह और रात को 8 बजे आरती होगी। 7 तारिख को चतुर्थी के दिन दोपहर 12 बजे भगवान के जन्म की आरती होगी।
श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ सुचारु रूप से हो सकें, इसलिए जिगजैग व स्टेपिंग की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भगवान गणेश की दर्शन व्यवस्था को देखते हुए महाकाल मंदिर के तर्ज पर जिगजैग रेलिंग लगाई गई। बारिश के संभावना को देखते हुए रेलिंग को शेड से कवर किया गया है।
जिगजैग रेलिंग में एक बार में करीब 5 हजार लोग खड़े हो सकेंगे। इससे फायदा यह होगा कि पांच कतारें एक साथ चलेंगी। गर्भगृह के ठीक सामने 5 स्टैप लगाई गई हैं, जिसमें एक बार में करीब 200 भक्त आसानी से दर्शन पा सकेंगे। मंदिर में प्रवेश और दर्शन में करीब 20 मिनट का समय लगेगा।
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5 September 2024
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