
Dakhal News

वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने कह दी ये बड़ी बात केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का कहना है की 'सीएए' का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है।' ये बात उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कही। आपको बतादें की 'सीएए' में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान के हिन्दुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है । उनके ये बयान सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर (एक्स) पर पोस्ट करते हुए एक बड़ी बात लिखी। उन्होंने लिखा की, 'केंद्र का अब कहना है कि सीएए को इस साल मार्च में अधिसूचित किया जाएगा। 2015 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए सीएए को 2020 में संसद द्वारा पारित किया गया था।सीएए अधर में लटका हुआ है क्योंकि इसे लागू करने के नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। कल्पना करना, यह तब है, जब 2020 के बाद से पाकिस्तान में औसतन हर साल 1000 हिंदू महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। जो लोग विरोध करते हैं उनका उल्लंघन किया जाता है या उन्हें मार दिया जाता है।'
Dakhal News
जवाब में 'न्यूज़ 18 इण्डिया' ने ये दिया जवाब न्यूज़ 18 मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा देने के बाद से वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र खूब चर्चा में हैं। इसकी वजह है उन्होंने राहुल गाँधी पर लिखी एक किताब अपनी किताब, जिसका बिमोचन दिसंबर को होने वाला है। दरअसल दयाशंकर मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर (एक्स) पर एक पोस्ट लिखी और सफाई में उन्होंने कहा की इस्तीफे के पीछे ये किताब है। अपने इस्तीफे के लिए अप्रत्यक्ष रूप से किताब को बड़ी वजह बताते हुए कहा, किताब को लेकर कंपनी खुश नहीं है। दयाशंकर मिश्र के अनुसार, मेरे पास विकल्प था की में किताब वापस लेलूं। नौकरी करता रहूं। चुप रहूं। लेकिन मैंने किताब को चुना, जो हमारा बुनियादी काम है। इसलिए मैं किताब चुना। सच के साथ रहा। इसलिए पहले इस्तीफा फिर किताब। दयाशंकर के इस ट्वीट के बाद से 'न्यूज़ 18 इण्डिया' ने भी जवाब में एक ट्वीट करते हुए दयाशंकर मिश्रा के पोस्ट को भ्रामक और बेबुनियाद बताया। इस ट्वीट में 'न्यूज़ 18 इंडिया' का कहना है की कंपनी के नियम के हिसाब से कोई भी किताब लिखने से पहले अथवा संसथान से बाहर किसी भी तरह के योगदान को लेकर एम्प्लॉयीज को अनुमति लेनी होती है। तमाम मीडिया व प्रठिस्तानो में ऐसा ही होता है। लेकिन हमारी हिंदी वेबसाइट के एडिटर के रूप में दयाशंकर ने हमसे अनुमति नहीं ली। 'न्यूज़ 18 इण्डिया' के अनुसार जब 9 नवंबर 2023 को दयाशंकर मिश्रा ने बताया की वे किताब लिख रहे हैं। जो की दिसंबर के माह में पब्लिश होगी। तो उन्हें स्पष्ट रूप से कंपनी की पॉलिसी के बारे में बताते हुए इसका पालन करने के लिए कहा गया। तो उन्होंने 22 नवंबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा की उन्होंने किताब के लिए निशाना जा रहा है। जबकि वे इस किताब के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे। न्यूज़ 18 इण्डिया का कहना है की दयाशंकर ने कंपनी के नियमों की अवहेलना की है। कंपनी के पास ये अधिकार है की वे उनके खिलाफ और इस तरह के झूठ फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने किया तीखा पलटवार देश में चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं वैसे ही राजनेता अपने-अपने बयान दे रहे हैं। ऐसा ही बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दे दिया है जिससे वो फिलहाल विवादों में घिर गई हैं। दरअसल उन्होंने कहा, 'अगर वर्ल्डकप का फाइनल अगर कोलकाता में होता तो भारतीय टीम की जीत होती। भारतीय टीम ने विश्व कप में सभी मैच जीते, सिवाय एक मैच के, जिसमे पापी मौजूद थे।' उनके इस बयान को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने शो मे बात की और उनके इस बयान को बेतुका कहा। उन्होंने कहा, 'वर्ष 1996 का वर्ल्ड कप भी भारत में ही खेला गया था और उस समय भारत की टीम सेमीफइनल तक पहुंची थी। और ये मुकाबला भी कोलकाता के इसी ईडन गार्डन में खेला गया था। जिसका जिक्र ममता बनर्जी ने किया है। और उस समय श्रीलंका की टीम ने भारत को इसी स्टेडियम में हरा दिया था। तो क्या उस मैच में कोलकाता का ये स्टेडियम भारत की हार के लिए पनोती था ? उन्होंने आगे कहा, उस समय कोलकाता के जो लोग थे वह नाराज हुए थे उन्होंने प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिए थे और स्टेडियम में आगजनी कर दी थी क्योंकि वे हार को बर्दाश्त नहीं कर पाए थे।
Dakhal News
इस से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने उठाए कदम हाल ही में भारत में डीपफेक मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में केंद्र सरकार अब अलर्ट मोड पर है। इस पर कैसे लगाम लगाया जाये इसके लिए लगातार बैठक की जा रही है और साथ ही कड़े नियम बनाये जाने का विचार कर रहे हैं। आपको बतादें हाल ही में कई फेमस पर्सोनिलिटिस की डीपफेक वीडियो सामने आई थी। उसके बाद से सोशल मीडिया में लोगों के बिच काफी गेहमागहमी देखने को मिल रही है। ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा की डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कारवाई करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। राजीब चंद्रशेखर ने कहा की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा। जिस पर यूजर्स आईटी नियम के उलंघन के बारे में अपनी चिंता को बता सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा एमईआईटीवाई यूजर्स को आईटी नियमों के उलंघन के बारे में सूचित करने और एफआईआर दर्ज करवाने में सहायता करेगा। उन्होंने आगे कहा, पोस्ट शेयर करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अगर वो खुलासा करते हैं की पोस्ट कहाँ से आई है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। उसके बाद उन्होंने कहा की सोशल मीडिया प्लेटफार्म को अपनी उपयोग की शर्तो को आईटी नियमो के अनुरूप करने के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है । चन्द्रशेखर ने कहा,आज से आईटी नियमों का उलंघन बिलकुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। बयान में कहा गया कि ऐसे किसी भी कंटेंट की रिपोर्ट किए जाने पर उसे रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर ही हटा दिया जाए और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही केंद्र ने कहा कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है।
Dakhal News
इजराइल ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की 15वीं बरसी से पहले मंगलवार को पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन की सूची में डाल दिया। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें कई इजराइली नागरिक भी शामिल थे।नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास ने एक बयान में कहा, 'मुंबई आतंकी हमलों की 15वीं बरसी पर इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।'इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट कर भारत सरकार से एक अपील की है।उन्होंने पोस्ट किया, 'जैसे ही भारत मुंबई 26/11 हमले के 15 साल पूरे होने की तैयारी कर रहा है, एकजुटता दिखाते हुए, इजराइल ने पाक स्थित लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया। इस इस्लामी आतंकवादी समूह ने गजवा-ए-हिंद के हिस्से के रूप में 26/11 की साजिश रची थी। भारत को हमास पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए, जो सहयोगी इजराइल के अस्तित्व के लिए खतरा है।
Dakhal News
‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने मंगलवार को टेलीविजन चैनल्स को एडवाइजरी जारी कर उत्तराखंड के सिलक्यारा में चल रहे राहत व बचाव अभियान को सनसनीखेज न बनाने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग स्थल के नजदीक से किसी भी तरह की लाइव पोस्ट या वीडियो करने से बचने की सलाह भी दी गई है।इसके साथ ही मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि ऑपरेशन स्थल के पास या आसपास कैमरामैन, पत्रकारों या उपकरणों की उपस्थिति से विभिन्न एजेंसियों द्वारा मानव जीवन बचाने की गतिविधियां किसी भी तरह से बाधित न हों।मंत्रालय ने कहा है कि सरकार लगातार संपर्क बनाए हुए है और दो किलोमीटर लंबी सुरंग वाले हिस्से में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है।अपनी एडवाइजरी में मंत्रालय का कहना है, ‘विभिन्न सरकारी एजेंसियां 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। सुरंग के आसपास चल रहा ऑपरेशन बेहद संवेदनशील प्रकृति का है, जिसमें कई लोगों की जान बचाना शामिल है। टीवी चैनल्स द्वारा ऑपरेशन से संबंधित वीडियो फुटेज और अन्य तस्वीरों के प्रसारण, विशेष रूप से बचाव अभियान स्थल के करीब कैमरे और अन्य उपकरण लगाने से यहां चल रहे बचाव व राहत अभियानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।’मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को सलाह दी है कि वे इस मामले पर रिपोर्टिंग करते समय सतर्क और संवेदनशील रहें, खासकर हेडलाइन, वीडियो और तस्वीरें डालते समय ऑपरेशन की संवेदनशील प्रकृति, परिवार के सदस्यों की मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी ध्यान रखें।बता दें कि उत्तराखंड में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग के धंस जाने से उसमें काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए हैं। यह सुरंग उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा और डांडलगांव को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। 12 नवंबर की सुबह से मजदूर टनल में फंसे हुए हैं। मजदूरों को बचाने का काम जारी है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में तमाम रुकावटें आ रही हैं।
Dakhal News
‘न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड’ यानी कि एनडीटीवी (NDTV) के कार्यालय का पता अब जल्द ही बदल जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, नए साल की शुरुआत में कार्यालय नोएडा सेक्टर 129 में शिफ्ट हो जाएगा। एनडीटीवी ने नए कार्यालय के लिए मैक्स स्क्वायर लिमिटेड के साथ की डील की जानकारी हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है, जिसके मुताबिक आने वाले महीनों में एनडीटीवी का नया पता- Plot No. C3-C, Jaypee Wishtown, Sector 129, Noida, Uttar Pradesh – 201304 होगा।
Dakhal News
'बीक्यू प्राइम' चैनल (BQ Prime channel) एक नए ब्रैंड नेम एनडीटीवी प्रॉफिट के तहत फिर से लॉन्च होने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, चैनल को 'एनडीटीवी प्रॉफिट' के नाम से रीब्रैंड किया जाएगा और 8 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा। इंडस्ट्री जगत में पहले चर्चा थी कि 'एनडीटीवी प्रॉफिट' को 29 नवंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा फिर से लॉन्च किया जाएगा।'बीक्यू प्राइम' चैनल का स्वामित्व पहले क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया के पास था, जिसे पिछले साल अडानी ग्रुप ने अधिग्रहित कर लिया था।'एनडीटीवी प्रॉफिट' को 5 जून, 2018 को बंद कर दिया गया था। बढ़ते राजस्व घाटे के चलते प्रणय रॉय के स्वामित्व वाले इस चैनल को बंद करने का निर्णय लिया गया था।चैनल के रीलॉन्च के संबंध में घोषणा इस साल जनवरी में अडानी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण के बाद आयोजित एक टाउन हॉल के दौरान की गई थी। पिछले साल दिसंबर में, गौतम अडानी की कंपनी ने एनडीटीवी ग्रुप में 65 प्रतिशत की नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली, जिसके कारण फाउंडर प्रणय रॉय और राधिका रॉय को कंपनी बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा।
Dakhal News
दिल्ली को क्रांति का सपना दिखा कर ठगा गया है देश की राजधानी नई दिल्ली में हवा लगातार जहरीली बानी हुई है। लोगों की आँखों, सीने में जलन और गले में खराश की समस्या बानी हुई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। आनंद विहार और आस-पास के इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है। इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने अपने डिबेट शो कहा कि दिल्ली की जनता को आज ऐसी हवा में सांस लेनी पड़ रही है जो बेहद जहरीली है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों हैं? इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों हैं? ये है तो एक फिल्म का गाना लेकिन इस वक्त दिल्ली की जनता को इसी तक़लीफ़ में सांस लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है लेकिन उसे कम करने के बजाय पंजाब टू हरियाणा गियर शिफ्ट करने वाली पॉलिटिक्स चल रही है।'
Dakhal News
इतिहास, वर्तमान और भविष्य बहादुरों का होता है मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बिच एक बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। जो मैच एक समय तक अफगानिस्तान की झोली में जा चूका था लेकिन जब मैक्सवेल बल्लेबाजी करने आए तो मैच का रुख मोड़ लिया। मैक्सवेल ने 128 गेंदों में 202 रनों की तूफानी पारी खेली। जिसमे 10 छक्के और 21 चौके शामिल थे। मैक्सवेल की ये पारी देख वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी राय दी है।उन्होंने लिखा, 'लोग कहते हैं एक अकेला क्या कर सकता है? इतिहास का सृजन झुंड में रहने वाले नहीं बल्कि एक अकेला ही करता है। एक पैर के सहारे। शरीर पर अनगिनत चोट। 100 रन के भीतर 7 साथी निपट चुके थे। और एक छोर पर अकेला मैक्सवेल और फिर अंजाम दुनिया ने देखा। इतिहास, वर्तमान और भविष्य बहादुरों का होता है।'आपको बता दें कि पैट कमिंस ने मैक्सवेल के साथ मिलकर 202 रनों की अहम साझेदारी की। भले ही उन्होंने इसमें सिर्फ 12 रनों का योगदान दिया, मगर उन्होंने एक छोर संभाले रखा।
Dakhal News
पोस्ट कर कही ये बात दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच 'टाइम्स नाउ नवभारत' के सीनियर गेस्ट कोऑर्डिनेटर दीपक शर्मा की सोमवार को इस बीमारी से जान चली गई। जानकारी के मुताबिक, पिछले चार दिनों से डेंगू से जूझ रहे पत्रकार को शुक्रवार को दिल्ली के प्रीत विहार स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई, जिसके बाद डॉक्टरों को उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। तमाम चिकित्सीय प्रयासों के बावजूद, शर्मा को बचाया न जा सका। दीपक शर्मा के निधन पर 'अमर उजाला' समूह के वरिष्ठ सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भावुक करने वाली बात कही।उन्होंने लिखा, 'कुछ दिन पहले ही प्रिय दीपक को मैंने सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी थी। क्या पता थी कि ये दीपक से मेरी आखिरी मुलाकात होगी। कल जब से ये दु:खद खबर मिली तब से दीपक का हमेशा हंसता हुआ चेहरा आंखों के सामने घूम रहा है। हमेशा याद आओगे। विनम्र श्रद्धांजलि।'बता दें कि करीब 15 दिनों पहले ही दीपक को एक बेटा हुआ था। उनकी एक बेटी भी थी। दीपक के परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे और उनके माता-पिता हैं। मूल रूप से आगरा जिले के बिठौली गांव के रहने वाले शर्मा ने अपना करियर 'न्यूज24' से शुरू किया था। इसके बाद वह 'नेटवर्क18' और 'इंडिया टीवी' के साथ भी काम चुके थे।
Dakhal News
‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘न्यूजएक्स’ ‘NewsX’ की सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर प्रिया सहगल को संस्थान ने प्रमोशन का तोहफा दिया है। उन्हें अब ‘न्यूजएक्स’ का एडिटोरियल डायरेक्टर बनाया गया है। प्रिया सहगल को मीडिया में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने खुद को एक प्रमुख टीवी टॉक शो होस्ट और राजनीतिक पत्रकार के रूप में स्थापित किया है और अपने उत्कृष्ट काम के चलते इस क्षेत्र में खासी पहचान अर्जित की है। प्रिया सहगल को दो पुरस्कार विजेता शो 'द राउंडटेबल' (The Roundtable) और 'कवर स्टोरी' (Cover Story) की एंकर के रूप में खासी पहचान मिली है। अपने अब तक के करियर में उन्होंने ‘इंडिया टुडे’ (India Today), ‘द आउटलुक’ (The Outlook) और ‘संडे मैगजींस’ (Sunday magazines) जैसे जाने-माने मीडिया आउटलेट्स में अहम भूमिका निभाई है। राजनीतिक पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रिया सहगल को महारत हासिल है। पत्रकार के साथ-साथ प्रिया सहगल एक लेखिका भी हैं और उन्होंने ‘The Contenders’ नामक किताब भी लिखी है। इस किताब में देश के 16 उभरते राजनीतिक नेताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिनमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ, अरविंद केजरीवाल और बादल जैसी जानी-मानी हस्तियां शामिल हैं। इसके अलावा, ‘द संडे गार्जियन’ में अपने साप्ताहिक कॉलम के माध्यम से वह देश के राजनीतिक घटनाक्रमों पर प्रकाश डालती हैं।
Dakhal News
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में धुंध छायी हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के प्रदूषित शहरों में से दिल्ली एक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, शुक्रवार सुबह आठ बजे तक दिल्ली के मुंडका इलाके का औसत एक्यूआई 500, आईटीओ में 451, नजफगढ़ में 472, आईजीआई एयरपोर्ट में 500, नरेला में 500 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 400 पर 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा, 'क्या आप जानते हैं कि पिछले 27 दिनों में इजरायल के द्वारा गाजा में लगभग 18 हजार टन बारूद गिराया गया है। आप अगर गाजा पर निगाह डालेंगे तो आपको हर तरफ सिर्फ बारूद का ढेर, मलबे का धुआं और मिट्टी ही दिखाई देगी लेकिन गाजा का एयर क्वालिटी इंडेक्स आज भी दिल्ली-एनसीआर से अच्छा बना हुआ है जो कि सिर्फ 37 के आस-पास है।' उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण की स्थिति आज भी गाजा की स्थिति से बेकार है। दिल्ली-एनसीआर में आजकल ऐसा माहौल हो गया है कि आंखों में जलन होती है और मास्क लगाने का मन करता है।
Dakhal News
‘अडानी’ (Adani) समूह ने ‘क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया’ (Quintillion Business Media) में शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है, जो 'BQ Prime' का संचालन करती है। अडानी समूह ने हाल ही में हुई शेयरहोल्डर मीटिंग में यह घोषणा की है।एक प्रेस स्टेटमेंट में कंपनी का कहना है, ‘हम सूचित करना चाहते हैं कि AMNL, क्विंटिलियन मीडिया लिमिटेड (QML), क्विंट डिजिटल लिमिटेड (QDL) और QBML ने क्विंटिलियम बिजनेस मीडिया लिमिटेड में शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए एक शेयर खरीद समझौता (Share Purchase Agreement) किया है।’मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी एंटरप्राइजेज ने अडानी एंटरप्राइजेज के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एएमजी मीडिया द्वारा क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया में शेष 51% हिस्सेदारी के अधिग्रहण के संबंध में समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) की सूचना दी। हालांकि, कंपनी ने लेनदेन के वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया है।
Dakhal News
हर किसी को आलोचना के घेरे में लेना ठीक नहीं इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि भारत के वर्क कल्चर को सुधारने की जरूरत है। युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की जरूरत है, तभी वह ग्लोबल स्टेज पर मौजूद प्रतियोगिता का मुकाबला कर सकते हैं। हालांकि उनके इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई है। उनकी चारों ओर हो रही आलोचना के बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।उन्होंने लिखा, 'युवाओं से अधिक मेहनत करने की अपील करने के कारण एन आर नारायण मूर्ति को आलोचनाओं के घेरे में लेना हैरान करता है। लोगों ने पूरी बहस को सत्तर घंटे प्रति सप्ताह काम के तर्क के इर्द-गिर्द समेट दिया। नारायण मूर्ति देश के श्रम मंत्री नहीं हैं, जो उनका कहा कानून बन जाएगा। वे एक ऐसी हस्ती हैं जिन्होंने पहले करके दिखाया, फिर लोगों से वैसा करने को कहा। जिन्हें काम नहीं करना है, वे न करें। वे तो वैसे भी काम न करने के पचास बहाने ढूंढ ही लेंगे लेकिन यह समझना जरूरी है कि नारायण मूर्ति भारत को विकसित देश बनाने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और भ्रष्टाचार विहीन समाज पर जोर दे रहे हैं
Dakhal News
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी कि सेबी अब 'प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण' (SAT) द्वारा जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के सीईओ पुनीत गोयनका के खिलाफ उसके ऑर्डर को रद्द किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह खबर सामने आयी है।दरअसल, सेबी ने पुनीत गोयनका के खिलाफ अपने आदेश में कहा था कि फंड्स डायवर्जन मामले की जारी जांच पूरी होने तक वह किसी भी लिस्टेड कंपनी में अहम पद पर शामिल नहीं हो सकते हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, SAT द्वारा गोयनका के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद जी बोर्ड भी जल्द ही गोयनका की भूमिका पर चर्चा करने को लेकर मीटिंग कर सकता है।सेबी ने पुनीत गोयनका और डॉ. चंद्रा के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित कर उन्हें एक साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद रखने से रोक दिया था।बाजार नियामक ने एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और गोयनका को एक साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया था। दोनों के खिलाफ अपने निजी लाभ के लिए सूचीबद्ध इकाई से धन निकालने के लिए यह कार्रवाई की गई थी। इसके बाद गोयनका सेबी के आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण का रुख किया था।सैट द्वारा सेबी के आदेश को खारिज किए जाने के साथ, इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों ने कहा कि इससे जी-सोनी विलय प्रक्रिया में तेजी आ सकती है, क्योंकि कंपनी को अब उन कानूनी अनिश्चितताओं से राहत मिल गई है जिनके कारण वह परेशान थी।
Dakhal News
'तक चैनल्स' के सीईओ विवेक गौड़ ने दिया इस्तीफा 'तक चैनल्स' के सीईओ व कंसल्टेंट (सीनियर मैनेजमेंट पर्सोनेल) विवेक गौड़ ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। नेटवर्क द्वारा सेबी को दी जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। विवेक गौड़ ने अन्य अवसरों का लाभ उठाने के लिए 18 अक्टूबर को अपना इस्तीफा दे दिया है।सेबी को लिखे पत्र में सेक्रेट्रियल व कंपनी सेक्रेट्री के ग्रुप हेड आशीष सभरवाल ने नियामक को सूचित किया कि गौड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। फिलहाल वह 18 जनवरी 2024 तक पद पर बने रहेंगे।
Dakhal News
संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (Editors Guild Of India) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 28 अक्टूबर को अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) का आयोजन किया।इस बैठक में 'द कारवां' के संपादक अनंत नाथ (Anant Nath) को ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ का प्रेजिडेंट चुना गया। इसके साथ ही ‘आउटलुक’ (Outlook) के पूर्व एडिटर-इन-चीफ रुबेन बनर्जी को जनरल सेक्रेट्री और ‘द ट्रिब्यून’ (The Tribune) के पूर्व सीनियर एसोसिएट एडिटर केवी प्रसाद को सर्वसम्मति से ट्रेजरार चुना गया है।‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के इन नए पदाधिकारियों की घोषणा तीन सदस्यीय चयन समिति ने की। इस समिति में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, विजय नाइक और कुमकुम चड्ढा जैसे जाने-माने नाम शामिल थे।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार ने कह दी ये बात कतर की अदालत द्वारा 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। यह खबर हम भारतीयों के लिए काफी आश्चर्य जनक है। भारत सरकार ने इस पर हैरानी जताई है और कहा है की वो कानूनी विकल्प तलाश कर रही है। ताकि सभी भारतीयों को बचाया जा सके। भारत सरकार का कहना है की वे सभी के परिवार के संपर्क में है और आगे की कारवाही पर विचार कर रही है। इस घटनाक्रम में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत सरकार से अपील की है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा, 'कतर में भारतीयों को मृत्युदंड दिया जाना स्पष्ट कर रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह के हथकंडे अपनाए जा सकते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि, हमारी सरकार हर संभव कोशिश करेगी और भारतीयों का जीवन बचाया जा सकेगा। अब जिनको इसमें भी आनंद का अनुभव हो रहा है कि पीएम मोदी को कमजोर कह सकेंगे, उनकी बीमारी लाइलाज है।' आपको बतादें की उन पर क्या-क्या आरोप लगे हैं इसकी पुष्टि कतर ने सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन जासूसी के मामले में उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इस वक्त भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है की वे किस तरह आठों भारतीयों को फांसी के फंदे पर लटकने से बचा सकती है।
Dakhal News
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अपने कथित अश्लील वीडियो को अपलोड किये जाने के मामले में महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, मराठी न्यूज़ चैनल लोकशाही और यूट्यूबर अनिल थट्टे के खिलाफ बंबई उच्च न्यायलय में मानहानि के तीन मुक़दमे दायर किये हैं। वहीं, न्यायमूर्ति एसएम मोदक की एकल पीठ ने बुधवार को प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।सोमैया ने वीडियो को लेकर उनके खिलाफ दिये गये अपमानजनक बयानों के लिए मानहानि के हर्जाने के तौर पर सभी से अलग-अलग सौ करोड़ रुपये का दावा किया है।उन्होंने प्रतिवादियों को वीडियो हटाने, भविष्य में ऐसा कोई अपमानजनक वीडियो अपलोड न करने या उनके (सोमैया के) खिलाफ बयान न देने का निर्देश देने की भी मांग की है। सोमैया के वकील हृषिकेश मुंदरगी ने अदालत को सूचित किया कि लोकशाही न्यूज चैनल ने जुलाई में मानहानिकारक बयानों के साथ कथित अश्लील वीडियो चलाया था। मुंदरगी ने कहा कि प्रतिवादियों (लोकशाही चैनल और दानवे) ने निंदनीय मंतव्य दिये। सोमैया एक शादीशुदा व्यक्ति हैं और उनके बच्चे भी हैं। उनकी समाज में एक राजनीतिक प्रतिष्ठा है। उन्होंने कुछ नेताओं के कई घोटालों का खुलासा किया है, जिसके बाद ये कथित वीडियो सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सोमैया द्वारा पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है और जांच जारी है। याचिका के अनुसार, थट्टे ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर सोमैया की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले वीडियो जारी किए।
Dakhal News
कहा, 'अगर इस्लाम कबूलता तो पाकिस्तान का कप्तान होता' 42 साल के पूर्व पाकिस्तानी खिलाडी दानिश कनेरिया ने आजतक के प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी के साथ बातचीत में कई बड़े खुलासे किये। दानिश कनेरिया ने कहा, 'उन्हें एक हिन्दू होने के नाते पाकिस्तान में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। उनसे पूछा गया की अगर मान लीजिए आपने धर्म परिवर्तन कर लिया होता और इस्लाम कबूल कर लिया होता तो आपका जीवन और क्रिकेट करियर कैसा होता, जवाब में दानिश कनेरिया ने कहा 'में जिस समस्या से जूझ रहा हूँ शायद ये ना आई होती और शायद में कप्तान बन गया होता। रिकॉर्ड भी तोड़ देता। लेकिन में ये कभी सोच भी नहीं सकता। इतना गिरना मेरे लिए नामुमकिन है। मुझे सनातन धर्म से बहुत प्यार है। मेरे लिए मेरा धर्म ही सब कुछ है। आपको बतादें की दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेल चुके है।
Dakhal News
न्यूज़ एंकर ऋचा सिंह ने जयपुर स्थित 'सच बेधड़क' न्यूज़ चैनल के साथ पत्रकारिता में अपनी नई पारी शुरू की है। उन्होंने यहाँ बतौर सीनियर एंकर ज्वाइन किया है। इस से पहले ऋचा ने नोएडा के न्यूज़ चैनल 'हिंदी खबर' में बतौर एंकर काम करती रही। लेकिन हालही में उन्होंने 'हिंदी खबर' से इस्तीफा दे दिया है। ऋचा करीब 1 साल वहाँ न्यूज़ एंकर की भूमिका अदा की थी। ऋचा सिंह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाली हैं। उनको मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का करीब 8 साल का अनुभव है। ऋचा ने कई न्यूज़ चैनल में काम किया है जैसे की 'न्यूज़ इंडिया' 'आर 9 न्यूज़' 'नेशनल वॉइस' 'भारत समाचार ' और 'इंडिया न्यूज़।' ऋचा ने 'न्यूज़ इंडिया' से अपनी पत्रकारिता की शुरुवात की थी। उन्होंने 'अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय' (AMU) से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है।
Dakhal News
करना चाहते है अपना खुद का कुछ काम वरिष्ठ पत्रकार शरीक खान ने 'NDTV' में ढाई दशक से ज्यादा बिताने के बाद पिछले दिनों अपना इस्तीफा दे दिया है। शारिक ने बताया की उन्होंने पत्रकारिता पूरी तरह से छोडने का फैसला लिया है। और वे अब मीडिया से हट कर अपना कुछ और काम करेंगे। शारिक खान मूल रूप से बिहार के कटिहार के रहने वाले हैं। शारिक करीब 27 साल पहले कैमरामैन के तौर पर इस चैनल के साथ मीडिया में अपने करियर की शुरुवात की थी। इसके बाद वे तमाम पदों पर होते हुए इन दिनों सीनियर न्यूज़ एंकर कम एसोसिएट न्यूज़ एडिटर के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे थे। आपको बतादें की उनको उनकी बेहतरीन रिपोर्टिंग के कारण शारिक खान को 'रामनाथ गोयनका अवार्ड' से भी नवाजा जा चूका है।
Dakhal News
राजस्थान में बहुमत के साथ भाजपा की बन सकती है सरकार राजस्थान में होने वाले चुनाव में बीजेपी की सर्कार बन सकती है। दरसल, इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के सर्वे के मुताबिक बिपक्षी पार्टी भाजपा को 200 सीटों वाली विधानसभा में लगभग 125 सीटो पर जीत हासिल हो सकती है। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस को 72 सीटों पर ही सिमट सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 73 सीट और कांग्रेस को 100 सीटें मिली थी। इस बार निर्दलीयों और छोटी पार्टियों को सिर्फ तीन सीटें मिल सकती हैं, जबकि 2018 में इन्होने 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। ओपिनियन पोल में वोट शेयर के अनुमान के मुताबिक, भाजपा को 44.92 प्रतिशत, कांग्रेस को 40.08 प्रतिशत और अन्य को 15 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा को 38.77 प्रतिशत, कांग्रेस को 39.3 प्रतिशत और अन्य को 21.93 प्रतिशत वोट मिले थे। ओपिनियन पोल में सीएम पद के लिए 32.5 प्रतिशत वोटरों ने अशोक गहलोत को, और 26.98 प्रतिशत ने वसुंधरा राजे को पसंद किया। सचिन पायलट को 12.35 प्रतिशत मिले, जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत को 10.07 प्रतिशत, राज्यवर्धन सिंह राठौर को 7.81 प्रतिशत, और दीया कुमारी को 3 प्रतिशत मत मिले।
Dakhal News
इजरायल-फिलिस्तीन के बिच हो रहे युद्ध में काफी तनाव बढ़ते जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि यह युद्ध अब लम्बा चल सकता है। दरअसल, इजरायल ने शुक्रवार को तड़के फिर गाजा पर जबरदस्त बमबारी की। इजरायल ने दक्षिणी क्षेत्र में उन स्थानों पर बम, रॉकेट और मिसाइलों से हमला किया जहां फिलस्तीनियों को सुरक्षा के मद्देनजर जाने के लिए कहा गया था। इस पूरे मामले पर राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के डिबेट शो में अपने विचार व्यक्त किए।उन्होंने कहा, 'भारत की इजरायल फिलिस्तीन नीति एकदम साफ है कि हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में फिलिस्तीन का समर्थन करते है लेकिन एजेंडा चलाने वाले उसके आगे की लाइन नहीं बताते। हम फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं मगर इजरायल के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से लेकिन अब शांतिपूर्ण वार्ता तो कहीं दिखाई नहीं दे रही है। यहां हमास का आतंक दिखा जिसका समर्थन भारत नहीं करता। पर इस युद्ध में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एकमात्र नेता है जिन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति और इजरायल के राष्ट्रपति दोनों से बातचीत की है और दोनों देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का समान रूप से सम्मान करते हैं। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कुशल विदेश नीति और उनके प्रति विश्व में सम्मान और उनके नेतृत्व में भारत के स्थान का परिचायक भी है।
Dakhal News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा के एक अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों के मरे जाने पर गहरा दुःख जताया है। पीएम ने एक्स पर लिखा,गाजा के अल-अहलि अस्पताल में आम लोगों की जान जाने पर गहरा सदमा पंहुचा है। पीड़ितों के परिवारवालों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।पीएम मोदी की इस पोस्ट पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने रिपोस्ट करते हुए अपनी राय प्रकट की है। उन्होंने लिखा, गाजा पट्टी के अस्पताल पर हमले में मारे गये नागरिकों कि निर्मम हत्या पर शोक व्यक्त करता भारत, ये भी जानता है कि ऐसे हमलों से आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई कमजोर होती है। अब तक क़रीब 250 इज़राइली बंधक और क़रीब 1400 इज़राइली नागरिक मारे जा चुके हैं, 7 अक्टूबर के बाद से आतंकी हमलों में।लेकिन किस हक़ से क़रीब 600 बच्चों समेत 3500 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है गाजा पट्टी में और कैसे निर्दोष हत्याओं को आतंक के ख़िलाफ़ लड़ाई का जामा पहनाया जा सकता है ? वो भी तब जब इज़राइल के प्रधानमंत्री को देश को ज़्यादातर नागरिकों का विरोध झेलना पड़ रहा है। कुछ तो गड़बड़ है।इज़राइली प्रधानमंत्री और उनकी सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कब तक निर्दोष इज़राइली नागरिकों के अपहरण और हत्या की आड़ में दुसरे मुल्क पर क़हर ढाते रहेंगे। आपको बता दे, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि गाजा सिटी के एक अस्पताल पर इजरायल के हवाई हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हो गई है। हमले के वक्त अल-अहली अस्पताल में सैकड़ों लोगों ने शरण ली हुई थी।
Dakhal News
बच्चों का मारा जाना बिल्कुल गलत: ऋचा अनिरुद्ध पिछले दिनों हुए गाज़ा में हुए इजराइली हमले में काफी लोगों की मौत हुई। इस हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ अरब नेताओं का शिखर सम्मलेन रद्द हो गया। वे जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अरब नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन करने वाले थे। इन सभी मामलों के बीच बाइडेन तेल अवीव पहुंचे हैं। गाजा में अस्पताल पर हुए हमले के मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने लिखा, जब दो तरफ से बराबरी से हिंसा हो तो एक की तरफ़दारी करने का कोई मतलब नहीं है। दुनिया को हिंसा के खिलाफ एकजुट होना होगा लेकिन ऐसा होगा नहीं। एक ने हमला किया दूसरे ने पलटवार किया। अब पहला फिर पलटवार करेगा फिर दूसरा करेगा। हर पलटवार पहले से ज़्यादा घिनौना होगा और मासूम मारे जाएंगे। दुखद है।उनके इस ट्वीट के बाद एक यूजर ने लिखा, 'अभी तक तो आप इजराइल के समर्थन में बोल रही थीं अचानक ह्रदय परिवर्तन की कोई खास वजह?' इसके जवाब में ऋचा ने लिखा, 'आज भी हमास के विरोध और इज़राइल के समर्थन में ही हूं। बस किसी भी तरफ बच्चे मारे जाएं तो वो गलत है। युद्ध की जड़ तो हमास ही है।'गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कम से कम 500 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस घटना के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। हमास ने आरोप लगाया कि इजराइल ने यह बड़ा हमला किया है। वहीं इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया।
Dakhal News
जम्मू कश्मीर के शारदा मंदिर में देश की आजादी के बाद पहली बार हुई है। आपको बतादें यह मंदिर कुपवाडा के टिटवाल में स्थित है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऐतिहासिक घटना पर ख़ुशी जताई है। मंदिर का उद्घाटन इस साल 23 मार्च 2023 को अमित शाह ने किया था। चैत्र नवरात्री के पहले दिन मंदिर के गर्वगृह में देवी शारदा की प्रतिमा रखी गई थी। मंदिर को उसी स्थान और शैली में बनाया गया है। जहां भारत के विभाजन से पहले मौजूद था।इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, '1947 के बाद पहली बार, कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा आयोजित की गई। 76 वर्षों तक "धर्मनिरपेक्षवादियों" द्वारा हिंदुओं को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित कर "कश्मीरियत" के रूप में प्रचारित किया गया। कुछ लोगों के लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब अभी भी भारत के सनातन धर्म को दफनाना है।'आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'ये अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व की बात है कि 1947 के बाद से पहली बार कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में इस साल नवरात्रि की पूजा हुई है। इसी साल यहां चैत्र नवरात्रि की पूजा हुई थी और अब शारदीय नवरात्रि के मंत्र गूंज रहे हैं।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार अलोक कुमार ने 'टाइम्स नेटवर्क' में अपनी पारी को विराम दिया है। वे 'टाइम्स नेटवर्क' में करीब पौने चार साल बतौर एडिटर की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 13 अक्टूबर 2023 को अलोक कुमार का 'टाइम्स नेटवर्क' में बतौर एडिटर आखिरी कार्यदिवस था। सूत्रों से जानकारी मिली है की वे अब 'जी न्यूज़' में बड़ी ज़िम्मेदारी संभालेंगे। लेकिन आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। आपको बतादें की 'टाइम्स नेटवर्क'से पहले वे 'टीवी 9' समूह के साथ जुड़े हुए थे। और एक्सिक्यूटिव एडिटर के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे थे। अलोक कुमार बिहार में मुजफ्फरपुर के निवासी हैं। उनको मीडिया क्षेत्र में काम करने का काफी ज़्यादा अनुभव है। पूर्व में वे डिजिटल प्लेटफॉर्म के रीजनल विंग की कमान संभल चुके हैं। वे वहाँ से मई 2015 में ‘लाइव इंडिया’ से इस्तीफा देकर ‘नेटवर्क18’ आए थे।‘ लाइव इंडिया' में वे डिजिटल एडिटर के तौर पर बहुत ही कम समय तक रहे। जहाँ उन्होंने बस 5 महीने ही बिताये। इसके पहले तक आलोक कुमार ने ‘सहारा समय’, ‘बीबीसी’ (BBC), ‘यूएनआई’ (UNI) और‘नेटजाल’ (www.netjaal.com) डिजिटल पोर्टल के साथ काम किया। देश के प्रतिष्ठित मीडिया शिक्षण संस्थान ‘आईआईएमसी’ से वर्ष 2001 में पत्रकारिता की तालीम हासिल करने वाले आलोक ने पत्रकारिता का सफर ‘नेटजाल’ (www.netjaal.com) के साथ बतौर कॉपी राइटर शुरू किया।
Dakhal News
सुचना-प्रसारण मंत्रालय की हालही में आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि डिजिटल मीडिया ने मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक सब-सेक्टर के तौर पर लगभग 100 के आसपास स्टार्टअप का उदय देखा है। 2022 में जो मीडिया व एंटरटेनमेंट सेक्टर का कुल 28.20 प्रतिशत था। मीडिया व एंटरटेनमेंट सेक्टर में अगला सबसे बड़ा योगदानकर्ता 28 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप का एंटरटेनमेंट सब-सेक्टर था। डिजिटल मीडिया न्यूज़ व पब्लिशिंग सेक्टर में कुल मिलकर 36 नए वेंचर्स का उदय हुआ है। ओओएच मीडिया व डिजिटल मीडिया ब्लॉगिंग स्टार्टअप का 2022 में बस 3 स्टार्टअप की शुरुवात की और उसके साथ पाई चार्ट में सबसे काम यानी मात्र 0.80 प्रतिशत हिस्सा रहा। 2023 की EY-FICCI रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए M&E रिपोर्ट में पिछले पांच वर्षों में डिजिटल मीडिया सेक्टर की बृद्धि का भी उल्लेख किया गया है। 2017 में यह सेक्टर सिर्फ 119 अरब रूपए का था और 2022 से बढ़कर 571 अरब डॉलर रूपए का हो गया है। जिससे पांच वर्षों में इसमें 380 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
Dakhal News
डॉ. प्रवीण तिवारी ने मीडिया जगत में अपनी नई पारी की शुरुआत कर दी है।वे 'भारत एक्सप्रेस' के साथ ग्रुप एडिटर डिजिटल के तौर पर जुड़ गए हैं। इससे पहले वह 'अमर उजाला' की वीडियो टीम को हेड कर रहे थे। उनके नेतृत्व में अमर उजाला की वीडियो टीम ने अच्छी ग्रोथ की और अमर उजाला का वीडियो प्लेटफर्म चर्चा का विषय बना। भारत एक्सप्रेस ग्रुप डिजिटल क्षेत्र में एक बड़े इन्वेस्टमेंट के साथ आ रहा है।डॉ. प्रवीण तिवारी पत्रकारिता के साथ-साथ एकेडमिक्स और लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अभी तक सात पुस्तकों का लिखा है। यूजीसी के रजिस्टर्ड प्रोफेसर के तौर पर कई एकेडमीशन उनके मार्गदर्शन में पीएचडी भी कर रहे हैं।उन्होंने 25 साल के पत्रकारिता जीवन में प्रिंट टीवी और डिजिटल तीनों ही माध्यमों में लंबा समय दिया है।मुख्य रूप से 'लाइव इंडिया' के प्रधान संपादक के रूप में, फिर 'न्यूज18 इंडिया' के प्राइम टाइम एंकर के तौर पर उनकी भूमिकाएं और कार्य उल्लेखनीय है। 'जी बिजनेस' के साथ उनका कार्यक्रम 'इनोवेट इंडिया' भी काफी चर्चा में रहा । दूरदर्शन के साथ उनका लंबा साथ रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय चैनल के साथ 'अवकेनिंग इंडिया' और कई अन्य प्रोग्राम बनाए हैं। आगामी दिनों में वह अपने लेखन और अकादमी कार्यों को भी जारी रखेंगे। डॉ. प्रवीण तिवारी मास कम्युनिकेशन में पीएचडी करने वाले चुनिंदा पत्रकारों में से एक है। हाल ही में उन्होंने साइकोलॉजी में भी मास्टर डिग्री हासिल की है। उनकी पुस्तक जिसे ब्लूम्सबरी ने पब्लिश किया था, बेस्ट सेलर रही।
Dakhal News
प्रवीण कक्कड़ नवदुर्गा प्रकृति की शक्तियों की उपासना का पर्व है। केवल स्त्री के सम्मान और श्रद्धा की बात नहीं बल्कि यह लैंगिक समानता और स्त्री को मानव के रूप में मान्यता देने का पर्व भी है। स्त्री और पुरुष दोनों में देवीय तत्व है और दोनों के ईश्वरीय रूपांतरण की पूजा - अर्चना का विधान भारतीय वांगमय में किया गया है। ईश्वर या देवीय तत्व का कोई लिंग नहीं है। इसलिए अर्धनारीश्वर की कल्पना हमारी संस्कृति और हमारे धर्म में मौजूद है। शिव महापुराण में उल्लेख है - ‘शंकर: पुरुषा: सर्वे स्त्रिय: सर्वा महेश्वरी ।’ इसका भाव यही है कि समस्त पुरुष भगवान सदाशिव के अंश और समस्त स्त्रियां भगवती शिवा की अंशभूता हैं, उन्हीं भगवान अर्धनारीश्वर से यह सम्पूर्ण चराचर जगत् व्याप्त हैं। इसे और अधिक स्पष्ट शब्दों में समझे तो स्त्री और पुरुष में भेद केवल उनकी नैसर्गिक जिम्मेदारियों का है। स्त्री जननी है उसे मां बनना है, सृष्टि के क्रम को चलायमान रखना है। जबकि पिता होने का दायित्व पुरुष को सृष्टि ने सौंपा है। इन दोनों दायित्व में कोई भी कमतर नहीं है और कोई भी उच्चतर नहीं है। पद्मपुराण में कहा गया है कि पिता धर्म है, पिता स्वर्ग है और पिता ही सबसे श्रेष्ठ तप है। पिता के प्रसन्न हो जाने पर सम्पूर्ण देवता प्रसन्न हो जाते हैं। जिसकी सेवा और सदगुणों से पिता-माता संतुष्ट रहते हैं, उस पुत्र को प्रतिदिन गंगा-स्नान का पुण्य मिलता है। शायद इसीलिए नवदुर्गा से पहले पितृपक्ष आता है। पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः। पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते सर्वदेवताः॥ पितरौ यस्य तृप्यन्ति सेवया च गुणेन च। तस्य भागीरथीस्नानमहन्यहनि वर्तते॥ दूसरी तरफ मातृत्व भी उतना ही उत्कृष्ट और उच्चतम गुण है, जो संसार में सृष्टि को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण दायित्व निभाती है। नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा॥ माता के समान कोई छाया नहीं, कोई आश्रय नहीं, कोई सुरक्षा नहीं। माता के समान इस विश्व में कोई जीवनदाता नहीं॥ माता सर्वतीर्थमयी है और पिता सम्पूर्ण देवताओं का स्वरूप है। इसलिये स्त्री पुरुष दोनों ही महत्वपूर्ण है और कोई भी किसी से कम नहीं है। पितृपक्ष के बाद नवदुर्गा का पूजन मातृ पक्ष ही है। यह शक्ति के पूजन की परंपरा है। शक्ति जिससे संसार चलता है और जो अपनी रचनात्मकता से संसार को आगे बढ़ती है। स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर सृजन करते हैं। किसी एक की अनुपस्थिति में सृजन संभव नहीं। लेकिन मध्यकाल में एक ऐसा दौर आया जब पाशविक बल को ही सर्वोच्च समझा जाने लगा और पुरुष को स्त्री से ज्यादा बलवान समझकर स्त्री को दबा कर रखा गया। उसे सीमाओं में बांधने की कोशिश की गई। शोषण, अपमान, घुटन और पीड़ा उसके हिस्से में आई। वर्ष में दो-दो बार नवदुर्गा के रूप में स्त्री शक्ति की पूजा करने वाले देश में स्त्रियों की स्थिति निरंतर खराब होती चली गई। किंतु अब वह बुरा दौर खत्म होने की तरफ है। आज की स्त्री चैतन्य है, अपनी शक्ति पहचानती है, अपनी सीमाओं को जानती है, और हर वह काम करना चाहती है जिस स्त्री के लिए एक समय में वर्जित किया गया था। यही कारण है कि स्त्री चेतना के इस दौर में पुरुष प्रधान समाज को भी बाध्य होकर संसद और विधानसभा में स्त्रियों को 33% आरक्षण देने का निर्णय करना पड़ा है। यह बदलाव स्त्री शक्ति को सर्वोच्च मान्यता प्रदान करने के साथ-साथ स्त्री चेतना के प्रति सम्मान का प्रकटन भी है। अब जानना यह है कि समाज और पुरुष स्त्री को मानवी के रूप में स्वीकार करने के लिए कितना तत्पर है। इस नवदुर्गा का यही संदेश है कि जो सर्व शक्तिशाली है, जो जगदंबा है, जगतजननी है और सृष्टि की निर्मात्री है, उसे बराबरी का हक और सम्मान देना अब आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है। आप सभी के लिए नवरात्रि पर्व मंगलमय हो, आप सभी को दुर्गोत्सव की शुभकामनाएं
Dakhal News
दीपक चौरसिया ने सरकार से की ये अपील विश्व में फ़िलहाल इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। इस लड़ाई में विश्व भर के देशों ने अपने-अपने विचार सब के सामने रख रहे हैं। इस तरह ही भारत के प्रधानमंत्री ने अपना समर्थन इजरायल को दिया है। लेकिन भारत के ही अंदर भरी संख्या में एक विशेष समुदाय से गाजा व फिलिस्तीन के समर्थन में आ रहे हैं। आपको बतादें बेंगलुरु की जामिया मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद इमरान ने कहा कि इजरायली सेना फिलिस्तीन के मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने फिलिस्तीन में शांति बहाली की दुआ की। झारखंड के जमशेदपुर में भी मुस्लिम समुदाय फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है। जमशेदपुर के मानगो आजाद नगर में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर इजरायल के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, सनातन के समृद्ध अगुआ ऋषि सुनक ने यूके में फिलिस्तीनी झंडा फहराने पर पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं जर्मनी ने भी फिलिस्तीनी झंडे पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के साथ ही सारे सहयोग बंद कर दिये हैं और फिलिस्तीन समर्थक समूहों को भी बैन कर दिया है। फ्रांस ने भी फिलिस्तीनी रैली और नारे पर रोक लगा दी है। अब बारी है भारत की, आगे आये और हमास समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का रुख अख्तियार करें। इन्हें पालने-पोषने की जगह इनके इलाज करने की जरूरत है।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने पूछा ये सवाल! भारत और पकिस्ताब के बीच शनिवार को अहमदाबाद में मैच खेला जायेगा। इस मुकाबले से पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम अहमदाबाद पहुंच चुकी है। पाकिस्तान की टीम के स्वागत के लिए खास इंतज़ाम किए गए है। यहाँ स्वागत के लिए लड़कियों से डांस करवाया गया। इसके साथ ही खिलाड़ियों पर फूलों की बारिश की गई। पाक खिलाड़ियों का भव्य स्वागत भारत के फैंस को रास नहीं आ रहा। इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' (ट्विटर) पर पोस्ट कर एक बड़ा सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा, 'अहमदाबाद में पाकिस्तान की टीम के आने पर ढोल,नृत्य,पुष्प वर्षा की गई। पाक टीम ने इस तरह के भव्य स्वागत के लिए BCCI का धन्यवाद किया। ये वही टीम है जो क्रिकेट मैच को जिहाद से जोड़ती है। उनके लिए हर जयकार उनके नफरत से भरे दृष्टिकोण के लिए जयकार है। उन्हें मिलने वाला हर निमंत्रण उस देश को वैध बनाता है, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।'आपको बता दें कि पाक खिलाड़ियों के स्वागत में सजी युवतियां गुजराती पहनावे में नजर आईं। उनके साथ-साथ ढोल भी था। टीम इंडिया की बात करें तो उसने पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला, इसे उसने 6 विकेट से जीता था। वहीं दूसरा मैच अफगानिस्तान के खिलाफ दिल्ली में खेला। भारत ने यह मैच 8 विकेट से जीता।
Dakhal News
सुधीर चौधरी ने कह दी ये बड़ी बात पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज फ़िलहाल एक पोस्ट कर विवादों में घिर गए हैं। दरसल उन्होंने विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ अपनी टीम की जीत 'गाजा के भाई बहनों को समर्पित की है। मैच के बाद रिज़वान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कैप्शन लिखा की, यह गाजा के हमारे भाई बहनों के लिए है। जीत में योगदान देकर खुशहूँ। पूरी टीम खास कर अब्दुल्ला शफ़ीक़ और हसन अली को इस जीत को आसान बनाने का श्रेय जाता है। शानदार मेज़बानी और हमारी टीम को समर्थन करने के लिए हैदराबाद की जनता का दिल से धन्यवाद करता हूँ। रिज़वान की इस पोस्ट के बाद उनकी सोशल मीडिया पर काफी ज़्यादा संख्या में ट्रॉल्लिंग हुई। हिंदी न्यूज़ चैनल 'आजतक' के प्राइम टाइम शो के सुधीर चौधरी ने एक पोस्ट कर कड़ी बात कह दी। उन्होंने लिखा, पाकिस्तान क्रिकेटर और विकेटकीपर बल्लेबाज मुहम्मद रिज़वान ने अपना विजयी शतक गाजा के लोगों को समर्पित किया वहीं उन्होंने पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए हैदराबाद के लोगों को भी धन्यवाद दिया। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2023 सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा है अब यह राजनीतिक और धार्मिक विचारधारा का युद्धक्षेत्र भी है।इस पुरे मामले पर लोग आईसीसी की भी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि 2019 विश्व कप में आईसीसी ने धोनी का बलिदान बैज हटवा दिया था, इसके अलावा इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली पर भी रिस्टबैंड पहनने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। हमास के आतंकवादियों ने पिछले हफ्ते इजरायल पर हमला किया जिसमें 900 से अधिक लोग मारे गए।
Dakhal News
कांग्रेस नेता का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस समय जातीय जनगणना को अपना चुनावी मुद्दा बना कर राजनीती कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी सत्ता वाले सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर दिया है। राहुल गाँधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग के बाद इसका ऐलान किया। राहुल गाँधी ने कहा कि पूरा देश आज जातीय जनगणना चाहता है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बगल में बिठाकर राहुल गांधी ने कहा कि हम अपनी सत्ता वाले सभी राज्यों में जातीय जनगणना कराएंगे। राहुल गांधी के इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार और पद्मश्री आलोक मेहता ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, लालू यादव से एक कदम आगे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं या उकसाना चाहते हैं कि वे समर्थन या हमला करने के लिए पत्रकारों या मालिकों से अपनी जाति की पहचान करने के लिए कहें। कांग्रेस का रवैया काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गाँधी ने यहाँ तक की प्रेस वार्ता में भी पत्रकारों से पूछा की क्या वे दलित या OBC है तो हाथ उठाये ? राहुल गांधी , आपने अपनी मीडिया कंपनी प्रकाशन और प्रचार पार्टी की सोशल मीडिया टीम में कितने ओबीसी, एससी एसटी पत्रकारों को नियुक्त किया है? मारी राय में मीडिया जगत में हर समुदाय और व्यक्ति अपनी क्षमता पर काम करता है। बता दें कि बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद राहुल गांधी इस मुद्दे को और तेजी से उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडा का मुकाबला करने के लिए जाति आधाारित गणना पर जोर दिया है
Dakhal News
सुशांत सिन्हा ने कह दी ये बात विश्व में अभी फिलिस्तीन और इजराइल के बीच बड़ा विवाद चल रहा है। जो की काफी सुर्खियां बटोर रहा है। इस विषय को लेकर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं भारत में यह मामला चर्चे में है। इसी मामले को लेकर अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों (AMU) ने फिलिस्तीन के समर्थन में कैंपस में पैदल मार्च और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल का समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर (AMU) के छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन प्रदर्शन किया। (AMU) में फिलिस्तीन के समर्थन के मार्च निकालने बाद पुलिस ने इस मामले में जाँच शुरू करने बाद फिलहाल 4 छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों में एमबीए, पीएचडी के छात्र शामिल हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर अपनी राय दी है। उन्होंने लिखा, '100 करोड़ हिंदुओं के देश में हिंदू अपनी धार्मिक आस्था के केंद्र की कानूनी लड़ाई लड़ता है, प्रभु राम के होने के सबूत देता है, ज्ञानवापी-मथुरा का इतिहास याद दिलाता है तब भी हिंदुत्व को खतरा बता दिया जाता है जबकि अपनी जमीन और धार्मिक मान्यताओं के लिए बच्चे और महिलाओं को मारनेवाले हमास को भी समर्थन मिल जाता है। ये बताकर कि फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा हुआ है।जाने लोग ऐसा डबल स्टैंडर्ड कहां से लाते हैं लेकिन अफसोस ये कि अब भी इस देश में कुछ लोग इस डबल स्टैंडर्ड को देख नहीं पाते। आपको बतादें की (AMU) में हुए मार्च की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से फैल रही है। इस वीडियो पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है छात्रों ने फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन किया। कैम्पस में फ्री-फ्री फिलिस्तीन के नारे लगाए गए।
Dakhal News
मिली नई ज़िम्मेदारी अंग्रेजी अख़बार 'हिंदुस्तान टाइम्स' के वरिष्ठ पत्रकार प्रांशु मिश्रा को रेजिडेंट एडिटर पद पर प्रमोट किया है। इस भूमिका में वे एचटी के मैनेजिंग एडिटर कुणाल प्रधान को रिपोर्ट करेंगे।आपको बतादें की प्रांशु मिश्रा इससे पहले अंग्रेजी न्यूज़ चैनल 'CNN News18' लखनऊ में करीब 7 साल से काम कर रहे थे। उन्होंने इस साल जून में इस चैनल के यूपी ब्यूरो चीफ पद से इस्तीफा दिया और 'हिंदुस्तान टाइम्स' के साथ डिप्टी रेजिडेंट एडिटर (यूपी) के पद पर अपना सफर शुरू किया था। अब ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ लखनऊ में रेजिडेंट एडिटर सुनीता एरोन के सेवानिवृत्त होने के बाद मैनेजमेंट ने प्रांशु मिश्रा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए रेजिडेंट एडिटर पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उनको प्रिंट और टीवी मीडिया में काम करने का 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने मीडिया क्षेत्र में अपने करियर की शुरुवात 2001 में की थी। उसके बाद वे 'दैनिक जागरण' और 'टाइम्स नाउ' में भी अपनी भूमिका अदा कर चुके हैं। प्रांशु मिश्रा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढाई पूरी की है।
Dakhal News
जानिए क्या है वजह? इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब और टेलीग्राम को भारत में अपने मंचों से बाल यौन शोषण संबंधी सामग्री हटाने के लिए नोटिस जारी किया है।उन्होंने ने कहा कि अगर सोशल मीडिया कंपनियां तेजी से काम नहीं करती है, तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनके 'बचाव' को वापस ले लिया जाएगा, जिसका मतलब है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर सीधे लागू होने वाले कानून और नियमों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।चंद्रशेखर ने कहा, हमने एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस भेजे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके मंचों पर कोई भी बाल यौन शोषण सामग्री न हो। सरकार सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि आईटी अधिनियम की धाराएं- 66ई, 67, 67ए और 67बी अश्लील सामग्रियों के ऑनलाइन प्रसारण के लिए कड़े दंड और जुर्माने के प्रावधान करती हैं।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार ने दिया ये बयान चीन में हो रहे एशियन गेम्स 2023 में भारत की टीम हर खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रही है। चीन में हो रहे एशियन गेम्स में भारत की टीम ने अपना सर्वश्रेस्ठ प्रदर्शन किया है। खेलों के इतिहास में भारत ने कभी 100 मेडल्स नहीं जीते थे। लेकिन इस बार भारत की टीम ने 100 से ज़्यादा मेडल्स जीत कर इस एशियन गेम्स को यादगार बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय दाल को बधाई देते हुआ एक्स (ट्विटर) पर लिखा, एशियाई खेलों में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि। भारत के लोग इस बात से रोमांचित हैं कि हम 100 पदकों की उल्लेखनीय उपलब्धि तक पहुंच गए हैं। भारत की इस उपलब्धि पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी पोस्ट कर अपनी राय दी है। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, भारत के खिलाड़ियों की चमक चीन में दिख रही है। हम 100 पदकों का आंकड़ा पार करते दिख रहे हैं। सभी खिलाड़ियों ने भारत का गौरव बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ नरेंद्र मोदी सरकार के खेलों को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा होनी चाहिए।नरेंद्र मोदी की नीतियों की इसमें बड़ी भूमिका है। यह सब लंबे समय की रणनीति के साथ प्राप्त होता है। भारत कई क्षेत्रों में लंबी रणनीति के साथ कार्य कर रहा है और उसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। खेल का क्षेत्र उनमें से एक है। धीरे-धीरे ऐसे दूसरे क्षेत्रों में भी भारत की चमक सम्पूर्ण विश्व देखेगा। बस, हम भारत के लोग अपना आत्मविश्वास बनाए रखें। आपको बतादें की चीन में हो रहे एशियन गेम्स में भारत ने पहली बार 100 मेडल्स जीते है। इससे पहले जकार्ता में भारत ने 16 गोल्ड,23 सिल्वर और 31 ब्रोंज मैडल के साथ कुल 70 मेडल्स जीते थे।
Dakhal News
जानिये किन-किन भाषा के लिए हैं ये एंकर्स इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरमैन कली पुरी ने 5 अक्टूबर गुरुवार को 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2023' के दौरान ग्रुप के 5 नए AI एंकर्स को लॉन्च किआ। यैह 5 AI एंकर्स अलग अलग भाषा में अपडेट देंगे। जैसे मराठी, हिंदी, भोजपुरी, बंगाली और अंग्रेजी। आपको बतादें की हिंदी खबरों के लिए ऐश्वर्या, मराठी खबरों की पेशकश साइली, बंगाली खबरों की पेशकश ऐना, भोजपुरी खबरों की पेशकश नैना और अंग्रेजी भाषा में खबरों के लिए मेल एंकर जय पेश करेंगे। AI एंकर लॉन्च करते हुए कल्ली पुरी ने कहा की वे इस साल मार्च में इंडिया टुडे ग्रुप ने अपनी पहली AI एंकर सना को अपनी टीम का हिस्सा बनाया था। बतादें की सना ने तब से लेकर अब तक विभिन्न शैलियाँ भाषा और प्लेटफार्म पर 200 घंटे का कार्यक्रम सफलता पूर्वक किए हैं। इंडिया टुडे ग्रुप की समाचार प्रसार प्रणाली में AI एंकर्स का एकीकरण मीडिया इंडस्ट्री में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Dakhal News
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा- भारत के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ बताया था। इसी के बाद लगातार दोनों देशों के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच, विवाद को सुलझाने के लिए ओटेवा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के साथ निजी बातचीत की इच्छा जाहिर की है।इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, कनाडा ट्रूडो द्वारा भारत विरोधी खालिस्तानियों को पनाह देने पर भारत के साथ 'निजी बातचीत' चाहता है। इसके बाद नई दिल्ली ने कनाडा से 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा। इसलिए ट्रूडो सार्वजनिक रूप से भारत पर आरोप लगाते हैं लेकिन "निजी तौर पर बातचीत" चाहते हैं। नई दिल्ली को इस संरक्षणवादी दोहरेपन को अस्वीकार करना चाहिए।
Dakhal News
मंगलवार को पत्रकारों के लिए सरकार ने कई कल्याणकारी सुविधाओं की घोषणा की है। दरहसल विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश सरकार ने महिला पत्रकारों के लिए फेलोशिप और छोटे समाचार पत्रों के लिए विज्ञापनों की गारंटी शामिल है। दरअसल, सरकारी विज्ञापनों की कमी से जूझने के कारण आर्थिक संकट झेल रहे कई छोटे अखबारों के लिए यह राहत भरी खबर है।सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को 28 करोड़ रुपये की लागत से दो साल में बनने वाले स्टेट मीडिया सेंटर की आधारशिला रखने के बाद पत्रकारों के लिए कई कल्याणकारी सुविधाओं की घोषणा की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और (सरकार के) जनसंपर्क विभाग के माध्यम से विकासात्मक कार्यों का अध्ययन करने के लिए हर साल पांच महिला पत्रकारों को फेलोशिप मिलेगी।आर्थिक संकट झेल रहे कई छोटे अखबारों को राहत पहुंचाने की बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि छोटे अखबारों को हर दूसरे महीने कम से कम एक सरकारी विज्ञापन मिलेगा। साथ ही 70 साल से अधिक उम्र के पत्रकारों को स्थायी मान्यता कार्ड मिलेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने जनसंपर्क विभाग के पात्र अधिकारियों को वरिष्ठ पद और सहायक निदेशकों के लिए उचित वेतन बढ़ोतरी सहित रियायतों की भी घोषणा की। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध बनाने में दिवंगत पंडित माखनलाल चतुर्वेदी, हरिशंकर परसाई, डॉ. वेद प्रताप वैदिक और प्रभाष जोशी जैसे प्रसिद्ध पत्रकारों के योगदान को भी याद किया।सीएम शिवराज ने कहा, मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के दौर में विश्वसनीयता का संकट देखने को मिल रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्टेट मीडिया सेंटर इन पत्रकारों के संवाद, खबरों के संचार और हमारे संपर्क का केंद्र बनेगा। साथ ही सीएम शिवराज ने स्वतंत्रता संग्राम, आपातकाल, युद्ध की अवधि और कोविड -19 महामारी के दौरान पत्रकारों के योगदान के बारे में भी बात की।स्टेट मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल, मिनी ऑडिटोरियम, आर्ट गैलरी, लाइब्रेरी, आउटडोर और इनडोर गेम सुविधा, वर्क स्टेशन, मीडिया कार्यालयों और रेस्तरां सहित कई सुविधाएं होंगी।
Dakhal News
बने 'इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी' के नए प्रेजिडेंट आईटीवी ग्रुप और 'गुड मॉर्निंग मीडिया इंडिया' के निर्देशक राकेश शर्मा को इंडियन न्यूज़पेपर सोसाइटी (INS) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये हुई (INS) की 84 वी वार्षिक आम बैठक में उनको यह पद दिया गया। उनको के. राजा प्रसाद रेड्डी (साक्षी) की जगह यहाँ ज़िम्मेदारी दी गयी। गुड मॉर्निंग ग्रुप 'आज समाज', 'द डेली गार्डियन', 'द संडे गार्डियन', 'इंडिया न्यूज' और 'बिजनेस गार्डियन' जैसे प्रतिष्ठित अखबार का प्रकाशन करता है। राकेश शर्मा को पिछले 50 वर्षों से मीडिया का अनुभव है। और उन्होंने शीर्षस्थ पदों पर कार्य किया है। इसके साथ ही एमवी श्रेयम्स कुमार (मातृभूमि) को ‘आईएनएस’ का डिप्टी प्रेजिडेंट, विवेक गुप्ता (सन्मार्ग) को वाइस प्रेजिडेंट और तन्मय माहेश्वरी (अमर उजाला) को मानद कोषाध्यक्ष चुना गया है। वहीं, मैरी पॉल को सेक्रेट्री जनरल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Dakhal News
कुछ लोगों के कलेजे में नफरत घर कर चुकी है यूपी के वाराणसी में एक मासूम बच्ची करंट की चपेट में आकर जान बचाने की गुहार लगाने लगी, लोगों ने कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। उसी समय एक बुजुर्ग शमीम कुरैशी को बच्ची के करंट लगने का ऐहसास हुआ और वह वहीं से गुजर रहे थे। उन्होंने कोशिश की और सूझबूझ से बच्ची को बचाने के लिए एक लकड़ी का डंडा मंगाया और फिर बच्ची को हिम्मत देकर उसे करंट वाले एरिया से बाहर निकाल लिया।इसी घटना पर वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने अपने शो में बात की थी। उनके सोशल मीडिया क्लिप पर एक यूजर ने कमेंट किया कि आचार्य राहुल शर्मा के बारे में बात नहीं करोगे, क्योंकि तुम्हारा घर ही ब्राह्मण को गाली देकर उनके खिलाफ झूठ फैलाकर चलता है। हालांकि इस बात में सच्चाई नहीं थी।उज्जैन के आचार्य राहुल ने जब रेप पीड़िता की मदद की तो वो खबर भी संकेत ने अपने शो में दिखाई और जिस वीडियो पर सवाल खड़ा किया गया, उस वीडियो के शुरू में ही संकेत, आचार्य राहुल की तारीफ कर रहे हैं। संकेत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, इसी क्लिप की शुरुआत में उज्जैन के साधु बात हो रही है। इससे ठीक पहले चली स्टोरी में भी पत्थर दिल उज्जैन में साधु की भूमिका पर विस्तार से बात हुई। दिक्कत आप जैसे लोगों के कलेजे में घर कर चुकी नफरत है जिसको सिर्फ खौंखियाना आता है। समाज में अच्छाई देखना नहीं।इसके अलावा संकेत उपाध्याय ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, जब उज्जैन पत्थर दिल बना हुआ था तो आचार्य जी आगे आए। पीड़िता की मदद की। कल हमने आपको काशी के शमीम भाई की कहानी बताई। आज उज्जैन के आचार्य राहुल जी की कहानी देखिए। फरिश्ते जिंदा हैं।
Dakhal News
‘एबीपी नेटवर्क’ के सीईओ अविनाश पांडेय को एक बार फिर से ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ के इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट चुना गया है।इसके साथ ही अन्य निर्वाचित सदस्यों में फ्री प्रेस जर्नल ग्रुप के प्रेजिडेंट अभिषेक करनानी उपाध्यक्ष, मीडिया दिग्गज नंदिनी दास सचिव और के फाउंडर जयदीप गांधी कोषाध्यक्ष शामिल हैं। बुधवार को ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ की वार्षिक आम बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से इन्हें चुना है।पांच सदस्यों को वोटिंग मेंबर्स के तौर पर चुना गया है। इनमें कथित तौर पर आर.के. स्वामी लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनिवासन के. स्वामी; मातृभूमि प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एम.वी. श्रेयम्स कुमार; ग्रुपएम में दक्षिण एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार; द इंडियन एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका; ब्लू लॉजिक सिस्टम्स की डायरेक्टर जनक सारदा शामिल हैं।
Dakhal News
'न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेडट' यानी कि NDTV को तीन हाई डेफिनिशन चैनल्स को लॉन्च करने की सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से मंजूरी मिल गई है। अडाणी ग्रुप के स्वामित्व वाले इस समूह ने मंगलवार को एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। समूह ने अपनी जानकारी में बताया कि कंपनी को सूचना-प्रसारण मंत्रालय से 25 सितंबर, 2023 को एक पत्र मिला है, जिसमें कंपनी को हाई डेफिनिशन में तीन न्यूज व करेंट अफेयर्स के चैनल्स को अपलिंक और डाउनलिंक करने की अनुमति मिलने की बात कही गई है। बता दें कि मंत्रालय से समूह को जिन चैनल्स के लिए प्रसारण की अनुमति मिली है, उनके नाम हैं- NDTV 24x7 HD, NDTV India HD और NDTV Profit HD. ये तीनों ही नए चैनल्स HD यानी हाई डेफिनिशन की क्वॉलिटी वाले होंगे। बता दें कि NDTV 24x7 HD अंग्रेजी न्यूज चैनल है और NDTV India HD हिंदी न्यूज चैनल है, जबकि NDTV Profit HD बिजनेस जगत की खबरों पर केंद्रित चैनल है। कंपनी ने यह भी जानकारी दी कि तीनों ही चैनल्स की लॉन्चिंग पर वह स्टॉक एक्सचेंजों इसकी सूचना देगा।
Dakhal News
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे का कार्यकाल बढ़ा । खरे को 12 अक्टूबर 2021 को दो साल के लिए अनुबंध के आधार पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।इस पद पर खरे का कार्यकाल 12 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो रहा था, लेकिन अब इसे प्रधानमंत्री के वर्तमान कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाली अवधि तक के लिए विस्तार दे दिया गया है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बारे में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सामान्य नियमों और शर्तों पर अनुबंध के आधार पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे के कार्यकाल में विस्तार को मंजूरी दे दी है। इस पद पर उनका कार्यकाल अब प्रधानमंत्री के वर्तमान कार्यकाल के साथ समाप्त होने तक या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) लागू होगा।’गौरतलब है कि 1985 बैच के झारखंड-कैडर के आईएएस अधिकारी अमित खरे उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को आकार देने में अपना योगदान दिया था। ‘आईआईएम’ अहमदाबाद से एमबीए करने वाले खरे ने दिसंबर 2019 में उच्च शिक्षा सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय (MIB) सचिव के रूप में भी कार्य किया है।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने महिला आरक्षण पर कहा, मेरा मानना है कि जो हम तय करते हैं कि उसे हमें करना ही चाहिए। महिला आरक्षण विधेयक के लिए विशेष सत्र बुलाकर नए संसद भवन की शुरुआत करना एक बड़ा संदेश है न सिर्फ भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए। जो आप (विपक्ष) ने आज तक नहीं किया, उसे अगर मौजूदा सरकार करा पाती है तो यह उसकी प्रतिबद्धता दर्शाता है। हमारे यहां पुरुष देवों से ज्यादा स्त्री देवियों की संख्या है, लेकिन काल खंड में धीरे-धीरे महिलाएं पीछे होती गईं। मैं निजी तौर पर मानता हूं कि समाज के वंचित तबके को आगे लाने के लिए सरकार को विशेष व्यवस्थाएं करनी चाहिए, लेकिन यह एक निश्चित कालखंड के लिए होनी चाहिए।जो पार्टियां आलोचना कर रही हैं कि तत्काल इसे क्यों नहीं लागू किया क्या, वह अगले चुनाव से अपनी पार्टी से 33 फीसदी महिलाओं को टिकट देंगी। बीते कई वर्षों से परिसीमन से सरकारें बचती रही हैं। मेरा मानना है कि विरोध करने वाले इतिहास में अपना नाम अंकित कराने से चूक गए हैं। मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि महिलाओं में पुरुषों से काम करने की क्षमता बहुत ज्यादा है। अगर महिलाएं किसी क्षेत्र में आएंगी तो उसमें आपको एक बड़ा बदलाव दिखेगा। हमारे यहां कहा गया है कि अरे हंस अगर तुम ही पानी और दूध में भेद करना छोड़ दोगे तो दूसरा कौन करेगा।
Dakhal News
अंजना ओम कश्यप का बनाया AI देश के चर्चित न्यूज चैनल 'आजतक' वैसे तो तकनीक के प्रयोग के मामले में हमेशा आगे ही रहता है, लेकिन अब 'आजतक' ने एक ऐसा अनूठा प्रयोग किया है, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए। आपको बता दे की आजतक' की प्राइम टाइम एंकर अंजना ओम कश्यप के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्जन को लॉन्च किया गया है। इसके बारे में अंजना ओम कश्यप ने शाम को ट्वीट कर जानकारी दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, इसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी। मेरे लिए भी यह अनूठा अनुभव है क्योंकि टीवी न्यूज के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है। जैसे ही रात को 8 बजे लोगों ने अंजना ओम कश्यप के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले वर्जन को देखा, तो वो हैरान हो गए यह पहचानना मुश्किल हो गया की कौन असली है और कौन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है? कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और अंजना ओम कश्यप ने उन लोगों को रिप्लाई भी किया। एक यूजर ने लिखा अंजना जी आपकी पार्टनर बहुत ही सुंदर हैं, तो उसके जवाब में अंजना ओम कश्यप ने लिखा की हां मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। एक यूजर ने लिखा,कौन असली है और कौन नकली है यह पहचानना बहुत मुश्किल हो रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले 'आजतक' ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से 'सना' नाम की एंकर को लॉन्च किया था
Dakhal News
राणा यशवंत ने कही ये बड़ी बात भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी हैं। अगली सूचना तक सेवाएं निलंबित की गई हैं।इससे कनाडा के नागरिक फिलहाल भारत नहीं आ सकेंगे। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने बड़ी बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, जब आप नहले पर दहला मारने का हौसला और हैसियत पा लेते हैं तो दुनिया संभलकर रहती है। कनाडा वालों के लिए वीजा रोककर सरकार ने भारत की शक्ति जताई। ट्रूडो सरकार का रवैया अगर भारत के हितों के खिलाफ है तो फिर उनके हितों की परवाह भारत को भी नहीं, यह बात मोदी सरकार ने बता दी।
Dakhal News
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद को संबोधित करते हुए भारत को खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय दूतावास के एक राजनयिक को भी वापस लौटने का आदेश दिया। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है और कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को पांच दिनों के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। इसी बीच हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में कनाडा के पीएम को एक सुझाव दिया है। सुधीर चौधरी ने अपने शो में कहा, क्षेत्रफल में कनाडा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। वहां के ब्रिटिश कोलंबिया जैसे प्रांत में पंजाब के बराबर 19 राज्य बन सकते हैं। कनाडा को वहीं पर खलिस्तान का निर्माण करके तमाम खलिस्तानियों को बसा देना चाहिए। सुधीर ने यह भी कहा कि अगर वो चाहे तो वही 'खालिस्तान' नाम का एक अलग राज्य बनाकर अपनी मंशा पूरी कर सकते हैं। वहां उन्हें वो पूरी सुविधा दे सकते है, उनके रहने का इंतजाम किया जा सकता है और वो यह घोषणा भी कर सकते हैं कि जिसे भी इस राज्य में आकर बसना हो वो रह सकता हैं। इसके जरिए वो 'खालिस्तान' के रहनुमाओं का विश्वास भी जीत सकते हैं और उन्हें अपनी सरकार गिरने के डर भी नहीं होगा।
Dakhal News
कहा- मीडिया के स्व-नियमन के लिए लाएं नई गाइडलाइंस सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) से टीवी न्यूज चैनलों की निगरानी के स्व-नियामक तंत्र को 'सख्त' बनाने के लिए नई गाइडलाइंस लाने को कहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने NBDA को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया है। पीठ ने उन दलीलों पर ध्यान दिया कि NBDA पहले से ही क्रमशः अपने वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के सीकरी और आर वी रवींद्रन के परामर्श से गाइडलाइंस पर काम कर रहा था। इस बीच, न्यूज ब्रॉडकास्टर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NBFI) ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि उसे भी अपने स्वयं के नियम प्रस्तुत करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि यह एनबीडीए के विपरीत, 2022 नियमों के अनुसार केंद्र के साथ पंजीकृत एकमात्र नियामक संस्था है। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्व-नियामक तंत्र को कड़ा किया जाए। उन्होंने कहा कि सुझावों और दिशानिर्देशों का स्वागत है। सीजेआई ने कथित तौर पर कहा कि हम आपके वैचारिक मतभेदों (एनबीडीए और एनबीएफआई) को यहां नहीं सुलझा सकते। हम नहीं चाहते कि यह याचिका प्रतिद्वंद्वी संगठनों के शोरगुल में खो जाए। हम उनके नियमों को देखेंगे और फिर आपके नियमों को भी देखेंगे।
Dakhal News
हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली लाइव’ ने हाल ही में एक स्टिंग ऑपरेशन किया है। 'लुटेरी लाश' नाम से किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन में देश भर के कई राज्यों में फैले मजारों को लेकर संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया गया। ‘इंडिया डेली लाइव’ के अनुसार, उसने इस स्टिंग के माध्यम से लोगों को बताया कि कैसे अवैध मजार बनाने के लिए लाशों का सौदा किया जाता है और अगर लाश ना भी हो तो लोगों को भ्रमित करने के लिए मजार बना दी जाती है और इसमें एक संगठित गिरोह काम करता है।‘इंडिया डेली लाइव’ का कहना है कि चैनल की टीम के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने कई दिनों तक ग्राउंड पर जाकर खुफिया कैमरे की मदद से इस स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया। यहां तक कि कैसे इसकी फ्रेंचाइजी दी जाती है, इसका भी पर्दाफाश किया। चैनल के अनुसार, ये स्टिंग ऑपरेशन सोशल मीडिया ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर नंबर1 पर काफी देर तक ट्रेंड भी करता रहा। चैनल पर शनिवार को शाम पांच से सात बजे के बीच प्रसारित 'ऑपरेशन लुटेरी लाश' का देशभर से असर भी देखने को मिला। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस स्टिंग ऑपरेशन को सराहा और इसे चैनल की अच्छी पहल बताया। इसके साथ ही कई अन्य नेताओं ने भी ‘ऑपरेशन लुटेरी लाश’ की तारीफ की और इस मामले में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
Dakhal News
कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्राइम टाइम न्यूज एंकर और ‘आजतक’ न्यूज चैनल के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में पुलिस को त्वरित कार्रवाई (precipitative action) नहीं करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि सुधीर चौधरी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला है और इसकी जांच की जानी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह सुधीर चौधरी द्वारा एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा कर देगी और तब तक हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, सुधीर चौधरी द्वारा स्टे के लिए मांगे गए अंतरिम आदेश को हाई कोर्ट द्वारा मंजूरी नहीं दी गई, क्योंकि हाई कोर्ट ने याचिका को 20 सितंबर को सुनवाई के लिए पोस्ट करने का आदेश दिया था। अपनी याचिका में चौधरी ने कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड के सहायक प्रशासनिक अधिकारी शिवकुमार एस की शिकायत के बाद बेंगलुरु के शेषाद्रिपुरम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर की एकल बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथमदृष्टया जांच का मामला बनता है।
Dakhal News
विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए ने तय किया है कि वह अपने किसी भी प्रवक्ता को सुधीर चौधरी सहित 14 पत्रकारों के शो में नहीं भेजेंगे। इस संबंध में आईएनडीआईए की समन्वय समिति ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर कहा कि 13 सितंबर को आईएनडीआईए ने अपनी बैठक में निर्णय लिया है कि विपक्षी दलों का संगठन आईएनडीआईए का कोई भी प्रतिनिधि पत्रकार अमन चोपड़ा, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, चित्रा त्रिपाठी, सुधीर चौधरी, अमीश देवगन, अर्नब गोस्वामी, नविका कुमार, आनंद नरसिम्हन, गौरव सावंत, अदिति त्यागी, सुशांत सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव और शिव अरूर के शो में हिस्सा लेने नहीं जाएगा। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि अब नफ़रत की दुकान चलाने वालों का धंधा बंद हो जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने इस लिस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईएनडीआईए गठबन्धन ने उन पत्रकारों की लिस्ट जारी की है, जिन्होंने ‘चरण चुंबक’ बनने से इनकार कर दिया। अब देखना ये है कि भारत का मीडिया इसका क्या जवाब देता है।
Dakhal News
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है। डीडी न्यूज से बातचीत में अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि दूरदर्शन ने अल्ट्रा हाई डेफिनिशन फॉर के प्रसारण प्रौद्योगिकी वाले कैमरों के इस्तेमाल के माध्यम से विश्व भर के दर्शकों को सम्मेलन का लाइव प्रसारण दिखाया। आकाशवाणी न्यूज से बातचीत करते हुए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी नेकहा कि दूरदर्शन ने जी20 सम्मेलन के लिए 80 से अधिक कैमरे लगाए थे और सवा तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को उनकी आवश्यकता के अनुसार फुल एचडी, एचडी और 4K फीड उपलब्ध कराई गई।
Dakhal News
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है। डीडी न्यूज से बातचीत में अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि दूरदर्शन ने अल्ट्रा हाई डेफिनिशन फॉर के प्रसारण प्रौद्योगिकी वाले कैमरों के इस्तेमाल के माध्यम से विश्व भर के दर्शकों को सम्मेलन का लाइव प्रसारण दिखाया। आकाशवाणी न्यूज से बातचीत करते हुए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी नेकहा कि दूरदर्शन ने जी20 सम्मेलन के लिए 80 से अधिक कैमरे लगाए थे और सवा तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को उनकी आवश्यकता के अनुसार फुल एचडी, एचडी और 4K फीड उपलब्ध कराई गई।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार 7 सितंबर को पत्रकारों के सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के हित में कई बड़ी घोषणाएं की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात कही है। दरअसल इसके लिए पहले तो वरिष्ठ पत्रकारों की कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर ही कानून बनाया जाएगा।अधिमान्यता प्राप्त बुजुर्ग पत्रकारों को अब प्रतिमाह दस हजार के स्थान पर बीस हजार रुपए सम्मान निधि दिए जाने की बात भी सीएम ने कही है। इसके अतिरिक्त पत्रकार भवन के नए स्वरूप में स्टेट मीडिया सेंटर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही स्टेट मीडिया सेंटर में प्रेस कान्फ्रेंस के लिए सभागार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह पत्रकार समागम में कहा कि पत्रकार और मीडिया लोकतंत्र का आधार स्तंभ हैं। वे जनता की आवाज को सबके सामने लाते हैं। मध्य प्रदेश सरकार पत्रकारों के हितों के लिए संकल्पबद्ध है। पत्रकारों के कल्याण के लिए पत्रकार बीमा सहित कई योजनाएं सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं। अब बीमारी की स्थिति में पत्रकारों की आर्थिक सहायता बढ़ाई जाएगी। बीमा के प्रीमियम का वहन मध्य प्रदेश सरकार करेगी। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह पत्रकार समागम में किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि दस हजार रुपए से बढ़कर बीस हजार रुपए की जाएगी। सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकारों के स्वर्गवास पर उनकी पत्नी/पति को एकमुश्त आठ लाख रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत अधिकतम ऋण की सीमा को 25 लाख से बढ़कर 30 लाख रुपए किया जाएगा। अधिमान्य पत्रकार के बेटे/बेटियों की शिक्षा के लिए अगर कोई बैंक से लोन लेता है, तो 5 साल तक राज्य सरकार उस ब्याज पर 5% अनुदान देगी। इतना ही नहीं, सरकार ने यह भी ऐलान किया कि छोटे कस्बों शहरों के पत्रकारों को आवश्यकता के अनुसार भोपाल में डिजिटल पत्रकारिता का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से दिया जाएगा। पत्रकार सोसाइटियों को जमीन देकर उनके लिए कॉलोनी की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने कहा कि बीमा कंपनी ने इस बार प्रीमियम में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई प्रीमियम राशि राज्य सरकार वहन करेगी। 65 साल से अधिक के उम्र के सीनियर पत्रकारों और उनके जीवन साथी की संपूर्ण प्रीमियम राशि सरकार भरेगी। इसके लिए बीमा प्रीमियम की तिथि 16 सितंबर से बढ़ाकर 25 सितंबर कर रहे हैं।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार और ‘दूरदर्शन’ (DD) में सीनियर कंसल्टिंग एडिटर अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि आज के दौर में वैश्विक स्तर पर भारत का मीडिया कहां खड़ा होता है, हमें इस पर चिंतन करने की जरूरत है। अशोक श्रीवास्तव ‘बदलते परिदृश्य में मीडिया: चुनौतियां और संभावनाएं’ विषय पर समाचार4मीडिया की ओर से आयोजित ‘मीडिया संवाद 2023’ को बतौर प्रमुख वक्ता संबोधित कर रहे थे।इस मौके पर अशोक श्रीवास्तव का कहना था, ‘आज हम अर्थव्यवस्था के मामले में ब्रिटेन से आगे निकल गए हैं। ऐसे में मेरे मन में एक सवाल आता है कि आज भारत का कोई ऐसा मीडिया संस्थान क्यों नहीं है, जिसे हम सही मायने में वैश्विक मीडिया कह सकें। जो दुनिया में भारत की बात रख सके और भारत का दृष्टिकोण रख सके।’इसके साथ ही अशोक श्रीवास्तव का यह भी कहना था, ‘आज टीआरपी की बात होती है, वो टीआरपी कुछ और नहीं बल्कि हम और आप हैं। हमारे हाथ में टीवी का रिमोट है और हम जो देखना चाहते हैं, वह देख सकते हैं।’ इसके अलावा भी अशोक श्रीवास्तव ने मीडिया को लेकर तमाम चुनौतियों और संभावनाओं पर अपनी बात रखी। एक्सचेंज4मीडिया (।exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) द्वारा तैयार की गई 'समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40 अंडर 40’ (40 Under 40)' की लिस्ट से एक सितंबर 2023 को पर्दा उठ गया। राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के सेमिनार हॉल- 1, 2 और 3 में आयोजित एक कार्यक्रम में इस लिस्ट में शामिल प्रतिभाशाली पत्रकारों के नामों की घोषणा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया। इससे पहले सुबह नौ बजे से ‘मीडिया संवाद 2023’ का आयोजन किया गया, जिसके तहत विभिन्न पैनल चर्चा और वक्ताओं का संबोधन शामिल था।यह इस कार्यक्रम का दूसरा एडिशन था। अपने दूसरे साल में ही हमें प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल से जुड़े युवा पत्रकारों की ओर से तमाम एंट्रीज प्राप्त हुई थीं। विभिन्न मापदंडों के आधार पर इनमें से करीब 94 पत्रकारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। इसके बाद 20 मई 2023 को हुई वर्चुअल ‘जूरी मीट’ में हमारे प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने तमाम स्तरों पर मूल्यांकन के बाद समाचार4मीडिया ‘पत्रकारिता 40 अंडर 40’ सूची के लिए इनमें से 40 पत्रकारों का चयन किया था, जिनके नामों की घोषणा एक सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में की गई।
Dakhal News
जाने माने न्यूज एंकर राहुल शिवशंकर ‘नेटवर्क18’ समूह के साथ जुडने जा रहे है । नेटवर्क18 के साथ जुडने पर उन्होने कहा की मैं नेटवर्क18 के साथ काम करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं जो लोगों को सच बताने वाले तथ्यों की रिपोर्टिंग करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण देश का प्रभावशाली न्यूज नेटवर्क बन गया है बता दें कि इस समूह के पास CNN-News18, News18 India, CNBCTV18, CNBC Aawaz और News18 रीजनल चैनल्स जैसे देश के प्रमुख न्यूज ब्रैंड्स हैं। इसके अलावा इसके पास Moneycontrol, Firstpost, News18.com जैसे प्रमुख डिजिटल न्यूज ब्रैंड्स भी हैं। समूह में राहुल शिवशंकर का स्वागत करते हुए नेटवर्क18 के सीईओ (डिजिटल) और प्रेजिडेंट (कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी) पुनीत सिंघवी का कहना है, ‘राहुल काफी विशेष पत्रकार और संपादक हैं, जिनका दर्शकों से खास जुड़ाव है। वह लगभग दो दशकों तक प्राइम टाइम टीवी पत्रकारिता का चेहरा और एक प्रमुख स्तंभकार रहे हैं। उनका काम टीवी और डिजिटल दोनों पर हमारे कवरेज में एक नया आयाम जोड़ेगा।’ बता दें कि राहुल शिवशंकर को प्रिंट और टीवी पत्रकारिता में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। राहुल शिवशंकर ने 1990 के दशक के मध्य में प्रिंट मीडिया में बतौर रिपोर्टर अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद वर्ष 2003 में वह ‘हेडलाइंस टुडे’ (Headlines Today) की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बने और इसके बाद जल्द ही चैनल में मुख्य राइटर की भूमिका संभाल ली। पत्रकारिता में उनके कौशल को देखते हुए उन्हें जल्द ही ‘हेडलाइंस टुडे’ में एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर प्रमोट कर दिया गया। इसके बाद राहुल शिवशंकर का अगला पड़ाव ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) था। शिवशंकर इस चैनल की लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे और जल्द ही चैनल पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले एंकरों में से एक बन गए। मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमलों की लगातार कवरेज के कारण उन्हें काफी प्रशंसा मिली। इसके साथ ही राहुल शिवशंकर ने इसके बारे में एक किताब भी लिखी है। वर्ष 2024 के चुनावों पर पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा उनकी एक किताब जल्द ही मार्केट में आने वाली है।
Dakhal News
रीजनल न्यूज चैनल की दिशा में NDTV तेजी से अब अपने पंख फैला रहा है। इस कड़ी में NDTV अब अपने भरोसे की विरासत को लेकर राजस्थान पहुंच गया है। समूह ने अब 'NDTV राजस्थान' नाम से एक और रीजनल चैनल लॉन्च किया है। न्यूज ब्रॉडकास्टर एनडीटीवी का ये दूसरा रीजनल चैनल है। पिछले महीने समूह ने 'NDTV मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़' लॉन्च किया था। NDTV समूह के मुताबिक, प्रदेश में 'NDTV राजस्थान' प्रदेशवासियों के समक्ष महज राजनीति तक सीमित न रहने के वादे के साथ समूह की 35 वर्षों की पत्रकारिता के बेमिसाल अनुभव पर आधारित खबरें लेकर हर पल हाजिर रहेगा। वीर भूमि के दर्शकों के लिए 'एनडीटीवी राजस्थान' की ये प्रतिबद्धता रहेगी कि उन्हें खबरें सिर्फ जयपुर से न मिलें बल्कि पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक प्रदेश के हरेक कोने से जनता की आवाज उठाई जाएगी। राजस्थान में एनडीटीवी के बैनर तले 5 सितंबर से शुरू हुआ ये खबरों का सिलसिला युवा, बच्चे-महिला, बुजुर्ग, जलवायु और गांव-शहरों से सीधे जुड़े स्थानीय मुद्दों को लेकर अनवरत जारी रहेगा। जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान दर्शक एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट, चुनावी समझ और विश्लेषण की लंबी विरासत से भरपूर कवरेज प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, चैनल राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, इतिहास, गीत-संगीत, नृत्य, भाषा और उद्यमिता को भी समेटे रहेगा। एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया का कहना है, ‘राजस्थान में रीजनल चैनल लॉन्च करने का हमारा निर्णय प्रदेश की जनता को स्थानीय और उनके लिए प्रासंगिक खबरें पेश करने की चाह से प्रेरित है। हमारे रिपोर्टर, स्ट्रिंगर यह सुनिश्चित करेंगे कि राजस्थान का हरेक गांव, शहर राजधानी से अलग-थलग न महसूस करें।'
Dakhal News
(प्रवीण कक्कड़) शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मान देने की परंपरा है, छात्र ही नहीं बल्कि समाज का हर तबका शिक्षक को सम्मान देता है। बड़े से बड़ा अधिकारी और राजनेता भी शिक्षक को सम्मानित करते हैं। इसकी बुनियाद में सबसे बड़ा कारण यह है कि शिक्षक ही राष्ट्र का प्रथम निर्माता है। यदि माता को प्रथम शिक्षक कहा गया है तो शिक्षक को प्रथम राष्ट्र निर्माता कहा जा सकता है। शिक्षक कभी साधारण नहीं होता प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। चाणक्य के उक्त वचन को प्रत्येक शिक्षक दिवस पर दोहराया जाता है। क्योंकि इससे शिक्षक की असाधारण विशेषता परिलक्षित होती है। लेकिन चाणक्य का यह कथन आज के दौर में सत्य और प्रासंगिक सिद्ध हो रहा है। हम देख रहे हैं कि जो राष्ट्र आगे बढ़े हैं, जहां ज्ञान - विज्ञान की प्रगति हुई है, जहां का समाज सुदृढ़ हुआ है, वहां शिक्षकों का सम्मान है और महत्व भी है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका का राष्ट्रपति अपने बच्चों के शिक्षकों से समय लेकर मिलता है। स्वीडन जैसे देश में यदि किसी सभा में शिक्षक उपस्थित है तो उसे सबसे पहले सम्मान दिया जाता है। फ्रांस, पोलैंड, जर्मनी, जापान जैसे देशों में समाज में सर्वोच्च स्थान शिक्षकों को प्राप्त है। स्वयं आचार्य चाणक्य ने जब मगध में एक शक्तिशाली साम्राज्य की नींव रखी तो शिक्षकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बल्कि मगध की धनानंद की सत्ता को तो शिक्षकों की उपेक्षा के कारण ही चाणक्य ने उखाड़ फेंका था। क्योंकि चाणक्य जानते थे कि जिस समाज में शिक्षक महत्वपूर्ण नहीं होगा वह समाज पतन की तरफ अग्रसर हो जाएगा। आज भारत का चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर पहुंच चुका है। बल्कि हम तो वह पहले देश भी बन गए हैं जिसने पहली बार चंद्रमा के उसे क्षेत्र में कदम रखा है, जहां पर कोई पहले नहीं पहुंच सका। इस अभूतपूर्व उपलब्धि का सबसे बड़ा श्रेय इस देश के शिक्षकों को जाता है। जिन्होंने वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियर्स को अपनी कक्षाओं में पढ़ाया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्कों को सही दिशा दी। उनके हाथ में कलम थमाई और कलम ने कमाल कर दिया। एक छात्र के कोरे मस्तिष्क को कैनवास मानकर उसे पर सर्वोत्तम चित्र अंकित करने वाला शिक्षक ही राष्ट्र का असली निर्माता है। कैनवास को कुरूप और वीभत्स भी किया जा सकता है और सुंदर भी बनाया जा सकता है। सृष्टि ने मां को सर्वोच्च शक्ति दी है कृतित्व की। मां अपने गर्भ में संतान की रचना करती है। और शिक्षक अपने क्लास रूम में उस संतान को श्रेष्ठ नागरिक बनाते हैं। शिक्षक का कृतित्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना मां का कृतित्व। इन दोनों रचनाकारों के अवदान को यह समाज कभी विस्मृत नहीं कर सकता। इसलिए जो शिक्षक छात्र के मस्तिष्क के कैनवास पर सर्वश्रेष्ठ चित्र बना सकता है वह निर्माण और विध्वंस दोनों में ही समर्थ है। हमारे शिक्षक अच्छे छात्रों को तैयार करें और उन्हें सही दिशा दिखाएं ताकि देश प्रलय की तरफ नहीं निर्माण की तरफ बढ़ सके और भारत एक विकसित, सशक्त, शक्तिशाली राष्ट्र बन सके। यही इस शिक्षक दिवस की कामना है और यही शिक्षक दिवस का सबसे बड़ा लक्ष्य है। समस्त राष्ट्र निर्माता शिक्षकों को बारंबार प्रणाम।
Dakhal News
समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 की प्रतिष्ठित जूरी के सदस्य और ‘एनडीटीवी’ में कंसल्टिंग एडिटर सुमित अवस्थी का कहना है कि समय के साथ पत्रकारिता का स्वरूप तो बदल सकता है, लेकिन पत्रकारिता को कोई खतरा नहीं है और यह हमेशा बनी रहेगी। सुमित अवस्थी एक सितंबर को समाचार4मीडिया की ओर से आयोजित ‘मीडिया संवाद 2023’ को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।‘मीडिया संवाद 2023’ में ‘बदलते परिदृश्य में मीडिया: चुनौतियां और संभावनाएं’ विषय अपनी बात रखते हुए सुमित अवस्थी का कहना था, ‘आज के दौर में चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन ऐसी कोई चुनौती नहीं है, जिसे जीता नहीं जा सकता। परेशानियां, मीडिया का बदलता परिदृश्य, टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया, अखबार, मैगजीन, प्रिंट और डिजिटल होता रहा है और होता रहेगा। हो सकता है कि दो साल या पांच साल बाद मुझे इस मंच पर फिर आने का मौका मिले, तब तक कोई नया शिगूफा आ चुका हो और हम उस पर चर्चा कर रहे हों। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तो मानकर चल रहा हूं कि यह आ ही चुका है। मैं उसके आगे की बात कर रहा हूं। चैट जीपीटी तो चल ही रहा है। अब तो चैट जीपीटी का तोड़ लाने की तैयारी भी चल रही है।’सुमित अवस्थी का कहना था, ‘चुनौतियां और परेशानियां तो बनी रहेंगी, लेकिन पत्रकारिता कहीं जाने वाली नहीं है, क्योंकि लोगों के अंदर जानने की जिज्ञासा हमेशा बनी रहेगी।’
Dakhal News
अमीश देवगन जन्म 01 मार्च 1984 को नई दिल्ली में हुआ था। मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा पूरा करने के बाद, अमिश देवगन 2002 में डेस्क रिपोर्टर के रूप में हिंदुस्तान टाइम्स में शामिल हो गए. उसके एक साल बाद, वे ज़ी मीडिया में एक बिजनेस रिपोर्टर के रूप में शामिल हुए। Zee ग्रुप ने 2005 में अपना एक्सक्लूसिव बिजनेस चैनल Zee Business शुरू किया था और अमिश की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें प्राइम टाइम एंकर के रूप में चुना गया। अमिश शादीशुदा है और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नोएडा में रहते है। अमिश को इस फिल्ड में काफी तजुर्बा हो चूका है। अमिश देवगन को कभी कभी हिंदी वाला अर्नब गोस्वामी भी कहते है। क्योंकि वे अर्नब की तरह ही डिबेट शो करते है। अमिश अपने डिबेट शो (आर-पार) की वजह से और सुर्खियों में आने लगे।
Dakhal News
सुशांत सिन्हा ने पूछा ये बड़ा सवाल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शराब कारोबारी अमनदीप ढल द्वारा पांच करोड़ रुपए के कथित भुगतान के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक पवन खत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। ढल दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में कथित तौर पर मदद चाहता था। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने ट्वीट कर एक बड़ा सवाल पूछा है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, दिल्ली शराब घोटाले के मामले में CBI ने ED के ही अधिकारी और कर्मचारियों पर एक आरोपी को बचाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में FIR दर्ज कर ली है। इससे ये तो साफ हो गया कि ED या CBI सिर्फ नेता नहीं बल्कि अपने लोगों को भी नहीं छोड़ती अगर मामला बने। लेकिन सवाल तो ये कि केजरीवाल जी तो कहते हैं कि घोटाला हुआ ही नहीं तो फिर (आरोप के मुताबिक) एक शराब कारोबारी गिरफ्तारी से बचने के लिए 5 करोड़ रुपए की रिश्वत देने को क्यों तैयार हुआ? उसे ऐसा क्यों लगा कि उस तक गिरफ्तारी का संकट पहुंचेगा ही पहुंचेगा। कुछ किया नहीं, कुछ हुआ नहीं तो गिरफ्तारी से बचने के लिए इतनी मोटी रकम कोई देने को क्यों तैयार हुआ भई? इन सवालों का जवाब कब मिलेगा?
Dakhal News
अमन चोपड़ा एक भारतीय पत्रकार और समाचार एंकर हैं। वह भारत के बेहतरीन टेलीविजन पत्रकारों और एंकरों में से एक हैं। राजनीतिक खबरों पर उनकी अच्छी पकड़ है और वह राजनीतिक डिबेट शो होस्ट करते हैं। उनके पास पत्रकारिता में बीस वर्षों से अधिक का अनुभव है। अमन चोपड़ा का जन्म 07 दिसंबर 1985 को भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। अमन चोपड़ा ने अपनी स्कूल की पढ़ाई रविंद्र पब्लिक स्कूल पीतमपुरा दिल्ली से की, उसके बाद आगे पढ़ाई टेक्निया इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन किया। इनके अलावा जनसंपर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में भाग लिया। बाद में Aman Chopra ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में MA किया। अमन चोपड़ा ने अपने कैरियर की शुरुआत अपने कॉलेज के टाइम से ही कर दी थी कॉलेज के दिनों में Aman Chopra एक थिएटर आर्टिस्ट थे इन्होंने उस समय कई नाटकों में हिस्सा लिया तथा स्वतंत्र पत्रकारिता के तौर पर काम भी किया। अमन चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ ही प्रिंट मीडिया से अपनी पत्रकारिता की जर्नी को शुरू कि और एक पीआर एजेंसी में काम करने लग गई। इसके साथ ही Aman Chopra इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ आ गए। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने के बाद इन्होंने सबसे पहले IBN7 (अब News18 India) में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर काम कर रहे है।
Dakhal News
अंजना ओम कश्यप भारत की एक वरिष्ठ पत्रकार और समाचार प्रस्तोता है। वह आज तक समाचार चैनल की एक कार्यकारी संपादक है। वह भारत के सबसे सफल और प्रसिद्ध पत्रकारों में से एक है। अंजना का जन्म 12 जून 1975 को झारखंड के रांची शहर में हुआ था। अंजना ने अपनी स्कूल की पढाई लॉरेटो कॉन्वेन्ट स्कूल, रांची से की थी। और कॉलेज की पढाई दौलत राम कॉलेज, जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई थी। 2002 से अंजना ने जनियाँ से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की और 2003 उन्होंने पत्रकारिता प्रारंभ कर दिया। अंजना का सफर दूरदर्शन के कार्यक्रम आंखों देखी से शुरू हुआ। उसके बाद वो जी न्यूज़, News24 और स्टार न्यूज़ के साथ भी जुड़ी, पर उनके आज तक काफी लकी साबित हुआ आज तक में अंजना को जर्नलिस्ट्स से स्टार जनरलिस्ट बनाया। वह अपने ब्राह्मणवादी पालन-पोषण और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद प्रचलित सामाजिक तनावों का योगदान कारकों के रूप में उल्लेख करती हैं।उन्होंने पहले अन्य हिन्दी चैनलों में बड़ी बहस और दो टूक जैसे बहस कार्यक्रमों की मेजबानी की है।
Dakhal News
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) द्वारा तैयार की जा रही 'समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40 अंडर 40’ (40 Under 40)' की लिस्ट से एक सितंबर 2023 को पर्दा उठ जाएगा। दिल्ली में स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के सेमिनार हॉल- 1, 2 और 3 में आयोजित एक कार्यक्रम में इस लिस्ट में शामिल हुए प्रतिभाशाली पत्रकारों के नामों की घोषणा की जाएगी और उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। बता दें कि पुरस्कार वितरण समारोह से पहले 'मीडिया संवाद 2023' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एक सितंबर को सुबह नौ बजे से होने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न पैनल चर्चा और वक्ताओं का संबोधन शामिल होगा। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर भूपेंद्र चौबे भी शामिल होंगे। पत्रकारिता जगत में भूपेंद्र चौबे के सफर की बात करें तो उन्होंने एक रिपोर्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी और अपनी मेहनत व काबिलियत के दम पर एक न्यूज चैनल के प्रमोटर तक का सफर तय किया है। भूपेंद्र चौबे ने पत्रकारिता में अपना करियर सितंबर 1999 में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर रिपोर्टर शुरू किया। वर्ष 2005 में उन्होंने यहां अपनी पारी को विराम दे दिया और ‘सीएनएन आईबीएन’ (CNN IBN) की टीम में शामिल हो गए। ‘सीएनएन News18’ (पूर्व में ‘सीएनएन आईबीएन’) में अपनी करीब 15 साल लंबी पारी के दौरान अपनी प्रतिभा के दम पर वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद तक पहुंच गए। पिछले दो दशकों से भी अधिक समय में उन्होंने तमाम बड़ी स्टोरीज को दर्शकों के सामने रखा है और एक निष्पक्ष व खरी-खरी कहने वाले प्राइम टाइम एंकर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। पिछले डेढ़ दशक में वह तमाम प्रमुख राजनेताओं समेत कई जानी-मानी शख्सियतों का इंटरव्यू कर चुके हैं।
Dakhal News
नौकरी की तलाश में जुटे पत्रकारों के लिए यह खबर काफी काम की है। दरअसल, ‘श्रेयमन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के बैनर तले लॉन्च हुए नेशनल डिजिटल न्यूज चैनल ‘रिपोर्टर जी’ में कई पदों पर वैकेंसी है।इसके तहत ‘रिपोर्टर जी’ द्वारा एंकर (तीन पद) और कंटेंट राइटर (तीन से चार पद) के अलावा डिजिटल टीम को हैंडल करने (दो पद) के लिए योग्य व इच्छुक आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए फ्रेशर्स भी अप्लाई कर सकते हैं। इच्छुक आवेदक अपना अपडेटेड रिज्युमे reporterji.in@gmail.com पर भेज सकते हैं। बता दें कि इस डिजिटल न्यूज चैनल का ऑफिस और स्टूडियो दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सुशांत लोक इलाके में बनाया गया है। इस चैनल की जिम्मेदारी लता सिंह संभाल रही हैं। लता सिंह को विभिन्न नेशनल न्यूज चैनल्स समेत पत्रकारिता जगत में काम करने का लंबा अनुभव है।
Dakhal News
मुसलमानों का पढ़ना बहुत जरूरी है यूपी के मुजफ्फरनगर से हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि स्कूल चलाने वाली महिला टीचर क्लास के दूसरे बच्चों से एक मुस्लिम छात्र को पिटवा रही हैं। तृप्ता एक-एक कर जमीन पर बैठे छात्रों को बुलाती हैं और अपने पास खड़े छात्र के गाल पर उन लोगों से चांटा मारने को कहती हैं। दूसरे छात्र लाइन से आ रहे हैं और खड़े हुए लड़के के गाल पर जोरों से चांटा जड़ रहे हैं। इस पूरी घटना पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ये तस्वीरें किसी भी मां को अंदर से कचोट कर रख सकती हैं। जब एक टीचर इतना घिनौना काम करती है तो दुख बढ़ना लाजमी है। तृप्ति त्यागी नाम की इस महिला को मुसलमान बच्चों से कुछ खास नफरत लग रही है। एक मासूम बच्चा रोता-बिलखता क्लास के सामने खड़ा है और एक-एक कर बच्चे आकर उसे पीट रहे हैं। मामला मुजफ्फरनगर के नेहा पब्लिक स्कूल का है। पिता ने केस दर्ज करवाने से इनकार कर दिया है। कह रहे हैं कि मामला सुलझ गया है लेकिन इस महिला को पढ़ाने का कोई हक नहीं होना चाहिए। इस देश को आगे बढ़ना है तो मुसलमानों का पढ़ना बहुत जरूरी है और उनकी पढ़ाई में बाधा डालने वाला देश का भला नहीं कर सकता।
Dakhal News
नस्लीय भेद का जहर आज भी इनके खून में चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से विदेशी मीडिया में भारत को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। इसी बीच बीबीसी का चार साल पुराना एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। यह चंद्रयान-2 के समय का है जिसे भारत ने 2019 में छोड़ा था। वीडियो में बीबीसी एंकर भारत में मौजूद अपने संवाददाता से पूछ रहा है कि भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है, भीषण गरीबी है, 70 करोड़ लोगों पास टॉयलेट नहीं है, क्या ऐसे देश को मून मिशन पर इतना पैसा खर्च करना चाहिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने लिखा, इंग्लैंड के राजा के साम्राज्यवादी टीवी चैनल, बीबीसी के इस एंकर की भाषा अहंकार की है। भारत के मून मिशन और चंद्रयान की सफलता ने इनके नस्लीय अहंकार को कुचला है। इनका दर्द स्वाभाविक है। एंकर कहता है की भारत मून मिशन पर इतना पैसा क्यों खर्च कर रहा है। भारत तो गरीब देश है। दरअसल ये कुंठा किसी लुटेरे साम्राज्य की सोच का हिस्सा है।200 साल तक भारत की धन संपदा लूटकर इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था चलाने वाली सोच भिखमंगो की होती है। नैतिकता का झूठा लबादा ओढ़े इन अनैतिक लोगों ने भारत से कभी माफी नहीं मांगी, जो लूट पाट, हिंसा, युद्ध, कत्लेआम किया। इन एंकर महोदय के बाप दादा भी शायद भारत से लूट कर ले जाए गए पैसों से पले होंगे लेकिन नस्लीय भेद का जहर आज भी इनके खून, सोच और दिमाग में भरा है।बीबीसी को माफी मांगनी चाहिए। बता दे, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक चंद्रयान-3 को तैयार करने पर कुल 615 करोड़ रुपये का खर्च आया है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम, रोवर प्रज्ञान और प्रपल्शन मॉड्यूल को तैयार करने की कुल लागत 250 करोड़ रुपये है।
Dakhal News
विनोद अग्निहोत्री ने देश के वैज्ञानिकों को किया नमन 40 दिन का भारत का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। पृथ्वी से चंद्रमा तक 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय करने के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की धरती पर कामयाबी के साथ उतर गया। इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने ट्वीट कर देश के महान वैज्ञानिकों को नमन किया। उन्होंने लिखा, चांद पर भारत ने रचा इतिहास। आज इस ऐतिहासिक उपलब्धि में आजादी के बाद से अब तक के समस्त वैज्ञानिकों की प्रतिभा नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व के योगदान को कोटिशः साधुवाद। संपूर्ण देशवासियों को बधाई। इसरो से शुरू हुई भारत की अंतरिक्ष यात्रा में आर्यभट्ट ,भास्कर कई उपग्रहों का प्रक्षेपण राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा भारतीय चंद्रयान-1 मंगलयान प्रक्षेपण अब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के उतरने तक कई उपलब्धियां हैं। ये मुकाम हैं मंजिल नहीं। देश आगे बढ़ता रहेगा। आज कल्पना चावला को याद करने राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स को बधाई देने और भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डा.विक्रम साराभाई और इससे जुड़े रहे सभी वैज्ञानिकों को नमन करने का दिन है। ये सभी हमारे राष्ट्रीय गौरव और नायक हैं। जय हिन्द वंदे मातरम्।
Dakhal News
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है। सोमवार को स्वर्गीय कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर अलीगढ़ में आयोजित रैली में विषय भी स्पष्ट था और लक्ष्य भी। पार्टी ने हिन्दू गौरव दिवस का आयोजन किया। इस मौके पर बीजेपी ने एक मंच पर सभी जातियों के नेताओं को इकट्ठा किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के तमाम सदस्यों के अलावा, दिल्ली से गृह मंत्री अमित शाह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संजीव बालियान और बी. एल. वर्मा भी पहुंचे। अमित शाह ने कहा कि कल्याण सिंह के सारे सपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे किए हैं।कल्याण सिंह चाहते थे कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, वो हो रहा है। कल्याण सिंह पिछड़े वर्ग को उनका हक देना चाहते थे, नरेन्द्र मोदी वही काम कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि कल्याण सिंह ने पहली बार बीजेपी को यूपी में 80 में से 73 सीटें जितवाईं, अब 2024 में यूपी की सभी 80 सीटों पर बीजेपी को जिताना है। यही कल्याण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अमित शाह ने 80 सीटों का लक्ष्य घोषित किया। मुद्दा हिन्दुत्व होगा, राम मंदिर का निर्माण होगा और बीजेपी की कोशिश होगी कि जात-पांत भूलकर सभी को हिन्दुत्व के मुद्दे पर एकजुट किया जाए। बहुत से लोग कह रहे हैं कि बीजेपी की निगाह अब पिछड़े वर्ग के वोट पर है। बीजेपी पिछड़े नेताओं को आगे करेगी, पिछड़े वर्ग की बात करेगी। चूंकि कल्याण सिंह पिछड़े वर्ग के बड़े नेता थे इसीलिए बीजेपी ने उनकी पुण्य तिथि पर इतना भव्य प्रोग्राम किया, लेकिन यदि आप अमित शाह, योगी और दूसरे नेताओं की बात सुनेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी की रणनीति इससे अलग है।अलीगढ़ में आज बीजेपी ने अपने नेताओं की पूरी फौज उतार दी थी। कल्याण सिंह की पुण्य तिथि पर सभी छोटे बड़े नेता पहुंचे, अगड़ी, पिछड़ी और दलित, सभी जातियों के नेता शामिल हुए। अमित शाह और योगी के अलावा वसुन्धरा राजे, यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, मंत्री अनिल राजभर, मंत्री संदीप सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री जतिन प्रसाद, और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मंच पर मौजूद थे।
Dakhal News
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत को अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। बता दें कि 2022 में कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत को अपने कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में सोशल मीडिया व डिजिटल प्लेटफॉर्म का चेयरपर्सन नियुक्त किया था। पांच साल से भी कम समय में सुप्रिया श्रीनेत के राजनीतिक करियर में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उन्होंने महाराजगंज निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का भारतीय आम चुनाव (लोकसभा चुनाव) लड़ा था। राजनीति में आने से पहले सुप्रिया श्रीनेत ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 18 साल योगदान दिया। उन्होंने 2001 में 'इंडिया टुडे' के साथ स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट के तौर पर अपना करियर शुरू किया और बाद में 2004 में असिसटेंट एडिटर के तौर पर 'एनडीटीवी' में शामिल हो गईं। 'ET नाउ' के साथ उनका कार्यकाल 2008 में बतौर चीफ एडिटर (न्यूज) शुरू हुआ। उसी वर्ष, उन्हें 'ET नाउ' में पॉलिसी एडिटर व एग्जिक्यूटिव एडिटर के बनाया गया। राजनीति में उतरने का फैसला करने से पहले उन्होंने एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर अपने दस साल पूरे कर लिए थे।
Dakhal News
जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर ने अपने नए सफर का आगाज पिछले दिनों दैनिक भास्कर की डिजिटल विंग से किया है। उन्हें यहां डिजिटल विंग का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। अभी तक वह यूएस-यूके आधारित थिंकटैंक 'ग्लोबल पॉलिसी इनसाइट्स' (जीपीआई) के इंडिया चैप्टर में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। साथ ही साथ वह इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल चैनल 'न्यूजतक' में कंसल्टेंट की भूमिका भी निभा रहे थे। बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर ने मई 2016 में ‘एबीपी न्यूज‘ बतौर पॉलिटिकल एडिटर जॉइन किया था। 2019 में उन्होंने 'एबीपी गंगा' को बतौर एडिटर लॉन्च कराया था। 2021 में 'एबीपी गंगा' छोड़कर वह एबीपी ग्रुप में एडिटर-एट-लॉर्ज बन गए। ‘एबीपी न्यूज‘ से पहले राजकिशोर देश के बड़े हिंदी अखबारों में शामिल ‘दैनिक जागरण‘ से जुड़े हुए थे, जहां वह नेशनल चीफ ऑफ ब्यूरो के पद पर कार्यरत थे। ‘दैनिक जागरण‘ में 15 राज्यों के 42 संस्करणों के लिए राष्ट्रीय ब्यूरो का नेतृत्व करने वाले राजकिशोर न सिर्फ 15 राज्यों के स्टेट यूनिट्स के साथ समन्वय का काम देखते थे, साथ ही दैनिक जागरण के नेशनल इनपुट प्लान से लेकर जागरण डॉट कॉम, नई दुनिया तक के लिए नेशनल इश्यूज की खबरों को जुटाने वाली पूरे नेशनल ब्यूरो की अगुआई करते थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक विस्तृत इंटरव्यू भी कर चुके हैं, जो हिंदी मीडिया में पीएम का पहला इंटरव्यू था।करीब दो दशक से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे राजकिशोर ने 2003 में ‘दैनिक जागरण‘ जॉइन किया था। यहां के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पीएमओ, बीजेपी, संघ परिवार, प्रेजिडेंट हाउस, कांग्रेस, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय समेत कई बीट्स पर काम किया है। ‘दैनिक जागरण‘ से पहले राजकिशोर ‘अमर उजाला‘ के साथ कानपुर में बतौर चीफ रिपोर्टर भी काम कर चुके हैं। वह वर्ष 2000 में ‘अमर उजाला‘ की पंजाब और हरियाणा लॉन्चिंग टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार श्रुतिजीत केके ने अंग्रेजी के बिजनेस अखबार ‘मिंट’ (Mint) के साथ अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां बतौर एडिटर-इन-चीफ अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने शुक्रवार को अपनी टीम को लिखे एक लेटर में इस बारे में घोषणा की है। अपने लेटर में उन्होंने लिखा है, ‘यहां मेरा कार्यकाल संभवत: सितंबर के आखिर तक होगा।’बता दें कि श्रुतिजीत ने नवंबर 2020 में ‘मिंट’ जॉइन किया था। इस अखबार के साथ श्रुतिजीत की यह दूसरी पारी थी। वर्ष 2007 में जब यह अखबार लॉन्च हुआ था, तब श्रुतिजीत इसकी फाउंडिंग टीम के मेंबर थे। उन्होंने इसके रिपोर्टर के तौर पर भी काम किया था।उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, वह ‘इकनॉमिक टाइम्स’ (ET) में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी शुरू कर सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।अपने नए कदम के बारे में ‘एक्सचेंज4मीडिया’ के साथ बातचीत में श्रुतिजीत केके ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कल अपने सहयोगियों को सूचित किया था कि मैंने लगभग तीन वर्षों के कार्यकाल के बाद मिंट के एडिटर-इन-चीफ के रूप में पद छोड़ दिया है। अपने अगले कदम के बारे में फिलहाल मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा।’श्रुतिजीत को प्रिंट के साथ डिजिटल में काम करने का अनुभव है। उन्होंने ‘डीएनए’ (DNA) अखबार के साथ अपना करियर शुरू किया था। वह इसकी लॉन्चिंग टीम में शामिल थे।पूर्व में वह ‘ईटी मैगजीन’,‘हफपोस्ट’के इंडिया एडिशन के साथ भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह ‘एप्पल इंक’ में इंडिया ऐप के स्टोर एडिटर के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
Dakhal News
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अधिकतर भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से परिवर्तित हुए हैं, जिसका एक उदाहरण कश्मीर घाटी में देखा जा सकता है जहां अधिकांश कश्मीरी पंडितों ने इस्लाम धर्म अपना लिया।जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'भारत में अधिकतर मुसलमान हिंदू धर्म से परिवर्तित हुए हैं। इसका उदाहरण कश्मीर में देखने को मिलता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे। वे इस्लाम में परिवर्तित हो गए। सभी हिंदू धर्म में पैदा हुए हैं। 'गुलाम नबी आजाद के इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश कुमार सिंह ने ट्वीट कर अपनी राय दी है। उन्होंने लिखा, गुलाम नबी आजाद ने गलत क्या कहा है? भारत के ज्यादातर मुसलमानों के पूर्वज हिंदू रहे हैं, ये तो ऐतिहासिक तथ्य है। कश्मीर के जो नेता सियासत के तहत इसे लेकर आजाद पर पिल पड़े हैं, उनमें से ज्यादातर के पूर्वज भी कश्मीरी पंडित ही रहे हैं।यहां तक कि मशहूर शायर और नेता इकबाल के पूर्वज भी। अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, भारत के जो मुसलमान अपनी हिंदू पृष्ठभूमि को याद करने में शर्म महसूस करते हैं, उन्हें दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देश इंडोनेशिया के मुसलमानों से सीख लेनी चाहिए, जो साफ तौर पर कहते हैं कि उन्होने सिर्फ अपना धर्म बदला है, अपने पूर्वज व संस्कार नहीं बदले हैं, न ही संस्कृति और इतिहास।
Dakhal News
इस चैनल के बने CEO व एडिटर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त रहे पवन अरोड़ा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है। वह अब अपनी नई पारी मीडिया से शुरू करने जा रहे हैं। इस कड़ी में वह अपने सफर का आगाज 'फर्स्ट इंडिया न्यूज' चैनल से कर रहे हैं। बता दें कि उन्हें चैनल का CEO व एडिटर नियुक्त किया गया है। वह शुक्रवार 18 अगस्त शाम 6.30 बजे से अपनी पारी शुरू करेंगे।पवन, इसके साथ ही 'फर्स्ट इंडिया' अखबार के भी सीईओ व एडिटर होंगे। वहीं, चैनल के CMD व एडिटर-इन-चीफ जगदीश चंद्र बने रहेंगे।
Dakhal News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित किया। भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को पीएम मोदी ने बुराई बताया और इन्हे जड़ से खत्म करने की बात की है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने एक टीवी डिबेट में कहा, भारत में स्वतंत्रता आज के समय जितनी है उतनी शायद ही दुनिया की किसी देश में होगी और हम उसका रोज एहसास करते हैं। जब देश का प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से बोलता है तो पूरा देश उम्मीद, आशा और भविष्य की संभावनाओं पर काम करने के लिहाज से उसे सुनता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण को सरकारी भाषण ना रखकर उसमें कुछ चीजें व्यक्तिगत रूप से जोड़ी हैं, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। हर्षवर्धन त्रिपाठी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में हो रही घटनाओं को लेकर जो बयान दिया वो उन्हें अप्रत्याशित लगा।दरअसल प्रधानमंत्री भी इस चीज को समझते हैं कि मणिपुर का मुद्दा बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण को खत्म करने की बात कही है यह बहुत ही काबिले तारीफ है। मुझे याद नहीं है कि आज से पहले किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से इस प्रकार की बातें की हो।
Dakhal News
सूचना व प्रसारण सेक्टर को मिले ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ (FDI) में बंपर बढ़ोतरी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें 231 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) में सूचना व प्रसारण सेक्टर को 3745 रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 1129 करोड़ रुपये था। जहां फिल्म और एडवर्टाइजिंग श्रेणियों को एफडीआई के रूप में 811 करोड़ रुपये मिले, वहीं रेडियो ब्रॉडकास्टिंग को नौ करोड़ रुपये का फायदा हुआ।रिपोर्ट्स के अनुसार, चौथी तिमाही में इस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले साल इसी तिमाही में 375 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से ज्यादा बढ़कर 820 करोड़ रुपये हो गया है।
Dakhal News
गुरुग्राम पुलिस ने ‘सुदर्शन न्यूज’ के रेजिडेंट एडिटर मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया है। उन पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने का आरोप है। बताया जाता है कि ये पोस्ट हरियाणा के नूंह और आसपास के जिलों में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थे।गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि मुकेश कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी के तहत साइबर क्राइम की टीम ने मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आठ अगस्त को मुकेश कुमार ने अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘@AJENews (अल जज़ीरा न्यूज़ चैनल) गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को कॉल कर रहा है और उन पर हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है। और कॉल प्राप्त करने के बाद @DC_Gurugram इतने दबाव में आ जाती है कि वह कहीं से भी हिंदू कार्यकर्ताओं को उठा लेती है।’वहीं, न्यूज चैनल ने इस गिरफ्तारी को प्रेस की आजादी पर हमला बताया है।
Dakhal News
अक्षय कुमार ने किया एक साहसिक प्रयास अक्षय कुमार की फिल्म 'OMG 2' आज रिलीज हो रही है। फिल्म को अभिनेता सनी देओल की फिल्म 'गदर 2' से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर फिल्म 'OMG 2' का रिव्यू लिखा है।उन्होंने फिल्म को देखकर लिखा, 'मुझे यह यौन शिक्षा पर एक अग्रणी फिल्म लगी, एक ऐसा विषय जिसके बारे में हम अपने घरों और स्कूलों में बात करने से बचते हैं। यह बहुत मजेदार और मनोरंजक भी लगा, बिल्कुल सच्चे और एक सुंदर संदेश के साथ। मुझे लगता है कि यह अक्षय कुमार जैसे स्थापित स्टार द्वारा किया गया एक बहुत ही साहसिक प्रयास है, जिन्हें जोखिम लेने की भी आवश्यकता नहीं है।उन्होंने एक जटिल विषय को बहुत परिपक्वता और दृढ़ विश्वास के साथ संभाला है। मैं कहूंगा कि प्रत्येक किशोर, माता-पिता और शिक्षक को इसे देखना चाहिए।' दुर्भाग्य से, ए प्रमाणपत्र ने OMG2 को एक वयस्क फिल्म में बदल दिया है, हालांकि यह किशोरों के लिए है। आपको बता दें कि अब A सर्टिफिकेट मिलने से टारगेट ऑडियंस ही फिल्म नहीं देख पाएगी।दरअसल, यह फिल्म फिल्म 12-17 साल के एज ग्रुप को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। ऐसे में उन्हें इस फिल्म को देखने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
Dakhal News
डील से जुड़ी सभी आपत्तियों को किया खारिज ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) ने ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) और ‘कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट’ (पूर्व में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के विलय को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।कोर्ट ने इस मामले में 10 जुलाई को अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘एनसीएलटी’ ने इस डील से जुड़ी सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया।कथित तौर पर अदालत ने कहा कि विलय को ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ (सेबी) में लंबित मामले के आधार पर नहीं रोका जाना चाहिए।गौरतलब है कि ‘सोनी’ और ‘जी’ ने वर्ष 2021 के अंत में अपने टेलीविजन चैनल्स, फ़िल्म संपत्तियों और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स का विलय करने का निर्णय लिया था। हालांकि, जी समूह की इकाई और ऋणदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई सहित तमाम कई कारणों से यह डील परवान नहीं चढ़ पा रही थी।
Dakhal News
'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि चीन 'न्यूजक्लिक' को फंडिंग करता है। 'न्यूयॉर्क टाइम्स' में छपी खबर में बताया गया कि भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन की ओर से 38 करोड़ रुपए दिए गए। दरअसल, यह खुलासा 'न्यूजक्लिक' के प्रमोटर के ईमेल से हुआ है। NYT की रिपोर्ट में कांग्रेस पर 2021 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इसकी फंडिंग की जांच के दौरान 'न्यूजक्लिक' का बचाव करने का भी आरोप लगाया गया है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार गौरव सावंत ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, चीन से पैसा लेकर भारत के खिलाफ लिखना और बोलना। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा चलाना वो भी भारत विरोधी तत्वो से चंद सिक्के लेकर दिखाता है कि मीर जाफर/आंभी हर युग में रहे हैं। और आज भी है। सबूतो के आधार पर कानूनी कार्रवाई होगी या फिर सिक्के ही फिर जीत जाएंगे?
Dakhal News
(प्रवीण कक्कड़) जिंदगी की राह को आसान बनाता है "मित्रता का अनोखा रिश्ता" जिस देश के वांग्मय में ब्रम्हा - विष्णु - महेश की मैत्री का सर्वोच्च उदाहरण उपस्थित हो, जहां पर कृष्ण अपने आंसुओं से सुदामा के पैर धोते हों और जहां पर धर्म की रक्षा के लिए अपने सगे भाई का त्याग करके प्रभु श्री राम के साथ मित्रता धर्म निभाने में विभीषण जैसे धर्मात्मा आगे हों, वहां मित्रता दिवस तो वर्ष के हर दिन होता है. मित्रता को किसी दिवस की परिधि में बांधना पश्चिम की अवधारणा हो सकती है लेकिन मित्रता को अनंत आनंद, प्रेम और उत्कर्ष की सीमा तक ले जाना यह भारतीय अध्यात्म और वांग्मय की अवधारणा है. यही कारण है कि जब पूरी दुनिया और पश्चिम मित्रता की उत्सवधर्मिता को एक दिवस तक समेटना चाहते हैं भारतीय अध्यात्म इसे चेतना के उच्चतम स्तर तक ले जाना चाहता है. उस स्तर तक जहां प्रेम, करुणा और सामर्थ्य का विस्तार बिना किसी भेदभाव के मैत्री तक भी पहुंचे. हमारी परंपरा में जिंदगी की राह को आसान बनाने वाला मित्रता का अनोखा रिश्ता हमेशा मौजूद रहा है। इसीलिए जब अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1958 से हुई उससे भी हजारों वर्ष पहले भारतीय पौराणिक गाथाओं में मित्रता के अनेक किस्से दर्ज हुए. और लगभग 400 वर्ष पहले तुलसीदास ने मानस की चौपाईयों में अनेक जगह मित्रता को महिमामंडित किया... जे न मित्र दु:ख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी॥ निज दु:ख गिरि सम रज करि जाना। मित्रक दु:ख रज मेरु समाना॥1॥ जो लोग मित्र के दुःख से दुःखी नहीं होते, उन्हें देखने से ही बड़ा पाप लगता है. अपने पर्वत के समान दुःख को धूल के समान और मित्र के धूल के समान दुःख को सुमेरु पर्वत के समान जानें. तुलसीदास के रामचरितमानस की यह चौपाईयां मैत्री में करुणा के उच्चतम स्तर को दर्शाती हैं. लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है तुलसीदास कहते हैं कि एक अच्छा मित्र बनने के लिए समझदार होना भी आवश्यक हैं, जिससे आपका मित्र जब भी किसी गलत राह पर जाएं तो आप उसे सही राह दिखा सकें, और अपने मित्र के सभी अवगुणों को दूर करके उसके गुणों को निखार सकें यह कार्य सिर्फ समझदार व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चा मित्र ही कर सकता है. जिन्ह के असी मति सहज ना आई। ते सठ कत हठी करत मिताई॥ कुपथ निवारी सुपंथ चलावा। गुण प्रगटे अव्गुनन्ही दुरावा॥ सबसे प्रमुख बात तो यह है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र के प्रति बगैर किसी भेदभाव के जिस प्रेम और सम्मान को प्रकट किया उसके बारे में त्रेता युग में पहले ही विचार और मंथन हो चुका था. इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा... देत लेत मन संक न धरई। बल अनुमान सदा हित कराई॥ विपत्ति काल कर सतगुन नेहा। श्रुति का संत मित्र गुण एहा॥ इसका अर्थ केवल इतना है कि किसी व्यक्ति के पास कितनी भी धन दौलत हो अगर वो मुसीबत पर अपने मित्र के काम ना आ सका तो वो धन व्यर्थ हैं, विपत्ति के समय अपने मित्र के हमेशा साथ रहना चाहिए और हर रूप में उसकी मदद करनी चाहिए,वेदों और शास्त्रों में भी कहा गया है कि विपत्ति के समय साथ देने वाला और स्नेह करने वाला मित्र ही सच्चा मित्र होता हैं. इतना ही नहीं गोस्वामी तुलसीदास ने मित्र की विशेषता भी बतलाई है और कहा है कि..जो मित्र हमारे मुंह पर मीठी मीठी बातें करे और पीठ पीछे बुराई करें वो मित्र हो ही नहीं सकता, ऐसे मित्र के साथ कभी नहीं रहना चाहिए. जो मन में आपके प्रति कुटिल विचार, बुरा विचार रखता है हो वह दोस्त नहीं कुमित्र होता हैं, ऐसे लोगों को अपने जीवन से निकाल देना ही उचित है. आगे कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई॥ जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहीं भलाई॥ हमारे साहित्य की अनमोल धरोहर इन चौपाइयों और श्रीकृष्ण - सुदामा, कृष्ण - अर्जुन, निषादराज - श्री राम जैसे पौराणिक उदाहरणों से यह तो स्पष्ट है कि भारत में सच्ची मित्रता की अवधारणा सदियों पुरानी है. और सच्ची मित्रता को भारत इस सीमा तक स्वीकार करता है कि मित्र को अपने हृदय में हर पल अंकित करना चाहता है. शायद इसीलिए भारत में किसी मित्रता दिवस की आवश्यकता नहीं पड़ी. जहां हर क्षण, हर पल सच्चे मित्र का हो वहां पर मित्रता दिवस की क्या आवश्यकता. और मैत्री को जताने की क्या आवश्यकता. किंतु फिर भी हम मित्रता दिवस मनाने के विचार का स्वागत करते हैं. इस नवोन्मेष को हमें स्वीकार करना होगा. क्योंकि आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में कहीं ना कहीं मित्रता दिवस हमें अपने सच्चे मित्रों की याद दिलाता है और मित्रों के प्रति कर्तव्य का स्मरण भी कराता है. दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं. भारत 2011 समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को मित्रता दिवस मनाते हैं. हालांकि अन्य कई देशों में 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. दिवस कोई भी हो लेकिन हमें मित्रता को एक सार्थक पड़ाव तक ले जाना है. मित्रता अनौपचारिक स्तर पर तो फलतू-फूलती ही है, किंतु विश्वास मित्रता को सर्वोच्च स्तर पर ले जाता है. जो अपने मित्र का विश्वस्त है वह मानवीय गुणों से भरपूर है और सर्वोच्च सम्मान का पात्र है. जो अपने मित्र के रहस्य अपने सीने में रखे वह सच्चा मित्र है. जो अपने मित्र की कमजोरियों को जानते हुए भी उन्हें ढंकने की कोशिश करें और उसकी खूबियों को उजागर करें वह मित्र वंदनीय है. तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,जो सहला दे, मित्र वही है। रूखे मन को, सराबोर कर,जो नहला दे, मित्र वही है।
Dakhal News
(प्रवीण कक्कड़) जिस देश के वांग्मय में ब्रम्हा - विष्णु - महेश की मैत्री का सर्वोच्च उदाहरण उपस्थित हो, जहां पर कृष्ण अपने आंसुओं से सुदामा के पैर धोते हों और जहां पर धर्म की रक्षा के लिए अपने सगे भाई का त्याग करके प्रभु श्री राम के साथ मित्रता धर्म निभाने में विभीषण जैसे धर्मात्मा आगे हों, वहां मित्रता दिवस तो वर्ष के हर दिन होता है. मित्रता को किसी दिवस की परिधि में बांधना पश्चिम की अवधारणा हो सकती है लेकिन मित्रता को अनंत आनंद, प्रेम और उत्कर्ष की सीमा तक ले जाना यह भारतीय अध्यात्म और वांग्मय की अवधारणा है. यही कारण है कि जब पूरी दुनिया और पश्चिम मित्रता की उत्सवधर्मिता को एक दिवस तक समेटना चाहते हैं भारतीय अध्यात्म इसे चेतना के उच्चतम स्तर तक ले जाना चाहता है. उस स्तर तक जहां प्रेम, करुणा और सामर्थ्य का विस्तार बिना किसी भेदभाव के मैत्री तक भी पहुंचे. हमारी परंपरा में जिंदगी की राह को आसान बनाने वाला मित्रता का अनोखा रिश्ता हमेशा मौजूद रहा है। इसीलिए जब अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1958 से हुई उससे भी हजारों वर्ष पहले भारतीय पौराणिक गाथाओं में मित्रता के अनेक किस्से दर्ज हुए. और लगभग 400 वर्ष पहले तुलसीदास ने मानस की चौपाईयों में अनेक जगह मित्रता को महिमामंडित किया... जे न मित्र दु:ख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी॥ निज दु:ख गिरि सम रज करि जाना। मित्रक दु:ख रज मेरु समाना॥1॥ जो लोग मित्र के दुःख से दुःखी नहीं होते, उन्हें देखने से ही बड़ा पाप लगता है. अपने पर्वत के समान दुःख को धूल के समान और मित्र के धूल के समान दुःख को सुमेरु पर्वत के समान जानें. तुलसीदास के रामचरितमानस की यह चौपाईयां मैत्री में करुणा के उच्चतम स्तर को दर्शाती हैं. लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है तुलसीदास कहते हैं कि एक अच्छा मित्र बनने के लिए समझदार होना भी आवश्यक हैं, जिससे आपका मित्र जब भी किसी गलत राह पर जाएं तो आप उसे सही राह दिखा सकें, और अपने मित्र के सभी अवगुणों को दूर करके उसके गुणों को निखार सकें यह कार्य सिर्फ समझदार व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चा मित्र ही कर सकता है. जिन्ह के असी मति सहज ना आई। ते सठ कत हठी करत मिताई॥ कुपथ निवारी सुपंथ चलावा। गुण प्रगटे अव्गुनन्ही दुरावा॥ सबसे प्रमुख बात तो यह है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र के प्रति बगैर किसी भेदभाव के जिस प्रेम और सम्मान को प्रकट किया उसके बारे में त्रेता युग में पहले ही विचार और मंथन हो चुका था. इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा... देत लेत मन संक न धरई। बल अनुमान सदा हित कराई॥ विपत्ति काल कर सतगुन नेहा। श्रुति का संत मित्र गुण एहा॥ इसका अर्थ केवल इतना है कि किसी व्यक्ति के पास कितनी भी धन दौलत हो अगर वो मुसीबत पर अपने मित्र के काम ना आ सका तो वो धन व्यर्थ हैं, विपत्ति के समय अपने मित्र के हमेशा साथ रहना चाहिए और हर रूप में उसकी मदद करनी चाहिए,वेदों और शास्त्रों में भी कहा गया है कि विपत्ति के समय साथ देने वाला और स्नेह करने वाला मित्र ही सच्चा मित्र होता हैं. इतना ही नहीं गोस्वामी तुलसीदास ने मित्र की विशेषता भी बतलाई है और कहा है कि..जो मित्र हमारे मुंह पर मीठी मीठी बातें करे और पीठ पीछे बुराई करें वो मित्र हो ही नहीं सकता, ऐसे मित्र के साथ कभी नहीं रहना चाहिए. जो मन में आपके प्रति कुटिल विचार, बुरा विचार रखता है हो वह दोस्त नहीं कुमित्र होता हैं, ऐसे लोगों को अपने जीवन से निकाल देना ही उचित है. आगे कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई॥ जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहीं भलाई॥ हमारे साहित्य की अनमोल धरोहर इन चौपाइयों और श्रीकृष्ण - सुदामा, कृष्ण - अर्जुन, निषादराज - श्री राम जैसे पौराणिक उदाहरणों से यह तो स्पष्ट है कि भारत में सच्ची मित्रता की अवधारणा सदियों पुरानी है. और सच्ची मित्रता को भारत इस सीमा तक स्वीकार करता है कि मित्र को अपने हृदय में हर पल अंकित करना चाहता है. शायद इसीलिए भारत में किसी मित्रता दिवस की आवश्यकता नहीं पड़ी. जहां हर क्षण, हर पल सच्चे मित्र का हो वहां पर मित्रता दिवस की क्या आवश्यकता. और मैत्री को जताने की क्या आवश्यकता. किंतु फिर भी हम मित्रता दिवस मनाने के विचार का स्वागत करते हैं. इस नवोन्मेष को हमें स्वीकार करना होगा. क्योंकि आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में कहीं ना कहीं मित्रता दिवस हमें अपने सच्चे मित्रों की याद दिलाता है और मित्रों के प्रति कर्तव्य का स्मरण भी कराता है. दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं. भारत 2011 समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को मित्रता दिवस मनाते हैं. हालांकि अन्य कई देशों में 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. दिवस कोई भी हो लेकिन हमें मित्रता को एक सार्थक पड़ाव तक ले जाना है. मित्रता अनौपचारिक स्तर पर तो फलतू-फूलती ही है, किंतु विश्वास मित्रता को सर्वोच्च स्तर पर ले जाता है. जो अपने मित्र का विश्वस्त है वह मानवीय गुणों से भरपूर है और सर्वोच्च सम्मान का पात्र है. जो अपने मित्र के रहस्य अपने सीने में रखे वह सच्चा मित्र है. जो अपने मित्र की कमजोरियों को जानते हुए भी उन्हें ढंकने की कोशिश करें और उसकी खूबियों को उजागर करें वह मित्र वंदनीय है. तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,जो सहला दे, मित्र वही है। रूखे मन को, सराबोर कर,जो नहला दे, मित्र वही है। आप सभी को मित्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएं....
Dakhal News
6 अगस्त फ्रेंडशिप डे पर विशेष (प्रवीण कक्कड़) जिस देश के वांग्मय में ब्रम्हा - विष्णु - महेश की मैत्री का सर्वोच्च उदाहरण उपस्थित हो, जहां पर कृष्ण अपने आंसुओं से सुदामा के पैर धोते हों और जहां पर धर्म की रक्षा के लिए अपने सगे भाई का त्याग करके प्रभु श्री राम के साथ मित्रता धर्म निभाने में विभीषण जैसे धर्मात्मा आगे हों, वहां मित्रता दिवस तो वर्ष के हर दिन होता है. मित्रता को किसी दिवस की परिधि में बांधना पश्चिम की अवधारणा हो सकती है लेकिन मित्रता को अनंत आनंद, प्रेम और उत्कर्ष की सीमा तक ले जाना यह भारतीय अध्यात्म और वांग्मय की अवधारणा है. यही कारण है कि जब पूरी दुनिया और पश्चिम मित्रता की उत्सवधर्मिता को एक दिवस तक समेटना चाहते हैं भारतीय अध्यात्म इसे चेतना के उच्चतम स्तर तक ले जाना चाहता है. उस स्तर तक जहां प्रेम, करुणा और सामर्थ्य का विस्तार बिना किसी भेदभाव के मैत्री तक भी पहुंचे. हमारी परंपरा में जिंदगी की राह को आसान बनाने वाला मित्रता का अनोखा रिश्ता हमेशा मौजूद रहा है। इसीलिए जब अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1958 से हुई उससे भी हजारों वर्ष पहले भारतीय पौराणिक गाथाओं में मित्रता के अनेक किस्से दर्ज हुए. और लगभग 400 वर्ष पहले तुलसीदास ने मानस की चौपाईयों में अनेक जगह मित्रता को महिमामंडित किया... जे न मित्र दु:ख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी॥ निज दु:ख गिरि सम रज करि जाना। मित्रक दु:ख रज मेरु समाना॥1॥ जो लोग मित्र के दुःख से दुःखी नहीं होते, उन्हें देखने से ही बड़ा पाप लगता है. अपने पर्वत के समान दुःख को धूल के समान और मित्र के धूल के समान दुःख को सुमेरु पर्वत के समान जानें. तुलसीदास के रामचरितमानस की यह चौपाईयां मैत्री में करुणा के उच्चतम स्तर को दर्शाती हैं. लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है तुलसीदास कहते हैं कि एक अच्छा मित्र बनने के लिए समझदार होना भी आवश्यक हैं, जिससे आपका मित्र जब भी किसी गलत राह पर जाएं तो आप उसे सही राह दिखा सकें, और अपने मित्र के सभी अवगुणों को दूर करके उसके गुणों को निखार सकें यह कार्य सिर्फ समझदार व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चा मित्र ही कर सकता है. जिन्ह के असी मति सहज ना आई। ते सठ कत हठी करत मिताई॥ कुपथ निवारी सुपंथ चलावा। गुण प्रगटे अव्गुनन्ही दुरावा॥ सबसे प्रमुख बात तो यह है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र के प्रति बगैर किसी भेदभाव के जिस प्रेम और सम्मान को प्रकट किया उसके बारे में त्रेता युग में पहले ही विचार और मंथन हो चुका था. इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा... देत लेत मन संक न धरई। बल अनुमान सदा हित कराई॥ विपत्ति काल कर सतगुन नेहा। श्रुति का संत मित्र गुण एहा॥ इसका अर्थ केवल इतना है कि किसी व्यक्ति के पास कितनी भी धन दौलत हो अगर वो मुसीबत पर अपने मित्र के काम ना आ सका तो वो धन व्यर्थ हैं, विपत्ति के समय अपने मित्र के हमेशा साथ रहना चाहिए और हर रूप में उसकी मदद करनी चाहिए,वेदों और शास्त्रों में भी कहा गया है कि विपत्ति के समय साथ देने वाला और स्नेह करने वाला मित्र ही सच्चा मित्र होता हैं. इतना ही नहीं गोस्वामी तुलसीदास ने मित्र की विशेषता भी बतलाई है और कहा है कि..जो मित्र हमारे मुंह पर मीठी मीठी बातें करे और पीठ पीछे बुराई करें वो मित्र हो ही नहीं सकता, ऐसे मित्र के साथ कभी नहीं रहना चाहिए. जो मन में आपके प्रति कुटिल विचार, बुरा विचार रखता है हो वह दोस्त नहीं कुमित्र होता हैं, ऐसे लोगों को अपने जीवन से निकाल देना ही उचित है. आगे कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई॥ जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहीं भलाई॥ हमारे साहित्य की अनमोल धरोहर इन चौपाइयों और श्रीकृष्ण - सुदामा, कृष्ण - अर्जुन, निषादराज - श्री राम जैसे पौराणिक उदाहरणों से यह तो स्पष्ट है कि भारत में सच्ची मित्रता की अवधारणा सदियों पुरानी है. और सच्ची मित्रता को भारत इस सीमा तक स्वीकार करता है कि मित्र को अपने हृदय में हर पल अंकित करना चाहता है. शायद इसीलिए भारत में किसी मित्रता दिवस की आवश्यकता नहीं पड़ी. जहां हर क्षण, हर पल सच्चे मित्र का हो वहां पर मित्रता दिवस की क्या आवश्यकता. और मैत्री को जताने की क्या आवश्यकता. किंतु फिर भी हम मित्रता दिवस मनाने के विचार का स्वागत करते हैं. इस नवोन्मेष को हमें स्वीकार करना होगा. क्योंकि आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में कहीं ना कहीं मित्रता दिवस हमें अपने सच्चे मित्रों की याद दिलाता है और मित्रों के प्रति कर्तव्य का स्मरण भी कराता है. दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं. भारत 2011 समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को मित्रता दिवस मनाते हैं. हालांकि अन्य कई देशों में 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. दिवस कोई भी हो लेकिन हमें मित्रता को एक सार्थक पड़ाव तक ले जाना है. मित्रता अनौपचारिक स्तर पर तो फलतू-फूलती ही है, किंतु विश्वास मित्रता को सर्वोच्च स्तर पर ले जाता है. जो अपने मित्र का विश्वस्त है वह मानवीय गुणों से भरपूर है और सर्वोच्च सम्मान का पात्र है. जो अपने मित्र के रहस्य अपने सीने में रखे वह सच्चा मित्र है. जो अपने मित्र की कमजोरियों को जानते हुए भी उन्हें ढंकने की कोशिश करें और उसकी खूबियों को उजागर करें वह मित्र वंदनीय है. तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,जो सहला दे, मित्र वही है। रूखे मन को, सराबोर कर,जो नहला दे, मित्र वही है। आप सभी को मित्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएं....
Dakhal News
दैनिक जागरण में कार्य करने वाले पत्रकार प्रणव सिरोही को संस्थान ने सीनियर डिप्टी न्यूज एडिटर (सीनियर डीएनई) के पद पर प्रमोट किया है। वह पिछले साढे 6 वर्षों से संस्थान के साथ जुड़े हुए हैं। जागरण में वह एडिट और ओपेड डेस्क का हिस्सा हैं।पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रणव सिरोही भारत के पहले हिंदी आर्थिक समाचार पत्र 'बिजनेस स्टैंडर्ड' की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा भी रहे हैं, जहां उन्होंने 9 वर्ष काम किया। उन्होंने भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की किताब 'अंधेरे से उजाले की ओर' का अनुवाद भी किया है, जो 2016 में प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुई।हाल ही में उनके द्वारा अनुवाद की गई पुस्तक 'भारत एक नई सोच' रिलीज हुई है, जिसे पेंगुइन रैंडम हाउस ने प्रकाशित किया है। यह किताब हर्ष मधुसूदन और राजीव मंत्री की चर्चित किताब 'ए न्यू आइडिया इंडिया' का अनुवाद है।
Dakhal News
मीडिया जगत के जाने-माने पत्रकार और ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने जल्द ही नया हिंदी अखबार लॉन्च करने की घोषणा की है। यह दैनिक अखबार होगा और इसे ‘भारत एक्सप्रेस’ के नाम से ही लॉन्च किया जाएगा।बताया जाता है कि ‘भारत एक्सप्रेस’ चैनल की तरह यह अखबार भी नेटवर्क के मूल मंत्र सत्य, साहस और समर्पण के प्रति प्रतिबद्ध होगा। पहले चरण में इस अखबार के दिल्ली एनसीआर, लखनऊ, वाराणसी, देहरादून और गोरखपुर संस्करणों को शुरू किया जाएगा।‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, न्यूज चैनल के ‘Bringing the News Back’ के अपने आदर्श वाक्य की तरह प्रिंट मीडिया में नेटवर्क की नई पहल युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करना है, ताकि सोशल मीडिया के इस दौर में अखबार पढ़ने की आदत को वापस लाया जा सके और उन्हें व्यावहारिक, जानकारीपूर्ण और समृद्ध अनुभव प्रदान किया जा सके। यह अखबार उभरते भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा और उन स्टोरीज को प्राथमिकता देगा जो आमजन को सीधे प्रभावित करती हैं।इस बारे में ‘भारत एक्सप्रेस’ के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय का कहना है, ‘न्यूज मीडिया में आने के बाद से भारत एक्सप्रेस ने न्यूज व्युअर्स और मीडिया जगत में समान रूप से रुचि जगाई है। दैनिक भारत एक्सप्रेस के साथ हमारा इरादा पत्रकारिता की उच्च गुणवत्ता और अखंडता के उसी पथ का अनुसरण करने का है। मुझे पूरा विश्वास है कि समर्पित पत्रकारों और मीडिया प्रोफेशनल्स की टीम के सपोर्ट से भारत एक्सप्रेस अखबार मीडिया में नया मानदंड स्थापित करेगा।’
Dakhal News
देश के बड़े नेटवर्क एबीपी न्यूज़ ने अपनी पहली आर्टिफिशियली इंटेलिजेंस (AI) एंकर जिसका नाम ‘आईरा’ है उसे लॉन्च किया है। दरहसल एबीपी नेटवर्क का तमिल भाषी डिजिटल चैनल ‘एबीपी देसम’ सफलतापूर्वक अपने दो वर्ष पूरे कर रहा है। इस मौके पर एबीपी नेटवर्क ने एक नया प्रयोग किया है, जिसके तहत ‘एबीपी देसम’ अब आर्टिफिशियली इंटेलिजेंस (AI) एंकर के जरिए भी लोगों तक खबरें पहुंचाएगा। इस AI एंकर का नाम ‘आईरा’ है। वैसे बता दें कि ‘आईरा’ का मतलब है, जिसके पास सभी तरह की जानकारी हो। AI आईरा एबीपी देसम के AI न्यूज एंकर के तौर पर काम करेगी। आईरा में एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित न्यूज रिपोर्टिंग प्रणाली होगी। यह सिस्टम आईरा को न्यूज पढ़ने में सक्षम बनाएगा। आईरा को किसी भी अन्य न्यूज रिपोर्टर की तरह प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वह अन्य पत्रकारों की तुलना में अधिक तेज और सटीक होगी। आईरा एबीपी की प्रौद्योगिकी प्रणालियों को और आगे बढ़ाएगी। साथ ही वह चौबीसों घंटे काम कर सकती है। 'आईरा' आधुनिकता और परंपरा का प्रतीक है, जो न्यूज, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट और अन्य क्षेत्रों में विविध सामग्री प्रस्तुत करने के लिए बुद्धिमत्ता, स्मार्टनेस और विशेषज्ञता का संयोजन है। आईरा एबीपी देसम की वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया हैंडल पर उपलब्ध होगी।
Dakhal News
आजतक में बतौर न्यूज़ एंकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे ,शुभांकर मिश्रा जल्द नई पारी की शुरुआत करने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक शुभांकर जी न्यूज़ के साथ एक बार फिर से जुड़ने वाले हैं। हालांकि इस ख़बर की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।आपको बता दें कि ‘आजतक’ से पहले शुभाकंर मिश्रा ‘टीवी9’ भारतवर्ष में करीब 3 सालों की लंबी पारी ख़ेल चुके हैं। ‘टीवी9’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ के साथ जुड़े हुए थे। शुभांकर ‘इंडिया न्यूज' में भी बतौर न्यूज एंकर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। शुभांकर स्टूडियो एंकरिंग के साथ ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए भी जाने जाते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण ‘टाइगर हिल्स’ से रिपोर्टिंग रही है, जहां कारगिल युद्ध हुआ था। शुभांकर मिश्रा की सोशल मीडिया पर काफी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। ‘इंस्टाग्राम’ पर उनके फॉलोअर्स की संख्या ने हाल ही में 4 मिलियन का आंकड़ा पार किया है।वहीं इनकी पढ़ाई की बात करें तो यूपी के गोंडा से ताल्लुक रखने वाले शुभांकर मिश्रा की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से हुई। आगे चलकर उन्होंने दिल्ली से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। लेकिन उनकी रुचि इंजीनियरिंग में नहीं होने के कारण इंजीनियरिंग छोड़ दी और डिजिटल की दुनिया से टीवी की दुनिया में क़दम रख दिया।
Dakhal News
भोपाल में ‘राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय’ की स्थापना की जा रही है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई ‘एमसीयू’ की महापरिषद की बैठक में यह जानकारी दी गई।कुलपति प्रो. (डॉ.) के जी सुरेश ने मंत्रालय में आयोजित महापरिषद को पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी l वहीं, मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में केंद्रीय स्टूडियो, डिजिटल मीडिया लैब, सिनेमा अध्ययन और भाषा लैब समेत भारतीय भाषाओं पर केन्द्रित पृथक विभागों तथा भरतमुनि शोध पीठ की स्थापना के प्रस्ताव को अनुमोदित किया। जनवरी 2018 के बाद हुई महापरिषद की बैठक में पूर्व वर्षों के बजट अनुमान, लेखों एवं अंकेक्षण प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया। विभिन्न प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए।बताया गया कि एशिया के पहले और देश के सबसे बड़े पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू किया गया है। ‘इंडिया टुडे’ और ‘द वीक’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं द्वारा विश्वविद्यालय को देश के प्रथम 10 शिक्षण संस्थानों में शामिल किया गया है।
Dakhal News
प्रोफेसर सुरेश को मिला 'हेल्थ कॉम्स पुरस्कार 2023' माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. प्रोफेसर केजी सुरेश को स्वास्थ्य संचार के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए 'हेल्थ कॉम्स पुरस्कार 2023' से सम्मानित किया गया है यह पुरस्कार प्रोफेसर सुरेश को ऑनलाइन समारोह में प्रदान किया गया आपको बता दें इस समारोह में लंदन से पी आर मोमेंट के संस्थापक बेन स्मिथ भी जुड़े थे। आपको बता दें प्रोफेसर डॉ. केजी सुरेश मीडिया जगत में अपने अतुल्यनीय योगदान के लिए जाने जाते हैं प्रोफेसर सुरेश ने स्वास्थ्य संचार को मीडिया पाठ्यक्रम में पहली बार यूनिसेफ, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और थॉमसन रायटर्स के सहयोग से 2016 में तब सम्मिलित किया था जब वह भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक थे बता दें प्रो सुरेश विश्व स्वास्थ संगठन की पल्स पोलियो समीक्षा समिति में भी रह चुके हैं इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल में यूनिसेफ मध्य प्रदेश के सहयोग से भोपाल, रीवा, खंडवा एवं नोएडा परिसर में साक्ष्य आधारित स्वास्थ्य पत्रकारिता पर पत्रकारों के लिए कार्यशाला आयोजित किया।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक मेहरोत्रा जिनको पत्रकारिता में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव का अनुभव है हाल ही में वह 'न्यूज 24' से ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के रूप में जुड़ गए हैं। ‘न्यूज 24’ का हिस्सा बनने से पहले वह BW बिजनेसवर्ल्ड की हिंदी वेबसाइट में डिजिटल एडिटर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। BW बिजनेसवर्ल्ड से पहले अभिषेक मेहरोत्रा ZeeNews.com के संपादक थे। अपने अब तक के करियर में उन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। वह Jagran.com, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड, e4m, अमर उजाला और दैनिक जागरण में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।‘बीएजी फिल्म्स एंड मीडिया लिमिटेड’ की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराधा प्रसाद ने अभिषेक मेहरोत्रा की नियुक्ति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अभिषेक मेहरोत्रा का प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड और रणनीतिक दृष्टि उन्हें हमारी संपादकीय टीम का नेतृत्व करने के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाती है। हमें विश्वास है कि अभिषेक मेहरोत्रा की विशेषज्ञता कंपनी के विकास में सहायक साबित होगी।
Dakhal News
वरिष्ठ व मशहूर पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर संदीप चौधरी ने अब न्यूज चैनल ‘न्यूज24’ को अलविदा कर दिया। वह करीब नौ साल से इस चैनल के साथ कार्यरत थे और ‘सबसे बड़ा सवाल’ शो होस्ट करते थे। बुधवार को चैनल के तमाम सहयोगियों ने संदीप चौधरी को फेयरवेल दी। संदीप चौधरी का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं लग सकी है। लेकिन, अंदरखाने के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार वह ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के साथ अपनी नई पारी शुरू कर सकते हैं। बता दें कि संदीप चौधरी को मीडिया में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ (अब दिवंगत) के साथ एक प्रॉडक्शन हाउस के साथ की थी। इसके बाद वह 'आजतक' से जुड़ गए। हालांकि, यहां उनका सफर सीमित ही रहा। इसके बाद संदीप चौधरी ने 'आजतक' को बाय बोल दिया और 'स्टार न्यूज' (Star News) के साथ अपनी नई पारी शुरू की। वह 'स्टार न्यूज' की लॉन्चिंग टीम में शामिल थे। संदीप चौधरी ने करीब नौ साल तक 'नेटवर्क18' के साथ भी काम किया है। फिर वह यहां से 'न्यूज24' आ गए और अब यहां से उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 'न्यूज24' में हुए संदीप चौधरी के फेयरवेल के वीडियो को आप यहां भी देख सकते हैं।
Dakhal News
नवंबर में होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर “भारत-24” की Editorial Team में एक बड़ा फेरबदल किया गया है। अभी कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ Anchor और वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत को चैनल में Vice President नियुक्त किया गया था।अब Network18 में कार्यरत सिद्धिनाथ विश्वकर्मा को “भारत-24” में बुलाकर मैनेजिंग एडिटर नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही जगदीश चंद्रा के पुराने सहयोगी और चैनल के सीनियर एडिटर सैयद उमर को पदोन्नत कर उन्हें चैनल का News Director बनाया गया है। सैयद उमर और सिद्धिनाथ ने आज सुबह अपने पदों का कार्यभार संभाल लिया है।चैनल के सीईओ एवं एडिटर-इन-चीफ जगदीश चंद्रा ने यह आशा व्यक्त की है कि यह नई टीम चैनल को और आगे ऊंचाइयों तक ले जाएगी और 2023 और 2024 के चुनाव में अपनी एक अलग छाप छोड़ेगी ।
Dakhal News
प्रहलाद पटेल की उपस्थिति में हुआ पुस्तक का विमोचन भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार अंशुमन भार्गव की पुस्तक 'बाय द वे' का विमोचन हुआ विमोचन समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और अन्य वरिष्ठ पत्रकार मौजूद थे केंद्रीय मंत्री पटेल ने पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा की अंशुमन भार्गव का लेखन बहुत ही प्रभावशाली था उन्हें समसामयिक मामलों के अलावा पर्यटन, पर्यावरण और सामाजिक विकास जैसे मुद्दों की भी गहरी समझ थी कुछ लोग अपने अल्फ़ाज़ों से जागृति की मशाल जलाते हैं उनके जाने के बाद भी ये मशाल समाज में जागृति की रौशनी फैलाती रहती है कुछ ऐसी ही मशाल जलाई थी वरिष्ठ पत्रकार अंशुमन भार्गव ने अपने कॉलम 'बाय द वे' के माध्यम से, जो आज भी समाज में जागृति लाने में सक्षम है उनके कॉलम में छपे आलेखों को कॉफ़ी टेबल बुक के रूप में संकलित कर अमर करने की अविस्मरणीय पहल की डॉ मेघा विजयवर्गीय एवं मयंक विश्नोई ने किया केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा की अंशुमन भार्गव युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणास्रोत हैं मैं आशा करता हूँ कि इस पुस्तक के माध्यम से वे अपने मित्रों, शुभचिंतकों और पाठकों के दिलों में हमेशा जागृति की मिसाल बनकर रहेंगे मैं मेघा विजयवर्गीय और मयंक बिश्नोई को भी उनकी इस सराहनीय पहल के लिए दिल से बधाई देता हूं।
Dakhal News
इस बारिश के मौसम मै जहां जगह जगह नदी नाले उफान पर है,इस कारण सभी मीडिया चैनल्स इसके कवरेज में लगे हुए हैं। आपको बता दे बीते चार दिन से यमुना के जलस्तर में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी ने दिल्ली वालों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। भले ही जलस्तर अब कम हो रहा है, लेकिन संकट अभी भी बरकरार है। भारी बारिश के बाद दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी का उफान बरकरार है।यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। इसी बीच लगभग सभी मीडिया चैनल्स इस बाढ़ की कवरेज में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें चैनल के रिपोर्टर अपनी जान तक जोखिम में डालकर रिपोर्ट कर रहे हैं।इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी ऋचा अनिरुद्ध ने ट्वीट कर पत्रकारों को सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, बाढ़ में अपनी जान जोखिम में डाल कर रिपोर्टिंग करने वाले साथी ये याद रखें कि जिस दिन चैनल को 100-200-300 लोगों की नौकरी लेनी होगी, उस दिन आपका ये सारा काम भुला दिया जाएगा। इसलिए जरूरत से ज्यादा खतरे से बचिए। चैनल का नहीं, परिवार का सोचिए। चैनल आप,आपके परिवार का कभी नहीं सोचेगा।आपको बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आईटीओ सहित विभिन्न जगहों पर यमुना का दौरा किया। इस दौरान उपराज्यपाल ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए सेना, एनडीआरएफ, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ विभाग सहित दिल्ली सरकार के अन्य विभाग मिलकर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।
Dakhal News
डिजिटल फर्स्ट चैनल्स का चलन लगातार बड़ता जा रहा है इसी को देखते हुए ‘इंडिया टुडे’ समूह ने डिजिटल प्लेटफॉर्म 'Tak' का विस्तार करते हुए 'छत्तीसगढ़ Tak' लॉन्च किया है। इंडिया टुडे ग्रुप के Tak क्लस्टर की यह नई पेशकश एक नए यूट्यूब चैनल ( मौजूदगी को और मजबूत करेगी।Tak क्लस्टर के इन न्यूज प्लेटफॉर्म्स का उद्घाटन शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ Tak को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर भूपेश बघेल का कहना था, ‘अभी तक राष्ट्रीय चैनल्स पर छत्तीसगढ़ की नक्सली हमले से जुड़ी खबरों को ही जगह मिलती थी। लेकिन, अब छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की हर खबर को दिखाने और रीजनल खबरों को प्रमुखता देने की इंडिया टुडे समूह की पहल काफी सराहनीय है।' इस दौरान उन्होंने मंच से नारा देते हुए कहा, 'इंतजार करिए कल तक, देखते रहिए छत्तीसगढ़ तक।'
Dakhal News
बीते 21 साल से जुड़े रहने के बाद एबीपी न्यूज़ के पश्चिम भारत संपादक जीतेंद्र दीक्षित ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है। जीतेंद्र मुंबई ब्यूरो के प्रभारी थे और महाराष्ट्र गुजरात और गोवा राज्यों से समाचार संपादन की उनकी जिम्मेदारी थी। इस्तीफे के बाद जीतेंद्र का कहना है कि ये स्क्रीन से उनका अस्थाई ब्रेक है और इस ब्रेक का उपयोग वे लेखन और भ्रमण के लिए करेंगे।जीतेंद्र साल 2003 में इस चैनल से जुड़े थे जब इसका नाम स्टार न्यूज़ हुआ करता था। वे इसकी संस्थापक टीम के सदस्य थे। साल 2007 में तत्कालीन संपादक उदय शंकर ने उन्हें 27 साल की उम्र में मुंबई ब्यूरो का प्रमुख बनाया था। ब्यूरो संचालन के अलावा जीतेंद्र ने चैनल में रहते हुए देश और दुनिया की कई बड़ी खबरों पर रिपोर्टिंग की। जैसे मार्च 1993 मुंबई बम कांड का मुकदमा, 26 नवंबर 2008 का आतंकी हमला, साल 2011 में सुनामी के कारण जापान में मची तबाही, 2013 में केदारनाथ में आई आपदा, भारत और इटली के बीच कूटनीतिक तनाव, 2015 में इंडोनेशिया में छोटा राजन की गिरफ्तारी, 2019 मैं महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा इत्यादि।
Dakhal News
यदि आप पत्रकारिता में नौकरी की तलाश कर रहें हैं तो ‘हिन्दी खबर’ न्यूज चैनल से जुड़ने का काफी अच्छा मौका है। दरअसल, चैनल को नोएडा स्थित ऑफिस के लिए फीमेल एंकर, आउटपुट प्रड्यूसर, मोशन ग्राफिक डिजाइनर और वीडियो एडिटर की जरूरत है। इसके लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जिन पदों पर वैकेंसी है, उनमें आउटपुट (10), न्यूज एंकर (दो), वीडियो एडिटर (पांच) और मोशन ग्राफिक डिजाइनर (दो) शामिल हैं। इसके अलावा यहां एक रिसेप्शनिस्ट की भी जरूरत है।इच्छुक उम्मीदवार दस जुलाई 2023 तक अपना अपडेटेड रिज्युमे hr@hindikhabar.com पर भेज सकते हैं।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन ने 72 वर्ष की उम्र में दुनिआ से अलविदा ले लिया। दरहसल यह कुछ समय पहले से ही बीमार चल रहे थे और इन दिनों दिल्ली स्थित ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ में भर्ती थे, जहां जहाँ उनका निधन हो गया। मनमोहन के निधन पर जाने-माने पत्रकार (पद्मश्री) आलोक मेहता समेत तमाम पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि मनमोहन अपने समय के जाने-माने खोजी पत्रकार थे। वह ‘द स्टेट्समैन’ , ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ , ’द टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘द ट्रिब्यून’ जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में लंबे समय तक प्रमुख पदों पर कार्यरत रहे थे। इसके अलावा वह ‘द संडे गार्डियन’ अखबार में कॉलम भी लिखते थे।
Dakhal News
न्यूज नेशन में रात 9 से 10 बजे के प्राइप टाइम बैंड के इंचार्ज हेमंत मिश्र ने न्यूज नेशन को बाय बाय बोल दिया है..हेमंत मिश्र ने अपनी नई पारी शमशेर सिंह के नए चैनल इंडिया डेली लाइव के साथ शुरू की है। हेमंत मिश्र को ने यहां बतौर असोसिएट एक्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर ज्वाइन किया है।इससे पहले भी हेमंत शमशेर सिंह के साथ जी हिन्दुस्तान का हिस्सा थे। जी हिन्दुस्तान में भी हेमंत प्राइम टाइम का बैंड देख रहे थे। जी हिन्दुस्तान से पहले हेमंत टीवी9 भारतवर्ष में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। आजतक न्यूज चैनल में हेमंत 5 साल तक शम्स ताहिर खान की टीम का हिस्सा थे।हेमंत ने अपने करियर की शुरुआत जी न्यूज के रीजनल चैनल जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ में बतौर ब्यूरो हेड की थी..हेमंत ने रिपोर्टिंग के दौरान कई बड़े खुलासे किए थे..बतौर रिपोर्टर हेमंत ने मुंबई में भी अपनी सेवाएं दी थी। हेमंत श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट से संबंध रखते हैं..छत्तीसगढ़ के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय से उन्होंने एमजे किया है। हेमंत 2008 के गोल्ड मेडलिस्ट थे।वे इस वक्त वर्तमान में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्व विद्यालय से पत्रकारिता के क्षेत्र में ही पीएचडी कर रहे हैं। हेमंत को उनकी धारधार स्क्रिप्टिंग और जानदार आवाज के लिए जाना जाता है। हेमंत को पत्रकारिता के क्षेत्र में डेढ़ दशक का अनुभव है।
Dakhal News
(प्रवीण कक्कड़) - गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें गुरु के गुरुत्व का स्मरण दिलाता है गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः | गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः || बात केवल गुरु के ब्रह्मा, विष्णु, महेश अथवा परम ब्रह्म होने तक नहीं है बल्कि बात गुरु के गुरुत्व की भी है। गुरु शब्द दो अक्षरों "गु" और "रु" से बना है जहाँ गु का अर्थ है 'अन्धकार और रु का अर्थ है' प्रकाश। जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वही गुरु है। इसलिए गुरु का पर्व भी गुरु पूर्णिमा के दिन ही आता है। पूर्णिमा यानी प्रकाश से सराबोर रात्रि। जिस रात्रि में चंद्रमा का प्रकाश अपने चरम पर हो वही पूर्णिमा है और जिसके जीवन में गुरु का प्रकाश अपने चरम पर हो वही सच्चा साधक है। गुरु का सच्चा साधक किसी पूर्णिमा के समान ही दमकता है। लेकिन गुरु में गुरुत्व होना भी जरूरी है। गुरुत्व दो तरह का होता है पहला जो अपनी तरफ खींचता है जैसे गुरुत्वाकर्षण। और दूसरा जो सत्य के मार्ग की तरफ प्रेरित करता है जैसे गुरु का आकर्षण। ज्ञान जीवन में बहुत आवश्यक है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको गुरु की शरण में जाना ही होगा। लेकिन ज्ञान कैसा? इस प्रश्न का उत्तर बहुत गहरा है। कुछ लोग शिक्षक को गुरु कहते हैं। लेकिन शिक्षक गुरु नहीं हो सकता। वह किताबी ज्ञान देता है। और इसके बदले में उसे मानदेय मिलता है। किंतु गुरु किसी मानदेय की अपेक्षा के बगैर अपने अनुयाई के जीवन को संवार देता है। इसलिए गुरु को कुछ दिया नहीं जा सकता। उसके मार्ग पर चलकर उसकी शिक्षाओं का अनुसरण करके हम गुरु को गुरु दक्षिणा दे सकते हैं। क्योंकि गुरु जो देता है वह समाज के लिए होता है, राष्ट्र के लिए होता है, विश्व के लिए होता है। व्यक्ति विशेष तो उससे प्रेरणा लेता है। गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। कबीर ने इस दोहे में गुरु के गुरुत्व का चित्र खींचा है, और कहा है कि परमपिता परमेश्वर से भी बढ़कर गुरु की शक्ति है, क्योंकि गोविंद भी गुरु से ही प्रेरणा प्राप्त हैं। यह गुरु की विशालता को दर्शाता है। संत कबीरजी कहते हैं, 'जिसके जीवन में सद्गुरु नहीं हैं वह अभागा है।' कबीर आगे कहते हैं तीरथ जाने से एक फल मिलता है, संत के मिलने से चार फल मिलते हैं, लेकिन गुरु के मिलने से अनंत फल मिलते हैं। यानी गुरु का सानिध्य अनंत फलदायक है। तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार। सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार। तुलसीदास ने भी कहा है गुरु बिनु भवनिधि तरई ना कोई जो बिरंचि संकर सम होई। भले ही कोई विष्णु या शंकर के समान हो लेकिन गुरु के बिना नैया पार नहीं लगती। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि गुरु की महिमा अपरंपार है। लेकिन गुरु और अनुयाई के इस रिश्ते में पात्र - कुपात्र का बहुत महत्व है। गुरु का ज्ञान तो जल है, जैसे जल जिस पात्र में जाता है उसी आकृति का हो जाता है वैसे ही गुरु का ज्ञान उसके अनुयाई या शिष्य में उसके आचरण और स्वभाव के अनुरूप ही परिवर्तन लाता है। यही कारण है कि शुक्राचार्य और पुलस्त्य ऋषि जैसे गुरु भी रावण के स्वभाव को नहीं बदल सके। विद्वान होकर भी वह अत्याचारी रहा। इसलिए गुरु के गुरुत्व को ग्रहण करना है तो सुपात्र बनें कुपात्र नहीं। इस गुरु पूर्णिमा यही संकल्प लेना है कि हमें गुरु के अनुरूप बनना है। उसकी शिक्षाओं को सही दिशा में ग्रहण करना है। श्री गुरुवे नमः।
Dakhal News
अगले छह महीने में ये और कम होने के आसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI और मशीन लर्निंग के बाद ढेर सारी नौकरियों की ज़रूरत ही नहीं है। टेक्स्ट और वीडियो की एडिटिंग मशीन से हो रही है। आदमी से बेहतर मशीन कर रही है। इमोशन भी डाल रही हैं। ट्रांसलेशन मशीन कर रही है।ओपिनियन का काम पूरी तरह से AI ने सँभाल लिया है।आदमी से बेहतर स्क्रिप्ट मशीन लिख रही हैं। एंकरिंग भी मशीन पर जा रही है। फ़ैसले के लिए कमांड देने वाले कुछ लोग बच जाएँगे। कुछ सुपरवाइज़र रह जाएँगे। मीडिया मालिक ये समझ चुके हैं। समझना ही चाहिए। वरना उनका बिज़नेस ख़राब हो जाएगा। छँटनी करनी पड़ेगी, वरना ऑपरेशन महँगा हो जाएगा। रेवेन्यू पर पहले से प्रेशर है। न्यूज लोग सोशल से ले रहे हैं। चैनलों का कोई काम ही नहीं रहेगा।यहां बात किसी चैनल में छँटनी की नहीं है बल्कि अगले छह महीने में दिल्ली और नोएडा में मीडिया में 10,000 तक नौकरियाँ जाएँगी,इससे संख्या ज़्यादा भी हो सकती ह, कम नहीं। क्योंकि संपादक से बेहतर फ़ैसले मशीन करेगी।
Dakhal News
आज तक के वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी प्रशंसकों अपने जन्मदिन पर रिटर्न गिफ्ट दिया है सुधीर ने अपने गिफ्ट के तोर पर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'कू' (KOO) की प्रीमियम पेशकश पर एक खास चैनल लॉन्च किया है आपको बता दे कि सुधीर काफी जानेमाने पत्रकार है और उनके ट्विटर पर 7.6 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं, जबकि 'कू' (KOO) पर 3.4 मिलियन फॉलोअर्स हो चुके है कू प्रीमियम पर सुधीर चौधरी ने अपने फॉलोअर्स को चैनल से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि जो भी उनके इस चैनल का हिस्सा बनेगा, वह उनकी विशेष सामग्री तक पहुंच सकता है। साथ ही साथ वह उनके साथ लाइव चैट कर सकता है, उनसे व्यक्तिगत रूप से मिल सकता है। अपने कू प्रीमियम चैनल की घोषणा करते हुए, सुधीर चौधरी ने कहा, 'मैं अपने सभी फॉलोअर्स के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपने कू प्रीमियम चैनल के माध्यम से अपने प्रशंसकों से जुड़ने और बातचीत करने का एक नया तरीका पाकर रोमांचित हूं।
Dakhal News
जल्द लॉन्च होने वाले हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली लाइव’ के साथ लोगों के जुड़ने का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में अब ऋषभ सिंह का नाम जुड़ गया है, जिन्हें यहां रिपोर्टर की जिम्मेदारी दी गई है।‘इंडिया डेली लाइव’ से पहले ऋषभ ‘भारत एक्सप्रेस’ में कार्यरत थे, जहां वह क्राइम बीट कवर रहे थे। वहीं इसके पहले वह ‘इंडिया न्यूज’ में प्रड्यूसर की भूमिका में थे।पत्रकारिता की पढ़ाई गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी और कुरुकक्षेत्र यूनिवर्सिटी से करने वाले ऋषभ ने ‘जी हिन्दुस्तान’, ‘अमर उजाला’ और ‘यूएनआई’ से इंटर्नशिप की और इसके बाद अपने करियर की शुरुआत ‘जन की बात’ से बतौर रिपोर्टर की। ऋषभ बिहार के बेगुसराय के मूल निवासी हैं और रिपोर्टिंग के दौरान दिल्ली दंगों के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड चुनावों को कवर किया है।
Dakhal News
आजतक’ के डिजिटल न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार अमित राय ने यहां से विदाई ले ली है। वह यहां सीनियर असिस्टेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभा रहे थे।बता दें कि अब उन्होंने अपनी नई पारी का आगाज 'टीवी9 भारतवर्ष' के डिजिटल प्लेटफॉर्म से किया है, जहां उन्हें एसोसिएट एडिटर की जिम्मेदारी मिली है।अक्टूबर 2018 में अमित राय ने 'आजतक' का डिजिटल प्लेटफॉर्म बतौर असिसटेंट एडिटर जॉइन किया था। उनके बेहतरीन काम को देखते हुए मैनेजमेंट ने बाद में उन्हें सीनियर असिसटेंट एडिटर बना दिया। 'आजतक' में उनका योगदान डिजिटल और असाइनमेंट के बीच पूल का काम करना, सभी सेक्शन के बीच कोऑर्डिनेशन, फॉरवर्ड प्लानिंग को आकार देना, टीम मैनेजमेंट, क्राइम, पॉलिटिक्स और सिनेमा पर लिखना समेत बड़े प्लान को एक्जिक्यूट कराना था। वह 'आजतक' हिंदी दैनिक ‘नवभारत टाइम्स’ से आए थे, जहां वह लंबे समय से कार्यरत थे।2005 में ‘जनसत्ता’ से ट्रेनी के तौर पर अपने पत्रकारिता का सफर शुरू करने वाले अमित राय ने यहां करीब एक साल तक अपना योगदान दिया और इसके बाद 2006 में वह ‘अमर उजाला’ आ गए। जहां उन्होंने जूनियर सब एडिटर के तौर पर अपनी पारी को आगे बढ़ाया। सितंबर, 2007 में वह ‘नवभारत टाइम्स’ से जुड़ गए। ‘नवभारत टाइम्स’ के साथ उनका लंबा सफर, 15 अक्टूबर 2018 को थमा। इन 11 वर्षों में उन्हें कुल 4 प्रोमोशन मिले। कॉपी एडिटर के तौर पर उन्होंने यहां अपनी पारी शुरू की और अंत में डिप्टी मेट्रो एडिटर के तौर पर अपनी पारी पर विराम लगाया। अंत में वह एनबीटी में पेज-1, ऑनलाइन,महानगर से कोआर्डिनेट करने के साथ-साथ एनसीआर आउटपुट हेड की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
Dakhal News
हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज24' में कार्यरत दो पत्रकारों का रविवार सुबह सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि यह हादसा सुबह करीब आठ बजे हुआ, जब दोनों पत्रकार रविवार सुबह ऑफिस से शिफ्ट पूरी करके अपने-अपने घर जा रहे थे। गाजियाबाद के रहने वाले इन दोनों पत्रकारों के नाम गौरव और मनोज कुमार है। गौरव आउटपुट डेस्क पर कार्यरत थे, जबकि मनोज सिंह लाइब्रेरी में। जानकारी के मुताबिक, एलिवेटेड रोड पर पिकअप गाड़ी ने इनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे इनकी बाइक डिवाइडर से जा टकराई, जहां 38 वर्षीय गौरव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 45 वर्षीय मनोज सिंह ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। मनोज कुमार और गौरव के आकस्मिक निधन से पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई।
Dakhal News
18 जून फादर्स डे पर विशेष (प्रवीण कक्कड़ ) पुं नरकात् त्रायते इति पुत्र: सर्वत्र जयमन्विच्छेत्, पुत्रादिच्छेत् पराभवम्। सार यह है- संतान वह है जो पिता को उनकी वर्तमान स्थिति से ऊंचा ले जाए। पिता सारे जहां को जीतने की इच्छा रखते हैं। वे ये भी चाहते हैं कि उनके सारे कीर्तिमान संतान तोड़ दें और उनसे आगे बढ़ जाए। संतान का कर्तव्य तभी पूरा होगा जब वह एक पल के लिए भी पिता के गर्व का कारण बन सके। एक पिता तभी गौरवान्वित होता है जब उसकी संतान उससे चार कदम आगे चले। जब उसकी संतान की उपलब्धियां उससे कहीं ज्यादा हों। जब उसकी संतान की सामाजिक और आर्थिक हैसियत उससे आगे बढ़कर हो। संसार में पिता ही एकमात्र प्राणी है जो उसकी संतान के उत्कर्ष का आनंद लेता है। भाई - भाई की प्रतिष्ठा से जल सकता है। बहनों में ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा का भाव हो सकता है। मित्र, पड़ोसी और शुभचिंतक भी अपने किसी खास का उत्कर्ष कई बार बर्दाश्त नहीं कर पाते लेकिन पिता वह है जो अपने पुत्र के आगे बढ़ते हर कदम पर गौरवान्वित और प्रसन्न होता है। वह अपनी संतान की उपलब्धियों से खुद को ऊंचाइयों पर महसूस करता है। कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता। कभी धरती तो कभी आसमान है पिता।। भारत जैसे देश में पिता के लिए कोई एक दिन नहीं होता सातों दिन भगवान के क्या मंगल क्या पीर... पिता तो भगवान है इसलिए उसके सभी दिन होते हैं। इसीलिए हम परमपिता को भी परमेश्वर कहते हैं। लेकिन जो पिता जन्म देता है, बचपन से लेकर जवानी तक हमें काबिल बनाता है। अपनी इच्छाओं को मारकर हमारी जरूरतों को पूरा करता है। दिन-रात अपने परिवार और संतानों के लिए परिश्रम करता है। उस लौकिक पिता का महत्व अलौकिक परमपिता से ज्यादा है। क्योंकि इससे संसार से परिचय हमें पिता ही कराता है। वह केवल हमें संसार में लेकर नहीं आता बल्कि संसार के महासागर में तैरना भी सिखाता है। फादर्स डे या पिता दिवस पश्चिम की एक परंपरा हो सकती है लेकिन भारत में पिता का अर्थ बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण है। भारत में पिता श्रद्धा और समर्पण का पर्याय है। यदि संतान पिता के प्रति श्रद्धा रखी है तो पिता भी संतानों के प्रति समर्पण का भाव रखता है। अपने पुरुषार्थ का अधिकांश हिस्सा अपनी संतानों को समर्पित करता है। एक परिवार को विकसित और पल्लवित करता है और फिर राष्ट्र के निर्माण में बहुमूल्य योगदान देता है। यदि जननी राष्ट्र के निर्माण की पहली सीढ़ी है तो पिता राष्ट्र के निर्माण की नींव है। यदि जननी सहनशीलता की पराकाष्ठा है तो पिता धैर्य का महासागर है। पश्चिम का दर्शन कहता है कि माता प्रथम शिक्षक हैं लेकिन हमारे वांग्मयम में पिता को अंतिम गुरु कहा गया है। सब धरती कागज करूँ लिखनी (लेखनी ) सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥ जैसे गुरु का गुण लिखने के लिए महासागर की स्याही भी कम पड़ती है वैसे ही पिता की महत्ता लिखने के लिए पूरी धरती को कागज बनाकर लिखना भी कम पड़ सकता है। एक संतान की सबसे बड़ी सफलता वही है कि उसके पिता उससे संतुष्ट रहें, सुखी रहें, उसे देखकर सदैव खुश रहें। यदि पिता अपनी संतान को देखकर खुश है, गौरवान्वित है, अभिभूत है तो फिर मानकर चलिए कि संतान ने अपने जीवन की समस्त उपलब्धियों को पा लिया है। दुनिया के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग परंपरा होती है। हम भारत के लोग सभी अच्छी परंपराओं का अनुसरण करते हैं। पिता के लिए तो सभी 365 दिन है किंतु फिर भी पश्चिम में मनाए जाने वाले पिता दिवस या फादर्स डे के दिन हम अपने आप से यह सवाल तो कर ही सकते हैं कि क्या हमारे पिता हमें देखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। यदि इसका जवाब हां है तो आप एक सफल संतान हैं। बॉक्स 19 जून 1910 को पहली बार मनाया गया फादर्स डे फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। साल 2019 में फादर्स-डे के 109 साल पूरे हो गए। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है- सोनेरा डोड की। सोनेरा डोड जब नन्ही सी थी, तभी उनकी मां का देहांत हो गया। पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी नहीं महसूस होने दी और उसे मां का भी प्यार दिया। एक दिन यूं ही सोनेरा के दिल में ख्याल आया कि आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? इस तरह 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की। 1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ। फ़िलहाल पूरे विश्व में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। भारत में भी धीरे-धीरे इसका प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है। इसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढती भूमंडलीकरण की अवधारणा के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा सकता है और पिता के प्रति प्रेम के इज़हार के परिप्रेक्ष्य में भी। (लेखक पूर्व पुलिस अधिकारी और समाजसेवी हैं।)
Dakhal News
चित्रा त्रिपाठी के शो में अजय आलोक का पलटवार अमेरिका के शिकागो में एक कार्यक्रम के दौरान AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा, दिल्ली में हमारी नई संसद है। संसद के अंदर एक अखंड भारत का चित्र दिख रहा है। इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नक्शा भी शामिल है।ओवैसी ने कहा, मैंने बीजेपी नेताओं से पूछा कि चलिये इन देशों को फतह करते हैं जैसा कि आपने पहले ही संसद के अंदर अपने मानचित्र में उनका उल्लेख किया है। इसी मसले पर हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के डिबेट शो 'दंगल' में बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने ओवैसी के इस बयान पर पलटवार किया। शो की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने उनसे पूछा कि ओवैसी कह रहे हैं कि भारत सरकार की दिक्क्त बढ़ने वाली है। उनके इस सवाल के जवाब में अजय आलोक ने कहा, जिसको भारत के इतिहास का, शौर्य गाथाओं का, गौरव का कोई ज्ञान नहीं है, वह व्यक्ति ही विदेश में जाकर के ऐसी घटिया टिप्पणी कर सकता है।उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ओवैसी साहब राहुल गांधी से कुछ ज्यादा ही इंस्पायर हो गए हैं इसीलिए वह विदेशों में जाकर ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि जिस अखंड भारत को लेकर के वह बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें शायद यह पता नहीं है कि मौर्य काल में और अशोका के काल में यह अखंड भारत वास्तविकता में था। उन्होंने आगे कहा कि ओवैसी साहब को शायद इस इतिहास की जानकारी नहीं है क्योंकि तब तक भारत में मुगलों का आक्रमण नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वह अपने आप को इस महान देश का हिस्सा नहीं मानते हैं इसीलिए विदेशों में जाकर के उनके मुंह से ऐसी ओछी टिप्पणियां निकल रही है।
Dakhal News
‘द मीडियालैब’ ने प्रीमियम ज्वेलरी ब्रैंड ‘जोस अलुक्कास’ (Jos Alukkas) के लिए 100 करोड़ रुपये का एकीकृत मीडिया जनादेश (integrated media mandate) जीता है। इस मीडिया जनादेश में ऑनलाइन, ऑफलाइन, डेटा साइंस और न्यूरोसाइंस शामिल हैं और यह 15 जून 2023 से प्रभावी होगा। मीडिया बिजनेस 100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। जोस अलुक्कास के लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके पास विस्तार की काफी बड़ी योजनाएं हैं। यह ब्रैंड 5500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 100 नए स्टोर लॉन्च करने जा रहा है और यह देश में सोने की रिटेल बिक्री में सबसे बड़ी विस्तार योजना होगी। बता दें कि ‘चंद्रप्रभा मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड‘ (CHANDRAPRABHAMEDIA INDIA PRIVATE LIMITED) की इकाई ‘द मीडियालैब’ मीडिया प्लानिंग एंड बाइंग स्पेस में नई है और इसने एक स्वतंत्र मीडिया एजेंसी के रूप में अपनी शुरुआत के छह महीने पूरे कर लिए हैं। इसकी स्थापना दीपक शर्मा द्वारा की गई थी, जो देश के जाने-माने मीडिया प्लानिंग एंड बाइंग प्रोफेशनल हैं और उन्हें मीडिया प्लानिंग व बाइंग में करीब 25 साल का अनुभव है। वहीं, जोस अलुक्कास ज्वैलरी इंडस्ट्री का एक जाना-माना ब्रैंड है, जिसे लगभग 60 साल पहले देश की स्वर्ण राजधानी के नाम से मशहूर त्रिशूर (केरल) में स्थापित किया गया था। ‘द मीडियालैब’ के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक शर्मा ने तत्काल प्रभाव से जोस अलुक्कास मीडिया बिजनेस को संभालने की खबर की पुष्टि की है। उनके फाउंडिंग ब्रैंड पार्टनर्स में ‘तोशिबा अप्लायंसेज’ (Toshiba Appliances), ‘मिसेज बेक्टर्स फूड’ (Mrs Bectors Food), ‘शार्प अप्लायंसेज’ (SHARP appliances), ‘क्रेज बिस्किट’ (एजको ग्लोबल वेंचर्स) शामिल हैं। एजेंसी मॉन्टेसरी ऐप बिजनेस- Montekids में कालीकट से एक और ब्रैंड लॉन्च कर रही है।
Dakhal News
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले स्थित पुरोला में 15 जून को लव जिहाद के खिलाफ महापंचायत होने जा रही है। पुरोला में विरोध की आग तब भड़की थी जब एक मुस्लिम युवक और उसका साथी एक नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जा रहा था, तभी स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। इसी मसले पर हिंदी न्यूज चैनल 'जी न्यूज' के डिबेट शो 'ताल ठोक के' में शो के एंकर दीपक चौरसिया ने AIMIM प्रवक्ता, सैयद आसिम वकार से पूछा कि क्या लव जिहाद होता है? दीपक चौरसिया के सवाल के जवाब में सैयद आसिम वकार ने कहा कि लव जिहाद नाम की कोई भी चीज नहीं होती है। उसके बाद शो के एंकर दीपक चौरसिया उनसे पूछते हैं कि अगर लव जिहाद नाम की कोई चीज नहीं है तो यह लोग कौन हैं जो अपना नाम बदलकर अपनी पहचान बदल कर रहते हैं और बाद में पकड़े जाते हैं। दीपक चौरसिया ने आगे कहा कि ऐसे सैकड़ों केस हमारे सामने आ रहे हैं जहां अपनी पहचान छुपाकर के हिंदू लड़की से दोस्ती की गई और बाद में उसका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई, यही मेरा आपसे सवाल है। इस सवाल के जवाब में आसिम वकार ने कहा कि देखिए इस्लाम में शराब हराम है और इसके बाद भी अगर मुसलमान शराब पीता है तो इसका मतलब यह तो नहीं है कि इस्लाम में कोई बुराई है। उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रकार से इस्लाम में जुआ, बेईमानी, झूठ, सब हराम है लेकिन फिर भी अगर कुछ लोग इसे करते हैं तो इसमें इस्लाम कहां से बुरा हो गया? सैयद आसिम वकार ने आगे कहा कि इस्लाम की बात जिसने मानी और समझी उसने अपने जीवन में अच्छा काम किया और जो इस्लाम की बात को नहीं समझता वह अपने जीवन में बुरा काम कर रहा है।उनके इन तर्कों के जवाब में शो के एंकर दीपक चौरसिया ने कहा तो आखिरकार आप यह मान रहे हैं कि लव जिहाद जैसी कोई चीज अस्तित्व में है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो आप इन सब चीजों का उदाहरण देकर के बिल्कुल भी ना कहते कि इस्लाम में इस चीज की मना है लेकिन उसके बाद भी यह हो रहा है।
Dakhal News
ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले में भारत को 209 रनों से हरा दिया है। इस तरह टीम इंडिया को लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। भारत के सामने जीत के लिए 444 रनों का लक्ष्य था, लेकिन पूरी टीम महज 234 रनों पर सिमट गई।इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में बात की। उन्होंने WTC फाइनल में भारत की हार और IPL का कनेक्शन बताया। उन्होंने कहा, 5 दिनों तक चले इस टेस्ट मैच में दोनों टीमों ने कुल मिलाकर 339 ओवर डाले।ऑस्ट्रेलिया ने उनकी दोनों पारियों में 206 ओवर खेले जबकि भारत की टीम ने अपनी दोनों पारियों में सिर्फ 133 ओवर खेले। यानी कि भारत की टीम ने ऑस्ट्रेलिया की टीम से 73 ओवर कम खेले।अगर आप इन आकंड़ो को ध्यान से समझें तो इतने ओवर में तो T20 के दो मैच पूरे हो जाते हैं यानी कि ऑस्ट्रेलिया की टीम तो इस मैच को टेस्ट समझ करके ही खेल रही थी लेकिन भारत की टीम इस मैच को T20 समझकर खेल रही थी।ऑस्ट्रेलिया की टीम ने अपनी पहली पारी में 121 ओवर बैटिंग की और अपनी दूसरी पारी में लगभग 84 ओवर और खेले। वहीं भारत की टीम दोनों पारियों में न सिर्फ ऑल आउट हुई बल्कि दोनों पारियों में खेले गए ओवरों की संख्या भी काफी कम थी।सुधीर चौधरी ने अपने शो में यह भी बताया कि इस पूरे टेस्ट मैच में 339 ओवर डाले गए लेकिन भारत के टॉप 4 बल्लेबाज 301 गेंद खेल पाए। इससे एक चीज साबित होती है कि टेस्ट मैच खेलने के लिए जो धैर्य और जो अनुशासन चाहिए उसकी कमी भारतीय टीम में पूरे तरीके से दिखाई दी है।उन्होंने यह भी बताया कि अब भारतीय टीम के सभी फॉर्मेट के खिलाड़ियों का चयन आईपीएल में होने वाले प्रदर्शन के आधार पर होने लगा है। सुधीर चौधरी ने बताया कि इस प्रकार की चयन प्रक्रिया होने के कारण जो टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं उन्हें मौका नहीं मिलता और वह खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट ही खेलते रह जाते हैं।
Dakhal News
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने बड़ा आरोप लगाया है। जैक डोर्सी का कहना है कि कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में हुए विरोध प्रदर्शन के समय सरकार ने आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे। डोर्सी ने दावा किया कि भारत सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाया गया और ट्विटर को भारत में बंद करने की भी धमकी दी गई। उनके इस आरोप के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने लिखा, एक समय के ट्विटर सीईओ के रूप में, डोर्सी ने एक अपारदर्शी आंतरिक इकाई की स्थापना की, जो चुनिंदा रूप से रूढ़िवादी वैचारिक विरोधियों को हटाती और दबाती थी। पीएम मोदी की एनडीए सरकार के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने पर उनका 'खुलासा' एजेंडा से प्रेरित और पाखंडी है।आपको बता दें कि नवंबर 2020 में भारत सरकार ने देश में तीन कृषि कानून लागू किए थे। हालांकि कानून लागू होने के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया था और एक साल तक देशभर में जगह जगह विरोध प्रदर्शन, धरने हुए।
Dakhal News
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत जबलपुर से की। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के यहां पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी की पूजा अर्चना की। प्रियंका की यात्रा के लिए शहर में कई जगह बजरंगबली के कट आउट लगाए गए थे। प्रियंका गांधी के कार्यक्रम के बाद अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इस बार एमपी चुनाव में हिन्दुओं को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली है वहीं अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी जोर शोर से चल रहा है जिसे बीजेपी भी पूरी तरह से आम चुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगी। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने ट्वीट कर राजीव गांधी को याद किया। उन्होंने लिखा, यही तो मुद्दा है, नदी। क्या ये सुपर हिंदुत्व कांग्रेस को राजीव गांधी के दौर की कांग्रेस बना सकता है? ध्यान रहे कि राजीव गांधी के दौर में ही राम मंदिर का शिलान्यास हुआ और दरवाज़े खुले। राजीव गांधी ने ही अयोध्या से चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए राम राज्य का उद्घोष किया। कांग्रेस क्या हिंदुत्व की जड़ों की तरह लौट रही है? आपको बता दें कि हिमाचल और कर्नाटक की विजय ने कांग्रेस के भीतर एक नया उत्साह भरने का काम किया है और कांग्रेस का दावा है की वो एमपी में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।
Dakhal News
युवराज के दम पर जीते थे दोनों वर्ल्ड कप भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर अपने दमदार बयानों के लिए जाने जाते हैं। अब उन्होंने एक और धमाकेदार खुलासा किया है। हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज 18 इंडिया' पर एंकर 'अमिश देवगन' से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए क्रिकेटर गौतम गंभीर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने युवराज सिंह की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि युवराज सिंह इतने प्रतिभाशाली बल्लेबाज है कि उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने आगे कहा, युवराज को अपने प्रदर्शन के लिए उतनी सराहना नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। युवराज सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा, जब हम 2007 वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो युवराज सिंह का नाम नहीं लेते। जब 2011 वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो भी युवराज का नाम नहीं लेते। क्यों नहीं लेते? युवराज सिंह हिंदुस्तान की क्रिकेट के सबसे अंडररेटेड खिलाड़ी हैं। शायद दोनों वर्ल्ड कप किसी ने भारत को जिताए हैं तो वह युवराज सिंह हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचे तो उसमें युवराज सिंह का अहम योगदान था। अगर वह नहीं होते तो हम कभी भी विजयी नहीं होते। गौतम गंभीर ने कहा कि वो 'टेस्ट क्रिकेट' में उतना नहीं खेल पाए क्योंकि उस समय मिडिल आर्डर में उनके लिए जगह नहीं बन पाई वरना वह इतने रिकॉर्ड तोड़ देते जिसका शायद उन्हें खुद अंदाजा नहीं हैं।
Dakhal News
हर्षवर्धन त्रिपाठी ने दिल्ली सीएम केजरीवाल पर कसा तंज पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, पंजाब में पेट्रोल और डीजल महंगा हो गया है। पंजाब सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों पर वैट बढ़ा दिया है। यह इस साल में दूसरा मौका है जब ईंधन कीमतें बढ़ी हैं। फरवरी में आप सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर 90 पैसे प्रति लीटर का उपकर लगाया था। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने ट्वीट कर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा, अरविंद केजरीवाल रामलीला मैदान में कह रहे हैं कि, प्रधानमंत्री से देश नहीं संभल रहा। महंगाई बढ़ रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री को चौथी पास राजा कह रहे अरविंद को शायद पता नहीं है कि, पंजाब में आज ही पेट्रोल-डीजल महँगा हो गया। अरविंद की आवाज फटी हुई है। अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, आम आदमी का भला करने के लिए सस्ती बिजली, पानी देने का दावा करने वाली पंजाब की आम आदमी सरकार ने VAT बढ़ा दिया। अब पंजाब के आम आदमियों को भी महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ेगा। बता दे, वैट में बढ़ोतरी के साथ पंजाब में पेट्रोल और डीजल की दरें पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक हो गई हैं।
Dakhal News
पत्रकार ने ट्वीट कर कही ये बात सीनियर न्यूज एंकर अमन चोपड़ा ‘न्यूज18 इंडिया’ में ‘देश नहीं झुकने देंगे’ डिबेट शो को होस्ट करते हैं। हाल ही में उनकी डिबेट का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक महिला पैनेलिस्ट एक पुरुष पैनेलिस्ट को अपशब्द कहते हुए नजर आ रहीं हैं। वीडियो को देखने पर पता चलता है कि पुरुष पैनेलिस्ट ने महिला के पति और बच्चे को लेकर एक आपत्तिजनक बात की, जिसके बाद महिला पैनेलिस्ट ने अपना आपा खो दिया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद न्यूज एंकर 'अमन चोपड़ा' को काफी ट्रोल किया गया। हालांकि 'अमन चोपड़ा' ने ट्वीट कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, अगर हमारा मकसद टीआरपी बटोरना होता तो हमने हाथापाई के उस हिस्से को 'ऑन एयर' क्यों नहीं किया? ना टीवी और ना ही डिजिटल पर, तथ्य ये है कि जिस वीडियो को देखकर कुछ लोग सनसनी मचा रहे है वो हिस्सा हमारे डस्टबिन में पड़ा है। हमने हाथापाई का वो हिस्सा हटाकर शो को ऑन एयर किया है। उन्होंने आगे लिखा कि जो वीडियो आप लोग देख रहे हैं वो शायद किसी दर्शक ने रिकॉर्ड किया और उसे बाद में सोशल मीडिया पर शेयर किया।
Dakhal News
श्रवण गर्ग ने यूं लगाई क्लास दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर महारैली को संबोधित किया। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ बुलाई गई रैली में प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। केजरीवाल ने कहा, सरकार ने मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया, सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया। हमारे पास एक मनीष सिसोदिया नहीं है, हमारे पास 100 मनीष सिसोदिया हैं। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने उन्हें जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, इनके बिगड़े बोल जरा सुनिए! आजादी की लड़ाई के दौरान कांग्रेस ने अंग्रेजों से कभी नहीं कहा कि आप एक गांधी या नेहरू को जेल में डाल दीजिए हमारे पास सौ गांधी और नेहरू हैं। बस कुल मिलाकर यही फर्क है पढ़े लिखों और पढ़े-लिखे मूर्खों के बीच! आपको बता दें कि केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ पार्टी की रैली में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भी शामिल हुए। केजरीवाल ने रैली में आने के लिए कपिल सिब्बल को शुक्रिया कहा। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी वाले मुझे रोज गालियां देते हैं और मेरा अपमान करते हैं लेकिन मुझे अपने अपमान की परवाह नहीं है।
Dakhal News
‘अडानी’ (Adani) समूह द्वारा टेकओवर किए जाने के बाद ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में एंप्लॉयीज की सैलरी में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। बताया जाता है कि नेटवर्क के सभी वर्टिकल्स में औसतन 11.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। खास बात यह है कि यह बढ़ोतरी न सिर्फ इंडस्ट्री के औसत से काफी अधिक है बल्कि एनडीटीवी में पिछले 23 सालों में सबसे ज्यादा भी है।इस बारे में ‘एनडीटीवी’ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सेंथिल चेंगलवारायण का कहना है, ‘जैसा कि एनडीटीवी समूह विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है, यह हमारी प्रतिभाशाली टीम है जो इसका नेतृत्व करेगी। एनडीटीवी की सफलता के पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ है और हम उनकी कड़ी मेहनत से बहुत खुश हैं और उन्हें आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं। हमारी आक्रामक विस्तार योजना, जिसमें क्षेत्रीय भाषा प्लेटफार्म्स की शुरूआत और डिजिटल को आगे बढ़ाना शामिल है, विकास के नए अवसरों के साथ-साथ नई जिम्मेदारियों को पेश करेगी।’ बता दें कि एनडीटीवी के फाउंडर्स और प्रमोटर्स प्रणय रॉय व राधिका रॉय ने पिछले साल 29 नवंबर को ‘आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड’ में निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था और इसे अडानी समूह द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया था।
Dakhal News
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तारीफ वाली वीडियो का स्टेटस लगाने पर बवाल खड़ा हो गया है। 5 जून को सोशल मीडिया पर औरंगजेब को लेकर एक पोस्ट वायरल हुआ और इसके विरोध में मंगलवार को हिंदू संगठन से जुड़े लोग बड़ी संख्या में थाने का घेराव करने पहुंचे थे।पुलिस के मुताबिक, भीड़ हिंसक हो उठी जिसके बाद पुलिस को एक्शन लेना पड़ा और फिर पहले लाठीचार्ज हुआ बाद में आंसू गैस के गोले तक छोड़े गए। कोल्हापुर से तीन सौ किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अहमदनगर में कुछ युवक हाथ में औरंगजेब की तस्वीर लेकर जुलूस निकाल रहे थे।इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि अब आगे देखने का समय ना कि पीछे झांकने का। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कर्नाटक में बजरंगबली नहीं चले। मुझे डर है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब नहीं होगा। हमारे राजनेता (और हां, मीडिया का एक बड़ा वर्ग भी) कब जानेंगे कि राजनीतिक लाभ के लिए पिछले धार्मिक विरोधों को भड़काने की तुलना में अधिक लोग नौकरियों और एलपीजी की कीमतों के बारे में चिंतित हैं। भारत को पीछे के शीशे से न देखें आगे की सोचें।वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने अहमदनगर और कोल्हापुर में हुई घटनाओं की पृष्ठभूमि में दावा किया कि महाराष्ट्र में कुछ छोटे मुद्दों को धार्मिक रंग दिया जा रहा है।
Dakhal News
पिछले दिनों ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) की डिजिटल टीम में चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) के पद से इस्तीफा देने के बाद प्रसाद सान्याल ने अपनी नई पारी शुरू की है। मिली खबर के मुताबिक प्रसाद सान्याल ने अब ‘टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड’ (TIL) में बिजनेस हेड के तौर पर जॉइन किया है।बता दें कि ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ से पहले प्रसाद सान्याल ‘जी मीडिया’ में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। प्रसाद सान्याल ने वर्ष 2000-01 में ‘आईआईएमसी’ (IIMC) से पत्रकारिता का डिप्लोमा करने के दौरान ही प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) में कदम रखा और करीब पांच साल तक यहां रहे। 2005 में जब यहां से अलग हुए तब वह प्रड्यूसर कम रिपोर्टर के तौर पर कार्यरत थे। यहां से निकलने के बाद वह सीएनएन-आईबीएन से जुड़ गए और 2007 तक प्रड्यूसर के पद पर यहां अपनी सेवाएं दीं।इसके बाद उनका अगला पड़ाव एनडीटीवी रहा, जहां वह सीनियर आउटपुट एडिटर के तौर पर जुलाई 2009 तक रहे। फिर वह न्यूजएक्स आ गए और यहां न्यूज एडिटर के पद काम किया। एक साल काम करने के बाद वह वर्ष 2010 में दोबारा एनडीटीवी पहुंचे और इस बार उन्हें सीनियर न्यूज एडिटर की जिम्मेदारी दी गई, जिसे उन्होंने 2010 से 2014 तक बखूबी निभाया।अप्रैल 2014 में उन्हें एनडीटीवी में प्रमोट कर एडिटर (न्यूज) बना दिया गया और यहां उन्होंने अगस्त 2015 तक सफलतापूर्वक काम किया। इसके बाद वह टाइम्स इंटरनेट और फिर जी मीडिया का हिस्सा बने। वह जुलाई 2017 में जी मीडिया के साथ जुड़े थे, जबकि इसके पहले वह टाइम्स इंटरनेट के अंग्रेजी न्यूज पोर्टल timesofindia.com के एडिटर के तौर पर पर कार्यरत थे। वह अगस्त 2015 से जुलाई 2017 तक यहां रहे।जी मीडिया में सान्याल इस समूह के डिजिटल पोर्टल Zeenews.com, ZeeBiz.com, Original Video, Wionews.com, India.com, BollywoodLife.com, BGR.in, TheHealthSite.com, CricketCountry.com, DNA.com का नेतृत्व कर रहे थे।इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स, डिजिटल के साथ अपनी पारी शुरू की थी, जहां से पिछले दिनों ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और अब ‘TIL’ के साथ नई पारी शुरू की है। प्रसाद सान्याल आईआईएमसी एल्युमनी एसोसिएशन के प्रेजिडेंट भी रह चुके हैं।
Dakhal News
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘एचटी मीडिया’ (HT Media) की पिछले दिनों तिमाही टॉउन हॉल मीटिंग हुई। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, ‘एचटी मीडिया’ के एमडी और सीईओ प्रवीण सोमेश्वर ने इस टॉउन हॉल मीटिंग में एंप्लॉयीज के लिए औसत 60-65 प्रतिशत तक वैरिएबल पेआउट (variable payout) देने की घोषणा की है।मामले से जुड़े सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) से पुष्टि की है कि प्रवीण सोमेश्वर ने तत्काल प्रभाव से इसे देने की घोषणा की है। इसके तहत विभिन्न रेटिंग्स के आधार पर यह दिया जाएगा। मापदंडों के अनुसार अपेक्षाओं से कम प्रदर्शन के लिए रेटिंग 1, अपेक्षाओं को पूरा करने वालों के लिए रेटिंग 2, अपेक्षाओं से बढ़कर प्रदर्शन करने वालों के लिए रेटिंग 3, बहुत अच्छे प्रदर्शन के लिए रेटिंग चार 4 और शानदार प्रदर्शन के लिए रेटिंग पांच दी जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि पिछली तिमाही में सोच-विचार के बाद यह निर्णय लिया गया था, हालांकि इसकी घोषणा अब की गई है। निवेशकों के साथ चौथी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान एचटी मीडिया के ग्रुप चीफ फाइनेंस ऑफिसर (CFO) पीयूष गुप्ता ने बताया कि न्यूजप्रिंट की कीमतें लगभग 60,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन हैं। उनका कहना था कि यदि अगले साल की ओर देखें तो हम पहले से ही इनमें नरमी देख रहे हैं, इसलिए हमें पूरी उम्मीद है कि ये कीमतें यहां से लगभग 10% से 15% नीचे आ जाएंगी।सूत्रों के अनुसार, पीयूष गुप्ता का यह भी कहना था, ‘अब, जैसा कि हम अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं, हमने पहले ही मई का महीना लगभग पूरा कर लिया है। बेहतरी की दिशा में हमने कदम उठाए हैं। हमें इसके परिणाम मिलने की उम्मीद है और हम कोविड पूर्व अपनी स्थिति पर वापस जाएंगे।’
Dakhal News
‘एनडीटीवी’ (NDTV) और इसके डिजिटल वेंचर ‘गैजेट360’ (Gadgets360.com) ने घोषणा की है कि टेक्निकल गुरुजी के नाम से मशहूर गौरव चौधरी उनके टेक्नोलॉजी वर्टिकल का नया चेहरा होंगे। इसके तहत शुरुआत में एनडीटीवी और गौरव चौधरी दो वीकली टेक्नोलॉजी शो 'गैजेट्स 360 विद टेक्निकल गुरुजी' (Gadgets 360 with Technical Guruji) और 'टेक विद टीजी' (Tech with TG) पेश करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। दोनों शो शनिवार (10 जून) को एनडीटीवी 24×7 और एनडीटीवी इंडिया दोनों पर लाइव होने वाले हैं। इसके साथ ही वह एनडीटीवी के डिजिटल प्लेटफॉर्म गैजेट्स360 डॉट कॉम पर विशेष रूप से उपलब्ध रहेंगे।इस बारे में ‘एनडीटीवी नेटवर्क’ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सेंथिल सिन्नैया चेंगलवारायण का कहना है, ‘एनडीटीवी इनोवेटिव और लीक से हटकर शोज में अग्रणी रहा है, जो हमेशा विकसित होती टेक्नोलॉजी की दुनिया के बारे में विस्तृत जानकारी देता है। एनडीटीवी परिवार में टेक्निकल गुरुजी के नाम से मशहूर गौरव चौधरी का शामिल होना हमारे लिए काफी खुशी की बात है। हमें पूरा विश्वास है कि उनकी विशेषज्ञता, ज्यादा से ज्यादा दर्शकों के साथ जुड़ने की क्षमता और इतने बड़े विषय की अनूठी प्रस्तुति शैली हमारी पेशकश को बढ़ाएगी और इस महत्वपूर्ण शैली में एक लीडर के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करेगी।’Gadgets360.com (Red Pixels Ventures Limited) के सीईओ वैभव सहगल का कहना है, ‘दुनिया के सबसे लोकप्रिय टेक्नोलॉजी इंफ्लूएंसर का दुनिया के सबसे अधिक बार देखे जाने वाले और विश्वसनीय टेक्नोलॉजी न्यूज पोर्टल और टीवी टेक्नोलॉजी प्रोग्रामिंग में अग्रणी के साथ साझेदारी तकनीक की दुनिया को हमेशा के लिए बदलने जा रही है। एनडीटीवी और गैजेट्स 360 फैमिली में गौरव का शामिल होना हमारे लिए काफी रोमांचक है। उनकी विशाल सोशल मीडिया मौजूदगी, जटिल टेक्निकल अवधारणाओं को सरल बनाने में विशेषज्ञता और उनके व्यक्तित्व ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई है। उनकी उपस्थिति उच्च-गुणवत्ता और अत्याधुनिक तकनीकी कंटेंट प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को गति प्रदान करेगी ताकि हम अपने दर्शकों और पाठकों को सर्वश्रेष्ठ देने में सबसे आगे रहें और यह सुनिश्चित करें कि प्रौद्योगिकी और गैजेट के प्रति उत्साही लोगों के लिए हम गो-टू हब बने रहें।’ वहीं, गौरव चौधरी का कहना है, ‘एनडीटीवी परिवार का हिस्सा बनकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। टेक्नोलॉजी के लिए मेरे जुनून को एक और विश्वसनीय मंच मिल गया है, जिसके साथ मैं देश की गहरी जड़ों तक पहुंच सकता हूं, ताकि इसे जनता के लिए और अधिक सरल बनाया जा सके। मुझे विश्वास है कि एनडीटीवी और गैजेट्स 360 में मेरी मौजूदगी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बदलाव के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी और इसे नए क्षितिज तक ले जाएगी। मैं अपने सभी व्युअर्स और सबस्क्राइबर्स का शुक्रगुजार हूं। उनके मुझ पर विश्वास के कारण ही मैं इन नई ऊंचाइयों तक पहुंचा हूं। मैं इस नए सफर के लिए उत्साहित हूं।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार व दैनिक भास्कर के नेशनल पॉलिटिकल एडिटर अवनीश जैन का गुरुवार रात इंदौर में निधन हो गया। वह 54 वर्ष के थे और लंबे समय से लीवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। पिछले 10 दिनों से दिल्ली के यकृत एवं पित्त संस्थान में भर्ती थे। बुधवार को उन्हें दिल्ली से एयर एंबुलेंस से इंदौर बॉम्बे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था, जहां गुरुवार रात करीब 9.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि उनके परिवार में पत्नी श्रीमती संगीता जैन और पुत्र सिद्धांत हैं। निधन की खबर मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कई भाजपा व कांग्रेस नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है। जैन के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शोक जताते हुए लिखा कि वरिष्ठ पत्रकार अवनीश जैन जी के निधन का दु:खद समाचार सुन हृदय व्यथित है। उनका अवसान पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।
Dakhal News
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने बचे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र करते हुए बड़ा दावा किया है। कांग्रेस ने कहा कि आरएसएस के सर्वे से बीजेपी में हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही हैं। भाजपा को 50 से भी कम सीटें मिलेंगी।इस मामले पर हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज24' पर एक डिबेट शो में एंकर मानक गुप्ता के एक सवाल का जवाब देते हुए वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हें ये सब कांग्रेस का दिमागी खेल दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि हमेशा बीजेपी इस प्रकार की चीजों में आगे रहती थी लेकिन अब कांग्रेस पहली बार बीजेपी से आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।आरएसएस को लेकर उन्होंने कहा कि वो हमेशा से यह कहते रहे हैं कि आरएसएस किसी भी प्रकार का कोई सर्वे नहीं करता है। वह सिर्फ अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से नेताओं का और पार्टी के काम का फीडबैक लेते हैं इसलिए उन्हें इस प्रकार के सर्वे की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें 3 दशक से भी अधिक के करियर में ऐसे कई मौके आए हैं और इस प्रकार के सर्वे की कोई गंभीरता नहीं होती है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर आरएसएस ने बीजेपी के नेताओं का कोई फीडबैक लिया भी है तो वो कांग्रेस के पास कैसे पहुंचा ये बड़ा सवाल है?
Dakhal News
सीबीआई की एक दस सदस्यीय टीम ने मंगलवार को ओडिशा के बाहानगा में उस स्थल का मुआयना किया जहां तीन ट्रेन आपस में एक दूसरे से टकरा गईं थीं। सीबीआई ने एक केस दर्ज किया है। अभी मृतकों की संख्या 288 तक पहुंच गयी है, तीन घायलों की मंगलवार को मौत हो गई। विरोधी दल अब रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अश्विनी वैष्णव तीन दिन से लगातार दुर्घटना स्थल पर जमे हैं और चौबीसों घंटे काम में लगे हैं। दुर्घटना स्थल पर ट्रेनों का आवागमन फिर से शुरू हो गया है। पटरियों को ठीक कर लिया गया है। हादसे के 51 घंटे बाद रेलगाडियां फिर से चलने लगी हैं। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे? किसकी गलती से हादसा हुआ। जानकारों का कहना है कि ये टेक्निकल फॉल्ट नहीं हो सकता, इस हादसे के पीछे साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि हमारे रेलवे में सिग्नल सिस्टम पूरी तरह बदल चुका है। पूरी दुनिया में ट्रेनें इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और इंटरलॉकिंग सिस्टम से चलती हैं। यही सिस्टम हमारे देश में भी है। पहले सिंग्नल सिस्टम मैन्युल था, अब सब कुछ टैक्निकल है। एक बार सिग्नल लॉक हो जाए तो अपने आप ट्रैक चेंज हो ही नहीं सकता, इसलिए अब इस सवाल का जवाब मिलना जरूरी है कि आखिर दो ट्रेन एक साथ लूप लाइन पर कैसे पहुंच गईं। स्टेशन मास्टर का कहना है कि सिग्नल ठीक से काम कर रहे थे, रूट क्लीयर था। उन्हें खुद समझ नहीं आया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर कैसे चली गई। वहीं, हादसे की शिकार हुई ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि उसे तो लूप लाइन में जाने का ग्रीन सिग्नल मिला था, इसीलिए ये सवाल उठ रहा है कि कहीं किसी ने साजिश के तहत सिंग्नल सिस्टम में गड़बड़ी तो नहीं की? अब इसी बात की जांच हो रही है। विरोधी दल भी सवाल उठा रहे हैं। उनका विरोध जायज है, इतना बड़ा रेल हादसा हुआ है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी तो तय होनी चाहिए। लेकिन रेल मंत्री का इस्तीफा मांगने से तो हादसे बंद नहीं होंगे। अश्विनी वैष्णव अगर राजनीतिक नेता होते तो शायद वह भी पुराने रेल मंत्रियों की तरह इस्तीफा दे देते, लेकिन वह IAS अफसर रहे हैं, वह समस्याओं से भागने वालों में नहीं हैं। पहली बार मैंने देखा कि हादसे के बाद कोई रेल मंत्री बिना देर किए दुर्घटना स्थल पर पहुंचा हो, बचाव के काम से लेकर पटरियों को ठीक करवाने, मृत लोगों की शिनाख्त कराने, शवों को उनके परिवारों तक पहुंचाने के सारे इंतजाम खुद देख रहा हो। इतना बड़ा हादसा होने के बाद 51 घंटों में ट्रैक पर फिर से ऑपरेशन शुरू हो गया, ये भी पहली बार हुआ है। आम तौर पर इस तरह के हादसों के बाद सरकार मुआवजे का ऐलान कर देती है और फिर हादसे के शिकार लोगों के परिजन सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं। पुराने रेल हादसों के शिकार सभी परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है, लेकिन मैंने पहली बार देखा कि बालेश्वर में रेलवे स्टेशन पर रेलवे के बड़े बड़े अफसर बैठे हैं, जिन शवों की पहचान हुई है, उनमें से जिनके परिवार वाले वहां पहुंच रहे हैं, उनका आइडेंटिटी प्रूफ देखकर उसी वक्त उन्हें पचास हजार रुपए नगद और साढ़े नौ लाख रुपए का चैक दिया जा रहा है। ये बड़ी बात है, इससे उन लोगों को फौरी मदद मिलेगी, जिन्होंने इस हादसे में अपनों को खोया है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब तक ये पता नहीं लगेगा कि इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ, किसकी गलती से हुआ, ये इंसानी गलती था या किसी साजिश का नतीजा, तब तक इस तरह के हादसों को नहीं रोका जा सकता। इसलिए मुझे लगता है कि इस दिल दहलाने वाले हादसे पर सियासत करने की बजाए फोकस हादसे की वजह का पता लगाने पर होना चाहिए।
Dakhal News
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) की चीफ पीपुल ऑफिसर (CPO) कविता दासन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस संस्थान में बतौर CPO बुधवार उनका आखिरी दिन था। वह इस नेटवर्क से करीब चार साल से जुड़ी हुई थीं।कविता दासन ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया वह जल्द ही नए असाइनमेंट पर काम करेंगी। यह नया असाइनमेंट क्या होगा, इस बारे में कविता दासन का कहना था कि वह जल्द ही इस बारे में जानकारी देंगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट कविता दासन मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। कविता दासन को इंडस्ट्री में काम करने का करीब 24 साल का अनुभव है। ‘एबीपी नेटवर्क’ से पहले वह ‘Dewan Housing Finance Corporation Ltd’ (DHFL) में वाइस प्रेजिडेंट (एचआर) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। पूर्व में वह ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ में वाइस प्रेजिडेंट (एचआर) रह चुकी हैं। इसके अलावा वह ‘DCM SHRIRAM LTD’ और करीब आठ साल तक ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times Of India) भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
Dakhal News
बिहार के खगड़िया में गंगा नदी पर बन रहे पुल का एक हिस्सा गिरकर नदी में समा गया है। रविवार को हुई यह घटना कैमरे में भी कैद हो गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है। यह पुल करीब 1717 करोड़ की लागत से भागलपुर जिले के सुल्तानगंज और खगड़िया जिले के अगुवानी के बीच बन रहा था। इसी मसले पर हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के एक डिबेट शो में तेज तर्रार एंकर चित्रा त्रिपाठी ने 'जेडीयू' के प्रवक्ता इमतियाज अंसारी से कड़े सवाल किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरजेडी को एक बार के लिए हम इस बहस में नहीं लेकर के आते हैं, क्योंकि आपके नेता नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब से बारी बारी इन लोगों के साथ सरकार बना लेते हैं।वो उनकी अपनी मजबूरी हो सकती है, लेकिन क्या आप नीतीश कुमार के सीएम रहते कोई एक ऐसा काम गिना सकते हैं, जो देश के सामने एक उदाहरण बना सके कि आपने ये काम कर दिया है? चित्रा त्रिपाठी ने आगे कहा कि आप एक पुल को बनाने में 9 साल लगा देते हैं, जनता की कमाई का 1700 करोड़ रुपया खर्च कर देते हैं और उसके बाद भी वो 3 बार टूट जाता है! उन्होंने कहा कि नौ साल से ये पुल बनता आ रहा था और लोग अपना अपना कमीशन खा रहे थे।उन्होंने आगे सवाल किया कि इस पूरे मामले की जिम्मेदारी क्या सीएम नीतीश कुमार की नहीं बनती है? लोग क्या उनसे सवाल नहीं पूछेंगे? नए संसद भवन पर सवाल उठाने वाले 9 साल में बिहार के जनता को एक पुल क्यों नहीं दे पाए?
Dakhal News
महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि जो लोग हमारे मेडल को 15-15 रुपए का बता रहे थे, वे अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी है, उसके आगे तो नौकरी बहुत ज्यादा छोटी चीज है। साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर साफ कर दिया है कि उन्होंने धरना-प्रदर्शन खत्म नहीं किया है। ये सभी दावे तब से होने शुरू हुए, जब पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर सुमित अवस्थी ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, यही तो कई लोग चाह रहे हैं कि पहलवान बोलें। खुलकर बोलें ताकि उन पर फिर कई और मुकदमे (जैसे मानहानि आदि) लाद दिये जायें। ये मुकदमे ही इन प्रदर्शनकारी पहलवानों के खेल करियर के लिये बहुत बड़ी बाधा हैं।प्रदर्शनकारी पहलवान (सफाई में) बोलें या न बोलें, ये फैसला पीड़ितों पर ही ‘फिलहाल’ छोड़ देना चाहिये। बच्चियों ने वैसे भी बहुत झेल लिया और ना जाने और कितना इन्हें झेलना पड़ेगा। ‘आरोपी’ बहुत ही ताकतवर है।भारत के इन शानदार खिलाड़ियों का ‘हौसला’ और ‘हिम्मत’ बनी रहना चाहिये। बीते एक हफ्ते से पूरे सिस्टम से लड़ रहे हैं पहलवान। ब्रजभूषण शरण सिंह से चल रही जंग तो जैसे पीछे छूटती जा रही है।
Dakhal News
‘द हिंदू’ (The Hindu) समूह ने निर्मला लक्ष्मण को ‘द हिंदू ग्रुप पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड’ (THGPPL) के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) का चेयरपर्सन नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। निर्मला लक्ष्मण, मालिनी पार्थसारथी का स्थान लेंगी, जिन्होंने पांच जून को बोर्ड की बैठक में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर चेयरपर्सन का पद छोड़ दिया है। निर्मला लक्ष्मण ने पीएचडी की है। उनके पास ‘द हिंदू’ के विभिन्न पब्लिकेशंस में एडिटर, राइटर और स्ट्रैटेजिस्ट के तौर पर काम करने का चार दशक से ज्यादा का अनुभव है।‘द हिंदू’ में जॉइंट एडिटर के रूप में अपने लंबे कार्यकाल में उन्होंने कई फीचर सेक्शंस की पुन: लॉन्चिंग और 'द हिंदू लिटरेरी रिव्यू', 'यंग वर्ल्ड' और 'द हिंदू इन स्कूल' आदि का निर्माण व नेतृत्व किया।वह ‘द हिंदू’ के साहित्यिक उत्सव ‘Lit for Life’ की संस्थापक और क्यूरेटर हैं। इसके अलावा वह तमिल अखबार ‘The Hindu Tamil Thisai’ के पब्लिशर ‘कस्तूरी मीडिया लिमिटेड’ (KML) की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं।
Dakhal News
पत्रकार गौरव सावंत ने दी ये बड़ी नसीहत पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अफगानिस्तान का एक शख्स उन्हें जमकर खरी खोटी सुना रहा है। यह घटना फ्रांस की राजधानी पेरिस की है, जहां उस अफगानिस्तानी नागरिक ने बाजवा को बड़ा बेइज्जत किया है।वह कह रहा है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को बर्बाद कर दिया। मानवाधिकारों का उल्लंघन और उनके देश में जेहाद फैलाने के पीछे भी वही है। जनरल बाजवा कहते हैं कि वह अब सेना प्रमुख नहीं हैं लेकिन वह शख्स नहीं रुकता।वह बार-बार कहता है कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ मिलकर उसके देश को बर्बाद कर दिया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पत्रकार और एंकर गौरव सावंत ने ट्वीट कर पाकिस्तान को नसीहत दी है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पाकिस्तानी सेना को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। पाक सेना के जनरलों को इतना नापसंद क्यों किया जाता है? भारत में। अफगानिस्तान में। अमेरिका में और अब पाकिस्तान में भी। सात दशक से आतंक का कैंसर फैलाने वाला पाकिस्तान और उसकी सेना, आईएसआई अब उनकी करनी ही भुगत रहे हैं। यह वीडियो उसी घृणा का प्रतीक है।आपको बता दें कि भारत अमेरिका जहां अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने की बात करते रहे हैं, वहीं पाकिस्तान इस्लामिक कानून का हवाला देते हुए तालिबान के साथ खड़ा रहा।
Dakhal News
भरपाई के लिए देगी 40 करोड़- रिपोर्ट आयकर विभाग ने ब्रिटिश मीडिया कंपनी 'बीबीसी' (BBC) पर फरवरी में शिकंजा कसते हुए उसके दिल्ली-मुंबई के दफ्तर का सर्वे किया था, जिसके बाद उस पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था। हालांकि मीडिया कंपनी टैक्स चोरी के आरोपों से लगातार इनकार करती रही, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आयी है कि बीबीसी ने पूर्व में कथित तौर पर कम टैक्स भरने की बात को स्वीकार कर लिया है।दरअसल आयकर विभाग ने इसी साल फरवरी में बीबीसी पर टैक्स सर्वे किया था, जिसमें 2016 से टैक्स कम दिए जाने की बात सामने आयी थी पकड़ी गई थी। बीबीसी ने अब स्वीकार कर लिया है कि उसने 2016 से कम टैक्स दिया है।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीसीसी ने न केवल कम टैक्स देने की बात को स्वीकार किया है बल्कि उसने लगभग 6 वर्षों की अवधि के दौरान यानी 2016 से 2022 तक अपनी कर चोरी के लिए 40 करोड़ रुपए खर्च करने पर सहमति व्यक्त की है।
Dakhal News
जानी-मानी पत्रकार मालिनी पार्थसारथी ने ‘द हिंदू ग्रुप पब्लिशिंग प्रा. लि.’ (THGPPL) के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। इस बारे में मालिनी पार्थसारथी ने एक ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में पार्थसारथी ने लिखा है, ‘हिंदू ग्रुप में चेयरपर्सन के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है। इसके साथ ही मैंने इसके बोर्ड से भी इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि मुझे लगता है कि मेरे संपादकीय विचारों को समूह में उचित स्थान नहीं मिल रहा था। चेयरपर्सन और डायरेक्टर (एडिटोरियल स्ट्रैटेजी) के रूप में मेरा पूरा प्रयास यह सुनिश्चित करना था कि हिंदू समूह स्वतंत्र और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की अपनी विरासत को पुनर्जीवित करे।'पार्थसारथी ने यह भी लिखा है 'इसके अलावा मेरा प्रयास इसे वैचारिक पूर्वाग्रह से मुक्त करने का था। इसलिए मैंने यहां से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। मैं अपने सभी शुभचिंतकों और दोस्तों को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने इस चुनौतीपूर्ण सफर में मेरा सपोर्ट किया है।’
Dakhal News
पत्रकार ने दिया करारा जवाब ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में अब तक 250 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हैं। इस हादसे के बाद वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने एक ट्वीट किया था जिसे बाद में उन्होंने एडिट किया और 'कवच' शब्द हटा दिया।उनके इस ट्वीट पर एक सोशल मीडिया ट्रोल ने उन्हें टैग करते हुए ट्वीट किया और लिखा, आपने जो कवच टेक्नोलॉजी पर सवाल किया था उसको एडिट करके ‘कवच’ शब्द क्यों हटाया? इतनी डरी-डरी पत्रकारिता क्यों रुबिका जी? कवच किसने भेदा यह सवाल सबको करना चाहिए, क्योंकि 250 लोग आज हमारे बीच नहीं रहे। इस ट्वीट के बाद रुबिका लियाकत ने उसे करारा जवाब दिया और लिखा, क्योंकि मुझे आपकी तरह एजेंडा चलाने की बीमारी नही। कवच उस रूट पर है ही नहीं तो क्यों झूठ फैलाना? लाशों के ऊपर मंडराते गिद्ध और आपमें ज्यादा फर्क नहीं। दरअसल वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ये इस सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है। तस्वीरें लाखों सवाल पूछ रही हैं। टेक्नोलॉजी कैसे फेल हो गई? 288 लोगों की मौत, 900 से ज्यादा घायल, 3 ट्रेनें एक ही हादसे का शिकार हो जाएं ये कैसे संभव है? इस घड़ी में मरने वालों के परिवार के साथ पूरा देश है।
Dakhal News
पढ़िए इस सप्ताह का 'हिसाब किताब' वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर 'टीवी टुडे नेटवर्क' के 'तक चैनल्स' के मैनेजिंग एडिटर हैं और हर रविवार सोशल मीडिया पर उनका साप्ताहिक न्यूजलेटर 'हिसाब किताब' प्रकाशित होता है। इस सप्ताह मिलिंद खांडेकर ने भारत की अर्थव्यवस्था मापने वाले GDP के आंकड़ो को लेकर बात की है।उन्होंने लिखा, भारत की अर्थव्यवस्था मापने वाले GDP के आंकड़े इस हफ्ते खुशखबरी लेकर आएं। भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2% की रफ्तार से बढ़ी। ये चमत्कार कैसे हुआ? रिजर्व बैंक का अनुमान था कि पिछले वित्त वर्ष की आखिरी छमाही में ग्रोथ घट सकती है। रिजर्व बैंक महंगाई कम करने के लिए लगातार ब्याज दर बढ़ा रहा था। बाकी दुनिया में भी मंदी के बादल मंडराने लगे थे। ये अनुमान सही लग रहा था क्योंकि अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में ग्रोथ 4.1% रही थी। आखिरी तिमाही में सबका अनुमान था कि 5.1% ग्रोथ रहेगी इसके विपरीत ग्रोथ 6.1% रही। इसका मतलब हुआ कि पूरे साल की ग्रोथ 7.2% हो गई। कंस्ट्रक्शन, खेतीबाड़ी, होटल जैसे सेक्टर में तेजी रही।अच्छी खबर यहीं खत्म हो जाती है। हम पहले भी बता चुके हैं कि GDP तीन खर्च को मिल कर बनता है। सरकार, कंपनियां और हम आप जैसे लोगों का खर्च यानी प्राइवेट खर्च। सरकार और कंपनियों ने निवेश तो बढ़ाया है, जनता फिर भी जेब ढीली नहीं कर रही है। जनता के खर्च बढ़ने की रफ्तार कम हुई है। यही सबसे बड़ी चिंता का कारण है। सरकार सड़कों और रेलवे पर मोटा पैसा लगा रही है उसका फायदा दिख रहा है।कंपनियों ने भी खर्च बढ़ाया है और जानकारों का कहना है कि महंगाई की वजह से जनता खर्च करने से बच रही है। हम इस बात पर खुश हो सकते हैं कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आकार में भी दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। सवाल उठता है कि फिर जनता खर्च क्यों नहीं कर रही हैं? जनता के हाथ में पैसे क्यों नहीं पहुंच रहे हैं? इसका जवाब है हमारी प्रति व्यक्ति आय। अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय हमसे 40 गुना ज़्यादा है, ब्रिटेन की 16 गुना और चीन की 5 गुना। इंडियन एक्सप्रेस में छपा है कि बाकी देश की ग्रोथ जीरो कर दें तब भी हमें अमेरिका के लेवल पर पहुंचने के लिए 25 साल लगेंगे। हमें हर साल 15% से ग्रोथ करना पड़ेगी यानी 7.1% ग्रोथ अच्छी है लेकिन अच्छे दिन लाने के लिए काफी नहीं है।
Dakhal News
हैकर्स ने डिलीट किया पूरा कंटेंट सीनियर जर्नलिस्ट बरखा दत्त द्वारा संचालित यू-ट्यूब चैनल 'मोजो स्टोरी' को हैक किए जाने की खबर सामने आयी है। बता दें कि हैक करने के बाद हैकर्स ने उनके यू-ट्यूब चैनल से पूरा कंटेंट डिलीट कर दिया है।एक ट्वीट में बरखा दत्त ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मोजो स्टोरी का ईमेल और यूट्यूब चैनल हैक कर लिया गया था और वह और उनकी टीम प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में असमर्थ थी। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि हैकर्स द्वारा चैनल के सभी कंटेंट को डिलीट कर दिया गया है - चार साल का खून, मेहनत, पसीना, आंसू, 11 हजार वीडियो, 3 साल का कार्य, सब चला गया। मेरा दिल टूट गया है।उन्होंने आगे कहा कि घंटों की मशक्कत के बाद यू-ट्यूब की टीम की ओर से आश्वासन दिया गया है कि इस पर कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
‘टाइम्स समूह’ (Times Group) के एमडी विनीत जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की काफी तारीफ की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनीत जैन का कहना है कि इस सरकार ने भारतीय एंटरप्रिन्योर्स के लिए ऐसे तमाम अवसरों के द्वार खोले हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में हुई एक मीडिया कॉन्क्लेव में विनीत जैन का कहना था कि यही भारत के असली विकास की वास्तविक कहानी है और पीएम मोदी की मजबूत और बोल्ड सरकार के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा इस कॉन्क्लेव में उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर तमाम चुनौतियों के बीच देश किस तरह ‘सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था’ के रूप में उभर रहा है।
Dakhal News
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) से जानी-मानी एंकर रुबिका लियाकत ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो रुबिका अब एंटरप्रिन्योरशिप की दुनिया में कदम बढ़ाना चाहती हैं, इसलिए उन्होंने यहां से अलविदा कह दिया है। वहीं, अंदरखाने में यह भी चर्चा है कि लंबे समय से सैलरी न बढ़ने व अन्य तमाम कारणों से रुबिका ने यह फैसला लिया है।इस खबर की पुष्टि के लिए समाचार4मीडिया की टीम ने एबीपी नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडेय, 'एबीपी न्यूज' के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज और प्रॉडक्शन) संत प्रसाद राय और रुबिका लियाकत को मेल व मैसेज कर उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। खबर यह भी है कि रुबिका लियाकत पिछले साल लॉन्च हुए नए हिंदी न्यूज चैनल से अपनी नई पारी शुरू कर सकती हैं। हालांकि, यह चैनल फिलहाल बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है। रुबिका लियाकत ने इस्तीफा क्यों दिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।बता दें कि रुबिका लियाकत की गिनती टीवी पत्रकारिता की दुनिया में तेज-तर्रार महिला एंकर के रूप में होती है। वह वर्ष 2018 से 'एबीपी न्यूज' के साथ जुड़ी हुई थीं। रूबिका की हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ है और अपने इस हुनर का वो शब्दों के चयन में पूरा इस्तेमाल करती हैं। मूलरूप से उदयपुर की रहने वालीं रुबिका मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं, उनके पास मास कम्युनिकेशन की डिग्री भी है। ग्रेजुएशन के बाद वह 'लाइव इंडिया' का हिस्सा बन गईं। जून 2007 से लेकर सितंबर 2008 तक वह ‘लाइव इंडिया’ से जुड़ीं रहीं। 2008 में नए लॉन्च हुए चैनल ‘न्यूज24’ में बतौर एंकर उन्होंने काम किया था।उसके बाद उन्होंने ‘जी न्यूज’ के साथ रिपोर्टिंग और एंकरिंग की पारी शुरू की। खबरों की समझ, भाषा कौशल और लगभग हर क्षेत्र पर पकड़ के चलते जल्द ही उन्होंने ‘जी न्यूज’ में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की। इसके बाद वह ‘एबीपी न्यूज’ में आ गईं और अब यहां से उनके इस्तीफे की खबर सामने आ रही है।
Dakhal News
का संगम ही ‘‘जीवन’’ है... प्रवीण कक्कड़ 5 जून 1992 की बात है जब ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जैव विविधता पर पृथ्वी शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में दुनिया भर के सभी जागरूक और जिम्मेदार देश शामिल हुए लेकिन दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इस सम्मेलन के समझौते का हिस्सा नहीं था। भारत ने इस सम्मेलन में पूरी जिम्मेदारी के साथ भाग लिया जिसके फैसलों को 29 दिसंबर 1993 को लागू किया गया। इसके 20 साल पहले वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था। 16 सितंबर 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में ओजोन परत को बचाने के लिए समझौता किया गया। बाद में वैज्ञानिक सहमति के आधार पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए 1992 में क्योटो प्रोटोकॉल पर बड़ी संख्या में देशों ने हस्ताक्षर किए थे। भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम भारत की संसद द्वारा 1986 में पारित किया गया था। इसे संविधान के अनुच्छेद 253 के तहत पारित किया गया था। यह 19 नवंबर 1986 को लागू हुआ था। ऐसे अनेक मील के पत्थर हैं। जिनका जिक्र यहां करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पर्यावरण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार समझौते कागजों पर होते आए हैं लेकिन उसके बाद भी पर्यावरण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। मनुष्य और पर्यावरण का संगम ही जीवन है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर समझौते हो रहे हैं, वहीं सामाजिक स्तर पर कई संकल्प लिए जा रहे हैं लेकिन हम जब तक इन पर व्यवहारिक अमल नहीं करेंगे तब तक इन समझौतों और संकल्पों का अर्थ नहीं है। 1972 में जब पहली बार स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण सम्मेलन में दुनिया के बढ़ते तापमान पर चिंता व्यक्त की गई थी तब से लेकर अब तक औसत तापमान में बेतहाशा वृद्धि हो चुकी है। ग्लोबल वॉर्मिंग हम सभी के लिए चिंता का विषय है। चिंता होना भी स्वभाविक भी है, क्योंकि जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में पेड़ों का क्षरण हुआ है, प्रकृति का शोषण हुआ है उससे आने वाले समय में यह ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते स्तर के रूप में एक बड़ी चुनौती बन जायेगा। हमने जिस तेजी से विकास के प्रति दौड़ लगाई उसमें हमने बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया। इनमें प्रकृति और पर्यावरण सबसे बड़े मुद्दे थे और अब आज साफ दिखाई दे रहा है कि हमारी नदियां हों, जंगल हों वायु, मिट्टी हो यह सब कहीं न कहीं खतरे में आ गयें हैं। यह सब प्रमाणित कर रहे हैं कि आज हमारे चारों तरफ जो कुछ भी हो रहा है यह सब इन्हीं कारणों से हैं। अंटार्कटिका की बर्फ की परत छलनी हो गई है। समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि मालदीप जैसे देशों का अस्तित्व खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है। तटवर्ती शहरों के कभी भी जलमग्न होने की आशंका है। शहर कभी भी जलमग्न हो सकते हैं। तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी का एक बड़ा हिस्सा जल प्रलय का शिकार हो सकता है। हम सुनामी का मंजर देख चुके हैं। आज बढ़ते तापमान के बीच जल प्रलय या अग्नि प्रलय की आशंका हमें अपनी उन पौराणिक घटनाओं की याद दिलाती है जब पृथ्वी पर पर्यावरण नष्ट होने से जीवन खत्म हो गया था। आज की परिस्थितियों को देखते हुए वह घटनाक्रम सत्य प्रतीत होता है। पर्यावरण और जलवायु को लेकर समझौते तो बहुत हो चुके हैं लेकिन समझौते लागू करने की दिशा में कोई पहल नहीं होती। इसके बहुत से कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है हमारी अपनी स्वार्थ लिप्सा। हम थोड़े से लाभ के चक्कर में दीर्घकालीन हानि को आमंत्रित करते हैं। लम्हों की खता करते हैं सदियों की सजा पाते हैं। इतना सब होने के बाद भी पर्यावरण को लेकर जागरूकता का बेहद अभाव है। आए दिन जंगलों को साफ करने वाले लकड़ी तस्कर पकड़े जा रहे हैं। जंगल माफिया जंगल को साफ कर रहा है। जमीन माफिया खेत निगल रहा है और बिल्डिंग माफिया उन जमीनों पर बिल्डिंग बना रहा है। यह खेल सारी दुनिया में चल रहा है ताकतवर लोगों ने पर्यावरण को अपनी मुट्ठी में कैद करके रखा है। और इस भ्रम में की मैं कुछ नहीं कर रहा हूं, मैं तो निर्दोष हूं, सारी दुनिया का पर्यावरण नष्ट किए जा रहे हैं। हम जितने ताकतवर हुए हैं। हमारा कार्बन फुटप्रिंट उतना ही बढ़ गया है। यानी हमारी ताकत पृथ्वी के लिए गंदगी और प्रदूषण से भरपूर है। हम जितने साधन संपन्न हुए हैं पर्यावरण को उतना ही नुकसान पहुंचाया है। हम जितने सुविधाभोगी हुए हैं उतना ही पृथ्वी को कष्ट में डाला है। ईश्वर ने यह पृथ्वी बनाई है सामंजस्य और सद्भाव के लिए, प्रेम के लिए। पृथ्वी किसी एक प्राणी की नहीं है बल्कि सबसे सूक्ष्म जीव से लेकर सबसे विशाल जीव तक सभी के लिए पृथ्वी एक समान है। यह सहनशील है और हमारी अनजानी भूलों को माफ करने की क्षमता रखती है लेकिन जब हम जानबूझकर भूल करते हैं तो फिर पृथ्वी भी दंड देती है। हमारी जानबूझकर की गई भूलों का दंड विधान अब चल रहा है। तूफान, सूखा, अतिवर्षा, बढ़ता तापमान यह सब पृथ्वी का दंड विधान है। यह दंड विधान और क्रूरतम न हो इसकी फिक्र हर मानव को करना है। दुनिया के ताकतवर देश एक टेबल पर बैठकर समझौता कर सकते हैं लेकिन इन समझौतों को लागू करना हम मानवों का कर्तव्य है। क्योंकि इस पृथ्वी पर मानव ही पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन है। इस पर्यावरण दिवस यही चिंतन करने की जरूरत है कि एक इंसान के रूप में हम अपने आसपास के पर्यावरण को कैसे बचा सकते हैं। अपना खुद का कार्बन फुटप्रिंट कितना कम कर सकते हैं। और कितने अधिक पेड़ पौधे लगाकर उन्हें सहेज सकते हैं। अन्यथा पृथ्वी के दंड विधान से बचना असंभव है। पर्यावरण दिवस पर यही चिंतन सर्वोपरि है।
Dakhal News
मणिपुर के ज्यादातर इलाकों में हालात अब सामान्य हो रहे हैं। इसे देखते हुए कर्फ्यू में भी ढील दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर में कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दी जाएगी। यहां सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील रहेगी। इस पूरे मामले पर 'समाचार4मीडिया' ने वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक से बातचीत की और उनकी राय जानी।उन्होंने कहा, मणिपुर में स्थिति सामान्य होने के संकेत सुखद हैं, पर अभी इसे पूरे मामले का पटाक्षेप मान लेना जल्दबाजी होगी। ये अच्छी बात है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील पर लोग अपने हथियार जमा कर रहे हैं। इससे गोलीबारी और अन्य घटनाओं पर कुछ अंकुश लग सकता है।इसके बाद भी इस मामले से निपटने में देरी भी हुई है और विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी भी नजर आई है। दो समुदायों के संघर्ष को उसकी पूरी संवेदनशीलता के साथ समझे बगैर बयान जारी होते रहे। कोई हिंसा करने वालों को उपद्रवी कह रहा था, कोई आतंकवादी और कोई चरमपंथी। इंफाल के आस पास बसे मैतेई समुदाय और जंगलों और पहाड़ियों में बसे कुकी और नागा आदिवासियों के बीच का संघर्ष नया नहीं है।इस लड़ाई को मैतेई को मिलने वाले आरक्षण और जमीन पर कब्जे की लड़ाई ने और हवा दे दी। इस संघर्ष में 90 से अधिक लोगों के मारे जाने और दो हजार से ज्यादा के घायल होने के बाद जो उपाय किए गए वो पहले ही हो जाते तो बेहतर रहता।अभी भी संघर्ष टला है, खत्म नहीं हुआ है। सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस खूबसूरत सीमावर्ती राज्य में स्थायी शांति की बहाली के लिए दूरगामी उपाय आवश्यक हैं। इस बीच मणिपुर पुलिस ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर 140 हथियार सौंपे गए हैं।जैसे की आशंका थी, गृह मंत्री अमित शाह के लौटने के एक दिन बाद ही फिर सुरक्षा बलों और उपद्रवियों में संघर्ष हुआ है। इसीलिए इस समस्या का स्थायी समाधान बहुत आवश्यक है।
Dakhal News
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। दौरे के बीच राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग पर एक बयान दिया है, जिस पर बवाल मच गया है। राहुल गांधी ने इंडियन मुस्लिम लीग पार्टी को 'पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष' कहकर नया मुद्दा खड़ा कर दिया है।केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद वरिष्ठ पत्रकार शिवकांत ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने लिखा, राहुल गांधी ने वह कर दिखाया जो महात्मा गांधी नहीं कर पाए। मुस्लिम लीग को भी सेक्युलर बना दिया। भारत को जोड़ दिया और कद जिन्ना साहब से भी ऊंचा हो गया। पहले अवतार लिया होता तो बेहतर होता? देर आयद दुरुस्त आयद। सांप्रदायिक तो केवल भाजपा और संघ हैं। उन्हें निकाल पाकिस्तान में विलय करे।आपको बता दे कि 'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' की स्थापना 30 दिसंबर, 1906 को हुई थी। तब अविभाजित भारत के कई मुस्लिम नेता ढाका में इकट्ठे हुए और कांग्रेस से अलग मुस्लिमों के लिए 'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' बनाने का फैसला किया।
Dakhal News
वर्तमान समय में देश मुफ्त की राजनीति से गुजर रहा है। जहां निगाह घुमाए वहीं फ्री की राजनीति चरम पर नजर आ रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी से शुरू हुआ ये चलन अब कांग्रेस पार्टी की ढाल बन गया लगता है।आज कर्नाटक में सिद्धारमैया मंत्रिमंडल ने पांच गारंटी को लागू करने का फैसला किया है। गृह ज्योति योजना के तहत प्रत्येक घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपए की मासिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के हर सदस्य को प्रत्येक महीने 10 किलो मुफ्त चावल, सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा शक्ति योजना और 18 से 25 साल की उम्र वाले प्रत्येक स्नातक बेरोजगार को हर महीने तीन हजार रुपए देने का वादा किया गया है।इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 2024 में जो जितने अधिक लोकलुभावन वादे करेगा, उसका पलड़ा उतना ही भारी रहेगा। अगला लोकसभा चुनाव लोगों को छप्पर फाड मालामाल कर देगा। अगले दस महीने, हर कोने से एक ही आवाज आएगी- मुफ्त, मुफ्त, मुफ्त।
Dakhal News
तो बोले हर्षवर्धन- पूरा सच आए सामने बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने पहलवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बृजभूषण ने एक बार फिर कहा कि मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ, तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।बृजभूषण ने कहा,आरोप लगाए जाने के बाद से मैं पूछ रहा हूं कि ये सब कहां और कब हुआ? मुझ पर आरोप लगे 4 महीने हो चुके हैं और मैं अपने बयान पर आज भी कायम हूं।उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पहलवानों और बृजभूषण के मामले सबसे खराब बात होगी कि, मामला अंत तक न पहुंचे। आवश्यक है कि, इस मामले का पूरा सच सामने आए और, दोषी को सजा मिले। अपना-अपना सच तो दोनों पक्ष पूरी शक्ति से बता ही रहे हैं। साथ ही खेल संघों की मूलभूत गड़बड़ दूर करने पर भी कुछ हो। वरना, एक और बनकर रह जाएगा।आपको बता दें कि पहलवानों के गंगा में मेडल बहाने को उन्होंने इमोशनल ड्रामा बताया। बृजभूषण ने कहा, गंगा में मेडल बहाने से कुछ हासिल नहीं होगा।
Dakhal News
अभिव्यक्ति के दुरुपयोग से घातक होंगे परिणाम राहुल गांधी ने बुधवार सुबह कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक कार्यक्रम में भारतीयों को संबोधित किया। सैन फ्रांसिस्को में राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान भारत के मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, 'जो हाल 80 के दशक में दलितों का था, वही हाल अब मुसलमानों का हो गया है।उनके इस बयान पर समाचार4मीडिया से बात करते हुए आलोक मेहता ने कहा कि सचमुच विदेशों में राहुल गांधी के भाषण भारत के सम्बन्ध में एक नेता के बजाय एक्टिविस्ट की तरह हैं जो भारत की सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों को भयावह रूप में पेश कर रहे हैं।अब 80 के दशक में कांग्रेस राज के दौरान दलितों की स्थिति बदतर होने की तुलना वर्तमान में मुस्लिम की हालत से कर रहे हैं। उनके सलाहकार शायद यह ध्यान नहीं दिला रहें कि भारत के मुस्लिम समुदाय के गरीब लोग अन्य करोड़ों भारतीयों के साथ समान अनाज,आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेती या रोजगार के प्रशिक्षण की सुविधाएं पा रहे हैं, क्योंकि भाजपा या कांग्रेस अथवा अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों में किसी भी योजना में धर्म के आधार पर भेदभाव संभव नहीं है।यही नहीं, उनके सांसद रहते कांग्रेस सरकार के बजट में अल्पसंख्यक मंत्रालय में रही धनराशि का 600 से 800 करोड़ रुपए तक की धनराशि साल में खर्च ही नहीं हो पाती थी, रिकॉर्ड चेक कर लें। अब भी कांग्रेस के नेता और उनके कार्यकर्त्ता क्या उत्तर प्रदेश-बिहार जैसे राज्यों में मुस्लिमों के बीच सक्रिय रहकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में क्या कोई सहायता कर रहे हैं?दुनिया के मुस्लिम देश तो मोदी सरकार का समर्थन कर बड़े पैमाने पर पूंजी लगा रहे हैं। पाकिस्तान के कई नेता और अन्य लोग भारत की हालत बेहतर बता रहे हैं। बहरहाल,अभिव्यक्ति के दुरुपयोग से विदेशी समर्थन और लाभ लेने के दूरगामी परिणाम घातक भी हो सकते हैं। कुछ विदेशी ताकतें तो हमेशा भारत में राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता पैदा करने के लिए अवसर और मोहरे तलाशती रहती है।
Dakhal News
विनोद अग्निहोत्री बोले- ये सरकार की साख का सवाल हरिद्वार में गंगा में मेडल विसर्जन करने पहुंचे पहलवानों को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और खाप चौधरियों ने रोक लिया और उनसे पांच दिन का समय मांगा है।टिकैत ने रेसलर्स से कहा कि अगर उन्हें मेडल नहीं रखने हैं तो वह उन्हें गंगा में प्रवाहित करने की जगह सीधे राष्ट्रपति को सौंप दें और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है।इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, संतोष है खेल पुत्रियों ने अपने अंतरराष्ट्रीय विजेता पदक गंगा में विसर्जित करने का फैसला किसान नेता खाप चौधरी नरेश टिकैत के आग्रह पर टाल दिया है। सरकार के पास पांच दिन हैं। सरकार इनकी कानून सम्मत मांगों का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे। ये सरकार की साख बेटियों के सम्मान का सवाल है।आपको बता दें कि टिकैत ने ऐलान किया है कि एक जून को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में ऐतिहासिक चौपाल पर पंचायत होगी, जिसमें हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और यूपी के खाप चौधरी हिस्सा लेंगे। इसमें चर्चा की जाएगी कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर पांच दिनों में कैसे दवाब बनाया जाए।
Dakhal News
सुशांत झा ने किया अरुण जेटली को याद भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण के आरोप लगे हुए हैं। उनके विरोध में पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस के द्वारा हिरासत में लेकर उन्हें जंतर मंतर के धरना स्थल से हटा दिया गया।सरकार की इस कार्यवाही के बाद पहलवानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। आपको बता दें कि पहलवानों ने यह कहा है कि वह अपने सारे जीते हुए पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस बात की जानकारी ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने ट्वीट करके दी है।देश के पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा सरकार विरोध प्रदर्शनों से निपटने में सक्षम नहीं है। उन्होंने लिखा कि जिस तरह से पहलवानों के साथ व्यवहार किया गया और मीडिया के सामने जो खराब दृश्य सामने आए वह नहीं आने चाहिए थे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय भी ऐसा ही दृश्य लोगों के सामने आया था। ऐसा लगता है कि अरुण जेटली जैसे नेताओं के निधन के बाद कम्युनिकेशन की भारी कमी सरकार को परेशान कर रही है।
Dakhal News
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनो विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन जुटा रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विपक्षी नेताओं के समर्थन की बेहद आवश्यकता है।इसी को लेकर उन्होंने लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने बातचीत की और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को लेकर एक बयान दिया।अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा यदि कल राजस्थान के खिलाफ सरकार कोई ऐसा अध्यादेश लाती है तो वह निश्चित तौर से कांग्रेस सरकार का साथ देंगे। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने ट्वीट कर बड़ी बात कही।उन्होंने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आपकी यह सोच तो बिल्कुल सही है कि विपक्ष को एकजुट होकर सत्ता पक्ष से लोहा लेना चाहिए लेकिन गुजरात, पंजाब, हिमाचल और गोवा के चुनाव में आपकी यह सोच कहां चली गई थी। क्या आप यह कह रहे हैं कि अब राजस्थान के चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेंगे? क्या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी?उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस को यह भरोसा दे दीजिए और विपक्षी एकजुटता की बात कीजिए! क्या कर सकेंगे? पूरे विपक्ष में यही तो सबसे बड़ी चुनौती है हर किसी को अपने अपने किले की पड़ी है, देश के बारे में कौन सोच रहा है। आगे उन्होंने यह भी लिखा कि अब तो आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी बन गई है।
Dakhal News
अमन चोपड़ा ने उठाया ये बड़ा सवाल महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल्स को गंगा में बहाने का ऐलान किया था। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल्स को गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अपने मैडल विसर्जन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।दरअसल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से बात की, काफी देर तक उन्होंने पहलवानों को समझाया। इस बातचीत के दौरान पहलवान भावुक भी हुए। टिकैत ने अपने मन की बात कही। उन्होंने पहलवानों को यह भरोसा दिलाया कि वह उनको इंसाफ दिलाने के लिए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए बात करेंगे। उन्होंने पहलवानों से 5 दिन का समय भी मांगा है।नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने 2 घंटे के बाद वापस दिल्ली लौट गए। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो जारी किया और इस वीडियो में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या मैडल विसर्जन का पूरा कार्यक्रम सुनियोजित था।वह वीडियो की शुरुआत में कहते हुए दिखाई देते हैं कि शाम को मेडल विसर्जन का कार्यक्रम था, इसके बाद नरेश टिकैत अचानक से प्रकट हो जाते हैं! पहनवालों से मेडल ले लेते हैं और उसके बाद उन्हें 5 दिन का समय दे देते हैं। 5 दिन के बाद हो सकता है कि मैडल विसर्जन का कार्यक्रम दोबारा किया जाए या नहीं किया जाए, उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।वीडियो में वह आगे कहते हैं कि लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेडल विसर्जन का यह पूरा कार्यक्रम स्क्रिप्टेड तो नहीं था? उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि उन्होंने इस मेडल विसर्जन के कार्यक्रम का पहले भी विरोध किया था क्योंकि व्यक्तिगत रूप से उनका यह मानना है कि मेडल किसी खिलाड़ी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं होती है, वह राष्ट्र के सम्मान में आपको मिलता है और वह राष्ट्र को रिप्रेजेंट करता है।
Dakhal News
प्रो. के.जी. सुरेश ।। आज ही के दिन 1826 में पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने साप्ताहिक पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का पहला संस्करण भारत की तत्कालीन राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) से प्रकाशित किया था। तब से लेकर अब तक हिंदी पत्रकारिता की एक ऐतिहासिक यात्रा रही है। इस यात्रा में संघर्ष भी रहा है, इस यात्रा में सफलताएं भी रही हैं। आज पूरे विश्व में हिंदी को जो सम्मान मिला है, उसमें हिंदी पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है, फिर चाहे वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हो या स्वतंत्रता के पश्चात जो एक नए राष्ट्र के निर्माण के लिए संघर्ष रहा, उसके लिए हो या आपातकाल में तानाशाही के विरोध का हो। हिंदी पत्रकारिता का जो इतिहास है, उसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जा सकता है।मैं तो अंग्रेजी पत्रिकारिता के अपने छात्रों को भी बताता हूं कि वे नियमित रूप से हिंदी पत्रकारिता के लिए एक हिंदी अखबार जरूर पढ़ें और एक चैनल भी जरूर देखें। इसका कारण यह है कि हिंदी पत्रकारिता जन सरोकार की पत्रकारिता है। हिंदी पत्रकारिता में मिट्टी की खुशबू आती है। वो ग्रामीण अंचलों से, हमारे खेत-खलिहानों से हम तक समाचार पहुंचाती है। जन-जन के, जिसमें गरीब, निर्धन, संघर्षशील, मजदूर सभी के मुद्दों को राष्ट्र के सामने, सरकार के सामने लाती है और सरकार व जनता के बीच में एक मजबूत सेतु का कार्य करती रही है। हिंदी पत्रकारिता का भविष्य डिजिटल युग में भी बहुत ही उज्जवल है। आज बहुत बड़ी संख्या में युवा पाठक, दर्शक, श्रोता डिजिटल मीडिया की ओर आकर्षित हुए हैं और यदि आप आंकड़े देखेंगे तो हिंदी पत्रकारिता ने भारत में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी को अपनी ओर अकर्षित किया है। कुछ समस्याएं जरूर हैं, कुछ कठिनाइयां हैं, कुछ कमियां हैं, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाला भविष्य बहुत उज्जवल है और हम सब मिलकर हिंदी पत्रकारिता में नए मील के पत्थर को जरूर स्थापित कर पाएंगे।
Dakhal News
आशुतोष चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार ।। आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है। 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन जुगल किशोर शुक्ल ने 30 मई, 1826 को पहले हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड का प्रकाशन प्रारंभ किया था। देश में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत उदंड मार्तण्ड से ही मानी जाती है। यह साप्ताहिक समाचार पत्र हर मंगलवार को पाठकों तक पहुंचता था। वैसे तो जुगल किशोर शुक्ल पेशे से वकील थे और कानपुर के रहने वाले थे, पर उनका कार्यक्षेत्र कोलकाता था। वे खुद उदंड मार्तण्ड के संपादक और प्रकाशक थे। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने उदंड मार्तण्ड का प्रकाशन प्रारंभ किया और आर्थिक कठिनाइयों के कारण अखबार ज्यादा दिनों तक प्रकाशित नहीं हो पाया।उस समय औपनिवेशिक दौर था और भारत पर ब्रिटिश शासन था। सत्ता का केंद्र कोलकाता था और उस दौर में भारतवासियों के हित की बात करना बहुत बड़ी चुनौती थी। अंग्रेजी शासकों की भाषा थी, उसके बाद बांग्ला और उर्दू का प्रभाव था। उस दौर में कोलकाता से अंग्रेजी और बांग्ला कई समाचार पत्र प्रकाशित होते थे। लेकिन हिंदी भाषा का एक भी अखबार नहीं निकलता था। इस साप्ताहिक समाचार पत्र के पहले अंक की 500 प्रतियां छपीं। हिंदी भाषी पाठकों की कमी की वजह से उसे ज्यादा पाठक नहीं मिल सके। दूसरी बात कि हिंदी भाषी राज्यों से दूर होने के कारण उन्हें समाचार पत्र डाक द्वारा भेजना पड़ता था। डाक दर बहुत ज्यादा थी इसलिए इसे हिंदी भाषी राज्यों में भेजना आर्थिक रूप से महंगा सौदा हो गया था। जुगल किशोर ने सरकार ने बहुत अनुरोध किया कि वे डाक दरों में कुछ रियायत दे दें, जिससे हिंदी भाषी प्रदेशों में पाठकों तक समाचार पत्र भेजा जा सके, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत इसके लिए तैयार नहीं हुई और डेढ़ साल में यह समाचार पत्र बंद हो गया, लेकिन अपने साहसिक प्रयास के लिए जुगल किशोर शुक्ल आज भी याद किए जाते हैं।आज दौर बदल गया है। हिंदी पत्रकारिता ने एक लंबा सफर तय कर लिया है। अखबारी पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है, साक्षरता बढ़ी है और राजनीतिक चेतना भी बढ़ी है। नतीजतन, हिंदी पाठकों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। स्थानीय संस्करणों ने ग्रामीण इलाकों में अखबारों की पैठ बढ़ा दी है। हिंदी पत्रकारिता के भी विभिन्न आयाम हो गए हैं। हिंदी के अखबार तो हैं ही, साथ ही टीवी और सोशल मीडिया भी प्रभावी माध्यम बनकर उभरे हैं, लेकिन सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर अक्सर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया दोधारी तलवार है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सोशल मीडिया अभिव्यक्ति के एक असरदार माध्यम के रूप में उभरा है। आज कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार रख सकता है और उसे हजारों-लाखों लोगों तक पहुंच सकता है। राजनीतिक, सामाजिक संगठन और आमजन इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं। दूसरी ओर सोशल मीडिया के दुरुपयोग के भी अनेक मामले सामने आए हैं। इसके माध्यम से समाज में भ्रम व तनाव फैलाने की कोशिशें हुईं हैं।कोरोना संकट के दौर को ही देख लें। इस दौर में भी सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर फेक वीडियो व फेक खबरें बड़ी संख्या में चलीं। हम सबके पास सोशल मीडिया के माध्यम से रोजाना कोरोना के बारे में अनगिनत खबरें और वीडियो आते रहे। फेक न्यूज को तथ्यों के आवरण में ऐसे लपेटकर पेश किया जाता है कि आम व्यक्ति उस पर भरोसा कर ले और और उसे पता ही न चले कि वह कब फेक न्यूज का शिकार हो गया।सूचना के एक अन्य सशक्त माध्यम टीवी पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि हिंदी टीवी चैनल खबरों के बजाय बेवजह की बहस आयोजित करने पर ज्यादा जोर देते नजर आते हैं। स्थिति यह है कि टीवी की गंभीरता पर बार-बार सवाल उठते रहें हैं। दूसरी ओर अखबारों की ओर नजर दौड़ाएं तो आप पाएंगे कि वे आज भी सूचनाओं के सबसे विश्वसनीय स्रोत हैं। अखबार की खबरें काफी जांच पड़ताल के बाद प्रकाशित की जाती हैं और वे उनसे मुकर नहीं सकते हैं।ऐसा भी नहीं कि हिंदी अखबारों में कमियां नहीं हैं। अधिकांश हिंदी अखबार शहर केंद्रित हो गए हैं। हालांकि, इसकी बड़ी वजह विज्ञापन हैं। दूसरे उत्तर पूर्व कभी हिंदी अखबारों की प्राथमिकता सूची में नहीं रहा है। यहां तक कि दक्षिण भारत की भी तभी खबर बनती है, जब वहां से कोई सनसनीखेज मामला सामने आता है। बावजूद इसके आज भी हिंदी अखबार खबरों के सबसे प्रमाणिक स्रोत हैं।
Dakhal News
राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है ये देश को नया संसद भवन मिल चुका है। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका शुभारंभ किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई।इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने लिखा कि ये भवन राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है और इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। अपनी एक फेसबुक पोस्ट में जयदीप कर्णिक ने लिखा, नई संसद के उद्घाटन को लेकर पक्ष-विपक्ष, तर्क-वितर्क, सारे वाद-विवाद एक तरफ। महत्वपूर्ण बात ये है कि ये भवन इस बात का प्रतीक है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति होती क्या है? सरकार ठान ले तो क्या कर सकती है?जहां एक ओर एक फ्लायओवर बनने में पांच साल से ज्यादा लग जाते हैं, जहां देश के कई गांव आज भी बिजली और साफ पानी को तरस रहे हैं, कई गली मोहल्लों की सड़कों पर केवल एक गड्ढा भरे जाने के लिए आवेदन पर आवेदन होने के बाद भी गड्ढा जस का तस है, जहां कई सरकारी स्कूल और अस्पताल अपनी टपकती छत और टूटे दरवाजों के ठीक होने का इंतजार कर रहे हों, वहां इतना भव्य और दिव्य संसद भवन, इतनी सुविधाओं और इतनी आधुनिकता के साथ केवल दो साल में बन जाना वाकई काबिल-ए-तारीफ है।ये अद्भुत और प्रशंसनीय है। हर राजनीतिक दल, हर सरकार, हर राजनेता, हर मुख्यमंत्री, हर मंत्री, हर अधिकारी अगर इससे सबक ले और अपने-अपने क्षेत्र की हर परियोजना को इसी संकल्प शक्ति, इसी इच्छाशक्ति, इसी गति से पूरा करे तो सोचिए ये देश अगले कुछ ही सालों में कहां होगा? अगर ऐसा हो पाया तो ही हमारे लोकतंत्र का ये मंदिर, हमारी जम्हूरियत का ये सबसे बड़ा मरकज अपने सही उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेगा।
Dakhal News
28 मई को वीर सावरकर की जयंती होती है और इसी दिन पीएम मोदी ने देश की नई संसद का उद्घाटन किया। उन्होंने, 'मन की बात' के 101वें एपिसोड को संबोधित करते हुए वीर सावरकर को याद किया।उन्होंने कहा, वीर सावरकर के बलिदान और साहस से जुड़ी कहानियां आज भी भारतीयों को प्रेरित करती हैं। हालांकि देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत एक दर्जन से अधिक दलों ने संसद के उद्घाटन से दूरी बनाए रखी। इस मसले पर पत्रकार और लेखक नीरज बधवार ने ट्वीट करते हुए अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने लिखा, वीर सावरकर उतने ही बड़े देशभक्त थे, जितने गांधी जी। वो उतने ही बहादुर थे जितने भगत सिंह। वह उतने ही दूरदर्शी थे जितने पटेल। वह उतने ही चतुर थे जितने चाणक्य। सावरकर पर सवाल उठाकर आप अपनी कुपढ़ता का परिचय तो दे सकते हैं, मगर इससे उनकी महानता पर रत्ती भर भी आंच नहीं आती।आपको बता दें कि पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को इस रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं। रेडियो कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के अवसर पर शुरू किया गया था।पीएम मोदी ने कहा, वीर सावरकर के व्यक्तित्व में दृढ़ता और उदारता शामिल थी। उनके निडर और स्वाभिमानी स्वभाव ने गुलामी की मानसिकता की बिल्कुल भी सराहना नहीं की।
Dakhal News
रजत शर्मा ने कहा - खुद ही का किया नुकसान पीएम मोदी ने देश को नया संसद भवन समर्पित किया है। इस मौके पर उन्होंने नए संसद भवन में पहली बार संबोधन दिया। उन्होंने कहा, 'देश की विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। कांग्रेस समेत एक दर्जन से अधिक विपक्षी पार्टियां इस समारोह में शामिल नहीं हुए। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने ट्वीट कर इस कदम को गलत और अनुचित बताया।उन्होंने लिखा, नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर लगा सभी दलों के नेता यहां होते, तो और अच्छा होता। संसद देश की होती है और प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते। उद्घाटन कौन करता है, इससे क्या फर्क पड़ता है? बेकार में इतना बड़ा इश्यू बनाया। बहिष्कार से मोदी का क्या गया? नुकसान तो विपक्ष का हुआ।अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, अभी-अभी नया संसद भवन देखा। पहले जब पार्लियामेंट हाउस जाते थे, तो हम कहते थे, देखो अंग्रेजों ने कितनी जबर्दस्त बिल्डिंग बनाई। हमारे बस का तो कुछ नहीं। वो जो बना गये, सो बना गये, लेकिन आज लगा अब अंग्रेज भी कहेंगे, हिन्दुस्तानियों ने कितनी कमाल की पार्लियामेंट बनाई। अब तक हम अंग्रेजों और मुगलों के बनाये भवन और महल देखते थे। मुझे गर्व है, आज ये बदल गया। खुशी है कि मुझे इस नई पहल का साक्षी बनने का अवसर मिला।
Dakhal News
प्रणव सिरोही ने कहा- ऐसे अधिकारी को मिले कड़ी सजा छत्तीसगढ़ के कांकेर में 1 लाख रुपए के मोबाइल के लिये एक अफसर पर 21 लाख लीटर पानी बहाने का आरोप है, जिससे डेढ़ हजार एकड़ के खेत में सिंचाई हो सकती थी। कांकेर जिले के पखांजुर में खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवर फ्लो में फूड ऑफिसर का एक लाख रुपए की कीमत वाला मोबाइल गिर गया। इसके बाद उसे खोजने स्थानीय लोग पानी में उतरे और जब फोन नहीं मिला तो 3 दिनों तक 30 एचपी के 2 डीजल पम्प लगाकर पानी को खाली किया गया, फिर फोन को निकाला गया। इस घटना के सामने आने के बाद पत्रकार प्रणव सिरोही ने ट्वीट कर अपना रोष व्यक्त किया।उन्होंने लिखा, यह उदाहरण दिखाता है कि लोक-सेवक जनता के हितों को किस प्रकार ताक पर रखकर अपने पद के मद में चूर होकर अमानवीय एवं प्रकृति को क्षति पहुंचाने वाली हरकतें करने से भी बाज नहीं आते। ऐसे अधिकारियों को ऐसी कड़ी सजा दी जानी चाहिए जो एक मिसाल बने। अन्यथा इनकी करतूतें बंद नहीं होने वालीं। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि उस अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है।
Dakhal News
विपक्ष इसका महत्व समझ नहीं पा रहा है देश में नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। पीएम ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था।उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर 15 दल बीजेपी के समर्थन में आ गए हैं, वहीं कांग्रेस ने नई संसद के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है, 20 अन्य विपक्षी दलों ने भी उसका साथ दिया है।इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज24' पर आयोजित एक डिबेट में कहा कि उद्घाटन के बहिष्कार की बात तो बाद की है विपक्ष तो पहले दिन से ही इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है।उन्होंने कहा कि जब इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ तब भी विपक्ष ने इसका विरोध किया था। इसके बाद जब इसका काम आगे बढ़ाया गया तब भी नए संसद भवन का विरोध किया गया। उन्होंने आगे मायावती के बयान का संदर्भ देते हुए कहा कि उनकी बात सार्थक दिखाई पड़ती है।अगर आपको आदिवासी महिला से इतना ही लगाव था तो आपने राष्ट्रपति को निर्विरोध निर्वाचित क्यों नहीं होने दिया? उन्होंने कहा कि मान लीजिए अगर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इसका उद्घाटन करती तो भी विरोध के स्वर सामने आते! फिर विपक्ष ये कहता कि 28 मई को क्यों यह किया जा रहा है? वीर सावरकर से आप इसको जोड़ रहे हैं मतलब हिन्दू एजेंडा पर सवाल खड़े हो जाते!
Dakhal News
कांग्रेस शासनकाल में राष्ट्रपति पद को अपमानित किया गया नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह का आदेश देना उसका काम नहीं है।इसी मुद्दे पर हिंदी न्यूज चैनल 'डीडी न्यूज' के डिबेट शो '5 की पंचायत' में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने शो की एंकर 'रीमा पाराशर' के एक सवाल के जवाब में कहा कि आज हम इस बहस में पड़े हुए कि बड़ा कौन है? प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति! लेकिन वो समय याद करिए जब पीएम राजीव गांधी थे और राष्ट्रपति वेंकटरमण थे।उस समय मॉस्को में आयोजित हुए 'इंडिया फेस्टिवल' में तत्कालीन राष्ट्रपति ने पीएम राजीव गांधी का संदेश पढ़कर सुनाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में ना सिर्फ राष्ट्रपति बल्कि कई संवैधानिक पदों को अपमानित किया गया है।अगर देश के नए संसद भवन के उद्घाटन की बात है, तो ये उसी व्यक्ति का हक है जिसे देश की जनता ने जनादेश दिया है। उन्होंने बताया कि जब इस संसद का पहला सत्र होगा तो जाहिर सी बात है उसकी शुरुआत देश की माननीया राष्ट्रपति ही करेंगी। उन्होंने कहा कि इस देश की आदिवासी महिला पूरे शानो शौकत और मान सम्मान के साथ सत्र की शुरुआत करेंगी।
Dakhal News
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार, 23 मई को सिविल सर्विस परीक्षा 2022 के परिणामों की घोषणा की है। इन परिणामों के सामने आने के बाद ही कई उम्मीदवारों के संघर्ष की कहानियां लोगों के सामने आई है।वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर 'सुधीर चौधरी' ने अपने शो में एक ऐसे ही प्रतिभागी 'सूरज तिवारी' के संघर्ष की कहानी सुनाई जो कि आपके लिए प्रेरणा देने का काम करेगी। सुधीर चौधरी ने बताया कि UPSC 2022 की परीक्षा में सूरज की रैंक 917 आई है, लेकिन जिस हालात में उन्होंने पढ़ाई कर ये मुकाम हासिल किया है वो अंदर से आपको झकझोर देता है।उन्होंने बताया, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी के दोनों पैर नहीं हैं। एक हाथ भी नहीं है और दूसरे हाथ में सिर्फ 3 उंगलियां हैं। 6 साल पहले एक हादसे में उन्होंने शरीर के ये बेहद जरूरी अंग खो दिए। बात 2017 की है जब एक ट्रेन हादसे में ये सब कुछ हुआ। कुछ ही समय बाद सूरज के एक भाई की मौत हो गई। इससे घर की माली हालत और खराब हो गई।सूरज के पिता राजेश तिवारी टेलर मास्टर हैं, लेकिन सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने UPSC की परीक्षा देने का इरादा किया। इसके लिए पूरी शिद्दत से तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। वीडियो के अंत में सुधीर चौधरी ने इस देश के युवाओं से कहा कि आज आपको सूरज से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
Dakhal News
रजत शर्मा ने कहा, यह भारतीयों के लिए गर्व का विषय पीएम मोदी अपनी छह दिवसीय विदेश यात्रा को सम्पूर्ण करके वतन आ गए हैं। उनकी यह विदेश यात्रा बेहद सफल हुई और उन्हें अभूतपूर्व सम्मान प्राप्त हुआ है। उनकी इस विदेश यात्रा के पूरे होने पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने अपने ब्लॉग में इस विदेश यात्रा का विश्लेषण किया है।उन्होंने लिखा, ऑस्ट्रेलिया में नए भारत की ताकत दिखाई दी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने स्टेडियम में तीस हजार लोगों के सामने कहा, मोदी इज द बॉस, सिडनी के कुडोस बैंक अरेना में प्रोग्राम तो ऑस्ट्रेलिया में बसे भारतीयों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इंटरैक्शन का था, लेकिन इस प्रोग्राम में ऑस्ट्रेलिया की पूरी सरकार, विपक्ष के नेता और दूसरे दलों के नेता भी पहुंचे। यहां ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जो माहौल देखा, लोगों में जोश देखा,मोदी के प्रति लोगों की जो दीवानगी देखी, तो वो भी हैरत में पड़ गए। लेकिन मोदी ने न सियासत की बात की, न किसी की आलोचना की, सिर्फ भारत और भारतीयों की बात की।मोदी ने बताया कि आजकल दुनिया भारत को क्यों सलाम कर रही है! उनकी सरकार का मंत्र क्या है,उनकी सरकार के काम क्या हैं और उसका असर क्या हो रहा है। इस प्रोग्राम में मोदी ने आज जो कहा, उसे सुनना और देखना जरूरी है क्योंकि इससे पता चलता है कि मोदी को अब वर्ल्ड लीडर क्यों कहा जाता है।मोदी के प्रति लोगों में इतना भरोसा क्यों है.. 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तो बहुत सारे लोग पूछते थे कि ये विदेश नीति कैसे चलाएंगे, ये बड़े बड़े मुल्कों के नेताओं से संबंध कैसे बनाएंगे? आज उन लोगों को देखना और सुनना चाहिए कि कैसे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने मोदी को बॉस कहा, सिर्फ पिछले चार दिन में हमने देखा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन मोदी को ढूढ़ते हुए आए और उन्हें गले लगाया।अमेरिका के प्रेसीडेंट ने कहा कि मोदी की लोकप्रियता इतनी है कि लगता है उन्हें भी मोदी का ऑटोग्राफ लेना पड़ेगा। पापुआ न्यू गिनी के प्राइम मिनिस्टर ने मोदी के पैर छुए, ये छोटी बात नहीं है। पिछले नौ साल में मोदी जिस भी देश में गए उन्होंने वहां नेताओं से संबंध बनाए और भारत का मान बढ़ाया।इस बात में कोई शक नहीं कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूरी दुनिया में भारत के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। मैं जब भी विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों से बात करता हूं तो वो कहते हैं इस बदलाव को हर रोज अपने लाइफ में महसूस करते हैं, चाहे अमेरिका हो ,यूरोप हो या अफ्रीकी देश हर जगह भारत भारतीय और भारतीयता का सम्मान दिखाई देता है और इसका बहुत बड़ा श्रेय नरेन्द्र मोदी को जाना ही चाहिए।मोदी ने देश के लिए प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की बहुत दिमाग लगाया, छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखा, बड़े बड़े फैसले लिए और ये काम आसान नहीं था। आज अगर कोई देश यूक्रेन और रशिया दोनों से आंख में आंख डालकर बात कर सकता है तो वो भारत है। मुसीबत के वक्त दुनिया का कोई देश किसी दूसरे मुल्क से मदद की उम्मीद करता है. तो वो भारत है। दुनिया के किसी भी कोने में फंसे अपने नागरिकों की सबसे पहले हिफाजत करता है तो वो भारत है।अगर तरक्की के लिए, बढ़ते प्रभाव के लिए किसी देश की मिसाल दी जाती है. तो वो भारत है। हिन्दुस्तान की ये पहचान नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बनी है इसीलिए नरेन्द्र मोदी को आज वर्ल्ड लीडर माना जाता है, और ये मान सम्मान सिर्फ तस्वीरों और स्पीचेज तक सीमित नहीं रहता है। पूरे मुल्क को इसका फायदा व्यापार में होता है, टूरिज्म में होता है, इन्वेस्टमेंट में होता है। जब किसी देश का नेता बड़ा बनता है तो दुनिया में उसका मान बढता है, उसका फायदा देश के ओवरऑल डेवलपमेंट को होता है।
Dakhal News
‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने अवमानना से जुड़े वर्ष 2016 के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है।‘टेरी’ (TERI) के पूर्व एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन आर.के पचौरी ने वर्ष 2016 में अरनब गोस्वामी और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद आर.के पचौरी के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग पर अवमानना याचिका दायर की गई थी।28 अप्रैल को हाई कोर्ट में पेश किए गए गोस्वामी के हलफनामे में कहा गया है, ‘मैं माननीय अदालत से माफी मांगता हूं और अनुरोध करता हूं कि यह माननीय अदालत माफी स्वीकार करने और उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही को बंद करने की कृपा करे।’हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अरनब गोस्वामी कानून का पालन करने वाले और देश के सम्मानित नागरिक हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी अदालतों को उच्च सम्मान देते हैं।हलफनामे के अनुसार, ‘न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। यह कथित प्रसारण इस विश्वास के तहत किया गया था कि माननीय न्यायालय द्वारा 18.02.2015 को पारित आदेश के संदर्भ में इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया था। यह कथित प्रसारण भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मिली स्वतंत्रता के मद्देनजर निष्पक्ष रिपोर्टिंग के हिस्से के रूप में किया गया था।’
Dakhal News
राणा यशवंत ने कही मन की बात संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में पहला और दूसरा रैंक प्राप्त करने वाली दोनों बेटियां बिहार की हैं। पहला स्थान पटना की इशिता किशोर को, जबकि दूसरा स्थान बक्सर की गरिमा लोहिया को मिला।इशिता का परिवार पहले पटना में ही रहता था और अब वो नोएडा में रहते हैं। बिहार की बेटियों की इस सफलता पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने ट्वीट कर उन्हें बधाई तो दी ही उसके साथ ही अपने मन की एक पीड़ा भी व्यक्त की।उन्होंने लिखा, UPSC में पहला और दूसरा स्थान बिहार की बेटियों का है। इशिता और गरिमा की सफलता ने गांव देहात में पढ़ने वाली बिहार की लाखों बेटियों के सपनों को साहस दिया होगा। बदकिस्मती ये है कि इशिता और गरिमा जैसी लड़कियों को क्वॉलिटी एजुकेशन और सही माहौल के लिए बिहार से बाहर आना पड़ता है।आपको बता दें कि UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के तहत आईएएस, आईपीएस समेत सर्विसेज में 1011 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें चयनित उम्मीदवारों में 345 जनरल, 99 ईडब्ल्यूएस, 263 ओबीसी, 154 एससी, 72 एसटी उम्मीदवार हैं।
Dakhal News
अनुराग दीक्षित ने किया ये बड़ा सवाल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार में विपक्ष एकजुट हो गया है। नए संसद भवन के उद्घाटन में तमाम पार्टियों को शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था और अब 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे, लेकिन अब इस खूबसूरत बिल्डिंग को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।अब इस मसले पर पत्रकार अनुराग दीक्षित ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, राष्ट्रपति बनाम प्रधानमंत्री की गैरजरूरी बहस के बीच संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कांग्रेस शामिल नहीं होगी! जिस इमारत की मांग खुद कांग्रेस सरकार में हुई थी, विरोध की सियासत के चलते उसी इमारत से दूरी का ऐलान! वैसे संविधानिक पद की दुहाई वो पार्टी दे रही हैं, जो देश को ना सिर्फ आपातकाल देती है, बल्कि PM मनमोहन सिंह के ऊपर 'सुपर PM' बिठाती है - NAC मुखिया के तौर पर!
Dakhal News
कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम ने बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश पर अपनी नजरें जमा दी हैं। प्रदेश के चुनावी साल में अब घोषणाओं की झड़ी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। साथ ही 200 यूनिट तक की खपत पर आधे बिल का ही भुगतान उपभोक्ताओं को करना होगा।इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, क्या कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की 'संजीवनी' छीन ली है? इस बात की जबरदस्त चर्चा है कि कांग्रेस अब आम आदमी पार्टी को कहीं उठने नही देगी। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का 'फ्री' ब्रह्मास्त्र पूरी तरह हाईजैक कर लिया है। हिमाचल और कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश चुनावों में भी कांग्रेस ने यही ब्रम्हास्त्र चल दिया है। मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस ने अभी से 100 यूनिट फ्री बिजली, लोन माफी, 500 रुपए में सिलेंडर और ओल्ड पेंशन स्कीम का ऐलान कर दिया है।आपको बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पहले से 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही है। आप के इस ऐलान के बाद पार्टी लगातार दो विधानसभा चुनावों में सफल रही है। दिल्ली में मुफ्त बिलजी योजना इसकी बड़ी भूमिका मानी जाती है।
Dakhal News
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चैंपियन चुप कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सीएम सिद्धरमैया के एक निर्णय के बाद विवाद हो गया है। दरअसल, प्राइमरी स्कूल के एक टीचर को महज इस वजह से सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि उसने फेसबुक पोस्ट में सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक बात लिखी थी।सरकार ने सिविल सर्विसेज रूल्ज 1966 के तहत होसदुर्गा तालुका के प्राइमरी शिक्षक शांता मूर्ति एमजी के खिलाफ कार्रवाई की। इस पूरे मामले पर पत्रकार अर्चना सिंह ने एक ट्वीट करते हुए इसे गलत निर्णय करार दिया।उन्होंने लिखा, कर्नाटक के चित्रदुर्ग के प्राइमरी टीचर शांता मूर्ति को सीएम सिद्धारमैया की फ्री पॉलिटिक्स की आलोचना करने पर सस्पेंड कर दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर छाती पीटने वाले चैंपियन चुप, क्योंकि ये कांग्रेस के राज में हुआ,बीजेपी का राज्य होता तो लोकतंत्र संविधान खत्म इमरजेंसी लग गई होती।आपको बता दें कि शांता मूर्ति ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि सिद्धरमैया मनमुताबिक मुफ्त योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि पहले सीएम रहते उन्होंने बेतहाशा कर्ज लिया था। सरकार को इस फेसबुक पोस्ट का पता तब चला, जब ये पोस्ट वॉट्सऐप ग्रुप पर वायरल हो गई।उसके बाद सीएमओ एक्शन में आया और चित्रदुर्ग के शिक्षक को 6 माह के लिए सस्पेंड करने का आदेश जारी किया गया। पत्रकार अर्चना सिंह के द्वारा किये गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
Dakhal News
चित्रा त्रिपाठी बोलीं- कश्मीर में लौट रहा अमन-चैन जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक जम्मू कश्मीर में हो रही है। इस इवेंट को लेकर श्रीनगर से लगातार खूबसूरत तस्वीरें आ रही हैं। श्रीनगर में जी20 की बैठक के दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं।श्रीनगर में एक तरफ पर्यटकों की गहमा-गहमी है, तो दूसरी तरफ जी20 के डेलीगेट्स का स्वागत सत्कार और बैठक चल रही है। अगस्त 2019 में घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम यहां चल रहा है, जिसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आसमान से जमीन पर नजर रखी जा रही है। इस आयोजन पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 37 सालों के बाद घाटी में हो रहा ये सबसे बड़ा आयोजन है. 370 के खात्में का असर दिख रहा है। कश्मीर में 2022 में रिकॉर्ड पौने दो करोड़ से ज़्यादा पर्यटक पहुंचे थे। इस बार ये आंकड़ा दो करोड़ को पार कर सकता है। इस आयोजन से दुनिया भर का भरोसा मजबूत हुआ है कि घाटी के अच्छे दिन आ गए हैं। कश्मीर में 80 के दशक का अमन-चैन लौट रहा है। आख़िरी बड़ा आयोजन-1986 में भारत-ऑस्ट्रेलिया का मैच हुआ था।आपको बता दें कि जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा ज्ञान, ज्ञान और लुभावने परिदृश्य का केंद्र रहा है। 30 वर्षों तक शांति की इस भूमि को हमारे पड़ोसी देश द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होना पड़ा।
Dakhal News
जयदीप कर्णिक ने दी ये नसीहत नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर एक नया सियासी संग्राम शुरू हो गया है। पीएम मोदी 28 मई को इस नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं, हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि ‘सर्वोच्च संवैधानिक पद’ पर होने के नाते राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए और इसकी शुरुआत खुद राहुल गांधी ने ट्वीट करके की थी।28 मई को वीर सावरकर की जयंती है, जो बीजेपी के सबसे बड़े आदर्श माने जाते रहे है वहीं कांग्रेस का आरोप है कि इस तारीख का चयन देश के संस्थापक पिताओं का 'अपमान' है। इस मामले पर 'समाचार4मीडिया' ने वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक से बात की।उन्होंने कहा, नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जो विवाद है वो मूलतः राजनीतिक है। सौ बरस पुराने भवन के स्थान पर भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए नया भवन बनना चाहिए ये तो सभी दल मान रहे थे। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही इसे प्राथमिकता दी और अब दूसरा कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इसका उद्घाटन होने जा रहा है, तो ये बड़ी उपलब्धि है।सरकार इसे अपने पक्ष में भुनाएगी ही। अगर इसकी बनावट में कोई गड़बड़ हुई है, कोई घोटाला हुआ है, कोई काम सही नहीं हुआ है तो विपक्ष को उसे उठाना चाहिए। उद्घाटन कौन कर रहा है, इस मुद्दे को उठाने से विपक्ष को कोई लाभ नहीं मिलने वाला।आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने भी यह कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह प्रधानमंत्री मोदी को नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया जाना उनके साथ-साथ देश के आदिवासी और पिछड़े समुदायों का ‘अपमान’ है।
Dakhal News
पद्मश्री आलोक मेहता ने कही ये बड़ी बात जम्मू-कश्मीर में जी-20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग को लेकर पाकिस्तान और चीन दोनों को ही मिर्ची लगी हुई है। दरअसल, जी-20 पर्यटन कार्य समूह की तीन दिवसीय तीसरी बैठक श्रीनगर में शुरू हो गई है। विभिन्न सदस्यों देशों के प्रतिनिधि श्रीनगर हवाईअड्डे पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्हें स्वागत स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।इसके बाद स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा लाइव संगीत और पारंपरिक नृत्य की झलक दिखाई गई। हालांकि इस बैठक से पाकिस्तान और चीन दोनों ही खुश नहीं है, क्योंकि दोनों मुल्कों ने इस बैठक को रोकने के भरसक प्रयास किए थे। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि 'विवादित क्षेत्र' में किसी तरह की बैठक आयोजित करने का चीन दृढ़ता से विरोध करता है।इस मामले को लेकर 'समाचार4मीडिया' ने पद्मश्री आलोक मेहता से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर कश्मीर में जी 20 देशों के संगठन के नेताओं की बैठक ऐतिहासिक मोड़ और भविष्य में नई प्रगति का विश्वास दिलाई देती दिख रही है। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं और डल झील से आतंकवाद के विरुद्ध शांति खुशहाली की हवा और खुशबू दुनिया तक पहुंच रही है। सम्पन्न विकसित देशों का समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से मिल रहा है और कश्मीर में सम्पन्नता के रास्ते खुल रहे हैं। इससे पर्यटन, टेक्सटाइल उद्योग का विस्तार और रोजगार से लाखों युवाओं महिलाओं को लाभ मिलेगा। जय कश्मीर जय भारत।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह ने बताया कैसे बदला भारत भारत के पीएम नरेंद्र मोदी इस समय अपने 6 दिवसीय विदेशी दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी कई देशों के राजनेताओं से मिलने के साथ ही कई कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहे हैं।इस विदेशी दौरे पर पीएम मोदी को जो आदर सत्कार मिल रहा है, वो अभूतपूर्व है। पीएम मोदी को फिजी और पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ विदेश में एक बार फिर पीएम मोदी का डंका बज गया।इसी मुद्दे को लेकर 'डीडी न्यूज' के डिबेट शो में वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह ने बताया कि आज कैसे विदेश नीति में भारत आगे निकल रहा है। शो की एंकर रीमा पाराशर के एक सवाल के जवाब में रामकृपाल सिंह जी ने कहा कि मैं 26 साल संपादक रहा हूं और मुझे याद है कि जब राजीव गांधी अमेरिका गए थे वो वहां के अखबारों के आखिरी पन्ने पर एक छोटी सी खबर छप जाती थी और ये वो दौर था जब वो 400 लोकसभा सीट के प्रचंड बहुमत से पीएम बने थे।आगे उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पीएम मोदी का विदेश में सम्मान हो रहा है और वहां के मीडिया और अखबार जिस तरह देश की चर्चा कर रहे हैं, वो देखकर उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने शो में यह भी कहा कि जब 'जॉर्ज बुश' भारत आते थे, तो यहां के अखबार पहले पन्ने पर उनकी खबर लगाते थे और हमारे लोग जब वहां जाते थे तो उन्हें उचित कवरेज नहीं मिलती थी और ये देखकर एक संपादक के नाते उन्हें पीड़ा होती थी।
Dakhal News
अखिलेश शर्मा ने कही ये बात प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप देशों में भी पीएम नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता अब बढ़ रही है। पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी का जिस तरह का स्वागत किया गया है उसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। अब पापुआ न्यू गिनी ने उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बाब दबाई ने पीएम मोदी को ग्रैंड कैम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु दिया।इस दौरान इस क्षेत्र के एक दूसरे देश फिजी ने भी अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किया है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को मिला हर सम्मान भारत का सम्मान है। यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेशी धरती पर ऐसा सर्वोच्च सम्मान मिला हो। इससे पहले भी उन्हें कई देशों में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा है।सऊदी अरब, अफगानिस्तान, फिलस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, मालदीव, बहरीन, अमेरिका, भूटान आदि देशों के विभिन्न सम्मान दिए जा चुके हैं। इनके अलावा पीएम को सोल पीस प्राइज़, संयुक्त राष्ट्र का चैंपियन्स ऑफ द अर्थ अवार्ड, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन का ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड भी दिया जा चुका है।
Dakhal News
आतंक देखना हो तो प.बंगाल को देखिए 'द केरल स्टोरी' इस समय देश के सिनेमाघरों में धूम मचा रही है और फिल्म की कमाई 200 करोड़ को छूने वाली है। लेकिन पश्चिम बंगाल के मूवी हॉल से 'द केरल स्टोरी' इस समय भी गायब है।सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिबंध को पलट दिया और सरकार से कहा कि फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती और सुरक्षा के इंतज़ाम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके बाद भी बंगाल के सिनेमाघरों में यह फिल्म नहीं दिखाई जा रही।इसी बीच फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उन्हें कई हॉल मालिकों ने बताया है कि उन्हें धमकी दी गई है और फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने के लिए कहा है। इस पुरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट कर अपनी राय दी है।उन्होंने लिखा, तानाशाही और एक तानाशाह शासक का आतंक देखना हो तो प.बंगाल को देखिए। ममता बनर्जी ने सेंसर का सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि बैन हटाओ,गलत है। पर सर्वोच्च अदालत के फैसले के 2 दिन बाद भी प.बंगाल के किसी थियेटर में फिल्म नहीं चली।इस फिल्म में बताया गया है कि कैसे केरल की महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) में भर्ती किया गया था। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर अशोक श्रीवास्तव के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं |
Dakhal News
हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के एक डिबेट शो में एंकर चित्रा त्रिपाठी और स्वराज्य इंडिया के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के बीच एक मामले को लेकर हुई बहस ट्विटर पर तीखी नोकझोंक में बदल गई।दरअसल अपने डिबेट शो में चित्रा त्रिपाठी ने देश में पहली बार हुए चुनावों के जातीय आंकड़े सामने रखे थे। उन्होंने जानकरी दी कि किस प्रकार आजादी के बाद लोकसभा और विधानसभा में ब्राह्मण सदस्यों की संख्या अधिक थी। योगेंद्र यादव ने शो के दौरान इसे ‘पीड़ा’ बताते हुए कई तरह के सवाल खड़े किए थे। योगेंद्र यादव ने चित्रा त्रिपाठी से कहा कि 'मैं मानता हूं कि ये आपकी व्यक्तिगत पीड़ा नहीं होगी।' इसके जवाब में चित्रा त्रिपाठी ने कहा कि उनका मकसद सिर्फ एक तथ्य की ओर ध्यान दिलाना था। इसके बाद वह इस मुद्दे को लेकर ट्विटर पर भी कूद पड़े और ट्वीट करते हुए इस मुद्दे को और ज्यादा उछालना शुरू कर दिया।उन्होंने लिखा, मैने पूछ ही लिया कि 'आजतक' बार बार उस युग को क्यों याद कर रहा है, जब अधिकांश मुख्यमंत्री और एक चौथाई सांसद ब्राह्मण होते थे? कहीं इसके पीछे कोई पीड़ा तो नहीं? या उस अतीत का मोह? जाहिर है सवाल मेरी ही नीयत पर उठाए गए।उनके इस ट्वीट के बाद चित्रा त्रिपाठी ने भी ट्विटर पर उन्हें जवाब देते हुए लिखा कि आपकी व्यक्तिगत कुंठा को समझा जा सकता है। मुझे आपके साथ सहानुभूति है। पहले अन्ना आंदोलन में अपने आपको कामयाब करने की कोशिश, फिर पद नहीं मिलने पर केजरीवाल से अदावत, फिर स्वयंभू बनने की कोशिश स्वराज आंदोलन से, अंततोगत्वा राहुल गांधी की शरण में (जो एक जनेऊधारी ब्राह्मण हैं), मैं ये नहीं कहूंगी कि आप अतिपाखंडी हैं मगर अपनी महत्वाकांक्षा के लिए मीठी जुबान से समाज को विभाजित करना देश के साथ गद्दारी होती है। मेरा सवाल काट कर मुझे ट्रोल कराने के लिए धन्यवाद। ईश्वर आप पर रहम करें।
Dakhal News
‘टाइम्स समूह’ (Times Group) में समीर जैन और विनीत जैन के बीच कारोबार के बंटवारे की खबरों के बीच कंपनी ने अपने एंप्लॉयीज के लिए एक स्टेटमेंट जारी कर मीडिया में इस बारे में चल रही अटकलों को गलत बताया है।इस बारे में ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) के कंपनी सेक्रेट्री कौशिक नाथ की ओर से एंप्लॉयीज के लिए जारी स्टेटमेंट में कहा गया है, ‘कंपनी में एक प्रमुख पद पर होने के नाते एंप्लॉयीज को सूचित करना मेरा कर्तव्य है कि उन्हें कंपनी के पुनर्गठन के बारे में मीडिया में चल रही अटकलों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सोशल मीडिया में इस बारे में तमाम अटकलें और गलत जानकारी है।’मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बंटवारे के तहत समीर जैन को समूह का प्रिंट बिजनेस और उनके छोटे भाई विनीत जैन को ब्रॉडकास्ट, रेडियो मिर्ची और एंटरटेनमेंट (ENIL) समेत अन्य बिजनेस की कमान मिलेगी।
Dakhal News
विक्रम चंद्रा एक भारतीय पत्रकार हैं। जिन्होंने एक बहुभाषी वीडियो समाचार मंच, एडिटरजी टेक्नोलॉजीज की स्थापना की। विक्रम चंद्रा का जन्म 7 जनवरी 1967 को हुआ था। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, चंद्रा ने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली में दाखिला लिया और अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड में एक इनलैक्स स्कॉलरशिप पर अध्ययन किया। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मास मीडिया में तीन महीने का कोर्स भी किया है। उन्होंने सीमा चंद्रा से शादी की है। चंद्रा ने 1991 में टेलीविज़न पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत न्यूज़ट्रैक नामक एक टीवी समाचार पत्रिका के साथ की। वह 1994 से नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के साथ हैं। इन वर्षों के दौरान, उन्होंने प्राइम टाइम 9 ओ'क्लॉक न्यूज , गैजेट गुरु ( राजीव मखनी के साथ ) पर काम किया, जो नई तकनीकों के बारे में एक समीक्षा शो था। 2000 में चंद्रा ने NDTV.com की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो देश की शीर्ष वेबसाइटों में से एक बन गई। 2007 में, उन्हें एनडीटीवी नेटवर्क्स के सीईओ नामित किया गया था, और 2011 में उन्हें एनडीटीवी समूह के सीईओ के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने 2016 में एनडीटीवी से इस्तीफा देकर 'एडिटरजी' की स्थापना की। और उनकी जगह केवीएल नारायण राव को एनडीटीवी के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया। जिनके पास पहले से ही एनडीटीवी के सीईओ के रूप में एक कार्यकाल था।
Dakhal News
इंडिया टुडे टेलीविजन और आजतक मशहूर एंकर राहुल कंवल का जन्म 14 सितम्बर 1980 को डोलली, महाराष्ट्र (Home Town बिहार की राजधानी पटना) में हुआ था। राहुल ने जन संचार में डिग्री हासिल करके पत्रकारिता की दुनिया में नाम कमाएं है। राहुल ने पटना बिहार से संचार संकाय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। आजतक से पहले राहुल इंडिया टुडे में काम करते थे। यह आजतक पर हेडलाइन टुडे के एग्जीक्यूटिव एडिटर हैं, और देश, दुनिया के ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा का कार्यक्रम करते है। राहुल कँवल ने Hostile Environment Journalism का कोर्स भी किया है। राहुल ने आजतक न्यूज़ चैनल वर्ष 2002 में ज्वाइन किया था।
Dakhal News
रोहित सरदाना का जन्म 22 सितंबर 1981 को हरियाणा में हुआ था। रोहित ने हरियाणा से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वह हिसार चले गए और उन्होंने गुरु जम्बेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दाखिला लिया। उन्होंने वहां से मनोविज्ञान में स्नातक(BA) की डिग्री हासिल की है, और उसी यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स (MA) की डिग्री हासिल की है। बचपन से रोहित का सपना था चाहे जो हो मुझे टीवी पर आना है, इसीलिए उन्होंने पत्रकारिता में करियर बनाने का सोचा। शुरुआत में रोहित कुछ अखबारों के लिए भी लिखते थे, और यही वजह रही उनके टीचर ने उन्हें पढ़ाई के साथ काम करने के लिए भी कहा. रोहित ने फिर कुछ इंटरव्यू दिए और उनकी रेडिओ स्टेशन में नौकरी लग गई। रोहित पढाई के साथ ही नौकरी भी करने लगे। 2004 में, सहारा के लिए उन्हें सहायक निर्माता के रूप में काम करने का मौका मिला और ज़ी न्यूज़ में कार्यकारी संपादक के रूप में शामिल होने से पहले उन्होंने सहारा में दो साल तक काम किया। रोहित सरदाना आज तक के लिए काम कर रहे थे. कुछ दिनों से वे अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के कारण भर्ती थे। इसी दौरान हृदयगति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी। 30 अप्रेल 2021 को सुबह जब उन्हें अटैक आया उसके बाद डॉक्टर उन्हें वेंटीलेटर पर भी ले गए. लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके।
Dakhal News
नीरज बधवार ने कही यह बड़ी बात पटना में बाबा बागेश्वर की हनुमान कथा भले ही खत्म हो गई है, लेकिन उनकी कथा में उमड़े जन सैलाब ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। माना जा रहा है कि उनकी कथा में दस लाख से अधिक की भीड़ आई और उतनी भीड़ बिहार की जनता ने कभी नहीं देखी।राजधानी पटना से सटे नौबतपुर के तरेत पाली में पांच दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन किया गया था और इस कथा आयोजन पर सियासत भी खूब हुई। इस पूरे मामले पर लेखक और पत्रकार नीरज बधवार ने ट्वीट कर अपनी राय दी है। उन्होंने लिखा, जिस समाज में व्यवस्था जितनी कमजोर होती है, वहां माफिया और धर्मगुरु उतने ही मजबूत हो जाते हैं।जब व्यवस्था आम लोगों को न्याय नहीं दिलाती तो उस न्याय के लिए लोग बाहुबल और चमत्कार के भरोसे हो जाते हैं। आप व्यवस्था को मजबूत कर दीजिए, माफिया, फर्जी धर्मात्मा, टोना-टोटका खुद ब खुद खत्म हो जाएंगे। एक गरीब इंसान जो अपने बच्चे का इलाज प्राइवेट अस्पताल में नहीं करा सकता। अच्छे सरकारी अस्पताल में उसका नंबर नहीं आता, उसे किसी चमत्कारी बाबा का पता लगेगा, तो उसे आखिरी उम्मीद मान उसके पास जाएगा ही जाएगा। समाज का हर वंचित इंसान, समाज के हर शातिर इंसान के लिए एक आसान शिकार है।जब सरकारें अपने ही कमजोर लोगों को उनके हाल पर छोड़ देती हैं, उनके साथ न्याय नहीं करती, तो न्याय के नाम पर उनका शोषण करने के लिए ठगों की एक समानान्तर व्यवस्था खड़ी हो जाती है।आपको ठगों से चिढ़ हैं तो उससे ज्यादा गुस्सा उस व्यवस्था से होना चाहिए, जो ऐसे ठगों और माफियाओं को जन्म लेने देती है।
Dakhal News
अभिषेक उपाध्याय ने बताई अंदर की बात पांच दिनों तक चले गहरे सियासी मंथन के बाद कर्नाटक को नया सीएम मिल गया है। कांग्रेस ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का नाम फाइनल कर दिया है और वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। डीके शिवकुमार भी लगातार सीएम पद के लिए कोशिश करते रहे, लेकिन वह रेस में पीछे छूट गए।इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी से लेकर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी तक से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी। इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने लिखा, डीके शिवकुमार ने कोई त्याग नहीं किया है। बल्कि बुद्धिमत्ता से समझदारी भरा सौदा किया है। वे अपने धैर्य और समझदारी के चलते बेहद फायदे में रहे हैं। वे खुद जानते थे कि ED/CBI और IT के लंबित मामलों के चलते उनका CM बनना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हैं। ऐसे में उन्होंने इस मामले को वहां तक खींचा जहां तक उन्हें सिद्धारमैया के बाद का 'सर्वश्रेष्ठ' हासिल हो सके। वह उन्हें मिल भी गया है।
Dakhal News
हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा - ले डूबा बड़बोलापन केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है। उनकी जगह राजस्थान से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत में राजस्थान में चुनाव के चलते सरकार ने ये निर्णय लिया है।किरेन रिजिजू बतौर केंद्रीय कानून मंत्री लगातार चर्चा में रहे और उन्होंने पिछले दिनों न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। अब किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय से बदलकर भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया है। इस फेरबदल पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, किरेन रिजिजू को बड़बोलापन ले डूबा। मोदी सरकार शासन में बड़े सुधार चुपचाप करती रही है। न्याय पालिका में भी सुधार पर मोदी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन किरेन रिजिजू ने उसे इस तरह से प्रस्तुत करना शुरू कर दिया था कि सरकार और मुख्य न्यायाधीश के बीच कोई जवाबी कव्वाली चल रही हो।
Dakhal News
आनंद नरसिम्हन ने कही ये बड़ी बात कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस पार्टी में अभी भी मंथन चल रहा है। हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने सिद्धारमैया के पक्ष में फैसला लिया है और उन्हें अभी अकेले ही शपथ दिलवाई जाएगी। राहुल गांधी फिलहाल डीके शिवकुमार से बात कर रहे हैं और उन्हें राजी किया जा रहा है कि वह डिप्टी सीएम बन जाएं। डीके शिवकुमार को यह भी समझाया गया है कि भविष्य में वही पार्टी के चेहरा होंगे। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार आनंद नरसिम्हन ने इस पूरे मसले पर ट्वीट किया और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, अगर सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले सीएम हैं तो क्या डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनना चाहेंगे? या क्या वह अपने भाई डीके सुरेश को डिप्टी सीएम बनवा देंगे! इसके अलावा महत्वपूर्ण विभागों को सुरक्षित करने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव डालेंगे। सरकार में अपना आदमी, पार्टी का नियंत्रण। बराबरी का दर्जा! वफादारी और रॉयल्टी।
Dakhal News
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही हैं। पाकिस्तान स्थित पंजाब सरकार का कहना है कि इमरान के जमान पार्क स्थित घर में 30-40 आतंकी छिपे हैं। पंजाब की अंतरिम सरकार ने पीटीआई को पूर्व प्रधानमंत्री के लाहौर स्थित जमान पार्क आवास में शरण लेने वाले 30-40 आतंकवादियों को पुलिस को सौंपने के लिए 24 घंटे की समय सीमा दी है।वहीं इमरान खान के ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट भी किया गया है और गिरफ्तारी की आशंका जताई गई है। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने ट्वीट कर अपनी राय दी है।उन्होंने लिखा, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की बेबसी और डर का अंदाजा लगाइए। जिस पाकिस्तानी आर्मी के कारनामों और हॉरर फाइल्स को भारत सालों से दुनिया के सामने रख रहा था आज उसी आर्मी की बैगैरती को नजदीक से महसूस कर रहे हैं! खान साहब,बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए। आपकी सलामती की दुआएं, हैं तो आप पड़ोसी ही।
Dakhal News
नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (New Delhi Television Ltd.) यानी कि 'एनडीटीवी' विभिन्न भारतीय भाषाओं में 9 न्यूज चैनल शुरू करेगा। यह फैसला 17 मई को हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया। इसके लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय की अनुमति लेने के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद चैनलों के लॉन्च करने की तारीख की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी जाएगी।बता दें कि AMG मीडिया नेटवर्क्स ने एक सब्सिडियरी के जरिए 30 दिसंबर 2022 को राधिका रॉय और प्रणय रॉय से NDTV में 27.26% हिस्सा खरीदा था, जिसके बाद AMG मीडिया की NDTV में कुल हिस्सेदारी 64.71% है। NDTV ने इसी महीने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि कंपनी का नया मैनेजमेंट अब कंटेंट और मार्केटिंग-डिस्ट्रिब्यूशन में निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे लॉन्ग टर्म ग्रोथ हासिल की जा सके और सभी सेगमेंट में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई जा सके।
Dakhal News
जयदीप कर्णिक बोले- कांग्रेस की राह नहीं आसान कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है और डीके शिवकुमार के बाद सिद्धारमैया ने भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है।इसी बीच सियासी हलकों में चर्चा है कि कर्नाटक के अगले सीएम सिद्धारमैया होंगे और उनके नाम पर पार्टी सहमत है। हालांकि दिल्ली रवाना होने से पहले कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि उनकी पार्टी एकजुट है।दरअसल, कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस के अंदर लगातार मंथन जारी है। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पहुंचे।इसी बीच 'समाचार4मीडिया' ने वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक से कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम पर बात की और पूछा कि अगर डीके शिवकुमार को सीएम नहीं बनाया गया, तो क्या कर्नाटक में भी एमपी और राजस्थान जैसा संकट पैदा हो सकता है?इस सवाल के जवाब में जयदीप कर्णिक ने कहा कि कर्नाटक में ऐतिहासिक जीत के बाद भी कांग्रेस अभी बेचैन है। मुख्यमंत्री का पद उसके लिए गले की हड्डी बन गया है। गुप्त मतदान में सिद्धारमैया को ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं जीत में डीके शिवकुमार के योगदान को दरकिनार नहीं किया जा सकता। जीत के बाद निकले उनके आंसू अभी गीले ही हैं। वो इनकी कीमत भी बखूबी जानते हैं। उनके भाई भी डटे हुए हैं। ज्योतिरादित्य को दरकिनार करने की सजा कांग्रेस मध्यप्रदेश में भुगत चुकी है। राजस्थान में सचिन पायलट लगातार सिरदर्द बने हुए हैं। ऐसे में जीत के बाद भी कांग्रेस की राह आसान नहीं है। पूरे पांच साल ठीक से सरकार चला ले जाना बहुत बड़ी चुनौती होगी।
Dakhal News
बागेश्वर सनातनी नहीं बोलेंगे अल्लाह-हू-अकबर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों पटना में हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार दौरे को लेकर खूब सियासत हो रही है। बाबा की कथा में ऐसी भीड़ उमड़ रही है जो शायद ही कभी बिहार की जनता ने देखी हो, ऐसे में सियासी तूफान उठना तो तय है।वैसे भी बीजेपी तो बाबा की आवभगत में लगी ही हुई है। इसी बीच झारखंड कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने बागेश्वर बाबा को लेकर टिप्पणी की है। जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि यदि बागेश्वर बाबा सच्चे हैं तो सभी धर्मों का सम्मान करें। वह अपने मंच से अल्लाह-हू-अकबर का भी नारा लगाएं।इसी मामले बीजेपी बिहार के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'आजतक' की एंकर चित्रा त्रिपाठी के शो 'दंगल' में उनसे खास बात की। जब चित्रा त्रिपाठी ने उनसे ये पूछा कि इरफान अंसारी तो बाबा से 'अल्लाह हू अकबर' बोलने के लिए कह रहे हैं, तो उसके जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि वो कब से संतों को सलाह देने लगे?आगे उन्होंने कहा कि मुस्लिम हो या ईसाई हो ये सभी धर्म हजारों साल से होंगे, लेकिन सनातन धर्म का कोई आदि अंत नहीं है। उन्होंने कहा, हमारें पास पूजन करने के लिए 33 कोटि देवता है जिनकी सेवा करने के लिए एक जन्म भी कम पड़ेगा।
Dakhal News
दीपक चौरसिया ने यूं दिया जवाब बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री इस समय बिहार में है और उनको सुनने के लिए इतनी भीड़ उमड़ रही है कि बाबा को अनहोनी की आशंका होने लगी है। माना जा रहा है कि बाबा को सुनने कम से कम 10 लाख लोग आ रहे हैं।इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के डिबेट शो ‘क़सम संविधान की’ में आरजेडी नेता सैयद फैजल अली ने धीरेंद्र शास्त्री की तुलना अमृपताल से कर दी जिसका वीडियो खुद दीपक चौरसिया ने ट्वीट करते हुए शेयर किया है।उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मेरे शो ‘क़सम संविधान की’ में आज आरजेडी नेता सैयद फैजल अली ने साफ साफ कहा कि बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ठीक वैसे ही बात कर रहे हैं जैसी आतंकी संगठन से ताल्लुक रखने वाला अमृतपाल किया करता है। क्या ये तुलना सही है, आप खुद विचार करिए।इस वीडियो में दीपक चौरसिया कहते हैं कि भारत का संविधान किसी भी व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने की इजाजत देता है। अगर बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं तो इसमें क्या बुरा है?आपको बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की पटना में चल रही कथा में शामिल नहीं होंगे। दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री के पटना आने का राजद के कई नेता विरोध कर चुके हैं। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, हमारे यहां बहुत सारे निमंत्रण आते रहते हैं। जहां जनता का काम होता है, वहीं हमलोग जाते हैं।
Dakhal News
विनोद अग्निहोत्री ने कही ये बड़ी बात कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कई आलोचक पीएम मोदी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी के शानदार रोड शो और रैलियों के बाद भी बीजेपी 70 सीट के भीतर सिमट गई।इस मामले को समझने के लिए 'समाचार4मीडिया' ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री जी से बात की और पूछा कि क्या वाकई ऐसा है? क्या एक चुनाव हारने भर से मोदी का जादू कम हो गया? क्या यूपी निकाय चुनाव में जीत मिलने से अब योगी पीएम मोदी से अधिक लोकप्रिय हो जाएंगे?इन सवालों के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने कहा, किसी एक चुनाव के नतीजों को किसी भी नेता के करिश्मे और लोकप्रियता के घटने बढ़ने का पैमाना नहीं माना जा सकता है। हर चुनाव के मुद्दे माहौल परिदृश्य अलग अलग होते हैं।कर्नाटक चुनाव में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतना सघन प्रचार नहीं करते तो बीजेपी की सीटें 50 से भी कम हो सकती थीं, क्योंकि राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में जबरदस्त नाराजगी थी और कर्नाटक में येदुरप्पा के बाद उनके जैसा कोई दूसरा नेता नहीं है, जिसका पूरे राज्य में प्रभाव हो।मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई बेहद कमजोर नेता साबित हुए। सारा दारोमदार सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी पर था, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है। स्थानीय निकायों में बीजेपी शुरू से मजबूत रही है। पिछली बार भी कुल 17 नगर निगमों में 14 में बीजेपी के महापौर थे और आम तौर पर निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल को ही फायदा मिलता है।हाल के वर्षों में जिस तरह कुछ नामी माफिया नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई, कई अपराधी मारे गए उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि एक मजबूत नेता की बनी और उन पर भ्रष्टाचार का भी आरोप नहीं है। इन सबका फायदा भी बीजेपी को निकाय चुनावों में मिला। लेकिन इससे मोदी के नेतृत्व को कमजोर मानना अभी जल्दबाजी होगी। इसी साल अन्य चार राज्यों के होने वाले चुनावों के नतीजों का हमें इंतजार करना चाहिए।
Dakhal News
देश की जानी-मानी न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) के एडिटर राजेश महापात्रा के बारे में एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के अनुसार, राजेश महापात्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि महापात्रा ने ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) में अपनी करीब 11 साल पुरानी पारी को विराम देकर पिछले साल जून में ही ‘पीटीआई’ जॉइन किया था।अपने 25 साल के लंबे करियर में महापात्रा बिजनेस पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक, सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ (public policy expert), न्यूजरूम लीडर और एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।वह एक कॉलमनिस्ट और कमेंटेटर भी हैं, जो ओडिशा और भारत में बड़े पैमाने पर पब्लिक पॉलिसी डिबेट को आकार देने और उसमें योगदान करने की मांग कर रहे हैं। महापात्रा ने फोरम फॉर ओडिशा डायलॉग्स (Forum for Odisha Dialogues) यानी ‘ओडिशा अलोचना चक्र’ की स्थापना की है, जो एक नॉन-पार्टिज़न थॉट लीडरशिप फोरम है।‘पीटीआई’ से पहले वह लगभग 11 साल तक ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ में थे, जहां उन्होंने संगठनात्मक परिवर्तन और डिजिटल इनोवेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ और ‘ब्रिज न्यूज’ जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के लिए भारत की आर्थिक क्रांति को भी कवर किया।‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ में आखिरी बार उन्होंने एडिटर एट लार्ज भूमिका निभाई थी। 2008 में वह बिजनेस के ब्यूरो चीफ के तौर पर इस मीडिया हाउस में शामिल हुए थे, जहां वह एचटी के लिए बिजनेस व फाइनेंशियल की कवरेज करते थे।
Dakhal News
इलेक्ट्रॉनिक्सऔर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) एक फैक्ट चेकिंग टीम बनाने की तैयारी कर रही है, जो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डाली गई सरकार से संबंधित सभी सूचनाओं की जांच करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की संभावनाएं जतायी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि टीम में तीन सदस्य होंगे, जिनमें दो आईटी मंत्रालय से और तीसरा सदस्य कोई कानूनी विशेषज्ञ होगा। फैक्ट को सत्यापित करने के लिए यह निकाय अन्य विभागों के साथ तालमेल मिलाकर काम करेगा।वहीं इससे पहले, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MEITY) द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में किए गए संशोधन को पर चिंता व्यक्त की थी, जिसमें पत्र सूचना ब्यूरो (PIB) को खबरों की सत्यता निर्धारित करने का और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 'फेक' समझे जाने वाले कंटेंट को हटवाने का अधिकार दिया गया था | गिल्ड ने कहा था, ‘यह नई प्रक्रिया मूल रूप से स्वतंत्र प्रेस को दबाने में इस्तेमाल हो सकती है और पीआईबी या ‘तथ्यों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य एजेंसी’ को उन ऑनलाइन मध्यस्थों को सामग्री को हटाने के लिए मजबूर कर सकती है, जिससे सरकार को समस्या हो सकती है।’
Dakhal News
हर्षवर्धन त्रिपाठी ने दी तीखी प्रतिक्रिया कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और कांग्रेस पार्टी ने इस बार प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है। बीजेपी को कर्नाटक की जनता का प्यार नहीं मिला और उसे सिर्फ 66 सीट प्राप्त हुईं। कांग्रेस 135 सीटों के साथ अपने दम पर सरकार बनाने में इस बार समर्थ है।चुनाव और उसके परिणाम मीडिया के लिए एक उत्सव की तरह होते हैं और हर संपादक कुछ ना कुछ अलग और नया करने की सोचता है। इसी बीच हिंदी दैनिक अखबार 'दैनिक जागरण' की एक हेडिंग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने आपत्ति जतायी।दरअसल अखबार की हेडिंग में यूपी निकाय चुनाव परिणाम को भी जोड़कर एक नया प्रयोग किया गया। हेडिंग में लिखा गया 'कर्नाटक की जनता को कांग्रेस भाई, उप्र में भाजपा छाई', अब जाहिर सी बात है कि अगर यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने बम्पर जीत हासिल की है तो किसी भी अखबार के लिए उसे भी जगह देना आवश्यक है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ट्वीट कर इस पर नाराजगी जाहिर की है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, क्या और किसी अखबार ने विधानसभा चुनाव नतीजों के बैनर में निकाय चुनावों को धंसाया है? सुना है टीवी चैनलों ने जरूर यह किया (वरना अपना चेहरा छिपाते कहां?)!उनके इस ट्वीट कर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने करारा जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, सर, आप कभी किसी ढंग की प्रसार संख्या वाले समाचार पत्र के संपादक रहे नहीं। पाठकों के लिहाज से सोचा नहीं। दैनिक जागरण देश का सबसे बड़ा समाचार पत्र है और इसका बड़ा पाठक वर्ग देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में है। आपकी बुद्धि में गजब धंसान है।
Dakhal News
रजत शर्मा ने योगी को लेकर कही ये बड़ी बात उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के परिणाम आ गए है। बीजेपी ने यूपी की सभी मेयर सीट पर जीत हासिल की है, इसके अलावा पार्षद, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद सदस्य, नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर पंचायत सदस्यों के पदों पर भी विपक्षी पार्टियों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के परिणाम की वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने अपने ब्लॉग पर समीक्षा की।उन्होंने लिखा, बीजेपी के लिए अच्छी खबर उत्तर प्रदेश से आई। शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है और सभी 17 बड़े शहरों में मेयर के पद जीत लिए। समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। नगर निगम के चुनाव में इस बार बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को दिल खोलकर टिकट दिया था, उनमें से भी कई उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है। यूपी में दो विधानसभा सीटें, रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे, इन पर चुनाव हुए, दोनों सीटें बीजेपी के मित्र दल, अपना दल ने जीतीं।रामपुर की स्वार सीट पर NDA की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये सीट आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई थी। इस इलाके में आजम खां का दबदबा है, लेकिन बीजेपी ने अपना दल के टिकट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा और जीत दर्ज की ये बड़ी बात है।अपना दल के उम्मीदवार शफीक अहमद अंसारी ने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार अनुराधा चौहान को 8724 वोट से हराया, जबकि छानबे विधानसभा सीट पर अपना दल की रिंकी कोल ने समाजवादी पार्टी की कीर्ति कोल को 9587 वोट से हराया। उत्तर प्रदेश में हालांकि चुनाव स्थानीय निकायों का था, लेकिन यहां खेल बड़ा था।अगर बीजेपी हार जाती, तो सब लोग मिलकर योगी आदित्यनाथ की नाक में दम कर देते, लेकिन योगी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि चाहे कुछ नेता उनसे नाराज हों, जातियों के ठेकेदार उनके खिलाफ रहें, पर जनता योगी के साथ है। योगी ने कानून और व्यवस्था में सुधार करके, गुंडागर्दी खत्म करके, यूपी के लोगों को विकास का जो रास्ता दिखाया है, उसका फायदा उन्हें हर चुनाव में मिला है।स्थानीय निकायों के चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए खतरे का संकेत हैं क्योंकि, बीजेपी ने पहली बार मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, कई जगह जीत हुई। मुसलमानों का बीजेपी को समर्थन देना, समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का सबब हो सकता है। कई इलाकों में तो, समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर आ गई।
Dakhal News
वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज इंडिया’ (News India) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। बतौर एडिटर-इन-चीफ वह इस चैनल में एक साल से ज्यादा समय से अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। विजय त्रिवेदी का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।विजय त्रिवेदी को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 35 साल से ज्यादा का अनुभव है। राजनीतिक मामलों पर उनकी गहरी पकड़ है और अब तक वह तमाम बड़ी राजनीतिक घटनाओं व संसद की कवरेज के साथ-साथ कई राजनेताओं, नौकरशाहों और सेलेब्रिटीज का इंटरव्यू कर चुके हैं।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक के दौर में बीजेपी का कितना विस्तार हुआ है, विजय त्रिवेदी इस पर केंद्रित चार किताबें भी लिख चुके हैं। अपनी नवीनतम पुस्तक 'संघम शरणम गच्छामि' (Sangham Sharnam Gachachhami) में विजय त्रिवेदी ने ‘आरएसएस’ के इतिहास और भारतीय राजनीति में इसके स्थान और भविष्य का गहन विश्लेषण किया है। इसके अलावा उनकी अन्य किताबों में ‘बीजेपी, कल आज और कल’, ‘यदा यदा हि योगी’ और ‘हार नहीं मानूंगा’ शामिल हैं।विजय त्रिवेदी करीब 17 साल तक ‘एनडीटीवी’ (NDTV) इंडिया के साथ भी काम कर चुके हैं और यहां कंसल्टिंग एडिटर भी रहे हैं। इसके बाद वह हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) में एडिटर (नेशनल अफेयर्स) और ‘न्यूज स्टेट’ (News State) में एडिटर-इन-चीफ भी रहे हैं।वह तमाम लोकप्रिय टीवी शो जैसे- ‘सत्य की विजय’, ‘द विजय त्रिवेदी शो’, ‘चक्रव्यूह’, ‘विजय चौक’, ‘बिग फाइट लाइव’, ‘हमसे है इंडिया’, ‘दिल्ली चलो’, ‘इंडिया दिस वीक’, ‘हॉटलाइन’, ‘सवाल आपके’ और ‘रविवार और आईना’ भी होस्ट कर चुके हैं। यही नहीं, वह राजस्थान के रीजनल न्यूज चैनल ‘फर्स्ट इंडिया टीवी’ (First India TV) को भी लॉन्च करा चुके हैं। इसके बाद वह डिजिटल पत्रकारिता की दिशा में मुड़ गए और जानी-मानी बहुभाषी न्यूज एजेंसी ‘हिन्दुस्थान समाचार’ (Hindusthan Samachar) के यूट्यूब चैनल ‘एच.एस न्यूज’ (H.S. News) की लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। विजय त्रिवेदी ने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1985 में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times of India) समूह के हिंदी अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ (Navbharat Times) से की थी। वह ‘इंडिया टुडे’ (India Today) के साथ भी काम कर चुके हैं। विजय त्रिवेदी नई दिल्ली में ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) के नेशनल एडिटर भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह ‘यूएनआई’ न्यूज एजेंसी की हिंदी सेवा ‘यूनिवार्ता’ (UNIVARTA) के एडिटर के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
Dakhal News
सुशांत झा ने आम चुनाव को लेकर कही ये बात कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में दांव पर लगी 224 सीटों पर शुरुआती रुझान आ चुके हैं। फिलहाल, कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है और रुझानों में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं, क्षेत्रीय दल जनता दल सेक्युलर ने कुछ देर इंतजार करने का फैसला किया है।दरअसल कर्नाटक चुनाव को लेकर अधिकतर एग्जिट पोल ने पहले ही कांग्रेस की सरकार बनने का दावा कर दिया था। इन चुनावों के रुझान पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जैसा की एग्जिट पोल को देखने के बाद लगा था ठीक वैसे ही आज चुनाव के परिणाम आ रहे हैं। एग्जिट पोल अब परिपक्व होते जा रहे हैं। भाजपा हलकों में भी संभावित हार की चर्चा थी। जाहिर तौर पर बीजेपी ने राज्य में अपने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए खराब प्रदर्शन नहीं किया। इसका कुछ मनोवैज्ञानिक प्रभाव होगा, लेकिन लोकसभा चुनावों में राज्य में ज्यादा नहीं होगा।
Dakhal News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर बड़ी हलचल है। दरअसल हाल ही में सचिन पायलट ने राज्य के सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाया कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। इसी बीच पीएम मोदी के दौरे पर एक ऐसा वाकया हुआ जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है।दरअसल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण समारोह को संबोधित करने के लिए खड़े हुए, लेकिन इस दौरान लोग 'मोदी-मोदी' के नारे लगाने लगे। इसके बाद पीएम मोदी हाथ के इशारे से लोगों को बैठने को कहते हैं ताकि सीएम अशोक गहलोत अपनी बात रख सकें।वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पीएम मोदी ने मंच पर मौजूद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से भी लोगों को शांत करवाने को कहा। इस वायरल वीडियो पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अशोक गहलोत दोनों राजस्थान में एक ही मंच पर मौजूद थे जब भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाना शुरू कर दिये। पीएम ने भीड़ को नारे लगाने से रोका। राजनीतिक अदब का उदाहरण एक तरफ पीएम दे रहे थे दूसरी तरफ गहलोत भी उसी शिष्टाचार से पीएम और मंच पर बैठ लोगों का नाम ले रहे थे। मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद न हो। म्हारे राजस्थान में दोनों नेताओं ने दी मिसाल।
Dakhal News
विष्णु शर्मा ने कही ये बड़ी बात हिंदी न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ नवभारत' की महिला पत्रकार भावना किशोर को 5 मई 2023 को पंजाब पुलिस ने उनके सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। इसके बाद पत्रकार भावना किशोर ने खुद टीवी पर आकर सबको बताया कि उनके साथ कैसा सलूक किया गया और यह बताते हुए वो फूट-फूट कर रोने लगी।दरअसल, भावना ने बताया कि हिरासत के दौरान उनसे दरवाजा खोलकर वाॅशरूम जाने को कहा गया और उनकी जाति को लेकर सवाल पूछा गया। भावना ने बताया, 'मेरी सेहत बिगड़ रही थी, वो मुझे वॉशरूम लेकर गए और कहा गया कि आप वॉशरूम का दरवाजा बंद नहीं कर सकती', इस पर ग्रुप एडिटर नाविका कुमार भावुक हो जाती हैं।फिर पत्रकार भावना किशोर कहती हैं कि इसके बाद भी मैंने वॉशरूम किया और यह कहते हुए वो सिसक-सिसक कर रोने लगती हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार विष्णु शर्मा ने ट्वीट कर बड़ी बात कह दी।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, जो महिला मित्र सीएम केजरीवाल और भगवंत मान की समर्थक हैं, उन्हें ये वीडियो जरूर देखना चाहिए कि 'द केरल स्टोरी' की लड़कियों के साथ जो हुआ, भावना किशोर के साथ कई मायनों में उससे भी ज्यादा बुरा हुआ।
Dakhal News
दीपक चौरसिया ने RSS को लेकर कही ये बात पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्धसैनिक बलों द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद में प्रदर्शन और हंगामा किया।इमरान खान को अर्धसैनिक बलों ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिये इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है, क्योंकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में प्रदर्शन किया और दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी।इस समय पाकिस्तान में जो हालात हैं, उसे देखकर साफ ऐसा लग रहा है कि ये मुल्क अब गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 75 साल पहले दो देश बने। पहला भारत और दूसरा मज़हब के आधार पर पाकिस्तान, आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और पाकिस्तान गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। भारत में भी कई ऐसे लोग हैं जो मज़हब के आधार पर विशेष सुविधाओं की मांग करते हैं। वो ये भी कहते हैं कि BJP, RSS और VHP विभाजनकारी एजेंडा चला रही है और मुसलमानों को परेशान कर रही है, सवाल ये है कि ये तीनों संगठन पाकिस्तान में तो नहीं हैं फिर वहां ऐसा क्यों हो रहा है?
Dakhal News
दीपक चौरसिया ने RSS को लेकर कही ये बात पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्धसैनिक बलों द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद में प्रदर्शन और हंगामा किया।इमरान खान को अर्धसैनिक बलों ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिये इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है, क्योंकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में प्रदर्शन किया और दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी।इस समय पाकिस्तान में जो हालात हैं, उसे देखकर साफ ऐसा लग रहा है कि ये मुल्क अब गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 75 साल पहले दो देश बने। पहला भारत और दूसरा मज़हब के आधार पर पाकिस्तान, आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और पाकिस्तान गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। भारत में भी कई ऐसे लोग हैं जो मज़हब के आधार पर विशेष सुविधाओं की मांग करते हैं। वो ये भी कहते हैं कि BJP, RSS और VHP विभाजनकारी एजेंडा चला रही है और मुसलमानों को परेशान कर रही है, सवाल ये है कि ये तीनों संगठन पाकिस्तान में तो नहीं हैं फिर वहां ऐसा क्यों हो रहा है?
Dakhal News
सुशांत सिन्हा ने कहा सच जीता और अहंकार हारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को 'टाइम्स नाउ नवभारत' के कैमरामैन मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमिंदर सिंह को अंतरिम जमानत दे दी है। वहीं, रिपोर्टर भावना किशोर की अंतरिम जमानत 22 मई तक बढ़ा दी है।जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मैसिस ने सबसे पहले गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी पर और बाद में मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए रिमांड आदेश पर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी और रिमांडिंग मजिस्ट्रेट द्वारा कानून के प्रावधानों को ध्यान में नहीं रखा गया।।इस पूरे मामले पर 'टाइम्स नाउ नवभारत' के सीनियर एंकर सुशांत सिन्हा ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, सच जीता..अहंकार हारा। भावना, कैमरामैन मृत्युंजय और ड्राइवर परमिंदर..तीनों को अंतरिम जमानत मिल गई है। पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट में मान लिया कि कैमरामैन और ड्राइवर की गिरफ्तारी गैरजरूरी थी। जज: ऐसा लगता है कि कानून के प्रावधान को ध्यान में नहीं रखा गया गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी और रिमांड देने वाले मजिस्ट्रेट द्वारा। जज ने साफ साफ कह दिया कि गिरफ्तार करना गैरजरूरी था। जीने के अधिकार को छीना गया |
Dakhal News
राजस्थान में कांग्रेस का सफाया तय! राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर जमकर हमला बोला है। सचिन पायलट ने अपने आवास पर बुलाई प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जी की नेता सोनिया गांधी नहीं हैं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं।उन्होंने कहा, 'मुझे निकम्मा, नाकारा, गद्दार कहा गया गया। जो लोग सार्वजनिक जीवन में होते हैं, उनके लिए जनता ही तय करती है कि कौन निकम्मा है। कौन गद्दार है। उन्होंने आगे कहा, सीएम के भाषण से लगता है कि अनुशासनहीनता किसने की है। बहुत लोग मुझे बोलते हैं कि यहां हजारों करोड़ का घोटाला हो गया। मैं इसे मंच पर कहूं, शोभा नहीं देता है। मैं पिछले डेढ़ साल से चिट्टी लिख रहा हूं।वसुंधरा राजे के कार्यकाल में घोटाले हुए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। राजस्थान कांग्रेस में मचे इस घमासान के बीच वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है- उन्होंने लिखा, सचिन पायलट ने तय कर लिया है कि वो तो डूबेंगे लेकिन कांग्रेस को भी डुबायेंगे। अगर अब भी कांग्रेस आलाकमान एक्शन नहीं लेता तो फिर राजस्थान में कांग्रेस का सफाया तय है। इसके लिये आलाकमान के अलावा कोई और जिम्मेदार नहीं होगा |
Dakhal News
रजत शर्मा बोले, होगी कांटे की टक्कर कर्नाटक में वोटिंग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने अपने ब्लॉग में लिखा कि इस बार कांटे की टक्कर दिखाई देगी। उन्होंने लिखा, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम को खत्म होने के साथ राजनीतिक पंडित नतीजों के आकलन में जुट गए हैं। दो हफ्ते पहले जब प्रचार अभियान शुरू हुआ तो विशेषज्ञों ने जो एक आकलन किया था उसके मुताबिक कांग्रेस शुरुआत में आगे चलती नजर आ रही थी। कांग्रेस ने बीजेपी की बोम्मई सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा सफलतापूर्वक चिपका दिया था।ऐसे में बीजेपी बचाव की मुद्रा में दिखी। बीजेपी के भी कुछ नेता ऐसे थे जो इस तरह का आरोप लगा रहे थे। बीजेपी को दूसरा धक्का तब लगा जब उसने नई पीढ़ी को मौका देने की कोशिश की और पुराने लोगों के टिकट काटे। ऐसे में जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी जैसे पुराने और अनुभवी नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। हवा कांग्रेस के पक्ष में बनने लगी थी, लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने एक के बाद एक, कई गलतियां की।चुनाव घोषणापत्र में पीएफआई और बजरंग दल को एक जैसा बता दिया और मुस्लिम आरक्षण को बहाल करने का वादा कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को पकड़ लिया। उन्होंने चुनावी सभाओं में बजरंग बली का जयघोष किया और पासा पलट दिया। तीन दिन तक तो कांग्रेस इसी की सफाई देने के चक्कर में पड़ी रही। इसके बाद कांग्रेस ने एक और गलती की।पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हुबली में अपनी जनसभा में कर्नाटक की ‘संप्रभुता’ की रक्षा करने की बात कही। अमित शाह ने इसे मुद्दा बना दिया और फिर कांग्रेस को सफाई देनी पड़ी। दो हफ्ते पहले तक कांग्रेस आक्रामक थी और बीजेपी बचाव की मुद्रा में थी लेकिन आज स्थिति उलटी है। अब कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में है।शुरुआत में कांग्रेस आगे दिखाई दे रही थी लेकिन पूरे कर्नाटक में नरेंद्र मोदी के तूफानी प्रचार के बाद बीजेपी अब कांग्रेस की बराबरी पर आ गई है। जिस चुनाव में टक्कर जितनी कांटे की होती है, जहां हार जीत के अंतर कम होने के आसार होते हैं, वहां किसी के लिए भी यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता है कि सरकार किसकी बनेगी। ऐसे कांटे के टक्कर वाले चुनाव में ज्यादातर ओपिनियल पोल भी गलत साबित हो जाते हैं।
Dakhal News
शोभना यादव ने लगाई फटकार दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों ने 8 मई को जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इसके अलावा किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले।दरअसल, 16 दिनों से कुछ पहलवान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।इन पहलवानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों के जंतर-मंतर पहुंचने के वीडियो सामने आए हैं। इन वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बैरिकेड पर चढ़े कथित किसानों को ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी’ के नारे लगा रहे हैं।इन वीडियो के वायरल होने के बाद अब यह सवाल खड़े होने लगे है कि कहीं पहलवानों का यह आंदोलन राजनीतिक रूप तो नहीं ले रहा है? इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर शोभना यादव ने ट्वीट कर इन नारेबाजी करने वालों को जमकर फटकार लगाई है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, हर बात पर जरूरी नहीं कि प्रधानमंत्री के लिए गलत बोला जाये। अब देश के प्रधानमंत्री की कब्र खोदने की बात कर रहे हैं। ना यह पहलवान है, ना यह शान्तिप्रिय आंदोलन है और ना ही यह जायज है। खिलाड़ियों को न्याय दिलाने के नाम पर मतलब कुछ भी?
Dakhal News
अमन चोपड़ा ने कही बड़ी बात फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक तरफ फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है, तो वहीं इसका विरोध करने वालों की भी संख्या बढ़ती जा रही है।आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में फिल्म पर बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है, ताकि ‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना’ को टाला जा सके। ममता बनर्जी ने कहा था कि ‘द केरल स्टोरी’ में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसका इरादा केरल को बदनाम करना है।इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अमन चोपड़ा ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, फिल्म ISIS (आईएसआईएस) के खिलाफ है। फिल्म धर्मांतरण के आतंकी कनेक्शन को बताती है, लेकिन बंगाल में फिल्म को बैन कर दिया गया है। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली अदा शर्मा को जान से मारने की धमकी और जोधपुर में एक दलित को सर तन से जुदा की धमकी मिल चुकी है। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर एंटी इंडिया विदेशी प्रोपगेंडा की उछल उछल कर भारत में स्क्रीनिंग कराने वाले सब अंडरग्राउंड हो चुके हैं।
Dakhal News
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को 'टाइम्स नाउ नवभारत' की टीवी रिपोर्टर भावना किशोर को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है, जबकि मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी है।सोमवार देर शाम जस्टिस एजी मसीह की कोर्ट में चीफ जस्टिस की मंजूरी के बाद मामला सुनवाई को पहुंचा। पंजाब सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल किया गया और इस दौरान चली बहस के बाद कोर्ट ने मंगलवार को फिर से सुनवाई का आदेश दिया है। इसके साथ ही भावना की अंतरिम जमानत को भी मंगलवार तक बढ़ा दिया।सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि शनिवार को हाई कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम तौर पर भावना को जमानत दे दी थी, लेकिन वाहन चला रहे ड्राइवर व चैनल के कैमरामैन को जमानत नहीं दी गई थी। सरकार ने कहा कि जमानत के लिए सीधे तौर पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की जा सकती। ऐसे में भावना को दी गई अंतरिम जमानत समाप्त करने की अपील की और अन्य दो आरोपियों की अंतरिम जमानत का विरोध किया।एससी/एसटी एक्ट में पत्रकार भावना किशोर की गिरफ्तारी के मामले में एफआईआर को राजनीतिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है। इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक उस राजनेता को पक्ष नहीं बनाया जाता जिस पर आरोप है, इस दलील पर आगे सुनवाई नहीं होगी। सोमवार को लंबी बहस के बाद जस्टिस दीपक सिब्बल ने इस मामले में शनिवार को सुनवाई करने वाली बेंच के पास ही इस याचिका को भेजने का निर्णय लेते हुए याचिका मुख्य न्यायाधीश को रेफर कर दी।भावना किशोर और दो अन्य को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इन पर कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि उनके वाहन ने एक महिला को टक्कर मार दी थी। इससे उसके हाथ में चोट लग गई थी। रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने केंद्रीय जेल लुधियाना के अधीक्षक को जमानत बॉन्ड भरने के बाद टीवी रिपोर्टर को रिहा करने का आदेश दिया था।
Dakhal News
Rj Naved का जन्म 1 मई 1976 लखनऊ में हुआ था | नावेद का पूरा नाम नावेद खान / नावेद सिद्दीकी है | उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने स्थानीय गृहनगर स्कूल से पूरी की, एक साक्षात्कार में नावेद ने कहा कि उन्होंने 6 वीं कक्षा में अंग्रेजी सीखना शुरू किया। उन्होंने अपनी डिग्री बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडी) पूरी की | रेडियो मिर्ची में शामिल होने से पहले आरजे नावेद खान ने भारत में अग्रणी मोबाइल कंपनी ग्राहक सेवा में काम किया था। अपने करियर की शुरुआत में, वह मिमिक्री करना शुरू कर देता है, वह अलग-अलग व्यक्तियों के लिए मिमिक्री करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है | आरजे नावेद ने अपने दर्शकों को बताया कि जब वह पिछली कंपनी में होते हैं तो एक 60 साल का व्यक्ति उन्हें बुलाता है, और आरजे नावेद के साथ लंबी बातचीत के बाद वह अपने आप शांत हो जाते हैं।2000 में रेडियो मिर्ची ने रेडियो जॉकी आरजे (हंट) नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया, ऑडिशन के बाद आरजे नावेद खान को इस नौकरी के लिए चुना गया, जिसके बाद उन्हें एफएम रेडियो मिर्ची नावेद के नाम से जाना जाता है। उसके बाद, वह एफएम रेडियो पर "दिल का डॉन" और "मिर्ची मुंडा" कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं, उन्हें अपने प्रदर्शन के कारण कई पुरस्कार भी मिले |
Dakhal News
बरखा दत्त का जन्म 18 दिसंबर 1971 को देश की राजधानी दिल्ली में हुआ था. बरखा दत्त के पिता (Barkha Dutt Father) का नाम एस पी दत्त है. बरखा दत्त की माता का नाम प्रभा दत्त है. बरखा दत्त के पिता एयर इंडिया के एक अधिकारी थे. वहीं बरखा दत्त की माता पत्रकार थी. बरखा दत्त की बहन का नाम बहार दत्त है. बरखा दत्त की बहन भी एक टेलीविजन पत्रकार है.बरखा दत्त का जन्म 18 दिसंबर 1971 को देश की राजधानी दिल्ली में हुआ था. बरखा दत्त के पिता (Barkha Dutt Father) का नाम एस पी दत्त है. बरखा दत्त की माता का नाम प्रभा दत्त है. बरखा दत्त के पिता एयर इंडिया के एक अधिकारी थे. वहीं बरखा दत्त की माता पत्रकार थी. बरखा दत्त की बहन का नाम बहार दत्त है. बरखा दत्त की बहन भी एक टेलीविजन पत्रकार है.बरखा दत्त ने अपने करियर की शुरुआत NDTV के साथ की. बरखा दत्त ने लगभग 21 साल तक NDTV में काम किया. बरखा दत्त ने जब NDTV में काम करना शुरू किया तब उनकी उम्र महज 21 वर्ष थी. बरखा दत्त को पहली बार प्रसिद्धी मिली साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान. उस समय बरखा दत्त ने कैप्टेन बिक्रम बत्रा का इंटरव्यू लिया था, जोकि काफी लोकप्रिय हुआ. बरखा दत्त ने अपने करियर में साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों, 2004 में आए भूकंप और सुनामी, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर रिपोर्टिंग की है. बरखा दत्त ने साल 2017 तक NDTV में काम किया.बरखा दत्त ने दो बार शादी की है. बरखा दत्त के पहले पति (Barkha Dutt First Husband) का नाम मीर है और वह एक कश्मीरी मुस्लिम है. हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चली और शादी के 6 महीने बाद ही बरखा दत्त और मीर का तलाक हो गया. बरखा दत्त के दुसरे पति (Barkha Dutt Second Husband) का नाम डॉ हसीब ड्राबू है और वह भी एक कश्मीरी मुस्लिम है. डॉ हसीब ड्राबू जम्मू कश्मीर बैंक के अध्यक्ष थे. हालांकि बरखा दत्त की यह शादी भी नहीं चली और उनका तलाक हो गया.
Dakhal News
नाविका कुमार ने कहा- न रहें किसी गलतफहमी में टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर नाविका कुमार ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि ऑपरेशन 'शीश महल' के बाद शुक्रवार 5 मई को पंजाब में टाइम्स नेटवर्क की एक महिला पत्रकार को हिरासत में ले लिया गया।हिंदी चैनल 'टाइम्स नाउ नवभारत' की संवाददाता भावना किशोर लुधियाना में आप संयोजक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से सवाल करने गई थीं, तभी उन्हें पुरुष पुलिसवाले अपने साथ उठा ले गए थे | उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये मीडिया पर बड़ा हमला है और वो पंजाब सीएम से मांग करती है कि उनके रिपोर्टर को तुरंत रिहा किया जाए। इस मामले पर चैनल के सीनियर एंकर और वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिंह ने भी ट्वीट किया है।उन्होंने लिखा, एक महिला रिपोर्टर को झूठा केस बनाकर अरेस्ट कर लेने से किसी को ये लगता है कि वो नवभारत को डरा देंगे, हमारा हौसला तोड़ देंगे, सवालों से बच जाएंगे तो ये उनकी गलतफहमी है। नवभारत की और बेटियां भी सवाल पूछ रही हैं केजरीवाल जी, इनको भी अरेस्ट कराएंगे क्या?
Dakhal News
लॉन्च की नई मीडिया कंपनी वरिष्ठ पत्रकार और न्यूज एंकर शीतल राजपूत को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है। खबर है कि अपने 23 साल के पत्रकारिता करियर में एक नया आयाम जोड़ते हुए शीतल राजपूत ने अब अपनी खुद की मीडिया कंपनी लॉन्च की है। कंपनी का नाम है 'शीतल राजपूत मीडिया नेटवर्क'।शीतल राजतपूत ने कहा कि यह मीडिया नेटवर्क डिजिटल न्यूज चैनल्स और न्यूज पोर्टल के साथ न्यू मीडिया की दुनिया में धमाकेदार शुरुआत करने जा रहा है। इस कड़ी में नेटवर्क पहले 2 डिजिटल चैनल ‘SR LIVE भारत’ और ‘SR LIVE कर्नाटक’ 6 मई यानी आज रात 9 बजे से LIVE होंगे। उन्होंने कहा, ‘जर्नलिज्म ने मुझे बहुत कुछ दिया है और अब समय है इस पेशे के लिए कुछ अच्छा, सकारात्मक और चुनौतीपूर्ण करने का। डिजिटल हमारा ‘आज’ भी है और ‘भविष्य’ भी। इस नए सफर को लेकर बेहद उत्साहित हूं।’
Dakhal News
कोर्ट ने पुलिस के दावों पर उठाए सवाल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शनिवार शाम विशेष सुनवाई के दौरान 'टाइम्स नाउ नवभारत' की रिपोर्टर भावना किशोर को अंतरिम जमानत दे दी है। पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को भावना किशोर को गिरफ्तार कर लिया था।भावना किशोर पर दलित महिला को कार से टक्कर मारने और उसके साथ गाली गलौज करने के आरोप में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था।न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने भावना किशोर द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका में अंतरिम जमानत दे दी।भावना किशोर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जो लड़की बाहर से रिपोर्टिंग करने आयी है, उसको स्थानीय व्यक्ति की जाति के बारे में कैसे पता चल जाएगा। भावना के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि भावना की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी। कोर्ट ने इस पूरे मामले को सुना, जिसके बाद कोर्ट ने भावना को अंतरिम जमानत दे दी।पंजाब पुलिस ने भावना किशोर को शुक्रवार को लुधियाना में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले में पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे थे। बता दें कि पुलिस ने भावना किशोर के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है, पुलिस का दावा है कि भावना ने जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया था।हाईकोर्ट से पहले इस मामले की सुनवाई जब निचली अदालत में चल रही थी तब जज ने दो बार पुलिस से एफआईआर की कॉपी मांगी थी, जिसके बाद कोर्ट को एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराई गई। लुधियाना पुलिस ने दूसरी बार मांगने पर कोर्ट को एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराई थी, जिसके बाद कोर्ट ने भावना किशोर को 19 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
Dakhal News
राजदीप सरदेसाई का जन्म 24 मई 1965 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। उनके पिता का नाम दिलीप सरदेसाई है वह एक पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर थे और उनकी माँ का नाम नंदिनी है, वह सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई में समाजशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख हैं। उन्होंने पत्रकार और लेखक सागरिका घोष से शादी की है।राजदीप सरदेसाई ने मुंबई के कैंपियन स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा की शुरुआत की, और द कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई से स्कूल की शिक्षा पूरी की। और सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में बैचलर की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे ऑक्सफोर्ड कॉलेज गये जहां उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की।अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सरदेसाई के रूप में एक खेल पृष्ठभूमि से होने के कारण, एक प्रसिद्ध टेस्ट क्रिकेटर थे, उन्होंने ऑक्सफोर्ड में भी साबित कर दिया कि कई भारतीयों की तरह, उन्हें भी क्रिकेट का शौक है और विश्वविद्यालय में उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिए 6 प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रदर्शन किया और एक संयुक्त ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज पक्ष के लिए उन्हें क्रिकेट ब्लू से सम्मानित किया गया।राजदीप सरदेसाई 1988 में टाइम्स ऑफ इंडिया में शामिल हो गये, फिर छह साल तक उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ काम किया और जिसके बाद उन्हें मुंबई संस्करण के शहर संपादक बना दिया गया।उन्होंने 1994 में NDTV के राजनीतिक संपादक के रूप में टेलीविजन पत्रकारिता में प्रवेश किया। वह NDTV 24X7 और NDTV इंडिया दोनों के प्रबंध संपादक थे और दोनों के लिए समाचार नीति की देखरेख करते थे। उन्होंने NDTV पर द बिग फाइट जैसे लोकप्रिय शो की मेजबानी की।उन्होंने 17 अप्रैल 2005 को अमेरिकी कंपनी सीएनएन के सहयोग से अपनी खुद की कंपनी, ग्लोबल ब्रॉडकास्ट न्यूज शुरू करने के लिए एनडीटीवी छोड़ दिया। बाद में सीएनबीसी के भारतीय संस्करण को सीएनबीसी-टीवी18, हिंदी उपभोक्ता चैनल, सीएनबीसी आवाज और एक अंतरराष्ट्रीय चैनल, एसएडब्ल्यू कहा जाता है। यह 17 दिसंबर 2005 को ऑन एयर हुआ।1 जुलाई 2014 को, सीएनएन आईबीएन के प्रधान संपादक राजदीप ने पूरी संस्थापक टीम – संपादकीय और प्रबंधकीय – के साथ नेटवर्क 18 समूह से इस्तीफा दे दिया। और अब राजदीप सरदेसाई आज तक के सह चैनल इंडिया टुडे मे प्रधान संपादक और एंकर के तौर पर कार्यरत है।
Dakhal News
चित्रा त्रिपाठी का जन्म 11 मई 1986 को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। चित्रा त्रिपाठी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर से प्राप्त की। उन्होंने अपनी स्कूल शिक्षा गोरखपुर के A. D. गवर्मेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज से प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया।चित्रा त्रिपाठी ने डिफेन्स स्टडीज में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया। चित्रा इंडियन डिफेन्स में ज्वाइन करना चाहती थी। बचपन में उन्होंने एनसीसी कैडेट में गोल्ड मैडल हासिल हासिल किया था और वह गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाली परेड में भी हिस्सा ले चुकी हैं।2008 में उन्होंने अपने लंबे समय के प्रेमी अतुल अग्रवाल से शादी की, जो एक हिंदी टीवी पत्रकार और समाचार एंकर थे।त्रिपाठी वर्तमान में आजतक चैनल के साथ हैं। अपने स्नातक विद्यालय के दौरान उन्होंने कभी पत्रकार बनने के बारे में नहीं सोचा। क्योंकि वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहती थी। लेकिन जब उन्होंने गोरखपुर के दूरदर्शन केंद्र में अपना करियर शुरू किया तो उन्होंने अपना विचार बदल दिया और पत्रकारिता में अपना करियर बनाने का फैसला किया।त्रिपाठी ने अपने करियर की शुरुआत 2005 में गोरखपुर दूरदर्शन से की थी। उन्होंने सहारा इंडिया, इंडिया न्यूज, न्यूज 24, ईटीवी नेटवर्क, एबीपी न्यूज जैसे कई समाचार चैनलों के साथ काम किया है।वह 2016 में एबीपी न्यूज़ में शामिल हुईं और कौन बनेगा राष्ट्रपति, 2019 कौन जीतेगा, मोदी के 4 साल, आदि जैसे कई शो की मेजबानी की।11 फरवरी को उन्होंने एबीपी से इस्तीफा दे दिया और बाद में आजतक से इस्तीफा देने और फिर से एबीपी में शामिल होने के लिए डिप्टी एडिटर के रूप में आजतक में शामिल हो गईं |
Dakhal News
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी इस समय भारत में हैं। भुट्टो वर्तमान में गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए भारत आए हुए हैं और 'इंडिया टुडे' के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई को खास इंटरव्यू भी दिया है।इस इंटरव्यू में उन्होंने भारत पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर खुलकर अपनी राय रखी है। जब राजदीप सरदेसाई ने उनसे ये पूछा कि अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ कोई बातचीत क्यों नहीं की! इस सवाल का जवाब देते हुए पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि 'जब तक भारत 5 अगस्त, 2019 (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने) पर की गई कार्रवाई की समीक्षा नहीं करता है, पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से जुड़ने की स्थिति में नहीं है।'उन्होंने आगे कहा कि 'जहां तक भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों या मेरे भारतीय समकक्ष के साथ किसी भी सार्थक जुड़ाव या बातचीत पर पाकिस्तान की स्थिति है, हमारी स्थिति अपरिवर्तित है।'आतंकवाद पर किए गए प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'उनका देश आतंकवाद को खत्म करना चाहता है, इसलिए नहीं कि भारत ने ऐसा कहा या भारत सरकार ने ऐसा कहा, बल्कि इसलिए कि हम इस खतरे को खत्म करना चाहते हैं।'
Dakhal News
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत के लिए अमृत काल के इस निर्णायक क्षण में अतुलनीय छाप छोड़ेगी। फिक्की फ्रेम्स 2023 में अपने संबोधन के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मानचित्र पर ले जाने की प्रतिबद्धता के लिए इंडस्ट्री की सराहना की।मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री द्वारा विश्व स्तर पर इस क्षेत्र की सीमाओं का विस्तार करने और दुनिया के दूर दराज के कोनों तक पहुंचने के सभी प्रयासों में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री दुनिया को यह संदेश दे सकती है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में एक अद्वितीय प्रतिभा और कौशल के साथ बेहद प्रतिस्पर्धी मूल्य पर दुनिया को आर्थिक विकास और व्यापार वृद्धि के लिए बेजोड़ अवसर भी प्रदान करता है।मंत्री ने आधुनिक तकनीकों को कुशलतापूर्वक अपनाने के लिए इंडस्ट्री की सराहना की और कैमरों के रूप में स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग का उदाहरण दिया। गोयल ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के आने से मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का तेजी से विकास होगा। गोयल ने 'अवतार' जैसी हॉलीवुड फिल्मों में शामिल भारतीय वीएफएक्स कंपनियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।मंत्री ने कहा कि मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री दुनिया को आज का नया भारत दिखा सकती है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है, देश को नए दर्शकों तक पहुंचने में मदद कर सकती है, विचारों को प्रभावित कर सकती है और सकारात्मकता फैला सकती है। उन्होंने कहा कि यह सकारात्मकता लोगों, सरकार और व्यवसायों को अधिक आकांक्षात्मक होने और बेहतर जीवन शैली और बेहतर व्यावसायिक अवसरों की मांग के साथ भविष्य को देखने के लिए प्रोत्साहित करती है।गोयल ने कहा कि मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत के सांस्कृतिक दूत हैं और उन्होंने भारत को एक विशिष्ट पहचान दी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लोगों, व्यवसायों और राष्ट्रों को जोड़ने की बहुत बड़ी क्षमता है, जिससे दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों और स्थितियों की बेहतर समझ और प्रशंसा हो सके।मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया भी भारतीय कला और संस्कृति की सराहना कर रही है और हाल ही में 'नाटु-नाटु' गीत और 'एलिफेंट व्हिस्परर्स' के लिए ऑस्कर पुरस्कार इस वैश्विक प्रशंसा को प्रदर्शित करते हैं। इन पुरस्कारों ने भारत को एक सामाजिक संदेश देने में मदद की कि स्थिरता भारतीय संस्कृति और परंपरा के मूल में है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति के संदेश को भी प्रभावी ढंग से व्यक्त किया गया, क्योंकि पुरस्कारों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय महिलाएं नए भारत को परिभाषित कर रही हैं। इन उपलब्धियों से अरबों लोगों का मनोबल बढ़ रहा है।पीयूष गोयल ने कहा कि 'इंस्पायर, इनोवेट एंड इमर्स' थीम वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक है क्योंकि यह मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री द्वारा प्रदर्शित जीवंतता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह थीम इस विश्वास के साथ भी प्रतिध्वनित होता है कि रचनात्मकता वास्तव में वाणिज्य को बढ़ा सकती है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक पहचान और सांस्कृतिक विरासत के प्रमुख स्तंभ के रूप में कार्य करता है। मंत्री ने कहा कि फिक्की फ्रेम्स अब मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र में एक स्थापित मंच बन गया है जो दुनिया को दिखाता है कि भारत वास्तव में किसी चीज का प्रतीक है |
Dakhal News
प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा ‘ऑल इंडिया रेडियो’ का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' करने का फैसला किया है, जैसा कि कानून में उल्लेख किया गया है।आकाशवाणी की महानिदेशक वसुधा गुप्ता की ओर से बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में उस वैधानिक प्रावधान का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने को कहा गया है जिसके अनुसार ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया था।प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जो पहले लागू नहीं किया गया था। अब हम इसे लागू कर रहे हैं।’प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम, BCI) अधिनियम, 1990 में उल्लेख किया गया है कि 'आकाशवाणी' का अर्थ उन कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य प्रतिष्ठानों से है जो अपनी शुरुआत के दिन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अखिल भारतीय रेडियो के महानिदेशक का हिस्सा या उसके अधीन थे। प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1990 को लागू हुआ था। आंतरिक आदेश में कहा गया है, 'उपरोक्त वैधानिक प्रावधान, जिसके तहत ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' कर दिया था, को सभी के संज्ञान में लाया जा सकता है ताकि नाम और शीर्षक संसद द्वारा पारित प्रसार भारती अधिनियम 1997 के प्रावधानों के अनुरूप हो सकें। प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने 1939 में कलकत्ता शॉर्टवेव सेवा के उद्घाटन के लिए लिखी एक कविता में ऑल इंडिया रेडियो को 'आकाशवाणी' का नाम दिया था |
Dakhal News
भारत की रैंकिंग पर पत्रकार अखिलेश शर्मा ने उठाया सवाल वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर फ्रांस आधारित संस्था 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' (RSF) ने बुधवार 3 मई को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की। रिपोर्ट में भारत की स्थिति पर चिंता जताई गई है, क्योंकि 2023 के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 11 पायदान गिरकर 161वें स्थान पर पहुंच गया है।RSF ने पिछले साल 180 देशों के एक सर्वे में भारत को 150वां स्थान दिया था। आरएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तीन देशों- ताजिकिस्तान (एक स्थान गिरकर 153वें स्थान पर), भारत (11 स्थान गिरकर 161वें स्थान पर) और तुर्किये (16 स्थान गिरकर 165वें स्थान पर) में स्थिति ‘समस्याग्रस्त’ से ‘बहुत खराब’ हो गई है।’इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, यह सही है कि भारत में मिशन पत्रकारिता अंतिम सांस ले रही है। अभियानी पत्रकारिता सिमटती जा रही है। कॉर्पोरेट पत्रकारिता का बोलबाला है। लेकिन भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में तमाम खामियों के बावजूद प्रेस की आजादी पर वैसा संकट नहीं जैसा यह हास्यास्पद रैंकिग दिखाने की कोशिश कर रही है।
Dakhal News
‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद पर अभय ओझा की नियुक्ति को ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।इससे पहले फरवरी में ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा था, ‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी की नामांकन और पारिश्रमिक समिति (Nomination and Remuneration Committee) ने 14 फरवरी 2023 को एक बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में नियुक्ति को लेकर अभय ओझा की उम्मीदवारी पर विचार किया है। इसके साथ ही अप-लिंकिंग दिशानिर्देशों के तहत ‘सूचना-प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के लिए प्रबंधन को आवश्यक आवेदन फाइल करने की सलाह दी है।’बता दें कि अभय ओझा को पिछले साल नवंबर में ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) और ‘विऑन’ (WION) को छोड़कर सभी लिनियर चैनल्स के चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।अभय ओझा ने फरवरी 2022 में ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) को जॉइन किया था। तब उन्हें क्लस्टर-3 का हेड (P&L) नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह ‘चंगा’ (Changa) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह ‘एचयूएल’ (HUL) और ‘स्टार’ (Star) में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
Dakhal News
रुबिका लियाकत ने कसा विरोधियों पर तंज भारत में मंदी की संभावना शून्य है। ऐसा World of Statistics की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा मंदी का असर ब्रिटेन में दिखने का अनुमान है।यहां मंदी के 75 फीसदी रहने का अनुमान है और इसके बाद दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड है, जहां मंदी का 70 फीसदी असर हो सकता है। अमेरिका इस मामले में तीसरे नंबर पर रहेगा, जहां मंदी का असर 65 फीसदी होने की संभावना है। फ्रांस में 50 प्रतिशत मंदी का असर हो सकता है।वहीं कनाडा में 60 फीसदी, इटली में 60 फीसदी और जर्मनी में भी 60 फीसदी मंदी का असर दिख सकता है। इस डाटा के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने देश विरोधी बातें करने वालों को आईना दिखाने का काम किया है।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मंदी की संभावना पर World of Statistics का पूर्वानुमान है कि भारत को मंदी छू भी न पाएगी। चांस है 0% ! वैधानिक चेतावनी- जिनके लिए ‘देश का बेड़ा गर्क’ हो गया है, उनके ‘एजेंडे’ को ‘दिल का दौरा’ पड़ सकता है। रुबिका लियाकत के इस ट्वीट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह वायरल हो रहा है।
Dakhal News
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर फ्रांस आधारित संस्था 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' ने बुधवार 3 मई को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की। रिपोर्ट में भारत की स्थिति पर चिंता जताई गई है, क्योंकि 2023 के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 11 पायदान गिरकर 161वें स्थान पर पहुंच गया है।आरएसएफ ने पिछले साल 180 देशों के एक सर्वे में भारत को 150वां स्थान दिया था। आरएसएफ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तीन देशों- ताजिकिस्तान (एक स्थान गिरकर 153वें स्थान पर), भारत (11 स्थान गिरकर 161वें स्थान पर) और तुर्किये (16 स्थान गिरकर 165वें स्थान पर) में स्थिति ‘समस्याग्रस्त’ से ‘बहुत खराब’ हो गई है।’रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अन्य स्थिति जो सूचना के मुक्त प्रवाह को खतरनाक रूप से प्रतिबंधित करती है, वह नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने वाले कुलीन वर्गों की ओर से मीडिया संस्थानों का अधिग्रहण है।’इंडियन वुमन्स प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने इंडेक्स में देश के स्थान में गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया। संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘आरएसएफ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित कई देशों में प्रेस फ्रीडम के इंडेक्स खराब हुए हैं।’बयान में कहा गया कि ग्लोबल साउथ में विकासशील लोकतंत्रों के लिए जहां असमानता की गहरी खाई मौजूद है, मीडिया की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इसी तरह अनुबंध पर बहाली जैसी अस्थिर कामकाजी परिस्थितियां भी प्रेस की स्वतंत्रता के समक्ष चुनौतियां हैं। असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां कभी भी स्वतंत्र प्रेस में योगदान नहीं दे सकतीं।वहीं रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत के स्थान आयी गिरावट को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम सभी के लिए शर्म से सिर झुकने समय: विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 161वें स्थान पर पहुंच गया है’|
Dakhal News