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9 November 2024मीडिया
प्रसिद्ध अभिनेता प्रभास ने लेखकों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक नई वेबसाइट "द स्क्रिप्ट क्राफ्ट" लॉन्च की है। यह वेबसाइट लेखकों को अपने कहानी विचारों को साझा करने और अपनी रचनात्मकता को दिखाने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करती है। प्रभास, जो कहानियों से गहरा लगाव रखते हैं, ने इस पहल का समर्थन किया है ताकि लेखकों को एक व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का मौका मिल सके। इस बारे में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। जानिए, क्या है 'द स्क्रिप्ट क्राफ्ट' इस वेबसाइट पर लेखक 250 शब्दों में अपनी कहानी का सारांश प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद, दर्शक इन प्रस्तुतियों को पढ़ सकते हैं और उन्हें रेट कर सकते हैं। सबसे अधिक रेटिंग पाने वाली कहानियां शीर्ष पर पहुंचेंगी। खास बात यह है कि फीडबैक सिस्टम में टिप्पणियों के बजाय रेटिंग पर जोर दिया गया है, जिससे लेखकों को एक सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल मिलता है और वे अपनी कहानियों पर आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। विशेष प्रतियोगिता लॉन्च के अवसर पर, "द स्क्रिप्ट क्राफ्ट" ने एक विशेष प्रतियोगिता भी शुरू की है जिसका नाम है "इमेजिन योर फेवरेट हीरो विद सुपरपावर्स!" इसमें लेखकों को 3,500 शब्दों तक की कहानी प्रस्तुत करने का मौका मिलता है, जिसमें वे एक हीरो को सुपरपावर के साथ कल्पना में उकेर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में दर्शकों की प्रतिक्रिया के आधार पर एक लेखक को चुना जाएगा, जिसे एक असली प्रोजेक्ट में सहायक लेखक या सहायक निर्देशक के रूप में काम करने का मौका मिलेगा। यह एक अनूठा अनुभव होगा जो उभरते हुए लेखकों को अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका देगा। ऑडियोबुक्स का विस्तार "द स्क्रिप्ट क्राफ्ट" में आगे चलकर ऑडियोबुक्स का फीचर जोड़ने की योजना है, जिससे लेखक अपनी कहानियों को ऑडियो अनुभव में बदल सकेंगे। इस विकास से लेखकों को ऐसे दर्शक भी मिल सकेंगे जो सुनने में अधिक रुचि रखते हैं और जो ऑडियो कहानियों को पसंद करते हैं। प्रभास द्वारा समर्थित और थाला वैष्णव और प्रमोद उप्पलापति द्वारा स्थापित "द स्क्रिप्ट क्राफ्ट" नए लेखकों के लिए एक अद्भुत अवसर प्रस्तुत करता है, जहां वे अपनी रचनात्मकता को दुनिया के सामने ला सकते हैं और अपनी कहानी कहने की क्षमता को निखार सकते हैं।
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9 November 2024टाइम्स नेटवर्क ने इंटर्नशिप के लिए आवेदन मांगे हैं, जिसमें खेल और सोशल मीडिया में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहतरीन अवसर है। यह इंटर्नशिप नोएडा लोकेशन के लिए है और इसमें पिकलबॉल जैसे खेल से जुड़े कंटेंट और सोशल मीडिया पर इसकी पहल को संभालने की जिम्मेदारी होगी। आवश्यकताएं: 1. पिकलबॉल से संबंधित कंटेंट और सोशल मीडिया गतिविधियों का प्रबंधन करना। 2. सोशल मीडिया, विशेषकर इंस्टाग्राम की अच्छी समझ होना। 3. खेल के प्रति जुनून रखने वाले व्यक्ति होना चाहिए। उम्मीदवार इस इंटर्नशिप के लिए दिए गए QR कोड को स्कैन कर आवेदन कर सकते हैं। यह इंटर्नशिप उनके लिए खास मौका है जो खेल और सोशल मीडिया दोनों में रुचि रखते हैं और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं।
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9 November 2024सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने सिबाजी बिस्वास को अपना नया चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नियुक्त किया है। वह जनवरी 2025 से अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे। इस भूमिका में सिबाजी SPNI की वित्तीय रणनीति, कॉर्पोरेट फाइनेंस और प्लानिंग का नेतृत्व करेंगे, जिसमें कंपनी की परिचालन दक्षता को बढ़ाने और चैनलों एवं डिजिटल प्लेटफार्मों के विविध पोर्टफोलियो में विस्तार में सहयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा। सिबाजी बिस्वास को वित्तीय नेतृत्व और रणनीतिक परिवर्तन में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। इससे पहले, वह Syngene International (बायोकॉन ग्रुप की सहायक कंपनी) में CFO और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। वहां उन्होंने कंपनी के राजस्व को दोगुना करने और बाजार पूंजीकरण को तीन गुना करने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सप्लाई चेन और डिजिटल परिवर्तन के कार्य सफलतापूर्वक किए गए, जिससे कंपनी को दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार किया गया। अपने करियर के शुरुआती दौर में, सिबाजी ने वोडाफोन में 12 साल बिताए, जहां उन्होंने विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभाईं। वे वोडाफोन रोमानिया के CFO, कॉर्पोरेट डेवलपमेंट के EVP, और हेड ऑफ प्रोक्योरमेंट जैसे पदों पर रहे। उन्होंने भारत सहित अन्य बाजारों में कंपनी के रणनीतिक विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने हचिसन इंडिया में हेड ऑफ कॉर्पोरेट फाइनेंस के रूप में भी कार्य किया, जहां कंपनी की वित्तीय रणनीतियों को मजबूत करने में योगदान दिया। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO, गौरव बनर्जी ने सिबाजी के इस नियुक्ति का स्वागत किया और कहा, "सिबाजी की वित्तीय विशेषज्ञता और रणनीतिक दृष्टिकोण SPNI के नेतृत्व टीम के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उनका अनुभव परिचालन दक्षता को बढ़ाने और जटिल वित्तीय क्षेत्रों में मार्गदर्शन करने में सहायक होगा, जिससे हम अपने ब्रैंड को मजबूत कर सकते हैं और दर्शकों के अनुभव को और भी बेहतर बना सकते हैं। हमें उनके योगदान का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि हम विकास के इस नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं।"
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8 November 2024बहुप्रतिष्ठित बिजनेस पत्रिका 'बिजनेस टुडे' के संपादक सौरव मजूमदार ने इस प्रतिष्ठित प्रकाशन को अलविदा कह दिया है। मजूमदार ने अपने लिंक्डइन पोस्ट के जरिए अपनी टीम का आभार जताया और पिछले तीन सालों में बनी “अनमोल” यादों को साझा किया। सौरव मजूमदार ने लिंक्डइन पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि बिजनेस टुडे में अपने आखिरी दिनों में वह टीम और सहकर्मियों द्वारा मिले प्यार और सम्मान से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि बिजनेस टुडे के संपादक के रूप में काम करना और ब्रांड को BT मल्टीवर्स में बदलने की रोमांचक यात्रा का हिस्सा बनना उनके लिए एक सौभाग्य की बात रही है। यहां बिताए गए तीन से अधिक वर्षों की यादें हमेशा उनके दिल में रहेंगी और उनके लिए यह अनमोल हैं। तीन दशकों के समृद्ध करियर वाले सौरव मजूमदार का नाम वित्तीय पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रमुखता से लिया जाता है। 'बिजनेस टुडे' के संपादक के रूप में, उन्होंने कॉर्पोरेट और वित्तीय बाजारों पर गहरी जानकारी के साथ बिजनेस न्यूज को एक नई दिशा दी। इसके पहले, वह 'फॉर्च्यून इंडिया' और 'फोर्ब्स इंडिया' के संपादक भी रह चुके हैं, जहां उन्होंने बिजनेस पत्रकारिता में अपनी खास पहचान बनाई। 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' में उन्होंने प्रमुख संपादकीय पहल का नेतृत्व किया और 'बिजनेस स्टैंडर्ड' कोलकाता के रेजिडेंट एडिटर के रूप में भी कई महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट घटनाओं को कवर किया। प्रिंट, डिजिटल, वीडियो और ऑनलाइन पत्रकारिता में महारत रखने वाले सौरव मजूमदार ने भारत के मीडिया क्षेत्र में अपनी विशेष जगह बनाई है।
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8 November 2024प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। वे दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम गंभीर स्थिति में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके निधन पर पत्रकार चित्रा त्रिपाठी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, शारदा सिन्हा जी का निधन हम सभी के लिये अपूरणीय क्षति हैं। बरसों पुराना रिश्ता रहा आपसे। सालों पहले पटना वाले आपके घर पर जाकर मैंने “बेटियाँ” कार्यक्रम आपके साथ रिकॉर्ड किया था। ना जाने कितने अनगिनत गाने आपने मुझे सुनाये थे उस दिन। माँ सरस्वती का साक्षात आशीर्वाद था आपको। हरा पान खाने की आप ख़ूब शौकीन थीं। मुझसे बातचीत में कहा कि चित्रा यही एक बुराई है जो मुझसे नहीं छूटती। मैंने प्यार किया फ़िल्म में जब आपने गाना गया - कहे तोसे सजना” इसके बाद आपको फ़िल्म इंडस्ट्री से तमाम ऑफ़र आये। सबने कहा कि बिहार छोड़कर मुंबई में बस जाओ, लेकिन आपने बिहार को नहीं छोड़ा। शारदा जी आप हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन यकीन मानिये पटना में जब आज आप पंचतत्व में विलीन हो रही होंगी तो ठीक उसी समय वो तमाम छठ व्रती जो देश और दुनिया के किसी भी कोने में होंगे वो आपके गाये हुए छठ गीत को सुनकर आपको अंतिम विदाई दे रहे होंगे।
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6 November 2024प्राइम वीडियो ने हिंदी ओरिजिनल फिल्मों के हेड के तौर पर चेतन झावर को नियुक्त किया है। चेतन झावर इससे पहले नेटफ्लिक्स इंडिया में इंटरनेशनल ओरिजिनल फिल्मों का प्रबंधन संभाल रहे थे। चेतन झावर ने लगभग 6 साल नेटफ्लिक्स में काम किया। उन्होंने नेटफ्लिक्स के इंटरनेशनल ओरिजिनल फिल्म सेक्शन में क्रिएटिव हेड के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई और अपनी रचनात्मक दृष्टि से इस क्षेत्र में कई योगदान दिए। नेटफ्लिक्स से पहले, झावर AltBalaji से जुड़े हुए थे, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा से डिजिटल कंटेंट की दुनिया में एक मजबूत पहचान बनाई। इसके अलावा, झावर स्टार टीवी नेटवर्क के साथ भी काम कर चुके हैं और वहां भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। प्राइम वीडियो में उनकी नई भूमिका के साथ, उम्मीद की जा रही है कि वह हिंदी ओरिजिनल फिल्मों में नए और रोमांचक कंटेंट को दर्शकों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
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6 November 2024माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) ने वाइस चांसलर (कुलगुरु) के रिक्त पद पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह विज्ञापन 30 अक्टूबर, 2024 को जारी किया गया है। विश्वविद्यालय में चयन हेतु निर्धारित योग्यताएं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय अधिनियम, 1990 के तहत निर्धारित की गई हैं, जिसका विस्तृत विवरण विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (http://www.mcu.ac.in) पर उपलब्ध है। इच्छुक उम्मीदवार सभी आवश्यक योग्यताओं और प्रमाणित अनुभवों के साथ अपना आवेदन 14 नवंबर, 2024 तक शाम 5 बजे तक MCU के रजिस्ट्रार कार्यालय, भोपाल में जमा कर सकते हैं। आवेदन पत्र डाक द्वारा भी भेजा जा सकता है या ईमेल (registrar@mcu.ac.in) पर सबमिट किया जा सकता है। बता दें कि अंतिम तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दिए गए विवरणों को देख सकते हैं या MCU के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। डाक द्वारा आवेदन पत्र भेजने का पता: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, माखनपुरम, शूटिंग एकेडमी के सामने, बिशनखेड़ी, भोपाल, मध्य प्रदेश (462044)
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6 November 2024केबल टीवी, डिजिटल टीवी और इंटरनेट के आने से पहले दूरदर्शन हर भारतीय घर का अभिन्न हिस्सा था। उस समय दूरदर्शन के न्यूजरीडर्स और एंकर्स बिना किसी सनसनी के, सरल और निष्पक्ष तरीके से खबरें प्रस्तुत करते थे। इन्हीं में से एक थे शम्मी नारंग, जो जाने-माने न्यूज एंकर और वॉयस ओवर आर्टिस्ट रहे हैं। इस बार 3 नवंबर को 'डीडी न्यूज' के स्थापना दिवस पर शम्मी नारंग विशेष रूप से फिर से 'डीडी न्यूज' के मंच पर लौटे। दूरदर्शन का यह न्यूज चैनल, जो 24 घंटे खबरें प्रसारित करता है, 2003 में शुरू हुआ था रविवार को शम्मी नारंग ने दर्शकों के लिए एक “विशेष सरप्राइज” के रूप में बुलेटिन पढ़ा। वीडियो में वे कहते हैं, “यह ऐसा है जैसे दुल्हन अपने मायके लौट रही हो।” उन्होंने इस अनुभव को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “लगभग 23 साल बाद, मैंने @DDNewslive के स्थापना दिवस पर बुलेटिन पढ़ा, जो मेरे लिए भी एक खास अनुभव था।” इस वीडियो को 16,000 से अधिक व्यूज मिल चुके हैं और इसे देखकर लोग अपने पुराने दिनों की यादों में खो गए। एक यूज़र ने लिखा, “बहुत सुंदर और भावुक कर देने वाला अनुभव। ये हमें उन दिनों में वापस ले गया जब न्यूज देखना एक खास आयोजन होता था। आपकी आवाज सुनना बहुत भावुक कर गया, ईश्वर आपका भला करे।” एक और यूज़र ने टिप्पणी की, “वो अच्छे दिन थे जब आप, सलमा सुल्तान, मीना तलवार और सरला एम न्यूज़ एंकर हुआ करती थीं। असली खबरें होती थीं, बिना शोर-शराबे के, बिना व्यक्तिगत राय के और बिना किसी बहस के।” एक तीसरे यूज़र ने लिखा, “अच्छा लगा ये देखना और उन दिनों को याद करना जब मैं 8:40 बजे का समाचार अपने माता-पिता के साथ देखता था।” बता दें कि 'डीडी न्यूज' हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और संस्कृत में रोजाना खबरें प्रसारित करता है। चैनल पर रोजाना 17 घंटे से अधिक का लाइव प्रसारण और 30 से अधिक न्यूज़ बुलेटिन प्रसारित किए जाते हैं, जो दर्शकों को हर भाषा में खबरों से जोड़ने का काम करते हैं।
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5 November 2024BARC इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 'एनडीटीवी इंडिया' ने हिंदी न्यूज HSM कैटेगरी में 2% बाजार हिस्सेदारी दर्ज की है। मार्च 2022 में, एनडीटीवी ने BARC सिस्टम से बाहर निकलने का निर्णय लिया था। उन्होंने इसके पीछे कई कारण बताए थे, जैसे कि मीटरों की कमी, सिस्टम में कमजोरियां, पारदर्शिता का अभाव और भ्रष्टाचार की धारणा। एनडीटीवी ने तब कहा था, "एनडीटीवी ने बार-बार इस ओर इशारा किया है कि यदि बार्क एक ऐसी मापन प्रणाली (measurement process) सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है, जिसमें हेराफेरी या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, तो एक बड़े सैंपल साइज (मीटर) की आवश्यकता है।‘ उनका कहना था कि रेटिंग में गड़बड़ी उजागर होने से वर्षों पहले से एनडीटीवी इस सिस्टम की तमाम कमजोरियों की ओर इशारा कर रहा है। दुर्भाग्य से, टीआरपी की रिपोर्टिंग फिर से शुरू करने के लिए बार्क जो बदलाव पेश कर रहा है, वे चिंताजनक रूप से अपर्याप्त हैं। ‘एनडीटीवी’ ग्रुप की प्रेजिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा था, "दुर्भाग्यवश, BARC द्वारा TRP रिपोर्टिंग फिर से शुरू करने पर जो बदलाव किए जा रहे हैं वे बेहद अपर्याप्त हैं।" इसके साथ ही सुपर्णा सिंह का यह भी कहना था कि ब्रॉडकास्टर को बार्क इंडिया की रेटिंग प्रणाली को फिर से शुरू किए जाने पर तक इसे सबस्क्राइब करना सुसंगत नहीं लगता, जब तक कि इसमें आवश्यक सुधार नहीं हो जाते। उन्होंने कहा था कि बार्क को ज्यादा मीटर लगाने और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत है। अब एनडीटीवी का वापस आना दर्शाता है कि वे अपने दर्शकों और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
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5 November 2024भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग की और चुनाव आयोग ने कल इसकी घोषणा कर दी। ऐसा ही हरियाणा में हुआ था और वहां अप्रत्याशित चुनाव परिणाम आये थे। अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग पूरी कर दी गई है। खबर बड़ी है लेकिन वैसे छपी नहीं है। अंग्रेजी अखबारों में सिर्फ द हिन्दू में सेकेंड लीड है। कई अखबारों में यह पहले पन्ने पर नहीं है या छोटी सी है। अमर उजाला में यह दो कॉलम में है। खबर के अनुसार, अब 13 नवंबर को इन सीटों पर वोट नहीं डाले जाएंगे। नए शेड्यूल के मुताबिक इन सभी सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी। विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है और कहा है कि चुनाव टालने से योगी आदित्यनाथ सरकार की अगुआई वाली भाजपा अपनी हार नहीं टाल सकती। दूसरी ओर, इस निर्णय़ को उचित ठहराने के लिए दलील दी गई है कि 13 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। गंगा स्नान के चलते बीजेपी और रालोद ने चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग की थी। अमर उजाला की खबर, “तीन राज्यों की 14 सीटों पर अब 20 को मतदान” में कहा गया है, यूपी में भाजपा, बसपा और रालोद ने कहा था कि कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को है। कांग्रेस ने कहा था कि केरल की पलक्कड़ विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में मतदाता 13 से 15 नवंबर तक कल्पती रथोत्सवम का त्योहार मनाएंगे। पार्टी ने कहा था कि पंजाब में 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव के 555वां प्रकाश पर्व है। इसके लिए अखंड पाठ 13 नवंबर से शुरू हो जाएगा। इस लिहाज से अगर यह मान लिया जाये कि चुनाव की तारीख बढ़ाना बिल्कुल जायज है तो सवाल पैदा होता है कि पहले की तारीखें घोषित करने से पहले इन बातों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया? अगर 13 तारीख को मतदान वाले कुछ चुनाव क्षेत्रों में लोगों और उम्मीदवारों को राहत दी जा रही है तो सबको क्यों नहीं? त्यौहार का कारण अपनी जगह है लेकिन चुनाव प्रचार और उसके लिए समय भी कोई चीज है। किसी चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवारों और मतदाताओं को कम या ज्यादा समय क्यों? चुनाव की तारीख तय करना और समय पर चुनाव कराना – चुनाव आयोग के दो महत्वूपूर्ण कार्यों में है। चुनाव आयोग इन दो कामों में लगातार चूक रहा है और चिट्ठी लिखने में उस्तादी दिखा रहा है। चिट्ठी लिखना और किसी पार्टी की छवि खराब करना (या बनाना) चुनाव आयोग का काम नहीं है। कुल मिलाकर, चुनाव आयोग अपने मूल काम में कमजोर दिख रहा है। अखबारों ने तारीख बदलने के कारण बताये हैं लेकिन इससे ज्यादा जरूरी यह बताना है कि पहले की तारीखें घोषित करने में इन बातों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया या इन त्यौहारों के बावजूद चुनाव रखा ही क्यों गया था? अखबारों में इसके जवाब के बिना खबर अधूरी है। समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव की तारीखों में बदलाव को लेकर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। यह भी खबर है और इसलिए भी इसे पहले पन्ने पर होना चाहिये था। सपा प्रवक्ता आजम खान ने कहा, “चुनाव में हार के डर से चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जा रहा है। आरोप है कि बीजेपी चुनावी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। कहा कि इसका असर चुनाव के नतीजों पर नहीं पड़ेगा। समाजवादी पार्टी उपचुनाव में जीत दर्ज करेगी।” चुनाव की तारीख में बदलाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी पर निशाना साधा, लिखा – “टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे! पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाक़ी सीटों के उपचुनाव की तारीख़, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी। दरअसल बात ये है कि यूपी में ‘महा बेरोज़गारी’ से जो लोग पूरे देश में काम-रोज़गार के लिए जाते हैं। वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर यूपी आए हुए हैं। उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालनेवाले थे। जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया। इससे लोगों की छुट्टी ख़त्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं।” ऐसा नहीं है कि ये तर्क निराधार हैं और कांग्रेस ने भी मांग की थी इसलिए तारीख बदल दिया जाना जायज हो गया है। महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में भाजपा का मुद्दा हिन्दू-मुसलमान है और कल प्रधानमंत्री ने अपने भाषण से साबित कर दिया कि वे अपने मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व सरमा से अलग बिल्कुल नहीं हैं। ऐसे में आज कनाडा में मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों का हमला, शीर्षक लीड अमर उजाला में छह कॉलम में है। इसके बुलेट प्वाइंट से प्रधानमंत्री और सरकार की परेशानी का पता चलता है। पीएम मोदी का सख्त बयान : जानबूझकर किया गया हमला निन्दनीय …. भारतीय राजनयिकों को डराना कायरता। प्रदर्शनकारियों ने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। कनाडा पुलिस ने भी दिया हिसंक भीड़ का साथ : हमले के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे तीन लोगों को ही कर लिया गिरफ्तार। मैं इस खबर पर कुछ नहीं कहूंगा पर बताना चाहूंगा कि नवोदय टाइम्स में यह खबर लीड नहीं है। चार कॉलम की खबर जरूर है। कनाडा के मंदिर में हिंसा, भारत ने कड़ा विरोध जताया। इसमें कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की यह अपील भी है कि सरकार सख्ती से विरोध करे। मतलब कड़ा विरोध पर्याप्त नहीं है। जो भी हो, भारत में 10 साल से भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद अगर हिन्दू खतरे में हैं और बंटेंगे तो कटेंगे तथा विपक्ष सत्ता में आ गया तो जो सब होने की जानकारी प्रधानमंत्री ने दी है और चुनाव आयोग ने चुप-चाप सुना है तो जाहिर है आरएसएस अभी पर्याप्त मजबूत और सक्षम नहीं हुआ है। खबर यह होनी चाहिये थी आरएसएस और भाजपा को अभी मजबूत किये जाने की जरूरत है और तब तक इन्हें सत्ता किसी और को सौंप देनी चाहिये जो इनसे बेहतर सरकार चलाते थे और भ्रष्टाचार किया भी तो पकड़ा नहीं गया न कि इलेक्टोरल बांड जैसा कुछ गैर कानूनी किया। सुप्रीम कोर्ट की हालत यह बना दी कि इसपर और कई अन्य मामलों में कार्रवाई तो नहीं ही हुई। आज मुख्य न्यायाधीश ने जो कहा है वह प्रचारक जैसा है। नवोदय टाइम्स में शीर्षक है, “भारतीय समाज मजबूत, संविधान पर कोई खतरा नहीं : सीजेआई। कहने की जरूरत नहीं है सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, सीबीआई की भूमिका, ईडी का दुरुपयोग आदि ही नहीं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपालों के चुनाव प्रचार भी बताते हैं कि संविधान खतरे में है। चुनावी पूर्वानुमान गलत होने लगे हैं, ईवीएम शक के घेरे में है और संतोषजनक जवाब नहीं हैं। एक समय ईवीएम का विरोध करने वाले अब सरकार के साथ हैं। ईवीएम पर चुप हैं और सरकार उनके समर्थन से टिकी हुई है। दूसरी ओर, एक साल पहले ईडी ने उन्हें जिस घोटाले में गिरफ्तार किया था अब उसके पास उसमें उनके शामिल होने का कोई संबंध नहीं है। आप समझ सकते हैं कि क्या कैसे हुआ होगा और क्या चल रहा है। उधर, अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में चुनाव नहीं हुए, जब हुए तो भाजपा जीत नहीं पाई और अब तक सरकार बन गई है तो पीडीपी के सदस्य ने अनुच्छेद- 370 पर प्रस्ताव पेश किया। भाजपा सदस्यों ने इसका विरोध किया है। दि एशियन एज में यह खबर फोटो के साथ पांच कॉलम में छपी है। इंडियन एक्सप्रेस में दो कॉलम की खबर है और एक कॉलम की फोटो। संविधान पर हमले का एक और उदाहरण जेपीसी का काम और उसमें भाजपा सदस्यों की भूमिका है। इसका नतीजा यह है कि सेबी प्रमुख, माधवी पुरी बुच संसदीय समित के समझ उपस्थिति ही नहीं हुईं। आज इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार संयुक्त संसदीय समिति के विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल पर एकतरफा फैसलों का आरोप लगाया है और कहा है कि वे जेपीसी से अलग होने के लिये मजबूर हो सकते हैं। खबर है कि विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में यह दावा भी किया कि समिति की कार्यवाही में उनको अनसुना किया गया। खबर है कि विपक्षी सांसद मंगलवार को इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलेंगे। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में यह दावा भी किया कि समिति की कार्यवाही में उनको अनसुना किया गया। इंडियन एक्सप्रेस में यह खबर पहले पन्ने पर एक कॉलम में है। दूसरे अखबार में यह खबर दिखी नहीं। तीन नंवंबर की तारीख वाले इस पत्र पर छह विपक्षी सांसदों के दस्तखत हैं। इनमें एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के एमएम अब्दुल्ला और तृणणूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमूल हक शामिल हैं। आज इन और ऐसी खबरों के बीच, “पटाखों पर प्रतिबंध के निर्देशों पर अमल नहीं होने पर चिन्ता” कई अखबारों में लीड है। उदाहरण के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया में यह पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर लीड है जबकि हिन्दुस्तान टाइम्स में यह पहले पन्ने पर लीड है। शीर्षक है, वायु संकट के बीच पटाखों पर प्रतिबंध के उल्लंघन की सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की। टाइम्स ऑफ इंडिया का शीर्षक है, पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन कैसे हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, सरकार को नोटिस भेजा। टाइम्स ऑफ इंडिया की लीड कनाडा के मंदिर और वहां हिन्दुओं पर हमले की प्रधानमंत्री ने आलोचना है। पर दिलचस्प खबर दि एशियन एज में है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है – जेएमएम कांग्रेस घुसपैठियों का गठजोड़ है। मेरे लिये तो यह समझना मुश्किल है कि ऐसा कैसे कहा जा सकता है। इसका आधार या सिर पैर कहां -क्या होगा। पर प्रधानमंत्री हैं, कहा है तो खबर है ही। इसका फ्लैग शीर्षक है, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीत चरम पर। मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि अपनी कमजोरी को स्वीकार करने का यह कौन सा तरीका है। अगर यह गलत है और भ्रष्टाचार तो गलत है ही, तो केंद्र में प्रधानमंत्री के पद पर बैठकर नरेन्द्र मोदी 10 साल से क्या कर रहे हैं? जनता को लगेगा कि राज्य सरकार भ्रष्ट है तो हटा ही देगी जैसे 2014 में केंद्र सरकार को हटाया था पर ना खाउंगा ना खाने दूंगा के बावजूद झारखंड की सरकार भ्रष्टाचार करती रही तो आप क्या कर रहे थे? स्थिति यह है कि वाशिंग मशीन में धुले सभी दलों के भाजपाई नेताओं और इलेक्टोरल बांड के रूप में मौजूद दस्तावेज भाजपा के बड़े भ्रष्टाचार की कहानी कहते हैं फिर भी प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के ऐसे हल्के और हवाई आरोपों से क्या उम्मीद कर रहे हैं। वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं और मीडिया कुछ कह-लिख या बता नहीं पा रहा है यह उसके शीघ्र पतन का लक्ष्ण है। आप जानते हैं कि आप आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल को इस बारे में पहले ही लिखा था अब दिल्ली सरकार से पूछा जा रहा है। आग जो होगा वह तो बाद में पता चलेगा पर सबको पता है कि पटाखों को हिन्दुओं के त्यौहार से जोड़ दिया गया था, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और पिछली बार तो भाजपा के कई नेताओं ने खुलेआम प्रतिबंध का उल्लंघन किया। पटाखा समर्थकों को यह बताने-समझाने की कोई कशिश नहीं हुई कि इस धार्मिक उत्साह और प्रतिबंध के उल्लंघन का असर आम लोगों के साथ बच्चों-बुजर्गों और बीमारों पर होगा।
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5 November 2024BW बिजनेसवर्ल्ड ने हाल ही में अपनी नई अंक जारी किया है, जिसमें भारत में बदलती लग्जरी की परिभाषा और त्योहारी सीजन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण पर गहराई से विचार किया गया है। इस अंक में विशेष रूप से उन तरीकों पर प्रकाश डाला गया है जिनसे लग्जरी ब्रैंड्स उपभोक्ताओं की बदलती पसंद को ध्यान में रखते हुए खुद में बदलाव ला रहे हैं और टिकाऊ व तकनीकी समायोजन कर रहे हैं। इस अंक में लग्जरी क्षेत्र में बढ़ती टिकाऊपन और तकनीकी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो आज के जागरूक उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करता है। इस बदलाव से पता चलता है कि कैसे ब्रैंड्स उपभोक्ता की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए अपने उत्पादों में बदलाव कर रहे हैं। इस अंक की कवर स्टोरी में बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना शामिल हैं, जिन्होंने स्टाइल, लग्जरी और दर्शकों के साथ सार्थक संबंधों पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लग्जरी ब्रैंड्स को अपने ग्राहकों के साथ ठोस और सार्थक जुड़ाव बनाना चाहिए। इस सोच को कई इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने भी समर्थन दिया है और आने वाले रुझानों पर अपने विचार साझा किए हैं। इस अंक में यह भी बताया गया है कि अत्याधुनिक तकनीक लग्जरी सेक्टर में कैसे बदलाव ला रही है। ग्राहक अनुभव को और अधिक निजीकरण की ओर ले जाते हुए, तकनीक न केवल उपभोक्ताओं के लिए विशेष अनुभव देने में मददगार है, बल्कि यह ब्रैंड्स को उनकी टिकाऊ यात्रा में भी सहायक सिद्ध हो रही है। डेटा-ड्रिवन इनसाइट्स का उपयोग करके, लग्जरी ब्रैंड्स ऐसे अनूठे अनुभव बना रहे हैं जो ग्राहकों की व्यक्तिगत पसंद के अनुकूल हों, जिससे उनकी सफलता सुनिश्चित होती है। इस अंक में एक और महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान दिया गया है, जो भारत के लग्जरी बाजार में बड़ा बदलाव ला रहा है- सेकेंड-हैंड लग्जरी मार्केट। एक अनुमान के अनुसार, यह सेक्टर 2032 तक 1,556.2 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। खासकर जागरूक उपभोक्ता अब अधिक टिकाऊ विकल्प के तौर पर प्री-ओन्ड लग्जरी वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे कई बड़े लग्जरी ब्रैंड्स भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस विशेष अंक में भारत के त्योहारी सीजन, खासकर दीवाली का आर्थिक प्रभाव भी विश्लेषण किया गया है। Flipkart और Amazon जैसे बड़े रिटेल ब्रैंड्स ने अक्टूबर से दिसंबर के बीच बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि की उम्मीद जताई है। इसी तरह, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी त्योहारी छूट, नए मॉडल्स की लॉन्चिंग और उपभोक्ता मांग के कारण 15-20 प्रतिशत तक की बिक्री वृद्धि का अनुमान है। ज्वेलरी बाजार में भी त्योहारी सीजन एक महत्वपूर्ण अवसर लेकर आता है, विशेष रूप से युवा ग्राहकों की बढ़ती रुचि के कारण। इस अवधि में सोने की खरीददारी को भी शुभ माना जाता है, जो समृद्धि का प्रतीक है। त्योहारी सीजन केवल आभूषण ही नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान और FMCG जैसे अन्य उद्योगों के लिए भी एक वरदान साबित होता है। खुदरा विक्रेता आकर्षक छूट और ऑफर्स के साथ उपभोक्ताओं को लुभाते हैं, जिससे बाजार में तेजी आती है। सांस्कृतिक उत्सवों और आर्थिक समृद्धि के बीच का यह गहरा संबंध आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवधि में स्टॉक मार्केट में भी वृद्धि देखी जाती है, जो समृद्धि और शुभता से जुड़ा हुआ है। BW Businessworld की यह नई अंक डिजिटल और प्रिंट दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है। अधिक जानकारी और सभी खबरों को विस्तार से पढ़ने के लिए BW Businessworld की नवीनतम डिजिटल संस्करण पर क्लिक करें।
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4 November 2024प्रसार भारती में वेब डेवलपर के पदों पर वैकेंसी है. आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बीटेक, एमसीए या एमएससी की डिग्री होनी अनिवार्य है. इसके अलावा उम्र सीमा 38 वर्ष और संबंधित क्षेत्र में करीब 6 वर्ष के कामकाज का अनुभव होना भी जरूरी है. वेब डेवलपर (PHP) के पद पर चयनित होने वाले उम्मीदवार को प्रति माह 1,20,000 रुपये वेतन दिया जाएगा. एग्जाम और इंटरव्यू के बाद पोस्टिंग दिल्ली में दी जाएगी. यह पद कांट्रैक्ट बेस पर हैं जिसकी अवधि दो वर्ष रहेगी और कुल तीन पद हैं. अधिक जानकारी व आवेदन करने के लिए https://prasarbharati.gov.in/pbvacancies/ पर जाये
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4 November 2024यूपी के गाजियाबाद में एक खबर प्रकाशित करने पर संपादक इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पीसीआई (प्रेस क्लब ऑफ इंडिया) ने कड़ी निंदा की है। पीसीआई ने एक ट्वीट कर लिखा है कि- “हम यूपी के गाजियाबाद में पत्रकार इमरान खान की रिपोर्टिंग को लेकर हुई गिरफ्तारी से चिंतित हैं। उनकी रिपोर्टिंग लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक विपक्षी नेता की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कवरेज पर आधारित थी। चुनाव के महीनों बाद स्थानीय सांसद की शिकायत पर यूपी पुलिस ने करीब एक महीने पहले एफआईआर दर्ज की और कल सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया। मैसेंजर को गोली मारना अब पूरे देश में एक नई सामान्य बात बन गई है। हम आग्रह करते हैं यूपी सरकार पत्रकारों की कार्यप्रणाली और कामकाज के संबंध में पुलिस कर्मियों को जागरूक करे।” बता दें कि गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव के दौरान इमरान खान ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा के एक भाषण को लेकर सांसद व पूर्व मंत्री अतुल गर्ग को लेकर एक लेख प्रकाशित किया था, जिसके बाद अतुल गर्ग ने कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इमरान को इसी मामले में अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
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4 November 2024अयोध्या नगरी 25 लाख से ज़्यादा दीपों के बीच जगमगायी। दीपोत्सव का दिव्य नज़ारा देखने को मिला। अय़ोध्या के 55 घाटों पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीए जलाकर गिनीज़ बुक का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। सरयू के तट पर 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू की आरती की। ऐसा अयोध्या में पहली बार हुआ है। अयोध्या में सनातन धर्म की विरासत औऱ त्रेतायुग की दिवाली की झलक दिखाई दी। दीपोत्सव से पहले 1,121 संतों-महंतो ने सरयू घाट पर भव्य आरती की। योगी ने दीपोत्सव पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया। सनातन धर्म का विरोध करने वालों को कड़ी चेतावनी दी। राम मंदिर के निर्माण पर योगी आदित्यनाथ ने डंके की चोट पर कहा कि हमने जो कहा वह करके दिखाया। अयोध्या में रिकॉर्ड दीये जलाने के उत्सव में कई संदेश छिपे हैं। एक तो ये कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद ये दीपोत्सव का पहला उत्सव है, जो याद दिलाता है कि नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण का वादा पूरा किया। इसलिए योगी ने याद दिलाया, जो कहा वह करके दिखाया है। दूसरा, दीपोत्सव के बहाने योगी ने हिंदू समाज को एक होने का आह्वान किया। सनातन पर हमला करने वालों को चेतावनी दी। तीसरी बात, राम मंदिर को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी गलती दोहराई। उन्होंने एक बार फिर अयोध्या में दीपोत्सव का विरोध किया। एक ने भेदभाव का नाम लिया तो दूसरे ने दीयों के तेल से फैलने वाली गंदगी को बहाना बनाया। अयोध्या में दिवाली के अवसर पर दीपोत्सव के प्रति लोगों के उत्साह को देखते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का स्टैंड बचकाना लगता है। ये वही काम है जो उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के समय किया था । अयोध्या में राम का मंदिर बना है, रामलला विराजमान हुए हैं, इसके बाद पहली दीपावली है। सबको इसे मिलकर मनाना चाहिए। इसपर विवाद खड़ा करने का क्या फायदा? लेकिन विवाद सिर्फ अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर नहीं हुआ, पटाखों और आतिशबाजी पर भी सवाल उठाए गए।
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3 November 2024हाल ही में सीएनएन के एक पत्रकार ने अल जज़ीरा के मुस्लिम पत्रकार मेहदी हसन के खिलाफ नस्लवादी बयानबाजी की थी. मामले में सीएनएन ने पत्रकार के अगेंस्ट सख्त कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैनल ने अपने पत्रकार रयान गिर्डुस्की को चैनल से बाहर कर दिया है. साथ ही सीएनएन ने अपने जर्नलिस्ट की इस हरकत पर माफी भी मांगी है. अमेरिका में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प की रैली को लेकर सीएनएन पर डिबेट चल रहा था. चर्चा में बैठे सीएनएन के पत्रकार रयान गिर्डुस्की ने पत्रकार मेहदी हसन से कहा कि- “आपका बीपर बंद नहीं होगा.” इससे पहले हसन ने कहा- “वे फिलिस्तीनी सपोर्टर हैं.” सीएनएन ने अपने बयान में कहा- चैनल में नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है. रयान गिर्डुस्की को हमारे नेटवर्क में कभी दोबारा नहीं आने दिया जाएगा.
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3 November 2024फ्लिपकार्ट इंटरनेट (Flipkart Internet) ने 2023-24 में विज्ञापन से लगभग 5000 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल के 3324.7 करोड़ रुपये से अधिक है। बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म 'टॉफलर' (Tofler) की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लिपकार्ट ने इस वित्त वर्ष में कुल 17,907.3 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो सालाना आधार पर लगभग 21% की वृद्धि है। इसके साथ ही, कंपनी का घाटा 41% घटकर 2,358 करोड़ रुपये पर आ गया। यह लगातार दूसरा साल है जब फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 20% से अधिक वृद्धि दर्ज की है और घाटे में कमी आई है। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने इस साल मार्केटप्लेस फीस से 3,734 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले वर्ष के 3,713.2 करोड़ रुपये से अधिक है। कलेक्शन सेवाओं से आय बढ़कर 1,225.8 करोड़ रुपये हो गई, जो पहले 1,114.3 करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञापन से हुई आय ने विभिन्न मार्केट फीस को भी पीछे छोड़ दिया है। फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति के मुनाफे पर ध्यान केंद्रित करने के लक्ष्य के साथ, कंपनी की आय बढ़ी है और घाटा घटा है। संगठनात्मक पुनर्गठन के कारण कंपनी के संचालन खर्च भी कम हुए हैं, जो इसके मुनाफे में योगदान दे रहे हैं। फ्लिपकार्ट का बाजार खंड मुख्य रूप से विक्रेताओं से कमीशन, विज्ञापन और अन्य सेवाओं की फीस से कमाई करता है।
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30 October 2024डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है, लेकिन वह डिज्नी के साथ जुड़े रहेंगे। स्टार में विक्रम दुग्गल ने डिज्नी, पिक्सर, मार्वल, लुकासफिल्म, 20th सेंचुरी स्टूडियोज और सर्चलाइट पिक्चर्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स की वैश्विक फिल्मों और फॉक्स स्टार स्टूडियोज के तहत स्थानीय प्रोडक्शंस का जिम्मा संभाला है। उन्होंने देश में इन ग्लोबल फिल्मों की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के अलावा, स्थानीय प्रोडक्शंस के लिए क्रिएटिव, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटजी का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व में स्टूडियो का कारोबार उपभोक्ता, रचनात्मकता और स्थानीयकरण पर केंद्रित रहकर तेजी से बढ़ा है। उनके मार्गदर्शन में 'एवेंजर्स: एंडगेम' (2019 में भारत में नंबर 1 फिल्म), 'एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर', 'थॉर रग्नारोक', 'ब्लैक पैंथर', 'द लॉयन किंग' और 'फ्रोजन 2' जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाए। इससे पहले, विक्रम ने स्टूडियोज बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का नेतृत्व किया था और डिज्नी इंडिया में कॉर्पोरेट रणनीति और बिजनेस ग्रोथ की जिम्मेदारियां भी संभाली थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मीडिया नेटवर्क्स बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिजिटल इनीशिएटिव्स का नेतृत्व किया और भारत में डिज्नी के टीवी बिजनेस के निर्माण में रचनात्मक सहयोग किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी के स्टार इंडिया के बीच मर्जर नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले डिज्नी स्टार के कंट्री मैनेजर और प्रेसिडेंट के. माधवन और डिज्नी + हॉटस्टार के प्रमुख सजीत सिवानंदन भी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं
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30 October 2024इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म पर केंद्रित ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘गोवा क्रॉनिकल’ (Goa Chronicle) के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सावियो रोड्रिग्स ने हाल ही में अपने न्यूज पोर्टल को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर संकेत दिए कि आर्थिक चुनौतियों और सच्चाई की पत्रकारिता के प्रति उनके समर्पण के चलते पोर्टल को जल्द ही बंद करने पर विचार किया जा सकता है। सावियो ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘गोवा क्रॉनिकल हमारी मेहनत, लगन और सच्ची पत्रकारिता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है। पिछले 14 वर्षों से हम सच्चाई का साथ देने के लिए कई कुर्बानियां कर चुके हैं, लेकिन अब इसे जीवित रखना कठिन हो गया है क्योंकि सच्चाई की पत्रकारिता लाभदायक नहीं है और हम सच्चाई से इतर कुछ भी नहीं लिख सकते।’ उन्होंने आगे कहा कि आने वाले हफ्तों में टीम को कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे कि क्या इस राह पर चलना जारी रखा जाए या नहीं। दिल तो टूटेगा, पर एक हद के बाद आपको छोड़कर आगे बढ़ना ही होता है। उन्होंने अपने पाठकों से उन्हें याद रखने की अपील करते हुए कहा, ‘हमने हमेशा देश और मानवता के हित के लिए कठिनाइयों का सामना किया है।’
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30 October 2024जानी-मानी न्यूज एंकर प्रतिमा मिश्रा एक बार फिर ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में शामिल हो गई हैं। उन्होंने यहां पर एंकर कम सीनियर स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर जॉइन किया है। इस बारे में प्रतिमा मिश्रा ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर भी जानकारी शेयर की है। बता दें कि इससे पहले प्रतिमा मिश्रा करीब दो साल से 'टीवी9 भारतवर्ष' में स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट व एंकर की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। वह यहां ‘एबीपी न्यूज’ में अपनी करीब दस साल पुरानी पारी को विराम देकर आई थीं। उस समय वह एबीपी न्यूज में प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट व एंकर के पद पर कार्यरत थीं। मुंबई में जन्मी व दिल्ली-एनसीआर में पली-बढ़ी प्रतिमा मिश्रा ने ‘एबीपी न्यूज’ जून, 2012 में बतौर रिपोर्टर जॉइन किया था। उन्होंने अब तक देश में राजनीति, दंगे, अपराध, खेल, घोटाले और चुनावों पर रिपोर्टिंग की है। 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में उन्होंने बड़े पैमाने पर रिपोर्ट की, जिसने देश को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने कश्मीर बाढ़, आईपीएल सीजन-8 और दिल्ली चुनावों को भी कवर किया है। इसके अलावा वर्ष 2020 में हुए हाथरस दुष्कर्म मामले में उन्होंने नॉनस्टॉप 27 घंटे रिपोर्टिंग की थी। प्रतिमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से पत्रकारिता में स्नातक किया और इसके बाद उन्होंने ‘सीएनएन-आबीएन’ में इंटर्नशिप की। प्रतिमा मिश्रा को 2017 में बहुप्रतिष्ठित अवॉर्ड रामनाथ गोयनका व 2021 में एक्सचेंज4मीडिया के बहुप्रतिष्ठित अवॉर्ड ‘enba’ से सम्मानित किया जा चुका है। Dakhal.Net की ओर से प्रतिमा मिश्रा को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई औऱ शुभकामनाएं
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23 October 2024भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक नियामक ढांचा विकसित करने के संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया है। यह पहल नॉन-सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग तकनीकों के उपयोग और उनके नियमन पर स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रियाएं प्राप्त करने के लिए की गई है। इस पत्र का उद्देश्य भारतीय ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में नये विकास और अवसरों को सामने लाना है, खासकर ग्राउंड-बेस्ड टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग के क्षेत्र वर्तमान स्थिति वर्तमान में, भारत में ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत काम कर रही है। ये दिशा-निर्देश टेलीविजन चैनलों को सैटेलाइट आधारित अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के माध्यम से कंटेंट वितरण प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों (DPOs) तक पहुंचाने की अनुमति देते हैं। यह प्रणाली लंबे समय से उद्योग का मुख्य आधार रही है। हालांकि, नई तकनीकों के आगमन ने ग्राउंड-बेस्ड टेरेस्ट्रियल तकनीकों का उपयोग संभव बना दिया है। इससे न केवल ब्रॉडकास्टर्स को अधिक विकल्प मिलते हैं, बल्कि DPOs को भी वितरण के नए तरीके उपलब्ध होते हैं। ग्राउंड-बेस्ड चैनल, सैटेलाइट चैनलों की तरह ही, कई DPO नेटवर्क के माध्यम से वितरित किए जा सकते हैं, और व्यावसायिक शर्तों पर ग्राहकों तक पुनः प्रसारित किए जा सकते हैं। TRAI का उद्देश्य इस तकनीकी बदलाव को ध्यान में रखते हुए, TRAI का उद्देश्य एक ऐसा नियामक ढांचा तैयार करना है जो टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग तकनीकों के उपयोग को सुगम बनाए और उद्योग के मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करे। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि तकनीकी क्षेत्र में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, और ब्रॉडकास्टर्स को नए समाधान और तकनीकें अपनाने की आवश्यकता है। पूर्वी सिफारिशें TRAI ने पहले भी नवंबर 2014 में MIB को प्लेटफॉर्म सेवाओं के नियमन पर कुछ सिफारिशें दी थीं, जिसमें ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टिंग से संबंधित तत्व शामिल थे। हालांकि, MIB ने 22 मई, 2024 को एक पत्र के माध्यम से बताया कि 2014 से अब तक इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो चुके हैं। इन परिवर्तनों की समीक्षा के बाद, MIB ने TRAI से अनुरोध किया है कि वह वर्तमान प्रसारण परिदृश्य के अनुसार नई सिफारिशें प्रदान करें। यह प्रक्रिया TRAI अधिनियम, 1997 की धारा 11(1)(a) के तहत की जा रही है, जो TRAI को अपने दायित्वों को निभाने का अधिकार देती है। ### परामर्श पत्र की प्रक्रिया TRAI ने इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में परामर्श पत्र जारी किया है और इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। स्टेकहोल्डर्स को 15 नवंबर तक अपने लिखित सुझाव प्रस्तुत करने होंगे, जबकि काउंटर-कमेंट्स 29 नवंबर तक स्वीकार किए जाएंगे। यह प्रक्रिया विभिन्न खिलाड़ियों को अपनी आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, ताकि सभी संबंधित पक्षों की चिंताओं और सुझावों को ध्यान में रखा जा सके। संभावित लाभ TRAI का यह कदम भारतीय ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में कई संभावित लाभ लेकर आ सकता है। सबसे पहले, यह ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टिंग के उपयोग को बढ़ावा देगा, जिससे दर्शकों को बेहतर और विविध सामग्री मिल सकेगी। इससे नई तकनीकों का विकास और अपनाना भी संभव होगा, जो कि इंडस्ट्री के लिए दीर्घकालिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा, इस कदम से न केवल ब्रॉडकास्टर्स के लिए बल्कि DPOs के लिए भी नए व्यापार मॉडल विकसित करने का अवसर मिलेगा। इससे वे अपने ग्राहकों के लिए अधिक मूल्य प्रदान कर सकेंगे। चुनौतियाँ हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं। विभिन्न तकनीकों और मानकों के बीच संतुलन बनाना एक कठिन कार्य होगा। इसके अलावा, पुराने सैटेलाइट सिस्टम और नए ग्राउंड-बेस्ड सिस्टम के बीच समन्वय स्थापित करना आवश्यक होगा। इंडस्ट्री के विभिन्न हितधारकों के बीच मतभेद भी एक समस्या हो सकती है। इसीलिए, TRAI को एक ऐसा ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है जो सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान कर सके और इंडस्ट्री के विकास में सहायक हो। समापन भारतीय ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में चल रहे इस परिवर्तन का TRAI द्वारा जारी परामर्श पत्र के माध्यम से एक महत्वपूर्ण दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी है। यह न केवल तकनीकी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह स्टेकहोल्डर्स के लिए संवाद और सहयोग का एक मंच भी प्रदान करता है। TRAI का यह प्रयास इंडस्ट्री के सभी खिलाड़ियों को एक साथ लाने और एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी ब्रॉडकास्टिंग वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके द्वारा न केवल उद्योग के वर्तमान परिदृश्य को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि यह भविष्य में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। इस संदर्भ में, सभी स्टेकहोल्डर्स को अपनी राय और सुझाव प्रस्तुत करने का अवसर मिला है, जो कि उद्योग की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब देखना यह है कि क्या TRAI और MIB इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू कर पाते हैं और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम होते हैं।
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22 October 2024वरिष्ठ पत्रकार रजनीश आहूजा ने कुछ समय पहले ही देश के जाने-माने न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) के रूप में कार्यभार संभाला है। रजनीश आहूजा की पहचान पारंपरिक पत्रकारिता को आधुनिक डिजिटल तकनीक के साथ कुशलतापूर्वक जोड़ने के लिए की जाती है। इस महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिका में उनका विजन ‘एबीपी न्यूज’ को नए युग में अग्रणी बनाने का है, जहां पारंपरिक पत्रकारिता और डिजिटल प्लेटफार्म्स के बीच सामंजस्य बैठाया जाएगा। ‘Dakhal News के साथ खास बातचीत में उन्होंने मीडिया के तेजी से बदलते परिदृश्य में ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) को आगे बढ़ाने के अपने विजन को साझा किया। इस बातचीत में रजनीश आहूजा ने स्पष्ट रूप से अपनी सोच और प्राथमिकताओं को शेयर किया। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश: आपने कुछ समय पहले ही ‘एबीपी नेटवर्क’ में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट के रूप में पदभार संभाला है। इस जिम्मेदारी को संभालते समय आपको सबसे बड़ी चुनौती क्या लगी और आपकी मुख्य प्राथमिकताएं क्या हैं? इस जिम्मेदारी को संभालना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और रोमांचक दोनों रहा है। मीडिया परिदृश्य लगातार बदल रहा है और इन नए ट्रेंड्स के साथ तालमेल बिठाते हुए ‘एबीपी न्यूज’ की समृद्ध पारंपरिक विरासत को बनाए रखना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मेरी प्राथमिकता ‘एबीपी न्यूज’ को पुनः दर्शकों के बीच में अग्रणी स्थान दिलाना है। हमने हमेशा बड़े और महत्वपूर्ण समाचारों को सबसे पहले प्रस्तुत किया है और मेरी कोशिश रहेगी कि हम इस प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करें। इसके लिए कई क्षेत्रों पर ध्यान देना जरूरी है। एक मुख्य बिंदु है हमारी पहुंच को और व्यापक बनाना, न केवल दर्शकों के मामले में बल्कि समाचार संकलन और प्रस्तुतिकरण के तरीकों में भी। पिछली बार जब मैंने यहां काम किया तो हमने डिजिटल और टीवी के एकीकरण की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं किया था। अब एक मजबूत टीम और उचित साधनों के साथ मैं इस एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करूंगा और सभी प्लेटफार्म्स पर अधिकतम कंटेंट प्रड्यूस करना सुनिश्चित करूंगा। इस बड़ी भूमिका में आपके नेतृत्व में ‘एबीपी न्यूज’ में संपादकीय स्तर पर क्या बदलाव या इनोवेशन देखने को मिल सकते हैं? चैनल की सबसे बड़ी ताकत हमेशा से इसकी विश्वसनीयता और गहन रिपोर्टिंग रही है। हालांकि, हमें अपने संपादकीय दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण प्रगति करनी होगी ताकि हम दूसरों से आगे रह सकें। कंटेंट में भिन्नता एक प्रमुख क्षेत्र होगा, जहां हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम अन्य हिंदी न्यूज चैनल्स से अलग कैसे दिखें। टेक्नोलॉजी और कंटेंट दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमें अपने दर्शकों की ज़रूरतों को समझते हुए उनके साथ मजबूत संबंध बनाना होगा। कंटेंट की गुणवत्ता के साथ-साथ दर्शकों से कैसे जुड़ें और उन्हें कैसे अपने साथ बनाए रखें, यह भी अहम है। मेरी दृष्टि में सिर्फ एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना सही नहीं है। टेक्नोलॉजी, कंटेंट और दर्शकों से जुड़ाव, हमें तीनों को एक साथ लेकर चलना होगा। इसके साथ ही हमें नई प्रतिभाओं को तैयार करना है और उन्हें पारंपरिक समाचार प्रस्तुतिकरण से आगे सोचने के लिए प्रेरित करना है। हम पहले से ही नई प्रतिभाओं की पहचान कर रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ने व इनोवेशन करने के लिए साधन और प्लेटफॉर्म प्रदान करेंगे। आप पारंपरिक टीवी पत्रकारिता की जरूरतों और डिजिटल पत्रकारिता की मांग में कैसे सामंजस्य स्थापित करेंगे? डिजिटल प्लेटफार्म्स की ग्रोथ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। लेकिन, पारंपरिक टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाना भी जरूरी है। हमें एक ऐसा मॉडल विकसित करना होगा जो दोनों प्लेटफार्म्स की ताकतों का लाभ उठाए। इसी वजह से मैंने ऐसे प्रतिभाशाली लोगों को टीम में शामिल किया है, जो टीवी और डिजिटल दोनों को समझते हैं, ताकि हम दोनों माध्यमों के बीच एक सेतु बना सकें और सभी प्लेटफार्म्स पर न्यूज कवरेज को सहज बना सकें। आज के दौर में प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए हमें खुद को ढालना होगा। हम अपनी न्यूज कलेक्शन टीमों को टीवी और डिजिटल दोनों के लिए एकीकृत कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ का एक रिपोर्टर, जो पहले सिर्फ डिजिटल कंटेंट पर काम करता था, अब टीवी और डिजिटल दोनों के लिए कंटेंट तैयार कर रहा है। हमारा उद्देश्य यह है कि हम अपनी विश्वसनीयता बनाए रखें और साथ ही अपनी पहुंच का विस्तार करें। आपने अपने करियर में बड़े नेटवर्क्स के साथ काम किया है। आपके अनुसार, हिंदी टीवी पत्रकारिता में पिछले वर्षों में क्या बदलाव हुए हैं और आपने कौन से मुख्य बदलाव देखे हैं? हिंदी टीवी पत्रकारिता का परिदृश्य, खासकर डिजिटल प्लेटफार्म्स के आगमन के साथ काफी बदल चुका है। एक बड़ा बदलाव है जिस गति से आज समाचार उपभोग (News Consumption) किए जाते हैं। लेकिन, गति के चलते सटीकता नहीं खोनी चाहिए। अब चुनौती यह है कि हम तेज़ी और सटीकता के बीच संतुलन बनाए रखें। हमें लगातार विकसित होना होगा, यह ध्यान में रखते हुए कि डिजिटल तेज़ है, लेकिन टीवी आज भी गहन और प्रमाणित न्यूज प्रदान करने में अपनी जगह बनाए हुए है। हिंदी टीवी पत्रकारिता को अक्सर सनसनीखेज बनाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। आप कैसे प्रभावी न्यूज और सनसनीखेजी से बचने के बीच संतुलन बनाए रखने की योजना बना रहे हैं? खबरों में बेवजह सनसनी से दीर्घकालिक रूप से विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है। ‘एबीपी न्यूज’ में हम बिना सनसनीखेज़ी का सहारा लिए प्रभावी और सार्थक समाचारों पर ध्यान देंगे। हमारा फोकस हमेशा सच्चाई और गहराई पर रहेगा, ताकि दर्शकों को सही और जरूरी जानकारी मिले, न कि सिर्फ ध्यान खींचने वाली खबरें। आपके सबसे बड़े प्रेरणास्रोत कौन रहे हैं और क्या ऐसा कोई निर्णायक क्षण रहा है जिसने आपके पत्रकारिता के दृष्टिकोण को नया आकार दिया है? मैंने हमेशा अपने आस-पास के लोगों से सीखने में विश्वास किया है। ऐसा नहीं है कि किसी एक व्यक्ति या घटना ने मुझे प्रेरित किया हो, बल्कि हर अनुभव से मैंने कुछ न कुछ सीखा है। हर चुनौती ने मुझे निखारा है और हर निर्णय मैंने सीखे हुए पाठों को ध्यान में रखकर लिया है। नेतृत्व का अर्थ है विभिन्न क्षेत्रों से जितना हो सके उतना ज्ञान प्राप्त करना और उन सबकों को अपने सफर में लागू करना।
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21 October 2024'स्पोर्ट्स फॉर ऑल' (SFA) ने देश में युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें निखारने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए 'टीवी9 नेटवर्क' (TV9 नेटवर्क) के साथ करार किया है। इस पहल के तहत ‘Indian Tigers and Tigresses’ कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 14 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों के बीच फुटबॉल प्रतिभाओं की खोज करना है। 'SFA चैंपियनशिप्स', जो इस समय हैदराबाद में चल रही हैं और देश की सबसे बड़ी स्कूल-स्तरीय खेल प्रतियोगिता मानी जाती हैं, में युवा फुटबॉल खिलाड़ी ‘Indian Tigers and Tigresses’ कैंपेंस के लिए उपलब्ध कियोस्क पर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। हैदराबाद SFA चैंपियनशिप्स में करीब 400 स्कूलों के 23,000 से अधिक छात्र हिस्सा ले रहे हैं। 2024 का संस्करण 15 अक्टूबर को शुरू हुआ और 28 अक्टूबर को समाप्त होगा। SFA चैंपियनशिप्स का आयोजन स्पोर्ट्स फॉर ऑल (SFA) के उस बड़े प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रासरूट स्तर पर खेलों को प्रोफेशनल, संगठित और लाभदायक बनाना है। इस पहल का लक्ष्य देश में एक मजबूत खेल संस्कृति का निर्माण करना और युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। 2024-25 की चैंपियनशिप्स 10 भारतीय शहरों में आयोजित की जाएंगी, जिसमें 7000 से अधिक स्कूलों के 150,000 छात्र 31 खेलों में भाग लेंगे। SFA चैंपियनशिप्स की लोकप्रियता हर साल बढ़ती जा रही है और यह नई-नई शहरों और प्रतिभागियों को जोड़ते हुए आगे बढ़ रही है। TV9 नेटवर्क के साथ हुई यह साझेदारी SFA चैंपियनशिप्स के जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। ‘Indian Tigers and Tigresses’ कैंपेंस की शुरुआत अप्रैल 2024 में TV9 और प्रमुख फुटबॉल संगठनों जैसे Deutscher Fußball-Bund (DFB), Bundesliga (DFL Deutsche Fußball Liga), बोरुसिया डॉर्टमुंड (BVB) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी में की गई थी। इस साझेदारी पर बोलते हुए, SFA के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर दर्पण कुमार ने कहा, “हमें TV9 और ‘Indian Tigers and Tigresses’ के साथ हैदराबाद में SFA चैंपियनशिप्स में साझेदारी करके बेहद खुशी हो रही है। यह सहयोग हमें युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने और भारत में ग्रासरूट स्तर पर खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जिससे भविष्य की खेल प्रतिभाएं उभरेंगी।” TV9 नेटवर्क के एमडी व सीईओ बरुण दास ने ‘Indian Tigers and Tigresses’ पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह पहल हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह भारत में फुटबॉल को एक नई दिशा में ले जाती है। हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां भारतीय फुटबॉलरों को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी, जैसे पश्चिमी देशों के बड़े फुटबॉल खिलाड़ी। इसका उद्देश्य इन प्रतिभाशाली युवाओं को एक समान अवसर देना और उन्हें विश्व स्तरीय खिलाड़ी बनाने के लिए कम उम्र से ही प्रशिक्षण देना है।” SFA चैंपियनशिप्स के सभी फुटबॉल मैचों के साथ-साथ 25 अन्य खेलों का लाइव प्रसारण Sfaplay.com/live वेबसाइट पर किया जाएगा, जिससे दर्शक इन प्रतियोगिताओं को देख सकेंगे। इस साझेदारी और पहल से भारत में फुटबॉल और अन्य खेलों के विकास को नई दिशा मिलेगी, जिससे युवाओं के सपनों को पूरा करने का मौका मिलेगा।
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21 October 2024देश की प्रमुख न्यूज एजेंसियों में शुमार ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) में नौकरी का शानदार मौका है। दरअसल, यहां असाइनमेंट डेस्क पर वैकेंसी है। इसके लिए योग्य व इच्छुक आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। एजेंसी की ओर से सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट के अनुसार, यह पद दिल्ली के लिए है। इस पद पर नियुक्ति के लिए आवेदक के पास दो से पांच साल का अनुभव होना चाहिए। इसके साथ ही अंग्रेजी और हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए।
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20 October 2024गुंजन फाउंडेशन ने आज शिक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए अपनी 20 साल की सेवा पर हुए 'दस्तक ए दिल' कार्यक्रम में ‘भारत एक्सप्रेस’ के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय को पत्रकारिता और अन्य सामाजिक कार्यों में उनके अहम योगदान के लिए सम्मानित किया। यह कार्यक्रम दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इसमें देश के पूर्व चीफ जस्टिस आर.एम. लोढ़ा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे.एस. खेहर और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर अहमद जावेद समेत कई जाने-माने लोग शामिल हुए। शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का समर्थन करने आए तमाम समाजसेवी, शिक्षाविद और अन्य क्षेत्र के लोगों की मौजूदगी में हुए इस समारोह में प्रसिद्ध गायक व संगीतकार शंकर महादेवन ने अपने गानों की प्रस्तुति से वहां मौजूद सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय और ग्लोबल मीडिया में उपेंद्र राय को उनकी अहम भूमिका के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में भारत एक्सप्रेस ने प्रभावशाली रिपोर्टिंग के नए मानक स्थापित किए हैं और उनका दूसरा मीडिया वेंचर द प्रिंटलाइन्स मीडिया ग्रुप भी विश्व स्तर पर आगे की ओर बढ़ रहा है।
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20 October 2024भारतीय न्यूज मीडिया का जाना-पहचाना व भरोसेमंद चेहरा बन चुकीं चित्रा त्रिपाठी ने ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में अपनी धमाकेदार वापसी करने के बाद चैनल पर दो नए शो शुरू किए हैं। हालांकि उनका पहला शो ‘जनहित’ प्राइम टाइम स्लॉट में पहले ही लॉन्च हो चुका है, जो रात 9 बजे प्रसारित हो रहा है। लेकिन अब वह अपना दूसरा शो ‘महादंगल’ लेकर आयी हैं, जो 19 अक्टूबर यानी आज शाम 5 बजे से प्रसारित किया जाएगा। बता दें कि चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में न्यूज एंड प्रोग्रामिंग का वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर वापसी की है। ‘एबीपी न्यूज’ में चित्रा की तीसरी पारी है। इससे पहले, उन्होंने चैनल के कई प्रमुख कार्यक्रमों को होस्ट किया था, जिनमें ‘मास्टर स्ट्रोक’ और ‘2019 कौन जीतेगा’ जैसे शो शामिल थे। इसके साथ ही, चित्रा ने ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस’ जैसे बड़े वीकली शो को भी होस्ट कर चुकी हैं। उनके बेहतरीन पत्रकारिता कौशल के कारण उन्हें सियाचिन से रिपोर्टिंग करने पर ‘बेस्ट रिपोर्टर अवॉर्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। चित्रा त्रिपाठी ने अपने करियर के दौरान कई फ्लैगशिप शो किए हैं, जिनमें ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री?’, ‘मोदी के चार साल’, और ‘बिहार का नेता कैसा हो?’ जैसे चर्चित शो शामिल हैं, जिनसे उन्हें देशभर में बड़ी पहचान मिली। ‘एबीपी न्यूज’ में अपनी पहली पारी के दौरान उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया था और अब उनकी तीसरी पारी भी चैनल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। हालांकि दूसरी पारी उनकी बहुत ही संक्षिप्त रही थी। चित्रा त्रिपाठी का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा की वापसी ‘एबीपी न्यूज’ के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आई है और उनके नए शो ‘जनहित’ को भी दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। अब देखना यह होगा कि वह अपनी नई भूमिका में क्या नया रंग लाती हैं और कैसे चैनल के दर्शकों को और अधिक आकर्षित करती हैं।
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19 October 2024सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 24 घंटे सिंधी भाषा में दूरदर्शन चैनल शुरू करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। एनजीओ 'सिंधी संगत' द्वारा दायर इस याचिका में सिंधी भाषा के संरक्षण के लिए एक समर्पित चैनल शुरू करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को भी ऐसा कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि भाषा को संरक्षित करने के अन्य भी कई उपाय हो सकते हैं और इस तरह की मांग को लेकर सरकार पर कोई आदेश नहीं थोपा जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अस्वीकार कर दिया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया था। नीतिगत मामला है, कोर्ट का हस्तक्षेप संभव नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि यह मामला नीतिगत है और न्यायालय का इसमें हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने दूरदर्शन की ओर से दिए गए बयान का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि सिंधी भाषा के कार्यक्रम पहले से ही तीन चैनलों– 'डीडी गिरनार', 'डीडी सह्याद्री' और 'डीडी राजस्थान' पर प्रसारित हो रहे हैं। ये चैनल्स उन क्षेत्रों में विशेष रूप से सिंधी समुदाय की सेवा कर रहे हैं जहां उनकी आबादी अधिक है। सिंधी भाषा के संरक्षण पर अदालत की राय कोर्ट ने कहा कि भाषा को संरक्षित करने के कई अन्य तरीके हो सकते हैं, जैसे कि शिक्षा, साहित्यिक कार्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से। कोरट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत यह दावा नहीं किया जा सकता कि किसी विशेष भाषा के लिए सरकार को एक अलग चैनल शुरू करना चाहिए। सरकार के फैसले पर सवाल नहीं उठाया जा सकता दूरदर्शन द्वारा दिए गए बयान के अनुसार, लगभग 26 लाख सिंधी बोलने वालों के लिए एक अलग चैनल की वार्षिक लागत 20 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जो एक आर्थिक चुनौती हो सकती है। अदालत ने सरकार के इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय है और इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। इस फैसले के बाद, यह स्पष्ट है कि सिंधी भाषा के संरक्षण के लिए केवल एक चैनल की मांग को लेकर अदालत का सहारा लेना उचित नहीं माना जाएगा, बल्कि इसके लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है।
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18 October 2024पावेल चोपड़ा को जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों के लिए चीफ ह्यूमन रिसोर्सेस ऑफिसर (CHRO) के रूप में नियुक्त किया गया है। पावेल जी मीडिया के नोएडा स्थित कार्यालय से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। इस नई भूमिका में, पावेल चोपड़ा जी मीडिया की मानव संसाधन रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगे, ताकि कंपनी की नीतियां, संस्कृति और काम करने की प्रणाली उच्च प्रदर्शन और संगठनों की क्षमता को बढ़ावा दे सकें। वे संगठनात्मक विकास के प्रमुख होंगे, परिवर्तन के पहलुओं को लागू करेंगे, और कंपनी के दीर्घकालिक व्यावसायिक और मानव संसाधन लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देंगे। पावेल के पास मानव संसाधन नेतृत्व का दो दशकों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने कई प्रमुख उद्योगों जैसे लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज और मीडिया में काम किया है। उन्होंने Genpact, Sony Pictures और भारतीय समूहों जैसे- आदित्य बिड़ला कैपिटल और Allcargo के साथ भी काम किया है। Zee में शामिल होने से पहले, पावेल ने एक टेक-लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप OxyZEN Express की सह-स्थापना की थी। उनका विशेषज्ञता क्षेत्र मानव संसाधन, प्रोक्योरमेंट, टेक्नोलॉजी डिवेलपमेंट, संगठनात्मक क्षमता निर्माण और परिवर्तन प्रबंधन में फैला हुआ है। इस व्यापक अनुभव ने उन्हें ग्रोथ और ट्रांसफॉर्मेशन को प्रभावी ढंग से लागू करने की गहरी समझ दी है। पावेल की इस नियुक्ति से जी मीडिया के विकास और मानव संसाधन प्रबंधन में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद है, जिससे कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी।
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18 October 2024उत्तराखंड में मिलावटी मसलों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. और गलत ब्रांडिंग वाले मसाला कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने मसालों के संदर्भ में एक विशेष अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान मिली रिपोर्टों के आधार पर अब विभाग असुरक्षित और गलत ब्रांडिंग वाले मसालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. एफडीए के कुमाऊँ डिप्टी कमिश्नर अनुज थपलियाल ने बताया कि कई मसाले और उत्पाद ऐसे हैं जिनमें भारी धातुओं और कीटनाशकों की मात्रा असुरक्षित स्तर पर पाई गई है. संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वारा इन मामलों की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ संबंधित अदालतों में मामलों को प्रस्तुत किया जाएगा.
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17 October 2024हाल ही में 'आजतक' को छोड़कर 'एबीपी समूह' से जुड़ी एंकर चित्रा त्रिपाठी की छवि को सोशल मीडिया के माध्यम से धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। एक्स पर निगार परवीन नाम की एक यूजर ने लिखा कि चित्रा त्रिपाठी को 'आजतक' से टीआरपी न लाने के लिए निकाला गया था और 'एबीपी न्यूज' में भी उन पर वही दबाब है। निगार की इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए चित्रा त्रिपाठी ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, बीते 18 सालों में चित्रा त्रिपाठी ने हर जगह अपनी शर्तों पर नौकरी की है। लोगों का प्यार मिला और उन्होंने मुझे देश का बड़ा पत्रकार बना दिया। एक छोटे से शहर की बेहद सामान्य परिवार की लड़की एबीपी न्यूज़ जैसे चैनल में वाइस प्रेसिंडेट कैसे बन गई? ये बात लोगों को हज़म नहीं हो रही है। जिस दिन आजतक छोड़ा था उस दिन सुबह से रात तक 10 घंटे की एक ही दिन में एंकरिंग की थी, जो मेरा पैशन है। मेरा शो लगातार TRP का नंबर 1 शो रहा है। आजतक के लोग मेरा बहुत सम्मान और प्यार करते हैं। जीवन में किसी भी व्यक्ति को बड़े मौक़े हमेशा नहीं मिलते, जब मिलें तो अपनी क़ाबिलियत पर भरोसा रखकर उसे स्वीकार करना चाहिये। आप एक महिला है, दूसरी महिला से जलें मत, बल्कि बराबरी करने के लिये मेहनत करे। इस ट्वीट की शुरू की दो लाइन आप हटा दें, वरना एक बड़े चैनल की एंकर की छवि ख़राब करने के लिये मैं आप पर लीगल कारवाई करूंगी। मुझे नौकरी से कहां से निकाला गया है? मेरे बारे में इस तरह की बातें करके किसके इशारे पर आप मुझे बदनाम कर रही हैं? माफ़ी मांगे, ट्वीट डिलीट करें, वरना अपने उपर लीगल कारवाई के लिये तैयार रहें।
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16 October 2024जी मीडिया कॉरपोरेशन (ZMCL) ने एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव की घोषणा की है। इस नए ढांचे के अनुसार, सभी डिजिटल हेड्स अब सीईओ करण अभिषेक सिंह को रिपोर्ट करेंगे। यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। कंपनी ने सभी कर्मचारियों को सूचित किया है कि फैक्टशीट्स और अन्य संबंधित दस्तावेजों की स्वीकृति अब करण अभिषेक सिंह के माध्यम से होगी। सभी दस्तावेजों की समीक्षा और स्वीकृति सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा, ताकि प्रक्रिया में कोई देरी न हो। यह कदम संगठन के भीतर एक समन्वित और सुचारु बदलाव लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। नया ढांचा संगठनात्मक संरचना को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाने पर केंद्रित है। कंपनी ने इस बदलाव में सभी कर्मचारियों के सहयोग की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि यह बदलाव सफलतापूर्वक लागू होगा।
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16 October 2024सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 31 मार्च 2024 तक देश में कुल 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं। इनमें से 283 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा, 191 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा और 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत "भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को समर्थन" (Supporting Community Radio Movement in India) नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत नए और मौजूदा रेडियो स्टेशनों को उपकरण खरीदने या बदलने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, क्षमतावर्धन, जागरूकता कार्यक्रम, क्षेत्रीय सम्मेलनों और वार्षिक सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों को भी इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, सामुदायिक रेडियो आंदोलन की शुरुआत से अब तक कुल 680 संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए इच्छापत्र (LoI) जारी किए गए हैं, जिनमें से 603 संस्थाओं ने अनुमति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 31 मार्च 2024 तक 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन सक्रिय हो चुके हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की जानकारी भी दी गई है। 31 मार्च 2024 तक 113 शहरों में 388 निजी एफएम चैनल सक्रिय हैं, जो 26 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। वर्ष 2000 में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत के बाद से सरकार ने विभिन्न शुल्कों के माध्यम से 6,647.77 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमें एक बार की प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क और टॉवर किराया शामिल हैं।
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15 October 2024देश के प्रमुख DTH प्लेटफॉर्म्स जैसे- Tata Play और Dish TV ने ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) से अपनी वित्तीय समस्याओं पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि उन पर लगाई गई ऊंची लाइसेंस फीस के कारण उन्हें भारी आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। लाइसेंस फीस का मुद्दा DTH ऑपरेटर्स को उनकी Adjusted Gross Revenue (AGR) यानी समायोजित सकल राजस्व पर 8% लाइसेंस फीस चुकानी होती है, जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा तय की गई है। हालांकि, ट्राई ने पिछले साल अगस्त में सिफारिश की थी कि इसे घटाकर 3% किया जाए, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। Tata Play ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि DTH ऑपरेटर्स पर अत्यधिक लाइसेंस फीस का बोझ है, और कई बार सरकार से राहत की अपील करने के बावजूद कोई रियायत नहीं दी गई है। कंपनी ने कहा, "DTH प्लेटफॉर्म्स पर ही लाइसेंस फीस का बोझ डाला गया है, जबकि अन्य कंटेंट डिलीवरी सेवाओं को ऐसी कोई फीस नहीं देनी होती।" Dish TV ने भी इसी प्रकार की शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने लंबे समय से सभी ऑपरेटर्स के लिए समान नियमों की मांग की है। Dish TV ने कहा, "हम बराबरी का अवसर चाहते हैं, क्योंकि DTH ऑपरेटर्स ने कई सालों तक लाइसेंस फीस के रूप में भारी रकम चुकाई है, जबकि अन्य ऑपरेटर्स को इसका फायदा मिला है।" ट्राई की सिफारिशों की सराहना हालांकि, DTH ऑपरेटर्स ने ट्राई की सिफारिशों की सराहना की है, जिसमें लाइसेंस फीस को घटाकर 3% करने और 2026-27 तक इसे पूरी तरह से समाप्त करने का प्रस्ताव है। DTH ऑपरेटर्स ने उम्मीद जताई कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय इन सिफारिशों को जल्द लागू करेगा। लाइसेंस फीस का भार वित्तीय वर्ष 2023-24 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चार प्रमुख DTH ऑपरेटर्स से 692 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस के रूप में वसूले। यह फीस 8% AGR पर आधारित थी, जिसमें GST को बाहर रखा गया था। DTH सेवाओं के नियम 2022 में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत, DTH ऑपरेटर्स को AGR का 8% लाइसेंस फीस के रूप में हर तिमाही चुकाना होता है। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म सेवा (PS) चैनलों के लिए DTH ऑपरेटर्स को कुल चैनल कैपेसिटी का 5% तक PS चैनल्स ऑपरेट करने की अनुमति है, और प्रत्येक PS चैनल के लिए 10,000 रुपये की एकमुश्त नॉन-रिफंडेबल पंजीकरण फीस भी चुकानी होती है। DTH सेवाएं सेटेलाइट आधारित टीवी प्रोग्राम डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम हैं, जो भारत भर में ग्राहकों तक पहुंचती हैं। Tata Play, Bharti Telemedia, Dish TV और Sun Direct जैसे ऑपरेटर्स वर्तमान में देश में DTH सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में DTH ऑपरेटर्स का कहना है कि यदि लाइसेंस फीस कम की जाती है, तो यह उद्योग के लिए राहत लेकर आएगा और यह क्षेत्र और तेजी से विकास कर सकेगा।
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15 October 2024जानी-मानी टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी ने 'आजतक' से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) जॉइन कर लिया है। उन्होंने यहां पर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रोग्रामिंग) जॉइन किया है। वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। ‘एबीपी न्यूज’ में चित्रा त्रिपाठी की वापसी चैनल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि चैनल अपनी प्राइम टाइम प्रोग्रामिंग को मजबूत करने का लक्ष्य बना रहा है। विभिन्न प्रमुख न्यूज आउटलेट्स में काम करने के कारण चित्रा त्रिपाठी की गहरी विशेषज्ञता और ऑन-स्क्रीन उपस्थिति उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक न्यूज परिदृश्य में नेटवर्क की लीडरशिप टीम के लिए उपयुक्त बनाती है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि चित्रा के जुड़ने और नए एडिटर रजनीश आहूजा द्वारा किए जा रहे संपादकीय पुनर्गठन के बाद 'एबीपी न्यूज' की व्युअरशिप और रेटिंग में कितना सुधार होता है। आपको बता दें कि चित्रा त्रिपाठी की ‘आजतक’ में यह दूसरी पारी थी। पहली पारी करीब पौने चार साल तक निभाने के बाद चित्रा ने 2022 में 'आजतक' से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ जॉइन कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने दोबारा से ‘आजतक’ में बतौर सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) जॉइन कर लिया था, तब से वह इसी पद पर कार्यरत थीं। अपनी पहली पारी में वह ‘आजतक’ में एडिटर व सीनियर एंकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं। चित्रा त्रिपाठी का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा ‘आजतक’ पर शाम पांच बजे का डिबेट शो ‘दंगल’ कर रही थीं। इसके अलावा चित्रा शाम सात बजे न्यूज बुलेटिन ‘शंखनाद’ में नजर आती थीं। चित्रा त्रिपाठी को कश्मीर में आई बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वह समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 के पहले एडिशन के विजेताओं की लिस्ट में भी शामिल रह चुकी हैं। ‘आजतक’ से पहले भी चित्रा त्रिपाठी ‘एबीपी न्यूज’ से जुड़ी हुई थीं। वह ‘एबीपी न्यूज’ में ‘2019 कौन जीतेगा’ शो करती थीं, साथ ही उनके पास 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' जैसा बड़ा वीकली प्रोग्राम भी था। ‘एबीपी’ में उन्हें सियाचिन में की गई रिपोर्टिंग के लिए बेस्ट रिपोर्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जबकि #कौनबनेगामुख्यमंत्री, #मोदीकेचारसाल और #बिहारकानेता कैसा हो, जैसे फ्लैगशिप शो जो लोगों के बीच जाकर किए गए, के जरिये उन्हें बड़ी पहचान मिली और एबीपी प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया। चित्रा त्रिपाठी इंडस्ट्री में अपनी पॉलिटिकल एंकरिंग/रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं। चुनाव के दौरान उनका फील्ड में उतरना उनकी यूएसपी (USP) मानी जाती है। कई-कई घंटों तक नॉनस्टॉप काम करके चित्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। । यूपी के एक गांव में आधी रात को की गई उनकी एक बड़ी स्टोरी, जिसमें बीजेपी विधायक के घर बिजली और पूरे गांव में अंधेरे पर रिपोर्टिंग थी, जिसके बाद यूपी सरकार के बिजली मंत्री ने तीन दिन के अंदर गांव में खंभे लगवाए और आजादी के बाद वहां पहली बार लोगों के घरों में बिजली आई। सपा सरकार के बिजली मंत्री के गांव में भी उन्होंने बिजली पर रात के अंधेरे में रिपोर्टिंग की तो पता चला मंत्रीजी ने अपने धर्म के लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई और दूसरे घरों में अंधेरा-कार्यक्रम का नाम था हिंदुओं के घर में अंधेरा। जहां बाद में बिजली पहुंची। फेसबुक के माध्यम से अयोध्या की एक बूढ़ी अम्मा के साथ भोजपुरी में की गई राम मंदिर पर उनकी बातचीत को तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था। ‘एबीपी न्यूज’ के पहले चित्रा ‘इंडिया न्यूज’ चैनल में एसोसिएट एडिटर/प्राइम टाइम न्यूज एंकर थीं। चित्रा ने खास उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय युवा महिलाओं पर आधारित शो ‘बेटियां’ का भी सफलतापूर्वक संचालन किया था। उनका ये शो चैनल के फ्लैगशिप शो में गिना जाता था, जिसके 65 एपिसोड्स प्रसारित हुये थे और उनके द्वारा फेसबुक के माध्यम से भानुमति नाम की यूपी के एक गांव की महिला को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सम्मानित किया था। इसके अलावा चित्रा को उनकी स्टोरी ‘हिन्दुस्तान का मिशन जय हिन्द’ के लिए भारतीय सेना की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। ‘इंडिया न्यूज’ से पहले ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) में न्यूज एंकर/प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थीं। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से रहने वाली चित्रा त्रिपाठी को मीडिया में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। उन्होंने अपना करियर गोरखपुर दूरदर्शन से शुरू किया था। इसके बाद वह विभिन्न चैनल जैसे ‘ETV’ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड और ‘न्यूज 24’ में भी काम कर चुकी हैं। चित्रा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से ‘डिफेंस स्टडीज’ में स्नातकोत्तर किया है और इसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्त चित्रा को वर्ष 2001 में रिपब्लिक डे गॉर्ड ऑफ ऑनर में कमांड करने के लिये गोल्ड मेडल मिल चुका है और उन्हें इसी उपलब्धि के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके आवास जाकर मिलने का मौका मिला था।
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15 October 2024जिन उम्मीदवीरों को पीएम इंटर्नशिप स्कीम के लिए अप्लाई करना है उन सभी के लिए एक शानदार खबर है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पीएम इंटर्नशिप योजना 2024 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो उम्मीदवार इंटर्नशिप योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे पीएम इंटर्नशिप योजना की आधिकारिक वेबसाइट pminternship.mca.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कैसे करें अप्लाई? पीएम इंटर्नशिप योजना 2024 के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं। -सबसे पहले कैंडिडेट्स पीएम इंटर्नशिप योजना की आधिकारिक वेबसाइट pminternship.mca.gov.in पर जाएं। -इसके बाद रजिस्टर लिंक पर क्लिक करें, और एक नया पेज खुलेगा। -फिर पंजीकरण विवरण भरें और सबमिट पर क्लिक करें। -अब उम्मीदवारों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, पोर्टल द्वारा एक रिज्यूमे तैयार किया जाएगा। -इसके बाद वरीयताओं- स्थान, क्षेत्र, कार्यात्मक भूमिका और योग्यता के आधार पर 5 इंटर्नशिप अवसरों के लिए आवेदन करें। -एक बार हो जाने के बाद, सबमिट पर क्लिक करें और पुष्टिकरण पृष्ठ डाउनलोड करें। -आखिरी में आगे की ज़रूरत के लिए उसी की हार्ड कॉपी रखें। क्या है अप्लाई करने की योग्यता? इसके लिए कौन अप्लाई करने वाले आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए। आवेदक की आयु 21 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक पूर्णकालिक रोजगार में संलग्न नहीं होना चाहिए। उम्मीदवारों ने अपना माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) या इसके समकक्ष, उच्चतर माध्यमिक प्रमाणपत्र (एचएससी) या इसके समकक्ष पूरा किया होगा, या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से प्रमाणपत्र, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या बीए, बीएससी, बीकॉम, बीसीए, बीबीए या बी.फार्मा जैसी स्नातक डिग्री प्राप्त की होगी। जानकारी दे दें कि इस इंटर्नशिप स्कीम के माध्यम से युवाओं को 12 महीने तक विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के वास्तविक कारोबारी माहौल का अनुभव प्राप्त होगा। इसमें भाग लेने वाली 500 कंपनियों में अडानी ग्रुप, कोका-कोला, डेलोइट, महिंद्रा ग्रुप, मारुति सुजुकी, पेप्सिको, विप्रो, आईसीआईसीआई और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं। ये कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों में इंटर्नशिप के विविध अवसर प्रदान करेंगी।
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13 October 2024यूट्यूब अपने क्रिएटर्स और व्यूअरशिप को लेकर तरह-तरह के बदलाव करता रहता है. अब एक बार फिर यूट्यूब ने कुछ ऐसा ही फैसला लिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से स्पैम, फेक और धोखाधड़ी नियमों के उल्लंघन के कारण कई चैनलों को रिमूव कर दिया गया है. इसका असर उन यूजर्स पर भी पड़ा है जिन्होंने कभी वीडियो ही अपलोड नहीं किए थे. इसके अलावा यूट्यूब प्रीमियम सब्सक्राइबर्स भी प्रभावित हुए, ऐसी खबरें सामने आई हैं. यूजर्स को उनके अकाउंट पर बैन और चैनल हटाए जाने की जानकारी ईमेल के माध्यम से दी गई और कई यूजर्स ने विशेष रूप से अपनी सहेजी हुई प्लेलिस्ट और म्यूजिक लाइब्रेरी तक पहुंच खोने पर निराशा व्यक्त की है. कुछ उपयोगकर्ताओं ने प्रतिबंधों के खिलाफ अपील करने में सफलता पाई, जिससे उनकी अकाउंट पहुंच बहाल हो गई है. हालांकि कुछ यूजर्स ने अपील के बाद भी अपनी प्लेलिस्ट नहीं देखी है, जबकि अन्य को पूरी तरह से अपनी रीच वापस मिल गई है. यूट्यूब ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए चैनलों को फिर से बहाल करने और यूट्यूब टीवी, यूट्यूब प्रीमियम और यूट्यूब म्यूजिक की सशुल्क सदस्यताओं तक पहुंच को फिर से शुरू करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. जिनका खाता बहाल हो गया है लेकिन प्लेलिस्ट गायब है, उन्हें जल्द ही उनकी सामग्री मिल जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा यूट्यूब की तरफ से एक बड़ा बदलाव भी किया गया है. इसमें अब आप शार्ट में लंबी वीडियो को भी अपलोड कर सकते हैं. यानी कोई लंबी वीडियो है तो इसे आप यूट्यूब शार्ट के रूप में अपलोड कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए तीन मिनट की सीमा तय की गई है. यानी इससे लंबी को आप यूट्यूब पर अपलोड तो कर सकते हैं, लेकिन वह नॉर्मल वीडियो सेक्शन में ही अपलोड होंगी.
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12 October 2024फर्जी खबरों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी स्थायी समिति ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़े मुद्दों पर भी निगरानी करेगी. समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद निशिकांत दुबे करेंगे. इस समिति को सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी व संचार मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करने का अधिकार है.
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12 October 2024देश की प्रमुख न्यूज एजेंसियों में शुमार ‘एशियन न्यूज इंटरनेशनल’ (ANI) को अपने एडिटोरियल डिपार्टमेंट के लिए कॉपी एडिटर की जरूरत है। इसके लिए एजेंसी की ओर से योग्य व इच्छुक आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस बारे में सोशल मीडिया पर शेयर जानकारी के अनुसार, यह नियुक्ति साउथ दिल्ली स्थित ऑफिस के लिए होनी है। इस पद पर नियुक्ति के इच्छुक आवेदकों की अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। आवेदकों के पास किसी प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी में काम करने का पांच साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए। चुने गए आवेदक को विभिन्न शिफ्टों (Rotational Shifts) में काम करना होगा। आवेदन तभी करें जब वह इस तरह काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार और सहज हों। इच्छुक आवेदक अपना अपडेटेड रिज्युमे amanpreet.k@aniin.com पर भेज सकते हैं।
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10 October 2024इसमें दो राय नहीं कि हरियाणा में नरेंद्र मोदी की जीत बीजेपी के लिए संजीवनी का काम करेगी। बीजेपी के जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी की क्षमता पर शक होने लगा था, उनमें नई हिम्मत का संचार होगा। जिन लोगों के मन में ये सवाल था कि क्या मोदी की लोकप्रियता कम हुई है, उनको जवाब मिल गया होगा। जैसे बीजेपी को इस जीत की उम्मीद नहीं थी, वैसे ही कांग्रेस को इस हार की ज़रा भी आशंका नहीं थी। ये हार कांग्रेस के उन नेताओं का मनोबल गिराएगी जिन्हें ये भरोसा हो चला था कि राहुल गांधी को कोई ऐसी शक्ति मिल गई है जिससे वो कांग्रेस को पुनर्जीवित कर देंगे। अब उन्हें लग रहा होगा कि राहुल की जड़ी-बूटी तो फेक निकली। हरियाणा में कांग्रेस ने सारी ताकत झोंक दी थी। लड़ाई इस बात के लिए नहीं हो रही थी कि पार्टी कितनी सीटें जीतेगी। संघर्ष इस बात पर होने लगा था कि जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा? जो राहुल गांधी सोच रहे थे कि अब वो एक के बाद एक प्रदेश जीतते जाएंगे और मोदी को हरा देंगे, उन्हें झटका लगेगा। जिन राहुल गांधी को मोदी के कंधे झुके हुए लगने लगे थे, उन्हें सपने में अब 56 इंच की छाती दिखाई देगी। हरियाणा की ये जीत नरेंद्र मोदी में भी नई ऊर्जा का संचार करेगी और अब बीजेपी झारखंड और महाराष्ट्र में नए जोश के साथ लड़ेगी। महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस की bargaining power कम हो जाएगी। अब एक हरियाणा की जीत INDI अलायंस में राहुल गांधी की ताकत को कम कर देगी। मंगलवार को ही अलायंस के पार्टनर्स ने ये कहना शुरू कर दिया कि जहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होती है, वहां कांग्रेस का जीतना मुश्किल हो जाता है। लेकिन सवाल ये है कि कांग्रेस की हार की वजह क्या है? इस सवाल का जवाब खोजने में कांग्रेस के नेताओं को वक्त लगेगा क्योंकि अभी वो हार के सदमे से ही नहीं उबरे हैं। मोदी की ये बात सही है कि कांग्रेस जब-जब चुनाव हारती है तो EVM पर सवाल उठाती है, चुनाव आयोग पर इल्जाम लगाती है, ये ठीक नहीं है। केजरीवाल की ये बात सही है कि हरियाणा में कांग्रेस को अति आत्मविश्वास ले डूबा। कांग्रेस के नेता जीत पक्की मान चुके थे। राहुल को ये समझा दिया गया कि किसान बीजेपी के खिलाफ हैं, विनेश फोगाट के आने से जाटों और महिलाओं का वोट पक्का है, अग्निवीर स्कीम के कारण नौजवान भी बीजेपी के खिलाफ हैं, इसलिए अब बीजेपी की लुटिया डूबनी तय है। माहौल ऐसा बनाया गया मानो कांग्रेस की वापसी पक्की है। इसका असर ये हुआ कि कुर्सी का झगड़ा शुरू हो गया। रणदीप सुरजेवाला कैथल से बाहर नहीं निकले और कुमारी सैलजा घर बैठ गईं। इसका कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। इस बार हरियाणा की जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि जो जमीन पर काम करेगा, जनता उसका साथ देगी। दूसरी बात, अब क्षेत्रीय और छोटी-छोटी परिवारवादी पार्टियों का दौर खत्म हो गया। जनता ने चौटाला परिवार को घर बिठा दिया। BSP और केजरीवाल को भी भाव नहीं दिया। ये सही है कि शुरू में ऐसा लग रहा था कि हवा बीजेपी के खिलाफ है, दस साल की anti-incumbency थी लेकिन नरेन्द्र मोदी ने चुपचाप, खामोशी से रणनीति बनाई। सारा फोकस इस बात पर शिफ्ट कर दिया कि चुनाव सिर्फ हरियाणा का नहीं है, ये चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के बीच किसी एक को चुनने का है, परिवारवाद और जातिवाद के खिलाफ चुनाव है, चुनाव नामदार और कामदार के बीच है। मोदी का फॉर्मूला काम आया और हरियाणा ने इतिहास रच दिया।
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10 October 2024देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने 86 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उम्र से जुड़ी बीमारी के चलते उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। बॉलीवुड के सितारों ने दी श्रद्धांजलि सुष्मिता सेन ने रतन टाटा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "कितने सम्मानित व्यक्ति थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।" तारा सुतारिया और अनन्या पांडे** ने भी अपनी स्टोरी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अनुष्का शर्मा ने साझा की गई स्टोरी में लिखा, "रतन टाटा जी के बारे में दुखद खबर सुनकर बहुत दुखी हूं।" करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "आज दुनिया ने एक दूरदृष्टि और अतुलनीय विजन रखने वाले दिग्गज को खो दिया।" वहीं, संजय दत्त ने कहा, "भारत ने आज सच्चा दूरदर्शी खो दिया, जिनका योगदान अनगिनत जिंदगियों तक था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।" प्रियंका चोपड़ा ने भी अपने आधिकारिक अकाउंट पर रतन टाटा को नमन किया। अजय देवगन ने लिखा, "दुनिया एक दूरदर्शी व्यक्ति के निधन पर शोक मना रही है। रतन टाटा की विरासत हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।" रणवीर सिंह ने इंस्टाग्राम पर रतन टाटा की फोटो साझा की और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। सलमान खान और रितेश देशमुखने भी अपने-अपने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया। नयनतारा ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "आपने हम सभी को प्रेरित किया है।" निष्कर्ष:रतन टाटा का निधन केवल एक उद्योगपति की नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी और इंसानियत के प्रतीक की हानि है। उनकी विरासत हमेशा लोगों को प्रेरित करती रहेगी।
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10 October 2024इंडिया टुडे ग्रुप ने सोशल मीडिया प्रोफेशनल्स के लिए भर्तियां शुरू की हैं। इन पदों के लिए वे उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं, जिनका पत्रकारिता में बैकग्राउंड हो और सोशल मीडिया (विशेष रूप से मीडिया इंडस्ट्री) में 1-2 साल का अनुभव हो। इस पद के लिए प्रमुख योग्यताएं निम्नलिखित हैं: - इंस्टाग्राम, फेसबुक और X (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम करने की जानकारी। - कंटेंट राइटिंग में दक्षता। - अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में लेखन में निपुणता (बाइलिंगुअल)। - प्रूफरीडिंग और एडिटिंग की योग्यता। - अच्छा डिजाइन और क्रिएटिव सेंस होना अनिवार्य। - CANVA पर काम करने में दक्षता आवश्यक। - वीडियो मेकिंग और एडिटिंग का ज्ञान एक अतिरिक्त योग्यता के रूप में देखा जाएगा। इच्छुक उम्मीदवारों से आग्रह है कि वे तुरंत आवेदन करें। आवेदन भेजने के लिए ईमेल: itsocialmedia16@gmail.com यह अवसर उन प्रोफेशनल्स के लिए है जो मीडिया के तेजी से बढ़ते डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी दक्षता साबित करना चाहते हैं।
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9 October 2024हरियाणा विधानसभा चुनाव में कवरेज के दौरान पत्रकार-यूट्यूबर अजीत अंजुम एक्स पर टीवी चैनलों व अन्य प्लेटफॉर्मों को पछाड़कर सबसे आगे निकल गए हैं. एक्स पर अजीत के चैनल पर सबसे ज्यादा लोगों ने हरियाणा कवरेज को पसंद किया है. उन्होंने एक्स पर साझा किए गए आंकड़ों के साथ लिखा है- “X पर सबसे अधिक देखा जाने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म- नंबर वन.”
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8 October 2024पंजाब | कैलगरी के समाचार संपादक ऋषि नागर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किए गए हमले के बाद अब टोरंटो के रेडियो होस्ट और प्रतिनिधि जोगिंदर सिंह बस्सी को जान से मारने की धमकी दी गई है. जोगिंदर ने इस धमकी को लेकर ओंटारियो पुलिस के अलावा भारत में भी पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी है. पुलिस ने जोगिंदर बस्सी को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है. दरअसल, बस्सी पर पहले भी कनाडा में हमला हो चुका है और सितंबर, 2021 में हमलावरों ने उनके घर पर गोलियां चलाई थीं. बस्सी साल में कुछ महीने भारत में रहते हैं और उनका परिवार भी पंजाब में रहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में जोगिंदर बस्सी ने अपने रेडियो शो के दौरान भारतीय झंडे की बेअदबी करने वालों को फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा था- भारत से आकर जो लोग कनाडा में बस गए उनकी मातृभूमि भारत ही है और तिरंगे का अपमान करना उनके लिए मातृभूमि का अपमान करने के बराबर है. इसके अलावा उन्होंने अपने रेडियो पर हाल ही में कनाडा में फिरौती मांगने वाले खालिस्तानी समर्थक गुरसेवक सिंह को लेकर भी खबर प्रसारित की थी. इस खबरों से बौखलाए खालिस्तानी समर्थकों द्वारा अब जोगिंदर बस्सी को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं.
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8 October 2024ग़ाजियाबाद | यूपी के गाजियाबाद से खबर है कि यहां के थाना कवि नगर में फैक्ट चेकर पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. जुबैर पर भड़काऊ स्पीच पोस्ट करने का आरोप है. ALT न्यूज के को–फाउंडर मोहम्मद जुबैर पर BJP नेत्री उदिता त्यागी ने गाजियाबाद, यूपी में FIR दर्ज कराई है. बीजेपी नेत्री का आरोप है कि जुबैर ने यति नरसिंहानंद गिरी की वीडियो काट–छांटकर पोस्ट की. जिससे भड़के मुस्लिमों ने डासना देवी मंदिर पर हमला किया. अब, इस मुकदमे को लेकर सोशल मीडिया पर अलग तरह का विवाद छिड़ गया है. वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म डायरेक्टर विनोद कापड़ी ने जुबैर को तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की सलाह दी है. पत्रकार जाकिर त्यागी ने ट्वीट कर लिखा है- पुलिस में यति के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है इसलिए पत्रकार और फैक्ट चेकर के खिलाफ 5 धाराओं में कार्रवाई की गई है.
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8 October 2024जाने-माने लेखक और पत्रकार खुशवंत सिंह की याद में 13वें लिटरेचर फेस्टिवल (लिटफेस्ट) का आयोजन 18 से 20 अक्तूबर तक किए जाने की घोषणा हो चुकी है. कार्यक्रम में अमिताभ कांत, निर्माता निर्देशक इम्तियाज अली, मनीष तिवारी समेत विभिन्न हस्तियों के शामिल होने की बात सामने आई है. इस आयोजन में द हिंदू समूह के निदेशक अनंत कृष्णन की किताब द कॉमरेड्स एंड द मुल्लाज और पूर्व सेना नायक प्रोबल दासगुप्ता की कैमोफ्लेज्ड- फॉरगॉटन स्टोरीज फ्रॉम बैटलफील्ड्स सहित कई किताबों पर भी चर्चा की जाएगी. कार्यक्रम के 37 वक्ताओं की लिस्ट फाइनल हो चुकी है. जिनमें मुंबई के पॉडकास्टर अमित वर्मा, पूर्व पत्रकार बच्ची करकारिया, लेखक बालाजी विट्ठल, लेखक और चित्रकार देवदत्त पटनायक, पत्रकार धीरेंद्र के. झा, मॉडल फिरोज गुजराल, न्यूज एंकर गार्गी रावत, सेना वीरता पदक से सम्मानित जनरल इयान कार्डोजो, लेखक जेनीता सिंह, द ट्रिब्यून की प्रधान संपादक ज्योति मल्होत्रा का नाम शामिल है. इनके अलावा, न्यूक्लियर फिजिसिस्ट डॉ कल्पना शंकर, सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एशियाई अध्ययन के विल्मर प्रोफेसर और रिसर्च के वाइस डीन कांति बाजपेयी, पूर्व आईपीएस मीरन चड्ढा, पूर्व आईएएस और वानकानेर के शाही परिवार से एमके रंजीत सिंह, लेखिका नमिता देवीदयाल, सेक्स और ट्रॉमा थेरेपिस्ट नेहा भट्ट, पूर्व पत्रकार और लेखिका निरुपमा दत्त, आईआरएस अधिकारी निरुपमा कोटरू, सिनेमाटोग्राफर नुसरत एफ. जाफरी, प्रसिद्ध विज्ञापन फिल्म निर्माता प्रह्लाद कक्कड़, सर्वोच्च न्यायालय के नॉन बाइनरी वकील रोहिन भट्ट, पत्रकार सारा जैकब, लेखक सरबप्रीत सिंह, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट सौरभ किरपाल, द हिंदू की पॉलिटिकल एडिटर सुहासिनी हैदर, पद्मश्री सैय्यद सैय्यदैन हमीद, कला संस्कृति से जुड़ीं तस्नीम जकारिया मेहता, शोधकार वीरांगना कुमारी सोलंकी और इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल का नाम है. आयोजन में अभिनेता और हिमाचल निवासी अनुपम खेर ने भी सोशल मीडिया पर लिटफेस्ट का जिक्र किया है, साथ ही उन्होंने आयोजकों को बधाई भी दी है. हालांकि उनके आने न आने पर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि खुशवंत सिंह के साहित्य में दिए गए योगदान और कसौली के प्रति लगाव को देखते हुए उनके बेटे राहुल सिंह ने वर्ष 2012 में लिटफेस्ट का आयोजन शुरू किया था. तब से प्रतिवर्ष इसे आयोजित किया जाता है.
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6 October 2024यूट्यूब अपने क्रिएटर्स और व्यूअरशिप को लेकर तरह-तरह के बदलाव करता रहता है. अब एक बार फिर यूट्यूब ने कुछ ऐसा ही फैसला लिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से स्पैम, फेक और धोखाधड़ी नियमों के उल्लंघन के कारण कई चैनलों को रिमूव कर दिया गया है. इसका असर उन यूजर्स पर भी पड़ा है जिन्होंने कभी वीडियो ही अपलोड नहीं किए थे. इसके अलावा यूट्यूब प्रीमियम सब्सक्राइबर्स भी प्रभावित हुए, ऐसी खबरें सामने आई हैं. यूजर्स को उनके अकाउंट पर बैन और चैनल हटाए जाने की जानकारी ईमेल के माध्यम से दी गई और कई यूजर्स ने विशेष रूप से अपनी सहेजी हुई प्लेलिस्ट और म्यूजिक लाइब्रेरी तक पहुंच खोने पर निराशा व्यक्त की है. कुछ उपयोगकर्ताओं ने प्रतिबंधों के खिलाफ अपील करने में सफलता पाई, जिससे उनकी अकाउंट पहुंच बहाल हो गई है. हालांकि कुछ यूजर्स ने अपील के बाद भी अपनी प्लेलिस्ट नहीं देखी है, जबकि अन्य को पूरी तरह से अपनी रीच वापस मिल गई है. यूट्यूब ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए चैनलों को फिर से बहाल करने और यूट्यूब टीवी, यूट्यूब प्रीमियम और यूट्यूब म्यूजिक की सशुल्क सदस्यताओं तक पहुंच को फिर से शुरू करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. जिनका खाता बहाल हो गया है लेकिन प्लेलिस्ट गायब है, उन्हें जल्द ही उनकी सामग्री मिल जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा यूट्यूब की तरफ से एक बड़ा बदलाव भी किया गया है. इसमें अब आप शार्ट में लंबी वीडियो को भी अपलोड कर सकते हैं. यानी कोई लंबी वीडियो है तो इसे आप यूट्यूब शार्ट के रूप में अपलोड कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए तीन मिनट की सीमा तय की गई है. यानी इससे लंबी को आप यूट्यूब पर अपलोड तो कर सकते हैं, लेकिन वह नॉर्मल वीडियो सेक्शन में ही अपलोड होंगी.
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6 October 2024अयोध्या । रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद कुम्हार परिवार के युवा बाहर जाने के बजाय अब इलेक्ट्रिक चाक घुमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इस बीच जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं। वर्ष 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सर्वप्रथम अयोध्या को सजाने-संवारने का बीड़ा उठाया गया। इसके बाद भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दिवाली पर दीपोत्सव मनाने का ऐलान कर दिया। हर वर्ष राम की पैड़ी पर इसका आयोजन होता है। इस दौरान लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं। दीयों की खरीदारी के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के कुम्हारों को वरीयता दी। नतीजा यह है कि इस वर्ष दीपोत्सव का आठवां संस्करण होने जा रहा है। कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस बार रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं इसलिए कहा जा रहा है कि आठवां दीपोत्सव और भी भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीपों को जलाने का ऐलान किया है। जलने हैं 25 लाख दीये, जुटा हुआ है परिवार अयोध्या के विद्याकुण्ड के निकट स्थित जयसिंहपुर गांव में बड़े स्तर पर कुम्हार दीयों को बनाने में जुटे हुए हैं। यहां का 40 परिवार दीपोत्सव के लिए दीप बना रहा है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका जीवन बदल दिया। दीपोत्सव में बिक्री होती ही है, लेकिन स्थानीय कुम्हारों के लिए की गई अपील के बाद लोग मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं। 30 से 35 हजार दीये बेच देते हैं: लक्ष्मी जयसिंहपुर गांव की लक्ष्मी प्रजापति बताती हैं कि योगी सरकार की योजना ने हमारे घर को रोशन कर दिया है। दीपोत्सव में दीये बनाने का ऑर्डर मिलते ही पूरा परिवार जुट जाता है। 30 से 35 हजार दीये बनाकर बेचे जाते हैं। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद बढ़ी आमदनी: राकेश जयसिंहपुर गांव के राकेश प्रजापति बताते हैं कि अभी हमें ठेका नहीं मिला है, लेकिन विगत वर्षों में मिले ऑर्डर को देखते हुए हम लोगों ने दीये बनाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद हमारी आमदनी बढ़ी है। पहले लोग चाइनीज झालरों से सजाते थे घर: आशा गांव की आशा बताती हैं कि हम लोग हर वर्ष 20 से 25 हजार दीये बनाकर दीपोत्सव के लिए देते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद शहर के लोग दीयों से अपना घर सजाते हैं, नहीं तो लोग पहले चाइनीज झालरों का प्रयोग करते थे। मुख्यमंत्री योगी ने दिलाई पहचान: राजेश गांव के राजेश प्रजापति ने बताया कि ये मुख्यमंत्री योगी की ही देन है कि दीपोत्सव के बाद से प्रजापति की भी पहचान हो गई है। नहीं तो हमें कोई पहचानता नहीं था। अभी टेंडर नहीं हुआ है, लेकिन हम लोगों ने अब तक 2 लाख से अधिक दीप तैयार कर लिए हैं। शुरू हो चुका है दीपोत्सव का काउंटडाउन आठवें दीपोत्सव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। उसके बाद अयोध्या नगरी एक नया कीर्तिमान रच देगी। दीपोत्सव को लेकर प्रशासनिक तौयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा अवध विश्वविद्यालय प्रशासन और वहां के छात्र भी जुट गए हैं। दीपोत्सव में कब कितने दीप जले वर्ष 2017 में 1.71 लाख दीप, वर्ष 2018 में 3.01 लाख दीप, वर्ष 2019 में 4.04 लाख दीप, वर्ष 2020 में 6.06 लाख दीप, वर्ष 2021 में 9.41 लाख दीप, वर्ष 2022 में 15.76 लाख दीप, वर्ष में 2023 में 22.23 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
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5 October 2024चुनावों का एग्जिट पोल बताने वाली संस्था एक्सिस माई इंडिया समूह और इंडिया टुडे के बीच करार समाप्त हो जाने की खबर सामने आई है. ये पार्टनरशिप हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में मतदान समाप्त होने से ठीक पहले समाप्त हो गई है. बता दें कि एक्सिस माई इंडिया और इंडिया टुडे समूह के बीच पिछले 9 वर्षों से यह पार्टनरशिप चल रही थी. जो 5 अक्तूबर को दोनों राज्यों के मतदान सम्पन्न होने के बाद एक्सिस माई इंडिया-इंडिया टुडे के साथ एग्जिट पोल के नतीजे नहीं बताएगी. माना जा रहा है कि एक्सिस माई इंडिया किसी दूसरी कंपनी के साथ पार्टनरशिप कर सकती है. हालांकि प्रदीप गुप्ता की तरफ से किए एक ट्वीट में बताया गया कि 5 अक्तूबर को शाम 6 बजे एक्सिस माई इंडिया रेड माइक नामक यूट्यूब चैनल पर एग्जिट पोल दिखाएगी. गौरतलब है कि एक्सिस माई इंडिया का अपना खुद का भी यूट्यूब चैनल है.
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5 October 2024रायपुर | भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष व जनतंत्र टीवी के छत्तीसगढ़ ब्यूरो चीफ नितिन चौबे (49) का निधन हो जाने की जानकारी सामने आई है. उनकी अंतिम यात्रा महावीर नगर निवास से आज शनिवार सुबह 11 बजे न्यू राजेंद्र नगर मुक्ति धाम के लिए निकलेगी. चौबे के निधन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गहरा दु:ख जताया है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार श्री नितिन चौबे जी के निधन का समाचार बहुत दु:खद है. ईश्वर परिवार को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे. बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार अपने पीछे पत्नी शिवांगी, दो पुत्र आस और आरिस चौबे को छोड़ गए हैं.
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5 October 2024बीते सालों की तरह इस बार भी सारे देश ने 5 सितंबर को गर्मजोशी से अध्यापक दिवस मनाया। सोशल मीडिया पर तो अध्यापकों का उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया जा रहा था। पर अब सुधी अध्यापकों, मनोचिकित्सकों और अन्य जागरूक नागरिकों को यह भी सोचना होगा कि नौजवानों का एक बड़ा वर्ग निराशा और नाकामयाबी की स्थितियों में अपनी जीवनलीला खत्म करने पर क्यों आमादा है। अब शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता हो जब अखबारों में किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा के खुदकुशी करने संबंधी दिल दहलाने वाला समाचार ना छपता हो। यह बेहद गंभीर मसला है और इस पर सारे देश को सोचना होगा। इसी तरह आजकल बिजनेस में घाटा होने के कारण भी आत्महत्या करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अभी कुछ दिन पहले एक साइकिल बनाने वाली मशहूर कंपनी के अरबपति मालिक ने भी खुदकुशी कर ली थी। पिछले साल 6 दिसंबर को लोकसभा में बताया गया था कि देश में 2019 से 2021 के बीच 35,000 से ज़्यादा छात्रों ने आत्महत्या की। छात्रों के खुदकुशी करने के मामले 2019 में 10,335 से बढ़कर 2020 में 12,526 और 2021 में 13,089 हो गए। इसमें कोई शक नहीं है किसी भी हालत में किसी खास परीक्षा में सफल होने के लिए माता-पिता, अध्यापकों और समाज का भारी दबाव और अपेक्षाएं छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डाल रही हैं। राजस्थान का एक शहर है कोटा। यहां हर साल एक अनुमान के मुताबिक, हजारों नहीं लाखों छात्र-छात्राएँ देश के शीर्ष कॉलेजों में से एक में प्रवेश पाने की उम्मीद में कोटा पहुंचते हैं। इनके जीवन का एक ही लक्ष्य होता है कि किसी तरह आईआईटी/एनआईटी या मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को क्रैक कर लिया जाए। आप कोटा या फिर देश के किसी भी अन्य शहर में चले जाइये जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ-साथ सिविल सेवाओं वगैरह के लिए कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। वहां पर छात्र अत्यधिक दबाव और असफलता के डर से मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत कष्ट की स्थिति में हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल कहते हैं कि हमें खुदकुशी के बढ़ते मामलों पर सिर्फ चिंता ही व्यक्त नहीं करनी। हमें इसे रोकना ही होगा। हमने युवाओं, कारोबारियों और अन्य लोगों के आत्महत्या करने के कारणों और इस समस्या के हल तलाशने के लिए विश्व आत्महत्या निवारण दिवस (12 सितंबर) को राजधानी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सेमिनार का भी आयोजन किया है, जहां पर मनोचिकित्सक, पत्रकार और सोशल वर्कर अपने अनुभवों के आधार पर अपने पेपर पढ़ेंगे। उन निष्कर्षों के बाद हम आगे की रणनीति बनाएँगे। कुछ कोचिंग सेंटर चलाने वाले भी इस तरह के प्रयास तो कर रहे हैं ताकि छात्र बहुत दबाव में न रहें। राजधानी के एक कोचिंग सेंटर के प्रमुख ने बताया कि हम छात्रों की लगातार काउंसलिंग करते रहते हैं। उनके अभिभावकों के भी संपर्क में रहते हैं। कहा जाता है कि भारत में दुनिया भर में सबसे अधिक युवा आत्महत्या दर है। इस बीच, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2020 में हर 42 मिनट में एक छात्र ने अपनी जान दे दी। यह आंकड़ा सच में डराता है। देखिए, नौजवानों को बिल्कुल रीलेक्स माहौल देना होगा माता-पिता और उनके अध्यापकों को, ताकि वे बिना किसी दबाव में पढ़ें या जो भी करना चाहते हैं, करें। हरियाणा के सोनीपत में सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल चलाने वाली दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी (डीबीएस) के अध्यक्ष और सोशल वर्कर ब्रदर सोलोमन जॉर्ज कहते हैं कि हम पूरी तरह से सुनिश्चित करते हैं कि हमारे स्कूल या सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे बिना किसी दबाव में पढ़े-लिखे। हम अपने अध्यापकों की भी क्लास लेते हैं कि किसी भी बच्चे के साथ कक्षा में उसकी जाति न पूछी जाए और न ही उसके पिता की आय। कुछ गैर-जिम्मेदार अध्यापक अपने विद्यार्थियों से इस तरह के गैर-जरूरी सवाल पूछते हैं। फिर वे एक ही कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की एक-दूसरे से तुलना भी करने लगते हैं। इस कारण वे जाने-अनजाने एक बच्चे को बहुत सारे बच्चों को कमजोर साबित कर देते है। जाहिर है, इस वजह से उस छात्र पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है जो कमतर साबित कर दिया गया होता है। इसी तरह के बच्चे कई बार निराशा और अवसाद में डूब जाते हैं। देखिए बच्चे को पालना एक बीस वर्षीय प्लान है। कौन नहीं चाहता कि उसका बच्चा समाज में ऊंचा मुकाम हासिल करे, शोहरत-नाम कमाए? पर इन सबके लिए जरूरी है कि बच्चे को उसकी काबिलियत और पसंद के अनुसार मनचाहा करियर चुनने की आजादी भी दी जाए। यह एक कड़वा सच है कि हमारे समाज में सफलता का पैमाना अच्छी नौकरी, बड़ा घर और तमाम दूसरी सुख-सुविधाएं ही मानी जाती हैं।अफसोस कि हम भविष्य के चक्कर में अपने बच्चों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर करने लगे हैं। ब्रदर सोलोमन जॉर्ज कहते हैं कि हम अपने यहां बच्चों को इस बात के लिए तैयार करते हैं कि वे कठिन परिस्थितियों का भी सामना करें। असफलता से हार मान लेने से जीवन नहीं चलता। यह तो कायरता है। महान कवि पद्मभूषण डॉ. गोपाल दस नीरज की पंक्तियाँ याद आ रही हैं, “ छुप-छुप अश्रु बहाने वालों, जीवन व्यर्थ लुटाने वालों, इक सपने के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।” सफलता और असफलता का चक्र तो चला करता है, उसे स्वीकार करने में ही भला है। जैसा कि मैंने ऊपर जिक्र किया कि बीते दिनों एक अरबपति बिजनेसमैन ने राजधानी के अपने भव्य बंगले में गोली मारकर सुसाइड कर लिया। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। कहा जा रहा है कि बिजनेस में नुकसान होने के कारण ही साइकिल बनाने वाली कंपनी के मालिक ने आत्महत्या की। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चला है कि 2020 में जब कोविड की लहर ने व्यापार को तबाह कर दिया था। उस समय 11,716 व्यापारियों ने आत्महत्या की थी, जो 2019 की तुलना में 29% अधिक थी, जब 9,052 व्यापारियों ने अपनी जान ले ली थी। कर्नाटक में 2020 में व्यवसायियों द्वारा आत्महत्या से सबसे अधिक मौतें (1,772) दर्ज की गईं - जो 2019 से 103% अधिक है, जब राज्य में 875 व्यवसायियों ने अपनी जान ले ली थी। महाराष्ट्र में 1,610 व्यवसायियों ने आत्महत्या की, जो पिछले वर्ष से 25% अधिक है और तमिलनाडु में 1,447 व्यवसायियों ने अपनी जान ली, जो 2019 से 36% अधिक है। यह सबको पता है कि भारत के व्यवसायी समुदाय का बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से जुड़ा है, जो बड़े झटकों को सहन नहीं कर पाता है। इसके चलते कई कारोबारियों ने कर्ज में डूबने या बिजनेस में नुकसान के कारण आत्महत्या कर ली। लब्बोलुबाव यह है कि भारत में युवाओं और कारोबारियों के साथ-साथ अन्य लोगों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को भी प्रभावी ढंग से रोकना होगा।
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4 October 2024मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मामले अबतक थम नहीं रहे। शोषण, अत्याचार के अनेक सनसनीखेज मामलों के सार्वजनिक होने से केरल की फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल-सा आ गया है। मौलिवुड में मलयाली के एक और अभिनेता जयसूर्या के विरुद्ध एक अभिनेत्री ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। इससे पूर्व मशहूर एक्टर सिद्दिकी को हाल ही में एक हीरोइन के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पहला मामला फ़िल्म निर्देशक रंजीत का आया, जिसमें बंगाल की एक्ट्रेस ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। उपरोक्त सभी मामलों में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला इतना गंभीर है कि सिद्दिकी को एसोसिएसन ऑफ़ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स के महासचिव के पद से हाथ धोना पड़ गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसे सभी मामलों की जाँच एसआईटी को सौंप दी गई है। जस्टिस के. हेमा कमिटी की रिपोर्ट को केरल की एलडीएफ सरकार ने जारी किया, जिसमें महिला अभिनेत्रियों के साथ हो रहे अत्याचार का ब्योरेवार वर्णन है। रिपोर्ट में साफ शब्दों में जिक्र है कि केरल फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के काम करने का उचित माहौल नहीं है। वर्ष 2017 में गठित कमिटी ने 2019 को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी किन्तु अगस्त, 2024 में राज्य सरकार ने इसे सार्वजनिक किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विजयन सरकार फ़िल्म इंडस्ट्री और सेक्स रैकेट माफिया के चंगुल में है। एफआईआर तो शोर को कम करने के लिए है। दागियों को जिस तरह सरकार बचा रही है, यह शर्मनाक है। रिपोर्ट में साफ-साफ उल्लेख है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ यौन शोषण के अतिरिक्त शारीरिक उत्पीड़न भी किया जाता है। उसी को एक्ट्रेस के रूप में मौका दिया जाता है जो शारीरिक सम्बन्ध बनाने को तैयार हो। ऐसी लड़कियों को अभिनेत्री बनाया जाता है। उसे बहुत कम धनराशि दी जाती है। इनकार करने पर स्थापित एक्ट्रेस को जान से मारने की धमकी के साथ ब्लैकमेलिंग भी की जाती है। इसके उलट जो “सहयोग” करने से इनकार करती है, उसे कभी अवसर नहीं दिया जाता। अश्लीलता को फिल्मों में खूब परोसा जा रहा है और उस आड़ में सेक्स रैकेट के साथ ड्रग्स का हजारों करोड़ का धंधा फल-फूल रहा है। अभिनेत्रियों से कम कपड़े और अश्लील हरकतों को शूटिंग में करने को कहा जाता है। सफल तारिका की अब यही पहचान बन गई है। आयोग की आंतरिक शिकायत समिति ने साफ शब्दों में कहा है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को कार्य नहीं करना चाहिए। आयोग ने चिंता जाहिर की है कि ऐसे अपराधों की थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है और बहुत दबाव में शिकायत दर्ज कर ली गई तो गिरफ्त्तारी कभी होती नहीं है। फ़िल्म इंडस्ट्री की आड़ में सरकार की शह पर घिनौने धंधे चल रहे हैं। बढ़ती किरकिरी के कारण एसोसिएशन ऑफ़ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के अध्यक्ष और मशहूर अभिनेता मोहनलाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालाँकि, उनका कार्यकाल 2027 तक था। जगदीश और आर. जयन सहित कई पदाधिकारियों को लोकलाज के कारण इस्तीफा देना पड़ा। विशेष जाँच टीम के राडार पर कई नामचीन फिल्मी हस्तियों के अतिरिक्त सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे में “मैनेज” के चक्कर में गिरफ्तारी की हरी झंडी न मिलना लोकतंत्र को शर्मसार कर रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने कहा कि किसी का कुछ नहीं बिगड़ेगा। यह जाँच दल, रिपोर्ट केवल भरमाने का तरीका है। जनरोष को मद्देनजर रखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने माकपा विधायक सह अभिनेता एम. मुकेश के इस्तीफे की मांग की है। उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी 2017 को कोच्चि में एक सुप्रसिद्ध नायिका का पहले अपहरण हुआ, फिर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म हुआ। पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मुख्यमंत्री पिनार्याई विजयन ने केरल हाई कोर्ट की सेवानिवृत जज के. हेमा की अध्यक्षता में कमिटी का गठन कर दिया। रिपोर्ट तो आ गई, किन्तु दोषी कौन? सजा किस-किस को मिलेगी? इत्यादि प्रश्न तो अनुत्तरित हैं। सात वर्षों बाद आई रिपोर्ट भी लगता है मामले को शांत करने और लीपापोती के लिये है। तभी तो फ़िल्म इंडस्ट्री पोर्न इंडस्ट्री के रूप में तब्दील हो गया। सरकार के कई मंत्री-विधायक इस काले धंधे में संलिप्त हैं, इसलिये यह रिपोर्ट शो-पीस बन कर रह गया। आश्चर्यजनक तथ्य है कि 31 दिसंबर,2019 को कमिटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी, किन्तु इसे लगभग पांच वर्षों तक जानबूझ कर रोके रखा। इसे जारी कराने के लिये जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो संस्कृति विभाग ने गोपनीयता का हनन होना बता कर इसे देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट में भी याचिकाओं के जरिये रोकने का प्रयास किया गया। अंततः राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप और कोर्ट के आदेश के बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा सका। कास्टिंग काउच साफ-साफ दिखता है। अनेक गवाहों के कैमरे पर आने, ऑडियो क्लिप्स, वीडियो क्लिप्स, स्क्रिन शॉट्स, इंटरव्यू, गवाहों के बयान आदि से इसकी साफ-साफ पुष्टि होती है। समिति के समक्ष कुछ महिलाओं ने यहाँ तक कहा कि रात में पुरुष उनके दरवाजे को जोर-जोर से पीटते हैं. कई महिलाओं ने यह भी बयान में कहा कि सच बोलने से उन्हें पुलिस का भय है कि कहीं उनके रिश्तेदारों पर झूठे मुकदमे न लाद दिये जायें। एक सुप्रसिद्ध अभिनेता ने बयान में कहा कि पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री को माफिया चला रहा है, जिसमें पुरुष प्रोड्यूसर, निर्देशक, अभिनेता शामिल हैं। सिनेमा के तकनीकी सेक्शन में महिला कर्मी नाममात्र की है। फ़िल्म इंस्टीट्यूट के. आर. नारायणन नेशनल इंस्टीटूट ऑफ़ विजुअल साइंस एंड आर्ट्स में 44 में केवल दो छात्राएं हैं। विपक्ष की मांग है कि पूरे मामले की जाँच वरिष्ठ पुलिस महिला अधिकारियों के द्वारा कराई जाये। मौलिवुड में महिलाओं को दो शब्द समझौते और समायोजन के इर्द-गिर्द घूमना होता है। केवल एक ही सन्देश दिया जाता है- अपने को मांग के अनुसार सेक्स के लिये तैयार रहना है। न बोलने पर काम से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। दिलचस्प तथ्य है कि दृश्य में महिला-पुरुष या पति-पत्नी के एक शॉट के 17 री-टेक होते थे। यह पहले से मान लिया जाता था कि अभिनेता तो अभिनेत्री से दुर्व्यवहार करेंगे। इच्छा के विपरीत महिलाकर्मियों को काम करना पड़ता था। 10 से 15 केवल पुरुष ही मोलिवुड में हैं जो अत्यंत धनी हैं और फ़िल्म इंडस्ट्री में इन्हीं का आधिपत्य है। जूनियर कलाकारों को कलाकार के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है। साहस कर बयान दे चुके कुछ कलाकारों के अनुसार उन्हें शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं। काम करने के बाद रुपये नहीं दिए जाते हैं। हालाँकि, जब इसकी भनक माफिया को लगी तो परिवारवालों को धमकियां दी जाने लगी। इसकी शिकायतें भी थाने में की गई, किन्तु कार्रवाई तो दूर पुलिस उलटे जूनियर कलाकारों को ही केस वापस करने को कह रही है। भोजन और पानी भी नहीं उपलब्ध कराना बड़ी शिकायत है। जूनियर कलाकार गवाहों ने बताया कि सबसे ज्यादा अत्याचार जूनियर महिला कलाकारों पर होता है। उनके साथ यौन शोषण के साथ कार्यावधि ज्यादा किन्तु पारिश्रमिक काफी कम मिलता है। केरल में जन्मी और पली-बढ़ी गीथा जे. जो अब न्यू कैस्टल यूनिवर्सिटी, ग्रेट ब्रिटेन में फ़िल्म प्रैक्टिस पढ़ाती हैं, उसने साफ शब्दों में कहा कि केरल का पूरा फ़िल्म उद्योग सड़ चुका है। अप्रैल, 2010 में ख्याति को चूम रहे थिलाकन को “सच” बोलने की सजा मिल गई थी। फिल्में मिलनी बंद हो गई थी। 2022 में एक्टर- प्रोड्यूसर विजय बाबू पर महिला अभिनेत्री से दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद आंतरिक शिकायत कमिटी का गठन भी दिखावा साबित हुआ। निराश होकर तीन महिला सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। विरोध प्रदर्शन हुए, किन्तु परिणाम शून्य। वाम सरकार के समर्थन से यह माफिया उद्योग में तब्दील हो गया। हेमा कमिटी की रिपोर्ट बहुत देर से ही सही सार्वजनिक होने के बाद भी दोषियों को बचाने की जी-तोड़ कोशिश के कारण केरल की फ़िल्म इंडस्ट्री ध्वस्त हो गई।
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4 October 2024कोरबा | वरिष्ठ पत्रकार और जिले से निकलने वाले दैनिक ब्लैकआउट के पूर्व संपादक प्रदीप महतो के निधन की सूचना है. आज शुक्रवार सुबह 5 बजे एक निजी अस्पताल में उनका निधन होने की जानकारी सामने आई है. महतो, कोरबा के बरपाली गांव के रहने वाले थे और पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान रखते थे. बरपाली में प्रेस क्लब की स्थापना करवाने में भी उनका अहम योगदान था. उनके निधन से कोरबा के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है.
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4 October 2024देहरा | हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला स्थित देहरा में तैनात एसडीएम शिल्पी बेक्टा की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने हंगामा खड़ा कर दिया है. एसडीएम ने एक पत्रकार पर सीधा आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत भी दी है. एसडीएम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि, “ब्लैकमेल करने वाले और प्रेस एवं पत्रकार होने का गलत फायदा उठाने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए.” इसके अलावा एसडीएम ने देहरा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत में उन्होंने एक अज्ञात नंबर से उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि फोन करने वाला शख्स द्वारा खुद को पत्रकार बताते हुए बदतमीजी करने के साथ ही धमकी भी दी गई. शिल्पी बेक्टा के अनुसार, शख्स ने फोन पर उनसे कहा – “आपको पता नहीं मैं क्या कर सकता हूं?” एसडीएम ने इस फोन कॉल के बाद अपनी जान को खतरा बताया है. इस मामले में डीएसपी देहरा अनिल ठाकुर ने बताया कि एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा ने एक लिखित शिकायत दी है और मामले की छानबीन की जा रही है. बता दें कि एसडीएम शिल्पी बेक्टा मूलरूप से शिमला की रहने वाली है, देहरा से पहले वह कांगड़ा में एसडीएम के पद पर कार्यरत थीं.
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3 October 2024सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली फिल्मों और सीरीज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की जाएगी. नई गाइडलाइन के अनुसार अब ओटीटी प्लेटफॉर्म गाली-गलौज या अश्लील भाषा का कंटेंट प्रसारित नहीं कर सकेंगे. सूत्रों की माने तो सूचना प्रसारण मंत्रालय इस संबंध में मंत्रालय से जुड़ी कंपनियों, एक्सपर्ट्स और हिस्सेदारों से विचार विमर्श भी कर रहा है. इसमें महिलाओं से जुड़े कुछ कानूनों के उल्लंघन से बचने का रास्ता भी तलाशा जाएगा. कहा जा रहा है कि इन नियमों से ये सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना किसी उल्लंघन के फिल्मों की कहानी को अभिव्यक्त किया जाए. ये प्रमुख बदलाव हो सकते हैं हिन्दी अख़बार अमर उजाला की वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि नए गाइडलाइंस में गाली-गलौज को बीप करने, अश्लील दृश्यों को धुंधला करने के निर्देश होंगे. वहीं किसी डायलॉग में गाली-गलौज अनिवार्य है तो उसे तोड़ मरोड़कर दिखाने की बात हो सकती है. इसके अलावा कपड़े बदलने या अंतरंग संबंधों वाले सीन के अन्य विकल्प तलाशने के निर्देश हो सकते हैं. कंटेंट पर रहेगी नजर ओटीटी कंटेंट और प्लेटफॉर्म पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नजर रखेगा. मंत्रालय यह भी अपेक्षा रख सकता है कि निर्माता ऐसे लोगों को अपनी टीम में जोड़ें जो जरूरत के अनुसार वैकल्पिक शब्द गढ़ सकें. इसके अलावा निर्माताओं को ओटीटी सीरीज पर सेंसर बोर्ड और मंत्रालय को शपथ पत्र भी देना होगा.
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3 October 2024दि प्रिंट की टीम एडिटोरियली पुअर है। इंग्लिश मीडियम एजुकेशन ने भारत में मानसिक गुलामों की पूरी फौज खड़ी कर दी है। ऐसा न होता तो यहाँ हर दूसरे दिन कोई न कोई नया नीरद सी चौधरी अपनी हीनता ग्रन्थि यूँ उजागर न करता। चलिए लेखक वैशाखनन्दन है कोई बात नहीं मगर क्या दि प्रिन्ट के एडिटर सो रहे थे जो ऐसी अहमकाना हेडिंग दे दी। कुछ और नहीं कर सकते थे तो प्रश्नवाचक या विस्मयादिबोधक चिह्न ही लगा देते। कल ही मैं कोक स्टूडियो के पहले छह अंक के प्रोड्यूसर रोहेल हयात का साल 2015 का एक संवाद सुन रहा था। रोहेल बता रहे थे कि किस तरह पश्चिमी संगीत में पगे उनके जेहन पर हिन्दुस्तानी संगीत का रंग चढ़ा था। मैं संगीत का जानकार नहीं हूँ, श्रोता भर हूँ। रोहेल जानकार हैं। उन्होंने पश्चिमी नोट और आक्टेव की हिन्दुस्तानी संगीत के सुरों से तुलना करके बताया कि शुरू में उन्हें हिन्दुस्तानी संगीत के नोट ग्रहण करने में क्या दिक्कत हुई। यह ठीक बात है कि आर्थिक और मानसिक गुलामी ने भारत को बहुत से मामलों में गरीब कर दिया है मगर गुलामी के दौर में भी हिन्दुस्तानी संगीत ऐसे जीनियस पैदा करती रही है जिनको दुनिया के किसी अन्य महान संगीतकार के बराबर रखा जा सकता है। हालाँकि भारत के आजाद होने के बाद हर उस चीज पर ग्रहण लग गया जिसमें हिन्दुस्तानी परम्परा झलकती है। दि प्रिन्ट का लेख पढ़कर आपको पता चलेगा कि बन्दे का असल दर्द संगीत नहीं है बल्कि विदेशी बैण्डबाजा वालों के लिए भारत में पर्याप्त मार्केट न तैयार होना है। बन्दे का दुख ये है कि एक ब्रिटिश बैण्ड की टिकट भारत में नहीं बिकी। भाई तुम्हारा दुख हम समझ सकते हैं मगर इंग्लिश म्यूजिक की मानसिक गुलामी को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है। चाहो तो एक बार “के पॉप” के नौनिहालों को भारत में बुलाकर देख लो। माँ-बाप से तलाक लेकर बच्चे-बच्चियाँ बम्बई या दिल्ली जाम कर देंगे! ऐसा भी नहीं है कि इंग्लिश गवैयों से कोई दिक्कत है। भारत के सबसे अमीर लोग उन्हीं के गाने सुनते हैं। गरीब लोग मनोरंजन के लिए शाहरुख खान के गाने सुनते हैं और शाहरुख खान एड शीरन के गाने सुनते हैं। सीधा समीकरण है। अब अमीरों का क्राउड तो होता नहीं है। आज भी वे कुल आबादी के दो प्रतिशत ही हैं तो इतने थोड़े से लोग किस-किस का और कितना टिकट खरीदेंगे। अमीरों की आबादी में मिडिल क्लास को भी जोड़ दो तो कुल 10-20 प्रतिशत होते हैं। मगर मिडिल क्लास की दिक्कत ये है कि वह इतना अमीर भी नहीं होता कि ब्रिटेन से बैण्ड आने की खबर सुनकर टिकट लेने दौड़ पड़े! उसके पास पैसे हैं, मगर इतने नहीं कि हर किसी पर लुटा सके। बाबा कार्ल मार्क्स ने भाषा को मनुष्य की व्यावहारिक चेतना कहा है। भाषा बदलने से मनुष्य की व्यावहारिक चेतना बदल जाती है। यह बात अरब और ब्रिटिश भलीभांति समझते थे। युद्ध के मैदान में हारने के बावजूद ईरानियों ने कल्चर के मैदान पर अरब को बैकफुट पर धकेल दिया। ब्रिटिश इस मामले में ज्यादा होशियार निकले। उन्होंने अरबों से अलग लम्बा मगर ठोस रास्ता चुना। इंग्लिश मीडियम मनुष्य की चेतना बदल सकती है इसका उन्हें विश्वास था और यह सच साबित हुआ मगर इसमें थोड़ा सा पेंच ये आ गया कि वह बदली हुई चेतना अपनी जड़ों से कटकर हवा में लटकेगी तो उसका मुँह कब किधर घूम जाएगा, यह जानना किसी के वश की बात नहीं है। अब ये जरूरी नहीं है कि जड़ों से कटे मानसिक गुलाम का सांस्कृतिक आस्वाद ब्रिटेन या ब्रिटिश कॉलोनियों की तरफ ही घूमे। वह फ्रांस, स्पेन, इटली, जर्मनी या कोरिया की तरफ भी घूम सकता है। आजकल कोरिया की तरफ ज्यादा घूमा हुआ है। मगर ऐसा भी नहीं है कि भूरे अंग्रेज ब्रिटिश संगीत से भेदभाव करते हैं। बीटल्स के कई गाने मेरे भी फेवरेट गानों में हैं। एड शीरन का शेप मुझे भी पसन्द आया था। बाकी देश में उनके चाहने वाले लाखों में होंगे। भारत अपने मूल दर्शन में अतिथि को देव समझने वाला देश रहा है। संगीत के मामले में भी यह परमसत्य है मगर संगीत में भारतीय उपमहाद्वीप इतना धनी है कि उसके पास नई दुकान से पकवान खरीदने की उतनी जरूरत नहीं है। पकवान पसन्द भी हो तो ब्रिटेन द्वारा 200 साल तक लूटे जाने कारण हर टिकट खरीदने के पैसे नहीं हैं। अगर बात कटिंग-एज टेक्नोलॉजी से बने वाद्ययंत्रों की करें तो इस मामले में भी भारतीय उपमहाद्वीप के लोग खुले विचार के रहे हैं। इसका सर्वोत्तम उदाहरण हिन्दी फिल्म संगीत और ताजा उदाहरण कोक स्टूडियो है। अमीर देशों में बने कथित कटिंग-एज ढोल, ताशे, हारमोनियम, संतूर इत्यादि का इस्तेमाल करके हिन्दी सिनेमा का संगीत और कोक स्टूडियो का संगीत सुनकर जड़कटी इंग्लिश मीडियम टाइप पीढ़ी भी ब्रिटेन से बेवफा हो जाती है। फ्लुएंट इंग्लिश वाली पीढ़ी भी पसूरी गा रही है। हर दम आपकी महँगी टिकट कब तक खरीदेंगे! कुछ चीजों में भारतीय उपमहाद्वीप जीनियस रहा है, उनमें एक है, संगीत। हो सकता है कि ब्रिटेन वालों के खून में केवल आरबीसी और डब्ल्यूबीसी होता हो मगर इस खित्ते वालों के ब्लड में संगीत भी होता है। यही कारण है कि भारत में संगीत सीखने वाले आते रहे हैं, मगर किसी भारतीय को संगीत सीखने कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता। कटिंग-एज वाद्ययंत्र सीखना और उसका इस्तेमाल करना एक बात है, संगीत सीखना दूसरी बात है। यूरोप घूमने के बाद रविशंकर को संगीत सीखने बाबा अल्लाउद्दीन खाँ के पास मैहर जाना पड़ा था। यूरोप ने महान संगीतकार दिये हैं मगर उनके 12 नोट और हमारे सात सुर के बीच अमीरी-गरीबी का कोई भेद नहीं है। न हमारी जनता में संगीत के कद्रदानों की कमी रही है। यह कहने की बात नहीं है कि हमारा संगीत पर्याप्त अमीर है। अब अगर कोई सऊदी अरब को पेट्रोल बेचना चाहता है तो उसे उसमें कुछ अतिरिक्त प्रस्तुत करना होगा। जिन ब्रिटिश संगीतकारों ने कुछ अतिरिक्त पेश किया, उनका भारत में स्वागत हुआ। मगर वो यहाँ टिक न सके क्योंकि हर पौधे की अपनी प्रिय मिट्टी, अपनी प्रिय आबोहवा होती है। मिट्टी से उपजा संगीत इकतारे पर मन मोह सकता है। मिट्टी से कटा संगीत मौसम की तरह आता है, चला जाता है। अगर किसी को टेक्नोलॉजी और संगीत में फर्क नहीं समझ आ रहा है, तो उसे इन विषयों पर लिखने से परहेज करना चाहिए मगर जब फूफा सम्पादक हों तो फिर ऐसे लेख छपने से कौन रोक सकता है!
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3 October 2024आपसी संबंधों में दरार का नया कारण सोशल मीडिया का नया चलन बनता जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ समय से फ्लैगिंग का नया ट्रैंड चल रहा है। पहली बात तो यह कि सोशल मीडिया की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है और कोढ़ में खाज यह कि सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया का दौर भी तेजी से चल रहा है। सोशल मीडिया पर रिएक्शन नहीं आना भी डिप्रेशन का कारण बन रहा है तो सोशल मीडिया पर कुछ अप्रिय रिएक्शन भी तनाव का कारण बनती जा रही है। इन दिनों फ्लैगिंग का दौर चल पड़ा है पर इसमें भी अधिक तो यह कि बेज फ्लैगिंग का नया ट्रेंड साथी को अधिक प्रताड़ित करने लगा है। प्रताड़ना का मतलब तनाव का प्रमुख कारण होने से है। देखा जाए तो सोशल मीडिया पर पिछले साल से चल रहे ट्रेंड से आपसी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वहीं सोशल मीडिया से जुड़े लोगों में नकारात्मकता और डिप्रेशन का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। नए ट्रेंड को भले ही सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता गंभीरता से नहीं ले रहे हो पर जिस किसी पर नए ट्रेंड के अनुसार फ्लैगिंग के माध्यम से कमेंट्स किये जा रहे हैं उसका असर अंदर तक पहुच रहा है। दरअसल पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में इशारों-इशारों में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने का नया चलन तेजी से चला है। एक और जहां इमोजी का प्रयोग आम है तो फ्लैगिंग का नया चलन उससे भी अधिक गंभीर है। सोशल मीडिया पर इन दिनों बेज फ्लैग का चलन कुछ ज्यादा ही चला है। बेज फ्लैग का सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि इस तरह का व्यवहार जो ना तो अच्छा है और ना ही बुरा, लेकिन इस तरह की प्रतिक्रिया संबंधित को सोचने को मजबूर कर देती है। खासतौर से इसका चलन आपसी रिश्तों को लेकर किया जा रहा है। इससे संबंधित में एक तरह की हीन भावना आती है और उसका दुष्परिणाम हम सब जानते ही हैं। इससे पहले साथियों को रेड फ्लैग और ग्रीन फ्लैग का लेबल दिया जाता रहा है। हालांकि यह भी नकारात्मक ही है। रेड फ्लैग जहां समस्या से ग्रसित व्यवहार को दर्शाता है तो ग्रीन फ्लैग को अच्छे व्यवहार के रूप में देखा जाता रहा है। यानी आप अपने साथी को लेबल दे रहे हैं और वह लेबल ही साथी का आपके प्रति और आपका साथी के प्रति व्यवहार को दर्शाता है। दरअसल, बेज फ्लैग जैसे रिमार्क से रिश्तों में कड़वाहट आती ही आती है। शिकागो की चिकित्सक मिशेल हर्जोंग तो चेतावनी देते हुए कहती है कि ऐसे लेबलिंग से रिश्तों में खटास तय हैं। बेज फ्लैग जैसे लेबल जहां कोई समस्या नहीं हैं वहां भी संभावित समस्या पैदा कर देते हैं। हालाकि यह नए नए ट्रेंड सोशियल मीडिया पर अपने फालोअर्स बढ़ाने और इंफ्लूएसर मार्केटिंग के किये जाते हैं पर इनका असर काफी गहरा देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर साइबर बूलिंग आम होती जा रही है। साइबर बूलिंग में डराने धमकाने के मैसेजों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से टार्चर किया जाता है। संबंधित व्यक्ति अपने आत्म सम्मान पर ठेस समझता है और इसके कारण अत्यधिक सेंसेटिव व्यक्ति तो तनाव में चला जाता है। इससे उसकी दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। देखा जाए तो सोशल मीडिया आपसी जुड़ाव का माध्यम होना चाहिए पर जिस तरह का ट्रेंड चल रहा है वह जुड़ाव के स्थान पर विलगाव का अधिक कारण बन रहा है। जाने-अनजाने सामने वाले को गहरी ठेस लगती है। भले हमारी प्रतिक्रिया मजाक में हो रही हो पर सोशल मीडिया पर हमारी प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रियाओें का सिलसिला किस दिशा और हद तक चल निकले इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए हमें सामने वाले की भावनाओं का भी ध्यान रखना होगा। अन्यथा और कुछ नहीं तो संबंधों में अलगाव तय है। ऐसे में सोशल मीडिया को हमें सकारात्मक दिशा में ले जाना होगा। अनपेक्षित प्रतिक्रियाओं से बचना होगा। सोशल मीडिया दरअसल समय काटने या दूसरे को बुली करने का माध्यम नहीं है और ना ही होना चाहिए। बल्कि होना तो यह चाहिए कि सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मकता का विस्तार और मोटिवेशन का माध्यम बनना चाहिए ताकि सामाजिक सरोकारों को मजबूती प्रदान की जा सके। इस भागदौड़, ईर्ष्या व प्रतिस्पर्धा की जिंदगी मेें लोगों को निराशा व तनाव से बाहर लाया जा सके। हमारी प्रतिक्रिया किसी को मोटिवेट करने का माध्यम बने तभी प्रतिक्रिया की सार्थकता है। ऐसे में सोशल मीडिया में नित नए प्रयोग करते समय कुछ अधिक ही गंभीर होना होगा। खासतौर से समाज विज्ञानियों और मनोविश्लेषकों को गंभीरता से ध्यान देना ही होगा।
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2 October 2024भारत में होने वाले कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की टिकट की बड़े स्तर पर कालाबाजारी हो रही है। हमने स्टिंग ऑपरेशन में 3500 का टिकट 70 हजार में खरीदा था। इस खुलासे के बाद ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के मुंबई कॉन्सर्ट के ऑफिशियल टिकट पार्टनर बुक माय शो ने कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की नकली टिकट बेचने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थीं। वहीं दूसरी तरफ बुक माय शो के खिलाफ एक वकील ने टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग करने की भी शिकायत दर्ज कराई थी। अब इसी शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बुक माय शो के CEO और को-फाउंडर आशीष हेमराजानी को समन जारी किया। उनके अलावा कंपनी के CTO को समन जारी किया गया है। मुंबई पुलिस के अधिकारी के मुताबिक, वकील की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की गई है। पुलिस ने शनिवार को कंपनी के CEO और CTO को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। हालांकि CEO और CTO बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। इसे लेकर पुलिस ने कहा कि हम दोनों के नाम नया समन जारी करेंगे। बुक माय शो ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई इससे पहले 25 सितंबर को बुक माय शो ने कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की नकली टिकट बेचने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए एक बयान जारी कर कहा था- बुक माय शो भारत में कोल्डप्ले के म्यूजिक ऑफ द स्फीयर्स वर्ल्ड टूर 2025 के टिकट सेल और रीसेल के लिए Viagogo और Gigsberg और किसी भी थर्ड पार्टी से नहीं जुड़ा है। कंपनी ने कहा था कि हम भारत में स्केलिंग की सख्त निंदा करते हैं। ऐसा करने पर सजा का कानून है। हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच में पूरा सहयोग देंगे। बुक माय शो ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे घोटाले से बचें। अगर कोई अनअथॉराइज्ड सोर्स से टिकट खरीदता है कि तो सारा जोखिम उसका होगा। खरीदा गया टिकट नकली हो सकता है। बुक माय शो ऐप पर भी 500 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप BYJM (भारतीय जनता युवा मोर्चा) ने भी बुक माय शो पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए EOW में शिकायत रजिस्टर करवाई है। बुक माय शो पर आरोप है कि इसके मैनेजमेंट ने टिकट सेलिंग के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग और 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। पार्टी के सदस्य तेजिंदर सिंह तिवाना ने कहा है कि बुक माय शो को पहले ऐप पर आने वाले लोगों को पहले टिकट देनी थी, हालांकि ऐप ने ब्लैकमार्केटिंक करने वाले एजेंट के लिए स्पेशल लिंक तैयार की, जिससे वे टिकट खरीदकर उसे महंगे दामों में बेच सकें। वहीं टिकट खरीदने वालों को वर्चुअल क्यू में डाल दिया गया, जिससे वो टिकट बुक नहीं कर सके। इस धांधली से बुक माय शो ऐप ने 500 करोड़ रुपए की कमाई की है। उन्होंने ये भी कहा है कि टिकट ब्लैकमार्केटिंग का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले वर्ल्डकप और IPL के टाइम भी टिकट की ब्लैकमार्केटिंग हुई है। विआगोगो जैसी साइट्स पर 12500 रुपए की टिकट को 3 लाख रुपए में बेचा जा रहा था। क्या होती है स्केलिंग स्केलिंग का मतलब है कि किसी प्रोग्राम और म्यूजिक कॉन्सर्ट के टिकटों को थोक में खरीदना। इसके बाद जब टिकट लोगों को नहीं मिलते तो उन्हें वही टिकट महंगी कीमत पर बेचे जाते हैं। जो टिकट ब्लैक में खरीदे या बेचे जाते हैं, उनका कोई डेटा नहीं होता। यह सीधे-सीधे टैक्स में चोरी है। सरकार को इससे काफी नुकसान होता है। सरकार को कम रेट में टिकट बिक्री दिखाई जाती है, जबकि बाहर उसे काफी ज्यादा पैसों में बेचा जाता है। इसके अलावा जो साधारण लोग हैं, उन्हें कभी भी ऐसे इवेंट के टिकट नहीं मिल पाते, क्योंकि पहले से ही ब्लैक में टिकट बेच दिए जाते हैं। जिनके पास पैसे होते हैं, वे तो आसानी से ऊंचे दामों पर टिकट खरीद लेते हैं, लेकिन साधारण लोग इससे वंचित रह जाते हैं। भारत में टिकटों की जालसाजी को लेकर कोई विशेष कानून नहीं क्या भारत में टिकटों की जालसाजी को लेकर कोई कानून है? दैनिक भास्कर ने इसका जवाब जानने के लिए हमने वकील अली काशिफ खान देशमुख से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘सिनेमा के टिकटों के अलावा मनोरंजन के साधनों के टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग पर प्रतिबंध के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। फिलहाल, सिर्फ IPC की धारा 406, 420 या BNS और IT एक्ट के प्रावधान ही इस मामले में लागू होते हैं। इसलिए सरकार को इस तरह के गैरकानूनी कामों पर रोक लगाने के लिए एक ठोस कानून बनाना चाहिए।’ पूर्व ACP मुंबई वसंत ढोबले ने कहा कि बुक माय शो के खिलाफ अगर जालसाज ऐसी बातें कर रहे हैं तो उन्हें सामने आकर सफाई देनी चाहिए। उनकी शिकायत को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई हो सकती है। भारत में 9 साल बाद कोल्डप्ले की परफॉर्मेंस कोल्डप्ले बैंड ने 2016 में मुंबई में आयोजित गोल्डन सिटिजन फेस्टिवल में परफॉर्म किया था। 80 हजार लोग इस शो का हिस्सा बने थे, जिनमें कई बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल थे। अब 9 साल बाद बैंड फिर भारत में आ रहा है। भारत में कोल्डप्ले के गाने हाय्म फॉर द वीकेंड, यलो, फिक्स यू बेहद पॉपुलर हैं। लंदन में शुरुआत, 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड जीते कोल्डप्ले बैंड की शुरुआत साल 1997 में लंदन में हुई थी। क्रिस मार्टिन, जॉनी बकलैंड, गाय बैरीमैन, विल चैम्पियन और फिल हार्वे इस बैंड के मेंबर हैं। 39 नॉमिनेशन में कोल्डप्ले 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड हासिल कर चुका है।
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29 September 2024केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु यानी गंभीर रूप से बीमार मरीजों का लाइफ सपोर्ट हटाने को लेकर नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि डॉक्टरों को कुछ शर्तों को ध्यान में रखकर बेहद सोच-समझकर ये फैसला लेना होगा कि मरीज का लाइफ सपोर्ट हटाया जाना चाहिए या नहीं। गाइडलाइन्स में चार शर्तें तय की गई हैं, जिनके आधार पर यह फैसला लिया जाएगा कि लाइफ सपोर्ट को रोकना मरीज के हित में उचित है। यह तब किया जाएगा जब यह साफ हो कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को लाइफ सपोर्ट से कोई फायदा होने की संभावना नहीं है, या लाइफ सपोर्ट पर रखने से मरीज की तकलीफ बढ़ने और गरिमा को नुकसान पहुंचने की संभावना हो। IMA अध्यक्ष बोले- इन गाइडलाइन से डॉक्टर तनाव में आएंगे सरकार की इन गाइडलाइन्स को लेकर मेडिकल फ्रेटरनिटी में असंतोष देखा जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रेसिडेंट डॉ. आर.वी. अशोकन ने कहा कि ये दिशा-निर्देश डॉक्टरों को कानूनी जांच के दायरे में लाएंगे और उन पर तनाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे क्लिनिकल फैसले डॉक्टर्स नेक-नीयत से लेते हैं। ऐसे हर केस में मरीज के परिजन को स्थिति समझाई जाती है और पूरी जानकारी दी जाती है। हर पहलू पर अच्छे से गौर करने के बाद ही फैसला लिया जाता है। ऐसी गाइडलाइन बनाना और कथित तौर से ऐसा दावा करना कि डॉक्टर गलत फैसले लेते हैं या फैसले लेने में देर करते हैं, ये हालात को गलत तरीके से दिखाने की बात है। पहले यह नजरिया और धारणा ही गलत है कि बिना मलतब के ही मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है और इससे जिंदगी को बढ़ाया जाता है। इससे डॉक्टर कानूनी जांच के दायरे में आ जाएंगे। डॉक्टर-मरीज के रिश्ते में जो कुछ भी बचा है, उसे काले-सफेद दस्तावेजों के चार कोनों में परिभाषित करना, जिसे बाद में कानूनी तौर पर जांच परखा जाएगा, इससे डॉक्टर स्ट्रेस में आ जाएंगे। डॉ. आर वी अशोकन बोले- कुछ चीजों को विज्ञान और परिस्थिति के हिसाब से परिजन, पेशेंट्स और डॉक्टरों पर छोड़ देना चाहिए। डॉ. अशोकन ने कहा कि IMA इस डॉक्यूमेंट को पढ़ेगा और ड्राफ्ट गाइडलाइन्स के रिव्यू की मांग करते हुए अपने विचार शेयर करेगा। क्या हैं टर्मिनल बीमारी स्वास्थ्य मंत्रालय के ड्राफ्ट के मुताबिक टर्मिनल बीमारी को ऐसी अपरिवर्तनीय या लाइलाज स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें निकट भविष्य में मृत्यु की बड़ी संभावना रहती है। इसमें वे गंभीर मस्तिष्क चोटें (traumatic brain injury) भी शामिल हैं, जिनमें 72 घंटे या उससे अधिक समय तक कोई सुधार नहीं दिखता। ड्राफ्ट के मुताबिक, ICU में कई मरीज टर्मिनली बीमार होते हैं और उनके लिए लाइफ सस्टेनिंग ट्रीटमेंट (LST) जैसे मैकेनिकल वेंटिलेशन, वासोप्रेसर्स, डायलिसिस, सर्जिकल प्रोसीजर्स, ट्रांसफ्यूजन, पैरेंट्रल न्यूट्रीशन या एक्स्ट्रा-कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन थेरेपी से कोई लाभ होने की संभावना नहीं होती। गंभीर बीमारी में लाइफ सपोर्ट सिस्टम मरीज की तकलीफ बढ़ाते हैं ड्राफ्ट के मुताबिक ऐसे हालात में LST मरीज को फायदा नहीं पहुंचाते हैं, बल्कि उनकी तकलीफ ही बढ़ाते हैं। इसलिए उन्हें ठीक नहीं माना जाता है। इसके अलावा ये ट्रीटमेंट मरीज के परिवार का इमोशनल स्ट्रेस बढ़ाते हैं और प्रोफेशनल केयरगिवर्स के लिए नैतिक संकट खड़ा करते हैं। ऐसे मरीजों के लिए LST हटाना दुनियाभर में ICU केयर का स्टैंडर्ड माना जाता है और इसे कई जगह कानूनी मान्यता भी दी गई है। ऐसे फैसले मेडिकल, एथिकल और लीगल पहलुओं को देखने के बाद ही लिए जाते हैं। ये माना जा सकता है कि किसी मरीज को लाइफ सपोर्ट ट्रीटमेंट पर रखने से पहले भी इन बातों का खयाल रखना जरूरी है।
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29 September 2024कोलकाता में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले के बाद 42 दिन तक हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टर्स फिर से हड़ताल कर सकते हैं। डॉक्टरों ने शनिवार रात को कहा कि सोमवार यानी 31 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान राज्य सरकार वर्कप्लेस पर सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर जवाब दाखिल करेगी। राज्य सरकार के जवाब के बाद हम हड़ताल फिर से शुरू करने फैसला ले सकते हैं। दरअसल, कोलकाता के सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 27 सितंबर को एक मरीज की मौत के बाद 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया था। इसी घटना से जूनियर डॉक्टर्स नाराज हैं। उन्होंने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। इस मामले में 4 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। 42 दिन तक हड़ताल करने के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से साल्ट लेक स्थित CBI कार्यालय तक (लगभग 4 KM) मार्च निकालने के बाद 21 सितंबर को काम पर लौटे थे। डॉक्टर बोले- सरकार के साथ हमारी बैठक को गंभीरता से नहीं लिया गया शनिवार को एक डॉक्टर ने कहा कि राज्य सरकार हमें सुरक्षा देने पूरी तरह से विफल रही है। इसलिए शुक्रवार को सगोर दत्ता हॉस्पिटल में हमला हुआ। हम ममता सरकार को कुछ समय दे रहे हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद शाम 5 बजे हम फैसला लेंगे। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ हमारी बैठकों को गंभीरता से नहीं लिया गया। मरीजों के परिवार के सदस्य हमारी एक महिला सहकर्मी को धमका रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आरजी कर अस्पताल में जो हुआ, वही दोहराएंगे। ये लोग ऐसी धमकी कैसे दे सकते हैं। ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन टकराव चला डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें। डॉक्टरों की मांग पर बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह मनोज वर्मा ने पद संभाला। स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए। 19 सितंबर को डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया था। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है।
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29 September 2024दिल्ली से न्यूयॉर्क जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट के नाश्ते में एक कॉकरोच मिला। घटना 17 सितंबर की है। एक महिला ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके मामले की जानकारी दी। पैसेंजर महिला ने बताया कि उन्हें और उनके 2 साल एक बेटे को फूड पॉइजनिंग हुई। अब वे एअर इंडिया की फ्लाइट में सफर नहीं करेंगी। एअर इंडिया ने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे। साथ ही खाना परोसने वाली एजेंसी से भी बात करेंगे। महिला की शिकायत 2 पॉइंट्स में पढ़ें… 1. फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए मां-बेटे सुयशा सावंत नाम की एक महिला अपने दो साल के बच्चे के साथ दिल्ली से न्यूयॉर्क जा रही थी। इस दौरान नाश्ते में ऑमलेट मिला। उन्होंने अपने बेटे के साथ नाश्ता किया। हम नाश्ता ही कर रहे थे कि मुझे कॉकरोच दिख गया। मैं घबरा गई। थोड़ी ही देर में पेट दर्द होने लगा। महिला ने बताया कि इसके बाद उन्हें और उनके बेटे को फूड पॉइजनिंग हो गई। 2. एअर इंडिया की फ्लाइट में सफर करने में डर लग रहा महिला ने बताया कि उनकी फैमिली ज्यादातर एअर इंडिया में ही सफर करते हैं। कई बार बहुत परेशानी झेली है, लेकिन अब कॉकरोच का मिलना कुछ ज्यादा ही बड़ी घटना है। अब हमें एअर इंडिया के साथ सफर करने में डर लग रहा है। एअर इंडिया इंटरनेशनल फ्लाइट में खाने में ब्लेड मिली थी इसी साल 16 जून को एअर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में एक पैसेंजर के खाने में ब्लेड मिली थी। इसके बाद एअर इंडिया ने माफी मांगी थी। दरअसल, मैथुरेस पॉल नाम का पैसेंजर एअर इंडिया की फ्लाइट से बेंगलुरु से सैन फ्रांसिस्को जा रहा था। जब उसे खाने में ब्लेड मिली तो उसने सोशल मीडिया पर दो फोटो शेयर कीं। पॉल ने लिखा, 'एअर इंडिया का खाना चाकू की तरह काट सकता है। भुने हुए शकरकंद और अंजीर चाट में एक मेटल का टुकड़ा मिला, जो ब्लेड जैसा दिख रहा था। मुझे इसका एहसास कुछ सेकेंड तक खाना चबाने के बाद ही हुआ। शुक्र है, मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ। बेशक, इसका दोष पूरी तरह से एअर इंडिया की कैटरिंग सर्विस पर है। क्या होता अगर मेटल का टुकड़ा किसी बच्चे को परोसे गए खाने में होता? पहली फोटो में वह मेटल का टुकड़ा दिखाया गया है, जिसे मैंने थूक दिया और दूसरी तस्वीर में वह खाना दिखाया गया है, जो मुझे सर्व किया गया था।'
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28 September 2024इजराइली हमले में हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया है। इजराइल डिफेंस फोर्स ने शनिवार को यह दावा किया है। यरुशलम पोस्ट के मुताबिक, IDF ने 27 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बंकर बस्टर बम से हवाई हमला किया था। तब नसरल्लाह भी यहीं मौजूद था। IDF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा। हालांकि हिजबुल्लाह की तरफ से अब तक नसरल्लाह की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी। अटैक के बाद इजराइली PM ऑफिस ने नेतन्याहू की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वे लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश दे रहे हैं। दूसरी तरफ, नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया है। बेरूत की सड़कों पर रह रहे हजारों लेबनानी BBC के मुताबिक, इजराइल और हिजबुल्लाह में 11 दिन से जारी टकराव के बीच हजारों लेबनानी बेघर हो गए हैं। UN एजेंसी ने लेबनान में लोगों को शरण देने के लिए 500 शेल्टर बनाए हैं। बमबारी के बीच साउथ लेबनान में बेघर हुए हजारों लोग सड़कों, कारों और पार्क में सो रहे हैं। लेबनान में सेना भेजने की तैयारी में ईरान ईरान में विदेश मंत्रालय के अधिकारी आयतुल्लाह मोहम्मद अखतारी ने कहा है कि ईरान आने वाले कुछ दिनों में लेबनान और सीरिया में सैनिकों की तैनाती की तैयारी में है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया है। अखतारी ने कहा, "वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही गोलन हाइट्स में सैनिकों को तैनात करने की इजाजत दे देंगे। हम लेबनान में इजराइल से लड़ाई के लिए 1981 की तरह ही सेना भी भेज सकते हैं।" खामेनेई बोले- हिजबुल्लाह के लिए साथ आएं सभी मुस्लिम ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, "सभी मुस्लिमों को इस वक्त लेबनान और हिजबुल्लाह के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्हें साथ आकर दुष्ट इजराइल से लड़ाई लड़नी होगी। इस क्षेत्र का भविष्य अब इस बात पर टिका है कि हम कितनी ताकत से इजराइल को रोक सकते हैं। हिजबुल्लाह इस अभियान में हमारा नेतृत्व कर रहा है।" नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने चलाया था 'न्यू ऑर्डर' ऑपरेशन इजराइली सेना ने बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे 'न्यू ऑर्डर' नाम दिया गया था। बेरूत पर हमले के दौरान इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और IDF के चीफ ऑफ स्टाफ कमांड सेंटर से ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे।
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28 September 2024केरल में मंकीपॉक्स (MPox) का दूसरा मरीज मिला है। भारत में मंकीपॉक्स का यह तीसरा मामला है। 29 साल का युवक UAE से केरल के एर्नाकुलम लौटा था। उसे तेज बुखार था। जांच में MPox की पुष्टि हुई। अभी स्ट्रेन का पता नहीं चला है। केरल हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि मरीज का कोच्चि के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। जांच के बाद पता चलेगा कि मरीज MPox के खतरनाक और तेजी से फैलने वाले क्लैड-1बी स्ट्रेन से संक्रमित है या नहीं। 18 सितंबर को भारत में MPox का दूसरा और क्लेड-1बी स्ट्रेन का पहला मरीज मिला था। 38 साल का संक्रमित मरीज UAE से केरल के मलप्पुरम लौटा था। उसने 17 सितंबर को खुद को क्वारंटीन कर लिया था। हरियाणा में मिला था भारत का पहला MPox मरीज 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। हरियाणा के हिसार में एक 26 साल के युवक में पुराना स्ट्रेन क्लैड-2 पाया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि व्यक्ति विदेश से लौटा था। उसे 8 सितंबर को आइसोलेशन में रखा गया था। सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। क्या है मंकीपॉक्स मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते, लेकिन कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है। वायरस के दो अलग-अलग ग्रुप हैं: क्लैड-1 (सब क्लैड 1ए और 1बी) और क्लैड-2 (सब क्लैड 2ए और 2बी)। क्लेड-1बी स्ट्रेन को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। क्लैड-2 के मुकाबले क्लेड-1 ज्यादा घातक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राज्यों को एडवाइजरी 9 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। चंद्रा ने कहा था कि मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए। राज्यों को मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के मंकीपॉक्स पर जारी कम्युनिकेबल डिजीज अलर्ट (सीडी अलर्ट) पर एक्शन लेना चाहिए। इसके अलावा राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए। सीनियर अधिकारियों को जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेना चाहिए। WHO की एडवाइजरी- मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले युवा पुरुषों में सामने आए हैं, जिनकी औसत आयु 34 वर्ष (सीमा 18-44 वर्ष) है। सबसे ज्यादा मामले सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से संक्रमण के हैं। इसके बाद पर्सन-टू-पर्सन नॉन सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के मामले हैं। WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। भारत ने 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था। यह दो साल में दूसरी बार है, जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के दस देश इसकी गंभीर चपेट में हैं। इसके बाद यह दुनिया के बाकी देशों में फैला। कोरोना की तरह मंकीपॉक्स विमान यात्रा और ट्रैवलिंग के अन्य साधनों के जरिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल रहा है। WHO इसलिए भी चिंतित है, क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग मामलों में मृत्यु दर भी अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी ज्यादा रही है।
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27 September 2024बेंगलुरु में 29 साल की महालक्ष्मी के 59 टुकड़े करने वाले आरोपी मुक्ति रंजन राय का सुसाइड नोट सामने आया है। उसके शव के पास से डायरी मिली थी। उसमें उसने लिखा, 'उसने शादी के लिए राजी नहीं होने पर मेरे साथ कई बार मारपीट की थी। मैं उसके टॉर्चर से तंग आ चुका था। इसलिए उसे मार डाला।' आरोपी के परिवार ने आरोप लगाया कि महालक्ष्मी मारपीट के अलावा मुक्ति रंजन से पैसे और कीमती सामान भी वसूलती थी। महिला ने उसे एक सोने की अंगूठी, एक महंगा मोबाइल फोन और एक नेकलेस देने के लिए मजबूर किया था। महालक्ष्मी ने एक बार मुक्ति रंजन को पुलिस से गिरफ्तार भी करवाया था। बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास तीन मंजिला मकान के वन बेडरूम अपार्टमेंट में 20 सितंबर को महालक्ष्मी की लाश मिली थी। उसके शव के 59 टुकड़े फ्रिज में रखे थे। महालक्ष्मी वहां अकेले रहती थी। महालक्ष्मी और मुक्ति रंजन रिलेशनशिप में थे। दोनों एक मॉल में काम करते थे। मुक्ति रंजन ने 25 सितंबर को ओडिशा के भद्रक जिले में अपने गांव के पास सुसाइड कर लिया था। उसका शव एक पेड़ पर लटकता मिला। पास से उसकी बाइक और एक डायरी मिली थी। आरोपी का भाई बोला- 3 सिंतबर को हत्या की थी, घर आकर मुझे बताया आरोपी के छोटे भाई सत्या ने पुलिस को बताया कि मुक्ति रंजन ने 3 सितंबर को ही महालक्ष्मी की हत्या की थी। दोनों रिलेशनशिप में थे। महालक्ष्मी शादी की जिद करती थी, जिससे दोनों के बीच मनमुटाव पैदा हो गया। सत्या के मुताबिक, 3 सितंबर को इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी की गला घोंटकर हत्या कर दी। रात में उसने कुल्हाड़ी से उसके शरीर के टुकड़े किए और रेफ्रिजरेटर में छिपा दिया। इसके बाद वह बेंगलुरु से घर आ गया। सत्या ने बताया, 'मेरा भाई पिछले नौ-दस दिनों से मेरे साथ था। मेरे साथ तीन दिन रहने के बाद उसने महालक्ष्मी की हत्या करने की बात कबूल कर ली। वह दो-तीन महीने के बाद महालक्ष्मी के शव के टुकड़े फेंकने की प्लानिंग में था।' त्या का आरोप है कि एक बार मुक्ति रंजन केरल जा रहा था। तब महालक्ष्मी ने उसकी बाइक को रोका और किडनैपिंग की बात कहकर उसकी पिटाई करवा दी थी। वहां मौजूद लोगों ने उसे बहुत मारा और पुलिस के हवाले कर दिया। मुक्तिरंजन पुलिस को 1 हजार रुपए देकर छूटा था। महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह और उसके दोस्तों ने भी मुक्तिरंजन को धमकाया था। उसकी पिटाई की थी। कहा था कि जैसा महालक्ष्मी बोल रही है, वैसा ही करो। अगर नहीं किया तुम्हें और तुम्हारे भाइयों को मार डालेंगे। मुक्तिरंजन के भाई के बयान पर अब पुलिस उक्कम से पूछताछ कर रही है। घर से बदबू आने पर हुआ था मर्डर का खुलासा 20 सितंबर तो महालक्ष्मी के मर्डर का खुलासा तब हुआ जब उसकी बिल्डिंग में रहने वाले जीवन प्रकाश को तेज बदबू का एहसास हुआ। बदबू मकान के टॉप फ्लोर से आ रही है, जहां महालक्ष्मी रहती थी। जीवन महालक्ष्मी के दरवाजे पर पहुंचे तो बदबू इतनी बढ़ गई कि खड़ा होना मुश्किल हो गया था। दरवाजे बाहर से लॉक लगा था। जीवन ने तुरंत महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह और बहन को फोन लगाया। देर रात करीब 12.30 बजे महालक्ष्मी की फैमिली पहुंची। इसके बाद दरवाजे का लॉक तोड़ा गया था। कमरे में खून बिखरा पड़ा था और जमीन पर कीड़े रेंग रहे थे। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। महालक्ष्मी की मां ने फ्रिज खोला तो अंदर बेटी का कटा सिर, पैर और डेडबॉडी के 59 से ज्यादा टुकड़े थे। पुलिस ने महालक्ष्मी के परिवार को बताया था कि CCTV फुटेज में मर्डर की रात 2 लोग स्कूटी से महालक्ष्मी के घर आए थे। पुलिस ने इस मामले में अशरफ नाम के हेयर ड्रेयर से पूछताछ की थी। महालक्ष्मी 4 साल से पति से अकेले रहती थी महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह ने बताया था कि उनका परिवार नेपाल के कठंद राज्य के टीकापुर गांव का रहने वाला है। 30 साल पहले मम्मी-पापा काम के लिए बेंगलुरु आए और यहीं बस गए। महालक्ष्मी की शादी नेलमंगला में रहने वाले हेमंत दास से हुई थी। हेमंत मोबाइल एसेसरीज की शॉप में काम करता है। महालक्ष्मी एक मॉल में काम करती थी। उनकी 4 साल की एक बेटी भी है।महालक्ष्मी और हेमंत करीब 4 साल से अलग-अलग रह रहे थे। हालांकि, दोनों का अभी तलाक नहीं हुआ था। बेटी हेमंत के साथ रहती थी। उक्कम ने बताया कि महालक्ष्मी अक्टूबर 2023 से व्यालिकावल में किराए के मकान में रह रही थी। वह इंडिपेंडेंट महिला थी। घर में मौजूद सारा सामान उसने अपने पैसों से खरीदा था। सोफा, अलमारी समेत घर का सारा सामान खुद लाई थी। जिस फ्रिज में उसकी लाश मिली है, वो भी उसने कुछ ही दिन पहले खरीदा था।
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27 September 2024जगन मोहन रेड्डी कल यानी 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले हैं। इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार को YSR कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस अधिनियम की धारा 30 का उल्लंघन न करने का नोटिस जारी किया है। एक अधिकारी के मुताबिक, पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री को तिरुमाला जाने से पहले रेनिगुंटा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद नोटिस भी जारी कर सकती है। इसमें यह मांग की जाएगी कि वे भीड़ न जुटाएं। इधर, आंध्र प्रदेश सरकार की बनाई हुई 9 सदस्यों वाली SIT ने तिरुपति के प्रसादम में एनिमल फैट पाए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। SIT को गुंटूर रेंज के IG सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी लीड कर रहे हैं। लड्डू विवाद तब शुरू हुआ, जब CM चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को यह आरोप लगाया कि YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाला वनस्पति तेल और फिश ऑयल मिलाया गया था। ऐसा है जगन का तिरुपति मंदिर विजिट का शेड्यूल पूर्व CM रेड्डी गन्नवरम एयरपोर्ट (कृष्णा जिला) से शुक्रवार शाम 4 बजे रेनिगुंटा जाएंगे और वहां से वे तिरुमाला जाएंगे, जहां वे शाम 7 बजे पहुंच सकते हैं। जगन यहां रात में रुक सकते हैं। शनिवार 28 सितंबर सुबह 10.20 बजे वे तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने के लिए गेस्ट हाउस से निकलेंगे। पुलिस के मुताबिक जिले में पुलिस अधिनियम की धारा 30 लागू है, जो सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर पाबंदी लगाती है। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों से तिरुपति में इकट्ठा होने की अपील वाली कई पोस्ट देखी हैं। इसलिए जगन को भी धारा 30 के तहत नोटिस दिया जा सकता है YSR के कई नेताओं को पुलिस का नोटिस तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष करुणाकर रेड्डी ने कहा कि उन्हें और पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने आधी रात को नोटिस जारी किया है कि वे घर के बाहर न आएं। हालांकि, रेड्डी ने कहा कि TTD के पूर्व अध्यक्ष के रूप में वे 7 सदस्यों के साथ दर्शन के हकदार हैं। दरअसल, जगन के 28 सितंबर को पूजा के ऐलान के बाद TDP ने कहा है कि उन्हें एंट्री तभी मिलेगी, जब वे मंदिर के उस घोषणापत्र पर साइन करेंगे, जिसमें लिखा हो कि उन्हें भगवान बालाजी पर विश्वास है। पार्टी का आरोप है कि इतने साल से वे साइन किए बिना ही मंदिर में गए हैं। 2012 से तिरुपति मंदिर जा रहे हैं जगन मोहन रेड्डी मई 2012- जगन तब कडप्पा से सांसद और YSR कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके साथ कई कार्यकर्ता मंदिर पहुंचे थे। किसी ने भी घोषणापत्र साइन नहीं किया था। सितंबर 2019 - मुख्यमंत्री बनने के बाद जगनमोहन तिरुपति मंदिर गए थे। इस दौरान उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर को पट्टू वस्त्रम भेंट किए थे। रेड्डी परिवार में पिता के बाद ऐसा करने वाले वे दूसरे CM थे। सितंबर 2020- मंदिर के सालाना ब्रह्मोत्सव में शामिल होने पहुंचे। इससे पहले मंदिर प्रशासन पर आरोप लगा था कि CM जगन की यात्रा के लिए उसने घोषणा पत्र फॉर्म रद्द कर दिए। सितंबर 2022- कोरोना काल के बाद जगन तिरुपति मंदिर गए। इस बार उनकी पत्नी भारती के सरकारी विमान से निजी यात्रा करने पर विवाद हुआ। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 24 सितंबर को यह भी साफ कर दिया कि लड्डू प्रसादम में तंबाकू की थैली होने की बात झूठ है। TTD के CPRO के मुताबिक, तिरुमाला में लड्डू श्री वैष्णव ब्राह्मण बनाते हैं। इसके लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। हर दिन लाखों लड्डू तैयार होते हैं। इस सिस्टम के बारे में गलत खबर फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पांच सप्लायर में से एक का घी जांच में फेल कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल की एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया। पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है। घी की शुद्धता जांचने वाली लैब NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है। CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया। नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।
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27 September 2024बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई फिर टल गई। मामले से जुड़े वकीलों कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए और समय मांगा है। अब इस केस की सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी, तब तक पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से भी मिली छूट भी जारी रहेगी। इससे पहले 5 सितंबर को हुई सुनवाई में पूजा ने कोर्ट से कहा था कि वह अपनी विकलांगता की जांच AIIMS में कराने को तैयार हैं। दरअसल, 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को दी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि पूजा की तरफ से UPSC में जमा कराए गए दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट में से एक फर्जी होने का शक है। सुनवाई के बाद जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि पुलिस ने मामले में और जांच करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है, इसलिए सुनवाई स्थगित की जा रही है। इस बीच, 19 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर नोटिस जारी कर पूजा से 26 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा। UPSC ने पूजा खेडकर पर झूठे दस्तावेज देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। बुधवार को पुलिस ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार (4 सितंबर) को नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर जानकारी दी कि सस्पेंड की गई ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जमा कराए थे, इसमें से एक सर्टिफिकेट फर्जी होने का शक है। दिल्ली पुलिस ने इस स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि हमने UPSC की तरफ से जमा कराए गए डॉक्यूमेंट की जांच की। इसमें सामने आया कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एक्जामिनेशन- 2022 और 2023 के दौरान दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) जमा कराए थे, जो उनके (पूजा के) मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर की मेडिकल अथॉरिटी की तरफ से जारी किए गए थे। पुलिस ने अहमदनगर मेडिकल अथॉरिटी ने इन दोनों सर्टिफिकेट की जांच कराई। अथॉरिटी ने बताया- ‘हमारे सिविल सर्जन के ऑफिस रिकॉर्ड के मुताबिक डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) नंबर MH2610119900342407 को इस अथॉरिटी ने जारी नहीं किया। लिहाजा इस बात की संभावना है कि इस डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को जाली तरीके से बनाया गया है।’ पूजा बोलीं- UPSC को मेरे खिलाफ एक्शन लेने का अधिकार नहीं UPSC ने 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द किया था और भविष्य में कोई एग्जाम देने पर भी रोक लगाई थी। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को CSE-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया था। आयोग ने दिल्ली पुलिस में केस भी दर्ज कराया था। पूजा ने 28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। पूजा ने कहा कि UPSC ने 2019, 2021 और 2022 के पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान कलेक्ट किए बायोमेट्रिक डेटा (सिर और उंगलियों के निशान) के जरिए मेरी पहचान वैरिफाई की है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। इस सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व IAS अफसर पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि दिल्ली पुलिस इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करना चाहती है, इसलिए खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाली जाती है। पूजा पर तय सीमा से ज्यादा बार एग्जाम देने का आरोप दिव्यांग कैटेगरी से कोई कैंडिडेट 9 बार परीक्षा दे सकता है। जनरल कैटेगरी से 6 अटेम्प्ट्स देने की इजाजत होती है। पूजा पर गलत उम्र, सरनेम बदलने, माता-पिता की गलत जानकारी, गलत तरीके से आरक्षण का फायदा लेने और तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम देने का आरोप है। पूजा को CSE-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। 2023 बैच की ट्रेनी IAS पूजा जून 2024 से पुणे में ट्रेनिंग कर रही थीं। पूजा ने हाईकोर्ट को बताया था- मैं 47% दिव्यांग हूं 30 अगस्त को पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था कि था कि UPSC की परीक्षा में आरक्षण के लिए कैंडिडेट का 40% दिव्यांग होना जरूरी है। मैं 47% दिव्यांग हूं। इसलिए UPSC परीक्षा में मेरे सिर्फ दिव्यांग कैटेगरी वाले अटेम्प्टस को गिना जाए। उन्होंने कहा कि उनके पास महाराष्ट्र के हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट है, जिसमें उन्हें ओल्ड ACL (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने और बाएं घुटने में अस्थिरता की पुष्टि की गई है। पूजा ने बताया कि उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम के 12 अटेम्प्ट्स दिए हैं। इनमें 7 अटेम्प्ट्स जनरल कैटेगरी से दिए हैं। पूजा ने जनरल कैटेगरी के सातों अटेम्प्ट्स नजरअंदाज करने की अपील की। पूजा के विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े विवाद विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था। विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे। पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया। यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने साफ कर दिया है कि पूजा खेडकर का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई। सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी। अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है। पूजा ने UPSC को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है। पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था, जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था।
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26 September 202424 सितंबर को दैनिक भास्कर ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर खुलासा किया था कि भारत में होने वाले कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की टिकट की बड़े स्तर पर कालाबाजारी हो रही है। हमने स्टिंग ऑपरेशन में 3500 का टिकट 70 हजार में खरीदा था। खुलासे के बाद अब बुक माय शो ने कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की नकली टिकट बेचने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। ऑनलाइन टिकट एग्रीगेटर बुक माय शो कोल्डप्ले के कॉन्सर्ट का ऑफिशियल टिकटिंग पार्टनर है। बुक माय शो की तरफ से जारी बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया कि बुक माय शो भारत में कोल्डप्ले के म्यूजिक ऑफ द स्फीयर्स वर्ल्ड टूर 2025 के टिकट सेल और रीसेल के लिए Viagogo और Gigsberg और किसी भी थर्ड पार्टी से नहीं जुड़ा है। कंपनी ने कहा- हम भारत में स्केलिंग की सख्त निंदा करते हैं। ऐसा करने पर सजा का कानून है। हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच में पूरा सहयोग देंगे। बुक माय शो ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे घोटाले से बचें। अगर कोई अनअथॉराइज्ड सोर्स से टिकट खरीदता है कि तो सारा जोखिम उसका होगा। खरीदा गया टिकट नकली हो सकता है। बुक माय शो एप पर भी 500 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप BYJM (भारतीय जनता युवा मोर्चा) ने भी बुक माय शो पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए EOW (इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग) में शिकायत रजिस्टर करवाई है। बुक माय शो पर आरोप है कि इसके मैनेजमेंट ने टिकट सेलिंग के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग और 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। पार्टी के सदस्य तेजिंदर सिंह तिवाना ने कहा है कि बुक माय शो को पहले एप पर आने वाले लोगों को पहले टिकट देनी थी, हालांकि एप ने ब्लैकमार्केटिंक करने वाले एजेंट के लिए स्पेशल लिंक तैयार की, जिससे वो टिकट खरीदकर उसे महंगे दामों में बेच सकें। वहीं टिकट खरीदने वालों को वर्चुअल क्यू में डाल दिया गया, जिससे वो टिकट बुक नहीं कर सके। इस धांधली से बुक माय शो एप ने 500 करोड़ रुपए की कमाई की है। उन्होंने ये भी कहा है कि टिकट ब्लैकमार्केटिंग का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले वर्ल्डकप और आईपीएल के टाइम भी टिकट की ब्लैकमार्केटिंग हुई है। विआगोगो जैसी साइट्स पर 12500 रुपए की टिकट को 3 लाख रुपए में बेचा जा रहा था। क्या होती है स्केलिंग स्केलिंग का मतलब है कि किसी प्रोग्राम और म्यूजिक कॉन्सर्ट के टिकटों को थोक में खरीदना। इसके बाद जब टिकट लोगों को नहीं मिलते तो उन्हें वही टिकट महंगी कीमत पर बेचे जाते हैं। जो टिकट ब्लैक में खरीदे या बेचे जाते हैं, उनका कोई डेटा नहीं होता। यह सीधे-सीधे टैक्स में चोरी है। सरकार को इससे काफी नुकसान होता है। सरकार को कम रेट में टिकट बिक्री दिखाई जाता है, जबकि बाहर उसे काफी ज्यादा पैसों में बेचा जाता है। इसके अलावा जो साधारण लोग हैं, उन्हें कभी भी ऐसे इवेंट के टिकट नहीं मिल पाते, क्योंकि पहले से ही ब्लैक में टिकट बेच दिए जाते हैं। जिनके पास पैसे होते हैं, वे तो आसानी से ऊंचे दामों पर टिकट खरीद लेते हैं, लेकिन साधारण लोग इससे वंचित रह जाते हैं। भारत में टिकटों की जालसाजी को लेकर कोई विशेष कानून नहीं क्या भारत में टिकटों की जालसाजी को लेकर कोई कानून है? दैनिक भास्कर ने इसका जवाब जानने के लिए हमने वकील अली काशिफ खान देशमुख से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘सिनेमा के टिकटों के अलावा मनोरंजन के साधनों के टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग पर प्रतिबंध के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। फिलहाल, सिर्फ IPC की धारा 406, 420 या BNS और IT एक्ट के प्रावधान ही इस मामले में लागू होते हैं। इसलिए सरकार को इस तरह के गैरकानूनी कामों पर रोक लगाने के लिए एक ठोस कानून बनाना चाहिए।’ पूर्व ACP मुंबई वसंत ढोबले ने कहा कि बुक माय शो के खिलाफ अगर जालसाज ऐसी बातें कर रहे हैं तो उन्हें सामने आकर सफाई देनी चाहिए। उनकी शिकायत को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई हो सकती है। भारत में 9 साल बाद कोल्डप्ले की परफॉर्मेंस कोल्डप्ले बैंड ने 2016 में मुंबई में आयोजित गोल्डन सिटिजन फेस्टिवल में परफॉर्म किया था। 80 हजार लोग इस शो का हिस्सा बने थे, जिनमें कई बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल थे। अब 9 साल बाद बैंड फिर भारत में आ रहा है। भारत में कोल्डप्ले के गाने हाय्म फॉर द वीकेंड, यलो, फिक्स यू बेहद पॉपुलर हैं। लंदन में शुरुआत, 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड जीते कोल्डप्ले बैंड की शुरुआत साल 1997 में लंदन में हुई थी। क्रिस मार्टिन, जॉनी बकलैंड, गाय बैरीमैन, विल चैम्पियन और फिल हार्वे इस बैंड के मेंबर हैं। 39 नॉमिनेशन में कोल्डप्ले 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड हासिल कर चुका है।
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26 September 2024भारत का पहला शुक्र मिशन मार्च 2028 में लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 19 सितंबर को इस मिशन की मंजूरी दी। यह मिशन चार साल का होगा। वीनस यानी शुक्र ग्रह धरती से करीब 4 करोड़ किमी दूर है। वीनस को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह भी कहा जाता है। हालांकि, यहां का दिन-रात पृथ्वी की तुलना में काफी लंबा होता है। दरअसल वीनस अपनी धुरी पर बहुत धीमे घूमता है। इसकी वजह से वीनस का एक दिन पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है। मिशन वीनस क्या है भारत का यह मिशन वीनस के ऑर्बिट का अध्ययन करेगा। ग्रह की सतह, वायुमंडल, ऑयनोस्फियर (वायुमंडल का बाहरी हिस्सा) की जानकारी जुटाएगा। वीनस सूर्य के नजदीक (करीब 11 करोड़ किलोमीटर) है। ऐसे में सूर्य का इस पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसका भी पता लगाएगा। वीनस की स्टडी क्यों जरूरी है, इसके 3 कारण वीनस ग्रह को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां कहा जाता है क्योंकि यह आकार और डेंसिटी (घनत्व) के मामले में पृथ्वी जैसा है। इसलिए, वीनस के अध्ययन से पृथ्वी के विकास को समझने में मदद मिल सकती है। माना जाता है कि वीनस पर भी कभी पानी था, लेकिन अब यह सूखा और धूल भरा ग्रह बन गया है। 1. यहां टेंपरेचर 462 डिग्री सेल्सियस वीनस की सतह का तापमान लगभग 462 डिग्री सेल्सियस है। यह बुध से भी ज्यादा गर्म है, जबकि बुध सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। वीनस के ज्यादा गर्म होने की वजह ग्रीनहाउस इफेक्ट है। इसमें सूर्य की गर्मी वायुमंडल में आती है तो वहीं कैद हो जाती है और वायुमंडल से बाहर नहीं जाती। इससे ग्रह की सतह ज्यादा गर्म हो जाती है। 2. लैंडर 2 घंटे से ज्यादा काम नहीं कर पाया वीनस की गर्मी के कारण यहां अब तक भेजे गए लैंडर दो घंटे से ज्यादा काम नहीं कर पाए हैं। इसके वायुमंडल का दबाव भी पृथ्वी से बहुत ज्यादा है। आसान भाषा में समझें तो, यहां इतना प्रेशर है, जितना पृथ्वी में समंदर के नीचे महसूस होता है। 3. वीनस का एक चक्कर पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर शुक्र पृथ्वी की तुलना में अपनी धुरी पर बहुत धीरे घूमता है। शुक्र का एक चक्कर लगभग पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है। वीनस अन्य ग्रहों की तुलना में अपनी धुरी पर उल्टा (पूर्व से पश्चिम) घूमता है। इसका मतलब है कि शुक्र ग्रह पर सूर्य पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है। भारत वीनस ग्रह पर कैसे जाएगा भारत मार्च 2028 में वीनस मिशन लॉन्च करेगा। तब यह सूर्य से सबसे दूर और पृथ्वी से सबसे करीब होगा। अगर इस समय लॉन्चिंग टली तो अगला मौका 2031में मिलेगा, क्योंकि तब यह फिर पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। सैटेलाइट को पृथ्वी से लॉन्च किया जाएगा। अर्थ ऑर्बिट में पहुंचते यह तेजी से शुक्र ग्रह की तरफ बढ़ेगा। सैटेलाइट के अर्थ ऑर्बिट से बाहर निकलने के बाद, शुक्र तक पहुंचने में लगभग 140 दिन लगेंगे। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट इस साल दिसंबर में लॉन्च करेगा। इसमें इंसान को नहीं भेजा जाएगा। मिशन की दूसरी फ्लाइट में रोबोट व्योम मित्र और तीसरी उड़ान में चार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा। ISRO ने अभी दूसरी और तीसरी उड़ान का समय नहीं बताया है। चार साल तक करेगा शुक्र ग्रह की स्टडी वीनस मिशन की लाइफ चार साल की होगी। उम्मीद है कि शुक्रयान को GSLV मार्क-2 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। शुक्रयान का वजन करीब 2500 किलोग्राम होगा। इसमें 100 किलोग्राम के पेलोड्स होंगे। कितने पेलोड्स जाएंगे, इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। हालांकि जर्मनी, स्वीडन, फ्रांस और रूस के पेलोड्स भी लगाए जा सकते हैं।
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26 September 2024भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वक्फ बिल पर मिले एक करोड़ से ज्यादा फीडबैक पर चिंता जताई है। दरअसल, संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया था। JPC ने बिल में सुधार के लिए फीडबैक मांगा था। अब तक 1.25 करोड़ सुझाव आएं हैं। हालांकि, निशिकांत दुबे ने फीडबैक की संख्या पर सवाल उठाए। दुबे का आरोप है कि, ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसमें ISI और चीन का हाथ हो सकता है। उधर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने भी आंकड़ों पर हैरानी जताई थी। दुबे बोले- यह कट्टरपंथी संगठनों, ISI और चीन की साजिश निशिकांत दुबे 31 सदस्यीय JPC का हिस्सा हैं। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लेटर लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है। दुबे ने लेटर में लिखा, करोड़ों की संख्या में आए फीडबैक में साजिश नजर आ रही है। ये कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों, ISI और चीन की साजिश लगती है। दुबे का दावा है कि, यह असंभव है कि अकेले भारत से 1.25 करोड़ रिएक्शन मिलें। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि JPC कमेटी को हमारी विधायी प्रक्रिया की अखंडता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए।' JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद 1. जगदंबिका पाल (भाजपा) 2. निशिकांत दुबे (भाजपा) 3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा) 4. अपराजिता सारंगी (भाजपा) 5. संजय जायसवाल (भाजपा) 6. दिलीप सैकिया (भाजपा) 7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा) 8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP) 9. गौरव गोगोई (कांग्रेस) 10. इमरान मसूद (कांग्रेस) 11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) 12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा) 13. कल्याण बनर्जी (TMC) 14. ए राजा (DMK) 15. एलएस देवरायलु (TDP) 16. दिनेश्वर कामत (JDU) 17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट) 18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार) 19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट) 20. अरुण भारती (LJP-R) 21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद 1. बृज लाल (भाजपा) 2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा) 3. गुलाम अली (भाजपा) 4. डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा) 5. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस) 6. मोहम्मद नदीम उल हक (TMC) 7. वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP) 8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK) 9. संजय सिंह (AAP) 10. डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) 5 सितंबर, तीसरी बैठक: वक्फ बिल का प्रेजेंटेशन दिया गया वक्फ बिल में संशोधन के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने कमेटी को वक्फ बिल के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी कमेटी को बिल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे रहे। साथ ही कहा कि मिनिस्ट्री के अधिकारी अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण नहीं अपना रहे। वे बिना किसी विचार-विमर्श के सरकार के रुख को ही बढ़ावा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया।
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25 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जजों को हिदायत दी कि वे किसी समुदाय पर कमेंट करते वक्त लापरवाही ना बरतें। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के विवादित कमेंट का मामला सुन रही थी। जिसमें जज ने बेंगलुरु के एक हिस्से को पाकिस्तान कह दिया था। CJI ने कहा कि आप देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते हैं। यह देश की एकता के मौलिक सिद्धांत के खिलाफ है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशनंदा के इस कमेंट का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले की सुनवाई शुरू की। वीडियो के वायरल होने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने बिना परमिशन के कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी थी। इस पर CJI ने कहा, 'कोर्ट की प्रक्रिया में अधिकतम पारदर्शिता लाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा प्रकाश में लाने की जरूरत है। कोर्ट में जो कुछ भी होता है उसे दबाना नहीं चाहिए। सब कुछ बंद कर देना नहीं है।" इसके बाद जस्टिस श्रीशनंदा ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली। CJI की बेंच ने माफी मंजूर करते हुए केस बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जजों की 3 सलाह लापरवाह तरीके से किए गए कमेंट किसी व्यक्ति का पक्षपात पूर्ण नजरिया बताते हैं, खासतौर से तब जब वे किसी जेंडर या कम्युनिटी पर किए गए हों। सुनवाई के दौरान जज ऐसे कमेंट से बचें, जो किसी समुदाय के खिलाफ हों या उसे नुकसान पहुंचाने वाला हो। इस केस को हम बंद कर रहे हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक एज के दौर में न्यायधीशों और वकीलों को उचित कमेंट करना चाहिए और अपने व्यवहार को इस दौर के मुताबिक ढालना चाहिए। यूट्यूब चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। इसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई थी। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई थी। मैसेज में कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति, संस्था, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही को रिकॉर्ड, शेयर या पब्लिश नहीं करेगा। इसके लिए पहले से परमिशन लेनी होगी। कोर्ट में मौजूद लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी- लाइव स्ट्रीमिंग पर SC सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आए एक मैसेज का जिक्र किया। SG ने इस मैसेज को बहुत कठोर बताया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को कंट्रोल नहीं किया जा सकता है और यह बहुत खतरनाक है। इस पर CJI ने कहा, "इसका उत्तर यह नहीं है कि दरवाजे बंद कर दिए जाएं, सबकुछ बंद कर दिया जाए। कोर्ट में जो कुछ हो रहा है, उसे दबाना नहीं चाहिए। बेंच ने कहा, "सोशल मीडिया की पहुंच व्यापक है, इसमें कोर्ट की कार्यवाही की रिपोर्टिंग भी शामिल है। ऐसे में अब ज्यादातर हाईकोर्ट्स ने लाइव स्ट्रीमिंग के लिए नए नियम अपना लिए हैं। कोविड के समय इसकी जरूरत थी। न्याय देने के लिए अदालतों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग को अपनाया था, ये तब अदालतों के लिए न्याय दिलाने का अहम जरिया थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- न्यायिक व्यवस्था से जुड़े हर व्यक्ति जज, वकील और पक्षकारों को इस बात को लेकर सतर्क रहना होगा कि कोर्ट की कार्यवाही सिर्फ कोर्ट में मौजूद लोगों सीमित नहीं है, इसे देखने वाले भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय की आत्मा ही निष्पक्ष और न्यायसंगत होना है। हर जज को अपने झुकाव का ध्यान होना चाहिए। इसी जागरूकता के आधार पर हम ईमानदारी से निष्पक्ष और न्याय संगत फैसला दे सकते हैं। हम इस बात पर इसलिए जोर दे रहे हैं, क्योंकि हर किसी को यह समझना जरूरी है कि फैसला सुनाने के पीछे सिर्फ वही मूल्य होने चाहिए, जिनका जिक्र भारतीय संविधान में किया गया है।
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25 September 2024देश में पिछले 6 साल में कामकाजी महिलाएं 18% और पुरुष 5% बढ़ गए। 2023-24 में महिलाओं का वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो (डब्ल्यूपीआर) 40% पर पहुंच गया, जो 2017-18 में 22% ही था। यानी 18% का इजाफा हुआ। वहीं, पुरुषों में यह 76% हो गया, जो 71% था यानी 5% की बढ़ोतरी हुई। इस हिसाब से कामकाजी महिलाएं पुरुषों से 3 गुना तेजी से बढ़ीं। मगर, 6 साल में पुरुषों की बेरोजगारी दर 2.9% घटी, जबकि महिलाओं की 2.4% ही कम हुई। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की जुलाई 23 से जून 24 की रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं। कामकाजी लोगों में सबसे ज्यादा 58.4% लोग स्वरोजगार वाले आंकड़े के मुताबिक, कामकाजी लोगों में सबसे ज्यादा 58.4% लोग स्वरोजगार, 21.7% नियमित नौकरी और 19.8% दिहाड़ी मजदूरी में हैं। 2022-23 के मुकाबले स्वरोजगार वाले 1.1% और नौकरीपेशा 0.8% बढ़े, जबकि दिहाड़ी मजदूरी वाले 2% तक घट गए। काम करने वालों में सबसे ज्यादा 46% लोग कृषि, 12.2% ट्रेड, होटल और रेस्टोरेंट, 12% निर्माण और 11.4% मैन्युफैक्चरिंग में लगे हैं। 2022-23 के मुकाबले निर्माण में काम करने वाले सबसे ज्यादा 1% कम हुए। 15-29 साल वालों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 10.2% रही है देश में 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग की बेरोजगारी दर में एक साल के दौरान मामूली इजाफा हुआ है। जुलाई 2022- जून 23 में 10% की तुलना में जुलाई 2023- जून 24 में यह 10.2% हो गई है। शहरी इलाकों में यह दर 15.7% से घटकर 14.7% हो गई है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 8% से बढ़कर 8.5% हो गई है। नौकरीपेशा की औसत मासिक आय स्वरोजगार वालों से 7203 रुपए ज्यादा अप्रैल से जून-2024 के दौरान स्वरोजगार के जरिए देश में औसतन मासिक आय 13,900 रुपए रही। वेतनभोगी कर्मियों का औसत मासिक वेतन सबसे ज्यादा 21,103 रु. है। दिहाड़ी मजदूर औसतन 433 रुपए रोजाना कमा रहे हैं। इस हिसाब से देखें तो नौकरीपेशा लोग स्वरोजगार वालों से हर महीने 7203 रुपए ज्यादा कमा रहे। जबकि जुलाई-सितंबर 2023 में स्वरोजगार में मासिक आय 12,685 रुपए और वेतनभोगी में 20,095 रुपए थी। दिहाड़ी मजदूर 404 रुपए रोजाना कमा रहे थे। 61.1% नियमित वेतनभोगी कर्मी बिना किसी लिखित कांट्रैक्ट के काम करते हैं, 52.2% को पेड लीव नहीं मिलती और 58.8% कर्मचारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी, पेंशन और मैटरनिटी लीव जैसी सुविधाएं नहीं हैं। आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल भारत में अगले साल मार्च तक 2 लाख डायरेक्ट जॉब देगी। इनमें से 70% जॉब महिलाओं के लिए होंगे। एपल और भारत में उसके सप्लायर्स ने ये आंकड़े केंद्र सरकार को दिए हैं। दरअसल, एपल प्रोडक्शन के मामले में चीन पर निर्भरता कम कर भारत पर फोकस करना चाहता है। एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन (अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स) और पेगाट्रॉन ने भारत में पहले 80,872 लोगों को सीधी नौकरियां दी हुई हैं।
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24 September 2024बदलापुर रेप केस में एनकाउंटर की जांच मंगलवार को CID को सौंप दी गई। ठाणे क्राइम ब्रांच ने 23 सिंतबर को केस के आरोपी अक्षय शिंदे का ठाणे में एनकाउंटर कर दिया था। क्राइम ब्रांच अक्षय को तलोजा जेल से बदलापुर लेकर गई थी। शाम करीब 6:15 बजे उसका एनकाउंटर कर दिया गया। सरकार ने कहा था कि अक्षय ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायर किए, सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने गोली चलाई और अक्षय मारा गया। फैमिली ने कहा कि अक्षय को कस्टडी में जमकर पीटा गया था। उसके बाद मामले को दबाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। उसका शव भी नहीं देखने दिया। विपक्ष ने एनकाउंटर पर सवाल किया- अक्षय हथकड़ी में था, वो फायरिंग कैसे कर सकता है। संजय शिंदे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में रह चुके आरोपी पर गोली चलाने वाले इंस्पेक्टर संजय शिंदे ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल के हेड रह चुके हैं। वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में भी थे। 2017 में इस टीम ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 मार्च को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को आजीवन जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें 2006 में गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी माना गया था। प्रदीप शर्मा की टीम के एनकाउंटर की कहानी पर डॉक्युमेंट्री सीरीज भी बन चुकी है। संजय शिंदे के खिलाफ 2012 में इन्क्वायरी भी हुई थी। 2012 में दो हत्या मामलों का आरोपी विजय पलांडे पुलिस हिरासत से भाग निकला था। वह जिस SUV से भागा था, उसमें संजय की वर्दी मिली थी। साल 2000 में भी किडनैपिंग केस में वे विवादों में आए थे। आरोपी की मां बोलीं- हम शव नहीं लेंगे उधर, आरोपी शिंदे की मां ने कहा है कि पुलिसवालों ने हमें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया था। हम अस्पताल में घंटों इंतजार करते रह गए। अक्षय के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। वह पटाखे फोड़ने से डरता था। पुलिस पर गोली कैसे चला सकता है। एनकाउंटर एक साजिश है। हम अब उसका शव नहीं लेंगे। अक्षय ने बताया था कि पुलिस वाले उसे पीटते थे। दबाव डालकर बयान भी लिखवाते थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे: अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने उस पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। पुलिस उसे जांच के लिए ले गई थी। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे पर गोली चलाई, जो घायल हो गया। पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में यह कार्रवाई की। जांच के बाद और जानकारी सामने आएगी। डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस: पुलिस वारंट के साथ अक्षय शिंदे को जांच के लिए ले जा रही थी। उसने पुलिस की पिस्टल छीन ली। उसने पुलिस कर्मियों पर गोली चलाई और हवाई फायरिंग भी की। पुलिस ने आत्मरक्षा में उस पर गोली चलाई। विपक्ष हर बात पर सवाल उठाता है। वही विपक्ष आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहा था। आरोपी की मौत पर विपक्ष ने क्या कहा NCP (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले- बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया चौंकाने वाला है। पहले FIR दर्ज करने में देरी हुई और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या कर दी गई। यह कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन है। शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी- आरोपी मर चुका है, और POCSO के तहत अन्य सह-आरोपी, जो स्कूल बोर्ड का सदस्य और भाजपा पदाधिकारी था, वह अभी भी फरार है। अयोग्य सरकार की गोली मारो और भाग जाओ रणनीति बहुत किताबी केस है। जल्द सुनने में आएगा कि किसी ने भी 6 साल के बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया ही नहीं। रीटेन, स्पॉन्सर्ड एंड एग्जीक्यूटेड बाय स्टेट गवर्नमेंट। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले- इस घटना ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बदलापुर अत्याचार मामले में स्कूल ट्रस्टी अभी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं, वे फरार हैं उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? क्या इस मामले में फरार आरोपियों को बचाने के लिए मुख्य आरोपी का एनकाउंटर कर मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही है? क्या पूरे मामले को दबाने की कोशिश के तहत पुलिस ने आरोपी का एनकाउंटर किया है? इस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के जजों से जांच कराई जानी चाहिए। 1 अगस्त को अक्षय ने स्कूल जॉइन किया था, 12-13 अगस्त को यौन शोषण किया बच्चियों से रेप का आरोपी अक्षय शिंदे स्कूल में स्वीपर का काम करता था। वह 1 अगस्त को ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। 12 और 13 अगस्त को उसने स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया। घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं। एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई। फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ। आरोपी को दादा बोलती थीं बच्चियां, 17 अगस्त को गिरफ्तार हुआ था पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बच्ची आरोपी शिंदे को दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) कहकर बुलाती थी। बच्ची के मुताबिक, ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी। दोनों बच्चियों का परिवार जब केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा, तो पुलिस ने भी FIR दर्ज करने में टालमटोल की। पीड़ित परिवारों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। दो दिन बाद 16 अगस्त की देर रात पुलिस ने शिकायत दर्ज की। पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया था।
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24 September 2024आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के आरोपों के बीच अब तंबाकू मिलने का दावा किया गया है। तेलंगाना की एक महिला ने प्रसादम को लेकर आरोप लगाया है कि उसे लड्डू के अंदर कागज में लिपटे तंबाकू के टुकड़े मिले हैं। उसने इसका वीडियो जारी किया है। आरोप लगाने वाली डोंथु पद्मावती खम्मम जिले के गोल्लागुडेम की रहने वाली हैं। 19 सितंबर को वे तिरुमाला मंदिर गई थीं। वे वहां से लड्डृ लाई थीं। लड्डू में कागज मिलने का वीडियो इंडिया टुडे, ABP नाडु समेत कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया गया है। हालांकि, दैनिक भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता। इससे पहले 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि राज्य में YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू (प्रसादम्) में जानवरों की चर्बी वाला वनस्पति तेल और फिश ऑयल मिलाया गया था। इसके अगले दिन TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया था। प्रसादम विवाद पर अब तक के अपडेट्स केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 कंपनियों के घी सैंपल मंगवाए। इनमें से एक कंपनी एआर डेयरी फूड्स का घी क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गया। उसमें सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। स्वामी ने प्रसादम में एनिमल फैट के इस्तेमाल के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। राज्यसभा के सदस्य और देवस्थानम (TTD) के पूर्व अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति से मामले की जांच करने की मांग की है। श्री ललिता पीठम में विश्व हिंदू परिषद की बैठक हुई। विहिप ने सुप्रीम कोर्ट से तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोपों पर एक्शन लेने और दोषियों की पहचान के लिए जांच शुरू करने की अपील की है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हैदराबाद के सैदाबाद पुलिस स्टेशन में एक वकील ने यह शिकायत दर्ज कराई है। YSR कांग्रेस पार्टी ने लड्डू में चर्बी विवाद पर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, सुनवाई 25 सितंबर को होगी। तिरुपति मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ तिरुपति मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ किया गया। 23 सितंबर को सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की शुद्धि की गई। मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु ने कहा, 'सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।" यह विवाद कैसे सामने आया कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल की एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया। पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है। घी की शुद्धता जांचने वाली लैब NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है। CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया। नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है। तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है। मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुराने किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं। लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्डू जनवरी 2024 में हुई राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।
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24 September 2024पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने पर पति के खिलाफ केस चलना चाहिए या नहीं, इस पर मंगलवार (24 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI)डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच इस पर सुनवाई करेगी। कर्नाटक हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के दो फैसलों के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इसके अलावा कई और जनहित याचिकाएं दायर की गईं थीं। इन सभी को एक साथ मर्ज करके सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 63 (बलात्कार) के अपवाद 2 के मुताबिक मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना गया है। हालांकि इस मामले पर केंद्र सरकार को भी जवाब दाखिल करना है। केंद्र का कहना है, कानूनों में बदलाव के लिए विचार-विमर्श की जरूरत है। ल्ली हाईेकोर्ट और कर्नाटक हाईकोट का फैसला आने के बाद इसकी मांग और तेज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में दो मुख्य याचिकाएं हैं, जिन पर सुनवाई होगी। एक याचिका पति की तरफ से लगाई गई, तो दूसरी अन्य मामले में एक महिला ने याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट का मामला: साल 2022 में एक महिला ने पति द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाने पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 11 मई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था। जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था। वहीं, जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि पति को मिली छूट असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है। कर्नाटक हाईकोर्ट का मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट में एक पति ने पत्नी की तरफ से लगाए रेप के आरोपों पर हाईकोर्ट का रुख किया था। 23 मार्च 2023 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति पर लगाए गए रेप के आरोपों को समाप्त करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपवाद को मानने से इनकार कर दिया। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने इस मामले में कहा था कि तथ्यों के आधार पर इस तरह के यौन हमले/दुष्कर्म के लिए पति को पूरी छूट नहीं दी जा सकती है। मैरिटल रेप को अपराध मानने से इनकार कर चुकी है भारत सरकार 2016 में मोदी सरकार ने मैरिटल रेप के विचार को खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा था कि देश में अशिक्षा, गरीबी, ढेरों सामाजिक रीति-रिवाजों, मूल्यों, धार्मिक विश्वासों और विवाह को एक संस्कार के रूप में मानने की समाज की मानसिकता जैसे विभिन्न कारणों से इसे भारतीय संदर्भ में लागू नहीं किया जा सकता है। 2017 में, सरकार ने मैरिटल रेप को अपराध न मानने के कानूनी अपवाद को हटाने का विरोध किया था। सरकार ने तर्क दिया था कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से विवाह की संस्था अस्थिर हो जाएगी और इसका इस्तेमाल पत्नियों द्वारा अपने पतियों को सजा देने के लिए किया जाएगा। केंद्र ने पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट में मैरिटल रेप पर चल रही सुनवाई के दौरान कहा था कि केवल इसलिए कि अन्य देशों ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित कर दिया है, भारत को भी ऐसा करने की जरूरत नहीं है। 19वीं सदी में इंग्लैंड के कानून ने माना कि मैरिटल रेप होता है जोनाथन हेरिंग की किताब फैमिली लॉ (2014) के मुताबिक, ऐतिहासिक रूप से दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में ये धारणा थी कि पति पत्नी का रेप नहीं कर सकता, क्योंकि पत्नी को पति की संपत्ति माना जाता था। 20वीं सदी तक अमेरिका और इंग्लैंड के कानून मानते थे कि शादी के बाद पत्नी के अधिकार पति के अधिकारों में समाहित हो जाते हैं। 19वीं सदी की शुरुआत में नारीवादी आंदोलनों के उदय के साथ ही इस विचार ने भी जन्म लिया कि शादी के बाद पति-पत्नी के सेक्स संबंधों में महिलाओं की सहमति का अधिकार उनका मौलिक अधिकार है।
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23 September 2024आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ किया गया। सोमवार सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की शुद्धि की गई। आंध्र के सीएम CM चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि राज्य में YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू (प्रसादम्) में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। इसके अगले दिन TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया। राज्य सरकार ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं की जांच के लिए SIT बना दी है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। प्रसादम विवाद से जुड़े 3 अपडेट्स... भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। स्वामी ने प्रसादम में एनिमल फैट के इस्तेमाल के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। राज्यसभा के सदस्य और देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति से मामले की जांच करने की मांग की है। श्री ललिता पीठम में विश्व हिंदू परिषद बैठक हुई। विहिप ने सुप्रीम कोर्ट से तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोपों पर एक्शन लेने और दोषियों की पहचान के लिए जांच शुरू करने की अपील की है। पुजारी बोले- अब मंदिर पूरी तरह शुद्ध, प्रसाद घर ले जा सकते हैं मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु कहते हैं, "सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।" विहिप ने कहा- प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाना, भक्तों का अपमान बैठक के बाद विहिप ने कहा कि इस घटना ने दुनिया भर में श्री बालाजी के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, क्योंकि लड्डू प्रसादम आस्था और दिव्य आशीर्वाद के रूप में माना और खाया जाता है। लड्डू में मिलावट के आरोपों ने भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों का घोर अपमान किया है। इस मामले में लापरवाही और देरी की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि ऐसा होने पर हिंदू समुदाय राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर सकता है। डिप्टी सीएम बोले- भगवान से क्षमा मांगी, उपवास रख रहा आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण ने कहा- जब हिंदू मंदिरों को अपवित्र किया जाता है तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए। अगर ऐसा मस्जिदों या चर्चों में होता तो देश में गुस्सा भड़क उठता। पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा।
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23 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध है। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई ऐसा कंटेंट डाउनलोड करता और देखता है, तो यह अपराध नहीं, जब तक कि नीयत इसे प्रसारित करने की न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे कंटेंट का स्टोरेज, इसे डिलीट ना करना और इसकी शिकायत ना करना बताता है कि इसे प्रसारित करने की नीयत से स्टोर किया गया है। हाईकोर्ट ने ये केस खारिज करके अपने फैसले में गंभीर गलती की है। हम उसका फैसला रद्द करते हैं और केस को वापस सेशन कोर्ट भेजते हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर बदलाव करे। अदालतें भी इस शब्द का इस्तेमाल न करें। सुप्रीम कोर्ट के 2 कमेंट हम संसद को सुझाव देते हैं कि POCSO एक्ट में बदलाव करें और इसके बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह चाइल्ड सेक्शुअली एब्यूसिव एंड एक्सप्लॉइटेटिव मटेरियल (CSEAM) का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है। CSEAM शब्द सही तरीके से बताएगा कि यह महज अश्लील कंटेंट नहीं, बच्चे के साथ हुई घटना का एक रिकॉर्ड है। वो घटना जिसमें बच्चे का यौन शोषण हुआ या फिर ऐसे शोषण को विजुअली दिखाया गया हो। बच्चों के खिलाफ अपराध सिर्फ यौन शोषण तक ही सीमित नहीं रहते हैं। उनके वीडियो, फोटोग्राफ और रिकॉर्डिंग के जरिए ये शोषण आगे भी चलता है। ये कंटेंट साइबर स्पेस में मौजूद रहते हैं, आसानी से किसी को भी मिल जाते हैं। ऐसे मटेरियल अनिश्चितकाल तक नुकसान पहुंचाते हैं। ये यौन शोषण पर ही खत्म नहीं होता है, जब-जब ये कंटेंट शेयर किया जाता है और देखा जाता है, तब-तब बच्चे की मर्यादा और अधिकारों का उल्लंघन होता है। हमें एक समाज के तौर पर गंभीरता से इस विषय पर विचार करना होगा। केरल हाईकोर्ट ने भी मद्रास HC जैसा फैसला सुनाया था केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को कहा था कि अगर कोई व्यक्ति अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है, लेकिन अगर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा। इसी फैसले के आधार पर मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा था NGO मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद NGO जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस और नई दिल्ली के NGO बचपन बचाओ आंदोलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस ने कहा था कि हाईकोर्ट का आदेश चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे सकता है। फैसले से ऐसा लगेगा कि ऐसा कंटेंट डाउनलोड करने और रखने वाले लोगों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले 1. केरल हाईकोर्ट- पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित, यह निजी पसंद केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा था, पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित है। आज डिजिटल युग में इस तक आसानी से पहुंच हो गई। बच्चों और बड़ों की उंगलियों पर ये मौजूद है। 2. मद्रास हाईकोर्ट- फोन में चाइल्ड पोर्न डाउनलोड करना अपराध नहीं केरल हाईकोर्ट की इस टिप्पणी को आधार बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ केस को रद्द कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अपनी डिवाइस पर ऐसा कंटेंट देखना या डाउनलोड करना अपराध के दायरे में नहीं आता है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसी फैसले को खारिज किया और नए सिरे से केस सेशन कोर्ट को सौंप दिया है। भारत में अश्लील वीडियो पर 3 कानून भारत में ऑनलाइन पोर्न देखना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 में पोर्न वीडियो बनाने, पब्लिश करने और सर्कुलेट करने पर बैन है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 67A में इस तरह के अपराध करने वालों को 3 साल की जेल के साथ 5 लाख तक जुर्माना देने का भी प्रावधान है। IPC के सेक्शन-292, 293, 500, 506 में भी इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। POCSO कानून के तहत कार्रवाई होती है।
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23 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध है। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई ऐसा कंटेंट डाउनलोड करता और देखता है, तो यह अपराध नहीं, जब तक कि नीयत इसे प्रसारित करने की न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे कंटेंट का स्टोरेज, इसे डिलीट ना करना और इसकी शिकायत ना करना बताता है कि इसे प्रसारित करने की नीयत से स्टोर किया गया है। हाईकोर्ट ने ये केस खारिज करके अपने फैसले में गंभीर गलती की है। हम उसका फैसला रद्द करते हैं और केस को वापस सेशन कोर्ट भेजते हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर बदलाव करे। अदालतें भी इस शब्द का इस्तेमाल न करें। सुप्रीम कोर्ट के 2 कमेंट हम संसद को सुझाव देते हैं कि POCSO एक्ट में बदलाव करें और इसके बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह चाइल्ड सेक्शुअली एब्यूसिव एंड एक्सप्लॉइटेटिव मटेरियल (CSEAM) का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है। CSEAM शब्द सही तरीके से बताएगा कि यह महज अश्लील कंटेंट नहीं, बच्चे के साथ हुई घटना का एक रिकॉर्ड है। वो घटना जिसमें बच्चे का यौन शोषण हुआ या फिर ऐसे शोषण को विजुअली दिखाया गया हो। बच्चों के खिलाफ अपराध सिर्फ यौन शोषण तक ही सीमित नहीं रहते हैं। उनके वीडियो, फोटोग्राफ और रिकॉर्डिंग के जरिए ये शोषण आगे भी चलता है। ये कंटेंट साइबर स्पेस में मौजूद रहते हैं, आसानी से किसी को भी मिल जाते हैं। ऐसे मटेरियल अनिश्चितकाल तक नुकसान पहुंचाते हैं। ये यौन शोषण पर ही खत्म नहीं होता है, जब-जब ये कंटेंट शेयर किया जाता है और देखा जाता है, तब-तब बच्चे की मर्यादा और अधिकारों का उल्लंघन होता है। हमें एक समाज के तौर पर गंभीरता से इस विषय पर विचार करना होगा। केरल हाईकोर्ट ने भी मद्रास HC जैसा फैसला सुनाया था केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को कहा था कि अगर कोई व्यक्ति अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है, लेकिन अगर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा। इसी फैसले के आधार पर मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा था NGO मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद NGO जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस और नई दिल्ली के NGO बचपन बचाओ आंदोलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस ने कहा था कि हाईकोर्ट का आदेश चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे सकता है। फैसले से ऐसा लगेगा कि ऐसा कंटेंट डाउनलोड करने और रखने वाले लोगों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले 1. केरल हाईकोर्ट- पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित, यह निजी पसंद केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा था, पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित है। आज डिजिटल युग में इस तक आसानी से पहुंच हो गई। बच्चों और बड़ों की उंगलियों पर ये मौजूद है। 2. मद्रास हाईकोर्ट- फोन में चाइल्ड पोर्न डाउनलोड करना अपराध नहीं केरल हाईकोर्ट की इस टिप्पणी को आधार बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ केस को रद्द कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अपनी डिवाइस पर ऐसा कंटेंट देखना या डाउनलोड करना अपराध के दायरे में नहीं आता है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसी फैसले को खारिज किया और नए सिरे से केस सेशन कोर्ट को सौंप दिया है। भारत में अश्लील वीडियो पर 3 कानून भारत में ऑनलाइन पोर्न देखना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 में पोर्न वीडियो बनाने, पब्लिश करने और सर्कुलेट करने पर बैन है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 67A में इस तरह के अपराध करने वालों को 3 साल की जेल के साथ 5 लाख तक जुर्माना देने का भी प्रावधान है। IPC के सेक्शन-292, 293, 500, 506 में भी इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। POCSO कानून के तहत कार्रवाई होती है।
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23 September 2024बृह्मनमुंबई नगर निगम (BMC) के अधिकारियों की एक टीम शनिवार सुबह धारावी पहुंची। यहां महबूब-ए-सुभानी मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराया जाना था। टीम सुबह 9 बजे धारावी की 90 फीट रोड पर पहुंची। खबर लगते ही मुस्लिम समाज समेत बस्ती के लोग इकट्ठा हो गए और टीम को रोक दिया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने BMC की दो गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी। हालात संभालने के लिए बड़ी तादाद में पुलिस को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों को एक दल पुलिस और BMC से चर्चा करने गया। इसके बाद BMC ने आज डिमोलिशन की कार्यवाही को रोक दिया है। साथ ही मस्जिद कमेटी को 8 दिन का समय दिया है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने BMC के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है। पुलिस स्टेशन से 100 मीटर दूर है मस्जिद धारावी की जिस 90 फीट रोड पर यह मस्जिद बनी है, वह पुलिस स्टेशन महज 100 मीटर दूर है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि BMC ने पिछले साल भी मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा था। लेकिन तब भी कोई हल नहीं निकला था। इधर, कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने भी इस कार्यवाही के खिलाफ CM मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। गायकवाड का दावा किया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया की कार्यवाही पर रोक लगा दी जाएगी। 1882 में अंग्रेजों ने बसाई थी धारावी बस्ती, फिल्मों से बढ़ी लोकप्रियता एशिया की सबसे बड़ी बस्ती धारावी को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था। धीरे-धीरे यहां लोग बढ़ने लगे और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। यहां की जमीन सरकारी है, लेकिन लोगों ने झुग्गी-बस्ती बना ली है। धारावी में कितने लोग रहते हैं, इसका कोई डेटा नहीं है। सिर्फ अनुमान है कि यहां की छोटी-छोटी झुग्गियों में करीब 10 लाख लोग रहते हैं। इन्हीं झुग्गियों में 13 हजार से ज्यादा छोटे-मोटे कारोबार चलते हैं। गलियां इतनी संकरी हैं कि अगर कोई बीमार हो जाए, तो अंदर स्ट्रेचर भी नहीं जा सकता है। धारावी के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर करीब 23 हजार करोड़ खर्च होने हैं। जुलाई, 2023 में ये प्रोजेक्ट अडाणी ग्रुप को मिला था। इसमें 60 हजार से ज्यादा परिवारों को फ्री में नए घर मिलेंगे। शर्त ये है कि परिवार 1 जनवरी 2000 से पहले धारावी में रहता आया हो। साल 2008 में 'स्लमडॉग मिलियनेयर' फिल्म के रिलीज होने के बाद इस क्षेत्र को लोकप्रियता मिली। फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते। इसके बाद फिल्म गली बॉय में ये देखने को मिली थी। कई टूरिस्ट यहां भारत की बस्ती में रहने वालों के जीवन की झलक देखने आते हैं।
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21 September 2024गुजरात के सूरत में शुक्रवार रात किम रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई। कुछ अनजान लोगों ने अप लाइन की पटरी से फिश प्लेट और कीज हटा दी थी। उन्हें उसी पटरी पर रख दिया था। साथ ही रेलवे पटरियों को जोड़ने वाले 71 ताले भी हटा दिए थे। स्थानीय लोगों से मामले की जानकारी मिलने पर अप स्टेशन सुपरिटेंडेंट ने की-मैन सुभाष कुमार को सतर्क कर दिया। ट्रैक की जांच की गई तो पता चला कि किसी ने ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची थी। इसके बाद रूट को बंद कर दिया गया। हालांकि थोड़ी ही देर में नई फिश प्लेट लगने के बाद रेलवे सेवा फिर से शुरू कर दी। भारत में लगातार ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की साजिशें सामने आ रही हैं। 9 सितंबर को यूपी के कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एक लोहे का खंभा पड़ा हुआ मिला था। इससे साफ पता चलता है कि किसी ने ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की, हालांकि पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। ट्रेनों की निगरानी मुश्किल, इसलिए ये सबसे सॉफ्ट टारगेट ट्रेन का नेटवर्क इतना बड़ा है कि उसकी 24x7 निगरानी मुश्किल है। भारत में टेरर ऑर्गनाइजेशन का अगला बड़ा टारगेट ट्रेन ही हैं। वे इसके सहारे सबसे आसानी से और सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह गौरी का वीडियो इसकी पुष्टि करता है। वह भारत में मौजूद अपने स्लीपर सेल को एक्टिव कर रहा है और उन्हें ट्रेन डिरेलकरने की कोशिश के लिए कह रहा है।
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21 September 2024आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डूओं की पवित्रता विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा कि प्रसादम अब पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र है। इसे आगे भी रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उधर TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात मानी। शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लड्डू जिस घी से बनाए जा रहे थे, उसके सैंपल्स के 4 लैब रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि हुई है। राव ने कहा कि मंदिर प्रबंधन के पास अपना लैब नहीं था। घी सप्लायर एआर डेयरी फूड्स ने इसका फायदा उठाया। इस बीच शनिवार को केंद्र और राज्य सरकार में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की फैक्ट्री में जांच करने पहुंचे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाराणसी में कहा- 'कल रात मेरे कुछ सहयोगी बाबा विश्वनाथ धाम गए थे। रात में मुझे बाबा का प्रसादम दिया, तो मेरे मन में तिरुमाला की घटना याद आई। मेरे मन में थोड़ा खटका। हर तीर्थ स्थल में ऐसी घटिया मिलावट हो सकती है। हिंदू धर्म के अनुसार ये बहुत बड़ा पाप है। इसकी ढंग से जांच हो।' प्रसादम विवाद कहां पहुंचा... सुप्रीम कोर्ट: वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कहा, यह हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों के मूल सिद्वांतों का उल्लंघन है। इस पर कोर्ट को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। हाईकोर्ट: YSR ने लड्डू में चर्बी विवाद पर हाईकोर्ट का रुख किया। जगन रेड्डी की पार्टी ने इस मामले में मौजूदा जज की निगरानी में जांच का अनुरोध किया है। मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर का होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय: स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, मैंने CM चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मंदिर के प्रसाद (लड्डू) की जांच कराई जाएगी। CBI जांच की मांग: TDP, कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले में CBI जांच की मांग की है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी यह केस जांच एजेंसी को नहीं सौंपा है। यह विवाद कैसे सामने आया... कर्नाटक कोआपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। जिसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया। पुराने सप्लॉयर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। जबकि तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक कोआपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है। घी की शुद्धता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला NDDB CALF ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है। अमूल बोला- तिरुपति मंदिर में कभी घी सप्लाई नहीं किया इस बीच तिरुपति लड्डू में मिलावट को लेकर विवाद के बीच डेयरी कंपनी अमूल ने भी सफाई दी। कंपनी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर बयान जारी कर बताया कि उसने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को कभी घी नहीं दिया।
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21 September 2024पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स आज कोलकाता में साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य भवन के बाहर 10 सितंबर से जारी धरना-प्रदर्शन खत्म कर देंगे। धरना खत्म करने से पहले वे स्वास्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित CBI ऑफिस तक मार्च करेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने 19 सितंबर की देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वे शनिवार, 21 सितंबर से काम पर लौटेंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद डॉक्टर्स पिछले 41 दिनों से हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हड़ताल आंशिक रूप से जारी रहेगी। वे अभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाएं देंगे। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप भी लगाएंगे। हालांकि, OPD और कोल्ड ऑपरेटिंग थिएटरों के कामकाज में वे शामिल नहीं होंगे। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि न्याय के लिए हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हम बंगाल सरकार को एक हफ्ते का समय दे रहे हैं। अगर इस दौरान सरकार अपने सभी वादों को लागू नहीं करती है तो हम फिर से हड़ताल शुरू करेंगे। प्रदर्शनकारियों में शामिल डॉ. अकीब ने न्यूज एजेंसी ANI को कहा कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और हमारी कुछ मांगों पर राज्य सरकार की सहमत के कारण हमने आंशिक रूप से काम पर लौटने का फैसला किया है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है। बंगाल सरकार ने विनीत गोयल को पुलिस कमिश्नर पद से हटाया था मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 सितंबर को डॉक्टरों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद ममता ने कहा कि हमने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी। डॉक्टरों की मांग पर बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह मनोज वर्मा ने पद संभाला। स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन टकराव चला डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें। डॉक्टरों और CM की 16 सितंबर की मीटिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया। इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।
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20 September 2024सुप्रीम कोर्ट का यूट्यूब चैनल शुक्रवार (20 सितंबर) को हैक हो गया है। शीर्ष अदालत के यूट्यूब चैनल पर US बेस्ड क्रिप्टोकरेंसी XRP को बढ़ावा देने वाले वीडियो दिखाई दे रहा था, जिसे रिपल लैब्स ने डेवलप किया है। हैक किए गए चैनल पर "ब्रैड गार्लिंगहाउस: रिपल ने SEC के $2 बिलियन जुर्माने पर प्रतिक्रिया दी! XRP मूल्य भविष्यवाणी" शीर्षक वाला एक खाली वीडियो लाइव था। इससे पहले हैकर्स ने चैनल का नाम बदला और पहले की सुनवाई के वीडियो प्राइवेट किए। अब कम्युनिटी गाइडलाइन वायलेंस के कारण चैनल को यूट्यूब ने हटा दिया है। इस चैनल पर शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के सामने आने वाले मामलों और जनहित से जुड़े मामलों की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया जाता है। हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज, रेप और हत्या के मामले की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की IT टीम ने NIC से मदद मांगी सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वास्तव में क्या हुआ है। लेकिन ऐसा लगता है कि चैनल से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल में समस्या के बारे में शुक्रवार सुबह पता चला और सुप्रीम कोर्ट की IT टीम ने इसे ठीक करने के लिए नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से मदद मांगी है। रिपल ने खुद यूट्यूब पर मुकदमा दायर किया रिपल ने खुद अपने CEO ब्रैड गारलिंगहाउस का फर्जी अकाउंट बनाने से हैकर्स को रोकने में विफल रहने के लिए यूट्यूब पर मुकदमा दायर किया है। 27 सितंबर 2022 को पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग हुई थी पूर्व CJI यूयू ललित की अध्यक्षता में कोर्ट की मीटिंग में प्रमुख सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग करने को लेकर सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तय किया कि सभी संविधान पीठों की सुनवाई यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम की जाएगी। पहली बार 27 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग हुई थी, जिसमें तब के CJI एनवी रमना ने अपने रिटायरमेंट वाले दिन 5 मामलों में फैसला सुनाया था।
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20 September 2024तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 2 दिन के अंदर दो दावे किए। नायडू सरकार ने नया आरोप लगाते हुए कहा कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए। उधर,YSR कांग्रेस ने इस विवाद पर हाईकोर्ट का रुख किया। पार्टी ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। कोर्ट 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि पिछले 5 साल में जगन मोहन सरकार और YSRCP के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। तिरुपति मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है। लैब रिपोर्ट 17 जुलाई को मिली थी। तभी से ही यह रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में ना तो जारी करने वाली संस्था का नाम लिखा है और ना ही किस जगह के सैंपल की जांच की गई है, उसका जिक्र है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने इस मामले में जगन मोहन रेड्डी, ठेकेदार और टीटीडी के अफसरों के खिलाफ शिकायत की है। इसमें कहा कि इन्होंने प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाला घी मिलाकर लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और सख्त कार्रवाई हो। उधर केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रसाद में शामिल घी में मिलावट, YSRCP-TDP सरकार के अलग-अलग सप्लॉयर YSRCP ने पिछले साल घी सप्लॉयर बदला था, मिली थी गड़बड़ी दरअसल पिछले 50 साल से कर्नाटक KMF रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। जिसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। TDP सरकार ने इसी साल जुलाई में घी बेचने वालों को ब्लैक लिस्ट किया टीडीपी सरकार ने इस साल जून में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरु कर दिया। पुराने सप्लॉयर से घी 320 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। जबकि तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।
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20 September 2024हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल में आम लोगों को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की कैंटीन से सामान मिलने लगा। इसकी शुरुआत बुधवार से से हुई। कैंटीन में सामान पर 30 से 40% डिस्काउंट भी होगा। यहां CRPF के 21 भंडार पहले से थे, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्लान पर 16 आउटलेट और खोले गए हैं। जरूरत का सामान खरीदने के लिए लांगजिंग इलाके की CRPF कैंटीन में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कैंटीन पर पहुंचे स्थानीय व्यक्ति ने कहा- यहां चीजें बहुत सस्ते दाम पर मिल रही है। मार्केट से सामान खरीदने में कठिनाई आ रही थी, क्योंकि सड़कें ब्लाक है, साथ ही सामान महंगा भी है। वहां जाने में रिस्क भी है। CRPF कैंटीन में सामान सस्ता भी है और यहां सुरक्षा की गारंटी भी है। जनता के लिए साढ़े चार घंटे खुलेगा स्टोर CRPF कैंटीन में आम लोगों के लिए सुबह 9.30 से दोपहर 1 बजे तक सामान दिया जाएगा। हफ्ते में चार दिन- सोमवार, मंगलवार, बुधावार और शुक्रवार को यह सुविधा मुहैया रहेगी। गुरुवार, शनिवार और रविवार को ये स्टोर आम लोगों के लिए बंद रहेंगे। CRPF के IG विपुल कुमार ने ANI को बताया- मिनिस्टरी ऑफ होम अफेयर्स की गाइडलाइन के तहत हमारे सभी ऑफिसर काम पर हैं। वह यह देख रहें हैं कि स्टोर में सभी सामान उपलब्ध हो। घाटी के जिलों में 16 और पहाड़ी जिलों में 8 स्टोर खोले गए हैं। हिंसा के बाद से अब तक 6,523 FIR दर्ज हुई मणिपुर में हिंसा की वजह से 120 से ज्यादा गांव, 3,500 घर, 220 चर्च, और 15 मंदिर जल गए। हिंसा के चलते स्कूल और खेत भी बर्बाद हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मणिपुर में कानून-व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है। राज्य में जातीय हिंसा के दौरान करीब तीन महीने तक FIR ही दर्ज नहीं की गई। मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बर बर्ताव के शर्मनाक वीडियो भी जारी हुए थे। स्नाइपर से सब इंस्पेक्टर की हत्या हो गई थी। मणिपुर के मुख्यमंत्री ने एडिटर्स गिल्ड के खिलाफ FIR कराई थी। मणिपुर में 67 हजार लोग विस्थापित हुए जिनेवा के इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) ने 11 मई 2023 को रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा है कि साल 2023 में साउथ एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। इनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोग मणिपुर हिंसा के कारण विस्थापित हुए थे। रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में साल 2018 के बाद हिंसा के कारण पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन देखने को मिला। इस हिंसा में करीब 200 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। साथ ही लगभग 67 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविर या दूसरी जगहों पर आसरा लेना पड़ा था। 4 पॉइंट्स में - मणिपुर हिंसा की वजह मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST केटेगरी में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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19 September 2024वक्फ बिल में संशोधन के लिए गुरुवार (19 सितंबर) को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की चौथी बैठक जारी है। बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। पिछले 28 दिनों में JPC की तीन बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें चर्चा के दौरान काफी हंगामा भी हुआ। दरअसल, संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। 5 सितंबर, तीसरी बैठक: वक्फ बिल का प्रेजेंटेशन दिया गया वक्फ बिल में संशोधन के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने कमेटी को वक्फ बिल के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी कमेटी को बिल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे रहे। साथ ही कहा कि मिनिस्ट्री के अधिकारी अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण नहीं अपना रहे। वे बिना किसी विचार-विमर्श के सरकार के रुख को ही बढ़ावा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया। JPC की दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे तक चली बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना। सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम संगठनों ने बिल के कई प्रावधानों पर कहा कि यह मुसलमानों के लिए चिंता का विषय हैं। बैठक में 'वक्फ बाय यूजर्स' पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह धार्मिक आस्था और व्यवहार का मामला है। इसलिए सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 बदलावों (अमेंडमेंट्स) पर चर्चा होगी। सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी। मुस्लिम जानकारों से भी राय ली जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने समिति को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव किये गए हैं, उसके बारे में बताया।
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19 September 2024कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों और बंगाल सरकार के बीच बुधवार को दूसरे दौर की बातचीत हुई। डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर बंगाल के चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत के साथ ढाई घंटे बैठक की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। डॉक्टरों ने कहा कि वे सरकार से हुई बातचीत से असंतुष्ट हैं और अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। डॉक्टरों ने यह आरोप लगाया कि बैठक में डॉक्टरों राज्य सरकार ने बैठक की लिखित कार्यवाही (मिनट्स ऑफ मीटिंग) मांगे थे, जिसे देने से सरकार ने इनकार कर दिया। इस बीच पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। संदीप से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन 13 दिन से ज्यादा निकलने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण न मिलने पर काउंसिल ने यह कदम उठाया। उधर, नए कमिश्नर मनोज वर्मा, गुरुवार को आरजी कर कॉलेज और हॉस्पिटल का दौरा करने पहुंचे। इसी घटना के विरोध में TMC से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले 16 सितंबर को जूनियर डॉक्टर और ममता के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली थीं। उन्होंने मंगलवार को पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया था। उनकी जगह मनोज वर्मा को कमिश्नर बनाया गया। लेकिन डॉक्टर राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। साथ ही अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इन मांगों पर चर्चा करने को लेकर डॉक्टरों ने मनोज पंत को ईमेल भेजकर एक और मीटिंग की मांग की थी। इस पर पंत ने 30 डॉक्टरों को शाम 6:30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। बैठक 7:30 बजे शुरू हुई और 10 बजे तक चली। डॉक्टर आज भी अपने साथ स्टेनोग्राफर को ले गए थे, ताकि बैठक की डिटेल रिकॉर्ड की जा सके। डॉक्टर बोले- हमें प्रदर्शन जारी रखने के लिए मजबूर किया जा रहा एक डॉक्टर ने बताया कि जब हमने बैठक की मांग की, तो हमें बताया गया कि हमें अपनी सभी जरूरतें ईमेल के जरिए भेजनी होंगी। सरकार हमारी मांगों की जांच करेगी और फिर हमसे संपर्क करेगी। जब हम बैठक में गए थे, तो हमें बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन अब हम बेहद निराश हैं। हम भी चाहते हैं कि यह प्रदर्शन खत्म हो, लेकिन हमें इसे जारी रखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन तक टकराव डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें। डॉक्टरों और CM की 16 सितंबर की मीटिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया। इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलिजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO EFR सेकंड बटालियन का नाम शामिल है। CBI बोली- पुलिस ने 2 दिन तक अहम सबूत जब्त नहीं किए CBI ने बुधवार सुबह बताया कि कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय कपड़े समेत अन्य चीजों को जब्त करने में दो दिन लगा दिए। ये सबूत केस के लिए अहम हो सकते थे। दरअसल, रॉय को पुलिस ने 10 अगस्त को CCTV फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस के SHO अभिजित मोंडल को गिरफ्तार किया था। CBI संजय और घोष-मोंडल के कनेक्शन की जांच कर रही CBI ने बताया कि घोष और मोंडल पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से केस के सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। अब दोनों के बीच कनेक्शन के बारे में पता लगाया जा रहा है। साथ ही घोष-मोंडल और संजय के बीच आपराधिक साजिश थी या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। इसके लिए तीनों के फोन रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। CBI ने बताया कि घोष और मोंडल ने ट्रेनी डॉक्टर का अंतिम संस्कार कराने में भी जल्दी की थी, जबकि ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने दूसरी ऑटोप्सी कराने की मांग रखी थी। विक्टिम के पिता बोले- ममता ने 2021 में संदीप घोष पर एक्शन लिया होता, तो बेटी जिंदा होती विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर ममता ने 2021 में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एक्शन लिया होता तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। विक्टिम के पिता बोले- 'CBI अपना काम कर रही है। जो लोग इस मर्डर से किसी भी तरह जुड़े हैं, या जो सबूतों की छेड़छाड़ में शामिल हो सकते हैं, उन सबकी जांच हो रही है। जो जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे तकलीफ में हैं। वे मेरे बच्चों जैसे हैं। उन्हें ऐसे देखकर हमें भी तकलीफ होती है। जिस दिन आरोपियों को सजा दी जाएगी, उस दिन हमारी जीत होगी। साल 2021 में भी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, अगर मुख्यमंत्री ने तब संदीप घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती तो मेरी बेटी जिंदा होती।'
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19 September 2024वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशनल वन इलेक्शन का वादा किया था। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दी गई स्पीच में भी प्रधानमंत्री ने वन नेशन-वन इलेक्शन की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं। वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है। पैनल का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है। पैनल के 5 सुझाव... सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए। हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा। कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है। कमेटी में 8 सदस्य, सितंबर 2023 में बनी थी पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं। अभी ऐसी है वन नेशन-वन इलेक्शन की संभावना एक देश-एक चुनाव लागू करने के लिए कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। पहला चरणः 6 राज्य, वोटिंगः नवंबर 2025 में बिहारः मौजूदा कार्यकाल पूरा होगा। बाद का साढ़े तीन साल ही रहेगा। असम, केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल 3 साल 7 महीने घटेगा। उसके बाद का कार्यकाल भी साढ़े 3 साल होगा। दूसरा चरणः 11 राज्य, वोटिंगः दिसंबर 2026 में उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंडः मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा। उसके बाद सवा दो साल रहेगा। गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुराः मौजूदा कार्यकाल 13 से 17 माह घटेगा। बाद का सवा दो साल रहेगा। इन दो चरणों के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा। सूत्रों के अनुसार, कोविंद कमेटी विधि आयोग से एक और प्रस्ताव मांगेगी, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जाएगी। क्या है वन नेशन वन इलेक्शन भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
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18 September 2024दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंजूरी के लिए भेज दिया है। साथ ही उन्होंने नई मुख्यमंत्री आतिशी के शपथ ग्रहण के लिए 21 सितंबर की तारीख का प्रस्ताव भी राष्ट्रपति को भेजा है। इधर, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास छोड़ेंगे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि हमने सुरक्षा को लेकर उनसे कहा कि सरकारी आवास ना छोड़ें, लेकिन वे नहीं माने। एक दिन पहले 17 सितंबर को AAP विधायक दल की मीटिंग में आतिशी को मुख्यमंत्री चुना गया था। इसके बाद केजरीवाल ने शाम को LG विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। केजरीवाल पर कई बार हमले हुए, हमें चिंता-AAP संजय सिंह ने कहा, "केजरीवाल अपनी सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने जा रहे हैं। हम लोगों को चिंता है। केजरीवाल पर कई बार हमले हो चुके हैं। जब उनके माता-पिता घर में थे, तब भी उन पर हमला हुआ है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि केजरीवाल कहां रहेंगे। उन्होंने कहा है कि वे जनता के बीच रहेंगे, जगह अभी तय नहीं है।" बंगले का रिनोवेशन हुआ था, 52.71 करोड़ खर्च हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रिनोवेशन किया गया था। इस पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। उपराज्यपाल विनय सक्सेना को भेजी गई फैक्चुअल रिपोर्ट में यह जानकारी आई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि बंगले पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके कैंप ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था। आतिशी ने LG से शपथ ग्रहण की तारीख मांगी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर शाम को उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को CM पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद थे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है। दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है। 26-27 सितंबर को विधानसभा सत्र, आतिशी बोलीं- केजरीवाल को CM बनाना लक्ष्य इसी दिन सुबह AAP की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। इस पर विधायकों ने सहमति जताई। CM चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा था कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से CM बनाना। आतिशी के दो बड़े बयान... 1. ये हमारे लिए दुख का क्षण केजरीवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने दुष्प्रचार किया, फर्जी आरोप लगाए। 6 महीने जेल में रखा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा किया। कोई और व्यक्ति होता तो वह तुरंत CM की कुर्सी पर बैठ गया होता। केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता का फैसला मानूंगा। ये हमारे लिए दुख का क्षण है। दिल्ली के लोग इस बात का प्रण ले रहे हैं कि अगले चुनाव में वे केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे। 2. दिल्ली की जनता गुस्से में है दिल्ली आज गुस्से में है। उन्हें पता है कि केजरीवाल CM नहीं रहे तो फ्री बिजली नहीं मिलेगी, सरकारी स्कूल बदहाल हो जाएंगे, अस्पतालों में अच्छा इलाज नहीं मिलेगा, मोहल्ला क्लिनिक बंद हो जाएगी, महिलाओं की फ्री बस यात्रा, बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा बंद हो जाएगी। उन्होंने देखा है कि 22 राज्यों में भाजपा की सरकार है। किसी एक में भी फ्री बिजली, बस यात्रा नहीं दे पा रहे।
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18 September 2024राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जयपुर मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNIT) के दीक्षांत समारोह में 1300 से ज्यादा स्टूडेंट्स को डिग्रियां प्रदान कीं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज 20 गोल्ड मेडल में से 12 बेटियों को मिले हैं, ये अनुपात प्रमाण है कि उन्हें समान अवसर मिले तो वे सफलता हासिल कर सकती हैं। इस साल का सबसे बड़ा प्लेसमेंट भी एक बेटी को ही मिला है। बुधवार को हुए कॉलेज के 18वें दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचईडी व एमबीए की डिग्रियां प्रदान गईं। समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति का मंत्रोच्चार के साथ स्वागत हुआ। कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि यह दौर सूचना और प्रौद्योगिकी का है। इस क्षेत्र में एमएनआईटी ने काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दौर में AI काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि समारोह को संबोधित करते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा के प्रदेश के युवाओं के लिए युवा नीति लाई जाएगी। सरकार अगले 5 साल में 4 लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती की जाएगी। राष्ट्रपति के संबोधन की बड़ी बातें आपकी सफलता में शिक्षकों और अभिभावकों का अहम योगदान है। रिसर्च और डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। एमएनआईटी की फैकल्टी में एक तिहाई महिलाएं हैं। यह भी सराहनीय है। एमएनआईटी स्थानीय प्रतिभा को अवसर देता है। तो वहीं भारत की विविधता को भी दिखाता है। एमएनआईटी के 125 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं। सुपरविजन पर विदेशी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है एमएनआईटी जयपुर को भविष्य में आप टॉप टेन में जगह दिलाएंगे। एनआईटी के स्टूडेंट देश विदेश की प्रतिष्ठित संस्थानों में जुड़े हैं। यहां कैंपस ग्रीन और एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगा हुआ है। पर्यावरण संरक्षण में आप लोगों ने अपने नाम से पेड़ लगाए हैं। यह काफी महत्वपूर्ण है। आप जो भी कार्य करें वह तटस्थता और निष्ठा के साथ करें। नेशन फर्स्ट की भावना से काम करने की आप से प्रेरणा है। आपको अपने देश को आगे बढ़ाना है।
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18 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर स्टे नहीं दिया। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें हिंदू पक्ष की 18 याचिकाएं एक साथ सुनने का फैसला सुनाया था। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- मुस्लिम पक्ष गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट गया। हमारी तरफ से ऑब्जेक्शन दाखिल किया गया था। पहले इनको (मुस्लिम पक्ष) हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका दाखिल करनी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट में 4 नवंबर को मामले में सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा- इस दौरान मुस्लिम पक्ष चाहे तो हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका दाखिल कर सकता है। दरअसल, 1 अगस्त को हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी हिंदू पक्ष की 18 याचिकाएं एक साथ सुनने का फैसला सुनाया था। कोर्ट का कहना था कि सभी याचिकाएं एक नेचर की हैं। एक साथ सुनी जाएंगी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का तर्क था कि हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनने योग्य नहीं है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद 6 अगस्त को हिंदू पक्ष ने कैविएट दाखिल की थी। कहा था- हमें सुने बिना मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर एकतरफा आदेश न दें। आज याचिका पर पहली बार सुनवाई हुई। हिंदू पक्षकारों के 11 तर्क ढाई एकड़ में बनी शाही ईदगाह कोई मस्जिद नहीं है। ईदगाह में केवल सालभर में 2 बार नमाज पढ़ी जाती है। ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ एरिया भगवान कृष्ण का गर्भगृह है। सियासी षड्यंत्र के तहत ईदगाह का निर्माण कराया गया था। प्रतिवादी के पास कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं है। मंदिर तोड़कर मस्जिद का अवैध निर्माण किया गया है। जमीन का स्वामित्व कटरा केशव देव का है। बिना स्वामित्व अधिकार के वक्फ बोर्ड ने बिना किसी वैध प्रक्रिया के वक्फ संपत्ति घोषित कर दी। भवन पुरातत्व विभाग से संरक्षित घोषित है। पुरातत्व विभाग (ASI) ने नजूल भूमि माना है। इसे वक्फ संपत्ति नहीं कह सकते। मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें समझौता 1968 का है। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं। मुकदमा सुनवाई लायक नहीं। प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत मुकदमा आगे ले जाने के काबिल नहीं है। 15 अगस्त 1947 वाले नियम के तहत जो धार्मिक स्थल जैसा है वैसा रहे, उसकी प्रकृति नहीं बदल सकते। लिमिटेशन एक्ट, वक्फ अधिनियम के तहत इस मामले को देखा जाए। वक्फ ट्रिब्यूनल में सुनवाई हो, यह सिविल कोर्ट में सुना जाने वाला मामला नहीं।
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17 September 2024कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (17 सितंबर) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने रातिरेर साथी योजना के तहत महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने के फैसले पर बंगाल सरकार को फटकार लगाई। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? उन्हें कोई रियायत नहीं चाहिए। सरकार का काम उन्हें सुरक्षा देना है। पायलट, सेना जैसे सभी प्रोफेशन में महिलाएं रात में काम करती हैं। कोर्ट ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह एक हफ्ते के बाद अगली सुनवाई करेगा। CJI बोले- अस्पतालों में 18-23 साल की डॉक्टर्स काम कर रहीं, वहां पुलिस होनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर प्राइवेट एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों की नियुक्त पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे लोगों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और वे पूरे अस्पताल में घूमते हैं। इनके जरिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि रेप-मर्डर मामले का मुख्य आरोपी भी एक सिविक वॉलंटियर ही है। बंगाल में 28 सरकारी अस्पताल हैं। वहां 18-23 साल की युवा डॉक्टर काम कर रही हैं। राज्य के 45 मेडिकल कॉलेजों में लड़कियां 12वीं कक्षा के बाद आती हैं। वे बहुत छोटी हैं। उनमें इंटर्न भी हैं। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूरी तरह से असुरक्षित है। CJI ने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पुलिस बल तैनात करना चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी प्रोग्रेस काफी स्लो है। वहां 415 अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाने की मंजूरी मिली है, लेकिन अब तक सिर्फ 36 लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इन 4 मुद्दों पर भी चर्चा हुई... 1. जूनियर डॉक्टर्स बोले- हम हड़ताल खत्म करना चाहते हैं: वकील इंदिरा जयसिंह ने जूनियर डॉक्टरों का पक्ष रखते हुए कहा कि डॉक्टर्स हड़ताल खत्म करना चाहते हैं। बंगाल सरकार ने डॉक्टरों के काम पर लौटने की तारीख पूछी। जयसिंह ने कहा कि जब तक डॉक्टर अपने एसोसिएशन की बैठक नहीं कर लेते, तब तक कोई तारीख नहीं दी जा सकती। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 2. कोर्ट बोला- CBI पीड़ित के माता-पिता से मिले इनपुट की जांच करे: CJI ने कहा कि बेंच खुली अदालत में CBI की जांच पर टिप्पणी नहीं करना चाहती। इससे आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी। बेंच ने CBI को 24 सितंबर को रेप-मर्डर और वित्तीय अनियमितता की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने CBI को पीड़ित के माता-पिता से मिले इनपुट की जांच करने का निर्देश दिया। CJI ने कहा कि पीड़ित के पिता ने 12 सितंबर को एक लेटर लिखा था, जिसमें कई चिंताएं व्यक्त की गई थीं। CBI को इन सुरागों की जांच करनी चाहिए। 3. कोर्ट का सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग से इनकार: पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की। सिब्बल ने कहा कि बंगाल सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों को सोशल मीडिया पर रेप और एसिड अटैक की धमकियां मिल रही हैं। हालांकि, CJI ने कहा कि कोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग बंद नहीं करेगा, क्योंकि यह जनहित का मुद्दा है। अगर किसी को ऐसा कोई खतरा है तो हम कदम उठाएंगे। 4. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज: सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील से कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। आप बार के सदस्य हैं। हम जो कहते हैं उस पर हमें आपकी वैधता की जरूरत नहीं है। कोर्ट रूम लाइव... CJI चंद्रचूड़: जांच पूरी होने में अभी वक्त है। हमें CBI को पर्याप्त समय देना होगा, वे सोते नहीं रहेंगे। उन्हें सच्चाई सामने लाने के लिए समय दिया जाना जरूरी है। वकील (डॉक्टरों की तरफ से): क्राइम सीन पर कई लोग मौजूद थे। हम उन लोगों के नाम सीलबंद कवर में CBI को सौंपने को तैयार हैं। मैं अदालत में सार्वजनिक नहीं कर रही हूं। CJI चंद्रचूड़: जांच में कुछ जरूरी सुराग मिलने को लेकर मृतक के पिता की ओर से चिंता जताई गई है। हम उनके लेटर का खुलासा नहीं करेंगे, यह गोपनीय है। हम कहेंगे कि CBI के लिए ये बहुत अहम इनपुट है। सॉलिसिटर जनरल: एक चिंता की बात है, विकिपीडिया में लड़की का नाम और फोटो अभी भी मौजूद है। CJI चंद्रचूड़: हम आदेश पारित करेंगे, नाम और फोटो नहीं हो सकता। वकील: विकीपीडिया से इसे हटाने के लिए कहा गया है। उसने कहा कि इसे सेंसर नहीं किया जा सकता। सॉलिसिटर जनरल: यह सेंसरिंग नहीं है, यह अपराध न करने के लिए कहना है। CJI चंद्रचूड़: ठीक है हम इससे निपटेंगे, हम एक आदेश पारित करेंगे। वकील: कोलकाता पुलिस ने केवल 27 मिनट की CCTV फुटेज दी। पूरी फुटेज नहीं दी। CBI को पूरी फुटेज जब्त करनी होगी। सिब्बल: ये सच नहीं है। 7-8 घंटे की फुटेज दी गई है। CJI चंद्रचूड़ (सॉलिसिटर जनरल से): क्या आप पुलिस से आपको फुटेज सौंपने के लिए नहीं कह सकते? आपने ब्लॉकर डिवाइस का इस्तेमाल किया है या नहीं? हमें उम्मीद है कि CBI पूरी डीवीआर और फुटेज जब्त करेगी। वकील: जिस जगह पर कैमरा लगाया गया था वह प्रवेश कक्ष में नहीं था। वहां और कैमरे भी लगे हैं। इसमें कोई विवाद नहीं है कि कोई शव चालान भी नहीं है। CJI चंद्रचूड़ (सॉलिसिटर जनरल से): क्या आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका वकील पता लगाए कि हाई कोर्ट में क्या हुआ था, जब जहां चालान दिखाया गया था। सॉलिसिटर जनरल: जब कलकत्ता पुलिस ने दस्तावेज दिए थे तो शव चालान नहीं दिया गया था।
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17 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि इस ऑर्डर में सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइंस के अवैध अतिक्रमण नहीं शामिल हैं। केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा? कोर्ट रूम लाइव... सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह: हर दिन तोड़फोड़ हो रही है। एसजी तुषार मेहता: 2022 में नोटिस दिए गए और उसके बाद कार्रवाई की गई। इस बीच अपराध किए। जस्टिस गवई: राज्य सरकार को खबर दी जानी चाहिए। 2024 में इतनी जल्दबाजी क्यों हो रही है, जब नोटिस 2022 में जारी किए गए थे तो। जस्टिस विश्वनाथन: मैं साफ कर दूं कि अगली तारीख तक, अदालत की अनुमति के बिना डिमोलिशन पर रोक होनी चाहिए। एसजी मेहता: एक नैरेटिव बनाया जा रहा है। जस्टिस विश्वनाथन: हमें कोई प्रभावित नहीं कर रहा है। हम इस समय इस सवाल पर नहीं जाएंगे कि किस समुदाय ने यह पूछा है। अगर अवैध ढंग से घर गिराने का एक भी मामला है, तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। जस्टिस गवई: हम पर कोई नैरेटिव असर नहीं डाल रहा। हमने साफ कर दिया है कि हम अतिक्रमण के बीच में नहीं आएंगे, लेकिन कार्यपालिका खुद जज नहीं हो सकती। एसजी मेहता: याचिकाकर्ताओं का दावा है कि डिमोलिशन एक धर्म विशेष के लोगों के घरों को लेकर हो रहा है। जस्टिस विश्वनाथन: इस कार्रवाई का इकलौता मकसद बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई को व्यवस्थित करना है। एसजी मेहता: जिनके घर टूटे वे कोर्ट इसलिए नहीं पहुंचते, क्योंकि वे जानते हैं उनकी संपत्ति अवैध है। सीयू सिंह: कोर्ट ने पिछली तारीख पर आदेश दिया। निर्देश के बावजूद 12, 14 तारीख को, उसी दिन पत्थरबाजी की घटना हुई। उसी रात तोड़फोड़ की गई। ऐसा रोज हो रहा है। एक ही इलाके में, ऐसा नहीं हो सकता कि सिर्फ एक घर ही अवैध हो। जस्टिस गवई: आप आवेदन दाखिल करें। एसजी मेहता: मध्य प्रदेश में, मामला यहां चल रहा है। नियमों का पालन करने के बाद 70 दुकानें तोड़ दी गईं। 50 से ज्यादा दुकानें हिंदुओं की थीं। जस्टिस गवई: मामले को 1 अक्टूबर को दोबारा लिस्ट करें। अगली तारीख पर, जब तक वैधानिक आदेश नहीं आ जाते, तब तक कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। अपने हाथ रोकिए। इस कोर्ट की परमिशन के बिना कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। हालांकि यह आदेश सार्वजनिक सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन, जल निकायों पर हुए अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा। जस्टिस विश्वनाथन: इस पर निगरानी होनी चाहिए। जस्टिस गवई: आदेश के बाद, ऐसे बयान आए हैं कि बुलडोजर एक्शन जारी रहेगा... यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि सुनवाई किसके हाथ में है। जस्टिस विश्वनाथन: 2 सितंबर के बाद बुलडोजर एक्शन पर बहुत जोर दिया गया। इसे सही ठहराया गया। क्या हमारे देश में ऐसा होना चाहिए? क्या चुनाव आयोग को नोटिस दिया जाना चाहिए? हम गाइडलाइन बनाएंगे। एसजी मेहता: तेलंगाना में कुछ नोटिस भेजे गए हैं। जस्टिस गवई: अगले हफ्ते तक ऐसी कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए। एसजी मेहता: लेकिन यह पूरे देश में नहीं रुक सकता। जस्टिस गवई : हम रोक लगा रहे हैं, आप नहीं रुक सकते। जस्टिस विश्वनाथन : 15 दिन कार्रवाई रोक दी तो आसमान नहीं गिर पड़ेगा। कोर्ट ने कहा था- अतिक्रमण को संरक्षण नहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि भले ही कोई दोषी क्यों न हो, फिर भी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता। हालांकि बेंच ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह सार्वजनिक सड़कों पर किसी भी तरह अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा। लेकिन, इस मामले से जुड़ी पार्टियां सुझाव दें। हम पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की थी- किसी का बेटा आरोपी हो सकता है, लेकिन इस आधार पर पिता का घर गिरा देना। यह कार्रवाई का सही तरीका नहीं है। एक और सुनवाई में कहा- बुलडोजर एक्शन कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को भी कहा था कि बुलडोजर एक्शन देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा है।मामला जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में था। सितंबर में यह दूसरा मौका है, जब SC ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, गुजरात में नगरपालिका की तरफ से एक परिवार को बुलडोजर एक्शन की धमकी दी गई थी। याचिका लगाने वाला खेड़ा जिले के कठलाल में एक जमीन का सह-मालिक है। उनके खिलाफ 1 सितंबर 2024 को एक मामले में FIR दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था- आरोपी के खिलाफ अपराध को कानूनी प्रक्रिया के जरिए कोर्ट में साबित किया जाना चाहिए। जिस देश में कानून सर्वोच्च है, वहां ऐसी धमकियों को कोर्ट नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नगरपालिका अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने गुजरात सरकार और नगर निगम से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है तीन राज्य जहां पिछले 3 महीने में बुलडोजर एक्शन हुआ अगस्त 2024 : मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुलिस पर पथराव के आरोपी पर एक्शन मध्यप्रदेश के छतरपुर में 21 अगस्त को कोतवाली थाने पर पथराव के 24 घंटे के भीतर सरकार ने यहां 20 हजार स्क्वायर फीट में बनी 20 करोड़ रुपए की तीन मंजिला हवेली को जमींदोज कर दिया था। जब उनकी हवेली गिराई जा रही थी, तब भी उनके परिवार का कोई सदस्य यहां मौजूद नहीं था। FIR के मुताबिक, चारों भाइयों ने भीड़ को पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया था।
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17 September 2024वक्फ बोर्ड की शक्तियों की सीमित करने के उद्देश्य से लाए गए वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है. इसे लेकर जेपीसी की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं. इस दौरान जेपीसी की ओर से आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर उनके सुझाव मांगे गए थे. इस मामले में जेपीसी के सामने अब तक करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए आ चुके हैं. इसके साथ ही लगभग 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भरे हुए भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आए हैं. गौरतलब है कि जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी थी. 19 और 20 सितंबर को होगी अगली बैठक संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी. 19 सितंबर को पटना लॉ कालेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अधिकारी को बुलाया गया है. 26 से 1 अक्टूबर के बीच देश के 6 बड़े शहरों में जेपीसी के सदस्य जाएंगे और वहां के संभ्रांत लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे. जेपीसी के सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शहरों में जाएंगे. वक्फ संशोधन बिल के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल हैं, जो बीजेपी से सांसद हैं. जेपीसी में शामिल कई सांसदों ने बिल पर जताया विरोध वक्फ (संशोधन) बिल पर जेपीसी की पहली बैठक से ही अलग-अलग विपक्षी दलों के कई सांसदों का कहना था कि बिल के मौजूदा प्रारूप से स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के कानूनों का उल्लंघन होगा. एक बड़ा एतराज वक्फ ट्रिब्यूनल में डीएम व अल्पसंख्यक समुदाय के बाहर के सदस्यों को शामिल करने पर जताया गया है. शीतकालीन सत्र से पहले पेश होगी रिपोर्ट जेपीसी की ओर से ईमेल और लिखित सुझावों पर विचार करने के साथ ही कुछ विशेषज्ञों और हितधारकों की राय और सुझाव भी सुने जाएंगे. समिति बिल पर विचार विमर्श करने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
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16 September 2024राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा- देश में कुछ अच्छा होता है तो हिंदू समाज की कीर्ति बढ़ती है। कुछ गड़बड़ होता है तो हिंदू समाज पर आता है, क्योंकि वही इस देश के कर्ताधर्ता हैं। उन्होंने हिंदू धर्म की परिभाषा बताते हुए कहा- जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं, यह वास्तव में मानव धर्म है। विश्व धर्म है और सबके कल्याण की कामना लेकर चलता है। उन्होंने पारिवारिक संस्कारों को लेकर भी चिंता जताई। कहा- देश में परिवार के संस्कारों को खतरा है। मीडिया के दुरुपयोग से नई पीढ़ी बहुत तेजी से अपने संस्कार भूल रही है। यह चिंता का विषय है। संघ कैसे काम करता है, ये समझना जरूरी- भागवत मोहन भागवत 5 दिन के अलवर प्रवास पर हैं। नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम के पहले दिन रविवार (15 सितंबर) को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- अगले साल संघ की स्थापना को 100 साल पूरे हो रहे हैं। संघ की कार्य पद्धति लंबे समय से चली आ रही है। हम कार्य करते हैं तो उसके पीछे विचार क्या है? यह हमें ठीक से समझ लेना चाहिए। अपनी कृति के पीछे यह सोच हमेशा जागृत रहनी चाहिए। हमें देश को समर्थ करना है। हमने प्रार्थना में ही कहा है कि यह हिंदू राष्ट्र है। हिंदू समाज इसका उत्तरदायी है। संघ प्रमुख के भाषण की 5 बातें 1. हिंदू का मतलब विश्व का सबसे उदार मानव राष्ट्र को परम वैभव संपन्न और सामर्थ्यवान बनाने का काम पुरुषार्थ के साथ करने की आवश्यकता है। हमें समर्थ बनना है। इसके लिए पूरे समाज को योग्य बनाना पड़ेगा। जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं, यह वास्तव में मानव धर्म है। विश्व धर्म है और सबके कल्याण की कामना लेकर चलता है। हिंदू मतलब सब कुछ स्वीकार करने वाला। सबके प्रति सद्भावना रखने वाला। जो विद्या का उपयोग विवाद पैदा करने के लिए नहीं करता, ज्ञान देने के लिए करता है। 2. छुआछूत को लेकर मन बदलना होगा हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए हैं। इसलिए छुआछूत चला। ऊंच-नीच का भाव बढ़ा। हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है, जहां संघ का काम प्रभावी है। संघ की शक्ति है, वहां कम से कम मंदिर, पानी, श्मशान सब हिंदुओं के लिए खुले होंगे। यह काम समाज का मन बदलते हुए करना है। सामाजिक समरसता के माध्यम से परिवर्तन लाना है। 3. संघ को अब विरोधी लोग भी मानने लगे हैं पहले संघ को कोई नहीं जानता था। अब सब जानते हैं। पहले संघ को कोई मानता नहीं था। आज सब लोग मानते हैं, जो हमारा विरोध करने वाले लोग हैं वह भी। होठों से तो हमारा विरोध करते हैं, लेकिन मन से तो मानते ही हैं। इसलिए अब हमें हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज का संरक्षण राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए करना है। 4. नई पीढ़ी संस्कार भूल रही भारत में भी परिवार के संस्कारों को खतरा है। मीडिया के दुरुपयोग से नई पीढ़ी बहुत तेजी से अपने संस्कार भूल रही है। इसलिए हफ्ते में एक बार निश्चित समय पर अपने कुटुंब के सब लोगों को एक साथ बैठना चाहिए। अपनी श्रद्धा अनुसार घर में भजन-पूजन, उसके बाद घर में बनाया हुआ भोजन साथ में करें। समाज के लिए भी कुछ न कुछ करें। इसके लिए छोटे-छोटे संकल्प लें। 5. बाहर के देशों का सामान तभी खरीदें, जब जरूरी हो अपने घर में स्वदेशी से लेकर स्व गौरव तक सारी बातें हैं। हमें उनके बारे में पता होना चाहिए। सबकुछ अपने देश में बनता है। वह बाहर देश का नहीं खरीदना, यदि जीवन के लिए जरूरी है तो अपनी शर्तों पर खरीदना। जीवन में कम खर्च को अपनाना होगा।
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16 September 2024कोलकाता रेप-मर्डर केस में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के जवाब गुमराह करने वाले पाए गए हैं। संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट और वॉइस एनालिसिस किया गया था। सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) की रिपोर्ट में जब घोष के बयानों की जांच की गई तो बयान भटकाने वाले मिले। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने केस से जुड़े अफसरों के हवाले से यह जानकारी दी। हालांकि, पॉलीग्राफ टेस्ट में सामने आई जानकारी को सबूत के तौर पर नहीं पेश किया जा सकता है। जांच एजेंसियां पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर सबूत जुटा सकती हैं। CBI ने घोष को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उनके साथ ताला पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज (OC) अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया था। 15 सितंबर को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। एजेंसी को 3 दिन तक दोनों की कस्टडी दी गई है। पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस अफसर पर CBI के आरोप CBI ने 15 सितंबर को कोर्ट में पेश किया था। CBI ने आरोप लगाया कि घोष को रेप-मर्डर की जानकारी 9 अगस्त की सुबह 9:58 मिल गई थी, लेकिन उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना नहीं दी। बाद में मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट के जरिए एक अस्पष्ट शिकायत करवाई, जबकि पीड़ितक को 12:44 बजे ही मृत घोषित कर दिया गया था। न सिर्फ FIR में देरी की गई, बल्कि सुसाइड की नई थ्योरी बनाई गई। जबकि पीड़ित की चोटें और उसकी बॉडी की स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं था। पीड़ित की बॉडी के निचले हिस्से पर कपड़े भी नहीं थे। घोष ने ताला पुलिस स्टेशन के OC मंडल को सुबह 10:03 बजे फोन किया। इसके बाद उन्होंने दोपहर 1:40 बजे उनसे मुलाकात की। अननैचुरल डेथ का केस रात 11:30 बजे दर्ज किया गया। OC मंडल को सूचना सुबह ही मिल गई थी, लेकिन वो एक घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचे। केस डायरी में लिखा गया कि पीड़ित अचेत अवस्था में थी, जबकि डॉक्टर उसे पहले ही मृत घोषित कर चुके थे। अस्पताल के अधिकारियों और अज्ञात लोगों ने जनरल डॉयरी में गलत शुरुआती जानकारियां देने की साजिश की। OC मंडल की FIR में देरी और घटना स्थल पर देरी से पहुंचने की वजह से जरूरी सबूतों को नुकसान पहुंचा। OC मंडल ने आरोपी संजय रॉय और दूसरे लोगों को बचाने की कोशिश की, जिन्हें क्राइम सीन तक जाने दिया गया। इससे सबूतों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने जल्दबाजी में अपने जूनियर्स को आदेश दिया कि पीड़ित की बॉडी को मुर्दाघर ले जाया जाए। यह एक बड़ी साजिश हो सकती है, जिसमें पूर्व प्रिंसिपल घोष और OC मंडल दोनों शामिल हों। घटना के दिन दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे और घोष बता रहे थे कि पुलिस अफसर रेप और मर्डर के केस में किस तरह से कार्यवाही करें। दोनों ने इस घटना को दबाने की कोशिश की। पुलिस को इस जघन्य घटना के बाद खुद ही तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए थी। 5 सितंबर: जांच में खुलासा- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया था कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया। जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है। 14 सितंबर: आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल को CBI ने अरेस्ट किया कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले में 14 सितंबर को CBI ने आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के SHO अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के पद पर तैनात था। दोनों को 17 सितंबर तक CBI की कस्टडी में भेज दिया गया। आरजी कर मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया था।
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16 September 2024मणिपुर सरकार ने शुक्रवार को पांच जिलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस पर लगे बैन को हटा दिया। हालांकि मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 15 सितंबर तक जारी रहेगा। मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने 10 सितंबर को 5 दिन के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया था। सितंबर महीने की शुरुआत में कुकी उग्रवादियों ने मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया था। इसमें 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद राजधानी इंफाल में मैतेई समुह के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े थे। उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की। साथ ही राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जाए। यानी, सेंट्रल और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास हो। ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाएं... 1 सितंबर- पहली बार ड्रोन से हमला : एक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इम्फाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। 3 सितंबर- दूसरा ड्रोन अटैक: इम्फाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। 6 सितंबर- पूर्व CM के घर रॉकेट से हमला: मणिपुर बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। 7 सितंबर- जिरिबाम में दो हमले, 5 की मौत: पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। CRPF की दो बटालियन और तैनात केंद्र सरकार ने 10 सितंबर को मणिपुर में CRPF की दो और बटालियन भेजने का फैसला किया था। 2,000 जवान तेलंगाना के वारंगल से और दूसरी झारखंड के लातेहार से मणिपुर आएगी। एक बटालियन का मुख्यालय चुराचांदपुर जिले के कांगवई में होगा और दूसरी बटालियन इंफाल के आसपास तैनात की जाएगी। राज्य में पहले से 16 CRPF बटालियन तैनात हैं। मणिपुर हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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14 September 2024मणिपुर सरकार ने शुक्रवार को पांच जिलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस पर लगे बैन को हटा दिया। हालांकि मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 15 सितंबर तक जारी रहेगा। मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने 10 सितंबर को 5 दिन के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया था। सितंबर महीने की शुरुआत में कुकी उग्रवादियों ने मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया था। इसमें 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद राजधानी इंफाल में मैतेई समुह के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े थे। उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की। साथ ही राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जाए। यानी, सेंट्रल और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास हो। ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाएं... 1 सितंबर- पहली बार ड्रोन से हमला : एक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इम्फाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। 3 सितंबर- दूसरा ड्रोन अटैक: इम्फाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। 6 सितंबर- पूर्व CM के घर रॉकेट से हमला: मणिपुर बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। 7 सितंबर- जिरिबाम में दो हमले, 5 की मौत: पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। CRPF की दो बटालियन और तैनात केंद्र सरकार ने 10 सितंबर को मणिपुर में CRPF की दो और बटालियन भेजने का फैसला किया था। 2,000 जवान तेलंगाना के वारंगल से और दूसरी झारखंड के लातेहार से मणिपुर आएगी। एक बटालियन का मुख्यालय चुराचांदपुर जिले के कांगवई में होगा और दूसरी बटालियन इंफाल के आसपास तैनात की जाएगी। राज्य में पहले से 16 CRPF बटालियन तैनात हैं। मणिपुर हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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14 September 2024महिला फ्लाइंग अफसर से रेप मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने आरोपी विंग कमांडर को प्री-अरेस्ट बेल दे दी है। आरोपी विंग कमांडर ने ही याचिका लगाकर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को जारी किए बेल ऑर्डर में कहा- याचिकाकर्ता विंग कमांडर के पद पर हैं। उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में उनकी प्रतिष्ठा के साथ-साथ करियर पर भी फर्क पड़ेगा। कोर्ट ने कि जमानत के लिए विंग कमांडर को 50-50 हजार के दो बेल बॉन्ड भरने होंगे। वे कोर्ट की इजाजत के बिना जम्मू-कश्मीर से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा अदालत ने कहा कि पुलिस को मामले की जांच जारी रखनी चाहिए। हालांकि, कोर्ट की इजाजत के बिना चार्जशीट फाइल नहीं होनी चाहिए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर एयर फोर्स आंतरिक जांच शुरू कर चुका है। दरअसल, एयरफोर्स की एक महिला फ्लाइंग अफसर ने अपने सीनियर विंग कमांडर पर रेप का आरोप लगाया था। महिला ने कहा था कि उनके साथ 31 दिसंबर 2023 को न्यू ईयर पार्टी के दौरान यौन शोषण हुआ था। महिला ने इसकी जानकारी 9 महीने बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस को दी। जम्मू-कश्मीर के बडगाम पुलिस ने 10 सितंबर को FIR दर्ज कराई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए ही विंग कमांडर ने 11 सितंबर को याचिका लगाई थी। याचिका लगाई थी। महिला अफसर की पूरी शिकायत पढ़ें... NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में महिला अफसर ने कहा कि वह पिछले दो साल से विंग कमांडर के हाथों हैरेसमेंट, सेक्शुअल असॉल्ट और मेंटल टॉर्चर झेल रही है। 31 दिसंबर 2023 को ऑफिसर मेस में हुई न्यू ईयर पार्टी में गिफ्ट देने के बहाने विंग कमांडर उसे अपने कमरे में ले गया और वहां उसके साथ रेप किया। महिला अफसर ने बताया कि न्यू ईयर पार्टी में विंग कमांडर ने उससे पूछा कि क्या उसे गिफ्ट मिल गया है। जब उसने कहा कि अभी नहीं मिला तो विंग कमांडर ने कहा कि गिफ्ट मेरे रूम में है। ऐसा कहकर वह महिला अफसर को अपने कमरे में ले गया। जब महिला अफसर ने पूछा कि आपका परिवार कहां है तो विंग कमांडर ने बताया कि सभी लोग कहीं गए हैं। महिला अफसर ने कहा- अपने कमरे में विंग कमांडर ने मुझे ओरल सेक्स करने के लिए मजबूर किया और मेरा रेप किया। मैंने उन्हें बार-बार रुकने के लिए कहा और खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। आखिरकार मैंने उन्हें धक्का दिया और वहां से भाग गई। विंग कमांडर ने मुझसे कहा कि वे मुझसे शुक्रवार को मिलेंगे, जब उनकी फैमिली चली जाएगी। महिला अफसर ने कहा कि मुझे ये समझ पाने में कुछ वक्त लगा कि मेरे साथ क्या हुआ। मैं डरी हुई थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। क्योंकि ऐसे कुछ मामले पहले भी हुए थे, जब मुझे शिकायत दर्ज कराने से रोका गया था। इस घटना के बाद विंग कमांडर मेरे ऑफिस आए। उन्होंने ऐसे बर्ताव किया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उनकी आंखों में कोई पछतावा नहीं था। विक्टिम ने कहा कि इसके बाद मैंने दो महिला अफसरों को इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने मुझे शिकायत दर्ज कराने में मदद की। मैं बता नहीं सकती कि एक फौज में आने वाली अनमैरिड लड़की होने के नाते जिस तरीके से मुझे ट्रीट किया गया, उससे मानसिक रूप से मैं कितनी परेशान हुई। महिला अफसर बोली- विंग कमांडर के साथ ही बैठाकर मेरा बयान दर्ज कराया गया महिला अफसर ने कहा कि इस शिकायत के बाद कर्नल रैंक के अधिकारी ने मामले में जांच के आदेश दिए। इस साल जनवरी में दो बार मुझे और विंग कमांडर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। मैंने आपत्ति जताई कि मैं विंग कमांडर की मौजूदगी में अपना बयान नहीं दर्ज कराऊंगी। इसके बाद एडमिनिस्ट्रेशन की गलती छिपाने के लिए जांच ही बंद कर दी गई। इसके बाद मैंने इंटरनल कमेटी के पास नई एप्लिकेशन फाइल की। इस कमेटी ने दो महीने बाद मुझसे मुलाकात की। सेक्शुअल ऑफेंडर की मदद करने के लिए जिस तरीके से स्टेशन अथॉरिटीज ने काम किया, वह मेरे लिए दुखद रहा। मेरा मेडिकल चेकअप भी तब हुआ, जब मैंने कई बार इसके लिए जिद की। -विक्टिम
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14 September 2024पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से खुद मिलने पहुंचीं। डॉक्टर्स 10 सितंबर से यहां प्रदर्शन पर बैठे हैं। ममता ने डॉक्टरों से कहा, 'मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी बनकर आपसे मिलने आई हूं।' ममता ने कहा- आप काम पर लौटिए, मैं मांगों पर विचार करूंगी। CBI से कहूंगी कि दोषियों को फांसी दी जाए। मैं आपके प्रदर्शन को सलाम करती हूं। आपके साथ अन्याय नहीं होने दूंगी। ममता ने आगे कहा कि यह मेरी तरफ से बातचीत की आखिरी कोशिश है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करती। ममता ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को भंग करने की भी घोषणा की। ममता अब तक तीन बार डॉक्टरों से बैठकर बातचीत की पहल कर चुकी हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने उनके तीनों प्रस्तावों को खारिज कर दिया। उनकी 5 मांगें हैं। उन्होंने सरकार से बातचीत के लिए 4 शर्तें भी रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 36 दिनों से हड़ताल पर हैं। ममता ने 3 बार बुलाया; इंतजार करती रहीं, डॉक्टर्स नहीं पहुंचे... 10 सितंबर: डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला। ममता सरकार ने शाम 5 बजे डॉक्टरों को मीटिंग के लिए नबन्ना सचिवालय बुलाया। ममता लगभग एक घंटा 20 मिनट तक वहां बैठी रहीं। डॉक्टर्स नहीं आए। डॉक्टर्स ने कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है। 11 सितंबर: जूनियर डॉक्टरों ने बंगाल सरकार को मेल भेजकर मीटिंग का समय मांगा। सरकार ने शाम 6 बजे का समय दिया। हालांकि, डॉक्टर्स मीटिंग के लिए अपनी 4 शर्तों पर अड़े रहे।सरकार ने शर्तें मानने से इनकार कर दिया। 12 सितंबर: बंगाल सरकार ने डॉक्टरों को तीसरी बार बातचीत करने के लिए बुलाया। 32 डॉक्टर सचिवालय पहुंचे। सरकार ने सिर्फ 15 को बुलाया था। उन्हें बताया गया कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट नहीं होगा। इससे डॉक्टर आक्रोशित हो गए और बैठक में नहीं गए। वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 घंटे 10 मिनट इंतजार करती रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक हड़ताल खत्म करने को कहा था सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हालांकि, डॉक्टरों ने कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे।
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14 September 2024महाराष्ट्र के नागपुर में ऑडी हिट-एंड-रन मामले में पुलिस ने दावा किया है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत के बार जाने का CCTV फुटेज गायब है। वह रविवार (8 सितंबर) की रात अपने दोस्तों के साथ ला होरी बार गया था। वहां संकेत ने शराब पी। चिकन और मटन भी खाया। फिर दोस्तों के साथ ऑडी कार में निकल गया। संकेत की ऑडी ने 8-9 सितंबर की रात करीब 1 बजे रामदासपेठ में कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे दो लोग घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, 10 सितंबर को जांच टीम ला होरी बार गई थी। वहां मैनेजर ने CCTV फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिखाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी, तब उसने रिकॉर्डिंग दिखाई। हालांकि, 8 सितंबर की रात के बाद से कोई CCTV फुटेज ही नहीं है। संकेत ने कबूला- कार में मौजूद था; FIR में नाम नहीं पुलिस ने 9 सितंबर को कहा था कि संकेत बावनकुले की ऑडी उसका दोस्त अर्जुन हावरे चला रहा था। ऑडी पहले एक कार से टकराई। फिर एक बाइक को टक्कर मारी। फिर आगे जाकर मनकापुर में एक अन्य कार को टक्कर मार दी। कार सवार लोगों ने ऑडी का पीछा किया और उसमें मौजूद अर्जुन हावरे और रोनित चित्तवम्वार का पकड़ लिया। पुलिस ने हावरे और रोनित के खिलाफ केस दर्ज किया। हावरे को 9 सितंबर की रात गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसे जमानत मिल गई। संकेत बावनकुले का नाम FIR में नहीं था। पुलिस ने पहले कहा था कि संकेत गाड़ी में नहीं था। हालांकि, 10 सितंबर को जब संकेत से पूछताछ की गई, तो उसने कबूल किया कि वह हादसे के समय कार में ही था। संजय राउत बोले- फडणवीस होम डिपार्टमेंट नहीं चला पा रहे शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने मंगलवार (10 सितंबर) को कहा, 'भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का बेटा नशे में था। हैरानी की बात यह है कि FIR में उसका नाम नहीं है। हादसे के बाद कार की नंबर प्लेट भी हटा दी गई थी। नागपुर के रहने वाले डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस अगर होम डिपार्टमेंट सही तरीके से नहीं चला पा रहे हैं तो वे इस पद के लिए योग्य नहीं हैं।' संजय राउत ने आरोप लगाया था कि भाजपा अध्यक्ष के बेटे ने बार में बीफ खाया था और शराब पी थी। पुलिस ने बुधवार (11 सितंबर) को बताया कि संकेत ने मटन-चिकन खाया था। उन्होंने 12 हजार रुपए की शराब मंगवाई थी। बीफ नहीं खाया था। इसकी पुष्टि बार का बिल देखकर हुई है। भाजपा चीफ ने माना- गाड़ी बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने भी मान चुके हैं कि गाड़ी उनके बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड है। उन्होंने 10 सितंबर को कहा, 'कार मेरे बेटे के नाम पर है। पुलिस को हादसे की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। न्याय किसी के लिए भी अलग-अलग नहीं है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे कोई राजनीति से संबंध ही क्यों न रखता हो। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।' पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के नाबालिग आरोपी ने बाइक सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2.5 करोड़ की लग्जरी पोर्श कार चला रहा था। आरोपी शहर के नामी बिल्डर का बेटा है। जुवेनाइल बोर्ड ने 22 मई को नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा था। हालांकि, 25 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी। पुणे में 22 जून की देर रात NCP विधायक (अजित पवार गुट) दिलीप मोहिते पाटिल के भतीजे मयूर ने बाइक को टक्कर मार दी। बाइक सवार की मौके पर मौत हो गई। हादसा पुणे-नासिक हाईवे पर एकलाहारे इलाके में हुआ। आरोपी गलत दिशा में फॉर्च्यूनर कार चला रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार भी कर लिया। NCP विधायक दिलीप मोहिते ने बताया कि उनका भतीजा नशे में नहीं था। वह मौके से भागा भी नहीं था। मुंबई के वर्ली में 7 जुलाई को एक तेज रफ्तार BMW ने स्कूटी सवार दंपती को टक्कर मार दी। आरोपी ने मौके से भागने के दौरान 45 साल की महिला को कार से 100 मीटर तक घसीटा, जिससे उनकी मौत हो गई। कार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के नेता राजेश शाह का 24 साल का बेटा मिहिर शाह चला रहा था। उसके साथ ड्राइवर भी था। घटना के दो दिन बाद, करीब 60 घंटे बाद पुलिस आरोपी को पकड़ने में कामयाब हुई थी।
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13 September 2024दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार, 13 सितंबर को जमानत मिल गई। केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे। अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं। केजरीवाल के खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। AAP ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है। शराब नीति केस में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने उन्हें 21 मार्च को अरेस्ट किया था। बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा: 1. अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है। जांच के सिलसिले में उसे दोबारा अरेस्ट करना गलत नहीं है। CBI ने बताया है कि उनकी जांच क्यों जरूरी थी। 2. याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं है। CBI ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्हें जांच की जरूरत थी। इसलिए इस केस में अरेस्टिंग हुई। जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा: 1. CBI की गिरफ्तारी जवाब से ज्यादा सवाल खड़े करती है। जैसे ही ED केस में उन्हें जमानत मिलती है। CBI एक्टिव हो जाती है। ऐसे में अरेस्टिंग के समय पर सवाल खड़े होते हैं। 2. CBI को निष्पक्ष दिखना चाहिए और हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी में मनमानी न हो। जांच एजेंसी को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए। शराब नीति केस- केजरीवाल 156 दिन जेल में बिता चुके केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया। आज यानी 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हो जाती है तो उन्हें जेल गए कुल 177 दिन हो जाएंगे। इनमें से वे 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहे। यानी केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, यह बहुत बड़ा फैसला है। 6 महीने के लंबे संघर्ष के बाद अरविंद केजरीवाल वापस लौट रहे हैं। पिछले 6 महीने AAP परिवार, केजरीवाल परिवार और पूरे I.N.D.I.A के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे हैं। आखिरकार न्याय की जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाया है। उनकी रिहाई से AAP मजबूत होगी। वह हरियाणा में चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगे।
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13 September 2024यूपी में अवैध धर्मांतरण मामले में लखनऊ के NIA कोर्ट ने बुधवार (11 सितंबर) को 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। 4 दोषियों को 10-10 साल की सजा दी गई। कोर्ट के फैसला सुनाते वक्त सभी दोषी कोर्ट में मौजूद थे। अवैध धर्मांतरण मामले में यह पहला केस है, जिसमें एक साथ 16 लोगों को सजा दी गई। मंगलवार को NIA-ATS कोर्ट के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सभी को दोषी को करार दिया था। कोर्ट ने 10 सितंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। ATS ने बताया कि ये लोग नौकरी समेत कई तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराते थे। फतेहपुर का मोहम्मद उमर गौतम गिरोह का सरगना है, वह खुद हिंदू से मुसलमान बना था। फिर उसने करीब एक हजार लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराया। 17 आरोपी थे, इनमें से 16 को सजा सरकारी वकील एमके सिंह ने बताया कि अवैध धर्मांतरण मामले में कुल 17 आरोपी थे। एक आरोपी इदरीश कुरैशी को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। कोर्ट ने मोहम्मद उमर गौतम, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, भुप्रियबंदों मानकर उर्फ अरसलान मुस्तफा, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, कौशर आलम, डॉक्टर फराज शाह, मौलाना कलीम सिद्दीकी, धीरज गोविंद, सरफराज अली जाफरी,अब्दुल्ला उमर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चार दोषियों मन्नू यादव उर्फ अब्दुल, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को 10-10 साल की सजा दी गई है। विदेशी फंड से धर्मांतरण का कारोबार ATS की नोएडा यूनिट के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने 20 जून 2021 को लखनऊ के गोमती नगर थाने में FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया- ATS को बीते कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ असामाजिक तत्व विदेशी संस्थाओं की मदद से लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश के जनसंख्या संतुलन में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं। धर्म परिवर्तन किए गए लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति नफरत का भाव पैदा कर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। उन्हें मानसिक तौर पर देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में वैमनस्यता फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए वे देश के सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश में शामिल हैं। 1000 लोगों का किया धर्म परिवर्तन दोषी उमर गौतम ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वह करीब एक हजार गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। उनकी बड़ी संख्या में मुसलमानों से शादी कराई है। उमर ने यह भी बताया है कि धर्म परिवर्तन के लिए ही जोगाबाई एक्सटेंशन जामिया नगर दिल्ली में एक संस्था इस्लामी दवाह सेंटर (आईडीसी) चल रही है। धर्मांतरण के लिए विदेश से फंडिंग इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य गैर मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराना था। इसके लिए संस्था के बैंक खातों और अन्य माध्यमों से रकम जमा कराई जाती। धर्म परिवर्तन के लिए विदेश से फंडिंग भी होती थी। इस खेल में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं। ATS ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए विशेष अदालत में 17 आरोपियों के खिलाफ 5 चार्जशीट दाखिल कीं। इसमें एफआईआर से संबंधित सबूत भी पेश किए। एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर इस्लामिक स्कॉलर बना कलीम उम्रकैद की सजा पाने वाला मौलाना कलीम सिद्दीकी यूपी में मुजफ्फरनगर के फुलत गांव का रहने वाला है। उसने पिकेट इंटर कॉलेज से 12वीं करने के बाद मेरठ कॉलेज से बीएससी की शिक्षा ली। इसके बाद दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस में दाखिला लिया। लेकिन, डिग्री पूरी नहीं की। पढ़ाई छोड़कर कलीम इस्लामिक स्कॉलर बना। 18 सालों तक मौलाना दिल्ली के शाहीन बाग में रहा। उसे 22 सितंबर, 2021 की रात यूपी एटीएस ने दिल्ली-देहरादून हाईवे पर दौराला-मटौर के बीच गिरफ्तार किया था। मौलाना कलीम ने फुलत गांव में 1991 में जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया मदरसा स्थापित किया था। लेकिन, बाद में मदरसे को केरल की एक संस्था के हवाले कर दिया। वह ग्लोबल पीस फाउंडेशन का अध्यक्ष भी रहा। ATS का आरोप था कि कलीम, उमर गौतम और अन्य सभी धर्मांतरण की साजिश रचने में शामिल थे और फॉरेन फंडिंग की मदद से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते थे।
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12 September 2024मणिपुर के जिरीबाम जिला स्थित बोरोबेक्रा में उपद्रवियों ने बुधवार रात करीब 12.50 बजे एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आग लगा दी। घटना पुलिस चौकी से महज 150 मीटर दूरी हुई। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। घटना के पीछे कुकी समुदाय के लोगों के शामिल होने की आशंका है। दूसरी तरफ, राजधानी इंफाल में कल पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। इंफाल ईस्ट और वेस्ट में कर्फ्यू जारी है। मैतेई बहुल 5 जिलों में इंटरनेट बंद है। राज्यपाल एल. आचार्य असम चले गए। उनके पास मणिपुर गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार है। इंफाल में 10 सितंबर को सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें करीब 100 स्टूडेंट्स घायल हुए थे। इस प्रदर्शन में इंफाल घाटी के 100 से ज्यादा स्कूल-कॉलेजों के बच्चे शामिल थे। CRPF डीआईजी का कहना है कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन कर रहे कर्फ्यू के बावजूद इंफाल के इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। भास्कर ने प्रदर्शन को लीड करने वालों में से एक छात्र नेता दीजेन तालेख मायुम से बात की। वे धनामांजुरी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ महासचिव हैं। उन्होंने कहा कि हम लंबी लड़ाई की तैयारी में हैं। हमने बांग्लादेश में छात्रों की ताकत देखी है। बीते 16 महीने में राज्य बर्बाद हो चुका है, इसलिए हम राज्यपाल से मांगें मनवाकर ही घर लौटेंगे। जब भास्कर ने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा- कुकी उग्रवादी ड्रोन हमले कर रहे, सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है। हमारे माता-पिता प्रदर्शन करते-करते थक चुके हैं। कभी कर्फ्यू तो कभी हिंसा के चलते बाजार बंद। स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन वहां पढ़ने कैसे जाएं? ऐसे में अब हम खुद को बचाने नहीं उतरेंगे तो कौन उतरेगा?कुकी बोले- हमने रॉकेट-ड्रोन हमले नहीं किए, मैतेई झूठ फैला रहे उधर, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के गृह सचिव मांग खोंगसाई ने भास्कर से कहा कि मणिपुर पुलिस आईजी और असम राइफल्स के डीजी बुधवार (11 सितंबर) को कुकी बहुल चूराचांदपुर आए थे। उन्होंने हमारे साथ बैठक की। इसमें डीजी ने मुद्दों को सुलझाने और 10 दिन के लिए सीजफायर करने की अपील की है। ड्रोन और रॉकेट हमलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 3 मई 2023 के बाद से दोनों जनजातियां सर्विलांस के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन, ड्रोन से बम गिराने और रॉकेट से मिसाइलें दागने के आरोप गलत हैं। खोंगसाई ने कहा कि हम अपने इलाकों की रक्षा के लिए पुंपि का इस्तेमाल करते हैं। पुंपि धातु से बनी एक पाइप होती है, जिसमें बारूद और लोहे के टुकड़े भरे होते हैं। इसे हम 1919 के एंग्लो-कुकी वॉर के समय से बना रहे हैं। मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन, दो दिन कॉलेज बंद मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है। इस महीने 1 सितंबर से मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट हमलों के बाद हिंसा और बढ़ गई है। हमलों के खिलाफ 8 सितंबर से लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। सरकार ने राज्य में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन कर दिया है। 12 सितंबर तक कॉलेज बंद हैं। इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट सहित तीन जिलों में कर्फ्यू लगा है। केंद्र ने मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है। छात्रों का हिंसक प्रदर्शन; 4 जरूरी पॉइंट्स मणिपुर के लोग राज्य के डीजीपी, सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाने, 16 महीने से छिड़े गृह युद्ध जैसे हालात खत्म करने और सुरक्षा बलों की यूनिफाइड कमांड को केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथ से लेकर मुख्यमंत्री को सौंपने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये सभी हमारी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। ड्रोन और रॉकेट अटैक के बाद से हम 24 घंटे डर के माहौल में जी रहे हैं। 8 सितंबर को मैतेई समुदाय के छात्रों ने इंफाल में किशमपट के टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए। ये गवर्नर और CM को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। सुरक्षाबलों ने छात्रों को अगले दिन यानी 9 सितंबर को ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी स्टूडेंट्स सड़क पर रात भर प्रदर्शन करते रहे। 9 सितंबर को सैकड़ों स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भागते दिखे। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर रोका। कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। इसमें 20 स्टूडेंट्स घायल हो गए। 10 सितंबर को छात्रों का प्रदर्शन और हिंसक हो गया। उन्होंने राज्य सरकार को अपनी छह मांगें सौंपी थीं। इन्हें पूरा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब सरकार से कोई जवाब नहीं मिला तो करीब 2500 छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। 1 सितंबर से तीन ड्रोन हमले, अब तक 8 की मौत मणिपुर में 1 सितंबर से 7 सितंबर तक, एक हफ्ते के बीच हिंसा की चार घटनाएं हुईं। इनमें 8 लोगों की मौत और 12 घायल हो गए। चार में से तीन हमले ड्रोन और रॉकेट से किए गए थे। चारों घटनाएं सिलसिलेवार पढ़ें... 1 सितंबर: 1 साल से जारी हिंसा में पहली बार ड्रोन अटैक, 2 मौतें मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है। हालांकि, इस साल सितंबर में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में 1 सितंबर को उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए।
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12 September 2024कर्नाटक के मांड्या के नागमंगला में बुधवार रात गणपति विसर्जन जुलूस पर पथराव हुआ। घटना रात 8 बजे की है। मैसूर रोड पर बनी दरगाह के सामने पहुंचने पर कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। इसके बाद हिंदुओं ने भी प्रदर्शन किया। इलाके की कुछ दुकानों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई। भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कन्नड़ न्यूज चैनलों के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जुलूस पर पत्थरों के अलावा तलवार, रॉड और जूस की बॉटल से भी हमला किया गया। इस घटना में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 52 लोग हिरासत में, धारा 163 लागू हिंदू समुदाय ने कार्रवाई की मांग करते हुए गणेश प्रतिमा को थाने के सामने रोक दिया था। पिछले साल भी बदरिकोप्पल के मैसूर रोड पर बनी इसी दरगाह के सामने हंगामा हुआ था। इलाके में 3 दिन के लिए BNS की धारा 163 (CrPC में यह धारा 144 थी) लागू कर दी गई है। घटना के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को बंद बुलाया है। घटना के बाद पुलिस दोनों पक्षों के 52 लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले गई। उनसे पूछताछ कर रही है। इधर कलेक्टर ने नागमंगला में आज स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी है। लखनऊ में गणेश पूजा पंडाल पर कुछ युवकों ने पथराव किया। आरती के वक्त 20-25 युवक पहुंचे। उन्होंने देखते-देखते ईंट और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। ईंट लगने से भगवान गणेश का कलश टूट गया। आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने चिनहट थाना घेर लिया। लोगों ने जमकर हंगामा किया। अफसरों ने मुश्किल से भीड़ को शांत कराया। गुजरात में सूरत के सैयदपुरा मोहल्ले में 8 सितंबर की रात गणेश पंडाल पर पथराव हुआ था। 6 युवकों ने पंडाल पर पथराव किया था। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आरोपियों के घरवाले सैकड़ों लोगों के साथ प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। इलाके में देर रात तक जमकर हिंसा हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस मामले में 33 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। आरोपियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की। सोमवार को कई आरोपियों के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवा दिया गया। मध्यप्रदेश के रतलाम में शनिवार 7 सितंबर की रात गणेश प्रतिमा के जुलूस में पथराव का आरोप लगाकर 500 से ज्यादा लोगों ने स्टेशन रोड थाने का घेराव किया और रोड पर जाम भी लगा दिया था। उनकी मांग पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की और जांच करने पहुंचे। पुलिस के पीछे-पीछे आई भीड़ ने हंगामा किया और पथराव शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े। रात करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुआ हंगामा-प्रदर्शन करीब 12 बजे खत्म हुआ। इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन कर रहे कर्फ्यू के बावजूद इंफाल के इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। भास्कर ने प्रदर्शन को लीड करने वालों में से एक छात्र नेता दीजेन तालेख मायुम से बात की। वे धनामांजुरी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ महासचिव हैं। उन्होंने कहा कि हम लंबी लड़ाई की तैयारी में हैं। हमने बांग्लादेश में छात्रों की ताकत देखी है। बीते 16 महीने में राज्य बर्बाद हो चुका है, इसलिए हम राज्यपाल से मांगें मनवाकर ही घर लौटेंगे। जब भास्कर ने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा- कुकी उग्रवादी ड्रोन हमले कर रहे, सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है। हमारे माता-पिता प्रदर्शन करते-करते थक चुके हैं। कभी कर्फ्यू तो कभी हिंसा के चलते बाजार बंद। स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन वहां पढ़ने कैसे जाएं? ऐसे में अब हम खुद को बचाने नहीं उतरेंगे तो कौन उतरेगा? कुकी बोले- हमने रॉकेट-ड्रोन हमले नहीं किए, मैतेई झूठ फैला रहे उधर, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के गृह सचिव मांग खोंगसाई ने भास्कर से कहा कि मणिपुर पुलिस आईजी और असम राइफल्स के डीजी बुधवार (11 सितंबर) को कुकी बहुल चूराचांदपुर आए थे। उन्होंने हमारे साथ बैठक की। इसमें डीजी ने मुद्दों को सुलझाने और 10 दिन के लिए सीजफायर करने की अपील की है। ड्रोन और रॉकेट हमलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 3 मई 2023 के बाद से दोनों जनजातियां सर्विलांस के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन, ड्रोन से बम गिराने और रॉकेट से मिसाइलें दागने के आरोप गलत हैं। खोंगसाई ने कहा कि हम अपने इलाकों की रक्षा के लिए पुंपि का इस्तेमाल करते हैं। पुंपि धातु से बनी एक पाइप होती है, जिसमें बारूद और लोहे के टुकड़े भरे होते हैं। इसे हम 1919 के एंग्लो-कुकी वॉर के समय से बना रहे हैं। मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन, दो दिन कॉलेज बंद मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है। इस महीने 1 सितंबर से मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट हमलों के बाद हिंसा और बढ़ गई है। हमलों के खिलाफ 8 सितंबर से लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। सरकार ने राज्य में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन कर दिया है। 12 सितंबर तक कॉलेज बंद हैं। इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट सहित तीन जिलों में कर्फ्यू लगा है। केंद्र ने मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है। छात्रों का हिंसक प्रदर्शन; 4 जरूरी पॉइंट्स मणिपुर के लोग राज्य के डीजीपी, सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाने, 16 महीने से छिड़े गृह युद्ध जैसे हालात खत्म करने और सुरक्षा बलों की यूनिफाइड कमांड को केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथ से लेकर मुख्यमंत्री को सौंपने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये सभी हमारी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। ड्रोन और रॉकेट अटैक के बाद से हम 24 घंटे डर के माहौल में जी रहे हैं। 8 सितंबर को मैतेई समुदाय के छात्रों ने इंफाल में किशमपट के टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए। ये गवर्नर और CM को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। सुरक्षाबलों ने छात्रों को अगले दिन यानी 9 सितंबर को ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी स्टूडेंट्स सड़क पर रात भर प्रदर्शन करते रहे। 9 सितंबर को सैकड़ों स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भागते दिखे। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर रोका। कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। इसमें 20 स्टूडेंट्स घायल हो गए। 10 सितंबर को छात्रों का प्रदर्शन और हिंसक हो गया। उन्होंने राज्य सरकार को अपनी छह मांगें सौंपी थीं। इन्हें पूरा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब सरकार से कोई जवाब नहीं मिला तो करीब 2500 छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। 1 सितंबर से तीन ड्रोन हमले, अब तक 8 की मौत मणिपुर में 1 सितंबर से 7 सितंबर तक, एक हफ्ते के बीच हिंसा की चार घटनाएं हुईं। इनमें 8 लोगों की मौत और 12 घायल हो गए। चार में से तीन हमले ड्रोन और रॉकेट से किए गए थे। चारों घटनाएं सिलसिलेवार पढ़ें... 1 सितंबर: 1 साल से जारी हिंसा में पहली बार ड्रोन अटैक, 2 मौतें मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है। हालांकि, इस साल सितंबर में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में 1 सितंबर को उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए।
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12 September 2024पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट में पटना हाईकोर्ट ने 4 आतंकियों की फांसी को उम्रकैद में बदला है। सिविल कोर्ट ने सभी को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने बाकी 2 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। ब्लास्ट में निचली अदालत ने 4 को फांसी और 2 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। स्पेशल पीपी (पब्लिक प्रोसिक्यूटर) NIA मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 'ये बहुत अच्छा फैसला है। कोर्ट ने आरोपियों की उम्र को देखते हुए फांसी की सजा उम्र कैद में बदला है। सभी आरोपियों की उम्र कम है। हम लोगों ने घटना की गंभीरता को लेकर दलील दी थीं। न्यायालय ने कहा कि उम्र कम है, इन लोगों को भी जीने का अधिकार है। इसलिए फांसी की सजा नहीं दी गई।' फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी दोषियों के वकील इमरान घानी ने बताया कि 'अपील पर सुनवाई करते हुए 4 दोषियों को आजीवन कारावास (30 साल) की सजा सुनाई है, जबकि 2 दोषियों के लिए निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखा है। यह फैसला जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने दिया है। नुमान अंसारी, मोहम्मद मजीबुल्ला, हैदर अली, इम्तियाज आलम को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। वहीं, उमैर सिद्दकी और अजरहुद्दीन कुरैशी के लिए निचली अदालत का जो आजीवन कारावास का फैसला है, उसे यथावत रखा है। बचाव पक्ष के वकील इमारन घानी ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।'
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11 September 2024कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स बुधवार को सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ईमेल भेजकर मिलने का समय मांगा। डॉक्टरों की शर्त है कि पूरी मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए। बंगाल के चीफ सेक्रेटरी ने डॉक्टरों को आज शाम 6 बजे मुलाकात का टाइम दिया है। इसमें लाइव स्ट्रीमिंग का जिक्र नहीं है। पहले डॉक्टरों ने अपने डेलिगेशन से 30 लोगों के शामिल होने की बात कही थी, लेकिन सरकार के नए मेल में 12-15 लोगों के मिलने की इजाजत दी गई है। CM ममता ने मंगलवार (10 सितंबर) को डॉक्टरों को मीटिंग के लिए सचिवालय बुलाया था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें मेल भेजा गया। ममता ने डॉक्टर्स का करीब 80 मिनट इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए। फिर ममता लौट गईं। डॉक्टर्स ने मीटिंग में आने से इनकार करते हुए कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक आंदोलन खत्म करने को कहा था कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का आज 32वां दिन हैं। वे कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल, राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी, हेल्थ एजुकेशन डायरेक्टर (DHE) और हेल्थ सर्विसेज डायरेक्टर (DHS) को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। आंदोलनकारी डॉक्टर्स मंगलवार (10 सितंबर) से स्वास्थ्य विभाग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। कल पीड़ित के पेरेंट्स भी प्रदर्शन में पहुंचे। पीड़ित की मां ने कहा कि मेरे हजारों बच्चे सड़कों पर हैं। इसलिए मैं घर पर नहीं रह सकती थी। मुख्यमंत्री ने त्योहार में शामिल होने के लिए कहा था, अब यही मेरा त्योहार है। बंगाल कैबिनेट का फैसला- 5 और POCSO कोर्ट खुलेंगे पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने राज्य में 5 और स्पेशल POCSO कोर्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद से ऐसे कोर्ट की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि 6 ई-पॉक्सो कोर्ट भी मामलों के जल्द निपटारे के लिए काम कर रहे हैं। उधर, एक सूत्र ने बताया कि बंगाल कैबिनेट में यह फैसला भी लिया गया है कि CM ममता के अलावा आरजी कर कॉलेज के मामले पर कोई भी मंत्री बयान नहीं देगा। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 51 डॉक्टरों से पूछताछ आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की इन्क्वायरी कमेटी ने मंगलवार को 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी करके बुधवार (11 सितंबर) को पूछताछ के लिए बुलाया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज में डर की संस्कृति को बढ़ावा दिया है और लोकतांत्रिक माहौल को खतरा पहुंचाया है। इन डॉक्टरों को अस्पताल प्रशासन के सामने अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। स्पेशल काउंसिल कमेटी ने फैसला लिया है कि इन 51 डॉक्टरों को कैंपस में तब तक नहीं आने दिया जाए, जब तक इन्क्वायरी कमेटी उनसे पूछताछ पूरी नहीं कर लेती। काम पर क्यों नहीं लौटे, डॉक्टर्स ने 5 वजह बताईं सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर की सुनवाई में डॉक्टरों को 10 सितंबर शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने को कहा था। कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था। जूनियर डॉक्टर्स ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे। इसलिए डेडलाइन खत्म होने के बाद भी उनका प्रदर्शन जारी रहा। संदीप घोष की पत्नी ने बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना खरीदी प्रॉपर्टी प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की पत्नी डॉ. संगीता ने पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना दो अचल संपत्तियां खरीदीं। ED ने 6 सितंबर को कोलकाता में घोष के 7 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान उसे डॉक्टर दंपती के लगभग आधा दर्जन घरों, फ्लैटों और एक फार्महाउस से जुड़े स्तावेज मिले हैं। दिलचस्प बात यह है कि डॉ. संगीता घोष को 2021 में डॉ. संदीप घोष ने ही ये प्रॉपर्टी खरीदने के लिए परमिशन दी थी। तब संदीप घोष आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में और डॉ. संगीता घोष वहां सहायक प्रोफेसर थीं। इधर, भ्रष्टाचार केस में अलीपुर कोर्ट ने संदीप घोष और उसके दो साथियों मेडिकल इक्विपमेंट्स सेलर बिप्लब सिंघा और फार्मेसी शॉप ओनर सुमन हजारा को 23 सितंबर तक ज्यूडीशियल कस्टडी में भेज दिया है।
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11 September 2024शराब नीति केस में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में CM अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ाई गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। इसी मामले में आरोपी और AAP विधायक दुर्गेश पाठक को अदालत ने जमानत 1 लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत दे दी है। CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर होने के बाद कोर्ट के समन पर वे अदालत में पेश हुए थे। दरअसल, CBI ने अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर, सरथ रेड्डी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की थी। 3 सितंबर को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को आज यानी 11 सितंबर तक अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। जवाब दाखिल होने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ाई और दुर्गेश पाठक को जमानत दे दी। CBI केस में गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई है। 5 सितंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया। वहीं, ED मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। चार्जशीट में केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल CBI ने 30 जुलाई को चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल को आरोपी बनाया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया गया कि केजरीवाल शराब नीति घोटाले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। CBI को राउज एवेन्यू कोर्ट से 23 अगस्त को केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी। CBI ने पांचवी और आखिरी चार्जशीट में कहा- केजरीवाल शुरू से आपराधिक साजिश में शामिल रहे इस केस में CBI ने 7 सितंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल की। CBI ने कहा कि जांच पूरी हो गई है और इसमें सामने आया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे। चार्जशीट के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और AAP के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था।
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11 September 2024देश में मंकीपॉक्स (MPox) का पहला मरीज मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (9 सितंबर) को इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय ने बताया कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था। सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 की पुष्टि हुई है। लेकिन ये स्ट्रेन WHO की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल स्ट्रेन क्लेड1 नहीं है। 2022 में क्लेड 2 के 30 केस मिले थे। आइसोलेशन में मौजूद व्यक्ति की हालत ठीक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आइसोलेशन में मौजूद व्यक्ति की हालत ठीक है। उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कराई गई है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री भी निकाली गई। WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। भारत ने 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था। यह दो साल में दूसरी बार है, जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के दस देश इसकी गंभीर चपेट में हैं। इसके बाद ये तेजी से पड़ोसी देशों में फैली। आशंका है कि यह दुनिया के दूसरे देशों में भी फैल सकती है। कोरोना की तरह यह विमान यात्रा और ट्रैवलिंग के दूसरे साधनों से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल रही है। WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। क्या है मंकीपॉक्स मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है। भारत में 2022 से मंकीपॉक्स के 30 केस मिले WHO के मुताबिक, 2022 के बाद से वैश्विक स्तर पर 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं। इस साल अब तक 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें दर्ज की गई हैं। 2022 के बाद से भारत में मंकीपॉक्स (Clade 2) के तीस मामले सामने आए हैं। आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था। भारत में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 32 लेबोरेटरी हैं। आज ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की। चंद्रा ने कहा- मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए। राज्यों को मंकीपॉक्स पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के मंकीपॉक्स पर जारी सीडी-अलर्ट (कम्यूनिकेवल डिजीज अलर्ट) पर एक्शन लेना चाहिए। इसके अलावा राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए। सीनियर अधिकारियों को जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेना चाहिए। यूपी में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 30 अगस्त को अलर्ट जारी किया था। शासन की तरफ से सभी 75 जिलों के डीएम और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को बाहर से आने वाले मरीजों की एंट्री पॉइंट्स पर स्क्रीनिंग कर उनको अलग करने के निर्देश दिए गए थे। अधिकारियों का निर्देश था कि कोई भी संदिग्ध मिलने पर उसे आइसोलेट कर रेफेरल हॉस्पिटल में रखा जाएगा। जांच के लिए KGMU, लखनऊ को नोडल सेंटर बनाया गया है।
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10 September 2024कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल मंगलवार को 31वें दिन भी जारी है। डॉक्टर्स करुणामयी (सॉल्ट लेक) से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाल रहे हैं। उनकी मांग है कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव को भी बर्खास्त किया जाए। इससे पहले कोलकाता के पुलिस कश्मिनर को सस्पेंड करने की मांग उठी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर की सुनवाई में डॉक्टरों को 10 सितंबर शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने को कहा है। कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों ने भी सरकार को शाम 5 बजे तक मांगें मानने का टाइम दिया है। जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल जारी रखने के तर्क... राज्य सरकार किसी भी तरीके से हमारा प्रदर्शन रोकना चाहती है। वे हमें बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण लोग मर रहे हैं। हम बता दें कि राज्य के हर मेडिकल कॉलेज में पेशेंट सर्विस चालू हैं। सीनियर डॉक्टर्स काम पर लगे हैं। राज्य में 245 सरकारी अस्पताल हैं, जिनमें से केवल 26 मेडिकल कॉलेज हैं। जूनियर डॉक्टरों की संख्या 7,500 से भी कम है। जबकि 93,000 रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं। ऐसे में सिर्फ कुछ जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मेडिकल सर्विस कैसे ध्वस्त हो सकती है। सरकार झूठ फैला रही है और सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है। ममता सरकार ने 27 अगस्त को एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा का दोष हम पर मढ़ दिया है। हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि हमने 26 अगस्त को कहा था कि हमारा उस कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी हिंसक घटना का समर्थन नहीं करते हैं और भविष्य में भी नहीं करेंगे। घटना के 30 दिन बाद भी राज्य सरकार ने आंदोलन की मुख्य मांगों को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। वे सारा दोष CBI जांच पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की लापरवाही या स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संदीप घोष को सस्पेंड करने का फैसला महज लीपापोती जैसा लगता है। आंदोलन के पहले दिन से ही हमने सुरक्षा से जुड़ी मांगें उठाई हैं। हमने ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों के लिए अलग से रेस्ट रूम और बाथरूम, पर्याप्त सुरक्षा कर्मी, सीसीटीवी और महिलाओं के लिए महिला सुरक्षा कर्मी की मांग की है। सिर्फ पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने और डॉक्टरों के कमरे अलग करने से सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी। मुख्यमंत्री के प्रेस बयान से हमें पता चला कि पुलिस कमिश्नर ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उन्होंने खुद जांच में लापरवाही की बात स्वीकार की है तो उनका इस्तीफा क्यों स्वीकार नहीं किया गया? क्या पुलिस का काम सिर्फ त्योहारों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना है? महिलाओं की सुरक्षा क्या ऐसी पुलिस फोर्स कर पाएगी। 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद जारी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सुनवाई हुई थी। कोर्ट में राज्य सरकार की दलील और कोर्ट का आदेश... राज्य सरकार की दलील: डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से 23 लोगों की जान चली गई। 6 लाख लोगों को इलाज नहीं मिला। रेजिडेंट डॉक्टर OPD में नहीं आ रहे। 1500 से अधिक रोगियों की एंजियोग्राफी नहीं की गई। डॉक्टरों को काम पर वापस जाने के लिए कहा जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश: हम निर्देश देते हैं कि जूनियर डॉक्टर 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर वापस नहीं आते हैं तो हम राज्य सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते। यदि वे काम पर वापस आते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि हम मामले से अवगत हैं। ममता सरकार ने 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया ममता सरकार ने 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उन्हें 11 सितंबर को जांच कमेटी के सामने उपस्थित होने को कहा है। इन डॉक्टरों पर अव्यवस्था फैलाने और संस्थान में डर का माहौल पैदा करने का आरोप है। इन डॉक्टरों पर मेडिकल कॉलेज के अंदर घुसने पर भी बैन लगा है।
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10 September 2024मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सोमवार को तीन जिलों इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और थाैबल में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही राज्य में 15 सितंबर की शाम 3 बजे तक के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है। राज्य में ड्रोन हमलों के बाद मैतेई समुदाय के लोगों ने 8 और 9 सितंबर को राजभवन और मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया था। 9 सितंबर को प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे थे। इसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। देर रात को महिलाओं ने मशाल जुलूस निकाला था। इसके बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। छात्रों का नेतृत्व कर रहे एम. सनाथोई चानू ने बताया- हमने DGP, राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग की है। साथ ही CRPF के पूर्व DG कुलदीप सिंह के नेतृत्व में बनी यूनिफाइड कमांड राज्य सरकार को सौंपने की मांग की है। महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें मणिपुर राजभवन पर पथराव हुआ था, सुरक्षाकर्मी जान बचाकर भागे थे इंफाल में 9 सितंबर को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी। मैतेई समुदाय के ये छात्र मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं को लेकर 8 सितंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को किशमपट के टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च के बाद प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए। ये गवर्नर और CM को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। सोमवार को सुरक्षाबलों ने ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी स्टूडेंट्स सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। स्टूडेंट्स का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे यहां डटे रहेंगे। इस दौरान उनकी सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई। स्टूडेंट्स 1 और 3 सितंबर को मैतेई इलाकों में हुए ड्रोन हमलों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की। साथ ही राज्य के 60 में से 50 मैतेई विधायकों से अपना रुख स्पष्ट करने या इस्तीफा देने को कहा। इन स्टूडेंट्स ने यह भी डिमांड की है कि राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जाए। यानी, सेंट्रल और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास हो। ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। 11 दिन में 8 की मौत मणिपुर में जारी हिंसा और अराजकता थम नहीं रही है। बीते 11 दिन में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। कुकी बहुल कांग्पोक्पी के थांगबू गांव में रविवार शाम संदिग्ध मैतेई हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी की थी, जिसमें नेंगजाखल लहुगडिम (50) की मौत हो गई। विष्णुपुर के सुगनू गांव पर भी हमला हुआ। दरअसल, विष्णुपुर मैतेई बहुल इंफाल और कुकी बहुल चूराचांदपुर के बीच बफर जोन है। यहां ज्यादातर मैतेई रहते हैं, लेकिन सुगनू गांव में कुकी हैं, जो चूराचांदपुर से सटा है। मैतेई बहुल कोत्रुक, मोइरांग में सन्नाटा; 20 गांव निशाने पर थे इंफाल से 20 किमी दूर कोत्रुक गांव में कुछ परिवारों को छोड़ दें तो 500 लोग घर छोड़ चुके हैं। जो बचे हैं, वो कई रात से सोए नहीं, क्योंकि हर वक्त ड्रोन हमले का खतरा है। यहीं 1 सितंबर को ड्रोन बम हमले हुए थे। विष्णुपुर जिले के मैतेई हिस्से में आने वाले मोइरांग में रॉकेट हमला हुआ था। यह 80% गांव खाली है। कोत्रुक के रहने वाले एन. मैक्रॉन सिंह ने बताया, ज्यादातर लोग रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। उन्होंने दावा किया कि 1 सितंबर को उग्रवादी 20 गांवों पर बम गिराने वाले थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने फायरिंग करके रोक दिया। सेना मोइरांग से कांग्पोक्पी तक सर्च ऑपरेशन चल रही है। इसमें कई जगह हथियार जब्त किए गए हैं। इसमें RPG और हाई एंड असॉल्ट राइफल शामिल हैं। रिटायर्ड जवान की हत्या मणिपुर के इंफाल वेस्ट में सोमवार सुबह असम राइफल्स के रिटायर्ड जवान लालबोई माते का शव मिला है। माते कुकी बहुल कांग्पोक्पी के मोटबुंग के रहने वाले थे। बताया गया है कि माते बफर जोन को पार कर मैतेई क्षेत्र में घुस आए थे। बीते 7 दिनों में हिंसा बढ़ी, 8 लोगों की मौत हुई मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। बीते 7 दिनों से हिंसा बढ़ गई है। इसमें 8 लोगों की मौत हुई है। 15 से ज्यादा घायल हैं। हाल ही में मणिपुर में ड्रोन से भी हमले हुए हैं। इनमें 2 लोगों की मौत हुई है। 1 सितंबर- पहली बार ड्रोन से हमला : एक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। 3 सितंबर- दूसरा ड्रोन अटैक: इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। 6 सितंबर- पूर्व CM के घर रॉकेट से हमला: मणिपुर बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। 7 सितंबर- जिरिबाम में दो हमले, 5 की मौत: पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया। मणिपुर के आईजी (इंटेलिजेंस) के. कबीब ने शनिवार (7 सितंबर) को बताया कि एक मजबूत एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के नए हथियार खरीदे जा रहे हैं। सीनियर पुलिस अफसर ग्राउंड पर उतारे गए हैं। आर्मी के हेलिकॉप्टर के जरिए हवाई पेट्रोलिंग जारी है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कर्मियों तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की शक्तियां बढ़ाने की मांग की सीएम बीरेन सिंह ने गवर्नर लक्ष्मण आचार्य को 8 सूत्रीय मांगों की एक लिस्ट सौंपी है। इसमें संविधान के अनुसार राज्य सरकार को पावर और जिम्मेदारियां देने की बात कही गई है। साथ ही CM ने कुकी उग्रवादियों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते को रद्द करने की मांग की है, ताकि सिक्योरिटी फोर्सेज पूरी ताकत से कुकी उग्रवादियों पर कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की प्रक्रिया शुरू करने और सभी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की भी बात कही गई है। 4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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10 September 2024कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने तीन मुद्दों - CBI जांच रिपोर्ट, डॉक्टरों की हड़ताल और CISF जवानों की सुविधाओं पर सुनवाई की। CBI की स्टेटस रिपोर्ट में कई बातें सामने आईं। कोर्ट ने कहा कि, FIR में 14 घंटे की देरी हुई है। वहीं कुछ जरूरी दस्तावेज भी गायब हैं। ऐसे में मामला गड़बड़ लगता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मिसिंग डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। वहीं हड़ताल को लेकर कोर्ट ने डॉक्टरों से तुरंत काम पर लौटने को कहा है। CJI ने कहा, 'अगर मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करने से नहीं रोका जा सकता। डॉक्टरों का पेशा ही मरीजों की सेवा करना है।' उधर CISF जवानों की सुविधाओं पर कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को आदेश दिया कि सभी जवानों को रहने के लिए घर मुहैया कराया जाए। ये जवान अस्पताल की सुरक्षा के लिए आए हैं। उनको अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण भी दिए जाएं। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। 2 मुद्दों पर कोर्ट रूम LIVE... पहला मुद्दा- ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर पर CBI जांच की स्टेटस रिपोर्ट CJI: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के घर के बीच कितनी दूरी है?SG: 15 से 20 मिनट CJI: अननैचुरल डेथ का केस कितने बजे रजिस्टर्ड हुआ। SG: कृपया चार्ट देखें। आखिर वह हम सभी की बेटी है। सिब्बल: डेथ सर्टिफिकेट दोपहर 1:47 बजे दिया गया। पुलिस स्टेशन में अननैचुरल डेथ की एंट्री दोपहर 2:55 बजे की गई। CJI: क्या अननैचुरल डेथ नंबर 861 है? सिब्बल: हां CJI: घटनास्थल की जांच और सबूत कब जुटाए गए? सिब्बल: रात 8:30 बजे से 10:45 बजे तक। यह शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने के बाद की बात है। SG: लेकिन यह किसके द्वारा की गई? यह भी ध्यान रखने वाली बात है। CJI: देखिए सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चलता है कि आरोपी किस समय सेमिनार रूम में गया और कब बाहर आया। उसके बाद 4:30 बजे के बाद की फुटेज होगी। क्या वह फुटेज CBI को दी गई। SG: हां, हमें सारी रिकॉर्डिंग मिली है। हमें सीन रिक्रिएट करना था। CJI: क्या कोलकाता पुलिस ने सुबह 8:30 बजे से रात 10:45 बजे तक की पूरी फुटेज सौंप दी है? CJI: हां, 5:42 बजे; 5:65 बजे; 5:76 बजे और 6:81 बजे की एंट्री संदेह में डालती है। CBI यह जानती है और वह जांच कर रही है। CJI: जब जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है, तो एक चालान भेजा जाता है, इसके बिना पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर शव को लेते नहीं हैं। CJI: चालान कहां हैं? हम इसे देखना चाहते हैं। सिब्बल: कृपया हमें समय दें। हम इसे अदालत में पेश करेंगे। जहां तक मुझे पता है चालान को CJM ने खुद भरकर भेजा था। CJI: इसका मतलब है, क्या बिना चालान भेजे पोस्टमॉर्टम कर दिया गया? SG: ऐसा नहीं हो सकता। यह एक कानूनी प्रक्रिया है। जस्टिस पारदीवाला: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीसरे कॉलम में फॉर्म ले जाने वाले कॉन्स्टेबल का नाम है। चालान का कहीं जिक्र नहीं है। अगर यह दस्तावेज गायब है तो कुछ गड़बड़ है। एक अन्य वकील: मेरे पास उन बदमाशों के नाम हैं जो अस्पातल में घुस आए थे, जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की। सिब्बल: सीबीआई ने खुद नहीं कहा है कि सील टूटी है। गीता लूथरा: यह पूरी तरह से गड़बड़ है। लूथरा: एक तो लोगों को बिना पहचान पत्र देखे अस्पताल के अंदर जाने दिया जा रहा है। लूथरा: एक और रिक्वेस्ट है कि सोशल मीडिया पर ट्रेनी डॉक्टर की तस्वीरें वायरल की जा रही हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए CJI: हम सभी तस्वीरों को हटाने का आदेश देते हैं। CJI: हम उम्मीद करते हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार टास्क फोर्स की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना डॉक्टरों के काम करने के लिए सुरक्षित जगह बनाने के बारे में सोचे। सिब्बल: कृपया स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट देखें। कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। CCTV से निगरानी भी हो रही है। CJI: ठीक है, जैसा कि बताया जा रहा है कि 3,700 CCTV पहले से ही काम कर रहे थे। फिर यह अपराध क्यों हुआ? सरकार हमें यह बताए कि मामला कोर्ट में आने के बाद आरजी कर अस्पताल में राज्य सरकार ने सुरक्षा को लेकर क्या-क्या किया है? सिब्बल: डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से 23 लोगों की जान चली गई। 6 लाख लोगों को इलाज नहीं मिला। रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं आ रहे। 1500 से अधिक रोगियों की एंजियोग्राफी नहीं की गई। डॉक्टरों को काम पर वापस जाने के लिए कहा गया। अब यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि वे काम पर नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। CJI: डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से कौन पेश हो रहा है? सीनियर एडवोकेट नंदी: हम यहां आए हैं। डॉक्टरों के दो समूह हैं। एडवोकेट लूथरा भी डॉक्टर की तरफ से हैं। CJI: क्या सभी डॉक्टर ड्यूटी पर हैं? एडवोकेट लूथरा: पश्चिम बंगाल के मेडिकल डॉक्टर और जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं। 1700 अस्पताल हैं, 1500 में डॉक्टर ड्यूटी पर हैं लेकिन कलकत्ता में जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं। उन्हें अभी भी धमकियां मिल रही हैं। CJI: हम निर्देश देंगे कि यदि डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं तो हम राज्य सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते। यदि वे काम पर वापस आते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि हम मामले से अवगत हैं। एडवोकेट लूथरा: लेकिन डॉक्टरों को धमकियां मिल रही हैं। इनमें से कई डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया और इसलिए उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। CJI: बेहतर होगा कि आप उन अस्पतालों में वापस चले जाएं जहां आपको काम करना चाहिए। CJI: अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे या उससे पहले ड्यूटी पर रिपोर्ट करते हैं तो उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि अगर डॉक्टर लगातार काम से दूर रहते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट में पिछली 2 सुनवाई... 22 अगस्त: सुनवाई में कोर्ट ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में CBI ने कोर्ट में कहा था कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। मैंने जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को CISF के 92 जवान आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं।
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9 September 2024दिल्ली सरकार ने इस साल भी त्योहारों पर आतिशबाजी के उपयोग पर बैन लगाया है। पटाखों के स्टोर करने, प्रोडक्शन, बिक्री पर पूरी तरह से बैन रहेगा। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी बैन लगाया गया है। ये बैन 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा
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9 September 2024बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सोमवार को भारत और अमेरिका की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हुआ। इसमें पहली बार अमेरिका के हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आर्टिलरी की मारक क्षमता 310 किलोमीटर है। यूक्रेन वॉर के दौरान इसी सिस्टम से रूसी गोला-बारूद ढेर किए गए थे। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। इसमें भारत-अमेरिका के कुल 1200 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। आज सुबह करीब 10:30 बजे परेड समारोह के साथ युद्धाभ्यास का आगाज हुआ। दोनों देशों के झंडों को फहराया गया। दुश्मन के ड्रोन हमलों से बचाव का भी होगा अभ्यास युद्धाभ्यास में भारत की साउथ वेस्टर्न कमांड के 600 और अमेरिका के 600 जवान हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों के जवान मिलकर 15 दिन तक दुश्मन को घेरकर मारने सहित कई रणनीतियों का अभ्यास करेंगे। इस दौरान एयरबोर्न और हेलीबोर्न ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। गांव में छिपे आतंकियों को खोजकर मारने के अलावा ड्रोन हमलों से बचाव का भी अभ्यास किया जाएगा। एक-दूसरे के हथियार चलाना सीखेंगे इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं की आंतरिक क्षमता को बढ़ाना और जरूरत पड़ने पर एक साथ काम करने की संभावनाओं को मजबूत करना है। संयुक्त अभियान में कई सैन्य रणनीति और जॉइंट एक्सरसाइज शामिल हैं, जिसका उद्देश्य एक-दूसरे देश की विशेषताओं और क्षमताओं का आदान-प्रदान है। यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों काे देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका का रॉकेट सिस्टम मुख्य आकर्षण युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण अमेरिकी सेना का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है। इस सिस्टम का उपयोग यूक्रेन में रूस के खिलाफ हो चुका है। इसे सी-130 विमान पर ले जाना आसान है। मात्र 20 सेकेंड में रॉकेट तैयार किए जा सकते हैं। 45 सेकेंड के भीतर सभी रॉकेट दागे जा सकते हैं। ये छह मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम के साथ एक ही पॉड में समाहित हैं। इसकी मारक क्षमता करीब 310 किलोमीटर तक है। आर्मी टैक्टिकल मिसाइल (ATACMC) के रूप में जाना जाता है। यूक्रेन में 2022 में युद्ध के दौरान इस सिस्टम को रूसी लक्ष्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।कई रूसी कमांड पोस्ट, गोला-बारूद भंडारण, सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों के जमावड़े तथा पुलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था, जिनमें से कई अग्रिम पंक्तियों से बहुत दूर थे। यह सिस्टम लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम है। अभ्यास के दौरान भारत अपनी नई पीढ़ी की हथियार प्रणाली का प्रदर्शन भी करेगा। संयुक्त सैन्य अभियानों में अत्याधुनिक तकनीक को एकीकृत करने पर जोर दिया गया है। दोनों देशों की सेना का एक साथ 20वीं बार युद्धाभ्यास ऐसा 20वीं बार हो रहा है, जब दोनों देशों की सेना एक साथ मिलकर हथियारों को चलाने का अभ्यास कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेश के बाद दोनों देशों ने साथ में अभ्यास शुरू किया था। एक बार भारत और एक बार अमेरिका में होने वाले इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के जवान हिस्सा लेते हैं। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इससे पहले युद्धाभ्यास का 16वां संस्करण फरवरी 2021 में हुआ था। भारत जहां इस युद्धाभ्यास में स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन करेगा, वहीं अमेरिका अपने सर्वश्रेष्ठ हथियारों की शृंखला से रूबरू करवााएगा। सुबह से रात तक चलेगा युद्धाभ्यास दोनों देशों के जवान अब रोज सुबह उठने से लेकर रात को सोने से पहले तक युद्धाभ्यास में ही रहेंगे। सुबह जवान वॉक और रन करेंगे। इसके अलावा सुबह फायरिंग और आर्टिलरी ट्रेनिंग होगी। भारत की 9 राजपूत इंफेंट्री सेना है। अमेरिका की सेना एयर बोर्न 1-24 आर्कटिक डिवीजन है, जिनके हथियार माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में युद्ध कौशल दिखाने में सक्षम हैं।
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9 September 2024भारतीय वायु सेना का सबसे बड़ा अभ्यास 'तरंग-शक्ति' (फेज 2) जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर चल रहा है। शनिवार को ओपन-डे शो हुआ। आसमान में भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई-30, तेजस और हेलिकॉप्टर प्रचंड ने करतब दिखाए। सूर्यकिरण के 9 हॉक्स विमान ने आसमान में तिरंगा बनाया और दर्शकों को रोमांचित किया। इससे पहले आज सुबह 6 बजे एयरफोर्स स्टेशन पर भारत सहित 24 देशों के 400 जवानों ने सामूहिक योग किया। एयरफोर्स स्टेशन पर हरक्यूलिस सी-130 विमान के सामने यूएई, सिंगापुर, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और श्रीलंका के जवानों ने प्राणायाम व आसन किए। हेलिकॉप्टर प्रचंड ने दिखाई ताकत, सूर्यकिरण ने बनाई फॉर्मेशन सुबह 11 बजे ओपन-डे शो की शुरुआत में अग्निवीर वायु की महिला जवानों ने प्रस्तुति दी। इसके बाद फाइटर जेट ने करतब दिखाना शुरू किया। सबसे पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस आसमान में उड़ा। तेजस ने करीब 10 मिनट तक आसमान में करतब दिखाए। तेजस के बाद सूर्यकिरण के हॉक्स विमान उड़े। ये दर्शकों के एकदम ऊपर से निकले तो सभी रोमांचित हो गए। सूर्यकिरण के 9 हॉक्स विमान ने लो लेवल फ्लाइंग की। धुएं से 'तिरंगा' बनाया। इन विमान में बैठे विंग कमांडर हवा में एक-दूसरे को क्रॉस करते हुए अपने-अपने विमान को लेकर गए। हॉक्स विमान 360 डिग्री राउंड लेते हुए हवा में उड़े। सूर्यकिरण के 9 हॉक्स विमान ने यूथ को डेडिकेट करते हुए 'Y' फॉर्मेशन बनाई। डीएनए और राइट एंड लेफ्ट फॉर्मेशन भी बनाई। इसके बाद सुखोई-30 एमकेआई ने उड़ान भरी। सुखोई-30 ने करीब 150 मीटर की ऊंचाई पर लूप और 180 डिग्री में उड़ते हुए वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन बनाया। हेलिकॉप्टर प्रचंड ने भी आकाश में कलाबाजियां दिखाईं। इंडियन एयरफोर्स की एयर वॉरियर ड्रिल टीम के 28 मेंबर ने हाथ में राइफल लेकर म्यूजिक पर परफॉर्मेंस दी। इस दौरान उन्होंने राइफल से करतब दिखाते हुए डिफरेंट फॉर्मेशन बनाई। एयर वॉरियर ड्रिल टीम (AWDT) सुब्रतो इंडियन एयरफोर्स की इवेंट टीम है। तरंग-शक्ति 2024 का दूसरा फेज तरंग-शक्ति 2024 का ये दूसरा फेज है। इससे पहले 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलार में इसका पहला फेज पूरा हुआ था। इसमें 30 देशों के वायुसेना के जवान शामिल हुए थे। जोधपुर में हो रही इस एक्सरसाइज के दूसरे चरण में भारत, अमेरिका, ग्रीस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, श्रीलंका की वायुसेना के जवान एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड एक्सरसाइज कर रहे हैं। अमेरिकी एयरफोर्स चीफ उड़ाएंगे तेजस 12 सितंबर को 12 देशों के एयर चीफ जोधपुर आएंगे। पहली बार जोधपुर के आसमान में दुनिया की सबसे शक्तिशाली अमेरिकी एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड डब्ल्यू एल्विन तेजस उड़ाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल स्टीफन चैपल, जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के चीफ जनरल हिरोआकी उच्कुरा, यूएई डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इस्सा अल मजरूई और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी एक-दूसरे देश के लड़ाकू विमान उड़ाएंगे।
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7 September 2024कोलकाता रेप-मर्डर केस में CBI की जांच लगभग पूरी हो गई है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी को ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप के सबूत नहीं मिले हैं। 10 पॉलीग्राफ टेस्ट, 100 लोगों से पूछताछ और अबतक की जांच में CBI का मानना है कि वारदात को आरोपी संजय रॉय ने अकेले अंजाम दिया है। ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी और क्राइम सीन से मिले सैंपल से आरोपी संजय का DNA भी मैच हो गया है। CBI ने DNA रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों को AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों को भेजा है। डॉक्टरों के फाइनल ओपिनियन के बाद एजेंसी जांच खत्म कर संजय के खिलाफ चार्जशीट फाइल करेगी। दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। अस्पताल के सेमिनार हॉल में उनकी अर्धनग्न बॉडी मिली थी। उनकी आंखें, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। गर्दन की हड्डी भी टूटी थी। CBI को आशंका थी कि गिरफ्तार किए गए सिविक वॉलेंटियर संजय के अलावा वारदात में और भी लोग शामिल हैं, लेकिन अब तक इसके सबूत नहीं मिले हैं। 3 घंटे तक चले पॉलीग्राफ टेस्ट में संजय ने जुर्म कबूला, 3 बातें कहीं... 1. CBI और सेंट्रल फोरेंसिक टीम के मेंबर्स ने 25 अगस्त को 3 घंटे संजय का पॉलिग्राफ टेस्ट किया। संजय ने कबूला कि उसी ने ट्रेनी डॉक्टर का रेप करने के बाद हत्या की थी। 2. संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान CBI को बताया कि उसने 8 अगस्त को अपने एक दोस्त के साथ शराब पी थी। इसके बाद वह रेड लाइट एरिया गया। रास्ते में उसने एक लड़की को मॉलेस्ट किया। इसके बाद संजय ने देर रात अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात की न्यूड तस्वीरें मांगीं। 3. संजय ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे संजय हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल पहुंचा, जहां ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद वह सुबह अपने दोस्त के घर गया। उसका दोस्त कोलकाता पुलिस में ऑफिसर था। संजय के साइकोलॉजिकल टेस्ट की रिपोर्ट- पोर्न देखने का आदी था पॉलीग्राफ टेस्ट से पहले संजय रॉय की साइकोएनालिटिकल प्रोफाइल से कुछ बातें सामने आई। CBI के अधिकारी ने बताया कि वह विकृत मानसिकता का व्यक्ति और पोर्नोग्राफी का आदी था। उसके फोन में कई अश्लील वीडियो भी मिले हैं। CFSL की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस में वॉलेंटियर संजय की प्रवृत्ति जानवरों जैसी है। पूछताछ के दौरान भी उसे कोई पछतावा नहीं था। उसने बिना किसी हिचकिचाहट के पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया। ब्लूटूथ इयरफोन से पकड़ाया था संजय 9 अगस्त को सुबह क्राइम सीन पर कोलकाता पुलिस को एक ब्लूटूथ ईयरफोन मिला था। CCTV फुटेज में आरोपी संजय सुबह 4 बजे सेमिनार हॉल में अंदर जाते दिखाई दिया। इस दौरान उसने कानों में ईयरफोन लगाया हुआ था। कुछ देर बाद जब वह हॉल से बाहर आया तो उसके पास ईयरफोन नहीं था। इसके बाद संजय समेत कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस ने क्राइम सीन पर मिले ईयरफोन को सभी संदिग्धों के फोन से कनेक्ट करने की कोशिश की। ईयरफोन संजय के फोन से कनेक्ट हो गया। पूछताछ के दौरान संजय ने रेप और मर्डर की बात कबूली। स्टूडेंट्स का आरोप- संजय पैसे लेकर मरीजों को बेड दिलाता था आरजी कर अस्पताल में PGT की स्टूडेंट गौरी सरकार ने दैनिक भास्कर से कहा- कई डॉक्टरों ने हमें बताया कि संजय अस्पताल में दलाली करता था। वो मरीजों को बेड दिलाने के नाम पर अस्पताल लाता और बदले पैसे लेता था। घटना की रात ट्रॉमा सेंटर में मौजूद डॉ. सौरभ भी संजय के बारे में यही बताते हैं। वे कहते हैं, 'सिविल वॉलंटियर ही मरीजों को अस्पताल लेकर आते हैं। रात में इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में भीड़ होती है। ये सिविल वॉलंटियर दिखने में पुलिस जैसे होते हैं, इसलिए इन्हें कोई नहीं रोकता।’ ‘संजय की बड़े अधिकारियों से पहचान थी। वो उन्हें कॉल कर देता था और वो बेड दिलवा देते थे। इमरजेंसी और ट्रॉमा में सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, न्यूरोसर्जरी में डॉक्टर उसकी पहचान वाले थे। वो वहां अक्सर आता-जाता था।' पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने बंगाल विधानसभा से पास हुआ अपराजिता बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया है। इसकी जानकारी उन्होंने शुक्रवार (6 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी। गवर्नर ने कहा- बिल में कई खामियां थीं। पहले तो बिल के साथ भेजी जाने वाली टेक्निकल रिपोर्ट नहीं दी गई थी।
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7 September 2024दिल्ली शराब नीति घोटाले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल कर दी है। CBI ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे। चार्जशीट के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और AAP के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। फिर CBI ने भ्रष्टाचार मामले में उन्हें तिहाड़ जेल से ही 26 जून को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन भ्रष्टाचार मामले में वे जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को CBI केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसले सुरक्षित रख लिया है। वहीं, उनके करीबी विजय नायर को 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। नायर लगभग दो साल बाद जेल से बाहर आए हैं। CBI ने उन्हें नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।नायर से पहले मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त और BRS नेता के कविता को 27 अगस्त को जमानत मिली थी। CBI का दावा- विजय नायर ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ वसूले नायर दिल्ली एक्साइज बिजनेस के स्टेकहोल्डर्स के संपर्क में थे। वे शराब नीति में उन्हें फायदा देने के बदले पैसों की मांग करते थे। नायर वो जरिया थे, जिन्होंने केजरीवाल के लिए BRS नेता के. कविता की अध्यक्षता वाले साउथ ग्रुप के लोगों से डील की। नायर ने ही शराब नीति में फायदा देने के बदले में साउथ ग्रुप के लोगों से 100 करोड़ रुपए वसूले थे। दो अन्य आरोपियों- विनोद चौहान और आशीष माथुर के माध्यम से इन पैसों को गोवा भेजा गया। एजेंसी बोली- CM के कहने पर गोवा विधानसभा चुनाव में पैसा खर्च हुआ CBI का आरोप है कि केजरीवाल ने ही साउथ ग्रुप से वसूले 100 करोड़ रुपए गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च करने का निर्देश दिया था। इसलिए वे चुनाव के दौरान गलत तरीके से कमाए पैसों का इस्तेमाल करने के भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि इसका फायदा आम आदमी पार्टी को ही मिला है। एजेंसी के मुताबिक, साउथ ग्रुप ने अपने हिसाब से शराब नीति बनवाने के लिए AAP को करीब 90 से 100 करोड़ रुपए दिए थे। इसमें से 44.5 करोड़ कैश चुनाव-संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए गोवा भेजे गए थे। दो पूर्व विधायकों ने चुनाव में पार्टी से पैसे मिलने का दावा किया CBI के अनुसार, AAP के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले गोवा के दो पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक पार्टी वालंटियर ने चुनाव खर्चों के लिए कैश दिए थे। एजेंसी ने अवैध रुपए लेने और उसके इस्तेमाल के लिए AAP के गोवा प्रभारी दुर्गेश पाठक को भी जिम्मेदार ठहराया है। एजेंसी का दावा है कि शराब नीति के तीन स्टेकहोल्डर्स- शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं का एक गुट तैयार हुआ था। सभी ने अपने-अपने फायदे के लिए नियमों का उल्लंघन किया। पब्लिक सर्वेंट्स और साजिश में शामिल अन्य आरोपियों को आर्थिक लाभ मिला, लेकिन सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
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7 September 2024कोलकाता में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद से ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच मीडिया एजेंसी PTI ने खुद की खबरों के हवाले से देशभर में रेप केसेस की एक रिपोर्ट जारी की। यह आंकड़ा 1 जुलाई से 31 अगस्त के बीच का है। 18 साल से छोटी बच्चियों के साथ सबसे अधिक रेप केस इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 2 महीने में देश में 149 रेप केस दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 93 केस 13 से 18 साल की बच्चियों के साथ हुए हैं। यौन हिंसा की शिकार हुई सबसे छोटी बच्ची की उम्र सिर्फ 18 महीने है। वहीं रेप केस के ज्यादातर मामलों में आरोपी कोई पहचान वाला या फिर रिश्तेदार था। रिपोर्ट के अनुसार देशभर में सबसे अधिक रेप के मामले महाराष्ट्र के ठाणे, यूपी के बलिया और राजधानी दिल्ली से आए। पश्चिम बंगाल विधानसभा में 3 सितंबर को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। भाजपा ने भी बिल का समर्थन किया है। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। दोनों जगह पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा।
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6 September 2024कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष के 6 ठिकानों पर शुक्रवार को ED ने छापा मारा। अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर यह कार्रवाई की। इससे पहले CBI इसी मामले में भ्रष्टाचार के आरोप पर घोष को गिरफ्तार कर चुकी है। ED ने सुबह घोष के बेलियाघाटा स्थित घर और उनके करीबियों के हावड़ा और सुभाषग्राम स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी की। 7 घंटे की कार्रवाई के बाद ED ने संदीप घोष के करीबी प्रसून चटर्जी को सुभाषग्राम के डे पारा इलाके में उनके आवास से हिरासत में लिया। चटर्जी को आरजी कर के सेमिनार हॉल से वायरल हुए वीडियो में भी देखा गया था। घोष को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका मिला। घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी का मामला CBI को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को CBI को आरजी कर रेप-हत्या केस और अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी की जांच सौंपी थी। CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग घोष को सस्पेंड कर चुका है। 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी। CBI की जांच में खुलासा- संदीप घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया इस बीच 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। सूत्रों के मुताबिक CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। रेप-मर्डर केस और वित्तीय गड़बड़ी के बीच कड़ी बन सकता है यह लेटर जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है। स्टूडेंट्स के विरोध के बाद रोक दिया गया था रेनोवेशन का काम 13 अगस्त की शाम को जब कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने CBI को यह केस हैंडओवर किया था, उसके कुछ ही घंटों बाद PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया। विरोध प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल की मेडिकल फ्रेटरनिटी के सदस्यों का कहना है कि आरजी कर कॉलेज अकेला कॉलेज नहीं था, जहां रेप और मर्डर किए जा रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टर को इसलिए मारा गया क्योंकि उसे कॉलेज की वित्तीय गड़बड़ियों के बारे में पता चल गया था।
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6 September 2024सुप्रीम कोर्ट ने IFS अफसर राहुल को उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व का डायरेक्टर बनाने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीके मिश्र, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बुधवार को कहा- जिस अफसर को पेड़ों की अवैध कटाई के केस में जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व से हटाया गया, उसे रिजर्व का डायरेक्टर क्यों बना दिया? कोर्ट ने कहा, हम सामंती युग में नहीं हैं कि जैसा राजा जी बोलें वैसा ही होगा। वन संबंधी मामलों की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी समिति ने बताया- उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने राहुल को डायरेक्टर बनाया है, जबकि विभागीय मंत्री व मुख्य सचिव इस पक्ष में नहीं थे। हालांकि, राज्य सरकार ने बताया कि नियुक्ति आदेश 3 सितंबर को वापस ले लिया गया है। जिम कार्बेट में गड़बड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और CBI जांच जारी है। उत्तराखंड सरकार के वकील ने अगली सुनवाई पर स्पष्टीकरण देने की बात कही। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। जस्टिस गवई ने पूछा- वे मुख्यमंत्री हैं तो क्या कुछ भी कर सकते हैं? मंत्री, मुख्य सचिव से मतभेद हों तो लिखित कारण के साथ विवेक का इस्तेमाल करना था। उत्तराखंड सरकार के वकील एएनएस नाडकर्णी: CM के पास किसी की भी नियुक्ति करने का विशेषाधिकार होता है। जस्टिस गवई: आपने सार्वजनिक विश्वास के सिद्धांत को कूड़ेदान में फेंक दिया। भ्रष्टाचार के आरोपी के निलंबन की जगह ट्रांसफर सही नहीं। वे मुख्यमंत्री हैं तो क्या कुछ भी कर सकते हैं? नाडकर्णी: राहुल अच्छे अफसर हैं। CBI को जांच में कुछ नहीं मिला है। IFS अफसर को केवल इसलिए पीछे नहीं कर सकते कि उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। परमेश्वर (न्यायमित्र): सरकार अफसर को संत बनाने पर तुली है। सिविल सेवा बोर्ड से सिफारिश न होने के बावजूद राहुल को निदेशक बनाया। नाडकर्णी: जब तक ठोस सामग्री नहीं मिलती, विभागीय कार्रवाई नहीं की जा सकती। जस्टिस गवई: जब तक उन्हें विभागीय जांच से मुक्त नहीं किया जाता, तब तक हम उन्हें केवल अच्छा अधिकारी कह ही सकते हैं। नाडकर्णी: मीडिया गलत रिपोर्टिंग कर उनकी छवि खराब कर रहा है। जस्टिस गवई: कोई गलत रिपोर्टिंग नहीं हुई है। सरकार की नोटिंग्स से साफ है कि मंत्री और मुख्य सचिव ने ट्रांसफर की अनुशंसा नहीं की। इसमें गलत क्या है? टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए काटे गए थे पेड़ यह मामला 2017 से 2022 के बीच का है। जब जिम कार्बेट में टाइगर सफारी और दूसरी टूरिज्म सर्विस स्पॉट बनाने के लिए पेड़ों को काटा गया था। राष्ट्रीय उद्यान में चारदीवारी और इमारतों को भी बनाया गया। उस समय हरक सिंह रावत राज्य के वन मंत्री थे। देहरादून की रहने वाली अनु पंत ने भी उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। तब याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कार्बेट में 6,000 पेड़ों की कटाई की गई थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा। CBI भी मामले की जांच कर रहा है।
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5 September 2024दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (5 सितंबर) को विकिपीडिया से कहा कि हम भारत में आपका बिजनेस बंद कर देंगे। सरकार से विकिपीडिया बंद करने के लिए कहेंगे। अगर आपको भारत पसंद नहीं है तो यहां काम मत करिए। दरअसल, मामला विकिपीडिया के खिलाफ मानहानि केस से जुड़ा है। न्यूज एजेंसी ANI ने जुलाई 2024 में विकिपीडिया पर मुकदमा किया था। ANI का आरोप है कि विकिपीडिया पर उसे केंद्र सरकार का प्रोपेगेंडा टूल बताया गया है। ANI ने विकिपीडिया से इसे हटाने की मांग की और 2 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। ANI बोला- विकिपीडिया ने बदनाम करने के लिए झूठा कंटेट पब्लिश किया न्यूज एजेंसी ने दावा किया कि विकिपीडिया फाउंडेशन ने न्यूज एजेंसी की इमेज खराब करने और उन्हें बदनाम करने के लिए झूठा और अपमानजनक कंटेट पब्लिश किया। ANI का आरोप है कि प्लेटफॉर्म अपने पेज पर यूजर्स को एडिट करने की इजाजत देता है। हाईकोर्ट ने 9 जुलाई को विकिपीडिया को एक समन जारी किया था। 20 अगस्त को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विकिपीडिया से ANI पेज पर एडिट करने वाले 3 सब्सक्राइबर्स की जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने विकिपीडिया को नोटिस जारी किया हालांकि, विकिपीडिया ने कोर्ट को सब्सक्राइबर्स की जानकारी नहीं दी। ANI ने कोर्ट का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाते हुए 5 सितंबर को विकिपीडिया के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर विकिपीडिया को नोटिस जारी किया है। विकिपीडिया का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि भारत में उनकी यूनिट नहीं है। इसलिए उन्हें जवाब देने में और समय लगेगा। जस्टिस नवीन चावला ने इस दलील पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने 25 अक्टूबर को विकिपीडिया के प्रतिनिधि को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। विकिपीडिया पर लिखा- ANI पर गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप विकिपीडिया के पेज पर न्यूज एजेंसी ANI के बारे में लिखा है- ANI पर मौजूदा केंद्र सरकार के लिए प्रोपेगेंडा टूल के रूप में काम करने, फेक न्यूज वेबसाइटों के विशाल नेटवर्क से कंटेट बांटना और कई मौकों पर घटनाओं की गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप है। विकिपीडिया ने जुलाई में कहा- हम कंटेट एडिट नहीं करते विकिपीडिया ने जुलाई में एक बयान में कहा था कि विकिपीडिया अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित कंटेट में कुछ भी एडिट नहीं करता है। विकिपीडिया का कंटेट उसके वॉलंटियर एडिटर्स की ग्लोबल कम्युनिटी (विकिपीडिया कम्युनिटी) तय करती है, जो जरूरी विषयों पर जानकारी इकट्ठा और साझा करते हैं।
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5 September 2024डेरा सच्चा सौदा प्रमुख एवं यौन शोषण का दोषी राम रहीम 21 दिन की फरलो काटने के बाद बुधवार को रोहतक स्थित सुनारिया जेल में आएगा। फरलो के दौरान वह बागपत के बरनावा आश्रम में रहा। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले यह फरलो दी गई थी। इधर, जेल जाने के बाद राम रहीम 10वीं बार जेल से बाहर आया था। साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मंजूर हुई थी। इससे 2 दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह राम रहीम को सोच-समझकर ही फरलो या पैरोल दे। इसके बाद सरकार ने राम रहीम को इस शर्त पर फरलो दी कि वह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में नहीं जाएगा। वह पूरे 21 दिन बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा। इसलिए वो 21 दिन की फरलो के दौरान बागपत के बरनावा आश्रम में रहा। पहले भी चुनाव से पहले बाहर आ चुका विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को फरलो दी थी। राम रहीम का चुनाव से पहले जेल से बाहर आना नई बात नहीं है। इससे पहले भी उसे अलग-अलग चुनाव से पहले पैरोल-फरलो मिल चुकी है। वह हरियाणा के पंचायत चुनावों के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बाहर आ चुका है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता था। उसने कहा था कि वह 14 दिन की पैरोल का हकदार है। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने राम रहीम को पैरोल नहीं दे सकी।
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4 September 2024भारतीय वायुसेना का सबसे बड़े अभ्यास तरंग-शक्ति की एयर एक्सरसाइज जोधपुर में की जा रही है। भारत सहित 8 देशों की वायुसेना के जवान एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड एक्सरसाइज कर रहे हैं। इस एयर एक्सरसाइज में यूएसए के A10 ने भारत के सुखोई 30 एमकेआई के साथ उड़ान भरी। वहीं ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स के EA18 के साथ तेजस ने एयर एक्सरसाइज की। हवा के साथ ही ग्राउंड लेवल पर भी एक्सरसाइज जारी है। ये एक्सरसाइज 30 अगस्त से 14 सितंबर तक चलेगी। 7 सितंबर को ओपन डे रखा गया है। एक्सरसाइज के तहत पहली बार सूर्यकिरण के 9 हॉक्स ने जोधपुर के आसमान में तिरंगा बनाया। वहीं एयर एक्सरसाइज में अमेरिकी एयरफोर्स के चीफ भारत का तेजस विमान उड़ाएंगे। सुखोई के साथ अमेरिकी वॉटहॉग ने भरी उड़ान यह एक्सरसाइज 30 अगस्त से शुरू हो चुकी थी। मंगलवार को जोधपुर एयरबेस से भारतीय लड़ाकू विमानों के साथ अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स के सहायक लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरने के साथ टारगेट फिक्स किए। भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 एमकेआई के साथ अमेरिका के ए10 वॉटहॉग ने उड़ान भरी। अमेरिका का ए 10 क्लोज एयर सपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जो जमीन पर मौजूद सेना को सहायता देने के लिए विशेष तौर पर अमेरिकी एयरफोर्स के लिए तैयार किया गया है। तेजस के साथ ऑस्ट्रेलिया के ग्रावलर्स की एयर एक्सरसाइज एयर एक्सरसाइज में भारत के स्वदेशी तेजस के साथ ऑस्ट्रेलियाई ईए 18 ग्रावलर्स ने उड़ान भरी। यह इलेक्ट्रॉनिक अटैक एयरक्राफ्ट है, जो रडार, कम्युनिकेशन सहित अन्य मिलिट्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को खराब कर देता है। इस आयोजन में सुखोई 30 एमकेआई का भी सोलो डिस्प्ले होगा। करीब 17 देश ऑब्जर्वर के रूप में हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में बांग्लादेश भी अपनी वायुसेना के ऑफिसर को ऑब्जर्वर के रूप में भेजेगा। श्रीलंका एयरफोर्स के जवान सी 130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ पहुंचेंगे। ये देश हो रहे हैं शामिल भारत अमेरिका ग्रीस यूएई ऑस्ट्रेलिया जापान सिंगापुर श्रीलंका कई देशों के वायुसेना के अधिकारी लेंगे हिस्सा तरंग-शक्ति 2024 का ये दूसरा फेज है। इससे पहले 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलार में इसका पहला फेज पूरा हुआ था। इसमें 30 देशों के वायुसेना के जवान शामिल हुए थे। जोधपुर में हो रही इस एक्सरसाइज के दूसरे चरण में तेजस, सुखोई के साथ लूफ्तवाफे जर्मन एयरफोर्स, स्पेनिश एयरफोर्स के यूरोफाइटर टाइफून उड़ान भरेंगे। तरंग शक्ति की मेजबानी करके भारत सैन्य मजबूती और ताकत के साथ सुरक्षा ग्लोबल डिफेंस इको सिस्टम में भागीदारी निभाने का संदेश देगा। इंटर ऑपरेटीबिलिटी के साथ इंटेरिगेशन को बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सरसाइज से दुश्मन देश को कड़ी चेतावनी मिलेगी। अमेरिकी एयरफोर्स चीफ उड़ाएंगे तेजस 12 सितंबर को 12 देशों के एयर चीफ जोधपुर आएंगे। पहली बार जोधपुर के आसमान में दुनिया की सबसे शक्तिशाली अमेरिकी एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड डब्ल्यू एल्विन तेजस उड़ाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल स्टीफन चैपल, जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के चीफ जनरल हिरोआकी उच्कुरा, यूएई डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इस्सा अल मजरूई और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी एक-दूसरे देश के लड़ाकू विमान उड़ाएंगे। भारतीय हथियारों का होगा दुनिया के सामने प्रदर्शन भारत में बने हथियारों और लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन दुनिया के सामने होगा। तमिलनाडु के सुलार एयरबेस में प्रचंड और तेजस ने जलवा बिखेरा था। अब पश्चिमी राजस्थान में विश्व की शक्तिशाली एयरफोर्स के सामने स्वदेशी फाइटर तेजस और अटैक हेलिकॉप्टर प्रचंड की ताकत दिखाई जाएगी। एक्सरसाइज के दौरान विदिन विजयुल रेंज (वीवीआर) कॉम्बेट मिशन, बीवीआर (बियोंड विजयुल रेंज) मिशन, लार्ज फोर्स इंगेजमेंट, एयर मोबिलिटी ऑपरेशन्स, डायनेमिक टारगेटिंग, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू जैसे कई मिशन का अभ्यास किया जाएगा।
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4 September 2024सलमान खान के घर पर फायरिंग करने के आरोप में जेल में बंद विक्की गुप्ता और सागर पाल को अपनी हत्या का डर सता रहा है। न्यूज एजेंसी ANI को आरोपियों के वकील ने बताया कि दोनों ने जेल अधिकारियों से इसकी शिकायत की है। उनके परिवार वालों ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार से शिकायत करके सुरक्षा की मांग की है। उनका दावा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों द्वारा विक्की और सागर की हत्या की साजिश रची जा रही है। हालांकि, वकील ने यह नहीं बताया कि दोनों शूटर्स को जेल में धमकी किस माध्यम से दी गई है। इसी साल 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा इलाके में सलमान खान के घर पर फायरिंग हुई थी। दोनों शूटर्स के भाइयों ने लिखा पत्र अब शूटर विक्की गुप्ता के भाई सोनू गुप्ता और शूटर सागर पाल के भाई राहुल पाल ने सरकार को एक पत्र लिखा है। दोनों ही बिहार के पश्चिमी चंपारण के मझरिया का रहने वाले हैं। दोनों आरोपी इस वक्त मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद हैं। कहा जा रहा है कि पत्र लिखने से पहले दोनों आरोपियों के भाइयों ने जेल में उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान आरोपियों ने उन्हें बताया था कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। सह-आरोपी अनुज थापन जैसा हश्र होगा इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपियों का भी वही हश्र होगा जो उनके सह-आरोपी अनुज थापन का हुआ था। अनुज की मई में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने जेल में फांसी लगा ली थी। आरोपियों को डी कंपनी की ओर से मिली धमकी जेल में बंद आरोपी विक्की गुप्ता के वकील ने भी इस मामले पर ANI से बात की। उन्होंने कहा, ‘विक्की गुप्ता और सागर पाल ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को एक आवेदन दिया है। उनका कहना है कि उन्हें डी कंपनी की ओर से धमकाया जा रहा है। आरोपियों ने अपने परिवार को इस बारे में सूचित कर दिया है।’ सलमान पर लगाए आरोप वकील ने आगे बताया, ‘आरोपियों (विक्की गुप्ता और सागर पाल) का आरोप है कि सलमान खान के किसी गैंगस्टर से संबंध हैं, शायद वह आरोपी को मरवाना चाहता है। हमने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र और बिहार सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए लिखा है।’ गुजरात से गिरफ्तार हुए थे आरोपी 14 अप्रैल को दो बाइक सवार लोगों ने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने फायरिंग करने वाले शूटर्स विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात से गिरफ्तार किया था। अनुज थापन (32) को इस मामले में एक अन्य व्यक्ति के साथ 26 अप्रैल को पंजाब से गिरफ्तार किया गया था। गैंगस्टर अनमोल ने ली थी हमले की जिम्मेदारी मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि गैंगस्टर लॉरेंस और उसके भाई अनमोल को इस मामले में वांछित आरोपी घोषित किया गया है। अनमोल ने हमले के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर सलमान के घर के बाहर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। इससे पहले सलमान को कब-कब मिली धमकी जून 2022 में मॉर्निंग वॉक पर निकले सलमान के पिता सलीम खान जब घर लौटे तब उन्हें एक अज्ञात पत्र मिला था, जिसमें उन्हें और सलमान को जान से मारने की धमकी दी गई थी। पत्र में लिखा था- 'तेरा मूसेवाला जैसा हाल बना देंगे सलमान खान।' इसके बाद सलीम खान ने अपने सुरक्षाकर्मी की मदद से पुलिस से संपर्क किया और बांद्रा थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया। पिछले साल मुंबई पुलिस ने फोन कर सलमान को जान से मारने की धमकी देने वाले को हिरासत में लिया था। धमकी देने वाला 16 साल का एक नाबालिग था। उसने मुंबई पुलिस को एक कॉल के जरिए धमकी देते हुए अपना नाम रॉकी भाई बताया था। कहा कि वो राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है और 30 अप्रैल को सलमान को मार देगा। पिछले साल ही जोधपुर के रहने वाले धाकड़राम ने सलमान के ऑफिशियल मेल पर 3 ई-मेल किए थे। इसमें लिखा था कि सलमान खान अगला नंबर तेरा है, तू जोधपुर आते ही सिद्धू मूसेवाला की तरह मारा जाएगा। जनवरी 2024 में सलमान खान के फार्म हाउस में 2 अनजान लोगों ने फेंसिंग के तार तोड़कर अंदर जाने की कोशिश की थी। पुलिस ने जब पकड़ा तो दोनों ने खुद को सलमान का फैन बताया। उनके पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए थे। इस वजह से दोनों पर FIR भी दर्ज की गई है। सलमान खान लॉरेंस गैंग के निशाने पर हैं।
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4 September 2024नेटफ्लिक्स अपनी सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक के कंटेंट की समीक्षा करेगा। नेटफ्लिक्स की इंडिया कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल ने मंगलवार को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सामने यह बात कही। द कंधार हाईजैक में आतंकियों के हिंदू नामों पर विवाद हुआ था और इसे बैन करने की मांग उठी। इसके बाद मंत्रालय ने मोनिका को जवाब देने के लिए बुलाया था। मोनिका ने मंत्रालय को भरोसा दिलाया कि हम सीरीज के कंटेंट का रिव्यू करेंगे। उन्होंने गारंटी दी कि नेटफ्लिक्स पर भविष्य में भी कंटेंट लाते वक्त देश की भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा। मंत्रालय ने कहा था, "किसी को भी देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का हक नहीं है। भारत की संस्कृति और सभ्यता का सम्मान हमेशा सर्वोपरि है। किसी भी चीज को गलत तरीके से दिखाने से पहले आपको सोचना चाहिए। सरकार इसके प्रति बेहद सख्त है।' 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर IC 814 सीरीज रिलीज हुई है, जो कि कंधार विमान हाईजैक पर बेस्ड है। इसमें आतंकियों के नाम भोला और शंकर रखे गए हैं। इसी पर विवाद है। सीरीज पर विवाद, 3 पॉइंट 1. हाईकोर्ट में बैन की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका के जरिए OTT सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' को बैन करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने फिल्म मेकर पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया गया। यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है। 2. आतंकियों के हिंदू नाम सुरजीत सिंह ने कहा कि कि सीरीज में आतंकवादियों के हिंदू नाम दिखाए गए हैं, जिनमें भगवान शिव के अन्य नाम 'भोला' और 'शंकर' शामिल हैं, जबकि उनके असली नाम कुछ और थे। याचिका में कहा गया है कि इससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। हाईजैक करने वाले आंतकियों के नाम इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे, लेकिन वेबसीरीज में इनके नाम बदल भोला, शंकर, चीफ, डॉक्टर और बर्गर किए गए हैं। 3. BJP बोली- गलत काम छिपाने का वामपंथी एजेंडा सीरीज रिलीज होने के बाद पिछले दिनों भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसके कंटेंट पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने गलत काम को छिपाने के लिए वामपंथियों के एजेंडे का सहारा लिया। IC 814 के हाईजैकर्स खूंखार आतंकी थे। उन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए काल्पनिक नाम अपनाए थे। सीरीज की कहानी क्या है? इस सीरीज की कहानी 24 दिसंबर 1999 की सत्य घटना पर आधारित है। जब पांच आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान IC 814 को काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरते वक्त हाईजैक कर लिया था। जिसमें 176 यात्री सफर कर रहे थे। आतंकवादी प्लेन को अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार में ले जाते हैं। यात्रियों को सात दिन तक बंधक बना कर रखा गया था। इस दौरान प्लेन के अंदर यात्रियों का क्या हाल होता है। उनके परिवार वालों पर क्या बीतती है। सरकार के सामने इन यात्रियों को छुड़ाने के लिए क्या शर्त रखी जाती है। यह सब इस सीरीज में दिखाया गया है। किताब फ्लाइट इन टु फियर से ली गई सीरीज की कहानी इस सीरीज की कहानी सीनियर जर्नलिस्ट श्रींजॉय चौधरी और देवी शरण की किताब 'फ्लाइट इन टु फियर- द कैप्टंस स्टोरी' से ली गई है। सीरीज के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा हैं। 6 एपिसोड की इस सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पत्रलेखा,अरविंद स्वामी और कुमुद मिश्रा ने मुख्य भूमिका निभाई है। डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने वेब सीरीज 'IC 814 द कंधार हाईजैक’ के जरिए OTT पर डेब्यू किया है। यह सीरीज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है। 6 एपिसोड की इस सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पत्रलेखा,अरविंद स्वामी और कुमुद मिश्रा की मुख्य भूमिका है। दैनिक भास्कर ने इस सीरीज को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।
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3 September 2024मणिपुर में इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में सोमवार (3 सितंबर) की शाम उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। जिसमें में एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह 2 दिन में दूसरा ड्रोन अटैक है। सोमवार शाम करीब 6.20 बजे सेजम चिरांग के रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए। जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की। सेजम चिरांग गांव, कोत्रुक से करीब 3 किमी दूर है, जहां रविवार 1 सितंबर को ड्रोन हमले और गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल भी हुए थे। ये आशंका जताई जा रही है कि कुकी उग्रवादियों को ड्रोन वॉरफेयर के लिए म्यांमार से टेक्निकल सपोर्ट और ट्रेनिंग मिल रही है, या वे सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं। ड्रोन से आबादी और सुरक्षा बलों पर बम गिराना आतंकवाद है। मैं इस कायरता की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। मणिपुर के लोग नफरत और अलगाववाद के खिलाफ एकजुट होंगे।- एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री (मणिपुर) 2 बम घरों पर गिरे, तीसरा नदी किनारे फटा ड्रोन से पहला बम सेजम चिरांग गांव के मानिंग लीकाई में 65 साल के वाथम गंभीर के घर की छत पर बम गिरा, दूसरा बम उसके घर के बगल वाली गली में गिरा, जबकि तीसरा बम नदी के किनारे फटा। वाथम गंभीर की बेटी सनातोम्बी (23) के पेट में छर्रे लगे। उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सनातोम्बी को शिजा अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर के छोटे भाई जोतिन (56) को भी विस्फोट में कंधे पर मामूली चोट लगी। पुलिस को तलाशी में गोला-बारूद मिला मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कांगपोकपी जिले के खारम वैफेई गांव के पास से एक ड्रोन बरामद किया है। कांगपोकपी जिले के कांगचुप पोनलेन में सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। इनमें दस 12 इंच की सिंगल-बोर बैरल राइफलें, एक इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, नौ इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार बैरल, 20 जिलेटिन रॉड, 30 डेटोनेटर, दो देशी रॉकेट जब्त किए गए। रविवार 1 सितंबर को हुए हमले के बाद की तस्वीरें... खाली पड़े 5 घरों में भी आग लगाई रविवार को इंफाल से 18 किमी दूर बना कोत्रुक गांव में मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। रविवार दोपहर 2 बजे गोलीबारी हुई। जिसके बाद लोग वहां से जान बचाकर भागे। उग्रवादियों ने खाली पड़े घरों में लूटपाट की। साथ ही 5 घरों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। हालांकि सुरक्षा बलों ने रविवार रात को हमलावरों को खदेड़ दिया। ड्रोन हमले के बाद गांव के सभी 17 परिवार भागे इंफाल वेस्ट जिले के कौत्रुक गांव समेत 3 गांव में रविवार रात कुकी हथियारबंद उग्रवादियों ने ड्रोन से बम गिराकर हमला किया था। इसके बाद कौत्रुक गांव के सभी 17 परिवार गांव छोड़कर भाग गए हैं। सभी अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित जगहों जैसे इंफाल, खुरखुल और सेक्माई चले गए हैं। लोगों में डर है। उन्हें अंदेशा है कि एक बार फिर बड़े स्तर पर हिंसा भड़क सकती है। कौत्रुक निवासी प्रियोकुमार ने बताया कि गांव में अब तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं, जिससे सभी ने डर कर गांव छोड़ दिया है। इस बीच, कौत्रुक और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को डर है कि हिंसा भड़कने के कारण कॉलेज फिर से बंद हो सकता है। विधायक व CM के दामाद की केंद्रीय बलों को हटाने की मांग भाजपा विधायक व सीएम बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिख केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है। उनकी मांग है कि सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी अब राज्य को दी जानी चाहिए। राज्य में 60 हजार केंद्रीय बलों की मौजूदगी से शांति बहाल नहीं हो पा रही है, इसलिए बेहतर है कि सुरक्षा बलों को हटा दिया जाए। कुकी वॉलंटियर्स की धमकी- 3 दिन में गांव खाली करें CM बीरेन सिंह के बयान से नाराज कुकी-जो विलेज वॉलंटियर्स ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने धमकी दी है कि मैतेई लोगों ने 3 दिन में गांव खाली नहीं किए तो कुकी वॉलंटियर्स उन्हें खदेड़ देंगे। वीडियो में एक कुकी वॉलंटियर यह कहता दिख रहा है- मैतेई उग्रवादी चूराचांदपुर-कांग्पोकपी को लगातार निशाना बना रहे हैं, और CM ने कहा है कि राज्य में शांति है। वे हमें मूर्ख समझते हैं। कुकी-जो संगठनों की मणिपुर में कुकीलैंड की मांग कुकी-जो समुदाय के लोगों ने 31 अगस्त को मणिपुर के चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल में रैलियां निकालीं। इन संगठनों की मांग है कि मणिपुर में अलग कुकीलैंड बनाया जाए, जो केंद्र शासित प्रदेश हो। इन संगठनों का कहना है कि पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही राज्य को जातीय संघर्ष से बाहर निकालने का इकलौता रास्ता है। CM बीरेन के इंटरव्यू और वायरल ऑडियो का विरोध मणिपुर में 31 अगस्त को निकाली गई रैलियों में CM बीरेन सिंह के न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू का विरोध किया गया। मुख्यमंत्री ने कुकी समूहों की अलग प्रशासन (कुकीलैंड) की मांग को खारिज कर दिया था। CM बीरेन ने कहा था कि वे राज्य की पहचान को कमजोर नहीं होने देंगे। बीरेन मैतेई समुदाय से आते हैं, हालांकि उन्होंने जिस इलाके में कुकी रहते हैं, उस क्षेत्र के लिए एक विशेष विकास पैकेज देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा CM बीरेन के एक अन्य वायरल ऑडियो पर भी बवाल मचा है। इस ऑडियो को CM बीरेन सिंह का बताया गया है। ऑडियो में मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा पर आपत्तिजनक टिप्पणियां सुनाई दे रही हैं। हालांकि, मणिपुर सरकार का कहना है कि ऑडियो क्लिप में मुख्यमंत्री की आवाज से छेड़छाड़ की गई है। यह हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति की पहल को पटरी से उतारने के लिए किया जा रहा है। BJP नेता के घर में आग लगाई गई मणिपुर के पेनियल गांव में 31 अगस्त को BJP प्रवक्ता टी माइकल एल हाओकिप के पिता के घर पर आग लगा दी गई। हाओकिप ने X पर वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि यह काम कुकी लोगों का है। हाओकिप ने कहा था कि उनके घर पर एक साल में तीसरी बार हमला हुआ। पिछले हफ्ते भी 30 से ज्यादा हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की थी। मई 2023 से जारी हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा की अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया। नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा। सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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3 September 2024गुजरात के पोरबंदर तट के पास इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) का एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ध्रुव) अरब सागर में गिर गया। हेलिकॉप्टर पर सवार 4 में से 3 क्रू मेंबर्स लापता हैं। एक को बचाया गया है। हेलिकॉप्टर का मलबा मिल गया है। घटना सोमवार (2 सितंबर) की है। ICG ने मंगलवार (3 सितंबर) को सुबह 10:12 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हादसे की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हेलिकॉप्टर पोरबंदर तट से 45 किलोमीटर दूर कार्गो शिप पर रेस्क्यू मिशन के लिए गया था। हेलिकॉप्टर पर 2 पायलट और 2 गोताखोर सवार थे। इनमें 1 गोताखोर को बचाया गया है। कोस्ट गार्ड ने सर्च के लिए 4 जहाज और 2 विमान भेजे कोस्ट गार्ड ने बताया कि दोनों पायलट और एक गोताखोर की तलाश के लिए 4 जहाज और 2 विमान भेजे हैं। ALH ने हाल ही में गुजरात में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 67 लोगों का रेस्क्यू किया था। कार्गो शिप पर घायल क्रू मेंबर को लाने गया था हेलिकॉप्टर कोस्ट गार्ड के मुताबिक, कार्गो शिप हरि लीला पर एक क्रू मेंबर घायल था। उसे निकालने के लिए सोमवार रात 11 बजे हेलिकॉप्टर गया था। हेलिकॉप्टर हरि लीला के पास पहुंचा ही था, तभी उसे इमरजेंसी हार्ड लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान वह समुद्र में गिर गया। 2023 में ध्रुव हेलिकॉप्टर कई बार हादसे का शिकार हुआ एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) को ध्रुव भी कहा जाता है। कोस्ट गार्ड, सेना और नेवी, तीनों इसका इस्तेमाल करती हैं। इसे बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने हाल ही में सेना के AHL बेड़े में सुरक्षा से जुड़े अहम अपग्रेडेशन किए हैं। पिछले साल डिजाइन से जुड़ी दिक्कतों के कारण ध्रुव हेलिकॉप्टर कई बार दुर्घटनाओं का शिकार हुआ था, जिससे इसके सेफ्टी पर सवाल खड़े हो गए थे। मई, 2023 में आर्मी ने ध्रुव हेलिकॉप्टर का ऑपरेशंस एक महीने के लिए रोक दिया था। मार्च में नेवी और कोस्ट गार्ड ने ध्रुव हेलिकॉप्टर की अपनी फ्लीट के ऑपरेशंस पर रोक लगाई थी। 2023 में ध्रुव हेलिकॉप्टर से जुड़े तीन बड़े हादसे... 8 मार्च: अरब सागर में नेवी के ध्रुव हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग मुंबई से भारतीय नौसेना के ALH ध्रुव की अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। घटना 8 मार्च, 2023 को सुबह हुई, जब नेवी इस हेलिकॉप्टर से पेट्रोलिंग के लिए निकली थी। पावर और हाइट की कमी के कारण पायलट ने हेलिकॉप्टर को पानी पर ही उतारा। टेक्निकली इसे डिचिंग कहते हैं, यानी पानी पर इमरजेंसी लैंडिंग करना। इस घटना की जानकारी इंडियन नेवी ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी। जिसमें लिखा था- मुंबई से नियमित उड़ान पर निकले ALH को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। सेना ने तुरंत ही दूसरे एयरक्राफ्ट को भेजकर क्रू के तीन लोगों को बचाया। इसके बाद नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए थे और जांच पूरी होने तक फ्लीट को ग्रांउड कर दिया था। 26 मार्च: केरल में कोस्ट गार्ड के ध्रुव हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की गई केरल के कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 26 मार्च, 2023 को इंडियन कोस्ट गार्ड के एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव मार्क 3 हेलिकॉप्टर की टेस्ट उड़ान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी। लैंडिंग के समय हेलिकॉप्टर 25 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। हादसे में एक ट्रेनी पायलट का हाथ फ्रैक्चर हुआ था। 4 मई: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश, 1 जवान की मौत, दो घायल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 4 मई, 2023 को ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में क्राफ्ट्स मैन पब्बल्ला अनिल की मौत हो गई थी। दो पायलटों को चोटें आई थीं। आर्मी के मुताबिक सुबह 11:15 बजे हेलिकॉप्टर ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को तकनीकी खराबी की जानकारी दी थी। इसके बाद वह एहतियाती लैंडिंग के लिए आगे बढ़े। खराब और अंडरग्रोथ जमीन की वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। भारतीय सेनाओं के पास 300 ध्रुव हेलिकॉप्टर भारत की तीनों सेनाओं में 300 से ज्यादा ध्रुव हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इनमें एयरफोर्स के पास 70, आर्मी के पास 191 और नेवी के पास 14 हेलिकॉप्टर्स हैं। कोस्ट गार्ड भी ध्रुव हेलिकॉप्टर का ही इस्तेमाल करता है। ध्रुव हेलिकॉप्टर का रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन, रेकी, मेडिकल इमरजेंसी में रेस्क्यू, सैन्य परिवहन, इंटरनल कार्गो जैसे काम में इस्तेमाल होता है। यह सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में भी अच्छा परफॉर्म करता है। इसने समुद्र में भी अपनी क्षमता साबित की है।
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3 September 2024पश्चिम बंगाल में OBC सर्टिफिकेट रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (2 सितंबर) को सुनवाई होगी। इससे पहले 27 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी। इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं ने बहुत सारे दस्तावेज पेश किए हैं। इन्हें पढ़कर जवाब देने के लिए वक्त चाहिए। दरअसल 22 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में 2010 के बाद कई जातियों को मिले OBC स्टेटस को रद्द कर दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और राज्य द्वारा के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में मिलने वाले आरक्षण को अवैध ठहराया था। इसके विरोध में बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने OBC में शामिल नई जातियों से जुड़ा डेटा मांगा था सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की अपील पर 5 अगस्त को कोर्ट ने कहा था, ‘मुस्लिम कम्युनिटी समेत 77 नई जातियों को OBC लिस्ट में क्यों शामिल किया गया। राज्य सरकार इन नई जातियों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का डेटा दें।’ इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की। राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के फैसले की वजह से NEET-UG 2024 पास करने वाले उम्मीदवारों को प्रवेश में दिक्कतें आ रही हैं। ममता बोलीं थी- हाईकोर्ट का आदेश नहीं मानेंगे हाईकोर्ट के फैसले को लेकर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि वे हाईकोर्ट और भाजपा के आदेश को नहीं मानेंगी। राज्य में ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। एक रैली में ममता ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले कई सर्वे कराए गए थे। इस मामले में पहले भी कई केस दर्ज कराए गए हैं, पर उनका कोई नतीजा नहीं निकला। ये लोग भाजपा शासित प्रदेशों में नीतियों पर बात क्यों नहीं करते हैं। ममता ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी लगातार बात करते आए हैं कि कैसे माइनॉरिटीज तापाशिली आरक्षण को छीन लेंगी और इससे संविधान ध्वस्त हो जाएगा। माइनॉरिटीज कभी तापाशिली या आदिवासी रिजर्वेशन को हाथ भी नहीं लगा सकती हैं, लेकिन भाजपा के शातिर लोग एजेंसियों के जरिए अपने काम करवाते हैं। अमित शाह बोले- हम सुनिश्चित करेंगे कि कोर्ट का आदेश लागू हो इस मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वे के 118 मुस्लिमों को OBC रिजर्वेशन दिया। कोई कोर्ट चला गया और कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए 2010 से 2024 के बीच दिए सभी OBC सर्टिफिकेट रद्द कर दिए। ममता बनर्जी पिछड़े वर्गों का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहती हैं। मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। ममता जी का कहना है कि वे हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसा कोई मुख्यमंत्री हो सकता है, जो कहे कि कोर्ट का फैसला न माने। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोर्ट का फैसला लागू हो। 2011 में दाखिल की गई थी हाईकोर्ट में याचिका ममता सरकार के ओबीसी आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ 2011 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसमें दावा किया गया कि 2010 के बाद दिए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट 1993 के पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम को दरकिनार कर दिए गए। याचिका में ये भी कहा गया कि जो लोग वास्तव में पिछड़े वर्ग से थे, उन्हें उनके सही सर्टिफिकेट नहीं दिए गए। इसे लेकर अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को 1993 के कानून के मुताबिक आयोग की सिफारिश विधानसभा को सौंपनी होगी। इसी के आधार पर ओबीसी की लिस्ट बनाई जाएगी। तपोब्रत चक्रवर्ती की बेंच ने कहा, ‘ओबीसी किसे माना जाएगा, इसका फैसला विधानसभा करेगी। बंगाल पिछड़ा वर्ग कल्याण को इसकी सूची तैयार करनी होगी। राज्य सरकार उस लिस्ट को विधानसभा में पेश करेगी। जिनके नाम इस लिस्ट में होंगे उन्हीं को ओबीसी माना जाएगा।
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2 September 2024जम्मू-कश्मीर के सुंजवान मिलिट्री स्टेशन पर सोमवार सुबह आतंकियों ने सेना पर फायरिंग की है। इसमें एक जवान शहीद हो गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने मिलिट्री स्टेशन के बाहर से छिपकर स्नाइपर गन से गोलियां चलाई थीं। जवान के घायल होने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। ड्रोन से भी इलाके की निगरानी की जा रही है। सांबा में 3 पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद जम्मू-कश्मीर के सांबा में सुरक्षाबलों ने 3 पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद किया है। सुरक्षाबलों ने बताया कि ये हथियार ड्रोन से गिराए गए थे। BSF और पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। सर्च ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है। कुपवाड़ा में 5 दिन पहले 3 आतंकी ढेर हुए थे जम्मू-कश्मीर में 5 दिन में यह दूसरा हमला है। इससे पहले 29 अगस्त को कुपवाड़ा में एनकाउंटर में 3 आतंकी मारे गए थे। इनमें दो टेररिस्ट माछिल और एक तंगधार में मारा गया था। सेना ने बताया था कि माछिल और तंगधार में 28-29 अगस्त की देर रात खराब मौसम के बीच संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी। इसके बाद यहां सेना और पुलिस ने सर्चिंग शुरू की। इस दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई थी। डोडा में 18 दिन पहले कैप्टन दीपक सिंह शहीद हुए थे 14 अगस्त को डोडा में आतंकियों से एनका